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नीम अनमोल है। आप जब भी आप अपने बाल संवारते हैं और एक साथ कई बाल आपके हाथ में आ जाते हैं तो आपका दुखी होना स्वाभाविक है। अपने झड़ते बालों को देखकर भी के मन में यह खयाल आता है कि काश कोई ऐसा तरीका होता, जिसके जरिए हम अपने बालों का झडऩा रोक पाते।
-कई लोग दुखी होकर केमिकल प्रॉडक्ट्स की तरफ मुड़ जाते हैं। उन्हें उम्मीद होती है कि शायद वहां उनकी समस्या का कोई समाधान उन्हें मिल जाएगा। लेकिन अफसोस ज्यादातर केसेज में रिजल्ट सिर्फ परेशानी बढ़ानेवाला होता है। इसलिए आज हम आपके लिए यहां एक ऐसा देसी नुस्खा लेकर आए हैं, जिसे सुंदर और घने बालों के लिए हमारी पुरानी पीढिय़ां उपयोग किया करती थीं।
सिर्फ 10 से 15 पत्तियां चाहिए
-जब भी नीम की पत्तियों से बाल धोने की बात आती है जो ज्यादातर लोगों को लगता है कि पता नहीं इतनी ढेर सारी पत्तियां हम कहां से लेकर आएंगे। लेकिन आप बिल्कुल परेशान ना हों। बालों को धोने का पानी तैयार करने के लिए आपको नीम की सिर्फ 10 से 15 पत्तियां चाहिए।
-समस्या यह है कि हमारे यहां लोगों को नुस्खा तो पता होता है। लेकिन उसी नुस्खे से कम मेहनत के साथ अधिक लाभ कैसे पाया जाए इस बारे में ज्यादातर लोग जानते नहीं हैं।
इस तरह तैयार करें पानी
-नीम की 10 से 15 पत्तियां लेकर पहले उन्हें धो लें। इसके बाद एक बर्तन में एक बड़ा गिलास पानी लेकर गर्म होने के लिए रख दें। जब पानी गर्म हो जाए तो उसमें नीम की पत्तियां डाल दें और धीमी गैस पर इस पानी को पकने दें।
-आप पानी को तब तक पकाएं जब तक यह आधा ना हो जाए। पानी जब आधा रह जाए तो गैस बंद कर दें और पानी को ठंडा होने दें। इस पानी को छानने के बाद आप शैंपू के दौरान इस आधा-पौना गिलास पानी का उपयोग करें। ध्यान रखें कि इस थोड़े-से पानी को आपको बाल्टीभर पानी में नहीं मिलाना है।
यह है नीम का पानी उपयोग करने की सही विधि
-नीम की पत्तियों से बाल धोने का मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि आप शैंपू के दौरान जितने भी पानी का उपयोग करें, वह पूरा का पूरा नीम की पत्तियों का पानी होना चाहिए।
-बल्कि पूरी तरह शैंपू करने के बाद आपको नीम की पत्तियों का एक मग पानी अपने बालों पर उपयोग करना होता है। ताकि नीम के गुणों आपके सिर की त्वचा और बालों को पोषण दे सकें। इसके बाद आपको अन्य पानी या शैंपू का उपयोग नहीं करना होता है।
फेंके नहीं पत्तियों को
-नीम के पानी को छानने के बाद बची हुई पत्तियों को फेंके नहीं। बल्कि इन्हें मैश करके यानी मसलकर अपने चेहरे पर लगा लें। इन पत्तियों में बहुत गुण होते हैं। ये आपके चेहरे पर दाने, घमौरी और वाइट तथा ब्लैकहेड्स जैसी समस्याओं को होने से रोकती हैं। आप चाहें तो इन पत्तियों का उपयोग अपने फेस पैक को तैयार करने में भी करत सकते हैं। इन्हें बेसन या चंदन पाउडर में मिक्स करके फेस पैक बना लें।
इतनी बार करें उपयोग
-नीम बालों को या सिर की त्वचा को बिल्कुल नुकसान नहीं करता है। इसलिए आप अपनी सुविधा के अनुसार इसका उपयोग कर सकते हैं। हालांकि सुंदर और घने बालों के लिए सप्ताह में कम से कम 2 बार इस पानी से बाल जरूर धोएं।
-नीम में औषधीय गुणों के अतिरिक्त ऐंटिफंगल, ऐंटिबैक्टीरियल और ऐंटिवायरल गुण होते हैं। यह बालों की जड़ों में डैंड्रफ, फंगस और अधिक तेल आने की समस्या को रोकता है। यह बालों में पिग्मेंटेनश को भी रोकता है। उनकी चमक को बनाए रखता है और उनके प्राकृतिक रंग को बरकरार रखने में सहायता करता है।
जरूर बरतें ये सावधानी
-नीम के पानी का उपयोग करते समय इस बात का ध्यान रखें कि यह पानी आपकी आंखों में ना जाए। हालांकि यह आंखों के लिए खतरनाक नहीं होता है लेकिन आंखों में जलन पैदा कर सकता है। इसलिए किसी भी तरह की असुविधा से बचने के लिए बेहतर है कि आप इस पानी का उपयोग करते समय थोड़ी-सी सतर्कता रखें। - एक उम्र के बाद अधिकांश लोगों को घुटने की समस्या हो जाती है। कई बार गलत आदतों की वजह से कम उम्र में ही ऐसी समस्या उत्पन्न होने लगती है। ऐसे में सीढिय़ों से उतरने या चढऩे में घुटने चटकने लगते हैं। कुछ लोग इसे बुढ़ापे की समस्या मान रहे हैं, जो गलत है। अपनी कुछ आदतें सुधार कर आप इस समस्या से बच सकते हैं।घुटने का रोग गलत फुटवियर, खानपान, चाल और अधिक वेट के कारण कभी भी किसी भी उम्र में हो सकती हैं। इतना ही नहीं विटामिन और मिनिरल्स की कमी इन बीमारियों को और बढ़ावा देती है। इतना ही नहीं बहुत ज्यादा दौडऩा भी इसके लिए जिम्मेदार होने लगा है।हाई हील्स बंद कर दें पहनानाहाई हील्स घुटने को खराब करने का बहुत बड़ा कारण है। फैशन और खुद को स्टाइलिश बनाने के लिए अगर आप हील्स ज्यादा पहनती हैं तो जान ले ये आपके घुटने के दर्द के लिए न्योता है। हाई हील के कारण कमर पर चर्बी बढ़ती और इससे घुटनों पर अतिरिक्त भार पड़ता है। इतना ही नहीं कई बार हील्स के कारण सही चाल नहीं बनती और इसका असर घुटनों पर होता है।ट्रेडमील पर ज्यादा दौडऩाअगर आप जिम प्रेमी हैं और ट्रेडमील पर आपको बहुत दौडऩे का शौक है तो संभल जाएं। ज्यादा दौडऩा वह भी ट्रेडमील पर सही नहीं होता, क्योंकि जब पैर मशीन पर फैला कर दौड़ा जाता है तो इससे घुटनों पर असर ज्यादा होता है, क्योंकि इससे घुटने की त्रिकोण वाली हड्डी पर दबाव पड़ता है। इतना ही नहीं इससे घुटने के कार्टिलेज घिसने लगते हैं।गलत पॉश्चरगलत तरीके से केवल चलना या गलत फुटवियर को पहनना ही घुटने को खराब करता बल्कि आपके गलत तरीके से खड़े रहा, उठना-बैठना भी इसके लिए जिम्मेदार है। पैर पर पैर चढ़ा कर बैठना इसका बड़ा कारण होता है। इतना ही नहीं अगर आप भारी वेट उठाते हैं तो ये आदत बदल दें। क्योंकि इससे घुटने तेजी से खराब हो सकते हैं।एक्सरसाइज की धुन, मोटापाकई बार किसी को एक्सरसाइज की धुन सवार होती है। ऐसा कर के वह अपने घुटने को खराब करने का काम कर रहे होते हैं। दरअसल ज्यादा एक्सरसाइज में पैरों को मूवमेंट ज्यादा होने लगता है। इससे घुटनों के आस-पास की मसल्स पर बुरा असर पड़ता है और वो क्षतिग्रस्त होने लगते हैं। इसके अलावा अगर आपका वेट ज्यादा है तो इसका सीधा असर आपके घुटने पर ही पडऩे वाला है। इससे जोड़ों में दर्द या मांसपेशियों में दर्द होने लगता है।
- घनी और मोटी आइब्रोज हमारे चेहरे पर चार चांद लगा देते हैं। कई लोगों के मुंह से आपने सुना भी होगा कि मोटी आइब्रोज से शेप अच्छी आती है। आइब्रोज के शेप अच्छा होने से हमारा चेहरा काफी खिला-खिला सा लगता है। अगर आप भी अपने आइब्रोज के बाल घने करना चाहती हैं, तो नारियल तेल का इस्तेमाल करें।नारियल तेल ना सिर्फ आपके सिर के बालों की खूबसूरती बढ़ाते हैं, बल्कि आपकी आइब्रोज के लिए भी काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। नारियल तेल में कई ऐसे एंटीऑक्सीडेंट मौजूद होते हैं, जो आपकी स्किन और बालों के लिए फायदेमंद होता है। इसके अलावा इसमें एंटीमाइक्रोबियल गुण और पोषक तत्व होते हैं, जो स्किन और बालों के लिए फायदेमंद हैआइब्रोज बालों के टूटने से करता है बचावक्या आपके आइब्रोज के बाल टूटते हैं? अगर हां, तो अपने आइब्रोज पर नारियल तेल का इस्तेमाल करें। इसके इस्तेमाल से आपके आइब्रोज के बाल टूटेंगे नहीं। कई स्किन एक्सपर्ट का मानना है कि नारियल तेल से आइब्रोज पर मसाज करने से आपके आइब्रोज के बाल टूटते नहीं हैं।आइब्रोज होती हैं घनीनारियल तेल आइब्रोज को मॉइश्चराइज करता है। यह आंखों के लिए भी काफी अच्छा साबित हो सकता है। आंखों के आसपास नारियल तेल लगाना सुरक्षित माना जाता है। क्योंकि यह बाजार के अन्य सीरम और क्रीम की तुलना में अधिक सुरक्षित होता है। नारियल तेल में किसी तरह के केमिकल्स का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। अगर आप अपने आइब्रोज को घना करना चाहते हैं, तो चेहरा धोने के बाद नारियल तेल का इस्तेमाल अपने आइब्रोज पर जरूर करें। इसके साथ ही मेकअप हटाने के बाद भी नारियल तेल से आइब्रोज पर हल्के हाथों से मसाज करें। इससे आपके आइब्रोज घने होंगे। आइब्रोज के आसपास नारियल तेल लगाने से डार्क सर्कल और झुर्रियां होने की संभावना काफी कम होती है।थ्रेडिंग के बाद नारियल तेल के इस्तेमाल से जलन होता है कमथ्रेडिंग कराते समय अगर आपको कट लग जाता है, तो नारियल तेल आपके लिए सबसे अच्छा विकल्प है। थ्रेडिंग कराने से पहले अपनी स्किन को अच्छे से साफ करें। इसके साथ ही थ्रेडिंग कराने से पहले कभी भी क्रीम या मॉइश्चराइजर का इस्तेमाल ना करें। इससे आपकी स्किन पर थ्रेड कट लगने का खतरा रहता है। थ्रेडिंग करते समय आपकी स्किन ड्राई होनी चाहिए। इससे धागा आइब्रोज से फिसलता नहीं है। लेकिन अगर आपको थ्रेड की वजह से कहीं कट लगा है, तो उस स्थान पर तुरंत नारियल का तेल लगाएं। इससे आपका काफी ज्यादा फायदा होगा। कट लगने के बाद स्किन को नारियल तेल से मॉइस्चराइज करने से आपकी स्किन में किसी तरह की परेशानी नहीं होगी। यह एक जीवाणुरोधी गुणों से भरपूर तेल है।नारियल तेल के इस्तेमाल से स्किन लंबे समय तक रहती है मॉइश्चराइजनारियल तेल हमारे लिए नैचुरल मॉइस्चराइजर की तरह कार्य करता है। सर्दियों में नारियल तेल के इस्तेमाल से हमारी स्किन ड्राई नहीं होती है। आइब्रो के चारों ओर रुसी या स्किन निकलने की परेशानी से छुटकारा दिलाने में नारियल तेल आपकी मदद कर सकता है। नारियल तेल भौंंहो पर लगाने से आइब्रोज की कई समस्याओं से राहत मिलती है।
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लहसुन में मौजूद गुणकारी तत्व हमें कई बीमारियों से बचा सकते हैं। इसे इस्तेमाल करने का सबसे आसान तरीका है दाल-सब्जी या हरे साग में लहसुन का छौंक लगाना। खाने में स्वाद को बढ़ाने के लिए लहसुन का प्रयोग तो काफी समय से किया जा रहा है। लेकिन क्या आपको पता है कि लहसुन में ऐसे गुणकारी तत्व होते हैं, जो आपको कई बीमारियों से बचा सकते हैं। यूं तो हर मसाले में अपने आप में ही कई आयुर्वेदिक औषधीय खूबियां होती हैं, लेकिन लहसुन में ऐसे एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो आपको एक नहीं बल्कि कई बीमारियों से बचा सकते हैं।
पोषण का खजाना है लहसुन
लहसुन कम कैलोरी और न्यूट्रिएंट्स से भरपूर एक बेहद ही अच्छा खाद्य पदार्थ है। यूनाइटेड स्टेट्स डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर के डाटा के अनुसार लहसुन की एक गांठ में रोज के खाने लायक लगभग 2फीसदी मैग्नीज, 2फीसदी विटामिन बी-6, 1फीसदी विटामिन सी, 1फीसदी सेलेनियम और 0.06 ग्राम फाइबर के साथ-साथ कैल्शियम, कॉपर, पोटेशियम, फॉस्फोरस, आयरन और विटामिन बी-1 जैसे सेहतमंद तत्व मौजूद होते हैं।
कई तरीकों से किया जा सकता है लहसुन का सेवन
आयुर्वेद में लहसुन को कच्चा खाने की सलाह दी गई है। पर इसका तीखा स्वाद और गंध आपके लिए मुश्किल हो सकता है। इसलिए दादी-नानी ने जो सबसे आसान उपाय सुझाया वह है दाल, सब्जी या हरे साग में लहसुन का छौंक लगाना। इससे न सिर्फ खाने का स्वाद बढ़ जाता है, बल्कि उसके पोषक तत्वों में भी बढ़ोतरी हो जाती है।
असल में लहसुन को चाहें कच्चा खाया जाए, उबाल कर, भूनकर खाया जाए, ये हर तरह से लाजवाब होता है। खास बात यह कि खाली पेट लहसुन का सेवन भी आपके लिए लाभदायक हो सकता है। इसके फायदों को देखते हुए डॉक्टर भी किसी न किसी रूप में हमें लहसुन को अपनी डाइट में शामिल करने की सलाह देते हैं। चलिए हम आपको इस गुणकारी लहसुन के फायदे बताते हैं-
सर्दियों के मौसम में जरूरी है सब्जियों में लहसुन का छौंक
1. कोल्ड से दे सकता है आराम
लहसुन हमें सर्दियों में होने वाले कोल्ड और फ्लू से आराम दिलाता है। दरअसल लहसुन में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स हमारे इम्यून सिस्टम को बूस्ट करने में बहुत मदद करते हैं। एक स्टडी के मुताबिक लहसुन कोल्ड के लक्षणों को 70प्रतिशत तक कम कर सकता है। यहां तक कि यह हमें कई और बीमारियों से भी दूर रहने में हमारी मदद करता है।
2. हार्ट अटैक के खतरे को करता है कम
कोलेस्ट्रॉल लेवल और ब्लड प्रेशर के बढऩे से हार्ट अटैक की संभावना बढ़ जाती है। नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन में प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार लहसुन हमारे ब्लड प्रेशर को भी नियंत्रित रखता है। इसी वजह से लहसुन खाने वाले लोगों को हार्ट अटैक आने के कम चांस होते हैं।
3. डाइजेशन को सुधारता है
सर्दियों में डाइजेस्टिव प्रॉब्लम्स भी बढ़ जाती हैं। इसकी वजह है अधिक आहार और कम सक्रियता। पर लहसुन पाचन संबंधी समस्?याओं से आपको राहत दिला सकता है। नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ में प्रकाशित एक जर्नल के मुताबिक लहसुन खाने से हमारे इंटेस्टाइन में मौजूद बैड बैक्टीरिया साफ हो जाते हैं। साथ ही इसकी एंटी-इन्फ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज हमारे इंटेस्टाइन और पेट में इन्फ्लेमेशन को भी कम करती हैं।
4. त्वचा के लिए भी है लाभदायक
लहसुन के अंदर एंटीऑक्सीडेंट, एंटीफंगल और एंटीबैक्टीरियल प्रॉपर्टीज मौजूद होती हैं, जो हमारी त्वचा के लिए बेहद फायदेमंद होती हैं। यह एक्ने और एक्ने माक्र्स जैसी समस्या से भी हमें बचाता है।
5. शरीर को रखता है गर्म
लहसुन सर्दियों में और भी ज्यादा फायदेमंद होता है। आयुर्वेद के मुताबिक इसकी तासीर गर्म होने की वजह से यह सर्दियों में हमारे शरीर को गर्म रहने में मदद करता है। दाल और सब्जियों में लहसुन मिलाकर या फिर सुबह-सुबह एक कली कच्चे लहसुन की खाने से सर्दियों में हमारा शरीर गर्म महसूस करता है और हम सर्दी-जुकाम से भी बचे रहते हैं। -
अक्सर लोगों को कार या बस में सफर के दौरान में जी मचलाने और उल्टी की शिकायत होती है। कई बार आपको सफर के दौरान न सिर्फ कुछ घंटों बल्कि तीन-चार दिनों तक चक्कर, घबराहट, जी मचलने या उल्टी जैसी समस्याएं होती हैं जिसे मोशन सिकनेस कहते हैं। अगर आप भी सफर करने से सिर्फ इसलिए डरते हैं, क्योंकि यात्रा के दौरान आपको उल्टी आती है. तो अब आपको इसके लिए घबराने की जरूरत बिल्कुल नहीं है. क्योंकि हम आपको बता रहे हैं। सफर में उल्टी की समस्या से निजात पाने के लिए ये उपाय अपनाएं। इससे आपको उल्टी नहीं आएगी। आइए जानते हैं उपायों के बारे में----
सफर में क्यों आती है उलटी?
सफर में उल्टी आने को मोशन सिकनेस कहते हैं। ध्यान रखें मोशन सिकनेस कोई बीमारी नहीं है बल्कि ये एक ऐसी स्थिति है जब हमारे दिमाग को भीतरी कान, आंख और त्वचा से अलग-अलग सिग्नल मिलते हैं। इसमें सेंट्रल नर्वस सिस्टम कन्फ्यूज हो जाता है, लेकिन अगर आप थोड़ी सावधानी के साथ चलें तो मोशन सिकनेस से निजात पाना बेहद आसान है।
इन पीछे की सीट से करें परहेज
अगर आपको सफर के दौरान उल्टी की समस्या होती है तो आप किसी भी बड़े वाहन की पीछे की सीट पर बैठने से परहेज करें। पीछे की सीट पर गति का एहसास अधिक होता है। इसी तरह आप कार में फ्रंट सीट पर ही बैठें।
किताब न पढ़ें
सफर के दौरान उल्टी की समस्या रहने पर किताब बिल्कुल न पढ़ें। इससे आपके दिमाग को गलत संदेश मिलता है।
ताजी हवा
अगर आपको ज्यादा दिक्कत हो रही हो तो गाड़ी की खिड़की का शीशा खोल लें और बाहर की ओर मुंह करके बैठें। ताजी हवा मिलने से आप अच्छा महसूस करेंगे।
खाली पेट न करें सफर
लोगों में ये मिथ्य है कि खाली पेट सफर करने पर उल्टी नहीं होगी लेकिन, ये बिल्कुल गलत है। अक्सर जो लोग बिना कुछ खाए सफर पर निकल जाते हैं उन्हें मोशन सिकनेस अधिक होता है. लेकिन इसका मतलब यह भी नहीं कि आप बहुत हेवी डाइट लें। घर से हल्की और हेल्दी डाइट लेकर ही निकलें।
सफर के दौरान क्या करें -----
सफर के दौरान उल्टी की समस्या रहने पर घर से निकलने से पहले कुछ आसान सी तैयारियां कर लें। ये आसान उपाय आपको इस समस्या से निजात दिलाएंगे।
उपाय -1
जब भी आप किसी सफर पर निकलें तो अपने साथ एक पका हुआ नींबू जरूर रख लें. जब भी आपका मन मतली सा लगे तो तुरंत इस नींबू को छीलकर सूंघे. इससे आपका मन फ्रेश होगा साथ ही ऐसा करने से उल्टी भी नहीं आएगी.
उपाय - 2
लौंग को भूनकर पीस लें और किसी डिब्बी में भरकर रख लें. जब भी सफर पर जा रहे हैं तो इसे साथ ले जाएं. उल्टी जैसा मन हो तो इसे सिर्फ एक चुटकी मात्रा में चीनी या काले नमक के साथ लें और चूसते रहें।
उपाय- 3
तुलसी के पत्ते चबाने से उल्टी नहीं आएगी. इसके अलावा एक बॉटल में नींबू और पुदीने का रस काला नमक डालकर रखें और सफर के दौरान इसे थोड़ा-थोड़ा पीते रहें.
उपाय- 4
नींबू को काटकर, इस पर काली मिर्च और काला नमक छिड़क कर चाटें. इससे आपका मन ठीक रहेगा और उल्टी नहीं आएगी।
उपाय- 5
अगर आप बस में सफर कर रहे हैं तो वहां बैठने से पहले एक पेपर बिछा लें फिर बैठें. इससे आपको उल्टी नहीं आएगी।
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पीएम मोदी भी कर चुके हैं तारीफ, गरीब बच्चियों को पढ़ाती भी हैं डॉ. शिप्रा
आप अक्सर अस्पतालों में हंगामे की खबरें सुनते हैं। इस विवाद का कारण अमूमन लंबा-चौड़ा बिल होता है। डॉक्टरों की मोटी फीस के कारण ही कई बार गरीब और निम्न मध्यम वर्गीय परिवारों के लोग अच्छे डॉक्टरों से इलाज नहीं करा पाते। इन सब के बीच समाज में कुछ ऐसे डॉक्टरों भी हैं, जो लोगों की मदद और इलाज को लेकर हमेशा तत्पर रहते हैं। ये डॉक्टर न केवल निस्वार्थ भाव से मरीजों का इलाज करते हैं, बल्कि मुफ्त में दवाएं भी बांटते हैं। ऐसी ही एक महिला डॉक्टर हैं यूपी के वाराणसी में रहने वालीं डॉ. शिप्रा धर श्रीवास्तव।
वह पिछले कई सालों से ये काम कर रही हैं। उनके नर्सिंग होम में अगर किसी दंपती के घर बेटी जन्म लेती है तो वो पूरे अस्पताल में मिठाईयां बंटवाती है और खुशियां मनाती हैं। डॉ. शिप्रा के इस काम में उनके पति डॉ. एम के श्रीवास्तव भी बखूबी साथ देते हैं।
डॉ. शिप्रा धर श्रीवास्तव ने वाराणसी से ही एमबीबीएस और एमएस किया है। जब उन्होंने प्रैक्टिस शुरू की तो उनके पास कई ऐसे मामले आए जिनमें लोग बेटियों के जन्म को लेकर उतने उत्साहित नजर नहीं आए। इसके उलट बेटे के जन्म पर लोग स्टॉफ को न केवल पैसे देते, बल्कि पूरे अस्पताल में मिठाइयां बंटवाते थे। यह देख डॉ. शिप्रा को बुरा लगता। बेटियों के जन्म पर लोगों की इस सोच को बदलने के लिए उन्होंने खुद फीस नहीं लेने और स्टॉफ को मिठाई बंटवाने का फैसला किया। भ्रूण हत्या जैसी कुरीति ने भी डॉ. शिप्रा पर गहरा असर डाला। उन्होंने गर्भ में ही बेटियों को मार देने और उनके जन्म के बाद उनकी जान ले लेने की लोगों की सोच में बदलाव के लिए यह प्रयास शुरू किया। डॉ. शिप्रा बताती हैं कि लोगों में बेटियों के प्रति नकारात्मक सोच अब भी है। जब परिजनों को पता चलता है कि बेटी ने जन्म लिया है तो वह मायूस हो जाते हैं। गरीबी के कारण कई लोग तो रोने भी लगते हैं। इसी सोच को बदलने की वह कोशिश कर रही हैं, ताकि अबोध शिशु को लोग खुशी से अपनाएं। वह बेटी के जन्म पर फीस नहीं लेती हैं। बेड चार्ज भी नहीं लिया जाता, यदि ऑपरेशन करना पड़े तो वह भी मुफ्त करती हैं।
पीएम मोदी भी कर चुके हैं तारीफ, गरीब बच्चियों को पढ़ाती भी हैं डॉ. शिप्रा
डॉ. शिप्रा के बारे में तीन साल पहले जब प्रधानमंत्री मोदी को जानकारी हुई तो वह काफी प्रभावित हुए। जब वह वाराणसी दौरे पर गए तो एक जनसभा के दौरान मंच से देश के सभी डॉक्टरों से आह्वान किया था कि वे हर महीने की 9 तारीख को जन्म लेने वाली बच्चियों के परिजनों से कोई फीस न लें। इससे बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ मुहिम को बल मिलेगा। मंच पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डॉ. शिप्रा को सम्मानित किया और देशभर के डॉक्टरों के लिए उन्हें मिसाल बताया। डॉ. शिप्रा ने गरीब लड़कियों की शिक्षा का भी बीड़ा उठाया है। वह नर्सिंग होम में ही लड़कियों को पढ़ाती हैं। घरों में काम करने वाली कई बच्चियां उनके पास पढऩे आती हैं। आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की बेटियों को सुकन्या समृद्धि योजना का लाभ दिलाने में भी मदद करती हैं।
अनाज बैंक भी चलाती हैं
बच्चों और परिवारों को कुपोषण से बचाने के लिए डॉ. शिप्रा अनाज बैंक भी संचालित करती हैं। इसकी मदद से वह गरीब विधवा महिलाओं और असहाय 38 परिवारों को हर माह की पहली तारीख को अनाज मुहैया कराती हैं। अनाज बैंक से गरीब महिलाओं को हर महीने 10 किलो गेहूं और 5 किलो चावल दिया जाता है। डॉ. शिप्रा का मानना है कि सनातन काल से बेटियों को लक्ष्मी का दर्जा दिया गया है। देश विज्ञान, तकनीक की राह पर आगे बढ़ रहा है। ऐसे में अगर बेटी के जन्म पर खुशी नहीं मनाई जा सके तो ऐसा विकास किस काम का। डॉ. शिप्रा का मानना है कि यदि उनका यह छोटा सा प्रयास बेटियों के प्रति समाज की सोच को बदल सके तो वह खुद को सफल समझेंगी। - मुंबई। बिग बॉस 13 स्टार शहनाज गिल ने बिना एक्सरसाइज किए घटाया 12 किलो वजन। जानिए अदाकारा ने कैसे इस मुश्किल काम को किया।बिग बॉस 13 स्टार और पंजाबी सिंगर शहनाज गिल इन दिनों हर ओर छाई हुईं हैं। अदाकारा ने बिग बॉस 13 के बाद अपने लुक्स और वजन पर काफी काम किया है। जिसके बाद उनकी वेट लॉस जर्नी कई लोगों के लिए प्रेरणा का काम कर रही है। शहनाज गिल उस वक्त चर्चा में आ गईं जब उन्होंने अपना वजन 67 किलो से घटाकर 55 किलो कर लिया। बिग बॉस 13 में मस्तमौला और बिंदास सी दिखने वाली अदाकारा शहनाज गिल ने इस शो के खत्म होने के बाद अपने आप पर काफी काम किया और इस दौरान एक्ट्रेस ने करीब 12 किलो वजन घटाया है। हालांकि ऐसा करना उनके लिए इतना आसान भी नहीं था।शहनाज गिल काफी फूडी हैं। ऐसे में डाइटिंग का विकल्प तो उनके लिए नाकाफी ही था। मगर फिर अदाकारा ने आखिर कैसे इसे नामुमकिन से मुमकिन किया। आइए जानते हैं।नहीं की कोई एक्सरसाइजदिलचस्प बात ये है कि शहनाज गिल ने अपना 12 किलो वजन बिना किसी हैवी एक्सरसाइज के ही घटाया है। इस दौरान एक्ट्रेस ने बिना किसी जिम को ज्वाइन किए और ज्यादा एक्सरसाइजेस नहीं की थी। एक्ट्रेस ने कहा, देखो लॉकडाउन चल रहा था, और ज्यादा कुछ करने के लिए था नहीं। तो मैने सोचा क्यों नहीं वजन ही घटाया जाए।अदाकारा ने इंटरव्यू में बताया था, बिग बॉस 13 शो में कुछ लोगों ने मेरे वजन का मजाक बनाया था। मैंने सोचा कि चलो लोगों को दिखाते हैं कि मैं भी पतली हो सकती हूं। ये बहुत मुश्किल भी नहीं है अगर आप चाहो तो। शहनाज गिल काफी फूडी थी तो ये काम उनके लिए काफी मुश्किल था। शहनाज गिल ने एक इंटरव्यू में बताया था कि करीब 6 महीने तक उन्होंने अपनी डाइट कंट्रोल की। उन्होंने इन दौरान न सिर्फ नॉन-वेज, चॉकलेट्स और आइसक्रीम जैसी चीजें अपनी डाइट से हटाईं बल्कि खाने की आदतों पर भी काफी ध्यान दिया। उन्होंने अपने खाने को बिल्कुल आधा कर दिया। एक्ट्रेस ने बताया था कि वो इस दौरान मन मारके खाती थीं। 2 रोटी की भूख होती थी तो महज 1 रोटी ही खाती थीं। जो भी खाती थी, हेल्दी रहता था। इसका नतीजा ये रहा कि उनका वजन 12 किलो कम हो गया।-----
- ऋतिक रोशन बॉलीवुड के पहले ऐसे एक्टर माने जाते हैं जो एक्टिंग के साथ साथ उन सभी गुणों से लैस हैं जिन्हें जनता वाकई एक हीरो में देखना चाहती है। डायरेक्टर और मशहूर एक्टर राकेश रोशन के बेटे ऋतिक रोशन एक्टिंग के साथ साथ हैंडसम, फिटनेस, डांस और अच्छी बॉडी के मामले में भी नंबर वन स्टार हैं। हाल ही में उन्होंने अपना 46वां जन्मदिन मनाया है।ऋतिक नब्बे दशक के समय के ऐसे पहले एक्टर हैं जिनके पास परफेक्ट सिक्स पैक एब्स, बाईसेप्स, फिलेक्सीबिलिटी और जबरदस्त स्टेमिना था और वह आज भी बरकरार है। उनकी फिटनेस की वजह से कई बार अनजाने शहर में उन्हें हॉलीवुड एक्टर भी समझ लिया जाता है। वह न सिर्फ अपनी डाइट बल्कि अपने वर्कआउट प्लॉन को लेकर भी बहुत स्ट्रिक्ट रहते हैं।क्या है उनकी इस फिटनेस का राजअगर ऋतिक की फिल्म कृष 2 की बात करें तो इसके लिए वह सप्ताह में 4 दिन अपनी बाईसेप्स के लिए एक्सरसाइज करते थे। इसके अलावा एक्सरसाइज के वक्त उनका फोकस हमेशा अपनी ताकत, स्टेमिना और फिलेक्सीबिलिटी को बढ़ाने के लिए रहता है। उनके वार्म-अप में एक स्टूल के साथ कई तरह के उपकरण होते हैं। उनका नियमित फिटनेस शासन कार्डियो और सर्किट प्रशिक्षण का एक सही मिश्रण है।बाइसेप्स और ट्राइसेप्स के लिए वह रोजाना 8-5 रिप्स के साथ कंसेंट्रेटेड कल्र्स, स्ट्रेट आर्म डंबल पुलओवर, केबल लेइंग ट्राइसेप्स एक्सटेंशन, स्ट्रेट आर्म पुलडाउन में से 2-5 सेट करते हैं। कंधों के लिए वह 8-5 प्रतिनिधि के साथ फ्रंट राइज़, साइड लेटरल राइज़, रिवर्स फ्लाई, मिलिट्री प्रेस में से प्रत्येक में 2-5 सेट करते हैं। छाती और पीठ के लिए 2-5 सेट डम्बल बेंच प्रेस और हैंड केबल पुल, डिक्लाइन डंबल फ्लाई और बेंट ओवर बारबेल और इंक्लाइन डंबल फ्लाई और लेटिंग टी-बार रो को 8-15 के सेट में करते हैं। जबकि अगर पैरों की बात करें तो वह 8-5 प्रतिनिधि के साथ 2-5 सेट एक्सटेंशन्स लाइंग, लेग कर्ल, लेग प्रेस और वेटेड स्क्वाट करते हैं।जरूरी है कोर फिटनेसऋतिक कहते हैं किफिटनेस में केवल बॉडी ब्लिडिंग, अच्छे एब्स, अच्छे चेस्ट ही नहीं आते। फिटनेस का मतलब होता है आपकी कोर फिटनेस। फिटनेस का रिश्ता कभी भी आपके लुक से संबंधित नहीं होता। फिटनेस मतलब है कि आप कितने फिट और हेल्दी हो। और मुस्तफा ने मुझे इस तरह से फिट रहने के लिए काफी ट्रेन किया। मैं निजी तौर पर खुद मानता हूं कि मुस्तफा देश के बहुत ही चुनिंदा फिटनेस ट्रेनर्स में से एक है जो आपको फिट रखने में काफी मदद और सहयोग करता है।ऋतिक की डाइटऋतिक मानते हैं कि उनके लिये फिट रहना ही सबसे बड़ी उपलब्धि है। अपनी इस फिट बॉडी और एब्स के लिए ऋतिक रोजाना पोषण युक्त आहार का सेवन भी करते हैं और वो इस नियम का सख्ती से पालन करते हैं। ऋतिक अपने ट्रेनर क्रिस गेथिन के बताए मुताबिक ही डाइट लेते हैं। ऋतिक डाइटिंग पर होने के बावजूद कार्बोहाइड्रेट की मात्रा खाने में जरूर शामिल करते हैं। इसमें वे 100 ग्राम मीट, ब्रोकली, स्प्राउट्स, पालक, चावल और पास्ता खाते हैं। ऋतिक खाने के शौकीन हैं। जब वो डाइट पर नहीं होते तो शुगर फ्री पैन केक्स खाते हैं जो प्रोटीन पाउडर के बने होते हैं। वो प्रोटीन पाउडर और दही के साथ केले से बने पकवान भी खाते हैं। इसके साथ ऋतिक सप्लीमेंट भी लेते हैं। ब्रेकफास्ट में ऋतिक चार अंडे, दो ब्राउन ब्रेड, प्रोटीन शेक, नट्स, दूध के साथ कॉर्न फ्लैक्स और फल लेते हैं। लंच में दो रोटी, हरी सब्जियां, चिकन ब्रेस्ट, सलाद, फिश स्नैक्स, प्रोटीन शेक, अंडे का सफेद हिस्सा टोस्ट के साथ लेते हैं। डिनर की बात करें तो ऋतिक ब्राउन ब्रेड के साथ अंडे, 1/2 चिकन या स्टिर फ्राई फिश, सब्जियां और सलाद खाते हैं।फिटनेस मंत्र- स्टे फिटयूथ को फिटनेस टिप्स देने के दौरान ऋतिक कहते हैं कि अगर आप फिट नहीं है तो आप कभी खुश नहीं रह सकते। खुशी को महसूस करने और सेलीब्रेट करने के लिए भी हेल्दी व फिट रहना जरूरी है। अगर आप सोचो तो आप नोटिस करेंगे कि आपने जो भी सेलीब्रेशन किया है और जो भी सक्सेस पाई है उसके पिछे आपकी फिटनेस और हेल्थ ही है। सो फिट रहना बहुत जरूरी है चाहे वो कई भी हो।
- डाइट में बदलाव से बढ़ती उम्र में कम होगा बीमारियों का खतरालंबे समय तक सेहतमंद बने रहने के लिए जरूरी है कि अपनी डाइट का पूरा ध्यान रखा जाए। खासतौर पर 50 की उम्र के बाद अपनी डाइट में कुछ बदलाव जरूर करें। आपका आहार आपकी सेहत को प्रभावित करता है। आप जैसी डाइट अपनी युवावस्था में लेते हैं, वह आपको लंबे समय तक सेहतमंद बनाए रखने में मददगार होती है। यही वजह है कि उम्र बढऩे के बाद भी लोग स्वस्थ रहते हैं। कुछ चीजों को अपनी डाइट में शामिल करें और कुछ चीजों का सेवन बिल्कुल छोड़ दें। इससे आप लंबे समय तक खुद को स्वस्थ रख पाएंगे।उम्र बढऩे के साथ महिला हो या पुरुष उनमें कई बदलाव आते हैं। खासतौर पर 50 की उम्र के बाद कई शारीरिक बदलावों से गुजरना पड़ता है। ऐसे में ज्यादा ध्यान देने की जरूरत होती है। उम्र बढऩे के साथ हड्डियां और मांसपेशियां कमजोर होने लगती हैं। ऐसे में इस उम्र में सेहत के लिहाज से अपने आहार में कुछ बदलाव जरूर करने चाहिए।फल, हरी सब्जियां हैं जरूरीअपनी डाइट में फल, हरी पत्तेदार सब्जियां पालक, पत्तागोभी आदि शामिल करनी चाहिए। स्वस्थ शरीर के लिए जरूरी है कि इनका नियमित सेवन किया जाए। उम्र बढऩे के साथ शरीर में जिन पोषक तत्वों की कमी हो जाती है, इनके जरिये उनकी पूर्ति होती है। इनमें पाए जाने वाले मैग्नीशियम, पोटेशियम, एंटीऑक्सीडेंट, और विटामिन सी आदि पोषक तत्वों की वजह से आंखों की रोशनी बढ़ती है और शरीर स्वस्थ बना रहता है।चाय कॉफी को कहें नबढ़ती उम्र में चाय, कॉफी और एल्कोहल आदि लेने से बचना चाहिए। वहीं ज्यादा नमक वाली चीजें हाई ब्लड प्रेशर की समस्या को बढ़ाती हैं। इसलिए उन चीजों को खाने से बचना चाहिए जिनमें नमक की मात्रा ज्यादा हो। तले भुने और तेज मसालों के खाने से भी बचना चाहिए।मोटे अनाज करें शामिलवहीं बढ़ती उम्र वाले लोगों को अपनी डाइट में मोटे अनाजों को जरूर शामिल करना चाहिए। ये शरीर के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं। मोटे अनाजों में फाइबर की भरपूर मात्रा होती है। इससे दिल की बीमारियों का जोखिम कम हो जाता है. इसलिए अपने आहार में बाजरा, दलिया, ब्राउन राइस को भी शामिल करें।गाजर, ब्रोकली है जरूरीउम्र बढऩे के साथ आंखों की रोशनी कम होने लगती है। इसलिए डाइट में ऐसी चीजें होनी चाहिए जिनसे आंखों की रोशनी बढ़े। वहीं बढ़ती उम्र के साथ दिल से संबंधित बीमारियां भी होने का खतरा रहता है। इसलिए अपने आहार में गाजर, आंवला, ब्रोकली, पालक आदि चीजें जरूर शामिल करें।
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प्यार में इंसान जितना आजाद होता है, उतना ही रिश्ते में हर एक कदम पर सोच- सोचकर चलना पड़ता है। कई बार आप किसी चीज को यदि बार-बार करते हैं तो आपके पार्टनर पर उसका नकारात्मक प्रभाव भी पड़ सकता है। जो कि आने वाले समय में आपके रिश्ते को कमजोर बनाता है। इसलिए अपने पार्टनर की इच्छाओं का सम्मान करें, अपने रिश्ते को नकारात्मक भाव से दूर रखें।
जानिए कि किन चीजों को रिश्ते में लाने से प्यार एक समय पर बोझ लगने लगता है।
बात-बात पर रूठना
प्यार में रूठना-मनाना तो चलता रहता है लेकिन कोई बात-बात पर बुरा मानने लग जाए तब तो रिश्ते को निभाना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। क्योंकि फिर पूरा समय प्यार पर केंद्रित न होकर रूठने-मनाने में बीत जाता है। शुरू में तो हमसफर मना भी लेता है लेकिन समय के साथ फिर वह चिढऩे लगता है इसलिए छोटी- मोटी बातों के लिए रूठने के बजाय उन्हें नजरअंदाज कर दें और खुशी-खुशी रहें।
अपने अनुसार ढालने का प्रयास
प्यार का अर्थ है, जो जैसा है उसे वैसा ही स्वीकार करो और सामने वाले के लिए खुद को भी बदलने का प्रयास न करो। यदि बार-बार आप सामने वाले को कमियां बताने लगते हैं तो वो परेशान होने लगता है। वो खुद को बहुत हीनभावना की दृष्टि से देखने लगता है और फिर वो उस तरह से प्यार भी नहीं कर पाता है और आप दोनों ही एकदूसरे के साथ खुश नहीं रह पाते हैं इसलिए सामने वाले को खुशी-खुशी स्वीकार लो।
शक
आपका पार्टनर आपके प्रति निष्ठावान है तो भूलकर भी उस पर शक न करें क्योंकि एक बार यदि आपके मन में शक का कीड़ा पनप गया तो ये आपके लिए हमेशा की समस्या खड़ी करेगा और ये बात आपके पार्टनर को पता चल गई कि आप उन पर शक करने लगे हैं तब तो और भी बड़ी समस्या इसलिए दोनों ही एक दूसरे पर विश्वास रखते हुए इस रिश्ते को आगे लेकर चलें।
इनसिक्योरिटी
आपके पार्टनर से यदि आपको प्यार है तो इनसिक्योरिटी को आपको जगह नहीं देना चाहिए। आपको अपने पार्टनर को समझना चाहिए। आपको कोई हक नहीं कि जब आपके पार्टनर उनके दोस्तों और कजिन्स से मिलते हैं तो आप इनसिक्योर होने लगें। यदि यही व्यवहार आपका पार्टनर भी आपके साथ करता तो आपको कैसा लगता, बस एक बार आप इस विषय में जरूर सोचें। आपके जीवन में और भी सारे लोग हैं, जिनके साथ आप अपनी खुशी- गम साझा कर सकते हैं। -
आजकल घरों में माता-पिता दोनों नौकरी करते हैं, ऐसे में बच्चों को समय देना उनके लिए बहुत मुश्किल होता है। दफ्तर से घर में ही माता-पिता इतने उलझे हुए रहते हैं कि वे चाहकर भी बच्चों के लिए समय नहीं निकाल पाते हैं। ऐसे में कई बार बच्चे उनसे दूर होने लगते हैं, उनसे शिकायतें रखते हैं। पिता एकबार बच्चों को समय नहीं दे पाए तो फिर भी बच्चों को चल जाता है लेकिन मां यदि समय नहीं दे पाएं, तब तो बच्चों की मनोस्थिति पर सीधा प्रभाव पड़ता है। बच्चे अपने ही अपने में रहने लगते हैं। अगली स्लाइड्स से जानिए किस तरह नौकरी करते हुए भी बच्चों के लिए समय निकाला जा सकता है। आप ऑफिस जाने से पहले बच्चों को अपना समय दें। आप बच्चों के साथ वॉक पर जाएं, उनके साथ कसरत कर लें या फिर जब आप अपना कमरा सुधारते हैं, उस वक्त उनकी भी सहायता लें। ऐसा करने से वे आपके साथ समय व्यतीत करेंगे। सेहत तो अच्छी रहेगी ही साथ ही आप उनको काम भी सिखा सकेंगे और ये सब चीजें एक दिन के लिए नहीं बल्कि रोज का नियम बना दें। इससे बच्चा आपके करीब रहेगा। भले ही कोई भी व्यक्ति काम करके लौटने पर कितना ही क्यों न थक जाए लेकिन जब वो अपने बच्चों की मुस्कराहट देखता है तो सारी थकान गायब हो जाती है। ऐसे में आप कोशिश करें कि रात में प्रतिदिन बच्चों को कहानी सुनाकर, प्यार करते हुए सुला दें। ऐसा करके आप आपकी पूरे दिनभर की कमी को पूरा कर देंगे। साथ ही कहानी के माध्यम से आप उन्हें कई सारे नैतिक मूल्य भी सिखानें में कामयाब हो जाएंगे। घर में जब भी आप पौधों में पानी डालती हैं तो बच्चों को भी शामिल करें। उन्हें पौधों के माध्यम से भावनाओं के बारे मेंं बताएं। नया पौधा लाएं, उन्हें प्लांट करना सिखाएंं। ऐसा करने से बच्चों का विकास सही दिशा में होगा और आप उन्हें अपना समय भी दे पाएंगे और धीरे- धीरे गार्डनिंग तो वे कर ही रहे हैं। ऐसे में बच्चों की आपसे कोई शिकायत नहीं रहेगी न ही आपको कोई आत्मग्लानि होगी। जब आपका छुट्टी वाला दिन हो तो आप कोई डेकोरेटिव आईटम बनाएं, उन्हें पेंट करना सिखाएं। फिर जब बच्चे ये करना सीख जाएं तो कलरिंग करने के लिए दे दें। ताकि जब आप ऑफिस जाएं तो आपको दिमाग में रखकर ही वे ये काम करें। जब बच्चे काम को बहुत अच्छे ढंग से करें तो उसके लिए उन्हें शाबाशी या ईनाम देना न भूलें इस तरह बच्चे को आपकी कमी भी नहीं खलेगी और रचनात्मकता भी बढ़ेगी। -
वैसे तो दुनियाभर के देशों में तलाक की परंपराएं और कानून हैं और बड़ी संख्या में तलाक के मामले भी सामने आते हैं। शादीशुदा जिंदगी की डगर अगर बहुत ज्यादा मुश्किल हो गई हो, तो लोग तलाक लेकर एक नई राह की तलाश करते हैं। तलाक लेने के लिए लगभग हर देश में कानून भी बना है। लेकिन दुनिया में एक देश ऐसा भी है, जहां तलाक का कोई प्रावधान ही मौजूद नहीं है।
दुनिया में फिलीपींस इकलौता देश है, जहां तलाक की कोई व्यवस्था नहीं है। दरअसल, फिलीपींस कैथोलिक देशों के एक समूह का हिस्सा है। कैथोलिक चर्च के प्रभाव के वजह से ही इस देश में तलाक का कोई प्रावधान नहीं है। साल 2015 में जब पोप फ्रांसिस फिलीपींस गए थे, तो वहां के धर्मगुरुओं से अपील की थी कि तलाक चाहने वाले कैथोलिक लोगों के प्रति सहानुभूति नजरिया रखना चाहिए। लेकिन फिलीपींस में तलाकशुदा कैथोलिक होना अपमानजनक माना जाता है। फिलीपींस के ईसाई धर्मगुरुओं ने पोप फ्रांसिस की बात को एकदम अनसुना कर दिया। दरअसल, उन्हें अब इस बात का गर्व है कि अब दुनिया में एकमात्र फिलीपींस ऐसा देश है, जहां पर तलाक नहीं लिया जा सकता है। फिलीपींस में तलाक को वैध बनाने वाला बिल पहले से है। लेकिन राष्ट्रपति बेनिनो एक्विनो के समर्थन के बिना कानून बनाना मुश्किल है।
पहले था कानून, लेकिन बाद में खत्म हो गया
करीब चार सदी तक फिलीपींस पर स्पेन का शासन रहा। इस दौरान वहां की अधिकांश जनता ने ईसाई धर्म स्वीकार कर लिया था। समाज में कैथोलिक रूढि़वादी नियमों ने अपनी जड़ें जमा ली थीं। लेकिन साल 1898 में स्पेन-अमेरिका युद्ध हुआ और फिलीपींस पर अमेरिका का शासन हुआ, तो तलाक के लिए एक कानून बनाया गया। साल 1917 में कानून के मुताबिक लोगों को तलाक की अनुमति तो दी गई, लेकिन एक शर्त थी। ये शर्त थी कि अगर पति-पत्नी में से कोई एडल्टरी करते पाया जाएगा, तो तलाक लिया जा सकता है। -
पति-पत्नी का रिश्ता दो जिस्म एक जान सा होता है। हर खुशी -दुख पत्-पत्नी एकदूजे से साझा करते हैं लेकिन कई बार सबकुछ अच्छा चल रहा होता है फिर भी पति अपनी पत्नियों से कुछ बातें छिपाते हैं, बातें छिपाने की पीछे कई सारी वजहें हो सकती है लेकिन पत्नी को जब ये बातें किसी अन्य से पता चलती हैं तो वे यह सोचती हैं कि क्या यह रिश्ता इतना प्रगाढ़ नहीं कि उनके पति यह बातें उनसे खुद से कह देते । हालांकि इन बातों को छिपाने के पीछे पतियों का सिर्फ यही इरादा होता है कि अच्छे- भले रिश्ते में इन बातों को बताने से कहीं तनाव न आ जाए, उनका डर शायद उन्हें ये बातें बताने से रोकता है।
जानिए वे कौनसी बातेंं हैं जो पति अपनी पत्नी को बताने से हिचकते हैं।
यदि पुरुष किसी प्रकार की आर्थिक तंगी से जूझ रहे होते हैं तो वे इस विषय में बहुत जरूरी होता है तो ही पत्नी को बताते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि आर्थिक मामलों को वो खुद से हैंडल कर सकते हैं। पत्नी को इस विषय में बताकर परेशान करने से कोई लाभ नहीं मिलेगा। वे ऐसी स्थिति में स्वयं से ही आर्थिक प्रबंधन कर लेते हैं और कई बार खुद के खर्चों में कटौती कर लेते हैं।
कई सारे पुरुष अपनी महिला मित्रों के बारे में पत्नी को बताने से हिचकते हैं क्योंकि उन्हें बिल्कुल अंदाजा नहीं होता है कि पत्नी की क्या प्रतिक्रिया हो सकती है। उन्हें डर होता है कि उनके रिश्ते में कहीं खटास पैदा न हो जाए। जबकि यह तो तय बात है कि विवाह से पहले भी पति के जीवन में यह महिला मित्र थीं, विवाह हो जाने के बाद अचानक उनसे दोस्ती खत्म तो हो ही नहीं सकती। इसलिए एक डर उन्हें इस विषय में बात करने से रोकता है।
कई सारे पति यदि दोस्तों के साथ किसी पार्टी की योजना बनाते हैं तो वे पत्नी से उसे छिपा लिया करते हैं। ऐसा विशेषकर तब होता है जब पत्नी पति के उन दोस्तों को पसंद न करती हों या फिर पत्नी पार्टी की इन बातों से चिढ़ जाती हों इसलिए पुरुष कोई भी बहाना करते या बात को छिपाकर अपने दोस्तों के साथ पार्टी करते हैं। पुरुषों को ऐसा लगता है यदि उन्होंने ये बात बताई तो पत्नी से लड़ाई हो सकती है।
ऐसा तो जरूरी नहीं है कि यदि दो लोग साथ रह रहे हों तो वे एकदूसरी की हर बात को पसंद ही करें। दो अलग-अलग लोगों में बिल्कुल विभिन्न आदतें हो सकती हैं। ऐसे में कई आदतें ऐसी भी होती हैं जो अनुचित होती हैं। महिलाओं को यदि पुरुषों की कोई आदत पसंद नहीं होती है तो वे आसानी से बोल देती हैं लेकिन पुरुषों के लिए यह करना थोड़ा मुश्किल होता है। पति इसलिए पत्नी को उन आदतों के बारे में नहीं कह पाते हैं जो उन्हें नापसंद हो। - सलमान खान कल 26 दिसंबर को 55 साल के हो जाएंगे। आज भी वे बॉलीवुड के सबसे फिट कलाकारों में से एक हैं। सलमान खान फिटनेस के मामले में अपने लाखों करोड़ों फैंस के आदर्श हैं। वह अपनी दिनचर्या के प्रति काफी नियमित और संयमित रहते हैं। इतनी व्यस्तता के बीच भी सलमान खान पहले अपनी फिटनेस पर ध्यान देते हैं। कोरोना काल में उन्होंने अपने फार्म हाउस के खेतों में खूब पसीना बहाया। आज जानते हैं सलमान इस उम्र में अपने आप को कैसे फिट रखते हैं....डाइट प्लानये बात जग जाहिर है कि सलमान खान अपने खान-पान को लेकर काफी जागरूक हैं। वह अपने खाने में प्रोटीन फूड ज्यादा लेते हैं। मछली, अंडा, मीट और मिल्क जैसी चीजें उनकी रूटीन का हिस्सा है। वह कहीं भी रहते हैं, लेकिन उनका नियम वही रहता है जो उनके डाइटीशियन और पर्सनल ट्रेनर बताते हैं।डाइट चार्टसलमान अपने ब्रेकफास्ट में 4 अंडे लो फैट मिल्क लेते हैं। वर्कआउट से पहले 2 अंडे, एमीनो एसिड टैबलेट और प्रोटीन शेक। वर्कआउट के बाद बादाम, ओट्स, 2 अंडे की सफेदी व प्रोटीन बार। लंच में वेजीज और सलाद के साथ रोटियां। शाम को स्नैक में प्रोटीन बार, ड्राई फूड। डिनर में वेजी सूप, फिश या चिकेन और दो अंडे की सफेदी।वर्कआउट प्लानफिटनेस ट्रेनर के मुताबिक, सलमान एक दिन में लगभग 2 हजार सिट-अप्स, एक हजार पुशअप्स और 500 एबडोमिनल क्रंचेज करते हैं। वह कम से कम 3 घंटे एक्सरसाइज करते है, जिसमें वह अपने एब्स, बाइसेप्स, ट्राइसेप्स पर ध्यान देते हैं। इसके अलावा करीब 10 किलोमीटर साइकल भी चलाते हैं।वर्कआउट शेड्यूलसबसे पहले सलमान वार्मअप करते हंै, इसके बाद डेड लिफ्ट, बेंच प्रेस, शोल्डर पुश प्रेस इसके अलावा 4 सेट छोटे मसल्स के लिए एक्सरसाइज इसमें 6 से 8 रिप्स शामिल है और बड़ी मसल्स के लिए 12 से 14 रिप्स। मंगलवार, बृहस्पतिवार और शनिवार को एब्स व कॉर्डियो एक्सरसाइज पर फोकस रहता है।बॉडी बिल्डिंग टिप्ससलमान के मुताबिक, अच्छी बॉडी पाने के लिए दृढ़ संकल्प और समर्पण की भावना होनी जरूरी है। इसके अलावा अनुशासित होना बहुत जरूरी है। प्रतिदिन आप 2 से 3 घंटे एक्सरसाइज करें। इसमें साइक्लिंग, स्वीमिंग भी शामिल कर सकते हैं। इसके साथ ही आपका खानपान बहुत ही अच्छा होना चाहिए। लाइफस्टाइल बेहतर होने से शरीर को ही फायदा पहुंचता है।----
- एवरग्रीन हीरो अनिल कपूर आज 64वां जन्मदिन मना रहे हंै। आज भी वे अपनी फिटनेस को लेकर युवा अभिनेताओं को टक्कर देते हंै। 40 साल से अधिक के अपने फिल्मी कॅरिअर में उन्होंने काफी उतार-चढ़ाव देखें हैं। आज वे फिल्मों में चरित्र भूमिकाएं कर रहे हैं। अभी वे फिल्म जुग-जुग जीयो की शूटिंग में व्यस्त हैं जिसमें उनकी जोड़ी पहली बार नीतू कपूर के साथ बनी है।अनिल कपूर ने बॉलीवुड के अलावा हॉलीवुड की फिल्में भी की हैं और खासी लोकप्रियता बटोरी हैं। अपनी डाइट और रूटीन को फॉलो करने के साथ ही अनिल कपूर स्ट्रेस फ्री और अनुशासित जीवन जीने पर विश्वास रखते हैं और यही उनके फिटनेस और यंग दिखने के पीछे का राज है। आज उनके जन्मदिन पर हम उनके बारे में जानेंगे कि आखिर वे इस उम्र में भी कैसे अपने आप को फिट रखते हैं। अपनी फिट बॉडी के लिए वह कौन सी डाइट और वर्कआउट करते हैं।तीन बड़े बच्चों का पिता होने के बाद भी अनिल कपूर आज भी काफी यंग दिखते हैं। अनिल कपूर का फिटनेस सीक्रेट आज भी लोगों के लिए एक सवाल बना हुआ है। हर कोई जानना चाहता है कि 60 की उम्र के पार भी उनका 30 का दिखने के पीछे आखिर क्या राज है।अनिल कपूर आज भी दो से तीन घंटे जिम में बिताते हैं। वह हमेशा ही अपने वर्कआउट में बदलाव करते रहते हैं। अनिल कपूर अपनी एक्सरसाइज में साइकिलिंग से लेकर जॉगिंग, मॉर्निंग वॉक और कार्डियो भी शामिल करते हैं। इसके अलावा जिम में वह क्रंचेस, सिट-अप्स, फ्री वेट्स, चेयर स्क्वेट्स, पुश-अप्स और योग भी करते हैं। इस उम्र में जिस तरह की एनर्जी के साथ अनिल कपूर काम करते हैं, उन्हें देखकर अच्छे-अच्छे एक्टर भी हैरान रह जाते हैं। अपनी एक्सरसाइज की फोटो वे सोशल मीडिया पर शेयर करते रहते हैं।ऐसी है रुटीनअनिल कपूर ने एक इंटरव्यू में अपने वर्कआउट के बारे में बात करते हुए बताया था कि मैं अपने वर्कआउट हर दिन बदलता रहता हूं। मेरा दिन सुबह 6 बजे शुरू होता है। सबसे पहले 10 मिनट कार्डियो करता हूं। फिर हफ्ते में कम से कम तीन दिन जिम में वर्कआउट करता हूं और कुछ दिन जॉगिंग, मॉर्निंग वॉक और रनिंग करता हूं। हर दिन, मैं अपने शरीर के अलग-अलग हिस्सों पर काम करता हूं।-अनिल कपूर एक नियमित और अनुशासित लाइफस्टाइल जीते हैं। उन्होंने स्मोकिंग हो या शराब, सबसे खुद को दूर रखा हुआ है। उन्हें पॉजिटिव रहना और तनाव से दूर रहना पसंद है। अनिल कपूर अपनी डाइट का सबसे ज्यादा ध्यान रखते हैं। वह अपनी डाइट सेशुगर और जंक फूड को दूर रखते हैं और डेयरी प्रोडक्ट्स का भरपूर इस्तेमाल करते हैं।- अनिल कपूर खाली पेट भरपूर पानी पीते हैं और उसके बाद नाश्ते में गोभी, सलाद और अंडे से बना सैंडविच खाते हैं। कभी सैंडविच की जगह ब्रेकफास्ट में ओट्स भी खाते हैं।- चाय-कॉफी की जगह अनिल कपूर स्ट्रॉबेरी मिल्कशेक या फिर एप्पल जूस पीते हैं।-लंच में ब्रॉक्ली जरूर शामिल करते हैं। यह खाना पचाने में बेहद मददगार होता है।-डिनर में अलग-अलग सॉसेज के साथ सलाद लेना पसंद करते हैं। इसके अलावा उबली हुई दाल और ब्राउन राइस भी अनिल कपूर अपनी डाइट में शामिल करते हैं।- अनिल कपूर ने एक इंटरव्यू में बात करते हुए अपनी डाइट चार्ट के बारे में खुलासा किया और कहा- 'मैं सुबह 6 बजे उठता हूं और सबसे पहले एक केला खाता हूं। यह मुझे पोटेशियम और आयरन के साथ कार्बोहाइड्रेट देता है। मैं दिन में पांच से छह बार खाता हूं। इसका मतलब मैं हर ढाई घंटे में कुछ ना कुछ जरूर खाता हूं। मैं अपने हर भोजन में कैलोरीज की गिनती जरूर करता हूं।'---
- -डब्ल्यूएचओ ने जारी की नई गाइडलाइनकोरोना वायरस के कारण जब पूरी दुनिया अपने घरों में है और गतिहीन जीवन जी रही है, इसका गहरा असर लोगों के स्वास्थ्य पर हो रहा है। इसे देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ ) ने हर उम्र के लोगों के लिए गाइडलाइन्स जारी की है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की मानें, तो अगर दुनियाभर के लोग रोज बस कुछ घंटे ही एक्सरसाइज या फिजिकल एक्टिविटी करें, तो हर साल लगभग 50 लाख लोगों की मृत्यु कम होगी। साथ ही इस गाइडलाइन्स में बच्चों से लेकर गर्भवति महिलाओं तक के लिए शारीरिक गतिविधियों के महत्व को बताया गया है।बच्चों और किशोरों के लिए गाइडलाइन्सबच्चों और किशोरों यानी कि 5 से 17 वर्ष की आयु के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि पहले तो, बच्चों में बैठने वाली गतिविधियों में कमी लाएं। इसके लिए टीवी देखने और मोबाइल चलाने के समय में कमी करवाएं। फिर रोज 60 मिनट एरोबिक एक्सरसाइज या कोई भी फिजिकल एक्टिविटी करने के लिए उन्हें प्रोत्साहित करें। इससे उनके शरीर को कई लाभ होंगे, जैसे कि- बेहतर फिटनेस होगी- ब्लड प्रेशर, ग्लूकोज और इंसुलिन सेंसिटिविटी में कमी आएगी।-हड्डी का स्वास्थ्य बेहतर होगा।- संज्ञानात्मक और मानसिक स्वास्थ्य भी बेहतर बना रहेगा।वयस्कों के लिएवयस्कों के लिए फिजिकल एक्टिविटी का न करना उन्हें लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारियों का शिकार बना सकता है। इसलिए उम्र बढऩे के साथ जरूरी ये है कि 18 से 64 वर्ष की आयु के वयस्क हर रोज 2 से 5 घंटे तक धीमी गति वाले एरोबिक एक्सरसाइज या फिजिकल एक्टिविटी करें। इससे डाइप-2 डायबिटीज, हृदय रोग और कैंसर के कारण होने वाले मृत्यु दर में कमी आएगी। इसके लिए जरूरी है कि वयस्कों को बैठने रहने वाले गतिविधियों को करने से बचना चाहिए और इसकी जगह सीढ़ी चढऩे, दौडऩे और चलने वाली गतिविधियों को ज्यादा करना चाहिए।सीनियर सिटीजन65 वर्ष और इससे अधिक आयु वाले लोगों को अक्सर हड्डियों से जुड़ी परेशानियां रहती हैं। इसके लिए जरूरी ये है कि उम्र बढऩे के साथ हम ज्यादा से ज्यादा एक्टिव रहने की कोशिश करें। कम से कम 5 घंटे से ज्यादा मोडरेट इंटेसिटी वाले फिजिकल एक्टिविटी तो जरूर करें। सीनियर सिटीजन में इन गतिविधियों को करने से उनके हार्ट रेड व हाई ब्लड प्रेशर में कमी आएगी, नींद से जुड़ी परेशानियां कम होंगी और वे अल्जाइमर जैसी मानसिक बीमारियों से बचे रहेंगे।प्रेग्नेंट और प्रसवोत्तर महिलाओं मेंविश्व स्वास्थ्य संगठन ने गर्भवती और प्रसवोत्तर महिलाओं (प्रसव के बाद) में, शारीरिक गतिविधियों को करने से विभिन्न लाभों के बारे में बताया है। डब्ल्यूएचओ की गाइडलाइन्स में बताया गया है कि पे्रग्नेंट महिलाओं को हफ्ते में कम से कम 150 मिनट एरोबिक एक्सरसाइज करना चाहिए। इससे प्री-एक्लेमप्सिया, गर्भकालीन मधुमेह, वजन बढऩा और प्रसव संबंधी जटिलताएं में कमी आ सकती है। इसी तरह उन्हें प्रसव के बाद भी गतिहीन लाइफस्टाइल फॉलो करने से बचना चाहिए।विश्व स्वास्थ्य संगठन की मानें, तो कोरोना वायरस के कारण जब लोगों की जिंदगी गतिहीन हो गई है तो, जरूरी है कि हम खुद को एक्टिव रहने के लिए प्रोत्साहित करें। इससे हमारे शरीर में संतुलन और समन्वय बना रहेगा। इसके अलावा नियमित शारीरिक गतिविधि करना हृदय रोग, टाइप -2 मधुमेह, अवसाद और स्ट्रेस को कम कर सकता है। साथ ही ये संज्ञानात्मक गिरावट को कम करने, स्मृति में सुधार और मस्तिष्क स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए भी जरूरी हैं।डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस एडहोम कहते हैं कि 'हर कदम मायने रखता है, खासकर अब जब हम कोविड-19 महामारी से लड़ रहे हैं। हम सभी को हर दिन सुरक्षित और रचनात्मक रूप से आगे बढऩा चाहिए। सभी शारीरिक गतिविधि फायदेमंद है। चाहे बात घरेलू काम की हो या खेल या डांस की, हमें ज्यादा से ज्यादा एक्टिव रहने की कोशिश करनी चाहिए।'' तो, हेल्दी रहने के लिए एक्टिव बने रहें।
- उपवास या व्रत शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थों को खत्म करने का सबसे अच्छा तरीका है। आयुर्वेद के अनुसार, शरीर मे मौजूद विषाक्त पदार्थों को खत्म करने का सबसे अच्छा तरीका उपवास यानि व्रत रखना है। उपवास गैस की समस्या को खत्म करता है और शरीर को स्वस्थ रखता है। आयुर्वेद में बताया गया है कि उपवास के कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं। विशेषज्ञ सप्ताह में कम से कम एक दिन उपवास करने की सलाह देते हैं। लेकिन यह बात हर किसी पर लागू नहीं होती है।आपको कितने दिन व्रत रखना चाहिए, आयुर्वेद में इस बात के भी अलग-अलग आधार तय किए गए हैं, जो आपके शरीर में वात, पित्त और कफ दोषों के आधार पर तय होते हैं। आज हम जानेंगे कि किसे उपवास या व्रत रखना चाहिए और किसे नहीं1. वात- वात दोष वाले लोगों को सप्ताह में तीन दिनों से अधिक समय तक उपवास नहीं करना चाहिए। दरअसल ऐसे लोगों के लंबे समय तक उपवास करने से शरीर में वात की विकृति हो सकती है, और शरीर में कमजोरी व घबराहट हो सकती है।2. पित्त- पित्त दोष वाले लोगों को सप्ताह में चार दिन से ज्यादा उपवास नहीं करना चाहिए। चार दिनों से अधिक उपवास करने से शरीर में अग्नि तत्व बढ़ जाता है, जिससे गुस्सा आने के साथ-साथ चक्कर आने की समस्या हो सकती है।3. कफ- कफ दोष वाले लोग लंबे समय तक उपवास रख सकते हैं। उपवास रखने से वे अच्छा महसूस करते हैं और उनका ध्यान भी बेहतर होता है। यानि ऐसे लोग किसी काम को केंद्रित होकर कर पाते हैं।4. हमारा पाचन तंत्र उपवास के समय आराम कर रहा होता है, इसलिए पाचन अग्नि पर दबाव न डालना बहुत महत्वपूर्ण है। यदि आप इनमें से किसी भी लक्षण को महसूस करते हैं, तो उपवास बंद कर देना चाहिए।5. यदि आपके पेट में दर्द, जलन या गैस्ट्राइटिस की समस्या महसूस हो, तो तुरंत उपवास रखना बंद कर दें। गैस्ट्राइटिस वह अवस्था है जिसमें म्यूकोसा और पेट में सूजन आती है यदि ऐसे में उपवास करें, तो उचित सावधानी भी बरतें।6. यदि उल्टी, चक्कर या बेहोश होने की स्थिति निर्मित हो रही है, तो यह संकेत है कि शरीर को ग्लूकोज की जरूरत है। उल्टी आने का लक्षण शरीर में गैस्ट्रिक जलन और इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन को दर्शाता है। ऐसे में तुरंत उपवास खत्म कर देना चाहिए। अगर व्रत नहीं तोड़ सकते हैं, तो ऐसी स्थिति में जल्द से जल्द फलों का जूस लें। फलों में प्राकृतिक रूप से सुक्रोज होता है, जो शरीर में ग्लूकोज की जरूरत को पूरा करता है।7. शरीर उपवास के लिए तैयार न हो तो उपवास न रखने में भलाई है। क्योंकि स्वास्थ्य पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। छाती, पेट या पेट के आसपास दर्द से कई अन्य बीमारियां हो सकती हैं।8. डायरिया यानि अतिसार, दस्त अक्सर गलत खान-पान, शरीर में पानी व पोषक तत्वों की कमी के कारण होता है। उपवास के दौरान डायरिया आपके द्वारा लिए गए फलों या भोजन की मात्रा या गुणवत्ता के कारण भी हो सकता है। ज्यादातर फल प्रकृति में ठंडे होते हैं, इसलिए श्वसन संबंधी समस्याओं से पीडि़त लोगों को ठंडी तासीर वाले फलों को खाने से बचना चाहिए। इसके कारण इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन हो सकता है। उपवास के दौरान इन सब लक्षणों को ध्यान में रखते हुए ही उपवास करें।9. उपवास को कैसे तोड़ा जाए, यह जानना उपवास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। उपवास के दौरान आपका शरीर आराम की अवस्था में होता है, इसलिए आपका पेट सिकुड़ जाता है और आंतें भी निष्क्रिय हो जाती हैं। इसलिए हल्के और कम खाने से शुरूआत करें, और धीरे-धीरे अन्?य चीजें खाएं। व्रत के दौरान आपको हल्का भोजन करना चाहिए। अगर आप अचानक से जानिए किसे उपवास रखना चाहिए और किसे नहीं.....उपवास या व्रत शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थों को खत्म करने का सबसे अच्छा तरीका है। आयुर्वेद के अनुसार, शरीर मे मौजूद विषाक्त पदार्थों को खत्म करने का सबसे अच्छा तरीका उपवास यानि व्रत रखना है। उपवास गैस की समस्या को खत्म करता है और शरीर को स्वस्थ रखता है। आयुर्वेद में बताया गया है कि उपवास के कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं। विशेषज्ञ सप्ताह में कम से कम एक दिन उपवास करने की सलाह देते हैं। लेकिन यह बात हर किसी पर लागू नहीं होती है।आपको कितने दिन व्रत रखना चाहिए, आयुर्वेद में इस बात के भी अलग-अलग आधार तय किए गए हैं, जो आपके शरीर में वात, पित्त और कफ दोषों के आधार पर तय होते हैं। आज हम जानेंगे कि किसे उपवास या व्रत रखना चाहिए और किसे नहीं1. वात- वात दोष वाले लोगों को सप्ताह में तीन दिनों से अधिक समय तक उपवास नहीं करना चाहिए। दरअसल ऐसे लोगों के लंबे समय तक उपवास करने से शरीर में वात की विकृति हो सकती है, और शरीर में कमजोरी व घबराहट हो सकती है।2. पित्त- पित्त दोष वाले लोगों को सप्ताह में चार दिन से ज्यादा उपवास नहीं करना चाहिए। चार दिनों से अधिक उपवास करने से शरीर में अग्नि तत्व बढ़ जाता है, जिससे गुस्सा आने के साथ-साथ चक्कर आने की समस्या हो सकती है।3. कफ- कफ दोष वाले लोग लंबे समय तक उपवास रख सकते हैं। उपवास रखने से वे अच्छा महसूस करते हैं और उनका ध्यान भी बेहतर होता है। यानि ऐसे लोग किसी काम को केंद्रित होकर कर पाते हैं।4. हमारा पाचन तंत्र उपवास के समय आराम कर रहा होता है, इसलिए पाचन अग्नि पर दबाव न डालना बहुत महत्वपूर्ण है। यदि आप इनमें से किसी भी लक्षण को महसूस करते हैं, तो उपवास बंद कर देना चाहिए।5. यदि आपके पेट में दर्द, जलन या गैस्ट्राइटिस की समस्या महसूस हो, तो तुरंत उपवास रखना बंद कर दें। गैस्ट्राइटिस वह अवस्था है जिसमें म्यूकोसा और पेट में सूजन आती है यदि ऐसे में उपवास करें, तो उचित सावधानी भी बरतें।6. यदि उल्टी, चक्कर या बेहोश होने की स्थिति निर्मित हो रही है, तो यह संकेत है कि शरीर को ग्लूकोज की जरूरत है। उल्टी आने का लक्षण शरीर में गैस्ट्रिक जलन और इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन को दर्शाता है। ऐसे में तुरंत उपवास खत्म कर देना चाहिए। अगर व्रत नहीं तोड़ सकते हैं, तो ऐसी स्थिति में जल्द से जल्द फलों का जूस लें। फलों में प्राकृतिक रूप से सुक्रोज होता है, जो शरीर में ग्लूकोज की जरूरत को पूरा करता है।7. शरीर उपवास के लिए तैयार न हो तो उपवास न रखने में भलाई है। क्योंकि स्वास्थ्य पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। छाती, पेट या पेट के आसपास दर्द से कई अन्य बीमारियां हो सकती हैं।8. डायरिया यानि अतिसार, दस्त अक्सर गलत खान-पान, शरीर में पानी व पोषक तत्वों की कमी के कारण होता है। उपवास के दौरान डायरिया आपके द्वारा लिए गए फलों या भोजन की मात्रा या गुणवत्ता के कारण भी हो सकता है। ज्यादातर फल प्रकृति में ठंडे होते हैं, इसलिए श्वसन संबंधी समस्याओं से पीडि़त लोगों को ठंडी तासीर वाले फलों को खाने से बचना चाहिए। इसके कारण इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन हो सकता है। उपवास के दौरान इन सब लक्षणों को ध्यान में रखते हुए ही उपवास करें।9. उपवास को कैसे तोड़ा जाए, यह जानना उपवास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। उपवास के दौरान आपका शरीर आराम की अवस्था में होता है, इसलिए आपका पेट सिकुड़ जाता है और आंतें भी निष्क्रिय हो जाती हैं। इसलिए हल्के और कम खाने से शुरूआत करें, और धीरे-धीरे अन्?य चीजें खाएं। व्रत के दौरान आपको हल्का भोजन करना चाहिए। अगर आप अचानक से भारी भोजन करजानिए किसे उपवास रखना चाहिए और किसे नहीं.....उपवास या व्रत शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थों को खत्म करने का सबसे अच्छा तरीका है। आयुर्वेद के अनुसार, शरीर मे मौजूद विषाक्त पदार्थों को खत्म करने का सबसे अच्छा तरीका उपवास यानि व्रत रखना है। उपवास गैस की समस्या को खत्म करता है और शरीर को स्वस्थ रखता है। आयुर्वेद में बताया गया है कि उपवास के कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं। विशेषज्ञ सप्ताह में कम से कम एक दिन उपवास करने की सलाह देते हैं। लेकिन यह बात हर किसी पर लागू नहीं होती है।आपको कितने दिन व्रत रखना चाहिए, आयुर्वेद में इस बात के भी अलग-अलग आधार तय किए गए हैं, जो आपके शरीर में वात, पित्त और कफ दोषों के आधार पर तय होते हैं। आज हम जानेंगे कि किसे उपवास या व्रत रखना चाहिए और किसे नहीं1. वात- वात दोष वाले लोगों को सप्ताह में तीन दिनों से अधिक समय तक उपवास नहीं करना चाहिए। दरअसल ऐसे लोगों के लंबे समय तक उपवास करने से शरीर में वात की विकृति हो सकती है, और शरीर में कमजोरी व घबराहट हो सकती है।2. पित्त- पित्त दोष वाले लोगों को सप्ताह में चार दिन से ज्यादा उपवास नहीं करना चाहिए। चार दिनों से अधिक उपवास करने से शरीर में अग्नि तत्व बढ़ जाता है, जिससे गुस्सा आने के साथ-साथ चक्कर आने की समस्या हो सकती है।3. कफ- कफ दोष वाले लोग लंबे समय तक उपवास रख सकते हैं। उपवास रखने से वे अच्छा महसूस करते हैं और उनका ध्यान भी बेहतर होता है। यानि ऐसे लोग किसी काम को केंद्रित होकर कर पाते हैं।4. हमारा पाचन तंत्र उपवास के समय आराम कर रहा होता है, इसलिए पाचन अग्नि पर दबाव न डालना बहुत महत्वपूर्ण है। यदि आप इनमें से किसी भी लक्षण को महसूस करते हैं, तो उपवास बंद कर देना चाहिए।5. यदि आपके पेट में दर्द, जलन या गैस्ट्राइटिस की समस्या महसूस हो, तो तुरंत उपवास रखना बंद कर दें। गैस्ट्राइटिस वह अवस्था है जिसमें म्यूकोसा और पेट में सूजन आती है यदि ऐसे में उपवास करें, तो उचित सावधानी भी बरतें।6. यदि उल्टी, चक्कर या बेहोश होने की स्थिति निर्मित हो रही है, तो यह संकेत है कि शरीर को ग्लूकोज की जरूरत है। उल्टी आने का लक्षण शरीर में गैस्ट्रिक जलन और इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन को दर्शाता है। ऐसे में तुरंत उपवास खत्म कर देना चाहिए। अगर व्रत नहीं तोड़ सकते हैं, तो ऐसी स्थिति में जल्द से जल्द फलों का जूस लें। फलों में प्राकृतिक रूप से सुक्रोज होता है, जो शरीर में ग्लूकोज की जरूरत को पूरा करता है।7. शरीर उपवास के लिए तैयार न हो तो उपवास न रखने में भलाई है। क्योंकि स्वास्थ्य पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। छाती, पेट या पेट के आसपास दर्द से कई अन्य बीमारियां हो सकती हैं।8. डायरिया यानि अतिसार, दस्त अक्सर गलत खान-पान, शरीर में पानी व पोषक तत्वों की कमी के कारण होता है। उपवास के दौरान डायरिया आपके द्वारा लिए गए फलों या भोजन की मात्रा या गुणवत्ता के कारण भी हो सकता है। ज्यादातर फल प्रकृति में ठंडे होते हैं, इसलिए श्वसन संबंधी समस्याओं से पीडि़त लोगों को ठंडी तासीर वाले फलों को खाने से बचना चाहिए। इसके कारण इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन हो सकता है। उपवास के दौरान इन सब लक्षणों को ध्यान में रखते हुए ही उपवास करें।9. उपवास को कैसे तोड़ा जाए, यह जानना उपवास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। उपवास के दौरान आपका शरीर आराम की अवस्था में होता है, इसलिए आपका पेट सिकुड़ जाता है और आंतें भी निष्क्रिय हो जाती हैं। इसलिए हल्के और कम खाने से शुरूआत करें, और धीरे-धीरे अन्?य चीजें खाएं। व्रत के दौरान आपको हल्का भोजन करना चाहिए। अगर आप अचानक से भारी भोजन करते हैं, तो आपको अपच हो सकती है। यह बात हमेशा याद रखें कि स्वस्थ तरीके से उपवास करने से शरीर की ऊर्जा बढ़ती है और शरीर में हल्कापन व मन में स्पष्टता विकसित होती है। उपवास कब्ज से राहत देने में भी मदद करता है।---ते हैं, तो आपको अपच हो सकती है। यह बात हमेशा याद रखें कि स्वस्थ तरीके से उपवास करने से शरीर की ऊर्जा बढ़ती है और शरीर में हल्कापन व मन में स्पष्टता विकसित होती है। उपवास कब्ज से राहत देने में भी मदद करता है।---भारी भोजन करते हैं, तो आपको अपच हो सकती है। यह बात हमेशा याद रखें कि स्वस्थ तरीके से उपवास करने से शरीर की ऊर्जा बढ़ती है और शरीर में हल्कापन व मन में स्पष्टता विकसित होती है। उपवास कब्ज से राहत देने में भी मदद करता है।---
- अभिनेत्री और सांसद हेमा मालिनी आज अपना 72 वां जन्मदिन मना रही हैं। 70 के दशक में हेमा मालिनी ने जब फिल्मों में एंट्री ली थी, तब से लेकर आज तक वो लाखों लोगों के लिए ड्रीम गर्ल ही बनी हुई हैं। अपनी खूबसूरत अदाओं और बेमिसाल एक्टिंग के दम पर हेमा ने 70 -80 के दशक में अपनी एक अलग पहचान बनाई।इस उम्र में भी एक्टिंग, मॉडलिंग और राजनीति में व्यस्त रहने के बावजूद हेमा मालिनी को स्टेज पर क्लासिकल डांस करते हुए देखा जा सकता है। वे जिनती खूबसूरत हैं, उतनी ही कमाल की डांसर हैं। हेमा मालिनी को देखकर इस बात का अंदाजा लगाना मुश्किल है कि उनकी उम्र 70 साल पार कर चुकी है। हेमामालिनी आज भी अफनी फिटनेस और ब्यूटी पर विशेष ध्यान देती हैं।डाइट का रखती हैं विशेष ध्यानखूबसूरत त्वचा की पहली शर्त यही है कि आपका खानपान अच्छा होना चाहिए और यही सीक्रेट हेमा मालिनी की एज-लेस ब्यूटी का भी है। हेमा नैचुरल डाइट पर ज्यादा भरोसा रखती हैं, इसलिए वो अपनी डाइट में फलों और सब्जियों को काफी महत्व देती हैं। हेमा पूरी तरह शाकाहारी हैं और वे जंक फूड्स से बिल्कुल दूर रहती हैं। हेमा आमतौर पर ऑर्गेनिक फूड्स का सेवन करना पसंद करती हैं। पिछले कुछ समय से हेमा ने अपने शरीर के आयुर्वेदिक दोषों के अनुसार डाइट लेना शुरू किया है।इस उम्र में भी डांसिंग करती हैंहेमा मालिनी ने भरतनाट्यम का प्रशिक्षण लिया है । 70 के दशक से ही उनके डांस के लोग दीवाने हैं। हेमा आज भी अपनी दोनों बेटियों के साथ विभिन्न समारोह में डांस करती नजर आती हैं। उनके अनुसार नृत्य खुद में एक वर्कआउट है। इंडियन क्लासिकल डांस के लिए शरीर को काफी फ्लेक्सिबल रखना पड़ता है। हेमा के अनुसार वो रोजाना डांस करती हैं, ताकि उनका शरीर फ्लेसिबल रहे और फिनटेस मेनटेन रहे।साइक्लिंग और योगइस उम्र तक किसी इंसान का शरीर तभी फिट रह सकता है, जब वो इसे मेनटेन रखने के लिए अपने शरीर को ढेर सारी एक्टिविटीज में बिजी रखे। इसके लिए हेमा मालिनी डान्सिंग के अलावा योगासन का भी सहारा लेती हैं। हेमा को साइकिल चलाने का भी शौक है और वो रोजाना 10-15 मिनट साइकिल जरूर चलाती हैं। हेमा प्राणायाम, योगासन और दूसरी ब्रीदिंग एक्सरसाइज भी करती हैं। योगासन न सिर्फ शरीर बल्कि मस्तिष्क को भी स्वस्थ रखते हैं और मन को शांत करते हैं। शायद यही राज है कि हेमा मालिनी इस उम्र में भी हमेशा खुश और मुस्कुराती हुई नजर आती हैं।सप्ताह में 2 दिन व्रत रखती हैं हेमाफास्टिंग यानी उपवास भी शरीर के अंगों को लंबे समय तक फिट रखने का एक अच्छा तरीका है। हेमा मालिनी सप्ताह में 2 दिन उपवास रखती हैं। इस दौरान वे सिर्फ सूखे मेवे , ताजे फल, चीज और पनीर का सेवन करती हैं। उपवास के बाद शरीर में मौजूद सभी टॉक्सिन्स (गंदे पदार्थ) बाहर निकल जाते हैं और शरीर डिटॉक्स हो जाता है। और दूसरा फायदा ये है कि आपके शरीर के अंगों को एक दिन का आराम मिल जाता है, जिससे ये लंबे समय तक स्वस्थ और एक्टिव रहते हैं।एरोमा ऑयल मसाजआमतौर पर बॉलीवुड अभिनेत्रियां अपनी पब्लिक इमेज को देखते हुए मेकअप पर बहुत ध्यान देती हैं। मगर हेमा मालिनी मेकअप का इस्तेमाल तभी करती हैं, जब ये बहुत ज्यादा जरूरी हो। हेमा हर्बल और नैचुरल प्रोडक्ट्स के इस्तेमाल में विश्वास रखती हैं। हेमा एरोमा तेलों से मसाज करती हैं, जिससे उनकी त्वचा और बाल इस उम्र में भी खूबसूरत और ग्लोइंग नजर आते हैं।
- तापसी पन्नू टॉलीवुड और बॉलीवुड की उन अभिनेत्रियों में शामिल हैं, जिन्होंने बेहद कम समय में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। पिंक, मुल्क, चश्मे बद्दूर, जुड़वा 2, बदला और मनमजिऱ्यां जैसी फिल्मों में उन्होंने कई बड़े अभिनेताओं और निर्देशकों के साथ काम किया है।इस समय तापसी पन्नू अपनी आगामी और चर्चित फिल्म मिशन मंगल के प्रमोशन में लगी हुई हैं। फि़ल्म में तापसी पन्नू के अलावा अक्षय कुमार, विद्या बालन, सोनाक्षी सिन्हा, कृति कुल्हाड़ी और शरमन जोशी मुख्य भूमिकाओं में हैं। मिशन मंगल 15 अगस्त को रिलीज की जाएगी और ये फि़ल्म अभिनेता जॉन अब्राहम की फि़ल्म बाटला हाउस को टक्कर देगी। इसके साथ ही महिलाओं के मुद्दे पर बन रही उनकी अगली फि़ल्म थप्पड भी अभी से चर्चा में है, जिसे फि़ल्म मुल्क फेम डायरेक्टर अनुभव सिन्हा बना रहे हैं।एक्टिंग के साथ-साथ तापसी अपनी ख़ूबसूरत मुस्कुराहट और ज़बरदस्त फिटनेस के लिए भी युवाओं के बीच पॉपुलर हैं। खुद को फिट रखने के लिए न सिर्फ तापसी रोज़ाना एक्सरसाइज और गेम खेल कर पसीना बहाती हैं, बल्कि अच्छा डाइट प्लान भी फॉलो करती हैं। आइए आज हम आपको बताते हैं तापसी पन्नू का फिटनेस सीक्रेट, डाइट प्लान और वर्कआउट प्लान।तापसी पन्नू का फिटनेस सीक्रेटतापसी पन्नू खुद को फिट रखने के लिए ढेर सारी एक्टिविटीज करती हैं। एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने बताया, मैं जी भर के सोती हूं। अगर आप वर्कआउट करते हैं और आपकी जीवनशैली बहुत व्यस्त है, तो आपके लिए सोना बहुत ज़रूरी है।इसके अलावा तापसी की एक खास आदत है कि वो अपने दिन की शुरुआत लगभग 1 लीटर गुनगुना पानी पीकर करती हैं। इसके साथ वो सुबह नट्स खाना भी पसंद करती हैं। तापसी मानती हैं कि पानी उनके शरीर को डीटॉक्सीफाई करता है और नट्स उन्हें ज़रूरी पोषक तत्व देते हैं, जिससे उनकी त्वचा स्वस्थ रहती है और शरीर फिट रहता है। तापसी पन्नू रोज़ सुबह एक कप ग्रीन टी भी पीती हैं। ग्रीन टी स्ट्रेस और तनाव को कम करती है और मेटाबॉलिज्म को तेज करती है। इससे उनके दिन की शुरुआत अच्छी होती है।तापसी पन्नू का डाइट प्लानतापसी पन्नू खाने की शौकीन हैं और यही कारण है कि वो कोई विशेष डाइट प्लान नहीं फॉलो करती हैं। उनका मानना है कि आप अपने मनपसंद की चीजें खाकर भी फिट रह सकते हैं, बस आपको उन्हें सही पोर्शन में खाना चाहिए।तापसी ग्लूटेन फ्री आहार लेती हैं इसलिए रोटी और ब्रेड के बजाय वो खाने में चावल खाना ज़्यादा पसंद करती हैं। वो कहती हैं, ये एक मिथ है कि आप वजऩ घटाने के दौरान काब्र्स (कार्बोहाईड्रेट) वाले आहार नहीं खा सकते हैं। रोटी और ब्रेड की अपेक्षा चावल को पचाना ज़्यादा आसान होता है। इसके अलावा तापसी रेगुलर दूध की जगह अलमंड मिल्क (बादाम का दूध) का प्रयोग करती हैं। इस दूध से उन्हें ज़्यादा प्रोटीन और सभी जरूरी पोषक तत्व मिल जाते हैं, जबकि इसमें कैलोरीज़ बहुत कम होती हैं।तापसी पन्नू को जिम जाकर वर्कआउट करना पसंद नहीं है। हालांकि वो सप्ताह में 6 दिन वर्कआउट करती हैं मगर उनका मानना है कि रेगुलर रहने के लिए आपको अपना मनपसंद काम करना चाहिए। तापसी ने फिट रहने के लिए एक स्पोर्ट का सहारा लेती हैं। ये स्क्वैट्स है। जिम में ज़्यादा समय बिताने के बजाय, स्क्वैट्स खेलना उन्हें पसंद है। गेम्स खेलना भी एक तरह का वर्कआउट है। तापसी बताती हैं, स्क्वैट्स खेलना मुझे पसंद है। इसे खेलने के दौरान बॉडी की अच्छी एक्सरसाइज हो जाती है और ये काफ़ी थकाऊ भी है। रोज़ाना आधे घंटे स्क्वैट्स खेलना मेरे लिए पर्याप्त है। इसी तरह आपको भी कोई ऐसी एक्टिविटी खोज लेनी चाहिए, जिसमें आपका मन लगता हो।
- अपनी फिट बॉडी और चमकदार त्वचा के लिए जानीं जाने वाली बॉलीवुड अभिनेत्री कैटरीना कैफ आज 37 साल की हो गईं हैं। कैटरीना बिना मेकअप के भी उतनी सुंदर लगती हैं, जितनी वह फिल्मों में दिखाई देती हैं, यही कारण है कि वह फिल्म जगत में आने वाली नई अभिनेत्रियों को कड़ी टक्कर दे रही हैं। कैटरीना अपने वर्कआउट शेड्यूल और डाइट के लिए मशहूर है।जिम की अपनी दोस्त आलिया भट्ट के साथ सोशल मीडिया पर अपनी मौजूदगी दर्ज करानी वाली कैटरीना का फिटनेस से जुड़ा रिश्ता सभी को भाता है। कैटरीना अपनी फिटनेस, डाइट और स्किन केयर रूटिन को बनाए रखने के लिए काफी मेहनत करती हैं। कैटरीना की अपने वर्कआउट के प्रति लगन और उनकी डाइट उनकी छरहरी काया का राज है।योग और वेट ट्रेनिंगकैटरीना वर्षों से योग करती आ रही हैं। फिल्मों में आने से पहले कैटरीना फिटनेस के लिए हर दिन योग किया करती थीं। वह अपनी बॉडी को टोंड रखने के लिए योग के अलावा वेट ट्रेनिंग करने में विश्वास रखती हैं। उन्होंने 8-9 साल पहले हर रोज वर्कआउट करना शुरू किया था। वह हर रोज अलग-अलग तरीके की एक्सरसाइज किया करती हैं। कैटरीना की फिटनेस दिनचर्या में कार्यात्मक प्रशिक्षण, पाइलेट्स और कार्डियो शामिल हैं, जिसमें वह टीआरएक्स, बोसु,पॉवर प्लेट, केटलबेल्स और स्विस बॉल्स का उपयोग करती हैं। कैटरीना के वर्कआउट में मूल रूप से ऐसी एक्सरसाइज होती हैं जो उन्हें सहनशक्ति, फ्लेक्सिबिलीटी और शक्ति को बढ़ाने में मदद करती है। कैट के दिन की शुरुआत जॉगिंग से होती है, जो उन्हें एक्टिव बनाती है और अतिरिक्त कैलोरी बर्न करने में मदद करती है।कैटरीना कैफ सप्ताह में 4-5 दिन जिम जाती हैं, जिसमें वह कई कोर और एब्स एक्सरसाइज करती हैं। इन एक्सरसाइज में आइसो प्लांक्स, साइक्लिंग और वेट ट्रेनिंग शामिल है। कैटरीना को स्वीमिंग बेहद पसंद है। यह न केवल उनके शरीर को फिट और टोन्ड बनाती है बल्कि यह उनके वर्कआउट का आनंद लेने का भी एक तरीका है। वह एक्साइंटमेंट के स्तर को बरकरार रखने के लिए हर हफ्ते अपने एक्सरसाइज को बदलती हैं।कैटरीना कैफ डाइटभोजन फिटनेस में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कैटरीना इसे बखूबी जानती हैं। वह संतुलित आहार बनाए रखती हैं। उनके आहार में हाई प्रोटीन, काब्र्स, फाइबर और स्वस्थ फैट शामिल होता हैं।नाश्ता-कैटरीना सुबह की शुरुआत एक गिलास अनार के रस के साथ ओटमील, अनाज, अंडे के साथ शुरू करती हैं।दोपहर का भोजन- कैटरीना दोपहर के भोजन में फलियां और सब्जियों के साथ उबले हुए चावल व हरा सलाद लेती हैं। कैटरीना कभी-कभार डाइट में बदलाव करते हुए वह ग्रील्ड मछली और ब्राउन ब्रेड भी खाती हैं।डिनर- कैटरीना डिनर में हरा सलाद, रोटी और वेजिटेबल सूप के साथ बिना तेल में पकाया हुए भोजन खाती हैं। कभी-कभी वह रात में अंडे खाती हैं। कैटरीना खुद को हाइड्रेट रखने के लिए बहुत सारा पानी पीती हैं। काम के दौरान अपनी भूख को शांत करने के लिए कैटरीना कभी-कभी ब्राउन ब्रेड सैंडविच लेती हैं।कैटरीना कैफ स्किन केयरकैटरीना आज भी वैसी ही दिखती हैं, जैसे 10 साल पहले दिखा करती थीं। वह रात में त्वचा की देखभाल करना पसंद करती हैं। वह इस बात पर ध्यान देती हैं कि रात में सारा मेकअप उतार कर सोएं। वह सोने से पहले मॉइस्चराइजऱ या नाइट क्रीम से अपना चेहरा साफ करती हैं। दिन में अपनी त्वचा को हाइड्रेट करने के लिए कैटरीना मेकअप लगाने से पहले मलमल के कपड़े में लिपटी बर्फ का इस्तेमाल करती हैं। यह न केवल उनकी त्वचा को हाइड्रेटेड बनाता है बल्कि उनके चेहरे पर छिद्रों को भी कवर करता है। कैटरीना हर रोज खुबानी के तेल और सनस्क्रीन जैसे उत्पाद इस्तेमाल करती हैं।
- नई दिल्ली। कल अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाएगा। ऐसे समय में जब देश कोविड-19 महामारी का मुकाबला कर रहा है, तब इसकी तैयारियों से जुड़ी गतिविधियों को सादा रखा जा रहा है। बावजूद इसके इन्हें लेकर उत्साह देखा जा रहा है। चूंकि वर्तमान हालात में सामूहिक आयोजनों की सलाह नहीं दी गई है इसलिए आयुष मंत्रालय द्वारा छठा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2020 (आईडीवाई) परिवार के साथ घर पर मनाने के लिए घर पर योग, परिवार के साथ योग को प्रोत्साहित किया जा रहा है।लाखों लोगों ने पहले ही आईडीवाई-2020 का हिस्सा बनने के लिए अपनी प्रतिबद्धता जता दी है और आयुष मंत्रालय के लक्ष्यों में से एक लक्ष्य इन योग प्रदर्शनों में सामंजस्य प्राप्त करने का है। 21 जून को सुबह 7.00 बजे प्रतिभागियों के घरों पर ही मानकीकृत आम योग प्रोटोकॉल के आधार पर योग प्रदर्शन को प्रोत्साहित करके इस लक्ष्य को पाने का इरादा है। इसके साथ साथ, आयुष मंत्रालय ने प्रसार भारती के साथ मिलकर योग के सामंजस्यपूर्ण अभ्यास की सुविधा देने के लिए डीडी नेशनल पर एक प्रशिक्षक द्वारा करवाए जाने वाले योग सत्र का प्रसारण करने की व्यवस्था की है। इस टेलीविजन कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण प्रधानमंत्री का योग दिवस भाषण होगा जिसे सुबह 6.30 बजे प्रसारित किया जाएगा।कई सेलिब्रिटीज और प्रभावशाली हस्तियों ने छठे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस में भाग लेने के लिए लोगों को प्रेरित करने वाले संदेश और विचार साझा किए हैं। इन सेलिब्रिटीज में अक्षय कुमार, अनुष्का शर्मा, मिलिंद सोमन और शिल्पा शेट्टी कुंद्रा जैसे प्रसिद्ध फिल्म अदाकार शामिल हैं। आयुष मंत्रालय के साथ साझा किए गए अपने प्रचार संदेशों में, इन्होंने योग को हमारे जीवन को अनुशासित और धैर्यपूर्ण तरीके के जीने का रास्ता बताया है। वे इस बात पर जोर देते हैं कि योग एक ऐसा अभ्यास है जो दुनिया भर के लोगों को एक समान काज लिए एकजुट करता है और शांति व सद्भाव का संदेश देता है।अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को लेकर जनता को अग्रिम रूप से तैयार करने के लिए आयुष मंत्रालय ने अपने डिजिटल प्लेटफॉर्म जैसे योग पोर्टल और यूट्यूब, फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम के अपने सोशल मीडिया हैंडल्स पर बहुत से ऑनलाइन संसाधन उपलब्ध कराए थे। कई कॉमन योग प्रोटोकॉल सत्रों का प्रसारण टेलीविजन पर किया गया जिन्हें देश के विभिन्न हिस्सों से हजारों दर्शकों ने देखा और उनका अनुसरण किया। इन इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल संसाधनों ने लोगों को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस से पहले अपने घरों में ही योग सीखने के पर्याप्त अवसर प्रदान किए हैं।
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मुंबई। बॉलीवुड अदाकारा अनुष्का शर्मा और उनके मियां भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली अपने-अपने फिल्ड के बादशाह हैं। अभिनेत्री जहां एक फिल्म के करोड़ों वसूलती है तो वहीं विराट कोहली भी अनुष्का को कमाई के मामले में जबरदस्त टक्कर दे रहे हंै। एक रिपोर्ट के अनुसार साल 2019 में विराट कोहली ने 900 करोड़ रुपये की कमाई कर सबको चौंका दिया था। यही वजह है कि विराट कोहली शाही लाइफस्टाइल के शौकीन हैं। उनके पास एक से बढ़कर एक यूनिक और महंगी चीजें हैं।
69 लाख की घड़ी पहनते हैं
विराट कोहली को महंगी घड़ी पहनना पसंद है। उनके पास रोलेक्स ब्रांड की डेटोना रेनबो इवेरोज गोल्ड मॉडल की घड़ी है। इसकी कीमत तकरीबन 69 लाख रुपए है।
शानदार बंगले में रहते हैं विराट
गुरुग्राम स्थित डीएलएफ फेज 1 में कप्तान विराट कोहली का आलिशान बंगला है। 10 हजार स्क्वायर फीट में बने इस बंगले की कीमत 80 करोड़ रुपये के करीब है।
ऑडी आरएस5 के मालिक है अनुष्का के पति
टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली ऑडी आरएस 5 के मालिक है। विराट इसके ब्रैंड ऐंबैसडर भी है। इसकी शोरूम कीमत 1.10 करोड़ रुपए है।
ए 8 एल डब्ल्यू12 क्वात्रो के दीवाने हैं विराट कोहली
कारों के शौकीन विराट कोहली के पास जर्मन कारमेकर आउडी ए 8 एल डब्ल्यू12 क्वात्रो भी है। इस गाड़ी की कीमत 1.87 करोड़ रुपए है।
लक्जऱी कारों में ऑडी आर 8 वी10 भी हैं शामिल
लक्जऱी कारों की लम्बी लिस्ट में विराट कोहली के पास ऑडी आर 8 वी10 भी शामिल है। इसकी कीमत 2.72 करोड़ रुपए है। इस कार की खासियत हैं कि इस गाड़ी में 2 इंजन का विकल्प होता है।
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- सैफ अली खान और अमृता सिंह की बेटी सारा अली खान की खूबसूरती का राज है खाने की ये आम सी चीज, जानें चेहरे और बालों के लिए कैसे करें इसका इस्तेमाल।प्याज के बिना हम रसोई में बहुत सारी चीजों की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। हमारे कई सारे मसालेदार पंसदीदा व्यंजनों का ये अभिन्न हिस्सा है। पर प्याज सिर्फ खाने का ही नहीं बल्कि कई लोगों के स्किनकेयर और हेयरकेयर रूटीन का भी अभिन्न हिस्सा है। एक फेमस फैशन मैगजीन को दिए इंटरव्यू में बॉलीवुड की खूबसूरत अदकारा सारा अली खान ने अपनी खूबसूरती का राज बताया। आपको जानकर हैरानी हो सकती हैं, कि वो अपने बालों और स्किन की देखभाल के लिए प्याज का इस्तेमाल करती हैं। सारा ने इस इंटरव्यू में बताया कि लोग अगर प्याज की तीखी बदबू को भूल जाएं और इसका इस्तेमाल करे, तो ये स्किन और लंबे और घने बालों के लिए प्याज बड़े काम की चीज है।प्याज के फायदेप्याज में एक अच्छी मात्रा में सल्फर होता है, जो कि ऑयली और मुंहासे से ग्रस्त त्वचा के लिए अच्छा माना जाता है। ये वसामय ग्रंथियों में तेल के अत्यधिक उत्पादन को रोकता भी है। साथ ही प्याज भी विटामिन ए, विटामिन ए, सी, और ई भी पाया जाता है। ये रेटिनॉल से भरपूर होता है, जो विटामिन ए से प्राप्त होता है और इस तरह ये एंटी-एजिंग गुणों के लिए भी जाना जाता है। वहीं इसके कई और फायदे भी हैं, जैसे कि- ये सेल टर्नओवर, फीका हाइपरपिग्मेंटेशन और बैलेंस स्किन बढ़ा सकता है।-एक एंटीऑक्सिडेंट के रूप में इसका विटामिन सी त्वचा में मुक्त कणों को बेअसर करता है और एक सुस्त त्वचा को हाइड्रेट करता है।-यह यूवी किरणों से बचाता है और कोलेजन उत्पादन बढ़ाता है जो झुर्रियों और महीन रेखाओं के गठन को कम कर सकता है।-शोध के अनुसार,प्याज का रस दूर करता चेहरे के काले दाग।लंबे और घने बालों के लिए प्याज-प्याज भी एंटीसेप्टिक होते हैं और वो जीवाणुरोधी और एंटिफंगल गुण से भरे होते हैं।- इसका मतलब यह है कि यह स्कैल्प के संक्रमण को रोक सकता है और रुसी की सफाई कर सकता है।- इसके गूदे या रस को सिर में लगाने से बालों के रोम को पोषण दे सकता है।- यह रक्त परिसंचरण को भी गति प्रदान करता है और बालों के विकास और स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए केराटिन गठन की आसान बनाता है।थकी हुई त्वचा के लिए फेस मास्कप्याज से बने फेस मास्क से सुस्त चेहरे की खोई हुई चमक को बहाल हो सकती है। ताजे निकाले हुए प्याज के रस में दो बड़े चम्मच बेसन, आधा चम्मच दूध और एक चुटकी जायफल लें। एक पेस्ट बनाने के लिए सभी सामग्री को ब्लेंड करें। अगर ज़रूरत हो तो अतिरिक्त दूध डालें। यदि आप प्याज की तीखी गंध से परेशान नहीं हो सकते हैं, तो लैवेंडर आवश्यक तेल की कुछ बूंदें डाल लें। अपना चेहरा साफ करें, और अपने चेहरे और गर्दन पर समान रूप से मास्क लगाएं। इसे तब तक लगे रहने दें जब तक कि मास्क सूख न जाएं। अब दूध से त्वचा की मालिश करते हुए मुंह धो लें।अपने स्कैल्प पर प्याज के रस के सामयिक अनुप्रयोग के लिए, दो-तीन बड़े प्याज लें और एक ब्लेंडर का उपयोग करके इसका रस निकालें। एक अन्य विकल्प ये भी है कि प्याज का पेस्ट बनाकर, और एक मलमल के कपड़े में रखकर उसका सारा रस निचोड़ लेना है। इसे अपने स्कैल्प पर, जैसे बालों पर तेल लगाते हैं, वैसे इसे लगा लें। इसे 20 मिनट के लिए छोड़ दें और फिर धो लें।रुसी के लिए प्याज का हेयर मास्कतीन बड़े चम्मच मेथी के बीज लें और उन्हें रात भर पानी में भिगो दें। उन्हें पेस्ट बनाने के लिए पीसें और इसमें प्याज के रस के दो बड़े चम्मच मिला लें। अच्छी तरह से मिलाएं और पैक को अपने स्कैल्प पर लगाएं। इसे 30 मिनट के लिए छोड़ दें, जिस पर आप गुनगुने पानी से धो लें। डैंड्रफ के इलाज या स्कैल्प संक्रमण से लडऩे के लिए इस उपाय का उपयोग करें। अगर आपको यह बोझिल लगता है, तो बस दो चम्मच जैतून के तेल के साथ चार-पांच बड़े चम्मच प्याज का रस मिलाएं। इनके मिश्रण से बालों की मालिश करें और फिर शैंपू से बाल धो लें।
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जन्मदिन पर विशेष
देश के जाने-माने बिजनेसमैन अनिल अंबानी का आज जन्मदिन है। इस मौके पर हम आपको अनिल अंबानी की फिटनेस के बारे में बताते हैं।देश के सबसे बड़े कारोबारी मुकेश अंबानी के छोटे भाई अनिल अंबानी 4 जून को अपना 60 वां जन्मदिन मना रहे हैं। कोकिलाबेन और धीरूभाई अंबानी के बेटे अनिल अंबानी एक जाने माने बिजनेसमैन हैं, जिनका दिन काफी व्यस्तता भरा बीतता है। लेकिन हैरानी की बात ये है कि अनिल अंबानी समय की कमी के बाद भी अपनी फिटनेस का बखूबी ध्यान रखते हैं।ऐसा कहा जाता है कि अनिल अंबानी ने अपनी फिटनेस और वजन घटाने पर तब ज्यादा ध्यान देना शुरू किया, जब कि उनके एक बिजनेस इन्वेस्टर ने कहा, वह ऐसी कंपनी पर निवेश नहीं कर सकते, जिसका सीईओ अपनी सेहत पर ध्यान नहीं देता। लेकिन उसके बाद अनिल अंबानी ने फिटनेस की ओर आगे बढ़कर वजन कम करके, खुद को फिट बनाकर ही दम लिया। जिसके बाद अनिल अंबानी ने 2004 से मुंबई मैराथन में भी भाग लिया। आइए यहां जानिए अनिल अंबानी का फिटनेस सीक्रेट।110 किलो हुआ करता था अनिल अंबानी का वजनएक समय था, जब बिजनेस टायकून अनिल अंबानी फिटनेस को लेकर आगे नहीं थे। जब वे 40 साल के थे, तो उनका वजन लगभग 110 किलो हुआ करता था। जिसकी वजह से अनिल अंबानी का मैराथन में दौडऩा तो दूर 1 घंटे चलना भी मुश्किल होता था। लेकिन कड़ी मेहनत और लगन की वजह से अनिल अंबानी आज एक अच्छे रनर के रूप में भी जाने जाते हैं।रिलायंस ग्रुप के चेयरमेन अनिल अंबानी के पिता धीरूभाई अंबानी कहते थे, अपनी इच्छा या पैसों से कोई भी लक्जरी खरीदी जा सकती है जैसे- कपड़े से लेकर भोजन तक, लेकिन अच्छी सेहत नहीं, इसलिए खुद को फिट और स्वस्थ रहने के लिए जो संभव हो सके करना चाहिए। इस बात को अनिल अंबानी ने भी गांठ बांध ली और फिट रहने की ओर बढ़ चले।सुबह 5:30 बजे उठकर 18 किलोमीटर करते थे रनिंगअनिल अंबानी का पहले से वापस फिट होना और वजन घटाना कोई आसान काम नहीं था। वह रोजाना सुबह हफ्ते के 6 दिन 5:30 बजे उठकर लगभग 18 किलोमीटर की रनिंग और जॉगिंग करते थे। जिसके बाद वह कुछ योग और फिर ऑफिस जाते थे। कई दफा अनिल अंबानी को लोगों ने मरीन ड्राइव पर जॉगिंग करते हुए भी देखा है।रनिंग से मिलती है फिटनेस और बेहतरीन बिजनेट आइडियाजअनिल अंबानी का फिटनेस सीक्रेट रनिंग है, यही वजह रही है कि उन्होंने अपने पहले के वजन का एक-तिहाई हिस्सा कम किया है। अनिल अंबानी को मैराथन मैन के नाम से भी जाना जाता है। वह डाइट पर इतना विश्वास नहीं करते हैं। लेकिन उनकी डायटीशियन और फिटनेस ट्रेनर रुजुता दिवेकर कहती हैं कि अनिल अंबानी सावधान रहते हैं कि वह क्या खा रहे हैं। जैसे- चीनी के बजाय शहद और गेहूं के बजाय बाजरा या ज्वार की रोटी। इसके अलावा, अनिल अंबानी कहते हैं, मेरे दिमाग में कुछ चल रहा होता है... जब मैं दौड़ रहा होता हूं, तो मेरे कुछ बिजनेस के कुछ ब्राइट आइडियाज मुझे रनिंग के दौरान ही आते हैं। वे आज भी रनिंग और स्वीमिंग करते हैं। - मुंबई। क्रिकेटर विराट कोहली और फिल्म एक्ट्रेस अनुष्का शर्मा की जोड़ी अक्सर खबरों में रहती है। लॉकडाउन के कारण यह कपल आजकल घर पर ही अपना समय बिता रहा है। इस दौरान वे अपनी सेहत का पूरा ध्यान रख रहे हैं क्योंकि शरीर को आराम के साथ जरूरी है सही देखभाल और खानपान।अनुष्का शर्मा और विराट कोहली अपनी हेल्दी लाइफस्टाइल को अच्छे से मेंटेन कर रहे हैं। इस बात का खुलासा उन्होंने अपने हाल ही में एक चैट शो के दौरान किया। अनुष्का शर्मा ने इस लाइव चैट शो के दौरान कहा, मुझे लगता है कि विराट और मैं ऐसे इंसान हैं, जो डाइट में विश्वास नहीं करते हैं। हमारी बस एक लाइफस्टाइल है, जो हेल्दी है। अनुष्का कहती हैं कि हम सभी को एक हेल्दी लाइफस्टाइल मेंटेन करने के लिए अपनी इम्युनिटी को स्ट्रॉन्ग करने की कोशिश करना बहुत जरूरी है। इसलिए आप हल्दी का अधिक सेवन करें, आप रोज सुबह हल्दी, अदरक और काली मिर्च की चाय पिएं। इसके अलावा, ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं। अनुष्का का कहना है कि एक दिन का रूटीन होना बेहद जरूरी है।वहीं विराट का कहना है कि मैंने अनुष्का से मिलने के बाद बहुत कुछ सीखा है। हमने एक-दूसरे से सीखा है। उसके व्यक्तित्व को देखना, स्थितियों को संभालना और धैर्य रखना। यहां तक कि जब चीजें मुश्किल होती हैं, तो आपको अपने ईगो को बाहर निकाल फेंकना पड़ता है।हालांकि अनुष्का कभी मोटी नहीं थीं, मगर खुद को फिट और एक्टिव रखने के लिए अनुष्का स्ट्रिक्ट डाइट और वर्कआउट फॉलो करती हैं। अनुष्का एगिटेरियन हैं, यानी वो मीट नहीं खाती हैं मगर अंडे खा लेती हैं। अनुष्का के कारण ही विराट कोहली ने भी शाकाहार अपना लिया। दिनभर एनर्जी और स्टैमिना के लिए अनु्ष्का ये डाइट प्लान फॉलो करती हैं।ब्रेकफास्ट में आमतौर पर अनुष्का 2 एग व्हाइट्स लेती हैं। इसके अलावा एक ग्लास फ्रेश जूस और कुछ फल खाती हैं। अनुष्का को बाहर का खाना कम पसंद है और वे अक्सर फिल्म के सेट पर भी वो घर से ही खाना लेकर जाती हैं। आमतौर पर उनके दोपहर के खाने में दाल, रोटी और सब्जियां शामिल होती हैं। काम के दौरान अक्सर शाम को अनुष्का लाइट स्नैक्स भी लेती हैं। स्नैक्स में वो चीज टोस्ट के साथ नींबू पानी या नारियल पानी पीती हैं। दिन में 4-5 छोटी-छोटी मील्स लेने के अलावा अनुष्का रोजाना 3 लीटर पानी भी पीती हैं। डिनर में भी अनुष्का को घर का बना सादा खाना ही पसंद है। हालांकि खाने के बाद सोने से पहले वो एक ग्लास दूध जरूर पीती हैं।अनुष्का शर्मा स्वस्थ रहने के लिए रेगुलर योगासन करती हैं। इसके अलावा शरीर की फिटनेस और बॉडी की फ्लेक्सिबिलिटी के लिए वे जिम में भी घंटों मेहनत करती हैं। उनके जिम रूटीन में वेट ट्रेनिंग और स्ट्रेंथ ट्रेनिंग शामिल हैं। इसके अलावा मानसिक स्वास्थ्य के लिए अनुष्का को ध्यान करना भी पसंद है। अनुष्का का मानना है कि डांसिंग एक अच्छा कार्डियो वर्कआउट है।वहीं विराट कोहली कभी बिरयानी, छोले भठूरे, बटर चिकन, मटन जैसी चीजों को सबसे ज्यादा पसंद करते थे। शाकाहार अपनाने के बाद अब उनकी डाइट में मीट और अंडों की जगह प्रोटीन शेक, सोया, नट्स और सब्जियों ने ले ली है। डेयरी प्रोटेक्ट वे त्याग चुके हैं। विराट कोहली इस समय पूरी तरह ग्लूटन-फ्री डाइट पर हैं और तले-भुने खाने से दूर रहने का प्रयास करते हैं। ज्यादा से ज्यादा उबली सब्जियां खाते हैंं। साथ में रेगुलर एक्सरसाइज को वे फालो करते हैं।-------