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नयी दिल्ली. देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) पीटर एल्बर्स ने रविवार को कहा कि एयरलाइन रविवार को लगभग 1,650 उड़ानें संचालित करेगी और धीरे-धीरे हम सामान्य स्थिति की ओर लौट रहे हैं। पिछले कुछ दिनों में सैकड़ों उड़ानें रद्द और विलंबित होने से हजारों यात्रियों को भारी परेशानी हुई है। देश की सबसे बड़ी एयरलाइन ने शनिवार को लगभग 1,500 और शुक्रवार को 700 से कुछ अधिक उड़ानें ही संचालित की थीं। कर्मचारियों के लिए जारी आंतरिक वीडियो संदेश में एल्बर्स ने कहा कि रविवार को समय पर प्रदर्शन (ओटीपी) 75 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, आज हमने प्रणाली में और सुधार किए हैं, जिससे हम करीब 1,650 उड़ानें संचालित कर पा रहे हैं।” यह वीडियो संदेश एयरलाइन के परिचालन नियंत्रण केंद्र से जारी किया गया।
सीईओ ने कहा, हम अब उड़ाने पहले चरण में ही रद्द कर रहे हैं, ताकि जिन यात्रियों की उड़ानें रद्द हो रही हैं, वे हवाई अड्डे पर न पहुंचें।” इंडिगो के अनुसार सात दिसंबर को उसके 138 में से 137 गंतव्यों पर परिचालन बहाल है। -
मुंबई. इंडिगो ने रद्द या अत्यधिक विलंबित उड़ानों के लिए अब तक 610 करोड़ रुपये के रिफंड की प्रक्रिया पूरी कर ली है और शनिवार तक 3,000 नग सामान यात्रियों तक पहुंचा दिया गया है। सरकार ने रविवार को यह जानकारी दी। सरकार ने कहा कि देश का विमानन नेटवर्क तेजी से सामान्य स्थिति की ओर लौट रहा है और परिचालन पूरी तरह स्थिर होने तक सभी सुधारात्मक कदम लागू रहेंगे। सरकार ने शनिवार को एयरलाइन को निर्देश दिया था कि रद्द उड़ानों से संबंधित टिकटों का रिफंड रविवार शाम तक पूरा किया जाए और यात्रियों के छूटे हुए सामान को अगले 48 घंटे के भीतर उन तक पहुंचाया जाए। मंत्रालय ने कहा कि इंडिगो के हालिया परिचालन संकट के कारण उत्पन्न व्यवधान को दूर करने के लिए तेज और प्रभावी कदम उठाए गए हैं, ताकि यात्रियों को आगे कोई असुविधा न हो। नागर विमानन मंत्रालय ने अपनी विज्ञप्ति में कहा, "इंडिगो अब तक 610 करोड़ रुपये का रिफंड की प्रक्रिया पूरी कर चुका है। रद्द उड़ानों से प्रभावित यात्रियों के यात्रा पुनर्निर्धारण में किसी भी प्रकार का अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाएगा। यात्रियों की सहायता के लिए विशेष सहायता केंद्र बनाए गए हैं, ताकि रिफंड और दोबारा बुकिंग से जुड़े मुद्दों का त्वरित समाधान हो सके।" मंत्रालय ने बताया कि देशभर में हवाई सेवाएं तेजी से सामान्य हो रही हैं। अन्य सभी घरेलू विमानन कंपनियां पूरी क्षमता के साथ सुचारू रूप से उड़ानें संचालित कर रही हैं, जबकि इंडिगो का प्रदर्शन भी लगातार सुधर रहा है। इंडिगो की उड़ानें शुक्रवार को 706 से बढ़कर शनिवार को 1,565 हो गईं और रविवार शाम तक 1,650 तक पहुंचने की संभावना है।
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पुडुचेरी. सुजलॉन समूह के उपाध्यक्ष गिरीश तांती का अनुमान है कि सरकार 40 गीगावॉट से अधिक बिना अनुबंध वाली नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को स्थिर और प्रेषणीय नवीकरणीय ऊर्जा (एफडीआरई) विकल्प में परिवर्तित कर सकती है क्योंकि यह विकल्प साधारण सौर और पवन परियोजनाओं की तुलना में अधिक भरोसेमंद है। स्थिर और प्रेषणीय नवीकरणीय ऊर्जा परियोजना में सौर, पवन और ऊर्जा भंडारण प्रणाली (बैटरी) का संयोजन किया जाता है, जिससे पीक मांग के समय विश्वसनीय विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित होती है। सरकारी दस्तावेज़ों के अनुसार, लगभग 45.34 गीगावॉट क्षमता के लिए विद्युत खरीद समझौते (पीपीए) पर अब तक हस्ताक्षर नहीं हुए हैं। सरकार इन परियोजनाओं के लिए समाधान खोजने में सक्रिय है। निविदा के विजेता वितरण कंपनियों के साथ समझौता करने का प्रयास कर रहे हैं। साथ ही, चार नवीकरणीय ऊर्जा कार्यान्वयन निकाय सेसी, एनटीपीसी, एनएचपीसी और एसजेवीएन– ने प्रस्ताव दिया है कि स्वीकृत विद्युत क्षमता की नीलामी के माध्यम से समस्या का समाधान किया जाए। गिरीश तांती ने कहा, ''इस समय यह क्षमता भारत सरकार द्वारा पुनर्मूल्यांकन के अधीन है। मेरा अनुमान है कि इसे स्थिर और प्रेषणीय नवीकरणीय ऊर्जा में परिवर्तित किया जाएगा।'' उनके बयान इसलिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि भारत का लक्ष्य 500 गीगावॉट गैर-जीवाश्म ऊर्जा क्षमता हासिल करना है। तांती ने कहा कि स्थिर और प्रेषणीय नवीकरणीय ऊर्जा उपभोक्ताओं द्वारा स्वीकार्य होगी, भले ही इसकी दर थोड़ी अधिक हो, क्योंकि यह साधारण सौर और पवन ऊर्जा की तुलना में अधिक भरोसेमंद है। उन्होंने कहा, ''5.5 रुपये प्रति यूनिट में 24 घंटे बिजली उपलब्ध हो सकती है, जिसमें सौर, पवन और बैटरी प्रणाली शामिल है। यह अभी भी कोयला बिजली से सस्ता है। अब हम 24 घंटे की आपूर्ति के लिए कोयले से प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। संभावना है कि यह क्षमता किसी रूप में स्थिर और प्रेषणीय नवीकरणीय ऊर्जा बनेगी।''
- नयी दिल्ली. टायर बनाने वाली कंपनी सीएट विभिन्न वैश्विक बाजारों के लिए खास तौर से टायर बना रही है, ताकि यूरोप और अमेरिका जैसे क्षेत्रों में निर्यात बढ़ाया और खुद को वैश्विक ब्रांड बनाया जा सके। आरपीजी समूह के वाइस चेयरमैन अनंत गोयनका ने यह बात कही। आरपीजी समूह की इस कंपनी की कुल आय में निर्यात की 20 प्रतिशत हिस्सेदारी है और आने वाले कुछ सालों में ये हिस्सा बढ़ने की उम्मीद है। गोयनका ने कहा, ''हम अंतरराष्ट्रीय वृद्धि पर बहुत ध्यान दे रहे हैं - अमेरिका में वृद्धि, यूरोप में वृद्धि। हमारा लक्ष्य वैश्विक ब्रांड बनना है। हम अक्सर कहते हैं कि भारतीय उद्योग ब्रांड बनाने और वैश्विक वृद्धि में और ज्यादा निवेश कर सकते हैं। ये हमारे लिए एक प्रमुख क्षेत्र है।'' उन्होंने बताया कि कंपनी किसी क्षेत्र की खास जरूरतों के हिसाब से टायर बना रही है।गोयनका ने कहा, ''इटली में ग्राहक को क्या चाहिए, स्पेन में क्या चाहिए – हम उस खास बाजार के लिए पूरी श्रृंखला विकसित कर रहे हैं।'' कंपनी नॉर्डिक क्षेत्र, जर्मनी और अलग-अलग जगहों पर टायर का परीक्षण कर रही है। उन्होंने कहा, ''हम सड़क की खास स्थिति के लिए टायर बनाते हैं। पश्चिम एशिया में ज्यादातर सीधी सड़कें हैं। यूरोप में घुमावदार सड़कें हैं। अमेरिका में सीधी सड़कें हैं। मौसम भी अलग-अलग है, इसलिए इन सबको ध्यान में रखकर टायर बनाना पड़ता है।'' गोयनका ने कहा कि कंपनी भविष्य की वृद्धि को लेकर बहुत आशावादी है।उन्होंने कहा, ''हमें क्षमता की कमी महसूस हो रही है। हमारी 60 प्रतिशत बिक्री पुराने टायरों को बदलने के लिए की जाने वाली खरीद से आती है। हम 20 प्रतिशत बिक्री अंतरराष्ट्रीय बाजार में और 20-25 प्रतिशत बिक्री ओईएम को करते हैं। सभी क्षेत्र सकारात्मक दिख रहे हैं।'' उन्होंने कहा कि घरेलू टायर उद्योग का भविष्य कुल मिलाकर सकारात्मक है।
- मुंबई।इंडिगो ने संचालन से जुड़ी समस्याओं के कारण रविवार को दिल्ली और मुंबई हवाई अड्डों पर 220 से अधिक उड़ान रद्द कर दीं। इन समस्याओं के कारण पिछले कुछ दिन में सैकड़ों उड़ान रद्द की जा चुकी हैं और कई उड़ान देरी से रवाना हुई हैं, जिससे हजारों यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा है।
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चेन्नई. दक्षिण रेलवे ने शनिवार को देश भर में इंडिगो की उड़ान सेवाओं में जारी व्यवधान के मद्देनजर यात्रियों की भीड़ को कम करने के लिए विशेष ट्रेन चलाने सहित कई उपायों की घोषणा की। वहीं, दक्षिण-मध्य रेलवे ने भी घोषणा की कि वह उड़ानों में व्यवधान को देखते हुए चार विशेष ट्रेन संचालित करेगा। दक्षिण रेलवे ने चेन्नई एग्मोर और चारलापल्ली (तेलंगाना) तथा सिकंदराबाद और चेन्नई एग्मोर के बीच विशेष ट्रेन चलाने की घोषणा की। इसी के साथ उसने लंबी दूरी की चुनिंदा ट्रेन में एक अतिरिक्त कोच जोड़ने का निर्देश दिया है। दक्षिण रेलवे के मुताबिक, ट्रेन संख्या 06019 ‘चेन्नई एग्मोर-चारलापल्ली एक्सप्रेस स्पेशल' शनिवार रात 11 बजकर 55 मिनट पर चेन्नई एग्मोर से रवाना होगी और सात दिसंबर को अपराह्न दो बजे चारलापल्ली पहुंचेगी। चेन्नई में जारी आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है, “वापसी के दौरान ट्रेन संख्या 06020 ‘चारलापल्ली-चेन्नई एग्मोर एक्सप्रेस स्पेशल' सात दिसंबर 2025 (रविवार) को शाम छह बजे चारलापल्ली से रवाना होगी और अगले दिन साढ़े आठ बजे चेन्नई एग्मोर पहुंचेगी।” इसके अलावा, दक्षिण रेलवे ने छह से 10 दिसंबर के बीच की यात्राओं के लिए तिरुचिरापल्ली-जोधपुर हमसफर एक्सप्रेस, डॉ. एमजीआर चेन्नई सेंट्रल-तिरुवनंतपुरम सेंट्रल सुपरफास्ट एक्सप्रेस और मुंबई सीएसटी-चेन्नई बीच सुपरफास्ट एक्सप्रेस ट्रेन में एक अतिरिक्त ‘वातानुकुलित तीन टियर कोच' जोड़ने की घोषणा की। वहीं, दक्षिण-मध्य रेलवे ने कहा कि वह शनिवार को हैदराबाद से चेन्नई, मुंबई और शालीमार (कोलकाता) के लिए विशेष ट्रेन का संचालन करेगा।
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नयी दिल्ली. इंडिगो की उड़ान बाधित होने से प्रभावित यात्रियों की मदद के लिए एयर इंडिया समूह क्षमता बढ़ाने पर विचार कर रहा है। शनिवार को एक बयान में कहा गया, ''चार दिसंबर से नॉन-स्टॉप घरेलू उड़ानों में इकोनॉमी श्रेणी के हवाई किराये को पहले से तय सीमा में रखा गया है, ताकि सामान्य मांग और आपूर्ति के नियम का असर न पड़े।'' बयान में बताया गया कि एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस दोनों ने इकोनॉमी श्रेणी के किराये पर सीमा निर्धारित कर दी है। यह बयान सरकार द्वारा इंडिगो की उड़ानों में व्यवधान के बीच हवाई किराये पर सीमा लगाने की घोषणा के कुछ घंटे बाद आया। एयर इंडिया ने यह भी कहा कि सभी उड़ानों के लिए किराये पर सीमा निर्धारित करना तकनीकी रूप से संभव नहीं है।
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नई दिल्ली। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने आज शनिवार को इंडिगो एयरलाइंस को सभी पेंडिंग पैसेंजर रिफंड बिना किसी देरी के जारी करने का निर्देश दिया है। उड्डयन मंत्रालय ने कहा कि सभी रद्द और बाधित उड़ानों के लिए रिफंड प्रक्रिया रविवार रात 8 बजे तक पूरी करना अनिवार्य है। इसके अलावा, एयरलाइन को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि जिन यात्रियों का ट्रैवल प्लान रद्द या प्रभावित हुआ है, उनसे कोई रिशेड्यूलिंग चार्जेस न लिए जाएं। मंत्रालय ने साफ किया कि रिफंड प्रक्रिया में किसी भी तरह की देरी या नियमों का पालन न करने पर तुरंत नियामक कार्रवाई की जाएगी।
मंत्रालय ने यह भी निर्देश दिया कि इंडिगो द्वारा रद्द या देरी की गई उड़ानों के यात्रियों के सामान को ट्रेस किया जाए और इसे 48 घंटों के भीतर उनके पते पर भेजा जाए। एयरलाइन को ट्रैकिंग और डिलीवरी टाइमलाइन के बारे में यात्रियों के साथ स्पष्ट और समय पर संवाद बनाए रखने के लिए कहा गया है। साथ ही, जरूरत पड़ने पर मौजूदा यात्री अधिकार नियमों के तहत मुआवजा देने की भी जिम्मेदारी सौंपी गई है।यात्रियों की सुविधा और शिकायत निवारण को सुनिश्चित करने के लिए मंत्रालय ने इंडिगो को निर्देश दिया कि वह डेडिकेटेड पैसेंजर सपोर्ट और रिफंड फैसिलिटेशन सेल्स स्थापित करे। इन सेल्स का काम होगा प्रभावित यात्रियों से संपर्क करना और यह सुनिश्चित करना कि वे रिफंड और अन्य ट्रैवल अरेंजमेंट्स के लिए बार-बार फॉलो-अप करने की जरूरत न महसूस करें। मंत्रालय ने कहा कि परिचालन पूरी तरह से स्थिर होने तक ऑटोमेटिक रिफंड सिस्टम सक्रिय रहेगा।नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने बताया कि इस व्यवधान के दौरान यात्रियों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए एयरलाइन, हवाई अड्डों, सुरक्षा एजेंसियों और सभी परिचालन हितधारकों के साथ लगातार समन्वय बनाए रखा जा रहा है।- ( - नयी दिल्ली. वाहन उद्योग संगठन सियाम ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा ब्याज दरों में 0.25 प्रतिशत की कटौती के फैसले और हाल में जीएसटी दरों को युक्तिसंगत बनाये जाने से वाहन उद्योग को बढ़ावा मिलेगा, क्योंकि इससे उपभोक्ताओं के लिए वाहन कर्ज सस्ता होंगे और उनकी खरीद क्षमता बढ़ेगी। वाहन बनाने वाली कंपनियों का संगठन सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) के अध्यक्ष शैलेश चंद्रा ने कहा कि आरबीआई द्वारा शुक्रवार को घोषित 0.25 प्रतिशत की दर कटौती तथा पहले की गई रेपो दर में कमी, देश में उपभोक्ता धारणा को प्रोत्साहित करने वाले अनुकूल मौद्रिक माहौल को और मजबूत करती है। चंद्रा ने कहा, "वित्त वर्ष 2025-26 के केंद्रीय बजट में घोषित आयकर राहत उपायों और ऐतिहासिक जीएसटी 2.0 सुधारों के साथ यह कदम ग्राहकों की खरीद क्षमता को और बढ़ाएगा।'' उन्होंने कहा कि सियाम को उम्मीद है कि मौद्रिक और राजकोषीय उपायों से भारतीय वाहन उद्योग की वृद्धि को और गति मिलेगी। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को वृहद आर्थिक स्थिति और वैश्विक परिस्थितियों पर गौर करते हुए प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 0.25 प्रतिशत घटाकर 5.25 प्रतिशत कर दिया।
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नई दिल्ली। इंडिगो एयरलाइंस के संचालन में आज शनिवार को भी भारी अव्यवस्था रही, जिसके कारण देशभर में हजारों यात्री एयरपोर्ट पर फंसे रहे। मुंबई, गुवाहाटी, हैदराबाद और दिल्ली सहित कई बड़े हवाईअड्डों पर लंबी कतारें, भीड़ और अव्यवस्थित हालात देखने को मिले। इंडिगो ने शनिवार सुबह तक पूरे देश में 109 उड़ानें रद्द कीं, जिसमें 51 आगमन और 58 प्रस्थान शामिल हैं जिससे यात्रियों की मुश्किलें और बढ़ गईं। दिल्ली एयरपोर्ट पर सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ा, जहां 54 प्रस्थान और 52 आगमन सहित कुल 106 उड़ानें रद्द की गईं। हैदराबाद एयरपोर्ट के अनुसार, इंडिगो ने शनिवार के लिए कुल 69 उड़ानें रद्द की हैं, जिनमें 26 आगमन और 43 प्रस्थान शामिल हैं।पूर्वोत्तर क्षेत्र में हालात सबसे अधिक चुनौतीपूर्ण रहे। गुवाहाटी के लोकप्रिय गोपीनाथ बोरदोलोई अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर यात्रियों को घंटों इंतज़ार करना पड़ा। एक भारतीय सेना के जवान ने बताया कि उन्हें उड़ान रद्द होने की जानकारी समय पर नहीं मिली और परिवार के साथ वे एयरपोर्ट पर फंस गए। एक अन्य यात्री सुखचैन ने कहा कि उसकी 5 दिसंबर की शाम 6:30 बजे वाली उड़ान रद्द हुई, फिर उसे 6 दिसंबर को 11 बजे के लिए रीशेड्यूल किया गया, लेकिन वह उड़ान भी रद्द कर दी गईमुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर भी दूरी-दूरी तक कतारें लगी रहीं। अंतरराष्ट्रीय उड़ान से मुंबई पहुँचे दीपेेश श्रीवास्तव ने बताया कि उनकी नागपुर की कनेक्टिंग फ्लाइट बिना सूचना रद्द कर दी गई। यात्री हृदयेश ने भीड़ के बीच लोगों से शांति बनाए रखने और सहयोग करने की अपील की।उड़ानों की बड़े पैमाने पर रद्दीकरण के बाद नागरिक उड्डयन मंत्रालय (MoCA) सक्रिय हो गया है और खासकर इंडिगो के लिए तात्कालिक सुधार उपाय लागू करने के आदेश जारी किए हैं। मंत्रालय के अनुसार, उड़ान शेड्यूल आधी रात तक स्थिर होना शुरू हो जाएगा और अगले कुछ दिनों में सेवाएँ सामान्य होने लगेंगी। आदेश में यह भी कहा गया है कि उड़ान रद्द होने पर यात्रियों को ऑटोमैटिक फुल रिफंड मिलेगा और फंसे हुए यात्रियों को एयरलाइंस की ओर से होटल में ठहराने की व्यवस्था की जाएगी। वरिष्ठ नागरिकों को विशेष रूप से लाउंज एक्सेस दिया जाएगा, जबकि देर से चल रही उड़ानों के यात्रियों को स्नैक्स और जरूरी सुविधाएं प्रदान की जाएँगी। मंत्रालय ने 24×7 कंट्रोल रूम भी सक्रिय कर दिया है, जो स्थिति की निरंतर निगरानी कर रहा है। सरकार ने कहा कि DGCA द्वारा शुक्रवार को घोषित नियमों में छूट सहित सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं, ताकि उड़ानों की नियमितता बहाल की जा सके और यात्रियों की परेशानी कम हो।
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मुंबई. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बृहस्पतिवार को चालू वित्त वर्ष 2025-26 के लिए वृद्धि दर का अनुमान 6.8 प्रतिशत से बढ़ाकर 7.3 प्रतिशत कर दिया। यह संशोधन जुलाई-सितंबर तिमाही में 8.2 प्रतिशत की मजबूत आर्थिक वृद्धि को ध्यान में रखते हुए किया गया है। आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए कहा कि चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में आर्थिक गतिविधियों को आयकर एवं जीएसटी दरों को युक्तिसंगत बनाए जाने, वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में नरमी, सरकार के पूंजीगत व्यय में बढ़ोतरी और कम मुद्रास्फीति के कारण सहज मौद्रिक परिस्थितियों का लाभ मिला है। जुलाई-सितंबर तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर सभी अनुमानों से अधिक 8.2 प्रतिशत रही है जो पिछली छह तिमाहियों में सबसे अधिक है। उन्होंने कहा कि व्यापक आर्थिक संकेतक अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में भी घरेलू आर्थिक गतिविधियों के मजबूत बने रहने की ओर इशारा करते हैं। हालांकि कुछ संकेतकों में हल्की कमजोरी उभरती दिख रही है। मल्होत्रा ने कहा, "त्योहारी मांग और जीएसटी दर कटौती ने अक्टूबर-नवंबर में घरेलू खपत को सहारा दिया है। ग्रामीण मांग मजबूत बनी हुई है, जबकि शहरी मांग में स्थिर सुधार हो रहा है।" उन्होंने कहा कि निवेश गतिविधियां भी बेहतर रुझान दिखा रही हैं। गैर-खाद्य बैंक ऋण में विस्तार और उद्योगों में क्षमता उपयोग बढ़ने से निजी निवेश में तेजी आने लगी है। हालांकि, वैश्विक मांग कमजोर पड़ने से अक्टूबर में माल निर्यात में तेज गिरावट आई है और सेवा निर्यात भी नरम रहा है। आपूर्ति पक्ष पर वास्तविक सकल मूल्य-वर्द्धन (जीवीए) में 8.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई है, जिसमें उद्योग और सेवाओं दोनों ने मजबूत प्रदर्शन किया है। कृषि क्षेत्र को भी इस साल बेहतर खरीफ उत्पादन, पर्याप्त जल भंडार और रबी फसल की अच्छी बुवाई का समर्थन मिल रहा है। आरबीआई गवर्नर ने कहा, "इन सभी कारकों को ध्यान में रखा जाए तो स्थिर कीमतों पर जीडीपी वृद्धि के वित्त वर्ष 2025-26 में 7.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है जबकि तीसरी तिमाही में यह सात प्रतिशत और चौथी तिमाही में 6.5 प्रतिशत रहेगी।" उन्होंने जोखिम को संतुलित बताते हुए वित्त वर्ष 2026-27 की पहली तिमाही में वृद्धि दर के 6.7 प्रतिशत और दूसरी तिमाही में 6.8 प्रतिशत रहने का भी अनुमान जताया। मल्होत्रा ने बाह्य क्षेत्र पर कहा कि चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) में तेज बढ़ोतरी हुई है। देश के बाहर एफडीआई का प्रवाह बढ़ने के बावजूद शुद्ध एफडीआई बढ़ा है। हालांकि विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (एफपीआई) ने इस साल अप्रैल से तीन दिसंबर के दौरान शुद्ध रूप से 70 करोड़ अमेरिकी डॉलर की शुद्ध निकासी की है जो मुख्य रूप से शेयर बाजार में बिकवाली का नतीजा है। बाह्य वाणिज्यिक उधारी (ईसीबी) और अनिवासी भारतीय जमा खातों के प्रवाह में भी पिछले वर्ष की तुलना में कमी आई है। देश का विदेशी मुद्रा भंडार 28 नवंबर तक 686.2 अरब डॉलर पर पहुंच गया जो 11 महीने से अधिक के आयात खर्च के लिए पर्याप्त है। मल्होत्रा ने कहा “भारत का बाहरी क्षेत्र मजबूत है और हम अपनी बाहरी वित्तीय जरूरतों को आराम से पूरा कर सकते हैं।” उन्होंने कहा कि वैश्विक वृद्धि पहले के अनुमानों से बेहतर रही है लेकिन बदलते भू-राजनीतिक और व्यापारिक माहौल में परिदृश्य पर अनिश्चितता अब भी बनी हुई है।
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मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को वृहद आर्थिक स्थिति और वैश्विक परिस्थितियों पर गौर करते हुए प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 0.25 प्रतिशत घटाकर 5.25 प्रतिशत कर दिया। मजबूत आर्थिक वृद्धि और मुद्रास्फीति में नरमी के बीच आरबीआई ने नीतिगत दर में यह कटौती की है। इसके साथ ही आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष के लिए आर्थिक वृद्धि के अनुमान को 6.8 प्रतिशत से बढ़ाकर 7.3 प्रतिशत कर दिया। इसके अलावा महंगाई दर के अनुमान को 2.6 प्रतिशत से घटाकर दो प्रतिशत कर दिया गया है। इस तरह वर्ष 2025 में रेपो दर में अब तक कुल 1.25 प्रतिशत की कटौती की जा चुकी है। इससे पहले, केंद्रीय बैंक ने इस साल फरवरी से जून तक रेपो दर में कुल एक प्रतिशत की कटौती की थी। वहीं अगस्त और अक्टूबर में मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो दर को 5.5 प्रतिशत पर स्थिर रखा गया था। आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने छह-सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (एमपीस) की तीन-दिवसीय बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए कहा, ‘‘एमपीसी ने आम सहमति से रेपो दर को 0.25 प्रतिशत घटाकर 5.25 प्रतिशत करने का निर्णय किया है।" उन्होंने कहा कि इसके साथ ही मौद्रिक नीति के रुख को तटस्थ बनाये रखा गया है।
इसका मतलब है कि केंद्रीय बैंक आर्थिक स्थिति के हिसाब से नीतिगत दर में समायोजन को लेकर लचीला बना रहेगा। रेपो वह ब्याज दर है, जिस पर वाणिज्यिक बैंक अपनी तात्कालिक जरूरतों को पूरा करने के लिये केंद्रीय बैंक से कर्ज लेते हैं। रेपो दर में कटौती होने से आवास, वाहन समेत अन्य खुदरा कर्ज पर ब्याज में बदलाव की संभावना है। आरबीआई ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर के अनुमान को बढ़ाकर 6.8 प्रतिशत से बढ़ाकर 7.3 प्रतिशत कर दिया है। वहीं चालू वित्त वर्ष के लिए खुदरा मुद्रास्फीति के अनुमान को घटाकर 2.0 प्रतिशत कर दिया गया जबकि पहले इसके 2.6 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया था। - नयी दिल्ली. भारत में अक्टूबर में सक्रिय मोबाइल ग्राहकों की संख्या में 57 लाख की बढ़ोतरी हुई। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के हालिया आंकड़ों के आधार पर विभिन्न विश्लेषकों की रिपोर्ट के अनुसार इस दौरान जियो ने 39 लाख नए ग्राहक जोड़कर सबसे अच्छा प्रदर्शन किया। जेफरीज की रिपोर्ट के अनुसार, 2025 कैलेंडर वर्ष में मजबूत ग्राहक वृद्धि और मोबाइल डेटा का बढ़ता उपयोग औसत प्रति कमाई (एआरपीयू) के लिए सकारात्मक संकेत है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अक्टूबर में पूरे दूरसंचार क्षेत्र में सक्रिय ग्राहकों की संख्या 57 लाख बढ़कर 109.4 करोड़ तक पहुंच गई, जो पिछले पांच महीनों में सबसे बड़ी मासिक बढ़ोतरी है। अक्टूबर में जियो के सक्रिय ग्राहकों की संख्या 39 लाख बढ़कर 47.6 करोड़ हो गई, जबकि भारती एयरटेल के ग्राहकों संख्या लगभग 28 लाख बढ़कर 39.2 करोड़ पर पहुंच गई। वहीं वोडाफोन आइडिया के सक्रिय ग्राहकों की संख्या में चार लाख की कमी आई।
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नई दिल्ली। महत्त्वाकांक्षी सवारी सेवाएं देने के लिए ‘भारत टैक्सी’ का ट्रायल मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और गुजरात में शुरू हो गया। ड्राइवरों के स्वामित्व वाली दुनिया की पहली राष्ट्रीय गतिशीलता सहकारिता के रूप में प्रचारित सहकार टैक्सी कोऑपरेटिव एक देसी कंपनी है, जो ओला, उबर व रैपिडो जैसी दिग्गज सवारी सेवा प्रदाता कंपनियों से सीधे तौर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार है।
यह प्लेटफार्म पहले से ही खुद को दुनिया के सबसे बड़े ड्राइवर-स्वामित्व वाले मोबिलिटी नेटवर्क के रूप में स्थापित कर रहा है, जिसमें नई दिल्ली और गुजरात के सौराष्ट्र में कारों, ऑटो और बाइक से संबंधित 51,000 से अधिक ड्राइवर पंजीकृत हैं। भारत टैक्सी मोबाइल ऐप्लिकेशन वर्तमान में परीक्षण और प्रतिक्रिया एकत्र करने के लिए गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध है।कोऑपरेटिव ने कहा कि ऐप को जल्द ही आईओएस पर भी जारी किया जाएगा। इस सेवा की खासियत है कि यह दिल्ली मेट्रो के साथ भी एकीकृत है। इसके जरिए उपयोगकर्ता एक ही स्थान पर बुकिंग कर सकते हैं। कोऑपरेटिव के एक बयान के अनुसार, ‘ऐप की अनूठी विशेषता मेट्रो रेल जैसी परिवहन सेवाओं के साथ जुड़ना है। इससे उपयोगकर्ता एक ऐप पर सभी यात्रा बुकिंग आसानी से कर सकते हैं और परिवहन के कई साधनों का उपयोग बहुत आसानी से कर सकते हैं।’कोऑपरेटिव के अनुसार, ड्राइवरों को ग्राहकों द्वारा किए गए भुगतान का पूरा हिस्सा तो मिलेगा ही, संगठन के बोर्ड में प्रतिनिधित्व, उनके शेयरों पर लाभांश और मुनाफे में भी हिस्सेदारी हासिल होगी। कोऑपरेटिव ने सवारी और ड्राइवर दोनों के लिए सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए दिल्ली पुलिस के साथ भी सहयोग संबंधी करार किया है।एक सूत्र के अनुसार, अन्य प्लेटफार्मों के समान इसके ऐप में भी ग्राहक सहायता सुविधा होगी। साथ ही ओला, उबर और रैपिडो जैसे सवारी सेवा प्रदाता एप्लिकेशन पर ड्राइवरों के मामले में ओवरलैप होगा। हालांकि, उन्होंने कहा कि सवारियों और ड्राइवरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए दिल्ली पुलिस के साथ साझेदारी और अधिकतम आय अर्जित करने की संभावना ड्राइवरों को भारत टैक्सी ऐप से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित करेगी। -
नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की लोकपाल व्यवस्था के तहत वित्त वर्ष 2025 में पहली बार निजी क्षेत्र के बैंकों के खिलाफ शिकायत, सरकारी बैंकों से अधिक हुई है। रिजर्व बैंक द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक साल के दौरान निजी बैंकों की 1,11,119 शिकायतें आई हैं, जबकि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की 1,03,117 शिकायतें आई हैं।
आंकड़ों से पता चलता है कि रिजर्व बैंक की एकीकृत लोकपाल योजना (आरबी-आईओएस) के तहत पंजीकृत शिकायतें 13.55 प्रतिशत बढ़कर वित्त वर्ष 2025 में 13.3 लाख हो गई हैं, जो वित्त वर्ष 2024 में 11.8 लाख थीं।केंद्रीय बैंक को ऑफिस ऑफ द रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ऑब्ड्समैन (ओआरबीआईओ) और सेंट्रलाइज्ड रिसीट ऐंड प्रॉसेसिंग सेंटर (सीआरपीसी) के माध्यम से शिकायतें मिली हैं।वित्त वर्ष 2025 में ओआरबीआईओ से 2,96,000 शिकायतें मिलीं, जो इसके पहले वित्त वर्ष की तुलना में 0.82 प्रतिशत ज्यादा हैं। इसमें से बैंकों के खिलाफ सबसे ज्यादा 2,42,000 शिकायतें मिली हैं, जो कुल शिकायतों का 81.53 प्रतिशत है। इसके बाद एनबीएफसी की 43,864 शिकायतें आईं, जो वित्त वर्ष 2025 में कुल शिकायत का 14.80 प्रतिशत है। बैंकों में निजी क्षेत्र के बैंकों के खिलाफ शिकायतें सबसे ज्यादा थीं और वित्त वर्ष 2024 के 34.39 प्रतिशत की तुलना में वित्त वर्ष 2025 में कुल शिकायत में इनके खिलाफ शिकायत बढ़कर 37.53 प्रतिशत हो गई। बहरहाल सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के खिलाफ शिकायत वित्त वर्ष 2024 में सर्वाधिक थीं, जिनका प्रतिशत 38.32 से घटकर वित्त वर्ष 2025 में 34.80 प्रतिशत रह गया है।आंकड़ों से पता चलता है कि वित्त वर्ष 2025 में ऋण और एडवांस से जुड़ी सबसे अधिक 52,427 शिकायतें आई हैं। क्रेडिट कार्ड से जुड़ी शिकायतें पिछले साल से 20.04 प्रतिशत बढ़कर 50,811 हो गई हैं, जो शिकायतों में दूसरे स्थान पर है। इसके अलावा मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग को लेकर इस दौरान 49,951 शिकायतें आईं, जो कुल शिकायतों का 16.86 प्रतिशत है। -
नई दिल्ली। रिज़र्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की तीन दिन की बैठक कल से शुरू होगी। इसमें रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा शुक्रवार को द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा और मुख्य दरों की घोषणा करेंगे।रिजर्व बैंक ने इस वर्ष फरवरी में प्रमुख दरें कम करने की प्रक्रिया शुरू की थी और तीन बार रेपो रेट को 100 आधार अंक घटाकर साढे पांच प्रतिशत कर दिया था। इसके बाद रेपो दर में कोई परिवर्तन नहीं किया गया।
विशेषज्ञों का मानना है कि रिजर्व बैंक ब्याज दरों को यथावत जारी रख सकता है क्योंकि राजकोषीय मजबूती, लक्षित सार्वजनिक निवेश और जीएसटी में कटौती जैसे कई सुधारों से आर्थिक वृद्धि में तेज़ी आई है। लेकिन कुछ लोगों का मानना है कि महंगाई का दबाव कम होने पर एमपीसी बेंचमार्क ऋण दर में 25 बीपीएस की कटौती कर सकता है। -
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सोमवार को कहा कि नागरिकों को नकली मोबाइल फोन खरीदने से बचाने के लिए अब सभी नए मोबाइल हैंडसेटों में ‘संचार साथी’ मोबाइल ऐप को इंस्टॉल किया जाएगा।
सरकार के अनुसार, यह व्यवस्था टेलीकॉम संसाधनों के दुरुपयोग की रिपोर्टिंग को आसान बनाएगी और “संचार साथी” पहल की प्रभावशीलता बढ़ाएगी।28 नवंबर को जारी दिशानिर्देशों के अनुसार—मोबाइल निर्माता और आयातक यह सुनिश्चित करेंगे कि संचार साथी ऐप उपभोक्ता को पहली बार मोबाइल चालू करते समय स्पष्ट रूप से दिखाई दे।जो मोबाइल पहले से निर्मित होकर बिक्री चैनलों में मौजूद हैं, उनमें भी कंपनियों को सॉफ्टवेयर अपडेट के जरिए यह ऐप उपलब्ध कराने का प्रयास करना होगा।कंपनियों को यह प्रावधान 90 दिनों के भीतर लागू करना है और 120 दिनों में रिपोर्ट देनी होगी।दूरसंचार विभाग (DoT) “संचार साथी” पहल को आगे बढ़ा रहा है ताकि साइबर धोखाधड़ी में उपयोग होने वाली टेलीकॉम पहचान को रोका जा सके और देश की टेलीकॉम सुरक्षा मजबूत हो सके।संचार साथी पोर्टल और ऐप के माध्यम से नागरिक—मोबाइल का IMEI नंबर दर्ज कर उसकी प्रामाणिकता की जांच,संदिग्ध धोखाधड़ी की रिपोर्ट,खोए या चोरी हुए मोबाइल की जानकारी,अपने नाम से जारी मोबाइल कनेक्शनों की जांच,और बैंकों व वित्तीय संस्थानों के विश्वसनीय संपर्क विवरणदेख सकते हैं।ऐप-आधारित सेवाओं पर भी नई सख्तीDoT ने एक अन्य बयान में कहा कि कुछ ऐप-आधारित संचार सेवाएं भारतीय मोबाइल नंबरों का उपयोग करती हैं, लेकिन उन सेवाओं को बिना सिम कार्ड डाले भी चलने देती हैं।इस सुविधा का दुरुपयोग साइबर अपराधी, खासकर विदेशों से, कर रहे हैं।यह मुद्दा कई सरकारी एजेंसियों और अंतर-मंत्रालयी समूहों द्वारा उठाया गया था।इसी कारण DoT ने व्हाट्सऐप, टेलीग्राम, स्नैपचैट, अरत्ताई, शेयरचैट, जोश, जियोचैट और सिग्नल जैसे प्रमुख ऐप प्रदाताओं के साथ कई दौर की चर्चा की।चर्चाओं के बाद टेलीकॉम साइबर सुरक्षा नियम, 2024 के तहत 28 नवंबर को निर्देश जारी किए गए, ताकि टेलीकॉम पहचान के दुरुपयोग को रोका जा सके और देश की संचार सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। -
नयी दिल्ली. मोटरसाइकिल विनिर्माता रॉयल एनफील्ड की नवंबर में कुल बिक्री सालाना आधार पर 22 प्रतिशत बढ़कर 1,00,670 इकाई हो गई। कंपनी ने नवंबर, 2024 में 82,257 इकाइयां बेची थीं।
रॉयल एनफील्ड ने सोमवार को बयान में कहा कि उसकी घरेलू बिक्री नवंबर में 90,405 इकाई रही। यह नवंबर, 2024 की 72,236 इकाइयों की तुलना में 25 प्रतिशत अधिक है। कंपनी ने कहा कि समीक्षाधीन महीने में उसका निर्यात दो प्रतिशत बढ़कर 10,265 इकाई हो गया जो पिछले साल इसी महीने में यह 10,021 इकाई था। -
मुंबई. कृषि रसायन उद्योग का चालू वित्त वर्ष में राजस्व 6-7 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है। वैश्विक मांग में सुधार और पहले के बचे माल के सामान्य स्तर पर होने से राजस्व बढ़ने का अनुमान है। सोमवार को एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
क्रिसिल रेटिंग्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक स्तर पर बेहतर कृषि धरणा से चालू वित्त वर्ष में निर्यात राजस्व 8-9 प्रतिशत बढ़ जाएगा, लेकिन घरेलू मांग में ज्यादा बारिश से फसल को नुकसान, उत्पाद की वापसी और खेत तैयार होने में देरी का खतरा रहेगा। क्रिसिल रेटिंग्स के वरिष्ठ निदेशक, अनुज सेठी ने कहा, ‘‘दो साल के बड़े समायोजन के बाद प्राप्ति का स्तर स्थिर होने के साथ, 6-7 प्रतिशत की कुल वृद्धि दर परिदृश्य के मूल्य नीत होने के बजाय मात्रा नीत अधिक होना बना हुआ है।'' रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय कृषि रसायन उद्योग का राजस्व चालू वित्त वर्ष में 6-7 प्रतिशत बढ़ेगा, जिसे वैश्विक मांग में सही समय पर सुधार और पहले का बचा माल के सामान्य होने से समर्थन मिलेगा, ठीक वैसे ही जैसे लंबे मॉनसून की वजह से घरेलू उठाव धीमा हुआ है, जिससे खरीफ मौसम की बिक्री पर असर पड़ा। रिपोर्ट में कहा गया है कि अगले वित्त वर्ष में इस उद्योग का 8-10 प्रतिशत की दीर्घावधिक वृद्धि दर के दायरे में वापस आना, काफी कुछ निर्यात की रफ्तार बनाए रखने और घरेलू मांग बढ़ने पर निर्भर करता है। इस उद्योग के राजस्व में घरेलू और निर्यात बाजार दोनों का लगभग 50 प्रतिशत हिस्सा है। -
नयी दिल्ली. हीरो मोटोकॉर्प ने सोमवार को कहा कि नवंबर में उसकी कुल बिक्री सालाना आधार पर 31 प्रतिशत बढ़कर 6,04,490 इकाई हो गई। दोपहिया वाहन बनाने वाली कंपनी ने पिछले साल इसी महीने 4,59,805 इकाइयों की बिक्री की थी।
हीरो मोटोकॉर्प ने बयान में कहा कि पिछले महीने घरेलू बिक्री 5,70,520 इकाई रही, जबकि पिछले साल इसी समय में यह 4,39,777 इकाई थी। इस दौरान निर्यात बढ़कर 33,970 इकाई हो गया, जबकि पिछले साल नवंबर में यह 20,028 इकाई था। -
नयी दिल्ली. मजबूत वैश्विक रुख और कमजोर डॉलर के कारण सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में सोने की कीमतें 3,040 रुपये उछलकर 1,33,200 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गईं। अखिल भारतीय सर्राफा संघ ने यह जानकारी दी। बाजार विश्लेषकों ने कहा कि चल रहे शादियों के मौसम के बीच आभूषणों की सतत मांग के कारण कीमती धातु को समर्थन मिला। इस दौरान 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने की कीमत 3,040 रुपये बढ़कर 1,32,600 रुपये प्रति 10 ग्राम (सभी टैक्स मिलाकर) हो गई। व्यापारियों ने कहा कि सोना अब अपने सर्वकालिक उच्च स्तर 1,34,800 रुपये प्रति 10 ग्राम (99.9 प्रतिशत शुद्धता) और 1,34,200 रुपये प्रति 10 ग्राम (99.5 प्रतिशत शुद्धता) के करीब पहुंच रहा है। एचडीएफसी सिक्योरिटीज में वरिष्ठ विश्लेषक (जिंस) सौमिल गांधी ने कहा, ‘‘सोने ने पिछले हफ्ते की तेजी को आगे बढ़ाया, जिसे डॉलर के कमजोर होने, अगले हफ्ते फेडरल रिजर्व के द्वारा ब्याज दर कटौती की बढ़ती उम्मीदों, बड़े बैंकों के अच्छे अनुमानों और सेंट्रल बैंक की लगातार मजबूत खरीदारी से समर्थन मिला, ये सभी बाजार को ऊपर ले जाने में मदद कर रहे हैं।'' सर्राफा संघ के अनुसार, चांदी लगातार पांचवें दिन ऊपर चढ़ती रही, जो 5,800 रुपये बढ़कर 1,77,000 रुपये प्रति किलोग्राम (सभी टैक्स मिलाकर) हो गई। अंतरराष्ट्रीय बाजार में हाजिर सोना 42.29 डॉलर या एक प्रतिशत बढ़कर 4,261.52 डॉलर प्रति औंस हो गया, जबकि डॉलर सूचकांक 0.19 प्रतिशत घटकर 99.27 रह गया, जिससे सर्राफा कीमतों को समर्थन मिला। साल की शुरुआत से सोने की कीमत 63.6 प्रतिशत बढ़ गई है। लगातार छठे दिन बढ़ते हुए, हाजिर चांदी दो प्रतिशत बढ़कर वैश्विक बाजारों में 57.85 डॉलर प्रति औंस के नए रिकॉर्ड पर पहुंच गई। पिछले हफ़्ते चांदी 15.7 प्रतिशत उछली और 2025 में अब तक दोगुनी गई गई। ऑगमोंट में शोध प्रमुख रेनिशा चैनानी ने कहा, ‘‘चांदी की कीमत सिर्फ़ 11 महीनों में लगभग दोगुनी हो गई है और सोने से ज्यादा बढ़ी है, भले ही वर्ष 2025 में सोना सबसे लोकप्रिय जिंस था।
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नई दिल्ली। सोने और चांदी की कीमतों में आज सोमवार को तेज बढ़ोतरी देखी गई, जिससे सोने का दाम 1,28,800 रुपए प्रति 10 ग्राम और चांदी का दाम 1,75,180 रुपए प्रति किलो के पार चला गया। इंडिया बुलियन ज्वेलर्स एसोसिएशन (आईबीजेए) के मुताबिक, 24 कैरेट के 10 ग्राम सोने की कीमत 2,209 रुपए बढ़कर 1,28,800 रुपए हो गई, जबकि 22 कैरेट सोना 1,17,981 रुपए प्रति 10 ग्राम और 18 कैरेट सोना 96,600 रुपए प्रति 10 ग्राम हो गया।
चांदी में तेजी और अधिक रही। बीते 24 घंटे में चांदी की कीमत 10,821 रुपए बढ़कर 1,75,180 रुपए प्रति किलो पहुंच गई। कोटक म्यूचुअल फंड के फंड मैनेजर सतीश दोंदापति ने कहा कि वैश्विक स्तर पर आपूर्ति की कमी और इलेक्ट्रॉनिक्स, सोलर पैनल, ऑटोमोटिव जैसे उद्योगों में चांदी के बड़े उपयोग के कारण कीमतें ऑल-टाइम हाई पर पहुंची हैं। निवेश की बढ़ती मांग ने भी आपूर्ति पर दबाव डाला है।वायदा बाजार में भी सोने और चांदी की कीमतों में तेजी रही। सोने के 05 फरवरी 2026 के कॉन्ट्रैक्ट का दाम 1,30,874 रुपए तक बढ़ गया, यानी 1.06 प्रतिशत की तेजी। चांदी के 05 मार्च 2026 के कॉन्ट्रैक्ट की कीमत 1.84 प्रतिशत बढ़कर 1,78,200 रुपए हो गई। अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी सोने और चांदी रिकॉर्ड स्तर पर हैं। खबर लिखे जाने तक सोने का दाम 0.62 प्रतिशत बढ़कर 4,281 डॉलर प्रति औंस और चांदी का दाम 0.75 प्रतिशत बढ़कर 57.57 डॉलर प्रति औंस हो गया। -
नई दिल्ली। कई हाई फ्रीक्वेंसी इंडिकेटर्स से संकेत मिले हैं कि गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) में हालिया सुधारों से देश में आर्थिक गतिविधियों में बढ़ोतरी हुई है। वित्त मंत्रालय की ओर से गुरुवार को जारी किए गए मासिक इकोनॉमिक रिव्यू में यह जानकारी दी गई है। रिपोर्ट के अनुसार, जीएसटी में किए गए बदलावों ने उपभोग और मांग को बढ़ावा दिया है, जिससे आर्थिक गतिविधियां मजबूत हुई हैं।
कई हाई फ्रीक्वेंसी इंडिकेटर्स से संकेत मिले हैं कि गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) में सुधार से देश में आर्थिक गतिविधियों में बढ़ोतरी हुई है। वित्त मंत्रालय की ओर से गुरुवार को जारी किए गए मासिक इकोनॉमिक रिव्यू में यह जानकारी दी गई।रिव्यू में बताया गया कि 2025 के सितंबर और अक्टूबर के दौरान ई-वे बिल जनरेशन में सालाना आधार पर 14.4 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। वहीं, वित्त वर्ष 26 के अप्रैल से अक्टूबर की अवधि के दौरान जीएसटी संग्रह में सालाना आधार पर 9 प्रतिशत की बढ़ोकरी हुई है, जो दिखाता है कि देश में खपत और अनुपालन तेजी से बढ़ रहा है।सरकार ने कहा कि देश की मैन्युफैक्चरिंग अर्थव्यवस्था में भी तेज उछाल देखा गया है। अक्टूबर में मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) बढ़कर 59.2 हो गया है, जो कि सितंबर में 57.5 पर था। इसकी वजह जीएसटी सुधार, उत्पादकता बढ़ना और टेक्नोलॉजी में निवेश बढ़ना है।इसके अलावा सर्विस सेक्टर में भी पीएमआई अक्टूबर में 58.9 पर रहा है, जो कि गतिविधियों में बढ़त को दर्शाता है। जब भी पीएमआई 50 से ऊपर होता है तो गतिविधियों में बढ़त होती है। पेट्रोल खपत भी बढ़कर अक्टूबर में पांच महीनों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। इसमें सालाना आधार पर 7.4 प्रतिशत का इजाफा हुआ। हालांकि, डीजल में सालाना आधार पर वृद्धि करीब सपाट रही, लेकिन खपत चार महीनों के उच्चतम स्तर पर थी। पोर्ट कार्गो गतिविधियों में भी तेज वृद्धि देखी गई है और अक्टूबर में यह दोहरे अंक में बढ़ी हैं, जो दिखाता है कि व्यापारिक गतिविधियों में तेजी बनी हुई है।रिव्यू में बताया गया कि कृषि आय मजबूत रहने के कारण ग्रामीण खपत में भी काफी सुधार हुआ है। साथ ही शहरी खपत भी मजबूत बनी हुई है। जीएसटी सुधार का पूरा असर अगली दो तिमाही में देखने को मिलेगा। -
नई दिल्ली। सेंसेक्स और निफ्टी नया ऑल-टाइम हाई बनाने के बाद गुरुवार को तेजी के साथ बंद हुआ। दिन के अंत में सेंसेक्स 110.87 अंक या 0.13 प्रतिशत बढ़कर 85,720.38 पर था। सत्र के दौरान इसने 86,055.86 का नया उच्चतम स्तर बनाया।निफ्टी 10.25 अंक की मामूली बढ़त के साथ 26,215.55 पर बंद हुआ और दिन के दौरान यह अपने पुराने ऑल-टाइम हाई 26,277 को तोड़कर 26,310.45 का नया उच्चतम स्तर बनाने में कामयाब रहा।बैंकिंग सेक्टर के मुख्य सूचकांक निफ्टी बैंक ने भी 59,866.60 का नया ऑल-टाइम हाई बनाया और यह कारोबार के अंत में 209.25 अंक या 0.35 प्रतिशत की तेजी के साथ 59,737.30 पर बंद हुआ।
सेंसेक्स पैक में बजाज फाइनेंस, आईसीआईसीआई बैंक, बजाज फिनसर्व, एचयूएल, एचसीएल टेक, एचडीएफसी बैंक, इन्फोसिस, एलएंडटी, आईटीसी, कोटक महिंद्रा बैंक, टाइटन, सन फार्मा और एनटीपीसी गेनर्स थे। मारुति सुजुकी, इटरनल (जोमैटो), अल्ट्राटेक सीमेंट, एसबीआई, टाटा स्टील, टीसीएस, टेक महिंद्रा, ट्रेंट, भारती एयरटेल, पावर ग्रिड, बीईएल, एक्सिस बैंक और एमएंडएम लूजर्स थे।लार्जकैप की अपेक्षा मिडकैप और स्मॉलकैप में मिलाजुला कारोबार हुआ। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 51 अंक की मामूली तेजी के साथ 61,113 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 95 अंक या 0.53 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 17,876 पर बंद हुआ।सेक्टोरल आधार पर ऑटो, पीएसयू बैंक, मेटल, रियल्टी, एनर्जी, इन्फ्रा, कमोडिटीज, कंजप्शन और पीएसई हरे निशान में बंद हुए। वहीं, प्राइवेट बैंक, आईटी, फाइनेंशियल सर्विसेज, फार्मा, एफएमसीजी औ सर्विसेज दबाव के साथ बंद हुआ।बाजार के जानकारों ने कहा कि कारोबारी सत्र उतार-चढ़ाव भरा रहा। दिन के दौरान सेंसेक्स और निफ्टी ने नया उच्चतम स्तर बनाया, लेकिन टिकने में नाकामयाब रहे। शुक्रवार को सरकार की ओर से दूसरी तिमाही के जीडीपी के आंकड़े जारी किए जाएंगे। अगर यह उम्मीद से अच्छे रहे तो इसका बाजार पर काफी सकारात्मक असर देखने को मिल सकता है।भारतीय शेयर बाजार की शुरुआत हरे निशान में हुई थी। सुबह 9 बजकर 26 मिनट पर सेंसेक्स 268.37 अंक या 0.31 प्रतिशत की तेजी के बाद 85,877.88 स्तर पर कारोबार कर रहा था। निफ्टी 72.40 अंक या 0.28 प्रतिशत की बढ़त के बाद 26,277.70 स्तर पर बना हुआ था। - मुंबई. स्थानीय शेयर बाजार में तीन कारोबारी सत्रों से जारी गिरावट पर बुधवार को विराम लगा और चौतरफा लिवाली से बीएसई सेंसेक्स 1,000 अंक से अधिक चढ़ गया जबकि एनएसई निफ्टी ने फिर से 26,000 अंक के स्तर को प्राप्त कर लिया। अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ब्याज दर घटाने की उम्मीद के बीच वैश्विक बाजारों में तेजी और विदेशी संस्थागत निवेशकों के पूंजी प्रवाह से घरेलू बाजार में उछाल आया। तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 1,022.50 अंक यानी 1.21 प्रतिशत चढ़कर 85,609.51 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान, यह 1,057.18 अंक तक चढ़ गया था। वहीं पचास शेयरों वाला एनएसई निफ्टी 320.50 अंक यानी 1.24 प्रतिशत की बढ़त के साथ 26,205.30 अंक पर बंद हुआ। निफ्टी अपने अबतक के उच्चतम स्तर से केवल 10 अंक कम है। कारोबार के दौरान, निफ्टी 330.35 तक चढ़ गया था।विशेषज्ञों के अनुसार, रूस और यूक्रेन के बीच युद्धविराम को लेकर बढ़ती उम्मीद ने भी निवेशकों की धारणा को मजबूत किया। सेंसेक्स की कंपनियों में बजाज फिनसर्व, बजाज फाइनेंस, टाटा स्टील, रिलायंस इंडस्ट्रीज, सन फार्मा, टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स, एक्सिस बैंक और इन्फोसिस प्रमुख रूप से लाभ में रहीं। दूसरी तरफ, भारती एयरटेल और एशियन पेंट्स के शेयर नुकसान में रहे।बाजार में भागीदारी व्यापक रही। धातु, ऊर्जा और आईटी सूचकांकों में बढ़त दर्ज की गई। मझोली और छोटी कंपनियों से जुड़े सूचकांकों में भी एक प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई। एशिया के अन्य बाजारों में, दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की और हांगकांग का हैंग सेंग सकारात्मक दायरे में रहे। हालांकि, चीन का शंघाई कम्पोजिट गिरावट के साथ बंद हुआ। यूरोप के प्रमुख बाजारों में दोपहर के कारोबार में तेजी का रुख था। अमेरिकी बाजार मंगलवार को बढ़त के साथ बंद हुए। जियोजीत इन्वेस्टमेंट्स लि. के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘वैश्विक स्तर पर, दिसंबर में अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर में कटौती की बढ़ती उम्मीद के साथ ही डॉलर के कमजोर होने से बाजार धारणा में सुधार हुआ है। इसके अलावा, रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष विराम को लेकर बढ़ती उम्मीद जोखिम उठाने की क्षमता को बढ़ा रही है।'' शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने मंगलवार को 785.32 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने भी 3,912.47 करोड़ रुपये की लिवाली की। मझोली कंपनियों से जुड़ा मिडकैप सूचकांक 1.32 प्रतिशत चढ़ा जबकि छोटी कंपनियों का स्मॉलकैप 1.23 प्रतिशत के लाभ में रहा। बीएसई में सूचीबद्ध 2,800 शेयरों में तेजी रही जबकि 1,371 शेयरों में गिरावट आई। 154 शेयरों में कोई बदलाव नहीं आया। वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.03 प्रतिशत की मामूली वृद्धि के साथ 62.50 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। रेलिगेयर ब्रोकिंग लि. के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अजित मिश्रा ने कहा कि दिसंबर में अमेरिकी फेडरल रिजर्व के संभावित ब्याज दरों में कटौती को लेकर नए सिरे से उम्मीद बढ़ने और अगले महीने की शुरुआत में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती की उम्मीदों ने निवेशकों की धारणा को बेहतर बनाया। उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा, यूक्रेन और रूस के बीच शांति की दिशा में प्रगति की उम्मीद से कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट ने भी बाजार धारणा को मजबूत बनाया।'' सेंसेक्स मंगलवार को 313.70 अंक टूटा था जबकि निफ्टी में 74.70 अंक की गिरावट आई थी।





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