ब्रेकिंग न्यूज़

पीएमओ ने जोशीमठ की स्थिति की समीक्षा की, लोगों की सुरक्षा को तत्काल प्राथमिकता बताया

नयी दिल्ली. केंद्र सरकार की एजेंसियां और विशेषज्ञ जोशीमठ की स्थिति से निपटने के लिए योजनाएं तैयार करने में उत्तराखंड सरकार की मदद कर रहे हैं और लोगों की सुरक्षा तत्काल प्राथमिकता है। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने रविवार को उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक के बाद यह बात कही। पीएमओ ने एक बयान में कहा कि प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। इसमें कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चिंतित हैं और उन्होंने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ स्थिति का जायजा लिया है। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की एक टीम और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की चार टीम पहले ही जोशीमठ पहुंच चुकी हैं, जहां जमीन धंसने और सैकड़ों घरों में दरारें आने से लोग दहशत में हैं। बैठक में प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पी. के. मिश्रा ने कहा कि प्रभावित क्षेत्र में रहने वाले लोगों की सुरक्षा तत्काल प्राथमिकता होनी चाहिए और राज्य सरकार को निवासियों के साथ स्पष्ट और निरंतर संचार स्थापित करना चाहिए। सीमा प्रबंधन सचिव और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के सदस्य सोमवार को उत्तराखंड का दौरा करेंगे और स्थिति का जायजा लेंगे। पीएमओ ने बताया कि एनडीएमए, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण, आईआईटी रुड़की, वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान, राष्ट्रीय जलविज्ञान संस्थान और केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान के विशेषज्ञों की एक टीम स्थितियों का अध्ययन करेगी और सिफारिशें देगी। बयान में कहा गया है कि उत्तराखंड के मुख्य सचिव ने बैठक के दौरान पीएमओ को जमीनी स्थिति की जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि केंद्र सरकार की एजेंसियां और विशेषज्ञ जोशीमठ की स्थिति से निपटने के लिए लघु, मध्यम और दीर्घकालीन योजनाएं तैयार करने में उत्तराखंड की मदद कर रहे हैं। मिश्रा ने बताया कि स्थिति और खराब होने से रोकने के लिए तत्काल प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि विभिन्न केंद्रीय संस्थानों- एनडीएमए, एनआईडीएम, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण, आईआईटी रुड़की, वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान, राष्ट्रीय जलविज्ञान संस्थान और केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान के विशेषज्ञों को उत्तराखंड के साथ मिलकर काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक स्पष्ट समयबद्ध पुनर्निर्माण योजना तैयार की जानी चाहिए और निरंतर निगरानी की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि जोशीमठ के लिए जोखिम के प्रति संवेदनशील शहरी विकास योजना भी विकसित की जानी चाहिए। समीक्षा बैठक में कैबिनेट सचिव, केंद्र सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्यों के अलावा मुख्य सचिव और राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ने वीडियो-कॉन्फ्रेंस के माध्यम से भाग लिया। बैठक में जोशीमठ जिला के अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया। आईआईटी रुड़की, वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान और भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के विशेषज्ञों ने भी इसमें हिस्सा लिया। पीएमओ के अनुसार उत्तराखंड के मुख्य सचिव ने कहा कि केंद्रीय विशेषज्ञों के सहयोग से राज्य और जिले के अधिकारियों ने जमीन पर स्थिति का आकलन किया है और सूचित किया है कि लगभग 350 मीटर चौड़ी भू-पट्टी प्रभावित हुई है। धामी ने लगभग 600 प्रभावित परिवारों को तत्काल सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का निर्देश देने के एक दिन बाद जमीनी स्थिति का आकलन करने के लिए शनिवार को जोशीमठ का दौरा किया था। धामी ने कहा था कि जोशीमठ संस्कृति, धर्म और पर्यटन के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान है और इसे बचाने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे।

Related Post

Leave A Comment

Don’t worry ! Your email address will not be published. Required fields are marked (*).

Chhattisgarh Aaj

Chhattisgarh Aaj News

Today News

Today News Hindi

Latest News India

Today Breaking News Headlines News
the news in hindi
Latest News, Breaking News Today
breaking news in india today live, latest news today, india news, breaking news in india today in english