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चेन्नई । सार्वजनिक क्षेत्र के इंडियन ओवरसीज बैंक ने कर्ज मंजूरी प्रक्रिया को बेहतर बनाने और इसमें लगने वाले समय को कम करने के मकसद से विभिन्न शहरों में खुदरा ऋण प्रसंस्करण केंद्र शुरू किया है। बैंक ने एक बयान में कहा कि कुल आठ खुदरा ऋण प्रसंस्करण केंद्र (आरएलपीसी) खोले गये हैं। इसमें से चेन्नई में एक केंद्र का भौतिक रूप से उद्घाटन किया गया, जबकि सात अन्य आरएलपीसी विभिन्न शहरों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शुरू किए गए। इंडियन ओवरसीज बैंक (आईओबी) के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी अजय कुमार श्रीवास्तव ने कहा, “हमारे नए खुदरा कर्ज प्रसंस्करण केंद्र सिर्फ सुविधा के बारे में नहीं हैं। यह एक स्मार्ट, ज्यादा लचीला बैंकिंग ढांचा बनाने के बारे में है। डिजिटल उपकरण और उन्नत आंकड़ों का इस्तेमाल करके, हम मजबूत जोखिम प्रबंधन सुनिश्चित कर रहे हैं और साथ ही कर्ज प्रसंस्करण समय को भी काफी कम कर रहे हैं।” उन्होंने रविवार को एक बयान में कहा कि खुदरा ऋण प्रसंस्करण केंद्र को ऋण स्वीकृति प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने, समय को कम करने और खुदरा ग्राहकों को तीव्र और अधिक कुशल सेवाएं प्रदान करने के लिए डिजायन किया गया है। इंडियन ओवरसीज बैंक ने बेंगलुरु, कोयंबटूर, दिल्ली, हैदराबाद, कोलकाता, लखनऊ और मुंबई में खुदरा कर्ज प्रसंस्करण केंद्र शुरू किया है। प्रत्येक केंद्र डिजिटल प्रौद्योगिकियों और स्वचालन क्षमताओं से लैस है, जिससे त्वरित ऋण स्वीकृति सुनिश्चित होती है। ये सुविधाएं वित्तीय पहुंच को बढ़ाने और खुदरा क्षेत्र में बैंक की वृद्धि रणनीति का समर्थन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। बैंक ने शहर के लोकप्रिय स्थलों में से एक पुरात्ची थलाइवर डॉ. एमजीआर सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर अपने एटीएम कियोस्क भी शुरू किया। श्रीवास्तव ने कहा, “यह एटीएम महज एक सेवा केंद्र नहीं है, यह परंपरा के साथ नवाचार के सम्मिश्रण के प्रति आईओबी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है...।''
- नई दिल्ली। हवाई जहाज से यात्रा करने वालों के लिए अच्छी खबर है। दीपावली के आसपास कई घरेलू मार्गों पर औसत हवाई किराये में पिछले साल की तुलना में 20-25 प्रतिशत की कमी आई है। एक विश्लेषण में यह जानकारी दी गई। इसके मुताबिक बढ़ी हुई क्षमता और तेल की कीमतों में हाल में आई गिरावट के चलते कीमतों में कमी आई है। यात्रा मंच इक्सिगो के विश्लेषण से पता चला कि घरेलू मार्गों पर औसत हवाई किराए में 20-25 प्रतिशत की गिरावट आई है। ये कीमतें 30 दिनों की अग्रिम खरीद तिथि (एपीडी) के आधार पर एक तरफ के औसत किराए के लिए है। विश्लेषण में 2023 के लिए समय अवधि 10-16 नवंबर है, जबकि इस साल यह 28 अक्टूबर-तीन नवंबर है। इस साल बेंगलुरू-कोलकाता उड़ान के लिए औसत हवाई किराया 38 प्रतिशत घटकर 6,319 रुपये रह गया है, जो पिछले साल 10,195 रुपये था।चेन्नई-कोलकाता मार्ग पर टिकट की कीमत 8,725 रुपये से 36 प्रतिशत घटकर 5,604 रुपये रह गई है। मुंबई-दिल्ली उड़ान के लिए औसत हवाई किराया 8,788 रुपये से 34 प्रतिशत घटकर 5,762 रुपये रह गया है।इसी तरह, दिल्ली-उदयपुर मार्ग पर टिकट की कीमतों में 34 प्रतिशत की कमी आई है और यह 11,296 रुपये से घटकर 7,469 रुपये रह गई है। दिल्ली-कोलकाता, हैदराबाद-दिल्ली और दिल्ली-श्रीनगर मार्गों पर यह गिरावट 32 प्रतिशत है।इक्सिगो समूह के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) आलोक बाजपेयी ने पीटीआई-भाषा को बताया कि पिछले साल दिवाली के आसपास हवाई किराए में सीमित क्षमता के कारण उछाल आया था, जिसका मुख्य कारण गो फर्स्ट एयरलाइन का निलंबन था। उन्होंने बताया इस साल अतिरिक्त क्षमता जोड़ी गई है, जिससे अक्टूबर के आखिरी सप्ताह में प्रमुख मार्गों पर औसत हवाई किराए में 20-25 प्रतिशत की सालाना आधार पर गिरावट आई है।
- लंदन। वैश्विक भूख सूचकांक (जीएचआई) की 127 देशों की सूची में भारत को 105वें स्थान के साथ ‘गंभीर' श्रेणी में रखा गया है। अंतरराष्ट्रीय मानवीय एजेंसियां भूख के स्तर को मापने के लिए कुपोषण और बाल मृत्यु दर संकेतकों के आधार पर जीएचआई स्कोर प्रदान करती हैं, जिसके आधार पर यह सूची तैयार की जाती है। साल 2024 की रिपोर्ट इस सप्ताह आयरलैंड के मानवीय संगठन ‘कंसर्न वर्ल्डवाइड' और जर्मन सहायता एजेंसी ‘वेल्थहंगरहिल्फ' ने प्रकाशित की है, जिसमें इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि भूख के मुद्दे से निपटने के उपायों में अधिक प्रगति नहीं होने से दुनिया के कई सबसे गरीब देशों में भूख का स्तर कई दशकों तक उच्च बना रहेगा। भारत उन 42 देशों में शामिल है जिन्हें पाकिस्तान और अफगानिस्तान के साथ "गंभीर" श्रेणी में रखा गया है जबकि अन्य दक्षिण एशियाई पड़ोसी देश जैसे बांग्लादेश, नेपाल और श्रीलंका बेहतर जीएचआई स्कोर के साथ "मध्यम" श्रेणी में हैं। सूचकांक प्रविष्टि में कहा गया है, "2024 के वैश्विक भूख सूचकांक में 27.3 के स्कोर के साथ भारत में भूख का स्तर गंभीर है।" रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत का जीएचआई स्कोर चार घटक संकेतकों के मूल्यों पर आधारित है: 13.7 प्रतिशत जनसंख्या कुपोषित है, पांच वर्ष से कम आयु के 35.5 प्रतिशत बच्चे अविकसित हैं, जिनमें से 18.7 प्रतिशत दुर्बल हैं, तथा 2.9 प्रतिशत बच्चे पैदाइश के पांच साल के अंदर मर जाते हैं। रिपोर्ट में विश्लेषण के आधार पर कहा गया है कि 2030 तक भूख मुक्त दुनिया बनाने के संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्य को प्राप्त करने की संभावना बहुत कम है। रिपोर्ट के अनुसार, "पर्याप्त भोजन के अधिकार के महत्व पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय के बार-बार जोर देने के बावजूद, स्थापित मानकों और इस वास्तविकता के बीच एक चिंताजनक असमानता बनी हुई है। दुनिया के कई हिस्सों में भोजन के अधिकार की खुलेआम अवहेलना की जा रही है।" विश्व स्तर पर, लगभग 73.3 करोड़ लोग प्रतिदिन पर्याप्त मात्रा में भोजन की उपलब्धता न होने के कारण भूख का सामना करते हैं, जबकि लगभग 2.8 अरब लोग स्वस्थ आहार का खर्च वहन नहीं कर पाते। कुछ अफ्रीकी देश जीएचआई के अनुसार "खतरनाक" श्रेणी के अंतिम छोर पर हैं। रिपोर्ट में गाजा और सूडान में युद्ध को असाधारण खाद्य संकट का कारण बताया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि युद्ध और नागरिकों के बीच संघर्ष अन्य स्थानों पर भी खाद्य संकट पैदा कर रहा है, जिनमें डॉमिनिक रिपब्लिक ऑफ कांगो, हैती, माली और सीरिया शामिल हैं।
- मुंबई।'. फोर्ड मोटर कंपनी के चेयरमैन बिल फोर्ड ने शनिवार को कहा कि वह इसी सप्ताह उद्योग जगत के दिग्गज रतन टाटा के निधन से ‘दुखी' हैं। फोर्ड ने एक बयान में कहा, “रतन दूरदर्शी और ईमानदार नेता थे और जगुआर और लैंड रोवर के बेहतरीन प्रबंधक साबित हुए।” हेनरी फोर्ड के परपोते फोर्ड ने कहा कि टाटा की विरासत भावी पीढ़ी के व्यापारिक नेताओं और उद्यमियों को प्रेरित करती रहेगी। टाटा को नमक से लेकर सॉफ्टवेयर बनाने वाले समूह को दो दशकों से अधिक समय तक नई ऊंचाइयों पर ले जाने का श्रेय दिया जाता है। उनका बुधवार को शहर के एक अस्पताल में संक्षिप्त बीमारी के बाद निधन हो गया। वह 86 वर्ष के थे। समूह की कंपनी टाटा मोटर्स ने 2008 में जेएलआर को फोर्ड से 2.3 अरब डॉलर में नकद में खरीदा था। फोर्ड ने याद किया कि वह टाटा से केवल एक बार व्यक्तिगत रूप से मिले थे और उन्होंने इस मुलाकात को "गर्मजोशी और सौहार्दपूर्ण" बताया। फोर्ड (67) ने कहा कि मुलाकात के दौरान दोनों ने पारिवारिक व्यवसाय चलाने की चुनौतियों और खुशियों तथा कारों के प्रति हमारे आपसी प्रेम के बारे में बात की। बैठक में उपस्थित टाटा समूह के एक वरिष्ठ अधिकारी द्वारा टाटा के ‘अपमानित' महसूस किये जाने के दावों को नकारते हुए फोर्ड ने कहा कि उनकी बैठक के बारे में कुछ बातें ‘सत्य से बहुत दूर हो सकती हैं।'
- नयी दिल्ली.। जेप्टो के सह-संस्थापक और सीईओ आदित पलिचा ने लिंक्डइन पर जानकारी दी कि तेजी से उपभोक्ता सामान पहुंचाने वाले इस मंच ने एक नवरात्रि के दौरान एक लाख से ज्यादा डांडिया स्टिक बेचीं। उन्होंने लिंक्डइन पर लिखा, ''क्या दिन है! 2024 की नवरात्रि अपने उपयोगकर्ताओं, विक्रेताओं, ब्रांड और जेप्टो इस्तेमाल करने वालों के जरिये भारत की विविधता की खूबसूरती को देखते हुए संपन्न हो रही है। जरूरी वस्तुओं से लेकर त्योहारी चीजों तक, हमें नौ अविश्वसनीय दिनों में भारत के उत्सव का हिस्सा बनाने के लिए धन्यवाद।'' उन्होंने बताया कि इस दौरान उसने एक लाख से ज्यादा डांडिया छड़ी बेचीं। उन्होंने आगे कहा कि व्रत के अनुकूल चिप्स, कट्टू और राजगिरा आटे की बिक्री पिछले साल की नवरात्रि की तुलना में काफी बढ़ गई।
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नई दिल्ली। भारतीय शेयर बाजार में सप्ताह के अंतिम कारोबार दिन यानी शुक्रवार को गिरावट दर्ज की गई। विदेशी निवेशकों की निकासी, कंपनियों के तिमाही नतीजे उम्मीद से कम रहने की चिंता और भू-राजनीतिक संकट में वृद्धि के चलते बाजार गिरकर बंद हुआ।तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) आज गिरावट के साथ 81,478.49 अंक पर खुला। कारोबार के दौरान 81,671.38 से 81,304.15 अंक के बीच झूलने के बाद अंत में सेंसेक्स 0.28 प्रतिशत या 230.05 अंक की गिरावट लेकर 81,381.36 पर बंद हुआ।इसी तरह, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी (Nifty-50) भी 0.14 प्रतिशत या 34.20 अंक टूटकर 24,964.25 के लेवल पर बंद हुआ।
सेंसेक्स की कंपनियों में टीसीएस (TCS) का शेयर सबसे ज्यादा 1.84 प्रतिशत गिर गया। इसके अलावा महिंद्रा एंड महिंद्रा, मारुती, आईसीआईसीआई बैंक, पावर ग्रिड, एक्सिस बैंक, अदाणी पोर्ट्स, एचडीएफ़सी बैंक के शेयर प्रमुख रूप से लाभ में रहे।दूसरी तरफ, एचसीएल टेक, टेक महिंद्रा, जेएसडब्ल्यू स्टील, हिन्दुस्तान यूनिलीवर, इन्फोसिस, टाइटन, सन फार्मा, टाटा स्टील, एलएंडटी और भारती एयरटेल के शेयर प्रमुख रूप से लाभ में रहे।बता दें कि कंपनियों के दूसरी तिमाही ने नतीजे कमजोर रहने और भू-राजनीतिक संकट के बढ़ने की आशंका तथा विदेशी निवेशकों की निकासी के चलते भारतीय शेयर बाजार आज गिरकर बंद हुआ।एक्सपर्ट्स के अनुसार, बैंक, उपयोगिता सेक्टर और वित्तीय कंपनियों के शेयरों में बिकवाली से दोनों इंडेक्स गिरावट के साथ बंद हुए। वैश्विक बाजारों में मिलेजुले रुझान और विदेशी फंडों की निकासी जारी रहने से भी निवेशकों की धारणा कमजोर हुई।एशिया के अन्य बाजारों में जापान का निक्की एवं हांगकांग का हैंगसेंग बढ़त पर रहे, जबकि चीन के शंघाई कम्पोजिट और दक्षिण कोरिया के कॉस्पी में गिरावट आई। यूरोपीय बाजार मिलेजुले रुख के साथ कारोबार कर रहे थे। अमेरिकी बाजार गुरुवार को गिरावट के साथ बंद हुए थे। - नई दिल्ली। ‘वी, रोबोट’ इवेंट में टेस्ला ने अपने सायबरकैब और ह्यूमैनॉइड रोबोट ‘ऑप्टिमस’ को सबके सामने पेश किया। एलन मस्क ने ऑप्टिमस के बारे में दावा किया कि यह अब “कुछ भी कर सकता है।” मस्क ने कहा, “ऑप्टिमस आपके बीच चलेगा और आपको ड्रिंक सर्व करेगा।”मस्क के अनुसार, ऑप्टिमस रोबोट की क्षमता लगभग असीमित है। उन्होंने बताया कि यह रोबोट कुत्ते को घुमाने, बच्चों की देखभाल करने, लॉन काटने और ड्रिंक सर्व करने जैसे काम कर सकता है।मस्क ने यह भी अनुमान लगाया कि भविष्य में इस रोबोट की कीमत 20,000 से 30,000 डॉलर के बीच होगी। उन्होंने आत्मविश्वास से कहा, “मुझे विश्वास है कि यह अब तक का सबसे महत्वपूर्ण प्रोडक्ट होगा।”एलन मस्क का दावा: “हर इंसान चाहेगा एक ऑप्टिमस बडी”एलन मस्क ने यह भी कहा, “मुझे लगता है कि धरती पर मौजूद 8 अरब लोगों में से हर कोई एक ऑप्टिमस बडी चाहेगा।” मस्क ने X पर एक पोस्ट में कहा, “ऑप्टिमस रोबोट पहले से कहीं ज्यादा दुनिया में क्रांति लाएगा!”ऑप्टिमस: जेन 2 में नई एडवांस तकनीकदिसंबर 2023 में, टेस्ला ने अपने ह्यूमैनॉइड रोबोट ‘ऑप्टिमस जेन 2’ का नया वर्जन पेश किया, जो पिछले मॉडल से कई गुना बेहतर है। पहले का मॉडल सिर्फ चलने और बात करने में सक्षम था, लेकिन जेन 2 वर्जन में तेज चलने की क्षमता, एडवांस हाथ की मूवमेंट, उंगलियों पर टैक्टाइल सेंसर जैसे नये फीचर्स शामिल हैं।इस साल की शुरुआत में, मस्क ने X (पहले ट्विटर) पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें ऑप्टिमस ने एक नई स्किल का प्रदर्शन किया— ये स्किल थी शर्ट फोल्ड करना। वीडियो में रोबोट एक टोकरी से शर्ट उठाकर उसे मेज पर करीने से फोल्ड करता हुआ नजर आया। मस्क ने पोस्ट का टाइटल दिया, “ऑप्टिमस फोल्ड्स अ शर्ट।”एक और वीडियो में मस्क ने ऑप्टिमस को इंसानों की तरह चलते हुए दिखाया। इस वीडियो पर लोग तरह-तरह के रिएक्शन दे रहे हैं, क्योंकि रोबोट के हाव-भाव बेहद इंसानी लग रहे थे।टेस्ला के ह्यूमैनॉइड रोबोट की शुरुआतटेस्ला ने सबसे पहले अपने ह्यूमैनॉइड रोबोट ‘ऑप्टिमस’ (जिसे टेस्ला बॉट भी कहा जाता है) का कॉन्सेप्ट 2021 के AI डे पर पेश किया था। इसका उद्देश्य एक ऐसा बहुउद्देश्यीय मशीन बनाना था, जो इंसानों के लिए खतरनाक, दोहराव वाले, या उबाऊ कामों को संभाल सके। हालांकि अभी इसका डेवलपमेंट जारी है, लेकिन टेस्ला लगातार ऑप्टिमस में सुधार कर रहा है। हाल ही के इवेंट में जेन 2 मॉडल में एडवांस तकनीकों को पेश किया गया, जो इसके डेवलपमेंट में एक और महत्वपूर्ण कदम है।2022 में, टेस्ला ने एक प्रोटोटाइप दिखाया जो चल सकता था और साधारण कार्य कर सकता था, जैसे सामान उठाना और पौधों में पानी डालना। लाइव डेमो के दौरान, मस्क ने इस बात पर जोर दिया कि यह पहली बार था जब रोबोट बिना किसी बाहरी सहायता के काम कर रहा था। मजाकिया अंदाज में मस्क ने सुरक्षा उपायों का जिक्र करते हुए कहा, “हम नहीं चाहते थे कि यह मुंह के बल गिर जाए,”इसी इवेंट में, मस्क ने सायबरकैब का अपना विजन भी शेयर किया, जो एक पूरी तरह ऑटोनोमस वाहन है। इस वाहन में स्टीयरिंग व्हील या पैडल नहीं होंगे। मस्क ने दावा किया कि यह पब्लिक ट्रांसपोर्ट से भी सस्ता होगा। उन्होंने घोषणा की कि बिना किसी निगरानी के पूरी तरह से सेल्फ-ड्राइविंग कारें अगले साल तक टेक्सास और कैलिफोर्निया में उपलब्ध होंगी, शुरुआत टेस्ला मॉडल 3 और मॉडल Y से होगी, इसके बाद मॉडल S और सायबरट्रक भी शामिल होंगे। सायबरकैब का उत्पादन 2026 में शुरू होने की योजना है।
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नई दिल्ली। टाटा ट्रस्ट्स के चेयरमैन के रूप में नोएल टाटा ने रतन टाटा की जगह ले ली है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शुक्रवार सुबह टाटा ट्रस्ट्स के बोर्ड की बैठक में नोएल टाटा की नियुक्ति को मंजूरी दी गई।
नोएल टाटा, रतन टाटा के सौतेले भाई हैं और अब टाटा ट्रस्ट्स का नेतृत्व करेंगे। टाटा ट्रस्ट्स, टाटा सन्स की मालिकाना हक वाली परोपकारी संस्थाएं हैं, जो टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी है।खबरों के मुताबिक, आज टाटा ट्रस्ट्स की एक शोक सभा आयोजित की गई, जिसके बाद बोर्ड ने नोएल टाटा को रतन टाटा का उत्तराधिकारी नियुक्त करने का फैसला लिया।टाटा संस में 65.9% हिस्सेदारी टाटा ट्रस्ट्स के पास है, 12.87% हिस्सेदारी टाटा ग्रुप की कंपनियों के पास, जबकि 18.4% हिस्सा मिस्त्री परिवार के पास है।जानें नोएल टाटा के बारे में-दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा के अंतिम संस्कार में शामिल होने वाले प्रमुख चेहरों में 67 वर्षीय नोएल टाटा अपने बेटे नेविल के साथ नजर आए। भारत के कई शीर्ष नेताओं और उद्योगपतियों ने रतन टाटा को श्रद्धांजलि दी। रिटेल क्षेत्र में ट्रेंट जैसी बड़ी कंपनी की स्थापना करने वाले नोएल इस दौरान शांत और संयमित दिखे।नोएल, रतन टाटा के सौतेले भाई हैं और उनके माता-पिता नवल और सिमोन टाटा हैं। उनकी पत्नी अलू मिस्त्री, पलोनजी मिस्त्री की बेटी और साइरस मिस्त्री की बहन हैं, जिनकी टाटा संस में 18.4% हिस्सेदारी है। नोएल के तीन बच्चे हैं – बेटा नेविल और बेटियां माया व लीआ।नोएल टाटा ने टाटा समूह में शामिल होने के बाद जून 1999 में रिटेल कारोबार की बागडोर संभाली। साल 2014 में उन्हें पदोन्नत कर इस रिटेल कंपनी का चेयरमैन बनाया गया। वित्त वर्ष 1999 में टाटा समूह के इस रिटेल कारोबार की परिचालन आय 19.7 करोड़ रुपये थी। उस समय वेस्टसाइड ब्रांड इसका हिस्सा था, लेकिन आज ट्रेंट के पास वेस्टसाइड के साथ-साथ लाइफस्टाइल और किराना क्षेत्र के कई प्रमुख ब्रांड भी हैं, जिनमें स्टार बाजार, थोक कारोबार बुकर और सस्ता लाइफस्टाइल ब्रांड जूडियो शामिल हैं।ट्रेंट ने दुनिया के दो प्रमुख फैशन ब्रांडों – जारा और मासिमो दुती – को भी भारतीय बाजार में पेश किया। पिछले वित्त वर्ष में ट्रेंट की आय 12,669 करोड़ रुपये रही। पहले इसे लैक्मे के नाम से जाना जाता था, जिसे नोएल टाटा की मां सिमोन टाटा ने स्थापित किया था। बीएसई पर गुरुवार को ट्रेंट का बाजार पूंजीकरण 2.86 लाख करोड़ रुपये रहा, जबकि बुधवार को यह 2,95,704 करोड़ रुपये तक पहुंच गया था।नोएल टाटा ने 2010 से 2021 तक टाटा इंटरनैशनल में काम किया, जो चमड़े के सामान, खनिज और धातुओं का निर्यात करने वाली कंपनी है। अभी वे टाटा समूह की दो कंपनियों – वोल्टास और टाटा इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन के चेयरमैन हैं। 2019 में नोएल सर रतन टाटा ट्रस्ट के ट्रस्टी बने और 2022 में सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट के बोर्ड में शामिल हुए। मई 2023 में उनके तीन बच्चे – लीआ, नेविल और माया – टाटा ट्रस्ट्स की 5 परोपकारी संस्थाओं के बोर्ड में शामिल किए गए। टाटा ट्रस्ट्स टाटा समूह के 150 अरब डॉलर के कारोबार की देखरेख करता है।9 अक्टूबर को हुआ रतन टाटा का निधनरतन टाटा, जो भारतीय व्यवसाय जगत की एक महत्वपूर्ण शख्सियत थे, का 9 अक्टूबर को 86 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। वह टाटा सन्स के चेयरमैन एमेरिटस और टाटा ट्रस्ट्स के प्रमुख थे। उन्हें सेहत बिगड़ने के बाद मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। रतन टाटा के निधन से टाटा समूह के परोपकारी कार्यों में एक महत्वपूर्ण नेतृत्व का खालीपन आ गया है, जिसे अब नोएल टाटा भरने जा रहे हैं। - मुंबई.भारतीय रिजर्व बैंक ने बृहस्पतिवार को बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) से जोखिम आकलन को लेकर सभी स्रोतों से प्राप्त सूचना का उपयोग करने को कहा। आरबीआई ने कहा कि केंद्रीय बैंक के दायरे में आने वाली इकाइयों (बैंक, एनबीएफसी समेत अन्य) को अपने मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद के वित्तपोषण की पहचान करने और उस पर लगाम लगाने को लेकर उपयुक्त कदम उठाने के लिए समय-समय पर आकलन करने की जरूरत है। केंद्रीय बैंक ने इस संबंध में बैंकों और एनबीएफसी को लेकर ‘मनी लॉन्ड्रिंग/आतंकवादी संगठनों को होने वाले वित्तपोषण के लिए आंतरिक जोखिम मूल्यांकन दिशानिर्देश' जारी किए हैं। ये दिशानिर्देश विशेष रूप से मनी लांड्रिंग, आतंकवाद के वित्त पोषण/जन संहार से जुड़े हथियारों के प्रसार से संबंधित वित्तपोषण (सीपीएफ) पर अंकुश लगाने से जुड़े कर्मचारियों के लिए है। ये दिशानिर्देश आंतरिक जोखिम मूल्यांकन (आईआरए) के लिए प्रमुख बातों को निर्धारित करते हैं।आरबीआई ने कहा, ‘‘उसके दायरे में आने वाली इकाइयों को आंतरिक जोखिम आकलन के लिए सभी प्रासंगिक आंतरिक और बाहरी स्रोतों से प्राप्त जानकारी का उपयोग करना चाहिए।'' केंद्रीय बैंक के अनुसार लगातार बदलते कारोबारी माहौल और बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थाओं के वित्तीय उत्पादों में जटिलताओं के बढ़ते स्तर के साथ मनी लॉन्ड्रिंग, आतंकवाद के वित्तपोषण या प्रसार से जुड़े वित्तपोषण को लेकर जोखिम के बढ़ने की आशंका हमेशा बनी रहती है। इसमें कहा गया है कि उभरती प्रौद्योगिकियों के उपयोग और भुगतान के नए तरीकों के सामने आने से जोखिम और भी बढ़ गया है।
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मुंबई। ‘बॉम्बे हाउस’ किसी भी अन्य समूह के मुख्यालय से अलग है। औपनिवेशिक युग की इस इमारत के प्रवेश द्वार पर वैसे तो हर आगंतुक की तलाशी ली जाती है, लेकिन यहां आवारा कुत्तों के आने जाने पर कोई पाबंदी नहीं है। ‘बॉम्बे हाउस’ मुंबई में एक ऐतिहासिक इमारत है जो कि निजी स्वामित्व वाली टाटा समूह के मुख्य कार्यालय के रूप में कार्य करता है।
दशकों से यहां काम करने वाले कर्मचारियों को यह निर्देश जारी किया जाता रहा है कि वे इन बेजुबानों के आने जाने पर रोक नहीं लगाएं और बेरोकटोक आने जाने दें। यह सब सिर्फ एक व्यक्ति रतन टाटा के कुत्तों के प्रति प्रेम और चिंता का परिणाम है, जो 1991 से 2012 तक टाटा संस के अध्यक्ष पद पर रहे तथा बाद में कुछ समय के लिए फिर से इस पद को संभाला।टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष का मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में बुधवार को 86 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। कहा जाता है कि एक बार टाटा ने ‘बॉम्बे हाउस’ के बाहर बारिश में एक आवारा कुत्ते को बारिश से बचने के लिए संघर्ष करते देखा था।इसी के बाद उन्होंने परिसर के अंदर कुत्तों के प्रवेश के संबंध में विशेष निर्देश दिए। बेजुबान जीव के प्रति उनकी सहानुभूति इतनी गहरी थी कि जब समूह ने कुछ साल पहले ‘बॉम्बे हाउस’ का नवीनीकरण किया तो 2018 में उसने परिसर के भूतल पर विशेष तौर पर आवारा कुत्तों के लिए समर्पित एक हिस्से का निर्माण कराया। एक बड़े कमरे को कुत्तों के निवास स्थान के रूप में बनाया गया है जो कई सुविधाओं से लैस है और यह एक आम इंसान को भी उनसे (कुत्तों से) ईर्ष्या करने पर मजबूर कर देगा। कमरे में खाने पीने के लिए एक अलग स्थान है।उन्हें एक कर्मी द्वारा नहलाया जाता है। कमरे में कुत्तों के सोने के लिए भी जगह है जहां वे आराम की नींद ले सकते हैं। कुछ आवारा पशु बॉम्बे हाउस’ में स्थायी रूप से रहते हैं, लेकिन अक्सर कुछ आगंतुक भी होते हैं जिन्हें आने दिया जाता है और उनके साथ भी वैसा ही व्यवहार किया जाता है।रतन टाटा का पालतू जानवरों खासकर आवारा जानवरों के प्रति प्यार ‘बॉम्बे हाउस’ के आस-पास के इलाकों से कहीं आगे तक फैला हुआ है। इस वर्ष की शुरुआत में टाटा समूह के आईएचसीएल द्वारा संचालित ताज होटल में ठहरे एक अतिथि ने एक हृदयस्पर्शी कहानी सुनाई थी।व्यक्ति ने बताया कि एक आवारा कुत्ता इस आलीशान होटल के प्रवेश द्वार पर शांति से सो रहा था और उसे बताया गया कि इसकी जड़ें रतन टाटा के निर्देशों से जुड़ी हैं। रतन टाटा की अध्यक्षता वाले टाटा ट्रस्ट्स ने दक्षिण मध्य मुंबई के महालक्ष्मी में एक प्रमुख स्थान पर एक छोटा सा पशु चिकित्सालय भी बनवाया है। -
नई दिल्ली। भारत के सबसे बड़े उद्योग समूहों में से एक, टाटा संस के चेयरमैन एमेरिटस रतन टाटा का बुधवार रात को 86 वर्ष की आयु में निधन हो गया। रतन टाटा पिछले कुछ समय से बीमार थे। उनके विश्वस्त सहायक शांंतनु नायडू ने आज सुबह एक भावुक पोस्ट साझा कर उनके निधन पर शोक व्यक्त किया।उद्योग और समाजसेवा के क्षेत्र के दिग्गज रतन टाटा के निधन को देशभर में एक बड़ी क्षति के रूप में देखा जा रहा है। उनके जाने पर आनंद महिंद्रा और हर्ष गोयनका जैसे बड़े व्यापारियों ने शोक जताया है। हालांकि, उनके करीबी लोगों के लिए यह व्यक्तिगत दुख भी है।
रतन टाटा के करीबी सहयोगी शांतनु नायडू (30) ने लिंक्डइन पर एक पोस्ट के जरिए अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए उनके व्यावसायिक योगदान से अधिक उनकी दोस्ती पर जोर दिया।शांतनु नायडू ने अपने दोस्त के लिए लिखा भावुक संदेशरतन टाटा के ऑफिस में 30 वर्षीय जनरल मैनेजर ने लिखा, ‘इस दोस्ती से जो खालीपन अब मेरे साथ है, उसे भरने में मैं अपनी पूरी जिंदगी लगा दूंगा। दुख ही प्यार की कीमत है। अलविदा, मेरे प्यारे लाइटहाउस।’ इसके साथ ही उन्होंने एक पुरानी तस्वीर भी साझा की, जिसमें वे दोनों एक साथ नजर आ रहे हैं।कैसे हुई रतन टाटा और शांतनु की दोस्ती?शांतनु नायडू और रतन टाटा की अनोखी दोस्ती उनके जानवरों के प्रति साझा प्रेम से विकसित हुई। दोनों की मुलाकात 2014 में हुई, जब नायडू ने रात में गाड़ियों से कुत्तों को बचाने के लिए रिफ्लेक्टिव कॉलर बनाए। उनकी इस पहल से प्रभावित होकर टाटा सन्स के चेयरमैन एमेरिटस रतन टाटा ने नायडू को अपने साथ काम करने का निमंत्रण दिया।पिछले 10 वर्षों में शंतनु नायडू, रतन टाटा के करीबी और विश्वासपात्र दोस्त बन गए। रतन टाटा, जिन्होंने कभी शादी नहीं की और उनकी कोई संतान नहीं है, अपने आखिरी कुछ वर्षों में सार्वजनिक कार्यक्रमों में नायडू के साथ अक्सर देखे जाते थे। - मुंबई. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने बुधवार को उन गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी जो तेजी से आगे बढ़ने के लिए ‘अस्थिर' तरीके अपना रही हैं। आरबीआई गवर्नर दास ने द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा पेश करते हुए कड़े शब्दों में ऐसी एनबीएफसी से ईमानदार, निष्पक्ष रहने और टिकाऊ व्यवहार का पालन करने को कहा। दास ने कहा, ‘‘ यह महत्वपूर्ण है कि एमएफआई (सूक्ष्म वित्त संस्थान) और एचएफसी (आवास वित्त कंपनियां) सहित एनबीएफसी स्थायी व्यावसायिक लक्ष्यों का पालन करें। ‘‘अनुपालन सर्वप्रथम'' संस्कृति अपनाएं, एक मजबूत जोखिम प्रबंधन ढांचा अपनाएं, निष्पक्ष व्यवहार संहिता का कड़ाई से पालन करें और ग्राहकों की शिकायतों पर ईमानदारी से गौर करें।'' उन्होंने आगाह करते हुए कहा, ‘‘ रिजर्व बैंक इन क्षेत्रों पर करीबी नजर रख रहा है और जरूरत पड़ने पर उचित कार्रवाई करने में संकोच नहीं करेगा।'' दास ने यह भी कहा कि आरबीआई चाहता है कि एनबीएफसी स्वयं सुधार करें।उन्होंने कहा कि एनबीएफसी क्षेत्र ने पिछले कुछ वर्षों में ‘‘प्रभावशाली वृद्धि'' दर्ज की है और ऐसे ऋणदाताओं ने वित्तीय समावेश के नीतिगत उद्देश्य में मदद की है। हालांकि, उन्होंने खेद व्यक्त करते हुए कहा कि कुछ एनबीएफसी टिकाऊ व्यावसायिक व्यवहार और जोखिम प्रबंधन ढांचे का निर्माण किए बिना आक्रामक रूप से वृद्धि की राह पर आगे बढ़ रही हैं। गवर्नर ने कहा, ‘‘किसी भी कीमत पर वृद्धि'' का अविवेकपूर्ण दृष्टिकोण उनके स्वयं के लिए प्रतिकूल होगा। उन्होंने संस्थाओं से अपने कर्मचारियों के लिए पारिश्रमिक प्रथाओं, परिवर्तनीय वेतन और प्रोत्साहन संरचनाओं की समीक्षा करने को भी कहा, क्योंकि उनका मानना है कि इनमें से कुछ विशुद्ध रूप से लक्ष्य-आधारित प्रतीत होते हैं। इनके परिणामस्वरूप प्रतिकूल कार्य संस्कृति तथा खराब ग्राहक सेवा की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। दास ने बैंकों और एनबीएफसी से कहा कि वे इन क्षेत्रों में अपने व्यक्तिगत ऋणों के आकार और गुणवत्ता दोनों के संदर्भ में सावधानीपूर्वक आकलन करें तथा कर्ज की कड़ी निगरानी करें।
- नई दिल्ली। टाटा संस के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा का 86 साल की उम्र में निधन हो गया है। मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में उन्होंने आखिरी सांस ली। बढ़ती उम्र से जुड़ी तकलीफों के चलते उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। रतन टाटा ने मार्च 1991 से दिसंबर 2012 तक टाटा समूह की अगुवाई की। टाटा समूह को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। उन्होंने टाटा ग्रुप को नमक से लेकर सॉफ्टवेयर तक बनाने वाली कंपनी बनाया। उनके नेतृत्व में टाटा समूह ने कई बड़ी कंपनियों का अधिग्रहण किया। टाटा समूह आज देश के सबसे बड़े औद्योगिक घरानों में से एक है।टाटा समूह ने ट्वीट किया, "हम रतन नवल टाटा को गहरी क्षति के साथ विदाई दे रहे हैं, वे वास्तव में एक असाधारण व्यक्ति थे, जिनके अतुलनीय योगदान ने न केवल टाटा समूह को बल्कि हमारे राष्ट्र के ढांचे को भी आकार दिया है...."दो दिन पहले ही रतन टाटा ने अपनी सेहत को लेकर चल रही अटकलों को खारिज किया था। सोमवार को खबरें आई थीं कि टाटा को ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। टाटा ने बताया था कि वह अपनी उम्र संबंधी परेशानियों के इलाज के लिए अस्पताल गए हैं। उन्होंने लोगों से कहा था कि चिंता की कोई बात नहीं है। टाटा ने एक बयान में कहा था, 'मैं अपनी उम्र और उससे जुड़ी बीमारियों के कारण नियमित मेडिकल जांच करवा रहा हूं। चिंता की कोई बात नहीं है। मेरा मनोबल ऊंचा है।' उन्होंने लोगों और मीडिया से अपील की थी कि वे अफवाहें न फैलाएं।1937 में हुआ था जन्मरतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को हुआ था। उन्होंने अपनी शुरुआती शिक्षा मुंबई के कैथेड्रल एंड जॉन कॉनन स्कूल से प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने अमेरिका की कॉर्नेल यूनिवर्सिटी से आर्किटेक्चर और स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की। 1962 में टाटा समूह में शामिल होने से पहले रतन टाटा ने अमेरिका में कुछ समय तक काम किया। 1981 में उन्हें टाटा इंडस्ट्रीज का चेयरमैन बनाया गया। 1991 में जेआरडी टाटा के रिटायरमेंट के बाद रतन टाटा ने टाटा संस के चेयरमैन का पद संभाला।कई बड़ी विदेशी कंपनियों का अधिग्रहणरतन टाटा ने अपने नेतृत्व में टाटा समूह को एक नई पहचान दी। उन्होंने कई बड़ी विदेशी कंपनियों का अधिग्रहण किया, जिसमें टेटली, जगुआर लैंड रोवर और कोरस जैसी कंपनियां शामिल हैं। उनके नेतृत्व में टाटा समूह दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक बन गया।रतन टाटा को उनके सामाजिक कार्यों के लिए भी जाना जाता था। वह टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन थे, जो शिक्षा, स्वास्थ्य और गरीबी उन्मूलन जैसे क्षेत्रों में काम करता है।सम्मानरतन टाटा को विभिन्न क्षेत्रों में उनके योगदान के लिए कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। इनमें शामिल हैं:1. पद्म भूषण (2000) - भारत सरकार द्वारा उद्योग एवं व्यापार क्षेत्र में यह सम्मान दिया गया।2008 में राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल द्वारा रतन टाटा को पद्म विभूषण से सम्मानित करते हुए2. पद्मविभूषण (2008) - यह भारत का दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान है, जो उन्हें उनके व्यापारिक योगदान के लिए दिया गया।3. जर्मनी का आदेश - 2014 में, उन्हें जर्मनी के राष्ट्रपति द्वारा इस आदेश से सम्मानित किया गया।4. सर्वश्रेष्ठ सीईओ - 2012 में, रतन टाटा को "सर्वश्रेष्ठ सीईओ" का खिताब दिया गया।5. FICCI लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड - यह पुरस्कार उन्हें 2012 में दिया गया।
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मुंबई. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने उपभोक्ता मांग तथा निवेश बेहतर रहने की संभावना के बीच चालू वित्त वर्ष 2024-25 के लिए अपने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि के अनुमान को 7.2 प्रतिशत पर कायम रखा है। हालांकि, केंद्रीय बैंक ने दूसरी तिमाही के अपने वृद्धि दर के अनुमान को 7.2 प्रतिशत से घटाकर सात प्रतिशत कर दिया है। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने बुधवार को चालू वित्त वर्ष की चौथी द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए कहा कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 6.7 प्रतिशत रही। पहले इसके 7.1 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था। इसके अलावा आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष की तीसरी और चौथी तिमाही के अपने वृद्धि दर के अनुमान को क्रमश: 7.3 और 7.2 प्रतिशत से बढ़ाकर 7.4 प्रतिशत कर दिया है। आरबीआई ने अगस्त में अपनी पिछली द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर के 7.2 प्रतिशत पर रहने का ही अनुमान लगाया था। गवर्नर दास ने चालू वित्त वर्ष की चौथी द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए कहा कि भारत की वृद्धि गाथा कायम है क्योंकि वृद्धि को रफ्तार देने वाले कारक उपभोग तथा निवेश मांग में मजबूती है। उन्होंने कहा, ‘‘कुल मांग में महत्वपूर्ण हिस्सा रखने वाले निजी उपभोग की संभावनाएं बेहतर हैं क्योंकि कृषि परिदृश्य और ग्रामीण मांग की स्थिति बेहतर हुई है। सेवाओं में तेजी से शहरी मांग को भी समर्थन मिलेगा। केंद्र और राज्यों के सरकारी खर्च के बजट अनुमान के अनुरूप तेजी पकड़ने की उम्मीद है।'' गवर्नर ने कहा कि उपभोक्ता और कारोबारी भरोसे से निवेश गतिविधियों को लाभ होगा। इसके अलावा सरकार निवेश पर जोर दे रही है और बैंकों तथा कॉरपोरेट जगत का बही-खाता भी मजबूत है। उन्होंने कहा, ‘‘ इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए हमारा अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष में जीडीपी वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रहेगी। दूसरी तिमाही में इसके सात प्रतिशत, तीसरी में 7.4 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 7.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है। अगले वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था के 7.3 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है।
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मुंबई. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने बुधवार को उन गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी जो तेजी से आगे बढ़ने के लिए ‘अस्थिर' तरीके अपना रही हैं। आरबीआई गवर्नर दास ने द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा पेश करते हुए कड़े शब्दों में ऐसी एनबीएफसी से ईमानदार, निष्पक्ष रहने और टिकाऊ व्यवहार का पालन करने को कहा। दास ने कहा, ‘‘ यह महत्वपूर्ण है कि एमएफआई (सूक्ष्म वित्त संस्थान) और एचएफसी (आवास वित्त कंपनियां) सहित एनबीएफसी स्थायी व्यावसायिक लक्ष्यों का पालन करें। ‘‘अनुपालन सर्वप्रथम'' संस्कृति अपनाएं, एक मजबूत जोखिम प्रबंधन ढांचा अपनाएं, निष्पक्ष व्यवहार संहिता का कड़ाई से पालन करें और ग्राहकों की शिकायतों पर ईमानदारी से गौर करें।'' उन्होंने आगाह करते हुए कहा, ‘‘ रिजर्व बैंक इन क्षेत्रों पर करीबी नजर रख रहा है और जरूरत पड़ने पर उचित कार्रवाई करने में संकोच नहीं करेगा।'' दास ने यह भी कहा कि आरबीआई चाहता है कि एनबीएफसी स्वयं सुधार करें।
उन्होंने कहा कि एनबीएफसी क्षेत्र ने पिछले कुछ वर्षों में ‘‘प्रभावशाली वृद्धि'' दर्ज की है और ऐसे ऋणदाताओं ने वित्तीय समावेश के नीतिगत उद्देश्य में मदद की है। हालांकि, उन्होंने खेद व्यक्त करते हुए कहा कि कुछ एनबीएफसी टिकाऊ व्यावसायिक व्यवहार और जोखिम प्रबंधन ढांचे का निर्माण किए बिना आक्रामक रूप से वृद्धि की राह पर आगे बढ़ रही हैं। गवर्नर ने कहा, ‘‘किसी भी कीमत पर वृद्धि'' का अविवेकपूर्ण दृष्टिकोण उनके स्वयं के लिए प्रतिकूल होगा। उन्होंने संस्थाओं से अपने कर्मचारियों के लिए पारिश्रमिक प्रथाओं, परिवर्तनीय वेतन और प्रोत्साहन संरचनाओं की समीक्षा करने को भी कहा, क्योंकि उनका मानना है कि इनमें से कुछ विशुद्ध रूप से लक्ष्य-आधारित प्रतीत होते हैं। इनके परिणामस्वरूप प्रतिकूल कार्य संस्कृति तथा खराब ग्राहक सेवा की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। दास ने बैंकों और एनबीएफसी से कहा कि वे इन क्षेत्रों में अपने व्यक्तिगत ऋणों के आकार और गुणवत्ता दोनों के संदर्भ में सावधानीपूर्वक आकलन करें तथा कर्ज की कड़ी निगरानी करें। -
नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पौष्टिक तत्वों से भरपूर चावल की मुफ्त आपूर्ति खाद्य कानून और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के तहत 17,082 करोड़ रुपये के परिव्यय से वर्ष 2028 तक जारी रखने का बुधवार को फैसला किया। पौष्टिक तत्वों से भरपूर यानी फोर्टिफाइड चावल लोगों में खून की कमी (एनीमिया) के समाधान और सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी दूर करने के लिए अहम माना जाता है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया। चावल को पोषक तत्वों से भरपूर बनाने की प्रक्रिया में भारतीय खाद्य सुरक्षा मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार सूक्ष्म पोषक तत्वों (लौह, फोलिक एसिड, विटामिन बी12) से भरपूर ‘फोर्टिफाइड’ चावल कर्नेल (एफआरके) को नियमित चावल (कस्टम मिल्ड चावल) में मिलाया जाता है।आधिकारिक बयान के अनुसार, “मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के तहत जुलाई, 2024 से दिसंबर, 2028 तक फोर्टिफाइड चावल की मुफ्त आपूर्ति जारी रखने को मंजूरी दे दी है।”सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंत्रिमंडल में लिए गए फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि मुफ्त फोर्टिफाइड चावल की आपूर्ति के लिए कुल वित्तीय योजना 17,082 करोड़ रुपये की होगी। इस व्यय का पूरा वित्तपोषण केंद्र सरकार करेगी।बयान के अनुसार, चावल को पोषक तत्वों से भरपूर बनाने की पहल केंद्रीय क्षेत्र की पहल के रूप में जारी रहेगी। इसका 100 प्रतिशत वित्तपोषण पीएमजीकेएवाई (खाद्य सब्सिडी) के हिस्से के रूप में केंद्र सरकार द्वारा किया जाएगा, जिससे कार्यान्वयन के लिए एक एकीकृत संस्थागत तंत्र उपलब्ध होगा।उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 75वें स्वतंत्रता दिवस पर अपने संबोधन में पोषण सुरक्षा की जरूरत बताई थी। सरकार ने कहा है कि “लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (टीपीडीएस), अन्य कल्याणकारी योजनाओं, एकीकृत बाल विकास सेवा (आईसीडीएस), पीएम पोषण (पूर्ववर्ती एमडीएम) के माध्यम से सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) में फोर्टिफाइड चावल की आपूर्ति” की पहल की गई है।अप्रैल, 2022 में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने मार्च, 2024 तक चरणबद्ध तरीके से पूरे देश में चावल पौष्टीकरण पहल को लागू करने का निर्णय लिया था। तीनों चरण सफलतापूर्वक पूरे हो चुके हैं और मार्च, 2024 तक सभी सरकारी योजनाओं में पोषक तत्वों से भरपूर चावल उपलब्ध कराने का लक्ष्य हासिल कर लिया गया है।सरकार ने बयान में कहा, “साल 2019 और 2021 के बीच किए गए राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस-5) के अनुसार, भारत में एनीमिया एक व्यापक समस्या बनी हुई है, जो विभिन्न आयु समूहों और आय स्तर के बच्चों, महिलाओं और पुरुषों को प्रभावित कर रही है।” - नयी दिल्ली. त्योहारी मौसम की बिक्री के पहले चरण में सैमसंग संख्या के लिहाज से 20 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी के साथ स्मार्टफोन खंड में शीर्ष पर रही है। सेमीकंडक्टर सूचना मंच टेक इनसाइट्स ने मंगलवार को कहा कि उपभोक्ताओं ने 26 सितंबर से छह अक्टूबर के बीच आयोजित त्योहारी सेल के दौरान 10 लाख से अधिक आईफोन खरीद डाले। टेक इनसाइट ने एक ब्लॉग में कहा, ‘‘त्योहारी सेल के पहले दौर में सैमसंग 20 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी के साथ स्मार्टफोन की बिक्री में सबसे आगे रही जबकि एप्पल दूसरे स्थान पर रही।'' प्रमुख ई-कॉमर्स कंपनियों अमेजन और फ्लिपकार्ट ने अपने मंच पर त्योहारी सेल आयोजित की थी जिसमें ग्राहकों के लिए कई तरह की छूट एवं आकर्षक पेशकश भी की गई थीं। ब्लॉग में कहा गया है कि सैमसंग फ्लिपकार्ट और अमेजन पर त्योहारी बिक्री का मुख्य प्रायोजक भी थी जिससे इसे अतिरिक्त बढ़ावा मिला। टेक इनसाइट्स का अनुमान है कि त्योहारी बिक्री के पहले चरण की अवधि में हुई कुल स्मार्टफोन बिक्री में ऑनलाइन बिक्री का हिस्सा 78 प्रतिशत रहा। नवरात्रि की शुरुआत के साथ ऑफलाइन बिक्री ने भी रफ्तार पकड़ ली थी। इस त्योहारी सेल में दिग्गज कंपनी एप्पल का 16 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी के साथ दूसरे स्थान पर रहना आश्चर्यजनक रहा। इसमें आईफोन 15 और आईफोन 13 मॉडल की बिक्री का प्रमुख योगदान रहा। ओप्पो समूह (ओप्पो और वनप्लस), शाओमी और रियलमी त्योहारी मौसम के पहले चरण में संख्या के लिहाज से शीर्ष पांच स्मार्टफोन विक्रेता कंपनियों में शामिल रहीं।
- नयी दिल्ली.दक्षिण कोरिया की इलेक्ट्रॉनिक कंपनी सैमसंग ने फाउंडेशन फॉर इनोवेशन एंड टेक्नोलॉजी ट्रांसफर (एफआईटीटी), आईआईटी दिल्ली, इलेक्ट्रॉनिक्स व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और भारत में संयुक्त राष्ट्र के साथ रणनीतिक साझेदारी के तहत प्रमुख सीएसआर पहल ‘सॉल्व फॉर टुमॉरो' के तीसरे संस्करण के विजेताओं की घोषणा की है। प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, असम के गोलाघाट के इको टेक इनोवेटर का दल इसका विजेता रहा। उसने पीने योग्य पानी तथा उसकी स्वच्छता तक समान पहुंच सुनिश्चित करने पर एक प्रौद्योगिकी मॉडल पेश किया था। वहीं कर्नाटक के उडुपी की एमईटीएएल ने भूजल से आर्सेनिक हटाने के लिए एक प्रौद्योगिकी विकसित की। सैमसंग साउथवेस्ट एशिया के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) जे बी पार्क और भारत में संयुक्त राष्ट्र के रेजिडेंट कोऑर्डिनेटर शोम्बी शार्प ने इन दलों को प्रमाण पत्र और ‘ट्रॉफी' प्रदान की। जे बी पार्क ने कहा, ‘‘ हमारी प्रमुख कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) पहल के जरिये हमारा लक्ष्य युवा सोच-समझ को सशक्त बनाना है। उन्हें आवश्यक उपकरण, मार्गदर्शन तथा अवसर प्रदान करना है, जिससे वे अपने समुदाय तथा पर्यावरण की गंभीर चुनौतियों का समाधान कर सकें।'' इस प्रतियोगिता के आखिरी दौर के लिए 22 छात्रों के 10 दलों का चयन किया गया था। इन्हें ‘समुदाय व समावेश' तथा ‘पर्यावरण तथा स्थिरता' पर आधारित विषयों पर अपने विचार प्रस्तुत करने थे। निर्णायक मंडल के समक्ष इनके मॉडल पेश करने थे। निर्णायक मंडल में आईआईटी दिल्ली, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय तथा सैमसंग अनुसंधान व विकास के सदस्य शामिल थे।
- नयी दिल्ली। नीति आयोग के पूर्व मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कांत ने सोमवार को कहा कि भारत को 2030 तक 750 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता का लक्ष्य रखना चाहिए और स्वच्छ ऊर्जा निर्यातक बनना चाहिए। कांत ने यहां एक गोलमेज चर्चा में कहा कि स्वच्छ ऊर्जा के लिए वैश्विक कोष की कोई कमी नहीं है, लेकिन भारत को नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के लिए निजी निवेश आकर्षित करने को एस्क्रो खातों जैसी मजबूत वित्तीय प्रणाली स्थापित करने की जरूरत है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह बहुत महत्वपूर्ण है कि भारत रूस-यूक्रेन युद्ध, पश्चिम एशिया संघर्ष और अमेरिका तथा यूरोपीय देशों से व्यापार बाधाओं सहित कई वैश्विक संकट के बीच अपने एजेंडा को आगे बढ़ाने में सक्षम हो। कांत ने कहा कि भारत का एजेंडा एकदम स्पष्ट होना चाहिए कि हम 180 अरब डॉलर मूल्य के जीवाश्म ईंधन के आयातक हैं, और हमें स्वच्छ ऊर्जा का निर्यातक बनना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश को 500 गीगावाट क्षमता से आगे बढ़कर 750 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता तक पहुंचने का लक्ष्य तय करना चाहिए।
- नयी दिल्ली. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अंतरिक्ष मिशन को पांच दशक से अधिक समय तक सहयोग प्रदान करने के बाद, भारत की सबसे बड़ी इंजीनियरिंग कंपनी लार्सन एंड टूब्रो (एलएंडटी) ने अब अंतरराष्ट्रीय बाजार, विशेष रूप से अगले अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर अपनी नजरें टिका दी हैं। एलएंडटी पहले जेफ बेजोस की ब्लू ओरिजिन के साथ कक्षीय प्रक्षेपण क्षमता और अंतरिक्ष में रहने से जुड़ी सामग्री की आपूर्ति के लिए बातचीत कर रही थी, लेकिन उसमें कुछ समस्या आ गई। एलएंडटी प्रिसिजन इंजीनियरिंग एंड सिस्टम्स के उपाध्यक्ष विकास खिता ने कहा, ‘‘अब यह बातचीत नासा के साथ की जा रही है। इसलिए, हमें उम्मीद है कि जब अमेरिका को अपने अगले अंतरिक्ष स्टेशन की आवश्यकता होगी, तो भारतीय कंपनियां आपूर्ति श्रृंखला में भूमिका निभाएंगी।'' जियोस्पेशियल वर्ल्ड द्वारा आयोजित उद्योग सम्मेलन के अवसर पर खिता ने कहा कि कंपनी स्पेस पोर्ट, स्पेस पार्क और विनिर्माण क्लस्टर के निर्माण में भी रुचि रखती है। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों को 2020 में सरकार द्वारा अंतरिक्ष क्षेत्र को निजी भागीदारी के लिए खोलने के बाद बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, ‘‘व्यावसायिक दृष्टि से, हम 2033 तक अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था के कारोबार में पांच गुना वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं।'' एलएंडटी, इसरो की हर परियोजना के लिए उपकरणों के उत्पादन में शामिल रही है, जिसमें चंद्रयान, गगनयान और मंगल ऑर्बिटर मिशन शामिल हैं। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड-एलएंडटी कंसोर्टियम पांच ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) का भी निर्माण कर रहा है।
- नयी दिल्ली. ऑनलाइन ऑर्डर पर खानपान के उत्पाद पहुंचाने वाली कंपनी जोमैटो के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) दीपिंदर गोयल ने रविवार को कहा कि मॉल को ‘डिलीवरी पार्टनर (ऑर्डर पर खान-पान के उत्पाद पहुंचाने वाले प्रतिनिधि) के प्रति अधिक मानवीय' होने की जरूरत है। उन्होंने जोमैटो के लिए ऑर्डर लेने वाले डिलीवरी प्रतिनिधि के रूप में अपने अनुभव को साझा किया।सोशल मीडिया पोस्ट पर अपना अनुभव साझा करते हुए गोयल ने कहा, “अपने दूसरे ऑर्डर के दौरान, मुझे एहसास हुआ कि हमें सभी डिलीवरी साझेदारों के लिए काम करने की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए मॉल के साथ मिलकर काम करने की जरूरत है। ...और मॉल को भी डिलीवरी साझेदारों के प्रति ज़्यादा मानवीय होने की ज़रूरत है। आप क्या सोचते हैं?” उन्होंने अपना अनुभव साझा करते हुए एक वीडियो भी पोस्ट किया।उन्होंने कहा, हम हल्दीराम से ऑर्डर लेने गुरुग्राम के एंबियंस मॉल पहुंचे। हमें दूसरे प्रवेश द्वार से जाने के लिए कहा गया, लेकिन बाद में पता चला कि वे मुझे सीढ़ियों से जाने के लिए कह रहे हैं। डिलीवरी पार्टनर के लिए कोई लिफ्ट तो नहीं है, यह सुनिश्चित करने के लिए हम फिर से मुख्य प्रवेश द्वार से अंदर गए।” गोयल ने कहा कि वह सीढ़ियों से तीसरी मंजिल पर गए तो उन्हें पता चला कि डिलीवरी साझेदार मॉल में प्रवेश नहीं कर सकते और उन्हें ऑर्डर प्राप्त करने के लिए सीढ़ियों पर इंतजार करना पड़ता है। जोमैटो के सीईओ ने कहा, “अपने साथी डिलीवरी साझेदारों के साथ मौज-मस्ती की और उनसे बहुमूल्य प्रतिक्रियाएं भी प्राप्त कीं। उन्होंने कहा कि जब सीढ़ी के सुरक्षाकर्मी वहां से हटे तो वह अंततः ऑर्डर लेने के लिए अंदर घुसने में सफल हो गए।
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मुंबई. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की इस सप्ताह होने वाली द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में प्रमुख ब्याज दर रेपो में कटौती की संभावना नहीं है। विशेषज्ञों ने यह राय जताई है। उनका कहना है कि खुदरा मुद्रास्फीति अब भी चिंता का विषय बनी हुई है, तथा पश्चिम एशिया संकट के और बिगड़ने की संभावना है, जिसका असर कच्चे तेल और जिंस कीमतों पर पड़ेगा। इस महीने की शुरुआत में सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की दर-निर्धारण समिति - मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) का पुनर्गठन किया। इसमें तीन नए नियुक्त बाहरी सदस्यों के साथ पुनर्गठित समिति सोमवार को अपनी पहली बैठक शुरू करेगी। एमपीसी के चेयरमैन आरबीआई गवर्नर शक्तिकान्त दास बुधवार (नौ अक्टूबर) को तीन दिन की बैठक के नतीजों की घोषणा करेंगे। भारतीय रिजर्व बैंक ने फरवरी, 2023 से रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर यथावत रखा है। विशेषज्ञों का मानना है कि दिसंबर में ही इसमें कुछ ढील की गुंजाइश है। सरकार ने केंद्रीय बैंक को यह सुनिश्चित करने का काम सौंपा है कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित खुदरा मुद्रास्फीति चार प्रतिशत (दो प्रतिशत ऊपर या नीचे) पर बनी रहे। वर्तमान परिप्रेक्ष्य में, विशेषज्ञों का मानना है कि आरबीआई संभवतः अमेरिकी फेडरल रिजर्व का अनुसरण नहीं करेगा, जिसने बेंचमार्क दरों में 0.5 प्रतिशत की कमी की है। आरबीआई कुछ अन्य विकसित देशों के केंद्रीय बैंकों का भी अनुसरण नहीं करेगा, जिन्होंने ब्याज दरों में कमी की है। बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा, “हमें रेपो दर या एमपीसी के रुख में किसी बदलाव की उम्मीद नहीं है। इसका कारण यह है कि सितंबर और अक्टूबर में मुद्रास्फीति पांच प्रतिशत से ऊपर रहेगी और मौजूदा कम मुद्रास्फीति आधार प्रभाव के कारण है। इसके अलावा, मुख्य मुद्रास्फीति धीरे-धीरे बढ़ रही है।” सबनवीस ने कहा कि इसके अलावा, हाल ही में ईरान-इजराइल संघर्ष और भी गहरा सकता है, और यहां अनिश्चितता है। “इसलिए, नए सदस्यों के लिए भी यथास्थिति सबसे संभावित विकल्प है। मुद्रास्फीति के पूर्वानुमान को 0.1-0.2 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है और सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) अनुमान में किसी बदलाव की संभावना नहीं है। केंद्रीय बैंक ने पिछली बार फरवरी, 2023 में रेपो दर को बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत किया था और तब से, उसने दर को उसी स्तर पर बनाए रखा है। इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि शुरुआती पहली तिमाही में जीडीपी वृद्धि एमपीसी के अनुमान से कम रहने और दूसरी तिमाही में खुदरा मुद्रास्फीति के कम रहने के अनुमान को देखते हुए हमारा मानना है कि अक्टूबर, 2024 की नीतिगत समीक्षा में रुख को बदलकर ‘तटस्थ' करना उचित हो सकता है। उन्होंने कहा कि इसके बाद रेपो दर में दिसंबर, 2024 और फरवरी, 2025 में 0.25 प्रतिशत की कटौती हो सकती है। सिग्नेचर ग्लोबल (इंडिया) लि. के संस्थापक एवं चेयरमैन प्रदीप अग्रवाल ने कहा कि रियल एस्टेट उद्योग और डेवलपर समुदाय के साथ घर खरीदार ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद कर रहे हैं, लेकिन केंद्रीय बैंक संभवत: लगातार दसवीं बार ब्याज दरों को यथावत रखेगा।
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नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि आने वाले दशक में जीवन स्तर में तेज सुधार होगा और यह वास्तव में भारतीयों के लिए जीवन जीने का एक युग होगा। कौटिल्य आर्थिक सम्मेलन के तीसरे संस्करण को संबोधित करते हुए सीतारमण ने कहा कि भारत के युवा लोग, खपत में बढ़त और नवोन्मेष उन ताकतों में हैं, जो भारत के इस युग को आकार देंगे।वित्त मंत्री ने कहा कि पिछले 10 साल के दौरान की गई आर्थिक व ढांचागत सुधार की कवायदों का असर आने वाले वर्षो में दिखेगा, क्योंकि अर्थव्यवस्था से कोविड-19 वैश्विक महामारी का असर कम हो जाएगा।’उद्घाटन सत्र में उन्होंने कहा, ‘अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के अनुमानों के अनुसार हमें 2,730 डॉलर की प्रति व्यक्ति आय तक पहुंचने में 75 साल लगे, लेकिन इसमें 2,000 अमेरिकी डॉलर और जोड़ने में केवल 5 साल लगेंगे।’सम्मेलन के थीम ‘द इंडियन एरा’के बारे में बात करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि भारत में खपत स्वाभाविक तौर पर आगामी दशकों में बढ़ेगी क्योंकि अभी 43 फीसदी आबादी 24 साल से कम उम्र की है, जिसके खपत व्यवहार का अभी पूरी तरह से दोहन होना है। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करना कि भारत के युवा संज्ञानात्मक रूप से सक्षम, भावनात्मक रूप से मजबूत और शारीरिक रूप से दुरुस्त हो, हमारी प्रमुख नीतिगत प्राथमिकता है।
भारत के युग को आकार देने में वित्त मंत्री ने बढ़ते मध्यवर्ग की भूमिका का उल्लेख करते हुए कहा कि यह अधिक खपत, विदेशी निवेश की आवक और गतिशील बाजार की राह प्रशस्त करेगा। उन्होंने कहा कि भारत की नवोन्मेष की क्षमता परिपक्व होगी और आने वाले दशकों में इसमें सुधार होगा।भारत की वित्तीय व्यवस्था की सराहना करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि भारत के वित्तीय बाजार ने एक सक्षम व्यवस्था विकसित की है, जिसका संकट प्रबंधन, नियामकीय और प्रशासनिक मानक विकसित बाजारों की तरह है।सीतारमण ने कहा कि वैश्विक भू-राजनीतिक बदलाव भारत के लिए फायदे के हिसाब से संरचनात्मक ताकत के रूप में काम कर सकता है और इससे रणनीतिक सामंजस्य वाले देशों के साथ मजबूत आपूर्ति श्रृंखला विकसित हो सकती है।उन्होंने कहा, ‘भारत को नई अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था से लाभ होगा, जो आज की दुनिया की शक्ति के वितरण को बेहतर ढंग से प्रतिबिंबित करने के लिए खुद को बदल रही है।’सीतारमण ने कहा कि भारत वैश्विक चुनौतियों के बावजूद अपनी 1.4 अरब की आबादी (जो वैश्विक कुल का 18 फीसदी है) के लिए कुछ वर्षों में प्रति व्यक्ति आय को दोगुना करने का प्रयास करेगा। मंत्री ने कहा कि विकसित भारत विचारों, प्रौद्योगिकी तथा संस्कृति के जीवंत आदान-प्रदान का केंद्र बनकर न केवल भारतीयों के लिए बल्कि शेष विश्व के लिए भी समृद्धि लाएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि 2000 दशक के शुरुआत में चीन जैसे उभरते बाजार तुलनात्मक रूप से ज्यादा आसानी से बढ़े क्योंकि अनुकूल वैश्विक व्यापार और निवेश का वातावरण था। यह भारत के लिए चुनौती और अवसर दोनों है।उन्होंने कहा कि 2047 में जब भारत स्वतंत्रता के 100 साल पूरे करेगा, भारत का नया काल शुरू होगा, जिसमें विकसित देशों जैसी स्थितियां होंगी। वित्त मंत्री ने कहा कि विकसित भारत से न सिर्फ भारतीयों में संपन्नता आएगी, बल्कि विचारों, प्रौद्योगिकी और संस्कृति के आदान प्रदान से शेष विश्व के लिए भी यह समृद्धि लाएगा। -
नई दिल्ली। सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के डिप्टी गवर्नर एम राजेश्वर राव का कार्यकाल एक साल के लिए बढ़ा दिया है। सूत्रों ने चार अक्टूबर के सरकारी आदेश का हवाला देते हुए बताया कि मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति (एसीसी) ने नौ अक्टूबर, 2024 से एक साल की अवधि के लिए या अगले आदेश तक राव की फिर से नियुक्ति को मंजूरी दे दी है।एसीसी की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करते हैं। राव को अक्टूबर, 2020 में तीन साल की अवधि के लिए आरबीआई के डिप्टी गवर्नर के रूप में नियुक्त किया गया था। राव को नवंबर, 2016 में आरबीआई के कार्यकारी निदेशक के रूप में पदोन्नत किया गया था। कोचीन विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र स्नातक और मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन की डिग्री प्राप्त राव 1984 में केंद्रीय बैंक में शामिल हुए थे।
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नई दिल्ली। भारत के विदेशी मुद्रा भंडार ने पहली बार 700 अरब डॉलर का रिकॉर्ड स्तर पार कर लिया है। इसमें लगातार सातवें हफ्ते बढ़ोतरी दर्ज की गई है। यह वृद्धि RBI की तरफ से डॉलर की खरीद और वैल्यूएशन में बढ़ोतरी की वजह से आई है।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के आंकड़ों के अनुसार, 27 सितंबर 2024 को समाप्त हुए हफ्ते में विदेशी मुद्रा भंडार 12.6 अरब डॉलर बढ़कर 704.89 अरब डॉलर हो गया, जो जुलाई 2023 के मध्य के बाद सबसे बड़ी साप्ताहिक वृद्धि है। भारत अब चीन, जापान और स्विट्जरलैंड के बाद 700 अरब डॉलर से अधिक विदेशी भंडार रखने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया है।2013 में कमजोर आर्थिक स्थिति के कारण विदेशी निवेशकों के मोहभंग हुआ और विदेशी मुद्रा भंडार में कमी आई। लेकिन उसके बाद से भारत अपने विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी हो रही है। तब से सख्त महंगाई दर में नियंत्रण, उच्च आर्थिक विकास और कम वित्तीय घाटे ने विदेशी निवेशकों को आकर्षित किया है और विदेशी मुद्रा भंडार में इजाफा हुआ है। 2024 में अब तक विदेशी निवेशों से भारत के भंडार में 30 अरब डॉलर की वृद्धि हुई है।रुपया और आरबीआई की भूमिकाRBI की तरफ से 4.8 अरब डॉलर की खरीद और 7.8 अरब डॉलर के वैल्यूएशन गेन से यह वृद्धि दर्ज की गई। वैल्यूएशन गेन अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड्स में गिरावट, कमजोर डॉलर और सोने की कीमतों में वृद्धि के कारण हुआ। RBI ने रुपये को एक सीमित ट्रेडिंग रेंज में बनाए रखने के लिए बाजार में दोनों ओर हस्तक्षेप किया है, जिससे यह उभरते बाजारों की मुद्राओं में सबसे स्थिर बना रहा। पिछले महीने RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि अधिक अस्थिरता से अर्थव्यवस्था को कोई लाभ नहीं होता है।