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- नयी दिल्ली। दक्षिण कोरिया की वाहन कंपनी किआ ने गुरुवार को भारतीय बाजार में ईवी6 मॉडल को उतारने के साथ ही इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) खंड में दस्तक दे दी है। इसकी शोरूम कीमत 59.95 लाख रुपये है।किआ इंडिया के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) ताए-जिन पार्क ने ईवी6 को पेश करते हुए कहा कि इस वाहन को इलेक्ट्रिक वाहन के लिए खासतौर पर विकसित प्लेटफॉर्म ई-जीएमपी पर बनाया गया है।यह मॉडल दो संस्करणों में उपलब्ध है जिनकी कीमत क्रमशः 59.95 लाख और 64.95 लाख रुपये रखी गई है।कंपनी ने कहा कि पहले ही इसकी 350 से अधिक बुकिंग हो चुकी है। पहले इस मॉडल के सिर्फ 100 वाहन लाने की घोषणा की गई थी लेकिन अब कंपनी संख्या बढ़ा रही है।पार्क ने कहा कि किआ इंडिया ईवी खंड में अपनी मौजूदगी बढ़ाने के लिए निवेश करेगी। उन्होंने कहा, ‘‘हम भारत के लिए ईवी बनाने के लिए पूरी तरह सक्षम हैं। कंपनी इस बाजार के लिए विभिन्न बैटरी इलेक्ट्रिक वाहनों का मूल्यांकन कर रही है।’’उन्होंने कहा कि खासतौर पर भारत को ध्यान में रखते हुए एक इलेक्ट्रिक वाहन वर्ष 2025 तक पेश करने की योजना है। उन्होंने कहा कि किआ भारत के विभिन्न श्रेणी के उपभोक्ताओं की जरूरतों के हिसाब से अलग-अलग इलेक्ट्रिक वाहन लाने पर विचार कर रही है।
- नयी दिल्ली। स्पाइसजेट ने गुरुवार को कहा कि विमानन कंपनी, मक्का और मदीना जाने वाले भारतीय हज यात्रियों के लिए 31 जुलाई तक भारत और सऊदी अरब के बीच 37 विशेष उड़ानों का परिचालन करेगी।एयरलाइन की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है, “श्रीनगर से मदीना के लिए पांच जून से 20 जून तक विशेष उड़ान परिचालित होगी। जेद्दा से श्रीनगर के लिए वापसी की उड़ान 15 जुलाई से 31 जुलाई के बीच परिचालित होगी।” कंपनी ने दावा किया कि इस साल हज के लिए उड़ान का परिचालन करने वाली स्पाइसजेट एकमात्र भारतीय एयरलाइन है।
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नयी दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल ने सरकार से 4जी और 5जी सेवाओं के लिये प्रीमियम माने जाने वाले 700 मेगाहर्ट्ज फ्रीक्वेंसी के साथ मध्यम फ्रीक्वेंसी बैंड में 61,000 करोड़ रुपये मूल्य का स्पेक्ट्रम आवंटित करने का आग्रह किया है। दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने बीएसएनएल के लिये 600 मेगाहर्ट्ज बैंड में 10 मेगाहर्ट्ज के ‘पेयर्ड स्पेक्ट्रम', 3600-3670 मेगाहर्ट्ज बैंड में 40 मेगाहर्ट्ज और 24 गीगाहर्ट्ज बैंड में 400 मेगाहर्ट्ज आरक्षित करने का प्रस्ताव किया था। विभाग ने इस बारे में भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) से विचार मांगे थे। हालांकि, बीएसएनएल ने एक सप्ताह पहले दूरसंचार विभाग को लिखे पत्र में 700 मेगाहर्ट्ज बैंड में 10 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम के आवंटन के लिये कहा है। इसका कारण 600 मेगाहर्ट्ज फ्रीक्वेंसी रेंज में उपकरण परिवेश का अभाव है। ट्राई की आधार मूल्य को लेकर सिफारिश के आधार पर बीएसएनएल के 700 मेगाहर्ट्ज बैंड में मांगे गये स्पेक्ट्रम का मूल्य लगभग 39,000 करोड़ रुपये बनता है। पत्र के अनुसार, कंपनी ने 22,190 करोड़ रुपये के 3,300 से 3670 मेगाहर्ट्ज बैंड (मिड-बैंड) में 70 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम की मांग की है। जबकि दूरसंचार विभाग ने 40 मेगाहर्ट्ज का प्रस्ताव किया था। ‘मिड-बैंड' के देश में 5जी सेवाओं को चालू करने में अहम भूमिका निभाने की उम्मीद है। -
नयी दिल्ली. भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) ने बीमा कंपनियों को स्वास्थ्य और ज्यादातर साधारण बीमा उत्पादों को बिना उसकी (इरडा) मंजूरी के पेश करने की अनुमति दे दी है। इस कदम का उद्देश्य भारत को पूरी तरह बीमा के दायरे में लाना है। बीमा नियामक ने बुधवार को बयान में कहा कि इरडा ने भारत को पूरी तरह से बीमा के तहत लाने की दिशा में उठाए गए सुधार एजेंडा को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया है। इरडा ने कहा, ‘‘यह बीमा क्षेत्र में कारोबार सुगमता की दिशा में एक कदम है। मौजूदा व्यवस्था में उत्पादों को ऐसी व्यवस्था में पेश करने के लिए पूर्व-स्वीकृति की आवश्यकता होती है, जबकि इन्हें बिना पूर्व-मंजूरी के पेश किया जा सकता है।'' बीमा नियामक ने कहा कि इस पहल से बीमा उद्योग उपयुक्त उत्पादों को समय पर पेश करने में सक्षम होगा।
इरडा के कहा उम्मीद है कि बीमा उद्योग इस अवसर का उपयोग अनुकूलित और नए उत्पादों को पेश करने के लिए करेगा। बजाज आलियांज जनरल इंश्योरेंस के प्रबंध निदेशक (एमडी) और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) तपन सिंघल ने कहा कि नियामक की यह पहल बीमा कंपनियों को कुछ आवश्यक तंत्र प्रदान करेगी जो बाजार में तेजी से नए उत्पादों को लाने की इच्छा रखते हैं। सिक्योर नाउ के सह-संस्थापक कपिल मेहता ने कहा कि इरडा के फैसले से बीमा कंपनियों को कई तरह के उत्पाद पेश करने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा। उन्होंने कहा, ‘‘मेरी नजर में यह एक शानदार कदम है।''
इसके अलावा एडलवाइस जनरल इंश्योरेंस की कार्यकारी निदेशक और सीईओ शनाई घोष ने कहा कि इस कदम ने बीमाकर्ताओं को सशक्त बनाया है। उन्होंने कहा कि इस कदम ने उत्पाद की मंजूरी और पेश करने की पूरी प्रक्रिया को सरल बना दिया है, जिससे बीमाकर्ताओं की एक प्रमुख चुनौती का समाधान हो गया है। -
मुंबई. शिक्षा-प्रौद्योगिकी क्षेत्र की कई कंपनियों में छंटनी की घोषणा के बीच अपग्रेड ने अगले तीन महीनों में करीब तीन हजार लोगों को भर्ती करने की योजना बनाई है। इसी के साथ कंपनी को जल्द नया वित्तपोषण मिलने की भी उम्मीद है। अपग्रेड के चेयरमैन एवं सह-संस्थापक रोनी स्क्रूवाला ने कहा कि पांच साल पहले शुरू हुई इस कंपनी में वर्तमान में करीब 4,000 लोग काम करते हैं। इस साल अगस्त तक कंपनी अपने कार्यबल को बढ़ाकर लगभग 6,500 से 7,000 कर देगी। अपग्रेड में 60 प्रतिशत हिस्सेदारी रखने वाले स्क्रूवाला ने कहा कि कंपनी वित्तपोषण के अगले दौर की तलाश में है और बहुत जल्द यह प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। उन्होंने कहा कि कंपनी ने बीते वित्त वर्ष में 25 से 28 करोड़ डॉलर की आय के मुकाबले चालू वित्त वर्ष के लिए 50 करोड़ डॉलर की आय का लक्ष्य रखा है। एक रिपोर्ट के अनुसार कंपनी ने पिछले वर्ष ही वित्त पोषण के दौर में एक अरब डॉलर के मूल्यांकन का आंकड़ा पार कर लिया था। अपग्रेड की तरफ से यह बयान उस समय आया है जब शिक्षा-प्रौद्योगिकी क्षेत्र के अनअकेडमी, फ्रंटरो और वेदांतु जैसे स्टार्टअप ने अपने कई कर्मचारियों की छंटनी करने की घोषणा की है। -
नयी दिल्ली. सार्वजानिक क्षेत्र की कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने चालू वित्त वर्ष के शुरूआती दो महीनों में 10.82 करोड़ टन कोयले का उत्पादन किया है। सालाना आधार पर इसमें 28.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। सीआईएल ने बुधवार को शेयर बाजार को भेजी सूचना में यह जानकारी दी। कंपनी ने इससे पिछले वित्त वर्ष की अप्रैल-मई अवधि में 8.4 करोड़ टन कोयला का उत्पादन किया था। नियामकीय सूचना के अनुसार कंपनी का उत्पादन मई, 2022 में बढ़कर 5.47 करोड़ टन हो गया। एक साल पहले के इसी महीने में यह 4.21 करोड़ टन था। कोल इंडिया ने एक अन्य नियामकीय सूचना में कहा, ‘‘अपने उत्पादन में तेजी लाते हुए कंपनी ने मई, 2022 में 30 प्रतिशत की मजबूत उत्पादन वृद्धि दर्ज की है। इस दौरान सालाना आधार पर 1.26 करोड़ टन अधिक कोयले का उत्पादन हुआ।'' इसके अलावा सीआईएल ने पिछले महीने बिजली क्षेत्र को 5.24 करोड़ टन कोयले की आपूर्ति की। मई, 2021 में यह आंकड़ा 4.45 करोड़ टन का था। बयान में कहा गया, ‘‘सीआईएल ने मई, 2022 में बिजली क्षेत्र के संयंत्रों को प्रति दिन 16.9 लाख टन की औसत से कोयले की आपूर्ति की, जो 16.6 लाख टन कोयले की मांग से अधिक है। इससे मई के दौरान बिजली संयंत्रों में कोयले का भंडार बढ़कर 16,000 टन प्रतिदिन हो गया।
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नयी दिल्ली. कीमतों में बढ़ोतरी के चलते एफएमसीजी उद्योग की बिक्री (मात्रा के आधार पर) में जनवरी-मार्च के दौरान गिरावट हुई। डेटा विश्लेषण फर्म नील्सन आईक्यू ने कहा कि खासतौर से खाद्य और जरूरी वस्तुओं की कीमतों में तेजी के कारण ऐसा हुआ। नील्सन आईक्यू की रिटेल इंटेलिजेंस टीम द्वारा बुधवार को जारी रिपोर्ट 'एफएमसीजी स्नैपशॉट' में कहा गया कि समीक्षाधीन अवधि के दौरान ग्रामीण भारत में रोजमर्रा के उपभोग के सामान (एफएमसीजी) की बिक्री 5.3 प्रतिशत घटी। यह पिछली तीन तिमाहियों में खपत में हुई सबसे बड़ी गिरावट है। बढ़ती लागत के दबाव के कारण एफएमसीजी क्षेत्र में छोटे विनिर्माताओं के कारोबार बंद करने के रुझान में भी बढ़ोतरी हुई। ये विनिर्माता लागत का भार उपभोक्ताओं पर नहीं डाल सके। रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘खपत में गिरावट का रुझान सभी क्षेत्रों और कस्बों में देखा गया, लेकिन इसका असर ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक गहरा रहा, जहां 5.3 प्रतिशत की तेज गिरावट देखी गई। यह पिछली तीन तिमाहियों में सबसे कम है। दक्षिण और उत्तरी क्षेत्र में बिक्री पांच प्रतिशत से अधिक घटी।'' हालांकि, एफएमसीजी उद्योग ने इस अवधि में सालाना आधार पर आय में छह प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की। ऐसा कीमतों में हुई दो अंकों की बढ़ोतरी के चलते हुआ। -
नयी दिल्ली. हिंदुजा समूह की प्रमुख कंपनी अशोक लीलैंड की कुल वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री मई, 2022 में चार गुना उछलकर 13,273 इकाई पर पहुंच गई। अशोक लीलैंड ने बुधवार को शेयर बाजारों को दी सूचना में कहा कि कंपनी ने पिछले साल मई माह में कोविड-संकट के दौरान 3,199 इकाइयों की बिक्री की थी। बयान के अनुसार, मई 2021 में 2,738 इकाइयों के मुकाबले कंपनी की घरेलू बिक्री 12,458 इकाई रही।
कंपनी के मध्यम और भारी वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री पिछले महीने 7,268 इकाई रही, जो मई, 2021 में 1,513 इकाई थी। बयान के अनुसार घरेलू बाजार में उसके हल्के वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री पिछले महीने 5,190 इकाई रही। मई, 2021 में यह 1,225 इकाई थी। -
नयी दिल्ली. वाहन विनिर्माता टाटा मोटर्स की कुल बिक्री मई, 2022 में करीब तीन गुना होकर 76,210 इकाई पर पहुंच गई। एक साल पहले की इसी महीने में कंपनी ने 26,661 वाहन बेचे थे। टाटा मोटर्स ने बुधवार को एक बयान में बताया कि कंपनी की घरेलू बिक्री पिछले महीने बढ़कर 74,755 इकाई की हो गई, जो मई,2021 में 24,552 इकाई की थी। इसके अलावा डीलरों को यात्री वाहनों की आपूर्ति भी दोगुना होकर 43,341 इकाई पर पहुंच गई। एक साल पहले के इसी महीने में यह 15,181 इकाई थी। इसी तरह घरेलू वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री भी आलोच्य महीने में बढ़कर 31,414 इकाई पर पहुंच गई। मई, 2021 में यह 9,371 इकाई रही थी। बीते माह कंपनी की इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री 3,454 इकाई के अपने सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गई। एक साल पहले समान महीने में यह आंकड़ा 476 इकाई का रहा था। -
नयी दिल्ली.देश में पेट्रोल और डीजल की बिक्री मई में उल्लेखनीय रूप से बढ़ी है। इसका कारण बढ़ती गर्मी और शैक्षणिक संस्थानों में छुट्टियां पड़ने की वजह से लोगों का दूसरे शहरों की यात्रा पर निकलना है। सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों के खुदरा ईंधन बिक्री के शुरुआती आंकड़ों के अनुसार, मई में पेट्रोल की बिक्री 28 लाख टन रही जो पिछले साल के इसी माह के मुकाबले 55.7 प्रतिशत अधिक है। पिछले साल कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर से अर्थव्यवस्था पर काफी प्रतिकूल असर पड़ा था। ईंधन खुदरा बिक्री कारोबार में सरकारी कंपनियों की बाजार हिस्सेदारी करीब 90 प्रतिशत है। आंकड़ों के अनुसार, पिछले महीने की खपत मई, 2020 की मांग के मुकाबले 76 प्रतिशत जबकि कोविड-पूर्व स्तर मई, 2019 के 25 लाख टन की तुलना में 12 प्रतिशत अधिक है। मासिक आधार पर बिक्री 8.2 प्रतिशत बढ़ी। देश में सर्वाधिक खपत वाले ईंधन डीजल की बिक्री मई में सालाना आधार पर 39.4 प्रतिशत उछलकर 68.2 लाख टन रही। यह इस साल अप्रैल के 67 लाख टन के मुकाबले 1.8 प्रतिशत अधिक है। हालांकि, यह मई, 2019 के मुकाबले 2.3 प्रतिशत कम है। उद्योग सूत्रों ने कहा कि पिछले महीने उच्च कीमतों के बाद दाम कम होने से मई में खपत बढ़ी है। इसके अलावा कमजोर तुलनात्मक आधार से भी बिक्री अधिक रही है। अप्रैल महीने में खपत में कमी का कारण पेट्रोल और डीजल के दामों में 10 रुपये लीटर की वृद्धि रही। चार महीने के अंतराल के बाद ईंधन के दाम बढ़ाये गये थे। हालांकि, मांग बढ़ने का एक बड़ा कारण गर्मी बढ़ने और स्कूलों में छुट्टी के साथ लोगों की यात्रा में उल्लेखनीय रूप से बढ़ोतरी है। रसोई गैस की बिक्री मामूली 1.48 प्रतिशत बढ़कर 21.9 लाख टन रही। यह मई, 2020 में हुई खपत के मुकाबले 4.8 प्रतिशत कम है। इसका कारण यह है कि उस समय सरकार ने ‘लॉकडाउन' के प्रभाव से लोगों को राहत देने के लिये गरीब परिवारों एलपीजी सिलेंडर नि:शुल्क उपलब्ध कराया था। एलपीजी की खपत मई, 2019 के मुकाबले 7.6 प्रतिशत अधिक, लेकिन अप्रैल, 2022 के 22.1 लाख टन के मुकाबले मामूली रूप से कम है। सरकार ने कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिये 25 मार्च, 2020 को देशव्यापी ‘लॉकडाउन' लगाया था। इससे आवाजाही प्रभावित होने के साथ कारोबारी गतिविधियां प्रभावित हुईं। ‘लॉकडाउन' में दो महीने बाद धीरे-धीरे ढील दी गयी। विमान ईंधन की बिक्री आलोच्य महीने में दोगुना से अधिक होकर 5,40,200 टन रही। इसका कारण दो साल बाद विमानन क्षेत्र का पूरी से तरह से परिचालन में आना है। विमान ईंधन (एटीएफ) की खपत मई, 2020 के मुकाबले 401 प्रतिशत अधिक रही लेकिन कोविड-पूर्व स्तर मई, 2019 के 6,44,000 टन के मुकाबले 16.1 प्रतिशत कम है। मासिक आधार पर बिक्री 7.5 प्रतिशत बढ़ी।
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नयी दिल्ली आवास ऋण कंपनी एचडीएफसी लिमिटेड ने बुधवार को प्रमुख ऋण दर में 0.05 प्रतिशत बढ़ोतरी की। इस कदम से मौजूदा और नए ग्राहकों के लिए कर्ज महंगा हो जाएगा। एचडीएफसी ने पिछले एक महीने में यह तीसरी बढ़ोतरी की है। कंपनी ने एक बयान में कहा, ‘‘एचडीएफसी ने आवास ऋण पर अपनी खुदरा प्रधान ऋण दर (आरपीएलआर) में 0.05 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है, जो एक जून, 2022 से प्रभावी है।'' नए कर्ज लेने वालों के लिए संशोधित दर 7.05 प्रतिशत से 7.50 प्रतिशत के बीच होगी। मौजूदा कर्जधारकों के यह सात प्रतिशत से 7.45 प्रतिशत के बीच होगी। वास्तविक ब्याज दर कर्ज लेने वाले के क्रेडिट स्कोर और ऋण की राशि पर निर्भर करती है। एचडीएफसी ने पिछले महीने प्रमुख ऋण दर में 0.35 प्रतिशत की बढ़ोतरी की थी।
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नई दिल्ली। चीनी निर्यात पर प्रतिबंध आज से लागू हो गया है। यह प्रतिबंध अक्टूबर में त्यौहारों का मौसम समाप्त होने तक लागू रहेगा। भारत दुनिया में चीनी का सबसे बड़ा उत्पादक है, लेकिन इसकी खपत भी अधिक है। सरकार ने पिछले सप्ताह घरेलू उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए चीनी निर्यात की सीमा निर्धारित करने का फैसला किया था। खाद्य मंत्रालय में सचिव सुधांशु पांडे ने कहा कि इस विपणन मौसम में भारत का निर्यात रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया। अक्टूबर -नवंबर महीने में त्यौहारों के मौसम में चीनी की खपत बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि वैश्विक स्थिति को देखते हुए चीनी की मांग बढ़ सकती है, इसीलिए सरकार ने चीनी निर्यात की सीमा निर्धारित करने का निर्णय लिया।
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नई दिल्ली। अग्रणी एफएमसीजी कंपनी हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (एचयूएल) ने मंगलवार को कहा कि देश में महंगाई बढ़ने से दैनिक उपयोग का सामान बनाने वाले एफएमसीजी उद्योग की वृद्धि दर में गिरावट देखी जा रही है। कंपनी के शीर्ष अधिकारियों ने कहा कि भू-राजनीतिक संकट और जिंसों के मूल्य में उछाल के कारण निकट भविष्य में कारोबारी माहौल चुनौतीपूर्ण बना रहेगा। हालांकि उन्होंने कहा कि कंपनी को पिछले कुछ वर्षों में अपनाई गई अपनी खास कारोबार रणनीति के दम पर इन चुनौतियों से पार पाने की उम्मीद है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उच्च मुद्रास्फीति के बावजूद भारत सबसे तेजी से बढ़ते एफएमसीजी बाजारों में से एक बना हुआ है। एचयूएल के चेयरमैन नितिन परांजपे ने वित्त वर्ष 2021-22 की वार्षिक रिपोर्ट के बारे में शेयरधारकों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘हाल के दिनों में उच्च मुद्रास्फीति के कारण उद्योग के वृद्धि दर में गिरावट आई है। इसके बावजूद देश के शहरी और ग्रामीण दोनों ही क्षेत्रों में एफएमसीजी उत्पादों की पहुंच वृद्धि में महत्वपूर्ण सधार का अवसर प्रदान करती है।'' परांजपे ने कहा कि मध्यम वर्ग में अधिक लोगों का प्रवेश, एक बड़ी कामकाजी आबादी, एकल परिवार की बढ़ती संख्या, शहरीकरण और प्रौद्योगिकी को तेजी से अपनाना देश में एफएमसीजी उद्योग की वृद्धि के लिए अच्छा संकेत है। उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय उपभोक्ता तेजी से बेहतर उत्पादों और ब्रांड का चयन कर रहे हैं जो लोगों के साथ-साथ कारोबारी परिवेश के लिए भी अच्छा है।'' इसके अलावा एचयूएल के मुख्य कार्यपालक अधिकारी एवं प्रबंध निदेशक संजीव मेहता ने कहा, ‘‘भू-राजनीतिक तनाव और जिंसों की कीमतों में उछाल के साथ निकट भविष्य में कारोबारी माहौल चुनौतीपूर्ण बने रहने की आशंका है।'' -
मुंबई। बैंकों का गैर-खाद्य ऋण अप्रैल 2022 में 11.3 प्रतिशत बढ़ गया। इससे पिछले वर्ष के इसी महीने में यह 4.7 प्रतिशत पर था। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की तरफ से मंगलवार को जारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली। आरबीआई के माह के दौरान विभिन्न क्षेत्रों को दिये गये ऋण ब्योरे के अनुसार, कृषि और संबंधित गतिविधियों को दिये जाने वाले ऋण में अप्रैल के दौरान 10.6 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। एक साल पहले इसी माह में यह 10.7 प्रतिशत रही थी। इसके अलावा उद्योग क्षेत्र को दिया गया ऋण अप्रैल, 2022 में 8.1 प्रतिशत पर रहा जबकि एक साल पहले इसी महीने में इसमें 0.4 प्रतिशत की गिरावट हुई थी। आकार के लिहाज से मध्यम श्रेणी के उद्योगों को दिये गये कर्ज में अप्रैल 2022 के दौरान 53.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। एक साल पहले के इसी महीने में यह 44.8 प्रतिशत थी। वहीं, व्यक्तिगत ऋण पिछले माह में 14.7 प्रतिशत बढ़ा है। एक साल पहले इसी महीने में यह 12.1 प्रतिशत बढ़ा था। -
नयी दिल्ली। राष्ट्रीय संपत्ति पुर्नगठन कंपनी लिमिटेड (एनएआरसीएल) ने नटराजन सुंदर को 6,000 करोड़ रुपये के 'बैड बैंक' के पूर्णकालिक प्रबंध निदेशक (एमडी) एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) नियुक्त किया है। एनएआरसीएल ने मंगलवार को यह जानकारी दी। केनरा बैंक के अगुवाई वाली कंपनी ने कहा कि निदेशक मंडल में दो स्वतंत्र निदेशक भी शामिल हुए हैं।
इससे पहले, सुंदर देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई (भारतीय स्टेट बैंक) के उप प्रबंध निदेशक एवं मुख्य वित्त अधिकारी थे। वह 30 अप्रैल, 2022 को सेवानिवृत्त हुए। एनएआरसीएल ने एक बयान में कहा कि अप्रैल, 2022 में चयन समिति ने नटराजन सुंदर का साक्षात्कार लिया था।
एनएआरसीएल बोर्ड ने इस पद के लिए सुंदर के नाम की सिफारिश की थी। जिसके बाद 24 मई, 2022 को बैंक नियामक आरबीआई ने उचित अनुमोदन प्रदान किया था। एनएआरसीएल ने इंडियन ओवरसीज बैंक के पूर्व प्रबंध निदेशक एवं सीईओ कर्णम सेकर को बोर्ड का स्वतंत्र निदेशक और गैर-कार्यकारी चेयरमैन भी नियुक्त किया है। इसके अलावा, पिछले सप्ताह निदेशक मंडल में आरबीआई की सेवानिवृत्त कार्यकारी निदेशक (ईडी) मालविका सिन्हा एक स्वतंत्र निदेशक के रूप में शामिल हुई हैं। -
नयी दिल्ली। कैंपस एक्टिवियर लिमिटेड का एकीकृत शुद्ध लाभ मार्च 2022 को समाप्त चौथी तिमाही में तीन गुना से अधिक बढ़कर 39.60 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। कैंपस एक्टिववियर लिमिटेड ने मंगलवार को शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि इस महीने की शुरुआत में बीएसई में सूचीबद्ध जूता बनाने वाली कंपनी का शुद्ध लाभ एक साल पहले जनवरी-मार्च तिमाही में 10.01 करोड़ रुपये था। कंपनी की परिचालन से होने वाली आय 28.07 प्रतिशत बढ़कर 352.33 करोड़ रुपये हो गयी, जो एक साल पहले समान तिमाही में 275.10 करोड़ रुपये थी। मार्च 2022 को समाप्त पूरे वित्त वर्ष में कैंपस एक्टिववियर का शुद्ध लाभ चार गुना बढ़कर 124.41 करोड़ रुपये हो गया। इससे पिछले वित्त वर्ष में कंपनी का शुद्ध लाभ 26.86 करोड़ रुपये था। वित्त वर्ष 2021-22 में कंपनी की परिचालन आय 1,194.18 करोड़ रुपये रही जो वित्त वर्ष 2020-21 के 711.28 करोड़ रुपये की परिचालन आय के मुकाबले 67.89 प्रतिशत अधिक है। -
नयी दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की रेलटेल को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) से डेटा केंद्र प्रबंधन और क्लाउड सेवाओं से संबंधित 68.86 करोड़ रुपये के दो अलग-अलग ऑर्डर मिले हैं। एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। इनमें से एक ऑर्डर डेटा केंद्रों और उसके नेटवर्क के बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए आपूर्ति, स्थापना और चालू करने को लेकर है। इसकी लागत 26.87 करोड़ रुपये है। वहीं, दूसरा आर्डर डीआरडीओ परिसर में क्लाउड सेवाओं की आपूर्ति, स्थापना और चालू करने के लिए है और इसकी लागत 36.99 करोड़ रुपये है। रेलटेल कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड रेल मंत्रालय का उपक्रम है जबकि डीआरडीओ रक्षा मंत्रालय के तहत आने वाला प्रमुख अनुसंधान एवं विकास संगठन है। रेलटेल की चेयरमैन और प्रबंध निदेशक अरुणा सिंह ने कहा, ‘‘रेलटेल ने खुद को एक प्रमुख सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) प्रदाता.... के रूप में स्थापित किया है।'' उन्होंने कहा, ‘‘डीआरडीओ से इन प्रतिष्ठित परियोजनाओं को हासिल करना घरेलू आईटी क्षेत्र में रेलटेल की मजबूत प्रौद्योगिकी विशेषज्ञता, प्रक्रिया उत्कृष्टता और बेहतर निष्पादन क्षमताओं को अभिव्यक्त करता है।
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नयी दिल्ली. सार्वजानिक क्षेत्र की पावरग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (पीजीसीआईएल) ने उत्तर प्रदेश में नौ करोड़ रुपये से अधिक में मोहनलालगंज ट्रांसमिशन लिमिटेड (एमटीएल) का अधिग्रहण किया है। पीजीसीआईएल ने मंगलवार को शेयर बाजार को बताया कि एमटीएल एक राज्य के अंदर पारेषण व्यवस्था स्थापित करने के लिए एक विशेष उद्देश्यीय इकाई (एसपीवी) है। इसे जून, 2021 में शुरू किया गया था। कंपनी ने कहा, ‘‘पीजीसीआईएल ने शुल्क आधारित प्रतिस्पर्धी बोली के तहत सफल बोलीदाता के रूप में 30 मई, 2022 को एमटीएल का अधिग्रहण किया है।'' पीजीसीआईएल ने बताया कि अधिग्रहण की तारीख तक संपत्ति और देनदारियों के साथ 10,000 इक्विटी शेयरों समेत लगभग 9.11 करोड़ रुपये के कुल मूल्य पर एमटीएल का अधिग्रहण किया गया है। -
मुंबई। अखिल भारतीय आवास मूल्य सूचकांक (एचपीआई) सालाना आधार पर वित्त वर्ष 2021-22 की चौथी तिमाही में 1.8 प्रतिशत बढ़ा है। भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों से यह जानकारी मिली। हालांकि, इस प्रमुख सूचकांक में हुई वृद्धि, पिछले वित्त वर्ष की जनवरी-मार्च तिमाही की तुलना में धीमी है। उस दौरान इसमें 2.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई थी। रिजर्व बैंक दस प्रमुख शहरों में आवास पंजीकरण प्राधिकरणों से प्राप्त लेनदेन आंकड़ों के आधार पर अपना तिमाही आवास मूल्य सूचकांक जारी करता है। ये शहर अहमदाबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, दिल्ली, जयपुर, कानपुर, कोच्चि, कोलकाता, लखनऊ और मुंबई हैं। आरबीआई ने एक बयान में कहा, ‘‘अखिल भारतीय आवास मूल्य सूचकांक में चौथी तिमाही में 1.8 प्रतिशत की सालाना वृद्धि दर्ज की गयी, जो इससे पिछली तिमाही में 3.1 प्रतिशत और एक साल पहले 2.7 प्रतिशत थी। -
नयी दिल्ली। भारत अगले महीने जिनेवा में विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) की बैठक में ई-कॉमर्स व्यापार पर सीमा शुल्क स्थगन जारी रखने का कड़ा विरोध करेगा। एक अधिकारी ने कहा कि सीमा शुल्क पर रोक से विकासशील देशों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। अधिकारी ने आगे कहा कि विकासशील देशों के लिए अपनी डिजिटल उन्नति, आयात को विनियमित करने और सीमा शुल्क के जरिए राजस्व अर्जित करने के लिए स्थगन को खत्म करना महत्वपूर्ण है। डब्ल्यूटीओ के सदस्य 1998 से इलेक्ट्रॉनिक प्रसारण पर सीमा शुल्क नहीं लगाने पर सहमत हुए थे और मंत्रिस्तरीय सम्मेलनों (एमसी) में इस स्थगन को समय-समय पर क्रमिक रूप से आगे बढ़ाया गया है। अधिकारी ने कहा, ‘‘अगले महीने 12वीं मंत्रिस्तरीय बैठक में कई डब्ल्यूटीओ सदस्य स्थगन को 13वीं बैठक तक अस्थायी रूप से बढ़ाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन भारत नहीं चाहता कि इसे और जारी रखा जाए। भारत इस मामले पर कड़ा रुख अपनाएगा।'' भारत और दक्षिण अफ्रीका ने कई मौकों पर डब्ल्यूटीओ से इस मुद्दे पर फिर से विचार करने के लिए कहा है। उन्होंने यह भी बताया है कि इस स्थगन से किस तरह विकासशील देशों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। डब्ल्यूटीओ को सौंपे गए एक संयुक्त पत्र में दोनों देशों ने कहा था कि ई-कॉमर्स स्थगन के सभी मुद्दों पर तत्काल विचार करने की आवश्यकता है। दोनों देशों के अनुसार इससे विकासशील देशों को संभावित राजस्व हानि सालाना 10 अरब अमेरिकी डॉलर तक होने का अनुमान है। भारत ने यह भी कहा है कि वस्तु व्यापार परिषद, सेवा व्यापार परिषद और ट्रिप्स परिषद को ई-कॉमर्स पर चर्चा करनी चाहिए।
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नयी दिल्ली. सार्वजनिक क्षेत्र की ओएनजीसी ने कहा है कि पश्चिमी और पूर्वी अपतटीय क्षेत्रों में नई खोजों से उत्पादन शुरू होने के बाद उसे 2024-25 तक तेल उत्पादन में 11 प्रतिशत और प्राकृतिक गैस उत्पादन में 25 प्रतिशत तक बढ़ोतरी की उम्मीद है। गौरतलब है कि पिछले कुछ वर्षों से कंपनी के उत्पादन में गिरावट हुई है।
ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) ने वित्त वर्ष 2021-22 के नतीजों के बाद एक निवेशक प्रस्तुति में कहा कि कच्चे तेल का उत्पादन चालू वित्त वर्ष में बढ़कर 198.8 लाख टन हो जाएगा, जो वित्त वर्ष 2021-22 में 195.45 लाख टन था। इसके अगले वित्त वर्ष में बढ़कर 215.88 लाख टन होने की उम्मीद है। निवेशक प्रस्तुति के मुताबिक कच्चे तेल का उत्पादन 2024-25 में बढ़कर 217.01 लाख टन हो जाएगा।
इसी तरह गैस उत्पादन 2021-22 में 20.907 अरब घन मीटर से बढ़कर चालू वित्त वर्ष में 21.097 अरब घन मीटर हो जाएगा। अगले वित्त वर्ष में इसके बढ़कर 24.387 अरब घन मीटर होने की उम्मीद है, जबकि वित्त वर्ष 2025-26 में उत्पादन 26.124 अरब घन मीटर तक पहुंच जाएगा। कंपनी ने बताया कि पूर्वी और पश्चिमी तट, दोनों क्षेत्रों की परियोजनाओं द्वारा उत्पादन में वृद्धि होगी। ओएनजीसी ने कहा कि वह मुंबई हाई ऑयल एंड गैस फील्ड के पुनर्विकास के चौथे चरण को लागू कर रही है। इससे पांच दशक पुराने क्षेत्र से उत्पादन सुधरेगा। घरेलू क्षेत्रों से उत्पादन में गिरावट के कारण कच्चे तेल की जरूरतों को पूरा करने के लिए भारत की आयात पर निर्भरता हाल के वर्षों में बढ़कर 85 प्रतिशत हो गई है। ओएनजीसी ने कहा कि वह 2022 से 2025 तक पूरे देश में तेल, गैस खोज अभियान पर 31,000 करोड़ रुपये खर्च करेगी। -
नयी दिल्ली. वाहन विनिर्माता निसान मोटर इंडिया ने गुरुग्राम में अपने नए कॉरपोरेट मुख्यालय का उद्घाटन किया है। कंपनी ने सोमवार को एक बयान में यह जानकारी दी। इस नए कार्यालय में बिक्री, विपणन, वित्त, मानव संसाधन और कॉरपोरेट कम्युनिकेशंस समेत अन्य प्रमुख कार्य किए जाएंगे। निसान इंडिया के अध्यक्ष फ्रैंक टोरेस ने बयान में कहा, ‘‘यह नया कार्यालय सकारात्मकता, नवोन्मेष और टीम वर्क के माहौल को बढ़ावा देगा। यह हमारे कर्मचारियों को कार्यों में नवाचार के लिए प्रेरित करेगा।'' कंपनी का चेन्नई के ओरगडम में एक विनिर्माण संयंत्र (आरएनएआईपीएल) है, केरल में एक डिजिटल केंद्र और चेन्नई में अनुसंधान एवं विकास केंद्र (आरएनटीबीसीआई) और निसान फाइनेंशियल सर्विसेज का कार्यालय है।
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गुवाहाटी. सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) ने रविवार को कहा कि असम में बड़े पैमाने पर हुए भूस्खलन के कारण रेल नेटवर्क पूरी तरह से टूट जाने के कारण उसकी बांग्लादेश के रास्ते त्रिपुरा तक ईंधन की आपूर्ति करने की योजना है। असम के दीमा हासाओ जिले, मिजोरम की बराक घाटी, मणिपुर और त्रिपुरा को शेष देश से जोड़ने वाला इकलौता रेल संपर्क इस महीने की शुरुआत में टूट गया था जिसके बाद कंपनी ने सड़क मार्ग से मेघालय के रास्ते सारी आपूर्ति करनी शुरू कर दी लेकिन इसके लिए दोगुना से अधिक खर्चा आ रहा है। आईओसी के कार्यकारी निदेशक (इंडियन ऑयल-एओडी) जी रमेश ने कहा कि हालात के कारण त्रिपुरा तक ईंधन की आपूर्ति के लिए आईओसी, राज्य सरकारों और केंद्र को वैकल्पिक रास्ते तलाशने पड़े। उन्होंने बताया कि कंपनी के पूर्वोत्तर खंड इंडियन ऑयल-एओडी ने 2016 में बांग्लादेश के रास्ते त्रिपुरा को कुछ खेप भेजी थी जब असम की बराक घाटी में सड़क खस्ताहाल थी। उन्होंने कहा, ‘‘हम छह साल पुराने नेटवर्क को वैकल्पिक मार्ग के रूप में इस्तेमाल करने का प्रयास कर रहे हैं। अभी हम केंद्र के जरिये बांग्लादेश सरकार से बात कर रहे हैं और उम्मीद है कि अच्छी खबर मिलेगी।'' रमेश ने कहा कि चर्चा पूरी होने के बाद और समझौते पर हस्ताक्षर के बाद हम पेट्रोल, डीजल और एलपीजी की शुरुआती खेप भेजेंगे। इसमें सिर्फ 80 से 120 किलोलीटर ईंधन होगा, पूरी खेप बाद में भेजी जाएगी। कंपनी के एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आईओसी बांग्लादेश के रास्ते शुरुआत में 1,400 किलोलीटर ईंधन भेजेगी। इसकी परिवहन लागत 57.78 लाख रुपये पड़ेगी। हालांकि, रेल मार्ग के जरिये 34.22 लाख रुपये का खर्च आता है। -
नयी दिल्ली. ड्रोन प्रशिक्षण कारोबार से जुड़ी दिल्ली की कंपनी ‘ड्रोन डेस्टिनेशन' ने 2025 तक देशभर में ड्रोन पायलट प्रशिक्षण देने वाले कम-से-कम 150 स्कूल स्थापित करने की योजना बनाई है। 'ड्रोन डेस्टिनेशन' के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) चिराग शर्मा ने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में ड्रोन की बढ़ती उपयोगिता को देखते हुए ड्रोन पायलटों को प्रशिक्षण देने वाले संस्थानों की भी जरूरत बढ़ेगी। इसी जरूरत को पूरा करने के लिए अगले तीन साल में उनकी कंपनी देशभर में कम-से-कम 150 ड्रोन पायलट प्रशिक्षण केंद्र खोलने की योजना पर काम कर रही है। शर्मा ने कहा, ‘‘हम पारिस्थितिकी तंत्र की विशिष्ट जरूरतों को पूरा करने के लिए विश्वविद्यालयों, कृषि संस्थानों और पुलिस अकादमियों के साथ साझेदारी करना चाहते हैं। वर्ष 2025 तक इस उद्योग के लिए जरूरी एक लाख से अधिक व्यक्तियों को रोजगार और उद्यमिता के अवसर प्रदान करने में मददगार बनना चाहते हैं।'' ‘ड्रोन डेस्टिनेशन' भारत का पहला रिमोट पायलट प्रशिक्षण संगठन है, जिसे विमानन क्षेत्र के नियामक नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने नए ड्रोन नियम, 2021 के तहत मान्यता भी हासिल है। यह वर्तमान में देश में छह रिमोट पायलट ट्रेनिंग स्कूल चला रहा है। शर्मा ने बताया कि उनकी कंपनी चार प्रशिक्षण केंद्र इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी के सहयोग से गुरुग्राम, बेंगलुरु, ग्वालियर और धर्मशाला में संचालित कर रही है जबकि एक केंद्र संस्कारधाम ग्लोबल मिशन के सहयोग से चल रहा है। हाल ही में चंडीगढ़ विश्वविद्यालय में पंजाब का पहला ड्रोन प्रशिक्षण स्कूल खोला गया है। उन्होंने कहा कि कंपनी कोयंबटूर में हिंदुस्तान कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग और मदुरै में वैगई कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के सहयोग से अपने नेटवर्क में दो और स्कूल जोड़ रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गत शुक्रवार को ही भारत के दो दिन के ड्रोन महोत्सव का उद्घाटन करते हुए कहा था कि भारत में हर किसी के पास स्मार्टफोन और हर खेत में ड्रोन होना उनका सपना है। प्रधानमंत्री ने कहा था कि ड्रोन प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देना सुशासन और जीवन आसान बनाने के लिए हमारी प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाने का एक और जरिया है। शर्मा ने कहा, ‘‘मेरी कंपनी ने पिछले कुछ महीनों में 500 पायलटों को ड्रोन चलाने के लिए प्रशिक्षित किया है। हम आने वाले वर्ष में गुरुग्राम केंद्र से लगभग 1,500-2,000 पायलटों और अन्य स्थानों से 500 पायलटों को प्रशिक्षित करने का इरादा रखते हैं।'' उन्होंने कहा कि ड्रोन डेस्टिनेशन की योजना 2025 तक 150 से अधिक ड्रोन केंद्रों का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करने की है जहां पर ड्रोन प्रशिक्षण के अलावा ड्रोन को किराये पर देने और ड्रोन की सेवाएं भी मुहैया कराई जाएंगी। -
नयी दिल्ली. वृहद आर्थिक आंकड़े इस सप्ताह शेयर बाजारों की दिशा तय करेंगे। सप्ताह के दौरान घरेलू मोर्चे पर कई बड़े आंकड़े आने हैं, जो बाजार की चाल तय करेंगे। विश्लेषकों ने यह राय जताई है। विश्लेषकों का कहना है कि वृहद आर्थिक आंकड़ों के अलावा मुद्रास्फीति की चिंता के बीच वैश्विक रुख भी बाजार की दिशा के लिए महत्वपूर्ण होगा। इसके साथ ही बाजार भागीदारों की निगाह विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) के रुख पर भी रहेगी।
स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा, ‘‘इस सप्ताह घरेलू मोर्चे पर कई आंकड़े आने हैं, जिसके चलते बाजार काफी ‘व्यस्त' रहेगा। सप्ताह के दौरान सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर के अलावा वाहन बिक्री और पीएमआई के आंकड़े भी आने हैं। वैश्विक स्तर पर विभिन्न देशों के पीएमआई आंकड़े और अमेरिका के बेरोजगारी के आंकड़े भी बाजार की दृष्टि से महत्वपूर्ण रहेंगे।'' मीणा ने कहा कि इन सब चीजों के बीच डॉलर इंडेक्स का उतार-चढ़ाव और कच्चे तेल के दाम भी बाजार को प्रभावित करेंगे। एफपीआई अब भी बिकवाली कर रहे हैं। ‘यह देखना काफी रोचक होगा कि धारणा में सुधार के बाद उनके रुख में बदलाव आता है या नहीं।'' सप्ताह के दौरान अरविंदो फार्मा, जिंदल स्टील और सनफार्मा जैसी बड़ी कंपनियों के तिमाही नतीजे भी आने हैं। रेलिगेयर ब्रोकिंग के उपाध्यक्ष-शोध अजित मिश्रा ने कहा कि इस सप्ताह नए माह की शुरुआत होगी। बाजार भागीदारों की नजर वाहन बिक्री, विनिर्माण और सेवा पीएमआई के आंकड़ों पर रहेगी। इससे पहले सभी को जीडीपी आंकड़ों का इंतजार रहेगा, जो 31 मई को आने हैं। मिश्रा ने कहा कि बाजार भागीदार मानसून की प्रगति के बारे में भी जानना चाहेंगे। बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 558.27 अंक या 1.02 प्रतिशत चढ़ गया। निफ्टी में 86.30 अंक या 0.53 प्रतिशत का लाभ रहा। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि बीते सप्ताह के अंतिम दिनों में बाजार अपने नुकसान की भरपाई कर पाया। अमेरिका के अनुकूल खुदरा बिक्री के आंकड़ों और एफपीआई की बिकवाली घटने से बाजार का रुख सुधरा। फेडरल रिजर्व और रिजर्व बैंक द्वारा जून में क्या कदम उठाया जाता है, आगे बाजार की रुख काफी हद तक इसपर निर्भर करेगा। उन्होंने कहा कि इसके अलावा बाजार भागीदारों की निगाह कच्चे तेल के दाम और रुपये की चाल पर भी रहेगी।
सैमको सिक्योरिटीज में इक्विटी शोध प्रमुख येशा शाह ने कहा, वैश्विक स्तर पर ‘मंदी' की चिंता के बीच भारत में जीडीपी के आंकड़ों का बेसब्री से इंतजार हो रहा है। सप्ताह के दौरान कई आंकड़े आने हैं। ऐसे में यह निश्चित रूप से घटनाक्रमों से भरा हफ्ता रहेगा।