मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने कहा-सकारात्मक दृष्टिकोण, आपदा को अवसर में बदलता है
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आकाशवाणी पर मन की बात कार्यक्रम में कहा कि भारत ने पिछले कुछ महीनों से एकजुट होकर जिस तरह कोविड-19 का मुकाबला किया है, उसने अनेक आशंकाओं को गलत साबित किया है। अन्य देशों के मुकाबले, हमारे देश में इस महामारी से कम लोगों की जान गई है।
उन्होंने कहा कि, हालांकि एक व्यक्ति की मौत भी दुखद है, फिर भी भारत ने सभी प्रयास कर लाखो लोगों की जान बचाई है। श्री मोदी ने आगाह किया कि कोरोना का खतरा अभी टला नहीं है, इसलिए अधिक सतर्क रहने की जरूरत है। श्री मोदी ने लोगों को मॉस्क लगाने और दो गज की दूरी का पालन करने की अपील की।
प्रधानमंत्री ने संकट की इस घड़ी में पूरे देश को दिशा दिखाने वाले कुछ ग्रामीणों का जिक्र करते हुए उनकी सराहना की। उन्होंने जम्मू में ग्राम तरेवा की सरपंच बलबीर कौर का उल्लेख किया, जिन्होंने अपनी पंचायत में तीस बिस्तरों के एक क्वारंटीन केन्द्र का निर्माण किया। प्रधानमंत्री ने कश्मीर में गांदरबल के चौंटलीवार की जैतूना बेगम का भी उल्लेख किया। जैतूना बेगम ने तय किया कि उनकी पंचायत कोरोना के खिलाफ जंग करेगी और कमाई के अवसर भी पैदा करेगी। उन्होंने पूरे इलाके में मुफ्त मॉस्क और राशन बांटा। उन्होंने किसानों को बीज और पौधे भी दिए।
श्री मोदी ने अनंतनाग में नगर निगम अध्यक्ष मोहम्मद इकबाल की भी प्रशंसा की, जिन्होंने स्वयं ही स्प्रेयर मशीन तैयार की। प्रधानमंत्री ने बिहार के स्वयं सहायता समूहों का भी जिक्र किया। इन समूहों की महिलाओं ने मधुबनी पेंटिंग वाले मॉस्क बनाए। प्रधानमंत्री ने त्रिपुरा, मणिपुर और असम के शिल्पियों द्वारा बांस से पानी की बोतल और टिफिन बॉक्स जैसी वस्तुएं बनाने के लिए उनकी भी प्रशंसा की।
प्रधानमंत्री ने नवाचार की आवश्यकता पर बल देते हुए बिहार के कुछ युवाओं का जिक्र किया। ये युवा सामान्य नौकरी करते थे। एक दिन उन्होंने तय किया कि वे मोती की खेती करेंगे। उन्होंने इस बारे में प्रशिक्षण लिया और आवश्यक जानकारी जुटाई। इसके बाद उन्होंने अपना काम तो शुरू किया ही साथ में अन्य राज्यों से लौटे मजदूरों को भी प्रशिक्षण देना शुरू किया।
प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि कुछ लोग और संस्थाएं रक्षाबंधन को अलग तरीके से मनाने का प्रयास कर रहे है। वे इसे वोकल फॉर लोकल के साथ जोड़ रहे हैं। जब किसी पर्व के मौके पर किसी का व्यापार बढ़ता है, और परिवार में खुशी आती है तो त्यौहार का आनंद भी बढ़ जाता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सात अगस्त को राष्ट्रीय हथकरघा दिवस है। सबका प्रयास होना चाहिए कि वे हथकरघा और हस्तशिल्प वस्तुओं का अधिक से अधिक इस्तेमाल करें, ताकि स्थानीय कारीगरों और बुनकरों को लाभ हो।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अब देश बदल रहा है। गांवों से छोटे शहरों से, सामान्य परिवारों से हमारे युवा आगे आ रहे हैं और सफलता के शिखर को छू रहे हैं। प्रधानमंत्री ने आज के मन की बात कार्यक्रम में कुछ प्रतिभावान बच्चों से बातचीत की। उन्होंने इन बच्चों की रूचियों और सपनों के बारे में जाना। श्री मोदी ने हरियाणा के पानीपत से कृतिका, केरल में एर्नाकुलम से विनायक, उत्तर प्रदेश के अमरोहा से उस्मान सैफी, तमिलनाडु से कनिग्गा से बातचीत की।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बारिश के मौसम में देश का एक बड़ा हिस्सा बाढ़ का सामना कर रहा है। बिहार, असम जैसे राज्यों के कई क्षेत्रों में बाढ़ के कारण काफी मुश्किलें पैदा हो हुई हैं। सभी सरकारें, एनडीआरएफ की टीमें, राज्य की आपदा नियंत्रण टीमें, स्वयं सेवी संस्थाएं मिलकर राहत और बचाव कार्यों में जुटी हैं। उन्होंने लोगों से कहा कि वे साफ सफाई पर ध्यान दें और प्रतिरक्षण शक्ति बढ़ाने के लिए आयुर्वेदिक काढ़े का इस्तेमाल करें।
प्रधामनंत्री ने देशवासियों ने अनुरोध किया कि इस स्वतंत्रता दिवस पर इस महामारी से आजादी और आत्मनिर्भर भारत का संकल्प ले। उन्होंने कहा कि हमारा देश महान विभूतियों की तपस्या की वजह से इस ऊंचाई पर पहुंचा हैं, इनमें एक लोकमान्य तिलक है। एक अगस्त को उनकी सौवीं पुण्यतिथि है। उनका जीवन हम सभी के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा है।
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