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- नई दिल्ली। पेटीएम पेमेंट्स बैंक ने बुधवार को कहा कि वह एक करोड़ फास्टैग जारी करने का मुकाम हासिल करने वाला देश का पहला बैंक बन गया है।भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) के अनुसार, जून 2021 के अंत तक सभी बैंकों ने कुल मिलाकर 3.47 करोड़ से अधिक फास्टैग जारी किए गए थे। फास्टैग जारी करने वाले बैंक के तौर पर पेटीएम पेमेंट्स बैंक (पीपीबीएल) की बाजार में अब करीब 28 फीसदी हिस्सेदारी है। बैंक ने एक बयान में कहा, "पिछले छह महीने में, पीपीबीएल ने 40 लाख से अधिक वाणिज्यिक और निजी वाहनों को फास्टैग से लैस किया है। बयान के अनुसार, "इसके अलावा, पेटीएम पेमेंट्स बैंक भारत में राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह (एनईटीसी) कार्यक्रम के लिए टोल प्लाजा का सबसे बड़ा अधिग्रहणकर्ता भी है, जो एक राष्ट्रव्यापी टोल भुगतान समाधान पेश करता है।" बैंक के अनुसार, राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों के कुल 851 टोल प्लाजा में से 280 अब डिजिटल रूप से टोल शुल्क लेने के लिए उसके भुगतान माध्यम का इस्तेमाल कर रहे हैं। बयान में साथ ही कहा गया, "पेटीएम पेमेंट्स बैंक स्वचालित नंबर प्लेट पहचान तकनीक का इस्तेमाल करके कई लेन वाली सड़कों पर निर्बाध आवाजाही के परीक्षण और कार्यान्वयन के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के साथ मिलकर काम कर रहा है।---
- नई दिल्ली। सोने की अनिवार्य हॉलमार्किंग प्रक्रिया 16 जून से चरणबद्ध तरीके से शुरू हुई है। उसके बाद से ही जौहरियों, सर्राफा कारोबारियों को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ऑल इंडिया जेम एंड ज्वेलरी डोमेस्टिक काउंसिल (जीजेसी) ने बुधवार को कहा कि सर्राफा कारोबारियों को क्षतिग्रस्त सोने के सामान के अलावा परख केंद्रों से हॉलमार्क वाले आभूषण पाने में विलंब तथा सामानों पर आईडी प्रणाली लागू करने जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।सरकार ने सोने की हॉलमार्किंग के पहले चरण के लिए 28 राज्यों और संघ शासित प्रदेशों के 256 जिलों का चयन किया है। सोने की हॉलमार्किंग बहुमूल्य धातु की शुद्धता का प्रमाण होता है। अभी तक यह स्वैच्छिक था। जीजेसी के निदेशक दिनेश जैन ने संवाददाताओं से कहा, ''हम अनिवार्य हॉलमार्किंग के लिए तैयार हैं, लेकिन छोटे जौहरियों को कुछ समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। यदि इन मुद्दों को हल नहीं किया गया, तो उद्योग ध्वस्त होने के कगार पर पहुंच जाएगा।'' जैन ने कहा कि जौहरियों के समक्ष जो सबसे प्रमुख समस्या आ रही है वह भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के पोर्टल पर छह अंक की हॉलमार्क विशिष्ट पहचान संख्या (एचयूआईडी) को अपलोड करने से संबंधित है। प्रत्येक हॉलमार्क सोने के सामान पर यह संख्या होती है। उन्होंने कहा, ''एचयूआईडी प्रणाली काफी समय लेने वाली है जिसकी वजह से जांच और हॉलमार्किंग केंद्र (एएचसी) एक दिन में 150 से 200 से अधिक टुकड़ों की हॉलमार्किंग नहीं कर पा रहे हैं।'' जैन ने कहा कि एएचसी तथा जौहरी दोनों को एचयूआईडी अपलोड करना पड़ता है। यह जटिल तथा समय लेने वाली प्रक्रिया है। इस वजह से एएचसी पर हॉलमार्किंग में देरी हो रही है।
- नयी दिल्ली।नगालैंड के ‘राजा मिर्च' की एक खेप को बुधवार को पहली बार हवाई मार्ग से गुवाहाटी के रास्ते लंदन निर्यात किया गया। वाणिज्य मंत्रालय ने यह जानकारी दी। राजा मिर्च की इस खेप को नगालैंड के पेरेन जिले के तेनिंग से मंगवाया गया था। मंत्रालय के बयान के अनुसार, ‘‘नगालैंड की इस मिर्च को भूत जोलोकिया और ‘घोस्ट पेपर' भी कहा जाता है। इसे 2008 में भौगोलिक संकेतक का प्रमाण पत्र मिला था।'' नगालैंड के राजा मिर्च को दुनिया की सबसे तीखी मिर्च माना जाता है। यह स्कोविल हीट यूनिट्स (एसएचयू) यानी तीखापन मापने के मानदंड के आधार पर दुनिया की सबसे तीखी मिर्च की सूची में शीर्ष पांच में लगातार बनी हुई है। यह सोलानेसी परिवार के शिमला मिर्च की प्रजाति से संबंधित है।
- नयी दिल्ली । दवा कंपनी फाइजर लिमिटेड ने बुधवार को कहा कि जून में समाप्त हुई तिमाही में उसने मुख्य रूप से मजबूत बिक्री के सहारे 60.63 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 199.91 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया। फाइजर लिमिटेड ने एक नियामकीय सूचना में कहा कि कंपनी ने पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में 124.45 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया था। अप्रैल-जून 2021 तिमाही में कंपनी ने परिचालन से 749.17 करोड़ रुपये का राजस्व हासिल किया। एक साल पहले इसी अवधि में यह 514.89 करोड़ रुपये था। फाइजर लिमिटेड के शेयर बीएसई पर 6,020.25 रुपये प्रति शेयर पर बंद हुए।
- नई दिल्ली। नए आयकर पोर्टल में अब भी दिक्कतें कायम हैं। हालांकि, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उम्मीद जताई कि आयकर पोर्टल से संबंधित मुद्दों को जल्द हल कर लिया जाएगा। सीतारमण ने बुधवार को कहा कि वह नहीं चाहेंगी कि इन्फोसिस द्वारा विकसित वेबसाइट की शुरुआत ऐसी रहे, लेकिन अब उन्हें उम्मीद है कि जल्द ही इन मुद्दों को हल कर लिया जाएगा। वित्त मंत्री ने बताया कि इन्फोसिस ने सात जून को पोर्टल की शुरुआत से पहले इसको परीक्षण के तौर पर चलाया था। लेकिन प्रयोगकर्ताओं को इस पोर्टल पर दिक्कतें आ रही हैं। सीतारमण ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘‘मैं चाहूंगी कि ऐसा नहीं होना चाहिए था। लेकिन हम सुधार की राह पर है। जल्द यह पोर्टल हमारी योजना के अनुरूप काम करने लगेगा।'' नए आयकर पोर्टल www.incometax.gov.in में सात जून को शुरुआत से ही तकनीकी दिक्कतें आ रही हैं।वित्त मंत्री ने कहा कि उनके मंत्रालय ने इन्फोसिस के साथ इस पोर्टल के शुरू होने से पहले इसका परीक्षण के तौर पर संचालन किया था। लेकिन इसके बावजूद प्रयोगकर्ताओं को शुरुआत से ही कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सीतारमण ने कहा कि इन्फोसिस भारतीय सनदी लेखाकार संस्थान (आईसीएआई) तथा मंत्रालय के साथ इस बारे में काम कर रही है। ‘‘मुझे चार्टर्ड अकाउंटेंट तथा आयकर पेशेवरों से पता चला है कि पोर्टल में अब निश्चित रूप से काफी सुधार हुआ है।'' इन्फोसिस को 2019 में अगली पीढ़ी की आयकर रिटर्न दाखिल करने की प्रणाली विकसित करने का अनुबंध मिला था। इसके पीछे मकसद आयकर रिटर्न की जांच परख की प्रक्रिया को 63 दिन घटाकर एक दिन करना है। सरकार जनवरी, 2019 से जून, 2021 तक इन्फोसिस को इसके लिए 164.5 करोड़ रुपये का भुगतान कर चुकी है।सीतारमण ने 22 जून को इस मुद्दे पर इन्फोसिस के अधिकारियों के साथ बैठक भी की थी।
- रायपुर। नेशनल एम्प्लायर फेडरेशन की छत्तीसगढ़ कमेटी के चेयरमैन प्रदीप टण्डन ने सरकार को आगाह किया है कि आईआर कोड, औद्योगिक संबंध संहिता में प्रोन्नति, तबादले व अनुशासनिक कार्रवाई जैसे मामलों पर मजदूर संघों से चर्चा की धारा न जोड़ी जाए।यहां जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में श्री टण्डन ने कहा कि प्रबंधन के अपने कुछ अधिकार भी होते हैं। यदि प्रोन्नति, तबादले और अनुशासनिक कार्रवाई जैसे मामलों में समझौता वार्ता की धारा जोड़ी गई तो यह व्यवसाय प्रबंधन की बुनियादी अवधारणा पर प्रहार होगा क्योंकि यह नियोक्ताओं का मौलिक अधिकार है। श्री टंडन आईआर कोड की प्रस्तावित इस नई धारा की प्रति केंद्रीय श्रम मंत्रालय द्वारा सार्वजनिक किये जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे।आईआर कोड की प्रस्तावित इस नई धारा के प्रावधानों पर प्रकाश डालते हुए श्री टण्डन ने कहा कि इसमें कुछ और खामियां भी हैं। एक प्रमुख खामी है कि यह प्रस्तावित धारा 30 प्रतिशत सदस्यता वाले मजदूर संघों को समझौता वार्ता के लिए अधिकृत करने की बात करती है जबकि होना यह चाहिए कि वे मजदूर संघ ही अधिकृत किये जाएं जिनकी सदस्य संख्या 51 प्रतिशत से अधिक हो क्योंकि अल्पमत वाले मजदूर संघ कैसे बहुमत वालों से अपनी बात मनवा सकते हैं? कारखाना परिसरों में मजदूर संघों को जगह उपलब्ध कराने के मामले में प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि सिर्फ मान्यता प्राप्त संगठनों को यह सुविधा मिलनी चाहिए। अगर एक से अधिक मजदूर संघ हैं तो उन्हें आपस में मिलकर उस जगह का इस्तेमाल करना होगा।
- नई दिल्ली। दिल्ली सर्राफा बाजार में बुधवार को सोना 61 रुपये की मामूली गिरावट के साथ 46 हजार 607 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी। सोने का पिछला बंद भाव 46 हजार 668 रुपये प्रति 10 ग्राम था।चांदी भी 1,094 रुपये की गिरावट के साथ 64 हजार 779 रुपये प्रति किलोग्राम रह गई। इसका पिछला बंद भाव 65 हजार 873 रुपये था। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (जिंस) तपन पटेल के अनुसार, ''कॉमेक्स में सोने में आई कल रात की गिरावट को दर्शाता और रुपये के मूल्य में सुधार के बीच दिल्ली में 24 कैरेट सोने की कीमत में 61 रुपये की गिरावट आई।'' विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में सुबह के कारोबार में डॉलर के मुकाबले रुपया अपरिवर्तित रुख के साथ खुला और बाद में डॉलर के मुकाबले रुपये में चार पैसे का सुधार आया। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना मामूली लाभ के साथ 1,800 डॉलर प्रति औंस हो गया जबकि चांदी 24.76 डॉलर प्रति औंस पर लगभग अपरिवर्तित थी। 668 रुपये प्रति 10 ग्राम था।
- हैदराबाद। भारत में रूस की स्पूतनिक वी वैक्सीन का उत्पादन कर रही डॉ रेड्डी लेबोरेटरीज लि. को उम्मीद है कि सितंबर-अक्टूबर के दौरान यह वैक्सीन मिलना शुरू हो जायेगी। कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। दवा निर्माता कंपनी डॉ रेड्डी के प्रमुख बाजारों के मुख्य कार्यपालक अधिकारी एमवी रमन ने कहा कि रूस में कोविड-19 के नए मामलों में तेजी से स्पूतनिक वी की खुराक के भारत आने में देरी हो रही है और अगस्त के अंत तक स्थिति ठीक हो सकती है। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा, "स्थानीय निर्माता वर्तमान में प्रौद्योगिकी को अपनाने और उत्पादन को बढ़ाने की प्रक्रिया में हैं। हमें उम्मीद है कि सितंबर-अक्टूबर के दौरान भारत में निर्मित स्पूतनिक वी वैक्सीन उपलब्ध होगी।" डॉ रेड्डी ने दरअसल भारत में स्पुतनिक वी के उत्पादन के लिए रूस के प्रत्यक्ष निवेश कोष के साथ मई,2021 में करार किया था। रूस के प्रत्यक्ष निवेश कोष ने स्पूतनिक वी वैक्सीन के उत्पादन के लिए छह भारतीय दवा निर्माता कंपनियों के साथ समझौता किया हैं। इस करार के तहत डा रेड्डीज भारत में इस वैक्सीन के पहले 12.5 करोड़ खुराक बेचेगी। रमन ने बताया कि स्पूतनिक वी वैक्सीन को देशभर के 80 शहरों में टीकाकरण के लिए उतारा गया था और अभी तक 2.5 लाख लोगों को इसकी खुराक लगाई जा चुकी हैं।
- जींद । हरियाणा के जींद जिले में सफीदो राजकीय महाविद्यालय के सामने ट्रक तथा बाइक के बीच हुई आमने-सामने की भिड़ंत में बाइक सवार चार युवकों की मौत हो गई। पुलिस ने इसकी जानकारी दी । पुलिस ने बताया कि चालक ट्रक को मौके पर छोड़ कर फरार हो गया, मरने वाले चारों व्यक्ति हैचरी में वैल्डिंग का कार्य करते थे। उन्होंने बताया कि पुलिस ने मृतकों के शवों को अस्पताल के शव गृह में रखवा दिया है और ट्रक को कब्जे में लेकर मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने बताया कि मरने वालों की पहचान अशोक (37), शुभम (18), सुमित (19) और मनीष (21) के रूप में की गयी है। उन्होंने बताया कि ये चारों सुबह काम पर निकले थे कि तेज रफ्तार ट्रक ने उनकी बाइक को टक्कर मार दी । उन्होंने बताया कि हादसे के बाद चालक ट्रक को मौके पर छोड़ कर फरार हो गया। पुलिस फरार ट्रक चालक की तलाश कर रही है।
- नयी दिल्ली। देश की प्रमुख ऑटो कंपनी टाटा मोटर्स ने मंगलवार को कहा कि उसने अपनी एसयूवी सफारी के नए संस्करण की 10,000वीं इकाई उतारी है। टाटा मोटर्स ने एक बयान में कहा कि फरवरी 2021 में 100वीं इकाई बाजार में उतारने के बाद नई सफारी की अंतिम 9,900 इकाइयां कंपनी के पुणे संयंत्र में चार महीने से भी कम समय में तैयार हुई। टाटा मोटर्स के अध्यक्ष (यात्री वाहन कारोबार इकाई) शैलेश चंद्रा ने कहा, ‘‘हमने कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के मद्देनजर लगाए गए प्रतिबंधों के बीच यह मुकाम हासिल किया है।
- नयी दिल्ली । देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो का परिचालन करने वाली कंपनी इंटरग्लोब एविएशन ने मंगलवार को बताया कि चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में उसका शुद्ध घाटा बढ़कर 3,174 करोड़ रुपये हो गया। कंपनी ने बताया कि कोविड-19 की दूसरी लहर के कारण उसकी आय में कमी से नुकसान बढ़ गया। इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में उसका कुल घाटा 2,844 करोड़ रुपये था। इंडिगो ने एक बयान में बताया कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में उसकी एकीकृत कुल आय 177.2 प्रतिशत बढ़कर 3,170 करोड़ रुपये हो गई। वही इससे पिछले वित्त वर्ष की सामान अवधि में उसकी कुल आय 1,143 करोड़ रुपये थी। विमानन कंपनी का कुल खर्च चालु वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 59.2 प्रतिशत बढ़कर 6,344 करोड़ रुपये रहा। जो बीते वित्त वर्ष की इसी तिमाही में 3,986 करोड़ रुपये था। कंपनी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी रोनोजॉय दत्ता ने कहा, ‘‘पहली तिमाही के हमारे वित्तीय परिणाम कोविड की दूसरी लहर से बुरी तरह प्रभावित हुए। मई और जून के महीनों में यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या में भारी गिरावट दर्ज की गई।'' उन्होंने कहा कि दूसरी लहर का प्रभाव घटने के साथ कंपनी को जुलाई और अगस्त के लिए उड़ानों की टिकट बुकिंग में मामूली सुधार देखने को मिल रहा है।
- मुंबई। स्थानीय शेयर बाजारों में बिकवाली दबाव से मंगलवार को लगातार दूसरे दिन गिरावट आयी और मानक सूचकांक-बीएसई सेंसेक्स 273 अंक से अधिक लुढ़क गया। कंपनियों के तिमाही परिणाम अपेक्षा के अनुरूप नहीं रहने और चीन में प्रौद्योगिकी कंपनियों के खिलाफ नियामकीय कार्रवाई के बाद एशियाई बाजारों में बिकवाली से धारणा प्रभावित हुई। तीस शेयरों पर आधारित बीएसई30 सेंसेक्स शुरू में बढ़त पर था। पर बाद में यह दबाव में आ गया। अंत में यह 273.51 अंक यानी 0.52 प्रतिशत लुढ़क कर 52,578.76 पर बंद हुआ। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 78 अंक यानी 0.49 प्रतिशत की गिरावट के साथ 15,746.45 अंक पर बंद हुआ। डॉ रेड्डीज का शेयर 10.44 प्रतिशत की गिरावट के साथ सेंसेक्स के शेयरों में सर्वाधिक नुकसान में रहा। खर्च बढऩे से कंपनी का एकीकृत लाभ जून 2021 को समाप्त तिमाही में 36 प्रतिशत की गिरावट के साथ 380.4 करोड़ रुपये रहने की खबर से शेयर टूटा। इसके अलावा, एक्सिस बैंक, सन फार्मा, कोटक बैंक, एचडीएफसी और आईटीसी 3.23 प्रतिशत तक नीचे आये।दूसरी तरफ टाटा स्टील, बजाज फिनसर्व, भारतीय स्टेट बैंक, बजाज फाइनेंस, नेस्ले इंडिया और एल एंड टी समेत अन्य शेयर लाभ में रहें। इनमें 2.50 प्रतिशत तक की तेजी आयी। एलकेपी सिक्योरिटीज के शोध प्रमुख एस रंगनाथन ने कहा, ''चीन सरकार की नीतियों के साथ वहां के बाजारों में वैश्विक कोषों की बिकवाली से निवेशकों में घबराहट आयी और घरेलू बाजार में तेजी जाती रही। हालांकि यह सबको पता है कि इसका भारत पर सकारात्मक असर भी होगा।'' उन्होंने कहा कि बैंक और दवा कंपनियों के शेयरों में मुनाफावसूली देखी गयी। इसका कारण कुछ औषधि कंपनियों को लेकर नकारात्मक खबरों का होना है। दूसरी तरफ कपड़ा निर्यातकों और कॉफी वायदा मजबूत होने से कॉफी कंपनियों के शेयरों में अच्छी तेजी रही। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर के अनुसार, ''घरेलू बाजार पर मंदडिय़े हावी रहे। वैश्विक स्तर पर कमजोर रुख और दवा कंपनियों के शेयरों में बिकवाली से बाजार शुरूआती बढ़त को बरकरार नहीं रख पाया। मुख्य रूप से दवा कंपनियों ने बाजार को नीचे लाया। इसका कारण तिमाही परिणाम हैं जिनकी शुरूआत अच्छी नहीं है। इससे बाजार में घबराहट आयी क्योंकि औषधि क्षेत्र से काफी उम्मीदें हैं। उन्होंने कहा कि धातु और टिकाऊ उपभोक्ता सामान को छोड़कर सभी प्रमुख क्षेत्र नकारात्मक दायरे में रहे। अमेरिकी फेडरल रिजर्व की इस सप्ताह होने वाली बैठक से पहले चीन में भारी बिकवाली और एशिया के अन्य शेयर बाजारों में गिरावट आयी है। एशिया के अन्य बाजारों में शंघाई और हांगकांग में भारी बिकवाली रही। इसका कारण चीनी इंटरनेट और अन्य कंपनियों पर डाटा सुरक्षा समेत अन्य प्रकार की कार्रवाई बतायी जा रही है। सियोल और टोक्यो लाभ में रहें। यूरोप के प्रमुख बाजारों में मध्याह्न कारोबार में नुकसान का रुख रहा।इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.30 प्रतिशत मजबूत होकर 73.91 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 5 पैसे टूटकर 74.47 पर बंद हुआ। शेयर बाजार के पास उपलब्ध आंकड़े के अनुसार विदेशी संस्थागत निवेशक सोमवार को पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे। उन्होंने 2,376.79 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।
- नई दिल्ली। वैश्विक बाजार में बहुमूल्य धातुओं की कीमतों के कमजोर होने के बीच दिल्ली सर्राफा बाजार में मंगलवार को सोना 123 रुपये की गिरावट के साथ 46 हजार 505 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी। सोने का पिछला बंद भाव 46 हजार 628 रुपये प्रति 10 ग्राम था।चांदी भी 206 रुपये की गिरावट के साथ 65 हजार 710 रुपये प्रति किलोग्राम रह गई। इसका पिछला बंद भाव 65 हजार 916 रुपये था। विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में सुबह के कारोबार में डॉलर के मुकाबले रुपये का भाव चार पैसे की गिरावट के साथ 74.44 रुपये प्रति डॉलर रह गया था। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना गिरावट के साथ 1,795 डॉलर प्रति औंस रह गया जबकि चांदी 25.16 डॉलर प्रति औंस पर लगभग अपरिवर्तित थी। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (जिंस) तपन पटेल के अनुसार, ''अमेरिकी एफओएमसी की बैठक से पहले व्यापारियों और निवेशकों के सतर्क होने से सोने की कीमतों पर दबाव बना रहा जिसमें 1,800 डॉलर के नीचे कारोबार हुआ।'
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नयी दिल्ली। एफएमसीजी कंपनी बीएल एग्रो ने ग्राहकों को पोषण से भरे अपने उत्पादों को ऑनलाइन खरीदने की सुविधा प्रदान करने के लिए अपनी ब्रांड का ई-कॉमर्स वेबसाइट 'नॉरिशस्टोर' शुरू करने की घोषणा की है। वेबसाइट शुरु किए जाने के मौके पर बीएल एग्रो इंडस्ट्रीज लिमिटेड के प्रबंध निदेशक आशीष खंडेलवाल ने कहा, "इससे ग्राहकों को हमारे उत्पादों की पूरी श्रृंखला तक बेहतर पहुंच मिलेगी, जहां वे खाद्य वस्तुओं में पोषण तत्वों से जुड़ी जानकारी पढ़ने के बाद सोच समझकर खरीदारी कर सकते हैं।" कंपनी ने एक विज्ञप्ति में बताया कि वेबस्टोर साइट नॉरिशस्टोरडॉटकोडॉटइन पर फिलहाल बिना पॉलिस की दालें, खाद्यतेल, घी, आटा समेत 9 श्रेणियों के खाद्य उत्पाद उपलब्ध है। कंपनी की प्रवक्ता रिचा खंडेलवाल ने कहा, ‘ महामारी के दौर में अधिकाधिक ग्राहक खाने पीने के सामान आललाइन खरीदने लगे है।' उन्होंने कहा कि यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्थानीय स्तर पर तैयार उत्पादों के विपणन को बढावा देने की ‘वोकल फार लोकल ' की अपली के अनुरूप है।
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नयी दिल्ली । बाजार पूंजीकरण के लिहाज से देश की सबसे मूल्यवान कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अपने कर्मचारियों और उनके परिजनों को कोविड के 10 लाख टीके लगवाये हैं। कंपनी ने जिन लोगों को टीके लगवाये हैं, उनमें आरआईएल की सहयोगी तथा भागीदार इकाइयों के कर्मचारी भी शामिल हैं। सूत्रों के अनुसार कंपनी अब आम लोगों को 10 लाख टीके लगाएगी।
सरकार की तरफ से निजी कंपनियों को अपने कर्मचारियों के लिये टीकाकरण की व्यवस्था की छूट के बाद रिलायंस इंडस्ट्रीज की परामार्थ कार्यों से जुड़ी रिलायंस फाउंडेशन ने अप्रैल में टीकाकरण शुरू किया। सूत्र के अनुसार ‘मिशन वैक्सीन सुरक्षा' के तहत टीके की 10 लाख खुराकें लगायी जा चुकी हैं। कंपनी के 98 फीसदी कर्मचारियों को टीके की कम से कम एक खुराक लग चुकी है। इसमें कर्मचारी, सहयोगी और संयुक्त भागीदार सदस्य और उनके परिजन, अस्थायी कर्मचारी, सेवानिवृत्त कर्मचारियों तथा उनके परिवार के सदस्य शामिल हैं। इसके अलावा, रिलायंस फाउंडेशन और रिलायंस फाउंडेशन अस्पताल ‘वी केयर इनीशिएटिव' के तहत आम लोगों को 10 लाख टीके लगाएंगे। पिछले महीने कंपनी की सालाना आम बैठक (एजीएम)में रिलायंस फाउंडेशन की चेयरपर्सन नीता एम अंबानी ने आम लोगों के लिए टीकाकरण करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की थी। उन्होंने कहा था, “इस मिशन को राष्ट्रव्यापी आधार पर लागू करना एक बहुत बड़ा काम है लेकिन यह हमारा धर्म है, हर भारतीय के लिए हमारा कर्तव्य और सुरक्षा का हमारा वादा है। हमारा दृढ़ विश्वास है कि एक साथ, हम कर सकते हैं और हम इससे बाहर आएंगे।'' रिलायंस ने टीकाकरण के लिए देश भर में 171 सेंटर स्थापित किए हैं। रिलायंस फाउंडेशन अब एनजीओ (गैर-सरकारी संगठनों) के जरिए 10 लाख अतिरिक्त खुराक लगाएगी। ये टीके संयंत्र के पास के लोगों को और आम जनता को लगाये जाएंगे। रिलायंस फाउंडेशन ने कोविड महामारी की रोकथाम के लिए कई पहल किये हैं। इसमें चिकित्सा ऑक्सीजन की आपूर्ति के साथ ही पूरे देश में 2000 कोविड देखभाल बिस्तर की व्यवस्था आदि शामिल हैं। -
मुंबई। खाद्य समाधान एवं गेटवे सेवाप्रदाता सैट्स ने भारत में 210 करोड़ रुपये के निवेश से पहली केंद्रीय रसोई (किचन) शुरू करने की घोषणा की है। कंपनी ने कहा है कि अपने ग्राहकों की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए वह यह कदम उठा रही है। एक बयान में कहा गया है कि यह देश में सैट्स का पहला प्रमुख निवेश है। इसके तहत सैट्स देश में पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी स्थापित करेगी। यह 14,000 वर्ग मीटर में फैला केंद्रीय किचन प्रतिदिन 1,70,000 रेडी-टू-ईट मील या भोजन बनाने में सक्षम होगा। इसके 2022 तक परिचालन में आने की उम्मीद है। यह केंद्रीय रसोई बेंगलुरु के केंपेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर स्थित होगी। यहां सैट्स ने पहल ही बेंगलुरु एयरपोर्ट सिटी (बीएसीएल) के साथ 27,000 वर्ग मीटर के प्लॉट के लिए करार किया है।
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- नयी दिल्ली । डिजिटल भुगतान एवं वित्तीय सेवा कंपनी पेटीएम का इरादा अपना 16,600 करोड़ रुपये का आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) अक्टूबर तक लाने का है।अनुमान है कि कंपनी अपना आईपीओ जल्द से जल्द लाना चाहती है। यह अक्टूबर तक आ सकता है। कंपनी ने भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास आईपीओ के लिए दस्तावेजों का मसौदा 15 जुलाई को जमा कराया है। कंपनी को उम्मीद है कि इसपर नियामक की प्रतिक्रिया सितंबर के मध्य तक मिल जाएगी। कंपनी की योजना उसके बाद जल्द से जल्द सूचीबद्धता की है। ऐसा अनुमान है कि सेबी दस्तावेजों पर दो माह में जवाब देगा। एक बार दस्तावेज मिलने के बाद पेटीएम आईपीओ के लिए आवेदन करेगी। '' यह प्रक्रिया नियामकीय मंजूरियों पर निर्भर है। यदि यह तय समयसीमा के हिसाब से चलती है, तो आईपीओ अक्टूबर तक आएगा।
- नयी दिल्ली। प्रौद्योगिकी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी माइक्रोसॉफ्ट इंडिया ने सोमवार को सस्टेनेबल एनवायरनमेंट एंड इकोलॉजिकल डेवलपमेंट सोसाइटी (सीईडीएस) के साथ साझेदारी में भारत में लू के खतरों की भविष्यवाणी के लिए एक कृत्रिम मेधा (एआई) मॉडल 'सनी लाइव्स' के अपने दूसरे चरण की शुरुआत की घोषणा की। पिछले साल, देश के आपदा प्रवण तटीय क्षेत्रों में चक्रवात और बाढ़ के लिए इस मॉडल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया था। माइक्रोसॉफ्ट इंडिया ने एक विज्ञप्ति में कहा, "दूसरा चरण मुख्य शहरी लू क्षेत्रों में लू के खतरों से जुड़े मॉडल के विकास के साथ शुरू हो गया।" इसमें कहा गया है कि सीड्स 2021 में आपदा की पूर्व चेतावनी के साथ लू के खतरों का सामना कर रहे 1,25,000 लोगों की मदद करेगा। यह कृत्रिम मेधा मॉडल समाधान भारत में आपदा प्रतिरोधी समुदायों के निर्माण के लिए माइक्रोसॉफ्ट के वैश्विक कार्यक्रम 'आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस फॉर ह्यूमैनिटेरियन एक्शन' के तहत विकसित किया गया है। समाधान आपदा प्रभाव की भविष्यवाणी करने के लिए हाई रेजोल्यूशन सैटेलाइट इमेजरी, कृत्रिम मेधा कोडिंग सहित अन्य का इस्तेमाल करता है।
- नयी दिल्ली। सरकार ने घरेलू आपूर्ति को बढ़ाने और उपभोक्ताओं को राहत प्रदान करने के मकसद से सोमवार को मसूर दाल के आयात पर मूल सीमा शुल्क घटाकर शून्य कर दिया और दाल पर कृषि बुनियादी ढांचा विकास उपकर को आधा कर 10 प्रतिशत कर दिया। मूल सीमा शुल्क और उपकर में कमी के साथ, मसूर दाल पर प्रभावी आयात शुल्क 30 प्रतिशत से घटकर 10 प्रतिशत हो जाएगा। घटा हुआ सीमा शुल्क और उपकर मंगलवार से लागू हो जाएगा। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने इस संबंध में अधिसूचना संसद के दोनों सदनों में पेश की।वित्त मंत्रालय ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए, सरकार ने मसूर दाल पर सीमा शुल्क 30 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया है। (मूल सीमा शुल्क 10 प्रतिशत से घटाकर 'शून्य' किया गया है) और कृषि अवसंरचना विकास उपकर 20 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया गया है। इससे मसूर दाल के खुदरा मूल्य में कमी आएगी।'' अधिसूचनाओं के अनुसार, अमेरिका के अलावा अन्य देशों में पैदा हुए या निर्यात की जाने वाली दाल (मसूर दाल) पर मूल सीमा शुल्क 10 प्रतिशत से घटाकर शून्य कर दिया गया है। साथ ही अमेरिका से आने वाली या निर्यात की जाने वाली मसूर की दाल पर मूल सीमा शुल्क 30 प्रतिशत से घटाकर 20 प्रतिशत कर दिया गया है। इसके अलावा, मसूर पर कृषि अवसंरचना विकास उपकर (एआईडीसी) को वर्तमान दर 20 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया गया है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, मसूर दाल का खुदरा मूल्य इस साल एक अप्रैल के 70 रुपये प्रति किलोग्राम से 21 प्रतिशत बढ़कर अब 85 रुपये प्रति किलोग्राम हो गया है। सोमवार को धारवाड़ में अधिकतम बिक्री मूल्य 129 रुपये प्रति किलोग्राम था जबकि वारंगल और राजकोट में न्यूनतम बिक्री मूल्य 71 रुपये किलो था। कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, भारत में रबी फसल, मसूर का घरेलू उत्पादन, फसल वर्ष 2020-21 (जुलाई-जून) में पिछले वर्ष के 11 लाख टन से बढ़कर लगभग 13 लाख टन हो गया। फसल वर्ष 2020-21 के दौरान भारत का कुल दलहन उत्पादन दो करोड़ 55.8 लाख टन रहा, जो पिछले पांच वर्षों के औसत उत्पादन दो करोड़ 19.3 लाख टन से 36.4 लाख टन अधिक है। हालांकि भारत दुनिया में दालों का सबसे बड़ा उत्पादक देश है, लेकिन यह घरेलू बाजार में दलहन की कमी को पूरा करने के लिए उनका आयात करता है। जून में, सरकार ने जमाखोरी को रोकने और कीमतों में वृद्धि को रोकने के लिए अक्टूबर के अंत तक थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं, आयातकों और मिल मालिकों के पास मूंग को छोड़कर सभी दालों पर स्टॉक रखने की सीमा तय कर दी थी। हालांकि, हाल ही में सरकार ने दालों के आयातकों को स्टॉक रखने की सीमा से छूट दी थी। सरकार ने मिल मालिकों और थोक विक्रेताओं के लिए भी स्टॉक स्टॉक रखने की सीमा से ढील दी। अब स्टॉक रखने की सीमा केवल तुअर, उड़द, मूंग और मसूर दाल पर 31 अक्टूबर तक लागू है। भारतीय अनाज एवं दलहन संघ (आईजीपीए) के उपाध्यक्ष, बिमल कोठारी ने कहा कि सरकार को आयात शुल्क कम नहीं करना चाहिए क्योंकि दाल की कीमतों में नरमी नहीं आने वाली है। उन्होंने कहा, ‘‘इससे कनाडा के किसानों, कनाडाई निर्यातकों, ऑस्ट्रेलियाई किसानों, ऑस्ट्रेलियाई निर्यातकों और बहुराष्ट्रीय कंपनियों को छोड़कर किसी भी भारतीय अंशधारक को कोई फायदा नहीं होगा।'' उनके मुताबिक, दाल की कीमत में महज 1-2 रुपये की कमी हो सकती है, न कि 13-14 रुपये की।
- मुंबई। रिलायंस इंडस्ट्रीज, एसबीआई, एचडीएफसी बैंक और एचडीएफसी जैसी बड़ी कंपनियों के शेयरों में नुकसान तथा वैश्विक बाजारों में कमजोरी के रुख के बीच सोमवार को सेंसेक्स 124 अंक फिसल गया। चीन ने प्रौद्योगिकी कंपनियों के खिलाफ नियामकीय अंकुश बढ़ाए हैं जिससे वैश्विक बाजारों में गिरावट आई। इसके अलावा बाजार भागीदारों को इस सप्ताह होने वाली फेडरल रिजर्व की बैठक का भी इंतजार है। बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 123.53 अंक या 0.23 प्रतिशत के नुकसान से 52,852.27 अंक पर आ गया। सेंसेक्स में दो कारोबारी सत्रों के बाद गिरावट आई है। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 31.60 अंक या 0.20 प्रतिशत टूटकर 15,824.45 अंक पर बंद हुआ।सेंसेक्स की कंपनियों में एसबीआई का शेयर सबसे अधिक 1.36 प्रतिशत नीचे आया। रिलायंस इंडस्ट्रीज, महिंद्रा एंड महिंद्रा, टेक महिंद्रा, एलएंडटी, भारती एयरटेल, एचडीएफसी तथा इंडसइंड बैंक के शेयर भी नुकसान में रहे। वहीं दूसरी ओर बजाज फिनसर्व, अल्ट्राटेक सीमेंट, सन फार्मा, टाइटन, और टाटा स्टील के शेयर 2.46 प्रतिशत चढ़ गए। कोटक महिंद्रा बैंक के शेयर में एक प्रतिशत का लाभ रहा। बैंक का पहली तिमाही का शुद्ध लाभ करीब 32 प्रतिशत बढ़कर 1,641.92 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। आनंद राठी शेयर्स एंड स्टॉक ब्रोकर्स के इक्विटी शोध (बुनियादी) प्रमुख नरेंद्र सोलंकी ने कहा, ‘‘एशियाई बाजारों के नकारात्मक रुख के बीच भारतीय बाजारों की शुरुआत नुकसान के साथ हुई। हालांकि, दोपहर के कारोबार में बाजार सकारात्मक और नकारात्मक दायरे में घूमता रहा। बाजार के निवेशक विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) के रुख को लेकर चिंतित हैं। एफपीआई ने जुलाई में अबतक भारतीय शेयरों से 5,689 करोड़ रुपये की निकासी की है।'' जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में बाजार लाभ-हानि के बीच झूलता रहा। वैश्विक बाजारों में भी कमजोरी का रुख रहा। नायर ने कहा कि सरकार द्वारा नियमनों को सख्त किए जाने के बाद चीन में शिक्षा, संपत्ति और प्रौद्योगिकी क्षेत्र के शेयरों में जबर्दस्त गिरावट आई। बीएसई स्मॉलकैप 0.34 प्रतिशत चढ़ गया। मिडकैप में 0.06 प्रतिशत का लाभ रहा।अन्य एशियाई बाजारों में चीन का शंघाई कम्पोजिट, हांगकांग का हैंगसेंग तथा दक्षिण कोरिया का कॉस्पी नुकसान में रहे। जापान के निक्की में लाभ रहा। दोपहर के कारोबार में यूरोपीय बाजार नुकसान में चल रहे थे। इस बीच, अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क ब्रेंट कच्चा तेल 0.34 प्रतिशत के नुकसान से 73.85 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया दो पैसे टूटकर 74.42 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। शेयर बाजारों के अस्थायी आंकड़ों के अनुसार विदेशी संस्थागत निवेशकों ने शुक्रवार को शुद्ध रूप से 163.31 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
- नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को लोकसभा में कहा कि कोविड-19 महामारी के प्रकोप से पैदा हुए मौजूदा आर्थिक संकट से उबरने के लिए सरकार की मुद्रा नोटों को छापने की कोई योजना नहीं है।वित्त मंत्री से पूछा गया था कि क्या आर्थिक संकट से उबरने के लिए मुद्रा नोटों के मुद्रण की कोई योजना है। प्रश्न के लिखित उत्तर में उन्होंने कहा, नहीं।अनेक अर्थशास्त्रियों और विशेषज्ञों ने सरकार को सुझाव दिया है कि कोविड-19 से प्रभावित अर्थव्यवस्था में मदद के लिए और अधिक मुद्रा नोटों को छापा जाए।
- मुंबई। एचडीएफसी बैंक के आदित्य पुरी वित्तीय वर्ष 2020-21 में अपने सेवानिवृत्ति के वर्ष में निजी क्षेत्र के शीर्ष तीन बैंकों के अधिकारियों में सबसे अधिक वेतन-भत्ता कमाने वाले अधिकारी रहे। उनकी कुल कमाई 13.82 करोड़ रुपये थी। पुरी के उत्तराधिकारी शशिधर जगदीशन ने बीते वित्तीय वर्ष में 4.77 करोड़ रुपये का वेतन हासिल किया। जगदीशन 27 अक्टूबर, 2020 को एचडीएफसी बैंक के मुख्य कार्यकारी और प्रबंध निदेशक बने थे। इसमें उनकी पदोन्नति तक समूह प्रमुख के रूप में हासिल किया गया भुगतान शामिल है। वर्ष के दौरान पुरी की कमाई में सेवानिवृत्ति लाभ के 3.5 करोड़ रुपये शामिल हैं।कोविड-19 से काफी प्रभावित हुए इस काल में आईसीआईसीआई बैंक के प्रबंध निदेशक और सीईओ संदीप बख्शी ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए अपने मूल और अनुपूरक भत्तों के अपने तय हिस्से को खुद छोड़ दिया।" बैंक ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में यह जानकारी दी। रिपोर्ट के अनुसार, हालांकि, बख्शी को 38.38 लाख रुपये के भत्ते और अनुलाभ प्राप्त हुए। उन्हें आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस कंपनी से वित्तीय वर्ष 2016-17 और वित्त वर्ष 2017-18 के लिए विलंबित परिवर्तनीय वेतन के रूप में 63.60 लाख रुपये का परफॉर्मेंस बोनस भी मिला। निजी क्षेत्र के तीसरे सबसे बड़े बैंक एक्सिस बैंक के प्रमुख अमिताभ चौधरी को वेतन-भत्ते में 6.52 करोड़ रुपये मिले।बैंक ने साथ ही अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा कि उसके शीर्ष प्रबंधन के परितोषिक में 2020-21 में कोई वेतन वृद्धि नहीं की । जगदीशन को प्राप्त वेतन भत्ता उनके बैंक के कर्मचारियों के औसत वेतन का 139 गुना , चौधरी का 104 गुना और आईसीआईसीआई बैंक के बख्शी का वेतन-भत्ता 96 गुना था।
- नई दिल्ली। स्मार्ट फोन बनाने वाली कंपनी रियलमी ने कहा कि ग्राहकों की सौ प्रतिशत मांग को पूरा करने पर वह देश की सबसे बड़ी मोबाइल विनिर्माता कंपनी बन सकती है। कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि कुछ हिस्से-पुर्जों की कमी बने रहने के करण उन्हें उत्पादन में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।भारत और यूरोपीय बाजार के लिए रियलमी के उपाध्यक्ष एवं सीईओ माधव सेठ ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में हिस्से-पुर्जों की कमी दूर हो जाएगी। उन्होंने कहा, 'बिक्री एक ही साथ कई बातों पर निर्भर करती है। हमने अपना उत्पादन नहीं बढ़ाया है लेकिन अगर मैं मांग का आकलन करता हूं तो मांग के हिसाब से हम सबसे बड़ी फोन विनिर्माता कंपनी हो सकते हैं।' सेठ ने कहा, 'रियलमी के उत्पादों की भारी मांग हैं। अगर हम ग्राहकों की मांग को पूरा कर सकें तो हम सबसे बड़ी कंपनी बन जाएंगे, लेकिन हमारे पास उस मांग को पूरा करने के लिए सामान की आपूर्ति नहीं है।' उन्होंने कहा कि वर्तमान में कंपनी मांग का केवल 70 प्रतिशत ही पूरा कर पा रही है। आईडीसी के एक अनुसंधान के अनुसार 2021 की पहली तिमाही में रियलमी भारतीय बाजार में स्मार्ट फोन हिस्सेदारी के मामले में पांचवें स्थान पर थी।
- मुंबई। गुरुग्राम की रिवोल्ट मोटर अपनी मोटरसाइकल आरवी 300 का एक कम कीमत वाला नया माडल पेश करेगी। उम्मीद है कि आरवी1 नाम से इस माडल का उत्पादन अगले साल के शुरू में हो जाएगा। यह जानकारी कंपनी का समर्थन कर रही रत्तनइंडिया एंटरप्राइजेज की प्रवर्तक अंजलि रतन ने दी। रिवोल्ट मोटर वर्तमान में आरवी 400 और आरवी 300 माडल की मोटरसाइकलें पेश करती है। रत्तनइंडिया एंटरप्राइजेज ने 150 करोड़ रुपये में रिवोल्ट मोटर की 43 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी थी। अंजलि रतन ने कहा, हम आरवी300 के नए संस्करण को बाजार में उतारेंगे। इसे कम दाम में पेश करेंगे जो कुल मिलाकर एक नया संस्करण होगा।'' उन्होंने कहा कि इस नए संस्करण का उत्पादन अगले वर्ष की शुरुआत में शुरू होगा और यह पूरी तरह से भारत में विकसित ई-बाइक होगी।
- नयी दिल्ली। जापान की परिधान क्षेत्र की खुदरा कंपनी यूनिक्लो भारतीय बाजार में अपनी पहुंच मजबूत करने के लिए अपने ऑनलाइन स्टोर शुरू करेगी। कंपनी के शीर्ष अधिकारी ने बताया कि कंपनी का लक्ष्य कुल बिक्री में से 15 प्रतिशत ई-कॉमर्स के जरिये हासिल करने का है। यूनिक्लो इंडिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) तोमोहिको सेई ने कहा कि इसके अलावा कंपनी अपने मौजूदा स्टोर की संख्या भी बढ़ाएगी और अन्य शहरों में उन्हें खोलने के लिए तलाश जारी रखेगी। कंपनी के वर्तमान में दिल्ली-एनसीआर में छह स्टोर हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ग्राहक हमारी उच्च गुणवत्ता के प्रति लगाव रखते हैं। हमें विश्वास है कि हमारा ई-कॉमर्स बिक्री अनुपात आने वाले समय में प्रत्येक स्टोर की औसत बिक्री को आसानी से पार कर जाएगा।'' उन्होंने कहा कि कंपनी का पहला लक्ष्य ई-कॉमर्स के जरिये 15 प्रतिशत बिक्री हासिल करना है।







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