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- नयी दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के चेयरमैन एम आर कुमार ने अपना कार्यकाल पूरा कर लिया है। सिद्धार्थ मोहंती अंतरिम चेयरमैन होंगे। एलआईसी ने पिछले सप्ताह कहा था कि सरकार ने 14 मार्च से तीन महीने के लिए एलआईसी के अंतरिम चेयरमैन के रूप में सिद्धार्थ मोहंती की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है। वर्तमान में, मोहंती कंपनी प्रबंध निदेशक के रूप में कार्यरत हैं।एलआईसी ने सोमवार को शेयर बाजार को भेजी एक सूचना में कहा, ''मंगलम रामसुब्रमण्यम कुमार 13 मार्च, 2023 को अपना कार्यकाल पूरा कर लिया है। कार्यकाल पूरा होने के साथ आज की तारीख से वह निगम के चेयरमैन नहीं रह गए हैं।
- नयी दिल्ली। सरकार भौगोलिक संकेत (जीआई) उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए पहल करने वाली पात्र एजेंसियों को वित्तीय मदद प्रदान करेगी। उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने जीआई को बढ़ावा देने के लिए पहल करने पर वित्तीय मदद देने के संबंध में दिशानिर्देश जारी किए हैं। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के तहत काम करने वाला डीपीआईआईटी निवेश और बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) के मामले देखता है। जीआई एक प्रकार का आईपीआर है और मुख्य रूप से एक कृषि, प्राकृतिक या विनिर्मित उत्पाद (हस्तशिल्प और औद्योगिक सामान) है जो एक निश्चित भौगोलिक क्षेत्र में उत्पन्न होता है। आमतौर पर, जीआई गुणवत्ता और विशिष्टता का आश्वासन देता है और इसकी वजह अनिवार्य रूप से इसका मूल स्थान होता है। जीआई टैग पाने वाली प्रमुख वस्तुओं में बासमती चावल, दार्जिलिंग चाय, चंदेरी कपड़ा, मैसूर सिल्क, कुल्लू शॉल, कांगड़ा चाय, तंजौर चित्र, इलाहाबाद का सुर्खा, फर्रुखाबाद की छपाई, लखनऊ की जरदोजी और कश्मीर की अखरोट की लकड़ी की नक्काशी हैं। डीपीआईआईटी ने कहा, जीआई को बढ़ावा देने के लिए पहल करने वाली पात्र एजेंसियों को 100 प्रतिशत अनुदान सहायता के रूप में वित्तीय सहायता दी जाएगी। जीआई पंजीकरण के अन्य लाभों में उत्पाद की कानूनी सुरक्षा, किसी अन्य द्वारा उसके अनधिकृत उपयोग पर रोक और निर्यात को बढ़ावा भी हैं।
- नयी दिल्ली। उद्योग जगत के दिग्गज टी वी मोहनदास पई ने कहा है कि ऐसे स्टार्टअप जिनका लगभग पूरा कारोबार और सारे कर्मचारी भारत में हैं, उन पर बड़े निवेशक यदि कंपनी का पंजीयन विदेश में कराने का दबाव बनाते हैं तो उन्हें इसका विरोध करना चाहिए। इंफोसिस के पूर्व निदेशक एवं आरिन कैपिटल के चेयरमैन पई ने अमेरिका के प्रमुख बैंक सिलिकॉन वैली बैंक (एसवीबी) के दिवालिया होने की पृष्ठभूमि में यह कहा। पई ने भारत केंद्रित स्टार्टअप के संस्थापकों से कहा कि कंपनियों का वित्तपोषण करने वाले निवेशक यदि उन पर अमेरिका में पंजीयन करवाने तथा वहां पर बैंक खाता खोलने का दबाव बनाते हैं तो वे इस दबाव में न आएं और सतर्क रहें। उन्होंने कहा कि सिलिकॉन वैली बैंक स्टार्टअप के लिए मित्रवत बैंक था और इसका दिवालिया होना स्टार्टअप परिवेश के लिए एक झटका है। उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा' से कहा, ‘‘यह झटका कितना बड़ा है यह तो स्टार्टअप दर स्टार्टअप तथा प्रत्येक संस्थापक से बात करने पर ही पता चल सकता है।'' हालांकि उन्होंने कहा कि भारतीय स्टार्टअप ने सिलिकॉन वैली बैंक से बहुत अधिक कर्ज नहीं ले रखा है।
- मुंबई,। लंदन से मुंबई आ रही एअर इंडिया की उड़ान में सवार एक यात्री को कथित तौर पर शौचालय में धूम्रपान करने और अशिष्ट व्यवहार करने के आरोप में सुरक्षाकर्मियों को सौंप दिया गया। एयरलाइन ने रविवार को यह जानकारी दी। एअर इंडिया ने एक बयान में कहा कि 10 मार्च को हुई इस घटना की सूचना नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) को दे दी गई है। एअर इंडिया ने कहा, ‘‘10 मार्च को लंदन-मुंबई की हमारी उड़ान एआई130 का एक यात्री शौचालय में धूम्रपान करता पाया गया। इसके बाद बार-बार चेतावनी देने के बावजूद उसने अशिष्ट और आक्रामक व्यवहार किया।'' विमान के मुंबई पहुंचने पर उसे सुरक्षा कर्मियों को सौंप दिया गया। एयरलाइन ने कहा, ‘‘नियामक को घटना के बारे में विधिवत सूचित कर दिया गया है।'' बयान में कहा गया है, ‘‘हम मामले को लेकर जारी जांच में पूरा सहयोग कर रहे हैं।''उल्लेखनीय है कि टाटा समूह के स्वामित्व वाली एअर इंडिया को इस साल जनवरी में दो बार विमानन सुरक्षा नियामक डीजीसीए द्वारा अपनी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में यात्रियों के अशिष्ट व्यवहार की दो अलग-अलग घटनाओं की सूचना नहीं देने के लिए दंडित किया गया था। एयरलाइन ने रविवार को बयान में कहा, ‘‘एअर इंडिया यात्रियों और कर्मचारियों की सुरक्षा से समझौता करने वाले किसी भी व्यवहार के लिए बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करने की नीति का पालन करती है।'
- नयी दिल्ली। कपड़े से बने उत्पादों (होम टेक्सटाइल्स) की कंपनी वेलस्पन इंडिया द वॉल्ट डिज्नी कंपनी के साथ हुए लाइसेंस समझौते के जरिए बच्चों के उत्पादों की श्रेणी में कदम रखना चाहती है। वेलस्पन की मुख्य कार्यपालक अधिकारी एवं संयुक्त प्रबंध निदेशक दीपाली गोयनका ने यह कहा। कंपनी ने इस वर्ष जनवरी में यूरोप और ब्रिटेन के बाजारों के लिए वॉल्ट डिज्नी के साथ एक ब्रांड लाइसेंस समझौता किया था। गोयनका ने कहा, ‘‘मंदी आ भी जाती है तो भी लोग बच्चों की मांग के साथ समझौता नहीं करेंगे। बच्चों के उत्पादों के क्षेत्र में अपार अवसर हैं। मंदी हो चाहे तेजी, मांग पर असर नहीं पड़ता।'' इस समझौते के तहत वेलस्पन को डिज्नी, पिक्सर, मार्वल और लुकास ब्रांड समेत डिज्नी की फ्रेंचाइजी तथा कैरेक्टरों का उपयोग होम टेक्सटाइल उत्पादों में करने, ऐसे उत्पाद डिजाइन, विकसित, विनिर्माण एवं वितरण करने का अधिकार मिल गया है। वेलस्पन इंडिया के प्रेसिडेंट एवं वैश्विक प्रमुख केयुर पारेख ने कहा कि वॉल्ट डिज्नी के साथ हुआ समझौता बच्चों की नयी श्रेणी में वेलस्पन की यात्रा की शुरुआत करेगा। उन्होंने बताया कि मौजूदा लाइसेंस की अवधि तीन वर्ष है और यह यूरोपीय संघ के देशों, ब्रिटेन तथा दक्षिण अफ्रीका के बाजारों के लिए है।
- नयी दिल्ली। भारत से दोपहिया, तीन पहिया और यात्री वाहनों का निर्यात फरवरी में 35 प्रतिशत घट गया है। इसकी मुख्य वजह गंतव्य देशों विशेषकर अफ्रीका महाद्वीप में अमेरिकी डॉलर की तुलना में मुद्राओं में कमजोरी आना है। उद्योग संगठन सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) के आंकड़ों के मुताबिक पिछले महीने दोपहिया, यात्री वाहन और तीन पहिया वाहनों का निर्यात घटकर 3,01,561 इकाई रह गया जो फरवरी 2022 में 4,63,025 इकाई था। इन आंकड़ों के मुताबिक फरवरी 2022 में 3,75,689 दो पहिया वाहनों का निर्यात हुआ था जो इस वर्ष फरवरी में 37 प्रतिशत घटकर 2,35,087 इकाई रह गया। मोटरसाइकिल निर्यात 2,01,097 इकाई रहा है जो पिछले वर्ष फरवरी में 3,49,221 इकाई था। हालांकि स्कूटर निर्यात पिछले वर्ष की 24,830 इकाई की तुलना में इस वर्ष फरवरी में बढ़कर 33,378 इकाई पर पहुंच गया। तीन पहिया वाहनों का कुल निर्यात फरवरी 2022 की 35,997 इकाइयों की तुलना में 45 प्रतिशत गिरकर 19,640 इकाई रह गया।सियाम के महानिदेशक राजेश मेनन ने कहा, ‘‘बीते कुछ महीनों से दो पहिया, तीन पहिया और वाणिज्यिक वाहनों के निर्यात में गिरावट देखने को मिल रही है क्योंकि कई स्थानों विशेषकर अफ्रीका तथा अन्य विकासशील देशों की मुद्राओं में अवमूल्यन हुआ है।'' उन्होंने कहा कि ये देश विदेशी कोष की उपलब्धता को लेकर परेशानी का सामना कर रहे हैं जिससे वाहनों की बिक्री सीमित हो रही है और देश आवश्यक वस्तुओं के आयात पर अधिक ध्यान दे रहे हैं। हालांकि इन बाजारों में उपभोक्ताओं की ओर से वाहनों की मांग बनी हुई है।'' यात्री वाहनों का कुल निर्यात नौ फीसदी गिरकर 46,486 इकाई रह गया है जो पिछले वर्ष फरवरी में 51,213 इकाई था। यात्री कारों का निर्यात 25,207 इकाई रहा जो पिछले वर्ष 33,515 इकाई था।
- नयी दिल्ली। जिंदल स्टेनलेस लिमिटेड (जेएसएल) के प्रबंध निदेशक अभ्युदय जिंदल ने कहा है कि 'रीन्यू' के साथ साझेदारी में 300 मेगावाट की हाइब्रिड परियोजना अगले 18 महीनों में चालू होने की उम्मीद है। जेएसएल ने दिसंबर 2022 में प्रस्तावित 300 मेगावाट की हाइब्रिड ऊर्जा परियोजना को विकसित करने के लिए रीन्यू के साथ साझेदारी की थी। परियोजना की समयसीमा के बारे में पूछने पर जिंदल ने कहा, ''हम (जेएसएल और रिन्यू) समझौते की राह पर हैं। यह परियोजना 300 मेगावाट की है। परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण पहले ही पूरा हो चुका है।'' उन्होंने कहा कि यह परियोजना अगले डेढ़ साल में चालू होगी।कंपनी की हाइड्रोजन परियोजना पर उन्होंने कहा कि इसके इस साल जुलाई में चालू होने की उम्मीद है।देश की सबसे बड़ी स्टेनलेस स्टील कंपनी ने ग्रीन हाइड्रोजन संयंत्र स्थापित करने के लिए अगस्त 2022 में हाइजेनको इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के साथ साझेदारी की थी। उन्होंने कहा, ''ये पहल ताप ऊर्जा आधारित विनिर्माण तंत्र से नवीकरणीय ऊर्जा विकल्पों को अपनाने के हमारे मिशन का हिस्सा हैं।'
- नयी दिल्ली। विदेशी निवेशकों ने इस महीने अब तक भारतीय शेयर बाजार में 13,500 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है। इसमें बड़ी हिस्सेदारी अमेरिका की कंपनी जीक्यूजी पार्टनर्स की है जिसने अडाणी समूह की कंपनियों में भारी निवेश किया है। डिपॉजिटरी के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। इससे पहले तक विदेशी पार्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) भारतीय शेयर बाजारों से निकासी कर रहे थे। फरवरी में उन्होंने 5,294 करोड़ रुपये की और जनवरी में 28,852 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी की थी। इससे पहले, दिसंबर में एफपीआई ने शेयरों में 11,119 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया था। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि अमेरिका में सिलिकॉन वैली बैंक (एसवीबी) के दिवालिया होने का असर बाजार में धारणााओं पर पड़ा है, ऐसे में आगे जाकर एफपीआई सतर्क रुख अपना सकते हैं। आंकड़ों के मुताबिक दस मार्च तक एफपीआई ने भारतीय शेयर बाजारों में 13,536 करोड़ रुपये का निवेश किया है। विजयकुमार ने कहा, ‘‘इस निवेश में जीक्यूजी द्वारा अडाणी समूह की कंपनियों में किया गया 15,446 करोड़ रुपये का बड़ा निवेश शामिल है।'' मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि इस निवेश की वजह दीर्घकालिक समय में भारतीय शेयर बाजारों की बेहतर संभावनाएं हैं। कैलेंडर वर्ष 2023 में एफपीआई ने 20,606 करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं। वहीं दूसरी ओर, समीक्षाधीन अवधि में ऋण बाजार से 2,987 करोड़ रुपये निकाले हैं। विजयकुमार ने कहा कि क्षेत्रों में निवेश के लिहाज से भी एफपीआई की गतिविधियों में एकरूपता नहीं है। मसलन, फरवरी के पहले 15 दिन उन्होंने वित्तीय सेवा कंपनियों के शेयरों में निवेश किया वहीं बाद के दो हफ्तों में वे बिकवाल रहे। इसी तरह पहले पखवाड़े उन्होंने आईटी शेयरों की खरीद की लेकिन बाद के 15 दिनों में उन्होंने इनसे निकासी की।
- नयी दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऑफ महाराष्ट्र (बीओएम) ने आवास ऋण पर ब्याज दरों में कटौती की रविवार को घोषणा की। बैंक ने आवास ऋण पर ब्याज दर को मौजूदा 8.6 प्रतिशत से घटाकर 8.4 प्रतिशत कर दिया है। बैंक ने एक बयान में कहा कि नई दरें 13 मार्च 2023 से प्रभावी होंगी। बैंकिग क्षेत्र में 8.4 प्रतिशत की ब्याज दर के साथ यह आवास ऋण सबसे सस्ते आवास ऋणों में से एक है। बयान के मुताबिक बैंक रक्षा कर्मियों, अर्द्धसैनिक बलों के लिए भी विशेष ब्याज दर की पेशकश करता है।इसके अलावा स्वर्ण, आवास और कार ऋण पर प्रक्रिया शुल्क में पूरी छूट दे रहा है। पिछले सप्ताह सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऑफ बड़ौदा ने भी आवास ऋण की ब्याज दर में 0.40 प्रतिशत की कटौती करते हुए 8.5 प्रतिशत कर दिया था। बैंक ने एमएसएमई ऋण पर ब्याज की दरों को भी घटा दिया था। बैंक एमएसएमई ऋण पर 8.4 प्रतिशत की दर से ब्याज लेना शुरू करेगा। बीओबी ने एक बयान में कहा था कि ब्याज दरों में किए गए दोनों बदलाव पांच मार्च, 2023 से 31 मार्च, 2023 तक ही प्रभावी रहेंगे।
- मुंबई। भारत में मध्यम आकार की कंपनियों के लगभग 36 प्रतिशत शीर्ष प्रबंधन पदों पर महिलाएं आसीन हैं। वहीं वैश्विक स्तर पर यह आंकड़ा 32 प्रतिशत है। हाल ही में जारी एक रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ। ग्रांट थॉर्नटन की रिपोर्ट ‘वीमेन इन बिजनेस 2023- द पुश फॉर पैरिटी' के अनुसार, दुनिया में मध्यम आकार की कंपनियों में वरिष्ठ प्रबंधन पदों पर 32 प्रतिशत महिलाएं काबिज हैं, जबकि यह आंकड़ा भारत में 36 प्रतिशत है। रिपोर्ट के अनुसार वैश्विक स्तर पर इस श्रेणी में लगभग नौ प्रतिशत कंपनियां ऐसी हैं, जहां वरिष्ठ पदों पर कोई महिला नहीं है। file photo
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नई दिल्ली। जीवन बीमा कंपनियों का न्यू बिजनेस प्रीमियम फरवरी में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 17 प्रतिशत कम हुआ है। इस अवधि के दौरान सरकारी कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम का प्रीमियम संग्रह 32 प्रतिशत घटा है, क्योंकि इसके ग्रुप सिंगल प्रीमियम सेग्मेंट में गिरावट आई है। लाइफ इंश्योरेंस काउंसिल (एलआई काउंसिल) की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक फरवरी में उद्योग का एनबीपी 22,847.65 करोड़ रुपये रहा है, जिसमें पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 17 प्रतिशत गिरावट आई है। सामान्यतया वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही जीवन बीमा कंपनियों के लिए सबसे व्यस्त होती है क्योंकि ग्राहक अपनी कर देनदारी घटाने के लिए बचत और सावधि पॉलिसियां खरीदते हैं। जनवरी में उद्योग के प्रीमियम में 20 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई थी। निजी क्षेत्र की कंपनियों का इसमें अहम योगदान था, जिन्होंने सालाना आधार पर 23 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की थी वहीं एलआईसी के प्रीमियम में पिछले साल की तुलना में 18 प्रतिशत वृद्धि हुई थी।
फरवरी में जहां निजी क्षेत्र की कंपनियों ने प्रीमियम में 10 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है और इनका प्रीमियम 10,968 करोड़ रुपये रहा है, वहीं बीमा क्षेत्र की दिग्गज कंपनी एलआईसी का प्रीमियम 32 प्रतिशत घटकर 11,879.49 करोड़ रुपये रह गया है। पिछले साल फरवरी में एलआईसी का प्रीमियम 17,489 करोड़ रुपये था।एनबीपी वह प्रीमियम होता है, जो एक साल के दौरान नई पॉलिसियों से आता है। पहले साल के प्रीमियम और एकल प्रीमियम का योग न्यू बिजनेस प्रीमियम होता है।एलआईसी को ग्रुप सिंगल प्रीमियम में मात खानी पड़ी है। फरवरी में इसमें 40 प्रतिशत की कमी आई है, जिसकी वजह से उसका एनबीपी नीचे चला गया है। आंकड़ों से पता चलता है कि एलआईसी ने ग्रुप सिंगल प्रीमियम से फवरी 2023 में 7,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं , जबकि एक साल पहले की समान अवधि में 12,062 करोड़ रुपये आए थे। इस अवधि में एलआईसी द्वारा बेची गई ग्रुप पॉलिसीज की संख्या पिछले साल की समान अवधि के 32 प्रतिशत से गिरकर 19 प्रतिशत रह गई है। ग्रुप सिंगल प्रीमियम में गिरावट की वजह जानने के लिए एलआईसी को भेजे गए ई-मेल का कोई उत्तर नहीं मिल सका।निजी क्षेत्र की कंपनियों की व्यक्तिगत नॉन-सिंगल प्रीमियम में शानदार वृद्धि हुई है। इनके ग्रुप सिंगल प्रीमियम में भी वृद्धि हुई है।2022-23 में अब तक जीवन बीमाकताओं के कुल प्रीमियम में सालाना आधार पर 25.06 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और यह 3.18 लाख करोड़ रुपये हो गया है। एलआईसी के प्रीमियम में 30 प्रतिशत और निजी बीमाकर्ताओं के प्रीमियम में 17.38 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है।वित्त वर्ष 23 में साल की शुरुआत से अब तक की वृद्धि में ग्रुप सिंगल प्रीमियम और कम आधार का योगदान रहा है। निजी बीमा कंपनियां व्यक्तिगत नॉन-सिंगल प्रीमियम सेग्मेंट में अपना कारोबार बढ़ा रही हैं।एनुअलाइज्ड प्रीमियम इक्वीवैलेंट (एपीई) के आधार पर देखें तो बीमा उद्योग की खुदरा एपीई वृद्धि फरवरी में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 10.5 प्रतिशत रही है। निजी क्षेत्र की वृद्धि 18.2 प्रतिशत रही है, जबकि एलआईसी की खुदरा एपीई में पिछले साल की तुलना में 3 प्रतिशत कमी आई है। एपीई में रेगुलर या चालू प्रीमियम और वित्त वर्ष के किसी नए सिंगल प्रीमियम का 10 प्रतिशत शामिल होता है।इंडिया फर्स्ट लाइफ इंश्योरेंस के डिप्टी सीईओ ऋषभ गांधी ने कहा, ‘व्यक्तिगत एपीई के हिसाब से फरवरी में कारोबार में कोई गिरावट नहीं आई है। निजी क्षेत्र की वृद्धि 18 प्रतिशत रही है, जो साल की शुरुआत से अब तक की वृद्धि दर के अनुरूप है। बहरहाल सार्वजनिक क्षेत्र का प्रीमियम जनवरी की तुलना में कम रहा है। इसकी वजह से कुल मिलाकर उद्योग की वृद्धि दर स्थिर हो गई है। फरवरी में कार्यदिवस कम होते हैं, इसकी वजह से भी प्रीमियम कम आता है। मार्च महीने में भी महंगी पॉलिसियों की बिक्री में तेजी आने की संभावना है क्योंकि अप्रैल 2023 से नए मानक लागू हो जाएंगे।’ -
नई दिल्ली।. वैश्विक बाजारों से मिले नकारात्मक संकेतों के कारण लगातार दूसरे दिन आज घरेलू शेयर बाजार गिरावट के साथ बंद हुए। सेंसेक्स 671 अंक टूट गया, वहीं निफ्टी 177 अंक फिसलकर 17,450 के नीचे बंद हुआ। बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों 0.5 फीसदी की गिरावट आई। BSE का 30 शेयरों वाला मानक सूचकांक सेंसेक्स 671.15 अंक यानी 1.12 फीसदी टूटकर 59,135.13 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान सेंसेक्स ऊंचे में 59,262.47 तक गया और नीचे में 58,884.98 तक आया। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी 176.70 अंक यानी 1 फीसदी फिसला। निफ्टी कारोबार के अंत में 17,412.90 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान निफ्टी ऊंचे में 17,451.50 तक गया और नीचे में 17,324.35 तक आया। आज के कारोबार में सेंसेक्स के शेयरों में 10 शेयर हरे निशान पर बंद हुए। टाटा मोटर्स, मारुति, एनटीपीसी, पावर ग्रिड और सन फार्मा सेंसेक्स के टॉप 5 गेनर्स रहे। वहीं दूसरी तरफ सेंसेक्स के शेयरों में एचडीएफसी बैंक, एसबीआई, एचडीएफसी, इंडसइंड बैंक और एक्सिस बैंक टॉप 5 लूजर्स रहे।
- नई दिल्ली। मजबूत वैश्विक रुख के बीच राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में शुक्रवार को सोने का भाव 395 रुपये की गिरावट के साथ 55,540 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी। पिछले कारोबारी सत्र में सोना 55,145 रुपये प्रति 10 ग्राम के भाव पर बंद हुआ था। हालांकि, चांदी की कीमत 115 रुपये की गिरावट के साथ 62,095 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक सौमिल गांधी ने कहा, ‘‘दिल्ली के बाजार में सोने का हाजिर भाव 395 रुपये की तेजी के साथ 55,540 रुपये प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रहा था।’’ अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना तेजी के साथ 1,833 डॉलर प्रति औंस हो गया, जबकि चांदी का भाव गिरावट के साथ 20.09 डॉलर प्रति औंस रह गया।
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नयी दिल्ली. बाजार नियामकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि खुदरा निवेशकों को बाजार के बारे में जागरूक और शिक्षित किया जाए क्योंकि वे धारणा से बहुत अधिक प्रभावित होते हैं। उद्योग की एक रिपोर्ट में यह कहा गया। एसोचैम-केयरएज रेटिंग्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि खुदरा भागीदार बाजारों की तरलता को बेहतर बनाने और ऑर्डर बुक को गहन करने में मददगार होते हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अस्थिरता के दौर में निवेशक आधार में विविधता उभरते बाजारों की मजबूती के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। हालांकि, इससे बाजार में अस्थिरता भी बढ़ सकती है। रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘खुदरा निवेशक भावनाओं से बहुत अधिक प्रभावित होते हैं और खरीदो-रोको की दीर्घकालिक निवेश रणनीतियों के बजाय सटोरिया व्यापार में ज्यादा शामिल हो जाते हैं।'' एसोचैम के महासचिव दीपक सूद ने इस रिपोर्ट के बारे में कहा कि बाजार के सुगम संचालन के लिए निवेशकों को अधिक जागरूक करना जरूरी है।
- नयी दिल्ली। रिलायंस फाउंडेशन की संस्थापक चेयरपर्सन नीता एम अंबानी ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर ‘हर सर्किल एवरीबॉडी’ परियोजना शुरू की।इस परियोजना का मकसद महिलाओं से संबंधित और आकर्षक सेवाएं मुहैया कराना है।अरबपति कारोबारी मुकेश अंबानी की पत्नी नीता अंबानी ने महिलाओं के लिए एक सुरक्षित, समावेशी और विकासोन्मुख डिजिटल मंच बनाने के लिए ‘हर सर्किल’ की शुरुआत 2021 में की थी।रिलायंस फाउंडेशन ने एक बयान में कहा, ”अपनी दूसरी वर्षगांठ पर मंच 31.0 करोड़ की अभूतपूर्व पहुंच के साथ महिलाओं के लिए भारत का सबसे बड़ा डिजिटल मंच बन गया है।”हर सर्किल ऐप को गूगल प्ले स्टोर और आईओएस ऐप स्टोर से मुफ्त डाउनलोड किया जा सकता है। इसे एक जगह पर महिलाओं से संबंधित सभी सामग्री उपलब्ध कराने के लिए तैयार किया गया है। यह ऐप अंग्रेजी और हिंदी भाषा में उपलब्ध है।इस कड़ी में ‘हर सर्कल एवरीबॉडी’ परियोजना की शुरुआत के मौके पर नीता अंबानी ने कहा, ”उनका सर्कल सहेलियों के लिए है, उनकी एकजुटता के लिए है। ऐसी एकजुटता जो समानता, समावेश और सभी के लिए सम्मान पर आधारित है। हमारी नयी परियोजना – ‘द हर सर्कल एवरीबॉडी प्रोजेक्ट’ का यही मूल मंत्र है।”
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क्रेडिट कार्ड बकाया जनवरी में 29.6 प्रतिशत बढ़कर रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा
नयी दिल्ली. कोविड-19 महामारी के बाद उपभोक्ताओं का भरोसा बढ़ने और डिजिटलीकरण में तेजी से जनवरी, 2023 में क्रेडिट कार्ड का बकाया 29.6 प्रतिशत बढ़कर 1.87 लाख करोड़ के सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गया। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के हालिया आंकड़ों के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष के पहले 10 माह के दौरान क्रेडिट कार्ड का बकाया 20 प्रतिशत से भी अधिक बढ़ गया। जून में सर्वाधिक 30.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। एसबीआई कार्ड के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) रामा मोहन राव अमारा ने बताया, ‘‘कई श्रेणियों का डिजिटलीकरण होने के चलते मौजूदा ग्राहक अपने क्रेडिट कार्ड के जरिये अधिक खर्च कर रहे हैं।'' उन्होंने बताया कि सुगमता से भुगतान करने की सुविधा ने वृद्धि में निश्चित ही योगदान दिया है खासकर स्वास्थ्य एवं फिटनेस, शिक्षा, पानी-बिजली के बिल आदि श्रेणियों में। क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल को लेकर मासिक रुझानों के बारे में राव ने कहा कि बीते कुछ महीनों से क्रेडिट कार्ड के जरिये खर्च में लगातार वृद्धि हो रही है। इस वर्ष जनवरी में क्रेडिट कार्ड के जरिये 1.28 लाख करोड़ रुपये खर्च किए गए जो दिसंबर, 2022 में 1.26 लाख करोड़ रुपये थे। राव ने बताया कि सालाना आधार पर यह वृद्धि 45 प्रतिशत है और बीते 11 महीनों से क्रेडिट कार्ड से व्यय एक लाख करोड़ रुपये से अधिक बना हुआ है। जनवरी, 2023 के अंत तक विभिन्न बैंकों ने करीब 8.25 करोड़ क्रेडिट कार्ड जारी किए थे। क्रेडिट कार्ड जारी करने के मामले में देश के पांच शीर्ष बैंक हैं एचडीएफसी बैंक, एसबीआई कार्ड, आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक और कोटक बैंक। रिजर्व बैंक के आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि जनवरी, 2023 में क्रेडिट कार्ड बकाया में वार्षिक वृद्धि 29.6 प्रतिशत रही जो एक साल पहले समान महीने में करीब 10 प्रतिशत थी। जनवरी, 2022 में बकाया राशि 1,41,254 करोड़ रुपये थी जो जनवरी 2023 में बढ़कर 1,86,783 करोड़ रुपये हो गई। -
नयी दिल्ली. व्यापार के बजाय देश की घरेलू अर्थव्यवस्था भारत की वृद्धि का प्रमुख इंजन है। मूडीज एनालिटिक्स ने मंगलवार को यह बात कही। मूडीज ने इसके साथ ही कहा कि पिछले साल के आखिर में अर्थव्यवस्था में आई सुस्ती अस्थायी ही होगी। सरकार ने पिछले सप्ताह जो आंकड़े जारी किए उनसे पता चलता है कि अक्टूबर-दिसंबर, 2022 में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि घटकर 4.4 प्रतिशत रह गई जो तीन तिमाहियों का निचला स्तर है। इसकी मुख्य वजह निजी उपभोग व्यय में कमी और विनिर्माण में नरमी है। चालू वित्त वर्ष की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में विनिर्माण क्षेत्र में 1.1 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि निजी उपभोग की रफ्तार भी सुस्त पड़कर 2.1 प्रतिशत रह गई। मूडीज ने इस रिपोर्ट में कहा गया है कि सालाना आधार पर वृद्धि में उल्लेखनीय कमी आई है। 2021 की दूसरी तिमाही में जब कोविड-19 का अर्थव्यवस्था पर असर पड़ा था उसके बाद से यह पहली बार है जब निजी खपत की वजह से पूरी जीडीपी की रफ्तार मंद पड़ी है। इसमें कहा गया, ‘‘हमारा मानना है कि बीते वर्ष के आखिरी में रफ्तार का कम होना अस्थायी है, बल्कि कुछ हद तक लाभदायक भी होगा क्योंकि इससे अर्थव्यवस्था के पूरी तरह से रुके बिना मांग संबंधी दबाव दूर होने में मदद मिलेगी। अमेरिका और यूरोप में शुरुआती पुनरुद्धार में बेहतर वृद्धि का लाभ भी साल के मध्य में भारत को मिलेगा।'' मूडीज ने कहा कि व्यापार के बजाय भारत की घरेलू अर्थव्यवस्था इसकी वृद्धि का मुख्य स्रोत है। उसने कहा कि इसी बात को ध्यान में रखकर ही भारत की चौथी तिमाही के प्रदर्शन को सतर्कता से देखा जा रहा है। चालू वित्त वर्ष की दिसंबर तिमाही में निजी खपत व्यय से करीब से जुड़े विनिर्माण और कृषि जैसे क्षेत्रों में वृद्धि लगभग नहीं हुई या फिर संकुचन हुआ है।
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ई20 ईंधन की मांग बढ़ने की संभावना के मद्देनजर एथनॉल का ‘कैरीओवर स्टॉक' बनाने पर विचार
नयी दिल्ली.देश में ई20 ईंधन की मांग बढ़ने की संभावना को देखते हुए सरकार अगले साल के लिए एथनॉल का कैरीओवर स्टॉक (पिछले स्टॉक से बनाया गया भंडार) बनाने की योजना बना रही है। खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी है। ई20 ईंधन पेट्रोल के साथ 20 प्रतिशत एथनॉल का मिश्रण है। सरकार का लक्ष्य 2025 तक पेट्रोल में 20 प्रतिशत एथनॉल के मिश्रण का है। खाद्य मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव सुबोध कुमार ने कहा, ‘‘एथनॉल मिश्रण का काम अच्छी तरह से चल रहा है। पेट्रोलियम विपणन कंपनियों (ओएमसी) ने देश के 31 शहरों में लगभग 100 बिक्री केन्द्रों में ई20 ईंधन का वितरण शुरू कर दिया है। हमने ई20 ईंधन शुरू कर दिया है, अगर यह ठीक से चलता है तो आवश्यकता अधिक मात्रा की होगी।'' उन्होंने कहा कि चीनी की तरह सरकार एथनॉल वर्ष 2023-24 (दिसंबर-नवंबर) के लिए ओएमसी और डिस्टिलरीज के साथ ‘‘एथनॉल का कैरीओवर स्टॉक बनाने की योजना बना रही है'' और इसके लिए अधिक गन्ना शीरे का इस्तेमाल किया जाएगा। सरकार ने चालू एथनॉल वर्ष 2022-23 में 12 प्रतिशत एथनॉल मिश्रण लक्ष्य रखा है, जबकि अगले वर्ष के लिए 15 प्रतिशत का लक्ष्य तय किया गया है। अधिकारी ने कहा, 'फरवरी के अंत तक करीब 120 करोड़ लीटर एथनॉल पेट्रोल में मिलाया जा चुका है। हम लगातार 12 प्रतिशत मिश्रण कर रहे हैं। एथनॉल की उपलब्धता और उत्पादन क्षमता इस साल के लक्ष्य को पूरा करने के लिए पर्याप्त है।' चालू वर्ष के लिए, लगभग 50 लाख टन चीनी या गन्ना शीरे को एथनॉल उत्पादन के लिए उपयोग में लाये जाने का अनुमान है, जो 2021-22 में 36 लाख टन के आंकड़े से कहीं अधिक है। अधिकारी ने कहा कि अगले साल 15 प्रतिशत सम्मिश्रण लक्ष्य को पूरा करने के लिए अतिरिक्त 150 करोड़ लीटर एथनॉल की जरूरत होगी और सरकार चीनी मिलों और डिस्टिलरी को उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। इस साल फरवरी तक एथनॉल उत्पादन क्षमता 1,040 करोड़ लीटर हो गई है। सरकार ब्याज सहायता योजना के तहत एथनॉल क्षमता निर्माण को प्रोत्साहित कर रही है। अधिकारी ने कहा कि सरकार ने 243 परियोजनाओं को मंजूरी दी है और बैंकों ने पहले ही 20,334 करोड़ रुपये का कर्ज मंजूर किया है और इसमें से 11,093 करोड़ रुपये का वितरण किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि पिछले सप्ताह सरकार ने आगामी परियोजनाओं की समीक्षा की और अगले 9-10 महीनों में लगभग 250-300 करोड़ लीटर एथनॉल क्षमता आ जाएगी। केंद्र ने वर्ष 2001 में एथनॉल मिश्रित प्रायोगिक परियोजना शुरू की थी और ‘फील्ड' परीक्षणों की सफलता ने अंततः जनवरी, 2003 में एथनॉल मिश्रित पेट्रोल (ईबीपी) कार्यक्रम शुरू करने का मार्ग प्रशस्त किया। पिछले साल भारत में पेट्रोल में 10.02 प्रतिशत एथनॉल मिलाया गया था। - नयी दिल्ली. इन्फोसिस की एक अध्ययन रिपोर्ट में कहा गया है कि डिजिटल प्रौद्योगिकियों से वृद्धि को प्रोत्साहन देने वाले परिचालन ढांचे एवं संस्कृति का सही मेल सिर्फ सात प्रतिशत कंपनियों में ही मौजूद है। इन्फोसिस नॉलेज इंस्टिट्यूट की यह रिपोर्ट कहती है कि उच्च गुणवत्ता और पारदर्शी आंकड़ों पर आधारित निर्णय लेने वाली और जिम्मेदार जोखिम लेने की संस्कृति के निर्माण पर जोर देने वाली कंपनियों के मुश्किल वृहद-आर्थिक परिस्थितियों में लाभप्रद वृद्धि करने की अधिक संभावनाएं हैं। इसके अलावा प्रक्रिया के बजाय उत्पादों के इर्दगिर्द अपनी गतिविधियों को संचालित करने से कंपनियों के लिए नए उत्पादों का तेजी से विपणन कर पाना संभव हो पाता है। इससे कंपनियों को शुरुआती उत्पाद पेश करने का लाभ भी मिलता है। यह रिपोर्ट अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, चीन एवं भारत की कंपनियों में काम करने वाले करीब 2,700 अधिकारियों के बीच कराए गए एक सर्वेक्षण पर आधारित है। इसे दिग्गज सूचना प्रौद्योगिकी इन्फोसिस की वैचारिक इकाई ने तैयार किया है। रिपोर्ट के मुताबिक, दस में से नौ कंपनियों में डिजिटल वृद्धि का लाभ उठाने के लिए अनुकूल संगठनात्मक ढांचे एवं संस्कृति का अभाव है। इसके अलावा डिजिटल प्रौद्योगिकी से पैदा होने वाले वृद्धि अवसरों का फायदा उठाने के लिए संस्कृति एवं परिचालन ढांचे का सही तालमेल भी सिर्फ सात प्रतिशत कंपनियों में ही पाया जाता है। इस रिपोर्ट में कंपनियों की सफलता के लिए तीन कारक बताए गए हैं। इनमें आंतरिक स्तर पर आंकड़ों का इस्तेमाल, जिम्मेदार जोखिम लेने के लिए संगठन के भीतर संस्कृति बनाना और उत्पादों के इर्दगिर्द कारोबार खड़ा करना शामिल हैं। लेकिन तीनों पहलुओं में संतुलन साधने का काम 10 प्रतिशत से भी कम कंपनियां कर पाई हैं।
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नयी दिल्ली. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) ने अपने आवास ऋण पर ब्याज की दर में रविवार को 0.40 प्रतिशत की कटौती करते हुए 8.5 प्रतिशत कर दिया। इसके साथ ही बैंक ने एमएसएमई ऋण पर ब्याज की दरों को भी घटा दिया। बैंक एमएसएमई ऋण पर 8.4 प्रतिशत की दर से ब्याज लेना शुरू करेगा। बीओबी ने एक बयान में कहा कि ब्याज दरों में किए गए दोनों बदलाव पांच मार्च, 2023 से 31 मार्च, 2023 तक ही प्रभावी रहेंगे। बैंक ने दावा किया कि यह उद्योग में सबसे कम और सबसे प्रतिस्पर्धी ब्याज दरें हैं। इसके अलावा,बैंक आवास ऋण पर प्रक्रिया शुल्क में पूरी छूट दे रहा है जबकि एमएसएमई ऋण में प्रक्रिया शुल्क पर 50 प्रतिशत की छूट दे रहा है।
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नयी दिल्ली। इस बार गर्मी का मौसम समय से पहले ही शुरू हो जाने से आइसक्रीम और शीतल पेय उत्पादों की मांग बढ़ने लगी है। ऐसी स्थिति में रोजमर्रा के उपभोग वाले उत्पाद बनाने वाली एफएमसीजी और दुग्ध उत्पाद कंपनियों को इन उत्पादों की बिक्री में दहाई अंक में बढ़ोतरी होने की उम्मीद है।
कोविड महामारी के समय लगे प्रतिबंध हटने के बाद इस गर्मी में उपभोक्ताओं की आवाजाही बढ़ने से भी उत्पादों की बिक्री में लाभ मिलेगा। इससे घर से बाहर होने वाले उत्पादों के खंड को भी दो साल के अंतराल के बाद बिक्री में उछाल की उम्मीद है। कंपनियां इस साल अपने उत्पादों की भारी मांग की उम्मीद करते हुए नई और अनूठी पेशकश लेकर आ रही हैं और इसके लिए उत्पादन भी शुरू कर दिया गया है।
प्रमुख दुग्ध उत्पाद और आइसक्रीम कंपनी मदर डेयरी ने कहा कि वह तापमान बढ़ने के साथ अभी से उत्पादों की मांग में उछाल देख रही है और यह रुझान आगे भी बना रहेगा। कंपनी के प्रबंध निदेशक मनीष बंदलिश ने कहा, “हमने विभिन्न माध्यमों पर मांगों में वृद्धि को देखते हुए अपना भंडारण बढ़ा दिया है।” अच्छे मौसम की उम्मीद करते हुए एफएमसीजी कंपनियों ने विज्ञापनों पर भी खर्च बढ़ा दिया है।
शीतल पेय कंपनी पेप्सिको ने कहा कि वह गर्मी जल्दी आने से काफी उत्साहित है और 2023 में पेय उद्योग के लिए यह महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। पेप्सिको इंडिया के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शीतलपेय) जॉर्ज कोवूर ने कहा, "हम आशांवित हैं कि हमारे उत्पाद गर्मी से बेहाल उपभोक्ताओं की मांग पर खरा उतरने में सफल रहेंगे।"
इसी तरह डाबर इंडिया ने भी पेय एवं ग्लूकोज उत्पादों की बिक्री बढ़ने की उम्मीद जताई है। कंपनी के मुख्य परिचालन अधिकारी आदर्श शर्मा ने कहा कि अभी से उत्पादों की मांग बढ़ने लगी है और इसे देखते हुए स्टॉक को बढ़ाया जाने लगा है। -
नयी दिल्ली. देश में एक अप्रैल से सोने के उन्हीं ज़ेवरात और कलाकृतियों की बिक्री हो पाएगी जिनपर छह अंकों वाली ‘हॉलमार्क अल्फ़ान्यूमेरिक यूनीक आइडेंटिफिकेशन' (एचयूआईडी) संख्या अंकित होगी। सरकार ने शनिवार को यह जानकारी दी है। इसका मतलब है कि 31 मार्च के बाद बिना एचयूआईडी के पुराने हॉलमार्क आभूषणों की बिक्री की अनुमति दुकानदारों को नहीं होगी। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि उपभोक्ताओं के हितों को सुरक्षित करने के लिए सभी पक्षकारों के साथ सलाह-मशविरे के बाद इस संबंध में 18 जनवरी को फैसला किया गया था। स्वर्ण हॉलमार्क सोने की शुद्धता का प्रमाण पत्र होता है। यह 16 जून 2021 से स्वैच्छिक था। छह अंकों की एचयूआईडी संख्या को एक जुलाई 2021 से लगाया गया है। मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया कि उपभोक्ताओं के पास मौजूद पुराने हॉलमार्क वाले आभूषण वैध रहेंगे।
- नयी दिल्ली । बजाज इलेक्ट्रिकल्स की ईपीसी इकाई को 'साउथ बिहार पावर डिस्ट्रिब्यूशन कंपनी लिमिटेड' (एसबीपीडीसीएल) से 564.87 करोड़ रुपये का अनुबंध मिला है। कंपनी ने शेयर बाजार को दी गई सूचना में कहा कि यह अनुबंध संशोधित वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) के अंतर्गत घरेलू इकाई एसबीपीडीसीएल द्वारा वस्तुओं और सेवा की आपूर्ति से संबंधित है। कंपनी ने कहा कि बिहार के सासाराम और मुंगेर क्षेत्र में बिजली आपूर्ति के वितरण संबंधी बुनियादी ढांचे के विकास के लिए संयंत्रों की आपूर्ति और उनकी अवस्थापना भी इस अनुबंध का हिस्सा है। बजाज इलेक्ट्रिकल्स ने कहा, “ये परियोजनाएं अनुबंध जारी होने के 30 महीनों के अंदर पूरी होंगी। इनका कुल मूल्य 564.87 करोड़ रुपये है।” बजाज इलेक्ट्रिकल्स देश के अग्रणी औद्योगिक घराने बजाज समूह का हिस्सा है। वित्त वर्ष 2021-22 में इसका कारोबार 4,813 करोड़ रुपये रहा था।
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नयी दिल्ली। सरकार ने डीजल के निर्यात पर लगने वाले अप्रत्याशित लाभ कर में कटौती करते हुए 0.50 रुपये प्रति लीटर करने के साथ ही विमान ईंधन एटीएफ पर लगने वाले कर को शून्य कर दिया है। सरकार की तरफ से शुक्रवार रात को जारी एक आदेश में यह जानकारी दी गई। इसके साथ ही घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर लगने वाले शुल्क में हल्की वृद्धि करने का भी फैसला किया गया है। इस आदेश के मुताबिक, ओएनजीसी जैसी तेल उत्पादक कंपनियों के कच्चे तेल उत्पादन पर लगने वाले शुल्क को 4,350 रुपये प्रति टन से बढ़ाकर 4,400 रुपये प्रति टन कर दिया गया है। जमीन एवं समुद्र के भीतर से उत्खनित कच्चे तेल का शोधन कर उसे पेट्रोल, डीजल एवं विमान ईंधन जैसे अलग-अलग ईंधनों में परिवर्तित किया जाता है। सरकार ने डीजल के निर्यात पर लगने वाले कर में भी कटौती कर उसे 2.5 रुपये प्रति लीटर से घटाकर 0.5 रुपये प्रति लीटर कर दिया है। यह डीजल के निर्यात पर लगने वाला न्यूनतम अप्रत्याशित लाभ कर है। इसके अलावा निर्यात किए जाने वाले विमान ईंधन पर लगने वाले कर को 1.50 रुपये प्रति लीटर से घटाकर शून्य कर दिया गया है। आदेश के मुताबिक, नई कर दरें चार मार्च की तारीख से प्रभावी हो गई हैं।यह घरेलू ईंधनों पर कर कटौती का एक पखवाड़े में दूसरा मौका है। इसके पहले 16 फरवरी को भी ईंधनों पर लगने वाले कर में कटौती की गई थी। दरअसल हर पखवाड़े में इन कर दरों की समीक्षा कर जरूरी संशोधन किए जाते हैं। सरकार ने गत वर्ष जुलाई में पहली बार तेल उत्पादक कंपनियों पर अप्रत्याशित लाभ कर लगाया था।
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नई दिल्ली। सरकार ने 01 अप्रैल से हॉलमार्क वाले ऐसे स्वर्ण आभूषणों और स्वर्ण कलाकृतियों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है जिन पर छह अंक का कोड नहीं होता। उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के अनुसार, यह निर्णय छोटे विक्रेताओं के स्तर पर भी गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए लिया गया है। वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल की अध्यक्षता में, कल भारतीय मानक ब्यूरो की समीक्षा बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया।
मंत्रालय के अनुसार, छोटे बिक्री स्तरों पर भी गुणवत्ता को बढ़ावा देने के लिए उत्पादों के प्रमाणन अथवा न्यूनतम मार्किंग शुल्क में 80 प्रतिशत की छूट दी जा रही है। इसके अलावा, उत्तर-पूर्वी राज्यों के विक्रेताओं को 10 प्रतिशत की अतिरिक्त छूट भी मिलती रहेगी। श्री गोयल ने कहा कि सरकार उत्पादों की गुणवत्ता और सुरक्षा के उच्चतम मानक सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि इन उपायों से छोटी इकाइयों को बढ़ावा मिलेगा, परीक्षण व्यवस्था मजबूत होगी और लोगों में गुणवत्ता के प्रति जागरुकता बढ़ेगी।