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- इंदौर। मध्यप्रदेश के एक कारोबारी संगठन ने गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के केंद्र सरकार के फैसले की आलोचना करते हुए सोमवार को कहा कि अचानक उठाए गए इस कदम से प्रदेश के कारोबारियों के करीब 5,000 ट्रक देश के दो बड़े बंदरगाहों पर अटक गए हैं।संगठन के मुताबिक, इन ट्रकों के जरिये गेहूं की बड़ी खेप निर्यात के लिए बंदरगाहों तक पहुंचाई गई थी।संगठन ने घोषणा की है कि गेहूं निर्यात पर प्रतिबंध के खिलाफ राज्य की सभी 270 कृषि उपज मंडियों में मंगलवार और बुधवार को कारोबार नहीं होगा।मध्यप्रदेश सकल अनाज दलहन तिलहन व्यापारी महासंघ समिति के अध्यक्ष गोपालदास अग्रवाल ने ‘ कहा,‘‘केंद्र सरकार द्वारा गेहूं निर्यात पर अचानक प्रतिबंध लगाए जाने से राज्य के व्यापारियों द्वारा भेजे गए करीब 5,000 ट्रक कांडला और मुंबई के बंदरगाहों पर खड़े हैं और उनमें लदी गेहूं की बड़ी खेप का निर्यात नहीं हो पा रहा है।’’उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने इस बार गेहूं निर्यात के लिए व्यापारियों को खूब प्रोत्साहित किया था जिसके बाद उन्होंने न्यूनतम समर्थन मूल्य से ऊंची कीमतों पर किसानों से जमकर गेहूं खरीदा था, लेकिन अब केंद्र के प्रतिबंध के कारण उनके निर्यात सौदे अटक गए हैं।अग्रवाल ने कहा,‘‘गेहूं निर्यात पर प्रतिबंध के खिलाफ राज्य की सभी 270 कृषि उपज मंडियों में कारोबारी मंगलवार और बुधवार को न तो माल खरीदेंगे, न ही बेचेंगे।’’उन्होंने मांग की कि केंद्र सरकार को कारोबारियों और किसानों दोनों के हित में प्रतिबंध को वापस लेते हुए गेहूं निर्यात को बहाल करना चाहिए।गौरतलब है कि भीषण गर्मी और लू की वजह से गेहूं उत्पादन प्रभावित होने की चिंताओं के बीच भारत ने अपने इस प्रमुख खाद्यान्न की कीमतों में आई भारी तेजी पर अंकुश लगाने के मकसद से गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया है।केंद्र ने कहा है कि पड़ोसी और कमजोर देशों की खाद्यान्न आवश्यकता को पूरा करने के अलावा इस फैसले से गेहूं और आटे की खुदरा कीमतों को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी जो पिछले एक साल में औसतन 14 से 20 प्रतिशत तक बढ़ गई हैं। file photo
- नयी दिल्ली। देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) चालू वित्त वर्ष में करीब 5,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। कंपनी यह राशि मुख्य रूप से नए उत्पाद पेश करने और अन्य पहल पर खर्च करेगी।कंपनी ने 2021-22 में करीब 4,500 करोड़ रुपये का निवेश किया था। मारुति का मानना है कि इसकी मूल कंपनी सुजुकी मोटर कॉर्प के गुजरात में निवेश से उसे देश में अपने बैटरी इलेक्ट्रिक वाहनों की श्रृंखला का विस्तार करने में मदद मिलेगी। मारुति के मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) अजय सेठ ने विश्लेषक कॉल में कहा कि चालू वित्त वर्ष में हमने विभिन्न परियोजनाओं पर 5,000 करोड़ रुपये खर्च करने की प्रतिबद्धता जताई है। ‘‘हम कुछ नए मॉडल उतारने की भी तैयारी कर रहे हैं।'' उन्होंने कहा कि कंपनी इस निवेश का प्रबंधन अपने आंतरिक संसाधनों से करेगी।मारुति की गुजरात में स्थानीय स्तर पर बैटरी इलेक्ट्रिक वाहनों (बीईवी) और इनकी बैटरियों के विनिर्माण पर निवेश करने की योजना के बारे में पूछे जाने पर सेठ ने कहा, ‘‘इस निवेश से इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माण का स्थानीयकरण करने में मदद मिलेगी। साथ ही इससे देश में कंपनी के बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन पोर्टफोलियो का विस्तार भी हो सकेगा।'' कंपनी की योजना अपना पहला बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन 2025 में लाने की है।मारुति सुजुकी मोटर कॉरपोरेशन ने मार्च में घोषणा की थी कि वह गुजरात में बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन और बीईवी बैटरियों के स्थानीय स्तर पर विनिर्माण के लिए 2026 तक 150 अरब येन या 10,445 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। सेमीकंडक्टर की कमी से संबंधित सवाल पर सेठ ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक कलपुर्जों की आपूर्ति की स्थिति अब भी भरोसेमंद नहीं है। ‘‘इससे 2022-23 में भी उत्पादन पर कुछ असर पड़ सकता है।'' चिप की कमी की वजह से उत्पादन संबंधी मुद्दों के चलते अभी कंपनी के करीब 3.2 लाख ऑर्डर लंबित हैं।मारुति के कार्यकारी निदेशक (कॉरपोरेट मामले) राहुल भारती ने कहा, ‘‘इस साल भी चिप का संकट चुनौती रहेगा, लेकिन हम अपने उत्पादन को अधिकतम करने का प्रयास करेंगे।'' हाइब्रिड के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह प्रौद्योगिकी काफी शक्तिशाली है और यह ईवी के साथ मिलकर कॉर्बन और तेल आयात घटाने में मददगार हो सकती है। उन्होंने कहा कि यह प्रौद्योगिकी ईवी का करीब 30 से 40 प्रतिशत काम करती है। यह एक रोचक विकल्प है और हम भविष्य में इस तरह की प्रौद्योगिकियों पर गौर करेंगे।
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नयी दिल्ली. डिजिटल भुगतान और वित्तीय सेवा कंपनी पेटीएम ने रविवार को कहा कि वह नए सामान्य बीमा लाइसेंस की मंजूरी के लिए ताजा आवेदन करेगी। पेटीएम ने एक नियामक सूचना में सामान्य बीमा क्षेत्र में पैठ बनाने के अपने इरादे को दोहराया क्योंकि वह अपनी क्षमता को लेकर बेहद आशावादी है। पेटीएम ने कहा कि वह सामान्य बीमा के लिए अपने रोडमैप पर उत्साहित है। कंपनी ने कहा, ''हम एक नए सामान्य बीमा लाइसेंस के लिए आवश्यक अनुमोदन प्राप्त करने का इरादा रखते हैं, जिसमें हमारे पास 74 प्रतिशत हिस्सेदारी हो।
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नयी दिल्ली. जेट एअरवेज ने रविवार को पहली तीन प्रमाणन उड़ानों का परिचालन किया जिनमें विमानन नियामक डीजीसीए के अधिकारियों सहित 18 लोग सवार थे। सूत्रों ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जेट एअरवेज द्वारा दूसरी दो प्रमाणन उड़ानों का परिचालन मंगलवार को किया जाएगा।
प्रमाणन उड़ान हवाई संचालन प्रमाणपत्र (एओसी) प्राप्त करने के लिए एअरलाइन का अंतिम चरण है। सूत्रों ने कहा कि तीन प्रमाणन उड़ानों में से पहली उड़ान दिल्ली-मुंबई मार्ग पर हुई। उन्होंने कहा कि दूसरी उड़ान दिल्ली लौटने वाली थी, लेकिन मुंबई से रवाना होने के बाद नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) के अधिकारियों ने पायलटों से इसे अहमदाबाद की ओर मोड़ने को कहा। उन्होंने कहा कि डीजीसीए ऐसी स्थितियों से निपटने के लिए नई एअरलाइन की तत्परता का परीक्षण करने के वास्ते उड़ानों के प्रमाणन के दौरान विमानों का मार्ग बदलता है। सूत्रों ने बताया कि दूसरी उड़ान सुरक्षित रूप से अहमदाबाद में उतरी और उसके कुछ समय बाद तीसरी उड़ान अहमदाबाद-दिल्ली मार्ग पर रवाना हुई। उन्होंने कहा कि इन तीन प्रमाणन उड़ानों के लिए इस्तेमाल किया गया विमान बोइंग 737 था, जिसका पंजीकरण नंबर जेट एअरवेज का वीटी-एसएक्सई था। सूत्रों ने कहा कि इन तीन उड़ानों के दौरान विमान में 18 लोग सवार थे जिनमें चार कैबिन क्रू सदस्य, दो पायलट और डीजीसीए के अधिकारी तथा जेट एअरवेज के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे। उन्होंने कहा कि अपनी प्रमाणन उड़ानों को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए विमान द्वारा कुल पांच उड़ान की जानी हैं। सूत्रों ने कहा कि रविवार को तीन उड़ानों को अंजाम दिया गया और इसलिए शेष दो को मंगलवार को अंजाम दिया जाएगा।
इसके पुराने अवतार में एअरलाइन का स्वामित्व नरेश गोयल के पास था और इसने 17 अप्रैल, 2019 को अपनी अंतिम उड़ान संचालित की थी। जालान-कलरॉक कंसोर्टियम वर्तमान में जेट एअरवेज का प्रमोटर है। एअरलाइन की योजना इस साल जुलाई-सितंबर तिमाही में वाणिज्यिक उड़ान संचालन को फिर से शुरू करने की है। -
नयी दिल्ली. रोजमर्रा के इस्तेमाल का उपभोक्ता सामान बनाने वाली कंपनियां (एफएमसीजी) जिंस कीमतों में बढ़ोतरी और मुद्रास्फीति की चुनौती से निपटने के लिए अपने उत्पादों के पैकेट का वजन घटा रही हैं। इसके अलावा कंपनियों ने ‘ब्रिज पैक' भी उतारे हैं। ब्रिज पैक किसी उत्पाद श्रृंखला में अधिकतम और सबसे कम मूल्य के बीच की श्रेणी होता है। वजन घटाने की वजह से इन कंपनियों को पैकेटबंद उत्पादों के दाम नहीं बढ़ाने पड़े हैं। इस तरह का कदम कंपनियां मुख्य रूप से कम आय वर्ग के उपभोक्ताओं को लक्ष्य कर उठा रही हैं। इसके अलावा इन कंपनियों ने किसी उत्पाद के बड़े पैकेट के दाम में बढ़ोतरी की है। हालांकि, यह वृद्धि भी 10 प्रतिशत से कम की है। इंडोनेशिया से पाम तेल के निर्यात पर रोक और रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध के कारण उत्पन्न भू-राजनीतिक संकट की वजह से निर्माण लागत बहुत तेजी से बढ़ी है। इन्हीं से निपटने के लिए एफएमसीजी विनिर्माता सस्ती पैकेजिंग, रिसाइकल किए उत्पादों का उपयोग कर रहे हैं और विज्ञापन तथा विपणन पर खर्च में कटौती कर रहे हैं। जिंसों की बढ़ती कीमतें और आसमान छूती महंगाई के कारण उपभोक्ता कम खर्च करना चाह रहे हैं और बजट न गड़बड़ाये इसलिए ‘लो यूनिट प्राइज (एलयूपी)' पैक खरीद रहे हैं। डाबर इंडिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी मोहित मल्होत्रा ने कहा, ‘‘शहरी बाजारों में प्रति व्यक्ति आय और उपभोक्ताओं की खर्च करने की क्षमता अधिक होती है, इसलिए हमने बड़े पैक की कीमतें बढ़ा दी हैं। ग्रामीण बाजारों में एलयूपी पैक बिकते हैं, उनके लिए उत्पाद का वजन कम किया गया है।'' आगामी तिमाहियों में मुद्रास्फीति के कम होने के कोई आसार नहीं आ रहे हैं। ऐसे में कई कंपनियों ने दाम बढ़ाने के बजाय उत्पादों के वजन में कटौती की है। पार्ले प्रोडक्ट्स में वरिष्ठ श्रेणी प्रमुख मयंक शाह ने कहा कि उपभोक्ता का रूझान वैल्यू पैक की ओर बढ़ गया है और एलयूपी पैक की बिक्री कुछ बढ़ गई है। एडलवाइस फाइनेंशियल सर्विसेस के कार्यकारी उपाध्यक्ष अबनीश रॉय ने कहा कि उपभोक्ता पैसा बचाने के लिए छोटे पैक खरीद रहे हैं और यह सभी एफएमसीजी श्रेणियों में हो रहा है। - नयी दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के शीर्ष अधिकारियों ने एक संसदीय समिति से कहा है कि क्रिप्टो करेंसी से अर्थव्यवस्था के एक हिस्से का ‘‘डॉलरीकरण'' हो सकता है जो भारत के संप्रभु हितों के खिलाफ होगा । खबरों के अनुसार पूर्व वित्त राज्यमंत्री जयंत सिन्हा की अगुवाई वाली वित्त पर संसद की स्थायी समिति के समक्ष रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास समेत शीर्ष अधिकारियों ने अपनी बात रखी। उन्होंने क्रिप्टो करेंसी को लेकर अपनी आशंकाओं से उन्हें अवगत करवाया और कहा कि इससे वित्तीय प्रणाली की स्थिरता को लेकर चुनौतियां खड़ी होंगी। समिति के एक सदस्य के मुताबिक, रिजर्व बैंक के अधिकारियों ने कहा, ‘‘यह मौद्रिक नीति तय करने और देश की मौद्रिक प्रणाली का नियमन करने की केंद्रीय बैंक की क्षमता को गंभीर रूप से कमतर करेगी।'' उन्होंने कहा कि क्रिप्टो करेंसी में विनिमय का माध्यम बनने की क्षमता है और यह घरेलू स्तर पर तथा सीमापार होने वाले वित्तीय लेनदेन में रुपये का स्थान ले सकती है। केंद्रीय बैंक के अधिकारियों ने कहा कि ये करेंसी ‘‘मौद्रिक प्रणाली के एक हिस्से पर काबिज हो सकती है और प्रणाली में धन के प्रवाह के नियमन की आरबीआई की क्षमता को भी कमतर कर सकती है।'' रिजर्व बैंक के अधिकारियों ने आगाह किया कि आतंक के वित्तपोषण, धनशोधन और मादक पदार्थों की तस्करी में भी क्रिप्टो करेंसी का इस्तेमाल किया जा सकता है और यही नहीं, यह देश की वित्तीय प्रणाली की स्थिरता के लिए बड़ा खतरा बन सकती है। उन्होंने संसदीय समिति से कहा, ‘‘लगभग सभी क्रिप्टो करेंसी डॉलर पर आधारित हैं और इन्हें विदेशी निजी संस्थान जारी करते हैं। ऐसे में संभव है कि इससे हमारी अर्थव्यवस्था के कुछ हिस्से का डॉलरीकरण हो जाए जो देश के संप्रभु हितों के खिलाफ होगा।'' आरबीआई के अधिकारियों ने कहा कि क्रिप्टो करेंसी का बैंकिंग प्रणाली पर भी नकारात्मक असर होगा क्योंकि आकर्षक परिसंपत्तियां होने के कारण हो सकता है कि लोग अपनी मेहनत की कमाई इनमें लगाएं जिसके परिणामस्वरूप बैंकों के पास देने के लिए संसाधनों की कमी हो। अधिकारियों ने आगाह किया कि आगे जाकर, क्रिप्टो का बुलबुला फूटेगा और इससे आम जनता को गाढ़ी मेहनत से की गई बचत से हाथ धोना पड़ सकता है। इस साल के बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने क्रिप्टो करेंसी और इससे जुड़ी परिसंपत्तियों के कारोबार पर 30 फीसदी कर लगाने की घोषणा की थी। एक अनुमान के मुताबिक, देश में क्रिप्टो में निवेश करने वाले लोगों की संख्या 1.5 करोड़ से दो करोड़ के बीच है जिनके पास करीब 5.34 अरब डॉलर क्रिप्टो करेंसी है। भारत के क्रिप्टो बाजार के आकार के बारे में कोई आधिकारिक आंकड़ा उपलब्ध नहीं है। यह संसदीय समिति वित्त नियामकों के साथ व्यापक विचार-विमर्श कर रही है।
- नयी दिल्ली। डिजिटल भुगतान और वित्तीय सेवा कंपनी पेटीएम के ऋण कारोबार के तहत वितरित किए गए ऋणों की संख्या अप्रैल, 2022 के दौरान 449 प्रतिशत बढ़ गई। इसी के साथ कंपनी का वार्षिक आय का अनुमान 20,000 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। पेटीएम ने अपने व्यापार को लेकर रविवार को शेयर बाजार को भेजी सूचना में यह जानकारी दी। कंपनी के कारोबार में सख्या के आधार पर वृद्धि जारी है। कंपनी ने कहा, ‘‘हमारे मंच के जरिये वितरित किए गए ऋणों की संख्या अप्रैल, 2022 में सालाना आधार पर 449 प्रतिशत बढ़कर 26 लाख हो गई। वहीं वितरित ऋणों का मूल्य सालाना आधार पर 749 प्रतिशत बढ़कर 1,657 करोड़ रुपये का हो गया। इस हिसाब से ऋण देने के कारोबार का वार्षिक आय अनुमान 20,000 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।'' इसके अलावा कंपनी के कुल व्यापारी भुगतान या जीएमवी में 100 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है, जो कुल मिलाकर 0.95 लाख करोड़ रुपये और सालाना आधार पर 102 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। वहीं पेटीएम से मासिक लेन-देन करने वाले उपयोगकर्ताओं की संख्या 7.35 करोड़ पर पहुंच गई है। कंपनी ने कहा, ‘‘स्टोर्स में 32 लाख उपकरणों के साथ हम 'ऑफलाइन' भुगतान कारोबार में अपनी पकड़ बनाए रखेंगे।'
- नयी दिल्ली। सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी एचसीएल टेक ने अगले तीन से पांच वर्षों के दौरान 'नियरशोर' गंतव्यों पर अपने कर्मचारियों की संख्या को दोगुना करने की योजना बनाई है। कोई कंपनी जब अपने देश के बजाय समान समय वाले किसी पड़ोसी देश को आउटसोर्सिंग करती है, उसे ‘नियरशोर' कहा जाता है। एचसीएल टेक के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) सी विजयकुमार ने बताया कि रूस और यूक्रेन के बीच सैन्य संघर्ष से यूरोप में कंपनी की सेवाओं की मांग पर कोई असर नहीं पड़ा है। एचसीएल टेक के वैश्विक स्तर पर अपने सभी कार्यालयों में लगभग 10,000 कर्मचारी हैं।विजयकुमार ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि अगले 3-5 साल में कर्मचारियों की संख्या दोगुना हो जाएगी।'' उन्होंने कहा कि कंपनी मेक्सिको, टोरंटो, वैंकूवर, कोस्टा रिका और रोमानिया समेत 20 ‘नियरशोर' स्थानों से अपने कारोबार का संचालन करती है और इन स्थानों पर कर्मचारियों की संख्या में विस्तार जारी रहेगा। एचसीएल टेक के शीर्ष अधिकारी के अनुसार कंपनी की रूस या यूक्रेन में कोई मौजूदगी नहीं है। कंपनी के केंद्र पूर्वी यूरोप....पोलैंड, रोमानिया और बुल्गारिया में हैं और 'ये सभी समान क्षमता पर काम कर रहे हैं।
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नयी दिल्ली |भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) मध्य प्रदेश स्थित जबलपुर हवाई अड्डे की नयी टर्मिनल इमारत से परिचालन अगले साल मार्च तक शुरू कर देगा। यह जानकारी शनिवार को यहां से जारी एक आधिकारिक विज्ञप्ति में दी गई। एएआई ने बयान में कहा कि नयी टर्मिनल इमारत विश्वस्तरीय सुविधाओं से लैस होगी और व्यस्त समय में प्रति घंटे 500 यात्रियों को सेवा देने में सक्षम होगी। इसने बताया कि 1,15,315 वर्ग फुट क्षेत्र में फैली टर्मिनल इमारत में तीन एरोब्रिज, आधुनिक सामान जांच प्रणाली, आधुनिक फूड कोर्ट होगा और साथ ही व्यस्थित तरीके से करीब 300 कार एवं बसों के लिए पार्किंग की सुविधा होगी। बयान में कहा गया, ‘‘प्रस्तावित टर्मिनल इमारत में प्रवेश करने वाले यात्रियों को गोंड चित्रकला, स्थानीय हस्तशिल्प, कलाकृतियों और मध्य प्रदेश के पर्यटन स्थलों की झलक देखने को मिलेगी।'' एआईआई ने कहा कि केवल टर्मिनल इमारत ही नहीं पूरे हवाई अड्डे को उन्नत किया जा रहा है।
बयान में कहा गया कि हवाई पट्टी का विस्तार किया जा रहा है ताकि यह ए-320 श्रेणी के विमानों के परिचालन के लिए अनुकूल हो। इसमें कहा गया कि 38 मीटर ऊंचे नए हवाई यातायात नियंत्रण (एटीसी) टावर के निर्माण के साथ ही जबलपुर हवाई अड्डा परियोजना के तहत नया दमकल स्टेशन और उसकी अनुषंगी इमारतों का निर्माण किया जा रहा है। एएआई ने बताया कि पूरी परियोजना पर 412 करोड़ रुपये की लागत आएगी।
बयान में कहा गया, ‘‘परियोजना पूरी करने की संभावित समयसीमा दिसंबर 2022 है और नयी टर्मिनल इमारत मार्च 2023 तक सेवा में आ जाएगी।'' गौरतलब है कि केंद्र सरकार के तहत कार्यरत एएआई देशभर में 100 से अधिक हवाई अड्डों का परिचालन करता है। -
चेन्नई। सुंदरम फाइनेंस लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी सुंदरम होम फाइनेंस के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि कंपनी रियल एस्टेट क्षेत्र की दीर्घकालिक संभावनाओं को लेकर आशावादी है और इस क्षेत्र में अपनी मौजूदगी को और भी मजबूत करेगी। कंपनी का 31 मार्च 2022 को खत्म तिमाही में शुद्ध लाभ 44.9 फीसदी की वृद्धि के साथ 53.05 करोड़ रुपये रहा है जो पिछले वर्ष 36.60 करोड़ रुपये रहा था। समीक्षाधीन अवधि में कर्ज वितरण बढ़कर 794.11 करोड़ रुपये हो गया जो पिछले वर्ष समान अवधि में 459.38 करोड़ रुपये था। अकेले मार्च में ही कंपनी ने रिकॉर्ड 300 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज बांटा था। कंपनी के प्रबंध निदेशक डी लक्ष्मीनारायणन ने वित्तीय प्रदर्शन के बारे में कहा, ‘‘इस साल मार्च में रिकॉर्ड कर्ज वितरण होना रियल एस्टेट क्षेत्र में जुझारूपन को दिखाता है।
- कोलकाता | चाय उद्योग में कई संगठित कंपनियों के कारोबार में उतरने के साथ भारत में और विशेषकर युवाओं के बीच सुगंधित चाय का बाजार तेजी से बढ़ रहा है। चाय बोर्ड के एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि इस तरह की प्रभावी या हर्बल चाय की मांग विशेष रूप से कोविड -19 की शुरुआत के बाद देश में बढ़ी है, क्योंकि मसालों और प्राकृतिक जड़ी-बूटियों के साथ चाय, वायरस के खिलाफ प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने वाली साबित हुई है। मात्रा और कीमत के मामले में स्वाद वाले चाय बाजार का आकार क्रमशः लगभग छह करोड़ किलोग्राम और 3,600 करोड़ रुपये है। उद्योग के सूत्रों ने कहा कि चाय क्षेत्र में कई स्टार्टअप इस तरह की प्रभावी चाय पर बड़ा दांव लगा रहे हैं क्योंकि उन्हें अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है।
- नयी दिल्ली| बीमा नियामक इरडा ने गुरुवार को साधारण बीमा कंपनियों को आग और संबद्ध जोखिमों को कवर करने वाले वैकल्पिक उत्पादों को तैयार करने की अनुमति दी। इस पहल का मकसद ग्राहकों को अधिक विकल्प देना और बीमा के दायरे को बढ़ाना है।भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) ने जनवरी, 2021 में आवासों, सूक्ष्म और लघु व्यवसायों की आग एवं अन्य जोखिमों से रक्षा करने वाले मानक उत्पादों (भारत गृह रक्षा, भारत सूक्ष्म उद्योग सुरक्षा और भारत लघु उद्यम सुरक्षा) के लिए दिशानिर्देश जारी किए थे। आग और संबद्ध जोखिमों के लिए इन मानक उत्पादों के बाद किसी भी अन्य उत्पाद की अनुमति नहीं थी।इरडा ने एक परिपत्र में कहा कि आग से जुड़े वैकल्पिक उत्पादों की बढ़ती हुई मांग को देखते हुए प्राधिकरण सामान्य बीमा कंपनियों को ऐसे उत्पादों को तैयार करने की इजाजत देता है।
- दुबई | स्मार्टफोन कंपनी वीवो भारत में अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ा रही है। कंपनी का इरादा इस साल भारत से स्मार्टफोन का निर्यात शुरू करने का है। वीवो इंडिया के निदेशक (कारोबार रणनीति) पैगाम दानिश ने से कहा कि कंपनी अपने प्रमुख उपकरण वीवो एक्स80 श्रृंखला को भी भारत में बनाएगी। कंपनी ने भारत में अपनी उत्पादन क्षमता को बढ़ाकर छह करोड़ उपकरण सालाना किया है। 2021 में कंपनी की उत्पादन क्षमता पांच करोड़ इकाई की थी। दानिश ने कहा, ‘‘इस साल हमारी योजना भारत से निर्यात शुरू करने की है। इस वजह से हम उत्पादन क्षमता बढ़ा रहे हैं। इससे हम भारतीय बाजार की मांग को पूरा करने के अलावा ‘मेड इन इंडिया' उत्पादों का निर्यात भी कर पाएंगे।'' वीवो की 2022 की पहली तिमाही में भारत के स्मार्टफोन बाजार में 15 प्रतिशत हिस्सेदारी थी।वीवो ने भारत में कुल 7,500 करोड़ रुपये के निवेश की प्रतिबद्धता जताई है। इसमें से कुछ निवेश वह पहले ही कर चुकी है।
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नयी दिल्ली। भारत का आगामी 5जी दूरसंचार प्रौद्योगिकी ढांचा देश को वैश्विक स्तर पर इस क्षेत्र में एक विश्वसनीय खिलाड़ी के रूप में पेश करेगा। सूत्रों ने यह बात कही है। सूत्रों ने कहा कि निजी दूरसंचार कंपनियों के लिए भी 5जी प्रौद्योगिकी आकर्षण और आर्थिक रूप से व्यावहारिक विकल्प होगी। उन्होंने कहा कि 5जी सेवाओं के अगस्त-सितंबर से शुरू होने की उम्मीद है। स्पेक्ट्रम की नीलामी जून और जुलाई के बीच होने के लिए सही राह पर है। देश में पहली ‘5जी कॉल' अगस्त-सितंबर में संभव होगी। सूत्रों ने कहा कि 5जी के लिए स्पेक्ट्रम 20 साल या 30 साल के लिए दिया जाए, यह मुद्दा अभी खुला है। -
नयी दिल्ली। हिंडाल्को इंडस्ट्रीज की अनुषंगी इकाई नोवेलिस इंक ने बुधवार को कहा कि वह अमेरिका में एक अत्याधुनिक संयंत्र की स्थापना पर 2.5 अरब डॉलर (लगभग 19,000 करोड़ रुपये) का निवेश करेगी। कंपनी ने एक बयान में कहा कि अमेरिका के अलाबामा के बे मिनेट में एक नया लो-कार्बन रिसाइक्लिंग एवं रोलिंग संयंत्र बनाने पर 2.5 अरब डॉलर का निवेश किया जाएगा। इस संयंत्र की शुरुआती क्षमता 600 किलो टन तैयार एल्युमिनियम उत्पाद सालाना की होगी। आदित्य बिड़ला समूह के चेयरमैन एवं नोवेलिस के निदेशक मंडल के सदस्य कुमार मंगलम बिड़ला ने कहा कि समूह की वैश्विक स्तर पर यह सबसे बड़ी नई परियोजना है। इससे समूह का अमेरिका में कुल निवेश 14 अरब डॉलर से भी अधिक हो जाएगा। नए संयंत्र की आधी से अधिक क्षमता का इस्तेमाल उत्तरी अमेरिका में एल्युमिनियम बेवरेज कैन शीट की मांग पूरी करने में किया जाएगा। -
मुंबई/ नयी दिल्ली। आदित्य बिड़ला समूह भी अंबुजा सीमेंट और एसीसी में स्विस सीमेंट समूह होल्सिम की हिस्सेदारी का अधिग्रहण करने की दौड़ में औपचारिक रूप से शामिल हो गया है। ब ताया जाता है कि आदित्य बिड़ला समूह के पास देश की सबसे बड़ी सीमेंट कंपनी अल्ट्राटेक का स्वामित्व है। जेएसडब्ल्यू समूह और अडाणी ग्रुप भी इस अधिग्रहण की दौड़ में हैं। जेएसडब्ल्यू समूह की क्षेत्र में पहले से मौजूदगी है जबकि अडाणी ग्रुप इस क्षेत्र में अभी कारोबार नहीं करता है। बताया जाता है कि इस्पात क्षेत्र की दिग्गज कंपनी आर्सेलरमित्तल ने भी इन संपत्तियों में रुचि दिखाई है और वह भी इन दोनों कंपनियों के अधिग्रहण की दौड़ में शामिल हो सकती है। बिड़ला ने औपचारिक रूप से होल्सिम की संपत्तियों के अधिग्रहण के लिए बोली लगाई है। यह अधिग्रहण अल्ट्राटेक के जरिये किया जाएगा। -
नयी दिल्ली। उर्वरक कंपनी पारादीप फॉस्फेट्स लिमिटेड 17 मई को अपनी आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लेकर आएगी। इसके लिए मूल्य दायरा 39-42 रुपये प्रति शेयर तय किया गया है। आईपीओ के माध्यम से सरकार कंपनी में अपनी पूरी 19.55 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचेगी। आईपीओ 19 मई को बंद होगा। आईपीओ दस्तावेजों के अनुसार एंकर निवेशक 13 मई को शेयरों के लिए बोली लगा सकेंगे। आईपीओ के तहत 1,004 करोड़ रुपये के नए शेयर जाारी किए जाएंगे और प्रवर्तक और अन्य शेयरधारक 11.85 करोड़ इक्विटी शेयरों की बिक्री पेशकश लाएंगे। के बिक्री की पेशकश शामिल है। -
नयी दिल्ली। टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने बुधवार को कहा कि टाटा समूह देश और विदेश में बैटरी कंपनी शुरू करने के लिए एक खाका तैयार कर रहा है। चंद्रशेखरन ने भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) की तरफ से यहां आयोजित ‘बिजनेस समिट- 2022' में कहा कि समूह भविष्य के लिए तैयार होने को लेकर ‘बड़े पैमाने पर बदलाव' कर रहा है और जल्द ही शून्य कार्बन उत्सर्जन वाला समूह बनने की दिशा में एक लक्ष्य की घोषणा करेगा। उन्होंने कहा, ‘‘हम अपने प्रमुख व्यवसायों को भविष्य के लिए तैयार करने को लेकर बदलाव कर रहे हैं। एक ऐसा बदलाव जहां हम मूल व्यवसाय में डिजिटल, डेटा, कृत्रिम बुद्धिमत्ता को मजबूती से एकीकृत या जोड़ रहे हैं।'' चंद्रशेखरन ने कहा, ‘‘हमने वैश्विक बाजारों के लिए 5जी तैयार करने और दूरसंचार उपकरण बनाने के लिए एक कंपनी शुरू की है। अब हम देश और विदेश में अपनी बैटरी कंपनी को पेश करने के लिए एक खाका तैयार कर रहे हैं।'' उन्होंने हालांकि इस बैटरी कंपनी के बारे में कोई अधिक जानकारी नहीं दी।
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मुंबई। अमेरिकी ब्रोकरेज कंपनी मॉर्गन स्टेनली ने वैश्विक परिस्थितियों को देखते हुए चालू वित्त वर्ष 2022-23 के लिए भारत के वृद्धि दर के अनुमान को 0.3 प्रतिशत घटाकर 7.6 प्रतिशत कर दिया है। इसके साथ ही ब्रोकरेज कंपनी ने मुद्रास्फीति के भविष्य में बढ़ने की भी आशंका जताई है।
मॉर्गन स्टेनली ने अनुमान जताया है कि चालू वित्त वर्ष में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 7.6 प्रतिशत रह सकती है। इससे पहले उसने वृद्धि दर के 7.9 प्रतिशत पर रहने का अनुमान जताया था। वहीं वित्त वर्ष 2023-24 के लिए ब्रोकरेज कंपनी ने भारत की वृद्धि दर के अपने अनुमान को घटाकर 6.7 प्रतिशत कर दिया है, जो पहले सात प्रतिशत था। -
नयी दिल्ली | टाटा समूह के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने बुधवार को कहा कि मौजूदा दशक में भारत के लिए व्यापक संभावनाएं हैं लेकिन देश को समग्र वृद्धि के लिए करोड़ों लोगों को गरीबी के चंगुल से निकालने की जरूरत होगी। चंद्रशेखरन ने यहां सीआईआई बिजनेस समिट- 2022 को संबोधित करते हुए कहा कि आने वाले दशकों में वैश्विक वृद्धि का 70 फीसदी हिस्सा उभरते बाजारों से आएगा और भारत की वृद्धि अधिकांश देशों से ज्यादा रहने वाली है। उन्होंने कहा कि भारत को इस मौके का फायदा उठाने की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘‘हम तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहे हैं लेकिन हमें यह मुकाम इस तरह हासिल करना है कि हर कोई इससे लाभांवित हो। हम (अमीर और गरीब के बीच के) फासले को बढ़ने नहीं दे सकते हैं। मेरे हिसाब से यह बुनियादी चीज है।'' चंद्रशेखरन ने कहा कि जीवन की बुनियादी गुणवत्ता पर सबका हक है और आने वाले दशक में करोड़ों लोगों का जीवन सुधारना है। उन्होंने कहा, ‘‘इस दशक में भारत के लिए व्यापक अवसर हैं। हमें इस मौके का फायदा उठाना है और उसी के साथ समस्याओं को भी दूर करना है।
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नयी दिल्ली |आपूर्ति श्रृंखला कंपनी डेल्हीवरी के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) को बुधवार को निर्गम के पहले दिन 21 प्रतिशत अभिदान मिला है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) पर उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, डेल्हीवरी की 6,25,41,023 शेयरों की पेशकश पर 1,32,64,410 शेयरों के लिए बोलियां मिली हैं। आईपीओ के खुदरा हिस्से को 30 प्रतिशत का अभिदान मिला। इसके बाद गैर-संस्थागत निवेशकों के खंड को एक प्रतिशत और पात्र संस्थागत खरीदारों की श्रेणी में 29 प्रतिशत अभिदान मिला। कंपनी ने 4,000 करोड़ रुपये तक के नए शेयर जारी किए हैं। कंपनी के मौजूदा शेयरधारक 1,235 करोड़ रुपये तक की बिक्री पेशकश (ओएफएस) लेकर आए हैं। डेल्हीवरी आईपीओ के तहत 5,235 करोड़ रुपये के शेयरों की पेशकश कर रही है और इसके लिए मूल्य दायरा 462 से 487 रुपये प्रति शेयर तय किया गया है। डेल्हीवरी ने मंगलवार को एंकर निवेशकों से 2,347 करोड़ रुपये जुटाए थे।
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नयी दिल्ली| भारत के ज्यादातर उपभोक्ता अगले एक साल में अपनी वित्तीय स्थिति को लेकर उत्साहित हैं, लेकिन उन्होंने वस्तुओं और सेवाओं की बढ़ती लागत पर चिंता जताई है। सलाहकार कंपनी अर्नस्ट एंड यंग (ईवाई) की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि वस्तुओं और सेवाओं की बढ़ती लागत उपभोक्ताओं के खरीद निर्णयों को प्रभावित कर रही है। भारत के लिए ईवाई फ्यूचर कंज्यूमर इंडेक्स के नौवें संस्करण के निष्कर्षों में कहा गया है कि बढ़ती जीवन लागत के प्रबंधन के बारे में अनिश्चितता की वजह से 80 प्रतिशत लोग अधिक बचत कर रहे हैं। यह सर्वे भारतीय उपभोक्ताओं के ‘सकारात्मक दृष्टिकोण' की पुष्टि करता है क्योंकि 77 प्रतिशत लोगों को अगले एक साल में अपनी वित्तीय स्थिति में सकारात्मक बदलाव की उम्मीद है। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह उनके वैश्विक समकक्षों से बेहतर है। वैश्विक स्तर पर ऐसी राय जताने वाले उपभोक्ताओं की संख्या 48 प्रतिशत है। रिपोर्ट कहती है, ‘‘फरवरी, 2022 में 1,000 से अधिक भारतीय उपभोक्ताओं पर किए गए सर्वे के मुताबिक, अधिकांश उपभोक्ताओं ने वस्तुओं और सेवाओं की बढ़ती लागत पर चिंता जताई है।'' ईवाई की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में यह स्थिति निम्न आय वालों को सबसे अधिक प्रभावित करती है। ऐसे लोगों की संख्या 72 प्र्रतिशत है। उसके बाद उच्च-आय वर्ग के 60 प्रतिशत मध्यम-आय वर्ग के 58 प्रतिशत उपभोक्ता इससे प्रभावित हैं।
- नयी दिल्ली। ऑनलाइन कौशल-आधारित गेमिंग उद्योग ने अपनी सेवाओं को 18 प्रतिशत माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में बनाए रखने की वकालत की है। इसके साथ ही उद्योग ने कहा कि यदि इन सेवाओं को 28 प्रतिशत कर की श्रेणी में लाया गया, इससे 2.2 अरब डॉलर का यह क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित होगा। गेम्स24X7 के सह-मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) त्रिविक्रमण थंपी ने कहा कि कराधान में वृद्धि से न केवल उद्योग प्रभावित होगा, बल्कि इससे विदेशी परिचालकों को बढ़ावा भी मिलेगा, जो गेम्स की होस्टिंग किसी दूसरे देश में करके भारतीय कर क्षेत्राधिकार से बाहर निकल जाएंगे। उन्होंने कहा, ‘‘यह एक तिहरी मार होगी- उद्योग का नुकसान होगा, सरकार को कर का नुकसान होगा, और कंपनियों का नुकसान होगा।'' ऑनलाइन कौशल-आधारित गेमिंग मंचों के एक संघ ने उद्योग के लिए जीएसटी की दर को 18 प्रतिशत पर बरकरार रखने के लिए अधिकारियों के समक्ष अपनी बात रखी है। उद्योग संघ का दावा है कि इस क्षेत्र में 400 कंपनियां लगभग 45,000 लोगों को रोजगार देती हैं।
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नयी दिल्ली |टाटा मोटर्स ने अपनी इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) श्रृंखला का विस्तार करते हुए नेक्सन ईवी का नया संस्करण ‘नेक्सन ईवी मैक्स' बाजार में उतारा है। इसकी शोरूम कीमत 17.74 लाख रुपये से 19.24 लाख रुपये के बीच है। कंपनी ने बुधवार को यह जानकारी दी। नेक्सन ईवी मैक्स, 40.5 केडब्ल्यूएच लिथियम-आयन बैटरी पैक से लैस है। कंपनी का दावा है कि इसकी बैटरी क्षमता ‘नेक्सन ईवी' की तुलना में 33 प्रतिशत अधिक है। टाटा मोटर्स ने इस वाहन को दो ट्रिम्स ‘नेक्सन ईवी मैक्स एक्सजेड+' और ‘नेक्सन ईवी मैक्स एक्सजेड+ लक्स' में पेश किया है। 3.3 केडब्ल्यू चार्जर के साथ एक्सजेड+ ट्रिम की शोरूम कीमत 17.74 लाख रुपये है जबकि 7.2 केडब्ल्यू फास्ट चार्जर वाले समान ट्रिम की शोरूम कीमत 18.24 लाख रुपये है। इसी तरह 3.3 केडब्ल्यू के एक्सजेड+ लक्स ट्रिम की कीमत 18.74 लाख रुपये और 7.2 केडब्ल्यू चार्जर वाले इसी संस्करण का दाम 19.24 लाख रुपये है। टाटा मोटर्स ने 2020 में ईवी क्षेत्र में कदम रखने के बाद से 25,000 से अधिक बिजलीचालित वाहन बेचे हैं। इनमें से 19,000 नेक्सन ईवी हैं। टाटा मोटर्स वर्तमान में घरेलू बाजार में तीन इलेक्ट्रिक मॉडल... नेक्सन ईवी, टिगोर ईवी और एक्सप्रेस-टी ईवी बेचती है।
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नयी दिल्ली |जेएसडब्ल्यू स्टील का कच्चे इस्पात का उत्पादन अप्रैल, 2022 में 22 प्रतिशत बढ़कर 16.67 लाख टन हो गया। कंपनी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। अप्रैल, 2021 में कंपनी का कच्चे इस्पात का उत्पादन 13.71 लाख टन रहा था। कंपनी ने बयान में कहा, ‘‘जेएसडब्ल्यू स्टील का एकल आधार पर कच्चे इस्पात का उत्पादन अप्रैल में 22 प्रतिशत की बढ़त के साथ 16.67 लाख टन पर पहुंच गया।''