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कोलकाता। सार्वजनिक क्षेत्र की कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) अपना खुद का ई-नीलामी मंच शुरू करने वाली है और उसने नए एवं मौजूदा बोलीदाताओं को इस पोर्टल पर पंजीकरण कराने को कहा है। कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी ने यह पोर्टल शुरू किए जाने की जानकारी दी। इस समय सीआईएल के ई-नीलामी पोर्टल का प्रबंधन एमजंक्शन और सार्वजनिक क्षेत्र की एमएसटीसी लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है। ई-नीलामी में कोल इंडिया के सालाना करीब 12 करोड़ टन कोयले की बिक्री की जाती है जबकि बाकी बिक्री ईंधन आपूर्ति समझौतों और अन्य विशेष बिक्री खिड़कियों से की जाती है। कोल इंडिया के ई-नीलामी पोर्टल को राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) ने तैयार किया है और यह सीआईएल की अनुषंगी सेंट्रल माइन प्लानिंग एंड डिजाइन इंस्टीट्यूट लिमिटेड द्वारा समर्थित है। एक अधिकारी ने कहा, ‘‘हम अगले छह महीने में आंतरिक रूप से कोयले की ई-नीलामी शुरू करने की उम्मीद कर रहे हैं। नीलामी अच्छी तरह शुरू हो जाए तभी हम लागत एवं फायदों के बारे में जान पाएंगे। - नयी दिल्ली.एचसीएल के सह-संस्थापक अजय चौधरी का कहना है कि अनुकूल नीतियों के सहारे भारत का विनिर्माण को प्रोत्साहन देना समय की मांग है और इलेक्ट्रॉनिक्स हार्डवेयर क्षेत्र में व्यापक अवसर का फायदा उठाने के लिए वह मजबूत स्थिति में है। सेमीकंडक्टर के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की तरफ से गठित सलाहकार समिति के सदस्य चौधरी ने भरोसा जताया है कि भारत हार्डवेयर उत्पादन एवं चिप के निर्माण में दुनिया के लिए एक भरोसेमंद साझेदार के तौर पर उभर सकता है। चौधरी ने कहा कि घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए सरकार की तरफ से उठाए गए नीतिगत कदमों ने भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सेमीकंडक्टर उत्पादन के वैश्विक केंद्र के तौर पर उभरने का ठोस आधार तैयार कर दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘कुल मिलाकर, मुझे यह एक शानदार नीति लगती है। मेरा मानना है कि मौजूदा हालात में यह और भी अहम हो गई है। चीन को लेकर दुनियाभर में भरोसे की कमी होने का मतलब है कि हमारे पास न सिर्फ भारत में बने सेमीकंडक्टर चिपों के निर्यात करने का बढ़िया मौका है बल्कि यहां बना हार्डवेयर भी हम विदेशों को भेज सकते हैं।'' उन्होंने कहा कि भारत को अब इस मौके का लाभ उठाने के लिए तेजी से आगे बढ़ने की जरूरत है और सेमीकंडक्टर एवं हार्डवेयर के लिए चीन के विकल्प के तौर पर खुद को पेश करना चाहिए। चौधरी ने कहा, ‘‘मौजूदा समय में जब आपूर्ति शृंखला पर काफी असर पड़ रहा है, दुनिया विकल्पों की तलाश कर रही है। भारत एक भरोसेमंद भागीदार के रूप में उभर सकता है क्योंकि हमारी पहचान ऐसी ही रही है।'' उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी की लगातार आ रही लहरें और रूस-यूक्रेन युद्ध से उपजे भू-राजनीतिक तनाव से लागत और आपूर्ति शृंखलाओं को लेकर अनिश्चितता बढ़ी है, लेकिन इससे भारत के लिए विनिर्माण में एक मौका भी पैदा हुआ है। सरकार ने देश में ही सेमीकंडक्टर के विकास एवं विनिर्माण के लिए 76,000 करोड़ रुपये का एक महत्वाकांक्षी कार्यक्रम शुरू किया है। इस कार्यक्रम के जरिये सेमीकंडक्टर के विनिर्माण एवं विकास से जुड़ने वाली कंपनियों को वित्तीय मदद मुहैया कराई जाएगी।
- नयी दिल्ली. देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) प्रतिस्पर्धियों को टक्कर देने और इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के क्षेत्र में अगुवा बनने के लिए कई बिजलीचालित वाहन मॉडल उतारने की तैयारी कर रही है। हालांकि, इस क्षेत्र में अभी कंपनी का कोई मॉडल नहीं है। कंपनी के नए प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) हिसाशी ताकेयूची ने यह बात कही। कंपनी की योजना 2025 में पहला इलेक्ट्रिक वाहन मॉडल उतारने की है। देश में ईवी की मांग बढ़ने पर वह भविष्य में अपने कारखानों में इलेक्ट्रिक वाहनों के विनिर्माण पर भी विचार कर रही है। पहला ईवी मॉडल सुजुकी मोटर के गुजरात संयंत्र में बनाया जाएगा। ताकेयूची ने कहा, ‘‘भारतीय बाजार में ईवी मॉडल उतारने के मामले में हम अपने प्रतिस्पर्धियों से कुछ पीछे रह गए हैं, वैसे भी बाजार में ईवी की मांग सीमित है। वास्तव में भारतीय बाजार में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री अभी भी बहुत सीमित है।'' उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम ईवी के बारे में कुछ नहीं कर रहे। हम अपने मौजूदा मॉडलों के साथ बीते एक साल से भी अधिक समय से ईवी का परीक्षण कर रहे हैं। यह परीक्षण भारतीय माहौल के अनुरूप किया जा रहा है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि हमारी ईवी प्रौद्योगिकी भारत के पर्यावरण के लिहाज से अच्छी है।'' ताकेयूची ने कहा कि कंपनी पहला इलेक्ट्रिक वाहन 2025 में उतारेगी और फिर एक के बाद एक कई मॉडल उतारे जाएंगे। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहन बहुत महंगे होते हैं और वर्तमान प्रौद्योगिकी के साथ किफायती इलेक्ट्रिक वाहन बनाना काफी कठिन है। यह पूछे जाने पर कि क्या इसका मतलब यह है कि कंपनी का पहला ईवी 10 लाख रुपये से कम का नहीं होगा, ताकेयूची ने कहा, ‘‘मैं आपको इसका स्पष्ट जवाब नहीं दे सकता हूं, लेकिन लागत के मोर्चे पर प्रतिस्पर्धी बने रहते हुए कम महंगा इलेक्ट्रिक वाहन लाना काफी मुश्किल है। इसकी वजह बैटरी की लागत है।
- नयी दिल्ली. म्यूचु्अल फंड के बारे में बढ़ती जागरूकता, डिजिटल माध्यमों से लेनदेन में आई सुगमता और शेयर बाजारों में आए तेज उछाल से परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियां (एएमसी) वित्त वर्ष 2021-22 में 3.17 करोड़ निवेशक खाते जोड़ने में सफल रहीं। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2021-22 में म्यूचुअल फंड खाता खोलने वाले निवेशकों की संख्या एक साल पहले की तुलना में बहुत अधिक बढ़ गई। वर्ष 2020-21 में 81 लाख नए खाते जुड़े थे। महिलाओं के लिए वित्तीय मंच मुहैया कराने वाली कंपनी एलएक्सएमई की संस्थापक प्रीत राठी गुप्ता ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में भी नए निवेशकों के म्यूचुअल फंड योजनाओं का हिस्सा बनने की तीव्र दर जारी रहने की संभावना है। उन्होंने कहा कि इससे सावधि जमाओं एवं बचत खातों से इतर निवेश के साधन के तौर पर म्यूचुअल फंड की तरफ रुझान बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि म्यूचुअल फंड उद्योग पर बाजार के हालात, भू-राजनीतिक परिदृश्य, बढ़ती महंगाई और लोगों के बीच बढ़ती जागरूकता का असर देखा जा सकता है। हालांकि, बैंकिंग प्रौद्योगिकी फर्म नियो के रणनीति प्रमुख स्वप्निल भास्कर का मानना है कि अगर खुदरा निवेशक ब्याज दरों में बदलाव होने पर बाजार की उठापटक से प्रभावित होते हैं, तो म्यूचुअल फंड के नए खातों की संख्या में थोड़ी गिरावट आ सकती है। एम्फी के आंकड़ों के मुताबिक, मार्च 2022 में 43 म्यूचुअल फंड कंपनियों के खातों की संख्या बढ़कर 12.95 करोड़ पर पहुंच गई जबकि मार्च, 2021 में यह संख्या 9.78 करोड़ थी। इस तरह एक वित्त वर्ष में ही 3.17 करोड़ नए खाते खुले हैं।
- नयी दिल्ली. निजी क्षेत्र के एचडीएफसी बैंक का एकल आधार पर शुद्ध लाभ हाल ही में समाप्त वित्त वर्ष 2021-22 की चौथी तिमाही में 22.8 फीसदी उछलकर 10,055.2 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। देश में निजी क्षेत्र के इस सबसे बड़े बैंक ने शेयर बाजारों को अपनी तिमाही नतीजों की जानकारी देते हुए बताया कि जनवरी-मार्च 2022 तिमाही में करों के लिए 2,989.5 करोड़ रुपये का प्रावधान करने के बाद उसका शुद्ध लाभ 10,055.2 करोड़ रुपये रहा है। यह आंकड़ा एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले 22.8 फीसदी अधिक है। बैंक ने जनवरी-मार्च 2021 की तिमाही में 8,186.50 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ अर्जित किया था। वित्त वर्ष 2021-22 की अंतिम तिमाही में एचडीएफसी बैंक की कुल एकल आय भी बढ़कर 41,085.78 करोड़ रुपये पर पहुंच गई जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह 38,017.50 करोड़ रुपये रही थी। इसके अलावा आलोच्य अवधि में बैंक की शुद्ध ब्याज आय एवं अन्य आय भी 7.3 फीसदी बढ़कर 26,509.80 करोड़ रुपये पर पहुंच गई। एक साल पहले की समान तिमाही में बैंक का शुद्ध राजस्व 24,714.10 करोड़ रुपये रहा था। पिछली तिमाही में बैंक की शुद्ध ब्याज आय एक साल पहले की तुलना में 10.2 फीसदी बढ़कर 18,872.70 करोड़ रुपये रही। परिसंपत्ति गुणवत्ता के मोर्चे पर बैंक ने कहा कि सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां (एनपीए) 31 मार्च 2022 को सकल अग्रिम का 1.17 फीसदी रहीं जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 1.26 फीसदी रही थीं। इसी तरह फंसे कर्जों के मामले में भी एचडीएफसी बैंक का प्रदर्शन सुधरा है। बीती तिमाही में बैंक का शुद्ध एनपीए उसके शुद्ध अग्रिम का 0.32 फीसदी रहा जबकि जनवरी-मार्च 2021 में यह अनुपात 0.40 फीसदी रहा था।
- नयी दिल्ली. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल की कीमतों में जारी तेजी के बीच विमानों में ईंधन के तौर पर इस्तेमाल होने वाले एटीएफ की कीमतें भी शनिवार को 0.2 प्रतिशत बढ़ा दी गईं। यह एटीएफ की कीमतों में हुई इस साल की लगातार आठवीं बढ़ोतरी है। सार्वजनिक तेल कंपनियों की तरफ से जारी अधिसूचना के मुताबिक एटीएफ के दाम में 277.5 रुपये प्रति किलोलीटर यानी 0.2 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। इस मूल्य वृद्धि के बाद राजधानी दिल्ली में एटीएफ के भाव 1,13,202.33 रुपये प्रति किलोलीटर हो गए हैं। इस तरह एटीएफ की कीमत रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। इस बीच पेट्रोल एवं डीजल के दाम लगातार दसवें दिन अपरिवर्तित बने रहे। इसके पहले करीब दो हफ्ते में पेट्रोल और डीजल दोनों के दामों में 10-10 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि की गई थी। विमान ईंधन की कीमतों में हरेक महीने की पहली और 16वीं तारीख को संशोधन किया जाता है जबकि तेल कंपनियों को पेट्रोल और डीजल की कीमत में दैनिक आधार पर बदलाव करने की छूट है। एटीएफ की कीमतों में 16 मार्च को 18.3 फीसदी की भारी वृद्धि की गई थी। उसके बाद एक अप्रैल को भी इसके दाम में दो फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी। बहरहाल कीमत में ताजा बढ़ोतरी के बाद मुंबई में एटीएफ की कीमत अब 1,11,981.99 रुपये प्रति किलोलीटर हो गई है जबकि कोलकाता में इसकी कीमत 1,17,753.60 रुपये और चेन्नई में 1,16,933.49 रुपये प्रति किलोलीटर हो गई है। अपनी तेल जरूरतों को पूरा करने के लिए 85 फीसदी आयात पर निर्भर भारत में पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में हुई हालिया बढ़ोतरी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दाम में दर्ज की गई वृद्धि का नतीजा है। इसके अलावा महामारी से उबर रही अर्थव्यवस्था में तेल की मांग भी बढ़ रही है। किसी विमानन कंपनी की परिचालन लागत में करीब 40 फीसदी की हिस्सेदारी रखने वाले एटीएफ की कीमत भी इस साल लगातार बढ़ी है। इस साल अब तक हुई आठ मूल्य वृद्धि में एटीएफ के दाम 39,180.42 रुपये प्रति किलोलीटर तक बढ़ चुके हैं।
- नयी दिल्ली। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को कहा कि यूक्रेन और रूस से गेहूं का सर्वाधिक आयात करने वाले देश मिस्र ने भारत को गेहूं आपूर्तिकर्ता के तौर पर मंजूरी दी है। रूस और यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष के कारण वैश्विक बाजारों में गेहूं की उपलब्धता में तेजी से गिरावट आई है। ये दोनों ही देश गेहूं के प्रमुख उत्पादक और निर्यातक हैं। मिस्र ने 2020 में रूस से 1.8 अरब डॉलर का और यूक्रेन से 61.08 करोड़ डॉलर के गेहूं का आयात किया था।अब मिस्र भारत से 10 लाख टन गेहूं का आयात करना चाहता है और अप्रैल में उसे 2,40,000 टन गेहूं की आवश्यकता होगी। गोयल ने ट्वीट किया, ‘‘भारतीय किसान दुनिया का पेट भर रहे हैं। मिस्र ने भारत को गेहूं आपूर्तिकर्ता के तौर पर मंजूरी दी है। दुनिया सतत खाद्य आपूर्ति के भरोसेमंद वैकल्पिक स्रोत की खोज में है ऐसे में मोदी सरकार आगे आई है। हमारे किसानों ने भंडारों को भरा रखा और हम दुनिया की सेवा करने के लिए तैयार हैं।’’अप्रैल 2021 से जनवरी 2022 के बीच भारत का गेहूं निर्यात बढ़कर 1.74 अरब डॉलर का हो गया। पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह 34.017 करोड़ डॉलर था। 2019-20 में गेहूं निर्यात 6.184 करोड़ डॉलर का था जो 2020-21 में बढ़कर 54.967 करोड़ डॉलर हो गया था। भारत गेहूं का निर्यात मुख्य रूप से पड़ोसी देशों को करता है जिनमें सर्वाधिक 54 फीसदी निर्यात बांग्लादेश को किया जाता है। भारत ने यमन, अफगानिस्तान, कतर और इंडोनेशिया जैसे देशों के नए गेहूं बाजार में भी प्रवेश किया है। 2020-21 में भारत से गेहूं का आयात करने वाले शीर्ष दस देशों में बांग्लादेश, नेपाल, संयुक्त अरब अमीरात, श्रीलंका, यमन, अफगानिस्तान, कतर, इंडोनेशिया, ओमान और मलेशिया हैं। दुनिया के कुल गेहूं निर्यात में भारत की हिस्सेदारी एक फीसदी से भी कम है। हालांकि उसकी हिस्सेदारी 2016 में 0.14 प्रतिशत से 2020 में बढ़कर 0.54 प्रतिशत हो गयी थी। भारत गेहूं का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है और दुनिया में 2020 में गेहूं के कुल उत्पादन में उसकी हिस्सेदारी करीब 14.14 फीसदी थी। भारत सालाना करीब 10.759 करोड़ टन गेहूं का उत्पादन करता है और ज्यादातर खपत घरेलू स्तर पर ही हो जाती है।
- नयी दिल्ली। कार विनिर्माता कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया ने शुक्रवार को अपने मॉडल अर्टिगा के नए संस्करण को बाजार में उतारा। इसकी कीमत 8.35 से 12.79 लाख रुपये के बीच रखी गई है। अर्टिगा के नए संस्करण में 1.5 लीटर का पेट्रोल इंजन है और यह मैनुअल तथा ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन से युक्त है। कंपनी ने इस वाहन के सीएनजी संस्करण को भी बाजार में उतारा है। नई अर्टिगा में हाइब्रिड टेक्नोलॉजी है। मारुति सुजुकी इंडिया के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी हिसाशी ताकेउची ने कहा, ‘‘भारतीय वाहन क्षेत्र में दस साल पहले जब अर्टिगा उतारी थी तो वह भी महत्वपूर्ण पल था। इसने एक नया खंड तैयार किया था जो 4.7 फीसदी की सालाना चक्रीय वृद्धि दर से बढ़ रहा है। नेक्स्ट जनरेशन अर्टिगा में आधुनिक प्रौद्योगिकी खूबियां, नया इंजन और पूरी तरह से नया ट्रांसमिशन है।’’ यह मॉडल पेट्रोल और सीएनजी विकल्पों में उपलब्ध है। कंपनी का दावा है कि इस गाड़ी का ‘एवरेज’ 20.51 किलोमीटर प्रति लीटर (पेट्रोल) और 26.11 किलोमीटर प्रति लीटर (सीएनजी) है।
- नयी दिल्ली। व्हाट्सऐप ने कहा है कि वह ग्रुप वॉयस कॉल में 32 लोगों को एक साथ जुड़ने और दो गीगाबाइट तक की फाइलों को शेयर करने की सुविधा देगा। इसके अलावा व्हाट्सऐप ने कई और सुविधाएं देने की बात भी कही है। इस समय मोबाइल ऐप का उपयोग करके ग्रुप वॉयस कॉल में केवल आठ लोगों को जोड़ा जा सकता है, और उपयोगकर्ताओं के बीच शेयर की जाने वाली फाइल का आकार एक जीबी से अधिक नहीं होना चाहिए। व्हाट्सऐप चैट ग्रुप के एडमिन को किसी भी समय संदेशों को हटाने की अनुमति भी देगा। कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि हटाई गई सामग्री समूह के किसी भी सदस्य को दिखाई नहीं देगी। मेटा प्लेटफॉर्म्स के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने एक पोस्ट में कहा, "हम व्हाट्सऐप पर ग्रुप में नए फीचर भी जोड़ रहे हैं, जिसमें प्रतिक्रिया, बड़ी फाइल शेयरिंग और बड़ी ग्रुप कॉल शामिल हैं।"
- नयी दिल्ली. देश में खनिज उत्पादन फरवरी, 2022 में सालाना आधार पर 4.5 प्रतिशत बढ़ा है। खान मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि फरवरी महीने में खनन और संबद्ध क्षेत्र का खनिज उत्पादन सूचकांक 123.2 रहा, जो एक साल पहले की इसी अवधि की तुलना में 4.5 प्रतिशत अधिक है। भारतीय खान ब्यूरो के शुरुआती आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल-फरवरी 2021-22 के दौरान खनिज उत्पादन में 13.2 प्रतिशत की संचयी वृद्धि हुई। इस साल फरवरी में कोयले का उत्पादन 7.95 करोड़ टन, लिग्नाइट का उत्पादन 47 लाख टन, प्राकृतिक गैस का उत्पादन 251.5 करोड़ घन मीटर और कच्चे तेल का उत्पादन 23 लाख टन रहा। इस दौरान हीरा, लिग्नाइट, फॉस्फोराइट और बॉक्साइट के उत्पादन में बढ़ोतरी हुई, जबकि चूना पत्थर, सोना, मैंगनीज अयस्क और क्रोमाइट जैसे खनिजों के उत्पादन में कमी देखने को मिली।
- नयी दिल्ली। दिल्ली और आसपास के शहरों में सीएनजी और पीएनजी के दाम फिर बढ़ गये हैं। गुरुवार को सीएनजी कर कीमत 2.50 रुपये किलो और पाइप के जरिये घरों में पहुंचने वाली रसोई गैस (पीएनजी) 4.25 रुपये प्रति यूनिट बढ़कर रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गयी। कच्चे माल की लागत में वृद्धि के बाद ईंधन के दाम बढ़े हैं। इंद्रप्रस्थ गैस लि. (आईजीएल) की वेबसाइट पर उपलब्ध सूचना के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सीएनजी अब 71.61 रुपये किलो मिलेगी जो इससे पहले 69.11 रुपये किलो थी। कंपनी दिल्ली और आसपास के शहरों में सीएनजी और पीएनजी की खुदरा बिक्री करती है। ईंधन के दाम इस महीने में तीसरी बार तथा सात मार्च से 11वीं बार बढ़े हैं।कुल मिलाकर सीएनजी की कीमत छह सप्ताह से भी कम समय में 15.6 रुपये किलो बढ़ गयी है। इसमें से 7.5 रुपये किलो की बढ़ोतरी इसी महीने हुई है। पिछले एक साल में सीएनजी के दाम 28.21 प्रति किलो यानी 60 प्रतिशत बढ़े हैं। इसके साथ पीएनजी की कीमत 4.25 रुपये प्रति घन मीटर (एससीएम) बढ़कर 45.86 रुपये एससीएम हो गयी है।शहरों में गैस वितरण करने वाली कंपनियां पिछले साल अक्टूबर से ही दाम बढ़ा रही हैं। उसी समय से महामारी से प्रभावित वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में पुनरुद्धार के साथ घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गैस के दाम बढ़ने शुरू हुए थे। कीमतें 2021 के अंतिम तीन महीनों में 8.74 रुपये किलो बढ़ीं। जबकि इस साल जनवरी से लगभग हर सप्ताह करीब 50 पैसे की वृद्धि हुई है। सरकार द्वारा प्राकृतिक गैस के दाम एक अप्रैल से दोगुना से अधिक कर 6.1 डॉलर प्रति 10 लाख ब्रिटिश थर्मल यूनिट (यूनिट) करने के बाद कीमतें बढ़ी हैं। प्राकृतिक गैस को जब ‘कंप्रेस्ड' किया जाता है, वह सीएनजी बनती है, जिसका उपयोग ईंधन के रूप में वाहनों में होता है। उसी गैस को खाना पकाने और अन्य कार्यों के लिये पाइप के जरिये रसोई और उद्योगों को पहुंचाया जाता है। महानगर गैस लि. (एमजीएल) ने बुधवार को मुंबई में ‘कंप्रेस्ड नैचुरल गैस' (सीएनजी) की कीमत पांच रुपये किलो बढ़ाकर 72 रुपये कर दी। साथ ही पीएनजी के दाम 4.50 रुपये बढ़ाकर 45.50 रुपये प्रति घन मीटर कर दिए गए। ईंधन के दाम विभिन्न शहरों में स्थानीय करों की वजह से अलग-अलग होते हैं।सीएनजी के दाम में वृद्धि से पहले पेट्रोल और डीजल में 16 दिनों में 10 रुपये प्रति लीटर का इजाफा हुआ है। इसके अलावा खाना पकाने में उपयोग होने वाले एलपीजी के दाम 50 रुपये प्रति सिलेंडर बढ़े हैं। आईजीएल के अनुसार, सीएनजी की कीमत अब नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद में 74.61 रुपये किलो हो जाएगी। गुरुग्राम में यह 79.94 रुपये किलो मिलेगी। पीएनजी नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद में अब 45.96 रुपये और गुरुग्राम में 44.06 रुपये प्रति घन मीटर होगी।
- नयी दिल्ली. जापान की वाहन कंपनी होंडा कार्स ने भारत में मुख्यधारा के हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र में अपनी मजबूत शुरुआत करते हुए भारतीय बाजार के लिए नए मॉडल ‘सिटी ई:एचईवी' सेडान से पर्दा उठाया है। होंडा कार्स की भारत में पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी के जरिये मौजूदगी है। इस मॉडल के लिए बुकिंग शुरू हो चुकी है और इसे अगले महीने बाजार में उतारा जा सकता है। कंपनी ने बताया कि यह मॉडल सिटी मॉडल श्रेणी का ही विस्तार है। इसमें स्वत: चार्जिंग वाली दो मोटर की हाइब्रिड प्रणाली है जो 1.5 लीटर के पेट्रोल इंजन से जुड़ी है। कंपनी का दावा है कि इस गाड़ी का ‘एवरेज' 26.5 किलोमीटर है। होंडा कार्स इंडिया के नवनियुक्त अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) ताकुया त्सुमुरा ने कहा, ‘‘नए मॉडल की पेशकश के साथ ही हम देश में अपनी नए युग की ‘इलेक्ट्रिफिकेशन' यात्रा शुरू कर रहे हैं।'' होंडा की योजना 2030 तक वैश्विक स्तर पर 30 इलेक्ट्रिक वाहन उतारने की है। कंपनी इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र में अगले दस साल में करीब 40 अरब डॉलर का निवेश करेगी।
- न्यूयॉर्क। टेस्ला के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) एलन मस्क ने अब ट्विटर को खरीदने की पेशकश की है। उन्होंने कहा कि इस सोशल मीडिया मंच को एक निजी कंपनी में बदलने की जरूरत है। मस्क इससे पहले मुक्त अभिव्यक्ति के सिद्धांतों का पालन करने के मुद्दे पर ट्विटर की आलोचना कर चुके हैं। ट्विटर ने गुरुवार को शेयर बाजार को बताया कि मस्क ने बुधवार को उसे एक पत्र भेजा है, जिसमें कंपनी के बाकी शेयरों को खरीदने का प्रस्ताव है। मस्क ने ट्विटर के प्रत्येक शेयर के लिए 54.20 डॉलर की पेशकश की है। यह पेशकश 43 अरब डॉलर से अधिक बैठती है। उन्होंने इस कीमत को अपना अधिकतम और अंतिम प्रस्ताव बताया है। मस्क के पास इस समय ट्विटर के नौ प्रतिशत से अधिक शेयर हैं। वह कंपनी के सबसे बड़े शेयरधारक हैं।यह पेशकश बाध्यकारी नहीं है और वित्तपोषण तथा अन्य शर्तों के अधीन है। मस्क ने शेयर बाजार को बताया, ‘‘मैंने ट्विटर में निवेश किया, क्योंकि मैं दुनियाभर में मुक्त अभिव्यक्ति का एक बड़ा मंच बनने की इसकी क्षमता में विश्वास करता हूं और मेरा मानना है कि मुक्त अभिव्यक्ति कार्यशील लोकतंत्र के लिए एक सामाजिक अनिवार्यता है।'' उन्होंने आगे कहा, ‘‘हालांकि, निवेश करने के बाद मुझे एहसास हुआ कि कंपनी अपने मौजूदा स्वरूप में न तो उन्नति करेगी और न ही इस सामाजिक अनिवार्यता को पूरा करेगी। ट्विटर को एक निजी कंपनी के रूप में बदलने की जरूरत है।'' ट्विटर ने कहा कि उसे मस्क का प्रस्ताव मिला है, और वह फैसला करेगी कि शेयरधारकों के सर्वोत्तम हित में क्या है- इसे स्वीकार किया जाए, या सार्वजनिक रूप से कारोबार करने वाली कंपनी के रूप में काम जारी रखा जाए। विश्लेषक डैनियल इवेस ने कहा कि उनका मानना है कि कंपनी के इस आक्रामक अधिग्रहण के साथ मस्क ट्विटर के मालिक बन जाएंगे। उन्होंने कहा कि अब बोली लगाने वाले किसी दूसरे व्यक्ति या गठजोड़ के लिए आगे आना मुश्किल होगा और ट्विटर के बोर्ड को मस्क के प्रस्ताव को स्वीकार करने या कंपनी को बेचने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। मस्क की यह पेशकश ट्विटर के साथ उनके संबंधों की ताजा कड़ी है। अरबपति कारोबारी ने शेयर बाजार को बताया था कि वह 31 जनवरी से हर दिन शेयर खरीद रहे थे। शेयर बाजार को दी जानकारी के मुताबिक, ट्विटर ने मस्क को अपने बोर्ड में इस शर्त पर जगह दी थी कि उनके पास कंपनी के 14.9 प्रतिशत से अधिक शेयर नहीं होंगे। लेकिन, मस्क ने इस शर्त को नहीं माना और बोर्ड में शामिल होने से मना कर दिया। मस्क के ट्विटर पर 8.1 करोड़ से अधिक फॉलोअर हैं। वह इस मंच पर सबसे लोकप्रिय शख्सियतों में से एक हैं। वह एरियाना ग्रांडे और लेडी गागा जैसे पॉप सितारों को टक्कर दे रहे हैं। हालांकि, उनके ट्वीट ने उन्हें कभी-कभी परेशानी में भी डाला है।
- भोपाल. मध्य प्रदेश सरकार राज्य में पहली बार इंदौर में 28 से 30 अप्रैल तक ‘‘एमपी ऑटो शो 2022 '' का आयोजन करने जा रही है। इस शो में देश के विभिन्न हिस्सों से दो हजार से अधिक प्रतिभागी शामिल होंगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक बयान में कहा, ‘‘मध्य प्रदेश 21वीं सदी के भारत के आर्थिक विकास में एक अहम भूमिका निभाने के लिए तैयार है।'' मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘प्रगतिशील नीतियां, व्यवसाय अनुकूल वातावरण और सक्रिय सरकार राज्य को तेजी के साथ विकास के पथ पर ले जा रही है। मैं निवेशक समुदाय से इस आकर्षक कहानी का हिस्सा बनने का आग्रह करता हूं।'' मध्य प्रदेश का पहला ऑटो शो 2022 इंदौर में हवाई अड्डे के पास सुपर कॉरिडोर और इंदौर के पास पीथमपुर में नेशनल ऑटोमोटिव टेस्ट ट्रैक्स (एनएटीआरएएक्स) पर आयोजित किया जाएगा। मुख्यमंत्री इस शो का उद्घाटन करेंगे और इसके बाद वह उद्योग जगत के दिग्गजों के साथ ‘भारत के आर्थिक विकास को गति देता ऑटोमोबाइल सेक्टर' विषय पर चर्चा करेंगे। संभावित खरीदारों और निवेशकों को शामिल करने के लिए प्रदेश सरकार पीथमपुर में एनएटीआरएएक्स पर सुपर बाइक और विंटेज कार रैली जैसी गतिविधियों का भी आयोजन करेगी। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई), सोसाइटी ऑफ इंडिया ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (एसआईएएम) और ऑटोमोटिव कंपोनेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (एसीएमए) की साझेदारी में मध्य प्रदेश सरकार द्वारा आयोजित किए जा रहे इस शो में देश के विभिन्न भागों से दो हजार से अधिक प्रतिभागियों के सम्मिलित होने की उम्मीद है। मध्य प्रदेश में इंदौर के पास पीथमपुर और भोपाल के मंडीदीप भारत के प्रमुख ऑटो क्लस्टर हैं, जिनमें 30 से अधिक मूल उपकरण निर्माता और 200 ऑटो कंपोनेंट निर्माता मौजूद हैं, जिनमें लगभग दो लाख तकनीकी पेशेवर कार्यरत हैं। पीथमपुर में एशिया के सबसे बड़े ऑटोमोटिव टेस्टिंग सुविधा एनएटीआरएएक्स में 14 प्रकार के परीक्षण ट्रैक, पांच प्रयोगशालाएं और सात भवन हैं। यह करीब तीन हजार एकड़ भूमि पर विकसित किया गया है।-file photo
- मुंबई. टाटा समूह के चेयरमैन नटराजन चंद्रशेखरन ने बृहस्पतिवार को कहा कि समूह द्वारा हाल में पेश सुपर ऐप न्यू एक खुले ढांचे पर है और इसमें समूह के बाहर के ब्रांड भी उपलब्ध होंगे। टाटा ने सात अप्रैल को सुपर ऐप न्यू पेश किया।चंद्रशेखरन ने कहा कि ऐप शुरू हुए अभी सात दिन ही हुए हैं, लेकिन इतने समय में ही इसे शानदार प्रतिक्रिया मिली है। यह ऐप एक खुले ढांचे पर है और इसमें टाटा समूह से अलग कंपनियों के भी ब्रांड उपलब्ध होंगे। इस सुपर ऐप के जरिये किराना से लेकर होटल, एयरलाइन टिकट बुकिंग और दवाओं की बिक्री को एक मंच पर लाया गया है। इस तरह से यह अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी ई-कॉमर्स कंपनियों को कड़ी टक्कर देगा। चंद्रशेखरन ने पिछले सप्ताह ऐप पेश किये जाने के मौके पर कहा था कि टाटा न्यू ऐसा मंच है जो हमारे सभी ब्रांड को एक मंच पर लाता है। यह समूह के पारंपरिक ‘ग्राहक सबसे पहले' के दृष्टिकोण को प्रौद्योगिकी के आधुनिक लोकाचार के साथ जोड़ता है। एयर एशिया, बिग बास्केट, क्रोमा, आईएचसीएल, स्टारबक्स, टाटा 1एमजी, टाटा क्लिक, टाटा प्ले, वेस्टसाइट जैसे टाटा के ब्रांड न्यू मंच पर उपलब्ध हैं। जल्दी ही विस्तार, एयर इंडिया, टाइटन, टाटा मोटर्स आदि भी इससे जुड़ेंगे। टाटा संस पिछले साल से ऐप का परीक्षण कर रही थी क्योंकि वह तेजी से बढ़ते ई-कॉमर्स क्षेत्र में एक बड़ी भूमिका निभाना चाहती है। समूह ने इस कड़ी में कई ऑनलाइन कंपनियां का भी अधिग्रहण किया है। इसमें किराना का सामान आपूर्ति करने वाले मंच बिग बास्केट और ऑनलाइन फ़ार्मेसी कंपनी 1एमजी शामिल हैं।
- सिएटल. अमेजन ने अपनी बढ़ती लागत को कम करने के लिए घोषणा की है कि वह तृतीय-पक्ष विक्रेताओं से वसूले जाने वाले शुल्क पर पांच फीसद ‘ईंधन एवं मुद्रास्फीति अधिभार' लगाएगा। तृतीय-पक्ष विक्रेता वे हैं जो इस ई-कॉमर्स कंपनी की सेवाओं का उपयोग करते हैं। अमेजन ने अपनी वेबसाइट पर कहा कि यह अतिरिक्त शुल्क 28 अप्रैल से प्रभाव में आएगा और यह परिधान और गैर-परिधान दोनों प्रकार की वस्तुओं पर लागू होगा। इससे पहले अमेजन ने बीते नवंबर में शुल्क वृद्धि की घोषणा की थी जो जनवरी से लागू हुई थी। कंपनी की ओर से हालिया फैसले के बारे में और कोई जानकारी नहीं दी गई। विक्रेताओं को बुधवार को भेजे गए नोटिस में अमेजन ने कहा कि कोविड-19 महामारी आने के बाद से उसकी लागत बढ़ गई है। उसने कहा, 2022 में हमें हालात सामान्य होने की उम्मीद थी क्योंकि दुनियाभर में कोविड-19 पाबंदियां हटी हैं लेकिन ईंधन और मुद्रास्फीति बढ़ने से चुनौतियां बढ़ गईं।'' मंगलवार को जारी संघीय आंकड़ों में बताया गया कि मार्च में मुद्रास्फीति 8.5 फीसदी बढ़ गई। पेट्रोल-डीजल के दाम बीते 12 महीनों में 48 फीसदी बढ़ गए।
- नयी दिल्ली. खाद्य तेलों के अधिक आयात की वजह से वनस्पति तेल का आयात मार्च में 13 प्रतिशत बढ़कर 11 लाख टन से अधिक हो गया। खाद्य तेल उद्योग के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) ने कहा कि मार्च, 2022 में 11,04,570 टन (खाद्य तेल और अखाद्य तेल सहित) का आयात हुआ, जबकि मार्च, 2021 में यह 9,80,243 टन रहा था। मार्च, 2022 में खाद्य तेल का आयात बढ़कर 10,51,698 टन हो गया, जो एक साल पहले की समान अवधि में 9,57,633 टन था। वहीं अखाद्य तेल का आयात समीक्षाधीन अवधि के दौरान 22,610 टन से बढ़कर 52,872 टन हो गया। तेल वर्ष 2021-22 नवंबर, 2021-मार्च, 2022 के पहले पांच महीनों के दौरान वनस्पति तेलों का कुल आयात पिछले वर्ष की इसी अवधि के 53,75,003 टन की तुलना में बढ़कर 57,95,728 टन हो गया। तेल वर्ष 2021-22 के पहले पांच महीनों के दौरान, रिफाइंड खाद्य तेल का आयात पिछले वर्ष की इसी अवधि के 24,101 टन से तेज वृद्धि को दर्शाता 7,71,268 टन हो गया। कच्चे खाद्य तेल का आयात 52,16,225 टन से घटकर 48,71,650 टन रह गया। एसईए ने कहा, ‘‘नवंबर 2021-मार्च 2022 के दौरान, पाम तेल का आयात घटकर 26,53,253 टन रह गया जो नवंबर 2020-मार्च 2021 के दौरान 30,90,559 टन रहा था। दूसरी ओर हल्के तेल का आयात नवंबर, 2020 से मार्च, 2021 के 21,49,767 टन से बढ़कर 29,89,665 टन हो गया। इसका मुख्य कारण सोयाबीन तेल का अधिक आयात होना था।'' एसोसिएशन ने कहा कि पिछले महीने के दौरान 2,12,000 टन सूरजमुखी तेल पोतों पर आया। इस आयात की खेप रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष शुरू होने के पहले ही भारत के लिए रवाना हो चुकी थी। यह आयात मुख्य रूप से यूक्रेन (1,27,000 टन), रूस (73,500 टन) और अर्जेंटीना (11,900 टन) से हुआ। एसईए ने कहा, ‘‘हालांकि, अप्रैल 2022 में यूक्रेन से कोई निर्यात खेप नहीं आने के कारण, सूरजमुखी तेल का आयात घटकर लगभग 80,000 टन ही रह सकता है।
- नयी दिल्ली. वाहन सुरक्षा समूह ग्लोबल एनसीएपी ने हुंदै मोटर इंडिया की मध्यम आकार की एसयूवी क्रेटा और प्रीमियम हैचबैक आई20 को दुर्घटना परीक्षण के बाद वयस्क सुरक्षा की दृष्टि से पांच में से तीन सितारा (थ्री-स्टार) रेटिंग दी है। वहीं, टोयोटा किर्लोस्कर मोटर (टीकेएम) की अर्बन क्रूजर को चार-सितारा सुरक्षा रेटिंग मिली है।वाहनों को उनकी सुरक्षा खूबियों के आधार पर शून्य से पांच तक की रेटिंग दी जाती है। उच्च रेटिंग वाले वाहनों को उनमें यात्रा करने वाले लोगों की दृष्टि से अधिक सुरक्षित माना जाता है। ग्लोबल एनसीएपी ने एक बयान में कहा कि उसने क्रेटा और आई20 के मूल संस्करणों का परीक्षण किया। इन वाहनों में आगे दो एयरबैग और एसबीएस है। मध्यम आकार की एसयूवी की संरचना को अस्थिर पाया गया। इसमें दुर्घटना की स्थिति में चालक के पैर के निचले हिस्से में चोट का जोखिम है। ग्लोबल एनसीएपी के महासचिव एलेजांद्रो फुरास ने कहा, ‘‘हालांकि, इन वाहनों की कुल रेटिंग संतोषजनक है। लेकिन हुंदै और टोयोटा जैसी कंपनियों द्वारा ईएससी, साइड बॉडी और सिर की सुरक्षा के उपाय करने की अनिच्छा निराशाजनक है।'' ग्लोबल एनसीएपी टुवर्ड्स जीरो फाउंडेशन का एक प्रमुख कार्यक्रम है। यह संयुक्त राष्ट्र के ‘सड़क सुरक्षा कार्रवाई का दशक' के समर्थन में काम कर रहा है।
- मुंबई. विदेशी बाजारों में डॉलर की मजबूती और कमजोर वृहद आर्थिक आंकड़ों के कारण विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में बुधवार को अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया तीन पैसे की गिरावट दर्शाता 76.18 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 76.15 के भाव पर खुला। कारोबार के दौरान यह 76.26 प्रति डॉलर के निचले स्तर तक चला गया। अंत में यह अपने पिछले बंद भाव के मुकाबले तीन पैसे की गिरावट के साथ 76.18 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। पिछले कारोबारी सत्र में रुपया 24 पैसे की गिरावट के साथ 76.15 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं की तुलना में अमेरिकी मुद्रा की मजबूती को आंकने वाला डॉलर सूचकांक 0.13 प्रतिशत की तेजी के साथ 100.42 पर कारोबार कर रहा था। अमेरिकी उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) मंगलवार को जारी किया गया जो दर्शाता है कि मार्च में अमेरिका में मुद्रास्फीति चार दशक के उच्चतम स्तर 8.50 प्रतिशत के स्तर पर पहुंच गई है। वहीं, तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 237.44 अंक घटकर 58,338.93 अंक पर बंद हुआ।वैश्विक बेंचमार्क ब्रेंट कच्चा तेल वायदा 0.46 प्रतिशत बढ़कर 105.12 डॉलर प्रति बैरल हो गया। शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे और उन्होंने मंगलवार को 3,128.39 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।
- मुंबई. सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम विपणन कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (बीपीसीएल) ने बुधवार को कहा कि वह चालू वित्त वर्ष में 100 व्यस्त राष्ट्रीय राजमार्गों पर 100 तेज इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग गलियारे बनाने के लिए लगभग 200 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। इन गलियारों में 2,000 स्टेशन होंगे। बीपीसीएल के कार्यकारी निदेशक (खुदरा) बी एस रवि ने बुधवार को बताया कि कंपनी ने हाल ही में चेन्नई-त्रिची मदुरै राजमार्ग पर पहला ईवी चार्जिंग गलियारा खोला है जिस पर एक चार्जिंग इकाई है। उन्होंने कहा कि अगला गलियारा राष्ट्रीय राजमार्ग 47 पर कोच्चि-सालेम खंड में अगले दो महीने के भीतर बनाया जाएगा। रवि ने बताया कि चार्जिंग इकाई को यदि अतिरिक्त ट्रांसफॉर्मर की जरूरत नहीं पड़ती है, तो यह सात से 12 लाख रुपये में तैयार हो जाएगा और यहां पर आराम कक्ष, खान-पान के ठिकाने समेत अन्य सुविधाएं होंगी। ट्रांसफॉर्मर की जरूरत पड़ने पर इसकी लागत 25 लाख रुपये तक जाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘लागत में इस अंतर को देखते हुए चालू वित्त वर्ष में हमने 200 करोड़ रुपये के निवेश की योजना बनाई है। इसमें मार्च, 2023 तक 100 गलियारों पर 2,000 तेज चार्जिंग स्टेशन तैयार हो जाएंगे।'' दीर्घकालिक योजना के तौर पर कंपनी 2024-25 तक 7,000 तेज ईवी चार्जिंग स्टेशन बनाना चाहती है। रवि ने बताया कि तीसरा गलियारा संभवत: मुंबई-बेंगलुरु राष्ट्रीय राजमार्ग-चार पर बनेगा और इसपर कई चार्जिंग इकाइयां होंगी।
- मुंबई. घरेलू शेयर बाजार बुधवार को शुरुआती बढ़त को गंवाते हुए लगातार तीसरे दिन गिरावट के साथ बंद हुए। वैश्विक स्तर पर मिले-जुले रुख के बीच विदेशी संस्थागत निवेशकों की लगातार बिकवाली के साथ एचडीएफसी लि. और एचडीएफसी बैंक में गिरावट से बीएसई सेंसेक्स 237 अंक के नुकसान में रहा। तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में मजबूती के साथ खुला लेकिन बढ़त को बनाये रखने में विफल रहा और अंत में 237.44 अंक यानी 0.41 प्रतिशत की गिरावट के साथ 58,338.93 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 285.14 अंक तक नीचे आ गया था। इसी प्रकार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 54.65 अंक यानी 0.31 प्रतिशत नुकसान के साथ 17,475.65 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स के तीस शेयरों में से एचडीएफसी लि., एचडीएफसी बैंक, मारुति, डॉ. रेड्डीज, एशियन पेंट्स, बजाज फिनसर्व, पावरग्रिड और कोटक बैंक प्रमुख रूप से नुकसान में रहे। दूसरी तरफ, लाभ में रहने वाले शेयरों में आईटीसी, सन फार्मा, हिंदुस्तान यूनीलिवर लि., भारतीय स्टेट बैंक और एनटीपीसी शामिल हैं। एलकेपी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ तकनीकी विश्लेषक रूपक डे के अनुसार, ‘‘पूरे कारोबार के दौरान निफ्टी में उतार-चढ़ाव बना रहा।'' इस बीच, मंगलवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार खुदरा मुद्रास्फीति मार्च महीने में बढ़कर 17 महीने के उच्च स्तर 6.95 प्रतिशत पर पहुंच गयी। खुदरा महंगाई दर का यह आंकड़ा भारतीय रिजर्व बैंक के संतोषजनक स्तर से ऊपर है। वहीं औद्योगिक उत्पादन फरवरी में केवल 1.7 प्रतिशत बढ़ा। एशिया के अन्य बाजारों में हांगकांग का हैंगसेंग, दक्षिण कोरिया का कॉस्पी और जापान का निक्की लाभ में जबकि चीन का शंघाई कंपोजिट नुकसान में रहा। अमेरिकी शेयर बाजार मंगलवार को मामूली गिरावट के साथ बंद हुए। अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.56 प्रतिशत लाभ के साथ 105.23 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गया। शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने मंगलवार को 3,128.39 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे। शेयर बाजार महावीर जयंती और डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर जयंती के मौके पर बृहस्पतिवार को तथा गुड फ्राइडे के अवसर पर शुक्रवार को बंद रहेंगे।
- नयी दिल्ली। भारती एयरटेल के चेयरमैन सुनील मित्तल ने मंगलवार को कहा कि उनकी कंपनी ने मुश्किल जंग लड़ी और इससे मजबूत होकर उभरी है। मित्तल ने ऑल इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन (एआईएमए) के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि दूरसंचार उद्योग में पांच साल तक ‘तूफान' का दौर था। इस दौरान उद्योग की आमदनी घटी और कर्ज बढ़ा। ऐसे दौर में एयरटेल कठिन समय का मुकाबला करने के बाद एक मजबूत स्थिर संगठन के रूप में उभरी है। उन्होंने कहा कि पिछले चार-पांच साल में उद्योग का राजस्व नीचे आया और खर्च ऊंचा था। उन्होंने कहा, ‘‘एक भी साल ऐसा नहीं रहा है जब हमने तीन-चार अरब डॉलर खर्च नहीं किए हों। यह काफी पैसा है। इस उद्योग ने हर साल 20,000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए। मैं सिर्फ भारत की बात कर रहा हूं।
- मुंबई . टाटा मोटर्स समूह ने मंगलवार को कहा कि वित्त वर्ष 2021-22 की मार्च तिमाही में उसकी वैश्विक थोक बिक्री सालाना आधार पर दो प्रतिशत बढ़कर 3,34,884 इकाई हो गई। इसमें जगुआर लैंड रोवर (जेएलआर) की बिक्री के आंकड़े भी शामिल हैं।कंपनी ने एक बयान में कहा कि टाटा मोटर्स के सभी वाणिज्यिक वाहनों और टाटा देवू रेंज की वैश्विक थोक बिक्री वित्त वर्ष 2021-22 की चौथी तिमाही में 1,22,147 इकाई थी, जो सालाना आधार पर 12 प्रतिशत अधिक है। टाटा मोटर्स ने कहा कि सभी यात्री वाहनों की वैश्विक थोक बिक्री इस दौरान सालाना आधार पर चार प्रतिशत घटकर 212,737 इकाई रह गई। समीक्षाधीन अवधि में जगुआर लैंड रोवर की वैश्विक थोक बिक्री 89,148 इकाई थी, जिसमें सीजेएलआर द्वारा वितरित 12,622 इकाइयां शामिल हैं।
- नयी दिल्ली. सार्वजनिक क्षेत्र की कोल इंडिया लि. (सीआईएल) का पूंजीगत व्यय या निवेश बीते वित्त वर्ष 2021-22 में 12 प्रतिशत बढ़कर 14,834 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इससे पिछले वित्त वर्ष 2020-21 में कंपनी का पूंजीगत खर्च 13,284 करोड़ रुपये रहा था। कंपनी ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि समूचा पूंजीगत निवेश आंतरिक स्रोतों के जरिये पूरा किया गया है। ‘‘मजबूत आधार की वजह से पूंजीगत व्यय में बढ़ोतरी हुई है।'' बयान के अनुसार कोल इंडिया का 2020-21 का पूंजीगत व्यय इससे पिछले वित्त वर्ष 2019-20 के 6,270 करोड़ रुपये के व्यय की तुलना में दोगुना हो गया। इसका मतलब है कि 2021-22 में पूंजीगत व्यय में वृद्धि मजबूत आधार की वजह से हुई। बीते वित्त वर्ष में कंपनी ने जमीन, भारी मशीनरी (एचईएमएम) की खरीद, कोयला रखरखाव संयंत्र की स्थापना, भंडारण सुविधा, कोयला परिवहन के लिए रेल ढांचे के सृजन पर यह राशि खर्च की है। कंपनी के कुल पूंजीगत व्यय में भूमि और एचईएमएम का हिस्सा 40 प्रतिशत यानी 5,867 करोड़ रुपये रहा। वित्त वर्ष के दौरान कंपनी ने जमीन के लिए 3,262 करोड़ रुपये खर्च किए। कोल इंडिया के लिए अपनी खुली (ओपनकास्ट) खानों से उत्पादन बढ़ाने के लिए जमीन अधिग्रहण महत्वपूर्ण है। कोल इंडिया की इकाई महानदी कोलफील्ड्स लि. (एमसीएल) की दो परियोजनाओं के लिए जमीन का अधिग्रहण सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी को अपने खनन परिचालन के विस्तार में मदद करेगा।
- नयी दिल्ली. वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि पेटेंट दाखिल करने की संख्या वित्त वर्ष 2014-15 के 42,763 से बढ़कर वित्त वर्ष 2021-22 में 66,440 हो गई। मंत्रालय ने कहा है कि सरकार द्वारा देश में बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) व्यवस्था को मजबूत करने के लिए कदम उठाए गए हैं जिसकी वजह से पेटेंट आवेदनों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। मंत्रालय ने कहा कि भारत ने वित्त वर्ष 2014-15 में 5,978 की तुलना में वित्त वर्ष 2021-22 में 30,074 पेटेंट प्रदान किए, जो लगभग पांच गुना ज्यादा है। 2016 में पेटेंट की समीक्षा में जहां 72 महीनों का समय लगता था वह अब घटकर 5-23 महीने रह गया है। मंत्रालय ने कहा, ‘‘पिछले 11 वर्षों में पहली बार, घरेलू पेटेंट दाखिल करने की संख्या ने जनवरी-मार्च, 2022 की तिमाही में भारतीय पेटेंट (आईपी) कार्यालय में अंतरराष्ट्रीय पेटेंट दाखिल करने के आंकड़े को पार कर लिया है।'' उन्होंने कहा कि उद्योग और आंतरिक व्यापार (डीपीआईआईटी) और आईपी कार्यालय को बढ़ावा देने के लिए विभाग के समन्वित प्रयासों से समाज के सभी वर्गों में जागरूकता बढ़ी है। इन प्रयासों से एक ओर आईपीआर फाइलिंग की संख्या में वृद्धि हुई है और दूसरी ओर पेटेंट आवेदनों के लंबित होने में कमी आई है।