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- मुंबई । देश की सबसे बड़ी सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) का चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में शुद्ध लाभ सालाना आधार पर 8.7 प्रतिशत बढ़कर 11,342 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। इसके साथ ही टीसीएस के शीर्ष प्रबंधन ने 17,000 करोड़ रुपये की शेयर पुनर्खरीद योजना और करीब 3,300 करोड़ रुपये के लाभांश भुगतान को भी मंजूरी दी है। टाटा समूह की कंपनी ने बुधवार को जुलाई-सितंबर तिमाही के नतीजे घोषित करते हुए कहा कि आलोच्य अवधि में उसका राजस्व एक साल पहले की समान तिमाही के मुकाबले 7.9 प्रतिशत बढ़कर 59,692 करोड़ रुपये हो गया। हालांकि, जून तिमाही के 59,381 करोड़ रुपये की तुलना में उसकी आय में मामूली बढ़ोतरी ही हुई है। टीसीएस के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) और प्रबंध निदेशक के कृतिवासन ने यहां संवाददाताओं से कहा कि सुस्त आर्थिक परिदृश्य के बीच आईटी क्षेत्र के लिए हालात मुश्किल बने हुए हैं।उन्होंने कहा, ‘‘अनिश्चितता की स्थिति होने से ग्राहक अधिकतम उपयोग पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। ऐसा होने से पुरानी परियोजनाओं को ही आगे बढ़ाया जाता है जिससे राजस्व वृद्धि में सुस्ती या गिरावट आती है।'' कंपनी के मुताबिक, आलोच्य अवधि में ब्रिटेन का बाजार दहाई अंक में बढ़ा लेकिन उत्तर अमेरिकी बाजार में वृद्धि सिर्फ 0.1 प्रतिशत रही है। इसी तरह बैंकिंग, वित्तीय सेवाएं एवं बीमा क्षेत्र से मिलने वाले राजस्व में गिरावट आई है। इस दौरान टीसीएस ने कुल 11.2 अरब डॉलर मूल्य के नए सौदे किए। टीसीएस ने कहा कि पुराने सौदों के क्रियान्वित होने से उसका परिचालन लाभ मार्जिन 0.25 प्रतिशत बढ़कर 24.3 प्रतिशत हो गया। समीक्षाधीन अवधि में टीसीएस के कुल कर्मचारियों की संख्या घटकर करीब 6.09 लाख रह गई जबकि पिछले साल की समान तिमाही में यह 6.16 लाख थी। जून तिमाही में कंपनी के कर्मचारियों की संख्या 6.15 लाख थी। टीसीएस के मुख्य मानव संसाधन अधिकारी मिलिंद लक्कड़ ने कहा कि कंपनी ने भर्तियां बंद नहीं की हैं लेकिन मौजूदा कर्मचारियों के नौकरी छोड़ने से कुल संख्या में गिरावट आई है। इसके साथ ही टीसीएस ने कोविड-19 महामारी के समय कर्मचारियों को दी गई ‘घर से काम करने' (वर्क फ्रॉम होम) की सुविधा बंद करने और उन्हें दफ्तर बुलाने का फैसला किया है।
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नयी दिल्ली. कोल इंडिया की शाखा साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) ने एक विशेष अभियान के तहत खनन ‘स्क्रैप' (अवशेष) से मूर्तियों बनाई हैं। मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले में एसईसीएल के जमुना कोतमा क्षेत्र में ‘स्क्रैप टू स्कल्पचर' अभियान चलाया गया। कोयला मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, परियोजना का मकसद कोयला खदानों की ‘स्क्रैप' सामग्री को कई रचनात्मक मूर्तियों में तब्दील करना है। जमुना कोतमा क्षेत्र के बंकिम विहार में इन मूर्तियों को एक सार्वजनिक पार्क में प्रदर्शित किया गया। सरकार ने स्वच्छता और सरकारी कार्यालयों में लंबित मामलों को कम करने पर ध्यान केंद्रित करते हुए इस वर्ष दो से 31 अक्टूबर तक एक विशेष अभियान चलाने की घोषणा की है। अभियान का एक प्रमुख घटक ‘स्क्रैप' सामग्री का निपटान करना है। घरेलू कोयला उत्पादन में कोल इंडिया की हिस्सेदारी 80 प्रतिशत से अधिक है।
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नयी दिल्ली. विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के सदस्य देशों के वरिष्ठ अधिकारी 23-24 अक्टूबर को जिनेवा में बैठक करेंगे। एक अधिकारी ने बताया कि इस दौरान वे अगले साल फरवरी में अबू धाबी में होने वाली मंत्रिस्तरीय बैठक से पहले जरूरी राजनीतिक प्रोत्साहन को बढ़ावा देने और विशिष्ट समस्याओं के समाधान पर चर्चा करेंगे। प्रतिनिधिमंडल के प्रमुखों ने मंगलवार को इस बैठक के विवरण पर चर्चा की।
अधिकारी ने कहा, डब्ल्यूटीओ के सभी सदस्यों के वरिष्ठ अधिकारी जरूरी राजनीतिक प्रोत्साहन देने और एमसी13 के काम को आगे बढ़ाने पर चर्चा करेंगे।'' 13वां मंत्रिस्तरीय सम्मेलन (एमसी13) अबू धाबी में 26-29 फरवरी तक होना है। मंत्रिस्तरीय सम्मेलन डब्ल्यूटीओ का सर्वोच्च निर्णय लेने वाला निकाय है। -
नयी दिल्ली. फ्लिपकार्ट की ‘द बिग बिलियन डे सेल' के पहले दिन गैर-महानगरों का दबदबा रहा। पहले दिन की सेल में 60 प्रतिशत ऑर्डर गैर-महानगरों या छोटे शहरों से आए। सबसे अधिक ऑर्डर मोबाइल फोन, उपकरणों और जीवनशैली उत्पादों के लिए थे। कंपनी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। फ्लिपकार्ट ने बयान में कहा कि बाजार में लाइफस्टाइल उत्पाद विक्रेताओं ने त्योहार से पहले की अवधि की तुलना में दिए गए ऑर्डर की संख्या में 10 गुना वृद्धि देखी। इसके बाद फर्नीचर (8 गुना) और इलेक्ट्रॉनिक्स (7 गुना) का स्थान रहा। सात अक्टूबर के बिक्री के आंकड़ों का हवाला देते हुए बयान में कहा गया, ‘‘60 प्रतिशत से अधिक ऑर्डर पहली, दूसरी और तीसरी श्रेणी के शहरों से दिए गए थे।'' सात अक्टूबर को शुरू हुई ‘सेल' के पहले दिन कंपनी के पोर्टल पर 9.1 करोड़ लोग आए।
फ्लिपकार्ट पर सबसे ज्यादा खरीदार बेंगलुरु, दिल्ली और हैदराबाद से आए। इसके बाद मुंबई, पुणे, अहमदाबाद, कोलकाता, चेन्नई और गुरुग्राम का स्थान रहा। बयान में कहा गया, ‘‘दिलचस्प बात यह है कि, हिसार, लखनऊ और पटना भी उन शीर्ष शहरों में शामिल थे, जहां त्योहारी खरीदारों द्वारा दिए गए ऑर्डर में वृद्धि देखी गई। -
नयी दिल्ली. त्योहारी सीजन की शुरुआत के साथ देश में वाहनों की बिक्री में जोरदार उछाल आया है। सितंबर माह में देशभर में वाहन बिक्री में 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज हुई है। वाहन डीलर संघों के महासंघ (फाडा) ने सोमवार को बताया कि कुल मिलाकर सितंबर में वाहनों के पंजीकरण का आंकड़ा 18,82,071 इकाई पर पहुंच गया। सितंबर, 2022 में यह 15,63,735 इकाई रहा था। फाडा के अध्यक्ष मनीष राज सिंघानिया ने कहा कि आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि सितंबर में वाहन बिक्री में बढ़ोतरी व्यापक रही है। दोपहिया वाहनों की बिक्री में जहां 22 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, वहीं तिपहिया वाहनों की खुदरा बिक्री में 49 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यात्री वाहनों की बिक्री में 19 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री में पांच प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने कहा कि पिछले महीने ट्रैक्टर बिक्री में जरूर 10 प्रतिशत की गिरावट आई है।
आंकड़ों के अनुसार, उपलब्धता में सुधार के साथ पिछले महीने वाहनों का पंजीकरण सालाना आधार पर 19 प्रतिशत से अधिक बढ़कर 3,32,248 इकाई हो गया, जबकि सितंबर, 2022 में यह 2,79,137 इकाई था। सिंघानिया ने कहा कि नए उत्पादों की पेशकश की वजह से भी पिछले महीने वाहनों का उठाव बढ़ा है।
समीक्षाधीन महीने में दोपहिया वाहनों की खुदरा बिक्री 22 प्रतिशत बढ़कर 13,12,101 इकाई हो गई, जो सितंबर, 2022 में 10,78,286 इकाई थी। वहीं वाणिज्यिक वाहनों का पंजीकरण पांच प्रतिशत बढ़कर 80,804 इकाई हो गया। तिपहिया वाहनों की बिक्री 49 प्रतिशत बढ़कर 1,02,426 इकाई हो गई, जबकि सितंबर 2022 में यह 68,937 इकाई थी। ट्रैक्टर की बिक्री घटकर 54,492 इकाई रह गई, जो सितंबर, 2022 में 60,321 इकाई रही थी।
सिंघानिया ने कहा कि श्राद्ध 14 अक्टूबर को समाप्त हो रहे हैं। उसके बाद नवरात्र शुरू होंगे। कुल 42 दिन के त्योहारी अवधि में हम बिक्री को लेकर आशान्वित हैं। ‘‘हमें उम्मीद है कि यह त्योहारी सीजन वाहन खुदरा क्षेत्र के लिए शानदार रहेगा।'' फाडा ने पिछले महीने देशभर के 1,440 क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) में से 1,352 से वाहनों के पंजीकरण के आंकड़े जुटाए हैं। -
मुंबई । भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) कर्ज लेने वालों के लिए जोखिम स्तर के आकलन पर काम कर रहा है, जहां वह हरित पहल के लिए विशेष छूट देता है। बैंक के चेयरमैन दिनेश खारा ने सोमवार को यहां यह बात कही। उन्होंने कहा कि बैंक जलवायु जोखिमों को कम करने और टिकाऊ वित्तपोषण के लिए अपने 33 लाख करोड़ रुपये के पोर्टफोलियो के कार्बन पदचिह्न को माप रहा है।
चेयरमैन ने यहां उद्योग मंडल फिक्की के एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘बैंक स्तर पर हमने अपने कर्जदारों के जोखिम के उस स्तर पर काम करना शुरू कर दिया है, जहां हम हरित पहल के लिए कुछ विशेष छूट देते हैं।”उन्होंने हालांकि इस बारे में विस्तार से नहीं बताया।गौरतलब है कि खारा कंपनियों द्वारा पर्यावरण को बचाने के झूठे वादों (ग्रीन-वॉशिंग) के खिलाफ चेतावनी देते रहे हैं।उन्होंने हरित वित्त के लिए बेहतर परियोजना रिपोर्ट का आह्वान किया ताकि हरित वित्त क्षेत्र को प्रभावित करने वाली सूचना विषमता को कम किया जा सके।उन्होंने हरित वित्त पारिस्थितिकी तंत्र पर जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए एक नीति ढांचे की आवश्यकता पर भी जोर दिया।खारा ने इस संबंध में चार्टर्ड अकाउंटेंट समुदाय से कुछ लेखा मानक तैयार करने को कहा, जो कॉरपोरेट को हरित पहल और उनके नतीजों से संबंधित वार्षिक आंकड़े रखने में मदद कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि हरित बॉन्ड बाजार को मजबूत करने की जरूरत है। -
नई दिल्ली। हीरो मोटोकॉर्प के चेयरमैन पवन मुंजाल की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। अब दिल्ली पुलिस ने भी उनके खिलाफ धोखादड़ी और जालसाजी का मामला दर्ज किया है। बता दें, दिल्ली पुलिस की तरफ से पवन मुंजाल समेत हीरो मोटोकॉर्प के तीन अन्य अधिकारियों के खिलाफ जालसाजी और धोखाधड़ी के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई है। इस खबर के बाद कंपनी के शेयर पर भी नकारात्मक असर देखने को मिल रहा है। कंपनी के शेयर में गिरावट देखी जा रही है। अब कंपनी का मार्केट कैप 59,803.80 करोड़ रुपए हो गया है। दोपहर 12 बजे के करीब बीएसई पर यह 1.44 फीसदी गिरकर 2992.15 रुपए पर पहुंच गया। इस दौरान एनएसई पर है 1.60 फीसदी लुढ़ककर 2,985.90 रुपए पर आ गया। आज इसकी शुरुआत 3034.95 के स्तर पर हुई थी।
बता दें, इससे पहले अगस्त में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने हीरो मोटोकॉर्प के चेयरमैन पवन मुंजाल के घर पर छापेमारी की थी, उस समय तब प्रवर्तन निदेशालय ने पवन मुंजाल के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत केस दर्ज किया था। पवन मुंजाल पर आरोप लगा है कि उन्होंने फर्जी बिल बनाकर इनकम टैक्स में जमा किए थे और सर्विस टैक्स का फायदा उठाया है। इन बिल को हीरो मोटोकॉर्प को मैन पावर सप्लाई करने वाली कंपनी के नाम पर बनाया गया था। पवन मुंजाल के अलावा दिल्ली पुलिस ने विक्रम सीताराम कासबेकर, हरी प्रकाश गुप्ता, मंजुला बनर्जी और हीरो मोटो कॉर्प के खिलाफ दर्ज किया है। -
नयी दिल्ली. भारत ने चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-जुलाई में 4.67 अरब अमेरिकी डॉलर के स्मार्टफोन का निर्यात किया। सरकार की ओर से जारी आंकड़ों में यह जानकारी मिली। अमेरिका में निर्यात में कई गुना वृद्धि हुई, जो भारत निर्मित उपकरणों के लिए सबसे बड़े गंतव्य के रूप में उभरा। वाणिज्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष के पहले चार महीनों के दौरान अमेरिका में स्मार्टफोन का निर्यात कई गुना होकर 1.67 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया, जो एक साल पहले 28.46 करोड़ अमेरिकी डॉलर था। मूल्य के संदर्भ में निर्यात का एक-तिहाई हिस्सा अमेरिका का रहा।
अमेरिका के बाद सूची में संयुक्त अरब अमीरात (83.636 करोड़ अमेरिकी डॉलर), नीदरलैंड (37.93 करोड़ अमेरिकी डॉलर), ब्रिटेन (33.627 करोड़ अमेरिकी डॉलर), इटली (24.57 करोड़ अमेरिकी डॉलर) और चेक गणराज्य (23.025 करोड़ अमेरिकी डॉलर) रहे। भारत का 2022-23 में कुल स्मार्टफोन निर्यात 10.95 अरब अमेरिकी डॉलर था। अप्रैल-जुलाई 2023-24 में स्मार्टफोन निर्यात सालाना आधार पर 99.52 प्रतिशत अधिक रहा। -
श्रीनगर. जम्मू-कश्मीर में सुगंधित चावल की देशज प्रजाति ‘मुश्क बुडजी' के उत्पादन में बड़ा उछाल आने की संभावना है क्योंकि इस केंद्रशासित प्रदेश के अधिकारी इसकी खेती के रकबे को अगले तीन साल में बढ़ाकर 5,000 हेक्टेयर करने की योजना बना रहे हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। ‘शेर-ए-कश्मीर यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चरल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी' (एसकेयूएएसटी) के विशेषज्ञों के अनुसार, चावल की यह उच्च लागत वाली पारंपरिक प्रजाति विलुप्त होने के कगार पर थी और ‘ब्लास्ट' रोग के प्रति संवेदनशीलता के कारण इसकी खेती घाटी के कुछ हिस्सों तक सिमट गई थी। उन्होंने कहा कि इसके अलावा उत्पादन में असमानता, गुणवत्तायुक्त बीज का अभाव, कई प्रजातियों के घालमेल से खराब उत्पादन की संभावना, अधिक क्षेत्रफल में उच्च पैदावार वाली धान के फसलों की खेती आदि ऐसे कारण हैं जिससे ‘मुश्क बुडजी' की खेती का रकबा सिमटता गया। कृषि विभाग और एसकेयूएएसटी के प्रयास के कारण ‘मुश्क बुडजी' को ‘जियोग्रैफिकल इंडिकेशन' (जीआई) टैग हासिल हुआ। फिलहाल ‘मुश्क बुडजी' की खेती अधिकतर कोकेरनाग के पांच गांवों की 250 हेक्टेयर भूमि पर की जाती है। ‘मुश्क बुडजी' की खेती खास जलवायु में होती है। कृषि उत्पादन और किसान कल्याण विभाग, कश्मीर के निदेशक चौधरी मोहम्मद इकबाल ने कहा, ‘‘हमारा लक्ष्य कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के समग्र विकास की योजना के तहत अगले तीन वर्षों में 5,000 हेक्टेयर भूमि को फसल की खेती के तहत लाना है।'' इकबाल ने कहा, ‘‘हम ‘मुश्क बुडजी' को बडगाम तक विस्तारित करने में सफल रहे हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि और अधिक किसान इस फसल को उगाएंगे, जिससे बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए इसके उत्पादन में वृद्धि होगी।'' श्रीनगर के ‘कश्मीर हाट' में दो अक्टूबर को शुरू हुए सप्ताह भर चलने वाले ‘जीआई मोहत्सव' का जिक्र करते हुए इकबाल ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के भीतर और बाहर, दोनों जगहों के 100 जीआई-टैग वाले कृषि और बागवानी उत्पादों का प्रदर्शन किया गया। कोकेरनाग के सगाम गांव के मंजूर अहमद भट ने भी इस कार्यक्रम में भाग लिया। उन्होंने कहा कि लगभग आधा दर्जन गांवों के 500 से अधिक किसान मुश्क बुडजी उगा रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम एक किलोग्राम मुश्क बुडजी 260 रुपये में बेच रहे हैं और इसे श्रीनगर में काफी अच्छी प्रतिक्रिया मिली है। हमें उत्पाद के लिए दुबई से भी कॉल आए हैं।'' सगाम गांव के बुजुर्ग किसान गुलाम मोहम्मद ने कहा कि उन्होंने मुश्क बुडजी की खेती बहुत पहले बंद कर दी थी, लेकिन सरकार का समर्थन मिलने पर पिछले कुछ समय से वह इसकी खेती फिर कर रहे हैं।
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नयी दिल्ली. इजराइल के तेल अवीव पर शनिवार को हमास आतंकवादियों के हमला करने के बाद एयर इंडिया ने वहां की सभी उड़ानें 14 अक्टूबर तक रद्द कर दी हैं। कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि यात्रियों और चालक दल के सदस्यों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए तेल अवीव जाने वाली और वहां से आने वाली सभी उड़ानें 14 अक्टूबर तक रद्द कर दी गई हैं। एयर इंडिया के प्रवक्ता के अनुसार, टिकट बुक कर चुके यात्रियों को उनकी जरूरत के अनुसार पूरा सहयोग दिया जाएगा। एयरलाइन तेल अवीव के लिए पांच साप्ताहिक उड़ानें संचालित करती है। ये उड़ानें- सोमवार, मंगलवार, बृहस्पतिवार, शनिवार और रविवार को होती हैं। शनिवार को नयी दिल्ली से तेल अवीव के लिए उड़ान संख्या एआई 139 और वापसी की उड़ान एआई 140 को रद्द कर दिया गया था।
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दुबई. संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के खाद्य उद्योग ने आयात के लिए भारत सरकार से समर्थन मांगते हुए कहा है कि पश्चिम एशिया के देशों में भारत के मांस (चिकन), डेयरी उत्पाद, बासमती चावल, संरक्षित (फ्रोजन) समुद्री सामान और गेंहू उत्पादों की भारी मांग है। यूएई उद्योग ने कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) के साथ अधिक समन्वय के लिए भारत सरकार का समर्थन मांगा है। उसने सुचारू प्रमाणन प्रक्रियाओं और मानकों के सामंजस्य की भी मांग की है। उन्होंने कहा कि भारतीय उत्पादों की उच्च गुणवत्ता वाली पैकेजिंग से भारत की कंपनियों को बहरीन, कुवैत, ओमान सल्तनत, कतर, सऊदी अरब और यूएई जैसे देशों में खाद्य तथा इससे जुड़े उत्पादों के निर्यात को बढ़ाने में मदद मिलेगी। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने पिछले सप्ताह अपनी यूएई यात्रा के दौरान इन आयातकों के साथ विस्तृत चर्चा की। इस दौरान उन्होंने भारत से निर्यात बढ़ाने के तरीकों पर भी चर्चा की थी। ग्लोबल फूड इंडस्ट्रीज एलएलसी के यूएई (फ्रोजन एंड बेवरेजेज) के बिक्री प्रमुख निसार थलंगारा ने कहा, ‘‘भारत के लिए इन देशों में संरक्षित (फ्रोजन) उत्पादों के निर्यात की बहुत संभावनाएं हैं।'' ओमान के खिमजी रामदास समूह के एक प्रतिनिधि ने कहा कि वहां भारतीय बासमती चावल की भारी मांग है और इसपर न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) कम करने से भारत को निर्यात बढ़ाने में मदद मिलेगी। सरकार वर्तमान में एमईपी को 1,200 डॉलर प्रति टन से घटाकर 850 डॉलर प्रति टन करने पर विचार कर रही है।
जीसीसी (खाड़ी सहयोग परिषद) देशों के एक अन्य आयातक ने हलाल प्रमाणीकरण का मुद्दा उठाया। भारत में एक सुस्थापित हलाल मांस प्रमाणन प्रणाली है। एलानासंस प्राइवेट लिमिटेड के कार्यकारी निदेशक फौजान अलावी ने कहा कि भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) मांस उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने में मदद कर रहा है। अलावी ने कहा, ‘‘हम भारत से यूएई तक अपना निर्यात बढ़ाने के अधिक अवसर देखते हैं।''
इसी तरह चोइथराम्स की प्रमुख (खुदरा खरीद) कीर्ति मेघनानी ने कहा कि उत्पादों की पैकेजिंग पर ध्यान देने से भारतीय निर्यातकों को संयुक्त अरब अमीरात और अन्य खाड़ी देशों के साथ व्यापार बढ़ाने में मदद मिलेगी। ऐपकॉर्प होल्डिंग के चेयरमैन नितेश वेद ने सुझाव दिया कि यहां एपीडा कार्यालय स्थापित करने से खाद्य उद्योग को मदद मिलेगी। भारत-यूएई व्यापार समझौता पिछले साल मई में लागू किया गया था। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2021-22 में 72.9 अरब डॉलर से बढ़कर 2022-23 में 84.9 अरब डॉलर हो गया। -
नई दिल्ली। 2000 के नोट को जमा करने की अंतिम तिथि 7 अक्टूबर को ही खत्म हो चुकी है। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि केवल 12,000 करोड़ रुपए या फिर प्रचलन में कुल 2000 के नोट के 3.37 प्रतिशत ही बैंकों के पास नहीं आए हैं। इसका अर्थ यह है कि लगभग 96 प्रतिशत से अधिक नोट वापस आ गए हैं.। हालांकि, जमा करने की समय सीमा पूरी हो जाने के बाद रिजर्व बैंक ने नहीं बताया है कि 2000 के कुल कितने नोट आ चुके हैं और कितने बच गए हैं।
रिजर्व बैंक ने समय सीमा खत्म हो जाने तक 2000 का नोट नहीं जमा करा पाने वालों के लिए भी एक सुविधा दी है। RBI के मुताबिक जो लोग समय सीमा तक बैंक में 2000 के नोट जमा नहीं करा पाए वो रिजर्व बैंक के 19 क्षेत्रीय कार्यालयों में जाकर नोट जमा कर सकते हैं.। वे 19 RBI के क्षेत्रिय कार्यालय अहमदाबाद, बैंगलोर, बेलापुर, भोपाल, भुवनेश्वर, चंडीगढ़, चेन्नई, गुवाहाटी, हैदराबाद, जयपुर, जम्मू, कानपुर, कोलकाता, लखनऊ, मुंबई, नागपुर, नई दिल्ली, पटना और तिरुवनंतपुरम में हैं। हालांकि, रिजर्व बैंक ने इसे लिए लिमिट तय की है.। रिजर्व बैंक के मुताबिक समय सीमा खत्म हो जाने के बाद एक बार में एक व्यक्ति 2000 के केवल 10 नोट जमा करा सकता है।बता दें कि रिजर्व बैंक ने इस साल 19 मई को 2000 के नोट को बंद करने की घोषणा की थी। शुरू में RBI ने नोट जमा करने की अंतिम तिथि 30 सितंबर तक रखी थी लेकिन बाद में लोगों के अनुरोध और बैंकों में जमा करने वालों की बढ़ती भीड़ को देखते हुए इसे बढ़ाकर 7 अक्टूबर 2023 तक कर दिया गया।2000 का नोट नोटबंदी के बाद पहली बार 2016 में प्रचलन में आया था जब भारत सरकार ने 500 और 1000 के पुराने नोट को बंद करने का फैसला लिया था। बाद में अन्य मूल्यवर्ग के नोट बाजार में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होने के बाद साल 2018-19 के आस-पास रिजर्व बैंक ने 2000 के नोट की छपाई बंद कर दी थी। - नयी दिल्ली। जिंदल स्टील एंड पावर (जेएसपी) अपनी अंगुल इकाई को भारत का सबसे बड़ा एकल-स्थल इस्पात विनिर्माण संयंत्र बनाने की योजना बना रही है। कंपनी के प्रबंध निदेशक विमलेंद्र झा ने यह जानकारी दी। झा ने बताया कि इस समय ओडिशा संयंत्र की क्षमता मौजूदा 56 लाख टन प्रतिवर्ष से बढ़ाकर 1.16 करोड़ टन प्रतिवर्ष की जा रही है। उन्होंने योजना के लिए कोई समयसीमा साझा किए बिना कहा, ''हम अगले साल तक अंगुल में क्षमता को दोगुना से अधिक कर रहे हैं... आगे चलकर हमारी इसे 2.4 करोड़ टन प्रतिवर्ष तक बढ़ाने की महत्वाकांक्षा है, जिससे यह भारत का सबसे बड़ा एकल-स्थल इस्पात संयंत्र बन जाएगा।'' कंपनी ने एक बयान में कहा कि रायगढ़ में इस्पात संयंत्र का विस्तार भी मौजूदा 36 लाख टन प्रतिवर्ष से बढ़ाकर 96 लाख टन प्रतिवर्ष तक किया जाएगा। अंगुल संयंत्र के विस्तार पर झा ने कहा कि कंपनी का लक्ष्य 2023 के अंत तक परीक्षण उत्पादन और अगले साल तक वाणिज्यिक उत्पादन करना है। उन्होंने कहा कि बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर सरकार के जोर से घरेलू इस्पात की मांग बढ़ी है और इसकी वृद्धि दर फिलहाल 7-8 प्रतिशत के दायरे में है।
- नयी दिल्ली। सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के विभिन्न बैंकों (पीएसबी) के 12 महाप्रबंधकों को कार्यकारी निदेशक (ईडी) के रूप में नियुक्त करने को मंजूरी दी है। सूत्रों के मुताबिक मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने शनिवार को 12 ईडी की नियुक्ति को मंजूरी दी।सरकारी आदेश के अनुसार बैंक ऑफ महाराष्ट्र के महाप्रबंधक (जीएम) संजय रुद्र को यूनियन बैंक ऑफ इंडिया का ईडी नियुक्त किया गया है। इसी बैंक के एक अन्य जीएम विजयकुमार एन कांबले यूको बैंक के ईडी का पदभार संभालेंगे। सूत्रों ने बताया कि भवेंद्र कुमार जो वर्तमान में केनरा बैंक के मुख्य महाप्रबंधक हैं, उन्हें इसी बैंक का ईडी बनाया गया है। पंजाब नेशनल बैंक के मुख्य महाप्रबंधक विभु प्रसाद महापात्रा को बैंक के ईडी के रूप में पदोन्नत किया गया है, जबकि महाप्रबंधक रवि मेहरा को पंजाब एंड सिंध बैंक के ईडी के रूप में पदोन्नत किया गया है। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के मुख्य महाप्रबंधक राजीव मिश्रा अब बैंक ऑफ इंडिया के ईडी होंगे। बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य महाप्रबंधक ब्रजेश कुमार सिंह मार्च में इंडियन बैंक के ईडी का कार्यभार संभालेंगे। वहीं इंडियन बैंक में मुख्य महाप्रबंधक रोहित ऋषि अगले महीने बैंक ऑफ महाराष्ट्र के ईडी का पदभार संभालेंगे। इसके अलावा सरकार ने बैंक ऑफ बड़ौदा के ईडी के रूप में लाल सिंह की नियुक्ति को मंजूरी दी है। शिव बजरंग सिंह को इंडियन बैंक, महेंद्र दोहरे को बैंक ऑफ इंडिया और धनराज टी को इंडियन ओवरसीज बैंक का ईडी बनाया गया है।
- नयी दिल्ली। डिजिटल बुनियादी ढांचे और डेटा सेंटर एकीकरण क्षेत्र की मांग बढ़ने के बीच आईटी समाधान मुहैया कराने वाली कंपनी ब्लैक बॉक्स भारत में अपना विस्तार कर रही है। एस्सार समूह की प्रमुख कंपनी ब्लैक बॉक्स कॉरपोरेशन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) संजीव वर्मा ने कहा, ''भारत हमारे लिए एक बाजार के रूप में महत्वपूर्ण है। यहां से भारतीय समूहों और वैश्विक ग्राहकों, दोनों को सेवाएं दी जाती हैं। भारत में वृद्धि क्षमता को लेकर हमारा नजरिया सकारात्मक है और हम यहां निवेश करना जारी रखेंगे।'' उन्होंने कहा कि कंपनी सरकार की डिजिटलीकरण पहल और डेटा केंद्रों की मजबूत मांग जैसे क्षेत्रों का मूल्यांकन करेगी। कंपनी वृद्धि के लिए विभिन्न क्षेत्रों में अपने कार्यबल का विस्तार कर रही है और उसने 500 नयी नौकरियों को जोड़कर अपने बेंगलुरु उत्कृष्टता केंद्र के विस्तार की रूपरेखा तैयार की है।
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नयी दिल्ली। देश की शीर्ष 10 सबसे मूल्यवान कंपनियों में पांच का संयुक्त बाजार मूल्यांकन पिछले सप्ताह 86,234.73 करोड़ रुपये बढ़ गया। इसमें टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) सबसे अधिक लाभ में रही। टीसीएस के अलावा एचडीएफसी बैंक, इंफोसिस, हिंदुस्तान यूनिलीवर और बजाज फाइनेंस लाभ में रहे। दूसरी ओर रिलायंस इंडस्ट्रीज, आईसीआईसीआई बैंक, आईटीसी, भारतीय स्टेट बैंक और भारती एयरटेल में गिरावट हुई।
पिछले हफ्ते बीएसई सेंसेक्स 167.22 अंक या 0.25 फीसदी चढ़ गया। इस दौरान टीसीएस का बाजार मूल्यांकन 32,730.22 करोड़ रुपये बढ़कर 13,24,649.78 करोड़ रुपये हो गया।बजाज फाइनेंस ने 21,697.96 करोड़ रुपये जोड़े, जिससे उसका मूल्यांकन बढ़कर 4,94,884.37 करोड़ रुपये हो गया।इंफोसिस का मूल्यांकन 18,057.94 करोड़ रुपये बढ़कर 6,13,655.04 करोड़ रुपये और हिंदुस्तान यूनिलीवर का मूल्यांकन 7,730.16 करोड़ रुपये बढ़कर 5,87,104.12 करोड़ रुपये हो गया।एचडीएफसी बैंक का बाजार पूंजीकरण 6,018.45 करोड़ रुपये बढ़कर 11,63,164.31 करोड़ रुपये हो गया।दूसरी ओर रिलायंस इंडस्ट्रीज का मूल्यांकन 19,336.49 करोड़ रुपये घटकर 15,68,216.88 करोड़ रुपये और आईसीआईसीआई बैंक का मूल्यांकन 4,671.54 करोड़ रुपये घटकर 6,62,057.43 करोड़ रुपये रह गया। हालांकि, रिलायंस इंडस्ट्रीज देश की सबसे मूल्यवान कंपनी बनी रही।भारतीय स्टेट बैंक का बाजार पूंजीकरण 4,105.33 करोड़ रुपये घटकर 5,30,211.19 करोड़ रुपये और आईटीसी का बाजार पूंजीकरण 2,743.6 करोड़ रुपये घटकर 5,51,463.84 करोड़ रुपये रह गया। भारती एयरटेल का बाजार मूल्यांकन 196.19 करोड़ रुपये घटकर 5,19,082.95 करोड़ रुपये रह गया। - नयी दिल्ली। भारत का कोयला आयात इस साल अगस्त में सालाना आधार पर 12.08 प्रतिशत घटकर 1.82 करोड़ टन रह गया। पिछले साल अगस्त में यह आंकड़ा 2.07 करोड़ टन था। ई-कॉमर्स फर्म एमजंक्शन सर्विसेज लिमिटेड के आंकड़ों के अनुसार अप्रैल से अगस्त के दौरान कुल कोयला आयात भी 10.3 प्रतिशत घटकर 10.39 करोड़ टन रह गया, जो एक साल पहले इसी अवधि में 11.59 करोड़ टन था। अगस्त में गैर-कोकिंग कोयले का आयात 1.05 करोड़ टन था, जबकि एक साल पहले यह आंकड़ा 1.38 करोड़ टन था। इस दौरान कोकिंग कोयले का आयात 46.2 लाख टन था। एमजंक्शन के प्रबंध निदेशक और सीईओ विनय वर्मा ने कहा कि गैर-कोकिंग कोयले के आयात में (अगस्त 2023 तक) लगभग दो करोड़ टन की भारी गिरावट आई है। घरेलू उपलब्धता बढ़ने के चलते ऐसा हुआ। उन्होंने ये रुझान आगे भी जारी रहने की उम्मीद जताई।
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नई दिल्ली। राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने शनिवार को दोहराया कि ऑनलाइन गेमिंग और कैसिनो पर शुरू से ही 28 फीसदी GST लागू था।गौरतलब है कि दिल्ली और गोवा जैसे राज्यों ने ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों और कैसीनो पर पिछली तारीख से टैक्स की मांग का मुद्दा उठाया है।मल्होत्रा ने GST काउंसिल की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘कुछ सदस्यों ने पिछली तारीख से कराधान का मुद्दा उठाया। उन्हें बताया गया कि यह पिछली तारीख से लागू नहीं किया गया है, बल्कि यह पहले से ही कानून में था। ये देनदारियां पहले से ही मौजूद थीं, क्योंकि ये आनलाइन गेम दांव लगाकर खेले जाते थे… दांव या जुए के चलते इन पर पहले से ही 28 प्रतिशत GST लग रहा था।’ 52वीं जीएसटी परिषद की बैठक में दिल्ली और गोवा ने ई-गेमिंग कंपनियों और कैसिनो पर टैक्स मांग का मुद्दा उठाया।
दिल्ली की वित्त मंत्री आतिशी ने कहा कि ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को पिछले छह वर्षों के लिए 28 प्रतिशत की उच्च दर पर टैक्स नोटिस भेजे जा रहे हैं, जबकि 28 प्रतिशत GST एक अक्टूबर को लागू किया जाना था।आतिशी ने कहा, ‘एक इंडस्ट्री जिसका राजस्व 23,000 करोड़ रुपये है, आप 1.5 लाख करोड़ रुपये का टैक्स नोटिस दे रहे हैं… यह इंडस्ट्री को खत्म करना है। यह भारतीय स्टार्टअप परिवेश में असुरक्षित निवेश माहौल को दर्शाता है।’मल्होत्रा ने आगे कहा कि दिल्ली और गोवा जैसे कुछ राज्यों ने कथित टैक्स चोरी के लिए जीएसटी नोटिस पाने वाली ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों का मुद्दा उठाया।छत्तीसगढ़ CM टी एस सिंह देव ने कहा- टैक्स डिमांड नोटिस पर हुई चर्चाछत्तीसगढ़ के उप-मुख्यमंत्री और GST परिषद के सदस्य टी एस सिंह देव ने कहा कि ‘इन कंपनियों पर पिछली तारीख से लगने वाले शुल्क (टैक्स डिमांड नोटिस) पर चर्चा हुई। चूंकि DGGI एक स्वतंत्र संस्था है, इसलिए इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता। (जीएसटी परिषद की) चेयरपर्सन ने कहा कि यदि जरूरत हुई तो वह DGGI को स्पष्टीकरण उपलब्ध कराएंगी।’ - नयी दिल्ली। जीएसटी परिषद ने शनिवार को लेबल वाले मोटे अनाज के आटे पर पांच प्रतिशत कर लगाने का फैसला किया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह जानकारी दी। आटे को पैक करके उस पर लेबल लगाकर बेचने पर जीएसटी लागू होगा।ऐसा आटा, जिसमें कम से कम 70 प्रतिशत मोटे अनाज हों, उसे खुला बेचने पर शून्य प्रतिशत जीएसटी लागू होगा, लेकिन पैक करके और लेबल लगाकर बेचने पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगेगा। केंद्रीय वित्त मंत्री की अध्यक्षता में और राज्यों के समकक्षों की मौजूदगी में हुई 52वीं जीएसटी परिषद की बैठक में जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण (जीएसटीएटी) के अध्यक्ष और सदस्यों की अधिकतम आयु सीमा तय करने का भी निर्णय लिया गया। इसके तहत जीएसटीएटी अध्यक्ष की अधिकतम आयु 70 वर्ष और सदस्यों की अधिकतम आयु 67 वर्ष होगी। इससे पहले यह सीमा क्रमश: 67 वर्ष और 65 वर्ष थी। परिषद ने शीरा पर जीएसटी को 28 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत करने और मानव उपभोग के लिए बनी शराब को लेवी से छूट देने का भी फैसला किया।
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नई दिल्ली। ई-कॉमर्स की प्रमुख कंपनी एमेजॉन को इस साल अपने त्योहारी सीजन के सेल का बेसब्री से इंतजार है। कंपनी को उम्मीद है कि इस साल की सेल अब तक की सबसे बड़ी सेल होगी। कंपनी ने कहा कि 8 अक्टूबर से ग्रेट इंडियन फेस्टिवल सेल की शुरुआत होने वाली है और यह कंपनी के प्राइम ग्राहकों के लिए 24 घंटे पहले यानी 7 अक्टूबर से ही शुरू हो जाएगी।
’ ई-कॉमर्स दिग्गज अपने वॉलमार्ट के स्वामित्व वाली प्रतिद्वंद्वी फ्लिपकार्ट के साथ प्रतिस्पर्धा करेगी। फ्लिपकार्ट भी 8 से 15 अक्टूबर तक अपने प्रमुख द बिग बिलियन डेज (बीबीडी) की शुरुआत कर रही है, जो प्लस ग्राहकों के लिए 7 अक्टूबर से ही शुरू हो जाएगी।एमेजॉन ने शुक्रवार को दिल्ली एनसीआर में अपना ‘एमेजॉन एक्सपीरियंस एरेना’ कार्यक्रम शुरू किया। यह आयोजन पुणे, हैदराबाद, चेन्नई और कोलकाता में भी किया जाएगा। रेडसियर स्ट्रैटेजी कंसल्टेंट्स के अनुसार इस साल त्योहारी सीजन सेल पिछले साल की तुलना में काफी अधिक होने की उम्मीद है। इस साल भारत में ऑनलाइन बिक्री पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 15 फीसदी अधिक होने की उम्मीद है।इसके अलावा ई-कॉमर्स कंपनियों के खुदरा विक्रेताओं को इस अवधि के दौरान 90,000 करोड़ रुपये की बिक्री होने की उम्मीद है, जो पिछले साल की तुलना में 18 से 20 फीसदी अधिक है। एमेजॉन इंडिया ने नील्सन मीडिया से एक अध्ययन कराया था। -
नई दिल्ली। टाटा मोटर्स की वित्त वर्ष 2023-24 की दूसरी तिमाही में वैश्विक थोक बिक्री 7 फीसदी बढ़ गई। इस दौरान कंपनी ने मुख्य रूप से जगुआर लैंड रोवर (जेएलआर) की बिक्री में वृद्धि की वजह से 3,42,276 गाड़ियां बेचीं। क्रमिक आधार पर कंपनी ने वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 3,22,159 गाड़िया बेची थीं। इसकी तुलना कंपनी ने वैश्विक थोक बिक्री में 6.3 फीसदी की वृद्धि दर्ज की।
जेएलआर की वैश्विक थोक बिक्री 96,817 गाड़ियों की थी थी, जो चेरी जेएलआर जेवी की बिक्री को छोड़कर 29 फीसदी अधिक थी। इसमें से तिमाही के दौरान जगुआर की थोक बिक्री 13,560 गाड़ियों की रही, जबकि लैंड रोवर की थोक बिक्री 83,257 इकाई रही। पिछली तिमाही के मुकाबले जेएलआर की थोक बिक्री वित्त वर्ष पहली तिमाही के 93,252 से थोड़ी बढ़ी।दूसरी तिमाही में टाटा मोटर्स के वाणिज्यिक वाहन और टाटा देवू रेंज की 1,06,620 गाड़ियां बिकीं। यह पिछले साल की समान अवधि से 3 फीसदी ज्यादा है। वहीं, यात्री वाहनों की बिक्री 3 फीसदी कम हो गई। इस दौरान 1,38,929 गाड़ियां बिकीं। पिछली तिमाही में वाणिज्यिक वाहनों की थोक बिक्री में 15 फीसदी की गिरावट आई थी और कंपनी ने वहां से रफ्तार पकड़ी। पिछली तिमाही के मुकाबले वैश्विक वाणिज्यिक थोक वाहनों की बिक्री में 57 फीसदी का इजाफा हुआ।वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही में यात्री वाहनों की बिक्री 8 फीसदी बढ़कर 1,40,450 गाड़ियों की हो घई थी। दूसरी तिमाही में भारत में यात्री वाहनों की बिक्री प्रभावित हुई क्योंकि उपयोगिता वाहन (यूवी) की बिक्री में गिरावट देखी गई। घरेलू बाजार में नेक्सन और पंच की बिक्री पिछले साल के मुकाबले करीब 5 फीसदी कम रही। इसकी तुलना में जुलाई से सितंबर तिमाही में हैरियर और सफारी की बिक्री 45 फीसदी कम रही।टाटा मोटर्स ने हाल ही में भारतीय बाजार में नेक्सन का नया संस्करण (फेस लिफ्ट) पेश किया और धीरे-धीरे अपने पुराने मॉडल के उत्पादन कम किया। इससे संख्या पर असर पड़ा। कंपनी हैरियर का फेस-लिफ्ट संस्करण लाने की भी योजना बना रहा है। - नई दिल्ली। टाटा मोटर्स ने 6 अक्टूबर से अपनी दो सबसे पावरफुल एसयूवी हैरियर और सफारी के फेसलिफ्टेड मॉडल की बुकिंग शुरू कर दी है। नई हैरियर और सफारी के एक्सटीरियर से लेकर इंटीरियर तक काफी सारे अहम बदलाव किए गए हैं, जिससे ये दोनों एसयूवी और ज्यादा आकर्षक और फीचर लोडेड हो गई है।टाटा मोटर्स ने हैरियर और सफारी के फेसलिफ्टेड मॉडल्स में काफी सारे बदलाव किए हैं, जैसा कि टीजर से भी झलकता है। ऐसे में इन दोनों एसयूवी के एक्सटीरियर और इंटीरियर के लुक और डिजाइन के साथ ही फीचर्स में भी काफी सारी सकारात्मक तब्दीलियां देखने को मिल रही हैं।फ्रंट और रियर में कनेक्टिंग लाइट्सटाटा मोटर्स अपनी नई हैरियर और सफारी फेसलिफ्टेड मॉडल्स के फ्रंट और रियर में कनेक्टिंग एलईडी लाइट्स देने वाली है, जिससे कि ये काफी आकर्षित दिखती हैं। हाल ही में कंपनी ने नेक्सॉन को भी इसी तरह के लाइट सेटअप के साथ पेश किया था। हालांकि, आगामी हैरियर और सफारी के फ्रंट और रियर लुक में मौजूदा मॉडल्स के मुकाबले काफी कुछ नया दिखने वाला है और इसकी झलक टीजर में दिख रही है।नए कलर ऑप्शनटाटा हैरियर और सफारी के अपडेटेड मॉडल्स में कुछ नए कलर ऑप्शस भी दिखने को मिल सकते हैं और टीजर वीडियोज में भी यह पता चलता है। दरअसल, किसी भी कार या एसयूवी के बोल्डनेस को अलग-अलग कलर ऑप्शंस से तड़का लगता है और ऐसे में नई नेक्सॉन की तरह ही हैरियर और सफारी के अपडेटेड मॉडल्स भी आकर्षक रंगों के विकल्प में आएंगे।एक्सटीरियर और इंटीरियर और जबरदस्तटाटा हैरियर और सफारी के फेसलिफ्टेड मॉडल के एक्सटीरियर में नई फ्रंट ग्रिल, बेहतर लाइट सेटअप, रीडिजाइन्ड बंपर, कनेक्टिंग एलईडी लाइट्स और शानदार रियर लुक समेत और भी खास बातें होंगी। कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि हैरियर और सफारी के अपडेटेड मॉडल को एकबारगी देखने के बाद ही पुराने मॉडल से फर्क किया जा सकेगा।फीचर्स होंगे धांसूजैसा कि टीजर वीडियो से ही पता चल रहा है कि हैरियर का इंटीरियर बेहतरीन होने के साथ ही फीचर्स भी धांसू होगा। ऐसे में सफारी के साथ भी यही उम्मीद की जा रही है। इन एसयूवी में नया 12.3 इंच का टचस्क्रीन इन्फोटेनमेंट सिस्टम, 10.25 इंच का डिजिटल ड्राइवर डिस्प्ले, एंबिएंट लाइटिंग, नए स्टीयरिंग व्हील में टाटा का बैकलिट लोगो, बेहतर डैशबोर्ड, वेंटिलेटेड सीट्स, लेदर सीट समेत और भी काफी सारी खूबियां होंगी। संभावना है कि अपडेटेड हैरियर और सफारी मॉडल्स में अडवांस ड्राइवर असिस्टेंट सिस्टम भी देखने को मिल सकते हैं।प्राइसटाटा सफारी - Rs. 16.00 - 25.00 लाख अनुमानित प्राइसटाटा हैरियर - 15.20 लाख से शुरू होती है और टॉप मॉडल की क़ीमत Rs. 24.27 लाख (avg. ex-showroom) तक
- नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को चालू वित्त वर्ष के लिए देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि के अनुमान को 6.5 प्रतिशत पर कायम रखा है। केंद्रीय बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि भारत दुनिया की वृद्धि का इंजन बनने के लिए तैयार है।दास ने रिजर्व बैंक की द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा पेश करते हुए कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था की धीमी पड़ती रफ्तार के बीच घरेलू अर्थव्यवस्था मजबूत मांग होने से जुझारू क्षमता दिखा रही है।आरबीआई गवर्नर ने कौटिल्य के महान ग्रंथ ‘अर्थशास्त्र’ को उद्धृत करते हुए कहा कि देश की प्रगति के लिए वृहद-आर्थिक स्थिरता और समावेशी विकास बुनियादी तत्व हैं। उन्होंने कहा, ‘‘पिछले कुछ वर्षों में कई तरह के और अप्रत्याशित झटकों से निपटने के लिए हमने जिस तरह का नीतिगत मेल किया है, उसने वृहद-आर्थिक एवं वित्तीय स्थिरता को मजबूती दी है।’’उन्होंने कहा कि बाह्य क्षेत्र भी काफी हद तक प्रबंधन के लायक बना हुआ है। उन्होंने कहा कि दशक भर पहले के दोहरे बहीखाते के दबाव की जगह अब दोहरे बहीखाते के लाभ की स्थिति है जिसमें बैंकों एवं कंपनियों दोनों के खाते मजबूत हैं। उन्होंने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था इस समय कठिन वित्तीय परिस्थितियों, भू-राजनीतिक तनाव लंबा खिंचने और बढ़ते भू-आर्थिक विखंडन के असर से सुस्त पड़ रही है।आरबीआई गवर्नर ने कहा, ‘‘वैश्विक रुझानों के उलट घरेलू आर्थिक गतिविधियां जुझारूपन को दर्शाती हैं जो मजबूत घरेलू मांग से आती है। भारत दुनिया की वृद्धि का नया इंजन बनने के लिए तैयार है।’’दास ने कहा कि भू-राजनीतिक दबाव, वित्तीय बाजारों एवं ईंधन कीमतों में उतार-चढ़ाव और जलवायु संबंधी घटनाएं वृद्धि परिदृश्य के लिए जोखिम पैदा करती हैं। इन सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष में 6.5 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल करने का अनुमान रखा है।आरबीआई ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 की दूसरी तिमाही में वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में छह प्रतिशत और चौथी तिमाही में 5.7 प्रतिशत रहने का अनुमान है। इन तिमाहियों में जोखिम को समान रूप से ध्यान में रखते हुए समूचे वित्त वर्ष के लिए वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। वहीं अगले वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में वास्तविक वृद्धि दर 6.6 प्रतिशत रह सकती है।इसके पहले अगस्त की समीक्षा बैठक में भी आरबीआई ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 6.5 प्रतिशत वृद्धि का ही अनुमान जताया था। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था एक चुनौतीपूर्ण वैश्विक परिवेश में भी आगे बढ़ रही है और अपनी अंतर्निहित वृहद-आर्थिक बुनियाद और अन्य समर्थक बिंदुओं से ताकत हासिल कर रही है।हालांकि, दास ने कहा कि जुलाई-सितंबर की तिमाही में कुछ खाद्य उत्पादों की कीमतें बढ़ने से मुद्रास्फीति में गिरावट के रुझान पर असर देखा गया है। आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष में खुदरा मुद्रास्फीति 5.4 प्रतिशत रहने का अनुमान बरकरार रखा है।
- कोलकाता। गोल्डन फाइबर' की बंपर फसल के कारण किसानों को नुकसान होने की खबरें आने के बाद सरकार ने गुरुवार को जूट के लिए न्यूनतम मूल्य तय कर दिया है। एक अधिसूचना में जूट आयुक्त ने कहा कि खेत के स्तर पर न्यूनतम कीमत 5,050 रुपये प्रति क्विंटल और कोलकाता में डिलिवरी के लिए 5,500 रुपये प्रति क्विंटल तय की गई है। बाजार सूत्रों ने कहा कि यह एक अच्छा कदम है, क्योंकि सबसे अधिक कारोबार वाली किस्म टीडी5 की औसत कच्चे जूट की कीमतें बुधवार को 4,100 रुपये तक गिर गई थी। जूट आयुक्त मलय चंद्र चक्रवर्ती ने कहा कि सभी प्रकार के जूट की न्यूनतम कीमत 31 अक्टूबर तक या कच्चे जूट के किसी भी व्यापार के लिए अगले आदेश तक लागू रहेगी। उन्होंने कहा, ‘‘कोई भी खरीदार या विक्रेता इस आदेश में निर्दिष्ट दरों के अलावा अन्य पर लेनदेन करने का हकदार नहीं होगा।'' जूट किसानों ने हाल ही में नादिया, मुर्शिदाबाद, उत्तर दिनाजपुर, उत्तर 24-परगना और हुगली जिलों में अपनी उपज के लिए बेहतर कीमतों और एमएसपी में वृद्धि की मांग को लेकर प्रदर्शन किया था। उन्होंने सड़कों को अवरुद्ध कर दिया था और जूट की गांठों में आग लगा दी थी। पश्चिम बंगाल में लगभग पांच-छह लाख लोग जूट की खेती में लगे हुए हैं।जब किसान भारतीय जूट निगम के संग्रह केंद्रों पर अपनी उपज बेच सकते हैं, ऐसे में जून की न्यूनतम कीमत तय करने की जरूरत पर चक्रवर्ती ने कहा कि ऐसे केंद्रों के माध्यम से पूरी खेतिहरों की आबादी को कवर करना हमेशा संभव नहीं होता है। जूट आयुक्त ने कहा, ‘‘इसलिए, यह आदेश किसानों और जूट के सामान निर्माताओं दोनों को महत्वपूर्ण सहायता प्रदान करने के लिए जारी किया गया है।'' जेसीआई के प्रबंध निदेशक अजय कुमार जॉली ने कहा कि वह जूट आयुक्त के कदम का स्वागत करते हैं क्योंकि इससे जूट बाजार की स्थिति में सुधार होगा और किसानों को राहत मिलेगी। भारतीय जूट निर्माता संघ के पूर्व अध्यक्ष और कई जूट मिलों के मालिक संजय कजारिया ने इस हस्तक्षेप का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि कई दशक में यह पहली बार है कि किसानों के हितों की रक्षा के लिए न्यूनतम मूल्य निर्धारित किया गया है। कजारिया ने कहा कि सरकार द्वारा जूट बैग की खरीद अधिक होनी चाहिए क्योंकि यह पिछले साल की तुलना में अब 20-30 प्रतिशत कम है।
- मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने गुरुवार को कहा कि बिना दावे वाली राशि के बारे में जानकारी देने वाला उद्गम पोर्टल से 30 बैंक जुड़ गये है। इससे लोगों को बिना दावे वाली राशि का पता लगाने के साथ उसके बारे में दावा करने में मदद मिलेगी। आरबीआई ने 17 अगस्त को उद्गम (बिना दावे वाली जमाराशियां- जानकारी तक पहुँचने का प्रवेश द्वार) पोर्टल शुरू किया था। इसका मकसद लोगों को एक ही स्थान पर कई बैंकों में बिना दावे वाली जमा राशि खोजने की सुविधा प्रदान करना है। शुरू में, यह सुविधा सात बैंकों के साथ शुरू की गयी थी। उस समय आरबीआई ने कहा था कि 15 अक्टूबर तक चरणबद्ध तरीके से इसमें और बैंकों को शामिल किया जाएगा। केंद्रीय बैंक ने बयान में कहा, ‘‘लोगों को सूचित किया जाता है कि 28 सितंबर, 2023 को पोर्टल पर 30 बैंकों से जुड़ी जानकारी की सुविधा उपलब्ध करायी गयी है। यह जमाकर्ता शिक्षा और जागरूकता (डीईए) निधि में बिना दावे वाली जमाराशि के लगभग 90 प्रतिशत को ‘कवर' करता है।''तीस बैंकों में भारतीय स्टेट बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, पंजाब नेशनल बैंक, केनरा बैंक और बैंक ऑफ इंडिया जैसे सार्वजनिक क्षेत्र के सभी प्रमुख बैंक शामिल है। इसके अलावा, सिटी बैंक, स्टैंडर्ड चार्टर्ड और एचएसबीसी जैसे विदेशी बैंक तथा निजी क्षेत्र के बैंकों में एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और एक्सिस बैंक शामिल हैं। वेब पोर्टल को इस रूप से तैयार किया गया है, जिससे लोग बिना दावे वाली राशि/खातों के बारे में पता कर सके और जमा राशि का दावा कर सके या अपने जमा खातों को संबंधित बैंकों में चालू कर सके। रिजर्व बैंक सूचना प्रौद्योगिकी प्राइवेट लिमिटेड, भारतीय वित्तीय प्रौद्योगिकी और संबद्ध सेवाएं और भाग लेने वाले बैंकों ने पोर्टल विकसित किया है। उल्लेखनीय है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने फरवरी, 2023 तक बिना दावे वाली लगभग 35,000 करोड़ रुपये की जमा राशि आरबीआई को अंतरित की थी। ये वे खाते थे, जिसमें पिछले 10 साल या उससे अधिक समय से लेन-देन नहीं हुए थे। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) में सबसे ज्यादा 8,086 करोड़ रुपये की बिना दावे वाली राशि है। इसके बाद पंजाब नेशनल बैंक (5,340 करोड़ रुपये), केनरा बैंक (4,558 करोड़ रुपये) और बैंक ऑफ बड़ौदा (3,904 करोड़ रुपये) का स्थान है। सामान्य प्रक्रिया में, किसी बैंक में जमा राशि पर 10 साल तक कोई दावा नहीं आने पर उसे रिजर्व बैंक के ‘जमाकर्ता शिक्षा और जागरूकता' कोष में स्थानांतरित कर दिया जाता है।






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