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वाराणासी। वाराणसी में गंगा तट के आसपास शोर और वायु प्रदूषण को कम करने की रणनीति के तहत अब नौकाएं पर्यावरण-अनुकूल सीएनजी पर चलने लगी हैं। अभी तक 583 नौकाओं को सीएनजी-चालित नौकाओं में बदला जा चुका है। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने रविवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि वाराणसी में गंगा पर चलने वाली नावों के पूरे बेड़े को पर्यावरण के अनुकूल ईंधन से बदलने की योजना है। इन नावों को सीएनजी की आपूर्ति नमो घाट पर गेल की तरफ से स्थापित देश के पहले तैरते हुए सीएनजी स्टेशन से की जा रही है। पेट्रोलियम मंत्री ने कहा, 'पिछले साल जुलाई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पवित्र गंगा पर सीएनजी वाली नौकाएं चलाने की इच्छा जताई थी।
500 नावों के लक्ष्य के मुकाबले 583 नावों को पहले ही सीएनजी में बदला जा चुका है। हम 2,000 नावों को सीएनजी-चालित बनाने के लिए काम कर रहे हैं।' सीएनजी ईंधन को बढ़ावा देने के लिए इस पवित्र शहर के तट पर सीएनजी से चलने वाली नावों का लक्ष्य रखा गया है। पुरी ने कहा कि डीजल इंजन की तुलना में सीएनजी इंजन कम प्रदूषणकारी होता है और ये सल्फर डाइऑक्साइड जैसी हानिकारक गैसों का उत्सर्जन भी नहीं करते हैं।
इसके अतिरिक्त सीएनजी इंजन काफी शांत भी होते हैं, जिससे जलीय जीवन और घाटों के साथ स्थित ऐतिहासिक धरोहरों पर डीजल इंजनों के तेज शोर के प्रतिकूल प्रभावों को कम किया जा सकता है। पुरी ने कहा, ''हमारे लिए यह बेहद महत्वपूर्ण कदम है। वाराणसी दुनिया के सबसे पुराने शहरों में से एक है जहां परंपरा आधुनिकता के साथ मिलती है।'' उन्होंने कहा कि सीएनजी इंजन से न केवल प्रदूषण में कमी आती है बल्कि नाविकों के लिए प्रति वर्ष 25,000 रुपये से 30,000 रुपये बचाने में भी मदद मिलेगी।फाइल फोटो
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नयी दिल्ली. दक्षिणी दिल्ली के मैदान गढ़ी इलाके में 18 वर्षीय एक युवक की कथित तौर पर चाकू मारकर हत्या कर दी गई। इस संबंध में दो किशोरों को पकड़ा गया है। पुलिस ने रविवार को बताया कि शनिवार अपराह्न दो बजकर 23 मिनट पर टेलीफोन मोहल्ले में राधा कृष्ण मंदिर के पास एक शव पड़ा होने की सूचना मिली। एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, मृतक के शरीर पर चाकू के वार के कई निशान थे। मृतक की पहचान भाटी माइंस स्थित संजय कॉलोनी निवासी हर्ष के रूप में हुई।
अधिकारियों ने बताया कि इस सिलसिले में मैदान गढ़ी थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) के तहत मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा कि जांच के दौरान पुलिस ने इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज की पड़ताल की और दो आरोपी किशोरों को पकड़ लिया। पुलिस के मुताबिक, एक नाबालिग ने हर्ष का मोबाइल फोन छीन लिया था जिसका विरोध करने पर नाबालिग आरोपियों ने उस पर चाकू से कई वार किए और उसका गला रेत दिया। अधिकारियों ने बताया कि दोनों आरोपियों के पास से मृतक का मोबाइल फोन, सिम कार्ड और हत्या में इस्तेमाल चाकू बरामद कर लिया गया है। -
बलिया (उत्तर प्रदेश)। जिले के खेजुरी थाना क्षेत्र के पटपर गांव के पास एक अज्ञात वाहन की टक्कर से बाइक सवार दो लोगों की मौत हो गई जबकि एक युवक गंभीर रूप से घायल हो गया। पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी। पुलिस के अनुसार, खेजुरी थाना क्षेत्र के पटपर गांव के समीप बलिया - सिकंदरपुर मार्ग पर शनिवार की रात एक अज्ञात वाहन की टक्कर से अक्षय खरवार उर्फ सोनू (28) , विपिन खरवार (42) व सुनील खरवार (30) गंभीर रूप से घायल हो गए।
घटना की सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने तीनों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया, जहां चिकित्सकों ने अक्षय और विपिन को मृत घोषित कर दिया। खेजुरी के थाना प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) बीपी पांडेय ने बताया कि सुनील खरवार की स्थिति गंभीर होने के कारण वाराणसी रेफर किया गया है।
उन्होंने बताया कि इस मामले में मृत विपिन खरवार के पिता शंभू खरवार की तहरीर पर रविवार को अज्ञात वाहन चालक के विरुद्ध भारतीय दण्ड संहिता की सुसंगत धारा में मुकदमा दर्ज किया गया है। एसएचओ ने बताया कि दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। -
सीतापुर (उत्तर प्रदेश)। जिले के लहरपुर थाना क्षेत्र के एक गांव में रविवार को अविवाहित जोड़े ने एक पेड़ से फांसी लगाकर कथित रूप से आत्महत्या कर ली। पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी। पुलिस के अनुसार, लहरपुर थाना क्षेत्र के दारापुर गांव में अविवाहित प्रेमी जोड़े ने परिजनों से विवाह की मंजूरी नहीं मिलने पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
सीतापुर के अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) राजीव दीक्षित ने बताया कि अंकुर (20) और उसके पड़ोस में रहने वाली कांति (20) ने कथित तौर पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। उन्होंने बताया कि आज घटना की सूचना मिली और प्रारंभिक छानबीन में पता चला कि दोनों एक-दूसरे से प्यार करते थे, लेकिन अपने-अपने परिवारों के विरोध के कारण उन्होंने यह घातक कदम उठाया। दीक्षित ने बताया कि दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजकर मामले की छानबीन की जा रही है। -
देहरादून. उत्तराखंड के जोशीमठ में जमीन धंसने की घटना के कारण 'असुरक्षित' इमारतों को गिराने का काम शनिवार को मौसम में सुधार के साथ शुरू हो गया। अधिकारियों ने बताया कि दरार वाली इमारतों की संख्या बढ़कर 863 हो गयी है। उन्होंने बताया कि यहां जेपी कॉलोनी के निकट जल प्रवाह को घटाकर 136 एलपीएम कर दिया गया है। आपदा प्रबंधन के सचिव रंजीत कुमार सिन्हा ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘वहां (जेपी कॉलोनी) पानी का प्रवाह शुरू में 540 एलपीएम था। इसमें पर्याप्त कमी एक सकारात्मक संकेत है।'' दो जनवरी से कॉलोनी के पास एक जगह से पानी बह रहा है।
उन्होंने कहा, अब तक अंतरिम राहत के रूप में 242 प्रभावित परिवारों को 3.62 करोड़ रुपये की राशि वितरित की जा चुकी है।'' उत्तराखंड के विभिन्न हिस्सों में शुक्रवार को हुई बर्फबारी और बारिश के कारण ठंड बढ़ गयी है, जिससे अस्थायी राहत शिविरों में रह रहे जोशीमठ के लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने कहा था, ‘‘जोशीमठ में असुरक्षित होटलों और घरों को खराब मौसम के कारण अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है।'' सिन्हा के अनुसार, जोशीमठ में भूमि धंसने के बाद 863 घरों में दरारें आ गई हैं और 269 परिवारों को अस्थायी राहत केंद्रों में स्थानांतरित कर दिया गया है। शनिवार सुबह मौसम साफ होने के साथ ही होटलों- मलारी इन और माउंट व्यू- तथा पीडब्ल्यूडी के निरीक्षण बंगले को ध्वस्त करने में ड्रिलिंग मशीन और बुलडोजर लगा दिये गये। यहां एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘‘जोशीमठ में प्रभावित लोगों को राहत प्रदान करना वर्तमान में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की शीर्ष प्राथमिकताओं में है।बयान में कहा गया है कि प्रभावित लोगों को ठंड से बचाने के लिए अस्थाई राहत केंद्रों पर पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। विज्ञप्ति के अनुसार, 76 परिवारों को हीटर और ब्लोअर, 110 लोगों को गर्म पोशाकें, 175 को गर्म पानी की बोतलें, 516 को ऊनी टोपी, 280 को गर्म मोजे और 196 लोगों को शॉल की आपूर्ति की गई है। विज्ञप्ति में कहा गया है कि 771 लोगों को खाद्यान्न, 601 को कंबल और 114 को दैनिक इस्तेमाल की चीजों की आपूर्ति की गई है। बद्रीनाथ और हेमकुंड साहिब जैसे प्रसिद्ध तीर्थस्थलों तथा अंतरराष्ट्रीय स्कीइंग के लिए मशहूर औली के लिए प्रवेश द्वार कहलाने वाला जोशीमठ इमारतों, सड़कों और सार्वजनिक सुविधाओं में दिखाई देने वाली दरारों के कारण संकट में दिखाई दे रहा है। भीषण सर्दी में प्रभावित परिवारों को राहत और पुनर्वास प्रदान करने को लेकर राज्य सरकार को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
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शिमला. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने हिमाचल प्रदेश के मध्यम और ऊंचे पहाड़ों के लिए 24 जनवरी को भारी बारिश और बर्फबारी तथा मैदानी और निचले पर्वतों के लिए गरज के साथ छीटें पड़ने और ओलावृष्टि की चेतावनी जारी की है। आईएमडी ने कहा कि चंबा, कांगड़ा, मंडी, कुल्लू, शिमला, लाहौल-स्पीति और किन्नौर जिलों में भारी बारिश और हिमपात की संभावना है। इसने 25 जनवरी तक निचली पहाड़ियों में हल्की से मध्यम बारिश और मध्यम और ऊंची पहाड़ियों में हल्की से मध्यम बर्फबारी का भी पूर्वानुमान जताया है। इस बीच, मनाली में शनिवार को 12 सेंटीमीटर (सेमी), गोंडला में 11 सेमी, डलहौजी में आठ सेमी, कल्पा में सात सेमी, तिस्सा, पूह और हंसा में पांच-पांच सेमी बर्फबारी दर्ज की गई। अधिकारियों ने कहा कि बर्फबारी के कारण कम से कम 328 सड़कों को बंद किया गया है जिनमें लाहौल-स्पीति जिले की 182, कुल्लू की 55, शिमला की 32, किन्नौर की 29, मंडी की 17, चंबा की 11 और कांगड़ा जिले की दो सड़कें शामिल हैं। ‘टूरिज़्म इंडस्ट्री स्टेकहॉल्डर्स एसोसिएशन' के प्रमुख एम.के. सेठी ने बताया कि सप्ताहांत पर बर्फबारी के बाद राजधानी शिमला के होटलों में 70 फीसदी तक कमरे बुक हो गए हैं।
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नयी दिल्ली. भारतीय वायुसेना (आईएएफ) अरुणाचल प्रदेश में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन के साथ नए सिरे से बढ़े तनाव के मद्देनजर अपनी युद्ध तैयारियों को परखने के लिए अगले महीने के शुरुआत में पूर्वोत्तर क्षेत्र में युद्धाभ्यास करेगी। मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने शनिवार को बताया कि ‘पूर्वी आकाश' नाम से होने वाले इस युद्धाभ्यास में वायुसेना के राफेल और सुखोई-30एमकेआई सहित अग्रणी लड़ाकू विमानों के हिस्सा लेने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि वायुसेना का शिलॉन्ग मुख्यालय वाला पूर्वी वायु कमान यह युद्धाभ्यास करेगा। वायुसेना के एक अधिकारी ने बताया,‘‘पूर्वी वायु कमान फरवरी के पहले हफ्ते में कमान स्तर का वार्षिक युद्धाभ्यास करेगा।'' कोविड-19 महामारी की वजह से यह युद्धाभ्यास दो साल के अंतराल के बाद होने वाला है।
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सागर . मध्य प्रदेश के सरकारी सागर जिला अस्पताल के मुर्दाघर में रखे दो शवों की एक-एक आंख संभवत: चूहों ने कुतर दी है। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। एक अधिकारी ने कहा कि पिछले 15 दिनों में हुई दो घटनाओं के बाद, सागर जिला अस्पताल के सिविल सर्जन और तीन डॉक्टरों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) ममता तिमोरी ने बताया कि चार जनवरी और 19 जनवरी को दोनों शवों में से प्रत्येक की एक-एक आंख गायब मिली है। उन्होंने कहा कि चार जनवरी को डीप फ्रीजर के काम नहीं करने के कारण 32 वर्षीय व्यक्ति का शव अस्पताल के मुर्दाघर के टेबल पर रख दिया गया था। इस शव की आंख कुतरी हुई पाई गयी।
सीएमएचओ ने कहा, 19 जनवरी को एक अन्य मृतक, 25 वर्षीय व्यक्ति की आंख भी क्षतिग्रस्त पाई गई , हालांकि उसके शरीर को डीप फ्रीजर (मोर्चरी में) में रखा गया था।" उन्होंने बताया कि इन घटनाओं के बाद शुक्रवार को ड्यूटी के दौरान लापरवाही बरतने पर सिविल सर्जन समेत चार डॉक्टरों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। तिमोरी ने कहा कि चार जनवरी की घटना के बाद सिविल सर्जन को नोटिस दिया गया था, लेकिन फिर से ऐसी ही घटना हो गई। उन्होंने कहा कि सिविल सर्जन व अन्य से जवाब मिलने के बाद आगे की अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। एक अन्य अधिकारी ने कहा कि प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि शवों की आंखें चूहों ने कुतर लीं लेकिन तथ्यों की पुष्टि होनी अभी बाकी है।
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गढ़वा (झारखंड) .जिले में तीन बच्चों को अपना शिकार बना चुके आदमखोर तेंदुए को पकड़ने का पिछले 20 दिनों से जारी प्रयास अभी तक कारगर सिद्ध नहीं हुआ है। वहीं आदमखोर जानवर को पकड़ने के लिए विशेष रूप से हैदराबाद से बुलाये गये शिकारी नवाब शफत अली खान का दावा है कि उनकी टीम के शिकारियों के दबाव में आदमखोर तेंदुआ मानवीय बस्ती से दूर घने जंगलों में दुबक गया है जिसके चलते उसे अब तक नहीं पकड़ा जा सका है। वन विभाग ने अब तक तीन बच्चों एवं कई पालतू पशुओं का शिकार कर चुके इस आदमखोर तेंदुए को पकड़ने के लिए हैदराबाद से खान और उनकी टीम को बुलाया है, जो 20 दिनों ये उसे पकड़ने का प्रयास कर रही है। खान ने बताया कि उनकी टीम पिछले बीस दिनों से लगातार आदमखोर तेंदुए का पीछा कर रही है जिसके दबाव के चलते ही वह करीब तीन सप्ताह से किसी इंसान को कोई नुकसान नहीं पहुंचा सका है। उन्होंने एक सवाल के जवाब में बताया कि जब से उनकी टीम इलाके में आयी है उसने कम से कम आधा दर्जन बार इस आदमखोर तेंदुए को देखा है लेकिन वह कभी भी अस्सी मीटर से कम दूरी पर उनकी टीम के पास नहीं फटका और एक तेंदुए को बेहोश करने के लिए आदर्श दूरी तीस मीटर की ही होती है।
विशेषज्ञ शिकारी खान ने बताया, ‘‘मेरे पास वन विभाग का आदमखोर तेंदुए को पकड़ने का आदेश है। यदि उसे पकड़ने के दौरान जान का खतरा पैदा होता है, तभी उसे गोली मार सकते हैं। ऐसे में उसका टीम के निकट (बेहोश करने के दायरे) आना आवश्यक है। लेकिन उनकी टीम के पीछा करने और ग्रामीणों के शोरशराबे के चलते तेंदुआ पिछले कई दिनों से घने जंगल में चला गया है और उनकी टीम को नजर नहीं आ रहा है।'' नयी परिस्थितियों में वन विभाग ने इस मुहिम को आगे बढ़ाते हुए अब आदमखोर तेंदुआ को पकड़ने के लिए मध्यप्रदेश के संजय टाइगर रिजर्व से मदद मांगी है, जिसकी टीम अगले 48 घंटों में यहां पहुंचेगी। संजय टाइगर रिजर्व मध्य प्रदेश के सिंगरौली, सिद्धि और ओरिया सीमा से लगा हुआ है।
तेंदुए ने जिस इलाके में लोगों को शिकार बनाया है उस इलाके के निकटवर्ती पलामू टाइगर रिजर्व के निदेशक सह क्षेत्रीय मुख्य वन संरक्षक (आरसीसीएफ) कुमार आशुतोष ने बताया, ‘‘संजय टाइगर रिजर्व की टीम ने हाल में ही अपने यहां तीन तेंदुओं को बचाया है। वहां के फिल्ड डायरेक्टर से इस संबंध में बात हुई है। उन्होंने टीम उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है।'' उन्होंने बताया कि 28 दिसंबर के बाद से तेंदुए के हमले में किसी व्यक्ति की मौत नहीं हुई है। 14 दिसंबर को भंडरिया प्रखंड के रोदो और 19 दिसंबर को सेवाडीह में बच्चों को तेंदुए ने अपना निशाना बनाया था।
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भोपाल. जीवाश्म विज्ञानियों ने मध्य प्रदेश की नर्मदा घाटी में डायनासोर के मांद और शाकाहारी टाइटनोसॉरस के 256 अंडों की दुर्लभ खोज की सूचना दी है। दिल्ली विश्वविद्यालय और मोहनपुर-कोलकाता एवं भोपाल में भारतीय विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान संस्थान के शोधकर्ताओं ने भी मध्य प्रदेश के धार जिले के बाग और कुक्षी क्षेत्रों में ‘ओवम-इन-ओवो या मल्टी-शेल अंडे' की खोज की सूचना दी है। हर्ष धीमान, विशाल वर्मा, और गुंटुपल्ली प्रसाद सहित अन्य द्वारा की गई इस खोज को इस सप्ताह ‘पीएलओएस वन' शोध पत्रिका में जगह दी गई है। मांदों और अंडों के एक अध्ययन से करीब 6.6 करोड़ वर्ष पहले यहां से पलायन कर चुके लंबी गर्दन वाले सौरोपोड के जीवन के बारे में जानकारी मिली। धार जिला के बांकेर में एक उच्च माध्यमिक स्कूल में कार्यरत वर्मा ने ‘ कहा, ‘‘अंडे उस मुहाने से मिले जहां टेथिस सागर का नर्मदा नदी में विलय हुआ था, जब सेशेल्स भारतीय प्लेट से अलग हो गया था। सेशेल्स के अलग होने के कारण नर्मदा घाटी में 400 किलोमीटर अंदर टेथिस सागर घुस आया था।'' टेथीस सागर गोंडवाना लैंड और लौरेशिया के मध्य स्थित एक सागर के रूप में कल्पित किया जाता है जो एक छिछला और संकरा सागर था और इसी में जमे अवसादों के प्लेट संरचना के परिणामस्वरूप अफ्रीकी और भारतीय प्लेटों के यूरेशियन प्लेट से टकराने के कारण हिमालय और आल्प्स जैसे पहाड़ों की रचना हुई। उन्होंने कहा कि नर्मदा घाटी में पाए गए मांद एक-दूसरे के करीब थे। आम तौर पर ये मांद एक दूसरे से कुछ दूरी पर स्थित होते हैं। वर्मा को नर्मदा में डायनासोर के जीवाश्मों की एक श्रृंखला की खोज के पीछे प्रेरक शक्ति माना जाता है। अंडे का व्यास 15 सेंटीमीटर और 17 सेंटीमीटर के बीच हैं, जो संभवतः कई टाइटनोसॉर प्रजातियों के हैं। प्रत्येक मांद में अंडों की संख्या एक से लेकर 20 तक होती है।
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कोयंबटूर (तमिलनाडु) । केंद्रीय शिक्षा एवं कौशल विकास मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने शनिवार को तमिलनाडु के कोयंबटूर में कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति(एनईपी) कुछ पृष्ठों का दस्तावेज नहीं है, बल्कि इसमें छात्रों के लाभ के लिए कई नयी विशेषताएं हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा राज्यों की समवर्ती सूची का हिस्सा है, लेकिन केंद्र को उम्मीद है कि तमिलनाडु एनईपी को स्वीकार करेगा। कोयंबटूर में ‘अविनाशीलिंगम इंस्टीट्यूट फॉर होम साइंस एंड हायर एजुकेशन फॉर वीमेन' के 34वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए प्रधान ने कहा कि एनईपी की बात करें तो केंद्र सरकार नए विचारों और तरीकों का खुले तौर पर स्वागत के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि सभी को मातृभाषा सीखनी चाहिए और एनईपी इन बुनियादी वर्षों में मातृभाषा में सीखने, पढ़ने और लिखने में मदद करेगी। उन्होंने कहा कि सरकार ने राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) से इस शैक्षणिक वर्ष से सभी भारतीय भाषाओं में पुस्तकें प्रकाशित करने के बारे में कहा है। उन्होंने कहा कि मातृभाषा में पढ़ाई करने से बच्चों का समग्र विकास बेहतर होगा और भारत की शिक्षा रोजगार, सशक्तिकरण और ज्ञान पर केंद्रित है। उन्होंने कहा, ‘‘इंटरनेट और स्मार्ट फोन बुनियादी आवश्यकताएं हैं और हम एंड्रॉइड या आईओएस जैसी विदेशी तकनीकों पर निर्भर हैं। हालांकि, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास ने कुछ दिन पहले स्वदेशी 5जी के लिए तकनीक विकसित की है।'' कोविड-19 रोधी टीकों का उल्लेख करते हुए प्रधान ने कहा, ‘‘भारतीयों ने टीकाकरण कराया है, लेकिन दुनिया में किसी को भी हमारे देश की तरह इसे लेने के बाद कुछ सेकंड के भीतर प्रमाण पत्र नहीं मिलता। यह इस प्रकार की तकनीक है जिसे हम भारत में विकसित कर रहे हैं।'' महिला सशक्तीकरण के बारे में प्रकाश डालते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘तमिलनाडु देश के बाकी हिस्सों से बहुत आगे है और राज्य में देश में कामकाजी महिलाओं की संख्या सबसे अधिक है। भारत लोकतंत्र की जननी है और तमिलनाडु इसका केंद्र है।'' इस साल भारत की जी20 अध्यक्षता के दौरान, ‘‘मुझे उम्मीद है कि विश्वविद्यालय में इसके बारे में चर्चा और विचार-विमर्श होगा।'' बाद में एनईपी के लिए बजट आवंटन में कमी पर एक सवाल के जवाब में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह गलत सूचना है। उन्होंने कहा, ‘‘सरकार और वित्त मंत्रालय नयी शिक्षा नीति को पूरा समर्थन दे रहे हैं और अगले बजट में और धनराशि आवंटित की जाएगी।''
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बलिया (उत्तर प्रदेश) । जिले के बैरिया शिक्षा क्षेत्र के दुर्जनपुर कम्पोजिट विद्यालय में मध्याह्न भोजन योजना की धनराशि खाते में नहीं आने से आक्रोशित छात्रों ने विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक सहित सभी शिक्षकों को एक कमरे में बंद कर बंधक बना लिया। घटना का वीडियो सार्वजनिक होने के बाद विभागीय जांच शुरू की गयी है। बेसिक शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी। बैरिया के खंड शिक्षा अधिकारी पंकज मिश्रा ने शनिवार को बताया कि दुर्जनपुर कम्पोजिट विद्यालय का एक वीडियो शुक्रवार को सोशल मीडिया पर सामने आया जिसमें छात्रों द्वारा विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक सहित सभी शिक्षकों को विद्यालय के एक कमरे में बंद कर बंधक बना लिया गया है। छात्रों ने बाद में सभी को छोड़ दिया। उन्होंने बताया कि वीडियो में एक छात्र को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि कोविड काल का मध्याह्न भोजन का पैसा अभी तक किसी भी छात्र को नहीं मिला है। इस मामले की शिकायत कई बार प्रधानाध्यापक से की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसी कारण शुक्रवार को प्रधानाध्यापक के साथ अन्य शिक्षकों को विद्यालय के एक कमरे में बंद कर बंधक बना लिया है। वीडियो में प्रभारी प्रधानाध्यापक जयप्रकाश यादव को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि चौथे चरण का बच्चों का पैसा नहीं मिलने के कारण सभी अध्यापकों को ताले में बंद कर दिया गया है। खंड शिक्षा अधिकारी ने बताया कि मामले की जानकारी उन्हें शनिवार को हुई और वह स्वयं इस मामले की जांच कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोविड काल के चौथे चरण के मध्याह्न भोजन योजना की धनराशि खाते में अंतरित नहीं होने का मामला गंभीर है और जांच के बाद आवश्यक कार्रवाई की जायेगी। जयप्रकाश यादव ने शनिवार को एक न्यूज़ एजेंसी से बात करते हुए कहा की'' , ‘‘पहले छात्रों द्वारा सभी को बंधक बनाया गया, फिर मनुहार करने पर छात्रों ने ताला खोलकर उन्हें जाने दिया।'' उन्होंने बताया कि उनके द्वारा इस मामले की जानकारी पुलिस को नहीं दी गई है।
बैरिया के उप जिलाधिकारी (एसडीएम) आत्रेय मिश्र ने घटना से अनभिज्ञता जताई तथा कहा कि वह इस बारे में खंड शिक्षा अधिकारी से जानकारी लेंगे। रेवती थाने के प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) हरेंद्र सिंह ने बताया कि उन्हें विद्यालय की तरफ से कोई जानकारी नहीं दी गई है। एसएचओ ने कहा कि मीडिया के माध्यम से मामला जरूर उनके संज्ञान में आया है।
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नयी दिल्ली। नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने शनिवार को कहा कि सिंगापुर की स्कूट एयरलाइन ने 18 जनवरी को अमृतसर-सिंगापुर उड़ान के दौरान कई यात्रियों के छूट जाने के मामले में तेजी से कार्रवाई की थी। नियामक के अनुसार अमृतसर हवाईअड्डे पर धुंध की स्थिति को देखते हुए उड़ान के समय में बदलाव किया गया था। अमृतसर-सिंगापुर उड़ान का समय बदले जाने से कई यात्री अपनी उड़ान को पकड़ ही नहीं पाए और पीछे छूट गए थे। यह उड़ान स्कूट एयरलाइन की थी जो सिंगापुर एयरलाइंस की कम लागत वाली सहायक इकाई है। डीजीसीए ने एक बयान में कहा कि उसने 18 जनवरी की इस घटना के संबंध में स्कूट से एक रिपोर्ट मांगी थी। इससे पता चला कि उड़ान के समय में बदलाव से 17 यात्री प्रभावित हुए थे, क्योंकि उन्हें उनके ट्रैवल एजेंट ने समय में हुए बदलाव के बारे में नहीं बताया था। नियामक ने प्रभावित यात्रियों को एयरलाइन द्वारा दिए गए विकल्पों का हवाला देते हुए कहा कि यात्रियों का पूरा ख्याल रखा गया और उसने एयरलाइन की तीव्र प्रतिक्रिया की सराहना भी की। बयान में कहा गया कि उड़ान नहीं पकड़ पाए यात्रियों को 14 दिनों के भीतर दूसरी उड़ान में मुफ्त में टिकट लेने का विकल्प स्कूट की तरफ से दिया गया। इसके अलावा वाउचर के रूप में 120 फीसदी रिफंड या नकद भुगतान के रूप में 100 फीसदी रिफंड लेने का विकल्प भी यात्रियों को दिया गया।
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मथुरा. अमृतसर से कोरबा जाने वाली छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस ट्रेन को शनिवार को पहिए जाम हो जाने के कारण मथुरा जंकशन से करीब 45 किमी दूर कोसीकलां स्टेशन पर रोक दिया गया। इस कारण दिल्ली से आगरा की ओर जाने वाली अन्य कई ट्रेनें विलंब से रवाना हुई।
रेलवे सूत्रों के अनुसार, हॉट एक्सल वाले कोच (बी—4) को बदलकर उसके यात्रियों को दूसरे डिब्बे में भेजे जाने के बाद ट्रेन को बिलासपुर की ओर रवाना कर दिया गया। इस बीच ट्रेन करीब तीन घंटे कोसीकलां स्टेशन पर रुकी रही। उत्तर रेलवे के आगरा मण्डल की जन सम्पर्क अधिकारी प्रशस्ति श्रीवास्तव द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, सुबह आठ बजे 18238 अमृतसर—कोरबा छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस के वातानुकूलित कोच (बी—4) के नीचे से धुआं उठने की जानकारी मिलने पर मथुरा से 45 किमी पूर्व कोसीकलां स्टेशन पर रोक दी गई। ट्रेन के हॉट एक्सल की जानकारी मिलने पर रेलवे के कर्मचारी तुरंत मौके पर पहुंच गये और बी—4 कोच को ट्रेन से अलग कर यात्रियों को अन्य डिब्बो में भेजा गया। इसके बाद आगरा छावनी पहुंचने पर एक नया डिब्बा लगाने के बाद करीब 11 बजे ट्रेन अपने तय मार्ग के अनुसार बिलासपुर जंकशन के लिए रवाना कर दी गई। रेल प्रशासन द्वारा बताया गया है कि इस दौरान मथुरा जंकशन, राजा की मण्डी, आगरा छावनी आदि स्टेशनों पर लगातार उद्घोषणा के माध्यम से यात्रियों को लगातार स्थिति की जानकारी दी जाती रही तथा आवश्यकतानुसार व्हीलचेयर, ट्राली की सुविधा देकर नए कोच में बिठाने और उनका सामान चढ़ाने में सहयोग किया गया। -
अमरावती. आंध्र प्रदेश में पुलिस कांस्टेबल के पद पर भर्ती के लिए आवेदन करने वालों में कम से कम 10 पीएचडी डिग्री धारक और 930 एमटेक डिग्री धारक अभ्यर्थी शामिल हैं। इस पद पर भर्ती के लिए रविवार को लिखित परीक्षा होगी।
राज्य स्तरीय पुलिस भर्ती बोर्ड (एपीएसएलपीआरबी) के एक आधिकारिक बयान के अनुसार, कांस्टेबल पद के लिए आवश्यक योग्यता 12वीं कक्षा उत्तीर्ण करना है। अभ्यर्थियों की सूची में 5,284 एमबीए, 4,365 एमएससी और 94 एलएलबी डिग्री धारक शामिल हैं।
बयान के मुताबिक, कांस्टेबल के 6,400 पदों की भर्ती परीक्षा के 5,03,486 अभ्यर्थियों में कुल 13,961 स्नातकोत्तर और 1,55,537 स्नातक अभ्यर्थी शामिल हैं। इनमें से 3,95,415 पुरुष और 1,08,071 महिलाएं हैं। लिखित परीक्षा के माध्यम के लिए 3.64 लाख से अधिक आवेदकों ने तेलुगु, जबकि 1.39 लाख से अधिक ने अंग्रेजी और 227 ने उर्दू माध्यम को चुना है। -
नयी दिल्ली. जी-20 के सदस्य देशों के अलावा अन्य देशों के कई विद्यार्थियों ने भारत को जी-20 की अध्यक्षता मिलने के उपलक्ष्य में यहां एक मार्च निकालकर जश्न मनाया। राजघाट स्थित गांधी दर्शन से लेकर लाल किला स्थित चरती लाल गोयल हेरिटेज पार्क तक यह जी-20 ‘विश्व शांति मार्च' निकाला गया जिसमें विद्यालयों के विद्यार्थी अपने हाथों में तिरंगे और गुब्बारे लिये हुए थे। इस मार्च में लगभग 120 अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों ने भी हिस्सा लिया जिनका फूल-मालाओं से स्वागत किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता विजय गोयल की ओर से किया गया था। मॉरीशस निवासी एसएसआर मेडिकल कॉलेज की छात्रा प्रेरणा ने कहा, ‘‘मार्च में शामिल होना और शानदार प्रस्तुति को देखना शानदार था। मुझे एसएसआर कॉलेज के जरिये आमंत्रित किया गया था। मुझे लगता है कि जी-20 के जरिये बहुत सारे मुद्दों को उठाने की आवश्यकता है।
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नयी दिल्ली. अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के ‘कार्डियो न्यूरोसाइंसेस सेंटर' (सीएनसी) ने अस्पताल से छुट्टी पाने वाले मरीज़ों को उनके घर तक छोड़ने की निशुल्क सुविधा शुरू कर दी है। पिछले हफ्ते जारी मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के तहत यह सुविधा सीएनसी वार्ड से छुट्टी पाने वाले मरीज़ों के लिए ही उपलब्ध होगी और निजी वार्ड तथा ‘डे केयर' (एक ही दिन में दाखिल होने और छुट्टी पाने वाले)मरीज़ पर लागू नहीं होगी। सुविधा की शर्तों के तहत, मरीज़ों को दिल्ली में जहां भी जाना होगा, वहां तक उन्हें पहुंचाया जाएगा। फिलहाल सेवा एनसीआर के लिए उपलब्ध नहीं है। यह सुविधा सोमवार से शनिवार सुबह 10 से शाम छह बजे तक पहले आओ पहले पाओ के आधार पर दी जाएगी। एसओपी के तहत, यह एंबुलेंस सेवा नहीं है। लिहाज़ा जिन मरीज़ों को लिटाकर जाने की जरूरत है उनके लिए इस सेवा की अनुमति नहीं है। एक मरीज़ के साथ अधिकतम एक तिमारदार को जाने की अनुमति होगी।” मरीज़ बुकिंग के समय उल्लेखित स्थान को बाद में बदल नहीं सकते हैं। इसमें यह भी कहा गया है कि मरीज़ गाड़ी के सहायक व चालक को बख्शीश न दें।
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नयी दिल्ली। पूर्वोत्तर के तीन राज्यों में विधानसभा चुनाव और विभिन्न उपचुनावों से पहले निर्वाचन आयोग ने राजनीतिक दलों को चुनाव में राजनीतिक लाभ के लिए धार्मिक संस्थाओं के इस्तेमाल पर रोक लगाने संबंधी कानून की याद दिलाई है। आयोग ने राजनीतिक दलों को उस कानून और आचार संहिता के प्रावधानों से अवगत कराया है जो धार्मिक संस्थाओं को ‘किसी भी तरह से चुनाव संबंधी दुष्प्रचार का मंच बनाने पर रोक लगाता है।'
सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को 19 जनवरी को भेजे गये एक पत्र में निर्वाचन आयोग ने उन्हें अपने वर्ष 2012 के उन निर्देशों की याद दिलाई जिनमें कहा गया है कि आदर्श आचार संहिता के मौजूदा प्रावधान धार्मिक स्थलों का ‘किसी भी तरह से चुनाव दुष्प्रचार का मंच बनाने पर रोक लगाता है।'
पत्र में लिखा गया है कि धार्मिक संस्थान (दुरुपयोग की रोकथाम) अधिनियम-1988 की धाराओं 3, 5 और 6 किसी भी राजनीतिक गतिविधि के प्रचार-प्रसार के लिए या किसी राजनीतिक दल के लाभ के वास्ते धार्मिक संस्थानों के इस्तेमाल पर रोक लगाती है। इसमें कहा गया कि इन धाराओं का उल्लंघन दंडनीय अपराध है और पांच साल तक की जेल और जुर्माना हो सकता है।
इस पत्र की प्रति सभी मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और राज्य स्तर के दलों के नेताओं का भेजी गई है। त्रिपुरा विधानसभा 16 फरवरी को और नगालैंड एवं मेघालय विधानसभा के लिए चुनाव 27 फरवरी को होगा जबकि मतगणना दो मार्च को होगी। -
नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के 21 सबसे बड़े अनाम द्वीपों के नाम परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर रखने के समारोह में शामिल होंगे। उल्लेखनीय है कि 23 जनवरी का दिन ‘पराक्रम दिवस' के रूप में मनाया जाता है।
इस संबंध में जारी एक बयान के अनुसार, मोदी इस कार्यक्रम में नेताजी के नाम वाले द्वीप पर बनाए जाने वाले सुभाष चंद्र बोस को समर्पित राष्ट्रीय स्मारक के एक मॉडल का भी अनावरण करेंगे। अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के ऐतिहासिक महत्व को ध्यान में रखते हुए और नेताजी की स्मृति का सम्मान करने के लिए, 2018 में द्वीप की यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी द्वारा रॉस द्वीप का नाम बदलकर नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप कर दिया गया था। नील द्वीप और हैवलॉक द्वीप का नाम बदलकर क्रमशः शहीद द्वीप और स्वराज द्वीप कर दिया गया था।
बयान के अनुसार, यह निर्णय लिया गया कि अनाम द्वीपों का नाम मेजर सोमनाथ शर्मा, सूबेदार और मानद कैप्टन करम सिंह, सेकंड लेफ्टिनेंट रामा राघोबा राणे, नायक जदुनाथ सिंह, कंपनी हवलदार मेजर पीरू सिंह, कैप्टन जीएस सलारिया, लेफ्टिनेंट कर्नल धन सिंह थापा, सूबेदार जोगिंदर सिंह, मेजर शैतान सिंह, कंपनी क्वार्टरमास्टर हवलदार अब्दुल हमीद और लेफ्टिनेंट कर्नल अर्देशिर बुर्जोरजी तारापोर के नाम पर रखा जाएगा। अन्य परमवीर चक्र पुरस्कार विजेताओं में, जिनके नाम पर द्वीपों का नाम रखा जा रहा है, उनमें लांस नायक अल्बर्ट एक्का, मेजर होशियार सिंह, सेकंड लेफ्टिनेंट अरुण खेत्रपाल, फ्लाइंग ऑफिसर निर्मलजीत सिंह सेखों, मेजर रामास्वामी परमेश्वरन, नायब सूबेदार बाना सिंह, कैप्टन विक्रम बत्रा, लेफ्टिनेंट मनोज कुमार पांडे, सूबेदार मेजर संजय कुमार और सूबेदार मेजर (सेवानिवृत्त) ग्रेनेडियर योगेंद्र सिंह यादव शामिल हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा कि देश के वास्तविक जीवन के नायकों को उचित सम्मान देना हमेशा प्रधानमंत्री की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है।
इसने कहा कि इसी भावना के साथ आगे बढ़ते हुए द्वीप समूह के 21 सबसे बड़े अनाम द्वीपों का नामकरण 21 परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर करने का निर्णय लिया गया। सबसे बड़े अनाम द्वीप का नाम प्रथम परमवीर चक्र विजेता के नाम पर रखा जाएगा, दूसरे सबसे बड़े अनाम द्वीप का नाम दूसरे परमवीर चक्र विजेता के नाम पर रखा जाएगा, और इसी तरह का क्रम आगे चलेगा। प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा कि यह पहल देश के नायकों के प्रति एक शाश्वत श्रद्धांजलि होगी, जिनमें से कई ने देश की संप्रभुता और अखंडता की रक्षा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया। -
शिवपुरी (मध्य प्रदेश)। जिले में शनिवार को एक गोदाम की दीवार गिरने से चार लोगों की मौत हो गयी जबकि छह अन्य घायल हो गये। करेरा थाने के प्रभारी सतीश चौहान ने बताया कि घटना शाम को झांसी रोड के समीप श्योपुरा गांव में हुई।
उन्होंने बताया, ‘‘30-35 साल आयुवर्ग की तीन महिलाओं और एक 32 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई। महिलाएं गोदाम में काम करती थीं, जिसमें मूंगफली रखी हुई थी। जबकि मृतक व्यक्ति वाहन चालक था।'' उन्होंने कहा कि प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि गोदाम में क्षमता से अधिक स्टॉक था, जिसके कारण हो सकता है कि दीवार गिर गई। -
शांतिनिकेतन। पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में स्थित बल्लवपुर वन्य अभयारण्य में इस साल प्रवासी पक्षियों की संख्या में आई काफी कमी पर प्रकृति प्रेमियों और पक्षी निरीक्षकों ने चिंता जताई है। इनका दावा है कि वर्ष 2022 तक इस अभ्यारण्य में हजारों मेहमान पक्षी देखे जाते थे, लेकिन इस साल इन प्रवासी पक्षियों की संख्या में काफी कमी आई है।
दो वर्ग किलोमीटर से अधिक क्षेत्रफल में फैले इस अभ्यारण्य में तीन बड़ी झीलें (जल निकाय-एक, जल निकाय-दो और जल निकाय-तीन) हैं जिसे स्थानीय और प्रवासी पक्षी अपना ठिकाना बनाते हैं। उन्होंने दावा किया कि कुछ विदेशी प्रजाति के पक्षी जल निकाय-दो में आए हैं, लेकिन इस साल जल निकाय-तीन में प्रवासी पक्षियों की संख्या में काफी कमी आई है। कोलकाता निवासी पक्षी प्रेमी और एक ‘न्यूरो सर्जन' संदीप चटर्जी अक्सर शांतिनिकेतन का दौरा करते हैं। चटर्जी ने कहा, ‘‘पिछले साल तक मेहमान पक्षी जल निकाय-एक में आते रहते थे, लेकिन इस साल मैंने वहां एक भी प्रवासी पक्षी नहीं देखा।''
पिछले साल की पक्षी गणना के मुताबिक जल निकाय-एक में 47, जल निकाय-दो में 15765 और जल निकाय-तीन में 5311 प्रवासी पक्षी देखे गये थे। इस साल के पक्षियों की गणना की कवायद 23 जनवरी से शुरू की जाएगी। चटर्जी ने प्रवासी पक्षियों की संख्या में कमी को ‘चिंताजनक' बताया और इसके लिए झील में पानी के स्तर में कमी और अधिक संख्या में उगे खरपतवार पर ठीकरा फोड़ा। बीरभूम स्थित सरकार से मान्यताप्राप्त वन्यजीव स्वयंसेवक दीनबंधु बिस्वास ने कहा, ‘‘इस क्षेत्र में मौजूदा साल के दौरान कम संख्या में प्रवासी पक्षियों के दिखने की बात सच है।
आगंतुकों की आवाजाही, उनके वाहनों से उपजा शोरगुल और फोटो खींचने की आदत समेत अन्य कारणों से पक्षियों का जीवन अस्तव्यस्त हो गया है।'' हालांकि, बोलपुर के वन क्षेत्र अधिकारी प्रदीप हल्दर ने झील में पानी के स्तर में कमी आने की बात से इनकार किया। हल्दर ने माना कि वाहनों के कारण उत्पन्न होने वाले ध्वनि प्रदूषण और यहां वाद्य यंत्रों के वादन ने पक्षियों को डराने का काम किया है। यहां आने वाले प्रवासी पक्षियों में ‘लेजर व्हिस्टलिंग्स', ‘पिंटेल' और ‘टील्स' शामिल हैं। इस अभ्यारण्य में हिरण, काले मृग और सियार भी रहते हैं। -
पटना। बिहार में मूर्ति चोरी के मामलों में वृद्धि और अंतरराष्ट्रीय गिरोहों की कथित संलिप्तता ने पुलिस को परेशान कर रखा है। बिहार पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि पिछले चार महीनों में मंदिरों और अन्य स्थानों से 20 से अधिक कीमती मूर्तियां चोरी हो गई हैं। अधिकारी ने कहा, "ऐसा संदेह है कि चोरी की गई अधिकांश मूर्तियां बिहार और अन्य उत्तरी राज्यों में सक्रिय अंतरराष्ट्रीय गिरोहों के सदस्यों की मिलीभगत से पड़ोसी देशों में पहुंची होंगी।"
हाल ही में, यहां के दतियाना में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के मूर्तिकला शेड से भगवान विष्णु की 1,200 साल पुरानी मूर्ति चोरी हो गई थी। प्राचीन मूर्ति की चोरी 25-26 दिसंबर, 2022 की दरम्यानी रात को हुई थी। अधिकारी ने कहा, ‘‘इसी तरह, पिछले साल 28 दिसंबर को सीतामढ़ी जिले के एक मंदिर से भगवान विष्णु की 300 साल पुरानी मूर्ति चोरी हो गई थी।
पिछले साल सितंबर में सारण जिले के एक मंदिर से ‘अष्टधातु' से बनी दस कीमती मूर्तियां भी चोरी हो गईं।'' अधिकारी ने कहा कि पूर्णिया और गया जिलों से भी ऐसी ही घटनाओं की खबरें आई हैं। बिहार पुलिस के रिकॉर्ड के अनुसार, 2022 (20 दिसंबर तक) में राज्य के विभिन्न मंदिरों और स्थानों से कुल 48 कीमती मूर्तियों की चोरी हुई, जबकि 2021 में यह आंकड़ा 44 था।
आंकड़े के अनुसार सुरक्षाकर्मी 2021 में चोरी की 22 मूर्तियों को बरामद कर सके, वहीं राज्य पुलिस 2022 में केवल 7 मूर्तियां बरामद कर सकी। बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) अन्य जिलों या राज्यों में अपने समकक्षों के साथ समन्वय में अंतर-जिला, अंतरराज्यीय और अंतर्राष्ट्रीय गिरोहों से जुड़े मूर्ति चोरी के मामलों की जांच करती है। बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) के अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) नय्यर हसनैन खान ने शनिवार को बताया, ‘‘कई मामलों में हमारी जांच से पता चला है कि बिहार में सक्रिय अंतरराज्यीय या अंतरराष्ट्रीय गिरोहों से जुड़े संचालक मुख्य रूप से कीमती मूर्तियों या प्राचीन कलाकृतियों की चोरी के मामलों में शामिल हैं।
हम पहले से ही हाई अलर्ट पर हैं और मूर्ति चोरी के मामले हमेशा हमारी प्राथमिकता सूची में सबसे ऊपर हैं।'' राज्य सरकार ने पहले ही संबंधित अधिकारियों को महत्वपूर्ण मंदिरों और वहां संरक्षित कलाकृतियों की जिलेवार सूची तैयार करने का निर्देश दिया है। इसमें विशेष रूप से मंदिरों की चल और अचल संपत्तियां, वहां स्थापित देवताओं के नाम और मूर्तियों की अनुमानित लागत का उल्लेख होना चाहिए। सूची में देखभाल करने वाले के नाम और उनके फोटो भी शामिल होने चाहिए। file photo -
कटिहार। बिहार में एक बार फिर वंदे भारत एक्सप्रेस पर कटिहार जिले से गुजरने के दौरान पथराव करने की घटना सामने आयी है। यह जानकारी रेलवे के एक अधिकारी ने शनिवार को दी। कटिहार रेल मंडल के वरिष्ठ सुरक्षा आयुक्त कमल सिंह ने बताया कि ताजा घटना की सूचना न्यू जलपाईगुड़ी से हावड़ा जा रही ट्रेन संख्या 22302 के एक यात्री ने शुक्रवार शाम को दी।
अधिकारी ने कहा, ‘‘यात्री ने ट्रेन सुरक्षा दल से शिकायत की कि शाम चार बजकर 25 मिनट पर कोच पर एक पत्थर लगा है। घटना की जगह जिले के बलरामपुर थानाक्षेत्र में डलखोला और टेल्टा स्टेशनों के बीच थी।'' डलखोला में रेल अधिकारियों ने बोगी का निरीक्षण किया और खिड़की के शीशे में दरारें पाईं। बाद में संबंधित थाने को घटना की जांच के अनुरोध के साथ सूचित किया गया।
एक महीने से भी कम समय में राज्य में सेमी हाई-स्पीड ट्रेन से जुड़ी इस तरह की यह दूसरी घटना है। गत तीन जनवरी को किशनगंज जिले में ट्रेन पर पथराव किया गया था और सीसीटीवी फुटेज की मदद से पहचाने गए तीन लड़कों को पुलिस ने पकड़ लिया था और किशोर न्याय बोर्ड के सामने पेश किया था।
फाइल फोटो -
हैदराबाद। तेलंगाना में अंग्रेजी एवं विदेशी भाषा विश्वविद्यालय (ईएफएलयू) की 22 वर्षीय छात्रा ने यहां छात्रावास की इमारत से कथित रूप से छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने शनिवार को बताया कि हरियाणा की रहने वाली युवती शुक्रवार देर रात 12 बजकर 40 मिनट पर इमारत की चौथी मंजिल से कूद गई। वह एमए (अंग्रेजी) की छात्रा थी। छात्रा को एक अस्पताल ले जाया गया जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। पुलिस को बाद में सूचित किया गया। file photo
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जम्मू। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शनिवार को यहां हुए विस्फोटों की कड़ी निंदा की और दोषियों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए तत्काल कदम उठाने का आह्वान किया। नरवाल के परिवहन यार्ड में हुए दो धमाकों में सात लोग घायल हो गए।
उपराज्यपाल ने सुरक्षा बलों के अधिकारियों से कहा, ‘‘ इस तरह के कायरतापूर्ण कृत्य, हमलों के लिए जिम्मेदार लोगों की हताशा और कायरता को उजागर करते हैं। दोषियों के खिलाफ तत्काल और कड़ी कार्रवाई करें। विस्फोट के साजिशकर्ताओं को न्याय के कठघरे में लाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जानी चाहिए। '' एक आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा कि पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने उपराज्यपाल सिन्हा को विस्फोटों और जांच की स्थिति के बारे में जानकारी दी है।
उपराज्यपाल ने विस्फोट के लिए जिम्मेदार लोगों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए तत्काल कदम उठाने का आह्वान किया है। प्रवक्ता ने कहा कि उन्होंने इस घटना में घायल हुए लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की और प्रत्येक को 50-50 हजार रुपये की मदद देने की भी घोषणा की। मनोज सिन्हा ने कहा कि प्रशासन यह सुनिश्चित करेगा कि घायलों का बेहतर इलाज हो और उनके परिवारों को हर संभव मदद मुहैया कराई जाएगी।


























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