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नई दिल्ली। जेएसडब्ल्यू एमजी अ मोटर अगले 12 महीनों में 5 नई कारें लॉन्च करने की योजना बना रही है। कंपनी की क्षमता भी 1 लाख कारें उत्पादन से बढ़ाकर 3 लाख कारें सालाना की जाएगी। कंपनी के पूर्व CEO राजीव चाबा ने बुधवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पहली नई कार एक क्रॉसओवर यूटिलिटी व्हीकल होगी, जिसे सितंबर या अक्टूबर में लॉन्च किया जाएगा। फिलहाल MG भारत में 5 कारें बेचती है: हेक्टर, ग्लॉस्टर, एस्टर, कॉमेट और ZS. इनमें से पहली तीन पेट्रोल-डीजल कारें हैं, जबकि आखिरी दो इलेक्ट्रिक कारें हैं।
राजीव चाबा ने बताया कि साल 2024 में भारत में करीब 1 लाख 20 हजार इलेक्ट्रिक कारें बिक सकती हैं, जो पिछले साल के मुकाबले 30% की बढ़ोतरी है। उन्होंने कहा कि यह बढ़ोतरी 2023 जितनी ज्यादा नहीं होगी, क्योंकि पिछले साल इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री में 90% की बढ़ोतरी हुई थी।इस साल मार्च में साजन जिंदल के JSW ग्रुप ने कार कंपनी में 35% हिस्सेदारी खरीदी थी। वहीं, वित्तीय संस्थानों ने 8%, कर्मचारियों को 5% और डीलरों को 3% हिस्सेदारी दी गई। जिससे कंपनी की चीनी पैरेंट कंपनी SAIC की हिस्सेदारी घटकर 49% रह गई है।राजीव चाबा ने बताया, “मार्च में ही ज्वाइंट वेंचर की घोषणा हुई थी। हमें तेजी से बढ़ना है। अभी हम दूसरा प्लांट हलोल में लगा रहे हैं। हमारी कुल क्षमता 1 लाख से बढ़कर 3 लाख कारें सालाना हो जाएगी। जब इतनी क्षमता हो तो कारें बनाने की भी जरूरत होती है।”उन्होंने कहा, “ज्वाइंट वेंचर की सबसे बड़ी प्राथमिकता नई कारों की मंजूरी लेना है। हमें खुशी है कि हमें 5 नई कारों की मंजूरी मिल गई है, जिन्हें अगले एक साल में लॉन्च किया जाएगा। इनमें से दो प्रीमियम कारें होंगी और तीन मेनस्ट्रीम की कारें होंगी।”उन्होंने बताया, “पहली कार त्योहार के सीजन में यानी सितंबर या अक्टूबर में लॉन्च होगी। यह एक क्रॉसओवर यूटिलिटी व्हीकल होगी। इसमें सेडान कार जैसी सुविधाएं होंगी और साथ ही स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल की तरह यूटिलिटी भी होगी। इसमें काफी जगह होगी और इसमें कई फीचर्स होंगे। बाकी कारों के बारे में मैं अभी जानकारी नहीं दे सकता।”मार्च में JSW ग्रुप ने साल 2030 तक 5 अरब डॉलर लगाने की योजना की घोषणा की थी। इस पैसे का इस्तेमाल इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड कारें बनाने वाली कंपनी में किया जाएगा। कंपनी का लक्ष्य 10 लाख कारें बेचना है।अभी कार कंपनियों में हाइब्रिड कारों पर टैक्स कम करने को लेकर बहस चल रही है। - नयी दिल्ली. वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने मंगलवार को कहा कि ई-कॉमर्स के जरिये देश के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए नियामकीय व्यवस्था सितंबर तक तैयार होने की उम्मीद है। बर्थवाल ने कहा कि वर्तमान में इस माध्यम से देश का निर्यात लगभग पांच अरब डॉलर ही है, जबकि चीन का 300 अरब डॉलर सालाना है। उन्होंने कहा कि ई-कॉमर्स माध्यम से निर्यात को बढ़ावा देने की काफी संभावनाएं हैं। इस संबंध में मंगलवार को मंत्रालय में राजस्व जैसे संबंधित विभागों तथा लॉजिस्टिक और ‘मार्केटप्लेस प्लेटफॉर्म' जैसे क्षेत्रों के उद्योग प्रतिनिधियों के साथ बैठक हुई। बर्थवाल ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम देश में ई-कॉमर्स निर्यात केंद्र स्थापित करने पर काम कर रहे हैं। हमने इसकी रूपरेखा पर चर्चा की। यह हमारे 100 दिन के एजेंडा में शामिल है।'' रूपरेखा तैयार होने की समयसीमा के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह काम सितंबर तक पूरा होने की उम्मीद है। ई-कॉमर्स के जरिये निर्यात आने वाले वर्षों में 50-100 अरब डॉलर तक पहुंचने की संभावना है।उन्होंने कहा, ‘‘यह व्यवस्था ई-कॉमर्स निर्यात केंद्रों और नियामकीय परिवेश के लिए होगी... ये केंद्र हवाई अड्डों और बंदरगाहों के पास बनेंगे।'' जिन उत्पादों के निर्यात में भारी संभावनाएं हैं, उनमें आभूषण, परिधान, हस्तशिल्प और ओडीओपी (एक जिला एक उत्पाद) से जुड़े सामान शामिल हैं। सचिव ने कहा कि उद्योग किसी वित्तीय सहायता की मांग नहीं कर रहा है और उसे केवल कराधान को लेकर एक अच्छे नियामकीय परिवेश की आवश्यकता है। वे लौटाए गए सामान को लेकर स्थिति में स्पष्टता चाहते हैं।
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मुंबई. स्थानीय शेयर बाजारों में मंगलवार को लगातार तीसरे दिन तेजी रही और बीएसई सेंसेक्स 52 अंक चढ़कर अपने अबतक के उच्चतम स्तर पर बंद हुआ। एनएसई निफ्टी भी नये शिखर 24,600 अंक के ऊपर पहुंच गया। दैनिक उपयोग का सामान बनाने वाली कंपनियों, दूरसंचार और चुनिंदा आईटी शेयरों में लिवाली तथा विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) के पूंजी प्रवाह से बाजार में तेजी बनी रही। तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स 51.69 अंक यानी 0.06 प्रतिशत चढ़कर अपने अबतक के उच्चतम स्तर 80,716.55 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 233.44 अंक यानी 0.28 प्रतिशत की बढ़त के साथ रिकॉर्ड 80,898.30 अंक तक गया था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 26.30 अंक यानी 0.11 प्रतिशत की तेजी के साथ नये शिखर 24,613 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान, यह 74.55 अंक यानी 0.30 प्रतिशत चढ़कर रिकॉर्ड 24,661.25 अंक तक गया था। शेयर बाजार में शुरुआत अच्छी रही और दोनों मानक सूचकांक कारोबार के दौरान रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गये थे। हालांकि, रिलायंस इंडस्ट्रीज और कोटक बैंक में नुकसान से लाभ सीमित हुआ और दोनों सूचकांक दिन के उच्चस्तर से नीचे आये। विश्लेषकों के अनुसार, सेंसेक्स और निफ्टी शुक्रवार से रिकॉर्ड तेजी पर हैं। इसका प्रमुख कारण विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की लिवाली है। एफआईआई केंद्रीय बजट पेश होने से पहले भारतीय शेयरों में लिवाल बने हुए हैं। शेयरों के उच्च मूल्यांकन के बावजूद प्रमुख कंपनियों के तिमाही परिणाम उत्साहजनक रहने से भी बाजार को समर्थन मिला है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व के प्रमुख जेरोम पावेल के अनुसार केंद्रीय बैंक इस बात को लेकर ज्यादा आश्वस्त है कि मुद्रास्फीति दो प्रतिशत लक्ष्य की ओर वापस आ रही है। कीमत वृद्धि की गति उस स्तर पर पहुंचने पर नीतिगत दर में कटौती की जाएगी। सेंसेक्स के शेयरों में हिंदुस्तान यूनिलीवर, भारती एयरटेल, टेक महिंद्रा, इन्फोसिस, महिंद्रा एंड महिंद्रा, आईसीआईसीआई बैंक,आईटीसी और एशियन पेंट्स प्रमुख रूप से लाभ में रहे। दूसरी तरफ नुकसान में रहने वाले शेयरों में कोटक महिंद्रा बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज, एनटीपीसी, अल्ट्राटेक सीमेंट और पावर ग्रिड शामिल हैं। सेंसेक्स के तीस शेयरों में 18 लाभ में जबकि 12 नुकसान में रहे।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि घरेलू बाजार शुरुआती लाभ को कायम नहीं रख पाया। इसका कारण शेयरों का मौजूदा मूल्यांकन और चालू वित्त वर्ष के लिए कंपनियों के तिमाही परिणाम को लेकर उम्मीद हल्की होना है। उन्होंने कहा, ‘‘इस सप्ताह से विभिन्न कंपनियों के परिणाम आने शुरू हो जाएंगे। इसको देखते हुए निवेशक व्यापक खंडवार नजरिया रख सकते हैं।'' छोटी कंपनियों के शेयरों का प्रतिनिधित्व करने वाला बीएसई स्मॉलकैप सूचकांक 0.32 प्रतिशत चढ़ा जबकि मझोली कंपनियों से जुड़ा मिडकैप सूचकांक 0.29 प्रतिशत नीचे आया। शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने सोमवार को 2,648.78 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे। एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की और चीन का शंघाई कम्पोजिट लाभ में जबकि हांगकांग का हैंगसेंग नुकसान में रहा। अमेरिकी फेडरल रिजर्व के प्रमुख पावेल की उदार टिप्पणी से नीतिगत दर में सितंबर में कटौती की उम्मीद मजबूत हुई है। यूरोप के प्रमुख बाजारों में गिरावट का रुख रहा। अमेरिकी बाजार सोमवार को बढ़त में रहे थे।
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.80 प्रतिशत की गिरावट के साथ 84.13 डॉलर प्रति बैरल रहा।
कोटक सिक्योरिटीज लि. के इक्विटी शोध प्रमुख श्रीकांत चौहान ने कहा कि चीनी अर्थव्यवस्था में नरमी को लेकर चिंता के कारण तेल कीमतों में गिरावट आई। हालांकि, अमेरिकी फेडरल रिजर्व के सितंबर में नीतिगत दर में कटौती की उम्मीद से गिरावट पर अंकुश लगा। शेयर बाजार बाजार बुधवार को मोहर्रम के मौके पर बंद रहेगा।
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नयी दिल्ली। जर्मनी की लक्जरी कार बनाने वाली कंपनी मर्सिडीज-बेंज न केवल लागत लाभ हासिल करने बल्कि शून्य उत्सर्जन वाले परिवहन और कार्बन निरपेक्षता लक्ष्यों को हासिल करने के लिए देश में अपने संयंत्र में अधिक संख्या में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को असेंबल करने की तैयारी कर रही है। कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। मर्सिडीज-बेंज इंडिया फिलहाल अपने चाकन संयंत्र में अपनी प्रमुख इलेक्ट्रिक लक्जरी सेडान ईक्यूएस को असेंबल करती है। कंपनी मांग के आधार पर अन्य मॉडल के स्थानीयकरण पर भी विचार कर रही है। मर्सिडीज-बेंज इंडिया के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) संतोष अय्यर ने कहा, ‘‘हमारा अंतिम लक्ष्य शून्य उत्सर्जन वाला परिवहन और कार्बन निरपेक्षता है। इसका मतलब न केवल ईंधन उत्सर्जन को कम करने से है, बल्कि कारों के ‘पुनर्चक्रण' से भी है। हम कारों के उत्पादन से होने वाले कॉर्बन उत्सर्जन को भी कम करना चाहते हैं।'' उन्होंने आगे कहा, ‘‘हमें इसे समग्र रूप से देखना होगा। इसलिए ईवी का उत्पादन तार्किक कदम है और हम बाजार की मांग में बदलाव के साथ उस दिशा में आगे बढ़ते रहेंगे।'' अय्यर से भारत में स्थानीय स्तर पर ईवी को असेंबल करने की दीर्घावधि की योजनाओं के बारे में पूछा गया था। मर्सिडीज-बेंज इंडिया ने अक्टूबर, 2022 से चाकन संयंत्र में ईक्यूएस को असेंबल करना शुरू किया था। यह भारत में बिकने वाले चार ईवी मॉडल - एसयूवी ईक्यूए, ईक्यूबी और ईक्यूई तथा सेडान ईक्यूएस - में स्थानीय स्तर पर असेंबल किया जाने वाला एकमात्र मॉडल है। इनकी कीमत 66 लाख रुपये से 1.6 करोड़ रुपये के बीच है। वाहनों को स्थानीय स्तर पर असेंबल करने के लाभ को स्वीकार करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि स्थानीयकरण हमें कुछ लागत लाभ लाने में मदद करता है। आज अगर आप देखें तो एक ईक्यूएस लगभग 1.5 करोड़ रुपये में उपलब्ध है, जो अन्यथा थोड़ा अधिक महंगी होती। तो यह वास्तव में मदद करता है।'' उन्होंने कहा कि लागत लाभ के अलावा इससे हमें ईवी के बारे में अधिक जानने का मौका मिलता है। आज हम उसी लाइन पर ईवी का उत्पादन कर रहे हैं, जहां परंपरागत ईंधन वाले वाहनों का उत्पादन होता है।
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मुंबई। एशिया के सबसे अमीर आदमी मुकेश अंबानी के छोटे बेटे अनंत अंबानी ने राधिका मर्चेंट से शादी कर ली।. दोनों ने शुक्रवार, 12 जुलाई, 2024 को सात फेरे लिए।. इस शानदार शादी समारोह में भारत और विदेशों से मुकेश अंबानी के मेहमानों ने शिरकत की।. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई गणमान्य नेता और अंतरराष्ट्रीय हस्तियों ने शुभ आशीर्वाद समारोह में अनंत और राधिका मर्चेंट को आशीर्वाद दिया।. इस बीच, अंबानी के वीआईपी मेहमानों और अनंत अंबानी के खास दोस्तों को भी एक खास शादी का तोहफा मिला, जिसकी कीमत लगभग 2 करोड़ रुपये है.।
अंबानी परिवार में हुए इस शानदार शादी समारोह में देश और दुनिया की बड़ी हस्तियां जुटीं.। अनंत अंबानी के दोस्तों ने भी खूब धूम मचाई.। अनंत अंबानी के दोस्तों की लिस्ट में कई नाम शामिल थे, जिन्होंने नाच-गाकर इस समारोह को और भी खूबसूरत बनाया.। इसमें मीज़ान जाफरी, शिखर धवन और हार्दिक पांड्या से लेकर वीर पहाड़िया तक शामिल थे.।अनंत अंबानी ने अपने करीबी दोस्तों को लग्जरी ब्रांड ऑडेमर्स पिगेट की घड़ियां तोहफे में दी हैं और इनकी कीमत करोड़ों में है.। सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में बताया गया है कि अंबानी की शादी में शामिल सभी वीआईपी मेहमानों (मुकेश अंबानी वीआईपी मेहमान) को ये लक्ज़री घड़ियाँ तोहफे में दी गई हैं.। इनकी कीमत लगभग 1.5 करोड़ से 2 करोड़ रुपये तक है और इन्हें अंबानी परिवार ने मेहमानों के लिए खास तौर पर मंगवाया था.।18K रोज़ गोल्ड से बनी इस घड़ी में नीले रंग का डायल है,। जिसमें सैफायर क्रिस्टल लगे हैं.। अनंत अंबानी ने अपने करीबियों और दोस्तों को तोहफे में देने के लिए इन लिमिटेड एडिशन घड़ियों के 25 पीस मंगवाए थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस घड़ी की कीमत $ 250,000 यानी लगभग 2,08,79,000 रुपये है. शाहरुख खान से लेकर रणवीर सिंह, मीज़ान जाफरी से लेकर वीर पहाड़िया तक, सभी को अपनी-अपनी तोहफे में मिली घड़ियाँ पहने हुए देखा गया.। -
नई दिल्ली। सरकार ने भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक (सीएमडी) पी के पुरवार को सेवा विस्तार देने से इनकार कर दिया है। आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि यह प्रभार दूरसंचार विभाग के वरिष्ठ अधिकारी रॉबर्ट जे रवि को दिया जा सकता है। जुलाई, 2019 में पांच साल के लिए बीएसएनएल के सीएमडी का प्रभार संभालने वाले पुरवार ने विस्तार के लिए आवेदन किया था।
आधिकारिक सूत्र ने कहा, “दूरसंचार विभाग बीएसएनएल के सीएमडी पद का अतिरिक्त प्रभार डीडीजी रॉबर्ट जे रवि को सौंपने पर विचार कर रहा है। वर्तमान सीएमडी द्वारा मांगे गए विस्तार पर अभी कोई निर्णय नहीं हुआ है।” भारतीय दूरसंचार सेवा के अधिकारी रवि को दूरसंचार क्षेत्र में 34 वर्षों का अनुभव है। वे दूरसंचार विभाग में उप महानिदेशक के पद पर कार्यरत हैं। बीएसएनएल में यह रवि का दूसरा कार्यकाल होगा। वे इस सरकारी कंपनी में करीब छह साल तक अतिरिक्त महाप्रबंधक के पद पर काम कर चुके हैं। - मुंबई। अनंत अंबानी और राधिका मर्चेंट की शाही शादी में एक नया पल सामने आया है, जिसने सबके दिल जीत लिए हैं. राधिका मर्चेंट की दुल्हनिया के रूप में पहली तस्वीरें सामने आई हैं, जिसमें वे बेहद खूबसूरत लग रही हैं. स्टाइलिस्ट रिया कपूर ने इन तस्वीरों को साझा करते हुए लिखा, "एक परी की कहानी जीवंत हो गई है". राधिका ने लहंगा पहन रखा है जो बेहद ख़ूबसूरत है. उनका यह लुक सबका मन मोह लेने वाला है.मुंबई के जियो वर्ल्ड सेंटर में अनंत अंबानी और राधिका मर्चेंट की शाही शादी का जश्न चल रहा है! यह शादी साल की सबसे बड़ी शादी है और इसमें देश और विदेश से VVIP मेहमान शामिल हुए हैं. कार्दशियन बहनें, जॉन सीना, रीमा जैसे हॉलीवुड और अंतर्राष्ट्रीय सेलेब्रिटीज भी इस शादी के गवाह बने हैं. बॉलीवुड के सितारे भी इस भव्य शादी में शामिल हुए हैं. हिरोइनों ने अपने फैशन सेंस से सबका मन मोह लिया है. अनंत-राधिका की शानदार शादी सालों तक याद रहेगी. दूल्हा करोड़ों रूपये की लक्ज़री कार में शादी स्थल पहुंचा. अनंत दूल्हे के रूप में बहुत हैंडसम लग रहे थे. उन्होंने अपने शादी के लुक से फिर से वंतारा को प्रमोट किया. अंबानी परिवार का हर सदस्य शादी में शाही अंदाज में नजर आया. अनंत-राधिका की शादी के ये समारोह 14 जुलाई तक जारी रहेंगे.
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नई दिल्ली। महारत्न कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने शुक्रवार को कहा कि उसने ई-नीलामी के नियमों को आसान बनाने के उपाय किए हैं। कंपनी ने बताया कि इसके तहत बयाना राशि को कम करना और पेशकश में कोयला की मात्रा बढ़ाने जैसे कदम शामिल हैं।कोल इंडिया अपनी नीलामी और आवंटन पद्धति में भी बदलाव करने की योजना बना रही है, जिसका मकसद भागीदारी को बढ़ावा देना है। कंपनी ने एक बयान में कहा, ‘कोल इंडिया ने ई-नीलामी के नियमों को आसान बनाने के लिए बयाना राशि जमा (ईएमडी) को कम करने और नीलामी के तहत पेश की जाने वाली मात्रा को बढ़ाने जैसे कदम उठाए हैं।’ कोल इंडिया ने नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड को छोड़कर अपनी सभी इकाइयों से चालू वित्त वर्ष की दूसरी और तीसरी तिमाही के लिए ई-नीलामी के तहत पेशकश की मात्रा को अपने संबंधित कुल उत्पादन के मुकाबले 40 प्रतिशत तक बढ़ाने को कहा है। इस समय कोल इंडिया केवल एकल खिड़की व्यवस्था ‘एग्नॉस्टिक’ ई-नीलामी योजना संचालित करती है, जहां उपभोक्ता कोयले के परिवहन का अपना पसंदीदा तरीका चुन सकते हैं।
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नई दिल्ली। राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (NABARD) ने शुक्रवार को बताया कि उसकी एक शाखा ने स्टार्टअप और ग्रामीण उद्यमों के लिए 750 करोड़ रुपये का एक कृषि फंड लॉन्च किया है। इस फंड को “अग्रि-सुर” कहा जाता है और इसकी घोषणा नाबार्ड की एक सब्सिडियरी NABVENTURES द्वारा की गई है।इस फंड की शुरुआती पूंजी 750 करोड़ रुपये है, जिसमें NABARD और कृषि मंत्रालय की ओर से 250-250 करोड़ रुपये और अन्य संस्थानों से 250 करोड़ रुपये का योगदान है।
नाबार्ड ने एक बयान में बताया कि इस फंड का उद्देश्य कृषि और उससे जुड़े क्षेत्रों में नई खोज, तकनीक पर आधारित, थोड़ा जोखिम वाले लेकिन ज्यादा फायदे वाले कार्यों को बढ़ावा देना है।नाबार्ड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी नाबवेंचर्स द्वारा मैनेज किए जा रहे इस फंड को आने वाले समय में लगभग 85 कृषि स्टार्टअप्स को समर्थन देने के लिए बनाया गया है। हर स्टार्टअप को अधिकतम 25 करोड़ रुपये तक का निवेश दिया जा सकता है।यह फंड कृषि से जुड़े और अलग-अलग क्षेत्रों के लिए बने विशेष निवेश फंड (AIF) और साथ ही सीधे तौर पर स्टार्टअप्स को इक्विटी सहायता प्रदान करके सहायता करेगा।“अग्रि-सुर” फंड के मुख्य क्षेत्रों में कृषि में नई खोज और तकनीक पर आधारित पहलों को बढ़ावा देना, फसल उत्पादन से अंतिम उपभोक्ता तक पहुंचाने की प्रक्रिया (वैल्यू चेन) को मजबूत बनाना, ग्रामीण इलाकों में नई व्यवस्था और बुनियादी ढांचा तैयार करना, रोजगार पैदा करना और किसान उत्पादक संगठनों (FPO) को सहयोग देना शामिल है।साथ ही, यह फंड आईटी आधारित समाधानों और किसानों के लिए मशीन को किराये से उपलब्ध कराने की सेवाओं के माध्यम से उद्यमशीलता को बढ़ावा देने का लक्ष्य रखता है, जो कृषि क्षेत्र में सतत विकास को गति देगा। -
मुंबई।, रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी और उनकी पत्नी नीता अंबानी ने अपने छोटे बेदे अनंत अंबानी की शादी समारोह के लिए तैयारियां पूरे जोर शोर से की है। 12 जुलाई अंबानी परिवार के लिए काफी खास तारीख है क्योंकि आज के दिन ही अनंत अंबानी अपनी मंगेतर राधिका मर्चेंट के साथ शादी के बंधन में बंधने वाले हैं। अनंत अंबानी की शादी को स्पेशल बनाने के लिए पूरा परिवार पिछले कई महीनों से तैयारियां कर रहा है। अनंत और राधिका का प्री-वेडिंग फंक्शन मार्च के महीने में शुरू हुआ था। तब से अब तक हर दिन इनकी शादी को लेकर नए-नए अपडेट सामने आते रहे हैं। हाल ही में, अनंत-राधिका की संगीत सेरेमनी में बॉलीवुड सितारों के साथ-साथ मशहूर पॉप सिंगर रिहाना और कई अन्य विदेशी फिल्मी सितारे भी शामिल हुए थे। वहीं, मशहूर पॉप सिंगर जस्टिन बीबर भी हाल ही में एक कार्यक्रम में परफॉर्म करने पहुंचे थे।
मुंबई के जियो वर्ल्ड सेंटर में अनंत और राधिका की शादी की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। इसके साथ ही बॉलीवुड और हॉलीवुड के सितारे, कई बड़े उद्योगपति और राजनेता मुंबई में एकत्रित हो रहे हैं।इस बार जिस हॉलीवुड सेलिब्रिटी ने सबका ध्यान अपनी तरफ खींचा है वह कोई और नहीं बल्कि हॉलीवुड स्टार किम कार्दशियन और उनकी बहन ख्लोए कार्दशियन है। बता दें कि यह दोनों गुरुवार रात मुंबई पहुंच गईं हैं। दोनों को इंडियन आउटफिट में देखने के लिए उनके फैंस बेहद उत्सुक हैं।अनंत अंबानी और राधिका मर्चेंट के अब तक हुए फंक्शनअनंत अंबानी और राधिका मर्चेंट की शादी से पहले दो प्री-वेडिंग समारोह का आयोजन हुआ, जो की बेहद शाही अंदाज में किया गया। शादी के कार्यक्रम की शुरुआत सामूहिक विवाह से हुई। 6 जुलाई को अनंत और राधिका की संगीत सेरेमनी हुई, जिसमें मशहूर सिंगर जस्टिन बीबर ने परफॉर्म किया था। 8 जुलाई को हल्दी सेरेमनी हुई, जिसमें सभी कई मशहूर हस्तियों ने भाग लिया। 10 जुलाई को एंटीलिया में ही मेहंदी समारोह आयोजित किया गया, जिसमें राधिका के हाथों में मेहंदी आर्टिस्ट वीना नागदा ने मेहंदी लगाई। आज (12 जुलाई) शादी के लिए अनंत अंबानी और राधिका मर्चेंट के परिवार के साथ-साथ उनके प्रशंसक भी तैयार हैं, जो इस शादी का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।अंबानी परिवार कोई भी कार्यक्रम हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार ही करता है। चाहे फिर वो बेटी ईशा अंबानी और पीरामल की शादी हो या फिर बेटे आकाश अंबानी-श्लोका मेहता की शादी हो। इस बार भी, अनंत अंबानी और राधिका मर्चेंट की शादी में पारंपरिक वैदिक हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार ही होगी। अनंत और राधिका दोनों ही गुजराती परिवार से संबंधित हैं, इसलिए उनकी शादी में गुजराती रस्मों का पालन किया जाएगा।खबरों के मुताबिक, अनंत और राधिका की शादी समारोह के लिए आज दोपहर बारात इकट्ठा होगी और साफा बांधने की रस्म निभाई जाएगी। इसके बाद मिलनी की रस्म होगी। रात 8 बजे वरमाला की रस्म होगी। लग्न, सात फेरे और सिंदूर दान की रस्म का समय रात 9.30 बजे से शुरू होगा। शादी के लिए मेहमानों को पारंपरिक ड्रेस कोड में शामिल होना होगा। वहीं, 13 और 14 जुलाई को अलग-अलग लोगों के लिए दो दिन रिसेप्शन का कार्यक्रम रखा गया है। इस अवसर पर दुनिया भर की राजनीति, उद्योग, खेल और फिल्म जगत से जुड़ी नामी हस्तियां शादी और रिसेप्शन के समारोह में शिरकत करेंगी। -
मुंबई. जमीन-जायदाद के विकास से जुड़ी प्रमुख कंपनी डीएलएफ के चेयरमैन राजीव सिंह 1.24 लाख करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति के साथ भारत के रियल एस्टेट क्षेत्र के सबसे धनाढ्य कारोबारी हैं। वहीं मैक्रोटेक डेवलपर्स के संस्थापक मंगल प्रभात लोढ़ा दूसरे स्थान पर हैं। ग्रोहे-हुरुन की बृहस्पतिवार को जारी रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई। रियल एस्टेट क्षेत्र के धनवानों की सूची में गौतम अदाणी तीसरे स्थान पर है। वैसे अदाणी देश के दूसरे सबसे अमीर उद्यमी हैं। ‘ग्रोहे हुरुन 2024-इंडिया रियल एस्टेट 100' नाम की रिपोर्ट में देश के सबसे धनी रियल एस्टेट उद्यमियों की सूची दी गयी है। इसमें मूल्यांकन के आधार पर भारत की सबसे सफल रियल एस्टेट कंपनियों की रैंकिंग भी की गयी है। मैक्रोटेक डेवलपर्स के संस्थापक मंगल प्रभात लोढ़ा और परिवार 91,700 करोड़ रुपये की संपत्ति के साथ दूसरे स्थान पर है। हुरुन ने बयान में कहा, ‘‘गौतम अदाणी और परिवार ने 56,500 करोड़ रुपये की संपत्ति के साथ तीसरा स्थान प्राप्त किया है। यह 2023 के बाद से 62 प्रतिशत अधिक है। अपने रणनीतिक कौशल और दूरदर्शिता के लिए मशहूर अदाणी ने इस साल की सूची में अदाणी रियल्टी को शीर्ष 10 में पहुंचा दिया है।'' ओबेरॉय रियल्टी के विकास ओबेरॉय 44,820 करोड़ रुपये की संपत्ति के साथ चौथे स्थान पर हैं। उसके बाद क्रमश: रहेजा ग्रुप के चंद्रू रहेजा और परिवार (43,710 करोड़ रुपये), द फीनिक्स मिल्स के अतुल रुइया (26,370 करोड़ रुपये), बागमाने डेवलपर्स के राजा बागमाने (19,650 करोड़ रुपये), एम्बैसी ऑफिस पार्क के जितेंद्र विरवानी (16,000 करोड़ रुपये) का स्थान है। प्रेस्टीज एस्टेट्स प्रोजेक्ट्स के इरफान रजाक, रिजवान रजाक और नोमान रजाक सूची में नौवें स्थान पर हैं। इनकी संपत्ति कुल मिलाकर 13,970 करोड़ रुपये है। इसमें 2023 के मुकाबले 230 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। कंपनियों में डीएलएफ दो लाख करोड़ रुपये के मूल्यांकन के साथ शीर्ष स्थान पर है। इसके मूल्यांकन में सालाना आधार पर 72 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वहीं मैक्रोटेक डेवलपर्स 1.4 लाख करोड़ रुपये के मौजूदा मूल्यांकन के साथ दूसरे स्थान पर है। कंपनी के मूल्यांकन में पिछले साल की तुलना में 160 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। ताज ग्रुप के नाम से चर्चित इंडियन होटल्स कंपनी (आईएचसीएल) 79,150 करोड़ रुपये के मूल्यांकन के साथ सूची में तीसरे स्थान पर है। कंपनी की संपत्ति सालाना आधार पर 43 प्रतिशत बढ़ी है। जमशेदजी टाटा द्वारा 1902 स्थापित और पुनीत चटवाल के नेतृत्व में आईएचसीएल भारत समेंत विभिन्न देशों में लक्जरी होटल का प्रबंधन करती है। रिपोर्ट के अनुसार, 77,280 करोड़ रुपये के मूल्यांकन के साथ गोदरेज समूह की सहायक कंपनी गोदरेज प्रॉपर्टीज चौथे स्थान पर है। विकास ओबेरॉय की ओबेरॉय रियल्टी ने 66,200 करोड़ रुपये के मूल्यांकन के साथ पाचवां स्थान हासिल किया।
प्रेस्टीज एस्टेट प्रोजेक्ट्स 63,980 करोड़ रुपये के मूल्यांकन के साथ छठे स्थान पर है, जबकि अदाणी समूह की इकाई अदाणी रियल्टी 56,500 करोड़ रुपये के साथ सातवें स्थान पर है। सूची में अदाणी रियल्टी सबसे मूल्यवान गैर-सूचीबद्ध कंपनी है। फीनिक्स मिल्स 55,740 करोड़ रुपये के मूल्यांकन के साथ 8वें स्थान पर जबकि के रहेजा ग्रुप 55,300 करोड़ रुपये के मूल्यांकन के साथ नौवें स्थान पर है। एंबैसी ऑफिस पार्क 33,150 करोड़ रुपये के मूल्यांकन के साथ सूची में दसवें स्थान पर है। -
इंदौर . केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बृहस्पतिवार को कहा कि मोबाइल फोन देश के 70 से 80 फीसद इलाके तक पहुंच चुका है और 4जी नेटवर्क का दायरा बढ़ाना उनकी प्राथमिकताओं में शुमार है। सिंधिया ने इंदौर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘देश के 70 से 80 प्रतिशत इलाके में मोबाइल फोन पहुंच चुका है और फिलहाल ऐसे 120 करोड़ उपकरण इस्तेमाल किए जा रहे हैं। अब हमारी प्राथमिकता है कि देश में 4जी नेटवर्क का दायरा बढ़ाया जाए।'' उन्होंने कहा कि भारत ने विश्व में पहली बार स्वदेशी तकनीक से ‘‘4जी स्टेक'' बनाया है और इसके बूते देश के 100 प्रतिशत इलाके में 4जी नेटवर्क पहुंचाने की कोशिश की जा रही है। सिंधिया के पास पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय भी है।
उन्होंने बताया कि वह शुक्रवार से पूर्वोत्तर के राज्यों के दो दिवसीय दौरे की शुरुआत असम और मेघालय से करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम पूर्वोत्तर के राज्यों की खूबियों और क्षमताओं के आधार पर उनके विकास की रणनीति बनाएंगे। इसके लिए संबंधित प्रदेश सरकारों के साथ बैठक करके फैसले किए जाएंगे।'' यह पूछे जाने पर कि मणिपुर में जातीय संघर्ष के हालात से निपटने के लिए केंद्र सरकार की ओर कौन-से कदम उठाए जा रहे हैं, सिंधिया ने सीधा जवाब टालते हुए कहा कि वह पूर्वोत्तर के राज्यों के विकास की अपनी जिम्मेदारी निभाएंगे। उन्होंने कहा कि यह पहले से तय है कि केंद्र सरकार के विभागों की सकल बजटीय सहायता (जीबीएस) का कम से कम 10 प्रतिशत हिस्सा पूर्वोत्तर के राज्यों के विकास के लिए खर्च किया जाएगा। सिंधिया, ‘‘एक पेड़ मां के नाम'' अभियान के तहत इंदौर में 51 लाख पौधे लगाने की उस मुहिम में भी शामिल हुए जो 14 जुलाई को खत्म होगी। उन्होंने कहा कि विश्व पर्यावरण दिवस पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में पांच जून से शुरू की गई यह मुहिम जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने के लिहाज से बेहद अहम है। सिंधिया ने दावा किया कि इस मुहिम के तहत देश में पौधे लगाने का विश्व कीर्तिमान बनाया जाएगा। -
नई दिल्ली। .देश के टॉप टेलीकॉम ऑपरेटरों द्वारा हाल ही में टैरिफ बढ़ोतरी के बाद, भारत में कई लोग एक बार फिर से सरकारी टेलीकॉम कंपनी BSNL (भारत संचार निगम लिमिटेड) में सिम पोर्ट कराने के बारे में सोच रहे हैं। सभी टॉप प्राइवेट कंपनियों ने मासिक (monthly), त्रैमासिक (quarterly) और वार्षिक (annual) रिचार्ज प्लान में 25 प्रतिशत की वृद्धि की है।
BSNL नए प्लान पेश करके और अपने मौजूदा प्लान में अतिरिक्त लाभ देकर इस स्थिति का फायदा उठा रहा है। राज्य के स्वामित्व वाली कंपनी अगले महीने देश भर में अपनी 4G सेवाएं भी लॉन्च कर सकती है।BSNL अपने मौजूदा यूजर्स और नए यूजर्स दोनों के लिए आकर्षक प्लान पेश कर रहा है, जो अब अपने मौजूदा नेटवर्क को BSNL में पोर्ट करने की योजना बना रहे हैं। बता दें कि BSNL के प्लान नॉर्थ ईस्ट, जम्मू-कश्मीर और असम को छोड़कर पूरे देश में लागू होंगे। BSNL नेटवर्क 4G नेटवर्क तक ही सीमित है, जबकि इसके प्रतिस्पर्धी 5G नेटवर्क पर चले गए हैं।Jio, Airtel, Vi, या BSNL किसका टैरिफ प्लान है सबसे बेहतरहाल में रिचार्ज प्लान की कीमतों में हुई वृद्धि के बाद से आपके मन में भी सवाल आया होगी की जियो, एयरटेल, वीआई या बीएसएनएल में किस टेलीकॉम कंपनी का प्लान सबसे बेहतर है? यहां पर हम आपके लिए इन टेलीकॉम कंपनियों के 1 महीना, 3 महीना और पूरे साल के रिचार्ज का लेखा-जोखा प्रस्तुत कर रहे हैं। इस तुलना के आधार पर आप खुद ही तय कर लीजिए कि आपके लिए किस टेलीकॉम कंपनी का कौन-सा प्लान ज्यादा बेहतर है।पॉपुलर मंथली प्लानJioरिचार्ज: 299 रुपये कापैक की वैधता: 28 दिनकुल डेटा: 42 GBहाई स्पीड डेटा: 1.5 GB/प्रतिदिनवॉइस कॉल: अनलिमिटेडएसएमएस: 100 एसएमएस/प्रतिदिनAirtelरिचार्ज: 299 रुपये कापैक की वैधता: 28 दिनकुल डेटा: 28 GBहाई स्पीड डेटा: 1 GB/प्रतिदिनवॉइस कॉल: अनलिमिटेडएसएमएस: 100 एसएमएस/प्रतिदिनViरिचार्ज: 299 रुपये कापैक की वैधता: 28 दिनकुल डेटा: 28 GBहाई स्पीड डेटा: 1 GB/प्रतिदिनवॉइस कॉल: अनलिमिटेडएसएमएस: 100 एसएमएस/प्रतिदिनBSNLरिचार्ज: 199 रुपये कापैक की वैधता: 30 दिनकुल डेटा: 60 GBहाई स्पीड डेटा: 2 GB/प्रतिदिनवॉइस कॉल: अनलिमिटेडएसएमएस: 100 एसएमएस/प्रतिदिनपॉपुलर 3 महीने का रिचार्ज प्लानJioरिचार्ज: 889 रुपये कापैक की वैधता: 84 दिनकुल डेटा: 126 GBहाई स्पीड डेटा: 1.5 GB/प्रतिदिनवॉइस कॉल: अनलिमिटेडएसएमएस: 100 एसएमएस/प्रतिदिनAirtelरिचार्ज: 859 रुपये कापैक की वैधता: 84 दिनकुल डेटा: 126 GBहाई स्पीड डेटा: 1.5 GB/प्रतिदिनवॉइस कॉल: अनलिमिटेडएसएमएस: 100 एसएमएस/प्रतिदिनViरिचार्ज: 859 रुपये कापैक की वैधता: 84 दिनकुल डेटा: 126 GBहाई स्पीड डेटा: 1.5 GB/प्रतिदिनवॉइस कॉल: अनलिमिटेडएसएमएस: 100 एसएमएस/प्रतिदिनBSNLरिचार्ज: 595 रुपये कापैक की वैधता: 84 दिनकुल डेटा: 252 GBहाई स्पीड डेटा: 3 GB/प्रतिदिनवॉइस कॉल: अनलिमिटेडएसएमएस: 100 एसएमएस/प्रतिदिनपॉपुलर एनुअल रिचार्ज प्लानJioरिचार्ज: 3599 रुपये कापैक की वैधता: 365 दिनकुल डेटा: 912.5 GBहाई स्पीड डेटा: 2.5 GB/प्रतिदिनवॉइस कॉल: अनलिमिटेडएसएमएस: 100 एसएमएस/प्रतिदिनAirtelरिचार्ज: 3599 रुपये कापैक की वैधता: 365 दिनकुल डेटा: 730 GBहाई स्पीड डेटा: 2 GB/प्रतिदिनवॉइस कॉल: अनलिमिटेडएसएमएस: 100 एसएमएस/प्रतिदिनViरिचार्ज: 3599 रुपये कापैक की वैधता: 365 दिनकुल डेटा: 850 GBवॉइस कॉल: अनलिमिटेडएसएमएस: 100 एसएमएस/प्रतिदिनBSNLरिचार्ज: 3599 रुपये कापैक की वैधता: 365 दिनकुल डेटा: 600 GBवॉइस कॉल: अनलिमिटेडएसएमएस: 100 एसएमएस/प्रतिदिनअपने सिम को BSNL में कैसे पोर्ट करें?अपने सिम को BSNL में पोर्ट करने के लिए सबसे पहले, आपको 1900 पर एक एसएमएस भेजकर एक यूनिक पोर्टिंग कोड (UPC) प्राप्त करना होगा। ‘पोर्ट [स्पेस] 10 अंकों का मोबाइल नंबर’ लिखें। जम्मू-कश्मीर प्रीपेड ग्राहकों के मामले में, किसी को एसएमएस भेजने के बजाय 1900 पर कॉल करना होगा।सभी सेवा क्षेत्रों के लिए, अनुरोध की तारीख से या नंबर पोर्ट आउट होने तक, जो भी पहले हो, UPC 15 दिनों के लिए मान्य रहेगा। जम्मू और कश्मीर, असम और पूर्वोत्तर लाइसेंसधारक क्षेत्रों को छोड़कर, जहां UPC अनुरोध की तारीख से 30 दिनों के लिए या नंबर पोर्ट आउट होने तक, जो भी पहले हो, मान्य रहेगा। यह मान्यता ग्राहकों द्वारा किए गए अनुरोधों की संख्या की परवाह किए बिना लागू होती है।इसके बाद आपको अपना मोबाइल नंबर पोर्ट कराने के लिए BSNL CSC (ग्राहक सेवा केंद्र)/ऑथराइज्ड फ्रेंचाइजी/रिटेलर के पास जाना होगा। इसके बाद आपको CAF (ग्राहक आवेदन पत्र) भरना होगा और सिम पोर्ट करने के लिए आवश्यक फीस का भुगतान करना होगा।कंपनी BSNL में पोर्ट करने के लिए कोई फीस नहीं लेगी। इसके बाद आपको एक नया BSNL सिम कार्ड जारी किया जाएगा। - नयी दिल्ली. । केनरा बैंक और इंडियन बैंक समेत सार्वजनिक क्षेत्र के चार बैंकों ने बुधवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को वित्त वर्ष 2023-24 के लिए कुल 6,481 करोड़ रुपये के लाभांश चेक सौंपे। वित्त मंत्रालय ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर पोस्ट में कहा, ‘‘वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को बैंक ऑफ बड़ौदा के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) देबदत्त चंद से वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 2,514.22 करोड़ रुपये का लाभांश चेक प्राप्त हुआ।'' इसी तरह, केनरा बैंक के एमडी और मुख्य कार्यपालक अधिकारी के सत्यनारायण राजू ने 1,838.15 करोड़ रुपये का लाभांश चेक सौंपा। चेन्नई स्थित इंडियन बैंक ने भी पिछले वित्त वर्ष के लिए सरकार को 1,193.45 करोड़ रुपये का लाभांश चेक दिया। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऑफ इंडिया ने भी वित्त मंत्री को 935.44 करोड़ रुपये का लाभांश दिया। बैंक के एमडी एवं सीईओ रजनीश कर्नाटक ने इस राशि का चेक सौंपा। इनके अलावा मुंबई स्थित वित्तीय संस्थान एक्जिम बैंक ने भी वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 252 करोड़ रुपये का लाभांश चेक सरकार को दिया।.
- नयी दिल्ली। औद्योगिक श्रमिकों के लिए खुदरा मुद्रास्फीति मई महीने में घटकर 3.86 प्रतिशत पर आ गई। एक साल पहले समान माह में यह 4.42 प्रतिशत थी। श्रम मंत्रालय ने बयान में कहा कि औद्योगिक श्रमिकों का उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई-आईडब्ल्यू) इस साल अप्रैल में 3.87 प्रतिशत था। बयान के मुताबिक, मई, 2024 में औद्योगिक कामगारों के लिए सालाना आधार पर मुद्रास्फीति घटकर 3.86 प्रतिशत रह गई जो मई, 2023 में 4.42 प्रतिशत थी। मई, 2024 के लिए अखिल भारतीय सीपीआई-आईडब्ल्यू 0.5 अंक बढ़कर 139.9 अंक पर पहुंच गया जबकि अप्रैल में यह 139.4 अंक था। खाद्य एवं पेय पदार्थ खंड का सूचकांक अप्रैल के 143.4 अंक से बढ़कर मई में 145.2 अंक पर पहुंच गया। ईंधन एवं बिजली खंड अप्रैल में 152.8 अंक पर था और मई घटकर 149.5 अंक पर आ गया। श्रम एवं रोजगार मंत्रालय से जुड़ा श्रम ब्यूरो देशभर के औद्योगिक रूप से महत्वपूर्ण 88 केंद्रों में फैले 317 बाजारों से आंकड़े जुटाता है। एकत्रित खुदरा कीमतों के आधार पर हर महीने औद्योगिक श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक तैयार किया जाता है।
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नयी दिल्ली. आभूषण विक्रेताओं की ताजा लिवाली के बीच राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में बुधवार को सोना 400 रुपये के उछाल के साथ 75,050 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ। पिछले कारोबारी सत्र में सोना 74,650 रुपये प्रति 10 ग्राम पर रहा था। अखिल भारतीय सर्राफा संघ ने यह जानकारी दी। हालांकि, चांदी की कीमत 94,400 रुपये प्रति किलोग्राम पर अपरिवर्तित रही। संघ ने कहा कि सर्राफा बाजारों में सोना पिछले बंद भाव के मुकाबले 400 रुपये बढ़कर 75,050 रुपये प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रहा है। बाजार सूत्रों ने कहा कि घरेलू मांग बढ़ने से सोने की कीमतों में तेजी देखी गई।
अंतरराष्ट्रीय बाजारों में हाजिर सोना 12.60 डॉलर प्रति औंस बढ़कर 2,380.50 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रहा था। एलकेपी सिक्योरिटीज के उपाध्यक्ष शोध विश्लेषक-जिंस एवं मुद्रा जतिन त्रिवेदी ने कहा, ‘‘सोने की कीमतों में सकारात्मक रुख रहा। बृहस्पतिवार शाम को अमेरिका में जारी होने वाले कमजोर मुद्रास्फीति के आंकड़ों की उम्मीदों के कारण खरीदारी में तेजी आई, जिससे सितंबर की बैठक में अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा दरों में कटौती की जा सकती है।'' इसके अलावा, वैश्विक स्तर पर चांदी की कीमतें भी बढ़कर 31.25 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गईं। -
नयी दिल्ली. पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बुधवार को कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियां फर्जी उपभोक्ताओं को हटाने के लिए रसोई गैस ग्राहकों का आधार के जरिये ई-केवाईसी सत्यापन कर रही हैं। आधार की मदद से ई-केवाईसी (ऑनलाइन ग्राहक सत्यापन) की प्रक्रिया उन फर्जी ग्राहकों को अलग करने के लिए की जाती है जिनके नाम पर बुक कराई गई रसोई गैस का इस्तेमाल वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों में किया जाता है। परिवारों को 14.2 किलोग्राम वाला सिलेंडर 803 रुपये (लगभग 56.5 रुपये प्रति किलोग्राम) की दर से खरीदना पड़ता है जबकि होटल एवं रेस्तरां जैसे वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों को 19 किलोग्राम का वाणिज्यिक सिलेंडर 1,646 रुपये (86.3 रुपये प्रति किलोग्राम) में मिलता है। पुरी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर पोस्ट में कहा, ‘‘पेट्रोलियम विपणन कंपनियां एलपीजी ग्राहकों के लिए आधार के माध्यम से ईकेवाईसी सत्यापन कर रही हैं, ताकि उन फर्जी ग्राहकों को हटाया जा सके, जिनके नाम पर कुछ गैस वितरक अक्सर वाणिज्यिक सिलेंडर बुक करते हैं। यह प्रक्रिया आठ महीने से अधिक समय से लागू है।'' उनका यह पोस्ट केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता वी डी सतीशन के जवाब में आया है, जिन्होंने इस निर्णय के चलते आम आदमी को ‘अप्रत्याशित मुश्किल' पेश आने की बात कही थी। सतीशन ने पुरी को लिखे एक पत्र में यह मामला उठाया था। उन्होंने पत्र में लिखा था, ‘‘पता चला है कि केंद्र सरकार ने एलपीजी सिलेंडर की वैधता सुनिश्चित करने के लिए गैस कनेक्शन का सत्यापन अनिवार्य कर दिया है। हालांकि, वैध ग्राहकों की पहचान के लिए सत्यापन अनिवार्य है, लेकिन संबंधित गैस एजेंसियों पर इस प्रक्रिया को पूरा करने के निर्णय से आम एलपीजी धारकों को असुविधा हुई है।'' इसके जवाब में पुरी ने कहा कि गैस सिलेंडर की आपूर्ति करने वाला कर्मचारी ग्राहक की पहचान से संबंधित विवरण को सत्यापित करते हैं। कर्मचारी अपने मोबाइल फोन पर ऐप के माध्यम से ग्राहक के आधार की पुष्टि करते हैं। हालांकि, ग्राहक अपनी सुविधानुसार वितरक शोरूम से भी संपर्क कर सकते हैं।'' इसके अलावा ग्राहक गैस वितरक कंपनी के ऐप के जरिये भी अपना ईकेवाईसी पूरा कर सकते हैं। मंत्रालय के पेट्रोलियम नियोजन और विश्लेषण प्रकोष्ठ के आंकड़ों के मुताबिक, भारत में 32.64 करोड़ सक्रिय घरेलू एलपीजी उपयोगकर्ता हैं।
- मुबंई। बॉम्बे हाई कोर्ट ने पतंजलि आयुर्वेद को 50 लाख रुपये जमा करने का आदेश दिया है। यह आदेश एक अन्य कंपनी द्वारा दायर किए गए ट्रेडमार्क उल्लंघन मामले में दिया गया है। मंगलम ऑर्गेनिक्स Ltd. ने दावा किया था कि पतंजलि उनके कपूर उत्पादों की कॉपीराइट का उल्लंघन कर रही है। अगस्त 2023 में हाई कोर्ट ने एक अंतरिम आदेश दिया था, जिसमें पतंजलि आयुर्वेद को अपने कपूर उत्पादों को बेचने से रोक दिया गया था। अब यह आरोप है कि पतंजलि ने कोर्ट के आदेश का उल्लंघन किया है।जस्टिस आर आई चागला की सिंगल बेंच ने 8 जुलाई को कहा कि पतंजलि ने जून में दाखिल हलफनामे में माना है कि उसने पहले वाले आदेश का उल्लंघन किया है, जो कपूर उत्पादों की बिक्री को रोकने के लिए दिया गया था। जज चागला ने आदेश में कहा, “30 अगस्त 2023 के कोर्ट के आदेश का लगातार उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।”अदालत ने कहा कि अवमानना या आदेश तोड़ने के लिए आदेश पारित करने से पहले पतंजलि को 50 लाख रुपये जमा करने का निर्देश देना उचित होगा। हाई कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 19 जुलाई को तय की है।अगस्त 2023 में हाई कोर्ट ने एक अंतरिम आदेश दिया था, जिसके तहत पतंजलि को अपने कपूर उत्पादों को बेचने या उनका विज्ञापन करने से रोक दिया गया था। मंगलम ऑर्गेनिक्स नाम की कंपनी ने पतंजलि आयुर्वेद के खिलाफ मुकदमा दायर किया था, जिसमें दावा किया गया था कि पतंजलि उनके कपूर उत्पादों के कॉपीराइट का उल्लंघन कर रही है। बाद में मंगलम ऑर्गेनिक्स ने एक आवेदन दायर किया, जिसमें कहा गया था कि पतंजलि आदेश का उल्लंघन कर रही है क्योंकि वह कपूर उत्पाद बेच रही है।हाई कोर्ट ने जून 2024 में पतंजलि के डायरेक्टर रजनीश मिश्रा द्वारा दायर हलफनामे का संज्ञान लिया। हलफनामे में मिश्रा ने बिना किसी शर्त माफी मांगी और कहा कि वह हाई कोर्ट के आदेशों का पालन करेंगे। साथ ही, उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि आदेश पारित होने के बाद से, लगभग 49,57,861 रुपये के मूल्य के कपूर उत्पाद बेचे जा चुके हैं।
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नई दिल्ली। पतंजलि आयुर्वेद मंगलवार को सर्वोच्च न्यायालय को बताया कि उसने उन 14 उत्पादों की बिक्री रोक दी है, जिनके विनिर्माण लाइसेंस उत्तराखंड राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरण ने निलंबित कर दिए थे।
योग गुरु बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण की कंपनी ने न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति संदीप मेहता के पीठ को बताया कि उसने 5,606 फ्रैंचाइजी स्टोरों को इन उत्पादों को वापस लेने का निर्देश दिया है।बेंच ने कंपनी को दो सप्ताह के भीतर हलफनामा दायर कर यह पुष्टि करने के लिए कहा कि उसकी प्रतिबंधित दवाओं की पोस्ट और विज्ञापनों को विभिन्न मीडिया प्लेटफॉर्म से हटा दिया गया है।अलबत्ता न्यायालय ने इस बात पर जोर दिया कि विज्ञापन उद्योग को उसके पहले के निर्देशों की वजह से नुकसान नहीं होना चाहिए, जिसमें विज्ञापन देने वालों को उस तरह के विज्ञापनों के संबंध में स्व-घोषणा पत्र जमा करने के लिए कहा था। न्यायालय ने मई में प्रसारकों से कहा था कि उन्हें केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा संचालित ब्रॉडकास्ट सेवा पोर्टल पर स्व घोषणा पत्र दाखिल करना होगा। -
नई दिल्ली। सामाजिक सुरक्षा स्किम अटल पेंशन योजना (Atal Pension Yojna) के तहत मिलने वाली राशि में दोगुना इजाफा हो सकता है। सरकार अटल पेंशन योजना (APY) के तहत कम से कम मिलने वाली गारंटी राशि को दोगुना कर 10 हजार कर सकती है।रिपोर्ट्स के अनुसार, सरकार 23 जुलाई 2024 को संसद में पेश किए जाने वाले बजट में इस योजना के तहत मिलने वाली राशि को डबल करने एलान कर सकती है। एक टीम इस योजना का सरकारी खजाने पर पड़ने वाले प्रभाव का आकलन कर रही है और बजट से पहले इस पर निर्णय लिया जा सकता है।
क्या है अटल पेंशन योजना?बता दें कि अटल पेंशन योजना को पीएम मोदी ने 9 मई 2015 को शुरू किया था। यह एक एक सामाजिक सुरक्षा योजना है और इसका मकसद नागरिकों को 60 वर्ष की आयु के बाद एक गारंटी आय उपलब्ध कराना है। राशि कितने मिलेगी यह उनके योगदान पर निर्भर करता हैं।अटल पेंशन योजना के तहत ग्राहकों के पास हर महीने 1000, 2000, 3000, 4000 और 5000 रुपए की निश्चित मासिक पेंशन राशि प्राप्त करने का विकल्प है।यह योजना घरों में साफ़-सफाई का काम करने वाले सहायकों, माली और ड्राइवरों जैसे लोगों को 60 साल यानी रिटायरमेंट की आयु के बाद सक्रिय रूप से अपना खर्च चलाने में मदद करती है।योजना के तहत अभी अधिकतम 5 हजार रुपए मिलते हैंअटल पेंशन योजना के तहत बुज़ुर्गों को अभी हर महीने अधिकतम 5 हजार रुपए मिलते है और सरकार इस राशि को डबल कर 10 हजार रुपये करने की योजना बना रही है। हर महीने मिलने वाली राशि योगदानकर्ता पर निर्भर करती है कि उसने कितना योगदान किया है।फिलहाल इस योजना के तहत हर महीने ज्यादा से ज्यादा 5 हजार रुपए ही मिल सकते है। अगर सरकार संशोधन करती है तो यह राशि डबल होकर 10 हजार रुपये हो जायेगी।वित्त मंत्रालय के अनुसार, अटल पेंशन योजना (APY) के तहत 20 जून तक कुल 66.2 करोड़ सदस्य थे और 2023-24 में 1.22 करोड़ नये रजिस्ट्रेशन हुए। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस साल की शुरुआत में बताया था कि इस योजना ने शुरू होने के बाद से 9.1 प्रतिशत का रिटर्न दिया है और यह अन्य बचत योजनाओं की तुलना में काफी प्रतिस्पर्धी है।अटल पेंशन योजना के फायदे–योजना के तहत सरकार से न्यूनतम पेंशन की गारंटी।–योजना में किए गए योगदान (Contribution) के लिए 80सीसीडी (80ccd) के तहत टैक्स बेनिफिट।– सभी बैंक खातरधारक कर सकते हैं आवेदन।– 60 साल की उम्र से मिलने लगेगी पेंशन।– प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारी भी कर सकते हैं अप्लाई।– यदि दुर्भाग्यवश मृत्यु हो जाती है तो पति या पत्नी योगदान का दावा कर सकते हैं या योजना से जुड़े रह सकते हैं।अटल पेंशन योजना के लिए आवेदन करने की शर्तअटल पेंशन योजना (APY) के लिए आवेदन करने की आयु 18 से 40 वर्ष के बीच होनी चाहिए और इसके लिए कम से कम 20 वर्षों तक आपको पैसे डालने होंगे।अटल पेंशन योजना के लिए कैसे करें अप्लाई?1] आप नेट बैंकिंग के जरिये अटल पेंशन योजना अकॉउंट खोले।2] 60 वर्ष की आयु तक आप जितनी राशि जमा करना चाहते हैं, उसे तय करें।3] इसके बाद ऑटो-डेबिट विकल्प का चयन करें ताकि राशि हर महीने अपने आप आपके बैंक अकॉउंट से कट जाए। -
नई दिल्ली। चीन से जुड़े निवेश की जांच करने वाली सरकारी समिति से भारत के डिजिटल पेमेंट्स प्लेटफॉर्म पेटीएम को राहत मिली है। समिति ने पेटीएम को उसकी एक महत्वपूर्ण सहायक कंपनी में 50 करोड़ रुपये ($6 मिलियन) के निवेश को मंजूरी दे दी है। हालांकि, इस मंजूरी को अभी वित्त मंत्रालय से भी स्वीकृति मिलनी बाकी है। यह मंजूरी मिलने के बाद पेटीएम पेमेंट सर्विसेज अपने कारोबार को सामान्य रूप से फिर से शुरू कर सकेगी।
गौर करने वाली बात यह है कि पेटीएम पेमेंट सर्विसेज कंपनी के मुख्य कारोबार का एक बड़ा हिस्सा है। यह कंपनी Paytm के कुल मिलाकर वित्तीय वर्ष 2023 के रेवेन्यू का लगभग एक चौथाई है। बता दें कि इसी साल भारतीय रिजर्व बैंक ने नियमों का पालन नहीं करने के कारण Paytm पेमेंट्स बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया था। इसके चलते Paytm के शेयरों में भारी गिरावट आई थी।दरअसल, सरकारी समिति ने पहले इस निवेश को इसलिए मंजूरी नहीं दी थी क्योंकि Paytm में चीन की कंपनी एंट ग्रुप की 9.88% हिस्सेदारी है। 2020 में दोनों देशों के बीच सीमा पर हुए विवाद के बाद से भारत चीनी कंपनियों की जांच में काफी सख्त हो गया है।लगभग दो सालों से Paytm को सरकारी समिति की मंजूरी का इंतजार था। अगर यह मंजूरी नहीं मिलती तो Paytm को अपनी पेमेंट सर्विसेज का कारोबार भी बंद कर देना पड़ता। मार्च 2023 से तो Paytm नए ग्राहक भी नहीं जोड़ पा रहा था। सरकारी अनुमति मिलने के बाद, Paytm भारतीय रिजर्व बैंक से “पेमेंट एग्रीगेटर” लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकेगा।इस समिति में विदेश, गृह, वित्त और उद्योग मंत्रालयों के प्रतिनिधि होते हैं, लेकिन इन मंत्रालयों ने राय देने के लिए भेजे गए ईमेल का जवाब नहीं दिया। वहीं, Paytm के प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी बाजार के अटकलों पर टिप्पणी नहीं करती है। प्रवक्ता ने कहा, “हम सेबी नियमों के तहत अपने दायित्वों का पालन करते हुए जानकारी देना जारी रखेंगे, और एक्सचेंजों को सूचित करेंगे जब कोई नई महत्वपूर्ण जानकारी साझा करने योग्य होगी।” फिलहाल यह पता नहीं चल सका है कि आखिर सरकारी समिति ने अपना फैसला क्यों बदला। - नयी दिल्ली,।सरकार को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) में विनिवेश को आगे बढ़ाना चाहिए क्योंकि वे अच्छी स्थिति में हैं। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के आर्थिक शोध विभाग ने सोमवार को अपनी रिपोर्ट में यह बात कही है। रिपोर्ट में मौजूदा सरकारी बैंकों को सुदृढ़ करने पर भी जोर दिया गया है।‘केंद्रीय बजट 2024-25 की प्रस्तावना' शीर्षक वाली रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘चूंकि बैंक अच्छी स्थिति में हैं, इसलिए सरकार को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के विनिवेश को लेकर आगे बढ़ना चाहिए।'' इसमें आईडीबीआई बैंक के निजीकरण के संबंध में कहा कि सरकार और भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) बैंक में लगभग 61 प्रतिशत हिस्सेदारी बेच रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘उन्होंने अक्टूबर, 2022 में खरीदारों से बोलियां आमंत्रित कीं। निवेश और लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) को जनवरी, 2023 में पेशकश पर आईडीबीआई बैंक की हिस्सेदारी के लिए कई रुचि पत्र प्राप्त हुए। हमें उम्मीद है कि सरकार बजट में इसे स्पष्ट करेगी।'' वर्तमान में, आईडीबीआई बैंक में सरकार की 45 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी है और (एलआईसी) की 49.24 प्रतिशत हिस्सेदारी है। रिपोर्ट में यह भी सुझाव दिया गया है कि सरकार को जमा ब्याज पर कर में बदलाव करना चाहिए और म्यूचुअल फंड तथा शेयर बाजारों के अनुरूप विभिन्न परिपक्वता अवधि वाली जमाओं पर एक जैसा व्यवहार करना चाहिए। इसमें कहा गया है, ‘‘वित्त वर्ष 2022-23 में घरेलू शुद्ध वित्तीय बचत घटकर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 5.3 प्रतिशत हो गई और 2023-24 में इसके 5.4 प्रतिशत पर रहने की उम्मीद है। यदि हम म्यूचुअल फंड के अनुरूप जमा दर को आकर्षक बनाते हैं, तो इससे घरेलू वित्तीय बचत और चालू खाता और बचत खाता (कासा) में वृद्धि हो सकती है।'' रिपोर्ट में कहा गया है कि चूंकि यह राशि जमाकर्ताओं के हाथ में होगी, इससे अतिरिक्त खर्च हो सकता है और इस तरह सरकार को अधिक माल एवं सेवा कर (जीएसटी) राजस्व मिलेगा। इसमें कहा गया है, ‘‘बैंक जमा में वृद्धि से न केवल मूल जमा आधार और वित्तीय प्रणाली में स्थिरता आएगी बल्कि घरेलू बचत में भी वित्तीय स्थिरता आएगी क्योंकि बैंक प्रणाली बेहतर तरीके से नियमन के दायरे में है और उच्च जोखिम/अस्थिरता वाले अन्य विकल्पों की तुलना में इसको लेकर लेकर ज्यादा भरोसा है।'' एसबीआई की आर्थिक शोध रिपोर्ट में उम्मीद जताई गई है कि सरकार दिवाला और ऋण शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) से जुड़ी चिंताओं पर गौर करेगी। इसमें सुधार किया जाना चाहिए और आईबीसी के तहत मामलों में तेजी लाने पर ध्यान देना चाहिए। आईबीसी के माध्यम से वसूली वित्त वर्ष 2023-24 में 32 प्रतिशत रही और वित्तीय कर्जदाताओं ने अपने दावों का 68 प्रतिशत गंवाया। इसमें कहा गया है कि समाधान तक पहुंचने में 330 दिन के बजाय 863 दिन का समय लग रहा है। इसमें कहा गया है, ‘‘आईबीसी दबाव वाली परिसंपत्तियों के निपटान के लिए एक महत्वपूर्ण उपाय है। लेकिन इसके लिए बाजार को आगे बढ़ाने को लेकर संभावित समाधान आवेदकों के दायरे को व्यापक बनाने की जरूरत है...।'' वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को संसद में 2024-25 का बजट पेश कर सकती हैं।
- नई दिल्ली। दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने अमरनाथ यात्रा के लिए दूरसंचार बुनियादी ढांचे में महत्वपूर्ण सुधार किए जाने की सोमवार को जानकारी दी। इसका मकसद तीर्थयात्रियों के लिए निर्बाध मोबाइल संपर्क सुनिश्चित करना है। आधिकारिक बयान के अनुसार, एयरटेल, बीएसएनएल तथा रिलायंस जियो सहित प्रमुख दूरसंचार परिचालकों के सहयोग से यात्रा मार्गों पर निरंतर संपर्क प्रदान करने के लिए बुनियादी ढांचे को उन्नत किया गया है। निर्बाध मोबाइल संपर्क सुनिश्चित करने के लिए (एयरटेल, आरजेआईएल और बीएसएनएल) की कुल 82 ढांचागत सुविधाएं (साइट) सक्रिय रहेंगी। इसमें कहा गया, ‘‘ यात्रा मार्गों पर कुल 31 नई ढांचागत सुविधाएं स्थापित की गई हैं, जिससे इनकी कुल संख्या बढ़कर 2024 में 82 हो गई है। 2023 में यह संख्या 51 थी। इस कदम का मकसद तीर्थयात्रियों और जनता को निर्बाध मोबाइल संपर्क प्रदान करना है।'' लखनपुर से काजीगुंड और काजीगुंड से पहलगाम तथा बालटाल तक के मार्ग पर तीर्थयात्रियों व आम जनता के लिए कई स्थानों पर 2जी, 3जी, 4जी और 5जी प्रौद्योगिकी अच्छी तरह से काम कर रही है। इसके अलावा, तीर्थयात्रियों को दूरसंचार सुविधा प्रदान करने के लिए सिम वितरण केंद्रों के कुछ प्रमुख स्थानों को भी जोड़ा गया है। बयान में कहा गया, दूरसंचार विभाग श्री अमरनाथजी यात्रा 2024 के सभी प्रतिभागियों के लिए ऐसा अनुभव सुनिश्चित करने को प्रतिबद्ध है जो सहज होने के साथ-साथ उन्हें हर जगह अपनों से जोड़े रखे। इस महत्वपूर्ण तीर्थयात्रा का समर्थन करने के लिए उन्नत दूरसंचार प्रौद्योगिकियों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
- नयी दिल्ली।' लक्जरी वाहन विनिर्माता मर्सिडीज-बेंज इंडिया महंगा वाहन खरीदने की मंशा रखने वाले ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए पहली बार शुरुआती स्तर के इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) उतारने की योजना बना रही है। कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी। मर्सिडीज-बेंज इंडिया के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) संतोष अय्यर ने कहा कि वाहन स्वामित्व पर आने वाली बड़ी लागत को देखते हुए कंपनी लक्जरी खंड के नए ग्राहकों को ध्यान में रखते हुए ईक्यूए और ईक्यूबी मॉडल को बेहतर विकल्प के तौर पर पेश कर रही है। कंपनी ने प्रवेश स्तर की इलेक्ट्रिक एसयूवी ईक्यूए 250 को 66 लाख रुपये की शुरुआती कीमत पर उतारा है। इसके अलावा ईक्यूबी 350 एसयूवी (पांच सीटर) मॉडल की कीमत 77.5 लाख रुपये और ईक्यूबी 250प्लस एसयूवी (सात सीटर) की शोरूम कीमत 70.90 लाख रुपये रखी गई है। अय्यर ने कहा कि कंपनी के नए इलेक्ट्रिक मॉडल ईक्यूए और ईक्यूबी को एक करोड़ रुपये से अधिक आय वाले युवा ग्राहक खरीदकर लक्जरी वाहन का लुत्फ उठा सकते हैं। इसकी वजह यह है कि परंपरागत इंजन वाले मॉडल की तुलना में ईवी मॉडल की स्वामित्व लागत कम पड़ती है। हालांकि, अय्यर ने कहा कि मर्सिडीज-बेंज इंडिया अपने ईवी खंड में शुरुआती स्तर वाले मॉडल के साथ दो टॉप-एंड लक्जरी ईवी भी लेकर आने वाली है। उन्होंने कहा, ‘‘हम जल्द ही ईक्यूएस मेबैक एसयूवी की घोषणा करेंगे, जिसकी कीमत तीन करोड़ रुपये से अधिक होगी, जो एक टॉप-एंड ईवी है। इसके अलावा तीन करोड़ रुपये से अधिक कीमत वाली इलेक्ट्रिक जी-क्लास भी लेकर आएंगे।''
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नयी दिल्ली. दिल्ली-एनसीआर और मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) में घरों की औसत कीमतें पिछले पांच वर्षों में लगभग 50 प्रतिशत बढ़ी हैं। संपत्ति सलाहकार एनारॉक ने कहा है कि यह वृद्धि उच्च मांग से प्रेरित है। एनारॉक के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली-एनसीआर में आवासीय संपत्तियों की औसत कीमत जनवरी-जून, 2024 में 49 प्रतिशत बढ़कर 6,800 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गई है, जो 2019 की समान अवधि में 4,565 रुपये प्रति वर्ग फुट थी। इसी तरह, एमएमआर में समीक्षाधीन अवधि के दौरान आवास की औसत कीमतें 10,610 रुपये प्रति वर्ग फुट से 48 प्रतिशत बढ़कर 15,650 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गईं। एनारॉक ने कहा कि निर्माण लागत में भारी बढ़ोतरी और अच्छी बिक्री के कारण कीमतों में वृद्धि हुई। इसने बताया कि 2016 के अंत से 2019 तक दोनों क्षेत्रों में कीमतें स्थिर रहीं थीं। एनारॉक ने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण इन दोनों आवासीय बाजारों में मांग नई ऊंचाइयों पर पहुंच गई। शुरुआत में, डेवलपर्स ने पेशकश और मुफ्त उपहारों की मदद से बिक्री को बढ़ावा दिया, लेकिन मांग बढ़ने के साथ ही उन्होंने धीरे-धीरे औसत कीमतें बढ़ा दीं।