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- नयी दिल्ली। देश की सबसे बड़ी दोपहिया कंपनी हीरो मोटोकॉर्प की अगले डेढ़ से दो साल में अपनी इलेक्ट्रिक दोपहिया श्रृंखला का विस्तार करने की योजना है। कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। कंपनी का इरादा अपने विभिन्न खंडों के ग्राहकों की मांग को पूरा करने का है।कंपनी ने दिल्ली, बेंगलुरु और जयपुर में अपने विडा ब्रांड के इलेक्ट्रिक स्कूटर की बिक्री शुरू कर दी है। कंपनी का इरादा नए उत्पाद लाने से पहले अगले वित्त वर्ष में अपनी मौजूदा श्रृंखला का विस्तार करने का है। हीरो मोटोकॉर्प के इमर्जिंग मोबिलिटी बिजनेस यूनिट (ईएमबीयू) के प्रमुख स्वदेश श्रीवास्तव ने विश्लेषकों के साथ बातचीत में कहा, ‘‘हमने तीन शहरों में अपना उत्पाद उतारा है जहां ग्राहकों ने इनमें काफी रुचि दिखाई है। हमारा इरादा अगले वित्त वर्ष में कई और शहरों में जाने का है।'' हीरो मोटोकॉर्प ने विडा वी1 इलेक्ट्रिक स्कूटर पिछले साल अक्टूबर में उतारा था। इसे दो संस्करणों प्रो और प्लस में पेश किया गया था। कंपनी चित्तूर के आंध्र प्रदेश के संयंत्र में इलेक्ट्रिक स्कूटर का उत्पादन करती है। कंपनी इस बाजार में बजाज चेतक, टीवीएस आईक्यूब, एथर एनर्जी, हीरो इलेक्ट्रिक और ओला इलेक्ट्रिक को चुनौती दे रही है। श्रीवास्तव ने कहा कि कंपनी चालू वित्त वर्ष में बाजार में इस नए ब्रांड को स्थापित कर पाई है। अगले वित्त वर्ष में हम और व्यापक बाजार में उतरेंगे। देश में इलेक्ट्रिक दोपहिया बाजार तेजी से बढ़ रहा है। वाहन डीलर संघों के महासंघ (फाडा) के अनुसार, पिछले साल देश में इलेक्ट्रिक दोपहिया की बिक्री 6,28,671 इकाई पर पहुंच गई। 2021 में यह आंकड़ा 1,55,422 इकाई था।
- नयी दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 2022-23 की तीसरी तिमाही में ऋण वृद्धि के मामले में बैंक ऑफ महाराष्ट्र (बीओएम) का प्रदर्शन सबसे अच्छा रहा है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के ताजा वित्तीय नतीजों के आकलन से यह तथ्य सामने आया है। पुणे के बैंक ऑफ महाराष्ट्र की कुल ऋण वृद्धि चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में सालाना आधार पर 21.67 प्रतिशत रही है। प्रतिशत के लिहाज से ऋण वृद्धि के मामले में पिछली 10 तिमाहियों से बैंक ऑफ महाराष्ट्र का प्रदर्शन सबसे अच्छा रहा है। कोविड महामारी के दबाव के बावजूद बैंक का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है। ऋण वृद्धि के मामले में बैंक ऑफ महाराष्ट्र के बाद दूसरे स्थान पर 19.80 प्रतिशत की वृद्धि के साथ यूनियन बैंक ऑफ इंडिया का स्थान रहा। देश का सबसे बड़ा ऋणदाता भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) 16.91 प्रतिशत की ऋण वृद्धि के साथ चौथे स्थान पर है। हालांकि, मात्रा के हिसाब से देखें तो एसबीआई का कुल कर्ज बीओएम के 1,56,962 करोड़ रुपये के ऋण की तुलना में लगभग 17 गुना अधिक यानी 26,47,205 करोड़ रुपये रहा। खुदरा-कृषि-एमएसएमई (आरएएम) ऋण के संदर्भ में बीओएम ने 19.18 प्रतिशत की उच्चतम वृद्धि दर्ज की है। इसके बाद पंजाब एंड सिंध बैंक ने 19.07 प्रतिशत और बैंक ऑफ बड़ौदा ने वार्षिक आधार पर 18.85 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। गैर-निष्पादित आस्तियों (एनपीए) के मोर्चे पर भी बीओएम और एसबीआई का प्रदर्शन सबसे अच्छा रहा है। 31 दिसंबर, 2022 तक कुल कर्ज पर बीओएम और एसबीआई का एनपीए क्रमश: 2.94 प्रतिशत और 3.14 प्रतिशत रहा। वहीं इन दोनों बैंकों का शुद्ध एनपीए क्रमश: 0.47 प्रतिशत और 0.77 प्रतिशत रहा।
- न्यूयॉर्क। दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन ने अपने कॉरपोरेट कर्मचारियों को हफ्ते में कम-से-कम तीन दिन दफ्तर आकर कम करना जरूरी कर दिया है। नई व्यवस्था एक मई से प्रभावी होगी। अमेजन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एंडी जैसी ने शुक्रवार को अपने कर्मचारियों को भेजे गए मेमो में इस फैसले की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि दफ्तर आकर काम करने से कर्मचारियों के साथ उनके टीम लीडर का अधिक प्रभावी संबंध स्थापित हो सकेगा। कोविड-19 महामारी के दौरान घर से काम करने (वर्क फ्रॉम होम) की व्यवस्था लागू हुई थी। लेकिन अब महामारी से जुड़े जोखिम लगभग खत्म होने से कर्मचारियों को वापस कार्यस्थल पर लाने की पहल शुरू की गई है। इस कदम के तहत अमेजन के कर्मचारियों को हफ्ते में कम-से-कम तीन दिन दफ्तर आना जरूरी होगा। पिछले कुछ समय में कई कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को दफ्तर बुलाना शुरू कर दिया है। इनमें स्टारबक्स, डिज्नी और वॉलमार्ट भी शामिल हैं। हालांकि अमेजन के सीईओ ने कहा कि इस नीति के ब्योरे को अभी अंतिम रूप नहीं दिया गया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कुछ खास पदों पर तैनात कर्मचारियों को नई व्यवस्था से छूट दी जाएगी।
- नयी दिल्ली। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) अगले सप्ताह होने वाली तीसरी ई-नीलामी के दौरान आटा चक्की जैसे थोक उपभोक्ताओं को 11.72 लाख टन गेहूं की बिक्री पेशकश करेगा। खाद्य मंत्रालय ने शनिवार को यह जानकारी दी। एफसीआई ने घरेलू कीमतों की तेजी रोकने के लिए किए गए सरकारी प्रयासों के तहत मार्च अंत तक खुली बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत थोक उपभोक्ताओं को 25 लाख टन गेहूं बेचने की योजना बनाई है। पिछले दो साप्ताहिक ई-नीलामी में लगभग 12.98 लाख टन गेहूं बेचा गया था, जिसमें से 8.96 लाख टन पहले ही बोलीदाताओं द्वारा उठा लिया गया है, जिसके परिणामस्वरूप गेहूं और आटा की खुदरा कीमतों में गिरावट आई है। खाद्य मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि एफसीआई 22 फरवरी को सुबह 11 बजे होने वाली तीसरी ई-नीलामी के दौरान देश भर के अपने 620 डिपो से 11.72 लाख टन गेहूं की बिक्री पेशकश करेगा। शुक्रवार रात 10 बजे तक एम-जंक्शन के ई-पोर्टल पर अपना पंजीकरण कराने वाले बोलीदाताओं को इस नीलामी में भाग लेने की अनुमति दी जाएगी। बयाना राशि जमा करने और अपलोड करने की अंतिम तिथि 21 फरवरी दोपहर 2:30 बजे तक है।सरकार ने शुक्रवार को गेहूं और आटे की कीमतों में कमी लाने के लिए ओएमएसएस योजना के तहत गेहूं की बिक्री के लिए आरक्षित मूल्य को और कम कर दिया। उचित और औसत (एफएक्यू) गुणवत्ता वाले गेहूं का आरक्षित मूल्य घटाकर 2,150 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है, जबकि अंडर रिलैक्स्ड स्पेसिफिकेशंस या कुछ कम गुणवत्ता वाले (यूआरएस) गेहूं का आरक्षित मूल्य 2,125 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है। ये नए आरक्षित मूल्य, ई-नीलामी के जरिए तीसरी बिक्री वाले गेहूं के लिए लागू हैं। मंत्रालय ने कहा, ‘‘भारत सरकार द्वारा पूरे देश में एक समान आरक्षित मूल्य में संशोधन की घोषणा से देश भर के उपभोक्ताओं को लाभ होगा और गेहूं और आटा की कीमतों में और कमी आएगी।'' देश में गेहूं और आटे की बढ़ती कीमत पर अंकुश लगाने के लिए, सरकार द्वारा की गई सिफारिश के अनुसार, एफसीआई केंद्रीय पूल स्टॉक से कुल 30 लाख टन गेहूं स्टॉक को ओएमएसएस के तहत विभिन्न मार्गों से बाजार में जारी कर रहा है। इस 30 लाख टन में से, एफसीआई 25 लाख टन आटा चक्की जैसे थोक उपभोक्ताओं को ई-नीलामी के माध्यम से बेचेगी, जबकि 2 लाख टन राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों को और 3 लाख टन संस्थानों और राज्य-सार्वजनिक उपक्रमों को रियायती दरों पर गेहूं को आटे में बदलने के लिए दिया जाएगा।
- नयी दिल्ली। दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को कहा कि भारत ने अपनी स्वदेशी 4जी/5जी तकनीक से अपनी ताकत साबित कर दी है और अब भारत आने वाले तीन वर्षों में दुनिया के लिए दूरसंचार प्रौद्योगिकी के प्रमुख निर्यातक के रूप में उभरने के लिए तैयार है। इसके साथ ही वैष्णव ने कहा कि रेलवे के निजीकरण की कोई योजना नहीं है। वह दूरसंचार के साथ रेल मंत्री भी हैं। वैष्णव ने यहां 'इकोनॉमिक टाइम्स ग्लोबल बिजनेस समिट 2023' को संबोधित करते हुए कहा कि 5जी सेवाओं की शुरुआत एक अक्टूबर, 2022 को हुई थी और इसके 100 दिन के अंदर यह 200 से ज्यादा शहरों में शुरू हो चुकी है। इस रफ्तार के लिए इसे दुनियाभर के संबद्ध लोगों से प्रशंसा मिल चुकी है और कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इसे ‘दुनिया में 5जी का सबसे तेज प्रसार' बताया गया। वैष्णव ने भुगतान, चिकित्सा और पहचान जैसे विभिन्न मंचों पर भारत में परीक्षण किए जा रहे जनसंख्या-पैमाने के समाधानों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि इनमें से प्रत्येक मंच अपने आप में मजबूत है लेकिन साथ मिलकर ‘यह एक ऐसा बल बनता है जो दुनिया की किसी भी बड़ी समस्या का समाधान कर सकता है।' मंत्री ने कहा कि भारत अगले तीन साल में दुनिया का दूरसंचार प्रौद्योगिकी निर्यात के तौर पर उभरने वाला है। वैष्णव ने कहा, “आज भारत की दो कंपनियां दुनिया को निर्यात कर रही हैं.. आगामी तीन सालों में हम भारत को दुनिया में दूरसंचार प्रौद्योगिकी का प्रमुख निर्यातक बनते हुए देखेंगे।” उन्होंने स्वदेशी 4जी और 5जी प्रौद्योगिकी विकसित करने के लिए भारत सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में बात की। उन्होंने कहा, “अब यह तैयार हो चुकी है। शुरुआत में एक साथ 10 लाख कॉल करके परीक्षण किया गया, फिर 50 लाख कॉल करके परीक्षण किया गया और अब इसका परीक्षण एक साथ एक करोड़ कॉल करके किया गया है।” उन्होंने कहा कि कम से कम 9-10 देश भारत की इस स्वदेशी प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करना चाहते हैं।
- नयी दिल्ली। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से संबंधित मामलों में निर्णय लेने वाले शीर्ष निकाय जीएसटी परिषद ने शनिवार को तरल गुड़, पेंसिल शार्पनर और चुनिंदा ट्रैकिंग उपकरणों पर जीएसटी की दर में कटौती करने का निर्णय लिया। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जीएसटी परिषद की 49वीं बैठक खत्म होने के बाद यह जानकारी दी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जून के 16,982 करोड़ रुपये समेत जीएसटी क्षतिपूर्ति के सारे बकाया का जल्द भुगतान कर दिया जाएगा। वित्त मंत्री ने आगे कहा कि जीएसटी परिषद ने नियत तिथि के बाद वार्षिक जीएसटी रिटर्न भरने पर विलंब शुल्क को युक्तिसंगत बनाने का निर्णय लिया है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि पान मसाला और गुटखा उद्योग में हो रही कर चोरी पर लगाम लगाने के लिए ओडिशा के वित्त मंत्री निरंजन पुजारी की अध्यक्षता में गठित मंत्रियों के समूह (जीओएम) की रिपोर्ट पर भी चर्चा की गई। इस बैठक में सीतारमण के अलावा राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के वित्त मंत्रियों और विभिन्न वरिष्ठ अधिकारियों ने भी शिरकत की।
- नयी दिल्ली। वैश्विक परामर्श कंपनी पीडब्ल्यूसी अगले एक-दो साल में भारत में 30,000 लोगों को नियुक्त करेगी। कंपनी के चेयरमैन बॉब मॉरिट्ज ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। अखबार इकोनॉमिक टाइम्स के 'वैश्विक व्यवसाय शिखर सम्मेलन' में एक परिचर्चा के दौरान मॉरिट्ज ने कहा कि भारत प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में प्रगति और एआई (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) के उपयोग की बदौलत दुनिया के लिये उस प्रतिभा का आपूर्तिकर्ता बन सकता है, जो बाकी देशों में नहीं हैं। मॉरिट्ज ने कहा, ‘‘आज हमारे पास लगभग 31,000 लोग हैं... हमारी योजना अगले कुछ वर्षों में 30,000 और लोगों को नियुक्त करने की है।'' श्नाइडर इलेक्ट्रिक के अध्यक्ष और मुख्य कार्यपालक अधिकारी ज्यां-पास्कल ट्राइकोर ने भी कहा कि वह भारत को लेकर काफी आशावादी हैं। उन्होंने कहा, ‘‘भारत के अलावा दुनिया में कोई दूसरी जगह नहीं है जहां हमने सबसे ज्यादा निवेश किया है...भारत में आज अमेरिका और चीन के बाद दुनिया में हमारा तीसरा सबसे बड़ा कारोबार है।
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नयी दिल्ली. आर्थिक विचार समूह जीटीआरआई ने शुक्रवार को कहा कि जीएसटी परिषद को कर छूट सीमा बढ़ाकर सालाना 1.5 करोड़ रुपये कारोबार तक करने के साथ ही राज्यवार पंजीकरण की जरूरत खत्म करने के बारे में भी सोचना चाहिए। ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) ने एक बयान में कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के बारे में नीतिगत निर्णय करने वाली इकाई जीएसटी परिषद को अब कर अनुपालन को सुगम बनाकर फायदे बढ़ाने की जरूरत पर ध्यान देना चाहिए। इसके लिए उसने सात सुधारों का सुझाव भी दिया है। इन सुझावों में 1.5 करोड़ रुपये तक सालाना कारोबार वाली फर्मों को जीएसटी से छूट देने का प्रस्ताव सबसे अहम है। जीटीआरआई ने कहा कि ऐसा करना देश की सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम इकाइयों के लिए पासा पलटने वाला साबित होगा और वे नए रोजगार देने के साथ वृद्धि को भी रफ्तार दे सकेंगी। फिलहाल 40 लाख रुपये से कम सालाना कारोबार वाली उत्पाद फर्मों को ही जीएसटी पंजीकरण से बाहर रहने की छूट मिली हुई है। वहीं सेवा फर्मों के मामले में यह दायरा 20 लाख रुपये कारोबार तक सीमित है। जीटीआरआई ने कहा, "कुल पंजीकृत फर्मों में से 1.5 करोड़ रुपये से कम सालाना कारोबार वाली फर्मों की संख्या करीब 84 प्रतिशत है। लेकिन कुल संग्रहीत कर में इनकी भागीदारी सात प्रतिशत से भी कम है। अगर कर छूट की सीमा बढ़ाकर 1.5 करोड़ रुपये की जाती है तो जीएसटी प्रणाली पर बोझ घटेगा और उन्हें 23 लाख से भी कम करदाताओं से निपटना होगा।" जीएसटी नेटवर्क पर 1.4 करोड़ से भी अधिक फर्में पंजीकृत हैं। इस तरह यह अप्रत्यक्ष करों का सबसे बड़ा वैश्विक मंच है। जीटीआरआई ने कहा कि जीएसटी नेटवर्क पर बोझ घटने से बिलों एवं रसीदों के मिलान की संकल्पना लागू हो पाएगी और फर्जी बिल एवं कर चोरी की समस्या भी काफी हद तक दूर हो जाएगी। इससे होने वाले लाभ 1.5 करोड़ रुपये तक के कारोबार वाली फर्मों को बाहर करने से होने वाले सात प्रतिशत कर नुकसान से कहीं अधिक होंगे। इसके साथ ही विचार समूह ने राज्य-वार पंजीकरण की जरूरत खत्म करने के बारे में जीएसटी परिषद से गौर करने का अनुरोध किया है। फिलहाल कोई कंपनी अगर दस राज्यों में कारोबार करती है तो उसे सभी जगह पर जीएसटी नंबर लेना होगा। इससे उन्हें इनपुट टैक्स क्रेडिट लेने में समस्या होती है।
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मुंबई। एयर इंडिया को आने वाले वर्षों में एयरबस और बोइंग से खरीदे जा रहे 470 विमानों को संचालित करने के लिए 6,500 से अधिक पायलटों की जरूरत होगी। एयरलाइन ने अपने बेड़े के साथ ही संचालन का विस्तार करने के लिए कुल 840 विमानों के लिए ऑर्डर दिया है।
इसमें 370 विमानों को खरीदने का विकल्प शामिल है। यह किसी भी एयरलाइन द्वारा दिया गया सबसे बड़ा विमान ऑर्डर है। इस समय एयर इंडिया के पास अपने 113 विमानों के बेड़े को संचालित करने के लिए लगभग 1,600 पायलट हैं। हाल के दिनों में चालक दल की कमी के कारण उड़ानें रद्द या विलंबित होने की खबरें सामने आई हैं। एयरलाइन की दो सहायक कंपनियों - एयर इंडिया एक्सप्रेस और एयरएशिया इंडिया - के पास अपने 54 विमानों को उड़ाने के लिए लगभग 850 पायलट हैं।
दूसरी ओर संयुक्त उद्यम विस्तारा में 53 विमानों के लिए 600 से अधिक पायलट हैं। एक सूत्र ने यह जानकारी दी। एयर इंडिया, एयर इंडिया एक्सप्रेस, विस्तारा और एयरएशिया इंडिया के पास कुल मिलाकर 220 विमानों के संयुक्त बेड़े को संचालित करने के लिए 3,000 से अधिक पायलट हैं। हाल में एयरबस को दिए गए ऑर्डर में 210 की संख्या में ए320/321 नियो/एक्सएलआर विमान और 40 की संख्या में ए350-900/1000 विमान शामिल हैं।
बोइंग को दिए गए ऑर्डर में 190 की संख्या में 737-मैक्स विमान, 20 की संख्या में 787 विमान और 10 की संख्या में 777 विमान शामिल हैं। जानकार सूत्रों ने कहा, ''एयर इंडिया ए350 को मुख्य रूप से अपने लंबी दूरी के मार्गों या 16 घंटे से अधिक समय तक चलने वाली उड़ानों के लिए ले रही है। एयरलाइन को प्रति विमान 30 पायलटों (15 कमांडरों और 15 प्रथम अधिकारियों) की जरूरत होगी।
इसका अर्थ है कि सिर्फ ए350 के लिए लगभग 1,200 पायलट की जरूरत होगी।'' सूत्रों के अनुसार एक बोइंग 777 के लिए 26 पायलटों की आवश्यकता होती है। यदि एयरलाइन ऐसे 10 विमानों को शामिल करती है, तो उसे 260 पायलटों की जरूरत होगी। इसी तरह 20 बोइंग 787 के लिए लगभग 400 पायलटों की जरूरत होगी।
सूत्रों ने कहा कि कुल मिलाकर 30 बड़े आकार के बोइंग विमानों को शामिल करने के लिए कुल 660 पायलटों की जरूरत होगी। इसी तरह संकरे आकार के विमान के लिए औसतन 12 पायलटों की आवश्यकता होती है। बेड़े में ऐसे 400 विमानों को शामिल करने पर कम से कम 4,800 पायलटों की जरूरत होगी। एयर इंडिया के पूर्व वाणिज्यिक निदेशक पंकज श्रीवास्तव के मुताबिक कमर्शियल पायलट लाइसेंस (सीपीएल) धारकों को टाइप रेटिंग दिलाने के लिए पर्याप्त अवसर सृजित करने होंगे। टाइप रेटिंग एक विशेष प्रशिक्षण है, जो किसी पायलट को एक विशेष प्रकार के विमान को संचालित करने के योग्य बनाता है। - नयी दिल्ली । कमजोर वैश्विक रुख के बीच राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में शुक्रवार को सोने का भाव 285 रुपये की गिरावट के साथ 55,950 रुपये प्रति 10 ग्राम रहा। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी। पिछले कारोबारी सत्र में सोना 56,235 रुपये प्रति 10 ग्राम के भाव पर बंद हुआ था। चांदी की कीमत भी 620 रुपये घटकर 65,005 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई।एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक सौमिल गांधी ने कहा, ‘‘दिल्ली में सोने की हाजिर कीमत 285 रुपये की गिरावट के साथ 55,950 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गयी।'' अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना गिरावट के साथ 1,821 डॉलर प्रति औंस रह गया, जबकि चांदी भी गिरावट के साथ 21.29 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रही थी। रिलायंस सिक्योरिटीज के वरिष्ठ शोध विश्लेषक श्रीराम अय्यर ने कहा कि उम्मीद से कहीं बेहतर अमेरिका के आर्थिक आंकड़ों के सामने आने तथा फेडरल रिजर्व के अधिकारियों की आक्रामक टिप्पणी आने से सोने में गिरावट रही।
- छत्तीसगढ़ सरकार के साथ हुआ एमओयू-समझौते पत्र पर उद्योग सचिव भुवनेश यादव और जिंदल पावर की ओर से प्रदीप टंडन ने हस्ताक्षर किएरायपुर। जिंदल पावर लिमिटेड ने रायगढ़ जिले में सोलर पावर प्लांट लगाने के लिए आज छत्तीसगढ़ शासन के साथ एक समझौते पत्र पर हस्ताक्षर किए गए। 84.5 मेगावाट के इस सोलर पावर प्लांट से 11,14,57,000 KWH यूनिट प्रतिवर्ष उत्पादन का लक्ष्य रखा गया हैं। इसमें 400 करोड़ रुपए से ज्यादा का निवेश किया जायेगा।नए संयंत्र लगाने के लिये आज छत्तीसगढ़ सरकार के साथ हुए एमओयू पर शासन की ओर से वाणिज्य एवं उद्योग सचिव श्री भुवनेश यादव, और जिंदल पावर की ओर से जिंदल स्टील के प्रेसिडेंट श्री प्रदीप टंडन ने हस्ताक्षर किए।एमओयू के दौरान जिंदल स्टील के प्रेसिडेंट श्री प्रदीप टंडन ने कहा कि हमारे देश में बिजली का उत्पादन हर साल बढ़ रहा है । ऐसे में सौर ऊर्जा से बिजली उत्पादन ऊर्जा के संरक्षण के क्षेत्र में एवं बिजली बचाव के लिए सौर ऊर्जा का उपयोग सर्वोत्तम उपाय हैं। जिससे हम ऊर्जा की मांग और पूर्ति के बीच सामंजस्य स्थापित कर सकते हैं।
- मुंबई. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऑफ बड़ौदा और इंडियन ओवरसीज बैंक ने कोष की सीमांत लागत आधारित ऋण दर (एमसीएलआर) बढ़ा दी है। भारतीय स्टेट बैंक ने भी कर्ज के साथ जमा पर ब्याज दरें बढ़ायी हैं।भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के आठ फरवरी को मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर रेपो में 0.25 प्रतिशत की वृद्धि के बाद बैंकों ने ब्याज दर बढ़ायी है। बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) ने सभी अवधि की एमसीएलआर 0.05 प्रतिशत बढ़ा दी है। नई दरें 12 फरवरी से प्रभावी हैं। बैंक की वेबसाइट पर उपलब्ध सूचना के अनुसार, एक साल के लिये एमसीएलआर 8.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 8.55 प्रतिशत कर दी गयी है। एक दिन, एक महीने और तीन महीने की अवधि के लिये एमसीएलआर क्रमश: 7.9 प्रतिशत, 8.2 प्रतिशत और 8.3 प्रतिशत होगी। वहीं, इंडियन ओवरसीज बैंक (आईओबी) ने सभी अवधि के कर्ज के लिये एमसीएलआर में 0.15 प्रतिशत की वृद्धि की है। इस वृद्धि के साथ एक साल की अवधि के लिये एमसीएलआर 8.30 प्रतिशत से बढ़ाकर 8.45 प्रतिशत की गयी है। इसी प्रकार, एक महीने, तीन महीने और छह महीने की एमसीएलआर 0.15 प्रतिशत बढ़ाकर क्रमश: 7.9 प्रतिशत, 8.2 प्रतिशत और 8.35 प्रतिशत की गयी है। वहीं एक दिन, दो साल और तीन साल के लिये एमसीएलआर में 0.10 प्रतिशत की वृद्धि की गयी है। दोनों बैंकों ने जमा दरों में वृद्धि नहीं की है।इस बीच, भारतीय स्टेट बैंक ने एमसीएलआर से संबद्ध कर्ज के लिये ब्याज दर 0.10 प्रतिशत बढ़ायी। इसके तहत एक दिन और तीन साल की अवधि के कर्ज पर एमसीएलआर आधारित ब्याज 7.95 प्रतिशत से 8.70 प्रतिशत तक होगी। नई दरें 15 फरवरी से प्रभावी हैं। देश के सबसे बड़े बैंक ने जमा दरों में भी 0.05 प्रतिशत से 0.25 प्रतिशत की वृद्धि की है।संशोधित दर के तहत वरिष्ठ नागरिकों को अब पांच साल से अधिक की जमा पर 8.5 प्रतिशत ब्याज मिलेगा। वहीं अन्य को तीन साल की जमा पर 0.05 प्रतिशत अधिक ब्याज मिलेगा। जबकि लंबी अवधि की जमा पर ब्याज अब 0.25 प्रतिशत अधिक होगा।
- नई दिल्ली। स्टॉक मार्केट में गुरुवार को लगातार तीसरे दिन मजबूती रही और बीएसई सेंसेक्स 44 अंक की बढ़त के साथ बंद हुआ। तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) शुरुआती कारोबार में मजबूती के साथ 61,566.22 अंक पर खुला। बाद में यह 61,682.25 और 61,196.72 के दायरे में झूलने के बाद 44.42 अंक या 0.07 प्रतिशत की मामूली बढ़त लेकर 61,319.51 पर बंद हुआ।इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 50 भी 20 अंक या 0.11 फीसदी की मामूली बढ़त के साथ 18,035.85 अंक पर बंद हुआ। निफ्टी की 25 कंपनियों के शेयर हरे जबकि 24 के लाल निशान में रहे। वहीं, एक कंपनी के शेयर में कोई घटबढ़ नहीं हुई।सेंसेक्स की कंपनियों में टेक महिंद्रा के शेयर में सबसे अधिक 5.58 प्रतिशत की वृद्धि हुई। नेस्ले इंडिया, टाटा स्टील, एनटीपीसी, टीसीएस और विप्रो समेत 15 कंपनियों के शेयर मजबूती के साथ बंद हुए।दूसरी तरफ, हिंदुस्तान यूनिलीवर,महिंद्रा एंड महिंद्रा, एक्सिस बैंक, बजाज फाइनेंस, टाटा मोटर्स समेत 15 कंपनियों के शेयर घाटे में रहे।
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मुंबई। सार्वजनिक क्षेत्र के भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने अपनी लघु अवधि की एक दिन से लेकर तीन साल की परिपक्वता अवधि वाली ऋण दरों में 0.10 प्रतिशत की वृद्धि की है। भारतीय रिजर्व बैंक ने पिछले साल मई से प्रमुख नीतिगत दर रेपो में 2.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है। बैंकों ने इस बढ़ोतरी का पूरा बोझ ग्राहकों पर डाला है।
हालांकि, उन्होंने इसके अनुरूप जमा पर ब्याज दरों में वृद्धि नहीं की है। 13 जनवरी, 2023 को समाप्त पखवाड़े में बैंकों का ऋण सालाना आधार पर 16.5 प्रतिशत बढ़ा है। वहीं जमा वृद्धि 10.6 प्रतिशत ही रही है। एसबीआई की वेबसाइट पर डाली गई सूचना के अनुसार, बैंक ने एक दिन की कोष की सीमान्त लागत आधारित ऋण दर को 0.10 प्रतिशत बढ़ाकर 7.95 प्रतिशत कर दिया है।
वहीं एक से तीन माह की परिपक्वता वाले ऋण के लिए एमसीएलआर को बढ़ाकर 8.10 प्रतिशत किया गया है। छह माह के कर्ज पर ऋण दर को 8.30 प्रतिशत से बढ़ाकर 8.40 प्रतिशत किया गया है। एक साल के कर्ज पर भी ऋण दर 0.10 प्रतिशत बढ़ाकर 8.50 प्रतिशत की गई है। दो साल के कर्ज की ऋण दर अब 8.60 प्रतिशत और तीन साल के कर्ज पर 8.70 प्रतिशत होगी। इसकी तुलना में बैंक 10 करोड़ रुपये से कम जमा वाले बचत खाते पर 2.70 प्रतिशत ब्याज दे रहा है। 10 करोड़ रुपये से अधिक की जमा पर ब्याज दर तीन प्रतिशत है। -
नयी दिल्ली . वैश्विक स्तर पर बहुमूल्य धातुओं की कीमतों में गिरावट रहने के बीच राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में बुधवार को सोने का भाव 475 रुपये की गिरावट के साथ 56,345 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गया। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी। पिछले कारोबारी सत्र में सोना 56,820 रुपये प्रति 10 ग्राम के भाव पर बंद हुआ था।
चांदी की कीमत भी 195 रुपये टूटकर 65,925 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक सौमिल गांधी ने कहा, ‘‘दिल्ली में सोने की हाजिर कीमत 475 रुपये की गिरावट के साथ 56,345 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गयी।'' अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना हानि के साथ 1,834 डॉलर प्रति औंस रह गया, जबकि चांदी भी नुकसान के साथ 21.58 डॉलर प्रति औंस रह गई। गांधी ने कहा कि एशियाई कारोबार के घंटों में कॉमेक्स में सोने की कीमतों में गिरावट रही। -
मुंबई. घरेलू शेयर बाजारों में बुधवार को लगातार दूसरे दिन तेजी का सिलसिला जारी रहा और वैश्विक स्तर पर मिले-जुले रुख के बीच सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी), पेट्रोलियम एवं चुनिंदा बैंक शेयरों में लिवाली से बीएसई सेंसेक्स 243 अंक के लाभ में रहा। तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स 242.83 अंक यानी 0.40 प्रतिशत की बढ़त के साथ 61,275.09 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स शुरू में गिरावट के साथ 60,990.05 पर खुला लेकिन बाद में इसमें मजबूती रही। कारोबार के दौरान यह ऊंचे में 61,352.55 अंक तक गया। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 86 अंक यानी 0.48 प्रतिशत की बढ़त के साथ 18,000 अंक के ऊपर 18,015.85 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स के शेयरों में टेक महिंद्रा में सबसे ज्यादा 5.79 प्रतिशत की तेजी रही। इसके अलावा रिलायंस इंडस्ट्रीज, बजाज फिनसर्व, भारती एयरटेल, टाटा स्टील, महिंद्रा एंड महिंद्रा, नेस्ले इंडस्ट्रीज, एचसीएल टेक, कोटक बैंक, टाटा मोटर्स, आईसीआईसीआई बैंक और टाइटन में भी तेजी रही। दूसरी तरफ हिंदुस्तान यूनिलीवर सबसे ज्यादा 1.22 प्रतिशत नीचे आया। आईटीसी, सन फार्मा, एलएंडटी, एचडीएफसी लि., एचडीएफसी बैंक और इंडसइंड बैंक भी प्रमुख रूप से नुकसान में रहे। एशिया के अन्य बाजारों में चीन का शंघाई कम्पोजिट, जापान का निक्की और हांगकांग का हैंगसेंग नुकसान में रहे। यूरोप के प्रमुख बाजारों में शुरुआती कारोबार में मिला-जुला रुख रहा।
इस बीच, ब्रेंट क्रूड वायदा 1.3 प्रतिशत घटकर 84.45 डॉलर प्रति बैरल रहा। शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक शुद्ध लिवाल रहे। उन्होंने मंगलवार को 1,305.30 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे। - बेंगलुरु। रक्षा क्षेत्र में काम करने वाली जर्मन कंपनी हेन्सोल्ड्ट भारतीय हेलीकॉप्टरों के लिए बाधा निवारण प्रणाली (ओएएस) के निर्माण के वास्ते सरकार द्वारा संचालित एयरोस्पेस क्षेत्र की प्रमुख कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के साथ महत्वपूर्ण तकनीकों की पूरी श्रृंखला साझा करने के लिए तैयार है। विमानन क्षेत्र के विशेषज्ञों के मुताबिक, ओएएस एक महत्वपर्ण उपकरण है जो पायलटों की स्थितिजन्य जागरूकता में सुधार करने में मदद करता है और इस तरह दुर्घटनाओं की संभावना को कम करता है तथा मिशन के लक्ष्यों को हासिल करने की क्षमता बढ़ाता है। अधिकारियों ने कहा कि एचएएल उन्नत हल्के हेलीकाप्टरों (एएलएच) के लिए ओएएस के उत्पादन पर विचार कर रहा है। स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित एएलएच 5.5 टन वजन वर्ग में दो इंजन, बहुउद्देशीय व बहुमिशन में सक्षम नई पीढ़ी का हेलीकॉप्टर है। जर्मन कंपनी ने कहा कि यहां एयरो इंडिया 2023 से इतर कहा कि हेन्सोल्ड्ट और एचएएल ने भारतीय हेलीकाप्टरों के लिए बाधा निवारण प्रणाली के निर्माण और भविष्य में संभावित निर्यात के लिए डिजाइन और आईपीआर (बौद्धिक संपदा अधिकार) को लेकर सहयोग की घोषणा की। इसके अलावा दोनों कंपनियों ने विमानन क्षेत्र से जुड़े कई अन्य उपकरणों के संयुक्त उत्पादन के लिये भी सहयोग की घोषणा की है। अधिकारियों ने कहा कि हेन्सोल्ड्ट ओएएस के लिए 100 प्रतिशत महत्वपूर्ण तकनीकों को एचएएल को हस्तांतरित करेगा।
- नयी दिल्ली,। देश का वस्तुओं का निर्यात जनवरी माह में 6.58 प्रतिशत घटकर 32.91 अरब डॉलर पर आ गया। जनवरी, 2022 में निर्यात 35.23 अरब डॉलर रहा था। हालांकि, जनवरी, 2023 में व्यापार घाटा कम होकर 17.75 अरब डॉलर पर आ गया, जो इसका पिछले 12 माह का सबसे निचला स्तर है। वाणिज्य मंत्रालय ने बुधवार को जनवरी के व्यापार आंकड़े जारी करते हुए कहा कि पिछले महीने आयात भी 3.63 प्रतिशत घटकर 50.66 अरब डॉलर पर आ गया। जनवरी, 2022 में यह 52.57 अरब डॉलर रहा था। देश का वस्तुओं का निर्यात चालू वित्त वर्ष के पहले 10 माह अप्रैल, 2022-जनवरी, 2023 के दौरान 8.51 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 369.25 अरब डॉलर पर पहुंच गया। वहीं इस दौरान आयात 21.89 प्रतिशत बढ़कर 602.20 अरब डॉलर पर पहुंच गया। पहले 10 माह में व्यापार घाटा 233 अरब डॉलर रहा। दिसंबर, 2022 में देश का निर्यात 12.2 प्रतिशत घटकर 34.48 अरब डॉलर रहा था।जनवरी, 2022 में व्यापार घाटा 17.42 अरब डॉलर पर पहुंच गया था।चालू वित्त वर्ष के पहले 10 माह में नकारात्मक वृद्धि देखने वाले निर्यात क्षेत्र में इंजीनियरिंग सामान, लोहे का सरिया, प्लास्टिक और लिनोलियम, रत्न और आभूषण हैं। अप्रैल-दिसंबर के दौरान इंजीनियरिंग निर्यात 3.37 प्रतिशत की गिरावट के साथ 88.27 अरब रह गया। इस दौरान रत्न और आभूषणों का निर्यात 0.54 प्रतिशत की गिरावट के साथ 31.61 अरब डॉलर रहा। इस दौरान सकारात्मक वृद्धि देखने वाले क्षेत्रों में पेट्रोलियम उत्पाद, इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएं, चावल, सिलेसिलाए कपड़े और रसायन हैं। वित्त सचिव सुनील बर्थवाल ने संवाददाताओं को बताया, “चालू वित्त वर्ष में वस्तुओं और सेवाओं की कुल निर्यात वृद्धि 17.33 प्रतिशत पर है। इसमें मुख्य योगदान सेवा क्षेत्र का हे। सेवा क्षेत्र का निर्यात करीब 30 प्रतिशत बढ़ा है।'' उन्होंने कहा, “वस्तुओं के निर्यात में भी कुल मिलाकर 8.5 प्रतिशत की दर से बढ़ा है। उम्मीद है कि प्रतिकूल वैश्विक परिस्थितियों के बावजूद वृद्धि की यह रफ्तार जारी रहेगी।” अप्रैल-जनवरी में सोने का आयात 11.26 प्रतिशत गिरकर 29 अरब डॉलर रह गया, जो पिछले साल समान अवधि में यह 40.35 अरब डॉलर था। चालू वित्त वर्ष के पहले 10 माह में कच्चे तेल का आयात 53.54 प्रतिशत बढ़कर 178.45 अरब डॉलर हो गया। इसी तरह कोयला, कोक और ब्रिकेट का आयात 18.91 प्रतिशत बढ़कर 43.17 अरब डॉलर हो गया। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) की निर्यात और आयात पर राष्ट्रीय समिति के चेयरमैन संजय बुधिया ने कहा, “चालू वर्ष में अप्रैल-दिसंबर के दौरान विपरीत वैश्विक परिस्थितियों, राजनीतिक अस्थिरता और बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में मंदी के बावजूद, देश के वस्तुओं के निर्यात ने रिकॉर्ड वृद्धि की।”
- नयी दिल्ली । आयकर विभाग ने बुधवार को कहा कि 2022-23 के लिए आयकर रिटर्न (आईटीआर) फॉर्म एक अप्रैल से प्रभावी होंगे और इन्हें आगामी आकलन वर्ष की शुरुआत से रिटर्न दाखिल करने की सुविधा को काफी पहले अधिसूचित कर दिया गया है। आयकर विभाग ने कहा कि करदाताओं को सुविधा देने और रिटर्न भरने की प्रक्रिया को और सरल करने के लिए आईटीआर फॉर्म में पिछले साल की तुलना में कोई बड़ा बदलाव नहीं किया है। केवल आयकर अधिनियम, 1961 में संशोधनों के कारण कुछ जरूरी लेकिन कम बदलाव किए गए हैं। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने व्यक्तियों, पेशेवरों और कंपनियों के लिए 2022-23 में हुई आय के लिए 10 फरवरी को आयकर फॉर्म 1-6 अधिसूचित कर दिए थे। साथ ही, आईटीआर फॉर्म-7 को धर्मार्थ ट्रस्ट, वैज्ञानिक अनुसंधान संस्थान, राजनीतिक दलों और विश्वविद्यालयों के लिए 14 फरवरी को अधिसूचित किया गया था। सीबीडीटी ने बयान में कहा, “ये आईटीआर फॉर्म एक अप्रैल, 2023 से प्रभावी होंगे और आगामी आकलन वर्ष की शुरुआत से रिटर्न दाखिल करने की सुविधा देने के लिए इन्हें पहले ही अधिसूचित कर दिया गया है।'' आईटीआर फॉर्म आमतौर पर किसी वित्त वर्ष के लिए मार्च के अंत तक या अप्रैल की शुरुआत में अधिसूचित होते हैं।
- नयी दिल्ली। ‘जी-20' के शेरपा अमिताभ कांत ने बुधवार को कहा कि जब दुनिया कई चुनौतियों का सामना कर रही है तो ऐसे समय भारत का 20 प्रमुख देशों के समूह की अध्यक्षता ग्रहण करना एक महत्वपूर्ण क्षण है तथा देश के लिए यह मौका भी है कि वह समावेशी और सतत विकास को लेकर एजेंडा तय करे। कांत यहां यहां ‘हिंदू कॉलेज' में आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने रूस-यूक्रेन युद्ध, आर्थिक सुस्ती और जलवायु परिवर्तन जैसी वैश्विक चुनौतियों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि पहली बार ऐसा है कि भारत को दूसरी देशों द्वारा तय किए गए एजेंडे पर प्रतिक्रिया देने की बजाय दुनिया के लिए खुद एजेंडा तय करने का अवसर मिल रहा है। ‘जी 20' के महत्व का उल्लेख करते हुए कांत ने कहा, ‘‘इस समूह के देशों की विश्व की कुल जीडीपी में 85 प्रतिशत और वैश्विक व्यापार में 78 प्रतिशत की हिस्सेदारी है...इन देशों में दुनिया की दो तिहाई आबादी भी बसती है।'' भारत ने पिछले साल एक दिसंबर को ‘जी 20' की अध्यक्षता संभाली थी। भारत में 55 स्थानों पर 200 से अधिक बैठकें होंगी। इनमें से कई बैठकें दिल्ली में भी होंगी। कांत ने कहा कि ‘जी 20' की अध्यक्षता भारत को ऐसे समय मिली है जब दुनिया कई चुनौतियों का सामना कर रही है। उन्होंने कहा, ‘‘दुनिया में भूराजनीतिक चुनौतियां हैं और पिछले एक साल से युद्ध चल रहा है जिसका यूरोप पर खाद्य, ईंधन और उर्वरक के संदर्भ में व्यापक असर पड़ा है।'' कांत ने कहा कि भारत के पास यह मौका है कि वह समावेशी और सतत विकास के लिए एजेंडा तय करे।
- -बदलते ऊर्जा परिदृश्य में विश्वसनीय और सतत बिजली उत्पादन के लिए रणनीतियां, विषय पर आयोजित हुआ सम्मेलन-एनटीपीसी में व्यापार के अवसरों पर भी हुआ विचार-विमर्शरायपुर। राष्ट्रीय तापविद्युत निगम लिमिटेड (एनटीपीसी) द्वारा रायपुर में आयोजित तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय प्रचालन व अनुरक्षण सम्मेलन, इंडियन पावर स्टेशन 2023 का बुधवार को समापन हो गया।रायपुर स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय सभागार में 13 से 15 फरवरी तक "बदलते ऊर्जा परिदृश्य में विश्वसनीय और सतत बिजली उत्पादन के लिए रणनीतियाँ" विषय पर इस सम्मेलन का आयोजन किया गया । पहले दिन का समापन सम्मेलन और टेक्नोगैलेक्सी प्रदर्शनी के उद्घाटन के साथ हुआ, जिसके बाद प्रचालन व अनुरक्षण सम्मेलन के तकनीकी सत्र और प्रदर्शनी में विक्रेताओं के साथ बातचीत हुई।एनटीपीसी के निदेशक (प्रचालन) श्री रमेश बाबू ने आईपीएस-2023 की टेक्नो गैलेक्सी प्रदर्शनी में अपने नवोन्मेषी उत्पादों का प्रदर्शन करने वाले सभी विक्रेताओं के साथ ओपन हाउस बातचीत की। एनटीपीसी स्टेशनों के प्रमुख , क्षेत्रीय कार्यकारी निदेशक, कार्यकारी निदेशक (प्रचालन सेवाएं) , कार्यकारी निदेशक (यूएसएससी) और वरिष्ठ अधिकारी बातचीत के दौरान उपस्थित थे। विक्रेताओं के सवालों का जवाब दिया गया और एनटीपीसी में व्यापार के अवसरों पर भी विचार-विमर्श किया गया। उसी दिन, अंतर्राष्ट्रीय लेखकों ने 8 सत्रों में 46 उच्च गुणवत्ता वाले तकनीकी पत्र प्रस्तुत किए।निदेशक (प्रचालन) ने एनटीपीसी संयंत्रों में दक्षता सुधार और पानी के उपयोग के अनुकूलन की मान्यता में विजेता स्टेशनों को हीट रेट ट्रॉफी और जल कुशल संयंत्र पुरस्कार प्रदान किए।तीसरे दिन का समापन पंडित दीनदयाल उपाध्याय सभागार रायपुर में आयोजित मेक इन इंडिया, विश्वसनीय और सतत बिजली उत्पादन थीम वाले टेक्नोगैलेक्सी 2023 थीम के साथ हुआ। इस दौरान प्रदर्शनी स्टालों में वेंडरों के साथ बातचीत के बाद वेंडरों के द्वारा प्रस्तुति दी गई।बिजली क्षेत्र में मेक इन इंडिया प्रयासों को प्रदर्शित करने वाले 44 वेंडर स्टाल और एनटीपीसी द्वारा सभी क्षेत्रों और सुरक्षा, पर्यावरण, सतत विकास, नेत्रा, आरई आदि जैसे विशिष्ट कार्यों को कवर करने वाले 13 स्टॉल प्रदर्शित किए गए।
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नयी दिल्ली. खुदरा मुद्रास्फीति जनवरी महीने में तीन महीने के उच्च स्तर 6.52 प्रतिशत पर पहुंच गयी। इसके साथ ही महंगाई दर एक बार फिर रिजर्व बैंक के संतोषजनक स्तर की उच्चतम सीमा से ऊपर चली गयी है। नवंबर और दिसंबर 2022 को छोड़ दिया जाए तो खुदरा मुद्रास्फीति जनवरी 2022 से ही भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के छह प्रतिशत की ऊपरी सीमा से ऊंची रही है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित खुदरा मुद्रास्फीति दिसंबर में 5.72 प्रतिशत और जनवरी 2022 में 6.01 प्रतिशत थी। इससे पहले, खुदरा मुद्रास्फीति अक्टूबर महीने में उच्च स्तर 6.77 प्रतिशत पर थी।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़ों के अनुसार, सब्जियों की कीमतें जनवरी में घटी हैं। हालांकि ईंधन और प्रकाश समेत अन्य श्रेणियों में महंगाई बढ़ी है। खाद्य पदार्थों की महंगाई दर जनवरी में 5.94 प्रतिशत रही। यह दिसंबर में 4.19 प्रतिशत और पिछले साल इसी तहीने में 5.43 प्रतिशत थी। गांवों में महंगाई शहरों के मुकाबले ऊंची रही। जहां ग्रामीण क्षेत्रों में यह 6.85 प्रतिशत रही, वहीं शहरी केंद्रों में यह छह प्रतिशत थी। भारतीय रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति पर विचार करते समय मुख्य रूप से खुदरा मुद्रास्फीति पर गौर करता है। केंद्रीय बैंक को मुद्रास्फीति दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत पर रखने की जिम्मेदारी मिली हुई है। पिछले सप्ताह आरबीआई ने महंगाई को काबू में रखने के लिये नीतिगत दर रेपो 0.25 प्रतिशत बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दी। रिजर्व बैंक ने खुदरा मुद्रास्फीति 2022-23 में 6.5 प्रतिशत रहले का अनुमान जताया है। -
मुंबई. घरेलू बाजार में वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री 2023-24 में सालाना आधार पर 9-11 प्रतिशत बढ़ सकती है। रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर करीब छह प्रतिशत रहने के आधार यह अनुमान लगाया है। क्रिसिल का कहना है कि वाणिज्यिक वाहन बाजार को मध्यम और भारी वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री से रफ्तार मिलेगी। इसके अलावा, अगले वित्त वर्ष के लिए केंद्रीय बजट में बुनियादी ढांचे पर खर्च में वृद्धि से मांग को समर्थन मिलेगा। यह घरेलू वाणिज्यिक वाहन उद्योग के लिए वृद्धि का लगातार तीसरा साल होगा। क्रिसिल ने कहा कि कुल घरेलू वाणिज्यिक वाहन बिक्री में हल्के वाणिज्यिक वाहन (एलसीवी) खंड की वृद्धि आठ से 10 प्रतिशत रहेगी। वहीं मध्यम एवं भारी वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री 13 से 15 प्रतिशत बढ़ेगी। क्रिसिल रेटिंग्स के वरिष्ठ निदेशक अनुज सेठी ने कहा, ‘‘“मजबूत मांग की संभावनाओं के मद्देनजर हम उम्मीद करते हैं कि एलसीवी बिक्री अगले वित्त वर्ष में 8-10 प्रतिशत बढ़ेगी और यह महामारी पूर्व (2018-19) को पार कर जाएगी। मध्यम एवं भारी वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री महामारी-पूर्व के स्तर को पार कर जाएगी। इसमें 13 से 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी।'' रेटिंग एजेंसी ने कहा कि 2021-22 में घरेलू बाजार में वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री साल-दर-साल आधार पर 31 प्रतिशत बढ़ी थी। चालू वित्त वर्ष में बिक्री में वृद्धि 27 प्रतिशत के आसपास रहेगी।
- -जिन्दल स्टील एंड पावर को “लार्ज कैटेगरी” में दूसरी सबसे तेजी से आगे बढ़ती स्टील कंपनी का अवार्ड-जिन्दल पैंथर टीएमटी रिबार्स को “सर्टिफिकेट ऑफ ऑथेंसिटी”-दिल्ली में फर्स्ट कंस्ट्रक्शन काउंसिल के छठे “मेक इन स्टील फोरम” की ओर से सम्मान-जेएसपी के चीफ मार्केटिंग ऑफिसर एस.के. प्रधान ने ग्रहण किये ये सम्मानरायपुर । जाने-माने इन्फ्रास्ट्रक्चर थिंकटैंक और इन्फ्रास्ट्रक्चर रिसर्च स्टडीज ट्रेनिंग संस्थान फर्स्ट कंस्ट्रक्शन काउंसिल ने जिन्दल स्टील एंड पावर (जेएसपी) के चेयरमैन श्री नवीन जिन्दल को ‘आंट्रप्रिन्योर ऑफ द ईयर’ अवार्ड से सम्मानित किया है। इस संस्था ने जिन्दल स्टील एंड पावर को “लार्ज कैटेगरी” में दूसरी सबसे तेजी से आगे बढ़ती स्टील कंपनी का अवार्ड और जिन्दल पैंथर टीएमटी रिबार्स को “सर्टिफिकेट ऑफ ऑथेंसिटी” यानी विश्वसनीयता का प्रमाणपत्र भी प्रदान किया।दिल्ली में आयोजित फर्स्ट कंस्ट्रक्शन काउंसिल के छठे “मेक इन स्टील फोरम” में श्री नवीन जिन्दल और जेएसपी की ओर से चीफ मार्केटिंग ऑफिसर श्री एस.के. प्रधान ने ये सम्मान ग्रहण किये। श्री प्रधान ने इस अवसर पर श्री जिन्दल का संदेश पढ़ा। श्री जिन्दल ने अपने संदेश में कहा है कि “जेएसपी राष्ट्र निर्माण के लिए समर्पित एक कंपनी है और हमारे लिए उत्पादों एवं सेवाओं की गुणवत्ता और सतत विकास सर्वोपरि है।”सम्मान ग्रहण करने के बाद श्री प्रधान ने कहा कि जेएसपी सिर्फ स्टील ही नहीं बल्कि इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर की अग्रणी कंपनी है, जो अंतरराष्ट्रीय गुणवत्ता वाली रेल से लेकर रिबार्स का निर्माण कर राष्ट्र के विकास में योगदान कर रही है।फर्स्ट कंस्ट्रक्शन काउंसिल के संस्थापक एवं निदेशक श्री प्रताप पडोडे ने कहा कि श्री नवीन जिन्दल ने इस वर्ष स्टील सेक्टर में अनुकरणीय उपलब्धियां प्राप्त की हैं। उनके मार्गदर्शन में जेएसपी ने अपने प्रोडक्ट प्रोफाइल में अभूतपूर्व मूल्यवर्धन किया है और निर्माण एवं इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र के लिए आवश्यक लॉन्ग स्टील निर्माण के माध्यम से एक नई ऊंचाई को छुआ है। इतना ही नहीं, जेएसपी आज पूरे स्टील जगत को एक नई दिशा दिखा रहा है। स्टील सेक्टर के प्रतिष्ठित इस सम्मान के निर्णायक मंडल में तकनीकी क्षेत्र की अनेक जानी-मानी हस्तियां हैं।
- रायपुर। एनटीपीसी लिमिटेड द्वारा 13 फरवरी को प्रचालन व अनुरक्षण सम्मेलन "आईपीएस- 2023 का शुभारंभ किया गया। गुरदीप सिंह, अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक एनटीपीडी लिमिटेड ने सभी प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए एनटीपीसी द्वारा विश्वसनीय तथा सतत विद्युत उत्पादन के क्षेत्र में की जा रही पहल के ऊपर प्रकाश डाला।केंद्रीय विद्युत, नवीन व नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर. के. सिंह ने वर्चुअल मोड के द्वारा कार्यक्रम को संबोधित करते हुए हरित व सतत ऊर्जा के विजन पर अपने विचार व्यक्त किए। राज्य विद्युत मंत्री तथा भारी उद्योग कृष्ण पाल ने भी सम्मेलन की सफलता की शुभकामनाएं दी। सचिव (विद्युत) भारत सरकार ने वर्तमान ऊर्जा परिदृश्य के बारे में बताते हुए हरित ऊर्जा की ओर बढऩे की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने एनटीपीसी द्वारा हरित तथा सतत ऊर्जा के लिए किए गए प्रयास की सराहना की। रमेशबाबू, निदेशक प्रचालन ने धन्यवाद ज्ञापन किया ।एनटीपीसी जिम्मेदार कंपनी के तौर पर सतत रूप से विद्युत उत्पादन करने के लिए प्रतिबद्धगौरतलब है कि एनटीपीसी जिम्मेदार कंपनी के तौर पर सतत रूप से विद्युत उत्पादन करने के लिए प्रतिबद्ध है। जीवाश्म ईंधन के अलावा कंपनी ने स्वच्छ, संधारणीय साधनों के माध्यम से ऊर्जा उत्पादन में विविधता लाई है।13 फरवरी 1983 से एनटीपीसी सिगरौली में पहली परियोजना की स्थापना से लेकर अब तक एनटीपीसी समूह ने पूरे देश में थर्मल, हाइड्रो, गैस तथा नवीकरणीय ऊर्जा से 70 गीगावाट से अधिक स्थापित क्षमता के साथ 70 स्थानों में अपना पावर स्टेशन स्थापित किया है। आज एनटीपीसी 71544 मेगावाट स्थापित क्षमता के साथ देश की सबसे बड़ी विद्युत कंपनी है। आज एनटीपीसी द्वारा तैयार बिजली देश का हर चौथा बल्ब रोशन हो रहा है। इस सम्मेलन में तकनीकी सत्र तथा प्रदर्शनी का भी आयोजन किया जा रहा है। इस तरह का सम्मेलन प्रत्येक वर्ष ऊर्जा के बदलते परिवेश में आ रहे परिवर्तन तथा चुनौतियों को प्रदर्शित करते हुए किया जाता है। इस वर्ष का थीम " बदलते ऊर्जा परिवेश में विश्वसनीय तथा सतत ऊर्जा उत्पादन के लिए रणनीतियाँ है। जो ऊर्जा क्षेत्र के द्वारा नवोन्मेषी तथा सतत ऊर्जा उत्पादन के अवसरों में आ रही चुनौतियों को कम करना है।इस तरह का सम्मेलन ऊर्जा पेशेवरों, शोधकों, निर्माताओं, सेवा प्रदाताओं तथा अभियंताओं को एक मंच प्रदान करता है, जहां वे अपना प्रचालन व अनुरक्षण अनुभवों, उभरती टेक्नोलोजी के बारे में सूचना तथा इंडस्ट्रीज प्रेक्टिस को साझा करते हैं।प्रत्येक वर्ष प्रचालन व अनुरक्षण सम्मेलन "आईपीएस" भारत तथा विश्व के अन्य देशों से प्रतिनिधियों से बहुत ही सकारात्मक प्रतिक्रिया मिलती है।इस सम्मेलन में भारत तथा अन्य देशों से लगभग 75 वेंडरों के अलावा 700 प्रतिनिधियों के आने की संभवाना है। टेक्नोगैलेक्सी प्रदर्शनी में लगभग 44 निर्माताओं द्वारा तैयार किए जा रहे उत्पादों को प्रदर्शित किया जाएगा।