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नयी दिल्ली. टाटा समूह की कंपनी टाइटन ने कहा है कि चालू वित्त (2022-23) तथा मध्यम अवधि में उसके आभूषण कारोबार के लिए परिदृश्य सकारात्मक है। कंपनी ने सोमवार को कहा कि शादी-विवाह के बाजार में उसके विविध प्रयासों, सोना बदलने की योजना को मिली गति और नेटवर्क विस्तार के बूते वृद्धि के शानदार अवसर के चलते उसके आभूषण कारोबार की वृद्धि ‘शानदार' रहने की उम्मीद है। टाइटन वैश्विक बाजारों में अपने ब्रांड तनिष्क को उतार रही है और पश्चिम एशिया तथा उत्तर अमेरिका में इसके स्टोर खोलने वाली है। कंपनी की वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष में अमेरिकी बाजार में भी तनिष्क का नया स्टोर खोलने की योजना है। आभूषण खंड में टाइटन के ब्रांड हैं तनिष्क, मिया बाय तनिष्क और जोया।
कंपनी ने कहा, ‘‘वित्त वर्ष 2022-23 में और मध्यम अवधि में आभूषण खंड के लिए शानदार अवसर हैं।'' दो साल तक लॉकडाउन के बाद, शादी के मौसम और अक्षय तृतीया जैसे पर्व को देखते हुए व्यवधान मुक्त तिमाही रहने की उम्मीद है और आने वाले वर्ष के लिए परिदृश्य सकारात्मक है। टाइटन ने कहा कि दुबई और अल बरशा में खोले गए तनिष्क के स्टोर काफी सफल रहे हैं। उसने कहा, ‘‘संयुक्त अरब अमीरात और खाड़ी देशों में विस्तार जारी रहेगा। 2022-23 में अमेरिका में तनिष्क का पहला स्टोर खोला जाएगा।'' टाइटन के प्रबंध निदेशक सी के वेंकटरमन ने कहा, ‘‘तनिष्क की मौजूदगी पश्चिम एशिया और उत्तर अमेरिका में कई स्थानों पर होगी। -
नयी दिल्ली. राजस्व सचिव तरुण बजाज ने सोमवार को कहा कि जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण के गठन के बारे में राज्यों के वित्त मंत्रियों की समिति एक महीने के भीतर अपनी सिफारिश देगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता वाली जीएसटी परिषद ने माल एवं सेवा कर अपीलीय न्यायाधिकरण (जीएसटीएटी) के गठन के बारे में विभिन्न राज्यों द्वारा जो चिंताएं जताई गई हैं उनका समाधान निकालने के लिए मंत्री समूह बनाने का निर्णय पिछले हफ्ते लिया था। यहां उद्योग मंडल एसोचैम के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बजाज ने कहा, मंत्री समूह की सिफारिशें महीने भर में मिलने की उम्मीद है और अगले छह माह में न्यायाधिकरण के मोर्चे पर काफी प्रगति देखने को मिलेगी।'' जीएसटी परिषद सचिवालय जल्द ही नियम और शर्तों और मंत्री समूह के सदस्यों के नाम की जानकारी देगा।
मंत्री समूह राज्यों की चिंताओं को मद्रास उच्च न्यायालय के उस आदेश के आलोक में देखेगा जिसमें कहा गया था कि जीएसटीएटी में तकनीकी सदस्यों की संख्या न्यायिक सदस्यों से अधिक नहीं होनी चाहिए। इस कार्यक्रम में केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमाशुल्क बोर्ड के चेयरमैन विवेक जौहरी ने कहा कि जीएसटी के तहत रिफंड के लंबित रहने की समस्या कम हुई है। -
नयी दिल्ली. पैक किए गए और लेबल वाले खाद्य पदार्थों पर पांच प्रतिशत माल एवं सेवा कर (जीएसटी) लगाने से खाद्यान्न व्यापारियों को नुकसान होगा, अनुपालन का बोझ बढ़ेगा और रोजमर्रा के इस्तेमाल का जरूरी सामान महंगा होगा। व्यापारियों के संगठन कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने सोमवार को यह बात की। कैट ने यह भी कहा कि संगठन केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और सभी राज्यों के वित्त मंत्रियों से मिलकर इस फैसले पर फिर से विचार करने को कहेगा। जीएसटी परिषद ने पिछले दिनों अपनी बैठक में डिब्बा या पैकेट बंद और लेबल युक्त (फ्रोजन को छोड़कर) मछली, दही, पनीर, लस्सी, शहद, सूखा मखाना, सूखा सोयाबीन, मटर जैसे उत्पाद, गेहूं और अन्य अनाज तथा मुरमुरे पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगाने का फैसला किया था। कर दर में बदलाव 18 जुलाई से प्रभाव में आएंगे। कैट के महासचिव प्रवीन खंडेलवाल ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पैक किए अथवा लेबल लगाए गए सभी प्रकार के खाद्य पदार्थों एवं कुछ अन्य वस्तुओं को जीएसटी के दायरे में लाने की सिफारिश पर देश के खाद्यान्न व्यापारियों में बेहद रोष एवं आक्रोश है। व्यापारी संगठन ने इस कदम को छोटे विनिर्माताओं एवं व्यापारियों के हितों के खिलाफ करार दिया गया, और कहा कि इस फैसले से ब्रांडेड सामान को फायदा पहुंचेगा। खंडेलवाल ने कहा कि इस मुद्दे पर देश के सभी राज्यों के वित्त मंत्रियों को ज्ञापन देकर इस फैसले को वापिस लेने की मांग की जाएगी। इस मौके पर मौजूद दिल्ली खाद्यान्न व्यापार संघ के अध्यक्ष नरेश गुप्ता और दाल मिलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रदीप जिंदल ने बताया कि इस संबंध में देशभर के अनाज व्यापार संगठनों से लगातार संपर्क किया जा रहा है और सभी संगठन इस निर्णय से बेहद नाराज हैं। -
नयी दिल्ली. उद्योग संगठन स्टेनलेस स्टील डेवलपमेंट एसोसिएशन (आईएसएसडीए) ने सोमवार को कहा कि निर्माण उद्योग में स्टेनलेस स्टील के नवोन्मेषी इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए उसने स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर (एसपीए) के साथ करार किया है। आईएसएसडीए ने कहा कि इस समझौता ज्ञापन के जरिए दोनों संस्थानों का उद्देश्य नवोन्मेषी वास्तुकला प्रौद्योगिकी और सामग्रियों को बढ़ावा देना है जिससे वास्तुकला डिजाइन का क्षेत्र आधुनिक हो सके। इसमें बताया गया, ‘‘दोनों संस्थान आर्किटेक्चर के विद्यार्थियों को स्टेनलेस स्टील पर ऑनलाइन और ऑफलाइन पाठ्यक्रमों समेत कई गतिविधियां करवाएंगे, छात्रों और शिक्षकों को उद्योग दौरों पर ले जाया जाएगा और स्टेनलेस स्टील की विनिर्माण प्रक्रिया का अनुभव दिलाया जाएगा।
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मुंबई. सोने के बदले कर्ज देने वाली गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) मुथूट फाइनेंस को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से देशभर में 150 और शाखाएं खोलने की अनुमति मिली है। कंपनी ने एक बयान में कहा कि उसकी देश के दक्षिणी और उत्तरी भागों में ये शाखाएं खोलने की योजना है।
कंपनी के प्रबंध निदेशक जॉर्ज एलेक्जेंडर मुथूट ने बयान में कहा, ‘‘अर्थव्यवस्था में धीरे-धीरे पुनरुद्धार के साथ स्वर्ण ऋण की मांग बनी हुई है। शाखा विस्तार को लेकर रिजर्व बैंक की मंजूरी से वित्त वर्ष 2022-23 में स्वर्ण ऋण में 12-15 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद मजबूत हुई है।'' कंपनी की शाखाओं का मौजूदा नेटवर्क 4,617 है। कंपनी की इन शाखाओं को अगले दो महीनों में खोलने की योजना है। कंपनी इस विस्तार के लिये 600 लोगों को नियुक्त करेगी। - नयी दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की बिजली कंपनी एनटीपीसी लिमिटेड ने सोमवार को कहा कि चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही के दौरान उसका बिजली उत्पादन 21.7 प्रतिशत बढ़कर 104.4 अरब यूनिट (बीयू) हो गया। कंपनी ने एक बयान में कहा कि एनटीपीसी समूह की कंपनियों ने 2022 की अप्रैल-जून तिमाही में 104.4 बीयू का उत्पादन दर्ज किया, जो पिछले साल की इसी तिमाही के उत्पादन 85.8 बीयू से 21.7 प्रतिशत अधिक है। जून 2022 में बिजली उत्पादन 34.8 बीयू रहा, जो जून 2021 के 26.9 बीयू की तुलना में 29.3 प्रतिशत अधिक है। ये आंकड़े कंपनी के बेहतर प्रदर्शन और चालू वर्ष में बिजली की मांग में वृद्धि को दर्शाते हैं।उड़ीसा में एनटीपीसी तालचेर कनिहा (3000 मेगावाट) अप्रैल से जून 2022 के बीच 94.2 प्रतिशत संयंत्र लोड फैक्टर (क्षमता उपयोग) के साथ शीर्ष प्रदर्शन करने वाला ताप बिजली संयंत्र था। एनटीपीसी के कोयला संयंत्रों का कुल लोड फैक्टर अप्रैल से जून 2022 के बीच 80 प्रतिशत था। यह आंकड़ा पिछले वर्ष की समान अवधि में 69 प्रतिशत था।
- मुंबई। आपूर्ति श्रृंखला क्षेत्र के प्रौद्योगिकी मंच यूनिकॉमर्स ने सोमवार को कहा कि वह देश में तेजी से बढ़ते ई-कॉमर्स के बीच चालू वित्त वर्ष में अपने नेटवर्क में 800 वेयरहाउस जोड़ने की योजना बना रहा है। कंपनी कई नई श्रेणियां और बिजनेस मॉडल लाने पर भी विचार कर रही है। कंपनी इस समय 7,200 से अधिक वोयरहाउस को प्रबंधन समाधान मुहैया कराती है। यूनिकॉमर्स ने एक बयान में कहा, ‘‘मार्च 2023 तक 8,000 से अधिक नए वेयरहाउस यूनिकॉमर्स के वेयरहाउस प्रबंधन मंच का लाभ उठाएंगे, जबकि 7200 से अधिक वेयरहाउस पहले ही जुड़े हुए हैं।
- नयी दिल्ली। राजस्व सचिव तरुण बजाज ने सोमवार को कहा कि सरकार की विलासिता वाले उत्पादों पर 28 प्रतिशत की जीएसटी दर को ही कायम रखने की मंशा है। हालांकि, वह कर की तीन अन्य श्रेणियों को दो श्रेणियों में बदलने पर चर्चा करने के लिए तैयार है। बजाज ने यहां उद्योग मंडल एसोचैम के एक कार्यक्रम में कहा कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की दरों को युक्तिसंगत बनाने की जीएसटी परिषद की कवायद कर प्रणाली के पांच साल बाद आत्मावलोकन का नतीजा है। उन्होंने कहा कि नीति-निर्माताओं को कर दरें 15.5 प्रतिशत के राजस्व-तटस्थ स्तर तक ले जाने की कोई उत्कंठा नहीं है।पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाने की मांग पर उन्होंने कहा कि ईंधन पर लगने वाला कर केंद्र एवं राज्य सरकारों के राजस्व का एक बड़ा हिस्सा होता है लिहाजा इसे लेकर कुछ आशंकाएं भी हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमें इसके लिए कुछ वक्त इंतजार करना होगा।’’ बजाज ने कहा, ‘‘जहां तक जीएसटी के कर ढांचे का सवाल है तो पांच, 12, 18 और 28 प्रतिशत की दरों में से हमें 28 प्रतिशत की दर बरकरार रखनी होगी। एक विकासशील एवं आय असमानता वाली अर्थव्यवस्था में कुछ ऐसे लग्जरी उत्पाद होते हैं जिन पर ऊंची कर दर लगाए जाने की जरूरत है।’’उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि अन्य तीन कर दरों को हम दो दरों में समायोजित कर सकते हैं। इस तरह हम यह देख सकते हैं कि देश किस तरह आगे बढ़ता है और क्या इन दरों को कम कर सिर्फ एक दर पर लाया जा सकता है या नहीं। यह एक बहुत बड़ी चुनौती है।’’ जीएसटी प्रणाली के तहत कर की चार दरें हैं। इनमें जरूरत वाली चीजों पर पांच प्रतिशत की निम्नतम दर से कर लगता है। वहीं विलासिता वाली वस्तुओं पर अधिकतम 28 फीसदी की दर से कर लगता है। इस कर की दो अन्य दरें 12 एवं 18 प्रतिशत हैं। इसके अलावा सोना, आभूषण एवं रत्नों के लिए तीन प्रतिशत की एक विशेष दर रखी गई है जबकि तराशे हुए हीरों पर 1.5 फीसदी की दर से जीएसटी लगता है।जीएसटी परिषद ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई की अध्यक्षता में एक मंत्री समूह बनाया है जो कर दरों को युक्तिसंगत बनाने पर गौर कर रहा है। मंत्री समूह को अंतिम रिपोर्ट देने के लिए तीन महीने का अतिरिक्त समय दिया गया है। राजस्व सचिव ने कहा कि जीएसटी प्रणाली के लागू होने के पांच साल बाद अब आत्मावलोकन का समय है ताकि यह देखा जा सके कि जीएसटी दर ढांचा किस तरह विकसित हुआ है। इस दौरान इसपर भी गौर किया जाना चाहिए कि दरों की संख्या में कटौती करने की जरूरत है या नहीं। इसके अलावा किन उत्पादों पर अधिक कर लगाया जाना चाहिए और किन उत्पादों को निचले स्लैब में रखना चाहिए।बजाज ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि नीति-निर्माता के तौर पर हम और राज्य सरकारें इस समय जीएसटी को इसी नजरिये से देख रहे हैं। हम इसे राजस्व तटस्थ दर 15.5 फीसदी के करीब ले जाने के लिए कुछ उत्पादों की दरें बढ़ाने के बारे में नहीं सोच रहे हैं।’’
- नयी दिल्ली। सुजुकी मोटरसाइकिल इंडिया ने भारतीय बाजार में नया बाइक मॉडल ‘कताना’ पेश किया है। इसकी शोरूम कीमत 13.61 लाख रुपये है।इस बाइक को जापान की ऐतिहासिक तलवार कताना का नाम दिया गया है।सुजुकी मोटरसाइकिल इंडिया के प्रबंध निदेशक सतोशी यूचिदा ने बयान में कहा, ‘‘यह पेशकश भारत में हमारी बाइक पोर्टफोलियो को मजबूत करने की रणनीति का हिस्सा है।’’उन्होंने कहा कि पिछले ‘ऑटो एक्सपो’ में हमने यह बाइक प्रदर्शित की थी। उसके बाद से कंपनी के पास इस बाइक को लेकर काफी पूछताछ आ रही है। यह बाइक सुजुकी के इंटेलिजेंट राइड सिस्टम्स के साथ उतारी गई है। इसमें कई प्रकार की आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक नियंत्रण प्रणालियां लगी हैं।
- नयी दिल्ली। मजबूत वैश्विक रुख के बीच सोमवार को दिल्ली सर्राफा बाजार में सोना 241 रुपये की बढ़त के साथ 52,048 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी।पिछले कारोबारी सत्र में पीली धातु का भाव 51,807 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था।चांदी की कीमत भी 254 रुपये के लाभ से 58,139 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई। पिछले कारोबारी सत्र में चांदी 57,885 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी।अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने का भाव 1,808.45 डॉलर प्रति औंस पर स्थिर रहा। चांदी भी 19.83 डॉलर प्रति औंस पर बनी रही।एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (जिंस) तपन पटेल ने कहा, ‘‘डॉलर में कमजोरी तथा वैश्विक स्तर पर सुस्ती की आशंका से सोने को समर्थन मिला।’’
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नयी दिल्ली. बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) पर बिजली उत्पादक कंपनियों (जेनको) का बकाया जून, 2022 में सालाना आधार पर चार प्रतिशत बढ़कर 1,32,432 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। जून, 2021 तक डिस्कॉम पर बिजली वितरण कंपनियों का बकाया 1,27,306 करोड़ रुपये था। पेमेंट रैटिफिकेशन एंड एनालिसिस इन पावर प्रोक्यूरमेंट फॉर ब्रिंगिंग ट्रांसपैरेंसी इन इन्वॉयसिंग ऑफ जेनरेशन (प्राप्ति) पोर्टल से यह जानकारी मिली है। जून, 2022 में डिस्कॉम पर कुल बकाया पिछले महीने यानी मई, 2022 की तुलना में भी बढ़ा है। मई में यह 1,30,139 करोड़ रुपये था। बिजली उत्पादकों तथा डिस्कॉम के बीच बिजली खरीद लेनदेन में पारदर्शिता लाने के लिए प्राप्ति पोर्टल मई, 2018 में शुरू किया गया था। जून, 2022 तक 45 दिन की मियाद या ग्रेस की अवधि के बाद भी डिस्कॉम पर कुल बकाया राशि 1,15,128 करोड़ रुपये थी। यह एक साल पहले समान महीने में 1,04,095 करोड़ रुपये थी। मई, 2022 में डिस्कॉम पर कुल बकाया 1,07,636 करोड़ रुपये था। बिजली उत्पादक कंपनियां डिस्कॉम को बेची गई बिजली के बिल का भुगतान करने के लिए 45 दिन का समय देती हैं। उसके बाद यह राशि पुराने बकाये में आ जाती है। ज्यादातर ऐसे मामलों में बिजली उत्पादक दंडात्मक ब्याज वसूलते हैं। बिजली उत्पादक कंपनियों को राहत के लिए केंद्र ने एक अगस्त, 2019 से भुगतान सुरक्षा प्रणाली लागू की है। इस व्यवस्था के तहत डिस्कॉम को बिजली आपूर्ति पाने के लिए साख पत्र देना होता है। केंद्र सरकार ने बिजली वितरण कंपनियों को भी कोविड-19 महामारी की वजह से कुछ राहत दी है। भुगतान में देरी के लिए डिस्कॉम पर दंडात्मक शुल्क को माफ कर दिया गया है। सरकार ने मई, 2020 में डिस्कॉम के लिए 90,000 करोड़ रुपये की नकदी डालने की योजना पेश की थी। इसके तहत बिजली वितरण कंपनियां पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन (पीएफसी) तथा आरईसी लिमिटेड से सस्ता कर्ज ले सकती हैं। बाद में सरकार ने इस पैकेज को बढ़ाकर 1.2 लाख करोड़ रुपये और उसके बाद 1.35 लाख करोड़ रुपये कर दिया। आंकड़ों से पता चलता है कि महाराष्ट्र, तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, झारखंड और राजस्थान की बिजली वितरण कंपनियों का उत्पादक कंपनियों के बकाये में सबसे अधिक हिस्सा है। भुगतान की मियाद समाप्त होने के बाद जून, 2022 तक डिस्कॉम पर कुल बकाया 1,15,128 करोड़ रुपये था। इसमें स्वतंत्र बिजली उत्पादकों का हिस्सा 53.17 प्रतिशत है। वहीं, केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र की जेनको का बकाया 22.4 प्रतिशत है।
सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में अकेले एनटीपीसी को ही डिस्कॉम से 5,441.95 करोड़ रुपये वसूलने हैं। उसके बाद डीवीसी का बकाया 3,885.19 करोड़ रुपये है। एनपीसीआईएल का बकाया 3,272.24 करोड़ रुपये है। निजी बिजली उत्पादक कंपनियों में अडाणी पावर का बकाया 21,625.02 करोड़ रुपये है।
वहीं नवीकरणीय ऊर्जा कंपनियों का बकाया जून, 2022 तक 22,432.27 करोड़ रुपये था। - नयी दिल्ली। फिनटेक कंपनी लैंडिंगकार्ट ने शनिवार को कहा कि उसने जीएमओ एलएलसी और ट्रायडोस इनवेस्टमेंट से 75 करोड़ रुपये का कर्ज जुटाया है। एक बयान के अनुसार कंपनी सभी राज्यों में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को कर्ज देने के लिए इस राशि का इस्तेमाल करेगी। बयान में कहा गया, ''लेंडिंगकार्ट ने कुल 75 करोड़ रुपये का कर्ज जुटाया है, जिसमें से 25 करोड़ रुपये जीएमओ एलएलसी से और 50 करोड़ रुपये ट्रायडोस इनवेस्टमेंट मैनेजमेंट से जुटाए गए।'' लैंडिंगकार्ट के सीईओ और संस्थापक हर्षवर्धन लूनिया ने कहा कि इस धनराशि का इस्तेमाल एमएसएमई ग्राहकों को कर्ज देने के लिए किया जाएगा।
- नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के पांच साल पूरे होने के मौके पर इसे एक बड़ा कर सुधार बताते हुए कहा कि इसने कारोबारी सुगमता बढ़ाने के साथ ही 'एक राष्ट्र एक कर' की संकल्पना को भी साकार किया। प्रधानमंत्री ने अपने एक ट्वीट में जीएसटी प्रणाली के लागू होने के पांच साल पूरे होने का जिक्र करते हुए कहा, "यह एक प्रमुख कर सुधार है जिसने 'कारोबार करने को सुगम' बनाया और 'एक राष्ट्र, एक कर' की संकल्पना को भी साकार किया।" एक एकीकृत अप्रत्यक्ष कर प्रणाली के रूप में जीएसटी को एक जुलाई, 2017 को लागू किया गया था। प्रधानमंत्री ने भारत सरकार के नागरिक संपर्क मंच 'माइगवइंडिया' के एक ट्वीट को भी ‘टैग’ किया जिसमें कहा गया है कि जीएसटी ने नए भारत की आर्थिक संरचना को परिभाषित करने और नागरिकों को सशक्त बनाने में अहम भूमिका निभाई है।
- नयी दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि जून के महीने में माल एवं सेवा कर (जीएसटी) राजस्व बढ़कर 1.44 लाख करोड़ रुपये हो गया जो पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 56 प्रतिशत अधिक है। सीतारमण ने कहा कि जीएसटी संग्रह के लिए 1.4 लाख करोड़ रुपये अब मोटे तौर पर एक निचली सीमा बन चुका है। इसके पहले मई 2022 में जीएसटी राजस्व करीब 1.41 लाख करोड़ रुपये रहा था।
- नयी दिल्ली। सरकार ने रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड जैसी कंपनियों द्वारा पेट्रोल, डीजल और विमान ईंधन (एटीएफ) के अन्य देशों को निर्यात पर शुक्रवार को कर लगाया। ओएनजीसी और वेदांता लिमिटेड जैसी कंपनियों द्वारा स्थानीय रूप से उत्पादित कच्चे तेल से मिलने वाले अप्रत्याशित लाभ पर भी कर लगाया गया है। वित्त मंत्रालय की अधिसूचना में कहा गया कि सरकार ने पेट्रोल और एटीएफ के निर्यात पर छह रुपये प्रति लीटर की दर से कर लगाया है तथा डीजल के निर्यात पर 13 रुपये प्रति लीटर का कर लगाया गया है। इसके अलावा कच्चे तेल के घरेलू स्तर पर उत्पादन पर 23,250 रुपये प्रति टन का अतिरिक्त कर लगाया गया है।सार्वजनिक क्षेत्र की ओएनजीसी और ऑयल इंडिया लिमिटेड तथा निजी क्षेत्र की वेदांता लिमिटेड की केयर्न ऑयल एंड गैस के कच्चे तेल के उत्पादन पर कर लगाने से और 2.9 करोड़ टन कच्चे तेल के घरेलू स्तर पर उत्पादन से सरकार को सालाना 67,425 करोड़ रुपये मिलेंगे। निर्यात कर इस लिहाज से लगाया गया है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज और रोजनेफ्ट समर्थित नायारा एनर्जी जैसी रिफायनरी यूक्रेन पर रूस के हमले के मद्देनजर तेल किल्लत का सामना कर रहे यूरोप और अमेरिका जैसे क्षेत्रों में ईंधन का निर्यात करके खासा लाभ कमा रही हैं। निर्यात कर लगाने का एक उद्देश्य पेट्रोल पंपों पर घरेलू आपूर्ति बेहतर करना भी है क्योंकि मध्य प्रदेश, राजस्थान और गुजरात जैसे राज्यों में ईंधन की कमी का संकट खड़ा है और निजी रिफायनरी ईंधन की स्थानीय स्तर पर बिक्री करने के बजाए इसके निर्यात को प्राथमिकती दे रही हैं।
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नयी दिल्ली ।सोने के बढ़ते आयात और चालू खाता घाटा (सीएडी) को बढ़ने से रोकने के लिए सरकार ने इस महंगी धातु पर आयात शुल्क 10.75 फीसदी से बढ़ाकर 15 फीसदी कर दिया है।शुल्क में बदलाव 30 जून से प्रभाव में आया है।इससे पहले सोने पर मूल सीमा शुल्क 7.5 फीसदी था जो अब 12.5 फीसदी होगा। 2.5 फीसदी के कृषि अवसंरचना विकास उपकर के साथ सोने पर प्रभावी सीमा शुल्क 15 फीसदी होगा।सोने के आयात में एकाएक तेजी आई है और मई में कुल 107 टन सोने का आयात किया गया, वहीं जून में भी सोने का उल्लेखनीय आयात हुआ। वित्त मंत्रालय ने कहा कि सोने का आयात बढ़ने से चालू खाता घाटे पर दबाव बढ़ रहा है।
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नयी दिल्ली. कार बनाने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया ने बृहस्पतिवार को अपनी कॉम्पैक्ट एसयूवी ब्रेजा का नया संस्करण पेश किया। इसकी शुरुआती शोरूम कीमत 7.99 लाख रुपये है। दूसरी पीढ़ी की ब्रेजा ‘मैनुअल' और ‘ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन' विकल्पों में उपलब्ध होगी। इसकी कीमत 7.99 लाख रुपये से 13.96 लाख रुपये है। मारुति सुजुकी इंडिया के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) हिसाशी ताकेयूची ने ब्रेजा पेश किये जाने कार्यक्रम के दौरान कहा, "पिछले आठ महीनों में यह कंपनी की छठी पेशकश है। यह भारतीय बाजार में हमारे विश्वास को दर्शाता है।" ताकेयूची ने कहा, "यह हमारा ऐसा पहला मॉडल था जिसे विशेष रूप से भारत के लिए डिजाइन और विकसित किया गया था।" मारुति सुजुकी ने मार्च, 2016 में ब्रेजा के साथ कॉम्पैक्ट एसयूवी खंड में प्रवेश किया था। कंपनी ने इसके बाजार में उतरने के बाद से छह साल में 7.5 लाख से अधिक इकाइयां बेची है।
उन्होंने कहा, "... कंपनी ने ग्राहकों की अपेक्षाओं से प्रेरित होकर मॉडल को फिर से डिजाइन किया है।"नई ब्रेजा ऐसे समय आई है जब मारुति सुजुकी को दक्षिण कोरियाई कार विनिर्माता हुंदै और किआ खंड में क्रमश: अपने वेन्यू और सोनेट के साथ कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है। नई ब्रेजा नए जमाने की तकनीक और ‘कनेक्टेड' सुविधाओं से लैस है। -
नयी दिल्ली. वाणिज्यिक अचल संपत्ति के विकास में पर्यावरण अनुपालन को लेकर बेंगलुरु एशिया-प्रशांत क्षेत्र के शीर्ष 20 शहरों की सूची में 14वें स्थान पर है। नाइट फ्रैंक के अनुसार, एशिया-प्रशांत क्षेत्र में वाणिज्यिक अचल संपत्ति में पर्यावरण संबधी विकास के मामले में सिंगापुर, सिडनी, वेलिंगटन, पर्थ और मेलबर्न शीर्ष पांच शहरों में शामिल हैं। एशिया-प्रशांत के पर्यावरण अनुपालन सूचकांक 2021 के अनुसार शीर्ष 20 टिकाऊ शहरों की सूची में भारत के चार शहरों ने भी जगह बनाई है। इसमें बेंगलुरु के अलावा दिल्ली, हैदराबाद और मुंबई भी शामिल हैं। दिल्ली 17वें, हैदराबाद 18वें और मुंबई 20वें स्थान पर है। सूचकांक में शहरीकरण दबाव, जलवायु जोखिम, कार्बन उत्सर्जन और सरकार की पहल जैसे मापदंडों के आधार पर एशिया-प्रशांत क्षेत्र के 36 शहरों का मूल्यांकन किया गया है।
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नयी दिल्ली. इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन में वित्त निदेशक संदीप कुमार गुप्ता भारत के सबसे बड़े गैस संस्थान गेल (इंडिया) लिमिटेड के प्रमुख होंगे। सार्वजनिक उपक्रम चयन बोर्ड (पीईएसबी) ने कहा कि 10 उम्मीदवारों के साक्षात्कार के बाद गेल के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक पद के लिए 56 वर्षीय गुप्ता का चयन किया गया है। वह मनोज जैन का स्थान लेंगे। जैन 31 अगस्त को सेवानिवृत्त होने जा रहे हैं।
पीईएसबी की सिफारिश को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति (एसीसी) मंजूरी देगी। एसीसी की मंजूरी मिल जाती है तो गुप्ता का कार्यकाल फरवरी 2026 तक होगा। -
नयी दिल्ली. कच्चे माल की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण इस्पात के दाम एक जुलाई से फिर बढ़ सकते हैं। हालांकि, इससे पहले इस्पात कीमतें कुछ नीचे आई हैं। जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड (जेएसपीएल) के प्रबंध निदेशक वी आर शर्मा ने यहां इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स की तरफ आयोजित एक कार्यक्रम के इतर एक न्यूज़ एजेंसी से बातचीत में यह बात कही। उन्होंने कहा, ‘‘जहां कोयले की कीमत 17,000 रुपये प्रति टन है, वहीं ओडिशा खनिज निगम के लौह अयस्क की कीमतें अब भी ऊंची हैं। यह ओडिशा में लौह अयस्क का मुख्य आपूर्तिकर्ता है।'' उन्होंने कहा, ‘‘इस्पात की कीमतें पहले ही नीचे आ चुकी हैं। उन्हें और कम करने की कोई संभावना नहीं है। मुख्य रूप से उच्च लागत के कारण शुक्रवार यानी एक जुलाई से इस्पात की कीमतों में बढ़ोतरी की जाएगी।'' शर्मा ने कहा कि द्वितीयक श्रेणी के इस्पात विनिर्माताओं ने पिछले चार दिन में पहले ही सरिये की कीमत 2,000 रुपये बढ़ाकर 55,000 रुपये प्रति टन कर दी है। उन्होंने कहा कि इस्पात विनिर्माताओं पर दबाव के कई और कारण हैं और इसमें कोयले की उपलब्धता का भी मुद्दा हैं। कोयले की आपूर्ति के लिए रैक भी उपलब्ध नहीं हैं क्योंकि उनमें से ज्यादातर का बिजली क्षेत्र के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।
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नयी दिल्ली. ग्राहकों को सीधे सामान की बिक्री करने वाले ‘डायरेक्ट सेलिंग' उद्योग ने 2021 में 3.25 अरब डॉलर (करीब 27,650 करोड़ रुपये) की खुदरा बिक्री दर्ज करते हुए वैश्विक रैंकिंग में अपना 12वां स्थान बरकरार रखा है। वाशिंगटन स्थित वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ डायरेक्ट सेलिंग एसोसिएशन(डब्ल्यूएफडीएसए) द्वारा जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 2021 में भारतीय डायरेक्ट सेलिंग उद्योग में 7.7 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। 2018 से 2021 तक पिछले तीन वर्षों में सालाना आधार पर यह उद्योग 15.7 प्रतिशत की दर से बढ़ा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि एशिया प्रशांत क्षेत्र में भारत के डायरेक्ट सेलिंग उद्योग को छठा स्थान हासिल हुआ है। भारतीय डायरेक्ट सेलिंग उद्योग की अगुवाई एमवे, एवन, ओरिफ्लेम, मोदीकेयर, हर्बलाइफ आदि कंपनियां कर रही हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका का डायरेक्ट सेलिंग उद्योग 42.67 अरब डॉलर की खुदरा बिक्री के साथ शीर्ष पर रहा है। कुल बिक्री में उसका हिस्सा 23 प्रतिशत है। अमेरिका के बाद दक्षिण कोरिया और जर्मनी का स्थान रहा।
रिपोर्ट के मुताबिक, 2021 में वैश्विक स्तर पर डायरेक्ट सेलिंग उद्योग की खुदरा बिक्री का आंकड़ा 186.10 अरब डॉलर रहा है। इंडियन डायरेक्ट सेलिंग एसोसिएशन (आईडीएसए) के चेयरमैन रजत बनर्जी ने रिपोर्ट पर टिप्पणी करते हुए कहा, ‘‘कोविड -19 महामारी से उत्पन्न अत्यधिक प्रतिकूल कारोबारी माहौल के बावजूद भारतीय डायरेक्ट सेलिंग उद्योग ने जुझारू क्षमता का प्रदर्शन किया है। -
चंडीगढ़. जीएसटी परिषद ने कुछ सामानों पर छूट को वापस लेने जबकि कुछ अन्य पर दरें बढ़ाये जाने का फैसला किया है। इससे अब डिब्बाबंद और लेबल-युक्त गेहूं आटा, पापड़, पनीर, दही और छाछ पर पांच प्रतिशत कर लगेगा। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संवाददाताओं को कहा कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की यहां दो दिन की बैठक में विभिन्न समूहों के दरों को युक्तिसंगत बनाने के बारे में दिये गये सुझावों को स्वीकार कर लिया गया। इससे कर की दरों में बदलाव हुए हैं। कर दर में बदलाव 18 जुलाई से प्रभाव में आएंगे।
हालांकि परिषद ने कसीनो, ऑनलाइन गेमिंग और घुड़दौड़ पर रिपोर्ट को मंत्री समूह (जीओएम) के पास फिर विचार के लिए भेज दिया है। गोवा के वित्त मंत्री कसीनो पर जीएसटी दर के बारे में और चर्चा चाहते हैं। ऐसे में ‘ऑनलाइन गेमिंग' और घुड़दौड़ पर भी फिर से विचार किया जाएगा। मंत्री समूह ने तीनों पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाने की सिफारिश की थी। इस बारे में रिपोर्ट 15 जुलाई तक तैयार हो जाने की उम्मीद है और अगस्त में परिषद की अगली बैठक में इसपर विचार किया जाएगा। छूट समाप्त करने का मतलब है कि डिब्बा या पैकेट बंद और लेबल युक्त (फ्रोजन को छोड़कर) मछली, दही, पनीर, लस्सी, शहद, सूखा मखाना, सूखा सोयाबीन, मटर जैसे उत्पाद, गेहूं और अन्य अनाज तथा मुरमुरे पर अब पांच प्रतिशत जीएसटी लगेगा। इसी प्रकार, टेट्रा पैक और बैंक की तरफ से चेक जारी करने पर 18 प्रतिशत और एटलस समेत नक्शे तथा चार्ट पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगेगा। वहीं खुले में बिकने वाले बिना ब्रांड वाले उत्पादों पर जीएसटी छूट जारी रहेगी।
इसके अलावा 1,000 रुपये प्रतिदिन से कम किराये वाले होटल कमरों पर 12 प्रतिशत की दर से कर लगाने की बात कही गयी है। अभी इसपर कोई कर नहीं लगता है। इसके साथ ही अस्पताल में भर्ती मरीजों के लिये 5,000 रुपये से अधिक किराये वाले कमरों (आईसीयू को छोड़कर) पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगेगा। ‘प्रिंटिंग/ड्राइंग इंक', धारदार चाकू, कागज काटने वाला चाकू और ‘पेंसिल शार्पनर', एलईडी लैंप, ड्राइंग और मार्किंग करने वाले उत्पादों पर कर की दरें बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दी गयी हैं। सौर वॉटर हीटर पर अब 12 प्रतिशत जीएसटी लगेगा जबकि पहले 5 प्रतिशत कर लगता था।
सड़क, पुल, रेलवे, मेट्रो, अपशिष्ट शोधन संयंत्र और शवदाहगृह के लिये जारी होने वाले कार्य अनुबंधों पर अब 18 प्रतिशत जीएसटी लगेगा। जो अबतक 12 प्रतिशत था। हालांकि, रोपवे के जरिये वस्तुओं और यात्रियों के परिवहन तथा अवशिष्ट निकासी सर्जरी से जुड़े उपकरणों पर कर की दर घटाकर पांच प्रतिशत की गई है। पहले यह 12 प्रतिशत था। ट्रक, वस्तुओं की ढुलाई में इस्तेमाल होने वाले वाहनों जिसमें ईंधन की लागत शामिल है, पर अब 12 प्रतिशत जीएसटी लगेगा जो अभी 18 प्रतिशत है। बागडोगरा से पूर्वोत्तर राज्यों तक की हवाई यात्रा पर जीएसटी छूट अब ‘इकनॉमी' श्रेणी तक सीमित होगी।
आरबीआई (भारतीय रिजर्व बैंक), बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण, भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड जैसे नियामकों की सेवाओं के साथ रिहायशी मकान कारोबारी इकाइयों को किराये पर देने पर कर लगेगा। बैटरी या उसके बिना इलेक्ट्रिक वाहनों पर रियायती पांच प्रतिशत जीएसटी बना रहेगा।
जीएसटी परिषद ने ई-कॉमर्स पोर्टल के माध्यम से की जाने वाली अंतर-राज्य आपूर्ति के लिए प्रक्रिया को आसान बनाने का भी निर्णय किया है। अब ऐसे आपूर्तिकर्ताओं का वस्तुओं और सेवाओं का कारोबार क्रमशः 40 लाख रुपये और 20 लाख रुपये से कम है तो उन्हें जीएसटी पंजीकरण प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं होगी। यह एक जनवरी, 2023 से लागू होगा। परिषद ने जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण के गठन के संदर्भ में राज्यों की तरफ से उठाये गये विभिन्न मुद्दों पर चर्चा और सीजीएसटी कानून में उपयुक्त संशोधन के लिये मंत्री समूह भी गठित करने का निर्णय किया है। - बेंगलुरु। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने प्रबंधन और डिजाइन प्रशिक्षु के 45वें बैच के लिए करीब 55 हजार प्रत्याशियों में से 99 उम्मीदवारों का चयन किया है। एचएएल का मुख्यालय बेंगलुरु में है जिसने बुधवार को प्रबंधन और डिजाइन प्रशिक्षुओं का 45वां बैच शुरू किया। एचएएल ने यहां जारी बयान में कहा, '' बैच 52 हफ्तों तक एयरोनॉटिक्स, उत्पादन, इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक, कंप्यूटर, विज्ञान, वित्त, मानव संसाधन, विधि आदि क्षेत्रों में गहन,रेजीमेंटर और विशिष्ट प्रशिक्षण से गुजरेगा।''इस मौके पर एचएएल के प्रबंध निदेशक आर माधवन ने प्रशिक्षुओं से अवसर का इस्तेमाल करियर निर्माण और राष्ट्र निर्माण में योगदान के लिए करने की अपील की। उन्होंने कहा,''एचएएल रक्षा बलों के लिए उडऩे वाली बेहतरीन मशीन का उत्पादन करता है और इसके अलावा विभिन्न रक्षा मंचों पर सहायता करता है। एचएएल का प्रशिक्षण और अध्ययन कार्यक्रम हमेशा चलता रहता है और इनमें बेहतरीन विदेशी संस्थानों के गुण शामिल हैं।''
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मुंबई. सरकार-प्रवर्तित राष्ट्रीय निवेश एवं अवसंरचना कोष (एनआईआईएफ) ने बुधवार को कहा कि उसने हिंदुस्तान पोर्ट्स में 22.5 प्रतिशत हिस्सेदारी लेने के लिए 30 करोड़ डॉलर (लगभग 2,250 करोड़ रुपये) का निवेश किया है। एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, एनआईआईएफ की तरफ से किया गया यह सबसे बड़ा एकल निवेश है। इसके साथ ही हिंदुस्तान पोर्ट्स में उसका कुल निवेश बढ़कर 50 करोड़ डॉलर पर पहुंच गया है। हिंदुस्तान पोर्ट्स संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की कंपनी डीपी वर्ल्ड की भारतीय इकाई है। यह पांच कंटेनर टर्मिनल का परिचालन करती है और 50 लाख से अधिक कंटेनरों का प्रबंधन करती है। एनआईआईएफ ने कहा कि हिंदुस्तान पोर्ट्स के मुंबई में दो कंटेनर टर्मिनल हैं जबकि मुंद्रा, चेन्नई और कोचिन में एक-एक टर्मिनल संचालित किए जा रहे हैं। -
अहमदाबाद. रिलायंस जियो गुजरात में फिक्स्ड लाइन सेवा प्रदान करने वाली सबसे बड़ी कंपनी बन गई है। कंपनी ने गुजरात में अपना कारोबार शुरू करने के तीन साल से भी कम समय में चार लाख से अधिक ग्राहकों को जोड़ा है। रिलायंस जियो ने बुधवार को एक विज्ञप्ति में कहा कि पांच सितंबर, 2019 को जियोफाइबर ने अपना वाणिज्यिक संचालन शुरू किया था। तब से जियो गुजरात के 40 से अधिक शहरों, कस्बों और गांवों तक पहुंच गई है और चार लाख से अधिक ग्राहकों को जोड़ चुकी है। भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) की अप्रैल, 2022 रिपोर्ट के अनुसार, गुजरात में जियो के ‘फाइबर-टू-द-होम' उपयोगकर्ताओं की संख्या पहली बार चार लाख का आंकड़ा पार कर गई। इसी के साथ कंपनी बीएसएनएल के 3.80 लाख उपयोगकर्ता के आंकड़े को पीछे छोड़ते हुए लैंडलाइन सेवा प्रदान करने वाली राज्य की सबसे बड़ी कंपनी बन गई। जियो ने अप्रैल, 2022 के दौरान 20,832 नए जियो फाइबर ग्राहक जोड़े। इससे राज्य में कंपनी के कुल उपयोगकर्ताओं की संख्या 4.03 लाख पहुंच गई।






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