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नयी दिल्ली. खुदरा मुद्रास्फीति जनवरी महीने में तीन महीने के उच्च स्तर 6.52 प्रतिशत पर पहुंच गयी। इसके साथ ही महंगाई दर एक बार फिर रिजर्व बैंक के संतोषजनक स्तर की उच्चतम सीमा से ऊपर चली गयी है। नवंबर और दिसंबर 2022 को छोड़ दिया जाए तो खुदरा मुद्रास्फीति जनवरी 2022 से ही भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के छह प्रतिशत की ऊपरी सीमा से ऊंची रही है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित खुदरा मुद्रास्फीति दिसंबर में 5.72 प्रतिशत और जनवरी 2022 में 6.01 प्रतिशत थी। इससे पहले, खुदरा मुद्रास्फीति अक्टूबर महीने में उच्च स्तर 6.77 प्रतिशत पर थी।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़ों के अनुसार, सब्जियों की कीमतें जनवरी में घटी हैं। हालांकि ईंधन और प्रकाश समेत अन्य श्रेणियों में महंगाई बढ़ी है। खाद्य पदार्थों की महंगाई दर जनवरी में 5.94 प्रतिशत रही। यह दिसंबर में 4.19 प्रतिशत और पिछले साल इसी तहीने में 5.43 प्रतिशत थी। गांवों में महंगाई शहरों के मुकाबले ऊंची रही। जहां ग्रामीण क्षेत्रों में यह 6.85 प्रतिशत रही, वहीं शहरी केंद्रों में यह छह प्रतिशत थी। भारतीय रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति पर विचार करते समय मुख्य रूप से खुदरा मुद्रास्फीति पर गौर करता है। केंद्रीय बैंक को मुद्रास्फीति दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत पर रखने की जिम्मेदारी मिली हुई है। पिछले सप्ताह आरबीआई ने महंगाई को काबू में रखने के लिये नीतिगत दर रेपो 0.25 प्रतिशत बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दी। रिजर्व बैंक ने खुदरा मुद्रास्फीति 2022-23 में 6.5 प्रतिशत रहले का अनुमान जताया है। -
मुंबई. घरेलू बाजार में वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री 2023-24 में सालाना आधार पर 9-11 प्रतिशत बढ़ सकती है। रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर करीब छह प्रतिशत रहने के आधार यह अनुमान लगाया है। क्रिसिल का कहना है कि वाणिज्यिक वाहन बाजार को मध्यम और भारी वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री से रफ्तार मिलेगी। इसके अलावा, अगले वित्त वर्ष के लिए केंद्रीय बजट में बुनियादी ढांचे पर खर्च में वृद्धि से मांग को समर्थन मिलेगा। यह घरेलू वाणिज्यिक वाहन उद्योग के लिए वृद्धि का लगातार तीसरा साल होगा। क्रिसिल ने कहा कि कुल घरेलू वाणिज्यिक वाहन बिक्री में हल्के वाणिज्यिक वाहन (एलसीवी) खंड की वृद्धि आठ से 10 प्रतिशत रहेगी। वहीं मध्यम एवं भारी वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री 13 से 15 प्रतिशत बढ़ेगी। क्रिसिल रेटिंग्स के वरिष्ठ निदेशक अनुज सेठी ने कहा, ‘‘“मजबूत मांग की संभावनाओं के मद्देनजर हम उम्मीद करते हैं कि एलसीवी बिक्री अगले वित्त वर्ष में 8-10 प्रतिशत बढ़ेगी और यह महामारी पूर्व (2018-19) को पार कर जाएगी। मध्यम एवं भारी वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री महामारी-पूर्व के स्तर को पार कर जाएगी। इसमें 13 से 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी।'' रेटिंग एजेंसी ने कहा कि 2021-22 में घरेलू बाजार में वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री साल-दर-साल आधार पर 31 प्रतिशत बढ़ी थी। चालू वित्त वर्ष में बिक्री में वृद्धि 27 प्रतिशत के आसपास रहेगी।
- -जिन्दल स्टील एंड पावर को “लार्ज कैटेगरी” में दूसरी सबसे तेजी से आगे बढ़ती स्टील कंपनी का अवार्ड-जिन्दल पैंथर टीएमटी रिबार्स को “सर्टिफिकेट ऑफ ऑथेंसिटी”-दिल्ली में फर्स्ट कंस्ट्रक्शन काउंसिल के छठे “मेक इन स्टील फोरम” की ओर से सम्मान-जेएसपी के चीफ मार्केटिंग ऑफिसर एस.के. प्रधान ने ग्रहण किये ये सम्मानरायपुर । जाने-माने इन्फ्रास्ट्रक्चर थिंकटैंक और इन्फ्रास्ट्रक्चर रिसर्च स्टडीज ट्रेनिंग संस्थान फर्स्ट कंस्ट्रक्शन काउंसिल ने जिन्दल स्टील एंड पावर (जेएसपी) के चेयरमैन श्री नवीन जिन्दल को ‘आंट्रप्रिन्योर ऑफ द ईयर’ अवार्ड से सम्मानित किया है। इस संस्था ने जिन्दल स्टील एंड पावर को “लार्ज कैटेगरी” में दूसरी सबसे तेजी से आगे बढ़ती स्टील कंपनी का अवार्ड और जिन्दल पैंथर टीएमटी रिबार्स को “सर्टिफिकेट ऑफ ऑथेंसिटी” यानी विश्वसनीयता का प्रमाणपत्र भी प्रदान किया।दिल्ली में आयोजित फर्स्ट कंस्ट्रक्शन काउंसिल के छठे “मेक इन स्टील फोरम” में श्री नवीन जिन्दल और जेएसपी की ओर से चीफ मार्केटिंग ऑफिसर श्री एस.के. प्रधान ने ये सम्मान ग्रहण किये। श्री प्रधान ने इस अवसर पर श्री जिन्दल का संदेश पढ़ा। श्री जिन्दल ने अपने संदेश में कहा है कि “जेएसपी राष्ट्र निर्माण के लिए समर्पित एक कंपनी है और हमारे लिए उत्पादों एवं सेवाओं की गुणवत्ता और सतत विकास सर्वोपरि है।”सम्मान ग्रहण करने के बाद श्री प्रधान ने कहा कि जेएसपी सिर्फ स्टील ही नहीं बल्कि इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर की अग्रणी कंपनी है, जो अंतरराष्ट्रीय गुणवत्ता वाली रेल से लेकर रिबार्स का निर्माण कर राष्ट्र के विकास में योगदान कर रही है।फर्स्ट कंस्ट्रक्शन काउंसिल के संस्थापक एवं निदेशक श्री प्रताप पडोडे ने कहा कि श्री नवीन जिन्दल ने इस वर्ष स्टील सेक्टर में अनुकरणीय उपलब्धियां प्राप्त की हैं। उनके मार्गदर्शन में जेएसपी ने अपने प्रोडक्ट प्रोफाइल में अभूतपूर्व मूल्यवर्धन किया है और निर्माण एवं इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र के लिए आवश्यक लॉन्ग स्टील निर्माण के माध्यम से एक नई ऊंचाई को छुआ है। इतना ही नहीं, जेएसपी आज पूरे स्टील जगत को एक नई दिशा दिखा रहा है। स्टील सेक्टर के प्रतिष्ठित इस सम्मान के निर्णायक मंडल में तकनीकी क्षेत्र की अनेक जानी-मानी हस्तियां हैं।
- रायपुर। एनटीपीसी लिमिटेड द्वारा 13 फरवरी को प्रचालन व अनुरक्षण सम्मेलन "आईपीएस- 2023 का शुभारंभ किया गया। गुरदीप सिंह, अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक एनटीपीडी लिमिटेड ने सभी प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए एनटीपीसी द्वारा विश्वसनीय तथा सतत विद्युत उत्पादन के क्षेत्र में की जा रही पहल के ऊपर प्रकाश डाला।केंद्रीय विद्युत, नवीन व नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर. के. सिंह ने वर्चुअल मोड के द्वारा कार्यक्रम को संबोधित करते हुए हरित व सतत ऊर्जा के विजन पर अपने विचार व्यक्त किए। राज्य विद्युत मंत्री तथा भारी उद्योग कृष्ण पाल ने भी सम्मेलन की सफलता की शुभकामनाएं दी। सचिव (विद्युत) भारत सरकार ने वर्तमान ऊर्जा परिदृश्य के बारे में बताते हुए हरित ऊर्जा की ओर बढऩे की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने एनटीपीसी द्वारा हरित तथा सतत ऊर्जा के लिए किए गए प्रयास की सराहना की। रमेशबाबू, निदेशक प्रचालन ने धन्यवाद ज्ञापन किया ।एनटीपीसी जिम्मेदार कंपनी के तौर पर सतत रूप से विद्युत उत्पादन करने के लिए प्रतिबद्धगौरतलब है कि एनटीपीसी जिम्मेदार कंपनी के तौर पर सतत रूप से विद्युत उत्पादन करने के लिए प्रतिबद्ध है। जीवाश्म ईंधन के अलावा कंपनी ने स्वच्छ, संधारणीय साधनों के माध्यम से ऊर्जा उत्पादन में विविधता लाई है।13 फरवरी 1983 से एनटीपीसी सिगरौली में पहली परियोजना की स्थापना से लेकर अब तक एनटीपीसी समूह ने पूरे देश में थर्मल, हाइड्रो, गैस तथा नवीकरणीय ऊर्जा से 70 गीगावाट से अधिक स्थापित क्षमता के साथ 70 स्थानों में अपना पावर स्टेशन स्थापित किया है। आज एनटीपीसी 71544 मेगावाट स्थापित क्षमता के साथ देश की सबसे बड़ी विद्युत कंपनी है। आज एनटीपीसी द्वारा तैयार बिजली देश का हर चौथा बल्ब रोशन हो रहा है। इस सम्मेलन में तकनीकी सत्र तथा प्रदर्शनी का भी आयोजन किया जा रहा है। इस तरह का सम्मेलन प्रत्येक वर्ष ऊर्जा के बदलते परिवेश में आ रहे परिवर्तन तथा चुनौतियों को प्रदर्शित करते हुए किया जाता है। इस वर्ष का थीम " बदलते ऊर्जा परिवेश में विश्वसनीय तथा सतत ऊर्जा उत्पादन के लिए रणनीतियाँ है। जो ऊर्जा क्षेत्र के द्वारा नवोन्मेषी तथा सतत ऊर्जा उत्पादन के अवसरों में आ रही चुनौतियों को कम करना है।इस तरह का सम्मेलन ऊर्जा पेशेवरों, शोधकों, निर्माताओं, सेवा प्रदाताओं तथा अभियंताओं को एक मंच प्रदान करता है, जहां वे अपना प्रचालन व अनुरक्षण अनुभवों, उभरती टेक्नोलोजी के बारे में सूचना तथा इंडस्ट्रीज प्रेक्टिस को साझा करते हैं।प्रत्येक वर्ष प्रचालन व अनुरक्षण सम्मेलन "आईपीएस" भारत तथा विश्व के अन्य देशों से प्रतिनिधियों से बहुत ही सकारात्मक प्रतिक्रिया मिलती है।इस सम्मेलन में भारत तथा अन्य देशों से लगभग 75 वेंडरों के अलावा 700 प्रतिनिधियों के आने की संभवाना है। टेक्नोगैलेक्सी प्रदर्शनी में लगभग 44 निर्माताओं द्वारा तैयार किए जा रहे उत्पादों को प्रदर्शित किया जाएगा।
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नयी दिल्ली। जापान की प्रमुख दोपहिया वाहन कंपनी यामाहा की भारत में सभी मोटरसाइकिलें इस साल के अंत तक ई-20 ईंधन से चलने लगेंगी। कंपनी ने सोमवार को यह जानकारी दी। कंपनी ने यह भी घोषणा की है कि देश में 149सीसी से 155सीसी तक की सभी मोटरसाइकिलें मानक सुविधा के तौर पर ट्रैक्शन कंट्रोल सिस्टम (टीसीएस) के साथ आएंगी।
कंपनी फिलहाल आर15एम और आर15वी4 में टीसीएस सुविधा देती थी और अब एफजेडएस-एफआई वी4 डीलक्स, एफजेड-एक्स और एमटी-15वी2 में भी यह सुविधा मिलेगी। कंपनी ने कहा कि 2023 में पेश होने वाली बाइक ऑन-बोर्ड डायग्नोस्टिक (ओबीडी-2) प्रणाली से लैस होंगी, जो इस साल एक अप्रैल से शुरू हो रहे उत्सर्जन नियमों के तहत अनिवार्य है। ई-20 ईंधन में गैसोलीन के साथ 20 प्रतिशत एथनॉल होता है। -
चेन्नई। फ्रांस की वाहन कंपनी रेनो और जापान की निसान ने अगले 15 साल में देश में 60 करोड़ डॉलर (5,300 करोड़ रुपये) के निवेश की प्रतिबद्धता जताई है। कंपनी तमिलनाडु के वाहन बाजार में उतर गई है।
निसान के वैश्विक मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) और अलायंस बोर्ड के सदस्य अश्विनी गुप्ता ने यहां कहा कि नए दौर के निवेश के साथ दोनों कंपनियां छह नए मॉडल उतारेंगी। इनमें दो इलेक्ट्रिक मॉडल होंगे। इनमें दोनों कंपनियों के तीन-तीन मॉडल होंगे। कंपनी के नए वाहनों में परंपरागत इंजन वाली चार एसयूवी भी होंगी। इनमें से पहली को बाजार में 2025 में उतारा जाएगा।
इस गठजोड़ को उम्मीद है कि नए निवेश से देश में शोध एवं विकास की अतिरिक्त गतिविधियों से 2,000 नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे। गठजोड़ का इरादा भारत में स्थानीय स्तर पर इलेक्ट्रिक वाहन के उत्पादन का भी है। अभी दोनों कंपनियां यहां से 45 किलोमीटर दूर ओरागदम के चेन्नई कारखाने में चार मॉडलों का उत्पादन करती हैं। गुप्ता ने कहा कि रेनो-निसान का विनिर्माण संयंत्र 2025 तक कॉर्बन निरपेक्ष हो जाएगा।
यहां सिर्फ नवीकरणीय ऊर्जा का इस्तेमाल होगा। दोनों कंपनियां अपने संयुक्त उद्यम तथा शोध एवं विकास इकाइयों के लिए पूंजी ढांचे का भी पुनर्गठन कर रही हैं जिससे दोनों की भागीदारी समान हो जाएगी। इससे पहले गठजोड़ ने इसी महीने अपने वैश्विक ढांचे के पुनर्गठन की घोषणा की थी। -
नयी दिल्ली। जर्मनी की लक्जरी कार कंपनी ऑडी को 2023 में नए उत्पादों और अपने लोकप्रिय मॉडलों के दम पर भारत में दो अंकीय वृद्धि की उम्मीद है। कंपनी ने सोमवार को यह जानकारी दी। कंपनी ने भारतीय बाजार में अपनी नया क्यू3 स्पोर्टबैक मॉडल सोमवार को पेश किया है। इसकी शोरूम कीमत 51.43 लाख रुपये है।
कंपनी ने पिछले साल दर्ज की गई अपनी मजबूत बिक्री वृद्धि की गति को जारी रखने के लिए अपनी लोकप्रिय एसयूवी क्यू3 का एक स्पोर्टी कॉम्पैक्ट क्रॉसओवर संस्करण पेश किया। ऑडी इंडिया के प्रमुख बलबीर सिंह ढिल्लों ने ‘2023 में कंपनी की बिक्री वृद्धि के बारे में पूछे जाने पर' कहा, ‘‘हमें इस साल भी ऊंचे दो अंक की वृद्धि की उम्मीद है।
हमने पिछले साल 27 प्रतिशत की वृद्धि हासिल की थी। बिक्री के लिए सभी उत्पाद उपलब्ध हैं इसलिए इस साल भी हम बढ़ते रहेंगे।'' उन्होंने कहा कि इस साल कंपनी के पास पिछले साल पेश किए गए लोकप्रिय मॉडल सहित पूरी उत्पाद श्रृंखला उपलब्ध होगी। ढिल्लों ने कहा, ‘‘अब हमारे पास क्यू3 स्पोर्टबैक भी है। वहीं इस साल की तीसरी तिमाही में क्यू8 ई-ट्रॉन (इलेक्ट्रिक एसयूवी) भी आएगी।
इसलिए हमें और अधिक बिक्री हासिल करने में मदद मिलेगी।'' नई क्यू3 स्पोर्टबैक से अपेक्षाओं के बारे में उन्होंने कहा, ‘‘हमें पूरी उम्मीद है कि हम अपने ग्राहकों को अधिक विकल्प देने में सक्षम हैं और नई ऑडी क्यू3 स्पोर्टबैक ग्राहकों के बीच अपनी लोकप्रियता को दोहराएगी।'' उन्होंने आगे कहा, ‘‘पिछले साल पेश की गई ऑडी क्यू3 की जबर्दस्त सफलता ने हमें नई ऑडी क्यू3 स्पोर्टबैक लाने की प्रेरणा दी है। हमें देश में इसकी सफलता पर पूरा भरोसा है।'' -
मुंबई। घरेलू निवेशकों का शेयर बाजार में स्वामित्व लगातार पांचवीं तिमाही में बढ़कर अभी तक के सर्वोच्च स्तर 24.44 प्रतिशत पर पहुंच गया है। बाजार संबंधी सूचना मुहैया कराने वाली कंपनी प्राइम डाटाबेस के अनुसार, अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में घरेलू निवेशकों का शेयर बाजार में स्वामित्व 24.44 प्रतिशत रहा जिसमें संस्थागत निवेशक और ऊंची हैसियत वाले लोग भी शामिल हैं। यह अब तक का सर्वाधिक स्तर है।
बाजार में खुदरा निवेशकों की हिस्सेदारी दिसंबर तिमाही में 7.23 प्रतिशत हो गई, जो सितंबर तिमाही में दर्ज 7.32 प्रतिशत से मामूली रूप से कम है। लेकिन रुपये में देखें तो यह सितंबर तिमाही के 19.48 लाख करोड़ रुपये से 2.35 प्रतिशत बढ़कर 19.94 लाख करोड़ रुपये हो गई। सितंबर तिमाही में एनएसई पर सूचीबद्ध कुल 1,857 कंपनियों में से 1,832 की शेयरधारिता रुझान के आधार पर घरेलू निवेशकों का स्वामित्व 24.25 प्रतिशत था।
प्राइम डाटाबेस ग्रुप के प्रबंध निदेशक प्रणव हल्दिया के अनुसार, सितंबर, 2021 के बाद से यह लगातार पांचवीं तिमाही है जिसमें घरेलू निवेशकों का स्वामित्व बढ़ा है। यह घरेलू निवेशकों के बढ़ते वर्चस्व को दिखाता है। तिमाही के दौरान घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) का शुद्ध निवेश 27,134 करोड़ रुपये रहा, जबकि विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) का शुद्ध निवेश 47,349 करोड़ रुपये रहा।
एफआईआई और डीआईआई शेयरधारिता का अनुपात दिसंबर तिमाही में अब तक के सबसे निचले स्तर 1.32 पर पहुंच गया जो सितंबर, 2022 में 1.33 था। दूसरी तरफ कुल संस्थागत निवेशक शेयर (एफआईआई और डीआईआई) दिसंबर, 2022 में 35.50 प्रतिशत पर पहुंच गया, जो सितंबर तिमाही में 34.99 प्रतिशत था। -
नयी दिल्ली. घरेलू वाहन विनिर्माता टाटा मोटर्स ने इस साल एक अप्रैल से लागू हो रहे नए उत्सर्जन नियमों के अनुपालन के लिए अपने वाहनों को उन्नत इंजन के साथ पेश किया है। इसके साथ ही कंपनी ने कहा कि 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण वाले पेट्रोल यानी ई20 ईंधन के अनुकूल इंजनों वाले वाहन भी उतारे गए हैं। एक अप्रैल, 2023 से उत्सर्जन मानक बीएस-6 के अधिक सख्त प्रावधान वाले दूसरे चरण को लागू किया जाना है। वाहन कंपनियों को अपने मॉडलों को इसके अनुरूप ढालना पड़ रहा है। टाटा मोटर्स ने शनिवार को एक बयान में कहा कि नियम अनुपालन से भी आगे जाते हुए उसके वाहनों में अब बेहतर सुरक्षा, वाहन संचालन, आराम और सुविधा के नए फीचर दिए गए हैं।
- नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को लोकसभा में कहा कि अगर मैं कम शब्दों में बजट 2023-24 को स्पष्ट करूं तो यह भारत के विकास को संतुलित रखने वाला बजट है। बजट 2023-24 पर आम चर्चा के दौरान सीतारमण ने कहा, ‘भारत सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है और आगे भी रहेगी। उन्होंने कहा कि नई कर व्यवस्था को ‘बहुत आकर्षक’ बनाया गया है, जिसमें मध्यम वर्ग के लिए व्यक्तिगत करों में कमी पर जोर दिया गया है।वित्त मंत्री ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस को करप्शन पर बोलने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है.। कांग्रेस की सरकारें बिना सोचे समझे कदम उठाती हैं। हाल के बजट के अन्य हाई पॉइंट्स का उल्लेख करते हुए सीतारमण ने कहा कि सरकार ने कृषि ऋण और उर्वरक सब्सिडी में वृद्धि से किसानों को बढ़ती वैश्विक कीमतों से बचाया है। उन्होंने विपक्ष के आरोपों का भी जवाब दिया कि खाद्य सब्सिडी में कटौती की गई है। उन्होंने कहा, ‘मैंने खाद्य सब्सिडी को लगभग दोगुना बढ़ाकर 1.97 लाख करोड़ रुपये कर दिया है। सीतारमण ने कहा कि कुल संसाधनों को राज्यों को ट्रांसफर किया जा रहा है। केंद्र प्रायोजित योजनाओं के तहत करों में केंद्र का हिस्सा 17.98 लाख करोड़ रुपया होगा। उन्होंने कहा, ‘यह पिछले साल की तुलना में 1.55 लाख करोड़ रुपये अधिक है।file photo
- मुंबई। मुंबई के वर्ली में देश का सबसे महंगा पेंटहाउस बिका है। इसकी कीमत 240 करोड़ रुपये है। आपको बता दें कि ये घर रतन टाटा के घर से भी महंगा है। मैजिक ब्रिक्स के मुताबिक रतन टाटा के घर की कीमत करीब 150 करोड़ रुपये है। मुंबई के वर्ली इलाके में बने इस गगनचुंबी अपार्टमेंट के टावर बी में 63वीं, 64वीं और 65वीं मंजिल पर पेंटहाउस देश का सबसे महंगा घर बताया जा रहा है। इस पेंट हाउस को वेलस्पन ग्रुप के चेयरमैन बीके गोयनका ने खरीदा है। आपको बता दें कि ये पेंटहाउस देश का सबसे महंगा है।साल 2015 में 10000 वर्ग फिट का अपार्टमेंट 160 करोड़ में जिंदल फैमिली ने खरीदा था। साल 2022 में एक्टर रणबीर कपूर ने बांद्रा स्थित संगम बिल्डिंग में 119 करोड़ का अपार्टमेंट खरीदा। दिंसबर 2022 में देववर्त डेवलपर्स ने 5 लग्जरी अपार्टमेंट खरीदें, जिसकी कीमत 113 करोड़ रुपये बताई गई। बीके गोयका ने अब 240 करोड़ रुपये में लग्जरी अपार्टमेंट खरीदकर सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। बीके गोयनका की गिनती देश के दिग्गज कारोबारियों में होती है। उनका कारोबार टेक्सटाइल, स्टील,इंफ्रास्ट्रक्चर, रिन्यूएबल एनर्जी, वेयरहाउसिंग और ऑयल एंड गैस के सेक्टर में फैला है। उनकी कंपनी वेलस्पन ग्रुप देश की जानी-मानी कंपनी हैं। उन्होंने साल 1985 में अपनी कंपनी की नींव रखी थी। फोर्ब्स के मुताबिक बीके गोयनका का नेटवर्थ 1.3 अरब डॉलर है। दुनिया 50 से अधिक देशों में उनका कारोबार फैला है।
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मुंबई. निजी क्षेत्र के कोटक महिंद्रा बैंक ने बृहस्पतिवार को निश्चित परिपक्वता अवधि वाली सावधि जमा (एफडी) पर ब्याज दर में 0.25 (चौथाई) प्रतिशत तक की वृद्धि की घोषणा की। यह कदम भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा बुधवार को नीतिगत दर में 0.25 प्रतिशत की एक और वृद्धि के बाद उठाया गया है। शुक्रवार से प्रभावी संशोधित दरों के तहत, 15 महीने से दो साल की अवधि की दो करोड़ रुपये से पांच करोड़ रुपये तक की जमा पर 7.25 प्रतिशत और 12 महीने 25 दिन से दो साल तक की दो करोड़ रुपये तक की जमा पर 7.10 प्रतिशत का ब्याज मिलेगा। कोटक बैंक के उपभोक्ता बैंक प्रमुख विराट दीवानजी ने बयान में कहा, ‘‘रिजर्व बैंक द्वारा प्रमुख ब्याज दरों में वृद्धि के साथ हमने अपने मूल्यवान ग्राहकों को उनकी बचत पर अधिक लाभ देकर फायदा पहुंचाया है।'
- मुंबई। चालक दल के सदस्यों की कमी की वजह से एयर इंडिया का परिचालन प्रभावित हो रहा है। एक सूत्र ने बताया कि इस कारण अमेरिका और कनाडा की कुछ उड़ानें या तो रद्द हो रही हैं या फिर उनकी रवानगी देरी से हो रही है। टाटा समूह की कंपनी एयर इंडिया को पिछले साल भी चालक दल के सदस्यों की कमी के कारण परेशानी का सामना करना पड़ा था। एयर इंडिया देश की एकमात्र उड़ान सेवा है तो ‘अत्यधिक दूरी वाली उड़ानों' का परिचालन करती है। इस श्रेणी में 16 घंटे से ज्यादा समय वाली उड़ानें आती हैं। एक सूत्र ने बताया, “लोगों की भारी कमी है, जिससे उड़ान संचालन, खासकर अमेरिका और कनाडा वाली उड़ानों पर समस्या हो रही है।” सूत्र ने गोपनीयता की शर्त पर बताया, “पिछले पांच-छह दिन में कंपनी ने अमेरिका स्थित सैन फ्रांसिस्को के लिए तीन उड़ानें और कनाडा के वैंकूवर के लिए एक उड़ान रद्द की है। इन मार्गों पर कुछ उड़ानें 10-12 घंटे तक देरी से चल रही हैं।” इस संबंध में एयर इंडिया से प्रतिक्रिया मांगी गई, लेकिन उसकी ओर से कोई जवाब नहीं मिला है।पिछले दो माह में एयर इंडिया ने अपने बेड़े दो बड़े आकार के विमान बोइंग 777 शामिल किए हैं।
- नयी दिल्ली। सरकार ने गुरुवार को बताया कि अप्रैल 2022 से तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों को नहीं बढ़ाया है और इनकी कीमत कच्चे तेल के मूल्यों से नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में संबंधित उत्पादों की कीमतों से जुड़ी होती हैं। लोकसभा में राकेश सिंह के प्रश्न के लिखित उत्तर में पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री रामेश्वर तेली ने यह बात कही। उन्होंने बताया कि कच्चे तेल का मूल्य जनवरी 2022 में 84.67 डॉलर प्रति बीबीएल से घटकर जनवरी 2023 में 80.92 डॉलर प्रति बीबीएल हो गया। मंत्री ने कहा कि इस दौरान पेट्रोल का अंतरराष्ट्रीय मूल्य 96.16 डॉलर प्रति बीबीएल से थोड़ा घटकर 95.59 डॉलर प्रति बीबीएल तथा डीजल का मूल्य 97.09 डॉलर प्रति बीबीएल से बढ़कर 111.22 डॉलर प्रति बीबीएल हो गया। रामेश्वर तेली ने बताया कि घरेलू बाजार में पेट्रोल और डीजल के खुदरा मूल्यों को क्रमश: 26 जून 2010 और 19 अक्टूबर 2014 को बाजार निर्धारित बना दिया गया था और तभी से सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियां (ओएमसी) पेट्रोल और डीजल के मूल्य निर्धारण के संबंध में उचित निर्णय लेती हैं। उन्होंने बताया, ‘‘ छह अप्रैल 2022 से ओएमसी ने पेट्रोल और डीजल के मूल्यों को नहीं बढ़ाया है।''मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क में दो बार- नवंबर 2021 और मई 2022 में 13 रूपये प्रति लीटर और 16 रूपये प्रति लीटर तक की कमी की है। उन्होंने कहा कि इन उपायों का उद्देश्य अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाना, खपत को बढ़ावा देना और मुद्रास्फीति को नीचे रखना है ताकि गरीब एवं मध्यम वर्ग की मदद की जा सके।
- नयी दिल्ली । भारत में ट्विटर के प्रयोगकर्ताओं को अपने खातों में ‘ब्लू टिक' निशान के लिए मोबाइल फोन के मासिक प्लान के तहत हर माह 900 रुपये खर्च करने पड़ेंगे। माइक्रोब्लॉगिंग मंच ने गुरुवार को यह जानकारी दी। सोशल मीडिया मंच ने वेब के लिए ट्विटर ब्लू का दाम 650 रुपये और मोबाइल ऐप प्रयोगकर्ताओं के लिए 900 रुपये रखा है। ट्विटर ने कहा कि मंजूरी मिलने के बाद सत्यापित फोन नंबर के साथ ब्लू के ग्राहकों को ब्लू टिक दिया जाएगा। सोशल मीडिया मंच ने वेब के प्रयोगकर्ताओं के लिए सालाना प्लान पेश किया है। इसके लिए उपभोक्ताओं को 6,800 रुपये देने होंगे।
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नयी दिल्ली। डिश टीवी ने चार नए स्वतंत्र निदेशक नियुक्ति करने को शेयरधारकों की मंजूरी लेने के लिए आगामी तीन मार्च को असाधारण आम बैठक (ईजीएम) बुलाई है। डिश टीवी की ओर से जारी नोटिस के अनुसार, ईजीएम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और अन्य ऑडियो माध्यमों से वर्चुअल होगी।
डिश टीवी के सबसे बड़े शेयरधारक यस बैंक लिमिटेड (वाईबीएल) और उसके पूर्व चेयरमैन जवाहरलाल गोयल की अगुवाई में प्रवर्तक परिवार के बीच बोर्ड में तिनिधित्व को लेकर कानूनी विवाद चल रहा है। चार स्वतंत्र निदेशकों- सुनील कुमार गुप्ता, मदन मोहनलाल वर्मा, गौरव गुप्ता और ललित बिहारी सिंघल को नियुक्त किया जाना है। कंपनी के बोर्ड ने पिछले साल दिसंबर में उनकी नियुक्ति की घोषणा कर दी थी, जो जवाहरलाल गोयल के जाने के बाद पहली बड़ी नियुक्ति थी। इससे पहले 30 दिसंबर को एजीएम में डिश टीवी के शेयरधारकों ने चार प्रस्तावों को खारिज कर दिया था। इनमें वित्त वर्ष 2020-21 और 2021-22 के लिए एकल और एकीकृत वित्तीय ब्योरे को मंजूरी भी शामिल थी।
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नयी दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) और बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) ने कर्ज पर लगने वाले ब्याज में 0.25 प्रतिशत तक की वृद्धि की है। भारतीय रिजर्व बैंक के नीतिगत दर रेपो में 0.25 प्रतिशत वृद्धि के बाद बैंकों ने यह कदम उठाया। पीएनबी ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि रेपो आधारित ब्याज दर (आरएलएलआर) 0.25 प्रतिशत बढ़ाकर 8.75 प्रतिशत से 9.0 प्रतिशत कर दी गयी है।
नई दर बृहस्पतिवार से प्रभाव में आ गयी है। आरबीआइ ने मुद्रास्फीति को काबू में लाने के लिये बुधवार को रेपो दर 0.25 प्रतिशत बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दी थी। बीओबी ने कोष की सीमांत लागत आधारित ब्याज दर (एमसीएलआर) में 0.05 प्रतिशत की वृद्धि की।
बैंक ऑफ बड़ौदा ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि नई दरें 12 फरवरी से प्रभाव में आएंगी। ताजा वृद्धि के साथ एक दिन के कर्ज के लिये एमसीएलआर 7.85 प्रतिशत से बढ़कर 7.90 प्रतिशत हो गयी। एक महीने के लिये एमसीएलआर 8.15 प्रतिशत से बढ़ाकर 8.20 प्रतिशत की गयी है।
बीओबी ने तीन महीने की अवधि के कर्ज पर एमसीएलआर 8.25 प्रतिशत से बढ़ाकर 8.30 प्रतिशत कर दी। वहीं एक साल की अवधि के कर्ज पर ब्याज अब 8.50 प्रतिशत की जगह 8.55 प्रतिशत होगा। - मुंबई।, घरेलू शेयर बाजारों में गुरुवार को लगातार दूसरे दिन तेजी रही और बीएसई सेंसेक्स 142 अंक की बढ़त के साथ बंद हुआ। यूरोपीय बाजारों में तेजी के साथ सूचना प्रौद्योगिकी और वित्तीय शेयरों में लिवाली से बाजार बढ़त में रहा। उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स 142.43 अंक यानी 0.23 प्रतिशत की बढ़त के साथ 60,806.22 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान सेंसेक्स ऊंचे में 60,863.63 अंत तक गया और नीचे में 60,472.81 अंक तक आया। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 21.75 अंक यानी 0.12 प्रतिशत मजबूत होकर 17,893.45 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स के शेयरों में बजाज फिनसर्व सबसे अधिक 2.30 प्रतिशत मजबूत हुआ। लाभ में रहने वाले अन्य शेयरों में एशियन पेंट्स, इंडसइंड बैंक, इन्फोसिस, बजाज फाइनेंस, एलएंडटी और टीसीएस शामिल हैं। दूसरी तरफ, नुकसान में रहने वाले शेयरों में भारती एयरटेल, अल्ट्राटेक सीमेंट, टाटा मोटर्स और सन फार्मा शामिल हैं। इनमें 1.03 प्रतिशत तक की गिरावट आई। एशिया के अन्य बाजारो में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, चीन का शंघाई कम्पोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग लाभ में रहे। जबकि जापान का निक्की नुकसान में रहा। यूरोप के प्रमुख बाजारों में शुरुआती कारोबार में तेजी का रुख रहा। अमेरिकी बाजार वॉल स्ट्रीट में बुधवार को गिरावट रही। शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे। उन्होंने बुधवार को 736.82 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे। अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.29 प्रतिशत बढ़कर 85.34 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।
- नयी दिल्ली । राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में गुरुवार को सोने का भाव 35 रुपये मजबूत होकर 57,410 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी। पिछले कारोबारी सत्र में सोना 57,375 रुपये प्रति 10 ग्राम के भाव पर बंद हुआ था। हालांकि, चांदी की कीमत पांच रुपये की गिरावट के साथ 67,941 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई।एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक सौमिल गांधी ने कहा, ‘‘दिल्ली में सोने की हाजिर कीमत 35 रुपये की तेजी के साथ 57,410 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गयी।'' अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना 1,880 डॉलर प्रति औंस पर अपरिवर्तित रहा, जबकि चांदी में भी 22.50 डॉलर प्रति औंस पर कोई बदलाव नहीं हुआ। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के जिंस शोध विभाग के वरिष्ठ उपाध्यक्ष, नवनीत दमानी ने कहा, ‘‘फेडरल रिजर्व के अधिकारियों से मौद्रिक नीति पर आक्रामक संकेतों के बीच सोना एक सीमा में स्थिरता के साथ कारोबार कर रहा है। दमानी ने कहा कि आश्चर्यजनक अमेरिकी नौकरियों के आंकड़ों के बाद अब जनवरी के लिए अमेरिकी उपभोक्ता मूल्य सूचकांक मुद्रास्फीति आंकड़े पर ध्यान रहेगा, जो अगले सप्ताह आने वाला है।
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एयरो इंडिया के दौरान 'सीईओ गोलमेज' की अध्यक्षता करेंगे रक्षा मंत्री
बेंगलूरु. रक्षा मंत्रालय 'एयरो इंडिया 2023' के उद्घाटन दिवस पर 13 फरवरी को 'सीईओ गोलमेज' का आयोजन कर रहा है जिसकी अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह करेंगे। बेंगलुरु के येलहांका वायुसेना स्टेशन में यह द्वि-वार्षिक एयरशो 13 से 17 फरवरी तक आयोजित किया जाएगा।एक सरकारी विज्ञप्ति के मुताबिक, इस एयरशो से भारत में 'व्यवसाय करने में आसानी' बढ़ने की उम्मीद है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए विमान एवं रक्षा क्षेत्र से जुड़ी कंपनियों के शीर्ष अधिकारियों के साथ रक्षा मंत्री की बैठक का प्रस्ताव रखा गया है। इस गोलमेज बैठक में बोइंग, लॉकहीड, इज़राइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज, जनरल एटॉमिक्स, रेथियॉन टेक्नोलॉजीज, सैफरान और जनरल अथॉरिटी ऑफ मिलिट्री इंडस्ट्रीज (जीएएमआई) जैसे वैश्विक निवेशकों के वैश्विक सीईओ एवं प्रतिनिधियों की मौजूदगी रहेगी। इनके अलावा हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल), भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल), भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (बीडीएल), बीईएमएल लिमिटेड और मिश्रा धातु निगम लिमिटेड जैसे घरेलू सार्वजनिक उपक्रम भी इसका हिस्सा रहेंगे। विज्ञप्ति के मुताबिक, लार्सन एंड टुब्रो, भारत फोर्ज, डायनामैटिक टेक्नोलॉजीज और ब्रह्मोस एयरोस्पेस जैसी निजी भारतीय रक्षा एवं वैमानिकी कंपनियां भी कार्यक्रम का हिस्सा बन सकती हैं। -
भारत में लिंक्डइन के सदस्यों की संख्या 10 करोड़ के पार
बेंगलुरु. पेशेवरों के नेटवर्क लिंक्डइन ने भारत में 10 करोड़ सदस्यों का आंकड़ा पार कर लिया है। पिछले तीन साल के दौरान भारत में लिंक्डइन के सदस्यों की संख्या 56 प्रतिशत बढ़ी है। इससे वैश्विक स्तर पर भारत लिंक्डइन का दूसरा सबसे बड़ा बाजार बन गया है। लिंक्डइन ने बुधवार को बयान में कहा, ‘‘भारत में उसके सदस्यों में सबसे अधिक हिस्सा सॉफ्टवेयर और आईटी क्षेत्र का है। इसके बाद विनिर्माण, कॉरपोरेट सेवाओं, वित्त और शिक्षा उद्योग का नंबर आता है।'' बयान में कहा गया है, ‘‘सदस्यों की संख्या में निरंतर वृद्धि से पता चलता है कि कैसे लिंक्डइन भारत में पेशेवरों के लिए एक अनिवार्य मंच बन गया है।'' -
मुंबई. नीतिगत रेपो दर में वृद्धि की रफ्तार नरम होने से बुधवार को घरेलू शेयर बाजार में सूचना प्रौद्योगिकी, वित्तीय एवं पेट्रोलियम शेयरों में खरीदारी से दोनों प्रमुख सूचकांक आधा प्रतिशत से अधिक की बढ़त पर बंद हुए। बीएसई का 30 शेयरों पर आधारित सूचकांक सेंसेक्स 377.75 अंक यानी 0.63 प्रतिशत चढ़कर 60,663.79 अंक पर बंद हुआ। इसके साथ ही सेंसेक्स में पिछले दो दिन से जारी गिरावट थम गई। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक निफ्टी भी 150.20 अंक यानी 0.85 प्रतिशत की तेजी के साथ 17,871.70 अंक पर बंद हुआ। इस तेजी के पीछे अडाणी एंटरप्राइजेज, अडाणी पोर्ट्स एंड एसईजेड और एचडीएफसी लाइफ के शेयरों की बड़ी भूमिका रही। सेंसेक्स में शामिल शेयरों में से बजाज फाइनेंस ने सर्वाधिक 3.14 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की। अल्ट्राटेक सीमेंट, रिलायंस इंडस्ट्रीज, इन्फोसिस, विप्रो, एचसीएल टेक, टीसीएस, बजाज फिनसर्व, टाटा मोटर्स, टेक महिंद्रा, टाइटन और मारुति सुजुकी के शेयर भी बढ़त के साथ बंद हुए। दूसरी तरफ, एलएंडटी को 1.62 प्रतिशत का नुकसान उठाना पड़ा। भारती एयरटेल, एक्सिस बैंक, कोटक बैंक और हिंदुस्तान यूनिलीवर के शेयरों में भी गिरावट रही। अडाणी समूह की अधिकांश कंपनियों के शेयरों में तेजी देखी गई। समूह को बैंकों की तरफ से दिए गए कर्ज को लेकर रेटिंग एजेंसियों की तरफ से आए सकारात्मक बयानों से इनके शेयरों को मजबूती मिली। समूह की प्रमुख कंपनी अडाणी एंटरप्राइजेज का शेयर 19.76 प्रतिशत चढ़ गया। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘आरबीआई ने बाजार की उम्मीदों के अनुरूप रेपो दर में छोटी बढ़ोतरी ही की। इससे तेजड़िये हावी हो गए और लिवाली का जोर रहा।'' रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की वृद्धि करने का फैसला किया है जिसके बाद यह बढ़कर 6.50 प्रतिशत हो गई है। इसके अलावा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में वृद्धि के अनुमान को भी 6.8 प्रतिशत से बढ़ाकर सात प्रतिशत कर दिया गया है। रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के उपाध्यक्ष (तकनीकी शोध) अजित मिश्रा ने कहा, ‘‘अनुकूल वैश्विक संकेतों से घरेलू बाजारों को समर्थन मिला और वे दो दिन की गिरावट से उबरने में सफल रहे।'' एशिया के अन्य बाजारों में मिला-जुला रुख रहा। हांगकांग का हैंगसेंग, दक्षिण कोरिया का कॉस्पी बढ़त के साथ बंद हुए जबकि जापान का निक्की और चीन के शंघाई कम्पोजिट में नुकसान रहा। इसके पहले मंगलवार को अमेरिकी बाजारों में तेजी दर्ज की गई थी।
विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने भारतीय बाजारों से निकासी का सिलसिला जारी रखा है। उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, एफआईआई ने मंगलवार को 2,559.96 करोड़ रुपये की शुद्ध बिकवाली की। -
नयी दिल्ली. अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतों में तेजी के बीच राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में बुधवार को पीली धातु का भाव 335 रुपये मजबूत होकर 57,463 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी। पिछले कारोबारी सत्र में सोना 57,128 रुपये प्रति 10 ग्राम के भाव पर बंद हुआ था।
चांदी की कीमत भी 516 रुपये की तेजी के साथ 68,075 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक सौमिल गांधी ने कहा, ‘‘दिल्ली में सोने की हाजिर कीमत 335 रुपये की तेजी के साथ 57,463 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गयी।'' अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना तेजी के साथ 1,880 डॉलर प्रति औंस हो गया, जबकि चांदी मजबूती के साथ 22.45 डॉलर प्रति औंस हो गई। गांधी ने कहा कि बुधवार को एशियाई कारोबार के घंटों में कॉमेक्स में सोने की कीमतों में तेजी आई। -
नयी दिल्ली. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 0.25 प्रतिशत बढ़ाकर 6.50 प्रतिशत कर दिया है। उद्योग जगत के विशेषज्ञों ने इस वृद्धि के बाद उम्मीद जताई है कि बढ़ती महंगाई के बीच मई, यह ब्याज दरों में लगातार छठी वृद्धि थी, हालांकि मात्रा कम रही। केंद्रीय बैंक ने पिछले साल मई से रेपो दर में 2.50 प्रतिशत की वृद्धि की है। सरकार ने यह कदम वैश्विक दबाव के बीच बढ़ती महंगाई पर नियंत्रण के लिए उठाया था। उद्योग मंडल एसोचैम के महासचिव दीपक सूद ने कहा, “इसमें कोई शक नहीं है कि आज चुनौतीपूर्ण वैश्विक वातावरण के बीच आरबीआई-मौद्रिक नीति समिति के लिए महंगाई कम करना प्राथमिकता था और केंद्रीय बैंक ने बहुत प्रशंसनीय काम करते हुए मुद्रास्फीति को नियंत्रण में रखा है।” उन्होंने कहा, “सतत वृद्धि के व्यापक उद्देश्य को देखते हुए हमारा मानना है कि मौजूदा चक्र में यह ब्याज दरों में आखिरी वृद्धि है।'' आरबीआई ने दिसंबर, 2022 में रेपो दर 0.35 प्रतिशत, मई में 0.40 प्रतिशत और जून, अगस्त व सितंबर में 0.50 प्रतिशत बढ़ाई थी। बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने आरबीआई की नीतिगत समीक्षा पर कहा, “फिलहाल लगता है कि अभी महंगाई के ऊपर जाने का जोखिम हो सकता है, इसलिए ब्याज दरें बढ़ाई गई हैं। चालू वर्ष में दरों में कटौती की अधिक संभावना नहीं दिखती है।'' पीएचडीसीसीआई के अध्यक्ष साकेत डालमिया ने रेपो दर बढ़ाए जाने के फैसले पर कहा कि इससे कारखानों में खपत की संभावना और उपभोग की मांग पर असर पड़ेगा। उन्होंने कहा, “पिछले कुछ महीनों से जारी महंगाई के बीच हम आगे नीतिगत दरों में ठहराव की उम्मीद कर रहे हैं।” एंड्रोमेडा सेल्स और अपनापैसाडॉटकॉम के कार्यकारी चेयरमैन वी स्वामीनाथन ने कहा, “आज रेपो दर में वृद्धि 0.25 प्रतिशत है, जिससे ईएमआई लगभग 2-4 प्रतिशत तक महंगी हो जाएगी। कर्जदारों को अपना ऋण चुकाने के लिए या तो हर किस्त में अतिरिक्त पैसा देना होगा या कर्ज का समय बढ़ाना होगा।” उन्होंने समझाते हुए कहा, “मई, 2022 के बाद से रेपो दर में ढाई प्रतिशत की वृद्धि हो चुकी है। इसके अंतर्गत मई, 2022 में सात प्रतिशत की ब्याज दर से लिए गए 70 लाख रुपये के आवास ऋण की मासिक किस्त (ईएमआई) 54,271 रुपये हो जाएगी।” उन्होंने इसके बाद कहा, “लेकिन अगर हम ढाई प्रतिशत की वृद्धि को जोड़ते हैं तो ब्याज दर 9.50 प्रतिशत हो जाएगी और ईएमआई 65,249 रुपये बैठेगी।” अबंस इन्वेस्टमेंट मैनेजर के सीईओ भाविक ठक्कर ने भी कहा कि रेपो दर बढ़ने से हर प्रकार का ऋण महंगा हो जाएगा। इस बार आवास ऋण लेने वाले लोगों पर इसका प्रभाव न केवल कर्ज की अवधि के रूप में होगी, बल्कि उनकी मासिक किस्त भी बढ़ेगी। मौद्रिक नीति समिति की अगली बैठक तीन-छह अप्रैल, 2023 को होगी।
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मुंबई. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मुख्य रूप से महंगाई को काबू में लाने के उद्देश्य से बुधवार को द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में एक बार फिर नीतिगत दर रेपो में 0.25 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है। इससे मुख्य नीतिगत दर बढ़कर 6.50 प्रतिशत हो गई है। इसके साथ ही केंद्रीय बैंक ने चालू वित्त वर्ष 2022-23 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर के अनुमान को 6.8 प्रतिशत से बढ़ाकर सात प्रतिशत कर दिया है। वहीं अगले वित्त वर्ष में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान रखा गया है। आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष में खुदरा मुद्रास्फीति 6.5 प्रतिशत और अगले वित्त वर्ष में 5.3 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है। रेपो दर वह ब्याज दर है, जिसपर वाणिज्यिक बैंक अपनी फौरी जरूरतों को पूरा करने के लिये केंद्रीय बैंक से कर्ज लेते हैं। इसमें वृद्धि का मतलब है कि बैंकों और वित्तीय संस्थानों से लिया जाने वाला कर्ज महंगा होगा और मौजूदा ऋण की मासिक किस्त (ईएमआई) बढ़ेगी। मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की सोमवार से शुरू हुई तीन दिन की बैठक में लिए गए निर्णय की जानकारी देते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने डिजिटल माध्यम से प्रसारित बयान में कहा, ‘‘मौजूदा आर्थिक स्थिति पर विचार करते हुए एमपीसी ने नीतिगत दर रेपो 0.25 प्रतिशत बढ़ाकर 6.50 प्रतिशत करने का निर्णय किया है।'' उन्होंने कहा कि मौद्रिक नीति समिति के छह सदस्यों में से चार ने रेपो दर बढ़ाने के पक्ष में मतदान किया। हालांकि, रेपो दर में वृद्धि की यह गति पिछली पांच बार की वृद्धि के मुकाबले कम है और बाजार इसकी उम्मीद कर रहा था। आरबीआई मुख्य रूप से मुद्रास्फीति को काबू में लाने के लिये इस साल मई से लेकर अबतक कुल छह बार में रेपो दर में 2.50 प्रतिशत की वृद्धि कर चुका है। इससे पहले, मई में रेपो दर 0.40 प्रतिशत तथा जून, अगस्त तथा सितंबर में 0.50-0.50 प्रतिशत तथा दिसंबर में 0.35 प्रतिशत बढ़ायी गयी थी। केंद्रीय बैंक नीतिगत दर पर निर्णय करते समय मुख्य रूप से खुदरा महंगाई पर गौर करता है।