- Home
- बिजनेस
- मुंबई. भारतीय एयरलाइन कंपनियां इस साल ग्रीष्मकालीन कार्यक्रम के तहत प्रति सप्ताह कुल 25,610 उड़ानों का परिचालन करेंगी। नागर विमानन महानिदेशक ने मंगलवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि पिछले साल इस दौरान प्रति सप्ताह 24,275 उड़ानें संचालित हुईं थीं। इस तरह प्रति सप्ताह कुल उड़ानों की संख्या में इस साल 5.50 प्रतिशत सालाना वृद्धि होगी। डीजीसीए ने कहा कि मौजूदा शीतकालीन कार्यक्रम, जो 29 मार्च को खत्म हो रहा है, में प्रति सप्ताह उड़ानों की संख्या सालाना आधार पर 2.41 प्रतिशत बढ़ीं। इस दौरान भारतीय एयरलाइंस ने देश में 124 हवाई अड्डों से प्रति सप्ताह कुल 25,007 उड़ानों का संचालन किया।
- नयी दिल्ली. सरकार ने मंगलवार को कहा कि भारत दुनिया में दूध का सबसे बड़ा उत्पादक देश है और उसने अगले पांच वर्षों में दूध उत्पादन वर्तमान 23.9 लाख मीट्रिक टन से 30 लाख मीट्रिक करने का लक्ष्य रखा है। केंद्रीय पशुपालन और डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह ने लोकसभा में प्रश्नकाल में यह भी कहा कि जब से मोदी सरकार ने 2014 में राष्ट्रीय गोकुल मिशन (आरजीएम) शुरू किया है, तब से देश में दूध उत्पादन में 63.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और सरकार को अगले तीन वर्षों में इसमें 15 प्रतिशत की और वृद्धि होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, ‘‘भारत अब दुनिया में सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश है। हमने अगले पांच वर्षों में वर्तमान 23.9 लाख मीट्रिक टन दूध उत्पादन से 30 लाख मीट्रिक टन उत्पादन पहुंचाने का लक्ष्य रखा है।'' सिंह ने कहा कि देश में करीब 10 करोड़ लोग दूध उत्पादन में लगे हुए हैं, जिनमें से 75 प्रतिशत महिलाएं हैं। उन्होंने कहा कि भारत में प्रति व्यक्ति दूध की खपत 471 ग्राम है।
-
नई दिल्ली भारत सरकार 1 अप्रैल 2025 से 6 फीसदी "गूगल टैक्स" (Equalisation Levy) को खत्म करने जा रही है. यह टैक्स उन विदेशी टेक कंपनियों पर लगाया गया था, जो भारत में डिजिटल सेवाएं देती हैं, लेकिन यहां उनकी कोई फिजिकल उपस्थिति नहीं है. इस कदम को अमेरिका के साथ व्यापारिक तनाव कम करने की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है.
गूगल टैक्स क्या था और इसे क्यों लाया गया?2016 में लागू किया गया Equalisation Levy (गूगल टैक्स) का उद्देश्य विदेशी डिजिटल कंपनियों से टैक्स वसूलना था, ताकि भारतीय कंपनियों और बहुराष्ट्रीय टेक कंपनियों के बीच बराबरी का माहौल बनाया जा सके. चूंकि गूगल, फेसबुक (अब मेटा) जैसी कंपनियां भारत में विज्ञापन सेवाओं से मोटी कमाई करती हैं, लेकिन उन्हें पारंपरिक टैक्स ढांचे में टैक्स नहीं देना पड़ता था, इसलिए यह टैक्स लागू किया गया था.भारत गूगल टैक्स क्यों हटा रहा है?अमेरिका लंबे समय से इस टैक्स को हटाने की मांग कर रहा था, क्योंकि यह अमेरिकी टेक कंपनियों के लिए भेदभावपूर्ण माना जा रहा था. इस टैक्स के कारण भारतीय कंपनियों के लिए डिजिटल विज्ञापन महंगा हो गया था, जिससे कई छोटे व्यवसाय प्रभावित हो रहे थे. भारत अब अंतरराष्ट्रीय टैक्सेशन के नए नियमों को अपनाने की दिशा में बढ़ रहा है, जिससे यह टैक्स अप्रासंगिक हो सकता है.गूगल, मेटा और अन्य टेक कंपनियों को क्या फायदा होगा?विदेशी डिजिटल कंपनियों को अब भारत में 6 फीसदी अतिरिक्त कर नहीं देना होगा, जिससे उनकी मुनाफा मार्जिन बढ़ेगा. भारतीय कंपनियों को डिजिटल विज्ञापन सेवाएं सस्ती मिलेंगी, जिससे वे अपने मार्केटिंग बजट को और प्रभावी बना सकेंगी. स्टार्टअप और छोटे व्यवसायों को फायदा होगा, क्योंकि उनके लिए ऑनलाइन विज्ञापन की लागत घटेगी.क्या यह टैक्स हटाने का फैसला सही है?विशेषज्ञों का मानना है कि Equalisation Levy से सरकार को ज्यादा टैक्स संग्रह नहीं हो रहा था, बल्कि यह भारतीय कंपनियों के लिए खर्च बढ़ा रहा था. अब टैक्स हटने से डिजिटल विज्ञापन सस्ता होगा और टेक कंपनियों के साथ भारत के व्यापारिक संबंध भी मजबूत होंगे. हालांकि, सरकार को अब डिजिटल कंपनियों से टैक्स वसूलने के लिए नए नियमों की जरूरत होगी. - नई दिल्ली। अगर आपका खाता किसी बैंक में है, तो यह खबर आपके लिए जरूरी है। 1 अप्रैल 2025 से पूरे देश में बैंकिंग से जुड़े कई नियम बदलने जा रहे हैं। इनका असर आपके सेविंग्स अकाउंट, क्रेडिट कार्ड और एटीएम ट्रांजैक्शन पर पड़ेगा। अगर आप इन बदलावों को पहले से जान लेंगे, तो फाइनेंशियल नुकसान से बच सकते हैं और बैंकिंग फायदों का पूरा फायदा उठा सकेंगे।1 अप्रैल से बैंकिंग नियमों में क्या होंगे बड़े बदलाव:ATM से निकासी पर नई पॉलिसी लागूअब एटीएम से फ्री में कितनी बार पैसा निकाल सकेंगे, इसमें बदलाव किया गया है। कई बैंकों ने अपने एटीएम निकासी से जुड़े नियमों को अपडेट किया है। खासकर, दूसरे बैंकों के एटीएम से निकासी पर फ्री लिमिट घटा दी गई है। अब ग्राहक केवल तीन बार ही किसी दूसरे बैंक के एटीएम से बिना चार्ज के पैसे निकाल सकेंगे।इसके बाद हर ट्रांजैक्शन पर ₹20 से ₹25 तक का चार्ज देना होगा।डिजिटल बैंकिंग में नए फीचर जोड़ रहे हैं बैंकडिजिटल बैंकिंग को बढ़ावा देने के लिए बैंक लगातार नई सुविधाएं जोड़ रहे हैं। अब ग्राहक ऑनलाइन बैंकिंग के जरिए पहले से बेहतर सेवाएं ले सकेंगे। इसके लिए बैंक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से चलने वाले चैटबॉट भी ला रहे हैं, जो ग्राहकों की मदद करेंगे। साथ ही, डिजिटल लेन-देन को सुरक्षित बनाने के लिए टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन और बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन जैसी सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया जा रहा है।अब बदल गए हैं मिनिमम बैलेंस के नियमSBI, पंजाब नेशनल बैंक, केनरा बैंक और कुछ अन्य बैंकों ने मिनिमम बैलेंस से जुड़े नियमों में बदलाव किया है। अब यह बैलेंस इस बात पर निर्भर करेगा कि आपका खाता शहरी, अर्ध-शहरी या ग्रामीण इलाके में है। तय राशि से कम बैलेंस रखने पर जुर्माना देना पड़ सकता है।पॉजिटिव पे सिस्टम (PPS) लागूलेनदेन की सुरक्षा बढ़ाने के लिए कई बैंकों ने पॉजिटिव पे सिस्टम (PPS) शुरू किया है। इस सिस्टम के तहत अब ₹5,000 से ज्यादा के चेक के लिए ग्राहक को चेक नंबर, तारीख, प्राप्तकर्ता का नाम और रकम की जानकारी पहले से बैंक को देनी होगी। इससे धोखाधड़ी और गलतियों की संभावना कम होगी।सेविंग्स अकाउंट और FD पर ब्याज दरों में बदलावकई बैंक अब सेविंग्स अकाउंट और फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) पर ब्याज दरों में बदलाव कर रहे हैं। अब सेविंग्स अकाउंट का ब्याज खाता बैलेंस पर निर्भर करेगा—जितना ज्यादा बैलेंस, उतना बेहतर रिटर्न। इन बदलावों का मकसद ग्राहकों को ज्यादा ब्याज देकर बचत को बढ़ावा देना है।क्रेडिट कार्ड बेनिफिट्स में बदलावएसबीआई और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक समेत कई बड़े बैंक अपने को-ब्रांडेड विस्तारा क्रेडिट कार्ड्स के फायदे बदल रहे हैं। अब इन कार्ड्स पर मिलने वाले टिकट वाउचर, रिन्यूअल पर मिलने वाले फायदे और माइलस्टोन रिवॉर्ड्स जैसे बेनिफिट्स बंद कर दिए जाएंगे। एक्सिस बैंक भी अपने विस्तारा क्रेडिट कार्ड्स के फायदे 18 अप्रैल से बदलने जा रहा है।
-
इंदौर. मध्यप्रदेश की थोक मंडियों में नयी फसल की बंपर आवक के कारण टमाटर के भाव औंधे मुंह गिर गए हैं। इससे किसानों के लिए इस सब्जी की खेती घाटे का सौदा साबित हो रही है। इन हालात में कृषक संगठनों ने मांग की है कि राज्य सरकार टमाटर उत्पादक किसानों के हितों की रक्षा के लिए तुरंत उचित कदम उठाए। इंदौर की देवी अहिल्याबाई होलकर फल और सब्जी मंडी की गिनती सूबे की सबसे बड़ी थोक मंडियों में होती है। करीब 130 किलोमीटर दूर खंडवा जिले से इंदौर की इस मंडी में टमाटर बेचने आए किसान धीरज रायकवार ने सोमवार को बताया, ‘‘मंडी में टमाटर के थोक दाम गिरकर दो रुपये प्रति किलोग्राम तक आ गए हैं। इस कीमत में हम खेत से फसल को तुड़वाने का खर्च भी नहीं निकाल पा रहे हैं।'' उन्होंने दावा किया कि नौबत यह आ गई है कि किसानों को टमाटर की बिना बिकी खेप को मंडी में फेंककर जाना पड़ रहा है। रायकवार ने बताया, ‘‘पिछले साल टमाटर के ऊंचे दाम मिलने के कारण किसानों ने इस साल इसकी जमकर बुवाई की थी। इस बार बंपर पैदावार के कारण मंडी में टमाटर की भरपूर आवक हो रही है जिससे इसके भाव गिर गए हैं।'' पड़ोस के धार जिले से इंदौर की मंडी में टमाटर बेचने आए किसान दिनेश मुवेल के मुताबिक उन्होंने दो लाख रुपये का कर्ज लेकर दो एकड़ में टमाटर की बुवाई की थी, लेकिन इस सब्जी के भाव गिरने से उन्हें खेती में भारी घाटा हुआ है। पश्चिमी मध्यप्रदेश के मालवा-निमाड़ अंचल में संयुक्त किसान मोर्चा के संयोजक रामस्वरूप मंत्री ने मांग की कि मंडियों के मौजूदा रुझान के मद्देनजर राज्य सरकार को किसानों से उचित कीमत पर टमाटर खरीदना चाहिए ताकि उन्हें नुकसान से बचाया जा सके। उन्होंने कहा, ‘‘संयुक्त किसान मोर्चा लंबे समय से मांग कर रहा है कि सरकार को टमाटर जैसी सब्जियों का भी न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित करना चाहिए, लेकिन सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही है।'' भारतीय किसान-मजदूर सेना के अध्यक्ष बबलू जाधव ने कहा कि राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों में टमाटर जैसी जल्द खराब हो जाने वाली फसलों के शीत भंडारण और प्रसंस्करण (प्रोसेसिंग) की सुविधाओं की कमी है, नतीजतन किसानों को औने-पौने दाम पर भी अपनी फसल बेचने पर मजबूर होना पड़ता है।
-
नयी दिल्ली. पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार को बताया कि एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (ईबीपी) कार्यक्रम की वजह से वर्ष 2014-15 से जनवरी 2025 तक किसानों को 1,04,000 करोड़ रुपये से अधिक का शीघ्र भुगतान हुआ वहीं 1,20,000 करोड़ रुपये से अधिक की विदेशी मुद्रा की बचत भी हुई है। पुरी ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में राज्यसभा को यह भी बताया कि एथेनॉल आपूर्ति वर्ष (ईएसवाई) 2013-14 में पेट्रोल में एथेनॉल मिश्रण 38 करोड़ लीटर था जो सरकार द्वारा दिए गए प्रोत्साहन के फलस्वरूप ईसवाई 2023-24 में बढ़ कर 707 लीटर हो गया। पुरी ने बताया कि चालू ईएसवाई 2024-25 के दौरान फरवरी 2025 माह के लिए सार्वनजिक क्षेत्र की तेल कंपनियों ने 19.68 फीसदी एथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य प्राप्त कर लिया है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में डीजल में एथेनॉल का मिश्रण नहीं किया जाता है।
पुरी ने बताया कि सरकार कई प्रयोजनों के साथ एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (ईबीपी) कार्यक्रम के तहत पेट्रोल में एथेनॉल के मिश्रण को प्रोत्साहित कर रही है। उन्होंने बताया कि हरित ऊर्जा के रूप में एथेनॉल सरकार के पर्यावरण में सुधार संबंधी प्रयासों का समर्थन करती है। यह विदेशी मुद्रा की बचत करने के साथ कच्चे तेल पर आयात निर्भरता कम करती है और घरेलू कृषि को बढ़ावा देती है। -
नयी दिल्ली. सेंसेक्स की शीर्ष 10 सबसे मूल्यवान कंपनियों में से नौ के बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) में बीते सप्ताह सामूहिक रूप से 3,06,243.74 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई। सबसे अधिक लाभ आईसीआईसीआई बैंक और भारती एयरटेल को हुआ। बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 3,076.6 अंक या 4.16 प्रतिशत चढ़ गया। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 953.2 अंक या 4.25 प्रतिशत के लाभ में रहा। समीक्षाधीन सप्ताह में आईसीआईसीआई बैंक का बाजार पूंजीकरण 64,426.27 करोड़ रुपये बढ़कर 9,47,628.46 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। सप्ताह के दौरान सबसे ज्यादा लाभ आईसीआईसीआई बैंक को ही हुआ। भारती एयरटेल का बाजार मूल्यांकन 53,286.17 करोड़ रुपये बढ़कर 9,84,354.44 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। एचडीएफसी बैंक की बाजार हैसियत 49,105.12 करोड़ रुपये के उछाल के साथ 13,54,275.11 करोड़ रुपये पर पहुंच गई। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड का बाजार मूल्यांकन 39,311.54 करोड़ रुपये बढ़कर 17,27,339.74 करोड़ रुपये पर और बजाज फाइनेंस का 30,953.71 करोड़ रुपये बढ़कर 5,52,846.18 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) का मूल्यांकन 24,259.28 करोड़ रुपये बढ़कर 12,95,058.25 करोड़ रुपये हो गया। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की बाजार हैसियत 22,534.67 करोड़ रुपये बढ़कर 6,72,023.89 करोड़ रुपये रही। हिंदुस्तान यूनिलीवर का मूल्यांकन 16,823.08 करोड़ रुपये बढ़कर 5,28,058.89 करोड़ रुपये हो गया। इन्फोसिस ने सप्ताह के दौरान 5,543.9 करोड़ रुपये जोड़े, जिससे उसका बाजार मूल्यांकन 6,61,364.38 करोड़ रुपये हो गया। इस रुख के उलट आईटीसी का बाजार पूंजीकरण 7,570.64 करोड़ रुपये घटकर 5,07,796.04 करोड़ रुपये पर आ गया। शीर्ष 10 कंपनियों की सूची में रिलायंस इंडस्ट्रीज पहले स्थान पर कायम रही। उसके बाद क्रमश: एचडीएफसी बैंक, टीसीएस, भारती एयरटेल, आईसीआईसीआई बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, इन्फोसिस, बजाज फाइनेंस, हिंदुस्तान यूनिलीवर और आईटीसी का स्थान रहा।
-
नई दिल्ली। भारत की जीडीपी 10 वर्षों में हुई दोगुनी, 2027 तक जापान और जर्मनी को पीछे छोड़ने का अनुमान
भारत की अर्थव्यवस्था बीते 10 वर्षों में तेजी से बढ़ी है और इसकी जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) में दोगुनी हो गई है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के ताजा आंकड़ों के अनुसार भारत की जीडीपी 2015 में 2.1 ट्रिलियन डॉलर थी, जो 2025 में बढ़कर 4.3 ट्रिलियन डॉलर होने का अनुमान है।नीतिगत सुधार और स्थिर आर्थिक विकास से सम्भव हुई तेज आर्थिक वृद्धितेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के चलते भारत 2025 में जापान और 2027 में जर्मनी को पीछे छोड़ देगा। इससे भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। IMF ने कहा कि भारत की तेज आर्थिक वृद्धि का मुख्य कारण मजबूत नीतिगत सुधार और स्थिर आर्थिक विकास है।बीजेपी नेता अमित मालवीय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की बड़ी उपलब्धि बताया। उन्होंने कहा कि साहसिक आर्थिक नीतियों, संरचनात्मक सुधारों और व्यापार करने में आसानी पर फोकस के कारण भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बन गया है। उन्होंने यह भी कहा कि आजादी के बाद किसी भी सरकार को यह सफलता हासिल नहीं हुई थी।इस महीने की शुरुआत में IMF के कार्यकारी बोर्ड ने भी भारत की आर्थिक नीतियों की तारीफ की। बोर्ड ने कहा कि भारत का मजबूत प्रदर्शन उसे 2047 तक विकसित अर्थव्यवस्था बनने में मदद कर सकता है। IMF ने यह भी सुझाव दिया कि भारत को लेबर मार्केट में सुधार करने और महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए, जिससे उच्च गुणवत्ता वाली नौकरियों का सृजन हो सके। - गुरुग्रामरी’। हाल में गुरुग्राम में विशाल गोल्फ लिंक में आयोजित ‘विंटेज कार शो’ ‘21 गन सैल्यूट कॉन्कोर्स डी एलिगेंस’ के 11वें चरण में लगभग 125 पुरानी कारें और 50 पुरानी मोटरसाइकिलें मौजूद थीं लेकिन मिलेनियम सिटी के गोल्फ कोर्स में आकर्षण का केंद्र रही 1950 की विंटेज एमजी रोडस्टर ‘लाल परी’।इस शो में महाराजा कारों से लेकर खूबसूरत क्लासिक कारें मौजूद थीं जो ऑटोमोबाइल प्रेमियों के लिए किसी तीर्थस्थल से कम नहीं था। शो में 1903 डी डायन बोटोन (प्रदर्शित की गई सबसे पुरानी कार), 1917 फोर्ड मॉडल टी रोडस्टर, 1935 कैडिलैक फ्लीटवुड और 1948 बेंटले मार्क ड्रॉपहेड कूप (मूल रूप से बड़ौदा की महारानी के लिए बनाई गई थी) सहित अन्य दुर्लभ कारें मौजूद थीं।लाल परी’ एमजी रोडस्टर के लिए यह घर वापसी का पल था जो 13 देशों में लगभग 13,500 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद अक्टूबर 2023 में ब्रिटेन पहुंची थी और अब इस कार शो में कार प्रेमियों को लुभा रही थी।अहमदाबाद के दमन ठाकोर ‘लाल परी’ के मालिक हैं जिन्होंने अपने परिवार के सदस्यों को लेकर 70 से ज्यादा दिन तक इसमें ब्रिटेन तक यात्रा की। उनकी पत्नी, पिता और बेटी इस दौरे पर उनके साथ थे और ऑक्सफोर्डशर के एबिंगडन के लोगों ने उनका स्वागत किया। यह जगह कई दशकों तक मॉरिस गैरेजेस का घर थी और 100 साल से अधिक पुरानी इस कंपनी ने ही ‘लाल परी’ को बनाया था।और 75 साल बाद भी ‘लाल परी’ लोगों का दिल जीत रही है और उन्हें आकर्षित कर रही है। इसका प्रमाण यह है कि उसे ‘21 गन सैल्यूट कॉन्कोर्स डी’एलिगेंस के 11वें संस्करण में पुरस्कार मिला।अहमदाबाद में रहने वाले 49 वर्षीय ठाकोर ने दो साल पहले अपनी बेशकीमती कार और दुनिया भर में उसकी अद्भुत यात्रा को याद करते हुए बताया, ‘‘यह ‘लाल परी’ है। जब मैं तीन साल का था, तब मेरे पिता ने यह कार मेरे लिए खरीदी थी। और तब से हम इसके साथ बड़े हुए हैं। हम हर जगह इसमें ही जाते हैं और यहां तक कि यह मेरी शादी के जश्न (2000 में) का भी हिस्सा रही। मेरी पत्नी की मायके से विदाई इसी कार में हुई थी। ’’ठाकोर ने बताया लगभग 10 साल पहले परिवार ने इस एमजी कार को नया जीवन देने के बारे में सोचा।उन्होंने कहा, ‘‘हम इसे देखते हुए बड़े हुए और इसने हमें बहुत खुशी दी है इसलिए हमने इसकी हालत सही करने के बारे में सोचा। तभी विचार आया कि हम इसे वापस उसी फैक्ट्री में क्यों नहीं ले जा सकते जहां इसे मूल रूप से बनाया गया था। ’’ठाकोर ने कहा, ‘‘फिर सड़क के रास्ते से ‘भारत से लंदन’ कार यात्रा की बात शुरू हुई और परिवार की तीन पीढ़ियां इस कार में संयुक्त अरब अमीरात से ब्रिटेन तक पहुंचीं। ’’उन्होंने कहा, ‘‘सफर हमारे घर अहमदाबाद से शुरू हुआ, हम मुंबई गए। मुंबई से इसे दुबई भेजा गया क्योंकि हम पाकिस्तान से नहीं जा सकते थे। दुबई से, ईरान, तुर्किये, यूनान, बुल्गारिया, मैसेडोनिया, मोंटेनेग्रो, अल्बानिया, क्रोएशिया, इटली और फिर स्विट्जरलैंड, फ्रांस और अंत में हम ब्रिटेन पहुंचे। ’’ठाकोर ने कहा कि इस दौरान तकनीकी से लेकर अलग अलग तरह की कई चुनौतियां सामने आईं। उन्होंने कहा कि यात्रा की सबसे बड़ी चुनौती यही थी कि इस यात्रा को कर पाएंगे या नहीं।उन्होंने कहा, ‘‘चूंकि इससे पहले किसी ने ऐसा नहीं किया था। इसलिए हम सोच रहे थे, क्या हम ऐसा कर पाएंगे? और चूंकि खर्चा खुद ही करना था तो एक बार जब मन बना लिया फिर जो भी शारीरिक चुनौतियां आईं, हमने उनका आनंद लिया। ’’ठाकोर ने कहा, ‘‘यह कार इतनी सुदंर है कि सभी को आकर्षित करती है। और हमारा उद्देश्य भी लोगों को जोड़ना था। जब लोग ब्रिटिश निर्मित कार की प्लेट पर जीआरए 9111 (गुजरात) नंबर देखते थे तो इसकी ओर आकर्षित हो जाते थे। ’’ठाकोर ने कहा, ‘‘हम इसके असली मालिक को नहीं जानते। यह 1950 में बनी थी। हमारे परिवार ने इसे 1979 में मुंबई से खरीदा था और उस समय इसका ‘बॉम्बे’ नंबर था जो उस समय ‘बॉम्बे’ था। ’’कार में एक विशेष ‘हुड मोनोग्राम’ भी है। उन्होंने कहा, ‘‘हम चाहते थे कि यह यात्रा भारत और इंग्लैंड के इतिहास के बारे में हो। इसलिए हमने सोचा कि क्यों न ब्रिटिश कार पर ‘भारत के लौह पुरुष – सरदार पटेल’ का प्रतीक लगाया जाए और प्रतीकात्मक रूप से उन्हें दुनिया भर में ले जाया जाए ताकि एकता का संदेश फैलाया जा सके। ’’‘मोनोग्राम’ के दोनों ओर स्टर्लिंग सिल्वर से बने भारत और ब्रिटेन के झंडे लगे हैं।
- नयी दिल्ली।अदाणी समूह अप ने संपत्ति कारोबार का विस्तार करने के लिए रियल एस्टेट कंपनी एमार इंडिया को करीब 1.4-1.5 अरब डॉलर के उद्यम मूल्य पर खरीदने के लिए बातचीत कर रहा है। सूत्रों ने बृहस्पतिवार को कहा कि यह सौदा 1.4-1.5 अरब डॉलर के उद्यम मूल्य पर होने का अनुमान है।सूत्रों के मुताबिक, दुबई स्थित एमार प्रॉपर्टीज और अदाणी समूह के बीच सौदे को लेकर बातचीत अंतिम चरण में है। हालांकि, इस संबंध में टिप्पणी करने से दोनों ही पक्षों ने इनकार कर दिया। एमार इंडिया के पास दिल्ली-एनसीआर, मुंबई, मोहाली, लखनऊ, इंदौर और जयपुर में आवासीय एवं वाणिज्यिक स्थलों का एक बड़ा पोर्टफोलियो है। सूत्रों ने कहा कि एमार प्रॉपर्टीज अपनी भारतीय इकाई में हिस्सेदारी बेचने की सोच रही है, लेकिन बेची जाने वाली शेयरधारिता की सीमा अभी तय नहीं हुई है। वहीं अरबपति गौतम अदाणी की अगुवाई वाला अदाणी समूह अपनी गैर-सूचीबद्ध इकाइयों अदाणी रियल्टी और अदाणी प्रॉपर्टीज के माध्यम से भारतीय रियल एस्टेट बाजार में सक्रिय है। अदाणी रियल्टी भारत के प्रमुख शहरों में कई परियोजनाओं का विकास कर रही है। समूह ने मुंबई में एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी बस्तियों में से एक धारावी सहित कई पुनर्विकास परियोजनाएं भी हासिल की हैं। समूह ने हाल ही में मुंबई में मोतीलाल नगर के 36,000 करोड़ रुपये के पुनर्विकास की बोली भी जीती है। दुनिया की सबसे बड़ी रियल एस्टेट कंपनियों में से एक एमार के पास संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और प्रमुख अंतरराष्ट्रीय बाजारों में लगभग 1.7 अरब वर्ग फुट का भूमि बैंक है। बुर्ज खलीफा और दुबई मॉल का विकास एमार प्रॉपर्टीज ने ही किया है।
- नयी दिल्ली। दूरसंचार उपकरण कंपनी नोकिया ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत में औसत 5जी डेटा खपत प्रति उपयोगकर्ता प्रति माह 40 जीबी तक पहुंच गयी है। अगले तीन साल में 5जी के कुल ग्राहक आधार के 2.65 गुना बढ़कर करीब 77 करोड़ पर पहुंचने की उम्मीद है। नोकिया की वार्षिक मोबाइल ब्रॉडबैंड सूचकांक (एमबीआईटी) रिपोर्ट के अनुसार, 4जी, 5जी आदि डेटा की खपत मिलकर पांच साल में 19.5 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर से बढ़कर 2024 में 27.5 जीबी हो गई। रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में पूरे भारत में 5जी डेटा उपयोग में सालाना आधार पर तीन गुना की उल्लेखनीय वृद्धि हुई। नोकिया इंडिया के प्रौद्योगिकी एवं समाधान प्रमुख (मोबाइल नेटवर्क) संदीप सक्सेना ने रिपोर्ट पेश करते हुए कहा, ‘‘दिसंबर, 2024 में भारत में प्रति उपयोगकर्ता औसत 5जी डेटा खपत 40 जीबी दर्ज की गई। हमारा अनुमान है कि 5जी उपयोगकर्ता आधार 2024 में 29 करोड़ से बढ़कर 2028 तक लगभग 77 करोड़ हो जाएगा।'' रिपोर्ट के अनुसार, 5जी फिक्स्ड वायरलेस एक्सेस (एफडब्ल्यूए) के निरंतर बढ़ने से डेटा उपयोग में वृद्धि हो रही है। एफडब्ल्यूए उपयोगकर्ता अब औसत मोबाइल डेटा उपयोगकर्ता की तुलना में 12 गुना अधिक डेटा का उपभोग कर रहे हैं, जो आवासीय तथा व्यावसायिक दोनों ही क्षेत्रों में नई सेवाओं के दम पर हो रहा है। सक्सेना ने कहा, ‘‘ भारत में 5जी उपकरण परिदृश्य तेजी से विकसित हो रहा है, सक्रिय 5जी उपकरणों की संख्या सालाना आधार पर दोगुनी होकर 2024 में 27.1 करोड़ तक पहुंच गई। इस प्रवृत्ति में तेजी आने आने की उम्मीद है। 2025 में जितने पुराने स्मार्टफोन बदले जाएंगे, उनमें से 90 प्रतिशत 5जी आधारित होंगे।
-
नयी दिल्ली। सरकार ने बृहस्पतिवार को बताया कि प्रयागराज में पिछले दिनों संपन्न विशाल धार्मिक समागम ‘महाकुंभ' के लिए दूरसंचार सेवा प्रदाताओं ने 243 करोड़ रुपये का निवेश किया ताकि अतिरिक्त दूरसंचना अवसंरचना तैयार की जा सके। संचार एवं उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य माधवराव सिंधिया ने राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ‘महाकुंभ' के लिए दूरसंचार विभाग ने 11 नवंबर 2024 को एक विशेष कार्य बल का गठन किया था ताकि पूरे शहर और कुंभ मेला क्षेत्र में दूरसंचार अवसंरचना विस्तार के काम की निगरानी की जा सके। सिंधिया ने बताया कि इस निगरानी के साथ साथ विशेष कार्य बल ने आपदा प्रबंधन के लिए दूरसंचार सेवा प्रदाता और दूरसंचार अवसंरचना प्रदाताओं की तैयारियों का पर्यवेक्षण भी किया। उन्होंने बताया कि महाकुंभ 2025 में मोबाइल नेटवर्क क्षमता को बढ़ाने तथा श्रद्धालुओं को निर्बाध दूरसंचार सेवाएं प्रदान करने के लिए दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (टीपीएस) ने मेला क्षेत्र में 816 नए बेस ट्रांसीवर स्टेशन (बीटीएस) स्थापित किए और 192 किलोमीटर ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाई। उन्होंने बताया कि शहर में मांग पूरी करने के लिए प्रयागराज शहर क्षेत्र में 2917 मौजूदा बीटीएस का उन्नयन किया गया और 826 नए बीटीएस स्थापित किए गए। सिंधिया ने बताया कि मेला क्षेत्र में मोबाइल नेटवर्क की क्षमता में सुधार के लिए दूरसंचार विभाग ने दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को अस्थायी आधार पर 35 मेगाहर्ट्ज अतिरिक्त स्पेक्ट्रम सौंपा है।
-
मुंबई. अमेरिका और ब्रिटेन जैसी विकसित अर्थव्यवस्थाओं से भारत भेजे जाने वाले धन का हिस्सा बढ़कर खाड़ी देशों से 2023-24 में भेजे गए धन से अधिक हो गया है। आरबीआई के एक लेख में यह बात कही गई है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के बुधवार को जारी मार्च बुलेटिन में प्रकाशित एक लेख के मुताबिक, भारत का धन प्रेषण 2010-11 के 55.6 अरब डॉलर से दोगुना होकर 2023-24 में 118.7 अरब डॉलर हो गया। यह देश के वस्तु व्यापार घाटे के करीब आधे हिस्से की भरपाई करता है। आरबीआई के लेख के मुताबिक, शुद्ध प्रेषण प्राप्तियां इस अवधि में बाहरी झटकों को झेलने का अहम अंग रही हैं। बुलेटिन में भारत के धन प्रेषण की बदलती गतिशीलता पर प्रकाशित लेख देश में भेजे जाने वाले धन के विभिन्न आयामों को दर्शाता है। लेख के मुताबिक, विदेश में रहने वाले भारतीय प्रवासियों की संख्या 1990 के 66 लाख से तिगुना होकर 2024 में 1.85 करोड़ हो गई। इस दौरान वैश्विक प्रवासियों में भारतीयों की हिस्सेदारी भी 4.3 प्रतिशत से बढ़कर छह प्रतिशत हो गई। खाड़ी देशों में भारतीय प्रवासी दुनिया भर में कुल भारतीय प्रवासियों का लगभग आधा हिस्सा हैं।
खाड़ी देशों के अलावा विकसित अर्थव्यवस्थाएं भी पिछले कुछ वर्षों में भारत में आने वाले धन प्रेषण के प्रमुख स्रोत के रूप में उभरी हैं। लेख के मुताबिक, भारत की कामकाजी उम्र वाली आबादी 2048 तक बढ़ने की उम्मीद है, इसलिए भारत दुनिया का सबसे बड़ा श्रम आपूर्तिकर्ता होगा। भारत के कुल प्रेषण में अमेरिका की हिस्सेदारी सबसे बड़ी रही, जो 2020-21 के 23.4 प्रतिशत से बढ़कर 2023-24 में 27.7 प्रतिशत हो गई। वहीं ब्रिटेन से आने वाला धन भी 2020-21 के 6.8 प्रतिशत से बढ़कर 2023-24 में 10.8 प्रतिशत हो गया है। संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने दूसरे बड़े स्रोत के रूप में अपनी स्थिति बनाए रखी है। इसकी हिस्सेदारी 18 प्रतिशत से बढ़कर 2023-24 में 19.2 प्रतिशत हो गई। आरबीआई ने कहा कि इस लेख में व्यक्त विचार लेखकों के हैं और केंद्रीय बैंक के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं। - नयी दिल्ली. सार्वजनिक खरीद मंच गवर्नमेंट ई-मार्केट प्लेस (जीईएम) ने चालू वित्त वर्ष में अब तक पांच लाख करोड़ रुपये से अधिक के लेनदेन को बढ़ावा दिया है। वाणिज्य मंत्रालय ने मंगलवार को यह जानकारी दी। पोर्टल ने 2023-24 में चार लाख करोड़ रुपये से अधिक के लेनदेन की सुविधा दी थी। जीईएम ने वित्त वर्ष 2024-25 के खत्म होने से 18 दिन पहले अपने पोर्टल पर सकल व्यापारिक मूल्य (जीएमवी) के पांच लाख करोड़ रुपये को पार करने की जानकारी दी। पोर्टल ने 1.83 लाख करोड़ रुपये के सामान और 2.68 लाख करोड़ रुपये की सेवाओं की खरीद को सफल बनाया।
- जयपुर. राजस्थान में किसान चने व सरसों की फसल को समर्थन मूल्य एमएसपी पर बेचने के लिए पंजीकरण एक अप्रैल से कर सकेंगे। खरीद का काम 10 अप्रैल से शुरू होगा। सहकारिता राज्यमंत्री गौतम कुमार दक ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसानों के हित में सदैव तत्पर है एवं आगामी रबी सीजन 2025-26 में समर्थन मूल्य पर सरसों तथा चने की खरीद के लिए सभी तैयारियां आरंभ की जा चुकी हैं। एक बयान में उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्यों के अनुरूप राज्य में सरसों की 13.89 लाख टन एवं चने की 6.30 लाख टन खरीद किया जाना प्रस्तावित है। उन्होंने बताया कि समर्थन मूल्य पर सरसों एवं चने के विक्रय के लिए किसान एक अप्रैल से ई-मित्र के माध्यम से पंजीयन करवा सकेंगे। जबकि, खरीद का कार्य 10 अप्रैल से शुरू होगा। मंत्री ने बताया कि इस वर्ष राज्य में नोडल एजेंसी नेफेड के साथ-साथ एनसीसीएफ द्वारा भी दलहन-तिलहन की खरीद का कार्य राजफेड के माध्यम से कराया जाना है। इसके लिए सरसों एवं चने हेतु एनसीसीएफ को 217-217 एवं नेफेड को 288-288 क्रय केन्द्र स्वीकृत किये गए हैं। इस प्रकार, राज्य में सरसों एवं चने के कुल 505-505 क्रय केन्द्र स्वीकृत किए गए हैं, जिनकी जिलेवार सूची जारी कर दी गई है। दक ने बताया कि एनसीसीएफ द्वारा राजफेड क्षेत्रीय कार्यालय अजमेर, जोधपुर, बीकानेर एवं कोटा के 19 जिलों में तथा नेफेड द्वारा राजफेड क्षेत्रीय कार्यालय जयपुर, उदयपुर, गंगानगर एवं भरतपुर क्षेत्र के 21 जिलों में खरीद कार्य करवाया जाएगा। उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा आगामी सीजन के लिए सरसों का समर्थन मूल्य 5,950 रुपये प्रति क्विंटल एवं चने का समर्थन मूल्य 5,650 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है।
-
मुंबई. वैश्विक बाजारों में तेजी के रुख के बीच मंगलवार को चौतरफा लिवाली होने से घरेलू शेयर बाजारों में जबर्दस्त उछाल देखा गया। सेंसेक्स ने 1,131 अंक की तेजी के साथ एक बार फिर 75,000 अंक का स्तर हासिल कर लिया, जबकि निफ्टी 22,800 अंक के ऊपर पहुंच गया। विश्लेषकों ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कच्चे तेल की कम कीमतों और प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर में कमजोरी ने भी निवेशकों की धारणा को समर्थन दिया। बीएसई का 30 शेयरों पर आधारित मानक सूचकांक सेंसेक्स 1,131.31 अंक यानी 1.53 प्रतिशत उछलकर 75,301.26 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 1,215.81 अंक बढ़कर 75,385.76 अंक पर पहुंच गया था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का मानक सूचकांक निफ्टी भी 325.55 अंक यानी 1.45 प्रतिशत बढ़कर 22,834.30 अंक पर पहुंच गया। यह घरेलू शेयर बाजारों में तेजी का लगातार दूसरा दिन रहा। सोमवार को भी सेंसेक्स और निफ्टी पांच दिन की गिरावट से उबरकर बढ़त के साथ बंद हुए थे। मेहता इक्विटीज लिमिटेड में वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) प्रशांत तापसे ने कहा, ‘‘वैश्विक बाजारों में मजबूती ने स्थानीय निवेशकों का भरोसा बढ़ाया जिससे तमाम क्षेत्रों में मूल्यपरक खरीदारी देखने को मिली। पिछले कुछ सप्ताह की गिरावट के कारण कई शेयर मूल्यांकन के लिहाज से खासे आकर्षक हो गए थे।'' हालांकि, तापसे ने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप के फैसलों से जुड़ी वैश्विक चुनौतियों और घरेलू वृद्धि के नरम पड़ने की आशंकाओं के चलते इस तेजी को कायम रख पाना मुश्किल होगा। सेंसेक्स के समूह में शामिल कंपनियों में से जोमैटो ने सर्वाधिक सात प्रतिशत से अधिक की छलांग लगाई। इसके अलावा आईसीआईसीआई बैंक, महिंद्रा एंड महिंद्रा, टाटा मोटर्स, लार्सन एंड टुब्रो, एशियन पेंट्स, टाइटन, कोटक महिंद्रा बैंक और भारतीय स्टेट बैंक भी लाभ में रहे। दूसरी तरफ बजाज फिनसर्व, भारती एयरटेल, टेक महिंद्रा और रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर गिरावट के साथ बंद हुए। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘अनुकूल वैश्विक रुझानों और बेहतर घरेलू परिस्थितियों के कारण मानक सूचकांकों में खासी तेजी देखी गई। अमेरिका और चीन से आए खुदरा बिक्री के बेहतर आंकड़ों ने निवेशकों का भरोसा बढ़ाया, जबकि मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों ने बेहतर प्रदर्शन किया।'' व्यापक बाजार में बीएसई स्मॉलकैप सूचकांक 2.73 प्रतिशत चढ़ गया जबकि मिडकैप सूचकांक ने 2.10 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की। बीएसई के 2,815 शेयरों में बढ़त रही जबकि 1,221 शेयरों में गिरावट रही और 123 अन्य अपरिवर्तित रहे।
बीएसई के सभी क्षेत्रवार सूचकांक बढ़त हासिल करने में सफल रहे। रियल्टी खंड में सर्वाधिक 2.95 प्रतिशत की तेजी रही जबकि औद्योगिक खंड में 2.79 प्रतिशत, पूंजीगत उत्पाद खंड में 2.44 प्रतिशत और वाहन खंड में 2.42 प्रतिशत की बढ़त रही। एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की, चीन का शंघाई कम्पोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग सकारात्मक दायरे में रहे। यूरोपीय बाजार दोपहर के सत्र में बढ़त के साथ कारोबार कर रहे थे। सोमवार को अमेरिकी बाजारों में तेजी का माहौल रहा था। वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 1.48 प्रतिशत बढ़कर 72.12 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने सोमवार को 4,488.45 करोड़ रुपये के शेयर बेचे जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने 6,000.60 करोड़ रुपये की खरीदारी की। बीएसई सेंसेक्स सोमवार को 341.04 अंक चढ़कर 74,169.95 अंक पर और एनएसई निफ्टी 111.55 अंक बढ़कर 22,508.75 अंक पर बंद हुआ था। - मुंबई।. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और बैंक ऑफ मॉरीशस (बीओएम) ने सीमापार लेनदेन के लिए भारतीय रुपये और मॉरीशस रुपये (एमयूआर) के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। केंद्रीय बैंक ने मंगलवार को बयान में कहा कि समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा और बीओएम गवर्नर राम कृष्ण सिथानन ने हस्ताक्षर किए। बयान में कहा गया, ‘‘एमओयू दस्तावेजों का आदान-प्रदान 12 मार्च, 2025 को भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम की उपस्थिति में मॉरीशस के पोर्ट लुइस में किया गया।'' आरबीआई ने कहा कि एमओयू का उद्देश्य द्विपक्षीय व्यापार में आईएनआर और एमयूआर के उपयोग को बढ़ावा देना है। एमओयू में दोनों देशों द्वारा सहमत सभी चालू खाता लेनदेन और अनुमत पूंजी खाता लेनदेन शामिल हैं। यह व्यवस्था निर्यातकों और आयातकों को अपनी-अपनी घरेलू मुद्राओं में चालान बनाने और भुगतान करने में सक्षम बनाएगी। स्थानीय मुद्राओं के उपयोग से लेनदेन की लागत और निपटान समय, दोनों की बचत होगी।
- मुंबई।. जीवन बीमा क्षेत्र की दिग्गज कंपनी एलआईसी ने भारतीय रिजर्व बैंक से 100 साल सहित लंबी अवधि के सरकारी बॉन्ड पेश करने का अनुरोध किया है। एक शीर्ष अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। एलआईसी के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक सिद्धार्थ मोहंती ने कहा कि बीमा कंपनी पूरे जीवन के लिए बीमा पॉलिसी बेचती है, इसलिए लंबी अवधि के बॉन्ड में निवेश की जरूरत होती है। उन्होंने कहा कि आरबीआई 20-30 साल के बॉन्ड की अनुमति दे रहा है और 40 साल के बॉन्ड को भी हरी झंडी दे दी है। मोहंती ने यहां जीसीए25 में संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं 50 साल या 100 साल के बॉन्ड की भी उम्मीद कर रहा हूं। हमारे लोग समय-समय पर आरबीआई के साथ इस पर चर्चा कर रहे हैं और केंद्रीय बैंक भी इस पर विचार कर रहा है।'' उन्होंने बताया कि जहां कई देश वैश्विक बाजार में 100 साल के बॉन्ड जारी करते हैं, वहीं भारत ने सीमित मांग और द्वितीयक बाजार में कम गतिविधियों के कारण अभी तक ऐसे बॉन्ड पेश नहीं किए हैं।
-
नई दिल्ली। अमेरिकी निवेश बैंक एवं वित्तीय सेवा कंपनी मॉर्गन स्टेनली ने वित्त वर्ष 2025-26 में भारत की खुदरा महंगाई औसतन चार प्रतिशत रहने की उम्मीद जताई है। कंपनी ने मंगलवार को जारी रिपोर्ट में कहा है कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति की दर चार प्रतिशत पर रहने का मतलब है कि आने वाले महीनों में आरबीआई द्वारा नीतिगत ब्याज दरों में 0.75 प्रतिशत की कटौती की जा सकती है, जबकि पहले 0.50 प्रतिशत की कटौती का अनुमान जारी किया गया था।
खाद्य पदार्थों की कीमतों में कमी के कारण मुद्रास्फीति में नरमी से अतिरिक्त कटौती की गुंजाइशमॉर्गन स्टेनली के अनुसार, खाद्य पदार्थों की कीमतों में कमी के कारण मुद्रास्फीति में नरमी से अतिरिक्त कटौती की गुंजाइश बनती है। रिपोर्ट में कहा गया है, “लगातार दो महीने (जनवरी और फरवरी में) ओवरऑल मुद्रास्फीति की दर अनुमानों से कम रही है। इसे देखते हुए हम अपने मौद्रिक नीति परिदृश्य को अपडेट करते हैं, और (नीतिगत दरों में) 0.25 प्रतिशत की एक और कटौती को जोड़ते हैं।”वित्त वर्ष 2025-26 में खुदरा महंगाई औसतन चार प्रतिशत रहेगीइसमें उम्मीद जताई गई है कि वित्त वर्ष 2025-26 में खुदरा महंगाई औसतन चार प्रतिशत रहेगी, जबकि इसके पहले 4.3 प्रतिशत का अनुमान लगाया गया था। अमेरिकी कंपनी ने कहा, “इस प्रकार, हम 0.50 प्रतिशत के अपने पिछले अनुमान से 0.75 प्रतिशत की संचयी दर कटौती की ओर अग्रसर हैं।”जनवरी और फरवरी के खुदरा महंगाई के आंकड़ों में अपेक्षा से तेज गिरावट देखी गईजनवरी और फरवरी के खुदरा महंगाई के आंकड़ों में अपेक्षा से तेज गिरावट देखी गई, जो खाद्य मुद्रास्फीति में कमी के कारण संभव हुई। वहीं, कोर मुद्रास्फीति निचले स्तर पर सीमित दायरे में बनी रही। मॉर्गन स्टेनली ने कहा, “31 मार्च को समाप्त होने वाली तिमाही के लिए अब हम हमारे पूर्व अनुमान 4.3 प्रतिशत की तुलना में खुदरा महंगाई के औसतन चार प्रतिशत पर रहने का अनुमान लगाते हैं। आरबीआई का ओवरऑल मुद्रास्फीति का एक लक्ष्य (2-6 प्रतिशत) है, इसलिए हमारा मानना है कि इससे अतिरिक्त नरमी की गुंजाइश बनती है।”फरवरी में सीपीआई आधारित मुद्रास्फीति 3.61 प्रतिशत रहीफरवरी में सीपीआई आधारित मुद्रास्फीति 3.61 प्रतिशत रही। छह महीने में पहली बार यह आरबीआई के चार प्रतिशत के लक्ष्य से नीचे आई है। खाद्य मुद्रास्फीति पिछले 12 महीने में ओवरऑल मुद्रास्फीति से ज्यादा रही है। इसमें मौसम संबंधी व्यवधानों का भी योगदान रहा है।रिपोर्ट में कहा गया है, “हालांकि, वित्त वर्ष 2025-26 के लिए खाद्य मुद्रास्फीति के परिदृश्य में सुधार हुआ है क्योंकि रबी और खरीफ फसल उत्पादन में सालाना आधार पर वृद्धि का अनुमान है, जो अस्थिरता को कम करने में भी मदद करेगा।”ऋण वृद्धि की प्रवृत्ति अब भी 11 प्रतिशत पर नरम है, जो वित्तीय स्थिरता की चिंताओं को दूर रखता हैभले ही विकास में तेजी आ रही है, लेकिन ऋण वृद्धि की प्रवृत्ति अब भी 11 प्रतिशत पर नरम है, जो वित्तीय स्थिरता की चिंताओं को दूर रखता है और विनियमन तथा तरलता के मोर्चे पर और अधिक कटौती की संभावना को दर्शाता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कोर मुद्रास्फीति में गिरावट आश्चर्यजनक रही है, जो कोर वस्तुओं और सेवाओं की मुद्रास्फीति के निचले स्तर से प्रेरित है।बेस इफेक्ट सामान्य होने पर कोर मुद्रास्फीति बढ़ सकती हैवास्तव में, भले ही बेस इफेक्ट सामान्य होने पर कोर मुद्रास्फीति बढ़ सकती है, लेकिन कमोडिटी की कीमतों में सीमा-बद्ध प्रवृत्ति से प्रेरित होकर इसके चार प्रतिशत के आसपास रहने की उम्मीद है। रिपोर्ट में कहा गया है कि खाद्य पदार्थों की मुद्रास्फीति में कमी का असर ओवरऑल सीपीआई में गिरावट की प्रवृत्ति की निरंतरता पर दिखने की संभावना है, जिस पर आरबीआई का फोकस होता है। इस संदर्भ में, ओवरऑल मुद्रास्फीति में नरमी आरबीआई द्वारा नीतिगत दरों में और अधिक कटौती के लिए अधिक गुंजाइश पैदा करती है। -
नयी दिल्ली. चालू वित्त वर्ष (2024-25) में अबतक शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 13.13 प्रतिशत बढ़कर 21.26 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा है। सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इसमें अग्रिम कर संग्रह में वृद्धि का प्रमुख योगदान रहा। वर्ष के दौरान, सरकार ने अग्रिम कर की चार किस्तों से 14.62 प्रतिशत वृद्धि के साथ 10.44 लाख करोड़ रुपये जुटाए हैं, जबकि पिछले वित्त वर्ष में यह आंकड़ा 9.11 लाख करोड़ रुपये था। चालू वित्त वर्ष के लिए अग्रिम कर भुगतान की अंतिम किस्त 15 मार्च, 2025 को देय थी।
कॉरपोरेट कर श्रेणी के तहत अग्रिम कर संग्रह 12.54 प्रतिशत बढ़कर 7.57 लाख करोड़ रुपये हो गया, जबकि गैर-कॉरपोरेट श्रेणी में अग्रिम कर संग्रह 20.47 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 2.87 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। आयकर अधिनियम की धारा 208 के अनुसार, जिस व्यक्ति की अनुमानित कर देयता 10,000 रुपये से अधिक होने की संभावना है (स्रोत पर कर कटौती और संग्रह - टीडीएस और टीसीएस पर विचार करने के बाद) उसे उस वर्ष अग्रिम कर का भुगतान करना आवश्यक है। इसमें वेतनभोगी करदाता भी शामिल हैं। अग्रिम कर का भुगतान वित्त वर्ष की समाप्ति से पहले उस आय पर किया जाना चाहिए जो उस वर्ष अर्जित की गई होगी। अग्रिम कर का भुगतान चार किस्तों- वित्त वर्ष के दौरान 15 जून, 15 सितंबर, 15 दिसंबर और 15 मार्च में किया जाता है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, शुद्ध गैर-कॉरपोरेट कर से संग्रह (मुख्य रूप से व्यक्तिगत आयकर समेत) सालाना आधार पर 17 प्रतिशत बढ़कर लगभग 11.01 लाख करोड़ रुपये हो गया। हालांकि, एक अप्रैल, 2024 और 16 मार्च, 2025 के बीच शुद्ध कॉरपोरेट कर संग्रह एकल अंक में सात प्रतिशत बढ़कर 9.69 लाख करोड़ रुपये रहा है। चालू वित्त वर्ष में अब तक प्रतिभूति लेनदेन कर (एसटीटी) से शुद्ध संग्रह लगभग 56 प्रतिशत बढ़कर 53,095 करोड़ रुपये हो गया। इस अवधि के दौरान 4.60 लाख करोड़ रुपये से अधिक के रिफंड जारी किए गए, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में 3.47 लाख करोड़ रुपये के रिफंड जारी किए गए थे। सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह 16 मार्च तक 16.15 प्रतिशत बढ़कर 25.86 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया।
चालू वित्त वर्ष के संशोधित अनुमानों (आरई) में सरकार ने आयकर संग्रह 12.57 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया है, जो बजट अनुमान 11.87 लाख करोड़ रुपये से अधिक है। -
नयी दिल्ली. सरकार ने सोमवार को संसद में बताया कि बैंकों ने पिछले 10 वित्तीय वर्षों में लगभग 16.35 लाख करोड़ रुपये की गैर-निष्पादित संपत्तियों (एनपीए) या नहीं चुकाये गए ऋणों को बट्टे खाते में डाल दिया है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान सबसे अधिक 2,36,265 करोड़ रुपये के एनपीए बट्टे खाते में डाले गए, जबकि 2014-15 में 58,786 करोड़ रुपये के एनपीए बट्टे खाते में डाले गए, जो पिछले 10 वर्षों में सबसे कम है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2023-24 के दौरान, बैंकों ने 1,70,270 करोड़ रुपये के चुकता नहीं किये गए ऋणों को बट्टे खाते में डाल दिया, जो इसके पूर्ववर्ती वित्त वर्ष के 2,16,324 करोड़ रुपये से कम है। मंत्री ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के दिशानिर्देशों और बैंकों के बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीति के अनुसार, बैंक गैर-निष्पादित संपत्तियों (एनपीए) को बट्टे खाते में डाल देते हैं, जिनमें वे एनपीए भी शामिल हैं जिनके चार वर्ष पूरे होने पर ऐसा प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि इस तरह बट्टे खाते में डालने से उधारकर्ताओं की देनदारियों में छूट नहीं मिलती और इसलिए इससे उधारकर्ता को कोई लाभ नहीं होता। उन्होंने कहा कि बैंक अपने पास उपलब्ध विभिन्न वसूली तंत्रों के तहत उधारकर्ताओं के विरुद्ध शुरू की गई वसूली कार्रवाइयों को जारी रखते हैं, जैसे कि दीवानी अदालतों या ऋण वसूली अधिकरणों में वाद दायर करना, वित्तीय संपत्तियों के प्रतिभूतिकरण एवं पुनर्निर्माण तथा प्रतिभूति हित प्रवर्तन अधिनियम के तहत कार्रवाई करना। इसके अलावा, इनमें दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता के तहत राष्ट्रीय कंपनी कानून अधिकरण में मामले दायर करना आदि भी शामिल है। मंत्री ने कहा कि आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, 31 दिसंबर 2024 तक, अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों में 29 विशिष्ट उधारकर्ता कंपनियां शामिल थीं, जिन्हें एनपीए के रूप में वर्गीकृत किया गया है और उनमें से प्रत्येक पर 1,000 करोड़ रुपये और उससे अधिक का बकाया है। इन खातों में कुल बकाया 61,027 करोड़ रुपये है। उधारकर्ताओं से देय राशि की वसूली के संबंध में, बैंक उधारकर्ताओं को कॉल करते हैं और देय राशि के भुगतान के संबंध में ईमेल/पत्र भेजते हैं। वहीं, बैंक कॉरपोरेट उधारकर्ताओं के मामले में कंपनी दिवालियापन समाधान प्रक्रिया शुरू करने के लिए राष्ट्रीय कंपनी कानून अधिकरण से भी संपर्क कर सकते हैं। एक अन्य प्रश्न का उत्तर देते हुए सीतारमण ने कहा कि सरकार ने 8वें केंद्रीय वेतन आयोग के गठन का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि 8वें केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों के वित्तीय निहितार्थ का पता उस वक्त चलेगा, जब इस वेतन आयोग द्वारा सिफारिशें की जाएंगी और सरकार द्वारा उन्हें स्वीकार कर लिया जाएगा।
-
टाटा मोटर्स वाणिज्यिक वाहनों के दाम बढ़ाएगी
नयी दिल्ली. मारुति सुजुकी इंडिया और टाटा मोटर्स ने सोमवार को अप्रैल से वाहनों की कीमतें बढ़ाने की योजना की घोषणा की। ये कंपनियां कच्चे माल की बढ़ती लागत के प्रभाव को आंशिक रूप से कम करने के लिए इस साल दूसरी बार यह कदम उठा रही हैं। मारुति सुजुकी ने कहा कि वह अगले महीने से अपने सभी मॉडल की कीमतों में चार प्रतिशत तक बढ़ोतरी करने की योजना बना रही है। वहीं, टाटा मोटर्स ने कहा कि वह अगले महीने से अपने वाणिज्यिक वाहनों के दाम दो प्रतिशत तक बढ़ाएगी।
मारुति सुजुकी इंडिया ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि कच्चे माल की बढ़ती लागत और परिचालन व्यय के मद्देनजर कंपनी ने अप्रैल से अपनी कारों की कीमतें बढ़ाने की योजना बनाई है। कंपनी ने कहा कि कीमत में चार प्रतिशत तक की वृद्धि होने का अनुमान है और यह मॉडल के आधार पर अलग-अलग होगी। देश की सबसे बड़ी कार विनिर्माता कंपनी ने कहा कि कंपनी लागत को अनुकूलतम बनाने और अपने ग्राहकों पर पड़ने वाले प्रभाव को कम करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है, लेकिन बढ़ी हुई लागत का कुछ हिस्सा बाजार पर डालना पड़ सकता है। मारुति सुजुकी वर्तमान में घरेलू बाजार में शुरुआती स्तर की ऑल्टो के-10 से लेकर बहुउद्देश्यीय वाहन इनविक्टो तक विभिन्न मॉडल बेचती है। इनकी कीमत क्रमशः 4.23 लाख रुपये और 29.22 लाख रुपये (एक्स-शोरूम दिल्ली) के बीच है। कंपनी ने इस साल जनवरी में एक फरवरी से विभिन्न मॉडल की कीमतों में 32,500 रुपये तक की बढ़ोतरी की घोषणा की थी। होंडा कार्स इंडिया के भी प्रवक्ता ने कहा कि वाहन विनिर्माता अगले महीने से वाहनों की कीमतें बढ़ाने पर विचार कर रही है। टाटा मोटर्स ने कहा कि वह बढ़ती उत्पादन लागत के प्रभाव को आंशिक रूप से संतुलित करने के लिए अप्रैल से अपने वाणिज्यिक वाहनों की कीमतों में दो प्रतिशत तक की वृद्धि करेगी। मुंबई स्थित कंपनी ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि कंपनी के वाणिज्यिक वाहनों की कीमतें एक अप्रैल, 2025 से दो प्रतिशत तक बढ़ जाएंगी। -
नई दिल्ली। निजी क्षेत्र से पहली बार किसी दिग्गज सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी के प्रमुख बनाए गए विकास कौशल ने सोमवार को हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक का पद संभाल लिया। कौशल इससे पहले प्रबंधन सलाहकार कंपनी कियर्नी के साथ काम कर चुके हैं।
कौशल (53) सार्वजनिक क्षेत्र की किसी दिग्गज कंपनी की कमान संभालने वाले निजी क्षेत्र के पहले सलाहकार हैं। यह नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब सरकार संगठनों के भीतर से उपयुक्त प्रमुखों को खोजने के लिए संघर्ष कर रही है। कौशल को तलाश-सह-चयन समिति ने एचपीसीएल के सीएमडी का दायित्व संभालने के लिए चुना था। सार्वजनिक उद्यम चयन बोर्ड (PESB) इस पद के लिए पिछले साल जून में किए गए साक्षात्कार में नौकरी के लिए उपयुक्त किसी को भी खोजने में विफल रहा था।कौन है विकास कौशल?पंजाब यूनिवर्सिटी से केमिकल इंजीनियरिंग और भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम), अहमदाबाद से एमबीए करने के बाद कौशल ने वर्ष 2000 से कियर्नी में विभिन्न पदों पर काम किया। इस दौरान उन्होंने प्रमुख सरकारी पेट्रोलियम एवं गैस कंपनियों को सलाह दी है।HPCL में पहले भी निभाई अहम भूमिकाविकास कौशल इससे पहले HPCL के सेंट्रलाइज्ड प्रोक्योरमेंट ऑफिस की स्थापना और HPCL की पेट्रोकेमिकल विविधीकरण रणनीति के कार्यान्वयन का नेतृत्व कर चुके हैं। इसके अलावा, उन्होंने इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOCL) और भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL) के लिए कई प्रमुख डिजिटल परिवर्तन परियोजनाओं, रिफाइनरी मेंटेनेंस और नेट जीरो रणनीति पर भी काम किया है।80% वेतन कटौती के साथ लेंगे पदभारविकास कौशल इससे पहले Kearney India के कंट्री हेड और मैनेजिंग डायरेक्टर रह चुके हैं, जहां उन्होंने 2014 से 2019 तक पांच साल तक कार्य किया। सरकार के सूत्रों के मुताबिक, उन्होंने इस नई भूमिका के लिए 80% वेतन कटौती स्वीकार की है। मतलब HPCL CMD के रूप में जो सैलरी उन्हें मिलेगी, उसका पांच गुना वो पाते थे। सरकारी आदेश के अनुसार, उनका वेतनमान 2 लाख रुपये से 3.7 लाख रुपये (IDA) होगा और वे पांच वर्षों के लिए या अगले आदेश तक, जो भी पहले हो, इस पद पर कार्य करेंगे।वैश्विक अनुभव के साथ पहली बार HPCL की कमानविकास कौशल Kearney के ग्लोबल बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में शामिल होने वाले अब तक के एकमात्र भारतीय हैं। उन्होंने दो पूर्ण कार्यकाल पूरे किए हैं और साथ ही फाइनेंस, ऑडिट और गवर्नेंस कमेटियों के चेयरमैन भी रहे हैं। वे दुनिया की कई प्रमुख तेल और गैस कंपनियों के साथ भी काम कर चुके हैं।HPCL में लंबे समय से खाली था CMD पद1 अगस्त 2024 को तत्कालीन CMD पुष्प कुमार जोशी के सेवानिवृत्त होने के बाद से यह पद खाली था। तब से HPCL के निदेशक (वित्त) रजनीश नारंग अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे थे। सरकार ने मार्च 2023 से जोशी के उत्तराधिकारी की नियुक्ति के लिए सार्वजनिक उपक्रम चयन बोर्ड (PESB) के माध्यम से कई बार प्रयास किया। चयन साक्षात्कार में कम से कम नौ उम्मीदवारों ने भाग लिया, लेकिन बोर्ड को कोई उपयुक्त उम्मीदवार नहीं मिला। इसके बाद सर्च-कम-सेलेक्शन प्रक्रिया से नया CMD नियुक्त करने का फैसला किया गया। -
नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए केंद्रीय बजट 2025 में टीडीएस और टीसीएस नियमों में महत्वपूर्ण बदलावों की घोषणा की गई थी, जो 1 अप्रैल 2025 से लागू होंगे। इन संशोधनों का उद्देश्य टैक्सपेयर और व्यापारियों के लिए टैक्स प्रक्रिया को सरल बनाना है, जिससे विशेष रूप से सीनियर सिटिजंस, इन्वेस्टर्स और कमिशन कमाने वालों को लाभ मिलेगा। ये बदलाव जटिल प्रक्रियाओं को हटाकर टैक्सपेयर्स को राहत देने के लिए किए गए हैं, जिससे टैक्स अनुपालन अधिक सहज और प्रभावी हो सके।
सीनियर सिटिजंस के लिए नए TDS नियम: 1 लाख तक ब्याज पर नहीं कटेगा TDSकेंद्र सरकार ने बजट 2025 में सीनियर सिटिजंस और मध्यम वर्ग को राहत देने के लिए TDS (Tax Deducted at Source) लिमिट बढ़ा दी है। 1 अप्रैल 2025 से FD, RD और अन्य डिपॉजिट स्कीमों पर TDS केवल तभी कटेगा, जब एक वित्त वर्ष में बैंक में कुल ब्याज आय 1 लाख रुपये से ज्यादा होगी। अगर वरिष्ठ नागरिकों की ब्याज आय 1 लाख रुपये से कम रहती है, तो उन पर कोई TDS नहीं लगेगा।नियमित करदाताओं के लिए TDS लिमिट भी बढ़ीसरकार ने सामान्य नागरिकों के लिए भी TDS की लिमिट बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दी है, जो पहले 40,000 रुपये थी। यह नया नियम 1 अप्रैल 2025 से लागू होगा। अब FD पर सालाना 50,000 रुपये तक की ब्याज आय पर कोई TDS नहीं कटेगा। इससे उन निवेशकों को फायदा मिलेगा, जो अपनी आय के लिए FD के ब्याज पर निर्भर रहते हैं।लॉटरी, क्रॉसवर्ड और घुड़दौड़ पर नया टैक्स नियमसरकार ने लॉटरी, क्रॉसवर्ड पजल और घुड़दौड़ (Horse race) जैसी गेमिंग विनिंग्स पर TDS के नियम आसान कर दिए हैं। अब सालाना ₹10,000 की कुल सीमा को खत्म कर दिया गया है। नए नियम के तहत, अब केवल तब ही TDS कटेगा जब किसी एक जीत की रकम ₹10,000 से ज्यादा होगी। पहले, अगर साल भर में कुल जीत ₹10,000 से ज्यादा होती थी, तो TDS कटता था।उदाहरण के तौर पर, अगर कोई तीन बार ₹8,000-₹8,000 जीतकर कुल ₹24,000 कमा लेता है, तो नए नियम के तहत TDS नहीं लगेगा, क्योंकि हर बार जीत की रकम ₹10,000 से कम है। पहले, इस पूरे ₹24,000 पर टैक्स कटता।म्युचुअल फंड और स्टॉक्स निवेशकों के लिए राहत, डिविडेंड इनकम लिमिट बढ़ीनए नियमों के तहत, म्यूचुअल फंड और शेयर बाजार में निवेश करने वालों के लिए डिविडेंड और इनकम एग्जेम्प्शन लिमिट अब ₹10,000 कर दी गई है, जो पहले ₹5,000 थी।डिविडेंड टैक्स में बदलाव1 अप्रैल 2025 से, निवेशकों को डिविडेंड टैक्स डिडक्शन पर ज्यादा छूट मिलेगी। अब ₹10,000 तक की डिविडेंड इनकम पर कोई TDS नहीं लगेगा, जबकि पहले यह सीमा ₹5,000 थी। इससे इक्विटी और म्युचुअल फंड निवेशकों को बड़ा फायदा होगा, क्योंकि ₹10,000 से कम की डिविडेंड इनकम पर टैक्स नहीं कटेगा।इंश्योरेंस और ब्रोकरेज कमीशन पर बड़ा अपडेट, एजेंट्स को मिलेगा फायदाबजट 2025 में कमीशन से होने वाली इनकम पर TDS थ्रेशोल्ड बढ़ाने का ऐलान किया गया। इंश्योरेंस एजेंट्स को अब 1 अप्रैल 2025 से TDS छूट की सीमा ₹20,000 मिलेगी, जो पहले ₹15,000 थी।सरकार का कहना है कि इस बदलाव से छोटे एजेंट्स और कमिशन कमाने वालों पर टैक्स का बोझ कम होगा और कैश फ्लो बेहतर होगा। इसके अलावा, कॉम्प्लायंस प्रोसेस आसान बनाने का भी प्रयास किया गया है। - मुंबई । बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (AEL) के चेयरमैन गौतम अदाणी और मैनेजिंग डायरेक्टर राजेश अदाणी को SFIO केस से बरी कर दिया। इस मामले में उन पर AEL के शेयर प्राइस में हेरफेर का आरोप था।Bar and Bench की रिपोर्ट के मुताबिक, जस्टिस राजेश एन लाढ़ा ने सेशंस कोर्ट के उस आदेश को खारिज कर दिया, जिसमें अदाणी और AEL को मामले से मुक्त करने से इनकार कर दिया गया था। इस केस में ₹388 करोड़ के मार्केट रेगुलेशन वॉयलेशन के आरोप थे।अदाणी ग्रुप और AEL ने सेशंस कोर्ट के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। उनके पक्ष में सीनियर एडवोकेट अमित देसाई और विक्रम ननकानी ने दलील दी कि इस मामले में आगे की कार्यवाही का कोई आधार नहीं है।2012 में SFIO द्वारा दायर चार्जशीट में अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (AEL) और अदाणी ग्रुप पर स्टॉकब्रोकर केतन पारेख के साथ मिलकर शेयर प्राइस मैनिपुलेशन का आरोप लगाया गया था। यह मामला भारत के सबसे बड़े स्टॉक मार्केट घोटाले (1999-2000) से जुड़ा है।2014 में मजिस्ट्रेट कोर्ट ने अदाणी ग्रुप और AEL को आरोपों से बरी कर दिया था। हालांकि, नवंबर 2019 में मुंबई की सेशंस कोर्ट ने इस फैसले को पलट दिया। कोर्ट ने SFIO की जांच को प्राइमा फेसी” (prima facie) सही मानते हुए कहा कि अदाणी ग्रुप के प्रमोटर्स ने कथित रूप से ₹388.11 करोड़ और केतन पारेख ने ₹151.40 करोड़ का अवैध लाभ कमाया था।मुंबई सेशंस कोर्ट के जज D E Kothalikar ने पहले अदाणी ग्रुप के खिलाफ कार्रवाई के लिए पर्याप्त आधार माना था। इसके बाद, दिसंबर 2019 में हाई कोर्ट ने सेशंस कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी, जिसे बार-बार बढ़ाया गया और आखिरकार सोमवार को अंतिम फैसला सुनाया गया।फरवरी 2023 में, हाई कोर्ट ने SFIO (Serious Fraud Investigation Office) से देरी को लेकर सवाल किया। SFIO, जो कि केंद्रीय कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के अंतर्गत आता है, को फटकार लगाते हुए कोर्ट ने पूछा कि 10 फरवरी 2022 के बाद से कोई सुनवाई क्यों नहीं हुई, जब अंतरिम रोक बढ़ाई गई थी। कोर्ट ने यह भी पूछा कि क्या इस मामले में कोई कार्रवाई न करने का कारण “बाहरी परिस्थितियां” हैं।गौरतलब है कि इसी दौरान, अदाणी ग्रुप अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के चलते विवादों में था। रिपोर्ट में अदाणी ग्रुप पर “स्टॉक मैनिपुलेशन और अकाउंटिंग फ्रॉड” का आरोप लगाया गया था, जिससे ग्रुप की साख पर सवाल उठे थे।