- Home
- देश
-
नयी दिल्ली. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को कहा कि अमेरिका के साथ व्यापार समझौते में भारत की कुछ सीमाएं हैं और वह किसानों तथा छोटे उत्पादकों के हितों की रक्षा के लिए दृढ़ रहेगा। जयशंकर का यह बयान ऐसे समय में आया है जब कुछ ही दिन पहले भारतीय वस्तुओं पर अतिरिक्त अमेरिकी शुल्क लागू होने वाले हैं। विदेश मंत्री ने रूस के साथ भारत के ऊर्जा संबंधों को निशाना बनाने के लिए अमेरिका की आलोचना की और आश्चर्य जताया कि यही मानदंड चीन और यूरोपीय संघ पर क्यों नहीं लागू किया गया, जो क्रमशः रूसी कच्चे तेल और रूसी एलएनजी के सबसे बड़े आयातक हैं। ‘इकोनॉमिक टाइम्स वर्ल्ड लीडर्स फोरम' में विदेश मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत पाकिस्तान के साथ अपने संबंधों में मध्यस्थता स्वीकार नहीं करता है और इस पर 50 वर्षों से अधिक समय से राष्ट्रीय सहमति बनी हुई है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कई बार दावा कर चुके हैं कि उन्होंने मई में भारत-पाकिस्तान सैन्य संघर्ष को रोकने में भूमिका निभाई। जयशंकर ने व्यापार और शुल्क, रूसी कच्चे तेल की खरीद और संघर्ष पर वाशिंगटन के दावे को भारत और अमेरिका के बीच वर्तमान में तीन मुख्य मुद्दों के रूप में चिह्नित किया। ट्रंप के भारतीय वस्तुओं पर शुल्क को दोगुना कर 50 प्रतिशत कर दिए जाने के आदेश के बाद भारत और अमेरिका के बीच संबंधों में तनाव पैदा हो गया है। इस आदेश के तहत 25 प्रतिशत शुल्क पहले ही लागू हो चुका है तथा अतिरिक्त शुल्क 27 अगस्त से लागू होने वाले हैं। जयशंकर ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप का दुनिया के साथ व्यवहार करने का तरीका पारंपरिक तरीके से बहुत अलग है और पूरी दुनिया इसका सामना कर रही है। उन्होंने कहा, “अब तक ऐसा कोई अमेरिकी राष्ट्रपति नहीं रहा, जिसने विदेश नीति को मौजूदा राष्ट्रपति की तरह सार्वजनिक रूप से संचालित किया हो। यह अपने आप में ऐसा बदलाव है, जो केवल भारत तक सीमित नहीं है।” विदेश मंत्री ने कहा कि व्यापार दोनों देशों के बीच “वास्तव में सबसे बड़ा मुद्दा” है। उन्होंने कहा, “बातचीत अभी भी जारी है और मुख्य बात यह है कि हमारे बीच कुछ सीमाएं हैं।” उन्होंने कहा, "हम सरकार के रूप में अपने किसानों और छोटे उत्पादकों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम इस पर दृढ़ हैं।" भारत द्वारा अपने कृषि और डेयरी क्षेत्रों को खोलने से इनकार करने के बाद दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते के लिए बातचीत में बाधा उत्पन्न हो गई। विदेश मंत्री ने ट्रंप प्रशासन के अधिकारियों द्वारा लगाए गए आरोपों का भी जवाब दिया कि भारत रूस से रियायती मूल्य पर कच्चा तेल खरीदकर तथा फिर परिष्कृत पेट्रोलियम उत्पादों को यूरोप और अन्य स्थानों पर ऊंची कीमतों पर बेचकर “मुनाफाखोरी” कर रहा है। उन्होंने कहा, “यह हास्यास्पद है कि व्यापार-समर्थक अमेरिकी प्रशासन के लोग दूसरों पर व्यापार करने का आरोप लगा रहे हैं।” जयशंकर ने कहा, “यह वाकई अजीब है। अगर आपको भारत से तेल या परिष्कृत पेट्रोलियम उत्पाद खरीदने में कोई समस्या है, तो उसे न खरीदें। कोई आपको खरीदने के लिए मजबूर नहीं करता। लेकिन यूरोप खरीदता है, अमेरिका खरीदता है, इसलिए अगर आपको वह पसंद नहीं है, तो उसे न खरीदें।” जयशंकर ने अमेरिका के साथ संबंधों में भारत द्वारा रूस से कच्चे तेल की खरीद को दूसरा प्रमुख मुद्दा बताया। उन्होंने कहा, "दूसरे मुद्दे को एक तरह से तेल के मुद्दे के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है। लेकिन...भारत को निशाना बनाने के लिए जिन तर्कों का इस्तेमाल किया गया है, वे सबसे बड़े तेल आयातक, चीन, सबसे बड़े एलएनजी आयातक, यूरोपीय संघ पर लागू नहीं किए गए हैं।" उन्होंने पूछा, "जब लोग कहते हैं कि हम युद्ध के लिए धन मुहैया करा रहे हैं या (राष्ट्रपति व्लादिमीर) पुतिन के खजाने में पैसा डाल रहे हैं...तो रूस-यूरोपीय संघ का व्यापार भारत-रूस व्यापार से बड़ा है। तो क्या यूरोप पुतिन के खजाने में पैसा नहीं डाल रहा है?" विदेश मंत्री ने संकेत दिया कि भारत-पाकिस्तान संघर्ष पर वाशिंगटन का दावा, अमेरिका के साथ भारत का तीसरा मुद्दा है। उन्होंने कहा, "तीसरा मुद्दा हमारे अपने क्षेत्र से संबंधित है, जो मध्यस्थता का मुद्दा है। 1970 के दशक से, यानी 50 वर्षों से भी अधिक समय से, इस देश में राष्ट्रीय सहमति है कि हम पाकिस्तान के साथ अपने संबंधों में मध्यस्थता स्वीकार नहीं करते हैं।" विदेश मंत्री ने इस बात को भी खारिज कर दिया कि भारत-अमेरिका संबंधों में तनाव के मद्देनजर चीन के साथ भारत के रिश्ते बेहतर हो रहे हैं। उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि एक बहुत ही अलग स्थिति के लिए हर चीज को एक साथ जोड़कर इस तरह की राय बनाने की कोशिश करना गलत विश्लेषण होगा।
-
नयी दिल्ली. दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शनिवार को कहा कि उन्होंने कई चुनौतियों का सामना किया है और किसी भी राक्षसी ताकत से नहीं डरतीं। दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स (एसआरसीसी) के वार्षिक समारोह को संबोधित करते हुए गुप्ता ने अपने छात्र जीवन को याद किया और बताया कि किस तरह से इन अनुभवों ने उनकी राजनीतिक यात्रा को आकार दिया। निजी किस्से साझा करते हुए, गुप्ता ने कहा कि कॉलेज के दिन उनके जीवन के "सुनहरे अध्याय" हैं। उन्होंने श्रोताओं से कहा, "जब भी मैं विश्वविद्यालय परिसर में लौटती हूं, उम्र और पद का अंतर मिट जाता है, और मेरे छात्र जीवन के दिन एक बार फिर जीवंत हो उठते हैं।" मुख्यमंत्री ने बताया कि कैसे 1993 में एसआरसीसी में संस्थान के उच्च ‘कट-ऑफ' अंकों के कारण उन्हें प्रवेश नहीं मिल पाया था। उन्होंने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा, "शायद मुझे यहां आने के लिए मुख्यमंत्री बनना पड़ा।" अपने छात्र जीवन के दिनों को याद करते हुए, गुप्ता ने कैंटीन की बातचीत, कक्षा में हंसी-मज़ाक, देर रात तक परीक्षा की तैयारियों और कमला नगर में दोस्तों के साथ लंबी सैर के बारे में बताया। उन्होंने कहा, "ये ऐसी यादें हैं जिन्हें मैं आज भी संजोकर रखती हूं और जो मुझे प्रेरित करती रहती हैं।" गुप्ता ने दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) की अध्यक्ष के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान एक कठिन दौर को भी याद किया, जब एक प्रदर्शन के दौरान हुई दुर्घटना में उन्हें गंभीर चोटें आई थीं। उन्होंने कहा, "मैंने लगभग डेढ़ महीने तक दर्द और चुनौतियों का सामना किया। लेकिन मैंने कभी हार नहीं मानी। मुझे तूफ़ानों से जूझने की आदत है...मैं किसी भी राक्षसी ताकत से डरने वाली नहीं हूं।" मुख्यमंत्री ने कहा, "विद्यार्थी जीवन में सीखे गए सबक आपको नेतृत्व करने, संवेदनशील बने रहने और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने का साहस देते हैं।
-
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत की उपलब्धि की सराहना की और भविष्य में इस क्षेत्र में बढ़ते स्कोप के बारे में बताया। उन्होंने आज एक वीडियो सन्देश जारी किया। जारी संदेश में भारतीय मूल के अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “अभी तीन दिन पहले ही मेरी ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला से मुलाकात हुई। उन्होंने इंटरनेशनल स्पेस सेंटर पर तिरंगा फहराकर हर भारतीय को गर्व से भर दिया। जब वो तिरंगा मुझे दिखा रहे थे, उस पल को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता।पीएम मोदी ने कहा कि ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला से हुई चर्चा से मैंने नए भारत के युवाओं के असीम हौसले और अनंत सपनों को देखा है। इन सपनों को आगे बढ़ाने के लिए हम भारत का ‘एस्ट्रोनॉट पुल’ तैयार करने जा रहे हैं। आज नेशनल स्पेस डे के मौके पर मैं भारत के युवाओं से देश के सपनों को उड़ान देने के लिए ‘एस्ट्रोनॉट पुल’ से जुड़ने के लिए आमंत्रित करता हूं।इसके साथ ही पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर भी इस दिवस की बधाई देते हुए लिखा, “राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं! अंतरिक्ष में भारत की यात्रा हमारे दृढ़ संकल्प, नवाचार और सीमाओं को आगे बढ़ाने वाले हमारे वैज्ञानिकों की प्रतिभा को दर्शाती है।”वहीं, अपने वीडियो सन्देश में पीएम मोदी ने स्पेस सेक्टर में भारत की उभरती ताकत के बारे में बताया, और उन्होंने कहा, “अभी भारत ने इंटरनेशनल ओलंपियाड ऑफ एस्ट्रोनॉमी और एस्ट्रोफिजिक्स (आईओएए) की मेजबानी भी की। इस प्रतियोगिता में दुनिया के 60 से अधिक देशों से करीब 300 युवाओं ने हिस्सा लिया। इसमें भारत के युवाओं ने मेडल भी जीते, जो ओलंपियाड स्पेस सेक्टर में भारत की उभरती लीडरशिप का प्रतीक है।पीएम मोदी ने कहा, “मुझे खुशी है कि युवा साथियों में स्पेस के प्रति रुचि बढ़ाने के लिए इसरो द्वारा ‘भारतीय अंतरिक्ष हैकथॉन और रोबोटिक्स चैलेंज’ जैसी पहल भी की है। मैं इन प्रतिस्पर्धाओं में हिस्सा लेने वाले छात्रों और विजेताओं को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।”
उन्होंने कहा कि स्पेस सेक्टर में एक के बाद एक माइलस्टोन बनाना भारत और भारत के वैज्ञानिकों का स्वभाव बन गया है। दो साल पहले भारत पहला ऐसा देश बना, जिसने चंद्रमा के साउथ पोल पर पहुंचने का इतिहास रचा। हम स्पेस में डॉकिंग और अनडॉकिंग की क्षमता रखने वाले दुनिया के चौथे देश भी बन गए। -
तिरुवनंतपुरम. मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने बृहस्पतिवार को कहा कि केरल पूर्ण डिजिटल साक्षरता हासिल करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। यहां सेंट्रल स्टेडियम में बृहस्पतिवार को आयोजित एक भव्य समारोह में मुख्यमंत्री ने कहा कि यह एक बड़ी उपलब्धि है, जिस पर केरल के प्रत्येक व्यक्ति को गर्व होगा। उन्होंने कहा कि भारत में केवल 38 प्रतिशत परिवारों के पास ही डिजिटल साक्षरता है। उन्होंने बताया कि शुरुआत में 14 से 65 वर्ष की आयु के लोगों को प्रशिक्षण के लिए विचार किया गया था, लेकिन बाद में सभी आयु वर्ग के लोगों को इसमें शामिल किया गया। एर्णाकुलम ज़िले के 104 वर्षीय अब्दुल्ला मौलवी डिजिटल साक्षरता हासिल करने वाले राज्य के सबसे बुजुर्ग व्यक्ति बन गए और वह इस पहल में मुख्य आकर्षण का केंद्र रहे। उद्घाटन के दौरान केरल के मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉल के ज़रिये उनसे बात की। विजयन ने कहा, ‘‘हम पूर्ण साक्षरता हासिल करने वाले पहले राज्य थे और अब हम पूर्ण डिजिटल साक्षरता हासिल करने वाले भी पहले राज्य हैं। हमने अप्रैल 1991 में पूर्ण साक्षरता हासिल की थी..।''
-
लाहौर. पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में बृहस्पतिवार को एक यात्री बस और एंबुलेंस के बीच हुई टक्कर में चार बचावकर्मियों सहित छह लोगों की मौत हो गई और पांच घायल हो गए। यहां एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। यह दुर्घटना लाहौर से लगभग 400 किलोमीटर दूर रहीम यार खान जिले में हुई।
‘रेस्क्यू 1122' के प्रवक्ता के अनुसार, मोटरसाइकिल से टकराने से बचने की कोशिश में एक यात्री बस विपरीत दिशा से आ रही आपातकालीन सेवा की एंबुलेंस से टकरा गई। उन्होंने कहा, ‘‘चार बचावकर्मियों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि पांच घायलों को अस्पताल ले जाया गया, जहां दो की हालत गंभीर बताई गई है।'' पंजाब प्रांत की मुख्यमंत्री मरियम नवाज ने घटना पर दुख व्यक्त किया और शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की। -
बुलंदशहर ((उप्र). बुलंदशहर जिले के सिकंदराबाद इलाके में बृहस्पतिवार को एक ट्रक ने एक मोटरसाइकिल को सामने से टक्कर मार दी जिससे दोपहिया वाहन पर सवार दो भाइयों की मौत हो गई। पुलिस ने यह जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि मृतकों की पहचान गौतमबुद्ध नगर जिले में दनकौर थाना क्षेत्र के मंडी श्याम नगर निवासी विशाल (21) और प्रियांशु (19) के रूप में हुई है। वे सिकंदराबाद स्थित नयी सब्जी मंडी जा रहे थे, तभी यह दुर्घटना हुई। उसने बताया कि ट्रक ने उनकी मोटरसाइकिल को सामने से टक्कर मार दी, जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए। उसने बताया कि घायलों को अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने बताया कि दुर्घटना के बाद ट्रक चालक वाहन छोड़कर मौके से फरार हो गया।
अधिकारियों ने बताया कि ट्रक को जब्त कर लिया गया है।सिकंदराबाद के पुलिस क्षेत्राधिकारी भास्कर कुमार ने बताया कि शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। -
जयपुर. राजनीतिक विश्लेषक एवं स्तंभकार रशीद किदवई ने बृहस्पतिवार को यहां कहा कि "भारतीय राजनीति में कभी भी कोई नीरस पल नहीं होता।" उन्होंने यहां प्रभा खेतान फाउंडेशन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में भारतीय राजनीतिक गलियारों से जुड़े अनेक किस्से श्रोताओं के साथ साझा किए। भारतीय राजनीति पर दशकों से लिख रहे किदवई ने देश के नेताओं के बारे में कई अनसुनी कहानियां साझा कीं और बताया कि बीते दशकों में राजनीतिक पत्रकारिता कैसे विकसित हुई है। किदवई ने एक विशेष प्रश्नोत्तरी खंड में हल्के-फुल्के अंदाज में कहा कि अब तक उनसे मिलने वाले "सबसे बातूनी नेता" शशि थरूर रहे हैं जबकि पी चिदंबरम ने उन्हें सबसे लंबे समय तक इंतजार कराया था। किदवई ने देश के प्रमुख नेताओं के बारे में बात करते हुए कहा कि "राजनीति की असली कहानियां अक्सर उसके साये में छिपी होती हैं।" कार्यक्रम की शुरुआत आईटीसी राजपूताना के महाप्रबंधक दीपेंद्र राणा के स्वागत भाषण से हुई।
इस कार्यक्रम का संचालन फाउंडेशन की मानद संयोजक अपरा कुच्छल ने किया।प्रश्नोत्तर सत्र के बाद प्रमोद शर्मा ने किदवई को स्मृति चिह्न भेंट किया।कोलकाता स्थित गैर लाभकारी संस्था प्रभा खेतान फाउंडेशन देश-विदेश में सांस्कृतिक और साहित्यिक संवादों का आयोजन करती रही है। -
रांची. झारखंड में बृहस्पतिवार को आकाशीय बिजली गिरने की अलग-अलग घटनाओं में तीन छात्राओं समेत चार लोगों की मौत हो गई। पुलिस ने यह जानकारी दी। राज्य की राजधानी से लगभग 50 किलोमीटर दूर नरकोपी थाने के अंतर्गत होंडपीरी गांव में आकाशीय बिजली गिरने से तीन छात्राओं की मौत हो गई। ये छात्राएं स्कूल से घर लौट रहीं थीं। नरकोपी थाना प्रभारी नागेश्वर साहू ने ‘पीटीआई-भाषा' को बताया, ‘‘पांच से 12 साल की उम्र की ये छात्राएं अपराह्न करीब तीन बजे होंडपीरी के सरकारी स्कूल से घर लौट रहीं थीं।'' मृतकों की पहचान परी उरांव (5), अंजलिका कुजूर (7) और बासमती उरांव (12) के रूप में की गई।
साहू ने बताया कि मृतकों के परिजनों को सरकारी प्रावधानों के अनुसार चार-चार लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। पुलिस ने बताया कि दूसरी घटना पलामू जिले में चैनपुर क्षेत्र के बहेरा गांव में हुई।चैनपुर थाना प्रभारी श्रीराम शर्मा ने बताया कि यहां आकाशीय बिजली गिरने से एक किसान, लव कुमार चौधरी (38), की मौत हो गई। घटना के समय वह खेत में काम कर रहा था। -
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग को नियंत्रित करने के लिए एक बड़ा कदम उठाते हुए गुरुवार को राज्यसभा में ऑनलाइन गेमिंग संवर्धन एवं विनियमन विधेयक 2025 पारित कर दिया। भारी हंगामे और नारेबाजी के बीच बिना चर्चा के यह बिल मंजूर हुआ। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस विधेयक को पेश करते हुए इसे मध्यम वर्गीय परिवारों और युवाओं की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण बताया। यह बिल बुधवार को लोकसभा से पहले ही पारित हो चुका था।
ऑनलाइन मनी गेमिंग पर सख्ती, सामाजिक खेलों को बढ़ावाकेंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि यह विधेयक ऑनलाइन गेमिंग के दो-तिहाई हिस्से, जैसे ई-स्पोर्ट्स और शैक्षणिक खेलों को बढ़ावा देगा, जबकि ऑनलाइन मनी गेमिंग (जुआ) पर पूरी तरह रोक लगाएगा। उन्होंने कहा, “ऑनलाइन मनी गेमिंग मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए एक बड़ी समस्या बन चुकी है। कई परिवारों की जिंदगी भर की बचत इसमें चली गई। 45 करोड़ लोग इसकी चपेट में हैं, और 20,000 करोड़ रुपये से अधिक की मेहनत की कमाई नष्ट हो चुकी है। कई लोगों ने इसके कारण आत्महत्या तक की है।” उन्होंने इसे ड्रग्स की तरह गंभीर समस्या करार दिया।राष्ट्रीय प्राधिकरण और सख्त नियमइस विधेयक के तहत ऑनलाइन गेमिंग उद्योग के लिए एक राष्ट्रीय स्तर का प्राधिकरण स्थापित किया जाएगा, जो पारदर्शिता और विकास सुनिश्चित करेगा। अवैध सट्टेबाजी और विदेशी वेबसाइटों से संचालित मनी गेम्स पर सख्त प्रतिबंध लगेगा। यह बिल राज्यों की सीमाओं के पार या विदेशों से संचालित सट्टेबाजी गतिविधियों के प्रचार, संचालन और भागीदारी पर रोक लगाएगा। उपसभापति ने सांसदों से इस बिल पर सुझाव और संशोधन देने को कहा था, जिसे संशोधित एजेंडे में शामिल किया गया।युवाओं और समाज की सुरक्षा प्राथमिकताकेंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्राथमिकता में मध्यम वर्गीय परिवार और युवा सबसे ऊपर हैं। यह विधेयक समाज को ऑनलाइन मनी गेमिंग के सामाजिक, आर्थिक, मानसिक और गोपनीयता संबंधी नुकसानों से बचाने का लक्ष्य रखता है। साथ ही, यह राष्ट्रीय सुरक्षा, लोक व्यवस्था, जन स्वास्थ्य और वित्तीय प्रणाली की अखंडता की रक्षा करेगा।देश में एक समान कानूनी ढांचे का लक्ष्ययह विधेयक पूरे देश में ऑनलाइन गेमिंग के लिए एकसमान कानूनी ढांचा प्रदान करेगा, जिससे केंद्र और राज्यों के बीच समन्वय स्थापित होगा। इसका उद्देश्य भारत में ऑनलाइन गेमिंग को नवाचार और अवसर का माध्यम बनाना है, साथ ही गैर-कानूनी और हानिकारक गतिविधियों पर पूरी तरह अंकुश लगाना है। यह कदम ई-स्पोर्ट्स और शैक्षणिक खेलों के लिए सुरक्षित माहौल तैयार करेगा, जिससे भारत वैश्विक गेमिंग उद्योग में एक मजबूत खिलाड़ी बन सके। ( -
नई दिल्ली केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने ऑनलाइन राइड प्लेटफॉर्म रैपिडो (रॉपेन ट्रांसपोर्टेशन सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड) पर भ्रामक विज्ञापन और अनुचित व्यापार प्रथाओं के लिए 10 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। साथ ही, सीसीपीए ने कंपनी को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि जिन उपभोक्ताओं को “ऑटो इन 5 मिनट्स ऑर गेट ₹50” ऑफर के तहत ₹50 का लाभ नहीं मिला है, उन्हें बिना किसी देरी और शर्त के पूरा मुआवजा दिया जाए।
सीसीपीए ने पाया कि रैपिडो के विज्ञापन, जैसे “ऑटो इन 5 मिनट्स ऑर गेट ₹50” और “गारंटीड ऑटो”, झूठे और भ्रामक थे। जांच में पता चला कि विज्ञापन में दिखाया गया “₹50” वास्तव में नकद नहीं बल्कि “रैपिडो कॉइन्स” थे, जिनकी वैधता सिर्फ 7 दिनों तक थी और जिन्हें केवल रैपिडो बाइक राइड्स में ही इस्तेमाल किया जा सकता था। इतना ही नहीं, कई मामलों में यह लाभ “₹50 तक” सीमित था, यानी हमेशा ₹50 नहीं मिलता था।इसके अलावा, विज्ञापन में दिए गए “T\&C Apply” का उल्लेख बेहद छोटे और पढ़ने में कठिन फॉन्ट में था, जिससे उपभोक्ताओं को असली शर्तें समझ में नहीं आ पाईं। कंपनी ने यह भी दावा किया कि यह गारंटी रैपिडो नहीं बल्कि व्यक्तिगत ड्राइवर कैप्टन दे रहे हैं, जिससे जिम्मेदारी से बचने की कोशिश की गई। राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (NCH) के आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल 2023 से मई 2024 के बीच रैपिडो के खिलाफ 575 शिकायतें दर्ज हुईं, जबकि जून 2024 से जुलाई 2025 के बीच यह संख्या बढ़कर 1,224 हो गई। इन शिकायतों में सेवा में कमी, भुगतान की वापसी न होना, ज्यादा चार्ज करना और वादे के अनुसार 5 मिनट में ऑटो न मिलना जैसी समस्याएं शामिल हैं।रैपिडो वर्तमान में 120 से ज्यादा शहरों में सेवाएं देता है और लगभग 1.5 साल (548 दिन) तक इस विज्ञापन को देशभर में कई भाषाओं में प्रसारित करता रहा। इतने लंबे समय तक चले इस भ्रामक प्रचार और बढ़ती उपभोक्ता शिकायतों को देखते हुए सीसीपीए ने यह सख्त कार्रवाई की है। वहीं सीसीपीए ने उपभोक्ताओं से अपील की है कि वे ऐसे विज्ञापनों से सावधान रहें जो “गारंटीड” जैसे दावे करते हैं, लेकिन असली शर्तें स्पष्ट नहीं बताते। यदि उपभोक्ताओं को किसी भ्रामक विज्ञापन या अनुचित व्यापार प्रथाओं की समस्या का सामना करना पड़े, तो वे राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (1915) पर कॉल कर सकते हैं या NCH ऐप और वेबसाइट के माध्यम से शिकायत दर्ज करा सकते हैं।- -
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के दोनों सदनों से ऑनलाइन गेमिंग संवर्धन एवं विनियमन विधेयक, 2025 के पारित होने की सराहना करते हुए कहा कि यह भारत को गेमिंग, नवाचार और रचनात्मकता का केंद्र बनाने के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि नया कानून ई-स्पोर्ट्स और ऑनलाइन सोशल गेम्स को बढ़ावा देगा और साथ ही यह समाज को ऑनलाइन मनी गेम्स के हानिकारक प्रभावों से बचाएगा।
विधेयक ई-स्पोर्ट्स और ऑनलाइन सोशल गेम्स को प्रोत्साहित करेगाउन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित यह विधेयक भारत को गेमिंग, नवाचार और रचनात्मकता का केंद्र बनाने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह ई-स्पोर्ट्स और ऑनलाइन सोशल गेम्स को प्रोत्साहित करेगा। साथ ही, यह हमारे समाज को ऑनलाइन मनी गेम्स के हानिकारक प्रभावों से भी बचाएगा।”गुरुवार को राजयसभा में पारित हुआ विधेयकराज्यसभा में गुरुवार को केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव की ओर से पेश किया गया ऑनलाइन गेमिंग संवर्धन एवं विनियमन विधेयक, 2025 पारित हो गया। इस विधेयक का उद्देश्य ऑनलाइन धन-आधारित खेलों पर व्यापक प्रतिबंध लगाना और युवाओं की भागीदारी के लिए सुरक्षित और रचनात्मक माध्यम के रूप में ई-स्पोर्ट्स और ऑनलाइन सोशल गेमिंग को बढ़ावा देना है।यह विधेयक जनहित और समाज की सुरक्षा व युवाओं और संवेदनशील समूहों को ऑनलाइन मनी गेम्स से होने वाले सामाजिक, आर्थिक, मानसिक और निजता संबंधी दुष्प्रभावों से बचाने का प्रावधान रखता है। साथ ही यह डिजिटल प्रौद्योगिकी का जिम्मेदारी पूर्ण तरीके से उपयोग सुनिश्चित करता है।विधेयक का उद्देश्यइसका उद्देश्य लोक व्यवस्था, जन स्वास्थ्य और वित्तीय प्रणाली की अखंडता की रक्षा करना भी है। राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता को सुरक्षित रखना और एक समान कानूनी ढांचा प्रदान करना भी विधेयक का उद्देश्य है।यह विधेयक ऑनलाइन गेमिंग उद्योग के लिए एक सुनियोजित और पारदर्शी व्यवस्था तैयार करेगा। अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी और विदेशी वेबसाइटों से चलने वाले मनी गेम्स पर सख्त रोक लगेगी। साथ ही, देश में ई-स्पोर्ट्स और शैक्षणिक खेलों को सुरक्षित वातावरण मिलेगा। इसका मकसद है कि भारत में ऑनलाइन गेमिंग को अवसर और नवाचार का माध्यम बनाया जाए, लेकिन गैर-कानूनी और हानिकारक गतिविधियों पर पूरी तरह अंकुश लगाया जाए। -
नई दिल्ली। गणपति पूजा 27 अगस्त से 6 सितंबर 2025 तक मनाई जाएगी। त्योहारी भीड़ को पूरा करने के लिए, गणपति स्पेशल ट्रेनें 11 अगस्त 2025 से चल रही हैं, और जैसे-जैसे त्योहार नजदीक आ रहा है, सेवाओं को लगातार बढ़ाया जा रहा है। भारतीय रेलवे ने 2025 के लिए 380 गणपति स्पेशल ट्रेन ट्रिप्स (फेरों) की घोषणा की है, जो अब तक की सर्वाधिक संख्या है।
इसका उद्देश्य त्योहार के मौसम में श्रद्धालुओं और यात्रियों को आरामदायक और सुगम यात्रा उपलब्ध कराना है। वर्ष 2023 में कुल 305 गणपति स्पेशल ट्रेन ट्रिप्स का संचालन किया था, जबकि 2024 में यह संख्या बढ़कर 358 हो गई।महाराष्ट्र और कोंकण क्षेत्र में भारी त्योहारी यात्रा मांग को देखते हुए मध्य रेलवे सबसे अधिक 296 सेवाएं संचालित करेगा। पश्चिम रेलवे 56, कोंकण रेलवे (केआरसीएल) 6, और दक्षिण पश्चिम रेलवे 22 गणपति स्पेशल फेरों का संचालन करेगा।कोंकण रेलवे पर चलने वाली गणपति स्पेशल ट्रेनों के पड़ाव कोलाड, इंदापुर, मानगांव, गोरेगांव रोड, वीर, सापे वार्मने, करंजडी, विन्हेरे, दीवानखावटी, कलांबनी बुद्रुक, खेड़, अंजनी, चिपलुन, कामथे, सावरदा, अरावली रोड, संगमेश्वर रोड, रत्नागिरी, अदावली, विलावडे, राजापुर रोड, वैभववाड़ी रोड, नंदगांव रोड, कंकावली, सिंधुदुर्ग, कुदाल, जराप, सावंतवाड़ी रोड, मदुरे, थिविम, करमाली, मडगांव जंक्शन, कारवार, गोकामा रोड, कुमता, मुर्देश्वर, मूकाम्बिका रोड, कुंडापुरा, उडुपी, मुल्की और सुरथकल में बनाए गए हैं।वहीं, स्पेशल ट्रेनों का विस्तृत कार्यक्रम आईआरसीटीसी की वेबसाइट, रेलवन ऐप और कंप्यूटरीकृत पीआरएस पर उपलब्ध है। भारतीय रेलवे ने कहा है कि वह यात्रियों को सुरक्षित, विश्वसनीय और सुविधाजनक यात्रा उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है, खासकर त्योहारों के दौरान जब मांग अत्यधिक बढ़ जाती है। -
नई दिल्ली। भारत शनिवार को दूसरा राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस मनाने जा रहा है। यह दिन सैटेलाइट से लेकर ह्यूमन स्पेसफ्लाइट तक देश की यात्रा का जश्न मानने के रूप में खास होगा। केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 23 अगस्त 2023 को भारत ने चंद्रमा पर उतरने वाले चौथे और उसके दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाले पहले देश के रूप में इतिहास रच दिया। यह एक ऐसा क्षण था, जिसने भविष्य में आगे बढ़ने को लेकर प्रेरित किया।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने आगे कहा, “कल, हम दूसरा राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस मनाएंगे, जो सैटेलाइट से लेकर ह्यूमन स्पेसफ्लाइट तक के भारत के सफर और अनंत संभावनाओं के हमारे दृष्टिकोण को लेकर खास होगा।”भारत का अंतरिक्ष क्षेत्र देश के तकनीकी और आर्थिक विकास को आगे बढ़ाने में एक प्रमुख भूमिका निभाने के लिए तैयार है। वर्ष 2020 में ऐतिहासिक अंतरिक्ष सुधारों के साथ, सरकार ने भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र को उदार बनाया है और भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र (इन-स्पेस) का गठन किया है।2020 में अंतरिक्ष क्षेत्र में सुधारों की घोषणा के बाद, पंजीकृत अंतरिक्ष स्टार्टअप्स की संख्या तेजी से बढ़कर 300 से अधिक हो गई है।इन-स्पेस ने नवंबर 2022 और मई 2024 में क्रमशः भारतीय अंतरिक्ष स्टार्टअप्स की दो सफल सब-ऑर्बिटल फ्लाइट्स को भी सुगम बनाया है। इसके अलावा, छह एजेंसी इसरो और गैर-सरकारी संस्थाओं (एनजीई) ने अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन करते हुए चौदह सैटेलाइट को ऑर्बिट में लॉन्च किया।भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष वी. नारायणन के अनुसार, गगनयान मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन का पहला मानवरहित मिशन, जी1, अर्ध-मानव रोबोट व्योममित्र के साथ लॉन्च के लिए तैयार है और इसका लॉन्च दिसंबर में होने की उम्मीद है।राष्ट्रीय राजधानी में एक प्रेस वार्ता में उन्होंने भारतीय वायु सेना ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर उनके सफल मिशन के लिए सराहना की, जो किसी भारतीय द्वारा किया गया पहला मिशन है। शुक्ला मानवयुक्त गगनयान मिशन के लिए चुने गए अंतरिक्ष यात्रियों में से एक हैं।उन्होंने आगे कहा कि हाल ही में लॉन्च नासा इसरो सिंथेटिक अपर्चर रडार सैटेलाइट (निसार) पूरी तरह से ठीक है और सभी सिस्टम अच्छी तरह से काम कर रहे हैं। -
नई दिल्ली। भारतीय मूल के दिग्गज ब्रिटिश उद्योगपति लॉर्ड स्वराज पॉल (94 वर्ष) का गुरुवार शाम (स्थानीय समयानुसार) लंदन के एक अस्पताल में निधन हो गया। हाल ही में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां पारिवारिक सदस्यों की मौजूदगी में आखिरी सांसें लीं।
पीएम मोदी ने इन शब्दों में व्यक्त की गहरी शोक संवेदनालॉर्ड स्वराज पॉल के निधन पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गहरी शोक संवेदना व्यक्त करते हुए एक्स पर लिखा- श्री स्वराज पॉल जी के निधन से अत्यंत दुःखी हूँ। ब्रिटेन में उद्योग, परोपकार और जनसेवा में उनके योगदान और भारत के साथ घनिष्ठ संबंधों के लिए उनके अटूट समर्थन को सदैव याद रखा जाएगा। उनके साथ हुई कई मुलाकातें याद आती हैं। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदना।पंजाब के जालंधर में पैदा हुए थे लॉर्ड स्वराज पॉल18 फरवरी 1931 को पंजाब के जालंधर में पैदा हुए लॉर्ड स्वराज पॉल ब्रिटेन स्थित कैपारो ग्रुप ऑफ इंडस्ट्रीज के संस्थापक थे। 60 के दशक में वे अपनी छोटी बेटी अंबिका के कैंसर के इलाज के लिए ब्रिटेन गए थे लेकिन 4 वर्षीय बेटी की मृत्यु के बाद उन्होंने एक धर्मार्थ ट्रस्ट के रूप में अंबिका पॉल फाउंडेशन की स्थापना की।लॉर्ड पॉल संडे टाइम्स रिच लिस्ट में नियमित रूप से शामिल होते रहेइस संस्था ने शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में अपनी पहल के माध्यम से दुनिया भर के बच्चों और युवाओं के कल्याण के लिए लाखों डॉलर दान किए। लॉर्ड पॉल संडे टाइम्स रिच लिस्ट में नियमित रूप से शामिल होते रहे हैं। इस साल उनकी संपत्ति लगभग 2 बिलियन पाउंड (जीबीपी) आंकी गई और उन्हें 81वें स्थान पर रखा गया। -
नयी दिल्ली. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत न तो रूसी तेल का सबसे बड़ा खरीदार है और न ही 2022 के बाद मॉस्को के साथ उसके व्यापार में सबसे बड़ा उछाल आया है। यह रूसी तेल की खरीद को लेकर अमेरिका की ओर से भारतीय वस्तुओं पर 25 फीसदी का अतिरिक्त शुल्क (टैरिफ) लगाए जाने के बाद किसी शीर्ष सरकारी अधिकारी की संभवत: पहली स्पष्ट प्रतिक्रिया है। मॉस्को की तीन दिवसीय यात्रा कर रहे जयशंकर ने रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में एक सवाल के जवाब में यह टिप्पणी की। उन्होंने कहा, “हम रूसी तेल के सबसे बड़े खरीदार नहीं हैं। वह चीन है। हम रूसी एलएनजी के सबसे बड़े खरीदार नहीं हैं। मैं दावे के साथ नहीं कह सकता, लेकिन मुझे लगता है कि वह यूरोपीय संघ है।” जयशंकर ने कहा, “हम वह देश नहीं हैं, जिसके साथ रूस के व्यापार में 2022 के बाद सबसे बड़ा उछाल आया है। मुझे लगता है कि ऐसे कुछ देश दक्षिण में हैं।” उन्होंने कहा कि अमेरिका भारत के रूस से कच्चा तेल खरीदने का समर्थक था, क्योंकि इससे ऊर्जा बाजार में स्थिरता आई। विदेश मंत्री ने कहा, “हम वह देश हैं, जहां वास्तव में अमेरिकियों ने पिछले कुछ वर्षों में कहा है कि हमें वैश्विक ऊर्जा बाजारों को स्थिर करने के लिए सब कुछ करना चाहिए, जिसमें रूस से तेल खरीद भी शामिल है।” उन्होंने कहा, “संयोग से, हम अमेरिका से भी तेल खरीदते हैं और यह मात्रा बढ़ती जा रही है। इसलिए, ईमानदारी से कहें तो, हम आपकी ओर से दिए गए तर्क से बहुत हैरान हैं।” जयशंकर से व्हाइट हाउस के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो की उस टिप्पणी के बारे में पूछा गया, जिसमें उन्होंने रूस से कच्चे तेल की खरीदारी को लेकर भारत की आलोचना की। जवाब में उन्होंने कहा कि वह अधिकारी की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया नहीं देंगे, लेकिन इस मुद्दे पर टिप्पणी करेंगे।
-
नयी दिल्ली. भारत ने लिपलेख दर्रे के माध्यम से सीमा व्यापार फिर से शुरू करने के उसके और चीन के फैसले पर नेपाल की आपत्ति को बुधवार को स्पष्ट रूप से खारिज करते हुए कहा कि इस क्षेत्र पर काठमांडू का दावा उचित नहीं है। भारत और चीन ने मंगलवार को लिपुलेख दर्रे और दो अन्य व्यापारिक दर्रों के माध्यम से सीमा व्यापार फिर से शुरू करने पर सहमति व्यक्त की। नेपाल के विदेश मंत्रालय ने लिपुलेख दर्रे के माध्यम से सीमा व्यापार फिर से शुरू करने के इस कदम पर बुधवार को आपत्ति जताते हुए कहा था कि यह क्षेत्र नेपाल का अविभाज्य हिस्सा है। नेपाल ने 2020 में एक राजनीतिक मानचित्र जारी करके एक सीमा विवाद पैदा कर दिया था जिसमें कालापानी, लिंपियाधुरा और लिपुलेख को नेपाल का हिस्सा दिखाया गया था। भारत ने इन दावों का कड़ा खंडन किया था। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने नेपाल के इस क्षेत्र पर दावों को खारिज कर दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने लिपुलेख दर्रे के माध्यम से भारत और चीन के बीच सीमा व्यापार को फिर से शुरू करने से संबंधित नेपाल के विदेश मंत्रालय की टिप्पणियों पर गौर किया है।'' जायसवाल ने कहा, ‘‘इस संबंध में हमारी स्थिति सुसंगत और स्पष्ट रही है। लिपुलेख दर्रे के जरिए भारत और चीन के बीच सीमा व्यापार 1954 में शुरू हुआ था और दशकों तक जारी रहा है।'' उन्होंने कहा कि हाल के वर्षों में कोविड-19 और अन्य घटनाओं के कारण यह व्यापार बाधित हुआ था। अब दोनों पक्ष इसे फिर से शुरू करने पर सहमत हुए हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘क्षेत्रीय दावों के संबंध में हमारा मानना है कि ऐसे दावे न तो उचित हैं और न ही ऐतिहासिक तथ्यों तथा साक्ष्यों पर आधारित हैं। क्षेत्रीय दावों का कोई भी एकतरफा कृत्रिम विस्तार अस्वीकार्य है।'' जायसवाल ने कहा, ‘‘भारत वार्ता और कूटनीति के माध्यम से लंबित सीमा मुद्दों के समाधान हेतु नेपाल के साथ सार्थक बातचीत के लिए तैयार है। -
वाराणसी (उप्र). वाराणसी में पर्यटकों के लिए पांच सितारा ‘गंगोत्री रेजिडेंशियल क्रूज सेवा' आगामी सितंबर महीने से शुरू हो जाएगी। वाराणसी के रविदास घाट पर मौजूद इस लक्जरी क्रूज का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी या उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा किए जाने की संभावना हैं। गंगोत्री क्रूज के निदेशक जयंत मालवीय ने बताया कि यह लग्जरी क्रूज सितंबर से वाराणसी के रविदास घाट से चुनार, मारकंडे महादेव, आदिकेशव सहित प्रयागराज तक जल यात्रा कराएगा। मालवीय ने बताया कि गंगोत्री क्रूज में पांच सितारा होटल जैसी सुविधाएं मौजूद हैं। इसमें 24 वातानुकूलित कमरे, जिम, स्पा, रेस्टोरेंट और सन डेक जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं। इसमें एक साथ 200 लोग यात्रा कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि बुजुर्गों और दिव्यांगजनों के लिए इस चार मंजिला क्रूज में लिफ्ट भी लगायी गई है। क्रूज में यात्रियों के सुरक्षा के लिए अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप सुरक्षा उपकरणों के साथ पूरी प्रशिक्षित टीम है। मालवीय ने बताया कि क्रूज में यात्री बनारसी संस्कृति, घाट दर्शन, योग, भजन और स्थानीय खानपान का आनंद ले सकेंगे। यात्रियों को सुबह योग कराया जाएगा और शाम को प्रतिदिन स्थानीय कलाकारों की मदद से सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। यात्रियों को बनारसी व्यंजनों जैसे कचौड़ी जलेबी और अन्य भारतीय व्यंजन परोसे जाएंगे। क्रूज पर मांसाहार और शराब पर पाबंदी रहेगी। मालवीय ने बताया कि उन्होंने सात साल पहले 2018 में काशी में अलकनंदा क्रूज से काशी में क्रूज पर्यटन की शुरुआत की थी। गंगोत्री, काशी में उनका पांचवा क्रूज है। काशी में अब तक उनकी कंपनी छह लाख से अधिक पर्यटकों को सेवा मुहैया करा चुकी है। अलकनंदा को काशी में सरकार और पर्यटकों की तरफ से पूरा सहयोग मिला है। उन्होंने बताया कि काशी के पहले क्रूज अलकनंदा का उद्घाटन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया था। गंगोत्री के उद्घाटन के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय और मुख्यमंत्री कार्यालय से बातचीत की जा रही है।
-
नयी दिल्ली/ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ बृहस्पतिवार को फोन पर बातचीत की जिसमें यूक्रेन और पश्चिम एशिया में संघर्षों के समाधान पर ध्यान केंद्रित किया गया। मोदी ने इस बातचीत को ‘‘बहुत अच्छा'' बताया।मैक्रों इस सप्ताह हुई अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की की बातचीत के दौरान उनके साथ मौजूद यूरोपीय नेताओं में शामिल थे। मोदी ने सोशल मीडिया पर एक ‘पोस्ट' में कहा, ‘‘मेरे मित्र राष्ट्रपति मैक्रों के साथ बहुत अच्छी बातचीत हुई। यूक्रेन और पश्चिम एशिया में संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान के प्रयासों पर विचारों का आदान-प्रदान किया।'' उन्होंने कहा, ‘‘हमने भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता दोहराई।''
जेलेंस्की से मुलाकात करने से कुछ दिन पहले ट्रंप ने अलास्का में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ यूक्रेन संघर्ष पर शिखर वार्ता की थी। -
नई दिल्ली। कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC) ने जून 2025 के लिए अस्थायी पेरोल आंकड़े जारी किए हैं, जिनके मुताबिक इस महीने 19.37 लाख नए कर्मचारियों को ईएसआई योजना के तहत शामिल किया गया। जारी आंकड़ों के मुताबिक, जून में 34,762 नए प्रतिष्ठान भी इस सामाजिक सुरक्षा योजना के दायरे में आए, जिससे और अधिक कर्मचारियों को सुरक्षा कवच मिला। कुल नए पंजीकृत कर्मचारियों में से 9.58 लाख युवा कर्मचारी थे, जिनकी आयु 25 वर्ष तक की है। यह संख्या कुल पंजीकरण का लगभग आधा हिस्सा है, जो दिखाता है कि बड़ी संख्या में युवा इस योजना से लाभान्वित हो रहे हैं।
ईएसआई योजना में बढ़ी महिलाओं की भागीदारीआंकड़ों में यह भी सामने आया कि जून में 4.13 लाख महिलाओं और 87 ट्रांसजेंडर कर्मचारियों ने भी इस योजना में पंजीकरण कराया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि ईएसआईसी सभी वर्गों के कर्मचारियों को कवर करने के लिए प्रतिबद्ध है। मई 2025 में युवाओं के 9.46 लाख नए पंजीकरण हुए थे। जून में यह संख्या 12,000 से ज्यादा बढ़ी है, जो इस योजना की बढ़ती पहुंच को दर्शाती है। हालांकि ईएसआईसी ने स्पष्ट किया है कि ये आंकड़े अस्थायी हैं, क्योंकि डेटा अपडेट करने की प्रक्रिया लगातार जारी रहती है। -
नई दिल्ली। भारतीय रेलवे ने दीपावली और छठ पर्व के दौरान यात्रियों की सुविधा के लिए 12 हजार से अधिक विशेष ट्रेनें चलाने की घोषणा की है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि 13 अक्टूबर से 26 अक्टूबर के बीच जाने वाली यात्रा और 17 नवंबर से 1 दिसंबर के बीच वापसी यात्रा करने वाले यात्रियों को रिटर्न टिकट पर 20% की छूट मिलेगी। इस फैसले से त्योहारों पर बड़ी संख्या में यात्रियों को राहत मिलेगी।इसके साथ ही रेलवे ने चार नई अमृत भारत एक्सप्रेस ट्रेनों की भी घोषणा की है, जो गया से दिल्ली, सहरसा से अमृतसर, छपरा से दिल्ली और मुजफ्फरपुर से हैदराबाद के बीच चलाई जाएंगी। इसके अलावा, एक नई बुद्ध सर्किट ट्रेन भी शुरू की जाएगी, जो वैशाली, हाजीपुर, सोनपुर, पटना, राजगीर, गया और कोडरमा जैसे महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक स्थलों को जोड़ेगी। इससे मध्यम वर्गीय परिवारों को सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पर्यटन में सुविधा होगी। वहीं बिहार में रेलवे के बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर विस्तार कार्य भी शुरू किए जाएंगे। बक्सर-लखीसराय रेल खंड को चार लाइन कॉरिडोर में बदला जाएगा और पटना में रिंग रेलवे प्रणाली विकसित की जाएगी। इसके साथ ही सुल्तानगंज से देवघर के बीच कनेक्टिविटी बढ़ाई जाएगी और पटना से अयोध्या के बीच नई ट्रेन सेवा शुरू होगी। लौकहा बाजार में वॉशिंग पिट सुविधा तैयार की जाएगी और कई नए स्वीकृत रोड ओवरब्रिज का निर्माण कार्य भी जल्द शुरू होगा।-
- नयी दिल्ली.। मध्य प्रदेश के महू में 26-27 अगस्त को आयोजित होने वाले सशस्त्र बलों की संगोष्ठी के दौरान ‘ऑपरेशन सिंदूर' में मिली सफलता के साथ-साथ अग्रिम मोर्चों पर हासिल ‘कड़े सबक' पर चर्चा की जाएगी। इस संगोष्ठी का विषय युद्ध में प्रौद्योगिकी का प्रभाव है।अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए पी सिंह और नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी महू स्थित आर्मी वॉर कॉलेज में आयोजित होने वाले ‘रणसंवाद 2025' में शामिल होंगे। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम के दौरान ‘हेलीबोर्न ऑपरेशन'(सैन्य अभियान जहां सैनिकों, उपकरणों या आपूर्ति को हेलीकॉप्टरों द्वारा ले जाया जाता है) सहित तीन संयुक्त सिद्धांत भी जारी किए जाएंगे। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘ भारत को भविष्य की युद्ध पर रणनीति पर चर्चा का नेतृत्व करने की आवश्यकता है - हम एक समय विश्व गुरु थे, और हमें उस स्थान को पुनः प्राप्त करने की जरूरत है। भविष्य के युद्ध लड़ने में अधिक कुशल होने की आवश्यकता है।'' दिल्ली छावनी स्थित मानेकशॉ सेंटर में मुख्यालय ‘इंटीग्रेटिड डिफेंस स्टाफ' ने बुधवार को इस संगोष्ठी के बारे में जानकारी दी। यह कार्यक्रम मुख्यालय आईडीएस के तत्वावधान में मुख्यालय एआरटीआरएसी (सैन्य प्रशिक्षण कमान) द्वारा आयोजित होगा। ‘इंटीग्रेटिड डिफेंस स्टाफ' के उप प्रमुख (सिद्धांत, संगठन और प्रशिक्षण) लेफ्टिनेंट जनरल विपुल सिंघल ने दो दिवसीय संगोष्ठी के व्यापक विवरण साझा किए। इसका विषय ‘युद्ध पर प्रौद्योगिकी का प्रभाव' है। इसमें रणनीति, नवाचार और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी अलग-अलग सोच और विचारों के बीच समन्वय पर गौर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि संगोष्ठी के दो उप-विषय हैं - उभरती हुई प्रौद्योगिकियां और भविष्य के युद्ध पर प्रभाव, तथा प्रौद्योगिकी सक्षमता को उत्प्रेरित करने के लिए संस्थागत प्रशिक्षण में सुधार। लेफ्टिनेंट जनरल सिंघल ने बताया कि रक्षा मंत्री सिंह 27 अगस्त को इस कार्यक्रम में शामिल होंगे।युद्ध व युद्धनीति पर यह प्रमुख संगोष्ठी भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर' के साढ़े तीन महीने बाद हो रही है।यह पूछे जाने पर कि क्या इस आयोजन की योजना मई में सैन्य कार्रवाई से पहले बनाई गई थी या बाद में, एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ‘रणसंवाद 2025' की योजना ‘ऑपरेशन सिंदूर' से पहले की है। उन्होंने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर' का अनुभव चर्चा में शामिल होगा।‘इंटीग्रेटिड डिफेंस स्टाफ' (सीआईएससी) के प्रमुख एयर मार्शल आशुतोष दीक्षित ने कहा, ‘‘रणसंवाद सिर्फ एक संगोष्ठी नहीं है, यह एक रणनीतिक संवाद है जहां हमारे अधिकारी भारत की अग्रिम मोर्चों पर कठिन परिश्रम से अर्जित सबक साझा करते हैं। विवादित सीमाओं से लेकर साइबर युद्धक्षेत्रों तक, भारत का सुरक्षा परिवेश बहुआयामी और गतिशील है। इससे एकजुटता अब वैकल्पिक नहीं रह गई है, यह मिशन के लिए महत्वपूर्ण है। सफल ‘ऑपरेशन सिंदूर' इसका प्रमाण है।''
-
नई दिल्ली। संसद का मानसून सत्र पूरी तरह हंगामे की भेंट चढ़ गया। 21 जुलाई से शुरू हुए सत्र में चर्चा के लिए कुल 120 घंटे का समय निर्धारित था, लेकिन लगातार हंगामे के कारण लोकसभा में महज 37 घंटे ही चर्चा हो पाई। गुरुवार को लोकसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने से पहले स्पीकर ओम बिरला ने यह जानकारी दी।
संसद में इस बार बिहार एसआईआर प्रक्रिया को लेकर पूरा गतिरोध रहा। बिहार में अगले कुछ महीनों में विधानसभा चुनाव होने हैं। विपक्ष का आरोप है कि एसआईआर प्रक्रिया के जरिए बिहार के लोगों के वोट काटे गए हैं। विपक्ष इन्हीं मुद्दों को लेकर सदन में चर्चा के लिए आखिरी दिन तक अड़ा रहा। इस बीच, संसद में नारेबाजी, बिल फाड़कर फेंकने और तख्तियां लहराने जैसे कई घटनाक्रम देखने को मिले।लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कुछ सदस्यों के आचरण पर गंभीर चिंता व्यक्त की और असंसदीय भाषा में लिखे नारों और तख्तियों के इस्तेमाल का हवाला दिया। मानसून सत्र के आखिरी मिनट में भी विपक्ष के सांसदों की सदन में नारेबाजी देखी गई। विपक्ष के सदस्य लोकसभा में ‘वोट चोर गद्दी छोड़’ के नारे लगाते रहे।ओम बिरला ने कहा कि “हमारे आचरण पर पूरे देश की नजर है।” उन्होंने सभी सदस्यों से सदन की गरिमा बनाए रखने और दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के मूल्यों की रक्षा करने का आग्रह किया। स्पीकर के समझाने के बावजूद हंगामा जारी रहा।इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सत्र के आखिरी दिन दोपहर 12.04 बजे कार्यवाही में भाग लेने के लिए पहुंचे थे।विपक्ष के हंगामे के बीच स्पीकर ओम बिरला ने सदन को स्थगित करने की सूचना देते हुए पिछले एक महीने में हुए कार्यों की जानकारी दी। ओम बिरला ने बताया कि चर्चा के लिए 120 घंटे आवंटित किए गए थे। हालांकि, विपक्षी सदस्यों की ओर से बार-बार व्यवधान के कारण सिर्फ 37 घंटे ही उपयोग किए जा सके। अध्यक्ष बिरला ने कहा कि 419 तारांकित प्रश्न प्रस्तुत किए गए थे, फिर भी सिर्फ 55 का ही उत्तर दिया गया।स्पीकर ने बताया कि पूरे सत्र में 14 विधेयक पेश किए गए और 12 पारित हुए, जिनमें आयकर विधेयक, कराधान कानून (संशोधन) विधेयक और राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक शामिल हैं। ऑनलाइन गेमिंग विनियमन विधेयक भी पारित हुआ। हालांकि, संविधान में 130वें संशोधन विधेयक को संयुक्त संसदीय समिति को भेज दिया गया।स्पीकर ओम बिरला ने सदन को जानकारी दी कि 28-29 जुलाई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर एक विशेष चर्चा हुई, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी ने सदन को संबोधित किया। 18 अगस्त को भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम की उपलब्धियों पर विशेष चर्चा की गई।सदन के आखिरी दिन कुछ सदस्यों के आचरण पर टिप्पणी करते हुए स्पीकर ओम बिरला का स्वर कठोर था। उन्होंने हंगामा करने वाले सांसदों से कहा कि जन प्रतिनिधि के रूप में हमारे आचरण और कार्यप्रणाली को पूरा देश देखता है। जनता उम्मीदों के साथ यहां चुनकर भेजती है, ताकि उनके हित के मुद्दों और महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा कर सकें।इससे पहले, उन्होंने गुरुवार को प्राप्त कई स्थगन नोटिसों पर विचार करने से इनकार कर दिया, लेकिन कुछ समितियों की रिपोर्ट प्रस्तुत करने सहित कुछ संक्षिप्त कार्य की अनुमति दी। कल्याण वैजनाथराव काले ने रसायन और उर्वरक संबंधी स्थायी समिति की रिपोर्ट पेश की। गजेंद्र सिंह पटेल ने 2024-25 के लिए सामाजिक न्याय और अधिकारिता समिति की रिपोर्ट प्रस्तुत की।इसी तरह, गृह मंत्रालय (नित्यानंद राय), पर्यावरण (कीर्तिवर्धन सिंह), बंदरगाह एवं जहाजरानी (शांतनु ठाकुर), सड़क परिवहन (अजय टम्टा), शिक्षा (सुकांत मजूमदार) और नागरिक उड्डयन (मुरलीधर मोहोल) सहित प्रमुख विभागों के मंत्रियों ने सदन के समक्ष विभागीय पत्र रखे।सदन को अनिश्चित काल के लिए स्थगित करने से पहले, अध्यक्ष बिरला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रचनात्मक रूप से भाग लेने वाले सभी सदस्यों का धन्यवाद किया। उन्होंने सभी सदस्यों से आगामी लोकसभा सत्रों में विचार-विमर्श, गरिमा और लोकतांत्रिक उत्तरदायित्व के मूल्यों के प्रति फिर से प्रतिबद्ध होने का आग्रह किया। -
नई दिल्ली। प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई-माओवादी) के दो वरिष्ठ नेताओं ने आज गुरुवार को तेलंगाना पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। राचाकोंडा पुलिस आयुक्त जी. सुधीर बाबू ने बताया कि काकरला सुनीता उर्फ बद्री, जो दंडकारण्य विशेष जोनल समिति (डीके एसजेडसी) की वरिष्ठ राज्य समिति सदस्य और चेनुरी हरीश उर्फ रामन्ना, तेलंगाना राज्य समिति के एरिया कमेटी सदस्य (एसीएम) थे, ने मुख्यधारा में वापस लौटने का फैसला किया है।
पुलिस के मुताबिक, 62 वर्षीय सुनीता 40 साल से ज्यादा समय तक माओवादी आंदोलन में सक्रिय रहीं। वह सीपीआई (माओवादी) की क्षेत्रीय राजनीतिक स्कूल और शिक्षा विभाग समिति की सदस्य थीं और पार्टी की रणनीतियां तैयार करने, दस्तावेज बनाने और क्रांति जैसी पार्टी पत्रिकाओं के प्रकाशन में अहम भूमिका निभाती थीं।सुनीता का माओवादी विचारधारा से जुड़ाव 1985 में इंटरमीडिएट पढ़ाई के दौरान राजामुंदरी में हुआ, जब वह रेडिकल स्टूडेंट्स यूनियन (आरएसयू) से प्रभावित हुईं। उनके पिता काकरला सत्यनारायण क्रांतिकारी राइटर्स एसोसिएशन (विरसम) के नेता थे और उनके घर अक्सर वरवर राव जैसे बड़े माओवादी नेता आते थे। जनवरी 1986 में उन्होंने सीपीआई (एमएल) पीपुल्स वार में शामिल होकर भूमिगत जीवन शुरू किया। इसी साल अगस्त में उन्होंने टीएलएन चलं उर्फ गौतम उर्फ सुधाकर से शादी की।1990 के दशक में सुनीता ने नल्लमल्ला जंगल के फॉरेस्ट डिविजनल कमेटी में काम किया और कई मुठभेड़ों में शामिल रहीं। बाद में वह आंध्र-ओडिशा सीमा पर सक्रिय रहीं और 2006 में दंडकारण्य भेजी गईं। पुलिस ने बताया कि वह 5 जून 2025 को अन्नापुरम नेशनल पार्क मुठभेड़ में भी मौजूद थीं, जिसमें उनके पति चलं की मौत हो गई थी।दूसरे नेता, 35 वर्षीय हरीश, भूपलपल्ली जिले के रहने वाले हैं और 2006 में 10वीं की पढ़ाई के दौरान बीसी वेलफेयर हॉस्टल में रहते हुए माओवादी विचारधारा से प्रभावित हुए थे। पुलिस आयुक्त ने कहा कि इन दोनों का आत्मसमर्पण तेलंगाना पुलिस की रणनीति की सफलता है। उन्होंने राज्य के सभी भूमिगत माओवादियों से अपील की कि वे अपने गांव लौटें और राज्य के विकास में हिस्सा लें। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि मुख्यधारा में लौटने वाले सभी माओवादियों को तेलंगाना सरकार की पुनर्वास योजना के तहत सभी लाभ दिए जाएंगे। - -
नयी दिल्ली. नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी के पॉल ने बुधवार को कहा कि दुर्लभ बीमारियों के लिए चार नई दवाएं जल्द ही बाजार में आने की उम्मीद है, जबकि सात बीमारियों के लिए पांच दवाएं पहले ही बाजार में आ चुकी हैं। इन दवाओं से मरीजों की परेशानी कम हो रही है। उन्होंने दुर्लभ बीमारियों पर उद्योग मंडल फिक्की और नीति आयोग द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित एक सम्मेलन में कहा कि स्थानीय कंपनियों द्वारा पेश जेनेरिक दवाओं से दुर्लभ बीमारियों से पीड़ित लोगों को भारी बचत हुई है। वर्तमान में, दुर्लभ बीमारियों के लिए केंद्रीय तकनीकी समिति (सीटीसीआरडी) की सिफारिश पर राष्ट्रीय दुर्लभ रोग नीति के अंतर्गत 63 दुर्लभ बीमारियां शामिल हैं। पॉल ने कहा, ‘‘सात बीमारियों के मामले में, हमने उल्लेखनीय प्रगति की है। इन सात बीमारियों में थैलेसीमिया, विल्सन रोग और सिस्टिक फाइब्रोसिस शामिल हैं... अब पांच दवाएं बाजार में उपलब्ध हैं।'' उन्होंने कहा कि चार अन्य दवाएं भी जल्द ही बाजार में आने वाली हैं। पॉल ने कहा कि नीति आयोग ने 2023 में 13 विकारों को प्राथमिकता के तौर पर चुना है।
औषधि विभाग के सचिव अमित अग्रवाल ने कहा कि सरकार, औषधि क्षेत्र के लिए पीएलआई योजना के तहत, आठ दुर्लभ बीमारियों के इलाज के लिए दवाओं के उत्पादन को समर्थन देने में सक्षम रही है। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य दुर्लभ बीमारियों के इलाज को उच्च नीतिगत समर्थन वाले एक रणनीतिक प्राथमिक क्षेत्र बनाना है। नोवार्टिस के प्रबंध निदेशक और क्षेत्रीय अध्यक्ष अमिताभ दुबे ने कहा कि दुर्लभ बीमारियां दुनिया भर में 30 करोड़ से ज्यादा लोगों को प्रभावित करती हैं, जिनमें से सात से नौ करोड़ भारत में हैं। उन्होंने इस दिशा में हुई प्रगति को स्वीकार करते हुए दुर्लभ रोग प्रबंधन में मरीजों के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करने के लिए निरंतर प्रयासों की आवश्यकता बतायी। दुबे ने कहा, ‘‘हमें एक ऐसा परिवेश बनाना होगा जो अनुसंधान एवं विकास को प्रोत्साहित और सक्षम बनाए, नियामक देरी को कम करे और नवाचार को महत्व दे ताकि उपचार भारतीय मरीजों तक तेजी से पहुंच सके।'' - मुंबई. मुंबई में भारी बारिश के बीच मंगलवार शाम एलिवेटेड ट्रैक पर दो मोनोरेल ट्रेन फंस गईं, जिसके 500 से अधिक यात्रियों को बचा लिया गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। ट्रेन में फंसे कई यात्रियों ने दम घुटने की शिकायत की। अधिकारियों ने बताया कि बचाव अभियान लगभग चार घंटे बाद समाप्त हो गया। उन्होंने बताया कि बिजली आपूर्ति बाधित होने के कारण ट्रेन रूक गई और भीड़ की वजह से यह समस्या उत्पन्न हुई। अधिकारियों ने बताया कि भारी बारिश के कारण स्थानीय ट्रेन परिचालन सेवाएं स्थगित कर दिए जाने के बाद से इन दोनों मोनोरेल ट्रेन में क्षमता से अधिक यात्री सवार थे।अधिकारियों के अनुसार, मैसूर कॉलोनी और भक्ति पार्क के बीच एक मोनोरेल ट्रेन फंस गई, और उसमें सवार 400 से ज़्यादा यात्रियों को बचाने के लिए क्रेन की मदद लेनी पड़ी। अधिकारियों ने बताया कि एक अन्य मोनोरेल ट्रेन से सौ से ज़्यादा यात्रियों को निकाला गया, जिन्हें सफलतापूर्वक पास के वडाला स्टेशन पर वापस लाया गया। शाम करीब सवा छह बजे मैसूर कॉलोनी और भक्ति पार्क स्टेशन के बीच फंसी मोनोरेल ट्रेन में अफरा-तफरी मच गई। बिजली और एसी सिस्टम बंद होने से 15 यात्रियों ने दम घुटने की शिकायत की। अधिकारियों ने बताया कि 14 लोगों का मौके पर ही उपचार किया गया, जबकि एक लड़की को अस्पताल में भर्ती कराया गया है और उसकी हालत स्थिर है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि किसी को भी घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि सभी को सुरक्षित निकाल लिया जाएगा।उन्होंने कहा कि घटना की जांच की जाएगी। फडणवीस ने ‘एक्स' पर पोस्ट किया, ‘‘कुछ तकनीकी कारणों से एक मोनोरेल चेंबूर और भक्ति पार्क के बीच फंस गई है। एमएमआरडीए (मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण), अग्निशमन विभाग और नगर निकाय समेत सभी एजेंसियां मौके पर पहुंच गई हैं। सभी यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है।'' यात्रियों ने बताया कि ट्रेन शाम करीब सवा छह बजे रुकी और बचाव अभियान शुरू होने में एक घंटा लग गया। मुंबई मोनोरेल ने एक शुरुआती प्रेस बयान में कहा कि ट्रेन में बिजली आपूर्ति में मामूली समस्या आ गई थी। एमएमआरडीए के संयुक्त आयुक्त आस्तिक कुमार पांडे ने कहा, ‘‘बारिश के कारण लोग विभिन्न स्टेशन पर फंस गए। ट्रेन की क्षमता से अधिक लोग मोनोरेल ट्रेन में चढ़ गए।'' ट्रेन से निकाले जाने के बाद एक यात्री ने कहा, ‘‘मैं लगभग एक घंटे 45 मिनट तक मोनोरेल में फंसा रहा। अधिकारियों से कोई संपर्क न होने के कारण लोग डरे हुए थे। कुछ लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी और उन्होंने खिड़की तोड़ने की कोशिश की। कुछ यात्री बेहोश हो गए।'' एक महिला यात्री ने बताया कि अंदर न तो एयर कंडीशनर चल रहा था और न ही बिजली। मुंबई में पिछले दो दिनों से भारी बारिश हो रही है, जिससे महानगर में सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।




.jpeg)
.jpeg)
.jpeg)
.jpeg)
.jpeg)

















.jpg)
