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नयी दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी से मुंबई जा रही इंडिगो की उड़ान में एक यात्री ने परोसे गए सैंडविच में कीड़ा मिलने की बात कही। यात्री ने इसका वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया है। एयरलाइन ने इस संबंध में माफी मांगते हुए कहा है कि मामले की जांच की जा रही है। यह घटना शुक्रवार को दिल्ली से मुंबई जाने वाली उड़ान 6ई 6107 में हुई। महिला यात्री खुशबू गुप्ता ने उड़ान के दौरान दिए गए सैंडविच में कीड़ा मिलने का एक छोटा वीडियो इंस्टाग्राम पर शेयर किया। वीडियो के संबंध में संपर्क किए जाने पर इंडिगो के प्रवक्ता ने कहा कि एयरलाइन दिल्ली से मुंबई की उड़ान 6ई 6107 में हुई घटना के संबंध में एक ग्राहक द्वारा उठाई गई चिंता से अवगत है। प्रवक्ता ने शनिवार को एक बयान में कहा, “जांच करने पर हमारे दल ने उस सैंडविच को परोसना तुरंत बंद कर दिया। मामले की फिलहाल जांच की जा रही है और उचित सुधारात्मक कदम उठाने के लिए हम अपने रसोईकर्मियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। यात्री को हुई किसी भी असुविधा के लिए हम ईमानदारी से क्षमा चाहते हैं।
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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सुकन्या समृद्धि योजना में निवेश करने वालों को बड़ी खुशखबरी दी है। आगामी तिमाही यानी जनवरी-मार्च के लिए इस छोटी बचत योजना पर ब्याज दर को 8 फीसदी से बढ़ाकर 8.2 फीसदी कर दिया गया है।
वित्त मंत्रालय के सर्कुलर के मुताबिक, सरकार ने तीन साल के पोस्ट ऑफिस टर्म डिपॉजिट पर भी दरों में 0.1 फीसदी यानी 10 आधार अंको का इजाफा कर दिया है। अब इस योजना के तहत 7 फीसदी के बजाय 7.1 फीसदी ब्याज मिलेगा। जबकि, अन्य छोटी बचत योजनाओं (small savings schemes) के लिए ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। सरकार छोटी बचत योजनाओं पर हर तिमाही ब्याज दरों का निर्धारण करती है।सरकार की बोहद लोकप्रिय PPF योजना पर ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। फिलहाल इस स्कीम पर सरकार 7.1 फीसदी ब्याज दे रही है। किसान विकास पत्र के तहत निवेशकों को 7.5 फीसदी ही ब्याज मिलेगा, जो 115 महीने यानी 9 साल 7 महीने में मैच्योर होगा। बता दें कि मैच्योरिटी पूरी होने के साथ इस स्कीम के तहत पैसा डबल हो जाता है।नैशनल सेविंग स्कीम (NSC) के तहत भी ब्याज दरें पहले से ही 7.7 फीसदी मिल रही हैं, और ये 1 जनवरी से 31 मार्च, 2024 तक के लिए समान बनी रहेंगी। इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है। मंथली इनकम स्कीम (MIS) पर भी निवेशकों को 7.4 फीसदी की ब्याज मिल रही है और आने वाली तिमाही में यह जस की तस बनी रहेगी। -
नई दिल्ली। निवेशकों के सतर्क रुख के बीच साल के अंतिम कारोबारी दिन देसी शेयर बाजार गिरावट के साथ बंद हुए। कारोबारियों ने कहा कि पिछले पांच कारोबारी सत्रों में तेजी रहने के बाद शुक्रवार को ऊर्जा, बैंकिंग और आईटी शेयरों में बिकवाली का दबाव रहा। हालांकि ग्लोबल मार्केट में पॉजिटिव रुझान देखे गए।
आज के कारोबार में BSE सेंसेक्स 170 अंक फिसला। वहीं, निफ्टी (Nifty) में भी 47 अंक की गिरावट दर्ज की गई। व्यापक बाजारों में, BSE मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों क्रमशः 0.85 प्रतिशत और 0.69 प्रतिशत की बढ़त के साथ हरे निशान पर बंद हुए। बहरहाल, BSE सेंसेक्स 18.8 फीसदी और निफ्टी 20.1 फीसदी की ठोस बढ़त के साथ कैलेंडर वर्ष 2023 को समाप्त कर रहा है।BSE का 30 शेयरों वाला मानक सूचकांक सेंसेक्स (Sensex) 170.12 अंक यानी 0.23 फीसदी की गिरावट के साथ 72,240.26 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स में आज 72,082.64 और 72,417.01 के रेंज में कारोबार हुआ। वहीं, दूसरी तरफ नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के निफ्टी (Nifty) में भी 47.30 अंक यानी 0.22 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। निफ्टी दिन के अंत में 21,731.40 अंक पर बंद हुआ। निफ्टी में आज 21,676.90 और 21,770.30 के रेंज में कारोबार हुआ।साल के अंतिम कारोबारी सत्र में सेंसेक्स की 30 कंपनियों में से अधिकांश नुकसान में रहीं। भारतीय स्टेट बैंक, इंफोसिस, टाइटन, टेक महिंद्रा, इंडसइंड बैंक, एनटीपीसी, आईसीआईसीआई बैंक, पावर ग्रिड, रिलायंस इंडस्ट्रीज और कोटक महिंद्रा बैंक गिरने वाले प्रमुख शेयरों में शामिल थे।दूसरी ओर टाटा मोटर्स, नेस्ले, हिंदुस्तान यूनिलीवर, टाटा स्टील, बजाज फाइनेंस और अल्ट्राटेक सीमेंट में बढ़त हुई।एशिया के अन्य बाजारों में जापान का निक्की नुकसान में रहा, जबकि चीन का शंघाई कम्पोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग लाभ में रहे। दक्षिण कोरिया में बाजार बंद रहे। यूरोपीय बाजार तेजी के साथ कारोबार कर रहे थे, जबकि गुरुवार को अमेरिकी बाजार मिलेजुले रुख के साथ बंद हुए। एक दिन पहले गुरुवार को सेंसेक्स 371.95 अंक उछलकर 72,410.38 के सर्वकालिक उच्च स्तर पर बंद हुआ था। निफ्टी भी 123.95 अंक चढ़कर 21,778.70 के रिकॉर्ड स्तर पर बंद हुआ था। वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.86 प्रतिशत चढ़कर 77.81 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल के भाव पर था।शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने गुरुवार को शुद्ध रूप से 4,358.99 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। -
नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को भुगतान अवसंरचना विकास कोष (PIDF) योजना को दो साल बढ़ाकर दिसंबर 2025 तक कर दिया। इसके साथ ही ‘साउंड बॉक्स’ उपकरण और ‘आधार’ से जुड़े बायोमेट्रिक उपकरणों को शामिल करके सब्सिडी देने की गुंजाइश को बढ़ा दिया गया है। PIDF का कोष 30 नवंबर, 2023 तक 1,026.37 करोड़ रुपये था। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने जनवरी 2021 में तीन वर्षों के लिए PIDF योजना शुरू की थी। इस योजना का मकसद टियर-3 शहरों से टियर-6 शहरों, पूर्वोत्तर के राज्यों, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में भुगतान अवसरंचना को बढ़ावा देना है।
इनमें प्वाइंट ऑफ सेल (POS) टर्मिनल और क्विक रिस्पॉन्स (QR) कोड शामिल हैं। योजना के तहत लाभार्थियों का दायरा बढ़ाने के लिए सभी केंद्रों में प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के पात्र व्यक्तियों को PIDF योजना के दायरे में लाया गया है। - नई दिल्ली। दुनियाभर के स्मार्टफोन मार्केट में अपना दबदबा बनाने के बाद शाओमी की नजर अब कार सेगमेंट पर है। कंपनी बहुत जल्द अपनी पहली कार Xiaomi SU7 मार्केट में उतारेगी। स्मार्टफोन निर्माता दिग्गज ने 28 दिसंबर को बीजिंग में उद्घाटन स्ट्राइड लॉन्च इवेंट में अपनी पहली इलेक्ट्रिक कार से पर्दा उठाया। इस इवेंट में, Xiaomi ने दुनिया के टॉप पांच वाहन निर्माताओं में से एक बनने का अपना इरादा भी स्पष्ट कर दिया।Xiaomi ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट कर Xiaomi SU7 की पहली फोटो शेयर करते हुए लिखा, ‘’पेश है #XiaomiSU7 एक्वा ब्लू! इसके लिए कौन दीवाना बन रहा है? कंपनी SU7 सीरीज के तहत तीन मॉडल पेश करने जा रही है। इनके नाम SU7, SU7 Pro और SU7 Max होंगे।शाओमी का दावा है कि SU7 ग्लोबल मार्केट में सबसे तेज ईवी में से एक है, जिसका मोटर 21,000 rpm तक घूमता है। कंपनी ने अभी तक SU7 की कीमतों की घोषणा नहीं की है। कंपनी ने दिसंबर 2023 से Xiaomi SU7 का प्रोडक्शन बड़े स्तर पर करना शुरू किया है। ग्राहकों को फरवरी 2024 से इसकी डिलिवरी की जा सकती है।फीचर्समीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, Xiaomi SU7 एक C क्लास की सिडान कार होगी। इस कार में सिंगल मोटर होगी, जो 220kW (295hp) की पावर जनरेट कर सकता है। SU7 Lidar-आधारित ऑटोनॉमस ड्राइविंग फीचर्स जैसे सेल्फ पार्किंग, एडाप्टिव क्रूज़ कंट्रोल आदि से लैस है। कार हाइपरओएस ऑपरेटिंग सिस्टम पर चलती है। बात करें Xiaomi SU7 कार के डाइमेंशन की तो मध्यम आकार की प्रीमियम इलेक्ट्रिक सेडान की लंबाई 4,997 मिमी, चौड़ाई 1,963 मिमी और ऊंचाई 1,440/1,455 मिमी है। इसका व्हीलबेस 3,000 मिमी है। चुने गए स्पेसिफिकेशन के आधार पर इसका वजन 1,980-2,205 किलोग्राम के बीच है।BYD की कार जैसी हो सकती है बैटरीXiaomi SU7 को दो बैटरी पैक विकल्पों के साथ पेश किया जा सकता है। पहली एंट्री-लेवल ट्रिम्स में BYD से 73.6kWh लिथियम आयरन फॉस्फेट (LFP) बैटरी, और CATL से एक बड़ा 101kWh CTB (सेल टू बॉडी) बैटरी पैक। SU7 की अनुमानित रेंज एक बार चार्ज करने पर 800 किमी तक आंकी गई है।दुनिया की होगी सबसे तेजी ईवीकंपनी ने दावा किया है कि Xiaomi SU7 दुनिया की सबसे तेज ईवी होगी। इलेक्ट्रिक सेडान दो पावरट्रेन विकल्पों- सिंगल मोटर और डुअल मोटर में उपलब्ध होगी। पूर्व में 220kW (295 hp) के अधिकतम आउटपुट के साथ 210 किमी प्रति घंटे की अनुमानित टॉप स्पीड के साथ एक रियर-व्हील ड्राइव मोटर मिलती है। डुअल-मोटर सेटअप टॉप-स्पेक ट्रिम के लिए आरक्षित है जिसमें 495kW (664 hp) के ज्वाइंट आउटपुट के साथ एक ऑल-व्हील ड्राइव सिस्टम मिलता है। इस वेरिएंट में 265 किमी प्रति घंटे की टॉप स्पीड का दावा किया गया है।
- नई दिल्ली। सॉफ्टबैंक, मेटा प्लेटफॉर्म्स और प्रोसस जैसे दिग्गजों के निवेश वाली कंपनी मीशो (Meesho) ने वित्त वर्ष 24 की दूसरी तिमाही के रिजल्ट्स जारी कर दिए हैं। एक्सचेंजों को दी गई जानकारी में कंपनी ने बताया कि वह चालू वित्त वर्ष 2023-24 की जुलाई-सितंबर तिमाही में कंसोलिडेटेड नेट प्रॉफिट दर्ज करने वाली पहली ई-कॉमर्स यूनिकॉर्न बन गई है। कंपनी ने हालांकि जुलाई-सितंबर तिमाही में कितना मुनाफा हुआ, इसकी जानकारी नहीं दी।ऑनलाइन सामान बेचने लाली ई-कॉमर्स कंपनी मीशो के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘मीशो ने वित्त वर्ष 2023-24 की दूसरी तिमाही में पहली बार मुनाफा कमाया। दूसरी तिमाही के अंत और त्योहारी सीजन में सकारात्मक गति से मीशो भारत में प्रॉफिट में रहने वाली पहली ई-कॉमर्स कंपनी बन गई है।’ कंपनी ने भी अपने बयान में कहा कि उसने जुलाई तिमाही में पहली बार मुनाफा दर्ज किया।चालू वित्त वर्ष में कंपनी का रेवेन्यू भी शानदार तेजी से आगे बढ़ा। इसने सालाना आधार पर 37 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 3,521 करोड़ रुपये का रेवेन्यू दर्ज किया। कंपनी का घाटा भी चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में कम होकर 141 करोड़ रुपये रह गया।मीशो की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, ‘चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में कंपनी की परिचालन आय सालाना आधार पर 37 प्रतिशत बढ़कर 3,521 करोड़ रुपये रही। इस अवधि में घाटा 141 करोड़ रुपये था।’मीशो (Meesho) का वित्त वर्ष 23 में ऑपरेशन से रेवेन्यू 77 फीसदी बढ़ गया है। कंपनी ने एक साल में तेज रफ्तार से ग्रोथ करते हुए रेवेन्यू को वित्त वर्ष 22 में 3,232 करोड़ रुपये के मुकाबले 5,735 करोड़ कर दिया। कंपनी ने कहा कि कस्टमर्स द्वारा ज्यादा खरीदारी और लेनदेन की वजह से यह इजाफा देखने को मिला।मीशो के रेवेन्यू बढ़ने के साथ ही साथ नेट घाटा में भी कमी देखने को मिली है। कंपनी ने कहा कि वित्त वर्ष 22 में 3,251 करोड़ रुपये के मुकाबले चालू वित्त वर्ष में इसका नेट घाटा कम होकर 1,675 करोड़ रुपये रह गया है।बेंगलूरु स्थित कंपनी मीशो नए ग्राहकों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए किए जाने वाले खर्चों यानी कस्टमर एक्वीजीशन कॉस्ट (CACs), इंफ्रास्ट्रक्चर में लगने वाली लागत में कटौती करके औऱ साथ ही साथ साल भर में दो बार कर्मचारियों की छंटनी कर घाटे को कम किया है।
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मुंबई. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के डिप्टी गवर्नर स्वामीनाथन जे ने बृहस्पतिवार को थोक जमा पर निर्भर रहने की बैंकों के बीच बढ़ती प्रवृत्ति का जिक्र करते हुए कहा कि इसपर उच्च लागत आती है जो मार्जिन पर भी असर डालती है। स्वामीनाथन ने यहां भारतीय स्टेट बैंक की तरफ से आयोजित एक सम्मेलन में कहा कि बैंकों को अपने ब्याज दर जोखिमों के प्रभावी प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। इसके साथ ही डिप्टी गवर्नर ने कहा, ‘‘यदि बैंक ऊंची कीमत वाली थोक जमाओं पर बहुत अधिक निर्भर रहेंगे तो उनके लिए वक्त मुश्किल हो जाएगा।'' उन्होंने कहा, ‘‘ब्याज दरों में गिरावट होने पर भी इन दीर्घकालिक बड़ी जमाओं का बैंकों को प्रबंधन करना होगा जिससे उनका मुनाफा और मार्जिन कम हो सकता है।'' स्वामीनाथन ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि इस प्रवृत्ति का सबसे बड़ा असर बैंकों के शुद्ध ब्याज मार्जिन पर पड़ेगा जिससे उनका मुनाफा कम हो जाएगा। आरबीआई के डिप्टी गवर्नर ने इसे एक बड़ा जोखिम बताते हुए कहा कि केंद्रीय बैंक ने पाया है कि कई बैंक सूचना प्रौद्योगिकी के लिए निर्धारित राशि भी खर्च नहीं कर रहे हैं। इसके साथ ही स्वामीनाथन ने बैंकों में खराब प्रशासन और प्रबंधन प्रथाओं का मुद्दा भी उठाया। -
नयी दिल्ली. मजबूत उपभोक्ता मांग के दम पर भारत 2024 में भी दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रह सकता है। इससे निर्माण, आतिथ्य, रेलवे तथा विमानन सहित बुनियादी ढांचा जैसे क्षेत्रों में निवेश में बढ़ोतरी होगी। उद्योग मंडल एसोचैम ने बृहस्पतिवार को यह बात कही। भारत ने दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था का तमगा बरकरार रखा है। सरकारी खर्च तथा विनिर्माण से मिले प्रोत्साहन के दम पर चालू वित्त वर्ष 2023-24 की जुलाई-सितंबर तिमाही में भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर उम्मीद से कहीं अधिक 7.6 प्रतिशत रही है। जीडीपी में 7.6 प्रतिशत की वृद्धि ज्यादातर अनुमानों से कहीं अधिक है।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल की समान तिमाही में वृद्धि दर 6.2 प्रतिशत, जबकि अप्रैल-जून तिमाही में 7.8 प्रतिशत थी। भारत की जीडीपी वृद्धि ने जुलाई-सितंबर में चीन की 4.9 प्रतिशत की वृद्धि को पीछे छोड़ दिया है। वहीं पश्चिमी देशों की अर्थव्यवस्थाएं उच्च ब्याज दर और ऊर्जा कीमतों का दबाव झेल रही हैं। एसोचैम के महासचिव दीपक सूद ने कहा, ‘‘ समग्र अर्थव्यवस्था में सात प्रतिशत की वृद्धि के रुझान के साथ भारत की वृहद तस्वीर काफी मजबूत दिखती है...'' उद्योग निकाय के अनुसार, वित्तीय, निर्माण, होटल, विमानन, मोटर वाहन और इलेक्ट्रॉनिक जैसे अन्य विनिर्माण क्षेत्रों का नेतृत्व करने वाला भारतीय उद्योग जगत आने वाले वर्ष में और बेहतर प्रदर्शन करने की स्थिति में हैं। कच्चे तेल की कम कीमतों, कच्चे माल की लागत पर बड़े सकारात्मक प्रभाव के साथ मुद्रास्फीति को नियंत्रण में रखने से इसको मदद मिल रही है। एसोचैम ने कहा, ‘‘ निर्माण जैसे क्षेत्रों से संबंधित कई उद्योगों ने भी गति पकड़ी है। इनमें इस्पात, सीमेंट, खनन, बिजली उत्पादन और उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुएं शामिल हैं। -
मुंबई. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक एसबीआई ने चुनिंदा अवधियों पर सावधि जमा के लिए ब्याज दर में 0.5 प्रतिशत तक की वृद्धि की है। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, बुधवार से प्रभावी संशोधित दरों के तहत 180-210 दिनों के बीच की जमा राशि पर 5.75 प्रतिशत प्रति वर्ष का ब्याज मिलेगा, जो पहले 5.25 प्रतिशत था। इसी तरह, 7-45 दिनों के लिए जमा पर 3.50 प्रतिशत ब्याज मिलेगा, जो पहले तीन प्रतिशत था।
वेबसाइट के अनुसार, अन्य अवधियों में 0.25 प्रतिशत की वृद्धि गई है। इसमें 46-179 दिन की अवधि के लिए ब्याज 4.75 प्रतिशत, 211 दिन से एक वर्ष से कम के लिए छह प्रतिशत और तीन साल से पांच साल से कम की अवधि पर ब्याज अब 6.75 प्रतिशत मिलेगा। -
मुंबई. सार्वजनिक क्षेत्र की एनटीपीसी अपनी हरित ऊर्जा इकाई को एक-दो साल में सूचीबद्ध करने की योजना बना रही है। कंपनी के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक (सीएमडी) गुरदीप सिंह ने बुधवार को कहा कि कंपनी को भविष्य में इसमें अधिक मांग की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि कंपनी देश में बिजली की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए पूंजीगत व्यय में 30-40 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद कर रही है। सिंह ने कंपनी की हरित ऊर्जा इकाई को सूचीबद्ध करने पर विचार करने से जुड़े एक सवाल पर कहा, “शायद मुझे लगता है कि (एक आईपीओ) अगले एक से दो साल में आने वाला है...।'' वे यहां 10वें ‘एसबीआई बैंकिंग एंड इकोनॉमिक कॉन्क्लेव' में एक परिचर्चा में यह बात कही।
उन्होंने कहा, “हम निश्चित रूप से आगे देख रहे हैं ...और यह हमारी सोचने की प्रक्रिया है... मुझे लगता है कि लगभग एक या दो साल में हम आईपीओ के लिए जाएंगे। -
नयी दिल्ली. चावल की महंगाई पर लगाम लगाने लगाने के मकसद से सरकार भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के चावल को भारत ब्रांड के तहत बेचने की योजना बना रही है। खाद्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी। हालांकि, इसकी कीमत अभी तय नहीं हो पायी है।
उल्लेखनीय है कि खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत ई-नीलामी के माध्यम से भारतीय खाद्य निगम के चावल की बिक्री के माध्यम से घरेलू उपलब्धता को बढ़ावा देकर खुदरा चावल की कीमतों पर अंकुश लगाने के मंत्रालय के प्रयासों को फीकी प्रतिक्रिया मिली है। अधिकारी ने कहा, भारत चावल' की खुदरा बिक्री का प्रस्ताव है लेकिन कीमत अभी तय नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि ओएमएसएस के तहत, एफसीआई 29 रुपये प्रति किलोग्राम के आरक्षित मूल्य पर गुणवत्तापूर्ण चावल की पेशकश कर रहा है।
भारत चावल' को समान दर पर बेचा जाए या कम दर पर, इसका निर्णय मंत्री समूह को लेना है।” सरकार पहले से ही भारत ब्रांड के तहत गेहूं का आटा (आटा) और दालें भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ (नेफेड), राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ (एनसीसीएफ) और केंद्रीय भंडार के दुकानों के माध्यम से बेच रही है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, एफसीआई इस साल अब तक ओएमएसएस के तहत केवल 3.04 लाख टन चावल ही बेच पाई है। गेहूं के मामले में, नोडल एजेंसी ने ओएमएसएस के तहत 82.89 लाख टन गेहूं बेचा है। चावल की महंगाई दर सालाना आधार पर 13 प्रतिशत पर है और सरकार 2024 के आम चुनावों से पहले प्रमुख खाद्य कीमतों को लेकर चिंतित है। -
नयी दिल्ली. आयकर विभाग ने आकलन वर्ष 2024-25 के लिए आयकर रिटर्न फॉर्म एक और चार को अधिसूचित कर दिया है। इस फॉर्म को 50 लाख रुपये तक की कुल सालाना आय वाले व्यक्ति और इकाइयां भरते हैं। इससे व्यक्ति, हिंदू अविभाजित परिवार (एचयूएफ) के अलावा, 50 लाख रुपये तक की आय वाली कंपनियां और चालू वित्त वर्ष (अप्रैल 2023-मार्च 2024) में कारोबार और पेशे से आय अर्जित करने वाले वाले लोग इस वित्त वर्ष में अर्जित आय के लिए रिटर्न दाखिल करना शुरू कर सकते हैं। आमतौर पर, वित्त वर्ष के लिए आईटीआर फॉर्म मार्च के अंत या अप्रैल की शुरुआत में अधिसूचित किये जाते हैं। लेकिन पिछले साल, फॉर्म फरवरी में अधिसूचित किये गए थे। हालांकि, इस साल करदाताओं को जल्दी रिटर्न दाखिल करने की सुविधा देने के लिए आईटीआर फॉर्म दिसंबर में ही अधिसूचित कर दिये गये हैं। आईटीआर फॉर्म एक (सहज) और आईटीआर फॉर्म चार (सुगम) सरल फॉर्म हैं। आयकर विभाग ने शुक्रवार को फॉर्म अधिसूचित किये।
सहज को 50 लाख रुपये तक की आय वाले और वेतन, एक घर, अन्य स्रोतों (ब्याज) और 5,000 रुपये तक की कृषि से आय प्राप्त करने वाले निवासी व्यक्ति भर सकते हैं। सुगम फॉर्म वे व्यक्ति, हिंदु अविभाजित परिवार और सीमित देनदारी भागीदारी एलएलपी) वाली कंपनियां भर सकती हैं, जिनकी कुल आय 50 लाख रुपये तक है और जिनकी कमाई कारोबार तथा पेशे से है। -
नयी दिल्ली. एयर इंडिया का पहला चौड़े आकार का ए350-900 विमान यूरोप की प्रमुख विमानन कंपनी एयरबस की फ्रांस स्थित टूलूज इकाई से शनिवार को यहां पहुंचा। बयान के अनुसार, वीटी-जेआरए के तौर पर पंजीकृत विमान राष्ट्रीय राजधानी स्थित इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा पर दोपहर 1.46 बजे उतरा। इसके साथ ही टाटा समूह के स्वामित्व वाली एयरलाइन अपने बेड़े में इस प्रकार का विमान रखने वाली भारत में पहली विमानन कंपनी बन गई है। इसमें कहा गया कि डिलिवरी उड़ान विशेष कॉल साइन एआई350 का उपयोग करके संचालित की जाती है।
एयरलाइन ने कहा कि यह विमान एयर इंडिया के 20 एयरबस ए350-900 के ऑर्डर में से पहला है। इसकी मार्च, 2024 तक पांच और विमानों की आपूर्ति निर्धारित है। एयरबस के साथ अपने अब संशोधित 250 विमान ऑर्डर में एयर इंडिया 40 ए350 विमान लेगी, जिनमें 20-20 विमान ए350-900 और ए350-1000 होंगे। साथ ही, 140 विमान अपेक्षाकृत पतले आकार के ए321नियो और 70 विमान ए320नियो विमान होंगे। एयर इंडिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) और प्रबंध निदेशक (एमडी) कैम्पबेल विल्सन ने कहा, “पहले एयरबस ए350-900 का आगमन कई मायनों में विश्व मंच पर भारतीय विमानन क्षेत्र के पुनरुत्थान की घोषणा है।” एयरलाइन पहले ही घोषणा कर चुकी है कि शुरुआत में इस विमान को छोटी दूरी के मार्गों पर संचालित किया जाएगा और बाद में इसे लंबी दूरी की उड़ानों के लिए तैनात किया जाएगा। कंपनी ने कहा कि नया विमान अगले साल जनवरी में वाणिज्यिक सेवा देने लगेगा। शुरुआत में चालक दल के प्रशिक्षण के लिए घरेलू स्तर पर परिचालन किया जाएगा, इसके बाद अंतरमहाद्वीपीय गंतव्यों के लिए लंबी दूरी की उड़ान भरी जाएगी। - नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए खाद्य तेल (edible oil) के आयात पर लागू सीमा शुल्क में कटौती को एक साल के लिए बढ़ा दिया है। सरकार ने इस साल जून में कच्चे पाम तेल, कच्चे सूरजमुखी तेल और कच्चे सोया तेल पर कस्टम मार्च 2024 तक 17.5 प्रतिशत से घटाकर 12.5 प्रतिशत कर दिया था। इनकी कीमतें नियंत्रण से बाहर हो रही थीं। अब इसे मार्च 2025 तक बढ़ा दिया गया है।वित्त मंत्रालय की एक आधिकारिक अधिसूचना में कहा गया है कि घटी हुई ड्यूटी मार्च 2024 में समाप्त होने वाली थी, लेकिन अब मार्च 2025 तक जारी रहेगी। शुल्क में कटौती से खाद्य तेलों की आयात लागत कम होगी, जिससे घरेलू कीमतें कम होंगी और लोगों को राहत मिलेगी।नवंबर में खाद्य मुद्रास्फीति (Food inflation) बढ़कर 8.70 फीसदी हो गई, जबकि अक्टूबर में 6.61 फीसदी थी। कुल उपभोक्ता मूल्य बास्केट में खाद्य मुद्रास्फीति की हिस्सेदारी लगभग आधी है।अखिल भारतीय खाद्य तेल व्यापारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शंकर ठक्कर ने बताया रखेगा, क्योंकि दुनिया के सबसे बड़े वनस्पति तेल आयातक भारत ने स्थानीय कीमतों पर नियंत्रण रखने के लिए यह कदम उठा रहा है। सरकार द्वारा यह फैसला चुनावी वर्ष होने के नाते लिया गया होने का प्रतीत हो रहा है।उन्होंने कहा, पिछले 8 से 10 महीनो में खाद्य तेलों के दाम मैं भारी गिरावट आई है लेकिन दूसरी तरफ शुष्क मौसम एवं कई क्षेत्र में बारिश अनियमित एवं कम होने से उत्पादन में कमी होने के आसार हैं और जमीन के अंदर पानी की कमी होने के नाते रवि फसल में भी पिछले वर्षों के मुकाबले कमी होने के आसार है इसलिए सरकार का यह फैसला लिया गया हो सकता है।कच्चे पाम तेल, कच्चे सूरजमुखी तेल और कच्चे सोया तेल पर कम आयात शुल्क संरचना मूल रूप से मार्च 2024 में समाप्त होने वाली थी।भारत दुनिया में खाद्य तेल का सबसे बड़ा आयातक देशआदेश के अनुसार, रिफाइनर अब मार्च 2025 तक कम शुल्क पर आयात करना जारी रख सकते हैं। हालांकि इनके अलावा आयात शुल्क में कोई बदलाव नहीं किया गया है । HS CODE 15071000 क्रूड सोया तेल पर 5 फीसदी, 15111000 क्रूड पाम तेल पर 7.5 फीसदी, 15121110 क्रूड सोया तेल पर 5 फीसदी की ड्यूटी लगती है।भारत दुनिया में खाद्य तेल का सबसे बड़ा आयातक देश है। यह अपनी 60 फीसदी आवश्यकता आयात से पूरी करता है। देश मुख्य रुप से इंडोनेशिया, मलेशिया और थाईलैंड से पाम तेल खरीदता है जबकि यह अर्जेंटीना और ब्राजील से सोयाबीन और सूरजमुखी तेल का आयात करता है।
- नई दिल्ली।क्रिप्टो करेंसी प्लेटफॉर्म कॉइनस्विच की रिपोर्ट के आंकड़ों से पता चलता है कि देश में क्रिप्टो निवेशकों की कुल संख्या 1.9 करोड़ से ज्यादा है और इनमें करीब 9 फीसदी महिला निवेशक हैं।रिपोर्ट में बताया गया है कि देश में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वाले 75 फीसदी युवा हैं और इनकी उम्र 18 से 35 साल के बीच है। यह दर्शाता है कि युवाओं की क्रिप्टो में काफी दिलचस्पी है।इस बीच, सिर्फ दिल्ली, बेंगलूरु और मुंबई जैसे महानगरों में क्रिप्टो निवेश के कुल मूल्य का पांचवा हिस्सा है। मूल्य के हिसाब से क्रिप्टो में निवेश के मामले में दिल्ली देश भर में शीर्ष स्थान पर है। रिपोर्ट के अनुसार 2023 में डॉगकॉइन सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकॉइन था। कुल क्रिप्टो निवेश में इसकी 11 फीसदी हिस्सेदारी रही। इसके बाद बिटकॉइन (8.5 फीसदी) और एथेरियम (6.4 फीसदी) का स्थान रहा।
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नई दिल्ली। भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC Stock) का शेयर शुक्रवार के कारोबारी सत्र में भारी वॉल्यूम का सहारा पाकर 7 फीसदी की उछाल के साथ 19 महीने के उच्चस्तर 820.05 रुपये को छू गया क्योंकि वित्त मंत्रालय ने कंपनी को 25 फीसदी सार्वजनिक शेयरधारिता के नियम से एकबारगी की छूट दी है। यह शेयर अंत में 3.73 फीसदी की बढ़त के साथ 793 रुपये पर बंद हुआ।
एक्सचेंज के आंकड़े बताते हैं कि इसमें शुक्रवार को एनएसई व बीएसई पर कुल मिलाकर 1.16 करोड़ शेयरों का कारोबार हुआ। सरकारी स्वामित्व वाली बीमा कंपनी का शेयर 31 मई, 2022 के बाद के सर्वोच्च स्तर पर है।आज के लाभ के साथ इस शेयर ने 29 मार्च के 52 हफ्ते के निचले स्तर 530.20 रुपये से 50 फीसदी की रिकवरी की है। कंपनी के शेयर ने सूचीबद्धता के दिन 17 मई, 2022 को 918.85 रुपये की रिकॉर्ड ऊंचाई को छुआ था।एक्सचेंज को भेजी सूचना में एलआईसी ने कहा है, वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग ने जनहित में भारतीय जीवन बीमा निगम को 25 फीसदी सार्वजनिक शेयरधारिता के नियमों के अनुपालन 10 साल में करने की एकबारगी की छूट दी है। यह समय सूचीबद्धता के समय से मिली है यानी कंपनी को मई 2032 तक इसका अनुपालन करना है।LIC की सूचीबद्धता एक्सचेंजों पर 17 मई, 2022 को हुई थी और उसे न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता के नियमों का अनुपालन 2027 तक करना था। हालांकि उसे 5 साल का विस्तार मिला है और अब उसे मई 2032 तक इसका अनुपालन करना होगा।मौजूदा नियम कहता है कि एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा बाजार पूंजीकरण वाली सूचीबद्ध इकाई को 25 फीसदी की न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता का अनुपालन सूचीबद्धता से पांच साल के भीतर करनी होती है। परिचालन के मोर्चे पर सबसे बड़ी बीमा कंपनी लगातार निराश कर रही है।इस साल अब तक के आधार पर एलआईसी का सालाना प्रीमियम समकक्ष (एपीई) 20 फीसदी फिसला है। समूह का एपीई भी 40 फीसदी घटा है, वहीं वित्त वर्ष 24 में अब तक इसमें 33 फीसदी की नरमी दर्ज हुई है।कंपनी की बाजार हिस्सेदारी 30 नवंबर, 2023 को 58.8 फीसदी थी, जो एक साल पहले 67.7 फीसदी रही थी। वित्त वर्ष 24 की पहली छमाही में न्यू बिजनेस मार्जिन की वैल्यू 14.6 फीसदी पर स्थिर रही।कंपनी प्रॉडक्ट मिक्स में सुधार पर ध्यान केंद्रित कर रही है और इसका ज्यादा ध्यान गैर-भागीदारी वाले सेगमेंट (नॉन-पार) पर है, यह कहना है केआर चोकसी रिसर्च का। कंपनी से उद्योग की वृद्धि के मौके को पूंजीकृत करने की उम्मीद है, जिसे उसकी अहम प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियों और भौगोलिक विस्तार से सहारा मिलेगा।ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज ने हालांकि एलआईसी को 850 रुपये के लक्ष्य के साथ खरीद की रेटिंग दी है। ब्रोकरेज ने कहा, ‘एलआईसी के पास उद्योग में अग्रणी स्थिति बरकरार रखने का दमखम है। हालांकि इस विशाल संगठन को उम्दा व अच्छी तरह से विचारित क्रियान्वयन योजना की दरकार है।’ब्रोकरेज फर्म को उम्मीद है कि एलआईसी एपीई में वित्त वर्ष 23-25 के दौरान 3 फीसदी सालाना चक्रवृद्धि की रफ्तार से वृद्धि दर्ज करेगी (वित्त वर्ष 24 में गिरावट और वित्त वर्ष 25 में तेज रिकवरी), ऐसे में वह नए बिजनेस की वैल्यू में 9 फीसदी सालाना चक्रवृद्धि के हिसाब से बढ़त हासिल करने में सक्षम होगी। -
नई दिल्ली। भारत में 2030 तक सालाना एक करोड़ इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) की बिक्री होने की उम्मीद है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को यह अनुमान जताते हुए कहा कि इससे करीब पांच करोड़ नौकरियां पैदा होंगी।
उन्होंने 19वें EV Expo 2023 को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘वाहन आंकड़ों के अनुसार भारत में 34.54 लाख ईवी पहले ही पंजीकृत हैं।’’केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने जोर देकर कहा कि भारत में दुनिया का शीर्ष ईवी विनिर्माता बनने की क्षमता है और सरकार स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।गडकरी ने कहा कि सरकार ने मौजूदा प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को हाइब्रिड और पूरी तरह से EV में बदलने की अनुमति दी है।उन्होंने बताया कि इसके लिए नियमों को अंतिम रूप दे दिया गया है और प्रौद्योगिकी का प्रदर्शन सफलतापूर्वक किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार का इरादा सार्वजनिक परिवहन और लॉजिस्टिक में तेजी से ईवी को बढ़ावा देने का है। - नयी दिल्ली. वैश्विक बाजार में शराब की मांग बढ़ने से भारत से शराब से बने उत्पादों का निर्यात अगले कुछ वर्षों में एक अरब डॉलर से अधिक पर पहुंचने का अनुमान है। वाणिज्य मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव राजेश अग्रवाल ने बृहस्पतिवार को यहां संवाददाताओं से कहा कि चालू वित्त वर्ष के पहले सात महीनों में भारतीय शराब उत्पादों का निर्यात 23 करोड़ डॉलर तक पहुंच गया। पिछले वित्त वर्ष की समूची अवधि में यह 32.5 करोड़ डॉलर रहा था। अग्रवाल ने कहा, ‘‘भारत में बनी शराब की मांग बढ़ रही है। अगले कुछ वर्षों में इसके एक अरब डॉलर से अधिक हो जाने का अनुमान है। भारतीय शराब उत्पादों का बाजार बड़ी तेजी से बढ़ रहा है और दुनियाभर में इन ब्रांड की मांग धीरे-धीरे जोर पकड़ रही है।'' इन उत्पादों का वैश्विक कारोबार करीब 130 अरब डॉलर होने का अनुमान है।इस अवसर पर अग्रवाल ने कहा कि दिल्ली से सटे ग्रेटर नोएडा में होने वाले ‘इंडस फूड शो' में शराब पर केंद्रित एक अलग खंड भी मौजूद होगा। इस प्रदर्शनी में 2,500 से अधिक विदेशी और 5,000 से अधिक घरेलू खरीदारों के शामिल होने की संभावना है।
- नयी दिल्ली. सरकार ने भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) को 10 साल के भीतर 25 प्रतिशत न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता (एमपीएस) हासिल करने की छूट दी है। सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी एलआईसी मई 2022 में सूचीबद्ध हुई थी। सरकार ने आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) के माध्यम से एलआईसी में 22.13 करोड़ से अधिक शेयर यानी 3.5 प्रतिशत हिस्सेदारी बेची थी। कंपनी में फिलहाल सरकार की 96.5 प्रतिशत की हिस्सेदारी है।एलआईसी ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि आर्थिक मामलों के विभाग ने ‘एलआईसी को सूचीबद्धता की तारीख से 10 साल के भीतर यानी मई 2032 तक 25 प्रतिशत न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता हासिल करने को लेकर एक बारगी छूट दी है। सरकार ने इस साल की शुरुआत में नियमों में संशोधन किया था ताकि सूचीबद्ध सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों और बैंकों को निजीकरण के बाद भी जरूरत के अनुसार जनहित में 25 प्रतिशत न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारित की आवश्यकता से छूट मिले
- नयी दिल्ली। रिलायंस जियो ने दूरसंचार बाजार में अपनी पकड़ मजबूत करते हुए सितंबर में 34.7 लाख मोबाइल ग्राहक जोड़े। दूसरी ओर एयरटेल के मोबाइल ग्राहकों की संख्या 13.2 लाख बढ़ी। बाजार नियामक ट्राई ने अपने मासिक आंकड़ों में यह जानकारी दी। वोडाफोन आइडिया (वीआईएल) ने सितंबर में 7.5 लाख मोबाइल ग्राहक खो दिए, जिससे उसके वायरलेस ग्राहकों की संख्या घटकर 22.75 करोड़ रह गई। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के आंकड़ों के अनुसार, रिलायंस जियो को सितंबर में 34.75 लाख वायरलेस ग्राहक मिले और उसका उपयोगकर्ता आधार बढ़कर 44.92 करोड़ हो गया। भारती एयरटेल ने सितंबर में अपने मोबाइल ग्राहकों की संख्या में 13.2 लाख की बढ़ोतरी की। इसके साथ कंपनी के कुल वायरलेस ग्राहक बढ़कर 37.77 करोड़ हो गए।
- मुंबई। भारत में आर्थिक गतिविधियों में व्यापक मजबूती बनी रहने की संभावना है। साथ ही 2024-25 की पहली तीन तिमाहियों में खुदरा मुद्रास्फीति मौजूदा 5.6 प्रतिशत से घटकर 4.6 प्रतिशत पर आ सकती है। बुधवार को जारी आरबीआई बुलेटिन में प्रकाशित एक लेख में यह बात कही गई।लेख में अर्थव्यवस्था के बारे में कहा गया कि 2024 में वैश्विक वृद्धि की रफ्तार और धीमी हो सकती है। मुद्रास्फीति विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों में अलग-अलग गति से ब्याज दरों में कटौती का रास्ता साफ कर सकती है। लेख के मुताबिक भारत में, आर्थिक गतिविधियों में जारी मजबूती कच्चे माल की लागत में कमी और कॉरपोरेट मुनाफे के चलते आगे भी बनी रहने की उम्मीद है। आरबीआई के डिप्टी गवर्नर माइकल देबब्रत पात्रा के नेतृत्व वाले एक दल ने यह लेख तैयार किया है। आरबीआई ने हालांकि कहा कि लेख केंद्रीय बैंक के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करता है।
- नयी दिल्ली. ‘गूगल मैप्स' अगले साल की शुरुआत में भारत से ‘एड्रेस डिस्क्रिप्टर' सेवा लॉन्च करेगा। कंपनी की एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। यह गूगल द्वारा भारत से शुरू की जाने वाली पहली वैश्विक सेवा होगी। इस सेवा के तहत मैप का इस्तेमाल कर रहे व्यक्ति द्वारा साझा की गई लोकेशन के निकटतम ‘लैंडमार्क' (मुख्य स्थान) और वहां से लोकेशन की दिशा का पता चल सकेगा। गूगल मैप्स की उपाध्यक्ष और महा प्रबंधक मिरियम डैनियल ने कहा, ‘‘हम भारत से पहली बार नया नवोन्मेष- ‘गूगल मैप्स' पर ‘एड्रेस डिस्क्रिप्टर' पेश कर रहे हैं, जिससे हमारे उपयोगकर्ताओं को स्थानों के पते को पहले से बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी।'' उन्होंने कहा कि यह सुविधा अगले साल की शुरुआत में पूरे भारत में लॉन्च की जाएगी।डेनियल ने ‘स्ट्रीट व्यू' नेविगेशन की शुरुआत की घोषणा की जो पैदल चल रहे उपयोगकर्ता के रास्ते में पड़ने वाली इमारतों या मार्गों के वास्तविक ऑनलाइन चित्र दिखाएगी और इसके साथ ही जनवरी 2024 से भारत के 15 शहरों में ‘लेंस इन मैप्स' की सुविधा शुरू की जाएगी जिससे लोगों को यह पता चल सकेगा कि पैदल चलते समय उनके मार्ग में कौन की दुकानें या अन्य प्रतिष्ठान पड़ेंगे।
- नयी दिल्ली। सभी वैश्विक बदलाव भारत के पक्ष में काम कर रहे हैं, लेकिन देश के सामने सबसे बड़ी चुनौतियों में एक समावेशी वृद्धि की है। टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने सोमवार को यह बात कही। टाटा समूह के प्रमुख ने जेआरडी टाटा व्याख्यान में कहा कि कृत्रिम मेधा (एआई) का प्रभाव रहेगा और अगर भारत ने इसके लिए तैयारी की, तो यह फायदेमंद होगा। उन्होंने कहा कि शीत युद्ध के बाद तुलनात्मक रूप से स्थिर और समृद्धि दौर के विपरीत अब ऐसा लगता है कि दुनिया ने अप्रत्याशित संघर्षों और आर्थिक अनिश्चितता को रास्ता दे दिया है। महामारी के चलते आपूर्ति श्रृंखला को भारी झटका लगा है। चन्द्रशेखरन ने कहा, ''विशेष रूप से विकसित बाजारों में आर्थिक नरमी थी। हालात स्थिर होते हुए दिख रहे थे, लेकिन अब हम दो युद्धों के बीच में हैं और अमेरिका-चीन व्यापार गतिरोध चल रहा है।'' उन्होंने कहा कि कई महत्वपूर्ण वैश्विक बदलाव भी हो रहे हैं। खासकर एआई, ऊर्जा और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला के क्षेत्र में ऐसा हो रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा, ''ये सभी परिवर्तन वृद्धि, नवाचार और अतीत से बेहतर नया भविष्य बनाने के लिए अवसर देते हैं। इस लिहाज से भारत महत्वपूर्ण प्रगति कर रहा है। आर्थिक रूप से, हम पहले ही पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं। कई चीजें हमारे पक्ष में काम कर रही हैं।'' चंद्रशेखरन ने भारत की मजबूत व्यापक स्थिरता, एक स्वस्थ बैंकिंग प्रणाली, निर्यात की बढ़ती हिस्सेदारी, निजी और सार्वजनिक दोनों क्षेत्रों में नए पूंजीगत व्यय चक्र, बढ़ती खपत और मजबूत सार्वजनिक डिजिटल बुनियादी ढांचा का हवाला देते हुए कहा कि सभी वैश्विक बदलाव भारत के पक्ष में काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ''खासकर आज की अनिश्चित दुनिया में हमारे पास वैश्विक ताकत बनने की क्षमता है... हमारे सामने कई चुनौतियां हैं। हमारी प्रति व्यक्ति जीडीपी वैश्विक औसत से 60 प्रतिशत कम है। राज्यों में प्रति व्यक्ति आय में अंतर बहुत बड़ा है।'' चंद्रशेखरन ने आगे कहा कि कुल श्रम बल में महिलाओं की हिस्सेदारी केवल 37 प्रतिशत हैं और उन्हें समान काम के लिए अपने पुरुष समकक्षों की तुलना में 35 प्रतिशत कम वेतन मिलता है। उन्होंने कहा, ''समावेशी विकास हमारी सबसे बड़ी चुनौती रही है। हमें यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि सभी तक बुनियादी शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल की पहुंच हो।'' चन्द्रशेखरन ने यह भी कहा कि एक तरफ हमारे पास अत्यधिक कुशल लोगों का एक बड़ा समूह है, तो दूसरी तरफ अकुशल लोगों की संख्या भी बहुत बड़ी है। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हर लड़की को भी लड़कों की तरह समान अवसर मिले।
- नयी दिल्ली। एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने दिल्ली-मेरठ रीजनल रैपिड रेल (आरआरटीएस) गलियारे के निर्माण और औद्योगिक गलियारे के विकास के लिए 25-25 करोड़ डॉलर के दो कर्जों को स्वीकृति दी है। वित्त मंत्रालय ने सोमवार को एक बयान में कहा कि 82 किलोमीटर लंबे आरआरटीएस गलियारे के निर्माण के लिए एडीबी 25 करोड़ डॉलर का वित्त मुहैया कराने जा रहा है। एडीबी ने वर्ष 2020 में आरआरटीएस के निर्माण के लिए 104.9 करोड़ डॉलर का वित्तपोषण कई चरणों में मुहैया कराने पर सहमति जताई थी। पहली किस्त में 50 करोड़ डॉलर का कर्ज दिया था। वित्त मंत्रालय में संयुक्त सचिव जूही मुखर्जी ने कर्ज समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद कहा कि इस निवेश से आरआरटीएस शहरी परिवहन में सुधार ला पाएगा और इससे महिलाओं एवं दिव्यांगों को भी आर्थिक लाभ होंगे। एडीबी ने विनिर्माण को अधिक प्रतिस्पर्द्धी बनाने और राष्ट्रीय आपूर्ति शृंखला को सशक्त करने के लिए औद्योगिक गलियारा विकास के लिए भी 25 करोड़ डॉलर के एक कर्ज को मंजूरी दी है। इस 'सबप्रोग्राम 2' से परिवहन, लॉजिस्टिक एवं शहरी सुविधाओं से औद्योगिक गलियारों को लैस करने में मदद मिलेगी। इसके पहले 25 करोड़ डॉलर का 'सबप्रोग्राम 1' कर्ज भी एडीबी ने अक्टूबर, 2021 में दिया था।
- मुंबई। शेयर बाजार की रफ्तार 2024 में धीमी हो सकती है और 50 शेयरों वाला निफ्टी अगले साल केवल दो फीसदी की बढ़त हासिल करेगा। कोटक सिक्योरिटीज ने सोमवार को यह अनुमान जताया। घरेलू ब्रोकरेज कंपनी ने कहा कि कि निफ्टी 2024 के अंत तक 21,834 पर होने की संभावना है, जबकि सोमवार को कारोबार के अंत में सूचकांक 21,418 पर बंद हुआ। कोटक सिक्योरिटीज ने कहा कि भारतीय बाजारों ने 2023 में अब तक 13 प्रतिशत से अधिक की बढ़त के साथ इतिहास रचा। इस दौरान मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांक में क्रमश: 39 फीसदी और 48 फीसदी की मजबूत वृद्धि हुई। ब्रोकरेज घराने ने 2024 के बारे में अनुमान जताते हुए कहा कि हम विभिन्न घटनाओं से भरे दौर में प्रवेश कर रहे हैं। नए साल की पहली छमाही में वैश्विक ब्याज दर, भारतीय उपभोग के रुख और आम चुनावों सहित कई कारकों पर नजर रहेगी। ब्रोकरेज कंपनी ने यह भी अनुमान जताया कि आरबीआई नए साल में अपने मौद्रिक रुख में बदलाव नहीं करेगा, क्योंकि वह मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत से नीचे लाने के लिए प्रतिबद्ध है।