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- आप माइग्रेन के दर्द से परेशान हैं तो ये खबर आपके काम की है। हम देखते हैं कि काम के बहुत अधिक दबाव, चिंता, नींद संबंधी विकार और कई अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के कारण सिरदर्द की समस्या हो सकती है। सिरदर्द दो प्रकार की होता है, एक सामान्य रूप से सिर में होने वाला दर्द और दूसरा माइग्रेन। यह दोनों ही स्थितियां सामान्य जीवन के कार्यों को प्रभावित कर सकती हैं। हेल्थ एक्सपट्र्स कहते हैं कि सिरदर्द के ज्यादातर मामले तनाव और थकान से जुड़े होते हैं, ऐसे में सांस लेने वाले व्यायाम और ध्यान मुद्रा योगासन से इसे आसानी से ठीक किया जा सकता है। इसके लिए आप ब्रिज पोज यानी सेतुबंधासन का अभ्यास कर सकते हैं।ब्रिज पोज योग करने की विधि ---इसे करने के लिए सबसे पहले पीठ के बल लेट जाएं।-अपने घुटनों को मोड़ें और पैरों को फर्श पर सपाट रखें।- घुटनों को हिप्स की चौड़ाई से अलग रखें ।- टखनों को अपने हिप्स तक स्ट्रेच करें।-पैरों और बाहों को फर्श से प्रेस करते हुए, सांस लें।- इस दौरान अपने हिप्स और चेस्ट को ऊपर उठाएं।-अब अपनी पीठ को झुकाएं और रीढ़ को फर्श से ऊपर उठाएं।-सुनिश्चित करें कि आपके कंधे और सिर फर्श को छू रहे हों।- कुछ सेकंड के लिए आप इस मुद्रा में रहें।जब आप निचली रीढ़ पर प्रेशर महसूस करते हैं तब आप इसे सही कर रहे होते हैं।इस आसन को कम से कम 4-5 बार दोहराएं.ब्रिज पोज योग का फायदा-ब्रिज पोज या सेतुबंधासन के नियमित अभ्यास से सिरदर्द की समस्या से राहत पाई जा सकती है। खास बात ये है कि यह तनाव और चिंता को भी दूर करने के साथ मानसिक शांति को बढ़ावा देने में सहायक है। इसके साथ ही ये छाती, गर्दन, और रीढ़ की हड्डी में खिचाव लाता है।रखें ये सावधानियां-----------अगर आपकी पीठ में चोट हो तो सेतुबंधासन ना करें।- अगर आपकी गर्दन में चोट हो तो सेतुबंधासन ना करें।
- हर किसी की चाहत होती है कि उसके बाल घने, मुलायम, काले और लंबे बाल (Hair Long) हों. इसके लिए लोग क्या कुछ नहीं करते, कोई तेल की तलाश करता है तो कोई हेयर मास्क आदि का प्रयोग करता है. लेकिन इस खबर में हम आपके लिए एक ऐसा उपाय बता रहे हैं, जो प्रयोग में तो बहुत ही आसान है ही, यह बालों के ग्रोथ के लिए बहुत ही फायदेमंद और असरदार भी है. ये उपाय अमरूद की पत्तियों का है.अमरूद की पत्तियों में कई पोषक तत्व होते हैं. इसमें विटामिन, मिनरल और फाइबर होता है. ये बालों और त्वचा के लिए फायदेमंद है. अमरूद के पत्ते का इस्तेमाल आप बालों के लिए कई तरह से कर सकते हैं. आइए नीचे खबर में जानते हैं कि बालों पर अमरूद की पत्तियों का इस्तेमाल कैसे किया जाता है.इस तरह बनाएं अमरूद की पत्तियों का हेयर पैक--------------15 से 20 अमरूद के पत्तों को धोकर सुखा लें.मिक्सी में पानी के साथ मिलाकर पेस्ट बनाएं.अब इस पेस्ट को कटोरी में डालें.इसके बाद अपने हेयर स्कैल्प पर लगाएं.कुछ मिनटों के लिए उंगलियों से मसाज करें.अब बालों को हेयर बैंड की मदद से जूड़ा बनाकर 30-40 मिनट के लिए छोड़ दें.जब ये सूख जाएं तो सादे पानी से धो लें.बाल को धोने के लिए माइल्ड शैम्पू का इस्तेमाल करें.इसे सप्ताह में दो बार लगाने से उनकी ग्रोथ तेज होगी.तेल के साथ करें प्रयोग-----अमरूद के कुछ पत्ते को धोकर ब्लेंडर में डालकर गाढ़ा पेस्ट तैयार करें.अब इसमें एक छोटा प्याज डालकर प्यूरी बना लें.अब इसे कपड़ें में डालकर रस निचोड़ लें.अब अमरूद के पत्तों के पेस्ट और नारियल तेल को प्याज के रस में मिलाएं.इसे स्कैल्प पर लगाएं और उंगलियों से अच्छी तरह मसाज करें.आधे घंटे बाद धो लें.अमरूद की पत्तियों के पानी का ऐसे करें उपयोग----अमरूद की कुछ पत्तियों को आप धो लें.अब इन्हें एक लीटर पानी में उबालें.15 से 20 मिनट तक उबलने के बाद इसे ठंडा करें.ठंडा होने पर छान लें और बोतल में स्टोर कर लें.इसके बाद अब अपने बालों को माइल्ड शैम्पू से धोएं.सूखने के बाद इसे बाल की जड़ों पर स्प्रे बोतल की मदद से लगाएं.10 मिनट तक मसाज करें.अगले कुछ घंटे बालो पर इसे रहने दें.इसके बाद सादे पानी से बाल धो लें.-
- नयी दिल्ली। सर्दियों की शुरूआत होते ही लोगों के घुटनों, कूल्हों और कमर के दर्द में इजाफा होने की संभावना काफी बढ़ जाती हैं । ऐसे में चिकित्सकों ने लोगों को चलते फिरते रहने और घर से बाहर निकलते वक्त कई कपड़े पहनने की सलाह दी है। सर्दियों में 50 प्रतिशत से अधिक लोग बाहर निकलने में दिलचस्पी नहीं लेते और घरों के भीतर रहना ही पंसद करते हैं क्योंकि बाहर के मुकाबले घर गर्म और आरामदेह होते है। चिकित्सकों का कहना है कि सर्दियों में बाहर निकलते वक्त इस बात का ध्यान रखें कि आपने कई परत में कपड़ें पहने हों। जालंधर के एनएचएस अस्पताल के निदेशक एवं ऑर्थोपेडिक एंड रोबोटिक ज्वाइंट रिप्लेसमेंट सर्जन शुभांग अग्रवाल का कहना है कि ठंड के मौसम में आमतौर पर मांसपेशियां सख्त हो जाती हैं, कार्टिलेज का पोषण कम हो जाता है और सामान्य तौर पर मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है। इसलिए लचीलेपन को बनाए रखने और उन कैलोरी को जलाने के लिए, जो हम लेते हैं, सर्दी के मौसम में भी हमें अपने शरीर को सक्रिय रखना आवश्यक है। उन्होंने कहा,‘‘ किसी खास तरह के जोडों के दर्द में आपको चिकित्सा पेशेवर की सलाह के बिना कोई कसरत नहीं करनी चाहिए । लेकिन जोड़ों में दर्द और अकड़न का यह मतलब कतई नहीं है कि आप जिम जाना बंद कर दें।'' उजाला सिग्नस ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स के संस्थापक निदेशक शुचिन बजाज का कहना है कि सर्दियों के मौसम में जोड़ों का दर्द, पीठ दर्द और मांसपेशियों में अकड़न सबसे आम स्वास्थ्य समस्याएं हैं जो वृद्ध लोगों के जीवन को प्रभावित करती हैं। "हमने सर्दियों के दौरान हड्डी और जोड़ों की समस्याओं के इलाज के लिए आने वाले वरिष्ठ नागरिकों की संख्या में वृद्धि देखी है। लेकिन आजकल, हम देख सकते हैं कि घर से काम करने और उच्च ट्रांस वसा एवं चीनी युक्त आहार लेने के कारण युवा लोगों को भी इसी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। चीनी उन्हें कम उम्र में मोटापे का शिकार बना रही है ।'' पारस अस्पताल, गुड़गांव में संयुक्त प्रतिस्थापन और खेल चोट केंद्र के प्रमुख विवेक लोगानी कहते हैं कि लंबी बीमारी और खराब रक्त शर्करा नियंत्रण वाले लोगों में फ्रैक्चर का जोखिम सबसे अधिक होता है। वह साथ ही कहते हैं, यह भी संभव है कि टाइप 1 मधुमेह वाले लोग लोअर पीक बोन मास (हड्डियों तक पहुँचने वाली अधिकतम शक्ति और घनत्व) प्राप्त करें। लोग आमतौर पर 20 के दशक में अपने पीक बोन मास तक पहुंच जाते हैं। उन्होंने आगे कहा कि लो पीक बोन मास जीवन में बाद में ऑस्टियोपोरोसिस के विकास के जोखिम को बढ़ा सकता है।
- शादी के मौसम में लोग अपने खाने पर कंट्रोल नहीं रख पाते. कुछ भी खा लेने की आदत उनके पाचन तंत्र को बहुत ज्यादा कमजोर कर देती है। हमेशा आपको अपने पाचन तंत्र को स्वस्थ रखना चाहिए ताकि आप इस शादी के सीजन का भरपूर लुत्फ उठा सकें।पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने के उपायशादी का मौसम अपने पूरे शबाब पर है और मीठी यादों के साथ; इन समारोहों में अक्सर एक्सट्रा कैलोरी और पाचन के मौसम पर ज्यादा ही तनाव होता है, जो कि तले हुए और मसालेदार भोजन के साथ होता है। न्यूट्रीशन एक्सपर्ट के मुताबिक, कम खाने और इन 3 फूड्स को अपनी डाइट में शामिल करने का अभ्यास पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है. आइए इनके बारे में जानते हैं-1. मेथी के लड्डूमेथी दाना, गुड़, घी और सोंठ के साथ बनाया गया, ये स्वस्थ लड्डू पेट में ऐंठन और कब्ज को रोकता है, ब्लड शुगर को कंट्रोल करता है, आंतों के म्यूकोसा को बढ़ावा देता है, और यहां तक कि बालों को चमकदार बनाए रखने में भी मदद करता है । उन्हें नाश्ते में या शाम के 4-6 बजे भोजन के बाद खाने का सुझाव दिया जाता है।2. छाछदोपहर के भोजन के ठीक बाद हिंग और काला नमक के साथ एक गिलास मठा , छाछ पाचन तंत्र के लिए एकदम सही है। जबकि छास या छाछ प्रोबायोटिक्स और विटामिन बी12 दोनों का एक अच्छा सोर्स है, हिंग और काला नमक का कॉम्बिनेशन सूजन, गैस को कम करने और यहां तक कि आईबीएस को रोकने में मदद करेगा। एक्सपर्ट छास खाने का सुझाव देते हैं, खासकर अगर आप शाम के कार्यक्रमों में हिस्सा ले रहे हैं और एक सपाट पेट चाहते हैं।3. च्यवनप्राशसोते समय एक चम्मच च्यवनप्राश इम्युन सिस्टम को मजबूत रखेगा, फ्लेवोनोइड्स और एंटीऑक्सिडेंट का एक ठोस सोर्स है, ये सुनिश्चित करेगा कि शादी के उत्सव की यातना के दौरान भी त्वचा कोमल और मुलायम बनी रहे। एक्सपर्ट च्यवनप्राश का सेवन करने का सुझाव देते हैं अगर देर रात की शादियां एक रूटीन है और खासकर अगर आप डेस्टिनेशन वेडिंग में हैं।
- हम में से ज्यादातर लोग अपने चेहरे की त्वचा, बालों और यहां तक कि हाथों की देखभाल करने के बारे में बहुत खास होते हैं; पैरों की देखभाल अक्सर हमारे शरीर की देखभाल की लिस्ट में आखिरी जगह पर पहुंच जाती है.पैरों की उपेक्षा करने से दर्दनाक रिजल्ट हो सकते हैं जिनमें बैक्टीरिया या फंगल संक्रमण, कॉर्न्स, फटी त्वचा और दुर्गंध आदि शामिल हैं. इससे बचने के लिए यहां 6 फुट केयर टिप्स दिए गए हैं.1. धुलाईपैरों की त्वचा बैक्टीरिया और फंगल इनफेक्शन के लिए अतिसंवेदनशील होती है क्योंकि ये दिन के एक बड़े हिस्से के लिए मोजे और जूतों में लिपटी रहती है, या धूल और जमी हुई गंदगी के संपर्क में रहती है.पैर की उंगलियों के बीच की त्वचा बैक्टीरिया और फंगल इनफेक्शन के पनपने के लिए एक आइडियल जगह है अगर इसे ठीक से धोया और साफ नहीं किया जाता है.इसलिए ये बहुत महत्वपूर्ण है कि अपने पैरों को दिन में एक बार साबुन से धोएं और सुनिश्चित करें कि गंदगी और पसीने में बंद गंदगी साफ हो गई है.2. उन्हें सूखा रखेंएथलीट फुट जैसे फंगल इनफेक्शन के पनपने के लिए नमी एक आइडियल एनवॉयरमेंट है. पैरों को सुखाना, खास तौर से पैर की उंगलियों के बीच का एरिया हर एक धोने के बाद बहुत जरूरी है, खासकर अगर आप तुरंत बाद में मोजे और जूते पहन रहे हैं.3. मॉइस्चराइजिंगअपने मॉइस्चराइजिंग रूटीन को केवल अपने चेहरे और हाथों तक सीमित न रखें. नमी की कमी से आपके पैर सूखे, पपड़ीदार और फटे हुए हो सकते हैं.फटी हुई त्वचा तब बेहद ड्राई और सख्त हो सकती है, खासकर एड़ी पर. ये एरिया तब गंदगी और जमी हुई गंदगी के लिए एक चुंबक बन सकता है जो उस पर चिपकना शुरू कर देगा.फटी एड़ियां न केवल बेकार दिखती हैं, बल्कि दर्दनाक भी हो सकती हैं. तय करें कि आप अपने पैरों को धोने के बाद हर दिन अपने पैरों पर मॉइस्चराइजिंग एजेंट की एक खुराक अप्लाई करें.4. एक्सफोलीएटिंगडेड स्किन को मॉइश्चराइज करने से कोई फायदा नहीं होगा. हर महीने एक बार एक्सफोलिएशन के जरिए सबसे पहले डेड लेयर को हटाना जरूरी है.ये झांवां या लूफैण के साथ किया जा सकता है, लेकिन हल्के ढंग से. ये हार्ड डेड स्किन पर जमी गंदगी और जमी हुई मैल को हटाने में भी मदद करता है. एक हाइड्रेटिंग मॉइस्चराइजर के साथ इसका पालन करें और इसे रात भर छोड़ दें.5. ओकेजनल पैंपरिंगअपने पैरों को महीने में दो बार 10 से 15 मिनट के लिए गर्म पानी में भिगोकर छोड़ दें. ये त्वचा को मुलायम बनाने में मदद करता है. फिर पैरों को हल्के से रगड़ें, उन्हें अच्छी तरह सुखाएं और विटामिन ई से भरपूर कोल्ड क्रीम लगाएं.अगर आपके पैरों में इनफेक्शन और सूजन की आशंका है, तो एक एंटीबैक्टीरियल क्रीम का इस्तेमाल करें. आप महीने में एक बार हाइड्रेटिंग या एक्सफोलीएटिंग पील-ऑफ फ़ुट मास्क का भी इस्तेमाल कर सकते हैं.6. मोजे पहनेंमोजे पहनना न केवल आपको ठंड से बचाने के लिए बल्कि आपके पैरों को एनवॉयरमेंटल डैमेज से बचाने के लिए भी अहम है. जुराबें पैरों को धूल और गंदगी से बचाती हैं जो पैरों पर लगाई गई क्रीम से चिपक सकती हैं. वो यूवी रेडिएशन से भी बचाते हैं.
- स्किन अगर डल हो गई है या स्किन प्रॉब्लम्स शुरू हो गई हैं, तो इसकी वजह विटामिन ई की कमी हो सकती है। विटामिन ई की कमी होने से आपको हेयर फॉल की समस्या भी हो सकती है। ऐसे में आपको उन चीजों को डाइट में जरूर शामिल करना चाहिए, जिनसे आपकी बॉडी में विटामिन ई की कमी दूर हो सके। विटामिन ई की कमी से सिर्फ स्किन और हेयर प्रॉब्लम्स ही नहीं होती बल्कि इसकी कमी से मांसपेशियों में दर्द, कमजोरी महसूस होना आदि की समस्या हो सकती है। आइए, जानते हैं कि किन चीजों को खाने से विटामिन ई की कमी दूर होती है।जैतून (ऑलिव)ऑलिव विटामिन ई का सबसे अच्छा सोर्स माना जाता है। आप जैतून को खाने की बजाय इसके तेल में कुकिंग कर सकते हैं। वेट कंट्रोल करने के लिए भी जैतून का तेल इस्तेमाल किया जाता है।पपीतापेट खराब होने या फिर वेट लॉस के लिए पपीते का इस्तेमाल किया जाता है। पपीते में कई मिनरल्स और विटामिन्स पाए जाते हैं। साथ ही विटामिन ई की कमी को दूर करने के लिए पपीते का सेवन किया जाता है।एवोकाडोएवोकाडो बहुत से लोगों को पसंद नहीं होता लेकिन अगर आप बॉडी में विटामिन ई की कमी नहीं होने देना चाहते, तो आपको एवोकाडो को डाइट में जरूर शामिल करना चाहिए। एवोकाडो आपकी स्किन और हेयर प्रॉब्लम्स को ठीक करने में काफी मदद करता है।मूंगफलीमूंगफली प्रोटीन से भरपूर होती है। साथ ही यह विटामिन ई का सबसे अच्छा सोर्स भी है। आपको मूंगफली को सर्दियों के मौसम में डाइट में जरूर शामिल करना चाहिए।ब्रोकलीब्रोकली का इस्तेमाल सलाद के रूप में करना सबसे ज्यादा फायदेमंद है। आपको अगर सलाद में ब्रोकली का सेवन अच्छा नहीं लगता, तो आप ब्रोकली को रोस्ट करके भी खा सकते हैं।
- हमारे शरीर में टॉक्सिन्स बढ़ने से कई समस्याएं पैदा हो जाती हैं. जिनका असर दिमाग, स्किन और शरीर पर पड़ता है. इन टॉक्सिन्स को निकालने के लिए बॉडी डिटॉक्स करना बहुत जरूरी है. इसलिए हम शरीर को डिटॉक्स करने का एक बेहतरीन तरीका बता रहे हैं. आप तलवों पर एक खास तरह की मिट्टी लगाकर भी शरीर को डिटॉक्स कर सकते हैं. सिर्फ इतना ही नहीं, आपको इससे 3 जबरदस्त फायदे प्राप्त होंगे. आइए इसके बारे में जानते हैं.तलवों पर कौन-सी मिट्टी लगानी है?हम तलवों पर जिस मिट्टी को लगाने की बात कह रहे हैं, वह एक मड फुट पैक (Mud Foot Pack) है. यह मिट्टी खास तरह की होती है, जिसे गहरे जलाशय या झील के तल से निकाला जाता है और फिर रिफाइंड किया जाता है. इस मिट्टी में ऐसे गुण व तत्व होते हैं, जो तलवों के जरिए आपके शरीर से टॉक्सिन्स निकाल देते हैं.कैसे लगाना है मड फुट पैकबाजार से मड फुट पैक आसानी से खरीदा जा सकता है या फिर मड फेस पैक को ही पैरों के तलवों पर लगाया जा सकता है. सबसे पहले साबुन से तलवों को धो लीजिए. इसके बाद मड फुट पैक से मिट्टी निकालकर तलवों पर अच्छी तरह लगाएं और फिर कम से कम 30 मिनट सूखने दें. इसके बाद साफ पानी से तलवों को साफ कर लीजिए.अगर आपको मड फेस पैक नहीं मिल रहा है, तो आप घर में मुल्तानी मिट्टी को भी इस्तेमाल कर सकते हैं. मुल्तानी मिट्टी भी आपको ये सभी फायदे देगी. अगर आप मुल्तानी मिट्टी भी इस्तेमाल नहीं करना चाहते हैं, तो बाजार में मिलने वाले शीट मास्क का उपयोग भी कर सकते हैं.मड फुट पैक लगाने के 3 जबरदस्त फायदेग्लोइंग स्किन: जब शरीर से टॉक्सिन्स निकल जाते हैं, तो इसका सबसे पहले असर स्किन पर पड़ता है. स्किन ग्लो करने लगती है और मुंहासे, ब्लैक हेड्स, झुर्रियां आदि समस्याएं खत्म होने लगती हैं.शांत दिमाग: मिट्टी तलवों के जरिए आपके शरीर से टॉक्सिन और अतिरिक्त गर्मी निकाल देती है. जिससे दिमाग पर कूलिंग इफेक्ट होता है और दिमाग शांत बनता है.पैरों की बदबू खत्म: पसीना या अधिक देर तक तलवों पर नमी रहने से बदबूदार पैर की समस्या हो सकती है. लेकिन मड पैक आपके टॉक्सिन को निकालकर पसीना आने की समस्या को खत्म करता है और पैरों की दुर्गंध से छुटकारा दिलाता है. साथ ही तलवे मुलायम और सुंदर बनते हैं.-
- हर कोई सॉफ्ट और खूबसूरत स्किन चाहता है, लेकिन मौसम में बदलाव होते ही कई तरह की स्किन समस्याएं होने लगती हैं, जिसके चलते खूबसूरत दिखने की चाहत सभी की पूरी नहीं हो पाती. फिलहाल सर्दी का मौसम चल रहा है और ऐसे में त्वचा की देखभाल बहुत जरूरी है, क्योंकि सर्दी आपकी त्वचा पर कहर बरपा सकती है, जिससे यह शुष्क, खुजलीदार और चिड़चिड़ी हो जाती है. स्किन एक्सपर्ट्स बताते हैं कि बाहर की ठंड और धुंध की स्थिति आपकी त्वचा को बीमार बना सकती है, वहीं इनडोर गर्मी हवा से और आपकी त्वचा से नमी को सोख लेती है. यही वजह है कि ठंड के मौसम के लिए आपको अपनी स्किन को हेल्दी और चमकदार बनाए रखने के लिए कुछ टिप्स को अपनाना चाहिए. अलग-अलग मौसमों में अलग-अलग स्किन केयर रूल होते हैं. नीचे जानिए सर्दियों के मौसम में कैसा होना चाहिए आपका स्किन केयर रूटीन...सर्दियों में फॉलो करें ये स्किन केयर रूटीन1. डेली स्किन केयर रूटीन बनाएंअपनी त्वचा को दिन में एक या दो बार साफ करें. सुबह के समय और सोने से पहले चेहरे को साफ करें. सुबह अपना चेहरा धोने के बाद नमी को बंद करने के लिए दिन में एक हल्का मॉइस्चराइजर का पालन करें. रात में एक भारी मॉइस्चराइजर या रात भर क्रीम का प्रयोग करें. इसे नम छिद्रों और त्वचा पर निष्पादित किया जाना चाहि, क्योंकि केवल धोए गए छिद्र और त्वचा नमी को बेहतर ढंग से अवशोषित करती है.2. गुनगुने पानी का उपयोगहम देखते हैं कि जब भी तापमान गिरता है, तो गर्म स्नान करना बेहद लुभावना होता है, हालांकि अगर आप अपनी त्वचा की परवाह करते हैं, तो आपको इनसे बचना चाहिए. इसके बजाय चेहरे को गुनगुने पानी से धोएं. गर्म पानी से नहाने से आपकी त्वचा जल्दी सूख जाती है और अगर आप इसे तुरंत मॉइस्चराइज नहीं करते तो आपकी त्वचा में दरारें और सर्दियों में एक्जिमा हो सकता है.3. स्किनकेयर प्रोडक्ट्स को सावधानी से चुनना चाहिएकोमल स्किन केयर प्रोडक्ट्स का उपयोग हेल्दी, चमकती सर्दियों की त्वचा का राज कहलाता है. स्किन की प्राकृतिक नमी बनाए रखने के लिए आपको ऐसे क्लीन्जर का उपयोग करना चाहिए, जिसमें मॉइस्चराइजर हो. अगर चेहरे पर मुंहासे या ब्रेकआउट हैं, तो आप सीरम और ग्लिसरीन वाले प्रोडक्ट्स का उपयोग करें.4. हाइड्रेटेड रहना बेहद जरूरीहेल्दी स्किन चाहिए तो सर्दियों में हाइड्रेटेड रहें. क्योंकि इस मौसम में चाहे अंदर हो या बाहर, हवा शुष्क होती है. नतीजतन पानी आपके शरीर से जल्दी वाष्पित हो जाता है. इसलिए आपको अपनी त्वचा को हाइड्रेट रखना चाहिए. आप ह्यूमिडिफायर लगाकर भी अपने घर में नमी को नियंत्रित कर सकते हैं, यह निस्संदेह आपकी त्वचा को खुश रखेगा.
- उम्र के साथ अक्सर गर्दन पर झुर्रियां पडऩे लगती हैं। उम्र के प्रभाव को कुछ उपाय अपनाकर काफी हद तक कम किया जा सकता है। गर्दन शरीर के सबसे कमजोर हिस्सों में से एक है और आज हम बताने जा रहे हैं गर्दन पर होने वाली झुर्रियों को कैसे रोका जा सकता है।दरअसल हम अक्सर अपना सारा ध्यान अपने चेहरे पर लगाते हुए गर्दन पर ध्यान देना भूल जाते हैं। जैसे-जैसे साल बीतते हैं गर्दन की एलास्टिसिटी और चिकनाई कम होने लगती है और इसमें झुर्रियां आने लगती है।मॉइस्चराइजमॉइस्चराइजिंग हमारी त्वचा की देखभाल का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, हम अक्सर अपनी गर्दन को छोड़ देते हैं, लेकिन चेहरे या गर्दन की क्रीम से हमारी गर्दन को मॉइस्चराइज करना त्वचा को हाइड्रेट करता है और कोलेजन के स्तर को बढ़ाता है जो झुर्रियों की उपस्थिति को कम कर सकता है। इसके लिए हयालूरोनिक एसिड वाले प्रोडक्ट चुनें जिनमें मॉइस्चराइजिंग क्षमता ज्यादा हो।सनस्क्रीन का इस्तेमाल करेंसूरज की सीधी किरणें हमारी त्वचा के लिए बहुत हानिकारक हो सकती हैं जो उम्र बढऩे के प्रोसेस को तेज कर सकती हैं। बाहर बादल छाए रहने पर भी आपको सनस्क्रीन का इस्तेमाल कभी नहीं छोडऩा चाहिए। बाहर जाने से पहले इसे अपनी गर्दन पर लगाएं।बहुत सारा पानी पीनाहाइड्रेटेड रहना युवा दिखने की कुंजी है। इसलिए अगर आप झुर्रियों को दूर रखना चाहते हैं तो ढेर सारा पानी पिएं और शराब या धूम्रपान की दूसरी आदतों को कम करने की कोशिश करें।स्वस्थ आहारअपने लिए एक स्वस्थ आहार को एडजस्ट करने के साथ-साथ एक स्वस्थ लाइफ स्टाइल बनाए रखना महत्वपूर्ण है। हमारे दैनिक पोषण में खनिज, विटामिन और दूसरे जरूरी पोषक तत्व शामिल होने चाहिए।एक्सफोलिएटगर्दन में जमा सभी गंदगी और डेड सेल्स से छुटकारा पाने के लिए गर्दन को एक्सफोलिएट करना जरूरी है। एक अच्छा एक्सफोलिएटर खरीदें और ग्लोइंग लुक के लिए हफ्ते में कम से कम एक बार लगाएं।नींदहम अक्सर नींद के महत्व को कम आंकते हैं, लेकिन अगर आप अपनी जवानी को थोड़ा और लंबा रखना चाहते हैं तो कम से कम 7-8 घंटे की नींद जरूरी है।
- बीते कुछ सालों से तेजी से प्रदूषण का स्तर दिन पर दिन बढता जा रहा है. शहरों में प्रदूषण के कारण से अजीब सा धुआं सा देखने को मिल रहा है. लगातार तेजी से बढ़े प्रदूषण स्तर के कारण आमतौर पर लोगों को कई तरह की शरीरिक परेशानियों का सामना भी करना पड़ता है. दिल्ली एनसीआर समेत कई शहरों में प्रदूषण का स्तर गंभीरता के स्तर पर पहुंच गया है. इस कारण से बच्चे, बुजुर्ग और बीमार लोगों को प्रदूषण से समस्या होती है. लोगों को सर्दी, खांसी और जुकाम ,गला बंद जैसी तमाम परेशानियां हो रही हैं जो शरीर के लिए घातक हैं. हम आपको कुछ ऐसे स्टेप्स बताएंगे जिनको आजमाकर आप प्रदूषण के स्तर को खुद के लिए कम कर सकते हैं. तो चलिए जानते हैं शरीर को डिटॉक्स करने के घरेलू नुस्खों के बारे में-हल्दी का करें इस्तेमालआप अपनी जीवनशैली में हल्दी का उपयोग शुरू कर दें. हल्दी में एंटी-बैक्टीरियल और एंटीवायरल जैसे लाभदायक गुण पाए जाते हैं, जो बीमारियों के साथ साथ प्रदूषण से लड़ने के लिए लाभदायक होते हैं. हल्दी यह खांसी, सर्दी, बुखार, गले की खराश, अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और फेफड़ों के संक्रमण के रामवाण है. आप गर्म दूध या पानी में हल्दी को डालकर हर रोज पीजिए.बीटा कैरोटीन युक्त फूड का करें सेवनप्रदूषण स्तर बहुत ज्यादा होने पर बॉडी को डिटॉक्स करने के लिए आप बीटा कैरोटीन का सहारा भी ले सकते हैं. यह प्रदूषण से होने वाले सिरदर्द आदि से आपको मुक्त करेगा. यह आपके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में भी मदद कर सकता है. इसके साथ ही शकरकंद, गाजर, गहरे रंग के पत्तेदार साग, बटरनट स्क्वैश, कैंटालूपे, लेट्यूस, लाल शिमला मिर्च, खुबानी, ब्रोकोली जैसी सब्जियों को आप दैनिक जीवन में शामिल करना शुरू कर दें, ये आपके लिए लाभदायक होगा.घी का करें सेवनआपको बता दें घी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है. हर कोई घी का सेवन शरीर के लिए जरूरी बताता है. शुद्ध घी शरीर में मौजूद सभी प्रदूषण के particles को निकालकर आपके शरीर में डिटॉक्स करने में मदद करता है. घर में बच्चों को आप घी से मालिश भी कर सकते हैं. पैरों के तलवो में अच्छे से घी की मालिश कर सकते हैं.तुलसी की चाय का करें सेवनतुलसी शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाती है. इसके साथ ही ये सालों पुराना रामबाण इलाज है, जिसका सेवन सेहत के लिए बहुत लाभकारी होता है. तुलती के पत्ते फेफड़ों को साफ कर प्रदूषण के स्तर को कम करने में मदद करते हैं. तुलसी का प्रयोग आप रोजमर्रा में कर सकते हैं चाय में आप तुलसी डाल सकते हैं,इसके अलावा आप गर्म पानी में भी 7, 8 तुलसी के पत्ते डालकर पी सकते हैं.-
- होंठों का सूखना और फटना बहुत आम है, क्योंकि होंठों की त्वचा बेहद पतली और संवेदनशील होती है. फटे होंठ किसी भी उम्र में और किसी भी मौसम में हो सकते हैं. लेकिन सर्दियों में ये समस्या बढ़ जाती है. सूखे और परतदार होंठ न केवल बदसूरत लगते हैं, बल्कि डिहाईड्रेशन या विटामिन की कमी का भी संकेत हो सकते हैं. कुछ ऐसे टिप्स हैं, जिनकी मदद से आप फटे होंठों से छुटकारा पाने और उन्हें मुलायम बना सकते हैं.सर्दियों में क्यों रूखे दिखने लगते हैं होंठदरअसल, होंठों की त्वचा चेहरे की अन्य त्वचा की तुलना में अधिक संवेदनशील होती है, जो सर्द हवाओं के संपर्क में आते ही अपना मॉइश्चर खोने लगती हैं. लिहाजा होंठों में नमी की कमी बढ़ जाती है और ये रूखे से दिखने लगते हैं. अगर आप भी रूखे और फटे होंठों की समस्या से परेशान हैं तो इनका खास ख्याल रखकर इन्हें नर्म और मुलायम बना सकते हैं. इसके लिए आप कुछ घरेलू उपायों की मदद भी ले सकते हैं. आइए नीचे खबर में जानते हैं कि विंटर के मौसम के होंठों की देखभाल कैसे करें.डाइट का रखें खास ख्यालसर्दी के मौसम आप डाइट का खास ध्यान दें तो आपके होंठ हमेशा नर्म और मुलायम दिखेंगे. डाइट में आप विटामिन ए और बी रिच फूड खाएं. इसके लिए अपने दैनिक आहार में हरी सब्जी, दूध, घी, मक्खन, ताजे फल और जूस लेते रहें.गुलाब की पंखुड़ियांअगर आप अपने होंठों को विंटर में भी हेल्दी और गुलाबी रखना चाहते हैं तो देशी गुलाब की भीगी हुई पत्तियों को होठों पर कुछ देर तक नियमित मलें. इससे आपके होठ नेचुरल गुलाबी आभा लिए चमकते रहेंगे.क्रीम का इस्तेमाल करेंविंटर में ड्राइनेस को दूर रखने के लिए होंठों पर क्रीम, मलाई, मक्खन या देशी घी हल्के हाथों से कुछ देर मलें. होंठों की त्वचा इससे मुलायम बनी रहेगी. सर्दी के इन दिनों रात को सोते समय पेट्रोलियम जेली या एंटीसेप्टिक क्रीम जरूर लगाकर सोएं.
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थके होने के बावजूद भी रात को ठीक से नींद पूरी न हो पाए तो कई स्वास्थ्य समस्याएं का सामना करना पड़ सकता है. ऐसे में आप थकान दूर करने के लिए कौन से योगासन कर सकते हैं आइए जानें.
बालासन
फर्श पर बैठकर इस आसन की शुरुआत करें. अपने हाथों को अपने सामने तब तक बढ़ाए जब तक कि आपका आगे का भाग फर्श पर न टिक जाए. अगर आपका माथा फर्श तक नहीं पहुंचता है तो अपने माथे के नीचे तकिए या कंबल का इस्तेमाल करें. धीमी, गहरी सांस लेने पर ध्यान दें.
मार्जरीआसन
अपने हाथों और घुटनों को जमीन पर रखें. जैसे ही आप सांस लेते हैं, अपने कूल्हों को ऊपर उठाएं, अपने पेट को नीचे करें, कंधों को पीछे की ओर मोड़ें और आगे की ओर देखें. जैसे ही आप सांस छोड़ते हैं, कूल्हों को नीचे की ओर, रीढ़ को गोल करें और सिर को नीचे आने दें. इसे 5-6 बार सांस के साथ आगे बढ़ते हुए दोहराएं. ये रीढ़ को खोलता है, पाचन में सुधार करता है और पीठ दर्द से राहत देता है.
शवासन
अपनी पीठ के बल लेट जाएं, अपने पैरों को अपने सामने फैलाएं. अपनी बाहों को अपने शरीर के किनारे रखें, हथेलियां ऊपर की ओर हों और आंखें बंद कर लें. आप जब तक चाहें इस मुद्रा में रह सकते हैं. अपनी श्वास पर ध्यान केंद्रित करें. ये तनाव से राहत देता है और मानसिक एकाग्रता में सुधार करता है.
- - भोजन के बाद जल्दी टहलने जाना कई भारतीय घरों में एक अनुष्ठान जैसा रहा है और ऐसा माना जाता है कि ये भोजन को आसानी से पचाने में मदद करता है. लेकिन क्या ये हकीकत में तेजी से पाचन और बेहतर मेटाबॉलिज्म में मदद करता है? यहां जानिए रिसर्च से क्या पता चलता है…क्या फायदेमंद है?खाना खत्म करने के बाद, आपका शरीर काम करने लगता है, टूट जाता है और पोषक तत्वों को एब्जॉर्व कर लेता है. भोजन के टूटने या पाचन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा छोटी आंत में होता है.रिसर्च से पता चलता है कि भोजन के बाद चलने से पेट से और छोटी आंत में भोजन के तेजी से ट्रांजिट में मदद मिल सकती है. ये कैसे मदद करता है?“जितनी तेजी से भोजन आपके पेट से छोटी आंत में जाता है, आपको सूजन, गैस और एसिड रिफ्लक्स जैसी सामान्य शिकायतों की संभावना उतनी ही कम होती है.साक्ष्य ये भी इशारा करते हैं कि भोजन के बाद 30 मिनट की पैदल दूरी, नियमित व्यायाम के साथ मिलकर, बॉवेल फंक्शन में सुधार कर सकते हैं और कब्ज की संभावना को कम कर सकते हैं.क्या अध्ययन कहता है पोस्टप्रैन्डियल वॉक न केवल पाचन लक्षणों को कम करता है बल्कि टाइप-2 डायबिटीज वाले व्यक्तियों के लिए काफी फायदेमंद हो सकता है.न्यूजीलैंड के ओटागो विश्वविद्यालय के रिसर्च से संकेत मिलता है कि टाइप-2 डायबिटीज वाले लोगों के लिए, भोजन के बाद चलना ब्लड शुगर के लेवल को कम करने में बेहतर होता है, खासकर कार्ब वाले भोजन के बाद.ऐसा कैसे होता है?शरीर भोजन को ग्लूकोज में बदल देता है, जो शरीर के लिए ऊर्जा का एक प्रमुख स्रोत है. खाना खाने के बाद ब्लड शुगर लेवल बढ़ना शुरू हो जाता है.इस स्पाइक से निपटने के लिए, शरीर इंसुलिन को गुप्त करता है, जो ग्लूकोज को कोशिकाओं में ले जाने में मदद करता है. हालांकि, डायबिटीज के व्यक्तियों के लिए, ब्लड शुगर के लेवल के मैनेजमेंट के प्रोसेस को रोकते हुए, इंसुलिन की क्रिया खराब होती है.इससे ब्लड में ग्लूकोज का हाई लेवल हो सकता है, जिससे स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है. भोजन के बाद टहलने के दौरान, ग्लूकोज का इस्तेमाल शरीर के जरिए एक्टिविटी के लिए एनर्जी पैदा करने के लिए किया जाता है, जिससे ब्लड में ग्लूकोज के लेवल को कम करने में मदद मिलती है.अब एक अहम सवाल को अड्रेस करने के लिए-अपने चलने पर निकलने से पहले आपको भोजन के बाद कितनी देर तक इंतजार करना चाहिए?भोजन के तुरंत बाद चलने से एसिड रिफ्लक्स हो सकता है और आपका पेट खराब हो सकता है. “अपने लंच या डिनर के बाद 30-45 मिनट के अंतराल के बाद सबसे ज्यादा फायदे का अनुभव करने के लिए चलने की सलाह दी जाती है.”अपने भोजन के बाद एक आसान से मीडियम गति से चलने की भी सिफारिश की जाती है क्योंकि ज्यादा तेजी वाले वर्कआउट से ज्यादा ब्लड काम करने वाली मांसपेशियों की ओर और गैस्ट्रोइनटेस्टिनल ट्रैक्ट से दूर हो सकता है. इससे आपका पाचन धीमा हो सकता है और अपच भी हो सकता है.हेल्थ बेनेफिट्स के साथ-साथ, भोजन के बाद की सैर आपको एक दिन में 10,000 कदम (एक फेमस एस्पिरेशनल फिटनेस टारगेट) पूरा करने के अपने लक्ष्य के करीब भी लाएगी.किसी भी तरह की फिजिकल एक्टिविटी एंडोर्फिन, या फील-गुड हार्मोन की रिहाई को भी ट्रिगर करती है, जिससे शरीर को आराम मिलता है. भोजन के बाद टहलना उस दिशा में एक सकारात्मक कदम है.अब जब आप भोजन के बाद जल्दी चलने के कई फायदों को जान गए हैं, तो बेहतर स्वास्थ्य और संपूर्ण फिटनेस के लिए इस छोटी सी जीवनशैली में बदलाव करने का समय आ गया है.
- आंखें ना केवल शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग हैं, बल्कि इन्हें सेहत का आइना भी कहा जा सकता है. लाइफस्टाइल और डायट से जुड़ी अच्छी आदतें आंखों की सेहत को भी बेहतर रखती हैं. हम देखते हैं कि काम की भागदौड़ और व्यस्त लाइफस्टाइल के बीच लोग कई बार अपनी आंखों की हेल्थ के बारे में नहीं सोचते. देर तक कम्प्यूटर पर काम करने से लेकर नींद की कमी, तनाव, अनहेल्दी लाइफस्टाइल जैसे कई कारणों से आंखों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है. हेल्थ एक्सपर्ट्स कहते हैं कि अपनी आंखों को सुरक्षित, साफ और स्वस्थ रखने के लिए कुछ साधारण सी बातों का ध्यान रख सकते हैं. नीचे खबर में जानिए वो कौन घरेलू उपाय हैं, जो आपकी आंखों को हेल्दी रखने में काम आ सकते हैं.संतुलित डायट लेना जरूरीहेल्थ एक्सपर्ट्स कहते हैं कि घर में मौजूद साधारण सी चीजों के सेवन से ही आपकी आंखों को सभी आवश्यक पोषक तत्व प्राप्त हो सकते हैं. अपनी डाइट में आप पालक, शलजम, ब्रोकोली, मक्का, मटर और एवोकाडो जैसी चीजें शामिल करें. इनमें ल्यूटिन और जेक्सैंथिन जैसे तत्व पाए जाते हैं, जो आंखों की रोशनी बढ़ाते हैं.हरी घास पर चलना जरूरीआपने भी अक्सर घर के बड़े-बुज़ुर्गेो से सुना ही होगा कि सुबह-शाम घास पर चलना सेहत के लिए अच्छा होता है, खासकर हमारी आंखों के लिए. बताया जाता है कि पैरों में मौजूद प्रेशर पाइंट्स सीधे आंखों की नसों से जुड़े होते हैं. जब आप नंगे पांव घास पर चलते हैं तो ये प्रेशर पॉाइंट्स एक्टिवेट हो जाते हैं, जिससे, आंखों की सेहस में सुधार होता है.आंखों को बार-बार छूने बचेंहेल्थ एक्सपर्ट्स कहते हैं कि बार-बार आंखों को छूने, रगड़ने या हाथ लगाने से आंखों को नुकसान हो सकता है. यह आदतें कोविड-19 संक्रमण का भी रिस्क बढ़ाती हैं. वहीं, आंखों में इंफेक्शन होने का भी डर बढ़ता है, इसलिए ऐसा करने से बचें.स्क्रीन टाइम कम करेंहम देख रहे हैं कि वर्क फ्रॉम होम के दौरान लोगों को बहुत अधिक समय लैपटॉप, मोबाइल और कम्प्यूटर के सामने बिताना पड़ रहा है. बहुत देर तक टीवी देखने की आदत भी आंखों पर बुरा असर डालती है. इससे, ड्राई आईज़ की समस्या हो सकती है. इस समस्या से बचने के लिए काम करते समय थोड़ी-थोड़ी देर बाद ब्रेक लें, आंखों को 2 मिनट बंद करके शांति से बैठें. साथ ही ज़रूरत से अधिक समय तक मोबाइल या टीवी ना देंखें.
- योगा का हर आसन मुश्किल नहीं होता. कुछ योगासन ऐसे भी होते हैं, जिन्हें करना एकदम आसान होता है. इसके साथ ही आपको इन योगासनों से कमाल के फायदे भी मिलते हैं. इन्हीं में से एक है शवासन (Corpse Pose) इसके नियमित अभ्यास से आप कई रोगों से दूर रह सकते हैं. ये योगासन थकान मिटाकर शारीरिक व मानसिक आराम प्राप्त करने में मदद करता है. इस आसन को तब भी किया जा सकता है जब आप बुरी तरह से थके हों और आपको थोड़ी ही देर में वापस काम पर लौटना हो.क्या है शवासनशवासन, योग विज्ञान का बेहद महत्वपूर्ण आसन है. इसको किसी भी योग सेशन के बाद बतौर अंतिम आसन किया जाता है. 'शवासन' शब्द दो अलग शब्दों यानी कि 'शव' (corpse) और 'आसन' से मिलकर बना है. 'शव' का शाब्दिक अर्थ होता है मृत देह, जबकि आसन का अर्थ होता है 'मुद्रा' या फिर 'बैठना'. ये आसन देखने में बेहद सरल लगता है, लेकिन इसमें सिर्फ लेटना ही नहीं होता है बल्कि अपने मन की भावनाओं और शरीर की थकान दोनों पर एक साथ नियंत्रण पाना होता है.शवासन कैसे करें?सबसे पहले अपनी पीठ के बल योगा मैट पर लेट जाएं और आंखें बंद कर लें.ध्यान रहे कि आपके पैर पूरी तरह से फैले हों और घुटने, पंजे, टखने, हथेली आदि विश्राम की स्थिति में हों.हाथों को शरीर के पास रखें, लेकिन शरीर से छूने न दें और हथेलियां आसमान की तरफ रखें.अब 4-5 बार गहरी और लंबी सांस लें.इसके बाद अपना ध्यान सांस पर केंद्रित करने की कोशिश करें और सांस को जितना हो सके धीमा कर लें.इस स्थिति में 5 से 10 मिनट तक रहें.जब आपको आराम महसूस होने लगे, तो वापिस सांस को सामान्य कर लें और सीधी करवट लेते हुए बैठ जाएं.आंखों को एकदम न खोलें. बल्कि धीरे-धीरे खोलें.शवासन से मिलने वाले फायदेये आसन फोकस और याद्दाश्त बढ़ाने में मदद करता है.हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद करता है.सिरदर्द और अनिद्रा से राहत दिलाने के लिए शवासन करने की सलाह दी जाती है.ये आसन अधिक परिश्रम वाले योगासन के बाद शरीर को आराम पहुंचाने के लिए किया जा सकता है.शवासन करने से अस्थाई चिंता व तनाव से राहत पाई जा सकती है.अगर आप ऑफिस या बाहर की थकान मिटाना चाहते हैं, तो भी शवासन काफी फायदेमंद है.आसन करते वक्त रखें ये सावधानीअगर आपकी कमर से नीचे की मसल्स या हैमस्ट्रिंग्स (जांघ की मांसपेशियां) सख्त हैं, तो शवासन के अभ्यास से आपको कुछ ही समय में कमर दर्द की समस्या हो सकती है, इस स्थिति से बचने के लिए शवासन करते समय टांगों को हल्का सा उठा लें.
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सब कुछ सुंदर (मान लीजिए मनुष्य की बनाई चीजें) एक कीमत के साथ आता है. माना? पता चला, ऐक्रेलिक नाखून एक ऐसी चीज है जो आपको मोहित कर लेती है और जब आप इसकी देखभाल करने में विफल रहते हैं तो आपका दिल टूट जाता है.
जाहिर तौर पर, जब आप सभी आर्टवर्क के बाद अपने अंकों का अच्छी तरह से ध्यान रखते हैं, तो ये 3 हफ्ते तक चलता है ताकि आप इसे ज्यादा समय तक दिखा सकें.
आइए मान लें कि हम सभी को नेल आर्ट के लिए सैलून में दौड़ना और वहां घंटों बिताना पसंद है, जबकि हर दो मिनट में आप देखते हैं कि आपके नाखून कितने सुंदर दिखते हैं.
हम आपको उन सभी के लिए दोषी नहीं ठहराते हैं जो इंटरनेट आपको बार-बार प्रेरित करता है. चौकोर साइज से लेकर डक नेल्स तक, ब्यूटी बार में आग लगी हुई है.
एक बार जब आप अपने नाखूनों को फ्लॉन्ट कर चुके होते हैं और धीरे-धीरे आपके पास मौजूद ऐक्रेलिक नाखूनों से ऊब जाते हैं, तो क्या आप सैलून में वापस जाना चाहते हैं?
चिंता है कि ये आपकी जेब का वजन कम करेगा? हमें लगता है कि ये एक शानदार बिजनेस है, इसलिए अगर आप बड़े समय से परेशान हैं, तो हम यहां आपको इस ऐक्रेलिक आर्टवर्क को ज्यादा सावधानी से हटाने के लिए कुछ घरेलू टिप्स दे रहे हैं.
ऐसटोन अल्टीमेट लिक्विड फॉर्मूला है जो आपको DIY तरीके से इनसे छुटकारा पाने में मदद कर सकता है. मैनीक्योर किट को संभाल कर रखें और नीचे दिए गए इन स्टेप्स के साथ शुरुआत करें.
1. नेल आर्ट केवल चमक और सादे रंगों के बारे में नहीं है, अगर आप कुछ एंबेलिशमेंट्स देखते हैं, तो उन्हें हटाने के लिए एक चिमटी का इस्तेमाल करें.
2. एक्स्ट्रा नाखूनों को नेल क्लिपर से ट्रिम करके इसे फॉलो करें.
3. इसके बाद, अपने नाखूनों को ऐसटोन से बेहतर तरीके से भिगोने के लिए तैयार करें ताकि नेल पेंट आसानी से निकल जाएं. एक नेल बफर लें और इसे खुरचने के लिए अपने नाखूनों पर धीरे से चलाएं.
4. एक कटोरी या ट्रे में ऐसटोन डालें जो आपकी उंगलियों को अमृत से भिगोने में आपकी मदद कर सके.
5. जब आप अपने नाखूनों को 5 मिनट के लिए ऐसटोन पीने दें, तो अपने क्यूटिकल्स से नेल पॉलिश को अलग करने के लिए नेल पुशर का इस्तेमाल करें. नाजुक बनें और जबरदस्ती न निकालें.
6. अपनी अंगुलियों को वापस लिक्विड के अंदर ले जाएं और कुछ मिनट के लिए इसे बाहर निकालें. ये आपके लिए नेल पॉलिश हटाने के प्रोसेस को आसान बना सकता है.
7. आप इन स्टेप्स को तब तक दोहरा सकते हैं जब तक कि ऐक्रेलिक पूरी तरह से बाहर आने के लिए तैयार न हो जाए. समाधान यहां महत्वपूर्ण है.
8. नेल बफर के साथ बचे सभी अवशेषों को हटा दें और अपने नाखूनों को क्यूटिकल ऑयल से चिकना करें. क्यूटिकल ऑयल आपके नाखूनों को नमी की एक सुरक्षात्मक परत प्रदान कर सकता है. तो, अपनी उंगलियों का इस्तेमाल इसे क्यूटिकल बेड पर मालिश करने के लिए करें. -
दीपावली का पर्व हिंदू धर्म में बड़े त्योहारों में से एक माना जाता है. इस दौरान मां लक्ष्मी और गणेश की पूजा होती है. घरों को लाइट और फूलों से सजाया जाता है. दीपक जलाए जाते हैं. इस बीच घर में मेहमानों के आने का सिलसिला बना रहता है. मेहमान नवाजी के लिए लोग तरह तरह के व्यंजन बनाते हैं.
आज धनतेरस के दिन से दीपावली पर्व का आगाज हो गया है. 4 नवंबर को लक्ष्मी और गणेश भगवान का पूजन होगा. इसके बाद ही मेहमानों के आने जाने का सिलसिला शुरू होगा. अगर आप भी इस बार दीपावली में कुछ व्यंजन घर पर बनाने के बारे में सोच रही हैं, तो यहां हम आपको देने जा रहे हैं कुछ आइडियाज, जिनसे आपको मदद मिल सकती है.
1- शक्कर पारे
मैदे से बनने वाले शक्कर पारे को आप स्नैक्स के तौर पर बना सकती हैं. इसे आप अभी से बनाकर एक डिब्बे में स्टोर करके रख सकती हैं. जब आपके मेहमान घर पर आएं तो आप नाश्ते के साथ इसे रख सकती हैं.
2- ढोकले
ढोकले ऐसी चीज है जो आसानी से बन जाती है. इसके लिए बहुत मेहनत की जरूरत नहीं होती. आप इसे एक दिन पहले भी बनाकर फ्रिज में रख सकती हैं. इसे माइक्रोवेव या कुकर किसी में भी बनाया जा सकता है. ये काफी लाइट होते हैं और खाने में स्वादिष्ट भी.
3- मालपुआ
अगर कुछ अलग बनाना चाहती हैं तो मालपुआ बना सकती हैं. मैदे और मावे से बनने वाला मालपुआ खाने में बहुत स्वादिष्ट होता है. त्योहार पर लोगों का मुंह मीठा कराने के लिए ये बेस्ट है.
4- जलेबी
मैदे से बनी और चाशनी में डूबी जलेबी खाने में जबरदस्त लगती है. इसका बेटर बनाकर आप पहले से रख सकती हैं. शाम को जब मेहमान आएं, तब आप इसे आसानी से बना सकती हैं.
5- गुजिया
त्योहार के इस मौके पर मावे से बनी गुजिया भी बेस्ट है. इसे दो से तीन दिन पहले बनाकर रखा जा सकता है. गुजिया खाने के सभी शौकीन होते हैं.
6- गुलाब जामुन
ये एक ऐसी स्वीट डिश है जो दीपावली के मौके पर ज्यादातर लोगों के घरों में बनती है. इसे बनाने के लिए भी आपको मावे और मैदे की जरूरत होती है. साथ ही इसे चाशनी में डुबोया जाता है. आप इस मौके पर मेहमानों के लिए गुलाब जामुन भी बना सकती हैं.
7- दही वड़े
मेहमानों के लिए इस मौके पर आप दही वड़े भी बना सकती हैं. इसे फ्राई करके पहले से रख लीजिए. इसके बाद जब मेहमान आएं आप फटाफट इसे गर्म पानी में डालकर दही में डिप कर दें. इसके बाद चटनी डालकर मेहमानों को परोसें. - देश में त्योहारों के मौसम की शुरुआत हो चुकी है। इसमें दीपावली के त्योहार को कई मामलों में खास माना जाता है। दीपावली उत्सव, जश्न, मिठाइयों और पटाखों का त्योहार माना जाता है। हालांकि डायबिटीज और अस्थमा के रोगियों को दीपावली में विशेष सावधानी रखने की सलाह दी जाती है। दीपावली की मिठाइयों से डायबिटीज जबकि पटाखों के कारण अस्थमा रोगियों की जटिलताओं के बढ़ने का खतरा रहता है। पटाखों से निकलने वाला धुंआ अस्थमा रोगियों की मुश्किलों को बढ़ा देता है।स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक पटाखों में कई प्रकार के हानिकारक रसायन होते हैं जो जलने के बाद वातावरण को प्रदूषित कर देते हैं। इस तरह का वातावरण अस्थमा जैसे सांस से संबंधित रोगियों के लिए बहुत ही नुकसानदायक हो सकता है। आइए जानते हैं कि अस्थमा के रोगियों को किस प्रकार की सावधानियां बरतते हुए दीपावली का त्योहार मनाना चाहिए?कोरोना के इस दौर ने लोगों को मास्क लगाए रखने की आदत बनवा दी है, दीपावली के इस मौसम में बाहर जाते समय सभी लोगों, विशेषकर अस्थमा के रोगियों को मास्क जरूर लगाए रखना चाहिए। वातावरण में मौजूद धूल-मिट्टी और पटाखों से निकलने वाले धुएं से सुरक्षित रखने में यह मास्क आपके लिए बहुत फायदेमंद हो सकते हैं। अस्थमा के रोगियों को दीपावली के दिन डबल मास्क लगाकर रखना चाहिए।दीपावली के दिन चूंकि वायुप्रदूषण बढ़ जाता है ऐसे में अस्थमा के रोगियों को विशेष सावधानियों का ध्यान रखना चाहिए। आप इनहेलर और दवाइयां हमेशा अपने साथ ही रखें, बेहतर रहेगा कि आप पहले से ही इन्हें खरीदकर रख लें। अस्थमा का अटैक कभी भी हो सकता है, ऐसे में इनहेलर रखकर आप जटिलताओं से सुरक्षित रह सकते हैं।दीपावली के दिन अस्थमा के रोगियों को विशेष सावधान रहने की आवश्यकता होती है, चूंकि बाहर के माहौल में प्रदूषण अधिक होता है इसलिए कोशिश करें कि आप ज्यादा से ज्यादा घर के भीतर ही रहें। खिड़की-दरवाजों को बंद रखकर आप प्रदूषण से खुद को सुरक्षित रख सकते हैं। घर से बाहर निकलना भी हो तो मास्क लगाकर ही निकलें।अस्थमा के रोगियों के लिए सांस वाले व्यायाम करना विशेष लाभदायक माना जाता है। सांस वाले व्यायाम अस्थमा की जटिलताओं को कम करने के साथ फेफड़ों को मजबूती देने में सहायक होते हैं। इसके अलावा यदि दीपावली के दिन आपको सांस से संबंधित कोई भी जटिलता का अनुभव होता है तो इस बारे में तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
- जब बात मेकअप की हो तो महिलाएं खुद को खूबसूरत दिखाने के लिए कड़ी मेहनत करती हैं। मेकअप में हमेशा सबसे ज्यादा ध्यान देने वाला पार्ट हमारी आंखें होती है, वैसे तो सभी कुछ जरूरी हिस्सों की गिनती में आते हैं लेकिन आंखों का मेकअप सही तरह से किया हो तो मेकअप अट्रैक्टिव लगता है। ब्यूटीफुल लुक के लिए आईलैश को घना दिखाने की जरूरत होती है। जिसके लिए मस्कारे की जरूरत होती है। हालांकि यह सभी चीजें कुछ पल के लिए ही आपकी आईलैश को घना दिखाने में मदद करती है, साथ ही इन सभी चीजों में केमिकल की मात्रा भी ज्यादा होती है। ऐसे में आप नेचुरल चीजों से बने आईलैश जेल का इस्तेमाल कर सकती हैं। ये बेहद कम सामान में तैयार हो जाता है और आईलैश को नेचुरली थिक व खूबसूरत दिखाने में मदद करता है। इसके इस्तेमाल से पलकों पर किसी तरह का नुकसान नहीं होता, साथ ही ये लैश को मजबूत बनाने में मदद करता है। आप इसे दो तरीकों से बना सकते हैं।1) बादाम का तेलइसे बनाने के लिए एक कटोरी में आधा चम्मच बादाम का तेल लें और उस तेल में कुछ बूंदे कैस्टर ऑयल मिलाएं। फिर इसमें विटामिन ई कैप्सूल डालें और अच्छी तरह से मिक्स करें। इसे बनाने के लिए आपको एलोवेरा जेल की जरूरत होगी। अगर आपके पास घर में इसका पौधा है तो अच्छी बात है और अगर नहीं है तो आप बाजार के एलोवेरा जेल का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। इस जेल को मिक्चर में डालें और अच्छी तरह से ब्लेंड करें और जेल जैसी एक स्मूद कंसिस्टेंसी बनाएं। आप इसे ऐक साफ मस्करा ट्यूब में डालें और फिर मस्कारा वैंड को डिप करें और अपनी पलकों पर लगाएं। आप इसे रात भर के लिए लगाए रख सकते हैं या फिर एक घंटे बाद टिशू से साफ कर के सो सकते हैं। अच्छे रिजल्ट के लिए दो हफ्ते तक लगातार इस्तेमाल करें।2) विटामिन-ई कैप्सुलइसे बनाने के लिए नारियल का तेल, अरंडी/कैस्टर ऑयल, ऑलिव ऑयल लें और इसमें विटामिन ई कैप्सूल डालकर अच्छी तरह मिक्स करें। इसे मस्कारा ट्यूब या कंटेनर में रखें और फिर वैंड की मदद से रात भर के लिए लगाएं। सुबह उठ कर अच्छे से क्लीन करें।
- शादी हमारे जीवन का एक अहम हिस्सा होता है। इस रिश्ते में कई तरह की परेशानियां आती हैं। अगर आप लव मैरिज करने जा रहे हैं, तो चलिए हम आपको कुछ बातें बताते हैं जो आपके काम आ सकती हैं।रिश्तों को निभाना सीखेंशादी के बाद लड़का और लड़की दोनों के कई रिश्ते जुड़ते हैं, लेकिन कई लोग इन रिश्तों में उलझ जाते हैं या उन्हें ये रिश्ते किसी बोझ जैसे लगने लगते हैं। लेकिन आपको लव मैरिज के बाद इन रिश्तों को निभाना होता है। आप सभी का सम्मान करें, सभी की बात सुनें, अपने मन की बात उन्हें बताएं, उनके साथ समय बिताएं आदि। ऐसा करने से ये रिश्ते निभाए जा सकते हैं।धैर्य जरूरीजब आप लव मैरिज करते हैं, तो कई बार कई तरह की परेशानियां आपके रिश्ते में आ सकती हैं। कभी किसी बात को लेकर पति से या सास-ससुर से अनबन तक की नौबत आ सकती है। लेकिन अगर आप चाहें तो जरा सा धैर्य रखकर अपने इस रिश्ते को अच्छे तरीके से आगे बढ़ा सकते हैं। इसलिए हर चीज में धैर्य बनाकर रखें।रीति-रिवाजों का करें सम्मानजब अलग-अलग धर्म का एक लड़का और लड़की लव मैरिज करते हैं, तो उनके रीति-रिवाज एक-दूसरे से काफी अलग होते हैं। ऐसे में कई लोग इनसे दूर भागने की कोशिश करते हैं, लेकिन आपको ये समझना होगा कि आपकी इस हरकत से बाकी लोगों को बुरा लग सकता है। इसलिए रीति-रिवाजों का सम्मान करते हुए इन्हें निभाना सीखें।समझौते भी करने पड़ते हैंकई मर्तबा शादी में समझौते तक करने पड़ते हैं। समझौते का मतलब ये नहीं कि आपके पति या अन्य परिवार के लोग आप पर जुल्म करें और आप चुपचाप सहें। बल्कि मतलब ये है कि आपको अपने गुस्से पर नियंत्रण रखना पड़ता है। परिस्थिति को समझकर ही अपना निर्णय लेंगे, तो शादी जैसा खूबसूरत रिश्ता जीवन को खुशियों से भर देता है।
- सरसों का तेल न सिर्फ खाने का स्वाद बढ़ाता है बल्कि यह आपकी सेहत के लिए जबरदस्त फायदे भी पहुंचाता है. इस खबर में हम सरसों के तेल के बारे में हम कुछ ऐसी बातें बताने जा रहे हैं जिन्हें जानने के बाद आप अपने अच्छे स्वास्थ्य के लिए इसका इस्तेमाल जरूर करेंगे.सरसों के तेल में कई पोषक तत्व पाए जाते हैं. इनमें विटामिन जैसे थियामाइन, फोलेट व नियासिन रहते हैं, जो शरीर के मेटाबाल्जिम को बढ़ाते हैं, जिससे वजन घटाने में मदद मिलती है. अस्थमा से पीड़ित लोगों के लिए सरसों का तेल खासतौर पर फायदेमंद होता है. सरसों में पर्याप्त मात्रा में मैग्नीशियम भी पाया जाता है, जो अस्थमा के मरीजों के लिए खासतौर पर फायदेमंद है.सरसों के तेल से मिलने वाले फायदे ----दिल की सेहत के लिए है बेहतरसरसों के तेल में मोनोअनसेचुरेटेड और पॉलीअनसेचुरेटेड फैट पाया जाता है. एक अध्ययन के मुताबिक ये फैट दिल की सेहत के लिए अच्छे माने जाते हैं. इसलिए खाने में सरसों के तेल का सेवन जरूर करें.त्वचा के संक्रमण से बचाता हैत्वचा में किसी प्रकार का संक्रमण हो गया है तो सरसों का तेल उसे कम करने में मदद कर सकता है. सरसों के तेल में एंटीमाइक्रोबियल्स जैसे तत्व पाए जाते हैं. एक अध्ययन से पता चलता है कि जिन नवजात शिशुओं की सरसों के तेल की मालिश की गई, उनकी त्वचा बाकि लोगों की तुलना में ज्यादा स्वस्थ मिली.बालों के लिए बेहद लाभकारीसेहत के अलावा सरसों का तेल बालों की सेहत के लिए भी बेहद अच्छा होता है. इसमें ओमेगा 3 फैटी एसिड पाए जाते हैं जो सिर की त्वचा यानी खोपड़ी में हुई किसी भी तरह की सूजन को कम करते हैं. गर्म तेल से अगर सिर की मालिश की जाए तो बाल अच्छे हो सकते हैंब्लड सर्कुलेशन बढ़ाने में मददगारत्वचा पर सरसों के तेल से अच्छी मालिश करने से रक्त संचार बढ़ सकता है और यह स्वस्थ चमक प्रदान कर सकता है.दांत दर्द में फायदेमंदअगर आपके दांतों में दर्द है तो सरसों के तेल में नमक मिलाकर मसूड़ों पर हल्की मालिश करें. ऐसा करने से दांतों का दर्द दूर हो जाएगा और दांत भी मजबूत बनेंगे.--
- लंबे और चमकदार बालों के लिए आप कई तरह की प्राकृतिक सामग्री (natural ingredients) का इस्तेमाल कर सकते हैं. ये सामग्रियां आपके बालों के लिए बेहद फायदेमंद हैं. साथ ही आसानी से उपलब्ध सामग्री हैं.ये आपके बालों को तेजी से बढ़ाने में मदद करेंगी. हेल्दी और लंबे बालों (Hair Care) के लिए स्वस्थ आहार भी जरूरी है. आइए जानें आप बालों को बढ़ाने के लिए कौन से प्राकृतिक सामग्री डाइट में शामिल कर सकते हैं.आंवलाआंवला एक प्राकृतिक रूप से उपलब्ध सामग्री है. इसमें कई गुण होते हैं. इसमें विटामिन सी होता है. ये बालों को तेजी से बढ़ाने में मदद करता है. इसके साथ ही ये कोलेजन को बढ़ावा देता है जिससे आपके बाल लंबे होते हैं. इसलिए बालों को लंबा और घना बनाने के लिए आप आंवले को डाइट में शामिल कर सकते हैं.अलसी के बीजलगभग 2 बड़े चम्मच अलसी में लगभग 6400 मिलीग्राम ओमेगा-3 फैटी एसिड होता है जो बालों के विकास के लिए अत्यधिक फायदेमंद माना जाता है. कई अध्ययनों के अनुसार अलसी के बीज आपके बालों को मजबूत बनाने और बालों को कम पतला करने में सहायक होते हैं. इसके साथ ही अलसी के बीज प्रोटीन और फाइबर सहित कई मिनरल और विटामिन से भरपूर होते हैं. यही कारण है कि आजकल कई हेयर केयर प्रोडक्ट में अलसी के बीज पाए जाते हैं. अगर आप अपने बालों को बढ़ाना चाहते हैं, तो आप इन प्रोडक्ट का इस्तेमाल कर सकते हैं जिनमें अलसी के बीज एक सामग्री के रूप में इस्तेमाल किए जाते हैं. इसके अलावा आप इसे कई तरह की रेसिपी जैसे सलाद, भुने हुए बीज आदि के जरिए भी अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं.करी पत्तेबालों के विकास के लिए करी पत्ते बेहद फायदेमंद है. ऐसा इसलिए है क्योंकि इसमें बीटा कैरोटीन और विटामिन ई होता है. ये पत्ते ऐसे गुणों से भरपूर होते हैं जो आपके बालों के लिए अद्भुत तरीके से काम कर सकते हैं और बालों के विकास को बढ़ावा दे सकते हैं. ये एंटीऑक्सीडेंट और प्रोटीन से भरपूर होते हैं. ये एंटीऑक्सीडेंट मुक्त कणों को बेअसर करते हैं, इस प्रकार, आपके बालों को स्वस्थ और मजबूत रखते हैं. अपनी सब्जियों के जूस में लगभग 10 से 15 पत्ते रोजाना मिलाएं और अपने बालों को अधिक चमकदार और मजबूत बनाएं.मेथीमेथी दाना में फोलिक एसिड, विटामिन ए, विटामिन के और विटामिन सी उच्च मात्रा में होते हैं. इसमें पोटैशियम, कैल्शियम और आयरन जैसे आवश्यक मिनरल भी होते हैं. इतना ही नहीं इस मसाले में प्रोटीन भी अच्छी मात्रा में होता है. ये सभी पोषक तत्व बालों से संबंधित समस्याओं का इलाज करने और बालों को बढ़ाने में मदद करते हैं. आप एक चम्मच मेथी के दानों को रात भर पानी में भिगोकर रख सकते हैं और अगली सुबह इसे खा सकते हैं, या बस अपने खाना पकाने के व्यंजनों में इन्हें मिला सकते हैं.
- आरामदायक और गहरी नींद शरीर के लिए बहुत ज्यादा जरूरी है. लेकिन इंसोम्निया, तनाव, शारीरिक दर्द आदि के कारण कई लोग ढंग से सो नहीं पाते हैं. जिसके कारण उनकी नींद अधूरी रह जाती है और अगले दिन उनका मूड खराब रहता है. अगर आप भी रात में ठीक से सो नहीं पाते हैं, तो यहां दिए गए कुछ टिप्स को अपना सकते हैं.1. सोने से पहले गहरी सांस लेंनींद ना आने के पीछे का सबसे बड़ा कारण अशांत दिमाग होता है. जिस कारण आप जल्दी सो नहीं पाते हैं. इसलिए आप सोने से पहले कुछ देर अपने बिस्तर पर सीधी कमर के साथ बैठकर गहरी सांस लें. आप डीप ब्रीदिंग के लिए 4-7-8 तकनीक भी अपना सकते हैं. जिसमें आपको 4 सेकेंड लंबी सांस लेनी है, फिर 7 सेकेंड तक सांस को होल्ड करके रखना है और फिर 8 सेकेंड तक लगातार सांस छोड़ना है.2. आई मास्क लगाएंकई बार कमरे या आसपास से आ रही रोशनी आपको सोने नहीं देती है. इससे बचाव के लिए आप अच्छी क्वालिटी का कोई आई मास्क उपयोग कर सकते हैं. आई मास्क ना सिर्फ रोशनी को रोकता है, बल्कि आपकी आंखों को आराम भी पहुंचाता है.3. आरामदायक गद्देगहरी नींद के लिए आरामदायक गद्दे का होना बहुत जरूरी है. अगर आपका बिस्तर ही आरामदायक नहीं है, तो कमर व पीठ में दर्द रह सकता है. जिससे नींद ना आने की दिक्कत हो सकती है. कोशिश करें कि आपका गद्दा ना ज्यादा कठोर हो और ना ज्यादा ढीला.4. गैजेट्स से रहें दूरसोने से दो घंटे पहले आपको मोबाइल, लैपटॉप या अन्य गैजेट्स से दूर हो जाना चाहिए. क्योंकि, इनसे निकलने वाली नीली रोशनी आपकी दिमाग पर नकारात्मक प्रभाव डालकर नींद को बाधित करती हैं. इसके साथ ही रात में सोने से पहले कोई किताब पढ़ने की कोशिश करें.
- करवा चौथ 24 अक्तूबर को है। करवा चौथ का पर्व पति पत्नी के रिश्ते को मजबूत करने, जन्मों-जन्मों के रिश्ते, पति की लंबी उम्र आदि के लिए मनाया जाता है। इसमें शादीशुदा महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र की प्रार्थना करते हुए व्रत रखती हैं। शाम को चांद निकलने के बाद उसे देख कर पूजा के बाद अपना व्रत खोलती हैं। इस दौरान महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं। सुहागिन महिलाओं के लिए सोलह श्रृंगार का विशेष महत्व है। सिंदूर, बिंदी, मंगलसूत्र, सुहाग का जोड़ा, पायल और कई श्रृंगार के सामान होते हैं, जिन्हें पहन कर महिलाएं तैयार होती हैं। इन सोलह श्रृंगार में एक होती है मेहंदी। शादी से लेकर हर पूजा पाठ में महिलाओं के हाथ में मेहंदी का विशेष महत्व होता है। करवा चौथ में तो पत्नियां पति के नाम की मेहंदी रचाती हैं। ऐसे में इस करवा चौथ में भी अगर आप सजना के नाम की मेहंदी लगाने वाली हैं तो घर पर ही प्रोफेशनल मेहंदी डिजाइन बना सकती हैं। इस बार करवा चौथ में खुद से दस मिनट में ये आसान डिजाइन की मेहंदी लगाएं ।गोल बूटा डिजाइन मेहंदीमेहंदी का गोल बूटा डिजाइन ट्रेंड में है। इसे आप जोधा स्टाइल मेहंदी भी कह सकते हैं। मेहंदी की गोल बूटा डिजाइन को बहुत आसानी से बनाया जा सकता है। गोल बूटा डिजाइन बनाने के लिए हथेली पर गोल आकार की बारीक लाइन बनाएं और उसके अंदर मेहंदी भर लें। मेंहदी के गोले के किनारे पर आप छोटी-छोटी बूटियां या पतली गोलाकार डिजाइन बना सकती हैं। इस तरह की मेहंदी रचने के बाद बहुत सुंदर लगती है।शेडेड मेहंदी डिजाइनशेडेड मेहंदी डिजाइन इन दिनों हर लड़की की पहली पसंद बनी हुई है। इस डिजाइन को लगाने में कम समय लगता है और आसान डिजाइन के लिहाज से सबसे बेस्ट है। इससे लड़कियों के हाथ अधिक खूबसूरत लगते हैं। शेडेड मेहंदी लगाने के लिए पतली आउटलाइन से कोई भी मनपसंद डिजाइन बना लीजिए। इसमें आप फूल, पत्ती, मोर की आकृति बना कर उसके अंदर की ओर शेड देकर भर दीजिए। रचने के बाद ये मेहंदी डिजाइन आकर्षक लगती है।अरेबिक डिजाइन मेहंदीअरेबिक डिजाइन की मेहंदी काफी समय से ट्रेंड में है। लड़कियों के गोरे हाथों पर इस डिजाइन की मेहंदी से रंगत में निखार आता है। अरेबिक डिजाइन की मेंहदी हथेली को भर देती है।झालर या बेल डिजाइन मेहंदीमेंहदी के ये दोनों डिजाइन आसान होती हैं। झालर मेहंदी डिजाइन से हाथ पर फुल भर जाते हैं और इसे झटपट लग जाती है। इन दिनों ये डिजाइन ज्यादातर महिलाओं की पहली पसंद है। वहीं मेहंदी की बेल डिजाइन कम समय में तो लगती ही है, देखने में काफी आकर्षक भी होती है। अधिकतर लड़कियां यह डिजाइन लगाना पसंद करती हैं। हर तरह के कपड़ों पर ये डिजाइन मैच करती है।
- आप चेहरे का ग्लो वापस पाना चाहती हैं तो प्याज का इस्तेमाल कीजिए। प्याज ना सिर्फ सेहत के लिए फायदेमंद होती है, बल्कि यह स्किन के लिए भी बेहद उपयोगी है। प्याज के रस में एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन ए, सी और ई भरपूर मात्रा में मौजूद होता है, जो चेहरे को बेदाग और ग्लोइंग बनाता है।स्किन के लिए कैसे फायदेमंद है प्याजहेल्थ एक्सपट्र्स कहते हैं कि प्याज का रस अल्ट्रा-वायलेट किरणों से बचाव करता है ये एंटी एजिंग है, इसके इस्तेमाल से चेहरे पर उम्र का असर कम दिखता है यह स्किन को डिटॉक्स करता है, कोलेजन उत्पादन को बढ़ावा देता है इसके इस्तेमाल से स्किन को पोषण मिलता हैप्याज फेस मास्क बनाने का तरीका- आपको 3 चम्मच दही और एक छोटा प्याज चाहिए। सबसे पहले प्याज को पीसकर पेस्ट बना लें।-अब प्याज के पेस्ट में 3 चम्मच दही मिलाएं ।- इसे चेहरे पर मास्क की तरह लगा लें।- इसके 15 मिनट बाद चेहरे को धो दें।-ऐसा आप सप्ताह में एक दिन कर सकते हैं।फायदा- आप अगर ड्राई स्किन से परेशान हैं तो आप इस प्याज का फेस मास्क बनाकर प्रयोग कर सकते हैं। यह चेहरे पर नेचुरल ग्लो लाता है और चेहरे पर चमक बढ़ाता है। इसके नियमित इस्तेमाल से दाग-धब्बों को भी दूर किया जा सकता है।मुंहासे हटाने के लिए-इसे बनाने के लिए नींबू का रस 1 चम्मच, शहद 1 चम्मच और एक प्याज चाहिए।- एक प्याज का पेस्ट बना लें और इसमें 1 चम्मच नींबू का रस और 1 चम्मच शहद मिलाएं। अब इसे फेटें और इन्हें अपने चेहरे पर प्रभावित क्षेत्रों पर लगाएं। 20 मिनट बाद चेहरे को ठंडे पानी से धो लें।2. होठों का कालापन दूर करेंआप प्याज के रस में विटामिन ई तेल मिलाएं और रात को सोने से पहले इसे अपने होठों पर लगाएं। आप एक हफ्ते तक रोज ऐसा करें। एक महीने बाद आपके होंठ हल्के गुलाबी रंग के हो जाएंगे।



























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