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- नयी दिल्ली।अमेरिका और ब्रिटेन समेत विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के कुछ सदस्य देशों ने 2022-23 के लिए कृषि कच्चे माल पर भारत की 48 अरब डॉलर की सब्सिडी पर सवाल उठाए हैं। वहीं भारत का कहना है कि मुद्रास्फीति और उर्वरकों की बढ़ती लागत के कारण सब्सिडी बढ़ी है। एक अधिकारी ने यह बात कही है। विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के इन सदस्यों ने 23-24 मई को कृषि समिति की बैठक के दौरान इस मुद्दे को उठाया था। अधिकारी ने कहा, ‘‘भारत ने कहा है कि कच्चे माल की सब्सिडी मुख्य रूप से बिजली, सिंचाई और उर्वरक के लिए है। इसका बढ़ने का कारण मुद्रास्फीति और उर्वरकों की बढ़ती लागत है। इस बारे में जानकारी डब्ल्यूटीओ को विधिवत दी गई थी।'' विश्व व्यापार संगठन 166 सदस्यीय एक वैश्विक व्यापार निकाय है। यह सदस्य देशों के बीच व्यापार को लेकर विवादों पर भी निर्णय देता है। भारत ने इन आंकड़ों को अप्रैल में डब्ल्यूटीओ को दिया था। डब्ल्यूटीओ के विशेष और अलग-अलग व्यवहार के नियमों के तहत विकासशील सदस्य देशों को कम आय वाले या गरीब किसानों को ये सब्सिडी देने की अनुमति है। अधिकारी ने कहा, ‘‘भारत की कच्चे माल पर 2022-2023 के लिए सब्सिडी के बारे में नई अधिसूचना के बाद कनाडा, ब्राजील, ऑस्ट्रेलिया, यूरोपीय संघ, जापान, ब्रिटेन और अमेरिका ने सवाल उठाये हैं।''
- नयी दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) का शुद्ध लाभ मार्च, 2024 को समाप्त चौथी तिमाही में दो प्रतिशत की मामूली बढ़त के साथ 13,763 करोड़ रुपये रहा। मुख्य रूप से वेतन वृद्धि के प्रावधान के कारण कंपनी का लाभ मामूली बढ़ा है।बीमा कंपनी को इससे पूर्व वित्त वर्ष 2022-23 की इसी तिमाही में 13,428 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था। एलआईसी ने सोमवार को शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि उसकी कुल आय बीते वित्त वर्ष 2023-24 की जनवरी-मार्च तिमाही में बढ़कर 2,50,923 करोड़ रुपये रही जो इससे पिछले वर्ष की इसी तिमाही में 2,00,185 करोड़ रुपये थी। कंपनी की पहले साल की प्रीमियम आय भी मार्च, 2024 को समाप्त तिमाही में सुधरकर 13,810 करोड़ रुपये रही, जो एक साल पहले इसी तिमाही में 12,811 करोड़ रुपये थी। पूरे वित्त वर्ष 2023-24 में एलआईसी का शुद्ध लाभ 40,676 करोड़ रुपये रहा, जो इससे पूर्व वित्त वर्ष में 36,397 करोड़ रुपये था। इस दौरान कुल प्रीमियम आय मार्च, 2024 को समाप्त तिमाही में 4,75,070 करोड़ रुपये रही जो एक साल पहले 4,74,005 करोड़ रुपये थी। एलआईसी के चेयरमैन सिद्धार्थ मोहंती ने कहा कि निदेशक मंडल ने 2023-24 के लिए छह रुपये प्रति शेयर के लाभांश की सिफारिश की है। यह शेयरधारकों की मंजूरी पर निर्भर है। इससे पहले, कंपनी ने 2023-24 में चार रुपये का अंतरिम लाभांश दिया था।मोहंती ने कहा कि अंतरिम और अंतिम लाभांश को मिलाकर यह 10 रुपये प्रति शेयर बनता है।वित्तीय आंकड़ों पर मोहंती ने कहा, ‘‘...हमारा प्रदर्शन अच्छा रहा है। अब हम सभी श्रेणियों में अपनी बाजार हिस्सेदारी को अधिकतम करने के पर ध्यान दे रहे हैं। साथ ही, हमारा ध्यान विभिन्न मापदंडों पर है, जो सभी संबंधित पक्षों के लिए बेहतर मूल्य बनाते हैं।'' एलआईसी की प्रबंधन अधीन परिसंपत्तियां 31 मार्च, 2024 को समाप्त वित्त वर्ष में 16.48 प्रतिशत बढ़कर 51,21,887 करोड़ रुपये रहीं। एक साल पहले यह 43,97,205 करोड़ रुपये थीं।
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नयी दिल्ली .लगातार तीन सत्रों की गिरावट के बाद सोमवार को सोने और चांदी की कीमतों में तेज उछाल आया। पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव के कारण विदेशी बाजार में मजबूत रुख को देखते हुए राष्ट्रीय राजधानी में सोना 220 रुपये उछलकर 72,820 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। पिछले कारोबारी सत्र में शुक्रवार को सोना 72,600 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था।
चांदी की कीमत भी 1,050 रुपये की तेजी के साथ 92,850 रुपये प्रति किग्रा पर बंद हुई। पिछले कारोबारी सत्र में यह 91,800 रुपये प्रति किग्रा पर बंद हुई थी। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ जिंस विश्लेषक सौमिल गांधी ने कहा, दिल्ली के बाजारों हाजिर सोना (24 कैरेट) की कीमत 220 रुपये की तेजी के साथ 72,820 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गयी।'' अंतरराष्ट्रीय बाजार कॉमेक्स (जिंस बाजार) में हाजिर सोना 2,344 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रहा था, जो पिछले बंद भाव से नौ डॉलर अधिक है। गांधी ने कहा कि नरम अमेरिकी डॉलर के समर्थन से सोने ने सकारात्मक रुख के साथ कारोबार फिर से शुरू किया और इजरायल द्वारा राफा में हवाई हमले के बाद पश्चिम एशिया में भू-राजनीतिक तनाव बढ़ने से, सुरक्षित निवेश के विकल्प के रूप में सोने की मांग बढ़ी है। इसके अतिरिक्त, चांदी भी बढ़कर 30.75 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गई। -
नयी दिल्ली. फिच रेटिंग्स ने सोमवार को कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की सरकार को रिकॉर्ड लाभांश देने की घोषणा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 0.6 प्रतिशत के बराबर है लेकिन इस उच्च प्रतिशत के बरकरार रह पाने की संभावना बहुत कम है। आरबीआई के निदेशक मंडल ने पिछले सप्ताह वित्त वर्ष 2023-24 में अर्जित मुनाफे में से सरकार को रिकॉर्ड 2.1 लाख करोड़ रुपये का लाभांश हस्तांतरित करने का निर्णय लिया था। यह अंतरिम बजट में निर्धारित 1.02 लाख करोड़ रुपये के अनुमान के दोगुने से भी अधिक है। फिच ने बयान में कहा कि आरबीआई को पिछले वित्त वर्ष में अधिक लाभ होने के पीछे विदेशी परिसंपत्तियों पर उच्च ब्याज राजस्व की भूमिका नजर आती है। हालांकि, केंद्रीय बैंक ने अभी तक इस बारे में कोई ब्योरा नहीं दिया है। रेटिंग एजेंसी ने कहा, ‘‘आरबीआई ने जीडीपी के 0.6 प्रतिशत के बराबर राशि सरकार को रिकॉर्ड-उच्च लाभांश के रूप में देने की घोषणा की। यह वित्त वर्ष 2024-25 के अंतरिम बजट में अपेक्षित जीडीपी के 0.3 प्रतिशत से अधिक है। इससे अधिकारियों को अल्पावधि के घाटे में कटौती के लक्ष्यों को पूरा करने में मदद मिलेगी।'' फिच ने कहा कि रिजर्व बैंक से सरकार को लाभांश हस्तांतरण विभिन्न कारकों पर निर्भर करता है जिनमें केंद्रीय बैंक की बैलेंस शीट और भारत की विनिमय दर पर मौजूद संपत्तियों का आकार और प्रदर्शन शामिल हैं। इसके साथ ही यह बैलेंस शीट में बफर रखने से संबंधित आरबीआई की राय से भी प्रभावित हो सकता है। फिच ने कहा, ‘‘हस्तांतरण की संभावित अस्थिरता का मतलब है कि उनके मध्यम अवधि के मार्ग के बारे में खासी अनिश्चितता है। हम यह अनुमान नहीं लगा पाते हैं कि जीडीपी के हिस्से के रूप में लाभांश इतने उच्चस्तर पर कायम रहेगा।'' हालांकि, इस अप्रत्याशित लाभांश हस्तांतरण से चालू वित्त वर्ष के लिए राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 5.1 प्रतिशत पर रखने के लक्ष्य करे हासिल किया जा सकेगा और इसका उपयोग मौजूदा लक्ष्य से परे घाटे को कम करने के लिए किया जा सकता है। चार जून को चुनाव परिणाम जारी होने के बाद नई सरकार का बजट जुलाई में पेश होने की संभावना है। उससे यह तय होगा कि इस लाभांश का इस्तेमाल किस तरह किया जाएगा। फिच ने कहा कि निरंतर घाटे में कमी, खासकर अगर टिकाऊ राजस्व बढ़ाने वाले सुधारों पर आधारित हो, तो मध्यम अवधि में भारत की सॉवरेन रेटिंग के बुनियादी सिद्धांतों के लिए सकारात्मक होगा।
- नयी दिल्ली.सरकार इस साल 1,00,000 टन का बफर स्टॉक बनाने के लिए प्याज के विकिरण प्रसंस्करण को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाने की योजना बना रही है। इस कदम का मकसद राजनीतिक रूप से संवेदनशील माने जाने वाले प्याज की कमी और मूल्यवृद्धि को रोकना है। एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने यह जानकारी दी है। सरकार के अनुमानों के अनुसार, महाराष्ट्र, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश जैसे प्रमुख उत्पादक राज्यों में कम पैदावार के कारण दुनिया के सबसे बड़े प्याज निर्यातक के उत्पादन में 2023-24 में 16 प्रतिशत की गिरावट आने का अनुमान है। प्याज का उत्पादन दो करोड़ 54.7 लाख टन रहने की उम्मीद है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय में सचिव निधि खरे ने कहा कि जमाखोरी को हतोत्साहित करने और अक्सर आपूर्ति में व्यवधान से उत्पन्न होने वाली कीमतों में अस्थिरता को रोकने के लिए सरकार प्याज के ‘स्वजीवन' (शेल्फ लाइफ) को बढ़ाने के लिए बड़े पैमाने पर विकिरण प्रौद्योगिकी का उपयोग करने की योजना बना रही है। खरे ने बताया, ‘‘हम उपभोग क्षेत्रों के आसपास 50 विकिरण केंद्रों की पहचान कर रहे हैं। अगर हम सफल होते हैं, तो इस साल एक लाख टन तक विकिरण-प्रसंस्कृत प्याज का भंडारण कर पाएंगे।'' मंत्रालय ने सरकारी एजेंसियों नैफेड और एनसीसीएफ से, जो इस साल बफर स्टॉक बनाने के लिए 5,00,000 टन प्याज खरीद रहे हैं, सोनीपत, ठाणे, नासिक और मुंबई जैसे प्रमुख खपत केंद्रों के आसपास विकिरण सुविधाओं की खोज करने को कहा है। पिछले साल महाराष्ट्र के उत्पादक क्षेत्र के पास 1,200 टन के छोटे पैमाने पर विकिरण प्रसंस्करण की कोशिश की गई थी। खरे ने कहा कि बफर स्टॉक के तेजी से परिवहन की सुविधा के लिए मंत्रालय प्रमुख रेल केंद्रों पर नियंत्रित वातावरण भंडारण सुविधाएं स्थापित करने पर भी विचार कर रहा है।
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नई दिल्ली। टाटा समूह की प्रमुख विमानन कंपनी एयर इंडिया के कर्मचारियों की सैलरी में बढ़ोतरी होने वाली है। इसके अलावा, कंपनी एम्प्लॉइज को उनके परफॉर्मेंस के आधार पर बोनस भी देगी। इस बात की घोषणा एयर इंडिया ने गुरुवार को की।
रिपोर्ट के मुताबिक, एयर इंडिया सीनियर कमांडर, फर्स्ट ऑफिसर्स की सैलरी में हर महीने 5 हजार रुपये से लेकर 15000 रुपये तक का इजाफा करेगा। बता दें कि जनवरी 2022 में टाटा समूह (Tata Group) द्वारा अधिग्रहण के बाद एयर इंडिया के कर्मचारियों का यह पहला अप्रैजल है।एयर इंडिया के सीएचआरओ रवींद्र कुमार जीपी ने गुरुवार को कहा कि सैलरी में वृद्धि 1 अप्रैल, 2024 से लागू मानी जाएगी। इसके साथ ही एयरलाइन ने कंपनी और पर्सनल परफॉरमेंस के आधार पर वित्त वर्ष 2023-24 (FY24) के लिए परफॉरमेंस बोनस भी देगी।उन्होंने बताया कि एयर इंडिया अगले पांच साल में खुद को पुनर्जीवित करने की प्रक्रिया में है, जिसे देखते हुए कर्मचारियों के हितों को देखते हुए प्रतिभा को आकर्षित करने के लिए प्रतिस्पर्धी वेतन वृद्धि दे रही है। एयर इंडिया में लगभग 18,000 कर्मचारी हैं।विमानन कंपनी एयर इंडिया ने ग्राउंड स्टाफ, केबिन क्रू और पायलटों के अलावा जो कर्मचारी 31 दिसंबर, 2023 से पहले कंपनी में शामिल हुए हैं उन सभी के लिए वार्षिक मूल्यांकन शुरू कर दिया है।टाटा समूह (Tata Group) की विमानन कंपनी एयर इंडिया के मुख्य कार्य अधिकारी कैंपबेल विल्सन ने 13 मई को बताया था कि विस्तारा के करीब 7 हजार कर्मचारियों का एकीकरण अगले महीने से शुरू हो जाएगा। साथ ही एयर इंडिया में इसके मर्जर को दिसंबर 2024 तक पूरा करने का भी लक्ष्य रखा है।इससे पता चलता है कि टाटा समूह ने अपनी दो पूर्ण सेवाओं वाली विमानन कंपनियों की विलय की प्रक्रिया तेज कर दी है और इससे पहले विस्तारा के मुख्य कार्य अधिकारी विनोद कन्नन ने भी इस साल जनवरी में कहा था कि उन्हें साल 2025 के मध्य तक एयर इंडिया के साथ परिचालन विलय की उम्मीद है। -
नयी दिल्ली. शेयर बाजार के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने के बीच निवेशकों की संपत्ति बृहस्पतिवार को 4.28 लाख करोड़ रुपये बढ़ गई। बीएसई का 30 शेयरों पर आधारित सूचकांक सेंसेक्स 1,196.98 अंक यानी 1.61 प्रतिशत उछलकर 75,418.04 अंक के अपने अबतक के सबसे ऊंचे मुकाम पर बंद हुआ। दिन में कारोबार के दौरान यह 1,278.85 अंक यानी 1.72 प्रतिशत बढ़कर 75,499.91 के अपने सर्वकालिक उच्चस्तर पर भी गया। इस रिकॉर्ड तेजी ने बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण 4,28,602.18 करोड़ रुपये बढ़ा दिया। इसके साथ ही इन कंपनियों का बाजार पूंजीकरण सम्मिलित रूप से बढ़कर 4,20,22,635.90 करोड़ रुपये यानी 5.05 लाख करोड़ डॉलर हो गया जो इसका नया उच्चस्तर है। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के खुदरा शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण पांच लाख करोड़ डॉलर के पार पहुंचने के साथ ही भारत इस मुकाम तक पहुंचने वाला पांचवां देश बन गया है। बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण मंगलवार को कारोबार के दौरान पहली बार पांच लाख करोड़ डॉलर के स्तर पर पहुंचा था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) पर सूचीबद्ध कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण भी बृहस्पतिवार को पांच लाख करोड़ डॉलर से आगे निकल गया।
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नयी दिल्ली। एमजी मोटर इंडिया ने चरणबद्ध तरीके से विद्युतीकरण मंच वर्टेलो को 3,000 ईवी की आपूर्ति करने के लिए एक प्रारंभिक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इस संबंध में दोनों ने एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।
एमजी मोटर इंडिया ने एक बयान में कहा कि साझेदारी के तहत लोगों को टिकाऊ परिवहन समाधान प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। देश में एक मजबूत ईवी चार्जिंग बुनियादी ढांचे की स्थापना की दिशा में भी काम करेंगे। एमजी मोटर इंडिया के मुख्य वृद्धि अधिकारी गौरव गुप्ता ने कहा, ‘एमजी इंडिया और वर्टेलो के बीच यह साझेदारी भारत के कार्बन मुक्त के साथ ही हरित तथा टिकाऊ भविष्य के लिए एक साझा दृष्टिकोण को दर्शाती है.'' वर्टेलो के मुख्य कार्यकारी अधिकारी संदीप गंभीर ने कहा, करीब 3,000 इलेक्ट्रिक कार की खरीद के लिए एमजी मोटर इंडिया के साथ यह साझेदारी दोनों संगठनों के लिए बेड़े के विद्युतीकरण में तेजी लाने और शुद्ध शून्य उत्सर्जन हासिल करने के एक सामान्य लक्ष्य के साथ नए सफर की शुरुआत का प्रतीक है।
- नयी दिल्ली। सोने में लगातार दूसरे दिन गिरावट जारी रही। वैश्विक स्तर पर बहुमूल्य धातुओं की कीमतों में गिरावट के बीच राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में बृहस्पतिवार को सोना 1,050 रुपये की गिरावट के साथ 73,550 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के अनुसार, फेडरल रिजर्व की बैठक के ब्योरे में आक्रामक रुख दिखने के बाद सोने में तेज गिरावट आई। ब्योरे से संकेत मिलता है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व के अधिकारी ब्याज दरों में कटौती करने की जल्दी में नहीं हैं। पिछले कारोबारी सत्र में सोना 74,600 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था।इसके साथ, चांदी की कीमत भी 2,500 रुपये औंधे मुंह लुढ़कते हुए 92,600 रुपये प्रति किग्रा पर बंद हुई। पिछले कारोबारी सत्र में यह 95,100 रुपये प्रति किग्रा पर बंद हुई थी। एचडीएफसी सिक्योरिटीज में वरिष्ठ विश्लेषक-जिंस सौमिल गांधी ने कहा, ‘‘विदेशी बाजारों से मंदी के संकेत लेते हुए दिल्ली के बाजारों में सोने की हाजिर कीमतें (24 कैरेट) 1,050 रुपये की गिरावट के साथ 73,550 रुपये प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रही हैं।'' अंतरराष्ट्रीय बाजार कॉमेक्स (जिंस बाजार) में हाजिर सोना 2,375 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रहा था, जो पिछले बंद भाव से 42 डॉलर कम है। चांदी की कीमत भी गिरावट के साथ 30.80 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रही थी। पिछले कारोबारी सत्र में चांदी की कीमत 31.75 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुई थी।
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मुंबई. स्थानीय शेयर बाजारों में बुधवार को तेजी रही और बीएसई सेंसेक्स 267 अंक से अधिक के लाभ में रहा। वहीं निफ्टी में लगातार पांचवें कारोबारी सत्र में तेजी रही। वैश्विक स्तर पर मिले-जुले रुख के बीच रिलायंस इंडस्ट्रीज और इन्फोसिस जैसी प्रमुख कंपनियों के शेयरों में लिवाली से बाजार में तेजी आई। तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 267.75 अंक यानी 0.36 प्रतिशत की बढ़त के साथ 74,221.06 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 354.48 अंक तक उछल गया था। इसी प्रकार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 68.75 अंक यानी 0.31 प्रतिशत की बढ़त के साथ 22,597.80 अंक पर बंद हुआ। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘वैश्विक स्तर पर मिले-जुले रुख के बीच अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक का ब्योरा जारी होने से पहले भारतीय बाजार में सकारात्मक रुख देखने को मिला। निवेशक कंपनियों की चौथी तिमाही के परिणाम और चुनाव को लेकर अनिश्चितता कम होने से आशान्वित हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘मानसून के जल्दी आने की उम्मीद से दैनिक उपभोग का सामान बनाने वाली कंपनियों (एफएमसीजी) को लेकर रुचि बढ़ी है। हालांकि, बाजार का प्रदर्शन अल्पकाल में हल्का रह सकता है क्योंकि उसे चुनाव के परिणाम का इंतजार है। एफआईआई बाजार से दूरी बनाये हुए हैं।'' सेंसेक्स के शेयरों में हिंदुस्तान यूनिलीवर, रिलायंस इंडस्ट्रीज, इन्फोसिस, एशियन पेंट्स, आईटीसी और अल्ट्राटेक सीमेंट प्रमुख रूप से लाभ में रहे। दूसरी तरफ नुकसान में रहने वाले शेयरों में भारतीय स्टेट बैंक, जेएसडब्ल्यू स्टील, एक्सिस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, टाटा स्टील तथा टाटा मोटर्स शामिल हैं। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के खुदरा शोध प्रमुख दीपक जसानी ने कहा, ‘‘निफ्टी कारोबार के दौरान सीमित दायरे में सकारात्मक रहा। यह लगातार पांचवें कारोबारी सत्र में बढ़त में रहा। यह 25 अप्रैल के बाद पहला मौका है जब निफ्टी में लगातार इतने दिन की तेजी रही है।'' छोटी कंपनियों के शेयरों का सूचकांक बीएसई स्मॉलकैप 0.18 प्रतिशत चढ़ा जबकि मझोली कंपनियों का सूचकांक 0.05 प्रतिशत नुकसान में रहा एशिया के अन्य बाजारों में चीन का शंघाई कम्पोजिट बढ़त में जबकि दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की और हांगकांग का हैंगसेंग नुकसान में रहा। यूरोप के प्रमुख बाजारों में दोपहर के कारोबार में गिरावट का रुख था। अमेरिकी बाजार वॉल स्ट्रीट मंगलवार को बढ़त में रहा। वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.84 प्रतिशत की गिरावट के साथ 82.18 डॉलर प्रति बैरल रहा।
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने मंगलवार को 1,874.54 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे। बीएसई सेंसेक्स में मंगलवार को 52.63 की गिरावट रही थी, जबकि एनएसई निफ्टी 27.05 अंक बढ़त में रहा था। -
नयी दिल्ली. देश में मई की शुरुआत में प्याज के निर्यात से प्रतिबंध हटने के बाद 45,000 टन से अधिक प्याज का निर्यात किया गया है। एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी। दुनिया के सबसे बड़े सब्जी निर्यातक ने गत दिसंबर में प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था और फिर सुस्त उत्पादन के कारण कीमतों में वृद्धि के बाद मार्च में इसे बढ़ा दिया था। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय की सचिव निधि खरे ने कहा, ‘‘ प्रतिबंध हटने के बाद से 45,000 टन से अधिक प्याज का निर्यात किया गया है। अधिकतर निर्यात पश्चिम एशिया और बांग्लादेश को किया गया।'' सरकार ने चुनाव के दौरान प्याज की कीमतें कम रखने के लिए चार मई को प्रतिबंध हटा दिया था। हालांकि, प्रति टन पर 550 अमेरिकी डॉलर का न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) लगाया गया था। खरे ने कहा कि इस साल अच्छे मानसून के पूर्वानुमान से जून से प्याज सहित खरीफ (ग्रीष्मकालीन) फसलों की बेहतर बुवाई सुनिश्चित होगी। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की एजेंसियों ने चालू वर्ष के लिए लक्षित 5,00,000 टन का भंडार (बफर स्टॉक) रखने के लिए हालिया रबी (सर्दियों) की फसल से प्याज की खरीद शुरू कर दी है। कृषि मंत्रालय के प्राथमिक अनुमान के अनुसार, महाराष्ट्र, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश जैसे प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में कम उत्पादन के कारण फसल वर्ष 2023-24 में देश का प्याज उत्पादन सालाना आधार पर 16 प्रतिशत घटकर 2.54 करोड़ टन रहने की उम्मीद है।
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नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए केंद्र सरकार को अधिशेष के रूप में दो लाख दस हजार 874 करोड़ रुपये हस्तांतरित करने की मंजूरी दे दी है। बुधवार को मुंबई में आयोजित रिजर्व बैंक के केंद्रीय निदेशक मंडल की 608वीं बैठक के दौरान इसे मंजूरी दी गई।
एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में बोर्ड ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए आकस्मिक जोखिम बफर – सीआरबी को 6 दशमलव पांच शून्य प्रतिशत तक बढ़ाने का फैसला किया। बोर्ड ने मौजूदा व्यापक आर्थिक स्थितियों और वित्तीय संकट के कारण वित्त वर्ष 2018-19 से 2021-22 के दौरान विकास और समग्र आर्थिक गतिविधि का समर्थन करने के लिए सीआरबी को रिज़र्व बैंक की बैलेंस शीट के आकार के 5 दशमलव पांच शून्य प्रतिशत पर बनाए रखने का निर्णय लिया था। 2022-23 में अर्थव्यवस्था में सुधार के साथ इसे बढ़ाकर 6 प्रतिशत कर दिया गया।बैठक में डिप्टी गवर्नर डॉ. माइकल देबब्रत पात्रा, श्री एम. राजेश्वर राव, श्री टी. रबी शंकर, श्री स्वामीनाथन जे. और केंद्रीय बोर्ड के अन्य निदेशक भी उपस्थित थे। बैठक में आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव श्री अजय सेठ और वित्तीय सेवा विभाग के सचिव डॉ. विवेक जोशी भी शामिल हुए। बोर्ड ने वर्ष 2023-24 के लिए रिज़र्व बैंक की वार्षिक रिपोर्ट और वित्तीय विवरण पर चर्चा और अनुमोदन करने के अलावा वैश्विक और घरेलू आर्थिक परिदृश्य की भी समीक्षा की। - नयी दिल्ली। विदेशी बाजारों में बहुमूल्य धातुओं की कीमतों में गिरावट के बीच राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में बुधवार को सोना 50 रुपये की गिरावट के साथ 74,600 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ। पिछले कारोबारी सत्र में सोना 74,650 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था।हालांकि, चांदी की कीमत 600 रुपये की तेजी के साथ 95,100 रुपये प्रति किग्रा पर बंद हुआ। पिछले कारोबारी सत्र में यह 94,500 रुपये प्रति किग्रा पर बंद हुई थी। अंतरराष्ट्रीय बाजार कॉमेक्स (जिंस बाजार) में हाजिर सोना 2,417 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रहा था, जो पिछले बंद भाव से तीन डॉलर कम है। एचडीएफसी सिक्योरिटीज में वरिष्ठ विश्लेषक-जिंस सौमिल गांधी ने कहा, ‘‘बुधवार को सोने में और गिरावट आई, क्योंकि निवेशकों ने अमेरिकी फेडरल रिजर्व के अधिकारियों के हाल के बयानों का मूल्यांकन किया, जिसमें ब्याज दरों में कटौती के समय को कम करके आंका गया था।'' उन्होंने कहा, ‘‘कारोबारी अब बुधवार को जारी होने वाले अमेरिकी फेडरल रिजर्व की फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (एफओएमसी) की बैठक के ब्योरे पर बारीकी से नजर रख रहे हैं, क्योंकि इनसे अमेरिकी केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति की दिशा के बारे में संकेत मिल सकता है।'' हालांकि, चांदी की कीमत बढ़त के साथ 31.75 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रही थी। पिछले कारोबारी सत्र में चांदी की कीमत 31.60 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुई थी। इस बीच, मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) के वायदा कारोबार में सोना 171 रुपये की गिरावट के साथ 73,850 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गया। सबसे ज्यादा कारोबार वाला जून अनुबंध शाम साढ़े चार बजे 73,742 रुपये प्रति 10 ग्राम के दिन के निम्नतम स्तर को छू गया। इसके अलावा, जुलाई डिलिवरी वाला चांदी का अनुबंध भी 256 रुपये की गिरावट के साथ 94,469 रुपये प्रति किलोग्राम पर कारोबार कर रहा था
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नई दिल्ली। बुद्ध पूर्णिमा या बुद्ध जयंती 23 मई को पूरे देश में मनाई जाएगी। इस दिन देश के कई राज्यों के सभी बैंक बंद रहेंगे। चाहें वह सरकारी बैंकों में सबसे बड़ा SBI हो या प्राइवेट बैंकों में सबसे बड़ा HDFC Bank। इस बीच, अगर आपको किसी भी तरह का ट्रांजैक्शन करना है तो आपको एक दिन और इंतजार करना पड़ेगा। 24 मई को बैंक खुलेंगे और 25 मई को दो वजहों से कई जगहों पर बैंक फिर बंद हो जाएंगे। हालांकि, आप चाहें तो ऑनलाइन बैंकिंग का फायदा पूरा उठा सकते हैं। UPI, नेट बैंकिंग जैसी सुविधाओं का बिना किसी रुकावट के यूज कर सकते हैं। इसके अलावा अगर कैश की जरूरत भी है तो कोई परेशान होने वाली बात नहीं है, ATM आपके घर के करीब ही कहीं होगा।
RBI की तरफ से जारी हॉलिडे लिस्ट यानी छुट्टियों की सूची में बताया गया है कि देश के कुछ राज्यों के बैंकों की शाखाएं बुद्ध पूर्णिमा के दिन यानी 23 मई को बंद रहेंगी। इसमें मिजोरम, त्रिपुरा, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, चंडीगढ़, उत्तराखंड, अरुणाचल प्रदेश, जम्मू, श्रीनगर, उत्तर प्रदेश, बंगाल, नई दिल्ली, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश और झारखंड के सभी बैंक शामिल हैं।लोक सभा चुनाव के पांच चरण पूरे हो चुके हैं। छठें चरण का मतदान 25 मई को है। इसी दिन नजरुल जयंती भी है। ऐसे में त्रिपुरा और ओडिशा के सभी बैंक बंद रहेंगे। गौरतलब है कि 25 मई को चौथा शनिवार भी है यानी महीने का दूसरा सेकंस सटर्डे। -
नई दिल्ली। देश में मई की शुरुआत में प्याज के निर्यात से प्रतिबंध हटने के बाद 45,000 टन से अधिक प्याज का निर्यात किया गया है। एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी। दुनिया के सबसे बड़े सब्जी निर्यातक ने गत दिसंबर में प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था और फिर सुस्त उत्पादन के कारण कीमतों में वृद्धि के बाद मार्च में इसे बढ़ा दिया था।
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय की सचिव निधि खरे ने कहा, ‘‘ प्रतिबंध हटने के बाद से 45,000 टन से अधिक प्याज का निर्यात किया गया है। अधिकतर निर्यात पश्चिम एशिया और बांग्लादेश को किया गया।’’सरकार ने चुनाव के दौरान प्याज की कीमतें कम रखने के लिए चार मई को प्रतिबंध हटा दिया था। हालांकि, प्रति टन पर 550 अमेरिकी डॉलर का न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) लगाया गया था। खरे ने कहा कि इस साल अच्छे मानसून के पूर्वानुमान से जून से प्याज सहित खरीफ (ग्रीष्मकालीन) फसलों की बेहतर बुवाई सुनिश्चित होगी।उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की एजेंसियों ने चालू वर्ष के लिए लक्षित 5,00,000 टन का भंडार (बफर स्टॉक) रखने के लिए हालिया रबी (सर्दियों) की फसल से प्याज की खरीद शुरू कर दी है।कृषि मंत्रालय के प्राथमिक अनुमान के अनुसार, महाराष्ट्र, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश जैसे प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में कम उत्पादन के कारण फसल वर्ष 2023-24 में देश का प्याज उत्पादन सालाना आधार पर 16 प्रतिशत घटकर 2.54 करोड़ टन रहने की उम्मीद है। -
नई दिल्ली। पेटीएम की पैरेंट कंपनी वन 97 कम्युनिकेशंस ने वित्त वर्ष 2023-24 की (जनवरी-मार्च) चौथी तिमाही के नतीजे का ऐलान कर दिया है। 31 मार्च को समाप्त चौथी तिमाही में वन 97 कम्युनिकेशंस का घाटा बढ़कर 550 करोड़ रुपये हो गया है। इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में फिनटेक कंपनी को 167.5 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था।
वन 97 कम्युनिकेशंस ने बुधवार को शेयर बाजार को दी सूचना में बताया कि वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही में कंपनी की परिचालन आय 2.8 फीसदी घटकर 2,267.1 करोड़ रुपये हो गई। इससे पिछले वित्त वर्ष की जनवरी-मार्च तिमाही में यह 2,464.6 करोड़ रुपये थी। इस दौरान परिचालन से समेकित राजस्व साल-दर-साल 2.9 फीसदी गिरकर 2,334.5 करोड़ रुपये से 2,267.1 करोड़ रुपये हो गया। कंपनी का क्रमिक रूप से राजस्व 2,850.5 करोड़ रुपये से 20.5 फीसदी गिर गया।इसके अलावा फिनटेक कंपनी वन 97 कम्युनिकेशंस का पूरे वित्त वर्ष 2023-24 में घाटा कम होकर 1,422.4 करोड़ रुपये रह गया, जबकि वित्त वर्ष 2022-23 में यह 1,776.5 करोड़ रुपये था। पेटीएम का वार्षिक राजस्व करीब 25 फीसदी बढ़कर 9,978 करोड़ रुपये हो गया, जो वित्त वर्ष 2022-23 में 7,990.3 करोड़ रुपये रहा था। पेटीएम ने पीपीबीएल पर आरबीआई के प्रतिबंध से 300-500 करोड़ रुपये के नुकसान होने का अनुमान लगाया था।उल्लेखनीय है कि वन 97 कम्युनिकेशंस के पास पेटीएम ब्रांड का स्वामित्व है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने 15 मार्च, 2024 से व्यापारियों सहित उपभोक्ताओं के हित को ध्यान में रखते हुए पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (पीपीबीएल) को किसी भी ग्राहक खाते, वॉलेट और फास्टैग में जमा, क्रेडिट लेन-देन या टॉप-अप स्वीकार करने से रोक दिया है। -
नयी दिल्ली. अप्रैल महीने में घरेलू हवाई यात्रियों की संख्या सालाना आधार पर 3.88 प्रतिशत बढ़कर 1.32 करोड़ हो गई। मंगलवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गई। पिछले साल अप्रैल में घरेलू हवाई यातायात का आंकड़ा 1.28 करोड़ था।
नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) के आंकड़ों के मुताबिक, एयरलाइंस ने 1,370 यात्रियों को विभिन्न वजहों से उड़ान भरने की मंजूरी नहीं दी और इसपर दिए जाने वाले मुआवजे एवं सुविधाओं पर 1.36 करोड़ रुपये खर्च किए गए। आंकड़ों से पता चलता है कि अप्रैल में कुल 32,314 उड़ानें रद्द हुईं जिसकी वजह से एयरलाइंस को मुआवजे एवं सुविधाओं पर 89.26 लाख रुपये खर्च करने पड़े। पिछले महीने कुल 1,09,910 उड़ानें तय समय से देरी से रवाना हुईं। इससे जुड़ी यात्री सुविधाओं पर एयरलाइंस ने 1.35 करोड़ रुपये खर्च किए। समय पर प्रदर्शन के मामले में अकासा एयर 89.2 प्रतिशत के साथ शीर्ष पर रही। इसके बाद एआईएक्स कनेक्ट (79.5 प्रतिशत), विस्तारा (76.2 प्रतिशत), इंडिगो (76.1 प्रतिशत), एयर इंडिया (72.1 प्रतिशत), स्पाइसजेट (64.2 प्रतिशत) और एलायंस एयर (49.5 प्रतिशत) का स्थान रहा। पिछले महीने इंडिगो की बाजार हिस्सेदारी बढ़कर 60.6 प्रतिशत हो गई, जबकि एयर इंडिया की हिस्सेदारी बढ़कर 14.2 प्रतिशत हो गई। हालांकि, विस्तारा और एआईएक्स कनेक्ट की बाजार हिस्सेदारी घटकर क्रमशः 9.2 प्रतिशत और 5.4 प्रतिशत रह गई। एयर इंडिया, विस्तारा और एआईएक्स कनेक्ट तीनों ही एयरलाइंस टाटा समूह का हिस्सा हैं।
अप्रैल में अकासा एयर की बाजार हिस्सेदारी 4.4 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रही, वहीं स्पाइसजेट की बाजार हिस्सेदारी घटकर 4.7 प्रतिशत रह गई। डीजीसीए ने कहा, ‘‘जनवरी-अप्रैल के दौरान घरेलू एयरलाइंस से सफर करने वाले यात्रियों की संख्या 523.46 लाख थी, जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में यह संख्या 503.93 लाख थी। इस तरह 3.88 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि और 2.42 प्रतिशत की मासिक वृद्धि दर्ज की गई। -
नयी दिल्ली. विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) के यात्रा एवं पर्यटन विकास सूचकांक-2024 में भारत 39वें स्थान पर पहुंच गया है। 2021 में जारी सूची में भारत 54वें स्थान पर था। डब्ल्यूईएफ के अनुसार, अमेरिका इस सूची में शीर्ष पर है। भारत, दक्षिण एशिया और निम्न-मध्यम-आय वाली अर्थव्यवस्थाओं में सर्वोच्च स्थान पर है। भारत 2021 में प्रकाशित सूचकांक में 54वें स्थान पर था। हालांकि, सूचकांक मापदंडों में किए गए बदलाव इसकी पिछले वर्षों से तुलना को सीमित करते हैं। अमेरिका के बाद स्पेन, जापान, फ्रांस और ऑस्ट्रेलिया 2024 की सूची में शीर्ष पांच में शामिल हैं। जर्मनी छठे स्थान पर और उसके बाद शीर्ष 10 में ब्रिटेन, चीन, इटली और स्विट्जरलैंड ने जगह बनाई है। परिणामों ने इस तथ्य को रेखांकित किया है कि उच्च आय वाली अर्थव्यवस्थाओं में आमतौर पर यात्रा तथा पर्यटन विकास के लिए अधिक अनुकूल परिस्थितियां बनी रहती हैं। इसे अनुकूल कारोबारी माहौल, गतिशील श्रम बाजार, खुली यात्रा नीतियों, मजबूत परिवहन तथा पर्यटन बुनियादी ढांचे और अच्छी तरह से विकसित प्राकृतिक, सांस्कृतिक तथा ऐसे स्थानों से मदद मिली जहां अक्सर लोग अवकाश के लिए नहीं जाते।
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नयी दिल्ली. राष्ट्रीय राजधानी में मंगलवार को सोने और चांदी की कीमतें अपने रिकॉर्ड ऊंचाई से नीचे आईं। कमजोर वैश्विक रुख और मुनाफावसूली के कारण सोने की कीमत में 550 रुपये प्रति 10 ग्राम की गिरावट दर्ज हुई। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के अनुसार, सोने की कीमतें अमेरिकी फेडरल रिजर्व के सदस्यों में से एक की तीखी टिप्पणियों से प्रभावित हुईं, जिन्होंने सुझाव दिया कि मुद्रास्फीति को लक्ष्य पर वापस लाने के लिए ब्याज दरों को लंबी अवधि तक मौजूदा स्तर पर जारी रखने की आवश्यकता होगी। सोने की कीमत 550 रुपये गिरकर 74,650 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गई।
पिछले सत्र में सोना 75,200 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। राष्ट्रीय राजधानी में चांदी की कीमतें 1,600 रुपये टूटकर 94,500 रुपये प्रति किलोग्राम रह गईं। पिछले सत्र में यह 96,100 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (जिंस) सौमिल गांधी ने कहा, ‘‘दिल्ली में हाजिर सोना (24 कैरेट) 74,650 रुपये प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रहा था जो पिछले बंद भाव से 550 रुपये की गिरावट दर्शाता है।'' अंतरराष्ट्रीय बाजार, कॉमेक्स (जिंस बाजार) में सोना हाजिर 2,420 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रहा था जो पिछले बंद भाव 22 डॉलर नीचे है। चांदी का भाव 31.60 डॉलर प्रति औंस था।
विशेषज्ञों के अनुसार, व्यापारी फेडरल रिजर्व के अधिकारियों की टिप्पणियों के साथ-साथ बुधवार को जारी होने वाली फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (एफओएमसी) की बैठक के ब्योरे पर बारीकी से नजर रखेंगे, जो अमेरिकी केंद्रीय बैंक के मौद्रिक नीति दृष्टिकोण पर अधिक जानकारी प्रदान करेगा। -
मुंबई. भारत सकल मांग और गांवों में गैर-खाद्यान्न वस्तुओं पर खर्च बढ़ने के साथ बहुप्रतीक्षित आर्थिक उड़ान भरने की दहलीज पर है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के मंगलवार को जारी मई बुलेटिन में यह कहा गया है। बुलेटिन में प्रकाशित ‘अर्थव्यवस्था की स्थिति' पर एक लेख में कहा गया है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए परिदृश्य नाजुक होता जा रहा है। इसका कारण एक तरफ मुद्रास्फीति में में जो गिरावट आ रही थी, वह अब थमती जा रही है, वहीं दूसरी तरफ वैश्विक वित्तीय स्थिरता के लिए जोखिम फिर से बढ़ रहा है। इसमें कहा गया है कि पूंजी प्रवाह अस्थिर हो गया है क्योंकि घबराए निवेशक जोखिम लेने से बचने लगे हैं। यह लेख रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर माइकल देबब्रत पात्रा की अगुवाई वाली टीम ने लिखा है। लेख में कहा गया है, ‘‘यह उम्मीद बढ़ रही है कि भारत बहुप्रतीक्षित आर्थिक उड़ान की दहलीज पर है। इसका कारण हाल के संकेत है जो कुल मांग की गति में तेजी की ओर इशारा कर रहे हैं।'' इसमें कहा गया है कि कम से कम दो वर्षों में पहली बार पिछली तिमाही में दैनिक उपयोग की उपभोक्ता वस्तुओं (एफएमसीजी) की गांवों में मांग शहरी बाजारों से आगे निकल गई है। घरेलू और व्यक्तिगत देखभाल से जुड़े उत्पादों की मजबूत मांग से एफएमसीजी वस्तुओं की मात्रा में वृद्धि 6.5 प्रतिशत रही। इस वृद्धि को 7.6 प्रतिशत की ग्रामीण वृद्धि से गति मिली। वहीं शहरी क्षेत्रों में वृद्धि 5.7 प्रतिशत थी। लेख में निजी निवेश के बारे में लिखा गया है कि सूचीबद्ध निजी विनिर्माण कंपनियों ने कमाई का कुछ हिस्सा जो अपने पास रखा, वह 2023-24 की दूसरी छमाही में कोष का प्रमुख स्रोत बना रहा। सूचीबद्ध कंपनियों के अबतक घोषित वित्तीय परिणाम बताते हैं कि उन्होंने वित्त वर्ष 2023-24 की जनवरी-मार्च तिमाही में सालाना और तिमाही आधार पर राजस्व में जो वृद्धि हासिल की, वह सर्वाधिक थी। लेख में लिखा गया है कि हेडलाइन (सकल) मुद्रास्फीति में इस साल अप्रैल में मामूली कमी आई। यह हमारी उम्मीदों के अनुरूप है। ईंधन के दाम में नरमी और मुख्य मुद्रास्फीति के नीचे आने तथा ऐतिहासिक रूप से निचले स्तर पर पहुंचने के बावजूद खाद्य श्रेणी में सब्जियों, अनाज, दाल, मांस और मछली की कीमतें निकट अवधि में खुदरा मुद्रास्फीति को ऊंची और पांच प्रतिशत के करीब रख सकती हैं। यह अप्रैल में मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) के अनुमान के अनुरूप है। केंद्रीय बैंक ने साफ कहा कि बुलेटिन में लिखी बातें लेखकों के विचार हैं और भारतीय रिजर्व बैंक के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।
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नई दिल्ली। रिपोर्ट्स के अनुसार, Apple iPhone 14 की बॉडी वाला एक नया iPhone SE बनाने पर काम कर रहा है, जो 2025 में आने वाला है। अगले आने वाले iPhone SE की कीमत पिछले मॉडल से ज्यादा हो सकती है। खबरों के मुताबिक, अमेरिका में इसकी कीमत 10% तक बढ़ सकती है। रिपोर्ट्स के अनुसार, Apple iPhone 14 की बॉडी वाला एक नया iPhone SE बनाने पर काम कर रहा है, जो 2025 में आने वाला है।
अगर दाम 10% बढ़ता है, तो ये फोन 469 डॉलर में लॉन्च हो सकता है। हालांकि, ये भी हो सकता है कि Apple इसे 429 डॉलर में ही लॉन्च करे, जितनी कीमत मौजूदा मॉडल की है।मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इसमें iPhone 14 की तरह ही 6.1 इंच की स्क्रीन हो सकती है, जिसमें ऊपर की तरफ एक notch होगा। इस notch में फ्रंट कैमरा और Face ID सेंसर होंगे। गौर करें कि अभी वाले iPhone SE में होम बटन और Touch ID के साथ 4.7 इंच की डिस्प्ले है, तो ये काफी बड़ा बदलाव होगा।साथ ही, नया मॉडल iPhone 15 सीरीज़ की तरह फ्लैट फ्रेम और चमकदार बैक पैनल वाला हो सकता है, इसके पीछे सिर्फ एक ही कैमरा होगा। नया SE, iPhone 15 सीरीज़ से भी कुछ फीचर्स ले सकता है, जैसे कि USB Type-C पोर्ट। कुछ खबरों में ये भी बताया जा रहा है कि इसमें iPhone 15 Pro और Pro Max की तरह “Mute Switch” की जगह एक “Action Button” हो सकता है। file photo -
नयी दिल्ली. सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) का मार्च में समाप्त बीते वित्त वर्ष की चौथी तिमाही का एकीकृत शुद्ध लाभ दो प्रतिशत की मामूली गिरावट के साथ 1,126.68 करोड़ रुपये रहा है। सेल ने शेयर बाजारों को यह जानकारी दी। कंपनी ने बताया कि कच्चे माल की कीमतों में तेजी के चलते उसका मुनाफा प्रभावित हुआ।
इससे एक साल पहले की समान अवधि में कंपनी ने 1,159.21 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया था।
वित्त वर्ष 2023-24 की मार्च तिमाही में कंपनी का परिचालन राजस्व घटकर 27,958.52 करोड़ रुपये रह गया, जो इससे एक साल पहले 29,130.66 करोड़ रुपये था। पूरे वित्त वर्ष 2023-24 के लिए सेल का शुद्ध लाभ बढ़कर 3,066.67 करोड़ रुपये हो गया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 2,176.53 करोड़ रुपये था। कंपनी के निदेशक मंडल ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए प्रति शेयर एक रुपये के अंतिम लाभांश को भी मंजूरी दी। सेल के चेयरमैन अमरेंदु प्रकाश ने कहा कि घरेलू बाजार मांग में लगातार वृद्धि को दर्शाते हुए काफी मजबूत बने हुए हैं। -
नयी दिल्ली. घरेलू बचत को वायदा और विकल्प (एफएंडओ) कारोबार में निवेश करने के प्रति आगाह करते हुए मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने शनिवार को कहा कि एफएंडओ कारोबार में छोटे निवेश पर फिर से विचार करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए है क्योंकि इस कारोबार में अलग तरह की वित्तीय साक्षरता की आवश्यकता होती है। नागेश्वरन ने सीआईआई के वार्षिक कारोबारी सम्मेलन, 2024 में कहा कि जब भी वित्तीय क्षेत्र का विकास, राष्ट्रीय विकास से पहले हुआ है, तो ऐसे देशों के लिए नतीजे अच्छे नहीं रहे हैं। उन्होंने कहा, ''एशियाई संकट 1997-98 इसका एक बहुत महत्वपूर्ण उदाहरण है।''
सीईए ने कहा, जब हम इस तथ्य पर गर्व करते हैं कि हमारे पास वायदा और विकल्प (एफएंडओ) में दुनिया की सबसे बड़ी कारोबारी मात्रा है, तो हमें खुद से पूछने की जरूरत है कि यह प्रगति का संकेत है या चिंता का संकेत है।'' मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) ने कहा कि वित्तीय क्षेत्र को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि पूंजी बाजार उन क्षेत्रों में बढ़े, जहां हम वास्तव में भारतीय घरेलू बचत का उपयोग उत्पादक उद्देश्यों के लिए कर सकते हैं। नागेश्वरन ने कहा, ''वायदा और विकल्प में छोटी राशि के निवेश पर हमें पुनर्विचार करने की जरूरत है, क्योंकि इसके लिए जरूरी वित्तीय साक्षरता बहुत अलग है।'' सरकारी आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2022-23 के अंत में शुद्ध घरेलू बचत तीन वर्षों में नौ लाख करोड़ रुपये घटकर 14.16 लाख करोड़ रुपये रह गई है। इस दौरान शेयर बाजार और म्यूचुअल फंडों में निवेश तेजी से बढ़ा है। -
बेंगलुरु. पल्लू, दुपट्टे और जैकेट पर खूबसूरत रंगों में की गई कढ़ाई और पेंटिंग घाटगे शाही परिवार का एक रहस्य रहा होगा, जिसका इस्तेमाल प्रियजनों के कपड़ों को प्यार से सजाने के लिए किया जाता था। हालांकि क्रिकेटर जहीर खान की व्यावसायिक समझ से अब यह एक ब्रांड 'अकुती' में तब्दील हो गया है। अभिनेत्री, मॉडल एवं राष्ट्रीय स्तर की पूर्व हॉकी चैंपियन सागरिका घाटगे 'अकुती' ब्रांड को अपनी मां उर्मिला घाटगे के साथ चलाती हैं। सागरिका घाटगे ने कहा, “हाथ से पेंटिंग मेरे बचपन का हिस्सा रहे हैं। मेरी मां लंबे समय से यह करती रही हैं। हालांकि शुरू में मैं इसे उतनी गंभीरता से नहीं लेती थी, लेकिन मेरे पति (जहीर खान) ने मुझे इसे एक विशेष कलेक्शन बनाने के लिए प्रोत्साहित किया।'' मां-बेटी की जोड़ी ने बेंगलुरु में ‘फोर सीजन्स' में अपने कलेक्शन की शुरुआत की। सोलह मई को होटल में एक दिन के लिए साड़ियों, दुपट्टों और ब्लेजर का संग्रह प्रदर्शित किया गया। घाटगे ने कहा कि जब उन्होंने लगभग एक साल पहले इसकी शुरुआत करने का फैसला किया, तो एक ब्रांड नाम के लिए ‘अकुती' एक स्वाभाविक पसंद बन गई, जिसका मराठी में अर्थ राजकुमारी होता है। खान ने कहा, ‘‘हां, वह एक राजकुमारी है।" घाटगे ने कहा कि यह नाम सिर्फ उनके खानदान का संकेत नहीं है, बल्कि उनके परिवार की सभी महिलाओं के लिए एक सम्मान भी है। घाटगे ने कहा, "अकुती समय में पीछे ले जाता है।" उन्होंने कहा कि डिज़ाइन की प्रेरणा सीधे कोल्हापुर के शाही घाटगे परिवार के बगीचों से आती है। घाटगे ने कहा, "मेरी मां वास्तव में बागवानी में रुचि रखती हैं और हमारे बगीचे में खिलने वाले फूल हमारे कपड़ों पर हाथ से पेंट की गई डिजाइन में तब्दील हो जाते हैं।
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नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने शुक्रवार को स्पाइसजेट विवाद मामले में अजय सिंह को राहत दी। अदालत ने एकल पीठ के उस आदेश को रद्द कर दिया जिसमें मीडिया दिग्गज कलानिधि मारन को 579 करोड़ रुपये ब्याज के साथ लौटाने का स्पाइसजेट और उसके प्रवर्तक अजय सिंह को निर्देश दिया गया था।न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा और न्यायमूर्ति रविंदर डुडेजा की पीठ ने एकल पीठ के 31 जुलाई, 2023 के आदेश को चुनौती देने वाली सिंह और स्पाइसजेट की तरफ से दायर अपील को मंजूर कर लिया। पीठ ने कहा, “यह अपील स्वीकार की जाती है। नतीजतन 31 जुलाई, 2023 का (एकल न्यायाधीश का) आदेश रद्द किया जाता है।”
खंडपीठ ने पहले एकल न्यायाधीश के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था और मारन एवं उनकी कंपनी काल एयरवेज से अपील पर जवाब देने को कहा था। स्पाइसजेट और सिंह के वकील ने पहले दलील दी थी कि उनकी चुनौती 18 प्रतिशत ब्याज के मसले पर थी जिसे मध्यस्थता न्यायाधिकरण ने स्पाइसजेट को भुगतान करने का निर्देश दिया था।एकल न्यायाधीश ने मारन और काल एयरवेज के पक्ष में 20 जुलाई, 2018 को मध्यस्थता न्यायाधिकरण के दिए गए निर्णय को बरकरार रखा था। सिंह ने मध्यस्थता न्यायाधिकरण के फैसले को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। यह मामला जनवरी, 2015 का है जब सिंह ने संसाधनों की कमी के कारण महीनों तक बंद रहने के बाद एयरलाइन को मारन से वापस खरीद लिया था। न्यायाधिकरण ने मारन को निर्देश दिया था कि सिंह और एयरलाइन को दंडात्मक ब्याज के रूप में 29 करोड़ रुपये का भुगतान करें। वहीं सिंह को ब्याज के साथ 579 करोड़ रुपये वापस करने के लिए कहा गया था।