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नई दिल्ली। पॉपुलर इंस्टेंट मैसेजिंग प्लेटफॉर्म व्हाट्सऐप कथित तौर पर अपने यूजर्स की सुरक्षा और गोपनीयता को मजबूत करने के उद्देश्य से एक ईमेल वेरिफिकेशन फीचर विकसित कर रहा है। WaBetaInfo की रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी द्वारा, एकाउंट वेरिफिकेशन के लिए ईमेल एड्रेस का उपयोग करके आपके एकाउंट की सुरक्षा करने की उम्मीद है.। इस फीचर को वेबसाइट व्हाट्सऐप बीटा द्वारा एंड्रॉयड 2.23.18.19 अपडेट के लिए देखा गया था जो Google Play Store पर उपलब्ध है। व्हाट्सऐप मूल रूप से आपके खाते को सत्यापित करने के लिए आपके ईमेल पते का उपयोग करेगा।
मल्टी-डिवाइज यूज भी होगा इनेबलयह सुविधा यूजर्स को अपने व्हाट्सऐप एकाउंट से एक ईमेल एड्रेस लिंक करने की अनुमति देकर मौजूदा टू-स्टेप वेरिफिकेशन प्रोसेस को शुरू करेगा। इस सुविधा से एकाउंट सिक्योरिटी सहित कई फायदे होने के उम्मीद हैं और यह डेटा रिकवरी में सहायक हो सकता है। एक वेरिफाइड ईमेल एड्रेस को उनके खाते से जोड़कर, आप अपने ईमेल और व्हाट्सऐप प्रोफाइल के बीच एक मजबूत संबंध बना सकते हैं. इससे मल्टी-डिवाइज यूज को सक्षम भी किया जा सकता है।यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि व्हाट्सऐप की मूल कंपनी, फेसबुक (अब मेटा) को यूजर्स डेटा और गोपनीयता संबंधी चिंताओं के संबंध में अतीत में जांच का सामना करना पड़ा है। विकास में नई सुविधा को इन मुद्दों के समाधान के लिए एक कदम के रूप में देखा जा सकता है। हालांकि ईमेल वेरिफिकेशन सुविधा की सटीक रिलीज की तारीख की पुष्टि नहीं की गई है। व्हाट्सऐप चुनिंदा यूजर्स के साथ इस फीचर्स का टेस्टिंग कर रहा है। -
नई दिल्ली। विमान ईंधन या एटीएफ की कीमत में शुक्रवार को 14 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई। इस तरह लगातार तीसरी बार विमान ईंधन के दाम बढ़ाए गए हैं। आयल मार्केटिंग कंपनियों (OMC) ने एविएशन टर्बाइन फ्यूल (ATF) के दाम बढ़ा दिए हैं। हवाई ईंधन के दाम में 13911 रुपये/ KL यानी 14 फीसदी तक की भारी बढ़ोतरी की गई है. ये बढ़ी दरें आज से लागू हो गई हैं। बता दें कि पिछले महीने भी एटीएफ के दाम में 7728 रुपये तक का इजाफा किया गया था। दो महीनों में इसमें 21 हजार से अधिक की बढ़ोतरी हो चुकी है. इसका असर हवाई सफर पर भी पड़ेगा. आने वाले समय में हवाई सफर भी महंगा हो सकता है।इसकी कीमतें विभिन्न राज्यों में स्थानीय बिक्री कर या मूल्य वर्द्धित कर (वैट) के आधार पर अलग-अलग होती हैं। तेल की ग्लोबल कीमतों में बढ़ोतरी के कारण विमान ईंधन महंगा हुआ है।
चार महानगरों में एटीएफ की बात करें तो दिल्ली में 112419.33 रुपये प्रति किलो लीटर है। वहीं, कोलकाता में एटीएफ 121063.83 रुपये प्रति किलो लीटर, मुंबई में एटीएफ 105222.13 रुपये किलो लीटर है। इसके अलावा चेन्नई में यह 116581.77 रुपए प्रति किलो लीटर है। बता दें कि त्योहारी सीजन से पहले एटीएफ में ऐसी बढ़ोतरी से हवाई सफर महंगा हो सकता है। एटीएफ की जरूरत फ्लाइट्स के परिचालन के लिए होती है।अगस्त में दिल्ली में एटीएफ की कीमत 98,508.26 रुपये प्रति किलोलीटर थी। वहीं, कोलकाता में 1,07,383.08 रुपये प्रतिलीटर, मुंबई में 92,124.13 रुपये प्रति लीटर और चेन्नई में 1,02,391.64 रुपये प्रति लीटर थी।दूसरी ओर, होटल और रेस्तरां जैसे प्रतिष्ठानों में इस्तेमाल होने वाले वाणिज्यिक एलपीजी की कीमत 157.50 रुपये प्रति सिलेंडर कम की गई है। दिल्ली में 19 किलोग्राम वाले एक वाणिज्य सिलेंडर की कीमत अब 1,522.50 रुपये है।
- मुंबई। एयर इंडिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) कैंपबेल विल्सन ने कहा कि एयर इंडिया समूह की एयरलाइन ने इस साल अप्रैल से अब तक 650 पायलटों को नियुक्त किया है। उन्होंने कहा कि एयर इंडिया के बड़े बोइंग 777 बेड़े में इस महीने के पहले सप्ताह तक दो बी777 शामिल होंगे। इनमें से एक को पहले ही बेड़े में शामिल किया जा चुका है। इससे एयरलाइन को अमेरिका में सेवाएं और क्षमता बढ़ाने में मदद मिलेगी।एयर इंडिया समूह में एयर इंडिया और इसकी दो पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनियां – एयर इंडिया एक्सप्रेस और एआईएक्स कनेक्ट (पूर्व में एयर एशिया इंडिया) शामिल हैं।विल्सन ने एयर इंडिया के कर्मचारियों को अपने साप्ताहिक संदेश में कहा, ”समूह भर्ती प्रकोष्ठ (जीएचसी) ने एक अप्रैल से 650 से अधिक पायलटों को सफलतापूर्वक भर्ती किया है और उन्हें अपने साथ जोड़ा है।”एयर इंडिया ने पिछले साल उत्तरी अमेरिका के मार्गों पर अपनी उड़ानें संचालित करने के लिए 11 बी777 विमानों , छह बी777-300ईआर विमानों और पांच बी777-200-एलआर विमानों को पट्टे पर लेने की घोषणा की थी। उन्होंने यह भी कहा कि लंबे समय से बंद चल रहे तीन बोइंग 787 विमानों में दो सेवा में लौट आए हैं।
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नई दिल्ली। जीएसटी राजस्व (GST revenue) अगस्त 2023 में सालाना आधार पर 11 प्रतिशत बढ़ा। राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। अगस्त 2022 में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से 1,43,612 करोड़ रुपये का संग्रह हुआ था।
मल्होत्रा ने पत्रकारों से कहा, ‘‘मोटे तौर पर इसमें सालाना आधार पर 11 प्रतिशत की वृद्धि हुई हैं।’’ इस 11 प्रतिशत की वृद्धि के साथ मोटे तौर पर संग्रह करीब 1.60 लाख करोड़ रुपये होगा। वह अगस्त के लिए अपेक्षित जीएसटी राजस्व पर एक सवाल का जवाब दे रहे थे, जिसका आंकड़ा शुक्रवार को शाम तक जारी किया जाएगा। मल्होत्रा ने कहा कि अप्रैल-जून तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर (जीडीपी) 7.8 प्रतिशत थी। उन्होंने कहा, ‘‘जून तिमाही में जीएसटी राजस्व 11 प्रतिशत से अधिक बढ़ा है। इसका मतलब है कि कर – जीडीपी अनुपात 1.3 से अधिक है।’’ - नयी दिल्ली. दूरसंचार कंपनियों को गैर-पंजीकृत विक्रेताओं के जरिये सिम कार्ड की बिक्री करने पर नए नियमों के अनुरूप 10 लाख रुपये का जुर्माना लगेगा। दूरसंचार विभाग ने बृहस्पतिवार को एक परिपत्र में इसकी जानकारी दी। दूरसंचार विभाग ने कहा कि सिम कार्ड की फर्जी तरीके से बिक्री पर रोक लगाने के लिए बनाए गए नए नियम एक अक्टूबर से प्रभावी होंगे। दूरसंचार कंपनियों को 30 सितंबर के पहले अपने सभी बिक्री केंद्रों (पीओएस) का पंजीकरण कराना है। परिपत्र के मुताबिक, “यदि लाइसेंसधारक 30 सितंबर के बाद किसी नए पीओएस को पंजीकरण के बगैर ग्राहकों के नामांकन की अनुमति देता है, तो हरेक लाइसेंसधारक पर संबंधित लाइसेंस सेवा क्षेत्र प्रति पीओएस 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाएगा।” गैर-पंजीकृत बिक्री केंद्रों के जरिये चालू किए गए सभी मोबाइल कनेक्शन का भी मौजूदा नियमों के अनुसार दोबारा सत्यापन किया जाएगा। सभी मौजूदा सिम बिक्री केंद्रों को भी सितंबर खत्म होने से पहले दस्तावेज जमा कराना और पंजीकरण कराना होगा। हालांकि केवल रिचार्ज/ बिलिंग गतिविधियों के लिए नियुक्त पीओएस के पंजीकरण की जरूरत नहीं होगी।खुदरा विक्रेता को पंजीकरण के लिए कॉरपोरेट पहचान संख्या (सीआईएन), सीमित देयता भागीदारी पहचान संख्या (एलएलपीआईएन) या व्यवसाय लाइसेंस, आधार या पासपोर्ट, पैन, माल और सेवा कर (जीएसटी) पंजीकरण प्रमाणपत्र देना होगा।
- नयी दिल्ली। देश की सबसे बड़ी बिजली उत्पादक कंपनी, एनटीपीसी के निदेशक मंडल (बोर्ड) ने लारा सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट (एसटीपीपी) के दूसरे चरण के लिए निवेश प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इस पर 15,529.99 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है। परियोजना के तहत 800-800 मेगावाट की दो परियोजनाएं छत्तीसगढ़ में स्थापित की जा रही है।एनटीपीसी ने बुधवार को शेयर बाजार को दी सूचना में कहा, ‘‘निदेशक मंडल ने लारा सुपर थर्मल पावर परियोजना के दूसरे चरण (2x800 मेगावाट) के लिए निवेश प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इस पर 15,529.99 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है।''
- नयी दिल्ली। फॉक्सकॉन, एचपी, डेल और लेनोवो जैसी वैश्विक दिग्गजों समेत कुल 38 कंपनियों ने सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) के हार्डवेयर क्षेत्र के लिए संचालित 'उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन' (पीएलआई) योजना के तहत आवेदन किया है। बुधवार रात साढ़े दस बजे तक आवेदनों की संख्या बढ़कर 38 हो गई, जो शाम साढ़े पांच बजे के आसपास 32 थी। पीएलआई आईटी हार्डवेयर योजना के लिए आवेदन जमा करने की विंडो आधी रात को बंद हो जाती है। इससे पहले इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को संवाददाताओं से कहा कि आईटी हार्डवेयर के लिए संचालित पीएलआई योजना को कंपनियों से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है। उन्होंने कहा कि उम्मीद से कहीं अधिक संख्या में कंपनियों ने इसके लिए आवेदन किया है। वैष्णव ने कहा कि आवेदन करने वाली कंपनियों में फॉक्सकॉन, एचपी, डेल और लेनोवो जैसी वैश्विक कंपनियों के अलावा फ्लेक्सट्रॉनिक्स, डिक्सन, एसर, थॉम्पसन, वीवीडीएन भी शामिल हैं।आईटी हार्डवेयर क्षेत्र के लिए लाई गई पीएलआई योजना के जरिये लैपटॉप, ऑल-इन-वन पीसी, सर्वर और टैबलेट जैसे उपकरणों का घरेलू स्तर पर उत्पादन बढ़ाने की कोशिश है। इस योजना के तहत चुनी जाने वाली कंपनियों को सरकार से प्रोत्साहन राशि मिलेगी। यह योजना इस लिहाज से भी अहम है कि सरकार ने एक नवंबर से लैपटॉप एवं टैबलेट जैसे आईटी उपकरणों के आयात पर कई तरह की पाबंदियां लगाने की घोषणा की है। अब इन उत्पादों का सीधे आयात नहीं किया जा सकेगा और इसके लिए लाइसेंस लेना जरूरी होगा। वैष्णव ने कहा, ‘‘भारत आपूर्ति श्रृंखला के एक विश्वसनीय भागीदार और मूल्य-वर्धित साझेदार के रूप में उभर रहा है। कंपनियां विनिर्माण और डिजाइन के लिए भारत आकर खुश हैं।'' पिछले आठ साल में भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों का विनिर्माण 17 प्रतिशत की सालाना दर से बढ़ा है। इस साल यह 105 अरब डॉलर के आंकड़े को पार कर गया। इस दौरान भारत मोबाइल फोन का दूसरा बड़ा उत्पादक देश बन चुका है। वैष्णव ने कहा कि डिक्सन ने नोएडा में अपना संयंत्र स्थापित भी कर लिया है जहां पर जल्द ही उत्पादन शुरू हो जाएगा। हालांकि अधिकांश कंपनियां अप्रैल, 2024 से उत्पादन शुरू करेंगी।
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नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों में डिजिटल सुविधा को उन्नत बनाने पर जोर दिया है। नई दिल्ली में उत्तरी क्षेत्र के क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की समीक्षा बैठक में उन्होंने पंजाब नेशनल बैंक से इस वर्ष पहली नवंबर तक उसके अधीन सभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों में डिजिटल सुविधा का उन्नयन सुनिश्चित करने को कहा।
श्रीमती सीतारामन ने क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों से प्रधानमंत्री जन-धन योजना खातों की पुनरावृति समाप्त करने को कहा। उन्होंने जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के सेब उत्पादों को भंडारण सुविधा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। वित्त मंत्री ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में नेटवर्क बढाने पर जोर दिया। उन्होंने मुद्रा योजना और वित्तीय समावेशन में लोगों की भागीदारी बढ़ाने पर बल दिया। श्रीमती सीतारामन ने बैंकों से निर्धारित योजनाओं को निश्चित समयसीमा अवधि में पूरा करने को कहा। -
नयी दिल्ली. मजबूत वैश्विक संकेतों के बीच राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में बुधवार को सोना 300 रुपये की बढ़त के साथ 60,100 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी। पिछले कारोबारी सत्र में सोना 59,800 रुपये प्रति 10 ग्राम के भाव पर बंद हुआ था। चांदी की कीमत भी 400 रुपये के उछाल के साथ 77,500 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (जिंस) सौमिल गांधी ने कहा, “बुधवार को सोना कीमतों में तेजी आई। विदेशी बाजारों से सकारात्मक संकेतों के बाद दिल्ली के बाजारों में सोने की हाजिर कीमतें 300 रुपये बढ़कर 60,100 रुपये प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रही थीं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना तेजी के साथ 1,936 डॉलर प्रति औंस हो गया। चांदी की कीमत भी बढ़कर 24.60 डॉलर प्रति औंस हो गयी। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के जिंस शोध विभाग के वरिष्ठ उपाध्यक्ष, नवनीत दमानी ने कहा कि कमजोर आर्थिक आंकड़ों के बीच डॉलर और बांड प्रतिफल में गिरावट के कारण सोना अपने तीन सप्ताह के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। - नयी दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) के चेयरमैन अरुण कुमार सिंह ने मंगलवार को कहा कि कंपनी 2038 तक शुद्ध रूप से शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य प्राप्त करने के लिये करीब दो लाख करोड़ रुपये का निवेश करेगी। उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा कि कंपनी 2030 तक 10,000 मेगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता हासिल करने, हरित अमोनिया संयंत्र और अपतटीय पवन ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित करने में एक लाख करोड़ रुपये का निवेश करेगी। इसके बाद शेष निवेश स्कोप-1 और स्कोप-2 शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन प्राप्त करने के लिये किया जाएगा स्कोप-1 के अंतर्गत ऐसे प्रत्यक्ष उत्सर्जन आते हैं, जो कंपनी के नियंत्रण में होते हैं। स्कोप-दो के अंतर्गत परोक्ष से होने वाले उत्सर्जन आते हैं। यह कंपनी की गतिविधियों का नतीजा तो होता है लेकिन स्रोत (खरीदी गयी बिजली की खपत आदि) उसके नियंत्रण में नहीं होता उन्होंने कहा कि इसके साथ ओएनजीसी तेल और गैस की खोज और उत्पादन तथा ऊर्जा बदलाव से संबद्ध परियोजनाओं में भी निवेश करना जारी रखेगी। सिंह ने कहा कि कंपनी कार्बन उत्सर्जन पर लगाम लगाने के साथ अपने कारोबार को गति देने के लिये निवेश जारी रखेगी। इसके लिये कंपनी के पास पर्याप्त संसाधन हैं। उन्होंने कहा कि कंपनी के पास फिलहाल नवीकरणीय स्रोतों से बिजली पैदा करने की क्षमता 189 मेगावाट है। इसका लक्ष्य 2030 तक 10,000 मेगावाट क्षमता सृजित करने का है। कंपनी ने पहले ही राजस्थान में 5,000 मेगावाट के लिये समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये हैं।इसके अलावा, ओएनजीसी की 25 ‘कंम्प्रेस्ड बायो गैस' (सीबीजी) संयंत्र स्थापित करने की योजना है। यह संयंत्र पराली और अन्य कृषि-अवशेषों को गैस में परिवर्तित करेगा। इस ईंधन का उपयोग वाहनों और बिजली संयंत्रों में किया जाएगा। सिंह ने कहा कि कंपनी 10 लाख टन प्रति वर्ष क्षमता वाला हरित अमोनिया संयंत्र स्थापित करने की संभावना भी टटोल रही है। इसके अलावा, ओएनजीसी दो नये ‘ऑयल टू केमिकल' (ओ 2 सी) संयंत्र स्थापित करने की भी योजना बना रही है। हालांकि, सिंह ने कहा कि उसके कारोबार का आधार तेल और गैस की खोज तथा उत्पादन बना रहेगा।
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मुंबई। डालमिया सीमेंट (भारत) ने पुनित डालमिया को अपना प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) नियुक्त किया है। कंपनी ने मंगलवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि महेंद्र सिंह सिंघी का एक दशक का कार्यकाल आठ दिसंबर को पूरा हो रहा है। इसके बाद पुनित डालमिया यह जिम्मेदारी संभालेंगे। कंपनी के निदेशक मंडल ने इस बदलाव को सुगमता से लागू करने के लिए सिंघी को निदेशक के साथ प्रबंध निदेशक और सीईओ के रणनीतिक सलाकार की जिम्मेदारी सौंपी है। डालमिया इस समूह के साथ पिछले 25 साल से जुड़े हैं।पुनित डालमिया ने कहा, ‘‘सिंघी के नेतृत्व से डालमिया भारत को काफी लाभ मिला है। उन्होंने कंपनी की वृद्धि यात्रा को आगे बढ़ाया। मैं कंपनी में उनके योगदान के लिए उनका आभारी हूं।''
- नयी दिल्ली। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को उम्मीद जताई कि निर्यातक मौजूदा वैश्विक अनिश्चितताओं से पार पाते हुए विजेता बनकर सामने आएंगे। उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर मौजूदा स्थिति, महंगाई को लेकर चिंता और प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में धीमी वृद्धि दर के कारण वैश्विक व्यापार मोर्चे पर चुनौतियां हैं। गोयल ने भारतीय निर्यात संगठनों के महासंघ (फियो) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में निर्यातकों को संबोधित करते हुए यहां कहा, ‘‘हमारे सामने चुनौतियां हैं लेकिन कारोबार से जुड़े हमारे लोगों में इस प्रतिकूल हालात से विजेता बनकर बाहर आने की क्षमता है।'' उन्होंने भरोसा जताया कि देश का माल और सेवा निर्यात 2030 तक 2,000 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा।गोयल ने यह भी कहा कि देश की अर्थव्यवस्था 2047 तक मौजूदा 3,500 अरब डॉलर से बढ़कर 35,000 अरब डॉलर होगी और इसके साथ विभिन्न क्षेत्रों में कई अवसर मौजूद होंगे। मंत्री ने उद्योग से निर्यात बढ़ाने के उद्देश्य से गुणवत्ता और नवोन्मेष पर ध्यान देने का आग्रह किया। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, वैश्विक नरमी और पेट्रोलियम, रत्न और आभूषण जैसे प्रमुख क्षेत्रों के निर्यात में गिरावट के कारण जुलाई में देश का निर्यात 15.88 प्रतिशत घटकर 32.25 अरब डॉलर रहा। यह लगातार लगातार छठा महीना है, जब निर्यात कम हुआ है। चंद्रयान-3 के सफल प्रक्षेपण का उल्लेख करते हुए मंत्री ने कहा कि इससे अंतरिक्ष क्षेत्र में निजी क्षेत्र के लिये बड़े अवसर खुले हैं। गोयल ने कार्यक्रम में उत्कृष्ट निर्यात प्रदर्शन और निर्यात में वृद्धि के आधार पर उत्कृष्ट निर्यातकों और सेवा प्रदाताओं को फियो उत्तरी क्षेत्र निर्यात उत्कृष्टता पुरस्कार प्रदान किये।
- नयी दिल्ली। भारत ने मंगलवार को कहा कि सिंगापुर के साथ अपने विशेष संबंधों को ध्यान में रखते हुए उसने इस एशियाई राष्ट्र को चावल के निर्यात की अनुमति देने का फैसला किया है। भारत ने पिछले महीने सभी गैर-बासमती सफेद चावलों के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी, जिसके परिणामस्वरूप वैश्विक चावल की कीमतों में भारी वृद्धि दर्ज की गई। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि सिंगापुर को चावल के निर्यात की अनुमति देने वाला आधिकारिक आदेश जल्द ही जारी किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘भारत और सिंगापुर बहुत घनिष्ठ रणनीतिक साझेदार हैं, जिनके बीच साझे हित और घनिष्ठ आर्थिक संबंध हैं तथा दोनों देशेां के लोगों के बीच पारस्परिक जुड़ाव भी है।'' बागची ने कहा, ‘‘इस विशेष संबंध को देखते हुए भारत ने सिंगापुर की खाद्य सुरक्षा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए चावल के निर्यात की अनुमति देने का फैसला किया है।
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नयी दिल्ली। वैश्विक बाजारों में बहुमूल्य धातुओं की कीमतों में मजबूती के रुख के बीच राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में मंगलवार को सोना 250 रुपये की बढ़त के साथ 59,800 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी। पिछले कारोबारी सत्र में सोना 59,550 रुपये प्रति 10 ग्राम के भाव पर बंद हुआ था। चांदी की कीमत भी 600 रुपये के उछाल के साथ 77,100 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (जिंस) सौमिल गांधी ने कहा कि मंगलवार को सोने में तेजी आई और विदेशी बाजारों से सकारात्मक संकेत मिलने के बाद दिल्ली बाजार में सोने की हाजिर कीमतें 250 रुपये की तेजी के साथ 59,800 रुपये प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रही थीं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना तेजी के साथ 1,924 डॉलर प्रति औंस हो गया। चांदी की कीमत भी बढ़कर 24.25 डॉलर प्रति औंस हो गयी। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के जिंस शोध विभाग के वरिष्ठ उपाध्यक्ष, नवनीत दमानी ने कहा, ‘‘इस सप्ताह महत्वपूर्ण अमेरिकी मुद्रास्फीति और नौकरियों के आंकड़ों से पहले डॉलर और ट्रेजरी आय के हाल के उच्चस्तर से नीचे आने के कारण सोने और चांदी की कीमतों में बढ़ोतरी जारी है।
- - नई दिल्ली। पिछले कुछ सालों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की त्योहारों पर ‘वोकल फॉर लॉकल' और ‘आत्मनिर्भर भारत' की अपील का असर धरातल पर नजर आ रहा है। उत्तर भारत के सबसे बड़े थोक बाजार, सदर बाजार में इस बार रक्षाबंधन के त्यौहार पर चीन निर्मित राखियां नदारद हैं और सिर्फ भारतीय राखियों की ही भरमार है। .इससे दुकानदारों में भी खासा उत्साह है और उन्हें इस बार अच्छा कारोबार होने की उम्मीद है।सदर बाजार में चीन निर्मित राखियां कम उपलब्ध होने पर स्थानीय दुकानदार बृजेश ने कहा, “ आए दिन चीन सीमा का अतिक्रमण कर हमारे देश में घुस रहा है. हम क्यों चीन का माल बनाएं? चीन की राखी न हमारा ग्राहक खरीदना चाहता है और न हम बनाना चाहते हैं। ”एक अन्य दुकानदार अरविंद कुमार ने कहा,“ अब लोग चीन की राखियां पसंद नहीं करते और इसलिए हम रखते भी नहीं हैं। ”स्थानीय दुकानदारों का कहना है कि ग्राहक भारतीय राखियों की ही ज्यादा मांग कर रहे हैं। वे चीन की राखी की मांग में कमी का एक प्रमुख कारण उसकी महंगी कीमत और खराब गुणवत्ता को भी बता रहे हैं। दुकानदार संजय यादव ने बताया कि इस बार सदर बाजार में तीन रुपये से लेकर 200 रुपये कीमत तक की भारतीय राखियां उपलब्ध हैं जबकि चीनी राखी की शुरूआती कीमत ही 50 रुपये है और यह टूटती भी जल्दी है।दिल्ली व्यापार महासंघ के अध्यक्ष देवराज बवेजा ने बताया, “ बाजार में 80 फीसदी भारतीय राखियां ही मिल रही हैं और राखियों के बाजार में चीन की हिस्सेदारी मुश्किल से 20 फीसदी तक ही रह गई है । यह भी केवल कच्चे माल के तौर पर ही है। ”उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि चीन की राखियों की मांग बीते तीन-चार साल के दौरान कम हुई है. इससे पहले चीन से राखियां खूब आती थीं।राखियों के थोक व्यापारी अनिल का भी यही कहना था कि राखियों के लिए कुछ कच्चा माल जरूर चीन से आता है लेकिन उन्हें यहीं तैयार किया जाता है। देशभर के व्यापारियों के राष्ट्रीय सगंठन कान्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रवीण खंडेलवाल ने दावा किया है कि इस बार राखी पर दिल्ली समेत समूचे देश में 10 हजार करोड़ रुपये का कारोबार होने की उम्मीद है जबकि पिछले साल राखियों का सात हजार करोड़ रुपये का व्यापार हुआ था.।खंडेलवाल ने बताया कि भारतीय बाजार पर चीनी कब्जे की कुछ साल पहले तक ये स्थिति थी कि चीन से करीब चार हजार करोड़ रुपये की राखियां आयात की जा रही थीं। उन्होंने आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि चीन से 2018 में तीन हजार करोड़ रूपये, 2019 में साढ़े तीन हजार करोड. रूपये, 2020 में चार हजार करोड़ रू और 2021 में करीब साढ़े पांच हजार करोड़ रूपये कीमत की राखियां आयात की गईं, लेकिन इस बार विशुद्ध रूप से भारतीय राखियां बाजार में उपलब्ध हैं । हालांकि दुकानदारों का यह भी कहना है कि उत्तर भारत के विभिन्न हिस्सों में मूसलाधार बारिश और बाढ़ की वजह से इस बार राखियों की बिक्री में पिछले साल की तुलना में कमी आयी है। .व्यापारी अनिल ने बताया कि इस बार पंजाब, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में बारिश और बाढ़ के कारण राखी का कारोबार पिछले साल की तुलना में कम रहा है। ”दुकानदार संजय यादव ने बताया कि ज्यादातर दुकानदारों का अब तक सिर्फ 50 से 75 फीसदी ही माल बिका है जबकि पहले अब तक सारा माल खत्म हो जाता था। भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन का त्यौहार सावन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस साल रक्षाबंधन 30 और 31 अगस्त दोनों दिन मनाया जाएगा।
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नई दिल्ली। त्योहारी सीजन के बीच आम जनता के लिए खुशखबरी। सरकार ने घरेलू गैस सिलेंडर (14.2 किलोग्राम) की कीमत में 200 रुपये की कटौती की है। हालांकि, इस कटौती का फायदा केवल प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना वालों को मिलेगा। मोदी कैबिनेट ने मंगलवार को इसकी मंजूरी दी। उज्जवला योजना के तहत अब तक देश में 9.5 करोड़ से ज्यादा कनेक्शन दिए जा चुके हैं।
कैबिनेट ब्रीफिंग में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा की सरकार मंत्रिमंडल के इस फैसले के बाद उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को अब कुल 400 रुपये की सब्सिडी मिलेगी। इस योजना के तहत मुफ्त में 75 लाख नए एलपीजी कनेक्शन दिए जाएंगे।अगस्त महीने की शुरुआत में पेट्रोलियम कंपनियों ने कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर (commercial lpg cylinder) की कीमतों में 100 रुपये की कटौती की थी। हालांकि, सरकार ने घरेलू गैस सिलेंडर की कीमतों में कोई कटौती नहीं की थी।मेट्रो सिटी में बिना सब्सिडी वाले कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर के दामदिल्ली – 1,680 रुपएकोलकाता – 1,802.50 रुपएमुंबई – 1,640.50 रुपएचेन्नई – 1,852.50 रुपएप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज हुई कैबिनेट की बैठक के दौरान उज्ज्वला योजना के तहत रसोई गैस सिलेंडर की कीमत में 200 रुपये की कटौती करने का फैसला लिया है। सरकार ने बीते साल ही साफ कर दिया था कि रसोई गैस पर सब्सिडी का फायदा केवल उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को ही मिलेगा। यानी अन्य किसी को सब्सिडी नहीं दी जाएगी। बता दें कि उज्ज्वला योजना के तहत सरकार पहले से ही 200 रुपये की सब्सिडी दे रही थी। अब इस फैसले के आने से इस योजना के तहत 200 रुपये की अतिरिक्त सब्सिडी मिलेगी।प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की शुरुआत साल 2016 में हुई थी। इस योजना के तहत सरकार गरीबी रेखा (BPL) से नीचे के परिवारों को मुफ्त में रसोई गैस कनेक्शन देती है।लाभार्थी योजना के तहत एक साल में कुल 12 रसोई गैस सिलेंडर पर सब्सिडी का लाभ उठा सकते हैं। -
नई दिल्ली। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने आज विश्व के पहले BS-VI (स्टेज-II) इलेक्ट्रिक फ्लेक्स-फ्यूल वाहन का शुभारंभ किया है। इस अवसर पर श्री गडकरी ने कहा कि यह देश के लिए ऐतिहासिक दिन है। उन्होंने कहा कि भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए यह आवश्यक है कि कच्चे तेल के आयात की आवश्यकता खत्म हो जाए। उन्होंने यह भी कहा कि अभी कच्चे तेल के आयात में भारत को 16 लाख करोड़ रुपये खर्च करने पड़ते हैं। उन्होंने कहा कि भारत को तेल आयात पर निर्भरता खत्म करनी पड़ेगी।
श्री गडकरी ने यह भी कहा कि परिवहन क्षेत्र के कारण 40 प्रतिशत प्रदूषण हो रहा है जो देश के लिए बड़ी चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि प्रदूषण को रोकने के लिए देश को बड़े और दीर्घकालिक उपाय करने होंगे। उन्होंने कहा कि पेट्रोल में इथेनॉल के मिश्रण से भारत का कृषि विकास 12 प्रतिशत से बढ़कर 20 प्रतिशत हो जाएगा और इससे रोजगार के बहुत से अवसर भी पैदा होंगे।पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि ईंधन में 20 प्रतिशत इथेनॉल के मिश्रण की नीति लागू करके भारत प्रतिवर्ष आयात पर खर्च होने वाले 35 हजार करोड़ रुपये बचाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने 10 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य निर्धारित समय से 5 महीने पहले ही हासिल कर लिया था। श्री पुरी ने कहा कि भारत ने 2026 तक 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रित करने का नया लक्ष्य निर्धारित किया है जो पहले 2030 तक पूरा किया जाना था। उन्होंने कहा कि 2025 से पूरे देश में 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल ई-20 मिलने लगेगा।इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री महेन्द्र नाथ पांडेय ने कहा कि इथेनॉल मिश्रण की प्रक्रिया से किसानों को अब तक 82 हजार करोड़ रुपये की आमदनी हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि ईंधन में इथेनॉल के मिश्रण से न केवल भारत के आयात खर्च में कमी आएगी, बल्कि इससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के सपने को भी साकार करने में सहायता मिलेगी। - नयी दिल्ली । सरकार ने सौर केबल और ‘कास्ट आयरन' उत्पादों के लिये अनिवार्य गुणवत्ता मानदंड जारी किये हैं। इस पहल का मकसद खराब गुणवत्ता वाले ऐसे सामान के आयात पर अंकुश लगाना और देश में इनके विनिर्माण को बढ़ावा देना है। उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने इस संबंध में 25 अगस्त को एक अधिसूचना जारी की। सोलर डीसी केबल और आग से सुरक्षित केबल (गुणवत्ता नियंत्रण) आदेश, 2023 के साथ कास्ट आयरन उत्पाद (गुणवत्ता नियंत्रण) आदेश, 2023 के तहत ऐसे उत्पादन, बिक्री, व्यापार, आयात और भंडारण नहीं किया जा सकता जब तक कि उन पर भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) का निशान न हो। डीपीआईआईटी ने कहा कि ये अधिसूचना के प्रकाशन की तारीख से छह महीने के बाद प्रभावी होंगे। अभी तक इन उत्पादों पर बीआईएस प्रमाणपत्र नियम लागू नहीं होते थे। बीआईएस अधिनियम के प्रावधान का उल्लंघन पहली बार करने पर दो साल तक की कैद या कम से कम दो लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है। दूसरी बार किये गये अपराधों के मामले में, जुर्माना बढ़कर न्यूनतम पांच लाख रुपये होगा जिसे माल या वस्तुओं के मूल्य का 10 गुना तक बढ़ाया जा सकता है।
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नई दिल्ली। रिलायंस ने आज अपनी 46वीं वार्षिक आम बैठक (AGM) में नए Jio Air Fiber को लॉन्च करने की ऐलान किया है। कंपनी ने घोषणा की है कि Jio Air Fiber 19 सितंबर को गणेश चतुर्थी के दिन लॉन्च किया जाएगा। कंपनी रोजाना 1,50,000 कनेक्शन दे सकती हैं। कंपनी का दावा है कि इससे Jio के नेटवर्क का विस्तार 20 करोड़ से अधिक यूजर्स तक हो जाएगा। कंपनी का कहना है कि उसके पास पहले से ही 10 मिलियन JioFiber ग्राहक हैं और ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क 1.5 मिलियन किमी तक फैला हुआ है।
जानिए क्या है Jio AirFiber?Jio की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक, Jio AirFiber एक नई सेवा है जो बिना किसी तार (wire) के 5G तकनीक का उपयोग करके हवा में फाइबर जैसी इंटरनेट स्पीड देने का वादा करती है। यूजर्स केवल प्लग इन करके और डिवाइस को चालू करके अपने घर या ऑफिस में 1 जीबीपीएस इंटरनेट स्पीड का आनंद ले सकते हैं। Jio AirFiber एक एंटीना के साथ एक सफेद राउटर जैसा दिखता है।Jio AirFiber के कई अन्य फीचर्स-इसमें Parental control और वाई-फाई 6 का सपोर्ट मिलता है।-टीवी देखने के लिए जियो सेट टॉप बॉक्स के साथ इसे आसानी से कनैक्ट किया जा सकता है।-एक ऐप के माध्यम से आसान इंस्टॉलेशन और मैनेजमेंट।-नेटवर्क पर कुछ वेबसाइटों या उपकरणों को ब्लॉक करने की क्षमता।Jio स्मार्ट होम डिवाइस भी पेश किए गए हैं जो JioFiber और Jio AirFiber पर आधारित होंगे। कंपनी ने नया जियो राउटर (Jio router) और सेटअप बॉक्स (Setup box) भी पेश किया है। सेट टॉप बॉक्स में स्मार्टफोन को गेमपैड के रूप में ऐड करने की भी क्षमता है।रिलायंस जियो के चेयरमैन आकाश अंबानी ने कहा, ”भारत में 80 फीसदी से अधिक डेटा खपत घर के अंदर होती है। मैं जियो स्मार्ट होम सर्विसेज (Jio Smart Home services) को पेश करने के लिए रोमांचित हूं, जो हमारे घरों के अनुभव और प्रबंधन को फिर से परिभाषित करने के लिए तैयार है।” -
नई दिल्ली। देश की सबसे मूल्यवान कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज ने सोमवार को अपनी उत्तराधिकार योजना का रास्ता साफ कर दिया। उद्योगपति मुकेश अंबानी की पुत्री ईशा और पुत्र आकाश तथा अनंत को रिलायंस इंडस्ट्रीज लि. के निदेशक मंडल में नियुक्त किया गया है।
रिलायंस इंडस्ट्रीज ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि कंपनी के निदेशक मंडल की बैठक सालाना आमसभा (एजीएम) से पहले हुई। इसमें ईशा, आकाश और अनंत को गैर-कार्यकरी निदेशक नियुक्त करने की मंजूरी दी गयी।पिछले साल दिग्गज उद्योगपति 66 वर्षीय मुकेश अंबानी ने अपने बड़े बेटे आकाश अंबानी को देश की सबसे बड़ी मोबाइल कंपनी रिलायंस जियो इन्फोकॉम लि. का चेयरमैन बनाने का रास्ता साफ कर दिया था। हालांकि, अंबानी जियो प्लेटफार्म्स के चेयरमैन बने रहे। इसी के अंतर्गत रिलायंस जियो इन्फोकॉम आती है।आकाश की जुड़वां बहन 31 वर्षीय ईशा को रिलायंस की खुदरा इकाई और छोटे पुत्र अनंत को नये ऊर्जा कारोबार के लिये चुना गया।रिलायंस ने 10 साल में 150 अरब डॉलर का निवेश किया: मुकेश अंबानीरिलायंस इंडस्ट्रीज लि. के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने सोमवार को कहा कि कंपनी ने पिछले 10 साल में कुल मिलाकर 150 अरब डॉलर का निवेश किया है। यह किसी कंपनी का इस अवधि में अबतक का सर्वाधिक निवेश है। कंपनी की सालाना आम बैठक (एजीएम) में अंबानी ने कहा कि रिलायंस उभरते नये भारत में अगुवा है। उन्होंने कहा, ‘‘हमने असंभव लगने वाले लक्ष्य तय किये और उन्हें हासिल किया।’’ -
नई दिल्ली। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने सोमवार को कहा कि रिलायंस जियो की 5G सर्विस ने दुनिया में सबसे तेज शुरुआत की है और कंपनी इस साल दिसंबर तक इसे पूरे देश में पहुंचाने के लिए सही राह पर है।रिलायंस इंडस्ट्रीज के निदेशक मंडल की 46वीं आमसभा (AGM) में अंबानी ने कहा कि जियो की 5G सेवाएं इस साल दिसंबर तक पूरे देश में उपलब्ध होंगी। देश में पांच करोड़ से अधिक लोग जियो के 5जी नेटवर्क का इस्तेमाल कर रहे हैं। इस तरह 5जी के मामले में जियो अपनी अन्य प्रतिद्वंद्वी कंपनियों से आगे है।
इस मौके पर उन्होंने ‘जियो एयर फाइबर’ को 19 सितंबर यानी ‘गणेश चतुर्थी’ के दिन पेश करने की घोषणा भी की।अंबानी ने कहा, ‘ एक करोड़ से अधिक परिसर हमारी ऑप्टिकल फाइबर सेवा जियो फाइबर से जुड़े हैं। अब भी लाखों परिसर ऐसे हैं जहां वायर कनेक्टिविटी देना मुश्किलों भरा है। जियो एयर फाइबर इस मुश्किल को आसान करेगी। इसके जरिये हम 20 करोड़ घरों और परिसरों तक पहुंचने की उम्मीद कर रहे हैं। जियो एयर फाइबर के आने से हर दिन जियो 1.5 लाख नए ग्राहक जोड़ पाएगी।’Jio का ऑप्टिकल फाइबर ढांचा पूरे भारत में 15 लाख किलोमीटर तक फैला हुआ है। ऑप्टिकल फाइबर पर ग्राहक औसतन प्रति माह 280 जीबी से अधिक डेटा का उपयोग करते हैं, जो जियो की प्रति व्यक्ति मोबाइल डेटा खपत से 10 गुना अधिक है।AGM में ‘जियो ट्रू 5जी डेवलपर प्लेटफॉर्म’ और ‘जियो ट्रू 5जी लैब’ को जारी करने की घोषणा भी की गई।अंबानी ने कहा, ‘हम एक प्लेटफॉर्म बना रहे हैं जो भारतीय उद्यमों, छोटे व्यवसायों और प्रौद्योगिकी स्टार्टअप के डिजिटल दुनिया के साथ मेलजोल के तरीकों को बदल देगा। उद्यमों की जरूरतों को ध्यान में रख कर जियो ने 5जी नेटवर्क, एज कंप्यूटिंग और एप्लिकेशंस को मिलाकर एक व्यापक मंच बनाया है।’उन्होंने कहा, ‘दूसरी आरे ‘जियो ट्रू 5जी लैब’ में हमारे प्रौद्योगिकी भागीदार, उद्योगों को लिए विशिष्ट समाधानों का विकास, परीक्षण और सह-निर्माण कर सकते हैं। यह रिलायंस कॉरपोरेट पार्क नवी मुंबई में स्थित होगा।’ - मुंबई । रिलायंस इंडस्ट्रीज लि. (आरआईएल) कृषि अपशिष्ट को गैस में बदलने के लिए अगले पांच साल में 100 सीबीजी (कंप्रेस्ड बायोगैस) संयंत्र स्थापित करेगी। कंपनी के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने सोमवार को यह घोषणा की। कंपनी की सालाना आम बैठक को संबोधित करते हुए अंबानी ने कहा कि जामनगर में दो ‘डेमो’ इकाइयां स्थापित करने के बाद रिलायंस ने उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में पहला वाणिज्यिक स्तर का सीबीजी संयंत्र रिकॉर्ड 10 माह में चालू कर दिया है।अंबानी ने कहा, ‘‘हम देश भर में इस संख्या को तेजी से बढ़ाकर 25 करेंगे। हमारा लक्ष्य अगले पांच साल में 100 सीबीजी संयंत्र स्थापित करने का है। इन संयंत्रों में 55 लाख टन कृषि अवशिष्ट और जैविक कचरे की खपत होगी और इससे कॉर्बन उत्सर्जन में करीब 20 लाख टन की कमी लाई जा सकेगी। इनके जरिये सालाना 25 लाख टन जैविक खाद का उत्पादन होगा।’’ अंबानी ने कहा कि इन संयंत्रों की स्थापना से सालाना 70 लाख टन तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) आयात में कमी लाई जा सकेगी।
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नयी दिल्ली. वृहद आर्थिक आंकड़े, वैश्विक बाजारों का रुख और विदेशी निवेशकों की गतिविधियां इस सप्ताह शेयर बाजारों की दिशा तय करेंगी। विश्लेषकों ने यह राय जताई है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा बाजार के कारोबारियों की निगाह रिलायंस इंडस्ट्रीज की सालाना आमसभा (एजीएम) पर भी रहेगी। स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा, ‘‘इस सप्ताह का केंद्र बिंदु सोमवार 28 अगस्त को रिलायंस इंडस्ट्रीज की एजीएम है। इस घटनाक्रम का बाजार पर कुछ प्रभाव पड़ना निश्चित है। इसके अलावा बृहस्पतिवार को दूसरी तिमाही के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़े आ रहे हैं। इससे देश के आर्थिक प्रदर्शन को लेकर तस्वीर साफ हो सकेगी।'' मीणा ने कहा कि विनिर्माण खरीद प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) के आंकड़े शुक्रवार को आएंगे। इसके अलावा शुक्रवार को ही अमेरिकी के बेरोजगारी दर और गैर-कृषि पेरोल के आंकड़े भी आने हैं। उन्होंने कहा कि चीन के बाजार का रुख, डॉलर सूचकांक का उतार-चढ़ाव और अमेरिकी में बॉन्ड पर प्रतिफल भी बाजार की दृष्टि से महत्वपूर्ण रहेगा। शुक्रवार को वाहन कंपनियां अपने मासिक बिक्री आंकड़ों की भी घोषणा करेंगी।
मास्टर कैपिटल सर्विसेज लि. के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अरविंदर सिंह नंदा ने कहा, ‘‘वैश्विक और घरेलू वृहद आर्थिक आंकड़े, वैश्विक बाजारों का रुझान, कच्चे तेल की कीमतें, डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल और घरेलू और विदेशी संस्थागत निवेशकों का रुख बाजार की दिशा के लिए महत्वपूर्ण रहेगा।'' बृहस्पतिवार को मासिक डेरिवेटिव अनुबंधों के निपटान की वजह से बाजार में कुछ उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 62.15 अंक या 0.09 प्रतिशत के नुकसान में रहा। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी में 44.35 अंक या 0.22 प्रतिशत की गिरावट आई। -
नयी दिल्ली,। सरकार ने प्रीमियम बासमती चावल की आड़ में सफेद गैर-बासमती चावल के संभावित ‘अवैध' निर्यात को रोकने के लिए 1,200 डॉलर प्रति टन से कम दाम के बासमती चावल के निर्यात की अनुमति नहीं देने का फैसला किया है। वाणिज्य मंत्रालय ने रविवार को बयान में कहा कि उसने व्यापार संवर्धन निकाय कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) को 1,200 डॉलर प्रति टन से नीचे के अनुबंधों को पंजीकृत नहीं करने का निर्देश दिया है। मौजूदा 1,200 डॉलर प्रति टन से नीचे के अनुबंधों को स्थगित रखा गया है। भविष्य के लिए एपीडा के चेयरमैन की अगुवाई में एक समिति गठित की जाएगी।
चावल की खुदरा कीमतों को नियंत्रित करने के प्रयास के तहत केंद्र सरकार घरेलू आपूर्ति को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठा रही है। पिछले साल सितंबर में उसने टूटे हुए चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था, जबकि पिछले महीने उसने गैर-बासमती सफेद चावल पर प्रतिबंध लगाया था। पिछले सप्ताह, उसना गैर-बासमती चावल पर 20 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगाया गया था। इन प्रतिबंधों के साथ भारत ने अब गैर-बासमती चावल की सभी किस्मों पर भी प्रतिबंध लगा दिया है।वाणिज्य मंत्रालय के बयान के अनुसार, सरकार ने बासमती चावल की आड़ में सफेद गैर-बासमती चावल के संभावित अवैध निर्यात को रोकने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा उपाय शुरू करने के लिए एपीडा को निर्देश जारी किए हैं। निर्देशों के अनुसार, “केवल 1,200 डॉलर प्रति टन और उससे अधिक मूल्य वाले बासमती निर्यात के अनुबंधों को पंजीकरण - सह - आवंटन प्रमाणपत्र (आरसीएसी) जारी करने के लिए पंजीकृत किया जाना चाहिए।” विदेश व्यापार नीति के अनुसार, एपीडा को बासमती चावल के निर्यात के लिए सभी अनुबंधों को पंजीकृत करना अनिवार्य है और फिर यह बासमती चावल के निर्यात के लिए आरसीएसी जारी करता है। - नयी दिल्ली। टाटा स्टील ने इस्पात बनाने की प्रक्रिया में हाइड्रोजन का इस्तेमाल बढ़ाने की योजना बनाई है। कंपनी ने झारखंड स्थित अपने जमशेदपुर संयंत्र में पायलट परियोजना के सफल होने के बाद यह फैसला किया है। टाटा स्टील के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) और प्रबंध निदेशक टी वी नरेंद्रन ने यह जानकारी दी। टाटा स्टील ने अप्रैल, 2023 में जमशेदपुर स्थित अपने इस्पात संयंत्र में ई-ब्लास्ट फर्नेस में 40 प्रतिशत इंजेक्शन सिस्टम का उपयोग करके हाइड्रोजन गैस इंजेक्ट करने का प्रयोग शुरू किया था। नरेंद्रन ने कहा, ‘‘यह बहुत सफल रहा। हम इसे बढ़ाएंगे, लेकिन हमें पूर्वी भारत में हरित हाइड्रोजन की जरूरत होगी, जिससे यह तय होगा कि इसका इस्तेमाल कैसे किया जा सकता है।'' हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि कंपनी हाइड्रोजन का उपयोग कितनी मात्रा में बढ़ाने की योजना बना रही है। ब्लास्ट फर्नेस में हाइड्रोजन का इस्तेमाल करके कोयले की खपत को कम किया जा सकता है, जिससे कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी। उन्होंने कहा, ‘‘यह दुनिया में पहली बार है कि ब्लास्ट फर्नेस में इतनी बड़ी मात्रा में हाइड्रोजन गैस लगातार डाली जा रही है।'' नीदरलैंड में कंपनी के परिचालन के बारे में नरेंद्रन ने कहा कि वहां कारोबार कोयले से गैस और फिर हाइड्रोजन की ओर बढ़ रहा है। टाटा स्टील नीदरलैंड वहां हाइड्रोजन के सबसे बड़े उपभोक्ताओं में से एक बन जाएगी।

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