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कोलंबो. भारत ने बेहद मुश्किल आर्थिक संकट से गुजर रहे पड़ोसी देश श्रीलंका को दी गई ऋण-सुविधा के तहत शनिवार को 40,000 टन डीजल की एक अतिरिक्त खेप भेजी। पिछले महीने भारत ने श्रीलंका को ईंधन का आयात करने के लिए अतिरिक्त 50 करोड़ डॉलर की ऋण-सुविधा देने की घोषणा की थी। इस राशि का इस्तेमाल श्रीलंका को ईंधन आपूर्ति के लिए किया जाना है। श्रीलंका जरूरी वस्तुओं के आयात का भुगतान करने के लिए संघर्ष कर रहा है क्योंकि उसका विदेशी मुद्रा भंडार बेहद घट गया है। इसकी वजह से उसकी मुद्रा का मूल्यह्रास हो गया है और मुद्रास्फीति बहुत बढ़ गई है। इसे लेकर देश भर में राजनीतिक अस्थिरता भी फैल गई है। भारतीय उच्चायोग ने ट्विटर पर एक संदेश में कहा, ‘‘श्रीलंका में डीजल की आपूर्ति की गई। भारत की ओर से दी गई ऋण-सुविधा के तहत 40,000 टन डीजल लेकर एक और खेप आज कोलंबो पहुंची।'' कोलंबो स्थित भारतीय उच्चायोग ने शुक्रवार को कहा था कि चावल, दवाएं और दूध के पाउडर जैसी तात्कालिक सहायता सामग्री लेकर एक भारतीय पोत रविवार को कोलंबो पहुंचेगा। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने राहत सामग्री से लदा पोत बुधवार को चेन्नई से रवाना किया था। पहली खेप में नौ हजार मीट्रिक टन चावल, दो सौ मीट्रिक टन दूध का पाउडर और 24 मीट्रिक टन दवाएं शामिल हैं जिनका कुल मूल्य 45 करोड़ रुपये है।
- - नयी दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी में शनिवार को सीएनजी की कीमतों में दो रुपये प्रति किलोग्राम की बढ़ोतरी कर दी गई। इसके साथ ही पिछले दो महीने में सीएनजी के दामों में 13वीं बार वृद्धि की जा चुकी है। सीएनजी की आपूर्ति करने वाली इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड (आईजीएल) की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार दिल्ली और एनसीआर में सीएनजी की कीमत 73.61 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़कर 75.61 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है। कीमतों में सात मार्च के बाद से यह 13वीं बढ़ोतरी है। इस दौरान कुल मिलाकर सीएनजी की कीमत 19.60 रुपये प्रति किलोग्राम बढ़ चुकी है। पिछले एक साल में कीमतों में 32.21 रुपये प्रति किलोग्राम या 60 फीसदी तक की वृद्धि हो चुकी है। वैसे घरेलू रसोई में इस्तेमाल होने वाली पाइप्ड नेचुरल गैस (पीएनजी) के दाम में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। यह 45.86 रुपये प्रति एससीएम के भाव पर बनी हुई है। आईजीएल के प्रबंध निदेशक संजय कुमार ने कहा कि निकट भविष्य में भी कीमतें ऊंची बनी रहने का अनुमान है क्योंकि प्राकृतिक गैस की अंतरराष्ट्रीय कीमतें भी उच्च स्तर पर हैं। महानगर गैस लिमिटेड (एमजीएल) के अनुसार मुंबई में सीएनजी की कीमत 76 रुपये प्रति किलोग्राम है।सीएनजी की कीमतों में अलग-अलग शहरों में लगने वाले स्थानीय करों के कारण अंतर होता है।
- नयी दिल्ली। ईंधन उत्पादों की लगातार बढ़ती कीमतों से आम जनजीवन पर पड़ रहे असर को देखते हुए सरकार ने शनिवार को पेट्रोल एवं डीजल पर लगने वाले उत्पाद शुल्क में क्रमशः आठ रुपये एवं छह रुपये प्रति लीटर की कटौती करने की घोषणा की। इसके साथ ही सरकार ने घरों में खाना पकाने के लिए इस्तेमाल होने वाले एलपीजी सिलिंडर पर भी 200 रुपये प्रति सिलिंडर की सब्सिडी देने की घोषणा की। उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को एक साल में 12 गैस सिलिंडरों पर यह सब्सिडी दी जाएगी। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद शुल्क घटाने और गैस सब्सिडी देने के इस फैसले की जानकारी दी। पिछले कुछ महीनों में पेट्रोल एवं डीजल की कीमतें बढ़ने के अलावा रसोई गैस की कीमतें भी लगातार बढ़ी हैं। इसकी वजह से लोगों के बजट पर बुरा असर पड़ रहा था। इसको देखते हुए तमाम जानकार एवं विपक्षी दल ईंधन कीमतों में कटौती की मांग कर रहे थे।
- लंदन। मर्सिडीज कारों का जलवा हमेशा रहा है। वर्ष 1955 में बनी मर्सिडीज बेंज-300 एसएलआर कार अब 1105 करोड़ रुपये में बिक दुनिया की सबसे महंगी कार बन गई। इसने वर्ष 2018 में नीलाम 1962 में निर्मित और करीब 375 करोड़ रुपये में बिकी फरारी-जीटीओ को पीछे छोड़ दिया है।जर्मनी में गुप्त नीलामी के जरिए यह कार बिकी। दुनिया की सबसे महंगी विंटेज मर्सिडीज खरीदने वाले का नाम गुप्त रखा गया है। कार के नए मालिक को इतनी रकम चुकाने के बावजूद न तो इसे घर ले जाने की इजाजत होगी, न ही वह हर रोज सड़कों पर इससे फर्राटा भर पाएंगे। सौदे के मुताबिक इस बेशकीमती कार को जर्मनी के स्टटगार्ट स्थित मर्सिडीज के म्यूजियम में रखा जाएगा।नए मालिक को कभी-कभार इसे चलाने का मौका मिलेगा। यह मर्सिडीज 300 एसएलआर उहलेनहॉट कूप कार, आठ सिलिंडर वाली मर्सिडीज बेंज डब्ल्यू 196 फॉर्मूला वन कार के डिजाइन पर आधारित है। उससे अर्जेंटीना के स्टार कार रेसर जॉन मैनुअल ने 1954-55 में विश्व चैंपियनशिप जीती थी।मर्सिडीज कंपनी ने 300 एसएलआर श्रेणी में अब तक केवल नौ कारों का उत्पादन किया है। इनमें से दो विशेष उलेनॉ कूप प्रोटोटाइप कारें थीं। चेकिंग विभाग के मुखिया ने इनमें से एक कार को कंपनी की कार के तौर पर चलाया। इस 300 एसएलआर कार को उन 'चांदी की तीर जैसी कारों का वंशज माना जाता है, जिनका 1930 के दशक में रेसिंग में दबदबा था। यह कारों की मोनालिसा नाम से पहचानी जाती है। मर्सिडीज बेंज चेयरमैन ओला क्लेनियस ने कहा, 'इससे हम मर्सिडीज की ताकत को दिखाना चाहते थे, जो कर दिखाया। नीलामी से मिली 1105 करोड़ रुपये की राशि को कंपनी इंजीनियरिंग, गणित, विज्ञान के विद्यार्थियों को स्कॉलरशिप देने के लिए उपयोग करेगी।मर्सिडीज बेंज 300 एसएलआर उहलेनहाउट कूपे मॉडल की दुनिया में सिर्फ दो कारें हैं। ये दोनों कारें श्टुटगार्ट में मर्सिडीज बेंज म्यूजियम में थीं, जिनमें से एक अब बिक गई है और दूसरी म्यूजियम में ही रहेगी। इसे एक शख्स ने अपने निजी संग्रह के लिए खरीदा है। 1955 में बनी इस कार को अपना नाम मिला इंजीनिर रुडोल्फ उहलेनहाउट जिन्होंने इसे बनाया था। बकौल ओला केलेनियस उहलेनहाउट कूपे स्पोट्र्स कार के विकास में मील का एक पत्थर है और ब्रांड के इतिहास की नींव भी। कार का इस्तेमाल भी उहलेनहाउट ही करते रहे। 300 एसएलआर अपने खास बटरफ्लाई दरवाजों की वजह से दूर से ही पहचान में आ जाती है। 8 सिलिंडर वाली 2,982 सीसी की इस कार की ताकत 302 हॉर्स पावर है और यह अधिकतम 290 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकती है। कार को 1956 की रेस के लिए तैयार किया गया था, लेकिन यह कभी रेस में नहीं उतर सकी। 1955 में 300 एसएलआर की रेसिंग के दौरान हुए हादसे में फ्रेंच ड्राइवर पियरे लेवे और 83 दर्शकों की मौत हो गई, जिसके बाद कंपनी ने रेस से अपनी टीम हटा ली।
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नई दिल्ली। भारत एक पसंदीदा निवेश गंतव्य के रूप में उभरा है। यह इस बात से प्रामणित होता है कि भारत ने पिछले वित्तीय वर्ष में 83 अरब 57 करोड़ डॉलर का अब तक का सबसे अधिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश-एफडीआई प्राप्त किया है। वित्त वर्ष 2014-15 में प्राप्त 45 अरब 15 करोड़ डॉलर एफडीआई की तुलना में, देश में पिछले वित्त वर्ष में प्राप्त एफडीआई 85 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई थी। पिछले चार वित्तीय वर्षों में भारत को 301 बिलियन डॉलर से अधिक प्रत्यक्ष निवेशी विदेश प्राप्त किया है। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2003-04 से देश में एफडीआई में 20 गुना वृद्धि हुई है। उस समय केवल 4 अरब 30 करोड़ डॉलर विदेश निवेश प्राप्त हुआ था। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने कहा है कि एफडीआई और कई अन्य उपायों के लिए उदार और पारदर्शी नीति के परिणामस्वरूप रिकॉर्ड प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्राप्त हुआ है।
- नयी दिल्ली। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने आम्रपाली लेज़र वैली डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड और उसके निदेशक अनिल शर्मा एवं कुछ अन्य लोगों के खिलाफ 230 करोड़ रुपये से अधिक की कथित बैंक धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। सीबीआई अधिकारियों ने शुक्रवार को कहा कि कंपनी ने कथित तौर पर बैंक ऑफ महाराष्ट्र और आंध्रा बैंक के साथ 230 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी की है। प्राथमिकी के मुताबिक, इन बैंकों ने उत्तर प्रदेश में ग्रेटर नोएडा के टेक जोन-4 इलाके में 1.06 लाख वर्ग मीटर भूखंड पर एक आवासीय भवन विकसित करने के लिए ऋण की मंजूरी दी थी।कंपनी यह कर्ज चुकाने में विफल रही, जिसके बाद 31 मार्च, 2017 को उनके खाते को गैर-निष्पादित संपत्ति घोषित कर दिया गया था। बैंक ऑफ महाराष्ट्र की शिकायत में आरोप लगाया है कि "इस रवैये से बैंक को 230.97 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है।"आम्रपाली समूह के फ्लैट खरीदारों के एक समूह ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में वादा किए गए फ्लैटों की समय पर आपूर्ति नहीं होने पर उच्चतम न्यायालय में शिकायत की थी। आम्रपाली डेवलपर्स का 42,000 फ्लैट विकसित करने और बेचने का वादा था। इस मामले में सर्वोच्च अदालत ने कंपनी की वित्तीय स्थिति की समीक्षा करने के लिए फॉरेंसिक ऑडिट का आदेश दिया था। सीबीआई ने भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश) एवं धारा 420 (धोखाधड़ी) और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की है।
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नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों और एटीएम ऑपरेटरों को सभी ए.टी.एम्स में कार्डलेस नकद निकासी सुविधा प्रदान कराने का निर्देश दिया है। रिज़र्व बैंक ने एक परिपत्र में कहा है कि सभी बैंक, ऑटोमेटिड टेलर मशीन नेटवर्क्स और व्हाइट लेबल ए.टी.एम. ऑपरेटर्स अपने ए.टी.एम्स पर इंटरऑपरेबल कार्डलेस नकद निकासी का विकल्प प्रदान कर सकते हैं। भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम से कहा गया है कि वह सभी बैंकों और ए.टी.एम. नेटवर्क्स को एकीकृत भुगतान इंटरफेस -UPI से जोड़ने में सहायता प्रदान करे।
रिज़र्व बैंक के अनुसार कार्डलेस नकद निकासी की सीमा ए.टी.एम. निकासी के अनुरूप ही होगी। रिज़र्व बैंक ने पिछले महीने कहा था कि धोखाधड़ी रोकने के लिए सभी बैंकों को ए.टी.एम. में कार्ड-रहित नकद निकासी की अनुमति देने का फैसला लिया गया है। अभी केवल कुछ बैंकों में ही कार्ड लेस ए.टी.एम. की सुविधा उपलब्ध है। - मुंबई। वैश्विक बाजारों में भारी बिकवाली के बीच स्थानीय बाजार भी गुरुवार को भारी नुकसान के साथ बंद हुए। बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 1,400 अंक से अधिक टूट गया। बिकवाली के व्यापक रुख के बीच सेंसेक्स और निफ्टी दोनों 2.60 प्रतिशत से अधिक के नुकसान में रहे। विदेशी निवेशकों की घरेलू बाजारों में लगातार निकासी और रुपये के डॉलर के मुकाबले सर्वकालिक निचले स्तर पर पहुंचने से भी बाजार की धारणा प्रभावित हुई है। तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 1,416.30 अंक यानी 2.61 प्रतिशत का गोता लगाकर 52,792.23 अंक पर आ गया। यह पिछले दो महीने में इसकी सबसे बड़ी गिरावट है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 430.90 अंक यानी 2.65 प्रतिशत की बड़ी गिरावट के साथ 15,809.40 अंक पर बंद हुआ। शेयर बाजारों में गिरावट के साथ बीएसई में सूचीबद्ध सभी कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 6.71 लाख करोड़ रुपये घटकर 2,49,06,394.08 करोड़ रुपये रह गया। सेंसेक्स की कंपनियों में सबसे अधिक सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियों में गिरावट हुई। इस दौरान विप्रो का शेयर 6.21 प्रतिशत लुढ़क गया तथा एचसीएल टेक, इंफोसिस, टीसीएस, टेक महिंद्रा, टाटा स्टील, इंडसइंड बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक के शेयर भी गिरावट के साथ बंद हुए। वहीं दूसरी तरफ, आईटीसी का शेयर 3.43 प्रतिशत तक चढ़ गया। साथ ही डॉ रेड्डीज और पावर ग्रिड के शेयर इस दौरान लाभ के साथ बंद हुए। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज में अनुसंधान प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘अमेरिकी खुदरा विक्रेताओं के ताजा वित्तीय नतीजों में उच्च खुदरा मुद्रास्फीति का असर देखा गया, जिसके चलते वॉल स्ट्रीट में गिरावट आई।'' उन्होंने कहा, ‘‘आर्थिक मंदी की बढ़ती आशंकाओं के साथ-साथ विदेशी निवेशकों द्वारा लगातार बिकवाली ने स्थानीय शेयर बाजारों में कहर बरपाया।'' इसके अलावा व्यापक बाजार में बीएसई मिडकैप 2.66 प्रतिशत और स्मॉलकैप सूचकांक 2.29 प्रतिशत लुढ़क गया।एशिया के अन्य बाजारों में चीन के शंघाई को छोड़कर हांगकांग का हैंगसेंग, दक्षिण कोरिया का कॉस्पी और जापान का निक्की गिरावट में रहा। यूरोपीय बाजार भी दोपहर के सत्र के दौरान गिरावट में कारोबार कर रहे थे। बुधवार को अमेरिकी बाजारों में भी गिरावट आई थी। इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 1.29 प्रतिशत घटकर 107.7 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।शेयर बाजार से मिले आंकड़ों के अनुसार, विदेशी निवेशकों का घरेलू बाजारों से निकासी का सिलसिला जारी है। उन्होंने बुधवार को 1,254.64 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
- नयी दिल्ली। भोजन पकाने में इस्तेमाल होने वाली एलपीजी गैस के सिलेंडर की कीमत गुरुवार को 3.50 रुपये बढ़ा दी गई। इस महीने एलपीजी सिलेंडर के दाम दूसरी बार बढ़ाए गए हैं। सार्वजनिक क्षेत्र की ईंधन वितरक कंपनियों ने दाम में बढ़ोतरी की अधिसूचना जारी की। इसके अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में बिना सब्सिडी वाले 14.2 किलोग्राम के एलपीजी सिलेंडर की कीमत अब 1,003 रुपये हो गयी है जो पहले 999.50 रुपये थी। एलपीजी की दरों में इस महीने दूसरी बार और दो महीने से भी कम समय में तीसरी बार वृद्धि की गई है। सात मई को प्रति सिलेंडर 50 रुपये की वृद्धि की गयी थी, इससे पहले 22 मार्च को भी प्रति सिलेंडर कीमतों में इतनी ही वृद्धि की गयी थी। अप्रैल 2021 के बाद से एलपीजी सिलेंडर के दाम 193.5 रुपये बढ़ चुके हैं।पेट्रोल और डीजल की कीमतें लगातार 43वें दिन भी स्थिर रहीं। इससे पहले, 22 मार्च से शुरू करते हुए 16 दिन के भीतर पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कुल दस रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई थी। ईंधन कंपनियों ने आधिकारिक तौर पर यह वृद्धि बिना सब्सिडी वाले गैस सिलिंडर के लिए ही की है। लेकिन देश के अधिकांश शहरों में अब सरकार की तरफ से गैस सिलेंडर पर सब्सिडी नहीं दी जा रही है लिहाजा खरीदारों को बिना सब्सिडी वाले सिलेंडर ही खरीदने पड़ रहे हैं। मुंबई में बिना सब्सिडी वाले 14.2 किलो के एलपीजी सिलेंडर के दाम 1,002.50 रुपये, चेन्नई में 1,018.50 रुपये और कोलकाता में 1,029 रुपये है। तेल कंपनियों ने वाणिज्यिक एलपीजी सिलेंडर की कीमतें भी आठ रुपये प्रति सिलेंडर बढ़ा दी हैं जिसके बाद 19 किलो वजन वाले सिलेंडर की कीमत 2,354 रुपये हो गई है। इससे पहले, एक मई को 102.50 रुपये प्रति सिलिंडर की वृद्धि कर दी गई थी जिसके बाद सिलेंडर की कीमत 2,355.50 रुपये हो गई थी। सात मई को कीमत में कमी की गई थी और तब एक सिलेंडर 2,346 रुपये का था।
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नयी दिल्ली. अडाणी पोर्ट्स एंड सेज के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) करण अडाणी ने बुधवार को कहा कि भारत विश्व की एक-चौथाई अर्थव्यवस्था को नियंत्रित करने के युग में वापस आ रहा है। एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति गौतम अडानी के पुत्र करण अडाणी ने ‘अमेजन संभव-2022' में कहा कि ग्रामीण भारत और दूसरे या तीसरी श्रेणी के शहरों के सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यमों (एमएसएमई) में अच्छा करने का दम है। उन्होंने कहा इन क्षेत्रों में तकनीकी सुधार की आवश्यकता है ताकि देश के पास विकास की क्षमता का बढ़ाया जा सके। अडाणी ने कहा भारत को पहले लोग ‘सोने की चिड़िया' बताते थे और मुझे निजी तौर पर लगता है कि मेरे जीवन में हम फिर से ऐसी स्थिति देखेंगे जब वैश्विक अर्थव्यवस्था का एक-चौथाई भारत के नियंत्रण में होगा। -
नयी दिल्ली. दूरसंचार सचिव के राजारमन ने बुधवार को कहा कि 5जी सेवाओं की शुरुआत से नई प्रौद्योगिकियों के लिए उपयुक्त कौशल की जरूरत होगी, जिससे बड़े स्तर पर रोजगार के अवसर पैदा होंगे। राजारमन ने दूरसंचार क्षेत्र कौशल परिषद (टीएसएससी) के एक कार्यक्रम में कहा कि भारतनेट से लेकर अंतरिक्ष दूरसंचार और 5जी से लेकर ब्रॉडबैंड सेवाओं में बड़े पैमाने पर रोजगार पैदा होगा। उन्होंने उद्योग को इन उभरते अवसरों का लाभ उठाने के लिए प्रतिभाशाली लोगों की ‘पाइपलाइन' बनाने पर ध्यान देने का आह्वान भी किया। सचिव ने कहा, ‘‘उपयोग के मामलों या तरीकों में बढ़ोतरी के साथ 5जी सेवाओं में वृद्धि होगी तथा प्रौद्योगिकी की प्रकृति और क्षमता की पेशकश के चलते कौशल की एक नयी श्रृंखला भी खुलेगी।'' दूरसंचार विभाग के शीर्ष अधिकारी ने 5जी की शुरुआत से ऑगमेंटेड रियलिटी, वर्चुअल रियलिटी और इंटरनेट से संबंधित क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि फिक्स्ड वायरलाइन ब्रॉडबैंड के भी तेजी से बढ़ने की काफी गुंजाइश है। अभी इस क्षेत्र में पहुंच का दायरा काफी सीमित है। यह क्षेत्र भी दो अंकीय वृद्धि हासिल कर सकता है।
- मुंबई। वैश्विक बाजारों के मिले-जुले रुख के बीच उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में बुधवार को शेयर बाजारों ने शुरुआती लाभ गंवा दिया और सेंसेक्स 109.94 अंक टूटकर बंद हुआ। तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 109.94 अंक यानी 0.20 प्रतिशत गिरकर 54,208.53 अंक पर आ गया। दिन में कारोबार के दौरान यह एक समय 54,786 अंक के उच्चस्तर तक गया और 54,130.89 अंक के निचले स्तर तक भी आया। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 19 अंक यानी 0.12 प्रतिशत के नुकसान से 16,240.30 अंक पर बंद हुआ।सेंसेक्स की कंपनियों में पावरग्रिड, टेक महिंद्रा, भारतीय स्टेट बैंक, भारती एयरटेल, लार्सन एंड टुब्रो, बजाज फिनसर्व, विप्रो, एनटीपीसी और एचसीएल टेक्नोलॉजीज के शेयरों में गिरावट रही। वहीं दूसरी ओर अल्ट्राटेक सीमेंट, हिंदुस्तान यूनिलीवर, एशियन पेंट्स, सन फार्मा, आईटीसी और एक्सिस बैंक के शेयर लाभ में रहे। एशिया के अन्य बाजारों में हांगकांग का हैंगसेंग, दक्षिण कोरिया का कॉस्पी और जापान का निक्की बढ़त के साथ बंद हुए जबकि और चीन के शंघाई कंपोजिट में गिरावट आई। यूरोपीय शेयर बाजार दोपहर के सत्र के दौरान मिले-जुले रुख के साथ कारोबार कर रहे थे तथा अमेरिकी बाजार मंगलवार को लाभ में बंद हुए। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘यूरोपीय बाजारों के गिरावट में खुलने से पहले फार्मा और एफएमसीजी कंपनियों के शेयरों में बढ़त से घरेलू बाजार में तेजी देखी गई। हालांकि, ब्रिटेन में बढ़ती मुद्रास्फीति और इसे कम करने के लिए केंद्रीय बैंक के चेयरमैन के बयान का निवेशकों की धारणा पर असर पड़ा।'' इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 1.13 प्रतिशत चढ़कर 113.2 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।शेयर बाजार से मिले आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी निवेशकों का घरेलू बाजारों से निकासी का सिलसिला जारी है। उन्होंने मंगलवार को 2,192.44 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
- कुर्नूल (आंध्र प्रदेश)।ग्रीनको समूह के संयुक्त प्रबंध निदेशक महेश कोल्ली ने कहा है कि कंपनी दुनिया का सबसे बड़ा अक्षय ऊर्जा भंडारण संयंत्र स्थापित कर रही है। कंपनी के अधिकारी ने बताया कि 5,230 मेगावॉट की यह परियोजना तीन अरब डॉलर की लागत से स्थापित की जा रही है और वैश्विक इस्पात विनिर्माता आर्सलरमित्तल ने इसमें 60 करोड़ डॉलर का निवेश किया है। उन्होंने परियोजना के लिए ‘कंक्रीट डालने के समारोह' से इतर यह बात कही। इस दौरान आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। उन्होंने परियोजना के बारे में जानकारी साझा करते हुए बताया कि 5,230 मेगावॉट में से 3,000 मेगावॉट सौर, 550 मेगावॉट पवन भंडारण क्षमता है तथा छह घंटे के लिए पंप भंडारण क्षमता 1,680 मेगावॉट है। कोल्ली ने कहा कि इस परियोजना के वर्ष 2023 तक पूरी तरह से शुरू होने की उम्मीद है।ग्रीनको ग्रुप के मुख्य कार्यपालक अधिकारी एवं प्रबंध निदेशक अनिल चलमालासेट्टी ने कहा, ‘‘इस परियोजना के साथ हमने भंडारण की अवधारणा का बीड़ा उठाया है...... यह राष्ट्रीय स्तर और राज्य सरकार के नीतिगत समर्थन के कारण संभव हुआ है।
- नयी दिल्ली। हीरो इलेक्ट्रिक ने मंगलवार को कहा कि उसने पूरे भारत में ईवी (इलेक्ट्रिक वाहन) खरीदारों को कर्ज मुहैया कराने के लिए रेवफिन के साथ समझौता किया है। कंपनी ने एक बयान में कहा कि इस साझेदारी का लक्ष्य अगले तीन वर्षों में 2.5 लाख वाहनों को ऋण और पट्टे पर देना है। रेवफिन डिजिटल उपभोक्ता ऋण मुहैया कराने वाला मंच है। हीरो इलेक्ट्रिक के सीईओ सोहिंदर गिल ने कहा कि ई-कॉमर्स खंड तेजी से बढ़ रहा है और हीरो इलेक्ट्रिक का लक्ष्य बी2बी खंड को मजबूत करना है।
- सिंगापुर। ‘ब्लास्ट फर्नेस' और ‘बेसिक ऑक्सीजन फर्नेस' के जरिये कच्चे इस्पात का उत्पादन बढ़ने से भारत और दक्षिण-पूर्व एशिया में कर्बन उत्सर्जन बढ़ सकता है। ‘वुड मैकेंजी' की एक रिपोर्ट के अनुसार, इन क्षेत्रों में कच्चे इस्पात का उत्पादन तिगुना होने से कार्बन उत्सर्जन का स्तर मौजूदा स्तर से दोगुना बढ़ जाएगा। भारत ने 2030-31 तक 30 करोड़ टन कच्चे इस्पात के उत्पादन का लक्ष्य रखा है, जब घरेलू खपत 20 करोड़ टन से अधिक होने की उम्मीद है। भारतीय मिलों में 2021 में 11.8 करोड़ टन कच्चे इस्पात का उत्पादन हुआ था। सिंगापुर में जारी की गई इस नयी रिपोर्ट के अनुसार, कुल मिलाकर वैश्विक इस्पात उद्योग से होने वाले कार्बन उत्सर्जन में 2021 के स्तर की तुलना में 2050 तक 30 प्रतिशत की गिरावट आने की संभावना है। रिपोर्ट में कहा गया है कि हालांकि, ब्लास्ट फर्नेस और बेसिक ऑक्सीजन फर्नेस के जरिये कच्चे इस्पात का उत्पादन बढ़ने से भारत और दक्षिण-पूर्व एशिया में कार्बन उत्सर्जन में वृद्धि हो सकती है।
- नयी दिल्ली. देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी जीवन बीमा निगम (एलआईसी) की मंगलवार को शेयर बाजारों में कमजोर शुरुआत हुई। शेयर बाजारों में कंपनी का शेयर अपने निर्गम मूल्य पर आठ प्रतिशत से अधिक की गिरावट के साथ सूचीबद्ध हुआ। कारोबार के अंत तक कंपनी का शेयर निर्गम मूल्य से नीचे रहा। बीएसई पर कंपनी का शेयर 949 रुपये के निर्गम मूल्य के मुकाबले 872 रुपये प्रति शेयर के भाव पर सूचीबद्ध हुआ। वहीं एनएसई पर एलआईसी के शेयर 867.20 रुपये पर सूचीबद्ध हुए। यह निर्गम मूल्य से 77 रुपये कम है। जिस कीमत पर एलआईसी के पॉलिसीधारकों और खुदरा निवेशकों को शेयर आवंटित किए गए थे, शेयर उससे भी कम कीमत पर सूचीबद्ध हुए। एलआईसी के पॉलिसीधारकों और खुदरा निवेशकों को क्रमश: 889 रुपये और 904 रुपये प्रति शेयर के भाव पर शेयर मिले थे। शेयर पूरे दिन के कारोबार में निर्गम मूल्य से नीचे बना रहा और एनएसई पर 873 रुपये तथा बीएसई पर 875.45 रुपये प्रति शेयर के भाव पर बंद हुआ। दिन के कारोबार में शेयर ने 860 रुपये के निचले स्तर को छुआ। पहले दिन एनएसई पर 4.87 करोड़ और बीएसई पर 27.52 लाख शेयरों का कारोबार हुआ। शेयरों के सूचीबद्ध होने के साथ ही एलआईसी 5.54 लाख करोड़ रुपये के बाजार पूंजीकरण के साथ पांचवीं सबसे मूल्यवान कंपनी बन गई है। सरकार को 20,557 करोड़ रुपये के इस आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के लिए घरेलू निवेशकों से अच्छी प्रतिक्रिया मिली थी। एलआईसी का आईपीओ नौ मई को बंद हुआ था और 12 मई को बोली लगाने वालों को इसके शेयर आवंटित किए गए।सरकार ने आईपीओ के जरिये एलआईसी के 22.13 करोड़ से अधिक शेयर यानी 3.5 प्रतिशत हिस्सेदारी की पेशकश की है। इसके लिए कीमत का दायरा 902-949 रुपये प्रति शेयर रखा गया था। एलआईसी के आईपीओ को करीब तीन गुना अभिदान मिला था। इसमें घरेलू निवेशकों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया, जबकि विदेशी निवेशकों की प्रतिक्रिया ‘ठंडी' रही। यह देश के इतिहास का सबसे बड़ा आईपीओ है।
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नयी दिल्ली. रेमंड लिमिटेड का एकीकृत शुद्ध लाभ वित्त वर्ष 2021-22 की चौथी तिमाही में चार गुना से अधिक होकर 264.97 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। बढ़ती मांग और मजबूत उपभोक्ता धारणा के कारण कंपनी का लाभ बढ़ा है। कंपनी ने सोमवार को शेयर बाजार को भेजी जानकारी में बताया कि वित्त वर्ष 2020-21 की जनवरी-मार्च तिमाही में उसका एकीकृत शुद्ध लाभ 58.36 करोड़ रुपये था। रेमंड की परिचालन आय जनवरी-मार्च, 2021-22 की तिमाही के दौरान 43.38 प्रतिशत उछलकर 1,958.10 करोड़ रुपये हो गई। एक साल पहले की इसी तिमाही में यह 1,365.66 करोड़ रुपये थी। कंपनी ने एक बयान में कहा, ‘‘रेमंड ने आलोच्य तिमाही के दौरान सबसे अधिक राजस्व और लाभ हासिल किया।''
इसके अलावा कंपनी का कुल खर्च बीते वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही में 33.36 प्रतिशत बढ़कर 1,790.12 करोड़ रुपये हो गया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में 1,342.31 करोड़ रुपये था। -
नयी दिल्ली. हीरो मोटोकॉर्प को भरोसा है कि चालू वित्त वर्ष में दोपहिया वाहन उद्योग पटरी पर आ जाएगा। कंपनी ने कहा है कि आर्थिक गतिविधियों में तेजी और अनाज की ऊंची कीमतों के कारण ग्रामीण आय में बढ़ोतरी से दोपहिया वाहन उद्योग को फायदा होगा। देश की सबसे बड़ी दोपहिया कंपनी को साथ ही व्यापक आर्थिक संकेतकों के सकारात्मक रुख के चलते 2022-23 में दोपहिया वाहन क्षेत्र की वृद्धि दो अंकीय में यानी 10 प्रतिशत से अधिक रहने की उम्मीद है। हीरो मोटोकॉर्प के मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) निरंजन गुप्ता ने एक विश्लेषक कॉल में कहा कहा, ‘‘वृहद संकेतक अच्छे दिख रहे हैं। अप्रैल में माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह अबतक का सबसे ऊंचा स्तर है। ई-वे बिल निकालने की संख्या बढ़ी है और मेरे अनुसार अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्र खुल गए हैं।'' उन्होंने कहा कि अनाज की कीमतें में वृद्धि हुई है और इससे ग्रामीण आय बढ़ रही है तथा मानसून का पूर्वानुमान भी अच्छा है। यह भी स्पष्ट है कि भले ही कोविड-19 गया नहीं हो, लेकिन सभी ने अब अपनी आजीविका के साथ आगे बढ़ना सीख लिया है और इसलिए उपभोक्ता का विश्वास और खर्च मजबूती के साथ बढ़ रहा है। गुप्ता ने कहा, ‘‘पहले से ही हम अप्रैल में मजबूत संकेत देख रहे हैं और यह मानने का हमारे पास ऐसा कोई कारण नहीं है कि वित्त वर्ष 2022-23 में दोपहिया उद्योग दो अंकों में क्यों नहीं बढ़ सकता है।
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नयी दिल्ली. कलाई पर पहनने और कानों में सुनने के लिए इस्तेमाल होने वाले उत्पादों (वियरेबल) का भारतीय बाजार साल-दर-साल 20.1 प्रतिशत बढ़कर जनवरी-मार्च तिमाही में 1.39 करोड़ इकाई हो गया। इंटरनेशनल डेटा कॉरपोरेशन (आईडीसी) ने सोमवार को ये आंकड़े जारी करते हुए कहा कि वियरेबल उत्पादों के विकास को नए उत्पादों की पेशकश, बिक्री चैनलों पर दी जा रही छूट और ब्रांडों द्वारा आक्रामक विपणन रणनीति से समर्थन मिल रहा है। मार्च, 2022 तिमाही में घड़ियों की बिक्री सालाना आधार पर 173 प्रतिशत बढ़कर 37 लाख इकाई रही। रिपोर्ट के मुताबिक, घड़़ियों की कुल बिक्री में बुनियादी घड़ियों का हिस्सा 95.1 प्रतिशत है। प्रवेश स्तर के मूल्य बिंदुओं पर आक्रामक प्रतिस्पर्धा ने बुनियादी घड़ियों को सालाना 202.1 प्रतिशत बढ़ाने में मदद की जबकि स्मार्टवॉच श्रेणी में सालाना 4.2 प्रतिशत की गिरावट आई।'' रिपोर्ट के अनुसार, मार्च तिमाही में कुल मिलाकर कलाई पर पहने जाने वाले उत्पाद 87.5 प्रतिशत बढ़े और इनकी कुल 40 लाख इकाइयों की बिक्री हुई। वहीं ईयरवियर श्रेणी का कुल वियरेबल बाजार में हिस्सा 71.3 प्रतिशत है। रिपोर्ट के मुताबिक, वायरलेस स्टीरियो की हिस्सेदारी मार्च, 2021 की तिमाही में 34.2 प्रतिशत से बढ़कर 48.3 प्रतिशत हो गई जो सालाना आधार पर 48.2 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्शाती है। आईडीसी इंडिया की वरिष्ठ बाजार विश्लेषक (ग्राहक उत्पाद) अनीशा डुम्बरे ने कहा, ‘‘आक्रामक छूट, नए फीचर और ब्रांड एवं बिक्री चैनल साझेदारों से मिल रहा मजबूत समर्थन उपभोक्ताओं को अपग्रेड करने और पहनने योग्य घड़ियों पर अधिक खर्च करने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है। जहां वायरलेस स्टीरियो और घड़ियों पर निर्भरता बढ़ रही है वहीं आपूर्ति इस उद्योग के लिए चिंता का मुद्दा बनी हुई है।
- कोलकाता। प्रमुख उद्योग निकाय भारतीय चाय संघ (टीएआई) ने सोमवार को भारी कमी की वजह से कोयले की बढ़ती लागत का मुद्दा उठाया। संघ ने कहा कि इससे चाय बागानों में पौधरोपण का काम प्रभावित हो रहा है। टीएआई ने कहा कि चूंकि उत्तर बंगाल क्षेत्र में प्राकृतिक गैस की आपूर्ति नहीं है, जो ऊपरी असम के बागानों में उपलब्ध है, इससे उत्तर बंगाल के बागानों को प्रतिस्पर्धात्मक नुकसान का सामना करना पड़ता है। एसोसिएशन के सूत्रों ने कहा कि चाय जैसे श्रम प्रधान उद्योग में न्यूनतम मजदूरी का मुद्दा, मजदूरी के कारण उत्पादन की लागत अन्य कम श्रम प्रधान उद्योगों की तुलना में हमेशा अधिक होती है। टीएआई ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार, नियोक्ता और कर्मचारी न्यूनतम मजदूरी के निर्धारण से संबंधित मामलों में लगे हुए हैं और उद्योग द्वारा दी गई विभिन्न प्रस्तुतियों के माध्यम से उसने सरकार से चाय श्रमिकों और उद्योग की मजदूरी संरचना का अध्ययन करने का भी आग्रह किया था। जलवायु परिवर्तन के संबंध में टीएआई ने यह भी बताया कि चाय उद्योग में हर साल अक्टूबर के बाद बारिश में तेज गिरावट देखी जा रही है। इससे बागानों में कीड़े लगने की समस्या भी आती है। एसोसिएशन ने कहा कि इस समस्या का मुकाबला करने के लिए प्रौद्योगिकी उन्नयन के जरिये चाय उद्योग को अधिक सिंचाई सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं। चूंकि उत्तर बंगाल में खासकर छोटे चाय उत्पादकों द्वारा चाय का उत्पादन तेजी से बढ़ा है। इससे उत्तर बंगाल से चाय के निर्यात का मुद्दा भी उठा है। शुरआती अनुमानों के अनुसार, उत्तर बंगाल से केवल 40 लाख किलोग्राम चाय का निर्यात किया जाता है और इस आंकड़े को बढ़ाने की जरूरत है। पश्चिम बंगाल सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का जिक्र करते हुए टीएआई ने कहा कि 'चा सुंदरी' योजना के तहत श्रमिकों को आश्रय देने का कार्यक्रम स्वागतयोग्य कदम है।
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नयी दिल्ली. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा बेंचमार्क ऋण दरों में बढ़ोतरी और अच्छे मानसून की संभावना से महंगाई पर काबू पाने में मदद मिलेगी। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के नवनिर्वाचित अध्यक्ष संजीव बजाज ने सोमवार को यह बात कही। बजाज ने सीआईआई प्रमुख के रूप में पदभार ग्रहण करने के बाद अपने पहले संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि हम अब उच्च ब्याज दरों के युग में हैं। इससे हमें मुद्रास्फीति को कम करने में मदद मिलेगी।'' उन्होंने कहा कि अच्छे मानसून की संभावना के साथ ही विभिन्न कारकों के चलते ‘‘हमें एक बेहतर स्थिति में होना चाहिए। '' और वर्ष की दूसरी छमाही में नीति निर्माता यह तय करेंगे कि मुद्रास्फीति और ब्याज दरों कि चाल कैसी है। बजाज ने कहा कि मुद्रास्फीति बढ़ने के दो पहलू हैं - मांग और आपूर्ति पक्ष। उन्होंने कहा, ‘‘आरबीआई ने पहले ही ब्याज दरों को बढ़ाने का चक्र शुरू कर दिया है और हमें आने वाले वर्ष में ब्याज दरों में बढ़ोतरी की उम्मीद करनी चाहिए। हम केंद्रीय बैंक से एक स्पष्ट दिशा की उम्मीद करेंगे कि वे ब्याज दरों पर किस तरह फैसला करेंगे। उम्मीद है कि अगली नीतिगत समीक्षा में हमें उनसे इस बारे में कुछ सुनने को मिले।'' सीआईआई का अनुमान है कि भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 7.4 - 8.2 प्रतिशत के बीच रहेगी, जो वैश्विक तेल कीमतों पर निर्भर है। - नयी दिल्ली। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने अपनी सीमांत लागत आधारित ऋण दर (एमसीएलआर) में 0.1 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है। इस कदम से कर्ज लेने वालों के लिए ईएमआई बढ़ेगी। देश के सबसे बड़े बैंक ने एक महीने में दूसरी बार एमसीएलआर में बढ़ोतरी की है, और दोनों बार मिलाकर अब तक 0.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा इस महीने की शुरुआत में रेपो दर को 0.40 प्रतिशत बढ़ाकर 4.40 प्रतिशत कर दिया था। इसके बाद एसबीआई ने यह बढ़ोतरी की। एसबीआई द्वारा उधार दर में संशोधन के बाद अनुमान है कि आने वाले दिनों में दूसरे बैंक भी ऐसा करेंगे।इस वृद्धि के साथ उन ग्राहकों की ईएमआई बढ़ जाएगी, जिन्होंने एमसीएलआर पर कर्ज लिया है। हालांकि, अन्य मानकों से जुड़े कर्ज की ईएमआई नहीं बढ़ेगी। एसबीआई की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार संशोधित एमसीएलआर दर 15 मई से प्रभावी है।इस संशोधन के बाद एक साल की एमसीएलआर 7.10 फीसदी से बढ़कर 7.20 फीसदी हो गई है। ज्यादातर कर्ज एक साल की एमसीएलआर दर से जुड़े होते हैं। एक रात, एक महीने और तीन महीने की एमसीएलआर 0.10 प्रतिशत बढ़कर 6.85 फीसदी हो गई, जबकि छह महीने की एमसीएलआर बढ़कर 7.15 फीसदी हो गई।--
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नयी दिल्ली। विमान ईंधन की कीमतों में सोमवार को 5.3 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। यह इस साल 10वीं वृद्धि है। वैश्विक ऊर्जा कीमतों में जोरदार तेजी के कारण विमान ईंधन की कीमत उच्चतम स्तर पर है। सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक राष्ट्रीय राजधानी में विमानन टर्बाइन ईंधन (एटीएफ) की कीमत 6,188.25 रुपये प्रति किलोलीटर या 5.29 प्रतिशत बढ़कर 1,23,039.71 रुपये प्रति किलोलीटर (123 रुपये प्रति लीटर) हो गई है। विमान ईंधन की कीमतों में इस साल यह 10वीं वृद्धि है।
इस बीच पेट्रोल और डीजल की कीमतों में रिकॉर्ड 10 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी के बाद लगातार 41वें दिन कोई बदलाव नहीं हुआ। विमान ईंधन की कीमतों को हर महीने की पहली और 16 तारीख को संशोधित किया जाता है, जबकि पेट्रोल और डीजल की दरों को हर दिन संशोधित किया जाता है। पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 22 मार्च से छह अप्रैल के बीच 10 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई। उसके बाद से कीमतें स्थिर हैं। - मुंबई। वैश्विक स्तर पर मिले-जुले रुख के बीच बैंकिंग, ऊर्जा और वाहन क्षेत्र की कंपनियों के शेयरों में उछाल के साथ घरेलू शेयर बाजारों में पिछले छह कारोबारी सत्रों से जारी गिरावट का सिलसिला थम गया और सोमवार को सेंसेक्स 180 अंक की बढ़त के साथ बंद हुआ। तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 180.22 अंक यानी 0.34 प्रतिशत बढ़कर 52,973.84 पर पंहुचा गया। दिन में कारोबार के दौरान यह एक समय 634.66 अंक के उछाल के साथ 53,428.28 अंक तक गया था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 60.15 अंक यानी 0.38 प्रतिशत की बढ़त लेकर 15,842.30 अंक पर बंद हुआ। इस तरह सात सत्रों में पहली बार निफ्टी में मजबूती आई है। एलकेपी सिक्योरिटीज के शोध प्रमुख एस रंगनाथन ने कहा, ‘‘बढ़ती मुद्रास्फीति और इसके विवेकाधीन खर्च पर प्रभाव के चलते निवेशकों के चिंता के बीच वाहन और बैंक शेयरों ने स्थानीय बाजार को बढ़त दर्ज करने में मदद की।'' सेंसेक्स की कंपनियों में एनटीपीसी के शेयरों में सबसे अधिक 3.05 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। बजाज फाइनेंस, मारुति, भारतीय स्टेट बैंक, एचडीएफसी, कोटक महिंद्रा बैंक, महिंद्रा एंड महिंद्रा, इंडसइंड बैंक, लार्सन एंड टुब्रो, टाइटन और एचडीएफसी बैंक के शेयर भी बढ़त के साथ बंद हुए। वहीं दूसरी तरफ आईटी और एफएमसीजी कंपनियों के शेयरों में गिरावट ने बाजार में बढ़त को सीमित कर दिया। इस दौरान, अल्ट्राटेक सीमेंट के शेयर में सबसे अधिक 3.01 प्रतिशत की गिरावट हुई। एशियन पेंट्स, आईटीसी और टीसीएस के शेयर भी टूट गए। इसके अलावा बीएसई मिडकैप 1.51 फीसदी बढ़कर 22,145.10 अंक पर तथा बीएसई स्मॉलकैप 1.15 प्रतिशत की बढ़त लेकर 25,605.99 अंक पर पहुंच गया। एशिया के अन्य बाजारों में जापान का निक्की और हांगकांग का हैंगसेंग लाभ में रहे, जबकि दक्षिण कोरिया के कॉस्पी और चीन के शंघाई कंपोजिट में मामूली गिरावट दर्ज की गई। यूरोपीय शेयर बाजार दोपहर के सत्र में मिले-जुले रुख के साथ कारोबार कर रहे थे। अमेरिकी शेयर बाजारों में शुक्रवार को मजबूती रही। इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.51 प्रतिशत की गिरावट के साथ 111 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ''विदेशी संस्थागत निवेशक ऊंचा रिटर्न दे रहे अमेरिकी बांडों में निवेश कर रहे हैं, ऐसे में भारतीय बाजारों में उनकी बिकवाली का सिलसिला जारी है।'' उन्होंने कहा, ‘‘नकारात्मक वैश्विक संकेतों के कारण वैश्विक शेयर बाजारों में कमजोरी के चलते अंतिम घंटे में भारी बिकवाली हुई।'' शेयर बाजार से मिले आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी निवेशकों का घरेलू बाजारों से निकासी का सिलसिला जारी है। उन्होंने शुक्रवार को 3,780.08 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।
- नयी दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी में सीएनजी की कीमतों में दो रुपये प्रति किलोग्राम की बढ़ोतरी की गई है। पिछले दो महीने में यह 12वीं वृद्धि है।इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड (आईजीएल) की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार दिल्ली और एनसीआर में सीएनजी की कीमत अब 71.61 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़कर 73.61 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है।कीमतों में सात मार्च के बाद यह 12वीं बढ़ोतरी है। इस दौरान कुल मिलाकर सीएनजी की कीमत 17.6 रुपये प्रति किलोग्राम बढ़ी है।सिर्फ अप्रैल में सीएनजी 7.50 रुपये प्रति किलोग्राम महंगी हुई। पिछले एक साल में कीमतों में 30.21 रुपये प्रति किलोग्राम या 60 फीसदी की वृद्धि हुई है। हालांकि, घरेलू रसोई में इस्तेमाल होने वाली पाइप्ड नेचुरल गैस (पीएनजी) 45.86 रुपये प्रति एससीएम पर अपरिवर्तित है।