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- सिंगापुर। ‘ब्लास्ट फर्नेस' और ‘बेसिक ऑक्सीजन फर्नेस' के जरिये कच्चे इस्पात का उत्पादन बढ़ने से भारत और दक्षिण-पूर्व एशिया में कर्बन उत्सर्जन बढ़ सकता है। ‘वुड मैकेंजी' की एक रिपोर्ट के अनुसार, इन क्षेत्रों में कच्चे इस्पात का उत्पादन तिगुना होने से कार्बन उत्सर्जन का स्तर मौजूदा स्तर से दोगुना बढ़ जाएगा। भारत ने 2030-31 तक 30 करोड़ टन कच्चे इस्पात के उत्पादन का लक्ष्य रखा है, जब घरेलू खपत 20 करोड़ टन से अधिक होने की उम्मीद है। भारतीय मिलों में 2021 में 11.8 करोड़ टन कच्चे इस्पात का उत्पादन हुआ था। सिंगापुर में जारी की गई इस नयी रिपोर्ट के अनुसार, कुल मिलाकर वैश्विक इस्पात उद्योग से होने वाले कार्बन उत्सर्जन में 2021 के स्तर की तुलना में 2050 तक 30 प्रतिशत की गिरावट आने की संभावना है। रिपोर्ट में कहा गया है कि हालांकि, ब्लास्ट फर्नेस और बेसिक ऑक्सीजन फर्नेस के जरिये कच्चे इस्पात का उत्पादन बढ़ने से भारत और दक्षिण-पूर्व एशिया में कार्बन उत्सर्जन में वृद्धि हो सकती है।
- नयी दिल्ली. देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी जीवन बीमा निगम (एलआईसी) की मंगलवार को शेयर बाजारों में कमजोर शुरुआत हुई। शेयर बाजारों में कंपनी का शेयर अपने निर्गम मूल्य पर आठ प्रतिशत से अधिक की गिरावट के साथ सूचीबद्ध हुआ। कारोबार के अंत तक कंपनी का शेयर निर्गम मूल्य से नीचे रहा। बीएसई पर कंपनी का शेयर 949 रुपये के निर्गम मूल्य के मुकाबले 872 रुपये प्रति शेयर के भाव पर सूचीबद्ध हुआ। वहीं एनएसई पर एलआईसी के शेयर 867.20 रुपये पर सूचीबद्ध हुए। यह निर्गम मूल्य से 77 रुपये कम है। जिस कीमत पर एलआईसी के पॉलिसीधारकों और खुदरा निवेशकों को शेयर आवंटित किए गए थे, शेयर उससे भी कम कीमत पर सूचीबद्ध हुए। एलआईसी के पॉलिसीधारकों और खुदरा निवेशकों को क्रमश: 889 रुपये और 904 रुपये प्रति शेयर के भाव पर शेयर मिले थे। शेयर पूरे दिन के कारोबार में निर्गम मूल्य से नीचे बना रहा और एनएसई पर 873 रुपये तथा बीएसई पर 875.45 रुपये प्रति शेयर के भाव पर बंद हुआ। दिन के कारोबार में शेयर ने 860 रुपये के निचले स्तर को छुआ। पहले दिन एनएसई पर 4.87 करोड़ और बीएसई पर 27.52 लाख शेयरों का कारोबार हुआ। शेयरों के सूचीबद्ध होने के साथ ही एलआईसी 5.54 लाख करोड़ रुपये के बाजार पूंजीकरण के साथ पांचवीं सबसे मूल्यवान कंपनी बन गई है। सरकार को 20,557 करोड़ रुपये के इस आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के लिए घरेलू निवेशकों से अच्छी प्रतिक्रिया मिली थी। एलआईसी का आईपीओ नौ मई को बंद हुआ था और 12 मई को बोली लगाने वालों को इसके शेयर आवंटित किए गए।सरकार ने आईपीओ के जरिये एलआईसी के 22.13 करोड़ से अधिक शेयर यानी 3.5 प्रतिशत हिस्सेदारी की पेशकश की है। इसके लिए कीमत का दायरा 902-949 रुपये प्रति शेयर रखा गया था। एलआईसी के आईपीओ को करीब तीन गुना अभिदान मिला था। इसमें घरेलू निवेशकों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया, जबकि विदेशी निवेशकों की प्रतिक्रिया ‘ठंडी' रही। यह देश के इतिहास का सबसे बड़ा आईपीओ है।
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नयी दिल्ली. रेमंड लिमिटेड का एकीकृत शुद्ध लाभ वित्त वर्ष 2021-22 की चौथी तिमाही में चार गुना से अधिक होकर 264.97 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। बढ़ती मांग और मजबूत उपभोक्ता धारणा के कारण कंपनी का लाभ बढ़ा है। कंपनी ने सोमवार को शेयर बाजार को भेजी जानकारी में बताया कि वित्त वर्ष 2020-21 की जनवरी-मार्च तिमाही में उसका एकीकृत शुद्ध लाभ 58.36 करोड़ रुपये था। रेमंड की परिचालन आय जनवरी-मार्च, 2021-22 की तिमाही के दौरान 43.38 प्रतिशत उछलकर 1,958.10 करोड़ रुपये हो गई। एक साल पहले की इसी तिमाही में यह 1,365.66 करोड़ रुपये थी। कंपनी ने एक बयान में कहा, ‘‘रेमंड ने आलोच्य तिमाही के दौरान सबसे अधिक राजस्व और लाभ हासिल किया।''
इसके अलावा कंपनी का कुल खर्च बीते वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही में 33.36 प्रतिशत बढ़कर 1,790.12 करोड़ रुपये हो गया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में 1,342.31 करोड़ रुपये था। -
नयी दिल्ली. हीरो मोटोकॉर्प को भरोसा है कि चालू वित्त वर्ष में दोपहिया वाहन उद्योग पटरी पर आ जाएगा। कंपनी ने कहा है कि आर्थिक गतिविधियों में तेजी और अनाज की ऊंची कीमतों के कारण ग्रामीण आय में बढ़ोतरी से दोपहिया वाहन उद्योग को फायदा होगा। देश की सबसे बड़ी दोपहिया कंपनी को साथ ही व्यापक आर्थिक संकेतकों के सकारात्मक रुख के चलते 2022-23 में दोपहिया वाहन क्षेत्र की वृद्धि दो अंकीय में यानी 10 प्रतिशत से अधिक रहने की उम्मीद है। हीरो मोटोकॉर्प के मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) निरंजन गुप्ता ने एक विश्लेषक कॉल में कहा कहा, ‘‘वृहद संकेतक अच्छे दिख रहे हैं। अप्रैल में माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह अबतक का सबसे ऊंचा स्तर है। ई-वे बिल निकालने की संख्या बढ़ी है और मेरे अनुसार अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्र खुल गए हैं।'' उन्होंने कहा कि अनाज की कीमतें में वृद्धि हुई है और इससे ग्रामीण आय बढ़ रही है तथा मानसून का पूर्वानुमान भी अच्छा है। यह भी स्पष्ट है कि भले ही कोविड-19 गया नहीं हो, लेकिन सभी ने अब अपनी आजीविका के साथ आगे बढ़ना सीख लिया है और इसलिए उपभोक्ता का विश्वास और खर्च मजबूती के साथ बढ़ रहा है। गुप्ता ने कहा, ‘‘पहले से ही हम अप्रैल में मजबूत संकेत देख रहे हैं और यह मानने का हमारे पास ऐसा कोई कारण नहीं है कि वित्त वर्ष 2022-23 में दोपहिया उद्योग दो अंकों में क्यों नहीं बढ़ सकता है।
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नयी दिल्ली. कलाई पर पहनने और कानों में सुनने के लिए इस्तेमाल होने वाले उत्पादों (वियरेबल) का भारतीय बाजार साल-दर-साल 20.1 प्रतिशत बढ़कर जनवरी-मार्च तिमाही में 1.39 करोड़ इकाई हो गया। इंटरनेशनल डेटा कॉरपोरेशन (आईडीसी) ने सोमवार को ये आंकड़े जारी करते हुए कहा कि वियरेबल उत्पादों के विकास को नए उत्पादों की पेशकश, बिक्री चैनलों पर दी जा रही छूट और ब्रांडों द्वारा आक्रामक विपणन रणनीति से समर्थन मिल रहा है। मार्च, 2022 तिमाही में घड़ियों की बिक्री सालाना आधार पर 173 प्रतिशत बढ़कर 37 लाख इकाई रही। रिपोर्ट के मुताबिक, घड़़ियों की कुल बिक्री में बुनियादी घड़ियों का हिस्सा 95.1 प्रतिशत है। प्रवेश स्तर के मूल्य बिंदुओं पर आक्रामक प्रतिस्पर्धा ने बुनियादी घड़ियों को सालाना 202.1 प्रतिशत बढ़ाने में मदद की जबकि स्मार्टवॉच श्रेणी में सालाना 4.2 प्रतिशत की गिरावट आई।'' रिपोर्ट के अनुसार, मार्च तिमाही में कुल मिलाकर कलाई पर पहने जाने वाले उत्पाद 87.5 प्रतिशत बढ़े और इनकी कुल 40 लाख इकाइयों की बिक्री हुई। वहीं ईयरवियर श्रेणी का कुल वियरेबल बाजार में हिस्सा 71.3 प्रतिशत है। रिपोर्ट के मुताबिक, वायरलेस स्टीरियो की हिस्सेदारी मार्च, 2021 की तिमाही में 34.2 प्रतिशत से बढ़कर 48.3 प्रतिशत हो गई जो सालाना आधार पर 48.2 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्शाती है। आईडीसी इंडिया की वरिष्ठ बाजार विश्लेषक (ग्राहक उत्पाद) अनीशा डुम्बरे ने कहा, ‘‘आक्रामक छूट, नए फीचर और ब्रांड एवं बिक्री चैनल साझेदारों से मिल रहा मजबूत समर्थन उपभोक्ताओं को अपग्रेड करने और पहनने योग्य घड़ियों पर अधिक खर्च करने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है। जहां वायरलेस स्टीरियो और घड़ियों पर निर्भरता बढ़ रही है वहीं आपूर्ति इस उद्योग के लिए चिंता का मुद्दा बनी हुई है।
- कोलकाता। प्रमुख उद्योग निकाय भारतीय चाय संघ (टीएआई) ने सोमवार को भारी कमी की वजह से कोयले की बढ़ती लागत का मुद्दा उठाया। संघ ने कहा कि इससे चाय बागानों में पौधरोपण का काम प्रभावित हो रहा है। टीएआई ने कहा कि चूंकि उत्तर बंगाल क्षेत्र में प्राकृतिक गैस की आपूर्ति नहीं है, जो ऊपरी असम के बागानों में उपलब्ध है, इससे उत्तर बंगाल के बागानों को प्रतिस्पर्धात्मक नुकसान का सामना करना पड़ता है। एसोसिएशन के सूत्रों ने कहा कि चाय जैसे श्रम प्रधान उद्योग में न्यूनतम मजदूरी का मुद्दा, मजदूरी के कारण उत्पादन की लागत अन्य कम श्रम प्रधान उद्योगों की तुलना में हमेशा अधिक होती है। टीएआई ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार, नियोक्ता और कर्मचारी न्यूनतम मजदूरी के निर्धारण से संबंधित मामलों में लगे हुए हैं और उद्योग द्वारा दी गई विभिन्न प्रस्तुतियों के माध्यम से उसने सरकार से चाय श्रमिकों और उद्योग की मजदूरी संरचना का अध्ययन करने का भी आग्रह किया था। जलवायु परिवर्तन के संबंध में टीएआई ने यह भी बताया कि चाय उद्योग में हर साल अक्टूबर के बाद बारिश में तेज गिरावट देखी जा रही है। इससे बागानों में कीड़े लगने की समस्या भी आती है। एसोसिएशन ने कहा कि इस समस्या का मुकाबला करने के लिए प्रौद्योगिकी उन्नयन के जरिये चाय उद्योग को अधिक सिंचाई सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं। चूंकि उत्तर बंगाल में खासकर छोटे चाय उत्पादकों द्वारा चाय का उत्पादन तेजी से बढ़ा है। इससे उत्तर बंगाल से चाय के निर्यात का मुद्दा भी उठा है। शुरआती अनुमानों के अनुसार, उत्तर बंगाल से केवल 40 लाख किलोग्राम चाय का निर्यात किया जाता है और इस आंकड़े को बढ़ाने की जरूरत है। पश्चिम बंगाल सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का जिक्र करते हुए टीएआई ने कहा कि 'चा सुंदरी' योजना के तहत श्रमिकों को आश्रय देने का कार्यक्रम स्वागतयोग्य कदम है।
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नयी दिल्ली. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा बेंचमार्क ऋण दरों में बढ़ोतरी और अच्छे मानसून की संभावना से महंगाई पर काबू पाने में मदद मिलेगी। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के नवनिर्वाचित अध्यक्ष संजीव बजाज ने सोमवार को यह बात कही। बजाज ने सीआईआई प्रमुख के रूप में पदभार ग्रहण करने के बाद अपने पहले संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि हम अब उच्च ब्याज दरों के युग में हैं। इससे हमें मुद्रास्फीति को कम करने में मदद मिलेगी।'' उन्होंने कहा कि अच्छे मानसून की संभावना के साथ ही विभिन्न कारकों के चलते ‘‘हमें एक बेहतर स्थिति में होना चाहिए। '' और वर्ष की दूसरी छमाही में नीति निर्माता यह तय करेंगे कि मुद्रास्फीति और ब्याज दरों कि चाल कैसी है। बजाज ने कहा कि मुद्रास्फीति बढ़ने के दो पहलू हैं - मांग और आपूर्ति पक्ष। उन्होंने कहा, ‘‘आरबीआई ने पहले ही ब्याज दरों को बढ़ाने का चक्र शुरू कर दिया है और हमें आने वाले वर्ष में ब्याज दरों में बढ़ोतरी की उम्मीद करनी चाहिए। हम केंद्रीय बैंक से एक स्पष्ट दिशा की उम्मीद करेंगे कि वे ब्याज दरों पर किस तरह फैसला करेंगे। उम्मीद है कि अगली नीतिगत समीक्षा में हमें उनसे इस बारे में कुछ सुनने को मिले।'' सीआईआई का अनुमान है कि भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 7.4 - 8.2 प्रतिशत के बीच रहेगी, जो वैश्विक तेल कीमतों पर निर्भर है। - नयी दिल्ली। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने अपनी सीमांत लागत आधारित ऋण दर (एमसीएलआर) में 0.1 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है। इस कदम से कर्ज लेने वालों के लिए ईएमआई बढ़ेगी। देश के सबसे बड़े बैंक ने एक महीने में दूसरी बार एमसीएलआर में बढ़ोतरी की है, और दोनों बार मिलाकर अब तक 0.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा इस महीने की शुरुआत में रेपो दर को 0.40 प्रतिशत बढ़ाकर 4.40 प्रतिशत कर दिया था। इसके बाद एसबीआई ने यह बढ़ोतरी की। एसबीआई द्वारा उधार दर में संशोधन के बाद अनुमान है कि आने वाले दिनों में दूसरे बैंक भी ऐसा करेंगे।इस वृद्धि के साथ उन ग्राहकों की ईएमआई बढ़ जाएगी, जिन्होंने एमसीएलआर पर कर्ज लिया है। हालांकि, अन्य मानकों से जुड़े कर्ज की ईएमआई नहीं बढ़ेगी। एसबीआई की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार संशोधित एमसीएलआर दर 15 मई से प्रभावी है।इस संशोधन के बाद एक साल की एमसीएलआर 7.10 फीसदी से बढ़कर 7.20 फीसदी हो गई है। ज्यादातर कर्ज एक साल की एमसीएलआर दर से जुड़े होते हैं। एक रात, एक महीने और तीन महीने की एमसीएलआर 0.10 प्रतिशत बढ़कर 6.85 फीसदी हो गई, जबकि छह महीने की एमसीएलआर बढ़कर 7.15 फीसदी हो गई।--
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नयी दिल्ली। विमान ईंधन की कीमतों में सोमवार को 5.3 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। यह इस साल 10वीं वृद्धि है। वैश्विक ऊर्जा कीमतों में जोरदार तेजी के कारण विमान ईंधन की कीमत उच्चतम स्तर पर है। सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक राष्ट्रीय राजधानी में विमानन टर्बाइन ईंधन (एटीएफ) की कीमत 6,188.25 रुपये प्रति किलोलीटर या 5.29 प्रतिशत बढ़कर 1,23,039.71 रुपये प्रति किलोलीटर (123 रुपये प्रति लीटर) हो गई है। विमान ईंधन की कीमतों में इस साल यह 10वीं वृद्धि है।
इस बीच पेट्रोल और डीजल की कीमतों में रिकॉर्ड 10 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी के बाद लगातार 41वें दिन कोई बदलाव नहीं हुआ। विमान ईंधन की कीमतों को हर महीने की पहली और 16 तारीख को संशोधित किया जाता है, जबकि पेट्रोल और डीजल की दरों को हर दिन संशोधित किया जाता है। पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 22 मार्च से छह अप्रैल के बीच 10 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई। उसके बाद से कीमतें स्थिर हैं। - मुंबई। वैश्विक स्तर पर मिले-जुले रुख के बीच बैंकिंग, ऊर्जा और वाहन क्षेत्र की कंपनियों के शेयरों में उछाल के साथ घरेलू शेयर बाजारों में पिछले छह कारोबारी सत्रों से जारी गिरावट का सिलसिला थम गया और सोमवार को सेंसेक्स 180 अंक की बढ़त के साथ बंद हुआ। तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 180.22 अंक यानी 0.34 प्रतिशत बढ़कर 52,973.84 पर पंहुचा गया। दिन में कारोबार के दौरान यह एक समय 634.66 अंक के उछाल के साथ 53,428.28 अंक तक गया था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 60.15 अंक यानी 0.38 प्रतिशत की बढ़त लेकर 15,842.30 अंक पर बंद हुआ। इस तरह सात सत्रों में पहली बार निफ्टी में मजबूती आई है। एलकेपी सिक्योरिटीज के शोध प्रमुख एस रंगनाथन ने कहा, ‘‘बढ़ती मुद्रास्फीति और इसके विवेकाधीन खर्च पर प्रभाव के चलते निवेशकों के चिंता के बीच वाहन और बैंक शेयरों ने स्थानीय बाजार को बढ़त दर्ज करने में मदद की।'' सेंसेक्स की कंपनियों में एनटीपीसी के शेयरों में सबसे अधिक 3.05 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। बजाज फाइनेंस, मारुति, भारतीय स्टेट बैंक, एचडीएफसी, कोटक महिंद्रा बैंक, महिंद्रा एंड महिंद्रा, इंडसइंड बैंक, लार्सन एंड टुब्रो, टाइटन और एचडीएफसी बैंक के शेयर भी बढ़त के साथ बंद हुए। वहीं दूसरी तरफ आईटी और एफएमसीजी कंपनियों के शेयरों में गिरावट ने बाजार में बढ़त को सीमित कर दिया। इस दौरान, अल्ट्राटेक सीमेंट के शेयर में सबसे अधिक 3.01 प्रतिशत की गिरावट हुई। एशियन पेंट्स, आईटीसी और टीसीएस के शेयर भी टूट गए। इसके अलावा बीएसई मिडकैप 1.51 फीसदी बढ़कर 22,145.10 अंक पर तथा बीएसई स्मॉलकैप 1.15 प्रतिशत की बढ़त लेकर 25,605.99 अंक पर पहुंच गया। एशिया के अन्य बाजारों में जापान का निक्की और हांगकांग का हैंगसेंग लाभ में रहे, जबकि दक्षिण कोरिया के कॉस्पी और चीन के शंघाई कंपोजिट में मामूली गिरावट दर्ज की गई। यूरोपीय शेयर बाजार दोपहर के सत्र में मिले-जुले रुख के साथ कारोबार कर रहे थे। अमेरिकी शेयर बाजारों में शुक्रवार को मजबूती रही। इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.51 प्रतिशत की गिरावट के साथ 111 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ''विदेशी संस्थागत निवेशक ऊंचा रिटर्न दे रहे अमेरिकी बांडों में निवेश कर रहे हैं, ऐसे में भारतीय बाजारों में उनकी बिकवाली का सिलसिला जारी है।'' उन्होंने कहा, ‘‘नकारात्मक वैश्विक संकेतों के कारण वैश्विक शेयर बाजारों में कमजोरी के चलते अंतिम घंटे में भारी बिकवाली हुई।'' शेयर बाजार से मिले आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी निवेशकों का घरेलू बाजारों से निकासी का सिलसिला जारी है। उन्होंने शुक्रवार को 3,780.08 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।
- नयी दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी में सीएनजी की कीमतों में दो रुपये प्रति किलोग्राम की बढ़ोतरी की गई है। पिछले दो महीने में यह 12वीं वृद्धि है।इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड (आईजीएल) की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार दिल्ली और एनसीआर में सीएनजी की कीमत अब 71.61 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़कर 73.61 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है।कीमतों में सात मार्च के बाद यह 12वीं बढ़ोतरी है। इस दौरान कुल मिलाकर सीएनजी की कीमत 17.6 रुपये प्रति किलोग्राम बढ़ी है।सिर्फ अप्रैल में सीएनजी 7.50 रुपये प्रति किलोग्राम महंगी हुई। पिछले एक साल में कीमतों में 30.21 रुपये प्रति किलोग्राम या 60 फीसदी की वृद्धि हुई है। हालांकि, घरेलू रसोई में इस्तेमाल होने वाली पाइप्ड नेचुरल गैस (पीएनजी) 45.86 रुपये प्रति एससीएम पर अपरिवर्तित है।
- इंदौर। मध्यप्रदेश के एक कारोबारी संगठन ने गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के केंद्र सरकार के फैसले की आलोचना करते हुए सोमवार को कहा कि अचानक उठाए गए इस कदम से प्रदेश के कारोबारियों के करीब 5,000 ट्रक देश के दो बड़े बंदरगाहों पर अटक गए हैं।संगठन के मुताबिक, इन ट्रकों के जरिये गेहूं की बड़ी खेप निर्यात के लिए बंदरगाहों तक पहुंचाई गई थी।संगठन ने घोषणा की है कि गेहूं निर्यात पर प्रतिबंध के खिलाफ राज्य की सभी 270 कृषि उपज मंडियों में मंगलवार और बुधवार को कारोबार नहीं होगा।मध्यप्रदेश सकल अनाज दलहन तिलहन व्यापारी महासंघ समिति के अध्यक्ष गोपालदास अग्रवाल ने ‘ कहा,‘‘केंद्र सरकार द्वारा गेहूं निर्यात पर अचानक प्रतिबंध लगाए जाने से राज्य के व्यापारियों द्वारा भेजे गए करीब 5,000 ट्रक कांडला और मुंबई के बंदरगाहों पर खड़े हैं और उनमें लदी गेहूं की बड़ी खेप का निर्यात नहीं हो पा रहा है।’’उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने इस बार गेहूं निर्यात के लिए व्यापारियों को खूब प्रोत्साहित किया था जिसके बाद उन्होंने न्यूनतम समर्थन मूल्य से ऊंची कीमतों पर किसानों से जमकर गेहूं खरीदा था, लेकिन अब केंद्र के प्रतिबंध के कारण उनके निर्यात सौदे अटक गए हैं।अग्रवाल ने कहा,‘‘गेहूं निर्यात पर प्रतिबंध के खिलाफ राज्य की सभी 270 कृषि उपज मंडियों में कारोबारी मंगलवार और बुधवार को न तो माल खरीदेंगे, न ही बेचेंगे।’’उन्होंने मांग की कि केंद्र सरकार को कारोबारियों और किसानों दोनों के हित में प्रतिबंध को वापस लेते हुए गेहूं निर्यात को बहाल करना चाहिए।गौरतलब है कि भीषण गर्मी और लू की वजह से गेहूं उत्पादन प्रभावित होने की चिंताओं के बीच भारत ने अपने इस प्रमुख खाद्यान्न की कीमतों में आई भारी तेजी पर अंकुश लगाने के मकसद से गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया है।केंद्र ने कहा है कि पड़ोसी और कमजोर देशों की खाद्यान्न आवश्यकता को पूरा करने के अलावा इस फैसले से गेहूं और आटे की खुदरा कीमतों को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी जो पिछले एक साल में औसतन 14 से 20 प्रतिशत तक बढ़ गई हैं। file photo
- नयी दिल्ली। देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) चालू वित्त वर्ष में करीब 5,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। कंपनी यह राशि मुख्य रूप से नए उत्पाद पेश करने और अन्य पहल पर खर्च करेगी।कंपनी ने 2021-22 में करीब 4,500 करोड़ रुपये का निवेश किया था। मारुति का मानना है कि इसकी मूल कंपनी सुजुकी मोटर कॉर्प के गुजरात में निवेश से उसे देश में अपने बैटरी इलेक्ट्रिक वाहनों की श्रृंखला का विस्तार करने में मदद मिलेगी। मारुति के मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) अजय सेठ ने विश्लेषक कॉल में कहा कि चालू वित्त वर्ष में हमने विभिन्न परियोजनाओं पर 5,000 करोड़ रुपये खर्च करने की प्रतिबद्धता जताई है। ‘‘हम कुछ नए मॉडल उतारने की भी तैयारी कर रहे हैं।'' उन्होंने कहा कि कंपनी इस निवेश का प्रबंधन अपने आंतरिक संसाधनों से करेगी।मारुति की गुजरात में स्थानीय स्तर पर बैटरी इलेक्ट्रिक वाहनों (बीईवी) और इनकी बैटरियों के विनिर्माण पर निवेश करने की योजना के बारे में पूछे जाने पर सेठ ने कहा, ‘‘इस निवेश से इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माण का स्थानीयकरण करने में मदद मिलेगी। साथ ही इससे देश में कंपनी के बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन पोर्टफोलियो का विस्तार भी हो सकेगा।'' कंपनी की योजना अपना पहला बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन 2025 में लाने की है।मारुति सुजुकी मोटर कॉरपोरेशन ने मार्च में घोषणा की थी कि वह गुजरात में बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन और बीईवी बैटरियों के स्थानीय स्तर पर विनिर्माण के लिए 2026 तक 150 अरब येन या 10,445 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। सेमीकंडक्टर की कमी से संबंधित सवाल पर सेठ ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक कलपुर्जों की आपूर्ति की स्थिति अब भी भरोसेमंद नहीं है। ‘‘इससे 2022-23 में भी उत्पादन पर कुछ असर पड़ सकता है।'' चिप की कमी की वजह से उत्पादन संबंधी मुद्दों के चलते अभी कंपनी के करीब 3.2 लाख ऑर्डर लंबित हैं।मारुति के कार्यकारी निदेशक (कॉरपोरेट मामले) राहुल भारती ने कहा, ‘‘इस साल भी चिप का संकट चुनौती रहेगा, लेकिन हम अपने उत्पादन को अधिकतम करने का प्रयास करेंगे।'' हाइब्रिड के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह प्रौद्योगिकी काफी शक्तिशाली है और यह ईवी के साथ मिलकर कॉर्बन और तेल आयात घटाने में मददगार हो सकती है। उन्होंने कहा कि यह प्रौद्योगिकी ईवी का करीब 30 से 40 प्रतिशत काम करती है। यह एक रोचक विकल्प है और हम भविष्य में इस तरह की प्रौद्योगिकियों पर गौर करेंगे।
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नयी दिल्ली. डिजिटल भुगतान और वित्तीय सेवा कंपनी पेटीएम ने रविवार को कहा कि वह नए सामान्य बीमा लाइसेंस की मंजूरी के लिए ताजा आवेदन करेगी। पेटीएम ने एक नियामक सूचना में सामान्य बीमा क्षेत्र में पैठ बनाने के अपने इरादे को दोहराया क्योंकि वह अपनी क्षमता को लेकर बेहद आशावादी है। पेटीएम ने कहा कि वह सामान्य बीमा के लिए अपने रोडमैप पर उत्साहित है। कंपनी ने कहा, ''हम एक नए सामान्य बीमा लाइसेंस के लिए आवश्यक अनुमोदन प्राप्त करने का इरादा रखते हैं, जिसमें हमारे पास 74 प्रतिशत हिस्सेदारी हो।
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नयी दिल्ली. जेट एअरवेज ने रविवार को पहली तीन प्रमाणन उड़ानों का परिचालन किया जिनमें विमानन नियामक डीजीसीए के अधिकारियों सहित 18 लोग सवार थे। सूत्रों ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जेट एअरवेज द्वारा दूसरी दो प्रमाणन उड़ानों का परिचालन मंगलवार को किया जाएगा।
प्रमाणन उड़ान हवाई संचालन प्रमाणपत्र (एओसी) प्राप्त करने के लिए एअरलाइन का अंतिम चरण है। सूत्रों ने कहा कि तीन प्रमाणन उड़ानों में से पहली उड़ान दिल्ली-मुंबई मार्ग पर हुई। उन्होंने कहा कि दूसरी उड़ान दिल्ली लौटने वाली थी, लेकिन मुंबई से रवाना होने के बाद नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) के अधिकारियों ने पायलटों से इसे अहमदाबाद की ओर मोड़ने को कहा। उन्होंने कहा कि डीजीसीए ऐसी स्थितियों से निपटने के लिए नई एअरलाइन की तत्परता का परीक्षण करने के वास्ते उड़ानों के प्रमाणन के दौरान विमानों का मार्ग बदलता है। सूत्रों ने बताया कि दूसरी उड़ान सुरक्षित रूप से अहमदाबाद में उतरी और उसके कुछ समय बाद तीसरी उड़ान अहमदाबाद-दिल्ली मार्ग पर रवाना हुई। उन्होंने कहा कि इन तीन प्रमाणन उड़ानों के लिए इस्तेमाल किया गया विमान बोइंग 737 था, जिसका पंजीकरण नंबर जेट एअरवेज का वीटी-एसएक्सई था। सूत्रों ने कहा कि इन तीन उड़ानों के दौरान विमान में 18 लोग सवार थे जिनमें चार कैबिन क्रू सदस्य, दो पायलट और डीजीसीए के अधिकारी तथा जेट एअरवेज के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे। उन्होंने कहा कि अपनी प्रमाणन उड़ानों को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए विमान द्वारा कुल पांच उड़ान की जानी हैं। सूत्रों ने कहा कि रविवार को तीन उड़ानों को अंजाम दिया गया और इसलिए शेष दो को मंगलवार को अंजाम दिया जाएगा।
इसके पुराने अवतार में एअरलाइन का स्वामित्व नरेश गोयल के पास था और इसने 17 अप्रैल, 2019 को अपनी अंतिम उड़ान संचालित की थी। जालान-कलरॉक कंसोर्टियम वर्तमान में जेट एअरवेज का प्रमोटर है। एअरलाइन की योजना इस साल जुलाई-सितंबर तिमाही में वाणिज्यिक उड़ान संचालन को फिर से शुरू करने की है। -
नयी दिल्ली. रोजमर्रा के इस्तेमाल का उपभोक्ता सामान बनाने वाली कंपनियां (एफएमसीजी) जिंस कीमतों में बढ़ोतरी और मुद्रास्फीति की चुनौती से निपटने के लिए अपने उत्पादों के पैकेट का वजन घटा रही हैं। इसके अलावा कंपनियों ने ‘ब्रिज पैक' भी उतारे हैं। ब्रिज पैक किसी उत्पाद श्रृंखला में अधिकतम और सबसे कम मूल्य के बीच की श्रेणी होता है। वजन घटाने की वजह से इन कंपनियों को पैकेटबंद उत्पादों के दाम नहीं बढ़ाने पड़े हैं। इस तरह का कदम कंपनियां मुख्य रूप से कम आय वर्ग के उपभोक्ताओं को लक्ष्य कर उठा रही हैं। इसके अलावा इन कंपनियों ने किसी उत्पाद के बड़े पैकेट के दाम में बढ़ोतरी की है। हालांकि, यह वृद्धि भी 10 प्रतिशत से कम की है। इंडोनेशिया से पाम तेल के निर्यात पर रोक और रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध के कारण उत्पन्न भू-राजनीतिक संकट की वजह से निर्माण लागत बहुत तेजी से बढ़ी है। इन्हीं से निपटने के लिए एफएमसीजी विनिर्माता सस्ती पैकेजिंग, रिसाइकल किए उत्पादों का उपयोग कर रहे हैं और विज्ञापन तथा विपणन पर खर्च में कटौती कर रहे हैं। जिंसों की बढ़ती कीमतें और आसमान छूती महंगाई के कारण उपभोक्ता कम खर्च करना चाह रहे हैं और बजट न गड़बड़ाये इसलिए ‘लो यूनिट प्राइज (एलयूपी)' पैक खरीद रहे हैं। डाबर इंडिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी मोहित मल्होत्रा ने कहा, ‘‘शहरी बाजारों में प्रति व्यक्ति आय और उपभोक्ताओं की खर्च करने की क्षमता अधिक होती है, इसलिए हमने बड़े पैक की कीमतें बढ़ा दी हैं। ग्रामीण बाजारों में एलयूपी पैक बिकते हैं, उनके लिए उत्पाद का वजन कम किया गया है।'' आगामी तिमाहियों में मुद्रास्फीति के कम होने के कोई आसार नहीं आ रहे हैं। ऐसे में कई कंपनियों ने दाम बढ़ाने के बजाय उत्पादों के वजन में कटौती की है। पार्ले प्रोडक्ट्स में वरिष्ठ श्रेणी प्रमुख मयंक शाह ने कहा कि उपभोक्ता का रूझान वैल्यू पैक की ओर बढ़ गया है और एलयूपी पैक की बिक्री कुछ बढ़ गई है। एडलवाइस फाइनेंशियल सर्विसेस के कार्यकारी उपाध्यक्ष अबनीश रॉय ने कहा कि उपभोक्ता पैसा बचाने के लिए छोटे पैक खरीद रहे हैं और यह सभी एफएमसीजी श्रेणियों में हो रहा है। - नयी दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के शीर्ष अधिकारियों ने एक संसदीय समिति से कहा है कि क्रिप्टो करेंसी से अर्थव्यवस्था के एक हिस्से का ‘‘डॉलरीकरण'' हो सकता है जो भारत के संप्रभु हितों के खिलाफ होगा । खबरों के अनुसार पूर्व वित्त राज्यमंत्री जयंत सिन्हा की अगुवाई वाली वित्त पर संसद की स्थायी समिति के समक्ष रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास समेत शीर्ष अधिकारियों ने अपनी बात रखी। उन्होंने क्रिप्टो करेंसी को लेकर अपनी आशंकाओं से उन्हें अवगत करवाया और कहा कि इससे वित्तीय प्रणाली की स्थिरता को लेकर चुनौतियां खड़ी होंगी। समिति के एक सदस्य के मुताबिक, रिजर्व बैंक के अधिकारियों ने कहा, ‘‘यह मौद्रिक नीति तय करने और देश की मौद्रिक प्रणाली का नियमन करने की केंद्रीय बैंक की क्षमता को गंभीर रूप से कमतर करेगी।'' उन्होंने कहा कि क्रिप्टो करेंसी में विनिमय का माध्यम बनने की क्षमता है और यह घरेलू स्तर पर तथा सीमापार होने वाले वित्तीय लेनदेन में रुपये का स्थान ले सकती है। केंद्रीय बैंक के अधिकारियों ने कहा कि ये करेंसी ‘‘मौद्रिक प्रणाली के एक हिस्से पर काबिज हो सकती है और प्रणाली में धन के प्रवाह के नियमन की आरबीआई की क्षमता को भी कमतर कर सकती है।'' रिजर्व बैंक के अधिकारियों ने आगाह किया कि आतंक के वित्तपोषण, धनशोधन और मादक पदार्थों की तस्करी में भी क्रिप्टो करेंसी का इस्तेमाल किया जा सकता है और यही नहीं, यह देश की वित्तीय प्रणाली की स्थिरता के लिए बड़ा खतरा बन सकती है। उन्होंने संसदीय समिति से कहा, ‘‘लगभग सभी क्रिप्टो करेंसी डॉलर पर आधारित हैं और इन्हें विदेशी निजी संस्थान जारी करते हैं। ऐसे में संभव है कि इससे हमारी अर्थव्यवस्था के कुछ हिस्से का डॉलरीकरण हो जाए जो देश के संप्रभु हितों के खिलाफ होगा।'' आरबीआई के अधिकारियों ने कहा कि क्रिप्टो करेंसी का बैंकिंग प्रणाली पर भी नकारात्मक असर होगा क्योंकि आकर्षक परिसंपत्तियां होने के कारण हो सकता है कि लोग अपनी मेहनत की कमाई इनमें लगाएं जिसके परिणामस्वरूप बैंकों के पास देने के लिए संसाधनों की कमी हो। अधिकारियों ने आगाह किया कि आगे जाकर, क्रिप्टो का बुलबुला फूटेगा और इससे आम जनता को गाढ़ी मेहनत से की गई बचत से हाथ धोना पड़ सकता है। इस साल के बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने क्रिप्टो करेंसी और इससे जुड़ी परिसंपत्तियों के कारोबार पर 30 फीसदी कर लगाने की घोषणा की थी। एक अनुमान के मुताबिक, देश में क्रिप्टो में निवेश करने वाले लोगों की संख्या 1.5 करोड़ से दो करोड़ के बीच है जिनके पास करीब 5.34 अरब डॉलर क्रिप्टो करेंसी है। भारत के क्रिप्टो बाजार के आकार के बारे में कोई आधिकारिक आंकड़ा उपलब्ध नहीं है। यह संसदीय समिति वित्त नियामकों के साथ व्यापक विचार-विमर्श कर रही है।
- नयी दिल्ली। डिजिटल भुगतान और वित्तीय सेवा कंपनी पेटीएम के ऋण कारोबार के तहत वितरित किए गए ऋणों की संख्या अप्रैल, 2022 के दौरान 449 प्रतिशत बढ़ गई। इसी के साथ कंपनी का वार्षिक आय का अनुमान 20,000 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। पेटीएम ने अपने व्यापार को लेकर रविवार को शेयर बाजार को भेजी सूचना में यह जानकारी दी। कंपनी के कारोबार में सख्या के आधार पर वृद्धि जारी है। कंपनी ने कहा, ‘‘हमारे मंच के जरिये वितरित किए गए ऋणों की संख्या अप्रैल, 2022 में सालाना आधार पर 449 प्रतिशत बढ़कर 26 लाख हो गई। वहीं वितरित ऋणों का मूल्य सालाना आधार पर 749 प्रतिशत बढ़कर 1,657 करोड़ रुपये का हो गया। इस हिसाब से ऋण देने के कारोबार का वार्षिक आय अनुमान 20,000 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।'' इसके अलावा कंपनी के कुल व्यापारी भुगतान या जीएमवी में 100 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है, जो कुल मिलाकर 0.95 लाख करोड़ रुपये और सालाना आधार पर 102 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। वहीं पेटीएम से मासिक लेन-देन करने वाले उपयोगकर्ताओं की संख्या 7.35 करोड़ पर पहुंच गई है। कंपनी ने कहा, ‘‘स्टोर्स में 32 लाख उपकरणों के साथ हम 'ऑफलाइन' भुगतान कारोबार में अपनी पकड़ बनाए रखेंगे।'
- नयी दिल्ली। सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी एचसीएल टेक ने अगले तीन से पांच वर्षों के दौरान 'नियरशोर' गंतव्यों पर अपने कर्मचारियों की संख्या को दोगुना करने की योजना बनाई है। कोई कंपनी जब अपने देश के बजाय समान समय वाले किसी पड़ोसी देश को आउटसोर्सिंग करती है, उसे ‘नियरशोर' कहा जाता है। एचसीएल टेक के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) सी विजयकुमार ने बताया कि रूस और यूक्रेन के बीच सैन्य संघर्ष से यूरोप में कंपनी की सेवाओं की मांग पर कोई असर नहीं पड़ा है। एचसीएल टेक के वैश्विक स्तर पर अपने सभी कार्यालयों में लगभग 10,000 कर्मचारी हैं।विजयकुमार ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि अगले 3-5 साल में कर्मचारियों की संख्या दोगुना हो जाएगी।'' उन्होंने कहा कि कंपनी मेक्सिको, टोरंटो, वैंकूवर, कोस्टा रिका और रोमानिया समेत 20 ‘नियरशोर' स्थानों से अपने कारोबार का संचालन करती है और इन स्थानों पर कर्मचारियों की संख्या में विस्तार जारी रहेगा। एचसीएल टेक के शीर्ष अधिकारी के अनुसार कंपनी की रूस या यूक्रेन में कोई मौजूदगी नहीं है। कंपनी के केंद्र पूर्वी यूरोप....पोलैंड, रोमानिया और बुल्गारिया में हैं और 'ये सभी समान क्षमता पर काम कर रहे हैं।
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नयी दिल्ली |भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) मध्य प्रदेश स्थित जबलपुर हवाई अड्डे की नयी टर्मिनल इमारत से परिचालन अगले साल मार्च तक शुरू कर देगा। यह जानकारी शनिवार को यहां से जारी एक आधिकारिक विज्ञप्ति में दी गई। एएआई ने बयान में कहा कि नयी टर्मिनल इमारत विश्वस्तरीय सुविधाओं से लैस होगी और व्यस्त समय में प्रति घंटे 500 यात्रियों को सेवा देने में सक्षम होगी। इसने बताया कि 1,15,315 वर्ग फुट क्षेत्र में फैली टर्मिनल इमारत में तीन एरोब्रिज, आधुनिक सामान जांच प्रणाली, आधुनिक फूड कोर्ट होगा और साथ ही व्यस्थित तरीके से करीब 300 कार एवं बसों के लिए पार्किंग की सुविधा होगी। बयान में कहा गया, ‘‘प्रस्तावित टर्मिनल इमारत में प्रवेश करने वाले यात्रियों को गोंड चित्रकला, स्थानीय हस्तशिल्प, कलाकृतियों और मध्य प्रदेश के पर्यटन स्थलों की झलक देखने को मिलेगी।'' एआईआई ने कहा कि केवल टर्मिनल इमारत ही नहीं पूरे हवाई अड्डे को उन्नत किया जा रहा है।
बयान में कहा गया कि हवाई पट्टी का विस्तार किया जा रहा है ताकि यह ए-320 श्रेणी के विमानों के परिचालन के लिए अनुकूल हो। इसमें कहा गया कि 38 मीटर ऊंचे नए हवाई यातायात नियंत्रण (एटीसी) टावर के निर्माण के साथ ही जबलपुर हवाई अड्डा परियोजना के तहत नया दमकल स्टेशन और उसकी अनुषंगी इमारतों का निर्माण किया जा रहा है। एएआई ने बताया कि पूरी परियोजना पर 412 करोड़ रुपये की लागत आएगी।
बयान में कहा गया, ‘‘परियोजना पूरी करने की संभावित समयसीमा दिसंबर 2022 है और नयी टर्मिनल इमारत मार्च 2023 तक सेवा में आ जाएगी।'' गौरतलब है कि केंद्र सरकार के तहत कार्यरत एएआई देशभर में 100 से अधिक हवाई अड्डों का परिचालन करता है। -
चेन्नई। सुंदरम फाइनेंस लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी सुंदरम होम फाइनेंस के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि कंपनी रियल एस्टेट क्षेत्र की दीर्घकालिक संभावनाओं को लेकर आशावादी है और इस क्षेत्र में अपनी मौजूदगी को और भी मजबूत करेगी। कंपनी का 31 मार्च 2022 को खत्म तिमाही में शुद्ध लाभ 44.9 फीसदी की वृद्धि के साथ 53.05 करोड़ रुपये रहा है जो पिछले वर्ष 36.60 करोड़ रुपये रहा था। समीक्षाधीन अवधि में कर्ज वितरण बढ़कर 794.11 करोड़ रुपये हो गया जो पिछले वर्ष समान अवधि में 459.38 करोड़ रुपये था। अकेले मार्च में ही कंपनी ने रिकॉर्ड 300 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज बांटा था। कंपनी के प्रबंध निदेशक डी लक्ष्मीनारायणन ने वित्तीय प्रदर्शन के बारे में कहा, ‘‘इस साल मार्च में रिकॉर्ड कर्ज वितरण होना रियल एस्टेट क्षेत्र में जुझारूपन को दिखाता है।
- कोलकाता | चाय उद्योग में कई संगठित कंपनियों के कारोबार में उतरने के साथ भारत में और विशेषकर युवाओं के बीच सुगंधित चाय का बाजार तेजी से बढ़ रहा है। चाय बोर्ड के एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि इस तरह की प्रभावी या हर्बल चाय की मांग विशेष रूप से कोविड -19 की शुरुआत के बाद देश में बढ़ी है, क्योंकि मसालों और प्राकृतिक जड़ी-बूटियों के साथ चाय, वायरस के खिलाफ प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने वाली साबित हुई है। मात्रा और कीमत के मामले में स्वाद वाले चाय बाजार का आकार क्रमशः लगभग छह करोड़ किलोग्राम और 3,600 करोड़ रुपये है। उद्योग के सूत्रों ने कहा कि चाय क्षेत्र में कई स्टार्टअप इस तरह की प्रभावी चाय पर बड़ा दांव लगा रहे हैं क्योंकि उन्हें अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है।
- नयी दिल्ली| बीमा नियामक इरडा ने गुरुवार को साधारण बीमा कंपनियों को आग और संबद्ध जोखिमों को कवर करने वाले वैकल्पिक उत्पादों को तैयार करने की अनुमति दी। इस पहल का मकसद ग्राहकों को अधिक विकल्प देना और बीमा के दायरे को बढ़ाना है।भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) ने जनवरी, 2021 में आवासों, सूक्ष्म और लघु व्यवसायों की आग एवं अन्य जोखिमों से रक्षा करने वाले मानक उत्पादों (भारत गृह रक्षा, भारत सूक्ष्म उद्योग सुरक्षा और भारत लघु उद्यम सुरक्षा) के लिए दिशानिर्देश जारी किए थे। आग और संबद्ध जोखिमों के लिए इन मानक उत्पादों के बाद किसी भी अन्य उत्पाद की अनुमति नहीं थी।इरडा ने एक परिपत्र में कहा कि आग से जुड़े वैकल्पिक उत्पादों की बढ़ती हुई मांग को देखते हुए प्राधिकरण सामान्य बीमा कंपनियों को ऐसे उत्पादों को तैयार करने की इजाजत देता है।
- दुबई | स्मार्टफोन कंपनी वीवो भारत में अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ा रही है। कंपनी का इरादा इस साल भारत से स्मार्टफोन का निर्यात शुरू करने का है। वीवो इंडिया के निदेशक (कारोबार रणनीति) पैगाम दानिश ने से कहा कि कंपनी अपने प्रमुख उपकरण वीवो एक्स80 श्रृंखला को भी भारत में बनाएगी। कंपनी ने भारत में अपनी उत्पादन क्षमता को बढ़ाकर छह करोड़ उपकरण सालाना किया है। 2021 में कंपनी की उत्पादन क्षमता पांच करोड़ इकाई की थी। दानिश ने कहा, ‘‘इस साल हमारी योजना भारत से निर्यात शुरू करने की है। इस वजह से हम उत्पादन क्षमता बढ़ा रहे हैं। इससे हम भारतीय बाजार की मांग को पूरा करने के अलावा ‘मेड इन इंडिया' उत्पादों का निर्यात भी कर पाएंगे।'' वीवो की 2022 की पहली तिमाही में भारत के स्मार्टफोन बाजार में 15 प्रतिशत हिस्सेदारी थी।वीवो ने भारत में कुल 7,500 करोड़ रुपये के निवेश की प्रतिबद्धता जताई है। इसमें से कुछ निवेश वह पहले ही कर चुकी है।
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नयी दिल्ली। भारत का आगामी 5जी दूरसंचार प्रौद्योगिकी ढांचा देश को वैश्विक स्तर पर इस क्षेत्र में एक विश्वसनीय खिलाड़ी के रूप में पेश करेगा। सूत्रों ने यह बात कही है। सूत्रों ने कहा कि निजी दूरसंचार कंपनियों के लिए भी 5जी प्रौद्योगिकी आकर्षण और आर्थिक रूप से व्यावहारिक विकल्प होगी। उन्होंने कहा कि 5जी सेवाओं के अगस्त-सितंबर से शुरू होने की उम्मीद है। स्पेक्ट्रम की नीलामी जून और जुलाई के बीच होने के लिए सही राह पर है। देश में पहली ‘5जी कॉल' अगस्त-सितंबर में संभव होगी। सूत्रों ने कहा कि 5जी के लिए स्पेक्ट्रम 20 साल या 30 साल के लिए दिया जाए, यह मुद्दा अभी खुला है।