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नयी दिल्ली.सॉफ्टवेयर क्षेत्र की दिग्गज अमेरिकी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने अपने साइबर सुरक्षा भागीदार क्राउडस्ट्राइक के कारण हुई पैदा हुई गड़बड़ी के बाद अपनी सेवाओं को बहाल करने के लिए सैकड़ों इंजीनियरों और विशेषज्ञों अपने ग्राहकों के साथ तैनात किया है। कंपनी ने एक ब्लॉग में यह जानकारी दी। माइक्रोसॉफ्ट के अनुसार, 18 जुलाई को क्राउडस्ट्राइक के ‘अपडेट' के कारण पैदा हुई दिक्कतों से दुनियाभर में 85 लाख उपकरण प्रभावित हुए थे। माइक्रोसॉफ्ट ने 20 जुलाई को ब्लॉग पोस्ट में कहा, ‘‘सेवाओं को बहाल करने के लिए ग्राहकों के साथ सीधे काम करने के लिए सैकड़ों माइक्रोसॉफ्ट इंजीनियरों और विशेषज्ञों को तैनात किया जा रहा है।'' वैश्विक स्तर पर पैदा हुई इस गड़बड़ी से कई बिक्री केंद्र प्रभावित हुए और यहां तक कि भारत में कई एयरलाइन कंपनियों की उड़ानें बंद हो गईं। इस रुकावट ने दुनियाभर में कंपनियों और प्रणालियों के परिचालन को पूरी तरह रोक दिया था। इसकी वजह से हवाई अड्डे और एयरलाइन परिचालन में व्यवधान आया। एयरलाइन कंपनियों को अपने यात्रियों के लिए परामर्श जारी करना पड़ा। इंडिगो, स्पाइसजेट और अकासा के नेटवर्क पर ऑनलाइन चेक-इन और बोर्डिंग प्रक्रियाओं में व्यवधान आया, जिससे उन्हें ‘मैनुअल' तरीके से चेक-इन का काम करना पड़ा। कई उपयोगकर्ताओं ने गड़बड़ी पर निगाह रखने वाली वेबसाइट ‘डाउनडिटेक्टर' पर व्यवधान की सूचना दी और कई ने ‘एक्स' पर संदेश जारी कर अपनी निराशा जताई। माइक्रोसॉफ्ट ने कहा कि वह गूगल क्लाउड मंच (जीसीपी) और अमेजन वेब सर्विसेज (एडब्ल्यूएस) सहित अन्य क्लाउड प्रदाताओं और हितधारकों के साथ सहयोग कर रही है, ताकि उद्योग जगत को बताया जा सके कि इसका प्रभाव क्या रहा। साथ ही क्राउडस्ट्राइक और ग्राहकों के साथ बातचीत को भी साझा किया जा सके। ब्लॉग में कहा गया है, ‘‘हम इस समस्या के कारण कारोबार क्षेत्र और कई व्यक्तियों की दैनिक दिनचर्या में आए व्यवधान की पहचान कर रहे हैं। हमारा ध्यान बाधित प्रणाली को सुरक्षित रूप से ऑनलाइन वापस लाने के लिए ग्राहकों को तकनीकी मार्गदर्शन और सहायता प्रदान करने पर है।'' सॉफ्टवेयर दिग्गज ने कहा कि यह घटना वैश्विक क्लाउड प्रदाताओं, सॉफ्टवेयर मंच, सुरक्षा विक्रेताओं और अन्य सॉफ्टवेयर विक्रेताओं तथा ग्राहकों से युक्त एक व्यापक प्रौद्योगिकी पारिस्थितिकी तंत्र की परस्पर जुड़ी प्रकृति को प्रदर्शित करती है। -
नयी दिल्ली.वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मंगलवार को वित्त वर्ष 2024-25 के लिए अपना लगातार सातवां बजट पेश करके इतिहास रचने वाली हैं। इस तरह वह पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई का रिकॉर्ड तोड़ देंगी। हालांकि, सबसे अधिक बार बजट पेश करने का रिकॉर्ड अब भी देसाई के पास ही है। सीतारमण अगले महीने 65 वर्ष की हो जाएंगी। उन्हें 2019 में भारत की पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री बनाया गया था। इसी साल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने केंद्र में लगातार दूसरी बार सरकार बनाई थी। तब से सीतारमण ने इस साल फरवरी में एक अंतरिम सहित लगातार छह बजट पेश किए हैं।
वित्त वर्ष 2024-25 (अप्रैल, 2024 से मार्च, 2025) का पूर्ण बजट उनका लगातार सातवां बजट होगा। वह देसाई के रिकॉर्ड से आगे निकल जाएंगी, जिन्होंने 1959 से 1964 के बीच लगातार पांच पूर्ण बजट और एक अंतरिम बजट पेश किया था। स्वतंत्र भारत में बजट पेश करने से जुड़े कुछ तथ्य इस प्रकार हैं। स्वतंत्र भारत का पहला आम बजट 26 नवंबर, 1947 को देश के पहले वित्त मंत्री आर के शनमुखम चेट्टी ने पेश किया था। पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और बाद में प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के कार्यकाल में वित्त मंत्री के तौर पर कुल 10 बजट पेश किए हैं। पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने नौ मौकों पर बजट पेश किया। प्रणब मुखर्जी ने वित्त मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान आठ बजट पेश किए। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 1991 से 1995 के बीच लगातार पांच बार बजट पेश किया, जब वह पी वी नरसिम्हा राव सरकार में वित्त मंत्री थे। सबसे लंबा बजट भाषण सीतारमण ने एक फरवरी, 2020 को दो घंटे 40 मिनट का दिया। वर्ष 1977 में हीरूभाई मुलजीभाई पटेल का अंतरिम बजट भाषण अबतक का सबसे छोटा भाषण है, जिसमें केवल 800 शब्द हैं। बजट पारंपरिक रूप से फरवरी के आखिरी दिन शाम पांच बजे पेश किया जाता है। वर्ष 1999 में समय बदला गया था और अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में तत्कालीन वित्त मंत्री यशवंत सिंह ने सुबह 11 बजे बजट पेश किया। तब से बजट सुबह 11 बजे पेश किया जाता है। इसके बाद 2017 में बजट पेश करने की तिथि बदलकर एक फरवरी कर दी गई थी, ताकि सरकार मार्च के अंत तक संसदीय अनुमोदन प्रक्रिया पूरी कर सके। - नयी दिल्ली। दोपहिया वाहन कंपनी हीरो मोटोकॉर्प के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) निरंजन गुप्ता ने इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) खंड में अगृणी स्थान पर नजर रखते हुए कहा है कि कंपनी चालू वित्त वर्ष में किफायती मॉडल पेश करने की योजना बना रही है। देश की सबसे बड़ी दोपहिया वाहन विनिर्माता कंपनी को अंतरराष्ट्रीय बाजार में अपने इलेक्ट्रिक वाहनों के आगमन की भी उम्मीद है। गुप्ता ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए कंपनी की वार्षिक बैठक में शेयरधारकों को संबोधित करते हुए कहा कि दोपहिया कंपनी के पास अपने इलेक्ट्रिक वाहन खंड को तेजी से बढ़ाने की पूरी योजना है। उन्होंने कहा, “हम ईवी खंड में अगृणी बनना चाहते हैं। ...और ऐसा करने के लिए हम एक बहुत शक्तिशाली ईवी उत्पाद पोर्टफोलियो बनाएंगे, जो कि आज हमारे पास मौजूद विडा वी1 प्रो को बढ़ाएगा।” गुप्ता ने कहा कि कंपनी चालू वित्त वर्ष (2024-25) में मध्यम और किफायती खंड में ईवी उत्पाद पेश करेगी।हीरो मोटोकॉर्प की ‘विडा' इलेक्ट्रिक स्कूटर रेंज की कीमत राज्य सब्सिडी सहित 1-1.5 लाख रुपये के बीच है। हीरो मोटोकॉर्प के कार्यकारी चेयरमैन पवन मुंजाल ने कहा कि एथर एनर्जी के साथ मिलकर ‘विडा' ने दोपहिया ईवी के लिए भारत का सबसे बड़ा सार्वजनिक चार्जिंग बुनियादी ढांचा स्थापित किया है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा, ज़ीरो मोटरसाइकिल के साथ साझेदारी से एक विशिष्ट ग्राहक वर्ग को लक्षित करके नई ईवी मोटरसाइकिलों के विकास में मदद मिलेगी, जिससे समग्र बाजार का आकार बढ़ेगा।
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नयी दिल्ली. रियल एस्टेट कंपनियों के संगठन क्रेडाई ने शनिवार को सरकार से आम बजट में घर खरीदने वालों को अधिक कर लाभ देने का अनुरोध किया। इसके साथ ही निकाय ने बिल्डरों को किफायती घर बनाने के लिए प्रोत्साहन देने और रियल एस्टेट परियोजनाओं को शुरू करने के लिए मंजूरी प्रक्रिया को आसान बनाने का आग्रह किया। क्रेडाई ने एक बयान में कहा कि उसने रियल एस्टेट क्षेत्र की वृद्धि के लिए सरकार को विभिन्न सिफारिशें दी हैं। संघ ने कहा कि ये सिफारिशें किफायती आवास परियोजनाओं में निवेश करने वाले डेवलपर के लिए मंजूरी प्रक्रियाओं को आसान बनाने और सब्सिडी जैसे उपायों के महत्व पर जोर देती हैं। क्रेडाई के अध्यक्ष बोमन ईरानी ने कहा, ''जीडीपी, रोजगार सृजन और बुनियादी ढांचे के विकास में अपने महत्वपूर्ण योगदान के चलते भारतीय रियल एस्टेट क्षेत्र एक अनुकूल बजट की उम्मीद करता है। यह एक ऐसा बजट होना चाहिए जो कुछ दीर्घकालिक चुनौतियों का समाधान करे और टिकाऊ वृद्धि का आधार तैयार करे।'' उन्होंने कहा, ''हमने अपनी सिफारिशों में घर खरीदारों के लिए ब्याज छूट में वृद्धि, सीएलएसएस (क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी योजना) को फिर से शुरू करने और किफायती आवास को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक कदम उठाने की बात कही है।'' क्रेडाई ने कहा कि घर खरीदने को प्रोत्साहित करने के लिए वित्त मंत्रालय को पहली स्व-कब्जे वाली संपत्ति के लिए असीमित ब्याज कटौती की अनुमति देने या कटौती सीमा को वर्तमान में दो लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये करने पर विचार करना चाहिए।
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नयी दिल्ली. वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को अमेरिका में रहने वाले भारतीय प्रवासियों से देश को पसंदीदा निवेश गंतव्य के रूप में बढ़ावा देने में मदद करने की अपील की। उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में उपलब्ध व्यापक अवसरों के बारे में बताया।
मंत्री ने कहा कि सरकार ने निवेश जुटाने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिनमें कारोबारी सुगमता, अनुपालन बोझ को कम करना, अंतरिक्ष जैसे क्षेत्रों को प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के लिए खोलना शामिल है। गोयल ने प्रवासी भारतीयों से 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने में योगदान करने को भी कहा।
उन्होंने कहा, ''ब्रांड इंडिया को एक प्रमुख निवेश गंतव्य के रूप में बढ़ावा देने में मदद करें। भारत में किए गए निवेश में जबरदस्त वृद्धि क्षमता है। इस साल अप्रैल और मई के बीच एनआरआई जमा बढ़कर तीन अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गई है। यह आंकड़ा पिछले साल की तुलना में चार गुना है।'' उन्होंने अमेरिका में प्रवासी भारतीयों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बातचीत में यह बात कही।
गोयल ने कहा, ''मैं आप सभी को भारत में निवेश करने के लिए आमंत्रित करता हूं। भारत की वृद्धि गाथा तेज गति से आगे बढ़ती रहेगी। भारत विश्व अर्थव्यवस्था का नेतृत्व करना जारी रखेगा और निवेश तथा विनिर्माण के लिए सबसे पसंदीदा गंतव्य बना रहेगा। स्वच्छ ऊर्जा पर उन्होंने कहा कि भारत के पास 500 गीगावाट का दुनिया का सबसे बड़ा नवीकरणीय ऊर्जा कार्यक्रम है। - नई दिल्ली। दूरसंचार कंपनी रिलायंस जियो ने शनिवार को कहा कि वह ‘डेटा ट्रैफिक’ यानी खपत के मामले में चीनी कंपनियां को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी बन गयी है।कंपनी ने बयान में कहा, ‘‘ प्रति व्यक्ति डेटा खपत बढ़कर 30.3 जीबी प्रति माह यानी प्रतिदिन एक जीबी से अधिक हो गई। इसके साथ वह डेटा ट्रैफिक के मामले में दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी बन गयी है।’’रिलायंस जियो के जून तिमाही के आंकड़ों के अनुसार डेटा खपत 32.8 प्रतिशत बढ़कर 44 अरब गीगाबाइट (जीबी) हो गयी जो बीते साल इसी तिमाही में 33.2 अरब जीबी थी।बयान में कहा गया है, ‘‘कंपनी के कुल ग्राहकों की संख्या लगभग 49 करोड़ पहुंच गई है, जिसमें 13 करोड़ 5जी उपयोगकर्ता शामिल हैं। इसके साथ अगर चीन को छोड़ दें तो जियो 5जी सेवाओं के मामले में सबसे बड़ी कंपनी बन गयी है।’’रिलायंस जियो इन्फोकॉम के चेयरमैन आकाश एम अंबानी ने कहा, ‘‘गुणवत्तापूर्ण उच्च कवरेज वाला, किफायती इंटरनेट डिजिटल इंडिया की रीढ़ है और जियो को इसमें योगदान देने पर गर्व है। हमारे नये ‘प्रीपेड प्लान’, 5जी और एआई (कृत्रिम मेधा) के क्षेत्र में नवोन्मेष और सतत विकास को बढ़ावा देंगे। ‘ग्राहक पहले’ दृष्टिकोण के साथ, अपने बेहतर नेटवर्क और नए सेवा प्रस्तावों के दम पर जियो बाजार में अपनी अगुवा वाली स्थिति को और मजबूत करेगी।’’ कंपनी नेटवर्क पर वॉयस कॉलिंग चालू वित्त वर्ष की जून तिमाही में 1,420 अरब मिनट के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई जो पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले छह प्रतिशत अधिक है।
- बठिंडा,। पारंपरिक भारतीय मिठाइयों और अन्य व्यंजनों को बनाने वाली कंपनी बीकानेरवाला ने शनिवार को कहा कि उसने पंजाब के बठिंडा में अपना नया आउटलेट खोला है। बीकानेरवाला ने यहां एक बयान में कहा कि यह नया आउटलेट ब्रांड के लिए एक और मील का पत्थर है, क्योंकि यह पाक कला के क्षेत्र में अपनी उपस्थिति को और मजबूत करता है। मिठाइयों और नमकीन की अपनी स्वादिष्ट श्रृंखला के अलावा ब्रांड अपने आउटलेट पर 100 प्रतिशत शाकाहारी व्यंजनों की पेशकश करता है। बठिंडा आउटलेट - ग्रीन सिटी स्क्वायर, मंडी डबवाली रोड पर स्थित है और पांच हजार वर्ग फुट क्षेत्र में फैला हुआ है। इसमें 150 से अधिक ग्राहकों के बैठने की क्षमता है। बीकानेरवाला फूड्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक अशोक अग्रवाल ने कहा, ''हम बठिंडा में अपने नए आउटलेट के उद्घाटन की घोषणा करते हुए रोमांचित हैं।'' उन्होंने कहा कि ब्रांड ने घरेलू और वैश्विक बाजारों में मजबूत पकड़ रखने वाली खाद्य और पेय कंपनी मोंटाना समूह के साथ साझेदारी की है।
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नई दिल्ली। आजकल हमारे जीवन में टेक्नोलॉजी का अहम रोल है। हमारे घरों से लेकर ऑफिस तक, हम हर जगह कंप्यूटर और इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं. लेकिन, क्या होगा अगर ये सिस्टम ही ठप हो जाए? हाल ही में माइक्रोसॉफ्ट का IT सिस्टम ठप होने से दुनिया भर में बड़ी दिक्कतें आई हैं।. इस वजह से हवाई यात्राएं, बैंकिंग, हेल्थकेयर जैसे कई सेवाओं में बड़ी बाधा आई है.।
भारत में भी बहुत सी फ्लाइट्स कैंसिल हो गई थी। माइक्रोसॉफ्ट ने कल रात को बताया कि उसने अब दिक्कत को दूर कर दिया है और सबकुछ सामान्य हो गया है, लेकिन, देश में आज भी विमान सेवाओं पर इसका असर देखने को मिल सकता है। इंडिगो एयरलाइंस ने बताया है कि आज भी उसकी कुछ उड़ानें देरी से उड़ान भर सकती हैं। वहीं, स्पाइसजेट ने कहा है कि उसकी विमान सेवाओं का परिचालन सामान्य दिनों की तरह होगा। बैंकिंग सेवाओं में व्यवधान: कई बैंकिंग सेवाओं में भी दिक्कत आई है। लोगों को पैसों के लेनदेन करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा। हेल्थकेयर सेवाओं में परेशानी: कई अस्पताल और हेल्थकेयर संस्थानों में भी IT सिस्टम ठप होने से परेशानी आई। -
नई दिल्ली। माइक्रोसॉफ्ट सर्वर में खराबी आने की वजह से बैंक ग्राहकों, हवाई यात्री और सरकारी दफ्तरों में कामकाज शुक्रवार को बुरी तरह प्रभावित हुए.। दुनिया भर में करोड़ों लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा।. विमान सेवाओं की बात करें, तो सर्वर में खराबी आने की वजह से विमान उड़ान नहीं भर सके, और रुके रहे.। इसकी वजह से यात्री अपने गंतव्य स्थल तक नहीं पहुंच सके. ।सभी एयरलाइंस ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि सर्वर में खराबी आने की वजह से सेवाएं बाधित हो गई हैं.। इससे यात्रियों को जो परेशानी हो रही है, उसके प्रति हम अपना खेद प्रकट करते हैं।.
इंडिगो, अकासा और स्पाइसजेट विमान सेवा कंपनियों ने लोगों से असुविधा के माफी मांगी।. इंडिगो ने बयान जारी कर कहा कि सर्वर में खराबी होने की वजह से विमान सेवाओं को रोक दिया गया है.। हम समझते हैं कि इससे यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा, लेकिन जब तक सर्वर ठीक नहीं हो जाता, तब तक हमें इंतजार करना पड़ेगा.। सर्वर में खराबी होने की वजह से बड़ी संख्या में यात्री एयरपोर्ट पर फंसे रहे.। इससे कई लोगों के जरूरी काम भी प्रभावित हुए.।सर्वर में आई खराबी की वजह से बैंक ग्राहकों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा।. जो लोग बैंक से संबंधित काम कराने गए थे, उन्हें सर्वर में आई खराबी की वजह से वापस लौटना पड़ा. बैंक प्रबंधकों ने भी बयान जारी कर कहा कि जब तक सर्वर में आई खराबी ठीक नहीं हो जाती तब तक हम कोई भी कार्य नहीं कर सकते. इसकी वजह से बैंक सेवा पूरी तरह से ठप रही। यही नहीं, सर्वर में आई खराबी की वजह से ब्रिटेन में स्काई न्यूज़ चैनल ऑफ एयर हो गया।. ऑस्ट्रेलिया में टेलिकम्यूनिकेशन ग्रुप टेलस्ट्रा की सेवा बाधित हुई. ।इससे ग्राहकों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा।.वहीं, सर्वर में खराबी आने की वजह से कई राज्यों और देशों में ट्रेन सेवा भी बाधित हुई.। इससे यात्रियों को अपने गंतव्य स्थल पर पहुंचने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा.। अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन डीसी में भी कई ट्रेनों की सेवा बाधित हुई.।सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस संबंध में बयान जारी कर कहा, “मंत्रालय वैश्विक आउटेज के संबंध में माइक्रोसॉफ्ट और उसके सहयोगियों के संपर्क में है।. इस आउटेज का कारण पता लगा लिया गया है और समस्या के समाधान के लिए अपडेट जारी कर दिए गए हैं. ।एक टेक्निकल एडवाइजरी जारी कर दी गई है.। इस आउटेज से एनआईसी नेटवर्क प्रभावित नहीं हुआ है.।.” -
नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक- आरबीआई ने कहा है कि माइक्रोसॉफ्ट सॉफ्टवेयर मामले में केवल 10 बैंकों और एनबीएफसी में व्यवधान थे जिन्हें सही कर लिया गया है या किया जा रहा है। आरबीआई ने कहा कि अधिकांश बैंकों के महत्वपूर्ण सिस्टम क्लाउड में नहीं हैं और इसके अलावा, केवल कुछ बैंक ही क्राउडस्ट्राइक टूल का उपयोग कर रहे हैं। कुल मिलाकर रिज़र्व बैंक के क्षेत्र में भारतीय वित्तीय क्षेत्र इससे अछूता है। रिज़र्व बैंक ने सतर्क रहने और परिचालन लचीलापन और निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने के लिए संस्थाओं को सलाह जारी की है।
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नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बैंकों से ऋण और जमा वृद्धि के बीच अंतराल पर नजर रखने को कहा है। उन्होंने बैंकों को ऋण के जमा से अधिक नहीं होने देने का परामर्श दिया। गवर्नर ने ऋण और जमा वृद्धि के बीच अंतराल के कारण वित्तीय प्रणाली के संरचनात्मक तरलता मुद्दों के संपर्क में आने की आशंका की चेतावनी दी।
श्री दास ने आज मुंबई में कहा कि भारत में वित्तीय परिदृश्य एक संरचनात्मक परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक सक्रिय रूप से यूपीआई जैसे नवाचारों को प्रोत्साहन दे रहा है। गवर्नर ने कहा कि भारत में अधिक समावेशी वित्तीय क्षेत्र बनाने के लिए भुगतान प्रणालियों को फिर से तैयार किया है।उन्होंने कहा कि संरचनात्मक परिवर्तन अवसरों के साथ-साथ चुनौतियाँ भी पैदा करते हैं। इसलिए, बैंकों, गैर-वित्तीय बैंकिंग कंपनियां और अन्य वित्तीय संस्थानों को अपने व्यवसाय मॉडल, सुगमता और स्थिरता पर इन परिवर्तनों के प्रभाव का सावधानीपूर्वक आकलन करने की आवश्यकता है।श्री दास ने बैंकों से बेईमान गतिविधियों की जांच करने के लिए अपने ग्राहक ऑनबोर्डिंग और लेनदेन निगरानी प्रणालियों को मजबूत करने के लिए कहा। - नई दिल्ली। भारतीय शेयर बाजार में शुक्रवार को जारी चार दिनों की रिकॉर्ड तोड़ तेजी पर ब्रेक लग गया। ग्लोबल मार्केट से मिले कमजोर रूझानों के बीच बाजार के नए शिखर पर पहुंचने के बाद निवेशकों ने मुनाफावसूली करना पसंद किया। पहली तिमाही के नतीजों से पहले देश की सबसे मूल्यवान (MCap) कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज में गिरावट ने भी बाजार पर दबाव बनाया।30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 81,587.76 के अपने नए ऑलटाइम हाई पर पहुंच गया, लेकिन बढ़त को आगे जारी रखने में विफल रहा और 738.81 अंक या 0.91 प्रतिशत गिरकर 81,000 अंक से नीचे 80,604.65 पर बंद हुआ। दिन के दौरान यह 844.36 अंक या 1.03 प्रतिशत गिरकर 80,499.10 पर आ गया। यह इंडेक्स गुरुवार को पहली बार 81 हजार के पार निकल गया था।वहीं, दूसरी तरफ नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी (Nifty) भी 269.95 अंक या 1.09 प्रतिशत लुढ़क गया और शुरुआती कारोबार के दौरान 24,854.80 के अपने नए रिकॉर्ड शिखर पर पहुंचने के बाद 24,530.90 पर बंद हुआ। दिन के दौरान यह 292.7 अंक या 1.18 प्रतिशत गिरकर 24,508.15 पर आ गया।आज के कारोबार में सेंसेक्स के 30 शेयरों में 26 शेयर लाल निशान पर बंद हुए। टाटा स्टील 5 प्रतिशत से ज्यादा गिर गया, जबकि जेएसडब्ल्यू स्टील लगभग 5 प्रतिशत गिर गया। इसके अलावा, टाटा मोटर्स, एनटीपीसी, अल्ट्राटेक सीमेंट, टेक महिंद्रा, बजाज फाइनेंस, पावर ग्रिड, महिंद्रा एंड महिंद्रा और रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर प्रमुख रूप से नुकसान में रहे।वहीं, दूसरी तरफ सेंसेक्स के 30 शेयरों में केवल 4 शेयर हरे निशान पर बंद हुए। देश की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी इंफोसिस का नेट प्रॉफिट 7 प्रतिशत बढ़कर 6,368 करोड़ रुपये हो गया। उम्मीद से बेहतर नतीजों के बाद कंपनी का शेयर लगभग 2 प्रतिशत चढ़ गया। आई सेक्टर में सुधार का संकेत देते हुए कंपनी ने चालू वित्त वर्ष के लिए अपने रेवेन्यू गाइडेंस को भी बढ़ाया है। इसके अलावा, आईटीसी, एशियन पेंट्स और एचसीएल टेक्नोलॉजीज के शेयर लाभ में रहे।एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की और हांगकांग का हैंगसेंग गिरावट पर रहे जबकि चीन का शंघाई कंपोजिट बढ़त के साथ बंद हुआ। यूरोपीय बाजार गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे। गुरुवार को अमेरिकी बाजारों में गिरावट का रुख रहा था। वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.07 प्रतिशत गिरकर 85.05 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने गुरुवार को 5,483.63 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की शुद्ध खरीदारी की थी।
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नई दिल्ली। रिकॉर्ड हाई से सोने (gold) की कीमतों में तकरीबन 1,500 रुपये की गिरावट आई है। दो दिन पहले बुधवार को एमसीएक्स (MCX) पर गोल्ड ने 74,731 रुपये प्रति 10 ग्राम का ऑल-टाइम हाई बनाया था, जबकि आज यानी शुक्रवार को 73,316 के लो पर देखा गया।
ग्लोबल मार्केट में कीमतों में गिरावट की वजह से घरेलू बाजार में पिछले दो दिनों में सोना इतना कमजोर हुआ है। ग्लोबल मार्केट में कीमतों में नरमी खासकर मुनाफावसूली की वजह से आई है। अमेरिकी डॉलर (US Dollar) और बॉन्ड यील्ड (US Bond Yield) में आई मजबूती ने भी सोने की कीमतों पर दबाव बनाया है। इससे पहले बुधवार को ग्लोबल मार्केट में सोना अपने ऑल-टाइम पर पहुंच गया था।जानकारों के अनुसार मौजूदा गिरावट के बावजूद ट्रेंड मजबूती के हैं क्योंकि मार्केट को अब इस बात का भरोसा हो चला है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व (US Federal Reserve) सितंबर की अपनी बैठक में ब्याज दरों में कटौती का ऐलान कर सकता है। मार्केट इस साल कम से कम दो दफे ब्याज में कटौती को लेकर आशान्वित है।घरेलू फ्यूचर मार्केट यानी मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर सोने का बेंचमार्क अगस्त कॉन्ट्रैक्ट फिलहाल (4:00 pm IST) 785 रुपये यानी 1.06 फीसदी की गिरावट के साथ 73,370 पर कारोबार कर रहा है। बुधवार यानी 17 जुलाई को बेंचमार्क अगस्त फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट इंट्राडे ट्रेडिंग में बढ़कर 74,7731 रुपये प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गया था।घरेलू हाजिर (स्पॉट) बाजार में भी सोना फिलहाल 73,300 रुपये प्रति 10 ग्राम के आस-पास है। Indian Bullion and Jewellers Association (IBJA) के अनुसार सोना 24 कैरेट (999) आज शुरुआती कारोबार में 706 रुपये टूटकर 73,273 रुपये प्रति 10 ग्राम दर्ज किया गया। गुरुवार को शुरुआती कारेबार में यह 74,065 रुपये प्रति 10 ग्राम की ऊंचाई तक पहुंचा था। जबकि 23 मई 2024 को सोना 24 कैरेट(999) 74,222 रुपये प्रति 10 ग्राम के ऑल-टाइम हाई पर देखा गया था।अंतरराष्ट्रीय बाजार में फिलहाल सोना 1 फीसदी से ज्यादा की कमजोरी के साथ 2,415 डॉलर प्रति औंस के करीब है। ग्लोबल मार्केट में बुधवार यानी 17 जुलाई 2024 को स्पॉट गोल्ड (spot gold) 2,482.29 डॉलर प्रति औंस के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया था। इसी तरह बेंचमार्क यूएस जून गोल्ड फ्यूचर्स (Gold COMEX Jun′24) भी उस दिन कारोबार के दौरान 2,454.2 डॉलर प्रति औंस के रिकॉर्ड स्तर तक चला गया था। - नयी दिल्ली. संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बृहस्पतिवार को कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल के 4जी प्रौद्योगिकी से जुड़े पूरे ढांचे (स्टैक) को राष्ट्रीय गौरव की नजर से देखा जाना चाहिए, क्योंकि दूरसंचार निगम मौजूदा प्रौद्योगिकियों को चुनने के बजाय स्वदेशी उत्पादों को अपनाने के कठिन रास्ते पर चल रहा है। मंत्री ने भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) के 4जी सेवाओं की वाणिज्यिक शुरुआत के लिए कोई विशिष्ट समयसीमा बताने से इनकार कर दिया। हालांकि, उन्होंने कहा कि दैनिक लक्ष्य निर्धारित करने के लिए एक परियोजना प्रबंधन इकाई बनाई जा रही है और वह स्वयं लक्ष्यों की निगरानी करेंगे। उन्होंने प्रतिबद्धता जताई कि परिणाम ‘जल्द से जल्द' दिखाई देंगे। सिंधिया ने कहा, “मैं आपसे केवल इतना वादा कर सकता हूं कि तेजस, बीएसएनएल, टीसीएस, सीडीओटी के साथ-साथ हमारी सभी कंपनियां एक साथ मिलकर एक पीएमयू बना रही हैं और वह पीएमयू साप्ताहिक या मासिक नहीं, बल्कि दैनिक लक्ष्य निर्धारित करेगा और उन लक्ष्यों की निगरानी मैं और दूरसंचार सचिव करेंगे।” उन्होंने कहा कि बीएसएनएल के 4जी प्रयासों के बारे में राष्ट्रीय गौरव की भावना से सोचना महत्वपूर्ण है। मंत्री ने अक्टूबर में होने वाले इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2024 की जानकारी देने के लिए आयोजित कार्यक्रम से इतर कहा, “बीएसएनएल के लिए मौजूदा प्रौद्योगिकियों को अपनाना और वही करना आसान था जो अन्य कर रहे हैं, लेकिन हमारे प्रधानमंत्री ने कहा है कि भारत को केवल सेवाओं का आपूर्तिकर्ता नहीं बनना चाहिए, बल्कि हमें उत्पादों का आपूर्तिकर्ता भी बनना चाहिए, इसलिए आपने (बीएसएनएल ने) भारत में अपना 4जी स्टैक विकसित करने का कठिन रास्ता चुना।” इस बीच, सिंधिया ने भरोसा दिलाया कि अन्य सरकारी दूरसंचार कंपनी एमटीएनएल के बॉन्ड बकाया पर कोई चूक नहीं होगी। उन्होंने कहा कि एमटीएनएल के परिचालन को बीएसएनएल को स्थानांतरित किया जाएगा और इसकी देनदारियों के भुगतान के लिए संपत्तियों का मौद्रीकरण किया जाएगा।
- नई दिल्ली। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, एन एच ए आई आगे वाले शीशे पर फास्टैग नहीं लगाने वाले वाहनों से दोगुना टोल वसूल करेगा। प्राधिकरण ने कहा कि जानबूझकर विंडस्क्रीन पर फास्टैग न लगाने से टोल प्लाजा पर अनावश्यक देरी होती है, जिससे राष्ट्रीय राजमार्ग उपयोगकर्ताओं को असुविधा होती है। इस संबंध में सभी उपयोगकर्ता शुल्क संग्रह एजेंसियों को विस्तृत मानक संचालन प्रक्रिया जारी की गई है। देशभर में करीब 45 हजार किलोमीटर लंबे राष्ट्रीय राजमार्गों और एक्सप्रेसवे के लिए करीब एक हजार टोल प्लाजा पर उपयोगकर्ता शुल्क वसूला जाता है।
- मुंबई। देश में ब्याज की स्वभाविक यानी अल्पकालिक वास्तविक दर मार्च, 2024 को समाप्त तिमाही में बढ़कर 1.4-1.9 प्रतिशत हो गई। यह कोविड महामारी के दूसरे वर्ष 2021-22 की तीसरी तिमाही में अनुमानित 0.8 से 1.0 प्रतिशत थी। आरबीआई के बुलेटिन में प्रकाशित एक लेख में यह कहा गया है। वास्तविक ब्याज दर (नैचुरल रेट) उन तत्वों से निर्धारित होती है जो दीर्घकालिक बचत-निवेश व्यवहार को प्रभावित करते हैं। वैसे देखा जाए तो बचत को कम करने या निवेश को बढ़ाने वाले कारक ब्याज की वास्तविक दर को बढ़ाते हैं। विभिन्न देशों में अलग-अलग मौद्रिक नीति ने ब्याज की वास्तविक दर के स्तर के बारे में बहस को फिर से जन्म दिया है। जुलाई महीने के बुलेटिन में कहा गया है, ‘‘महामारी के बाद के आंकड़ों के साथ भारत के लिए ब्याज की अल्पकालिक वास्तविक दर के अनुमान को अद्यतन करने पर हम इसमें वृद्धि पाते हैं।'' इसमें कहा गया है, ‘‘वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही में ब्याज की वास्तविक दर बढ़कर 1.4 से 1.9 प्रतिशत तक रहने का अनुमान है। यह 2021-22 की तीसरी तिमाही में 0.8-1.0 प्रतिशत थी।'' भारत के लिए ब्याज की वास्तविक दर के अद्यतन अनुमान पर लेख आरबीआई के आर्थिक नीति शोध विभाग में वरिष्ठ अधिकारी हरेंद्र कुमार बेहरा ने लिखा है। इसमें कहा गया है, ‘‘नीति निर्माताओं और वित्तीय बाजार प्रतिभागियों को वास्तविक ब्याज दर का अनुमान लगाने के लिए अपने रुख को लगातार परिष्कृत करना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि यह उन नीतियों के लिए एक भरोसेमंद मार्गदर्शिका बना रहे हैं जिनका लक्ष्य स्थायी आर्थिक विकास और स्थिरता प्राप्त करना है।''लंबे समय में मौद्रिक नीति के प्रभाव के कारण ब्याज की वास्तविक दर अलग-अलग हो सकती है। हालांकि, वृहद आर्थिक सिद्धांत मानता है कि मौद्रिक नीति लंबे समय में तटस्थ है और केवल अस्थायी तौर पर वास्तविक तत्व को प्रभावित कर सकती है। लेख में कहा गया है कि भारत की आबादी संरचना में बड़ी संख्या में युवा आबादी और कामकाजी लोगों की बढ़ती संख्या है। ऐसे में यह स्थिति उच्च बचत और निवेश के साथ-साथ शिक्षा, आवास, विवाह और सेवानिवृत्ति के लिए वित्तीय देनदारियों के जरिये ब्याज की वास्तविक दर को सकारात्मक रूप से प्रभावित करेगी। केंद्रीय बैंक ने साफ किया है कि लेख में व्यक्त विचार लेखकों के हैं और आरबीआई के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।
- नई दिल्ली। वाणिज्यिक वाहन बनाने वाली कंपनी अशोक लेलैंड की अनुषंगी हिंदुजा टेक लिमिटेड ने बुधवार को कहा कि वह जर्मनी स्थित टेकोसिम ग्रुप का 2.1 करोड़ यूरो (करीब 190 करोड़ रुपये) में अधिग्रहण करने जा रही है। हिंदुजा टेक ने बयान में कहा कि इस आशय के एक पक्के समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं।कंपनी ने कहा कि इस रणनीतिक अधिग्रहण से यूरोप और अन्य अंतरराष्ट्रीय बाजारों में मौजूदगी का विस्तार होगा। इससे परिवहन इंजीनियरिंग सेवाओं के अग्रणी प्रदाता के तौर पर दुनियाभर में स्थिति मजबूत करने में भी मदद मिलेगी। अशोक लेलैंड ने शेयर बाजार को इस अधिग्रहण करार की सूचना देते हुए कहा कि यह लेनदेन 2.1 करोड़ यूरो के उद्यम मूल्य पर किया गया है। जर्मनी के विस्बादेन में स्थित टेकोसिम समूह टिकाऊ परिवहन, सुरक्षित एवं स्वच्छ ऊर्जा आपूर्ति और प्रतिस्पर्धी औद्योगिक परिदृश्य को बढ़ावा देने वाले प्रौद्योगिकी समाधानों के विकास में लगा हुआ है। टेकोसिम ने वर्ष 2023 में चार करोड़ यूरो का कारोबार किया था। इसके कर्मचारियों की संख्या 650 थी।हिंदुजा टेक के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) कुमार प्रभास ने कहा, ‘‘यह अधिग्रहण परिवहन इंजीनियरिंग सेवाओं में दुनिया का अगुवा बनने के हमारे रणनीतिक लक्ष्य के अनुरूप है। यूरोप में टेकोसिम की प्रौद्योगिकी क्षमता और बाजार में मौजूदगी से हमारी क्षमता में काफी बढ़ोतरी होगी।''
- कोलकाता। देश की पहली बहुउद्देश्यीय नदी घाटी परियोजना दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) को कंपनी का रूप दिया जाएगा। इसकी दक्षता बढ़ाने के लिए कंपनी को पारेषण, उत्पादन और वितरण क्षेत्र की इकाइयों में बांटा जाएगा। एक अधिकारी ने बुधवार को यह बात कही। यहां डीवीसी मुख्यालय में एक समीक्षा बैठक के दौरान केंद्रीय बिजली मंत्री मनोहर लाल ने निगम की सराहना करते हुए इसके कारोबार को अलग किये जाने के काम में तेजी लाने को कहा। उन्होंने निदेशक मंडल से अपनी विस्तार योजनाओं के लिए संसाधन जुटाने को लेकर आईपीओ (आरंभिक सार्वजनिक निर्गम) का रास्ता टटोलने का भी सुझाव दिया। डीवीसी केंद्र के बिजली मंत्रालय के अधीन काम करती है। 1948 में स्थापित, डीवीसी पश्चिम बंगाल और झारखंड में एक एकीकृत प्रमुख बिजली कंपनी है। डीवीसी के चेयरमैन एस सुरेश कुमार ने समीक्षा बैठक के बाद कहा, ‘‘कंपनी रूप देने की योजना एजेंडा में थी, लेकिन मंत्री इस प्रक्रिया में तेजी लाना चाहते हैं। केंद्र, पश्चिम बंगाल और झारखंड सरकारों के बीच मौजूदा हिस्सेदारी बरकरार रहेगी।'' एक सूत्र ने कहा कि इस मामले में केंद्र और दोनों राज्यों की राय लगभग एक जैसी है।डीवीसी ने तापीय और हरित ऊर्जा में लगभग 10,000 मेगावाट की अतिरिक्त क्षमता स्थापित करने की योजना बनाई है। इससे इसकी कुल स्थापित क्षमता लगभग 16,700 मेगावाट तक हो जाएगी। इसमें 3,720 मेगावाट ताप बिजली, 4,000 मेगावाट सौर ऊर्जा और 2,500 मेगावाट पंप स्टोरेज बिजली संयंत्र शामिल होगा। डीवीसी की वर्तमान स्थापित क्षमता लगभग 6,700 मेगावाट है। इसमें से 6,540 मेगावाट तापीय बिजली है।डीवीसी का कुल पूंजीगत व्यय 50,000-60,000 करोड़ रुपये के बीच होने का अनुमान है।बैठक के दौरान मंत्री ने डीवीसी के कुल बिजली क्षमता में नवीकरणीय ऊर्जा की हिस्सेदारी बढ़ाने की जरूरत बतायी। वर्तमान में, डीवीसी के पास हरित ऊर्जा क्षमता काफी कम है और वह एनटीपीसी के साथ 310 मेगावाट की सौर परियोजना क्रियान्वित कर रही है। मंत्री ने डीवीसी को उसकी विस्तार योजनाओं और वृद्धि के लिए हरसंभव सहायता देने की भी बात कही। डीवीसी के कुल नौ तापीय और पनबिजली संयंत्रों में से पांच झारखंड में और बाकी पश्चिम बंगाल में हैं।
- नई दिल्ली। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने महत्वपूर्ण खनिजों, सेमीकंडक्टर, दवाओं और हरित ऊर्जा की सुचारू आपूर्ति के लिए भरोसेमंद भागीदार देशों के बीच सहयोग बढ़ाने का आह्वान किया है। बुधवार को जारी एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, गोयल ने जी-7 समूह के व्यापार मंत्रियों की इटली के रेजियो कैलाब्रिया में आयोजित बैठक में इस सहयोग का प्रस्ताव रखा। उन्होंने महामारी, यूक्रेन-रूस संघर्ष और लाल सागर संकट जैसी मुश्किलों के वक्त वैश्विक आपूर्ति शृंखलाओं की मजबूती का विश्लेषण करने के महत्व पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि विभिन्न मंचों के मातहत कई देशों में जुझारू आपूर्ति श्रृंखला बनाने के प्रयास जारी हैं। वाणिज्य मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘‘गोयल ने महत्वपूर्ण खनिजों, सेमीकंडक्टर, दवाओं और हरित ऊर्जा जैसे अहम क्षेत्रों में वैश्विक आपूर्ति शृंखलाओं को सुदृढ़ करने के लिए विश्वसनीय भागीदारों के बीच सहयोग का प्रस्ताव रखा।'' इस बैठक में गोयल ने जी-7 देशों और भागीदार देशों के बीच सार्वजनिक-निजी भागीदारी, महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे में निवेश, नवाचार और सुसंगत नियामकीय ढांचे की भी वकालत की। कोबाल्ट, तांबा, लिथियम, निकल और दुर्लभ मृदा धातुएं जैसे महत्वपूर्ण खनिज पवन चक्कियों से लेकर इलेक्ट्रिक कारों तक स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों के उत्पादन में भूमिका निभाती हैं। इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी के लिए इनकी खासतौर पर मांग है। उन्होंने कहा कि वैश्विक अनिश्चितताओं के दौरान वैश्विक आपूर्ति शृंखलाओं को मजबूत करने के लिए निवेश, व्यापार, पर्यावरण और ऊर्जा नीतियों के बीच बेहतर तालमेल की जरूरत है।
- मुंबई। सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनी एलआईसी ने एचडीएफसी लाइफ और आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस जैसी निजी बीमा कंपनियों को शेयर बाजार में प्रदर्शन के मामले में पीछे छोड़ दिया है। इसके पीछे ढांचागत क्षेत्र जैसे बढ़ते क्षेत्रों पर लगाए गए दांव की अहम भूमिका रही है। भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) का शेयर बीते एक साल में करीब 79 प्रतिशत तक उछल चुका है। शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल 18 जुलाई को एलआईसी का शेयर 620 रुपये पर था लेकिन इस साल 16 जुलाई को यह 1,109.15 रुपये के भाव पर बंद हुआ। इसकी तुलना में एचडीएफसी लाइफ के शेयरों में गिरावट दर्ज की गई है। एक साल पहले एचडीएफसी लाइफ का शेयर बीएसई पर 666.55 रुपये पर था लेकिन मंगलवार को यह 646.55 रुपये प्रति शेयर के भाव पर बंद हुआ। हालांकि, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस का शेयर इस दौरान 12 प्रतिशत का रिटर्न देने में सफल रहा है। इसका शेयर 16 जुलाई को 654.10 पर था जबकि 18 जुलाई, 2023 को इसका भाव 582 रुपये था। बीते एक साल में एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस का शेयर भी 1,314 रुपये से बढ़कर 1,621.20 रुपये पर पहुंच गया। इस तरह इसने 23 प्रतिशत की बढ़त हासिल की है।बीमा कंपनियां दो तरीकों से पैसा कमाती हैं। पॉलिसियों के लिए प्रीमियम और फिर उस प्रीमियम को परिसंपत्तियों में निवेश कर वे कमाई करती हैं। यह दूसरा तरीका ही उनके मुनाफे में बड़ा अंतर पैदा करता है, जिससे मूल्य सृजन और जोखिम प्रबंधन पर असर पड़ता है। हालांकि, पूंजी बाजार विश्लेषकों का कहना है कि अधिकांश भारतीय बीमा कंपनियों ने अभी तक देश के बुनियादी ढांचा क्षेत्र में उभार का उतना लाभ नहीं उठाया है। घरेलू बीमा कंपनियों ने बैंकिंग, वित्तीय सेवा एवं बीमा (बीएफएसआई), सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) और उपभोक्ता क्षेत्रों में निवेश पर अधिक ध्यान दिया है। लेकिन हाल के दिनों में इन सभी क्षेत्रों का प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा है। उनके निवेश का सिर्फ आठ से 10 प्रतिशत ही बुनियादी ढांचा क्षेत्र में है जो वैश्विक मानकों की तुलना में बहुत कम है। विश्लेषकों के मुताबिक, बड़ी वैश्विक बीमा कंपनियों- मसलन, आलियांज, निप्पॉन लाइफ इंश्योरेंस और मेटलाइफ के अलावा बर्कशायर हैथवे जैसी अन्य बीमा कंपनियों का बुनियादी ढांचा क्षेत्र में 15 से 30 प्रतिशत तक का बड़ा जोखिम है। भारत के लिए बड़े खर्च, समर्थन पहल और प्रोत्साहन नीतियों और शासन में सुधार के साथ इस क्षेत्र पर सरकार के विशेष ध्यान ने बुनियादी ढांचा उद्योग में नई जान डालने का काम किया है। विश्लेषकों के मुताबिक, ऐसी स्थिति में ढांचागत क्षेत्र का प्रदर्शन अन्य सभी क्षेत्रों से बेहतर रहा है। उन्होंने कहा कि खुदरा कर्ज पर अधिक ध्यान और वृद्धि के अवसरों के लिए बुनियादी ढांचे को देखने की रणनीतिक अनिच्छा ऐसी कंपनियों के शेयरधारकों के लिए हानिकारक साबित हो रही है। ढांचागत क्षेत्र में ज्यादा निवेश करने वाले भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के शेयरों में भी बीते एक साल में 48 प्रतिशत की तेजी आई है। हालांकि निजी क्षेत्र के एचडीएफसी बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और एक्सिस बैंक के शेयरों में इस दौरान नकारात्मक तीन प्रतिशत से लेकर 24 प्रतिशत तक की ही तेजी आई है। ढांचागत क्षेत्र में नगण्य निवेश करने वाले कोटक और एचडीएफसी बैंक सबसे खराब प्रदर्शन कर रहे हैं और उनके शेयरों ने नकारात्मक रिटर्न दिया है। कोटक महिंद्रा बैंक का शेयर 18 जून, 2023 को 1,895 रुपये पर था और मंगलवार को यह 1,805.20 रुपये पर बंद हुआ। वहीं एचडीएफसी बैंक मंगलवार को बीएसई पर 1,619.20 रुपये पर बंद हुआ, जो एक साल पहले 1,679 रुपये पर था।
- कोलकाता। देश का चाय निर्यात कैलेंडर साल 2023 में 23 करोड़ 16.91 लाख किलोग्राम पर लगभग स्थिर रहा है। चाय बोर्ड के ताजा आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। इससे पिछले कैलेंडर वर्ष 2022 के दौरान चाय का निर्यात 23 करोड़ 10.8 लाख किलोग्राम का हुआ था।प्रमुख बागान मालिक संगठन भारतीय चाय संघ (आईटीए) के प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिकी प्रतिबंधों के बाद भुगतान समस्याओं के कारण ईरान के बाजार में नुकसान ने चाय के समग्र उठाव को प्रभावित किया है। ईरान द्वारा भारतीय चाय का आयात वर्ष 2019 के 5.4 करोड़ किलोग्राम की तुलना में 2023 में लगभग 51.6 लाख किलोग्राम तक गिर गया था। इसी तरह सीआईएस ब्लॉक के देशों में सबसे बड़े खरीदार रूस को भेजी जाने वाली निर्यात खेप भी यूक्रेन के साथ संघर्ष के कारण प्रभावित हुई। क्षेत्रवार वर्ष 2023 में उत्तर भारतीय चाय का निर्यात 14.1 करोड़ किलोग्राम था, जबकि उसी कैलेंडर वर्ष में दक्षिण भारत का निर्यात नौ करोड़ 6.9 लाख किलोग्राम था।
- नई दिल्ली। टीवीएस मोटर की इकाई नॉर्टन मोटरसाइकिल्स ने बुधवार को कहा कि उसकी अगले तीन साल में छह नए मॉडल उतारने की योजना है और वह भारत के अलावा अमेरिका, जर्मनी, फ्रांस एवं इटली में बिक्री साझेदारों की मदद से अपना विस्तार करना चाहती है। टीवीएस मोटर ने नॉर्टन मोटरसाइकिल्स के लिए नए उत्पादों के शोध एवं विकास, गुणवत्ता इंजीनियरिंग और उत्पादन में 20 करोड़ पाउंड का निवेश करने की प्रतिबद्धता जताई है। ब्रिटिश मोटरसाइकिल विनिर्माता नॉर्टन ने बयान में कहा कि अगले साल से नए उत्पाद पेश करने की योजना बनाई जा रही है। कंपनी की अगले तीन साल में छह नए मॉडल लाने की योजना है। बयान के मुताबिक, नॉर्टन अमेरिका, जर्मनी, फ्रांस, इटली और भारत पर शुरुआती ध्यान केंद्रित करते हुए अंतरराष्ट्रीय मौजूदगी बढ़ाने की तैयारी कर रही है। टीवीएस मोटर कंपनी के प्रबंध निदेशक सुदर्शन वेणु ने कहा, ‘‘नॉर्टन ब्रांड को लेकर हमारा दृष्टिकोण, प्रतिबद्धता और निवेश एक रोमांचक दौर में प्रवेश कर रहा है। हम इसे दुनियाभर के मोटरसाइकिल चालकों के साथ साझा करने को उत्सुक हैं।'' नॉर्टन मोटरसाइकिल्स के कार्यकारी निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) डॉ रॉबर्ट हेंटशेल ने कहा, ‘‘शोध एवं विकास और नेतृत्व में निवेश ने हमें दुनियाभर के देशों में विश्वस्तरीय गुणवत्ता के साथ छह रोमांचक उत्पाद लाने की स्थिति में ला दिया है।''
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नई दिल्ली। जेएसडब्ल्यू एमजी अ मोटर अगले 12 महीनों में 5 नई कारें लॉन्च करने की योजना बना रही है। कंपनी की क्षमता भी 1 लाख कारें उत्पादन से बढ़ाकर 3 लाख कारें सालाना की जाएगी। कंपनी के पूर्व CEO राजीव चाबा ने बुधवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पहली नई कार एक क्रॉसओवर यूटिलिटी व्हीकल होगी, जिसे सितंबर या अक्टूबर में लॉन्च किया जाएगा। फिलहाल MG भारत में 5 कारें बेचती है: हेक्टर, ग्लॉस्टर, एस्टर, कॉमेट और ZS. इनमें से पहली तीन पेट्रोल-डीजल कारें हैं, जबकि आखिरी दो इलेक्ट्रिक कारें हैं।
राजीव चाबा ने बताया कि साल 2024 में भारत में करीब 1 लाख 20 हजार इलेक्ट्रिक कारें बिक सकती हैं, जो पिछले साल के मुकाबले 30% की बढ़ोतरी है। उन्होंने कहा कि यह बढ़ोतरी 2023 जितनी ज्यादा नहीं होगी, क्योंकि पिछले साल इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री में 90% की बढ़ोतरी हुई थी।इस साल मार्च में साजन जिंदल के JSW ग्रुप ने कार कंपनी में 35% हिस्सेदारी खरीदी थी। वहीं, वित्तीय संस्थानों ने 8%, कर्मचारियों को 5% और डीलरों को 3% हिस्सेदारी दी गई। जिससे कंपनी की चीनी पैरेंट कंपनी SAIC की हिस्सेदारी घटकर 49% रह गई है।राजीव चाबा ने बताया, “मार्च में ही ज्वाइंट वेंचर की घोषणा हुई थी। हमें तेजी से बढ़ना है। अभी हम दूसरा प्लांट हलोल में लगा रहे हैं। हमारी कुल क्षमता 1 लाख से बढ़कर 3 लाख कारें सालाना हो जाएगी। जब इतनी क्षमता हो तो कारें बनाने की भी जरूरत होती है।”उन्होंने कहा, “ज्वाइंट वेंचर की सबसे बड़ी प्राथमिकता नई कारों की मंजूरी लेना है। हमें खुशी है कि हमें 5 नई कारों की मंजूरी मिल गई है, जिन्हें अगले एक साल में लॉन्च किया जाएगा। इनमें से दो प्रीमियम कारें होंगी और तीन मेनस्ट्रीम की कारें होंगी।”उन्होंने बताया, “पहली कार त्योहार के सीजन में यानी सितंबर या अक्टूबर में लॉन्च होगी। यह एक क्रॉसओवर यूटिलिटी व्हीकल होगी। इसमें सेडान कार जैसी सुविधाएं होंगी और साथ ही स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल की तरह यूटिलिटी भी होगी। इसमें काफी जगह होगी और इसमें कई फीचर्स होंगे। बाकी कारों के बारे में मैं अभी जानकारी नहीं दे सकता।”मार्च में JSW ग्रुप ने साल 2030 तक 5 अरब डॉलर लगाने की योजना की घोषणा की थी। इस पैसे का इस्तेमाल इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड कारें बनाने वाली कंपनी में किया जाएगा। कंपनी का लक्ष्य 10 लाख कारें बेचना है।अभी कार कंपनियों में हाइब्रिड कारों पर टैक्स कम करने को लेकर बहस चल रही है। - नयी दिल्ली. वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने मंगलवार को कहा कि ई-कॉमर्स के जरिये देश के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए नियामकीय व्यवस्था सितंबर तक तैयार होने की उम्मीद है। बर्थवाल ने कहा कि वर्तमान में इस माध्यम से देश का निर्यात लगभग पांच अरब डॉलर ही है, जबकि चीन का 300 अरब डॉलर सालाना है। उन्होंने कहा कि ई-कॉमर्स माध्यम से निर्यात को बढ़ावा देने की काफी संभावनाएं हैं। इस संबंध में मंगलवार को मंत्रालय में राजस्व जैसे संबंधित विभागों तथा लॉजिस्टिक और ‘मार्केटप्लेस प्लेटफॉर्म' जैसे क्षेत्रों के उद्योग प्रतिनिधियों के साथ बैठक हुई। बर्थवाल ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम देश में ई-कॉमर्स निर्यात केंद्र स्थापित करने पर काम कर रहे हैं। हमने इसकी रूपरेखा पर चर्चा की। यह हमारे 100 दिन के एजेंडा में शामिल है।'' रूपरेखा तैयार होने की समयसीमा के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह काम सितंबर तक पूरा होने की उम्मीद है। ई-कॉमर्स के जरिये निर्यात आने वाले वर्षों में 50-100 अरब डॉलर तक पहुंचने की संभावना है।उन्होंने कहा, ‘‘यह व्यवस्था ई-कॉमर्स निर्यात केंद्रों और नियामकीय परिवेश के लिए होगी... ये केंद्र हवाई अड्डों और बंदरगाहों के पास बनेंगे।'' जिन उत्पादों के निर्यात में भारी संभावनाएं हैं, उनमें आभूषण, परिधान, हस्तशिल्प और ओडीओपी (एक जिला एक उत्पाद) से जुड़े सामान शामिल हैं। सचिव ने कहा कि उद्योग किसी वित्तीय सहायता की मांग नहीं कर रहा है और उसे केवल कराधान को लेकर एक अच्छे नियामकीय परिवेश की आवश्यकता है। वे लौटाए गए सामान को लेकर स्थिति में स्पष्टता चाहते हैं।
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मुंबई. स्थानीय शेयर बाजारों में मंगलवार को लगातार तीसरे दिन तेजी रही और बीएसई सेंसेक्स 52 अंक चढ़कर अपने अबतक के उच्चतम स्तर पर बंद हुआ। एनएसई निफ्टी भी नये शिखर 24,600 अंक के ऊपर पहुंच गया। दैनिक उपयोग का सामान बनाने वाली कंपनियों, दूरसंचार और चुनिंदा आईटी शेयरों में लिवाली तथा विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) के पूंजी प्रवाह से बाजार में तेजी बनी रही। तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स 51.69 अंक यानी 0.06 प्रतिशत चढ़कर अपने अबतक के उच्चतम स्तर 80,716.55 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 233.44 अंक यानी 0.28 प्रतिशत की बढ़त के साथ रिकॉर्ड 80,898.30 अंक तक गया था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 26.30 अंक यानी 0.11 प्रतिशत की तेजी के साथ नये शिखर 24,613 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान, यह 74.55 अंक यानी 0.30 प्रतिशत चढ़कर रिकॉर्ड 24,661.25 अंक तक गया था। शेयर बाजार में शुरुआत अच्छी रही और दोनों मानक सूचकांक कारोबार के दौरान रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गये थे। हालांकि, रिलायंस इंडस्ट्रीज और कोटक बैंक में नुकसान से लाभ सीमित हुआ और दोनों सूचकांक दिन के उच्चस्तर से नीचे आये। विश्लेषकों के अनुसार, सेंसेक्स और निफ्टी शुक्रवार से रिकॉर्ड तेजी पर हैं। इसका प्रमुख कारण विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की लिवाली है। एफआईआई केंद्रीय बजट पेश होने से पहले भारतीय शेयरों में लिवाल बने हुए हैं। शेयरों के उच्च मूल्यांकन के बावजूद प्रमुख कंपनियों के तिमाही परिणाम उत्साहजनक रहने से भी बाजार को समर्थन मिला है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व के प्रमुख जेरोम पावेल के अनुसार केंद्रीय बैंक इस बात को लेकर ज्यादा आश्वस्त है कि मुद्रास्फीति दो प्रतिशत लक्ष्य की ओर वापस आ रही है। कीमत वृद्धि की गति उस स्तर पर पहुंचने पर नीतिगत दर में कटौती की जाएगी। सेंसेक्स के शेयरों में हिंदुस्तान यूनिलीवर, भारती एयरटेल, टेक महिंद्रा, इन्फोसिस, महिंद्रा एंड महिंद्रा, आईसीआईसीआई बैंक,आईटीसी और एशियन पेंट्स प्रमुख रूप से लाभ में रहे। दूसरी तरफ नुकसान में रहने वाले शेयरों में कोटक महिंद्रा बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज, एनटीपीसी, अल्ट्राटेक सीमेंट और पावर ग्रिड शामिल हैं। सेंसेक्स के तीस शेयरों में 18 लाभ में जबकि 12 नुकसान में रहे।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि घरेलू बाजार शुरुआती लाभ को कायम नहीं रख पाया। इसका कारण शेयरों का मौजूदा मूल्यांकन और चालू वित्त वर्ष के लिए कंपनियों के तिमाही परिणाम को लेकर उम्मीद हल्की होना है। उन्होंने कहा, ‘‘इस सप्ताह से विभिन्न कंपनियों के परिणाम आने शुरू हो जाएंगे। इसको देखते हुए निवेशक व्यापक खंडवार नजरिया रख सकते हैं।'' छोटी कंपनियों के शेयरों का प्रतिनिधित्व करने वाला बीएसई स्मॉलकैप सूचकांक 0.32 प्रतिशत चढ़ा जबकि मझोली कंपनियों से जुड़ा मिडकैप सूचकांक 0.29 प्रतिशत नीचे आया। शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने सोमवार को 2,648.78 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे। एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की और चीन का शंघाई कम्पोजिट लाभ में जबकि हांगकांग का हैंगसेंग नुकसान में रहा। अमेरिकी फेडरल रिजर्व के प्रमुख पावेल की उदार टिप्पणी से नीतिगत दर में सितंबर में कटौती की उम्मीद मजबूत हुई है। यूरोप के प्रमुख बाजारों में गिरावट का रुख रहा। अमेरिकी बाजार सोमवार को बढ़त में रहे थे।
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.80 प्रतिशत की गिरावट के साथ 84.13 डॉलर प्रति बैरल रहा।
कोटक सिक्योरिटीज लि. के इक्विटी शोध प्रमुख श्रीकांत चौहान ने कहा कि चीनी अर्थव्यवस्था में नरमी को लेकर चिंता के कारण तेल कीमतों में गिरावट आई। हालांकि, अमेरिकी फेडरल रिजर्व के सितंबर में नीतिगत दर में कटौती की उम्मीद से गिरावट पर अंकुश लगा। शेयर बाजार बाजार बुधवार को मोहर्रम के मौके पर बंद रहेगा।