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नई दिल्ली। .देश के टॉप टेलीकॉम ऑपरेटरों द्वारा हाल ही में टैरिफ बढ़ोतरी के बाद, भारत में कई लोग एक बार फिर से सरकारी टेलीकॉम कंपनी BSNL (भारत संचार निगम लिमिटेड) में सिम पोर्ट कराने के बारे में सोच रहे हैं। सभी टॉप प्राइवेट कंपनियों ने मासिक (monthly), त्रैमासिक (quarterly) और वार्षिक (annual) रिचार्ज प्लान में 25 प्रतिशत की वृद्धि की है।
BSNL नए प्लान पेश करके और अपने मौजूदा प्लान में अतिरिक्त लाभ देकर इस स्थिति का फायदा उठा रहा है। राज्य के स्वामित्व वाली कंपनी अगले महीने देश भर में अपनी 4G सेवाएं भी लॉन्च कर सकती है।BSNL अपने मौजूदा यूजर्स और नए यूजर्स दोनों के लिए आकर्षक प्लान पेश कर रहा है, जो अब अपने मौजूदा नेटवर्क को BSNL में पोर्ट करने की योजना बना रहे हैं। बता दें कि BSNL के प्लान नॉर्थ ईस्ट, जम्मू-कश्मीर और असम को छोड़कर पूरे देश में लागू होंगे। BSNL नेटवर्क 4G नेटवर्क तक ही सीमित है, जबकि इसके प्रतिस्पर्धी 5G नेटवर्क पर चले गए हैं।Jio, Airtel, Vi, या BSNL किसका टैरिफ प्लान है सबसे बेहतरहाल में रिचार्ज प्लान की कीमतों में हुई वृद्धि के बाद से आपके मन में भी सवाल आया होगी की जियो, एयरटेल, वीआई या बीएसएनएल में किस टेलीकॉम कंपनी का प्लान सबसे बेहतर है? यहां पर हम आपके लिए इन टेलीकॉम कंपनियों के 1 महीना, 3 महीना और पूरे साल के रिचार्ज का लेखा-जोखा प्रस्तुत कर रहे हैं। इस तुलना के आधार पर आप खुद ही तय कर लीजिए कि आपके लिए किस टेलीकॉम कंपनी का कौन-सा प्लान ज्यादा बेहतर है।पॉपुलर मंथली प्लानJioरिचार्ज: 299 रुपये कापैक की वैधता: 28 दिनकुल डेटा: 42 GBहाई स्पीड डेटा: 1.5 GB/प्रतिदिनवॉइस कॉल: अनलिमिटेडएसएमएस: 100 एसएमएस/प्रतिदिनAirtelरिचार्ज: 299 रुपये कापैक की वैधता: 28 दिनकुल डेटा: 28 GBहाई स्पीड डेटा: 1 GB/प्रतिदिनवॉइस कॉल: अनलिमिटेडएसएमएस: 100 एसएमएस/प्रतिदिनViरिचार्ज: 299 रुपये कापैक की वैधता: 28 दिनकुल डेटा: 28 GBहाई स्पीड डेटा: 1 GB/प्रतिदिनवॉइस कॉल: अनलिमिटेडएसएमएस: 100 एसएमएस/प्रतिदिनBSNLरिचार्ज: 199 रुपये कापैक की वैधता: 30 दिनकुल डेटा: 60 GBहाई स्पीड डेटा: 2 GB/प्रतिदिनवॉइस कॉल: अनलिमिटेडएसएमएस: 100 एसएमएस/प्रतिदिनपॉपुलर 3 महीने का रिचार्ज प्लानJioरिचार्ज: 889 रुपये कापैक की वैधता: 84 दिनकुल डेटा: 126 GBहाई स्पीड डेटा: 1.5 GB/प्रतिदिनवॉइस कॉल: अनलिमिटेडएसएमएस: 100 एसएमएस/प्रतिदिनAirtelरिचार्ज: 859 रुपये कापैक की वैधता: 84 दिनकुल डेटा: 126 GBहाई स्पीड डेटा: 1.5 GB/प्रतिदिनवॉइस कॉल: अनलिमिटेडएसएमएस: 100 एसएमएस/प्रतिदिनViरिचार्ज: 859 रुपये कापैक की वैधता: 84 दिनकुल डेटा: 126 GBहाई स्पीड डेटा: 1.5 GB/प्रतिदिनवॉइस कॉल: अनलिमिटेडएसएमएस: 100 एसएमएस/प्रतिदिनBSNLरिचार्ज: 595 रुपये कापैक की वैधता: 84 दिनकुल डेटा: 252 GBहाई स्पीड डेटा: 3 GB/प्रतिदिनवॉइस कॉल: अनलिमिटेडएसएमएस: 100 एसएमएस/प्रतिदिनपॉपुलर एनुअल रिचार्ज प्लानJioरिचार्ज: 3599 रुपये कापैक की वैधता: 365 दिनकुल डेटा: 912.5 GBहाई स्पीड डेटा: 2.5 GB/प्रतिदिनवॉइस कॉल: अनलिमिटेडएसएमएस: 100 एसएमएस/प्रतिदिनAirtelरिचार्ज: 3599 रुपये कापैक की वैधता: 365 दिनकुल डेटा: 730 GBहाई स्पीड डेटा: 2 GB/प्रतिदिनवॉइस कॉल: अनलिमिटेडएसएमएस: 100 एसएमएस/प्रतिदिनViरिचार्ज: 3599 रुपये कापैक की वैधता: 365 दिनकुल डेटा: 850 GBवॉइस कॉल: अनलिमिटेडएसएमएस: 100 एसएमएस/प्रतिदिनBSNLरिचार्ज: 3599 रुपये कापैक की वैधता: 365 दिनकुल डेटा: 600 GBवॉइस कॉल: अनलिमिटेडएसएमएस: 100 एसएमएस/प्रतिदिनअपने सिम को BSNL में कैसे पोर्ट करें?अपने सिम को BSNL में पोर्ट करने के लिए सबसे पहले, आपको 1900 पर एक एसएमएस भेजकर एक यूनिक पोर्टिंग कोड (UPC) प्राप्त करना होगा। ‘पोर्ट [स्पेस] 10 अंकों का मोबाइल नंबर’ लिखें। जम्मू-कश्मीर प्रीपेड ग्राहकों के मामले में, किसी को एसएमएस भेजने के बजाय 1900 पर कॉल करना होगा।सभी सेवा क्षेत्रों के लिए, अनुरोध की तारीख से या नंबर पोर्ट आउट होने तक, जो भी पहले हो, UPC 15 दिनों के लिए मान्य रहेगा। जम्मू और कश्मीर, असम और पूर्वोत्तर लाइसेंसधारक क्षेत्रों को छोड़कर, जहां UPC अनुरोध की तारीख से 30 दिनों के लिए या नंबर पोर्ट आउट होने तक, जो भी पहले हो, मान्य रहेगा। यह मान्यता ग्राहकों द्वारा किए गए अनुरोधों की संख्या की परवाह किए बिना लागू होती है।इसके बाद आपको अपना मोबाइल नंबर पोर्ट कराने के लिए BSNL CSC (ग्राहक सेवा केंद्र)/ऑथराइज्ड फ्रेंचाइजी/रिटेलर के पास जाना होगा। इसके बाद आपको CAF (ग्राहक आवेदन पत्र) भरना होगा और सिम पोर्ट करने के लिए आवश्यक फीस का भुगतान करना होगा।कंपनी BSNL में पोर्ट करने के लिए कोई फीस नहीं लेगी। इसके बाद आपको एक नया BSNL सिम कार्ड जारी किया जाएगा। - नयी दिल्ली. । केनरा बैंक और इंडियन बैंक समेत सार्वजनिक क्षेत्र के चार बैंकों ने बुधवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को वित्त वर्ष 2023-24 के लिए कुल 6,481 करोड़ रुपये के लाभांश चेक सौंपे। वित्त मंत्रालय ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर पोस्ट में कहा, ‘‘वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को बैंक ऑफ बड़ौदा के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) देबदत्त चंद से वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 2,514.22 करोड़ रुपये का लाभांश चेक प्राप्त हुआ।'' इसी तरह, केनरा बैंक के एमडी और मुख्य कार्यपालक अधिकारी के सत्यनारायण राजू ने 1,838.15 करोड़ रुपये का लाभांश चेक सौंपा। चेन्नई स्थित इंडियन बैंक ने भी पिछले वित्त वर्ष के लिए सरकार को 1,193.45 करोड़ रुपये का लाभांश चेक दिया। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऑफ इंडिया ने भी वित्त मंत्री को 935.44 करोड़ रुपये का लाभांश दिया। बैंक के एमडी एवं सीईओ रजनीश कर्नाटक ने इस राशि का चेक सौंपा। इनके अलावा मुंबई स्थित वित्तीय संस्थान एक्जिम बैंक ने भी वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 252 करोड़ रुपये का लाभांश चेक सरकार को दिया।.
- नयी दिल्ली। औद्योगिक श्रमिकों के लिए खुदरा मुद्रास्फीति मई महीने में घटकर 3.86 प्रतिशत पर आ गई। एक साल पहले समान माह में यह 4.42 प्रतिशत थी। श्रम मंत्रालय ने बयान में कहा कि औद्योगिक श्रमिकों का उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई-आईडब्ल्यू) इस साल अप्रैल में 3.87 प्रतिशत था। बयान के मुताबिक, मई, 2024 में औद्योगिक कामगारों के लिए सालाना आधार पर मुद्रास्फीति घटकर 3.86 प्रतिशत रह गई जो मई, 2023 में 4.42 प्रतिशत थी। मई, 2024 के लिए अखिल भारतीय सीपीआई-आईडब्ल्यू 0.5 अंक बढ़कर 139.9 अंक पर पहुंच गया जबकि अप्रैल में यह 139.4 अंक था। खाद्य एवं पेय पदार्थ खंड का सूचकांक अप्रैल के 143.4 अंक से बढ़कर मई में 145.2 अंक पर पहुंच गया। ईंधन एवं बिजली खंड अप्रैल में 152.8 अंक पर था और मई घटकर 149.5 अंक पर आ गया। श्रम एवं रोजगार मंत्रालय से जुड़ा श्रम ब्यूरो देशभर के औद्योगिक रूप से महत्वपूर्ण 88 केंद्रों में फैले 317 बाजारों से आंकड़े जुटाता है। एकत्रित खुदरा कीमतों के आधार पर हर महीने औद्योगिक श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक तैयार किया जाता है।
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नयी दिल्ली. आभूषण विक्रेताओं की ताजा लिवाली के बीच राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में बुधवार को सोना 400 रुपये के उछाल के साथ 75,050 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ। पिछले कारोबारी सत्र में सोना 74,650 रुपये प्रति 10 ग्राम पर रहा था। अखिल भारतीय सर्राफा संघ ने यह जानकारी दी। हालांकि, चांदी की कीमत 94,400 रुपये प्रति किलोग्राम पर अपरिवर्तित रही। संघ ने कहा कि सर्राफा बाजारों में सोना पिछले बंद भाव के मुकाबले 400 रुपये बढ़कर 75,050 रुपये प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रहा है। बाजार सूत्रों ने कहा कि घरेलू मांग बढ़ने से सोने की कीमतों में तेजी देखी गई।
अंतरराष्ट्रीय बाजारों में हाजिर सोना 12.60 डॉलर प्रति औंस बढ़कर 2,380.50 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रहा था। एलकेपी सिक्योरिटीज के उपाध्यक्ष शोध विश्लेषक-जिंस एवं मुद्रा जतिन त्रिवेदी ने कहा, ‘‘सोने की कीमतों में सकारात्मक रुख रहा। बृहस्पतिवार शाम को अमेरिका में जारी होने वाले कमजोर मुद्रास्फीति के आंकड़ों की उम्मीदों के कारण खरीदारी में तेजी आई, जिससे सितंबर की बैठक में अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा दरों में कटौती की जा सकती है।'' इसके अलावा, वैश्विक स्तर पर चांदी की कीमतें भी बढ़कर 31.25 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गईं। -
नयी दिल्ली. पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बुधवार को कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियां फर्जी उपभोक्ताओं को हटाने के लिए रसोई गैस ग्राहकों का आधार के जरिये ई-केवाईसी सत्यापन कर रही हैं। आधार की मदद से ई-केवाईसी (ऑनलाइन ग्राहक सत्यापन) की प्रक्रिया उन फर्जी ग्राहकों को अलग करने के लिए की जाती है जिनके नाम पर बुक कराई गई रसोई गैस का इस्तेमाल वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों में किया जाता है। परिवारों को 14.2 किलोग्राम वाला सिलेंडर 803 रुपये (लगभग 56.5 रुपये प्रति किलोग्राम) की दर से खरीदना पड़ता है जबकि होटल एवं रेस्तरां जैसे वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों को 19 किलोग्राम का वाणिज्यिक सिलेंडर 1,646 रुपये (86.3 रुपये प्रति किलोग्राम) में मिलता है। पुरी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर पोस्ट में कहा, ‘‘पेट्रोलियम विपणन कंपनियां एलपीजी ग्राहकों के लिए आधार के माध्यम से ईकेवाईसी सत्यापन कर रही हैं, ताकि उन फर्जी ग्राहकों को हटाया जा सके, जिनके नाम पर कुछ गैस वितरक अक्सर वाणिज्यिक सिलेंडर बुक करते हैं। यह प्रक्रिया आठ महीने से अधिक समय से लागू है।'' उनका यह पोस्ट केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता वी डी सतीशन के जवाब में आया है, जिन्होंने इस निर्णय के चलते आम आदमी को ‘अप्रत्याशित मुश्किल' पेश आने की बात कही थी। सतीशन ने पुरी को लिखे एक पत्र में यह मामला उठाया था। उन्होंने पत्र में लिखा था, ‘‘पता चला है कि केंद्र सरकार ने एलपीजी सिलेंडर की वैधता सुनिश्चित करने के लिए गैस कनेक्शन का सत्यापन अनिवार्य कर दिया है। हालांकि, वैध ग्राहकों की पहचान के लिए सत्यापन अनिवार्य है, लेकिन संबंधित गैस एजेंसियों पर इस प्रक्रिया को पूरा करने के निर्णय से आम एलपीजी धारकों को असुविधा हुई है।'' इसके जवाब में पुरी ने कहा कि गैस सिलेंडर की आपूर्ति करने वाला कर्मचारी ग्राहक की पहचान से संबंधित विवरण को सत्यापित करते हैं। कर्मचारी अपने मोबाइल फोन पर ऐप के माध्यम से ग्राहक के आधार की पुष्टि करते हैं। हालांकि, ग्राहक अपनी सुविधानुसार वितरक शोरूम से भी संपर्क कर सकते हैं।'' इसके अलावा ग्राहक गैस वितरक कंपनी के ऐप के जरिये भी अपना ईकेवाईसी पूरा कर सकते हैं। मंत्रालय के पेट्रोलियम नियोजन और विश्लेषण प्रकोष्ठ के आंकड़ों के मुताबिक, भारत में 32.64 करोड़ सक्रिय घरेलू एलपीजी उपयोगकर्ता हैं।
- मुबंई। बॉम्बे हाई कोर्ट ने पतंजलि आयुर्वेद को 50 लाख रुपये जमा करने का आदेश दिया है। यह आदेश एक अन्य कंपनी द्वारा दायर किए गए ट्रेडमार्क उल्लंघन मामले में दिया गया है। मंगलम ऑर्गेनिक्स Ltd. ने दावा किया था कि पतंजलि उनके कपूर उत्पादों की कॉपीराइट का उल्लंघन कर रही है। अगस्त 2023 में हाई कोर्ट ने एक अंतरिम आदेश दिया था, जिसमें पतंजलि आयुर्वेद को अपने कपूर उत्पादों को बेचने से रोक दिया गया था। अब यह आरोप है कि पतंजलि ने कोर्ट के आदेश का उल्लंघन किया है।जस्टिस आर आई चागला की सिंगल बेंच ने 8 जुलाई को कहा कि पतंजलि ने जून में दाखिल हलफनामे में माना है कि उसने पहले वाले आदेश का उल्लंघन किया है, जो कपूर उत्पादों की बिक्री को रोकने के लिए दिया गया था। जज चागला ने आदेश में कहा, “30 अगस्त 2023 के कोर्ट के आदेश का लगातार उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।”अदालत ने कहा कि अवमानना या आदेश तोड़ने के लिए आदेश पारित करने से पहले पतंजलि को 50 लाख रुपये जमा करने का निर्देश देना उचित होगा। हाई कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 19 जुलाई को तय की है।अगस्त 2023 में हाई कोर्ट ने एक अंतरिम आदेश दिया था, जिसके तहत पतंजलि को अपने कपूर उत्पादों को बेचने या उनका विज्ञापन करने से रोक दिया गया था। मंगलम ऑर्गेनिक्स नाम की कंपनी ने पतंजलि आयुर्वेद के खिलाफ मुकदमा दायर किया था, जिसमें दावा किया गया था कि पतंजलि उनके कपूर उत्पादों के कॉपीराइट का उल्लंघन कर रही है। बाद में मंगलम ऑर्गेनिक्स ने एक आवेदन दायर किया, जिसमें कहा गया था कि पतंजलि आदेश का उल्लंघन कर रही है क्योंकि वह कपूर उत्पाद बेच रही है।हाई कोर्ट ने जून 2024 में पतंजलि के डायरेक्टर रजनीश मिश्रा द्वारा दायर हलफनामे का संज्ञान लिया। हलफनामे में मिश्रा ने बिना किसी शर्त माफी मांगी और कहा कि वह हाई कोर्ट के आदेशों का पालन करेंगे। साथ ही, उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि आदेश पारित होने के बाद से, लगभग 49,57,861 रुपये के मूल्य के कपूर उत्पाद बेचे जा चुके हैं।
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नई दिल्ली। पतंजलि आयुर्वेद मंगलवार को सर्वोच्च न्यायालय को बताया कि उसने उन 14 उत्पादों की बिक्री रोक दी है, जिनके विनिर्माण लाइसेंस उत्तराखंड राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरण ने निलंबित कर दिए थे।
योग गुरु बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण की कंपनी ने न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति संदीप मेहता के पीठ को बताया कि उसने 5,606 फ्रैंचाइजी स्टोरों को इन उत्पादों को वापस लेने का निर्देश दिया है।बेंच ने कंपनी को दो सप्ताह के भीतर हलफनामा दायर कर यह पुष्टि करने के लिए कहा कि उसकी प्रतिबंधित दवाओं की पोस्ट और विज्ञापनों को विभिन्न मीडिया प्लेटफॉर्म से हटा दिया गया है।अलबत्ता न्यायालय ने इस बात पर जोर दिया कि विज्ञापन उद्योग को उसके पहले के निर्देशों की वजह से नुकसान नहीं होना चाहिए, जिसमें विज्ञापन देने वालों को उस तरह के विज्ञापनों के संबंध में स्व-घोषणा पत्र जमा करने के लिए कहा था। न्यायालय ने मई में प्रसारकों से कहा था कि उन्हें केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा संचालित ब्रॉडकास्ट सेवा पोर्टल पर स्व घोषणा पत्र दाखिल करना होगा। -
नई दिल्ली। सामाजिक सुरक्षा स्किम अटल पेंशन योजना (Atal Pension Yojna) के तहत मिलने वाली राशि में दोगुना इजाफा हो सकता है। सरकार अटल पेंशन योजना (APY) के तहत कम से कम मिलने वाली गारंटी राशि को दोगुना कर 10 हजार कर सकती है।रिपोर्ट्स के अनुसार, सरकार 23 जुलाई 2024 को संसद में पेश किए जाने वाले बजट में इस योजना के तहत मिलने वाली राशि को डबल करने एलान कर सकती है। एक टीम इस योजना का सरकारी खजाने पर पड़ने वाले प्रभाव का आकलन कर रही है और बजट से पहले इस पर निर्णय लिया जा सकता है।
क्या है अटल पेंशन योजना?बता दें कि अटल पेंशन योजना को पीएम मोदी ने 9 मई 2015 को शुरू किया था। यह एक एक सामाजिक सुरक्षा योजना है और इसका मकसद नागरिकों को 60 वर्ष की आयु के बाद एक गारंटी आय उपलब्ध कराना है। राशि कितने मिलेगी यह उनके योगदान पर निर्भर करता हैं।अटल पेंशन योजना के तहत ग्राहकों के पास हर महीने 1000, 2000, 3000, 4000 और 5000 रुपए की निश्चित मासिक पेंशन राशि प्राप्त करने का विकल्प है।यह योजना घरों में साफ़-सफाई का काम करने वाले सहायकों, माली और ड्राइवरों जैसे लोगों को 60 साल यानी रिटायरमेंट की आयु के बाद सक्रिय रूप से अपना खर्च चलाने में मदद करती है।योजना के तहत अभी अधिकतम 5 हजार रुपए मिलते हैंअटल पेंशन योजना के तहत बुज़ुर्गों को अभी हर महीने अधिकतम 5 हजार रुपए मिलते है और सरकार इस राशि को डबल कर 10 हजार रुपये करने की योजना बना रही है। हर महीने मिलने वाली राशि योगदानकर्ता पर निर्भर करती है कि उसने कितना योगदान किया है।फिलहाल इस योजना के तहत हर महीने ज्यादा से ज्यादा 5 हजार रुपए ही मिल सकते है। अगर सरकार संशोधन करती है तो यह राशि डबल होकर 10 हजार रुपये हो जायेगी।वित्त मंत्रालय के अनुसार, अटल पेंशन योजना (APY) के तहत 20 जून तक कुल 66.2 करोड़ सदस्य थे और 2023-24 में 1.22 करोड़ नये रजिस्ट्रेशन हुए। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस साल की शुरुआत में बताया था कि इस योजना ने शुरू होने के बाद से 9.1 प्रतिशत का रिटर्न दिया है और यह अन्य बचत योजनाओं की तुलना में काफी प्रतिस्पर्धी है।अटल पेंशन योजना के फायदे–योजना के तहत सरकार से न्यूनतम पेंशन की गारंटी।–योजना में किए गए योगदान (Contribution) के लिए 80सीसीडी (80ccd) के तहत टैक्स बेनिफिट।– सभी बैंक खातरधारक कर सकते हैं आवेदन।– 60 साल की उम्र से मिलने लगेगी पेंशन।– प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारी भी कर सकते हैं अप्लाई।– यदि दुर्भाग्यवश मृत्यु हो जाती है तो पति या पत्नी योगदान का दावा कर सकते हैं या योजना से जुड़े रह सकते हैं।अटल पेंशन योजना के लिए आवेदन करने की शर्तअटल पेंशन योजना (APY) के लिए आवेदन करने की आयु 18 से 40 वर्ष के बीच होनी चाहिए और इसके लिए कम से कम 20 वर्षों तक आपको पैसे डालने होंगे।अटल पेंशन योजना के लिए कैसे करें अप्लाई?1] आप नेट बैंकिंग के जरिये अटल पेंशन योजना अकॉउंट खोले।2] 60 वर्ष की आयु तक आप जितनी राशि जमा करना चाहते हैं, उसे तय करें।3] इसके बाद ऑटो-डेबिट विकल्प का चयन करें ताकि राशि हर महीने अपने आप आपके बैंक अकॉउंट से कट जाए। -
नई दिल्ली। चीन से जुड़े निवेश की जांच करने वाली सरकारी समिति से भारत के डिजिटल पेमेंट्स प्लेटफॉर्म पेटीएम को राहत मिली है। समिति ने पेटीएम को उसकी एक महत्वपूर्ण सहायक कंपनी में 50 करोड़ रुपये ($6 मिलियन) के निवेश को मंजूरी दे दी है। हालांकि, इस मंजूरी को अभी वित्त मंत्रालय से भी स्वीकृति मिलनी बाकी है। यह मंजूरी मिलने के बाद पेटीएम पेमेंट सर्विसेज अपने कारोबार को सामान्य रूप से फिर से शुरू कर सकेगी।
गौर करने वाली बात यह है कि पेटीएम पेमेंट सर्विसेज कंपनी के मुख्य कारोबार का एक बड़ा हिस्सा है। यह कंपनी Paytm के कुल मिलाकर वित्तीय वर्ष 2023 के रेवेन्यू का लगभग एक चौथाई है। बता दें कि इसी साल भारतीय रिजर्व बैंक ने नियमों का पालन नहीं करने के कारण Paytm पेमेंट्स बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया था। इसके चलते Paytm के शेयरों में भारी गिरावट आई थी।दरअसल, सरकारी समिति ने पहले इस निवेश को इसलिए मंजूरी नहीं दी थी क्योंकि Paytm में चीन की कंपनी एंट ग्रुप की 9.88% हिस्सेदारी है। 2020 में दोनों देशों के बीच सीमा पर हुए विवाद के बाद से भारत चीनी कंपनियों की जांच में काफी सख्त हो गया है।लगभग दो सालों से Paytm को सरकारी समिति की मंजूरी का इंतजार था। अगर यह मंजूरी नहीं मिलती तो Paytm को अपनी पेमेंट सर्विसेज का कारोबार भी बंद कर देना पड़ता। मार्च 2023 से तो Paytm नए ग्राहक भी नहीं जोड़ पा रहा था। सरकारी अनुमति मिलने के बाद, Paytm भारतीय रिजर्व बैंक से “पेमेंट एग्रीगेटर” लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकेगा।इस समिति में विदेश, गृह, वित्त और उद्योग मंत्रालयों के प्रतिनिधि होते हैं, लेकिन इन मंत्रालयों ने राय देने के लिए भेजे गए ईमेल का जवाब नहीं दिया। वहीं, Paytm के प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी बाजार के अटकलों पर टिप्पणी नहीं करती है। प्रवक्ता ने कहा, “हम सेबी नियमों के तहत अपने दायित्वों का पालन करते हुए जानकारी देना जारी रखेंगे, और एक्सचेंजों को सूचित करेंगे जब कोई नई महत्वपूर्ण जानकारी साझा करने योग्य होगी।” फिलहाल यह पता नहीं चल सका है कि आखिर सरकारी समिति ने अपना फैसला क्यों बदला। - नयी दिल्ली,।सरकार को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) में विनिवेश को आगे बढ़ाना चाहिए क्योंकि वे अच्छी स्थिति में हैं। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के आर्थिक शोध विभाग ने सोमवार को अपनी रिपोर्ट में यह बात कही है। रिपोर्ट में मौजूदा सरकारी बैंकों को सुदृढ़ करने पर भी जोर दिया गया है।‘केंद्रीय बजट 2024-25 की प्रस्तावना' शीर्षक वाली रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘चूंकि बैंक अच्छी स्थिति में हैं, इसलिए सरकार को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के विनिवेश को लेकर आगे बढ़ना चाहिए।'' इसमें आईडीबीआई बैंक के निजीकरण के संबंध में कहा कि सरकार और भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) बैंक में लगभग 61 प्रतिशत हिस्सेदारी बेच रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘उन्होंने अक्टूबर, 2022 में खरीदारों से बोलियां आमंत्रित कीं। निवेश और लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) को जनवरी, 2023 में पेशकश पर आईडीबीआई बैंक की हिस्सेदारी के लिए कई रुचि पत्र प्राप्त हुए। हमें उम्मीद है कि सरकार बजट में इसे स्पष्ट करेगी।'' वर्तमान में, आईडीबीआई बैंक में सरकार की 45 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी है और (एलआईसी) की 49.24 प्रतिशत हिस्सेदारी है। रिपोर्ट में यह भी सुझाव दिया गया है कि सरकार को जमा ब्याज पर कर में बदलाव करना चाहिए और म्यूचुअल फंड तथा शेयर बाजारों के अनुरूप विभिन्न परिपक्वता अवधि वाली जमाओं पर एक जैसा व्यवहार करना चाहिए। इसमें कहा गया है, ‘‘वित्त वर्ष 2022-23 में घरेलू शुद्ध वित्तीय बचत घटकर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 5.3 प्रतिशत हो गई और 2023-24 में इसके 5.4 प्रतिशत पर रहने की उम्मीद है। यदि हम म्यूचुअल फंड के अनुरूप जमा दर को आकर्षक बनाते हैं, तो इससे घरेलू वित्तीय बचत और चालू खाता और बचत खाता (कासा) में वृद्धि हो सकती है।'' रिपोर्ट में कहा गया है कि चूंकि यह राशि जमाकर्ताओं के हाथ में होगी, इससे अतिरिक्त खर्च हो सकता है और इस तरह सरकार को अधिक माल एवं सेवा कर (जीएसटी) राजस्व मिलेगा। इसमें कहा गया है, ‘‘बैंक जमा में वृद्धि से न केवल मूल जमा आधार और वित्तीय प्रणाली में स्थिरता आएगी बल्कि घरेलू बचत में भी वित्तीय स्थिरता आएगी क्योंकि बैंक प्रणाली बेहतर तरीके से नियमन के दायरे में है और उच्च जोखिम/अस्थिरता वाले अन्य विकल्पों की तुलना में इसको लेकर लेकर ज्यादा भरोसा है।'' एसबीआई की आर्थिक शोध रिपोर्ट में उम्मीद जताई गई है कि सरकार दिवाला और ऋण शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) से जुड़ी चिंताओं पर गौर करेगी। इसमें सुधार किया जाना चाहिए और आईबीसी के तहत मामलों में तेजी लाने पर ध्यान देना चाहिए। आईबीसी के माध्यम से वसूली वित्त वर्ष 2023-24 में 32 प्रतिशत रही और वित्तीय कर्जदाताओं ने अपने दावों का 68 प्रतिशत गंवाया। इसमें कहा गया है कि समाधान तक पहुंचने में 330 दिन के बजाय 863 दिन का समय लग रहा है। इसमें कहा गया है, ‘‘आईबीसी दबाव वाली परिसंपत्तियों के निपटान के लिए एक महत्वपूर्ण उपाय है। लेकिन इसके लिए बाजार को आगे बढ़ाने को लेकर संभावित समाधान आवेदकों के दायरे को व्यापक बनाने की जरूरत है...।'' वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को संसद में 2024-25 का बजट पेश कर सकती हैं।
- नई दिल्ली। दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने अमरनाथ यात्रा के लिए दूरसंचार बुनियादी ढांचे में महत्वपूर्ण सुधार किए जाने की सोमवार को जानकारी दी। इसका मकसद तीर्थयात्रियों के लिए निर्बाध मोबाइल संपर्क सुनिश्चित करना है। आधिकारिक बयान के अनुसार, एयरटेल, बीएसएनएल तथा रिलायंस जियो सहित प्रमुख दूरसंचार परिचालकों के सहयोग से यात्रा मार्गों पर निरंतर संपर्क प्रदान करने के लिए बुनियादी ढांचे को उन्नत किया गया है। निर्बाध मोबाइल संपर्क सुनिश्चित करने के लिए (एयरटेल, आरजेआईएल और बीएसएनएल) की कुल 82 ढांचागत सुविधाएं (साइट) सक्रिय रहेंगी। इसमें कहा गया, ‘‘ यात्रा मार्गों पर कुल 31 नई ढांचागत सुविधाएं स्थापित की गई हैं, जिससे इनकी कुल संख्या बढ़कर 2024 में 82 हो गई है। 2023 में यह संख्या 51 थी। इस कदम का मकसद तीर्थयात्रियों और जनता को निर्बाध मोबाइल संपर्क प्रदान करना है।'' लखनपुर से काजीगुंड और काजीगुंड से पहलगाम तथा बालटाल तक के मार्ग पर तीर्थयात्रियों व आम जनता के लिए कई स्थानों पर 2जी, 3जी, 4जी और 5जी प्रौद्योगिकी अच्छी तरह से काम कर रही है। इसके अलावा, तीर्थयात्रियों को दूरसंचार सुविधा प्रदान करने के लिए सिम वितरण केंद्रों के कुछ प्रमुख स्थानों को भी जोड़ा गया है। बयान में कहा गया, दूरसंचार विभाग श्री अमरनाथजी यात्रा 2024 के सभी प्रतिभागियों के लिए ऐसा अनुभव सुनिश्चित करने को प्रतिबद्ध है जो सहज होने के साथ-साथ उन्हें हर जगह अपनों से जोड़े रखे। इस महत्वपूर्ण तीर्थयात्रा का समर्थन करने के लिए उन्नत दूरसंचार प्रौद्योगिकियों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
- नयी दिल्ली।' लक्जरी वाहन विनिर्माता मर्सिडीज-बेंज इंडिया महंगा वाहन खरीदने की मंशा रखने वाले ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए पहली बार शुरुआती स्तर के इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) उतारने की योजना बना रही है। कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी। मर्सिडीज-बेंज इंडिया के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) संतोष अय्यर ने कहा कि वाहन स्वामित्व पर आने वाली बड़ी लागत को देखते हुए कंपनी लक्जरी खंड के नए ग्राहकों को ध्यान में रखते हुए ईक्यूए और ईक्यूबी मॉडल को बेहतर विकल्प के तौर पर पेश कर रही है। कंपनी ने प्रवेश स्तर की इलेक्ट्रिक एसयूवी ईक्यूए 250 को 66 लाख रुपये की शुरुआती कीमत पर उतारा है। इसके अलावा ईक्यूबी 350 एसयूवी (पांच सीटर) मॉडल की कीमत 77.5 लाख रुपये और ईक्यूबी 250प्लस एसयूवी (सात सीटर) की शोरूम कीमत 70.90 लाख रुपये रखी गई है। अय्यर ने कहा कि कंपनी के नए इलेक्ट्रिक मॉडल ईक्यूए और ईक्यूबी को एक करोड़ रुपये से अधिक आय वाले युवा ग्राहक खरीदकर लक्जरी वाहन का लुत्फ उठा सकते हैं। इसकी वजह यह है कि परंपरागत इंजन वाले मॉडल की तुलना में ईवी मॉडल की स्वामित्व लागत कम पड़ती है। हालांकि, अय्यर ने कहा कि मर्सिडीज-बेंज इंडिया अपने ईवी खंड में शुरुआती स्तर वाले मॉडल के साथ दो टॉप-एंड लक्जरी ईवी भी लेकर आने वाली है। उन्होंने कहा, ‘‘हम जल्द ही ईक्यूएस मेबैक एसयूवी की घोषणा करेंगे, जिसकी कीमत तीन करोड़ रुपये से अधिक होगी, जो एक टॉप-एंड ईवी है। इसके अलावा तीन करोड़ रुपये से अधिक कीमत वाली इलेक्ट्रिक जी-क्लास भी लेकर आएंगे।''
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नयी दिल्ली. दिल्ली-एनसीआर और मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) में घरों की औसत कीमतें पिछले पांच वर्षों में लगभग 50 प्रतिशत बढ़ी हैं। संपत्ति सलाहकार एनारॉक ने कहा है कि यह वृद्धि उच्च मांग से प्रेरित है। एनारॉक के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली-एनसीआर में आवासीय संपत्तियों की औसत कीमत जनवरी-जून, 2024 में 49 प्रतिशत बढ़कर 6,800 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गई है, जो 2019 की समान अवधि में 4,565 रुपये प्रति वर्ग फुट थी। इसी तरह, एमएमआर में समीक्षाधीन अवधि के दौरान आवास की औसत कीमतें 10,610 रुपये प्रति वर्ग फुट से 48 प्रतिशत बढ़कर 15,650 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गईं। एनारॉक ने कहा कि निर्माण लागत में भारी बढ़ोतरी और अच्छी बिक्री के कारण कीमतों में वृद्धि हुई। इसने बताया कि 2016 के अंत से 2019 तक दोनों क्षेत्रों में कीमतें स्थिर रहीं थीं। एनारॉक ने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण इन दोनों आवासीय बाजारों में मांग नई ऊंचाइयों पर पहुंच गई। शुरुआत में, डेवलपर्स ने पेशकश और मुफ्त उपहारों की मदद से बिक्री को बढ़ावा दिया, लेकिन मांग बढ़ने के साथ ही उन्होंने धीरे-धीरे औसत कीमतें बढ़ा दीं।
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नई दिल्ली। बजाज ऑटो ने 25 साल पहले जब देश में सीएनजी से चलने वाला पहला तिपहिया उतारा था, उस समय कंपनी के प्रबंध निदेशक राजीव बजाज को दिल्ली की उनकी टीम ने फोन कर एक अजीब बात कही। टीम ने कहा कि ऑटो चालकों के एक जत्थे ने दिल्ली में कंपनी के शोरूमों के कांच तोड़ दिए हैं।
दुनिया की पहली सीएनजी बाइक फ्रीडम 125 को उतारते हुए बजाज के जेहन में उसकी याद ताजा हो गई। उन्होंने कहा, ‘मैं हैरान हो गया क्योंकि मुझे लगा था कि सीएनजी तिपहिया चालकों के लिए बेजोड़ होगा। मगर चालक इसलिए नाराज थे क्योंकि दिल्ली में उस समय केवल एक सीएनजी पंप था और ऑटो में गैस भरवाने के लिए उन्हें 10-12 घंटे तक कतार में खड़े रहना पड़ता था। इस वजह से उन्हें सीएनजी के कारण होने वाली बचत का फायदा नहीं मिल रहा था।’ मगर अब तस्वीर काफी बदल चुकी है। अब भारत के 335 शहरों में 6,000 सीएनजी पंप हैं और संख्या लगातार बढ़ रही है।कंपनी के अनुसार फ्रीडम 125 तीन वैरिएंट और 7 रंगों में उपलब्ध होगी। इसकी कीमत 95,000 से 1.1 लाख रुपये के बीच होगी। फ्रीडम 125 को उद्योग की तस्वीर बदलने वाली बाइक बताते हुए बजाज ने कहा कि इस बाइक से पेट्रोल आयात, हानिकारक उत्सर्जन, पेट्रोल की ऊंची कीमतों और चार्जिंग स्टेशन खोजने की चिंता से मुक्ति मिल जाएगी। अपने 34 साल के सफर में 100वां उत्पाद उतारते हुए बजाज ने कहा, ‘आज मुझे अपने पिताजी की बहुत याद आ रही है।’फ्रीडम 125 सीएनजी के साथ ही पेट्रोल से भी चलेगी। बाइक चलाते समय केवल एक स्विच दबाकर पेट्रोल से सीएनजी पर जा सकते हैं या सीएनजी से पेट्रोल पर आ सकते हैं। मगर इस तकनीक को बेहतर बनाने में बजाज ऑटो को ढाई साल लग गए। यह बाइक आम पेट्रोल बाइक के मुकाबले आधे खर्च में ही दौड़ लेगी। 2 किलो का सीएनजी टैंक भरवाने पर यह बाइक 200 किलोमीटर तक फर्राटा भर सकती है और 2 लीटर पेट्रोल में 130 किलोमीटर तक दौड़ सकती है यानी दोनों टैंक पूरे भरवा लें तो एक बार में बाइक 330 किमी तक दौड़ जाएगी।बजाज ऑटो का दावा है कि ग्राहकों का साल भर में ईंधन पर होने वाला खर्च इस बाइक से 15,000 रुपये घट सकता है। कंपनी ने तेल मार्केटिंग कंपनियों से सीएनजी पंप का नेटवर्क बढ़ाने और पंप पर दोपहिया के लिए अलग से इंतजाम करने की बात भी की है।इस बाइक में लंबी सीट लगी है, जिसकी लंबाई आम 125 सीसी मोटरसाइकिल की सीट से 26 फीसदी ज्यादा है। बजाज ने कहा कि लंबी सीट होने से बाइक चलाने वाले को सफर के दौरान बच्चा मां की गोद में नहीं बिठाना पड़ेगा।फ्रीडम 125 पर्यावरण का भी ख्याल रखेगी और पेट्रोल बाइक की तुलना में इससे 26.7 फीसदी कम कार्बन डाई ऑक्साइड निकलेगी। इसी तरह मीथेन रहित हाइड्रोकार्बन का 85 फीसदी और नाइट्रोजन ऑक्साइड का 43 फीसदी कम उत्सर्जन होगा।बजाज ने कहा कि स्वच्छ ईंधन वाले वाहनों पर कर 28 फीसदी से घटाकर 12 फीसदी या इससे भी कम किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि ईवी पर देश में 5 फीसदी कर लगता है।केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि देश की हवा में प्रदूषण कम करना और जीवाश्म ईंधन का आयात घटाना उनका ध्येय है। उन्होंने कहा कि वह पराली से सीएनजी बना रहे हैं। 60 परियोजना पहले से चल रही हैं तथा 400 अन्य पर काम किया जा रहा है।उन्होंने अपील की कि बजाज ऑटो को पूरी तरह जैव एथनॉल से चलने वाली बाइक पर भी विचार करना चाहिए। बजाज के पास पहले से ही एथनॉल और पेट्रोल से चलने वाली यानी फ्लेक्स फ्यूल प्रौद्योगिकी है। फ्रीडम 125 के सहारे बजाज एंट्री लेवल के मोटरसाइकल बाजार में अपनी हिस्सेदारी और बढ़ाना चाह रही है। फिलहाल इस श्रेणी में कंपनी की बाजार हिस्सेदारी करीब 25-26 फीसदी है।देश में इस समय हर महीने करीब 9 लाख मोटरसाइकल बिकती हैं और इनमें से 6.50 लाख 100 सीसी तथा 125 सीसी इंजन वाली होती हैं। तमाम कोशिशों के बावजूद बजाज इस श्रेणई में बड़ी हिस्सेदारी हासिल नहीं कर पाई है।बजाज ने कहा कि कंपनी इस श्रेणी में हर महीने 1.50 लाख से 1.75 लाख मोटरसाइकल बेचती है और 125 सीसी बाइक बाजार में उसकी हिस्सेदारी 25 से 26 फीसदी है। सीएनजी तिपहिया बाजार में उसकी 88 फीसदी हिस्सेदारी है और कंपनी को उम्मीद है कि दोपहिया में भी वह यही सफलता दोहरा सकती है।बजाज ने कहा कि 1990 के दशक में स्कूटरों का बोलबाला था मगर हीरो होंडा ने फोर स्ट्रोक बाइक लाकर पूरी तस्वीर बदल दी। नई सीएनजी बाइक भी मोटरसाइकल बाजार में वैसी ही क्रांति ला सकती है।बजाज ऑटो के कार्यकारी निदेशक राकेश शर्मा ने कहा कि शुरुआत में हम हर महीने 10,000 फ्रीडम 125 बाइक बनाएंगे और चालू वित्त वर्ष के अंत तक क्षमता बढ़ाकर 40,000 प्रतिमाह कर दी जाएगी। फ्रीडम 125 की बुकिंग शुरू हो गई है और ग्राहकों को इसकी डिलिवरी इसी महीने से होने लगेगी। शुरुआत में यह बाइक महाराष्ट्र और गुजरात में उपलब्ध होगी और फिर देश के अन्य राज्यों में भी उतारी जाएगी।कंपनी ने 6 देशों में यह बाइक निर्यात करने की भी योजना बनाई है मगर ऐसा कब तक होगा उसके बारे में नहीं बताया।1990 के दशक में हीरो होंडा दोपहिया बाजार में बजाज ऑटो को पीछे छोड़कर शीर्ष पर काबिज हो गई थी। उन दिनों को याद करते हुए बजाज ने कहा कि एक डीलर कॉन्फ्रेंस में उत्साहित डीलर हीरो होंडा के तत्कालीन चेयरमैन बृजमोहन लाल मुंजाल को बधाई दे रहे थे। बजाज ने कहा, ‘मेरे एक डीलर दोस्त ने फोन कर मुझे कहा कि अब मुझे खबरदार रहना होगा क्योंकि टाइगर जख्मी हो गया है। 30 साल बाद मेरा उन्हें संदेश है ‘टाइगर जिंदा है’।’ -
नई दिल्ली। सरकार ने स्टेनलेस स्टील और एल्युमीनियम के रसोई के बर्तनों का राष्ट्रीय गुणवत्ता मानकों के अनुरूप होना अनिवार्य कर दिया है। भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी और कहा यह कदम उपभोक्ता सुरक्षा तथा उत्पाद की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के तहत उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने 14 मार्च को गुणवत्ता नियंत्रण आदेश जारी कर रसोई के इन बर्तनों के लिए आईएसआई मार्क अनिवार्य कर दिया था। बीआईएस ने भारतीय मानक संस्थान (आईएसआई) चिह्न को निर्धारित किया है। यह उत्पाद की गुणवत्ता तथा सुरक्षा का आश्वासन देता है।बीआईएस के अनुसार, आदेश में ऐसे किसी भी स्टेनलेस स्टील या एल्युमीनियम बर्तनों के विनिर्माण, आयात, बिक्री, वितरण, भंडारण या प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगाया गया है जिन पर बीआईएस मानक चिह्न न हो।बयान में कहा गया, आदेश का अनुपालन न करने पर जुर्माना लगाया जाएगा, जो उपभोक्ता सुरक्षा तथा उत्पाद अखंडता के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। यह कदम बीआईएस द्वारा रसोई के सामान के लिए हाल ही में तैयार किए गए व्यापक मानकों के अनुरूप है, जिसमें स्टेनलेस स्टील के लिए आईएस 14756:2022 और एल्युमीनियम के बर्तनों के लिए आईएस 1660:2024 शामिल हैं। मानकों में सामग्री की आवश्यकताएं, डिजाइन विनिर्देश और प्रदर्शन मापदंड शामिल होते हैं। सरकार ने कहा कि इस कदम से उपभोक्ताओं का विश्वास बढ़ेगा और विनिर्माता सर्वोत्तम प्रक्रियाओं को अपनाने के लिए प्रेरित होंगे। -
नई दिल्ली। रिलायंस जियो, भारती एयरटेल, और वोडाफोन आइडिया, तीनों निजी टेलीकॉम कंपनियों ने अपने प्रीपेड और पोस्टपेड प्लान के दामों में 10 से 27 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की है। जियो और एयरटेल की नई कीमतें 3 जुलाई से और वोडाफोन आइडिया की 4 जुलाई से लागू होंगी। हालांकि, ग्राहकों के पास अभी भी कुछ तरीके हैं जिनसे वे कम से कम कुछ समय के लिए इन बढ़े हुए दामों से बच सकते हैं।
-जियो का सालाना अनलिमिटेड प्लान ₹1799 से बढ़कर ₹1999 हो रहा है। आप 3 जुलाई से पहले रिचार्ज कराकर कम दाम में यह प्लान पा सकते हैं।
-एयरटेल का 24GB डाटा वाला सालाना प्लान ₹2899 से बढ़कर ₹3499 हो रहा है। जल्दी रिचार्ज कराकर आप बचत कर सकते हैं।
-वोडाफोन आइडिया का सालाना अनलिमिटेड प्लान भी ₹2899 से बढ़कर ₹3499 हो रहा है। ऐसे में 3 जुलाई से पहले रिचार्ज करके आप बढ़े हुए चार्ज से बच सकते हैं।
एयरटेल की कीमत के विवरण पर एक नज़र डालें:बिल महीने के अंत में आता है, इसलिए अभी आप सीधे तौर पर रिचार्ज पर महंगाई से बच नहीं सकते। लेकिन आप अपने डेटा इस्तेमाल की समीक्षा कर सकते हैं और अगले बिलिंग साइकल के लिए कम डेटा वाला प्लान चुन सकते हैं। जहां पे फायदा हो सकता है:उदाहरण के लिए, एयरटेल का 75GB वाला पोस्टपेड प्लान Rs 499 का है। आप इसे घटाकर 40GB वाले प्लान में कर सकते हैं जो Rs 399 का है। इससे हर महीने Rs 100 की बचत होगी। इसी तरह जियो यूजर्स भी 75GB वाले Rs 499 के प्लान को छोड़कर 40GB वाले Rs 399 के प्लान पर जा सकते हैं। -
नई दिल्ली। ई-कॉमर्स दिग्गज अमेजन जल्द ही अपना पिटारा खोलने वाली है। कंपनी ने मंगलवार को अपनी सालाना सेल ‘प्राइम डे’ की तारीखों का ऐलान किया। अमेजन प्राइम-डे सेल इस बार 20 जुलाई से शुरू हो रही है। दो दिन तक चलने वाले इस सेल में कंपनी 450 से ज्यादा ब्रांडों के हजारों नए प्रोडक्ट लॉन्च करेगी।
इन ब्रांडों में इंटेल, वनप्लस, सैमसंग, बजाज, सोनी, मोटोरोला, बोट, एचपी, अमेरिकन टूरिस्टर, लापो, चेतक, बोरोसिल, रिवरसॉफ्ट, येल, एडिडास, क्रॉक्स, मामाअर्थ और एचयूएल जैसे ब्रांड शामिल हैं।अमेजन की तरफ से यह आठवां प्राइम-डे सेल होने वाला है। भारत में इस बार अमेजन प्राइम-डे सेल 20 जुलाई को रात 12:00 बजे से शुरू होकर 21 जुलाई को रात 11:59 बजे तक लाइव रहेगी। दो दिन चलने वाले इस सेल में ई-कॉमर्स दिग्गज अपने प्राइम मेंबर्स के लिए रियायती दरों पर इलेक्ट्रॉनिक्स, फैशन और सौंदर्य, किराने का सामान, अमेजन डिवाइस और फर्नीचर समेत अन्य कई श्रेणियों में प्रोडक्ट लॉन्च करेगी।प्राइम मेंबर्स को मिलेगी उसी दिन या अगले दिन डिलीवरीअमेजन प्राइम में डिलीवरी और रिटर्न एक्सपीरियंस, भारत और उभरते बाजारों के निदेशक और प्रमुख अक्षय साही ने कहा, “हम प्राइम मेंबर्स को दो दिनों के शानदार बचत वाली डील में, 450 से ज्यादा ब्रांडों के हजारों नए प्रोडक्ट लॉन्च, ब्लॉकबस्टर मनोरंजन और बहुत कुछ प्रदान करने के लिए उत्साहित हैं। इतना ही नहीं, पूरे देश से ऑर्डर करने वाले प्राइम मेंबर्स लाखों प्रोडक्ट्स की उसी दिन या अगले दिन डिलीवरी का आनंद ले सकेंगे।” ई-कॉमर्स दिग्गज ने 2017 में भारत में प्राइम डे की शुरुआत की थी जिसमें 100 प्रोडक्ट लॉन्च किए गए थे। पिछले वर्ष, कंपनी ने 45,000 से अधिक ऐसे लॉन्च की घोषणा की थी, जो 2022 में 30,000 से बढ़कर थे।ICICI बैंक के क्रेडिट कार्ड पर मिलेंगे स्पेशल ऑफरइस इवेंट से नई अमेजन प्राइम मेंबरशिप को भी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। अमेजन प्राइम एक सब्सक्रिप्शन मेंबरशिप प्लान है जो अपने ग्राहकों को प्रीमियम सेवाएं प्रदान करती है। भारत में, प्राइम मेंबर्स को 4,000,000 से ज्यादा उत्पादों पर एक दिन में मुफ्त डिलीवरी मिलती है। इतना ही नहीं इस सेल की सहयोगी ICICI बैंक के क्रेडिट कार्ड का उपयोग करके सभी खरीद पर अनलिमिटेड 5 प्रतिशत कैशबैक और अन्य लाभ मिलते हैं।अमेजन प्राइम-डे सेल से छोटे और मध्यम व्यवसायों को मिलेगा बढ़ावाइस प्राइम डे सेल पर, अमेजन ने कहा कि वह छोटे और मध्यम व्यवसायों (SMBs) का समर्थन करना जारी रखेगा और लाखों विक्रेताओं, निर्माताओं, स्टार्ट-अप और ब्रांडों, महिला उद्यमियों, कारीगरों, बुनकरों और स्थानीय दुकानों से प्राइम मेंबर्स के उत्पादों की पेशकश करेगा। SMB इन उत्पादों को अमेजन कार्यक्रमों जैसे लॉन्चपैड, कारीगर, सहेली और स्थानीय दुकानों के तहत भारी छूट पर लॉन्च करेंगे।प्राइम वीडियो पर लॉन्च होगी 14 ऑरिजिनल सीरीजइस अवसर पर, कंपनी की स्ट्रीमिंग सर्विस प्राइम वीडियो पांच भाषाओं में 14 ऑरिजिनल सीरीज और फिल्मों की भी घोषणा करेगी। अमेजन ने कहा, इनमें पुरस्कार विजेता मेगा सीरीज मिर्ज़ापुर सीजन 3 (हिंदी) और हाल ही में रिलीज हुई ग्लोबल सनसनी द बॉयज़ सीजन 4 (अंग्रेजी) शामिल हैं। -
नई दिल्ली। जून महीने में कुल वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) प्राप्तियां 7.7 फीसदी बढ़कर 1.74 लाख करोड़ रुपये रही। हालांकि अप्रैल और मई की तुलना में जीएसटी संग्रह की सालाना वृद्धि में थोड़ी कमी आई है। अप्रैल में जीएसटी संग्रह 12.4 फीसदी और मई में 10 फीसदी बढ़ा था। जून में मई की तुलना में भी जीएसटी संग्रह की वृद्धि सपाट रही। मई में 1.73 लाख करोड़ रुपये का जीएसटी मिला था और अप्रैल 2023 में सबसे ज्यादा 1.87 लाख करोड़ रुपये जीएसटी संग्रह हुआ था।
सूत्रों के अनुसार चालू वित्त वर्ष में सरकार को जीएसटी से अभी तक कुल 5.57 लाख करोड़ रुपये मिल चुके हैं।एक अधिकारी ने कहा, ‘जीएसटी संग्रह की वृद्धि पिछले महीनों की तरह नहीं रही और इसके पीछे कई कारण हैं। मगर जीएसटी प्राप्तियों में आने वाले महीनों में भी बढ़ोतरी जारी रहेगी और सकल जीएसटी संग्रह 1.6 लाख करोड़ रुपये से ऊपर बना रह सकता है।’केंद्रीय जीएसटी और राज्य जीएसटी संग्रह के आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं। लेकिन समझा जाता है कि कुल 1.74 लाख करोड़ रुपये के जीएसटी संग्रह में केंद्रीय जीएसटी 39,586 करोड़ रुपये और राज्य जीएसटी प्राप्तियां 33,548 करोड़ रुपये रही।यह संयोग ही है कि जून महीने के जीएसटी संग्रह के आंकड़े इस नई कर व्यवस्था के देश में लागू होने की 7वीं वर्षगांठ पर आए हैं। वित्त मंत्रालय ने अब से कर संग्रह के विस्तृत आंकड़े जारी नहीं करने का निर्णय किया है।उक्त अधिकारी ने कहा, ‘जीएसटी व्यवस्था में व्यापक तौर पर स्थायित्व आया है और विस्तृत आंकड़े जारी नहीं करने के पीछे यह एक वजह रही होगी।’ -
नयी दिल्ली. सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एनटीपीसी का बिजली उत्पादन अप्रैल-जून तिमाही में सालाना आधार पर 9.5 प्रतिशत बढ़कर 113.87 अरब यूनिट रहा। कंपनी ने सोमवार को एक बयान में बताया कि एनटीपीसी के कोयला आधारित बिजलीघरों में औसत क्षमता उपयोग (प्लांट लोड फैक्टर- पीएलएफ) 79.5 प्रतिशत रहा। बिजली मंत्रालय के अंतर्गत आने वाली एनटीपीसी देश की कुल बिजली जरूरतों का 25 प्रतिशत हिस्सा पूरा करती है।
- नयी दिल्ली। भारत के विनिर्माण क्षेत्र का उत्पादन जून में तेज गति से बढ़ा है। अनुकूल मांग परिस्थितियों के बीच नए ठेके मिलने जारी रहे और इसके परिणामस्वरूप रोजगार में रिकॉर्ड वृद्धि हुई। सोमवार को जारी एक मासिक सर्वेक्षण में यह जानकारी दी गई। मौसमी रूप से समायोजित 'एचएसबीसी इंडिया विनिर्माण क्रय प्रबंधक सूचकांक' (पीएमआई) जून में बढ़कर 58.3 हो गया जो मई में 57.5 था। पीएमआई के तहत 50 से ऊपर सूचकांक होने का मतलब उत्पादन गतिविधियों में विस्तार है जबकि 50 से नीचे का आंकड़ा गिरावट को दर्शाता है। जून के आंकड़ों के अनुसार भारत में विनिर्माताओं की बिक्री में मजबूत वृद्धि मुख्य रूप से मजबूत अंतर्निहित मांग, उच्च निर्यात और सफल विज्ञापन के कारण हुई। नए ठेके मिलने में लगातार बढ़ोतरी के परिणामस्वरूप कंपनियों द्वारा भर्ती में तेजी आई। रोजगार सृजन की दर तेज हुई और मार्च 2005 में डेटा संग्रह शुरू होने के बाद से सबसे मजबूत रही। एचएसबीसी की वैश्विक अर्थशास्त्री मैत्रेयी दास ने कहा, ‘‘... कंपनियों ने 19 वर्षों में सबसे तेज गति से अपनी नियुक्तियां बढ़ाईं। जून में कच्चे माल की खरीद भी बढ़ी।'' इस बीच, जून में नए निर्यात ठेकों में काफी वृद्धि हुई। कंपनियों ने विदेशों से नए काम के आने का श्रेय एशिया, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, यूरोप और अमेरिका से बेहतर मांग को दिया। एचएसबीसी इंडिया विनिर्माण पीएमआई को एसएंडपी ग्लोबल ने करीब 400 कंपनियों के एक समूह में क्रय प्रबंधकों को भेजे गए सवालों के जवाबों के आधार पर तैयार किया है।
- नयी दिल्ली । सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एनटीपीसी का अप्रैल-जून तिमाही में कैप्टिव खदानों से कोयले का उत्पादन सालाना आधार पर 15 प्रतिशत बढ़कर 98.62 मीट्रिक लाख टन हो गया। कंपनी बयान के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 की पहली (अप्रैल-जून) तिमाही में कैप्टिव खदानों से कोयला आपूर्ति 17.15 प्रतिशत बढ़कर 101.94 लाख मीट्रिक टन रही। इसमें कहा गया, ‘‘ कोयला उत्पादन में निरंतर वृद्धि हासिल करने के लिए एनटीपीसी ने कई तरह की रणनीतियों को लागू किया तथा तथा प्रौद्योगिकियों का इस्तेमाल किया है। कोयला उत्पादन तथा आपूर्ति में यह उल्लेखनीय वृद्धि परिचालन उत्कृष्टता के प्रति एनटीपीसी की प्रतिबद्धता तथा भारत की ऊर्जा मांगों को पूरा करने में इसके योगदान का प्रमाण है।'' विद्युत मंत्रालय के अधीन एनटीपीसी भारत की सबसे बड़ी विद्युत उत्पादन कंपनी है।
- नयी दिल्ली। जापानी उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी सोनी को उम्मीद है कि भारत अगले दो वर्षों में उसके घरेलू बाजार से आगे निकल जाएगा और कंपनी के लिए वैश्विक स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा बाजार बन जाएगा।कंपनी को इस समय तक भारत में राजस्व 10,000 करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है।सोनी इंडिया के प्रबंध निदेशक (एमडी) सुनील नय्यर ने कहा कि कंपनी ने देश में 2022-23 में 6,353 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया है और वृद्धि को गति देने के लिए वह अपने ऑडियो (सुनने वाले उपकरण) और इमेजिंग (दिखाने वाले) उत्पादों के अलावा प्रीमियम टेलीविजन खंड पर दांव लगा रही है। उनके अनुसार, सोनी इंडिया गेमिंग खंड और इमेजिंग कारोबार की तेज वृद्धि पर भी बड़ा दांव लगा रही है।नय्यर ने कहा, “हमने बहुत लंबा सफ़र तय किया है। अगर मैं 10 साल पीछे जाऊं, तो हम (भारतीय कारोबार) दुनिया भर में काफी पीछे थे, लेकिन अब, हम दुनिया भर में चौथे नंबर पर हैं। इसका मतलब है कि कुछ सालों में, शायद हम तीसरे नंबर पर आ सकते हैं और भविष्य में शीर्ष तीन में बने रहेंगे।”वर्तमान में अमेरिका, चीन और जापान वैश्विक स्तर पर सोनी के लिए शीर्ष तीन बाजार हैं और इनके बाद भारत का स्थान है।
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नई दिल्ली। हर महीने की पहली तारीख को वित्तीय नियमों में बदलाव होते हैं, और 1 जुलाई 2024 से कई महत्वपूर्ण बदलाव लागू होने जा रहे हैं। जुलाई के महीने से इनकम टैक्स रिटर्न, बैंकिंग नियमों में बदलाव और फ्यूल प्राइस में संभावित वृद्धि जैसे कई नए नियम लागू होंगे। इसके अलावा, जुलाई में कई और नियमों में परिवर्तन होंगे, जिनका सीधा असर आम आदमी की जेब पर पड़ेगा।
LPG, CNG और PNG के दाम बढ़ सकते हैं1 जुलाई से LPG रसोई गैस सिलेंडर, CNG और PNG की कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है। हर महीने की पहली तारीख को LPG सिलेंडर के दाम तय होते हैं। पिछली बार 1 जून को सरकार ने कमर्शियल सिलेंडर के दाम घटाए थे। अब देखना होगा कि इस बार दाम बढ़ते हैं या घटते हैं।जुलाई में आम बजट पेश होने की उम्मीदमोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का बजट जुलाई के आखिरी सप्ताह में पेश किए जाने की संभावना है। रिपोर्टों के अनुसार, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 22 जुलाई को वित्त वर्ष 2024-25 के लिए आगामी यूनियन बजट पेश कर सकती हैं। निर्मला सीतारमण ने अब तक वित्त मंत्री के रूप में अपने पांच साल के कार्यकाल के दौरान छह बजट पेश किए हैं। यह उनका लगातार सातवां बजट होगा।महंगे होंगे जियो, एयरटेल और वोडाफोन आइडिया के रिचार्ज प्लानजियो, एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने अपने रिचार्ज प्लान महंगे कर दिए हैं। ये नए रिचार्ज प्लान 3 जुलाई से लागू होंगे। जियो का बेसिक प्लान 155 रुपये से बढ़ाकर 189 रुपये कर दिया गया है।महंगा होगा गाड़ी खरीदनाटाटा मोटर्स ने 1 जुलाई से अपने कमर्शियल वाहनों की कीमतों में 2% तक की बढ़ोतरी करने की घोषणा की है। यह बढ़ोतरी बढ़ती हुई लागतों को कवर करने के लिए की जा रही है। भारत की सबसे बड़ी वाहन निर्माता कंपनी टाटा मोटर्स ने इससे पहले मार्च में भी अपने कमर्शियल वाहनों की कीमतों में 2% तक का इजाफा किया था। कंपनी का कहना है कि यह बढ़ोतरी सभी प्रकार के कमर्शियल वाहनों पर लागू होगी, हालांकि अलग-अलग मॉडल और वैरिएंट के हिसाब से इसमें थोड़ा बहुत अंतर हो सकता है।इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की डेडलाइनआयकर विभाग ने वित्त वर्ष 2023-24 (आकलन वर्ष 2024-25) के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Returns) फाइल करने की अंतिम तारीख 31 जुलाई 2024 तय की है। आपके पास ज्यादा समय नहीं बचा है, इसलिए आखिरी दिन की हड़बड़ी से बचने के लिए अभी ही टैक्स फाइलिंग कर लें।अगर आप इस तारीख तक रिटर्न दाखिल नहीं कर पाते हैं, तो भी चिंता की बात नहीं है। आप 31 दिसंबर 2024 तक बिलेटेड रिटर्न दाखिल कर सकते हैं। लेकिन, इसे समय पर फाइल करने से पेनल्टी और अन्य समस्याओं से बचा जा सकता है।क्रेडिट कार्ड बिल पेमेंट के नए नियम1 जुलाई से भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के नए नियम लागू होंगे, जिनसे क्रेडिट कार्ड बिल पेमेंट में बदलाव होंगे। RBI ने निर्देश दिया है कि 1 जुलाई से सभी क्रेडिट कार्ड पेमेंट भारत बिल पेमेंट प्रणाली (BBPS) के माध्यम से किए जाने चाहिए। इससे फोनपे, क्रेड, बिलडेस्क और इंफीबीम एवेन्यूज जैसे प्रमुख फिनटेक प्लेटफॉर्म प्रभावित होंगे।जुलाई में 13 दिन बंद रहेंगे बैंकजुलाई में बैंक कुल 13 दिन बंद रहेंगे। इसमें रविवार, दूसरे और चौथे शनिवार के अलावा त्योहारों के कारण भी बैंक बंद रहेंगे। इन छुट्टियों के दौरान ग्राहक एटीएम, कैश जमा, ऑनलाइन बैंकिंग और मोबाइल बैंकिंग के जरिए अपने काम कर सकते हैं। - नयी दिल्ली। भारतीय विवाह उद्योग का आकार लगभग 10 लाख करोड़ रुपये है, जो खाद्य और किराना के बाद दूसरे स्थान पर है। एक रिपोर्ट में यह जानकारी देते हुए कहा गया कि आम हिंदुस्तानी शिक्षा की तुलना में विवाह समारोह पर दोगुना खर्च करते हैं। भारत में सालाना 80 लाख से एक करोड़ शादियां होती हैं, जबकि चीन में 70-80 लाख और अमेरिका में 20-25 लाख शादियां होती हैं।ब्रोकरेज फर्म जेफरीज ने एक रिपोर्ट में कहा, ”भारतीय विवाह उद्योग अमेरिका (70 अरब अमेरिकी डॉलर) के उद्योग के आकार का लगभग दोगुना है। हालांकि, यह चीन (170 अरब अमेरिकी डॉलर) से छोटा है।”रिपोर्ट के मुताबिक भारत में खपत श्रेणी में शादियों का दूसरा स्थान है। अगर शादी एक श्रेणी होती, तो वे खाद्य और किराना (681 अरब अमेरिकी डॉलर) के बाद दूसरी सबसे बड़ी खुदरा श्रेणी होती।भारत में शादियां भव्य होती हैं और इनमें कई तरह के समारोह और खर्च होते हैं। इससे आभूषण और परिधान जैसी श्रेणियों में खपत बढ़ती है और अप्रत्यक्ष रूप से ऑटो तथा इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग को लाभ मिलता है।खर्चीली शादियों पर अंकुश लगाने के प्रयासों के बावजूद, विदेशी स्थानों पर होने वाली आलीशान शादियां भारतीय वैभव को प्रदर्शित करती रहती हैं।जेफरीज ने कहा, ”हर साल 80 लाख से एक करोड़ शादियां होने के साथ, भारत दुनिया भर में सबसे बड़ा विवाह स्थल है। कैट के अनुसार इसका आकार 130 अरब अमेरिकी डॉलर होने का अनुमान है। भारत का विवाह उद्योग अमेरिका के मुकाबले लगभग दोगुना है और प्रमुख उपभोग श्रेणियों में इसका महत्वपूर्ण योगदान है।”भारतीय शादी कई दिनों तक चलती हैं और साधारण से लेकर बेहद भव्य तक होती हैं। इसमें क्षेत्र, धर्म और आर्थिक पृष्ठभूमि की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि भारत में विवाह पर शिक्षा (स्नातक तक) की तुलना में दोगुना खर्च किया जाता है, जबकि अमेरिकी जैसे देशों में यह खर्च शिक्षा की तुलना में आधे से भी कम है।
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नई दिल्ली। विश्व बैंक (World Bank) ने भारत को कम कार्बन वाली एनर्जी के विकास में तेजी लाने के लिए मदद के तौर पर 1.5 बिलियन डॉलर (150 करोड़ डॉलर) के लोन को मंजूरी दी है। एक बयान में कहा गया कि इस फंड का इस्तेमाल ग्रीन हाइड्रोजन, इलेक्ट्रोलाइजर के मार्केट को बढ़ावा देने और रिन्यूबल एनर्जी की पैठ बढ़ाने के लिए किया जाएगा।
ग्रीन एनर्जी के लिए मिला दूसरे राउंड का फंडयह भारत की हरित ऊर्जा (green energy) को बढ़ावा देने के लिए वर्ल्ड बैंक से फंडिंग का दूसरा राउंड है। जून 2023 में, विश्व बैंक ने भारत के लो-कार्बन एनर्जी के विकास में तेजी लाने के लिए 1.5 बिलियन डॉलर की पहली लो-कार्बन एनर्जी प्रोग्रामेटिक डेवलपमेंट पॉलिसी ऑपरेशन (Low-Carbon Energy Programmatic Development Policy Operation) को मंजूरी दी।फंडिंग का कहां हो सकेगा उपयोगबहुपक्षीय फाइनेंशिंग एजेंसी के अनुसार, ताजा फंडिंग से भारत को ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन और खपत के विस्तार में मदद मिलेगी। साथ ही साथ कम कार्बन निवेश के लिए फंड जुटाने को बढ़ावा देने के लिए जलवायु वित्त (climate finance) के तेजी से विकास में मदद मिलेगी।विश्व बैंक ने अपने बयान में कहा, ‘दूसरा लो-कार्बन एनर्जी प्रोग्रामेटिक डेवलपमेंट पॉलिसी ऑपरेशन – आकार में बराबर दो ऑपरेशनों की सीरीज में दूसरा – ग्रीन हाइड्रोजन और इलेक्ट्रोलाइजर के प्रोडक्शन को बढ़ावा देने के लिए सुधारों का मदद करेगा। यह ग्रीन हाइड्रोजन प्रोडक्शन के लिए जरूरी और महत्वपूर्ण तकनीक है।’भारत का एनर्जी ट्रांजीशन टारगेट को पूरा करने का उद्देश्ययह फंडिंग ऐसे समय मंजूर हुई है जब भारत अपने महत्वाकांक्षी ऊर्जा परिवर्तन लक्ष्यों (energy transition targets) को पूरा करना चाहता है। केंद्र ने 2030 तक 500 गीगावॉट स्थापित नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता (renewable energy capacity) हासिल करने और 2070 तक नेट जीरो तक पहुंचने का लक्ष्य रखा है। इसके अलावा, केंद्र ने इलेक्ट्रोलाइजर और ग्रीन हाइड्रोजन की मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए 17,000 करोड़ रुपये का राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन (National Green Hydrogen Mission) भी शुरू किया है।वर्ल्ड बैंक ने क्या कहावर्ल्ड बैंक ने कहा कि यह ऑपरेशन रिन्यूबल एनर्जी पैठ को बढ़ावा देने के लिए सुधारों का भी सपोर्ट करता है। उदाहरण के लिए, बैटरी एनर्जी स्टोरेज सॉल्यूशंस को प्रोत्साहित करना और ग्रिड में रिन्यूबल एनर्जी एंटिग्रेशन में सुधार के लिए भारतीय बिजली ग्रिड कोड में संशोधन करना।जून 2023 में, विश्व बैंक ने $1.5 बिलियन के पहले लो-कार्बन एनर्जी प्रोग्रामेटिक डेवलपमेंट पॉलिसी ऑपरेशन को मंजूरी दी। इस फंड से ग्रीन हाइड्रोजन प्रोजेक्ट्स में रिन्यूबल एनर्जी के लिए ट्रांसमिशन फी की छूट का समर्थन मिला, सालाना 50 गीगावॉट रिन्यूबल एनर्जी टेंडर्स लॉन्च करने के लिए एक स्पष्ट रास्ता जारी हुआ और राष्ट्रीय कार्बन क्रेडिट बाजार के लिए एक कानूनी ढांचा तैयार किया गया।भारत में विश्व बैंक के कंट्री डायरेक्टर ऑगस्टे तानो कौमे (Auguste Tano Kouame) ने एक कार्यक्रम में कहा, ‘विश्व बैंक भारत की लो-कार्बन डेवलपमेंट स्ट्रेटेजी का सपोर्ट जारी रखते हुए खुश है, जो प्राइवेट सेक्टर में स्वच्छ ऊर्जा रोजगार (clean energy jobs) पैदा करते हुए देश के नेट जीरो टारगेट को प्राप्त करने में मदद करेगा।कौमे ने कहा, ‘वास्तव में, पहले और दूसरे दोनों ऑपरेशनों में ग्रीन हाइड्रोजन और रिन्यूबल एनर्जी में प्राइवेट इन्वेस्टमेंट को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया है।”बढ़ेगा ग्रीन हाइड्रोजन का उपयोगऑपरेशन द्वारा समर्थित सुधारों के परिणामस्वरूप वित्त वर्ष 26 (FY25/26) से प्रति वर्ष कम से कम 450,000 मीट्रिक टन ग्रीन हाइड्रोजन और 1,500 मेगावाट इलेक्ट्रोलाइजर का उत्पादन होने की उम्मीद है।इसके अलावा, यह रिन्यूबल एऩर्जी की क्षमता बढ़ाने और उत्सर्जन में प्रति वर्ष 50 मिलियन टन की कटौती में भी काफी मदद करेगा। यह ऑपरेशन राष्ट्रीय कार्बन क्रेडिट बाजार को और विकसित करने के कदमों का भी समर्थन करेगा।ऑपरेशन के टीम लीडर ऑरेलीन क्रूस, जियाओडोंग वांग और सुरभि गोयल ने कहा, ‘भारत ने रिन्यूबल एनर्जी कैपासिटी के तेजी से विस्तार के आधार पर ग्रीन हाइड्रोजन के लिए एक घरेलू बाजार विकसित करने के लिए साहसिक कार्रवाई की है। नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन की प्रोत्साहन योजना के तहत पहले टेंडर ने निजी क्षेत्र की महत्वपूर्ण रुचि प्रदर्शित की है।’गोयल ने कहा, ‘यह ऑपरेशन हरित हाइड्रोजन और रिन्यूबल एनर्जी इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश बढ़ाने में मदद कर रहा है। यह भारत के Nationally Determined Contributions टारगेट को प्राप्त करने की यात्रा में योगदान देगा।’यह ऑपरेशन भारत सरकार की एनर्जी सिक्योरिटी और बैंक की हाइड्रोजन फॉर डेवलपमेंट (H4D) साझेदारी के साथ जुड़ा हुआ है। ऑपरेशन के फाइनेंशिंग में इंटरनेशनल बैंक फॉर रिकंस्ट्रक्शन एंड डेवलपमेंट (IBRD) से 146 करोड़ डॉलर का लोन और इंटरनेशनल डेवलपमेंट एसोसिएशन (IDA) से 3.15 करोड़ डॉलर का लोन शामिल है।