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नयी दिल्ली | आवास ऋण पर ब्याज दरें बढ़ने और संपत्ति की कीमतों में भी बढ़ोतरी होने के बावजूद आवास की मांग सभी मूल्य श्रेणियों में मजबूत बनी हुई है और देश के सात प्रमुख शहरों में इस साल आवास बिक्री 3.6 लाख इकाई के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच सकती है। संपत्ति सलाहकार एनारॉक ने यह जानकारी दी। इससे पहले देश के सात प्रमुख शहरों यानी दिल्ली-एनसीआर, मुंबई महानगरीय क्षेत्र (एमएमआर), चेन्नई, कोलकाता, बेंगलुरु, हैदराबाद और पुणे में सर्वाधिक 3,42,980 आवासों की बिक्री 2014 में हुई थी। एनारॉक के आंकड़ों के मुताबिक चालू कैलेंडर वर्ष के दौरान जनवरी से सितंबर के बीच आवासीय इकाइयों की बिक्री का आंकड़ा 2,72,710 पर पहुंच गया, जो कोविड से पहले के वर्ष 2019 के बिक्री आंकड़े के पार चला गया, जब 2,61,360 इकाइयों की बिक्री हुई थी। इस वर्ष बिक्री आंकड़ा 3.6 लाख इकाइयों तक पहुंचने का अनुमान जताते हुए संपत्ति परामर्शदाता ने कहा कि आवास ऋण पर ब्याज दर 6.5 फीसदी से बढ़कर करीब 8.5 फीसदी हो जाने पर भी आवास की मांग त्योहारों के दौरान मजबूत बनी रही है। एनारॉक समूह के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा, ‘‘भारत में आवास बाजार के इतिहास में साल 2022 दर्ज होगा, इसने पहले के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए और त्योहारी सीजन के दौरान मजबूत बिक्री की रफ्तार बनी हुई है।'' उन्होंने कहा, ‘‘कोविड के दौरान अपना घर होने की जो भावना पैदा हुई थी वह ब्याज दरों में बढ़ोतरी, संपत्ति की कीमतों में वृद्धि और त्योहारी छूट या विशेष पेशकश के अभाव के बावजूद बनी हुई है।'' आवास की कीमतें कम से कम दस फीसदी बढ़ गई हैं।
एचडीएफसी कैपिटल के प्रबंध निदेशक विपुल रुंगटा ने हाल में कहा था कि भारत में आवास की मांग आगामी वर्षों में भी मजबूत बनी रहेगी। -
नयी दिल्ली | सरकार ने बीजिंग स्थित बहुपक्षीय ऋण एजेंसी एशियाई अवसंरचना निवेश बैंक (एआईआईबी) से शिक्षा और स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने के साथ स्वच्छ ऊर्जा और बुनियादी ढांचा जैसे प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में निवेश बढ़ाने को कहा है। एआईआईबी के गवर्नर मंडल की वार्षिक बैठक में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारत एक आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था की राह पर चल पड़ा है और इसलिए महामारी के नकारात्मक प्रभावों को कम करने में सफल रहा है। उन्होंने एआईआईबी के संबंध में कहा कि एजेंसी को प्रमुख प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में निवेश बढ़ाने की जरूरत है। इसमें स्वच्छ ऊर्जा और ऊर्जा दक्षता, आपदा का सामना करने वाले बुनियादी ढांचा, शिक्षा और स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने के साथ सामाजिक बुनियादी ढांचा शामिल है। उन्होंने कहा कि अकेले सार्वजनिक संसाधन सदस्य देशों की विशाल अवसंरचना संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं हैं। इसलिए बैंक को न केवल विविध निजी क्षेत्र के संसाधनों को जुटाने में उत्प्रेरक भूमिका निभानी चाहिए, बल्कि अपने स्वयं के संसाधनों को बढ़ाने के लिए तंत्र का भी पता लगाना चाहिए। सीतारमण ने भारतीय अर्थव्यवस्था का जिक्र करते कहा कि प्रमुख संरचनात्मक सुधारों के साथ अच्छी तरह से लक्षित नीति और विदेश व्यापार के क्षेत्र में मजबूत वित्तीय स्थिति ने बाहरी खतरों के बावजूद अर्थव्यवस्था का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है और डिजिटलीकरण मिशन के माध्यम से इसने उल्लेखनीय प्रगति की है। वित्त मंत्रालय की तरफ से जारी बयान के अनुसार, सीतारमण ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘पर्यावरण के लिए जीवन शैली' (लाइफ) जैसे विभिन्न कार्यक्रमों के जरिये भारत के जलवायु परिवर्तन से निपटने के प्रयासों का सक्रिय रूप से नेतृत्व करने पर भी प्रकाश डाला। साथ ही केंद्रीय मंत्री ने सुझाव दिया कि एआईआईबी को सदस्य देशों में भी पूर्ण कार्यालय स्थापित करने चाहिए। भारत एक संस्थापक सदस्य होने के साथ एआईआईबी में दूसरा सबसे बड़ा शेयरधारक है। एआईआईबी में भारत की 7.65 प्रतिशत मत हिस्सेदारी है, जबकि चीन की 26.63 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
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कीमतों में और सुधार की उम्मीद नहीं: जेएसडब्ल्यू स्टील
कोलकाता. इस्पात की कीमतें अपने निचले स्तर पर पहुंच गई हैं और इनके मौजूदा स्तर से ऊपर जाने की संभावना है। जेएसडब्ल्यू स्टील के एक शीर्ष अधिकारी ने रविवार को यह बात कही। घरेलू बाजार में इस्पात की कीमत करीब 40 प्रतिशत गिरकर 55,000-57,000 रुपये प्रति टन हो गई। अप्रैल के अंत से इस्पात कीमतों में गिरावट शुरू हो गई थी। जेएसडब्ल्यू के संयुक्त प्रबंध निदेशक और समूह के मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) शेषगिरी राव ने कहा, ‘‘इस्पात की कीमतों में और गिरावट का अनुमान नहीं है। वैश्विक स्तर पर उत्पादन में 6.2 करोड़ टन की कमी हुई है।'' उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा चीन की 29 प्रतिशत इस्पात क्षमता वाली कंपनियां दिवालिया हो चुकी है। वैश्विक आपूर्ति में सुधार और भारत के इस्पात की उच्च खपत से कीमतों को स्थिर रखने में मदद मिलेगी।'' राव ने कहा कि 2021-22 की तुलना में चालू वित्त वर्ष में मार्च तक घरेलू स्टील की मांग बढ़कर 11.5 करोड़ टन हो जाएगी।कीमतों में और सुधार की उम्मीद नहीं: जेएसडब्ल्यू स्टीलकोलकाता, 23 अक्टूबर (भाषा) इस्पात की कीमतें अपने निचले स्तर पर पहुंच गई हैं और इनके मौजूदा स्तर से ऊपर जाने की संभावना है। जेएसडब्ल्यू स्टील के एक शीर्ष अधिकारी ने रविवार को यह बात कही। घरेलू बाजार में इस्पात की कीमत करीब 40 प्रतिशत गिरकर 55,000-57,000 रुपये प्रति टन हो गई। अप्रैल के अंत से इस्पात कीमतों में गिरावट शुरू हो गई थी। जेएसडब्ल्यू के संयुक्त प्रबंध निदेशक और समूह के मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) शेषगिरी राव ने एक साक्षात्कार में पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘इस्पात की कीमतों में और गिरावट का अनुमान नहीं है। वैश्विक स्तर पर उत्पादन में 6.2 करोड़ टन की कमी हुई है।'' उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा चीन की 29 प्रतिशत इस्पात क्षमता वाली कंपनियां दिवालिया हो चुकी है। वैश्विक आपूर्ति में सुधार और भारत के इस्पात की उच्च खपत से कीमतों को स्थिर रखने में मदद मिलेगी।'' राव ने कहा कि 2021-22 की तुलना में चालू वित्त वर्ष में मार्च तक घरेलू स्टील की मांग बढ़कर 11.5 करोड़ टन हो जाएगी। - नयी दिल्ली/मुंबई। धनतेरस के दो दिन तक चले पर्व के दौरान मजबूत मांग के चलते सोना, आभूषण और सिक्कों की खूब बिक्री हुई। आभूषण उद्योग को उम्मीद है कि पिछले वर्ष की तुलना में इस बार कारोबार वृद्धि 35 फीसदी तक रहेगी। रविवार को कुछ घंटे के लिए आभूषण बाजार में सुस्ती छाई रही, जिसकी वजह भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैच था। आभूषण कारोबारियों ने बताया कि मैच खत्म होने के बाद देशभर के बाजार में खरीदारों की भीड़ उमड़ पड़ी। इस बार धनतेरस का त्योहार शनिवार और रविवार, दोनों दिन था। दिवाली से पहले दिन धनतेरस को सोना और चांदी खरीदने के लिए शुभ दिन माना जाता है। सोने की ऊंची कीमतों के बावजूद धनतेरस पर लोगों ने खरीदारी की। रविवार को दिल्ली में सोने की कीमत 50,139 रुपये प्रति दस ग्राम (कर शामिल नहीं) रही। पिछले साल धनतेरस को दस ग्राम सोने की कीमत 47,644 रुपये थी। धनतेरस के मौके पर आम तौर पर 20-30 टन सोना बिकता है। इस दिन लोग सोना, चांदी और आभूषणों के अलावा वाहन और अन्य वस्तुओं की खरीद करते हैं। मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के वरिष्ठ कार्यकारी निदेशक (विपणन एवं बिक्री) शशांक श्रीवास्तव ने बताया कि इन दो दिन में अनुमानित 21,000 वाहनों की आपूर्ति की, जो पिछले वर्ष की तुलना में 10 फीसदी अधिक लेकिन 2018 और 2019 की तुलना में कम है। अखिल भारतीय रत्न एवं आभूषण घरेलू परिषद के अध्यक्ष आशीष पेठे ने कहा, ‘‘2021 की तुलना में बिक्री 10-15 फीसदी अधिक रहने का अनुमान है।'' वहीं विश्व स्वर्ण परिषद के क्षेत्रीय मुख्य कार्यपालक अधिकारी (भारत) सोमसुंदरम पीआर ने बताया कि पिछले साल के मुकाबले इस वर्ष धनतेरस पर बिक्री 15-25 फीसदी अधिक रही है।
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नयी दिल्ली। एयर इंडिया ने गुरुवार को कहा कि बीते दो महीने में उसे पायलट पद के लिए 1,752 आवदेन और केबिन क्रू के लिए 72,000 आवेदन मिले हैं। वहीं कारोबारी भूमिकाओं के लिए हफ्ते भर से कुछ अधिक समय में उसे 25,000 से अधिक आवेदन मिले हैं। अपनी विस्तार योजना की शुरुआत कर चुकी विमानन कंपनी को केरल में नए प्रौद्योगिकी केंद्र के लिए 2,000 से अधिक आवेदन भी मिले हैं, जिनमें डेवलपर, आर्किटेक्ट, साइबर सुरक्षा पेशेवर, प्रोग्राम मैनेजर और यूएक्स विजुअल डिजाइनर के पद शामिल हैं। एक विज्ञप्ति में बताया गया कि इससे पहले, 15 वर्ष से भी अधिक समय से कंपनी ने गैर-परिचालन क्षेत्रों में कोई भर्ती नहीं की थी। अब वह अपने कारोबार के सभी क्षेत्रों में भर्ती कर रही है। इसमें कहा गया, ‘‘एयरलाइन की विस्तार योजना के तहत अब तक ऐसे 17 विमानों ने उड़ान भरनी शुरू कर दी है जो अब तक परिचालन में नहीं थे, ऐसे और 12 विमानों को परिचालन में लाया जाएगा। इसके अलावा अगले 12 महीने में विभिन्न आकार के 30 विमान पट्टे पर लिए जाएंगे। ऐसे में उड़ान के लिए आवश्यक कर्मियों की भी संख्या बढ़ाने की जरूरत है।'' एयर इंडिया ने कहा कि कर्मियों की संख्या बढ़ाने के क्रम में बीते दो महीने में उसे पायलट पद के लिए 1,752 आवेदन और केबिन क्रू के लिए 72,000 आवेदन मिले हैं और इनका आकलन किया जा रहा है। एयर इंडिया के मुख्य मानव संसाधन अधिकारी सुरेश दत्त त्रिपाठी ने कहा कि प्रतिभाओं को अपने साथ लाने की हमारी पहल सही प्रतिभाओं की पहचान करने और उन्हें अपने साथ जोड़ने पर केंद्रित है ताकि हमारी मानव संसाधन क्षमताएं वृद्धि की गति के साथ कदमताल मिला सकें और संगठन की उभरती जरूरतों को पूरा कर सकें।
- मुंबई। घरेलू शेयर बाजार में गुरुवार को लगातार पांचवे कारोबारी सत्र में तेजी दर्ज की गई और बीएसई सेंसेक्स 95.71 अंक चढ़कर बंद हुआ। सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कंपनियों के शेयरों में खरीदारी से कारोबार के अंतिम घंटे में बाजार में तेजी आई। तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 95.71 अंक यानी 0.16 प्रतिशत की बढ़त के साथ 59,202.90 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 59,273.85 अंक के उच्चतम और 58,791.28 के निचले स्तर तक गया। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 51.70 अंक यानी 0.30 प्रतिशत की बढ़त के साथ 17,563.95 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स के शेयरों में एचसीएल टेक्नोलॉजीज, टेक महिंद्रा, एनटीपीसी, पावरग्रिड, बजाज फिनसर्व, नेस्ले, भारती एयरटेल, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज और इंफोसिस प्रमुख रूप से लाभ में रहे। दूसरी तरफ, इंडसइंड बैंक के शेयर में सबसे अधिक 4.71 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई तथा एशियन पेंट्स, अल्ट्राटेक सीमेंट, एचडीएफसी बैंक, टाइटन और एक्सिस बैंक के शेयर भी नुकसान में रहे। एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, चीन का शंघाई कंपोजिट सूचकांक, हांगकांग का हैंगसेंग और जापान का निक्की गिरावट के साथ बंद हुए। यूरोप के प्रमुख बाजारों में शुरूआती कारोबार में मिला-जुला रुख रहा। अमेरिकी शेयर बाजार वॉल स्ट्रीट बुधवार को गिरावट में बंद हुआ। इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 1.16 प्रतिशत की बढ़त के साथ 93.48 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार विदेशी संस्थागत निवेशक पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे। उन्होंने बुधवार को 453.91 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।
- मुंबई। अंतरबैंक विदेशीमुद्रा विनिमय बाजार में गुरुवार को अमेरिकी मुद्रा की तुलना में रुपया रिकॉर्ड निचले स्तर से उबरकर 21 पैसे की मजबूती के साथ 82.79 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। विदेशों में डॉलर के कमजोर होने के बीच रुपये में मजबूती आई। बाजार सूत्रों ने कहा कि रुपये के 83.29 प्रति डॉलर के रिकॉर्ड निम्न स्तर तक लुढ़कने के बाद संभवत: रिजर्व बैंक ने हस्तक्षेप किया, जिसके कारण स्थानीय मुद्रा में सुधार आया। उन्होंने कहा कि हालांकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों ने रुपये की तेजी पर अंकुश लगाया। अंतर-बैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 83.05 पर कमजोर खुला और बाद में 83.29 के निचले स्तर तक चला गया। कारोबार के दौरान यह 82.72 के उच्च स्तर पर भी गया। अंत में रुपया बुधवार के बंद भाव के मुकाबले 21 पैसे की मजबूती के साथ 82.79 प्रति डॉलर पर बंद हुआ।इससे पिछले कारोबारी सत्र में रुपया 83 रुपये प्रति डॉलर के रिकॉर्ड निम्न स्तर से भी नीचे चला गया था। बीएसई सेंसेक्स 95.71 अंक चढ़कर 59,202.90 पर बंद हुआ।दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की मजबूती को आंकने वाला डॉलर सूचकांक 0.17 प्रतिशत गिरकर 112.79 पर आ गया। इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 1.17 प्रतिशत बढ़कर 93.49 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार विदेशी संस्थागत निवेशक पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे। उन्होंने बुधवार को 453.91 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषक, दिलीप परमार ने कहा कि चीनी युआन में सुधार तथा संभवत: केंद्रीय बैंक के हस्तक्षेप के कारण रुपये में शुरुआती गिरावट का रुख पलट गया। उन्होंने कहा, ‘‘आज के कारोबार में यह एशिया में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली मुद्राओं में से एक रहा है।''
- नयी दिल्ली। केंद्र ने गुरुवार को कहा कि बेमौसम बारिश का खरीफ प्याज उत्पादन पर ‘मामूली' प्रभाव पड़ सकता है। हालांकि आने वाले हफ्तों में कीमतों में वृद्धि की आशंका नहीं है क्योंकि प्याज की कमी को पूरा करने के लिए सरकार के पास पर्याप्त ‘बफर स्टॉक' है। उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने कहा कि प्याज ही नहीं, दालों की कीमतें दिसंबर तक स्थिर रहने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, ‘‘दिसंबर तक प्याज और दालों की कीमतें नहीं बढ़ेंगी क्योंकि हमारे पास पर्याप्त ‘बफर स्टॉक' उपलब्ध है।'' इस साल खरीफ सत्र में उगाए गए प्याज और दालों के उत्पादन और कीमतों पर बेमौसम बारिश के प्रभाव के बारे में पूछे जाने पर, सचिव ने कहा, ‘‘... खरीफ प्याज उत्पादन पर मामूली असर हुआ हो सकता है। लेकिन ‘बफर स्टॉक' के होने के कारण हम इस कमी को पर्याप्त रूप से दूर करेंगे।'' उन्होंने कहा कि प्याज का केवल 45 प्रतिशत उत्पादन खरीफ (गर्मी) के मौसम से आता है और शेष 65 प्रतिशत उत्पादन रबी (सर्दियों) मौसम में होता है। सचिव ने कहा कि स्थानीय इलाकों में कीमतों के आधार पर ‘बफर स्टॉक' से प्याज बाजार में उतारा जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘जहां भी कीमतें राष्ट्रीय औसत से ऊपर होती हैं, हम वहां आपूर्ति करते हैं। हम उम्मीद कर रहे हैं कि दिसंबर तक प्याज के संदर्भ में चिंता की कोई बात नहीं है।'' राष्ट्रीय बफर स्टॉक से अब तक 14 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लगभग 54,000 टन प्याज जारी किया गया है। इसके परिणामस्वरूप पूरे साल प्याज की कीमतें स्थिर रही हैं। इसके अलावा, प्याज की खुदरा कीमतों को स्थिर रखने के लिए, भारत सरकार ने सभी राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों और मदर डेयरी, सफल, एनसीसीएफ और केंद्रीय भंडार को प्याज के केंद्रीय बफर स्टॉक से 800 रुपये प्रति क्विंटल की दर से प्याज उठाने की पेशकश की है। दालों के मामले में सचिव ने कहा कि सभी दलहनों को मिलाकर, सरकार के पास 43.82 लाख टन का स्टॉक है, जो बाजार के स्थिर रखने के लिए पर्याप्त मात्रा से कहीं अधिक है। सचिव ने आगे कहा कि सरकार दैनिक आधार पर कीमतों की स्थिति को बहुत करीब से नजर रख रही है।उन्होंने कहा कि जिस क्षण सरकार व्यापारियों के पास जमाखोरी या अतिरिक्त स्टॉक रखने की प्रवृत्ति देखती है, ‘‘हम केंद्र और राज्य दोनों स्तरों पर आवश्यक वस्तु अधिनियम के प्रावधानों का उपयोग कर यह सुनिश्चित करते हैं कि प्याज की कीमतों को नरम बनाने के लिए इसे बाजार में लाया जाये।'' इससे पहले एक संवाददाता सम्मेलन में, सचिव ने कहा कि बफर स्टॉक से लगभग 54,000 टन प्याज पहले ही 14 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में उतार दिया गया है, जिसके परिणामस्वरूप पूरे साल प्याज की कीमतें स्थिर रही हैं। उन्होंने कहा कि वास्तव में, प्याज के अखिल भारतीय औसत खुदरा मूल्य में पिछले वर्ष की तुलना में 28 प्रतिशत की महत्वपूर्ण गिरावट देखी गई है। दालों के मामले में, सामान्य मौसमी कीमतों में वृद्धि को छोड़कर, प्रमुख दालों की अखिल भारतीय औसत खुदरा कीमतें वर्ष की शुरुआत से काफी स्थिर रही हैं। सचिव ने कहा कि चना और मसूर दाल की कीमतों में पिछले महीने की तुलना में थोड़ी गिरावट आई है, जबकि इसी अवधि में मामूली वृद्धि के साथ अरहर, उड़द और मूंग दाल की कीमतें लगभग स्थिर रही हैं।
- नयी दिल्ली। वैश्विक बाजारों में कमजोर रुख के बीच दिल्ली सर्राफा बाजार में गुरुवार को सोना 66 रुपये के नुकसान के साथ 50,516 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गया। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी। पिछले कारोबारी सत्र में सोना 50,582 रुपये प्रति 10 ग्राम के भाव पर बंद हुआ था।हालांकि, चांदी की कीमत 101 रुपये की तेजी के साथ 56,451 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई। पिछले कारोबारी सत्र में यह 56,350 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव पर बंद हुआ था। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना गिरावट के साथ 1,630.8 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रहा था। जबकि चांदी भी तेजी के साथ 18.46 डॉलर प्रति औंस हो गया। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषक दिलीप परमार ने कहा, ‘‘फेडरल रिजर्व के ब्याज दरों में बढ़ोतरी अभी जारी रखने की संभावना की वजह से डॉलर के मजबूत होने तथा अमेरिकी ट्रेजरी के प्रतिफल बढ़ने से कॉमेक्स (जिंस बाजार) में हाजिर सोना तीन सप्ताह से अधिक समय के निचले स्तर पर पहुंच गया।
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अडालज (गुजरात) . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि हाल ही में शुरू की गई 5जी दूरसंचार सेवा देश में शिक्षा प्रणाली को अगले स्तर तक ले जाएगी क्योंकि नवीनतम प्रौद्योगिकी चीजों को "स्मार्ट सुविधाओं, स्मार्ट कक्षाओं और स्मार्ट शिक्षा" से भी आगे पहुंचाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि नई शिक्षा नीति (एनईपी) देश को अंग्रेजी भाषा से जुड़ी "गुलाम मानसिकता" से बाहर निकालेगी। प्रधानमंत्री ने गांधीनगर जिले के अडलाज शहर में गुजरात सरकार के ‘मिशन स्कूल ऑफ एक्सीलेंस' पहल की शुरुआत करने के बाद यह बात कही। उन्होंने कहा कि पहले अंग्रेजी के ज्ञान को बौद्धिक होने की निशानी के रूप में माना जाता था, जबकि अंग्रेजी भाषा केवल संवाद का माध्यम है। मोदी ने कहा कि मिशन नई कक्षाओं, स्मार्ट कक्षाओं, कंप्यूटर प्रयोगशालाओं की स्थापना और राज्य में स्कूलों के बुनियादी ढांचे के समग्र उन्नयन के माध्यम से शिक्षा के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने में मदद करेगा। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘5जी सेवा स्मार्ट सुविधाओं, स्मार्ट क्लासरूम और स्मार्ट शिक्षण से आगे जाएगी। यह हमारी शिक्षा प्रणाली को अगले स्तर पर ले जाएगी।'' उन्होंने कहा कि छात्र अब 5जी सेवा की मदद से अपने स्कूलों में वर्चुअल रीअलिटी, इंटरनेट ऑफ थिंग्स और अन्य अत्याधुनिक तकनीकों का अनुभव कर सकते हैं। मोदी ने यह सुनिश्चित करने के लिए स्थानीय भाषाओं के उपयोग की वकालत की कि अंग्रेजी में असहज लोग पीछे न रहें। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘पहले, अंग्रेजी भाषा के ज्ञान को बौद्धिक होने की निशानी माना जाता था। वास्तविकता यह है कि अंग्रेजी भाषा केवल संवाद का एक माध्यम है। यह भाषा बाधा एक बाधा थी। गांवों की कई युवा प्रतिभाएं डॉक्टर और इंजीनियर नहीं बन सकीं क्योंकि उन्हें अंग्रेजी का अच्छा ज्ञान नहीं था।'' प्रधानमंत्री ने कहा कि युवाओं के पास अब दूसरी भाषाओं में पढ़ाई करने का विकल्प है।
मोदी ने कहा, "हमारा उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि गरीब माता-पिता के बच्चे डॉक्टर और इंजीनियर बनें, भले ही वे अंग्रेजी (माध्यम) में शिक्षित न हों। हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि अंग्रेजी भाषा की कमी के कारण कोई भी पीछे न रहे।" उन्होंने कहा, "केंद्र की नई शिक्षा नीति देश को अंग्रेजी भाषा से जुड़ी गुलाम मानसिकता से बाहर निकालेगी।" प्रधानमंत्री ने कहा कि गुजरात ने पिछले दो दशकों के दौरान शिक्षा परिदृश्य में बड़े बदलाव का अनुभव किया है। वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री बनने से पहले मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे।
उन्होंने कहा, ‘‘पिछले दो दशकों के दौरान, गुजरात सरकार ने 1.25 लाख नई कक्षाएँ स्थापित की हैं और लगभग दो लाख शिक्षकों को शामिल किया है। एक दशक पहले 15,000 कक्षाओं में टेलीविजन सेट पहले ही लगाए जा चुके थे। आज ऑनलाइन माध्यम से लगभग एक करोड़ छात्रों और चार लाख स्कूली शिक्षकों की उपस्थिति दर्ज की जा रही है।'' प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘मिशन स्कूल ऑफ एक्सीलेंस' के तहत राज्य सरकार 50,000 नई कक्षाओं का निर्माण करेगी और सरकार द्वारा संचालित स्कूलों की लगभग एक लाख मौजूदा कक्षाओं को 5जी तकनीक का उपयोग कर स्मार्ट कक्षाओं में परिवर्तित करेगी। उन्होंने कहा, "इस तकनीक का उपयोग करके, कोई शिक्षक ऑनलाइन माध्यम से गांवों में कई स्कूलों को रीअल-टाइम शिक्षा प्रदान कर सकता है। अब, सबसे अच्छी शिक्षा और सामग्री सभी तक पहुंचेगी। इस पहल से गांवों के छात्र सबसे अधिक लाभान्वित होंगे।" मोदी ने कहा कि मिशन के तहत छात्रों को छोटी उम्र से ही प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार किया जाएगा और कला एवं रोबोटिक्स जैसे अन्य विषयों से भी अवगत कराया जाएगा। प्रधानमंत्री ने याद किया कि मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने गुजरात में शिक्षा परिदृश्य में सुधार के लिए 'शाला प्रवेशोत्सव' और शिक्षा की गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित करने वाले त्योहार 'गुणोत्सव' जैसी कई योजनाएं शुरू की थीं। मोदी ने अपने संबोधन से पहले, कुछ युवाओं के साथ बातचीत की और कहा कि उनकी उपस्थिति में कई साल पहले छात्रों का नामांकन बढ़ाने संबंधी राज्य सरकार की पहल 'शाला प्रवेशोत्सव' के दौरान इन युवाओं ने गुजरात के एक गाँव में स्कूल में पहली कक्षा में दाखिला लिया था। -
मुंबई. घरेलू हवाई यात्रियों की संख्या इस साल सितंबर में सालाना आधार पर 64.61 प्रतिशत बढ़कर 1.03 करोड हो गई। विमानन सुरक्षा नियामक नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) द्वारा बुधवार को जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई। आंकड़ों से पता चलता है कि भारतीय घरेलू उड़ानों (नई शुरू हुई आकाश एयर को छोड़कर) ने स्थानीय रूट पर कुल 76.6 लाख यात्रियों को गंतव्य तक पहुंचाया। आकाश एयर ने इस साल सात अगस्त से घरेलू मार्गों पर अपनी उड़ान सेवाएं शुरू की हैं।
डीजीसीए के आंकड़ों से पता चलता है कि इन एयरलाइंस का औसत यात्री लोड फैक्टर (पीएलएफ) अगस्त 2022 में 77.5 प्रतिशत रहा, जो अगस्त 2022 में 72.5 प्रतिशत था। पीएलएफ से पता चलता है कि एयरलाइन ने अपनी यात्री क्षमता का कितना उपयोग किया। बाजार हिस्सेदारी के मामले में कुल घरेलू यातायात में इंडिगो की 57 प्रतिशत हिस्सेदारी रही। इंडियो ने अपनी उडा़नों के जरिए 59.72 लाख यात्रियों को सेवाएं दीं। इसके बाद 9.96 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी के साथ विस्तार का स्थान रहा, जिसने 9.96 लाख यात्रियों को गंतव्य तक पहुंचाया। विस्तार, एयर इंडिया और एयरएशिया इंडिया की संयुक्त बाजार हिस्सेदारी सितंबर में 24.7 फीसदी थी। -
मुंबई. देश की पांचवीं सबसे बड़ी सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) सेवा निर्यातक कंपनी टेक महिंद्रा ने अगले पांच साल में गुजरात में 3,000 लोगों को नियुक्त करने की घोषणा की है। कंपनी ने मंगलवार को अपनी आईटी/आईटी सक्षम सेवाएं (आईटीईएस) नीति के तहत गुजरात सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। कंपनी के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी सी पी गुरनानी ने कहा कि यह समझौता कंपनी को उद्यमों की बदलती इंजीनियरिंग जरूरतों को पूरा करने में सक्षम बनाएगा। -
नयी दिल्ली. सरकार ने मंगलवार को मौजूदा फसल विपणन वर्ष के लिए गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को 110 रुपये बढ़ाकर 2,125 रुपये प्रति क्विंटल करने का फैसला किया। इसके साथ ही सरसों का एमएसपी 400 रुपये बढ़ाकर 5,450 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है। एक बयान में कहा गया कि किसानों के उत्पादन और आय को बढ़ावा देने के लिए यह फैसला किया गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल की समिति (सीसीईए) की बैठक में एमएसपी बढ़ाने का फैसला किया गया। एमएसपी वह दर है, जिस पर सरकार किसानों से कृषि उपज खरीदती है। इस समय सरकार खरीफ और रबी, दोनों सत्रों में उगाई जाने वाली 23 फसलों के लिए एमएसपी तय करती है। रबी (सर्दियों) फसलों की बुवाई, खरीफ (गर्मी) फसलों की कटाई के बाद अक्टूबर में शुरू होती है। गेहूं और सरसों रबी की प्रमुख फसलें हैं। एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार सीसीईए ने फसल वर्ष 2022-23 (जुलाई-जून) और विपणन सत्र 2023-24 में छह रबी फसलों के लिए एमएसपी में वृद्धि को मंजूरी दी है। फसल वर्ष 2022-23 के लिए गेहूं का एमएसपी 110 रुपये बढ़ाकर 2,125 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है, जो फसल वर्ष 2021-22 में 2,015 रुपये प्रति क्विंटल था। बयान में कहा गया है कि गेहूं की उत्पादन लागत 1,065 रुपये प्रति क्विंटल रहने का अनुमान है। -
लखनऊ. उत्तर प्रदेश सरकार के हथकरघा एवं वस्त्र उद्योग मंत्री राकेश सचान ने सोमवार को कहा कि नई हथकरघा एवं वस्त्र उद्योग नीति-2022 के तहत वस्त्र परिधान उद्योग के लिए भूमि खरीदने पर सरकार उद्यमियों को पूरे प्रदेश में (गौतम बुद्ध नगर जिले को छोड़कर) 25 प्रतिशत की छूट देगी और उन्हें उसका स्टांप शुल्क भी नहीं देना होगा। यहां सोमवार को लोकभवन में पत्रकारों से बातचीत में मंत्री सचान ने कहा कि पिछले मंत्रिमंडल ने नई वस्त्र उद्योग नीति को मंजूरी दी थी और आज उसको लेकर सरकार ने आदेश जारी कर दिया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश को वैश्वक कपड़ा केंद्र बनाकर 10 हजार करोड़ निजी निवेश को आकर्षित करना और पांच लाख बेरोजगारों के लिए रोजगार सृजन इस नई नीति का मुख्य लक्ष्य है। मंत्री ने कहा कि वस्त्र परिधान उद्योग तेजी के साथ आगे बढ़ रहा है और भारत दुनिया का छठा सबसे बड़ा निर्यातक देश है और उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा घरेलू बाजार है। राज्य के संसाधनों की चर्चा करते हुए सचान ने कहा कि प्रदेश में प्रशिक्षित श्रमिक हैं, बुनकर हैं और वस्त्र उद्योग विकास संसाधनों की उपलब्धता है। उन्होंने कहा कि निवेश प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए इस नीति में अनेक प्रावधान किये गये हैं और इसके तहत युवाओं को इस कारोबार में प्रोत्साहित किया जाना है। बुनकरों के बच्चों को स्वरोजगार इस नीति की प्राथमिकता है। मंत्री ने नई नीति की विशेषता बताते हुए कहा कि अगर कोई उद्यमी वस्त्र उद्योग लगाने के लिए किसी सरकारी संस्था से कोई भूमि खरीदता है तो उसे 25 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि केवल गौतमबुद्ध नगर में 15 प्रतिशत छूट देने का प्रावधान किया गया है। उन्होंने आगे कहा कि इस नीति के तहत प्रदेश में स्टांप शुल्क में 100 प्रतिशत की छूट दी जाएगी और गौतमबुद्धनगर में 75 प्रतिशत की छूट देने का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि प्लांट मशीनरी खरीदने में 25 प्रतिशत छूट देने की नीति बनाई गयी है और इसके साथ बुंदेलखंड और पूर्वांचल में उद्योग स्थापित करने वाले उद्यमियों को 10 प्रतिशत अतिरिक्त छूट देने का प्रावधान किया गया है। उन्होंने बताया कि इकाइयों की स्थापना लागत में तीन करोड़ रुपये का अनुदान दिया जाएगा। -
नयी दिल्ली. फिनलैंड की कंपनी नोकिया ने सोमवार को कहा कि उसे भारतीय दूरसंचार कंपनी रिलायंस जियो से 5जी नेटवर्क बनाने के लिए एक ठेका मिला है। कंपनी ने बताया कि इस संबंध में दोनों पक्षों के बीच हुए करार के तहत दुनिया के सबसे बड़े 5जी नेटवर्क में से एक को तैयार किया जाएगा। अनुबंध के तहत नोकिया अपने एयरस्केल पोर्टफोलियो से उपकरणों की आपूर्ति करेगी, जिसमें बेस स्टेशन, उच्च क्षमता वाले 5जी मैसिव एमआईएमओ (मल्टीपल इनपुट मल्टीपल आउटपुट) एंटेना, और रिमोट रेडियो हेड्स (आरआरएच) शामिल हैं। ये उपकरण विभिन्न स्पेक्ट्रम बैंड और सेल्फ-ऑर्गनाइजिंग नेटवर्क सॉफ्टवेयर का समर्थन करते हैं। रिलायंस जियो 5जी एकल नेटवर्क तैनात करने की योजना बना रही है, जो उसके 4जी नेटवर्क के साथ काम करेगा। यह नेटवर्क जियो को उन्नत 5जी सेवाएं मुहैया कराने में सक्षम करेगा। एक बयान में नोकिया ने कहा कि उसे रिलायंस जियो द्वारा एक बहु-वर्षीय ठेका मिला है, जिसके तहत वह देश भर में व्यापक एयरस्केल पोर्टफोलियो से 5जी रेडियो एक्सेस नेटवर्क (आरएएन) उपकरण की आपूर्ति करेगी। रिलायंस जियो के चेयरमैन आकाश अंबानी ने कहा, ''जियो अपने सभी ग्राहकों के अनुभव को बढ़ाने के लिए नवीनतम नेटवर्क तकनीकों में लगातार निवेश करने को प्रतिबद्ध है। हमें विश्वास है कि नोकिया के साथ हमारी साझेदारी से विश्व स्तर पर सबसे उन्नत 5जी नेटवर्क तैयार होगा।'' नोकिया के अध्यक्ष और सीईओ पेक्का लुंडमार्क ने सौदे को एक ''महत्वपूर्ण जीत'' बताया। -
नयी दिल्ली. बिजली और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने सोमवार को कहा कि देश में 2030 तक बिजली उत्पादन क्षमता में गैर-जीवाश्म ईंधन का हिस्सा 65 प्रतिशत से अधिक हो जाएगा। उन्होंने हरित ऊर्जा पर भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के एक सम्मेलन में कहा कि भारत ने बिजली उत्पादन क्षमता में गैर-जीवाश्म ईंधन की हिस्सेदारी को बढ़ाकर 65 प्रतिशत करने का लक्ष्य तय किया है। सिंह ने कहा कि देश में 2030 तक 90 गीगावाट से अधिक सौर उपकरण निर्माण क्षमता होगी। वर्तमान में यह क्षमता 20 गीगावाट है। उन्होंने यह भी बताया कि लगभग 15-20 गीगावाट सौर उपकरण विनिर्माण क्षमता निर्माणाधीन है। भारत में उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत 40 गीगावाट क्षमता वाले संयंत्र स्थापित किए जा रहे हैं। मंत्री ने उद्योग जगत से उच्च दक्षता वाले सौर उपकरणों के विनिर्माण में बदलाव करने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा कि देश में पहले ही 170 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता है, जबकि अन्य 80 गीगावॉट निर्माणाधीन है। देश की 2030 तक 500 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता हासिल करने की योजना है। -
नयी दिल्ली. सरकार ने सोमवार को कहा कि गेहूं और चावल की कीमतों में वृद्धि ‘सामान्य' है और यदि अनाज की कीमतों में कोई असामान्य वृद्धि होती है तो वह बाजार में हस्तक्षेप करेगी। खाद्य सचिव सुधांशु पांडे ने संवाददाता सम्मेलन यह भी कहा कि सरकार के पास अपने गोदामों में गेहूं और चावल दोनों का अधिशेष स्टॉक है, जिसका उपयोग बाजार में हस्तक्षेप करने के लिए किया जाएगा। पांडे ने कहा, ‘‘कीमतों में वृद्धि कोई असामान्य बात नहीं है...।''
उन्होंने गेहूं का उदाहरण देते हुए कहा कि कीमतों में वृद्धि सामान्य है क्योंकि पिछले साल थोक कीमतों में गिरावट आई थी जब सरकार ने अपनी खुली बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत थोक उपभोक्ताओं को भारी मात्रा में अनाज बेचे थे। पांडे ने कहा कि गेहूं की थोक कीमत 14 अक्टूबर, 2021 को 2,331 रुपये प्रति क्विंटल थी, जबकि वर्ष 2020 में इसी दिन यह कीमत 2,474 रुपये प्रति क्विंटल थी। पांडे ने कहा, ‘‘इसलिए, पिछले साल से चालू वर्ष में गेहूं कीमतों में हुई वृद्धि की तुलना करना उचित नहीं है। इसकी तुलना वर्ष 2020 में प्रचलित कीमतों के साथ की जानी चाहिए।'' वर्ष 2020 की कीमतों की तुलना में, इस साल 14 अक्टूबर को थोक गेहूं की कीमतों में 11.42 प्रतिशत की वृद्धि हुई और यह 2,757 रुपये प्रति क्विंटल रही। खुदरा गेहूं की कीमतों में 12.01 प्रतिशत की वृद्धि हुई और यह 31.06 रुपये प्रति किलोग्राम रही। सचिव ने कहा कि यह वृद्धि न्यूनतम समर्थन मूल्य, ईंधन और परिवहन और अन्य खर्चों में वृद्धि के अनुरूप है।'' उन्होंने कहा कि अभी चिंता की कोई बात नहीं है क्योंकि सरकार के पास अपने गोदामों में गेहूं और चावल दोनों का संतोषजनक भंडार है। इसका कारण सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) एवं अन्य कल्याणकारी योजनाओं के लिए सरकार की ओर से जरुरत के मुकाबले अधिक खरीद किया जाना है। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के अध्यक्ष अशोक के के मीणा ने अपनी प्रस्तुति में कहा, ‘‘सरकार के पास एक अक्टूबर तक 205 लाख टन के बफर मानदंड के मुकाबले गेहूं का भंडार 227 लाख टन था। इसी तरह, इस अवधि में 103 लाख टन के बफर मानदंड के मुकाबले चावल का स्टॉक 205 लाख टन था।'' उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम और अन्य कल्याणकारी आवश्यकताओं के लिए मुफ्त अनाज की आपूर्ति के बाद भी एक अप्रैल, 2023 तक गेहूं और चावल का अनुमानित स्टॉक सामान्य बफर मानदंडों से बहुत अधिक होगा। मीणा ने कहा कि सरकार पूरी तरह सचेत है और नियमित रूप से आवश्यक वस्तुओं के मूल्य परिदृश्य की निगरानी कर रही है तथा आवश्यकतानुसार जरूरी कदम उठा रही है। उल्लेखनीय है कि सरकार ने कीमतों में तेजी पर लगाम लगाने के लिये सक्रियता से कदम उठाए हैं। गेहूं और चावल की कीमतों में तत्काल नियंत्रण के लिए गेहूं के मामले में 13 मई से और टूटे हुए चावल के मामले में 8 मई से निर्यात पर रोक लगायी गयी है। मीणा ने यह भी कहा कि एक अक्टूबर से शुरू हुए रबी (सर्दियों) सत्र में गेहूं का उत्पादन सामान्य रहने की उम्मीद है। -
नयी दिल्ली. सार्वजनिक क्षेत्र के भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) समेत निजी क्षेत्र के कोटक महिंद्रा बैंक और फेडरल बैंक ने सीमांत लागत पर दिए जाने वाले ऋण (एमसीएलआर) के तहत अपनी उधारी दरों में वृद्धि की है। बैंकों के इस कदम से उपभोक्ताओं के लिए व्यक्तिगत कर्ज, आवास और वाहन ऋण मंहगे हो जाएंगे। एसबीआई ने एक वर्ष की अवधि वाली एमसीएलआर को 0.25 प्रतिशत तक बढ़ाकर 7.95 प्रतिशत कर दिया है। नयी दरें 15 अक्टूबर, 2022 से लागू हैं। बैंक ने दो और तीन वर्ष वाली एमसीएलआर को भी बढ़ाकर क्रमश: 8.15 प्रतिशत और 8.25 प्रतिशत कर दिया है, जो पहले 7.90 प्रतिशत और आठ प्रतिशत थीं। कोटक महिंद्रा बैंक ने भी विभिन्न अवधि के लिए एमसीएलआर को बढ़ाकर 7.70 से 8.95 प्रतिशत कर दिया है। वहीं, एक वर्ष की अवधि वाले ऋण पर बैंक ने ब्याज दर को बढ़ाकर 8.75 प्रतिशत कर दिया गया है। इसके अलावा फेडरल बैंक ने भी ऋण और अग्रिम पर एक वर्ष की अवधि वाली मसीएलआर को 16 अक्टूबर से संशोधित कर 8.70 प्रतिशत कर दिया है। उल्लेखनीय है कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की तरफ से पिछले महीने रेपो दर में 0.50 प्रतिशत की वृद्धि के बाद ज्यादातर बैंकों ने अपनी ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है।
- नयी दिल्ली। देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने बचत खाते में जमा पर मिलने वाली ब्याज दर को 0.05 प्रतिशत घटाकर 2.70 प्रतिशत कर दिया है। बैंक के अनुसार, नयी दरें 15 अक्टूबर और 10 करोड़ रुपये से कम की जमा राशि पर लागू होगी। इस पर बैंक पहले प्रति वर्ष 2.75 प्रतिशत की ब्याज देता था। बचत खाते में 10 करोड़ रुपये और उससे अधिक की शेष राशि पर एसबीआई ने जमा दरों को पहले के 2.75 प्रतिशत से बढ़ाकर तीन प्रतिशत प्रति वर्ष कर दिया है। वहीं, बैंक ऑफ बड़ौदा ने विभिन्न मुद्राओं और परिपक्वता अवधि में विदेशी मुद्रा प्रवासी (एफसीएनआर) जमा पर ब्याज दरों में 1.35 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की है। बैंक ने सोमवार को जारी विज्ञप्ति में कहा कि नयी जमा दरें 16 अक्टूबर, 2022 से प्रभावी हैं और 15 नवंबर, 2022 तक लागू रहेंगी।
- -गैस टरबाइन में हाइड्रोजन को-फायरिंग कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं-इस समझौता ज्ञापन के तहत दोनों कंपनियां अध्ययन करने के लिए सहभागिता करेंगी और हाइड्रोजन को-फायरिंग शुरू करने के लिए महत्वपूर्ण कार्यों की पहचान करेंगी-यह अध्ययन हाइड्रोजन के विभिन्न हिस्सों के लिए को-फायरिंग की प्रमुख क्रियाओं की पहचान करेगानई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में एनटीपीसी औरैया गैस विद्युत संयंत्र में स्थापित एमएचआई 701डी गैस टरबाइनों में प्राकृतिक गैस के साथ मिश्रित हाइड्रोजन को-फायरिंग की व्यवहार्यता को प्रदर्शित करने के लिए एनटीपीसी लिमिटेड ने जापान की मित्सुबिशी हैवी इंडस्ट्रीज लिमिटेड और इसकी सहायक कंपनी मित्सुबिशी पावर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। चार गैस टरबाइनों के संयुक्त चक्रीय मोड में परिचालित होने के साथ औरैया गैस विद्युत संयंत्र की कुल स्थापित क्षमता 663 मेगावाट की है। इस समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर दोनों कंपनियों ने एनटीपीसी लिमिटेड के निदेशक (परियोजना) श्री उज्जवल कांति भट्टाचार्य, मित्सुबिशी पावर इंडिया के सीएमडी श्री तात्सुतो नगायासु और मित्सुबिशी पावर इंडिया के वाइस प्रेसिडेंट श्री हिरोयुकी शिनोहारा की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए।डी-कार्बोनाइजिंग (कार्बन के उत्सर्जन को कम करना) लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सभी ऊर्जा गहन क्षेत्रों में एक सम्मिलित और व्यापक रोडमैप की जरूरत होती है। इस रोडमैप के तहत गैस टरबाइनों में हाइड्रोजन को-फायरिंग कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन को कम करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। भारत में सबसे बड़ी विद्युत उत्पादक कंपनी होने के चलते एनटीपीसी लिमिटेड ऊर्जा रूपांतरण और सीओपी-26 प्रतिबद्धताओं को प्राप्त करने में एक प्रमुख भूमिका निभाने का संकल्प रखती है।इस पहल के एक हिस्से के तहत एनटीपीसी हाइड्रोजन के उपयोग के साथ-साथ विभिन्न नई हाइड्रोजन पीढ़ी प्रौद्योगिकियों की खोज कर रहा है, जिससे भविष्य की तैयारी सुनिश्चित की जा सके, जरूरी क्षमताओं व तकनीकी विशेषज्ञता को विकसित किया जा सके और राष्ट्रीय डी-कार्बोनाइजिंग व हाइड्रोजन मिशन लक्ष्यों के साथ इसे समन्वित किया जा सके। इस समझौता ज्ञापन के तहत दोनों कंपनियां एनटीपीसी औरैया गैस आधारित संयुक्त चक्रीय विद्युत संयंत्र में हाइड्रोजन को-फायरिंग शुरू करने को लेकर अध्ययन करने और प्रमुख कार्यों को चिह्नित करने के लिए सहभागिता करेंगी। यह अध्ययन हाइड्रोजन के विभिन्न हिस्सों जैसे कि 5 फीसदी, 15 फीसदी, 30 फीसदी, 50 फीसदी और 100 फीसदी के संबंध में को-फायरिंग के लिए महत्वपूर्ण कार्यों को चिन्हित करेगा। एनटीपीसी इस परियोजना के लिए जरूरी हाइड्रोजन की आपूर्ति करेगी।एनटीपीसी लिमिटेड के कार्यपालक निदेशक श्री मनीष कुमार श्रीवास्तव ने कहा, “देश नेट- जीरो और जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए आगे बढ़ रहा है, इसे देखते हुए एनटीपीसी भारत की ऊर्जा रूपांतरण की यात्रा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए प्रतिबद्ध है। एनटीपीसी हाइड्रोजन से संबंधित विभिन्न पहलों में अग्रणी है और इस क्षेत्र में अनुसंधान व विकास कार्य कर रहा है, जिससे एक ऐसी तकनीक लाई जा सके जो सभी के लिए हरित, वहनीय, विश्वसनीय और टिकाऊ विद्युत प्रदान कर सके। यह समझौता ज्ञापन इन लक्ष्यों को पूरा करने के लिए एनटीपीसी के उठाए गए कुछ कदमों में से एक है। हमारा विश्वास है कि एमएचआई लिमिटेड, जिसके पास इस तकनीक में वैश्विक विशेषज्ञता है, के साथ साझेदारी करने से हमें राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन के तहत अपने उद्देश्यों को पूरा करने में सहायता मिलेगी।मित्सुबिशी पावर इंडिया के सीएमडी श्री तात्सुतो नगायासु ने कहा, “समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर काफी महत्वपूर्ण है जो एनटीपीसी व मित्सुबिशी हेवी इंडस्ट्रीज की ओर से विद्युत उत्पादन क्षेत्र के डी-कार्बोनाइजेशन के लक्ष्य को प्राप्त करने और जलवायु परिवर्तन के ज्वलंत मुद्दे को संबोधित करने को लेकर उनकी प्रतिबद्धता को दिखाती है।
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नयी दिल्ली। देश भर में अब तक 29 हवाई अड्डों और टर्मिनलों के नाम प्रतिष्ठित व्यक्तियों के नाम पर रखे गए हैं, जिनमें सबसे नया नाम चंडीगढ़ स्थित शहीद भगत सिंह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का है। सूचना का अधिकार (आरटीआई) के तहत दायर किए गए आवेदन से मिली जानकारी के मुताबिक, देश भर में कुल 24 हवाई अड्डे और पांच टर्मिनल के नाम प्रतिष्ठित व्यक्तियों के नाम पर रखे गए हैं। चंडीगढ़ अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का नाम गत 28 सितंबर को बदलकर शहीद भगत सिंह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे कर दिया गया। यह नामकरण महान क्रांतिकारी भगत सिंह की 115वीं जयंती से एक दिन पहले हुआ। सूची के अनुसार चार हवाई अड्डों के नाम पूर्व प्रधानमंत्रियों के नाम पर रखे गए हैं। इनमें राष्ट्रीय राजधानी स्थित इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, तेलंगाना के हैदराबाद में राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, वाराणसी में लाल बहादुर शास्त्री हवाई अड्डा और लखनऊ में चौधरी चरण सिंह हवाई अड्डा शामिल हैं। ओडिशा के भुवनेश्वर में बीजू पटनायक हवाई अड्डे सहित विभिन्न हवाई अड्डों का नामकरण पूर्व मुख्यमंत्रियों के नाम पर भी हुआ है। सूची में कांगड़ा हवाई अड्डा, गग्गल और कुल्लू-मनाली हवाई अड्डा, भुंतर भी शामिल हैं। दोनों हिमाचल प्रदेश में हैं। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं था कि इन दो हवाई अड्डों का नाम किन प्रतिष्ठित व्यक्तियों के नाम पर रखा गया है। इसके अलावा पांच हवाई अड्डा टर्मिनलों के भी नाम मशहूर हस्तियों के नाम पर रखे गए हैं। इनमें चेन्नई स्थित अन्ना अंतराष्ट्रीय टर्मिनल एवं कामराज घरेलू टर्मिनल और हैदराबाद स्थित एन टी रामा राव टर्मिनल शामिल हैं। इस समय देश में 131 हवाईअड्डे परिचालन में हैं, जिनमें 29 अंतरराष्ट्रीय और 92 घरेलू हवाई अड्डे हैं।हवाई अड्डों के नामकरण के लिए एक विस्तृत प्रक्रिया का पालन किया जाता है, और अंतिम मंजूरी केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा दी जाती है। - नयी दिल्ली। रेलवे ने 2021-22 में विशेष ट्रेन सेवाओं से 17,526.48 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया है, जो इस वित्त वर्ष में कुल यात्री राजस्व का लगभग 45 प्रतिशत है। यह जानकारी सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत पूछे गये एक प्रश्न के उत्तर में मिली। रेलवे ने मई 2020 में कोरोना वायरस महामारी के बीच जब यात्री ट्रेन सेवाएं बहाल की थीं, तो केवल विशेष ट्रेन सेवाओं का परिचालन शुरू किया था, ताकि महामारी के दौरान कम लोग यात्रा करें। चंद्रशेखर गौर के आरटीआई आवेदन के जवाब में रेलवे ने कहा कि महामारी आने से पहले 2019-20 में रेलवे को विशेष ट्रेन सेवाओं से 408.78 करोड़ रुपये की राजस्व प्राप्ति हुई थी, जो 2020-21 में बढ़कर 12,027.81 करोड़ रुपये और 2021-22 में 17526.48 करोड़ रुपये हो गयी। रेलवे को यात्री टिकटों की बिक्री से 2019-20 में 50,669.09 करोड़ रुपये की कुल राजस्व प्राप्ति हुई थी, जो बाद वाले वर्ष में कोविड महामारी के कारण गिरकर 15,248.49 करोड़ रुपये रह गयी। आमतौर पर त्योहरों या अखिल भारतीय स्तर पर होने वाली परीक्षाओं या कुछ विशेष अवसरों पर चलाई जाने वाली विशेष रेलगाड़ियों का किराया अधिक होता है। रेलवे ने महामारी आने के बाद से अपनी सभी सेवाओं का परिचालन विशेष ट्रेन सेवा के नाम से शुरू किया था और नवंबर 2021 में इसकी सामान्य सेवा बहाल हुई।
- भुवनेश्वर।' केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रविवार को कहा कि ओडिशा के कम से कम चार शहरों को मार्च 2023 तक 5जी सेवाएं उपलब्ध हो जाएंगी और राज्य के 80 प्रतिशत क्षेत्र को अगले साल के अंत तक इस उन्नत नेटवर्क के दायरे में लाया जाएगा। उन्होंने यहां एक कार्यक्रम से इतर कहा कि देश के लगभग 200 बड़े शहरों को 5जी सेवाओं की शुरुआत के पहले चरण में शामिल किया जाएगा और बाद में इसे कस्बों और ग्रामीण क्षेत्रों में विस्तारित किया जाएगा। केंद्रीय रेल, संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री वैष्णव ने कहा, ‘‘ पहले चरण में ओडिशा के चार-पांच शहरों को मार्च 2023 तक 5जी सेवाएं उपलब्ध हो जाएंगी और राज्य के 80 प्रतिशत क्षेत्र में अगले साल के अंत तक इसके दायरे में लाया जाएगा।''
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नई दिल्ली। टाटा मोटर्स भारत में एक और कार का सीएनजी वर्जन पेश कर सकती है। कंपनी अपनी हैचबैक अल्ट्रोज का सीएनजी वर्जन पेश करने की तैयारी कर रही है। इसमें कंपनी 1.2 लीटर का नैचुरल एस्पिरेटिड इंजन दे सकती है। इसे पांच स्पीड के मैनुअल गियरबॉक्स के साथ पेश किया जा सकता है। हालांकि कंपनी की ओर से अभी किसी तरह की जानकारी साझा नहीं की गई है। सीएनजी अल्ट्रोज में मिलने वाले फीचर्स की बात करें तो इसमें बड़ा टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम, सेमी डिजिटल इंस्ट्रूमेंट कंसोल, ऑटोमैटिक क्लाइमेट कंट्रोल जैसे कई फीचर्स दिए जा सकते हैं।खबरों के अनुसा कार के डिजाइन में ज्यादा बदलाव की संभावना नहीं है। कार का मौजूदा मॉडल ही काफी बेहतर तरीके से डिजाइन किया गया है। इसलिए इसमें नए कलर ऑप्शन के साथ ही बैजिंग में हल्के बदलाव किए जा सकते हैं।
कंपनी की ओर से मौजूदा अल्ट्रोज को पेट्रोल, डीजल और टर्बो ऑप्शन के साथ ऑफर किया जाता है। इसकी एक्स शोरूम कीमत की शुरूआत 6.29 लाख रुपये से हो जाती है। जबकि इसका टॉप वैरिएंट 10.25 लाख रुपये की एक्स शोरूम की कीमत के साथ आता है। पेट्रोल इंजन वाली अल्ट्रोज दस लाख रुपये की एक्स शोरूम कीमत में मिलती है। ऐसे में उम्मीद है कि कंपनी एक से ज्यादा वैरिएंट में सीएनजी की पेशकश करेगी। ऐसा होने पर करीब 70 हजार से एक लाख रुपये तक की एक्स शोरूम कीमत में बढ़ोतरी संभव है।
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कोच्चि. देश की पहली वाणिज्यिक उड़ान के 90 वर्ष पूरे होने के अवसर पर एयर इंडिया एक्सप्रेस ने शनिवार को 58 विमानों में उड़ान के दौरान केक काटने और क्विज प्रतियोगिताएं आयोजित करने जैसी गतिविधियां आयोजित कीं। जेआरडी टाटा ने देश की पहली वाणिज्यिक उड़ान 1932 में संचालित की थी। इसके 90 साल पूरे होने के मौके पर टाटा समूह के नियंत्रण वाली एयरलाइन ने यह जश्न मनाया। एयरलाइन के एक प्रवक्ता ने बताया कि इस समारोह की शुरुआत सुबह आठ बजे कोच्चि-मस्कट उड़ान से हुई और एयरलाइन की 57 अन्य उड़ानों में इसे दोहराया गया। एयर इंडिया एक्सप्रेस एयर इंडिया के पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी है। जेआरडी टाटा ने 15 अक्टूबर 1932 को टाटा एयरलाइंस के पहले विमान का कराची से बाम्बे के बीच परिचालन किया था। बाद में इसी एयरलाइन का नाम सरकारी अधिग्रहण के बाद एयर इंडिया कर दिया गया था। कई दशकों के बाद एयर इंडिया वर्ष 2022 की शुरुआत में एक बार फिर टाटा समूह के नियंत्रण में आ गई जब सरकार ने घाटे में चल रही इस एयरलाइन को बेच दिया।