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नयी दिल्ली. आभूषण विक्रेताओं और स्टॉकिस्टों की ताजा लिवाली के कारण बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में सोने की कीमत फिर से 79,000 रुपये के स्तर पर पहुंच गई। अखिल भारतीय सर्राफा संघ ने यह कहा। तीन दिन की गिरावट के बाद 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने की कीमत बुधवार को 300 रुपये बढ़कर 79,150 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गयी। बुधवार को यह 78,850 रुपये प्रति 10 ग्राम पर रही थी। कारोबारियों ने कहा कि स्थानीय बाजारों में आभूषण और खुदरा विक्रेताओं की ताजा मांग के कारण सोने में तेजी आई। चांदी लगातार तीसरे दिन भी चमक में रही और बृहस्पतिवार को 1,300 रुपये बढ़कर 93,800 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई। बुधवार को यह 92,500 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी। 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने का भाव 300 रुपये बढ़कर 78,750 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया। पिछले कारोबारी सत्र में यह 78,450 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। एलकेपी सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषक (जिंस एवं मुद्रा) विभाग के उपाध्यक्ष, जतिन त्रिवेदी ने कहा, ‘‘सोने में स्थिरता से लेकर सकारात्मक रुझान के साथ कारोबार हुआ। एमसीएक्स में सोने के 76,700-77,400 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।'' वैश्विक स्तर पर, कॉमेक्स (जिंस बाजार) सोना वायदा 7.20 डॉलर यानी 0.27 प्रतिशत गिरकर 2,669 डॉलर प्रति औंस रहा। एचडीएफसी सिक्योरिटीज में वरिष्ठ विश्लेषक (जिंस) सौमिल गांधी ने कहा, ‘‘लगातार वैश्विक जोखिम, साथ ही फ्रांस और दक्षिण कोरिया में राजनीतिक अनिश्चितता, सुरक्षित-निवेश के विकल्प के रूप में बहुमूल्य धातु की कीमत को बढ़ाने में योगदान दे रही है।'' उन्होंने कहा, ‘‘व्यापारी बृहस्पतिवार को अमेरिका में जारी होने वाले नए बेरोजगारी दावों और व्यापार संतुलन सहित अमेरिकी वृहद आर्थिक आंकड़ों का इंतजार करेंगे।'' जिंस बाजार विशेषज्ञों के अनुसार, बुधवार को फेडरल रिजर्व के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल ने कहा कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था अच्छी स्थिति में है तथा सितंबर में नीतिगत दरों में कटौती, श्रम बाजार को समर्थन देने का संदेश था। इसके कारण सर्राफा में थोड़ी नरमी रही। पॉवेल ने कहा कि इन सबके बावजूद, मुद्रास्फीति नियंत्रण में आने की घोषणा करना जल्दबाजी होगी और अमेरिकी केंद्रीय बैंक मौद्रिक नीति निर्धारित करने में सतर्क हो सकता है। एशियाई बाजार में चांदी 0.27 प्रतिशत की गिरावट के साथ 31.83 डॉलर प्रति औंस पर रही।
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नयी दिल्ली. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट बनाने की प्रक्रिया के तहत शुक्रवार से विभिन्न पक्षों के साथ बजट-पूर्व परामर्श शुरू करेंगी। परामर्श की इस श्रृंखला के तहत पहली बैठक छह दिसंबर को प्रतिष्ठित अर्थशास्त्रियों के साथ होगी। सीतारमण इन बैठकों की अध्यक्षता करेंगी। चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर के सात तिमाहियों के निचले स्तर 5.4 प्रतिशत पर आने के बीच वित्त मंत्री आगामी बजट के बारे में उनसे सुझाव मांगेंगी। सूत्रों ने कहा कि इसके बाद सात दिसंबर को किसान संघों और कृषि अर्थशास्त्रियों और एमएसएमई क्षेत्र के प्रतिनिधियों के साथ बैठक होगी। वित्त वर्ष 2025-26 का आम बजट एक फरवरी को संसद में पेश किए जाने की संभावना है। यह सीतारमण का लगातार आठवां बजट और मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का दूसरा पूर्ण बजट होगा। माना जा रहा है कि आगामी बजट से भारत को 2047 तक विकसित बनाने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए एक नीतिगत दिशा मिलेगी। बजट पूर्व परामर्श 30 दिसंबर को भारतीय उद्योग जगत के प्रमुखों और सामाजिक क्षेत्र, विशेष रूप से शिक्षा तथा स्वास्थ्य के हितधारकों से परामर्श के साथ खत्म होगा। इन बैठकों में वित्त मंत्री के अलावा, वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी, वित्त सचिव और दीपम (निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग) सचिव तुहिन कांत पांडेय, आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ, राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा और वित्तीय सेवा सचिव एम नागराजू के मौजूद रहने की उम्मीद है।
- नयी दिल्ली. भारत में स्मार्टफोन पर बढ़ती निर्भरता और उनके अत्यधिक उपयोग से माता-पिता और बच्चों के बीच संबंधों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। यह दावा चीन की मोबाइल फोन निर्माता कंपनी ‘वीवो' द्वारा कराए गए सर्वेक्षण के बुधवार को आए नतीजों में किया गया। ‘साइबरमीडिया रिसर्च' द्वारा किए गए सर्वेक्षण के मुताबिक, माता-पिता औसतन पांच घंटे से अधिक और बच्चे प्रतिदिन चार घंटे से अधिक समय अपने स्मार्टफोन पर बिताते हैं। दोनों समूह स्मार्टफोन का अधिकतर इस्तेमाल सोशल मीडिया और मनोरंजन के लिए करते हैं। ‘वीवो स्विच ऑफ 2024' सर्वेक्षण रिपोर्ट के मुताबिक, ‘‘स्मार्टफोन के अत्यधिक इस्तेमाल से व्यक्तिगत संबंधों में तनाव पैदा हुआ है, माता-पिता और बच्चे दोनों ही इसे अपने बीच संघर्ष का एक स्रोत मानते हैं। 66 प्रतिशत माता-पिता और 56 प्रतिशत बच्चे अत्यधिक स्मार्टफोन उपयोग के कारण अपने व्यक्तिगत संबंधों में नकारात्मक बदलाव देखते हैं।'' अध्ययन के अनुसार, माता-पिता और बच्चे दोनों एक-दूसरे के साथ घनिष्ठ संबंध चाहते हैं, लेकिन कोई भी समूह अपनी अत्यधिक और उद्देश्यहीन स्मार्टफोन इस्तेमाल की आदतों पर अंकुश लगाने को तैयार नहीं है। सर्वेक्षण में शामिल 73 प्रतिशत माता-पिता और 69 प्रतिशत बच्चे इस बात से सहमत थे कि स्मार्टफोन का अत्यधिक उपयोग उनके बीच विवाद का कारण है। अध्ययन के मुताबिक, माता-पिता और बच्चे दोनों ही स्मार्टफोन पर बहुत ज़्यादा निर्भर हैं, क्योंकि यह उनके जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा बन गया है। सर्वेक्षण के अनुसार, 76 प्रतिशत माता-पिता और 71 प्रतिशत बच्चे इस बात से सहमत हैं कि वे अपने स्मार्टफोन के बिना नहीं रह सकते। अध्ययन के मुताबिक, सर्वेक्षण में शामिल 64 प्रतिशत बच्चों ने स्वीकार किया कि वे स्मार्टफोन के आदी हो चुके हैं, तथा अपना अधिकांश समय सोशल मीडिया और मनोरंजन गतिविधियों में बिताते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘दो तिहाई बच्चों का कहना है कि यदि उनके मित्र सोशल मीडिया ऐप पर नहीं होते तो वे इसका उपयोग नहीं करते। 90 प्रतिशत से अधिक बच्चों का कहना है कि काश सबसे लोकप्रिय सोशल मीडिया ऐप का आविष्कार ही नहीं हुआ होता।'' यह अध्ययन रिपोर्ट दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, हैदराबाद, बेंगलुरु, अहमदाबाद और पुणे के 1,543 स्मार्टफोन उपयोगकर्ताओं की राय पर आधारित है।
- भोपाल. कृषि रसायन और बीज कंपनी कॉर्टेवा एग्रीसाइंस (दक्षिण एशिया) के अध्यक्ष सुब्रतो गीद ने बुधवार को कहा कि महिला किसानों में कृषि उत्पादकता को 20-30 प्रतिशत तक बढ़ाने की क्षमता है और इस क्षेत्र के विकास के लिए स्त्री-पुरूष के स्तर पर असमानता को दूर करना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि हमारी वर्ष 2030 तक 20 लाख महिला किसानों को आगे बढ़ाने की योजना है। सुब्रतो ने कहा कि कृषि क्षेत्र जलवायु परिवर्तन और घटते कार्यबल सहित महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना कर रहा है। ऐसे में महिलाओं को सशक्त बनाने में किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) की भूमिका महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, ‘‘जब भी महिलाएं बाहर निकलती हैं और खेतों का कमान संभालती हैं, तो कृषि उत्पादकता बढ़ जाती है। वे नई तकनीकों को अपनाने के लिए सदा तैयार होती हैं।'' मौजूदा वक्त में, कॉर्टेवा पांच राज्यों... बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में 65 एफपीओ से जुड़ी हुई है। इसके जरिये कंपनी 33,000 से अधिक महिला किसानों तक पहुंच रही है। कंपनी इसे कई कृषि चुनौतियों का समाधान करने के लिए एक रणनीतिक दृष्टिकोण के रूप में देखती है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के समक्ष प्रमुख चुनौतियों में भारत का मुख्य रूप से सीमांत कृषि परिदृश्य, जलवायु की अनिश्चितता और कम संसाधनों के साथ उत्पादकता बढ़ाने की आवश्यकता शामिल हैं।
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मुंबई.भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने तत्काल भुगतान प्रणाली के व्यापक प्रसार के लिए बुधवार को 'यूपीआई लाइट' में वॉलेट की सीमा को बढ़ाकर 5,000 रुपये और प्रति लेनदेन की सीमा को 1,000 रुपये कर दिया। यूपीआई लाइट के तहत होने वाले लेनदेन इस हद तक ऑफलाइन हैं कि उनमें 'प्रमाणीकरण के अतिरिक्त कारक' (एएफए) की जरूरत नहीं होती है। इसके अलावा लेनदेन से जुड़े अलर्ट भी वास्तविक समय में नहीं भेजे जाते हैं। ऑफलाइन भुगतान का मतलब ऐसे लेनदेन से है जिसके लिए मोबाइल फोन में इंटरनेट या दूरसंचार कनेक्टिविटी की जरूरत नहीं होती है। रिजर्व बैंक ने एक परिपत्र में कहा, "यूपीआई लाइट के लिए बढ़ी हुई सीमा 1,000 रुपये प्रति लेनदेन होगी जिसमें किसी भी समय कुल सीमा 5,000 रुपये होगी।" फिलहाल ऑफलाइन भुगतान में लेनदेन की ऊपरी सीमा 500 रुपये है। इसके साथ किसी भी समय भुगतान साधन पर ऑफलाइन लेनदेन की कुल सीमा 2,000 रुपये है। रिजर्व बैंक ने ऑफलाइन लेनदेन में छोटे मूल्य के डिजिटल भुगतानों को सुविधाजनक बनाने के लिए जनवरी, 2022 में जारी 'ऑफलाइन ढांचे' के प्रावधानों को संशोधित किया। केंद्रीय बैंक ने इस साल अक्टूबर में यूपीआई लाइट के आफलाइन भुगतान की सीमा बढ़ाने की घोषणा की थी।
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नयी दिल्ली. अदाणी डिफेंस एंड एयरोस्पेस ने भारतीय नौसेना को दूसरा दृष्टि-10 स्टारलाइनर निगरानी ड्रोन सौंप दिया है। इससे समुद्री क्षेत्रों में निगरानी करने और समुद्री लुटेरों के जोखिम को कम करने के लिए भारत की समुद्री सेना की क्षमता बढ़ेगी। मामले से अवगत सूत्रों ने बताया कि इस वर्ष की शुरुआत में भारतीय नौसेना को पहला दृष्टि-10 सौंपे जाने के बाद दूसरे मानवरहित हवाई वाहन (यूएवी) को नौसेना के समुद्री अभियानों में शामिल करने की प्रक्रिया गुजरात के पोरबंदर में शुरू की गई। यह इजराइल के ड्रोन हर्मीस 900 मध्यम ऊंचाई वाले लंबे समय तक उड़ान भरने वाले यूएवी का एक संस्करण है। उद्योगपति गौतम अदाणी के स्वामित्व वाले समूह की कंपनी अदाणी डिफेंस एंड एयरोस्पेस द्वारा हैदराबाद स्थित संयंत्र में बनाया गया दृष्टि 10 स्टारलाइनर ड्रोन एक उन्नत खुफिया, निगरानी तथा टोही (आईएसआर) उपकरण है, जिसमें 36 घंटे चलने और 450 किलोग्राम पेलोड की क्षमता है। यूएवी प्रणाली की उड़ान योग्यता के लिए नाटो के एसटीएएनएजी 4671 (मानकीकृत समझौता 4671) प्रमाणीकरण के साथ, यह एकमात्र सभी मौसमों में काम करने वाला सैन्य उपकरण है, जिसे पृथक और असंबद्ध दोनों प्रकार के हवाई क्षेत्र में उड़ान भरने की अनुमति है। सूत्रों ने बताया कि यह दीर्घकालिक, सतत बहु-पेलोड, पूर्ण स्वायत्त क्षमताएं और सैटकॉम-आधारित परिचालन उपलब्ध कराता है। दृष्टि 10 भारतीय नौसेना को विशाल समुद्री क्षेत्रों पर निगरानी करने की बेजोड़ क्षमताएं प्रदान करता है। उल्लेखनीय है कि पहला दृष्टि-10 स्टारलाइनर भारतीय नौसेना को इस साल जनवरी में दिया गया था। इसके अलावा, भारतीय सेना को जून में इसकी आपूर्ति की गयी थी।
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नई दिल्ली। लंबी अटकलों और कई स्पाई शॉट्स के बाद, HCIL (होंडा कार्स इंडिया लिमिटेड) ने आखिरकार अमेज Amaze सब 4 एम सेडान को भारत में लॉन्च कर दिया है.। अमेज नई डिजाइन लैंग्वेज के साथ उतारा गया है.। डिजाइन कॉफी प्रीमियम और स्टाइलिश है और ये कंपनी की ही एलिवेट और होंडा सिटी जैसी झलक देता है.। यह सेडान एक प्रीमियम ट्रीटमेंट के साथ भारत में लॉन्च की गई है जिसमें इस बार सेफ्टी का विशेष ध्यान रखा गया है.।
यह अमेज़ का दूसरा बड़ा अपडेट है. इस अपडेट के साथ कंपनी ने इस कार में कुछ जोरदार डिजाइन एलिमेंट्स और फीचर्स को शामिल किया है। अमेज ने अपने लुक को बदल दिया है और अब ये पहले से कहीं ज्यादा प्रीमियम और स्टाइलिश नजर आ रही है। इतना ही नहीं इसमें सेगमेंट फर्स्ट ADAS भी शामिल किया गया है।कितनी है कीमतनई होंडा अमेज को तीन ट्रिम लेवल में उतारा गया है जिसमें V, VX और ZX ट्रिम्स शामिल हैं । 45 दिनों की अवधि के लिए, सेडान का एंट्री-लेवल वेरिएंट ₹ 7.99 लाख (एक्स-शोरूम) की शुरुआती कीमत पर बेचा जाएगा । वहीं, सबसे महंगे वेरिएंट ZX वेरिएंट की कीमत 10.89 लाख रुपये (एक्स-शोरूम) होगी।कैसा है डिज़ाइननई अमेज काफी प्रीमियम और स्टाइलिश नजर आती है और इसका कारण है नए हेडलैंप, ग्रिल और अपडेटेड फ्रंट बम्पर ,हाउसिंग फॉग लैंप जैसे एलिमेंट्स जो इस कार को प्रीमियम लुक ऑफर करते हैं। कुछ लोगों को ये कार एलिवेट एसयूवी की याद दिला सकती है.। ब्रांड ने इसमें बड़े ओआरवीएम जोड़े हैं, जो एलिवेट पर इस्तेमाल किए गए ओआरवीएम से काफी हद तक सामान हैं.। इस बीच, सेडान का सिल्हूट ओल्ड जेनरेशन जैसा ही लगता है. इसमें ग्राहकों को 15-इंच के अलॉय मिलते हैं।सेफ्टी फीचर्सजापानी वाहन निर्माता ने कॉम्पैक्ट सेडान की फीचर्स की लिस्ट में बड़े बदलाव किए हैं। अमेज़ 8-इंच फ्लोटिंग टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम से लैस है। जो स्टैण्डर्ड रूप में ऐप्पल कारप्ले और एंड्रॉइड ऑटो को इनेबल करता है.। लिस्ट में 7-इंच सेमी-डिजिटल इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर, रियर एसी वेंट, वायरलेस चार्जर, पुश बटन स्टार्ट/स्टॉप, एयर प्यूरीफायर, पूरी तरह से ऑटोमैटिक क्लाइमेट कंट्रोल, वॉकअवे ऑटो लॉक, कनेक्टिविटी फीचर्स और बहुत कुछ शामिल हैं. यह सब डुअल-टोन इंटीरियर्स के साथ आता है।इंजन और पावरइंजन और पावर की बात करें तो नई अमेज में 1.2-लीटर चार-सिलेंडर आई-वीटीईसी पेट्रोल इंजन है जो 89 बीएचपी की पावर और 110 एनएम का पीक टॉर्क देता है। इस यूनिट को एमटी या सीवीटी के साथ जोड़ा गया है। एमटी के साथ 18.65 किमी प्रति लीटर का माइलेज देने का दावा किया गया है, जबकि सीवीटी के साथ यह संख्या 19.46 किमी प्रति लीटर है। -
नई दिल्ली। देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन सी. एस. शेट्टी ने कहा कि कई बार खाताधारक…खासकर वे खाताधारक जिन्होंने सरकारी कार्यक्रमों के तहत वित्तीय मदद हासिल करने के लिए खाते खोले हैं वे सीमित संख्या में लेनदेन करते हैं। खाते में पैसे जमा होने के बाद, अधिकतम केवल दो-तीन बार उससे पैसे निकाले जाते हैं, उसके बाद वह निष्क्रिय हो जाते हैं और उसे निष्क्रिय घोषित कर दिया जाता है।
चेयरमैन ने यह बयान, आरबीआई द्वारा बैंकों से निष्क्रिय या ‘फ्रीज’ किए गए खातों के मुद्दे को तत्काल सुलझाने तथा तिमाही आधार पर केंद्रीय बैंक को प्रगति की रिपोर्ट देने को कहे जाने के कुछ दिन बाद दिया है। एसबीआई ने सप्ताहांत में निष्क्रिय खातों के खिलाफ विशेष अभियान की घोषणा भी की थी। हालांकि, देश के सबसे बड़े बैंक में निष्क्रिय खातों की संख्या के बारे में सटीक जानकारी नहीं मिल पाई है।उन्होंने कहा कि कि गैर-वित्तीय लेनदेन से भी खाता सक्रिय किया जा सकेगा, ‘‘ हमने इस मामले को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के समक्ष उठाया है।’’ एसबीआई के चेयरमैन ने कहा कि मौजूदा नियम एक निश्चित समयावधि में वित्तीय लेनदेन पर केंद्रित हैं, जिसके परिणामस्वरूप बहुत सारे खाते ‘‘निष्क्रिय’’ के रूप में चिह्नित हो जाते हैं।उन्होंने कहा कि जब कोई ग्राहक वास्तव में कोई गैर-वित्तीय लेनदेन करता है, तो यह इस बात का संकेत है कि वह बैंक खाते के बारे में ‘‘जागरूक’’ है और इसलिए इसे सक्रिय खाते के रूप में चिह्नित किया जाता है।भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने किसी खाते को सक्रिय रखने की चुनौती से निपटने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक को पत्र लिखकर नियमों में बदलाव करने का अनुरोध किया और खाते को चालू घोषित करने के लिए शेष राशि की जांच जैसे गैर-वित्तीय लेन-देन पर भी विचार करने का अनुरोध किया है। -
नयी दिल्ली. भारत में किसी भी अन्य देश की तुलना में मोबाइल मैलवेयर हमले सबसे अधिक हो रहे हैं। अमेरिका और कनाडा भी इस मामले में उससे पीछे हैं। ‘जेडस्केलर थ्रेटलैब्ज 2024 मोबाइल, आईओटी एंड ओटी थ्रेट रिपोर्ट' में जून 2023 से मई 2024 के बीच खतरे से संबंधित मोबाइल लेनदेन और संबंधित साइबर खतरों वाले 20 अरब से अधिक ‘डेटासेट' का विश्लेषण किया गया। रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘ भारत मोबाइल मैलवेयर हमलों का सबसे बड़ा निशाना बन गया है। इस दौरान किए कुल हमलों में से 28 प्रतिशत भारत में किए गए। इसके बाद अमेरिका में 27.3 प्रतिशत और कनाडा में 15.9 प्रतिशत हमले हुए। भारत इस सूची में पिछले साल तीसरे स्थान पर था इसके अब इस सूची में शीर्ष पर होना भारतीय उद्यमों के लिए मजबूत सुरक्षा उपायों को अपनाने की महत्वपूर्ण आवश्यकता को रेखांकित करता है। खासकर तेजी से डिजिटल बदलाव और बढ़ते साइबर खतरों के बीच...।'' ‘मैलवेयर' एक सॉफ्टवेयर है जिसका इस्तेमाल मोबाइल या कंप्यूटर पर किसी की पहचान चोरी करने या गोपनीय जानकारी में सेंध लगाने के लिए किया जाता है। रिपोर्ट में बैंकिंग मैलवेयर हमलों में 29 प्रतिशत की वृद्धि और मोबाइल स्पाइवेयर हमलों में 111 प्रतिशत की चौंका देने वाली वृद्धि का खुलासा किया गया है। स्पाइवेयर, मैलवेयर का ही एक प्रकार है। इससे किसी व्यक्ति की जानकारी के बिना उसकी निजी जानकारी हासिल की जाती है। थ्रेटलैब्ज के विश्लेषकों के अनुसार, एचडीएफसी, आईसीआईसीआई और एक्सिस जैसे प्रमुख भारतीय बैंकों के मोबाइल ग्राहकों को निशाना बनाने के फिशिंग प्रयासों में वृद्धि हुई है। ये हमले मोबाइल उपयोगकर्ताओं को वास्तविक बैंकिंग वेबसाइट की हूबहू नकल वाली बैंकिंग वेबसाइट का इस्तेमाल कर निशाना बनाया जाता है। इससे पहले इसी प्रकार की रणनीति का इस्तेमाल फर्जी कार्ड अपडेट साइट के जरिये एंड्रॉयड-आधारित फिशिंग मैलवेयर फैलाने के लिए किया गया, जिससे बड़े पैमाने पर वित्तीय धोखाधड़ी हुई। फिशिंग वास्तव में सॉफ्टवेयर नहीं है, यह जानकारी प्राप्त करने का एक तरीका है। इसमें मैलवेयर का इस्तेमाल करना शामिल हो सकता है। इसमें अक्सर ऐसे ईमेल शामिल होते हैं जिनमें मैलवेयर से संक्रमित वेबसाइटों के लिंक होते हैं। जेडस्केलर के सीआईएसओ-इंडिया के सुवब्रत सिन्हा ने कहा, ‘‘ लीगेसी सिस्टम और असुरक्षित आईओटी/ओटी (इंटरनेट ऑफ थिंग्स/ऑपरेशनल टेक्नोलॉजी) परिवेश साइबर अपराधियों का प्रमुख निशाना बन रहे हैं। हम इनको लक्षित कर हैकिंग प्रयासों में उल्लेखनीय वृद्धि देख रहे हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘ भारतीय उद्यमों के लिए अपने मुख्य परिचालन परिवेश को सुरक्षित करने के लिए एक मजबूत तथा किसी पर भरोसा न करने वाले सुरक्षा ढांचे को अपनाना आवश्यक है। यह न केवल महत्वपूर्ण प्रणालियों की सुरक्षा करेगा, बल्कि तेजी से जुड़ती दुनिया में व्यापार निरंतरता भी सुनिश्चित करेगा'' रिपोर्ट में एक चिंताजनक वैश्विक प्रवृत्ति का भी संकेत दिया गया है, जिसमें गूगल प्ले स्टोर पर 200 से अधिक ऐसे ऐप मिले जो सुरक्षा के लिहाज से खतरनाक थे। वहीं आईओटी मैलवेयर लेनदेन में वार्षिक आधार पर 45 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो आज साइबर खतरों की व्यापक प्रकृति को रेखांकित करता है। सकारात्मक बात यह है कि मैलवेयर उत्पत्ति स्थल के रूप में भारत ने सुधार किया है। वह एपीएसी (एशिया-प्रशांत) क्षेत्र में 5वें स्थान से 7वें स्थान पर पहुंच गया है।
- नयी दिल्ली। चालू रबी मौसम में देश में गेहूं बुवाई का रकबा 6.58 प्रतिशत बढ़कर 200.35 लाख हेक्टेयर हो गया है। वहीं कुल रबी फसलों का रकबा 4.13 प्रतिशत बढ़कर 428.84 लाख हेक्टेयर रहा। कृषि मंत्रालय के सोमवार को जारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली। सर्दियों की मुख्य फसल गेहूं आमतौर पर नवंबर से बोई जाती है और मार्च और अप्रैल के बीच काटी जाती है।इस रबी मौसम में दो दिसंबर तक दलहन का रकबा मामूली रूप से बढ़कर 108.95 लाख हेक्टेयर हो गया, जो पिछले साल 105.14 लाख हेक्टेयर था। इसमें चना 78.52 लाख हेक्टेयर और मसूर 13.45 लाख हेक्टेयर में बोया गया है। मोटे अनाज की बुवाई भी 24.67 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 28.24 लाख हेक्टेयर हो गई, जिसमें ज्वार 17.43 लाख हेक्टेयर और मक्का 6.87 लाख हेक्टेयर में बोया गया है। हालांकि, तिलहन की बुवाई पिछले वर्ष के 84.85 लाख हेक्टेयर की तुलना में घटकर 80.55 लाख हेक्टेयर रहा है। रेपसीड-सरसों का रकबा पहले के 84.85 लाख हेक्टेयर से घटकर 75.86 लाख हेक्टेयर रहा, जबकि मूंगफली का रकबा पहले के 2.11 लाख हेक्टेयर से घटकर 1.97 लाख हेक्टेयर रहा है।
- नयी दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सोमवार को बैंकों से कहा कि वे आवश्यक कदम उठाकर निष्क्रिय या ‘फ्रीज' किए गए खातों की संख्या को ‘तत्काल' कम करें और तिमाही आधार पर इनकी संख्या के बारे में भी जानकारी दें। ऐसे खातों में पड़ी धनराशि की बढ़ती मात्रा पर चिंता व्यक्त करते हुए आरबीआई ने कहा कि उसके पर्यवेक्षी निरीक्षणों से कई समस्याओं का पता चला है, जिसके कारण खाते निष्क्रिय हो रहे हैं या ‘फ्रीज' हो रहे हैं। आरबीआई के पर्यवेक्षण विभाग ने हाल ही में एक विश्लेषण किया, जिसमें पता चला कि कई बैंकों में निष्क्रिय खातों/ बिना दावा किए गए जमा की संख्या उनकी कुल जमा राशि के साथ-साथ निरपेक्ष रूप से भी अधिक थी। सभी बैंकों के प्रमुखों को जारी अधिसूचना में कहा गया, “बैंकों को निष्क्रिय/जमा किए गए खातों की संख्या में कमी लाने और ऐसे खातों को सक्रिय करने की प्रक्रिया को आसान और परेशानी मुक्त बनाने के लिए तत्काल आवश्यक कदम उठाने की सलाह दी जाती है।” इसमें सुझाव दिया गया है कि बैंक मोबाइल/इंटरनेट बैंकिंग, विभिन्न शाखाओं और वीडियो ग्राहक पहचान प्रक्रिया के माध्यम से केवाईसी (अपने ग्राहक को जानो) के निर्बाध अद्यतन को सक्षम करने पर विचार कर सकते हैं।
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नयी दिल्ली. रूपम रॉय ने अखिल भारतीय स्टेट बैंक अधिकारी महासंघ (एआईएसबीओएफ) के महासचिव का पदभार संभाल लिया है। एआईएसबीओएफ ने रविवार को एक बयान में कहा कि 26-27 नवंबर, 2024 को चंडीगढ़ में आयोजित छठी कार्यकारी समिति की बैठक के दौरान आम सहमति से इस संबंध में फैसला किया गया था। रॉय ने दीपक के शर्मा का स्थान लिया, जो 30 नवंबर को बैंक से सेवानिवृत्त हुए थे। रॉय अखिल भारतीय बैंक अधिकारी संघ (एआईबीओसी) के महासचिव भी हैं। इसके अलावा, भारतीय स्टेट बैंक अधिकारी संघ (एसबीआईओए), भुवनेश्वर सर्कल के महासचिव अरुण कुमार बिशोई को एआईएसबीओएफ का नया अध्यक्ष चुना गया है। -
नयी दिल्ली, विमान ईंधन या एटीएफ 1.45 प्रतिशत महंगा हो गया है, जबकि होटल और रेस्तरां में इस्तेमाल होने वाले वाणिज्यिक एलपीजी की कीमत में 16.5 रुपये प्रति 19 किलोग्राम सिलेंडर की वृद्धि हुई। सार्वजनिक क्षेत्र की ईंधन विपणन कंपनियों ने रविवार को कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों के अनुसार अपने मासिक संशोधन के तहत उक्त मूल्य वृद्धि की। राष्ट्रीय राजधानी में एटीएफ की कीमत 1,318.12 रुपये प्रति किलोलीटर या 1.45 प्रतिशत बढ़कर 91,856.84 रुपये प्रति किलोलीटर हो गई। विमान ईंधन की कीमतों में यह लगातार दूसरी मासिक वृद्धि है। इससे पहले एक नवंबर को दरों में 2,941.5 रुपये प्रति किलोलीटर (3.3 प्रतिशत) की वृद्धि की गई थी। मुंबई में एटीएफ की कीमत 84,642.91 रुपये से बढ़कर 85,861.02 रुपये प्रति किलोलीटर हो गई।
तेल कंपनियों ने वाणिज्यिक एलपीजी की कीमत भी 16.5 रुपये बढ़ाकर 1818.50 रुपये प्रति 19 किलोग्राम सिलेंडर कर दी। वाणिज्यिक एलपीजी की कीमत में यह लगातार पांचवीं मासिक बढ़ोतरी है। वाणिज्यिक एलपीजी की कीमत अब मुंबई में 1771 रुपये प्रति सिलेंडर, कोलकाता में 1,927 रुपये प्रति सिलेंडर और चेन्नई में 1,980 रुपये प्रति सिलेंडर है। हालांकि, घरेलू इस्तेमाल वाली रसोई गैस की कीमत 803 रुपये प्रति 14.2 किलोग्राम सिलेंडर पर अपरिवर्तित रही। पेट्रोल और डीजल की कीमतें स्थिर बनी हुई हैं। दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 94.72 रुपये प्रति लीटर है जबकि डीजल की कीमत 87.62 रुपये प्रति लीटर है। - हैदराबाद. दक्षिण एशिया की सबसे बड़ी पॉल्ट्री प्रदर्शनी, 16वें पॉल्ट्री इंडिया एक्सपो 2024 का आयोजन 27 से 29 नवंबर तक किया जायेगा। आयोजकों ने सोमवार को यह जानकारी दी। इस कार्यक्रम में पॉल्ट्री किसानों, उद्योग के पेशेवरों और नीति-निर्माताओं सहित 40,000 से अधिक उपस्थित लोगों के आने की उम्मीद है। आईपीईएमए/पॉल्ट्री इंडिया के अध्यक्ष उदय सिंह ब्यास ने कहा कि 50 से अधिक देशों के 400 से अधिक प्रदर्शक नवीनतम तकनीकों और रुझानों का प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘पॉल्ट्री क्षेत्र भारत की प्रोटीन आवश्यकताओं को पूरा करने और ग्रामीण आजीविका का समर्थन करने के लिए महत्वपूर्ण है।'' सिंह ने कहा कि इस आयोजन से प्रतिभागियों को उभरती प्रौद्योगिकियों, टिकाऊ प्रथाओं और आपूर्ति श्रृंखला व्यवधानों, पर्यावरण संबंधी चिंताओं और रोग प्रबंधन जैसी उद्योग चुनौतियों से निपटने की रणनीतियों के बारे में जानकारी मिलेगी।
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मुंबई. स्थानीय शेयर बाजार में शुक्रवार को तेजी लौटी और बीएसई सेंसेक्स 1,961.32 अंक उछलकर 79,000 के स्तर को फिर से हासिल कर लिया। गिरावट के बाद निचले स्तर पर चौतरफा लिवाली से बाजार को समर्थन मिला। घरेलू संस्थागत निवेशकों की मजबूत लिवाली और अमेरिकी बाजार में मजबूत रुख से भी बाजार में तेजी रही।
तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 1,961.32 अंक यानी 2.54 प्रतिशत उछलकर 79,117.11 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 2,062.4 अंक तक चढ़ गया था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 557.35 अंक यानी 2.39 प्रतिशत की बढ़त के साथ 23,907.25 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स में शामिल सभी तीस शेयर लाभ में रहे।
साप्ताहिक आधार पर बीएसई सेंसेक्स 1,536.8 अंक चढ़ा जबकि एनएसई निफ्टी में 374.55 अंक की तेजी रही।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘बड़ी कंपनियों के शेयरों की अगुवाई में बाजार में चौतरफा लिवाली देखने को मिली। इसका कारण उनका मूल्यांकन कुछ आकर्षक हुआ है। साथ ही वर्ष की दूसरी छमाही में उनका वित्तीय परिणाम बेहतर रहने की उम्मीद है।'' उन्होंने कहा, ‘‘जापान में अक्टूबर महीने में मुद्रास्फीति की दर में गिरावट और 39,000 अरब येन के प्रोत्साहन पैकेज से वैश्विक बाजारों में तेजी रही, जिसका सकारात्मक असर घरेलू बाजार पर रहा। वैश्विक और घरेलू स्तर पर राजनीतिक स्तर पर स्थिति कुछ नरम होने घरेलू बाजार में राहत रही।'' सेंसेक्स में शामिल शेयरों में भारतीय स्टेट बैंक, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, टाइटन, आईटीसी, इन्फोसिस, लार्सन एंड टुब्रो, रिलायंस इंडज्ञट्रीज और बजाज फाइनेंस प्रमुख रूप से लाभ में रहे। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेलज लि. के प्रमुख (शोध और संपत्ति प्रबंधन) सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि रिलायंस समेत प्रमुख कंपनियों के शेयरों में निचले स्तर पर लिवाली से बाजार को समर्थन मिला। रिलायंस इंडस्ट्रीज, आईटी और प्रौद्योगिकी शेयरों में तेज लिवाली देखने को मिली।
अदाणी समूह की सूचीबद्ध कंपनियों में से ज्यादातर लाभ में रहे। अमेरिका में गौतम अदाणी तथा अन्य पर कथित रूप से रिश्वत देने के मामले में शामिल होने के आरोप के बाद समूह की कंपनियों के शेयरों में बृहस्पतिवार को बड़ी गिरावट आई थी। बीएसई में अंबुजा सीमेंट में 3.50 प्रतिशत, एसीसी 3.17 प्रतिशत, अदाणी एंटरप्राइजेज 2.16 प्रतिशत, अदाणी पोर्ट्स में 2.05 प्रतिशत, अदाणी टोटल गैस 1.18 प्रतिशत और एनडीटीवी में 0.65 प्रतिशत की तेजी रही। मझोली कंपनियों का प्रतिनिधित्व करने वाला बीएसई मिडकैप सूचकांक 1.26 प्रतिशत चढ़ा जबकि छोटी कंपनियों से जुड़ा बीएसई स्मॉलकैप सूचकांक में 0.90 प्रतिशत की तेजी रही। शेयर बाजार के आंकड़े के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने बृहस्पतिवार को 5,320.68 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने 4,200.16 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। एशिया के अन्य बाजारों में, दक्षिण कोरिया कॉस्पी और जापान का निक्की बढ़त में रहे जबकि चीन का शंघाई कम्पोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग नुकसान में रहे। यूरोप के प्रमुख बाजारों में दोपहर में गिरावट का रुख रहा। अमेरिकी बाजार बृहस्पतिवार को बढ़त के साथ बंद हुए। वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.19 प्रतिशत चढ़कर 74.37 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल पर रहा। बीएसई सेंसेक्स बृहस्पतिवार को 422.59 अंक और एनएसई निफ्टी 168.60 नुकसान में रहे थे। -
नयी दिल्ली. शादी विवाह के कारण आभूषण एवं खुदरा विक्रेताओं की लिवाली से शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में सोने का भाव 1,100 रुपये उछलकर दो सप्ताह के उच्च स्तर 84,400 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। अखिल भारतीय सर्राफा संघ ने यह जानकारी दी। पिछले सत्र में 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना 79,300 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था।
चांदी की कीमत भी 300 रुपये की तेजी के साथ 93,300 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई। पिछले कारोबारी सत्र में चांदी 93,000 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी। सर्राफा संघ के अनुसार 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने की कीमत में 1,100 रुपये की तेजी आई है। इसके साथ लगातार दूसरे दिन बढ़त दर्ज करते हुए यह 80,000 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। बृहस्पतिवार को सोने की कीमत 78,900 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुई थी। एलकेपी सिक्योरिटीज के उपाध्यक्ष और शोध विश्लेषक (जिंस एवं मुद्रा) जतिन त्रिवेदी ने कहा, ‘‘सोने की खोई हुई स्थिति वापस आने के साथ ही तेजी का रुझान बरकरार है।'' वैश्विक स्तर पर जिंस बाजार में सोना वायदा 36 डॉलर प्रति औंस बढ़कर 2,735.30 डॉलर प्रति औंस रहा।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (जिंस) सौमिल गांधी ने कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच बढ़ते तनाव के बीच सोने के व्यापारियों ने डॉलर की मजबूती को नजरअंदाज कर दिया, जिससे सर्राफा की ओर सुरक्षित निवेश प्रवाह बढ़ रहा है। एशियाई बाजार में चांदी 1.42 प्रतिशत बढ़कर 31.83 डॉलर प्रति औंस पर रही। -
मुंबई. सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया को जनरली समूह के साथ संयुक्त उद्यम के जरिये बीमा कारोबार में प्रवेश करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक से मंजूरी मिल गई है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ने शुक्रवार को शेयर बाजरों को भेजी सूचना में बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 21 नवंबर 2024 के पत्र के जरिये मंजूरी दे दी है। कंपनी सूचना के अनुसार, ‘‘भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 21 नवंबर 2024 के अपने पत्र के जरिये एफजीआईआईसीएल और एफजीआईएलआईसीएल के तहत जनरली समूह के साथ संयुक्त उद्यम के माध्यम से बीमा कारोबार में बैंक के प्रवेश को मंजूरी दे दी है। इसके द्वारा निर्धारित शर्तों के निरंतर अनुपालन और बीमा नियामक इरडा के अनुमोदन के अधीन है।'' भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने अक्टूबर में फ्यूचर जनरली इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड (एफजीआईआईसीएल) और फ्यूचर जनरली इंडिया लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड (एफजीआईएलआईसीएल) में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की हिस्सेदारी के प्रस्तावित अधिग्रहण को मंजूरी दे दी थी। एफजीआईआईसीएल अन्य बीमा के अलावा व्यक्तिगत बीमा, वाणिज्यिक बीमा, सामाजिक और ग्रामीण बीमा प्रदान करता है। एफजीआईएलआईसीएल बचत बीमा, निवेश योजना (यूएलआईपी), टर्म बीमा योजना, स्वास्थ्य बीमा योजना, बाल योजना, सेवानिवृत्ति योजना, ग्रामीण बीमा योजना और समूह बीमा योजना प्रदान करता है। सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने अगस्त की शुरुआत में घोषणा की कि वह जीवन तथा साधारण बीमा उद्यम में कर्ज में डूबी फ्यूचर एंटरप्राइजेज लिमिटेड (एफईएल) की हिस्सेदारी अधिग्रहण के लिए सफल बोलीदाता के रूप में उभरा है।
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मुंबई. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और मालदीव मौद्रिक प्राधिकरण (एमएमए) ने बृहस्पतिवार को सीमापार लेनदेन के लिए स्थानीय मुद्राओं- भारतीय रुपया (आईएनआर) और मालदीव रूफिया (एमवीआर) के उपयोग को बढ़ावा देने को एक रूपरेखा तैयार करने के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए। समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकान्त दास और मालदीव मौद्रिक प्राधिकरण के गवर्नर अहमद मुनव्वर ने हस्ताक्षर किए। आरबीआई ने बयान में कहा, “समझौता ज्ञापन चालू खाता लेनदेन, स्वीकार्य पूंजी खाता लेनदेन और दोनों देशों द्वारा सहमत किसी भी अन्य आर्थिक और वित्तीय लेनदेन में रुपया और एमवीआर के उपयोग को बढ़ावा देता है।” यह ढांचा निर्यातकों और आयातकों को अपनी-अपनी घरेलू मुद्राओं में चालान बनाने और निपटान करने में सक्षम बनाएगा, जिससे विदेशी मुद्रा बाजार में आईएनआर-एमवीआर जोड़ी में व्यापार का विकास संभव हो सकेगा। आरबीआई ने कहा कि स्थानीय मुद्राओं के उपयोग से लेनदेन की लागत और निपटान समय में बचत होगी।
आरबीआई ने कहा, “यह सहयोग आरबीआई और एमएमए के बीच द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।” -
नयी दिल्ली. खाद्य एवं पेय पदार्थों की आपूर्ति करने वाले ऑनलाइन वितरण मंच जोमैटो के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) दीपिंदर गोयल ने अपने ‘चीफ ऑफ स्टाफ' पद के लिए संभावित उम्मीदवारों से पहले वर्ष के लिए 20 लाख रुपये का भुगतान करने को कहा है। गोयल ने बुधवार को कहा कि इस राशि को गैर-लाभकारी संस्था फीडिंग इंडिया को दान किया जाएगा। इसके बदले कंपनी उम्मीदवार की पसंद के किसी चैरिटी को 50 लाख रुपये का योगदान देने की पेशकश करेगी। सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर गोयल ने लिखा, एक ‘चीफ ऑफ स्टाफ' की तलाश कर रहे हैं, जिसका पद विवरण इस प्रकार है ‘‘जो जोमैटो (ब्लिंकिट, डिस्ट्रिक्ट, हाइपरप्योर और फीडिंग इंडिया सहित) के भविष्य के निर्माण के लिए सब कुछ कर सके।'' उन्होंने दावा किया कि यह भूमिका ‘‘ किसी शीर्ष प्रबंधन स्कूल से प्राप्त दो-वर्षीय डिग्री की तुलना में 10 गुना अधिक सीखने का अवसर प्रदान करेगी। इसमें मेरे और उपभोक्ता प्रौद्योगिकी के कुछ सबसे विचारशील लोगों के साथ काम करने का अवसर मिलेगा।'' हालांकि, उन्होंने कहा, ‘‘ यह भूमिका कोई पारंपरिक भूमिका नहीं है, जिसमें ऐसी नौकरियों के साथ मिलने वाले सामान्य भत्ते शामिल हों।'' वेतन विवरण पर गोयल ने लिखा, ‘‘ पहले वर्ष में इस पद के लिए कोई वेतन नहीं मिलेगा। बल्कि आपको इस अवसर के लिए 20 लाख रुपये का भुगतान करना होगा। इस ‘फीस' का 100 प्रतिशत सीधे फीडिंग इंडिया को दान के रूप में दिया जाएगा (यदि आपको यह पद दिया जाता है और आप इसे स्वीकार करते हैं)।'' उन्होंने कहा, ‘‘ हम अपनी ओर से यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि हम यहां पैसा बचाने की कोशिश नहीं कर रहे हैं। हम आपकी पसंद के किसी ‘चैरिटी' में 50 लाख रुपये (चीफ ऑफ स्टाफ के वेतन के बराबर) का योगदान देंगे।'' गोयल ने कहा कि दूसरे वर्ष से ‘‘ हम आपको सामान्य वेतन देना शुरू कर देंगे (निश्चित रूप से 50 लाख रुपये से अधिक), लेकिन इस बारे में हम दूसरे वर्ष की शुरुआत में ही बात करेंगे।'' गोयल ने उम्मीदवारों से कहा कि वे इस पद के लिए केवल इसलिए आवेदन करें क्योंकि इससे उन्हें ‘‘ सीखने का अवसर मिलेगा, न कि किसी ऐसी आकर्षक, अच्छी तनख्वाह वाली नौकरी के लिए जो आपको स्वयं या उन लोगों के सामने अच्छा दिखाएगी जिन्हें आप प्रभावित करना चाहते हैं।'' उन्होंने कहा कि दूसरे शब्दों में कहें तो, ‘‘ इसे एक शिक्षण कार्यक्रम के तौर पर देखें जिसमें व्यक्तिगत तथा व्यावसायिक विकास दोनों है... चाहे आप इस भूमिका में सफल हों या नहीं। हम इस भूमिका के लिए सीखने वाले लोगों को चाहते हैं, ‘बायोडाटा' बनाने वालों को नहीं।'' गोयल ने कहा कि इस पद के लिए ऐसा व्यक्ति चाहिए जिसमें कुछ सीखने की ललक हो, सामान्य समझ हो, सहानुभूति होनी चाहिए तथा इसके लिए अधिक अनुभव की जरूरत नहीं है ... ताकि किसी चीज का कोई बोझ उस पर न हो। उन्होंने कहा कि वह ऐसे व्यक्ति की तलाश में हैं जो ‘‘ जमीन से जुड़ा हो...सही काम करना चाहता हो, भले ही इसके लिए दूसरों को नाराज करना पड़े...और सबसे महत्वपूर्ण बात, वह सीखने की ललक रखता हो।
- मुंबई. देश में दूसरी तिमाही में आर्थिक गतिविधियों में सुस्ती अब बीते दिनों की बात है। त्योहारों के दौरान खर्च से निजी खपत मांग को गति दे रही है और मध्यम अवधि का परिदृश्य मजबूत बना हुआ है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को जारी अपने बुलेटिन में यह कहा है। नवंबर माह के बुलेटिन में प्रकाशित ‘अर्थव्यवस्था की स्थिति' पर एक लेख में यह भी कहा गया है कि चुनौतियों और बढ़ते संरक्षणवाद के बीच 2024 की चौथी तिमाही के दौरान वैश्विक आर्थिक गतिविधियां मजबूत बनी हुई हैं। इसमें कहा गया, ‘‘देश में, 2024-25 की दूसरी तिमाही में जो कुछ सुस्ती देखी गयी थी, वह अब पीछे छूट गई है। इसका कारण यह है कि निजी खपत घरेलू मांग को गति दे रही है और त्योहारों के दौरान खर्च ने तीसरी तिमाही में वास्तविक गतिविधियों को बढ़ाया है। लेख में कहा गया, ‘‘मध्यम अवधि का दृष्टिकोण तेजी का बना हुआ है क्योंकि वृहद आर्थिक बुनियाद की स्वाभाविक ताकत खुद को फिर से स्थापित कर रही है।'' आरबीआई के डिप्टी गवर्नर माइकल देबब्रत पात्रा के नेतृत्व वाली टीम के लिखे इस लेख में कहा गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूती दिखा रही है। इसका कारण त्योहार से जुड़ी खपत और कृषि क्षेत्र में सुधार है। खरीफ फसल के रिकॉर्ड उत्पादन अनुमान के साथ-साथ रबी फसल को लेकर बेहतर संभावनाएं आने वाले समय में कृषि आय और ग्रामीण मांग के लिए अच्छा संकेत हैं। लेख में कहा गया, ‘‘औद्योगिक मोर्चे पर, विनिर्माण और निर्माण में गतिशीलता बरकरार रहने की उम्मीद है। ईवी (इलेक्ट्रिक वाहन) अपनाने, अनुकूल नीतियां, सब्सिडी और बढ़ता बुनियादी ढांचा भारत को टिकाऊ परिवहन के क्षेत्र में अग्रणी बना रहा है। साथ ही उभरते स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्रों में रोजगार सृजन को बढ़ावा दे रहा है।'' लेखकों के अनुसार, भारत के सेवा क्षेत्र में विकास की गति के साथ मजबूत रोजगार सृजन और उच्च उपभोक्ता और कारोबारी भरोसा बने रखने की उम्मीद है। इसमें कहा गया है कि वैश्विक अनिश्चितता और उतार-चढ़ाव वाले विदेशी पोर्टफोलियो निवेश से बॉन्ड और शेयर बाजारों पर दबाव के बावजूद, वित्तीय स्थितियां अनुकूल रहने की संभावना है। कंपनियों के बॉन्ड जारी करने और एफडीआई प्रवाह से यह पता चलता है। लेखकों ने यह भी कहा कि निजी निवेश कमजोर बना हुआ है। कॉरपोरेट आय में कमी के कारण जुलाई-सितंबर, 2024 के दौरान तिमाही आधार पर कम निवेश से यह पता चलता है। आरबीआई ने साफ कहा है कि बुलेटिन में प्रकाशित लेख में व्यक्त विचार लेखकों के हैं और उससे केंद्रीय बैंक का कोई लेना-देना नहीं है।
- नयी दिल्ली. उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने मॉडल सिटी लॉजिस्टिक योजना को अंतिम रूप दे दिया है। इसका मकसद शहरी क्षेत्रों में माल ढुलाई व्यवस्था को कुशल बनाना और लॉजिस्टिक लागत में कमी लाना है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को यह बात कही है। भारत-जर्मन तकनीकी सहयोग के तहत, डॉयचे गेसेलशाफ्ट फर इंटरनेशनल जुसामेनरबीट (जीआईजेड) की ‘ग्रीन फ्रेट प्रोजेक्ट' ने मॉडल सिटी लॉजिस्टिक योजना (सीएलपी) की तैयारी और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेहतर गतिविधियों को अपनाने को लेकर संबंधित राज्य अधिकारियों की मदद की है। यह शहरों में जीवन की समग्र गुणवत्ता में सुधार करते हुए भीड़भाड़, प्रदूषण और लॉजिस्टिक लागत को कम करने के लिहाज से महत्वपूर्ण है। डीपीआईआईटी में अतिरिक्त सचिव राजीव सिंह ठाकुर ने यहां कहा कि दिल्ली और कर्नाटक दोनों सरकारों ने इन योजनाओं को विकसित करने के लिए सहायता प्रदान की है। उन्होंने संवाददाताओं से, ‘‘इसपर काम प्रगति पर है। वे समर्थन देने के लिए सहमत हो गए हैं। यह एक मॉडल योजना है जिसका उपयोग इन शहरों या किसी अन्य शहर द्वारा किया जा सकता है। यह लॉजिस्टिक पर ध्यान देने के लिए एक व्यापक और सैद्धांतिक योजना है।'' डीपीआईआईटी के अनुसार, इससे व्यापार करने में सुगमता को लेकर केंद्र सरकार के एजेंडा को आगे बढ़ाने और 2070 तक शुद्ध रूप से कार्बन उत्सर्जन को शून्य स्तर पर लाने का लक्ष्य हासिल करने में मदद मिलेगी। यह दिशानिर्देश शहरों और राज्यों में काम कर रही इकाइयों के लिए भी है, ताकि शहर के लॉजिस्टिक परिवेश को कुशल और टिकाऊ बनाया जा सके। यह दिशानिर्देश एक ऐसा दस्तावेज है जो संबंधित पक्षों से मिली प्रतिक्रिया और सुझाव के माध्यम से विकसित होता रहेगा और डीपीआईआईटी शहर लॉजिस्टिक योजनाएं तैयार करने के लिए इच्छुक राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों को अपना समर्थन देगा।
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नयी दिल्ली. चार औद्योगिक गलियारों... अमृतसर-कोलकाता, चेन्नई-बेंगलुरु, पूर्वी तट आर्थिक गलियारा और बेंगलुरु-मुंबई ने भारत को दुनिया में एक वैश्विक विनिर्माण शक्ति बनने में मदद की है। उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) इन नये औद्योगिक गलियारों... अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक गलियारा, चेन्नई-बेंगलुरु औद्योगिक गलियारा, पूर्वी तट आर्थिक गलियारा और बेंगलुरु-मुंबई औद्योगिक गलियारा की आठवीं वर्षगांठ मना रहा है। डीपीआईआईटी ने कहा, ‘‘इन गलियारों की स्थापना भारत के औद्योगिक परिदृश्य को बदलने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।'' देश के प्रमुख क्षेत्रों में फैले प्रत्येक गलियारे को रणनीतिक रूप से उद्योग और बुनियादी ढांचे को एकीकृत करने, विश्वस्तरीय संपर्क सुविधा स्थापित करने के लिए तैयार किया गया है। ये गलियारे तेजी से औद्योगीकरण का समर्थन करते हैं। इसमें कहा गया है, ‘‘उच्च गति के रेल नेटवर्क, आधुनिक बंदरगाह, अलग से लॉजिस्टिक केंद्र और अत्याधुनिक हवाई अड्डों के साथ, ये गलियारे बुनियादी ढांचे के विकास में नए मानक स्थापित कर रहे हैं।'' मंत्रिमंडल ने 28 अगस्त को 28,602 करोड़ रुपये के अनुमानित निवेश के साथ राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम (एनआईसीडीपी) के तहत 12 नए परियोजना प्रस्तावों को मंजूरी दी। विभाग ने कहा, ‘‘ये औद्योगिक स्मार्ट शहर, भारत के आर्थिक विकास में रत्नों की तरह हैं। ये अगली पीढ़ी के ‘कनेक्टेड', आत्मनिर्भर केंद्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं जो स्थानीय समुदायों का समर्थन करेंगे और भारत की वैश्विक प्रतिष्ठा को बढ़ाएंगे।
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नयी दिल्ली. वैश्विक बाजारों में मजबूती के रुख के कारण मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में सोने की कीमत 600 रुपये की तेजी के साथ 78,050 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गयी। अखिल भारतीय सर्राफा संघ ने यह जानकारी दी। सोमवार को 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना 77,450 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। कारोबारियों ने कहा कि शादी-विवाह के लिए स्थानीय आभूषण विक्रेताओं और खुदरा विक्रेताओं की खरीदारी बढ़ने से भी सोने की कीमतों में तेजी आई। सोमवार को चांदी 1,500 रुपये उछलकर 93,500 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई। इसका पिछला बंद भाव 92,000 रुपये प्रति किलोग्राम था। 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने का भाव 600 रुपये बढ़कर 77,650 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया। पिछले सत्र में यह 77,050 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कॉमेक्स सोना वायदा 19.50 डॉलर प्रति औंस बढ़कर 2,634.10 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया। एलकेपी सिक्योरिटीज में उपाध्यक्ष शोध विश्लेषक (जिंस और मुद्रा) जतिन त्रिवेदी ने कहा, ‘‘भू-राजनीतिक तनाव बढ़ने के कारण सोने की कीमतों में तेजी आई है। साथ ही रूस-यूक्रेन संघर्ष में परमाणु जोखिमों को लेकर नए सिरे से आशंकाएं पैदा हुई हैं, जिससे सुरक्षित निवेश विकल्प के रूप में सोने की मांग बढ़ी है।'' एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (जिंस) सौमिल गांधी के अनुसार, अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल, डॉलर और सुरक्षित निवेश की मांग में गिरावट के कारण मंगलवार को सोना एक सप्ताह के उच्चस्तर 2,615 डॉलर प्रति औंस के पार निकल गया। एशियाई कारोबारी घंटों में कॉमेक्स चांदी वायदा का भाव 0.79 प्रतिशत बढ़कर 31.47 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया। इस वर्ष सोने में जोरदार तेजी आई और इसने कई रिकॉर्ड बनाए, लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद डॉलर के मजबूत होने के कारण सर्राफा कीमतों पर असर पड़ा है।
- नयी दिल्ली. भारत में वैश्विक क्षमता केंद्र (जीसीसी) 2030 तक 100 अरब अमेरिकी डॉलर का उद्योग बनने की राह पर हैं। एक रिपोर्ट में यह जानकारी देते हुए कहा गया कि उद्योग में 25 लाख से अधिक पेशेवर काम करेंगे।भारत का जीसीसी परिदृश्य: मध्यम आकार के आकांक्षी कंपनियों के लिए आगे बढ़ने का एक रणनीतिक मार्ग' शीर्षक वाली रिपोर्ट में बताया गया कि भारत में 1,700 से अधिक जीसीसी हैं, जो कुल मिलाकर लगभग 64.6 अरब डॉलर का वार्षिक राजस्व आर्जित करते हैं। उद्योग फिलहाल 19 लाख पेशेवरों को रोजगार देता है। रिपोर्ट के मुताबिक, ‘‘भारत के जीसीसी न केवल संख्या में बढ़ रहे हैं, बल्कि जटिलता और रणनीतिक महत्व में भी बढ़ रहे हैं। पिछले पांच साल में इनमें से आधे से अधिक केंद्र पारंपरिक सेवा भूमिकाओं से आगे बढ़कर पोर्टफोलियो और रूपांतरण केंद्रों के रूप में काम करने लगे हैं।'' रिपोर्ट में आगे बताया गया कि 2030 तक भारत में जीसीसी बाजार 100 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है, और कार्यबल की संख्या 25 लाख से अधिक होगी। अध्ययन में अनुमान लगाया गया है कि 2026 तक इनमें से 70 प्रतिशत से अधिक केंद्र उन्नत एआई क्षमताओं को एकीकृत करेंगे।
- नयी दिल्ली. नगर निगमों को गैर-कर राजस्व बढ़ाने और गुणवत्तापूर्ण सार्वजनिक सेवाएं मुहैया कराने के लिए जल आपूर्ति और स्वच्छता जैसी जरूरी सेवाओं के लिए पर्याप्त उपयोगकर्ता शुल्क लेना चाहिए। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की एक रिपोर्ट में यह बात कही गई। 'नगर निगम वित्त पर रिपोर्ट' 2019-20 से 2023-24 (बजट अनुमान) में 232 नगर निगमों (एमसी) की राजकोषीय स्थिति पर गहराई से विचार किया गया है। इसमें खासतौर से 'नगर निगमों में राजस्व सृजन के अपने स्रोत: अवसर और चुनौतियां' विषय पर ध्यान दिया गया। रिपोर्ट के मुताबिक, ''नगर निगम जल आपूर्ति, स्वच्छता और अपशिष्ट प्रबंधन जैसी आवश्यक सेवाओं के लिए उचित और पर्याप्त शुल्क लगाकर गैर-कर राजस्व काफी बढ़ा सकते हैं। ऐसा करके उच्च गुणवत्ता वाली सार्वजनिक सेवाओं की निर्बाध उपलब्धता सुनिश्चित की जा सकती है।'' रिपोर्ट में कहा गया कि ये उपाय, अधिक पारदर्शी और जवाबदेह शासन प्रथाओं के साथ मिलकर, नगर निगमों की वित्तीय सेहत को मजबूत करने में योगदान दे सकते हैं। आरबीआई रिपोर्ट के मुताबिक अगर ऐसा हो सका तो जनता के लिए बेहतर सेवाओं, मजबूत राजस्व और शहरी बुनियादी ढांचे के लगातार उन्नयन का एक चक्र शुरू होगा। मुख्य गैर-कर राजस्व स्रोतों में उपयोगकर्ता शुल्क, व्यापार लाइसेंस शुल्क, लेआउट/ भवन मंजूरी शुल्क, विकास शुल्क, बेहतरी शुल्क, बिक्री और किराया शुल्क, बाजार शुल्क, बूचड़खाना शुल्क, पार्किंग शुल्क, जन्म और मृत्यु पंजीकरण शुल्क शामिल हैं। कर राजस्व के स्रोतों में संपत्ति कर, खाली भूमि कर, जल लाभ कर, विज्ञापन कर, सीवरेज लाभ कर, पशुओं पर कर और गाड़ियों पर कर शामिल हैं।