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नयी दिल्ली. टाटा स्टील के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) टी वी नरेंद्रन ने सोमवार को कहा कि कंपनी का ब्रिटेन में कारोबार ब्रिटिश सरकार की प्रतिक्रिया पर निर्भर करेगा। कंपनी ने एक प्रस्ताव के जरिये ब्रिटेन में अपने कारोबार को बनाए रखने के लिए सरकार से वित्तीय सहायता की मांग की है। टाटा स्टील का साउथ वेल्स के पोर्ट टालबोट में स्थित संयंत्र ब्रिटेन का सबसे बड़ा इस्पात कारखाना है। कंपनी के ब्रिटेन में लगभग 8,000 कर्मचारी हैं। कंपनी कार्बन उत्सर्जन-मुक्त योजनाओं को लागू करने के लिए ब्रिटिश सरकार से 1.5 अरब पौंड की वित्तीय सहायता मांग रही है। नरेंद्रन ने कॉन्फ्रेंस कॉल में कहा, ‘‘अगर हमें ब्रिटेन सरकार से समर्थन नहीं मिलता है, तो उस स्थिति के लिए जाहिर तौर पर योजनाएं बनाई जा रही हैं। लेकिन इसके बारे में बात करना जल्दबाजी होगी। सभी परिस्थितियों के लिए योजना बनाने को लेकर आंतरिक रूप से बहुत सारी बातचीत चल रही है।'' उल्लेखनीय है कि टाटा स्टील ब्रिटिश सरकार से दो तरह से समर्थन मांग रही है। कंपनी ने नीतिगत नजरिये से हरित इस्पात की तरफ बदलाव को प्रोत्साहन देने के साथ ही लागत प्रतिस्पर्धी परिदृश्य सुनिश्चित करने का प्रस्ताव रखा है।
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नयी दिल्ली. सरकारी कृषि अनुसंधान निकाय आईसीएआर इस रबी सत्र में हाल ही में स्वीकृत जीएम-सरसों हाइब्रिड डीएमएच -11 का खेत में प्रदर्शन (फील्ड डेमो) और परीक्षण कर सकता है। यह तीन साल के भीतर इसे व्यावसायिक उपयोग के लिए उपलब्ध करायेगा। कृषि मामलों के शोध संस्थान ‘एनएएसएस' और ‘टीएएसएस' के शीर्ष अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी। 25 अक्टूबर को, पर्यावरण मंत्रालय ने ट्रांसजेनिक सरसों हाइब्रिड डीएमएच -11 तथा बार्नेज, बारस्टार और बार जीन युक्त पैतृक लाइनों को ‘पर्यावरणीय स्तर पर जारी करने' को मंजूरी दे दी ताकि उनका उपयोग भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) की देखरेख में नए संकर किस्म को विकसित करने के लिए किया जा सके। नेशनल एकेडमी ऑफ एग्रीकल्चरल साइंसेज (एनएएसएस) के अध्यक्ष त्रिलोचन महापात्र और ट्रस्ट फॉर एडवांसमेंट ऑफ एग्रीकल्चरल साइंसेज (टीएएएस) के अध्यक्ष आर एस परोदा ने एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि डीएमएच-11 की पर्यावरण स्तर पर जारी करना एक ‘ऐतिहासिक निर्णय' है, जो जीएम खाद्य फसलों को जारी करने के संदर्भ में लंबे समय से चल आ रहे गतिरोध को को खत्म करेगा। उन्होंने कहा कि आईसीएआर अगले 10-15 दिनों में प्रमुख सरसों उत्पादक राज्यों राजस्थान, हरियाणा, पंजाब और मध्य प्रदेश में डीएमएच-11 का खेत में प्रदर्शन और परीक्षण करने की स्थिति में हो सकता है। कृषि मंत्रालय के तत्वावधान में आईसीएआर, भारत में कृषि में अनुसंधान और शिक्षा के लिए एक शीर्ष निकाय है। इसके तहत लगभग 111 संस्थान और 71 विश्वविद्यालय कार्य करते हैं। वर्तमान में भारत में वाणिज्यिक खेती के लिए बीटी-कॉटन एकमात्र गैर-खाद्य फसल है।
आगे के परीक्षणों की आवश्यकता के बारे में बताते हुए महापात्र ने कहा कि डीएमएच -11 का कृषि विज्ञान और उपज प्रदर्शन के लिए पहले ही आईसीएआर के भरतपुर स्थित राष्ट्रीय रैपसीड-सरसों पर राष्ट्रीय अनुसंधान केंद्र द्वारा परीक्षण किया जा चुका है, लेकिन केवल सीमित स्थानों पर यह परीक्षण किये गये थे। उस समय, अधिक स्थानों पर इसका परीक्षण नहीं किया जा सका था क्योंकि प्रौद्योगिकी को विनियमित नहीं किया गया था। उन्होंने कहा कि डीएमएच-11 के पर्यावरण स्तर पर जारी करने के साथ, प्रौद्योगिकी को नियंत्रणमुक्त कर दिया गया है और अब इसका और अधिक स्थानों पर फिर से परीक्षण किया जा सकता है और खेतों में प्रदर्शित किया जा सकता है और साथ ही नई संकर किस्मों को विकसित करने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जा सकता है। आईसीएआर के पूर्व महानिदेशक महापात्रा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘तीनों गतिविधियां एक साथ की जाएंगी। आईसीएआर इस रबी सत्र से आसानी से मैदानी प्रदर्शन शुरू कर सकता है।'' उन्होंने कहा कि अभी 10 किलो डीएमएच-11 बीज ही उपलब्ध हैं। चूंकि कम मात्रा में बीज उपलब्ध हैं, पहले इसका उपयोग प्रदर्शन के उद्देश्य से किया जा सकता है, कुछ मात्रा का उपयोग अधिक स्थानों पर खेत परीक्षण के लिए किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि डीएमएच-11 की उपज क्षमता का पता लगाने के बाद मात्रा के स्तर पर बीज की संख्या को बढ़ाया जाएगा। ट्रस्ट फॉर एडवांसमेंट ऑफ एग्रीकल्चरल साइंसेज (टीएएएस) के अध्यक्ष आर एस परोदा ने कहा, ‘‘उपलब्ध बीजों के साथ, आईसीएआर इस रबी सत्र में नियंत्रित वातावरण में 50-100 खेत प्रदर्शन आसानी से कर सकता है।'' उन्होंने कहा कि निजी और सार्वजनिक भागीदारी के माध्यम से अधिक संकर बीज पैदा करने के प्रयास की जरूरत है ताकि अगले फसल सत्र में अधिक रकबे को शामिल किया जा सके। एनएएएस के सचिव के सी बंसल ने कहा कि इसका न तो इससे मधुमक्खियों को कोई खतरा है और न ही मनुष्यों के लिए कोई स्वास्थ्य जोखिम अबतक बताया गया है। भारत की सरसों की औसत उपज 1-1.3 टन प्रति हेक्टेयर है। उन्होंने यह भी कहा कि अब समय आ गया है कि देश खाद्य तेलों में आत्मनिर्भर हो जाए क्योंकि ऑस्ट्रेलिया ने हाल ही में भारत की खाद्य तेल की मांग को पूरा करने के लिए खरपतवार नाशक के प्रति सहिष्णु जीएम सरसों को मंजूरी दी है। -
नयी दिल्ली. दुनिया में चीनी के प्रमुख उत्पादक देश भारत में चीनी का उत्पादन विपणन सत्र 2022-23 के पहले महीने में सालाना आधार पर 14.73 प्रतिशत घटकर 4.05 लाख टन रह गया। सहकारी संस्था एनएफसीएसएफएल के सोमवार को जारी किए गए आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। चीनी मिलों ने चिपणन सत्र 2021-22 के अक्टूबर के दौरान 4.75 लाख टन चीनी का उत्पादन किया था। चीनी विपणन सत्र अक्टूबर से लेकर सितंबर तक चलता है। नेशनल फेडरेशन ऑफ कोऑपरेटिव शुगर फैक्ट्रीज लिमिटेड (एनएफसीएसएफएल) ने विपणन सत्र 2022-23 के लिए चीनी का उत्पादन 3.6 करोड़ टन होने का अनुमान लगाया है। एनएफसीएसएफएल के अनुसार, महाराष्ट्र और कर्नाटक में चीनी का नया सत्र शुरू हो गया है। उत्तर प्रदेश और बाकी गन्ना उत्पादक राज्यों में गन्ना पेराई का काम एक हफ्ते में शुरू हो जाएगा। आंकड़ों के अनुसार, चालू सत्र के अक्टूबर तक महाराष्ट्र में चीनी का उत्पादन कम यानी 80,000 टन का हुआ जो साल भर पहले की समान अवधि में 1.40 लाख टन था। इसी तरह, कर्नाटक में चीनी का उत्पादन 2.80 लाख टन का ही हुआ, जो एक साल पहले की समान अवधि के 3.10 लाख टन से कम है। हालांकि, तमिलनाडु में चीनी का उत्पादन इस सत्र में अक्टूबर महीने तक अधिक यानी 45,000 टन रहा, जो एक साल पहले की समान अवधि में 25,000 टन था। अक्टूबर के दौरान लगभग 134 चीनी मिलें चालू थीं, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में 160 मिलें पेराई काम में जुटी थीं। विपणन सत्र 2021-22 में चीनी का उत्पादन तीन करोड़ 59.2 लाख टन था। महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक देश के शीर्ष तीन चीनी उत्पादक राज्य हैं। -
मुंबई । सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी इन्फोसिस के सह-संस्थापक कृष गोपालकृष्णन ने सोमवार को कहा कि भारत अभी दो और दशकों तक कम लागत वाली अर्थव्यवस्था बना रहेगा। उन्होंने कहा कि कम लागत वाली अर्थव्यवस्था होने से भारत में अगले कई वर्षों तक उत्पादों को डिजाइन करना और उनका विनिर्माण सस्ता बैठेगा। गोपालकृष्णन ने कहा कि सोमैया विद्याविहार विश्वविद्यालय के पहले दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि अगले तीन दशक में भारत उस स्थान पर होगा जहां आज चीन है। भारत एक मध्यम आय वर्ग वाला देश होगा जहां प्रति व्यक्ति आय कम से कम छह-सात हजार डॉलर होगी। उन्होंने कहा कि भारत अगले 10 से 20 साल तक कम लागत वाला देश बना रहेगा। विकास में हमसे ऊपर के देश ऊंची आय वाले हैं। उन्होंने कहा, ‘‘भारत में विचार लाना, डिजाइन करना और विनिर्माण करना अगले कई साल तक काफी सस्ता बैठेगा।
- नयी दिल्ली। देश की प्रमुख कार कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) रियर ब्रेक असेंबली पिन में संभावित गड़बड़ी को दुरुस्त करने के लिए तीन मॉडल....वैगन आर, सेलेरियो और इग्निस की 9,925 इकाइयों को बाजार से वापस लेगी। कंपनी ने शेयर बाजारों को भेजी सूचना में यह जानकारी दी है। प्रभावित वाहनों का विनिर्माण तीन अगस्त से एक सितंबर, 2022 के बीच हुआ है।बीएसई को भेजी सूचना में कंपनी ने कहा, ‘‘ऐसी आशंका है कि रियर ब्रेक अमेंबली पिन में कुछ खराबी है। कुछ स्थितियों में यह टूट सकता है और इससे आवाज आ सकती है। इससे लंबे समय में ब्रेक के प्रदर्शन पर भी असर पड़ सकता है।'' कंपनी ने कहा कि ग्राहकों की सुरक्षा के मद्देनजर हमने प्रभावित वाहनों को बाजार से वापस लेने का फैसला किया है। कंपनी की अधिकृत वर्कशॉप इस बारे में ग्राहकों से संपर्क करेंगी। जांच के बाद प्रभावित वाहनों में गड़बड़ी को ठीक किया जाएगा।
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मुंबई। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने टाटा समूह को अपने गृहनगर नागपुर और आसपास के क्षेत्रों में निवेश के लिए आमंत्रित करते हुए कहा है कि इस शहर में अवसंरचना, जमीन की उपलब्धता और संपर्क जैसी सुविधाएं मौजूद हैं। गडकरी ने टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन को सात अक्टूबर को लिखे एक पत्र में कहा है कि इस्पात, वाहन, उपभोक्ता उत्पाद, आईटी सेवा और विमानन क्षेत्र की टाटा समूह की कंपनियां अपने निवेश के लिए नागपुर को चुन सकती हैं। चंद्रशेखरन ने हाल ही में एक कार्यक्रम में कहा था कि टाटा समूह इलेक्ट्रॉनिक्स, नवीकरणीय ऊर्जा, बिजली चालित वाहनों और अन्य आधुनिक क्षेत्रों में निवेश की संभावनाएं तलाश कर रहा है और इसके लिए एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली महाराष्ट्र सरकार के साथ बातचीत चल रही है। मीडिया के साथ शनिवार को साझा किया गया यह पत्र ऐसे समय लिखा गया है जब कई बड़ी परियोजनाएं महाराष्ट्र के हाथ से निकलकर गुजरात के पास जा रही हैं। फॉक्सकॉन-वेदांता गठजोड़ का 1.5 लाख करोड़ रुपये निवेश वाला सेमीकंडक्टर संयंत्र महाराष्ट्र से गुजरात चला गया। इसके बाद टाटा समूह और एयरबस के 22,000 करोड़ रुपये निवेश वाली विमान विनिर्माण परियोजना के भी महाराष्ट्र से गुजरात जाने की घोषणा की गई है। इस पत्र में गडकरी ने कहा है कि ‘मल्टी-मोडल इंटरनेशनल हब एयरपोर्ट ऐट नागपुर (मिहान) एसईजेड और गैर-एसईजेड क्षेत्र में 3,000 एकड़ से अधिक जमीन है। उन्होंने कहा कि इस इलाके में कई कंपनियों ने अपना आधार बनाया है। उन्होंने आगे लिखा, ‘‘टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स, वोल्टास, टाइटन इंडस्ट्रीज, बिग बास्केट जैसी टाटा समूह की सभी कंपनियां नागपुर में मिलने वाली सुविधाओं का लाभ उठा सकती हैं।
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हैदराबाद। उद्योग एवं व्यापार मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को कहा कि देश में मौजूद स्टार्टअप पारिस्थितिकी का मूल्यांकन करीब तीन लाख करोड़ रुपये हो चुका है। गोयल ने यहां कार्यक्रम में कहा कि देश में इस समय यूनिकॉर्न (एक अरब डॉलर से अधिक मूल्य वाले) स्टार्टअप की संख्या 110 से अधिक है जबकि करीब 75 कंपनियां जल्द ही इस श्रेणी में पहुंचने की होड़ में शामिल हैं। उन्होंने इसे देश के लिए एक बड़ी उपलब्धि बताया। गोयल ने कहा, "पिछली बार जब हमने अपने स्टार्टअप पारिस्थितिकी का मूल्यांकन किया था तो वह करीब 368 अरब डॉलर का था। यह आंकड़ा करीब तीन लाख करोड़ रुपये बैठता है।" उन्होंने कहा कि देश में 80,000 से अधिक स्टार्टअप कंपनियां पंजीकृत हैं जिनमें 10 लाख से अधिक लोगों को सीधे तौर पर रोजगार मिला हुआ है। इसके अलावा लाखों लोग अप्रत्यक्ष रूप से भी इससे जुड़े हुए हैं।
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अहमदाबाद। गुजरात सरकार ने शनिवार को नई इलेक्ट्रॉनिक्स नीति पेश की जिसका उद्देश्य राज्य में ‘इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिजाइन एवं विनिर्माण' (ईएसडीएम)' क्षेत्र में रोजगार के दस लाख नए अवसर पैदा करना है। राज्य सरकार की एक आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक, ‘गुजरात इलेक्ट्रॉनिक्स नीति 2022-2028' को इस तरह तैयार किया गया है कि गुजरात ईएसडीएम गतिविधियों का केंद्र बन सके। इसके तहत निवेशकों को सब्सिडी और छूट की पेशकश की जाएगी। नई नीति के तहत गुजरात में ईएसडीएम क्षेत्र में निवेश करने के इच्छुकों को 20 फीसदी की पूंजीगत व्यय सहायता दी जाएगी जिसकी ऊपरी सीमा 200 करोड़ रुपये है। इसके अलावा पात्र निवेशकों को स्टांप ड्यूटी तथा पंजीयन शुल्क की 100 फीसदी राशि वापस हो जाएगी। विज्ञप्ति के मुताबिक नई नीति में पात्र उद्यमियों को बिजली शुल्क से छूट मिलेगी तथा राज्य सरकार पांच वर्ष की अवधि के लिए एक रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली शुल्क सब्सिडी भी देगी।
- नई दिल्ली। अगर आप जियो यूजर्स हैं, तो आपके लिए हम एक ऐसा रिचार्ज प्लान बताने जा रहे हैं, तो जिसमें मात्र 75 रुपये में 23 दिनों के लिए कॉलिंग और डेटा का इंतजाम हो जाता है। दरअसल यह जियो का सबसे सस्ता रिचार्ज प्लान है, जो 73 रुपये में आता है। इस प्लान में डेली फ्री डेटा और कॉलिंग की सुविधा दी जाती है। अगर आप औसत डेटा यूजर्स हैं, तो जियो का 75 रुपये वाला प्लान आपके लिए बेस्ट रहेगा।जियो के 75 रुपये वाले प्लान को जियो वेबसाइट से रिचार्ज कर सकते हैं. साथ ही My Jio App से इस प्लान को रिचार्ज कर सकते हैं। इसके अलावा Google pay समेत कई अन्य थर्ड पार्टी ऐप से भी jio के 75 रुपये वाले प्लान को रिचार्ज किया जा सकता है।जियो के 75 रुपये वाले प्लान में कुल 23 दिनों की वैधता मिलती है। साथ ही इस प्लान में यूजर्स को रोजाना 100MB डेटा ऑफर किया जाता है। जबकि पूरी वैधता के साथ 200MP डेटा ऑफर किया जाता है। साधारण शब्दों में कहें, तो 23 दिनों में यूजर्स को कुल 2.5 जीबी डेटा मिलता है। डेटा खत्म होने के बाद इंटरनेट स्पीड लिमिट घटकर 64kbps रह जाती है। इस प्लान में आपको अनलिमिटेड कॉलिंग की भी सुविधा मिलती है। साथ ही 50 SMS की सुविधा दी जाती है। अगर बाकी बेनिफिट्स की बात करें, तो इस प्लान में यूजर्स को फ्री डेटा और कॉलिंग के साथ Jio TV, Jio Cinema, jio Cloud, Jio Security का फ्री सब्सक्रिप्शन ऑफर किया जाता है।जियो के 75 रुपये वाले प्लान की तरह ही 125 रुपये वाले प्लान में भी 23 दिनों की वैधता ऑफर की जाती है। इस प्लान में रोजाना 500MB डेटा ऑफर किया जाता है। साथ ही अनलिमिटेड कॉलिंग और SMS की सुविधा मिलती है। इसके अलावा Jio TV, Jio Cinema, jio Cloud, Jio Security का फ्री सब्सक्रिप्शन ऑफर किया जाता है।
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नयी दिल्ली।' सीएनजी की बढ़ती कीमतों को देखते हुए दिल्ली सरकार ने ऑटो रिक्शा और टैक्सी के किराये में वृद्धि के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। यह घोषणा दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) चुनावों से पहले की गई है, जिसकी तारीखों की घोषणा की जानी है। ऑटोरिक्शा चालकर यहां सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी का एक बड़ा वोटबैंक है। संशोधित किराया ढांचे के मुताबिक, ऑटो-रिक्शा के लिए शुरुआती 1.5 किलोमीटर दूरी के लिए न्यूनतम किराया (मीटर डाउन चार्ज) 25 रुपये से बढ़ाकर 30 रुपये कर दिया गया है। इस सीमा के बाद हरेक किलोमीटर पर किराया 9.50 रुपये से बढ़ाकर 11 रुपये कर दिया गया है। प्रतीक्षा शुल्क और रात के शुल्क में कोई वृद्धि नहीं की गई है, जबकि अतिरिक्त सामान के लिए शुल्क 7.50 रुपये से बढ़ाकर 10 रुपये कर दिया गया है। बिना एयर कंडीशन (एसी) वाली टैक्सियों के लिए न्यूनतम किराये के बाद यात्रियों को अब प्रति किलोमीटर 17 रुपये देने होंगे। पहले यह शुल्क 14 रुपये प्रति किलोमीटर था। वहीं, एसी टैक्सियों के लिए लोगों को न्यूनतम किराये के बाद 20 रुपये प्रति किलोमीटर के हिसाब से पैसे देने होंगे। पहले यह किराया 16 रुपये प्रति किलोमीटर था। ऑटो-रिक्शा के किराये में पिछला बदलाव 2020 में हुआ था। वहीं काली और पीली टैक्सी, इकोनॉमी टैक्सी और प्रीमियम टैक्सी के किराये में संशोधन नौ साल पहले वर्ष 2013 में हुआ था। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में सीएनजी की कीमतों में सात मार्च से 14 किश्तों में रिकॉर्ड 22.60 रुपये प्रति किलोग्राम की वृद्धि हुई है। यह प्राकृतिक गैस की कीमतों में वृद्धि के कारण है। दिल्ली में सीएनजी की कीमत अब 78.61 रुपये प्रति किलो है। ‘पीटीआई' द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल 2021 से, सीएनजी की कीमतों में 35.21 रुपये तक प्रति किलोग्राम या 80 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। एक अप्रैल 2021 को सीएनजी की कीमत 43.40 रुपये प्रति किलो थी।
दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत को वाहन किराये में बढ़ोतरी के मुद्दे पर ऑटो-रिक्शा और टैक्सी संघों और यूनियनों से कई आवेदन मिले थे। इसके बाद किराये में वृद्धि को मंजूरी दी गई है। गहलोत ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली हमेशा ऑटो और टैक्सी चलाने वाले लोगों के प्रति सहानुभूतिपूर्ण बने रहने के लिए प्रतिबद्ध है। हमने देखा है कि हाल के महीनों में भारत में ईंधन की कीमतें बढ़ी हैं, जिससे चालकों के मुनाफे पर असर पड़ा है।' -
काकीनाडा (आंध्र प्रदेश),। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को राज्यों से बहु-आयामी परिवहन नजरिया अपनाने के साथ ही यह सुनिश्चित करने को कहा कि लॉजिस्टिक निर्यातकों के लिए बोझ न बने। उन्होंने कहा कि 'पीएम गति शक्ति' एक बेहतरीन योजना है जिसकी मदद से विभिन्न परिवहन गतिविधियों में तालमेल स्थापित किया जा सकता है। सीतारमण ने यहां भारतीय विदेश व्यापार संस्थान (आईआईएफटी) के तीसरे परिसर का उद्घाटन करने के बाद अपने भाषण में यह बात कही। उन्होंने कहा कि स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने और उनके निर्यात को प्रोत्साहन देने के लिए 'एक जिला-एक उत्पाद' और 'वोकल फॉर लोकल' पहल शुरू की गई है। उन्होंने कहा कि वाणिज्य मंत्रालय एक निर्यात नीति बनाने पर काम कर रहा है जिसमें निर्यातकों को कई तरह के प्रोत्साहन दिए जाएंगे। वित्त मंत्री ने कहा, ''एक अक्सर दोहराई जाने वाली और बेहद प्रासंगिक पंक्ति है, जिसका उल्लेख वाणिज्य मंत्री करते हैं - 'हम करों का निर्यात नहीं कर सकते।' हमें ऐसे तरीकों की पहचान करनी चाहिए, ताकि ये कर- केंद्र, राज्य या स्थानीय कर - निर्यातकों के लिए बोझ न बनें।'' उन्होंने कहा कि सरकारों को इन उत्पादों से ज्यादा राजस्व नहीं मिला, लेकिन फिर भी निर्यातकों पर बोझ पड़ा। बिजली और लॉजिस्टिक की बढ़ती लागत निर्यात को प्रभावित कर रही है। सीतारमण ने कहा -हमारे कुछ राज्य आकार में कुछ यूरोपीय देशों के बराबर हैं। हमारा एक जिला भी बाहर के बाजार पर प्रभाव स्थापित करने की क्षमता रखता है।'' उन्होंने कहा कि 'एक जिला, एक उत्पाद' योजना के तहत प्रत्येक जिले के ऐसे उत्पाद की पहचान की गई है, जो उनकी प्राकृतिक क्षमता के अनुकूल है। सीतारमण ने कहा कि वह एक मंत्री नहीं बल्कि अर्थशास्त्र की छात्रा के रूप में बोल रही हैं। उन्होंने आईआईएफटी के छात्रों से वैश्विक व्यापारिक क्षेत्रों की घटनाओं की व्यापक समझ विकसित करने को कहा। -
नयी दिल्ली। प्राकृतिक संसाधनों के क्षेत्र में सक्रिय कंपनी वेदांता लिमिटेड ने शुक्रवार को कहा कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में उसका एकीकृत शुद्ध लाभ 60.8 फीसदी गिरकर 1,808 करोड़ रुपये रह गया। कंपनी ने शेयर बाजारों को दी गई सूचना में कहा कि पिछले वर्ष समान तिमाही में उसे 4,615 करोड़ रुपये का लाभ हुआ था। कंपनी ने कहा कि जुलाई से सितंबर 2022 के बीच उसका खर्च बढ़कर 33,221 करोड़ रुपये हो गया जो पिछले वर्ष की समान अवधि में 23,171 करोड़ रुपये था। समीक्षाधीन तिमाही में उसकी एकीकृत आय बढ़कर 37,351 करोड़ रुपये हो गई। एक वर्ष पहले की समान तिमाही में उसे 31,074 करोड़ रुपये की एकीकृत आय हुई थी।
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बेंगलुरू। भारतीय प्रतिभूति और विनियम बोर्ड (सेबी) की चेयरमैन माधवी पुरी बुच ने शुक्रवार को कहा कि ग्राहकों की प्रतिभूतियों की सुरक्षा के लिए तकनीक का उपयोग करने के मामले में भारत से बेहतर कोई देश नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत में ग्राहकों की प्रतिभूतियों की सुरक्षा के लिए प्रौद्योगिकी का व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। उन्होंने कहा कि विदेशी निवेशक अक्सर उन्हें बताते हैं कि वह भाग्यशाली हैं कि इस देश में डेटा और प्रौद्योगिकी का चलन है, जो पूंजी बाजार नियामक की भूमिका को प्रभावी बना रही है। बुच ने भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम),बेंगलुरु के 49वें स्थापना दिवस समारोह में ‘पूंजी बाजार में डेटा और प्रौद्योगिकी' पर अपने व्याख्यान में यह बात कही। उन्होंने कहा, ‘‘पूरे बाजार में प्रौद्योगिकी में भारी बदलाव आया है। यह दुनिया में कहीं भी कभी नहीं किया गया है लेकिन हमने भारत में ऐसा किया है। आज ग्राहकों की प्रतिभूतियों की सुरक्षा के लिहाज से दुनिया में भारत से बेहतर कोई नहीं है।'' हालांकि, उन्होंने कहा कि सेबी को भी कुछ कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है। विनियमन ने प्रौद्योगिकी के साथ तालमेल नहीं रखा है लेकिन वह अगले कुछ महीनों में इस समस्या को ठीक करने की कोशिश की जा रही है। सेबी प्रमुख ने कहा कि बोर्ड अब ‘सुपरटेक' या पर्यवेक्षी प्रौद्योगिकी का उपयोग कर रहा है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि हर कोई नियमों का पालन करें। उन्होंने बताया कि साइबर हमलों के जोखिम को कम करने के लिए नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) और बीएसई में एक प्रणाली स्थापित की जा रही है। नयी प्रणाली के अगले साल मार्च में शुरू होने की उम्मीद है।
- नई दिल्ली। इस त्योहारी सीजन भारतीय बाजार में स्कूटरों की बंपर बिक्री हुई है और इस कड़ी में होंडा एक्टिवा पिछले महीने देश का सबसे ज्यादा बिकने वाला स्कूटर रहा, जिसे 2 लाख से भी ज्यादा लोगों ने खरीदा। होंडा एक्टिवा ने टीवीएस जुपिटर), सुजुकी एक्सेस , होंडा डियो) और हीरो प्लेजर जैसे बेस्ट सेलिंग स्कूटरों को बिक्री के मामले में काफी पीछे छोड़ दिया।होंडा एक्टिवा को पिछले महीने 2 लाख 45,607 ग्राहकों ने खरीदा। ध्यान देने वाली बात यह है कि बिक्री का यह जबरदस्त आंकड़ा ऐसे समय में आया है जब पिछले महीने हुई बिक्री में दशहरा, धनतेरस और दिवाली जैसे त्योहार शामिल नहीं थे।टीवीएस जुपिटर पिछले महीने देश का दूसरा सबसे ज्यादा बिकने वाला स्कूटर रहा। हालांकि, इसकी और होंडा एक्टिवा की बिक्री में दोगुने से भी ज्यादा का अंतर रहा। टीवीएस जुपिटर को पिछले महीने 82,394 ग्राहकों ने खरीदा। जबकि, होंडा एक्टिवा को इस दौरान 2,45,607 ग्राहकों ने खरीदा। होंडा एक्टिवा के बेस्ट सेलिंग स्कूटर होने का सबसे बड़ा कारण यह है कि यह कई मॉडल में आता है। भारतीय बाजार में होंडा अपने एक्टिवा सीरीज के तीन स्कूटरों की बिक्री करती है। इनमें होंडा एक्टिवा 6जी, होंडा एक्टिवा 125 और होंडा एक्टिवा प्रीमियम एडिशन शामिल हैं।
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नयी दिल्ली,। नगर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने इंडिगो को तुर्की की एयरलाइन से छह महीने तक के लिए चौड़े आकार वाले बोइंग विमानों को ‘वेट लीज' (विमान के साथ चालक दल के सदस्य भी शामिल) पर लेने की अनुमति दे दी है। नियामक ने साथ ही घरेलू विमानन कंपनी की इन विमानों को दो साल तक के लिए पट्टे पर लेने के अनुरोध को खारिज कर दिया है। सूत्रों ने बताया कि डीजीसीए ने देश की सबसे बड़ी एयरलाइन के विमान को लंबी अवधि के लिए पट्टे (वेट लीज) पर लेने के अनुरोध को ठुकरा दिया है। नियामक ने कहा है कि यह कदम एक मजबूत विदेशी विमानन कंपनी की मिलीभगत से यातायात अधिकारों को प्रभावित कर सकता है। इंडिगो के पास वर्तमान में अपने बेड़े में केवल छोटे आकार वाले विमान हैं। कंपनी ने बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर अधिक उड़ानें संचालित करने के लिए चौड़े आकर वाले विमानों को पट्टे पर लेने का फैसला किया है। सूत्रों ने कहा कि डीजीसीए ने इंडिगो को तुर्की की एयरलाइन से चौड़े आकार वाले विमान को तीन महीने के लिए पट्टी पर लेने की अनुमति दी है और इस अवधि को और तीन महीने के लिए बढ़ाया जा सकता है।
- नयी दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की इस्पात कंपनी स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लि. (सेल) ने सरकारी खरीद पोर्टल सरकारी ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) पर अब तक कुल 10,000 करोड़ रुपये से अधिक की खरीदारी कर चुकी है। सेल ने बयान में यह जानकारी देते हुए कहा कि वह इस आंकड़े को पार करने वाला पहला केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र का उद्यम (सीपीएसई) है। बयान में कहा गया कि सेल ने जीईएम पोर्टल की पहुच बढ़ाने के लिए इसकी विभिन्न कार्यक्षमताओं को बनाने में सक्रिय भूमिका निभाई है। सेल ने जीईएम पोर्टल में वित्त वर्ष 2018-19 में 2.7 करोड़ रुपये की खरीदारी के साथ एक छोटी सी शुरुआत की थी, जो इस साल 10,000 करोड़ रुपये के कुल मूल्य को पार कर चुकी है। सेल ने पिछले वित्त वर्ष में कुल 4,614 करोड़ रुपये की खरीदारी की। कंपनी चालू वित्त वर्ष में अभी तक कुल 5,250 करोड़ रुपये से अधिक की खरीदारी कर चुकी है।
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इंडस टावर्स का दूसरी तिमाही का एकीकृत शुद्ध लाभ 44 प्रतिशत बढ़ा
नयी दिल्ली। दूरसंचार क्षेत्र की ढांचागत कंपनी इंडस टावर्स का चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में एकीकृत शुद्ध लाभ 44 प्रतिशत गिरकर 872 करोड़ रुपये रह गया। कंपनी ने बृहस्पतिवार को बीएसई को दी गई सूचना में कहा कि एक बड़ी ग्राहक कंपनी से राजस्व संग्रह में समस्या होने से उसके शुद्ध लाभ पर असर पड़ा है। हालांकि, कंपनी ने इस ग्राहक का नाम नहीं लिया है लेकिन इसके कर्ज-प्रभावित वोडाफोन आइडिया होने की आशंका जताई जा रही है। एक साल पहले की समान तिमाही में कंपनी का एकीकृत शुद्ध लाभ 1,559 करोड़ रुपये रहा था।
इंडस टावर्स के मुताबिक, जुलाई-सितंबर तिमाही में उसका एकीकृत राजस्व 16 प्रतिशत की बढ़त के साथ 7,967 करोड़ रुपये हो गया। कंपनी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक एन कुमार ने कहा, ‘‘हमने आलोच्य तिमाही में एक मजबूत परिचालन प्रदर्शन दिखाया है और हमारे तमाम उत्पादों की मांग अच्छी देखी गई है। हम 5जी सेवा आने से पैदा हुए अवसर को लेकर खासे उत्साहित हैं।' -
नयी दिल्ली. देश का वाद्ययंत्रों का निर्यात चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-सितंबर के दौरान बढ़कर 172 करोड़ रुपये हो गया। यह 2013-14 की समान अवधि में 49 करोड़ रुपये था। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने एक ट्वीट में कहा कि चालू वित्त वर्ष के पहले छह महीनों में निर्यात 3.5 गुना से अधिक हो गया है। गोयल ने कहा, ‘‘भारत का संगीत वाद्ययंत्र निर्यात 2013 में इसी अवधि की तुलना में इस साल अप्रैल-सितंबर में 3.5 गुना से अधिक हो गया।'' निर्यात में उछाल को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह वृद्धि उत्साहजनक है। मोदी ने ट्वीट किया, भारतीय संगीत को दुनियाभर में लोकप्रियता मिलने के साथ इस क्षेत्र में आगे बढ़ने का एक बड़ा अवसर है।
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नयी दिल्ली. आदित्य बिड़ला समूह की इकाई सेंचुरी टेक्सटाइल्स एंड इंडस्ट्रीज का चालू वित्त वर्ष की सितंबर तिमाही का एकीकृत शुद्ध मुनाफा 59.38 प्रतिशत बढ़कर 69.97 करोड़ रुपये हो गया। कंपनी ने एक नियामकीय सूचना में यह जानकारी दी। एक साल पहले की इसी अवधि में कंपनी ने 43.9 करोड़ रुपये का एकीकृत शुद्ध लाभ कमाया था। कंपनी को परिचालन आय पिछले वर्ष की समान अवधि के 1,034.27 करोड़ रुपये से बढ़कर 1,242.11 करोड़ रुपये हो गई। कंपनी का कुल खर्च भी बढ़कर 1,125.25 करोड़ रुपये हो गया, जो पहले 972.08 करोड़ रुपये था।
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नयी दिल्ली | आवास ऋण पर ब्याज दरें बढ़ने और संपत्ति की कीमतों में भी बढ़ोतरी होने के बावजूद आवास की मांग सभी मूल्य श्रेणियों में मजबूत बनी हुई है और देश के सात प्रमुख शहरों में इस साल आवास बिक्री 3.6 लाख इकाई के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच सकती है। संपत्ति सलाहकार एनारॉक ने यह जानकारी दी। इससे पहले देश के सात प्रमुख शहरों यानी दिल्ली-एनसीआर, मुंबई महानगरीय क्षेत्र (एमएमआर), चेन्नई, कोलकाता, बेंगलुरु, हैदराबाद और पुणे में सर्वाधिक 3,42,980 आवासों की बिक्री 2014 में हुई थी। एनारॉक के आंकड़ों के मुताबिक चालू कैलेंडर वर्ष के दौरान जनवरी से सितंबर के बीच आवासीय इकाइयों की बिक्री का आंकड़ा 2,72,710 पर पहुंच गया, जो कोविड से पहले के वर्ष 2019 के बिक्री आंकड़े के पार चला गया, जब 2,61,360 इकाइयों की बिक्री हुई थी। इस वर्ष बिक्री आंकड़ा 3.6 लाख इकाइयों तक पहुंचने का अनुमान जताते हुए संपत्ति परामर्शदाता ने कहा कि आवास ऋण पर ब्याज दर 6.5 फीसदी से बढ़कर करीब 8.5 फीसदी हो जाने पर भी आवास की मांग त्योहारों के दौरान मजबूत बनी रही है। एनारॉक समूह के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा, ‘‘भारत में आवास बाजार के इतिहास में साल 2022 दर्ज होगा, इसने पहले के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए और त्योहारी सीजन के दौरान मजबूत बिक्री की रफ्तार बनी हुई है।'' उन्होंने कहा, ‘‘कोविड के दौरान अपना घर होने की जो भावना पैदा हुई थी वह ब्याज दरों में बढ़ोतरी, संपत्ति की कीमतों में वृद्धि और त्योहारी छूट या विशेष पेशकश के अभाव के बावजूद बनी हुई है।'' आवास की कीमतें कम से कम दस फीसदी बढ़ गई हैं।
एचडीएफसी कैपिटल के प्रबंध निदेशक विपुल रुंगटा ने हाल में कहा था कि भारत में आवास की मांग आगामी वर्षों में भी मजबूत बनी रहेगी। -
नयी दिल्ली | सरकार ने बीजिंग स्थित बहुपक्षीय ऋण एजेंसी एशियाई अवसंरचना निवेश बैंक (एआईआईबी) से शिक्षा और स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने के साथ स्वच्छ ऊर्जा और बुनियादी ढांचा जैसे प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में निवेश बढ़ाने को कहा है। एआईआईबी के गवर्नर मंडल की वार्षिक बैठक में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारत एक आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था की राह पर चल पड़ा है और इसलिए महामारी के नकारात्मक प्रभावों को कम करने में सफल रहा है। उन्होंने एआईआईबी के संबंध में कहा कि एजेंसी को प्रमुख प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में निवेश बढ़ाने की जरूरत है। इसमें स्वच्छ ऊर्जा और ऊर्जा दक्षता, आपदा का सामना करने वाले बुनियादी ढांचा, शिक्षा और स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने के साथ सामाजिक बुनियादी ढांचा शामिल है। उन्होंने कहा कि अकेले सार्वजनिक संसाधन सदस्य देशों की विशाल अवसंरचना संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं हैं। इसलिए बैंक को न केवल विविध निजी क्षेत्र के संसाधनों को जुटाने में उत्प्रेरक भूमिका निभानी चाहिए, बल्कि अपने स्वयं के संसाधनों को बढ़ाने के लिए तंत्र का भी पता लगाना चाहिए। सीतारमण ने भारतीय अर्थव्यवस्था का जिक्र करते कहा कि प्रमुख संरचनात्मक सुधारों के साथ अच्छी तरह से लक्षित नीति और विदेश व्यापार के क्षेत्र में मजबूत वित्तीय स्थिति ने बाहरी खतरों के बावजूद अर्थव्यवस्था का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है और डिजिटलीकरण मिशन के माध्यम से इसने उल्लेखनीय प्रगति की है। वित्त मंत्रालय की तरफ से जारी बयान के अनुसार, सीतारमण ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘पर्यावरण के लिए जीवन शैली' (लाइफ) जैसे विभिन्न कार्यक्रमों के जरिये भारत के जलवायु परिवर्तन से निपटने के प्रयासों का सक्रिय रूप से नेतृत्व करने पर भी प्रकाश डाला। साथ ही केंद्रीय मंत्री ने सुझाव दिया कि एआईआईबी को सदस्य देशों में भी पूर्ण कार्यालय स्थापित करने चाहिए। भारत एक संस्थापक सदस्य होने के साथ एआईआईबी में दूसरा सबसे बड़ा शेयरधारक है। एआईआईबी में भारत की 7.65 प्रतिशत मत हिस्सेदारी है, जबकि चीन की 26.63 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
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कीमतों में और सुधार की उम्मीद नहीं: जेएसडब्ल्यू स्टील
कोलकाता. इस्पात की कीमतें अपने निचले स्तर पर पहुंच गई हैं और इनके मौजूदा स्तर से ऊपर जाने की संभावना है। जेएसडब्ल्यू स्टील के एक शीर्ष अधिकारी ने रविवार को यह बात कही। घरेलू बाजार में इस्पात की कीमत करीब 40 प्रतिशत गिरकर 55,000-57,000 रुपये प्रति टन हो गई। अप्रैल के अंत से इस्पात कीमतों में गिरावट शुरू हो गई थी। जेएसडब्ल्यू के संयुक्त प्रबंध निदेशक और समूह के मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) शेषगिरी राव ने कहा, ‘‘इस्पात की कीमतों में और गिरावट का अनुमान नहीं है। वैश्विक स्तर पर उत्पादन में 6.2 करोड़ टन की कमी हुई है।'' उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा चीन की 29 प्रतिशत इस्पात क्षमता वाली कंपनियां दिवालिया हो चुकी है। वैश्विक आपूर्ति में सुधार और भारत के इस्पात की उच्च खपत से कीमतों को स्थिर रखने में मदद मिलेगी।'' राव ने कहा कि 2021-22 की तुलना में चालू वित्त वर्ष में मार्च तक घरेलू स्टील की मांग बढ़कर 11.5 करोड़ टन हो जाएगी।कीमतों में और सुधार की उम्मीद नहीं: जेएसडब्ल्यू स्टीलकोलकाता, 23 अक्टूबर (भाषा) इस्पात की कीमतें अपने निचले स्तर पर पहुंच गई हैं और इनके मौजूदा स्तर से ऊपर जाने की संभावना है। जेएसडब्ल्यू स्टील के एक शीर्ष अधिकारी ने रविवार को यह बात कही। घरेलू बाजार में इस्पात की कीमत करीब 40 प्रतिशत गिरकर 55,000-57,000 रुपये प्रति टन हो गई। अप्रैल के अंत से इस्पात कीमतों में गिरावट शुरू हो गई थी। जेएसडब्ल्यू के संयुक्त प्रबंध निदेशक और समूह के मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) शेषगिरी राव ने एक साक्षात्कार में पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘इस्पात की कीमतों में और गिरावट का अनुमान नहीं है। वैश्विक स्तर पर उत्पादन में 6.2 करोड़ टन की कमी हुई है।'' उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा चीन की 29 प्रतिशत इस्पात क्षमता वाली कंपनियां दिवालिया हो चुकी है। वैश्विक आपूर्ति में सुधार और भारत के इस्पात की उच्च खपत से कीमतों को स्थिर रखने में मदद मिलेगी।'' राव ने कहा कि 2021-22 की तुलना में चालू वित्त वर्ष में मार्च तक घरेलू स्टील की मांग बढ़कर 11.5 करोड़ टन हो जाएगी। - नयी दिल्ली/मुंबई। धनतेरस के दो दिन तक चले पर्व के दौरान मजबूत मांग के चलते सोना, आभूषण और सिक्कों की खूब बिक्री हुई। आभूषण उद्योग को उम्मीद है कि पिछले वर्ष की तुलना में इस बार कारोबार वृद्धि 35 फीसदी तक रहेगी। रविवार को कुछ घंटे के लिए आभूषण बाजार में सुस्ती छाई रही, जिसकी वजह भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैच था। आभूषण कारोबारियों ने बताया कि मैच खत्म होने के बाद देशभर के बाजार में खरीदारों की भीड़ उमड़ पड़ी। इस बार धनतेरस का त्योहार शनिवार और रविवार, दोनों दिन था। दिवाली से पहले दिन धनतेरस को सोना और चांदी खरीदने के लिए शुभ दिन माना जाता है। सोने की ऊंची कीमतों के बावजूद धनतेरस पर लोगों ने खरीदारी की। रविवार को दिल्ली में सोने की कीमत 50,139 रुपये प्रति दस ग्राम (कर शामिल नहीं) रही। पिछले साल धनतेरस को दस ग्राम सोने की कीमत 47,644 रुपये थी। धनतेरस के मौके पर आम तौर पर 20-30 टन सोना बिकता है। इस दिन लोग सोना, चांदी और आभूषणों के अलावा वाहन और अन्य वस्तुओं की खरीद करते हैं। मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के वरिष्ठ कार्यकारी निदेशक (विपणन एवं बिक्री) शशांक श्रीवास्तव ने बताया कि इन दो दिन में अनुमानित 21,000 वाहनों की आपूर्ति की, जो पिछले वर्ष की तुलना में 10 फीसदी अधिक लेकिन 2018 और 2019 की तुलना में कम है। अखिल भारतीय रत्न एवं आभूषण घरेलू परिषद के अध्यक्ष आशीष पेठे ने कहा, ‘‘2021 की तुलना में बिक्री 10-15 फीसदी अधिक रहने का अनुमान है।'' वहीं विश्व स्वर्ण परिषद के क्षेत्रीय मुख्य कार्यपालक अधिकारी (भारत) सोमसुंदरम पीआर ने बताया कि पिछले साल के मुकाबले इस वर्ष धनतेरस पर बिक्री 15-25 फीसदी अधिक रही है।
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नयी दिल्ली। एयर इंडिया ने गुरुवार को कहा कि बीते दो महीने में उसे पायलट पद के लिए 1,752 आवदेन और केबिन क्रू के लिए 72,000 आवेदन मिले हैं। वहीं कारोबारी भूमिकाओं के लिए हफ्ते भर से कुछ अधिक समय में उसे 25,000 से अधिक आवेदन मिले हैं। अपनी विस्तार योजना की शुरुआत कर चुकी विमानन कंपनी को केरल में नए प्रौद्योगिकी केंद्र के लिए 2,000 से अधिक आवेदन भी मिले हैं, जिनमें डेवलपर, आर्किटेक्ट, साइबर सुरक्षा पेशेवर, प्रोग्राम मैनेजर और यूएक्स विजुअल डिजाइनर के पद शामिल हैं। एक विज्ञप्ति में बताया गया कि इससे पहले, 15 वर्ष से भी अधिक समय से कंपनी ने गैर-परिचालन क्षेत्रों में कोई भर्ती नहीं की थी। अब वह अपने कारोबार के सभी क्षेत्रों में भर्ती कर रही है। इसमें कहा गया, ‘‘एयरलाइन की विस्तार योजना के तहत अब तक ऐसे 17 विमानों ने उड़ान भरनी शुरू कर दी है जो अब तक परिचालन में नहीं थे, ऐसे और 12 विमानों को परिचालन में लाया जाएगा। इसके अलावा अगले 12 महीने में विभिन्न आकार के 30 विमान पट्टे पर लिए जाएंगे। ऐसे में उड़ान के लिए आवश्यक कर्मियों की भी संख्या बढ़ाने की जरूरत है।'' एयर इंडिया ने कहा कि कर्मियों की संख्या बढ़ाने के क्रम में बीते दो महीने में उसे पायलट पद के लिए 1,752 आवेदन और केबिन क्रू के लिए 72,000 आवेदन मिले हैं और इनका आकलन किया जा रहा है। एयर इंडिया के मुख्य मानव संसाधन अधिकारी सुरेश दत्त त्रिपाठी ने कहा कि प्रतिभाओं को अपने साथ लाने की हमारी पहल सही प्रतिभाओं की पहचान करने और उन्हें अपने साथ जोड़ने पर केंद्रित है ताकि हमारी मानव संसाधन क्षमताएं वृद्धि की गति के साथ कदमताल मिला सकें और संगठन की उभरती जरूरतों को पूरा कर सकें।
- मुंबई। घरेलू शेयर बाजार में गुरुवार को लगातार पांचवे कारोबारी सत्र में तेजी दर्ज की गई और बीएसई सेंसेक्स 95.71 अंक चढ़कर बंद हुआ। सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कंपनियों के शेयरों में खरीदारी से कारोबार के अंतिम घंटे में बाजार में तेजी आई। तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 95.71 अंक यानी 0.16 प्रतिशत की बढ़त के साथ 59,202.90 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 59,273.85 अंक के उच्चतम और 58,791.28 के निचले स्तर तक गया। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 51.70 अंक यानी 0.30 प्रतिशत की बढ़त के साथ 17,563.95 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स के शेयरों में एचसीएल टेक्नोलॉजीज, टेक महिंद्रा, एनटीपीसी, पावरग्रिड, बजाज फिनसर्व, नेस्ले, भारती एयरटेल, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज और इंफोसिस प्रमुख रूप से लाभ में रहे। दूसरी तरफ, इंडसइंड बैंक के शेयर में सबसे अधिक 4.71 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई तथा एशियन पेंट्स, अल्ट्राटेक सीमेंट, एचडीएफसी बैंक, टाइटन और एक्सिस बैंक के शेयर भी नुकसान में रहे। एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, चीन का शंघाई कंपोजिट सूचकांक, हांगकांग का हैंगसेंग और जापान का निक्की गिरावट के साथ बंद हुए। यूरोप के प्रमुख बाजारों में शुरूआती कारोबार में मिला-जुला रुख रहा। अमेरिकी शेयर बाजार वॉल स्ट्रीट बुधवार को गिरावट में बंद हुआ। इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 1.16 प्रतिशत की बढ़त के साथ 93.48 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार विदेशी संस्थागत निवेशक पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे। उन्होंने बुधवार को 453.91 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।