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मुंबई. रिजर्व बैंक ने मंगलवार को नासिक जिला गिरणा सहकारी बैंक लिमिटेड का बैंकिंग लाइसेंस रद्द कर दिया। इसका कारण बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावनाओं का नहीं होना है। भारतीय रिजर्व बैंक ने एक बयान में कहा कि लाइसेंस रद्द करने के परिणामस्वरूप, बैंक को तत्काल प्रभाव से 'बैंकिंग' व्यवसाय करने से प्रतिबंधित कर दिया गया है, जिसमें जमा स्वीकार करना और जमा का पुनर्भुगतान शामिल है। इसमें यह भी कहा गया कि महाराष्ट्र के आयुक्त एवं पंजीयक सहकारिता से भी बैंक को बंद करने और बैंक के लिए एक परिसमापक नियुक्त करने का आदेश जारी करने का अनुरोध किया गया है। परिसमापन पर, प्रत्येक जमाकर्ता जमा बीमा और क्रेडिट गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) से अपनी जमा राशि की पांच लाख रुपये तक की जमा बीमा दावा राशि प्राप्त करने का हकदार होगा। रिजर्व बैंक ने कहा, ‘‘बैंक के आंकड़ों के अनुसार, 99.92 प्रतिशत जमाकर्ता डीआईसीजीसी से अपनी जमा राशि की पूरी राशि प्राप्त करने के हकदार हैं।'' डीआईसीजीसी ने बैंक के संबंधित जमाकर्ताओं से प्राप्त इच्छा के आधार पर कुल बीमाकृत जमा राशि में से 16.27 करोड़ रुपये का भुगतान पहले ही कर दिया है। रिजर्व बैंक ने कहा कि सहकारी बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावनाएं नहीं हैं और यह बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 के प्रावधानों का पालन करने में विफल रहा है।
- नयी दिल्ली. देश की अग्रणी वाहन विनिर्माता मारुति सुजुकी इंडिया के चेयरमैन आर सी भार्गव ने मंगलवार को कहा कि केंद्र सरकार की तरफ से सुधार किए जाने के बावजूद राज्यों में अधिकारियों के अब भी 'लाइसेंस एवं नियंत्रण राज' के दिनों में कार्य करने से विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर बढ़ नहीं पा रही है। भार्गव ने यहां एक कार्यक्रम में कहा कि पिछले नौ साल में केंद्र सरकार कारोबारी परिवेश में सुधार एवं बेहतरी के प्रयास करती रही है। इसकी वजह से कारोबारी सुगमता के मामले में देश की रैंकिंग में व्यापक सुधार देखने को मिला है। उन्होंने कहा, "यह सारे प्रयास भारत में कारोबार को आसान बनाने और विनिर्माण में अधिक प्रतिस्पर्द्धी बनने के लिए किए गए हैं। दुर्भाग्य से इसके परिणाम अभी नजर नहीं आते हैं।" इसके साथ ही उन्होंने कहा कि विनिर्माताओं एवं उद्यमियों के बड़े तबके का नाता राज्य सरकार के अधिकारियों से अधिक रहता है। लेकिन राज्यों की सरकारों और इसके अधिकारियों के काम करने के तरीके में केंद्र सरकार की तरह बदलाव नहीं आया है। मारुति सुजुकी के प्रमुख ने कहा, "फैसलों में काफी विलंब देखने को मिलता है। राज्यों में अधिकतर लोग समय को अधिक अहमियत नहीं देते हैं। प्रशासन का रवैया काफी कुछ वैसा ही है जैसा लाइसेंस एवं नियंत्रण के दिनों में हुआ करता था।" इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उद्यमी भी काफी हद तक लाइसेंस राज के दौरान विकसित मानसिकता को लेकर चल रहे हैं। उस समय निजी क्षेत्र लाइसेंस की शर्तों से बंधा होने की वजह से बढ़ पाने या नवाचार कर पाने की स्थिति में नहीं था। उन्होंने मारुति सुजुकी का उदाहरण देते हुए कहा कि यह कंपनी उस समय आगे बढ़ने में सफल रही जब उसके लिए हालात एकदम प्रतिकूल थे।
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नयी दिल्ली. रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के निदेशक बनाए गए अंबानी परिवार के तीनों उत्तराधिकारी कोई वेतन नहीं लेंगे और उन्हें सिर्फ निदेशक मंडल एवं समितियों की बैठकों में शामिल होने की फीस दी जाएगी। कंपनी ने उनकी नियुक्ति पर शेयरधारकों की मंजूरी लेने के लिए रखे गए प्रस्ताव में यह जानकारी दी है। रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी वित्त वर्ष 2020-21 से ही कोई वेतन नहीं ले रहे हैं। उनके दोनों पुत्रों- आकाश एवं अनंत और पुत्री ईशा को कंपनी के निदेशक मंडल में शामिल किए जाने की घोषणा अगस्त में आयोजित वार्षिक आमसभा में की गई थी।
रिलायंस ने अब अपने शेयरधारकों को डाक के जरिये पत्र भेजकर इन तीनों नियुक्तियों पर उनकी मंजूरी मांगी है। इस नोटिस में कहा गया है कि नए निदेशकों को निदेशक मंडल या समितियों की बैठक में शामिल होने के शुल्क के रूप में भुगतान किया जाएगा। वे निदेशक के तौर पर कंपनी से कोई वेतन नहीं लेंगे। ईशा अंबानी रिलायंस के खुदरा कारोबार रिलायंस रिटेल का जिम्मा संभाल रही हैं। वहीं आकाश अंबानी दूरसंचार कारोबार जियो की कमान संभाल रहे हैं। उनके भाई अनंत अंबानी के पास रिलायंस का ऊर्जा एवं नवीकरणीय ऊर्जा कारोबार है। मुकेश अंबानी ने अपनी उत्तराधिकार योजना के तहत अपनी सभी संतानों के बीच कारोबार के अलग-अलग खंडों का वितरण किया है। हालांकि, वह अभी अगले पांच साल तक कंपनी के चेयरमैन बने रहेंगे। -
मुंबई. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मुंबई के ‘द कपोल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड' का लाइसेंस रद्द कर दिया है। केंद्रीय बैंक ने सोमवार को कहा कि बैंक के पास पर्याप्त पूंजी नहीं है और कमाई की संभावनाएं भी नहीं हैं। रिजर्व बैंक ने बयान में कहा कि लाइसेंस रद्द करने के साथ ही सहकारी बैंक को बैंकिंग कारोबार से तत्काल प्रतिबंधित कर दिया गया है, जिसमें जमा स्वीकार करना और जमा वापस करना शामिल है। बयान के मुताबिक, सहकारिता मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव और सहकारी समितियों के केंद्रीय पंजीयक से भी बैंक को बंद करने और बैंक के लिए एक परिसमापक नियुक्त करने का आदेश जारी करने का अनुरोध किया गया है। रिजर्व बैंक ने कहा कि प्रत्येक जमाकर्ता जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) से पांच लाख रुपये तक की जमा बीमा दावा राशि पाने का हकदार होगा। इस तरह बैंक के लगभग 96.09 प्रतिशत जमाकर्ताओं को डीआईसीजीसी से अपनी पूरी जमा राशि पाने का हक होगा।
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कोलकाता। टाटा समूह की आतिथ्य क्षेत्र की कंपनी इंडियन होटल्स कंपनी लिमिटेड (आईएचसीएल) ने सोमवार को कहा कि उसने सिक्किम की राजधानी गंगटोक में एक रिजॉर्ट खोलकर राज्य में अपने परिचालन का विस्तार किया है। कंपनी ने बयान में कहा कि 14 एकड़ भूमि में फैला यह रिजॉर्ट एक शांत जगह में है और यह सिक्किम के सौंदर्यशास्त्र और समकालीन डिजाइन को दर्शाता है। रिजॉर्ट के उद्घाटन में सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग शामिल हुए। आईएचसीएल के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) पुनीत चटवाल ने कहा कि यह विस्तार क्षेत्र की वाणिज्यिक और पर्यटन क्षमता के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
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नयी दिल्ली. जल शक्ति मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि देश में संपीड़ित बायो-गैस (सीबीजी) और बायोगैस संयंत्रों के पंजीकरण को सुगम बनाने के लिए एकीकृत पंजीकरण पोर्टल गोबरधन की शुरुआत की गई है। पेयजल और स्वच्छता विभाग (डीडीडब्ल्यूएस) ने एक बयान में कहा कि पोर्टल पर पंजीकृत 1,163 से अधिक बायोगैस संयंत्र और 426 सीबीजी संयंत्र उर्वरक विभाग की बाजार विकास सहायता (एमडीए) योजना के तहत मदद के लिए पात्र हैं। नए दिशानिर्देशों के अनुसार, गोबरधन पहल के तहत बायोगैस और सीबीजी संयंत्रों में उत्पादित किण्वित कार्बनिक खाद (एफओएम), तरल किण्वित कार्बनिक खाद (एलएफओएम) और फॉस्फेट रिच कार्बनिक खाद (पीआरओएम) की बिक्री के लिए 1500 रुपये प्रति मीट्रिक टन की सहायता दी जाएगी। बयान में कहा गया है कि नए दिशानिर्देशों से पौधों से उत्पादित जैविक उर्वरक का उपभोग बढ़ेगा। बयान में कहा गया, ‘‘डीडीडब्ल्यूएस के एकीकृत गोबरधन पोर्टल पर विनिर्माण संयंत्रों का पंजीकरण और जैविक उर्वरकों के लिए उर्वरक नियंत्रण आदेश (एफसीओ) विनिर्देशों का पालन करना एमडीए पात्रता के लिए पूर्व-आवश्यकताएं हैं। -
नयी दिल्ली. लक्जरी कार कंपनियां... मर्सिडीज-बेंज, लेक्सस और ऑडी को चालू त्योहारी सीजन में बिक्री की रफ्तार जारी रहने की उम्मीद है। उनका कहना है कि त्योहारी सीजन में महंगी गाड़ियों की मांग काफी अच्छी है। मर्सिडीज-बेंज इंडिया के प्रबंध निदेशक (एमडी) और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) संतोष अय्यर ने कहा कि इस साल त्योहारी सीजन पिछले साल की तुलना में ज्यादा अच्छा प्रतीत हो रहा है। उन्होंने कहा, “इस साल त्योहारी सीजन चार महीने तक चलेगा और हम इसको लेकर आशान्वित हैं, क्योंकि हमने ‘ओणम' से बहुत सकारात्मक शुरुआत की है।” लेक्सस इंडिया के अध्यक्ष नवीन सोनी ने कहा कि देश में लक्जरी कार बाजार लगातार वृद्धि कर रहा है।
उन्होंने कहा, “इस साल महंगी कारों की मांग से उद्योग उत्साहित है। विभिन्न खंडों के लिहाज से देखें, तो लक्जरी कारों का बाजार तेज रफ्तार से बढ़ रहा है।” उन्होंने कहा कि उच्च संपदा वाले व्यक्तियों (एचएनआई), युवा आबादी, खर्च योग्य आमदनी बढ़ने, स्थिर आर्थिक वृद्धि के साथ यात्रा करने वाले लोगों की बढ़ती संख्या इस वृद्धि को बढ़ावा दे रही है। ऑडी इंडिया के प्रमुख बलबीर सिंह ढिल्लों ने कहा कि कंपनी 2023 की पहली छमाही में 3,474 गाड़ियां बेच चुकी है, जो सालाना आधार पर 97 प्रतिशत वृद्धि है। इस साल त्योहारी सीजन 68 दिन का माना जा रहा है। यह 17 अगस्त से 14 नवंबर तक है। -
नयी दिल्ली. दक्षिण भारतीय बाजारों में ‘ओणम' के साथ अच्छी शुरुआत से उत्साहित उपकरण और उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग को इस त्योहारी सत्र में बिक्री में लगभग 18-20 प्रतिशत वृद्धि की उम्मीद है। उद्योग का मानना है कि त्योहारी सत्र के बीच आईसीसी पुरुष क्रिकेट विश्व कप के आयोजन से कारोबार को बढ़ावा मिलेगा। इससे टेलीविजन की बिक्री में वृद्धि होगी। खासतौर से बड़े स्क्रीन वाले टीवी की बिक्री बढ़ने की उम्मीद है। इसके अलावा बैटरी से चलने वाले पार्टी स्पीकर, साउंडबार, वायरलेस हेडफोन और ईयर बड्स जैसे ऑडियो उत्पादों की बिक्री भी बढ़ेगी। एलजी इलेक्ट्रॉनिक, पैनासोनिक और थॉमसन सहित टीवी विनिर्माताओं को उम्मीद है कि 55 इंच स्क्रीन आकार से बड़े आकार के स्मार्ट टीवी पैनल के साथ ही पारंपरिक और छोटे आकार के टीवी की बिक्री भी बढ़ेगी। उद्योग को कुल बिक्री में 18 से 20 प्रतिशत वृद्धि होने की उम्मीद है। बड़े स्क्रीन वाले टीवी, उच्च क्षमता वाले रेफ्रिजरेटर और वॉशिंग मशीन जैसे प्रीमियम उत्पादों की बिक्री में 30 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि होगी। ग्राहकों को लुभाने के लिए कंपनियां नयी पेशकश के साथ ही आकर्षक छूट और ब्याज-मुक्त वित्त योजनाओं को लाने की तैयारी कर रही हैं। हालांकि, किफायती शुरुआती स्तर के उत्पादों की बिक्री को लेकर चिंताएं भी हैं। गोदरेज अप्लायंसेज के कारोबार प्रमुख और कार्यकारी उपाध्यक्ष कमल नंदी ने कहा कि इस त्योहारी सत्र में एक बार फिर कीमत के आधार पर मांग देखने को मिलेगी। कुल बिक्री की संख्या पिछले साल के समान होगी, लेकिन अधिक कीमत वाले प्रीमियम उत्पादों में 30 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी होगी। इस साल उपकरण और उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग की बिक्री 70,000 करोड़ रुपये को पार करने की उम्मीद है। त्योहारी सत्र की बिक्री दक्षिण में ओणम से शुरू होती है और गणेश चतुर्थी, दुर्गा पूजा और दीपावली-छठ तक चलती है। कुल बिक्री में इसका लगभग 25-27 प्रतिशत का योगदान होता है। पैनासोनिक लाइफ सॉल्यूशंस इंडिया को भी इस त्योहारी सत्र में दो अंकीय यानी 10 प्रतिशत से अधिक वृद्धि की उम्मीद है, जिसमें स्मार्ट एसी, रेफ्रिजरेटर और वॉशिंग मशीन का विशेष योगदान होगा। एलजी इंडिया के वरिष्ठ उपाध्यक्ष आशीष अग्रवाल ने कहा कि कंपनी ने उपभोक्ताओं को आकर्षित करने के लिए त्योहारी सत्र से पहले दिवाली ऑफर की पेशकश की है। उन्होंने बड़े स्क्रीन वाले टीवी, बैटरी वाले पार्टी स्पीकर और साउंडबार की अच्छी मांग आने की उम्मीद जताई। ऐसे कई उपभोक्ता हैं जो अपने घरों को बेहतर बनाते हैं या नए घरों में शिफ्ट होते हैं, इसलिए प्रीमियम उत्पादों की मांग रहती है। इनमें बड़े स्क्रीन वाले टीवी, बड़े आकार के रेफ्रिजरेटर, वॉशिंग मशीन, माइक्रोवेव ओवन और एसी जैसे खंड में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
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मुंबई. भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर स्वामीनाथन जे ने बृहस्पतिवार को बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों के शीर्ष प्रबंधन से देश की बैंक व्यवस्था में लोगों के भरोसे को मजबूत बनाने के लिये ग्राहक केंद्रित रुख पर ध्यान देने को कहा। स्वामीनाथन ने यहां प्रमुख बैंकों के निदेशक मंडल में ग्राहक सेवा समिति के प्रमुखों, प्रबंध निदेशकों, ग्राहक सेवा क्षेत्रों के प्रभारी कार्यकारी निदेशकों और प्रमुख नोडल अधिकारियों के साथ यहां बैठक की। रिजर्व बैंक ने एक बयान में कहा कि बैठक के दौरान चर्चा ग्राहक सेवाओं को और बेहतर बनाने पर केंद्रित रही। इसमें शिकायतों का तुरंत समाधान करना, शिकायत निपटान व्यवस्था को दुरुस्त करना, ग्राहक अनुभवों को बेहतर बनाना, धोखाधड़ी की रोकथाम के लिये प्रौद्योगिकी का उपयोग, ग्राहक सेवा को और बेहतर बनाने के लिये अधिक जागरूकता तथा जिम्मेदार नीतियां बनाने की आवश्यकता शामिल हैं। स्वामीनाथन ने अपने संबोधन में कहा कि वित्तीय प्रणाली में भरोसा बढ़ाने के लिये ग्राहक सेवा की भूमिका महत्वपूर्ण है। उन्होंने बैंक प्रणाली में ग्राहकों का भरोसा बढ़ाने के लिये शीर्ष प्रबंधन और निदेशक मंडल ग्राहक सेवा समितियों से उपभोक्ता केंद्रित दृष्टिकोण विकसित करने पर ध्यान देने को कहा। -
कोलकाता. बांग्लादेश सरकार ने दुर्गा पूजा से पहले कारोबारियों को भारत में करीब 4,000 मीट्रिक टन हिल्सा मछली बेचने की अनुमति दी है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। बांग्लादेश की पद्मा और मेघना नदियों और इन दोनों नदियों के संगम स्थल चांदपुर से प्राप्त हिल्सा मछली को लोग काफी पसंद करते हैं। ढाका के मुख्य आयात एवं निर्यात नियंत्रक ने 79 निर्यातकों को लाइसेंस जारी किया है जो 50-50 मीट्रिक टन हिल्सा मछली की आपूर्ति कर सकेंगे। कोलकाता में नियुक्त देश के राजनयिकों ने बुधवार को कहा कि भारत हमारा करीबी देश है। कई वर्षों से बांग्लादेश दुर्गा पूजा से पहले भारत को हिल्सा मछली का निर्यात करता रहा है। यहां समुद्री उत्पादों के थोक विक्रेता मिंटू पाल (42) ने कहा, ‘‘पद्मा की हिल्सा महंगी होने के बावजूद बाजार में छा जाती है। पूजा से पहले बांग्लादेश द्वारा इतनी बड़ी मात्रा में निर्यात के बावजूद बाजारों में इसे खरीदने के लिए उत्साह रहने से इसकी कीमतें और मांग बढ़ेंगी।'' कारोबारियों ने कहा कि बांग्लादेश से आने वाली हिल्सा की बड़ी खेप पश्चिम बंगाल के बाजारों में लाई जाएगी लेकिन इसकी कुछ मात्रा दिल्ली, बेंगलुरु और मुंबई में भी मछली प्रेमियों के लिए उपलब्ध रहेगी। अधिकारियों ने कहा कि 30 अक्टूबर तक निर्यात की प्रक्रियाएं पूरी होगीं क्योंकि 12 अक्टूबर से कुछ दिनों के लिए हिल्सा को पकड़ने पर प्रतिबंध रहेगा यह मछली का प्रजनन काल होगा।
- मुंबई. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के डिप्टी गवर्नर माइकल डी पात्रा ने कहा है कि भारत जनसांख्यिकीय लाभ और वित्तीय क्षेत्र के विकास की गति के कारण 2027 तक पांच लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था होगा। उन्होंने कहा कि बाजार विनिमय दर के आधार पर भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा। सोमवार को नेशनल बैंक ऑफ कंबोडिया द्वारा आयोजित 16वें सीसेन-बीआईएस उच्च-स्तरीय सेमिनार में अपने संबोधन में पात्रा ने कहा कि व्यापक रूप से यह माना जाता है कि ज्यादा नहीं तो अगले दो दशक के दौरान वैश्विक अर्थव्यवस्था का केंद्र एशिया की ओर स्थानांतरित हो जाएगा। उन्होंने कहा कि एशिया और प्रशांत के लिए आईएमएफ (अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष) के क्षेत्रीय आर्थिक परिदृश्य से संकेत मिलता है कि यह क्षेत्र 2023 में ही वैश्विक वृद्धि में लगभग दो-तिहाई योगदान देगा और भारत 2023 और 2024 में दुनिया में उत्पादन वृद्धि में छठा हिस्सा होगा। उन्होंने कहा कि बाजार विनिमय दरों के संदर्भ में भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और क्रय शक्ति समानता के आधार पर तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। डिप्टी गवर्नर ने कहा, “हमारा आकलन है कि 2027 तक भारत पांच लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था होगा और बाजार विनिमय दर के हिसाब से भी दुनिया में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा। इस परिवर्तन में एक प्रमुख चालक जनसांख्यिकीय लाभांश रहने की संभावना है।'' उन्होंने कहा, “हम 1.4 अरब की आबादी के साथ दुनिया में सबसे अधिक आबादी वाले और सबसे युवा देश हैं।
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नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय वित्त वर्ष 2024-25 के लिए बजट की तैयाारियों के सिलसिले में 10 अक्टूबर से बैठकों का सिलसिला शुरू करेगा।वित्त मंत्रालय के बजट विभाग की तरफ से जारी नोटिस के अनुसार, ‘‘अनुदान/ विनियोग के संबंध में संशोधित अनुमान 2023-24 और बजट अनुमान 2024-25 को अंतिम रूप देने के लिए बजट-पूर्व चर्चा वित्त सचिव और सचिव (व्यय) की अध्यक्षता में 10 अक्टूबर से शुरू होगी।’’
सभी मंत्रालयों और विभागों को 20 सितंबर, 2023 को भेजे गये इस नोटिस में उनके साथ बैठकों का जिक्र किया गया है। बजट-पूर्व बैठकों का कार्यक्रम विभिन्न जरूरतों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है।नोटिस के अनुसार मंत्रालयों और विभागों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आवश्यक विवरण पांच अक्टूबर, 2023 तक प्रस्तुत करना चाहिए। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार बजट-पूर्व बैठकें 10 अक्टूबर से शुरू होंगी और 14 नवंबर तक चलेंगी। अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों से पहले पेश होने वाला बजट अंतरिम होगा। आम चुनावों के बाद नई सरकार के गठन के पश्चात वित्त वर्ष 2024-25 का पूर्ण बजट पेश किया जाएगा। -
नयी दिल्ली।अफ्रीकी देश केन्या ने इस महीने भारत को एवोकाडो फल का निर्यात शुरू कर दिया है और उसकी पहली खेप भारत पहुंच चुकी है। भारत में केन्या की उप उच्चायुक्त आइरीन ओलू ने यहां एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘एवोकाडो की पहली खेप मुंबई पहुंच गई है। हम आश्वस्त करते हैं कि कई और टन एवोकाडो भारत आएंगे।'' उन्होंने कहा कि केन्या को एवोकाडो के निर्यात की मंजूरी हासिल करने में आठ वर्ष लग गए। उन्होंने कहा, ''मंजूरी मिलने में काफी समय लग गया क्योंकि यहां पर हमें सख्त भारतीय गुणवत्ता मानकों को पूरा करना होगा।'' यह पहली ‘‘संवेदनशील और अल्पावधिक सुरक्षित रहने वाली'' कृषि-वस्तु है जिसे अफ्रीकी देश को भारत निर्यात करने की अनुमति मिली है। केन्या चाय और कॉफी का निर्यात करता है जिन्हें एवोकाडो की तुलना में लंबे समय तक संरक्षित रखा जा सकता है। केन्या की उप उच्चायुक्त ने कहा कि एवोकाडो को मंजूरी मिलने से अन्य फलों, फूलों और सब्जियों को भारतीय बाजार तक पहुंच बनाने में मदद मिलेगी। ओलू ने उम्मीद जताई कि केन्याई एवोकाडो का आयात शुरू होने से दोनों देशों के बीच व्यापार असंतुलन को कम करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2022 में भारत से केन्या को आयात 1.76 अरब डॉलर का रहा था जबकि भारत में केन्याई निर्यात छह करोड़ 72.1 लाख डॉलर ही था। केन्या दुनिया में एवोकाडो का छठा बड़ा उत्पादक है। केन्या इस उत्पादन का लगभग 23 प्रतिशत नीदरलैंड, अमेरिका, चीन, स्पेन, ब्रिटेन, संयुक्त अरब अमीरात, रूस, सऊदी अरब, तुर्की और मिस्र जैसे देशों को निर्यात करता है।
- मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक ने बुधवार को क्रेडिट सूचना कंपनियों (सीआईसी) से वाणिज्यिक और छोटी राशि के कर्ज देने से जुड़े खंडों के लिए आंकड़ा गुणवत्ता सूचकांक तैयार करने को कहा। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने जून 2014 में क्रेडिट संस्थानों (सीआई) द्वारा सीआईसी को दिए गए आंकड़ों की गुणवत्ता का आकलन करने और उनमें सुधार करने के लिए एक सामान्य आंकड़ा गुणवत्ता सूचकांक (डीक्यूआई) बनाने के लिए निर्देश जारी किए थे। इस समय डीक्यूआई का इस्तेमाल उपभोक्ता खंड के तहत दिए गए आंकड़ों के लिए किया जा रहा है।केंद्रीय बैंक ने एक परिपत्र में कहा, ''डीक्यूआई के कार्यान्वयन को आगे बढ़ाने के लिए यह निर्णय लिया गया है कि सीआईसी वाणिज्यिक और सूक्ष्म वित्त खंडों के लिए भी डीक्यूआई तैयार करेंगे।'' सीआईसी से कहा गया है कि वह 31 मार्च 2024 तक सभी सीआई को वाणिज्यिक और सूक्ष्म वित्त खंड के लिए डीक्यूआई दे।
- नयी दिल्ली।परिचालन शुरू करने के एक साल बाद ही अकासा एयर को अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के संचालन की मंजूरी नागर विमानन मंत्रालय से मिल गई है। कंपनी अब दक्षिण एशिया, दक्षिण-पूर्व एशिया एवं पश्चिम एशिया के गंतव्यों के लिए उड़ानें संचालित करने की योजना बना रही है। फिलहाल पायलटों की भारी किल्लत का सामना कर रही अकासा एयर के संस्थापक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) विनय दुबे ने बुधवार को कहा कि नागर विमानन मंत्रालय ने इस एयरलाइन को अंतरराष्ट्रीय अधिसूचित परिचालक का दर्जा दे दिया है। दुबे ने एक बयान में कहा, "यह नया दर्जा हमें अंतरराष्ट्रीय उड़ानें भरने की मंजूरी देगा। इससे हम इस साल के अंत तक अपना अंतरराष्ट्रीय परिचालन शुरू करने का सपना पूरा करने के एक कदम समीप पहुंच गए हैं।" इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अब एयरलाइन विदेशी गंतव्यों के लिए उड़ान भरने के अधिकार दिए जाने संबंधी अनुरोध पर संबंधित अधिकारियों के साथ काम कर रही है। उन्होंने कहा, "हम जल्द ही अपनी उड़ानों वाले अंतरराष्ट्रीय गंतव्यों की जानकारी देंगे।'' अकासा एयर के सीईओ ने कहा कि एयरलाइन भारत से दक्षिण एशिया, दक्षिण-पूर्व एशिया और पश्चिम एशिया के गंतव्यों के लिए उड़ान भरने का लक्ष्य लेकर चल रही है। दरअसल एयरलाइन के बेड़े में बोइंग 737 मैक्स विमान ही हैं जो इसी दायरे में उड़ानें भर सकते हैं। हालांकि दुबे ने कहा कि अकासा एयर बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए वर्ष 2023 के अंत तक सौ से अधिक विमानों के ऑर्डर देने की प्रक्रिया में जुटी हुई है। वर्ष 2022 में परिचालन शुरू करने वाली अकासा एयर अचानक ही बड़ी संख्या में पायलटों के इस्तीफे की वजह से मुश्किलों में घिर गई है। इस संबंध में एयरलाइन ने पायलटों के नोटिस अवधि पूरा किए बगैर काम छोड़कर जाने के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। कंपनी ने उच्च न्यायालय में कहा कि कई पायलट के इस्तीफा देने से सितंबर में उसे बड़ी संख्या में अपनी उड़ानों को रद्द करना पड़ा है।
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मुंबई. व्हाट्सऐप ने बुधवार को भारत में अपनी भुगतान सेवा के विस्तार की घोषणा की। इससे कारोबारियों के साथ लेनदेन करने वाले लोगों के लिए भुगतान करना आसान हो जाएगा। वे विभिन्न डिजिटल भुगतान विकल्पों सहित यूपीआई ऐप के विकल्प के साथ क्रेडिट और डेबिट कार्ड से भी सीधे चैट में खरीदारी कर सकेंगे। मेटा के संस्थापक और सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने कहा कि भारत लोगों और व्यवसायों के 'मैसेजिंग' अपनाने के मामले में दुनिया में अग्रणी है। व्हाट्सऐप ने कहा कि वह भुगतान को आसान बनाने के लिए रेजरपे और पेयू जैसे साझेदार के साथ काम कर रही है। जुकरबर्ग ने कहा है कि लोगों और व्यवसायों के बीच काम करने के बेहतर तरीके के रूप में ‘मैसेजिंग' की स्वीकार्यता बढ़ रही है और भारत दुनिया में इस मामले में अगुवा है। सोशल मीडिया क्षेत्र की दिग्गज कंपनी ने बुधवार को यहां कई नए ‘टूल' का अनावरण किया है। इनके जरिये व्हॉट्सएप का इस्तेमाल कर कारोबार को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। जुकरबर्ग ने कहा कि कंपनी ने अपने मैसेजिंग प्रारूप, समूह चैट और प्रसारण चैनलों के साथ नवोन्मेष जारी रखा है। मुंबई में एक कार्यक्रम को डिजिटल माध्यम से संबोधित करते हुए जुकरबर्ग ने कहा, ‘‘आज हम जिन चीजों की बात करते हैं, भारत उनमें से कइयों में अगुवा है। भारत इस मामले में दुनिया की अगुवाई कर रहा है कि कैसे लोगों और व्यवसायों ने ‘मैसेजिंग' को चीजों को बेहतर करने के तरीके के रूप में अपनाया है।'' इस मौके पर मेटा सत्यापित बैज और भुगतान सेवा का विस्तार जैसी घोषणाएं भी की गईं। इसके जरिये सीधे चैट में खरीदारी पूरी करने की सुविधा मिलेगी। जुकरबर्ग ने ‘व्हॉट्सएप फ्लो का भी जिक्र किया, जिससे कारोबार क्षेत्र को चैट थ्रेड्स के साथ अपने अनुभव को बेहतर करने में मदद मिलेगी। -
नयी दिल्ली. एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने बुधवार को चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की वृद्धि दर के अनुमान को 6.4 प्रतिशत से घटाकर 6.3 प्रतिशत कर दिया। एडीबी ने कृषि उपज पर प्रतिकूल मानसून के संभावित असर और निर्यात में सुस्ती की वजह से यह अनुमान घटाया है। एडीबी ने 'एशियाई विकास परिदृश्य सितंबर, 2023' शीर्षक से जारी अपनी रिपोर्ट में कहा कि घरेलू खपत में मजबूती और उपभोक्ता धारणा बेहतर होने से वित्त वर्ष 2023-24 के बचे हुए समय और अगले वित्त वर्ष में भी भारत की वृद्धि दर को मजबूती मिलती रहेगी। सार्वजनिक पूंजीगत व्यय में बड़े पैमाने पर बढ़ोतरी से भी इसे मदद मिलेगी। एडीबी ने कहा, "निर्यात में आ रही सुस्ती अर्थव्यवस्था के लिए प्रतिकूल हालात पैदा कर सकती है। और बारिश में अनियमितता से कृषि उपज कम होने की आशंका है। इस स्थिति में चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी वृद्धि दर को आंशिक रूप से संशोधित करते हुए 6.3 प्रतिशत कर दिया गया है।" अप्रैल के अपने पूर्वानुमान में एडीबी ने भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 6.4 प्रतिशत रहने की बात कही थी। हालांकि एडीबी ने अगले वित्त वर्ष के लिए अपने वृद्धि दर अनुमान को 6.7 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। उसका कहना है कि निजी निवेश और औद्योगिक उत्पादन में वृद्धि होने से जीडीपी वृद्धि को रफ्तार मिलेगी। भारत की जीडीपी चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में 7.8 प्रतिशत की दर से बढ़ी थी जिसमें सेवा क्षेत्र और बढ़े हुए निवेश की अहम भूमिका रही।
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नयी दिल्ली. भारत की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी रिलायंस जियो ने मंगलवार को आठ महानगरों में अपनी बहुप्रतीक्षित 5जी होम ब्रॉडबैंड सेवा जियो एयरफाइबर पेश करने की घोषणा की। ये शहर अहमदाबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, दिल्ली, हैदराबाद, कोलकाता, मुंबई और पुणे हैं।
रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने पिछले महीने कंपनी की 46वीं सालाना आमसभा में यह घोषणा की थी। कंपनी ने कहा कि जियो एयरफाइबर शिक्षा, स्वास्थ्य, निगरानी और अपने अन्य समाधान के जरिये लाखों घरों को विश्व स्तरीय डिजिटल मनोरंजन, स्मार्ट होम सेवाओं और ब्रॉडबैंड की पेशकश करेगी। कंपनी ने बयान में कहा, ‘‘दुनिया के सबसे बड़े निजी मोबाइल डेटा नेटवर्क जियो ने आज आठ महानगरों में घरेलू मनोरंजन, स्मार्ट होम सेवाओं और उच्च-गति ब्रॉडबैंड के लिए अपने एकीकृत समाधान जियो एयरफाइबर सेवाओं की शुरुआत की घोषणा की।'' जियो का ऑप्टिकल फाइबर बुनियादी ढांचा पूरे भारत में 15 लाख किलोमीटर से अधिक तक फैला हुआ है। इसकी व्यापक ऑप्टिकल-फाइबर उपस्थिति जियो को 20 लाख से अधिक परिसरों के करीब लाती है। इसके बावजूद देश के ज्यादातर हिस्सों में दूरदराज तक ‘कनेक्टिविटी' देना काफी कठिन है। ऐसे में लाखों संभावित ग्राहक होम ब्रॉडबैंड से वंचित रह जाते हैं। बयान के अनुसार, जियो एयरफाइबर इस परेशानी को दूर करेगी और कनेक्टिविटी में तेजी लाने में मदद करेगी।
रिलायंस जियो इन्फोकॉम लिमिटेड के चेयरमैन आकाश अंबानी ने कहा, ‘‘हमारी व्यापक ‘फाइबर-टू-द-होम' सेवा जियोफाइबर पहले ही एक करोड़ से अधिक ग्राहकों को सेवा दे रही है और हर महीने बड़ी संख्या में लोग इससे जुड़ रहे हैं। इसके बावजूद अब भी लाखों घर और छोटे व्यवसायों को इससे जोड़ना बाकी है।'' उन्होंने कहा कि जियो एयरफाइबर के साथ कंपनी देश के हर घर को समान गुणवत्ता वाली सेवा देने के लिए विस्तार कर रही है। -
नयी दिल्ली. सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक्स और इंजीनियरिंग उद्योग में इस्तेमाल होने वाले सोल्डर वायर के लिए अनिवार्य गुणवत्ता मानदंड जारी किए हैं। घटिया उत्पादों के आयात पर अंकुश लगाने और इसके घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए ऐसा किया गया है। इस संबंध में उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने 18 सितंबर को एक अधिसूचना जारी की। फ्लक्स कोर्ड सोल्डर वायर (गुणवत्ता नियंत्रण) आदेश, 2023 के तहत इन वस्तुओं का उत्पादन, बिक्री, व्यापार, आयात और भंडारण तब तक नहीं किया जा सकता, जब तक कि उन पर भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) का निशान नहीं हो। डीपीआईआईटी ने मंगलवार को कहा कि ये आदेश इस अधिसूचना के प्रकाशन की तारीख से छह महीने बाद प्रभावी होंगे। अभी तक इन उत्पादों पर बीआईएस प्रमाणन नियम लागू नहीं होते थे।
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नयी दिल्ली. सरकार 28 नई थोक मंडियों (मार्केट यार्ड) को ऑनलाइन ट्रेडिंग मंच ई-नाम के साथ जोड़ेगी, जिससे देश में ऐसी मंडियों की कुल संख्या 1,389 हो जाएगी। कृषि सचिव मनोज आहूजा ने मंगलवार को यह जानकारी दी। फिलहाल 23 राज्यों और चार केंद्र शासित प्रदेशों की 1,361 विनियमित मंडियां 26 अप्रैल को शुरू किए गए इलेक्ट्रॉनिक राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) से जुड़ी हुई हैं। आहूजा ने यहां ‘ई-नाम 2.0' पर एक कार्यशाला में कहा, ‘‘ई-नाम को और मजबूत करने के मकसद से हाल ही में एकीकरण के लिए 28 नई मंडियों को मंजूरी दी गई, जिससे ऐसी मंडियों की कुल संख्या 1,389 हो जाएगी।'' उन्होंने ई-नाम के अंशधारकों को सही समय पर महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करने के महत्व पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, ‘‘सूचना विषमता को दूर करना महत्वपूर्ण है। आहूजा ने आगे कहा कि उपज की गुणवत्ता से संबंधित जानकारी खरीदार के लिए उतनी ही महत्वपूर्ण है, जितनी वस्तुओं की कीमतें विक्रेताओं के लिए महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा, ‘‘आर्थिक दृष्टिकोण से, पूरी मूल्य श्रृंखला को कुशल बनाया जाना चाहिए और फसल की बर्बादी को कम किया जाना चाहिए।'' कृषि मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव फैज़ अहमद किदवई ने कहा कि ‘ई-नाम 2.0', मौजूदा ई-नाम का एक उन्नत संस्करण होगा, जिसमें राज्य अधिनियमों में सुधार ई-नाम 2.0 की सफलता में बहुत महत्वपूर्ण होंगे। तीन किसान उत्पादक संगठनों, चुरचू नारी ऊर्जा एफपीसीएल (झारखंड), मंगानी सिटी कंसोर्टियम (तमिलनाडु) और जैविक श्री एफपीसीएल, कोरापुट (ओडिशा) ने ई-नाम मंच का उपयोग करने के अपने अनुभव साझा किए।
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नयी दिल्ली. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) के कंप्यूटरीकरण में धीमी प्रगति को लेकर चिंता जतायी और गांवों-कस्बों में बेहतर वित्तीय सेवाएं देने के लिये इसमें तेजी लाने को कहा। सीतारमण ने किसान ऋण पोर्टल और मौसम सूचना नेटवर्क डाटा प्रणाली (विंड्स) नियमावली पेश करने के बाद कहा कि क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और सहकारी बैंकों के डिजिटलीकरण के लिये काफी काम किया जाना बाकी है। उन्होंने कहा कि सहकारी बैंक समान रूप से संपन्न नहीं हैं और उनकी वित्तीय सेहत अलग-अलग है। गृह मंत्री अमित शाह की अगुवाई वाले सहकारिता मंत्रालय के तहत इस क्षेत्र में क्षमता बढ़ाने का काम हो रहा है। वित्त मंत्री ने कहा कि सहकारी बैंकों का डिजिटलीकरण आवश्यक गति से होगा।
हालांकि, उन्होंने कहा, मैं आरआरबी, उनके डिजिटलीकरण और कम्प्यूटरीकरण के बारे में अधिक चिंतित हूं। इसलिए, अगर उनके पास यह नहीं है, तो फोन बैंक सुविधा... या इंटरनेट बैंकिंग सुविधा का विस्तार...काम नहीं करेगा।'' वित्त मंत्री ने कहा कि बहुत सारा काम अभी भी लंबित है और वित्तीय सेवा विभाग तेज गति से कंप्यूटरीकरण को लेकर उन्हें जागरूक कर रहा है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी और उसकी रोकथाम के लिये लगाये गये लॉकडाउन' के दौरान गांवों ने अर्थव्यवस्था को थामे रखा, इसको देखते हुए किसान और कृषि क्षेत्र को सरकार काफी महत्व दे रही है। इस अवसर पर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार के विभिन्न उपायों से किसानों की आमदनी बढ़ी है। उन्होंने कहा कि मंत्रालय के लिये बजट आवंटन 2013-14 से कई गुना बढ़ गया है क्योंकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार इस क्षेत्र को बहुत महत्व देती है। तोमर ने अल्पकालिक फसल कर्ज के बारे में कहा कि क्षेत्र के लिये कोष की कोई कमी नहीं है। पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन पर जोर देने के साथ चालू वित्त वर्ष में कृषि ऋण लक्ष्य 20 लाख करोड़ रुपये आंका गया है। आमतौर पर कृषि कर्ज पर नौ प्रतिशत ब्याज लगता है। हालांकि, सरकार किफायती दर पर अल्पकालिक फसल ऋण उपलब्ध कराने और कृषि उत्पादन को बढ़ावा देने में मदद को ब्याज छूट प्रदान कर रही है। किसानों को प्रति वर्ष सात प्रतिशत की प्रभावी दर पर तीन लाख रुपये तक का अल्पकालिक कृषि ऋण सुनिश्चित करने को लेकर सरकार दो प्रतिशत ब्याज सब्सिडी दे रही है। सीतारमण ने किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) के बारे में कहा कि बैंकों को केसीसी योजना के तहत किसानों को सब्सिडी वाला कर्ज प्राप्त करने में मदद करने को ‘किसान ऋण पोर्टल' के लिये सभी जरूरी आंकड़े 31 दिसंबर, 2023 तक देने चाहिए। उन्होंने वित्तीय सेवा विभाग के सचिव विवेक जोशी से यह सुनिश्चित करने को भी कहा कि सभी आंकड़े बैंक निर्धारित समय में उपलब्ध कराएं। वित्त मंत्री ने किसान क्रेडिट कार्ड योजना को घर-घर तक पहुंचाने के लिये केसीसी अभियान शुरू किये जाने की घोषणा की। यह अभियान एक अक्टूबर, 2023 को शुरू किया जाएगा। - नयी दिल्ली।चालू वित्त वर्ष में सितंबर मध्य तक शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 23.51 प्रतिशत बढ़कर 8.65 लाख करोड़ रुपये रहा है। वित्त मंत्रालय ने सोमवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि कंपनियों की ओर से अधिक अग्रिम कर भुगतान की वजह से प्रत्यक्ष कर संग्रह में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है। इस दौरान अग्रिम कर भुगतान 21 प्रतिशत बढ़ा है। आंकड़ों के अनुसार, शुद्ध कर संग्रह चालू वित्त वर्ष के बजट अनुमान 18.23 लाख करोड़ रुपये का 47.45 प्रतिशत रहा है। पिछले वित्त वर्ष 2022-23 में प्रत्यक्ष कर संग्रह 16.61 लाख करोड़ रुपये रहा था। अग्रिम कर की दूसरी किस्त के भुगतान की अंतिम तिथि 15 सितंबर थी।मंत्रालय ने बयान में कहा कि 16 सितंबर तक 8,65,117 करोड़ रुपये के शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह में 4,16,217 करोड़ रुपये का कॉरपोरेट आयकर (सीआईटी) और प्रतिभूति लेनदेन कर (एसटीटी) सहित 4,47,291 करोड़ रुपये का व्यक्तिगत आयकर (पीआईटी) शामिल है। बयान के अनुसार, चालू वित्त वर्ष के लिए 16 सितंबर तक शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 23.51 प्रतिशत अधिक रहा है। चालू वित्त वर्ष में सितंबर मध्य तक अग्रिम कर भुगतान 21 प्रतिशत बढ़कर 3.55 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 2.94 लाख करोड़ रुपये था। अग्रिम कर भुगतान 16 सितंबर तक 3.55 लाख करोड़ रुपये रहा, जिसमें सीआईटी 2.80 लाख करोड़ रुपये और पीआईटी 74,858 करोड़ रुपये है। समीक्षाधीन अवधि में आयकर विभाग ने करीब 1.22 लाख करोड़ रुपये का रिफंड जारी किया है। मंत्रालय ने कहा कि कुल मिलाकर वित्त वर्ष 2023-24 के लिए प्रत्यक्ष कर संग्रह 18.29 प्रतिशत बढ़कर 9.87 लाख करोड़ रुपये है, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 8.34 लाख करोड़ रुपये था।
- नयी दिल्ली। वैश्विक बाजारों में सोने की कीमतों में उछाल के बीच राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में सोमवार को सोना 180 रुपये की तेजी के साथ 60,200 रुपये प्रति 10 ग्राम पहुंच गया। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी। इससे पिछले कारोबारी सत्र में सोना 60,020 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था।चांदी की कीमत भी 400 रुपये बढ़कर 74,400 रुपये प्रति किलोग्राम पहुंच गयी।एचडीएफसी सिक्योरिटीज में वरिष्ठ विश्लेषक-जिंस सौमिल गांधी ने कहा, ‘‘सोमवार को सोने में तेजी आई, जहां विदेशी बाजारों में सकारात्मक कारोबार के बाद दिल्ली में सोने की हाजिर कीमतें (24 कैरेट) 180 रुपये बढ़कर 60,200 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गईं।" अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना तेजी के साथ 1,927 डॉलर प्रति औंस हो गया। चांदी की कीमत चढ़कर 23.10 डॉलर प्रति औंस हो गई।
- मुंबई। वैश्विक बाजारों में कमजोरी के रुख के बीच निवेशकों के सतर्क रहने से स्थानीय शेयर बाजार में जारी रिकॉर्ड तेजी का सिलसिला सोमवार को थम गया और दोनों प्रमुख सूचकांक गिरावट के साथ बंद हुए। बीएसई का 30 शेयरों पर आधारित सूचकांक सेंसेक्स 241.79 अंक यानी 0.36 प्रतिशत कमजोर होकर 67,596.84 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 305.8 अंक तक गिरकर 67,532.83 अंक पर आ गया था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 59.05 अंक यानी 0.29 प्रतिशत घटकर 20,133.30 अंक पर बंद हुआ।इसके साथ ही बीएसई में पिछले 11 कारोबारी सत्रों से जारी तेजी का सिलसिला थम गया। यह अक्टूबर, 2007 के बाद इसमें तेजी का सबसे लंबा दौर है। इस दौरान सेंसेक्स बीते शुकवार को अपने उच्चतम स्तर 67,838.63 अंक पर बंद हुआ था। निफ्टी ने भी पिछले कारोबारी सत्र में 20,192.35 का अपना नया शिखर हासिल किया था।सेंसेक्स की कंपनियों में एचडीएफसी बैंक, भारती एयरटेल, इन्फोसिस, अल्ट्राटेक सीमेंट, टाटा स्टील, विप्रो, कोटक महिंद्रा बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज, टेक महिंद्रा और जेएसडब्ल्यू स्टील में प्रमुख रूप से गिरावट रहीं। दूसरी तरफ पावर ग्रिड, टाइटन, महिंद्रा एंड महिंद्रा और एनटीपीसी के शेयर बढ़त के साथ बंद हुए।कोटक सिक्योरिटीज लिमिटेड के शोध (खुदरा) प्रमुख श्रीकांत चौहान ने कहा, ‘‘बैंकिंग, रियल्टी, आईटी एवं दूरसंचार शेयरों में मुनाफावसूली का दौर शुरू होने से 11 सत्रों से जारी तेजी का सिलसिला आखिरकार थम गया। वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों और डॉलर सूचकांक में बढ़ोतरी से उत्पन्न चिंताओं के बीच निवेशकों ने अमेरिकी मौद्रिक समिति की बैठक के पहले अपने निवेश में कटौती की।'' व्यापक बाजार में बीएसई स्मालकैप सूचकांक में 0.60 प्रतिशत की गिरावट रही जबकि मिडकैप सूचकांक 0.27 प्रतिशत गिर गया। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘घरेलू बाजारों ने अपनी रफ्तार गंवा दी क्योंकि इस सप्ताह कई देशों के केंद्रीय बैंक नीतिगत दरों पर फैसला करेंगे। निवेशकों का भरोसा कच्चे तेल की आपूर्ति में कटौती के साथ चीन में मांग फिर से बढ़ने की उम्मीदों से भी प्रभावित हुआ।'' एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी और हांगकांग का हैंगसेंग गिरावट के साथ बंद हुए जबकि चीन के शंघाई कम्पोजिट में तेजी रही। यूरोपीय बाजार गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे। शुक्रवार को अमेरिकी बाजार नकारात्मक दायरे में बंद हुए थे। इस बीच अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.39 प्रतिशत चढ़कर 94.30 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) शुक्रवार को शुद्ध लिवाल रहे थे और उन्होंने 164.42 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की खरीद की थी।
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नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत कारीगरों को दिए जाने वाले ऋण पर 8 प्रतिशत तक की सब्सिडी देगी। वित्त मंत्री ने योजना के लॉन्च कार्यक्रम के दौरान कहा कि सरकार ने पहले ही बजट 2023-24 में 13 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। विश्वकर्मा योजना का विवरण साझा करते हुए, वित्त मंत्री ने कहा कि कारीगरों को 5 प्रतिशत की बहुत सस्ती ब्याज दर पर जमानत मुक्त ऋण प्रदान किया जाएगा। इस योजना में बढ़ई, सुनार, लोहार, राजमिस्त्री, पत्थर की मूर्ति तराशने वाले मूर्तिकार, नाई और नाविक सहित 18 क्षेत्र के पारंपरिक कारीगर शामिल हैं। सरकार 3 लाख रुपये तक का लोन उपलब्ध कराएगी वित्त मंत्री ने कहा, शुरूआत में एक लाख रुपये का ऋण दिया जाएगा और 18 महीने तक भुगतान करने के बाद लाभार्थी अतिरिक्त दो लाख रुपये का पात्र होगा।
कल, प्रधानमंत्री मोदी ने विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर नई दिल्ली में अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन और एक्सपो सेंटर, यशोभूमि में इस योजना का शुभारंभ किया। इस अवसर पर श्री मोदी ने कहा, यह योजना उन लाखों कारीगरों और शिल्पकारों के लिए आशा की किरण है जो हाथों और औजारों से काम करते हैं।पीएम विश्वकर्मा का मुख्य फोकस कारीगरों और शिल्पकारों के उत्पादों और सेवाओं की पहुंच के साथ-साथ गुणवत्ता में सुधार करना और यह सुनिश्चित करना है कि वे घरेलू और वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं के साथ एकीकृत हों। योजना का उद्देश्य न केवल देश भर के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के कारीगरों और शिल्पकारों को आर्थिक रूप से सहयोग देना है, बल्कि स्थानीय उत्पादों, कला और शिल्प के माध्यम से सदियों पुरानी परंपरा, संस्कृति और विविध विरासत को जीवित और समृद्ध रखना भी है।


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