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नई दिल्ली। देश की सबसे बड़ी यात्री विमानन कंपनी इंडिगो ने उत्तर भारत में सर्दियों के मौसम को देखते हुए यात्रियों के लिए नई ट्रैवल एडवाइजरी जारी की है। कंपनी ने बताया है कि सर्दी बढ़ने के साथ ही उत्तर भारत के कई इलाकों में सुबह के समय कोहरा छाने लगा है, जिससे कभी-कभी उड़ानों के संचालन पर असर पड़ सकता है और विमानों की आवाजाही धीमी हो सकती है।
इंडिगो ने यात्रियों से अपील की है कि वे एयरपोर्ट के लिए निकलने से पहले अपनी फ्लाइट की स्थिति जरूर चेक कर लें, ताकि किसी भी असुविधा से बचा जा सके। इसके लिए कंपनी ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर फ्लाइट स्टेटस चेक करने की सुविधा भी उपलब्ध कराई है।एयरलाइन ने यह भी स्पष्ट किया है कि उसकी टीमें मौसम की स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं और पूरी तरह से तैयार हैं। जहां भी संभव हो, वहां जमीन स्तर पर जरूरी बदलाव किए जा रहे हैं ताकि यात्रियों को कम से कम परेशानी हो और यदि इंतजार करना पड़े तो वह समय अधिक आरामदायक बनाया जा सके।इंडिगो ने यात्रियों को भरोसा दिलाया है कि उनकी सुरक्षा और सुविधा कंपनी की सर्वोच्च प्राथमिकता है। कंपनी ने यात्रियों के धैर्य और विश्वास के लिए धन्यवाद देते हुए कहा है कि वह हर संभव प्रयास कर रही है ताकि यात्रियों की यात्रा सुगम और सुरक्षित बनी रहे।गौरतलब है कि इंडिगो भारत की सबसे बड़ी और सबसे बड़ी यात्री एयरलाइन है। इंडिगो के बेड़े में 400 से अधिक विमान शामिल हैं और कंपनी रोजाना 2,200 से ज्यादा उड़ानों का संचालन करती है। यह एयरलाइन देश और विदेश के कुल 130 से अधिक गंतव्यों को जोड़ती है, जिनमें 40 से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय गंतव्य शामिल हैं। इससे पहले सोमवार को एयर इंडिया ने भी घने कोहरे की वजह से कुछ फ्लाइट रद्द की थीं और यात्रियों के लिए ट्रैवल एडवाइजरी जारी की थी। - नयी दिल्ली। मजबूत वैश्विक संकेतों के बीच सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी में सोना 4 हजार रुपये बढ़कर 1,37,600 रुपये प्रति 10 ग्राम के अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया। अखिल भारतीय सर्राफा संघ ने यह कहा। शुक्रवार को 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना 1,33,600 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था।एलकेपी सिक्योरिटीज के उपाध्यक्ष (अनुसंधान विश्लेषक...जिंस और मुद्रा) जतिन त्रिवेदी ने कहा, ''अंतरराष्ट्रीय हाजिर बाजार में सोना के 4,350 अमेरिकी डॉलर के स्तर की ओर बढ़ने के साथ ही घरेलू बाजार में तेज उछाल देखने को मिला। इससे सोने की कीमतें नयी ऊंचाई पर पहुंच गईं।'' उन्होंने कहा कि पीली धातु ने वैश्विक मजबूती को दर्शाते हुए तेज बढ़त के साथ एक नया सर्वकालिक उच्च स्तर छू लिया। इससे पहले 17 अक्टूबर को सोना 1,34,800 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर पहुंच गया था। त्रिवेदी ने कहा, ''यह तेजी सुरक्षित निवेश की मांग और इस सप्ताह जारी होने वाले अमेरिकी आर्थिक आंकड़ों को लेकर बनी उम्मीदों के कारण आई है। अब ध्यान पूरी तरह अमेरिकी वृहत आर्थिक संकेतों पर है, जिससे अस्थिरता ऊंची बनी रहने की संभावना है।'' इस साल अब तक सोने की कीमतों में 58,650 रुपये यानी 74.3 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। सोने का भाव 31 दिसंबर 2024 को 78,950 रुपये प्रति 10 ग्राम था। दूसरी ओर, संघ के अनुसार चांदी की कीमतें सभी करों सहित 1,99,500 रुपये प्रति किलोग्राम पर स्थिर रहीं। इस साल अब तक चांदी की कीमतों में 1,09,800 रुपये यानी 122.41 प्रतिशत की जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है। इसका भाव 31 दिसंबर 2024 को 89,700 रुपये प्रति किलोग्राम था। अंतरराष्ट्रीय बाजारों में सोने का हाजिर भाव लगातार पांचवें सत्र में बढ़ा और यह 49.83 अमेरिकी डॉलर यानी 1.16 प्रतिशत बढ़कर 4,350.06 अमेरिकी डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया। पिछले पांच सत्रों में पीली धातु में कुल 159.32 अमेरिकी डॉलर यानी 3.80 प्रतिशत की बढ़त हुई है।इस बीच, विदेशी बाजारों में चांदी का हाजिर भाव दो अमेरिकी डॉलर यानी 3.24 प्रतिशत की बढ़त के साथ 63.96 अमेरिकी डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया।
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नयी दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की इस्पात विनिर्माता कंपनी सेल की बिक्री मूल्य दबाव और मांग में अस्थिरता के बीच अप्रैल-नवंबर 2025 अवधि के दौरान सालाना आधार पर 14 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 1.27 करोड़ टन हो गई। कंपनी ने शनिवार को यह जानकारी दी। इस्पात क्षेत्र की एक प्रमुख कंपनी स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसएआईएल) ने पिछले वर्ष की इसी अवधि में 1.11 करोड़ टन की बिक्री दर्ज की थी। कंपनी ने कहा, ''वैश्विक व्यापार नीति की अनिश्चितताओं और भू-राजनीतिक तनावों से उत्पन्न वैश्विक मूल्य दबाव और मांग में अस्थिरता सहित कई चुनौतियों के बावजूद एक मजबूत बिक्री रणनीति के कारण यह मजबूत प्रदर्शन संभव हो पाया।'' कंपनी ने बताया कि आठ महीने की अवधि के दौरान खुदरा बिक्री भी मजबूत रही। देशव्यापी ब्रांड प्रचार अभियानों के समर्थन से यह बिक्री अप्रैल-नवंबर 2024 में 8.6 लाख टन से 13 प्रतिशत बढ़कर 9.7 लाख टन हो गई।
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नई दिल्ली। भारत में बने रत्नों और आभूषणों का निर्यात नवंबर में 19% बढ़कर 2.52 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह 2.09 बिलियन डॉलर था। यह बढ़ोतरी तराशे और पॉलिश किए गए हीरों, सोने, चांदी और प्लैटिनम के आभूषणों की बढ़ती वैश्विक मांग के चलते हुई है।
इस साल नवंबर में निर्यात में तेज बढ़त का एक कारण पिछले वर्ष का कम आधार भी रहा, क्योंकि 2023 में दीपावली नवंबर में पड़ने के कारण कई विनिर्माण इकाइयां बंद थीं। कई मीडिया रिपोर्टों में बताया गया है कि अमेरिका और चीन में क्रिसमस सीजन की मजबूत मांग ने भी भारतीय निर्यात को बल दिया है।अप्रैल-नवंबर की अवधि में कुल निर्यात 18.86 बिलियन डॉलर रहा, जो पिछले वर्ष के 18.85 बिलियन डॉलर के लगभग बराबर है। इन आंकड़ों से संकेत मिलता है कि मौसमी मांग और वैश्विक बाजार में सुधार के चलते उद्योग धीरे-धीरे गति पकड़ रहा है।विश्लेषकों के अनुसार, लैब में उत्पादित हीरे (LGD) के आभूषणों की मांग में भी उल्लेखनीय वृद्धि देखी जा रही है। नवंबर में इनका निर्यात 10% बढ़कर 76 मिलियन डॉलर हो गया; हालांकि, अप्रैल-नवंबर के दौरान यह 11% घटकर 757 मिलियन डॉलर पर आ गया। कट और पॉलिश किए गए हीरों (CPD) का निर्यात नवंबर में 38% बढ़कर 919.74 मिलियन डॉलर हो गया। नवंबर में सोने के आभूषणों का कुल निर्यात 1.21 बिलियन डॉलर रहा, जो पिछले वर्ष के 1.23 बिलियन डॉलर की तुलना में थोड़ा कम है।जड़े हुए सोने के आभूषणों में सबसे अधिक वृद्धि दर्ज की गई। नवंबर में इनका निर्यात 49.24 बढ़कर 828 मिलियन डॉलर हो गया। दूसरी ओर, सादे सोने के आभूषणों का निर्यात नवंबर में 42.17% घटकर 390 मिलियन डॉलर रह गया, लेकिन अप्रैल-नवंबर की अवधि में इसमें 14.78% वृद्धि हुई और यह 3.53 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया। इसमें अमेरिकी डॉलर में सोने की कीमतों में 44% की तेजी का बड़ा योगदान रहा।चांदी के आभूषणों का निर्यात नवंबर में 209% बढ़कर 198 मिलियन डॉलर हो गया, जबकि अप्रैल-नवंबर की अवधि में यह 29.69% बढ़कर 930 मिलियन डॉलर तक पहुंच गया। नवंबर में प्लैटिनम के आभूषणों का निर्यात भी लगभग दोगुना होकर 2023 के 15 मिलियन डॉलर से बढ़कर 30 मिलियन डॉलर पर पहुंच गया। -
नई दिल्ली। खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव योजना (पीएलआई-एसएफपीआई) की विभिन्न श्रेणियों के अंतर्गत सितंबर 2025 तक 170 आवेदनों को स्वीकृति दी गई है। इस योजना से देश में प्रति वर्ष 35.00 लाख मीट्रिक टन की खाद्य प्रसंस्करण क्षमता में वृद्धि हुई है।
यह जानकारी आज शुक्रवार को राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री रवनीत सिंह द्वारा प्रदान की गई । वहीं, पीएलआई-एसएफपीआई (PLISFPI) के तहत अब तक लगभग 3.39 लाख प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार उत्पन्न हुए हैं। योजना से लाभान्वित किसानों का डेटा संधारित नहीं किया जाता है।पीएलआई-एसएफपीआई के तहत प्रोत्साहन वहीं देय हैं, जहां योजना के अंतर्गत शामिल किए गए खाद्य उत्पादों की पूरी विनिर्माण प्रक्रिया, जिसमें प्राथमिक प्रसंस्करण भी शामिल है, भारत में ही संपन्न होती है।पीएलआई-एसएफपीआई के अंतर्गत स्वीकृत कृषि-आधारित प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों का कुल निर्यात 2019-20 के संदर्भ में 2024-25 तक 13.23% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) के साथ बढ़ा है।उत्पादन संबंधी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना 2020 में शुरू की गई एक सरकारी पहल है। इसका मुख्य उद्देश्य पात्र कंपनियों को उनकी बढ़ती बिक्री के आधार पर वित्तीय मदद देकर भारत की मैन्युफैक्चरिंग क्षमताओं को मजबूत करना है।इस योजना का लक्ष्य शुरुआत में तीन क्षेत्र थे और समय के साथ, इसमें इलेक्ट्रॉनिक्स और कपड़ा से लेकर ऑटोमोबाइल और फूड मैन्युफैक्चरिंग तक 14 क्षेत्र शामिल हो गए हैं। -
नई दिल्ली। भारत में खुदरा महंगाई दर नवंबर में 0.71 प्रतिशत रही है, जो कि अक्टूबर की महंगाई दर 0.25 प्रतिशत से 46 आधार अंक अधिक है। यह जानकारी सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को दी गई। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, नवंबर में खाद्य महंगाई दर -3.91 प्रतिशत रही है। ग्रामीण इलाकों में खाद्य महंगाई दर -4.05 प्रतिशत है, जबकि शहरी इलाकों में खाद्य महंगाई दर -3.60 प्रतिशत रही है।
नवंबर में पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले अनाज की कीमत में 0.10 प्रतिशत, मांस और मछली की कीमत में 2.50 प्रतिशत, अंडों की कीमत में 3.77 प्रतिशत, दूध और उससे जुड़े उत्पादों की कीमतों में 2.45 प्रतिशत, ऑयल और फैट की कीमतों में 7.87 प्रतिशत, फलों की कीमतों में 6.87 प्रतिशत, चीनी और उससे जुड़े उत्पादों की कीमतों में 4.02 प्रतिशत और गैर अल्कोहल पेय पदार्थों की कीमतों में 2.92 प्रतिशत का इजाफा देखा गया है।दूसरी तरफ सब्जियों की कीमतों में 22.20 प्रतिशत, दालों और उससे जुड़े उत्पादों की कीमतों में 15.86 प्रतिशत और मसालों की कीमतों में 2.89 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है।सरकारी आंकड़ों में बताया गया कि परिवहन और संचार में महंगाई दर नवंबर में 0.88 प्रतिशत रही है, जो कि अक्टूबर में 0.94 प्रतिशत पर थी। ईंधन और ऊर्जा में नवंबर में महंगाई दर 2.32 प्रतिशत रही है, जो कि अक्टूबर में 1.98 प्रतिशत थी।आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने शुक्रवार को जीएसटी रेट कटौती और खाद्य कीमतों में तेज गिरावट के कारण चालू वित्त वर्ष के लिए देश के मुद्रास्फीति दर के अनुमान को पहले के 2.6 प्रतिशत से घटाकर 2 प्रतिशत कर दिया है। -
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में शुक्रवार को केंद्रीय कैबिनेट ने एक महत्वपूर्ण आर्थिक सुधार के तहत बीमा कंपनियों में 100% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। अभी तक बीमा क्षेत्र में 74% तक विदेशी निवेश की अनुमति थी, जिसे अब हटा दिया गया है।
कैबिनेट के इस फैसले से बीमा क्षेत्र में अधिक विदेशी पूंजी आएगी, प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और अंततः इसका लाभ ग्राहकों को मिलने की उम्मीद है। बीमा कानून (संशोधन) विधेयक 2025 को संसद के चल रहे शीतकालीन सत्र के दौरान पेश किया जा सकता है, जो 19 दिसंबर को समाप्त होगा। लोकसभा बुलेटिन में इसे चर्चा के लिए सूचीबद्ध 13 विधेयकों में शामिल किया गया है। इस विधेयक का उद्देश्य इंश्योरेंस सेक्टर को गति देना, बीमा कवरेज को ज्यादा लोगों तक पहुंचाना और व्यवसाय को सरल बनाना है।वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2025-26 का बजट पेश करते हुए बीमा उद्योग में विदेशी निवेश की सीमा 74% से बढ़ाकर 100% करने के प्रस्ताव की घोषणा की थी। यह व्यापक वित्तीय सुधारों का हिस्सा है।वित्त मंत्रालय ने बीमा अधिनियम, 1938 के कई प्रावधानों में संशोधन का सुझाव दिया है। प्रमुख बदलावों में एफडीआई सीमा को 100% तक बढ़ाना, पूंजी की न्यूनतम आवश्यकताओं को कम करना और एक कंपोजिट लाइसेंस फ्रेमवर्क का निर्माण करना शामिल है। इसके अलावा, जीवन बीमा निगम अधिनियम, 1956 और बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण अधिनियम, 1999 में भी संशोधन किए जाएंगे।एलआईसी अधिनियम में प्रस्तावित बदलावों से एलआईसी के बोर्ड को नई शाखाएं खोलने और कर्मचारियों की नियुक्ति जैसे मामलों में अधिक अधिकार मिलेंगे।इन सुधारों का मुख्य उद्देश्य पॉलिसीधारकों को बेहतर सुरक्षा प्रदान करना, वित्तीय स्थिरता को बढ़ाना और इंश्योरेंस मार्केट में अधिक भागीदारी सुनिश्चित करना है, ताकि आर्थिक विकास और रोजगार सृजन को बढ़ावा मिल सके।आधिकारिक बयान के अनुसार, यह सुधार उद्योग की कार्यकुशलता बढ़ाएंगे, व्यापार संचालन को सरल बनाएंगे और 2047 तक “सभी के लिए बीमा” के लक्ष्य को हासिल करने में मदद करेंगे। - नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को बताया कि भारत का विदेशी मुद्रा भंडार (फॉरेक्स रिजर्व) 5 दिसंबर को समाप्त सप्ताह में 1.03 अरब डॉलर बढ़कर 687.26 अरब डॉलर हो गया।केंद्रीय बैंक के अनुसार, इस सप्ताह सोने का भंडार (गोल्ड रिजर्व) भी 1.188 अरब डॉलर बढ़कर 106.984 अरब डॉलर पर पहुंच गया। वहीं, स्पेशल ड्रॉइंग राइट्स (एसडीआर) में 93 मिलियन डॉलर की बढ़ोतरी दर्ज की गई और यह बढ़कर 18.721 अरब डॉलर हो गया।आरबीआई विदेशी मुद्रा बाजार में हो रहे उतार-चढ़ाव पर लगातार नजर रखता है और जरूरत पड़ने पर हस्तक्षेप करता है, ताकि बाजार की स्थिरता बनी रहे।इस वर्ष भारत ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की है। सरकार द्वारा संसद को इस महीने की शुरुआत में दी गई जानकारी के अनुसार, वित्त वर्ष 2025-26 की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर 2025) में कुल एफडीआई प्रवाह 50.36 अरब डॉलर रहा, जो पिछले वर्ष की समान अवधि (43.37 अरब डॉलर) की तुलना में 16% अधिक है। यह किसी भी वित्तीय वर्ष की पहली छमाही में अब तक का सबसे ऊंचा स्तर है।वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने लोकसभा में बताया कि वित्त वर्ष 2012-13 में भारत का कुल एफडीआई प्रवाह 34 अरब डॉलर से अधिक था, जो बढ़कर 2024-25 में 80 अरब डॉलर से ऊपर पहुंच गया है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में भी एफडीआई प्रवाह मजबूत रहा। अप्रैल से सितंबर 2025 के दौरान कुल एफडीआई 18% बढ़कर 35.18 अरब डॉलर हो गया।केंद्रीय मंत्री ने कहा कि नेट एफडीआई प्रवाह में हालिया बढ़ोतरी का कारण भारतीय कंपनियों का विदेशी बाजारों में निवेश बढ़ना और पुनर्निवेश जैसे कारक हैं। यह रुझान दर्शाता है कि भारत न केवल विदेशी पूंजी आकर्षित कर रहा है, बल्कि निवेशकों को मजबूत रिटर्न भी दे रहा है, जिससे भारत एक विश्वसनीय निवेश गंतव्य के रूप में उभर रहा है।सरकार ने व्यापार विविधीकरण बढ़ाने और निवेश आकर्षित करने के लिए मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) का भी प्रभावी उपयोग किया है। भारत अब तक 15 फ्री ट्रेड एग्रीमेंट्स (एफटीए) और 6 प्रेफरेंशियल ट्रेड एग्रीमेंट्स (पीटीए) पर हस्ताक्षर कर चुका है।
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नई दिल्ली। कोल्हापुरी चप्पलों का निर्यात अब हर साल 1 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है। यह संभावना इसलिए बढ़ी है क्योंकि इटली की मशहूर फैशन कंपनी प्राडा ने भारत की दो सरकारी कंपनियों के साथ मिलकर कोल्हापुरी-स्टाइल सैंडल बनाने के लिए एक समझौता (एमओयू) किया है। इस बात की जानकारी केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने दी।
केंद्रीय मंत्री गोयल ने कहा कि उन्हें बहुत खुशी हुई जब उन्होंने सुना कि प्राडा और भारत के कोल्हापुरी चप्पल बनाने वाले कारीगर एक साथ काम करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह अकसर सोचते थे कि कोल्हापुरी चप्पलें अपने सुंदर डिजाइन, हाथ से बनने वाली कला, चमकीले रंग और पहनने में आरामदायक होने के बावजूद एक बड़ा वैश्विक ब्रांड क्यों नहीं बन पातीं।केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि उन्हें खुशी है कि प्राडा ने इस कला को पहचाना और अब दुनिया भर में लोग कोल्हापुरी चप्पलों को एक नए रूप में देख पाएंगे। उन्होंने कहा कि उनका सपना है कि भारत से कोल्हापुरी चप्पलों का निर्यात 1 अरब डॉलर तक पहुंचे और अब यह लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।इटली के उपप्रधानमंत्री और विदेश मंत्री एंटोनियो तजानी से मिलने के बाद पीयूष गोयल ने कहा कि यह लक्ष्य इसलिए भी संभव है क्योंकि जो लोग एक बार कोल्हापुरी चप्पल पहन लेते हैं, वह फिर कोई और चप्पल पहनना ही नहीं चाहते। यह समझौता मुंबई में इटली के कॉन्सुलेट जनरल (वाणिज्य दूतावास) में हुआ। इसमें लिडकॉम और लिडकार नाम की दो सरकारी कंपनियां शामिल हैं। प्राडा की तकनीकी टीम ने कोल्हापुर जाकर वहां के कारीगरों से मिलकर पारंपरिक तरीके से चप्पल बनाने की प्रक्रिया को समझा।प्राडा की कोल्हापुरी-स्टाइल सैंडल को फरवरी 2026 में दुनिया के 40 चुनिंदा प्राडा स्टोर्स और उसके ई-कॉमर्श प्लेटफॉर्म पर लॉन्च किया जाएगा। इससे पहले, इस साल प्राडा को कारीगरों को श्रेय दिए बिना 1.2 लाख रुपए में कोल्हापुरी-स्टाइल सैंडल बेचने के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा था। इसके बाद कंपनी ने अपने अधिकारियों को भारत भेजा। उन्होंने कहा कि भारत यूरोपियन यूनियन (ईयू) के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट करने के लिए प्रतिबद्ध है और वह इटली के साथ तकनीक, रक्षा, कपड़ा, कृषि और फूड प्रोसेसिंग जैसे क्षेत्रों में और मजबूत साझेदारी बनाना चाहता है। -
वॉशिंगटन. फेडरल रिजर्व ने अपनी प्रमुख ब्याज दर में लगातार तीसरी बार बुधवार को एक चौथाई अंक की कटौती की लेकिन संकेत दिया कि वह आने वाले महीनों में दरों को यथावत रख सकता है। फेडरल रिजर्व बुधवार को ब्याज दर में कटौती के बाद यह घटकर करीब 3.6 प्रतिशत हो गई, जो पिछले लगभग तीन वर्ष में सबसे कम है। ब्याज दरों में कटौती से उधार लेने की लागत कम हो सकती है, हालांकि बाजार की ताकतें भी इन दरों को प्रभावित कर सकती हैं। फेडरल रिजर्व के प्रमुख जेरोम पॉवेल ने संवाददाता सम्मेलन में संकेत दिया कि अर्थव्यवस्था की स्थिति का आकलन करने के बाद, आगामी महीनों में वह ब्याज दरों में और कटौती नहीं करेगा। पॉवेल ने कहा, ‘‘ आप देख रहे हैं कि कुछ लोगों का मानना है कि हमें यहीं रुक जाना चाहिए। हम सही स्थिति में हैं और हमें इंतजार करना चाहिए जबकि कुछ लोगों का मानना है कि हमें अगले साल और कटौती करनी चाहिए।'' उन्होंने अगले साल ब्याज दरों में बढ़ोतरी की संभावना से इनकार किया।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को इस कटौती की आलोचना करते हुए इसे बेहद कम बताया और कहा कि वह ‘‘कम से कम दोगुनी'' कटौती चाहते हैं। राष्ट्रपति इस महीने के अंत तक पॉवेल की जगह एक नए फेड प्रमुख का नाम घोषित कर सकते हैं।
पॉवेल का कार्यकाल मई में समाप्त हो रहा है। ट्रंप द्वारा नियुक्त नए प्रमुख संभवतः ब्याज दरों में अधिक कटौती के पक्ष में होंगे जो कई अधिकारियों के समर्थन से परे हो सकता है। -
न्यूयॉर्क/। वॉशिंगटन अमेरिकी कंपनी स्पेसएक्स के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) एलन मस्क ने बुधवार को कहा कि वह अपनी उपग्रह आधारित इंटरनेट कंपनी स्टारलिंक के साथ भारत में सेवाएं देने के लिए उत्साहित हैं।मस्क ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ''स्टारलिंक के साथ भारत की सेवा करने के लिए उत्सुक हूं!''
मस्क की यह टिप्पणी केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की उस पोस्ट के जवाब में आई, जिसमें उन्होंने दिल्ली में स्टारलिंक की उपाध्यक्ष (व्यवसाय परिचालन) लॉरेन ड्रेयर से मुलाकात की जानकारी दी थी।सिंधिया ने कहा, ''स्टारलिंक की उपाध्यक्ष लॉरेन ड्रेयर और वरिष्ठ नेतृत्व टीम से मिलकर खुशी हुई। भारत में उपग्रह-आधारित संपर्क को अंतिम छोर तक पहुंचाने पर चर्चा हुई।''स्टारलिंक दुनिया की सबसे उन्नत उपग्रह प्रौद्योगिकी कंपनियों में से एक है, जो हाई-स्पीड इंटरनेट प्रदान करती है और दुर्गम एवं ग्रामीण क्षेत्रों तक कनेक्टिविटी पहुंचा रही है। -
नयी दिल्ली ।अमेरिकी बहुराष्ट्रीय प्रौद्योगिकी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) सत्य नडेला ने बुधवार को कहा कि वह भारत में उनकी कंपनी की ओर से स्थापित की जा रही डेटा सेंटर क्षमता को लेकर उत्साहित हैं और उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ कंपनी की निवेश योजना पर चर्चा की है। नडेला ने देश के कृत्रिम मेधा (एआई)-प्रधान भविष्य के लिए बुनियादी ढांचे और संप्रभु क्षमताओं के निर्माण में मदद करने के लिए 2030 तक 17.5 अरब अमेरिकी डॉलर के निवेश की घोषणा की है जो पिछले दो महीनों में देश में तीसरा बड़ा एआई-संचालित निवेश है। माइक्रोसॉफ्ट के यहां एक कार्यक्रम में नाडेला ने कहा ‘‘ हम डेटा सेंटर की बढ़ती क्षमता को लेकर बेहद उत्साहित हैं। पुणे, चेन्नई और मुंबई में हमारे पास पहले से ही सुविधाएं मौजूद हैं। हैदराबाद स्थित हमारे ‘इंडिया साउथ सेंट्रल क्लाउड रीजन' को लेकर भी हम बेहद उत्सुक हैं जो अगले साल शुरू होने वाला है।'' हैदराबाद स्थित माइक्रोसॉफ्ट के ‘इंडिया साउथ सेंट्रल क्लाउड रीजन' के 2026 मध्य में चालू होने की उम्मीद है। नडेला ने कहा, ‘‘ हमने जो निवेश किया है, उससे हम बेहद उत्साहित हैं। मुझे (मंगलवार) प्रधानमंत्री मोदी से मिलने का मौका मिला और निवेश को लेकर हमारी उत्सुकता पर चर्चा की।'' भारत में डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण व्यवस्था लागू होने की तैयारी के बीच माइक्रोसॉफ्ट भारतीय ग्राहकों के लिए संप्रभु सार्वजनिक क्लाउड और संप्रभु निजी क्लाउड सेवाएं शुरू कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे लगता है कि लोगों के लिए यह समझना महत्वपूर्ण है कि संप्रभुता के साथ-साथ विश्व स्तरीय साइबर सुरक्षा एवं मजबूती सुनिश्चित करना भी जरूरी है।''
- मुंबई। घरेलू विमानन कंपनी स्पाइसजेट ने बुधवार को कहा कि वह मौजूदा सर्दियों की मांग को पूरा करने के लिए रोजाना 100 अतिरिक्त उड़ानें शुरू करने की योजना बना रही है। एयरलाइन ने कहा कि वह इस सर्दी में प्रमुख मार्गों पर बढ़ती मांग को देखते हुए अपनी उड़ान सेवाओं को बढ़ाने और बाजार में पर्याप्त क्षमता सुनिश्चित करने की दिशा में काम कर रही है। एक दिन पहले सरकार ने इंडिगो की शीतकालीन समय-सारिणी में 10 प्रतिशत कटौती करने को कहा था, ताकि संकटग्रस्त एयरलाइन अपने संचालन को स्थिर कर सके और उड़ानों के रद्द होने की घटनाओं को कम किया जा सके। स्पाइसजेट ने एक बयान में कहा, ''इस (सेवाओं में बढ़ोतरी) प्रयास के तहत हम मौजूदा शीतकालीन उड़ान कार्यक्रम के दौरान नियामकीय मंजूरी के अधीन अतिरिक्त 100 दैनिक उड़ानें शुरू करने की योजना बना रहे हैं।'' मौजूदा शीतकालीन समय-सारिणी के तहत स्पाइसजेट को प्रति सप्ताह 1,568 उड़ानें या प्रतिदिन 224 उड़ानें संचालित करने की अनुमति मिली है, जो पिछले साल के मुकाबले 20.89 प्रतिशत अधिक है। इस साल गर्मियों के मुकाबले यह वद्धि 26.45 प्रतिशत रही है।
- नयी दिल्ली. दिग्गज प्रौद्योगिकी कंपनी एप्पल ने भारत के तेजी से मजबूत होते खुदरा बाजार में अपनी उपस्थिति बढ़ाने के लिए नोएडा में एक नया स्टोर खोला है। यह भारत में कंपनी का पांचवा स्टोर है। एप्पल की उपाध्यक्ष (स्टोर एवं खुदरा परिचालन) वनेसा ट्रिगब ने कहा कि कंपनी हर नए स्टोर के खुलने पर अविश्वसनीय ऊर्जा और उत्साह देख रही है। इसे देखते हुए कंपनी अगले साल मुंबई में एक और स्टोर खोलेगी। एप्पल ने पहले खोले गए मुंबई और दिल्ली के स्टोर के अलावा इस साल बेंगलुरु और पुणे में भी अपने स्टोर खोले हैं। ट्रिगब ने कहा कि नए स्टोर के लिए नोएडा को इसलिए चुना गया क्योंकि यहां छात्रों, रचनाकारों और उद्यमियों का जीवंत और तेजी से बढ़ता समुदाय है। उन्होंने कहा कि यह स्टोर एक ऐसी जगह के रूप में डिजाइन किया गया है, जहां रचनात्मकता और प्रौद्योगिकी आपस में मिलती हैं। उन्होंने कहा, ''आप महसूस कर सकते हैं कि लोग ऐसी जगह को कितना महत्व देते हैं, जहां वे हमारे उत्पादों का अनुभव कर सकें, नए कौशल सीख सकें, जरूरी मदद पा सकें, और उन लोगों से जुड़ सकें जो रचना करना पसंद करते हैं। इस नजरिये के आधार पर ही हमने अपनी अगली जगह चुनी है।'' उन्होंने कहा, ''एप्पल नोएडा स्टोर की शुरुआत देशभर में दिख रही गति को बढ़ाती है और इस क्षेत्र में हमें ग्राहकों के और करीब लाया है।'' ट्रिगब ने कहा, ''हम लगातार नवाचार कर रहे हैं ताकि कहीं भी मौजूद ग्राहकों तक पहुंचा जा सके। हम अपने ऑनलाइन और भौतिक स्टोर को एक निर्बाध खरीदारी अनुभव प्रदान करने के रूप में देखते हैं।'' एप्प्ल की व्यापक खुदरा दृष्टि पर चर्चा करते हुए ट्रिगब ने कहा कि हर नया स्टोर कंपनी के भारतीय ग्राहकों के साथ संबंधों को मजबूत करता है, जो अब स्टोर पर सिर्फ उत्पाद खरीदने ही नहीं, बल्कि सीखने, खोज करने और यह जानने जाते हैं कि आईफोन, मैक और अन्य उत्पादों से क्या-क्या संभव है। एप्पल अगले साल मुंबई में एक और खुदरा स्टोर खोलने की योजना बना रही है। ट्रिगब ने कहा, ''हमारा भारत से संबंध पहले से कहीं अधिक गहरा है और कंपनी की खुदरा वृद्धि भारत में 25 वर्षों से अधिक समय से बने संबंधों को दर्शाती है।''
- नयी दिल्ली. भारतीय उर्वरक संघ (एफएआई) ने मंगलवार को कहा कि मानसून की बेहतर बारिश के बाद घरेलू मांग में बढ़ोतरी होने से वित्त वर्ष 2025-26 में भारत का उर्वरक आयात 41 प्रतिशत बढ़कर 2.23 करोड़ टन होने का अनुमान है। उद्योग निकाय ने कहा कि दुनिया के दूसरे सबसे बड़े उर्वरक उपभोक्ता देश भारत ने अप्रैल-अक्टूबर के दौरान एक करोड़ 44.5 लाख टन उर्वरकों का आयात किया, जो एक साल पहले के 85.6 लाख टन से लगभग 69 प्रतिशत अधिक है। एफएआई के चेयरमैन एस. शंकरसुब्रमण्यन ने उर्वरक संघ के तीन-दिवसीय वार्षिक सम्मेलन से पहले संवाददाताओं से कहा, ‘‘अच्छी बारिश के कारण घरेलू मांग में अचानक बढ़ोतरी होने से उर्वरकों के आयात में वृद्धि हुई है।'' उन्होंने कहा कि नवंबर के अंत तक उर्वरक स्टॉक 1.02 करोड़ टन था, जबकि एक साल पहले यह 99.7 लाख टन था। इसमें 50 लाख टन यूरिया, 17 लाख टन डीएपी और 35 लाख टन एनपीके उर्वरक शामिल हैं। कोरोमंडल इंटरनेशनल के प्रबंध निदेशक शंकरसुब्रमण्यन ने कहा कि भारत ने पिछले दो महीनों में बड़ी मात्रा में अनुबंध किए हैं और उर्वरकों की आपूर्ति में कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि खरीफ मौसम के दौरान कुछ जगहों पर कमी थी, लेकिन कुल मिलाकर आपूर्ति पर्याप्त रही।एफएआई के आंकड़ों से पता चला है कि अप्रैल-अक्टूबर में घरेलू उर्वरक उत्पादन मामूली रूप से बढ़कर दो करोड़ 99.7 लाख टन हो गया, जो एक साल पहले दो करोड़ 97.5 लाख टन था। उत्पादन में एक करोड़ 71.3 लाख टन यूरिया, 23.2 लाख टन डीएपी, 70.4 लाख टन एनपीके उर्वरक और 34.8 लाख टन एसएसपी शामिल थे। उर्वरक संघ ने कहा कि 150 से अधिक कंपनियां भारत की पोषक तत्वों की लगभग तीन-चौथाई जरूरतों को पूरा करती हैं, बाकी आयात से पूरी होती हैं। लगभग 14 करोड़ से अधिक किसान परिवारों वाला भारत सालाना लगभग सात करोड़ टन उर्वरक का उपभोग करता है, जो चीन के बाद दूसरे स्थान पर है। सरकार ने वर्ष 2024-25 में यूरिया और पोषक तत्व-आधारित ढांचे के माध्यम से 1.9 लाख करोड़ रुपये से अधिक की सब्सिडी प्रदान की। एफएआई ने कहा कि आपूर्ति सुरक्षा को मज़बूत करने के लिए भारत ने सऊदी अरब, जॉर्डन, मोरक्को, कतर और रूस जैसे संसाधन-संपन्न देशों के साथ रणनीतिक साझेदारी की है।
- नयी दिल्ली. दिग्गज प्रौद्योगिकी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट भारत में एआई भविष्य के लिए जरूरी अवसंरचना, कौशल एवं स्वाायत्त क्षमताओं के विकास के लिए 17.5 अरब डॉलर (करीब 1.58 लाख करोड़ रुपये) का निवेश करेगी। माइक्रोसॉफ्ट के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) सत्य नडेला ने मंगलवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर यह जानकारी दी। नडेला ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात के बाद एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ''देश की महत्वाकांक्षाओं को समर्थन देने के लिए माइक्रोसॉफ्ट 17.5 अरब डॉलर के निवेश की प्रतिबद्धता जता रही है। यह एशिया में हमारा अब तक का सबसे बड़ा निवेश है। इससे भारत के एआई भविष्य के लिए जरूरी अवसंरचना, कौशल और स्वायत्त क्षमताएं तैयार की जा सकेंगी।'' माइक्रोसॉफ्ट ने एक बयान में कहा कि कंपनी 2026 से 2029 के बीच अगले चार वर्षों में भारत में 17.5 अरब डॉलर का निवेश करेगी, जिससे एआई को बड़े पैमाने पर लोगों तक पहुंचाने में मदद मिलेगी। अमेरिकी प्रौद्योगिकी कंपनी ने कहा कि यह निवेश जनवरी, 2025 में घोषित तीन अरब डॉलर की पिछली निवेश प्रतिबद्धता के अतिरिक्त है।
- नयी दिल्ली. वाणिज्यिक बैंकों के वित्तीय सेवा कारोबार पर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के अंतिम दिशानिर्देशों से अब 12 बैंक समूहों के लिए बड़े पुनर्गठन की आवश्यकता नहीं है और इसे टाल दिया गया है। क्रिसिल रेटिंग्स ने मंगलवार को यह जानकारी दी और कहा कि इन बैंकों में संचयी रूप से क्षेत्रीय अग्रिमों का 55 प्रतिशत हिस्सा है। अंतिम दिशानिर्देशों का उद्देश्य बैंक समूह संस्थाओं में विनियमों को संरेखित करके किसी भी नियामक मध्यस्थता को समाप्त करना है। इससे संरचनात्मक मजबूती मिलगी, साथ ही व्यवसाय संचालन में सुदृढ़ होगा। क्रिसिल रेटिंग्स के अनुसार, वाणिज्यिक बैंकों के वित्तीय सेवा व्यवसायों पर अंतिम दिशानिर्देश ‘‘ प्रमुख बैंक समूहों के भीतर अतिव्यापी ऋण गतिविधियों के संबंध में मजबूती प्रदान करते हैं। इनके अभाव में भारत में 12 बैंक समूहों को अपने ऋण व्यवसायों का पुनर्गठन करना पड़ता।'' इससे पहले, अक्टूबर 2024 में जारी मसौदा दिशानिर्देशों में प्रस्ताव दिया गया था कि केवल एक बैंक समूह इकाई ही एक विशिष्ट प्रकार का व्यवसाय कर सकती है जिसमें बैंक तथा उसकी समूह संस्थाओं के बीच ऋण गतिविधियों में कोई दोहराव (ओवरलैप) नहीं होगा। क्रिसिल रेटिंग्स की निदेशक सुभा श्री नारायणन ने कहा, ‘‘ यदि मसौदा दिशानिर्देशों को समग्र रूप से लागू किया गया होता तो 12 बैंक समूहों (जिनकी क्षेत्रीय अग्रिमों में 55 प्रतिशत हिस्सेदारी हैं) को अपने ऋण कारोबार के पुनर्गठन की आवश्यकता होती। इससे इन व्यक्तिगत बैंकों के समेकित अग्रिमों का दो से छह प्रतिशत प्रभावित होता।'' उन्होंने कहा कि हालांकि, अंतिम दिशानिर्देशों के अनुसार बैंक समूह संस्थाओं को निदेशक मंडल की मंजूरी के अधीन, ‘ओवरलैपिंग' ऋण व्यवसाय जारी रखने की अनुमति है। इससे उनके संचालन में कोई व्यवधान नहीं होगा। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि बैंक और उनकी समूह संस्थाएं अपनी-अपनी क्षमताओं का लाभ उठाते हुए, लागत-प्रभावी तरीके से अलग-अलग ग्राहक वर्गों को सेवाएं प्रदान कर सकते हैं।
- कोलकाता. चावल निर्यातकों ने भारतीय चावल पर अमेरिका में अतिरिक्त शुल्क लगाने के खतरे को अधिक अहमियत न देते हुए मंगलवार को कहा कि मांग स्थिर बनी हुई है और अमेरिका को निर्यात की मात्रा कम होने से इस क्षेत्र पर विशेष प्रभाव नहीं पड़ेगा। भारतीय चावल निर्यातक महासंघ के अध्यक्ष प्रेम गर्ग ने कहा कि अमेरिका को बासमती चावल का निर्यात देश के 60 लाख टन वार्षिक निर्यात के तीन प्रतिशत से भी कम है, जबकि भारत के कुल चावल निर्यात में अमेरिका की हिस्सेदारी एक प्रतिशत से भी कम है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे कुल चावल निर्यात में अमेरिकी बाजार बड़ा हिस्सा नहीं है और अन्य नए बाजार भी बढ़ रहे हैं।'' गर्ग ने दोहराया कि अमेरिकी अधिकारियों द्वारा भारत पर लगाए चावल ‘डंपिंग' के आरोप ‘पूरी तरह गलत' हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका सालाना केवल लगभग 2.7 लाख टन भारतीय चावल का आयात करता है, जो भारत की वैश्विक उपस्थिति की तुलना में एक छोटी मात्रा है। उनकी यह टिप्पणी वाशिंगटन में भारतीय चावल पर अतिरिक्त शुल्क लगाने पर चल रही चर्चाओं के बीच आई है, जिस पर पहले से ही 50 प्रतिशत शुल्क लगता है। गर्ग ने कहा कि छह महीने पहले 10 प्रतिशत से शुरू हुआ और पिछले तीन महीनों में बढ़कर 25 प्रतिशत और फिर 50 प्रतिशत हो गए शुल्क का ‘‘मांग पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है।'' उन्होंने कहा, ‘‘नवंबर में निर्यात पिछले साल जैसा ही है।''उद्योग के जानकारों ने कहा कि किसी भी और शुल्क बढ़ोतरी का बोझ मुख्य रूप से अमेरिकी उपभोक्ताओं पर पड़ेगा। राइसविला ग्रुप के सीईओ सूरज अग्रवाल ने कहा कि अमेरिका को निर्यात की जाने वाली भारतीय बासमती और प्रीमियम गैर-बासमती किस्में एशियाई और पश्चिमी एशियाई समुदायों के लिए आवश्यक मुख्य खाद्य पदार्थ हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ये जरूरत की चीजें हैं, विलासिता के सामान नहीं। मांग पर असर नगण्य होगा। किसी भी अतिरिक्त शुल्क का बोझ केवल अमेरिकी उपभोक्ताओं पर पड़ेगा।
- बैंकॉक. चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग ने मंगलवार को कहा कि अमेरिका के ऊंचे शुल्क ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को गंभीर झटका दिया है, जबकि चीन का अपना व्यापार अधिशेष 1,000 अरब अमेरिकी डॉलर के पार पहुंच गया है। प्रधानमंत्री ने यह टिप्पणी बीजिंग में आयोजित अंतरराष्ट्रीय संगठनों के शीर्ष मंच पर की।ली ने कहा, ''इस साल की शुरुआत से ही हमने देखा है कि दुनिया भर में अर्थव्यवस्था और व्यापार पर पाबंदियां बढ़ रही हैं और शुल्क का डंडा चलाया जा रहा है। इसने वैश्विक अर्थव्यवस्था को गंभीर नुकसान पहुंचाया है।'' उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके शुल्क बढ़ाने का सीधा जिक्र नहीं किया।ली ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्व बैंक और विश्व व्यापार संगठन के शीर्ष प्रतिनिधियों की सभा को बताया, ''जैसे-जैसे स्थिति आगे बढ़ी, यह और स्पष्ट हो गया है कि शुल्क लगाना दूसरों को भी और खुद को भी नुकसान पहुंचाता है। मुक्त व्यापार को बनाए रखने की मांग हर ओर से और तेज हो गई है।'' अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन और अन्य देशों से आयात पर शुल्क में भारी बढ़ोतरी की है जिससे अमेरिका को होने वाला निर्यात प्रभावित हुआ है। चीन ने इसकी भरपाई अन्य वैश्विक बाजारों में निर्यात बढ़ाकर की।
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नई दिल्ली। भारतीय शेयर बाजार मंगलवार के कारोबारी सत्र में लाल निशान में बंद हुआ। दिन के अंत में सेंसेक्स 436.41 अंक या 0.51 प्रतिशत की गिरावट के साथ 84,666.28 और निफ्टी 120.90 अंक या 0.47 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 25,839.65 पर था।
यह लगातार दूसरा सत्र था, जब बाजार में गिरावट देखी गई। इसका नेतृत्व आईटी शेयरों ने किया। निफ्टी आईटी इंडेक्स 1.19 प्रतिशत की गिरावट के साथ बंद हुआ। ऑटो, फाइनेंशियल सर्विस, फार्मा, एफएमसीजी,मेटल और प्राइवेट बैंक इंडेक्स भी लाल निशान में बंद हुए। दूसरी तरफ पीएसयू बैंक, रियल्टी, मीडिया, एनर्जी और इन्फ्रा तेजी के साथ बंद हुआ।सेंसेक्स पैक में इटरनल (जोमैटो), टाइटन,अदाणी पोर्ट्स, बीईएल, एसबीआई, बजाज फिनसर्व, एनटीपीसी और भारती एयरटेल गेनर्स थे। एशियन पेंट्स,टेक महिंद्रा, एचसीएल टेक, टाटा स्टील, मारुति सुजुकी, सन फार्मा, आईसीआईसीआई बैंक, बजाज फाइनेंस और अल्ट्राटेक लूजर्स थे।लार्जकैप के उलट मिडकैप और स्मॉलकैप में तेजी देखी गई। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 188.10 अंक या 0.32 प्रतिशत की तेजी के साथ 59,676.20 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 194.15 अंक या 1.14 प्रतिशत की बढ़त के साथ 17,245.80 पर था।बाजार के जानकारों ने कहा कि घरेलू शेयर बाजार गिरावट के साथ बंद हुआ। इसकी वजह अमेरिकी फेड के ब्याज दरों पर फैसलों से पहले निवेशकों की ओर से मुनाफावसूली करना है। एफआईआई की बिकवाली और भारत-अमेरिका के बीच ट्रेड डील पर अनिश्चितता के कारण बाजारों पर दबाव देखने को मिल रहा है। उन्होंने आगे कहा कि आने वाले समय में निवेशकों की फेड की कमेंट्री और अर्थव्यवस्था को लेकर आउटलुक पर निगाहें होंगी। -
नयी दिल्ली. परिचालन संकट से जूझ रही घरेलू एयरलाइन इंडिगो ने सोमवार को 500 उड़ानें रद्द कर दी हैं और उसकी दिन भर में 1,802 उड़ानों के संचालन की योजना है। नागर विमानन मंत्रालय ने यह जानकारी दी। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि एयरलाइन ने यात्रियों के कुल 9,000 बैग में 4,500 बैग उन्हें वापस कर दिए हैं और बाकी बैग भी अगले 36 घंटों में यात्रियों को सौंप दिए जाएंगे। मंत्रालय ने कहा, ''आज (सोमवार) इंडिगो 138 में 137 गंतव्यों के लिए 1,802 उड़ानें संचालित करने की योजना बना रही है। उसकी 500 उड़ानें रद्द हुई हैं। साथ ही 9,000 बैग में 4,500 बैग ग्राहकों को सौंप दिए गए। एयरलाइन ने अगले 36 घंटों में बाकी बैग भी सौंपने का लक्ष्य तय किया है।'' मंत्रालय ने यह भी बताया कि एक से सात दिसंबर की अवधि के लिए बुक किए गए 5,86,705 टिकटों के पीएनआर रद्द किए गए और उनका पैसा लौटा दिया गया। इसकी कुल राशि 569.65 करोड़ रुपये है। इसके अलावा 21 नवंबर से सात दिसंबर के लिए कुल 9,55,591 पीएनआर रद्द किए गए और उनका रिफंड किया गया। इसकी कुल राशि 827 करोड़ रुपये है। चालक दल की ड्यूटी से संबंधित नए नियमों और नियामकीय मानकों में बदलावों के चलते इंडिगो दो दिसंबर से ही प्रतिदिन सैकड़ों उड़ानें रद्द कर रही है। इस वजह से देशभर में लाखों यात्रियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ा है।
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मुंबई. रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड एक बार फिर भारतीय मीडिया में सबसे अधिक चर्चा में रहने वाली सूचीबद्ध कंपनी बन गई है। एक नवीनतम रिपोर्ट में यह सूची जारी की गई है। ‘विजिकी न्यूजमेकर्स 2025 रैंकिंग' के मुताबिक, भारतीय स्टेट बैंक और एचडीएफसी बैंक ने मीडिया में दृश्यता के मामले में क्रमशः दूसरा और तीसरा स्थान हासिल किया। यह लगातार छठा साल है जब रिलायंस ने इस रैंकिंग में शीर्ष स्थान हासिल किया है। इस सूचकांक की शुरुआत से ही रिलायंस शीर्ष स्थान पर काबिज है। विजिकी ने एक बयान में कहा कि रिलायंस का समाचारों में बने रहने का ‘स्कोर' पिछले कुछ वर्ष में लगातार बढ़ा है। यह 2021 में 84.9 से बढ़कर 2022 में 92.56, 2023 में 96.46, 2024 में 97.43 और 2025 में 97.83 हो गया है। यह मीडिया में लगातार इसके चर्चा में बने रहने की क्षमता दर्शाता है। कंपनियों एवं ब्रांड की मीडिया में मौजूदगी पर नजर रखने वाली विजिकी की सह-संस्थापक आकृति भार्गव ने कहा कि रिलायंस का निरंतर प्रभुत्व एक ‘अनुशासित संचार रणनीति' को दर्शाता है। विजिकी के ‘न्यूज स्कोर' को समाचार में किसी कंपनी या ब्रांड की दृश्यता मापने के लिए दुनिया का पहला मानकीकृत मापदंड माना जाता है। चार लाख से अधिक प्रकाशनों में ब्रांड की उपस्थिति का आकलन करने के लिए यह मंच कृत्रिम मेधा (एआई), मशीन लर्निंग, बिग डेटा और मीडिया एनालिटिक्स का इस्तेमाल करता है। यह ‘स्कोर' समाचार कवरेज की कुल मात्रा, शीर्षकों के उल्लेख की आवृत्ति, प्रकाशन स्रोतों की विविधता एवं कुल दर्शकों की पहुंच को ध्यान में रखता है। यह स्कोर शून्य से 100 तक होता है। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) का ‘स्कोर' 92.81 जबकि एचडीएफसी बैंक का 88.41 रहा।
शीर्ष 10 में शामिल कंपनियों में भारती एयरटेल, टाटा मोटर्स, टीसीएस, आईसीआईसीआई बैंक, इन्फोसिस, मारुति सुजुकी और आईटीसी लिमिटेड भी शामिल हैं। वहीं जोमैटो, स्विगी और वन91 कम्युनिकेशंस (पेटीएम की मूल कंपनी) जैसी प्रौद्योगिकी-आधारित कंपनियां क्रमशः 11वें, 12वें और 13वें स्थान पर रहीं। वर्ष 2025 न्यूजमेकर्स रिपोर्ट में 1,700 से अधिक ब्रांड के 30 करोड़ से अधिक ‘डेटा पॉइंट्स' का विश्लेषण किया गया है। -
नयी दिल्ली. स्थानीय बाजारों में कमजोर मांग होने से सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में सोने की कीमतें 300 रुपये गिरकर 1,32,600 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गईं। अखिल भारतीय सर्राफा संघ ने यह जानकारी दी है। 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने की कीमत शुक्रवार को 1,32,900 रुपये प्रति 10 ग्राम रही थी।
हालांकि, चांदी की कीमतें 1,500 रुपये बढ़कर 1,85,000 रुपये प्रति किलोग्राम (सभी कर मिलाकर) हो गईं, जो लगातार दूसरे दिन की बढ़त दर्शाता है। पिछले कारोबार सत्र में यह 1,83,500 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी। वैश्विक स्तर पर, हाजिर सोना भाव 0.18 प्रतिशत बढ़कर 4,205.26 डॉलर प्रति औंस हो गया।
मिराए एसेट शेयरखान के जिंस प्रमुख प्रवीण सिंह ने कहा, ‘‘अमेरिकी फेडरल रिजर्व की 10 दिसंबर को नीतिगत बैठक के पहले हाजिर सोना में बहुत ज़्यादा उतार-चढ़ाव देखा गया। यह लगभग 0.20 प्रतिशत की बढ़त के साथ 4,210 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रहा था।'' पीएल वेल्थ मैनेजमेंट के मुख्य कार्यपालक अधिकारी इंदरबीर सिंह जॉली ने कहा, वैश्विक बाजार की अनिश्चितता के बीच सोना एक महत्वपूर्ण संपत्ति वर्ग के रूप में अपनी जगह मजबूत कर रहा है। -
नयी दिल्ली. देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो की उड़ानों में व्यापक स्तर पर हुई अव्यवस्था राजस्व हानि के साथ ही उड़ानों के रद्द होने पर संभावित जुर्मानों की वजह से वित्तीय नुकसान का कारण बन सकती है। मूडीज रेटिंग्स ने सोमवार को यह बात कही। रेटिंग एजेंसी ने कहा कि एयरलाइन एक साल से अधिक पहले विमानन उद्योग के लिए निर्धारित नियमों के लिए सही योजना नहीं बना पाई, जिसके चलते उसे इस विफलता का सामना करना पड़ा। मूडीज ने एक टिप्पणी में कहा कि ये अव्यवस्थाएं एयरलाइन की साख के लिए भी नकारात्मक हैं। इसमें कहा गया, ''अस्थायी राहत के बावजूद नए विमानन नियमों के लिए प्रभावी योजना न बना पाना एयरलाइन की साख के लिए नकारात्मक है।'' यह अव्यवस्था बेहद व्यस्त शीतकालीन उड़ान सत्र की वजह से और बिगड़ गई। इस बार उड़ानें रद्द होने का सिलसिला दो दिसंबर से शुरू हुआ और एयरलाइन ने पांच दिसंबर को 1,600 से अधिक उड़ानों को रद्द किया। एयरलाइन अभी तक सामान्य स्थिति बहाल नहीं कर पाई है। सोमवार को भी 500 से अधिक उड़ानें रद्द हुईं। मूडीज ने कहा, ''ये व्यवधान साख के लिए नकारात्मक हैं, क्योंकि इंडिगो को राजस्व हानि, उड़ान रद्दीकरण, रिफंड और प्रभावित यात्रियों को अन्य क्षतिपूर्ति के साथ ही डीजीसीए द्वारा लगाए जा सकने वाले जुर्मानों के कारण महत्वपूर्ण वित्तीय नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।'' मूडीज ने योजना, निगरानी और संसाधन प्रबंधन में एयरलाइन की महत्वपूर्ण चूक को इसका प्रमुख कारण बताया क्योंकि ये नियम उद्योग को एक साल से अधिक पहले बताए गए थे।
- नयी दिल्ली. योग गुरु बाबा रामदेव के पतंजलि समूह ने शनिवार को रूस की सरकार के साथ एक सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए, जिसके जरिये उसके लिए इस देश में प्रवेश आसान हो जाएगा। एक बयान के मुताबिक एमओयू का मकसद स्वास्थ और आरोग्य, स्वास्थ्य पर्यटन, कौशल युक्त मानव संसाधन और शोध के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाना है। इस एमओयू पर यहां रामदेव ने पतंजलि समूह की तरफ से और भारत-रूस व्यावसायिक परिषद के चेयरमैन और रूस के वाणिज्य मंत्री सर्गेई चेरेमिन ने हस्ताक्षर किए। बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण द्वारा शुरू किया गया पतंजलि समूह अपने आयुर्वेदिक और एफएमसीजी उत्पादों के लिए जाना जाता है, जिसमें पतंजलि आयुर्वेद और पतंजलि फूड्स (पहले रुचि सोया) शामिल हैं। इस मौके पर रामदेव ने कहा कि रूस में लोग योग, आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा को पसंद करते हैं और सक्रिय रूप से इनका अभ्यास करते हैं।

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