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मुंबई. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था और वित्तीय प्रणाली मजबूत एवं जुझारू बनी हुई है क्योंकि सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां (जीएनपीए) अनुपात मार्च 2024 के अंत में कई साल के निचले स्तर 2.8 प्रतिशत पर आ गया है। आरबीआई ने बृहस्पतिवार को जून की वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (एफएसआर) जारी करते हुए कहा कि अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों का जीएनपीए अनुपात कई वर्षों के निचले स्तर 2.8 प्रतिशत पर आ गया, जबकि शुद्ध गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनएनपीए) अनुपात मार्च, 2024 के अंत में 0.6 प्रतिशत रहा। रिपोर्ट के मुताबिक, ‘‘भारतीय अर्थव्यवस्था और वित्तीय प्रणाली मजबूत एवं जुझारू बनी हुई है, जो वृहद-आर्थिक और वित्तीय स्थिरता से समर्थित है। सुधरे हुए बहीखाते के साथ बैंक एवं वित्तीय संस्थान निरंतर ऋण विस्तार के जरिये आर्थिक गतिविधि का समर्थन कर रहे हैं।'' रिपोर्ट कहती है कि मार्च के अंत में अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी) का पूंजी और जोखिम-भारित संपत्ति का अनुपात (सीआरएआर) और समान इक्विटी टियर 1 (सीईटी 1) अनुपात क्रमशः 16.8 प्रतिशत और 13.9 प्रतिशत रहा। एफएसआर रिपोर्ट के मुताबिक, ऋण जोखिम के लिए व्यापक तनाव संबंधी परीक्षणों से पता चलता है कि वाणिज्यिक बैंक न्यूनतम पूंजी जरूरतों का अनुपालन करने में सक्षम होंगे। वित्त वर्ष के अंत में प्रणालीगत सीआरएआर बेसलाइन, मध्यम और गंभीर तनाव परिदृश्यों के तहत क्रमशः 16.1 प्रतिशत, 14.4 प्रतिशत और 13.0 प्रतिशत होने का अनुमान है। रिपोर्ट कहती है कि ये परिदृश्य काल्पनिक झटकों के तहत किए गए कठोर रुढ़िवादी आकलन हैं और परिणामों की व्याख्या पूर्वानुमान के तौर पर नहीं की जानी चाहिए। रिजर्व बैंक की रिपोर्ट कहती है कि मार्च, 2024 के अंत में गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) की सेहत स्वस्थ बनी हुई थी। उनका सीआरएआर 26.6 प्रतिशत, जीएनपीए अनुपात 4.0 प्रतिशत और परिसंपत्तियों पर रिटर्न (आरओए) 3.3 प्रतिशत पर था। वैश्विक अर्थव्यवस्था के संदर्भ में रिपोर्ट कहती है कि यह लंबे समय से चल रहे भू-राजनीतिक तनाव, बढ़े हुए सार्वजनिक ऋण और मुद्रास्फीति में गिरावट की धीमी रफ्तार से बढ़े हुए जोखिमों का सामना कर रही है। हालांकि, एफएसआर रिपोर्ट कहती है कि इन चुनौतियों के बावजूद वैश्विक वित्तीय प्रणाली जुझारू बनी हुई है और वित्तीय स्थितियां स्थिर हैं।
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मुंबई. भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने वित्तीय प्रणाली के सभी हितधारकों से बृहस्पतिवार को कहा कि वे संचालन व्यवस्था को ‘सर्वोच्च प्राथमिकता' दें। केंद्रीय बैंक की छमाही वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (एफएसआर) की प्रस्तावना में दास ने कहा कि वैश्विक चुनौतियों के बीच मजबूत वृहद आर्थिक बुनियादी ढांचे के साथ भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूती दिखा रही है। दास ने कहा कि आरबीआई के दबाव परीक्षणों से पता चलता है कि गंभीर दबाव की स्थिति में भी बैंकों और गैर-बैंकों के ‘बफर' न्यूनतम विनियामक पूंजी स्तर से ऊपर रहेंगे। उन्होंने कहा कि आरबीआई साइबर खतरों, जलवायु परिवर्तन और वैश्विक चुनौतियों से उत्पन्न होने वाले खतरों के प्रति सतर्क है। दास ने सभी पक्षों से संचालन व्यवस्था पर ध्यान केन्द्रित करने को कहा।
उन्होंने कहा, ‘‘ संचालन व्यवस्था को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए, क्योंकि कामकाज की मजबूत व्यवस्था वित्तीय प्रणाली में हितधारकों की मजबूती का मूल है।'' -
नई दिल्ली। सोने चांदी के वायदा भाव में गुरुवार को नरमी देखने को मिल रही है। दोनों के वायदा भाव आज गिरावट के साथ खुले। खबर लिखे जाने के समय सोने के वायदा भाव 71 हजार रुपये से नीचे, जबकि चांदी के वायदा भाव 86,600 रुपये के करीब कारोबार कर रहे थे। अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सोने व चांदी के वायदा भाव में नरमी देखी जा रही है।
सोना के वायदा भाव लुढ़केसोने के वायदा भाव की शुरुआत गुरुवार को गिरावट के साथ हुई। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर सोने का बेंचमार्क अगस्त कॉन्ट्रैक्ट आज 97 रुपये की गिरावट के साथ 70,992 रुपये के भाव पर खुला। खबर लिखे जाने के समय यह कॉन्ट्रैक्ट 108 रुपये की गिरावट के साथ 70,981 रुपये के भाव पर कारोबार कर रहा था। इस समय इसने 71,021 रुपये के भाव पर दिन का उच्च और 70,896 रुपये के भाव पर दिन का निचला स्तर छू लिया। सोने के वायदा भाव ने पिछले महीने 74,442 रुपये के भाव पर सर्वोच्च स्तर छू लिया था।चांदी की चमक भी फीकीचांदी के वायदा भाव की शुरूआत गुरुवार को सुस्त रही। MCX पर चांदी का बेंचमार्क जुलाई कॉन्ट्रैक्ट आज 401 रुपये की गिरावट के साथ 86,564 रुपये पर खुला। खबर लिखे जाने के समय यह कॉन्ट्रैक्ट 340 रुपये की गिरावट के साथ 86,625 रुपये के भाव पर कारोबार कर रहा था। इस समय इसने 86,706 रुपये के भाव पर दिन का उच्च और 86,464 रुपये के भाव पर दिन का निचला स्तर छू लिया। पिछले महीने चांदी के वायदा भाव ने 96,493 रुपये के भाव पर सर्वोच्च स्तर छू लिया था।अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सस्ते हुए सोना-चांदीअंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने चांदी के वायदा भाव की शुरुआत सुस्त रही। Comex पर सोना 2,309.39 डॉलर प्रति औंस के भाव पर खुला। पिछला क्लोजिंग प्राइस 2,313.20 डॉलर प्रति औंस था। खबर लिखे जाने के समय यह 1.70 डॉलर की गिरावट के साथ 2,311.50 डॉलर प्रति औंस के भाव पर कारोबार कर रहा था। Comex पर चांदी के वायदा भाव 28.77 डॉलर के भाव पर खुले, पिछला क्लोजिंग प्राइस 28.93 डॉलर था। खबर लिखे जाने के समय यह 0.14 डॉलर की गिरावट के साथ 28.79 डॉलर प्रति औंस के भाव पर कारोबार कर रहा था। - नयी दिल्ली। भारत की स्पेक्ट्रम नीलामी दूसरे दिन बोली शुरू होने के कुछ घंटों के भीतर ही समाप्त हो गई। इसमें दूरसंचार कंपनियों ने कुल मिलाकर 11,300 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य का स्पेक्ट्रम खरीदा, जो कि सरकार द्वारा बिक्री के लिए रखी गई रेडियो तरंगों के अनुमानित मूल्य 96,238 करोड़ रुपये का 12 प्रतिशत से भी कम है। मामले से जुड़े सूत्रों ने बताया कि नीलामी में 800 मेगाहर्ट्ज से 26 गीगाहर्ट्ज के बीच कुल 10 गीगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम की पेशकश की गई। कुल 11,340 करोड़ रुपये की बोलियां प्राप्त हुईं। अनुमान है कि सात दौर की बोलियों में केवल 140-150 मेगाहर्ट्ज ही बेचे गए हैं। नीलामी के पहले दिन 25 जून को पांच दौर की बोलियां लगाई गईं। बुधवार को ज्यादा बोलियां नहीं मिलीं जिसके कारण अधिकारियों ने पूर्वाह्न करीब साढ़े 11 बजे नीलामी समाप्त करने की घोषणा कर दी। इस 2024 की नीलामी में 800 मेगाहर्ट्ज, 900 मेगाहर्ट्ज, 1,800 मेगाहर्ट्ज, 2,100 मेगाहर्ट्ज, 2,300 मेगाहर्ट्ज, 2,500 मेगाहर्ट्ज, 3,300 मेगाहर्ट्ज और 26 गीगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम बैंड की पेशकश की गई थी। इस बार स्पेक्ट्रम के लिए बोलियां उम्मीद से बेहद कम मिलीं। बाजार पर्यवेक्षकों ने सीमित बोली की अपेक्षा ही की थी क्योंकि दूरसंचार कंपनियां मुख्य रूप से स्पेक्ट्रम नवीनीकरण पर और अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए रेडियो तरंगों पर चुनिंदा रूप से ध्यान केंद्रित कर रही हैं। इस नीलामी में रिलायंस जियो, भारती एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया (वीआईएल) उच्च गति मोबाइल सेवा को समर्थन देने वाली रेडियो तरंगों के लिए होड़ में रहीं। बोलियों का विस्तृत ब्योरा या दूरसंचार कंपनियों द्वारा व्यक्तिगत रूप से दी गई सटीक राशि अभी स्पष्ट नहीं है। आधिकारिक घोषणा होने के बाद ही इसका पता चल पाएगा। दूरसंचार विभाग की ओर से पहले दिन की नीलामी के बारे में जारी रिपोर्ट के मुताबिक, बोलियां मुख्य रूप से 900 और 1,800 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम के बैंड में लगाई गई हैं। इसके अलावा तीन सर्किल में 2,100 मेगाहर्ट्ज बैंड के लिए भी बोलियां लगाई गईं। भारती एयरटेल की छह सर्किल में स्पेक्ट्रम अवधि खत्म हो रही है जबकि वोडाफोन-आइडिया का दो सर्किल में स्पेक्ट्रम खत्म हो रहा है। पिछली नीलामी 2022 में हुई थी जो सात दिन तक चली थी। उसमें 5जी दूरसंचार स्पेक्ट्रम की रिकॉर्ड 1.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक की बिक्री हुई थी, जिसमें अरबपति मुकेश अंबानी की जियो शीर्ष बोलीदाता के रूप में उभरी थी। उसने सभी रेडिया तरंगों का करीब आधा हिस्सा (88,078 करोड़ रुपये मूल्य) हासिल किया था। उस समय दूरसंचार दिग्गज सुनील मित्तल की भारती एयरटेल ने 43,084 करोड़ रुपये की सफल बोली लगाई थी, जबकि वोडाफोन-आइडिया ने 18,799 करोड़ रुपये में स्पेक्ट्रम खरीदा था।
- नयी दिल्ली। एसबीआई जनरल इंश्योरेंस कंपनी ने नवीन चंद्र झा को अपना नया प्रबंध निदेशक (एमडी) और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) नियुक्त किया है। कंपनी ने बुधवार को यह घोषणा करते हुए बताया कि उन्हें इस पद के लिए मूल कंपनी भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) द्वारा नामित किया गया था। वह किशोर कुमार पोलुदासु का स्थान लेंगे। झा 1994 से एसबीआई से जुड़े थे और इस दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है। एसबीआई जनरल इंश्योरेंस में अपनी वर्तमान भूमिका से पहले झा एसबीआई के उप प्रबंध निदेशक के रूप में कार्यरत थे।
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नई दिल्ली। भारत के टॉप 10 प्राइवेट बैंकों में से एक- येस बैंक ने अपने सैकड़ों कर्मचारियों की छंटनी कर दी है। बैंक अपने बिजनेस को रीस्ट्रक्चर कर रहा है, जिसके चलते कई कर्मचारियों को अपनी नौकरी गंवानी पड़ी है। बैंक की तरफ से छंटनी की यह खबर ऐसे समय आई है जब हाल ही में इसने शेयर बाजार को बताया था कि वह डेट सिक्योरिटी के जरिये फंड जुटाने का ऐलान किया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, येस बैंक ने रीस्ट्रक्चरिंग एक्सरसाइज के साथ कम से कम 500 कर्मचारियों की छंटनी कर दी है। रिपोर्ट में बताया गया कि आने वाले समय में और भी छंटनी की आशंका है। येस बैंक की तरफ से यह छंटनी कई विभागों में की गई है। छंटनी का सबसे ज्यादा असर ब्रांच बैंकिंग सेगमेंट में देखने को मिला। अन्य विभागों की बात की जाए तो रिटेल, होलसेल जैसे कई वर्टिकल्स में बैंक की छंटनी का असर दिखा है।कंपनी ने कहा कि वह कस्टमर्स पर फोकस रहने, ऑपरेशन को कुशल बनाने के लिए समय-समय पर रिव्यू करती रहती है। रिपोर्ट में बताया गया कि नौकरी से निकाले गए कर्मचारियों को तीन महीने की सैलरी दी गई है। बता दें कि अलग-अलग कंपनियों का अलग-अलग नियम होता है। सामान्य तौर पर अगर कोई कंपनी किसी कर्मचारी को निकालती है तो उसे तीन महीने का वेतन एडवांस में देती है।माना जा रहा है कि येस बैंक डिजिटल बैंकिंग की ओर बढ़ रहा है और कर्मचारियों की संख्या में कटौती करके लागत में कटौती करना चाहता है। एक्सचेंजों को दी गई फाइनेंशियल ईयर के परफॉर्मेंस की जानकारी में बैंक ने बताया था कि वित्त वर्ष 2023-2024 (FY24) के दौरान उसके लिए कर्मचारियों का खर्च 12 फीसदी से ज्यादा बढ़ गया। वित्त वर्ष 2023 के अंत में खर्च 3,363 करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 24 के अंत में 3,774 करोड़ रुपये हो गया था। FY24 के दौरान येस बैंक का नेट मुनाफा (net profit) 74.4% बढ़कर 1,251 करोड़ रुपये हो गया था।येस बैंक की शेयर प्राइस में आज गिरावट देखने को मिली। बैंक के शेयर सुबह 9:25 बजे 0.21 % की गिरावट के साथ 23.97 पर ट्रेड करते देखे गए। पिछले कारोबारी दिन बैंक के शेयर 24.02 पर क्लोज हुए थे, जबकि आज 24.03 पर ओपन हुए। येस बैंक के शेयरों ने 1 साल में करीब 49 फीसदी का रिटर्न दिया है। - नयी दिल्ली। मोबाइल सेवाओं में इस्तेमाल होने वाले दूरसंचार स्पेक्ट्रम की नीलामी के पहले दिन मंगलवार को ठंडी प्रतिक्रिया मिली और पांच दौर की नीलामी में करीब 11,000 करोड़ रुपये मूल्य की बोलियां ही लगाई गईं। सरकार 96,238 करोड़ रुपये के आरक्षित मूल्य पर 10,500 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम की नीलामी कर रही है। इस नीलामी में दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनियां बोलियां लगा रही हैं। मामले की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने कहा, ‘‘दूरसंचार कंपनियों ने पहले दिन की स्पेक्ट्रम नीलामी में करीब 11,000 करोड़ रुपये की बोलियां लगाई हैं।'' इस नीलामी में रिलायंस जियो, भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया शिरकत कर रही हैं। इसके जरिये दूरसंचार कंपनियां उच्च रफ्तार वाली 5जी सेवाओं की पेशकश के लिए स्पेक्ट्रम हासिल करना चाह रही हैं। रिलायंस जियो ने स्पेक्ट्रम नीलामी के लिए सबसे अधिक 3,000 करोड़ रुपये की अग्रिम राशि जमा की है। इस आधार पर कंपनी अधिकतम रेडियो तरंगों के लिए बोली लगा सकती है। भारती एयरटेल ने 1,050 करोड़ रुपये और वोडाफोन आइडिया (वीआईएल) ने 300 करोड़ रुपये की बयाना राशि जमा की है। पहले दिन की नीलामी के बारे में दूरसंचार विभाग की तरफ से जारी रिपोर्ट के मुताबिक, बोलियां मुख्य रूप से 900 और 1,800 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम के बैंड में लगाई गई हैं। इसके अलावा तीन सर्किल में 2,100 मेगाहर्ट्ज बैंड के लिए भी बोलियां लगाई गईं। भारती एयरटेल की छह सर्किल में स्पेक्ट्रम अवधि खत्म हो रही है जबकि वोडाफोन आइडिया के दो सर्किल में स्पेक्ट्रम खत्म हो रहे हैं। दूरसंचार विशेषज्ञ पराग कार का अनुमान है कि पहले दिन की नीलामी में 1,800 मेगाहर्ट्ज बैंड को 6,304.4 करोड़ रुपये मूल्य की बोलियां मिलीं जबकि 900 मेगाहर्ट्ज के लिए 4,465 करो़ड़ रुपये और 2,100 मेगाहर्ट्ज के लिए 360 करोड़ रुपये मूल्य की बोलियां लगाई गईं। इस नीलामी में रखे गए पांच अन्य स्पेक्ट्रम बैंड के लिए पहले दिन कोई भी बोली नहीं लगाई गई।अभी यह जानकारी नहीं मिल पाई है कि किस कंपनी ने कितनी बोली लगाई। नीलामी प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही दूरसंचार कंपनियों की बोलियों के बारे में पता चल पाएगा।
- नयी दिल्ली। अग्रणी परिधान विनिर्माता रेमंड अपनी क्षमता में एक-तिहाई का विस्तार कर रही है, जिससे वह दुनिया में सूट की तीसरी बड़ी उत्पादक बन जाएगी और वैश्विक बाजार में स्थिति मजबूत करने में भी मदद मिलेगी। कंपनी नए बाजारों के लिए अपने उत्पादों की शृंखला का विस्तार करेगी और ग्राहकों की संख्या बढ़ाने पर भी काम कर रही है। उसके कारोबार में महिला परिधानों की सिलाई और महंगे दाम वाले ‘कैजुअल' कपड़े भी शामिल हैं।रेमंड की नवीनतम वार्षिक रिपोर्ट में इसका उल्लेख किया गया है। कंपनी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक गौतम हरि सिंघानिया ने कंपनी के शेयरधारकों को संबोधित करते हुए कहा कि यह सरकार की ‘मेक इन इंडिया' पहल के साथ भी पूरी तरह मेल खाता है। उन्होंने कहा, ‘‘विनिर्माण के केंद्र के रूप में वैश्विक कंपनियों की चीन प्लस वन रणनीति हमारे पक्ष में काम करती हुई नजर आ रही है। भारत एक पसंदीदा सोर्सिंग गंतव्य बना हुआ है।'' सिंघानिया ने कहा कि रेमंड अपनी मौजूदा परिधान क्षमता को एक-तिहाई तक बढ़ा रही है। उन्होंने कहा, ‘‘जब विस्तारित क्षमता पूरी तरह से चालू हो जाएगी, तो रेमंड दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी सूट निर्माता कंपनी बन जाएगी।'' इस मौके पर रेमंड के मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) अमित अग्रवाल ने कहा कि यह क्षमता विस्तार न केवल रेमंड की वैश्विक उपस्थिति को मजबूत करता है, बल्कि घरेलू विनिर्माण क्षमताओं को भी बढ़ाता है। इस बीच, रेमंड की चालू वित्त वर्ष में पारंपरिक एवं त्योहारी परिधानों के ब्रांड 'एथनिक्स बाय रेमंड' के 100 से अधिक स्टोर खोलने की योजना है। कंपनी की नवीनतम वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक, फिलहाल इस ब्रांड के 114 स्टोर हैं। सिंघानिया ने कहा, ‘‘भारतीय शादियों में चमक-दमक बढ़ने और जश्न मनाने के रुझान को देखते हुए हमने एथनिक्स बाय रेमंड को देश के कोने-कोने तक ले जाने का फैसला किया है। पिछले वित्त वर्ष में इस ब्रांड के तहत 53 स्टोर खोले गए।'
- नयी दिल्ली।' कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह ने मंगलवार को कहा कि सरकार ने कपड़ा उद्योग के लिए स्वीकृत 10,000 करोड़ रुपये से अधिक की ‘उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन' (पीएलआई) योजना का विस्तार परिधान क्षेत्र तक करने पर भी विचार कर रही है। सिंह ने यहां ‘भारत अंतरराष्ट्रीय परिधान मेला' (आईआईजीएफ) को संबोधित करते हुए कहा कि कपड़ा निर्यात बढ़ाने के लिए अपार अवसर हैं और उद्योग को आने वाले वर्षों में 50 अरब अमेरिकी डॉलर मूल्य के निर्यात का लक्ष्य रखना चाहिए। सरकार ने वर्ष 2021 में मानव-निर्मित रेशे (एमएमएफ) से बने परिधान, एमएमएफ कपड़े और तकनीकी वस्त्रों के उत्पादों का घरेलू उत्पादन बढ़ाने के लिए पांच साल की अवधि में 10,683 करोड़ रुपये के स्वीकृत परिव्यय के साथ कपड़ा क्षेत्र के लिए पीएलआई योजना को मंजूरी दी थी। सिंह ने कहा, ‘‘हम आपके (परिधान) क्षेत्र को भी इस योजना के दायरे में लाने पर विचार कर रहे हैं।''उन्होंने कहा कि भारतीय कपड़ा उद्योग का बाजार लगभग 165 अरब डॉलर का है और इसे 350 अरब डॉलर तक ले जाना है। उन्होंने कहा कि मंत्रालय इस क्षेत्र में चीन से आगे निकलने के लिए एक रूपरेखा तैयार कर रहा है। मंत्री ने उद्योग को घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए ‘हब और स्पोक' मॉडल को अपनाने का सुझाव भी दिया। उन्होंने कहा, ‘‘मैं उद्योग की बड़ी कंपनियों से भारत में छोटी कंपनियों के साथ जुड़ाव कायम करने की अपील करता हूं। मंत्रालय उनके मुद्दों को समझने के लिए बड़ी कंपनियों के साथ बैठकें करेगा।'' उन्होंने ई-कॉमर्स माध्यम से निर्यात बढ़ाने के अवसर तलाशने का भी आह्वान किया। पिछले साल ई-कॉमर्स के जरिये अंतरराष्ट्रीय व्यापार करीब 800 अरब डॉलर का था और 2030 तक इसके 2,000 अरब डॉलर पर पहुंचने का अनुमान है। इसके साथ ही कपड़ा मंत्री ने उद्योग को वैश्विक ब्रांड का आपूर्तिकर्ता बनने के बजाय अपने खुद के ब्रांड स्थापित करने का सुझाव दिया। उन्होंने हरित वस्त्र और पुनर्चक्रण पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह भी दी। कपड़ा मंत्रालय ‘एकीकृत वस्त्र पार्क' (एसआईटीपी) योजना को नए सिरे से पेश करने पर भी विचार कर रहा है। इस योजना का उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप नए वस्त्र पार्क स्थापित करना है। अबतक 54 वस्त्र पार्क स्वीकृत किए गए हैं। परिधान निर्यात संवर्धन परिषद (एईपीसी) के चेयरमैन सुधीर सेखरी ने इस अवसर पर कहा कि वैश्विक स्तर पर प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद भारतीय परिधान निर्यात उद्योग अपनी स्थिति को बनाए रखने और नुकसान को काफी हद तक कम करने में सक्षम रहा है। एईपीसी के महासचिव मिथिलेश्वर ठाकुर ने कहा कि विश्व अर्थव्यवस्था में स्वस्थ वृद्धि दर्ज होने की उम्मीद है लिहाजा आने वाले वर्षों में भारतीय परिधान निर्यातकों के लिए विकसित देशों में अपना विस्तार करने का अधिक अवसर होगा।
- मुंबई। यात्री वाहनों की बिक्री में चालू वित्त वर्ष में तीन से पांच प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है। सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले वित्त वर्ष के ऊंचे तुलनात्मक आधार प्रभाव, ऑर्डर बुक कमजोर होने तथा शुरूआती स्तर के संस्करणों की मांग घटने से 2024-25 में यात्री वाहनों की बिक्री हल्की रहने की संभावना है। क्रेडिट रेटिंग एजेंसी केयरएज की रिपोर्ट के अनुसार वित्त वर्ष 2023-24 में 90 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि के साथ यात्री वाहन खंड में इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री 90,432 इकाई रही थी, जिसके चालू वित्त वर्ष में बढ़कर 1.30 से 1.50 लाख इकाई पर पहुंचने का अनुमान है। रिपोर्ट कहती है कि 2021-22 और 2022-23 में यात्री वाहन उद्योग ने कोविड के बाद दबी मांग और नए उत्पादों की पेशकश के बल पर सालाना आधार पर मात्रा में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की थी। केयरएज ने कहा कि इसमें यूटिलिटी वाहनों की महत्वपूर्ण भूमिका रही थी। 2021-22 में यूटिलिटी वाहनों की बिक्री 41 प्रतिशत और 2022-23 में 33.2 प्रतिशत बढ़ी थी। रेटिंग एजेंसी के अनुसार, वित्त वर्ष 2011-12 तक कुल यात्री वाहन बिक्री में यूटिलिटी वाहनों का योगदान 10-15 प्रतिशत था। वित्त वर्ष 2012-13 से 2023-24 के दौरान यूटिलिटी वाहनों की बिक्री सालाना आधार पर 15.51 प्रतिशत की दर से बढ़ी है। केयरएज ने कहा कि वर्तमान में सभी नए यात्री वाहनों की बिक्री में यूटिलिटी वाहनों की हिस्सेदारी 55 प्रतिशत से अधिक है। केयरएज रेटिंग्स की एसोसिएट निदेशक आरती रॉय ने कहा, ‘‘वित्त वर्ष 2023-24 के ऊंचे आधार प्रभाव, ऑर्डर में कमी तथा प्रवेश स्तर के संस्करणों की घटती मांग की वजह से 2024-25 में यात्री वाहनों की बिक्री तीन से पांच प्रतिशत बढ़ने की संभावना है।''
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नयी दिल्ली. सरकार ने खुदरा विक्रेताओं, थोक विक्रेताओं, प्रोसेसर और बड़ी श्रृंखलाओं के खुदरा विक्रेताओं के लिए गेहूं भंडारण की सीमा लगा दी है। कीमतों में स्थिरता और जमाखोरी रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है। केंद्रीय खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने सोमवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि एकल खुदरा विक्रेता, बड़ी श्रृंखला के खुदरा विक्रेता, प्रोसेसर और थोक विक्रेता हर शुक्रवार को अपने पास भंडारित गेहूं के स्टॉक का खुलासा करेंगे। चोपड़ा ने कहा, ‘‘मैं देश में गेहूं की कमी को दूर करना चाहता हूं।'' उन्होंने यह भी कहा कि अभी गेहूं के निर्यात पर कोई प्रतिबंध नहीं है और चीनी के निर्यात पर प्रतिबंध की समीक्षा करने का कोई प्रस्ताव नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि गेहूं की कीमतें स्थिर रहें।''
चोपड़ा ने आगे बताया कि थोक विक्रेताओं के लिए स्टॉक सीमा 3,000 टन होगी, जबकि यह प्रोसेसर के लिए यह प्रसंस्करण क्षमता का 70 प्रतिशत होगी। उन्होंने बताया कि बड़ी श्रृंखला वाले खुदरा विक्रेताओं के लिए यह सीमा 10 टन प्रति बिक्री केन्द्र की होगी, जिसकी कुल सीमा 3,000 टन होगी तथा एकल खुदरा बिक्रेताओं के लिए यह सीमा 10 टन की होगी। चोपड़ा ने बताया कि हाल ही में मीडिया में आई उन खबरों के मद्देनजर स्टॉक सीमा लगाई गई है, जिनमें कहा गया है कि गेहूं सहित आवश्यक वस्तुओं की कीमतें बढ़ रही हैं। उन्होंने बताया कि जमाखोरी को कम करने के लिए स्टॉक सीमा लगाई गई है।
उन्होंने बताया कि एक अप्रैल, 2023 को गेहूं का शुरुआती स्टॉक 82 लाख टन था, जबकि एक अप्रैल, 2024 को यह 75 लाख टन था। उन्होंने कहा कि पिछले साल 266 लाख टन की खरीद की गई थी, जबकि इस साल सरकार ने 262 लाख टन की खरीद की है और खरीद अभी भी जारी है। इसलिए (शुरुआती स्टॉक में) गेहूं की कमी सिर्फ तीन लाख टन की है। - नयी दिल्ली। नेटवर्क विस्तार योजना के तहत भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) चालू वित्त वर्ष (2024-25) में देशभर में 400 नई शाखाएं खोलने की तैयारी कर रहा है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ने पिछले वित्त वर्ष में 137 शाखाएं खोली हैं। इनमें से 59 नई ग्रामीण शाखाएं हैं। एसबीआई के चेयरमैन दिनेश खारा ने कहा, ‘‘किसी ने मुझसे पूछा कि 89 प्रतिशत डिजिटल और 98 प्रतिशत लेनदेन शाखा के बाहर हो रहे हैं, क्या अब शाखा की जरूरत है। मेरा जवाब हां है। यह अब भी जरूरी है क्योंकि नए क्षेत्र उभर रहे हैं।'' उन्होंने कहा कि अधिकांश सलाहकार और संपदा सेवाएं केवल शाखाओं के जरिये दी जा सकती हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम उन स्थानों की पहचान कर रहे हैं जहां संभावनाएं मौजूद हैं। उन स्थानों पर हमारी चालू वित्त वर्ष में 400 नई शाखाएं खोलने की योजना है।'' मार्च, 2024 तक एसबीआई की देशभर में 22,542 शाखाएं थीं। अनुषंगी कंपनियों के मौद्रीकरण के बारे में पूछे जाने पर खारा ने कहा कि एसबीआई उन्हें सूचीबद्ध करने से पहले उनके परिचालन को और बढ़ाएगा।
- नयी दिल्ली। माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद को उसके तहत आने वाले तीन मंत्री समूहों (जीओएम) का पुनर्गठन करना होगा। इसका कारण यह है कि 11 राज्यों के नए मंत्री शनिवार को परिषद में शामिल हो गए हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जीएसटी परिषद की 53वीं बैठक में आंध्र प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, हरियाणा, मध्य प्रदेश, मिजोरम, ओडिशा, राजस्थान, सिक्किम, तेलंगाना और त्रिपुरा से 11 नए मंत्री शामिल हुए। जीएसटी परिषद की 52वीं बैठक सात अक्टूबर, 2023 को आयोजित की गई थी।परिषद में नए मंत्रियों के शामिल होने के साथ जीएसटी से राजस्व के विश्लेषण, जीएसटी के तहत रियल एस्टेट क्षेत्र को बढ़ावा देने और जीएसटी प्रणाली में सुधार पर तीन मंत्री समूहों का पुनर्गठन किया जाएगा। जीएसटी दरों को युक्तिसंगत बनाने पर गठित मंत्री समूह का फरवरी में ही पुनर्गठन किया जा चुका है। इसके संयोजक बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी हैं, जबकि अन्य तीन के पुनर्गठन की अधिसूचना अभी तक जारी नहीं हुई है। जीएसटी से प्राप्त राजस्व के विश्लेषण पर गठित मंत्री समूह में ओडिशा से नए वित्त मंत्री को शामिल किया जाना है। ओडिशा में भाजपा ने विधानसभा चुनाव जीतकर इसी महीने सरकार बनाई है। हरियाणा से नए वित्त मंत्री का नाम भी परिषद में शामिल किया जाना है। रियल एस्टेट क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार की अध्यक्षता में गठित मंत्री समूह का पुनर्गठन किया जाना है, क्योंकि बिहार के वित्त मंत्री बदल गए हैं। पवार की अध्यक्षता में जीएसटी प्रणाली सुधार पर गठित समूह का पुनर्गठन किया जाना है, जिसमें असम, आंध्र प्रदेश, हरियाणा, छत्तीसगढ़ और ओडिशा से पांच नए मंत्री शामिल होंगे।
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नयी दिल्ली। इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और ‘सब-असेंबली' की मांग 2030 तक पांच गुना बढ़कर 240 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। उद्योग मंडल सीआईआई द्वारा रविवार को जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि इनमें मदरबोर्ड, लिथियम आयन बैटरी, कैमरा मॉड्यूल आदि जैसे कुछ प्रमुख कलपुर्जे शामिल हैं, जिन्हें बड़े पैमाने पर आयात किया जाता है। रिपोर्ट में सरकार से आयात पर निर्भरता कम करने के लिए 35-40 प्रतिशत की सीमा में उच्च प्रोत्साहन के साथ संशोधित इलेक्ट्रॉनिक घटक की उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन (पीएलआई) योजनाएं लाने की सिफारिश की गई है। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, “पिछले साल 102 अरब डॉलर के इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन का समर्थन करने के लिए घटकों और ‘सब-असेंबली' की मांग 45.5 अरब डॉलर थी। साल 2030 तक 500 अरब डॉलर के इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन का समर्थन करने के लिए यह मांग 240 अरब डॉलर तक बढ़ सकती है। पीसीबीए सहित प्राथमिकता वाले घटकों और ‘सब-असेंबली' के 30 प्रतिशत की मजबूत सीएजीआर से बढ़ने का अनुमान है, जो 2030 तक 139 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा।” रिपोर्ट में बैटरी (लिथियम-आयन), कैमरा मॉड्यूल, मैकेनिकल (एनक्लोजर आदि), डिस्प्ले और पीसीबी के घटकों और उप-संयोजनों को भारत के लिए उच्च प्राथमिकता के रूप में चिन्हित किया गया है, जो 2022 में घटकों की मांग का संचयी रूप से 43 प्रतिशत हिस्सा था और 2030 तक 51.6 अरब डॉलर तक बढ़ने की संभावना है। रिपोर्ट में कहा गया, “इन घटकों का भारत में या तो नाममात्र उत्पादन होता है या फिर ये भारी मात्रा में आयात पर निर्भर होते हैं। प्राथमिकता वाले घटकों के आयात की इस प्रवृत्ति को बनाए रखना देश के हित में नहीं है।
- नयी दिल्ली। कृत्रिम मेधा (एआई) जहां कुछ निश्चित भूमिकाओं को खत्म कर देगी वहीं उससे ज्यादा नई नौकरियां पैदा कर देगी। डेलॉयट के एआई कार्यकारी रोहित टंडन ने कहा कि भविष्य एआई-मानव के सहयोग का है, ना कि एआई मानवों की जगह ले लेगी। टंडन ने कहा कि वह एक क्रांतिकारी युग की कल्पना करते हैं, जहां प्रौद्योगिकी कार्यबल को प्रतिस्थापित करने के बजाय उसे सशक्त बनाएगी। डेलॉयट एलएलपी के एआई खंड के प्रबंध निदेशक टंडन ने कहा कि एआई नौकरियां नहीं छीनेगी, बल्कि कुछ आसान नौकरियों को खत्म कर देगी, तथा नई भूमिकाएं सृजित करेगी। उन्होंने कहा, “एआई लोगों की जगह ले लेगी... ऐसा नहीं होगा। आपको अभी भी इंसानों की जरूरत है।”टंडन ने कहा कि जब आईटी, प्रौद्योगिकी और कंप्यूटर परिदृश्य में आए तो नौकरियों के खत्म हो जाने का ऐसा ही डर था। उन्होंने कहा, “लेकिन जरा देखिए कि आईटी की वजह से दुनियाभर में कितनी नौकरियां पैदा हुई हैं। यही बात एआई के साथ भी होने जा रही है। यह सर्वव्यापी होने जा रहा है, ठीक वैसे ही जैसे आज है, जैसे आपके पास आज के सबसे बड़े सुपरकंप्यूटर आपके फोन पर उपलब्ध हैं, कुछ सबसे शक्तिशाली एआई एल्गोरिदम आपके पर्स में, आपके बटुए में, आपकी जेब में होंगे।” टंडन ने कहा, “यह ऐसी चीज होगी जिसके बारे में हम बात करें या न करें, यह हमारे जीवन का एक हिस्सा बन जाएगी।” उन्होंने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब कोई नई तकनीक आई है और उससे नौकरियां जाने का खतरा पैदा हुआ है।
- नयी दिल्ली। एयर कंडीशनर विनिर्माता कंपनी डाइकिन को चालू वित्त वर्ष (2024-25) में देश में अपनी एसी की बिक्री 20 लाख इकाई रहने की उम्मीद है। कंपनी की योजना भारत को विनिर्माण केंद्र बनाकर निर्यात के अधिक अवसर तलाशने की है। डाइकिन एयरकंडिशनिंग इंडिया के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक (सीएमडी) कंवलजीत जावा ने कहा कि कंपनी ने इस साल के पहले तीन महीनों में आवासीय एयर कंडीशनर (आरएसी) की सात लाख इकाइयां बेची हैं। इसमें इस साल भीषण गर्मी का भी योगदान है और कंपनी को 50 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि की उम्मीद है। डाइकिन ने भारत में आंध्र प्रदेश के श्री सिटी में अपनी तीसरी विनिर्माण इकाई शुरू की है। कंपनी यहां कंप्रेसर विनिर्माण में निवेश कर रही है और उसने 2030 तक 50 लाख इकाइयों के विनिर्माण का लक्ष्य रख रही है। जावा ने कहा, “लक्ष्य 50 लाख इकाई का है, जिसमें 2030 तक घरेलू बाजार के लिए 40 लाख और निर्यात के लिए 10 लाख इकाइयां शामिल हैं।” कंपनी को भारतीय बाजार में आरएसी की मात्रा में ‘मजबूत वृद्धि की उम्मीद' है, जहां तुलनात्मक रूप से पहुंच कम यानी करीब सात प्रतिशत है। इसके अलावा, डाइकिन अपनी नई 75 एकड़ की श्री सिटी विनिर्माण इकाई की मदद से दक्षिण अफ्रीका, पश्चिम एशिया और दक्षिण अमेरिका जैसे बाजारों में भी निर्यात कर रही है। यह दक्षिण-पूर्व एशिया में सबसे बड़ा कारखाना है। भारतीय बाजार में 2004 में उतरने वाली डाइकिन ने अबतक 2,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है।पिछले वित्त वर्ष (2023-24) में डाइकिन इंडिया का कारोबार 10,500 करोड़ रुपये रहा था।
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नयी दिल्ली. जीएसटी करदाताओं के पास अब मासिक या तिमाही करों के भुगतान से पहले बाहरी आपूर्ति या बिक्री रिटर्न फॉर्म जीएसटीआर-1 में संशोधन करने का विकल्प होगा। जीएसटी परिषद ने शनिवार को अपनी बैठक में करदाताओं को कर अवधि के लिए फॉर्म जीएसटीआर-1 में विवरण संशोधित करने और अतिरिक्त विवरण जोड़ने की सुविधा के लिए फॉर्म जीएसटीआर-1ए के जरिए एक नयी वैकल्पिक सुविधा देने की सिफारिश की थी। हालांकि, उक्त कर अवधि के लिए जीएसटीआर-3बी में रिटर्न जमा करने से पहले जीएसटीआर-1ए दाखिल करना होगा।
शार्दुल अमरचंद मंगलदास एंड कंपनी के पार्टनर रजत बोस ने कहा कि अनुपालन के नजरिये से यह एक सकारात्मक बदलाव है और इससे व्यापार करने में आसानी होगी। केपीएमजी के अप्रत्यक्ष कर प्रमुख और पार्टनर अभिषेक जैन ने कहा कि जीएसटीआर-1 में दिए गए विवरण में संशोधन की अनुमति देने से कर भुगतान से पहले लिपिकीय और अनजाने में होने वाली गलती को सुधारने का एक मौका मिलेगा। - नयी दिल्ली।' वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि केंद्र सरकार की मंशा हमेशा से पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने की रही है और अब राज्यों को एक साथ आकर इसकी दर तय करनी है। उन्होंने कहा कि पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पेट्रोल और डीजल को जीएसटी कानून में शामिल करने का प्रावधान पहले ही कर दिया है। अब बस राज्यों को एक साथ आकर दर तय करने के लिए चर्चा करनी है। सीतारमण ने कहा, ''जीएसटी का इरादा पेट्रोल और डीजल को जीएसटी में लाना था। अब राज्यों को दर तय करनी है। मेरे पूर्ववर्ती (अरुण जेटली) की मंशा बहुत स्पष्ट थी, हम चाहते हैं कि पेट्रोल और डीजल जीएसटी में आएं।'' जीएसटी को जब एक जुलाई, 2017 को लागू किया गया था, उसमें एक दर्जन से अधिक केंद्रीय और राज्य शुल्कों को शामिल किया गया था। हालांकि, यह फैसला किया गया कि पांच वस्तुओं - कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, पेट्रोल, डीजल और विमान ईंधन (एटीएफ) पर जीएसटी कानून के तहत बाद में कर लगाया जाएगा। सीतारमण ने कहा कि जीएसटी लागू करते समय केंद्र सरकार की मंशा थी कि कुछ समय बाद पेट्रोल और डीजल को जीएसटी में लाया जाए। उन्होंने कहा, ''इसे जीएसटी में लाने का प्रावधान पहले ही किया जा चुका है। अब सिर्फ यह फैसला करना है कि राज्य जीएसटी परिषद में सहमत हों और फिर तय करें कि वे किस दर के लिए तैयार होंगे।'' सीतारमण ने जीएसटी परिषद की 53वीं बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ''एक बार यह निर्णय हो जाने के बाद इसे अधिनियम में शामिल कर दिया जाएगा।''
- - मन की स्थिरता को कायम रखने दिया गया योग प्रक्षिक्षणरायपुर। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून को दुनिया भर में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण अवसर है। इस वर्ष 10वां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। जिसका विषय &ह्नह्वशह्ल;स्वयं और समाज के लिए योग&ह्नह्वशह्ल; योग के निरंतर अभ्यास से मन और शरीर के सांमजस्य विचार और क्रिया के बीच संतुलन और संयम एकाग्रता एकता का प्रतिनिधित्व करता हैं। योग से जीवन में सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। माना जाता है कि योग करने से व्यक्ति बड़े से बड़े तनाव को आसानी से दूर कर सकता है। इसी की ध्यान में रखते हुए शुक्रवार को जेएसपीएल रायपुर मशीनरी डिवीजऩ में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया। जहां एक घंटे तक चले सेशन में योग गुरु श्री प्रेम कुमार सिंह ने अपने योगाभ्यास से किस तरह से रोजमर्रा के तनाव से मुक्त हुआ जा सकता हैं ,इसकी जानकरी दी । साथ ही शारीरिक और मानसिक रोगों को दूर करने में योग का क्या योगदान है, इसकी भी जानकारी दी। प्रात: 8 बजे से शुरू हुए अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस में प्लांट हेड श्री नीलेश टी शाह, एच आर हेड श्री सूर्योदय दुबे सहित कर्मचारी व कर्मचारियों के परिवार के सदस्यों ने बढ़-चढक़र हिस्सा लिया.। इस दौरान योग गुरु श्री प्रेम कुमार ने योग की अनेक मुद्राओं व आसनों की जानकारी दी।
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नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को कहा कि केंद्र सरकार ने घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने और आयात कम करने के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर तुअर, उड़द और मसूर की खरीद करने की प्रतिबद्धता जताई है। इस कदम का उद्देश्य फसल विविधीकरण को प्रोत्साहित करना और वर्ष 2027 तक दलहन उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करना है।
राज्य के कृषि मंत्रियों के साथ एक ‘ऑनलाइन’ बैठक की अध्यक्षता करते हुए चौहान ने किसान पंजीकरण के लिए सहकारी समितियों नैफेड और एनसीसीएफ के माध्यम से ई-समृद्धि पोर्टल के शुरू किये जाने का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, ‘‘हम राज्य सरकारों से आग्रह करते हैं कि वे सुनिश्चित खरीद का लाभ उठाने के लिए अधिक से अधिक किसानों को इस पोर्टल पर पंजीकरण करने के लिए प्रोत्साहित करें।’’एक सरकारी बयान में कहा गया कि मंत्री ने वर्ष 2015-16 से दलहन उत्पादन में 50 प्रतिशत की वृद्धि के लिए राज्यों की प्रशंसा की, लेकिन प्रति हेक्टेयर उपज में सुधार के लिए और प्रयास करने का आह्वान किया। चौहान ने कहा कि भारत ने पिछले दशक में दालों के आयात पर अपनी निर्भरता 30 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत कर ली है।मूंग और चना में आत्मनिर्भरता हासिल हुई है। घोषित प्रमुख उपायों में चालू खरीफ मौसम से शुरू की जाने वाली नई मॉडल दाल ग्राम योजना, चावल की कटाई के बाद दलहन की खेती के लिए परती भूमि का उपयोग, अरहर की अंतर-फसल को बढ़ावा, जलवायु-अनुकूल और कम अवधि की फसल किस्मों के विकास के अलावा गुणवत्ता वाले बीज की उपलब्धता के लिए 150 दलहन बीज केंद्रों की स्थापना शामिल हैं।चौहान ने नकदी फसलों और मिट्टी की उर्वरता बहाली की दिशा में फसल विविधीकरण की जरूरत बतायी। उन्होंने राज्यों से अपने बीज वितरण प्रणालियों और राज्य बीज निगमों को मजबूत करने का आग्रह किया। मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और उत्तर प्रदेश सहित प्रमुख दलहन उत्पादक राज्यों के कृषि मंत्रियों ने बैठक में भाग लिया।उन्होंने सहयोग का आश्वासन दिया और सामान्य से अधिक मानसूनी बारिश के पूर्वानुमान का हवाला देते हुए उत्पादन लक्ष्यों को प्राप्त करने की उम्मीद जताई। केंद्रीय मंत्री ने कृषि परिदृश्यों पर विस्तृत बैठक के लिए और सामूहिक रूप से मुद्दों का समधान करने के लिए राज्य के कृषि मंत्रियों को दिल्ली आमंत्रित किया। बैठक में केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर और भागीरथ चौधरी, कृषि सचिव मनोज आहूजा और आईसीएआर के महानिदेशक हिमांशु पाठक भी उपस्थित थे। -
अहमदाबाद,। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी आशीष कुमार चौहान ने बुधवार को भरोसा जताया कि युवा आबादी और प्रौद्योगिकी विकास के दम पर अगले 50 साल में भारत की संपत्ति 1,000 प्रतिशत बढ़ जाएगी। चौहान ने अहमदाबाद के निकट भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान (ईडीआईआई) के 23वें दीक्षांत समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा, “भारत अगले 50 साल में युवा आबादी, तीव्र प्रौद्योगिकी विकास और अपने उद्यमियों के दम पर बहुत तरक्की करने जा रहा है। अगले 50 वर्षों में भारत की संपत्ति में 1,000 प्रतिशत यानी दस गुना वृद्धि होने जा रही है।” इसके साथ ही उन्होंने यह स्वीकार किया कि भारत में अभी भी गरीबी, अशिक्षा, खराब आवास, रहने की स्थिति, भोजन, पानी, स्वच्छता की कमी और अपर्याप्त स्वास्थ्य देखभाल जैसी सामाजिक-आर्थिक चुनौतियां मौजूद हैं। उन्होंने संस्थान से उत्तीर्ण होकर निकल रहे छात्रों से ‘परिवर्तन के वाहक' बनने और बदलाव लाने के लिए नवीन एवं लागत प्रभावी समाधान खोजने का अनुरोध किया।
- नयी दिल्ली। केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी शुक्रवार को वाणिज्यिक कोयला नीलामी के 10वें दौर की शुरुआत करेंगे। बुधवार को जारी बयान के अनुसार, इसमें 60 खानें रखी जाएंगी। इस कदम से घरेलू कोयला उत्पादन बढ़ेगा और देश के लिए ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित होगी।कोयला मंत्रालय ने बयान में कहा कि बिक्री के लिए रखे जाने वाले ब्लॉक में कोकिंग और नॉन-कोकिंग दोनों कोयला खानें शामिल हैं। केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री 21 जून को हैदराबाद में वाणिज्यिक कोयला खनन नीलामी के 10वें दौर की शुरुआत करेंगे। बयान के अनुसार, इस अवसर पर कोयला एवं खान राज्य मंत्री सतीश चंद्र दुबे, तेलंगाना के उपमुख्यमंत्री मल्लू भट्टी विक्रमार्क और कोयला सचिव अमृत लाल मीणा उपस्थित रहेंगे। इन 60 कोयला खानों में से 24 का पूरा अन्वेषण हो चुका है, जबकि 36 का आंशिक रूप से अन्वेषण हो चुका है। इसके अलावा, पांच कोयला खानों की पेशकश वाणिज्यिक कोयला नीलामी के नौवें दौर के दूसरे प्रयास के तहत की जा रही है। ये खानें बिहार (3), छत्तीसगढ़ (15), झारखंड (6), मध्य प्रदेश (15), महाराष्ट्र (1), ओडिशा (16), तेलंगाना (1) और पश्चिम बंगाल (3) में फैली हुई हैं।
- मुंबई। विमानन कंपनी स्पाइस जेट ने बुधवार को कहा कि दिल्ली से दरंभगा जाने वाली उसकी उड़ान में वातानुकलन प्रणाली में दिल्ली हवाई अड्डे पर यात्रियों के चढ़ने के समय ‘कार्यकुशलता थोड़ी कम' थी । मीडिया की खबरों में कहा कि यात्रियों को विमान में एक घंटे तक बिना वातानुकूलन के इंतजार करना पड़ा।स्पाइस जेट ने कहा कि वैसे पूरी यात्रा के दौरान वातानुकूल प्रणाली सामान्य रही और यह उड़ान समय से रवाना भी हुई। गुरूग्राम स्थित इस घरेलू विमानन सेवा कंपनी ने एक बयान में कहा, ‘‘19 जून को दिल्ली से दरभंगा जाने वाली स्पाइस जेट उड़ान एस जी 476 बिना किसी देरी के समय से रवाना हुई। दिल्ली में यात्रियों के चढ़ने के समय बहुत खराब मौसम के कारण वातानुकूल प्रणाली अपनी क्षमता से कम काम करते हुए महसूस हुई और विमान के दोनों दरवाजे खुले थे। विमान में सवार होने की प्रक्रिया एयरोब्रिज से नहीं हो रही थी।'' एयरलाइन का यह बयान तब आया जब मीडिया में खबर आयी कि दिल्ली से दरभंगा जाने वाले स्पाइसजेट के यात्रियों को विमान में एक घंटे तक बिना वातानुकूलन के इंतजार करना पड़ा।
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नयी दिल्ली. टाटा मोटर्स ने जिंस कीमतों में बढ़ोतरी के मद्देनजर एक जुलाई, 2024 से अपने वाणिज्यिक वाहनों के दाम दो प्रतिशत तक बढ़ाने की घोषणा की है। टाटा मोटर्स ने बुधवार को बयान में कहा, ‘‘कीमतों में बढ़ोतरी वाणिज्यिक वाहनों की पूरी श्रृंखला पर लागू होगी। यह अलग-अलग मॉडल और संस्करण के हिसाब से भिन्न होगी।'' इस साल की शुरुआत में कंपनी ने उत्पादन लागत में बढ़ोतरी की वजह से एक अप्रैल, 2024 से कीमतों में दो प्रतिशत वृद्धि की घोषणा की थी। टाटा मोटर्स देश की प्रमुख वाणिज्यिक वाहन विनिर्माता कंपनी है। यह ट्रक, बस और अन्य वाणिज्यिक वाहनों का विनिर्माण करती है। -
नयी दिल्ली. भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के चेयरमैन दिनेश कुमार खारा ने ब्याज आय पर कर राहत की वकालत की है। उन्होंने कहा कि इससे बैंकों को बचत जुटाने में मदद मिलेगी जिसका उपयोग दीर्घकालिक बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिए किया जा सकेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अगले महीने संसद में 2024-25 का पूर्ण बजट पेश कर सकती हैं।
फिलहाल, बैंकों को तब कर काटना पड़ता है जब सभी बैंक शाखाओं में जमा राशि से ब्याज आय एक वर्ष में 40,000 रुपये से अधिक हो। बचत खातों के मामले में, 10,000 रुपये तक अर्जित ब्याज कर से मुक्त है। खारा ने कहा, “अगर बजट में ब्याज आय पर कर के मामले में कुछ राहत दी जा सके तो यह जमाकर्ताओं के लिए एक प्रोत्साहन होगा। आखिरकार, बैंकिंग क्षेत्र देश में पूंजी निर्माण के लिए जुटाई गई जमा का उपयोग करता है।” मौजूदा आर्थिक वृद्धि दर को देखते हुए एसबीआई चेयरमैन को वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान 14-15 प्रतिशत ऋण वृद्धि की उम्मीद है।