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- नयी दिल्ली। सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध होने की इच्छा रखने वाली स्टार्टअप इकाइयों के संस्थापकों को बड़ी राहत देते हुए सेबी ने नियमों में संशोधन किया है। इसके तहत उन्हें आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) दस्तावेज दाखिल करने से कम से कम एक साल पहले दिए गए कर्मचारी शेयर विकल्प (ईएसओपी) को बनाए रखने की अनुमति दी गई है। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने मंगलवार को सार्वजनिक की गई एक अधिसूचना में कहा, ''कोई कर्मचारी, जो 'प्रवर्तक' या 'प्रवर्तक समूह' के सदस्य के रूप में पहचाना जाता है, और जिसे मसौदा दस्तावेज दाखिल करने से कम से कम एक साल पहले किसी भी योजना के तहत विकल्प, एसएआर (स्टॉक एप्रिसिएशन राइट्स) या कोई अन्य लाभ दिया गया था, वह ऐसे विकल्प, एसएआर या किसी अन्य लाभ को बनाए रखने और उसका प्रयोग करने का पात्र होगा।'' नए नियम से उन संस्थापकों को सुविधा होगी, जिन्हें दस्तावेजों का मसौदा दाखिल करने से कम से कम एक साल पहले ईएसओपी मिले थे। मौजूदा नियमों के तहत, प्रवर्तक ईएसओपी सहित शेयर आधारित लाभ पाने के लिए अपात्र हैं।
- नयी दिल्ली। सरकार ने विनिर्माताओं से जीएसटी दरों में बदलाव के अनुसार बिना बिके भंडार पर अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) को बदलने के लिए कहा है। सरकार ने विभिन्न उत्पादों और सेवाओं पर जीएसटी को कम कर दिया है, जो 22 सितंबर से लागू होगा। केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, ''नई जीएसटी दरों के अनुसार विनिर्माता, पैकर और आयातक 31 दिसंबर, 2025 तक (या भंडार रहने तक) बिना बिके भंडार पर एमआरपी बदल सकते हैं।'' उन्होंने आगे कहा कि संशोधित कीमतें केवल जीएसटी में हुए बदलाव को ही दिखाएंगी। मंत्री ने कहा कि नया एमआरपी स्टिकर, स्टाम्प या ऑनलाइन प्रिंट के साथ दिखाना चाहिए। साथ ही पुराना एमआरपी भी दिखाई देना चाहिए। जोशी ने कहा, ''कीमत में कोई भी वृद्धि या कमी केवल कर परिवर्तन के अनुरूप ही हो सकती है।'' उन्होंने कंपनियों को विज्ञापनों और सार्वजनिक नोटिसों के जरिये उपभोक्ताओं को सूचित करने का भी निर्देश दिया।
- नयी दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय बाजार में मजबूती के बीच दिल्ली सर्राफा बाजार में मंगलवार को सोने की कीमत 5,080 रुपये की छलांग के साथ अबतक के उच्चतम स्तर 1,12,750 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गई। अखिल भारतीय सर्राफा संघ ने यह जानकारी दी। 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना सोमवार को 1,07,670 रुपये प्रति 10 ग्राम के भाव पर बंद हुआ था।चांदी की कीमत भी 2,800 रुपये उछलकर रिकॉर्ड 1,28,800 रुपये प्रति किलोग्राम (सभी करों सहित) हो गई। पिछली कारोबारी सत्र में यह 1,26,000 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी। वैश्विक बाजार में मंगलवार को सोना उछलकर 3,659.27 डॉलर प्रति औंस के सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गया। इसके बाद यह 3,652.72 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रहा था, जो 16.81 डॉलर यानी 0.46 प्रतिशत की बढ़त दर्शाता है। सर्राफा कारोबारियों ने कहा कि अमेरिका में पिछले सप्ताह आए कमजोर रोजगार आंकड़ों से मौद्रिक नीति में नरमी की संभावना बढ़ी है, जिससे निवेशकों का रुझान सोने जैसे सुरक्षित निवेश साधन की तरफ बढ़ा है। इसके अलावा डॉलर की कमजोरी ने भी कीमती धातुओं को सहारा दिया। इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की मजबूती को आंकने वाला डॉलर सूचकांक 0.17 प्रतिशत गिरकर 97.29 पर आ गया।
- नयी दिल्ली,। वाहन कंपनियों होंडा, जीप, बजाज ऑटो और यामाहा ने जीएसटी दरों में किए गए बदलाव के अनुरूप मंगलवार को अपने वाहनों की कीमतों में कटौती करने की घोषणा की है। होंडा कार्स इंडिया ने कहा कि वह अपनी लोकप्रिय गाड़ियों के दाम घटा रही है। कॉम्पैक्ट सेडान अमेज पर 95,500 रुपये तक, सिटी मॉडल पर 57,500 रुपये तक और एलीवेट मॉडल पर 58,400 रुपये तक की कटौती होगी। जीप इंडिया ने कहा कि जीएसटी दरों को युक्तिसंगत बनाए जाने के बाद उसके कम्पास, मेरिडियन, रैंगलर और लक्जरी एसयूवी ग्रांड चेरोकी की कीमतों में 1.26 लाख रुपये से लेकर 4.8 लाख रुपये तक कटौती की जा रही है। दोपहिया वाहन कंपनी इंडिया यामाहा मोटर ने भी अपने मॉडल के दाम घटाने की घोषणा की है। कंपनी ने कहा कि आर15 बाइक अब 1,94,439 रुपये में मिलेगा, जबकि पहले इसकी कीमत 2,12,020 रुपये थी। इसी तरह रेजेडआर मॉडल का दाम 93,760 रुपये से घटाकर 86,001 रुपये कर दिया गया है। अन्य मॉडलों पर भी 17,581 रुपये तक की राहत मिलेगी। बजाज ऑटो ने भी अपने बजाज एवं केटीएम ब्रांड वाली मोटरसाइकिलों पर 20,000 रुपये तक और तीन-पहिया वाहनों पर 24,000 रुपये तक की कटौती की है। नई दरें 22 सितंबर यानी नवरात्रि के पहले दिन से लागू हो जाएंगी।वाहन कंपनियों ने जीएसटी कटौती को त्योहारी मौसम से पहले लिया गया सराहनीय कदम बताया है।
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नई दिल्ली। एयर इंडिया और इंडिगो ने मंगलवार को पड़ोसी देश नेपाल में जेन जी के विरोध प्रदर्शनों से गहराई अराजकता की स्थिति को देखते हुए दिल्ली और काठमांडू के बीच अपनी उड़ानें रद्द कर दी हैं। एयर इंडिया ने अपने एक बयान में कहा, “काठमांडू में मौजूदा स्थिति को देखते हुए, दिल्ली-काठमांडू-दिल्ली रूट की उड़ानें रद्द कर दी गई हैं। इन उड़ानों में एआई2231/2232, एआई2219/2220, एआई217/218 और एआई211/212 शामिल हैं।”
इंडिगो ने कहा कि काठमांडू में मौजूदा स्थिति को देखते हुए, हवाई अड्डे को परिचालन के लिए बंद कर दिया गया हैएयर इंडिया के एक प्रवक्ता ने कहा, “हम स्थिति पर कड़ी नजर रख रहे हैं और जल्द आगे की जानकारी साझा करेंगे। एयर इंडिया में हम हमारे यात्रियों और चालक दल की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हैं।” इंडिगो ने कहा कि काठमांडू में मौजूदा स्थिति को देखते हुए, हवाई अड्डे को परिचालन के लिए बंद कर दिया गया है। एयरलाइन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “काठमांडू आने-जाने वाली सभी उड़ानें फिलहाल स्थगित हैं। अगर आपकी यात्रा प्रभावित होती है तो आप सुविधाजनक रूप से कोई वैकल्पिक उड़ान चुन सकते हैं या हमारी वेबसाइट पर जाकर रिफंड का दावा कर सकते हैं।”ग्राहकों को सलाह दी जाती है कि वे लेटेस्ट अपडेट के लिए हमारे आधिकारिक चैनल देखते रहेंइंडिगो ने कहा, “हम घटनाक्रम पर कड़ी नजर रख रहे हैं और जल्द से जल्द परिचालन फिर से शुरू करने के लिए स्थानीय अधिकारियों के साथ कॉर्डिनेट कर रहे हैं। ग्राहकों को सलाह दी जाती है कि वे लेटेस्ट अपडेट के लिए हमारे आधिकारिक चैनल देखते रहें। हम सामान्य परिचालन की बहाली की प्रतीक्षा कर रहे हैं और आपके धैर्य के लिए तहे दिल से आपका आभार व्यक्त करते हैं।”नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली ने सोमवार को 19 प्रदर्शनकारियों की हत्या के बाद दूसरे दिन विरोध प्रदर्शन तेज होने पर अपने पद से इस्तीफा दे दियाइस बीच, नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली ने सोमवार को 19 प्रदर्शनकारियों की हत्या के बाद दूसरे दिन विरोध प्रदर्शन तेज होने पर अपने पद से इस्तीफा दे दिया। नेपाल में जेन जी भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया पर बैन की जवाबदेही की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। प्रदर्शन के पहले दिन ही कई लोगों की मौत हो गई। इससे गुस्साए देश भर के प्रदर्शनकारियों ने नेताओं के घरों और सरकारी इमारतों पर हमला करना शुरू कर दिया।मंगलवार को प्रदर्शनकारियों ने काठमांडू में संसद भवन में घुसकर आग लगा दीमंगलवार को प्रदर्शनकारियों ने काठमांडू में संसद भवन में घुसकर आग लगा दी। प्रदर्शनकारियों ने सोमवार को भी इमारत को नुकसान पहुंचाने की असफल कोशिश की थी, जिसके बाद पुलिस की कड़ी कार्रवाई में कई लोगों की मौत हो गई थी।भारत ने कहा कि नेपाल में बदलते और बिगड़ते हालातों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। - मुंबई। मुंबई की उपनगरीय रेल यात्रा में जल्द ही बड़ा बदलाव आने वाला है। मुंबई रेलवे विकास निगम लिमिटेड (एमआरवीसी) ने 2,856 पूरी तरह वातानुकूलित वंदे मेट्रो (उपनगरीय) कोचों की खरीद के लिए एक बड़ी निविदा जारी की है।मुंबई रेलवे विकास निगम लिमिटेड के चेयरमैन और एमडी विलास सोपन वाडेकर ने वंदे मेट्रो ट्रेन की जानकारी साझा कीमुंबई रेलवे विकास निगम लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक विलास सोपन वाडेकर ने बताया कि वंदे मेट्रो ट्रेन के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह निविदा मुंबई अर्बन ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट फेज III और IIIए के तहत जारी की गई है। यह मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत पहल का हिस्सा है। उन्होंने कहा, “इसमें न केवल आधुनिक कोचों की आपूर्ति शामिल है, बल्कि 35 साल तक उनका रखरखाव भी किया जाएगा। इन नई ट्रेनों में 12, 15 और 18 डिब्बों वाले रेक होंगे, जो भविष्य की बढ़ती यात्री संख्या को संभालने में सक्षम होंगे। वर्तमान में ज्यादातर सेवाएं 12 डिब्बों वाले रेकों से ही चलती हैं।”निविदा जमा करने की प्रक्रिया 8 दिसंबर 2025 से शुरू होगी और यह 22 दिसंबर 2025 को खोली जाएगीइस परियोजना के लिए मध्य रेलवे (भिवपुरी) और पश्चिम रेलवे (वानगांव) में दो अत्याधुनिक रखरखाव डिपो भी बनाए जाएंगे। निविदा जमा करने की प्रक्रिया 8 दिसंबर 2025 से शुरू होगी और यह 22 दिसंबर 2025 को खोली जाएगी। यह पहल ‘मेक इन इंडिया’ नीति के तहत की जा रही है, जिससे घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा।सभी एसी कोच वातानुकूलित होंगे, जिससे गर्मी और भीड़भाड़ में भी यात्री आरामदायक महसूस करेंगेविलास सोपन वाडेकर ने कहा कि सभी एसी कोच वातानुकूलित होंगे, जिससे गर्मी और भीड़भाड़ में भी यात्री आरामदायक महसूस करेंगे। इनमें स्वचालित दरवाजे होंगे, जो सुरक्षा बढ़ाएंगे। साथ ही, बेहतर एक्सीलरेशन और डिसीलरेशन से समयबद्धता में सुधार होगा और ये ट्रेनें 130 किमी प्रति घंटा तक की रफ्तार से चल सकेंगी।इस कदम का उद्देश्य मुंबई के दैनिक यात्रियों के लिए यात्रा को अधिक आरामदायक, सुरक्षित और कुशल बनाना हैउन्होंने आगे बताया कि इस कदम का उद्देश्य मुंबई के दैनिक यात्रियों के लिए यात्रा को अधिक आरामदायक, सुरक्षित और कुशल बनाना है। रोजाना सफर करने वाले यात्रियों को विशेष फायदा होगा। कम समय में यात्रियों को सुगम यात्रा मिलेगी। समय से काम पूरा हो, इसका विशेष ध्यान दिया जाएगा।मुंबई की जलवायु के अनुसार उच्च क्षमता वाले एचवीएसी सिस्टम के साथ, विक्रेताओं के लिए अलग एसी डक्ट वाले विशेष डिब्बे भी होंगेआधुनिक सुविधाओं के बारे में बताते हुए कहा कि कोचों में गद्देदार सीटें, मोबाइल चार्जिंग पॉइंट और इंफोटेनमेंट सिस्टम जैसी आधुनिक सुविधाएं होंगी। मुंबई की जलवायु के अनुसार उच्च क्षमता वाले एचवीएसी सिस्टम के साथ, विक्रेताओं के लिए अलग एसी डक्ट वाले विशेष डिब्बे भी होंगे।
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नई दिल्ली। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का इस्तेमाल पूरी दुनिया में तेजी से बढ़ रहा है। अब दिग्गज टेक्नोलॉजी कंपनी गूगल ने भी सर्च में हिंदी में एआई मोड शुरू कर दिया है। यह वैश्विक स्तर पर सभी हिंदी यूजर्स के लिए उपलब्ध होगा। कंपनी ने बताया कि इस अपटेड के साथ यूजर्स, लंबे एवं कठिन और हल्के-फुल्के सवाल हिंदी में पूछ सकते हैं और इसका जवाब हिंदी में दिया जाएगा।
कंपनी ने एक ब्लॉगपोस्ट में कहा, “हमने हाल ही में इसे भारत में अंग्रेजी में लॉन्च किया है और कठिन प्रश्नों को संभालने की इसकी क्षमता पर हमें शानदार प्रतिक्रिया मिली है। हम अगला कदम उठाते हुए बेहद उत्साहित हैं और आज से हम दुनिया भर के उपयोगकर्ताओं के लिए हिंदी में एआई मोड शुरू कर रहे हैं।”एआई मोड को ऐसे प्रश्नों के उत्तर देने के लिए डिजाइन किया गया है जिनके उत्तर खोजने के लिए सामान्यतः कई बार सर्च करना पड़ता है।गूगल सर्च में प्रोडक्ट मैनेजमेंट की उपाध्यक्ष हेमा बुधराजु ने कहा, “एआई सर्च को और भी उपयोगी और गूगल से कुछ भी सवाल करने को पहले से कहीं ज्यादा आसान बना रहा है। हम एआई मोड को हिंदी में लाने को लेकर उत्साहित हैं और यह देखने के लिए उत्सुक हैं कि लोग इसका इस्तेमाल कैसे करते हैं।”उन्होंने आगे कहा, “दुनिया भर के लोगों के लिए सर्च को एक बेहतरीन अनुभव बनाना सिर्फ अनुवाद से कहीं ज्यादा है। इसके लिए स्थानीय ज्ञान और संदर्भ की गहरी समझ की जरूरत होती है, और जेमिनी 2.5 की एडवांस मल्टीमॉडल और रीजनिंग क्षमताएं हमें भाषा को बेहतर ढंग से समझने में मदद करती हैं।”एआई मोड अपनी क्षमताओं से यूजर्स के कठिन सवालों को भी समझने में सक्षम है। यह बागवानी, सुगंधित एवं रात में खिलने वाले फूलों और विशेष वातावरण जैसे अनुरोधों की बारीकियों और जटिलताओं को समझ सकता है और घरेलू बागवानी के लिए अनुकूलित सुझाव प्रदान कर सकता है। कंपनी ने कहा कि इस लॉन्च से यूजर्स को बेहतर सर्च अनुभव, सूचना तक आसान पहुंच और अपनी पसंदीदा भाषाओं में जानकारी तलाशने का अधिक आसान तरीका मिलेगा। -
नई दिल्ली। केंद्रीय संचार एवं उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दुबई में आयोजित 28वें यूनिवर्सल पोस्टल कांग्रेस में यूपीआई-यूपीयू इंटीग्रेशन प्रोजेक्ट का शुभारंभ किया। यह ऐतिहासिक पहल विश्वभर के करोड़ों लोगों के लिए सीमा-पार धन प्रेषण की प्रक्रिया में क्रांतिकारी बदलाव लाएगी।
यह तकनीक भारत के डाक विभाग, एनपीसीआई इंटरनेशनल पेमेंट्स लिमिटेड (एनआईपीएल) और यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन (यूपीयू) के सहयोग से विकसित की गई है। इस परियोजना में भारत के यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) को यूपीयू इंटरकनेक्शन प्लेटफॉर्म (आईपी) से जोड़ा गया है, जिससे डाक नेटवर्क की पहुंच और यूपीआई की गति व किफायत का अद्वितीय संयोजन स्थापित हुआ है।इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने कहा कि यह केवल टेक्नोलॉजी लॉन्च नहीं है, बल्कि एक सामाजिक संकल्प है। डाक नेटवर्क की विश्वसनीयता और यूपीआई की तेजी मिलकर यह सुनिश्चित करेगी कि परिवार सीमाओं के पार भी तेज, सुरक्षित और कम लागत पर धन भेज सकें। यह साबित करता है कि नागरिकों के लिए बनी सार्वजनिक संरचनाएं, सीमाओं के पार जुड़कर मानवता की बेहतर सेवा कर सकती हैं।केंद्रीय मंत्री ने भारत की आधुनिक, समावेशी डाक प्रणाली की कार्ययोजना साझा की, जिसे उन्होंने चार क्रियाओं से परिभाषित किया। कनेक्ट-डेटा-आधारित लॉजिस्टिक्स के माध्यम से निर्बाध जोड़। इंक्लूड- हर प्रवासी और डिजिटल उद्यम तक किफायती डिजिटल वित्तीय सेवाएं पहुंचाना। मॉडर्नाइज- एआई, डिजिपिन और मशीन लर्निंग का उपयोग। कोऑपरेट- दक्षिण-दक्षिण सहयोग और यूपीयू समर्थित तकनीकी प्रकोष्ठ।अपने संबोधन में सिंधिया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आधार, जनधन और इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के साथ हमने 560 मिलियन से अधिक खाते खोले हैं, जिनमें अधिकांश महिलाओं के नाम पर हैं। इंडिया पोस्ट ने पिछले वर्ष 900 मिलियन से अधिक पत्र और पार्सल वितरित किए। यही पैमाना और यही समावेश की भावना हम वैश्विक मंच पर लेकर आते हैं।केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने घोषणा की कि भारत इस चक्र में 10 मिलियन अमेरिकी डॉलर का योगदान देगा ताकि तकनीक के माध्यम से नवाचार को बढ़ावा दिया जा सके, विशेषकर ई-कॉमर्स और डिजिटल पेमेंट्स पर फोकस के साथ। उन्होंने प्रधानमंत्री के ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ के संकल्प को आगे बढ़ाते हुए कहा कि भारत संसाधनों, विशेषज्ञता और मित्रता के साथ विश्व समुदाय के साथ खड़ा है।इस दौरान सिंधिया ने यह भी घोषणा की कि भारत यूपीयू काउंसिल ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन और पोस्टल ऑपरेशंस काउंसिल दोनों में अपनी दावेदारी पेश करेगा। इससे भारत की यह प्रतिबद्धता और मजबूत होती है कि वह वैश्विक डाक समुदाय के लिए एक जुड़ा हुआ, समावेशी और सतत भविष्य बनाने में अग्रणी भूमिका निभाएगा।सिंधिया ने कहा कि भारत आपके पास प्रस्ताव लेकर नहीं, बल्कि साझेदारी लेकर आया है। हम ऐसे समाधान बनाने में विश्वास रखते हैं, जो महंगे विखंडन से बचाएं और भरोसे के साथ भुगतान, पहचान, पता और लॉजिस्टिक्स जुड़कर वैश्विक व्यापार को सहज बना सकें। - नयी दिल्ली. जर्मनी की लग्जरी कार विनिर्माता ऑडी ने सोमवार को भारत में अपने विभिन्न मॉडलों की कीमतों में 2.6 लाख रुपये से लेकर 7.8 लाख रुपये तक कटौती की घोषणा की। कंपनी ने एक बयान में कहा कि 'जीएसटी 2.0' लागू होने के बाद उसने अपने सभी मॉडलों की कीमतों में संशोधन किया है। इसके तहत ग्राहकों को मॉडल के आधार पर 2.6 लाख रुपये से लेकर 7.8 लाख रुपये तक का लाभ मिलेगा।नई कीमतों के तहत कंपनी की शुरुआती एसयूवी क्यू3 की कीमत 43.07 लाख रुपये से शुरू होगी, जो पहले 46.14 लाख रुपये थी। इसी तरह शीर्ष एसयूवी क्यू8 की शुरुआती कीमत 1.18 करोड़ रुपये से घटकर 1.1 करोड़ रुपये हो जाएगी। एसयूवी क्यू5 और क्यू7 जैसे अन्य मॉडलों के साथ ही सेडान ए4 और ए6 की कीमतों में भी कमी की गई है।
- नयी दिल्ली. वेदांता लि. ने सोमवार को कहा कि उसने देश के इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिए धातु विनिर्माण को बढ़ावा देने को लेकर 12,500 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए हैं। कंपनी एल्युमीनियम, जस्ता, मूल्यवर्धित मिश्रधातु, तांबा, इस्पात, निकेल और फेरोक्रोम सहित उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला का उत्पादन करती है। वेदांता ने बयान में कहा, ‘‘ईवी उद्योग के लिए इन महत्वपूर्ण तत्वों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कंपनी ने 12,500 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए हैं।इस निवेश में एल्युमीनियम स्मेल्टर में क्षमता विस्तार, एल्युमीनियम मूल्यवर्धित उत्पादों को बढ़ावा देना, जस्ता मिश्रधातु संयंत्र की स्थापना, जस्ता उत्पादन के लिए रोस्टर की स्थापना और फेरोक्रोम क्षमता वृद्धि शामिल है।'' कंपनी के एल्युमीनियम उत्पादों में पहिया, इंजन ब्लॉक और सिलेंडर-हेड अनुप्रयोगों के लिए प्राथमिक फाउंड्री मिश्रधातु, बैटरी केसिंग के लिए बिलेट, हीटिंग, वेंटिलेशन और एयर कंडीशनिंग सिस्टम और ईवी फ्रेम शामिल हैं। वेदांता के एल्युमीनियम का परीक्षण दुर्घटना-रोधी मिश्रधातुओं और ऊर्जा भंडारण समाधानों में सफलता के लिए भी किया जा रहा है। ईवी में एल्युमीनियम का अधिक उपयोग बैटरी के भार को संतुलित करके उनकी ‘ड्राइविंग रेंज' को बढ़ाता है, जिससे कुल लागत कम हो जाती है।
- 0- निसान ने भी कटौती कीनयी दिल्ली. लक्जरी वाहन विनिर्माता लेक्सस इंडिया और वाहन कंपनी निसान मोटर इंडिया ने वाहनों पर जीएसटी दरों में की गई कटौती का लाभ ग्राहकों तक पहुंचाने के लिये सोमवार को अपनी गाड़ियों के दाम घटाने की घोषणा की। दोनों कंपनियों ने अलग-अलग जारी बयानों में कहा कि संशोधित कीमतें 22 सितंबर यानी नवरात्रि के पहले दिन से प्रभावी हो जाएंगी। लेक्सस इंडिया ने कहा कि उसने अपनी पूरी उत्पाद श्रृंखला की कीमतों में अधिकतम 20.8 लाख रुपये तक की कमी की है। कंपनी के छह मॉडल में से सेडान ईएस 300एच की कीमतों में 1.47 लाख रुपये और अग्रणी एसयूवी एलएक्स 500डी के दाम में अधिकतम 20.8 लाख रुपये तक की कमी होगी।लेक्सस इंडिया के अध्यक्ष हिकारू इकेउची ने इसे ‘ऐतिहासिक सुधार' करार देते हुए कहा कि यह पहल लक्जरी परिवहन क्षेत्र में सुलभता बढ़ाने और भरोसा जगाने वाली है। वहीं, निसान मोटर इंडिया ने अपने कॉम्पैक्ट एसयूवी मैग्नाइट की कीमतों में 52,400 रुपये से लेकर एक लाख रुपये तक की कटौती करने की घोषणा की है। दरों में बदलाव के बाद नई निसान मैग्नाइट की शुरुआती कीमत अब छह लाख रुपये से नीचे आ गई है। निसान मोटर इंडिया के प्रबंध निदेशक सौरभ वत्स ने कहा, ‘‘जीएसटी दरों में कटौती वाहन उद्योग को सही समय पर मिला प्रोत्साहन है और इससे सीधे ग्राहकों को लाभ होगा। हम इसका पूरा लाभ ग्राहकों तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।'' दोनों कंपनियों ने कहा कि जीएसटी दर कटौती से त्योहारी सीजन की शुरुआत में गाड़ियों की मांग बढ़ने की संभावना है।
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नयी दिल्ली. उद्योगपति नवीन जिंदल ने सोमवार को कहा कि कुछ इस्पात उत्पादों के आयात पर प्रस्तावित 12 प्रतिशत रक्षोपाय शुल्क पर्याप्त है और अगर भविष्य में आयात संबंधी चुनौतियों का सामना करना पड़ा तो उद्योग सरकार से फिर संपर्क करेगा। व्यापार उपचार महानिदेशालय (डीजीटीआर) ने घरेलू विनिर्माताओं को आयात में अचानक वृद्धि से बचाने के लिए कुछ सपाट इस्पात उत्पादों के आयात पर तीन साल के लिए रक्षोपाय शुल्क लगाने की अंतिम सिफारिश की है। भारतीय इस्पात संघ की एक शिकायत पर शुरू की गई जांच के अंतिम निष्कर्षों में डीजीटीआर ने इस शुल्क की सिफारिश की थी। जिंदल ने यहां ‘आईएसए स्टील कॉन्क्लेव 2025' के अवसर पर संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम चाहते थे कि यह 25 प्रतिशत (सुरक्षा शुल्क) हो। लेकिन अगर उनकी (डीजीटीआर) समझ से 12 प्रतिशत की सिफारिश हुई है... तो यह पर्याप्त है।'' यह पूछने पर कि क्या अमेरिका जैसे देशों, जिन्होंने 50 प्रतिशत तक के शुल्क लगाए हैं, की तुलना में 12 प्रतिशत शुल्क पर्याप्त है, जिंदल ने कहा कि डीजीटीआर किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले यह देखता है कि उद्योग को किस प्रकार का नुकसान हो रहा है। भारतीय इस्पात संघ (आईएसए) के अध्यक्ष जिंदल ने कहा, ‘‘हम इसका सम्मान करते हैं और अगर कोई समस्या हुई, तो हम इसे फिर से उठाएंगे।'' उन्होंने यह भी बताया कि शुल्क के कारण विभिन्न देशों से अमेरिका को निर्यात बंद होने के कारण वैश्विक कीमतें प्रभावित हो रही हैं। उन्होंने आगे कहा कि वित्त वर्ष 2025-26 में घरेलू इस्पात की मांग दोहरे अंकों में बढ़ने की उम्मीद है।
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म्यूनिख। जर्मनी की वाहन कंपनी फॉक्सवैगन भारत को अपनी किफायती छोटी इलेक्ट्रिक कारों के लिए एक संभावित बाजार के रूप में देख रही है और भागीदारों के साथ मिलकर उन्हें बाजार में सर्वोत्तम तरीके से पेश करने पर काम कर रही है। फॉक्सवैगन के मुख्य कार्यपालक (सीईओ) ओलिवर ब्लूम ने रविवार को यह जानकारी दी। ब्लूम ने आईएए मोबिलिटी के दौरान कहा कि समूह ने इस आयोजन में पहली बार सम्पूर्ण इलेक्ट्रिक छोटी कार श्रृंखला पेश की। समूह का मानना है कि भारत में वाहनों पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) में कटौती से भारतीय वाहन बाजार और अधिक आकर्षक हो गया है। भारत को लेकर ब्लूम ने कहा, ‘‘भारत एक शानदार बाज़ार है। हम यहां बहुत ज़्यादा संभावनाएं देखते हैं। हम अपने साझेदारों के साथ मिलकर यह तय कर रहे हैं कि हम यहां क्या कर सकते हैं और एक छोटी कार भी ला सकते हैं।'' उन्होंने यह भी कहा कि भारत में उनके महंगे और लक्जरी ब्रांड, जैसे ऑडी, पोर्श और लैम्बोर्गिनी के लिए भी अच्छी संभावनाएं हैं। ब्लूम ने कहा कि कर कम होने से कंपनियों को काफी मदद मिलती है और यह देश के लिए भी अच्छा है।
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नयी दिल्ली. जीएसटी दरों को युक्तिसंगत बनाए जाने के बाद मारुति सुजुकी की ऑल्टो से लेकर शीर्ष श्रेणी वाली मर्सिडीज-बेंज एस-क्लास तक, विभिन्न कारों की कीमतें 45,000 रुपये से लेकर 10 लाख रुपये तक घटने की संभावना है। उद्योग विशेषज्ञों ने यह जानकारी दी। नई दरें 22 सितंबर से लागू होगीं, जिसके बाद छोटी कारों की कीमतों में 45,000 रुपये से एक लाख रुपये तक की कमी आ सकती है। उद्योग जगत की सबसे किफायती शुरुआती स्तर की कार मारुति सुजुकी ऑल्टो की शोरूम कीमत इस समय 4.23 लाख रुपये है। इसी तरह, लक्जरी कार निर्माता मर्सिडीज-बेंज ए-क्लास से लेकर टॉप-एंड एस-क्लास तक की कीमतों में दो लाख रुपये से 10 लाख रुपये तक की कटौती कर सकती है। जीएसटी परिषद ने पिछले सप्ताह स्लैब को पांच प्रतिशत और 18 प्रतिशत तक सीमित करने को मंजूरी दी थी, जो नवरात्रि के पहले दिन 22 सितंबर से प्रभावी होगा। ऑडी इंडिया ने एक बयान में कहा, ‘‘22 सितंबर को जीएसटी दरें लागू होने के बाद, हमारी कारों की कीमतों में चार से छह प्रतिशत की कमी आने की संभावना है। अंतिम गणना अभी जारी है।'' इसी तरह, बीएमडब्ल्यू ग्रुप इंडिया को अपने पोर्टफोलियो एक्स1 से एक्स7 तक की कीमतों में दो लाख रुपये से नौ लाख रुपये तक की कमी आने की उम्मीद है। टाटा मोटर्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा, टोयोटा किर्लोस्कर मोटर और रेनो इंडिया जैसी विभिन्न वाहन कंपनियों ने पहले ही कीमतों में कटौती की घोषणा कर दी है।
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नई दिल्ली। लाल सागर में फाइबर ऑप्टिक केबल क्षतिग्रस्त होने से दुनिया भर में इंटरनेट धीमा हो गया है। यूजर्स को देरी और स्लो इंटरनेट स्पीड का सामना करना पड़ रहा है। इस घटना का असर माइक्रोसॉफ्ट के Azure प्लेटफॉर्म पर भी पड़ा है। ये केबल्स यूरोप और एशिया के बीच इंटरनेट कनेक्शन के लिए बेहद जरूरी हैं। इन केबल्स के टूटने से वैश्विक इंटरनेट ट्रैफिक का करीब 17% हिस्सा प्रभावित हुआ है।
कौन-कौन से सिस्टम प्रभावित हुए?क्षतिग्रस्त केबल्स में SEACOM/TGN-EA, AAE-1 और EIG जैसे प्रमुख सिस्टम शामिल हैं। इनकी वजह से महाद्वीपों के बीच डेटा का प्रवाह बाधित हुआ है।माइक्रोसॉफ्ट ने बताया- केबल कटने से डेटा रूटिंग को करेंगे अनुकूलितमाइक्रोसॉफ्ट ने कहा है कि समुद्र के नीचे बिछी फाइबर ऑप्टिक केबल्स के कटने की मरम्मत में समय लग सकता है। इस दौरान कंपनी लगातार निगरानी रखेगी और डेटा ट्रैफिक को संतुलित करते हुए रूटिंग को अनुकूलित करेगी। इसका उद्देश्य यूजर्स पर प्रभाव को कम करना है।कंपनी ने कहा कि फिलहाल डेटा को अन्य रास्तों से भेजा जा रहा है ताकि सेवाओं में ज्यादा रुकावट न आए।संभावित वजहअधिकारियों ने अभी तक केबल कटने का कारण स्पष्ट नहीं किया है। पिछली घटनाओं में इसका मुख्य कारण वाणिज्यिक जहाजों के एंकर गिरना रहा है। कुछ मामलों में जानबूझकर तोड़फोड़ की आशंका भी जताई गई है। इस क्षेत्र में चल रहे संघर्षों के कारण विशेषज्ञों को डर है कि डिजिटल नेटवर्क को जानबूझकर निशाना बनाया जा सकता है, जिससे वैश्विक कनेक्टिविटी पर खतरा बढ़ सकता है। -
नयी दिल्ली. टोयोटा किर्लोस्कर मोटर ने शनिवार को कहा कि वह जीएसटी दरों में कटौती का लाभ ग्राहकों तक पहुंचाने के लिए अपने वाहनों की कीमतों में 3.49 लाख रुपये तक की कटौती कर रही है। संशोधित कीमतें 22 सितंबर, 2025 से लागू होंगी।
टोयोटा किर्लोस्कर मोटर (टीकेएम) के उपाध्यक्ष (बिक्री,सेवा, प्रयुक्त कार व्यवसाय और लाभ संवर्धन) वरिंदर वाधवा ने एक बयान में कहा, ''एक पारदर्शी और ग्राहक-केंद्रित कंपनी होने के नाते, हमें अपने ग्राहकों तक ये लाभ पहुंचाने में खुशी हो रही है।'' टीकेएम ने कहा कि ग्लैंजा हैचबैक की कीमत 85,300 रुपये तक, टैसर की कीमत 1.11 लाख रुपये, रुमियन की कीमत 48,700 रुपये, हाइराइडर की कीमत 65,400 रुपये, क्रिस्टा की कीमत 1.8 लाख रुपये, हाइक्रॉस की कीमत 1.15 लाख रुपये और फॉर्च्यूनर की कीमत 3.49 लाख रुपये तक कम हो सकती है। इसी तरह, लेजेंडर की कीमत 3.34 लाख रुपये, हाइलक्स की कीमत 2.52 लाख रुपये, कैमरी की कीमत 1.01 लाख रुपये और वेलफायर की कीमत 2.78 लाख रुपये कम होने की उम्मीद है। -
नयी दिल्ली. डेयरी उत्पादों, कृषि से जुड़े सामानों और खाद्य प्रसंस्करण की चीजों पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की दरों में कटौती से 10 करोड़ से ज्यादा डेयरी किसानों को सीधा फायदा होगा और सहकारिता क्षेत्र को मजबूती मिलेगी। सहकारिता मंत्रालय ने शनिवार को यह जानकारी दी। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि जीएसटी की दरों में बदलाव से उर्वरक बनाने में लगने वाले उल्टे कर ढांचे की समस्या खत्म होगी और इससे किसानों के लिए कीमतों में बढ़ोतरी को रोकने में मदद मिलेगी तथा बुआई के मौसम में उन्हें समय पर जरूरी चीजें मिल पाएंगी। बयान के मुताबिक, डेयरी किसानों के लिए, दूध और पनीर पर जीएसटी से छूट मिलने के साथ-साथ प्रसंस्करण उपकरणों पर दरें कम होने से किसानों और डेयरी सहकारी समितियों दोनों का मुनाफा बढ़ने की उम्मीद है। अमूल जैसे प्रमुख डेयरी ब्रांडों ने भी इस फैसले का स्वागत किया है। बयान के अनुसार, ट्रैक्टर और उसके पुर्जों की कीमतों में कमी का मुख्य तौर पर छोटे किसानों को फायदा होगा, जो मिश्रित खेती और पशुपालन में लगे हैं। बयान में कहा गया है कि इन ट्रैक्टरों का इस्तेमाल आमतौर पर चारे की खेती और खेत की पैदावार को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के लिए होता है। बयान के मुताबिक, यह फैसला अर्ध-शहरी और ग्रामीण इलाकों में मांग को बढ़ाने, जरूरी खाने-पीने की चीजों पर परिवारों का खर्च कम करने और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए लिया गया है।
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नई दिल्ली। केंद्रीय इलक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को कहा कि जीएसटी सुधारों के साथ, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्यम वर्गीय परिवारों को बड़ी राहत दी है। घरेलू जरूरतों जैसे टीवी, रेफ्रिजरेटर, डिशवॉशर, माइक्रोवेव और पावर बैंक जैसे विभिन्न प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की कीमतें कम होंगी। खाद्य पदार्थों से लेकर घरेलू सामान और रोजमर्रा की जरूरतों तक, सभी वस्तुओं पर कर का बोझ कम किया गया है। कुल मिलाकर, रोटी, कपड़ा मकान पर टैक्स का भार कम हुआ है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव आज दिल्ली स्थित भाजपा मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि पीएम मोदी की दूरदर्शी योजनाओं के तहत, इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग भारत में एक प्रमुख सेक्टर के रूप में उभरा है। पिछले 11 वर्षों में इस सेक्टर का उत्पादन छह गुना बढ़ा है, जिसके परिणामस्वरूप यह 11.5 लाख करोड़ रुपए की इंडस्ट्री बन गई है। वैष्णव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि इस अवधि के दौरान इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों का निर्यात आठ गुना बढ़ा है और यह उद्योग अब 25 लाख से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान करता है।केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने कहा, “पिछले 11 वर्षों में, इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग भारत में एक बहुत बड़े सेक्टर के रूप में उभरा है। इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन छह गुना बढ़ा है, निर्यात आठ गुना बढ़ा है और यह 11.5 लाख करोड़ रुपए का उद्योग बन गया है। इस इंडस्ट्री में आज 25 लाख लोग काम कर रहे हैं।” उन्होंने बताया कि भारत ने अब इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों की जरूरत की हर चीज का निर्माण देश में ही शुरू कर दिया है।केंद्रीय मंत्री ने कहा, “अगर मोबाइल फोन की बात करें, तो फोन का हर सामान – चाहे वह ग्लास हो, कवर हो, चिप हो, प्रिंटेड सर्किट बोर्ड (पीसीबी) हो या कैमरा मॉड्यूल, देश में ही बनने लगा है।” उन्होंने आगे बताया कि हाल ही में हरियाणा के सोहना में एक फैक्टरी का उद्घाटन किया गया है, जहां स्मार्टफोन में इस्तेमाल होने वाली बैटरी का निर्माण किया जाएगा।केंद्रीय मंत्री ने बताया कि देश को 50 करोड़ बैटरियों की जरूरत है और एक ही फैक्टरी में 20 करोड़ बैटरी पैक बनाए जाएंगे। उन्होंने नागरिकों से भारत में बने उत्पादों को अधिक से अधिक इस्तेमाल करने का आग्रह किया। केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने कहा, “यह आत्मनिर्भर भारत का समय है, जिसमें हर कोई बड़े उत्साह के साथ ‘स्वदेशी’ को अपना रहा है। आप सभी से भी अनुरोध है कि अपने जीवन में ‘स्वदेशी’ उत्पादों का उपयोग बढ़ाएं।” -
नयी दिल्ली.। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सभी राज्यों के वित्त मंत्रियों को पत्र लिखकर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था में ऐतिहासिक बदलाव को लागू करने में उनके समर्थन और सक्रिय भूमिका के लिए आभार व्यक्त किया है। सीतारमण ने कहा कि राज्यों ने कर दरों में बदलाव के प्रस्ताव पर अपने विचार रखे, लेकिन अंततः इस बात पर सहमत हुए कि जीएसटी दरों में कटौती आम आदमी के हित में है। इसी तर्क के आधार पर इस सप्ताह की शुरुआत में जीएसटी परिषद की बैठक में जीएसटी दरों में कटौती का निर्णय सर्वसम्मति से लिया गया। जीएसटी परिषद की बैठक में तीन सितंबर को जीएसटी में व्यापक सुधारों पर सहमति बनी थी। इसके तहत मक्खन से लेकर चॉकलेट, शैंपू से लेकर ट्रैक्टर और एयर कंडीशनर तक कई उत्पादों की दरें कम हुई हैं। सिगरेट, तंबाकू जैसे अहितकर वस्तुओं समेत जीएसटी के दायरे में आने वाली सभी वस्तुओं पर नयी दरें 22 सितंबर से लागू होंगी। जीएसटी परिषद की अध्यक्षता सीतारमण कर रही हैं और इसमें सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि शामिल हैं। उन्होंने कहा, ‘‘कल मैंने राज्यों के वित्त मंत्रियों को पत्र लिखकर उन्हें धन्यवाद दिया और कहा कि आप कितनी भी गहन चर्चा और तर्क कर सकते हैं, लेकिन अंततः परिषद ने इस अवसर पर कदम उठाया और देश के सभी लोगों को राहत प्रदान की। और मैं इस सद्भावपूर्ण रुख के लिए आभारी हूं। इसलिए मैंने यह पत्र लिखा।'' सीतारमण ने कहा कि परिषद का काम वाकई ‘उल्लेखनीय' रहा है।
केंद्र के प्रस्तुत प्रस्ताव पर चर्चा के लिए परिषद की तीन सितंबर से दो दिन की बैठक होनी थी, लेकिन दिन भर चली लंबी बैठक के बाद पहले ही दिन इसे मंजूरी दे दी गई। सीतारमण ने कहा, ‘‘परिषद की भावना यह थी कि यह एक ऐसा प्रस्ताव है, जिससे निस्संदेह आम आदमी को लाभ होगा। इसके खिलाफ खड़े होने का कोई मतलब नहीं है... आखिरकार सभी एक अच्छे उद्देश्य के लिए एक साथ आए और मैं सचमुच बहुत आभारी हूं।'' मंत्री ने कहा कि राज्य हमेशा से दरों में कमी के पक्ष में रहे हैं और उनकी एकमात्र चिंता कर कटौती के बाद उनके राजस्व पर पड़ने वाले प्रभावों को लेकर थी। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने उनसे अपील की थी, देश के लोगों की खातिर, कृपया...। सिर्फ राज्य ही नहीं, केंद्र भी इस कटौती से प्रभावित होने वाला है। लेकिन हम इसकी भरपाई कर लेंगे, क्योंकि एक बार दरें कम हो जाएंगी, तो लोग खरीदारी के लिए निकलेंगे और इससे (राजस्व पर पड़ने वाले प्रभाव) का मुद्दा सुलझ जाएगा। इस तरह से इस पर आम सहमति बनी।'' - नयी दिल्ली.। महिंद्रा एंड महिंद्रा ने जीएसटी दर में कटौती का लाभ ग्राहकों तक पहुंचाने के लिए अपने यात्री वाहनों की कीमत को तत्काल प्रभाव से 1.56 लाख रुपये तक घटा दिया है। महिंद्रा एंड महिंद्रा ने शनिवार को एक बयान में कहा कि कीमत में कटौती तीन सितंबर, 2025 को आयोजित 56वीं जीएसटी परिषद की बैठक में संशोधित जीएसटी की घोषणा के बाद की गई है। कंपनी ने कहा कि सभी लागू आईसीई वाहनों के लिए संशोधित कीमतें छह सितंबर 2025 से प्रभावी होंगी और ये बदलाव सभी डीलरशिप और डिजिटल मंच पर पारदर्शिता के साथ अपडेट किए जाएंगे। कंपनी ने बोलेरो/नियो रेंज की कीमत में 1.27 लाख रुपये, एक्सयूवी3एक्सो (पेट्रोल) में 1.4 लाख रुपये, एक्सयूवी3एक्सओ (डीज़ल) में 1.56 लाख रुपये, थार 2डब्ल्यूडी (डीजल) में 1.35 लाख रुपये, थार 4डब्ल्यूडी(डीजल) में 1.01 लाख रुपये और स्कॉर्पियो क्लासिक की कीमत में 1.01 लाख रुपये की कटौती की है। इसी तरह, स्कॉर्पियो-एन की कीमत में 1.45 लाख रुपये, थार रॉक्स में 1.33 लाख रुपये और एक्सयूवी700 में 1.43 लाख रुपये की कटौती की गई है। रेनो इंडिया ने भी कहा कि जीएसटी दर में हालिया कटौती का पूरा लाभ खरीदारों तक पहुंचाने के लिए वह अपने वाहनों की कीमतों में 96,395 रुपये तक की कटौती करेगी। कंपनी ने शनिवार को यह जानकारी दी। जीएसटी परिषद ने इस सप्ताह की शुरुआत में स्लैब को पांच प्रतिशत और 18 प्रतिशत तक सीमित करने को मंजूरी दी, जो 22 सितंबर से प्रभावी होगा। रेनो ने एक बयान में कहा कि संशोधित मूल्य 22 सितंबर, 2025 को या उसके बाद की जाने वाली सभी डिलीवरी पर प्रभावी होगा। बयान में कहा गया कि ग्राहक देश भर में सभी डीलरशिप पर तुरंत नई कीमतों पर अपनी रेनॉल्ट कार की बुकिंग शुरू कर सकते हैं। रेनॉल्ट इंडिया के प्रबंध निदेशक वेंकटराम मामिलपल्ले ने कहा, "जीएसटी 2.0 का पूरा लाभ ग्राहकों तक पहुंचाना हमारे ग्राहकों के प्रति हमारी अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है। हमारा मानना है कि समय पर की गई यह पहल न केवल हमारी कारों को अधिक सुलभ बनाएगी, बल्कि त्योहारी सीजन के दौरान मांग को भी बढ़ावा देगी।" कंपनी ने कहा कि इस कदम से रेनो की नई कारों, जैसे ट्राइबर और काइगर, की उपयोगिता और महत्त्व बढ़ जाएगा और त्योहारों के मौसम में इनकी बिक्री में तेजी आने की उम्मीद है। वाहन विनिर्माता ने कहा कि एंट्री लेवल क्विड की कीमत में 55,095 रुपये तक, ट्राइबर की कीमत में 80,195 रुपये तक और काइगर की कीमत में 96,395 रुपये तक की कमी की जाएगी।
- कोलकाता। घरेलू उपकरण बनाने वाली कंपनी उषा श्रीराम ने शुक्रवार को अपने प्रीमियम बोतलबंद पानी ब्रांड ‘एक्वाएरो’ की पेशकश के साथ दैनिक उपभोग के उपभोक्ता उत्पाद (एफएमसीजी) खंड में कदम रखने की घोषणा की।इसके साथ ही कंपनी ने अपना आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लाने के पहले दो साल के भीतर अपना राजस्व दोगुना कर 1,000 करोड़ रुपये करने की रूपरेखा भी पेश की।उषा श्रीराम के मुख्य परिचालन अधिकारी सतनाम सिंह संधू ने कहा, ‘‘एक्वाएरो हमारा तीसरा ब्रांड है और एफएमसीजी खंड में यह हमारा पहला कदम है।’’उन्होंने कहा कि भारत में बोतलबंद पानी उद्योग का बाजार लगभग 50,000 करोड़ रुपये का है, जिसमें से 60-70 प्रतिशत भाग असंगठित क्षेत्र का है।उन्होंने कहा, ‘‘इस क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं और हमे लगता है कि एक्वाएरो इस अवसर का लाभ उठाने में एक मजबूत भूमिका निभाएगा।’’उन्होंने उम्मीद जताई कि जीएसटी में कटौती से मांग को बढ़ावा मिलेगा।संधू ने कहा, ‘‘हमें अगले दो वर्षों में राजस्व 1,000 करोड़ रुपये तक पहुंचने का विश्वास है। एक बार जब हम उस राजस्व सीमा को प्राप्त कर लेंगे, तो हम आईपीओ पर विचार करेंगे।’’वर्तमान में, उषा श्रीराम का कुल राजस्व 480 करोड़ रुपये है। कंपनी ने एफएमसीजी खंड में विस्तार का एक खाका भी पेश किया। संधू ने कहा, ‘‘समय आने पर हम आटा, दालें और अन्य आवश्यक वस्तुओं जैसे अन्य उत्पाद लाने पर विचार करेंगे।’’
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नई दिल्ली। ब्रॉडबैंड ग्रोथ के कारण भारत में इंटरनेट सब्सक्राइबर्स की संख्या 30 जून, 2025 तक 1 अरब को पार कर 1,002.85 मिलियन हो गई, जो मार्च की तुलना में 3.48 प्रतिशत अधिक है। यह जानकारी सरकार की ओर से दी गई। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) की एक रिपोर्ट के अनुसार, इन 100 करोड़ से अधिक ग्राहकों में से 4.47 करोड़ के पास वायर्ड इंटरनेट कनेक्शन थे, जबकि 95.81 करोड़ के पास वायरलेस कनेक्शन थे।
ब्रॉडबैंड सब्सक्राइबर्स की संख्या 3.77 प्रतिशत बढ़कर 979.71 मिलियन हो गई, जबकि नैरोबैंड यूजर्स की संख्या घटकर 23.14 मिलियन रह गईब्रॉडबैंड सब्सक्राइबर्स की संख्या 3.77 प्रतिशत बढ़कर 979.71 मिलियन हो गई, जबकि नैरोबैंड यूजर्स की संख्या घटकर 23.14 मिलियन रह गई। जून तिमाही में कुल टेलीफोन ग्राहकों की संख्या 1,218.36 मिलियन तक पहुंच गई, जो पिछली तिमाही की तुलना में 1.46 प्रतिशत अधिक है।आधिकारिक प्रेस रिलीज में कहा गया है कि इससे कुल दूरसंचार घनत्व बढ़कर 86.09 प्रतिशत हो गया, जो पिछली तिमाही में 85.04 प्रतिशत थाआधिकारिक प्रेस रिलीज में कहा गया है कि इससे कुल दूरसंचार घनत्व बढ़कर 86.09 प्रतिशत हो गया, जो पिछली तिमाही में 85.04 प्रतिशत था। जनसांख्यिकी के संदर्भ में, शहरी इंटरनेट ग्राहकों की संख्या लगभग 57.94 करोड़ है, जबकि ग्रामीण इंटरनेट ग्राहकों की संख्या 42.33 करोड़ है।आंकड़ों के अनुसार, वायरलेस सेवाओं के लिए मासिक औसत राजस्व प्रति उपयोगकर्ता (एआरपीयू) 186.62 रुपए है, जबकि प्रति वायरलेस ग्राहक औसत उपयोग मिनट (एमओयू) हर महीने 16.76 घंटे है।टेलीकॉम सेक्टर का सकल राजस्व 96,646 करोड़, तिमाही में 1.63% गिरावट लेकिन सालाना 12.34% बढ़तदूरसंचार क्षेत्र का सकल राजस्व 96,646 करोड़ रुपए तक पहुंच गया, जो पिछली तिमाही से 1.63 प्रतिशत कम है, लेकिन सालाना आधार पर 12.34 प्रतिशत अधिक है। समायोजित सकल राजस्व 81,325 करोड़ रुपए रहा, जो पिछली तिमाही से 2.65 प्रतिशत अधिक है। एक्सेस सेवाओं का समायोजित सकल राजस्व में 83.62 प्रतिशत का योगदान रहा है।लाइसेंस शुल्क 2.63 प्रतिशत बढ़कर 6,506 करोड़ रुपए हो गया और पास-थ्रू शुल्क 19.45 प्रतिशत घटकर 10,457 करोड़ रुपए हो गयाप्रेस रिलीज में आगे कहा गया है कि लाइसेंस शुल्क 2.63 प्रतिशत बढ़कर 6,506 करोड़ रुपए हो गया और पास-थ्रू शुल्क 19.45 प्रतिशत घटकर 10,457 करोड़ रुपए हो गया। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (एमआईबी) ने लगभग 912 निजी सैटेलाइट टीवी चैनलों को अपलिंकिंग या डाउनलिंकिंग या दोनों के लिए अनुमति दी है। भारत में डाउनलिंकिंग के लिए उपलब्ध 902 सैटेलाइट टीवी चैनलों में से, 30 जून, 2025 तक 333 सैटेलाइट पे टीवी चैनल हैं। -
नई दिल्ली। लघु उद्योग भारती (एलयूबी) संगठन ने जीएसटी परिषद की अनुमोदित नई सरलीकृत कर संरचना का स्वागत किया है। संगठन ने कहा कि 22 सितंबर से लागू होने वाले 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत के दो-स्तरीय जीएसटी स्लैब भारत की अप्रत्यक्ष कर प्रणाली में ऐतिहासिक और परिवर्तनकारी बदलाव साबित होंगे।
इस बीच एलयूबी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के विवेकपूर्ण मार्गदर्शन की सराहना की। संगठन ने कहा कि कर दरों को सरल बनाने का यह कदम लंबे समय से प्रतीक्षित था। साथ ही वित्त मंत्रालय ने अल्पकालिक राजस्व हानि को वहन करने का जो निर्णय लिया है, वह आर्थिक विकास, उपभोक्ता कल्याण और राष्ट्रहित के प्रति गहरी निष्ठा को दर्शाता है।संगठन का मानना है कि यह सुधार केवल दर संरचना को आसान बनाने तक सीमित नहीं है, बल्कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के लिए व्यापार सुगमता की दिशा में भी बड़ा कदम है। कार्यशील पूंजी की जरूरत कम होने, कच्चे माल की आसान उपलब्धता और व्यापक बाजार तक पहुंच मिलने से छोटे उद्योगों को सीधा फायदा होगा।एलयूबी ने विशेष रूप से पंजीकरण प्रक्रिया को आसान बनाने, त्वरित रिफंड व्यवस्था और अनुपालन बोझ कम करने पर ध्यान केंद्रित करने वाले इन सुधारों का स्वागत किया है। संगठन का कहना है कि इससे भारत का औद्योगिक आधार मजबूत होगा और उद्यमिता तथा नवाचार को प्रोत्साहन मिलेगा।एलयूबी का मानना है कि जीएसटी 2.0 सुधार न केवल उद्योगों को लाभ पहुंचाएंगे, बल्कि उपभोक्ताओं को भी सीधे फायदा देंगे। उपभोक्ताओं को कम कीमतों और वस्तुओं व सेवाओं की बेहतर उपलब्धता का अनुभव होगा। संगठन को विश्वास है कि नई कर संरचना स्थिरता और स्पष्टता प्रदान करेगी, विवादों को कम करेगी, अनुपालन को बढ़ावा देगी और उपभोग को प्रोत्साहित करेगी। इससे समावेशी और मजबूत आर्थिक विकास का रास्ता खुलेगा।लघु उद्योग भारती ने इस सुधार के सुचारु और समयबद्ध क्रियान्वयन में भारत सरकार को पूरा सहयोग देने का संकल्प लिया है। संगठन ने कहा कि उसकी सदस्य इकाइयां दर सरलीकरण से मिलने वाले लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह प्रधानमंत्री के ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया’ संकल्प को और मजबूती देगा।एलयूबी ने इस सुधार को राष्ट्र निर्माण का महत्वपूर्ण स्तंभ और आत्मनिर्भर, प्रगतिशील तथा विकसित भारत की दिशा में साहसिक कदम बताया है। -
नयी दिल्ली. स्वास्थ्य क्लब, सैलून, नाई, फिटनेस सेंटर, योग आदि सहित सौंदर्य एवं शारीरिक कल्याण सेवाओं पर जीएसटी दर को इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) के साथ 18 प्रतिशत से घटाकर बिना टैक्स क्रेडिट के पांच प्रतिशत करने से इन सेवाओं के सस्ते होने की संभावना है। इसके अलावा, दैनिक उपयोग की वस्तुओं जैसे हेयर ऑयल, टॉयलेट सोप बार, शैम्पू, टूथब्रश, टूथपेस्ट भी सस्ते हो सकते हैं क्योंकि इन पर कर वर्तमान 12-18 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया गया है। माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की नई दर 22 सितंबर से प्रभावी होंगी।
जीएसटी परिषद की 56वीं बैठक में दरों को युक्तिसंगत बनाने की प्रक्रिया के तहत केंद्र एवं राज्यों ने आम आदमी द्वारा उपयोग की जाने वाली सौंदर्य व शारीरिक स्वास्थ्य सेवाओं पर जीएसटी को 18 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत करने पर सहमति व्यक्त की। इसमें जिम, सैलून, नाई, योग केंद्र आदि की सेवाएं शामिल हैं। टैल्कम पाउडर, फेस पाउडर, शेविंग क्रीम और आफ्टरशेव लोशन जैसी अन्य दैनिक उपयोग की वस्तुओं की कीमतों में भी कमी आएगी क्योंकि इन पर जीएसटी 18 प्रतिशत से घटकर पांच प्रतिशत होगा। वित्त मंत्रालय ने कहा कि जीएसटी दर को युक्तिसंगत बनाने का उद्देश्य ‘‘निम्न मध्यम वर्ग और समाज के गरीब तबके के मासिक खर्च को कम करना है।'' टॉयलेट सोप बार पर कर घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया गया है, लेकिन तरल साबुन पर कर 18 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया है। फेस पाउडर व शैंपू पर जीएसटी कम करने से बहुराष्ट्रीय कंपनियों एवं लक्जरी ब्रांड को लाभ होने के सवाल पर मंत्रालय ने कहा कि लगभग सभी वर्गों द्वारा दैनिक जीवन में इन वस्तुओं का इस्तेमाल किया जाता है। मंत्रालय ने कहा, ‘‘ हालांकि बहुराष्ट्रीय कंपनियों या लक्जरी ब्रांड द्वारा बेचे जाने वाले महंगे फेस पाउडर और शैंपू को भी लाभ होगा, लेकिन दरों को युक्तिसंगत बनाने का उद्देश्य कर ढांचे को और सरल बनाना है। सौंदर्य प्रसाधनों के ब्रांड या मूल्य के आधार पर कर लगाने से कर ढांचे में जटिलता उत्पन्न होगी और प्रशासन के लिए चुनौतियां भी खड़ी होंगी।'' इसी प्रकार माउथवॉश पर जीएसटी नहीं घटाया गया है, लेकिन टूथपेस्ट, टूथब्रश व डेंटल फ्लॉस पर कर की दर घटाकर पांच प्रतिशत कर दी गई है क्योंकि ये ‘‘ यह दांत की स्वच्छता से जुड़ी मूलभूत वस्तुएं हैं।'' एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के वरिष्ठ भागीदार रजत मोहन ने कहा कि स्वास्थ्य क्लब, सैलून, नाई, फिटनेस सेंटर और योग को पांच प्रतिशत की रियायती दर से सरकार ने व्यक्तिगत देखभाल और स्वास्थ्य को विलासिता के बजाय सुलभ आवश्यक वस्तु के रूप में स्थापित करने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा, ‘‘ उपभोक्ता के नजरिये से इससे लागत कम होगी और स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच बढ़ेगी। मोहन ने कहा कि इस युक्तिकरण में एक महत्वपूर्ण मुद्दा यह है कि नई दरें बिना आईटीसी के आती हैं।
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नयी दिल्ली. केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने जीएसटी सुधारों को बृहस्पतिवार को ‘‘परिवर्तनकारी'' एवं आजादी के बाद का ‘‘सबसे बड़ा सुधार'' करार दिया और उद्योग जगत से इसका पूरा लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचाने का आग्रह किया। मंत्री ने कहा कि जीएसटी सुधारों से करीब सभी क्षेत्रों में मांग बढ़ेगी और देश की आर्थिक वृद्धि को समर्थन मिलेगा। उन्होंने उद्योग जगत से ‘मेड इन इंडिया' को बड़े पैमाने पर बढ़ावा देने का भी आह्वान किया।
गोयल ने यहां एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि जीएसटी में कमी से हर उपभोक्ता को लाभ होगा।
उन्होंने कहा, ‘‘ पिछले 11 वर्ष में की गई कई पहल के फलस्वरूप कल जीएसटी में अप्रत्यक्ष करों में जो सुधार किया गया...वह परिवर्तनकारी है। इसका दवा क्षेत्र पर तथा किसानों से लेकर हमारे एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम) तक विभिन्न क्षेत्रों पर महत्वपूर्ण प्रभाव होगा।'' गोयल ने कहा, ‘‘ देश के प्रत्येक हितधारक, प्रत्येक उपभोक्ता को इसका लाभ मिलेगा।''
माल एवं सेवा कर (जीएसटी) सुधारों को ‘‘ बड़ा बदलाव '' बताते हुए मंत्री ने कहा कि यह कदम 2047 तक विकसित देश बनने की यात्रा में आने वाले महीनों व वर्षों में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। गोयल ने उद्योग जगत से ‘‘ जीएसटी के सभी लाभों को उपभोक्ताओं तक पहुंचाने'' का आग्रह किया।
कार्यक्रम से इतर गोयल ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) में परिवर्तनकारी और अभूतपूर्व सुधार का श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री हमेशा अपने वादे पूरे करते हैं।
गोयल ने कहा, ‘‘ हमने सोचा था यह बड़ा होगा लेकिन यह आजादी के बाद से भारत में अबतक का सबसे बड़ा सुधार साबित हुआ है। कई आयामों के अलावा रोजमर्रा की जरूरतों की लगभग सभी वस्तुओं पर करों में कमी से उपभोक्ताओं को काफी लाभ होगा।'' मंत्री ने कहा कि जीएसटी दरों में कमी के अलावा प्रक्रिया एवं कार्यप्रणाली में किए गए बदलाव से कारोबार को आसान बनाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा, ‘‘ ये कम दरें मांग एवं उद्योग के विकास को बढ़ावा देंगी। देश में परिचालन का पैमाना बढ़ाएंगी। अधिक मांग से अधिक निवेश, अधिक नौकरियां सृजित होंगी और वृद्धि के चक्र को बल मिलेगा।'' गोयल ने कहा कि यह दिवाली का तोहफा 1.4 अरब नागरिकों के लिए जीवन को आसान बनाने और जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाने में योगदान देगा। विपक्ष के इन सुधारों को लागू करने में आठ साल का विलंब करने के सवाल पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता ने कांग्रेस पार्टी पर ऐसे समय में नकारात्मकता फैलाने का आरोप लगाया जब भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है। उन्होंने कहा, ‘‘ राहुल गांधी भारत को एक बेजान अर्थव्यवस्था कहते हैं, जबकि यह दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है। यह कुछ लोगों की नकारात्मक सोच है और मैं इस तरह की नकारात्मकता की निंदा करता हू।'' मंत्री ने यहां इंडिया मेडटेक एक्सपो, भारत न्यूट्रावर्स एक्सपो में शिरकत की।

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