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- - राज्य के लोगों को वाणिज्यिक कोयला खनन के माध्यम से लगभग 60 हजार अतिरिक्त रोजगार के अवसर मिलेंगें- केंद्रीय कोयला मंत्रीनई दिल्ली। केंद्रीय कोयला एवं खनन मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि छत्तीसगढ़ में कोयले के वाणिज्यिक खनन की शुरूआत होने से संवृद्धि और विकास के नए युग की शुरुआत होगी।अपनी छत्तीसगढ़ यात्रा के दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए, श्री जोशी ने कहा कि इसके माध्यम से राज्य के लोगों के लिए लगभग 60 हजार अतिरिक्त रोजगार के अवसर सृजित होंगे। उन्होंने कहा कि वाणिज्यिक कोयला खनन के अंतर्गत, राज्य को एक वर्ष में न्यूनतम 4,400 करोड़ रुपये का राजस्व और 2,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त न्यूनतम लाभांश प्राप्त होगा। इसके अलावा, वाणिज्यिक कोयला खनन, राज्य के विभिन्न जिला खनिज फाउंडेशन (डीएमएफ) निधियों में लगभग 25 करोड़ रुपये का योगदान देगा, जिसका उपयोग कोलफील्ड क्षेत्रों के आसपास के इलाकों के समावेशी विकास के लिए किया जा सकता है।केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कोयला मंत्रालय ने छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राज्य में वाणिज्यिक कोयले की नीलामी के अंतर्गत, 3 अन्य नए खानों के साथ 5 खानों को बदलने वाले सुझाव को स्वीकार कर लिया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में, राज्य में व्यावसायिक नीलामी के लिए 9 खानों को रखा गया है।श्री जोशी ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ रायपुर में बैठक की। उन्होंने कहा कि यह बैठक बहुत ही सकारात्मक, प्रगतिशील और खुले विचारों वाली थी और राज्य में कोयला और अन्य खनिज संपदाओं से जुड़े हुए मुद्दों पर चर्चा की गई। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा डीएमएफ और एनएमईटी पर अच्छे सुझाव दिए गए हैं जिन पर सकारात्मक रूप से विचार किया जाएगा।मुख्यमंत्री के साथ हुए बैठक के दौरान, छत्तीसगढ़ ईस्ट रेलवे लिमिटेड (सीईआरएल) की रेलवे लाइन को स्थानांतरित करने के लिए, 15 दिन में सीआईएल, छत्तीसगढ़ सरकार और महाजेन्को के अधिकारियों की एक समिति बनाकर प्रस्ताव लेने का निर्णय लिया गया। एक महीने में, सीएमपीडीआई और छत्तीसगढ़ सरकार के अधिकारियों द्वारा फ्लाई ऐश को गिराने के लिए खनन भूमि का उपयोग करने हेतु भी एक अन्य प्रस्ताव लाया जाएगा। कोयला के खुदरा उपभोक्ताओं के लिए कोयले की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए राज्य द्वारा एक नोडल एजेंसी बनाया जाएगा। राज्य में कोयले से जुड़े हुए छोटे-मोटे अपराधों को रोकने पर भी विचार-विमर्श किया गया।केंद्रीय मंत्री ने साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) के प्रदर्शन की समीक्षा की। उन्होंने कोविड-19 संकट के दौरान कोयला योद्धाओं द्वारा की गई कड़ी मेहनत की सराहना की। उन्होंने स्पंज आयरन एंड स्टील उद्योग के प्रतिनिधियों के साथ भी बातचीत की।छत्तीसगढ़ राज्य के लिए कोयला खनन के महत्व पर बल देते हुए, उन्होंने कहा कि इस राज्य के पास एशिया की सबसे बड़ी कोयला खदान है और यह देश की बिजली आपूर्ति की मांगों को पूरा करने की दिशा में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कोयला खनन से छत्तीसगढ़ को संवृद्धि और विकास की आकांक्षाओं को पूरा करने में भी मदद मिल रही है। पिछले 4 वर्षों में, एसईसीएल द्वारा वैधानिक शुल्क के हिस्से के रूप में राज्य को 13 हजार 200 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि का भुगतान किया गया है। यही नहीं, कोयला उत्पादन को बढ़ाने के साथ-साथ, एसईसीएल अगले 4 वर्षों में राज्य के खजाने को राजस्व के रूप में लगभग 22 हजार 900 करोड़ रुपये का भुगतान करेगा। एसईसीएल की स्वामित्व वाली कंपनी, कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने अगले 4 वर्ष में पूरे छत्तीसगढ़ में आधारभूत संरचना को विकसित करने के लिए 26,000 करोड़ रुपये की कैपेक्स योजना बनाई है।कोयला की निकासी तीव्र गति के साथ और सुचारू रूप से करने के लिए नई अवसंरचनाओं का निर्माण करने हेतु सरकार के प्रयासों पर रोशनी डालते हुए, श्री जोशी ने कहा कि छत्तीसगढ़ ईस्ट रेलवे लिमिटेड (सीईआरएल), एसईसीएल, इरकॉन और सीएसआईडीसी का संयुक्त उपक्रम रेल कॉरिडोर विकसित कर रहा है। सीईआरएल ने अब तक दो हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का कैपेक्स खर्च किया है।सीईआरएल रेल कॉरिडोर का मतलब, देश में बढ़ती हुई कोयले की आवश्यकताओं को पूरा करने और इस क्षेत्र में यात्री ट्रेनों की कनेक्टिविटी प्रदान करने में कोयला निकासी के कारण हो रही लॉजिस्टिक चुनौतियों से निपटना है। इस कॉरिडोर की कुल लंबाई 193 किलोमीटर है और इसे दो चरणों में विकसित किया जा रहा है। पहला चरण, खरसिया से धरमजयगढ़ तक है जिसकी लंबाई 131 किलोमीटर है, जबकि 62 किलोमीटर की लंबाई के साथ दूसरा चरण ??कोरमा के साथ धरमजयगढ़ में कोल खदान के गारे-प्लामा ब्लॉक तक जाएगा। पहले चरण में, खरसिया से कोरिचापार तक 43 किलोमीटर लंबे खंड को माल यातायात के लिए पहले ही चालू किया जा चुका है।
- नई दिल्ली। 15वें वित्त आयोग द्वारा कृषि निर्यात पर गठित उच्च स्तरीय समूह (एचएलईजी) ने कृषि निर्यात को बढ़ावा देने को राज्यों के लिए प्रदर्शन प्रोत्साहन देने और भारी आयात की भरपाई करने वाली फसलों को बढ़ावा दिए जाने की सिफारिश करते हुए आज आयोग को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है।भारी अनुसंधान और परामर्श तथा व्यापक विचार-विमर्श के बाद हितधारकों व निजी क्षेत्र से राय लेने के बाद एचएलईजी ने अपनी सिफारिशें की हैं। इनमें प्रमुख सिफारिशें निम्नलिखित हैं -1. 22 फसल मूल्य श्रृंखलाओं- मांग आधारित रणनीति पर जोर।2. मूल्य वर्धन पर ध्यान केन्द्रित करते हुए समग्र रूप से वैल्यू चेन क्लस्टर्स (वीसीसी) का समाधान निकालना।3. हितधारकों की भागीदारी के साथ राज्य आधारित निर्यात योजना का निर्माण करना।4. निजी क्षेत्र को निभानी चाहिए अग्रणी भूमिका।5. केन्द्र को प्रोत्साहन देने वाले के रूप में होना चाहिए।6. वित्तपोषण और कार्यान्वयन को समर्थन देने के लिए हो एक मजबूत संस्थागत तंत्र।समूह ने अपनी रिपोर्ट में एक फसल वैल्यू चेन क्लस्टर के लिए एक राज्य आधारित योजना- एक व्यावसायिक योजना की सिफारिश की है, जिसमें इच्छित मूल्य श्रृंखला निर्यात के लक्ष्य को हासिल करने के लिए अवसर, पहलों और निवेश से संबंधित खाका खींचा जाएगा। ये योजनाएं कार्य उन्मुख, समयबद्ध और परिणामों पर केन्द्रित होंगी। समूह ने यह भी कहा कि राज्य आधारित निर्यात योजना की सफलता के लिए निम्नलिखित बातों पर ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है--योजनाएं निजी क्षेत्र की कंपनियों और कमोडिटी बोर्ड के साथ मिलकर तैयार की जानी चाहिए।-राज्य योजना गाइड और मूल्य श्रृंखला का उपयोग किया जाए।-परिणाम हासिल करने और निष्पादन में निजी क्षेत्र को अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए।-केन्द्र को राज्य आधारित योजनाओं को प्रोत्साहन देना चाहिए।-राज्य और केन्द्र स्तर पर संस्थागत शासन को प्रोत्साहन देना चाहिए।-वर्तमान योजनाओं, वित्त आयोग के आवंटन और निजी क्षेत्र के निवेश के एकीकरण के माध्यम से वित्तपोषण।-समूह की राय है कि निजी क्षेत्र की कंपनियों की मांग सुनिश्चित करने और मूल्य वर्धन पर ध्यान केन्द्रित करने; परियोजना की योजनाओं की व्यवहार्यता, मजबूती, कार्यान्वयन योग्य बनाने और उचित वित्तपोषण सुनिश्चित करने; तकनीक पर आधारित उपक्रमों को वित्तपोषण और परियोजना के कार्यान्वयन के लिए तात्कालिकता व अनुशासन सुनिश्चित करने में अहम भूमिका है।एचएलईजी का मानना है कि-कुछ वर्षों में भारत के कृषि निर्यात में 40 अरब डॉलर से बढ़कर 70 अरब डॉलर तक पहुंचने की क्षमता है। इनपुट (सामग्रियों), बुनियादी ढांचा, प्रसंस्करण और मांग बढ़ाने के उपायों पर कृषि निर्यात में 8-10 अरब डॉलर का निवेश होने का अनुमान है। अतिरिक्त निर्यात से अनुमानित रूप से 70 लाख से 1 करोड़ नौकरियां पैदा हो सकती हैं। इससे कृषि उत्पादकता और किसानों की आय बढ़ेगी।एचएलईजी के सदस्यों में आईटीसी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक संजीव पुरी पूर्व कृषि सचिव राधा सिंह; खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय के प्रतिनिधि मनोज जोशी; एपिडा के चेयरमैन दिवाकर नाथ मिश्रा, पूर्व चेयरमैन पबन कुमार बोरठाकुर; नेस्ले इंडिया के सीएमडी सुरेश नारायणन; यूपीएल लिमिटेड के सीईओ जय श्रॉफ; ओलम एग्रो के कंट्री प्रमुख (भारत) संजय सचेती; रिसर्च एंड इन्फोर्मेशन सिस्टम फॉर डेवलपिंग कंट्रीज (आरआईएस) के महानिदेशक डॉ. सचिन चतुर्वेदी शामिल हैं।एचएलईजी के विचारार्थ विषय इस प्रकार हैं -- बदलते अंतरराष्ट्रीय व्यापार परिदृश्य में भारतीय कृषि उत्पादों (कमोडिटीज, अद्र्ध प्रसंस्कृत और प्रसंस्कृत) के लिए निर्यात और आयात के विकल्प के अवसरों का आकलन और टिकाऊ तौर पर निर्यात बढ़ाने व आयात पर निर्भरता घटाने के तरीके सुझाना।-सेक्टर की वैश्विक प्रतिस्पर्धा क्षमता में सुधार के लिए कृषि उत्पादकता में सुधार, मूल्य वर्धन में सक्षम बनाना, नष्ट होने वाली उपज में कमी, लॉजिटिस्टक ढांचे को मजबूत बनाना आदि भारतीय कृषि से संबंधित रणनीतियों और उपायों की सिफारिश करना।-कृषि मूल्य श्रृंखला के साथ निजी क्षेत्र के निवेश में आने वाली बाधाओं की पहचान करना और 3 नीतिगत उपाय और सुधार सुझाना जिससे आवश्यक निवेश को आकर्षित करने में सहायता मिलेगी।-कृषि क्षेत्र में सुधारों में तेजी लाने के साथ ही इस संबंध में अन्य नीतिगत उपायों को लागू करने के लिए 2021-22 से 2025-26 की अवधि के लिए राज्य सरकारों को उपयुक्त प्रदर्शन आधारित प्रोत्साहन सुझाना।-आयोग ने समूह के प्रयासों की सराहना की और अब भारत सरकार को भेजी जाने वाली अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप देने के लिए सभी सिफारिशों पर विचार किया जाएगा।
- नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज कहा कि सरकार कोविड-19 के कारण पड़ रहे प्रतिकूल प्रभावों को ध्यान में रखकर उद्योग जगत की ऋण पुनर्निर्धारण मांग पर आरबीआई के साथ मिलकर काम कर रही है।भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग मंडल महासंघ (फिक्की) की राष्ट्रीय कार्यकारी समिति की बैठक (एनईसीएम) को संबोधित करते हुए श्रीमती सीतारमण ने कहा, पुनर्निर्धारण पर फोकस है। वित्त मंत्रालय इस पर सक्रिय रूप से आरबीआई के साथ मिलकर काम कर रहा है। सैद्धांतिक रूप में, यह विचार कि पुनर्निर्धारण आवश्यक हो सकता है, इस पर गौर किया जा रहा है।सरकार की ओर से घोषित किए जा रहे सुधार उपायों पर व्यापक विचार-विमर्श के बारे में श्रीमती सीतारमण ने कहा, घोषित किया जा रहा प्रत्येक कदम हितधारकों के साथ और सरकार के भीतर व्यापक सलाह-मशविरा के बाद ही उठाया जाता है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी कदम सिर्फ इसलिए विफल न हो जाए कि हमने आवश्यक संबंधित बदलाव नहीं किए। हमने यह सुनिश्चित करने के लिए ये समस्त कदम उठाए हैं कि इसका असर जमीनी स्तर पर नजर आए।Óसरकार द्वारा घोषित आपातकालीन ऋण गारंटी योजना के तहत एमएसएमई को ऋण लेने में हो रही कठिनाइयों पर फिक्की के सदस्यों द्वारा व्यक्त की गई चिंताओं को दूर करते हुए श्रीमती सीतारमण ने कहा, बैंक आपातकालीन ऋण सुविधा के दायरे में आने वाले एमएसएमई को ऋण देने से इनकार नहीं कर सकते हैं। यदि मना किया जाता है, तो ऐसे मामलों की सूचना दी जानी चाहिए। मैं इस पर गौर करूंगी।उद्योग जगत की ओर से की जा रही ऋण संबंधी मांगों को पूरा करने के लिए विकास वित्त संस्थान की स्थापना करने के फिक्की के सुझाव पर वित्त मंत्री ने कहा, विकास वित्त संस्थान पर काम चल रहा है। इसका स्वरूप कैसा होगा, इस बारे में हम जल्द ही जान जाएंगे।व्यापार सौदों में पारस्परिकता की आवश्यकता पर विशेष जोर देते हुए श्रीमती सीतारमण ने कहा, उन देशों के साथ पारस्परिकता व्यवस्थाएं करने के लिए कहा जा रहा है जिनके साथ अपने बाजार हमने खोल दिए हैं। हमारी व्यापार वार्ताओं में पारस्परिकता एक अत्यंत महत्वपूर्ण बिंदु या मुद्दा है। वित्त मंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य सेवा और अन्य उत्पादों पर जीएसटी दरें कम करने का निर्णय जीएसटी परिषद द्वारा लिया जाएगा। श्रीमती सीतारमण ने कहा कि वित्त मंत्रालय आतिथ्य सेक्टर की मोहलत अवधि बढ़ाने या पुनर्निर्धारण की मांग पर आरबीआई के साथ मिलकर काम कर रहा है। उन्होंने कहा, मैं आतिथ्य सेक्टर की मोहलत अवधि बढ़ाने या पुनर्निर्धारण की मांग को अच्छी तरह से समझती हूं। हम इस पर आरबीआई के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।फिक्की की अध्यक्ष डॉ. संगीता रेड्डी ने इस स्थिति से निपटने में सरकार के सक्रिय दृष्टिकोण की सराहना की। डॉ. रेड्डी ने कहा, वैसे तो सुधार या बेहतरी के लक्षण दिख रहे हैं, लेकिन कारोबारियों के परिचालन मापदंडों में इस बेहतरी को बनाए रखने के लिए सरकार की ओर से निरंतर सहयोग की आवश्यकता होगी। विशेषकर बाजार की मांग को मजबूत करने और सामान्य मांग को बढ़ाने के लिए सहयोग की आवश्यकता है।फिक्की के वरिष्ठ उपाध्यक्षउदय शंकर ने धन्यवाद ज्ञापन किया और कहा कि उनका चैंबर उद्योग जगत के समक्ष मौजूद चुनौतियों को कम करने के लिए सरकार के साथ मिलकर काम करेगा।
- नई दिल्ली। वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि उद्योगों के लिये कुछ राज्यों में उपलब्ध भूमि को लेकर वह जल्दी ही भूमि बैंक की ऑनलाइन शुरूआत करेंगे। इसके तहत 5 लाख हेक्टेयर क्षेत्र की पहचान की गयी है। उन्होंने यह भी कहा कि मंत्रालय भूमि बैंक पोर्टल तैयार करने की कोशिश कर रहा है। इसके जरिये कोई भी व्यक्ति दुनिया में कहीं भी बैठकर गूगल अर्थ मैप के जरिये भूखंड को देख सकता है। ये जमीन पूरे देश में उपलब्ध है।केन्द्रीय मंत्री ने गुरुवार को उद्योग मंडल सीआईआई द्वारा आयोजित वेबिनार (इंटरनेट के जरिये आयोजित सेमिनार) में कहा, जल्दी ही मैं ऑनलाइन भूमि बैंक की शुरूआत करूंगा। ये जमीन कुछ राज्यों में उपलब्ध है। अब तक छह राज्यों ने आंकड़े साझा किये हैं...हमने करीब 5 लाख हेक्टेयर जमीन की पहचान की है जो उद्योग के लिये उपलब्ध है। उन्होंने कहा, इसीलिए जमीन को लेकर किसी प्रकार की चिंता निराधार है। पूरे देश में अलग-अलग उद्योगों के लिये पर्याप्त जमीन उपलब्ध है। मंत्रालय देश के विभिन्न भागों में उद्योग केंद्रित संकुल तैयार करने की दिशा में भी काम कर रहा है। श्रम कानूनों के बारे में श्री गोयल ने कहा कि 16-17 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने केंद्र को प्रस्ताव भेजे हैं और श्रम मंत्रालय उन सिफारिशों को देख रहा है।श्रम मंत्रालय ने उनके विचारों को व्यवस्थित करने का प्रयास कर रहा है ताकि राज्य श्रम कानून परिवेश को लागू करने की पेशकश कर सकें जिसे लागू करना आसान होगा। इसमें श्रमिकों के हितों का ध्यान रखा जाएगा, साथ ही यह भी सुनिश्चित होगा कि उद्योग को इन कानूनों को लागू करने में कठिनाई नहीं हो। उन्होंने उद्योग से अपने सदस्यों को कानून के दुरूपयोग को लेकर संवेदनशील बनाने को भी कहा। उन्होंने सदस्यों को यह बताने को कहा कि यह उद्योग के लिये कितना नुकसानदायक हो सकता है।
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नई दिल्ली। प्रमुख दूध आपूर्तिकर्ता मदर डेयरी अब ब्रेड भी बेचेगी। कंपनी ने कारोबार बढ़ाने की अपनी रणनीति के तहत यह कदम उठाया है। अगले पांच साल में उसका राजस्व को दोगुने से अधिक बढ़ाकर 25,000 करोड़ रुपये तक पहुंचाने का लक्ष्य है। दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में मदर डेयरी दूध, आइसक्रीम और दूध के अन्य उत्पादों की प्रमुख आपूर्तिकर्ता कंपनी है। उसने 15-40 रुपये प्रति पैकेट की कीमत पर तीन तरह की डबलरोटी - सैंडविच, ब्राउन और फ्रूट एंड मिल्क- बाजार में उतारी हैं। मदर डेयरी की ब्रेड शुरुआत में उसके राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) क्षेत्र स्थित मदर डेयरी के 1,800 दूध और ‘सफल' बिक्री केन्द्रों पर उपलब्ध होंगी। कंपनी अगले तीन वर्ष के दौरान ब्रेड की बिक्री से 100 करोड़ रुपये की आय होने का लक्ष्य लेकर चल रही है। मदर डेयरी फ्रूट एंड वेजिटेबल प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक संग्राम चौधरी ने एक वीडियो कॉन्फ्रेंस में संवाददाताओं से कहा, हम अपने ब्रेड की पेशकश के साथ कन्फेक्शनरी और बेकरी सेगमेंट में विविधता ला रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत में ब्रेड के बाजार का आकार मौजूदा समय में 5,300 करोड़ रुपये का है और पिछले पांच वर्षों से यह औसतन 10 प्रतिशत की औसत दर से बढ़ रहा है। सबसे ज्यादा खपत सफेद डबलरोटी की है। चौधरी ने कहा कि कंपनी ने बाजार में लगभग 20 नए उत्पादों को पेश किया है, जिसमें पाँच प्रकार की मिठाइयाँ शामिल हैं।
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मुंबई। आवास ऋण देने वाली कंपनी एचडीएफसी के चेयरमैन दीपक पारेख ने बृहस्पतिवार को भरोसा जताया कि महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था जल्द उबर जाएगी। उन्होंने कहा कि भारत यानी ग्रामीण अर्थव्यवस्था के बल पर भारतीय अर्थव्यवस्था की सेहत उम्मीद से जल्दी सुधर जाएगी। कई विशेषज्ञों का अनुमान है कि यदि जुलाई तक लॉकडाउन हट जाता है तथा सितंबर तक स्थिति सामान्य होने लगती है, तो सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में पांच प्रतिशत की गिरावट आएगी। यदि स्थिति इससे खराब रहती है, तो अर्थव्यवस्था में 7.5 प्रतिशत की गिरावट आएगी। प्रत्येक एक महीने के लॉकडाउन से जीडीपी में एक प्रतिशत की कमी आएगी। पारेख ने एचडीएफसी की 43वीं आमसभा में शेयरधारकों को संबोधित करते हुए कहा, कुछ ऐसे तथ्य हैं जिनसे पता चलता है कि अर्थव्यवस्था राह पर लौट रही है। बेरोजगार की दर मई के उच्चस्तर से नीचे आई है, ई-टोल संग्रह बढ़ा है, साथ ही ई-वे बिल, डिजिटल लेनदेन भी बढ़ा है। माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह एक बार फिर से 90,000 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया है।
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नई दिल्ली। खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) को भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी से 1.80 लाख मास्क की आपूर्ति के लिए आर्डर प्राप्त हुआ है। केवीआईसी के अनुसार, भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी (आईआरसीएस) के लिये यह मास्क लाल पाइपिंग के साथ भूरे रंग के होंगे जो कि 100 प्रतिशत दोहरी बुनाई वाले हाथ से बने सूती कपड़े से तैयार किये जायेंगे। केवीआईसी ने कहा, केवीआईसी ने भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी के लिए विशेष रूप से डिजाइन किये गये इन दोहरी परत वाले सूती मास्क को उनके द्वारा दिए गए नमूनों के अनुसार तैयार किया है। मास्क में बाईं ओर एक आईआरसीएस लोगो और दाईं ओर खादी इंडिया का चिन्ह मुद्रित होगा। मास्क की आपूर्ति अगले महीने तक शुरू हो जायेगी। केवीआईसी के अध्यक्ष विनय कुमार सक्सेना ने कहा, इस आर्डर से हमारे खादी कारीगरों को अधिक धागे और कपड़े का उत्पादन करने में मदद मिलेगी और इन मुश्किल समय में उनकी आय में और इजाफा होगा। केवीआईसी (खादी और ग्रामोद्योग आयोग) ने कहा कि अब तक वह 10 लाख से अधिक फेस मास्क बेच चुका है जिसमें दोहरी परत वाला सूती मास्क और तीन परत वाला सिल्क मास्क शामिल हैं।
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नई दिल्ली। करूर वैश्य बैंक (केवीबी) ने बुधवार को कहा कि बी रमेश बाबू ने बैंक के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी का पदभार 29 जुलाई को संभाल लिया। केवीबी ने एक विज्ञप्ति में कहा कि बैंक के प्रबंध निदेशक और सीईओ पद पर उनकी नियुक्ति पदभार संभालने की तारीख से तीन साल के लिए हुई है। उनकी नियुक्ति रिजर्व बैंक द्वारा मंजूरी नियम एवं शर्तों के तहत हुई है। बी रमेश के पास बैंकों में काम करने का 40 साल से अधिक अनुभव है। वह भारतीय स्टेट बैंक में उप प्रबंध निदेशक और मुख्य परिचालन अधिकारी के रूप में काम कर चुके हैं।
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नई दिल्ली। उद्योग जगत के शीर्ष कार्यकारियों का कहना है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल से मंजूरी प्राप्त नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति से कौशल आधारित शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा, शिक्षा को बेहतर बनाने के लिये ठोस डिजिटल संरचना तैयार होगी और जवावदेही व रोजगार प्राप्ति में सुधार होगा। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति को मंजूरी दी। इसके तहत उच्च शिक्षा संस्थानों के लिये एकल नियामक, डिग्री पाठ्यक्रमों में बीच में शामिल होने व छोडऩे का विकल्प, एमफिल को समाप्त करने आदि समेत कई सुधार किये गये हैं। इससे पहले 1986 में बनी शिक्षा नीति में आखिरी बार 1992 में संशोधन किया गया था। एनआईआईटी लिमिटेड के चेयरमैन एवं सह-संस्थापक तथा एनआईआईटी यूनिवर्सिटी के संस्थापक राजेंद्र एस पवार ने कहा, भारत की बहुप्रतीक्षित नयी शिक्षा नीति (एनईपी), दिशात्मक परिवर्तन और क्षेत्रीय सुधारों की एक अग्रदूत है। इससे 21वीं सदी में भारत के शिक्षा क्षेत्र में नये आयामों के खुलने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि शिक्षा पर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का छह प्रतिशत खर्च करने का इरादा निर्णायक बदलाव लायेगा। टीमलीज सर्विसेज की वरिष्ठ उपाध्यक्ष नीति शर्मा ने कहा कि यह भारत में सीखने को बढ़ाने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है। यह पारिस्थितिकी तंत्र में समग्र जवाबदेही में सुधार करेगा। अपग्रैड के प्रबंध निदेशक (एमडी) एवं सह-संस्थापक मयंक कुमार ने कहा, मुझे उम्मीद है कि यह ऑनलाइन शिक्षा के लिये एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा, जैसा कि अभी शिक्षा और ऑनलाइन शिक्षा समानार्थी हो गये हैं। स्किल मॉन्क्स के संस्थापक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) रामेश्वर मंडली ने कहा कि नयी नीति वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बनने के भारत के दृष्टिकोण को एक गति प्रदान करेगी। एजुकेशनल इनिशिएटिव्स के सह-संस्थापक एवं मुख्य शिक्षा अधिकारी श्रीधर राजगोपालन ने कहा कि कम से कम 5 वीं कक्षा तक मातृभाषा या स्थानीय भाषा में शिक्षा प्रदान करने के दृष्टिकोण के बहुत सारे लाभ हैं। उन्होंने कहा, शैक्षणिक अनुसंधान ने यह स्थापित किया है कि बच्चे प्राथमिक कक्षाओं में अपनी मातृभाषा (या स्थानीय भाषा) में सीखते हैं तो सबसे अच्छा सीखते हैं। स्कूलगुरु एडुसर्व के संस्थापक एवं सीईओ शांतनु रूज ने कहा कि एनईपी ने एक ठोस डिजिटल बुनियादी ढांचा तैयार करने पर ध्यान केंद्रित किया है जो शिक्षा को व्यापक बनाने और जवाबदेही में सुधार करने में मदद करेगा। उन्होंने कहा, परीक्षा प्रणाली में परिवर्तन के साथ-साथ सीखने के परिणाम पर भी ध्यान केंद्रित किया गया है।'' जे सागर एसोसिएट्स के पार्टनर नितिन पोद्दार ने कहा कि नया नियम देश की मानव पूंजी का उपयोग करने में मदद करेगा। साएंट के कार्यकारी अध्यक्ष बी वी आर मोहन रेड्डी ने कहा कि ज्ञान-चालित और नवाचार से प्रेरित विश्व व्यवस्था में सफलता बहुत हद तक लोगों की क्षमताओं पर निर्भर करता है, और शिक्षा (स्कूल और उच्च शिक्षा दोनों) अपेक्षित क्षमताओं के निर्माण की कुंजी है। उन्होंने कहा, नयी नीति शिक्षा के लिये सार्वभौमिक पहुंच और छात्रों के बेहतर समावेश का मार्ग प्रशस्त करने के लिये कई दूरंदेशी पहल प्रस्तुत करती है। ग्लोबल यूनिवर्सिटी सिस्टम्स के एशिया प्रशांत क्षेत्र के मुख्य अधिशासी अधिकारी शरद मेहरा ने शीक्षा नीति को कायाकल्प करने वाली बताते हुए कहा कि इस नीति को पैने वैश्विक दृष्टिकोण से तैयार किया गया है। इसमें शिक्षा पर कोण से ध्यान दिया गया है ताकि कौशल और प्रतिभा का उन्नयन एवं सृजन हो। मेहरा ने मानव संसाधन का नाम बदल कर शिक्षा मंत्रालय किए जाने की तारीफ की और कहा कि शिक्षा मानव विकास का अभिन्न अवयव है।
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दिल्ली में वैट घटने के बाद डीजल की कीमत 73.64 रुपए प्रति लीटर पर
नई दिल्ली। दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने डीजल पर वैट घटाने का फैसला किया है। इस फैसले से दिल्ली में डीजल अब 8.36 रुपए प्रति लीटर सस्ता हुआ। केजरीवाल कैबिनेट ने डीजल पर वैट को 30 फीसदी से घटाकर 16.75 फीसदी कर दिया है। वैट घटने के कारण दिल्ली में डीजल की कीमत 81.94 रुपए से घटकर 73.64 रुपए प्रति लीटर पर पहुंच गई। गुरुवार को दिल्ली में डीजल का रेट 81.94 रुपए प्रति लीटर और पेट्रोल का भाव 80.43 रुपए प्रति लीटर है। इस महीने देखा जाए तो सरकारी तेल कंपनियां सिर्फ डीजल का दाम ही बढ़ा रही हैं। पेट्रोल की बात करें तो इसमें एक महीने से कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है। -
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में उन्होंने कहा कि बैंक अधिकारी ऋण वृद्धि सुनिश्चित करने के लिये अपने काम के तरीकों पर फिर से गौर करें।
प्रधानमंत्री ने कहा कि केवल इस डर से अच्छे प्रस्तावों को लौटाया न जाये कि कर्ज फंस सकता है। उन्होंने बैठक में अर्थव्यवस्था को समर्थन देने में वित्तीय क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। वीडियो कांफ्रेन्सिंग के जरिये करीब तीन घंटे चली बैठक में सार्वजनिक क्षेत्र के बड़े बैंकों के मुख्य कार्यपालक अधिकारी और गैर-बैंकिग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के प्रमुख शामिल हुए। बैठक में प्रधानमंत्री ने सरकार की तरफ से वित्तीय क्षेत्र को हर प्रकार के समर्थन का आश्वासन दिया।प्रधानमंत्री ने ट्विटर पर लिखा, बैंकों और एनबीएफसी के अधिकारियों के साथ आर्थिक वृद्धि की योजनाओं, उद्यमियों की मदद और अन्य पहलुओं पर व्यापक विचार विमर्श किया । मोदी ने बैंक अधिकारियों से कहा कि वे छोटे उद्यमियों, स्वयं सहायता समूहों और किसानों को संस्थागत कर्ज लेने के लिये आगे आने को प्रेरित करें। उनके हवाले से एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, प्रत्येक बैंक को आत्ममंथन करने और मजबूत ऋण वृद्धि सुनिश्चित करने के लिये कामकाज के तौर तरीके पर फिर से गौर करने की जरूरत है। बैंकों को सभी प्रस्तावों को एक ही मानदंड से विचार करने की जरूरत नहीं है और ऋण देने योग्य प्रस्तावों को अलग करने और उन्हें चिन्हित करने की जरूरत है तथा यह सुनिश्चित करना है कि उन्हें पहले के एनपीए (अवरुद्ध कर्जों) के नाम पर कष्ट भुगतना नहीं पड़े।बयान के अनुसार बैठक में जोर दिया गया कि सरकार बैंक व्यवस्था के पीछे मुस्तैदी से खड़ी है। प्रधानमंत्री ने कहा, बैंकों को केंद्रीय डेटा प्लेटाफार्म, डिजिटल दस्तावेज व्यवस्था, ग्राहकों के मामले में डिजिटल तरीके सूचना के साझा उपयोग जैसी वित्तीय प्रौद्योगिकी अपनानी चाहिए। इससे कर्ज की पहुंच बढ़ेगी, ग्राहकों के लिये चीजें आसान होगी, बैंकों की लागत कम होगी और धोखाधड़ी पर भी अंकुश लगेगा। उन्होंने कहा कि भारत ने मजबूत, कम लागत वाला बुनियादी ढांचा तैयार किया है जिससे प्रत्येक भारतीय आसानी से किसी भी राशि के डिजिटल लेन-देन कर सकते हैं। उन्होंने बैंकों और वित्तीय संस्थानों से अपने ग्राहकों के बीच रूपे और यूपीआई के उपयोग को बढ़ावा देने को कहा।बैठक में एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों) के लिये आपात ऋण सुविधा, अतिरिक्त किसान क्रेडिट कार्ड, एनबीएफसी और छोटी राशि के कर्ज देने वाले संस्थानों (सूक्ष्म वित्त संस्थान) के लिये नकदी व्यवस्था में हुई प्रगति की समीक्षा की गयी। बयान के अनुसार बैठक में यह रेखांकित किया गया कि ज्यादतर योजनाओं में अच्छी प्रगति हुई है। बैंकों को लाभार्थियों के साथ सक्रियता से जुडऩे की जरूरत पर बल दिया गया ताकि उन तक कर्ज समर्थन का लाभ संकट के दौरान समय पर पहुंचे।सूत्रों के अनुसार बैठक में भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के चेयरमैन रजनीश कुमार, पंजाब नेशनल बैंक के प्रबंध निदेशक एस एस मल्लिकार्जुन राव, आईसीआईसीआई बैंक के प्रबंध निदेशक संदीप बख्शी, एचडीएफसी बैंक के प्रबंध निदेशक आदित्य पुरी और एचडीएफसी लि. की प्रबंध निदेशक रेणु सूद कर्नार्ड समेत अन्य शामिल हुए। -
नई दिल्ली। बाजार नियाममक सेबी ने बुधवार को सूचीबद्ध कंपनियों को जून तिमाही का वित्तीय परिणाम जारी करने का समय एक महीने बढ़ाकर 15 सितंबर कर दिया। कोरोना वायरस संकट को देखते हुए यह कदम उठाया गया है। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) को 30 जून को समाप्त तिमाही या छमाही के लिये वित्तीय परिणाम जारी करने को लेकर समयसीमा बढ़ाने को लेकर अनुरोध मिले थे। अनुरोध में 31 मार्च को समाप्त वित्त वर्ष के लिये सालाना वित्तीय परिणाम जारी करने को लेकर बढ़ायी गयी समयसीमा और 30 जून को समाप्त तिमाही या छमाही के लिये वित्तीय नतीजे घोषित करने के लिये समय के बीच कम अंतर का हवाला दिया गया था। सेबी ने परिपत्र में कहा, विचार-विमर्श के बाद वित्तीय परिणाम जारी करने की समयसीमा बढ़ाने का निर्णय किया गया है। 30 जून को समाप्त तिमाही या छमाही के लिये अब 15 सितंबर, 2020 तक वित्तीय परिणाम जारी किये जा सकते हैं। इससे पहले, सूचीबद्ध इकाइयों को 30 जून, 2020 को समाप्त तिमाही के वित्त परिणाम 14 अगस्त, 2020 तक जारी करने थे। सामान्य तौर पर सूचीबद्ध कंपनियों को सालाना वित्तीय परिणाम वित्त वर्ष समाप्त होने के 60 दिन के भीतर और तिमाही परिणाम तीन महीने की अवधि समाप्त होने के 45 दिन के भीतर जारी करने होते हैं। सेबी ने जून में सूचीबद्ध कंपनियों को चौथी तिमाही के साथ सालाना वित्तीय परिणाम जारी करने के लिये समय एक और महीने बढ़ाकर 31 जुलाई तक कर दिया था। इससे पहले वित्तीय परिणाम जमा करने की समयसीमा 30 जून थी। सेबी ने कहा कि परिपत्र तत्काल प्रभाव से अमल में आ गया है।
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नई दिल्ली। बुनियादी संरचनाओं के निर्माण को आसान करने के लिए प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल के रेलवे के प्रयासों को बढ़ावा देते हुए मालगाड़ियों के लिए समर्पित रेल-मार्ग (डीएफसी) के निर्माण में पर पटरी बिछाने का काम पूरी तरह न्यू ट्रैक कंस्ट्रक्शन (एनटीसी) मशीन से किया जा रहा है। डेडिकेटिड फ्रेट कॉरिडोर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (डीएफसीसीआईएल) ने बुधवार को यह जानकारी दी। नीति आयोग के उपाध्यक्ष और रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष ने बुधवार को पूर्वी डेडिकेटिड फ्रेट कॉरिडोर के खुर्जा-दादरी सेक्शन पर एनटीसी की साइट का निरीक्षण किया। रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष वी के यादव ने डीएफसी और ठेकेदारों द्वारा इस राष्ट्रीय महत्व की परियोजना के लिए किये गये काम की सराहना की और विश्वास जताया कि डीएफसीसीआईएल समयसीमा पर काम पूरा करेगा। उन्होंने साइट स्थल का निरीक्षण करने के बाद ट्वीट किया, 2022 में पूरी होने वाली इस परियोजना के तेजी से क्रियान्वयन से प्रभावित हुआ हूं। यह भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण गुणक का काम करेगा। डीएफसीसीआईएल और भारतीय रेलवे की टीम को मेरी शुभकामनाएं। हालांकि यादव ने कहा कि परियोजना दिसंबर 2021 तक पूरी हो जाएगी। - नई दिल्ली। एनटीपीसी लिमिटेड, विद्युत मंत्रालय के अंतर्गत आने वाली और देश की सबसे बड़ी बिजली उत्पादन कंपनी, के एक बयान के अनुसार, इसने 28 जुलाई, 2020 को 977.07 मिलियन यूनिट (एमयू) का उच्चतम दैनिक सकल उत्पादन प्राप्त किया है। एनटीपीसी के कुल उत्पादन में, उसकी सहायक और संयुक्त उद्यम वाली कंपनियों से उत्पादित की गई बिजली शामिल है।एनटीपीसी ने कहा कि इसके पांच पावर स्टेशनों, छत्तीसगढ़ में कोरबा, सीपत और लारा, ओडिशा में तालचेर कनिहा और हिमाचल प्रदेश में कोलडैम हाइड्रो द्वारा असाधारण प्रदर्शन किया गया है और इस दिन 100 प्रतिशत प्लांट लोड फैक्टर (पीएलएफ) प्राप्त किया गया। एनटीपीसी द्वारा प्राप्त की गई पिछली सबसे अच्छी दैनिक उत्पादन प्राप्ति 12 मार्च 2019 को 935.46 एमयू थी।62 हजार 910 मेगावॉट की कुल स्थापित क्षमता के साथ, एनटीपीसी समूह के पास 70 पावर स्टेशन हैं, जिनमें 24 कोयला, 7 संयुक्त चक्र गैस/ तरल ईंधन, 1 हाइड्रो, 13 नवीकरणीय और 25 सहायक एवं संयुक्त उद्यम वाले पावर स्टेशन शामिल हैं।---
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मुंबई। घरेलू रेटिंग एजेंसी इक्रा ने एन. शिवरामन को अपना नया प्रबंध निदेशक और समूह मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) नियुक्त किया है। एजेंसी ने मंगलवार को एक बयान में बताया कि शिवरामन के पास इंजीनियरिंग क्षेत्र की प्रमुख कंपनी एलएंडटी के साथ 34 साल काम करने का अनुभव है।
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सैन रमोन। इंटरनेट सर्च इंजन की दिग्गज कंपनी गूगल ने निर्णय लिया है कि उसके 200,000 कर्मी और संविदा पर काम करने वाले ज्यादातर कर्मचारी अगले साल जून तक घर से ही काम करेंगे। इस फैसले की घोषणा सोमवार को गूगल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सुंदर पिचाई ने की। इससे पहले गूगल ने इस पूरे साल कार्यालयों को बंद रखने की योजना की घोषणा की थी जिसे अब और छह महीने के लिए बढ़ा दिया गया है। पिचाई ने ईमेल के जरिए अपने कर्मचारियों को जानकारी दी, मैं जानता हूं कि इस बढ़ाई गई अवधि पर कर्मियों की मिलीजुली प्रतिक्रिया होगी और मैं यह सुनिश्चित करना चाहता हूं और आप खुद का ध्यान रखें। पिचाई के इस घोषणा की खबर सबसे पहले द वॉल स्ट्रीट जर्नल ने दी थी। लंबे समय तक कार्यालय बंद रखने का फैसला अन्य बड़ी कंपनियों पर भी हो सकता है और वे भी इस तरह के कदम उठा सकते हैं। महामारी की वजह से तकनीक जगत की कंपनियां ऑनलाइन काम करने के मामले में भी आगे चल रही हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के 11 मार्च को कोरोना संक्रमण को महामारी घोषित करने से पहले से ही गूगल समेत तकनीक से जुड़ी अन्य कंपनियां अपने कर्मचारियों को घर से काम करने के लिये कह चुकी थी। -
नई दिल्ली। भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) और एसबीआई कार्ड ने मंगलवार को अपना सह-ब्रांड रुपे क्रेडिट कार्ड पेश किया। यह कार्ड संपर्क रहित भुगतान की सुविधा देता है। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने आईआरसीटीसी-एसबीआई रुपे कार्ड को पेश करते हुए कहा कि वह निजी तौर पर ध्यान रखेंगे कि यह कार्ड 25 दिसंबर तक लक्षित तीन करोड़ से ग्राहकों तक पहुंचे। आईआरसीटीसी के ग्राहकों की संख्या पांच करोड़ से अधिक है और यह ग्राहक उसके मंच पर प्रतिदिन साढ़े आठ लाख से अधिक लेनदेन करते हैं। गोयल ने कहा कि केंद्र सरकार आने वाले सालों में हर टिकट की ऑनलाइन बुकिंग सह-ब्रांड कार्ड से करवाने का लक्ष्य लेकर चल रही है। इस कार्ड से ग्राहकों की रेल टिकट बुक कराने पर ना सिर्फ अतिरिक्त बचत होगी। बल्कि यह खरीदारी, मनोरंजन इत्यादि पर भी उन्हें कई लाभ मिलेंगे। आईआरसीटीसी पर इस कार्ड से टिकट बुकिंग का भुगतान करने पर ग्राहकों को रेलवे की वातानुकूलित श्रेणियों प्रथम, द्वितीय, तृतीय, एक्जीक्यूटिव चेयरकार, एसी चेयरकार के किराये में 10 प्रतिशत तक का कैशबैक मिलेगा। इसके अलावा टिकट बुक करने पर लगने वाला लेनदेन शुल्क भी माफ होगा। साथ में रेलवे स्टेशनों पर मौजूद प्रीमितम लाउंज में प्रत्येक तिमाही में एक बार मुफ्त प्रवेश का भी लाभ मिलेगा। इस कार्ड में एनएफसी (नियर फील्ड कम्युनिकेशन) प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया गया है जिसके चलते इस कार्ड को स्वाइप किए बिना ही संपर्क रहित भुगतान की सुविधा मिलती है। आम भाषा में ऐसे कार्ड को वाई-फाई कार्ड कहा जाता है।
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नई दिल्ली। आईडीबीआई बैंक ने मंगलवार को बताया कि वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही में उसने 144.43 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया। निजी क्षेत्र के बैंक को पिछले साल अप्रैल-जून 2019 तिमाही के दौरान 3,800.84 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था। बैंक ने मार्च 2020 को समाप्त तिमाही के दौरान 135.39 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हासिल किया था। आईडीबीआई बैंक ने शेयर बाजार को बताया कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में उसकी कुल आय थोड़ी घटकर 5,901.02 करोड़ रुपये रह गई, जो पिछले साल की समान अवधि में 5,923.93 करोड़ रुपये थी। मार्च तिमाही में बैंक की कुल आय 6,924.94 करोड़ रुपये थी।बैंक ने बताया कि उसकी परिसंपत्तियों की गुणवत्ता में सुधार हुआ है और 30 जून को कुल ऋण के मुकाबले सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां (एनपीए) 26.81 प्रतिशत रही, जो जून 2019 में 29.12 प्रतिशत थी। इसी तरह शुद्ध एनपीए या फंसे हुए ऋण 8.02 प्रतिशत से घटकर 3.55 प्रतिशत रह गया। बैंक ने फंसे हुए ऋण और आकस्मिकत व्यय के लिए जून तिमाही में 888.05 करोड़ रुपये का प्रावधान किया, जो पिछले साल की समान अवधि में 6,332.05 करोड़ रुपये था। -
नई दिल्ली। प्रौद्योगिकी क्षेत्र की प्रमुख कंपनी माइक्रोसाफ्ट इंडिया देश की सबसे आकर्षक नियोक्ता ब्रांड बनकर उभरी है। इसके बाद बेहतर नियोक्ता ब्रांड के तौर पर दूसरे नंबर पर सैंमसंग इंडिया और तीसरे पर अमेजॉन इंडिया रही है। एक सर्वेक्षण में यह कहा गया है। रैंडस्टैड एम्पलायर ब्रांड रिसर्च (आरईबीआर) 2020 के मुताबिक माइक्रोसॉफ्ट इंडिया को वित्तीय सेहत, मजबूत पहचान और आधुनिक प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करने के मामले में ऊंचे अंक प्राप्त हुये हैं। आरईबीआर ने इस मामले में 33 देशों की 6,136 कंपनियों के 18 से 68 आयुवर्ग के 1,85,000 लोगों के विचार लिए हैं। आरईबीआर का मानना है कि 2020 में भारतीय कार्यबल के लिये नियोक्ता का चुनाव करते समय काम- जिंदगी के बीच संतुलन सबसे शीर्ष पर बनकर उभरा है। सर्वेक्षण में भाग लेने वाले 43 प्रतिशत लोगों ने यह कहा। इसके बाद आकर्षक वेतन और कर्मचारी लाभ को 41 प्रतिशत ने और रोजगार की सुरक्षा के बारे में 40 प्रतिशत लोगों ने नियोक्ता का चुनाव करने में तवज्जो देने की बात कही। रैंडस्टैड इंडिया के प्रबंध निदेशक और सीईओ पॉल डुपुईस ने कहा कि नियोक्ता ब्रांडिंग एक बदलती प्रक्रिया है जो कि समय के साथ नई और गहरी आंतरिक दृष्टि के साथ आगे बढ़ रही है। इसलिये संगठनों को इसे अपना रणनीतिक कारोबारी एजेंडा बनाना चाहिये। -
नई दिल्ली। दूरसंचार कंपनी भारती एयरटेल भविष्य के लिए अपने 4जी टावरों को 5जी की क्षमताओं से लैस करने के लक्ष्य का निरंतर पीछा कर रही है। वह मोबाइल उपकरण विनिर्माताओं और ऐप डेवलपरों के साथ मिलकर 5जी के परीक्षण की अवधारणा भी तैयार कर रही है। कंपनी ने अपनी 2019-20 की वार्षिक रपट में 5जी क्षमताओं के निर्माण की बात की है। कंपनी का कहना है कि मौजूदा नेटवर्क में प्रस्तावित निवेश से ग्राहकों को तेज गति की कनेक्टिविटी मिलेगी। साथ ही यह निकट भविष्य में 5जी सेवाओं की मजबूत आधारशिला भी रखेगा। रपट में कहा गया है, मूल उपकरण निर्माताओं और ऐप्लिकेशन डेवलपरों के साथ मिलकर कंपनी 5जी के परीक्षण की अवधारणा तैयार कर रही है। यह परीक्षण विभिन्न मोबाइल ब्रॉडबैंड और औद्योगिक उपयोग के माध्यम से हमारी 5जी क्षमता को प्रदर्शित करने में मदद करेंगे। तेज गति के इंटरनेट की तेजी से बढ़ती मांग ने दुनिया के सबसे बड़े दूरसंचार बाजारों में से एक भारत में 5जी सेवाओं की जरूरत को बढ़ाया है। कंपनी ने कहा कि भविष्य के लिए तैयार होने की दिशा में हम अपने मौजूदा 4जी टावरों को 5जी की क्षमता से लैस करने के लक्ष्य पर निरंतर काम कर रहे हैं। इसके परीक्षण की तैयारियां पूरी रफ्तार से आगे बढ़ रही हैं और जब एक बार स्पेक्ट्रम हासिल हो जाएगा तो हम इसका प्रभावी और सुगम परीक्षण करेंगे।
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नई दिल्ली। थिएरी बोलोर टाटा मोटर्स के स्वामित्व वाली जगुआर लैंड रोवर (जेएलआर) के नए मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) होंगे। कंपनी ने मंगलवार को बताया कि उनका कार्यकाल 10 सितंबर से प्रभावी होगा। कंपनी के बयान के मुताबिक बोलोर राल्फ स्पेथ का स्थान लेंगे। स्पेथ को जेएलआर का गैर-कार्यकारी उप-चेयरमैन बनाए जाने की घोषणा पहले ही की जा चुकी है। टाटा संस के चेयरमैन एन. चंद्रशेखर ने बोलोर के बारे में कहा कि वह कंपनी में अनुभव की संपदा साथ लाएंगे। बोलोर इससे पहले रेनॉ के समूह सीईओ थे।
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नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कोरोना वायरस महामारी के प्रभाव से जूझ रही अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने के लिये बुनियादी ढांचा विकसित करने की परियोजनाओं में निवेश बढ़ाने पर जोर दिया है। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के एक कार्यक्रम में उद्योगपतियों को संबोधित करते हुये दास ने सोमवार को कहा कि बुनियादी ढांचा क्षेत्र में बड़े निवेश की आवश्यकता है। इसमें निजी और सार्वजनिक दोनों क्षेत्रों को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी। उन्होंने कहा कि बुनियादी ढांचे पर काम तेज होने से अर्थव्यवस्था को काफी फायदा होगा और कुछ तय लक्ष्य वाली बड़ी परियोजनाओं पर तेजी से काम बढ़ने पर आर्थिक वृद्धि पटरी पर लौट सकती है। गवर्नर ने कहा कि कृषि क्षेत्र में हाल में किये गये सुधारों से नये अवसर पैदा हुये हैं। यह क्षेत्र आज एक आकर्षक बिंदु के रूप में उभर रहा है और हमारी अर्थव्यवस्था में संयोग कृषि क्षेत्र के पक्ष में बनता दिख रहा है।
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नई दिल्ली। वाहन कलपुर्जे बनाने वाली कंपनी स्टील स्ट्रिप्स व्हील्स लिमिटेड ने सोमवार को कहा कि उसे यूरोपीय संघ (ईयू) के ट्रेलर वाहन बाजार से 70,000 पहियों के लिये 4,29,000 यूरो (करीब 3.75 करोड़ रुपये) का आर्डर प्राप्त हुआ है। शेयर बाजारों को भेजी गई नियामकीय सूचना में कंपनी ने कहा है कि उसे यूरोप से 4,29,000 यूरो का नया आर्डर प्राप्त हुआ है। कंपनी ने कहा है कि उसे यूरोपीय संघ के ट्रेलर वाहन बाजार से 70 हजार पहियों का निर्यात आर्डर प्राप्त हुआ है। यह आर्डर कंपनी को सितंबर और अक्टूबर में पूरा करना है। यह उत्पादन कंपनी के चेन्नई संयंत्र में होगा।
- नई दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ( ईपीएफओ) ने कोविड-19 महामारी के मद्देनजर महत्वपूर्ण हो चुकी ऑनलाइन सेवाओं की उपलब्धता और उस तक लोगों की पहुंच बढ़ाने के लिए अप्रैल से जून 2020 के दौरान अपने 73.58 लाख ग्राहक सदस्यों के अपने ग्राहक को जानो (केवाईसी) आंकड़े का नवीनीकरण किया है।इनमें 52.12 लाख ग्राहकों की आधार संख्या, 17.48 लाख ग्राहकों के मोबाइल नंबर (यूएएन एक्टिवेशन) और 17.87 लाख ग्राहकों के बैंक खाता दर्ज किए गए हैं। केवाईसी एक बार की प्रक्रिया है जो केवाईसी विवरण के साथ यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) को जोडऩे के माध्यम से ग्राहकों की पहचान के सत्यापन में मदद करती है।इसके अलावा, इतने बड़े पैमाने पर केवाईसी प्रक्रिया पूरी करने के लिए ईपीएफओ ने लॉकडाउन लागू रहने के दौरान भी ग्राहकों के जनसांख्यिकीय विवरण को सुधारने के लिए बड़े पैमाने पर काम किया है। इससे अप्रैल-जून 2020 के दौरान 9.73 लाख ग्राहकों के नाम सुधार, 4.18 लाख ग्राहकों की जन्म-तिथि में सुधार और 7.16 लाख ग्राहकों की आधार संख्या में सुधार हुए।कोविड-19 महामारी के दौरान कार्यालय में एक दूसरे से सुरक्षित दूरी (सामाजिक दूरी) सुनिश्चित करने के लिए ईपीएफओ ने केवाईसी खातों के समयबद्ध नवीनीकरण के लिए घर से काम करने (वर्क फ्रॉम होम) की रणनीति अपनाई। घर से काम करने वाले कर्मचारियों को केवाईसी के नवीनीकरण करने और विवरणों को सुधारने का काम सौंपा गया, जिससे प्रतिदिन के आधार पर लंबित काम घटता गया।इसके अलावा, आधार संख्या दर्ज कराने के लिए नियोक्ताओं पर निर्भरता को हटाने और आधार को जन्म-तिथि में तीन साल तक के अंतर के बावजूद जन्म की तारीख के प्रमाण के रूप में स्वीकार करने जैसी प्रक्रियाओं में प्रमुख सरलीकरण ने पूरी केवाईसी प्रक्रिया को तेज कर दिया है।केवाईसी नवीनीकरण से कोई भी ग्राहक ईपीएफओ के सदस्य पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन सेवाओं का लाभ उठाने में सक्षम होगा। ग्राहक प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाई) के तहत हाल ही में शुरू की गई कोविड -19 अग्रिमों सहित अंतिम निकासी और अग्रिम के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इससे नौकरी बदलने पर पीएफ खाते को बिना किसी झंझट के ऑनलाइन हस्तांतरण की सुविधा मिलती है। केवाईसी करा चुका कोई भी ग्राहक (सदस्य) डेस्कटॉप या उमंग ऐप के माध्यम से सभी ऑनलाइन सेवाओं का लाभ उठा सकता है।
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नयी दिल्ली। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने सीमा शुल्क में मौजूदा छूटों और कानूनों की समीक्षा की शुरुआत करते हुए सभी हितधारकों से सुझाव मांगे हैं। समीक्षा का मकसद इस चुनौतीपूर्ण समय की जरूरतों के अनुसार नियमों को आसान बनाना है। सीबीआईसी ने 21 अगस्त तक टिप्पणियां आमंत्रित की हैं और इस संबंध में सितंबर तक एक व्यापक समीक्षा की जाएगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2020-21 के बजट में घोषणा की थी कि मौजूदा सीमा शुल्क छूट अधिसूचनाओं की समीक्षा की जाएगी, ताकि यह पता लगाया जा सके कि उनकी उपयोगिता है या वे पुरानी हो गई हैं। सीबीआईसी ने कहा, इस संदर्भ में, दिए गए निर्धारित प्रारूप में मौजूदा सीमा शुल्क छूट सूचनाओं की समीक्षा के संबंध में सुझाव आमंत्रित किए जाते हैं।


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