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नई दिल्ली। एप्पल ने शुक्रवार को भारत में सभी आईफोन की कीमतों में 5,900 रुपये तक की कटौती की है। यह कदम भारत के बजट में मोबाइल फोन पर आयात शुल्क कम करने की घोषणा के बाद उठाया गया है। अब मोबाइल फोन पर आयात शुल्क 22% से घटकर 17% हो गया है। इसके अलावा, बजट में चार्जर और पीसीबीए (स्मार्टफोन असेंबलिंग में एक महत्वपूर्ण घटक) पर आयात शुल्क भी 20% से घटाकर 15% कर दिया गया है। कंपनी ने सबसे ज्यादा कीमत में कटौती एंट्री-लेवल आईफोन SE में की है, जिसे भारत में ही असेंबल किया जाता है। इसकी कीमत 49,900 रुपये से घटाकर 47,600 रुपये कर दी गई है, जो कि 4.6% की कटौती है। इससे एप्पल को भारतीय बाजार में अपनी पहुंच बढ़ाने में मदद मिलेगी।
भारत में महंगे आईफोन की कीमतें भी कम हुईंएप्पल ने भारत में आयात किए जाने वाले आईफोन 15 प्रो और प्रो मैक्स की कीमतें भी कम कर दी हैं। आईफोन 15 प्रो की कीमत 5,100 रुपये कम होकर 129,800 रुपये हो गई है, जबकि आईफोन 15 प्रो मैक्स की कीमत 5,900 रुपये कम होकर 154,000 रुपये हो गई है। भारत में असेंबल किए जाने वाले दूसरे आईफोन मॉडल की कीमतों में बहुत कम कटौती हुई है। नए आईफोन 15 और आईफोन 15 प्लस के साथ-साथ पिछले साल के आईफोन 14 और आईफोन 14 प्लस की कीमत में सिर्फ 300 रुपये की कटौती हुई है। ये मॉडल भारत में ही असेंबल किए जाते हैं, इसलिए इन पर आयात शुल्क कम होने का फायदा नहीं हुआ है।मोबाइल फोन पर आयात शुल्क कम होने से सैमसंग को कोई फायदा नहीं होगा। सैमसंग भी 45,000 रुपये से ज्यादा कीमत वाले फोन बेचती है और इसकी सारे फोन (फ्लिप, फोल्डेबल और अल्ट्रा वाले) भारत में ही बनते हैं। एप्पल की भारत में बहुत तेजी से ग्रोथ हुई है। साल 2019 में जहां एप्पल की कमाई 11,000 करोड़ रुपये थी, वहीं इस साल यह बढ़कर 67,000 करोड़ रुपये होने की उम्मीद है। अब एप्पल की कमाई भारत में सबसे ज्यादा है और इसकी हिस्सेदारी 23% हो गई है। वहीं सैमसंग की हिस्सेदारी एक प्रतिशत कम होकर दूसरे नंबर पर आ गई है। -
नई दिल्ली। सरकारी टेलीकॉम कंपनी- बीएसएनएल ने लगभग 12 हजार 4G टावर लगा दिए हैं और उनका लक्ष्य है कि साल 2024 के अंत तक पूरे देश में 4G सेवा शुरू कर दें और अगले साल की शुरुआत में 5जी सेवा भी शुरू कर दें। बीएसएनएल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई जैसे चारों बड़े शहरों में 4G सेवा शुरू हो चुकी है।
इसके अलावा, अहमदाबाद, हैदराबाद, जयपुर, लखनऊ, रायपुर और चंडीगढ़ जैसे ज्यादातर राज्य की राजधानियों में भी 4G सेवा मिल रही है। कंपनी का लक्ष्य यह भी है कि उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम जैसे पहाड़ी राज्यों और पूर्वोत्तर भारत में मौजूद ज्यादातर पुराने मोबाइल टावरों को सितंबर के अंत तक 4G सेवा देने लायक बना दिया जाए। अधिकारी ने बताया कि सितंबर 2023 में 4G उपकरण मिलने के बाद से एक साल पूरा होने वाला है।सरकार ने बुधवार को संसद को बताया कि मार्च के अंत तक BSNL के देश भर में 67,340 टावर थे और उसने 12,502 टावर निजी टेलीकॉम कंपनियों को किराए पर दे दिए थे। एक अधिकारी ने बताया कि टेलीकॉम कंपनी 2025 की शुरुआत में शुरू होने वाली 5जी सेवाओं के लिए बुनियादी ढांचे को तैयार करने पर भी काम कर रही है।उन्होंने कहा कि दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और दूरसंचार सचिव नीरज मित्तल की अध्यक्षता में BSNL के लिए एक परियोजना निगरानी इकाई बनाई है, जिससे तेजी से काम होने की उम्मीद है।बीएसएनएल को 4G सेवा शुरू करने में काफी देरी हो गई है। जबकि रिलायंस जियो, भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया जैसी तीन निजी टेलीकॉम कंपनियां पहले ही यह सेवा शुरू कर चुकी थीं। BSNL के ग्राहकों की संख्या घटकर 86.32 करोड़ रह गई है और बाजार में उसका हिस्सा मई के अंत तक घटकर 7.4 प्रतिशत रह गया है, क्योंकि 2जी से 4G पर जाने वाले ग्राहक दूसरी कंपनियां चुन रहे हैं।पिछले साल, BSNL के बोर्ड और बाद में मंत्रियों के एक समूह ने टीसीएस की अगुवाई वाले एक समूह को लगभग 24,500 करोड़ रुपये का ठेका दिया था, जिसमें सीडॉट और तेजस नेटवर्क्स शामिल हैं, जो 100,000 नए टेलीकॉम टावरों के लिए 4G उपकरण प्रदान करेगा। इस ठेके में लगभग 13,000 करोड़ रुपये के नेटवर्क गियर के साथ-साथ तीसरे पक्ष की वस्तुओं और 10 साल के वार्षिक रखरखाव अनुबंध (एएमसी) को भी शामिल किया गया है। पिछले साल जून में, कंपनी ने टीसीएस और सरकारी कंपनी आईटीआई लिमिटेड को लगभग 19,000 करोड़ रुपये का अग्रिम खरीद आदेश जारी किया था।5G प्लानकंपनी ने शुरू में जून 2024 तक 4G सेवाओं को 5जी में अपग्रेड करने की योजना बनाई थी। अधिकारी ने बताया कि सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स (CDOT) से 5जी नेटवर्क उपकरण प्राप्त करने के बाद BSNL ने अपना परीक्षण शुरू कर दिया है। सरकार ने पहली बार अक्टूबर 2019 में बीएसएनएल और एमटीएनएल के लिए ~69,000 करोड़ रुपये के पुनरुद्धार पैकेज की घोषणा की थी। 2022 में, उसने बीएसएनएल और एमटीएनएल के लिए ~1.64 ट्रिलियन रुपये के दूसरे पुनरुद्धार पैकेज को मंजूरी दी। इस कदम से बीएसएनएल की अधिकृत पूंजी ~1.5 ट्रिलियन रुपये से बढ़कर ~2.1 ट्रिलियन रुपये हो गई। कैबिनेट ने इक्विटी इंफ्यूजन के माध्यम से कंपनी के लिए 4G और 5जी स्पेक्ट्रम आवंटित करने की भी मंजूरी दी। जून, 2023 में कैबिनेट ने तीसरे पुनरुद्धार पैकेज के तहत टेलीकॉम कंपनी को ~89,047 करोड़ रुपये दिए।इस सप्ताह की शुरुआत में, बजट 2024 (वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए) में BSNL के लिए ~82,916 करोड़ रुपये आवंटित किए गए, जो अंतरिम बजट में किए गए आवंटन के समान है। अधिकारियों ने बताया कि इसका अधिकांश हिस्सा बीएसएनएल की नेटवर्क विस्तार योजनाओं की फंडिंग और उपकरणों के भुगतान के लिए जाएगा। पिछले पूंजी निवेश प्रयासों के परिणामस्वरूप, टेलीकॉम कंपनी का ब्याज, कर, मूल्यह्रास और परिशोधन से पहले का लाभ या EBITDA (EBITDA) FY24 में ~2,164 करोड़ रुपये हो गया, जो पिछले 2 वर्षों में ~1,559 करोड़ रुपये और ~944 करोड़ रुपये से बढ़ा है।हालांकि यह अभी भी घाटे वाली कंपनी है, लेकिन शुद्ध घाटा FY24 में ~5,371 करोड़ रुपये रह गया, जो पिछले छह वर्षों में सबसे कम है। टेलीकॉम कंपनी ने पिछले तीन वर्षों में ~8,161 करोड़ रुपये, ~6,982 करोड़ रुपये और ~7,441 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा दर्ज किया था। - नयी दिल्ली। जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड (जेएसपीएल) का शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में चार प्रतिशत की वृद्धि के साथ 1,456.54 करोड़ रुपये रहा है। कंपनी ने बुधवार को कहा कि आमदनी बढ़ने से उसका मुनाफा बढ़ा है। बीते वित्त वर्ष की समान तिमाही में कंपनी का शुद्ध लाभ 1,399.52 करोड़ रुपये रहा था। जेएसपीएल देश की शीर्ष पांच इस्पात विनिर्माण कंपनियों में शामिल है।कंपनी की कुल आमदनी जून तिमाही में बढ़कर 12,865.35 करोड़ रुपये रही है, जो बीते वित्त वर्ष की समान तिमाही में 12,324.57 करोड़ रुपये थी। कंपनी का खर्च चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 10,890.55 करोड़ रुपये रहा है, जो बीते वित्त वर्ष की समान तिमाही में 10,454.99 करोड़ रुपये था। कंपनी का उत्पादन जून तिमाही में 20.5 लाख टन रहा, जो बीते वित्त वर्ष की समान तिमाही में 20.4 लाख टन था। समीक्षाधीन तिमाही में कंपनी की बिक्री बढ़कर 20.9 लाख टन हो गई, जो बीते वित्त वर्ष की समान तिमाही में 18.4 लाख टन थी। कंपनी का शुद्ध कर्ज भी घटकर जून तिमाही के अंत में 10,462 करोड़ रुपये रह गया, जो पिछली जनवरी-मार्च तिमाही के अंत में 11,203 करोड़ रुपये था।
- नयी दिल्ली,। स्थानीय बाजार में बुधवार को सोने का भाव 650 रुपये घटकर 71,650 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गया। आभूषण विक्रेताओं की कमजोर मांग और वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में आयात शुल्क में कटौती की घोषणा के कारण लगातार दूसरे दिन सोने में गिरावट जारी रही। अखिल भारतीय सर्राफा संघ ने कहा कि पिछले कारोबारी सत्र में मंगलवार को सोना 3,350 रुपये की गिरावट के साथ 72,300 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। हालांकि, चांदी की कीमत 87,500 रुपये प्रति किलोग्राम पर अपरिवर्तित रही।इस बीच, 99.9 प्रतिशत और 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने की कीमत 650-650 रुपये की गिरावट के साथ क्रमश: 71,650 रुपये प्रति 10 ग्राम और 71,300 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गई। व्यापारियों ने सोने की कीमतों में गिरावट का श्रेय सरकार द्वारा सोने और चांदी सहित कई उत्पादों पर सीमा शुल्क में कटौती के कदम को दिया। सोने और चांदी पर सीमा शुल्क 15 प्रतिशत से घटाकर छह प्रतिशत कर दिया गया। पिछले दो सत्रों में सोने की कीमतों में 4,000 रुपये प्रति 10 ग्राम की गिरावट आई है।मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के वरिष्ठ विश्लेषक जिंस-शोध मानव मोदी ने कहा, ‘‘पिछले सत्र में घरेलू मोर्चे पर सोने और चांदी में गिरावट आई, क्योंकि वित्त मंत्री ने आयात शुल्क में कटौती की घोषणा की, जिससे बाजार ‘हैरान' हो गया।'' उन्होंने कहा, ‘‘दूसरी ओर, कॉमेक्स में कीमतों में तेजी आई, जिससे घरेलू कीमतों के साथ इसकी असमानता बढ़ गई।'' इसके अलावा, घरेलू कीमतों को भी शुल्क कटौती के पूर्ण प्रभाव को पचाने और कॉमेक्स के साथ समानता पर आने में कुछ समय लग सकता है। अंतरराष्ट्रीय बाजार, कॉमेक्स में सोना छह डॉलर प्रति औंस की तेजी के साथ 2,461.20 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रहा था। कॉमेक्स सोने की कीमतें मंगलवार को चार दिन की गिरावट के सिलसिले को तोड़ते हुए 2,400 डॉलर से ऊपर रहीं, क्योंकि बाजार अमेरिकी फेडरल रिजर्व (फेड) की ब्याज दर कटौती पर स्पष्टता का इंतजार कर रहा था। न्यूयॉर्क में चांदी भी मामूली बढ़त के साथ 29.38 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गई।
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नयी दिल्ली. सरकार ने दूरसंचार मंत्रालय के तहत दूरसंचार परियोजनाओं और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के लिए 1.28 लाख करोड़ रुपये के आवंटन का प्रस्ताव किया है। इसमें से अधिकांश राशि सार्वजनिक क्षेत्र की भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) के लिए निर्धारित की गई है। कुल प्रस्तावित आवंटन में से एक लाख करोड़ रुपये से अधिक बीएसएनएल और एमटीएनएल से संबंधित खर्चों के लिए हैं, जिसमें बीएसएनएल में प्रौद्योगिकी उन्नयन और पुनर्गठन के लिए 82,916 करोड़ रुपये का निवेश भी शामिल है। बजट के अनुसार, “बजट अनुमान 2024-25 में इस मांग के लिए कुल शुद्ध आवंटन 1,28,915.43 करोड़ रुपये (1,11,915.43 करोड़ रुपये और 17,000 करोड़ रुपये) है। 17,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रावधान ‘यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंड' के तहत उपलब्ध शेष राशि से पूरा किया जाता है और इसका उपयोग दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को मुआवजा, भारतनेट और अनुसंधान एवं विकास जैसी योजनाओं के लिए किया जाएगा।” बजट में दूरसंचार विभाग के कर्मचारियों के पेंशन लाभ के लिए 17,510 करोड़ रुपये आवंटित करने का प्रस्ताव किया गया है, जिसमें बीएसएनएल और महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (एमटीएनएल) के कर्मचारी भी शामिल हैं। सरकार ने एमटीएनएल बॉन्ड की मूल राशि के भुगतान के लिए 3,668.97 करोड़ रुपये आवंटित करने का प्रस्ताव किया है। बजट में प्रौद्योगिकी विकास एवं निवेश प्रोत्साहन के लिए 34.46 करोड़ रुपये, चैंपियन सेवा क्षेत्र योजना के लिए 70 करोड़ रुपये तथा उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के लिए 1,806.34 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। आवंटन के अलावा, सरकार ने घरेलू दूरसंचार उपकरण विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय बजट 2024-25 में मदरबोर्ड (प्रिंटेड सर्किट बोर्ड) पर आयात शुल्क में पांच प्रतिशत की वृद्धि करने का प्रस्ताव किया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, “घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए मैं निर्दिष्ट दूरसंचार उपकरणों के पीसीबीए (प्रिंटेड सर्किट बोर्ड असेंबली) पर बीसीडी (मूल सीमा शुल्क) को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने का प्रस्ताव करती हूं।” दूरसंचार पीसीबी निर्माण के लिए मूल सीमा शुल्क में वृद्धि, संचार उपकरणों के विनिर्माण में उपयोग किए जाने वाले महत्वपूर्ण खनिजों को छूट के साथ आती है। वित्त मंत्री ने 25 खनिजों जैसे लिथियम, तांबा, कोबाल्ट और दुर्लभ मृदा तत्वों को सीमा शुल्क से पूरी तरह छूट देने का प्रस्ताव किया है। ये खनिज परमाणु ऊर्जा, नवीकरणीय ऊर्जा, अंतरिक्ष, रक्षा, दूरसंचार और उच्च तकनीक वाले इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे क्षेत्रों के लिए महत्वपूर्ण हैं। इनमें से दो पर मूल सीमा शुल्क कम किया जाएगा। सीतारमण ने कहा, “इससे ऐसे खनिजों के प्रसंस्करण और शोधन को बढ़ावा मिलेगा तथा इन रणनीतिक और महत्वपूर्ण क्षेत्रों के लिए उनकी उपलब्धता सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।” जीएक्स ग्रुप के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) परितोष प्रजापति ने कहा, “दूरसंचार उपकरणों के लिए पीसीबी असेंबली पर बढ़ी हुई बीसीडी स्थानीय निर्माताओं का समर्थन करती है और दूरसंचार ओईएम (मूल उपकरण निर्माताओं) के लिए लागत कम करती है। यह उद्योग को नई ऊर्जा और आत्मविश्वास के साथ उत्साहित करेगा।” जीएक्स ग्रुप दूरसंचार पीएलआई योजना के लाभार्थियों में से एक है।
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नयी दिल्ली. रत्न एवं आभूषण उद्योग ने मंगलवार को आम बजट में सोने और चांदी पर सीमा शुल्क में कटौती करने के सरकार के कदम का स्वागत किया। उद्योग ने कहा कि इससे आदान (इनपुट) लागत कम होगी, मूल्य संवर्धन बढ़ेगा, निर्यात प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिलेगा और घरेलू विनिर्माण को लाभ मिलेगा। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को केंद्रीय बजट 2024-25 पेश करते हुए कहा, ‘‘देश में सोने और कीमती धातु के आभूषणों में घरेलू मूल्य संवर्धन को बढ़ाने के लिए, मैं सोने और चांदी पर सीमा शुल्क को घटाकर छह प्रतिशत और प्लैटिनम पर 6.4 प्रतिशत करने का प्रस्ताव करती हूं।'' पहले सोने और चांदी पर सीमा शुल्क 15 प्रतिशत था। सोने और चांदी के ‘डोर' पर शुल्क पहले के 14.35 प्रतिशत से घटाकर 5.35 प्रतिशत कर दिया गया। इसके अतिरिक्त प्लैटिनम, पैलेडियम, ऑस्मियम, रूथेनियम और इरीडियम पर सीमा शुल्क 15.4 प्रतिशत से घटाकर 6.4 प्रतिशत कर दिया गया। रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद (जीजेईपीसी) के चेयरमैन विपुल शाह के अनुसार, आयात शुल्क में कमी हमारे उद्योग के लिए एक बड़ा बढ़ावा है, जो कार्यशील पूंजी जारी करके उपभोक्ताओं के लिए सामर्थ्य और विनिर्माण क्षेत्र के लिए प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाएगा। शाह ने कहा, ‘‘विशेष अधिसूचित क्षेत्रों (एसएनजेड) में बिक्री के लिए कच्चे हीरों पर दो प्रतिशत समानीकरण शुल्क को समाप्त करने और सुरक्षित बंदरगाह नियम की शुरूआत भारत को वैश्विक हीरा व्यापार केंद्र के रूप में मजबूती से स्थापित करेगी।'' उन्होंने कहा कि ये उपाय इस क्षेत्र के विकास को गति देंगे, छोटे पैमाने के हीरा तराशने वालों और पॉलिशरों के लिए लाखों नौकरियां पैदा करेंगे और वर्ष 2047 तक विकसित भारत बनने के भारत के दृष्टिकोण में महत्वपूर्ण योगदान देंगे। विश्व स्वर्ण परिषद के क्षेत्रीय सीईओ (भारत) सचिन जैन ने कहा, ‘‘स्वर्ण उद्योग के लिए, सोने पर मूल सीमा शुल्क और कृषि अवसंरचना और विकास उपकर (एआईडीसी) में कमी से घरेलू आभूषण उद्योग की समग्र प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ावा मिलेगा।'' उन्होंने कहा कि यह सोने पर कुल करों को प्रभावी रूप से जीएसटी सहित लगभग 18.5 प्रतिशत से घटाकर नौ प्रतिशत कर देगा। उन्होंने कहा, ‘‘यह सही दिशा में एक बड़ा कदम है, क्योंकि यह सोने की तस्करी को हतोत्साहित करेगा। यह ईमानदार कारोबारियों को प्रतिस्पर्धा का समान अवसर देगा। सोने की कीमतें स्थानीय स्तर पर भी सही होंगी, जिससे खुदरा सोने की मांग को बढ़ावा मिलेगा - जो भारतीय स्वर्ण उद्योग के लिए एक और प्रोत्साहन है।'' अखिल भारतीय रत्न और आभूषण घरेलू परिषद (जीजेसी) के चेयरमैन संयम मेहरा ने कहा, ‘‘सीमा शुल्क में कमी से घरेलू आभूषण निर्माताओं, विशेष रूप से छोटे और मध्यम उद्यमों को लाभ होगा, जिससे उन्हें धीरे-धीरे औपचारिक चैनल की ओर संक्रमण के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।'' इंडिया बुलियन ज्वैलर्स एसोसिएशन (आईबीजेए) के उपाध्यक्ष अक्ष कंबोज ने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि यह फैसला आभूषण और सर्राफा उद्योग के विकास को प्रोत्साहित करेगा, आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देगा और नए अवसर पैदा करेगा।'' मालाबार समूह के चेयरमैन एम पी अहमद ने कहा, ‘‘उम्मीद है कि शुल्क में कमी से सोने की तस्करी में भारी कमी आएगी, जिससे अवैध व्यापार पर अंकुश लगेगा और कर राजस्व में वृद्धि होगी। इस कटौती से संगठित खुदरा आभूषण विक्रेताओं, उपभोक्ताओं और सरकार को लाभ होगा।'' आयात शुल्क में कमी के साथ, पीएनजी ज्वैलर्स के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक सौरभ गाडगिल को ‘‘सोने की खपत में वृद्धि और सोने की कीमतों में नरमी की उम्मीद है, जो हाल ही में रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई है।
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नई दिल्ली। उद्योगों ने केंद्रीय बजट 2024-2025 का स्वागत किया है। नई दिल्ली में मीडिया से बातचीत में फिक्की के अध्यक्ष अनीश शाह ने बजट की सराहना की है। उन्होंने कहा कि यह बजट विकासोन्मुख है जो युवाओं, महिलाओं और किसानों सहित कई क्षेत्रों पर केंद्रित है।
मैन्युफैक्चरिंग कंपनी के प्रबंध निदेशक गौरव भगत ने कहा कि सोना, चांदी और प्लैटिनम पर सीमा शुल्क में कटौती इन धातुओं का आयात करने वाले किसी भी उद्योग के लिए बहुत ही लाभकारी है।फिक्की की पूर्व अध्यक्ष और एक अस्पताल समूह की प्रबंध निदेशक संगीता रेड्डी ने कहा कि विकास पर जोर देने के साथ-साथ बजट में महिलाओं और युवाओं पर विशेष ध्यान दिया गया है। - मुंबई। वायदा एवं विकल्प सौदों पर प्रतिभूति लेनदेन कर (एसटीटी) बढ़ाने का मंगलवार को बजट में प्रावधान किए जाने से घरेलू शेयर बाजारों में भारी उतार-चढ़ाव की स्थिति पैदा हो गई। हालांकि मानक सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी आखिर में मामूली गिरावट के ही साथ बंद हुए। बीएसई का 30 शेयरों पर आधारित सूचकांक सेंसेक्स एक समय 1,200 अंक से ज्यादा गोता लगा बैठा था। लेकिन बजट भाषण खत्म होने के बाद इसने धीरे-धीरे अपने नुकसान की काफी हद तक भरपाई कर ली। कारोबार के अंत में यह 73.04 अंक यानी 0.09 प्रतिशत की हल्की गिरावट के साथ 80,429.04 पर बंद हुआ।वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में वित्त वर्ष 2024-25 का बजट पेश करते हुए वायदा एवं विकल्प सौदों पर कर एसटीटी में बढ़ोतरी और इक्विटी निवेश पर दीर्घकालिक अवधि में होने वाले पूंजीगत लाभ पर कर को बढ़ाने की घोषणा की। बजट में इन कदमों की घोषणा होते ही शेयर बाजार में बड़े पैमाने पर गिरावट देखी जाने लगी। उस समय सेंसेक्स 1,277.76 अंक यानी 1.58 प्रतिशत तक टूटकर 79,224.32 के निचले स्तर पर पहुंच गया था। हालांकि कर रियायतों और सीमा शुल्क में कटौती ने टिकाऊ उपभोक्ता उत्पादों और दैनिक उपभोग वाले सामान बनाने वाली कंपनियों (एफएमसीजी) के शेयरों को बढ़ावा देने में मदद की, जिससे शेयर दिन के निचले स्तर से उबरने में सफल रहे। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का मानक सूचकांक निफ्टी 30.20 अंक यानी 0.12 प्रतिशत गिरकर 24,479.05 पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय निफ्टी 435.05 अंक यानी 1.77 प्रतिशत फिसलकर 24,074.20 पर आ गया था। सेंसेक्स के समूह में शामिल टाइटन ने छह प्रतिशत से अधिक की छलांग लगाई जबकि आईटीसी में पांच प्रतिशत से अधिक की बढ़त रही। इनके अलावा अदाणी पोर्ट्स, एनटीपीसी, इन्फोसिस, हिंदुस्तान यूनिलीवर, एचसीएल टेक्नोलॉजीज और सन फार्मा के शेयर भी बढ़त के साथ बंद हुए। दूसरी तरफ लार्सन एंड टुब्रो, बजाज फाइनेंस, भारतीय स्टेट बैंक, एक्सिस बैंक और एचडीएफसी बैंक के शेयर में सर्वाधिक गिरावट देखी गई। साइट्रस एडवाइजर्स के संस्थापक संजय सिन्हा ने कहा, "बाजार के नजरिये से अल्पावधि पूंजीगत लाभ कर (एसटीसीजी) को 20 प्रतिशत और दीर्घावधि पूंजीगत लाभ कर (एलटीसीजी) को 12.5 प्रतिशत तक बढ़ाना एक बड़ा झटका है। हमें अल्पावधि में नकारात्मक प्रतिक्रिया के लिए खुद को तैयार रखना होगा।" सीतारमण ने मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश करते हुए मध्यम वर्ग के लिए आयकर में राहत, अगले पांच वर्षों में रोजगार सृजन योजनाओं के लिए दो लाख करोड़ रुपये के परिव्यय और गठबंधन के सहयोगी दलों के शासन वाले राज्यों को आवंटन में बढ़ोतरी की घोषणा की।शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने सोमवार को 3,444.06 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की खरीद की। एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी बढ़त के साथ बंद हुआ जबकि जापान का निक्की, चीन का शंघाई कंपोजिट और हांगकांग के हैंगसेंग में गिरावट रही। यूरोपीय बाजार बढ़त के साथ कारोबार कर रहे थे। सोमवार को अमेरिकी बाजार सकारात्मक दायरे में बंद हुए।वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.25 प्रतिशत बढ़कर 82.63 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। सेंसेक्स सोमवार को 102.57 अंक गिरकर 80,502.08 और निफ्टी 21.65 अंक गिरकर 24,509.25 पर बंद हुआ था।
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नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कीमती धातुओं सोना और चांदी पर इम्पोर्ट ड्यूटी (Import Duty on gold) 15 फीसदी से घटाकर 6 फीसदी करने का ऐलान किया है।वित्त मंत्री ने लोकसभा में अपने केंद्रीय बजट 2024 भाषण में कहा, “सोने और कीमती धातु के आभूषणों में घरेलू वैल्यूएशन बढ़ाने के लिए मैं सोने और चांदी के सीमा शुल्क को 6% तक कम करने का प्रस्ताव करती हूं।”
सोने के वायदा भाव की शुरुआत आज तेजी के साथ हुई। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर सोने का बेंचमार्क अगस्त कॉन्ट्रैक्ट आज 120 रुपये की तेजी के साथ 72,838 रुपये के भाव पर खुला था। हालांकि, बजट में सोने-चांदी पर आयात शुल्क घटाने के प्रस्ताव के बाद सोने-चांदी की कीमतों में जोरदार गिरावट आई है।खबर लिखे जाने के समय 3,498 रुपये की गिरावट के साथ 69,220 रुपये पर कारोबार कर रहा है। आज इसने 68,500 रुपये के भाव पर निचला स्तर छू लिया था।चांदी की कीमतें भी हुई धड़ामचांदी का सितम्बर कॉन्ट्रैक्ट आज 205 रुपये की गिरावट के साथ 88,995 रुपये के भाव पर खुला था। इसकी कीमतें भी बजट पेश होने के बाद धड़ाम हो गई। खबर लिखे जाने के समय चांदी का भाव 3,773 रुपये की गिरावट के साथ 85,430 रुपये प्रति किलो के भाव पर चल रहा था। आज यह 84,275 रुपये के निचले स्तर तक चला गया था। ऑल बुलियन ऐंड ज्वेलर्स एसोसिएशन के चेयरमैन योगेश सिंघल ने बताया कि बजट में सोने-चांदी पर आयात शुल्क घटने से अवैध लेनदेन और तस्करी पर अंकुश लगेगा। इसके साथ ही सोना 9% सस्ता मिलेगा। -
नई दिल्ली। सोमवार, 23 जुलाई को, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भारत के बजट 2024-25 में सोने और चांदी पर बेसिक सीमा शुल्क 10% से घटाकर 6% करने की घोषणा की। इसके बाद, ज्वैलरी कंपनियों के शेयरों में तेजी आई और बीएसई पर ये 12% तक बढ़ गए।अगर हम 5% एग्रीकल्चर इंन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट सेस (AIDC) को भी शामिल करें, जो पहले से ही था, तो सोने और चांदी पर कुल आयात शुल्क अब 15% से घटकर 11% हो गया है।
सोने और चांदी पर आयात शुल्क कम होने की खबर के बाद, ज्वैलरी कंपनियों के शेयरों में तेजी आई है। सेन्को गोल्ड का शेयर 12% बढ़कर 1054.75 रुपये पर पहुंच गया, और इसका कारोबार भी पांच गुना बढ़ गया। टाइटन कंपनी का शेयर 7% बढ़कर 3484.90 रुपये पर पहुंच गया, जबकि कैलयन ज्वैलर्स का शेयर 4% बढ़कर 550 रुपये पर पहुंच गया। वहीं, दूसरी तरफ, बीएसई सेंसेक्स दोपहर 1:27 बजे तक 0.73% गिरकर 79,917 पर था।जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के कमोडिटीज प्रमुख हरीश वी ने कहा, सोने और चांदी पर आयात शुल्क घटाकर 6% करने से इनकी कीमतें कम हो सकती हैं और लोगों की इन धातुओं को खरीदने की इच्छा बढ़ सकती है। अभी तक इन पर 15% शुल्क लगता था, जिसमें से 10% बेसिक कस्टम ड्यूटी और 5% एग्रीकल्चर इंन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट सेस (AIDC) था।एलकेपी सिक्योरिटीज के वीपी रिसर्च एनालिस्ट – कमोडिटी और करेंसी जतिन त्रिवेदी ने कहा, इस बदलाव के बाद, सोने की कीमत MCX पर 2000 रुपये से ज्यादा गिरकर 70,350 रुपये पर आ गई, और चांदी की कीमत 2500 रुपये गिरकर 86,600 रुपये पर आ गई। ये बदलाव आयात शुल्क में 4% की कमी के कारण हुए हैं। हालांकि, एक्सपर्ट्स का मानना है कि अभी भी बाजार में उतार-चढ़ाव रहेगा, क्योंकि अमेरिका में सोने की कीमत 2415 डॉलर से कम बनी हुई है।टाइटन कंपनी ने अपनी पहली तिमाही (Q1FY25) की बिजनेस अपडेट में बताया कि सोने की कीमतों में 20% की सालाना बढ़ोतरी हुई है, और ये कीमतें अभी भी काफी ज्यादा हैं, जिसका असर ग्राहकों की खरीदारी पर पड़ा है। इसके साथ ही, शादियों की संख्या कम होने से भी बाजार में उत्साह कम रहा है, जो पिछले साल की पहली तिमाही से काफी अलग है। भारत में कंपनी की बिक्री में बढ़ोतरी मुख्य रूप से सामान की कीमत बढ़ाने की वजह से हुई है, जबकि ग्राहकों की संख्या में बहुत कम बढ़ोतरी हुई है।पिछले कुछ सालों में, ज्वैलरी रिटेल इंडस्ट्री में पारदर्शिता और मानकीकरण बढ़ाने के लिए कई नियम बनाए गए हैं। इन नियमों की वजह से, बाजार में अनौपचारिक ज्वैलरी बेचने वालों की हिस्सेदारी कम हुई है, और संगठित ज्वैलरी कंपनियों की हिस्सेदारी बढ़ी है। रेटिंग एजेंसी ICRA का कहना है कि आने वाले समय में संगठित ज्वैलरी रिटेलर्स जैसे सेन्को गोल्ड को फायदा होगा, क्योंकि इन कंपनियों की दुकानें तेजी से बढ़ रही हैं। इसके अलावा, आने वाले समय में स्टडेड ज्वैलरी की मांग बढ़ने से इन कंपनियों की कमाई भी बढ़ सकती है। -
मुंबई. आम बजट पेश होने से एक दिन पहले सोमवार को रिलायंस इंडस्ट्रीज और कोटक महिंद्रा बैंक के शेयरों में भारी बिकवाली के दबाव से स्थानीय शेयर बाजार के मानक सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी गिरावट के साथ बंद हुए। कारोबारियों ने कहा कि वैश्विक बाजारों के कमजोर रुख ने भी निवेशकों की धारणा पर असर डाला।
बीएसई का 30 शेयरों वाला सूचकांक सेंसेक्स 102.57 अंक यानी 0.13 प्रतिशत गिरकर 80,502.08 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 504 अंक तक गिरकर 80,100.65 अंक पर आ गया था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का सूचकांक निफ्टी 21.65 अंक यानी 0.09 प्रतिशत की गिरावट के साथ 24,509.25 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 168.6 अंक गिरकर 24,362.30 अंक पर आ गया था। शेयर बाजारों में गिरावट का यह लगातार दूसरा सत्र रहा। इसके पहले शुक्रवार को भी दोनों सूचकांक गिरावट के साथ बंद हुए थे। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘हालांकि, मंगलवार को पेश होने वाले बजट के अनुकूल रहने का अनुमान जताया जा रहा है लेकिन बाजार के ऊंचे मूल्यांकन और कंपनियों के मुनाफे में गिरावट के जोखिम को देखते हुए निवेशकों की इसपर करीबी नजर बनी रहेगी।'' नायर ने कहा कि रिलायंस जैसी दिग्गज कंपनी के मुनाफे में गिरावट ने निवेशकों की धारणा पर असर डाला।
देश की सबसे मूल्यवान कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज का शेयर तीन प्रतिशत से अधिक टूट गया। रिलायंस ने जून तिमाही के शुद्ध लाभ में पांच प्रतिशत की गिरावट दर्ज की है। इसी तरह निजी क्षेत्र के कोटक महिंद्रा बैंक में भी तीन प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई। उसके जून तिमाही के नतीजे निवेशकों को खुश करने में नाकाम रहे। इनके अलावा आईटीसी, भारतीय स्टेट बैंक, एचसीएल टेक्नोलॉजीज और इंडसइंड बैंक के शेयरों में भी प्रमुख रूप से गिरावट रही। दूसरी तरफ एनटीपीसी, अल्ट्राटेक सीमेंट, एचडीएफसी बैंक और महिंद्रा एंड महिंद्रा के शेयर लाभ में रहे। जून तिमाही में एकीकृत शुद्ध लाभ 33.17 प्रतिशत बढ़ने से एचडीएफसी बैंक का शेयर दो प्रतिशत चढ़ गया। व्यापक बाजार में बीएसई मिडकैप सूचकांक 1.27 प्रतिशत चढ़ गया जबकि स्मॉलकैप में 0.83 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई। मेहता इक्विटीज लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) प्रशांत तापसे ने कहा, ‘‘शुरुआती कारोबार में खासी गिरावट से बाजार काफी हद तक उबरने में सफल रहा। हालांकि, बैंकिंग एवं रियल्टी कंपनियों में मुनाफावसूली से बाजार हल्की गिरावट के साथ बंद हुए।'' एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की और चीन का शंघाई कम्पोजिट गिरकर बंद हुआ जबकि हांगकांग का हैंगसेंग बढ़त में रहा। यूरोप के बाजार बढ़त के साथ कारोबार कर रहे थे। शुक्रवार को अमेरिकी बाजार गिरावट के साथ बंद हुए थे।
संसद में पेश आर्थिक समीक्षा 2023-24 में देश की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में 6.5-सात प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया है। इसके मुताबिक, पूंजी बाजार भारत की वृद्धि गाथा में अधिक प्रमुख होते जा रहे हैं जिसमें प्रौद्योगिकी, नवाचार और डिजिटलीकरण के बल पर पूंजी निर्माण और निवेश परिदृश्य में हिस्सेदारी बढ़ रही है। इस बीच, वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.08 प्रतिशत गिरकर 82.53 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।
शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने शुक्रवार को 1,506.12 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की शुद्ध खरीदारी की। सेंसेक्स शुक्रवार को 738.81 अंक गिरकर 80,604.65 अंक पर और निफ्टी 269.95 अंक टूटकर 24,530.90 अंक पर बंद हुआ था। -
नई दिल्ली. सरकार ने सोमवार को बताया कि घरेलू एयरलाइनों ने इस साल 31 मई तक 7,030 अनुसूचित उड़ानें रद्द की हैं। नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा सोमवार को राज्यसभा में पेश किए गए आंकड़ों के अनुसार, 2024 में एयरलाइनों को 4,56,919 अनुसूचित रवानगी उड़ानों का संचालन करना है। नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने एक प्रश्न के लिखित जवाब में कहा कि 2022 में 6,413 उड़ानें रद्द की गईं। यह संख्या 2023 में बढ़कर 7,427 हो गई तथा इस साल यानी 2024 में 31 मई तक 7,030 उड़ानें रद्द की गईं। उन्होंने ‘‘डिजी यात्रा'' के बारे में एक सवाल के जवाब में बताया कि इसे देश भर के हवाई अड्डों पर चरणबद्ध तरीके से शुरू करने की योजना है। इसकी शुरुआत के बाद से, 2.5 करोड़ से अधिक हवाई यात्रियों ने डिजी यात्रा का उपयोग किया है। उन्होंने बताया कि यह यात्रा ‘‘फेशियल रिकॉग्निशन टेक्नोलॉजी'' (एफआरटी) पर आधारित है। यह हवाई अड्डों पर विभिन्न जांच बिंदुओं पर यात्रियों की संपर्क रहित, निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित करती है। मोहोल ने कहा, ‘‘यात्रियों के आंकड़े उनके स्मार्टफोन वॉलेट में संग्रहीत होते हैं और केवल मूल हवाई अड्डे के साथ, सीमित समय अवधि के लिए साझा किए जाते हैं, जहां यात्री की आईडी की पुष्टि करने की आवश्यकता होती है। उड़ान के प्रस्थान के 24 घंटे बाद आंकड़े को सिस्टम से हटा दिया जाता है।''
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नेवेली (तमिलनाडु)। लिग्नाइट से लेकर बिजली उत्पादन तक के कारोबार में सक्रिय कंपनी एनएलसी इंडिया लिमिटेड (एनएलसीआईएल) अगले वित्त वर्ष (2025-26) की पहली तिमाही तक अपनी पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी इकाई एनएलसी इंडिया रिन्यूएबल्स लिमिटेड के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के जरिये धन जुटाने की योजना बना रही है। कंपनी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक (सीएमडी) प्रसन्न कुमार मोटुपल्ली ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की यह कंपनी 2030 तक अपनी अक्षय ऊर्जा क्षमता को मौजूदा के 1.4 गीगावाट से बढ़ाकर छह गीगावाट करने की योजना बना रही है। उन्होंने कहा कि आईपीओ के माध्यम से जुटाई गई राशि का उपयोग स्वच्छ ऊर्जा विस्तार योजनाओं में किया जाएगा उन्होंने कहा कि कंपनी इस उद्देश्य के लिए विदेशी कंपनियों और बैंकों से आसान ऋण की व्यवस्था करने की भी योजना बना रही है। उन्होंने कहा, “आज की तारीख में... एनएलसीआईएल की मौजूदा संपत्तियां उस कंपनी (एनएलसी इंडिया रिन्यूएबल्स लिमिटेड) को हस्तांतरित की जानी हैं। उस संपत्ति के हस्तांतरण के लिए भारत सरकार से कुछ छूट की आवश्यकता है। इसलिए यह प्रक्रिया जारी है। इसलिए, हमें उम्मीद है कि अक्टूबर तक सरकार से मंजूरी मिल जाएगी। अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में कंपनी सूचीबद्ध (आईपीओ) हो जाएगी।” उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की इस कंपनी ने नई हरित ऊर्जा परिसंपत्तियों के लिए एक अन्य अनुषंगी कंपनी एनएलसी इंडिया ग्रीन एनर्जी लिमिटेड का गठन किया है। मोटुपल्ली ने कहा कि देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए पारंपरिक तापीय और नवीकरणीय बिजली उत्पादन के बीच उचित संतुलन की आवश्यकता होगी। यही वजह है कि कार्बन निरपेक्ष कंपनी एनसीएल इंडिया लिमिटेड तापीय और नवीकरणीय ऊर्जा दोनों क्षेत्रों में क्षमता बढ़ा रही है। एनएलसी इंडिया छह गीगावाट की कंपनी है जिसमें 1.4 गीगावाट अक्षय ऊर्जा क्षमता और 4.6 गीगावाट तापीय ऊर्जा क्षमता शामिल है। एक गीगावाट अक्षय ऊर्जा क्षमता जोड़ने वाली देश की पहली कंपनी एनएलसी इंडिया ने 2030 तक अपनी बिजली क्षमता को बढ़ाकर 17 गीगावाट करने की योजना बनाई है।
- नई दिल्ली। मदर डेयरी ने चालू वित्त वर्ष में अपने कारोबार को 13 प्रतिशत बढ़ाकर 17 हजार करोड़ रुपये तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। मदर डेयरी के प्रबंध निदेशक मनीष बंदलिश ने कहा कि कंपनी को अपने डेयरी और खाद्य तेल उत्पादों की मांग बेहतर रहने की उम्मीद है। मदर डेयरी दिल्ली-एनसीआर में एक प्रमुख दूध आपूर्तिकर्ता है। यह ‘धारा' ब्रांड के तहत पूरे देश में खाद्य तेल बेचती है और लगभग 400 ‘सफल' खुदरा दुकानों के जरिये दिल्ली-एनसीआर में ताजा फल और सब्जियों का विपणन करती है। बंदलिश ने कहा, ‘‘अपनी 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर हमने पिछले वित्त वर्ष में 15 हजार करोड़ रुपये के राजस्व को पार कर लिया।'' उन्होंने कहा कि कंपनी लगातार बढ़ रही है और पिछले तीन वर्षों में राजस्व में 40 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी हासिल की है। बंदलिश ने कहा, ‘‘जैसे-जैसे हम चालू वित्त वर्ष में आगे बढ़ रहे हैं, हमें अपनी वृद्धि को तेज करने का भरोसा है, और हमें इसमें 1,500 से 2 हजार करोड़ रुपये और जोड़ने की उम्मीद है।'' उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष 2024-25 की शुरुआत बहुत उत्साहजनक रही है। इस दौरान दही, आइसक्रीम और डेयरी पेय जैसे गर्मियों के मौसम वाले अधिकांश उत्पादों की बिक्री मात्रा के लिहाज से 40 प्रतिशत से अधिक बढ़ी। बंदलिश ने बताया, ‘‘इस साल, हम राष्ट्रीय स्तर पर अपनी उपस्थिति को मजबूत करने, वितरण और क्षमता बढ़ाने तथा उपभोक्ताओं को उत्साहित करने के लिए नयी पेशकश करने पर ध्यान दे रहे हैं।'' वर्ष 2024 में अबतक मदर डेयरी ने लगभग 30 उत्पाद पेश किए हैं।
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नयी दिल्ली.सॉफ्टवेयर क्षेत्र की दिग्गज अमेरिकी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने अपने साइबर सुरक्षा भागीदार क्राउडस्ट्राइक के कारण हुई पैदा हुई गड़बड़ी के बाद अपनी सेवाओं को बहाल करने के लिए सैकड़ों इंजीनियरों और विशेषज्ञों अपने ग्राहकों के साथ तैनात किया है। कंपनी ने एक ब्लॉग में यह जानकारी दी। माइक्रोसॉफ्ट के अनुसार, 18 जुलाई को क्राउडस्ट्राइक के ‘अपडेट' के कारण पैदा हुई दिक्कतों से दुनियाभर में 85 लाख उपकरण प्रभावित हुए थे। माइक्रोसॉफ्ट ने 20 जुलाई को ब्लॉग पोस्ट में कहा, ‘‘सेवाओं को बहाल करने के लिए ग्राहकों के साथ सीधे काम करने के लिए सैकड़ों माइक्रोसॉफ्ट इंजीनियरों और विशेषज्ञों को तैनात किया जा रहा है।'' वैश्विक स्तर पर पैदा हुई इस गड़बड़ी से कई बिक्री केंद्र प्रभावित हुए और यहां तक कि भारत में कई एयरलाइन कंपनियों की उड़ानें बंद हो गईं। इस रुकावट ने दुनियाभर में कंपनियों और प्रणालियों के परिचालन को पूरी तरह रोक दिया था। इसकी वजह से हवाई अड्डे और एयरलाइन परिचालन में व्यवधान आया। एयरलाइन कंपनियों को अपने यात्रियों के लिए परामर्श जारी करना पड़ा। इंडिगो, स्पाइसजेट और अकासा के नेटवर्क पर ऑनलाइन चेक-इन और बोर्डिंग प्रक्रियाओं में व्यवधान आया, जिससे उन्हें ‘मैनुअल' तरीके से चेक-इन का काम करना पड़ा। कई उपयोगकर्ताओं ने गड़बड़ी पर निगाह रखने वाली वेबसाइट ‘डाउनडिटेक्टर' पर व्यवधान की सूचना दी और कई ने ‘एक्स' पर संदेश जारी कर अपनी निराशा जताई। माइक्रोसॉफ्ट ने कहा कि वह गूगल क्लाउड मंच (जीसीपी) और अमेजन वेब सर्विसेज (एडब्ल्यूएस) सहित अन्य क्लाउड प्रदाताओं और हितधारकों के साथ सहयोग कर रही है, ताकि उद्योग जगत को बताया जा सके कि इसका प्रभाव क्या रहा। साथ ही क्राउडस्ट्राइक और ग्राहकों के साथ बातचीत को भी साझा किया जा सके। ब्लॉग में कहा गया है, ‘‘हम इस समस्या के कारण कारोबार क्षेत्र और कई व्यक्तियों की दैनिक दिनचर्या में आए व्यवधान की पहचान कर रहे हैं। हमारा ध्यान बाधित प्रणाली को सुरक्षित रूप से ऑनलाइन वापस लाने के लिए ग्राहकों को तकनीकी मार्गदर्शन और सहायता प्रदान करने पर है।'' सॉफ्टवेयर दिग्गज ने कहा कि यह घटना वैश्विक क्लाउड प्रदाताओं, सॉफ्टवेयर मंच, सुरक्षा विक्रेताओं और अन्य सॉफ्टवेयर विक्रेताओं तथा ग्राहकों से युक्त एक व्यापक प्रौद्योगिकी पारिस्थितिकी तंत्र की परस्पर जुड़ी प्रकृति को प्रदर्शित करती है। -
नयी दिल्ली.वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मंगलवार को वित्त वर्ष 2024-25 के लिए अपना लगातार सातवां बजट पेश करके इतिहास रचने वाली हैं। इस तरह वह पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई का रिकॉर्ड तोड़ देंगी। हालांकि, सबसे अधिक बार बजट पेश करने का रिकॉर्ड अब भी देसाई के पास ही है। सीतारमण अगले महीने 65 वर्ष की हो जाएंगी। उन्हें 2019 में भारत की पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री बनाया गया था। इसी साल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने केंद्र में लगातार दूसरी बार सरकार बनाई थी। तब से सीतारमण ने इस साल फरवरी में एक अंतरिम सहित लगातार छह बजट पेश किए हैं।
वित्त वर्ष 2024-25 (अप्रैल, 2024 से मार्च, 2025) का पूर्ण बजट उनका लगातार सातवां बजट होगा। वह देसाई के रिकॉर्ड से आगे निकल जाएंगी, जिन्होंने 1959 से 1964 के बीच लगातार पांच पूर्ण बजट और एक अंतरिम बजट पेश किया था। स्वतंत्र भारत में बजट पेश करने से जुड़े कुछ तथ्य इस प्रकार हैं। स्वतंत्र भारत का पहला आम बजट 26 नवंबर, 1947 को देश के पहले वित्त मंत्री आर के शनमुखम चेट्टी ने पेश किया था। पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और बाद में प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के कार्यकाल में वित्त मंत्री के तौर पर कुल 10 बजट पेश किए हैं। पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने नौ मौकों पर बजट पेश किया। प्रणब मुखर्जी ने वित्त मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान आठ बजट पेश किए। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 1991 से 1995 के बीच लगातार पांच बार बजट पेश किया, जब वह पी वी नरसिम्हा राव सरकार में वित्त मंत्री थे। सबसे लंबा बजट भाषण सीतारमण ने एक फरवरी, 2020 को दो घंटे 40 मिनट का दिया। वर्ष 1977 में हीरूभाई मुलजीभाई पटेल का अंतरिम बजट भाषण अबतक का सबसे छोटा भाषण है, जिसमें केवल 800 शब्द हैं। बजट पारंपरिक रूप से फरवरी के आखिरी दिन शाम पांच बजे पेश किया जाता है। वर्ष 1999 में समय बदला गया था और अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में तत्कालीन वित्त मंत्री यशवंत सिंह ने सुबह 11 बजे बजट पेश किया। तब से बजट सुबह 11 बजे पेश किया जाता है। इसके बाद 2017 में बजट पेश करने की तिथि बदलकर एक फरवरी कर दी गई थी, ताकि सरकार मार्च के अंत तक संसदीय अनुमोदन प्रक्रिया पूरी कर सके। - नयी दिल्ली। दोपहिया वाहन कंपनी हीरो मोटोकॉर्प के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) निरंजन गुप्ता ने इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) खंड में अगृणी स्थान पर नजर रखते हुए कहा है कि कंपनी चालू वित्त वर्ष में किफायती मॉडल पेश करने की योजना बना रही है। देश की सबसे बड़ी दोपहिया वाहन विनिर्माता कंपनी को अंतरराष्ट्रीय बाजार में अपने इलेक्ट्रिक वाहनों के आगमन की भी उम्मीद है। गुप्ता ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए कंपनी की वार्षिक बैठक में शेयरधारकों को संबोधित करते हुए कहा कि दोपहिया कंपनी के पास अपने इलेक्ट्रिक वाहन खंड को तेजी से बढ़ाने की पूरी योजना है। उन्होंने कहा, “हम ईवी खंड में अगृणी बनना चाहते हैं। ...और ऐसा करने के लिए हम एक बहुत शक्तिशाली ईवी उत्पाद पोर्टफोलियो बनाएंगे, जो कि आज हमारे पास मौजूद विडा वी1 प्रो को बढ़ाएगा।” गुप्ता ने कहा कि कंपनी चालू वित्त वर्ष (2024-25) में मध्यम और किफायती खंड में ईवी उत्पाद पेश करेगी।हीरो मोटोकॉर्प की ‘विडा' इलेक्ट्रिक स्कूटर रेंज की कीमत राज्य सब्सिडी सहित 1-1.5 लाख रुपये के बीच है। हीरो मोटोकॉर्प के कार्यकारी चेयरमैन पवन मुंजाल ने कहा कि एथर एनर्जी के साथ मिलकर ‘विडा' ने दोपहिया ईवी के लिए भारत का सबसे बड़ा सार्वजनिक चार्जिंग बुनियादी ढांचा स्थापित किया है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा, ज़ीरो मोटरसाइकिल के साथ साझेदारी से एक विशिष्ट ग्राहक वर्ग को लक्षित करके नई ईवी मोटरसाइकिलों के विकास में मदद मिलेगी, जिससे समग्र बाजार का आकार बढ़ेगा।
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नयी दिल्ली. रियल एस्टेट कंपनियों के संगठन क्रेडाई ने शनिवार को सरकार से आम बजट में घर खरीदने वालों को अधिक कर लाभ देने का अनुरोध किया। इसके साथ ही निकाय ने बिल्डरों को किफायती घर बनाने के लिए प्रोत्साहन देने और रियल एस्टेट परियोजनाओं को शुरू करने के लिए मंजूरी प्रक्रिया को आसान बनाने का आग्रह किया। क्रेडाई ने एक बयान में कहा कि उसने रियल एस्टेट क्षेत्र की वृद्धि के लिए सरकार को विभिन्न सिफारिशें दी हैं। संघ ने कहा कि ये सिफारिशें किफायती आवास परियोजनाओं में निवेश करने वाले डेवलपर के लिए मंजूरी प्रक्रियाओं को आसान बनाने और सब्सिडी जैसे उपायों के महत्व पर जोर देती हैं। क्रेडाई के अध्यक्ष बोमन ईरानी ने कहा, ''जीडीपी, रोजगार सृजन और बुनियादी ढांचे के विकास में अपने महत्वपूर्ण योगदान के चलते भारतीय रियल एस्टेट क्षेत्र एक अनुकूल बजट की उम्मीद करता है। यह एक ऐसा बजट होना चाहिए जो कुछ दीर्घकालिक चुनौतियों का समाधान करे और टिकाऊ वृद्धि का आधार तैयार करे।'' उन्होंने कहा, ''हमने अपनी सिफारिशों में घर खरीदारों के लिए ब्याज छूट में वृद्धि, सीएलएसएस (क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी योजना) को फिर से शुरू करने और किफायती आवास को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक कदम उठाने की बात कही है।'' क्रेडाई ने कहा कि घर खरीदने को प्रोत्साहित करने के लिए वित्त मंत्रालय को पहली स्व-कब्जे वाली संपत्ति के लिए असीमित ब्याज कटौती की अनुमति देने या कटौती सीमा को वर्तमान में दो लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये करने पर विचार करना चाहिए।
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नयी दिल्ली. वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को अमेरिका में रहने वाले भारतीय प्रवासियों से देश को पसंदीदा निवेश गंतव्य के रूप में बढ़ावा देने में मदद करने की अपील की। उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में उपलब्ध व्यापक अवसरों के बारे में बताया।
मंत्री ने कहा कि सरकार ने निवेश जुटाने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिनमें कारोबारी सुगमता, अनुपालन बोझ को कम करना, अंतरिक्ष जैसे क्षेत्रों को प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के लिए खोलना शामिल है। गोयल ने प्रवासी भारतीयों से 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने में योगदान करने को भी कहा।
उन्होंने कहा, ''ब्रांड इंडिया को एक प्रमुख निवेश गंतव्य के रूप में बढ़ावा देने में मदद करें। भारत में किए गए निवेश में जबरदस्त वृद्धि क्षमता है। इस साल अप्रैल और मई के बीच एनआरआई जमा बढ़कर तीन अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गई है। यह आंकड़ा पिछले साल की तुलना में चार गुना है।'' उन्होंने अमेरिका में प्रवासी भारतीयों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बातचीत में यह बात कही।
गोयल ने कहा, ''मैं आप सभी को भारत में निवेश करने के लिए आमंत्रित करता हूं। भारत की वृद्धि गाथा तेज गति से आगे बढ़ती रहेगी। भारत विश्व अर्थव्यवस्था का नेतृत्व करना जारी रखेगा और निवेश तथा विनिर्माण के लिए सबसे पसंदीदा गंतव्य बना रहेगा। स्वच्छ ऊर्जा पर उन्होंने कहा कि भारत के पास 500 गीगावाट का दुनिया का सबसे बड़ा नवीकरणीय ऊर्जा कार्यक्रम है। - नई दिल्ली। दूरसंचार कंपनी रिलायंस जियो ने शनिवार को कहा कि वह ‘डेटा ट्रैफिक’ यानी खपत के मामले में चीनी कंपनियां को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी बन गयी है।कंपनी ने बयान में कहा, ‘‘ प्रति व्यक्ति डेटा खपत बढ़कर 30.3 जीबी प्रति माह यानी प्रतिदिन एक जीबी से अधिक हो गई। इसके साथ वह डेटा ट्रैफिक के मामले में दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी बन गयी है।’’रिलायंस जियो के जून तिमाही के आंकड़ों के अनुसार डेटा खपत 32.8 प्रतिशत बढ़कर 44 अरब गीगाबाइट (जीबी) हो गयी जो बीते साल इसी तिमाही में 33.2 अरब जीबी थी।बयान में कहा गया है, ‘‘कंपनी के कुल ग्राहकों की संख्या लगभग 49 करोड़ पहुंच गई है, जिसमें 13 करोड़ 5जी उपयोगकर्ता शामिल हैं। इसके साथ अगर चीन को छोड़ दें तो जियो 5जी सेवाओं के मामले में सबसे बड़ी कंपनी बन गयी है।’’रिलायंस जियो इन्फोकॉम के चेयरमैन आकाश एम अंबानी ने कहा, ‘‘गुणवत्तापूर्ण उच्च कवरेज वाला, किफायती इंटरनेट डिजिटल इंडिया की रीढ़ है और जियो को इसमें योगदान देने पर गर्व है। हमारे नये ‘प्रीपेड प्लान’, 5जी और एआई (कृत्रिम मेधा) के क्षेत्र में नवोन्मेष और सतत विकास को बढ़ावा देंगे। ‘ग्राहक पहले’ दृष्टिकोण के साथ, अपने बेहतर नेटवर्क और नए सेवा प्रस्तावों के दम पर जियो बाजार में अपनी अगुवा वाली स्थिति को और मजबूत करेगी।’’ कंपनी नेटवर्क पर वॉयस कॉलिंग चालू वित्त वर्ष की जून तिमाही में 1,420 अरब मिनट के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई जो पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले छह प्रतिशत अधिक है।
- बठिंडा,। पारंपरिक भारतीय मिठाइयों और अन्य व्यंजनों को बनाने वाली कंपनी बीकानेरवाला ने शनिवार को कहा कि उसने पंजाब के बठिंडा में अपना नया आउटलेट खोला है। बीकानेरवाला ने यहां एक बयान में कहा कि यह नया आउटलेट ब्रांड के लिए एक और मील का पत्थर है, क्योंकि यह पाक कला के क्षेत्र में अपनी उपस्थिति को और मजबूत करता है। मिठाइयों और नमकीन की अपनी स्वादिष्ट श्रृंखला के अलावा ब्रांड अपने आउटलेट पर 100 प्रतिशत शाकाहारी व्यंजनों की पेशकश करता है। बठिंडा आउटलेट - ग्रीन सिटी स्क्वायर, मंडी डबवाली रोड पर स्थित है और पांच हजार वर्ग फुट क्षेत्र में फैला हुआ है। इसमें 150 से अधिक ग्राहकों के बैठने की क्षमता है। बीकानेरवाला फूड्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक अशोक अग्रवाल ने कहा, ''हम बठिंडा में अपने नए आउटलेट के उद्घाटन की घोषणा करते हुए रोमांचित हैं।'' उन्होंने कहा कि ब्रांड ने घरेलू और वैश्विक बाजारों में मजबूत पकड़ रखने वाली खाद्य और पेय कंपनी मोंटाना समूह के साथ साझेदारी की है।
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नई दिल्ली। आजकल हमारे जीवन में टेक्नोलॉजी का अहम रोल है। हमारे घरों से लेकर ऑफिस तक, हम हर जगह कंप्यूटर और इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं. लेकिन, क्या होगा अगर ये सिस्टम ही ठप हो जाए? हाल ही में माइक्रोसॉफ्ट का IT सिस्टम ठप होने से दुनिया भर में बड़ी दिक्कतें आई हैं।. इस वजह से हवाई यात्राएं, बैंकिंग, हेल्थकेयर जैसे कई सेवाओं में बड़ी बाधा आई है.।
भारत में भी बहुत सी फ्लाइट्स कैंसिल हो गई थी। माइक्रोसॉफ्ट ने कल रात को बताया कि उसने अब दिक्कत को दूर कर दिया है और सबकुछ सामान्य हो गया है, लेकिन, देश में आज भी विमान सेवाओं पर इसका असर देखने को मिल सकता है। इंडिगो एयरलाइंस ने बताया है कि आज भी उसकी कुछ उड़ानें देरी से उड़ान भर सकती हैं। वहीं, स्पाइसजेट ने कहा है कि उसकी विमान सेवाओं का परिचालन सामान्य दिनों की तरह होगा। बैंकिंग सेवाओं में व्यवधान: कई बैंकिंग सेवाओं में भी दिक्कत आई है। लोगों को पैसों के लेनदेन करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा। हेल्थकेयर सेवाओं में परेशानी: कई अस्पताल और हेल्थकेयर संस्थानों में भी IT सिस्टम ठप होने से परेशानी आई। -
नई दिल्ली। माइक्रोसॉफ्ट सर्वर में खराबी आने की वजह से बैंक ग्राहकों, हवाई यात्री और सरकारी दफ्तरों में कामकाज शुक्रवार को बुरी तरह प्रभावित हुए.। दुनिया भर में करोड़ों लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा।. विमान सेवाओं की बात करें, तो सर्वर में खराबी आने की वजह से विमान उड़ान नहीं भर सके, और रुके रहे.। इसकी वजह से यात्री अपने गंतव्य स्थल तक नहीं पहुंच सके. ।सभी एयरलाइंस ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि सर्वर में खराबी आने की वजह से सेवाएं बाधित हो गई हैं.। इससे यात्रियों को जो परेशानी हो रही है, उसके प्रति हम अपना खेद प्रकट करते हैं।.
इंडिगो, अकासा और स्पाइसजेट विमान सेवा कंपनियों ने लोगों से असुविधा के माफी मांगी।. इंडिगो ने बयान जारी कर कहा कि सर्वर में खराबी होने की वजह से विमान सेवाओं को रोक दिया गया है.। हम समझते हैं कि इससे यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा, लेकिन जब तक सर्वर ठीक नहीं हो जाता, तब तक हमें इंतजार करना पड़ेगा.। सर्वर में खराबी होने की वजह से बड़ी संख्या में यात्री एयरपोर्ट पर फंसे रहे.। इससे कई लोगों के जरूरी काम भी प्रभावित हुए.।सर्वर में आई खराबी की वजह से बैंक ग्राहकों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा।. जो लोग बैंक से संबंधित काम कराने गए थे, उन्हें सर्वर में आई खराबी की वजह से वापस लौटना पड़ा. बैंक प्रबंधकों ने भी बयान जारी कर कहा कि जब तक सर्वर में आई खराबी ठीक नहीं हो जाती तब तक हम कोई भी कार्य नहीं कर सकते. इसकी वजह से बैंक सेवा पूरी तरह से ठप रही। यही नहीं, सर्वर में आई खराबी की वजह से ब्रिटेन में स्काई न्यूज़ चैनल ऑफ एयर हो गया।. ऑस्ट्रेलिया में टेलिकम्यूनिकेशन ग्रुप टेलस्ट्रा की सेवा बाधित हुई. ।इससे ग्राहकों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा।.वहीं, सर्वर में खराबी आने की वजह से कई राज्यों और देशों में ट्रेन सेवा भी बाधित हुई.। इससे यात्रियों को अपने गंतव्य स्थल पर पहुंचने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा.। अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन डीसी में भी कई ट्रेनों की सेवा बाधित हुई.।सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस संबंध में बयान जारी कर कहा, “मंत्रालय वैश्विक आउटेज के संबंध में माइक्रोसॉफ्ट और उसके सहयोगियों के संपर्क में है।. इस आउटेज का कारण पता लगा लिया गया है और समस्या के समाधान के लिए अपडेट जारी कर दिए गए हैं. ।एक टेक्निकल एडवाइजरी जारी कर दी गई है.। इस आउटेज से एनआईसी नेटवर्क प्रभावित नहीं हुआ है.।.” -
नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक- आरबीआई ने कहा है कि माइक्रोसॉफ्ट सॉफ्टवेयर मामले में केवल 10 बैंकों और एनबीएफसी में व्यवधान थे जिन्हें सही कर लिया गया है या किया जा रहा है। आरबीआई ने कहा कि अधिकांश बैंकों के महत्वपूर्ण सिस्टम क्लाउड में नहीं हैं और इसके अलावा, केवल कुछ बैंक ही क्राउडस्ट्राइक टूल का उपयोग कर रहे हैं। कुल मिलाकर रिज़र्व बैंक के क्षेत्र में भारतीय वित्तीय क्षेत्र इससे अछूता है। रिज़र्व बैंक ने सतर्क रहने और परिचालन लचीलापन और निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने के लिए संस्थाओं को सलाह जारी की है।
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नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बैंकों से ऋण और जमा वृद्धि के बीच अंतराल पर नजर रखने को कहा है। उन्होंने बैंकों को ऋण के जमा से अधिक नहीं होने देने का परामर्श दिया। गवर्नर ने ऋण और जमा वृद्धि के बीच अंतराल के कारण वित्तीय प्रणाली के संरचनात्मक तरलता मुद्दों के संपर्क में आने की आशंका की चेतावनी दी।
श्री दास ने आज मुंबई में कहा कि भारत में वित्तीय परिदृश्य एक संरचनात्मक परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक सक्रिय रूप से यूपीआई जैसे नवाचारों को प्रोत्साहन दे रहा है। गवर्नर ने कहा कि भारत में अधिक समावेशी वित्तीय क्षेत्र बनाने के लिए भुगतान प्रणालियों को फिर से तैयार किया है।उन्होंने कहा कि संरचनात्मक परिवर्तन अवसरों के साथ-साथ चुनौतियाँ भी पैदा करते हैं। इसलिए, बैंकों, गैर-वित्तीय बैंकिंग कंपनियां और अन्य वित्तीय संस्थानों को अपने व्यवसाय मॉडल, सुगमता और स्थिरता पर इन परिवर्तनों के प्रभाव का सावधानीपूर्वक आकलन करने की आवश्यकता है।श्री दास ने बैंकों से बेईमान गतिविधियों की जांच करने के लिए अपने ग्राहक ऑनबोर्डिंग और लेनदेन निगरानी प्रणालियों को मजबूत करने के लिए कहा।