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- भोपाल। सामाजिक उद्यमिता और कौशल विकास के क्षेत्र में काम कर रहे भारतीय संस्थान आईसेक्ट से संबंधित एक शोध पत्र को इंडियन स्कूल आफ बिजनेस के पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया गया है। आईसेक्ट ने मंगलवार को यहां एक बयान में कहा कि इंडियन स्कूल आफ बिजनेस (आईएसबी) हैदराबाद का शोध पत्र हार्वर्ड पत्रिका में भी प्रकाशित हुआ है। इसके साथ ही शोध पत्र को अब ग्रामीण विकास के छात्रों को पढ़ाने के लिए इंडियन स्कूल आफ बिजनेस के पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया गया है। मिसौरी विश्वविद्यालय में प्रोफेसर एमेरिटस रॉबर्ट जे ट्रुलस्के और इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस के प्रो. मुरली मंत्रला, एस. अरूणाचलम और लोपमुद्रा रॉय ने इस शोध पत्र को लिखा है। शोध पत्र में ऑल इंडिया सोसाइटी फॉर इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कंप्यूटर टेक्नोलॉजी (आईसेक्ट) की 20 साल की यात्रा का भी विवरण है। आईसेक्ट का उद्देश्य भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में विज्ञान और प्रौद्योगिकी का ज्ञान, सेवाओं और समाधानों का प्रसार करना और ग्रामीण युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करना है।
- बहराइच (उत्तर प्रदेश) ।बहराइच जिले में कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग स्थित मोतीपुर रेंज के दो अलग-अलग इलाकों में तेंदुए के हमले में दो बच्चों की मौत हो गई। दोनों बच्चों के क्षत-विक्षत शव मंगलवार को बरामद किए। वन विभाग के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, मोतीपुर रेंज का रिक्खा पकड़िया दीवान गांव निवासी रामतेज (नौ) अपने घर के आंगन में खेल रहा था, तभी तेंदुआ उसे उठाकर जंगल में ले गया। ग्रामीणों एवं वन कर्मियों ने बच्चे की तलाश की, जिसके बाद मंगलवार को रामतेज के शरीर का निचला हिस्सा बरामद हुआ। उन्होंने कहा कि दूसरी घटना मोतीपुर रेंज के मंगलपुरवा गांव की है, जहां चार वर्षीय आदित्य अपने मामा के घर आया था। वह सोमवार देर रात घर के बाहर खेल रहा था, तभी तेंदुआ उसे उठाकर ले गया। काफी तलाश करने के बाद मंगलवार को जंगल के बीच उसका सिर बरामद हुआ है। पुलिस ने दोनों बच्चों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। प्रभागीय वनाधिकारी आकाशदीप बधावन ने बताया कि मृत बच्चों के परिजनों को 10-10 हजार रूपए की तात्कालिक सहायता दी गयी है। प्रशासन से पांच-पांच लाख रूपए मुआवजा दिलाने के लिए औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं। उन्होंने बताया कि घटना के बाद से चार दल तेंदुए की तलाश कर रहे हैं और जरूरत पड़ने पर ड्रोन कैमरे की मदद ली जाएगी।
- नयी दिल्ली/ दावोस। भारत की अशरफ पटेल को वर्ष 2022 के वैश्विक सामाजिक नवाचारी शख्सियतों में शामिल किया गया है। ये सभी लोग अनूठे तरीकों से सामाजिक असमानता एवं युवा बेरोजगारी को दूर करने की कोशिश में लगे हुए हैं। विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की सहयोगी संस्था 'द श्वाब फाउंडेशन' ने मंगलवार को ऑनलाइन दावोस शिखर सम्मेलन के दौरान इन 15 लोगों के नाम घोषित किए। उसने कहा कि ये सभी लोग असमानता, बेरोजगारी, कुपोषण एवं स्वास्थ्य देखभाल जैसी समस्याओं से दुनिया को निजात दिलाने के लिए अपने स्तर पर प्रयास कर रहे हैं। इस प्रतिष्ठित सूची में शामिल अशरफ प्रवाह और कॉमम्यूटिनी यूथ कलेक्टिव (सीयूसी) संस्था की सह-संस्थापक हैं। वह करीब तीन दशकों से देश में युवाओं के विकास के लिए काम कर रही हैं। अशरफ अब तक 1.5 करोड़ से अधिक युवाओं की मदद कर चुकी हैं। अशरफ ने इस पुरस्कार को युवा नेतृत्व का जश्न बताते हुए कहा कि यह समाज को व्यापक फलक पर प्रभावित करने वाली पारिस्थितिकी में निवेश की जरूरत को भी रेखांकित करता है। उन्होंने कहा, ‘‘युवा आने वाले कल के नहीं, आज के नेता हैं और उनमें निवेश अभी करना होगा।'' इस सूची में यूएनऐड्स के नवाचार निदेशक प्रदीप कक्कातिल और ओपन गवर्नमेंट पार्टनरशिप (ओजीपी) के मुख्य कार्यकारी संजय प्रधान भी शामिल हैं।
- नोएडा। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर लागू आचार संहिता का अनुपालन कराने के लिए बनाई गई विशेष टीम ने मंगलवार को नोएडा स्टेडियम के पास एक फॉर्च्यूनर कार में रखी 99 लाख 30 हजार 500 रूपए की नकदी जब्त की। पुलिस आयुक्त आलोक सिंह के मीडिया प्रभारी ने बताया कि चुनाव आचार संहिता का पालन कराने के लिए कई विशेष टीम बनाई गई हैं। उन्होंने बताया कि चुनाव में धन का दुरुपयोग नहीं हो, इसके लिए जांच की जा रही है। उन्होंने बताया कि इसी क्रम में नोएडा स्टेडियम के पास एक फॉर्च्यूनर कार को जांच के लिए रोका गया। कार के अंदर 99 लाख 30 हजार 500 रुपए नकद थे। उन्होंने बताया कि कार चालक इस राशि के बारे में कोई दस्तावेज पेश करने में विफल रहा। पुलिस के अनुसार आयकर विभाग को इसकी सूचना दे दी गयी है और पैसे को जप्त कर लिया गया है। पुलिस ने वाहन को भी जब्त कर लिया है।
- नयी दिल्ली/दावोस । कोविड-19 रोधी टीकों के दुनिया के सभी हिस्सों, विशेष रूप से गरीब देशों तक नहीं पहुंचने के बारे में चिंताओं के बीच, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के एक शीर्ष अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि टीकाकरण महामारी से लड़ने के लिए किसी भी रणनीति का मुख्य हिस्सा होना चाहिए और समान वितरण बहुत जरूरी है। ऐसे में जब कुछ विकसित देश टीके की चौथी खुराक के बारे में बात कर रहे हैं, अफ्रीका और कुछ अन्य क्षेत्रों में बड़ी संख्या में लोगों को अभी पहली खुराक भी नहीं मिली है। विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) के ऑनलाइन दावोस एजेंडा 2022 शिखर सम्मेलन में ‘मीटिंग द चैलेंजेंज ऑफ वैक्सीन इक्विटी' पर एक पैनल चर्चा में नेताओं ने कहा कि कोविड-19 रोधी टीकों का तेजी से विकास एक वैज्ञानिक उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि हालांकि सार्वभौमिक वैश्विक वितरण करने में विफलता से न केवल खराब स्वास्थ्य स्थिति उत्पन्न होती है, बल्कि यह आर्थिक उथल-पुथल और भू-राजनीतिक तनाव का भी कारण बनती है। डब्ल्यूएचओ के स्वास्थ्य आपातकाल कार्यक्रम के कार्यकारी निदेशक माइकल रयान ने कहा कि इस महामारी को टीके के बिना समाप्त करने का कोई तरीका नहीं है, टीका इसके खिलाफ लड़ाई की मुख्य केंद्रीय रणनीति है। रयान ने भविष्य में आने वाली महामारियों सहित ऐसी महामारियों से लड़ने के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी सहित बहुपक्षीय और अंतरराष्ट्रीय समाधान का आह्वान किया। उन्होंने कहा, ‘‘हम अस्तित्व के संकट का सामना कर रहे हैं, यह बहुत स्पष्ट है कि मौजूदा तंत्र टीकों का समान वितरण नहीं करता है।'' गावी वैक्सीन एलायंस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सेठ एफ बर्कले ने कहा, ‘‘दुनिया के सभी हिस्सों में टीकाकरण अभियान का विस्तार करने के रास्ते में कई बाधाएं आयी हैं और हमारे रास्ते में आने वाली चुनौतियों से निपटना बहुत महत्वपूर्ण है।'' कार्यकारी निदेशक, ऑक्सफैम इंटरनेशनल, गैब्रिएला बुचर ने कहा कि देशों के बीच मतभेद इस हद तक बढ़ गए हैं जो इस पीढ़ी ने अब तक नहीं देखा है। उन्होंने कहा कि शुरू में निर्णय में कुछ त्रुटियां थीं, विशेष रूप से विकसित दुनिया के नेताओं द्वारा, जिसके कारण आज हम टीके में असमानता देख रहे हैं। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अदार पूनावाला ने कहा कि उनकी कंपनी को वास्तव में पाबंदियों के कारण टीके के उत्पादन में कटौती करनी पड़ी और जब भारत ने पिछले साल निर्यात प्रतिबंध हटा दिए तो वह बहुत खुश हुए। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि टीकों की अप्रतिबंधित आपूर्ति के संबंध में दुनिया आज बेहतर स्थिति में है और उन्हें टीके की असमानता के मुद्दे से निपटने में बड़े पैमाने पर योगदान देने की उम्मीद है।
- नयी दिल्ली। कार्मिक मंत्रालय ने मौजूदा सेवा नियमों में बदलाव का फैसला किया है ताकि केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए पर्याप्त संख्या में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारियों की उपलब्धता रहे। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। केंद्र को अधिक प्रतिनिधित्व देने वाला यह प्रस्ताव ऐसे समय में आया है जब मंत्रालय द्वारा अनेक बार इस विषय को उठाये जाने के बाद भी अनेक राज्य/संयुक्त कैडर केंद्रीय प्रतिनियुक्ति रिजर्व के तहत पर्याप्त संख्या में आईएएस अधिकारियों को भेजते नहीं दिखे। कार्मिक मंत्रालय ने आईएएस (कैडर) नियम, 1954 में बदलाव वाले प्रस्ताव में कहा, ‘‘इसके परिणामस्वरूप केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए उपलब्ध अधिकारियों की संख्या केंद्र में जरूरत को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है।'' इस कदम की पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कड़ी आलोचना की है जिन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर उनसे प्रस्ताव को वापस लेने का अनुरोध किया और दावा किया कि इससे राज्यों के प्रशासन पर असर पड़ेगा। बनर्जी ने मंगलवार शाम को मोदी को लिखे पत्र में कहा, ‘‘मैं कैडर नियमों में इस तरह के संशोधन का प्रस्ताव करने में केंद्र सरकार द्वारा अपनाए गए दृष्टिकोण पर अपना कड़ा विरोध व्यक्त करती हूं, जो एकतरफा रूप से राज्य सरकार के लिये प्रतिनियुक्ति के वास्ते केंद्रीय प्रतिनियुक्ति रिजर्व के तहत निर्धारित संख्या में अधिकारियों को उपलब्ध कराना अनिवार्य करता है।'' नियमों में बदलाव के लिए केंद्र ने प्रस्ताव दिया है कि प्रत्येक राज्य सरकार मौजूदा नियमों के तहत निर्धारित केंद्रीय प्रतिनियुक्ति रिजर्व की सीमा तक विभिन्न स्तरों के पात्र अधिकारियों को केंद्र सरकार को प्रतिनियुक्ति के लिए उपलब्ध कराएगी। नये नियम संबंधी प्रस्ताव के अनुसार केंद्र सरकार में प्रतिनियुक्ति में भेजे जाने वाले अधिकारियों की वास्तविक संख्या केंद्र सरकार संबंधित राज्य सरकार के साथ परामर्श से तय करेगी। इसमें कहा गया है कि किसी तरह की असहमति की स्थिति में निर्णय केंद्र सरकार करेगी और संबंधित राज्य सरकारें निश्चित समय में केंद्र सरकार के निर्णय को लागू करेंगी। मौजूदा नियमों में इस तरह की असहमतियों की स्थिति में फैसले के लिए कोई समयसीमा का उल्लेख नहीं है।नियमों में बदलाव का प्रस्ताव 20 दिसंबर, 2021 को सभी राज्य सरकारों के मुख्य सचिवों को भेजा गया था। उन्हें पांच जनवरी, 2022 तक अपनी टिप्पणी देने को कहा गया। केंद्र सरकार ने पिछले साल जून में उप सचिव, निदेशक और संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारियों की कमी का हवाला देते हुए राज्य सरकारों से केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए और अधिक अधिकारियों को भेजने को कहा था।
- मुंबई । प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने मंगलवार को बम्बई उच्च न्यायालय को बताया कि पीएम केयर्स फंड के लिए प्रधानमंत्री के नाम और तस्वीर के साथ-साथ राष्ट्रीय ध्वज और प्रतीक चिन्ह की छवि के उपयोग पर कोई प्रतिबंध नहीं है। मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति एम. एस. कार्णिक की खंडपीठ के समक्ष प्रस्तुत एक हलफनामे में, पीएमओ में अवर सचिव प्रदीप श्रीवास्तव ने कहा कि प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (पीएमएनआरएफ) में प्रधानमंत्री की तस्वीर, नाम और राष्ट्रीय प्रतीक का भी इस्तेमाल किया गया था। हलफनामा कांग्रेस कार्यकर्ता विक्रांत चव्हाण की याचिका के जवाब में दाखिल किया गया है। इस याचिका में 'पीएम केयर्स फंड' से प्रधानमंत्री का नाम और तस्वीर हटाने का अनुरोध किया गया है। याचिका में आपात स्थितियों में प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और राहत कोष (पीएम केयर्स फंड) की आधिकारिक वेबसाइट से राष्ट्रीय ध्वज और प्रतीक की छवियों को हटाने का भी अनुरोध किया गया है। पीएमओ ने हलफनामे में कहा, ''पीएम केयर्स फंड और पीएमएनआरएफ दोनों की अध्यक्षता प्रधानमंत्री करते हैं। जैसा कि नाम के रूप में, प्रधानमंत्री की तस्वीर और राष्ट्रीय प्रतीक का उपयोग पीएमएनआरएफ के लिए किया जा रहा है, इनका इस्तेमाल पीएम केयर्स फंड के लिए भी किया जा रहा है।'' हलफनामे के अनुसार, प्रधानमंत्री पीएम केयर्स फंड के अध्यक्ष (पदेन) होते हैं और रक्षा मंत्री, गृह मंत्री और वित्त मंत्री पदेन न्यासी होते हैं। पीएमओ के हलफनामे में कहा गया है, ''पीएम केयर्स फंड के सभी न्यासी नि:स्वार्थ भाव से कार्य करते हैं।'' हफलनामे में चव्हाण की याचिका खारिज किये जाने का अनुरोध किया गया है। पीठ ने मंगलवार को तीन सप्ताह के बाद मामले को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया। गौरतलब है कि सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल या किसी अन्य प्रकार की आपात स्थिति या आपदा में राहत देने के लिए 27 मार्च, 2020 को एक सार्वजनिक धर्मार्थ ट्रस्ट के रूप में पीएम केयर्स फंड की स्थापना की गई थी।
- जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में 27 वर्षीय एक व्यक्ति को अपने ही चाचा और चाची की हत्या करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। आरोपी को शक था कि चाचा-चाची ने उस पर कथित काला जादू किया है। एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। जिले के चौराई गांव के पास एक झोंपड़ी में कुछ दिन पहले एक वृद्ध दंपति के शव के जले हुए अवशेष पुलिस को मिले थे। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) शिवेंद्र सिंह ने मंगलवार को बताया कि आरोपी दयाराम कुलस्ते को सोमवार को बरेला थाना क्षेत्र के हिनोतिया गांव से गिरफ्तार किया गया है जो कि मृतक सुमेर सिंह कुलस्ते (60) और उसकी पत्नी सिया बाई (55) का भतीजा है। उन्होंने कहा कि घटना नौ व दस जनवरी की मध्य रात चौराई गांव के पास हुई थी। अधिकारी ने पत्रकारों से कहा कि आरोपी ने सुमेर सिंह और उसकी पत्नी की धारदार हथियार से हत्या कर दी और बाद में उनकी झोंपड़ी में आग लगा दी। उन्होंने बताया कि जांच में पता चला है कि आरोपी को शक था कि मृतक दंपति द्वारा उस पर काला जादू किया जा रहा है जिसके कारण आरोपी के भाई ने पूर्व में आत्महत्या की थी। एएसपी ने कहा कि आरोपी दयाराम ने सुमेर सिंह पर अपने पिता की जमीन पर कब्जा करने का भी आरोप लगाया था। उन्होंने कहा कि जांच के अनुसार आरोपी दयाराम नौ जनवरी की रात को चौरई गांव में मौजूद था और घटना के बाद वह वहां से फरार हो गया। पुलिस अधिकारी ने कहा कि पुलिस मामला दर्ज कर आगे की जांच कर रही है।
- बालाघाट। मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले में सात लोगों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से एक बाघ और एक चीतल की खाल जब्त की गई है। एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि समृद्ध और धनी बनने की कामना के साथ आरोपी कुछ तांत्रिक अनुष्ठान कर रहे थे।उपमंडल वन अधिकारी (एसडीओएफ) अमित पाटोदी ने पत्रकारों से कहा, सूचना मिलने पर वन दल ने चंगुटोला गांव से तीन लोगों को गिरफ्तार कर उनके पास से एक बाघ और एक चीतल की खाल को बरामद किया। आरोपियों द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर बाद में चार और लोगों को छिंदवाड़ा से गिरफ्तार किया गया।'' उन्होंने कहा कि आरोपियों के खिलाफ वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर आगे जांच की जा रही है।
- मुजफ्फरनगर (उप्र)। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के एक गांव में ठंड से बचने के लिए कोयले की अंगीठी जलाकर सो रहे भाई और बहन की कथित तौर पर दम घुटने से मौत हो गई। पुलिस ने बताया कि जिले के चरथावल थाना क्षेत्र के दधेरू गांव में नेहा (15) और अंश (14) सोमवार को अपने बिस्तर पर मृत मिले। नेहा और अंश के पिता राजेंद्र प्रजापति के अनुसार, दोनों बच्चे एक कमरे में सो रहे थे और ठंड से बचने के लिए उन्होंने बिस्तर के पास कोयले की अंगीठी जला रखी थी।
- नयी दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने मंगलवार को कहा कि 10 जनवरी से 50 लाख से अधिक स्वास्थ्यकर्मियों, अग्रिम पंक्ति के कर्मियों और 60 वर्ष और उससे अधिक उम्र के नागरिकों को कोविड-19 टीके की एहतियाती खुराक दी गई है। सुबह सात बजे तक की रिपोर्ट के अनुसार पिछले 24 घंटे की अवधि में टीके की लगभग 80 लाख खुराक दिये जाने के साथ ही देश में दी गई खुराकों की संख्या 158.04 करोड़ से अधिक हो गई है। मांडविया ने ट्वीट किया, ‘‘एक और दिन, एक और मील का पत्थर 50 लाख से अधिक स्वास्थ्यकर्मियों, अग्रिम पंक्ति के कर्मियों और 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के नागरिकों को 10 जनवरी से एहतियाती खुराक मिली है। मैं उन सभी लोगों से जल्द से जल्द अपनी खुराक लेने का अनुरोध करता हूं जो एहतियाती खुराक प्राप्त करने के योग्य हैं।'' भारत में स्वास्थ्यकर्मियों, चुनाव ड्यूटी के लिए तैनात कर्मियों सहित अग्रिम पंक्ति के कर्मियों और 60 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों के लिए कोविड-19 टीके की एहतियाती खुराक देना शुरू किया गया था। देश में वायरस के ओमीक्रोन स्वरूप के कारण संक्रमण के मामलों में वृद्धि देखने को मिल रही है। हालांकि देशभर में टीकाकरण अभियान 16 जनवरी, 2021 को शुरू किया गया था, जिसमें स्वास्थ्य कर्मियों को पहले चरण में टीका लगाया गया था। अग्रिम पंक्ति के कर्मियों के लिए टीकाकरण अभियान दो फरवरी से शुरू हुआ था। कोविड-19 टीकाकरण का अगला चरण एक मार्च से 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों और गंभीर बीमारियों से ग्रस्त 45 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों के लिए शुरू हुआ था। देश में एक अप्रैल, 2021 से 45 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों के लिए टीकाकरण शुरू किया गया था।सरकार ने तब एक मई से 18 वर्ष से ऊपर के सभी लोगों को टीकाकरण की अनुमति देकर अपने टीकाकरण अभियान का विस्तार करने का निर्णय लिया था। इस वर्ष तीन जनवरी से 15-18 वर्ष की आयु के किशोरों के लिए कोविड-19 टीकाकरण का अगला चरण शुरू किया गया।
- कोलकाता। कार्टूनिस्ट और बंगाली कॉमिक किरदार ‘ बंतुल द ग्रेट' , ‘ हांडा-भोंदा' और ‘नोंते फोंते' के सृजक नारायण देबनाथ का मंगलवार की सुबह कोलकाता के एक अस्पताल में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। देबनाथ को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था और वह 97 साल के थे। उनके परिवार ने बताया कि इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती पद्म श्री से सम्मानित देबनाथ ने पूर्वाह्न 10 बजकर करीब 15 मिनट पर आखिरी सांस ली। उन्हें स्वास्थ्य खराब होने पर 24 दिसंबर को निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था और वह जीवनरक्षक प्रणाली (वेंटिलेटर) पर थे। देबनाथ ने अपने करीब छह दशक के करियर में कॉमिक पात्र जैसे ‘ बंतुल द ग्रेट', हांडा-भोंदा' और ‘नोंते फोंते' गढ़े थे जो बांगली घरों में जाना पहचाना नाम है। उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देबनाथ ने अपने काम, कार्टून और चित्रों से कई लोगों की जिंदगी रोशन की। मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘उनका काम उनकी बौद्धिक ताकत को प्रतिबिंबित करता है। उनके द्वारा गढ़े गए पात्र हमेशा लोकप्रिय रहेंगे। उनके निधन से दुखी हूं। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदना। ओम शांति।'' उल्लेखनीय है कि देब साहित्य कुटीर द्वारा प्रकाशित बच्चों की बंगाली पत्रिका ‘सुकतारा' में उनकी पहली कॉमिक स्ट्रीप ‘ हांडा-भोंदा' वर्ष1962 में छपी थी।इसके बाद वर्ष 1965 में ‘ बंतुल द ग्रेट' और वर्ष 1969 में ‘ नोंते-फोंते' का प्रकाशन हुआ। देबनाथ 93 साल की उम्र तक काम करते रहे और वर्ष 2017 में सुकतारा के दुर्गा पूजा संस्करण में उनका आखिरी कॉमिक स्ट्रीप ‘नोंते-फोंते' प्रकाशित हुआ।
- नयी दिल्ली। केन्द्र ने कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कोविड-19 जांच की संख्या में गिरावट को चिह्नित करते हुए सोमवार को उन्हें जांच बढ़ाने को कहा ताकि महामारी के प्रसार पर प्रभावी ढंग से नजर रखी जा सके और तत्काल नागरिक केंद्रित कार्रवाई शुरू की जा सके। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लिखे पत्र में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव आरती आहूजा ने उन्हें इस पहलू पर तुरंत ध्यान देने और विशिष्ट क्षेत्रों में मामले की सकारात्मकता के रुझान को ध्यान में रखते हुए रणनीतिक तरीके से जांच बढ़ाने की सलाह दी। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि ओमीक्रोन वर्तमान में पूरे देश में फैल रहा है। मंत्रालय के पहले के पत्रों और पिछले साल 27 दिसंबर को ओमीक्रोन के संदर्भ में महामारी प्रबंधन की व्यापक रूपरेखा तैयार करने की गृह मंत्रालय की सलाह का उल्लेख करते हुए, आहूजा ने कहा कि जांच कराना एक महत्वपूर्ण घटक है। उन्होंने पत्र में लिखा, ‘‘हालांकि, आईसीएमआर पोर्टल पर उपलब्ध आंकड़ों से यह देखा गया है कि कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में जांच में गिरावट आई है।'' उन्होंने कहा कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) द्वारा जारी सभी परामर्शों में मूल उद्देश्य त्वरित पृथकवास और मामलों का शीघ्र पता लगाना है। आहूजा ने कहा, ‘‘बीमारी को उन लोगों में गंभीर श्रेणी में बढ़ने से रणनीतिक जांच के जरिये रोका जा सकता है, जिनमें उच्च जोखिम हैं और जो संवेदनशील हैं, साथ ही उन क्षेत्रों में जहां प्रसार अधिक होने की आशंका है।'' उन्होंने कहा कि परामर्श को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के पहले के दिशा-निर्देशों और सलाह के साथ पढ़ने की जरूरत है, जिसमें यह सिफारिश की गई है कि उन लोगों की रणनीतिक और केंद्रित जांच की जानी चाहिए, जो कमजोर हैं और घनी आबादी वाले क्षेत्रों में रहते हैं।
- नयी दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी में 29 जनवरी को होने वाले वार्षिक बीटिंग रिट्रीट समारोह में इस बार लगभग एक हजार ड्रोन जलवा बिखेरते नजर आएंगे। आईआईटी दिल्ली से जुड़ा एक स्टार्टअप आजादी की 75वीं वर्षगांठ के मद्देनजर इन ड्रोन के शो का प्रदर्शन करेगा। रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि बीटिंग रिट्रीट समारोह में आजादी की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में नॉर्थ ब्लॉक और साउथ ब्लॉक की प्राचीरों पर पहली बार एक लेजर शो आयोजित किया जाएगा। यह पहली बार होगा, जब बीटिंग रिट्रीट समारोह किसी लेजर शो और ड्रोन शो का गवाह बनेगा। दोनों आयोजन बीटिंग रिट्रीट में पारंपरिक सैन्य धुनों के साथ होंगे। अधिकारियों ने बताया कि आईआईटी दिल्ली का स्टार्टअप ‘बोटलैब' ड्रोन प्रदर्शित करेगा जिसका आजादी के 75 वर्ष पर आधारित होगी। इसी के साथ भारत स्थानीय रूप से निर्मित ड्रोन को इतने बड़े पैमाने पर प्रदर्शित करने वाला चौथा देश बन जाएगा। अभी तक चीन, रूस और अमेरिका इतने बड़े पैमाने पर ड्रोन शो आयोजित कर पाए हैं।
- शिवपुरी (मप्र)। मध्य प्रदेश के शिवपुरी में लोकायुक्त पुलिस के दस्ते ने एक पटवारी को भूमि हस्तांतरण के कागजात के लिए एक व्यक्ति से 35 हजार रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया। लोकायुक्त पुलिस के निरीक्षक कविंद्र सिंह चौहान ने बताया कि आरोपी पटवारी अभिनव चतुर्वेदी ने शिवपुरी की सावरकार कॉलोनी में एक मकान के हस्तांतरण के कागजात देने के बदले में एक व्यक्ति से 40 हजार रुपये की रिश्वत की मांग की थी। उन्होंने बताया, '' शिकायत मिलने के बाद लोकायुक्त पुलिस ने योजना बनाकर आरोपी पटवारी को 35 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। इस दौरान आरोपी पटवारी के परिजन ने लोकायुक्त पुलिस के दल के साथ दुव्र्यवहार किया। इन लोगों को काबू में करने के लिए स्थानीय कोतवाली थाने से पुलिसकर्मियों को बुलाना पड़ा।'' उन्होंने कहा कि आरोपी को भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत गिरफ्तार किया गया है। मामले में आगे जांच की जा रही है।
- जबलपुर/ छिंदवाड़ा। मध्य प्रदेश की लोकायुक्त पुलिस ने मंगलवार को लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के दो अधिकारियों को छिंदवाड़ा में एक ठेकेदार से एक-एक लाख रुपए की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। लोकायुक्त पुलिस के उपाधीक्षक (डीएसपी) जे. पी. वर्मा ने बताया कि लोकायुक्त पुलिस जबलपुर के एक दल ने पीडब्ल्यूडी के उप मंडल अधिकारी (एसडीओ) आरोपी विजय चौहान और उप अभियंता आरोपी हेमंत कुमार पुंज को ठेकेदार से एक-एक लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। उन्होंने कहा कि छिंदवाड़ा के एक ठेकेदार ने आरोपी चौहान और आरोपी पुंज के खिलाफ शिकायत की थी कि वे सड़क किनारे साइन बोर्ड लगाने से संबंधित तीन लाख रुपए के बिल को मंजूरी देने के लिए 2.40 लाख रुपए की रिश्वत मांग कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि शिकायत के बाद दोनों आरोपियों को योजना बनाकर रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया। दोनों अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत मामला दर्ज कर आगे जांच की जा रही है।
- नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को केंद्र से कहा कि वह स्पष्ट करे कि आखिर उसके आदेश के बावजूद वर्ष 2022 के लिए भी पिछले साल के बराबर ही राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) में महिला उम्मीदवारों की सीट 19 ही क्यों सीमित की गई। शीर्ष अदालत ने केंद्र से कहा कि वह राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज (आरआईएमसी) और राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल (आरएमएस) में प्रवेश के लिए आयोजित एनडीए परीक्षा 2021 में महिलाओं सहित कुल उम्मीदवारों की संख्या से जुड़े आंकड़े न्यायालय में पेश किये जाएं।न्यायमूर्ति संजय किशन कौल् और न्यायमूर्ति एमएम सुंद्रेश की पीठ ने केंद्र की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल ऐश्वर्या भाटी से कहा कि सरकार को बताना होगा कि यूपीएससी की अधिसूचना के मुताबिक आखिर क्यों वर्ष 2022 के लिए महिलाओं की संख्या 19 तय की गई। पीठ ने कहा, ‘‘यह साल 2021 के आंकड़ों के बराबर हैं। पिछले साल आपने कहा था कि अवसंरचना की कमी की वजह से महिलाओं का कम प्रवेश लिया जा रहा है। अब आपने फिर साल 2022 के लिए महिलाओं उम्मीदवारों के लिए उतनी ही संख्या का प्रस्ताव किया है। आपने ये आंकड़े क्यों तय किए? आपको यह स्पष्ट करना होगा। 19 सीट हमेशा के लिए नहीं होनी चाहिए। यह केवल एक तदर्थ उपाय है।’’शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार को मामले में हलफनामा दाखिल करने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया और बाकी पक्षकारों को उसके बाद दो सप्ताह में अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। पीठ ने इसके साथ ही मामले की सुनवाई छह मार्च के लिए सूचीबद्ध कर दी।इससे पहले, याचिकाकर्ता कुश कालरा की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता चिन्मॉय प्रदीप शर्मा ने बताया कि उन्होंने अतिरिक्त हलफनामा दाखिल किया है जिसमें उल्लेख है कि 14 नवंबर 2021 को हुई एनडीए की परीक्षा में 8,009 प्रत्याशी ने सेवा चयन बोर्ड परीक्षा और चिकित्सा जांच के लिए उत्तीर्ण हुए जिनमें से 1,002 उम्मीदवार महिलाएं हैं जबकि 7,007 प्रत्याशी पुरुष हैं।उन्होंने कहा कि संघ लोकसेवा आयोग (यूपीएससी) के विज्ञापन और सरकार द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक वर्ष 2021 के एनडीए-ll में एनडीए 400 कैडेट को लेगा।शर्मा ने कहा,‘‘इनमें से 10 महिलाओं सहित 208 उम्मीदवार सेना में लिए जाएंगे। नौसेना तीन महिलाओं के साथ 42 उम्मीदवारों को लेगी। भारतीय वायुसेना भी छह महिलाओं के साथ 120 उम्मीदवारों को प्रवेश देगी। इस प्रकार जून 2022 में एनडीए में प्रवेश लेने वाली महिलाओं की संख्या 19 होगी।’’उन्होंने कहा कि आश्चर्य की बात है कि 22 दिसंबर 2021 को यूपीएससी द्वारा एनडीए-l 2022 परीक्षा के लिए जारी नोटिस में जिसकी परीक्षा 10 अप्रैल 2022 का होनी है कुल 400 प्रवेश लेने हैं, उसमें सेना के लिए 208 (10 महिलाएं सहित), नौसेना के लिए 42 (तीन महिलाएं सहित) और वायुसेना के लिए फ्लाइंग में दो महिला उम्मीदवार सहित 92, ग्रांउड ड्यूटी (तकनीकी) में दो महिला उम्मीदवार सहित 18, ग्राउंड ड्यूटी (गैर तकनीकी) दो महिला उम्मीदवार सहित 10 सीटों पर प्रवेश की जानकारी दी गई है और प्रवेश जनवरी 2023 में दिया जाएगा।शर्मा ने कहा कि 22 दिसंबर 2021 को जारी नोटिस को पढ़कर लगता है कि जनवरी 2023 में भी महिलाओं की सीट 19 से अधिक नहीं होगी।उन्होंने कहा, ‘‘पहली बार उल्लेख किया गया है कि नौसेना अकादमी में केवल 30 पुरुष उम्मीदवारों को ही प्रवेश दिया जाएगा। यह पाबंदी मनमाना है।’’उल्लेखनीय है कि पिछले साल 22 सितंबर को शीर्ष अदालत ने महिलाओं को भी नवंबर में होने वाली एनडीए की परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दी थी और कहा था कि उनका प्रवेश केंद्र की मांग पर एक साल तक स्थगित नहीं किया जा सकता।
- नयी दिल्ली। गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से भारतीय ध्वज अधिनियम 2002 और राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम 1971 के प्रावधानों को कड़ाई से लागू करने के निर्देश दिए हैं।राज्यों के मुख्य सचिवों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासकों को लिखे पत्र में मंत्रालय ने कहा है कि तिरंगा लोगों की आशाओं और आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करता है। मंत्रालय ने यह भी कहा कि लोगों और संगठनों द्वारा राष्ट्रीय ध्वज फहराते समय नियमों और व्यवहार की अनदेखी की जा रही है।गृह मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को महत्वपूर्ण राष्ट्रीय, सांस्कृतिक और खेल गतिविधियों के दौरान केवल कागज का झंडा इस्तेमाल करने को सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए हैं। यह भी सुनिश्चित करने को कहा गया है कि कार्यक्रमों के समापन के बाद झंडे को ना तो फाड़ना चाहिए और ना ही जमीन पर फेंकना चाहिए, बल्कि इसे झंडे की पूर्ण गरिमा के अनुरूप नष्ट करना चाहिए।
- चंडीगढ़। आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को ऐलान किया कि पंजाब विधानसभा चुनाव में भगवंत मान पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे। मान (48), संगरूर से दो बार के लोकसभा सांसद और पार्टी की राज्य इकाई के प्रमुख हैं।केजरीवाल ने ‘मिस्ड कॉल’ के जरिये चलाए गए ‘जनता चुनेगी अपना सीएम’ अभियान के परिणाम की घोषणा एक जन सभा में की। पार्टी नेताओं ने बताया कि विधानसभा चुनाव के लिए मुख्यमंत्री पद का चेहरा चुनने के वास्ते चलाए गए इस अभियान के तहत पार्टी को 21.59 लाख प्रतिक्रियाएं मिलीं। केजरीवाल ने पत्रकारों से कहा, ‘‘ 21.59 लाख प्रतिक्रियाओं में मेरे नाम सहित कई लोगों के नाम आए। मैंने पहले ही कहा था कि मैं दौड़ में नहीं हूं। हम उन वोट (जिनमें केजरीवाल का नाम है) को अमान्य घोषित कर रहे हैं। शेष बचे अन्य मतों में से 93.3 प्रतिशत लोगों ने सरदार भगवंत मान का नाम दिया था। वहीं, दूसरे नंबर पर (कांग्रेस की पंजाब इकाई के प्रमुख) नवजोत सिंह सिद्धू का नाम 3.16 प्रतिशत लोगों ने दिया।’’केजरीवाल ने कहा, ‘‘ भगवंत मान को औपचारिक रूप से ‘आप’ का मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित किया जाता है।’’’ मान इस घोषणा के बाद भावुक हो गए। मान की मां और बहन भी इस कार्यक्रम में मौजूद थीं। पंजाब में चुनाव लड़ने वाले प्रमुख दलों में ‘आप’ एकमात्र ऐसी पार्टी है, जिसने अपने मुख्यमंत्री पद के चेहरे की घोषणा की है। गौरतलब है कि पंजाब की 117 सदस्यीय विधानसभा के लिए 20 फरवरी को मतदान होना है और मतगणना 10 मार्च को की जाएगी।
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मुंबई। भारत को कृषि को अधिक प्रतिकूल जलवायु सहने लायक बनाने और पर्यावरणीय रूप से टिकाऊ बनाने की दृष्टि से अगली पीढ़ी के सुधारों के साथ-साथ दूसरी हरित क्रांति की आवश्यकता है। कृषि क्षेत्र की चुनौतियों के बारे में भारतीय रिजर्व बैंक के एक लेख में यह कहा गया है। इस लेख के मुताबिक, भारतीय कृषि ने कोविड-19 के दौरान उल्लेखनीय जिजीविषा का प्रदर्शन किया है। नई उभरती चुनौतियां अगली पीढ़ी के सुधारों के साथ दूसरी हरित क्रांति की जरुरत को रेखांकित करती हैं।'' देश में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने वाले उत्पादन के मामले में सफलता के बावजूद खाद्य मुद्रास्फीति और इसकी अस्थिरता एक चुनौती बनी हुई है, जिसके लिए उच्च सार्वजनिक निवेश, भंडारण के बुनियादी ढांचे और खाद्य प्रसंस्करण को बढ़ावा देने जैसे आपूर्ति-पक्षीय हस्तक्षेप की आवश्यकता है। यह विचार ‘भारतीय कृषि: उपलब्धियां और चुनौतियां' शीर्षक वाले लेख में व्यक्त किया गया है। इस लेख में कहा गया है कि चावल, गेहूं और गन्ने जैसी फसलों के अतिशय उत्पादन से भूजल स्तर में तेजी से कमी आई है, मिट्टी का क्षरण हुआ है और बड़े पैमाने पर वायु प्रदूषण भारत में कृषि के मौजूदा तौर-तरीके पर्यावरणीय स्थिरता के संदर्भ में सवाल उठा रहे हैं। लेख के मुताबिक, ‘‘इन चुनौतियों को हल करने के लिए कृषि जल-ऊर्जा गठजोड़ पर केंद्रित दूसरी हरित क्रांति की आवश्यकता होगी जिससे कृषि को अधिक जलवायु प्रतिरोधी और पर्यावरण की दृष्टि से टिकाऊ बनाया जा सके। इसमें कहा गया है कि डिजिटल प्रौद्योगिकी और विस्तार सेवाओं का व्यापक उपयोग सूचना साझा करने और किसानों के बीच जागरूकता पैदा करने में सहायक होगा। इसने इस पर भी जोर दिया कि फसल तैयार होने के बाद के नुकसान-प्रबंधन और किसान-उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के गठन के माध्यम से सहकारी आंदोलन में सुधार से खाद्य कीमतों और किसानों की आय में उतार-चढ़ाव को रोका जा सकता है। इससे भारतीय कृषि की वास्तविक क्षमता का दोहन करने में मदद मिलेगी।
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भोपाल। क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने 29 शावकों को जन्म देने वाली मध्य प्रदेश के सिवनी स्थित पेंच बाघ अभयारण्य की बाघिन कॉलरवाली की मौत पर दुख व्यक्त किया है। तेंदुलकर ने सोमवार शाम को ट्वीट कर इस बाघिन के अंतिम संस्कार की तस्वीरें साझा करते हुए लिखा, वन्यजीव प्रेमी एवं समर्थक समझ सकते हैं कि एक बेहतरीन बाघिन जब हमेशा के लिए चुप हो जाती है, तो यह कितना दुखदायी होता है। कॉलरवाली बाघिन की आत्मा को शांति मिले।'' उल्लेखनीया है कि पेंच बाघ अभयारण्य में 29 शावकों को जन्म दे चुकी कॉलरवाली को टी-15 के नाम से भी जाना जाता था। उसकी शनिवार को वृद्धावस्था के कारण मौत हो गई थी। लगभग साढ़े सोलह वर्ष की आयु की इस बाघिन को 'पेंच की रानी' व 'सुपर मॉम' भी कहा जाता था। इस बाघिन ने मई 2008 से दिसम्बर 2018 के मध्य कुल आठ बार में 29 शावकों को जन्म दिया।
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मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक के एक अध्ययन में कहा गया है कि उपभोक्ता विश्वास अब भी कोविड-पूर्व के स्तर पर नहीं लौट पाया है। रिजर्व बैंक के सोमवार को जारी मासिक बुलेटिन में इस बात का उल्लेख है कि महामारी की लगातार आई लहरों ने उपभोक्ता विश्वास को बुरी तरह से प्रभावित किया है। यह मई, 2021 में दूसरी लहर के चरम पर रहते समय 48.5 के अब तक के सबसे निचले स्तर पर आ गया था। अमेरिका, ब्रिटेन, जापान, चीन, रूस, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका की सात बड़ी अर्थव्यवस्थाएं भी महामारी से प्रभावित रही हैं, लेकिन इसका सबसे अधिक असर भारत पर पड़ा है। महामारी की दूसरी लहर में देश में महामारी की वजह से सबसे अधिक मौतें हुई थीं। रिजर्व बैंक के बुलेटिन ‘कोविड-19 महामारी का उपभोक्ता विश्वास पर प्रभाव' में कहा गया है कि ज्यादातर देशों में उपभोक्ता विश्वास में एक बड़ी गिरावट देखी गई। धीरे-धीरे विश्वास फिर बढ़ना शुरू हुआ। हालांकि, अधिकांश देशों में उपभोक्ता भरोसा अभी भी महामारी-पूर्व के स्तर पर नहीं लौट पाया है। केंद्रीय बैंक ने कहा कि टीकाकरण में तेजी पुनरुद्धार में मदद कर सकती है, लेकिन महामारी की बार-बार आने वाली लहरों से दीर्घावधि में उपभोक्ता विश्वास पर असर पड़ सकता है। खासकर व्यापार और रोजगार स्थितियों से जुड़ी अनिश्चितताओं के चलते उपभोक्ता भरोसा डगमगा सकता है। -
मुजफ्फरपुर। बिहार के मुजफ्फरपुर जिले की पुलिस ने 11 लाख 50 हजार रूपये के जाली नोट बरामद किए गए हैं और इस मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जयंत कांत ने सोमवार को बताया कि मुजफ्फरपुर जिले के मोतीपुर थाना अंतर्गत मोहम्मदपुर बलमी चौक के पास से गुप्त सूचना के आधार पर 11 लाख 50 हजार रूपये के जाली नोट बरामद किए गए और इस मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि बरामद किए गए जाली नोट में 500 और 200 के जाली नोट शामिल हैं।
जयंत कांत ने बताया कि गिरफ्तार तस्करों में से तीन सारण जिले और एक मुजफ्फरपुर जिले का रहने वाला है। उन्होंने बताया कि इन तस्करों के पास से असम की पंजीकरण संख्या वाली एक कार भी बरामद हुई है। उन्होंने बताया कि इन तस्करों के तार पड़ोसी देश नेपाल और बंग्लादेश से जुड़े हैं। -
नयी दिल्ली। दूरसंचार विभाग ने देश में 5जी अनुपालन में अहम मानी जा रही मशीन-टु-मशीन (एम2एम) सेवा देने के लिए दूरसंचार लाइसेंस जारी करने संबंधी नियमों को संशोधित किया है। विभाग ने मई, 2018 में एम2एम से संबंधित दिशानिर्देश जारी कर दिए थे लेकिन इनके लाइसेंसिंग प्रावधान से संबंधित नियम उसमें शामिल नहीं किए गए थे। विभाग ने सोमवार को जारी लाइसेंस संशोधन प्रारूप में कहा कि अखिल भारतीय स्तर पर एम2एम सेवा के लिए परमिट जारी करने के प्रावधान को भी इसमें शामिल किया गया है। इसके अलावा सर्किल एवं जिला स्तर पर भी ये परमिट जारी किए जा सकेंगे। दूरसंचार विभाग ने कहा कि एम2एम सेवाएं देने की मंशा रखने वाली दूरसंचार कंपनियों को राष्ट्रीय परमिट के लिए 30 लाख रुपये का प्रवेश शुल्क और 40 लाख रुपये की बैंक गारंटी देनी होगी। सर्किल परमिट के लिए यह राशि 2-2 लाख रुपये होगी और जिला स्तर के परमिट के लिए प्रवेश शुल्क 20,000 रुपये एवं बैंक गारंटी 10,000 रुपये होगी। इसके अलावा दूरसंचार विभाग ने दूरसंचार लाइसेंस में ऑडियोटेक्स या आईवीआरएस सेवा के लिए भी प्रावधान किया है। ये बदलाव सभी श्रेणियों की दूरसंचार सेवा लाइसेंसों के लिए किए गए हैं। -
नयी दिल्ली। गुजरात की 'अर्थ कंसोर्टियम' के मालिक हेमराज रमणीकलाल कामदार और विजयवाड़ा के स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर के डीन प्रोफेसर एम कैलाश राव को सोमवार को राष्ट्रीय संस्मारक प्राधिकरण के अंशकालिक सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया। कार्मिक मंत्रालय के आदेश में यह जानकारी दी गई। मंत्रालय के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने तीन साल के लिए इन दो सदस्यों की नियुक्ति को मंजूरी दी। आदेश में बताया गया है कि हेमराज अहमदाबाद की 'अर्थ कंसोर्टियम' के मालिक हैं। हालांकि, अधिक विवरण साझा नहीं किया गया है। वहीं, राव, आंध्र प्रदेश में विजयवाड़ा के स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर के डीन हैं।