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- नयी दिल्ली। जर्मनी की लक्जरी कार विनिर्माता मर्सिडीज बेंज नए उत्पाद पेश करने, विनिर्माण परिचालन और डिजिटलीकरण पर इस साल 200 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को बताया कि पिछले साल भारत में उसने रिकॉर्ड 17,408 गाड़ियां बेची हैं। मर्सिडीज बेंज इंडिया 2024 में तीन इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) समेत 12 से ज्यादा नए वाहन बाजार में उतारेगी। इनमें से आधे मॉडल शीर्ष वाहन खंड (टीईवी) होंगे, जिनकी कीमत 1.5 करोड़ रुपये से ज्यादा होगी। मर्सिडीज बेंज इंडिया के प्रबंध निदेशक (एमडी) और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) संतोष अय्यर ने कहा, “यह साल विशेष है क्योंकि हम भारत में मर्सिडीज बेंज के 30 वर्ष पूरे होने का जश्न मना रहे हैं। हम पुणे में अपने कारखाने में 200 करोड़ रुपये और निवेश करने जा रहे हैं। इससे अब भारत में हमारा कुल निवेश 3,000 करोड़ रुपये हो जाएगा।” उन्होंने कहा कि ये निवेश विनिर्माण कार्यों, नए उत्पाद स्टार्टअप और विनिर्माण प्रक्रिया के डिजिटलीकरण की दिशा में होंगे। अय्यर ने कहा कि पिछले साल कंपनी ने 10 प्रतिशत वृद्धि के साथ भारत में अपनी अबतक की सर्वाधिक 17,408 गाड़ी बिक्री का रिकॉर्ड बनाया। मर्सिडीज बेंज की इससे पहले सर्वाधिक बिक्री 2022 में 15,822 इकाई रही थी।इस साल को लेकर अय्यर ने कहा कि कंपनी आपूर्ति और मांग में अस्थिरता के बावजूद दहाई अंक में वृद्धि की उम्मीद कर रही है। इस समय कंपनी के पास 3,000 गाड़ियों की बुकिंग है। नए उत्पादों पर अय्यर ने कहा, “हम 2024 में 12 से ज्यादा नई कार लाइन पेश करने पर विचार कर रहे हैं और उनमें से 50 प्रतिशत टीईवी होंगी। इनमें तीन नए इलेक्ट्रिक वाहन शामिल होंगे।”
- नयी दिल्ली। अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एजीईएल) ने निवेशकों का भरोसा बढ़ाने की पहल करते हुए 75 करोड़ डॉलर के बॉन्ड का भुगतान परिपक्वता से आठ महीने पहले करने की योजना की सोमवार को घोषणा की। अडाणी समूह की कंपनी एजीईएल ने गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर (एनसीडी) जारी कर 75 करोड़ डॉलर जुटाए थे। ये बॉन्ड इस साल सितंबर में परिपक्व होने वाले हैं। कंपनी ने बयान में कहा, ‘‘एजीईएल ने नौ सितंबर, 2024 को परिपक्व होने वाले 75 करोड़ डॉलर के 4.375 नोट्स (होल्डको नोट्स) का भुगतान करने की योजना की आज घोषणा की।'' इसका ब्यारो देते हुए कंपनी ने कहा कि 16.9 करोड़ डॉलर आरक्षित खातों और आंतरिक राजस्व के जरिये लगाए गए हैं, जबकि 30 करोड़ डॉलर को हाल ही में टोटलएनर्जीज ने एक संयुक्त उद्यम के जरिये निवेश किया है। बाकी 28.1 करोड़ डॉलर प्रवर्तक को तरजीही आवंटन के जरिये जुटाए गए हैं।एजीईएल देश की सबसे बड़ी और दुनिया की अग्रणी नवीकरणीय ऊर्जा समाधान कंपनी है। यह ग्रिड से जुड़े सौर, पवन एवं हाइब्रिड नवीकरणीय ऊर्जा संयंत्रों का विकास, स्वामित्व और संचालन करती है। फिलहाल यह 12 राज्यों में कुल 8.4 गीगावाट क्षमता की परियोजनाओं का परिचालन करती है।
- नयी दिल्ली। होंडा मोटरसाइकिल एंड स्कूटर इंडिया (एचएमएसआई) के गुजरात में विट्ठलपुर स्थित विनिर्माण संयंत्र में तीसरी असेंबली लाइन शुरू हो गई है। कंपनी ने सोमवार को यह जानकारी दी। तीसरी लाइन शुरू होने से 6.5 लाख स्कूटर इकाइयों का अतिरिक्त उत्पादन होगा, जिससे इस कारखाने की कुल क्षमता 19.7 लाख इकाई सालाना हो जाएगी। एचएमएसआई के अध्यक्ष, प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) सुत्सुमु ओटानी ने बयान में कहा, “ग्राहकों को गति के साथ अधिक कुशलता से सेवा देने के लिए उत्पादन क्षमता विस्तार से एचएमएसआई की कुल वार्षिक मात्रा में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।” उन्होंने कहा कि विट्ठलपुर संयंत्र घरेलू और निर्यात बाजारों के लिए स्कूटर मॉडल का उत्पादन करता है।एचएमएसआई डियो, एक्टिवा 125 और डियो 125 जैसे स्कूटर मॉडल विट्ठलपुर संयंत्र में ही बनाती है। संयंत्र में एक समर्पित इंजन लाइन भी है जो थाइलैंड, अमेरिका, यूरोप और जापान जैसे बाजारों के लिए वैश्विक इंजन (250 सीसी और उससे ऊपर की श्रेणी के दोपहिया वाहनों) के निर्माण के लिए आधार के तौर पर कम करती है। कंपनी ने बयान में कहा कि भारत होंडा की दोपहिया विनिर्माण क्षमता के लिए वैश्विक स्तर पर सबसे महत्वपूर्ण आधार में से है। एचएमएसआई के भारत में इस समय चार विनिर्माण संयंत्र- हरियाणा के मानेसर, राजस्थान के टपूकड़ा, कर्नाटक के नरसापुरा और गुजरात के विट्ठलपुर में हैं।
- ग्रेटर नोएडा,। देश का 50 अरब डॉलर का मौजूदा कृषि निर्यात वर्ष 2030 तक दोगुना होकर 100 अरब डॉलर पर पहुंचने का अनुमान है। वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने सोमवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि भारत वस्तुओं और सेवाओं के निर्यात को वर्ष 2030 तक 2,000 अरब डॉलर पर पहुंचाने का लक्ष्य लेकर चल रहा है। बर्थवाल ने यहां ‘इंडसफूड मेला-2024' में कहा, ‘‘मुझे पूरा भरोसा है कि आज भारत का 50 अरब डॉलर का निर्यात वर्ष 2030 तक दोगुना होकर लगभग 100 अरब डॉलर हो जाएगा।'' यह दक्षिण एशिया की सबसे बड़ी खाद्य और पेय प्रदर्शनी है।सचिव ने कहा कि ‘रेडी-टू-ईट' खाद्य खंड जैसे क्षेत्रों में बढ़ने की काफी संभावनाएं हैं।उन्होंने उद्योग जगत से आयातक देशों की तकनीकी मानक जरूरतों पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया।मेले का उद्घाटन करते हुए वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि चावल, गेहूं और चीनी सहित कुछ प्रमुख वस्तुओं की खेप पर लगाए गए अंकुशों के बावजूद चालू वित्त वर्ष में देश का कृषि निर्यात पिछले साल के 53 अरब डॉलर के स्तर से अधिक रहेगा। इससे पहले एक अधिकारी ने कहा था कि निर्यात प्रतिबंध और अंकुशों की वजह से इस वित्त वर्ष में लगभग चार से पांच अरब डॉलर का निर्यात प्रभावित होगा। सरकार ने गेहूं और गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर रोक लगा दी है और चीनी निर्यात पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। कार्यक्रम में भारतीय व्यापार संवर्धन परिषद के अध्यक्ष मोहित सिंगला ने कहा कि दुनिया भर से लगभग 90 देशों का प्रतिनिधित्व करने वाले 1,200 से अधिक प्रदर्शक और 7,500 से अधिक खरीदार तीन दिवसीय शो में भाग ले रहे हैं। उन्होंने कहा, इसमें कैरेफोर, खिमजी रामदास, ग्रैंड हाइपरमार्केट, नेस्टो, मुस्तफा, एक्स5, लुलु, अल्माया ग्रुप और स्पार जैसी 80 से अधिक खुदरा श्रृंखलाएं भी भाग ले रही हैं। गोयल ने यह भी कहा कि किसानों को बेहतर मूल्य प्रदान करने, रोजगार पैदा करने और देश की कमाई बढ़ाने के लिए बड़े पैमाने पर खाद्य प्रसंस्करण, उत्पाद ब्रांडिंग और निर्यात पर ध्यान केन्द्रित करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि 158 खाद्य और कृषि उत्पादों को भौगोलिक संकेतक (जीआई) के दर्जे दिए गए हैं, और उनके प्रचार के लिए एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) पहल के तहत 708 खाद्य पदार्थों की पहचान की गई है। गोयल ने उद्योग से फ्रोजन, डिब्बा बंद और खाने के लिए तैयार खाद्य पदार्थों पर ध्यान केंद्रित करने, कौशल विकास, विश्वविद्यालय विनिमय कार्यक्रमों और क्षेत्र में स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने का आग्रह किया। मंत्री ने कहा कि उद्योग को खाद्य पोषण को महत्व देते हुए गुणवत्ता, पोषण, जैविक सामग्री और पर्यावरण-अनुकूल पैकेजिंग को भी प्राथमिकता देनी चाहिए।
- नयी दिल्ली। सरकार ने सोमवार को कहा कि अगले वित्त वर्ष में कंपनियों के निजी इस्तेमाल और वाणिज्यिक खदानों से कोयला उत्पादन 18.66 करोड़ टन होने की संभावना है। कोयला मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि वित्त वर्ष 2025-26 में इस उत्पादन को बढ़ाकर 22.56 करोड़ टन तक पहुंचाने का लक्ष्य है। कोयला मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "मंत्रालय की वर्तमान योजनाओं के तहत वित्त वर्ष 2029-30 तक ऐसी खदानों से उत्पादन 38.35 करोड़ टन तक पहुंच जाएगा।" सरकार ने कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 में ऐसी खदानों से कोयला उत्पादन बढ़कर 18.66 करोड़ टन हो जाने की उम्मीद है। दिसंबर 2023 में, निजी उपयोग (कैप्टिव) और वाणिज्यिक कोयला खदानों से कुल कोयला उत्पादन 38 प्रतिशत बढ़कर 1.40 करोड़ टन हो गया, जो एक साल पहले की समान अवधि में 1.01 करोड़ टन था। ताजा आंकड़ों के अनुसार, देश भर में कुल 50 कैप्टिव और वाणिज्यिक कोयला खदानें चालू हैं। बयान के मुताबिक, एक अप्रैल से 31 दिसंबर, 2023 की अवधि में कैप्टिव और वाणिज्यिक कोयला खदानों से कुल कोयला उत्पादन 9.8 करोड़ टन रहा है।
- नई दिल्ली। भारत में नई कार खरीदने वालों के बीच एसयूवी और एमपीवी की लोकप्रियता काफी तेजी से बढ़ रही है। पिछले महीने, यानी दिसंबर 2023 में तो एसयूवी और एमपीवी टॉप 10 में छाए रहे और उम्मीद से ज्यादा लोगों ने टाटा मोटर्स, मारुति सुजुकी, हुंडई मोटर और महिंद्रा एंड महिंद्रा जैसी कंपनियों की एसयूवी और एमपीवी, यानी 7 सीटर कारें खरीदीं।टाटा नेक्सॉन नंबर 1दिसंबर 2023 की सेल्स रिपोर्ट देखें तो पहली बार कोई एसयूवी पहले स्थान पर रही और खिताब टाटा नेक्सॉन के नाम गया। इससे पहले ज्यादातर हैचबैक सेगमेंट की गाड़ियां रहती थीं और इनमें मारुति सुजुकी की वैगनआर, स्विफ्ट और बलेनो जैसी गाड़ियों का पिछले साल जलवा देखने को मिला था। हालांकि, समय के साथ पूरा सीन ही बदल गया और अब एसयूवी भी नंबर 1 सेलिंग कार बन रही है। टाटा मोटर्स की सब-4 मीटर कॉम्पैक्ट एसयूवी नेक्सॉन को पिछले महीने 15,284 ग्राहकों ने खरीदा।टाटा और मारुति की गाड़ियां टॉप 5 मेंटाटा पंच भी पिछले महीने लंबी छलांग लगाकर तीसरी बेस्ट सेलिंग कार बन गई। पंच को 13,787 ग्राहकों ने खरीदा। नेक्सॉन और पंच के बीच में दूसरे नंबर पर मारुति सुजुकी डिजायर सेडान रही और इसे 14,012 ग्राहकों ने खरीदा। मारुति सुजुकी अर्टिगा बीते दिसंबर 2023 में चौथी सबसे ज्यादा बिकने वाली कार रही। 7 सीटर किफायती एमपीवी सेगमेंट की मारुति अर्टिगा को 12,975 ग्राहकों ने खरीदा। टॉप 5 में मारुति सुजुकी ब्रेजा भी रही और इसे 12,844 ग्राहकों ने खरीदा। ब्रेजा की बिक्री में सालाना रूप से 15 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।टॉप 10 में महिंद्रा स्कॉर्पियो और हुंडई वेन्यू भीमहिंद्रा एंड महिंद्रा की धांसू एसयूवी स्कॉर्पियो भी बीते कुछ महीनों से टॉप 10 बेस्ट सेलिंग कारों की लिस्ट में जगह बनाने में कामयाब रही है। बीते दिसंबर 2023 में 11,355 ग्राहकों ने महिंद्रा की स्कॉर्पियो-एन और स्कॉर्पियो क्लासिक एसयूवी खरीदी और यह लिस्ट में 7वें स्थान पर रही। इसके बाद टॉप 10 लिस्ट में 9वें स्थान पर हुंडई वेन्यू रही, जिसे 10,383 ग्राहकों ने खरीदा। इन 6 एसयूवी और एमपीवी की टॉप 10 कारों की लिस्ट में मौजूदगी से पता चलता है कि लोगों को अब एसयूवी ज्यादा पसंद आ रही है और वे इसे हैचबैक के मुकाबले ज्यादा तरजीह दे रहे हैं।
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वाराणसी. उत्तर प्रदेश के अयोध्या में इसी महीने होने वाले भगवन राम के प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले राम मंदिर की ‘थीम' पर बनी बनारसी साड़ियां फैशन की दुनिया में धूम मचाने के लिये तैयार है और बुनकर इन साड़ियों के पल्लुओं को सुंदर बनाने के लिए काम कर रहे हैं। बुनकरों को साड़ियों पर विभिन्न डिजाइन के लिए ‘ऑर्डर' मिले हैं, जिनमें साड़ियों के पल्लुओं पर राम मंदिर की आकृति, भगवान राम के जीवन से जुड़ी जानकारी वाले डिजाइन शामिल हैं। मंदिर का पहला चरण पूरा होने वाला है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 22 जनवरी को राम मंदिर उद्घाटन समारोह में भाग लेंगे। उच्चतम न्यायालय ने 2019 में ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए एक सदी से भी अधिक समय पुराने मंदिर-मस्जिद विवाद का निपटारा कर दिया था। अदालत ने विवादित स्थल पर राम मंदिर के निर्माण का समर्थन किया था और फैसला सुनाया था कि मस्जिद के निर्माण के लिए वैकल्पिक पांच एकड़ जमीन दी जानी चाहिए। जैसे ही अयोध्या राम मंदिर में ‘प्राण प्रतिष्ठा' के लिए तैयार हो रही है, देशभर के बुनकर अनूठी कृतियों के माध्यम से मंदिर के उद्घाटन के लिए अपना उत्साह व्यक्त कर रहे हैं। मुबारकपुर क्षेत्र के बुनकर अनीसुर रहमान ने कहा कि इस भव्य आयोजन को लेकर वाराणसी के बुनकर समुदाय में भारी उत्साह है। रहमान ने कहा, ‘‘ऐतिहासिक विशेषताओं के साथ डिजाइन वाली साड़ियों की हमेशा से काफी मांग रही है, लेकिन राम मंदिर के प्रति भावना पूरी तरह से अलग है।'' उन्होंने कहा, ‘‘हम राम मंदिर ‘थीम' पर साड़ियां तैयार कर रहे हैं और ये जल्द ही फैशन की दुनिया में धूम मचाने को तैयार है। हमारे पास देश के विभिन्न हिस्सों से महिलाओं के ‘ऑर्डर' मिले हैं जो इन साड़ियों को पहनकर अपने-अपने स्थानों पर 22 जनवरी का जश्न मनाना चाहती हैं।'' राम मंदिर की ‘थीम' पर तैयार की जा रही साड़ियों के प्रकार के बारे में बताते हुए रहमान ने कहा, ‘‘एक प्रकार की साड़ियों के पल्लू पर राम मंदिर का शिलालेख होता है; ये साड़ियां लाल और पीले रंग में बनाई जा रही हैं और शिलालेख सुनहरे रंग में है। दूसरी तरह की साड़ियां कई रंगों में उपलब्ध हैं और उनके बॉर्डर पर ‘श्री राम' लिखा हुआ है।'' उन्होंने कहा, ‘‘तीसरे प्रकार की साड़ियों पर भगवान राम के बचपन से लेकर रावण वध तक उनके जीवन के विभिन्न चरणों को दर्शाया गया है।'' यहां पीली कोठी क्षेत्र के एक अन्य बुनकर मदन ने कहा कि पल्लू पर ‘राम दरबार' के चित्रण वाली साड़ियों की भी काफी मांग है। मदन ने कहा, ‘‘हमारे पास राम मंदिर-थीम वाली साड़ियों के लिए अमेरिका से भी दो ऑर्डर मिले हैं।'
उन्होंने कहा कि इन साड़ियों की कीमत सात हजार रुपये से शुरू होकर एक लाख रुपये तक है। - नयी दिल्ली। पांच करोड़ रुपये से अधिक कारोबार वाले व्यवसाय एक मार्च से सभी कारोबारी लेनदेन के लिए ई-चालान दिए बगैर ई-वे बिल जारी नहीं कर पाएंगे। माल एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली के तहत 50,000 रुपये से अधिक कीमत के माल को एक राज्य से दूसरे राज्य ले जाने के लिए ई-वे बिल रखना जरूरी होता है। राष्ट्रीय सूचना-विज्ञान केंद्र (एनआईसी) ने विश्लेषण के आधार पर पाया है कि ई-चालान के लिए कुछ पात्र करदाता बी2बी (फर्म से फर्म को) और बी2ई (कंपनियों से निर्यातकों को) के लेनदेन के लिए ई-वे बिल ई-चालान से जोड़े बगैर ही बना दे रहे हैं। इनमें से कुछ मामलों में, ई-वे बिल और ई-चालान के तहत अलग-अलग दर्ज चालान विवरण कुछ मापदंडों में मेल नहीं खा रहे हैं। इससे ई-वे बिल और ई-चालान विवरण के बीच मिलान नहीं हो रहा है। एनआईसी ने जीएसटी करदाताओं से कहा, “ऐसी स्थितियों से बचने के लिए एक मार्च, 2024 से ई-चालान विवरण के बिना ई-वे बिल बनाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। यह ई-चालान सक्षम करदाताओं और कारोबारी व निर्यात के तहत आपूर्ति से संबंधित लेनदेन के लिए लागू है।” हालांकि एनआईसी ने यह साफ किया है कि ग्राहकों से या गैर-आपूर्ति वाले अन्य लेनदेन के लिए ई-वे बिल पहले की तरह चलेगा।
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नई दिल्ली। सरकार ने घटिया वस्तुओं के आयात पर अंकुश लगाने तथा इन वस्तुओं के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए ‘स्विच-सॉकेट-आउटलेट’ और ‘केबल ट्रंकिंग’ जैसे बिजली के सामान के लिए अनिवार्य गुणवत्ता मानदंड जारी किए हैं।
इस संबंध में उद्योग संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) द्वारा इस एक जनवरी 2024 को विद्युत सहायक उपकरण (गुणवत्ता नियंत्रण) आदेश 2023 जारी किया गया।आदेशानुसार, वस्तुओं का उत्पादन, बिक्री, व्यापार, आयात और भंडारण तब तक नहीं किया जा सकता जब तक कि उन पर भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) का चिह्न न हो। डीपीआईआईटी ने कहा कि यह आदेश अधिसूचना के प्रकाशन की तारीख से छह महीने बाद लागू होगा।इसमें कहा गया, ‘‘ इस आदेश में कुछ भी, निर्यात के लिए घरेलू स्तर पर निर्मित वस्तुओं लागू नहीं होगा।’’ लघु, कुटीर एवं मझौले (एमएसएमई) क्षेत्र की सुरक्षा के लिए आदेश के अनुपालन में छूट दी गई है। छोटे उद्योगों को नौ महीने का अतिरिक्त समय दिया गया है, जबकि सूक्ष्म उद्यमों को 12 महीने का अतिरिक्त समय दिया जाएगा।डीपीआईआईटी बीआईएस और हितधारकों के परामर्श से गुणवत्ता नियंत्रण आदेश (क्यूसीओ) को अधिसूचित करने के लिए प्रमुख उत्पादों की पहचान कर रहा है। बीआईएस अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन करने पर पहली बार अपराध करने पर दो साल तक की कैद या कम से कम दो लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है। उपयोगकर्ताओं और निर्माताओं के बीच गुणवत्ता संवेदनशीलता विकसित करने के लिए विभाग द्वारा क्यूसीओ के विकास सहित विभिन्न पहल की जा रही हैं।गुणवत्ता परीक्षण प्रयोगशालाओं और उत्पाद नियमावली बनाने के साथ ये पहल देश में एक गुणवत्ता पारिस्थितिकी तंत्र बनाने में मदद करेगी। अनिवार्य क्यूसीओ घटिया उत्पादों के आयात पर अंकुश लगाने, अनुचित व्यापार प्रक्रियाओं को रोकने और उपभोक्ताओं के साथ-साथ पर्यावरण की सुरक्षा तथा कल्याण सुनिश्चित करने में मदद करते हैं।इससे पहले स्मार्ट मीटर, वेल्डिंग रॉड और इलेक्ट्रोड, कुकवेयर तथा बर्तन, आग बुझाने वाले यंत्र, बिजली के छत पंखे और घरेलू गैस स्टोव सहित कई वस्तुओं के लिए ऐसे आदेश जारी किए गए हैं। -
नई दिल्ली। सरकार ने बताया है कि अब तक 91 खदानों की सफलतापूर्वक नीलामी की जा चुकी है। कोयला मंत्रालय के अनुसार, छह वाणिज्यिक खदानों ने पहले ही कोयला उत्पादन शुरू कर दिया है और अन्य तीन में आने वाले महीनों में उत्पादन शुरू होने की संभावना है।
वर्ष 2020 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू की गई पारदर्शी ऑनलाइन नीलामी प्रणाली की मदद से मंत्रालय ने नीलामी के सात दौर सफलतापूर्वक पूरे कर लिए हैं। नीलाम की गई खदानों से कोयला खनन से उत्पादन के साथ 33 हजार करोड़ रुपये से अधिक का वार्षिक राजस्व प्राप्त होने का अनुमान है। मंत्रालय ने कहा है कि नीलाम खदानों से तीन लाख रोजगार के अवसर पैदा होंगे। -
नई दिल्ली। दिग्गज कारोबारी मुकेश अंबानी को पछाड़ते हुए गौतम अदाणी अब भारत और एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति बन गए हैं। ब्लूमबर्ग बिलियनेयर इंडेक्स ने यह जानकारी दी है।एक तरफ जहां अदाणी ने वर्ल्ड रैंकिंग में टॉप 12 में अपनी जगह बना ली है, वहीं अंबानी सिर्फ एक पायदान नीचे 13वें स्थान पर हैं। दोनों पिछले साल से एक पायदान ऊपर चढ़े हैं। इससे पहले दिसंबर 2023 में, गौतम अदाणी 15वें स्थान पर पहुंच गए थे और अंबानी उस समय 14वें स्थान पर थे।
गुरुवार तक अदाणी इस लिस्ट में 14वें स्थान पर थे। मगर 24 घंटे में जबरदस्त कमाई के कारण वह 14वें से 12वें स्थान पर आ गए। ब्लूमबर्ग बिलियनेयर इंडेक्स के मुताबिक, 97.6 अरब डॉलर की नेटवर्थ के साथ, अदाणी ग्रुप के फाउंडर गौतम अदाणी अब दुनिया के 12वें सबसे अमीर व्यक्ति और लिस्ट में सबसे अमीर भारतीय और एशियाई हैं। उन्होंने पिछली लिस्ट के मुकाबले 7.67 अरब डॉलर की बढ़त हासिल की है और सालाना आधार पर (YTD) 13.3 अरब डॉलर अर्जित किए हैं। पिछले साल की शुरुआत में, हिंडनबर्ग के आरोपों के बीच अदाणी की नेटवर्थ में काफी गिरावट देखी गई थी।टॉप 50 में शामिल अन्य भारतीयरिलायंस के मुखिया मुकेश अंबानी अब 97 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ 13वें स्थान पर भारत और एशिया के दूसरे सबसे अमीर आदमी हैं। पिछले परिवर्तन के बाद से उन्हें 76.4 करोड़ डॉलर का लाभ हुआ है और उनकी संपत्ति में सालाना आधार पर (YTD) 66.5 करोड़ डॉलर का इजाफा हुआ है। ब्लूमबर्ग बिलियनेयर इंडेक्स में टॉप 50 में अन्य भारतीय शापूर मिस्त्री 34.6 अरब डॉलर के साथ 38वें और शिव नादर 33 अरब डॉलर के साथ 45वें स्थान पर हैं। -
नयी दिल्ली. सहकारिता मंत्री अमित शाह ने बृहस्पतिवार को तुअर दाल खरीद मंच पेश किया और कहा कि दिसंबर 2027 तक देश को दालों में आत्मनिर्भर बन जाना चाहिए। उन्होंने साथ ही कहा कि हम जनवरी 2028 से एक किलोग्राम दाल भी आयात नहीं करेंगे। इस मंच पर किसान पंजीकरण करा सकते हैं और अपनी उपज को न्यूनतम समर्थन मूल्य या बाजार मूल्य पर एनएएफईईडी और एनसीसीएफ को बेच सकते हैं। शाह ने कहा कि भविष्य में उड़द और मसूर दाल के किसानों के साथ-साथ मक्का किसानों के लिए भी इसी तरह की सुविधा शुरू की जाएगी। मंत्री ने मंच के माध्यम से तुअर की बिक्री के भुगतान के लिए 25 किसानों को प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) के जरिए करीब 68 लाख रुपये हस्तांतरित भी किए। सहकारी राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ लिमिटेड (एनएएफईईडी) और भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ लिमिटेड (एनसीसीएफ) ‘बफर' भंडार बनाए रखने के लिए सरकार की ओर से दालों की खरीद का काम करते हैं। मंत्री ने कहा कि बुआई से पहले तुअर किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर एनएएफईईडी और एनसीसीएफ को अपनी उपज बेचने के लिए मंच पर पंजीकरण कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि पंजीकृत तुअर किसानों के पास एनएएफईईडी/एनसीसीएफ या खुले बाजार में बेचने का विकल्प होगा। अगर तुअर दाल का खुले बाजार में मूल्य एमएसपी से अधिक रहता है, तो उस स्थिति में एक विधि के जरिए औसत दर निकाली जाएगी। शाह ने कहा कि अधिक किसान दालों की खेती नहीं कर रहे हैं क्योंकि कीमतें सुनिश्चित नहीं हैं। मंच के जरिए खरीद के साथ यह पहल कृषि क्षेत्र में एक बड़ा सुधार लाएगी और दालों के उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करने में मदद करेगी। उन्होंने कहा,‘‘ तुअर की खरीद किसानों से की जाएगी और यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी है।''
शाह ने कहा कि देश अब भी चना और मूंग को छोड़कर कई प्रकार की दालों के लिए आयात पर निर्भर है।मंत्री ने कहा, ‘‘ दिसंबर 2027 तक देश को दालों में आत्मनिर्भर बन जाना चाहिए। हम जनवरी 2028 से एक किलोग्राम दाल भी आयात नहीं करेंगे।'' उन्होंने प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पीएसीएस), किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) तथा प्रगतिशील किसानों से मंच के बारे में जागरूकता फैलाने और किसानों को इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित करने की अपील की। उन्होंने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य में दो गुना से अधिक की वृद्धि के दम पर पिछले 10 वर्षों में दालों का उत्पादन 2013-14 फसल वर्ष (जुलाई-जून) में 1.92 करोड़ टन से बढ़कर 2022-23 में 2.605 करोड़ टन हो गया है। हालांकि, दालों का घरेलू उत्पादन अब भी खपत से कम है और आयात पर निर्भर है।इस कार्यक्रम में कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा, सहकारिता राज्य मंत्री बीएल वर्मा और उपभोक्ता मामलों के राज्य मंत्री अश्विनी चौबे भी उपस्थित रहे। -
नयी दिल्ली. एयरलाइन इंडिगो ने विमान ईंधन की कीमतों में कमी के बाद बृहस्पतिवार से ईंधन शुल्क वसूलना बंद करने की घोषणा की है। एयरलाइन ने एटीएफ (एविएशन टर्बाइन फ्यूल) की कीमतों में उछाल के बाद अक्टूबर 2023 की शुरुआत से ईंधन शुल्क वसूलना शुरू किया था। बृहस्पतिवार से इसे हटा दिया गया। विमानन कंपनी के अनुसार, हाल ही में एटीएफ की कीमतों में कमी के कारण ईंधन शुल्क वापस ले लिया गया है।
इंडिगो की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, ‘‘ एटीएफ की कीमतों में उतार-चढ़ाव जारी रहता है..इसलिए हम कीमतों या बाजार स्थितियों में किसी भी बदलाव से निपटने के लिए अपने किराए और उसके घटकों को समायोजित करना जारी रखेंगे।'' ईंधन शुल्क एयरलाइन की घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर लागू था। -
मुंबई। जाने-माने उद्योगपति कुमार मंगलम बिड़ला ने गुरुवार को आर्थिक गतिविधियों में महिलाओं की अधिक भागीदारी की वकालत करते हुए कहा कि इसमें वृद्धि को उल्लेखनीय रूप से गति देने की क्षमता है। श्रमबल में महिलाओं की कम भागीदारी के बारे में चिंताओं के बीच आदित्य बिड़ला समूह के चेयरमैन कहा कि भारत वृद्धि के ‘डबल इंजन' का हकदार है, जहां महिलाएं अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। पिछले साल अक्टूबर में जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, देश में महिला श्रमबल की भागीदार दर वित्त वर्ष 2022-23 में बढ़कर 37 प्रतिशत हो गयी। लेकिन अन्य देशों से तुलना करने पर यह दर कम है। बिड़ला ने बॉम्बे चार्टर्ड अकाउंटेंट्स सोसायटी (बीसीएएस) के एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘मेरा मानना है कि महिलाओं को जोड़ने वाला विकास मॉडल रणनीतिक रूप से कुशल कदम होगा। इस प्रकार का रुख संभावनाओं के उपयोग का रास्ता खोलता है। अर्थव्यवस्था में महिलाओं की भागीदारी में तेज वृद्धि से हमारी आर्थिक वृद्धि में उल्लेखनीय रूप से तेजी आएगी।'' उन्होंने कहा, ‘‘भारत इस तरह से ‘डबल इंजन' वृद्धि का हकदार है। देश इस पहलू पर सक्रिय रूप से आगे बढ़ रहा है।'' बिड़ला ने कहा कि उन्होंने भविष्य के भारत की जो कल्पना की है, उसमें महिलाओं को सशक्त बनाना महत्वपूर्ण तत्व है। इसे साकार करने के लिए हमें ‘लीक से हटकर' काम करना होगा। उन्होंने कहा कि भारत तीव्र वृद्धि के रास्ते पर है और यह इतिहास में देश के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है। उन्होंने भरोसा जताया कि देश एक महाशक्ति बनेगा। बिड़ला ने कहा कि अगले दशक में वैश्विक कार्यबल में योगदान का लगभग एक चौथाई हिस्सा भारत से होगा। और 2040 तक, देश में कार्यबल में एक अरब लोग होंगे। उन्होंने कहा कि उनके पिता ने उन्हें चार्टर्ड अकाउंटेंट बनने के लिए प्रेरित किया और योग्यता ने उन्हें कारोबार में मदद की।
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नयी दिल्ली। सरकार घटिया वस्तुओं के आयात को रोकने और घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए 500 से अधिक उत्पादों को दायरे में लाते हुए 65 गुणवत्ता नियंत्रण आदेश (क्यूसीओ) जारी करेगी। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने गुरुवार को यह जानकारी दी। उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (डीपीआईआईटी) में संयुक्त सचिव संजीव ने कहा कि ये आदेश उपभोक्ताओं के लिए सुरक्षित उत्पादों को बढ़ावा दे रहे हैं। इन आदेशों के तहत वस्तुओं का उत्पादन, बिक्री, व्यापार, आयात और भंडारण तब तक नहीं किया जा सकता जब तक कि उन पर भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) का निशान न हो। उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, “हम लगभग 65 क्यूसीओ ला रहे हैं, जिनके दायरे में 500 से अधिक उत्पाद हैं। क्यूसीओ उपभोक्ताओं को लाभान्वित कर रहा है और घटिया आयात को कम कर रहा है।” ये ऑर्डर स्मार्ट मीटर, नट, बोल्ट और फास्टनर जैसे सामानों के लिए पहले ही जारी किए जा चुके हैं। कानून का उल्लंघन करने पर पहले अपराध के लिए दो साल तक की कैद या कम से कम दो लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है, जो दूसरे और उसके बाद के अपराध के लिए बढ़कर न्यूनतम पांच लाख रुपये हो जाता है।
- नयी दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय बाजारों से कमजोरी के संकेतों के बीच राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में गुरुवार को सोना 420 रुपये की गिरावट के साथ 63,550 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गया। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी। इससे पिछले कारोबारी सत्र में सोना 63,970 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था।चांदी की कीमत भी 1,900 रुपये की भारी गिरावट के साथ 76,900 रुपये प्रति किलो पर बंद हुई। इससे पिछले कारोबारी सत्र में चांदी 78,800 रुपये प्रति किलो पर बंद हुई थी। एचडीएफसी सिक्योरिटीज में वरिष्ठ विश्लेषक-जिंस सौमिल गांधी ने कहा, ‘‘गुरुवार को सोने में गिरावट आई, विदेशी बाजारों में मंदी के रुझान के बाद दिल्ली के बाजार में सोने की हाजिर कीमतें (24 कैरेट) 420 रुपये की गिरावट के साथ 63,550 रुपये प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रही थीं।'' अंतरराष्ट्रीय बाजारों में सोना गिरावट के साथ 2,042 डॉलर प्रति औंस और चांदी नुकसान के साथ 23.05 डॉलर प्रति औंस रही। गांधी ने कहा कि कॉमेक्स में सोने की कीमतें दो सप्ताह के निचले स्तर पर आ गईं क्योंकि अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों को कम करने की योजना के बारे में अनिश्चितता ने व्यापारियों के बीच जोखिम-मुक्त भावना को बढ़ावा दिया। पिछले महीने हुई फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (एफओएमसी) की बैठक का ब्योरे जारी होने के बाद ब्याज दर में कटौती की समयसीमा पर अनिश्चितता है।
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नयी दिल्ली. पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बुधवार को कहा कि रूस से तेल खरीदने में भुगतान की कोई समस्या नहीं है और इस खरीद में हाल में आई गिरावट उसकी तरफ से दी जाने वाली कम छूट का नतीजा है। पुरी ने एक कार्यक्रम में संवाददाताओं से कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने से पहले फरवरी, 2022 में भारत ने जितने तेल का आयात किया था उसमें रूसी तेल की हिस्सेदारी सिर्फ 0.2 प्रतिशत थी। लेकिन यूक्रेन युद्ध के बाद लगे अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के बीच रूस ने तेल खरीद पर छूट की पेशकश की जिसके बाद यह हिस्सेदारी बढ़कर 40 प्रतिशत हो गई और रूस अब भारत का शीर्ष तेल आपूर्तिकर्ता देश है। पुरी ने कहा कि भारत अपने आयात स्रोतों में विविधता लेकर आया है और देश सबसे सस्ती उपलब्ध दरों पर खरीदारी करेगा। उन्होंने कहा, "भारतीय उपभोक्ताओं को बिना किसी व्यवधान के सबसे किफायती मूल्य पर ईंधन मिलने की शर्त है। रूस से तेल आयात 40 प्रतिशत तक बढ़ गया था। अब अगर यह 33 प्रतिशत या 28-29 प्रतिशत पर आ गया है तो इसके लिए भुगतान की कोई समस्या नहीं है। यह विशुद्ध रूप से उस कीमत की वजह से है जिस पर हमारी रिफाइनिंग कंपनियों को तेल मिलेगा।" उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी कंपनी ने भुगतान संबंधी समस्याओं के कारण आपूर्ति रोके जाने की शिकायत नहीं की है। इसके बजाय आपूर्तिकर्ता पहले बेचने और बाद में भुगतान एकत्र करने के इच्छुक हैं। उन्होंने कहा, "हम रूस से प्रतिदिन 15 लाख बैरल तेल खरीद रहे हैं। देश में 50 लाख बैरल की दैनिक खपत में से 15 लाख बैरल प्रतिदिन खरीद रहे हैं। अगर वे छूट नहीं देंगे, तो हम इसे क्यों खरीदेंगे?" लाल सागर में मालवाहक जहाजों पर हूती विद्रोहियों के ड्रोन हमलों पर पुरी ने कहा कि कुछ आपूर्तिकर्ताओं ने अपना रास्ता बदल लिया है और अब केप ऑफ गुड होप से होकर गुजर रहे हैं। हालांकि लाल सागर और स्वेज नहर से बचने पर लंबी यात्रा होगी लेकिन जहाजों को स्वेज नहर पारगमन शुल्क भी नहीं देना होगा। स्वेज नहर का इस्तेमाल लगभग एक तिहाई वैश्विक कंटेनर जहाज करते हैं। इसके जरिये 82 लाख बैरल कच्चे तेल का परिवहन होता है।
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नयी दिल्ली. इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने बुधवार को चालू वित्त वर्ष के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि अनुमान को 6.2 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.7 प्रतिशत कर दिया। एजेंसी ने इसके लिए मजबूत अर्थव्यवस्था, निरंतर सरकारी पूंजीगत व्यय और एक नए निजी कॉरपोरेट पूंजीगत व्यय की संभावना का हवाला दिया है।
रेटिंग एजेंसी ने वृद्धि अनुमान को प्रभावित करने वाले जोखिमों के रूप में वैश्विक स्तर पर अस्थिर स्थिति के अलावा, कमजोर वैश्विक वृद्धि और व्यापार को चिह्नित किया। इंडिया रेटिंग्स के प्रमुख अर्थशास्त्री सुनील कुमार सिन्हा ने कहा, “ये सभी जोखिम चालू वित्त वर्ष में भारत की जीडीपी वृद्धि को 6.7 प्रतिशत तक सीमित रखेंगे। चालू वित्त वर्ष की पहली और दूसरी तिमाही में जीडीपी वृद्धि सालाना 7.8 प्रतिशत और 7.6 प्रतिशत रही है। इसके चालू वित्त वर्ष की शेष दो तिमाहियों में धीमी होने की संभावना है।” भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को भी शेष दो तिमाहियों में जीडीपी वृद्धि कुछ सुस्त पड़ने की आशंका है। केंद्रीय बैंक ने संभावना जताई है कि चालू वित्त वर्ष में जीडीपी वृद्धि दर सात प्रतिशत पर रहेगी।
पिछले वित्त वर्ष में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रही थी। इंडिया रेटिंग्स ने बयान में कहा कि उसने चालू वित्त वर्ष के लिए देश के जीडीपी वृद्धि अनुमान को पूर्ववर्ती 6.2 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.7 प्रतिशत कर दिया है। इसके पीछे भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती, निरंतर सरकारी पूंजीगत व्यय, कॉरपोरेट्स/बैंकिंग क्षेत्र में घटता कर्ज, एक नए निजी कॉरपोरेट पूंजीगत व्यय चक्र की संभावना और शेष विश्व से धन प्रेषण के साथ व्यापार और सॉफ्टवेयर सेवाओं के निर्यात में निरंतर गति बनी रहने जैसे कई कारक हैं। इंडिया रेटिंग्स ने कहा कि उपभोक्ता मांग व्यापक आधार वाली नहीं है। उपभोग वृद्धि के लिए वेतन वृद्धि महत्वपूर्ण है। इंडिया रेटिंग्स की गणना से पता चलता है कि वास्तविक मजदूरी में एक प्रतिशत की वृद्धि से वास्तविक निजी अंतिम उपभोग व्यय (पीएफसीई) में 1.12 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है और इसके गुणक प्रभाव से सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि में 0.64 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है।
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नयी दिल्ली. सार्वजनिक क्षेत्र के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के ग्राहकों को दिया गया कर्ज दिसंबर तिमाही में 13.5 प्रतिशत बढ़कर 9.72 लाख करोड़ रुपये रहा। पीएनबी ने मंगलवार को शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि पिछले वित्त वर्ष 2022-23 की तीसरी तिमाही में कुल कर्ज 8.56 लाख करोड़ रुपये था। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऑफ महाराष्ट्र (बीओएम) ने अलग से दी सूचना में कहा कि उसका कर्ज दिसंबर, 2023 को समाप्त तिमाही में 20.28 प्रतिशत बढ़कर 1.88 लाख करोड़ रुपये रहा जो एक साल पहले इसी तिमाही में 1.56 लाख करोड़ रुपये था। पुणे के बैंक में ग्राहकों की जमा राशि 17.90 प्रतिशत बढ़कर 2.45 लाख करोड़ रुपये रही जो दिसंबर, 2022 को समाप्त तिमाही में 2.08 लाख करोड़ रुपये थी। वहीं पीएनबी बैंक की जमा आलोच्य तिमाही में 9.4 प्रतिशत बढ़कर 13.23 लाख करोड़ रुपये रही जो एक साल पहले 2022-23 की दिसंबर तिमाही में 12.10 लाख करोड़ रुपये थी। -
नयी दिल्ली. देश में यात्री वाहनों की थोक बिक्री कैलेंडर साल 2023 में 8.3 प्रतिशत बढ़कर 41.08 लाख इकाई के साथ नई ऊंचाइयों पर पहुंच गई है। इसमें स्पोर्ट्स यूटिलिटी वेहिकल (एसयूवी) खंड ने आधी हिस्सेदारी के साथ सबसे अहम भूमिका निभाई। वाहन विनिर्माता कंपनियों की थोक बिक्री का यह रिकॉर्ड इस लिहाज से खासा अहम है कि बीते साल वाहनों का औसत मूल्य बढ़कर 11.5 लाख रुपये पर पहुंच गया, जबकि वर्ष 2022 में 10.58 लाख रुपये के औसत दाम पर बिक्री हुई थी। भारतीय वाहन बाजार की दिग्गज कंपनियों मारुति सुजुकी, हुंदै मोटर, टाटा मोटर्स और टोयोटा किर्लोस्कर मोटर के लिए 2023 सबसे अच्छे बिक्री आंकड़े वाला साल साबित हुआ है। मारुति सुजुकी इंडिया के वरिष्ठ कार्यकारी अधिकारी (बिक्री एवं विपणन) शशांक श्रीवास्तव ने कहा कि जनवरी-दिसंबर, 2023 में थोक बिक्री का आंकड़ा 41.08 लाख को पार कर गया। यह पहला मौका है जब वाहन बिक्री का सालाना आंकड़ा 40 लाख से अधिक रहा है। यह भारतीय यात्री वाहन बाजार के इतिहास में एक बड़ा मुकाम है। वर्ष 2022 के कैलेंडर साल में यात्री वाहनों की थोक बिक्री 37.92 लाख इकाई रही थी जो इसका पिछला उच्चतम बिक्री रिकॉर्ड है। इस तरह सालाना आधार पर बिक्री में 8.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। श्रीवास्तव ने 2023 में यात्री वाहनों की खुदरा बिक्री के 40.51 लाख इकाई रहने का अनुमान जताते हुए कहा कि यह 2022 के 37.30 लाख इकाई की तुलना में 8.6 प्रतिशत अधिक है। उन्होंने इस रिकॉर्ड बिक्री का श्रेय स्पोर्ट्स यूटिलिटी वेहिकल (एसयूवी) खंड को देते हुए कहा कि इस खंड की बिक्री में सालाना आधार पर 26 प्रतिशत का उछाल दर्ज किया गया है। इसके अलावा कुल यात्री वाहनों में एसयूवी की हिस्सेदारी 2022 के 42 प्रतिशत से बढ़कर 48.7 प्रतिशत हो गई जबकि हैचबैक का हिस्सा 34.8 प्रतिशत से घटकर 30 प्रतिशत पर आ गया। देश में वाहनों का औसत बिक्री मूल्य 2023 में बढ़कर 11.5 लाख रुपये हो गया। इसके पीछे उत्पादन लागत में बढ़ोतरी और अधिक कीमत वाले एसयूवी की बिक्री में आई तेजी की अहम भूमिका रही। देश की सबसे बड़ी वाहन विनिर्माता मारुति सुजुकी ने 2023 में 20 लाख इकाइयों की बिक्री के साथ अपना रिकॉर्ड बनाया, जिसमें 2.69 लाख वाहन निर्यात भी किए गए। इसमें 7.76 लाख इकाइयों के साथ ग्रामीण बाजार में सर्वाधिक बिक्री दर्ज की गई। हुंदै मोटर इंडिया ने सालाना आधार पर नौ प्रतिशत की वृद्धि के साथ 2023 में कुल 7,65,786 इकाइयों की बिक्री की जबकि पिछले साल इसकी कुल बिक्री 7,00,811 इकाई थी। बीते साल कंपनी ने 6,02,111 इकाइयों के साथ सर्वाधिक घरेलू बिक्री का आंकड़ा भी हासिल किया। हुंदै मोटर के मुख्य परिचालन अधिकारी तरुण गर्ग ने कहा कि कंपनी ने वाहन उद्योग की अनुमानित वृद्धि दर से अधिक रफ्तार हासिल की है। इस दौरान कंपनी ने बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए अपनी उत्पादन क्षमता में भी 50,000 इकाई की बढ़ोतरी की है। घरेलू वाहन विनिर्माता टाटा मोटर्स ने भी 2023 में किसी कैलेंडर साल का सबसे अच्छा आंकड़ा हासिल किया है। साल के दौरान कंपनी ने कुल 5.53 लाख वाहन बेचे। यह लगातार तीसरा साल है जब कंपनी एक कैलेंडर वर्ष में अपना आंकड़ा बेहतर करती रही है। टाटा मोटर्स पैसेंजर वेहिकल्स लिमिटेड और टाटा पैसेंजर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक शैलेश चंद्रा ने कहा कि 2023 में कॉम्पैक्ट एसयूवी और हैचबैक खंड के प्रदर्शन के बूते कंपनी ने रिकॉर्ड बिक्री दर्ज की है। इसमें लंबे त्योहारी मौसम के दौरान मांग में आई तेजी और सुधरी आपूर्ति का योगदान रहा। टोयोटा किर्लोस्कर मोटर ने भी बीते साल 2,33,346 इकाइयों के साथ अपना सर्वश्रेष्ठ बिक्री आंकड़ा हासिल किया है। यह एक साल पहले के 1,60,364 इकाइयों की तुलना में 46 प्रतिशत अधिक है। एमजी मोटर इंडिया की कुल खुदरा बिक्री इस अवधि में 18 प्रतिशत बढ़कर 56,902 इकाई हो गई। इसमें कंपनी के इलेक्ट्रिक मॉडलों की हिस्सेदारी करीब 25 प्रतिशत रही। महिंद्रा एंड महिंद्रा की यात्री वाहन बिक्री दिसंबर में सालाना आधार पर 24 प्रतिशत बढ़कर 35,174 इकाई हो गई, जबकि साल भर पहले यह 28,445 इकाई थी। कंपनी के अध्यक्ष (ऑटोमोटिव खंड) विजय नाकरा ने कहा कि कुछ हिस्सों की आपूर्ति की समस्या होने से स्थिति चुनौतीपूर्ण रही। होंडा कार्स इंडिया लिमिटेड की पिछले महीने घरेलू बिक्री 12 प्रतिशत वृद्धि के साथ 7,902 इकाई हो गई जबकि दिसंबर, 2022 में यह 7,062 इकाई थी। कंपनी के निदेशक (विपणन एवं बिक्री) युइची मुराता ने कहा कि कंपनी सकारात्मकता और आशावाद के साथ नए साल का इंतजार कर रही है। इस बीच, दोपहिया वाहन खंड में रॉयल एनफील्ड की बिक्री दिसंबर में सात प्रतिशत घटकर 63,387 इकाई रह गई जो साल भर पहले इसी महीने में 68,400 इकाई थी। घरेलू बिक्री चार प्रतिशत गिरकर 57,291 इकाई रही जबकि निर्यात 29 प्रतिशत घटकर 6,096 इकाई रह गया। टीवीएस मोटर कंपनी की दिसंबर 2023 में दोपहिया वाहन बिक्री 27 प्रतिशत बढ़कर 2,90,064 इकाई हो गई। इस दौरान मोटरसाइकिल की बिक्री 19 प्रतिशत बढ़कर 1,48,049 इकाई हो गई जबकि स्कूटर की बिक्री 34 प्रतिशत बढ़कर 1,03,167 इकाई हो गई।
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नयी दिल्ली,एयर इंडिया 22 जनवरी से घरेलू मार्गों पर अपने पहले ए350 विमान का परिचालन शुरू करेगी। इसमें पहली उड़ान बेंगलुरु से मुंबई के लिए होगी। ए350-900 विमान में 316 सीटें होंगी। इसमें 28 बिजनेस क्लास, 24 प्रीमियम इकनॉमी और 264 इकनॉमी श्रेणी की सीटें होंगी। एयरलाइन ने सोमवार को बयान में कहा, ‘‘भारत का पहला एयरबस ए350 इस महीने 22 तरीख को वाणिज्यिक परिचालन में आएगा।'' इसकी उड़ानें बेंगलुरु, चेन्नई, दिल्ली, हैदराबाद और मुंबई से परिचालित होंगी।
बयान के अनुसार, ‘‘बाद में ए350 विमानों को लंबी दूरी की उड़ानों के लिये तैनात किया जाएगा। एयर इंडिया ने सोमवार को ए350 उड़ानों के लिए बुकिंग शुरू कर दी।
एयरलाइन के ए350-900 विमानों में से 20 विमानों की पहली खेप 23 दिसंबर को दिल्ली पहुंची। -
नयी दिल्ली. भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने सोमवार को कहा कि कर अधिकारियों ने वित्त वर्ष 2017-18 के लिए कथित तौर पर जीएसटी का कम भुगतान करने के लिए उसे लगभग 806 करोड़ रुपये की मांग का नोटिस भेजा है। सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनी एलआईसी ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि उसे महाराष्ट्र राज्य के लिए ब्याज और जुर्माने के साथ जीएसटी संग्रह के लिए सोमवार को एक आदेश मिला है। कंपनी ने कहा कि वह निर्धारित समयसीमा के भीतर इस आदेश के खिलाफ आयुक्त (अपील), मुंबई के समक्ष अपील दायर करेगी। नियामकीय सूचना के मुताबिक, इस नोटिस का एलआईसी की वित्तीय, परिचालन या अन्य गतिविधियों पर कोई भौतिक प्रभाव नहीं पड़ा है।
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नयी दिल्ली. भारत ने 2023 में वैश्विक स्तर पर प्रतिकूल परिस्थतियों का ‘निर्णायक' तरीके से सामना किया और दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख वैश्विक अर्थव्यवस्था का ‘दर्जा' कायम रखा। बढ़ती मांग, घटती महंगाई, स्थिर ब्याज दर परिदृश्य और मजबूत विदेशी मुद्रा भंडार की वजह से 2023 में भी भारतीय अर्थव्यवस्था की चमक बनी रही। दुनिया के विकसित देशों में व्यापक निराशावाद और बिगड़ती भू-राजनीतिक स्थिति के बावजूद मार्च तिमाही में भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 6.1 प्रतिशत रही। जून तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था 7.8 प्रतिशत की दर से बढ़ी, जबकि सितंबर तिमाही में वृद्धि दर 7.6 प्रतिशत रही। चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में देश की आर्थिक वृद्धि दर 7.7 प्रतिशत रही है। भारतीय अर्थव्यवस्था की यह रफ्तार दिसंबर तिमाही में भी जारी रहने की उम्मीद है। इस तरह भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा। यानी भारत इस मामले में चीन से आगे रहेगा। आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (ओईसीडी) के ताजा वृद्धि अनुमान के अनुसार, भारत 2023 में 6.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करेगा, जो चीन और ब्राजील की वृद्धि दर क्रमशः 5.2 प्रतिशत और तीन प्रतिशत से कहीं अधिक है। ओईसीडी का अनुमान है कि 2024 में भारतीय अर्थव्यवस्था 6.1 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी, जबकि चीन की वृद्धि दर 4.7 प्रतिशत रहेगी। हालांकि, भारत के संदर्भ में ओईसीडी के वैश्विक वृद्धि दर के अनुमान को कुछ कम माना जा रहा है। वहीं दूसरी ओर अमेरिका, ब्रिटेन और जापान सहित कुछ प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में नए साल में आर्थिक वृद्धि दर में या तो गिरावट आ सकती है, या इनमें मामूली बढ़ोतरी हो सकती है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के विश्व आर्थिक परिदृश्य के अनुसार, वैश्विक वृद्धि 2022 में 3.5 प्रतिशत से घटकर 2023 में तीन प्रतिशत और 2024 में 2.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की सदस्य आशिमा गोयल ने कहा कि भारत की वृद्धि ने ‘‘कई बाहरी झटकों के बावजूद काफी जुझारू क्षमता दिखाई है। उन्होंने कहा कि लोगों को बेहतर कौशल और संपत्ति से ‘लैस' करने से 2024 और उससे आगे भारत अच्छी वृद्धि हासिल कर सकता है। रेटिंग एजेंसी क्रिसिल के मुख्य अर्थशास्त्री धर्मकीर्ति जोशी ने कहा कि आने वाले वर्ष में भूराजनीतिक घटनाक्रम फिर से भारत की घरेलू मांग की मजबूती का परीक्षण करेगा। उन्होंने कहा, हमें उम्मीद है कि आने वाले वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 6.4 प्रतिशत रहेगी, जो चालू वित्त वर्ष से कुछ कम है।'' अर्थव्यवस्था पर भारतीय रिजर्व बैंक के एक हालिया लेख में कहा गया है कि ‘‘वैश्विक स्तर पर प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद भारत 2023 में सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहा।'' एमपीसी के सदस्य जयंत आर वर्मा ने कहा, ‘‘कुछ कठिन वर्षों के बाद आर्थिक माहौल बेहतर हो रहा है। महंगाई घट रही है और वृद्धि बढ़ रही है। ज्यादातर अनुमानों में कहा गया है कि 2024-25 में भारत की वृद्धि दर 2023-24 की तुलना में कुछ कम रहेगी। वृद्धि की राह में सबसे बड़ा जोखिम वैश्विक अर्थव्यवस्था की सुस्ती और भूराजनीतिक दबाव है।''
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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने रविवार को नीति आयोग के उपाध्यक्ष रहे अरविंद पानगड़िया को 16वें वित्त आयोग (एसएफसी) का अध्यक्ष नियुक्त किया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक महीने पहले16वें वित्त आयोग का काम करने का क्षेत्र (टर्म आफ रेफरेंस) निर्धारित किया था।
बहरहाल सरकार ने वित्त आयोग के सदस्यों की नियुक्ति नहीं की है, जिससे इस आयोग के कामकाज में और देरी हो सकती है। गजट अधिसूचना में कहा गया है, ‘सोलहवें वित्त आयोग के सदस्यों को अलग से अधिसूचित किया जाएगा।’बारहवें वित्त आयोग के सदस्य रहे डीके श्रीवास्तव ने कहा कि पानगड़िया इस काम के लिए सबसे उपयुक्त व्यक्ति हैं क्योंकि उन्हें भारतीय अर्थव्यवस्था की बहुत अच्छी समझ है और उन्होंने कई साल तक नीति आयोग का काम संभाला है।पानगड़िया ने जनवरी 2015 से लेकर अगस्त 2017 तक नीति आयोग के पहले उपाध्यक्ष के रूप में काम किया। यह पद कैबिनेट मंत्री के स्तर का होता है। इन वर्षों के दौरान उन्होंने भारत के जी20 के शेरपा के रूप में भी काम किया और जी20 की बातचीत में शामिल भारतीय दल का नेतृत्व किया।सदस्यों की नियुक्ति में देरी के बारे में श्रीवास्तव ने कहा कि वित्त आयोग अपनी रिपोर्ट पूरी करने में 2 से 2.5 साल का वक्त लेता है और ऐसे में यह जरूरी है कि नियुक्तियां समय से हों।श्रीवास्तव ने कहा कि 2024 में वैश्विक सुस्ती और गंभीर हो सकती है और विकसित अर्थव्यवस्था वाले देश सुस्ती की गिरफ्त में आ सकते हैं, इससे एफएफसी के आकलन में चुनौतियां आ सकती हैं।पानगड़िया इस समय कोलंबिया विश्वविद्यालय में जगदीश भगवती प्रोफेसर आफ इंडियन पॉलिटिकल इकोनॉमी के रूप में काम कर रहे हैं। वह भारत की राजनीतिक अर्थव्यवस्था पर लगातार टिप्पणी करते रहे हैं, जिनमें ऐसी टिप्पणियां भी शामिल हैं, जिनके बारे में उन्हें वित्त आयोग का कामकाज करते हुए मूर्त रूप देना है।पानगड़िया ने हाल में ओडिशा को एक उदाहरण के रूप में बताया था कि मतदाताओं ने नेता को किस तरह पुरस्कृत किया है, जिन्होंने लगातार उच्च आर्थिक वृद्धि दी है। वहीं उन्होंने राजस्थान सरकार के पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल करने और स्वास्थ्य का अधिकार विधेयक लाने के फैसले की आलोचना करते हुए इसे ‘मतदाताओं को आकर्षित करने के खतरनाक गैर-जिम्मेदाराना तरीकों’ का उदाहरण बताया था।वित्त आयोग संवैधानिक निकाय है। इसका गठन हर 5 साल पर किया जाता है। यह केंद्र व राज्यों के बीच कर विभाजन का फॉर्मूला तैयार करता है। साथ ही राज्यों और स्थानीय निकायों के बीच कर विभाजन का भी तौर तरीका तय करता है। इस समय भारत में केंद्र का 41 प्रतिशत कर राज्यों के साथ साझा किया जाता है, जिसकी सिफारिश 15वें वित्त आयोग ने की थी।अब तक की परंपरा से हटते हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 29 नवंबर को अध्यक्ष व सदस्यों के नाम का खुलासा किए बगैर वित्त आयोग के काम करने के क्षेत्र को मंजूरी दे दी थी। वित्त आयोग को अपनी रिपोर्ट 31 अक्टूबर, 2025 को देनी होगी, जिसमें 1 अप्रैल, 2026 से प्रभावी 5 साल की अवधि शामिल होगी।एनके सिंह की अध्यक्षता वाले पंद्रहवें वित्त आयोग की वैधता 31 मार्च, 2026 तक है। सरकारी अधिकारी ऋत्विक रंजनम पांडेय को आयोग का सचिव बनाया गया है।सरकार ने वित्त आयोग के काम करने का क्षेत्र सिर्फ संवैधानिक रूप से अनिवार्य प्रावधानों तक सीमित कर दिया है, जिसमें केंद्र और राज्यों और राज्यों के भीतर कर का वितरण, भारत की संचित निधि से राज्यों को राजस्व सहायता अनुदान को नियंत्रित करने वाले सिद्धांत और राज्यों में पंचायतों व नगर पालिकाओं के धन जुटाने के पूरक संसाधनों के बारे में कदम उठाने जैसी सिफारिशें शामिल है।अग्रणी व्यापार अर्थशास्त्री पानगड़िया अक्सर सरकार की संरक्षणवादी आयात छूट नीतियों की आलोचना करते रहे हैं। हालांकि वह नरेंद्र मोदी सरकार की व्यापक आर्थिक नीतियों के समर्थक रहे हैं।पानगड़िया ने इसके पहले एशियाई विकास बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री के रूप में काम किया है और उन्होंने विश्व बैंक, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और अंकटाड में भी विभिन्न पदों पर काम किया है।उन्होंने प्रिंसटन यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में पीएचडी की उपाधि ली है। मार्च 2012 में भारत सरकार ने पानगड़िया को पद्म भूषण से सम्मानित किया था, जो किसी भी क्षेत्र में काम करने पर दिया जाने वाला देश का तीसरा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान है। -
नयी दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) के प्रमुखों के साथ बैठक की और उनके वित्तीय प्रदर्शन की समीक्षा की। सूत्रों ने बताया कि बैठक के दौरान साइबर सुरक्षा से संबंधित चिंताओं और वित्तीय क्षेत्र से जुड़े जोखिमों पर चर्चा हुई। उन्होंने बताया कि इस दौरान धोखाधड़ी और जानबूझकर कर्ज नहीं चुकाने वालों से जुड़े मुद्दे और राष्ट्रीय परिसंपत्ति पुनर्गठन कंपनी लिमिटेड (एनएआरसीएल) की प्रगति पर भी चर्चा हुई। आम बजट 2024-25 को पेश करने और अगले साल के अंत में होने वाले आम चुनाव से पहले यह संभवतः आखिरी पूर्ण समीक्षा बैठक है। पीएसयू बैंकों ने चालू वित्त वर्ष के पहले छह महीनों के दौरान लगभग 68,500 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया है। इन बैंकों के नतीजों के मुताबिक 2022-23 के दौरान उनकी बैलेंस शीट स्वस्थ गति से बढ़ी, तथा जमा और ऋण वृद्धि दोनों में तेजी आई। इस महीने की शुरुआत में वित्त मंत्रालय ने पीएसबी के प्रमुखों के साथ एक समीक्षा बैठक की थी और उन्हें अपनी खराब संपत्तियों के प्रबंधन के तहत सभी मामलों, विशेष रूप से शीर्ष 20 दिवाला और शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) मामलों की निगरानी करने के लिए कहा। पीएसबी के प्रबंध निदेशकों और सीईओ के साथ एक बैठक के दौरान वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने उनसे शीर्ष 20 आईबीसी मामलों की मासिक समीक्षा करने को कहा।