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नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक ने सिक्कों के वितरण में सुधार के लिए कुछ प्रमुख बैंकों के सहयोग से क्यूआर कोड आधारित सिक्कों की वेंडिंग मशीन शुरू करने की घोषणा की। यह प्रायोगिक परियोजना देश के 12 शहरों में 19 स्थानों पर शुरू होगी।
बैंक ने कहा कि ये वेंडिंग मशीनें यूपीआई का उपयोग करके ग्राहक के खाते से डेबिट के रूप में सिक्के वितरित करेंगी। इन वेंडिंग मशीनों को रेलवे स्टेशनों, शॉपिंग मॉल और मार्केटप्लेस जैसे सार्वजनिक स्थानों पर स्थापित करने की योजना है।जी-20 देशों के यात्री भारत में निवास के दौरान अपने व्यापारिक भुगतानों के लिए यूपीआई का उपयोग कर सकेंगे। रिजर्व बैंक ने कहा कि चुनिंदा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डों पर यह सुविधा बढ़ाई जाएगी। -
नयी दिल्ली .मजबूत वैश्विक रुख के बीच राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में मंगलवार को सोने का भाव 128 रुपये मजबूत होकर 57,275 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी। पिछले कारोबारी सत्र में सोना 57,147 रुपये प्रति 10 ग्राम के भाव पर बंद हुआ था।
हालांकि, चांदी की कीमत 38 रुपये की गिरावट के साथ 67,975 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक सौमिल गांधी ने कहा, ‘‘दिल्ली में सोने की हाजिर कीमत 128 रुपये की तेजी के साथ 57,275 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गयी।'' विदेशी बाजारों में सोने का भाव मजबूती दर्शाता 1,874 डॉलर प्रति औंस हो गया जबकि चांदी 22.42 डॉलर प्रति औंस पर अपरिवर्तित रुख के साथ कारोबार कर रही थी। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज में जिंस शोध विभाग के वरिष्ठ उपाध्यक्ष नवनीत दमानी ने कहा, ‘‘इस सप्ताह निवेशकों की निगाह रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की बैठक पर होगी।'' -
इंदौर। दूरसंचार सेवा प्रदाता भारती एयरटेल ने मध्यप्रदेश के इंदौर में अपनी 5जी सेवा की शुरुआत के महीने भर बाद सूबे के तीन और शहरों में इस सेवा का विस्तार किया है। कंपनी की ओर से सोमवार को जारी विज्ञप्ति में इसकी जानकारी दी गई।
विज्ञप्ति में भारती एयरटेल के मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ सर्कल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सुजय चक्रवर्ती के हवाले से कहा गया कि,“मैं इंदौर के बाद भोपाल, उज्जैन और ग्वालियर में एयरटेल 5-जी प्लस की शुरुआत की घोषणा करते हुए रोमांचित हूं।''
उन्होंने कहा कि इन शहरों में एयरटेल की 5जी सेवा के ग्राहक 4जी सेवा के मुकाबले 20 से 30 गुना तेज गति से इंटरनेट का उपयोग कर सकेंगे। गौरतलब है कि एयरटेल ने इंदौर में तीन जनवरी से अपनी 5जी सेवा शुरू की थी। -
बेंगलुरु। देश के 11 राज्यों और संघ शासित प्रदेशों के चुनिंदा पेट्रोल पंप पर सोमवार से 20 प्रतिशत एथनॉल मिश्रण वाले पेट्रोल की खुदरा बिक्री शुरू हो गई है। उत्सर्जन में कमी के लिए जैव ईंधन के इस्तेमाल को बढ़ावा देने तथा आयात पर निर्भरता को कम करने के लिए सरकार पेट्रोल में एथनॉल मिलाने के काम को तेजी से आगे बढ़ा रही है।
अभी पेट्रोल में 10 प्रतिशत एथनॉल मिलाया जाता है और सरकार का इरादा 2025 तक इस मात्रा को दोगुना करने का है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां भारत ऊर्जा सप्ताह-2023 में 20 प्रतिशत एथनॉल मिला पेट्रोल समय से दो महीने पहले पेश किया। पहले 20 प्रतिशत एथनॉल वाला पेट्रोल अप्रैल में लाने की योजना थी।
मोदी ने कहा, ‘‘हमने पेट्रोल में एथनॉल मिश्रण को 2014 के डेढ़ प्रतिशत से बढ़ाकर 10 प्रतिशत कर दिया है। अब हम 20 प्रतिशत के लक्ष्य की ओर बढ़ रहे हैं।'' पहले चरण में 15 शहरों में 20 प्रतिशत एथनॉल मिश्रण वाला पेट्रोल उतारा जाएगा। अगले दो साल में इसे पूरे देश में पेश किया जाएगा। पेट्रोल में 10 प्रतिशत एथनॉल मिलाने से देश को 53,894 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा की बचत होती है। किसानों को भी इसका लाभ मिलता है।
ई-20 (20 प्रतिशत एथनॉल वाला पेट्रोल) 11 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में तीन सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के पेट्रोल पंप पर उपलब्ध है। पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि भारत ने जून, 2022 के दौरान पांच महीने पहले ही पेट्रोल में 10 प्रतिशत एथनॉल मिलाने का लक्ष्य हासिल कर लिया था। उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा हमने ई20 पेट्रोल उपलब्ध कराने की समयसीमा को पहले (वर्ष 2025) कर दिया है। पहले यह समयसीमा 2030 थी।'' उन्होंने बताया कि अब ई20 को पायलट आधार पर भी समय से पहले पेश कर दिया गया है। -
नयी दिल्ली। भारत विश्व में तैयार इस्पात का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता बन गया है और वित्त वर्ष 2022 में इसकी खपत 10.6 करोड़ टन थी। इस्पात राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने सोमवार को एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी।
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि विश्व में प्रति व्यक्ति इस्पात की खपत लगभग 233 किलोग्राम है जबकि भारत में इसकी प्रति व्यक्ति खपत लगभग 77.2 किलोग्राम है जो विगत आठ वर्षों में 50 प्रतिशत तक बढ़ी है। उन्होंने कहा कि यह प्रति व्यक्ति इस्पात की खपत के वैश्विक औसत का एक तिहाई है।
उन्होंने कहा, ‘‘इस्पात एक नियंत्रणमुक्त क्षेत्र है और सरकार की भूमिका देश में इस्पात की खपत को बढ़ावा देने के लिए एक सुविधाप्रदाता की है। इस दिशा में, सरकार ने राष्ट्रीय इस्पात नीति (एनएसपी), 2017 को लागू किया जिसके अंतर्गत प्रति व्यक्ति इस्पात की खपत को 2030-31 तक 160 किलोग्राम तक बढ़ाने की परिकल्पना की गई है।''
उन्होंने कहा, ‘‘गतिशक्ति मास्टर प्लान, विनिर्माण क्षेत्र के लिए 'मेक-इन-इंडिया' पहल, प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) आदि के माध्यम से अवसंरचना विकास की खातिर सरकार के प्रयास से देश में इस्पात की मांग तथा खपत को बल मिलेगा।''फाइल फोटो
- नयी दिल्ली। इंडियन एनर्जी एक्सचेंज (आईईएक्स) पर जनवरी में 863.9 करोड़ यूनिट बिजली का कारोबार हुआ, जो चालू वित्त वर्ष में सर्वाधिक है। आईईएक्स ने सोमवार को एक बयान में यह जानकारी दी। हालांकि, जनवरी, 2022 की तुलना में इस महीने एक्सचेंज पर बिजली कारोबार मामूली रूप से कम रहा है। एक साल पहले जनवरी के महीने में 865.2 करोड़ यूनिट बिजली का कारोबार हुआ था। हालांकि, चालू वित्त वर्ष में बिजली कारोबार का सर्वाधिक आंकड़ा आईईएक्स ने जनवरी, 2023 में हासिल किया है। इस महीने कुल 863.9 करोड़ यूनिट का लेनदेन एक्सचेंज पर किया गया जिसमें 34.7 करोड़ यूनिट हरित ऊर्जा और 39.5 करोड़ यूनिट के बराबर 3.95 लाख आरईसी शामिल हैं। मात्रा के हिसाब से जनवरी में कुल 824.5 करोड़ यूनिट बिजली का कारोबार हुआ जो सालाना आधार पर नौ प्रतिशत और मासिक आधार पर चार प्रतिशत अधिक है। एक्सचेंज ने कहा कि जनवरी में आपूर्ति पक्ष से जुड़े हालात सुधरने से अधिक यूनिट बिजली का कारोबार हुआ है। नवंबर, 2022 से ही एक्सचेंज पर बिजली कारोबार मासिक आधार पर बढ़ रहा है।
- कोलकाता । बंधन बैंक ने सावधि जमा (एफडी) पर ब्याज दर में परिपक्वता अवधि के आधार पर 0.25-0.50 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की है। बैंक ने सोमवार को एक बयान में इसकी जानकारी देते हुए कहा कि एफडी की संशोधित दरें छह फरवरी से प्रभावी हो गई हैं। नई दरें दो करोड़ रुपये तक की खुदरा जमाओं पर लागू होंगी। बैंक ने पिछले तीन महीनों में एफडी पर ब्याज दरों में दूसरी बार संशोधन किया है। यह बढ़ोतरी रिजर्व बैंक की तरफ से रेपो दर में लगातार जारी वृद्धि के अनुरूप की गई है।
- मुंबई। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में सोमवार को अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया 65 पैसे की गिरावट के साथ 82.73 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ। घरेलू शेयर बाजार में कमजोरी के रुख और विदेशों में डॉलर के मजबूत होने से रुपये में यह गिरावट आई। बाजार सूत्रों ने कहा कि विदेशी कोषों की सतत निकासी और कच्चे तेल की कीमतों के मजबूत होने से निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 82.35 पर खुला और कारोबार के दौरान 82.76 अंक के निम्न स्तर को छूने के बाद अंत में अपने पिछले बंद भाव के मुकाबले 65 पैसे की गिरावट के साथ 82.73 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ। इससे पिछले कारोबारी सत्र में रुपया 82.08 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था। इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.24 प्रतिशत बढ़कर 103.16 हो गया। वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 0.45 प्रतिशत बढ़कर 80.30 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर था।बीएनपी पारिबा बाय शेयरखान में शोध विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा कि अमेरिकी डॉलर में तेजी और कमजोर घरेलू बाजारों की वजह से रुपये में गिरावट आई। चौधरी ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि रुपये में नकारात्मक रुझान के साथ कारोबार होगा क्योंकि डॉलर में मजबूती आने से रुपया और कमजोर हो सकता है। कमजोर घरेलू शेयर बाजार और एफआईआई की निकासी से भी रुपये पर दबाव पड़ सकता है।'' हालांकि, कच्चे तेल की कीमतों में कमी आने से रुपये की तेज गिरावट पर अंकुश लग सकता है। बुधवार को रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति के बैठक के नतीजों की घोषणा तक बाजार प्रतिभागी सतर्क रह सकते हैं। घरेलू शेयर बाजार के मोर्चे पर 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 334.98 अंक की गिरावट के साथ 60,506.90 अंक पर बंद हुआ। शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे और उन्होंने शुक्रवार को शुद्ध रूप से 932.44 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
- मुंबई ।भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास की अगुवाई में मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिन की बैठक सोमवार को यहां शुरू हुई। एमपीसी की बैठक के बीच ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि केंद्रीय बैंक इस बार प्रमुख नीति दर रेपो में मामूली चौथाई प्रतिशत की वृद्धि करेगा या ब्याज दर में वृद्धि को रोकेगा। महंगाई पर अंकुश के लिए केंद्रीय बैंक ने पिछले साल मई से ब्याज दरों में वृद्धि का सिलसिला शुरू किया था। गर्वनर शक्तिकांत दास बुधवार को छह सदस्यीय एमपीसी की बैठक के नतीजों की घोषणा करेंगे।विशेषज्ञों के मुताबिक, खुदरा मुद्रास्फीति रिजर्व बैंक के छह प्रतिशत के संतोषजनक स्तर से नीचे आ चुकी है। वहीं अप्रैल से शुरू होने वाले अगले वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि की रफ्तार सुस्त पड़ने की उम्मीद है। ऐसे में केंद्रीय बैंक रेपो दर में सिर्फ 0.25 प्रतिशत की वृद्धि का विकल्प चुन सकता है। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के आर्थिक शोध विभाग की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘हमें उम्मीद है कि आरबीआई फरवरी की नीतिगत समीक्षा में ब्याज दरों में वृद्धि को रोकेगा।'' केंद्रीय बैंक ने अपनी दिसंबर की मौद्रिक नीति समीक्षा में ब्याज दरों में 0.35 प्रतिशत की वृद्धि की थी।इससे पहले लगातार तीन बार रेपो दर को आधा प्रतिशत बढ़ाया गया था। आरबीआई ने मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए पिछले साल मई से रेपो दर में कुल मिलाकर 2.25 प्र्रतिशत की वृद्धि की है। बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा कि मौद्रिक नीति समीक्षा बजट और उससे पहले आर्थिक समीक्षा के बाद आ रही है। बजट में जहां कर्ज कार्यक्रम को लगभग यथावत रखा गया है वहीं आर्थिक समीक्षा में आगामी साल में ब्याज दरें ऊंची रहने का अनुमान लगाया गया है। उन्होंने कहा कि इन परिस्थितियों में रिजर्व बैंक संभवत: नीतिगत दरों में 0.25 प्रतिशत की और वृद्धि करेगा। यह इस चक्र में रेपो दर में अंतिम वृद्धि होगी।
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मुंबई । धातु और बिजली शेयरों में भारी बिकवाली से बीएसई सेंसेक्स सोमवार को 335 अंक टूटकर बंद हुआ। विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की पूंजी निकासी से निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई। इसके अलावा अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये में तीव्र गिरावट से भी घरेलू शेयर बाजारों पर दबाव पड़ा।
तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स एक समय करीब 500 अंक लुढ़क गया था। बाद में इसमें कुछ सुधार आया और अंत में यह 334.98 अंक यानी 0.55 प्रतिशत की गिरावट के साथ 60,506.90 अंक पर बंद हुआ। पचास शेयरों पर आधारित नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 89.45 अंक यानी 0.50 प्रतिशत की गिरावट के साथ 17,764.60 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स के शेयरों में टाटा स्टील सबसे ज्यादा 2.08 प्रतिशत नुकसान में रहा। उसके बाद कोटक बैंक, इन्फोसिस, आईसीआईसीआई बैंक, महिंद्रा एंड महिंद्रा, अल्ट्राटेक सीमेंट और टाटा मोटर्स का स्थान रहा। दूसरी तरफ इंडसइंड बैंक, बजाज फाइनेंस, पावर ग्रिड और आईटीसी प्रमुख रूप से लाभ में रहे।अडाणी पोर्ट्स को छोड़कर अडाणी समूह की कंपनियों के शेयरों में गिरावट का सिलसिला जारी है। अडाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकॉनमिक जोन 9.46 प्रतिशत चढ़ा। समूह ने कहा कि वह गिरवी रखे शेयरों को छुड़ाने के लिये 111.4 करोड़ डॉलर का भुगतान समय से पहले करेगा। उसके बाद कंपनी का शेयर चढ़ा। एशिया के अन्य बाजारों में चीन का शंघाई कंपोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग नुकसान में जबकि जापान का निक्की तथा दक्षिण कोरिया का कॉस्पी लाभ में रहे। यूरोप के प्रमुख बाजारों में शुरुआती कारोबार में गिरावट का रुख था। अमेरिकी बाजार शुक्रवार को नुकसान में रहे थे। अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.09 प्रतिशत चढ़कर 80.01 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने शुक्रवार को 932.44 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे। - नयी दिल्ली ।कमजोर वैश्विक रुख के बीच राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में सोमवार को सोने का भाव 574 रुपये कमजोर होकर 57,155 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गया। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी। पिछले कारोबारी सत्र में सोना 57,729 रुपये प्रति 10 ग्राम के भाव पर बंद हुआ था।चांदी की कीमत भी 2,113 रुपये लुढ़ककर 68,133 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई।एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक सौमिल गांधी ने कहा, ‘‘दिल्ली में सोने की हाजिर कीमत 574 रुपये की गिरावट के साथ 57,155 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गयी।'' विदेशी बाजारों में सोने का भाव गिरावट दर्शाता 1,875 डॉलर प्रति औंस रह गया जबकि चांदी गिरावट के साथ 23.48 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रही थी। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज में जिंस शोध विभाग के वरिष्ठ उपाध्यक्ष नवनीत दमानी ने कहा, ‘‘इस सप्ताह निवेशकों की निगाह रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की बैठक और अमेरिकी फेडरल रिजर्व के प्रमुख जेरोम पावेल के संबोधन पर भी होगी।''
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नयी दिल्ली.। निजी क्षेत्र के एक्सिस बैंक ने शनिवार को कहा कि संकटग्रस्त अडाणी समूह को दिया गया कर्ज, उसके कुल ऋण का 0.94 प्रतिशत है। बैंक ने शेयर बाजार से कहा, ''हम बैंक के ऋण मूल्यांकन ढांचे के अनुसार नकदी आवक, सुरक्षा और देनदारियों को चुकाने की क्षमता के आधार पर कर्ज देते हैं। इस आधार पर हम अडाणी समूह को दिए गए कर्ज के साथ सहज हैं।'' शेयर बाजार को दी जानकारी में कहा गया है कि अडाणी समूह को दिया गया कर्ज मुख्य रूप से बंदरगाहों, पारेषण, बिजली, गैस वितरण, सड़क और हवाईअड्डों जैसे क्षेत्रों में काम कर रही कंपनियों के लिए है। बैंक के बताया कि शुद्ध कर्ज के प्रतिशत के रूप में फंड-आधारित बकाया 0.29 प्रतिशत है, जबकि गैर-निधि आधारित बकाया 0.58 प्रतिशत है। इसमें आगे कहा गया कि 31 दिसंबर 2022 तक बैंक के शुद्ध अग्रिमों के मुकाबले निवेश 0.07 प्रतिशत है।
एक्सिस बैंक ने कहा कि उसके पास 31 दिसंबर, 2022 तक 1.53 प्रतिशत के मानक परिसंपत्ति कवरेज के साथ एक मजबूत बहीखाता है। -
नई दिल्ली। सरकार ने कहा है कि गेहूं की बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने के मकसद से खुले बाजार में इसकी बिक्री के फैसले से पिछले एक सप्ताह में गेहूं की कीमतों में 10 फीसदी से अधिक की गिरावट आई है। सरकारी उपक्रम भारतीय खाद्य निगम (FCI) ने इस सप्ताह आयोजित ई-नीलामी के पहले दो दिन में अबतक थोक उपयोगकर्ताओं को 2,474 रुपये प्रति क्विंटल की औसत दर से 9. 2 लाख टन गेहूं बेचा है।
हाल ही में, केंद्र ने मुक्त बाजार बिक्री योजना (OMSS) के जरिये खुले बाजार में बफर स्टॉक से 30 लाख टन गेहूं बेचने का फैसला किया था। इसमें से 25 लाख टन थोक उपभोक्ताओं मसलन आटा मिलों को, तीन लाख टन नेफेड जैसी संस्थाओं को और शेष दो लाख टन राज्य सरकारों को बेचा जाएगा।खाद्य मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘ई-नीलामी ने पहले ही पिछले एक सप्ताह में गेहूं के बाजार मूल्य में 10 फीसदी से अधिक की गिरावट का असर डाला है।’ ई-नीलामी में बेचे जाने वाले गेहूं के उठाव और बाजार में गेहूं का आटा (आटा) उपलब्ध कराने के बाद कीमतों में और गिरावट आना तय है।उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, दो फरवरी को गेहूं का औसत अखिल भारतीय खुदरा मूल्य 33.47 रुपये प्रति किलोग्राम था और गेहूं के आटे की कीमत 38.1 रुपये प्रति किलोग्राम थी। आंकड़ों से पता चलता है कि वर्ष 2022 में इसी तारीख को, गेहूं और गेहूं के आटे का औसत खुदरा मूल्य क्रमशः 28.11 रुपये प्रति किलोग्राम और 31.14 रुपये प्रति किलोग्राम था।FCI ने पहले ही देशभर में थोक उपयोगकर्ताओं को 25 लाख टन गेहूं की बिक्री शुरू कर दी है। बयान में कहा गया है कि इसने 1-2 फरवरी को ई-नीलामी के जरिए 2,474 रुपये प्रति क्विंटल की औसत दर से 9.2 लाख टन गेहूं बेचा है, जिससे 2,290 करोड़ रुपये की कमाई हुई है।23 राज्यों में हुई ई-नीलामी में 1,150 से अधिक बोलीदाताओं ने भाग लिया। तकनीकी खराबी के कारण राजस्थान में ई-नीलामी दो फरवरी को हुई थी। FCI की योजना 15 मार्च तक गेहूं की बिक्री के लिए प्रत्येक बुधवार को साप्ताहिक ई-नीलामी आयोजित करने की है।सरकार ने कहा कि छोटी और मझोली आटा मिलों और व्यापारियों ने नीलामी में सक्रिय रूप से भाग लिया क्योंकि 100 से 499 टन की सीमा में अधिक मांग थी, इसके बाद 500-1000 टन और 50-100 टन की सीमा में मांग थी। एक बार में 3,000 टन की अधिक मात्रा के लिए केवल 27 बोलियां प्राप्त हुईं।इस बीच, FCI ने केंद्रीय भंडार, नेफेड और एनसीसीएफ जैसे संस्थानों को 2.5 लाख टन गेहूं आवंटित किया है, ताकि अनाज को आटे में बदला जा सके और अधिकतम खुदरा मूल्य 29.50 रुपये प्रति किलोग्राम पर बेचा जा सके। केंद्रीय भंडार ने पहले से ही कम दर पर गेहूं का आटा बेचना शुरू कर दिया है और सहकारी संस्था नेफेड जल्द ही आठ राज्यों में उसी दर पर बिक्री शुरू करेगी।घरेलू उत्पादन में गिरावट के बाद आपूर्ति घटने से देश में गेहूं और गेहूं के आटे की कीमतों में मजबूती आई है। OMSS नीति के तहत, सरकार FCI को थोक उपभोक्ताओं और निजी व्यापारियों को समय-समय पर खुले बाजार में पूर्व निर्धारित कीमतों पर खाद्यान्न, विशेष रूप से गेहूं और चावल बेचने की अनुमति देती है। इसका उद्देश्य अनाज का मौसम नहीं होने पर आपूर्ति को बढ़ावा देना और सामान्य खुले बाजार की कीमतों को कम करना है।केंद्र ने घरेलू उत्पादन में मामूली गिरावट और केंद्रीय पूल के लिए FCI की खरीद में तेज गिरावट के बाद बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने के लिए पिछले साल मई में गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था।भारत का गेहूं उत्पादन फसल वर्ष 2021-22 (जुलाई-जून) में पिछले वर्ष के 10 करोड़ 95.9 लाख टन से घटकर 10 करोड़ 68.4 लाख टन रह गया, जो कुछ उत्पादक राज्यों में गर्मी की लू चलने के कारण हुआ। पिछले साल के लगभग 4.3 करोड़ टन की खरीद के मुकाबले इस साल खरीद तेज गिरावट के साथ 1.9 करोड़ टन रह गई।चालू रबी (सर्दियों में बोई जाने वाली) सत्र में गेहूं की फसल का रकबा थोड़ा अधिक है। नई गेहूं की फसल की खरीद 15 मार्च से शुरू होगी। -
नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ने कहा है कि वह वित्तीय स्थिरता बनाए रखने के लिए बैंकिंग क्षेत्र और निजी बैंकों पर लगातार नजर बनाए हुए है। रिजर्व बैंक का यह बयान एक कारोबारी समूह और बैंकों के बीच लेन-देन के संबंध में मीडिया में व्यक्त की जा रही चिंताओं के बीच आया है। रिजर्व बैंक ने कहा कि मौजूदा आकलन के अनुसार बैंकिंग क्षेत्र लचीला और सशक्त बना हुआ है। बैंक ने कहा कि पर्याप्त पूंजी, परिसम्पत्ति की गुणवत्ता, नकदी उपलब्धता और लाभ की स्थिति के मानदंडों पर बैंकिंग क्षेत्र अच्छी स्थिति में है। रिजर्व बैंक ने यह भी कहा कि बैंक बड़ी रकम के लेन-देन संबंधी दिशा-निर्देशों का पालन कर रहे हैं। सभी बैंकों को पांच करोड़ रुपये और इससे अधिक के लेनदेन की जानकारी रिजर्व बैंक को देनी होती है। रिजर्व बैंक ने कहा है कि वह बैंकिंग क्षेत्र की स्थिरता को लेकर चौकस बना हुआ है।
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नयी दिल्ली. सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कंपनियों के संगठन नैसकॉम ने कहा है कि वैश्विक मंदी और सुस्ती की गहराती आशंकाओं के बीच बुधवार को पेश हुआ बजट सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) क्षेत्र के लिए वृद्धि-उन्मुखी है। सॉफ्टवेयर कंपनियों के राष्ट्रीय संगठन नैसकॉम ने बयान में कहा कि यह बजट स्टार्टअप कंपनियों के लिए भी बराबरी का अवसर मुहैया कराता है। इस बजट में आईटी क्षेत्र के अलग-अलग खंडों के लिए आवंटन किए गए हैं। नैसकॉम ने कहा, ‘‘वैश्विक स्तर पर मंदी एवं सुस्ती की गहराती आशंकाओं के बीच वित्त वर्ष 2023-24 का बजट वृद्धि-उन्मुखी होने के साथ प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है। इसमें समूचे आईटी क्षेत्र के लिए आवंटन को बढ़ाया गया है।'' बयान के मुताबिक, बजट में डिजिटल बदलाव, ऊर्जा कायाकल्प और आपूर्ति-शृंखला के जुझारूपन जैसे तीन अहम रुझानों पर जोर दिया गया है। इसमें डिजिटल पेशकश के मामले में अग्रणी देश के तौर पर भारत के सामने आने को लेकर सभी महत्वपूर्ण पहलुओं पर ध्यान दिया गया है। नैसकॉम ने कहा कि इंजीनियरिंग संस्थानों में 5जी प्रयोगशालाएं खोलने की घोषणा नए अवसर पैदा करेगी और नए कारोबारी मॉडल एवं रोजगार भी पैदा होंगे
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केंद्रीय भंडार ने 29.50 रुपये प्रति किलो के भाव पर आटा बेचना शुरू किया
नयी दिल्ली. उपभोक्ताओं को गेहूं के आटे की बढ़ती कीमतों से राहत देने के लिए केंद्रीय भंडार ने बृहस्पतिवार से आटा 29.50 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बेचना शुरू कर दिया है, जबकि सहकारी संस्थाएं नेफेड और एनसीसीएफ देशभर में छह फरवरी से समान कीमत पर आटे की बिक्री करेंगी। खाद्य मंत्रालय ने यह जानकारी दी है। एक बयान में कहा गया है कि इन संस्थानों ने गेहूं के आटे को ‘भारत आटा' या ‘कोई अन्य उपयुक्त नाम' के रूप में ब्रांड करने पर सहमति व्यक्त की है, जिसका अधिकतम खुदरा मूल्य 29.50 रुपये प्रति किलोग्राम होगा। घरेलू बाजार में मुक्त बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत बफर स्टॉक से 30 लाख टन गेहूं की बिक्री की प्रगति पर बृहस्पतिवार को खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में यह बात कही गई। मंत्रालय ने कहा, ‘‘केन्द्रीय भंडार ने आज से ही 29.50 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव पर आटे की बिक्री शुरू कर दी है। हालांकि, एनसीसीएफ और नेफेड छह फरवरी से 29.50 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव से आटे की आपूर्ति करेंगे।'' इन संस्थानों द्वारा बेचे जाने वाले गेहूं के आटे का एमआरपी या अधिकतम खुदरा मूल्य, हालांकि, मौजूदा औसत अखिल भारतीय खुदरा मूल्य 38 रुपये प्रति किलोग्राम से कम है। अनाज को आटे में बदलने और 29.50 रुपये प्रति किलो पर बेचने के लिए ओएमएसएस के तहत ई-नीलामी के बिना इन संस्थानों को लगभग तीन लाख टन गेहूं की पेशकश की जा रही है। जिनमें से एक-एक लाख टन क्रमशः केंद्रीय भंडार और नेफेड को आवंटित किया जा चुका है, जबकि 50,000 टन एनसीसीएफ को आवंटित किया गया है। बैठक में भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई), केंद्रीय भंडार, भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नेफेड) और राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ लिमिटेड (एनसीसीएफ) के प्रतिनिधि उपस्थित थे। देश में गेहूं और गेहूं के आटे की कीमतों में पिछले कुछ महीनों में घरेलू उत्पादन में गिरावट के कारण बढ़ोतरी हुई है। -
नयी दिल्ली। फ्रांसीसी वाहन कंपनी रेनो ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसने भारत में अपने सभी वाहनों को प्रदूषण उत्सर्जन के आगामी सख्त मानकों के अनुरूप उन्नत कर दिया है। रेनो इंडिया ने बयान में कहा कि अब भारत में उपलब्ध उसके सभी मॉडल बीएस-6 (भारत चरण-6) उत्सर्जन मानकों के दूसरे चरण के हिसाब से उन्नत कर दिए गए हैं।
प्रदूषण मानकों का दूसरा चरण एक अप्रैल, 2023 से लागू होने वाला है। दूसरे चरण के बीएस-6 मानकों के तहत वाहनों में वास्तविक समय में उत्सर्जन स्तर को दिखाना जरूरी होगा। इसके लिए वाहनों में कैटेलिटिक कन्वर्टर और ऑक्सीजन सेंसर लगाने होंगे। रेनो इंडिया के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) वेंकटराम ममिलापल्ले ने कहा, ‘‘सभी मॉडलों में बीएस-6 मानक के दूसरे चरण के अनुकूल पेट्रोल इंजन होने से उत्सर्जन में खासी कमी होगी।
इससे सुरक्षित एवं स्वच्छ पर्यावरण में कंपनी योगदान दे पाएगी।'' इसके साथ ही कंपनी ने क्विड, काइगर और ट्राइबर मॉडलों में कुछ नई सुरक्षा खूबियां भी जोड़ी हैं। अब कंपनी के सभी मॉडल इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी प्रोग्राम (ईएसपी), हिल स्टार्ट असिस्ट (एचएसए), ट्रैक्शन कंट्रोल सिस्टम (टीसीएस) और टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम (टीपीएमएस) से लैस होंगे। -
नयी दिल्ली। वित्त वर्ष 2023-24 के लिए पेश आम बजट में कई ऐसे प्रावधान किए गए हैं जो मांग बढ़ाने में मददगार होंगे और जिनकी मदद से अगले वित्त वर्ष में करीब 40.5 लाख से 41.5 लाख यात्री वाहनों की बिक्री का वाहन उद्योग का अनुमान सही साबित हो सकेगा। मारुति सुजुकी इंडिया के वरिष्ठ कार्यकारी अधिकारी (विपणन एवं बिक्री) शशांक श्रीवास्तव ने मंगलवार को यह बात कही।
उन्होंने कहा कि वाहन उद्योग की वृद्धि पूरी अर्थव्यवस्था से बहुत ही करीब से जुड़ी हुई है और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के वृद्धि को बढ़ावा देने वाले बजट में वाहन उद्योग की जरूरतों का पूरा ध्यान रखा गया है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारा अनुमान है कि 2023-24 में यात्री वाहनों की बिक्री 4.5 प्रतिशत से 7.5 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। यह करीब-करीब 40.5 लाख से 41.5 लाख इकाई होगा। चालू वित्त वर्ष में उद्योग की कुल बिक्री लगभग 38.5 लाख इकाई होनी चाहिए।''
बजट को वाहन उद्योग के नजरिये से देखते हुए श्रीवास्तव ने कहा कि इसमें उद्योग की ज्यादातर आवश्यकताओं का खयाल रखा गया है। उन्होंने कहा कि बुनियादी ढांचा क्षेत्र के लिए आवंटन में 33 प्रतिशत की बढ़ोतरी, कर दरों में बदलाव और राज्यों को ब्याज मुक्त कर्ज जैसे प्रस्तावों से वाहनों के लिए मांग बनेगी।'' श्रीवास्तव ने कहा कि जहां तक पूंजीगत व्यय की बात है तो इससे न केवल लघु अवधि की बल्कि दीर्घकालिक मांग भी बढ़ती है।
आपूर्ति पक्ष में यह क्षमता को बढ़ाएगा जो वृद्धि के लिए बहुत आवश्यक है और रोजगार का सृजन भी करेगा। उन्होंने कहा कि नई कर व्यवस्था में करदाताओं के हाथ में खर्च करने योग्य आय रहेगी, उसका फायदा भी वाहन उद्योग को मिलेगा। श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘इन पहलुओं को देखते हुए कहा जा सकता है कि यह बजट वाहन उद्योग के लिए बहुत अच्छा है। -
नयी दिल्ली. सरकारी स्वामित्व वाले भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने 22 राज्यों में ई-नीलामी के पहले दिन आटा चक्की मालिकों जैसे थोक उपभोक्ताओं को 8.88 लाख टन गेहूं बेचा है। खाद्य मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। एफसीआई ने गेहूं की घरेलू उपलब्धता को बढ़ाने और बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए थोक उपयोगकर्ताओं को गेहूं बेचने के ध्येय से मुक्त बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत एक फरवरी को गेहूं की ई-नीलामी शुरू की। पहले दिन, इसने ओएमएसएस के तहत निर्धारित 25 लाख टन के मुकाबले लगभग 22 लाख टन गेहूं की बिक्री की पेशकश की। मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘‘पहली ई-नीलामी में भाग लेने के लिए 1,100 से अधिक बोली लगाने वाले आगे आए। ई-नीलामी के पहले दिन 22 राज्यों में 8.88 लाख टन गेहूं की बिक्री की गई।'' राजस्थान में बृहस्पतिवार को बोली लगाई जाएगी।
गेहूं की आगे की बिक्री, प्रत्येक बुधवार को पूरे देश में ई-नीलामी के माध्यम से 15 मार्च तक जारी रहेगी। गेहूं को 2,350 रुपये प्रति क्विंटल के आरक्षित मूल्य और भाड़ा शुल्क के साथ पेश किया जा रहा है। एक खरीदार अधिकतम 3,000 टन और न्यूनतम 10 टन के लिए बोली लगा सकता है। पिछले महीने सरकार ने गेहूं और गेहूं के आटे की कीमतों पर लगाम लगाने के लिए ओएमएसएस के तहत अपने बफर स्टॉक से 30 लाख टन गेहूं खुले बाजार में बेचने की योजना की घोषणा की थी। एफसीआई 30 लाख टन में से 25 लाख टन गेहूं, आटा चक्की जैसे थोक उपभोक्ताओं को ई-नीलामी के माध्यम से बेचेगा और दो लाख टन राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को बेचेगा। लगभग तीन लाख टन गेहूं ई-नीलामी के बिना केंद्रीय भंडार, एनसीसीएफ और नेफेड जैसे राज्य-सार्वजनिक उपक्रमों, सहकारी समितियों और संघों को 2,350 रुपये प्रति क्विंटल की रियायती दर पर दिया जाएगा, ताकि गेहूं को आटे में बदला जा सके और इसे 29.50 रुपये प्रति किलोग्राम के अधिकतम खुदरा मूल्य पर जनता को उपलब्ध कराया जा सके। मंत्रालय के अनुसार, राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ (एनसीसीएफ) को सात राज्यों में ओएमएसएस के तहत 50,000 टन गेहूं का स्टॉक उठाने की अनुमति दी गई है। देश भर में आटे की कीमत कम करने के लिए इस योजना के तहत नेफेड और केंद्रीय भंडार को लगभग एक लाख टन गेहूं आवंटित किया गया है। मंत्रालय ने कहा कि विभिन्न माध्यमों से दो महीने की अवधि के भीतर एक योजना के माध्यम से 30 लाख टन गेहूं को बाजार में उतारने से इसकी व्यापक पहुंच सुनिश्चित होगी और साथ ही गेहूं और आटे की बढ़ती कीमतों को रोकने में मदद मिलेगी और इससे आम आदमी को बहुत राहत मिलेगी।
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नयी दिल्ली। कोरिया की स्मार्ट उपकरण कंपनी सैमसंग ने स्थानीय बाजार की जरूरतों को पूरा करने के लिए अपने महंगे गैलेक्सी एस23 स्मार्टफोन का निर्माण भारत में करने का निर्णय लिया है। कंपनी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। भारत में गैलेक्सी एस23 श्रृंखला की आरंभिक पेशकश कीमत 75,000 रुपये से 1.55 लाख रुपये के बीच है।
वर्तमान में गैलेक्सी एस श्रृंखला के स्मार्टफोन वियतनाम स्थित कारखाने में बनाए जाते हैं और भारत में बिक्री के लिए कंपनी इनका आयात करती है। सैमसंग ने एक बयान में कहा, ''भारत में बेचे जाने वाले सभी गैलेक्सी एस23 स्मार्टफोन कंपनी के नोएडा स्थित कारखाने में बनाए जाएंगे। सैमसंग देश में ज्यादातर घरेलू मांग को नोएडा कारखाने में स्थानीय विनिर्माण के जरिये पहले से ही पूरा कर रही है।
भारत में निर्मित गैलेक्सी एस23 स्मार्टफोन बेचने का निर्णय भारत के विनिर्माण और वृद्धि की कहानी के प्रति कंपनी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।'' कंपनी ने बुधवार को गैलेक्सी एस23 श्रृंखला के स्मार्टफोन के तीन मॉडल पेश किए। ये फोन अत्याधुनिक कैमरा सेंसर से लैस हैं। पिछले साल पेश किए गए गैलेक्सी एस22 स्मार्टफोन की कीमत 72,999 रुपये से 1,18,999 रुपये के बीच थी।फाइल फोटो
- नयी दिल्ली । अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बहुमूल्य धातुओं की कीमतों में उछाल के बीच राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में गुरुवार को सोने का भाव 770 रुपये की मजबूती के साथ 58,680 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी। पिछले कारोबारी सत्र में सोना 57,910 रुपये प्रति 10 ग्राम के भाव पर बंद हुआ था।चांदी की कीमत भी 1,491 रुपये के उछाल के साथ 71,666 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई।एचडीएफसी सिक्योरिटीज के एक विश्लेषक ने कहा, ‘‘दिल्ली में सोने की हाजिर कीमत 770 रुपये की तेजी के साथ 58,680 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गयी।'' विदेशी बाजारों में सोना मजबूत होकर 1,923 डॉलर प्रति औंस हो गया जबकि चांदी गिरावट के साथ 23.27 डॉलर प्रति औंस पर थी। बाजार विश्लेषकों ने कहा कि कॉमेक्स में सोने की हाजिर कीमत अपने पिछले बंद भाव के मुकाबले मजबूत होकर 1,956 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रही थी। चांदी भी तेजी के साथ 24.15 डॉलर प्रति औंस पर थी। बाजार विश्लेषकों ने कहा कि आगे के दिशा के लिए कारोबारी आज यूरोपीय केन्द्रीय बैंक और बैंक ऑफ इंग्लैंड के नीतिगत फैसलों पर ध्यान केंद्रित करेंगे।
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नयी दिल्ली. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल के दामों में मजबूती के चलते देश में विमान ईंधन के दामों में बुधवार को चार फीसदी की बढ़ोतरी की गई है। हालांकि पेट्रोल और डीजल के दामों में लगातार दसवें महीने कोई बदलाव नहीं किया गया है। सरकारी तेल कंपनियों की मूल्य अधिसूचना में बताया गया कि एटीएफ के दाम में 4,218 प्रति किलोलीटर या 3.9 फीसदी की वृद्धि की गई है जिससे राष्ट्रीय राजधानी में इसके दाम 1,12,356.77 प्रति किलोलीटर हो गए हैं। इससे पहले, नवंबर से एफटीएफ के दाम तीन बार घटाए गए थे। एक जनवरी को इसके दाम 1,17,587.64 प्रति किलोलीटर से घटाकर 1,08,138.77 प्रति किलोलीटर किए गए थे। एक दिसंबर को दामों में 2.3 फीसदी की और एक नवंबर को इनमें 4.19 फीसदी की कटौती की गई थी। पेट्रोल और डीजल के दाम लगातार दसवें महीने अपरिवर्तित हैं। राष्ट्रीय राजधानी में पेट्रोल की कीमत 96.72 रुपये प्रति लीटर और डीजल की 89.62 रुपये प्रति लीटर है। वाणिज्यिक एलपीजी के दाम में भी कोई बदलाव नहीं किया गया है। राष्ट्रीय राजधानी में 19 किलोग्राम के वाणिज्यिक एलपीजी सिलेंडर की कीमत 1,769 रुपये है। वहीं घरेलू रसोई गैस के 14.2 किलोग्राम का सिलेंडर 1,053 रुपये का है।
- नयी दिल्ली, । वैश्विक बाजारों में बहुमूल्य धातुओं की कीमतों में तेजी के बीच राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में बुधवार को सोने का भाव 1,090 रुपये की मजबूती के साथ 57,942 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी। पिछले कारोबारी सत्र में सोना 56,852 रुपये प्रति 10 ग्राम के भाव पर बंद हुआ था।चांदी की कीमत भी 1,947 रुपये के उछाल के साथ 69,897 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई। पिछले कारोबारी सत्र में चांदी 67,950 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के एक विश्लेषक ने कहा, ‘‘दिल्ली में सोने की हाजिर कीमत 1,090 रुपये की तेजी के साथ 57,942 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गयी।'' विदेशी बाजारों में सोना मजबूत होकर 1,923 डॉलर प्रति औंस हो गया जबकि चांदी गिरावट के साथ 23.27 डॉलर प्रति औंस पर थी। बाजार विश्लेषकों ने कहा कि कॉमेक्स में सोने की हाजिर कीमत अपने पिछले बंद भाव के मुकाबले 1,923 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रही थी। सोने की कीमतों ने लगातार तीसरे महीने लाभ दर्ज किया है जिसे डॉलर के कमजोर रहने तथा अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर की धीमी वृद्धि दर से मदद मिली।
- नयी दिल्ली । सरकार ने बुधवार को पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन पर ध्यान केंद्रित करते हुए अगले वित्त वर्ष के लिए कृषि ऋण लक्ष्य को 11 प्रतिशत बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपये करने की घोषणा की। कृषक समुदाय को रियायती दरों पर अधिक कृषि कर्ज देने के उद्देश्य से यह कदम उठाया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2023-24 का बजट पेश करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की एक नई उप-योजना 6,000 करोड़ रुपये के लक्षित निवेश के साथ शुरू की जाएगी, ताकि मछुआरों, मछली विक्रेताओं और सूक्ष्म और लघु उद्यमों की गतिविधियों को और प्रभावी बनाया जा सके, मूल्य श्रृंखला क्षमता में सुधार किया जा सके और मत्स्यपालन के लिए बाजार का विस्तार किया जा सके। उन्होंने कहा कि समुद्री उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए झींगा मछली के चारे के घरेलू विनिर्माण के लिए प्रमुख लागतों पर सीमा शुल्क भी कम किया जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि प्राकृतिक खेती को अपनाने के लिए सरकार इस उद्देश्य के लिए एक करोड़ किसानों को सुविधा प्रदान करेगी और राष्ट्रीय स्तर पर अलग-अलग सूक्ष्म उर्वरक और कीटनाशक निर्माण संजाल बनाने के लिए 10,000 जैव-लागत संसाधन केंद्र भी स्थापित करेगी। सीतारमण ने कहा कि इसके अलावा सरकार 2,200 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ उच्च मूल्य वाली बागवानी फसलों के लिए रोग मुक्त, गुणवत्तायुक्त रोपण सामग्री की उपलब्धता को बढ़ावा देने के लिए ‘आत्मनिर्भर स्वच्छ पौध कार्यक्रम' शुरू करेगी।वित्त मंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में युवा उद्यमियों द्वारा कृषि-स्टार्टअप इकाइयों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार एक कृषि त्वरित कोष (एएएफ) स्थापित करेगी। समावेशी, किसान-केंद्रित समाधान उपलब्ध कराने के मकसद से कृषि के लिए एक डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचा भी बनाया जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि भारत को मोटे अनाज, जिसे ‘श्री अन्न' भी कहा जाता है, का एक वैश्विक केंद्र बनाने के लिए, हैदराबाद स्थित भारतीय मोटा अनाज अनुसंधान संस्थान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सर्वोत्तम व्यवहार, अनुसंधान और प्रौद्योगिकियों को साझा करने के लिए उत्कृष्टता केंद्र के रूप में समर्थन दिया जाएगा। भारत दुनिया में मोटे अनाज का सबसे बड़ा उत्पादक और दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक देश है। देश में ज्वार, रागी, बाजरा, कुट्टू, रामदाना, कांगनी, कुटकी, कोदो, चीना और समा जैसे कई प्रकार के मोटे अनाज उगाए जाते हैं। उन्होंने कहा कि इन मोटे अनाज के कई स्वास्थ्य लाभ हैं, और ये सदियों से हमारे भोजन का अभिन्न अंग रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैं छोटे किसानों द्वारा इन ‘श्री अन्न' को उगाकर नागरिकों के स्वास्थ्य में योगदान देने के लिए की गई बड़ी सेवा को गर्व के साथ स्वीकार करती हूं। वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन पर ध्यान देने के साथ कृषि ऋण लक्ष्य को बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपये किया जाएगा।'' चालू वित्त वर्ष 2022-23 के लिए कृषि ऋण लक्ष्य 18 लाख करोड़ रुपये है। सरकार हर साल कृषि क्षेत्र के लिए ऋण लक्ष्य बढ़ा रही है। आमतौर पर, कृषि ऋण पर नौ प्रतिशत की ब्याज दर लगती है। हालांकि, सरकार सस्ती दर पर अल्पकालिक फसल ऋण उपलब्ध कराने और कृषि उत्पादन को बढ़ावा देने में मदद करने के लिए ब्याज सहायता प्रदान कर रही है। किसानों को सात प्रतिशत सालाना की प्रभावी दर पर तीन लाख रुपये तक का अल्पावधि कृषि ऋण सुनिश्चित करने के लिए सरकार दो प्रतिशत ब्याज सब्सिडी प्रदान कर रही है। औपचारिक ऋण प्रणाली में छोटे और सीमांत किसानों के दायरे को बढ़ाने के लिए रिजर्व बैंक ने गारंटी-मुक्त कृषि ऋण की सीमा को एक लाख रुपये से बढ़ाकर 1.6 लाख रुपये करने का फैसला किया है।
- नयी दिल्ली। पूरी तरह तैयार स्थिति में आयात की जाने वाली कारों पर आयात शुल्क बढ़ाने का प्रस्ताव वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में किया गया है। यह शुल्क इलेक्ट्रिक वाहनों पर भी लागू होगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को संसद में बजट पेश करते हुए यह घोषणा की।इसके मुताबिक, 40,000 डॉलर से कम कीमत वाले पूरी तरह तैयार वाहनों पर आयात शुल्क को 60 से बढ़ाकर 70 प्रतिशत किया जाएगा। यह दर 3,000 सीसी से कम इंजन क्षमता वाले पेट्रोल चालित वाहन और 2,500 सीसी से कम क्षमता वाले डीजल चालित वाहन पर भी लागू होगी। इसी तरह विदेश में बनकर आने वाले इलेक्ट्रिक वाहनों पर भी सीमा शुल्क को 60 प्रतिशत से बढ़ाकर 70 प्रतिशत कर दिया गया है। बजट में विदेश से आधी-अधूरी बनी हुई स्थिति में आयात किए जाने वाले वाहनों पर भी शुल्क को 30 प्रतिशत से बढ़ाकर 35 प्रतिशत करने का प्रस्ताव रखा गया है। पूर्ण निर्मित आयात की जाने वाली 40,000 डॉलर से अधिक मूल्य की कारों पर पहले से ही 100 प्रतिशत शुल्क लगता है। यह शुल्क दर 3,000 सीसी से अधिक क्षमता वाले पेट्रोल वाहन और 2,500 सीसी से अधिक क्षमता वाले डीजल वाहन पर भी लागू है। रेटिंग एजेंसी इक्रा में वरिष्ठ उपाध्यक्ष शमशेर दीवान ने कहा, ‘‘इस बदलाव का अधिक असर पड़ने की संभावना कम है। इसकी वजह यह है कि अधिकांश लग्जरी कारों को अब देश में ही असेंबल किया जाता है। इस आयात शुल्क वृद्धि से घरेलू कार विनिर्माण को और प्रोत्साहन मिलेगा।''