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- मुंबई। दिग्गज निवेशक राकेश झुनझुनवाला द्वारा प्रवर्तित आकाश एयर का पहला बोईंग 737 मैक्स विमान मंगलवार को नयी दिल्ली पहुंच गया। इसके साथ ही कंपनी परिचालन शुरू करने के लिए जरूरी एयर परिचालन परमिट हासिल करने के करीब पहुंच गई है। आकाश एयर ने एक बयान में कहा कि एयरलाइन को अमेरिका के सिएटल में 15 जून को विमान की औपचारिक चाबियां मिली थीं। आकाश एयर ने पिछले नवंबर में बोइंग को 72 बोइंग 737 मैक्स विमानों का ऑर्डर दिया था, जिसमें से यह पहली आपूर्ति है। आकाश एयर के संस्थापक, प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी विनय दुबे ने कहा कि एयरलाइंस ने आज अपने पहले बोइंग 737 मैक्स विमान का इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर स्वागत किया।
- श्रीनगर। गो फर्स्ट ने मंगलवार को कहा कि वह इस महीने के अंत तक कश्मीर और शारजाह के बीच निर्धारित सीधी उड़ानें फिर से शुरू करेगी। गो एयर ने एक बयान में कहा, ‘‘एयरलाइन को हाल ही में श्रीनगर-शारजाह-श्रीनगर मार्ग पर प्रति सप्ताह पांच उड़ानें संचालित करने के द्विपक्षीय अधिकार प्राप्त हुए हैं और अंतिम मंजूरी का इंतजार है।'' एयरलाइन ने पिछले साल 23 अक्टूबर को श्रीनगर-शारजाह उड़ान शुरू की थी, जो 11 साल बाद यूएई के साथ जम्मू-कश्मीर को फिर से जोड़ रही थी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उड़ान का उद्घाटन किया था। कंपनी ने कहा कि गो फर्स्ट जून 2022 के अंत से कश्मीर और शारजाह के बीच निर्धारित सीधी उड़ानें फिर से शुरू करेगी। एयरलाइन ने कहा कि वह आगामी अमरनाथ यात्रा की अतिरिक्त मांग को पूरा करने के लिए 30 जून से श्रीनगर से दिल्ली के लिए पांच अतिरिक्त सीधी उड़ानें तथा लेह और दिल्ली के बीच दो अतिरिक्त उड़ानें भी शुरू करेगी।
- नयी दिल्ली। घरेलू मेट्रो रेल परियोजनाओं से निर्माण कार्यों से जुड़ी कंपनियों के लिये अगले पांच साल में 80,000 करोड़ रुपये मूल्य के कारोबार अवसर सृजित होंगे। रेटिंग एजेंसी इक्रा ने यह संभावना जताई है।देश के 15 शहरों में मेट्रो रेल परिचालन में है। इसकी कुल लंबाई करीब 746 किलोमीटर है और इनमें से ज्यादातर परियोजनाओं का विस्तार किया जा रहा है। इसके अलावा सात अन्य शहरों में मेट्रो परियोजनाएं निर्माणधीन हैं जिनकी लंबाई करीब 640 किलोमीटर है। इसके साथ ही 2,000 अरब रुपये की 1,400 किलोमीटर की मेट्रो रेल परियोजनाएं मंजूरी/प्रस्ताव के चरण में हैं। इसमें से 352 किलोमीटर के नये मेट्रो नेटवर्क को मंजूरी दी गई है। शेष अभी प्रस्ताव के स्तर पर हैं। मेट्रो रेल परियोजनाओं के विस्तार से निर्माण क्षेत्र से जुड़ी कंपनियों के लिये अगले पांच साल में 80,000 करोड़ रुपये के कारोबार के अवसर सृजित होंगे।इक्रा के सहायक उपाध्यक्ष (कॉरपोरेट रेटिंग) अभिषेक गुप्ता ने कहा, ‘‘सरकार बुनियादी ढांचे पर जोर दे रही है। ऐसे में अगले पांच साल में मेट्रो रेल नेटवर्क में 2.7 गुना विस्तार होने की उम्मीद है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आम तौर पर मेट्रो रेल विकास की लागत एलिवेटेड मेट्रो के मामले में 280-320 करोड़ रुपये प्रति किलोमीटर के बीच होती है। जबकि भूमिगत मेट्रो नेटवर्क के मामले में लागत बहुत अधिक हो सकती है।’’ गुप्ता ने कहा कि कुल लागत में ‘सिविल’ निर्माण की हिस्सेदारी 35-45 प्रतिशत है। मेट्रो परियोजनाओं के वृहत आकार को देखते हुए यह अगले पांच साल में निर्माण क्षेत्र की कंपनियों के लिए बड़े अवसर प्रदान कर सकती है।
- नयी दिल्ली। निजी क्षेत्र के एचडीएफसी बैंक ने हर साल करीब 1,500 से 2,000 शाखाएं खोलने के साथ अगले तीन से पांच वर्ष के दौरान अपनी शाखाओं के नेटवर्क को दोगुना करने की योजना बनाई है। निजी क्षेत्र के बैंक के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) शशिधर जगदीशन ने 2021-22 की वार्षिक रिपोर्ट में शेयरधारकों से कहा, ‘‘एचडीएफसी लिमिटेड का और एचडीएफसी बैंक का प्रस्तावित विलय भविष्य में एक पूरी तरह से अलग पहलू लाएगा।'' उन्होंने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि रास्ता बहुत बड़ा है और हम संभावित रूप से हर पांच साल में एक एचडीएफसी बैंक खड़ा कर सकते हैं।'' जगदीशन ने आगे कहा कि बैंक का हर साल 1,500 से 2,000 शाखाएं खोलकर अगले तीन से पांच वर्षों में अपनी शाखाओं के नेटवर्क को लगभग दोगुना करने का प्रस्ताव है। वर्तमान में पूरे भारत में बैंक की 6,000 से अधिक शाखाएं हैं। उन्होंने कहा, ‘‘देश की जनसंख्या के अनुसार, बैंक की शाखाओं की संख्या आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी) देशों की तुलना में बहुत कम है। देश में हमारी 6,000 से अधिक शाखाएं हैं और हम अगले तीन से पांच वर्षों में हर साल 1,500 से 2,000 शाखाएं खोलकर अपने नेटवर्क को लगभग दोगुना करने की योजना बना रहे हैं।'' इस साल अप्रैल की शुरुआत में हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन (एचडीएफसी) और इसकी अनुषंगी कंपनी एचडीएफसी बैंक ने विलय की घोषणा की थी। इसके 15 से 18 महीनों में पूरा होने की उम्मीद है।
- नयी दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लि. (सेल) ने अनिल कुमार तुलसियानी को निदेशक (वित्त) नियुक्त किया है। कंपनी ने मंगलवार को बयान में कहा कि तुलसियानी इससे पहले सेल में कार्यकारी निदेशक के रूप में कार्यरत थे। ये कंपनी के लाभ और कारोबार में सुधार लाने, कुशल वित्त प्रबंधन और संसाधन आवंटन सुनिश्चित करने की दिशा में काम करते रहे हैं। बयान में कहा गया, "सेल में ए के तुलसियानी ने 20 जून को निदेशक (वित्त) के रूप में पदभार संभाला है। वह जून, 2021 से अब तक कंपनी के कार्यकारी निदेशक (एफएंडए) थे...।
- नयी दिल्ली। भारत में 5जी ग्राहकों की संख्या वर्ष 2027 के अंत तक 50 करोड़ तक पहुंच जाएगी जो कुल मोबाइल फोन उपभोक्ताओं का 39 प्रतिशत होगा। स्वीडिश दूरसंचार उपकरण विनिर्माता एरिक्सन की एक रिपोर्ट में यह संभावना जताई गई है। एरिक्सन मोबिलिटी रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में वर्ष 2022 की दूसरी छमाही में 5जी नेटवर्क की वाणिज्यिक शुरुआत की योजना है। शुरुआती दौर में इससे मोबाइल ब्रॉडबैंड की क्षमता बढ़ने की उम्मीद है। इस रिपोर्ट में संभावना जताई गई है कि वर्ष 2027 के अंत तक 5जी नेटवर्क का इस्तेमाल करने वाले ग्राहकों की संख्या करीब 50 करोड़ तक पहुंच जाएगी जो कुल मोबाइल फोन उपभोक्ताओं का लगभग 39 प्रतिशत होगा। एरिक्सन के नेटवर्क विकास प्रमुख (दक्षिण-पूर्व एशिया, ओशनिया एवं भारत) थिएव सेंग एनजी ने कहा, "भारत क्षेत्र में कुल मोबाइल डेटा ट्रैफिक 2021 और 2027 के बीच चार गुना बढ़ने का अनुमान है। यह स्मार्टफोन उपयोगकर्ताओं की संख्या में उच्च वृद्धि और प्रति स्मार्टफोन औसत उपयोग में वृद्धि से प्रेरित है।" भारत क्षेत्र में प्रति स्मार्टफोन औसत डेटा ट्रैफिक इस समय दुनिया भर में दूसरे स्थान पर है। इसके अलावा इसके वर्ष 2021 के 20 जीबी प्रति माह से बढ़कर वर्ष 2027 में लगभग 50 जीबी प्रति माह होने का अनुमान है जो 16 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि को दर्शाता है। भारत में 5जी प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल अभी शुरू भी नहीं हुआ है लेकिन अगले पांच वर्षों में करीब 40 प्रतिशत मोबाइल उपभोक्ता 5जी तकनीक का इस्तेमाल करने वाले हो जाएंगे। वैश्विक स्तर पर यह अनुपात वर्ष 2027 में 50 प्रतिशत हो जाने का अनुमान है। 5जी तकनीक का उपयोग कंटेंट स्ट्रीमिंग, रीयल-टाइम वीडियो एनालिटिक्स और स्वायत्त वाहनों एवं ड्रोन के नियंत्रण में मुख्य रूप से होने की संभावना है।
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नयी दिल्ली । अडाणी समूह की कंपनी अडाणी पावर ने सोमवार को बुनियादी ढांचा विकास कंपनियों एसपीपीएल और ईआरईपीएल में 609 करोड़ रुपये में 100 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने की प्रक्रिया पूरी कर ली। कंपनी ने सात जून, 2022 को 100 प्रतिशत इक्विटी शेयर खरीदने को लेकर दो कंपनियों सपोर्ट प्रोपर्टीज प्राइवेट लि. (एसपीपीएल) और एटरनस रियल एस्टेट प्राइवेट लि. के साथ समझौते किये थे। अडाणी पावर ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा, ‘‘एसपीपीएल और ईआरईपीएल में 100 प्रतिशत इक्विटी हिस्सेदारी के अधिग्रहण को लेकर सभी प्रक्रिया पूरी हो गयी है । -
गुवाहाटी। असम के गोलाघाट जिले की दुर्लभ किस्म की जैविक चाय पाभोजन गोल्ड टी सोमवार को जोरहाट के एक नीलामी केंद्र में एक लाख रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बिकी, जो इस साल की सबसे अधिक कीमत है। जोरहाट चाय नीलामी केन्द्र (जेटीएसी) के एक अधिकारी ने कहा कि पाभोजन ऑर्गेनिक टी एस्टेट द्वारा बेची गई चाय को असम स्थित चाय ब्रांड एसा टी ने खरीदा था। पभोजन गोल्ड टी एक स्वादिष्ट होने के साथ एक चमकदार पीला पेय है और इसे चाय के बागानों से चाय की दूसरी खेप के चुनिंदा उपरी पत्तों को तोड़कर बनाया जाता है। ये पत्तियां बाद में सुनहरे रंग की हो जाती हैं और पेय में एक बेहतरीन रंग आ जाता है। एसा टी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी, बिजित सरमा ने कहा कि चाय की यह किस्म उन्हें अपने ग्राहकों को, असम के बेहतरीन चाय मिश्रणों में से एक को उपलब्ध कराने में मदद करेगी। यह चाय की किस्म दुर्लभ है और ''चाय के पारखी लोगों के लिए, यह इस एक कप का एक अलग अनुभव है। हमारे ग्राहक दुनिया भर में फैले हुए हैं और वे इस किस्म के स्वाद और मूल्य को समझेंगे। हमें खुशी है कि हम उन्हें असली असम चाय के स्वाद प्रदान करने के अपने मिशन को जारी रखने में सक्षम हैं।'' पाभोजन ऑर्गेनिक टी एस्टेट की मालिक राखी दत्ता सैकिया ने कहा, ''हमने इस दुर्लभ किस्म की चाय का केवल एक किलो उत्पादन किया और इसके लिए मिले नई रिकॉर्ड-तोड़ कीमत से खुश हैं जिसने इतिहास रच दिया है। उसने जो कीमत हासिल की वह कुछ ऐसी है जो असम चाय उद्योग को अपनी खोई हुई प्रसिद्धि वापस पाने में मदद करेगी। -
नयी दिल्ली. कुछ खाद्य पदार्थों की कीमतें बढ़ने से मई महीने में कृषि और ग्रामीण श्रमिकों के लिए खुदरा मुद्रास्फीति बढ़कर क्रमशः 6.67 प्रतिशत और 7.0 प्रतिशत हो गई। श्रम ब्यूरो ने सोमवार को एक बयान में यह जानकारी दी। इसके मुताबिक, "उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित कृषि श्रमिक के लिए मुद्रास्फीति मई, 2022 में 6.67 प्रतिशत रही। वहीं सीपीआई-आधारित ग्रामीण श्रमिकों के लिए मुद्रास्फीति दर मई में 7.0 प्रतिशत रही। अप्रैल, 2022 में यह दर क्रमशः 6.44 प्रतिशत एवं 6.67 प्रतिशत रही थी।“ श्रम ब्यूरो के मुताबिक, खाद्य मुद्रास्फीति कृषि एवं ग्रामीण श्रमिकों के लिए मई, 2022 में क्रमशः 5.44 प्रतिशत एवं 5.51 प्रतिशत रही। अप्रैल, 2022 में इन दोनों श्रेणियों के लिए खाद्य मुद्रास्फीति क्रमशः 5.29 प्रतिशत और 5.35 प्रतिशत रही थी। वहीं एक साल पहले मई, 2021 में यह दर क्रमशः 1.54 प्रतिशत और 1.73 प्रतिशत थी। मई, 2022 के महीने के लिए कृषि मजदूरों और ग्रामीण मजदूरों के लिए अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक संख्या क्रमशः 11 अंक और 12 अंक बढ़कर 1119 और 1131 अंक पर पहुंच गई। अप्रैल, 2022 में सीपीआई-एएल 1108 अंक और सीपीआई-आरएल 1,119 अंक थे। आंकड़े बताते हैं कि कृषि मजदूरों और ग्रामीण मजदूरों के सामान्य सूचकांक में वृद्धि के पीछे खाद्य समूह ने क्रमशः 7.44 और 7.65 अंक तक का अंशदान दिया। मुख्य रूप से चावल, गेहूं-आटा, ज्वार, बाजरा, दूध, मांस-मछली के अलावा सूखी मिर्च, मिश्रित मसाले, सब्जियों और फलों के दाम बढ़ने से मुद्रास्फीति सूचकांक बढ़ा। सूचकांक में वृद्धि अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग रही। खेतिहर मजदूरों के मामले में 20 राज्यों में दो से 20 अंक तक की वृद्धि दर्ज की गई। तमिलनाडु 1294 अंकों के साथ सूचकांक तालिका में शीर्ष पर रहा जबकि हिमाचल प्रदेश 883 अंकों के साथ सबसे नीचे रहा। ग्रामीण मजदूरों के मामले में 20 राज्यों में एक से 19 अंक तक की वृद्धि दर्ज की गई। तमिलनाडु 1281 अंकों के साथ सूचकांक तालिका में सबसे ऊपर है जबकि हिमाचल प्रदेश 934 अंकों के साथ सबसे नीचे है। राज्यों में कृषि और ग्रामीण मजदूरों दोनों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक संख्या में अधिकतम वृद्धि केरल में दर्ज की गई। -
नयी दिल्ली. देश में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के अंतर्गत संगठित क्षेत्र में रोजगार बढ़े हैं। ईपीएफओ ने अप्रैल 2022 में शुद्ध रूप से 17.08 लाख सदस्य जोड़े। यह संख्या मार्च में 12.76 लाख सदस्यों की तुलना में 34 प्रतिशत अधिक है। श्रम मंत्रालय ने सोमवार को जारी एक बयान में कहा कि वेतन पर रखे गये कर्मचारियों (पेरोल) को लेकर ईपीएफओ के आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल 2022 में शुद्ध रूप से 17.08 लाख सदस्य जुड़े। बयान के अनुसार सालाना आधार पर अप्रैल 2021 के मुकाबले अप्रैल 2022 में सदस्यों की संख्या में 4.32 लाख की वृद्धि हुई है। पिछले वर्ष अप्रैल के दौरान शुद्ध रूप से 12.76 लाख सदस्यों को जोड़ा गया था। आंकड़ों से पता चलता है कि वित्त वर्ष 2021-22 में शुद्ध रूप से नए सदस्यों की संख्या बढ़कर 1.22 करोड़ हो गई। यह 2020-21 में 77.08 लाख, 2019-20 में 78.58 लाख और 2018-19 में 61.12 लाख थी। अप्रैल महीने के दौरान जोड़े गए कुल 17.08 लाख सदस्यों में से लगभग 9.23 लाख सदस्य पहली बार कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) और विविध प्रावधान अधिनियम, 1952 के सामाजिक सुरक्षा कवर के दायरे में आये। उम्र के आधार पर पेरोल आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल 2022 के दौरान सबसे अधिक इजाफा 22-25 वर्ष के आयु वर्ग में हुआ। इस दौरान 4.30 लाख सदस्य जुड़े। इसके बाद 3.74 लाख की संख्या के साथ 29-35 आयु वर्ग का स्थान रहा। आंकड़ों के अनुसार, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, गुजरात, हरियाणा और दिल्ली अग्रणी बने हुए हैं। इन राज्यों ने अप्रैल 2022 के दौरान शुद्ध रूप से 11.60 लाख सदस्य जोड़े। वहीं, महिलाओं की संख्या शुद्ध रूप से अप्रैल में 3.65 लाख रही। ईपीएफओ अप्रैल 2018 से पेरोल आंकड़ा जारी कर रहा है। इसमें सितंबर 2017 के बाद के आंकड़ों को शामिल किया गया है।
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पेरिस। ई-कॉमर्स स्टार्टअप मिक्स की अगले 18 महीने के भीतर भारत से 10 करोड़ डॉलर की खाद्य वस्तुएं खरीदने की योजना है जिनकी यूरोप में दक्षिण एशियाई समुदायों के बीच बिक्री की जाएगी। उद्यम पूंजी कंपनी एंटलर समर्थित इस स्टार्टअप के सह-संस्थापक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) जगन व्यासयाराजू ने बताया कि कंपनी ने एमटीआर, इंडिया गेट, बीकाजी, ब्रिटानिया और 4700 बीसी समेत 12 ब्रांड के साथ इस बाबत साझेदारी की है। इनसे खरीदे गए उत्पादों को यूरोपीय देशों में बेचा जाएगा। उन्होंने कहा,‘‘हम भारत में और भी ब्रांड के साथ साझेदारी करना चाहते हैं। अगले तीन महीनों में हम भारतीय उपमहाद्वीप में 80 से अधिक ब्रांड के साथ जुड़ना चाहते हैं जिनमें से 50 ब्रांड भारत से होंगे।'' उन्होंने कहा कि कंपनी भारतीय उपमहाद्वीप से 12.5-13 करोड़ डॉलर की खाद्य सामग्री खरीदेगी जिनमें से करीब 10 करोड़ डॉलर के उत्पादों की खरीद भारत से की जाएगी।
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नयी दिल्ली।' कोविड महामारी के प्रकोप वाले वर्षों में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश के प्रति सबसे अधिक आकर्षण देखने को मिला, और निवेशकों द्वारा सुरक्षित विकल्प की तलाश के चलते इस योजना में निवेश तेजी से बढ़ा। वर्ष 2020-21 और 2021-22 के दौरान शेयर बाजार में भारी उतार-चढ़ाव के कारण भी गोल्ड बॉन्ड के प्रति झुकाव बढ़ा। इन दो वर्षों में इन बांड की जितनी बिक्री हुई, वह नवंबर, 2015 में इस योजना की शुरुआत से हुई कुल बिक्री का 75 प्रतिशत है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (एसजीबी) की अगली किस्त की बिक्री सोमवार से शुरू होकर पांच दिनों तक चलेगी। इस किस्त के लिए सोने का निर्गम मूल्य 5,091 रुपये प्रति ग्राम तय किया गया है। यह चालू वित्त वर्ष का पहला निर्गम होगा। सरकार ने ऑनलाइन आवेदन करने वाले निवेशकों को 50 रुपये प्रति ग्राम की छूट की पेशकश की है और आवेदकों को इस छूट का लाभ लेने के लिए डिजिटल माध्यम से भुगतान करना होगा। रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक, नवंबर, 2015 में इस योजना की शुरुआत से अबतक कुल 38,693 करोड़ रुपये (90 टन सोना) जुटाए गए हैं। वित्त वर्ष 2021-22 और 2020-21 में कुल 29,040 करोड़ रुपये की राशि जुटाई गई, जो कुल जुटाई गई राशि का लगभग 75 प्रतिशत है। आरबीआई ने 2021-22 के दौरान एसजीबी की 10 किस्तें जारी कर 12,991 करोड़ रुपये (27 टन) की कुल राशि जुटाई। केंद्रीय बैंक ने 2020-21 में एसजीबी की 12 किस्तें जारी कर 16,049 करोड़ रुपये (32.35 टन) की कुल राशि जुटाई। मुंबई स्थित निवेश सलाहकार फर्म कैरोस कैपिटल के संस्थापक और प्रबंध निदेशक ऋषद मानेकिया ने कहा कि एसजीबी को भौतिक सोना रखने के विकल्प के रूप में देखा जा सकता है और इसमें निवेश करके प्रतिफल भी मिलता है। इसके सरकार द्वारा समर्थित होने और सुरक्षा की दृष्टि से यह फायदेमंद विकल्प है। केंद्रीय बैंक दरअसल भारत सरकार की तरफ से बॉन्ड जारी करता है। ये निवासी व्यक्तियों, अविभाजित हिंदू परिवार (एचयूएफ), न्यासों, विश्वविद्यालयों और धर्मार्थ संस्थाओं को ही बेचे जा सकते है। आरबीआई ने कहा, ‘‘एसजीबी की अवधि आठ वर्ष के लिए होगी, जिसमें 5वें वर्ष के बाद इसे समय पूर्व भुनाया जा सकता है। इस विकल्प का उपयोग उस तिथि पर किया जा सकता जिस पर ब्याज देय है। - नयी दिल्ली। कच्चे तेल की कीमतों में तेजी के बावजूद दाम नहीं बढ़ने की वजह से ईंधन की खुदरा बिक्री करने वाली निजी क्षेत्र की जियो-बीपी और नायरा एनर्जी जैसी कंपनियों को डीजल की बिक्री पर प्रति लीटर 20 से 25 रुपये और पेट्रोल पर 14 से 18 रुपये का नुकसान हो रहा है। इन कंपनियों ने पेट्रोलियम मंत्रालय को इस बारे में पत्र लिखा है और सरकार से एक व्यवहार्य निवेश वातावरण बनाने के लिए कदम उठाने की मांग की है।फेडरेशन ऑफ इंडियन पेट्रोलियम इंडस्ट्री (एफआईपीआई) ने 10 जून को पेट्रोलियम मंत्रालय को लिखे पत्र में कहा है कि पेट्रोल और डीजल की बिक्री पर नुकसान से खुदरा कारोबार में निवेश सिमट जाएगा। एफआईपीआई निजी क्षेत्र की कंपनियों के अलावा इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (बीपीसीएल) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (एचपीसीएल) को अपने सदस्यों में गिनता है।अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल और इसके उत्पादों की कीमतें एक दशक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई हैं, लेकिन सरकारी ईंधन खुदरा विक्रेताओं ने पेट्रोल और डीजल कीमतों को ‘फ्रीज’ किया हुआ है। सरकारी कंपनियों का ईंधन खुदरा कारोबार में 90 प्रतिशत का हिस्सा है। इस समय ईंधन के दाम लागत लागत के दो-तिहाई पर ही हैं, जिससे निजी कंपनियों को नुकसान हो रहा है।इससे जियो-बीपी, रोसनेफ्ट समर्थित नायरा एनर्जी और शेल के समक्ष या तो दाम बढ़ाने या अपने ग्राहक गंवाने का संकट पैदा हो गया है।पेट्रोल और डीजल के लिए खुदरा बिक्री मूल्य में नवंबर, 2021 की शुरुआत और 21 मार्च, 2022 के बीच कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के बावजूद रिकॉर्ड 137 दिन तक कोई वृद्धि नहीं हुई थी। 22 मार्च, 2022 से खुदरा बिक्री मूल्य को 14 मौकों पर प्रतिदिन औसतन 80 पैसे प्रति लीटर की दर से बढ़ाया गया, जिससे पेट्रोल और डीजल दोनों के दामों में 10 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि हुई।एफआईपीआई के महानिदेशक गुरमीत सिंह ने पत्र में लिखा है कि निजी कंपनियों को लागत से कम मूल्य पर ईंधन की बिक्री (अंडर-रिकवरी) से डीजल पर प्रति लीटर 20-25 रुपये और पेट्रोल पर प्रति लीटर 14-18 रुपये का नुकसान हो रहा है।छह अप्रैल से ईंधन के खुदरा दाम नहीं बढ़े हैं। वहीं राज्य परिवहन उपक्रमों जैसे थोक खरीदारों को बेचे जाने वाले ईंधन के दाम में अंतरराष्ट्रीय कीमतों के अनुरूप बढ़ोतरी हुई है।एफआईपीआई ने कहा कि इससे बड़ी संख्या में थोक खरीदार खुदरा आउटलेट से खरीद कर रहे हैं जिससे निजी क्षेत्र की कंपनियों का नुकसान और बढ़ रहा है।पत्र में सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप की अपील की गई है। एफआईपीआई ने कहा कि निजी क्षेत्र की सभी पेट्रोलियम विपणन कंपनियां खुदरा क्षेत्र में भारी निवेश कर रही हैं, लेकिन इस समय उन्हें एक मुश्किल हालात से जूझना पड़ रहा है। पत्र में कहा गया है कि इससे निजी कंपनियों की निवेश के साथ-साथ परिचालन की क्षमता प्रभावित हो रही है। साथ ही वे अपने नेटवर्क का भी विस्तार नहीं कर पा रही हैं।
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नयी दिल्ली। सरकार ने आईसीआईसीआई बैंक के सूचना प्रौद्योगिकी संसाधनों को ‘महत्वपूर्ण सूचना अवसंरचना' घोषित किया है जिसका अर्थ यह है कि इन्हें नुकसान पहुंचाने का राष्ट्रीय सुरक्षा पर असर पड़ेगा और इस तक पहुंच बनाने वाले अनधिकृत व्यक्ति को दस साल तक की जेल हो सकती है। एक आधिकारिक अधिसूचना में यह कहा गया। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने 16 जून को अधिसूचना जारी करके निजी क्षेत्र के इस बैंक के आईटी संसाधनों को सूचना प्रौद्योगिकी कानून, 2000 की धारा 70 के तहत महत्वपूर्ण अवसंरचना घोषित किया है। उत्तर प्रदेश पुलिस में साइबर अपराध के पुलिस अधीक्षक एवं प्रमाणित साइबर विशेषज्ञ त्रिवेणी सिंह ने कहा, ‘‘हाल में हुए अत्याधुनिक साइबर हमलों को देखते हुए यह सही समय है कि सभी बैंक और वित्तीय संस्थान अपनेआप को संरक्षित प्रणाली के तहत अधिसूचित करवाएं।'' कानून के तहत आश्यक सूचना ढांचे का मतलब होता है कंप्यूटर संसाधन जिन्हें क्षति पहुंचाने का राष्ट्रीय सुरक्षा, अर्थव्यवस्था, सार्वजनिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा पर असर होगा।
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लंदन। क्रिप्टोकरेंसी में बिकवाली बढ़ने के साथ ही बिटकॉइन की कीमत 2020 के अंत के बाद पहली बार शनिवार को 20,000 डॉलर से नीचे आ गई। कॉइनडेस्क के अनुसार बिटकॉइन, जो सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी है, वह नौ प्रतिशत टूटकर 19,000 डॉलर से कम हो गया। पिछली बार बिटकॉइन नवंबर 2020 में इस स्तर पर था। इसके बाद बिटकॉइन 69,000 डॉलर के उच्चतम स्तर तक पहुंचा। इस स्तर पर पहुंचने के बाद से बिटकॉइन 70% से अधिक मूल्य खो चुका है। एक अन्य क्रिप्टोकरेंसी इथेरियम भी हाल के हफ्तों में तेजी से गिरी है। इसमें शनिवार को भी गिरावट जारी रही। दुनिया भर में केंद्रीय बैंक तेज मुद्रास्फीति से निपटने के लिए ब्याज दरें बढ़ा रहे हैं, जिसके चलते निवेशक जोखिम वाली संपत्तियां को बेच रहे हैं। - नयी दिल्ली ।सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को कहा कि एक साल के भीतर इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की कीमत पेट्रोल गाड़ियों की लागत के बराबर होगी।गडकरी ने यह भी कहा कि सरकार पेट्रोल और डीजल के बजाए फसल अवशेषों से एथनॉल उत्पादन को बढ़ावा दे रही है।उन्होंने ‘टीवी 9 के भारत आज क्या सोचता है, विषय पर आयोजित वैश्विक सम्मेलन में कहा, ‘‘मैं कोशिश कर रहा हूं कि देश में एक साल के भीतर इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमत पेट्रोल गाड़ियों की लागत के बराबर हो। इससे हम जीवाश्म ईंधन (पेट्रोल, डीजल आदि) पर खर्च होने वाली विदेशी मुद्रा को बचा सकेंगे।’’मंत्री ने कहा कि सरकार व्यापक स्तर पर हरित ईंधन को बढ़ावा दे रही है।गडकरी ने कहा कि जलमार्ग सड़क के मुकाबले परिवहन का सस्ता माध्यम है और इस पर तेजी से काम हो रहा है।
- नयी दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में प्रमुख दूध आपूर्तिकर्ताओं में से एक मदर डेयरी ने अपने खाद्यतेल की कीमतों में 15 रुपये प्रति लीटर तक की कमी की है। मदर डेयरी ने कहा है कि वैश्विक बाजारों में खाद्य तेलों के दाम नीचे आए हैं। इसी के मद्देनजर उसने यह कदम उठाया है। कंपनी अपने खाद्य तेलों को धारा ब्रांड के तहत बेचती है। धारा सरसों तेल (एक लीटर पॉली पैक) की कीमत 208 रुपये से घटाकर 193 रुपये प्रति लीटर कर दी गई है। धारा रिफाइंड सूरजमुखी तेल (एक लीटर पॉली पैक) पहले के 235 रुपये प्रति लीटर से अब 220 रुपये में बेचा जाएगा। धारा रिफाइंड सोयाबीन तेल (एक लीटर पॉली पैक) की कीमत 209 रुपये से घटकर 194 रुपये हो जाएगी। मदर डेयरी ने एक बयान में कहा, ‘‘धारा खाद्य तेलों की अधिकतम खुदरा कीमतों (एमआरपी) में 15 रुपये प्रति लीटर तक की कमी की जा रही है।'' कीमतों में यह कमी हाल की सरकार की पहल, अंतरराष्ट्रीय बाजारों का प्रभाव कम होने और सूरजमुखी तेल की उपलब्धता बढ़ने की वजह से हुई है। नए एमआरपी के साथ धारा खाद्य तेल अगले सप्ताह तक बाजार में पहुंच जाएगा। अंतरराष्ट्रीय बाजार में उच्च दरों के कारण पिछले एक साल से खाद्य तेल की कीमतें बहुत ऊंचे स्तर पर बनी हुई हैं। घरेलू मांग को पूरा करने के लिए भारत सालाना लगभग 1.3 करोड़ टन खाद्य तेलों का आयात करता है। खाद्य तेलों के लिए देश की आयात पर निर्भरता 60 प्रतिशत की है।
- नयी दिल्ली। विमानन कंपनी एयरएशिया इंडिया ने गुरुवार को कहा कि वह पांच अगस्त से लखनऊ को पांच अन्य शहरों से जोड़ने वाली उड़ानें शुरू करेगी। एयरलाइन ने बयान में कहा कि वह पांच अगस्त से लखनऊ से बेंगलुरु, दिल्ली, गोवा, कोलकाता और मुंबई के बीच दैनिक उड़ानें शुरू करेगी।
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नई दिल्ली। विमान ईंधन के दामों में हुई बढ़ोतरी और रुपये के अवमूल्यन की वजह से घरेलू विमानन कंपनियों के पास हवाई किराया तत्काल बढ़ाने के अलावा कोई और विकल्प नहीं रह गया है। विमानन कंपनी स्पाइसजेट के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक अजय सिंह ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि परिचालन लागत वहनीय बनी रहे इसके लिए हवाई किराये में कम से कम 10 से 15 फीसदी की वृद्धि करना आवश्यक है।
कोरोना वायरस महामारी के कारण मार्च 2020 में लगाए गए दो महीने के लॉकडाउन के बाद 25 मई 2020 को जब हवाई सेवाएं बहाल हुई थीं तब सरकार ने विमान उड़ान की अवधि के आधार पर घरेलू हवाई किराये की निम्न और उच्च सीमा निर्धारित की थी। वहीं रूस और यूक्रेन के बीच इस वर्ष 24 फरवरी को शुरू हुए युद्ध के बाद से ईंधन की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं।सिंह कहा, ‘‘जून 2021 के बाद से विमान ईंधन के दाम में 120 फीसदी से अधिक की बढ़ोतरी हो चुकी है। दामों में बड़े पैमाने पर हुई यह वृद्धि वहनीय नहीं है और केंद्र तथा राज्यों की सरकारों को विमान ईंधन पर कर कम करने के लिए तत्काल कदम उठाना चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय मुद्रा के कमजोर होने से भी विमानन कंपनियों पर बहुत असर पड़ा है। - नयी दिल्ली। नई विमानन कंपनी आकाश एयर को अमेरिका की कंपनी बोइंग से गुरुवार को पहले 737 मैक्स विमान की आपूर्ति मिली। एक बयान में यह जानकारी दी गई।नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने 26 अगस्त, 2021 को बोइंग 737 मैक्स एयरलाइन के परिचालन की अनुमति दी थी। इसके तीन महीने बाद 26 नवंबर, 2021 को आकाश एयर ने बोइंग के साथ 72 मैक्स विमानों की खरीद का करार किया था।आकाश एयर के संस्थापक, प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) विनय दुबे ने गुरुवार को कहा, ‘‘यह आकाश एयर की यात्रा में एक प्रतीकात्मक उपलब्धि है जो वाणिज्यिक पेशकश की खातिर हवाई परिचालन मंजूरी (एओपी) पाने की दिशा में और एक कदम आगे बढ़ाती है।’’एयरलाइन को वाणिज्यिक उड़ान परिचालन शुरू करने के लिए अगस्त, 2021 में नागर विमानन मंत्रालय से अनापत्ति प्रमाण पत्र मिला था। आकाश एयर ने एक बयान में कहा, ‘‘एयरलाइन ने कुल 72 विमानों का ऑर्डर दिया है जिनमें से 18 विमानों की प्रारंभिक आपूर्ति मार्च, 2023 तक होगी। इसके बाद अगले चार वर्षों के दौरान शेष 54 विमानों की आपूर्ति मिलेगी।’’
- नई दिल्ली। टाटा की नैनो कार , छोटी कार पसंद करने वाले लोगों के बीच काफी लोकप्रिय रही है। अब उससे भी छोटी स्विट्जरलैंड की एक इलेक्ट्रिक कार कंपनी बाजार में आ गई है। इस कार की काफी चर्चा है। इस कंपनी ने एक ऐसा इलेक्ट्रिक व्हीकल तैयार किया है जो दिखने में तो कार जैसा है लेकिन ये कार नहीं कुछ और है। दरअसल माइक्रो मोबिलिटी सिस्टम्स नाम की कंपनी ने एक अनूठा प्रयोग किया है और मोटरसाइकिल और कार के डिजाइन का मिश्रण कर ये अद्भुत इलेक्ट्रिक व्हीकल बनाया है। खास बात ये है कि ये देखने में टाटा नैनो से भी छोटा इलेक्ट्रिक व्हीकल है।अपने बेहद दिलचस्प डिजाइन और अनूठे फीचर्स के चलते ये इलेक्ट्रिक व्हीकल लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। इस व्हीकल की लोकप्रियता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि ये इलेक्ट्रिक वाहन अभी फुल-स्टेज प्रोडक्शन में भी नहीं पहुंचा और अभी से ही 30 हजार लोगों ने इस इलेक्ट्रिक व्हीकल को लेकर एडवांस बुकिंग कर दी है।अब तक की जानकारी के अनुसार इस वाहन में दो लोग एक साथ बैठकर यात्रा कर सकते हैं। महज 535 किलो वजनी इस इलेक्ट्रिक वाहन को एक बार चार्ज करने के बाद 235 किलोमीटर तक चलाया जा सकता है। हालांकि इस वाहन के बेस मॉडल की रेंज सिर्फ 115 किलोमीटर के आसपास ही है। कंपनी ने ये भी कहा कि इस छोटी सी कार को 90 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ाया जा सकता है। इस इलेक्ट्रिक वाहन में 230 लीटर ट्रंक स्पेस है और ये कार दरअसल एक कॉम्पैक्ट चार-पहिया इलेक्ट्रिक व्हीकल है। कंपनी का कहना है कि इस कार को सिटी राइड के हिसाब से तैयार किया है। इस तरह इस कार को बिना दोबारा चार्ज किए आराम से सप्ताह भर चलाया जा सकता है।ये कार तकनीकी तौर पर एक क्वैड्रीसाइकिल है, लेकिन इसे कॉम्पैक्ट कार की तरह डिजाइन किया गया है, यही कारण है कि इस गाड़ी को यूरोप में क्लास एल7ई व्हीकल कैटेगिरी में डाला गया है। कंपनी ने ये भी कहा है कि इस व्हीकल के 90 प्रतिशत कल-पुर्जे यूरोप में ही बने हैं।कंपनी का कहना है कि वे प्लांट की क्षमता को 1,500 व्हीकल सालाना से बढ़ाकर करीब 10 हजार करने की तैयारी में है। बता दें कि स्विट्जरलैंड के ग्राहकों के लिए इस इलेक्ट्रिक व्हीकल की शुरुआती कीमत 15,340 डॉलर यानी करीब 12 लाख रुपये रखी गई है। वहीं अगर यूरोप की बात करें तो इसकी शुरुआती कीमत 13,400 डॉलर लिस्ट की गई है। कंपनी ने कहा कि वह स्विट्जरलैंड के ग्राहकों को इस गर्मियों में डिलीवरी शुरू कर देगी। इसके बाद यूरोप के अन्य हिस्सों में इस इलेक्ट्रिक व्हीकल की डिलीवरी शुरू की जाएगी।-----
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नयी दिल्ली। भारतीय उद्योग जगत की करीब 90 प्रतिशत कंपनियों मानना है कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली ने देशभर में अवरोधकों को दूर करके कारोबार को सुगम बनाया है। डेलॉयट के एक सर्वेक्षण में यह कहा गया है। ‘डेलॉयट जीएसटी @5 सर्वे 2022' के मुताबिक जीएसटी प्रणाली ने उपभोक्ताओं तक पहुंचने वाली कीमतों, वस्तुओं एवं सेवाओं के दाम को भी सकारात्मक तरीके से प्रभावित किया है और यह आपूर्ति श्रृंखलाओं के अनुकूलन के लिहाज से भी कंपनियों के लिए मददगार है। सरकार द्वारा कर अनुपालन का स्वचालन और ई-चालान/ई-वे सुविधा की शुरुआत सबसे लाभकारी सुधार है। इसके अलावा उद्योग जगत के प्रमुख अधिकारियों ने कारोबारी सुगमता को बढ़ावा देने के लिए कर व्यवस्था के सरलीकरण, मासिक तथा वार्षिक रिटर्न की स्वचालित गणना के लिए अद्यतन प्रौद्योगिकी का उपयोग करने की भी प्रशंसा की है। राष्ट्रव्यापी जीएसटी प्रणाली की शुरुआत एक जुलाई, 2017 को हुई थी।
डेलॉयट टच तोमात्सु इंडिया एलएलपी में साझेदार एवं लीड (अप्रत्यक्ष कर) महेश जयसिंह के मुताबिक हाल के महीनों में कर संग्रह में हुई बढ़त, इस प्रणाली में प्रौद्योगिकी से लैस कर सुधारों की सफलता की सूचक है। इससे पता चलता है कि यह कर प्रणाली करदाताओं के लिए सुगम भी है। सर्वे में कहा गया, ‘‘महत्वपूर्ण क्षेत्रों के 90 प्रतिशत चीफ एक्सपीरियंस ऑफिसर्स (सीएक्सओ) इस गतिशील और प्रौद्योगिकी आधारित अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था का समर्थन करते हैं। उद्योग के दिग्गजों का ऐसा मानना है कि ‘एक राष्ट्र, एक कर' सुधार ने देशभर में अवरोधकों को निश्चित ही दूर किया है, कारोबारी सुगमता को बढ़ावा दिया है और यह कंपनियों तथा करदाताओं दोनों के लिए प्रभावी है।'' चार हफ्ते तक चले डेलॉयट के इस सर्वेक्षण में 234 सीएक्सओ या सीएक्सओ स्तर के अधिकारी शामिल हुए। इसमें विभिन्न क्षेत्रों में जीएसटी के प्रभाव का आकलन किया गया। -
नयी दिल्ली। मांग में लगातार सुधार के साथ भारत में एक साल पहले की तुलना में जून के पहले पखवाड़े में पेट्रोल की बिक्री 54 प्रतिशत बढ़ी है। वहीं इस दौरान डीजल की खपत में 48 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। पिछले साल 2021 की समान अवधि में दुनिया के तीसरे सबसे बड़े उपभोक्ता देश भारत में कोविड-19 की दूसरी लहर का प्रकोप था, जिसकी वजह से ईंधन की मांग में गिरावट आई थी। सार्वजनिक क्षेत्र के पेट्रोलियम कंपनियों ने एक से 14 जून के दौरान 12.8 लाख टन पेट्रोल की बिक्री की। यह आंकड़ा पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 54.2 प्रतिशत अधिक है। उद्योग के बुधवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, जून, 2022 की बिक्री का आंकड़ा जून, 2020 के पहले पखवाड़े में मांग की तुलना में 48.2 प्रतिशत अधिक है और कोविड-पूर्व यानी जून, 2019 की 10.2 लाख टन बिक्री से 25 प्रतिशत अधिक है। माह-दर-माह आधार पर पेट्रोल की बिक्री 0.8 प्रतिशत बढ़ी है। देश में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले ईंधन डीजल की बिक्री जून के पहले पखवाड़े में सालाना आधार पर 47.8 प्रतिशत बढ़कर 34 लाख टन हो गई। यह आंकड़ा जून, 2020 की इसी अवधि की तुलना में 37.3 प्रतिशत अधिक और कोविड-पूर्व अवधि की तुलना में 20.3 प्रतिशत अधिक है। यह पिछले महीने मई के पहले पखवाड़े के 30.3 लाख टन खपत की तुलना में 12 प्रतिशत अधिक है।
रसोई गैस की बिक्री जून के पहले पखवाड़े में 4.21 प्रतिशत बढ़कर 10.6 लाख टन हो गई। यह आंकड़ा 2020 की तुलना में 20.3 प्रतिशत अधिक और जून, 2019 के पहले पखवाड़े की तुलना में 28.1 प्रतिशत अधिक है। विमान ईंधन यानी एटीएफ की बिक्री समीक्षाधीन अवधि में दोगुना से अधिक होकर 2,42,900 टन पर पहुंच गई। एटीएफ की खपत जून, 2020 की समान अवधि से 125.1 प्रतिशत अधिक रही। हालांकि, यह जून, 2019 की तुलना में 16.5 प्रतिशत कम रही। -
नयी दिल्ली। केंद्र सरकार के 5जी स्पेक्ट्रम नीलामी को मंजूरी देने के कदम के बारे में बाजार विश्लेषकों का कहना है कि इससे उद्योग और उपभोक्ताओं को काफी फायदा मिलेगा। कुछ विश्लेषकों का कहना है कि आधार मूल्य बोलीदाताओं के लिए एक मुद्दा बना हुआ है क्योंकि इसमें और कटौती की उम्मीद की जा रही थी। डेलॉयट इंडिया में भागीदार और दूरसंचार क्षेत्र के लीडर पीयूष वैश्य ने कहा कि सरकार ने मिलीमीटर वेव (एमएम-वेव) बैंड की नीलामी की भी घोषणा की है जिससे 5जी की वास्तविक संभावनाओं का लाभ उठाने में तो मदद मिलेगी ही, संचालकों को लागत का रणनीतिक तरीके से प्रबंधन करने में भी यह सहायक होगा। वैश्य कहा, ‘‘5जी नीलामी का रास्ता साफ हो गया है। यह संभवत: अबतक की बहुप्रतीक्षित स्पेक्ट्रम नीलामी है जिससे उद्योग और उपभोक्ताओं को बहुत लाभ मिलेगा।'' उन्होंने कहा कि एक और अच्छी बात यह है कि संचालक बिना किसी देनदारी के दस साल बाद स्पेक्ट्रम लौटा सकते हैं। निजी नेटवर्क के विकास की मंजूरी देने संबंधी घोषणा की भी उन्होंने सराहना की। शार्दुल अमरचंद मंगलदास एंड कंपनी के मुख्य परिचालन अधिकारी जयदीप घोष ने कहा कि सभी बैंड में स्पेक्ट्रम की व्यापक उपलब्धता उत्साहजनक है और संभावित बोलीदाता अपनी रणनीति के अनुरूप स्पेक्ट्रम बैंड के लिए प्रयास कर सकते हैं। घोष ने कहा, ‘‘स्पेक्ट्रम के लिए आधार मूल्य एक मुद्दा बना हुआ है क्योंकि बोलीदाता कम कीमतों की उम्मीद कर रहे थे।'' केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश में 5जी दूरसंचार सेवाओं के लिए स्पेक्ट्रम नीलामी को मंजूरी दी है। इसके साथ ही मंत्रिमंडल ने बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनियों द्वारा अपने खुद के इस्तेमाल (कैप्टिव) के लिए 5जी नेटवर्क की स्थापना को भी मंजूरी दी है। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि 72 गीगाहर्ट्ज से अधिक के स्पेक्ट्रम की नीलामी जुलाई माह के अंत तक होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में 14 जून को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया। मंत्रिमंडल ने 5जी की नीलामी आरक्षित मूल्य पर करने की मंजूरी दी है। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने स्पेक्ट्रम मूल्य के बारे में सिफारिशें दी थीं। ट्राई ने मोबाइल सेवाओं के लिए 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी को आरक्षित मूल्य में करीब 39 प्रतिशत की कटौती का सुझाव दिया था। -
नयी दिल्ली। देश का वस्तुओं का निर्यात इस साल मई में 20.55 प्रतिशत बढ़कर 38.94 अरब डॉलर पर पहुंच गया। इस दौरान व्यापार घाटा भी उछलकर रिकॉर्ड 24.29 अरब डॉलर हो गया। बुधवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, मई, 2022 में आयात 62.83 प्रतिशत बढ़कर 63.22 अरब डॉलर रहा। व्यापार घाटा पिछले साल मई महीने में 6.53 अरब डॉलर था।
आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष के पहले दो महीनों अप्रैल-मई में निर्यात करीब 25 प्रतिशत बढ़कर 78.72 अरब डॉलर पर पहुंच गया। आलोच्य अवधि में आयात 45.42 प्रतिशत बढ़कर 123.41 अरब डॉलर रहा।
चालू वित्त वर्ष के पहले दो महीनों में व्यापार घाटा बढ़कर 44.69 अरब डॉलर रहा जो एक साल पहले इसी अवधि में 21.82 अरब डॉलर था। पेट्रोलियम और कच्चे तेल का आयात इस साल मई में 102.72 प्रतिशत बढ़कर 19.2 अरब डॉलर पहुंच गया।
कोयला, कोक और ब्रिकेट (कोयले के चूरे को लेकर बनाया गया ब्लॉक) का आयात उछलकर 5.5 अरब डॉलर रहा जो मई, 2021 में दो अरब डॉलर था। आंकड़ों के अनुसार, सोने का आयात मई, 2022 में बढ़कर छह अरब डॉलर रहा जो पिछले साल इसी महीने में 67.7 करोड़ डॉलर था। इंजीनियरिंग वस्तुओं का निर्यात आलोच्य महीने में 12.65 प्रतिशत बढ़कर 9.7 अरब डॉलर रहा जबकि पेट्रोलियम उत्पादों का निर्यात 60.87 प्रतिशत बढ़कर 8.54 अरब डॉलर रहा। रत्न एवं आभूषण निर्यात मई, 2022 में बढ़कर 3.22 अरब डॉलर रहा जबकि पिछले साल इसी महीने में यह 2.96 अरब डॉलर था। रसायनों का निर्यात आलोच्य माह में 17.35 प्रतिशत बढ़कर 2.5 अरब डॉलर रहा।
इसी प्रकार, दवा और सिलेसिलाये कपड़ों का निर्यात पिछले महीने क्रमश: 10.28 प्रतिशत और 27.85 प्रतिशत बढ़कर दो अरब डॉलर और 1.41 अरब डॉलर रहा। जिन क्षेत्रों के निर्यात वृद्धि में गिरावट रही, उसमें लौह अयस्क, काजू, हस्तशिल्प, प्लास्टिक, कालीन और मसाले शामिल हैं। वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार, मई में सेवा आयात का अनुमानित मूल्य 14.43 अरब डॉलर रहा। यह पिछले साल इसी महीने में 9.95 अरब डॉलर के मुकाबले 45.01 प्रतिशत अधिक है। चालू वित्त वर्ष के पहले दो महीनों में सेवा आयात का मूल्य 28.48 अरब डॉलर रहने का अनुमान है। यह पिछले साल 2021 के अप्रैल-मई में 19.57 अरब डॉलर के मुकाबले 45.52 प्रतिशत अधिक है।