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नयी दिल्ली. रियल एस्टेट सलाहकार कोलियर्स इंडिया के अनुसार देश के छह प्रमुख शहरों में कार्यालय मांग मजबूत बनी हुई है। इन शहरों में जनवरी-मार्च तिमाही में कार्यालय स्थलों की मांग सालाना आधार पर 35 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है। कोलियर्स इंडिया ने चालू तिमाही के खत्म होने के नौ दिन पहले जनवरी-मार्च के लिए कार्यस्थल बाजार पर आंकड़े जारी किए। आंकड़ों के अनुसार, 2024 की पहली तिमाही के दौरान छह प्रमुख शहरों - बेंगलुरु, दिल्ली-एनसीआर, मुंबई, चेन्नई, हैदराबाद और पुणे में कुल कार्यालय पट्टे 1.36 करोड़ वर्ग फीट तक बढ़ने का अनुमान है। एक साल पहले इसी अवधि में पट्टे 1.01 करोड़ वर्ग फुट के थे। रिपोर्ट के मुताबिक हैदराबाद, मुंबई, बेंगलुरु और दिल्ली-एनसीआर में मांग बढ़ने की उम्मीद है, जबकि चेन्नई में गिरावट आ सकती है।
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नयी दिल्ली. ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन ने शनिवार को कहा कि वह मुद्रास्फीति और ब्याज दरों के साथ ही उद्योग में प्रचलित शुल्क संरचनाओं के अनुरूप अपने विक्रेता शुल्क को संशोधित कर रही है। कंपनी सात अप्रैल से अपने मार्केटप्लेस 'अमेजन डॉट इन' पर विक्रेताओं के लिए अपनी शुल्क संरचना को संशोधित कर रही है। इसमें रेफरल शुल्क, समापन शुल्क और वजन प्रबंधन शुल्क के अलावा अन्य सहायक शुल्क शामिल हैं।
कंपनी ने कहा, ''ये संशोधन मुद्रास्फीति, ब्याज दरों, परिचालन लागत जैसे विभिन्न व्यापक आर्थिक कारकों को ध्यान में रखकर किए गए हैं। ये उद्योग में प्रचलित शुल्क रुझानों के अनुरूप हैं।'' कंपनी ने एक बयान में कहा कि परिधान, चादर, कुशन कवर और बर्तन जैसी श्रेणियों में रेफरल शुल्क कम किया जाएगा, जबकि वैज्ञानिक आपूर्ति, चिमनी, लैपटॉप बैग तथा टायर जैसी श्रेणियों में इसे बढ़ाया जाएगा। इसके अलावा 1,000 रुपये से अधिक की औसत बिक्री मूल्य के लिए समापन शुल्क में तीन रुपये की बढ़ोतरी की गई है। परिवहन लागत में मुद्रास्फीति के अनुरूप वजन प्रबंधन शुल्क में दो रुपये की बढ़ोतरी की गई है। अमेजन इंडिया के एक प्रवक्ता ने कहा, ''हम मानते हैं कि विक्रेता शुल्क और प्रोत्साहन से एक मजबूत बाजार को बनाए रखने में मदद मिलेगी, जो देश में छोटे और मझोले व्यवसायों को डिजिटल बनाने और उन्हें मजबूत राष्ट्रीय ब्रांडों के रूप में विकसित होने में मदद करेगा।'' उन्होंने कहा कि ये बदलाव 'अमेजन डॉट इन' को भारत में बिक्री के लिए सबसे पसंदीदा बाजारों में से एक बनाने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं। - नई दिल्ली। मारुति सुजुकी इंडिया ने बाजार से करीब 16 हजार गाड़िया वापस बुलाने का फैसला किया है। कंपनी के बलेनो और वैगनआर गाड़ियों के फ्यूल पंप मोटर के एक हिस्से में संभावित खराबी की जानकारी मिली है। जिसे ठीक करने के लिए कंपनी बलेनो और वैगनआर की 16,000 से अधिक इकाइयों को वापस मंगा रही है। देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी ने एक नियामक फाइलिंग में कहा कि कंपनी 30 जुलाई, 2019 और 1 नवंबर, 2019 के बीच बनी बलेनो की 11,851 इकाइयों और वैगनआर की 4,190 इकाइयों को वापस बुला रही है।फाइलिंग में कहा गया है कि ऐसा संदेह है कि इन गाड़ियों के फ्यूल पंप मोटर के एक हिस्से में संभावित खराबी है, जिससे इंजन से जुड़ी समस्या हो सकती हैं। साथ ही कंपनी ने कहा कि इस अवधि के दौरान बनी गाड़ियों को जो ग्राहक खरीद चुके हैं वे उनसे संपर्क करेगी और उन्हें इस समस्या को ठीक करवाने के लिए उनसे डीलरशिप से संपर्क करने के लिए कहेगी।मुनाफे में है कंपनीभारत की सबसे बड़ी कार विनिर्माता मारुति सुजूकी इंडिया का शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में 33.3 फीसदी बढ़कर 3,207 करोड़ रुपये हो गया। तिमाही के दौरान जिंस कीमतों में नरमी और स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल (एसयूवी) एवं सीएनजी कारों की दमदार बिक्री से मुनाफे को बल मिला। चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के दौरान जिंस कीमतों में नरमी आने से कंपनी की सामग्री लागत एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले महज 9.7 फीसदी बढ़कर 18,561 करोड़ रुपये हो गई। तिमाही के दौरान कंपनी ने 5,01,207 वाहनों की बिक्री की जो एक साल पहले की इसी अवधि के मुकाबले 7.6 फीसदी अधिक है।
- मुंबई. सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के प्रबंध निदेशक (एमडी) और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) एम वी राव को बृहस्पतिवार को भारतीय बैंक संघ (आईबीए) का चेयरमैन नियुक्त किया गया। आईबीए की प्रबंध समिति ने बृहस्पतिवार को हुई अपनी बैठक में भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के चेयरमैन दिनेश कुमार खारा, इंडियन बैंक के प्रबंध एवं सीईओ एस एल जैन और सिटी यूनियन बैंक के प्रबंध और सीईओ एन कामाकोडी को उपाध्यक्ष के रूप में चुना। आईबीए ने बयान में कहा कि बैंक ऑफ बहरीन एंड कुवैत के कंट्री प्रमुख और सीईओ माधव नायर को मानद सचिव के रूप में भी चुना गया।
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मुंबई. आईसीआईसीआई बैंक ने बृहस्पतिवार को कहा कि प्रतिद्वंद्वी बैंकों के एक करोड़ ग्राहक उसके इंटरऑपरेबल मोबाइल बैंकिंग एप्लिकेशन, आईमोबाइल पे का इस्तेमाल कर रहे हैं। निजी क्षेत्र के दूसरे सबसे बड़े ऋणदाता ने दिसंबर, 2020 से अन्य बैंकों के ग्राहकों को ऐप का उपयोग करने की अनुमति दी है। इसके जरिये और किसी भी यूपीआई आईडी या व्यापारियों को भुगतान करने, बिलों का भुगतान करने, ऑनलाइन रिचार्ज करने और धन हस्तांतरण जैसी सेवाएं संभव हैं। एक बयान में बैंक ने कहा कि अप्रैल, 2023 और फरवरी, 2024 के बीच मोबाइल ऐप पर एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में कुल लेनदेन मूल्य में 26 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। आईसीआईसीआई बैंक के डिजिटल चैनल और भागीदारी प्रमुख सिद्धार्थ मिश्रा ने कहा कि बैंकिंग मंच पर 400 सेवाएं उपलब्ध हैं।
- बेंगलुरु. भारत के जी20 शेरपा और नीति आयोग के पूर्व मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कांत ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत अगले पांच साल में जापान और जर्मनी को पीछे छोड़कर दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। इसके अलावा उस समय तक भारत में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा शेयर बाजार भी होगा। भारतीय उद्योग परिसंघ (दक्षिणी क्षेत्र) द्वारा ‘द डेक्कन कन्वर्सेशन्स, एक्सिलेरेटिंग आवर ग्रोथ स्टोरी' विषय पर आयोजित सम्मेलन को संबोधित करते हुए कांत ने कहा कि भारत की वृद्धि दर पिछली तीन तिमाहियों में 8.3 प्रतिशत से अधिक रही है और इस दौरान यह एक ‘मजबूत ताकत' के रूप में उभरा है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) का हवाला देते हुए कहा कि भारत अगले दशक में दुनिया के आर्थिक विस्तार में लगभग 20 प्रतिशत का योगदान देगा। वर्ष 2047 तक देश की अर्थव्यवस्था 35,000 अरब डॉलर की होगी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत को विनिर्माण, स्मार्ट शहरीकरण और कृषि के दम पर आगे बढ़ने की जरूरत है। कांत ने कहा, ‘‘भारत को सीखने के परिणामों और कौशल में सुधार करने की जरूरत है, जिससे 2047 तक भारत वैश्विक स्तर पर 30 प्रतिशत कुशल जनशक्ति प्रदान कर सकेगा।'' उन्होंने कहा कि भारत को बड़ी कंपनियां बनाने, सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) के लिए पारिस्थतिकी तंत्र का सृजन करने की जरूरत है, जिससे शोध एवं विकास (आरएंडडी) पर खर्च को मौजूदा के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 0.7 प्रतिशत से बढ़ाकर ढाई से तीन प्रतिशत किया जा सके। उन्होंने कहा, ‘‘हमने भारत में वृद्धि की रफ्तार तेज की है। हम माल एवं सेवा कर (जीएसटी) लेकर आए हैं, जिसका अच्छा लाभ मिल रहा है। इसके अलावा हम दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता भी लेकर आए हैं। साथ ही रियल एस्टेट विनियमन अधिनियम ने भारत के रियल एस्टेट क्षेत्र में अनुशासन पैदा किया है।'' कांत ने कहा कि केंद्रीय स्तर पर कारोबार सुगमता की वजह से 1,500 कानून समाप्त हुए हैं, जो एक बड़ी बात है। उन्होंने कहा कि कभी देश में सिर्फ 150 स्टार्टअप थे लेकिन आज इनकी संख्या 1,25,000 हो गई है जिनमें से 115 यूनिकॉर्न हैं। यूनिकॉर्न से आशय एक अरब डॉलर से अधिक के मूल्यांकन वाली कंपनियों से है।
- नयी दिल्ली। जिंदल स्टील एंड पावर के चेयरमैन नवीन जिंदल ने गुरुवार को भारतीय इस्पात संघ (आईएसए) के अध्यक्ष के रूप में पदभार संभाल लिया। आईएसए ने बयान में कहा कि नवीन जिंदल ने एएमएनएस इंडिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) दिलीप ओमेन का स्थान लिया है। उनका कार्यकाल 21 मार्च से प्रभावी हो गया है। जिंदल स्टील एंड पावर (जेएसपी) के चेयरमैन नवीन जिंदल को आईएसए की नियामकीय इकाई ‘एपेक्स कमिटी' द्वारा सर्वसम्मति से नया अध्यक्ष चुना गया है।
- नयी दिल्ली । राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में गुरुवार को सोने का भाव मजबूत वैश्विक रुझानों के बाद 1,130 रुपये के उछाल के साथ 67,450 रुपये प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड उच्चस्तर पर पहुंच गया। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी। पिछले कारोबारी सत्र में सोना 66,320 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था।चांदी की कीमत भी 1,100 रुपये की तेजी के साथ 77,750 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई। इससे पिछले कारोबारी सत्र में यह 76,650 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषक दिलीप परमार ने कहा, ‘‘दिल्ली के बाजारों में सोने की हाजिर कीमत (24 कैरेट) 67,450 रुपये प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रहा थी, जो पिछले बंद भाव से 1,130 रुपये की तेजी है।'' अंतरराष्ट्रीय बाजार कॉमेक्स (जिंस बाजार) में हाजिर सोना 2,202 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रहा था जो पिछले बंद भाव से 48 डॉलर की बढ़त है। परमार ने कहा कि कॉमेक्स पर सोने की हाजिर कीमतों को बढ़ते भू-राजनीतिक जोखिमों और केंद्रीय बैंकों की खरीदारी से समर्थन मिला। चांदी भी 25.51 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रही थी। पिछले कारोबार में यह 24.84 डॉलर प्रति औंस पर रही थी। जेएम फाइनेंशियल सर्विसेज में ईबीजी - ‘कमोडिटी एंड करेंसी रिसर्च' के उपाध्यक्ष प्रणव मेर ने कहा कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व के अधिकारियों द्वारा इस साल ब्याज दर में तीन बार कटौती के संकेतों के बाद डॉलर में बिकवाली के समर्थन से सोना अपने अबतक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया।
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इंगलस्टाड (जर्मनी). लक्जरी वाहन विनिर्माता कंपनी ऑडी इंडिया इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) का स्थानीय स्तर पर असेंबलिंग शुरू करने पर विचार कर रही है। ऐसा होने पर कंपनी भारत में कम कीमत पर वाहन उपलब्ध करा सकेगी और उसका ग्राहक आधार बढ़ाने में मदद मिलेगी। ऑडी वर्तमान में देश में ईवी की पूरी शृंखला का आयात करती है। इनमें क्यू8 50 ई-ट्रॉन, क्यू8 55 ई-ट्रॉन, क्यू8 स्पोर्टबैक 50 ई-ट्रॉन, क्यू8 स्पोर्टबैक 55 ई-ट्रॉन, ई-ट्रॉन जीटी और आरएस ई-ट्रॉन जीटी आदि हैं। हालांकि, कंपनी महाराष्ट्र के औरंगाबाद स्थित अपने विनिर्माण संयंत्र में क्यू3, क्यू3 स्पोर्टबैक, क्यू5, क्यू7, ए4 और ए6 जैसे पेट्रोल मॉडल को असेंबल करती है। यहां ऑडी इंडिया के प्रमुख बलबीर सिंह ढिल्लों ने कहा कि ईवी का स्थानीय विनिर्माण शुरू करने पर कार्य प्रगति पर है और कंपनी के वैश्विक मुख्यालय के साथ इसपर सक्रिय चर्चा चल रही है। उन्होंने कहा, “हम ऑडी एजी के साथ बहुत सकारात्मक रूप से काम कर रहे हैं और उम्मीद है कि किसी समय हम इसकी (ईवी मॉडलों की स्थानीय स्तर पर असेंबलिंग) घोषणा कर सकेंगे।” प्रक्रिया शुरू होने के संभावित समय के बारे में पूछने पर ढिल्लों ने कोई विशिष्ट तारीख नहीं बताई लेकिन कहा कि भारतीय दल वैश्विक मुख्यालय के साथ बहुत सक्रियता के साथ इस मुद्दे पर बातचीत कर रहा है।
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नयी दिल्ली. लाल सागर संकट जैसी भू-राजनीतिक चुनौतियों के बावजूद चालू वित्त वर्ष के अंत तक देश का वस्तुओं का निर्यात 450 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। निर्यातकों के शीर्ष संगठन फियो के निर्वाचित अध्यक्ष अश्विनी कुमार ने मंगलवार को यह बात कही। उन्होंने कहा कि लाल सागर संकट से पैदा हुई चुनौतियों का समाधान समुद्री बीमा और माल ढुलाई शुल्क में तर्कसंगत वृद्धि करके किया जा सकता है। कुमार ने कहा कि देश के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए निर्यात क्षेत्र को आसान और कम लागत वाले ऋण तथा विपणन समर्थन की जरूरत है। ब्रिटेन और ओमान के साथ मुक्त व्यापार समझौतों को जल्द अंतिम रूप देने से भी निर्यात को मदद मिलेगी। उन्होंने कहा, ''मैं एमएसएमई के मुद्दों का समाधान करने पर ध्यान केंद्रित करूंगा, क्योंकि वे प्रमुख भूमिका निभाने जा रहे हैं। ये इकाइयां 2030 तक 1,000 अरब डॉलर के वस्तु निर्यात के लक्ष्य को हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।'' उन्होंने कहा कि छोटी और मझोली इकाइयां अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं और उन्हें ऋण से संबंधित कुछ मुद्दों का सामना करना पड़ रहा है। कुमार ने कहा, ''मैं बैंकों से इन इकाइयों को समर्थन देने के लिए आगे आने का आग्रह करूंगा।'' फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन (फियो) के अध्यक्ष ने कहा कि संगठन लैटिन अमेरिका और अफ्रीका जैसे क्षेत्रों में निर्यातकों के लिए अधिक अवसर तलाशने पर भी काम कर रहा है। उन्होंने कहा, ''चुनौतियां हैं, लेकिन मुझे यकीन है कि हम चालू वित्त वर्ष में 450 अरब अमेरिकी डॉलर के निर्यात को हासिल कर लेंगे।'' उन्होंने कहा कि समस्याओं के बावजूद फरवरी में निर्यात लगभग 12 प्रतिशत बढ़कर 41.40 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया। चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-फरवरी के दौरान वस्तुओं का निर्यात 395 अरब अमेरिकी डॉलर था।
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नयी दिल्ली. चालू वित्त वर्ष में 17 मार्च तक शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 19.88 प्रतिशत बढ़कर 18.90 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है। आयकर विभाग ने मंगलवार को यह जानकारी दी। आयकर विभाग के निकाय केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने एक बयान में कहा कि 17 मार्च तक कुल प्रत्यक्ष कर संग्रह 18,90,259 करोड़ रुपये रहा है जिसमें 9,14,469 करोड़ रुपये कॉरपोरेट कर और व्यक्तिगत आयकर के अलावा 9,72,224 करोड़ रुपये का प्रतिभूति लेनदेन कर (एसटीटी) भी शामिल है। इसके साथ चालू वित्त वर्ष में 17 मार्च तक करीब 3.37 लाख करोड़ रुपये का रिफंड भी जारी किया जा चुका है। सकल आधार पर रिफंड समायोजन से पहले कुल प्रत्यक्ष कर संग्रह 22.27 लाख करोड़ रुपये था। यह एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले 18.74 प्रतिशत अधिक है। सीबीडीटी ने कहा, “वित्त वर्ष 2023-24 में 17 मार्च तक प्रत्यक्ष कर संग्रह के अस्थायी आंकड़े बताते हैं कि शुद्ध कर संग्रह 18,90,259 करोड़ रुपये है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह 15,76,776 करोड़ रुपये था। यह वित्त वर्ष 2022-23 की तुलना में 19.88 प्रतिशत अधिक है।“ सरकार ने प्रत्यक्ष कर संग्रह के संशोधित अनुमान में पूरे वित्त वर्ष के लिए प्राप्तियां 19.45 लाख करोड़ रुपये रहने की उम्मीद जताई है।
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नयी दिल्ली. खान-पान के उत्पादों की आपूर्ति करने वाले ऑनलाइन मंच जोमैटो के संस्थापक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) दीपिंदर गोयल ने पूर्ण रूप से शुद्ध शाकाहारी माध्यम (प्योर वेज मोड) से खाने की आपूर्ति सेवा शुरू करने की घोषणा की है। कंपनी ने यह सेवा पूर्ण रूप से शुद्ध शाकाहार अपनाने वाले ग्राहकों की पसंद को ध्यान में रखकर शुरू की है। उन्होंने नई सेवा को शुरू करने के लिए शाकाहारी ग्राहकों की प्रतिक्रिया का हवाला दिया। उन्होंने बताया कि ऑनलाइन मंच भारत में 100 प्रतिशत शाकाहारी आहार का उपयोग करने वाले ग्राहकों के लिए ‘शुद्ध शाकाहारी बेड़ा' (प्योर वेज फ्लीट) भी शुरू कर रहा है। गोयल ने सोशल नेटवर्किंग मंच ‘एक्स' पर पोस्ट कर कहा कि दुनियाभर में सबसे ज्यादा शाकाहारी जनसंख्या भारत में है। उन्होंने कहा कि नई सेवाएं ऐसे ग्राहकों की प्रतिक्रियाओं के आधार पर शुरू की हैं। जोमैटो के सीईओ ने कहा, “दुनिया में सबसे ज्यादा शाकाहारी जनसंख्या प्रतिशत भारत में है और उनसे हमें सबसे महत्वपूर्ण प्रतिक्रिया मिली है कि वे इसको लेकर बहुत गंभीर हैं कि उनका खाना कैसे पकाया जाता है, और उनके भोजन को कैसे लाया जाता है।” उन्होंने कहा, “उनकी आहार संबंधी प्राथमिकताओं को हल करने के लिए हम आज 100 प्रतिशत शाकाहारी आहार पसंद करने वाले ग्राहकों के लिए जोमैटो पर ‘शुद्ध शाकाहारी बेड़े' के साथ ‘शुद्ध शाकाहारी माध्यम' शुरू कर रहे हैं।” गोयल ने साझा किया कि ‘शुद्ध शाकाहारी माध्यम' में मांसाहारी वस्तुओं की पेशकश करने वाले किसी भी प्रतिष्ठान को छोड़कर, विशेष रूप से शाकाहारी भोजन परोसने वाले रेस्तरां का चयन शामिल है। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका यह कदम किसी भी धार्मिक या राजनीतिक प्राथमिकताओं के लिए नहीं है। हालांकि, इस कदम के लिए जोमैटो के सीईओ की सोशल मीडिया पर एक वर्ग ने आलोचना की है।
गोयल ने कहा, “जोमैटो के पूर्ण शाकाहारी बेड़े में हरे रंग के डिब्बे होंगे न कि पारंपरिक लाल डिब्बे।”गोयल ने स्पष्ट किया कि ये खाना आपूर्ति करने वाले व्यक्ति विशेष रूप से शुद्ध शाकाहारी रेस्तरां से ऑर्डर वितरित करेंगे और कोई भी मांसाहारी भोजन नहीं संभालेंगे। इसके अलावा, वे हरे रंग का डिब्बा लेकर मांसाहारी रेस्तरां में प्रवेश भी नहीं करेंगे। -
नयी दिल्ली. सार्वजनिक क्षेत्र की इंजीनियरिंग कंपनी भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (बीएचईएल) ने मंगलवार को कहा कि उसे एनटीपीसी से 1,600 मेगावाट की सिंगरौली अत्याधुनिक तापीय बिजली परियोजना चरण-3 की स्थापना के लिए ठेका मिला है। बीएचईएल ने एक बयान में कहा कि यह संयंत्र उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले के सिंगरौली में मौजूदा 2,000 मेगावाट के तापीय बिजली स्टेशन (टीपीएस) के पास स्थापित किया जाएगा। सिंगरौली टीपीएस राज्य में एनटीपीसी का पहला बिजली संयंत्र था, जिसकी स्थापना 1982 में हुई थी। बयान में कहा गया कि सिंगरौली में बीएचईएल ने पहले जो मशीनें लगाईं थी, वे चालू होने के बाद बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं।
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नयी दिल्ली. सरकार ने सोमवार को इंडिया पोटाश लिमिटेड के माध्यम से यूरिया (कृषि ग्रेड) के आयात की अनुमति को एक साल के लिए यानी मार्च, 2025 तक बढ़ा दिया है। विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) की अधिसूचना के अनुसार, ‘‘सरकार की ओर से इंडियन पोटाश लिमिटेड के माध्यम से यूरिया (कृषि ग्रेड) का आयात 31 मार्च, 2025 तक करने की अनुमति है।'' चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-जनवरी के दौरान यूरिया का आयात 1.81 अरब डॉलर का रहा। उर्वरक मुख्य रूप से चीन, ओमान और रूस से आयात किया जाता है।
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नयी दिल्ली. विशिष्ट कॉफी त्वरित सेवा रेस्तरां (क्यूएसआर) श्रृंखला थर्ड वेव कॉफी के सह-संस्थापक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) सुशांत गोयल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। एक अन्य रेस्तरां श्रृंखला केएफसी के पूर्व सीईओ रजत लूथरा उनका स्थान लेंगे। कंपनी ने एक बयान में यह घोषणा करते हुए कहा कि भारत और नेपाल में केएफसी देवयानी इंटरनेशनल के सीईओ रहे लूथरा का कार्यभार अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही से शुरू हो जाएगा। कंपनी की 2016 में शुरुआत से गोयल और अन्य सह-संस्थापकों- आयुष बाथवाल और अनिरुद्ध शर्मा ने देशभर में इसके 100 से ज्यादा रेस्तरां खोले। कंपनी ने कहा, “गोयल निदेशक मंडल के सदस्य के रूप में कंपनी का मार्गदर्शन करना जारी रखेंगे और थर्ड वेव कॉफी के लिए नई पहल विकसित करेंगे।
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नई दिल्ली। भारत की दूसरी सबसे बड़ी आईटी (IT) कंपनी इंफोसिस के फाउंडर नारायणमूर्ति अक्सर सुर्खियों में बने रहते हैं। हाल ही में उन्होंने भारत के कर्मचारियों को हफ्ते में 70 घंटे काम करने की वकालत की थी तो आज उन्होंने एक ऐसा काम कर दिया जो पूरे देश में चर्चा का मुद्दा बन गया। नारायणमूर्ति ने अपने चार महीने के पोते एकाग्र रोहन मूर्ति को 240 करोड़ रुपये की शेयरों में हिस्सेदारी देकर भारत का सबसे कम उम्र वाला करोड़पति बना दिया।
BSE की फाइलिंग के मुताबिक, भारत में सबसे कम उम्र में करोड़पति बनने वाले एकाग्र रोहन सिंह की इंफोसिस कंपनी में 15 लाख शेयरों की हिस्सेदारी हो गई है। इसके साथ ही एकाग्रह अब इंफोसिस के 0.04 फीसदी हिस्सेदार होंगे।कौन हैं एकाग्र रोहन के माता-पिता और नारायणमूर्ति के बेटेगौरतलब है कि नारायणमूर्ति और उनकी पत्नी सुधा मूर्ति की दो संतानें हैं। एक बेटा रोहन मूर्ति और एक बेटी अक्षता मूर्ति, जिनके पति इंगलैंड के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक हैं। एकाग्र रोहन मूर्ति रोहन मूर्ति और अपर्णा कृष्णन (Aparna Krishnan) के बेटे हैं। नवंबर 2023 में ही उनका जन्म हुआ था।हाल ही में एकाग्र रोहन मूर्ति की दादी मां और नारायण मूर्ति की पत्नी सुधा मूर्ति राज्यसभा से सांसद बनी हैं। वह राष्ट्रपति के द्वारा मनोनीत सांसद हैं। इससे पहले से ही भारत की जानी मानी लेखिका और समाजसेविका भी हैं। उन्होंने वाइज ऐंड अदरवाइज: ए सैल्यूट टु लाइफ (Wise and Otherwise: A salute to Life ) और Here, There and Everywhere जैसी काफी फेमस किताबें लिखी है। -
नयी दिल्ली. इंडिगो ने सोमवार को 31 मार्च से बेंगलुरु और अगाती के बीच सीधी उड़ान शुरू करने की घोषणा की। इससे लक्षद्वीप के लिए हवाई संपर्क में सुधार होगा। अगाती इंडिगो नेटवर्क में 88वां घरेलू और कुल 121वां गंतव्य होगा। एयरलाइन ने सोमवार को बयान में कहा कि बेंगलुरु और अगाती के बीच सेवाएं 31 मार्च से शुरू होंगी।
एयरलाइन इस मार्ग पर लगभग 78 सीट वाले एटीआर विमान का उपयोग करेगी। इंडिगो ने कहा कि अगाती उन लोगों के बीच लोकप्रिय है जो गहरे समुद्र में मछली पकड़ने, स्कूबा डाइविंग, नौकायन, स्कीइंग और यहां तक कि कयाकिंग की तलाश में रहते हैं। इंडिगो प्रतिदिन 2,000 से अधिक उड़ानों का परिचालन करती है। -
नई दिल्ली। टाटा ग्रुप की एयरलाइन कंपनी एयर इंडिया में भी छंटनी की तलवार चली है। कंपनी ने हाल में 180 से अधिक नॉन-फ्लाइंग स्टाफ (Non Flying Staff) की छंटनी कर दी है।
इस छंटनी को लेकर कंपनी ने बताया है कि जिन लोगों की नौकरी गई है वो वॉलंटरी रिटायरमेंट स्कीम (VRS) और Reskilling यानी नए सिरे से कौशल निखारने के मौकों का इस्तेमाल नहीं कर पाए थे।एयर इंडिया में 18,500 से अधिक कर्मचारी हैं जबकि ग्रुप एयरलाइन, एयर इंडिया एक्सप्रेस में लगभग 6,200 कर्मचारी हैं। बता दें, जब टाटा समूह ने एयरलाइन का अधिग्रहण किया था, तब दोनों एयरलाइनों में संविदा कर्मियों सहित कुल 12,085 कर्मचारी थे।इस मामले में एयर इंडिया के एक प्रवक्ता ने कहा, हम इस प्रक्रिया के दौरान सभी संविदात्मक दायित्वों का सम्मान कर रहे हैं। कर्मचारियों को भेजे गए एक लेटर के अनुसार, छंटनी किए गए कर्मचारियों को एयरलाइन के साथ सेवा के प्रत्येक वर्ष के लिए 15 दिनों के वेतन के बराबर मुआवजा पैकेज मिलेगा। एयरलाइन ने पहले दो बार स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजनाओं की पेशकश की थी जिसका 2,500 से अधिक कर्मचारियों ने लाभ उठाया था। कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि फिटमेंट प्रक्रिया के हिस्से के रूप में, गैर-उड़ान कार्यों में कर्मचारियों को संगठनात्मक आवश्यकताओं और व्यक्तिगत योग्यता के आधार पर भूमिकाएं सौंपी गई हैं। प्रवक्ता ने कहा कि पिछले 18 महीनों में सभी कर्मचारियों की उपयुक्तता का आकलन करने के लिए एक व्यापक प्रक्रिया का पालन किया गया है। -
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने आज विदेशी इलेक्ट्रिक कार मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को भारत में बुलाने के लिए लुभावना ऑफर दिया है और साथ ही ईलॉन मस्क की कंपनी टेस्ला को भारत में एंट्री देने का रास्ता भी साफ कर दिया है। इसके लिए सरकार ने एक नई पॉलिसी लॉन्च की, जिसके तहत पूरी तरह से विदेशों में ही बनी कारों के आयात पर 15 फीसदी ही आयात शुल्क (import duty) लगेगा। सरकार ने आज भले ही ये पॉलिसी लॉन्च कर दिया हो मगर इसके साथ कई तरह की शर्तें भी हैं। आइये जानते हैं क्या हैं वे शर्ते जो भारत में विदेश लग्जरी कार मेकर्स को देंगी एंट्री
कॉमर्स मिनिस्ट्री ने अपने एक बयान में कहा कि भारत सरकार की ये पॉलिसी इलेक्ट्रिक वाहनों (electric vehicles) के क्षेत्र में निवेश बढ़ाने के उद्देश्य से लाई गई है। इसका लक्ष्य ग्लोबल इलेक्ट्रिक कार मैन्युफैक्चरर्स को भारत में लाना है। वर्तमान में भारत सरकार के आयात नियमों के मुताबिक, वे वाहन जो पूरी तरह से असेंबल होकर यानी पूरी तरह से तैयार (सिर्फ भारत में उनकी बिक्री होनी है) होकर भारत में आयात किए जाते हैं और उनकी कीमत 40,000 डॉलर से ज्यादा है, उनपर सरकार 100 फीसदी आयात शुल्क लेती है। और जो वाहन 40,000 डॉलर से कम कीमत के हैं, उन पर 70 फीसदी टैक्स लगता है।आयात शुल्क की नई स्कीम में क्या बदलाव?सरकार की तरफ से लॉन्च की गई नई स्कीम में पूरी तरह से तैयार यानी Completely Built-Up (CBU) वाहनों को लेकर जो बदलाव किए गए हैं, उससे टेस्ला (Tesla) जैसी ग्लोबल कार कंपनियों के लिए भारत आने का रास्ता साफ हो गया है। नई स्कीम के मुताबिक जो भी कंपनी CBU वाहनों का आयात करती हैं, उन्हें 15 फीसदी ही आयात शुल्क देना पड़ेगा। यह उन कंपनियों पर लगने वाले आयात शुल्क के बराबर है, जो वाहनों के पार्ट्स लाकर भारत में ही असेंबलिंग करते हैं। इसे Completely Knocked Down (CKD) भी कहा जाता है। बता दें कि Tesla ने पहले ही भारत सरकार से इस आयात शुल्क की मांग की थी।क्या हैं शर्तें?सरकार ने CBU वाहनों के आयात पर आयात शुल्क घटाकर 15 फीसदी तो कर दिया है लेकिन कई शर्तें भी रखी हैं।1. भारी उद्योग मंत्रालय (MHI) की एक नोटिफिकेशन के मुताबिक, भारत में कम से कम 4,150 करोड़ रुपये (लगभग 500 मिलियन डॉलर) का निवेश करने वाले ओरिजिनल एक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर्स (OEMs) के लिए कम आयात शुल्क की अनुमति दी जाएगी।2. नई आयात पॉलिसी का लाभ लेने के लिए, कंपनियों को तीन साल के भीतर भारत में मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी स्थापित करनी होगी और पांचवें साल तक 50 फीसदी का लोकलाइजेशन करना होगा। यानी 50 फीसदी मैन्युफैक्चरिंग और असेंबलिंग का काम भारत में ही होगा।3. एक आवेदक कंपनी, या उससे जुड़ी सब्सिडियरी कंपनियों के पास ऑटोमोटिव मैन्युफैक्चरिंग से न्यूनतम राजस्व सीमा (minimum revenue threshold ) 10,000 करोड़ रुपये होनी चाहिए, साथ ही फिक्स्ड एसेट (fixed assets) में 3,000 करोड़ रुपये की वैश्विक निवेश प्रतिबद्धता होनी चाहिए।4. इस पॉलिसी के तहत, अगले पांच साल तक ईवी पैसेंजर कारों (e-4 wheelers) को आयात करने में जो रकम अदा करनी पड़ेगी उसमें इंश्योंरेंस और माल ढुलाई के लिए लगने वाली 35,000 डॉलर की लागत और 15 फीसदी का आयातद शुल्क शामिल है। ये पॉलिसी MHI द्वारा अप्रूवल लेटर जारी होने के बाद से पांच सालों तक जारी रहेगी।5. अगर निवेश की रकम 800 मिलियन डॉलर या उससे ज्यादा है, तो 15 प्रतिशत आयात शुल्क पर ज्यादा से ज्यादा 40,000 इलेक्ट्रिक वाहनों के आय़ात की अनुमति दी जाएगी। एक कंपनी न्यूनतम संख्या में वाहन आयात कर सकेगी और सीमा उनके द्वारा किए गए निवेश से निर्धारित होगी।6. मंत्रालय के बयान में कहा गया कि अगर नियम के तहत इलेक्ट्रिक वाहनों की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स स्थापित करने वाली कंपनियों को कम सीमा शुल्क पर सीमित संख्या में कारों को आयात करने की अनुमति दी जाएगी। इस रियायत के लिए कंपनी को कम से कम 50 करोड़ डॉलर (4,150 करोड़ रुपये) का निवेश करना जरूरी होगा जबकि निवेश की कोई अधिकतम सीमा नहीं होगी।7. पूरी तरह से तैयार किए गए इलेक्ट्रिक वाहनों के आयात पर जो पहले 100 फीसदी औऱ 70 फीसदी का आयात शुल्क लगता था, अब वह 15 फीसदी लगेगा, जिसके चलते सरकार को अब कम कस्टम ड्यूटी में नुकसान होगा। लेकिन नई पॉलिसी के तहत सरकार का कहना है कि इस नुकसान के एवज में विदेशी कंपनियों को बैंक गारंटी जमा करनी होगी। रिफंड के तौर पर बैंक गारंटी केवल 50 फीसदी घरेलू मूल्यवर्धन हासिल करने और कम से कम 4,150 करोड़ रुपये का निवेश करने पर, या पांच साल के दौरान माफ की गई शुल्क की राशि (रियायत की रकम) तक, जो भी ज्य़ादा हो, वापस की जाएगी।पॉलिसी के नोटिफिकेशन से 120 दिन या उससे ज्यादा दिन के भीतर अप्लीकेशन मांगे जायेंगे। पॉलिसी की शुरुआती दो सालों के अंदर जरूरत के मुताबिक अप्लिकेशन विंडो खोलने का अधिकार MHI के पास रहता है। - कोलकाता ।देश की पहली ‘अंडरवॉटर’ मेट्रो ट्रेन की वाणिज्यिक सेवाएं शुक्रवार को कोलकाता में शुरू हुईं और सैकड़ों यात्री अपनी पहली यात्रा पर खुशी से झूम उठे।एक ट्रेन सुबह सात बजे कोलकाता के ईस्ट-वेस्ट मेट्रो कॉरिडोर पर हावड़ा मैदान स्टेशन से चली जबकि दूसरी ट्रेन उसी समय एस्प्लेनेड स्टेशन से शुरू हुई। इस दौरान यात्रियों ने तालियां बजायी।‘पहले दिन की पहली अंडरवाटर मेट्रो’ का हिस्सा बनने के लिए सैकड़ों यात्री सुबह-सुबह स्टेशनों पर उमड़ पड़े।हावड़ा मैदान स्टेशन पर सुबह टिकट लेने के लिए यात्री लंबी कतारों में खड़े दिखे जबकि एस्प्लेनेड स्टेशन पर अधिकारियों ने गुलाब के फूल देकर यात्रियों का स्वागत किया। यात्रियों में उत्साह था। हावड़ा मैदान स्टेशन पर कुछ यात्रियों ने ट्रेन में चढ़ते ही ‘जय श्री राम’ का नारा लगाया।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 6 मार्च को कोलकाता मेट्रो के ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर के हावड़ा मैदान-एस्प्लेनेड खंड का उद्घाटन करने के बाद वाणिज्यिक सेवाएं शुरू हुईं। यह भारत में पानी के नीचे मेट्रो सेवाओं की शुरुआत थी।ट्रेन जैसे ही नदी के नीचे के हिस्से में पहुंची, ट्रेन में सवार यात्रियों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। यात्रियों के एक वर्ग ने ‘यह मोदी की गारंटी है’ का नारा लगाया। वहीं कुछ यात्री हुगली नदी के नीचे सुरंग की दीवार की रोशनी की एक झलक पाने के लिए खिड़की की ओर दौड़ पड़े।चलती ट्रेन के दोनों ओर पानी का प्रभाव देने के लिए नदी के नीचे सुरंगों की भीतरी दीवार पर विशेष नीली रोशनी की व्यवस्था की गई है। सुरंग का नदी के नीचे का हिस्सा 520 मीटर लंबा है और एक ट्रेन को इसे पार करने में लगभग 45 सेकंड का समय लगता है।मेट्रो रेलवे के प्रवक्ता कौशिक मित्रा ने कहा, ‘अब तक, हमें जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है और लोग देश में पहली अंडरवॉटर मेट्रो सेवाओं का अनुभव लेने के लिए देर रात 2.30 बजे ही आ गए थे।’मेट्रो रेलवे की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, हावड़ा मैदान से एस्प्लेनेड तक ईस्ट-वेस्ट मेट्रो का 4.8 किलोमीटर लंबा हिस्सा 4,965 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है।
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नई दिल्ली। देश का विदेशी मुद्रा भंडार बढ़कर 2 साल से ज्यादा के हाई पर पहुंच गया है। 8 मार्च को समाप्त सप्ताह में यह 10.46 अरब डॉलर बढ़कर 636.095 अरब डॉलर हो गया। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। 1 मार्च को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 625.63 अरब डॉलर पर था। लगातार तीसरे हफ्ते देश के विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी देखी गई है।उल्लेखनीय है कि अक्टूबर 2021 में, देश का विदेशी मुद्रा भंडार 645 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर (ऑल टाइम हाई) पर पहुंच गया था। पिछले साल से वैश्विक गतिविधियों के कारण दबाव के बीच केंद्रीय बैंक ने रुपये की विनिमय दर बनाए रखने के लिए मुद्राभंडार का उपयोग किया। इससे मुद्रा भंडार प्रभावित हुआ।
रिजर्व बैंक के साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार, 8 मार्च को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार का अहम हिस्सा विदेशी मुद्रा आस्तियां (foreign currency assets) 8.12 अरब डॉलर बढ़कर 562.35 अरब डॉलर हो गया।डॉलर में अभिव्यक्त की जाने वाली विदेशी मुद्रा आस्तियों में यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं में घट-बढ़ के प्रभावों को शामिल किया जाता है।गोल्ड रिजर्व भी बढ़ाभारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार स्वर्ण भंडार (Gold Reserves) का मूल्य 2.29 अरब डॉलर बढ़कर 50.71 अरब डॉलर हो गया। विशेष आहरण अधिकार (Special Drawing Rights- SDRs) 28 करोड़ रुपये बढ़कर 1,50,760 करोड़ रुपये हो गया। जबकि, 1 मार्च को समाप्त सप्ताह में यह 1.7 करोड़ डॉलर घटकर 18.180 अरब डॉलर पर था।इसी सप्ताह में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के पास रखा देश का मुद्रा भंडार 116 करोड़ रुपये बढ़कर 39,876 करोड़ रुपये हो गया। -
मुंबई. अडाणी समूह के चेयरमैन गौतम अडाणी ने बृहस्पतिवार को कहा कि पिछले साल जनवरी में आई अमेरिकी फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट न केवल विभिन्न क्षेत्रों में कारोबार वाले समूह को अस्थिर करने बल्कि भारत की शासन (गवर्नेंस) प्रणाली को राजनीतिक रूप से बदनाम करने के लिए भी लाई गई थी। शॉर्ट-सेलर एवं निवेश शोध फर्म हिंडनबर्ग ने अडाणी समूह पर शेयरों के भाव में हेराफेरी और वित्तीय गड़बड़ियों का आरोप लगाते हुए एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी। उस समय समूह ने सभी आरोपों से इनकार किया था। इस साल उसे उच्चतम न्यायालय से भी राहत मिली जब न्यायाधीशों ने फैसला सुनाया कि उसे अतिरिक्त जांच का सामना करने की जरूरत नहीं है। हालांकि, यह रिपोर्ट आने के बाद अडाणी समूह के शेयरों में 150 अरब डॉलर से अधिक की बिकवाली हुई थी। इसका असर यह हुआ था कि 2023 की शुरुआत में दुनिया के दूसरे सबसे अमीर उद्यमी के रूप में सूचीबद्ध गौतम अडाणी शीर्ष 20 से भी बाहर हो गए। बाद में समूह ने इस नुकसान की काफी हद तक भरपाई कर ली है। अडाणी ने यहां एक निजी कार्यक्रम में कहा, ‘‘पिछले साल 24 जनवरी को हमपर एक अमेरिकी शॉर्ट सेलर ने बड़े पैमाने पर हमला किया था। इसका उद्देश्य सिर्फ हमें अस्थिर करना नहीं था बल्कि भारत की शासन प्रथाओं को राजनीतिक रूप से बदनाम करना भी था।'' उन्होंने कहा, ‘‘हमारी नींव हिलाने की कोशिशों के बावजूद हम मजबूती से खड़े रहे और हमने न केवल अपनी प्रतिष्ठा की रक्षा की बल्कि यह भी सुनिश्चित किया कि हम अपने कार्यों पर ध्यान केंद्रित रखें।'' अडाणी समूह के मुखिया ने कहा कि इस प्रकरण ने कई बिंदुओं पर ध्यान देने के लिए भी प्रेरित किया। उन्होंने कहा, ‘‘इस प्रकरण ने हमें अपनी जुझारू क्षमता पर भी विश्वास दिलाया। हमारा पुनरुद्धार मजबूत होकर वापसी करने के सार को उजागर करता है, जो हर गिरावट के बाद उठने की भावना का प्रतीक है।
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नई दिल्ली। भारत के केंद्रीय बैंक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की तरफ से नए साल की शुरुआत में एक बार फिर सोने की जमकर खरीदारी की गई। नए साल के पहले महीने में आरबीआई की खरीदारी बढ़कर 20 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई। जबकि पिछले दो महीने के दौरान आरबीआई ने सोने की खरीदारी से परहेज किया था।
सोने की कीमतों को परवान चढ़ाने में केंद्रीय बैंकों ( की खरीदारी का बड़ा योगदान रहा है। सोने की कीमतों में फिलहाल रिकॉर्ड तेजी देखी जा रही है। घरेलू बाजार में जहां सोना 66 हजार के स्तर को पार कर गया है। वहीं अंतरराष्ट्रीय कीमतें 2,200 डॉलर प्रति औंस के रिकॉर्ड स्तर पर है।वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक जनवरी 2024 के दौरान दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों की तरफ से नेट 39 टन सोने की खरीद की गई। यह लगातार 8वां महीना है जब केंद्रीय बैंकों की तरफ से सोने के निवेश मे इजाफा हुआ है। दिसंबर के मुकाबले यह दोगुना से भी ज्यादा है।दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों ने दिसंबर 2023 के दौरान नेट 17 टन (संशोधित) सोना खरीदा था।खरीदारी के मामले में कौन देश रहे आगेपहले नंबर परइसी रिपोर्ट के अनुसार जनवरी 2024 में सबसे ज्यादा खरीदारी तुर्किए के केंद्रीय बैंक (CBRT) की तरफ से की गई। तुर्किए के केंद्रीय बैंक ने इस दौरान अपने गोल्ड रिजर्व में 12 टन का इजाफा किया। जनवरी 2024 अक्टूबर के अंत तक तुर्किए का गोल्ड रिजर्व बढ़कर 552 टन तक पहुंच गया। फरवरी 2023 के ऑल टाइम हाई से यह केवल 6 फीसदी कम है। तुर्किए का गोल्ड रिजर्व फरवरी 2023 में 587 टन के रिकॉर्ड हाई पर चला गया था।दूसरे नंबर परदूसरे नंबर पर रहा चीन का केंद्रीय बैंक पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना (PBoC) । चीन के केंद्रीय बैंक की तरफ से जनवरी 2024 के दौरान 10 टन सोने की खरीदारी की गई। यह लगातार 15वां महीना है जब चीन का केंद्रीय बैंक सोने का नेट खरीदार रहा। जनवरी 2024 के अंत तक चीन का गोल्ड रिजर्व बढ़कर 2,245 टन तक पहुंच गया। अक्टूबर 2022 की तुलना में यह तकरीबन 300 टन ज्यादा है। इसी वक्त से चीन के केंद्रीय बैंक ने सोने की खरीद को लेकर जानकारी फिर से साझा करना शुरू किया था।तीसरे नंबर परजनवरी 2024 में तकरीबन 9 टन सोने की खरीदारी के साथ भारत का केंद्रीय बैंक आरबीआई (RBI) तीसरे नंबर पर रहा। भारत का गोल्ड रिजर्व बढकर अब 812 टन तक पहुंच गया है। अक्टूबर 2023 के बाद पहली बार आरबीआई के गोल्ड रिजर्व में किसी महीने इजाफा दर्ज किया गया है। साथ ही जुलाई 2022 के बाद आरबीआई के गोल्ड रिजर्व में यह सबसे बड़ा इजाफा है। इससे पहले आरबीआई (RBI) ने कैलेंडर ईयर 2023 की पहली, दूसरी, तीसरी और चौथी तिमाही के दौरान क्रमश: 7.27 टन, 2.80 टन, 9.21 टन और 2.8 टन सोना खरीदा था ।कजाकिस्तान, जॉर्डन और चेक रिपब्लिक के केंद्रीय बैंक सोने की खरीदारी के मामले में जनवरी 2024 के दौरान क्रमश: चौथे, पांचवें और छठे नंबर पर रहे। कजाकिस्तान, जॉर्डन और चेक रिपब्लिक के केंद्रीय बैंक के केंद्रीय बैंकों ने इस अवधि के दौरान अपने गोल्ड रिजर्व में क्रमश: 6 टन, 3 टन और 2 टन का इजाफा किया।बिक्री के मामले में आगेसेलिंग के मामले में रूस का केंद्रीय बैंक अग्रणी रहा। रूस के केंद्रीय बैंक की तरफ से जनवरी 2024 के दौरान नेट 3 टन सोने की बिक्री की गई।2023 में कैसी रही थी खरीदारीपिछले कैलेंडर ईयर यानी 2023 के दौरान केंद्रीय बैंकों की खरीदारी में 1,037.38 टन का इजाफा हुआ। 2022 की रिकॉर्ड खरीदारी से यह थोड़ा कम रहा। कैलेंडर ईयर 2022 में रिकॉर्ड 1,081.88 टन सोने की खरीदारी की गई थी। -
नयी दिल्ली. चीनी उद्योग संगठन इस्मा ने बुधवार को सितंबर को समाप्त होने वाले विपणन वर्ष में चीनी के सकल उत्पादन के अपने अनुमान को 9.5 लाख टन बढ़ाकर 340 लाख टन कर दिया है। जनवरी में, भारतीय चीनी मिल संघ (इस्मा) ने विपणन वर्ष 2023-24 (अक्टूबर-सितंबर) में एथनॉल के लिए शीरे के उपयोग में लाये जाने के बिना, सकल चीनी उत्पादन 330.5 लाख टन होने का अनुमान लगाया था। एक बयान में, इस्मा ने कहा कि वर्ष 2023-24 में सकल चीनी उत्पादन अब 340 लाख टन होने का अनुमान है, जबकि पिछले वर्ष का सकल उत्पादन 366.2 लाख टन था। इस्मा की कार्यकारी समिति ने 12 मार्च को आयोजित अपनी बैठक में चीनी प्राप्ति दर, गन्ना उपज, शेष कटाई योग्य क्षेत्र/गन्ना और विभिन्न राज्यों में कारखानों को बंद करने की अपेक्षित तारीखों पर ध्यान दिया। समिति इस बात पर सहमत हुई कि महाराष्ट्र और कर्नाटक में गन्ने की उपलब्धता उम्मीद से अधिक है।
हालांकि, एक अन्य प्रमुख राज्य, उत्तर प्रदेश में गन्ने की उपलब्धता पूर्व अनुमान से कम रहने का अनुमान है। बयान में कहा गया है, ‘‘इसको देखते हुए, इस्मा ने वर्ष 2023-24 के लिए अपने अखिल भारतीय चीनी उत्पादन अनुमान को संशोधित कर (एथनॉल में उपयोग के बिना) 340 लाख टन कर दिया है, जबकि जनवरी 2024 में इसका पिछला अनुमान 330.5 लाख टन का था।'' गन्ना रस और बी-भारी शीरा से एथनॉल बनाने के लिए 38 लाख टन चीनी के उपयोग के साथ विपणन वर्ष 2022-23 के दौरान शुद्ध चीनी उत्पादन 328.2 लाख टन था। चालू वर्ष 2023-24 के लिए, सरकार ने अब तक गन्ना रस/बी-भारी शीरा के माध्यम से एथनॉल के उत्पादन मे 17 लाख टन चीनी के उपयोग की अनुमति दी है। इसका मतलब यह होगा कि शुद्ध चीनी उत्पादन लगभग 323 लाख टन हो सकता है।
इस्मा ने कहा कि विपणन वर्ष 2023-24 के 29 फरवरी तक शुद्ध चीनी उत्पादन (एथनॉल के लिए उपयोग के बाद) 255.5 लाख टन था। बयान में कहा गया है कि देश में अभी भी 466 चीनी मिलें चल रही हैं। - नयी दिल्ली. खुदरा मुद्रास्फीति फरवरी में मामूली घटकर चार महीने के निचले स्तर 5.09 प्रतिशत पर आ गई। इसके साथ, यह लगातार छठे महीने भारतीय रिजर्व बैंक के दो से छह प्रतिशत के संतोषजनक दायरे में है। मंगलवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, खाद्य वस्तुओं के दाम में तेजी के बावजूद उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति जनवरी में 5.1 प्रतिशत के लगभग बराबर है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़ों के मुताबिक, खाद्य वस्तुओं की महंगाई फरवरी में 8.66 प्रतिशत रही जो इससे पिछले महीने 8.3 प्रतिशत से मामूली अधिक है। मासिक आधार पर सब्जियों, फल, तेल और वसा, दाल तथा उसके उत्पादों की महंगाई में मामूली कमी आई। हालांकि, अनाज और उसके उत्पाद, मांस और मछली तथा दूध एवं उसके उत्पाद खंड में कीमत वृद्धि की दर ऊंची रही। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में खाद्य वस्तुओं की हिस्सेदारी करीब 50 प्रतिशत है।एनएसओ के अनुसार, फरवरी में औसत मुद्रास्फीति ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक 5.34 प्रतिशत रही जबकि शहरी क्षेत्रों में यह 4.78 प्रतिशत थी। राज्यों में सबसे ज्यादा महंगाई ओड़िशा में 7.55 प्रतिशत जबकि दिल्ली में सबसे कम 2.42 प्रतिशत रही।भारतीय रिजर्व बैंक को खुदरा मुद्रास्फीति दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत पर रखने की जिम्मेदारी मिली हुई है। केंद्रीय बैंक ने पिछले महीने मौद्रिक नीति समीक्षा में मुद्रास्फीति के 2023-24 में 5.4 प्रतिशत और जनवरी-मार्च तिमाही में 5.0 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया था। सीपीआई आंकड़े के बारे में इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि खाद्यान्न और पेय पदार्थों को छोड़कर सभी उप-समूह में फरवरी में महंगाई दर नरम हुई। यह संकेत देता है कि गैर-खाद्य वस्तुओं की श्रेणी में नरमी जारी है। उन्होंने कहा, ‘‘मुख्य (कोर) मुद्रास्फीति (खाद्य और पेय पदार्थ, ईंधन और प्रकाश को सीपीआई से हटाने पर) नरम होकर इस साल फरवरी में 3.5 प्रतिशत रही, जो जनवरी, 2024 में 3.7 प्रतिशत थी। यह जनवरी, 2015 से उपलब्ध मेट्रिक आधारित आंकड़ों में सबसे कम है।'' एनएसओ ने कीमत आंकड़े 1,114 शहरी बाजारों और 1,181 गांवों से आंकड़े एकत्रित किये। इसमें सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश शामिल हैं। आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति नीतिगत दरें तय करते समय मुख्य रूप से खुदरा मुद्रास्फीति पर गौर करती है।