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- नयी दिल्ली.सरकार ने बृहस्पतिवार को सोने के आभूषणों और सोने की कलाकृतियों की अनिवार्य हॉलमार्किंग के चौथे चरण की शुरुआत की घोषणा की, जिसमें अतिरिक्त 18 जिले शामिल हैं। अनिवार्य हॉलमार्किंग का काम 23 जून, 2021 को शुरू हुआ था। उसके बाद से अबतक 40 करोड़ से अधिक सोने के आभूषणों की विशिष्ट पहचान (आईडी) के साथ हॉलमार्किंग की गई है, जिससे उपभोक्ताओं के लिए अधिक विश्वास और पारदर्शिता सुनिश्चित हुई है। एक सरकारी बयान में कहा गया है कि चौथा चरण पांच नवंबर से प्रभावी है, जिसमें आंध्र प्रदेश, बिहार, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, केरल, ओडिशा, पुडुचेरी, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के 18 जिले शामिल हैं। चौथे चरण के कार्यान्वयन के साथ, अनिवार्य हॉलमार्किंग के अंतर्गत आने वाले जिलों की कुल संख्या अब 361 हो गई है। सरकार की पहल से पंजीकृत ज्वेलर्स की संख्या 34,647 से बढ़कर 1,94,039 हो गई है और परख और हॉलमार्किंग केंद्रों की संख्या 945 से बढ़कर 1,622 हो गई है। उपभोक्ता ‘बीआईएस केयर मोबाइल ऐप' का उपयोग करके हॉलमार्क वाले सोने के आभूषणों की प्रामाणिकता को सत्यापित कर सकते हैं और उत्पाद की गुणवत्ता या बीआईएस के निशान के दुरुपयोग के बारे में शिकायत दर्ज कर सकते हैं
- नयी दिल्ली.देश का वस्तु निर्यात अक्टूबर में 17.25 प्रतिशत बढ़कर 39.2 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। प्रतिशत के लिहाज से देखें तो यह दो साल में निर्यात के आंकड़े में सबसे बड़ा उछाल है। एक साल पहले इसी महीने में निर्यात 33.43 अरब डॉलर था। आलोच्य महीने में व्यापार घाटा 27.14 अरब डॉलर रहा। बृहस्पतिवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर में देश का आयात भी 3.9 प्रतिशत बढ़कर 66.34 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जो एक साल पहले इसी माह में 63.86 अरब डॉलर था। मुख्य रूप से कच्चे तेल के आयात में 13.34 प्रतिशत की वृद्धि से कुल आयात बढ़ा है। व्यापार घाटा यानी आयात और निर्यात के बीच अंतर आलोच्य महीने में 27.14 अरब डॉलर रहा। यह पिछले साल इसी महीने में 30.42 अरब डॉलर के मुकाबले कम है। हालांकि, यह इस साल सितंबर महीने के 20.78 अरब डॉलर से अधिक है। इससे पहले, देश के वस्तु निर्यात में जून, 2022 में 30.12 प्रतिशत का उछाल आया था।देश का वस्तु निर्यात सितंबर महीने में मामूली 0.5 प्रतिशत बढ़कर 34.85 अरब डॉलर रहा था।आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष के पहले सात माह (अप्रैल-अक्टूबर) के दौरान देश का निर्यात 3.18 प्रतिशत बढ़कर 252.28 अरब डॉलर और आयात 5.77 प्रतिशत बढ़कर 416.93 अरब डॉलर रहा है। इस अवधि में व्यापार घाटा 164.65 अरब डॉलर रहा जो बीते वर्ष 2023 में अप्रैल-अक्टूबर के दौरान 149.67 अरब डॉलर था। आंकड़ों के अनुसार, इस साल अप्रैल-अक्टूबर के दौरान सेवा निर्यात लगभग 215.98 अरब डॉलर का रहा जो पिछले साल की इसी अवधि में 191.97 अरब डॉलर था। इसी अवधि में आयात 114.57 अरब डॉलर रहा जो एक साल पहले अप्रैल-अक्टूबर में 102.32 अरब डॉलर था। अक्टूबर में कच्चे तेल का आयात बढ़कर 18.2 अरब डॉलर रहा। पिछले साल के इसी महीने में यह 16.1 अरब डॉलर था। वहीं, समीक्षाधीन महीने के दौरान सोने और चांदी का आयात थोड़ा कम होकर क्रमशः 7.13 अरब डॉलर और 0.33 अरब डॉलर रहा। अक्टूबर, 2023 में यह क्रमशः 7.23 अरब डॉलर और 1.31 अरब डॉलर था। वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने कहा, ‘‘यह निर्यात के लिए काफी अच्छा महीना रहा है...अगर यह गति बनी रही, हम इस साल 800 अरब डॉलर के निर्यात (वस्तु और सेवा) के आंकड़े को पार कर जाएंगे।'' उन्होंने कहा कि छह क्षेत्रों... इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स, औषधि, रसायन, प्लास्टिक और कृषि... के साथ-साथ 20 देशों पर ध्यान केंद्रित करने की सरकार की रणनीति सकारात्मक परिणाम दे रही है। इन 20 देशों की कुल वैश्विक आयात में हिस्सेदारी 60 प्रतिशत है और इन छह खंडों की वैश्विक आयात में हिस्सेदारी 67 प्रतिशत है। वाणिज्य मंत्रालय ने बाजार पहुंच पहल, ब्रांड इंडिया को बढ़ावा देने, गैर-शुल्क बाधाओं को दूर करने और व्यापार संवर्धन कार्यक्रम आयोजित करने के माध्यम से इन देशों में आर्थिक पैठ बढ़ाने को कदम उठाया है। बर्थवाल ने यह भी कहा कि वे निर्यात को बढ़ावा देने के लिए विदेशों में भारतीय दूतावासों के साथ बैठकें कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम इन इन देशों में निर्यात को बढ़ावा देने के लिए रणनीति बना रहे हैं और मुझे भरोसा है कि इस रणनीति से हमें इस साल के अंत तक बेहतर परिणाम मिलेगा।'' अक्टूबर में निर्यात में दहाई अंक की वृद्धि दर्ज करने का एक कारण क्रिसमस मांग का बेहतर होना हो सकता है। निर्यातकों के शीर्षक संगठन फियो (फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन) के अध्यक्ष अश्विनी कुमार ने कहा कि वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच वस्तु निर्यात में दहाई अंक की वृद्धि निश्चित रूप से उत्साहजनक संकेत है। उन्होंने कहा कि हालांकि इजराइल-ईरान के बीच बढ़ते तनाव के कारण अंतरराष्ट्रीय व्यापार के संबंध में लगातार लॉजिस्टिक चुनौतियां बनी हुई हैं। इसका कारण यूरोप, अफ्रीका, सीआईएस और खाड़ी क्षेत्र में हमारा अधिकांश व्यापार लाल सागर मार्ग या खाड़ी क्षेत्र के जरिये हो रहा ह
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नई दिल्ली। मुकेश अंबानी के मालिकाना हक वाली टेलिकॉम कंपनी रिलायंस जियो ने अपने यूजर्स के लिए बेहद सस्ता प्लान लॉन्च किया है। इस प्लान का रिचार्ज करने पर यूजर अनलिमिटेड डेटा का भरपूर लाभ उठा सकेगा। अगर आप कम कीमत वाला प्लान तलाश रहे हैं, तो आइए जानते हैं जियो के इस नए प्लान के बारे में…
कितने का है प्लान?जियो के इस प्लान की कीमत मात्र 11 रुपये है। इस प्लान को रिचार्ज करते ही यूजर को 10 GB हाई-स्पीड 4G डेटा ऑफर मिलेगा।जियो के 11 रुपये वाले डेटा एड-ऑन प्लान की वैलिडिटी सिर्फ एक घंटा यानी 60 मिनट है। यानी 1 घंटे के अंदर जियो यूजर को यह प्लान पूरी तरह से यूज करना होगा, क्योंकि उसके बाद ये प्लान इनवैलिड हो जाएगा। कंपनी ने यह प्लान उन लोगों के लिए लॉन्च किया है जिनको किसी बड़ी फाइल को डाउनलोड या अपलोड करने के लिए ज्यादा डेटा की जरूरत होती है और हाई-स्पीड वाई-फाई नेटवर्क नहीं है, तो यह प्लान ऐसे यूजर्स को काफी मदद कर सकता है।किसी भी प्लान के साथ कर सकते हैं रिचार्जजियो यूजर्स इस नए डेटा प्लान को अपने मौजूदा प्रीपेड प्लान के साथ रिचार्ज कर सकते हैं। इस प्लान की खास बात यह है कि इसमें मिलने वाला डेटा सिर्फ 1 घंटे के लिए वैध रहेगा। यानी यूजर्स को इस डेटा का इस्तेमाल एक घंटे के भीतर ही करना होगा।जियो का दूसरा डेटा प्लानइसके अलावा, जियो एक और डेटा प्लान भी ऑफर करता है, जिसमें 25GB 4G डेटा मिल रहा है। इस प्लान की वैलिडिटी 1 दिन है और इसे खासतौर पर उन यूजर्स के लिए डिजाइन किया गया है, जो लाइव स्पोर्ट्स देखते हैं या बड़ी फाइल्स डाउनलोड और अपलोड करते हैं। इस प्लान का नाम Cricket Offer Plan रखा गया है। इसकी कीमत मात्र 49 रुपये है। - नयी दिल्ली.टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने बृहस्पतिवार को कहा कि विस्तारा की ‘सर्वश्रेष्ठ गुणों' को एयर इंडिया में लाया जा रहा है और कंपनी ‘बहुत ज्यादा उम्मीदों' को पूरा करेगी। उन्होंने कहा कि टाटा ने जब दो साल पहले विस्तारा का अधिग्रहण किया था, तब कई प्रणालीगत कारणों से इसमें गिरावट में थी। उन्होंने कहा, “हम जानते हैं कि नई एयर इंडिया से उम्मीदें बहुत अधिक हैं। हम इससे कम की उम्मीद नहीं करते हैं और हम इससे कम कुछ भी नहीं देने की उम्मीद करते हैं।” उन्होंने कहा कि विलय के बाद बनने वाली इकाई देश की आगामी विमानन क्रांति के लिए तैयार हो जाएगी।विलय की घोषणा के लगभग दो साल बाद 12 नवंबर को एयर इंडिया के साथ विस्तारा का एकीकरण पूरा हो गया। अब विस्तारित एयर इंडिया में सिंगापुर एयरलाइंस की 25.1 प्रतिशत हिस्सेदारी है। विस्तारा का स्वामित्व टाटा और सिंगापुर एयरलाइंस के पास था। चंद्रशेखरन ने पेशेवरों के सोशल मीडिया मंच ‘लिंक्डइन' पर पोस्ट किया, “हमारी महत्वाकांक्षाओं को देखते हुए इस विलय को एक यात्रा के हिस्से के रूप में देखा जाना चाहिए। विलय शुरू होने पर कारोबार के विभिन्न हिस्से परिपक्वता के अलग-अलग बिंदुओं पर थे, इसलिए उन्हें पूरी तरह से संरेखित होने में समय लगेगा।” उन्होंने स्वीकार किया कि अभी और काम किया जाना बाकी है तथा यह विलय विस्तारा के सर्वोत्तम गुणों को सामने ला रहा है। उन्होंने कहा कि वह एयर इंडिया के भविष्य के प्रति आशावादी हैं।l
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नई दिल्ली। थोक मूल्य आधारित मुद्रास्फीति अक्टूबर में बढ़कर चार महीने के उच्च स्तर 2.36 प्रतिशत पर पहुंच गयी। खाद्य वस्तुओं खासकर, सब्जियों तथा विनिर्मित वस्तुओं के दाम में बढ़ोतरी इसकी मुख्य वजह रही। थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति सितंबर 2024 में 1.84 प्रतिशत थी। इसमें अक्टूबर 2023 में 0.26 प्रतिशत की गिरावट आई थी। आंकड़ों के अनुसार, खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति अक्टूबर में बढ़कर 13.54 प्रतिशत हो गई, जबकि सितंबर में यह 11.53 प्रतिशत थी।सब्जियों की मुद्रास्फीति में 63.04 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि सितंबर में यह 48.73 प्रतिशत थी। आलू तथा प्याज की मुद्रास्फीति अक्टूबर में क्रमशः 78.73 प्रतिशत और 39.25 प्रतिशत के उच्च स्तर पर रही। ईंधन और बिजली श्रेणी की मुद्रास्फीति अक्टूबर में 5.79 प्रतिशत रही जो सितंबर में 4.05 प्रतिशत की थी। विनिर्मित वस्तुओं में अक्टूबर में मुद्रास्फीति 1.50 प्रतिशत रही, जबकि पिछले महीने यह एक प्रतिशत थी।थोक मूल्य आधारित मुद्रास्फीति में अक्टूबर में लगातार दूसरे महीने वृद्धि देखी गई। अक्टूबर से पहले जून 2024 में यह सर्वाधिक 3.43 प्रतिशत रही थी। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने गुरुवार को बयान में कहा, ‘‘ अक्टूबर 2024 में मुद्रास्फीति बढ़ने की मुख्य वजह खाद्य पदार्थों, खाद्य उत्पादों के विनिर्माण, अन्य विनिर्माण, मशीनरी तथा उपकरणों के विनिर्माण, मोटर वाहनों, ट्रेलर और अर्ध-ट्रेलरों आदि के विनिर्माण की कीमतों में बढ़ोतरी रही।’’ इस सप्ताह के प्रारंभ में जारी उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आंकड़ों के अनुसार, खाद्य वस्तुओं की कीमतों में तीव्र वृद्धि के साथ खुदरा मुद्रास्फीति 14 महीने के उच्चतम स्तर 6.21 प्रतिशत पर पहुंच गई। यह स्तर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की तय सीमा से अधिक है, जिससे दिसंबर में नीति समीक्षा बैठक में नीतिगत ब्याज दरों में कटौती करना मुश्किल हो सकता है। आरबीआई मौद्रिक नीति तैयार करते समय मुख्य रूप से खुदरा मुद्रास्फीति को ध्यान में रखता है। केंद्रीय बैंक ने पिछले महीने अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर या रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर यथावत रखा था।
- नयी दिल्ली. भारत ने तीनों प्रमुख बौद्धिक संपदा अधिकारों (आईपीआर) - पेटेंट, ट्रेडमार्क और औद्योगिक डिजायन के लिए शीर्ष-10 में स्थान हासिल किया है। उद्योग एवं वाणिज्य मंत्रालय ने मंगलवार को यह जानकारी दी। इसमें कहा गया है कि भारत 2023 में 6.1 प्रतिशत की वृद्धि के साथ ट्रेडमार्क आवेदन में विश्वस्तर पर चौथे स्थान पर है। मंत्रालय ने कहा, “इनमें से लगभग 90 प्रतिशत आवेदन निवासियों द्वारा किए गए, जिसमें स्वास्थ्य, कृषि और वस्त्र जैसे प्रमुख क्षेत्र अग्रणी रहे।” बयान के अनुसार, “भारत का ट्रेडमार्क कार्यालय दुनियाभर में सक्रिय पंजीकरणों की दूसरी सबसे बड़ी संख्या रखता है। इसमें 32 लाख से अधिक ट्रेडमार्क प्रभावी हैं, जो वैश्विक ब्रांड संरक्षण में देश की मजबूत स्थिति को दर्शाता है।” मंत्रालय ने कहा, “डब्ल्यूआईपीओ (विश्व बौद्धिक संपदा संगठन) के विश्व बौद्धिक संपदा संकेतक 2024 के निष्कर्ष नवाचार और आईपी में भारत की प्रगति दिखाते हैं।
- नयी दिल्ली. अच्छी मांग और गैर-बासमती चावल के निर्यात पर अंकुश हटने से देश का कृषि निर्यात चालू वित्त वर्ष (2024-25) में 50 अरब डॉलर के आंकड़े को पार कर सकता है। एक अधिकारी ने मंगलवार को यह बात कही। अधिकारी ने कहा कि चावल, गेहूं और चीनी पर निर्यात अंकुशों से कृषि निर्यात पर लगभग 6-7 अरब डॉलर का असर पड़ता है। अधिकारी ने कहा, ‘‘लेकिन अब चावल पर प्रतिबंध हटा दिए गए हैं, हमें उम्मीद है कि कृषि निर्यात 50 अरब डॉलर को पार कर जाएगा। अबतक का रुझान अच्छा है। हालांकि, वृद्धि अभी सकारात्मक नहीं है लेकिन अब चावल खुल गया है, दिसंबर के अंत तक हम सकारात्मक क्षेत्र में होंगे।'' चावल का निर्यात पिछले साल के 1.4-1.5 करोड़ टन के मुकाबले इस वित्त वर्ष में 1.7-1.8 करोड़ टन तक पहुंचने की संभावना है। अधिकारी ने कहा, ‘‘इससे निर्यात को काफी बढ़ावा मिलेगा।'' उन्होंने कहा कि बासमती चावल की खेप 55 लाख टन तक पहुंच सकती है, जबकि उष्णा चावल की खेप 70-80 लाख टन और गैर-बासमती चावल की खेप 40 लाख टन से अधिक हो सकती है। जिन मुख्य वस्तुओं में अच्छी वृद्धि दर्ज की जा रही है, उनमें फल, सब्जियां, मांस और इसके उत्पाद, पेय पदार्थ और खाद्य प्रसंस्करण शामिल हैं। गेहूं पर निर्यात प्रतिबंध हटाने पर किसी चर्चा के बारे में पूछे जाने पर अधिकारी ने कहा कि अभी तक कोई योजना नहीं है। वाणिज्य मंत्रालय वर्ष 2030 तक कृषि निर्यात को 100 अरब डॉलर तक ले जाने का लक्ष्य लेकर चल रहा है।अक्टूबर में सरकार ने गैर-बासमती सफेद चावल की विदेशी खेप पर लगे प्रतिबंध हटा दिए और उष्णा चावल तथा भूरा चावल को निर्यात शुल्क से छूट दे दी। ये उपाय ऐसे समय में किए गए हैं, जब देश में सरकारी गोदामों में चावल का पर्याप्त स्टॉक है और खुदरा कीमतें भी नियंत्रण में हैं। इस वित्त वर्ष के अप्रैल-अगस्त के दौरान देश ने 20.1 करोड़ डॉलर मूल्य का गैर-बासमती सफेद चावल निर्यात किया। वित्त वर्ष 2023-24 में यह 85 करोड़ 25.2 लाख डॉलर था। हालांकि निर्यात पर प्रतिबंध था, लेकिन सरकार मालदीव, मॉरीशस, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और अफ्रीकी देशों जैसे मित्र राष्ट्रों को निर्यात खेप भेजने की अनुमति दे रही थी। चावल की इस किस्म का भारत में व्यापक रूप से सेवन किया जाता है और वैश्विक बाजारों में भी इसकी मांग है, खासकर उन देशों में जहां बड़ी संख्या में भारतीय प्रवासी हैं। रूस और यूक्रेन के बीच चल रहा युद्ध उन कारकों में से एक है जिसने खाद्यान्न आपूर्ति श्रृंखला को बाधित किया है
- नयी दिल्ली. रूस, जो उड़द और तुअर उत्पादन में विविधता लाने पर विचार कर रहा है, भारत के साथ दलहन व्यापार सहयोग को बढ़ाना चाहता है। सरकार ने मंगलवार को यह जानकारी दी। रूस के उप मंत्री मैक्सिम टिटोव के नेतृत्व में एक रूसी प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे से मुलाकात की, जिसमें दलहन के क्षेत्र में व्यापार सहयोग बढ़ाने की संभावना पर विस्तार से चर्चा की गई। उपभोक्ता मामलों के विभाग ने बयान में कहा कि रूस हाल के दिनों में भारत के मसूर (दाल) और पीली मटर के आयात का एक प्रमुख स्रोत बनकर उभरा है। बयान के अनुसार, इन दो दालों के अलावा, रूस अपनी दालों के उत्पादन में उड़द (काली मटर) और तुअर (अरहर) तक विविधता लाने पर भी विचार कर रहा है। भारत 30-40 लाख टन की घरेलू कमी को पूरा करने के लिए दालों के आयात पर निर्भर है।देश में दालों की उपलब्धता के बारे में सरकार ने कहा कि बेहतर खरीफ संभावना और निरंतर आयात के कारण जुलाई, 2024 से तुअर, उड़द और चना जैसी प्रमुख दालों की आपूर्ति में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। इसमें कहा गया है, ‘‘इस साल तुअर, उड़द, चना और पीली मटर के आयात के मजबूत प्रवाह के साथ दालों की समग्र उपलब्धता आरामदायक रही है।'' तुअर की फसल अच्छी बताई जा रही है और कर्नाटक के कुछ हिस्सों में तुअर की फसल की शुरुआती कटाई शुरू हो गई है। नवंबर के पहले सप्ताह तक कैलेंडर वर्ष 2024 के लिए तुअर और उड़द का आयात क्रमशः 10 लाख टन और 6.40 लाख टन था, जो पिछले पूरे साल के आयात के आंकड़ों को पार कर गया है। सरकार ने कहा कि नवंबर से ऑस्ट्रेलिया से थोक माल में चना आयात की आवक की उम्मीद है।उसने कहा कि दालों के लिए स्रोत देशों के हालिया विविधीकरण ने बढ़ती प्रतिस्पर्धी दरों पर निरंतर प्रवाह सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस बीच, चना, मसूर, उड़द और मूंग की रबी बुवाई की शुरुआती रिपोर्ट से संकेत मिलता है कि लंबे समय तक बारिश के कारण कुछ राज्यों में शुरुआती देरी के बाद अब बुवाई के रकबे में सुधार हो रहा है। बयान में कहा गया है, ‘‘अच्छी कीमत प्राप्ति के कारण समग्र धारणा और बुवाई का माहौल उत्साहजनक है।''
- अगर आप एक ऐसा स्मार्टफोन चाहते हैं जो DSLR कैमरा क्वालिटी, दमदार बैटरी और सुपर फास्ट चार्जिंग के साथ हो, तो Redmi Note 13 Pro Plus 5G आपके लिए परफेक्ट चॉइस है. अमेजॉन पर इस स्मार्टफोन पर 9,109 रुपये का बंपर डिस्काउंट मिल रहा है, जिससे अब यह हाई-एंड फीचर्स से लैस स्मार्टफोन सिर्फ 24,890 रुपये में आपका हो सकता है. इसके साथ ही Bank और एक्सचेंज ऑफर्स भी उपलब्ध हैं, जिससे यह डील और भी किफायती बन जाती है.Redmi Note 13 Pro Plus 5G में 6.67 इंच की Full HD+ AMOLED डिस्प्ले है, जो 1800 निट्स की पीक ब्राइटनेस और 120Hz रिफ्रेश रेट के साथ आती है. इसका रेजोल्यूशन 2712×1220 पिक्सल है, जो इसे बेहतरीन क्लैरिटी और स्मूद विजुअल्स देने में मदद करता है. डिस्प्ले पर सुरक्षा के लिए कॉर्निंग गोरिल्ला ग्लास विक्टस का प्रोटेक्शन दिया गया है, जिससे यह स्क्रीन स्क्रैच और हल्के झटकों से भी सुरक्षित रहती है.प्रोसेसर: MediaTek Dimensity 7200 Ultra से जबरदस्त स्पीडइस स्मार्टफोन में MediaTek Dimensity 7200 Ultra चिपसेट है, जो सभी बेसिक और हेवी टास्क को सहजता से हैंडल कर सकता है. Redmi Note 13 Pro Plus 5G, Android V13 HyperOS पर चलता है, जो इसे तेज, सुरक्षित और बेहतरीन यूजर एक्सपीरियंस प्रदान करता है.रैम और स्टोरेज: 8GB RAM और 256GB इंटरनल स्टोरेजयह 5G स्मार्टफोन 8GB रैम और 256GB इंटरनल स्टोरेज के साथ आता है, जिससे आप अपने फेवरेट ऐप्स और फाइल्स को बिना किसी दिक्कत के स्टोर कर सकते हैं. इस स्पेसिफिकेशन के कारण यह फोन मल्टीटास्किंग और गेमिंग के लिए बेहतरीन विकल्प है.स्मार्टफ़ोन के ऑफ़रकैमरा: 200MP DSLR-क्वालिटी का कैमराRedmi Note 13 Pro Plus 5G का सबसे बड़ा आकर्षण है इसका 200 मेगापिक्सल का प्राइमरी कैमरा, जो शार्प और डीटेल्स से भरपूर तस्वीरें खींचता है. इसके अलावा, इसमें 8 मेगापिक्सल का अल्ट्रा-वाइड कैमरा और 2 मेगापिक्सल का माइक्रो कैमरा भी दिया गया है. सेल्फी प्रेमियों के लिए इसमें 16 मेगापिक्सल का फ्रंट कैमरा है, जो हर क्लिक को खास बना देता है.कैमरा फीचर्स:200MP वाइड एंगल लेंस: प्रोफेशनल फोटोग्राफी के लिए.8MP अल्ट्रा-वाइड कैमरा: अधिक दृश्य कैप्चर करने के लिए.2MP माइक्रो कैमरा: क्लोज़-अप शॉट्स के लिए.16MP सेल्फी कैमरा: पिक्चर-परफेक्ट सेल्फी के लिए.बैटरी और चार्जिंग: 19 मिनट में 100% चार्जइस स्मार्टफोन की 5000mAh की पॉलीमर बैटरी और 120W फास्ट चार्जिंग इसे सुपरफास्ट चार्जिंग कैपेसिटी में बेजोड़ बनाते हैं. यह फोन केवल 19 मिनट में 0% से 100% तक चार्ज हो जाता है, जो आज के तेज रफ्तार जीवन में बेहद काम का है.बंपर डिस्काउंट और ऑफर्स: खरीदें अब और बचाएं ₹9,109Redmi Note 13 Pro Plus 5G की ओरिजिनल कीमत ₹34,000 है, लेकिन अमेजॉन पर इस समय ₹24,890 में उपलब्ध है. इसके अलावा, आप Flipkart Axis Bank Credit Card से पेमेंट कर 5% का अतिरिक्त कैशबैक भी पा सकते हैं.EMI ऑप्शन: आसान किस्तों में पाएं अपना स्मार्टफोनअगर एक बार में भुगतान नहीं करना चाहते, तो केवल ₹1,207 प्रति माह की नो-कॉस्ट EMI पर इस स्मार्टफोन को अपना बना सकते हैं.एक्सचेंज ऑफर और Bank ऑफर: पुराना फोन दें और 5G का मजा लेंइस स्मार्टफोन पर आप अपने पुराने फोन के बदले 23,400 रुपये तक का एक्सचेंज बोनस पा सकते हैं. एक्सचेंज बोनस आपकी पुरानी डिवाइस की कंडीशन और मॉडल पर निर्भर करता है. यदि आप PNB क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल कर पेमेंट करते हैं, तो आपको 10% का अतिरिक्त डिस्काउंट भी मिलेगा.Redmi Note 13 Pro Plus 5G एक शानदार डील200MP कैमरा, 120W फास्ट चार्जिंग और जबरदस्त डिस्काउंट ऑफर के साथ Redmi Note 13 Pro Plus 5G स्मार्टफोन इस समय सबसे अच्छी डील्स में से एक है. अमेजॉन पर उपलब्ध यह छूट और एक्सचेंज ऑफर इसे और भी किफायती बना देते हैं. अगर आप एक ऐसे स्मार्टफोन की तलाश में हैं जो पावर, परफॉर्मेंस और फोटोग्राफी का परफेक्ट कॉम्बिनेशन हो, तो Redmi Note 13 Pro Plus 5G से बेहतर विकल्प शायद ही कोई हो.
- नयी दिल्ली। बाजार पूंजीकरण के लिहाज से देश की शीर्ष 10 कंपनियों में छह का कुल मूल्यांकन पिछले सप्ताह 1,55,721.12 करोड़ रुपये घट गया। इस दौरान रिलायंस इंडस्ट्रीज को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ। पिछले सप्ताह बीएसई सेंसेक्स में 237.8 अंक या 0.29 फीसदी की गिरावट आई। रिलायंस इंडस्ट्रीज, भारती एयरटेल, आईसीआईसीआई बैंक, आईटीसी, हिंदुस्तान यूनिलीवर और भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) का बाजार मूल्यांकन घट गया। दूसरी ओर टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस), एचडीएफसी बैंक, इंफोसिस और भारतीय स्टेट बैंक को फायदा हुआ। रिलायंस इंडस्ट्रीज का मूल्यांकन 74,563.37 करोड़ रुपये घटकर 17,37,556.68 करोड़ रुपये रह गया। भारती एयरटेल का मूल्यांकन 26,274.75 करोड़ रुपये घटकर 8,94,024.60 करोड़ रुपये रह गया। इसी तरह आईसीआईसीआई बैंक का बाजार मूल्यांकन 22,254.79 करोड़ रुपये घटकर 8,88,432.06 करोड़ रुपये और आईटीसी का मूल्यांकन 15,449.47 करोड़ रुपये घटकर 5,98,213.49 करोड़ रुपये रह गया। एलआईसी के बाजार पूंजीकरण में 9,930.25 करोड़ रुपये और हिंदुस्तान यूनिलीवर के बाजार पूंजीकरण में 7,248.49 करोड़ रुपये की कमी हुई। दूसरी ओर टीसीएस का मूल्यांकन 57,744.68 करोड़ रुपये बढ़कर 14,99,697.28 करोड़ रुपये हो गया। इंफोसिस का मूल्यांकन 28,838.95 करोड़ रुपये बढ़कर 7,60,281.13 करोड़ रुपये और भारतीय स्टेट बैंक का मूल्यांकन 19,812.65 करोड़ रुपये बढ़कर 7,52,568.58 करोड़ रुपये हो गया। रिलायंस इंडस्ट्रीज देश की सबसे मूल्यवान कंपनी बनी हुई है। इसके बाद टीसीएस, एचडीएफसी बैंक, भारती एयरटेल, आईसीआईसीआई बैंक, इंफोसिस, भारतीय स्टेट बैंक, आईटीसी, हिंदुस्तान यूनिलीवर और एलआईसी का स्थान है।
- बेंगलुरु. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) के लिए इस साल बजट में घोषित 100 करोड़ रुपये की ऋण गारंटी योजना को जल्द ही मंजूरी के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल के समक्ष रखा जाएगा। एमएसएमई के लिए बजट में की गई पांच घोषणाओं को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘एमएसएमई की मदद के लिए विशेष ऋण गारंटी कोष की शुरूआत संकट के समय में बहुत मददगार होगी...।'' केंद्रीय वित्त मंत्री ने यहां राष्ट्रीय एमएसएमई क्लस्टर संपर्क कार्यक्रम' में कहा, ‘‘100 करोड़ रुपये की ऋण गारंटी योजना जल्द ही मंत्रिमंडल के समक्ष रखी जाएगी। कैबिनेट से मंजूरी मिलने के तुरंत बाद एमएसएमई मंत्रालय और बैंकों के माध्यम से गारंटी प्रदान करने वाली योजना को लागू किया जाएगा।'' उन्होंने कहा, ‘‘बहुत लंबे समय से यह शिकायत रही है कि एमएसएमई को बैंकों से कार्यशील पूंजी तो मिल जाती है, लेकिन उन्हें सावधि अवधि के लिए, संयंत्र और मशीनरी के लिए ऋण नहीं मिलता। अब इस योजना के तहत गारंटी दी जाएगी।'' सीतारमण ने कहा कि किसी तीसरे पक्ष की गारंटी की कोई आवश्यकता नहीं है, ‘‘सरकार आपको 100 करोड़ रुपये की गारंटी शक्ति देती है, फिर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक एक नया क्रेडिट मूल्यांकन मॉडल विकसित करेंगे।'' एमएसएमई क्षेत्र में योगदान के लिए कर्नाटक की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य में 35 लाख एमएसएमई हैं और वे 1.65 करोड़ रोजगार प्रदान करते हैं। भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) की भूमिका को रेखांकित करते हुए वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘सिडबी छोटे व्यवसायों को समझता है। यह एमएसएमई की ऋण आवश्यकताओं को पूरा कर सकता है। यही कारण है कि एमएसएमई क्लस्टर में सिडबी की उपस्थिति एमएसएमई के लिए बहुत लाभकारी होगी।'' इससे पहले, सीतारमण ने दक्षिणी क्षेत्र के 10 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) के प्रदर्शन की समीक्षा के लिए यहां एक बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी के अलावा पांच राज्यों आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु और तेलंगाना को शामिल किया गया। बैठक के दौरान, उन्होंने क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों से अपने प्रायोजक बैंकों के सहयोग से मुद्रा, पीएम विश्वकर्मा जैसी भारत सरकार की विभिन्न प्रमुख योजनाओं के अंतर्गत ऋण वितरण बढ़ाने का आग्रह किया।
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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने आज कहा कि पंजाब की मंडियों में 126 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान पहुंच चुका है। इसमें से एक सौ 20 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान की खरीद राज्य एजेंसियों और भारतीय खाद्य निगम द्वारा की गई है। उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने बताया कि ग्रेड ‘ए’ धान को दो हजार तीन सौ 20 रुपये प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदा जा रहा है। सरकार ने अब तक 27 हजार 9 सौ 95 करोड़ रुपये के धान की खरीददारी की है। इससे करीब 6 लाख 58 हजार किसानों को फायदा पहुंचा है।
पंजाब में धान की खरीद 1 अक्टूबर से शुरू हुई। केंद्र सरकार ने चालू विपणन सत्र में एक सौ 85 लाख मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य तय किया है। - कोलकाता। स्नैक्स बनाने वाली कंपनी हल्दीराम भुजियावाला ने निजी नियोजन के जरिये अल्पांश हिस्सेदारी के बदले पैंटोमैथ के भारत वैल्यू फंड (बीवीएफ) से 235 करोड़ रुपये जुटाए हैं। ‘प्रभुजी' ब्रांड के तहत अपने उत्पादों की खुदरा बिक्री करने वाली कंपनी ने बयान में कहा कि वह इस राशि का इस्तेमाल पूर्वी और पूर्वोत्तर के बाजारों के बाहर अपने विनिर्माण और बाजार का विस्तार करने के लिए करेगी। वर्तमान में, कोलकाता स्थित कंपनी मुख्य रूप से पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड और पूर्वोत्तर राज्यों में काम करती है। इसके 2,000 वितरक देशभर में 2,00,000 से अधिक खुदरा विक्रेताओं को सेवा प्रदान करते हैं। बयान के अनुसार, इसके अलावा, कंपनी 19 खुदरा दुकानों और 60 फ्रेंचाइजी स्टोर का संचालन करती है। कंपनी ने कहा कि देश में स्नैक्स का बाजार वर्ष 2023-24 में 42,600 करोड़ रुपये का था। इसके 2031-32 में 95,500 करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है।
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नई दिल्ली। देश की सबसे बड़ी सरकारी बीमा कंपनी, भारतीय जीवन बीमा निगम लिमिटेड (LIC) की योजना अब हेल्थ इंश्योरेंस बिजनेस में भी अपनी धाक जमाने की है। कंपनी अब इस सेक्टर में कदम रखने की तैयारी कर रही है। बीमा कंपनी के CEO और MD सिद्धार्थ मोहंती ने शुक्रवार बताया कि एलआईसी चालू वित्त वर्ष में एक हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी में हिस्सेदारी खरीदने पर फैसला करेगी। मोहंती ने सरकारी बीमा कंपनी के नतीजों के ऐलान के बाद आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी। बीमा दिग्गज के हेल्थ इंश्योरेंस सेक्टर में कदम रखने के बाद प्राइवेट हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों को कड़ी टक्कर मिलने की उम्मीद है।
सिद्धार्थ मोहंती ने कहा, “जमीन पर काम चल रहा है…उपयुक्त हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी की खोज हो रही है…हम इस वित्तीय वर्ष के भीतर हिस्सेदारी को अंतिम रूप देंगे।” उन्होंने बताया कि एक बार सभी तैयारी पूरी हो जाने के बाद एलआईसी हेल्थ इंश्योरेंस सेक्टर में कदम रखने के लिए बोर्ड से मंजूरी हासिल करने के लिए संपर्क करेगी। हालांकि मोहंती ने उस कंपनी का नाम नहीं बताया, जिसमें एलआईसी हिस्सेदारी खरीदने की योजना बना रही है।फरवरी 2024 में, एक संसदीय समिति ने बीमा प्रदाताओं के लिए खर्च और नियामकीय बोझ को कम करने के उद्देश्य से कॉम्पोजिट इंश्योरेंस लाइसेंस को लागू करने की सिफारिश की थी। वर्तमान में, जीवन बीमा कंपनियों को विस्तारित हेल्थ इंश्योरेंस लाभ प्रदान करने तक सीमित किया गया है।जीवन बीमा कंपनियों को अस्पताल में भर्ती और मुआवजा कवरेज प्रदान करने में सक्षम बनाने के लिए बीमा अधिनियम में संशोधन की आवश्यकता होगी। इसके अलावा, 1 अक्टूबर से लागू हुए सरेंडर वैल्यू के नए नियमों पर, महंती ने कहा कि एलआईसी ने अपने बीमा प्रोडक्ट्स को फिर से डिजाइन किया है और वे पूरी तरह से नियमों का पालन कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “हमने ग्राहकों और बाजार मध्यस्थों के हितों के बीच संतुलन बनाए रखा है।” नए सरेंडर वैल्यू नियम उन जीवन बीमा पॉलिसीधारकों के लिए बेहतर निकासी भुगतान सुनिश्चित करते हैं, जो अपनी पॉलिसी का प्रीमियम जारी रखने में असमर्थ या अनिच्छुक होते हैं। सरेंडर वैल्यू वह राशि होती है जो पॉलिसीधारक को मिलती है जब वे अपनी पॉलिसी को मैच्योरिटी से पहले समाप्त करने का निर्णय लेते हैं। बीमाकर्ता योजना की शर्तों के आधार पर एक निश्चित राशि को ‘सरेंडर चार्ज’ के रूप में काटते हैं।सरकारी बीमा कंपनी एलआईसी का नेट प्रॉफिट सितंबर तिमाही में 3.75 प्रतिशत घटा क्योंकि कंपनी ने अर्जित प्रीमियम की तुलना में अधिक लाभ का भुगतान किया। सितंबर तिमाही में बीमा दिग्गज का नेट प्रॉफिट 7,729 करोड़ रुपये रहा। पिछले साल की समान अवधि में कंपनी का मुनाफा 8,030.28 करोड़ रुपये था। दूसरी तिमाही के दौरान सकल गैर-निष्पादित आस्तियां (GNPA) 1.72 प्रतिशत रही, जो पिछली तिमाही में 1.95 प्रतिशत थी। पिछले वर्ष की इसी अवधि में GNPA 2.43 प्रतिशत थी। चालू वित्त वर्ष की समीक्षाधीन तिमाही में कंपनी की नेट प्रीमियम आय 1.2 लाख करोड़ रुपये हो गई। -
नयी दिल्ली. महत्वपूर्ण खनिज ब्लॉकों की नीलामी के चौथे दौर में वेदांता समूह को चार ब्लॉक मिले हैं जबकि सरकारी स्वामित्व वाली ऑयल इंडिया लिमिटेड (ओआईएल) एक ब्लॉक हासिल करने में सफल रही है। बृहस्पतिवार को सरकार ने यह जानकारी दी। आधिकारिक बयान के मुताबिक, वेदांता ने अरुणाचल प्रदेश में वैनेडियम एवं ग्रेफाइट खदान और कर्नाटक में कोबाल्ट, मैंगनीज और लौह खदान हासिल की। वहीं वेदांता की अनुषंगी हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड (एचजेडएल) को आंध्र प्रदेश में टंगस्टन एवं संबंधित खनिजों का ब्लॉक और तमिलनाडु में एक टंगस्टन खदान मिली है। सरकार ने कहा कि ऑयल इंडिया लिमिटेड ने अरुणाचल प्रदेश में ग्रेफाइट और वैनेडियम ब्लॉक हासिल किया है।
नीलामी के इस दौर में खनिज ब्लॉक हासिल करने वाली अन्य कंपनियों में मैम्को माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड और उड़ीसा मेटालिक्स प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं। आधिकारिक बयान के मुताबिक, ‘‘खान मंत्रालय ने महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिज ब्लॉकों की नीलामी के चौथे चरण के तहत शुरू की गई आठ महत्वपूर्ण खनिज ब्लॉक की नीलामी सफलतापूर्वक पूरी कर ली है।'' देश में 21 खनिज ब्लॉक के लिए निविदा मंगाने का नोटिस (एनआईटी) 24 जून को जारी किया गया था। इस नीलामी में उद्योग के हितधारकों से काफी दिलचस्पी देखने को मिली। खान मंत्रालय ने कहा कि तकनीकी बोलियों के मूल्यांकन के बाद 10 खनिज ब्लॉक की नीलामी का काम आगे बढ़ा। इनमें फॉस्फोराइट, ग्रेफाइट और वैनेडियम जैसे रणनीतिक खनिजों के भंडार हैं जिनका इस्तेमाल उच्च प्रौद्योगिकी और हरित ऊर्जा में किया जाता है। आठ ब्लॉक की नीलामी प्रक्रिया सफलतापूर्वक संपन्न हो गई है और बाकी दो की नीलामी दो दिसंबर तक पूरी हो जाएगी। इन महत्वपूर्ण खनिज ब्लॉक की नीलामी के साथ, सफलतापूर्वक बेचे गए महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिज ब्लॉक की कुल संख्या 22 तक पहुंच गई है। -
नई दिल्ली। सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (SECI) ने रिलायंस पावर पर बड़ी कार्रवाई करते हुए कंपनी को अगले तीन साल तक अपने किसी भी टेंडर में भाग लेने से बैन कर दिया है। SECI द्वारा यह फैसला इस साल जून में जारी किए गए एक टेंडर में फर्जी दस्तावेज जमा करने के आरोपों के चलते लिया गया है।
SECI की ओर से जारी नोटिस में कहा गया है कि इस प्रतिबंध का असर रिलायंस पावर की सहायक कंपनियों पर भी पड़ेगा। यानी रिलायंस पावर की कोई भी सहायक कंपनी अगले तीन साल तक SECI के किसी भी टेंडर में हिस्सा नहीं ले सकेगी।SECI ने 6 नवंबर को जारी नोटिस में स्पष्ट किया, “M/s रिलायंस NU BESS लिमिटेड और M/s रिलायंस पावर लिमिटेड (सहित इसकी सभी सहायक कंपनियां) को SECI के भविष्य के सभी टेंडरों में तीन साल तक भाग लेने से रोका जाता है।”जून में सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (SECI) ने 1 गीगावाट सौर ऊर्जा और 2 गीगावाट स्टैंडअलोन बैटरी स्टोरेज के लिए बोली आमंत्रित की थीं। अनिल अंबानी की रिलायंस पावर (R-Power) की सहायक कंपनी महाराष्ट्र एनर्जी जनरेशन लिमिटेड ने इस टेंडर में सफल बोली लगाई थी। कंपनी ने बैटरी स्टोरेज के लिए प्रति यूनिट ₹3.81 की सबसे कम बोली लगाई, जो अब तक की सबसे सस्ती दरों में से एक थी। इसी तरह की एक और सफल बोली JSW एनर्जी ने लगाई थी।SECI की ओर से जारी नोटिस में कहा गया, “M/s महाराष्ट्र एनर्जी जनरेशन लिमिटेड, जिसे अब M/s रिलायंस NU BESS लिमिटेड के नाम से जाना जाता है, द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों की जांच में पाया गया कि बैंक गारंटी, जो विदेशी बैंक द्वारा जारी की गई थी और बोलीदाता ने जमा की थी, वह फर्जी थी। यह गड़बड़ी इलेक्ट्रॉनिक रिवर्स नीलामी के बाद पता चली, जिसके कारण SECI को पूरी निविदा प्रक्रिया रद्द करनी पड़ी।”इससे पहले इस हफ्ते, रिपोर्ट में बताया गया था कि R-Power ने इस टेंडर के लिए दो बार गलत बैंक दस्तावेज़ जमा किए थे। इसमें एक ईमेल आईडी का उपयोग किया गया, जिसे बाद में भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने फर्जी बताया।सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (SECI) ने अपने नोटिस में कहा कि टेंडर शर्तों के अनुसार, फर्जी दस्तावेज़ जमा करने पर रिलायंस पावर (R-Power) को भविष्य के सभी टेंडरों में भाग लेने से अयोग्य ठहराना जरूरी था।नोटिस में बताया गया कि बोलीदाता (जो रिलायंस पावर की सहायक कंपनी है) ने अपनी वित्तीय योग्यता अपने पैरेंट कंपनी की ताकत के आधार पर पूरी की थी। जांच में पाया गया कि सभी व्यावसायिक और रणनीतिक फैसले पैरेंट कंपनी द्वारा ही लिए गए थे। इसी कारण SECI ने रिलायंस पावर लिमिटेड को भविष्य के टेंडरों में भाग लेने से रोकना जरूरी समझा।R-Power ने फिलीपींस स्थित FirstRand Bank की ओर से बैंक गारंटी जमा की थी, जिसका दावा था कि उसे दिल्ली स्थित भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की शाखा से समर्थन मिला है। लेकिन SBI ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि उसने ऐसा कोई समर्थन जारी नहीं किया और इस्तेमाल की गई ईमेल आईडी को फर्जी बताया। इस मामले में रिलायंस पावर ने अपने ईमेल जवाब में कहा कि यह गारंटी एक थर्ड पार्टी द्वारा तैयार की गई थी और कंपनी को गुमराह किया गया है। - टोक्यो। जापान की वाहन विनिर्माता कंपनी निसान ने अपनी बिक्री में गिरावट तथा भंडारण की लागत बढ़ने के चलते 9,000 लोगों को नौकरी से निकाल दिया है। कंपनी को इस वजह से चालू वित्त वर्ष की ताजा तिमाही में घाटा हुआ है। कंपनी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) मकोतो उचिदा ने कहा कि उन्होंने निराशाजनक नतीजों की जिम्मेदारी लेते हुए अपने वेतन में 50 प्रतिशत की कटौती की है। साथ ही उन्होंने भरोसा दिलाया कि कंपनी की स्थिति में जल्द सुधार होगा। निसान मोटर कॉर्प ने वैश्विक स्तर पर 9,000 लोगों की छंटनी करने की घोषणा की है, जो कि उसके 1,33,000 का छह प्रतिशत बैठता है। इसके अलावा कंपनी की अपने वैश्विक उत्पादन में 20 प्रतिशत की कटौती करने की योजना भी है। उचिदा ने यह बताने से इनकार कर दिया कि इस कटौती से कौन से क्षेत्र प्रभावित होंगे।सितंबर तक की हालिया तिमाही में निसान को 9.3 अरब येन (छह करोड़ डॉलर) का घाटा हुआ है, जबकि एक साल पहले इसी तिमाही में कंपनी को 190.7 अरब येन का मुनाफा हुआ था। कंपनी की सितंबर तिमाही में बिक्री 3.1 लाख करोड़ येन से गिरकर 2.9 लाख करोड़ येन (19 अरब डॉलर) रह गई। उचिदा ने माना कि निसान ने बाजार की पसंद और कच्चे माल की बढ़ती लागत सहित वैश्विक बदलावों पर तेजी से प्रतिक्रिया नहीं दी। उचिदा ने कहा कि निसान के परिचालन और योजनाओं के सभी पहलुओं की समीक्षा की जाएगी।योकोहामा स्थित निसान की आमदनी चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में एक प्रतिशत गिरकर 5,980 अरब येन (39 अरब डॉलर) रही, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में 6,000 अरब येन थी।
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नई दिल्ली। गेहूं के भाव में तेजी देखने को मिल रही है। इसकी वजह आवक में कमी होना माना जा रहा है। साथ ही गेहूं मांग मजबूत होने से इसके भाव बढ़ने को सहारा मिल रहा है। कारोबारियों का कहना है कि अगर सरकार जल्द खुले बाजार में गेहूं की बिक्री नहीं की तो भाव और चढ़ सकते हैं।
हाल ही में सरकार ने गेहूं की कीमतों में तेजी को देखते हुए इसके भाव नियंत्रित करने के लिए 30 रुपये किलो के रियायती भाव पर आटा की बिक्री शुरू की है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इस समय देश भर के खुदरा बाजार में आटा की औसत खुदरा कीमत 36.95 रुपये किलो है।कितना महंगा हुआ गेहूं ?महीने भर से गेहूं के दाम धीरे-धीरे बढ़ रहे हैं। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में गेहूं के भाव बढ़कर 3,200 रुपये प्रति क्विंटल के करीब पहुंच चुके हैं। पिछले एक महीने में इसकी कीमतों में 150 से 200 रुपये क्विंटल की तेजी आ चुकी हैं।इस साल गेहूं की कीमतों में करीब 13 फीसदी इजाफा हुआ है। उत्तर प्रदेश की हरदोई मंडी में गेहूं 2,800 रुपये क्विंटल बिक रहा है। 15 दिन में ही भाव 60 से 80 रुपये क्विंटल चढ़ चुके हैं।जानकारों के मुताबिक गेहूं की कीमतों में तेजी आने की प्रमुख वजह मंडियों में इसकी आवक में कमी आना है। -
मुंबई. प्रीमियम वाहन विनिर्माता स्कोडा ऑटो भारतीय बाजार में अपना कारोबार बढ़ाने की रणनीति के तहत यहां इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) उतारने की योजना बना रही है। कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी। स्कोडा ऑटो फॉक्सवैगन इंडिया के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) पीयूष अरोड़ा ने यहां कॉम्पैक्ट एसयूवी ‘काइलक' को पेश किए जाने के मौके पर अपनी भावी योजनाओं के बारे में चर्चा की। अरोड़ा ने पीटीआई-भाषा के साथ खास बातचीत में कहा कि भारत दुनिया का सबसे तेजी से बढ़ने वाला बाजार है और स्कोडा इसे अपने कारोबार के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण मानती है। अरोड़ा ने कहा, ‘‘भारतीय बाजार में अपनी स्थिति को मजबूत बनाने के लिए हम लगातार नए उत्पादों को लाने की संभावनाएं तलाशते रहते हैं। इसी क्रम में हम पेट्रोल इंजन वाहनों के साथ वैश्विक बाजार में मौजूद अपने ईवी उत्पादों की भी समीक्षा कर रहे हैं।'' उन्होंने कहा, “वैश्विक बाजार में स्कोडा समूह के पास कई ईवी उत्पाद हैं। हम उन उत्पादों का मूल्यांकन करने के बाद भारत की जरूरतों के लिहाज से सटीक उत्पाद का चयन करेंगे और उन्हें भारत में लाने की संभावनाएं तलाशेंगे। हम इससे जुड़े सभी पहलुओं पर गौर करने के बाद कदम उठाएंगे।” हालांकि, स्कोडा इंडिया के प्रमुख ने भारत में ईवी खंड के लिए अपनी निवेश योजनाओं का ब्योरा नहीं दिया। उन्होंने कहा, ‘‘हम भारत के लिए उपयुक्त नजर आने वाले उत्पाद को लाने से जुड़ी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए निवेश करेंगे।'' स्कोडा ने भारतीय बाजार में अपनी मौजूदगी बढ़ाने के लिए कॉम्पैक्ट वाहन काइलक पेश किया है। इसे कंपनी ने 7.89 लाख रुपये की शुरुआती कीमत पर पेश कर मारुति सुजुकी, महिंद्रा एंड महिंद्रा और हुंदै जैसी स्थापित वाहन कंपनियों के लिए कड़ी चुनौती पेश करने की कोशिश की है। अरोड़ा ने काइलक को भारत में तेजी से लोकप्रियता मिलने की उम्मीद जताते हुए कहा कि यह आरामदेह सफर और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए विकसित की गई है।
- नयी दिल्ली. ई-कॉमर्स ऐप मैजिकपिन ने मंच (प्लेटफॉर्म) शुल्क घटाकर पांच रुपये प्रति डिलिवरी (आपूर्ति) कर दिया है। कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी ने रविवार को बताया कि यह राशि इसके प्रतिस्पर्धियों के शुल्क के मुकाबले आधी है। जोमैटो और स्विगी ने लगभग दो सप्ताह पहले प्रति आपूर्ति प्लेटफॉर्म शुल्क में लगभग 42-67 प्रतिशत की बढ़ोतरी की थी। मैजिकपिन के संस्थापक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अंशु शर्मा ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर मौजूदा कैलेंडर वर्ष के लिए प्लेटफॉर्म शुल्क में कमी की घोषणा की। शर्मा ने कहा, ‘‘हम त्योहारी सत्र के दौरान अपने आपूर्ति ‘नायकों' और अपने ग्राहकों की भलाई के लिए एक संतुलन बना सकते हैं। इसलिए, मैजिकपिन का वादा है कि अधिक से अधिक लोग त्योहारी सत्र का आनंद उठा सकें। मैजिकपिन के प्लेटफॉर्म शुल्क में 50 प्रतिशत की कटौती की गई है। यह साल के बाकी हिस्से के लिए केवल पांच रुपये है।'' उन्होंने कहा कि वर्ष 2024 के बाकी समय में खाद्य वितरण पर कोई शुल्क वृद्धि नहीं की जाएगी।जोमैटो ने प्लेटफॉर्म शुल्क सात रुपये से बढ़ाकर 10 रुपये कर दिया है। यह राशि ग्राहकों से प्रति ऑर्डर आपूर्ति शुल्क के अलावा ली जाएगी। स्विगी ने भी प्लेटफॉर्म शुल्क छह रुपये से बढ़ाकर 10 रुपये कर दिया है।
- नयी दिल्ली. पिछले पांच साल के दौरान भारत की निर्यात प्रतिस्पर्धात्मकता पेट्रोलियम, रत्न, कृषि रसायन और चीनी जैसे क्षेत्रों में तेजी से बढ़ी है। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है। भारत ने 2018 और 2023 के दौरान इन क्षेत्रों में वैश्विक व्यापार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है। इसके अलावा इलेक्ट्रिकल सामान, न्यूमेटिक टायर, नल और वॉल्व, तथा सेमीकंडक्टर उपकरणों में भी हिस्सेदारी बढ़ी है। मंत्रालय के आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि 2023 में पेट्रोलियम निर्यात बढ़कर 84.96 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया। इसके साथ ही वैश्विक व्यापार में भारत की बाजार हिस्सेदारी 2018 के 6.45 प्रतिशत से बढ़कर 2023 में 12.59 प्रतिशत हो गई। इस श्रेणी में भारत पांचवे स्थान से बढ़कर दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक बन गया। कीमती और अर्ध-कीमती पत्थरों के क्षेत्र में वैश्विक निर्यात में देश की हिस्सेदारी 2018 के 16.27 प्रतिशत से बढ़कर 2023 में 36.53 प्रतिशत हो गई है। इस श्रेणी में देश वैश्विक व्यापार में दूसरे स्थान से शीर्ष पर आ गया। इसी तरह चीनी निर्यात 2018 के 93 करोड़ अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 3.72 अरब डॉलर हो गया। इस क्षेत्र में वैश्विक व्यापार में भारत की हिस्सेदारी 4.17 प्रतिशत से बढ़कर 12.21 प्रतिशत हो गई। कीटनाशकों और कवकनाशकों के वैश्विक व्यापार में भारत की हिस्सेदारी में भी अच्छी वृद्धि हुई। अंतरराष्ट्रीय कृषि और पर्यावरण मानकों को पूरा करने की भारत की क्षमता और कृषि रसायनों में नवोन्मेषण पर ध्यान देने की वजह से ऐसा संभव हो पाया। इसके अलावा रबड़ न्यूमेटिक टायर, सेमीकंडक्टर और फोटोसेंसिटिव उपकरणों के वैश्विक व्यापार में भी देश की स्थिति मजबूत हुई है।
- नयी दिल्ली.भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) का कम भुगतान करने के लिए कर अधिकारियों से लगभग 65 करोड़ रुपये की कर मांग का नोटिस मिला है। एलआईसी ने बुधवार को कहा कि उसपर इसके अलावा 6.5 करोड़ रुपये का जुर्माना और ब्याज भी है।एलआईसी ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि उसे 30 अक्टूबर को झारखंड के लिए माल एवं सेवा कर, ब्याज और जुर्माने के लिए संचार/मांग आदेश प्राप्त हुआ है। इसमें कहा गया कि इसका कंपनी की वित्तीय स्थिति, परिचालन या अन्य गतिविधियों पर कोई भौतिक प्रभाव नहीं पड़ता है।
- नयी दिल्ली. जीएसटी रिटर्न को लेकर अगले साल की शुरुआत से नियम में बदलाव हो रहे हैं। इसके तहत 2025 की शुरुआत से जीएसटी करदाता मूल रूप से रिटर्न फाइल करने की नियत तारीख से तीन साल बाद मासिक और वार्षिक जीएसटी रिटर्न दाखिल नहीं कर पाएंगे। माल एवं सेवा कर नेटवर्क (जीएसटीएन) ने मंगलवार को एक परामर्श में यह कहा। इसमें कहा गया है कि जीएसटी बिक्री रिटर्न के अलावा देनदारी के भुगतान, वार्षिक रिटर्न और स्रोत पर कर संग्रह से संबंधित रिटर्न पर नया नियम लागू होगा। यानी रिटर्न जमा करने की नियत तिथि से तीन साल की अवधि की समाप्ति के बाद रिटर्न भरने पर पाबंदी होगी। जीएसटीएन ने कहा, ‘‘उक्त बदलाव अगले साल (2025) की शुरुआत से जीएसटी पोर्टल में लागू होने जा रहा है। इसीलिए, करदाताओं को सलाह दी जाती है कि वे अपने रिकॉर्ड का मिलान कर लें और अभी तक जीएसटी रिटर्न नहीं भरा है तो जितनी जल्दी हो उसे भर दें।'' एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के वरिष्ठ भागीदार रजत मोहन ने कहा कि जीएसटीएन ने अनुपालन को लेकर एक महत्वपूर्ण बदलाव किया है। इस बदलाव के तहत तीन साल की समयसीमा के बाद जीएसटी रिटर्न दाखिल करने पर रोक है। उन्होंने कहा, ‘‘यह कदम समय पर अनुपालन सुनिश्चित करने, आंकड़ों की विश्वसनीयता बढ़ाने और जीएसटी प्रणाली के भीतर बिना भरे रिटर्न के ‘बैकलॉग' को संभावित रूप से कम करने के मकसद से जुड़ा है। देरी से रिटर्न फाइल किये जाने से जुड़े मामले में अवधि को सीमित करने से करदाताओं को अपने रिकॉर्ड का मिलान करने और सुधारने के लिए प्रेरित किया गया है।'' मोहन ने कहा, ‘‘हालांकि, यह उन करदाताओं के लिए चुनौतियां भी पैदा कर सकता है, जिन्होंने रिटर्न भरा ही नहीं है। खासकर उन करदाताओं के लिए जो पुराने रिकॉर्ड को समेकित करने में प्रशासनिक या लॉजिस्टिक समस्याओं का सामना कर रहे हैं।'' उन्होंने कहा कि कंपनियों को सक्रिय रूप से अपने रिटर्न फाइलिंग का ऑडिट करने और बची हुई अवधि के भीतर अगर कोई बचा हुआ रिटर्न है, तो उसका समाधान करने की सलाह दी जाती है।
- नयी दिल्ली. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) ने बुधवार को कहा कि डिजिटल बदलाव और प्रौद्योगिकी नवोन्मेषण के कारण एक्सचेंज में पंजीकृत कुल ग्राहक खातों की संख्या 20 करोड़ के आंकड़े को पार कर गई है। इसमें आज तक के ग्राहक पंजीकरण शामिल हैं।एनएसई ने बयान में कहा, “एक्सचेंज (खातों) में ग्राहक कोड की कुल संख्या 20 करोड़ को पार कर गई है, जो आठ महीने पहले 16.9 करोड़ थी।” एनएसई के मुख्य कारोबार विकास अधिकारी श्रीराम कृष्णन ने कहा कि यह वृद्धि भारत की विकास गाथा में निवेशकों के मजबूत भरोसे को दर्शाती है। मोबाइल ट्रेडिंग ऐप को व्यापक रूप से अपनाए जाने और निवेशकों की बढ़ती जागरूकता, सरकार की डिजिटल पहल के समर्थन ने बाजार तक पहुंच को प्रभावी रूप से लोकतांत्रिक बनाया है। इससे विशेष रूप से दूसरी, तीसरी और चौथी श्रेणी के शहरों के निवेशकों को लाभ हुआ है। उन्होंने कहा कि यह विस्तार सुव्यवस्थित केवाईसी (अपने ग्राहक को जानों) प्रक्रियाओं, उन्नत वित्तीय साक्षरता कार्यक्रमों और निरंतर सकारात्मक बाजार धारणा द्वारा समर्थित है, जो इक्विटी, ईटीएफ, रीट, इनविट्स और विभिन्न बांड सहित विविध निवेश साधनों में मजबूत भागीदारी से दिखता है। राज्यों की बात करें तो महाराष्ट्र 3.6 करोड़ खातों के साथ सबसे आगे है। उसके बाद उत्तर प्रदेश (2.2 करोड़), गुजरात (1.8 करोड़), राजस्थान और पश्चिम बंगाल (1.2 करोड़) हैं। इन राज्यों में कुल ग्राहक खातों का लगभग 50 प्रतिशत हिस्सा है, जबकि शीर्ष 10 राज्यों में कुल खातों का लगभग तीन-चौथाई हिस्सा है।
- मुंबई.भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अप्रैल-सितंबर की अवधि में घरेलू स्तर पर रखे गए सोने के भंडार में 102 टन की बढ़ोतरी की है। मंगलवार को जारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली। केंद्रीय बैंक ने कहा कि स्थानीय तिजोरियों में रखे गए सोने की कुल मात्रा 30 सितंबर, 2024 तक 510.46 टन थी। यह मात्रा 31 मार्च, 2024 तक रखे गए 408 टन सोने से अधिक है। विदेशी मुद्रा भंडार के प्रबंधन पर जारी छमाही रिपोर्ट के मुताबिक, रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में 32 टन सोने का भंडार बढ़ाया। इसके साथ कुल भंडार बढ़कर 854.73 टन हो गया। पिछले कुछ वर्षों में भारत धीरे-धीरे अपने स्वर्ण भंडार को स्थानीय तिजोरियों में स्थानांतरित कर रहा है। वित्त वर्ष 2023-24 में इसने ब्रिटेन से 100 टन से अधिक सोना घरेलू स्थानों पर स्थानांतरित किया था। यह 1991 के बाद के सबसे बड़े स्वर्ण आवाजाही में से एक था। भारत को 1991 में विदेशी मुद्रा संकट से निपटने के लिए अपने स्वर्ण भंडार का एक बड़ा हिस्सा गिरवी रखना पड़ा था। आरबीआई के मुताबिक, 324.01 टन सोना बैंक ऑफ इंग्लैंड और बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट्स (बीआईएस) के पास सुरक्षित रखा गया था और 20.26 टन सोना स्वर्ण जमा के रूप में रखा गया था। मई के अंत में ही सूत्रों ने संकेत दिया था कि मानक समीक्षा प्रक्रियाओं के तहत विदेशों में सोना भंडार को घटाने का निर्णय लिया गया है।