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ब्यूफोर्ट (अमेरिका). अमेरिका के साउथ कैरोलाइना प्रांत के एक द्वीप पर भीड़भाड़ वाले एक बार में हुई गोलीबारी में चार लोगों की मौत हो गई और कम से कम 20 अन्य घायल हो गए। यह जानकारी अधिकारियों ने दी। अधिकारियों ने बताया कि गोलीबारी रविवार तड़के सेंट हेलेना द्वीप स्थित विलीज बार एंड ग्रिल में हुई। उन्होंने बताया कि जब शेरिफ के सहायक घटनास्थल पर पहुंचे, तो वहां बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे और उन्होंने पाया कि कई लोग गोली लगने से घायल हैं। ब्यूफोर्ट काउंटी शेरिफ कार्यालय ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर एक बयान में कहा, ‘‘कई लोग गोलियों से बचने के लिए आस-पास के प्रतिष्ठान और संपत्तियों की ओर भागे।'' बयान में कहा गया, ‘‘यह सभी के लिए एक दुखद घटना है। हम इस घटना की जांच जारी रखते हुए आपसे धैर्य रखने का अनुरोध करते हैं। हमारी संवेदनाएं सभी पीड़ितों और उनके प्रियजनों के साथ हैं।'' घटनास्थल पर चार लोग मृत पाए गए और कम से कम 20 अन्य घायल हैं। घायलों में से चार की हालत गंभीर है और उन्हें क्षेत्रीय अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। पीड़ितों की पहचान उजागर नहीं की गई है
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पोजा रिका (मेक्सिको). मेक्सिको में लगातार बारिश से आई बाढ़ और भूस्खलन के कारण 41 लोगों की मौत हो गई। प्राधिकारियों ने यह जानकारी दी। वेराक्रूज राज्य में छह से नौ अक्टूबर तक लगभग 540 मिलीमीटर (21 इंच से अधिक) बारिश हुई।
मेक्सिको सिटी से 170 मील (275 किलोमीटर) उत्तर-पूर्व में स्थित तेल नगरी पोजा रिका में बाढ़ से पहले कोई खास चेतावनी जारी नहीं की गई थी। मेक्सिको के राष्ट्रीय नागरिक सुरक्षा समन्वय ने बताया कि मेक्सिको सिटी के उत्तर में स्थित हिडाल्गो राज्य में शनिवार तक भारी बारिश से 16 लोगों की मौत हो गई और 150 समुदायों को बिजली आपूर्ति बाधित होने की समस्या का सामना करना पड़ा। मेक्सिको सिटी के पूर्व में स्थित पुएब्ला राज्य में कम से कम नौ लोग मारे गए और 16,000 से अधिक मकान क्षतिग्रस्त या नष्ट हो गए। वेराक्रूज राज्य में 15 लोगों की मौत हुई है जहां थल सेना एवं नौसेना भूस्खलन और बाढ़ के कारण अलग-थलग पड़े 42 समुदायों के निवासियों को बचाने में मदद कर रही हैं। अधिकारियों ने बताया कि बचावकर्मी पूरे क्षेत्र में 27 लापता लोगों की तलाश कर रहे हैं।
खाड़ी तट पर स्थित वेराक्रूज राज्य की 55 नगरपालिकाओं में 16,000 से अधिक मकान क्षतिग्रस्त हो गए। इससे पहले, मध्य क्वेरेटारो राज्य में भूस्खलन के कारण एक बच्चे की मौत हो गई थी। अधिकारियों ने बताया कि भारी बारिश के कारण बिजली गुल होने से देश भर में 3,20,000 से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। अधिकारियों ने इस भीषण बारिश के लिए मेक्सिको के पश्चिमी तट पर आए उष्णकटिबंधीय तूफानों प्रिसिला और रेमंड को जिम्मेदार ठहराया है। -
विक्टोरिया (सेशेल्स). सेशेल्स में विपक्ष के नेता पैट्रिक हर्मिनी ने शनिवार को दूसरे चरण के मतदान में मौजूदा नेता वेवल रामकलावन को हराकर राष्ट्रपति पद का चुनाव जीत लिया। रविवार तड़के जारी आधिकारिक परिणाम में यह जानकारी दी गई। नतीजों के अनुसार, हर्मिनी को 52.7 प्रतिशत वोट मिले, जबकि रामकलावन को 47.3 प्रतिशत वोट मिले।
हर्मिनी ‘यूनाइटेड सेशेल्स पार्टी' का प्रतिनिधित्व करते हैं जिसने 2020 में सत्ता गंवाने से पहले चार दशकों तक देश का नेतृत्व किया था। रामकलावन ने लिनयोन डेमोक्रेटिक सेसेलवा पार्टी का प्रतिनिधित्व किया। राष्ट्रपति पद के लिए दो सप्ताह पूर्व हुए मतदान में कोई स्पष्ट विजेता नहीं मिलने के बाद दूसरे चरण का मुकाबला हुआ था जिसमें मुख्य दावेदार रामकलावन और हर्मिनी थे। मतदान बृहस्पतिवार को शुरू हुआ लेकिन द्वीप राष्ट्र के अधिकतर लोगों ने शनिवार को मतदान किया। -
वाशिंगटन. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को कहा कि उन्होंने रक्षा मंत्रालय को निर्देश दिया है कि वह सरकारी वित्त पोषण रुकने के कारण हुए ‘शटडाउन' के बावजूद अमेरिकी सैनिकों को बुधवार को वेतन देने के लिए ‘‘सभी उपलब्ध धनराशि'' का उपयोग करे। ट्रंप ने कहा कि यह एक अल्पकालिक उपाय है जो उन लाखों संघीय कर्मचारियों पर लागू नहीं होगा जिन्हें छुट्टी पर भेज दिया गया है। राष्ट्रपति ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि वह इसलिए कदम उठा रहे हैं अन्यथा ‘‘हमारे बहादुर सैनिकों को निर्धारित 15 अक्टूबर को उनका वेतन नहीं मिल पाएगा।'' ट्रंप ने डेमोक्रेटिक पार्टी के नेताओं को दोषी ठहराते हुए कहा कि वह कमांडर-इन-चीफ के रूप में अपने अधिकार का प्रयोग करते हुए रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ को ‘‘15 अक्टूबर को सैनिकों को वेतन दिलाने के लिए सभी उपलब्ध धनराशि का उपयोग करने'' का निर्देश दे रहे हैं। एक अक्टूबर को संघीय बजट चक्र की शुरुआत में सरकरी वित्त पोषण रुकने से ‘शटडाउन' के कारण सरकारी कामकाज ठप होने के बाद अमेरिकी सैन्यकर्मियों को बुधवार को अपना अगला वेतन नहीं मिलने का खतरा था। अमेरिका में लगभग 13 लाख सक्रिय सैन्यकर्मी हैं और ‘कैपिटल हिल' (संसद भवन परिसर) के सांसदों की ‘शटडाउन' के नकारात्मक प्रभावों पर चर्चा के दौरान सैनिकों को वेतन नहीं मिलने की आशंका चर्चा का मुख्य विषय रही है।
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नई दिल्ली। अमेरिका के टेनेसी में एक सैन्य विस्फोटक संयंत्र में जोरदार धमाका हुआ। इस विनाशकारी धमाके में 19 लोगों के मारे जाने या लापता होने की खबर सामने आ रही है। न्यूज एजेंसी सिन्हुआ ने अमेरिकी मीडिया के हवाले से बताया कि हम्फ्रीज काउंटी के शेरिफ क्रिस डेविस ने शुक्रवार दोपहर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “मैं आपको बता सकता हूं कि 19 लोग लापता हैं।”
मीडिया से बातचीत के दौरान, डेविस ने इस घटना को “अब तक देखी गई सबसे विनाशकारी” जगहों में से एक बताया और कहा, “इसके बारे में बताने के लिए कुछ भी नहीं है, यहां सब खत्म हो गया है।” उन्होंने कहा कि विस्फोट का मलबा आधा वर्ग मील में फैला हुआ है। पीड़ित परिवार के ऊपर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। मामले की जांच शुरू कर दी गई है और यह पता लगाया जा रहा है कि आखिर इस धमाके की वजह क्या है।वहीं डेविस ने बताया कि जांच में कुछ समय लग सकता है। इस मामले से संबंधित कई एजेंसियां मिलकर यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि क्या हुआ। डेविस ने शुक्रवार सुबह एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि यह धमाका स्थानीय समयानुसार सुबह लगभग 7:45 बजे हुआ। कुछ लोग मारे गए हैं। हिकमैन काउंटी के मेयर जिम बेट्स ने शुक्रवार को एबीसी न्यूज को बताया कि कम से कम 13 लोगों का पता नहीं चल पाया है।शेरिफ कार्यालय ने बताया कि कई एजेंसियां घटनास्थल पर पहुंच गई हैं और आग का आकलन करने और उसे नियंत्रित करने के लिए काम कर रही हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि दूसरे विस्फोटों की आशंका के कारण एजेंसियां फिलहाल उस क्षेत्र में जाने से बच रही हैं। डेविस ने बताया कि धमाके के बाद घटना की जांच में अल्कोहल, तंबाकू, फायरआर्म और विस्फोटक ब्यूरो, होमलैंड सुरक्षा और टेनेसी ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन शामिल हैं। - स्टॉकहोम,। हंगरी के लेखक लास्लो क्रास्नाहोरकाई को इस साल का साहित्य का नोबेल पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। यह घोषणा बृहस्पतिवार को की गई। क्रास्नाहोरकाई (71) की प्रशस्ति में कहा गया है कि उन्हें उनके ‘सम्मोहक और दूरदर्शी रचनाकर्म के लिए चुना गया है जो सर्वनाशी भय के बीच कला की ताकत की पुष्टि करता है।'' लास्लो क्रास्नाहोरकाई की पहली कृति ‘‘सैटानटैंगो' के साथ ही ‘‘द मेलांकली ऑफ रेसिस्टेंस'' सहित कई कृतियों को हंगेरियन निर्देशक बेला टार ने फिल्मों में रूपांतरित किया है। नोबेल समिति के स्टीव सेम-सैंडबर्ग ने घोषणा के समय कहा, ‘‘नोबेल निर्णायकों ने उनकी कलात्मक दृष्टि की प्रशंसा की, जो पूरी तरह से भ्रम से मुक्त है और जो कला की शक्ति में उनके अटूट विश्वास के साथ सामाजिक व्यवस्था की भंगुरता को समझती है।'' नोबेल निर्णायकों ने कहा, ‘‘लास्लो क्रास्नाहोरकाई मध्य यूरोपीय परंपरा के एक महान महाकाव्य लेखक हैं, जो परंपरा (फ्रांज) काफ्का से थॉमस बर्नहार्ड तक फैली हुई है, और बेतुकेपन और विचित्र अतिरेक से युक्त है।'' उनकी अन्य पुस्तकों में ‘‘बैरन वेंकहाइम्स होमकमिंग'' भी मशहूर है, जो एक जुए के आदी अभिजात्य वर्ग के व्यक्ति की विस्तृत गाथा है।उन्होंने चीन और जापान की अपनी यात्राओं से प्रेरित होकर भी कई किताबें लिखी हैं, जिनमें 2003 में हंगेरियन भाषा में प्रकाशित ‘‘एक माउंटेन टू द नॉर्थ, ए लेक टू द साउथ, पाथ्स टू द वेस्ट, ए रिवर टू द ईस्ट'' है। सेम-सैंडबर्ग ने कहा कि क्रास्नाहोरकाई कुछ समय से नोबेल पुरस्कार की दौड़ में थे, ‘‘और वह एक के बाद एक उत्कृष्ट रचनाएं लिखते और रचते रहे हैं।'' उन्होंने क्रास्नाहोरकाई के साहित्यिक योगदान को ‘‘विशुद्ध उत्कृष्टता की लगभग आधी सदी'' की संज्ञा दी। इस संबंध में तत्काल क्रास्नाहोरकाई की प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी। उन्होंने घोषणा के समय कुछ नहीं कहा। लेखक का जन्म रोमानिया की सीमा के पास, हंगरी के दक्षिण-पूर्वी शहर ग्युला में हुआ था। 1970 के दशक के दौरान, उन्होंने सेगेड और बुडापेस्ट शहरों के विश्वविद्यालयों में कानून की पढ़ाई करने के बाद अपना ध्यान साहित्य सृजन में लगाया। क्रास्नाहोरकाई की वेबसाइट के जीवनी अनुभाग के अनुसार, उन्होंने यूरोप, एशिया और अमेरिका में व्यापक रूप से यात्रा की है, और कई अलग-अलग देशों में रहे हैं। वह हंगरी के निरंकुश प्रधानमंत्री विक्टर ओरबान के मुखर आलोचक रहे हैं और खासकर रूसी आक्रमण के बाद उनकी सरकार द्वारा यूक्रेन को समर्थन न देने के विरोधी रहे हैं। उन्होंने इस साल ‘येल रिव्यू' को दिए एक साक्षात्कार में कहा था, ‘‘जब रूस अपने पड़ोसी देश पर आक्रमण करता है, तो कोई देश तटस्थ कैसे रह सकता है?'' लेकिन फेसबुक पर एक पोस्ट में, ओरबान ने क्रास्नाहोरकाई को तत्काल बधाई देते हुए कहा, ‘‘हंगरी के गौरव, ग्युला से पहले नोबेल पुरस्कार विजेता लेखक लास्लो क्रास्नाहोरकाई। बधाई!'' क्रास्नाहोरकाई को कई पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है, जिनमें 2015 का मैन बुकर इंटरनेशनल सम्मान भी शामिल है। बुकर के निर्णायकों ने उनके ‘‘असाधारण वाक्यों, अविश्वसनीय लंबाई के वाक्यों, जो अविश्वसनीय रूप से लंबे होते हैं, और उनके स्वर जो गंभीरता से पागलपन, फिर प्रश्नवाचक और फिर तन्हा हो जाते हैं, जैसे-जैसे वे अपनी मनमानी करते हैं'' ....की प्रशंसा की। उन्होंने 2019 में ‘‘बैरन वेंकहाइम्स होमकमिंग'' के लिए अमेरिका में अनुवादित साहित्य का राष्ट्रीय पुस्तक पुरस्कार भी जीता था। अमेरिकी लेखिका और आलोचक सुजैन सोनटैग ने क्रास्नाहोरकाई को ‘‘सर्वनाश का समकालीन गुरु'' बताया है। क्रास्नाहोरकाई अमेरिकी कवि और लेखक एलन गिंसबर्ग के भी मित्र थे और न्यूयॉर्क शहर की यात्रा के समय नियमित रूप से गिंसबर्ग के आवास में ठहरते थे। सेम-सैंडबर्ग ने कहा कि क्रास्नाहोरकाई में ‘‘अपनी दुनिया, अपनी साहित्यिक दुनिया को आपके सामने साकार करने की अद्भुत क्षमता है। मेरा मतलब है, आप अपने आस-पास घटित होने वाली हर चीज के बीच में होते हैं, और यह एक बड़ी खूबी है। बहुत कम लेखक ऐसा कर पाते हैं।'' वह 2002 में नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाले इमरे कर्टेज के बाद हंगरी से यह पुरस्कार जीतने वाले पहले व्यक्ति हैं। वह पुरस्कार विजेताओं की उस प्रतिष्ठित सूची में शामिल हो गए हैं जिसमें अर्नेस्ट हेमिंग्वे, टोनी मॉरिसन और काजुओ इशिगुरो शामिल हैं। स्वीडिश अकादमी की नोबेल समिति द्वारा अब तक कुल 121 विजेताओं को साहित्य के क्षेत्र में यह पुरस्कार 117 बार प्रदान किया जा चुका है। पिछले वर्ष का पुरस्कार दक्षिण कोरियाई लेखिका हान कांग को उनकी उस कृति के लिए दिया गया था जिसके बारे में समिति ने कहा था कि वह ‘‘ऐतिहासिक आघातों का सामना करती है और मानव जीवन की संवेदनशीलता को उजागर करती है।'' चिकित्सा, भौतिकी और रसायन विज्ञान के क्षेत्र में 2025 के नोबेल पुरस्कारों की घोषणा के बाद, साहित्य का पुरस्कार इस सप्ताह घोषित होने वाला चौथा पुरस्कार है। नोबेल शांति पुरस्कार के विजेता की घोषणा शुक्रवार को की जाएगी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को इस पुरस्कार के लिए चुने जाने की संभावना कम ही मानी जा रही है। हालांकि उन्होंने हाल में संयुक्त राष्ट्र के प्रतिनिधियों से कहा था कि ‘‘हर कोई कहता है कि मुझे नोबेल शांति पुरस्कार मिलना चाहिए।'' अंतिम नोबेल, अर्थशास्त्र का नोबेल मेमोरियल पुरस्कार, सोमवार को घोषित किया जाएगा।नोबेल पुरस्कार समारोह 10 दिसंबर को आयोजित किए जाते हैं। यह इस पुरस्कार के संस्थापक अल्फ्रेड नोबेल की पुण्यतिथि है जिनका 1896 में निधन हुआ था। नोबेल एक स्वीडिश उद्योगपति और डायनामाइट के आविष्कारक थे। प्रत्येक पुरस्कार में 1.1 करोड़ स्वीडिश क्रोनर (लगभग 12 लाख डॉलर) की राशि प्रदान की जाती है, और विजेताओं को 18 कैरेट का स्वर्ण पदक और एक प्रमाणपत्र भी दिया जाता है।
- नई दिल्ली। रूस के सीमावर्ती क्षेत्र बेलगोरोड पर यूक्रेनी गोलाबारी और ड्रोन हमले में तीन लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए। गवर्नर व्याचेस्लाव ग्लैडकोव ने बुधवार को यह जानकारी दी। ग्लैडकोव ने टेलीग्राम पर लिखा, “शेबेकिंस्की में मास्लोवा प्रिस्तान बस्ती पर गोलाबारी हुई। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, तीन लोगों की जान चली गई और एक घायल हो गया।” उन्होंने आगे बताया कि एक सामाजिक सुविधा आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुई है। राज्यपाल ने बताया कि यूक्रेनी बलों ने 24 घंटे में बेलगोरोड पर 110 से अधिक ड्रोन हमले और 20 से ज्यादा गोलाबारी कीराज्यपाल ने कहा कि यूक्रेनी सशस्त्र बलों ने पिछले 24 घंटों में बेलगोरोड क्षेत्र के आबादी वाले इलाकों पर 110 से ज्यादा मानवरहित हवाई वाहनों से हमला किया और 20 से ज्यादा राउंड गोलाबारी की। उन्होंने बताया कि ग्रेवोरोन्स्की जिले के रिहायशी इलाकों पर 16 ड्रोन और नौ राउंड गोलाबारी की गई। उन्होंने कहा, “मोशचेनॉय गांव में एक ट्रक पर ड्रोन हमले में एक बच्चे समेत छह लोग घायल हो गए। चार साल की एक बच्ची को अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी जांच की गई तो बैरोट्रॉमा की पुष्टि नहीं हुई।”ग्लैडकोव ने बताया कि ड्रोन हमलों में सात लोग घायल हुए, जिनमें छह अस्पताल में भर्ती हैंग्लैडकोव ने आगे कहा, “छह लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जबकि एक घायल का बाह्य रोगी उपचार जारी है।” उन्होंने बताया कि एक मोटर वाहन पर ड्रोन हमले में एक अन्य नागरिक घायल हो गया और उसका अस्पताल में इलाज चल रहा है। साथ ही, एक घर भी क्षतिग्रस्त हो गया। ग्लैडकोव ने बताया कि क्षेत्र में कई अन्य स्थानों पर यूक्रेनी ड्रोन और अन्य तरीकों से हमले हुए हैं, जिसमें कई लोग घायल हुए हैं।
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स्टॉकहोम / सुसुमु कितागावा, रिचर्ड रॉब्सन और उमर एम याघी को धातु-कार्बनिक ढांचे के विकास में उनके कार्यों के लिए इस साल रसायन विज्ञान के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज के महासचिव हैंस एलेग्रेन ने बुधवार को रसायन विज्ञान के नोबेल पुरस्कार की घोषणा की।
इससे पहले सोमवार को चिकित्सा और मंगलवार को भौतिकी के नोबेल पुरस्कार विजेताओं के नाम घोषित किए गए। इस वर्ष के नोबेल पुरस्कारों की घोषणा बृहस्पतिवार को साहित्य पुरस्कार के साथ जारी रहेगी। शांति के नोबेल पुरस्कार की घोषणा शुक्रवार को और अर्थशास्त्र के पुरस्कार की घोषणा सोमवार को की जाएगी। पुरस्कार समारोह 10 दिसंबर को आयोजित किया जाएगा जो इन पुरस्कारों के संस्थापक अल्फ्रेड नोबेल की पुण्यतिथि है। नोबेल एक धनी स्वीडिश उद्योगपति और डायनामाइट के आविष्कारक थे। उनका निधन 1896 में हुआ था। साल 1901 से 2024 के बीच 195 व्यक्तियों को रसायन के नोबेल सम्मान से नवाजा जा चुका है। इस दौरान 116वीं बार यह पुरस्कार प्रदान दिया जाएगा। वर्ष 2024 का पुरस्कार सिएटल स्थित वाशिंगटन विश्वविद्यालय के जैव रसायन शास्त्री डेविड बेकर और लंदन स्थित ब्रिटिश-अमेरिकी कृत्रिम बुद्धिमत्ता अनुसंधान प्रयोगशाला, गूगल डीपमाइंड के कंप्यूटर वैज्ञानिक डेमिस हसाबिस और जॉन जम्पर को दिया गया था। तीनों को जीवन के आधार, नए प्रोटीनों को डिकोड करने और डिजाइन करने की शक्तिशाली तकनीकों की खोज के लिए सम्मानित किया गया था। उनके काम में कृत्रिम बुद्धिमत्ता सहित उन्नत तकनीकों का उपयोग किया गया था और इसमें नयी दवाओं और अन्य सामग्रियों के निर्माण के तरीके को बदलने की क्षमता है। साल 2025 के पहले नोबेल पुरस्कार की घोषणा सोमवार को की गई। इसके तहत चिकित्सा का पुरस्कार मैरी ई. ब्रुनको, फ्रेड रैमस्डेल और डॉ. शिमोन साकागुची को परिधीय प्रतिरक्षा सहिष्णुता से संबंधित उनकी खोजों के लिए दिए जाने की घोषणा की गई। मंगलवार को भौतिकी का नोबेल पुरस्कार जॉन क्लार्क, मिशेल एच. डेवोरेट और जॉन एम. मार्टिनिस को उप-परमाणु क्वांटम टनलिंग की विचित्र दुनिया पर उनके शोध के लिए प्रदान करने की घोषणा की गई। - स्टॉकहोम। जॉन क्लार्क, माइकल एच डेवोरेट और जॉन एम मार्टिनिस को क्वांटम मेकेनिक्स टनलिंग में उनके अनुसंधान के लिए भौतिकी के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित करने की घोषणा मंगलवार को की गई। तीनों को 10 दिसंबर को आयोजित समारोह में यह पुरस्कार प्रदान किया जाएगा।साल 1901 से 2024 के बीच 118 बार भौतिकी के क्षेत्र में यह सम्मान प्रदान किया जा चुका है। अब तक 226 वैज्ञानिकों को भौतिकी के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। स्टॉकहोम स्थित रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज द्वारा इस वर्ष घोषित किया जाने वाला यह दूसरा पुरस्कार है। एक दिन पहले ही तीन वैज्ञानिकों को चिकित्सा के क्षेत्र में योगदान के लिए नोबेल पुरस्कार प्रदान करने की घोषणा की गई। पिछले साल, कृत्रिम बुद्धिमत्ता के अग्रदूत जॉन हॉपफील्ड और जेफ्री हिंटन को मशीन लर्निंग के आधार स्तंभ बनाने में मदद के लिए भौतिकी का नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया था। मैरी ई. ब्रुनको, फ्रेड रैमस्डेल और डॉ. शिमोन साकागुची को सोमवार को चिकित्सा का नोबेल पुरस्कार दिए जाने की घोषणा की गई। नोबेल पुरस्कारों की घोषणा की कड़ी में बुधवार को रसायन विज्ञान और बृहस्पतिवार को साहित्य के क्षेत्र के विजेताओं के नाम घोषित किए जाएंगे। नोबेल शांति पुरस्कार की घोषणा शुक्रवार को और अर्थशास्त्र में नोबेल मेमोरियल पुरस्कार की घोषणा 13 अक्टूबर को की जाएगी। पुरस्कार समारोह 10 दिसंबर को आयोजित किया जाएगा, जो इसके संस्थापक स्वीडिश उद्योगपति और डायनामाइट के आविष्कारक अल्फ्रेड नोबेल की पुण्यतिथि है। नोबेल की 1896 में इसी दिन मृत्यु हुई थी। इन प्रतिष्ठित पुरस्कारों में 1.1 करोड़ स्वीडिश क्रोनर (लगभग 12 लाख अमेरिकी डॉलर) की नकद राशि प्रदान की जाती है।
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लंदन. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री केअर स्टार्मर की बुधवार से शुरू होने वाली भारत की पहली आधिकारिक भारत यात्रा के दौरान दोनों देशों के व्यापार, निवेश और तकनीकी सहयोग समेत समग्र द्विपक्षीय साझेदारी पर बातचीत होगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निमंत्रण पर होने वाली इस दो-दिवसीय यात्रा के दौरान दोनों नेता भारत-ब्रिटेन समग्र रणनीतिक साझेदारी के सभी पहलुओं का आकलन ‘विजन 2035' को ध्यान में रखते हुए करेंगे। इस 10-वर्षीय रोडमैप पर जुलाई में भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के साथ सहमति जताई गई थी। मुख्य रूप से 'समग्र आर्थिक एवं व्यापारिक समझौता' (सीईटीए) मोदी और स्टार्मर की द्विपक्षीय वार्ता के केंद्र में होगा। यह समझौता ब्रिटिश संसद का अनुमोदन मिलने के बाद 90 प्रतिशत से अधिक वस्तुओं पर सीमा शुल्क हटाने का मार्ग प्रशस्त करेगा। ब्रिटिश प्रधानमंत्री के साथ 100 से अधिक व्यापारिक नेताओं, विश्वविद्यालयों के कुलपतियों और सांस्कृतिक प्रमुखों का एक प्रतिनिधिमंडल भी भारत दौरे पर जा रहा है। प्रतिनिधिमंडल व्यापार, निवेश, शिक्षा और तकनीकी सहयोग को बढ़ावा देने की कोशिश करेगा। इस प्रतिनिधिमंडल में ब्रिटिश तेल कंपनी बीपी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) मरे ऑकिनक्लॉस भी शामिल हैं। यह इस साल की उनकी तीसरी भारत यात्रा होगी जो बीपी की नजर में भारतीय बाजार की अहमियत को दर्शाती है। यूके-इंडिया बिजनेस काउंसिल के प्रमुख और इस प्रतिनिधिमंडल के सदस्य रिचर्ड हील्ड ने कहा, "ब्रिटेन-भारत गलियारा वैश्विक स्तर पर सबसे आशाजनक आर्थिक संबंधों में से एक है। हम नवाचार, अवसर और आपसी महत्वाकांक्षा पर आधारित इसकी निरंतर वृद्धि का समर्थन करने के लिए तत्पर हैं।" विशेषज्ञों के मुताबिक, स्टार्मर की यह यात्रा रणनीतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। भारत और ब्रिटेन की नौसेनाएं इस समय अरब सागर में संयुक्त अभ्यास 'कोंकण' में जुटी हुई हैं। इससे दोनों देशों के रक्षा, तकनीकी और औद्योगिक साझेदारी के अवसर भी चर्चा में आएंगे। इस यात्रा के दौरान दोनों नेता मुंबई में आयोजित 'ग्लोबल फिनटेक फेस्ट' को संबोधित करेंगे। इस दौरान पिछले साल शुरू की गई भारत-ब्रिटेन प्रौद्योगिकी सुरक्षा पहल (टीएसआई) के तहत दूरसंचार, एआई, क्वांटम कंप्यूटिंग, बायोटेक और महत्वपूर्ण खनिजों में सहयोग पर जोर दिया जाएगा। ब्रिटिश एयरवेज के सीईओ सीन डॉएल ने कहा है कि एयरलाइन अपने उड़ानों के नेटवर्क का विस्तार कर भारत को एक महत्वपूर्ण सहयोगी बनाएगी। फिलहाल एयरलाइन दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद और चेन्नई से साप्ताहिक 56 उड़ानें संचालित करती है। ब्रिटेन के व्यवसाय एवं व्यापार विभाग की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक, भारत और ब्रिटेन के बीच वस्तुओं एवं सेवाओं का कुल व्यापार लगभग 44.1 अरब पाउंड है। जुलाई में एफटीए पर हस्ताक्षर के बाद यह आंकड़ा बढ़ने की संभावना है और 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया है।
- न्यूयॉर्क/वाशिंगटन. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि इतिहास कभी नहीं भूलेगा कि अल-कायदा नेता ओसामा बिन लादेन के ठिकाने पर धावा बोलने और उसके सिर में गोली मारने वाले अमेरिकी नेवी सील के जवान थे। ट्रंप ने यह भी दोहराया कि 2001 में अल-कायदा आतंकवादियों द्वारा वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के ट्विन टावर्स पर हमले से एक साल पहले ही उन्होंने लादेन के बारे में चेतावनी दी थी। अमेरिकी नौसेना की 250वीं वर्षगांठ के अवसर पर एक विशेष समारोह के दौरान रविवार को वर्जीनिया के नॉरफोक में ट्रंप ने कहा, ‘‘इतिहास कभी नहीं भूलेगा कि वो नेवी सील के जवान थे जिन्होंने ओसामा बिन लादेन के परिसर में घुसकर उसके सिर में गोली मारी थी। याद रखिएगा।'' ट्रंप ने कहा कि उन्होंने 9/11 हमले से एक साल पहले ही अधिकारियों से लादेन पर नजर रखने को कहा था।उन्होंने कहा, ‘‘कृपया याद रखें, मैंने वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हमले से ठीक एक साल पहले ओसामा बिन लादेन के बारे में लिखा था। मैंने कहा था, ‘आपको ओसामा बिन लादेन पर नज़र रखनी होगी।' मैंने एक साल पहले कहा था कि मैंने ओसामा नाम के एक व्यक्ति को देखा है और मुझे वह पसंद नहीं आया। मैंने कहा था कि उस पर नजर रखनी होगी।'' ट्रंप ने कहा, “उन्होंने नजर नहीं रखी। एक साल बाद उसने वर्ल्ड ट्रेड सेंटर को उड़ा दिया। इसलिए मुझे थोड़ा श्रेय लेना चाहिए, क्योंकि कोई और तो मुझे देगा नहीं।'' ट्रंप ने कहा कि अमेरिकी नौसेना ने ही लादेन के ‘‘शव को जहाज यूएसएस कार्ल विंसन से समुद्र में फेंक दिया था।'' मई 2011 में अमेरिकी नेवी सील ने एक अभियान में लादेन को मार गिराया था, जो पाकिस्तान के एबटाबाद में एक मकान में छिपा हुआ था। यह कार्रवाई तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल में की गयी थी। पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडन के नेतृत्व में अफगानिस्तान से अमेरिका की वापसी के आलोचक रहे ट्रंप ने यह भी कहा, ‘‘अमेरिका, अफगानिस्तान में आसानी से जीत जाता। हम हर युद्ध आसानी से जीत सकते थे।''
- एंगलटन. अमेरिका के टेक्सास राज्य में एक महिला ने कथित तौर पर अपने चार बच्चों पर गोलियां चलाईं, जिससे उनमें से दो की मौत हो गई। अधिकारियों ने रविवार को बताया कि उस पर हत्या का मामला दर्ज किया गया है। ब्रेजोरिया काउंटी के शेरिफ बो स्टालमैन ने पत्रकारों को बताया कि उस 31 वर्षीय महिला पर हत्या और घातक हथियार से गंभीर हमले के दो-दो मामले दर्ज किए गए हैं और उसे 1.4 डॉलर के बॉन्ड पर हिरासत में लिया गया है। स्टालमैन ने कहा कि चार बच्चों में से दो की उम्र 13 और 4 साल थी, जो शनिवार को एक वाहन के अंदर गोली लगने से मारे गए। अन्य बच्चों की उम्र 8 और 9 साल है, जिन्हें एक मेडिकल हेलीकॉप्टर द्वारा ह्यूस्टन क्षेत्र के एक अस्पताल में ले जाया गया है और उनकी हालत "स्थिर" है। स्टालमैन ने बताया कि गोली चलाने के बाद महिला ने अधिकारियों को सूचित करने के लिए कॉल किया था। अधिकारियों ने घटनास्थल से एक हथियार बरामद किया है। स्टालमैन ने कहा, "इस तरह की संवेदनहीन त्रासदी को समझना असंभव है लेकिन हम इन बच्चों को न्याय दिलाने के लिए वह सब करेंगे जो हम कर सकते हैं।" उन्होंने बताया कि आरोपी महिला ह्यूस्टन के उत्तर में स्थित मोंटगोमरी काउंटी की निवासी है।यह घटना एंगलटन में हुई, जो लगभग 19,500 की आबादी वाला एक शहर है। यह ह्यूस्टन से लगभग 45 मील (70 किलोमीटर) दक्षिण में स्थित है।
- काठमांडू. नेपाल के शीर्ष निर्वाचन निकाय ने सोमवार को प्रतिनिधि सभा के पांच मार्च को होने वाले चुनाव के कार्यक्रम को मंजूरी दे दी। एक बयान में, चुनाव आयोग ने कहा कि स्वीकृत समय-सारिणी में पंजीकरण, मतदान और मतगणना सहित सभी प्रमुख प्रक्रियाओं का उल्लेख है। कार्यक्रम के अनुसार, राजनीतिक दलों को 16 से 26 नवंबर तक चुनाव के लिए पंजीकरण कराना होगा। यदि कोई नया राजनीतिक दल चुनाव में भाग लेना चाहता है, तो उसे 15 नवंबर तक पंजीकरण कराना होगा। राजनीतिक दलों को 15 फरवरी से दो मार्च तक 15 दिनों की अवधि के लिए अपना चुनाव प्रचार अभियान चलाने की अनुमति होगी। इसमें कहा गया है कि पार्टियों को आनुपातिक चुनाव के लिए दो और तीन जनवरी, 2026 को अपनी सूची प्रस्तुत करनी होगी। मतदान पांच मार्च, 2026 को सुबह सात बजे से शाम पांच बजे तक होगा। मतपेटियों को एकत्र करने के बाद उसी दिन मतगणना की जाएगी।
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पेरिस. फ्रांस के नये प्रधानमंत्री सेबेस्तियन लेकोर्नू ने सोमवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। लेकोर्नू ने एक दिन पहले ही अपने मंत्रिमंडल का गठन किया था और वह एक महीने से भी कम समय तक पद पर रहे। लेकोर्नू के इस्तीफे के बाद फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के पास बहुत कम विकल्प बचे हैं।
फ्रांसीसी राष्ट्रपति कार्यालय ने एक बयान में कहा कि राष्ट्रपति मैक्रों ने लेकोर्नू का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। कई ओपिनियन पोल के अनुसार मैक्रों की लोकप्रियता गिरकर रिकार्ड निचले स्तर पर पहुंच गई है। लेकोर्नू सितंबर में फ्रांस्वा बायरू के स्थान पर प्रधानमंत्री बने थे। पिछले साल मैक्रों द्वारा अचानक चुनाव की घोषणा किये जाने के बाद से फ्रांसीसी राजनीति में राजनीतिक गतिरोध है। नेशनल असेंबली में धुर-दक्षिणपंथी और वामपंथी सांसदों के पास 320 से अधिक सीट हैं, जबकि मध्यमार्गी और उनके सहयोगी रूढ़िवादियों के पास 210 सीट हैं और किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं है। मैक्रों के भरोसेमंद सहयोगी लेकोर्नू ने कहा कि एक आम सहमति बनाने में नाकाम रहने के बाद अब पद पर बने रहने की कोई स्थिति नहीं थी। लेकोर्नू ने अपने त्यागपत्र में कहा, ‘‘किसी को भी अपने देश को हमेशा अपनी पार्टी से पहले रखना चाहिए।'' अगले राष्ट्रपति चुनाव में दो वर्ष से भी कम समय बचा है और ऐसे में मैक्रों के विरोधियों ने लेकोर्नू के चौंकाने वाले इस्तीफे का तत्काल लाभ उठाने की कोशिश की। धुर दक्षिणपंथी नेशनल रैली ने उनसे शीघ्र नये संसदीय चुनाव कराने या इस्तीफा देने की मांग की। धुर दक्षिणपंथी नेता मरीन ले पेन ने कहा, ‘‘इन परिस्थितियों में कोई और उपाय नहीं है। इन परिस्थितियों में एकमात्र समझदारी भरा कदम चुनाव की ओर लौटना है।'' पिछली रात ही नियुक्त किए गए मंत्रियों को कार्यवाहक मंत्री बनने की विचित्र स्थिति का सामना करना पड़ा। उन्हें अब नयी सरकार बनने तक दिन-प्रतिदिन के मामलों का प्रबंधन करना होगा, जबकि उनमें से कुछ ने औपचारिक रूप से पद भी नहीं संभाला था। लेकोर्नू द्वारा मंत्रियों के चयन की राजनीतिक हलकों में आलोचना की गई थी, विशेष रूप से पूर्व वित्त मंत्री ब्रूनो ले मायेर को रक्षा मंत्रालय में वापस लाने के उनके निर्णय की। अन्य प्रमुख पद पिछले मंत्रिमंडल से काफी हद तक अपरिवर्तित रहे, रूढ़िवादी ब्रूनो रिताइलो आंतरिक मंत्री बने रहे, जो पुलिस और आंतरिक सुरक्षा के प्रभारी थे, जीन-नोएल बारोत विदेश मंत्री जबकि गेराल्ड डर्मैनिन को न्याय मंत्रालय का प्रभार दिया गया था। नेशनल असेंबली में आम सहमति बनाने की कोशिश में, लेकोर्नू ने अपने मंत्रिमंडल के गठन से पहले सभी राजनीतिक ताकतों और ट्रेड यूनियन से सलाह-मशविरा किया था। -
नई दिल्ली। अमेरिका और जापान के तीन वैज्ञानिकों को प्रतिरक्षा प्रणाली (Immune System) पर महत्वपूर्ण खोज के लिए 2025 का नोबेल पुरस्कार (Nobel Prize) शरीर-क्रिया विज्ञान या चिकित्सा (Physiology or Medicine) के क्षेत्र में प्रदान किया गया है।
कैरोलीन्स्का इंस्टीट्यूट (Karolinska Institutet) की नोबेल असेंबली ने घोषणा की कि मैरी ई. ब्रनको (अमेरिका), फ्रेड रैम्सडेल (अमेरिका) और शिमोन साकागुची (जापान) को यह पुरस्कार संयुक्त रूप से दिया जाएगा। विजेताओं के बीच 1.1 करोड़ स्वीडिश क्रोनर (Swedish Kronor) की राशि समान रूप से बांटी जाएगी।नोबेल समिति ने कहा कि यह पुरस्कार ‘पेरिफेरल इम्यून टॉलरेंस’ (Peripheral Immune Tolerance) पर उनकी खोजों के लिए दिया गया है, जो एक ऐसी प्रक्रिया है जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को अपने ही ऊतकों पर हमला करने से रोकती है। वैज्ञानिकों ने रेगुलेटरी टी-सेल्स (Regulatory T Cells) की पहचान की, जिन्हें प्रतिरक्षा प्रणाली के सुरक्षा प्रहरी कहा जाता है। ये टी-सेल्स सुनिश्चित करते हैं कि शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली संतुलित रहे और अपने ही अंगों पर आक्रमण न करे।उनकी खोजों ने पेरिफेरल टॉलरेंस नामक नए शोध क्षेत्र की नींव रखी, जिसने कैंसर, ऑटोइम्यून बीमारियों (Autoimmune Diseases) और अंग प्रत्यारोपण (Organ Transplantation) के इलाज के नए रास्ते खोले हैं। इनमें से कई उपचार वर्तमान में क्लीनिकल ट्रायल्स (Clinical Trials) में हैं।नोबेल समिति के अध्यक्ष ओले कैंपे (Olle Kämpe) ने कहा, “उनकी खोजों ने यह समझने में निर्णायक भूमिका निभाई है कि प्रतिरक्षा प्रणाली कैसे काम करती है और क्यों हम सभी गंभीर ऑटोइम्यून बीमारियों से पीड़ित नहीं होते।”मैरी ई. ब्रनको का जन्म 1961 में हुआ था। उन्होंने प्रिंसटन यूनिवर्सिटी (Princeton University) से पीएचडी की है और वर्तमान में इंस्टीट्यूट फॉर सिस्टम्स बायोलॉजी (Institute for Systems Biology), सिएटल में सीनियर प्रोग्राम मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं। फ्रेड रैम्सडेल का जन्म 1960 में हुआ था और उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया-लॉस एंजिलिस (UCLA) से 1987 में पीएचडी की। वे वर्तमान में सोनोमा बायोथेराप्यूटिक्स (Sonoma Biotherapeutics), सैन फ्रांसिस्को में वैज्ञानिक सलाहकार हैं। शिमोन साकागुची का जन्म 1951 में हुआ था। उन्होंने क्योटो यूनिवर्सिटी (Kyoto University) से 1976 में एमडी और 1983 में पीएचडी की है। वे वर्तमान में ओसाका यूनिवर्सिटी (Osaka University) के इम्यूनोलॉजी फ्रंटियर रिसर्च सेंटर (Immunology Frontier Research Center) में विशिष्ट प्रोफेसर हैं।पिछले वर्ष 2024 का नोबेल पुरस्कार अमेरिकी वैज्ञानिक विक्टर एम्ब्रोस (Victor Ambros) और गैरी रुवकुन (Gary Ruvkun) को माइक्रोआरएनए (microRNA) और इसके माध्यम से जीन नियमन (Gene Regulation) की खोज के लिए दिया गया था। -
सिदोअर्जो (इंडोनेशिया). इंडोनेशिया के एक इस्लामिक बोर्डिंग स्कूल में मंगलवार को प्रार्थना कक्ष के ढह जाने के बाद लापता छात्रों की तलाश कर रहे बचावकर्मियों ने सप्ताहांत में दो दर्जन से अधिक शव बरामद किए, जिससे मृतकों की संख्या 40 हो गई। इंडोनेशिया की राष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण एजेंसी के अनुसार, बचावकर्मियों को केवल सप्ताहांत में 26 शव मिले। इंडोनेशिया के जावा द्वीप के पूर्वी हिस्से में सिदोअर्जो में स्थित सौ साल पुराने अल खोजिनी स्कूल में 30 सितंबर को एक इमारत ढह गई और सैकड़ों छात्र उसके नीचे दब गए जिनमें से अधिकतर बच्चें 12 से 19 वर्ष आयु के थे। अधिकारियों ने बताया कि केवल एक छात्र सुरक्षित बच गया, जबकि 95 अन्य को इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। इस दुर्घटना में आठ अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए और रविवार को भी अस्पताल में इलाजरत रहें। टेन्थ नवम्बर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के निर्माण विशेषज्ञ मुदजी इरमावन ने कहा, "तीसरी मंजिल के निर्माण के लिए कंक्रीट डालते समय निर्माण कार्य भार सहन नहीं कर सका क्योंकि यह मानकों के अनुरूप नहीं था।" सिदोअर्जो जिला प्रमुख सुबांडी ने कहा कि स्कूल प्रबंधन ने निर्माण कार्य शुरू करने से पहले आवश्यक अनुमति के लिए आवेदन नहीं किया था। इस दुर्घटना के बाद से स्कूल अधिकारियों की ओर से कोई टिप्पणी नहीं आई है।
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काठमांडू. पूर्वी नेपाल में विभिन्न स्थानों पर कल रात से हो रही मूसलाधार बारिश के कारण भूस्खलन और बाढ़ आई, जिसके कारण रविवार सुबह तक कम से कम 51 लोगों की मौत हो गई। सशस्त्र पुलिस बल (एपीएफ) के प्रवक्ता कालिदास धौवजी ने बताया कि पिछले दो दिनों में भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन के कारण कोशी प्रांत में इल्लम जिले के विभिन्न स्थानों पर कम से कम 37 लोगों की मौत हुई है। राष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण एवं प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीआरआरएमए) ने एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि इन 37 लोगों में से देउमाई और माईजोगमाई नगरपालिका क्षेत्रों में आठ- आठ लोगों की मौत हुई, इल्लम नगरपालिका और संदकपुर ग्रामीण नगरपालिका में छह-छह, मंगसेबुंग में तीन और फाकफोकथुम गांव में एक व्यक्ति की मौत हुई है। बाढ़ और भूस्खलन के कारण उदयपुर में दो और पंचथार में एक व्यक्ति की मौत हो गई। इसके अलावा, रौतहट में बिजली गिरने से तीन और खोतांग जिले में दो लोगों की मौत हो गई।
इस बीच, पंचथार जिले में भारी बारिश के कारण सड़कें क्षतिग्रस्त होने के कारण हुई एक दुर्घटना में छह लोगों की मौत हो गई। रसुवा जिले के लांगटांग संरक्षण क्षेत्र में उफनती नदी में बह जाने से कम से कम चार लोग लापता हो गए, और इल्लम, बारा तथा काठमांडू में बाढ़ की घटनाओं में एक-एक व्यक्ति लापता हैं। धौबाजी ने बताया कि लांगंग क्षेत्र में ट्रैकिंग अभियान पर गए 16 लोगों में से चार लोग भी लापता हो गए हैं। नेपाल सेना, नेपाल पुलिस और एपीएफ के जवान बचाव अभियान में शामिल हैं।
सुरक्षाकर्मियों ने विमान से इल्लम जिले से एक गर्भवती महिला सहित चार लोगों को बचाया और उन्हें धरान नगरपालिका के एक अस्पताल में भर्ती कराया। नेपाल के सात प्रांतों में से पांच प्रांतों में मानसून सक्रिय है जिनमें कोशी, मधेश,बागमती, गण्डकी और लुम्बिनी शामिल हैं। पड़ोसी देश को मदद की पेशकश करते हुए, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, ‘‘नेपाल में भारी बारिश से हुई जनहानि और क्षति दुखद है। इस कठिन समय में हम नेपाल की जनता और सरकार के साथ हैं।'' मोदी ने ‘एक्स' पर लिखा, ‘‘एक मित्रवत पड़ोसी और प्रथम प्रतिक्रियादाता के रूप में, भारत हरसंभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।'' इस बीच, नेपाल सरकार ने मौसम में सुधार को देखते हुए कुछ वाहनों को काठमांडू आने-जाने की अनुमति दे दी है। काठमांडू घाटी में रविवार को, पिछले दो दिनों की तुलना में कम बारिश हुई और कुछ राष्ट्रीय राजमार्गों से भूस्खलन के कारण हुई रुकावटें हटा दी गई हैं। एनडीआरआरएमए द्वारा जारी एक बयान में कहा गया, ‘‘मानसून काउंटर कमांड पोस्ट के निर्णय के अनुसार, राष्ट्रीय राजमार्गों के बीच में रुकी आपातकालीन सेवाओं, माल परिवहन, यात्री वाहनों और छोटी दूरी के वाहनों को स्थानीय अधिकारियों के साथ समन्वय में सड़कों की स्थिति को ध्यान में रखते हुए अपने गंतव्य की ओर जाने की अनुमति दी जाएगी।'' हलांकि, अगले आदेश तक जोखिम भरी सड़कों और राजमार्गों पर रात में वाहनों का आवागमन प्रतिबंधित कर दिया गया है। नेपाली अधिकारियों ने शनिवार को लगातार बारिश और अगले तीन दिनों तक भूस्खलन की संभावना के कारण काठमांडू से वाहनों के प्रवेश और निकास पर प्रतिबंध लगा दिया। बागमती और पूर्वी राप्ती नदियों के आसपास के क्षेत्रों के लिए भी रेड अलर्ट जारी किया गया।
अधिकारियों ने बताया कि मानसून के सक्रिय रहने के कारण शुक्रवार रात से काठमांडू और देश के अन्य हिस्सों में लगातार बारिश हो रही है। खराब मौसम के कारण शनिवार को भी त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (टीआईए) से घरेलू उड़ानें रोक दी गईं। टीआईए, काठमांडू के महाप्रबंधक हंसा राज पाण्डे ने कहा कि काठमांडू, भरतपुर, जनकपुर, भद्रपुर, पोखरा और तुमलिंगतार से घरेलू उड़ानें अगली सूचना तक रोक दी गई हैं।
- सिएटल (अमेरिका). अमेरिका में एच-1बी वीजा आवेदनों के लिए 1,00,000 अमेरिकी डॉलर के शुल्क के खिलाफ स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं, धार्मिक समूहों, विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों और अन्य लोगों के एक समूह ने शुक्रवार को एक संघीय अदालत में मुकदमा दायर किया। समूह ने मुकदमा दायर करते हुए कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन की इस योजना ने ‘‘नियोक्ताओं, श्रमिकों और संघीय एजेंसियों को अराजक स्थिति में डाल दिया है।'' ट्रंप प्रशासन ने नए एच1बी कामकाजी वीजा के लिए 1,00,000 अमेरिकी डॉलर के एकमुश्त शुल्क की घोषणा की है। सैन फ्रांसिस्को स्थित ‘यूएस डिस्ट्रिक्ट कोर्ट' में दायर मुकदमे में कहा गया है कि एच-1बी कार्यक्रम स्वास्थ्य सेवा कर्मियों और शिक्षकों की नियुक्ति का एक महत्वपूर्ण मार्ग है। मुकदमे में कहा गया है कि यह अमेरिका में नवोन्मेष एवं आर्थिक विकास को बढ़ावा देता है और नियोक्ताओं को विशिष्ट क्षेत्रों में रिक्तियां भरने का अवसर प्रदान करता है। ‘डेमोक्रेसी फॉरवर्ड फाउंडेशन' और ‘जस्टिस एक्शन सेंटर' ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, ‘‘इस मामले में कोई राहत नहीं मिलने पर अस्पतालों को चिकित्सा कर्मचारियों, गिरजाघरों को पादरियों एवं कक्षाओं को शिक्षकों की कमी का सामना करना पड़ेगा और देश भर के उद्योगों के ऊपर प्रमुख नवोन्मेषकों को खोने का खतरा है।'' इसमें बताया गया कि मुकदमे में अदालत से इस आदेश पर तुरंत रोक लगाने का अनुरोध किया गया है।
- ह्यूस्टन/हैदराबाद. अमेरिका के टेक्सास प्रांत में एक गैस स्टेशन पर अज्ञात हमलावरों ने 27 वर्षीय भारतीय छात्र की गोली मारकर हत्या कर दी । अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। चंद्रशेखर पोल कथित तौर पर डलास के गैस स्टेशन पर अंशकालिक रूप से काम कर रहे थे, जहां शुक्रवार को गोलीबारी हुई थी। स्थानीय मीडिया ने बताया कि गोलीबारी की यह घटना लूट के दौरान हुई। डलास पुलिस विभाग ने कहा कि मामले की जांच जारी है।पुलिस के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हम इस दुखद घटना से जुड़ी परिस्थितियों की जांच कर रहे हैं और मामले को स्पष्ट करने के लिए काम कर रहे हैं।'' मृतक के भाई दामोदर ने संवाददाताओं को बताया कि चंद्रशेखर ने हैदराबाद से डेंटल सर्जरी में स्नातक की डिग्री हासिल की थी और दो साल पहले ‘एमएस' करने के लिए अमेरिका गए थे। चंद्रशेखर ने नॉर्थ टेक्सास विश्वविद्यालय, डेंटन में डेटा एनालिटिक्स में मास्टर डिग्री के लिए नामांकन कराया था। चंद्रशेखर के भाई ने बताया कि उसने छह महीने पहले ही डिग्री पूरी की थी और नौकरी की तलाश में था। उन्होंने बताया कि चंद्रशेखर अपना खर्च वहन करने के लिए गैस स्टेशन पर अंशकालिक रूप से काम करता था। छात्र की मौत पर दुख व्यक्त करते हुए तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी ने शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की। मृतक छात्र के परिवार को सहायता का आश्वासन देते हुए रेवंत रेड्डी ने कहा कि उनकी सरकार पार्थिव शरीर को वापस लाने के लिए हरसंभव सहयोग करेगी। डलास काउंटी मेडिकल परीक्षक कार्यालय ने अभी तक मृत्यु का आधिकारिक कारण जारी नहीं किया है, न ही मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किया है, जो कि पार्थिव शरीर को स्वदेश भेजने के लिए एक आवश्यक दस्तावेज है। भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के विधायक टी हरीश राव ने हत्या को 'दुखद' बताते हुए कहा कि उन्होंने और पार्टी के अन्य नेताओं ने शोक संतप्त परिवार से मुलाकात की और संवेदना व्यक्त की। ह्यूस्टन स्थित भारतीय महावाणिज्य दूतावास (सीजीआई) स्थानीय अधिकारियों और पीड़ित परिवार के साथ समन्वय कर रहा है। महावाणिज्य दूतावास ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि इस मामले की जांच जारी है तथा इस कठिन समय में वह परिवार को निरंतर सहायता प्रदान कर रहा है। इसके एक अधिकारी ने कहा, ‘‘हम पीड़ित परिवार को हर संभव राजनयिक सहायता प्रदान कर रहे हैं, जिसमें स्थानीय अधिकारियों के साथ संवाद को सुविधाजनक बनाना और आवश्यक कागजी कार्रवाई में तेजी लाना शामिल है। '
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मॉस्को. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ वार्षिक शिखर वार्ता के लिए दिसंबर में भारत आएंगे, जिसकी तैयारियां "जोर-शोर से" जारी हैं। रूसी राष्ट्रपति कार्यालय क्रेमलिन ने बृहस्पतिवार ने यह जानकारी दी। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने एक साक्षात्कार में कहा, “हां, हमने राष्ट्रपति की भारत यात्रा की समय-सीमा तय कर ली है। यात्रा नए साल की शुरुआत से पहले होगी।” पेसकोव ने कहा, “यात्रा की तैयारियां जोरों पर हैं।”
रूसी राष्ट्रपति ने आखिरी बार 2021 में नयी दिल्ली का दौरा किया था।भारत और रूस के बीच एक व्यवस्था है जिसके तहत भारत के प्रधानमंत्री और रूसी राष्ट्रपति संबंधों के संपूर्ण पहलुओं की समीक्षा के लिए हर साल एक शिखर सम्मलेन आयोजित करते हैं। अब तक, भारत और रूस में बारी-बारी से 22 वार्षिक शिखर वार्ता हो चुके हैं।पिछले साल जुलाई में, प्रधानमंत्री मोदी वार्षिक शिखर वार्ता के लिए मॉस्को गए थे। -
बोगो (फिलीपीन). मध्य फिलीपीन में आए विनाशकारी भूकंप के बाद बचावकर्मियों ने ढहे मकानों और अन्य क्षतिग्रस्त इमारतों में खुदाई करने वाले वाली मशीनों और खोजी कुत्तों की मदद से जीवित लोगों की तलाश की। फिलीपीन में आए शक्तिशाली भूकंप के कारण कम से कम 72 लोगों की मौत हो गई है और 200 से अधिक लोग घायल हुए हैं। अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार की रात लगभग 10 बजे 6.9 तीव्रता का भूकंप आया जिससे सेबू प्रांत के बोगो शहर और आसपास के गांवों में कई मकान, नाइट क्लब और व्यापारिक इमारतें ढह गईं तथा इनके मलबे में कई लोग फंस गए। इस भूकंप के कारण मारे गए लोगों की संख्या और बढ़ने की आशंका है। छिटपुट बारिश और क्षतिग्रस्त पुलों एवं सड़कों के कारण बचाव अभियान में बाधा पैदा हुई है।
नारंगी और पीले रंग की हैट पहने बचावकर्मियों ने एक ढही इमारत के मलबे में जीवित लोगों की तलाश करने के लिए स्पॉटलाइट, एक खुदाई मशीन एवं खोजी कुत्तों की मदद ली। भूकंप का केंद्र बोगो से लगभग 19 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में पांच किलोमीटर की गहराई में था। बोगो सेबू प्रांत का एक तटीय शहर है और इसकी आबादी लगभग 90,000 है। बोगो शहर के आपदा-शमन अधिकारी रेक्स यगोट ने बुधवार को ‘एसोसिएटेड प्रेस' को बताया कि भूस्खलन और चट्टानों से प्रभावित एक पहाड़ी गांव में झुग्गियों में खोज और बचाव कार्य में तेजी लाने के लिए बचावर्मियों ने वहां एक खुदाई मशीन ले जाने का प्रयास किया। एक अन्य आपदा न्यूनीकरण अधिकारी ग्लेन उर्सल ने कहा, ‘‘इस क्षेत्र में बचाव अभियान चलाना कठिन है क्योंकि यहां खतरनाक स्थितियां हैं।'' उन्होंने बताया कि कुछ जीवित लोगों को पहाड़ी गांव से अस्पताल लाया गया है। फिलीपीन ज्वालामुखी एवं भूकंप विज्ञान संस्थान ने कुछ देर के लिए सुनामी की चेतावनी जारी की थी और लोगों को सेबू तथा निकटवर्ती प्रांतों लेयते एवं बिलिरान के तटीय क्षेत्रों से दूर रहने की सलाह दी थी लेकिन कुछ ही घंटों बाद चेतावनी हटा ली गई। घबनाए हुए हजारों लोगों ने चेतावनी वापस लिए जाने के बावजूद अपने घरों में लौटने से इनकार कर दिया और वे रुक-रुक कर हो रही बारिश के बावजूद रात भर घास के खुले मैदानों और उद्यानों में ही रहे। भूकंप प्रभावित शहरों और कस्बों में स्कूल एवं सरकारी कार्यालय बंद कर दिए गए हैं और इमारतों की सुरक्षा की जांच की जा रही है। ‘फिलीपीन इंस्टीट्यूट ऑफ वोल्केनोलॉजी एंड सीस्मोलॉजी' के निदेशक टेरेसिटो बैकोलकोल ने बताया कि मंगलवार रात आए भूकंप के बाद 600 से अधिक झटके महसूस किए गए। सेबू और अन्य प्रांत उस उष्णकटिबंधीय तूफान से अभी उबर रहे थे जिसने शुक्रवार को मध्य क्षेत्र में तबाही मचाई थी जिससे कम से कम 27 लोगों की मौत हो गई थी। - वाशिंगटन. अमेरिका के उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को लिसा कुक को फिलहाल फेडरल रिजर्व गवर्नर बने रहने की अनुमति दे दी तथा उन्हें केंद्रीय बैंक से तत्काल हटाने संबंधी ट्रंप प्रशासन के अनुरोध पर कार्रवाई करने से इनकार कर दिया। एक आदेश में, उच्चतम न्यायालय ने कहा कि वह जनवरी में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा कुक को फेड बोर्ड से हटाने के अनुरोध पर दलीलों को सुनेगा। अदालत इस बात पर विचार करेगी कि कुक के पक्ष में निचली अदालत के फैसले को रोका जाए या नहीं, जबकि ट्रंप द्वारा उन्हें बर्खास्त करने संबंधी फैसले के खिलाफ उनकी चुनौती जारी रहेगी। इसके अलावा, न्यायाधीश दिसंबर में एक संबंधित कानूनी लड़ाई में भी सुनवाई कर रहे हैं, जिसमें ट्रंप द्वारा अन्य स्वतंत्र संघीय एजेंसियों की निगरानी करने वाले बोर्ड के सदस्यों को बर्खास्त करने की कार्रवाई शामिल है। लेकिन मामले में यह दूसरा मुद्दा कुक के मामले पर सीधा प्रभाव डाल सकता है कि क्या संघीय न्यायाधीशों के पास बर्खास्तगी को रोकने का अधिकार है। ट्रंप ने फेड की ब्याज दर निर्धारण समिति की सितंबर की बैठक से पहले कुक को हटाने की कोशिश की थी। लेकिन एक न्यायाधीश ने फैसला सुनाया कि बर्खास्तगी अवैध थी, और एक अपील अदालत ने ट्रंप प्रशासन की अपील को खारिज कर दिया। पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा फेड बोर्ड में नियुक्त की गई कुक ने कहा है कि वह अपनी नौकरी नहीं छोड़ेंगी। उनके वकीलों में से एक, एब्बे लोवेल ने कहा है कि वह ‘‘सीनेट द्वारा पुष्टि किये गये बोर्ड गवर्नर के रूप में अपने कर्तव्यों का पालन करना जारी रखेंगी।'' इसके अलावा, सीनेट रिपब्लिकन ने हाल में फेड बोर्ड में एक रिक्त पद के लिए ट्रंप द्वारा नामित स्टीफन मिरान की नियुक्ति की पुष्टि की थी। कुक और मिरान दोनों ने फेड की हाल में हुई बैठक में हिस्सा लिया था। कुक को वोट देने का अगला मौका फेड की ब्याज दर निर्धारण समिति की बैठक में मिलेगा। यह बैठक 28-29 अक्टूबर को निर्धारित है। ट्रंप ने कुक पर ऋण धोखाधड़ी का आरोप लगाया है क्योंकि उन्होंने फेड बोर्ड में शामिल होने से पहले जून और जुलाई 2021 में मिशिगन और जॉर्जिया में दो संपत्तियों को ‘‘प्राथमिक आवास'' के रूप में बताया था। कुक ने कोई भी गलत काम करने से इनकार किया है और उन पर कोई अपराध का आरोप नहीं लगाया गया है।
- लंदन. गरीबी में पले-बढ़े 18 वर्षीय छात्र-अन्वेषक आदर्श कुमार को बुधवार को लंदन में एक समारोह में एक लाख अमेरिकी डॉलर के ‘ग्लोबल स्टूडेंट प्राइज 2025' का विजेता घोषित किया गया। आदर्श को 148 देशों से प्राप्त लगभग 11,000 नामांकनों और आवेदनों में से इस वार्षिक पुरस्कार के लिए चुना गया। यह पुरस्कार ऐसे असाधारण छात्र को दिया जाता है जिसने शिक्षा और समग्र समाज पर वास्तविक प्रभाव डाला हो। बिहार के चंपारण में जन्मे आदर्श का पालन-पोषण अकेले उनकी मां ने किया है। उनकी मां ने आदर्श की पढ़ाई का खर्च निकालने के लिए दूसरे के घरों में झाड़ू-पोछा का काम किया। आदर्श जयपुर के जयश्री पेरीवाल इंटरनेशनल स्कूल (जेपीआईएस) में 30 लाख रुपये की पूर्ण छात्रवृत्ति प्राप्त करने वाले पहले छात्र बने और अब वह दूसरों को भी इसे प्राप्त करने के लिए मदद करते हैं। लंदन में पुरस्कार प्राप्त करने के बाद आदर्श ने कहा, ‘‘यह पुरस्कार जीतना अविश्वसनीय है।''उन्होंने कहा, ‘‘ग्लोबल स्टूडेंट प्राइज जीतने से मुझे और ज्यादा मेहनत करने का आत्मविश्वास मिला है। दूसरों के लिए मेरा संदेश यही है: खुद वह बनिए जो आप देखना चाहते हैं। बदलाव पहले अपने अंदर से शुरू होना चाहिए और फिर दुनिया में। दुनिया उन लोगों का सम्मान करती है जो सपने देखने की हिम्मत रखते हैं, इसलिए कृपया बड़े सपने देखें।'' आदर्श को यूट्यूब और गूगल से छोटी उम्र में ही ‘कोडिंग' और स्टार्ट-अप पारिस्थितिकी का तब तब पता चला जब उनकी मां ने उन्हें लैपटॉप दिलाने के लिए अपनी जीवन भर की बचत खर्च कर दी थी। उन्होंने आठवीं कक्षा में अपना पहला उद्यम शुरू किया, जो असफल रहा। लेकिन उनके दूसरे उद्यम, ‘मिशन बदलाव' ने 1,300 परिवारों को आयुष्मान भारत कार्ड, पेंशन, कोविड-19 टीके और स्कूल नामांकन जैसी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने में मदद की। आदर्श 14 साल की उम्र में महज 1,000 रुपये लेकर आईआईटी-जेईई की कोचिंग की तलाश में कोटा चले गए। कोचिंग की लागत उनके बजट से बाहर होने के कारण, उन्होंने लाइब्रेरी के मुफ्त वाई-फाई का इस्तेमाल ईमेल भेजने के लिए किया और आखिरकार पाठ्यक्रम में शामिल होने, स्टार्ट-अप में इंटर्नशिप करने और संस्थापकों के साथ काम करने में कामयाब रहे। ‘‘स्किलज़ो'' का जन्म अंततः एक ऐसे मंच के रूप में हुआ जो उद्यमिता कौशल में पहुंच, मार्गदर्शन और कार्यक्रम की सहूलियत देता है। इससे 20,000 से अधिक वंचित छात्र लाभान्वित हुए हैं, जिनमें से अनेक अब छात्रवृत्ति प्राप्त कर रहे हैं, उद्यम शुरू कर रहे हैं और राष्ट्रीय प्रतियोगिताएं जीत रहे हैं। पुरस्कार प्रदान करने वाली संस्था चेग इंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और अध्यक्ष नाथन शुल्ट्ज़ ने कहा, ‘‘आदर्श की कहानी एक व्यक्तिगत विजय से कहीं अधिक है - यह दुनिया भर के युवा परिवर्तनकर्ताओं के साहस और धैर्य का एक शक्तिशाली प्रतीक है, जिनकी आवाज सुनी जानी चाहिए और जिनकी कहानियां दुनिया को प्रेरित कर सकती हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘ आदर्श जैसी कहानियां हमें याद दिलाती हैं कि जब छात्रों को उनके दृष्टिकोण पर काम करने के लिए समर्थन और मंच दिया जाता है, तो वे कितना असाधारण प्रभाव डाल सकते हैं।''
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काठमांडू. नेपाल के राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने बुधवार को अपने सरकारी आवास पर 10 दिवसीय ‘बड़ा दशईं' या ‘विजयादशमी' त्योहार के नौवें दिन महा नवमी मनाई। नेपाल के राष्ट्राध्यक्ष ने इस अवसर पर देवी नवदुर्गा के अवतार के रूप में नौ कन्याओं की पूजा की तथा अपने आधिकारिक आवास शीतल निवास में एक विशेष समारोह में हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार पूजा-अर्चना की। परंपरा के अनुसार, राष्ट्राध्यक्ष महा नवमी के दिन ‘नवकन्या' अनुष्ठान करते हैं।
आश्विन शुक्ल प्रतिपदा या चंद्र कैलेंडर के अनुसार शुक्ल पक्ष की प्रथम तिथि से शुरू होकर ‘बड़ा दशईं' अगली पूर्णिमा, कोजाग्रत पूर्णिमा तक चलता है। लोग कोजाग्रत पूर्णिमा तक भोज का आयोजन करके और माथे पर टीका लगाकर इस त्योहार को मनाते हैं। काठमांडू लगभग सुनसान है, क्योंकि राजधानी में रहने वाले आधे लोग त्योहार के लिए अपने पैतृक स्थानों पर लौट गए हैं। इस बीच, मंगलवार और बुधवार को विजयादशमी के 8वें और 9वें दिन काठमांडू और आसपास के दुर्गा मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ देखी गई। इस अवसर पर हजारों लोगों ने काठमांडू के विभिन्न मंदिरों में देवी दुर्गा की पूजा-अर्चना की। ‘द हिमालयन'अखबार की खबर के मुताबिक देश भर में सुरक्षा बलों ने बुधवार को ‘कोट पूजा' या शस्त्रागार पूजा की। -
न्यूयॉर्क/वाशिंगटन/ अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि उन्होंने सात वैश्विक संघर्षों को खत्म कराने में भूमिका निभाई है, इसके बावजूद अगर नोबेल पुरस्कार उन्हें नहीं दिया जाता है तो यह अमेरिका के लिए ‘‘बड़े अपमान की बात'' होगी। गाजा संघर्ष को समाप्त कराने की योजना का जिक्र करते हुए ट्रंप ने मंगलवार को क्वांटिको में सैन्य अधिकारियों को अपने संबोधन में कहा, ‘‘मुझे लगता है, हमने इसे सुलझा लिया है। अब, हमास को सहमत होना होगा और अगर वे नहीं मानते, तो उनके लिए बहुत मुश्किल होगा। सभी अरब, मुस्लिम राष्ट्र इससे सहमत हैं। इजराइल सहमत है। यह एक अद्भुत बात है कि सभी साथ आ गए हैं।'' ट्रंप ने कहा कि अगर सोमवार को घोषित गाजा संघर्ष को समाप्त कराने की उनकी योजना कामयाब हो जाती है तो उन्होंने कुछ ही महीनों में आठ संघर्षों को सुलझा लिया है। ट्रंप ने कहा, ‘‘यह शानदार है। कोई ऐसा कभी नहीं कर पाया। फिर भी, ‘क्या आपको नोबेल पुरस्कार मिलेगा?' बिल्कुल नहीं। वे इसे किसी ऐसे व्यक्ति को देंगे जिसने कुछ भी नहीं किया। वे इसे ऐसे व्यक्ति को देंगे जिसने डोनाल्ड ट्रंप के विचारों और युद्ध को सुलझाने के लिए क्या किया गया, इस पर कोई किताब लिखी है... जी हां, नोबेल पुरस्कार किसी लेखक को मिलेगा। लेकिन देखते हैं क्या होता है।'' उन्होंने कहा, ‘‘यह हमारे देश के लिए बड़े अपमान की बात होगी। मैं आपको बता दूं कि मैं ऐसा नहीं चाहता। मैं चाहता हूं कि यह देश को मिले। यह सम्मान देश को मिलना ही चाहिए क्योंकि ऐसा कुछ पहले कभी नहीं हुआ। इस बारे में सोचिएगा जरूर। मुझे लगता है कि यह (गाजा संघर्ष को समाप्त करने की योजना) सफल होगा। मैं यह बात हल्के में नहीं कह रहा, क्योंकि मैं समझौतों के बारे में किसी से भी ज्यादा जानता हूं।'' उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन, आठ समझौते करना वाकई सम्मान की बात है।

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