कन्हेरी, जहां एक ही पहाड़ को तराश कर बनाई गई हैं 109 गुफ़ाएं
कन्हेरी गुफ़ाएं महाराष्ट्र के शहर मुंबई में कई पर्यटन स्थलों में से एक हैं, जो मुंबई शहर के पश्चिमी क्षेत्र में बसे बोरीवली के उत्तर में स्थित हैं।
कन्हेरी उत्तर कोंकण, महाराष्ट्र में स्थित है। पश्चिम रेलवे के बोरीवली स्टेशन से एक मील पर कृष्णगिरि पहाड़ी में तीन प्राचीन गुहा मंदिर है, जिनका सम्बंध शिवोपासना से जान पड़ता है। एक गुफ़ा में अनेक मूर्तियांँ आज भी देखी जा सकती हैं। बोरीवली स्टेशन से पांच मील पर कन्हेरी है, जो कृष्णगिरि पहाड़ी का एक भाग है। 'कन्हेरी' शब्द कृष्णगिरि का अपभ्रंश है। यहां 9वीं शती ई. की बनी हुई लगभग 109 गुफ़ाएं हैं, पर उल्लेखनीय केवल एक ही है जो काली के चैत्य के अनुरूप बनाई गई है। इस चैत्यशाला में बौद्ध महायान सम्प्रदाय की सुंदर मूर्तिकारी है। गुफ़ा की भित्तियों पर अजंता के समान ही चित्रकारी भी थी, जो अब प्राय: नष्ट हो चुकी है।
कन्हेरी में दूसरी शताब्दी ई. में चट्टानों को काट-छांट कर 90 गुफाओं का निर्माण किया गया। कन्हेरी चैत्यगृह की बनावट कार्ले के चैत्यगृह से मिलती है। कन्हेरी के चैत्यगृह के प्रवेश द्वार के सामने एक आंगन है जो अन्य किसी चैत्यगृह में नहीं मिलता। कन्हेरी गुफ़ाएं बौद्ध कला दर्शाती हैं। कन्हेरी शब्द कृष्णागिरी यानी काला पर्वत से निकला है। इनको बड़े बड़े बेसाल्ट की चट्टानों से बनाया गया हैा।
कन्हेरी की गुफ़ाओं के समूह को भारत में विशालतम माना जाता है। कन्हेरी की गुफ़ाओं में एक ही पहाड़ को तराश कर लगभग 109 गुफ़ाओं का निर्माण किया गया है। यह बौद्ध धर्म की शिक्षा हीनयान तथा महायान का एक बड़ा केंद्र रहा है। पश्चिम भारत में सर्वप्रथम बौद्ध धर्म सोपारा में ही पल्लवित हुआ था जो कभी उत्तर कोंकण की राजधानी रही थी। उसी समय से कन्हेरी को जो सोपारा के कऱीब ही है, धार्मिक शिक्षा के केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। इस अध्ययन केंद्र का प्रयोग बौद्ध धर्म के उत्थान एवं पतन में निरंतर 11 वीं सदी तक किया जाता रहा है। कन्हेरी की गुफ़ाओं के प्रारंभिक निर्माण को तीसरी सदी ईसापूर्व का माना जाता है और अंतिम चरण के निर्माण को 9 वीं सदी का माना जाता है। प्रारम्भिक चरण हीनयान सम्प्रदाय का रहा जो आडम्बर विहीन है। सीधे सादे कक्ष, गुफ़ाओं में प्रतिमाओं को भी नहीं उकेरा गया है। दूसरी तरफ अलंकरण युक्त गुफ़ाएं महायान सम्प्रदाय की मानी जाती हैं।
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