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- नई दिल्ली। ऐप आधारित कैब सेवाएं देने वाली कंपनी उबर ने प्राभजीत सिंह को भारत और दक्षिण एशिया परिचालन का अध्यक्ष नियुक्त किया है।कंपनी ने एक बयान में कहा कि उनकी नियुक्ति तत्काल प्रभावी है। वह अपनी नयी भूमिका में कंपनी के आवागमन व्यवसाय की वृद्धि के अगले चरण की निगरानी करेंगे। वह भारत, श्रीलंका और बांग्लादेश में वाहन चालकों व यात्रियों की सुरक्षा भी सुनिश्चित करेंगे। इससे पहले सिंह परिचालन निदेशक (भारत और दक्षिण एशिया) तथा हेड ऑफ सिटीज के पद पर कार्यरत थे। उबर के क्षेत्रीय महाप्रबंधक (एशिया प्रशांत) प्रदीप परमेश्वरन ने कहा, मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि प्राभ भारत और दक्षिण एशिया के लिये उबर के नये अध्यक्ष के रूप में मेरी जगह ले रहे हैं। भारत और दक्षिण एशिया हमारे सबसे तेजी से बढ़ते व सबसे रणनीतिक बाजारों में से एक है। प्राभ एक उत्साही और नवोन्मेषी कार्यकारी हैं तथा वह उबर को जमीनी स्तर से यहां तक लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं।
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नई दिल्ली। एनटीपीसी ने शनिवार को कहा कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में उसके सिंगरौली बिजली संयंत्र की यूनिट-1 का प्रदर्शन सबसे अच्छा रहा है। कंपनी ने कहा कि अप्रैल-जून की अवधि के दौरान इस यूनिट ने 101.96 प्रतिशत क्षमता का इस्तेमाल या प्लांट लोड फैक्टर (पीएलएफ) दर्ज किया है। गौरतलब है कि सिंगरौली की यूनिट-1, एनटीपीसी की सबसे पुरानी इकाई है। इस स्टेशन की पहली यूनिट ने 13 फरवरी, 1982 को बिजली उत्पादन शुरू किया था। एनटीपीसी सिंगरौली की स्थापित क्षमता 2,000 मेगावॉट की है। इनमें पांच यूनिट 200-200 मेगावॉट की और दो 500-500 मेगावॉट की हैं। एनटीपीसी ने बयान में कहा है कि इस संयंत्र की तीन यूनिट (1, 4 और 5) ने तिमाही के दौरान क्रमश: 101.96 प्रतिशत, 101.85 प्रतिशत और 100.35 प्रतिशत का पीएलएफ दर्ज किया। - - स्कूलों के पाठ्यक्रम में परिवार नियोजन को प्राथमिकता से शामिल किया जाए-जन्मदर नियंत्रित रखने के लिए राज्य सरकारों से लेकर पंचायत स्तर तक प्रोत्साहन दिया जाए- पल्स पोलियो अभियान की तर्ज पर घर-घर पहुंचाया जाए छोटा परिवार-सुखी परिवार का संदेश- शिक्षित महिला नेताओं को अग्रणी जिम्मेदारी दी जाए, लोगों को टैक्स छूट जैसे प्रोत्साहन भी दिये जाएंरायपुर। जेएसपीएल के चेयरमैन नवीन जिन्दल ने आह्वान किया है कि भारत को विकसित और देशवासियों को खुशहाल बनाने के लिए जनसंख्या नियंत्रण जागरूकता अभियान को और तेज किया जाए।उन्होंने स्वास्थ्य सुविधाओं में अपेक्षाकृत अधिक निवेश और बेटियों की शिक्षा पर जोर देते हुए कहा कि पल्स पोलियो अभियान की तर्ज पर जनसंख्या नियंत्रण जागरूकता अभियान चलाया जाए तो हमारे देश को कोविड-19 व अन्य घातक बीमारियों से मुक्ति मिलेगी, साथ ही भुखमरी व कुपोषण से भी देशवासियों को छुटकारा मिलेगा। इसके लिए उन्होंने सामुदायिक नेतृत्व और टैक्स छूट जैसे प्रोत्साहन पैकेज देने का सुझाव भी दिया है।विश्व जनसंख्या दिवस पर आज अपने ब्लॉग https://medium.com/@
naveen.jindal/how-a- persuasive-indian-democracy- can-stabilise-its-population- 2ee0b1f02b85 के माध्यम से श्री जिन्दल ने सरकार को सुझाव दिया कि राष्ट्रीय स्तर पर स्कूली पाठ्यक्रमों में परिवार नियोजन संबंधी तथ्यों को प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों से लेकर पंचायत स्तर तक ऐसा अभियान चलाया जाए जिससे प्रत्येक घर तक दो बच्चे- सबसे अच्छे, का संदेश पहुंच जाए। केंद्र सरकार इस कार्य में अच्छा प्रदर्शन करने वाले राज्यों को प्रोत्साहित करने की नीति भी बनाए और उन्हें धन आवंटन में पर्याप्त सहयोग दे। उन्होंने याद दिलाया कि जिस तरह पल्स पोलियो नियंत्रण में धर्मगुरुओं और सामुदायिक नेताओं ने भागीदारी कर देश को पोलियोमुक्त कराया, उसी तर्ज पर जनसंख्या नियंत्रण के लिए भी अभियान चलाया जाए ताकि देश के प्राकृतिक संसाधनों का समुचित उपयोग कर देशवासियों को खुशहाल बनाने का मार्ग प्रशस्त हो।ब्लॉग के मुताबिक 2018 के ग्लोबल हंगर इंडेक्स के मुताबिक भारत 119 देशों में 103 वें स्थान पर था। 137 करोड़ की आबादी वाला हमारा देश 2027 तक दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाला देश बन जाएगा, जो एक बड़ी चुनौती है क्योंकि बढ़ती आबादी से सामाजिक असमानता बढ़ेगी। अमीर-गरीब की खाई और चौड़ी हो जाएगी इसलिए जनसंख्या नियंत्रण राष्ट्रहित में आवश्यक है जिसके लिए लोगों को समझाना-बुझाना आवश्यक है। इसकी जिम्मेदारी शिक्षित महिलाओं को प्राथमिक रूप से दी जाए और परिवार नियोजन के उपायों को सर्वसुलभ कराया जाए।श्री जिन्दल ने अपने ब्लॉग में जिक्र किया है कि जिन-जिन राज्यों ने बालिका शिक्षा को प्रोत्साहित किया, वहां-वहां जन्मदर में प्रत्यक्ष रूप से कमी दिखाई पड़ी है। 1991-2001 के दशक में बालिका शिक्षा के विस्तार के कारण जन्मदर 21.5 फीसदी से घटकर 17.7 फीसदी हो गई। केरल, तमिलनाडु, पंजाब, महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश में बेहतर बालिका शिक्षा व्यवस्था के कारण जन्मदर घटी है जबकि उत्तर प्रदेश और बिहार में लक्ष्य प्राप्त नहीं हो पा रहा है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे-4 के अनुसार जन्मदर 1.8 फीसदी रहे तो हालात काबू में आ सकते हैं। हालांकि कुछ विशेषज्ञ मानते हैं कि 2.1 फीसदी की दर से भी जनसंख्या स्थिरता हासिल की जा सकती है। अभी देश में जन्मदर 2.2 फीसदी होने का अनुमान है।उन्होंने लिखा है कि उनके संसदीय काल में जनसंख्या नियंत्रण उपायों पर अनेक बार चर्चा हुई जिनमें उन्होंने सक्रिय भागीदारी की और सभी कानून निर्माता दलगत राजनीति से ऊपर उठकर इस समस्या के समाधान पर गंभीर थे। 10 राज्यों में कुछ कदम उठाए भी गए और दो से अधिक बच्चों वाले व्यक्तियों को पंचायत चुनाव के लिए अयोग्य करार दे दिया गया। हालांकि श्री जिन्दल देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था का हवाला देते हुए लिखते हैं कि टैक्स छूट व अन्य प्रोत्साहन देकर आम जनता को इस मुहिम से जोड़ा जा सकता है। -
-ओपी जिंदल विश्वविद्यालय, रायगढ़ में पर्यावरण, स्थायी विकास एवं आपदा प्रबंधन की पढ़ाई की विशेष व्यवस्था
- छात्रों को निखारने के लिए ओ.पी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी, सोनीपत के जिंदल स्कूल ऑफ एनवायरमेंट एंड सस्टेनेबिलिटी ने 20 संस्थानों से किया करार
रायपुर। गुणवत्ता युक्त एवं समाज उपयोगी शिक्षा के लिए जेएसपीएल के चेयरमैन नवीन जिंदल की दूरदर्शी सोच के अनुरूप रायगढ़ के ओपी जिंदल विश्वविद्यालय और हरियाणा के सोनीपत स्थित ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी के छात्रों को पर्यावरण एवं स्थायी विकास के विशेष गुर सिखाए जा रहे हैं ताकि वे शैक्षिक जीवन से निकल कर राष्ट्र निर्माण में योगदान कर सकें।
ओपीजेजीयू न सिर्फ देश की अव्वल निजी शैक्षिक संस्था है , बल्कि वह पूरी मानवता को पर्यावरण और समाज के स्थायी विकास का व्यावहारिक ज्ञान प्रदान करने का माध्यम भी बन गई है। ओ.पी.जे.यू. में अनिवार्य रूप से सभी पाठ्यक्रमों में पर्यावरण विज्ञान की पढ़ाई कराई जा रही है। इसके अलावा बी.टेक. अंतिम वर्ष के छात्रों के लिए पर्यावरण एवं स्थायी विकास की पढ़ाई की विशेष व्यवस्था की गई है। यहां आपदा प्रबंधन की भी पढ़ाई कराई जाती है जिससे बच्चे संकट के समय अपनी संस्थाओं को सही समाधान प्रस्तुत कर सकें।
ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी, सोनीपत ने कोविड-19, बाढ़, भूकंप, समुद्री तूफान समेत अनेक पर्यावरण संकट को देखते हुए विश्व स्तरीय द जिंदल स्कूल ऑफ एन्वायर्नमेंट एंड सस्टेनेबिलिटी के रूप में अपने नौवें स्कूल की स्थापना की है।
जेएसईएस ने उपरोक्त विषयों पर उच्च कोटि की शिक्षा प्रदान करने के लिए पर्यावरण एवं स्थायी विकास के क्षेत्र में काम कर रहे 20 अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय संगठनों से करार किया है ताकि छात्रों को सैध्दांतिक के साथ-साथ व्यावहारिक ज्ञान भी मिल सके और वे पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में अपना भविष्य निर्माण कर सकें। इस पाठ्यक्रम के लिए छात्रों को एन्वायर्नमेंटल स्टडीज से बीए आनर्स में दाखिला लेना होगा। इन छात्रों को संबंधित 20 संस्थानों में शोध और इंटर्नशिप का व्यापक अवसर मिलेगा ताकि वे जलवायु संकट से निपटने के तरीके सीख सकें और हरे-भरे स्वस्थ वातावरण के निर्माण में योगदान कर सकें। छात्रों को पर्यावरण एवं जीव विज्ञान, जनसांख्यिकी एवं विज्ञान, मानवीय एवं पर्यावरणीय संवाद, जलवायु परिवर्तन, अक्षय ऊर्जा, पर्यावरण कानून, वन एवं वन्यप्राणी विषय का गहन अध्ययन कराया जाएगा ताकि उनमें समाज के लिए संपूर्ण सोच उत्पन्न हो।
ओपीजेजीयू ने जिन 20 संगठनों से करार किया है, उनमें द वल्र्ड वाइल्डलाइफ फंड, पैसिफिक एन्वायर्नमेंट, वल्र्ड रिसोर्स इंस्टीट्यूट, एमसी मेहता फाउंडेशन, एन्वायर्नमेंट सपोर्ट ग्रुप, ग्लोबल पॉलिसी इनसाइट्स, टॉक्सिक लिंक्स, टैगोर सोसाइटी फॉर रूरल डेवलपमेंट, नवदन्या फाउंडेशन, इंडियन काउंसिल फॉर एन्वायरो-लीगल ऐक्शन, देल्ही ग्रींस, एन्वीपोल, ग्रीन मुनिया, दहाईवे-रिसर्च, यूनेको, सेंटर फॉर साइंस एंड एन्वायर्नमेंट, राजपुताना सोसाइटी ऑफ नेचुरल हिस्ट्री, फ्यूचर ग्रुप-सीएसआर, ह्युंडई इलेक्ट्रिक और पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन निदेशालय शामिल हैं।
गौरतलब है कि उपरोक्त संस्थानों से अनुभव प्राप्त करने के बाद छात्रों को राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अनेक अवसर प्राप्त हो रहे हैं और वे यहां से प्राप्त शिक्षा का इस्तेमाल मानवता के कल्याण में कर सकेंगे। हाल ही में ओपी जिंदल विश्वविद्यालय के रायगढ़ के कंप्यूटर साइंस एन्ड इंजीनियरिंग के छात्र सुजीत सोनी को अमेजन कंपनी द्वारा सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट इंजीनियर के पद पर 32 लाख रूपये का पैकेज ऑफर किया गया है।
- नई दिल्ली।. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने यस बैंक से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में बैंक के सह-संस्थापक राणा कपूर और डीएचएफएल कंपनी के वधावन बंधुओं की 2,800 करोड़ रुपये की संपत्तियां कुर्क की हैं। इनमें लंदन और न्यूयॉर्क के फ्लैट भी शामिल हैं।प्रवर्तन निदेशालय ने गुरुवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि उसने मनी लांड्रिंग रोधक कानून (पीएमएलए) के तहत 2,203 करोड़ रुपये की संपत्तियों की कुर्की का अस्थायी आदेश दिया है। इन संपत्तियों का मौजूदा बाजार मूल्य 2,800 करोड़ रुपये से अधिक है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने कहा कि इन संपत्तियों में देश और विदेश में अचल संपत्तियां, बैंक खाते, निवेश और लक्जरी वाहन शामिल हैं। ईडी ने कहा कि ये संपत्तियां राणा कपूर और वधावन बंधुओं कपिल और धीर तथा उनके नियंत्रण वाली इकाइयों की है। कपूर (62) और वधावन बंधुओं को जांच एजेंसी ने इसी साल के शुरू में गिरफ्तार किया था। फिलहाल वे न्यायिक हिरासत में हैं। कपूर की कुर्क की गई संपत्तियों में दिल्ली के पॉश इलाके अमृता शेरगिल मार्ग में स्थित बंगला (40 नंबर) शामिल है। इसका मूल्य 685 करोड़ रुपये है।प्रवर्तन निदेशालय ने बताया कि इसके अलावा कपूर की दक्षिण मुंबई के कंबाला हिल इलाके स्थित आवासीय इमारत खुर्शिदाबाद , मुंबई के नेपियन सी रोड पर तीन डूप्लेक्स फ्लैट, एनसीपीए, नरीमन पॉइंट में एक फ्लैट और वर्ली क्षेत्र में इंडिया बुल्स ब्लू में आठ फ्लैट शामिल हैं। जांच एजेंसी ने कहा कि कपूर से संबंधित इन संपत्तियों का कुल मूल्य 792 करोड़ रुपये है, लेकिन इनका मौजूदा बाजार मूल्य 1,400 करोड़ रुपये है। ईडी ने कहा कि दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन (डीएचएफएल) के मामले में प्रवर्तक भाइयों कपिल और धीरज वधावन की 1,411.9 करोड़ रुपये की संपत्तियां कुर्क की गई हैं। इनमें मुंबई के खार (पश्चिम) क्षेत्र में एक दर्जन फ्लैट, न्यूयॉर्क में एक फ्लैट, लंदन में दो फ्लैट, पुणे और मुल्शी के पास दो जमीन के टुकड़े, ऑस्ट्रेलिया में एक व्यावसायिक संपत्ति, पांच लक्जरी वाहन और 344 बैंक खाते शामिल हैं।ईडी ने तीनों के खिलाफ इस साल के शुरू में पीएमएलए के तहत मामला दर्ज किया था। ईडी का आरोप है कि कपूर और उनके परिवार के सदस्यों तथा अन्य लोगों ने बैंक के जरिये बड़े कर्ज देने के लिए घूस ली। इन लोगों ने करीब 4,300 करोड़ रुपये की अपराध की कमाई का धन इधर-उधर किया। बाद में यह कर्ज गैर निष्पादित आस्ति (एनपीए) बन गया। ईडी द्वारा यस बैंक और डीएचएफएल के बीच कथित संदिग्ध संबंध की भी जांच की जा रही है। ईडी का आरोप है कि अप्रैल-जून, 2018 के दौरान यस बैंक लि. ने डीएचएफल के लघु अवधि के डिबेंचरों में 3,700 करोड़ रुपये का निवेश किया था। बाद में कर्ज के नाम पर राणा कपूर और उनके परिवार के सदस्यों को 600 करोड़ रुपये की घूस दी गई। जांच एजेंसी ने कहा कि इसके अलावा यस बैंक ने वधावान और उनके परिवार से संबंधित कंपनी आरकेडब्ल्यू डेवलपर्स ग्रुप कंपनी को मुंबई में बांद्रा रिक्लैमेशन परियोजना के लिए 750 करोड़ रुपये का ऋण मंजूर किया। जांच एजेंसी का आरोप है कि वधावन भाईयों ने इस राशि को मुखौटा कंपनियों के जरिये इधर-उधर किया। इस राशि का इस्तेमाल घोषित उद्देश्य के लिए नहीं किया गया।-
- नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय ने राज्यों से अनुरोध किया है कि वे हाल के दिनों में देश के कुछ हिस्सों में बैंककर्मियों पर हमले की घटनाओं के बाद बैंक अधिकारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करें और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें।सूत्रों ने कहा कि वित्तीय सेवा विभाग ने राज्यों के मुख्य सचिव को लिखे पत्र में कहा है कि ऐसे तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के साथ ही बैंककर्मियों के खिलाफ असामाजिक तत्वों के अनियंत्रित व्यवहार का जवाब दिया जाना चाहिये। पिछले महीने, केनरा बैंक (तत्कालीन सिंडिकेट बैंक) में एक महिला बैंक कर्मचारी पर सूरत के सरोली शाखा में एक पुलिस कांस्टेबल ने हमला किया था। घटना के बाद, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आश्वासन दिया था कि सभी बैंकिकर्मियों की सुरक्षा महत्वपूर्ण है। सूरत हमले के बाद महाराष्ट्र में बैंक ऑफ इंडिया के कर्मचारियों पर हमले सहित कुछ अन्य घटनाएं हुईं। हालिया खबरों का हवाला देते हुए पत्र में कहा गया है कि इनमें (खबरों में) असामाजिक तत्वों के बैंक परिसरों के भीतर गैरकानूनी तरीके से व्यवहार करने के मामलों को उजागर किया गया है। पत्र में कहा गया है, आप इस बात से सहमत होंगे कि इस तरह की घटनाओं का लगातार जवाब देने की जरूरत है। ऐसे तत्वों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिये, ताकि बैंककर्मियों की सुरक्षा और लोगों के लिये बैंकिंग सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित हो।---
- नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की तीन साधारण बीमा कंपनियों ओरिएंटल इंश्योरेंस, नेशनल इंश्योरेंस और यूनाइटेड इंडिया इंश्यरेंस के विलय की प्रक्रिया को रोकने और इनमें नयी पूंजी डालने का का फैसला लिया है। सरकार अब इन कंपनियों की वित्तीय स्थिति बेहतर बनाने के लिये इनमें 12 हजार 450 करोड़ रुपये की पूंजी डालेगी।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बुधवार को हुई बैठक में इस फैसले पर मुहर लगायी गयी। इसके साथ ही मंत्रिमंडल ने इन कंपनियों की प्राधिकृत शेयर पूंजी को भी बढ़ाने की मंजूरी दी। इसके तहत नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड की प्राधिकृत पूंजी बढ़ाकर साढ़े सात हजार करोड़ रुपये और यूनाइटेड इंडिया इश्योरेंस और ओरिएंटल इश्योरेंस कंपनी की प्राधिकृत पूंजी बढ़ाकर पांच-पांच हजार करोड़ रुपये की जायेगी।एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया, मौजूदा स्थिति को देखते हुए विलय की प्रक्रिया को फिलहाल टाल दिया गया है और अब इसके बजाय इन कंपनियों की लाभप्रदा वृद्धि पर ध्यान दिया जायेगा। विज्ञप्ति में कहा गया कि मंत्रिमंडल के द्वारा मंजूर 12 हजार 450 करोड़ रुपये की पूंजी डालने के प्रस्ताव में इन कंपनियों में 2019- 20 में डाली गयी ढाई हजार करोड़ रुपये की राशि भी शामिल है। अब 3 हजार 475 करोड़ रुपये की राशि तुरंत जारी की जायेगी, जबकि शेष 6 हजार 475 करोड़ रुपये बाद में डाले जायेंगे। सरकार ने 2020-21 के बजट में इन तीन कंपनियों में पूंजी डालने के लिये 6 हजार 950 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने संवाददाताओं से कहा कि पुनर्पूंजीकरण इन सरकारी बीमा कंपनियों को अधिक स्थिर बनायेगा। बयान में कहा गया, प्रदान की जा रही पूंजी का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करने के लिये सरकार ने केपीआई (प्रमुख प्रदर्शन संकेतक) के रूप में दिशा-निर्देश जारी किये हैं। इसके अलावा, पूंजी डाला जाना तीन सरकारी सामान्य बीमा कंपनियों को अपनी वित्तीय और शोधन क्षमता में सुधार करने, अर्थव्यवस्था की बीमा जरूरतों को पूरा करने, परिवर्तनों को अवशोषित करने, संसाधनों को बढ़ाने और जोखिम प्रबंधन में सुधार करने की क्षमता बढ़ाने में सक्षम करेगा।
- नई दिल्ली। जनजातीय मामले मंत्रालय के तहत ट्रिफेड ने वनों में रहने वाले लगभग 50 लाख जनजातीय परिवारों को उनके कौशल समूहों से जोड़ते हुए, गौण वन ऊपजों और हस्तकरघा तथा हस्तशिल्पों के उनके व्यापार में जनजातीय परिवारों को समुचित मूल्य सुनिश्चित कराने के द्वारा उनके सवश्रेष्ठ हितों में जनजातीय वाणिज्य के संवर्धन के लिए कार्य करता है। एनआईटीआई द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार इस व्यापार का मूल्य लगभग 2 लाख करोड़ रुपये सालाना है।इन गतिविधियों को और आगे बढ़ाने तथा उन्हें समान अवसर उपलब्ध कराने के लिए ट्रिफेड ने मानचित्रण करने तथा इसके ग्राम आधारित जनजातीय उत्पादकों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों से जोडऩे के लिए अंतरराष्ट्रीय मानदंडों के मानक अत्याधुनिक प्लेटफार्म की स्थापना करते हुए एक डिजिटाइजेशन मुहिम शुरू की है।इस डिजिटल रूपांतरण कार्यनीति में एक अत्याधुनिक वेबसाइट जनजातीय कारगरों के लिए व्यापार करने तथा सीधे अपनी ऊपजों के विपणन करने के लिए एक ई-मार्केट प्लेस की स्थापना करने, इसकी वन धन योजना, ग्रामीण हाटों तथा वेयरहाउसों जिससे वे लिंक्ड हैं, से जुड़े वनवासियों से संबंधित सभी जानकारियों का डिजिटाइजेशन शामिल है। जनजातीय जीवन एवं वाणिज्य के सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए, ट्रिफेड ने सरकारी और निजी व्यापार तथा जनजातीयों को संबंधित भुगतानों के जरिये एमएफपी की खरीद का डिजिटाइजेशन भी आरंभ किया है। इसके अगस्त के आखिर से आरंभ हो जाने की उम्मीद है।ट्रिफेड के प्रबंध निदेशक प्रवीर कृष्णा ने कहा, अब यह पूरी तरह स्वीकृत है कि ई-कॉमर्स खुदरा व्यापार का भविष्य है। भारत में बड़ी संख्या में लोगों ने ऑनलाइन शॉपिंग को अपना लिया है। ट्रिफेड को कार्यनीतिक रूप से उभरती स्थिति का प्रत्युत्तर देना है। इसी परिप्रक्ष्य में डिजिटाइजेशन कार्यनीति का निर्माण किया गया है। ट्रिफेड की वेबसाइट संगठन से संबंधित सभी जानकारियां प्रस्तुत करती है, ये जनजातीय कल्याण की योजनाएं हैं। यह साइट मिशन में कनेक्ट करने तथा सहयोग करने का एक प्लेटफार्म है, जिससे कि देश भर के जनजातीय समुदायों को अधिकारसंपन्न बनाने के लिए एक जीआईएस प्लेटफार्म के जरिये दोतरफा संचार एवं सूचना आदान-प्रदान मोड से लिंक किया जाए।ट्रिफेड की व्यावसायिक सहायक कंपनी, ट्राइब्स इंडिया ने एक ई-कॉमर्स पोर्टल लांच किया है, जो जनजातीय उत्पादों के एक बड़े रेंज की ऑनलाइन पेशकश करता है। इन उत्पादों में रचनात्मक उत्कृष्ट कृतियों और डोकरा धातु शिल्प कृतियों से लेकर मिट्टी के सुंदर बर्तनों, विभिन्न प्रकार की पेंटिंग से लेकर रंगीन, आरामदायक अपैरल, विशिष्ट आभूषण तथा जैविक और प्राकृतिक फूड और पेय पदार्थ शामिल हैं।ट्रिफेड ने अपने जनजातीय कारीगरों को बाजार सुविधा उपलब्ध कराने के लिए अमेजॉन, फ्लिपकार्ट, स्नैपडील एवं पेटीएम जैसे अन्य ई-कॉमर्स पोर्टलों से भी साझीदारी की है। सरकार द्वारा खरीदों को सुगम बनाने के लिए ट्राइब्स इंडिया उत्पाद जीईएम पर भी उपलब्ध हैं। सरकारी विभाग, मंत्रालय तथा पीएसयू जीएफआर विनियमनों के अनुरूप सरकारी ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) तथा दुकानों के बरास्ते ट्राइब्स इंडिया को एक्सेस कर सकते हैं।ट्रिफेड का वन धन समेकित इंफार्मेशन नेटवर्क उन्हें ग्रामीण हाटों तथा वेयरहाउसों से जोड़ते हुए न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रचालनों तथा इसकी वन धन योजना से जुड़े वन वासियों से संबंधित सभी सूचनाओं के संग्रह को सुगम बनाता है। यह सुगम कार्यान्वयन में मदद करने के लिए देशव्यापी कार्यक्रम की निगरानी करने एवं निर्णय लेने में सहायता करता है। इस स्कीम को 22 राज्यों में कार्यान्वित किया गया है जो लगभग 10 लाख जनजातीय परिवारों के जीवन को छूता है। देश भर में चिन्हित और मानचित्रित जनजातीय क्लस्टर आत्म-निर्भर अभियान के तहत योग्य लाभार्थी हैं। इसका लक्ष्य विभिन्न मंत्रालयों तथा एजेन्सियों के साथ समन्वयन में काम करना तथा इन निर्बल और विपदाग्रस्त समुदायों तक लाभ पहुंचाने में मदद करना है। ट्रिफेड आत्म-निर्भर अभियान के तहत जनजातीय प्रयोजन की पक्षधरता करने एवं सहायता करने के लिए सुसज्जित है।
- नई दिल्ली। इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आईओसी) ने ओडिशा के पारादीप में एक नये शोध केंद्र की शुरुआत की है। इस केंद्र में पॉलिमर (प्लास्टिक) से निजी सुरक्षा परिधान व मास्क जैसे उत्पाद विकसित करने वाले अनुप्रयोगों और उत्पादों पर शोध किया जायेगा।एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि उत्पादन एप्लिकेशन और विकास केंद्र (पीएडीसी) पारादीप तेल रिफाइनरी और पेट्रोकेमिकल परिसर के बगल में स्थापित किया गया है। कंपनी ने कहा कि इस केंद्र को 43 करोड़ रुपये के निवेश से बनाया गया है और इसमें उपभोक्ताओं तथा नये निवेशकों की जरूरतों को पूरा करने के लिये पॉलिमर परीक्षण व प्रसंस्करण के 50 अत्याधुनिक उपकरण लगाये गये हैं।कंपनी ने कहा कि यह केंद्र प्लास्टिक क्षेत्र में ओडिशा और उसके आसपास नये उद्यमी विकास के लिये पोषण (इनक्यूबेशन) केंद्र के रूप में कार्य करेगा। बयान में कहा गया, यह केंद्र उपभोक्ताओं व निवेशकों के लिये सहायता प्रदान करेगा और पॉलिमर उत्पादों जैसे मोल्डेड फर्नीचर, हाउसवेयर, पैकेजिंग सीमेंट, उर्वरक के लिए बुने हुए बोरे, बेबी डायपर, निजी सुरक्षा परिधान (पीपीई), मास्क इत्यादि जैसे स्वास्थ्यवर्धक अनुप्रयोगों को लेकर मदद करेगा करेगा। गुरुवार को इस केंद्र का उद्घाटन केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने एक वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से किया। इस अवसर पर प्रधान ने कहा कि राज्य में पेट्रोकेमिकल, इस्पात, खनन और कोयला, एल्युमीनियम, पर्यटन, कपड़ा, कृषि उद्यमिता आदि में अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा, यह विश्वस्तरीय केंद्र कच्चे माल की उपलब्धता सुनिश्चित करेगा और पेट्रोकेमिकल क्षेत्र में उद्यमिता को बढ़ावा देगा। इसके अलावा यह केंद्र संभावित व उभरते निवेशकों को प्रशिक्षण प्रदान करेगा।वहीं श्री पटनायक ने कहा कि यह केंद्र न केवल नयी सामग्री और नवीन अनुप्रयोगों को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा, बल्कि निवेशकों को प्लास्टिक और पॉलिमर क्षेत्रों में विनिर्माण इकाइयां स्थापित करने में भी मदद करेगा।
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रायपुर। फिक्की, फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज छत्तीसगढ़ के चेयरमैन एवं जेएसपीएल, जिन्दल स्टील एंड पावर लि. के प्रेसिडेंट प्रदीप टंडन ने कहा कि देश और राज्यों के विकास में खनन सेक्टर की अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका है। कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय और प्रशिक्षण महानिदेशालय के सहयोग से फिक्की छत्तीसगढ़ राज्य परिषद् द्वारा खनन क्षेत्र में पर्यावरण प्रबंधन एवं कौशल विकास विषय पर आयोजित वेबिनार में श्री टंडन ने कहा कि राष्ट्र के निरंतर विकास के लिए खनन कार्य आवश्यक है, तो सामाजिक रूप से बेहद संवेदनशील भी। आम तौर पर खनन से प्रदूषण, भू-क्षरण, वनों की कटाई जैसी समस्याएं पैदा हो जाती हैं। इसलिए आज अत्याधुनिक एवं वैज्ञानिक प्रक्रिया अपनाए जाने की जरूरत है, जिससे पर्यावरण संतुलन बना रहे और वन्यजीवों का भी संरक्षण होता रहे। साथ ही साथ औद्योगिक विकास के लिए आवश्यक कच्चे माल की उपलब्धता भी बनी रहे।
इस अवसर पर आईएसडीसी के प्रादेशिक निदेशक एमसी कर्दम ने कहा कि सकल घरेलू उत्पाद में खनन सेक्टर की मात्र 0.5 फीसदी हिस्सेदारी है इसलिए वैज्ञानिक तरीके अपना कर कुशल मानव संसाधन के बल पर तेज गति से काम करने की जरूरत है। तकनीकी प्रशिक्षण से न सिर्फ खानों की उत्पादकता और सुरक्षा बढ़ती है। बल्कि, अत्याधुनिक तकनीक अपनाने में भी सहूलियत होती है। इसलिए आज प्रशिक्षण संस्थाओं की संख्या बढ़ाने की आवश्यकता है। इस कार्य में संस्था और उद्योग का समन्वय बेहद आवश्यक है।
भारतीय वन सेवा के पूर्व अधिकारी रविंद्र सक्सेना ने कहा कि प्राकृतिक संसाधन विकास के बड़े स्रोत हैं। इसलिए विकास की रणनीति के साथ संसाधनों के प्रबंधन का समन्वय जरूरी है। इनका दोहन राज्य व केंद्र सरकार की दीर्घकालिक नीतियों व कार्यक्रमों के अनुरूप होना चाहिए। ऐसी नीति बने, जिससे खनिज पदार्थों का खनन भी हो और वनों का विकास भी। खनन का भूमि, जल, वायु और वन से अन्योन्याश्रय संबंध है। इसलिए हमें एक संतुलित नीति पर चलना होगा। फिक्की की छत्तीसगढ़ राज्य ईकाई द्वारा खनन क्षेत्र में स्किल डेवलोपमेन्ट एवं इंटरपिनेरशिप की वेबिनार द्वारा उद्यमिता के लिए संवाद सत्र के आयोजन की युवाओं हेतु आवश्यकता को निरंतरता देनी होगी, ऐसा उद्योग जगत का भी मानना है।
- नई दिल्ली। सरकार ने वित्त वर्ष 2018- 19 के लिए मूल अथवा संशोधित आयकर रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा एक महीने और बढ़ाकर आगामी 31 जुलाई और आधार संख्या को पैन के साथ जोडऩे की समय सीमा भी बढ़ाकर 31 मार्च 2021 तक कर दी।केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने बुधवार को एक अधिसूचना के जरिये वर्ष 2019- 20 के दौरान कर छूट पाने के वास्ते विभिन्न योजनाओं में निवेश के लिए समय भी एक माह बढ़ाकर 31 जुलाई 2020 कर दिया है। इस तरह करदाता आयकर कानून की धारा 80सी (जीवन बीमा, पेंशन कोष, बचत पत्र आदि), 80डी (चिकित्सा बीमा) और 80जी (दान) के तहत 31 जुलाई 2020 तक कर निवेश करके इन पर वित्त वर्ष 2019- 20 में कर छूट का दावा पा सकता है।सरकार ने मार्च 2020 में कोरोना वायरस महामारी के प्रसार को देखते हुये कराधान और अन्य कानून (विभिन्न प्रावधानों में छूट) अध्यादेश 2020 के तहत आयकर कानून के विभिन्न अनुपालनों की समयसीमा को 30 जून 2020 तक बढ़ा दिया था। सीबीडीटी ने 24 जून को एक अधिसूचना जारी कर अनुपालन की विभिन्न समयसीमाओं को और आगे बढ़ाकर करदाताओं को और राहत देने की पहल की है। बोर्ड द्वारा जारी विज्ञप्ति में यह कहा गया है। इसके मुताबिक, वित्त वर्ष 2018- 19 के लिये (आकलन वर्ष 2019- 20) मूल रिटर्न के साथ ही संशोधित आयकर रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा को 31 जुलाई 2020 तक बढ़ा दिया गया है। हालांकि, इसके साथ ही करों, शुल्कों का देरी से भुगतान करने पर 9 प्रतिशत की घटी दर से ब्याज वसूले जाने की अध्यादेश में उल्लिखित सुविधा 30 जून 2020 के बाद किये जाने वाले भुगतान पर लागू नहीं होगी।सरकार ने अध्यादेश जारी कर देरी से कर भुगतान पर लगाये जाने वाले ब्याज की दर को 12 से घटाकर 9 प्रतिशत कर दिया था। केन्द्र सरकार ने इसके साथ ही आधार कार्ड को पैन के साथ जोडऩे की समयसीमा भी 31 मार्च 2021 तक बढ़ा दी है।विज्ञप्ति के अनुसार वित्त वर्ष 2019- 20 के लिये आयकर रिटर्न दाखिल करने की समयसीमा को 30 नवंबर 2020 तक के लिये पहले ही बढ़ा दिया गया है। इस प्रकार आयकर की जो रिटर्न 31 जुलाई 2020 अथवा 31 अक्टूबर 2020 तक भरी जानी थी उन्हें अब 30 नवंबर 2020 तक दाखिल किया जा सकता है। इसके साथ ही कर आडिट रिपोर्ट सौंपने की समयसीमा को भी 31 अक्टूबर 2020 तक बढ़ा दिया गया है। आयकर कानून की धारा 54 से लेकर 54 जीबी के तहत पूंजीगत लाभ के मामले में रोल ओवर लाभ, कटौती का दावा करने के वास्ते निवेश करने, निर्माण अथवा खरीदारी की समय सीमा को भी 30 सितंबर 2020 तक बढ़ा दिया गया है। इस लिहाज से अब 30 सितंबर 2020 तक किया गया निवेश, निर्माण अथवा खरीद पूंजीगत लाभ के तहत कटौती का दावा करने का आधर होगा। इसी प्रकार विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज) स्थित इकाइयों द्वारा आयकर कानून की धारा 10एए के तहत कटौती का दावा करने के लिये कामकाज शुरू करने की तिथि को भी 30 सितंबर 2020 तक बढ़ा दिया गया है।यह सुविधा ऐसी इकाईयों के लिये होगी जिन्हं जरूरी मंजूरियां 31 मार्च 2020 तक मिल चुकी हैं। विज्ञप्ति के अनुसार टीडीएस..टीसीएस ब्योरा और इस संबंध में प्रमाणपत्र जारी करने की समयसीमा को भी क्रमश: 31 जुलाई 2020 और 15 अगस्त 2020 कर दिया गया है। टीडीएस...टीसीएस कटौती का ब्यौरा और प्रमाणपत्र 2019- 20 की आयकर रिटर्न तैयार करने में जरूरी दस्तावज होंगे। इसके अलावा विभिन्न प्रत्यक्ष कर और बेनामी कानून के तहत विभिन्न अनुपालनों के संबंध में प्राधिकरण द्वारा आदेश पारित करने अथवा नोटिस जारी करने की समयसीमा को 31 दिसंबर 2020 से आगे बढ़ाकर 31 मार्च 2021 कर दिया गया है।
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मुंबई। लक्जरी कार बनाने वाली जर्मनी की कंपनी ऑडी ने मंगलवार से अपनी नयी आरएस-7 स्पोर्टबैक कार की बुकिंग शुरू कर दी। इसे अगले महीने भारतीय बाजार में पेश किए जाने की संभावना है। कंपनी अगस्त से इसकी डिलिवरी शुरू करेगी। हालांकि कंपनी ने इस कार की कीमत का खुलासा नहीं किया है। कंपनी ने एक विज्ञप्ति में कहा कि पांच लोगों के बैठने की क्षमता वाली यह कार आरएस-7 स्पोर्टबैक की दूसरी पीढ़ी की कार है। इसकी पहली पीढ़ी की कार को भारतीय बाजार में 2015 में उतारा गया था। विज्ञप्ति के मुताबिक ग्राहक 10 लाख रुपए का आरंभिक भुगतान कर ऑनलाइन या डीलरशिप पर इसकी बुकिंग कर सकते हैं। कंपनी के भारतीय परिचालन के प्रमुख बलबीर सिंह ढिल्लो ने कहा कि हमने भारत में आरएस-7 स्पोर्टबैक की बुकिंग शुरू कर दी है। इस दूसरी पीढ़ी के कार को उन सभी खूबियों के साथ उतारा गया है जिसकी वजह से इसकी पहली पीढ़ी की कार ने भारतीय बाजार में अपनी धमक बनायी थी। इसकी चौड़ी डिजाइन इसे अलग पहचान देती है। उन्होंने कहा कि ग्राहक कंपनी के पूर्णतया सैनेटाइज डीलरशिप पर तो जा ही सकते हैं। वहीं ऑनलाइन स्टोर पर इस कार से जुड़ी सभी जानकारियां भी उपलब्ध करायी गयी हैं। ऑनलाइन मंच पर कार का 360 डिग्री मॉडल भी मौजूद है जो कार के बाहरी लुक के साथ-साथ अंदरूनी लुक को भी दिखाता है। बाजार में इस कार के मर्सडीज-एएमजी ई-63 एस और बीएमडब्ल्यू एम5 को चुनौती देने की उम्मीद है।
- - एक महीने का अभियान -वेल्डिंग एवं गैस कटिंग के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों पर दिया जाएगा विशेष प्रशिक्षणरायगढ़। जिंदल स्टील एंड पॉवर लिमिटेड द्वारा सेफ्टी इन वेल्डिंग एंड गैस कटिंग ऑपरेशन्स विषय पर प्रशिक्षण कार्यशाला की श्रृंखला का आयोजन किया जा रहा है। शनिवार को इस अभियान की शुरूआत औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा विभाग के डिप्टी डायरेक्टर मनीष श्रीवास्तव के मुख्य आतिथ्य में हुई। आयोजन में जेएसपीएल के सीओओ छत्तीसगढ़ दिनेश कुमार सरावगी भी उपस्थित रहे।वेल्डिंग एवं गैस कटिंग के कार्य में सुरक्षा से जुड़ी हुई बारीकियों और आवश्यक सावधानियों के बारे में सभी कामगारों को जागरूक करने के लिए जेएसपीएल के औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा विभाग द्वारा सेफ्टी इन वेल्डिंग एंड गैस कटिंग ऑपरेशन्स विषय पर कार्यशालाओं की श्रृंखला का आयोजन किया जा रहा है। इस अभियान के तहत लगातार कार्यशालाओं का आयोजन कर विशेषज्ञों द्वारा कामगारों को प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।शनिवार को इस श्रृंखला का उद्घाटन जेएसपीएल परिसर स्थित जिंदल एंपलाई ट्रेनिंग सेंटर में किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा विभाग रायगढ़ के डिप्टी डायरेक्टर मनीष श्रीवास्तव रहे। अपने उद्बोधन में श्री श्रीवास्तव ने ऐसी प्रशिक्षण कार्यशालाओं के महत्व पर प्रकाश डालते हुए इस पहल की सराहना की। साथ ही प्रतिभागियों के साथ अपने अनुभव बांटते हुए उन्होंने कार्यशाला की सफलता के लिए शुभकामनाएं दीं।जेएसपीएल के सीओओ छत्तीसगढ़ दिनेश कुमार सरावगी ने सुरक्षा को कंपनी की सर्वोच्च प्राथमिकता बताते हुए कहा कि इस तरह के आयोजनों के लिए जेएसपीएल हमेशा तत्पर रहती है और भविष्य में भी इसके लिए हरसंभव सहयोग प्रदान किया जाएगा। जेएसपीएल के औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा विभाग के ग्रुप हेड रवि कांत सोमानी ने इन कार्यशालाओं के उद्देश्य पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि जेएसपीएल प्रबंधन विभाग प्रमुखों से लेकर श्रमिकों तक के बीच सभी कार्यों में सुरक्षा को लेकर अधिक से अधिक जागरूकता के प्रसार के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि यह अभियान एक महीने तक जारी रहेगा और जरूरत होने पर इसे और भी अधिक समय के लिए बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस पहल की सफलता सभी के सम्मिलित प्रयास से ही संभव है। जेएसपीएल रायगढ़ के औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा विभाग के प्रमुख अतानु चटर्जी ने कार्यक्रम का विवरण देते हुए धन्यवाद ज्ञापन किया। इस दौरान जेएसपीएल के विभिन्न विभागों के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।
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रायपुर। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर जिंदल स्टील एंड पॉवर लिमिटेड द्वारा एक योगाभ्यास सत्र नेट के माध्यम से वर्चुअल फॉरमेट में किया गया। उत्सुक प्रतिभागियों को पूर्व में सूचना दी गई जिसके अनुसार सभी योग साधना हेतु निश्चित समय पर अपने-अपने स्थानों पर योगाभ्यास के लिए तैयार थे। सभी को जिंदल स्टील के योग प्रशिक्षक प्रेम कुमार ने उपयुक्त चयनित कुुुछ योग की शैली को साझा किया।
इस दौरान शारीरिक लचीलापन कैसे लाएं, मांस पेशियों की क्षमता कैसे बढ़ाएं, उनमें योग द्वारा दृढ़ता कैसे हो सकती है। शारीरिक ऊर्जा का स्तर, मानसिक जीवंतता, श्वांस क्षमता तथा पाचन तंत्र के सुचारू चलने की क्षमता के विकास के लिए कैसे योग की आवश्यकता है। यह अपने योगाभ्यास के माध्यम से उन्होंने साझा किया। सभी योग की उपयोगिता उनके लाभ तथा उनको अभ्यास में लाने की तकनीक सभी से साझा की। योग जिंदल स्टील के ज़्यादातर कर्मियों के लिए रुचिकर रहा है जिससे वे स्वयं को तंदुरुस्त रख पाते हैं। ऐसा उन नियमित कर्मियों का अनुभव रहा। यह तथ्य कुछ कर्मियों से चर्चा करने पर परिलक्षित हो रही थी। इनमें उदय प्रताप सिंह, रामसागर, सूर्योदय तथा कौशल शर्मा ने अपने-अपने अनुभव भी साझा किए। जिंदल स्टील के कुछ अधिकारी अब लंबी दूरी की सायकलिंग भी करना प्रारंभ कर दिए हैं, जो रायपुर के साइकल राइडर मुख्य समूह के साथ भी हैं, जिनमें सेछत्तीसगढ़ शासन द्वारा आयोजित 55 किमी वाली जबर्रा सायकलिंग में भी अपनी सहभागिता दे चुके हैं। ऐसा करने के कारण जिन्दल स्टील के अन्य सहकर्मी भी उनके इस कार्य पर स्वयं को गौरवान्वित महसूस करते हैं।
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नई दिल्ली। पिछले 14 दिनों से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि रविवार को 15वें दिन भी जारी रही। रविवार को पेट्रोल की कीमत में 35 पैसे का इजाफा हुआ और पिछले पंद्रह दिनों में यह 7.97 रुपए लीटर महंगा हुआ। वहीं, डीजल के दाम में रविवार को 60 पैसे की बढ़ोतरी हुई और 15 दिनों में यह 8.88 रुपए लीटर महंगा हुआ। पिछले 19 महीने में दिल्ली में पेट्रोल सबसे महंगा हो गया है और कीमत 80 रुपए लीटर तक पहुंच गई है। 2018 में पेट्रोल और डीजल की कीमतों ने रिकॉर्ड ऊंचाई को छू लिया था। 16 अक्टूबर 2018 को डीजल के दाम ने दिल्ली में 75.69 रुपए प्रति लीटर के शिखर छू लिया था और 4 अक्टूबर 2018 को दिल्ली में पेट्रोल की कीमत बढ़कर 80 रुपए प्रति लीटर हो गई थी। डीजल की कीमत अब नई ऊंचाई पर है। - नई दिल्ली।. टाटा समूह के स्वामित्व वाली जगुआर लैंड रोवर (जेएलआर) की एसयूवी रेंजरोवर को बाजार में उतरे 50 साल पूरे हो गए। इसका जश्न बनाने के लिए कंपनी ने बुधवार को इसका सीमित संस्करण पेश किया।कंपनी ने एक बयान में कहा कि रेंज रोवर 17 जून 1970 से बाजार में मौजूद है। पांच दशकों में इसने खुद को एक लक्जरी वाहन के मौर पर स्थापित किया है। कंपनी ने कहा कि इस मौके का जश्न मनाने के लिए हमने विशेष तौर पर रेंज रोवर 50 मॉडल पेश किया है। दुनियाभर में इसकी सिर्फ 1,970 इकाइयां ही बेची जाएंगी।लैंड रोवर के मुख्य सृजन अधिकारी गैरी मैकगवर्न ने कहा कि लक्जरी वाहनों की दुनिया में रेंज रोवर अलग से खड़ी दिखायी देती है। यह 1970 से ही हमारे ग्राहकों के बीच अपने अनोखे डिजाइन और प्रौद्योगिकी की वजह से पसंद की जाती रही है। रेंजरोवर ऐसी पहली एसयूवी रही जिसमें स्थायी तौर पर 4&4 का फीचर दिया गया। बाद में 1989 में एंटी लॉक ब्रेक के साथ इस फीचर को देने वाली यह दुनिया की पहली कार बनी। इसके अलावा कंपनी ने 1992 में पहली बार 4&4 को इलेक्ट्रानिक स्वचालित संस्पेंशन और ट्रैक्शन नियंत्रण के साथ पेश किया। वर्ष 2012 में रेंज रोवर दुनिया की पहली एल्युमीनियम से हल्की बॉडी बनाने वाली एसयूवी बनी।
- नई दिल्ली। केन्द्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारामन ने आज वीडियो कांफ्रेंस के जरिये निजी क्षेत्र के प्रमुख बैंकों और गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में आपातकालीन ऋण सुविधा गारंटी योजना को प्रभावी ढंग से लागू करने पर विचार किया गया। उन्होंने इस कठिन समय में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को निर्बाध वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने की आवश्यकता पर बल दिया।वित्त मंत्री ने पिछले सप्ताह सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रमुखों के साथ बैठक की थी। उस बैठक में सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई आपातकालीन ऋण सुविधा के तहत दी गई कुल मंजूरी का जायजा लिया गया था। आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत सरकार ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों तथा संकट में फंसी अन्य कंपनियों को बिना किसी गारंटी के ऋण उपलब्ध कराने के लिए तीन लाख करोड़ रुपये की योजना की घोषणा की थी। इस योजना के तहत अब तक तीस हजार करोड़ रुपये से अधिक की राशि के ऋण को मंजूरी दी जा चुकी है। वित्तीय सेवाओं के विभाग के सचिव देबाशीष पांडा भी इस बैठक में मौजूद थे।
- नई दिल्ली। केन्द्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारामन ने कहा है कि जुलाई 2017 और जनवरी 2020 के बीच शून्य जीएसटी रिटर्न भरने वाली पंजीकृत कंपनियों पर देरी करने के लिए जुर्माना नहीं लगाया जाएगा।श्रीमती सीतारामन ने वस्तु और सेवा कर-जीएसटी की चालीसवीं बैठक के बाद बताया कि जुलाई 2017 से जनवरी 2020 के बीच जीएसटी बिक्री रिटर्न नहीं भरने का अधिकतम जुर्माना पांच सौ रूपये होगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जीएसटी नहीं भरने पर जुर्माने से संबंधित मामलों को निपटाने के लिए जीएसटी परिषद की बैठक में ये दो निर्णय किए गए।पांच करोड़ रुपये तक के कारोबार करने वाले छोटे करदाताओं के लिए जीएसटी परिषद ने फरवरी, मार्च और अप्रैल 2020 की जीएसटी रिटर्न के लिए ब्याज दर नौ प्रतिशत कर दी है। छोटे करदाता तीस सितंबर 2020 तक रिटर्न भर सकते हैं। श्रीमती सीतारामन ने कहा कि मई, जून और जुलाई के लिए रिटर्न भरने की तिथि सितंबर तक बढ़ा दी है और इस पर कोई जुर्माना या ब्याज नहीं लिया जाएगा।केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जीएसटी परिषद की बैठक में कोविड-19 के प्रभाव पर भी चर्चा की गई। इस दौरान जीएसटी संग्रहण और कपड़े के कर ढांचे पर भी विचार-विमर्श हुआ। श्रीमती सीतारामन ने कहा कि जीएसटी परिषद उर्वरक, कपड़ा और जूता-चप्पल पर लगे कर में सुधार पर चर्चा की। वित्तमंत्री ने कहा कि राज्यों को क्षतिपूर्ति देने की आवश्यकता पर जुलाई की बैठक में विचार होगा। इसके अलावा पान मसाला पर कर लगाने की संभावना पर भी अगली बैठक पर चर्चा होगी।
- - इससे 22 लाख से भी अधिक पंजीकृत करदाताओं को जीएसटी अनुपालन में होगी आसानीनई दिल्ली। करदाताओं को सहूलियत देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए सरकार ने सोमवार 8 जून से एसएमएस के जरिए जीएसटीआर-3बी फॉर्म में शून्य जीएसटी मासिक रिटर्न दाखिल करने की अनुमति दे दी है।इससे 22 लाख से भी अधिक उन पंजीकृत करदाताओं को जीएसटी अनुपालन में काफी आसानी होगी जिन्हें अब तक साझा पोर्टल पर अपने खाते में लॉग-इन करना पड़ता था और फिर हर महीने अपना रिटर्न दाखिल करना पड़ता था। अब शून्य देनदारी वाले इन करदाताओं को जीएसटी पोर्टल पर लॉग-इन करने की आवश्यकता नहीं है और वे केवल एक एसएमएस के माध्यम से ही अपना शून्य रिटर्न दाखिल कर सकते हैं।इसके लिए एसएमएस के माध्यम से शून्य फॉर्म जीएसटीआर-3बी दाखिल करने की सुविधा को तत्काल प्रभाव से जीएसटीएन पोर्टल पर उपलब्ध करा दिया गया है। इस तरह से दाखिल किए जाने वाले रिटर्न की ताजा स्थिति को जीएसटीआईएन खाते में लॉग-इन करके और Services>Returns>Track Return Status जाकर जीएसटी पोर्टल पर ट्रैक किया जा सकता है।--
- नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि कोविड आपातकालीन ऋण सुविधा सिर्फ एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग) को ही नहीं, बल्कि सभी कंपनियों को कवर करती है।फिक्की की राष्ट्रीय कार्यकारी समिति के सदस्यों को संबोधित करते हुए श्रीमती सीतारमण ने भारतीय व्यवसाय को आवश्यक संबल देने और अर्थव्यवस्था में नई जान फूंकने के उद्देश्य से उद्योग जगत को हरसंभव सरकारी सहायता का आश्वासन दिया। इसके साथ ही उन्होंने कहा, यदि आपके किसी भी सदस्य को कोई समस्या है, तो हम उसे संबल देने/आवश्यक उपाय करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।तरलता या नकदी प्रवाह के सवाल पर वित्त मंत्री ने कहा, हमने तरलता के मुद्दे को अच्छी तरह से सुलझा दिया है। निश्चित रूप से नकदी प्रवाह उपलब्ध है। यदि अब भी यह एक मुद्दा है, तो हम इस पर गौर करेंगे। श्रीमती सीतारमण ने यह भी कहा कि प्रत्येक सरकारी विभाग से बकाया राशि अदा करने के लिए कहा गया है और यदि किसी विभाग के साथ कोई समस्या है, तो सरकार इस पर गौर करेगी।वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार नए निवेश पर 15त्न कॉरपोरेट टैक्स दर का लाभ उठाने की समय सीमा बढ़ाने पर विचार करेगी। श्रीमती सीतारमण ने कहा, मैं इस बात पर गौर करूंगी कि क्या किया जा सकता है। हम चाहते हैं कि उद्योग जगत नए निवेश पर 15 प्रतिशत कॉरपोरेट टैक्स दर से लाभान्वित हो और मैं 31 मार्च, 2023 की समयसीमा के विस्तार पर विचार करने की आपकी बात को नोट करती हूं। वित्त मंत्री ने उद्योग जगत को कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय या सेबी की समय सीमाओं से संबंधित अपनी सिफारिशें प्रस्तुत करने का सुझाव दिया, ताकि आवश्यक कदम उठाए जा सकें।अर्थव्यवस्था के बुरी तरह प्रभावित सेक्टरों में जीएसटी दरों में कमी करने की आवश्यकता के संबंध में उन्होंने कहा, जीएसटी दर में कमी का मुद्दा परिषद के पास जाएगा। लेकिन परिषद को राजस्व की भी तलाश या चिंता है। किसी भी सेक्टर के लिए जीएसटी दर में कमी करने का निर्णय परिषद को ही लेना है।वित्त एवं राजस्व सचिव श्री अजय भूषण पांडेय ने फिक्की के सदस्यों को सूचित किया कि कंपनियों को आयकर रिफंड की भी शुरुआत हो गई है और पिछले कुछ हफ्तों में 35,000 करोड़ रुपये के आईटी रिफंड जारी किए गए हैं।इस बैठक में आर्थिक कार्य सचिव श्री तरुण बजाज, कॉरपोरेट कार्य सचिव श्री राजेश वर्मा और वित्तीय सेवा विभाग में सचिव श्री देबाशीष पांडा भी उपस्थित थे।फिक्की की अध्यक्ष डॉ. संगीता रेड्डी ने वित्त मंत्री को बताया कि कोविड-19 के प्रभावों से निपटने के लिए घोषित किए गए उपायों के कार्यान्वयन में सहयोग देने के लिए विभिन्न सरकारी विभागों के साथ उनका चैम्बर निरंतर संपर्क में है। डॉ. रेड्डी ने कहा, 'फिक्की आत्?मनिर्भर भारत के साझा लक्ष्य के साथ-साथ कार्यान्वयन में तेजी लाने में सरकार के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध है।Ó
- नई दिल्ली। रोजमर्रा के उपभोक्ता उत्पाद बनाने वाली प्रमुख कंपनी हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक (सीएमडी) संजीव मेहता का वेतन वित्त वर्ष 2019-20 में 2.86 प्रतिशत बढ़कर 19.42 करोड़ रुपये रहा। कंपनी की वार्षिक रपट में यह जानकारी सामने आयी है।इससे पिछले वित्त वर्ष 2018-19 में मेहता का वेतन 18.88 करोड़ रुपये था। जबकि 2017-18 में यह 19.37 करोड़ रुपये था। कंपनी के प्रबंध निदेशक, पूर्ण कालिक निदेशक और प्रमुख प्रबंधकीय कार्मिकों का कुल वेतन 2019-20 में 37.49 करोड़ रुपये रहा। यह 2018-19 के 36.40 करोड़ रुपये से 2.99 प्रतिशत अधिक है। इसमें मेहता के वेतन के साथ कंपनी के मुख्य वित्त अधिकारी श्रीनिवास पाठक, कार्यकारी निदेशक-आपूर्ति श्रृंखला प्रदीन बनर्जी, कार्यकारी निदेशक- विधिक और कॉरपोरेट मामले देव वाजपेयी और कार्यकारी निदेशक-आपूर्ति श्रृंखला विलहेलमस उइजेन के वेतन भी शामिल हैं।----
- - कर्मचारियों और हितधारकों के साथ डिजिटल रूप से जुडऩे के लिए लॉन्च किया गया है संवाद एपनई दिल्ली। कोल इंडिया की सहायक कंपनी वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (डब्ल्यूसीएल) ने आज महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में 3 नई कोयला खदानें खोली हैं, जिनकी संयुक्त वार्षिक उत्पादन क्षमता 2.9 मिलियन टन (एमटी) है। कंपनी इन परियोजनाओं पर कुल 849 करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) करेगी और 647 लोगों के लिए प्रत्यक्ष रोजगार सृजित करेगी।मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी और केंद्रीय कोयला व खान मंत्री प्रह्लाद जोशी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए इन खदानों का उद्घाटन किया।केंद्रीय कोयला व खान मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इस अवसर पर कहा, डब्ल्यूसीएल को वित्त वर्ष 2023-24 तक 75 एमटी कोयले का उत्पादन करना है। इन खदानों के खुलने से कंपनी के इस मुकाम तक पहुंचने के प्रयासों में निश्चित रूप से मदद मिलेगी। इतना ही नहीं, इससे कोल इंडिया को वित्त वर्ष 2023-24 तक 1 अरब टन (बीटी) कोयले के उत्पादन लक्ष्य को हासिल करने में भी मदद मिलेगी।डब्ल्यूसीएल द्वारा खोली गई तीन खदानें ये हैं- महाराष्ट्र के नागपुर क्षेत्र में अदसा खदान, जो एक भूमिगत खुली खदान है, ख) कन्हान क्षेत्र में शारदा भूमिगत खदान और ग) मध्य प्रदेश के पेंच क्षेत्र में धनकसा भूमिगत खदान। अदसा खदान की वार्षिक कोयला उत्पादन क्षमता 1.5 एमटी है, जबकि शारदा और धनकसा खदानों की वार्षिक कोयला उत्पादन क्षमता क्रमश: 0.4 एमटी और 1 एमटी है।इस अवसर पर कंपनी ने अपने खनन कार्यों की निगरानी करने के लिए डब्ल्यूसीएल आई के नाम से एक निगरानी प्रणाली शुरू की और इसके साथ ही अपने कर्मचारियों एवं हितधारकों से जुडऩे के लिए संवाद के नाम से एक एप लॉन्च किया। डब्ल्यूसीएल आई इस कंपनी की उन 15 प्रमुख खदानों के परिचालन की चौबीसों घंटे निगरानी करेगी जिनकी हिस्सेदारी कंपनी के कुल कोयला उत्पादन में 70 प्रतिशत है। इतना ही नहीं, यह कोयले के स्टॉक के साथ-साथ साइडिंग पर कोयले की उपलब्धता और रेलवे साइडिंग (बगल की रेल लाइन) पर रेक के प्लेसमेंट एवं ढुलाई पर करीबी नजर रखने तथा जवाबदेही सुनिश्चित करने में भी मदद करेगी।संवाद दरअसल कर्मचारियों और हितधारकों के लिए एक मोबाइल एवं डेस्कटॉप एप है, जो सुझाव/प्रतिक्रिया/अनुभव साझा करने के लिए एक आभासी या वर्चुअल प्लेटफॉर्म प्रदान करेगा। त्वरित प्रतिक्रिया टीमें 7 दिनों की निर्धारित अवधि में प्रश्नों और फीडबैक का जवाब देंगी।श्री जोशी ने घोषणा की कि कोल इंडिया की विभिन्न सहायक कंपनियों ने मध्य प्रदेश सरकार को राज्य में कोविड-19 महामारी के खिलाफ अपनी लड़ाई को मजबूती प्रदान करने के लिए 20 करोड़ रुपये दिए हैं। कोल इंडिया महाराष्ट्र सरकार को भी कोविड-19 के खिलाफ अपनी लड़ाई को मजबूती प्रदान करने के लिए एक-दो दिन में 20 करोड़ रुपये देगी।डब्ल्यूसीएल ने चालू वित्त वर्ष के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए 'मिशन 100 डेजÓ के नाम से एक रोडमैप लॉन्च किया है। यह मिशन कंपनी के मध्यमकालिक और दीर्घकालिक लक्ष्यों को प्राप्?त करने में भी उसकी मदद करेगा। चालू वित्त वर्ष के लिए कंपनी का कोयला उत्पादन और उठाव लक्ष्य 62 एमटी है। श्री जोशी ने कहा, इन 3 खदानों को खोलना वित्त वर्ष 2023-24 तक 20 नई परियोजनाएं शुरू करने की डब्ल्यूसीएल की भविष्य की योजना का एक हिस्सा है, जिनमें से 14 परियोजनाएं महाराष्ट्र में और 6 परियोजनाएं मध्य प्रदेश में शुरू की जाएंगी। कंपनी इन परियोजनाओं पर कुल 12753 करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय करेगी और 14 हजार से भी अधिक प्रत्यक्ष रोजगारों का सृजन करेगी।कंपनी पिछले 6 वर्षों में 5300 करोड़ रुपये से भी अधिक के पूंजीगत व्यय के साथ 20 नई और विस्तार परियोजनाएं शुरू कर चुकी है तथा भूमि गंवाने वालों को 5250 प्रत्यक्ष रोजगार दे चुकी है। डब्ल्यूसीएल ने वित्त वर्ष 2019-20 में 57.64 एमटी कोयले का उत्पादन किया था, जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 8त्न से भी अधिक की वृद्धि को दर्शाता है।
- नई दिल्ली। जिंदल स्टेनलेस लिमिटेड (जेएसएल) ने गुरुवार को कहा कि वह जून में 18 हजार टन से अधिक स्टेनलेस इस्पात का निर्यात करेगी। यह निर्यात रूस और कुछ यूरोपीय देशों के ग्राहकों को किया जायेगा। कंपनी ने एक बयान में कहा कि उसने मई में 12 हजार टन से अधिक स्टेनलेस इस्पात का निर्यात किया था।कंपनी ने कहा, भारत में अभी भी पूरी तरह से लॉकडाउन समाप्त नहीं हुआ है। ऐसे में निर्यात बाजारों में हिस्सेदारी पुन: प्राप्त करने की कंपनी की रणनीति उत्साहजनक परिणाम दे रही है। जून में कंपनी 18 हजार टन से अधिक का निर्यात करेगी, जो कि कोविड-19 महामारी की शुरुआत से पहले का स्तर है। सामान्य महीनों में यह (निर्यात) कुल उत्पादन का करीब 18 से 20 प्रतिशत रहता है। कंपनी ने कहा कि वह दक्षिण कोरिया जैसे देशों को भी स्टेनलेस इस्पात का निर्यात करने वाली है।जेएसएल के प्रबंध निदेशक (एमडी) अभ्युदय जिंदल ने कहा, हम आक्रामक रूप से यूरोपीय संघ और रूस में निर्यात बाजारों पर ध्यान दे रहे हैं। इन बाजारों का हमारे कुल निर्यात में खासा योगदान है। इसके अलावा हम निर्यात को बढ़ाने के लिये दक्षिण कोरिया और दक्षिणी अमेरिका जैसे बाजारों में नये मौकों की भी तलाश कर रहे हैं। हम बाजार की परिस्थितियों के अनुकूल अपने संयंत्रों में परिचालन बढ़ा रहे हैं। एक बार जब घरेलू मांग आने लगेगी, हम उसे पूरा करने के लिये सहजता से तैयार होंगे। जेएसएल देश की सबसे बड़ी स्टेनलेस इस्पात निर्माता कंपनी है। ओडिशा के जाजपुर में स्थित कंपनी के संयंत्र की वार्षिक क्षमता 11 लाख टन है।
- मुंबई। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने बचत बैंक खातें पर वार्षिक ब्याज दर 0.05 प्रतिशत घटाकर 2.70 प्रतिशत कर दी है। बैंक की वेबसाइट पर उपलब्ध सूचना के अनुसार संशोधित ब्याज दरें 31 मई से लागू हो गई हैं।बचत बैंक खाते के लिए बैंक के दो स्लैब एक लाख रुपये तक और एक लाख रुपये से अधिक है। अप्रैल में बैंक ने सभी स्लैब में बचत बैंक खातें पर ब्याज दर को 0.25 प्रतिशत घटाकर 2.75 प्रतिशत कर दिया था। इसके अलावा बैंक ने 27 मई को सभी परिपक्वता अवधि की खुदरा मियादी जमा दरों में 0.40 प्रतिशत तक की कटौती की थी।मई में यह बैंक द्वारा मियादी जमा यानी एफडी की ब्याज दरों में की गई दूसरी कटौती थी। एसबीआई की वेबसाइट के अनुसार सात दिन से 45 दिन की जमा पर ब्याज दर को 3.30 प्रतिशत से घटाकर 2.90 प्रतिशत किया गया है। इसी तरह 180 दिन से 210 दिन की जमा पर ब्याज दर 4.80 से घटाकर 4.40 प्रतिशत की गई है। पांच साल से दस साल की जमा पर ब्याज दर 5.70 से घटाकर 5.40 प्रतिशत की गई है। बैंक ने दो करोड़ रुपये या इससे अधिक की थोक जमा पर भी ब्याज दर में आधा प्रतिशत की कटौती की है।
- नई दिल्ली। माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद अगली बैठक में अगस्त 2017 से जनवरी 2020 की अवधि के लिये जीएसटी रिटर्न दाखिल नहीं करने पर लगने वाले विलंब शुल्क को माफ करने पर चर्चा करेगी। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क विभाग (सीबीआईसी) ने एक ट्वीट में कहा, बीती अवधि (अगस्त 2017 से जनवरी 2020) के दौरान जीएसटी विलंब शुल्क माफ करने के मुद्दे पर जीएसटी परिषद की अगली बैठक में चर्चा होगी।' जीएसटी परिषद की अगली बैठक 14 जून को हो सकती है।सीबीआईसी ने कहा कि अगस्त 2017 से जीएसटी व्यवस्था की शुरुआत हुई है। ऐसी मांगें की जा रही हैं कि जिन रिटर्न को तब से ही (अगस्त 2017 से) दाखिल किये जाने की जरूरत है, उनके लिये विलंब शुल्क माफ कर दिया जाये। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कोरोना वायरस महामारी से उत्पन्न संकट के मद्देनजर पहले ही फरवरी, मार्च, अप्रैल और मई 2020 के जीएसटी रिटर्न को दाखिल करने का समय जून 2020 तक बढ़ाने की घोषणा कर चुकी हैं। इस अवधि के लिये कोई विलंब शुल्क नहीं लिया जायेगा। सीबीआईसी ने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिये विलंब शुल्क लगाया जाता है कि करदाता समय पर रिटर्न दाखिल करें।