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नई दिल्ली। भारत के रक्षा निर्यात ने 2024-25 में रिकार्ड बढ़ोतरी दर्ज की है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि पिछले एक दशक में इसमें 34 गुना की जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है। 2013-14 में जहां रक्षा निर्यात केवल 686 करोड़ रुपये था, वहीं वर्ष 2024-25 में यह बढ़कर 23,622 करोड़ रुपये हो गया है। यह वृद्धि ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया’ जैसी पहलों की सफलता को दर्शाती है, जिसके तहत सरकार ने रक्षा उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए कई नीतिगत कदम उठाए हैं। इनमें प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम जैसी योजनाएं भी शामिल हैं, जिसका उद्देश्य भारतीय कंपनियों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाना, विदेशी निवेश आकर्षित करना और आयात पर निर्भरता कम करना है।
रक्षा मंत्री के मुताबिक, इस तेज प्रगति ने रक्षा क्षेत्र की ताकत को दिखाया है और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों (PSUs) के निवेशकों को भी अच्छा लाभ दिलाया है। रक्षा और एयरोस्पेस सेक्टर में अब कई नए हब स्थापित किए गए हैं और भारत वैश्विक कंपनियों के साथ मिलकर काम कर रहा है। कई विदेशी कंपनियां अपनी तकनीक भारतीय कंपनियों को देने या साझा करने को भी तैयार हैं। वित्त वर्ष 2024-25 में भारत ने लगभग 80 देशों को गोला-बारूद, हथियार, सिस्टम/सब-सिस्टम और उनके पुर्जे जैसे विभिन्न रक्षा उत्पाद निर्यात किए हैं। सरकार ने अब 2029 तक सालाना 50,000 करोड़ रक्षा निर्यात का लक्ष्य रखा है।इस बढ़त का असर शेयर बाजार पर भी दिखा है। ‘निफ्टी इंडिया डिफेंस इंडेक्स’ ने पिछले तीन महीनों में 30% से अधिक की वृद्धि दर्ज की है, जो निवेशकों के भरोसे को दर्शाता है। पाकिस्तान के साथ हालिया तनाव और स्वदेशी रक्षा प्रणालियों के प्रभावी प्रदर्शन ने भी आत्मनिर्भर रक्षा निर्माण के सामरिक और आर्थिक महत्व को और मजबूत किया है। -
नई दिल्ली । अप्रैल 2025 में थोक महंगाई दर गिरकर 0.85% हो गई है। मार्च में ये 2.05% थी। ये जानकारी सरकार ने बुधवार को दी। थोक महंगाई में ये गिरावट पेट्रोल-डीजल, बिजली और कच्चे माल की कीमतें कम होने की वजह से हुई। मैन्युफैक्चरिंग से जुड़ी चीजों की कीमतें ज्यादा नहीं बदलीं। थोक महंगाई (WPI) उस कीमत को दिखाती है जिस पर कंपनियां एक-दूसरे को सामान बेचती हैं। इससे देश में सामान की सप्लाई और डिमांड का अंदाज़ा मिलता है।
खुदरा महंगाई भी 5 साल में सबसे कमअप्रैल 2025 में खुदरा महंगाई (CPI) 3.16% रही। ये जुलाई 2019 के बाद सबसे कम है। ये आंकड़े सरकार ने मंगलवार को जारी किए। खाने-पीने की चीजें सस्ती होने से ये राहत मिली है। सब्ज़ी, दाल, फल, मांस, अनाज और पर्सनल केयर की चीजें पहले से सस्ती हुई हैं। तेज गर्मी के बावजूद अच्छी फसल होने से कीमतें काबू में रहीं।RBI का अनुमान: महंगाई अब काबू में रहेगीभारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने अप्रैल 2025 की अपनी मौद्रिक नीति बैठक में अनुमान जताया कि वित्त वर्ष 2025-26 (FY26) में खुदरा महंगाई 4% के आसपास रह सकती है, बशर्ते मानसून सामान्य हो। खास बात यह है कि अप्रैल-जून तिमाही में महंगाई 3.6% रहने का अनुमान है, जो पहले के 4.5% के अनुमान से काफी कम है।भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए तिमाही आधार पर महंगाई के अनुमान भी जारी किए हैं। RBI का कहना है कि अप्रैल से जून की तिमाही में महंगाई दर 3.6% रह सकती है। इसके बाद जुलाई से सितंबर के बीच यह थोड़ी बढ़कर 3.9% होने का अनुमान है। अक्टूबर से दिसंबर की तिमाही में महंगाई फिर से थोड़ी घटकर 3.8% रह सकती है। साल की आखिरी तिमाही यानी जनवरी से मार्च 2026 के बीच महंगाई दर 4.4% तक जा सकती है। इन अनुमानों के मुताबिक, पूरे साल महंगाई काबू में रहने की उम्मीद है। - नयी दिल्ली,। विदेशी बाजारों में मजबूती के रुख के बीच मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में सोने की कीमत 950 रुपये बढ़कर 97,500 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गई। अखिल भारतीय सर्राफा संघ ने यह जानकारी दी है। 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने की कीमत 1,000 रुपये बढ़कर 97,100 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई।सोमवार को 99.9 प्रतिशत और 99.5 प्रतिशत वाले सोने की कीमत 3,400-3,400 रुपये की भारी गिरावट के साथ क्रमश: 96,550 रुपये और 96,100 रुपये प्रति 10 ग्राम रही थी। इस बीच, चांदी की कीमत 250 रुपये की गिरावट के साथ 99,450 रुपये प्रति किलोग्राम रह गई, जबकि इसका पिछला बंद भाव 99,700 रुपये प्रति किलोग्राम था। अबन्स फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) चिंतन मेहता ने कहा, ‘‘अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध में विराम के बाद सुरक्षित निवेश की मांग में कमी आने से सोने की कीमतों में तेज गिरावट आने के बाद फिर से उछाल आया है।'' अमेरिका ने चीनी आयात पर शुल्क को 145 प्रतिशत से घटाकर 30 प्रतिशत करने पर सहमति जताई है, जबकि चीन ने अमेरिकी वस्तुओं पर शुल्क को 125 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया है। मेहता ने कहा कि शुल्क में इस राहत से वैश्विक बाजारों में कुछ शांति आई, जिससे शेयर बाजार में तेजी आई। वैश्विक स्तर पर, हाजिर सोना 3,253.38 डॉलर प्रति औंस पर बोला गया।कोटक सिक्योरिटीज में एवीपी (जिंस शोध) कायनात चैनवाला ने कहा, ‘‘सोने में सोमवार को तीन प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई, जो लगभग दो सप्ताह में सबसे कमजोर बंद स्तर है। हालांकि, मंगलवार को सोने में थोड़ी तेजी आई और यह 3,240 डॉलर प्रति औंस से ऊपर पहुंच गया।'' उन्होंने कहा कि यमन में हूति विद्रोहियों के ठिकानों पर इजरायली हवाई हमलों की खबरों के बीच सुरक्षित पनाहगाह माने जाने वाले सोने की मांग उभरी है।
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नई दिल्ली। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान पूरी दुनिया ने भारत के डिफेंस उपकरणों की ताकत और क्षमता देखी, जिसके बाद अब निवेशक भी भारतीय डिफेंस शेयरों पर जमकर दांव लगा रहे हैं। इसके चलते मंगलवार को ज्यादातर डिफेंस शेयरों में जोरदार रैली देखने को मिली। बढ़ने वाले डिफेंस शेयरों में भारत डायनामिक्स लिमिटेड (बीडीएल) शीर्ष पर रहा। दिन के अंत में बीडीएल 11.47 प्रतिशत की तेजी के साथ 1,750 रुपए पर बंद हुआ।
बीते एक वर्ष में बीडीएल के शेयर में दर्ज की गई यह सबसे बड़ी तेजी हैबीते एक वर्ष में बीडीएल के शेयर में दर्ज की गई यह सबसे बड़ी तेजी है। बीडीएल आकाश मिसाइल सिस्टम बनाने वाली कंपनी है, जिसका इस्तेमाल ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान पाकिस्तान के खिलाफ किया गया। इसके अलावा अन्य डिफेंस कंपनियों जैसे गार्डन रीच शिपबिल्डर्स, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स, कोचीन शिपयार्ड और मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स के शेयर में भी तेजी देखी गई। गार्डन रीच शिपबिल्डर्स का शेयर 5.21 प्रतिशत, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स का शेयर 4.06 प्रतिशत, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स का शेयर 3.81 प्रतिशत, कोचीन शिपयार्ड का शेयर 3.82 प्रतिशत और मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स का शेयर 3.6 प्रतिशत की बढ़त के साथ बंद हुआ।स्वदेशी वायु रक्षा प्रणाली-आकाश सिस्टम का रहा शानदार प्रदर्शनऑपरेशन सिंदूर’ पर सोमवार को भारतीय सेना की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एयर मार्शल एके भारती ने कहा, “हमारे युद्ध-सिद्ध सिस्टम समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं और उन्होंने पाकिस्तान का डटकर मुकाबला किया है। एक और खास बात स्वदेशी वायु रक्षा प्रणाली-आकाश सिस्टम का शानदार प्रदर्शन रहा। पिछले एक दशक में भारत सरकार के बजटीय और नीतिगत समर्थन के कारण ही इतना मजबूत वायु रक्षा वातावरण तैयार करना और संचालित करना संभव हो सका।”एयर डिफेंस सिस्टम की हमारे पास वैरायटी है, जिसमें लो लेवल फायरिंग, सरफेस टू एयर मिसाइल, लॉन्ग और शॉर्ट रेंज मिसाइल शामिल हैंभारती ने आगे कहा, “पाकिस्तान द्वारा इस्तेमाल किए गए ड्रोन और मानवरहित युद्धक हवाई वाहनों की कई लहरों को स्वदेशी रूप से विकसित सॉफ्ट और हार्ड किल काउंटर-यूएएस सिस्टम और अच्छी तरह से प्रशिक्षित भारतीय वायु रक्षा कर्मियों ने नाकाम कर दिया। हमने सिविलियन और मिलिट्री इन्फ्रास्ट्रक्चर को न्यूनतम रखा, जबकि पाकिस्तानी सेना लगातार हमले कर रही थी। आपको पता है कि एयर डिफेंस सिस्टम की हमारे पास वैरायटी है, जिसमें लो लेवल फायरिंग, सरफेस टू एयर मिसाइल, लॉन्ग और शॉर्ट रेंज मिसाइल शामिल हैं। हम पर ड्रोन और यूएवी से हमला किया गया। पाकिस्तानी हमले के दौरान हमारे सभी सिस्टम एकसाथ सक्रिय हुए। मॉडर्न डेज वार फाइटिंग के लिहाज से ये अहम था। -
नयी दिल्ली. देश की अग्रणी वाहन विनिर्माता कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया ने सोमवार को कहा कि वह वैगन आर, ऑल्टो के10, सेलेरियो और ईको मॉडल के सभी संस्करणों में छह एयरबैग की पेशकश करेगी। देश की सबसे बड़ी कार कंपनी ने बयान में कहा कि यह कदम विभिन्न क्षेत्रों में ग्राहकों के लिए बढ़ी हुई सुरक्षा की पेशकश करने की कंपनी की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। मारुति सुजुकी इंडिया के वरिष्ठ कार्यकारी अधिकारी (विपणन एवं बिक्री) पार्थो बनर्जी ने बयान में कहा, ‘‘भारत का तेजी से विस्तारित आधुनिक सड़क बुनियादी ढांचा, तेज रफ्तार वाले एक्सप्रेसवे और विकसित हो रहे आवागमन के रुझान दर्शाते हैं कि मजबूत सुरक्षा उपायों की जरूरत पहले कभी इतनी अधिक नहीं थी।'' उन्होंने कहा कि वैगन आर, ऑल्टो के10, सेलेरियो और ईको में छह एयरबैग को मानक बनाने के निर्णय के साथ कंपनी यह सुनिश्चित कर रही है कि सभी के लिए बेहतर सुरक्षा उपलब्ध हो। बनर्जी ने कहा, ‘‘इन मॉडल की अपार लोकप्रियता को देखते हुए, यह कदम बड़ी संख्या में मोटर चालकों के लिए सुरक्षा मानकों को काफी हद तक बढ़ाता है और देश भर में यात्रियों की सुरक्षा में समग्र रूप से योगदान देता है।'' कंपनी अपने एरेना बिक्री नेटवर्क के जरिये वैगन आर, ऑल्टो के10, सेलेरियो और ईको जैसे मॉडल की बिक्री करती है जबकि नेक्सा नेटवर्क के जरिये वह बलेनो, ग्रैंड विटारा और इनविक्टो जैसे प्रीमियम मॉडल बेचती है।
- नयी दिल्ली।. अमेरिका द्वारा चीन के आयात पर शुल्क वृद्धि को 90 दिन तक रोकने की घोषणा के बाद कारोबारियों ने सुरक्षित निवेश विकल्प यानी सोने से हटकर खरीदारी की, जिससे राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में सोमवार को सोने की कीमत 3,400 रुपये की भारी गिरावट के साथ 96,550 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गई। अखिल भारतीय सर्राफा संघ के अनुसार, 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना सोमवार को 3,400 रुपये गिरकर 96,100 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गया। यह 23 जुलाई, 2024 को सोने की कीमतों में 3,350 रुपये की गिरावट के बाद से 10 माह की सबसे बड़ी गिरावट है। शनिवार को 99.9 और 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना 99,950 रुपये और 99,500 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। मेहता इक्विटीज लिमिटेड के उपाध्यक्ष (जिंस) राहुल कलंत्री ने कहा, ‘‘अमेरिका और चीन के बीच व्यापार वार्ता में प्रगति के संकेत और भारत-पाकिस्तान सहित भू-राजनीतिक तनाव में कुछ राहत के बीच सोने की कीमतों में भारी गिरावट आई है।'' साथ ही, चांदी की कीमतें शनिवार के बंद भाव 99,900 रुपये प्रति किलोग्राम से 200 रुपये टूटकर 99,700 रुपये प्रति किलोग्राम रह गईं। सप्ताहांत में जिनेवा में व्यापार वार्ता के बाद, अमेरिका ने चीनी वस्तुओं पर अपनी 145 प्रतिशत शुल्क दर को घटाकर 30 प्रतिशत करने पर सहमति व्यक्त की, जबकि चीन ने 90 दिन की अवधि के लिए अमेरिकी वस्तुओं पर अपनी दर को घटाकर 10 प्रतिशत करने पर सहमति व्यक्त की। इस बीच, दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं की तुलना में डॉलर की मजबूती मापने वाला, डॉलर इंडेक्स 1.42 प्रतिशत बढ़कर 101.76 पर कारोबार कर रहा है। एलकेपी सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषण विभाग के उपाध्यक्ष (जिंस और मुद्रा) जतिन त्रिवेदी के अनुसार, रूस और यूक्रेन के बीच संभावित संघर्ष विराम के संकेतों और भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य कार्रवाई रोकने को लेकर सहमति बनने से भू-राजनीतिक तनाव कम हुआ है। त्रिवेदी ने कहा कि इन घटनाक्रमों से सोने में भारी मुनाफावसूली हुई, जो पहले वैश्विक अनिश्चितता के कारण चढ़ गया था। शेयर बाजारों में मजबूत तेजी ने भी सुरक्षित निवेश के रूप में सोने की अपील को प्रभावित किया।वैश्विक बाजारों में हाजिर सोना तीन प्रतिशत से अधिक गिरकर 3,218.70 डॉलर प्रति औंस रह गया।अंतरराष्ट्रीय बाजारों में हाजिर चांदी 1.19 प्रतिशत गिरकर 32.33 डॉलर प्रति औंस रह गई।जेएम फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड में उपाध्यक्ष, ईबीजी- जिंस और मुद्रा शोध प्रणव मेर ने कहा कि इस सप्ताह के अंत में, निवेशक मुद्रास्फीति/खुदरा बिक्री और उपभोक्ता भावनाओं सहित अमेरिकी वृहद आर्थिक आंकड़ों पर ध्यान केंद्रित करेंगे। मेर ने कहा कि वे केंद्रीय बैंक की ब्याज दर के बारे में अधिक जानकारी के लिए अमेरिकी फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पावेल के संबोधन का भी इंतजार करेंगे।
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नई दिल्ली। भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम पर सहमति बनने से निवेशकों में खुशी की लहर दौड़ गई और इसका सीधा असर भारतीय शेयर बाजार पर देखने को मिला। एक ही दिन में निवेशकों की संपत्ति में 16 लाख करोड़ रुपए से अधिक की वृद्धि हुई।
सेंसेक्स और निफ्टी में फरवरी 2021 के बाद सबसे अधिक करीब 4 फीसदी की तेजी देखने को मिलीसेंसेक्स और निफ्टी में फरवरी 2021 के बाद सबसे अधिक करीब 4 फीसदी की तेजी देखने को मिली। सकारात्मक वैश्विक और घरेलू संकेतों से मार्केट सेंटीमेंट को बल मिला और भारतीय शेयर बाजारों ने बीते चार वर्षों में ‘बेस्ट सिंगल डे परफॉर्मेंस’ दर्ज करवाने में बड़ी सफलता हासिल की।कारोबार के अंत में सेंसेक्स 2,975.43 अंक या 3.74 प्रतिशत की शानदार तेजी के साथ 82,429.90 स्तर पर बंद हुआकारोबार के अंत में सेंसेक्स 2,975.43 अंक या 3.74 प्रतिशत की शानदार तेजी के साथ 82,429.90 स्तर पर बंद हुआ। वहीं, निफ्टी 916.70 अंक या 3.82 प्रतिशत की तेजी के साथ 24,924.70 पर बंद हुआ। यह पिछले चार वर्षों में दोनों सूचकांकों के लिए दूसरा सबसे बड़ा ‘प्रतिशत लाभ’ था, इससे पहले एकमात्र बड़ी तेजी 1 फरवरी, 2021 को दर्ज की गई थी, जब सूचकांक 4.7 प्रतिशत से अधिक चढ़े थे।भू-राजनीतिक तनाव कम करने, वैश्विक जोखिम उठाने की क्षमता में सुधार लाने और निवेशकों का भरोसा बढ़ाने में मदद मिलीबाजार की तेजी में कई कारकों की अहम भूमिका रही। भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध विराम, अमेरिका-चीन व्यापार वार्ता में सकारात्मक रुख और रूस-यूक्रेन के बीच शांति वार्ता की रिपोर्ट जैसे कारक बाजार के लिए अहम रहे। इन घटनाक्रमों से भू-राजनीतिक तनाव कम करने, वैश्विक जोखिम उठाने की क्षमता में सुधार लाने और निवेशकों का भरोसा बढ़ाने में मदद मिली। सभी सेक्टोरल इंडेक्स हरे निशान में बंद हुए, जिससे सभी क्षेत्रों में व्यापक सुधार दिखा।अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दवा की कीमतों को लेकर 80 प्रतिशत तक की कटौती की टिप्पणी की थीअमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दवा की कीमतों को लेकर 80 प्रतिशत तक की कटौती की टिप्पणी की थी, जिसके बाद निफ्टी फार्मा इंडेक्स 2 प्रतिशत की गिरावट के साथ खुला था। कारोबार के अंत में इंडेक्स 0.15 प्रतिशत की बढ़त के साथ बंद हुआ।निफ्टी आईटी और निफ्टी रियलिटी इंडेक्स में सबसे ज्यादा तेजी रही, जो क्रमशः 6 प्रतिशत और 7 प्रतिशत तक चढ़े। मिडकैप और स्मॉलकैप स्टॉक भी तेजी में शामिल हुए, जिन्होंने 4.1 प्रतिशत की बढ़त के साथ व्यापक बाजार से बेहतर प्रदर्शन किया।बीएसई में लिस्टेड सभी कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण पिछले सत्र (9 मई) के 416.52 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर 432.47 लाख करोड़ रुपए हो गयाबीएसई में लिस्टेड सभी कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण पिछले सत्र (9 मई) के 416.52 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर 432.47 लाख करोड़ रुपए हो गया, जिसके साथ एक ही दिन में 16 लाख करोड़ रुपए की बढ़त दर्ज की गई। विश्लेषकों के अनुसार, अनुकूल वैश्विक और घरेलू संकेतों के कारण बाजार ने सप्ताह की शुरुआत मजबूती के साथ की। रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (रिसर्च) अजीत मिश्रा ने कहा, “सभी प्रमुख क्षेत्रों ने तेजी में योगदान दिया, जिसमें आईटी, रियलिटी और मेटल सबसे आगे रहे। व्यापक बाजारों ने भी इस मजबूती को दिखाया, जिनमें से प्रत्येक में करीब 4 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई।”भू-राजनीतिक चिंताओं में कमी और वैश्विक व्यापार वार्ता में प्रगति ने बाजारों को काफी राहत दीभू-राजनीतिक चिंताओं में कमी और वैश्विक व्यापार वार्ता में प्रगति ने बाजारों को काफी राहत दी, जिसका असर भारत वीआईएक्स अस्थिरता सूचकांक में तेज गिरावट के रूप में दिखाई दिया। उन्होंने कहा कि तकनीकी रूप से, निफ्टी में तेज वृद्धि तीन सप्ताह के कंसोलिडेशन फेज के बाद तेजी के रुझान को जारी रखने का संकेत देती है। 24,857 के पिछले स्विंग हाई को पार करने के बाद, सूचकांक अब 25,200 के स्तर की ओर बढ़ रहा है, जबकि 24,400 से 24,600 के बीच किसी भी गिरावट पर मजबूत समर्थन मिलने की उम्मीद है।( -
नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच 15 मई तक 32 एयरपोर्टों को बंद करने का निर्णय लिया गया था। इसे लेकर अब भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) ने नया अपडेट दिया है। एएआई ने बताया कि ये सभी हवाई अड्डे तत्काल प्रभाव से नागरिक विमान संचालन के लिए उपलब्ध हैं।
भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने सोमवार को एक बयान में कहा हवाई अड्डे तत्काल प्रभाव से नागरिक विमान संचालन के लिए उपलब्धभारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने सोमवार को एक बयान में कहा, “यात्रीगण कृपया ध्यान दें; 15 मई 2025 को सुबह 05:29 बजे तक 32 हवाई अड्डों पर नागरिक विमान संचालन के लिए अस्थायी बंदी की अधिसूचना जारी की गई थी। अब सूचित किया जाता है कि ये हवाई अड्डे तत्काल प्रभाव से नागरिक विमान संचालन के लिए उपलब्ध हैं।10 मई को उत्तरी और पश्चिमी भारत के 32 हवाई अड्डों को नागरिक उड़ान संचालन के लिए अस्थायी रूप से बंद करने की घोषणा की गई थीयात्रियों को सलाह दी जाती है कि वे अपनी उड़ान की स्थिति सीधे एयरलाइंस से जांचें और नियमित अपडेट के लिए एयरलाइंस की वेबसाइट पर नजर रखें।” 10 मई को भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) और संबंधित विमानन अधिकारियों ने नोटिस टू एयरमेन (नोटम) जारी कर उत्तरी और पश्चिमी भारत के 32 हवाई अड्डों को नागरिक उड़ान संचालन के लिए अस्थायी रूप से बंद करने की घोषणा की थी। ये आदेश 15 मई तक प्रभावी था।आदमपुर, अंबाला, अमृतसर, अवंतीपोरा, बठिंडा, भुज, बीकानेर, चंडीगढ़, हलवारा, हिंडन, जैसलमेर, जम्मू, जामनगर, जोधपुर, कांडला, कांगड़ा आदि एयरपोर्ट को बंद करने का फैसला किया गया थाजिन एयरपोर्ट को बंद करने का फैसला किया गया था, उनमें आदमपुर, अंबाला, अमृतसर, अवंतीपोरा, बठिंडा, भुज, बीकानेर, चंडीगढ़, हलवारा, हिंडन, जैसलमेर, जम्मू, जामनगर, जोधपुर, कांडला, कांगड़ा (गग्गल), केशोद, किशनगढ़, कुल्लू मनाली (भुंतर), लेह, लुधियाना, मुंद्रा, नालिया, पठानकोट, पटियाला, पोरबंदर, राजकोट (हीरासर), सरसावा, शिमला, श्रीनगर, थोइस और उत्तरलई शामिल हैं।दिल्ली हवाई अड्डे पर अब सभी कार्य सामान्य रूप से चल रहे हैंइससे पहले, दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट ने सोमवार को यात्रियों के लिए नई एडवाइजरी जारी की थी। इसमें कहा गया है कि दिल्ली हवाई अड्डे पर सभी कार्य सामान्य रूप से चल रहे हैं, लेकिन कुछ उड़ानों के समय में बदलाव हो सकता है।सुरक्षा उपायों के कारण कुछ उड़ानों के समय में बदलाव हो सकता है और जांच में अधिक समय लग सकता हैइंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट ने एक बयान में कहा, “दिल्ली हवाई अड्डे पर सभी कार्य सामान्य रूप से चल रहे हैं। हालांकि, बदलती हवाई क्षेत्र की स्थिति और नागर विमानन सुरक्षा ब्यूरो द्वारा बढ़ाए गए सुरक्षा उपायों के कारण कुछ उड़ानों के समय में बदलाव हो सकता है और सुरक्षा जांच में अधिक समय लग सकता है।” -
नई दिल्ली। भारतीय शेयर बाजार सोमवार को शानदार तेजी के साथ खुले और सुबह के कारोबार में सेंसेक्स 1,900 अंक से ऊपर उछला। यह तेजी भारत-पाक तनाव कम होने के साथ ही ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत देश की सैन्य और रणनीतिक क्षमता के एक महत्वपूर्ण प्रदर्शन के कारण देखी गई। शुरुआती कारोबार में पीएसयू बैंक, आईटी और ऑटो सेक्टर में खरीदारी देखी गई।
सुबह करीब 9.34 बजे सेंसेक्स 1,943 अंक या 2.45 प्रतिशत बढ़कर 81,398.42 पर कारोबार कर रहा थासुबह करीब 9.34 बजे सेंसेक्स 1,943 अंक या 2.45 प्रतिशत बढ़कर 81,398.42 पर कारोबार कर रहा था, जबकि निफ्टी 598.8 अंक या 2.49 प्रतिशत चढ़कर 24,606.85 पर था। निफ्टी बैंक 1,395.95 अंक या 2.60 प्रतिशत बढ़कर 54,991.20 पर था। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 1,456.20 अंक या 2.74 प्रतिशत की बढ़त के साथ 54,679.55 पर कारोबार कर रहा था। निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 498.95 अंक या 3.10 प्रतिशत की बढ़त के साथ 16,584.60 पर था।भारतीय बाजारों में लगातार बाहरी उथल-पुथल के बीच अर्थव्यवस्था ने शानदार तेजी दिखाई हैविश्लेषकों के अनुसार, भारत के बाजारों और अर्थव्यवस्था ने शानदार तेजी दिखाई है, जो लगातार बाहरी उथल-पुथल और भू-राजनीतिक तनावों से आगे बढ़ने में एक बड़ी कामयाबी के रूप में देखी गई। यह ताकत एक स्थिर, घरेलू रूप से उन्मुख अर्थव्यवस्था से आती है, जो वैश्विक परेशानियों से बचाने में मदद करती है, यह दर्शाती है कि हर संकट अंततः समाप्त होता है।ट्रेड डील पर बातचीत करने के भारत के प्रयास वैश्विक व्यापार संबंधों को मजबूत करेंगे और इसे दुनिया भर में अधिक बिक्री करने में मदद करेंगेएचडीएफसी सिक्योरिटीज में प्राइम रिसर्च के प्रमुख देवर्ष वकील ने कहा, “ट्रेड डील पर बातचीत करने के भारत के प्रयास वैश्विक व्यापार संबंधों को मजबूत करेंगे और इसे दुनिया भर में अधिक बिक्री करने में मदद करेंगे, जिससे स्थिर विदेशी धन आएगा और यह अधिक प्रतिस्पर्धी बनेगा। संतुलित वैश्विक संबंधों और मजबूत साझेदारी के साथ, यह अपेक्षाकृत स्थिर निवेश स्थान बनाता है।”विशेषज्ञों ने कहा कि पिछले सप्ताह प्रमुख सूचकांकों में मिला-जुला रुख रहाविशेषज्ञों ने कहा कि पिछले सप्ताह प्रमुख सूचकांकों में मामूली मिला-जुला रुख रहा। अमेरिका और ब्रिटेन के बीच व्यापार समझौते की घोषणा और सप्ताह के अंत में व्यापार चर्चा के लिए स्विट्जरलैंड में अमेरिकी और चीनी अधिकारियों की बैठक की रिपोर्ट ने बड़ी और महत्वपूर्ण वार्ता और टैरिफ में कमी का मार्ग प्रशस्त किया, जिससे निवेशकों की धारणा को बल मिला।एशियाई बाजारों में चीन, हांगकांग और सोल हरे निशान में कारोबार कर रहे थे, जबकि जापान लाल निशान में कारोबार कर रहा थाइस बीच, सेंसेक्स पैक में अदाणी पोर्ट्स, बजाज फाइनेंस, एक्सिस बैंक, इटरनल, पावर ग्रिड, एनटीपीसी, बजाज फिनसर्व, टाटा स्टील, एलएंडटी, एसबीआई टॉप गेनर्स रहे। जबकि, केवल सन फार्मा टॉप लूजर रहा।एशियाई बाजारों में चीन, हांगकांग और सोल हरे निशान में कारोबार कर रहे थे, जबकि जापान लाल निशान में कारोबार कर रहा था।अमेरिकी बाजारों में शुक्रवार को आखिरी कारोबारी सत्र में डाउ जोंस 0.29 फीसदी की गिरावट के साथ 41,249.38 पर बंद हुआअमेरिकी बाजारों में शुक्रवार को आखिरी कारोबारी सत्र में डाउ जोंस 0.29 फीसदी की गिरावट के साथ 41,249.38 पर बंद हुआ। एसएंडपी 500 इंडेक्स 0.07 फीसदी की गिरावट के साथ 5,659.91 पर और नैस्डैक 17,928.92 पर बंद हुआ।विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) लगातार 16 सत्रों तक शुद्ध खरीदार रहने के बाद 9 मई को शुद्ध विक्रेता बन गए। उन्होंने 3,798.71 करोड़ रुपए के शेयर बेचे। इसके विपरीत, घरेलू संस्थागत निवेशक (डीआईआई) शुद्ध खरीदार बने रहे, जिन्होंने उसी दिन 7,277.74 करोड़ रुपए का निवेश किया। -
मुंबई। क्षेत्रीय विमानन कंपनी स्टार एयर ने रविवार को कहा कि वह 15 मई से कोल्हापुर से बेंगलुरु, हैदराबाद और नागपुर के लिए सीधी उड़ान सेवा शुरू करेगी। स्टार एयर फिलहाल कोल्हापुर से तीन गंतव्यों - अहमदाबाद, मुंबई और तिरुपति के लिए 16 साप्ताहिक उड़ानें (सीधी और वाया) संचालित करती है। इस विस्तार से एयरलाइन की कोल्हापुर से सात गंतव्यों तक उड़ानें बढ़ जाएंगी, जिससे साप्ताहिक आवृत्ति 28 हो जाएगी। स्टार एयर ने कहा कि 15 मई से वह अपने मौजूदा मुंबई-कोल्हापुर-मुंबई और कोल्हापुर-अहमदाबाद-कोल्हापुर मार्गों पर 50 सीट वाले एम्ब्रेयर ईआरजे-145 विमान को ‘बिजनेस' श्रेणी के 76 सीट वाले ईआरजे-175 विमान से बदल देगी। एक बयान के अनुसार, कोल्हापुर से नई उड़ान सेवाओं की शुरुआत कोल्हापुर मुख्यालय वाली विविधीकृत संजय घोडावत समूह की एयरलाइन की ग्रीष्मकालीन अनुसूची नेटवर्क विस्तार योजना का हिस्सा है। एयरलाइन ने कहा कि तीन जून से वह कोल्हापुर से सात गंतव्यों - अहमदाबाद, मुंबई, तिरुपति, बेंगलुरु, हैदराबाद, नागपुर और किशनगढ़ के लिए 32 साप्ताहिक उड़ानें संचालित करेगी। स्टार एयर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) कैप्टन सिमरन सिंह तिवाना ने कहा, “कोल्हापुर से हमारा विस्तार अधिक क्षेत्रीय केंद्रों को जोड़ने की रणनीतिक पहल है। हमारे बढ़ते बेड़े के साथ, स्टार एयर भारत के हृदयस्थल में संपर्क की कमी को पूरा करने के लिए तैयार है।”
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नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के हस्तशिल्प व खास उत्पादों का बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई योगी सरकार की एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना में बलिया का सत्तू, आगरा का पेठा सहित 12 और नए उत्पाद शामिल किए गए हैं।
प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओडीओपी योजना जहां देश के कई राज्य अपना रहे हैं, वहीं दुनिया में भी ओडीओपी उत्पादों की सराहना हो रही है। इसे और सशक्त बनाने के लिए योगी सरकार ने 12 और नए उत्पादों को ओडीओपी में शामिल किया है, जो देश-दुनिया में अपनी पहचान बनाएंगे। योगी सरकार पहले ही प्रदेश के विभिन्न जिलों के 62 उत्पादों को ओडीओपी में शामिल कर चुकी है, वहीं अब यह संख्या बढ़कर 74 हो गई है।सूक्ष्य, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) सचिव प्रांजल यादव ने बताया कि ओडीओपी , प्रदेश के हर जिले की पारंपरिक विशेषताओं और उद्योगों को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय बाजार में पहचान मिली है। इससे न सिर्फ स्थानीय शिल्पियों और उद्यमियों को रोज़गार मिला है, बल्कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी नई ऊर्जा प्राप्त हुई है। नए उत्पादों में बागपत के एग्रीकल्चरल इम्पलीमेंटस ऐंड रिलेटेड एसेसिरीज, सहारनपुर के होजरी उत्पाद, फिरोजाबाद का खाद्य प्रसंस्करण, गाजियाबाद के मैटल, टेक्सटाइल ऐंड अपेरल उत्पाद, अमरोहा के मेटल एवं वुडन हैंडीक्राफ्ट, आगरा का पेठा उद्योग एवं सभी प्रकार के फुटवीयर, हमीरपुर के मैटल उत्पाद, बरेली के लकड़ी के उत्पाद, एटा के चिकोरी उत्पाद, प्रतापगढ़ का खाद्य प्रसंस्करण, बिजनौर का ब्रश एवं उससे जुड़े उत्पाद और बलिया का सत्तू उत्पाद आदि शामिल हैं।ओडीओपी योजना के तहत बनारस की साड़ी, भदोही का कालीन, कन्नौज का इत्र, आगरा का जूता, अलीगढ़ का ताला, सहारनपुर का वुड कर्विंग, आगरा का चमड़ा उत्पाद व संगमरमर पर जड़ाऊ कार्य, बरेली का जरी-जरदोजी, स्वर्णकारी, बांस बेत, बिजनौर का काष्ठ कला आदि उत्पादों ने विश्व पटल पर अपनी नई पहचान बनाई है। -
नई दिल्ली। देश की सबसे बड़ी तेल कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC) ने शुक्रवार को कहा कि देश में पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस LPG का पर्याप्त भंडार उपलब्ध है और फ्यूल की पैनिक बाइंग की कोई जरूरत नहीं है।यह बयान सोशल मीडिया पर पोस्ट और वीडियो की बाढ़ के बाद आया है जिसमें भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ने के कारण लोगों को पेट्रोल पंपों पर ईंधन जमा करने के लिए कतारों में दिखाया गया है।
IOC ने X पर एक पोस्ट में कहा, “इंडियन ऑयल के पास पूरे देश में फ्यूल का पर्याप्त भंडार है और हमारी आपूर्ति लाइनें सुचारू रूप से चल रही हैं।” “पैनिक बाइंग की कोई जरूरत नहीं है – फ्यूल और एलपीजी हमारे सभी आउटलेट्स पर आसानी से उपलब्ध हैं।”आईओसी ने कहा, “शांत रहकर और अनावश्यक भीड़ से बचकर हमारी बेहतर सेवा करने में मदद करें। इससे हमारी आपूर्ति लाइनें निर्बाध रूप से चलती रहेंगी और सभी के लिए निर्बाध फ्यूल पहुंच सुनिश्चित होगी।” -
नई दिल्ली। सोने की कीमत में शुक्रवार को गिरावट देखने को मिली और कीमत घटकर 97,000 रुपए प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गई है। इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (आईबीजेए) के अनुसार, 24 कैरेट के 10 ग्राम सोने की कीमत 383 रुपए कम होकर 96,647 रुपए हो गई है, जो कि पहले 97,030 रुपए प्रति 10 ग्राम थी। 22 कैरेट के सोने की कीमत कम होकर 94,330 रुपए प्रति 10 ग्राम, 20 कैरेट के सोने की कीमत घटकर 86,020 रुपए प्रति 10 ग्राम, 18 कैरेट के सोने का दाम कम होकर 78,280 रुपए प्रति 10 ग्राम और 14 कैरेट के सोने का दाम कम होकर 62,340 रुपए प्रति 10 ग्राम हो गया है।
हाजिर बाजार के साथ-साथ वायदा बाजार में भी गिरावट देखने को मिलीहाजिर के साथ वायदा बाजार में भी गिरावट देखने को मिली है। गोल्ड के 5 जून 2025 का कॉन्ट्रैक्ट का भाव 0.05 प्रतिशत कम होकर 96,120 रुपए प्रति 10 ग्राम हो गया है। वहीं, चांदी के 4 जुलाई 2025 का कॉन्ट्रैक्ट की कीमत 0.20 प्रतिशत कम होकर 96,315 रुपए प्रति किलो हो गया है।घरेलू बाजार में सोने की कीमतों में भले ही कमी आई हो, लेकिन अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतों में तेजी का सिलसिला जारीघरेलू बाजार में सोने की कीमतों में कमी आई हो, लेकिन अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतों में तेजी का सिलसिला जारी है और यह 0.70 प्रतिशत की तेजी के साथ 3,328 डॉलर प्रति औंस के आसपास कारोबार कर रहा है। कल सोने का भाव 3,300 डॉलर प्रति औंस के करीब था।सोने के उलट हाजिर बाजारों में चांदी की कीमत में तेजी देखी जा रहीसोने के उलट हाजिर बाजारों में चांदी की कीमत में तेजी देखी जा रही है और यह 461 रुपए बढ़कर 95,686 रुपए प्रति किलो पर पहुंच गया है। इससे पहले चांदी का भाव 95,225 रुपए प्रति किलो पर था।सोने की कीमतों में इस साल की शुरुआत से ही तेजी बनी हुई हैसोने की कीमतों में इस साल की शुरुआत से ही तेजी बनी हुई है। 24 कैरेट के 10 ग्राम सोने का भाव एक जनवरी को 76,162 रुपए था, जो कि 20,485 रुपए या 26.89 प्रतिशत बढ़कर 96,674 रुपए हो गया है। -
मुंबई. इस साल अप्रैल में सब्जियों की कीमतों में नरमी से घर में बने भोजन की लागत में कमी आई है। एक रिपोर्ट में बुधवार को यह जानकारी दी गई। घरेलू रेटिंग एजेंसी क्रिसिल की एक इकाई ने अपनी रिपोर्ट ‘रोटी चावल कीमत' में कहा कि अप्रैल में एक सामान्य शाकाहारी थाली की लागत सालाना आधार पर चार प्रतिशत और मासिक आधार पर एक प्रतिशत कम होकर 26.3 रुपये रह गई। सब्जियों की कीमतों में तेज गिरावट के कारण भोजन सस्ता हुआ। इस दौरान टमाटर 34 प्रतिशत, आलू 11 प्रतिशत और प्याज छह प्रतिशत सस्ता हुआ। रिपोर्ट में कहा गया कि उच्च आयात शुल्क के कारण वनस्पति तेल की कीमतों में 19 प्रतिशत और एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में छह प्रतिशत की वृद्धि ने थाली की लागत में गिरावट को सीमित किया। इसके मुताबिक, मांसाहारी थाली की कीमत में सालाना आधार पर चार प्रतिशत और मासिक आधार पर दो प्रतिशत की गिरावट आई है और यह 53.9 रुपये प्रति थाली पर आ गई है। रिपोर्ट कहती है कि मांसाहारी भोजन की कीमत में गिरावट सब्जियों और पॉल्ट्री की कीमतों में कमी के कारण हुई, जो कुछ प्रायद्वीपीय राज्यों में बर्ड फ्लू के कारण मांग प्रभावित होने के कारण अधिक आपूर्ति के कारण प्रभावित हुई है। क्रिसिल इंटेलिजेंस के निदेशक पुशन शर्मा ने कहा, ‘‘आने वाले दिनों में मजबूत घरेलू उत्पादन के बीच गेहूं और दालों की कीमतों में नरमी आने की उम्मीद है। वैश्विक आपूर्ति में तेजी आने से खाद्य तेल की कीमतों में भी अगले 2-3 महीनों में नरमी आ सकती है।
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नई दिल्ली। भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच घरेलू शेयर बाजार बुधवार के कारोबारी सत्र में हरे निशान में बंद हुए। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 105.71 अंक या 0.13 प्रतिशत की बढ़त के साथ 80,746.78 और निफ्टी 34.80 या 0.14 प्रतिशत की मजबूती के साथ 24,414.40 पर था।
बाजार की तेजी का नेतृत्व ऑटो और रियल्टी शेयरों ने कियाबाजार की तेजी का नेतृत्व ऑटो और रियल्टी शेयरों ने किया। निफ्टी ऑटो और रियल्टी इंडेक्स एक प्रतिशत से अधिक की बढ़त के साथ बंद हुए। इसके अलावा, पीएसयू बैंक, फाइनेंशियल सर्विसेज, मेटल, एनर्जी और प्राइवेट बैंक इंडेक्स भी हरे निशान में थे। केवल फार्मा और एफएमसीजी इंडेक्स ही लाल निशान में बंद हुए हैं।वर्तमान स्थिति में बाजार 24,000 से लेकर 24,550 के दायरे में रह सकता हैएलकेपी सिक्योरिटीज में वरिष्ठ तकनीकी सलाहकार, रूपक डे ने कहा कि इंडेक्स एक सीमित दायरे में कारोबार कर रहा है। वर्तमान स्थिति में बाजार 24,000 से लेकर 24,550 के दायरे में रह सकता है। अगर यह 24,550 के स्तर को तोड़ता है तो बड़ी तेजी आ सकती है।लार्जकैप के मुकाबले मिडकैप और स्मॉलकैप में तेजी का ट्रेंड देखा गयाउन्होंने आगे कहा कि गिरावट की स्थिति में 24,200 एक अहम सोपर्ट स्तर है। अगर यह टूटता है तो एनएसई सूचकांक 24,000 के स्तर को भी छू सकता है। लार्जकैप के मुकाबले मिडकैप और स्मॉलकैप में तेजी का ट्रेंड देखा गया। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 851.90 अंक या 1.59 प्रतिशत की तेजी के साथ 54,287.75 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 222.80 अंक या 1.38 प्रतिशत की बढ़त के साथ 16,417.95 पर था।एशियन पेंट्स, सन फार्मा, आईटीसी, एचसीएल टेक, रिलायंस, नेस्ले, एचयूएल, टीसीएस और एलएंडटी टॉप लूजर्स थेसेंसेक्स पैक में टाटा मोटर्स, बजाज फाइनेंस, इटरनल, एमएंडएम, अदाणी पोर्ट्स, टाटा स्टील, टाइटन, पावर ग्रिड, कोटक महिंद्रा बैंक, एचडीएफसी बैंक, मारुति सुजुकी और आईसीआईसीआई बैंक टॉप गेनर्स थे। एशियन पेंट्स, सन फार्मा, आईटीसी, एचसीएल टेक, रिलायंस, नेस्ले, एचयूएल, टीसीएस और एलएंडटी टॉप लूजर्स थे। शेयर बाजार की शुरुआत सपाट हुई थी। सुबह 9:20 पर सेंसेक्स 40 अंक या 0.05 प्रतिशत की गिरावट के साथ 80,600 और निफ्टी 4.35 अंक की मामूली गिरावट के साथ 24,375 पर था।( - नयी दिल्ली/ केंद्रीय दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को कहा कि वर्तमान में भारत में निवेश करना हर मूल उपकरण विनिर्माता के लिए आर्थिक रूप से समझदारी भरा कदम है। उन्होंने इस संबंध में अमेरिकी स्मार्ट उपकरण कंपनी एप्पल के उस फैसले का उदाहरण दिया जिसमें उसने अमेरिका में बिकने वाले अधिकतर आईफोन को भारत में बनाने तथा यहां से खरीदने का निर्णय लिया है। ‘भारत टेलीकॉम' कार्यक्रम में सिंधिया ने कहा कि वर्तमान में भारत में निवेश केवल सद्भावना का कार्य नहीं है, बल्कि यह हर एक ओईएम (मूल उपकरण विनिर्माता) के लिए आर्थिक रूप से समझदारी भरा कदम है। सिंधिया ने कहा, ‘‘ एप्पल ने आने वाले वर्षों में अपने सभी मोबाइल फोन भारत में ही बनाने तथा यहीं से खरीदने का निर्णय लिया है। जब आप भारत में निवेश करते हैं, तो आप सामर्थ्य, विश्वसनीयता और मौलिकता का चयन करते हैं।'' एप्पल के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) टिम कुक ने हाल ही में कहा था कि जून तिमाही में अमेरिका में बेचे जाने वाले अधिकतर आईफोन की आपूर्ति भारत से की जाएगी। वहीं शुल्क दरों पर अनिश्चितता के बीच चीन अन्य बाजारों के लिए सर्वाधिक आईफोन बनाना जारी रखेगा। सिंधिया ने कहा कि सरकार की उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना से लाभान्वित दूरसंचार उपकरण बाजार में कई गुना वृद्धि देखी गई है। उन्होंने कहा, ‘‘ केवल 4,000 करोड़ रुपये, यानी आधा अरब डॉलर के निवेश के परिणामस्वरूप 80,000 करोड़ रुपये की बिक्री हुई है, निर्यात में 16,000 करोड़ रुपये का योगदान रहा और 25,000 नौकरियां सृजित हुई हैं। इसलिए, भारत में दूरसंचार उपकरण बाजार भी कई गुना बढ़ गया है।'' दूरसंचार राज्य मंत्री चंद्रशेखर पेम्मासानी ने कहा कि 2014 के आसपास भारत मोबाइल फोन का एक बड़ा आयातक था, लेकिन अब वह मोबाइल फोन का एक बड़ा उत्पादक व निर्यातक बन गया है। उन्होंने कहा कि भारत का मोबाइल फोन उद्योग 2014 में 60 लाख फोन बनाने और 21 करोड़ मोबाइल फोन आयात करने से बदलकर 2024 में कुल 33 करोड़ मोबाइल फोन का उत्पादन और पांच करोड़ फोन का निर्यात करने वाला बन गया है। पेम्मासानी ने कहा, ‘‘ इसके अलावा अगर आप वैश्विक स्तर पर आईफोन उत्पादन पर नजर डालें, तो आज उसमें 15 प्रतिशत हिस्सेदारी भारत की है।'' बाजार अनुसंधान कंपनी आईडीसी के अनुसार, एप्पल ने दुनिया भर में 23.21 करोड़ आईफोन की आपूर्ति की है। पेम्मासानी ने कहा कि ‘सेमीकंडक्टर मिशन'.. भारत को इलेक्ट्रॉनिक, सिस्टम डिजाइन और विनिर्माण के लिए एक वैश्विक केंद्र में बदल रहा है। उन्होंने कहा, भारतीय जमीन पर सेमीकंडक्टर विनिर्माण सुविधाओं की स्थापना हमारी प्रौद्योगिकी संप्रभुता में एक महत्वपूर्ण क्षण है ।
- नयी दिल्ली। मूडीज रेटिंग्स ने 2025 के लिए भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर के अनुमान को 6.5 प्रतिशत से घटाकर मंगलवार को 6.3 प्रतिशत कर दिया। रेटिंग एजेंसी ने कहा कि अमेरिकी नीति अनिश्चितता और व्यापार प्रतिबंधों के कारण वैश्विक स्तर पर अर्थव्यवस्थाओं पर दबाव पड़ेगा। अपने ‘ग्लोबल मैक्रो आउटलुक' 2025-26 (मई संस्करण) में मूडीज ने कहा कि भारत तथा पाकिस्तान के बीच जारी तनाव जैसे भू-राजनीतिक तनावों से भी उसके आधारभूत वृद्धि पूर्वानुमानों पर नकारात्मक असर पड़ने की आशंका है। मूडीज ने कहा कि निवेशकों तथा व्यवसायों की लागत बढ़ने के आसार हैं क्योंकि वे निवेश, विस्तार और/या माल के स्रोत का फैसला करते समय नए भू-राजनीतिक विन्यासों को ध्यान में रखते हैं। मूडीज ने कैलेंडर वर्ष 2025 के लिए भारत के वृद्धि अनुमानों को घटाकर 6.3 प्रतिशत कर दिया, लेकिन 2026 के लिए इसे 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा। यह 2024 की 6.7 प्रतिशत की वृद्धि से कम है। मूडीज को उम्मीद है कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआर्ई) वृद्धि को समर्थन देने के लिए नीतिगत दरों को और कम करेगा। रेटिंग एजेंसी ने अमेरिका के लिए जीडीपी वृद्धि अनुमानों को भी क्रमश: दो प्रतिशत तथा 1.8 प्रतिशत से घटाकर 2025 के लिए एक प्रतिशत और 2026 के लिए 1.5 प्रतिशत कर दिया है। यह 2024 में 2.8 प्रतिशत रही थी। चीन के मामले में मूडीज का अनुमान है कि 2025 में वृद्धि दर 3.8 प्रतिशत और 2026 में 3.9 प्रतिशत रहेगी जो 2024 की पांच प्रतिशत की वृद्धि दर से कम है।
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नई दिल्ली। बुधवार, 7 मई 2025 को पाकिस्तान के शेयर बाजार में जबरदस्त गिरावट देखने को मिली। इसकी वजह बनी भारत की ‘ऑपरेशन सिंदूर‘ के तहत पाकिस्तान और पीओके (पाक अधिकृत कश्मीर) में आतंकी ठिकानों पर रातों-रात की गई सर्जिकल स्ट्राइक। इस खबर से निवेशकों में घबराहट फैल गई और बाजार में तेज गिरावट आ गई।
पाकिस्तान का प्रमुख शेयर इंडेक्स कराची-100 (KSE-100) बुधवार सुबह 6,272 अंक यानी 5.5% की भारी गिरावट के साथ 1,07,296.64 पर आ गया। यह मंगलवार के बंद स्तर 1,13,568.51 से काफी नीचे है।22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से पाकिस्तान का KSE-100 इंडेक्स अब तक कुल 3.7% टूट चुका है। इसके उलट भारत का सेंसेक्स करीब 1.5% ऊपर गया है, जिससे निवेशकों का भरोसा भारत में बना हुआ दिख रहा है। -
मुंबई. भारतीय रिजर्व बैंक ने वित्तवर्ष 2024-25 की दूसरी छमाही में अपने भंडार में लगभग 25 टन सोना बढ़ाया है। इस अवधि में सोने की कीमतों में वृद्धि देखी गई थी। सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली। केंद्रीय बैंक के पास अब अपने भंडार में 879.59 टन सोना है, जबकि सितंबर 2024 के अंत में उसके पास 854.73 टन सोना था। वित्तवर्ष 2024-25 में, केंद्रीय बैंक ने अपने भंडार में सोने की मात्रा 57 टन और बढ़ायी, जिस अवधि के दौरान सोने की कीमतों में 30 प्रतिशत की तेजी देखी गई थी। यह पिछले सात वर्षों में सबसे बड़ी वार्षिक वृद्धि है। केंद्रीय बैंक द्वारा विदेशी मुद्रा भंडार के प्रबंधन पर अर्धवार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, स्थानीय रूप से संग्रहीत कीमती धातु की मात्रा मामूली रूप से बढ़कर 511.99 टन हो गई। स्थानीय तिजोरियों में रखे सोने के अलावा, 348.62 टन सोना बैंक ऑफ इंग्लैंड और बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट्स (बीआईएस) के पास था और 18.98 टन सोना जमा के रूप में रखा गया था। यह ध्यानयोग्य है कि वित्तवर्ष 2025 की पहली छमाही में, रिजर्व बैंक ने स्थानीय तिजोरियों में बड़ी मात्रा में सोना स्थानांतरित किया था। स्थानीय तिजोरियों में संग्रहीत सोने की कुल मात्रा 30 सितंबर तक 510.46 टन थी, जो 31 मार्च, 2024 को 408 टन से अधिक है। वैश्विक स्तर पर बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव के समय हो रही सोने की आवाजाही को वर्ष 1991 के बाद से भारत द्वारा किए गए सोने की सबसे बड़ी आवाजाही में से एक कहा गया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि कुल विदेशी मुद्रा भंडार में सोने का हिस्सा छह महीने पहले 9.32 प्रतिशत से बढ़कर मार्च 2025 के अंत तक 11.70 प्रतिशत हो गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि कुल विदेशी मुद्रा भंडार सितंबर 2024 के अंत के 705.78 अरब डॉलर से घटकर मार्च 2025 में 668.33 अरब डॉलर रह गया। ये भंडार अब 10.5 महीने के आयात जरुरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त हैं, जबकि सितंबर 2024 में यह 11.8 महीने की जरुरतों को पूरा करने की स्थिति से कम है।
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मुंबई. विदेशी कोषों का निवेश जारी रहने और कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में तेज गिरावट आने के बीच सोमवार को स्थानीय शेयर बाजारों में लगातार दूसरे कारोबारी सत्र में तेजी रही और दोनों मानक सूचकांक सेंसेक्स एवं निफ्टी इस साल के अपने उच्चतम स्तर पर बंद हुए। बीएसई का 30 शेयरों पर आधारित मानक सूचकांक सेंसेक्स 294.85 अंक यानी 0.37 प्रतिशत चढ़कर 80,796.84 अंक पर बंद हुआ। यह चार महीनों से अधिक समय का इसका उच्चतम बंद स्तर है। कारोबार के दौरान एक समय सेंसेक्स 547.04 अंक बढ़कर 81,049.03 अंक पर पहुंच गया था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का मानक सूचकांक निफ्टी भी 114.45 अंक यानी 0.47 प्रतिशत बढ़कर 24,461.15 अंक पर पहुंच गया। निफ्टी के लिए भी यह वर्ष 2025 का अब तक का सबसे ऊंचा बंद स्तर है। सेंसेक्स की कंपनियों में से अदाणी पोर्ट्स के शेयर में सर्वाधिक 6.29 प्रतिशत की तेजी देखी गई। यह तेजी रिश्वतखोरी की जांच में आपराधिक आरोपों को खारिज करने की मांग करने के लिए अमेरिकी प्रशासन के अधिकारियों से गौतम अदाणी के प्रतिनिधियों के मिलने की खबरों के बीच आई। अदाणी समूह की अन्य सभी सूचीबद्ध कंपनियों के शेयर भी बढ़त के साथ बंद हुए। सेंसेक्स की कंपनियों में बजाज फिनसर्व, महिंद्रा एंड महिंद्रा, इटर्नल (पूर्व में जोमैटो), पावर ग्रिड, आईटीसी, टाटा मोटर्स, एशियन पेंट्स और हिंदुस्तान यूनिलीवर भी लाभ में रहीं। दूसरी तरफ, कोटक महिंद्रा बैंक में 4.57 प्रतिशत की बड़ी गिरावट दर्ज की गई। निजी क्षेत्र के इस बैंक का वित्त वर्ष 2024-25 की मार्च तिमाही में एकीकृत शुद्ध लाभ 7.57 प्रतिशत गिर गया है। इसके अलावा भारतीय स्टेट बैंक, एक्सिस बैंक, टाइटन और इंडसइंड बैंक के शेयर भी गिरावट के साथ बंद हुए।
शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने शुक्रवार को 2,769.81 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की शुद्ध खरीदारी की। अनुकूल वैश्विक संकेतों और मजबूत घरेलू बुनियादी आंकड़ों के बीच विदेशी निवेशकों ने अप्रैल महीने में भारतीय शेयर बाजार में शुद्ध रूप से 4,223 करोड़ रुपये डाले हैं और तीन माह बाद वे पहली बार शुद्ध लिवाल बने हैं। इसके पहले इस साल मार्च में 3,973 करोड़ रुपये, फरवरी में 34,574 करोड़ रुपये और जनवरी में 78,027 करोड़ रुपये की लगातार शुद्ध निकासी देखी गई थी। जियोजीत इन्वेस्टमेंट लिमिटेड के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘बाजार ने अपनी सकारात्मक गति को बनाए रखा है, हालांकि आशावाद थोड़ा कम हुआ है। अप्रैल में निरंतर विदेशी प्रवाह और रिकॉर्ड जीएसटी संग्रह आर्थिक गतिविधियों में मजबूती को दर्शाता है, जिससे हल्की उम्मीद पैदा होती है। कमजोर डॉलर और कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट ने भी एफआईआई की धारणा को मजबूत किया है। व्यापक बाजार में बीएसई मिडकैप सूचकांक ने 1.45 प्रतिशत की छलांग लगाई जबकि स्मॉलकैप में 1.23 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई। क्षेत्रवार सूचकांकों में से सेवा खंड में सर्वाधिक 2.99 प्रतिशत की तेजी रही जबकि तेल एवं गैस में 1.95 प्रतिशत और वाहन खंड में 1.88 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई। सिर्फ बैंकिंग सूचकांक ही गिरावट के साथ बंद हुआ। इस बीच दक्षिण कोरिया, जापान, चीन और हांगकांग के बाजार छुट्टियों के कारण बंद रहे।
यूरोप के बाजार दोपहर के सत्र में मिले-जुले रुख के साथ कारोबार कर रहे थे। शुक्रवार को अमेरिकी बाजार काफी तेजी के साथ बंद हुए थे। वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 1.45 प्रतिशत गिरकर 60.40 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।
बीएसई सेंसेक्स शुक्रवार को 259.75 अंक बढ़कर 80,501.99 अंक पर और एनएसई निफ्टी 12.50 की मामूली बढ़त के साथ 24,346.70 अंक पर बंद हुआ था। -
नई दिल्ली। दिग्गज टेक्नोलॉजी कंपनी एप्पल की योजना भारत में अपने उत्पादन को बढ़ाकर वित्त वर्ष 26 के अंत तक 40 अरब डॉलर (करीब 3.36 लाख करोड़ रुपए) तक ले जाने की है। टेक्नोलॉजी दिग्गज की ओर से भारत में उत्पादन ऐसे समय पर शिफ्ट किया जा रहा है, जब ट्रेड टैरिफ और भू-राजनीतिक तनाव के कारण चीन और अमेरिका के बीच संबंध बढ़ रहे हैं।
अप्रैल-जून की अवधि में अमेरिका में बेचे जाने वाले ज्यादातर फोन भारत में बने होंगेइंडस्ट्री अनुमानों के मुताबिक, इस कदम से एप्पल अमेरिका में पैदा होने वाली 80 प्रतिशत आईफोन मांग को पूरी कर पाएगा और साथ ही भारत की बढ़ती घरेलू मांग को पूरा किया जा सकता है। हाल ही में एप्पल के सीईओ टिम कुक ने बताया था कि अप्रैल-जून की अवधि में अमेरिका में बेचे जाने वाले ज्यादातर फोन भारत में बने होंगे। एप्पल की ओर से अमेरिका में भारत में बने आईफोन बेचने पर फोकस किया जा रहा है। इसकी वजह अमेरिकी सरकार की ओर से चीन पर बड़ी मात्रा में रेसिप्रोकल टैरिफ लगाना है।चीन अमेरिका के बाहर बेचे जाने वाले अधिकांश एप्पल उत्पादों का मुख्य सोर्स बना रहेगाचीन अमेरिका के बाहर बेचे जाने वाले अधिकांश एप्पल उत्पादों का मुख्य सोर्स बना रहेगा। वहीं, भारत और वियतनाम प्रमुख विनिर्माण केंद्र के रूप में उभर रहे हैं। उदाहरण के लिए, कुक ने कहा कि अमेरिका में बेचे जाने वाले लगभग सभी आईपैड, मैक, एप्पल वॉच और एयरपॉड्स अब वियतनाम से आएंगे। एप्पल को चालू तिमाही में अमेरिकी टैरिफ से 900 मिलियन डॉलर का प्रभाव पड़ने की उम्मीद है, हालांकि लंबी अवधि का प्रभाव अभी अनिश्चित हैं।वित्त वर्ष 25 में स्मार्टफोन भारत की शीर्ष निर्यात कैटेगरी रही है और 2 लाख करोड़ रुपए से अधिक का निर्यात किया हैकुक ने कहा कि हम टैरिफ के प्रभाव का सटीक अनुमान लगाने में सक्षम नहीं हैं, क्योंकि हम भविष्य की संभावित कार्रवाइयों के बारे में अनिश्चित हैं। वित्त वर्ष 25 में स्मार्टफोन भारत की शीर्ष निर्यात कैटेगरी रही है और 2 लाख करोड़ रुपए से अधिक का निर्यात किया है। कंपनी ने बताया कि हाल ही में भारतीय बाजार में तिमाही बिक्री का रिकॉर्ड बनाया है। - नयी दिल्ली. मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी अनंथा नागेश्वरन ने शनिवार को कहा कि वैश्विक व्यवधानों ने भारत जैसे उभरते देशों के लिए अवसर पैदा किए हैं और चीन पर अमेरिकी टैरिफ लागू होने के साथ कम शुल्कों के कारण विनिर्माण को भारत में स्थानांतरित कर सकते हैं। यहां अशोका विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि हालांकि बाह्य मांग के संदर्भ में टैरिफ के पहले, दूसरे और तीसरे दौर के प्रभावों तथा समग्र अनिश्चितता और इसलिए पूंजी निर्माण आदि के निहितार्थों को लेकर चिंताएं हैं, लेकिन कुछ अनुकूल परिणाम भी हैं। अनिश्चित वैश्विक वातावरण के सकारात्मक प्रभावों में से एक कच्चे तेल की कीमतों में कमी है जो अब लगभग 60 डॉलर प्रति बैरल पर उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि यह भारत के लिए एक अप्रत्याशित लाभ है क्योंकि इससे लागत कम होती है और राजकोषीय सहूलियत भी मिलती है।
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नई दिल्ली। ऐपल के मुख्य कार्याधिकारी टिम कुक ने पुष्टि की है कि जून तिमाही के दौरान अमेरिकी बाजार में बिकने वाले अधिकतर आईफोन भारत में बने होंगे। शुल्क पर जारी जंग के बीच कंपनी अपनी आपूर्ति श्रृंखला पर नए सिरे से गौर कर रही है। उनका मानना है कि कंपनी के लिए शुल्क प्रभाव की लागत करीब 90 करोड़ डॉलर होगी।
कुक ने दूसरी तिमाही के नतीजे जारी करने के बाद विश्लेषकों से बातचीत में कहा, ‘जहां तक जून तिमाही का सवाल है तो हम उम्मीद करते हैं कि अमेरिका में बिकने वाले अधिकतर आईफोन के विनिर्माण का मूल देश भारत होगा। इसी प्रकार अमेरिका में बिकने वाले लगभग सभी आईपैड, मैक, ऐपल वॉच और एयरपॉड्स जैसे उत्पादों का मूल उत्पादन देश वियतनाम होगा।’ उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका के बाहर बिकने वाले अधिकतर उत्पादों के विनिर्माण का मूल देश चीन बरकरार रहेगा।कुक ने कहा, ‘ऐसे में जब आप हमारे लिए लागू मौजूदा शुल्क श्रेणियों पर गौर करेंगे तो पाएंगे कि जून तिमाही के लिए हमारा अधिकतर शुल्क 20 फीसदी पर फरवरी के आईईईपीए से संबंधित है। यह अमेरिका में आयातित उन उत्पादों पर लागू होता है जिनका मूल विनिर्माण देश चीन है। साथ ही चीन के मामले में अप्रैल में घोषित कुछ उत्पाद श्रेणियों के आयात पर 125 फीसदी का अतिरिक्त शुल्क लगाया गया है।’एक विश्लेषक द्वारा पूछे जाने पर कुक ने कहा कि आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत बनाने के लिए उसमें विविधता लाने की प्रक्रिया लगातार जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि आपूर्ति श्रृंखला में हमेशा जोखिम रहता है। उन्होंने कहा, ‘हमने कुछ ही समय पहले भलीभांति सीखा है कि सब कुछ एक ही जगह पर रखना काफी जोखिम भरा होता है। इसलिए हमने समय के साथ-साथ पूरी आपूर्ति श्रृंखला को नहीं बल्कि उसके कुछ हिस्सों के लिए नए स्रोत तैयार किए हैं। आप देखेंगे कि भविष्य में भी यह प्रक्रिया जारी रहेगी।’तिमाही के दौरान कंपनी की आय एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले 5 फीसदी बढ़कर 95.4 अरब डॉलर हो गई। इसी प्रकार प्रति शेयर तिमाही आय 1.65 डॉलर रही जो एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले 8 फीसदी अधिक है।फिलहाल स्मार्टफोन जैसी हाईटेक वस्तुओं को अमेरिकी शुल्क के दायरे से बाहर रखा गया है। कुक ने कहा, ‘आईफोन, मैक, आईपैड, ऐपल वॉच और विजन प्रो सहित हमारे अधिकतर उत्पाद अप्रैल में घोषित वैश्विक जवाबी शुल्क के दायरे से बाहर हैं क्योंकि वाणिज्य मंत्रालय ने सेमीकंडक्टर, सेमीकंडक्टर विनिर्माण उपकरण और सेमीकंडक्टर के साथ डाउनस्ट्रीम उत्पादों के आयात में धारा 232 की जांच शुरू की है।’ऐपल ने यह भी कहा कि भारत सहित अन्य भौगोलिक क्षेत्रों का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है। कुक ने कहा, ‘हमने ब्रिटेन, स्पेन, फिनलैंड, ब्राजील, चिली, तुर्की, पोलैंड, भारत और फिलीपींस सहित दुनिया के तमाम देशों और क्षेत्रों में कई प्रकार के तिमाही रिकॉर्ड बनाए हैं।’ऐपल इस साल से भारत में अपने खुदरा कारोबार का भी विस्तार करेगी। इससे भारत में उसके रिटेल स्टोरों की संख्या बढ़कर 4 हो जाएगी। तमाम अनिश्चितताओं के बावजूद ऐपल की स्थापित क्षमता लगभग हर भौगोलिक क्षेत्र में सर्वकालिक ऊंचाई पर पहुंच गई है। केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव के अनुसार, ऐपल ने पिछले वित्त वर्ष के दौरान भारत से 1.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक के आईफोन का निर्यात किया था। वित्त वर्ष 2025 में भारत ने कुल 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के स्मार्टफोन के निर्यात किए जो पिछले साल के मुकाबले 54 फीसदी अधिक है। -
नई दिल्ली। भारत-अमेरिका व्यापार समझौते को लेकर उम्मीद, रिकॉर्ड जीएसटी संग्रह और विदेशी पूंजी का आगमन जारी रहने से शुक्रवार को स्थानीय शेयर बाजार चढ़कर बंद हुए। सेंसेक्स में 260 अंक और निफ्टी में 12.50 अंक की तेजी रही। विश्लेषकों के मुताबिक, वैश्विक बाजारों में मजबूती के रुख से भी निवेशकों की धारणा को समर्थन मिला।
बीएसई सेंसेक्स काफी उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में 259.75 अंक यानी 0.32 फीसदी बढ़कर 80,501.99 पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय सेंसेक्स 935.69 अंक उछलकर 81,177.93 पर पहुंच गया था लेकिन बाद में मुनाफावसूली हावी होने से बढ़त काफी कम हो गई। एनएसई का निफ्टी भी कारोबार के अंत में 12.50 अंक यानी 0.05 फीसदी की मामूली बढ़त के साथ 24,346.70 पर बंद हुआ।मेहता इक्विटीज लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) प्रशांत तापसे ने कहा, सत्र के पहले हिस्से में बाजार अत्यधिक अस्थिर रहा और बैंकिंग एवं आईटी शेयरों में चुनिंदा खरीदारी के कारण लगभग 1,000 अंकों के उतार-चढ़ाव के बाद सीमित दायरे में बंद हुआ। तेजी आने पर निवेशकों ने मुनाफावसूली शुरू कर दी, जबकि अधिक शेयरों का प्रतिनिधित्व करने वाले सूचकांक कमजोर होकर बंद हुए।सेंसेक्स की कंपनियों में से अदाणी पोर्ट्स ने करीब 4 फीसदी की उछाल दर्ज की। कंपनी का मार्च तिमाही में शुद्ध लाभ 50 फीसदी बढ़ा है। इसके अलावा बजाज फाइनैंस, इंडसइंड बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, मारुति, टाटा मोटर्स, आईटीसी, टाटा स्टील और रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर में भी बढ़त रही। दूसरी तरफ नेस्ले, एनटीपीसी, कोटक महिंद्रा बैंक, पावर ग्रिड और टाइटन के शेयर गिरावट के साथ बंद हुए। -
नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा आज शुक्रवार को जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक भारत का विदेशी मुद्रा भंडार लगातार आठवें सप्ताह बढ़कर 25 अप्रैल 2025 तक 688.13 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। महज एक सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में 1.98 अरब डॉलर की बढ़ोतरी हुई है। इसमें से सबसे बड़ा हिस्सा विदेशी मुद्रा संपत्तियों का है, जो 2.17 अरब डॉलर बढ़कर 580.66 अरब डॉलर हो गया। हालांकि, स्वर्ण भंडार (Gold Reserves) में 207 मिलियन डॉलर की गिरावट आई और यह घटकर 84.37 अरब डॉलर रह गया। इसके अलावा, विशेष आहरण अधिकार (SDR) 21 मिलियन डॉलर बढ़कर 18.59 अरब डॉलर हो गया।
पिछले कुछ महीनों में आरबीआई द्वारा किए गए मुद्रा पुनर्मूल्यांकन और विदेशी मुद्रा बाजार में हस्तक्षेप से अब विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार सुधार हो रहा है। सितंबर 2024 में यह भंडार रिकॉर्ड स्तर 704.885 अरब डॉलर तक पहुंच गया था। मजबूत विदेशी मुद्रा भंडार से न केवल रुपए को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले मजबूती मिलती है, बल्कि इससे आरबीआई को बाजार में हस्तक्षेप कर रुपए को स्थिर बनाए रखने की भी ज्यादा गुंजाइश मिलती है। इसके विपरीत, अगर भंडार घटता है तो आरबीआई की दखल देने की क्षमता कम हो जाती है।इसके साथ ही, भारत का बाहरी क्षेत्र भी मजबूत हुआ है। वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान भारत का कुल निर्यात 6.01% बढ़कर 824.9 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया, जबकि पिछले वर्ष यह 778.1 अरब डॉलर था। सेवा निर्यात में भी तेज वृद्धि देखने को मिली है, जो 13.6% बढ़कर 387.5 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जबकि 2023-24 में यह 341.1 अरब डॉलर था। मार्च 2025 में अकेले सेवा निर्यात 35.6 अरब डॉलर रहा, जो मार्च 2024 के 30.0 अरब डॉलर की तुलना में 18.6% अधिक है। यह आंकड़े भारत की आर्थिक मजबूती और वैश्विक व्यापार में उसकी हिस्सेदारी को दर्शाते हैं।