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नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि जीएसटी 2.0 (GST 2.0) लागू होने के बाद देश के ऑटोमोबाइल सेक्टर में जोरदार उछाल देखने को मिला है। उन्होंने बताया कि कारों की बिक्री दोगुने से अधिक बढ़कर पांच लाख यूनिट से ऊपर पहुंच गई है।
सीतारमण ने बुधवार को एक्स (X) पर पोस्ट करते हुए कहा कि 22 सितंबर को लागू हुए नए जीएसटी दरों के बाद से लेकर दिवाली तक देश में 6.5 से 7 लाख यात्री वाहनों (passenger vehicles) की बिक्री हुई है।उन्होंने लिखा, “जीएसटी 2.0 ने घरेलू ऑटोमोबाइल उद्योग को नई रफ्तार दी है। एक महीने के भीतर कार बिक्री में दोगुने से ज्यादा वृद्धि हुई है।”मंत्री ने बताया कि दिवाली शॉपिंग सीजन में ई-कॉमर्स और क्विक-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर भी मांग में तेज वृद्धि देखी गई है। प्रीमियम प्रोडक्ट्स और तुरंत डिलीवरी सेवाएं इस वृद्धि के प्रमुख कारण रहे हैं, और इस बार त्योहारी खर्च छोटे शहरों से आगे बढ़कर पूरे देश में फैला।टाटा मोटर्स ने बताया कि उसने नवरात्रि से दीपावली तक 30 दिनों में एक लाख से अधिक कारें डिलीवर कीं, जो पिछले साल की तुलना में 33 प्रतिशत अधिक बिक्री दर्शाता है। वहीं मारुति सुजुकी इंडिया ने पैसेंजर व्हीकल सेगमेंट में अपनी शीर्ष स्थिति और मजबूत की है।दिवाली 2025 में कुल व्यापार 6.05 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया — जिसमें जीएसटी दरों में कमी और ‘स्वदेशी’ उत्पादों की बढ़ती मांग ने अहम भूमिका निभाई। इस बढ़ी हुई बिक्री से लॉजिस्टिक्स, ट्रांसपोर्ट, रिटेल और डिलीवरी सेक्टर में लगभग 50 लाख अस्थायी नौकरियां भी पैदा हुईं। कैट (CAIT) के अनुसार, उपभोक्ताओं को स्थिर कीमतों और बेहतर आपूर्ति के कारण संतोषजनक खरीदारी अनुभव मिला, जिससे दिवाली के बाद भी उपभोग की गति बनी रही। -
नई दिल्ली।भारत की कॉर्पोरेट बिक्री में वित्त वर्ष 2024-25 में 7.2 प्रतिशत की तेज वृद्धि देखी गई है। आरबीआई बुलेटिन में यह जानकारी दी गई। कोरोना में हुई तेज गिरावट के बाद से देश की कॉर्पोरेट बिक्री में लगातार सुधार देखा जा रहा है। 2021-22 के दौरान, इसमें रिकॉर्ड 32.5 प्रतिशत का उछाल दर्ज किया गया था।
2024-25 में 7.1 लाख करोड़ रुपए पर पहुंचा देश का कॉर्पोरेट का मुनाफाबीते पांच वर्षों में देश का कॉर्पोरेट का मुनाफा बढ़कर वित्त वर्ष 2024-25 में 7.1 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गया है, जो कि वित्त वर्ष 2020-21 में 2.5 लाख करोड़ रुपए पर था। साथ ही, इस दौरान शुद्ध मुनाफा मार्जिन बढ़कर 2024-25 में 10.3 प्रतिशत हो गया है, जो कि 2020-21 में 7.2 प्रतिशत था।सभी आकार की कंपनियों के ऋण-से-इक्विटी अनुपात में हुआ सुधारआरबीआई के अक्टूबर बुलेटिन के अनुसार, अच्छे मुनाफे के चलते सभी कंपनियों ने अपनी बैलेंसशीट को डीलीवरेज करना जारी रखा है और सभी आकार की कंपनियों के ऋण-से-इक्विटी अनुपात में सुधार हुआ। मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों के लिए ब्याज कवरेज अनुपात में काफी सुधार हुआ, जो कोविड के बाद की अवधि के दौरान औसतन 7.7 तक पहुंच गया, जो ऋण भुगतान करने की मजबूत क्षमता को दर्शाता है।आरबीआई ने बताया कि भारत के निजी कॉर्पोरेट सेक्टर ने कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न आर्थिक व्यवधानों के बीच काफी मजबूती और अनुकूलनशीलता प्रदर्शित की है। 2019-20 के दौरान सुस्त निजी खपत और महामारी के कारण कमजोर घरेलू आर्थिक गतिविधि ने स्थिति को और बिगाड़ दिया था, जिससे बिक्री और मुनाफे में काफी गिरावट देखी गई थी।राजकोषीय और मौद्रिक नीतियों, दबी हुई मांग और प्रभावी लागत प्रबंधन से कॉर्पोरेट क्षेत्र में जोरदार उछालइसके बाद, राजकोषीय और मौद्रिक नीतियों, दबी हुई मांग और प्रभावी लागत प्रबंधन के समर्थन से कॉर्पोरेट क्षेत्र में जोरदार उछाल आया।बुलेटिन में कहा गया, “परिचालन लाभ मार्जिन मजबूत बना हुआ है, बड़ी कंपनियां लगातार मध्यम और लघु उद्यमों से बेहतर प्रदर्शन कर रही थीं। चुनौतियों के बावजूद, लागत अनुकूलन रणनीतियों ने व्यवसायों को लाभप्रदता बनाए रखने में मदद की। विनिर्माण क्षेत्र ने स्थिर लाभ मार्जिन बनाए रखा, जबकि गैर-आईटी सेवाओं ने शुरुआती उतार-चढ़ाव के बाद, मजबूती से वापसी की। आईटी क्षेत्र में वृद्धि दर स्थिर रही।” मध्यम और लघु कंपनियों ने अपनी ऋण सेवा क्षमता में वृद्धि की, जिससे समग्र वित्तीय स्थिरता में योगदान मिला -
नई दिल्ली।केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने मंगलवार को कहा कि करीब 6.7 करोड़ नागरिक प्रतिदिन फ्यूल स्टेशन पर ईंधन खरीद रहे हैं, जो कि देश की तेजी से बढ़ती आर्थिक क्षमता को दिखाता है। भारत की मजबूत ग्रोथ को लेकर पुरी ने कहा कि देश 4.3 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के साथ दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है और वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में विकास दर 7.8 प्रतिशत थी।
24,500 किलोमीटर लंबा गैस पाइपलाइनकेंद्रीय मंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “भारत वर्तमान में प्रतिदिन लगभग 5.5 मिलियन बैरल तेल की खपत करता है, जो इसकी बढ़ती ऊर्जा आवश्यकताओं के पैमाने को दर्शाता है।” केंद्रीय मंत्री ने बताया कि भारत का गैस पाइपलाइन नेटवर्क फिलहाल जो 24,500 किलोमीटर लंबा है और व्यापक ऊर्जा पहुंच सुनिश्चित करने के लिए, इसका विस्तार 2030 तक 33,000 किलोमीटर तक किया जा रहा है।देश में अब लगभग 8,300 सीएनजी स्टेशनउन्होंने यह भी बताया कि उज्ज्वला योजना के तहत 10.60 करोड़ से ज्यादा घरों को एलपीजी कनेक्शन दिए गए हैं, जबकि 1.55 करोड़ घरों को पाइप्ड नेचुरल गैस (पीएनजी) से जोड़ा गया है। केंद्रीय मंत्री ने कहा, “देश में अब लगभग 8,300 सीएनजी स्टेशन हैं जो रोजाना लाखों वाहनों की जरूरतें पूरी करते हैं।”स्वच्छ और टिकाऊ ऊर्जा की ओर भारत के प्रयासों पर जोर देते हुए, पुरी ने कहा कि 114 सीबीजी प्लांट चालू हैं, और ग्रीन हाइड्रोजन और सस्टेनेबल एविएशन फ्यूल (एसएएफ) परियोजनाओं का तेजी से विस्तार किया जा रहा है। उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत का एनर्जी सेक्टर 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने के लक्ष्य की ओर देश की प्रगति को गति दे रहा है।इससे पहले, उन्होंने कहा था कि सरकार ने देश के 99 प्रतिशत अपतटीय क्षेत्र को तेल एवं गैस खोज के लिए खोल दिया है और कच्चे तेल के आयात बास्केट को पहले के 27 देशों से बढ़ाकर 40 से अधिक देशों तक कर दिया है। -
नई दिल्ली।नवरात्रि से लेकर दीपावली तक चलने वाले फेस्टिव सीजन में गुड्स की बिक्री रिकॉर्ड 5.40 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गई है। इस दौरान करीब 65,000 करोड़ रुपए की सर्विसेज भी ग्राहकों की ओर से खरीदी गई हैं। यह जानकारी इंडस्ट्री द्वारा जारी आंकड़ों में दी गई। देश के फेस्टिव सीजन के इतिहास में यह बिक्री का अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है।
कैट के अनुसार, इस साल की फेस्टिव सेल पिछले वर्ष की 4.25 लाख करोड़ रुपये की बिक्री से 25% अधिक रहीअखिल भारतीय व्यापारी परिसंघ (कैट) की रिसर्च विंग, कैट रिसर्च एंड ट्रेड डेवलपमेंट सोसाइटी के अनुसार, यह पिछले साल नवरात्रि से दीपावली की अवधि में हुई 4.25 लाख करोड़ रुपए की फेस्टिव सेल्स की तुलना में 25 प्रतिशत अधिक है।सर्वेक्षण में बताया गया कि इसमें रिटेल की हिस्सेदारी 85 प्रतिशत रही हैसर्वेक्षण में बताया गया कि इसमें रिटेल की हिस्सेदारी 85 प्रतिशत रही है। ऑफलाइन मार्केट में भी मांग अच्छी रही है। कन्फेक्शनरी, होम डेकोर, जूते-चप्पल, रेडीमेड कपड़े, टिकाऊ उपभोक्ता सामान और दैनिक उपयोग की वस्तुओं जैसी प्रमुख उपभोक्ता और खुदरा श्रेणियों में जीएसटी दरों में कमी से मूल्य प्रतिस्पर्धा में काफी सुधार हुआ, जिससे खरीदारी में इजाफा हुआ है।सर्वेक्षण के अनुसार, लगभग 72 प्रतिशत व्यापारियों ने बताया कि उनकी बिक्री में वृद्धि सीधे तौर पर जीएसटी में कमी के कारण हुईसर्वेक्षण के अनुसार, लगभग 72 प्रतिशत व्यापारियों ने बताया कि उनकी बिक्री में वृद्धि सीधे तौर पर जीएसटी में कमी के कारण हुई। आंकड़ों से मुताबिक, दीपावली के व्यापार में उछाल से लॉजिस्टिक्स, परिवहन, खुदरा सहायता, पैकेजिंग और डिलीवरी जैसे क्षेत्रों में लगभग 50 लाख लोगों के लिए अस्थायी रोजगार पैदा होने का अनुमान है।बढ़ी हुई ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्रय शक्ति ने कुल बिक्री में लगभग 28 प्रतिशत का योगदान दिया, यह दिखाता है कि देश में मांग व्यापक स्तर पर बनी हुई हैबढ़ी हुई ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्रय शक्ति ने कुल बिक्री में लगभग 28 प्रतिशत का योगदान दिया, यह दिखाता है कि देश में मांग व्यापक स्तर पर बनी हुई है। कैट ने कहा, “2025 की दीपावली भारत की खुदरा और व्यापारिक अर्थव्यवस्था में एक नया मानदंड स्थापित करेगी, जो परंपरा, तकनीक और भारतीय उद्यम में विश्वास के सम्मिश्रण का प्रतीक है।” उन्होंने आगे कहा कि इस वर्ष की दीपावली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में एक प्रमुख मील का पत्थर है। -
नई दिल्ली। दीपावली के त्योहारी सीजन और सकारात्मक वैश्विक संकेतों के बीच भारतीय शेयर बाजार आज सोमवार को लगातार चौथे सत्र में हरे निशान में बंद हुआ। दिनभर के कारोबार के अंत में सेंसेक्स 441.18 अंक यानी 0.49 प्रतिशत की तेजी के साथ 84,363.37 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 133.30 अंक या 0.52 प्रतिशत की बढ़त के साथ 25,843.15 के स्तर पर पहुंच गया।
कारोबार के दौरान सेंसेक्स ने 84,656.56 का और निफ्टी ने 25,926.20 का उच्चतम स्तर छुआ। बाजार में सबसे ज्यादा तेजी पीएसयू बैंक शेयरों में देखी गई। निफ्टी पीएसयू बैंक इंडेक्स 2.87 प्रतिशत की बढ़त के साथ बंद हुआ। इसके अलावा निफ्टी इंफ्रा में 1.32 प्रतिशत और निफ्टी ऑयल एंड गैस इंडेक्स में 1.42 प्रतिशत की मजबूती रही। वहीं, निफ्टी ऑटो 0.16 प्रतिशत, फाइनेंशियल सर्विसेज 0.12 प्रतिशत, एफएमसीजी 0.03 प्रतिशत और निफ्टी मेटल 0.07 प्रतिशत की मामूली गिरावट के साथ बंद हुए।सेंसेक्स पैक में बजाज फिनसर्व, एक्सिस बैंक, एसबीआई, टीसीएस, टाइटन, भारती एयरटेल, इंफोसिस, बजाज फाइनेंस और एलएंडटी प्रमुख लाभ वाले शेयर रहे। वहीं, आईसीआईसीआई बैंक, एमएंडएम, इटरनल और पावरग्रिड जैसे शेयरों में गिरावट दर्ज की गई।मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में भी तेजी देखने को मिली। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 442.25 अंक या 0.75 प्रतिशत की बढ़त के साथ 59,344.50 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 83.75 अंक या 0.46 प्रतिशत बढ़कर 18,206.15 पर पहुंचा।मार्केट एक्सपर्ट्स के अनुसार, प्रमुख कंपनियों के उम्मीद से बेहतर दूसरी तिमाही के नतीजों और त्योहारों की खरीदारी के चलते निवेशकों का भरोसा मजबूत हुआ। साथ ही अमेरिका-चीन के बीच व्यापार संबंधों में नरमी और यूरोपीय बाजारों में रक्षा शेयरों की अगुवाई में आई तेजी ने भी भारतीय बाजार को मजबूती दी। उन्होंने बताया कि विदेशी निवेशकों (FII) के बेहतर निवेश प्रवाह ने बाजार की धारणा को और मजबूत किया है। लगातार तीन महीनों की बिकवाली के बाद अक्टूबर में एफआईआई फिर से शुद्ध खरीदार बने हैं। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और मिड-साइज वित्तीय कंपनियों के शेयरों में तेजी की मुख्य वजह संभावित अधिग्रहण और दूसरी तिमाही में बेहतर मार्जिन और परिसंपत्ति गुणवत्ता रही। -
नई दिल्ली। भारतीय शेयर बाजार इस हफ्ते दो ट्रेडिंग सेशन के लिए बंद रहेंगे। इस दौरान नियमित ट्रेडिंग नहीं होगी। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) की आधिकारिक वेबसाइटों पर यह जानकारी दी गई गई।जानकारी के अनुसार, शेयर बाजार 21 अक्टूबर और 22 अक्टूबर को ट्रेडिंग के लिए बंद रहेंगे। दिवाली लक्ष्मी पूजन और बलिप्रतिपदा की छुट्टी के चलते इन दोनों बाजार में ट्रेड नहीं होगा। इससे पहले 2 अक्टूबर को दशहरा और गांधी जयंती के अवसर पर बाजार में लेनदेन नहीं हो सका था।
वहीं, नवंबर में भी बाजार एक दिन के लिए बंद रहेगा। 5 नवंबर को प्रकाश गुरुपर्व श्री गुरु नानक देव के अवसर पर बाजारों की छुट्टी रहेगी। जबकि 25 दिसंबर को क्रिसमस (Christmas) के चलते बाजार बंद रहेंगे।बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने दिवाली के शुभ अवसर पर आयोजित होने वाली ‘मुहूर्त ट्रेडिंग’ के समय की घोषणा कर दी है। यह एक विशेष एक घंटे का ट्रेडिंग सेशन होता है। इसे हर साल दिवाली पर परंपरागत रूप से आयोजित किया जाता है। मुहूर्त ट्रेडिंग भारतीय शेयर बाजारों में नए हिंदू कैलेंडर वर्ष की शुरुआत का प्रतीक मानी जाती है।स्टॉक एक्सचेंज ने 21 अक्टूबर को ‘मुहूर्त ट्रेडिंग’ के नाम से एक घंटे का खास ट्रेडिंग सेशन रखा है। यह सेशन दोपहर 1:45 बजे से 2:45 बजे तक चलेगा। पिछले साल मुहूर्त ट्रेडिंग सेशन शाम 6 बजे से 7 बजे तक आयोजित किया गया था। नए ट्रेडिंग सेशन के साथ ही नए संवत (विक्रम संवत 2082) शुरू हो जाएगा। यह हिंदू कैलेंडर का नया साल है जो दिवाली के दिन शुरू होता है। ऐसा माना जाता है कि ‘मुहूर्त’ यानी शुभ समय में ट्रेडिंग करने से निवेशकों को समृद्धि और आर्थिक बढ़त मिलती है। -
नई दिल्ली। आईफोन की दीवानगी अब स्मार्टफोन की सेकंड हैंड मार्केट में भी मचाई धूम मचा रही है। काउंटरपॉइंट रिसर्च की रिपोर्ट के अनुसार, एप्पल (Apple) के आईफोन (iPhone) के नेतृत्व में भारत ने जनवरी-जून 2025 में जबरदस्त ग्रोथ दर्ज की है। इस दौरान भारत में रिफर्बिश्ड या प्री-ओन्ड स्मार्टफोन की बिक्री में सालाना 5 फीसदी की बढ़त हुई। यह वैश्विक स्तर पर दूसरी सबसे तेज वृद्धि रही। पहले स्थान पर अफ्रीका रहा, जहां 6 फीसदी की वृद्धि हुई। वहां भी आई फोन की मांग प्रमुख कारण रही।यह ट्रेंड इस ओर इशारा करता है कि स्मार्टफोन बाजार में चल रही प्रीमियम सेगमेंट की ओर शिफ्ट अब रिफर्बिश्ड डिवाइस तक भी फैल रही है। इसमें उपभोक्ताओं की बढ़ती जागरूकता, मजबूत सप्लाई चेन और हाई-एंड मॉडल्स की मांग की अहम भूमिका है।
भारत में रिफर्बिश्ड आईफोन की बिक्री में सालाना 19 फीसदी की तेज वृद्धि दर्ज की गई। आईफोन 13 और आईफोन 14 जैसे प्रीमियम मॉडल्स के लिए उपभोक्ताओं में खासा उत्साह देखा गया। आईफोन 13 ने सितंबर 2021 में भारत में एंट्री की थी और आईफोन 14 एक साल बाद आया। दोनों मॉडल अब सेकंड हैंड मार्केट में काफी लोकप्रिय हैं। खासतौर पर ऐसे खरीदारों के बीच, जो ब्रांड वैल्यू को प्राथमिकता देते हैं। ये लोग नए मिड-रेंज फोन की बजाय प्रीमियम रिफर्बिश्ड आईफोन लेना पसंद कर रहे हैं।हालांकि, सैमसंग (Samsung) ने वॉल्यूम के लिहाज से सेकंड हैंड बाजार में अपनी लीड बरकरार रखी। भले ही उसकी बिक्री में सालाना 1 प्रतिशत की गिरावट आई हो। गैलेक्सी एस22 (Galaxy S22) और एस23 की निरंतर मांग से कुल वॉल्यूम स्थिर रहा। भारत में गैलेक्सी एस 21 और एस 22 सबसे अधिक बिकने वाले रिफर्बिश्ड मॉडल्स में शामिल रहे, जो अब भी 3-4 साल बाद भी लोकप्रिय हैं।काउंटरपॉइंट ने रिफर्बिश्ड फोन की बिक्री में इस बढ़त का श्रेय ऑर्गनाइज़्ड रिटेलर्स द्वारा बायबैक प्रोग्राम्स को मजबूत करने को दिया है, जो ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों चैनलों पर सक्रिय हैं। ये रिटेलर्स खासकर फ्लैगशिप और प्रीमियम रिफर्बिश्ड स्मार्टफोन को एक भरोसेमंद, वैल्यू-फॉर-मनी और किफायती विकल्प के रूप में पेश कर रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, उपभोक्ताओं की रुचि अब नए और हाल ही में लॉन्च हुए प्रीमियम रिफर्बिश्ड मॉडल्स की ओर बढ़ रही है। इसमें एक्सचेंज प्रोग्राम्स, एक्सटेंडेड वारंटी और बेहतर फीचर्स की भूमिका अहम है। -
नयी दिल्ली। चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में भारतीय निर्यातकों ने 24 देशों को किए गए निर्यात में सकारात्मक वृद्धि दर्ज की है। आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गई। इन 24 देशों में कोरिया, संयुक्त अरब अमीरात, जर्मनी, टोगो, मिस्र, वियतनाम, इराक, मैक्सिको, रूस, केन्या, नाइजीरिया, कनाडा, पोलैंड, श्रीलंका, ओमान, थाईलैंड, बांग्लादेश, ब्राजील, बेल्जियम, इटली और तंजानिया शामिल हैं। दूसरी ओर अमेरिका को निर्यात में गिरावट देखने को मिली, जो मुख्य रूप से सितंबर में वाशिंगटन द्वारा लगाए गए उच्च शुल्कों के कारण हुई। एक अधिकारी ने कहा, ''इन 24 देशों में वित्त 2025-26 की पहली छमाही (अप्रैल से सितंबर) के दौरान कुल 129.3 अरब डॉलर का निर्यात हुआ, जो पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि की तुलना में सकारात्मक वृद्धि दर्शाता है। यह भारत के कुल निर्यात का 59 प्रतिशत है।'' इस वर्ष अप्रैल-सितंबर के दौरान निर्यात 3.02 प्रतिशत बढ़कर 220.12 अरब डॉलर हो गया, तथा आयात 4.53 प्रतिशत बढ़कर 375.11 अरब डॉलर हो गया, जिससे व्यापार घाटा 154.99 अरब डॉलर रह गया। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष के पहले छह महीनों के दौरान 16 देशों को भारत के निर्यात में नकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई है। इन देशों का देश के निर्यात में लगभग 27 प्रतिशत (60.3 अरब डॉलर) योगदान है।
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नयी दिल्ली. केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को कहा कि जीएसटी सुधारों के कारण इस साल 20 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त इलेक्ट्रॉनिक्स बिक्री होने की उम्मीद है। मंत्री ने कहा कि सभी खुदरा श्रृंखलाओं के आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले नवरात्रि की तुलना में 20-25 प्रतिशत अधिक बिक्री हुई और 85 इंच के टीवी जैसी कई ऐसी श्रेणियां हैं जिनका स्टॉक पूरी तरह से बिक गया। वैष्णव ने कहा, ''इलेक्ट्रॉनिक्स सामानों की बढ़ती मांग का सीधा असर इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण पर पड़ रहा है। इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण अब दोहरे अंकों की वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) से बढ़ रहा है। इस साल खपत में 10 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि होने की पूरी संभावना है, जिसका अर्थ है कि पिछले वर्ष की तुलना में 20 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त बिक्री होने की प्रबल संभावना है।'' वह वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में जीएसटी सुधारों से होने वाली बचत पर बोल रहे थे। ये सुधार 22 सितंबर, 2025 से लागू हुए थे।
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नयी दिल्ली. कृषि और ग्रामीण श्रमिकों के लिए खुदरा मुद्रास्फीति सितंबर में क्रमशः शून्य से 0.07 प्रतिशत नीचे और 0.31 प्रतिशत रह गई। यह आंकड़ा अगस्त में क्रमशः 1.07 प्रतिशत और 1.26 प्रतिशत था। श्रम मंत्रालय ने शनिवार को जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी। इसके मुताबिक सितंबर 2025 में कृषि श्रमिकों के लिए अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई-एएल) 0.11 अंक घटकर 136.23 हो गया। इस दौरान ग्रामीण श्रमिकों का सूचकांक (सीपीआई-आरएल) 0.18 अंक घटकर 136.42 पर था। अगस्त 2025 में सीपीआई-एएल 136.34 अंक और सीपीआई-आरएल 136.60 अंक थे।
सितंबर 2025 में कृषि मजदूरों (एएल) के लिए खाद्य सूचकांक में 0.47 अंक और ग्रामीण मजदूरों (आरएल) के लिए 0.58 अंक की कमी आई। मंत्रालय ने कहा, ''सितंबर 2025 में खाद्य मुद्रास्फीति कृषि मजदूरों के लिए शून्य से 2.35 प्रतिशत नीचे और ग्रामीण मजदूरों के लिए शून्य से 1.81 प्रतिशत नीचे रही। -
नई दिल्ली। भारतीय शेयर बाजार शुक्रवार के कारोबारी सत्र में 52-सप्ताह के उच्चतम स्तर पर बंद हुआ। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 484.53 अंक या 0.58 प्रतिशत की तेजी के साथ 83,952.19 पर और निफ्टी 124.55 अंक या 0.49 प्रतिशत की बढ़त के साथ 25,709.85 पर था।
बाजार की तेजी का नेतृत्व एफएमसीजी शेयरों ने कियासत्र के दौरान सेंसेक्स ने 84,099.53 और निफ्टी ने 25,781.50 का स्तर छुआ, जो कि 52 सप्ताह का उच्चतम स्तर था। बाजार की तेजी का नेतृत्व एफएमसीजी शेयरों ने किया। निफ्टी एफएमसीजी इंडेक्स 1.37 प्रतिशत की मजबूती के साथ बंद हुआ। निफ्टी ऑटो (0.66 प्रतिशत), निफ्टी फाइनेंशियल सर्विसेज (0.57 प्रतिशत), निफ्टी प्राइवेट बैंक (0.37 प्रतिशत) और निफ्टी इन्फ्रा (0.36 प्रतिशत) की बढ़त के साथ बंद हुआ। निफ्टी आईटी (1.63 प्रतिशत), निफ्टी पीएसयू बैंक (0.65 प्रतिशत), निफ्टी मेटल (0.85 प्रतिशत) और निफ्टी एनर्जी (0.21 प्रतिशत) की गिरावट के साथ बंद हुआ।इन्फोसिस, एचसीएल टेक, इटरनल (जोमैटो), टेक महिंद्रा, टाटा स्टील, पावर ग्रिड और एलएंडटी टॉप लूजर्स थेसेंसेक्स पैक में एशियन पेंट्स, एमएंडएम, भारती एयरटेल, आईटीसी, एचयूएल, आईसीआईसीआई बैंक, सन फार्मा, एचडीएफसी बैंक, टाइटन, मारुति सुजुकी, ट्रेंट, बजाज फाइनेंस, एक्सिस बैंक और बीईएल टॉप गेनर्स थे। इन्फोसिस, एचसीएल टेक, इटरनल (जोमैटो), टेक महिंद्रा, टाटा स्टील, पावर ग्रिड और एलएंडटी टॉप लूजर्स थे।लार्ज कैप की अपेक्षा मिडकैप और स्मॉलकैप में गिरावट देखी गईलार्ज कैप की अपेक्षा मिडकैप और स्मॉलकैप में गिरावट देखी गई। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 338.90 अंक या 0.57 प्रतिशत की गिरावट के साथ 58,902.25 और निफ्टी स्मॉलकैप इंडेक्स 9.45 अंक या 0.05 प्रतिशत की गिरावट के साथ 18,122.40 पर था।मार्केट एक्सपर्ट्स ने कहा कि बाजार ने अपनी तेजी को जारी रखा है और 52-सप्ताह के नए उच्च स्तर पर पहुंच गया हैमार्केट एक्सपर्ट्स ने कहा कि बाजार ने अपनी तेजी को जारी रखा है और 52-सप्ताह के नए उच्च स्तर पर पहुंच गया है, जिसका मुख्य कारण उपभोग केंद्रित शेयरों में बढ़त बने रहना है। बैंकों की आगामी आय और परिसंपत्ति गुणवत्ता पर दबाव कम होने के संकेतों ने समग्र उद्योग जगत में आशावाद को बढ़ावा दिया है। इसके विपरीत, अमेरिकी बैंकिंग प्रणाली में विवेकाधीन खर्च और बढ़ती परिसंपत्ति गुणवत्ता जोखिमों को लेकर चिंताओं के कारण आईटी सूचकांक दबाव में है।बढ़ते व्यापार युद्ध और धीमे आर्थिक आंकड़ों जैसे वैश्विक आर्थिक व्यवधानों ने निवेशकों को सतर्क कर दिया हैउन्होंने आगे कहा कि बढ़ते व्यापार युद्ध और धीमे आर्थिक आंकड़ों जैसे वैश्विक आर्थिक व्यवधानों ने निवेशकों को सतर्क कर दिया है, जिससे वे निवेश में सोने को वरीयता दे रहे हैं, जिसके कारण यह एक नए सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया है।आज भारतीय शेयर बाजार की शुरुआत हरे निशान में हुई थीभारतीय शेयर बाजार की शुरुआत हरे निशान में हुई थी। सुबह करीब 9.46 बजे, सेंसेक्स 100.42 अंक या 0.12 प्रतिशत की बढ़त के साथ 83,568.08 पर कारोबार कर रहा था, जबकि निफ्टी 19.95 अंक या 0.08 प्रतिशत की बढ़त के साथ 25,605.25 पर कारोबार कर रहा था। -
नई दिल्ली। उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने शुक्रवार को श्वेत वस्तुओं (एयर कंडीशनर और एलईडी लाइट) के लिए उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के चौथे दौर के लिए आवेदन की तिथि 10 नवंबर, 2025 तक बढ़ा दी। राउंड 4 के लिए आवेदन विंडो मूलतः 15 सितम्बर से 14 अक्टूबर तक खुली थी।
अब इस योजना के तहत उद्योग जगत की मजबूत प्रतिक्रिया और बढ़ती निवेश की चाहत को देखते हुए इसे बढ़ा दिया गया है।वाणिज्य मंत्रालय ने कहा, “यह पीएलआई-डब्ल्यूजी योजना के तहत भारत में एसी और एलईडी लाइट के प्रमुख घटकों के घरेलू विनिर्माण से उत्पन्न बढ़ते आत्मविश्वास और गति को दर्शाता है।”अप्रैल 2021 में 6,238 करोड़ रुपए के कुल परिव्यय के साथ शुरू की गई श्वेत वस्तुओं के लिए पीएलआई योजना का उद्देश्य घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देना, घटक स्थानीयकरण को बढ़ावा देना और एयर कंडीशनर और एलईडी प्रकाश व्यवस्था क्षेत्रों में भारत की वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता को मजबूत करना है। योजना के पहले दौर में पहले ही पर्याप्त निवेश प्रतिबद्धताएं प्राप्त हुई हैं, जिससे संपूर्ण मूल्य श्रृंखला में विनिर्माण क्षमता में वृद्धि और रोजगार सृजन में योगदान मिला है।इस निवेश से संपूर्ण मूल्य श्रृंखला में एसी और एलईडी लाइटों के घटकों का विनिर्माण होगा, जिसमें वे घटक भी शामिल होंगे, जिनका वर्तमान में भारत में पर्याप्त मात्रा में विनिर्माण नहीं होता है। इस बीच, पीएलआई योजना ने 2020 से 1.76 लाख करोड़ रुपए के प्रतिबद्ध निवेश आकर्षित किए हैं और 12 लाख से अधिक नौकरियां पैदा की हैं।इस योजना के तहत 14 रणनीतिक क्षेत्रों में 806 आवेदनों को मंजूरी दी गई है, जिसका मुख्य लक्ष्य आत्मनिर्भर भारत पहल के अनुरूप विनिर्माण को बढ़ावा देना है। यह योजना कंपनियों को एक निर्धारित आधार रेखा से आगे बिक्री बढ़ाने पर पुरस्कार प्रदान करती है। शुरुआत में, मोबाइल इलेक्ट्रॉनिक्स, सक्रिय दवा सामग्री और चिकित्सा उपकरण जैसे क्षेत्रों को इसमें शामिल किया गया था, और बाद में ऑटोमोबाइल, कपड़ा, खाद्य प्रसंस्करण, सौर मॉड्यूल, अर्धचालक और अन्य क्षेत्रों को भी इसमें शामिल किया गया।पीएलआई योजना के तहत, इलेक्ट्रॉनिक्स और मोबाइल विनिर्माण वित्त वर्ष 2020-21 में 2.13 लाख करोड़ रुपए से 146 प्रतिशत बढ़कर वित्त वर्ष 2024-25 में 5.25 लाख करोड़ रुपए हो गया। ऑटो और ऑटो-कंपोनेंट पीएलआई ने 67,000 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश आकर्षित किया है।रिपोर्ट में कहा गया है कि मार्च 2025 तक सभी क्षेत्रों में पीएलआई प्रतिभागियों ने संयुक्त बिक्री 16.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक होने की सूचना दी। हालांकि एमएसएमई को अप्रत्यक्ष रूप से लाभ मिलता है, लेकिन पीएलआई योजनाओं में उनका प्रत्यक्ष समावेश सीमित है, उन्होंने कहा कि इन अंतरालों को संबोधित करना इस योजना के लिए महत्वपूर्ण होगा ताकि यह अपनी पूर्ण परिवर्तनकारी क्षमता तक पहुंच सके।रिपोर्ट में कहा गया है कि वियतनाम या चीन जैसे देशों से प्रतिस्पर्धा के कारण कई परियोजनाएं क्रियान्वयन के मामले में पिछड़ गई हैं, जिसके लिए नीति डिजाइन और लॉजिस्टिक्स बुनियादी ढांचे में निरंतर नवाचार की आवश्यकता है। जबकि इलेक्ट्रॉनिक्स और फार्मा क्षेत्र पीएलआई योजना से मिले प्रोत्साहन के कारण बढ़ रहे हैं, वहीं कुछ क्षेत्रों, जैसे कपड़ा और श्वेत वस्तुओं को आगे बढ़ने के लिए अधिक समय की आवश्यकता है। -
नई दिल्ली। पिछले धनतेरस के बाद से सोने ने रुपए के संदर्भ में लगभग 63 प्रतिशत और डॉलर के संदर्भ में 53 प्रतिशत का रिटर्न दिया है। शुक्रवार को आई एक रिपोर्ट के अनुसार, 2026 तक पीली धातु के 1.5 लाख रुपए प्रति 10 ग्राम तक पहुंचने की संभावना है।
वेंचुरा सिक्योरिटीज की रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व, ईटीएफ प्रवाह और केंद्रीय बैंक की खरीदारी से मिले नरम रुख वाले संकेतों के कारण सोने में तेजी आई है। मार्च 2025 से सोने की कीमतें आसमान छू रही हैं, जो 3,000 डॉलर प्रति औंस से बढ़कर लगभग 4,254 डॉलर हो गई हैं।भारत में धनतेरस 2024 को सोने की कीमतें 78,840 रुपए प्रति 10 ग्राम से बढ़कर वर्तमान में 128,200 रुपए हो गई हैं। रिपोर्ट में कहा गया है, “धनतेरस 2025 से अगली तेजी की शुरुआत करते हुए, 5000 डॉलर प्रति औंस या 1,50,000 रुपए प्रति दस ग्राम के अनछुए स्तर 2026 में पहुंच सकता है।”वेंचुरा के कमोडिटीज एवं सीआरएम प्रमुख एनएस. रामास्वामी ने अमेरिकी श्रम बाजार में बढ़ते नकारात्मक जोखिमों पर प्रकाश डाला, जिसके कारण दरों में कटौती जरूरी हो गई है। रामास्वामी ने कहा, “आर्थिक आंकड़ों (रोजगार और मुद्रास्फीति) में देरी के कारण ध्यान फेड अध्यक्ष पॉवेल पर है, जिन्होंने संकेत दिया था कि बढ़ते श्रम बाजार जोखिम एक और दर कटौती को उचित ठहराते हैं।”उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका को अपने ऋण भुगतान की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है और उसका राष्ट्रीय ऋण बढ़कर 37 ट्रिलियन डॉलर हो गया है। चीन और अमेरिका के बीच व्यापार तनाव बढ़ गया है क्योंकि चीन ने रेयर अर्थ मेटल और मैग्नेट पर कड़े निर्यात प्रतिबंधों की घोषणा की है, जो इन महत्वपूर्ण संसाधनों के दुनिया के सबसे बड़े सप्लायर हैं।इस बीच, संयुक्त राज्य अमेरिका ने चीनी आयात पर मौजूदा 30 प्रतिशत के अतिरिक्त 100 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की है, जिससे सोने की मांग में तेजी आई है।रिपोर्ट में कहा गया है कि इन अनुकूल परिस्थितियों के चलते सोने में लगातार आठ साप्ताहिक बढ़त दर्ज की गई है। सोने की कीमतों में बढ़ोतरी निवेशकों के विश्वास और एफओएमओ की प्रबल भावना को बढ़ावा दे रही है, क्योंकि हर गिरावट का सामना आक्रामक खरीदारी से हो रहा है। -
मुंबई. व्यापारियों ने बृहस्पतिवार को कहा कि दिवाली और शादी के मौसम से पहले सोने की कीमतें अपने सर्वकालिक उच्चस्तर पर हैं, लेकिन इससे उपभोक्ता मांग में कोई कमी नहीं आई है। हालांकि, कई लोग आभूषणों की बजाय ‘‘ठोस सर्राफा'' को तरजीह दे रहे हैं। एमसीएक्स में दिन में सोने की कीमत 1,28,395 रुपये प्रति 10 ग्राम रही।
मुंबई के प्रसिद्ध झावेरी बाजार में उम्मेदलाल तिलोकचंद झावेरी ज्वेलर्स के मालिक वृषांक जैन ने कहा, ‘‘सोने की कीमतें हर दिन बढ़ रही हैं और लोग इस पर नज़र रख रहे हैं और निवेश के लिए आ रहे हैं। आभूषणों की मांग धीमी हुई है, लेकिन लोग सोने की छड़ें और सिक्के खरीद रहे हैं। इस त्योहारी मौसम और शादी के मौसम से पहले हम सोने और चांदी की छड़ों की काफी मांग देख रहे हैं।'' उन्होंने बताया, ‘‘कई खरीदार अग्रिम बुकिंग या सोने के सिक्के खरीदकर मौजूदा कीमतों पर ही खरीदारी कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें आने वाले दिनों में सोने और चांदी की कीमतों में और तेज़ी आने की उम्मीद है।'' जैन ने कहा कि उपभोक्ता अक्सर सोने को एक दीर्घकालिक निवेश के रूप में देखते हैं और भारत में इसका गहरा सांस्कृतिक महत्व भी है क्योंकि धनतेरस जैसे त्योहारों और शादियों जैसे अवसरों पर सोना खरीदना शुभ माना जाता है। झावेरी बाज़ार में आए एक ग्राहक देवरस भाई परमार ने जैन की बात से सहमति जताई।परमार ने कहा, ‘दिवाली के दौरान सोना खरीदना शुभ माना जाता है और यह एक निवेश है। आपात स्थिति में हम सोने के बदले नकद प्राप्त कर सकते हैं... मेरे परिवार में हर दिवाली पर सोना खरीदने की परंपरा रही है।'' भारतीय सर्राफा आभूषण संघ के प्रवक्ता कुमार जैन ने ‘ठोस सर्राफा' खरीदने के चलन की पुष्टि की।उन्होंने आगे कहा, ‘‘शादियों के लिए लोग अपने पुराने सोने को पुनचक्रण करवाने आ रहे हैं और मांग में कोई कमी नहीं आई है। अमेरिकी व्यापार युद्ध, स्टाम्प शुल्क में वृद्धि, यूक्रेन-रूस और पश्चिम एशिया के बीच तनाव... इन सबने सोने की कीमतों में उछाल ला दिया है।'' झावेरी बाज़ार की एक अन्य ग्राहक शर्मिला ने कहा कि वह हर साल सोना खरीदती हैं। उन्होंने कहा, ‘‘कीमतों में उछाल के बावजूद, मैं इस बार भी सोना खरीदूंगी, शायद थोड़ी कम मात्रा में... मैं अपने बच्चों को शुभ अवसरों पर सोना खरीदने की परंपरा और यह कैसे भविष्य के लिए एक निवेश है, इसके बारे में भी सिखाना चाहती हूँ। अगर मैं कार खरीदूँगी, तो कुछ साल बाद उसकी कीमत मुझे आधी भी नहीं मिलेगी, जबकि सोने की कीमत दोगुनी हो जाएगी।'' - नयी दिल्ली. कृषि नवोन्मेषकों को वैश्विक बाजारों से जोड़ने के लिए बुधवार को अंतरराष्ट्रीय कृषि-मंच 'ग्लोबल एग्जेलरेट' पेश किया गया जिससे भारत को वैश्विक कृषि-नवाचार नेटवर्क में एक अहम केंद्र के रूप में स्थापित किया जाएगा। इस मंच को एग्वाया और बायोएसटीएल ने भारतीय अंतरराष्ट्रीय आर्थिक संबंध अनुसंधान परिषद (इक्रियर) और भारतीय बीज उद्योग महासंघ (एफएसआईआई) के सहयोग से शुरू किया है। यह मंच भारत, अमेरिका, ब्राजील, ब्रिटेन, नीदरलैंड, इजराइल, अर्जेंटीना और ऑस्ट्रेलिया के स्टार्टअप, इनक्यूबेटरों और निवेशकों को जोड़ने का काम करेगा। सेंट लुइस स्थित गैर-लाभकारी संस्था बायोएसटीएल के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉन रुबिन ने कहा, “वैज्ञानिक नवाचार दुनिया भर में हो रहे हैं लेकिन उनके वाणिज्यिक उपयोग और विस्तार में खाई है। एग्जेलरेट के माध्यम से हम भारत की कृषि पारिस्थितिकी को सेंट लुइस के नवाचार केंद्र से जोड़ना चाहते हैं।” एग्वाया एलएलपी में साझेदार और एफएसआईआई के सलाहकार राम कौंडिन्य ने कहा कि यह मंच विज्ञान, स्टार्टअप और बाजारों के बीच पुल का काम करेगा। उन्होंने कहा, “यह न केवल वैश्विक तकनीकों को भारतीय किसानों तक लाएगा, बल्कि भारतीय नवाचारों को भी अंतरराष्ट्रीय बाजारों में पहुंचाने में मदद करेगा।” बायोएसटीएल ने 140 से अधिक स्टार्टअप को स्थापित करने में मदद की है और अपनी बायोजेनरेटर शाखा के जरिये तीन अरब डॉलर से अधिक की उद्यम पूंजी जुटाई है।
- इंदौर. मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले इंदौर में दीपावली के त्योहार से पहले सोना अपनी ऊंची कीमतों के कारण आम ग्राहकों की पहुंच से दूर हो गया है, जबकि कारोबारियों के मुताबिक खरीदारों की भारी मांग के चलते थोक बाजार में चांदी की किल्लत पैदा हो गई है। सर्राफा कारोबार के जानकारों ने बताया कि यह स्थिति इसलिए भी है क्योंकि बढ़िया प्रतिफल के कारण चांदी को निवेश के आकर्षक माध्यम के तौर पर भी देखने वाले लोगों की तादाद में लगातार इजाफा हो रहा है। जानकारों के मुताबिक, स्थानीय सर्राफा बाजार में बुधवार को सोना 1,31,200 रुपये प्रति 10 ग्राम और चांदी 1,80,500 रुपये प्रति किलोग्राम की दर पर बिकी। सर्राफा बाजार में सोने-चांदी की ऊंची कीमतों के कारण बने असामान्य हालात ने दीपावली के त्योहार की खरीदारी की तस्वीर को बदल कर रख दिया है। दीपावली की उल्टी गिनती शुरू होने के बीच दुल्हन की तरह सजे सर्राफा बाजार में सोने के जेवरात की दुकानों के मुकाबले चांदी के आभूषणों की दुकानों में ज्यादा ग्राहक नजर आ रहे हैं।सर्राफा बाजार के कारोबारी रतन जैन ने बताया,‘‘पिछले एक साल के दौरान चांदी के भाव जिस तरह बढ़े हैं, उससे आकर्षित होकर लोग इसकी खरीद को तरजीह दे रहे हैं। जाहिर है कि बढ़िया प्रतिफल की उम्मीद के कारण चांदी में लोगों का निवेश बढ़ रहा है।" उन्होंने बताया कि गुजरे एक साल के दौरान चांदी के भाव में उछाल के कारणों में निवेशकों की मांग के साथ ही औद्योगिक उपयोग और त्योहारों की खरीदारी में इजाफा शामिल है। सर्राफा बाजार के अन्य कारोबारी जिनेंद्र डुंगरवाल ने कहा, ‘‘चांदी के भाव बढ़ने के बावजूद इसकी मांग में इजाफा हो रहा है। फिलहाल थोक बाजार में प्रचलित कीमत से 20,000 रुपये अधिक मूल्य की पेशकश पर भी चांदी मिलना मुश्किल हो गया है। हालत यह है कि हम अगर आज चांदी खरीदने का सौदा करें, तो हमें 15 दिन बाद इसकी आपूर्ति की जाएगी।'' उन्होंने बताया कि स्वर्णाभूषणों के दाम अधिक होने के कारण कई लोग चांदी के जेवरात को तोहफे में देना ज्यादा पसंद कर रहे हैं। डुंगरवाल ने बताया, ‘‘शादियों का मौसम अभी दूर है, लेकिन आने वाले वक्त में सोने-चांदी के जेवरात और महंगे होने के कयासों के कारण लोग अगले साल जनवरी-फरवरी में होने वाली शादियों के लिए भी अभी से आभूषण खरीदने में जुटे हैं।'' इस बीच, दीपावली के त्योहार से पहले सोने-चांदी के आसमान छूते दामों से ग्राहकों का एक तबका निराश है। अपनी मां के साथ सर्राफा बाजार पहुंची रितिका भावसार ने कहा,‘‘निम्न मध्यम वर्ग के लोग सोना खरीदने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। इससे दीपावली के त्योहार पर उनके परिवारों की खुशियों पर असर पड़ना तय है।
- नयी दिल्ली. जीएसटी सुधारों और त्योहारों के उत्साह से यात्री वाहन एवं दोपहिया वाहनों की थोक बिक्री/आपूर्ति सितंबर में बढ़ी। इससे उद्योग के लिए चालू वित्त वर्ष के सकारात्मक अंत की उम्मीद बढ़ गई है। उद्योग संगठन सियाम ने बुधवार को यह जानकारी दी। यात्री वाहनों की थोक बिक्री सितंबर में सालाना आधार पर चार प्रतिशत बढ़कर 3,72,458 इकाई हो गई जबकि सितंबर, 2024 में यह 3,56,752 इकाई था। सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) ने बयान में कहा कि सितंबर में दोपहिया वाहनों की बिक्री सात प्रतिशत वृद्धि के साथ 21,60,889 इकाई रही जबकि सितंबर, 2024 में यह 20,25,993 इकाई थी। तिपहिया वाहनों की बिक्री बढ़कर 84,077 इकाई हो गई। यह सितंबर, 2024 के 79,683 इकाई की तुलना में 5.5 प्रतिशत अधिक है। सियाम के अध्यक्ष शैलेश चंद्रा ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘ 22 सितंबर से (केवल नौ दिनों के लिए) नई माल एवं सेवा कर (जीएसटी) दरें लागू होने के बाद यात्री वाहनों, दोपहिया और तिपहिया वाहनों ने सितंबर में अपनी अब तक की सबसे अधिक बिक्री दर्ज की है।'' उन्होंने कहा कि भविष्य में प्रमुख अनुकूल परिस्थितियों से इस क्षेत्र का परिदृश्य उत्साहजनक बना हुआ है। चंद्रा ने कहा, ‘‘ जीएसटी 2.0 सुधार सरकार का एक ऐतिहासिक निर्णय है, जो भारतीय मोटर वाहन उद्योग को अगले स्तर पर पहुंचाने के अलावा पूरी अर्थव्यवस्था में जीवंतता लाएगा...'' सियाम के अनुसार, यात्री वाहनों की बिक्री जुलाई-सितंबर तिमाही में 10,39,200 इकाई रही, जो पिछले वर्ष की इसी तिमाही के 10,55,137 इकाई की तुलना में 1.5 प्रतिशत कम है। जुलाई-सितंबर 2025 में दोपहिया वाहनों की बिक्री सालाना आधार पर सात प्रतिशत बढ़कर 55,62,077 इकाई हो गई। वहीं तिपहिया वाहनों की थोक बिक्री सालाना आधार पर 10 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 2,29,239 इकाई रही। चंद्रा ने कहा कि तिमाही के पहले दो महीनों में गिरावट देखी गई और बिक्री में सुधार केवल सितंबर में नजर आया। जीएसटी में कटौती से उपभोक्ता भावना में सुधार और त्योहारों की शुरुआत इसकी मुख्य वजह रही।
- नयी दिल्ली. देश के शीर्ष आठ शहरों में चालू कैलेंडर साल की जुलाई-सितंबर की अवधि के दौरान घरों की बिक्री एक प्रतिशत घटकर 95,547 इकाई रह गई। रियल एस्टेट परामर्श कंपनी प्रॉपटाइगर ने यह जानकारी दी। प्रॉपटाइगर के अनुसार, यह गिरावट मुख्य रूप से मुंबई, पुणे और दिल्ली-एनसीआर में कम मांग के कारण आई है। प्रॉपटाइगर ने बुधवार को जुलाई-सितंबर तिमाही के लिए भारत के आठ प्राथमिक आवास बाजारों के आंकड़े जारी किए। प्रॉपटाइगर का हाल ही में सूचीबद्ध कंपनी ऑरम प्रॉपटेक लिमिटेड ने अधिग्रहण किया है।आंकड़ों के अनुसार, इस कैलेंडर साल की तीसरी तिमाही के दौरान घरों बिक्री घटकर 95,547 इकाई रह गई जो पिछले वर्ष की समान अवधि में यह 96,544 इकाई थी। हालांकि, बिक्री की मात्रा स्थिर हो गई है, लेकिन प्रॉपटाइगर ने बताया कि तिमाही के दौरान बेची गई संपत्तियों का कुल मूल्य सालाना आधार 14 प्रतिशत बढ़कर 1.52 लाख करोड़ रुपये हो गया। आंकड़ों पर टिप्पणी करते हुए ऑरम प्रॉपटेक के कार्यकारी निदेशक ओंकार एस ने कहा, ‘‘भारतीय आवास बाजार स्पष्ट रूप से व्यापक स्तर पर मात्रा आधारित सुधार से एक परिपक्व और सतत मूल्य-आधारित वृद्धि के चरण में प्रवेश कर रहा है।'' आठ शहरों में से मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) में आवास बिक्री जुलाई-सितंबर तिमाही के दौरान 22 प्रतिशत घटकर 23,334 इकाई रह गई, जो एक साल पहले इसी अवधि में 30,010 इकाई थी। पुणे में, बिक्री 18,004 इकाई से 28 प्रतिशत घटकर 12,990 इकाई रह गई। दिल्ली-एनसीआर में आवासीय संपत्तियों की बिक्री 10,098 इकाई से 21 प्रतिशत घटकर 7,961 इकाई रह गई। अहमदाबाद में बिक्री 9,352 इकाई से पांच प्रतिशत घटकर 8,889 इकाई रह गई।हालांकि, प्रॉपटाइगर के आंकड़ों से पता चला है कि बेंगलुरु, हैदराबाद, चेन्नई और कोलकाता में बिक्री में वृद्धि हुई है। बेंगलुरु में, बिक्री 11,160 इकाई से 18 प्रतिशत बढ़कर 13,124 इकाई हो गई। चेन्नई में बिक्री दोगुना से भी ज्यादा होकर 3,560 से 7,862 इकाइयों पर पहुंच गई।
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नयी दिल्ली. क्विक कॉमर्स मंच जेप्टो लगातार तीसरे साल 2025 ‘लिंक्डइन टॉप स्टार्टअप इंडिया' सूची में शीर्ष स्थान पर रहा है। पेशेवर मंच लिंक्डइन की बुधवार को जारी इस सूची में एंटरप्राइज क्लाउड स्टोरेज कंपनी ल्यूसिडिटी और 10 मिनट में भोजन पहुंचाने वाले मंच स्विश को भी स्थान मिला है। इस सूची में उभरती कंपनियों को स्थान दिया गया है, जहां करियर के फलने-फूलने की सबसे अधिक संभावना है। यह चार प्रमुख मानदंडों कर्मचारी वृद्धि, सदस्य जुड़ाव, नौकरी में रुचि और शीर्ष प्रतिभाओं को आकर्षित करने की क्षमता पर आधारित है। सूची में शामिल होने वाले स्टार्टअप निजी स्वामित्व वाले होने चाहिए, उनका मुख्यालय भारत में होना चाहिए, कम से कम 30 कर्मचारी होने चाहिए और वे पांच साल से अधिक पुराने नहीं होने चाहिए। 2025 की रैंकिंग के लिए जानकारी एक जुलाई, 2024 और 30 जून, 2025 के बीच एकत्र की गई। बयान के अनुसार, ‘‘ क्विक-कॉमर्स यूनिकॉर्न जेप्टो लगातार तीसरे वर्ष सूची में शीर्ष पर रही। इसके बाद ल्यूसिडिटी दूसरे और स्विश का तीसरा स्थान रहा।'' इसमें कहा गया 20 स्टार्टअप की सूची में कृत्रिम मेधा से जुड़े स्टार्टअप जैसे वीकडे का स्थान चौथा, कॉनविन का छठा और लाइमचैट 19वें स्थान पर रहा। वित्तीय प्रौद्योगिकी कंपनी जार पांचवे, कार्ड91 18वे और डेजर्व का 16वा स्थान रहा।
- जमशेदपुर. । टाटा स्टील ने कंपनी के जमशेदपुर संयंत्र में तीन पालियों में महिला कर्मचारियों को तैनात करने की बुधवार को घोषणा की। कंपनी ने कहा कि 21 विभागों में 543 महिला कर्मचारियों के अगले साल एक फरवरी तक तीन पालियों में काम करने की उम्मीद है। यह तैनाती चरणबद्ध तरीके से की जाएगी। टाटा स्टील ने बयान में कहा कि उसकी अभूतपूर्व पहल ‘उड़ान: विंग्स ऑफ चेंज' के महत्वपूर्ण विस्तार के तहत मंगलवार को तीनों पालियों में महिलाओं की तैनाती की गई। कंपनी की मुख्य जन अधिकारी अत्रेयी सान्याल ने कहा, ‘‘ उड़ान: विंग्स ऑफ चेंज पहल महिलाओं को सशक्त बनाने और वास्तव में समावेशी कार्यस्थल को बढ़ावा देने के लिए टाटा स्टील की गहरी प्रतिबद्धता का प्रमाण है।''
- कोलकाता। मुद्रास्फीति के मोर्चे पर अनुकूल स्थिति के साथ मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) वृद्धि को समर्थन देने के लिए नीतिगत दर में कटौती कर सकती है। क्रिसिल इंटेलिजेंस ने अक्टूबर, 2025 के लिए अपनी रिपोर्ट में यह कहा है। एमपीसी ने एक अक्टूबर को अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक के दौरान नीतिगत दरों को अपरिवर्तित रखा और तटस्थ नीतिगत रुख बनाए रखा। रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘हमारा अनुमान है कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति घटकर चालू वित्त वर्ष में 3.2 प्रतिशत हो जाएगी, जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 4.6 प्रतिशत थी। मुद्रास्फीति के स्तर पर अनुकूल स्थिति एमपीसी को वृद्धि को समर्थन देने के लिए नीतिगत दरों में कटौती करने के लिए प्रेरित कर सकता है...।'' रिपोर्ट में अर्थव्यवस्था की राजकोषीय स्थिति का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि सरकार ने चालू वित्त वर्ष में केंद्र के राजकोषीय घाटे को पिछले वित्त वर्ष के 4.8 प्रतिशत से घटाकर सकल घरेलू उत्पाद के 4.4 प्रतिशत तक लाने का लक्ष्य रखा है। सरकार की चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में बाजार से 6.77 लाख करोड़ रुपये उधार लेने की योजना है, जबकि पहली छमाही में यह आठ लाख करोड़ रुपये थी। रिपोर्ट के अनुसार, कुल मिलाकर, चालू वित्त वर्ष में सकल बाजार उधारी पांच प्रतिशत बढ़कर 14.7 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है। क्रिसिल ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में कच्चे तेल की कीमतें औसतन 62 से 67 डॉलर प्रति बैरल रहने की संभावना है, जबकि पिछले वित्त वर्ष में यह औसतन 78.8 डॉलर प्रति बैरल थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2025-26 में चालू खाते का घाटा (कैड) सकल घरेलू उत्पाद के एक प्रतिशत के संतोषजनक स्तर पर रहने की उम्मीद है, जबकि वित्त वर्ष 2024-25 में यह 0.6 प्रतिशत था।
- नयी दिल्ली.। लगातार तीसरे कारोबारी सत्र में तेजी के साथ, बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में सोने की कीमतें 1,000 रुपये बढ़कर 1,31,800 रुपये प्रति 10 ग्राम के सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गईं। चालू त्योहारी मौसम के बीच खुदरा विक्रेताओं और आभूषण विक्रेताओं की निरंतर लिवाली के कारण यह मजबूती को देखने को मिली। अखिल भारतीय सर्राफा संघ के अनुसार, 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना मंगलवार को 1,30,800 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। स्थानीय सर्राफा बाजार में, 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना 1,000 रुपये बढ़कर 1,31,200 रुपये प्रति 10 ग्राम (सभी करों सहित) के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया, जबकि इसका पिछला बंद भाव 1,30,200 रुपये प्रति 10 ग्राम था। हालांकि, चांदी की कीमतें रिकॉर्ड स्तर से 3,000 रुपये नीचे गिरकर 1,82,000 रुपये प्रति किलोग्राम (सभी करों सहित) रह गईं। मंगलवार को यह चांदी की कीमत 6,000 रुपये बढ़कर 1,85,000 रुपये प्रति किलोग्राम के नए शिखर पर पहुंच गई थी। एचडीएफसी सिक्योरिटीज़ के शोध विश्लेषक दिलीप परमार ने कहा, ‘‘बुधवार को सोना नई रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया, जिसकी वजह वैश्विक कीमतों में आई भारी तेज़ी तथा घरेलू भौतिक एवं निवेश मांग का बढ़ना था।'' उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, रुपये में तेज़ी ने घरेलू बाज़ार में बढ़त को सीमित करते हुए एक अहम बाधा का काम किया, लेकिन कुल मिलाकर तेज़ी का रुख़ मज़बूत बना हुआ है, और व्यापारियों को त्योहारी सत्र की लिवाली के चरम के बीच इसके जारी रहने की उम्मीद है।'' अंतरराष्ट्रीय बाज़ारों में, हाजिर सोना 4,218.32 डॉलर प्रति औंस के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया। रिटेल ब्रोकिंग एंड डिस्ट्रिब्यूशन के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) और पीएल कैपिटल के निदेशक संदीप रायचुरा ने कहा, ‘‘सोना अब हमारे दूसरे लक्ष्य 4,200 डॉलर प्रति औंस तक पहुँच गया है, जो अनुमान से कहीं ज़्यादा तेज़ है। चीन की निरंतर खरीदारी ने सोने और इसके दीर्घकालिक आधार पर तेज रहने के भरोसे को फिर से जगा दिया है।'' उन्होंने कहा कि ईटीएफ और अन्य उभरते बाजारों में रिजर्व बैंक की खरीदारी लगातार जारी है।विदेशी बाजारों में हाजिर चांदी 2.81 प्रतिशत बढ़कर 52.84 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रही थी। मंगलवार को यह 53.62 डॉलर प्रति औंस के नए शिखर पर पहुंच गई थी। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के विश्लेषक मानव मोदी ने कहा, ‘‘अमेरिका-चीन व्यापार तनाव के कारण अनिश्चितता बढ़ने तथा फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में और कटौती की उम्मीद से सोने और चांदी दोनों के लिए सुरक्षित निवेश जारी रहा।
- नयी दिल्ली. लक्जरी कार विनिर्माता कंपनी बीएमडब्ल्यू के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) हरदीप सिंह बरार ने कहा कि कंपनी को उम्मीद है कि अगले कुछ वर्ष में उसके इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री बढ़ेगी और 2030 से पहले कुल बिक्री में इसकी हिस्सेदारी करीब 30 प्रतिशत होगी। जर्मनी की लक्जरी कार विनिर्माता कंपनी की भारत के इलेक्ट्रिक वाहन खंड की कुल बिक्री में हिस्सेदारी वर्तमान में करीब 21 प्रतिशत है। बरार ने कहा कि कंपनी देश में अपने हर वाहन खंड में इलेक्ट्रिक मॉडल लाना चाहेगी। उन्होंने कहा, ‘‘ हमने इलेक्ट्रिक खंड में अच्छा प्रदर्शन किया है। हम इसे और आगे बढ़ाना चाहेंगे। आज हम 21 प्रतिशत पर हैं और मुझे लगता है कि इसी दर से हम 2030 से पहले ही 30 प्रतिशत तक पहुंच सकते हैं, जो कि सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्य है।'' बीएमडब्ल्यू ग्रुप इंडिया ने जनवरी और सितंबर के बीच 2,509 इलेक्ट्रिक बीएमडब्ल्यू और मिनी की खुदरा बिक्री की जो सालाना आधार पर 246 प्रतिशत की वृद्धि है। कुल बिक्री में इलेक्ट्रिक वाहनों की हिस्सेदारी बढ़कर 21 प्रतिशत हो गई। इसमें आईएक्स1 सबसे अधिक बिकने वाली इलेक्ट्रिक कार रही जबकि आई7 दूसरे स्थान पर रही। समग्र रणनीति के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि कंपनी अपने बिक्री नेटवर्क को बढ़ाने पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है। बरार ने कहा, ‘‘ हमें नेटवर्क बढ़ाना होगा क्योंकि छोटे व मझोले शहरों में अच्छी वृद्धि हो रही हैं इसलिए हमें उन शहरों में भी पहुंचना होगा।'' उन्होंने कहा कि बीएमडब्ल्यू स्वामित्व की लागत कम करने के लिए वित्तीय पहल पर भी काम करेगी।बरार ने कहा, ‘‘ हम इस अंतर को कैसे पाटें और उपभोक्ताओं को यह विश्वास कैसे दिलाएं कि लक्जरी कार खरीदना महंगा नहीं है। यह आम प्रीमियम कार जितनी ही किफायती हैं। ये कुछ ऐसी चीजें हैं जिन पर हम काम करना चाहेंगे।'' बीएमडब्ल्यू ने मंगलवार को भारत में नई मिनी जॉन कूपर वर्क्स कंट्रीमैन ऑल4 पेश की। इसकी कीमत 64.9 लाख रुपये (एक्स-शोरूम) है। यह कार देश में पूरी तरह से तैयार इकाई (सीबीयू) के रूप में उपलब्ध होगी। यह मॉडल 2.0 लीटर पेट्रोल इंजन के साथ आता है...जिससे यह भारत में पेश की गई अब तक की सबसे शक्तिशाली मिनी बन जाती है। बीएमडब्ल्यू ग्रुप इंडिया ने जुलाई-सितंबर 2025 में 4,204 इकाइयों के साथ तीसरी तिमाही की अपनी अब तक की सबसे अधिक कार बिक्री दर्ज की है, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि से 21 प्रतिशत अधिक है। समूह ने 2025 के पहले नौ महीनों में 11,978 इकाइयों की अपनी अब तक की सबसे अधिक कार बिक्री दर्ज की जो पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 13 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। बीएमडब्ल्यू ब्रांड की जनवरी-सितंबर, 2025 की अवधि में 11,510 इकाइयां, मिनी ब्रांड की 468 इकाइयां बिकीं जबकि मोटरसाइकिल की बिक्री 3,976 इकाई रही।
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मुंबई. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सोमवार को कहा कि भारत के बैंक और उनकी विदेशी शाखाएं अब भूटान, नेपाल और श्रीलंका में रहने वाले व्यक्तियों और बैंकों को भारतीय रुपये में ऋण मुहैया करा सकती हैं। आरबीआई ने एक बयान में कहा कि यह कदम विदेशी विनिमय प्रबंधन (उधारी एवं ऋण) विनियम, 2018 और विदेशी मुद्रा खाता प्रबंधन विनियम, 2015 में संशोधनों के तहत उठाया गया है। इसका उद्देश्य ‘बाहरी व्यापार और भुगतान को सुगम बनाना' है। रिजर्व बैंक ने कहा, ‘‘भारत में अधिकृत डीलर बैंकों और उनकी विदेशी शाखाओं को अब भूटान, नेपाल और श्रीलंका में रहने वाले व्यक्तियों और बैंकों को रुपये में ऋण देने की अनुमति है, ताकि सीमापार व्यापार लेनदेन को सुविधाजनक बनाया जा सके।'' इसके अलावा जनवरी, 2025 में आरबीआई ने भारतीय निर्यातकों को यह मंजूरी दी थी कि वे विदेशों में किसी बैंक में विदेशी मुद्रा खाते खोलकर अपने निर्यात प्राप्तियों को संग्रहीत कर सकें। इन खातों में अप्रयुक्त शेष राशि को अब तक अगले महीने के अंत तक वापस भेज देना अनिवार्य था। हालांकि, आरबीआई ने अब इस अवधि को बढ़ाकर तीन महीने कर दिया है, यदि विदेशी मुद्रा खाता भारत के आईएफएससी में किसी बैंक में रखा गया हो। आरबीआई ने एक अक्टूबर, 2025 को अपनी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा के दौरान इस कदम की घोषणा की थी।
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नयी दिल्ली. खुदरा मुद्रास्फीति सितंबर में आठ साल के निचले स्तर 1.54 प्रतिशत पर आ गई, जो इससे पिछले महीने 2.07 प्रतिशत थी। सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार यह कमी सब्जियों और दालों सहित खाद्य पदार्थों की कीमतों में नरमी के कारण हुई। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित मुद्रास्फीति सितंबर, 2024 में 5.49 प्रतिशत थी। सितंबर, 2025 से पहले इसका न्यूनतम स्तर जून, 2017 में 1.46 प्रतिशत था। यह दूसरी बार है जब 2025 में खुदरा मुद्रास्फीति दो प्रतिशत से नीचे आई है। सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि उपभोक्ता कीमतों पर आधारित मुद्रास्फीति चार प्रतिशत पर बनी रहे, जिसमें दो प्रतिशत की घट-बढ़ हो सकती है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने कहा, ‘‘अगस्त, 2025 की तुलना में सितंबर की मुख्य मुद्रास्फीति में 0.53 प्रतिशत की कमी आई है। यह जून, 2017 के बाद सालाना आधार पर सबसे कम मुद्रास्फीति है।'' एनएसओ ने बयान में कहा, ‘‘सितंबर, 2025 के दौरान अनुकूल आधार प्रभाव के साथ ही सब्जियों, तेल तथा वसा, फल, दाल, अनाज, अंडे, ईंधन और प्रकाश की कीमतों में कमी के कारण मुख्य मुद्रास्फीति और खाद्य मुद्रास्फीति में गिरावट हुई।'' सितंबर, 2025 के दौरान खाद्य मुद्रास्फीति सालाना आधार पर शून्य से 2.28 प्रतिशत नीचे रही, जबकि अगस्त में यह शून्य से 0.64 प्रतिशत नीचे और पिछले साल सितंबर में 9.24 प्रतिशत थी। भारतीय रिजर्व बैंक ने अक्टूबर की अपनी द्विमासिक मौद्रिक नीति में 2025-26 के लिए अपने मुद्रास्फीति अनुमान को घटाकर 2.6 प्रतिशत कर दिया है। अगस्त में इसके 3.1 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया था। एनएसओ के आंकड़ों के अनुसार, ग्रामीण भारत में मुद्रास्फीति 1.07 प्रतिशत और शहरी क्षेत्रों में 2.04 प्रतिशत रही। सबसे अधिक मुद्रास्फीति केरल में 9.05 प्रतिशत और सबसे कम उत्तर प्रदेश में शून्य से 0.61 प्रतिशत नीचे रही। आंकड़ों पर टिप्पणी करते हुए इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि सीपीआई मुद्रास्फीति सितंबर, 2025 में 99 महीने के निचले स्तर पर आ गई। ऐसा खाद्य और पेय पदार्थों की कीमतों में अनुमान से कहीं अधिक कमी के कारण हुआ। नायर ने कहा, ‘‘हमारा अनुमान है कि वित्त वर्ष 2025-26 में सीपीआई मुद्रास्फीति औसतन 2.6 प्रतिशत रहेगी। ऐसा जीएसटी युक्तिकरण और नरम खाद्य कीमतों के चलते होगा।'' इक्रा का मानना है कि दिसंबर, 2025 में ब्याज दरों में 0.25 प्रतिशत की कमी हो सकती है। इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च (इंड-रा) के संयुक्त निदेशक पारस जसराय ने कहा कि खाद्य कीमतों में गिरावट की प्रवृत्ति अक्टूबर, 2025 तक बनी रहेगी, और टमाटर, प्याज, आलू तथा दालों जैसी प्रमुख वस्तुओं की कीमतों में दोहरे अंक में गिरावट आएगी। इंड-रा को उम्मीद है कि अक्टूबर, 2025 में खुदरा मुद्रास्फीति लगभग एक प्रतिशत होगी।






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