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गुवाहाटी. सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) ने रविवार को कहा कि असम में बड़े पैमाने पर हुए भूस्खलन के कारण रेल नेटवर्क पूरी तरह से टूट जाने के कारण उसकी बांग्लादेश के रास्ते त्रिपुरा तक ईंधन की आपूर्ति करने की योजना है। असम के दीमा हासाओ जिले, मिजोरम की बराक घाटी, मणिपुर और त्रिपुरा को शेष देश से जोड़ने वाला इकलौता रेल संपर्क इस महीने की शुरुआत में टूट गया था जिसके बाद कंपनी ने सड़क मार्ग से मेघालय के रास्ते सारी आपूर्ति करनी शुरू कर दी लेकिन इसके लिए दोगुना से अधिक खर्चा आ रहा है। आईओसी के कार्यकारी निदेशक (इंडियन ऑयल-एओडी) जी रमेश ने कहा कि हालात के कारण त्रिपुरा तक ईंधन की आपूर्ति के लिए आईओसी, राज्य सरकारों और केंद्र को वैकल्पिक रास्ते तलाशने पड़े। उन्होंने बताया कि कंपनी के पूर्वोत्तर खंड इंडियन ऑयल-एओडी ने 2016 में बांग्लादेश के रास्ते त्रिपुरा को कुछ खेप भेजी थी जब असम की बराक घाटी में सड़क खस्ताहाल थी। उन्होंने कहा, ‘‘हम छह साल पुराने नेटवर्क को वैकल्पिक मार्ग के रूप में इस्तेमाल करने का प्रयास कर रहे हैं। अभी हम केंद्र के जरिये बांग्लादेश सरकार से बात कर रहे हैं और उम्मीद है कि अच्छी खबर मिलेगी।'' रमेश ने कहा कि चर्चा पूरी होने के बाद और समझौते पर हस्ताक्षर के बाद हम पेट्रोल, डीजल और एलपीजी की शुरुआती खेप भेजेंगे। इसमें सिर्फ 80 से 120 किलोलीटर ईंधन होगा, पूरी खेप बाद में भेजी जाएगी। कंपनी के एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आईओसी बांग्लादेश के रास्ते शुरुआत में 1,400 किलोलीटर ईंधन भेजेगी। इसकी परिवहन लागत 57.78 लाख रुपये पड़ेगी। हालांकि, रेल मार्ग के जरिये 34.22 लाख रुपये का खर्च आता है। -
नयी दिल्ली. ड्रोन प्रशिक्षण कारोबार से जुड़ी दिल्ली की कंपनी ‘ड्रोन डेस्टिनेशन' ने 2025 तक देशभर में ड्रोन पायलट प्रशिक्षण देने वाले कम-से-कम 150 स्कूल स्थापित करने की योजना बनाई है। 'ड्रोन डेस्टिनेशन' के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) चिराग शर्मा ने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में ड्रोन की बढ़ती उपयोगिता को देखते हुए ड्रोन पायलटों को प्रशिक्षण देने वाले संस्थानों की भी जरूरत बढ़ेगी। इसी जरूरत को पूरा करने के लिए अगले तीन साल में उनकी कंपनी देशभर में कम-से-कम 150 ड्रोन पायलट प्रशिक्षण केंद्र खोलने की योजना पर काम कर रही है। शर्मा ने कहा, ‘‘हम पारिस्थितिकी तंत्र की विशिष्ट जरूरतों को पूरा करने के लिए विश्वविद्यालयों, कृषि संस्थानों और पुलिस अकादमियों के साथ साझेदारी करना चाहते हैं। वर्ष 2025 तक इस उद्योग के लिए जरूरी एक लाख से अधिक व्यक्तियों को रोजगार और उद्यमिता के अवसर प्रदान करने में मददगार बनना चाहते हैं।'' ‘ड्रोन डेस्टिनेशन' भारत का पहला रिमोट पायलट प्रशिक्षण संगठन है, जिसे विमानन क्षेत्र के नियामक नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने नए ड्रोन नियम, 2021 के तहत मान्यता भी हासिल है। यह वर्तमान में देश में छह रिमोट पायलट ट्रेनिंग स्कूल चला रहा है। शर्मा ने बताया कि उनकी कंपनी चार प्रशिक्षण केंद्र इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी के सहयोग से गुरुग्राम, बेंगलुरु, ग्वालियर और धर्मशाला में संचालित कर रही है जबकि एक केंद्र संस्कारधाम ग्लोबल मिशन के सहयोग से चल रहा है। हाल ही में चंडीगढ़ विश्वविद्यालय में पंजाब का पहला ड्रोन प्रशिक्षण स्कूल खोला गया है। उन्होंने कहा कि कंपनी कोयंबटूर में हिंदुस्तान कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग और मदुरै में वैगई कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के सहयोग से अपने नेटवर्क में दो और स्कूल जोड़ रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गत शुक्रवार को ही भारत के दो दिन के ड्रोन महोत्सव का उद्घाटन करते हुए कहा था कि भारत में हर किसी के पास स्मार्टफोन और हर खेत में ड्रोन होना उनका सपना है। प्रधानमंत्री ने कहा था कि ड्रोन प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देना सुशासन और जीवन आसान बनाने के लिए हमारी प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाने का एक और जरिया है। शर्मा ने कहा, ‘‘मेरी कंपनी ने पिछले कुछ महीनों में 500 पायलटों को ड्रोन चलाने के लिए प्रशिक्षित किया है। हम आने वाले वर्ष में गुरुग्राम केंद्र से लगभग 1,500-2,000 पायलटों और अन्य स्थानों से 500 पायलटों को प्रशिक्षित करने का इरादा रखते हैं।'' उन्होंने कहा कि ड्रोन डेस्टिनेशन की योजना 2025 तक 150 से अधिक ड्रोन केंद्रों का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करने की है जहां पर ड्रोन प्रशिक्षण के अलावा ड्रोन को किराये पर देने और ड्रोन की सेवाएं भी मुहैया कराई जाएंगी। -
नयी दिल्ली. वृहद आर्थिक आंकड़े इस सप्ताह शेयर बाजारों की दिशा तय करेंगे। सप्ताह के दौरान घरेलू मोर्चे पर कई बड़े आंकड़े आने हैं, जो बाजार की चाल तय करेंगे। विश्लेषकों ने यह राय जताई है। विश्लेषकों का कहना है कि वृहद आर्थिक आंकड़ों के अलावा मुद्रास्फीति की चिंता के बीच वैश्विक रुख भी बाजार की दिशा के लिए महत्वपूर्ण होगा। इसके साथ ही बाजार भागीदारों की निगाह विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) के रुख पर भी रहेगी।
स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा, ‘‘इस सप्ताह घरेलू मोर्चे पर कई आंकड़े आने हैं, जिसके चलते बाजार काफी ‘व्यस्त' रहेगा। सप्ताह के दौरान सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर के अलावा वाहन बिक्री और पीएमआई के आंकड़े भी आने हैं। वैश्विक स्तर पर विभिन्न देशों के पीएमआई आंकड़े और अमेरिका के बेरोजगारी के आंकड़े भी बाजार की दृष्टि से महत्वपूर्ण रहेंगे।'' मीणा ने कहा कि इन सब चीजों के बीच डॉलर इंडेक्स का उतार-चढ़ाव और कच्चे तेल के दाम भी बाजार को प्रभावित करेंगे। एफपीआई अब भी बिकवाली कर रहे हैं। ‘यह देखना काफी रोचक होगा कि धारणा में सुधार के बाद उनके रुख में बदलाव आता है या नहीं।'' सप्ताह के दौरान अरविंदो फार्मा, जिंदल स्टील और सनफार्मा जैसी बड़ी कंपनियों के तिमाही नतीजे भी आने हैं। रेलिगेयर ब्रोकिंग के उपाध्यक्ष-शोध अजित मिश्रा ने कहा कि इस सप्ताह नए माह की शुरुआत होगी। बाजार भागीदारों की नजर वाहन बिक्री, विनिर्माण और सेवा पीएमआई के आंकड़ों पर रहेगी। इससे पहले सभी को जीडीपी आंकड़ों का इंतजार रहेगा, जो 31 मई को आने हैं। मिश्रा ने कहा कि बाजार भागीदार मानसून की प्रगति के बारे में भी जानना चाहेंगे। बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 558.27 अंक या 1.02 प्रतिशत चढ़ गया। निफ्टी में 86.30 अंक या 0.53 प्रतिशत का लाभ रहा। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि बीते सप्ताह के अंतिम दिनों में बाजार अपने नुकसान की भरपाई कर पाया। अमेरिका के अनुकूल खुदरा बिक्री के आंकड़ों और एफपीआई की बिकवाली घटने से बाजार का रुख सुधरा। फेडरल रिजर्व और रिजर्व बैंक द्वारा जून में क्या कदम उठाया जाता है, आगे बाजार की रुख काफी हद तक इसपर निर्भर करेगा। उन्होंने कहा कि इसके अलावा बाजार भागीदारों की निगाह कच्चे तेल के दाम और रुपये की चाल पर भी रहेगी।
सैमको सिक्योरिटीज में इक्विटी शोध प्रमुख येशा शाह ने कहा, वैश्विक स्तर पर ‘मंदी' की चिंता के बीच भारत में जीडीपी के आंकड़ों का बेसब्री से इंतजार हो रहा है। सप्ताह के दौरान कई आंकड़े आने हैं। ऐसे में यह निश्चित रूप से घटनाक्रमों से भरा हफ्ता रहेगा। -
गुवाहाटी. केंद्र सरकार पूर्वोत्तर में 1.34 लाख करोड़ रुपये से अधिक लागत की कई रेल, सड़क एवं हवाई संपर्क परियोजनाओं का क्रियान्वयन कर रही है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को यह जानकारी दी। सीतारमण ने यहां ‘‘विकास और परस्पर निर्भरता में स्वाभाविक सहयोगी' विषय पर एक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र सरकार पूर्वोत्तर क्षेत्र में कई बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के विकास पर भारी निवेश कर रही है। सीतारमण ने कहा, ‘‘हम 2,011 किलोमीटर लंबी और 74,000 करोड़ रुपये की लागत वाली 20 रेलवे परियोजनाओं पर काम कर रहे हैं।'' उन्होंने बताया कि इसके अलावा केंद्र सरकार क्षेत्र में कुल 58,000 करोड़ रुपये की लागत से 4,000 किलोमीटर लंबी सड़कों का विकास कर रही है। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर में करीब 2,200 करोड़ रुपये की 15 हवाई संपर्क परियोजनाओं पर भी काम चल रहा है। हालांकि वित्त मंत्री ने यह नहीं बताया कि ये परियोजनाएं कब तक पूरी होंगी। सीतारमण ने कहा कि गंगा, ब्रह्मपुत्र और बराक नदियों पर राष्ट्रीय जलमार्ग विकसित करने के लिए काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत और बांग्लादेश में 50 नदी प्रणालियां हैं जिनका इस्तेमाल सभी प्रकार के परिवहन उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है क्योंकि जलमार्ग से यात्रा की लागत हवाई, सड़क और रेल नेटवर्क की तुलना में सबसे कम है। सीतारमण ने कहा, ‘‘सरकार गंगा पर राष्ट्रीय जलमार्ग-एक, ब्रह्मपुत्र पर राष्ट्रीय जलमार्ग-दो और बराक पर राष्ट्रीय जलमार्ग-16 को और भी विकसित कर रही है। पिछले सात-आठ वर्षों में हमने बेहतर संपर्क सुविधा देने की कोशिश की है।'' उन्होंने कहा कि असम में ब्रह्मपुत्र नदी के आसपास सदिया और धुबरी के बीच के पूरे क्षेत्र को विकसित किया जा रहा है ताकि बेहतर संपर्क सुविधा दी जा सके। उन्होंने कहा, ‘‘हम गुवाहाटी में ब्रह्मपुत्र पर एक बहु-साधन केंद्र बना रहे हैं। इसमें पांडु में एक जहाज मरम्मत बंदरगाह, चार पर्यटक घाट और 11 तैरते हुए टर्मिनल शामिल हैं।'' उन्होंने कहा कि पूर्वी जलमार्ग संपर्क परिवहन ग्रिड पूरा हो जाने के बाद यह न केवल पूर्वोत्तर और बाकी भारत के बीच बल्कि उप-महाद्वीप में भी निर्बाध संपर्क सुविधा दे पाएगा। इसमें 5,000 किलोमीटर लंबे जलमार्ग की पेशकश की जाएगी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार पूर्वोत्तर क्षेत्र में बिजली पारेषण एवं वितरण, मोबाइल नेटवर्क, 4जी और ब्रॉडबैंड संपर्क पर ध्यान केंद्रित करते हुए कई परियोजनाएं विकसित कर रही है।
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पुणे. नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कांत ने रविवार को राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) के कैडेट से कहा कि उन्हें आगामी शैक्षणिक वर्ष से इस प्रतिष्ठित संस्थान में लड़कियों के साथ प्रतिस्पर्धा करनी होगी और उनके साथ दौड़ में बने रहने के लिए उत्कृष्टता की आवश्यकता होगी। एनडीए के 142वें पाठ्यक्रम के दीक्षांत समारोह को यहां संबोधित करते हुए कांत ने कहा कि उन्हें यह सुनकर खुशी हुई कि आगामी शैक्षणिक वर्ष से ‘लड़कियां इस अनूठी संस्था में शामिल होंगी'। एक निजी किस्सा बताते हुए, कांत ने कहा कि दिल्ली में प्रतिष्ठित सेंट स्टीफंस कॉलेज पुरुषों का गढ़ था, लेकिन जब उनकी बेटी ने प्रवेश लिया था, तब तक अर्थशास्त्र ऑनर्स पाठ्यक्रम में 88 प्रतिशत लड़कियां थीं, जिससे एक मजाक सा बन गया था कि संस्थान को सह-शिक्षण संस्थान बनाये रखने के लिए लड़कों को प्रवेश के लिए प्रोत्साहन अंक की आवश्यकता होगी। उन्होंने कहा, ‘‘तो, आप उत्कृष्ट लड़कियों से चुनौती का सामना करेंगे, और मैं आपको बता दूं, जैसे-जैसे आप आगे बढ़ेंगे, आप सभी को उनसे प्रतिस्पर्धा करनी होगी।'' कुल 234 कैडेट के साथ-साथ 19 विदेशी कैडेट को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की डिग्री दी गई। उनमें विज्ञान संकाय में 41, कंप्यूटर विज्ञान में 106 और कला में 68 डिग्री शामिल हैं। रक्षा विभाग की एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि इसके अलावा, बी.टेक ‘स्ट्रीम' वाले 106 नौसेना और वायुसेना कैडेट को 'तीन साल का कोर्स पूरा करने' का प्रमाण पत्र प्राप्त हुआ और वे अपने संबंधित ‘प्री-कमिशनिंग' प्रशिक्षण अकादमियों, अर्थात् भारतीय नौसेना अकादमी, एझिमाला और वायु सेना अकादमी, हैदराबाद में एक वर्ष का प्रशिक्षण पूरा करने के बाद डिग्री प्राप्त करेंगे। बयान में कहा गया है कि माइक स्क्वाड्रन के कैडेट क्वार्टर मास्टर सार्जेंट रवि कुमार ने विज्ञान विषय में पहला स्थान हासिल किया, जबकि किलो स्क्वाड्रन के बटालियन कैडेट एडजुटैंण्ट शिवम कन्हैया ने कंप्यूटर साइंस में पहला स्थान हासिल किया। विज्ञप्ति के अनुसार, हंटर स्क्वाड्रन के डिवीजनल कैडेट कैप्टन सूरज कुमार ने सोशल साइंस विषय में पहला स्थान हासिल किया, जबकि चार्ली स्क्वाड्रन के डिवीजनल कैडेट कैप्टन अनमोल सिंह कोंडल ने बी. टेक में पहला स्थान हासिल किया। -
नयी दिल्ली | सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी हिंदुस्तान कॉपर का 31 मार्च 2022 को खत्म तिमाही में समेकित शुद्ध लाभ 88.99 करोड़ रुपये रहा है। कंपनी ने शनिवार को बीएसई को सूचित किया कि 2020-21 की समान तिमाही में उसे 36.81 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। एक साल पहले मार्च तिमाही में उसकी आय 531.55 करोड़ रुपये थी जो 2022 की मार्च तिमाही में बढ़कर 561.47 करोड़ रुपये हो गई। वर्ष 2021-22 की चौथी तिमाही में कंपनी का समेकित शुद्ध लाभ बढ़कर 373.83 करोड़ रुपये हो गया जो 2020-21 की समान तिमाही में 110.22 करोड़ रुपये था। समूचे वित्त वर्ष 2021-22 में कंपनी की आय बढ़कर 1,872.18 करोड़ रुपये हो गई जबकि 2020-21 में यह 1,821.61 करोड़ रुपये थी। वित्त वर्ष 2021-22 में सरकारी खजाने में कंपनी का योगदान 489.98 करोड़ रुपये रहा जो वर्ष 2020-21 के 153.18 करोड़ रुपये की तुलना में 220 फीसदी की वृद्धि दर्शाता है। कंपनी के निदेशक मंडल ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए पूंजी का 23.20 फीसदी लाभांश देने की सिफारिश की है। इस अनुपात से करीब 112.17 करोड़ रुपये का भुगतान होने का अनुमान है। -
गांधीनगर | इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर्स को-ऑपरेटिव लिमिटेड (इफको) ने कहा है कि नया उत्पाद ‘नैनो यूरिया तरल' अधिक पोषक तत्वों से भरपूर होने के साथ असरदार भी है जिससे फसल का अधिक उत्पादन होगा और किसानों की आय भी बढ़ेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को दुनिया के पहले नैनो यूरिया तरल संयंत्र का डिजिटल माध्यम से उद्घाटन किया। इफको का यह संयंत्र गुजरात के गांधीनगर जिले में कलोल कस्बे के नजदीक स्थित है। इफको ने एक विज्ञप्ति में कहा, ‘‘नैनो यूरिया उच्च-पोषण वाला प्रभावी उत्पाद है और यह मिट्टी, जल और वायु प्रदूषण को कम करेगा। इसके उपयोग से किसानों की आय बढ़ेगी और लॉजिस्टिक्स तथा गोदाम पर आने वाला खर्च घटेगा।'' इफको के प्रबंध निदेशक डॉ यू एस अवस्थी ने कहा कि नैनो यूरिया बनाने की प्रेरणा प्रधानमंत्री मोदी के मिट्टी में यूरिया के इस्तेमाल को कम करने के विचारों से मिली। उन्होंने कहा कि बेहतर परिणामों के लिए इस तरल उर्वरक का ड्रोन का इस्तेमाल करके पौधों पर छिड़काव किया जाएगा। डॉ अवस्थी ने कहा कि नैनो यूरिया तरल की 3.60 करोड़ बोतलें इफको ने तैयार की थी जिनमें से करीब 2.50 करोड़ बोतलें पहले ही बिक चुकी हैं।
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नयी दिल्ली। दैनिक उपयोग के सामान बनाने वाली कंपनी आईटीसी ने डायरेक्ट टू कस्टमर (डी2सी) ब्रांड मायलो की पेशकश करने वाली कंपनी ब्लूपिन टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड में 10.07 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने की शनिवार को जानकारी दी। कंपनी ने 39.34 करोड़ रुपये में यह अधिग्रहण करने की घोषणा अप्रैल में की थी। आईटीसी ने शेयर बाजारों को दी गई जानकारी में कहा कि 28 मई, 2022 को कंपनी ने ब्लूपिन टेक्नोलाजीज प्राइवेट लिमिटेड की 10.07 फीसदी शेयर पूंजी का अधिग्रहण कर लिया। कंपनी ने कहा कि इस निवेश के साथ डी2सी क्षेत्र में कंपनी की मौजूदगी का विस्तार होगा। ब्लूपिन टेक्नोलॉजीज मायलो ब्रांड के तहत मां एवं बच्चों की देखभाल के उत्पाद और सेवाएं देती है।
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नई दिल्ली। रिलायंस जियो फोन और सिम कार्ड के अलावा जियो फाइ की बिक्री भी करता है जो कि एक हॉटस्पॉट डिवाइस है। जियो फाई का फायदा यह है कि इससे आप कई लैपटॉप और फोन को कनेक्ट करके इंटरनेट इस्तेमाल कर सकते हैं। जियो फाई के लिए कंपनी के पास तीन बेहतरीन प्लान हैं जिनके बारे में बहुत ही कम लोगों को जानकारी है। एक प्लान 249 रुपये है जिसमें 30 जीबी डाटा मिलता है। आइए जानते हैं जियो फाई के सभी प्लान के बारे में...
JioFi का 299 रुपये वाला प्लान
JioFi के 299 रुपये वाला प्लान 40 जीबी डाटा के साथ आता है। इसका भी लॉक-इन पीरियड 18 महीने का है। डाटा खत्म होने के बाद इसकी स्पीड 64 Kbps हो जाएगी
JioFi का 349 रुपये वाला प्लान
JioFi का यह प्लान 50 जीबी डाटा और 18 महीने के लॉक-इन पीरियड के साथ आता है।
आपको बता दें कि JioFi मुफ्त में मिलता है। इस्तेमाल के बाद आप इसे वापस भी कर सकते हैं, हालांकि यदि आपकी कोई कंपनी है तो आपको कम-से-कम 200 JioFi का ऑर्डर देना होगा।
JioFi के फीचर्स की बात करें तो इसमें 150Mbps तक की स्पीड मिलती है। इसके अलावा इसमें 2300mAh की बैटरी दी गई है जो कि करीब 5-6 घंटे का बैकअप देती है। इसके साथ एक बार में 10 डिवाइस को कनेक्ट किया जा सकता है। - लंदन। ब्रिटेन दौरे पर आए वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि जिस तरह दो वार्ताकार दलों के बीच चीजें चल रही हैं, उसे देखते हुए कहा जाता सकता है कि भारत और ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) दिवाली तक तैयार हो सकता है तथा संभव है कि अंतरिम समझौते की आवश्यकता ही न पड़े।गोयल दावोस में विश्व आर्थिक मंच की सालाना बैठक में शामिल होने के बाद लंदन आए जहां वह एफटीए के चौथे दौर की वार्ता से पहले हितधारकों और कारोबारी जगत के लोगों से संवाद करेंगे। यह वार्ता 13 जून को ब्रिटेन में प्रस्तावित है।इंडिया ग्लोबल फोरम का सालाना कार्यक्रम ‘यूक्रे-इंडिया वीक’ 27 जून से शुरू होने वाला है, उससे पहले बृहस्पतिवार शाम को आयोजित एक कार्यक्रम में गोयल ने ऑस्ट्रेलिया और संयुक्त अरब अमीरात के साथ तेज गति से हुए एफटीए का जिक्र किया और कहा कि यह संकेत है कि चीजें सही दिशा में चल रही हैं।मंत्री ने कहा, ‘‘कनाडा के साथ भी अंतरिम समझौता होने वाला है। ब्रिटेन के साथ भी अंतरिम समझौता करने पर सहमति बनी थी लेकिन जिस तरह से चीजें चल रही हैं, हमें लगता है कि दिवाली तक हम ब्रिटेन के साथ पूर्ण एफटीए कर लेंगे। इसे लेकर हमारे बीच बैठकें हो रही हैं जो अच्छी रही हैं।’’ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन पिछले महीने जब भारत दौरे पर आए थे तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत के बाद मसौदा एफटीए के लिए अक्टूबर में दिवाली तक की समयसीमा तय की गई थी।
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जी एंटरटेनमेंट ने चौथी तिमाही में 181.93 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया
नयी दिल्ली. जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइज लि. (जी लि.) का एकीकृत शुद्ध लाभ मार्च में समाप्त बीते वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में 181.93 करोड़ रुपये रहा है। कंपनी ने इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 272.36 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया था। बीएसई को भेजी सूचना में कंपनी ने कहा कि तिमाही के दौरान उसकी कुल आय बढ़कर 2,361.17 करोड़ रुपये पर पहुंच गई, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 1,984.39 करोड़ रुपये रही थी। कंपनी ने कहा कि तिमाही के दौरान उसकी विज्ञापन आय 1,119.83 करोड़ रुपये रही। इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में यह 1,122.96 करोड़ रुपये रही थी। - नयी दिल्ली. सरकार ने कंपोजिशन योजना के तहत पंजीकृत छोटे करदाताओं द्वारा वित्त वर्ष 2021-22 के लिए माल एवं सेवा कर (जीएसटी) रिटर्न भरने में देरी के लिए जून तक दो महीने के लिए विलंब शुल्क माफ कर दिया है। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआइसी) ने बृहस्पतिवार एक अधिसूचना में कहा कि वित्त वर्ष 2021-22 के लिए जीएसटीआर-4 दाखिल करने में देरी के लिए एक मई से 30 जून, 2022 तक विलंब शुल्क नहीं लगाया जाएगा। कंपोजिशन योजना के तहत पंजीकृत करदाताओं द्वारा जीएसटीआर-4 हर वर्ष दाखिल किया जाता है।जीएसटी के नियमों के अनुसार जीएसटीआर-4 दाखिल करने में देरी पर प्रतिदिन 50 रुपये के हिसाब से विलंब शुल्क लगाया जाता है। हालांकि, जहां देय कर की कुल राशि शून्य है, वहां अधिकतम 500 रुपये विलंब शुल्क के रूप में लगाया जा सकता है। अन्य मामलों में 2,000 रुपये तक विलंब शुल्क लगाया जा सकता है। एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के वरिष्ठ भागीदार रजत मोहन ने कहा कि छोटे करदाताओं की सुविधा के लिए सरकार ने 2021-22 के लिए 30 जून, 2022 तक जीएसटीआर भरने में देरी के लिए देय विलंब शुल्क को माफ कर दिया गया है। यह स्वागतयोग्य निर्णय है।
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नयी दिल्ली. म्यूचुअल फंड में निवेश की नई श्रेणी ‘फ्लेक्सी कैप' को लेकर निवेशकों का आकर्षण बढ़ रहा है। वित्त वर्ष 2021-22 में इस श्रेणी में 35,877 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश हुआ है। इसमें म्यूचुअल फंड को कोष का बड़ी, मझोली और छोटी कंपनियों में बिना किसी निवेश सीमा के कम-से-कम 65 प्रतिशत हिस्सा इक्विटी शेयर में लगाने की जरूरत होती है। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एएमएफआई) के आंकड़ों के अनुसार इक्विटी श्रेणी में सबसे अधिक पूंजी प्रवाह ‘फ्लेक्सी कैप'श्रेणी में ही हुआ है। मॉर्निंगस्टार के अनुसार, पूंजी बाजार नियामक सेबी ने नवंबर, 2020 में ‘फ्लेक्सी कैप' की शुरुआत की थी। उसके बाद से कई परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियों (एएमसी) ने ‘फ्लेक्सी-कैप' श्रेणी में अपने मौजूदा फंड को पुनर्गठित किया है। आंकड़ों के अनुसार, ‘फ्लेक्सी कैप' फंड में कुल 35,877 करोड़ रुपये के प्रवाह में से 2,478 करोड़ रुपये जून, 2021 को समाप्त तिमाही में आया। जबकि 18,258 करोड़ रुपये सितंबर, 2021 को समाप्त तिमाही तथा 6,191 करोड़ रुपये दिसंबर, 2021 को समाप्त तिमाही में आया। मार्च, 2022 को समाप्त तिमाही में इस श्रेणी में 8,950 करोड़ रुपये निवेश किये गये। बड़ी कंपनियों से जुड़े कोष में 2021-22 में 13,569 करोड़ रुपये का निवेश हुआ। वहीं मझोली और छोटी कंपनियों वाले कोष में क्रमश: 16,308 करोड़ रुपये और 10,145 करोड़ रुपये का प्रवाह हुआ। एम्फी के अनुसार ‘फ्लेक्सी कैप' श्रेणी में कुल प्रबंधन अधीन परिसंपत्तियां मार्च, 2022 के अंत में 2,25,430 करोड़ रुपये पर पहुंच गईं। मॉर्निंग स्टार इंडिया के अनुसार, ‘‘इक्विटी फंड से संबंधित निवेश वाली योजनाओं में ‘फ्लेक्सी कैप' श्रेणी की हिस्सेदारी 17 प्रतिशत पहुंच गयी है। -
मुंबई. वैश्विक बाजारों में तेजी के बीच एचडीएफसी, एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक के शेयरों में लिवाली से बृहस्पतिवार को घरेलू शेयर बाजारों में पिछले तीन दिन से जारी गिरावट का सिलसिला थम गया और सेंसेक्स 500 से अधिक अंक चढ़ गया। तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 503.27 अंक यानी 0.94 प्रतिशत की बढ़त के साथ 54,252.53 अंक पर पहुंच गया। दिन में कारोबार के दौरान यह एक समय 596.96 अंक चढ़कर 54,346.22 तक पहुंच गया था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 144.35 अंक यानी 0.90 प्रतिशत की मजबूती के साथ 16,170.15 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स की कंपनियों में टाटा स्टील, भारतीय स्टेट बैंक, एचडीएफसी बैंक, एक्सिस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी, नेस्ले, विप्रो, टीसीएस और टेक महिंद्रा के शेयरों में लाभ रहा। वहीं, दूसरी तरफ सन फार्मा, रिलायंस इंडस्ट्रीज, हिंदुस्तान यूनिलीवर, लार्सन एंड टुब्रो और डॉ. रेड्डीज के शेयर नुकसान में रहे। एशिया के अन्य बाजारों में चीन का शंघाई कंपोजिट लाभ के साथ बंद हुआ ,जबकि दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, हांगकांग का हैंगसेंग और जापान के निक्की में गिरावट आई। यूरोप के बाजार दोपहर के सत्र में बढ़त के साथ कारोबार कर रहे थे तथा अमेरिकी बाजार बुधवार को बढ़त लेकर बंद हुए थे। इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.54 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 114.7 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी निवेशक घरेलू बाजारों से लगातार निकासी कर रहे हैं। उन्होंने बुधवार को 1,803.06 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। चॉइस ब्रोकिंग की पलक कोठारी ने कहा, डेरिवेटिव अनुबंधों के मासिक निपटान के दिन अंतत: बाजार तीन दिन की गिरावट से उबरते हुए लाभ के साथ बंद हुआ। - • जिन्दल पैंथर के नाम से बाजार में अग्रणी सीमेंट की उपलब्धता
• 25 लाख टन सीमेंट एवं 25 लाख टन क्लिंकर प्रतिवर्ष उत्पादन का लक्ष्य• प्लांट में ऊर्जा संरक्षण की व्यवस्था, 12 मेगावाट के वेस्ट हीट रिकवरी सिस्टम से चलेगा प्लांटरायपुर। राष्ट्र की प्रगति को तेज गति देने के लिए जिन्दल पैन्थर सिमेंट (जेएसपी) रायगढ़ क्षेत्र में सीमेंट प्लांट लगाएगा। इसके लिए छत्तीसगढ़ सरकार के साथ एक एमओयू हुआ है जिसे शासन की ओर से श्री मनोज कुमार पिंगुआ प्रमुख सचिव वाणिज्य एवं उद्योग तथा जिंदल सिमेंट की ओर से श्री प्रदीप टण्डन अध्यक्ष जे.एस.पी. ने हस्ताक्षर किए ।इसके साथ स्टील, ऊर्जा, माइनिंग एवं इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में अग्रणी जिन्दल स्टील एंड पावर की सेवाओं में सीमेंट उत्पादन भी प्राथमिक रूप से जुड़ जाएगा।जाने-माने उद्योगपति श्री नवीन जिन्दल के नेतृत्व वाली कंपनी जिन्दल स्टील एंड पावर के सीमेंट प्लांट लगाने के इस फैसले से “लोहे से बना-लोहे सा बना” जिन्दल पैंथर नाम से मशहूर बाजार में अग्रणी सीमेंट ब्रांड की उपलब्धता बढ़ जाएगी। इस सीमेंट प्लांट से 25 लाख टन सीमेंट एवं 25 लाख टन क्लिंकर प्रतिवर्ष उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। पर्यावरण आवश्यकताओं और समय की मांग के अनुरूप प्लांट में ऊर्जा संरक्षण की भी व्यवस्था की गई है और 12 मेगावाट के वेस्ट हीट रिकवरी सिस्टम से यह प्लांट चलाकर “क्लीन एंड ग्रीन इंडिया” के सपनों के अनुरूप राष्ट्र के विकास को गति दी जाएगी। सीमेंट प्लांट लगने से प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से हजारों रोजगार के अवसर पैदा होने की संभावना है। इसके अलावा क्षेत्र में विकास की एक और बयार बहेगी।जिन्दल स्टील एंड पावर के प्रेसिडेंट श्री प्रदीप टण्डन ने बताया कि यह सीमेंट प्लांट आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, जो चेयरमैन श्री नवीन जिन्दल की दूरदर्शी सोच का परिणाम है। -
नयी दिल्ली। मौजूदा कीमत स्थिति के कारण वस्तुओं और सेवाओं पर जीएसटी दरों को युक्तिसंगत बनाने की गुंजाइश फिलहाल कम है। सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी। माल एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था के तहत वस्तुओं और सेवाओं पर पांच प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 28 प्रतिशत की दर से कर लगाया जाता है। इन कर स्लैब को घटाकर संभवत: तीन करने पर विचार किया जा रहा है। इसके तहत कुछ वस्तुओं पर कर बढ़ाया जाएगा जबकि कुछ के मामले में कर में कमी की जाएगी। इसके अलावा, सोने और स्वर्ण आभूषणों पर तीन प्रतिशत कर लगता है। सूत्रों ने कहा, लेकिन मुद्रास्फीति ऊंची बनी हुई है। ऐसे में जीएसटी दरों को युक्तिसंगत बनाने की गुंजाइश कम है। सूत्र ने कहा कि अर्थव्यवस्था कोविड महामारी के प्रभाव से उबर रही थी लेकिन इस साल रूस-यूक्रेन युद्ध ने अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया है। उसने कहा, ‘‘पूर्व में जीएसटी परिषद तत्कालीन मौजूदा स्थिति से अवगत थी।''
जीएसटी के तहत जरूरी सामानों पर या तो छूट है या फिर निम्न दर से कर लगाया जाता है। जबकि आरामदायक और समाज के नजरिये से अहितकर वस्तुओं पर ऊंची दर 28 प्रतिशत कर लगाया जाता है। साथ ही ऐसी वस्तुओं पर उपकर भी लगाया जाता है। जीएसटी लागू होने से राज्यों के संभावित राजस्व नुकसान की क्षतिपूर्ति करने के लिये उपकर लगाया जाता है। जीएसटी परिषद ने कर दरों को युक्तिसंगत बनाकर राजस्व वृद्धि और कर दरों में विसंगतियों को दूर करने के बारे में सुझाव देने को लेकर पिछले साल कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई की अध्यक्षता में समिति का गठन किया था। -
नयी दिल्ली. रेलवे के उपक्रम रेलटेल कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड ने वित्त वर्ष 2021-22 में अपनी अबतक की सबसे ऊंची एकीकृत आय हासिल की है। रेलटेल की एकीकृत आय बीते वित्त वर्ष में 15 प्रतिशत बढ़कर 1,628 करोड़ रुपये पर पहुंच गई। कंपनी ने बुधवार को एक बयान में यह जानकारी दी। कंपनी की वित्त वर्ष 2020-21 में एकीकृत आय 1,411 करोड़ रुपये थी। सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (पीएसयू) ने मंगलवार को हुई अपनी 132वीं बोर्ड की बैठक में कहा कि एकीकृत आधार पर रेलटेल का बीते वित्त वर्ष के दौरान शुद्ध मुनाफा 209 करोड़ रुपये रहा, जबकि इसी अवधि के दौरान उसका कर-पूर्व मुनाफा 281 करोड़ रुपये रहा।
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मुंबई. वैश्विक बाजारों में मजबूती के रुख के बावजूद सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) और उपभोक्ता कंपनियों के शेयरों में जबर्दस्त बिकवाली से घरेलू शेयर बाजारों ने बुधवार को लगातार तीसरे दिन शुरुआती बढ़त को गंवा दिया, जिससे सेंसेक्स 300 से अधिक अंक नीचे आ गया। विदेशी निवेशकों की लगातार निकासी और कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों ने घरेलू बाजारों पर और दबाव डाला।
तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स एक बार फिर शुरूआती बढ़त गंवाने के बाद 303.35 अंक यानी 0.56 प्रतिशत की गिरावट के साथ 53,749.26 अंक पर आ गया। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 99.35 अंक यानी 0.62 प्रतिशत फिसलकर 16,025.80 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स की कंपनियों में एशियन पेंट्स में सबसे अधिक 8.04 प्रतिशत की गिरावट रही। टीसीएस, विप्रो, टेक महिंद्रा, लार्सन एंड टुब्रो, इन्फोसिस, भारतीय स्टेट बैंक, एचसीएल टेक्नोलॉजीज और एमएंडएम के शेयर भी गिरावट में रहे। वहीं, दूसरी तरफ एनटीपीसी, भारती एयरटेल, एचडीएफसी, कोटक महिंद्रा बैंक, नेस्ले, आईसीआईसीआई बैंक और आईटीसी के शेयर इस दौरान लाभ में रहे। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘निवेशकों को अमेरिका में ‘मंदी' की संभावना दिख रही है। इससे वैश्विक बाजार प्रभावित हुए हैं जिसका असर यहां भी दिखाई दे रहा है।'' इसके अलावा बीएसई स्मॉलकैप 2.94 प्रतिशत और मिडकैप 1.93 प्रतिशत टूट गया।
एशिया के अन्य बाजारों में चीन का शंघाई कंपोजिट, दक्षिण कोरिया का कॉस्पी और हांगकांग का हैंगसेंग लाभ के साथ बंद हुए, जबकि जापान के निक्की में कमजोरी का रुख रहा। यूरोपीय बाजार दोपहर के सत्र में बढ़त के साथ कारोबार कर रहे थे, जबकि अमेरिकी बाजार मंगलवार को गिरावट लेकर बंद हुए। इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 1.37 प्रतिशत चढ़कर 115.1 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी निवेशकों का घरेलू बाजारों से निकासी का सिलसिला जारी है। उन्होंने मंगलवार को 2,393.45 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। -
नयी दिल्ली। सरकार ने सालाना 20-20 लाख टन कच्चे सोयाबीन और सूरजमुखी तेल के आयात पर सीमा शुल्क तथा कृषि अवसंरचना उपकर को मार्च, 2024 तक हटाने की घोषणा की है। वित्त मंत्रालय की तरफ से मंगलवार को जारी अधिसूचना के अनुसार सालाना 20 लाख टन कच्चे सोयाबीन और सूरजमुखी तेल पर वित्त वर्ष 2022-23 और 2023-24 में आयात शुल्क नहीं लगाया जाएगा। सरकार का मानना है आयात शुल्क में इस छूट से घरलू कीमतों में नरमी आएगी और मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने एक ट्वीट में लिखा, ‘‘यह निर्णय उपभोक्ताओं को महत्वपूर्ण राहत प्रदान करेगा।'' इसका मतलब है कि 31 मार्च, 2024 तक कुल 80 लाख टन कच्चे सोयाबीन तेल और कच्चे सूरजमुखी तेल का शुल्क मुक्त आयात किया जा सकेगा। इससे घरेलू स्तर पर कीमतों को नीचे लाने में मदद मिलेगी।
सॉल्वैट एक्सट्रैक्टर्स ऑफ इंडिया (एसईए) के कार्यकारी निदेशक बी वी मेहता ने कहा कि सरकार के इस फैसले से सोयाबीन तेल के दाम तीन रुपये प्रति लीटर तक नीचे आएंगे। सरकार ने 20-20 लाख टन कच्चे सोयाबीन और सूरजमुखी तेलों के लिए शुल्क दर कोटा (टीआरक्यू) संबंधी अधिसूचना जारी कर दी है। मेहता ने कहा कि टीआरक्यू के तहत सीमा शुल्क और 5.5 प्रतिशत का कृषि अवसंरचना कर हट जाएगा।
गौरतलब है कि सरकार ने तेल की बढ़ती कीमतों के बीच पिछले सप्ताह पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क घटाया था। साथ ही इस्पात और प्लास्टिक उद्योग में इस्तेमाल होने वाले कुछ कच्चे माल पर आयात शुल्क भी हटाने का निर्णय लिया था। -
नयी दिल्ली। खरीफ फसलों की बुवाई से पहले कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मंगलवार को कहा कि किसानों को गुणवत्तापूर्ण बीज समय पर मिलने चाहिए और राज्य सरकारें नकली बीजों की बिक्री पर सख्ती से रोक लगाएं। एक राष्ट्रीय वेबिनार को संबोधित करते हुए, तोमर ने कहा कि केंद्र के साथ राज्य सरकारों को बीज श्रृंखला बनाने को अगले 10-15 वर्षों के लिए एक रूपरेखा तैयार करनी चाहिए। एक सरकारी बयान में तोमर के हवाले से कहा गया है, ‘‘यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि किसानों को अच्छी गुणवत्ता वाले बीजों की समय पर आपूर्ति हो। राज्य सरकारों को कालाबाजारी और नकली बीज बेचने वालों पर सख्ती से रोक लगानी चाहिए।'' बीज अच्छा है, तो भविष्य भी अच्छा है। उन्होंने कहा कि कृषि के लिए अच्छी गुणवत्ता वाले बीजों की उपलब्धता से उत्पादन, उत्पादकता और किसानों की आय में वृद्धि होती है। मंत्री ने आगे कहा कि पूरी बीज श्रृंखला को व्यवस्थित किया जाए ताकि किसानों को कोई परेशानी न हो। कुछ फसलों में गुणवत्तापूर्ण बीजों की आपूर्ति की कमी को दूर करने और बेहतर योजना तैयार करने पर जोर देने की आवश्यकता है। केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री शोभा करंदलाजे ने कहा कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा विकसित बीज जमीनी स्तर पर किसानों तक पहुंचने चाहिए। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही राज्यों को जिला स्तर पर कृषि विभाग से जुड़े सभी पहलुओं पर सुनियोजित तरीके से काम करना चाहिए, ताकि किसानों को कोई परेशानी न हो। कृषि सचिव मनोज आहूजा ने कहा कि पंचायत स्तर पर किसानों को गुणवत्तापूर्ण बीज उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाए, वहीं बीज की गुणवत्ता जांच के प्रति भी किसानों को जागरूक किया जाए। -
नयी दिल्ली। सरकार की गेहूं खरीद विपणन वर्ष 2022-23 में पिछले वित्तवर्ष की तुलना में अब तक 53 प्रतिशत घटकर 182 लाख टन रह गई है। इसका मुख्य कारण निर्यात के लिए निजी कारोबारियों द्वारा गेहूं की आक्रामक खरीदारी करना है। सरकारी सूत्रों ने यह जानकारी दी। रबी विपणन वर्ष अप्रैल से मार्च तक चलता है लेकिन अधिकांश खरीद जून तक समाप्त हो जाती है। पिछले विपणन वर्ष में अबतक की सर्वाधिक 433.44 लाख टन गेहूं की खरीद की गई थी। सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के तहत आवश्यकता को पूरा करने के लिए सरकारी उपक्रम भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) और राज्य की खरीद एजेंसियां न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर इस अनाज की खरीद करती हैं। गेहूं उत्पादन में गिरावट और निर्यात में वृद्धि के कारण मौजूदा वर्ष के लिए गेहूं खरीद लक्ष्य को संशोधित कर 195 लाख टन कर दिया गया है, जो पहले 444 लाख टन था। सरकारी सूत्रों के अनुसार, पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के सभी प्रमुख उत्पादक राज्यों में सरकारी एजेंसियों द्वारा गेहूं की खरीद कम रही। विपणन वर्ष 2022-23 में सरकार की गेहूं खरीद घटकर 96 लाख टन रह गई, जबकि एक साल पहले यह 132 लाख टन रही थी। इसी तरह हरियाणा में गेहूं की खरीद 84 लाख टन से घटकर 40 लाख टन रह गई, जबकि मध्य प्रदेश में इसी अवधि के दौरान खरीद पहले के 118 लाख टन से घटकर 42 लाख टन रह गई। उत्तर प्रदेश में विपणन वर्ष 2022-23 में गेहूं की खरीद तेज गिरावट के साथ 2.64 लाख टन रह गई, जो एक साल पहले की अवधि में 33 लाख टन रही थी। सूत्रों ने कहा कि राजस्थान के मामले में इसी अवधि में 16 लाख टन की तुलना में खरीद सिर्फ 1,010 टन की हुई। सूत्रों ने सरकार की खरीद में तेज गिरावट का की वजह निर्यात करने के लिए निजी कंपनियों द्वारा की गई आक्रामक खरीदारी को बताया। सरकार ने कीमतों पर नियंत्रण के लिए 13 मई को गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। -
नयी दिल्ली. वाहन कंपनी हुंदै मोटर इंडिया ने 'ग्रैंड आई10 निओस कॉरपोरेट' संस्करण उतारा है। इसकी शोरूम कीमत 6.28 लाख रुपये से शुरू होती है। कंपनी ने सोमवार को यह जानकारी दी। ये नया मॉडल 'मैनुअल' और 'ऑटोमैटिक' दोनों पावरट्रेन में उपलब्ध है। मैनुअल संस्करण की कीमत 6.28 लाख रुपये है जबकि ऑटोमैटिक मैनुअल ट्रांसमिशन (एएमटी) की कीमत 6.97 लाख रुपये है। हुंदै मोटर इंडिया के निदेशक (बिक्री, विपणन और सेवा) तरुण गर्ग ने कहा, ‘‘हुंदै ने भारत में प्रगतिशील और नए युग के ग्राहकों के लिए ग्रैंड आई10 निओस उतारी थी। निओस को मिली शानदार प्रतिक्रिया के बाद अब हमने इसका कॉरपोरेट संस्करण उतारा है।
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मुंबई. प्रीमियम मोटरसाइकिल विनिर्माता केटीएम ने अपनी लोकप्रिय बाइक केटीएम आरसी 390 का 2022 संस्करण उतारने की सोमवार को घोषणा की। इसकी शोरूम कीमत 3,13,922 रुपये है। कंपनी ने कहा कि इस नई मोटरसाइकिल की बुकिंग भी देशभर में केटीएम के शोरूम में शुरू हो गई है। केटीएम आरसी 390 वर्ष 2014 में भारतीय बाजार में आने के समय से ही खासा लोकप्रिय स्पोर्ट्स मॉडल रहा है। भारत में केटीएम मोटरसाइकिल का वितरण करने वाली कंपनी बजाज ऑटो लिमिटेड के अध्यक्ष (प्रोबाइकिंग) सुमीत नारंग ने कहा, ‘‘नई पीढ़ी की यह बाइक रोमांच-प्रेमियों के बीच प्रीमियम खंड में अपनी बढ़त बरकरार रखने में सफल रहेगी।
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मुंबई. घरेलू विमानन कंपनी आकाश एयर को अपना पहला विमान जून के मध्य तक मिलने की उम्मीद है। इसे अमेरिका में बोइंग के पोर्टलैंड संयंत्र में अंतिम रूप दिया जा रहा है। चर्चित निवेशक राकेश झुनझुनवाला के समर्थन वाली आकाश एयर ने सोमवार को बयान में कहा कि जुलाई तक वाणिज्यिक परिचालन शुरू करने के लिए सब कुछ पटरी पर चल रहा है। एयरलाइन की योजना मार्च, 2023 तक घरेलू मार्गों पर 18 विमानों के जरिये परिचालन करने की है। मुंबई की विमानन कंपनी को नागर विमानन मंत्रालय से पिछले वर्ष अक्टूबर में अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) मिल गया था। - नयी दिल्ली । इंजीनियरिंग निर्यात संवर्द्धन परिषद (ईईपीसी) ने सोमवार को उम्मीद जताई कि सरकार के शुल्क से संबंधित कदमों से घरेलू बाजार में इस्पात उत्पादों की कीमतों में 10 से 15 प्रतिशत गिरावट आएगी। उल्लेखनीय है इस्पात उत्पादों के दाम लगातार बढ़ रहे हैं, जिसके मद्देनजर सरकार ने शुल्क के मोर्चे पर कुछ कदम उठाए हैं। कुछ इस्पात वस्तुओं पर निर्यात शुल्क लगाने के सरकार के कदम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए ईईपीसी इंडिया के चेयरमैन महेश देसाई ने कहा कि इंजीनियरिंग सामान विनिर्माताओं और निर्यातकों को इस कदम से लाभ होगा और वैश्विक बाजारों में वें अधिक प्रतिस्पर्धी बनेंगे। देसाई ने बयान में कहा, ‘‘इस्पात निर्यातकों को लगता है कि प्राथमिक इस्पात उत्पादों की कीमतों में 10 प्रतिशत की कमी आएगी। वहीं द्वितीयक इस्पात उत्पादकों के लिए दाम 15 प्रतिशत घटेंगे।'' वहीं रियल एस्टेट कंपनियों के निकाय क्रेडाई और नारेडको ने भी इस्पात और सीमेंट की कीमतों में कमी लाने के लिए सरकार के कदमों की सराहना की है। उद्योग निकायों ने उम्मीद जताई है कि विनिर्माता इसका लाभ अपने ग्राहकों को भी देंगे। क्रेडाई के अध्यक्ष हर्षवर्धन पटोदिया ने कहा कि इस्पात उत्पादों पर आयात शुल्क कम करने के सरकार के कदम से सभी हितधारकों को राहत मिलनी चाहिए। क्रेडाई और नारेडको दोनों पिछले एक साल से इस्पात और सीमेंट की कीमतों में आई तेजी का मुद्दा उठाते रहे हैं। उत्पादों की उच्च कीमतों से समग्र निर्माण लागत में वृद्धि हुई है। वहीं कई बिल्डरों ने निर्माण लागत में वृद्धि की भरपाई के लिए घरों की कीमतें बढ़ा दी हैं। सरकार ने बीते शनिवार को इस्पात उद्योग द्वारा उपयोग किए जाने वाले कोकिंग कोल और फेरो-निकेल सहित कुछ कच्चे माल के आयात पर सीमा शुल्क समाप्त करने की घोषणा की थी।