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नयी दिल्ली. जीओसीएल कॉरपोरेशन को विस्फोटकों की आपूर्ति करने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) से 766 करोड़ रुपये का ऑर्डर मिला है। विस्फोटकों का उपयोग खनन क्षेत्रों में विस्फोट करने के लिए किया जाता है।
कंपनी ने शुक्रवार को जारी एक बयान में कहा कि यह ऑर्डर अक्टूबर, 2023 से अक्टूबर, 2025 यानी दो साल में पूरा किया जाएगा। बयान के मुताबिक, “कोल इंडिया से मिले 766 करोड़ रुपये के ऑर्डर के तहत उसे विस्फोटकों की थोक में आपूर्ति करनी है।” जीओसीएल कॉरपोरेशन खनन क्षेत्र की ढांचागत परियोजनाओं के लिए भी माल की आपूर्ति करती है। -
नयी दिल्ली. पर्सनल कम्प्यूटर विनिर्माता एचपी ने वैश्विक प्रौद्योगिकी कंपनी एप्पल की वरिष्ठ कार्यकारी अधिकारी इप्सिता दासगुप्ता को अपने भारतीय कारोबार का नया प्रमुख नियुक्त किया है। कंपनी ने एक बयान में कहा, “दासगुप्ता वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक के रूप में भारत, बांग्लादेश और श्रीलंका में एचपी की रणनीति और लाभ-हानि से जुड़े सभी पहलुओं को देखेंगी।” इससे पहले दासगुप्ता एप्पल के मुख्यालय में एप्पल सर्विसेज की वरिष्ठ निदेशक (विपणन) के रूप में कार्यरत थीं। बयान के मुताबिक, दासगुप्ता 30 अक्टूबर को एचपी के साथ जुड़ेंगी और मुख्य वाणिज्यिक अधिकारी डेविड मैकक्वेरी के अधीन काम करेंगी। मैकक्वेरी ने कहा, “भारत एचपी के लिए एक प्रमुख वृद्धि क्षेत्र है और मैं इस गतिशील बाजार में अपनी रफ्तार को जारी रखने के लिए इप्सिता का स्वागत करते हुए रोमांचित हूं।” विभिन्न उद्योगों में 24 वर्षों का अंतर्राष्ट्रीय परिचालन अनुभव रखने वालीं दासगुप्ता ने कहा, “मैं एचपी इंडिया मार्केट के प्रबंध निदेशक की भूमिका निभाने के लिए रोमांचित और सम्मानित महसूस कर रही हूं और इस बाजार में अपनी क्षमता से काम करने के लिए प्रतिभाशाली टीम के साथ काम करने को उत्सुक हूं।
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नई दिल्ली। ब्याज दरों में तेजी के साथ साथ यूएस डॉलर इंडेक्स और बॉन्ड यील्ड में जबरदस्त इजाफे के बावजूद इस वर्ष सोने ने जुझारूपन दिखाते हुए बेहतर प्रदर्शन किया है। सोने ने इस साल अब तक 9 फीसदी जबकि पिछले एक साल में 20 फीसदी का रिटर्न दिया है। मिडिल ईस्ट में जारी सैन्य संघर्ष और अमेरिका में आगे ब्याज दरों में बढ़ोतरी की क्षीण होती संभावना के बीच इंटरनैशनल मार्केट में शुक्रवार यानी 20 अक्टूबर को सोने की कीमत बढ़कर अपने 3 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई। स्पॅाट गोल्ड 0.2 फीसदी की मजबूती के साथ 1,978 डॉलर प्रति औंस दर्ज किया गया। 20 जुलाई के बाद यह स्पॉट गोल्ड का सबसे ऊपरी स्तर है। जबकि यूएस फ्यूचर्स 0.5 फीसदी बढ़कर 1,990 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच गया।
घरेलू बाजार में एमसीएक्स (MCX) पर सोने का बेंचमार्क दिसंबर फ्यूचर्स भी 1 फीसदी से ज्यादा की तेजी के साथ 60,925 रुपये प्रति 10 ग्राम दर्ज किया गया। जबकि 5 अक्टूबर को बेंचमार्क कॉन्ट्रैक्ट 56,075 रुपये प्रति 10 ग्राम के निचले स्तर तक नीचे चला गया था।जानकारों के अनुसार ग्लोबल बैंकिंग संकट और अमेरिका में डेट-सीलिंग को लेकर बने गतिरोध ने अप्रैल, मई की शुरुआत में कीमतों को तगड़ा सपोर्ट किया। जिस वजह से उस समय इंटरनैशनल कीमतें अपने ऑल टाइम हाई के काफी करीब चली गई थी। इसी वर्ष 6 मई को स्पॉट गोल्ड 2,072.19 डॉलर प्रति औंस की ऊंचाई तक चला गया। जबकि 2020 में इसने 2,072.49 का ऑल टाइम हाई बनाया था। ठीक उसी तरह यूएस गोल्ड फ्यूचर्स (US gold futures) भी 6 मई को यह 2,085.40 की ऊंचाई तक जा पहुंचा । जबकि अगस्त 2020 में इसने 2,0892 का रिकॉर्ड हाई बनाया था।जबकि घरेलू बाजार में इसी वर्ष 6 मई को MCX पर सोने की कीमत 61,845 रुपये प्रति 10 ग्राम के अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गई थी।कीमतों में मौजूदा तेजी की वजह जियो पॉलिटिकल टेंशन है। लेकिन इन शॉर्ट-टर्म सपोर्ट को छोड़ दें तो विश्व के बड़े केंद्रीय बैकों खासकर चीन के केंद्रीय बैक की तरफ से आ रही खरीद ने इस साल अभी तक सोने को न सिर्फ औंधे मुंह गिरने से बचाया है बल्कि कीमतों को एक हद तक मजबूती बख्शी है।निर्मल बंग के कुणाल शाह के मुताबिक यूएस डॉलर इंडेक्स और बॉन्ड यील्ड में तेजी के बावजूद गोल्ड में मौजूदा तेजी की वजह इजरायल और हमास के बीच जारी सैन्य संघर्ष है लेकिन अमेरिका में ब्याज दरों में कटौती को लेकर जब स्थिति स्पष्ट होगी तब केंद्रीय बैंकों की खरीदारी सही मायने में सोने को तेजी देगी। उन स्थितियों में सोने में एक शानदार और टिकाऊ रैली देखी जा सकती है।ज्यादातर जानकार मान रहे हैं कि अगले साल दूसरी छमाही में अमेरिकी फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में कटौती का सिलसिला शुरू कर सकता है।कहां तक जा सकती हैं कीमतें?कुणाल शाह के मुताबिक अगले साल की शुरुआत से ही सोने की कीमतों में शानदार तेजी शुरू हो सकती है। कैलेंडर ईयर 2024 के अंत तक इंटरनैशनल मार्केट में सोना 2,400 डॉलर प्रति औंस जबकि घरेलू बाजार में 70 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम तक ऊपर जा सकता है। शाह मानते हैं कि केंद्रीय बैंकों की खरीद के साथ साथ फिजिकल और ईटीएफ बॉयिंग में आगे अच्छी खासी तेजी आएगी। अभी भी भारत और चीन जैसे देशों में मजबूत फिजिकल बाइंग आ रही है। हालांकि कीमतों में आई हालिया तेजी के बाद भारत में डीलर्स गोल्ड पर 4 डॉलर प्रति औंस तक का डिस्काउंट दे रहे हैं। उधर चीन में प्रीमियम घटकर 44 -49 डॉलर प्रति औंस रह गया है। - मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) से संबंधित कुछ नियमों का पालन नहीं करने पर एलएंडटी फाइनेंस लिमिटेड पर 2.5 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। आरबीआई ने शुक्रवार को कहा कि कंपनी का वैधानिक निरीक्षण करने के बाद आई रिपोर्ट से यह पता चला कि एनबीएफसी ने अपने खुदरा कर्जदारों को ऋण आवेदन पत्र/मंजूरी पत्र में विभिन्न श्रेणियों के उधारकर्ताओं से अलग-अलग ब्याज दरें वसूलने के जोखिम के वर्गीकरण और औचित्य का खुलासा नहीं किया। केंद्रीय बैंक ने कहा कि एनबीएफसी कर्ज मंजूरी के समय बताई गई दंडात्मक ब्याज दर से ज्यादा ब्याज वसूल की। उसने जुर्माना स्वरूप ब्याज दर में बदलाव के बारे में कर्जदारों को समय पर जानकारी देने पर विफल रही। इसमें कहा गया, “नोटिस पर कंपनी के जवाब, उसके द्वारा किए गए अतिरिक्त प्रस्तुतीकरण और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान किए गए मौखिक प्रस्तुतीकरण पर विचार करने के बाद, आरबीआई इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि गैर-अनुपालन का आरोप… प्रमाणित हो गया है और मौद्रिक दंड लगाने की आवश्यकता है।”
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नयी दिल्ली। केंद्रीय खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने भरोसा दिलाया है कि इस त्योहारी सत्र के दौरान चीनी और खाद्य तेलों सहित आवश्यक खाद्य वस्तुओं की कीमतें स्थिर रहेंगी। खाद्य सचिव- गेहूं, चावल, चीनी और खाद्य तेल जैसे प्रमुख आवश्यक खाद्य पदार्थों की घरेलू आपूर्ति और कीमतों के संदर्भ में मीडिया को जानकारी दे रहे थे। चोपड़ा ने यहां संवाददाताओं से कहा, त्योहारी मौसम के दौरान कीमतें स्थिर रहने की उम्मीद है। हम त्योहारी सत्र में (खाद्य वस्तुओं की कीमतों में) किसी भी तरह की बढ़ोतरी की उम्मीद नहीं कर रहे हैं। उम्मीद है कि अगले कुछ महीनों में कीमतें स्थिर रहेंगी।'' सचिव ने कहा कि सरकार ने मूल्य स्थिरीकरण सुनिश्चित करने के लिए हाल ही में कुछ फैसले लिए हैं।
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मुंबई। वैश्विक बाजारों के कमजोर रुख और विदेशी कोषों की निकासी के बीच स्थानीय शेयर बाजारों में बृहस्पतिवार को लगातार दूसरे दिन गिरावट आई। बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 247.78 अंक या 0.38 प्रतिशत गिरकर 65,629.24 अंक पर बंद हुआ। दिन में कारोबार के दौरान यह 533.52 अंक या 0.80 प्रतिशत टूटकर 65,343.50 अंक पर आ गया था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 46.40 अंक या 0.24 प्रतिशत के नुकसान के साथ 19,624.70 अंक पर रहा।
सेंसेक्स की कंपनियों में सूचना प्रौद्योगिकी फर्म विप्रो के शेयर में करीब तीन प्रतिशत की गिरावट आई। एनटीपीसी, टेक महिंद्रा, जेएसडब्ल्यू स्टील, भारती एयरटेल, टाटा स्टील, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक और रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर भी नुकसान में रहे। वहीं नेस्ले के शेयर में करीब चार प्रतिशत का उछाल आया। अल्ट्राटेक सीमेंट, इंडसइंड बैंक, लार्सन एंड टुब्रो और एक्सिस बैंक के शेयर भी फायदे में रहे। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘बढ़ते वैश्विक राजनीतिक तनाव के बीच स्थानीय बाजार मामूली गिरावट के साथ कारोबार कर रहे हैं। पश्चिम एशिया में तनाव से निपटने के वैश्विक प्रयासों से बाजार में कुछ उम्मीदें हैं, लेकिन कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों ने उसे प्रभावित किया है। -
नयी दिल्ली. सरकार ने नेपाल, कैमरून और मलेशिया सहित सात देशों को 10,34,800 टन गैर-बासमती चावल के निर्यात की अनुमति दे दी है। विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) की बुधवार को जारी अधिसूचना के अनुसार, यह निर्यात राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लि. (एनसीईएल) के जरिये किया जा सकता है। हालांकि, भारत ने घरेलू आपूर्ति बढ़ाने के लिए 20 जुलाई से गैर-बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया हुआ है, लेकिन कुछ देशों की खाद्य सुरक्षा जरूरत के मद्देनजर सरकार उनके लिए गैर-बासमती चावल के निर्यात की अनुमति देती है। सरकार ने नेपाल, कैमरून, कोटे डी आइवर, गिनी, मलेशिया, फिलिपीन और सेशल्स को गैर-बासमती चावल के निर्यात की अनुमति दी है। अधिसूचना के अनुसार, नेपाल को 95,000 टन, कैमरून को 1,90,000 टन, कोटे डी आइवर को 1,42,000 टन, गिनी को 1,42,000 टन, मलेशिया को 1,70,000 टन, फिलिपीन को 2,95,000 टन और सेशेल्स को 800 टन गैर-बासमती चावल का निर्यात किया जाएगा।
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नयी दिल्ली. तिरुपति स्थित महिला डेयरी किसानों के संगठन श्रीजा महिला मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी (एसएमएमपीसीएल) को शिकागो के विश्व डेयरी शिखर सम्मेलन में डेयरी क्षेत्र में महिला सशक्तिकरण की दिशा में नवाचार के लिए पुरस्कार मिला है। श्रीजा इस पुरस्कार के लिए भारत से नामांकित तीन संस्थाओं में से एक थी। इसके अलावा राजस्थान के उदयपुर से संचालित आशा महिला दूध उत्पादक कंपनी लिमिटेड और गुजरात दूध और विपणन सहकारी संघ भी दावेदारों में शामिल थीं। वर्तमान में एसएमएमपीसीएल का परिचालन आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और तमिलनाडु के 11 जिलों में फैला हुआ है। वह औसतन 5.5 लाख लीटर दूध की दैनिक खरीद करती है और इस वित्त वर्ष में उसका कारोबार करीब 1,000 करोड़ रुपये होने की उम्मीद है। एसएमएमपीसीएल के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) जयतीर्थ चारी ने मंगलवार रात को यह पुरस्कार मिलने पर कहा, ‘‘महिला डेयरी किसानों के सशक्तिकरण के लिए वैश्विक मंच पर सम्मान पाना देश की महिला डेयरी किसानों और संगठन के लिए सबसे गौरवशाली पल है।'' केंद्रीय पशुपालन एवं डेयरी सचिव अलका उपाध्याय ने इस उपलब्धि के लिए राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी), एनडीडीबी डेयरी सर्विसेज और श्रीजा मिल्क को बधाई दी। एनडीडीबी के अध्यक्ष मीनेश शाह ने कहा, ‘‘महिलाओं ने भारत में डेयरी की सफलता में एक अभिन्न भूमिका निभाई है और वैश्विक मंच पर उनके योगदान को स्वीकार किए जाना, केवल समय की बात है।'' चारी ने कहा कि अब श्रीजा मिल्क की नजर 1.5 लाख महिलाओं की सदस्यता, 6.5 लाख लीटर दूध की दैनिक खरीद और जल्द ही 'यूनिकॉर्न' क्लब में शामिल होने पर है।
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चेन्नई. दोपहिया और तिपहिया वाहनों की प्रमुख कंपनियों में से एक टीवीएस मोटर ने अपने उत्पाद खंड में विविधता लाते हुए मंगलवार को स्मार्टएक्सोनेक्ट तकनीक से लैस टीवीएस ज्यूपिटर-125 पेश किया। कंपनी की ओर से एक बयान में दावा किया कि टीवीएस ज्यूपिटर 125 स्मार्टएक्सोनेक्ट तकनीक के साथ उन्नत ‘कनेक्टेड फीचर्स' से लैस है। यह इस खंड में एक नया मील का पत्थर साबित होगा। कंपनी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनिरुद्ध हलदर ने कहा कि आज की तेज-तर्रार दुनिया में एक-दूसरे से जुड़े रहना सुविधा से कहीं अधिक बन गया है... स्मार्टएक्सोनेक्ट के साथ बिल्कुल नए टीवीएस ज्यूपिटर-125 को इसी तरह से डिजाइन किया गया है...।
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कोरापुट (ओडिशा) .अभी तक अपनी गरीबी के लिए जाना जाने वाले ओडिशा का पिछड़ा कोरापुट जिला अब वैश्विक स्तर पर कॉफी का एक बड़ा केंद्र बनकर उभर रहा है। कोरापुट को हाल में आयोजित विश्व कॉफी सम्मेलन में बहुत सराहना मिली।
कॉफी बोर्ड के एक अधिकारी ने बताया कि इस जिले में नए बागवानों द्वारा उगाई गई कॉफी ने पिछले महीने बेंगलुरु में आयोजित पांचवें विश्व कॉफी सम्मेलन में कई पुरस्कार जीते। जिले में पैदा की जाने वाली कॉफी की एक किस्म को सर्वश्रेष्ठ ‘प्राकृतिक कॉफी' का पुरस्कार मिला। एक किस्म को ‘अर्ध-धुली कॉफी' श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ चुना गया जबकि एक अन्य किस्म को ‘धुली कॉफी' की श्रेणी में पांचवां स्थान मिला। कोरापुट के जनजातीय विकास सहकारी निगम ओडिशा लिमिटेड (टीडीसीसीओएल) के जिला विपणन प्रबंधक आशुतोष नंदा ने कहा, ‘‘कोरापुट में पैदा की जाने वाली कॉफी की अरेबिका किस्म अपने विशिष्ट स्वाद और कम अम्लता सामग्री के लिए जानी जाती है, जिसके कारण इसमें स्थापित ब्रांड को कड़ी टक्कर देने की क्षमता है।'' कॉफी की खेती ने जिले में नंदपुर ब्लॉक के खुडुबू गांव में रहने वाले 38 वर्षीय सिद्धार्थ पांगी का जीवन बदल दिया है। पांगी जिले के कई अन्य लोगों की तरह पड़ोसी राज्य आंध्र प्रदेश में एक प्रवासी मजदूर के रूप में काम करता था। पांगी के परिवार में चार सदस्य हैं। पांगी ने चार साल पहले वन अधिकार अधिनियम के तहत मिली अपनी दो एकड़ जमीन पर कॉफी की खेती करने का फैसला किया और आज पांगी एवं उसका परिवार अपने आरामदायक जीवन का श्रेय कॉफी और काली मिर्च की खेती को देते हैं। उसने कहा, ‘‘मैंने कभी नहीं सोचा था कि कॉफी उगाने से मेरी आय इतनी बढ़ जाएगी कि मुझे प्रवासी मजदूर बनने की जरूरत नहीं पड़ेगी। मैंने 2022-23 में कॉफी के बीज बेचकर लगभग 70,000 रुपये और काली मिर्च बेचकर 60,000 रुपये कमाए।'' पांगी मक्का और बाजरा की खेती भी करता है। उसने कहा कि कॉफी और काली मिर्च की खेती से होने वाली आमदनी की मदद से उसने व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए एक चार पहिया वाहन खरीद लिया, जिससे उसकी आय और बढ़ गई।
अधिकारियों ने कहा कि खुडुबू के लगभग 50 जनजातीय किसानों ने 2022-23 में 55 रुपये प्रति किलोग्राम पर 24 टन से अधिक कॉफी के बीज बेचकर सामूहिक रूप से 13 लाख रुपये से अधिक कमाए। कोरापुट में कॉफी बोर्ड के पूर्व वरिष्ठ संपर्क अधिकारी और अब कर्नाटक के कूर्ग में तैनात कॉफी बोर्ड अधिकारी अजीत राउत ने बताया कि कोरापुट में कॉफी की खेती सबसे पहले 1930 में जयपुर (ओडिशा) के तत्कालीन महाराजा राजबहादुर राम चंद्र देव ने शुरू करवाई थी। जयपुर जमींदारी के 1951 में समाप्त होने के बाद राज्य सरकार ने 1958 में मृदा संरक्षण विभाग के जरिए जिले की मचकुंड जल विद्युत परियोजना के मचकुंड बेसिन में गाद को रोकने के उपाय के रूप में कॉफी के बागान लगाए, लेकिन जिले को कॉफी बागानों के लिए एक गैर-पारंपरिक क्षेत्र नामित कर दिया गया। यह राउत के प्रयासों का ही परिणाम था कि जिला प्रशासन ने कोरापुट को कॉफी केंद्र में बदलने के लिए मई 2017 में कॉफी विकास न्यास की स्थापना की। जिले में अतिरिक्त 22,000 हेक्टेयर भूमि को कॉफी की पैदावार वाले क्षेत्र के अंतर्गत लाने के लक्ष्य के साथ इसकी खेती को पुनर्जीवित करने के लिए 10-वर्षीय खाका तैयार किया गया।
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नयी दिल्ली. भारत में इस्पात की मांग के 2023 में 1.8 प्रतिशत की समग्र वैश्विक वृद्धि के मुकाबले 8.6 प्रतिशत की ‘स्वस्थ वृद्धि' दर्ज करने की उम्मीद है। वर्ल्डस्टील ने मंगलवार को यह बात कही। वर्ल्ड स्टील एसोसिएशन (वर्ल्डस्टील) ने अनुमान लगाया गया है कि वैश्विक इस्पात मांग 2023 में 1.8 प्रतिशत बढ़ेगी। 2022 में इसमें 3.3 प्रतिशत की गिरावट आई थी। 2024 में मांग के 1.9 प्रतिशत बढ़कर 184.91 करोड़ टन तक पहुंचने की उम्मीद है। भारतीय अर्थव्यवस्था उच्च ब्याज दर के दबाव के बावजूद स्थिर बनी हुई है और इस्पात की मांग के कारण इसकी उच्च वृद्धि गति जारी रहने की उम्मीद है। वर्ल्डस्टील इकोनॉमिक्स कमेटी के चेयरमैन मैक्सिमो वेदोया ने कहा कि स्टील की मांग पर उच्च मुद्रास्फीति और ब्याज दर का असर दिख रहा है। उन्होंने कहा कि सख्त मौद्रिक नीति के विलंबित प्रभाव को ध्यान में रखते हुए, निकाय को 2024 में उन्नत अर्थव्यवस्थाओं में इस्पात की मांग में सुधार धीमा रहने की उम्मीद है। उभरती अर्थव्यवस्थाओं के विकसित देशों की तुलना में तेजी से बढ़ने की उम्मीद है।
- नयी दिल्ली। कृषि-प्रौद्योगिकी स्टार्टअप भारतरोहन ने मंगलवार को ड्रोन फसल निगरानी सेवाएं प्रदान करने के लिए इक्रिसेट के एग्री-बिजनेस इनक्यूबेटर (एबीआई) के साथ रणनीतिक सहयोग की घोषणा की है। हैदराबाद स्थित इंटरनेशनल क्रॉप्स रिसर्च इंस्टिट्यूट फॉर द सेमी-एरिड ट्रॉपिक्स (इक्रिसेट) ने केंद्र सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के समर्थन से वर्ष 2003 में एबीआई बनाया था, जबकि भारतरोहन किसानों के लिए ड्रोन-आधारित निर्णय समर्थन प्रणाली (डीएसएस) में माहिर है। इक्रिसेट के साथ इस साझेदारी में भारतरोहन को किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के साथ जुड़ने, किसानों की आजीविका को बेहतर बनाने के लिए ड्रोन फसल निगरानी सेवाएं प्रदान करने और एक जीवंत और टिकाऊ खाद्य आपूर्ति श्रृंखला सुनिश्चित करने का अवसर मिलेगा। भारतरोहण के मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी (सीटीओ) ऋषभ चौधरी ने बयान में कहा, ‘‘यह साझेदारी हमें हमारी ‘हाइपर-स्पेक्ट्रल' तकनीक को आगे बढ़ाने, फसल निगरानी की सटीकता और दक्षता को बढ़ाने के लिए विशेषज्ञता और संसाधनों से लैस करती है। हम सिर्फ नवाचार नहीं कर रहे हैं; हम एक ऐसे भविष्य का नेतृत्व कर रहे हैं जहां कृषि अधिक स्मार्ट, कुशल और टिकाऊ होगी।'' चौधरी इस साझेदारी को किसानों और संपूर्ण कृषि उद्योग के लाभ के लिए हाइपर-स्पेक्ट्रल और मल्टी-स्पेक्ट्रल इमेजिंग प्रौद्योगिकियों के उपयोग में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखते हैं। हाइपर-स्पेक्ट्रल इमेजिंग, फसल फेनोटाइपिक डेटा एकत्र करने में एक आधारशिला है, जो बीमारी के आरंभ में ही इसका पता लगाने और फसल स्वास्थ्य की पहचान करने में सक्षम बनाती है।
- नयी दिल्ली। वेदांता समूह ने मंगलवार को कहा कि वह गुजरात में सेमीकंडक्टर चिप संयंत्र लगाने की अपनी योजना पर कायम है और इस संबंध में उसकी जापानी प्रौद्योगिकी कंपनियों के साथ भागीदारी को लेकर बातचीत चल रही है। वेदांता की सेमीकंडक्टर एवं डिस्प्ले इकाई के वैश्विक प्रबंध निदेशक आकर्ष के हेब्बर ने कहा है कि यह गुजरात में इलेक्ट्रॉनिक्स एवं विनिर्माण संयंत्र में निवेश करने की इच्छुक कंपनियों के लिए 80 अरब डॉलर का एक बड़ा अवसर है। हेब्बर अगले साल जनवरी में प्रस्तावित वाइब्रेंट गुजरात निवेश सम्मेलन के सिलसिले में जापान में आयोजित एक रोडशो में हिस्सा ले रहे थे। वेदांता ने बयान में कहा, ‘‘हेब्बर ने गुजरात के धोलेरा में सेमीकंडक्टर एवं डिस्प्ले संयंत्र लगाने की महत्वाकांक्षी योजना का जिक्र किया और जापानी कंपनियों को भारत का पहला इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण केंद्र बनाने में वेदांता के साथ मिलकर काम करने के लिए आमंत्रित किया।'' इस दौरान हेब्बर ने कहा कि इस विनिर्माण केंद्र में सैकड़ों छोटी एवं मझोली कंपनियों को आकर्षित करने की क्षमता है और यहां एक लाख से अधिक रोजगार अवसर पैदा हो सकते हैं। हेब्बर ने कहा, ‘‘इस इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण केंद्र में आकर निवेश करने का यह कंपनियों के लिए 80 अरब डॉलर का मौका है। वेदांता भारत में निवेश की इच्छुक जापानी कंपनियों के लिए सूत्रधार का काम करेगी।'' वेदांता ने गुजरात में 19.5 अरब डॉलर के भारी भरकम निवेश प्रस्ताव की योजना पिछले साल घोषित की थी। इसके लिए उसने ताइवानी सेमीकंडक्टर विनिर्माता फॉक्सकॉन के साथ साझेदारी में एक संयुक्त उद्यम भी स्थापित किया था। लेकिन फॉक्सकॉन ने इस साल खुद को इस उद्यम से अलग करने की घोषणा कर दी। इसके बाद भी वेदांता ने अपनी सेमीकंडक्टर विनिर्माण योजना पर आगे बढ़ने और नए साझेदार की तलाश जारी रहने की बात कही थी। लेकिन अभी तक वेदांता नए साझेदार की तलाश नहीं कर पाई है।
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नयी दिल्ली. सरकार ने रविवार को कहा कि वह बासमती चावल के न्यूनतम निर्यात मूल्य की समीक्षा पर गंभीरता से विचार कर रही है, जो इस समय 1,200 अमेरिकी डॉलर प्रति टन है। गौरतलब है कि अधिक मूल्य होने के कारण देश का निर्यात प्रभावित हुआ है।
चावल निर्यातक संघ मांग कर रहे हैं कि इस दर को घटाकर लगभग 850 अमेरिकी डॉलर प्रति टन किया जाना चाहिए। सरकार ने अगस्त में फैसला किया था कि बासमती चावल 1,200 डॉलर प्रति टन से कम कीमत पर निर्यात नहीं किया जाएगा। ऐसा बासमती चावल की आड़ में अवैध रूप से गैर-बासमती चावल के ''अवैध'' निर्यात को रोकने के लिए किया गया था। उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने रविवार को एक बयान में कहा कि केंद्र सरकार ने चावल की घरेलू आपूर्ति को बढ़ावा देने और कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए कई कदम उठाए हैं। बयान में आगे कहा गया, ''केंद्र सरकार बासमती चावल के लिए पंजीकरण-सह-आवंटन प्रमाणपत्र (आरसीएसी) जारी करने के लिए फ्री ऑन बोर्ड (एफओबी) मूल्य की समीक्षा पर कर रही है।'' बयान के मुताबिक चावल निर्यातक संघों से मिले आवेदनों में कहा गया कि उच्च एफओबी मूल्य भारत से बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है। इसके बाद खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने बासमती चावल निर्यातकों के साथ एक बैठक की। मंत्रालय ने कहा कि इस बैठक में हुई चर्चा के आधार पर सरकार बासमती चावल के निर्यात के लिए एफओबी मूल्य की समीक्षा करने पर गंभीरता से विचार कर रही है। हालांकि, जब तक सरकार उचित निर्णय नहीं ले लेती, तब तक मौजूदा व्यवस्था जारी रहेगी। -
नई दिल्ली। देश की सबसे बड़ी पेट्रोलियम कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) प्रमुख ऊर्जा कंपनी एनटीपीसी लिमिटेड के साथ संयुक्त उपक्रम (जेवी) में नवीकरणीय बिजली संयंत्र स्थापित करने के लिए 1,660.15 करोड़ रुपये का इक्विटी निवेश करेगी।आईओसी ने शेयर बाजार को बताया कि अपनी रिफाइनरियों की बिजली जरूरतों को पूरा करने के लिए उसने एनटीपीसी के साथ जून में 50:50 अनुपात में संयुक्त उद्यम कंपनी स्थापित की थी। कंपनी ने बताया कि 13 अक्टूबर को उसके निदेशक मंडल की बैठक में “नवीकरणीय ऊर्जा बिजली संयंत्रों की स्थापना के लिए संयुक्त उद्यम कंपनी की निवेश योजना को मंजूरी दे दी है। इस संयुक्त उद्यम कंपनी की इक्विटी शेयर पूंजी में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी के लिए आईओसी 1,660.15 करोड़ रुपये तक का निवेश करेगी।’’
आईओसी ने दो जून को संयुक्त उद्यम कंपनी एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एनटीपीसी की पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी कंपनी) का गठन किया था।उस समय कंपनी ने कहा था, “इंडियन ऑयल रिफाइनरीज की सभी बिजली जरूरतों को पूरा करने के लिए इंडियन ऑयल एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड नवीकरणीय ऊर्जा आधारित बिजली संयंत्रों का (जैसे सौर पीवी, पवन, ऊर्जा भंडारण या अन्य) विकास करेगी।” कंपनी का लक्ष्य आईओसी की रिफाइनरियों की बिजली जरूरतों को पूरा करने के लिए कम से कम 650 मेगावाट क्षमता पैदा करना है। -
नई दिल्ली। सरकार ने रविवार को कहा कि वह बासमती चावल के न्यूनतम निर्यात मूल्य की समीक्षा पर गंभीरता से विचार कर रही है, जो इस समय 1,200 अमेरिकी डॉलर प्रति टन है। गौरतलब है कि अधिक मूल्य होने के कारण देश का निर्यात प्रभावित हुआ है।
चावल निर्यातक संघ मांग कर रहे हैं कि इस दर को घटाकर लगभग 850 अमेरिकी डॉलर प्रति टन किया जाना चाहिए। सरकार ने अगस्त में फैसला किया था कि बासमती चावल 1,200 डॉलर प्रति टन से कम कीमत पर निर्यात नहीं किया जाएगा। ऐसा बासमती चावल की आड़ में अवैध रूप से गैर-बासमती चावल के ”अवैध” निर्यात को रोकने के लिए किया गया था।उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने रविवार को एक बयान में कहा कि केंद्र सरकार ने चावल की घरेलू आपूर्ति को बढ़ावा देने और कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए कई कदम उठाए हैं। बयान में आगे कहा गया, ”केंद्र सरकार बासमती चावल के लिए पंजीकरण-सह-आवंटन प्रमाणपत्र (आरसीएसी) जारी करने के लिए फ्री ऑन बोर्ड (एफओबी) मूल्य की समीक्षा पर कर रही है।”बयान के मुताबिक चावल निर्यातक संघों से मिले आवेदनों में कहा गया कि उच्च एफओबी मूल्य भारत से बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है। इसके बाद खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने बासमती चावल निर्यातकों के साथ एक बैठक की। मंत्रालय ने कहा कि इस बैठक में हुई चर्चा के आधार पर सरकार बासमती चावल के निर्यात के लिए एफओबी मूल्य की समीक्षा करने पर गंभीरता से विचार कर रही है। हालांकि, जब तक सरकार उचित निर्णय नहीं ले लेती, तब तक मौजूदा व्यवस्था जारी रहेगी। -
नई दिल्ली। इजराइल और हमास के बीच जारी संघर्ष के बीच एयर इंडिया ने तेल अवीव से आने-जाने वाली अपनी निर्धारित उड़ानों को 18 अक्टूबर तक निलंबित कर दिया है।एयरलाइंस आम तौर पर तेल अवीव के लिए पांच साप्ताहिक निर्धारित उड़ानें संचालित करती है। उसने इससे पहले 14 अक्टूबर तक सेवाओं को निलंबित किया था।एयर इंडिया के एक अधिकारी ने शनिवार को कहा कि तेल अवीव से आने-जाने वाली निर्धारित उड़ानें अब 18 अक्टूबर तक निलंबित कर दी गई हैं।अधिकारी ने कहा कि एयरलाइंस जरूरत के अनुसार भारतीयों को वापस लाने के लिए विशेष उड़ानें संचालित करेगी।
- नयी दिल्ली। केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को कहा कि शहरी सहकारी बैंक (यूसीबी) बैंकिंग विनियमन अधिनियम को एक बाधा के रूप में नहीं बल्कि आगे बढ़ने और प्रतिस्पर्धी बनने के एक अवसर के रूप में देखें। उन्होंने कहा कि भविष्य सहकारी क्षेत्र का है और देश की अर्थव्यवस्था में योगदान करने की इच्छा रखने वाले 60 करोड़ लोगों को सशक्त बनाने में यूसीबी की महत्वपूर्ण भूमिका है। शाह ने यहां राष्ट्रीय शहरी सहकारी बैंक एवं ऋण समिति महासंघ (एनएएफसीयूबी) की तरफ से आयोजित एक समारोह में कहा, “यह कहा गया कि बैंकिंग विनियमन (बीआर) अधिनियम यूसीबी के लिए दोहरी तलवार की तरह है। मैं साफ तौर पर कहना चाहता हूं कि बीआर अधिनियम केवल हमारी रक्षा करेगा और आपको मुझ पर विश्वास करने की जरूरत है।” सहकारिता मंत्री ने यूसीबी से कहा कि वे बीआर अधिनियम को विनियमन के रूप में न देखें बल्कि प्रकाश की एक ऐसी किरण के रूप में देखें, जो सहकारी बैंकिंग क्षेत्र को निजी बैंकों के बराबर विकसित करने में मदद करेगा। शाह ने कहा कि यूसीबी को प्रतिस्पर्धी बनने के लिए समय के साथ बदलना चाहिए और व्यावसायिकता एवं पारदर्शिता लाने के साथ वित्तीय मानकों को भी पूरा करना चाहिए। उन्होंने कहा कि शहरी सहकारी बैंकों का एक व्यापक संगठन उन्हें प्रतिस्पर्धी बनाने में अहम भूमिका निभाएगा। इस संगठन का गठन किया जा रहा है।
- गुवाहाटी। मणिपुर सरकार के अवैध पोस्ता की खेती पर लगाम लगाने के प्रयासों के बीच एक स्टार्टअप कंपनी किसानों को चाय की खेती का विकल्प अपनाने पर जोर दे रही है। स्टार्टअप मेकले टी इंडिया कंपनी राज्य में पोस्ता खेती के विकल्प के रूप में चाय की खेती को बढ़ावा देना चाह रही है। मेकले टी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक मिलन कोइजम ने बुधवार को यहां कहा, ‘‘अवैध पोस्ता की खेती और मादक पदार्थों का कारोबार मणिपुर की दो प्रमुख समस्याएं हैं। राज्य सरकार ने पहले ही मादक पदार्थों के खिलाफ अभियान शुरू कर दिया है और पोस्ता की खेती को नष्ट कर रही है।'' उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन जब तक हम किसानों को समान रूप से लाभदायक विकल्प नहीं देते, वे पोस्ता उगाने पर निर्भर बने रहेंगे। हमें लगता है कि चाय की खेती एक लाभकारी विकल्प हो सकता है।'' कोइजम ने कहा कि उखरूल जिले में वर्तमान में कंपनी की 50 हेक्टेयर भूमि पर चाय की खेती शुरू करने के लिए भारत के चाय बोर्ड के गुवाहाटी में स्थित अधिकारियों के परामर्श से अप्रैल में काम किया गया था। कोइजाम ने कहा, ‘‘लेकिन मई में स्थिति बिगड़ गई और हम ज्यादा प्रगति नहीं कर पाए। लेकिन उम्मीद है कि हम अगले सीजन से खेती शुरू कर देंगे।'' उन्होंने कहा कि कंपनी अधिक भूमि खरीदने पर विचार कर रही है और वर्तमान में राज्य सरकार के अधीन चाय की खेती वाले क्षेत्रों को सार्वजनिक-निजी-साझेदारी के तहत लाभदायक उद्यम में बदलने की भी संभावना तलाश रही है। कोइजाम ने कहा कि वे चाय बागान खोलने को लेकर क्षेत्र के स्थानीय लोगों के साथ-साथ सरकार से भी बातचीत कर रहे हैं और सभी पक्षों से प्रतिक्रिया सकारात्मक रही है। file photo
- नयी दिल्ली। के सी रवि को लगातार चौथे साल क्रॉपलाइफ इंडिया का चेयरमैन चुना गया है।रवि सिंजेंटा इंडिया के ‘चीफ सस्टेनेबिलिटी' अधिकारी हैं।क्रॉपलाइफ इंडिया प्रमुख घरेलू और बहुराष्ट्रीय अनुसंधान एवं विकास संचालित फसल विज्ञान कंपनियों का एक संघ है। एसोसिएशन ने एक बयान में कहा, सुमितोमो केमिकल इंडिया के उपाध्यक्ष (बिक्री और विपणन) अनिल कक्कड़ को लगातार तीसरे साल उपाध्यक्ष के रूप में फिर से चुना गया है। क्रिस्टल क्रॉप प्रोटेक्शन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक अंकुर अग्रवाल को बोर्ड के दूसरे उपाध्यक्ष के रूप में चुना गया है। यह निर्णय हाल ही में राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित 43वीं वार्षिक आम बैठक के दौरान लिया गया।
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भुवनेश्वर. ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कहा कि राज्य को अगले दशक में राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मोटे अनाज को बढ़ावा देने में अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए। उन्होंने मोटे अनाज पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के लिए बुधवार को एक बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि ओडिशा को उत्कृष्टता का केंद्र बनने का लक्ष्य रखना चाहिए। ओडिशा सरकार यहां 10 और 11 नवंबर को मोटे अनाज पर एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन कर रही है।
पटनायक ने कहा, यह सम्मेलन ओडिशा के आदिवासी समुदायों के मोटे अनाज से जुड़ी खाद्य संस्कृतियों को उजागर करेगा और हमारे किसानों की अग्रणी सफलता की कहानियों को दर्शाएगा।'' उन्होंने मोटे अनाज को जलवायु के अनुकूल और पोषण से भरपूर बताते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन एक प्रमुख चुनौती के रूप में उभर रहा है, तो यह फसल भविष्य के लिए एक आशा की किरण के रूप में उभर रही है। उन्होंने ‘ओडिशा मिलेट्स (मोटा अजना) मिशन' की सफलता पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि यह बहुत संतोषजनक है कि इस पहल को राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों द्वारा मोटे अनाज के प्रचार के सर्वोत्तम मॉडल के रूप में मान्यता दी जा रही है। -
नयी दिल्ली. वैश्विक भुखमरी सूचकांक-2023 के मुताबिक भारत दुनिया के 125 देशों में 111वें स्थान पर है जबकि देश में ‘चाइल्ड वेस्टिंग' की दर सबसे अधिक 18.7 प्रतिशत है। वैश्विक भुखमरी सूचकांक-2023 बृहस्पतिवार को जारी किया गया। पिछले साल भारत का दुनिया के 121 देशों में 107वां स्थान था। वैश्विक भुखमरी सूचकांक (जीएसआई) में वैश्विक, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर भुखमरी को विस्तृत तरीके से आंका जाता है। सूचकांक के आधार पर तैयार रिपोर्ट के मुताबिक, वैश्विक भुखमरी सूचकांक-2023 में भारत को 28.7 अंक मिले हैं जो भुखमरी के गंभीर स्तर को इंगित करता है। इसमें भारत से बेहतर स्थिति पड़ोसी देशों की है और इसमें पाकिस्तान को 102वां, बांग्लादेश को 81वां, नेपाल को 69वां और श्रीलंका को 60वां स्थान दिया गया है। दक्षिण एशिया, अफ्रीका के सहारा क्षेत्र के दक्षिणी हिस्से दुनिया के वे इलाके हैं जहां भुखमरी की उच्च दर है जिनका जीएचआई 27 है जो भुखमरी की गंभीरता को इंगित करता है। सूचकांक के आधार पर जारी रिपोर्ट मुताबिक, ‘‘दुनिया में भारत ऐसा देश है जहां ‘चाइल्ड वेस्टिंग' की दर भारत में सबसे अधिक 18.7 प्रतिशत है।'' ‘चाइल्ड वेस्टिंग' की श्रेणी में वे बच्चे आते हैं जिनका वजन पर्याप्त रूप से बढ़ नहीं पाता या अपर्याप्त भोजन, अथवा डायरिया और श्वास जैसी बीमारियों के कारण उनका वजन कम हो जाता है। सूचकांक के मुताबिक, भारत में कुपोषण की दर बढ़कर 16.6 प्रतिशत हो गई है और पांच साल से कम उम्र के बच्चों में मृत्यु दर 3.1 प्रतिशत है। रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 15 से 24 साल की महिलाओं में अनीमिया की दर बढ़कर 58.1 प्रतिशत हो गई है। वैश्विक भुखमरी सूचकांक से संकेत मिलता है कि 2015 तक वैश्विक भुखमरी में सुधार होने के बाद से मोटे तौर पर स्थिति स्थिर बनी हुई है।
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नई दिल्ली। ग्लोबल मीडिया कंपनी फोर्ब्स ने भारत के सबसे अमीर उद्योगपतियों की लिस्ट जारी कर दी है। ग्लोबल मीडिया कंपनी फोर्ब्स की तरफ से जारी इस लिस्ट में भारत के अरबपति उद्योगपति और रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने फिर से टॉप पोजीशन पर कब्जा कर लिया है। फोर्ब्स इंडिया (Forbes India) ने 2023 के अरबपतियों की लिस्ट जारी करते हुए ये जानकारी दी है, जिसमें बताया गया है कि 92 बिलियन डॉलर की नेटवर्थ के साथ अंबानी भारत के सबसे अमीर इंसान बन गए हैं।
जियो फाइनैंशियल का बड़ा रोलमुकेश अंबानी की कमाई में इस तरह की बढ़ोतरी के कई मायने हैं। हाल ही में मुकेश अंबानी ने अपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज को एक डायवर्सीफाइड ग्रुप में बदल दिया और 92 बिलियन डॉलर की कुल संपत्ति के साथ नंबर 1 स्थान हासिल कर लिया। BlackRock के साथ परिसंपत्ति प्रबंधन (AUM) जॉइंट वेंचर वाली जियो फाइनैंशियल सर्विसेज को बंद करने और लिस्टिंग करने के तुरंत बाद, अंबानी ने अगस्त में अपने तीन बच्चों को रिलायंस के बोर्ड में नॉन-एग्जिक्यूटिव डॉयरेक्टर्स के रूप में नियुक्त करके अपनी उत्तराधिकार योजना को मजबूत किया। फोर्ब्स लिस्ट में नंबर 1 बनने के बाद मुकेश अंबानी ने गौतम अदाणी को एक रैंक नीचे कर दिया। अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी 68 बिलियन डॉलर के नेट वर्थ के साथ दूसरे नंबर पर खिसक गए। इसके पीछे की बड़ी वजह हिंडनबर्ग रिपोर्ट के कारण समूह पर आया संकट मानी जा रही है। बता दें कि अदाणी की पहले नेटवर्थ 82 अरब डॉलर थी, जिसमें इस रिपोर्ट के बाद गिरावट देखने को मिली।तीसरे नंबर पर HCL के फाउंडरसॉफ्टवेयर कंपनी के कारोबार में लीडर शिव नादर अपने पहले की रैंकिंग से 2 पायदान छलांग मारकर तीसरे नंबर पर भारत के सबसे अमीर उद्योगपति बन गए। इसके पीछे HCL के शेयरों में पिछले एक साल में आई 42 फीसदी की तेजी मानी जा रही है।चौथे नंबर पर सावित्री जिंदलपावर और स्टील ग्रुप ओपी जिंदल ग्रुप की सावित्री जिंदल के नेटवर्थ में 46 फीसदी की बढ़ोतरी हो गई। इस छलांग के साथ सावित्री जिंदल की कुल संपत्ति 24 अरब डॉलर हो गई और वह चौथी रैंक पर अपनी जगह बनाने में सफल रहीं। नेटवर्थ में इतने इजाफे का श्रेय आंशिक रूप से उनके बेटे सज्जन जिंदल द्वारा पोर्ट्स यूनिट JSW Infrastructure का सितंबर में आए IPO को जाता है।पांचवें सबसे अमीर राधाकृष्ण दमानीफोर्ब्स की तरफ से जारी की गई रिपोर्ट में बताया गया है कि एवेन्यू सुपरमार्ट के राधाकृष्ण दमानी पांचवे सबसे अमीर इंसान रहे। लिस्ट के टॉप 5 में नाम दर्ज कराने वाले दमानी की नेटवर्थ 27.6 बिलियन डॉलर से घटकर 23 बिलियन डॉलर हो गई है।देखें सभी अमीरों की टॉप 10 लिस्ट और उनकी नेटवर्थमुकेश अंबानी (92 अरब डॉलर)गौतम अदाणी (68 अरब डॉलर)शिव नादर (29.3 अरब डॉलर)सावित्री जिंदल (24 अरब डॉलर)राधाकृष्ण दमानी (23 अरब डॉलर)साइरस पूनावाला (20.7 अरब डॉलर)हिंदुजा फैमिली (20 अरब डॉलर)दिलीप शांघवी (19 अरब डॉलर)कुमार बिड़ला (17.5 अरब डॉलर)शापूर मिस्त्री ऐंड फैमिली (16.9 अरब डॉलर)फोर्ब्स की टॉप 100 रिच लिस्ट में कई ऐसे उद्योगपति भी शामिल हैं जिनकी नेटवर्थ कम समय में काफी तेजी से बढ़ी। इनमें इंदर जयसिंघानी शामिल हैं, जिनकी संपत्ति प्रतिशत के हिसाब से सबसे अधिक है, क्योंकि उनकी तार और केबल कंपनी, पॉलीकैब इंडिया (Polycab India) को बढ़ती इलेक्ट्रिसिटी से फायदा हुआ और उनके परिवार की संपत्ति लगभग दोगुनी होकर 6.4 बिलियन डॉलर हो गई। फार्मा ब्रदर्स रमेश और राजीव जुनेजा को उनकी मैनकाइंड फार्मा (Mankind Pharma) की मई में लिस्टिंग से 64% की अच्छी बढ़त मिली।3 नए लोगों की हुई Forbes Rich list में एंट्रीफोर्ब्स की लिस्ट में साल 2023 में केवल तीन नए लोगों की एंट्री हुई है। दुबई हेड क्वार्टर वाली रिटेल बिक्री कंपनी लैंडमार्क ग्रुप की अध्यक्ष रेणुका जगतियानी ने अपने पति मिकी जगतियानी का स्थान लिया है, जिनकी मई में मृत्यु हो गई थी।एशियन पेंट्स दूसरे नंबर पर इस लिस्ट में है। जिनकी संक्षिप्त बीमारी के बाद सितंबर में मृत्यु हो गई थी। तीसरे नए एंट्री करने वाले अमीर इंसानों में कपड़ा निर्यातक K.P.R. Mill के फाउंडर के.पी. रामासामी का नाम शामिल है। बता दें कि चार भाइयों में सबसे बड़े श्रीचंद हिंदुजा की मई में मृत्यु हो गई और वह संपत्ति अब हिंदुजा परिवार के अंतर्गत लिस्टेड है। -
मुंबई,। सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कंपनियों के शेयरों में बिकवाली का जोर रहने से गुरुवार को स्थानीय शेयर बाजारों में हल्की गिरावट रही। दो दिनों की तेजी के बाद उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में दोनों मानक सूचकांक गिरकर बंद हुए। हालांकि उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में ऊर्जा, धातु एवं वाहन कंपनियों के शेयरों में खरीदारी आने से बाजार को काफी हद तक समर्थन मिला और गिरावट सीमित रही। बीएसई का 30 शेयरों पर आधारित सूचकांक सेंसेक्स 64.66 अंक यानी 0.10 प्रतिशत की गिरावट के साथ 66,408.39 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स बढ़त के साथ खुला और शुरुआती कारोबार में यह 66,577.60 अंक के उच्च स्तर तक पहुंच गया लेकिन बाद में यह गिरकर 66,342.53 अंक के निचले स्तर तक आ गया।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का मानक सूचकांक निफ्टी भी 17.35 अंक यानी 0.09 प्रतिशत गिरकर 19,794 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 19,772.65 अंक से लेकर 19,843.30 अंक के दायरे में रहा। विश्लेषकों के मुताबिक, दिग्गज आईटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) के बुधवार को आए दूसरी तिमाही के नतीजे निवेशकों में भरोसा जगाने में नाकाम रहा। मिले-जुले तिमाही नतीजे आने से टीसीएस के शेयरों में 1.89 प्रतिशत की गिरावट आई। इसका असर इन्फोसिस एवं एचसीएल टेक्नोलॉजीज के शेयरों पर भी पड़ा। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, "टीसीएस के नतीजे उम्मीद से हल्के रहे। निकट अवधि में कमजोर संभावनाओं से आईटी क्षेत्र पर बिकवाली का दबाव रहा। हालांकि व्यापक बाजार (बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप) ने दूसरी तिमाही के अच्छे नतीजों की उम्मीद में मजबूती दिखाई।" सेंसेक्स के शेयरों में इन्फोसिस को सबसे ज्यादा 2.29 प्रतिशत का नुकसान उठाना पड़ा। इसी तरह एचसीएल टेक्नोलॉजीज में भी 1.75 प्रतिशत की गिरावट आई। बजाज फाइनेंस, नेस्ले, कोटक बैंक, एसबीआई, भारती एयरटेल एलएंडटी और एशियन पेंट्स के शेयर भी मुनाफावसूली के असर में गिर गए। दूसरी तरफ मारुति सुजुकी के शेयर में 1.73 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई। पावर ग्रिड, महिंद्रा एंड महिंद्रा, जेएसडब्ल्यू स्टील और टाटा स्टील में भी तेजी रही। व्यापक बाजार में बीएसई मिडकैप सूचकांक 0.30 प्रतिशत चढ़ गया जबकि स्मालकैप सूचकांक में 0.60 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के खुदरा शोध प्रमुख दीपक जसानी ने कहा, "वैश्विक बाजारों ने अमेरिका में मुद्रास्फीति के आंकड़े जारी होने के पहले तेजी का रुख किया। इसके अलावा चीन के सबसे बड़े बैंकों में सरकारी संपदा कोष के हिस्सेदारी खरीदने की खबर ने भी माहौल बनाने का काम किया।" एशियाई बाजारों में जापान का निक्की, दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, चीन का शंघाई कंपोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग सूचकांक बढ़त लेकर बंद हुए। अमेरिकी मुद्रास्फीति के आंकड़े जारी होने से पहले फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन के शेयर बाजारों में भी शुरूआती कारोबार में तेजी का रुख बना था। इस बीच, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने भारतीय बाजार से पूंजी की निकासी जारी रखी है। बीएसई पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, एफआईआई ने बुधवार को शुद्ध रूप से 421.77 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की बिकवाली की।
- नयी दिल्ली ।वैश्विक बाजारों से मजबूत रुख के बीच राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में गुरुवार को सोना 350 रुपये चढ़कर 59,050 रुपये प्रति 10 ग्राम पर रहा। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी। इससे पिछले कारोबारी सत्र में सोना 58,700 रुपये प्रति 10 ग्राम के भाव पर बंद हुआ था।एचडीएफसी सिक्योरिटीज में वरिष्ठ विश्लेषक (जिंस) सौमिल गांधी ने कहा, ‘‘विदेशी बाजारों में सकारात्मक कारोबार के बाद बृहस्पतिवार को सोने की कीमतों में आगे और बढ़ोतरी हुई।'' चांदी की कीमत भी 200 रुपये की तेजी के साथ 73,200 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई।वैश्विक बाजारों में सोना तेजी के साथ 1,880 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया। चांदी की कीमत भी तेजी के साथ 22.15 डॉलर प्रति औंस पर रही। गांधी ने कहा कि 10 साल के अमेरिकी बांड प्रतिफल के पिछले हफ्ते पहुंचे 16 साल के उच्चतम स्तर से नीचे आने के बाद इस महीने सोना उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। बाजार का अनुमान है कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व का ब्याज दर में वृद्धि का सिलसिला इस साल समाप्त हो सकता है।



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