- Home
- बिजनेस
-
पुणे. टमाटर की बढ़ती कीमतों ने जहां आम आदमी की जेब पर बड़ा असर डाला है, वहीं महाराष्ट्र के पुणे के एक किसान के लिए यह बड़े लाभ का सौदा साबित हुआ है। पुणे के इस किसान ने तमाम चुनौतियों से पार पाते हुए पिछले एक माह में टमाटर की फसल बेचकर तीन करोड़ रुपये की कमाई की है। पुणे जिले की जुन्नार तहसील के पचघर गांव के किसान ईश्वर गायकर (36) को इस साल मई में कम दाम की वजह से बड़ी मात्रा में टमाटर की फसल को फेंकना पड़ा था। इस झटके के बावजूद इस किसान ने अटूट दृढ़ संकल्प दिखाते हुए अपने 12 एकड़ के खेत पर टमाटर की खेती की। अब टमाटर की आसमान छूती कीमतों के बीच गायकर की कड़ी मेहनत ने शानदार नतीजे दिए हैं और वह करोड़पति बन गया है। गायकर का दावा है कि उन्होंने 11 जून से 18 जुलाई के बीच अपनी टमाटर की उपज बेचकर तीन करोड़ रुपये की कमाई की है। गायकर ने एक न्यूज़ एजेंसी से कहा, ‘‘इस अवधि के दौरान उन्होंने जुन्नार तहसील के नारायणगांव में कृषि उपज मंडी समिति (एपीएमसी) में तीन करोड़ रुपये में टमाटर के 18,000 क्रेट (प्रत्येक क्रेट में 20 किलोग्राम टमाटर) बेचे हैं। उनका इरादा टमाटर के 4,000 शेष क्रेट बेचकर करीब 50 लाख रुपये की कमाई करने का है।
गायकर ने बताया कि उन्होंने टमाटर की खेती और परिवहन पर कुल 40 लाख रुपये खर्च किए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मेरे पास 18 एकड़ के खेत हैं। इनमें से 12 एकड़ में मैंने टमाटर की खेती की। 11 जून से टमाटर के 18,000 क्रेट बेचकर मैं तीन करोड़ रुपये कमा चुका हूं।'' गायकर ने 11 जून को 770 रुपये प्रति क्रेट (37 से 38 रुपये प्रति किलोग्राम) के भाव पर टमाटर बेचा। 18 जुलाई को उन्हें प्रति क्रेट 2,200 रुपये (110 रुपये प्रति किलोग्राम) का भाव मिला। गायकर ने याद करते हुए कहा कि कैसे दो माह पहले कम भाव की वजह से उन्हें अपनी टमाटर की कटी फसल को फेंकना पड़ा था। उन्होंने कहा, ‘‘"यह टमाटर उत्पादकों के लिए सबसे अच्छा समय है, लेकिन हमने सबसे खराब समय भी देखा है। मई के महीने में मैंने एक एकड़ जमीन पर टमाटर उगाए, लेकिन कीमतें बहुत कम होने के कारण बड़ी मात्रा में उपज को फेंकना पड़ा। मैंने उपज फेंक दी थी क्योंकि प्रति क्रेट दर सिर्फ 50 रुपये थी, यानी 2.50 रुपये प्रति किलोग्राम।'' गायकर ने बताया कि 2021 में उन्हें 15 लाख से 16 लाख रुपये का घाटा हुआ था और पिछले साल भी उन्होंने मामूली लाभ ही कमाया था। एक अन्य किसान राजू महाले ने भी चालू सीजन में टमाटर के ढाई हजार क्रेट बेचकर 20 लाख रुपये कमाये हैं। नारायणगांव कृषि उपज मंडी समिति के व्यापारी अक्षय सोलात ने गायकर की उपज खरीदी है। सोलात ने कहा कि इस समय टमाटर बाजार उछाल पर है। उन्होंने टमाटर 2,400 रुपये प्रति क्रेट के भाव पर खरीदा है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं पिछले 15 साल से इस कारोबार में हूं। लेकिन टमाटर में इस तरह की तेजी पहले कभी देखने को नहीं मिली है। -
नयी दिल्ली । मारुति सुजुकी इंडिया ने सोमवार को कहा कि उसने अपनी एसयूवी ग्रैंड विटारा के ‘इलेक्ट्रिक हाइब्रिड' संस्करण में पैदल चलने वाले यात्रियों की सुरक्षा के लिए एक अलार्म लगाया है। इससे इस वाहन की कीमतों में चार हजार रुपये तक का इजाफा होगा। मारुति सुजुकी इंडिया ने शेयर बाजार को दी जानकारी में ग्रैंड विटारा के इंटेलिजेंट इलेक्ट्रिक हाइब्रिड संस्करण में ध्वनि वाहन चेतावनी प्रणाली (एवीएएस) जोड़ने की घोषणा की। कंपनी के अनुसार, यह तकनीक चालकों और पैदल चलने वालों को वाहन की उपस्थिति के बारे में सचेत करके सुरक्षित रखने में मदद करने के लिए बनाई गई है। इसमें धीमी आवाज में एक अलार्म बजेगा जिसे पांच फुट की दूरी तक सुना जा सकता है, जिससे पैदल चलने वालों और आस-पास के अन्य चलाकों को पता चल जाता है कि कोई वाहन पास में है। एवीएएस के साथ ग्रैंड विटारा आने वाले नियमों के अनुरूप बन जाएगी। कंपनी ने बताया कि ग्रैंड विटारा के इस संस्करण की कीमत में बदलाव 17 जुलाई 2023 से लागू होगा। इसमें चार हजार रुपये तक का इजाफा होगा। ग्रैंड विटारा के ‘इलेक्ट्रिक हाइब्रिड' संस्करण की कीमत 18.29 लाख रुपये और 19.79 लाख रुपये (दिल्ली में एक्स-शोरूम कीमत) के बीच है।
- नयी दिल्ली । मीडिया कंपनी जी एंटरटेनमेंट के प्रतिबंधित प्रबंध निदेशक पुनीत गोयनका ने कहा है कि सोनी के साथ विलय की योजना पर काम काफी आगे बढ़ चुका है और इस संबंध में प्रवर्तकों पर लगी सेबी की बंदिशें कोई समस्या नहीं बननी चाहिए। सूत्रों ने कहा कि गोयनका ने जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड (जेडईईएल) के कर्मचारियों को लिखे एक पत्र में यह संभावना जताई है। उन्होंने अपने और पिता एवं कंपनी के चेयरमैन सुभाष चंद्रा को किसी भी सूचीबद्ध कंपनी में निदेशक या अहम प्रबंधकीय पद संभालने पर लगाई बाजार नियामक सेबी की रोक के संदर्भ में यह टिप्पणी की है। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने गोयनका और चंद्रा दोनों को ही कंपनी का पैसा दूसरी जगह भेजने के मामले में यह प्रतिबंध लगाया है। इसके साथ ही गोयनका ने कर्मचारियों से कहा कि जी एंटरटेनमेंट के निदेशक मंडल ने रोजमर्रा की गतिविधियों के सुचारू संचालन के लिए एक अंतरिम समिति गठित की है। उन्होंने कहा कि यह समिति कंपनी से संबंधित सभी मामलों में निदेशक मंडल की निगरानी में काम करेगी। इस पत्र में गोयनका ने कल्वर मैक्स (पूर्व में सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया) के साथ कंपनी के विलय की योजना पर काम काफी आगे बढ़ जाने की जानकारी भी दी। उन्होंने कहा कि इस विलय को भारतीय प्रतिस्पर्द्धा आयोग और शेयर बाजारों के अलावा शेयरधारकों से भी पहले ही मंजूरी मिल चुकी है। उन्होंने कहा है कि प्रवर्तक परिवार को ही हालात का सामना करना है और यह कभी भी कंपनी के लिए समस्या नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कर्मचारियों को आश्वस्त करते हुए कहा कि वह कानून के मुताबिक जरूरी कदम उठा रहे हैं।
-
गांधीनगर. रविवार को शुरू हुई भारत-इंडोनेशिया आर्थिक और वित्तीय वार्ता में द्विपक्षीय व्यापार और निवेश बढ़ाने, वित्तीय सेवाओं और बुनियादी ढांचे के विकास आदि पर जोर रहेगा। वार्ता की शुरुआत की घोषणा करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि यह वार्ता उभरते बाजार और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के परिप्रेक्ष्य से मुद्दों पर आम समझ तक पहुंचने और वैश्विक एजेंडे को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। उन्होंने यहां आयोजित जी20 वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक गवर्नरों (एफएमसीबीजी) की तीसरी बैठक के मौके पर कहा कि यह वार्ता वैश्विक आर्थिक और वित्तीय स्थिरता में योगदान करते हुए भारत और दक्षिण-पूर्व एशिया के बीच बेहतर सहयोग प्रदान करेगी। सोमवार से यहां शुरू हो रही दो दिवसीय वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों की बैठक की सह-अध्यक्षता सीतारमण और भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकान्त दास करेंगे। उन्होंने कहा कि दोनों देश साझा हित के मुद्दों पर चर्चा करेंगे, जो रिश्तों को बढ़ाने में पारस्परिक रूप से लाभकारी हैं। वित्त मंत्री ने कहा, “सहयोग के क्षेत्रों में द्विपक्षीय निवेश, वित्तीय सेवाएं और बुनियादी ढांचे का विकास और अन्य रहेंगे। उदाहरण के लिए, भारत ने डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे में विशेषज्ञता विकसित की है तो यह सुविधाजनक और किफायती डिजिटल भुगतान के लिए समाधान प्रदान कर सकता है। यह इंडोनेशिया को अपने वित्तीय समावेशन लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहायता कर सकता है।” भारत और इंडोनेशिया दोनों तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाएं हैं और कई मायनों में समान हैं। उन्होंने कहा कि दोनों जी20, डब्ल्यूटीओ और पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन जैसे बहुपक्षीय संगठनों के सक्रिय सदस्य हैं। भारत ने इंडोनेशिया से जी20 की अध्यक्षता ली है और कई पिछले मुद्दे हैं जिन्हें हम अपनी अध्यक्षता के दौरान आगे बढ़ाना जारी रख रहे हैं।
-
नयी दिल्ली. राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने कहा कि वित्त मंत्रालय आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने की 31 जुलाई की समयसीमा को बढ़ाने पर विचार नहीं कर रहा है। उन्होंने साथ ही आयकरदाताओं से जल्द से जल्द अपना रिटर्न दाखिल करने को कहा। मल्होत्रा ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि इस साल पिछले वर्ष से ज्यादा रिटर्न दाखिल होंगे... हमें उम्मीद है कि यह पिछले साल से ज्यादा होना चाहिए।'' पिछले साल 31 जुलाई तक लगभग 5.83 करोड़ आयकर रिटर्न दाखिल किए गए थे, जो आकलन वर्ष 2022-23 के लिए रिटर्न दाखिल करने का आखिरी दिन था। उन्होंने कहा, ‘‘हम आयकर रिटर्न दाखिल करने वालों को धन्यवाद देना चाहते हैं, क्योंकि आईटीआर दाखिल करने की गति पिछले साल की तुलना में बहुत तेज है और हम उन्हें सलाह देंगे कि वे आखिरी क्षण तक इंतजार न करें और समयसीमा में किसी भी विस्तार की उम्मीद न करें।'' उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए मैं उन्हें जल्द से जल्द अपना कर रिटर्न दाखिल करने की सलाह दूंगा, क्योंकि 31 जुलाई की समयसीमा तेजी से नजदीक आ रही है।'' कर संग्रहण लक्ष्य के संबंध में मल्होत्रा ने कहा यह कमोबेश 10.5 प्रतिशत वृद्धि के लक्ष्य के अनुरूप है। मल्होत्रा ने कहा कि जहां तक माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की वृद्धि का सवाल है, यह अबतक 12 प्रतिशत है। हालांकि, दर में कटौती के कारण उत्पाद शुल्क के मोर्चे पर वृद्धि दर 12 प्रतिशत से कम है। उन्होंने कहा कि वास्तव में यह अभी नकारात्मक है और एक बार कर दरों में कटौती का प्रभाव खत्म हो जाएगा, तो लक्ष्य हासिल करने की उम्मीद है। आम बजट 2023-24 के अनुसार, सरकार को चालू वित्त वर्ष में 33.61 लाख करोड़ रुपये की सकल कर प्राप्ति की उम्मीद है।
- मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) सेंट्रल बैंक के बीच शनिवार को स्थानीय मुद्राओं में सीमापार लेनदेन शुरू करने के लिए एक व्यवस्था बनाने और भुगतान एवं संदेश प्रणालियों को एक-दूसरे से जोड़ने के लिए समझौते किए गए। इस आशय के समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की यूएई यात्रा के दौरान हस्ताक्षर किए गए। एमओयू पर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास और यूएई सेंट्रल बैंक के गवर्नर खालेद मोहम्मद बलामा ने हस्ताक्षर किए। इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी और यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नहयान भी मौजूद थे।आरबीआई ने एक बयान में कहा कि ये एमओयू दोनों देशों के केंद्रीय बैंक रुपये और दिरहम का सीमापार लेनदेन में इस्तेमाल बढ़ाने के लिए एक ढांचा खड़ा करने और दोनों देशों की भुगतान प्रणालियों यूपीआई एवं आईपीपी को एक-दूसरे से जोड़ने के लिए सहयोग करने से संबंधित हैं। भारत अमेरिकी डॉलर में होने वाले कारोबार पर निर्भरता कम करने के लिए स्थानीय मुद्राओं में लेनदेन को बढ़ावा देने की कोशिश में लगा हुआ है। इसी क्रम में कई देशों के साथ रुपये में कारोबार शुरू किया गया है। आरबीआई ने कहा, "दोनों एमओयू का उद्देश्य निर्बाध सीमापार लेनदेन एवं भुगतान की सुविधा प्रदान करना और दोनों देशों के बीच अधिक आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देना है।" भारत और यूएई के बीच स्थानीय मुद्राओं में कारोबार करने से संबंधित समझौता ज्ञापन में एक स्थानीय मुद्रा निपटान प्रणाली (एलसीएसएस) भी स्थापित करने का इरादा जताया गया है। इससे भारतीय रुपये और यूएई दिरहम दोनों का द्विपक्षीय इस्तेमाल बढ़ेगा। आरबीआई ने कहा, "एलसीएसएस के गठन से निर्यातक और आयातक अपनी संबंधित स्थानीय मुद्राओं में बिल बनाने और भुगतान करने में सक्षम बनेंगे। इससे भारतीय रुपये और यूएई दिरहम विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार का विकास होगा। इस व्यवस्था से दोनों देशों के बीच निवेश और प्रेषण को भी बढ़ावा मिलेगा।" आरबीआई ने कहा कि समझौता ज्ञापन में चालू खातों के सारे लेनदेन और स्वीकृत पूंजी खाता लेनदेन भी शामिल हैं। स्थानीय मुद्राओं में कारोबार शुरू होने से लेन-देन की लागत और निपटान समय में कमी आने के साथ यूएई में रहने वाले भारतीय नागरिकों के स्वदेश पैसा भेजने में भी फायदा होगा। दोनों देशों के केंद्रीय बैंक अपनी त्वरित भुगतान प्रणालियों- यूपीआई और आईपीपी को जोड़ने की दिशा में काम करने के लिए भी सहमत हुए हैं। इसके साथ दोनों देशों के कार्ड स्विच रुपे और यूएईस्विच को भी जोड़ने पर सहमति जताई गई है। इसके अलावा दोनों देशों के केंद्रीय बैंक अपनी-अपनी भुगतान संदेश प्रणालियों को संबद्ध करने की भी संभावनाएं तलाशेंगे। इसके तहत भारत की संरचित वित्तीय संदेश प्रणाली (एसएफएमएस) को यूएई की समान प्रणाली से जोड़ने की कोशिश की जाएगी। आरबीआई ने कहा, "यूपीआई और आईपीपी को जोड़ने से दोनों देशों के उपयोगकर्ता तेज, सुविधाजनक, सुरक्षित और किफायती ढंग से सीमापार राशि अंतरण कर पाएंगे।" वहीं कार्ड स्विचेज को जोड़ने से घरेलू कार्डों की आपसी स्वीकृति और कार्ड से लेनदेन के प्रसंस्करण में मदद मिलेगी। इसके साथ ही आरबीआई ने कहा कि दोनों देशों की भुगतान संदेश प्रणालियों को जोड़ने से द्विपक्षीय वित्तीय संदेश गतिविधियों को प्रोत्साहन मिलेगा।
-
लंदन. यूरोपीय पुनर्गठन एवं विकास बैंक (ईबीआरडी) की अध्यक्ष ओडिले रेनॉ-बासो की रविवार से शुरू हो रही भारत यात्रा के दौरान जी20 देशों के वित्त मंत्रियों की बैठक के अलावा बहुपक्षीय विकास बैंकों में सुधार का एजेंडा भी चर्चा में रहने की संभावना है। रेनॉ-बासो अपनी भारत यात्रा की शुरुआत रविवार को गांधीनगर में जी20 देशों के वित्त मंत्रियों एवं केंद्रीय बैंकों के गवर्नरों की बैठक से करेंगी। उसके बाद वह राजधानी दिल्ली में आयोजित भारतीय उद्योग परिसंघ के एक गोलमेज सम्मेलन में शिरकत करेंगी। यह सम्मेलन पश्चिम एवं मध्य एशिया और उत्तर अफ्रीकी देशों में ईबीआरडी के सदस्य देशों की गतिविधियों में भारत के निजी क्षेत्र के लिए उपलब्ध अवसरों पर चर्चा करेगा। ईबीआरडी की पहली महिला प्रमुख रेनॉ-बासो ने भारत दौरे की शुरुआत के पहले दिए एक साक्षात्कार में कहा, "जी20 विमर्श के केंद्र में शामिल बहुपक्षीय विकास बैंक में सुधार से संबंधित हरेक मुद्दा हमारी चर्चा के लिए अहम है। वैश्विक चुनौतियों के बीच भारत को जी20 अध्यक्ष के तौर पर बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है।" लंदन स्थित मुख्यालय वाले ईबीआरडी की एक बहुपक्षीय विकास बैंक के रूप में स्थापना 1991 में हुई थी। शीत युद्ध की समाप्ति के बाद उभरते यूरोप में निजी एवं उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए इसकी स्थापना की गई थी। भारत भी इसके 71 शेयरधारक देशों में से एक है। ईबीआरडी उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं में कुछ मानकों के आधार पर निवेश करता है ताकि ये देश अधिक प्रतिस्पर्द्धी, अधिक समावेशी, अधिक जुझारू और अधिक एकीकृत बन सकें और उनका शासन भी बेहतर हो। रेनॉ-बासो ने कहा, "हम भारत की निजी कंपनियों के साथ काम करते रहे हैं और हम सह-निवेश या सह-वित्तपोषण वाली परियोजनाओं की संभावनाएं तलाश रहे हैं। इसमें हरित क्षेत्र और जलवायु परिवर्तन के अलावा दवा, सूचना प्रौद्योगिकी, कृषि-व्यवसाय और सेवा क्षेत्र में सहयोग अहम होगा।" आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, इस साल जून में भारत और ईबीआरडी का साझा निवेश 1.1 अरब डॉलर था जिसमें ईबीआरडी ने 88.1 करोड़ डॉलर का वित्तपोषण किया था।
-
नई दिल्ली। घरेलू शेयर बाजारों (Stock Market) में शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन तेजी रही और सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियों में भारी लिवाली तथा विदेशी पूंजी प्रवाह जारी रहने से बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) पहली बार 66,000 अंक के ऊपर बंद हुआ। एनएसई निफ्टी भी अब तक के उच्चतम स्तर पर बंद हुआ। वैश्विक शेयर बाजारों में तेजी से भी स्थानीय बाजार को समर्थन मिला।
तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स (Sensex) 502.01 अंक यानी 0.77 प्रतिशत उछलकर अबतक के उच्चतम स्तर 66,060.90 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान सेंसेक्स एक समय 600.9 अंक चढ़कर 66,159.79 अंक के रिकॉर्ड स्तर तक भी चला गया था।नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी (Nifty) भी 150.75 अंक यानी 0.78 प्रतिशत की तेजी के साथ रिकॉर्ड 19,564.50 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान निफ्टी 181.6 अंक उछलकर 19,595.35 अंक के उच्चतम स्तर तक भी चला गया था।सेंसेक्स के समूह में शामिल शेयरों में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) पांच प्रतिशत से अधिक और टेक महिंद्रा 4.51 प्रतिशत मजबूत हुए। इन्फोसिस, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, विप्रो, टाटा स्टील, नेस्ले, एशियन पेंट्स, लार्सन एंड टुब्रो और हिंदुस्तान यूनिलीवर भी प्रमुख रूप से लाभ में रहे।दूसरी तरफ, नुकसान में रहने वाले शेयरों में महिंद्रा एंड महिंद्रा, पावर ग्रिड, टाइटन, मारुति, अल्ट्राटेक सीमेंट, एनटीपीसी और एक्सिस बैंक शामिल हैं।एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, चीन का शंघाई कंपोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग लाभ में जबकि जापान का निक्की नुकसान में रहा। यूरोप के प्रमुख बाजारों में शुरूआती कारोबार में ज्यादातर में तेजी का रुख रहा। अमेरिकी बाजार बृहस्पतिवार को बढ़त में रहे थे।इस बीच, खाद्य, ईंधन और विनिर्मित वस्तुओं के दाम में नरमी से थोक मुद्रास्फीति में जून में बड़ी गिरावट आई और यह शून्य से 4.12 प्रतिशत नीचे रही।जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘अमेरिका में महंगाई दर में नरमी से निवेशकों में यह भरोसा जगा है कि नीतिगत दर में 0.25 प्रतिशत की वृद्धि अर्थव्यवस्था की स्थिरता के लिये पर्याप्त होगी। संभावना बेहतर होने से पहली तिमाही के हल्के वित्तीय परिणामों के बावजूद आईटी कंपनियों के शेयरों में लिवाली देखने को मिली।’’उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा, लगातार तीसरे महीने थोक मुद्रास्फीति में गिरावट से भी चौतरफा तेजी को समर्थन मिला।’’ शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार विदेशी संस्थागत निवेशक बृहस्पतिवार को लिवाल रहे और उन्होंने 2,237.93 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे। इस बीच, वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.09 प्रतिशत की गिरावट के साथ 81.29 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गया। -
नई दिल्ली। टेस्ला के सीईओ ईलॉन मस्क ने भारत में अपनी फेमस कार कंपनी टेस्ला का प्लांट लगाने को लेकर निवेश के लिए केंद्र सरकार के साथ बातचीत शुरू कर दी है। रिपोर्ट के अनुसार, टेस्ला भारत में सालाना 5 लाख इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) की क्षमता वाला कार प्लांट स्थापित करने का प्रस्ताव रखा है। सबसे बड़ी बात यह है कि टेस्ला की कार कीमत भारत में 20 लाख रुपये से शुरू हो जायेगी।
टेस्ला का पहले से ही चीन में प्लांट है और कंपनी अब इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के अन्य बाजारों में अपनी गाड़ियों को सप्लाई करने के लिए भारत को एक्सपोर्ट बेस के रूप में देख रही है। रिपोर्ट में कहा गया, “टेस्ला (Tesla) एक महत्वाकांक्षी योजना के साथ हमारे पास आया है और हमें विश्वास है कि इस बार कदम पॉजिटिव होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि इसमें लोकल लेवल पर मैन्युफेक्चरिंग और एक्सपोर्ट दोनों शामिल हैं।”रिपोर्ट के अनुसार, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के प्रतिनिधि चर्चा कर रहे हैं और सरकार को पॉजिटिव निष्कर्ष की उम्मीद है।इससे पहले टेस्ला के सीईओ ने कहा था कि भारत में सौर ऊर्जा, स्थिर बैटरी पैक और इलेक्ट्रिक वाहनों समेत सस्टेनेबल एनर्जी फ्यूचर की मजबूत संभावनाएं हैं।बता दें कि पीएम मोदी ने हाल ही में अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान मस्क के साथ मुलकाता की थी। मुलाकात के बाद मस्क ने प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ़ करते हुए कहा था कि वह उनके बहुत बड़े ‘फैन’ है।मस्क ने मीडियाकर्मियों के साथ बातचीत में कहा था कि मोदी अपने देश की बहुत परवाह करते है और उन्होंने भारत में निवेश करने के लिए कहा है।टेस्ला के अलावा मस्क की सेटलाइट आधारित इंटरनेट प्रोवाइडर कंपनी स्टारलिंक भी भारतीय बाजार में अपनी उपस्थिति स्थापित करने के लिए कदम उठा रही है। कंपनी ने आवश्यक मंजूरी हासिल करने के लिए पहले ही संबंधित सरकारी नियामकों के पास आवेदन कर दिया है। - गुरुग्राम । केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ‘‘डायनामाइट से मेटावर्स'' तथा ‘‘हवाला से लेकर क्रिप्टोकरेंसी'' तक सुरक्षा चुनौतियां बढ़ने के प्रति वैश्विक समुदाय को आगाह किया और जी-20 देशों से पारंपरिक सीमाओं से परे जाकर इन साइबर अपराधों को नियंत्रित के लिए वास्तविक समय पर जानकारी साझा करने को कहा। शाह ने ‘‘कृत्रिम मेधा, मेटावर्स और एनएफटी के युग में अपराध तथा साइबर सुरक्षा'' पर जी-20 सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि आतंकवादियों द्वारा वित्तीय लेनदेन के लिए नये तरीके तथा नयी तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे सुरक्षा तंत्र तथा डिजिटल ढांचे के लिए खतरा पैदा हो गया है। उन्होंने ‘‘डार्कनेट, मेटावर्स, डीपफेक, रैंसमवेयर'' और टूलकिट-आधारित गलत सूचना अभियानों एवं महत्वपूर्ण सूचनाओं तथा वित्तीय प्रणालियों का गलत इस्तेमाल करके साइबर अपराधियों से उत्पन्न खतरों को भी रेखांकित किया।केंद्रीय गृह मंत्री ने किसी का नाम लिए बिना कहा कि कुछ असामाजिक तत्व और वैश्विक ताकतें नागरिकों तथा सरकारों को आर्थिक और सामाजिक नुकसान पहुंचाने के लिए प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर रही हैं। उन्होंने कहा, ‘‘जी-20 ने अब तक आर्थिक दृष्टिकोण के लिए डिजिटल बदलाव, डेटा प्रवाह पर ध्यान केंद्रित किया लेकिन अब अपराध तथा सुरक्षा पहलुओं को समझना तथा समाधान तलाशना अधिक महत्वपूर्ण हो गया है।'' शाह ने कहा कि ऐसी गतिविधियां राष्ट्रीय स्तर पर चिंता का कारण हैं क्योंकि ये राष्ट्रीय सुरक्षा, कानून व्यवस्था तथा अर्थव्यवस्था को सीधे तौर पर प्रभावित करती हैं। उन्होंने कहा, ‘‘यदि इस तरह के अपराधों और अपराधियों को रोकना है तो हमें पारंपरिक भौगोलिक सीमाओं से ऊपर उठकर सोचना और कार्य करना होगा। शाह ने कहा, ‘‘मनुष्यों, समुदायों और देशों को करीब लाने में प्रौद्योगिकी का अहम योगदान है, लेकिन कुछ वैश्विक ताकतें और असामाजिक तत्व भी प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल नागरिकों और सरकारों को आर्थिक तथा सामाजिक नुकसान पहुंचाने के लिए कर रहे हैं।'' केंद्रीय गृह मंत्री ने सीमा पार से सक्रिय साइबर अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए कई सुझाव दिए जिनमें सभी देशों के कानूनों में एकरूपता लाना, देशों के विभिन्न कानूनों के तहत एक प्रतिक्रिया तंत्र विकसित करना, सभी देशों की साइबर एजेंसियों के बीच अधिक समन्वय स्थापित करना आदि शामिल है। उन्होंने कहा, ‘‘साइबर सुरक्षा नीतियों के प्रति एकीकृत तथा स्थिर रुख से सूचना साझा करने में भरोसा बढ़ेगा, एजेंसी के नियम आड़े नहीं आएंगे तथा संसाधनों की कमी दूर होगी। सदस्य देशों के बीच ‘वास्तविक समय में साइबर खतरे से जुड़ी खुफिया जानकारी' साझा करना समय की जरूरत है।'' शाह ने कहा, ‘‘इंटरनेट के बारे में हमारा दृष्टिकोण इतना भी स्वतंत्र नहीं होना चाहिए कि हमारे देशों के अस्तित्व को खतरे में डालते हों।'' उन्होंने कहा, ‘‘कई देशों में साइबर हमले हो चुके हैं और ये खतरे दुनिया के सभी प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं वाले देशों पर मंडरा रहे हैं। विश्व बैंक के अनुमान के अनुसार साइबर हमलों से दुनियाभर को 2019-2023 के बीच 5200 अरब डॉलर का नुकसान पहुंचा होगा। क्रिप्टो करेंसी का इस्तेमाल-इसे रोकने और पहचान करने की प्रक्रिया को और जटिल बनाती है।'' गृह मंत्री ने यह भी सुझाव दिया कि सूचना और संचार प्रौद्योगिकी के आपराधिक इस्तेमाल पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के अनुरूप, साक्ष्यों का शीघ्र संरक्षण, जांच और समन्वय आवश्यक है। उन्होंने कहा कि आने वाली प्रौद्योगिकियों से निपटने के लिए ‘कम्प्यूटर इंमजेंसी रिस्पॉन्स टीम्स' (सीईआरटीएस) को मजबूत बनाने की आवश्यकता है।
-
लंदन. गूगल ने बृहस्पतिवार को बताया कि वह अपने एआई संचालित चैटबॅाट बार्ड का विस्तार करते हुए इसे यूरोप और ब्राजील में उपलब्ध करा रहा है। कंपनी ने यह भी बताया कि वह बार्ड में और अधिक सुविधाएं जोड़ रही है। कंपनी ने यह घोषणा ऐसे समय में की है, जब वह वाणिज्यिक इस्तेमाल के लिए कृत्रिम मेधा विकसित करने की दौड़ में अपनी प्रतिद्वंद्वी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट को टक्कर देना चाहती है, जो अपने बिंग सर्च इंजन में ओपनएआई की लोकप्रिय चैटजीपीटी सेवा का उपयोग करती है। गूगल ने एक ब्लॉग पोस्ट में सुधारों के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि बार्ड का उपयोग अब अरबी, चीनी, जर्मन, हिंदी और स्पेनिश सहित 40 से अधिक भाषाओं में किया जा सकता है। गूगल ने बार्ड को फरवरी में लॉन्च किया था। ये यूरोपीय संघ (ईयू) के देशों में पिछले महीने उपलब्ध कराने की योजना थी, लेकिन इस सेवा के ईयू के निजता संबंधी कड़े नियमों के अनुरूप होने संबंधी जांच के कारण इसमें देरी हो गई। ‘आयरिश डेटा संरक्षण आयोग' ने बताया कि उसने गूगल को अधिक जानकारी के लिए प्रश्नों की एक विस्तृत सूची भेजी थी, जिसके परिणामस्वरूप गूगल ने इस सेवा को बृहस्पतिवार को यूरोप में उपलब्ध कराने से पहले ‘‘कई बदलाव किए'', जिनमें ‘‘विशेष रूप से पारदर्शिता में वृद्धि और उपयोगकर्ताओं के लिए नियंत्रण संबंधी बदलाव'' शामिल हैं।
-
नयी दिल्ली. कृषि मंत्रालय ने बुधवार को बैंकों से कृषि क्षेत्र में आवश्यक बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए एक लाख करोड़ रुपये के कृषि अवसंरचना कोष (एआईएफ) को बढ़ावा देने को कहा। कृषि अवसंरचना कोष फसल कटाई के बाद प्रबंधन बुनियादी ढांचे और सामुदायिक कृषि परिसंपत्तियों के निर्माण के लिए आठ जुलाई, 2020 को शुरू की गई एक वित्तपोषण सुविधा है। इस योजना के तहत वित्तवर्ष 2025-26 तक एक लाख करोड़ रुपये का वितरण किया जाना है और ब्याज सहायता और क्रेडिट गारंटी सहायता वर्ष 2032-33 तक दी जाएगी। एक सरकारी बयान के अनुसार, कृषि सचिव मनोज आहूजा ने बुधवार को कृषि बुनियादी ढांचा कोष के तहत बैंकों के लिए भारत (बैंक्स हेराल्डिंग एक्सेलेरेटेड रूरल एंड एग्रीकल्चर ट्रांसफॉर्मेशन) नामक एक नया अभियान शुरू किया। बयान में कहा गया है, ‘‘7,200 करोड़ रुपये के लक्ष्य के साथ एक महीने तक चलने वाला यह अभियान (15 जुलाई से 15 अगस्त तक) वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से शुरू किया गया था, जिसमें 100 से अधिक बैंक अधिकारियों ने भाग लिया। इसमें सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के वाणिज्यिक बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, लघु वित्त बैंक, एनबीएफसी और चुनिंदा सहकारी बैंक के प्रबंध निदेशक / अध्यक्ष, कार्यकारी निदेशक शामिल थे।'' सचिव ने सभी बैंकों से देश में कृषि बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की व्यापक संभावनाओं को देखते हुए लक्ष्य हासिल करने को कहा। बैंकों को योजना के तहत बनाई गई परियोजनाओं के जमीनी स्तर पर प्रभाव का आकलन करने की भी सलाह दी गई।
-
नयी दिल्ली. टमाटर की कीमतों में आए उछाल के बीच ग्राहकों को राहत देने के लिए केंद्र सरकार शुक्रवार से राष्ट्रीय राजधानी और कुछ अन्य शहरों में रियायती दरों पर टमाटर की बिक्री करेगी। कुछ शहरों में इस प्रमुख खाद्य उत्पाद की कीमत 200 रुपये प्रति किलोग्राम से भी अधिक हो गई है।
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने बुधवार को इस फैसले की घोषणा करते हुए कहा कि टमाटर की बिक्री राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ (नेफेड) और राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ (एनसीसीएफ) की तरफ से की जाएगी। उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने कहा कि दिल्ली एवं राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर), उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल में टमाटर रियायती दरों पर बेचे जाएंगे। इसके अलावा पटना, वाराणसी, कानपुर और कोलकाता में भी रियायती टमाटर उपलब्ध होंगे। सिंह ने कहा, ‘‘टमाटर विभिन्न क्षेत्रों में मौजूदा भाव से काफी कम दाम पर बेचे जाएंगे। यह उस दिन के बाजार भाव से कम-से-कम 30 प्रतिशत कम होगा। यह कदम उपभोक्ताओं को राहत देने के इरादे से प्रेरित है।'' मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि नेफेड और एनसीसीएफ दोनों कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र के प्रमुख उत्पादक केंद्रों से टमाटर खरीदेंगे और इसे उन बाजार स्थलों में बेचेंगे जहां खुदरा कीमतें पिछले एक महीने में सबसे अधिक बढ़ी हैं। सिंह ने कहा, ‘‘यह पहला मौका है जब हम खुदरा बाजारों में टमाटर खरीदेंगे और बेचेंगे। हमने प्याज के लिए भी ऐसा किया। यह एक चुनौतीपूर्ण काम होने वाला है क्योंकि टमाटर एक जल्द खराब होने वाली खाद्य वस्तु है।'' दिल्ली-एनसीआर में एनसीसीएफ अपने बिक्री केंद्रों, मोबाइल वैन, मदर डेयरी के सफल स्टोर और केंद्रीय भंडार बिक्री केन्द्रों के जरिए टमाटर बेचेगा। सिंह ने कहा कि अन्य शहरों में नेफेड और एनसीसीएफ दोनों अपने-अपने बिक्री केंद्रों के माध्यम से रियायती दरों पर टमाटर बेचेंगे या इसके लिए स्थानीय स्तर पर गठजोड़ करेंगे। उनके अनुसार, कीमतें कम होने तक टमाटरों की रियायती दरों पर बिक्री जारी रहेगी। अगस्त की शुरुआत तक टमाटर के दाम नरम होने की संभावना है। मंत्रालय ने कहा कि रियायती टमाटर बेचे जाने वाले शहरों की पहचान पिछले एक महीने में खुदरा कीमतों में भारी वृद्धि के आधार पर की गई है। मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, बुधवार को टमाटर का औसत अखिल भारतीय खुदरा मूल्य 111.71 रुपये प्रति किलोग्राम रहा। पंजाब के बठिंडा में 203 रुपये प्रति किलोग्राम का सर्वाधिक भाव रहा जबकि न्यूनतम दर कर्नाटक के बीदर में 34 रुपये प्रति किलोग्राम थी। महानगरों में से टमाटर की खुदरा कीमत दिल्ली में सबसे अधिक 150 रुपये प्रति किलोग्राम थी। इसके बाद मुंबई में 137 रुपये प्रति किलोग्राम, कोलकाता में 137 रुपये प्रति किलोग्राम और चेन्नई में 123 रुपये प्रति किलोग्राम का भाव रहा। टमाटर की कीमतों में आमतौर पर जुलाई-अगस्त और अक्टूबर-नवंबर की अवधि के दौरान तेजी आती हैं, जो आम तौर पर कम उत्पादन वाले महीने होते हैं। मानसून के कारण आपूर्ति में व्यवधान के कारण दरों में और वृद्धि हुई है। मंत्रालय ने कहा कि महाराष्ट्र के नासिक जिले से जल्द ही नई फसल आने की उम्मीद है। अगस्त में नारायणगांव और औरंगाबाद क्षेत्र से भी अतिरिक्त आपूर्ति आने की उम्मीद है। मध्य प्रदेश से भी आवक शुरू होने की उम्मीद है। मंत्रालय ने कहा, ‘‘निकट भविष्य में कीमतें कम होने की उम्मीद है।''
टमाटर का उत्पादन लगभग सभी राज्यों में अलग-अलग मात्रा में किया जाता है। अधिकतम उत्पादन भारत के दक्षिणी और पश्चिमी क्षेत्रों में होता है, जो अखिल भारतीय उत्पादन में 56-58 प्रतिशत का योगदान देता है।
-
नयी दिल्ली. केंद्र ने बुधवार को सहकारी समितियों नेफेड और राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ (एनसीसीएफ) को आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र से टमाटर खरीदने का निर्देश दिया। आम लोगों को राहत देने के लिए प्रमुख उपभोक्ता केंद्रों पर घटी दरों के साथ टमाटर वितरित किए जाएंगे। गौरतलब है कि पिछले एक महीने में टमाटर की खुदरा कीमतों तेजी से बढ़ी हैं। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि 14 जुलाई से दिल्ली-एनसीआर के उपभोक्ताओं को घटी दरों पर खुदरा दुकानों के जरिए टमाटर बेचे जाएंगे। भारी बारिश के कारण आपूर्ति बाधित होने से देश के कई हिस्सों में टमाटर की खुदरा कीमतें 200 रुपये प्रति किलोग्राम तक बढ़ गई हैं। राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नेफेड) और राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ (एनसीसीएफ) टमाटर खरीदेंगे। मंत्रालय के अनुसार पिछले एक महीने में जिन स्थानों पर खुदरा कीमतें राष्ट्रीय औसत से अधिक रही हैं, वहां टमाटर घटी कीमतों पर वितरित किए जाएंगे। मंत्रालय ने कहा कि जिन स्थानों पर टमाटर की खपत अधिक है, वितरण के लिए उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी।
मंत्रालय ने यह भी कहा कि आमतौर पर जुलाई-अगस्त और अक्टूबर-नवंबर में टमाटर का उत्पादन कम होता है। इसके अलावा जुलाई में मानसून के चलते आवागमन संबंधी बाधाओं के चलते भी कीमतें बढ़ी हैं। दिल्ली और आपास के क्षेत्रों में आवक मुख्य रूप से हिमाचल प्रदेश से होती है। इसके अलावा दक्षिण के राज्य टमाटर उत्पादन में अग्रणी हैं। मंत्रालय ने कहा कि नासिक जिले से नयी फसल की आवक जल्द होने की उम्मीद है। बयान के मुताबिक, ''निकट भविष्य में कीमतें कम होने की उम्मीद है। - नयी दिल्ली। माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद ने ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों, कसीनो और घुड़दौड़ में दांव पर लगायी जाने वाली कुल राशि पर 28 प्रतिशत की दर से कर लगाने का मंगलवार को फैसला किया। सिनेमाघरों में बिकने वाले खाने-पीने के सामान पर कर की दर घटाने के साथ उपकर के लिये एसयूवी की परिभाषा को भी बदल दिया गया है। परिषद ने कैंसर के इलाज वाली दवा डिनुटूक्सिमैब और दुर्लभ बीमारियों में इस्तेमाल होने वाली औषधि को जीएसटी दायरे से बाहर रखने का भी फैसला किया। इसके अलावा निजी कंपनियों की तरफ से दी जाने वाली उपग्रह प्रक्षेपण सेवाओं को भी जीएसटी से छूट देने का निर्णय किया गया है। सिनेमाघरों में परोसे जाने वाले खाने-पीने के सामान पर अब 18 प्रतिशत के बजाए पांच प्रतिशत जीएसटी लगेगी। यह दर होटल और रेस्तरां में लगने वाले शुल्क के बराबर है।कई मामलों में सिनेमाघर खान-पान के सामान पर 18 प्रतिशत जीएसटी ले रहे थे। इसके साथ ही 28 प्रतिशत जीएसटी के अलावा 22 प्रतिशत उपकर लगाने को लेकर एसयूवी (स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल) की परिभाषा में भी बदलाव किया गया है। यह दर उन एसयूवी पर लगेगा जिनकी लंबाई चार मीटर या उससे अधिक, इंजन क्षमता 1,500 सीसी या उससे अधिक और बिना वजन के उसका ‘ग्राउंड क्लियरेंस' न्यूनतम 170 मिमी है। इस परिभाषा में सेडान शामिल नहीं है।केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने परिषद की 50वीं बैठक में लिये गये फैसलों की जानकारी देते हुए कहा कि ऑनलाइन गेमिंग, कसीनों पर अधिकतम दर से कर लगाने के पीछे इरादा किसी उद्योग को खत्म करना नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘परिषद की बैठक में इस नैतिक प्रश्न पर भी चर्चा की गई। इसका मतलब यह नहीं है कि उन्हें आवश्यक उद्योगों से अधिक बढ़ावा दिया जाए।'' सीतारमण ने कहा, ‘‘हम शुद्ध रूप से यह देख रहे हैं कि किस पर कर लगाया जा रहा है क्योंकि यह मूल्य सृजित करता है, लाभ कमाया जा रहा है... दांव लगाकर जो लोग जीतते हैं, उसके आधार पर कर लगाया जा रहा है। आज के फैसले में यह देखा गया है कि किस पर कर लगाया जाना है और किस पर नहीं।'' उन्होंने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ऑनलाइन गेमिंग के नियामकीय पहलू को देख रहा है, जबकि जीएसटी परिषद ने केवल कर के संबंध में निर्णय लिया है। ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों पर कर इस आधार पर कोई भेदभाव किये बगैर लगाया जाएगा कि खेल के लिए कौशल की जरूरत है या वे संयोग पर आधारित हैं। ऑनलाइन गेमिंग, घुड़दौड़ और कसीनो को लॉटरी और जुए की तरह ‘कार्रवाई योग्य दावे' के रूप में परिभाषित करने के लिये जीएसटी कानून में संशोधन का विधेयक संसद के आगामी मानसून सत्र में लाए जाने की संभावना है। मंत्री समूह को इस पर विचार करना था कि इन तीनों गतिविधियों में दांव पर लगने वाली समूची राशि पर कर लगाया जाए या सकल गेमिंग राजस्व या सिर्फ मंच की तरफ से वसूले जाने वाले शुल्क पर कर लगाया जाए। परिषद ने जीएसटी से संबंधित विवादों के निपटान के लिए सभी राज्यों में अपीलीय न्यायाधिकरणों के गठन से संबंधित नियमों एवं शर्तों को मंजूरी दी है। देश भर में करीब 50 न्यायाधिकरण गठित किए जाएंगे और अगले चार-छह महीनों में ये काम करना शुरू कर देंगे।
- नयी दिल्ली । ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों ने मंगलवार को कहा कि 28 प्रतिशत जीएसटी लगाने के फैसले से नए गेम में निवेश करने की उनकी क्षमता सीमित होने के साथ नकद प्रवाह और कारोबार विस्तार पर भी असर पड़ेगा। जीएसटी परिषद की बैठक में ऑनलाइन गेमिंग, कसीनो और घुड़दौड़ पर पूर्ण कारोबार मूल्य पर 28 प्रतिशत की दर से कर लगाने का फैसला किया गया है। नजारा, गेम्सक्राफ्ट, जुपी और विंजो जैसी गेमिंग कंपनियों का प्रतिनिधित्व करने वाले ऑल इंडिया गेमिंग फेडरेशन (एआईजीएफ) ने कहा कि जीएसटी परिषद का यह फैसला असंवैधानिक और तर्कहीन है।एआईजीएफ के मुख्य कार्यपालक अधिकारी रोलैंड लैंडर्स ने कहा, "यह निर्णय पूरे भारतीय गेमिंग उद्योग को खत्म कर देगा और लाखों लोगों की नौकरी चली जाएगी। इससे सिर्फ राष्ट्र-विरोधी गैरकानूनी विदेशी मंच ही लाभान्वित होंगे।" उन्होंने कहा कि जब केंद्र सरकार इस उद्योग का समर्थन करती रही है तो इस मामले का विस्तार से अध्ययन करने वाले मंत्री समूह (जीओएम) के अधिकांश सुझाव नजरअंदाज करते हुए कानूनी रूप से ऐसा कमजोर निर्णय लिया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों ने सरकार और जीएसटी परिषद से 28 प्रतिशत के बजाय 18 प्रतिशत जीएसटी लगाने का अनुरोध किया था। इंडियाप्लेज के मुख्य परिचालन अधिकारी आदित्य शाह ने कहा, "28 प्रतिशत कर लगाने से गेमिंग उद्योग के लिए चुनौतियां बढ़ जाएंगी। ऊंचे कर का बोझ कंपनियों के नकद प्रवाह को प्रभावित करेगा जिससे नवाचार, अनुसंधान और व्यापार विस्तार में निवेश करने की उनकी क्षमता भी सीमित हो जाएगी।" उन्होंने यह भी कहा कि कौशल-आधारित गेम और सट्टेबाजी में लगे ऐप्स या कसीनो के साथ एक जैसा बर्ताव नहीं होना चाहिए। गेम्स 24x7 और जंगली गेम्स जैसी कंपनियों के संगठन ई-गेमिंग फेडरेशन ने कहा कि कर का बोझ बढ़ने से ऑनलाइन गेमिंग उद्योग न केवल अव्यवहार्य हो जाएगा बल्कि यह वैध कर-भुगतान करने वाली इकाइयों के बजाय काला बाजारी करने वाले परिचालकों को बढ़ावा देगा।
- नई दिल्ली। . वस्तु और सेवाकर-जीएसटी परिषद ने कैंसर और असाधारण बीमारियों के उपचार की दवाओं और विशेष चिकित्सा के लिए खाद्य उत्पादों को वस्तु और सेवा कर से छूट देने का निर्णय लिया है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने कल नई दिल्ली में जीएसटी परिषद की 50वीं बैठक की अध्यक्षता की। बैठक के बाद वित्तमंत्री ने कहा कि ऑनलाइन गेमिंग, घुड़दौड़ और कैसीनो पर 28 प्रतिशत कर लगाया जाएगा। वित्तमंत्री ने कहा कि बिना पके, बिना तले स्नैक्स पर जीएसटी दरें 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दी गई हैं। नकली ज़री के धागों पर दरें 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दी गई हैं।
- नयी दिल्ली। कृषि-ड्रोन बनाने वाली कंपनी आयोटेकवर्ल्ड एविगेशन को अग्रणी सहकारी संस्था इफको से 500 ड्रोन की आपूर्ति का ऑर्डर मिला है। इन ड्रोन का इस्तेमाल मुख्य रूप से नैनो तरल यूरिया और डीएपी के छिड़काव के लिए किया जाएगा। भारतीय कृषक उर्वरक सहकारी लि. (इफको) की योजना नैनो यूरिया और नैरो डाइअमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) के छिड़काव के लिए 2,500 कृषि-ड्रोन खरीदने की है। इफको का 5,000 ग्रामीण उद्यमियों को प्रशिक्षण देने का भी इरादा है। इन ग्रामीणों को ड्रोन के जरिये छिड़काव का प्रशिक्षण दिया जाएगा। आयोटेकवर्ल्ड एविगेशन के सह-संस्थापक अनूप उपाध्याय ने बयान मे कहा, ‘‘कंपनी इफको को दिसंबर, 2023 तक 500 ड्रोन की आपूर्ति करेगी।'' गुरुग्राम मुख्यालय वाली कंपनी देश की पहली डीजीसीए प्रकार के प्रमाणित ड्रोन ‘एग्रीबॉट' की विनिर्माता है। आयोटेकवर्ल्ड को कृषि रसायन कंपनी धानुका एग्रीटेक का समर्थन हासिल है।
- -जेएसपी के चेयरमैन नवीन जिन्दल ने कहा- यह छात्रावास बच्चों को खेल व शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करने के अवसर प्रदान करने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है-जेएसपी फाउंडेशन की चेयरपर्सन शालू जिन्दल ने कहा -"यह छात्रावास विश्वस्तरीय सुविधाएं, और कौशल प्रदान कर खेल एवं शिक्षा के क्षेत्र में बच्चों के भविष्य का निर्माण करेगारायपुर। जाने-माने उद्योगपति और जिन्दल स्टील एंड पावर (जेएसपी) के चेयरमैन श्री नवीन जिन्दल एवं जेएसपी फाउंडेशन की चेयरपर्सन श्रीमती शालू जिन्दल ने ओडिशा के क्योंझर जिले के बड़बिल स्थित सोयाबाली में जिन्दल खेल छात्रावास का शानदार उपहार दिया है। 60 खिलाड़ियों को विश्वस्तरीय प्रशिक्षण एवं पोषण सुविधाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से बनाया गया यह छात्रावास ग्रामीण क्षेत्र की प्रतिभाओं के चैम्पियन बनने के सपने साकार करने में योगदान करेगा। यहां उनके लिए उत्तम शिक्षा एवं कौशल विकास प्रशिक्षण की व्यवस्था भी की गई है।जेएसपी फाउंडेशन द्वारा स्थापित जिन्दल खेल छात्रावास के लोकार्पण के लिए बड़बिल में कल आयोजित विशेष कार्यक्रम में श्री नवीन जिन्दल ने कहा कि खेलों से चरित्र निर्माण, अनुशासन, टीम भावना और चुनौतियों पर विजय पाने की क्षमता का विकास होता है। "यह खेल छात्रावास युवाओं और बच्चों को खेल व शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करने के अवसर प्रदान करने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह एक ऐसा मंच है, जहां उनके लिए समग्र पोषण की व्यवस्था की गई है, जिसका लाभ उठाकर वे सीखने, आगे बढ़ने और अंततः चैम्पियन, रोल मॉडल और लीडर बनने में सक्षम हो सकते हैं।"इस अवसर पर जेएसपी फाउंडेशन की चेयरपर्सन श्रीमती शालू जिन्दल ने कहा कि युवाओं के विकास में शिक्षा और खेलों की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि यह छात्रावास समाज के कमजोर वर्गों को समान अवसर उपलब्ध कराकर उन्हें सशक्त बनाने की दिशा में जेएसपी फाउंडेशन की अनूठी पहल है, जिससे समृद्ध एवं न्यायप्रिय भारत के निर्माण का मार्ग प्रशस्त होगा। "यह छात्रावास विश्वस्तरीय सुविधाएं, पोषण, प्रशिक्षण, स्कूली शिक्षा और कौशल प्रदान कर खेल एवं शिक्षा के क्षेत्र में बच्चों के भविष्य का निर्माण करेगा। हम जनजातीय बहुल बड़बिल क्षेत्र के बच्चों को आश्वासन देते हैं कि उन्होंने शिक्षा और खेलों में जो ऊंचाइयां छूने का सपना देखा है, उसे पूरा कराने में हम उनका पूरा साथ देंगे।''खेलों के लिए बुनियादी ढांचा विकास के ओडिशा सरकार के मानकों के अनुरूप जिन्दल खेल छात्रावास में आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। यहां आरामदायक आवास, आधुनिक खेल उपकरण, चौथी पीढ़ी का जिम और अनुभवी प्रशिक्षकों के साथ-साथ समर्पित खेल प्रशिक्षण सुविधा उपलब्ध कराई गई है। इसके अलावा फाउंडेशन छात्रों को पौष्टिक भोजन और शारीरिक फिटनेस प्रशिक्षण भी प्रदान करेगा।जेएसपी फाउंडेशन क्योंझर जिले के युवाओं के बीच वुशु और किकबॉक्सिंग जैसे मार्शल आर्ट को प्रोत्साहित कर रहा है। एक दशक से भी अधिक समय से फाउंडेशन ओडिशा राज्य वुशु एसोसिएशन के सहयोग से क्योंझर जिला वुशु टीम को प्रायोजित कर रहा है। फाउंडेशन ने उन्हें राष्ट्रीय स्तर के प्रशिक्षकों के मार्गदर्शन में आवश्यक बुनियादी और प्रशिक्षण सुविधाओं के साथ-साथ भोजन, पोषण, परिधान और परिवहन की सुविधाएं उपलब्ध कराई हैं। इन प्रयासों के परिणामस्वरूप देश को श्वेता रानी, बबलू मुंडा और मंजू मुंडा जैसी प्रतिभाएं मिली हैं, जिन्होंने ब्राजील, ब्रुनेई और मॉस्को में आयोजित अंतरराष्ट्रीय वुशु प्रतियोगिताओं में रजत और स्वर्ण पदक जीते हैं।जेएसपी युवाओं को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है और उसे विश्वास है कि जिन्दल खेल छात्रावास इन प्रतिभाशाली बच्चों को खेल, शिक्षा और उससे भी आगे ले जाने में महत्वपूर्ण धुरी का काम करेगा। इसके अलावा क्योंझर जिले में यह छात्रावास खेलों में उभरती प्रतिभाओं को व्यापक समर्थन देकर उनके सपने साकार करने में महत्वपूर्ण भागीदारी निभाएगा।
- नयी दिल्ली ।' दोपहिया वाहन विनिर्माता हुंदै मोटर इंडिया ने सोमवार को अपना नया मॉडल ‘एक्सटर' बाजार में पेश करते हुए शुरुआती स्तर के स्पोर्ट्स यूटिलिटी वाहन (एसयूवी) खंड में कदम रखा। इस वाहन की शोरूम कीमत 5.99 लाख रुपये से शुरू है। टाटा मोटर्स के पंच मॉडल के मुकाबले में उतारा गया एक्सटर मॉडल 1.2 लीटर क्षमता वाले पेट्रोल इंजन से लैस है और यह मैनुअल एवं ऑटोमैटिक दोनों संस्करणों में उपलब्ध है। हुंदै ने इस मॉडल के मैनुअल संस्करण के एक लीटर पेट्रोल में 19.4 किलोमीटर चलने का दावा करते हुए कहा कि 5.99 लाख से शुरू होकर इसके उच्च संस्करण की कीमत 9.31 लाख रुपये रखी गई है। वहीं ऑटोमैटिक संस्करण वाले मॉडल की शुरुआती कीमत 7.96 लाख रुपये है और यह एक लीटर में अधिकतम 19.2 किलोमीटर की दूरी तय कर सकता है।कंपनी ने इस मॉडल को सीएनजी संस्करण में भी उतारा है जिसकी कीमत 8.23 लाख रुपये रखी गई है। कंपनी ने इस संस्करण के एक किलोग्राम में 27.1 किलोमीटर के माइलेज का दावा किया है। इस अवसर पर हुंदै मोटर इंडिया के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) उन्सू किम ने कहा कि एक्सटर को बाजार में पेश करने के साथ हुंदै सभी श्रेणियों में एसयूवी मॉडल पेश करने वाली कंपनी बन गई है। उन्होंने कहा कि इस मॉडल के विकास पर 950 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है। किम ने भारतीय बाजार के प्रति हुंदै मोटर की प्रतिबद्धता जताते हुए कहा कि अगले 10 वर्षों में यहां 20,000 करोड़ रुपये का निवेश करने की घोषणा हाल ही में की गई है। यह राशि उत्पादन क्षमता बढ़ाने, इलेक्ट्रिक मॉडल उतारने और तमिलनाडु में एक बैटरी संयंत्र लगाने पर खर्च की जाएगी। उन्होंने कहा कि हुंदै चेन्नई स्थित अपने उत्पादन संयंत्र की क्षमता को 8.2 लाख इकाई से बढ़ाकर 8.5 लाख इकाई तक पहुंचाना चाहती है। कंपनी के मुख्य परिचालन अधिकारी तरुण गर्ग ने उम्मीद जताई कि एक्सटर मॉडल नए ग्राहकों को आकर्षित करने के साथ एसयूवी खंड को भी मजबूती देगा। उन्होंने कहा, ‘‘यह देश में कंपनी का आठवां एसयूवी मॉडल है। इसके साथ हम एसयूवी के छह अलग-अलग उपखंडों में मौजूद इकलौती कंपनी हो गए हैं।''
- मुंबई। स्थानीय शेयर बाजारों में सोमवार को तेजी लौटी और बीएसई सेंसेक्स में 63.72 अंक की बढ़त आई। सूचकांक में मजबूत हिस्सेदारी रखने वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर में भारी लिवाली और विदेशी पूंजी प्रवाह जारी रहने से बाजार में तेजी रही। हालांकि, तिमाही नतीजे आने से पहले सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियों के शेयरों में बिकवाली से बाजार की बढ़त पर कुछ अंकुश लगा। कंपनियों के वित्तीय परिणाम इस सप्ताह से आने शुरू हो जाएंगे। शुक्रवार को आई तेज गिरावट के बाद 30 शेयरों पर आधारित सेंसेक्स 63.72 अंक यानी 0.10 प्रतिशत चढ़कर 65,344.17 अंक पर बंद हुआ।कारोबार के दौरान एक समय यह 353.04 अंक तक चढ़ गया था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 24.10 अंक यानी 0.12 प्रतिशत की बढ़त के साथ 19,355.90 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स के शेयरों में रिलायंस इंडस्ट्रीज सबसे अधिक 3.78 प्रतिशत मजबूत हुआ। इसके अलावा टाटा स्टील, भारती एयरटेल, इंडसइंड बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, अल्ट्राटेक सीमेंट, आईसीआईसीआई बैंक और टाटा मोटर्स में भी तेजी रही। दूसरी तरफ नुकसान में रहने वाले शेयरों में टाइटन, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, पावर ग्रिड, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, विप्रो, हिंदुस्तान यूनिलीवर, एक्सिस बैंक और नेस्ले शामिल हैं। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘घरेलू शेयर बाजारों में चौतरफा नरमी रही। लेकिन प्रमुख शेयरों में लिवाली से दोनों मानक सूचकांक मामूली बढ़त में रहने में कामयाब हुए। आईटी शेयरों में नरमी देखी गयी। कंपनियों के पहली तिमाही के परिणाम आने से पहले निवेशकों ने सतर्क रुख अपनाया। ऐसी आशंका है कि इन कंपनियों के नतीजे कुछ हल्के रहेंगे।'' उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा अमेरिकी बाजार से जो संकेत मिले हैं, वे अनुकूल नहीं हैं। अमेरिका में खुदरा मुद्रास्फीति में नरमी की उम्मीद के बावजूद एक बार और ब्याज दर में वृद्धि की संभावना जतायी जा रही है।'' रेलिगेयर ब्रोकिंग लि. के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (तकनीकी शोध) अजित मिश्रा ने कहा, ‘‘मिले-जुले रुख के बीच बाजार सीमित दायरे में रहा और हल्की बढ़त में बंद हुआ। शुरुआती कारोबार में रुख सकारात्मक था। इसका बड़ा कारण रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर में तेजी है। हालांकि, कारोबार आगे बढ़ने के साथ अन्य प्रमुख शेयरों में बिकवाली दबाव से लाभ पर कुछ अंकुश लगा।''बीएसई मिडकैप (मझोली कंपनियों के शेयरों के सूचकांक) 0.45 प्रतिशत और स्मॉलकैप (छोटी कंपनियों के शेयरों के सूचकांक) 0.26 प्रतिशत नीचे आया। एशिया के अन्य बाजारों में चीन का शंघाई कम्पोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग लाभ में जबकि दक्षिण कोरिया का कॉस्पी और जापान का निक्की नुकसान में रहे। यूरोप के प्रमुख बाजारों में शुरुआती कारोबार में तेजी का रुख रहा। अमेरिकी बाजार शुक्रवार को नुकसान में रहे थे। वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड का भाव 0.80 प्रतिशत की गिरावट के साथ 77.84 डॉलर प्रति बैरल रहा। शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों की लिवाली जारी है और उन्होंने शुक्रवार को 790.40 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे। बीएसई सेंसेक्स में शुक्रवार को 505.19 और निफ्टी में 165.50 अंक की गिरावट आई थी।
-
नई दिल्ली। वैश्विक बाजारों में बहुमूल्य धातुओं की कीमतों में गिरावट के बीच सोमवार को दिल्ली सर्राफा बाजार में सोना 95 रुपये टूटकर 59,505 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी।
पिछले कारोबारी सत्र में पीली धातु 59,600 रुपये प्रति 10 ग्राम के भाव पर बंद हुई थी। चांदी की कीमत 72,500 रुपये प्रति किलोग्राम पर स्थिर रही।वैश्विक बाजारों में सोना नुकसान के साथ 1,923 डॉलर प्रति औंस पर था। चांदी 23.09 डॉलर प्रति औंस पर स्थिर थी। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (जिंस) सौमिल गांधी ने कहा कि अमेरिकी डॉलर में मजबूती से सोने में कारोबार की शुरुआत कुछ नकारात्मक रुख के साथ हुई। -
नई दिल्ली। इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बनाने वाली कंपनी सोनी (Sony) ने नया वायरलेस ईयरबड WF-C700N (Sony Eardbud WF-C700N) लॉन्च किया है। इस ईयरबड की खास बात यह है कि यह एक टाइम पर दो अलग ब्ल्यूटूथ डिवाइस के साथ कनेक्ट हो सकता है। इस डिवाइस की कीमत 8,990 रुपये है और यह 15 जुलाई से खरीदने के लिए उपलब्ध हो जाएगा।
यह डिवाइस सोनी के रिटेल स्टोर्स के अलावा बड़े इलेक्ट्रॉनिक स्टोर्स, ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर मिलेगा। कंपनी का दावा है कि ईयरबड ग्राहकों को आरामदायक, समृद्ध और बेहतर साउंड क्वालिटी प्रदान करेगा।ईयरबड्स बैकग्राउंड नॉइस कैंसलेशन फीचर के साथ एम्बीयंट साउंड मॉड से लैसSony का WF-C700N ईयरबड बैकग्राउंड नॉइस कैंसलेशन फीचर के साथ ही एम्बीयंट साउंड मॉड से लैस है, जो अधिक नेचुरल और कनेक्टिड फील कराता है। यूजर्स एक क्लिक के साथ एम्बीयंट साउंड मॉड को नॉइज कैंसलेशन के ऑप्टशन से बदल सकते हैं।इसके अलावा डिवाइस खास अडेप्टिव साउंड कंट्रोल के साथ आता है, जो आस-पास के माहौल को पहचान लेता है और नॉइस कैंसलेशन तथा एम्बियंट साउंड के बीच मोड को ऑटोमैटिक रूप से एडजस्ट कर देता है।तीन रंगों में उपलब्धयह ईयरबड ब्लैक, सफ़ेद, lavender और हरे रंग में उपलब्ध होगा। डिवाइस कानों के आकार की परवाह किए बिना एक आरामदायक यूजर अनुभव का वादा करता है। ईयरबड एक बेलनाकार चार्जिंग केस के साथ आते हैं, जिसे ले जाना आसान है। इसके आलावा ईयरबड IPX4 वॉटर रेसिस्टेंस सुरक्षा के साथ आते हैं, जो उन्हें पानी के छींटों और पसीने की बूंदों से बचाता है। - नयी दिल्ली। दूरसंचार विभाग (डीओटी) 2024 में समाप्त होने जा रहे परमिट वाले स्पेक्ट्रम बैंड के साथ-साथ रेडियो तरंगों के एक सेट की नीलामी के लिए इस सप्ताह भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) से संपर्क करेगा। एक आधिकारिक सूत्र ने यह जानकारी दी। सूत्र ने कहा कि दूरसंचार विभाग चालू वित्त वर्ष की मार्च तिमाही में नीलामी कर सकता है।सूत्र ने कहा, “दूरसंचार विभाग कुछ दिनों में 2024 में नवीनीकरण के लिए आने वाले टेलीकॉम लाइसेंस के 37 गीगाहर्ट्ज बैंड और रेडियो तरंगों की नीलामी के लिए ट्राई को नियम-शर्तें भेजेगा।” दूरसंचार विभाग को उम्मीद है कि ट्राई जल्द ही उपग्रह संचार स्पेक्ट्रम के लिए नीलामी दिशानिर्देशों की सिफारिश करेगा, ताकि इसे मार्च तिमाही के लिए प्रस्तावित नीलामी में शामिल किया जा सके।
- नयी दिल्ली। अंतरिक्ष में अपनी कक्षा में चक्कर लगा रहे उपग्रहों में फिर से ईंधन भरने से लेकर पृथ्वी की सेहत पर नजर रखने तक, भारत के स्टार्टअप इससे वैश्विक वाणिज्यिक सहयोग के बड़े अवसर के द्वार खुलने की उम्मीद के साथ उपयुक्त बाजार तलाश रहे हैं। अंतरिक्ष क्षेत्र की कंपनियों का मानना है कि भारत के ‘आर्टेमिस संधि' पर हस्ताक्षर करने और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की हालिया अमेरिका यात्रा के दौरान अंतरिक्ष क्षेत्र, खास तौर से निर्यात पर नियंत्रण और प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण के मुद्दों की जुड़ी समस्याओं के समाधान पर जोर दिये जाने के बाद निजी क्षेत्र की कंपनियों के लिए अंतरिक्ष के क्षेत्र में अवसर उपलब्ध होंगे। भारत ने 2020 में अंतरिक्ष क्षेत्र के अपने बाजार को निजी क्षेत्र के लिए खोला था, जिसके बाद से 150 स्टार्टअप स्थापित हुए हैं जो रॉकेट और उपग्रह निर्माण, अंतरिक्ष यात्रियों के लिए प्रशिक्षण सुविधाएं मुहैया कराने और अंतरिक्ष पर्यटन की संभावनाएं तलाश रहे हैं। मनस्तु स्पेस के सह-संस्थापक तुषार जाधव ने कहा, ‘‘यह अच्छी शुरुआत है क्योंकि 10-15 साल पहले तक अमेरिका द्वारा अंतरिक्ष या रक्षा क्षेत्र की प्रौद्योगिकी साझा किया जाना अनसुनी बात थी। अब हम इन क्षेत्रों में साथ मिलकर काम करने की बात कर रहे हैं।'' मुंबई की कंपनी मनस्तु उपग्रहों के लिए हरित (पर्यावरण हितैषी) प्रणोदन प्रणाली विकसित करने पर काम कर रही है और अगले साल परीक्षण कर इस तकनीक को मान्यता दिलाना चाहती है।कंपनी अंतरिक्ष में एक ईंधन केन्द्र भी डिजाइन कर रही है ताकि कक्षा में चक्कर लगाने के दौरान ही उपग्रहों में ईंधन भरा जा सके। फिलहाल उपग्रह का ईंधन समाप्त हो जाने के बाद वह उपयोग से बाहर हो जाता है। इंडिया स्पेस एसोसिएशन के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल ए. के. भट्ट (सेवानिवृत्त) ने कहा, ‘‘अंतरिक्ष क्षेत्र में कई तकनीकों दोहरी उपयोगिता है, लेकिन यह संकेत है कि कैसे अब इसकी प्रक्रिया सरल की जाएगी।'' पिछले साल नवंबर में, हैदराबाद की कंपनी स्काईरूट एयरोस्पेस ने अपनी स्थापना के महज चार साल के भीतर भारत में निजी उपक्रम द्वारा निर्मित पहले रॉकेट विक्रम-एस का प्रक्षेपण कर, अंतरिक्ष क्षेत्र के इतिहास में अपना नाम दर्ज कराया था। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के कुछ पूर्व वैज्ञानिकों और इंजीनियरों द्वारा स्थापित यह कंपनी अब विक्रम सीरिज के तीन अलग-अलग रॉकेट डिजाइन कर रही है, जिनकी मदद से छोटे उपग्रहों को उनकी कक्षा में स्थापित किया जा सकेगा।इसरो के ‘इंडियन नेशनल स्पेस प्रोमोशन एंड ऑथराइजेशन सेंटर (इन-स्पेस)' के अध्यक्ष पवन गोयनका ने कहा, ‘‘निजी क्षेत्र जिस तरह का काम कर रहा है वह इसरो के पुराने काम की नकल नहीं है। स्काईरूट और अग्निकुल कॉस्मोस द्वारा विकसित प्रक्षेपण यान की अपनी खासियत है। उपग्रह से जुड़े ‘एप्लिकेशन' तकनीकी आधार पर बहुत आधुनिक हैं।'' चेन्नई की कंपनी अग्निकुल कॉस्मोस ने पिछले साल श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में अपने ‘लॉंचपैड' का उद्घाटन किया। इसरो अपने उपग्रहों का प्रक्षेपण श्रीहरिकोटा स्थित प्रक्षेपण केन्द्र से करता है। भारत में अंतरिक्ष क्षेत्र की प्रौद्योगिकी और उपग्रहों से प्राप्त आंकड़ों की मांग बहुत कम है, ऐसे में घरेलू कंपनियां अपने उत्पादों के लिए वैश्विक बाजार में अवसर तलाश रही हैं। अपने उपग्रह से ‘हाइपर स्पेक्ट्रल तस्वीरें' मुहैया कराने के संबंध में अमेरिका के ‘नेशनल रेकॉन्सांस ऑफिस' के साथ बेंगलुरु की कंपनी ‘पिक्सल' के करार का हवाला देते हुए गोयनका ने कहा, ‘‘उन्हें कुछ सफलता भी मिलने लगी है। सरकारी एजेंसियों से ऑर्डर मिलने लगे हैं। कुछ बहुत बड़ा भी हो रहा है।'' केन्द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जितेन्द्र सिंह ने कहा कि अमेरिका अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत को अब बराबरी का साझेदार समझता है, जो 50 साल पुरानी स्थिति के मुकाबले बहुत अलग है, जब सभी देश अंतरिक्ष क्षेत्र की तकनीक के लिए अमेरिका से उम्मीद लगाये रहते थे। केन्द्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अतीत की वर्जनाओं को तोड़ा है और अंतरिक्ष क्षेत्र को निजी कंपनियों के लिए खोला है।