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- -ऑक्सीजन आपूर्ति से स्टील उत्पादन पर असर लेकिन लोगों का जीवन पहले: नवीन जिन्दल- अंगुल से 100 और रायगढ़ से लगभग 20 टन एलएमओ की प्रतिदिन आपूर्ति- दिल्ली-हरियाणा के कई अस्पतालों को भी भेजी गई मददरायपुर। जिन्दल स्टील एंड पावर लिमिटेड (जेएसपीएल) के चेयरमैन और कुरुक्षेत्र से पूर्व सांसद श्री नवीन जिन्दल ने कहा है कि लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन (एलएमओ) की सप्लाई से स्टील उत्पादन पर 10-15 प्रतिशत तक असर पड़ा है, लेकिन लोगों का जीवन बचाने के लिए वे यह नुकसान सहने के लिए तैयार हैं क्योंकि उनकी निगाह में देश प्रथम है और देशवासियों का जीवन सर्वोच्च प्राथमिकता है।जेएसपीएल के रायगढ़ और अंगुल प्लांट से देश के विभिन्न राज्यों में ऑक्सीजन आपूर्ति पर स्वयं निगाह रख रहे श्री नवीन जिन्दल ने कहा कि स्टील निर्माण में गैस के रूप में ऑक्सीजन का प्रयोग होता है, लेकिन गैस उत्पादन के दौरान 3-4 प्रतिशत लिक्विड ऑक्सीजन भी तैयार होती है जो स्वास्थ्य क्षेत्र में काम आती है। इसे ही लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन कहते हैं और इसकी ही ढुलाई संभव है। एक टन का मतलब 700 घनमीटर लिक्विड ऑक्सीजन जिससे 100 बड़े सिलेंडर भरे जा सकते हैं।श्री जिन्दल ने कहा कि देश में मांग से अधिक ऑक्सीजन का उत्पादन हो रहा है, लेकिन समस्या उसकी ढुलाई को लेकर है क्योंकि इसके लिए विशेष क्रायोजनिक टैंकर की आवश्यकता पड़ती है, जो अपने देश में पर्याप्त संख्या में नहीं है। हालांकि ऑर्गन गैस और नाइट्रोजन के टैंकरों का इस्तेमाल अब ऑक्सीजन की ढुलाई में किया जाने लगा है। उन्होंने कहा कि जेएसपीएल के अंगुल प्लांट से लगभग 100 टन और रायगढ़ से 20 टन ऑक्सीजन की आपूर्ति मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश के साथ-साथ दिल्ली और हरियाणा को की जा रही है। दो दिन पहले रायगढ़ प्लांट से रेलवे की ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने 70 टन ऑक्सीजन की आपूर्ति दिल्ली के अस्पतालों में की है। श्री जिन्दल ने कहा कि प्रतिदिन लगभग 120 टन ऑक्सीजन की सप्लाई हो रही है जिससे स्टील उत्पादन पर लगभग 10 से 15 फीसदी असर पड़ा है, लेकिन हमारे लिए देश और देश की जनता पहले है। उनकी जान बचाने के लिए जेएसपीएल यह नुकसान सहने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि जेएसपीएल 20 टन के टैंकर से लेकर 5 और 10 टन के टैंकरों के साथ-साथ छोटे-छोटे सिलेंडरों में भी लिक्विड ऑक्सीजन भर रहा है, जिसमें काफी समय लग जा रहा है। फिर भी हम किसी को निराश नहीं कर रहे। जो आ रहा है, उसे ऑक्सीजन उपलब्ध करा रहे हैं।श्री जिन्दल ने कहा कि कोविड- 19 के कारण ऐसी भयावह स्थिति पैदा होगी, इसकी किसी ने कल्पना नहीं की थी। केंद्र, राज्य सरकारें, उद्योग और अन्य संस्थाएं पूरी ताकत लगा रही हैं और उम्मीद है कि जल्द ही स्थिति में सुधार आएगा।
- मुंबई। वैश्विक शेयर बाजारों में तेजी के बीच मानक सूचकांक बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी मामूली बढ़त के साथ बंद हुए। बृहस्पतिवार को वायदा एवं विकल्प खंड में अनुबंधों के समाप्त होने के साथ बाजार में उतार-चढ़ाव के साथ मामूली तेजी आयी। तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स में कारोबार के दौरान 840 अंक का उतार-चढ़ाव आया। अंत में यह 32.10 अंक यानी 0.06 प्रतिशत की बढ़त के साथ 49,765.94 अंक पर बंद हुआ। इसी प्रकार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 30.35 अंक यानी 0.20 प्रतिशत की हल्की बढ़त के साथ 14,894.90 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स के शेयरों में सर्वाधिक लाभ में बजाज फिनसर्व रही। इसमें करीब 7 प्रतिशत की तेजी आयी। इसके अलावा बजाज फाइनेंस, एक्सिस बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज और इंडसइंड बैंक में भी मजबूती आयी। दूसरी तरफ बजाज ऑटो, एचडीएफसी, एचसीएल टेक और एल एंड टी आदि शेयरों में गिरावट रही। रिलांयस सिक्योरिटीज के रणनीति प्रमुख विनोद मोदी ने कहा, ‘‘वायदा एवं विकल्प खंड के सौदों के निपटान के बीच काफी उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में बाजार ज्यादातर समय लाभ में बने रहे। शुरूआती कारोबार में मानक निफ्टी 15,000 के स्तर को पार कर गया था लेकिन वह उस स्तर को बरकरार नहीं रख पाया।'' धातु, वित्तीय और औषधि कंपनियों को छोड़कर अन्य प्रमुख खंडों के सूचकांक नुकसान में रहे।
- नई दिल्ली। टाटा स्टील ने बुधवार को कहा कि उसने कोविड-19 मरीजों के उपचार के लिए तरल चिकित्सकीय ऑक्सीजन (एलएमओ) की आपूर्ति और बढ़ा कर दैनिक 800 टन तक कर दी है। सोमवार को कंपनी ने कहा था कि उसने अस्पतालों के लिए आक्सीजन की आपूर्ति सीमा बढ़ा कर 600 टन कर दी है।टाटा स्टील ने ट्वीटर पर कहा, ' टाटा स्टील ने तरल चिकित्सकीय ऑक्सीजन की आपूर्ति और बढ़ा कर प्रति दिन 800 टन कर दी है। कोविड के खिलाफ संघर्ष जारी है। हम भारत सरकार और राज्यों के साथ मिल कर काम कर रहे हैं ताकि मांग पूरी हो ओर लोगों की जान बचायी जा सके।
- नयी दिल्ली । टाइम मैगजीन की दुनिया की 100 सर्वाधिक प्रभावशाली कंपनियों की पहली सूची में दो भारतीय कंपनियां रिलायंस इंडस्ट्रीज लि. की प्रौद्योगिकी इकाई जियो प्लेटफॉर्म्स और ऑनलाइन शिक्षा देने वाली स्टार्टअप बायजू ने जगह बनायी है। टाइम ने अपनी वेबसाइट पर कहा कि कुछ कंपनियां भविष्य को आकार दे रही हैं और वे पहली बार तैयार 100 सर्वाधिक प्रभावशील कंपनियों की सूची के केंद्र में हैं। इन कंपनियों की सूची तैयार करने के लिये टाइम ने स्वास्थ्य, मनोरंजन, परिवहन, प्रौद्योगिकी समेत विभिन्न क्षेत्रों में काम करने वाली कंपनियों से आवेदन मंगाये। उसके बाद उनकी प्रासंगिकता, प्रभाव, नवप्रवर्तन, लक्ष्य और सफलता समेत महत्वपूर्ण एक-एक कारकों का आकलन किया गया। टाइम मैगजीन के अनुसार, ‘‘इसके परिणामस्वरूप विभिन्न क्षेत्रों में प्रभावकारी कार्य करने वाली कंपनियों की सूची तैयार हुई। इसमें पुनर्चक्रण के लिये प्रौद्योगिकी स्टार्टअप से लेकर भविष्य की मुद्रा को रूप दे रही क्रिप्टोकरेंसी कंपनी से लेकर कल और आज के टीके बना रही दवा कंपनियों को शामिल किया गया है। ये कंपनियां और इनकी अगुवाई कर रहे प्रमुख भविष्य का रास्ता तैयार करने में मदद कर रही हैं।'' सूची में जियो प्लेटफार्म्स को नवप्रवर्तकों की सूची में रखा गया है। इसी श्रेणी में जूम, एडिडास, टिक टॉक, आइकिया, मोडर्ना और नेटफ्लिक्स जैसी क कंपनियां भी हैं। टाइम के अनुसार, ‘‘पिछले कुछ साल में मुंबई का औद्योगिक समूह रिलायंस इंडस्ट्रीज ने भारत का सबसे बड़ा 4जी नेटवर्क तैयार किया है। कंपनी दुनिया के विभिन्न देशों के मुकाबले डेटा के लिये दर सबसे कम ले रही है (एक जीबी के लिये 5 सेंट्स (लगभग साढे तीन रुपया) से भी कम)।'' उसने कहा, ‘‘“दुनिया भर के निवेशक रिलायंस इंडस्ट्रीज की डिजिटल कंपनी जियो प्लेफॉर्म्स में निवेश करने के लिए तैयार खड़े हैं। वे रिलायंस जियो के 41 करोड़ उपभोक्ताओं तक पहुंच बनाने की कोशिश कर रहे हैं।'' इन निवेशकों में फेसबुक, गूगल जैसी कंपनियां शामिल हैं। जियो प्लेटफॉर्म्स फेसबुक के साथ मिलकर व्हाट्सएप-आधारित एक ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म विकसित कर रही है। वहीं किफायती 5जी स्मार्टफोन बनाने के लिए रिलायंस जियो गूगल के साथ काम कर रही है।'' सूची में ई-शिक्षा स्टार्टअप बायजू को टेसला, हुआवेई आदि जैसी कंपनियों के साथ रखा गया है।टाइम के अनुसार, ‘‘बायजू के संस्थापक बायजू रवीन्द्रन को पता है कि किसी समय कदम आगे बढ़ाना है। कंपनी के ऐप के उपयोगकर्ताओं की कोविड-19 महामारी के दौरान करीब दोगुनी 8 करोड़ पहुंच गयी। वह फिलहाल क्षेत्र में निवेश कर रहे हैं और इसके लिये उन्हें टेनसेन्ट और ब्लैकरॉक जैसे निवेशकों से वित्त पोषण प्राप्त हुआ है।'' उसने कहा, ‘‘शानदार वृद्धि के कारण बायजू भारत का सबसे आकर्षक स्टार्टअप में से एक बन गया है। कंपनी का मूल्य जुलाई 2019 में 5.5 अरब डॉलर था जो अब बढ़कर करीब 15 अरब डॉलर पहुंच गया है।
- नयी दिल्ली। हीरो मोटोकॉर्प ने बुधवार को देश में नवीनतम हार्ले-डेविडसन रेंज की कीमतों की घोषणा की जो 10.11 लाख रुपये से 34.99 लाख रुपये के बीच हैं। इसके 2021 आयरन 883 की कीमत 10.11 लाख रुपये, फोर्टी-एट की कीमत 11.75 लाख रुपये, सॉफ्टेल स्टैंडर्ड 15.25 लाख रुपये, स्ट्रीट बॉब की कीमत 15.99 लाख रुपये, फैट बॉब की 16.75 लाख रुपये, पैन अमेरिका 1250 की कीमत 16.9 लाख रुपये और पैन अमेरिका 1250 स्पेशल की कीमत 19.99 लाख रुपये है। इसी तरह, फैट बॉय को 20.9 लाख रुपये, हेरिटेज क्लासिक को 21.49 लाख रुपये, इलेक्ट्रो ग्लाइड स्टैंडर्ड 24.99 लाख रुपये, रोड किंग को 26.99 लाख रुपये, स्ट्रीट ग्लाइड स्पेशल को 31.99 लाख रुपये और रोड ग्लाइड स्पेशल को 34.99 लाख रुपये में बिक्री करना तय किया गया है। हीरो मोटोकॉर्प के प्रीमियम सेगमेंट बिजनेस यूनिट के प्रमुख, रवि अवलूर ने एक बयान में कहा, “हम भारत में हार्ले-डेविडसन मोटरसाइकिलों की 2021 रेंज के लिए बुकिंग खोलने को लेकर उत्साहित हैं। पैन अमेरिका एडवेंचर टूरर की शुरुआत के साथ अब लाइन-अप को मजबूत किया गया है।'' उन्होंने कहा कि 2021 मॉडल रेंज एक व्यापक उपभोक्ता खंड पसंदीदा उत्पादों का पेश करता है और ‘लेजर' मोटर साइकिल खंड में हार्ले-डेविडसन के नेतृत्व को सुनिश्चित करेगा। इस साल फरवरी में, हीरो मोटोकॉर्प ने एवलुर की अध्यक्षता में एक अलग खंड को स्थापित किया, ताकि देश में हार्ले-डेविडसन उत्पादों और माल वितरण का अपना नया व्यवसाय चलाया जा सके। कंपनी अब अपने व्यापक डीलर नेटवर्क के माध्यम से डीलरों द्वारा देश के स्तर पर पहुंच वाले 12 शहरों से परे अपनी सेवा, कल पुर्जो और अन्य सामानों के कारोबार का विस्तार कर रही है।
- नयी दिल्ली । सरकार ने बुधवार को कहा कि उर्वरक कंपनियां कोविड-19 महामारी में मरीजों के लिए ऑक्सीजन की किल्लत से निपटने के लिए आने वाले दिनों में हर रोज 50 टन तक तरल चिकित्सकीय आक्सीजन उपलब्ध करा सकती हैं। एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार सहकारी उर्वरक कंपनी इफको गुजरात में कलोल की इकाई में दैनिक 33 हजार घन मीटर ऑक्सीजन की आपूर्ति क्षमता का एक संयंत्र लगा रही है जो जल्द तैयार होगा। केंद्रीय रासायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने सार्वजनिक क्षेत्र, निजी क्षेत्र और साथ ही सहकारी क्षेत्र की उर्वरक कंपनियों के साथ, उनके संयंत्रों में ऑक्सीजन के उत्पादन की संभावना का पता लगाने के लिए एक बैठक की अध्यक्षता की। उनके पास पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय का प्रभार भी है। विज्ञप्ति के अनुसार मंडाविया ने उर्वरक कंपनियों से अस्पतालों को मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाकर समाज की मदद करने का आह्वान किया। विज्ञप्ति के अनुसार यह अनुमान लगाया गया है कि ‘उर्वरक संयंत्रों द्वारा कोविड रोगियों के लिए प्रतिदिन लगभग 50 टन तरल चिकित्सकीय ऑक्सीजन गैस उपलब्ध करायी जा सकती है।' बैठक में बताया गया कि इफको गुजरात की अपनी कलोल इकाई में 200 घन मीटर प्रति घंटे की क्षमता वाला एक ऑक्सीजन संयंत्र लगा रहा है और उनकी कुल क्षमता 33,000 घन मीटर प्रति दिन होगी। इसी तरह गुजरात स्टेट फर्टिलाइजर कार्पोरेशन (जीएसएफसी) ने अपने संयंत्रों में छोटे संशोधन किए और तरल ऑक्सीजन की आपूर्ति शुरू की। गुजरात नर्मदा वैली फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स (जीएनएफसी) ने वायु पृथक्करण इकाई शुरू करने के बाद चिकित्सा प्रयोजन के लिए तरल ऑक्सीजन की आपूर्ति भी शुरू कर दी है। विज्ञप्ति के अनुसार जीएसएफएस और जीएनएफसी ने अपनी ऑक्सीजन उत्पादन क्षमता बढ़ाने की प्रक्रिया पहले ही शुरू कर दी है। अन्य उर्वरक कंपनियां सीएसआर वित्त पोषण के माध्यम से देश के चुनिंदा स्थानों पर अस्पतालों/संयंत्रों में चिकित्सा संयंत्र स्थापित करेंगी।
- नयी दिल्ली। भारत की कोविड- 19 के खिलाफ जारी लड़ाई में फेसबुक, एप्पल, अमेजन, ओप्पो और विवो सहित तमाम उद्यम अपनी तरफ से आगे बढ़कर समर्थन दे रहे हैं। ये कंपनियां आक्सीजनेटर्स, सांस लेने की मशीनें और वेंटीलेटर्स जैसी सुविधायें उपलब्ध कराकर महामारी के खिलाफ देश को समर्थन दे रहे हैं। अमेजन इंडिया ने मंगलवार को कहा कि उसने अपने वैश्विक संसाधनों के जरिये 100 वेंटीलेटर्स हासिल किये हैं। इनका देश में तुरंत आयात किया जा रहा है। इनका विमान को जरिये देश में आयात किया जा रहा है और इनके अगले दो सप्ता में भारत पहुंचने की उम्मीद है। फेसबुक के प्रमुख मार्क जुकेरबर्ग ने कहा कि कंपनी यूनिसेफ के साथ मिलकर काम कर रही है और आपात प्रतिक्रिया के तौर पर एक करोड़ डालर उपलब्ध करा रही है। उन्होंने कहा, मैं भारत में प्रत्येक के बारे में सोच रहा हूं और उम्मीद कर रहा हूं कि वायरस पर जल्द नियंत्रण पा लिया जायेगा। फेसबुक इस मामले में यूनिसेफ के साथ मिलकर काम कर रहा है और लोगों को यह समझाना का प्रयास कर रहा है कि उन्हें अस्पताल कब जाना चाहिये। आपास प्रतिक्रिया के तौर पर वह एक करोड़ डालर दे रही है। एप्पल के सीईओ टिम कुक और गूगल के भारतीय मूल के सीईओ सुदर पिचाई ने भी कोरोना वायरस से राहत के प्रयासों में अपने अपने योगदान की बात कही है। पिचाई ने कहा कि कंपनी ने और उसके कर्मचारियों ने भारत, यूनीसेफ और अनय संगठनों को उनके प्रयासों में सहयोग के लिये 135 करोड़ रुपये उपलब्ध कराये है। विवो इंडिया ने मंगलवार को कोविड- 19 राहत कार्यों में मदद के लिये दो करोड़ रुपये का अनुदान देने की घोषणा की और आक्सीजन संक्रेन्द्रण हासिल करने में मदद के लिये आगे आई है। विवो इंडिया ब्रांड रणनीतिकार निदेशक निपुन मारया ने एक वक्तव्य में कहा, इस लड़ाई में हम सभी साथ है और हमें कोविड- 19 को हराने के लिये मिलकर लड़ना होगा।-file photo
- नई दिल्ली। स्थानीय सर्राफा बाजार में मंगलवार को सोने की कीमत 69 रुपये की मामूली तेजी के साथ 46 हजार 906 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया। एचडीएफसी सिक्युरिटीज ने यह जानकारी दी है। इससे पिछले कारोबारी सत्र में सोने का भाव 46 हजार 837 रुपये प्रति 10 ग्राम रहा था।चांदी का भाव भी इस दौरान 255 रुपये की तेजी के साथ 67 हजार 890 रुपये प्रति किलो हो गया। इससे पिछले कारोबारी सत्र में यह 67 हजार 635 रुपये पर बंद हुआ था। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने का भाव मामूली घटकर 1,778 डालर प्रति औंस रह गया जबकि चांदी का भाव 26.15 डालर प्रति औंस पर लगभग अपरिवर्तित रहा। एचडीएफसी सिक्युरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (जिंस) तपन पटेल ने कहा, ''न्यूयॉर्क स्थित जिंस एक्सचेंज, कॉमेक्स में मंगलवार को सोने का भाव मामूली गिरावट के साथ 1,778 डॉलर प्रति औंस था। डॉलर इंडेक्स के मजबूत होने से सोने में मामूली गिरावट देखने को मिली।'' उन्होंने कहा कि व्यापारियों और निवेशकों को अमेरिकी एमओएमसी (फेडरल ओपन मार्केट कमेटी) की बैठक का इंतजार है जिससे बहुमूल्य धातुओं में मिला जुला कारोबार देखने को मिल सकता है।
- मुंबई । शेयर बाजारों में मंगलवार को लगातार दूसरे दिन तेजी रही और बीएसई सेंसेक्स 558 अंक उछलकर बंद हुआ। सूचकांक में मजबूत हिस्सेदारी रखने वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज, एचडीएफसी बैंक और एल एंड टी में तेजी से बाजार को समर्थन मिला। तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सूचकांक 557.63 अंक यानी 1.15 प्रतिशत मजबूत होकर 48,944.14 अंक पर बंद हुआ। इसी प्रकार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 168.05 अंक यानी 1.16 प्रतिशत की बढ़त के साथ 14,653.05 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स के शेयरों में सर्वाधिक लाभ में एल एंड टी रहा। इसमें 3 प्रतिशत से अधिक की तेजी आयी। इसके अलावा बजाज फाइनेंस, रिलायंस इंडस्ट्रीज, इंडसइंड बैंक, एसबीआई और एचडीएफसी बैंक में भी तेजी रही। दूसरी तरफ मारुति, एनटीपीसी, कोटक बैंक, नेस्ले इंडिया और डा. रेड्डीज आदि शेयरों में गिरावट रही।जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य बाजार रणनीतिकार आनंद जेम्स ने कहा कि अमेरिकी बाजार में तेजी का असर घरेलू बाजार पर पड़ा है। एफओएमसी (फेडरल ओपन मार्केट कमेटी) की बैठक से पहले ट्रेजरी बांड पर प्रतिफल में गिरावट से निवेशकों को जोखिम लेने में मदद मिल रही है। बैंकों में निवेशकों की रूचि बनी हुई है और दोपहर बाद एक प्रतिशत से अधिक की तेजी आयी। जबकि धातु कंपनियों के शेयरों में 2.5 प्रतिशत से अधिक की तेजी आयी। उन्होंने कहा कि हालांकि, अप्रैल महीने के वायदा एवं विकल्प खंड में सौदे के इस सप्ताह पूरा होने को देखते हुए निवेशकों को थोड़ा सतर्क रुख अपनाने की जरूरत है।
- मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक ने सोमवार को कहा कि सरकार ने आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ को केन्द्रीय बैंक के निदेशक मंडल में निदेशक नियुक्त किया है। सेठ निदेशक मंडल में तरुण बजाज का स्थान लेंगे जिन्हें इस माह की शुरुआत में राजस्व सचिव नियुक्त कर दिया गया। सेठ 1987 बैच के कर्नाटक कैडर के आईएएस अधिकारी हैं। उन्होंने पिछले सपताह ही आर्थिक मामलों के विभाग का कार्यभार संभाला है। रिजर्व बैंक ने एक वक्तव्य में कहा, ‘‘केन्द्र सरकार ने वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ को भारतीय रिजर्व बैंक के केन्द्रीय निदेशक मंडल में तरुण बजाज के स्थान पर एक निदेशक नामित किया है।'' रिजर्व बैंक के केन्द्रीय निदेशक मंडल में एक अन्य सरकारी निदेशक वित्तीय सेवाओं के सचिव देबाशीष पांडा नामित हैं।
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नयी दिल्ली । सरकार ने मच्छर मारने वाले 121 रुपये से कम मूल्य के रैकेट के आयात पर सोमवार को रोक लगा दी। सरकार के इस कदम का मकसद देश में इस उत्पाद के आयात को हतोत्साहित करना है। विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीएफटी) ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है।
अधिसूचना में कहा गया है, ‘‘मास्क्वीटो किलर रैकेट की आयात नीति .. को संशोधित कर इसे ‘मुक्त' श्रेणी से प्रतिबंधित श्रेणी में डाल दिया गया है। यदि इसकी आयात लागत (लागत, बीमा, भाड़ा सहित) कुल लागत 121 रुपये प्रति रैकेट से कम होती है तो आयात नहीं किया जा सकेगा।'' एक अन्य अधिसूचना में डीजीएफटी ने तरबूजा के बीज के आयात पर भी प्रतिबंध लगा दिये। इस फल के बीज के आयात के लिये अब आयातक को डीजीएफटी से लाइसेंस या फिर अनुमति लेनी होगी। तरबूजे की आयात नीति में भी बदलाव किया गया है, इसे मुक्त आयात की श्रेणी से बदलकर ‘प्रतिबंधित' श्रेणी में डाल दिया गया है। - मुंबई। बैंक कर्ज नौ अप्रैल, 2021 को समाप्त पखवाड़े में 5.33 प्रतिशत बढ़कर 108.89 लाख करोड़ रुपये और जमा 10.94 प्रतिशत बढ़कर 152.15 लाख करोड़ रुपये रहा। इससे पहले, 10 अप्रैल, 2020 को समाप्त पखवाड़े में बैंक कर्ज 103.38 लाख करोड़ रुपये और जमा 137.15 लाख करोड़ रुपये था। वित्त वर्ष 2020-21 में बैंक कर्ज में 5.56 प्रतिशत और जमा में 11.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई।केयर रेटिंग्स ने अपनी हाल की एक रिपोर्ट में कहा कि बैंक कर्ज वृद्धि दर में लगातार गिरावट आ रही है। हालांकि निरपेक्ष रूप से बैंक कर्ज नौ अप्रैल, 2021 को समाप्त पखवाड़े में 10 अप्रैल, 2020 को समाप्त पखवाड़े के मुकाबले 5.5 लाख करोड़ रुपये बढ़ा। लेकिन 26 मार्च, 2021 को समाप्त पिछले पखवाड़े के मुकाबले 0.62 लाख करोड़ रुपये घटा। रेटिंग एजेंसी के अनुसार निरपेक्ष रूप से बैंक ऋण नये वित्त वर्ष के पहले महीने में घटता है क्योंकि इसे कम गतिविधियों वाला माह माना जाता है। पिछले पांच साल से यही प्रवृत्ति है। रिपोर्ट के अनुसार सालाना आधार पर नये वित्त वर्ष के पहले महीने यानी अप्रैल 2021 में वृद्धि दर पांच साल में पहली बार कम हुई है। यह कोविड-19 महामारी के कारण कर्ज की मांग में नरमी को बताता है। केयर रेटिंग्स के अनुसार अर्थव्यवस्था में वृद्धि और कमजोर तुलनात्मक आधार को देखते हुए वित्त वर्ष 2021-22 में बैंक कर्ज में वृद्धि की संभावना है।
- मुंबई। वैश्विक स्तर पर मिले-जुले रुख के बीच बीएसई सेंसेक्स में सोमवार को 508 अंक की तेजी आयी। सेंसेक्स में मजबूत स्थिति रखने वाले आईसीआईसीआई बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज और एक्सिस बैंक में तेजी के साथ बाजार में मजबूती आयी। तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 508.06 अंक यानी 1.06 प्रतिशत की बढ़त के साथ 48,386.51 अंक पर बंद हुआ। इसी प्रकार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 143.65 अंक यानी एक प्रतिशत उछलकर 14 हजार 485 अंक पर बंद हुआ।सेंसेक्स के शेयरों में सर्वाधिक लाभ में एक्सिस बैंक रहा। इसमें 4 प्रतिशत से अधिक की तेजी आयी। इसके अलावा, आईसीआईसीआई बैंक, अल्ट्राटेक सीमेंट, एचयूएल, भारतीय स्टेट बैंक, पावर ग्रिड, बजाज ऑटो और रिलायंस इंडस्ट्रीज में भी अच्छी तेजी रही। दूसरी तरह एचसीएल टेक, एचडीएफसी बैंक, मारुति, सन फार्मा और टीसीएस आदि शेयरों में गिरावट दर्ज की गयी।रिलायंस सिक्योरिटीज के रणनीतिक प्रमुख विनोद मोदी ने कहा, ''बाजार ने कोविड-19 मामलों में तेजी को तवज्जो नहीं दी और मुख्य रूप से वित्तीय कंपनियों में अच्छी तेजी से बाजार को बल मिला।'' उन्होंने कहा कि औषधि को छोड़कर ज्यादातर प्रमुख खंडवार सूचकांक लाभ में रहे। आईसीआईसीआई बैंक की अगुवाई मे कंपनियों के मार्च तिमाही के बेहतर परिणाम से बाजार को मजबूती मिली। इस बीच, स्वास्थ्य मंत्रालय के सोमवार को जारी आंकड़े के अनुसार देश में पिछले 24 घंटे में कोविड-19 के 3 लाख 52 हजार 991 नए मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 1 करोड़ 73 लाख 13 हजार 163 हो गई जबकि उपचाराधीन मरीजों की संख्या 28 लाख को पार कर गई है। एशिया के अन्य बाजारों में शंघाई और हांगकांग नुकसान में रहे जबकि तोक्यो और सोल लाभ में रहे।यूरोप के प्रमुख बाजारों में मध्याह्न कारोबार में नुकसान का रुख रहा।इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 1.74 प्रतिशत की गिरावट के साथ 64.28 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।
- नई दिल्ली। स्थानीय सर्राफा बाजार में सोमवार को सोना 81 रुपये की गिरावट के साथ 46 हजार 976 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गया। एचडीएफसी सिक्युरिटीज ने यह जानकारी दी है। इससे पिछले कारोबारी सत्र में सोने का भाव 47 हजार 57 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था।बाजार जानकारों के मुताबिक डालर के मुकाबले रुपये की दर में सुधार आने से सर्राफा बाजार में गिरावट रही। चांदी का भाव भी इस दौरान 984 रुपये गिरकर 67 हजार 987 रुपये प्रति किलो रह गया। इससे पिछले कारोबारी सत्र में यह 68 हजार 971 रुपये पर बंद हुआ था। सोमवार को आरंभिक कारोबार में रुपया 24 पैसे की तेजी के साथ 74.77 रुपये प्रति डॉलर हो गया। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने का भाव मामूली बढ़कर 1,779 डालर प्रति औंस हो गया जबकि चांदी का भाव 26.02 डालर प्रति औंस पर लगभग अपरिवर्तित रहा। एचडीएफसी सिक्युरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (जिंस) तपन पटेल ने कहा, ''डॉलर के कमजोर होने और महामारी को लेकर चिंता के चलते सोने की कीमतों को समर्थन मिल रहा है।
- -सेल, आरआईएनएल जैसी सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां शामिल-जेएसपीएल, टाटा स्टील, वेदांता ईसएल और जेएसडब्ल्यू स्टील जैसी निजी कंपनियों का भी सहयोगनई दिल्ली। इस्पात कंपनियों ने देश के विभिन्न हिस्सों में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए 1.43 लाख टन तरल मेडिकल ऑक्सीजन (एलएमओ) की आपूर्ति की है।इस्पात मंत्रालय द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, सितंबर, 2020 से 22 अप्रैल, 2021 तक सार्वजनिक और निजी क्षेत्र सहित इस्पात उद्योग ने 1,43,876.28 टन एलएमओ की आपूर्ति की है। इनमें इस्पात क्षेत्र के केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों का हिस्सा 39,805.73 टन रहा है। निजी क्षेत्र की जिन कंपनियों ने इस्पात की आपूर्ति की है उनमें टाटा स्टील, आर्सेलरमित्तल निप्पन स्टील इंडिया (एएमएनएस इंडिया), जेएसडब्ल्यू स्टील, जिंदल स्टील एंड पावर लि. (जेएसपीएल) और वेदांता ईएसएल शामिल हैं। वहीं सार्वजनिक क्षेत्र की स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लि. (सेल) और राष्ट्रीय इस्पात निगम लि. (आरआईएनएल) ने भी ऑक्सीजन की आपूर्ति की है।इस्पात संयंत्रों से ऑक्सीजन की आपूर्ति महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, दिल्ली, मध्य प्रदेश और अन्य राज्यों को की गई है। टाटा स्टील ने गुरुवार को कहा था कि वह विभिन्न राज्यों को प्रतिदिन 300 टन एलएमओ की आपूर्ति कर रही है। इस बीच, एएमएनएस इंडिया ने अपनी दैनिक आपूर्ति को बढ़ाकर 210 टन कर दिया है।जेएसडब्ल्यू और जेएसपीएल ने कहा है कि वे प्रतिदिन क्रमश: 185 और 100 टन ऑक्सीजन की आपूर्ति कर रही हैं। जेएसपीएल ने अपने बयान में कहा था कि उसके अंगुल प्लांट में 500 टन लिक्विड ऑक्सीजन का स्टॉक है और 100 टन प्रतिदिन आपूर्ति की क्षमता है। उनके संयंत्र से छत्तीसगढ़, ओडि़शा, तेलंगाना, मध्यप्रदेश, राजस्थान, दिल्ली जैसे राज्यों को ऑक्सीजन सेलेंडर भेजे जा रहे हैं।आरआईएनएल ने कहा है कि वह प्रतिदिन 100 टन एलएमओ की आपूर्ति कर रही है। सेल ने गुरुवार को ट्वीट कर कहा था कि वह प्रतिदिन औसतन 600 टन ऑक्सीजन की आपूर्ति कर रही है। सभी कंपनियां अपनी ऑक्सीजन आपूर्ति बढ़ाने का प्रयास कर रही हैं।इस्पात मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, मैं इस समय साथ आने के लिए सभी इस्पात कंपनियों का आभार जताता हूं। ये कंपनियां देश के लिए चौबीसों घंटे सातों दिन काम कर रही हैं। हम कोविड महामारी का मुकाबला मिलकर करेंगे।
- मुंबई। कोरोना वायरस की दूसरी लहर से देश के विभिन्न हिस्सों में लगाया जा रहा लॉकडाउन फैशन कारोबार वाले खुदरा विक्रेताओं के समक्ष नई चुनौती बनेगा। ऐसे में यह माना जा रहा है कि अब 2022- 23 में ही उनका राजस्व कोविड- 19 पूर्व के स्तर पर पहुंच सकेगा। घरेलू रेटिंग एजेंसी इक्रा ने रविवार को इसकी जानकारी दी।इक्रा की रिपोर्ट में कहा गया है कि फैशन कारोबार उद्योग में 2021- 22 में 23 से 25 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद है , लेकिन यह वृद्धि कारोबार को कोविड-19 पूर्व की स्थिति में ले जाने के लिये काफी नहीं है। रेटिंग एजेंसी ने कहा है कि कोविड-19 की दूसरी लहर शुरू होने से पहले उद्योग तेजी से सुधार के रास्ते पर चल रहा था। दिसंबर 2020 को समाप्त तिमाही में बिक्री कारोबार कोविड पूर्व के 70 प्रतिशत पर पहुंच गया था। एजेंसी के मुताबिक अब मार्च 2021 के बाद कोविड- 19 संक्रमण के मामलों में तीव्र वृद्धि होने के बाद उद्योग के समक्ष नई चुनौतियां दिख रही हैं। इक्रा की फैशन रिटेल क्षेत्र की प्रमुख साक्षी सुनेजा ने कहा कि उद्योग के कारोबारियों ने लागत बचत के लिये कई उपाय अपनाये हैं। किराये को लेकर बातचीत की है, वेतन और अन्य खर्चों को तर्कसंगत बनाने पर जोर दिया है। उद्योग जगत की तरफ से ये उपाय चालू वित्त वर्ष के दौरान भी जारी रहने की संभावना है। उन्होंने कहा, ''इन उपायों से उद्योग का परिचालन मार्जिन चालू वित्त वर्ष के दौरान 4.1 प्रतिशत के आसपास रहने की संभावना है, हालांकि यह मार्जिन 2019- 20 के मुकाबले 2.50 प्रतिशत कम रहेगा।
- मुंबई। नेशनल कमोडिटी एण्ड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (एनसीडीईएक्स) ने रविवार को कहा कि अरुण रस्ते अगले पांच साल के लिये एक्सचेंज के नये प्रबंध निदेशक और सीईओ होंगे। कृषि जिंस का वायदा कारोबार करने वाले इस एक्सचेंज ने एक वक्तव्य में कहा कि पूंजी बाजार नियामक सेबी ने अरुण रस्ते को पांच साल के लिये एनसीडीईएक्स का प्रबंध निदेशक (एमडी) और मुख्य कार्याधिकारी (सीईओ) नियुक्त करने को मंजूरी दे दी है। एनसीडीईएक्स ने कहा कि रस्ते कुछ ही समय में एनसीडीईएक्स में पदभार ग्रहण कर लेंगे। रस्ते वर्तमान में राष्ट्रीय डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड (एनडीडीबी) में कार्यकारी निदेशक हैं। इससे पहले वह आईडीएफसी फर्स्ट बैंक, कोटक महिन्द्रा बैंक, नाबार्ड, एसीसी सीमेंट और एक गैर- सरकारी संगठन एनजीओ आईआरएफटी के साथ काम कर चुके हैं।
- नयी दिल्ली। सरकार ने रविवार को कहा कि देश में गेहूं बुवाई के क्षेत्र में से अब तक 81 प्रतिशत से अधिक में कटाई हो चुकी है। वहीं कोविड महामारी के बीच दलहनों तथा तिलहनों की कटाई का काम पूरा हो गया है। किसान 2020-21 के फसल वर्ष (जुलाई-जून) में रबी यानी सर्दियों में बोई गई फसल की कटाई कर रहे हैं। गेहूं रबी की प्रमुख फसल है।कृषि मंत्रालय ने फसल कटाई के ताजा आंकड़े जारी करते हुए कहा, सक्रियता के साथ उठाये गये कदमों की वजह से रबी फसलों की कटाई समय पर हो रही है। साथ ही इनकी समय पर खरीद भी सुनिश्चित हो रही है जिससे किसानों को लाभ मिल सके।'' बयान में कहा गया है कि मौजूदा महामारी के बीच किसान और कृषि श्रमिक सभी तरह की प्रतिकूल परिस्थितियों में काम कर रहे हैं और यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि लोगों के घर तक अनाज पहुंच सके। मंत्रालय ने बताया कि गेहूं के मामले में 315.80 लाख हेक्टेयर के कुल बुवाई क्षेत्र में से 81.55 प्रतिशत की कटाई पूरी हो चुकी है। राजस्थान में गेहूं फसल की कटाई करीब 99 प्रतिशत पूरी हो गई है। वहीं मध्य प्रदेश में 96 प्रतिशत, उत्तर प्रदेश में 80 प्रतिशत, हरियाणा में 65 प्रतिशत और पंजाब और 60 प्रतिशत कटाई पूरी हुई है। बयान में कहा गया है कि हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश में कटाई का काम जोरशोर से चल रहा है। इसके अप्रैल, 2021 अंत तक पूरा होने की उम्मीद है।दलहन की बुवाई 158.10 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में की गई है। मंत्रालय ने कहा कि चना, मसूर, उड़द, मूंग और मटर की कटाई पूरी हो चुकी है। गन्ने का कुल बुवाई क्षेत्रफल 48.52 लाख हेक्टेयर है। छत्तीसगढ़, कर्नाटक और तेलंगाना में इसकी कटाई पूरी हो गई है। बिहार, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, हरियाणा, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल में 98 प्रतिशत तक कटाई पूरी हुई है। वहीं उत्तर प्रदेश में यह 84 प्रतिशत पूरी हुई है। उत्तर प्रदेश में कटाई मई मध्य तक चलेगी। धान की बुवाई 45.32 लाख हेक्टेयर में हुई है। इसमें से 18.73 लाख हेक्टेयर में कटाई पूरी हो गई है। आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु में रबी धान की कटाई लगभग पूरी हो गई है। तिलहन फसलों में रेपसीड, सरसों की कटाई राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, झारखंड, गुजरात, छत्तीसगढ़, ओडिशा और असम में पूरी हो गई है। हरियाणा में 99.95 प्रतिशत, पंजाब में 77 प्रतिशत कटाई पूरी हुई है। मूंगफली की बुवाई 7.34 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में हुई है। इसमें से 62 प्रतिशत से अधिक कटाई पूरी हो गई है।-file photo
- नई दिल्ली। सोने की कीमतें शुक्रवार को भी गिरी हैं, लेकिन ये गिरावट बहुत ही मामूली है। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के अनुसार शुक्रवार को दिल्ली में सोने की कीमत में 24 रुपये की गिरावट देखी गई है, जिसके बाद सोना 47 हजार 273 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर पहुंच गया है। पिछले सत्र में सोना 47 हजार 297 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर बंद हुआ था। वहीं दूसरी ओर चांदी की कीमत में 909 रुपये की गिरावट देखी जा रही है, जिसके बाद चांदी 68 हजार 62 रुपये प्रति किलो के स्तर पर पहुंच गई है। पिछले सत्र में चांदी 68 हजार 971 रुपये प्रति किलो के स्तर पर बंद हुई थी।एचडीएफसी सिक्योरिटीज के अनुसार गुरुवार को दिल्ली में सोने की कीमत में 168 रुपये की गिरावट देखी गई, जिसके बाद सोना 47 हजार 450 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर पहुंच गया। पिछले सत्र में सोना 47 हजार 618 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर बंद हुआ था। वहीं दूसरी ओर चांदी की कीमत में 238 रुपये की बढ़त देखी जा रही है, जिसके बाद चांदी 69 हजार 117 रुपये प्रति किलो के स्तर पर पहुंच गई। पिछले सत्र में चांदी 68 हजार 879 रुपये प्रति किलो के स्तर पर बंद हुई थी।
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नई दिल्ली। .सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एनटीपीसी ने कोयला बिजली घरों से निकलने वाली राख (फ्लाई ऐश) के बेहतर इस्तेमाल को लेकर नये विचारों को आमंत्रित करते हुये एक प्रतियोगिता की घोषणा की है।
कंपनी की विज्ञप्ति के अनुसार इस प्रतियोगिता का मकसद उसके बिजली कारखानों से निकलने वाली शत प्रतिशत राख के इस्तेमाल के बारे में नये विचारों को सामने लाना है। यह प्रतियोगिता 20 अप्रैल से शुरू हो गई है और 19 मई 2021 को बंद हो जायेगी।इस प्रतियोगिता अभियान के जरिये एनटीपीसी अपने कर्मचारियों के साथ साथ आम जनता को भी राख के उडऩे से पर्यावरण को होने वाले नुकसान से बचाने के लिये नये विचारों के योगदान के लिये प्रेरित करना है। एनटीपीसी ने इस प्रतियोगिता के लिये कुल 12 लाख रुपये का पुरस्कार रखा है जिसमें पहले विजेता को पांच लाख रुपये दिये जायेंगे।एनटीपीसी की चिंता उसके कोयला बिजली घरों से निकलने वाली राख के टिकाऊ इस्तेमाल को लेकर है। वह चाहती है कि इसके इस्तेमाल का कोई टिकाऊ निदान देने वाला विचार उसके सामने आये। एनटीपीसी के संयंत्रों से निकलने वाली राख का इस्तेमाल वैसे सीमेंट, कंक्रीट, कंक्रीट के उत्पाद, सेल्यूलर कंक्रीट उत्पादों, ईंट, ईंट के ब्लाक, टाइल बनाने में किया जा रहा है। एनटीपीसी ने अपने कोयला आधारित बिजलीघरों में सूखी राख की उपलब्धता के लिये भंडारण प्रणाली स्थापित की है। फ्लाईऐश को एक स्थान से दूसरे स्थान पर सुरक्षित तरीके से ले जाने के लिये एनटीपीसी रेलवे नेटवर्क का इसतेमाल करती है। एनटीपीसी के देशभर में 70 बिजली घर है, इनमें 26 नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनायें है। इनकी कुल 65,825 मेगावाट बिजली उत्पादन की स्थापित क्षमता है। कंपनी के 18 गीगावाट उत्पादन क्षमता की परियोजनायें निर्माणाधीन हैं जिसमें से पांच गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनायें हैं। - नई दिल्ली। अरबपति उद्योगपति मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने ब्रिटेन के प्रतिष्ठित कंट्री क्लब और लक्जरी गोल्फ रिसार्ट, स्टोक पार्क को 5.70 करोड़ पाउंड (करीब 592 करोड़ रुपये) में खरीद लिया है।रिलायंस का यह अधिग्रहण उसके आबरॉय होटल और मुंबई में उसके द्वारा विकसित की जा रही, होटल व्यवस्थित आवासीय सुविधाओं में किये गये मौजूदा अधिग्रहण के साथ हो रहा है।रिलायंस इंडस्ट्रीज ने पिछले चार सालों के दौरान 3.3 अरब डालर के अधिग्रहण की घोषणा की है। इसमें से 14 प्रतिशत खुदरा क्षेत्र में किया गया, 80 प्रतिशत प्रौद्योगिकी, मीडिया और दूरसंचार क्षेत्र में वहीं शेष छह प्रतिशत निवेश ऊर्जा क्षेत्र में किया गया है।रिलायंस ने गुरुवार देर शाम भेजी गई नियामकीय सूचना में कहा है कि ब्रिटेन स्थित स्टोक पार्क उसके उपभोक्ता और आतिथ्य संपत्ति क्षेत्र का हिस्सा बनेगी। कंपनी ब्रिटेन के बकिंघमशायर में एक होटल और गोल्फ कोर्स की मालिक है। नियामकीय सूचना में कहा गया है, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रियल इन्वेस्टमेंट्स एण्ड होल्डिंग्स लिमिटेड (आरआईआईएचएल) ने 22 अप्रैल 2021 को ब्रिटेन में स्थापित कंपनी स्टोक पार्क लिमिटेड की समूची चुकता शेयर पूंजी का अधिग्रहण कर लिया है। यह अधिग्रहण 5.70 करोड़ पाउंड में किया गया।
- -हमारे लिए देश प्रथम, कोविड संक्रमण से निपटने में सहयोग देने के लिए जेएसपीएल प्रतिबद्ध: नवीन जिन्दल-छत्तीसगढ़, ओडि़शा, तेलंगाना, मध्यप्रदेश, राजस्थान, दिल्ली जैसे राज्यों को भेजे जा रहे हैं ऑक्सीजन सेलेंडररायपुर। चाहे जनहित, जनसेवा के मुद्दे हों या फिर राष्ट्रीय आपदा, जिन्दल स्टील एंड पावर लिमिटेड (जेएसपीएल) के चेयरमैन और कुरुक्षेत्र के पूर्व सांसद श्री नवीन जिन्दल हमेशा सबसे पहले मदद करने के लिए ना केवल आगे आए हैं, बल्कि उद्योग जगत को भी इस दिशा में नई राह दिखाई और एक मिसाल कायम की। आज जब देश कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से जूझ रहा है, तो ऐसे में नवीन जिंदल ने मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति करने की दिशा में पहल की और एक बार फिर अन्य कंपनियों को इसके लिए प्रेरित किया। लिहाजा आज कई नामी कंपनियां इस दिशा में मदद के लिए आगे आ रही हैं।बात आम लोगों को अपने घरों में स्वतंत्र रूप से राष्ट्रीय ध्वज फहराने का सम्मान पाने का हक दिलाने की हो या फिर कोरोना महामारी जैसी राष्ट्रीय आपदा में मदद करने की हो, नवीन जिंदल ने हमेशा एक सितारा बनकर लोगों का मार्गदर्शन किया और खुद इस दिशा में पहल करके साबित किया कि उनकी कंपनी जेएसपीएल केवल उत्कृष्ट स्टील बनाना नहीं जानती, बल्कि फौलादी जज्बा भी रखती है। देश में जब कोरोना जैसी महामारी ने पिछले साल दस्तक दी तो किसी ने नहीं सोचा था कि यह एक दिन भयावह मंजर के रूप में सामने आएगी। जब देशवासियों ने पहली बार कोरोना संक्रमण की वजह से लॉकडाउन देखा और उसके कुछ दुष्परिणाम से भी वाकिफ हुए। और जब लोगों के पास काम नहीं था, रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई, जो नवीन जिंदल ने मसीहा बनकर उनकी मदद की। राष्ट्रीय आपदा की इस घड़ी में उन्होंने पीएम केयर्स फंड में 25 करोड़ रुपए और छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री राहत कोष में 2 करोड़ रुपए की ना केवल मदद की, बल्कि जिन स्थानों में उनके संयत्र लगे हैं, वहां लोगों को भोजन आपूर्ति करने से लेकर राशन सामग्री का भी वितरण किया, ताकि कोई भूखा ना सोये । छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में उन्होंने महीनों तक यह अभियान जारी रखा। इतना ही नहीं रायगढ़ स्थित अपने फोर्टिस ओपी जिंदल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में उन्होंने कोरोना मरीजों के इलाज के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी। यहीं नहीं उन्होंने राज्य सरकार द्वारा बनाए गए नए कोविड सेंटरों में संसाधन जुटाने में भी आगे बढ़कर मदद की।कोरोना वायरस की लहर से देश संभल भी नहीं पाया था कि संक्रमण का दूसरा और भी भयावह रूप अब जब सामने आया है और संक्रमितों के इलाज के लिए मेडिकल ऑक्सीजन की कमी पडऩे लगी है। ऐेसे में नवीन जिंदल ने अपने स्टील उत्पादक संयंत्रों में मेडिकल ऑक्सीजन का निर्माण शुरू किया और अब उसकी आपूर्ति न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि मध्यप्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, ओडि़शा, तेलंगाना जैसे कई राज्यों को भी करने की जिम्मेदारी ली और उसे पूरा करना भी शुरू कर दिया है। श्री जिंदल ने भरोसा दिलाया है कि जेएसपीएल अन्य प्रदेशों और प्रतिष्ठित संस्थानों की ओर से आ रही मांग की आपूर्ति करने के लिए कृतसंकल्पित है।
हमारे लिए देश प्रथम, कोविड संक्रमण से निपटने में सहयोग देने के लिए जेएसपीएल प्रतिबद्ध: नवीन जिन्दलजेएसपीएल के चेयरमैन श्री नवीन जिन्दल ने देशवासियों को भरोसा दिलाया है कि संकट की इस घड़ी में वे उनके साथ हैं, पास हैं। उन्होंने कहा है कि देश हमारे लिए प्रथम है और कोविड 19 की दूसरी लहर को मात देने में जेएसपीएल केंद्र और राज्य सरकारों का हरसंभव सहयोग करने के लिए प्रतिबद्ध है।जेएसपीएल के अनुसार इस समय अंगुल प्लांट में 500 टन लिक्विड ऑक्सीजन का स्टॉक है, जिसका इस्तेमाल मरीजों की जान बचाने में किया जा सकता है। इसके अलावा जेएसपीएल प्रतिदिन 100 टन ऑक्सीजन उपलब्ध कराने में सक्षम है और राज्य सरकारों को सहयोग देने के लिए तैयार है। हाल ही में जेएसपीएल के रायगढ़ प्लांट से 16-16 टन के दो ऑक्सीजन टैंकर जबलपुर भेजे गए हैं। इसी तरह गुना जिले के राघवगढ़ में 16 टन का ऑक्सीजन टैंकर भेजा गयाहै । रायगढ़ प्लांट से भोपाल 1 टैंकर और दिल्ली 2 टैंकर रवाना किये गए हैं। रायगढ़ से ही रायपुर के लिए 16-16 टन के दो टैंकर भेजे गए। अंगुल प्लांट से 20 टन ऑक्सीजन तेलंगाना भेजी गई है।गौरतलब है कि पिछले साल मार्च महीने में जब कोरोना संक्रमण की पहली लहर आई थी तब उसकी रोकथाम और मरीजों की जान बचाने के लिए अकेले ओडिशा में जेएसपीएल ने 750 टन ऑक्सीजन की आपूर्ति अपने अंगुल प्लांट से की थी। इसी तरह रायगढ़ से 50 टन ऑक्सीजन और 300 से अधिक सिलेंडरों की आपूर्ति जरूरतमंदों को की गई थी। अब एक बार फिर जेएसपीएल ने लोगों की जान बचाने के लिए ऑक्सीजन की सप्लाई का जिम्मा उठाया है। जेएसपीएल के फौलादी जज्बे को एक बार फिर सलाम...... - - जेएसपीएल के अंगुल प्लांट में 500 टन लिक्विड ऑक्सीजन का स्टॉक, 100 टन प्रतिदिन आपूर्ति की क्षमता। तेलंगाना, मध्यप्रदेश और दिल्ली भेजे जा रहे टैंकर-रायगढ़ से भी मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और दिल्ली भेजे जा रहे ऑक्सीजन के टैंकर- दिल्ली और राजस्थान की भी जेएसपीएल करेगा मदद-ओडिशा और छत्तीसगढ़ की अनेक संस्थाओं को कोविड19 की पहली लहर के समय से ही भेजी जा रही ऑक्सीजन की खेपरायपुर। जिन्दल स्टील एंड पावर लिमिटेड (जेएसपीएल) के चेयरमैन और कुरुक्षेत्र के पूर्व सांसद श्री नवीन जिन्दल ने कहा कि देश हमारे लिए प्रथम है और कोविड 19 की दूसरी लहर को मात देने में जेएसपीएल केंद्र और राज्य सरकारों का हरसंभव सहयोग करने के लिए प्रतिबद्ध है। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान, राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत और दिल्ली के मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल से बातचीत के बाद उन्होंने कहा कि प्रत्येक जीवन अनमोल है और लोगों का जीवन बचाने के लिए वह हरसंभव सहयोग करेंगे।श्री जिन्दल ने देशवासियों को भरोसा दिलाया है कि संकट की इस घड़ी में वे उनके साथ हैं, पास हैं। इस समय जेएसपीएल अंगुल प्लांट में 500 टन लिक्विड ऑक्सीजन का स्टॉक है, जिसका इस्तेमाल मरीजों की जान बचाने में किया जा सकता है। इसके अलावा जेएसपीएल प्रतिदिन 100 टन ऑक्सीजन उपलब्ध कराने में सक्षम है और राज्य सरकारों को सहयोग देने के लिए तैयार है।इसी सप्ताह मध्यप्रदेश से सांसद और वरिष्ठ अधिवक्ता श्री विवेक तनखा के अनुरोध पर जेएसपीएल के रायगढ़ प्लांट से 16-16 टन के दो ऑक्सीजन टैंकर जबलपुर भेजे गए। इसी तरह गुना जिले के राघवगढ़ में 16 टन का ऑक्सीजन टैंकर भेजा गया, जिसके लिए वहां के विधायक श्री जयवर्धन सिंह ने श्री नवीन जिन्दल का धन्यवाद किया। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री श्री दिग्विजय सिंह ने भी इस सेवा के लिए आभार व्यक्त किया। इसके बाद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से बातचीत में श्री नवीन जिन्दल ने विश्वास दिलाया कि रायगढ़ प्लांट से उन्हें हरसंभव मदद दी जाएगी, जिसके प्रत्युत्तर में श्री चौहान ने कहा, "आपके सहयोग से हमें कोविड19 के खिलाफ युद्ध में एक नई ताकत मिलेगी।" इसके बाद रायगढ़ प्लांट से भोपाल 1 टैंकर और दिल्ली 2 टैंकर रवाना किये गए। रायगढ़ से ही रायपुर के लिए 16-16 टन के दो टैंकर भेजे गए हैं।महामारी के खिलाफ जंग में अग्रिम मोर्चे से कमान संभालते हुए जेएसपीएल ने 22 अप्रैल को अपने अंगुल प्लांट से 20 टन ऑक्सीजन तेलंगाना भेजी। आज राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के बतरा अस्पताल, मेदांता अस्पताल और आर्टेमिस अस्पताल के लिए तीन टैंकर ऑक्सीजन रवाना करने की तैयारी है। अन्य प्रदेशों और प्रतिष्ठित संस्थानों की ओर से भी मांग आ रही है, जिसे पूरा करने के लिए जेएसपीएल कृतसंकल्प है। अंगुल प्लांट से भी मध्यप्रदेश के लिए बड़ी खेप भेजने की तैयारी की जा रही है। इसके अलावा तेलंगाना से आठ और टैंकर आने की सूचना है।गौरतलब है कि पिछले साल मार्च महीने में जब कोरोना संक्रमण की पहली लहर आई थी तब उसकी रोकथाम और मरीजों की जान बचाने के लिए अकेले ओडिशा में जेएसपीएल ने 750 टन ऑक्सीजन की आपूर्ति अंगुल प्लांट से की थी। इसी तरह रायगढ़ से 50 टन ऑक्सीजन और 300 से अधिक सिलेंडरों की आपूर्ति जरूरतमंदों को की गई थी।
- नयी दिल्ली। टोरेन्ट पावर लिमिटेड ने कहा है कि वह गुजरात में 1,250 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से 300 मेगावॉट क्षमता का सौर बिजली संयंत्र लगाएगी। कंपनी ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि उसने उत्पादित बिजली 25 साल की अवधि के लिये 2.22 रुपये प्रति यूनिट की दर से बेचने को लेकर समझौता किया है।बयान के अनुसार, ''टोरेन्ट पावर लि. ने गुजरात में 300 मेगावॉट क्षमता के सौर बिजली संयंत्र के लिये वितरण कंपनी के साथ दीर्घकालीन बिजली खरीद समझौता किया है।'' परियोजना को बिजली खरीद समझौते के क्रियान्वयन की तारीख से 18 महीने के भीतर चालू किया जाएगा। परियोजना की अनुमानित लागत करीब 1,250 करोड़ रुपये है।
- बेंगलुरु । कोविड-19 की पहली लहर और मार्च 2020 से सरकार द्वारा देश भर में लगाए गए कठोर लॉकडाउन के कारण कई व्यवसायों और कंपनियों को भारी नुकसान हुआ और अंतत: घाटे में आने के बाद वो बंद हो गये। किंतु उन्हीं परिस्थितियों में बेंगलुरु की 25 वर्षीय उद्यमी विभा हरीश ने 2020 में अपना कारोबार शुरू कर महज एक साल में उसे जमकर चमकाया। उसी का नतीजा है कि आज उनका नाम फोर्ब्स एशियाज 30 ‘अंडर 30' सूची में शामिल हो गया है।हरीश की कंपनी ‘कॉस्मिक्स' हर्बल पोषण और पौधों से सप्लीमेंट बनाती है और फिलहाल सबसे तेजी से आगे बढ़ रही कंपनियों में से एक है। स्थापना के महज एक साल के भीतर अपने उत्पादों की गुणवत्ता, उत्पादन और मार्केटिंग के तरीकों से हरीश की कंपनी का वार्षिक टर्नओवर दो करोड़ रुपये का हो गया है। अपनी किशोरावस्था में स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से जूझने वाली हरीश को महिलाओं के लिए उचित पोषण और पोषक तत्वों की कमी समझ आयी और इसी के आधार पर उन्होंने अपना व्यवसाय शुरू किया। हरीश ने बताया, ‘‘मेरी मां ने एलोपैथिक दवाओं की जगह पर हर्बल (आयुर्वेदिक) दवाएं लेने की सलाह दी। मैंने जड़ी-बूटियों का उपयोग शुरू कर दिया। पश्चिम में हर्बल उत्पादों के उपयोग और हमारे देश में आयुर्वेद के महत्व से प्रेरित होकर मैंने खुद ही प्रयोग करना शुरू कर दिया।'' हरीश ने व्यवसाय का गुर अपने माता-पिता से सीखा। साथ ही सप्लाई चेन मैनेजमेंट विषय से इंजीनियरिंग की डिग्री ने भी उसकी खूब मदद की। हरीश ने कहा, ‘‘जड़ी-बूटियों के बारे में मैं अपनी दिलचस्पी से सीख रही थी, लेकिन फिर मुझे लगा कि इन चीजों को सही तरीके से नहीं बेचा जा रहा है क्योंकि सही वैज्ञानिक सूचनाएं साझा नहीं की जा रही हैं।'' कॉस्मिक्स के पास फिलहाल आठ उत्पाद हैं जो आंत, लीवर, नींद, केश और त्वचा के स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर तैयार किए गए हैं।



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