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नई दिल्ली। अमूल ने शनिवार को दूध की कीमतों में 2 रुपए प्रति लीटर का इजाफा किया। अब एक लीटर फुल क्रीम अमूल दूध (अमूल गोल्ड) के पैकेट के लिए 61 रुपए की जगह 63 रुपए चुकाने होंगे। इसी तरह आधा लीटर दूध की कीमत अब 30 की जगह 32 रुपए हो गई है। इसके अलावा भैंस के दूध कीमत में भी 2 रुपए प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई है। इससे पहले अगस्त और मार्च में भी प्रति लीटर 2 रुपए की बढ़ोतरी की थी।
दूध पहले (दाम रु./लीटर) अब (दाम रु./लीटर)
अमूल गोल्ड 61 रुपए 63 रुपए
भैंस का दूध 63 रुपए 65 रुपए -
मुंबई. इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन विनिर्माता सिंपल एनर्जी ने अपने पहले ई-स्कूटर की आपूर्ति 2023 की मार्च तिमाही तक टाल दी है। कंपनी ने बताया कि सरकार के बैटरी सुरक्षा पर दिशानिर्देश के कारण यह देरी हो रही है।
बेंगलुरु स्थित स्टार्टअप ने पिछले साल 15 अगस्त को ‘सिंपल वन' नाम से ई-स्कूटर की पेशकश की थी। कंपनी ने इस साल जनवरी में कहा था कि वह जून से आपूर्ति शुरू करेगी, जिसे बाद में सितंबर तक के लिए टाल दिया गया था। -
मुंबई. स्टार्टअप कंपनियों में निवेश के प्रवाह में विशेषरूप से यूक्रेन युद्ध के बाद से बड़ी गिरावट आई है। उद्योग की एक रिपोर्ट के अनुसार, इसी वजह से चालू साल की सितंबर तिमाही के दौरान पिछले साल की समान अवधि की तुलना में निजी इक्विटी निवेश 77.5 प्रतिशत घटकर 3.84 अरब डॉलर रह गया है। लंदन स्टॉक एक्सचेंज की इकाई रिफिनिटिव द्वारा जुटाए गए आंकड़ों के अनुसार, तिमाही आधार पर पीई निवेश 43.5 प्रतिशत घटा है। जून तिमाही में पीई निवेश 6.80 अरब डॉलर था। सालाना आधार पर कुल सौदे भी 14.6 प्रतिशत घटकर 478 से 408 रह गए हैं। हालांकि, जून तिमाही के 356 की तुलना में सौदे 14.6 प्रतिशत बढ़े हैं। सालाना आधार पर 2022 के पहले नौ माह में निजी इक्विटी निवेश 33 प्रतिशत घटकर 19.6 अरब डॉलर रहा है।
- वाशिंगटन। विश्व बैंक ने आगाह किया है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था खतरनाक रूप से मंदी के निकट है। विश्व बैंक के अध्यक्ष डेविड माल्पस ने कहा कि विश्व बैंक ने वर्ष 2023 के लिए वैश्विक वृद्धि दर का पूर्वानुमान तीन प्रतिशत से घटाकर एक दशमलव नौ प्रतिशत कर दिया है।उन्होंने गरीबों के लिए लक्षित समर्थन देने का आह्वान किया।श्री माल्पस वाशिंगटन में विश्व बैंक और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की बैठक से अलग पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मुद्रा स्फीति, ब्याज दरों में बढ़ोतरी, पूंजी प्रवाह में कटौती जैसी सभी समस्याओं से विकासशील देशों में गरीबों पर सबसे ज्यादा असर पड़ता है। श्री माल्पस ने कहा कि ये समस्याएं विश्व बैंक के लिए बड़ी चुनौती हैं। उन्होंने कहा कि हम विकासशील देशों में गरीब लोगों की मदद पर ध्यान केन्द्रित कर रहे हैं। विश्व बैंक प्रमुक ने कहा कि कुछ देशों ने पहले ही ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है या ऐसी स्थिति में पहुंच गए हैं, जहां वे इन दरों को और नहीं बढ़ा सकते। उन्होंने कहा कि विकासशील देशों के कर्ज बढ़ने का मुख्य कारण अधिक ब्याज दरें हैं। मुद्रा के अवमूल्यन ने ऋण के इस बोझ को और बढ़ा दिया है।
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नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने कहा है कि भारत डिजिटल क्षेत्र में वैश्विक मानदंड स्थापित कर रहा है। उन्होंने कहा कि देश को विश्वास है कि वह भू-राजनैतिक और आर्थिक अनिश्चितताओं का सामना करने में सक्षम है। वैश्विक अनिश्चितता के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था की संभावनाओं पर श्रीमती सीतारामन ने कहा कि दुनिया के सभी देश भारत की उपलब्धियों को मान रहे हैं जो इस बात का निर्विवाद प्रमाण है कि भारत की अर्थव्यवस्था आने वाले समय हर लिहाज से मजबूत रहेगी। वांशिगटन में जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय में तकनीक, वित्त और शासन: व्यापक प्रभाव विषय पर आयोजन में वित्त मंत्री ने कहा कि पिछले दो वर्षों के घटनाक्रम के बाद आए विश्वास के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था बेहतर प्रदर्शन कर रही है और संभावित वैश्विक मंदी में भी भारतीय अर्थव्यवस्था में बढ़त जारी रहेगी। श्रीमती सीतारामन ने कहा कि 2014 में सरकार द्वारा अर्थव्यवस्था का डिजिटीकरण शुरू करने के बाद शुरूआत में लोगों में जो आशंकाएं थी उसे डिजिटल तकनीक की मदद से दूर कर दिया गया। मोदी सरकार के दृष्टिकोण को स्पष्ट करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि भारत में तकनीक के उपयोग से सुशासन का लक्ष्य हासिल किया जा रहा है।
- मुंबई । बिकवाली दबाव के कारण बीएसई सेंसेक्स बृहस्पतिवार को 390 अंक के नुकसान में रहा। खुदरा महंगाई के पांच महीने के उच्चस्तर पर पहुंचने के साथ नीतिगत दर में वृद्धि को लेकर चिंता के बीच वित्तीय, वाहन और रियल्टी कंपनियों के शेयरों में बिकवाली का सिलसिला चलने से बाजार नीचे आया। कारोबारियों के अनुसार, डॉलर के मुकाबले रुपये के मूल्य में गिरावट और कच्चे तेल के दाम में तेजी से भी बाजार धारणा पर असर पड़ा। तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स 390.58 अंक यानी 0.68 प्रतिशत की गिरावट के साथ 57,235.33 अंक पर बंद हुआ। इसी प्रकार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 109.25 अंक यानी 0.64 प्रतिशत की गिरावट के साथ 17,014.35 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स के शेयरों में विप्रो सबसे अधिक 7.03 प्रतिशत के नुकसान में रहा। इसके अलावा एसबीआई, एलएंडटी, आईसीआईसीआई बैंक, एशियन पेंट्स, बजाज फाइनेंस, एचडीएफसी बैंक और एचडीएफसी लि. भी नुकसान में रहे। दूसरी तरफ, लाभ में रहने वाले शेयरों में एचसीएल टेक, सन फार्मा, डॉ. रेड्डीज, रिलायंस इंडस्ट्रीज और अल्ट्राटेक सीमेंट शामिल हैं। इनमें 3.19 प्रतिशत तक की तेजी रही। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘खुदरा मुद्रास्फीति संतोषजनक स्तर से ऊपर बनी हुई है। यह भारतीय अर्थव्यवस्था के लिये चिंता का विषय है। इसके अलावा, अगस्त में औद्योगिक उत्पादन में गिरावट का भी असर पड़ा है क्योंकि यह माना जाता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था तमाम चुनौतियों के बावजूद मजबूत बनी हुई है।'' उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा, अमेरिका में खुदरा महंगाई के आंकड़े जारी होने हैं और जो अनुमान है, उसमें इसके ऊंचा रहने की आशंका है। इससे वैश्विक बाजार में उतार-चढ़ाव आ सकता है।'' अमेरिका में खुदरा महंगाई का आंकड़ा बृहस्पतिवार को जारी किया जाएगा। खुदरा बिक्री का आंकड़ा शुक्रवार को आएगा। रेलिगेयर ब्रोकिंग लि. के उपाध्यक्ष (शोध) अजीत मिश्रा ने कहा कि घरेलू स्तर पर कमजोर रुख के बीच बाजार में शुरुआत हल्की रही। कंपनियों के तिमाही परिणाम मिले-जुले रहने के साथ खुदरा मुद्रास्फीति और औद्योगिक उत्पादन के कमजोर आंकड़ों से बाजार पर असर पड़ा है। घरेलू अर्थव्यवस्था को बुधवार को दोहरा झटका लगा। खाद्य वस्तुओं के दाम में तेजी से खुदरा महंगाई दर सितंबर में बढ़कर 7.4 प्रतिशत पर पहुंच गयी। वहीं औद्योगिक उत्पादन में 18 महीने में पहली बार गिरावट आई। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति के लगातार दूसरे महीने बढ़ने से भारतीय रिजर्व बैंक पर महंगाई को काबू में लाने को लेकर नीतिगत दर बढ़ाने को लेकर दबाव बढ़ेगा। एशिया के अन्य बाजारों में जापान का निक्की, चीन का शंघाई कंपोजिट, हांगकांग का हैंगसेंग और दक्षिण कोरिया का कॉस्पी नुकसान में रहा। हालांकि, यूरोप के प्रमुख देशों के शेयर बाजारों में शुरुआती कारोबार में तेजी का रुख रहा।इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 0.31 प्रतिशत बढ़कर 92.74 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक शुद्ध बिकवाल बने हुए हैं। उन्होंने बुधवार को 542.36 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया छह पैसे टूटकर 82.39 (अस्थायी) पर बंद हुआ।
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बेंगलुरु. इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने बुधवार को कहा कि सरकार अगले एक से दो महीने में देश में इलेक्ट्रॉनिक चिप और डिस्प्ले विनिर्माण संयंत्र लगाने के प्रस्तावों को मंजूरी देना शुरू कर सकती है। चंद्रशेखर ने इंडिया इलेक्ट्रॉनिक्स एंड सेमीकंडक्टर एसोसिएशन (आईईएसए) विजन सम्मेलन में कहा कि पिछले आठ-नौ माह में देश में सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र के विकास में जबर्दस्त प्रगति हुई है। सरकार को 1.53 लाख करोड़ रुपये के निवेश से इलेक्ट्रॉनिक चिप और डिस्प्ले विनिर्माण संयंत्र लगाने के लिए पांच कंपनियों से प्रस्ताव मिले हैं। चंद्रशेखर ने सम्मेलन में ऑनलाइन माध्यम से भाग लेते हुए कहा, ‘‘मुझे लगता है कि अगले एक से दो महीने में सरकार और भारत सेमीकंडक्टर मिशन उन प्रस्तावों को मंजूरी देंगे.....जिनकी समीक्षा की गई है।'' आईईएसए के चेयरमैन विवेक त्यागी ने एक अध्ययन का हवाला देते कहा कि भारत में 2022 में लगभग 27 अरब डॉलर के मूल्य के बराबर सेमीकंडक्टर की खपत होगी। उन्होंने कहा, ‘‘सरकार के प्रोत्साहन ने इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र को बढ़ावा दिया है लेकिन ज्यादातर उत्पाद भारत में जोड़े (असेंबल) जा रहे हैं। एक बार जब उत्पाद यहां बनना शुरू हो जाएगा... तब देश में मूल्यवर्धन का एक अलग स्तर होगा। -
नयी दिल्ली. भारतीय अर्थव्यवस्था को बुधवार को खुदरा मुद्रास्फीति और औद्योगिक उत्पादन के आंकड़ों के रूप में दोहरे झटके का सामना करना पड़ा। आंकड़ों के मुताबिक, खाद्य वस्तुओं की कीमतों में तेजी के चलते खुदरा मुद्रास्फीति पांच महीने के उच्चस्तर 7.4 प्रतिशत पर पहुंच गई, जबकि औद्योगिक उत्पादन पिछले 18 माह में पहली बार घट गया। खुदरा मुद्रास्फीति लगातार 9वें महीने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के दो से छह प्रतिशत के संतोषजनक स्तर से ऊपर बनी हुई है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित खुदरा महंगाई सितंबर में 7.41 प्रतिशत पर पहुंच गई। यह अगस्त में सात प्रतिशत और सितंबर, 2021 में 4.35 प्रतिशत थी। खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति इस साल सितंबर में बढ़कर 8.60 प्रतिशत हो गई, जो अगस्त में 7.62 प्रतिशत थी। मुद्रास्फीति के छह प्रतिशत से अधिक रहने पर आरबीआई को केंद्र सरकार को एक रिपोर्ट देनी होगी। इस रिपोर्ट में आरबीआई को बताना होगा कि वह खुदरा मुद्रास्फीति को दो से छह प्रतिशत के दायरे में रखने में क्यों विफल रहा। केंद्र सरकार ने आरबीआई को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि खुदरा मुद्रास्फीति दो से छह प्रतिशत के दायरे में बनी रहे। मोतीलाल ओसवाल के मुख्य अर्थशास्त्री निखिल गुप्ता ने कहा, ‘‘मुद्रास्फीति में मामूली बढ़ोतरी और आईआईपी में गिरावट ने चिंता बढ़ा दी है। हालांकि, अगले महीने के आंकड़ों और अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीति से तय होगा कि दिसंबर में आरबीआई ब्याज दरों में 0.35 प्रतिशत या 0.50 प्रतिशत, कितनी बढ़ोतरी करेगा।'' दूसरी ओर विनिर्माण और खनन जैसे क्षेत्रों में गिरावट के कारण देश का औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) अगस्त में 0.8 प्रतिशत घटकर 18 महीने के निचले स्तर पर आ गया। एक साल पहले समान महीने में औद्योगिक उत्पादन 13 प्रतिशत बढ़ा था। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) की तरफ से जारी औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) के आंकड़ों से यह जानकारी मिली। इससे पहले फरवरी, 2021 में औद्योगिक उत्पादन में 3.2 प्रतिशत की गिरावट आई थी। अगस्त, 2021 में औद्योगिक उत्पादन 13 प्रतिशत बढ़ा था, जबकि इस साल जुलाई में इसमें 2.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, विनिर्माण क्षेत्र में इस साल अगस्त में 0.7 प्रतिशत की गिरावट आई है। पिछले साल इसी महीने में इस क्षेत्र का उत्पादन 11.1 प्रतिशत बढ़ा था। बिजली क्षेत्र की वृद्धि दर अगस्त, 2022 में 1.4 प्रतिशत रही। अगस्त, 2021 में इसमें 16 प्रतिशत की बड़ी वृद्धि हुई थी। खनन क्षेत्र के उत्पादन में अगस्त में 3.9 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि एक साल पहले के इसी माह में इसमें 23.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। इस तरह चालू वित्त वर्ष के पहले पांच महीनों यानी अप्रैल-अगस्त में औद्योगिक उत्पादन 7.7 प्रतिशत बढ़ा है। पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर 29 प्रतिशत रही थी। निवेश को प्रतिबिंबित करने वाले पूंजीगत वस्तुओं के उत्पादन में अगस्त, 2022 के दौरान पांच प्रतिशत की वृद्धि हुई। यह अगस्त, 2021 में 20 प्रतिशत बढ़ा था। वहीं, टिकाऊ उपभोक्ता सामान क्षेत्र का उत्पादन अगस्त में 2.5 प्रतिशत घट गया, जबकि एक साल पहले समान महीने में इसमें 11.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। इसके अलावा प्राथमिक वस्तुओं के मामले में वृद्धि अगस्त में 1.7 प्रतिशत रही। पिछले वर्ष के इसी महीने में इसमें 16.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। आईआईपी में प्राथमिक वस्तुओं की हिस्सेदारी करीब 34 प्रतिशत है। रेटिंग फर्म इक्रा में मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा, ‘‘सितंबर, 2022 के लिए 7.4 प्रतिशत की मुद्रास्फीति के बाद यह तय है कि दिसंबर, 2022 में एमपीसी (आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति) की समीक्षा में एक बार फिर ब्याज दर में बढ़ोतरी होगी।'' मंत्रालय ने कहा कि आंकड़ों का विश्लेषण मार्च, 2020 से कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न आसामान्य स्थिति को ध्यान में रखकर किया जाना चाहिए। -
मुंबई. भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) का आवास ऋण का आंकड़ा छह लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच गया है, जो क्षेत्र में किसी भी बैंक द्वारा दिया गया सबसे अधिक ऋण है। देश के सबसे बड़े बैंक ने इस अवसर पर आवास ऋण लेने वालों के लिए त्योहारी छूट की पेशकश भी दी है।
इसके तहत बैंक ब्याज में 0.25 प्रतिशत की छूट देगा। इस तरह शुरुआती स्तर के कर्ज के लिए ब्याज दर 8.40 प्रतिशत बैठेगी। यह पेशकश 31 जनवरी, 2023 तक उपलब्ध होगी। बैंक ने बुधवार को जारी बयान में दावा करते कहा कि जनवरी, 2021 में उसने पांच लाख करोड़ रुपये का आवास ऋण का आंकड़ा पार किया था और इस श्रेणी में छह लाख करोड़ रुपये का कर्ज देने वाला वह देश का पहला बैंक है। बैंक के अनुसार, त्योहारी पेशकश के तहत आवास ऋण पर 0.25 प्रतिशत, आवास ऋण के ऊपर दिए जाने वाले ऋण (टॉप-लाइन) पर 0.15 प्रतिशत और संपत्ति के एवज में ऋण पर 0.30 प्रतिशत तक की छूट दी जायेगी। इस उपलब्धि पर एसबीआई के चेयरमैन दिनेश खारा ने कहा कि बैंक से 28 लाख से अधिक लोगों ने आवास ऋण लिया है। -
नयी दिल्ली. रिलायंस रिटेल वेंचर्स लि. की अनुषंगी रिलायंस रिटेल की दुकानों पर अब वैश्विक खेल संगठन नेशनल बास्केटबॉल एसोसिएशन (एनबीए) के कपड़ों समेत अन्य उत्पाद मिलेंगे। कंपनी ने इसके लिये एनबीए के साथ गठजोड़ किया है। दोनों इकाइयों ने संयुक्त बयान में बुधवार को यह जानकारी दी।
एनबीए के उत्पादों में वयस्कों, युवाओं और बच्चों के लिये कपड़े समेत अन्य उत्पाद शामिल हैं। ये उत्पाद रिलायंस रिटेल के चुनिंदा स्टोर और रिलायंस रिटेल के ई-कॉमर्स मंच पर उपलब्ध होंगे। एनबीए के अंतरराष्ट्रीय लाइसेंसिंग और व्यापार विकास मामलों के वरिष्ठ उपाध्यक्ष रॉब मिलमैन ने कहा, ‘‘रिलायंस वर्षों से एनबीए का एक विश्वसनीय भागीदार रही है और इस सहयोग के माध्यम से हम भारत में अपनी खुदरा उपस्थिति को मजबूत करने के लिये उत्सुक है।'' रिलायंस रिटेल लिमिटेड के अध्यक्ष और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (फैशन और लाइफस्टाइल) अखिलेश प्रसाद ने कहा, ‘‘हमारा लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि रिलायंस रिटेल स्टोर देशभर में एनबीए प्रशंसकों के लिए पसंदीदा स्थान बन जाए।'' रिलायंस रिटेल वेंचर्स लि., रिलायंस इंडस्ट्रीज की इकाई है। -
नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने कहा है कि वर्ष 2023-24 के केन्द्रीय बजट की शीर्ष प्राथमिकताओं में वृद्धि भी एक प्राथमिकता होगी। उन्होंने कहा कि अगला केन्द्रीय बजट ध्यान पूर्वक तैयार किया जाएगा जिसमें वृद्धि गति बनाए रखने पर जोर होगा। वित्त मंत्री ने वाशिंगटन में ब्रुकिंग्स संस्थान के एक कार्यक्रम में कहा कि आगामी बजट में मुद्रा स्फीति से उत्पन्न चिंताओं को दूर करने पर भी ध्यान दिया जायेगा। बढ़ते कर्ज और वित्तीय घाटे के मुद्दे पर सुश्री सीतारामन ने कहा कि पिछले दो बजट में केन्द्र सरकार ने कोविड महामारी के बाद अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए बढ़ते पूंजी व्यय पर ध्यान केंद्रित किया। भारत को हो रहे तत्काल जोखिम के बारे में वित्त मंत्री ने कहा कि ऊर्जा और उर्वरक आवश्यकताएं उन सर्वाधिक महत्वपूर्ण चुनौतियों में है जिनका देश सामना कर रहा है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उर्वरक की बढती कीमतों के कारण संकट उत्पन्न हुआ है और यह ऊर्जा जरूरतों के साथ-साथ तत्काल एक चुनौती है। विड महामारी के दौरान अर्थव्यवस्था व्यवस्थित करने के बारे में वित्त मंत्री ने कहा कि अर्थव्यवस्था के डिजिटीकरण की वजह से भारत लॉकडाउन के दौरान जरूरतमंद लोगों को खाद्यान्न उपलब्ध कराने में सफल रहा। उन्होंने कहा कि वित्तीय समावेशन अवसंरचना के कारण लोगों को तत्काल राहत दी गई।
- नयी दिल्ली। सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कंपनी विप्रो लिमिटेड का चालू वित्त वर्ष की दूसरी जुलाई-सितंबर तिमाही का शुद्ध लाभ 9.6 प्रतिशत घट गया। कंपनी ने बताया कि गैर-अमेरिकी बाजारों में आय घटने के चलते उसके शुद्ध लाभ में कमी हुई। कंपनी ने बुधवार को बयान में कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 की जुलाई-सितंबर तिमाही में उसे 2,649.1 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह आंकड़ा 2,930.6 करोड़ रुपये था। समीक्षाधीन तिमाही में कंपनी की आय बढ़कर 22,539.7 करोड़ रुपये हो गई, जो एक साल पहले इसी अवधि में 19,667.4 करोड़ रुपये थी। विप्रो ने कहा कि दूसरी तिमाही में गैर-अमेरिकी बाजारों में उसकी आय में गिरावट हुई है। यूरोप में कमाई एक साल पहले के 918.6 करोड़ रुपये से घटकर समीक्षाधीन अवधि में 787.5 करोड़ रुपये रह गई। इसी तरह एशिया प्रशांत, पश्चिम एशिया, अफ्रीका (एपीएमईए) क्षेत्र में आय घटकर 219.4 करोड़ रुपये रह गई, जो पिछले साल की समान अवधि में 302.8 करोड़ रुपये थी।
- नयी दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी में सोना बुधवार को 20 रुपये टूटकर 51,155 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी। पिछले कारोबारी सत्र में सोना 51,175 रुपये प्रति 10 ग्राम के भाव पर बंद हुआ था। सोने की तरह चांदी भी 473 रुपये के नुकसान से 58,169 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गई। पिछले कारोबारी सत्र में चांदी का भाव 58,642 रुपये प्रति किलोग्राम रहा था। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना 1,669.5 डॉलर प्रति औंस पर स्थिर था। चांदी नुकसान के साथ 19.18 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रही थी। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषक दिलीप परमार ने कहा, ‘‘बैंक ऑफ इंग्लैंड की आपात बाजार समर्थन को खत्म करने की टिप्पणी के बाद कॉमेक्स में सुबह के कारोबार में सोना स्थिर था।'
- मुंबई,। स्थानीय शेयर बाजार में पिछले तीन कारोबारी सत्र से जारी गिरावट का सिलसिला बुधवार को थम गया और बीएसई सेंसेक्स 478.59 अंक चढ़कर बंद हुआ। बैंकिंग, ऊर्जा, सूचना प्रौद्योगिकी और दैनिक उपभोग का सामान बनाने वाली कंपनियों के शेयरों में लिवाली से बाजार में तेजी आई। अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की बैठक का ब्योरा और मुद्रास्फीति के आंकड़े जारी होने से पहले यूरोपीय और अमेरिकी बाजारों में सकरात्मक रुख ने भी निवेशकों की धारणा को बढ़ावा दिया। तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स 478.59 अंक यानी 0.84 प्रतिशत चढ़कर 57,625.91 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 540.32 अंक तक चढ़ गया था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 140.05 अंक यानी 0.82 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 17,100 अंक का स्तर पार करते हुए 17,123.60 अंक पर बंद हुआ। कोटक सिक्योरिटीज लिमिटेड के इक्विटी शोध (खुदरा) प्रमुख श्रीकांत चौहान ने कहा, ‘‘पिछले कुछ सत्रों में गिरावट के बाद बाजारों ने आज राहत की सांस ली। हालांकि, कई नकरात्मक कारकों की वजह से यह मजबूती टिकाऊ नहीं है।'' जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘कंपनियों के तिमाही नतीजों पर ध्यान केंद्रित करने से घरेलू शेयर बाजार.....वैश्विक बाजारों में नकरात्मक संकेतों पर काबू पाने में सफल रहा।'' सेंसेक्स की कंपनियों में पावरग्रिड के शेयर में सबसे अधिक 3.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई। साथ ही एक्सिस बैंक, एनटीपीसी, इंडसइंड बैंक, लार्सन एंड टुब्रो और अल्ट्राटेक सीमेंट के शेयर भी प्रमुख रूप से लाभ में रहे। इसके अलावा रिलायंस इंडस्ट्रीज, एचडीएफसी, एचडीएफसी बैंक, कोटक बैंक, एचयूएल और आईटीसी के शेयरों में लिवाली से भी बाजार को समर्थन मिला। दूसरी तरफ एशियन पेंट्स, डॉ रेड्डीज, भारती एयरटेल, टाइटन और आईसीआईसीआई बैंक के शेयर नीचे आए।व्यापक बाजार में बीएसई मिडकैप 0.66 प्रतिशत और स्मॉलकैप 0.22 प्रतिशत की वृद्धि के साथ बंद हुआ।एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी और चीन का शंघाई कंपोजिट लाभ में रहा जबकि जापान का निक्की और हांगकांग का हैंगसेंग नुकसान में बंद हुआ। यूरोप के प्रमुख बाजारों में शुरुआती कारोबार में मजबूती का रुख था। अमेरिकी शेयर बाजार मंगलवार को मिले-जुले रुख के साथ बंद हुआ। इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 0.39 प्रतिशत चढ़कर 94.64 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने मंगलवार को बड़े पैमाने पर बिकवाली की। उन्होंने 4,612.67 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
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मुंबई. सितंबर में नौकरियों के लिए जारी होने वाले विज्ञापनों में सालाना आधार पर गिरावट दर्ज की गई लेकिन अगस्त की तुलना में इसमें आंशिक बढ़त देखी गई। नौकरियों की सूचना देने वाली वेबसाइट मॉन्स्टर डॉट कॉम की तरफ से मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में यह आकलन पेश किया गया। इसके मुताबिक, सितंबर 2021 की तुलना में बीते महीने में विभिन्न क्षेत्रों की नौकरियों के आवेदन में कमी आई है। खासकर मीडिया एवं मनोरंजन, घरेलू इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरण और पोत परिवहन क्षेत्रों में नौकरियों के आवेदन कम आमंत्रित किए गए। सितंबर, 2022 के 'मॉन्स्टर रोजगार सूचकांक' (एमईआई) से पता चलता है कि सालाना आधार पर नई भर्ती करने में चार प्रतिशत की सुस्ती दर्ज की गई। हालांकि, अगस्त 2022 की तुलना में इस सूचकांक में एक प्रतिशत का सुधार देखा गया। रिपोर्ट कहती है कि त्योहारी मौसम जारी रहने और विभिन्न क्षेत्रों में डिजिटलीकरण के प्रयास जारी होने से आने वाले महीनों में भर्ती प्रक्रिया तेज होने की उम्मीद है। रिपोर्ट के मुताबिक, सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की कंपनियां नई भर्तियों को लेकर सतर्क बनी हुई हैं। इस क्षेत्र में कर्मचारियों के नौकरी छोड़ने की ऊंची दर होने से कंपनियां फिलहाल सजगता दिखा रही हैं। बीपीओ क्षेत्र में भी यही रुझान देखने को मिल रहा है। वहीं देश में 5जी सेवाओं की शुरुआत होने से दूरसंचार क्षेत्र की कंपनियों ने सितंबर में 13 प्रतिशत तक अधिक भर्तियां कीं। बैंकिंग, वित्तीय सेवा और बीमा क्षेत्र में बड़े शहरों में भर्तियां 20 प्रतिशत तक बढ़ गईं। - नयी दिल्ली। अडाणी डेटा नेटवर्क्स लिमिटेड (एडीएनएल) को पहुंच प्रदान करने वाली सेवाओं के लिए एकीकृत लाइसेंस प्रदान किया गया है। इस लाइसेंस के जरिये कंपनी देश में हर तरह की दूरसंचार सेवाएं दे सकती है। इस घटनाक्रम से परिचित सूत्रों ने अडाणी समूह की कंपनी एडीएनएल को एकीकृत दूरसंचार लाइसेंस दिए जाने की जानकारी दी। इस संबंध में एक आधिकारिक सूत्र ने कहा, ‘‘अडाणी डेटा नेटवर्क्स को यूएल (एएस) लाइसेंस मिल गया है।'' एक अन्य अधिकारी ने कहा कि यह लाइसेंस सोमवार को जारी किया गया।अडाणी समूह ने हाल में हुई नीलामी में स्पेक्ट्रम खरीदकर देश के दूरसंचार क्षेत्र में प्रवेश किया था। उस समय कंपनी ने कहा था कि वह इस स्पेक्ट्रम का इस्तेमाल समूह के भीतर की कारोबारी गतिविधियों के लिए करेगी। एडीएनएल ने हाल में हुई 5जी स्पेक्ट्रम नीलामी में 20 वर्षों के लिए 212 करोड़ रुपये में 400 मेगाहर्ट्ज का स्पेक्ट्रम खरीदा था।
- मुंबई। टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने मंगलवार को कहा कि समूह की ग्राहकों के लिये 5जी पेश करने की कोई योजना नहीं है। समूह घाटे के कारण कुछ साल पहले उपभोक्ता केंद्रित दूरसंचार सेवा से बाहर निकल गया। चंद्रशेखरन ने कहा कि समूह 4जी और 5जी के लिये अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे के निर्माण के प्रयासों पर ध्यान दे रहा है। साथ ही 6जी में भी निवेश कर रहा है। उन्होंने पुरस्कार समारोह ‘लोकमत महाराष्ट्रियन ऑफ ईयर 2022' में कहा, ‘‘5जी के मामले में हमारी ग्राहक कारोबार में जाने की योजना नहीं है। हम उस कारोबार से बाहर हो गये हैं।'' चंद्रशेखरन ने कहा कि समूह की कंपनियां जो प्रौद्योगिकी बना रही हैं, वह पूरी तरह से स्वदेशी है। उसे बड़े पैमाने पर लागू करने से पहले परीक्षण किया जाएगा। इस पेशकश के बारे में पहले से ही पूछताछ शुरू हो गयी है।
- नयी दिल्ली। दूरसंचार कंपनी रिलायंस जियो ने 5जी इंटरनेट के बीटा परीक्षण में करीब 600 एमबीपीएस की और भारती एयरटेल ने लगभग 516 एमबीपीएस की औसत स्पीड दर्ज की है। ब्रॉडबैंड स्पीड का अनुसंधान करने वाली कंपनी ओकला ने मंगलवार को जारी रिपोर्ट में यह जानकारी दी।ओकला ने उन चार शहरों में औसत 5जी डाउनलोड स्पीड की तुलना की है, जहां जियो और एयरटेल दोनों ने अपने 5जी नेटवर्क खड़े किए हैं। ओकला की ‘स्पीडटेस्ट इंटेलिजेंस' रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में एयरटेल की औसत 5जी डाउनलोड स्पीड 197.98 एमबीपीएस रही। जबकि जियो के नेटवर्क पर 5जी की औसत डाउनलोड स्पीड रिकॉर्ड 598.58 एमबीपीएस दर्ज की गई। यह एयरटेल की स्पीड से तीन गुना से भी अधिक है। इसका मतलब है कि दो घंटे की एक एचडी मूवी को एक मिनट 25 सेकंड में डाउनलोड किया जा सकती है, जो आमतौर पर लगभग छह जीबी के आकार की होती है। वहीं, 4के गुणवत्ता वाली मूवी को 600 एमबीपीएस की शीर्ष गति से लगभग तीन मिनट में डाउनलोड किया जा सकता है। भारती एयरटेल ने दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद, सिलीगुड़ी, नागपुर और वाराणसी के आठ शहरों में 5जी सेवाएं शुरू कर दी हैं। जियो ने दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और वाराणसी में बीटा परिक्षण शुरू कर दिया है। परीक्षण में एयरटेल के नेटवर्क ने वाराणसी में 516.57 एमबीपीएस की शीर्ष औसत स्पीड हासिल की है।वहीं, मुंबई में एयरटेल ने 271.07 एमबीपीएस की औसत डाउनलोड स्पीड प्राप्त की है जबकि जियो की वित्तीय राजधानी में 515.38 एमबीपीएस की 5जी स्पीड रही। स्पीडटेस्ट के वैश्विक सूचकांक के अनुसार, भारत अगस्त 2022 में 13.52 एमबीपीएस पर मोबाइल डाउनलोड स्पीड के मामले में दुनिया में 117वें स्थान पर था। ओकला की रिपोर्ट में कहा गया है कि नए 5जी परिणाम बताते हैं कि 5जी स्पीड भारत के मौजूदा नेटवर्क से कहीं बेहतर है।
- नई दिल्ली। टाटा मोटर्स ने अपनी Tata Tiago EV को पिछले महीने 28 सितंबर लॉन्च किया था। हालांकि, तब कंपनी ने इसकी बुकिंग शुरू नहीं की थी। यह भारत की सबसे सस्ती इलेक्ट्रिक कार है, जिसकी शुरुआती एक्स-शोरूम कीमत 8.49 लाख रुपये है। इसके टॉप वैरिएंट की कीमत 11.79 लाख रुपये तक जाती है। इस इलेक्ट्रिक कार को ग्राहकों का जबरदस्त साथ मिल रहा है। Tata Tiago EV की भारी मांग को इस तरह समझा जा सकता है कि महज 24 घंटे के अंदर इसे 10,000 बुकिंग मिल गई। कंपनी ने इसकी बुकिंग 10 अक्तूबर को दोपहर 12 बजे शुरू किया था। इसके कुछ ही समय के भीतर इसे 10,000 ग्राहकों ने बुक कर लिया।टाटा मोटर्स इसकी अगले साल जनवरी महीने से डिलीवरी शुरू करेगी। भारतीय बाजार में Tata Tiago EV कुल 5 कलर ऑप्शन में आती है।यह इलेक्ट्रिक कार कुल 7 वैरिएंट्स में आती है। इनमें XE, XT, XT, XZ+, XZ+ Tech Lux, XZ+ और XZ+ Tech Lux शामिल हैं।यह दो बैटरी पैक के साथ आती है। इसमें ग्राहकों को 19.2 kWh बैटरी पैक या फिर इससे बड़े 24 kWh बैटरी पैक चुनने का विकल्प मिलता है। दोनों ही बैटरी IP67 सर्टिफाइड हैं, जिन पर पानी और धूल का असर नहीं पड़ता है।इसका 19.2 kWh बैटरी पैक 45 kW मोटर से पेयर्ड है, जिसमें 105 Nm का पीक टॉर्क मिलेगा। वहीं, इसका 24 kWh बैटरी पैक 55 kW मोटर से पेयर्ड है, जिसमें 114 Nm का पीक टॉर्क मिलेगा।फुल चार्ज पर कितना किलोमीटर चलेगी?19.2 kWh बैटरी पैक 24 kWh बैटरी पैक250 किलोमीटर 315 किलोमीटरचार्जिंग में कितना समय लगता है?19.2 kWh बैटरी पैक 24 kWh बैटरी पैक15A प्लग प्वाइंट 6.9 घंटे 8.7 घंटे3.3 kW होम चार्जर 5.1 घंटे 6.4 घंटे7.2kW AC फास्ट चार्जर 2.6 घंटे 3.6 घंटेDC फास्ट चार्जर 57 मिनट 57 मिनट
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मुंबई| देश की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर सेवा निर्यातक कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) का शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में सालाना आधार पर 8.4 प्रतिशत बढ़कर 10,431 करोड़ रुपये रहा। टाटा समूह की कंपनी ने हालांकि कहा है कि परिचालन का माहौल अभी ‘चुनौतीपूर्ण' है और इसपर निगाह रखने की जरूरत है। हालांकि, इसके साथ ही कंपनी ने कहा कि अमेरिका के उसके सबसे बड़े बाजार में मंदी, दुनिया में बढ़ती महंगाई और मुद्राओं में उतार-चढ़ाव का असर अभी उसकी ऑर्डर पाइपलाइन पर नहीं पड़ा है। टीसीएस के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) और प्रबंध निदेशक राजेश गोपीनाथन ने कहा कि यह कहना मुश्किल है कि कंपनी इन घटनाक्रमों से पूरी तरह बची रहेगी। हालांकि, साथ ही उन्होंने कहा कि कंपनी इन जोखिमों को जितना संभव हो सकेगा, कम करने का प्रयास करेगी। टीसीएस ने सोमवार को कहा कि सेवाओं से उसकी कुल आय आलोच्य तिमाही में 18 प्रतिशत बढ़कर 54,309 करोड़ रुपये रही। कंपनी की आय एक साल पहले 2021-22 की जुलाई-सितंबर तिमाही में 46,867 करोड़ रुपये जबकि शुद्ध लाभ 9,624 करोड़ रुपये रहा था। हालांकि, टीसीएस का परिचालन मार्जिन 1.24 प्रतिशत कम होकर 24 प्रतिशत रहा।
टीसीएस के मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) समीर सेकसरिया ने कहा कि मानव संसाधन सलाहकार शुल्क में बढ़ोतरी से उसके मार्जिन पर एक प्रतिशत का प्रभाव पड़ा है। इसके अलावा यात्रा और विपणन जैसे विवेकाधीन खर्च बढ़ने से यह असर और गहरा हुआ है। उन्होंने कहा कि मार्जिन को मुद्रा के उतार-चढ़ाव से फायदा मिला है। इसका प्रभाव 1.60 प्रतिशत अंक रहा है। कंपनी ने सितंबर तिमाही में शुद्ध रूप से 9,840 कर्मचारियों को नौकरी दी। इसके साथ उसके कर्मचारियों की संख्या बढ़कर 6.16 लाख हो गयी है। इस मामले में वह क्षेत्र में सबसे बड़ी नियोक्ता हो गई है। टीसीएस का शेयर बीएसई में 1.84 प्रतिशत बढ़कर 3,121.20 रुपये पर बंद हुआ। -
मुंबई | सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) ने सोमवार को कहा कि ‘मूनलाइटिंग' एक ‘नैतिक मुद्दा' है और यह कंपनी के मूल मूल्यों के खिलाफ है। टीसीएस ने साथ ही कहा कि उसने अपने किसी भी कर्मचारी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है। कंपनी में 6.16 लाख से अधिक लोग काम करते हैं। जब कोई कर्मचारी अपनी नियमित नौकरी के अलावा स्वतंत्र रूप से कोई अन्य काम भी करता है, तो उसे तकनीकी तौर पर ‘मूनलाइटिंग' कहा जाता है। प्रौद्योगिकी पेशेवरों के बीच ‘मूनलाइटिंग' के बढ़ते चलन ने उद्योग में एक नई बहस छेड़ दी है। टेक महिंद्रा जैसी कुछ कंपनियों ने इसका समर्थन किया है जबकि आईबीएम, विप्रो जैसी अन्य कंपनियों ने इसके बारे में चिंता व्यक्त की है। टीसीएस के मुख्य मानव संसाधन अधिकारी मिलिंद लक्कड़ ने संवाददाताओं से कहा कि पिछले कुछ सप्ताह से चल रहे मूनलाइटिंग के मुद्दे पर अपना अंतिम दृष्टिकोण बनाते समय सभी उचित पहलुओं को ध्यान में रखा जाएगा। लक्कड़ ने कहा, ‘‘हम मानते हैं कि मूनलाइटिंग एक नैतिक मुद्दा है और यह हमारे मूल मूल्यों और संस्कृति के खिलाफ है।'' कंपनी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी और प्रबंध निदेशक राजेश गोपीनाथन ने कहा कि सेवा अनुबंध के तहत कर्मचारियों को किसी अन्य संगठन के लिए काम करने की अनुमति नहीं है। लक्कड़ ने कहा कि विप्रो के विपरीत टीसीएस ने किसी भी कर्मचारी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है।
उन्होंने कहा कि टीसीएस की अपने कर्मचारियों के प्रति लंबे समय के लिए प्रतिबद्धता है और कर्मचारियों की कंपनी के प्रति पारस्परिक प्रतिबद्धता भी है। वहीं, विप्रो ने हाल में अनुशासत्मक कार्रवाई के रूप में 300 से अधिक कर्मचारियों को बर्खास्त करने की घोषणा की थी। -
मुंबई | अडाणी समूह-भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) द्वारा संचालित मुंबई हवाईअड्डे ने अपना शतप्रतिशत परिचालन पर्यावरण अनुकूल ऊर्जा स्रोतों से करना शुरू कर दिया है। निजी हवाईअड्डे ने सोमवार को जारी बयान में कहा कि हवाईअड्डे की 95 प्रतिशत आवश्यकताओं को पनबिजली और पवन तथा शेष पांच प्रतिशत को सौर ऊर्जा से पूरा किया जा रहा है। बयान में कहा गया कि प्राकृतिक ऊर्जा खरीद में अप्रैल में 57 प्रतिशत हरित ऊर्जा खपत के साथ मई से जुलाई के बीच 98 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। अगस्त में ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोतों का शत-प्रतिशत उपयोग पूरा हो गया। बयान के अनुसार, मुंबई हवाईअड्डा देश में ‘हाइब्रिड प्रौद्योगिकी' पेश करने वाला पहला हवाईअड्डा है, जो अप्रैल से पूरी तरह से हरित ऊर्जा पर चल रहा है।
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हैदराबाद | इंडियन इम्यूनोलॉजिकल्स लि. (आईआईएल) ने यहां की जीनोम वैली में पशुओं के लिए 700 करोड़ रुपये के निवेश से नया टीका विनिर्माण संयंत्र लगाने की घोषणा की है। कंपनी ने कहा है कि उसका मकसद देश को खुरपका और मुंहपका तथा पशुओं की अन्य बीमारियों से टीका सुरक्षा प्रदान करना है। राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) की अनुषंगी आईआईएल की ओर से सोमवार को जारी बयान के अनुसार, इस संयंत्र से कुल 750 लोगों को रोजगार मिलेगा। बयान में कहा गया है कि आईआईएल पशुओं की मुंहपका और खुरपका (एफएमडी) तथा अन्य बीमारियों के इलाज के लिए एक नए संयंत्र में निवेश कर रही है। आईआईएल की जीनोम वैली चरण तीन में नई सुविधा से उसकी क्षमता सालाना आधार पर 30 करोड़ एफएमडी टीके बढ़ जाएगी। कंपनी के शहर में स्थित एक अन्य संयंत्र की सालाना उत्पादन क्षमता 30 करोड़ टीकों की है। तेलंगाना के सूचना प्रौद्योगिकी और उद्योग मंत्री के टी रामा राव ने कहा कि मुझे खुशी है कि आईआईएल जीनोम वैली में एक और नया संयंत्र लगा रही है। हैदराबाद को पहले से दुनिया की टीकों की राजधानी कहा जाता है। इस विस्तार से सिर्फ मानव के लिए नहीं बल्कि पशुओं के स्वास्थ्य में भी हमारा योगदान बढ़ेगा।
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नयी दिल्ली | अडाणी समूह कर्ज में फंसे जेपी समूह का सीमेंट कारोबार 5,000 करोड़ रुपये में खरीदने के लिये बातचीत कर रहा है। एशिया के सबसे धनाढ़्य उद्योगपति गौतम अडाणी की अगुवाई वाले समूह ने कुछ समय पहले ही इस क्षेत्र में कदम रखा है। सूत्रों ने कहा कि अडाणी समूह जयप्रकाश एसोसिएट्स के प्रबंधन के साथ बातचीत कर रहा है और यह काफी आगे बढ़ चुकी है। जल्दी ही सौदे की घोषणा की जा सकती है। इस बारे में, अडाणी समूह और जेपी समूह दोनों ने कुछ भी कहने से मना कर दिया।
बंदरगाह से लेकर ऊर्जा कारोबार में शामिल समूह ने हाल ही में अंबुजा सीमेंट और एसीसी लि. का अधिग्रहण कर सीमेंट कारोबार में कदम रखा है। इस अधिग्रहण के साथ कंपनी 6.75 करोड़ टन क्षमता के साथ देश की दूसरी सबसे बड़ी सीमेंट उत्पादक बन गयी है। जेपी समूह ने अपनी सीमेंट इकाई को अल्ट्राटेक को बेचा था लेकिन कुछ इकाइयां अभी भी समूह की कंपनियों के पास है। जयप्रकाश एसोसिएट्स लि. और जयप्रकाश पावर वेंचर्स लि. ने कर्ज में कमी लाने के इरादे से सोमवार को अपनी सीमेंट इकाइयों के साथ-साथ गैर-प्रमुख संपत्तियों को बेचने की योजना को मंजूरी दे दी। अगर सौदा पूरा होता है, अडाणी समूह की सीमेंट उत्पादन क्षमता एक करोड़ टन बढ़ जाएगी।
उल्लेखनीय है कि अडाणी समूह के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक गौतम अडाणी ने पिछले महीने 2030 तक सीमेंट उत्पादन क्षमता दोगुनी कर 14 करोड़ टन करने का लक्ष्य रखा था। अल्ट्राटेक देश की सबसे बड़ी सीमेंट कंपनी है। उसकी क्षमता 11.99 करोड़ टन से अधिक है और उसकी क्षमता बढ़ाकर 15.92 करोड़ टन करने की योजना है। जयप्रकाश एसोसिएट्स लि. की कुल क्षमता करीब 60 लाख टन सालाना जबकि जयप्रकाश पावर वेंचर्स की 40 लाख टन सालाना है। - नयी दिल्ली। भारत का कच्चे इस्पात का उत्पादन जुलाई-सितंबर की तिमाही में 2.56 प्रतिशत बढ़कर तीन करोड़ टन से कुछ अधिक रहा है। अनुसंधान कंपनी स्टीलमिंट के अनुसार, देश की शीर्ष छह इस्पात कंपनियों....सेल, टाटा स्टील, जेएसडब्ल्यू स्टील, जेएसपीएल, एएमएनएस इंडिया और आरआईएनएल ने कुल 1.82 करोड़ टन कच्चे इस्पात का उत्पादन किया। शेष 1.17 करोड़ टन का उत्पादन द्वितीयक क्षेत्र ने किया। पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में देश का कच्चे इस्पात का उत्पादन 2.93 करोड़ टन रहा था।स्टीलमिंट द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, तिमाही के दौरान बड़े इस्पात विनिर्माताओं का उत्पादन 1.83 करोड़ टन से अधिक रहा, जबकि द्वितीयक श्रेणी के उत्पादकों ने 1.09 करोड़ टन का उत्पादन किया। चालू वित्त वर्ष की 30 सितंबर को समाप्त तिमाही में इस्पात का निर्यात सालाना आधार पर 66.43 प्रतिशत घटकर 14.1 लाख टन रह गया। एक साल पहले समान तिमाही में यह 42 लाख टन रहा था। समीक्षाधीन तिमाही में इस्पात की घरेलू खपत 11.33 प्रतिशत बढ़कर 2.75 करोड़ टन रही, जो एक साल पहले समान तिमाही में 2.47 करोड़ टन थी। चालू वित्त वर्ष की मौजूदा अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के परिदृश्य के बारे में स्टीलमिंट ने कहा है कि तिमाही के दौरान मिलों ने पिछली तिमाही में संक्षिप्त अवधि की रखरखाव के लिए बंदी के बाद उत्पादन फिर शुरू कर दिया है। ऐसे में चालू तिमाही में इस्पात का उत्पादन बढ़ेगा। सरकार ने इस साल 21 मई को लौह अयस्क के निर्यात पर शुल्क 50 प्रतिशत तक बढ़ा दिया था। कुछ इस्पात मध्यवर्ती इकाइयों के लिए इसे 15 प्रतिशत तक बढ़ाया गया था। इसके अलावा सरकार ने कुछ कच्चे माल...कोकिंग कोयले और फेरोनिकेल के आयात पर सीमा शुल्क घटाया था। इस कच्चे माल का इस्तेमाल इस्पात उद्योग में होता है।