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- नयी दिल्ली. यात्रा क्षेत्र की प्रमुख कंपनी ओयो ने मेरठ से शुरुआत करते हुए भागीदार होटलों के लिए एक नयी ‘चेक-इन' नीति लागू की है। इसके अनुसार, अविवाहित जोड़ों का अब ‘चेक-इन' की अनुमति नहीं दी जाएगी। यानी सिर्फ पति-पत्नी ही होटल में कमरा ले सकेंगे। संशोधित नीति के तहत, सभी जोड़ों को ‘चेक-इन' के समय अपने रिश्ते का वैध प्रमाण देने के लिए कहा जाएगा। इसमें ऑनलाइन की गई बुकिंग भी शामिल है। कंपनी ने कहा कि ओयो ने अपने भागीदार होटलों को स्थानीय सामाजिक संवेदनशीलता के साथ तालमेल बिठाते हुए अपने विवेक के आधार पर अविवाहित जोड़ों की बुकिंग को अस्वीकार करने का अधिकार दिया है। ओयो ने मेरठ में अपने भागीदार होटलों को तत्काल प्रभाव से ऐसा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।नीति में हुए बदलाव से परिचित लोगों ने कहा कि जमीनी प्रतिक्रिया के आधार पर, कंपनी इसे और शहरों में विस्तारित कर सकती है। उन्होंने कहा, ‘‘ओयो को पहले भी विशेष रूप से मेरठ में सामाजिक समूहों से इस मुद्दे को हल करने के लिए प्रतिक्रिया मिली थी। इसके अलावा, कुछ दूसरे शहरों के निवासियों ने भी अविवाहित जोड़ों को ओयो होटलों में चेक-इन करने की अनुमति न देने की मांग की है।'' ओयो उत्तर भारत के क्षेत्र प्रमुख पावस शर्मा ने बताया, ‘‘ओयो सुरक्षित और जिम्मेदार आतिथ्य प्रथाओं को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। हम व्यक्तिगत स्वतंत्रता का सम्मान करते हैं, लेकिन साथ ही हम इन बाजारों में कानून प्रवर्तन और नागरिक समाज समूहों की बात सुनने और उनके साथ काम करने की अपनी जिम्मेदारी को भी पहचानते हैं।'' उन्होंने कहा कि कंपनी समय-समय पर इस नीति और इसके प्रभाव की समीक्षा करती रहेगी।
- नयी दिल्ली. देश के आठ प्रमुख शहरों में 2024 में नए कार्यालय स्थल की आपूर्ति में सालाना आधार पर छह प्रतिशत की गिरावट आई। हालांकि, इस दौरान मांग अपने सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गई। कुशमैन एंड वेकफील्ड ने यह जानकारी दी है। रियल एस्टेट सलाहकार कुशमैन एंड वेकफील्ड के आंकड़ों के अनुसार, देश के आठ प्रमुख कार्यालय बाजारों में 2024 के दौरान कार्यस्थल की नई आपूर्ति में छह प्रतिशत से अधिक की गिरावट देखी गई। हालांकि, इस दौरान मांग अपने सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गई। आंकड़ों के अनुसार, 2024 में कार्यालय स्थल की नई आपूर्ति 451.5 लाख वर्ग फुट रही, जबकि पिछले वर्ष यानी 2023 में यह 477.9 लाख वर्ग फुट थी। दिल्ली-एनसीआर, पुणे, चेन्नई, हैदराबाद, कोलकाता और अहमदाबाद में नई आपूर्ति में गिरावट आई, जबकि मुंबई में इसमें उछाल आया। बेंगलुरु में भी इसमें मामूली बढ़त रही। विभिन्न शहरों की बात करें, तो मुंबई में नए कार्यालय स्थल की आपूर्ति 2023 के 20.5 लाख वर्ग फुट से चार गुना से अधिक होकर 2024 में 83.2 लाख वर्ग फुट हो गई। बेंगलुरु में नई आपूर्ति 133.1 लाख वर्ग फुट से बढ़कर 133.4 लाख वर्ग फुट हो गई। हालांकि, दिल्ली-एनसीआर में नई आपूर्ति 49.2 लाख वर्ग फुट से पांच प्रतिशत घटकर 46.8 लाख वर्ग फुट रह गई। चेन्नई में नई आपूर्ति 53.3 लाख वर्ग फुट से 59 प्रतिशत घटकर 21.7 लाख वर्ग फुट रह गई। पुणे में यह 57.4 लाख वर्ग फुट से 27 प्रतिशत की गिरावट के साथ 42.2 लाख वर्ग फुट रह गई। वहीं हैदराबाद में यह 102.1 लाख वर्ग फुट रही। जो पिछले साल के 128.6 लाख वर्ग फुट से 21 प्रतिशत कम है। कोलकाता में 2024 के दौरान कार्यालय स्थल की कोई नई आपूर्ति नहीं हुई, जबकि पिछले वर्ष यह 13.2 लाख वर्ग फुट थी। अहमदाबाद में नए कार्यालय स्थल की आपूर्ति पिछले साल से दो प्रतिशत घटकर 22.1 लाख वर्ग फुट रह गई, जो कैलेंडर वर्ष 2023 में 22.7 लाख वर्ग फुट थी। वैश्विक और घरेलू कंपनियों की मजबूत मांग के बावजूद इन आठ बाजारों ने नए कार्यालय स्थल की आपूर्ति में गिरावट दर्ज की। वर्ष 2024 में पट्टे पर कुल कार्यालय स्थल की मांग 19 प्रतिशत बढ़कर 885.2 लाख वर्ग फुट हो गई, जो 2023 में 745.6 लाख वर्ग फुट थी।
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नयी दिल्ली. सरकार ने नेपाल को दो लाख टन गेहूं निर्यात करने की अनुमति दी है। शनिवार को जारी एक अधिसूचना में यह जानकारी दी गई। विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने अधिसूचना में कहा कि निर्यात की अनुमति राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड (एनसीईएल) के माध्यम से दी गई है। घरेलू आपूर्ति बनाए रखने के लिए गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध है, लेकिन कुछ देशों के अनुरोध करने पर सरकार उनकी खाद्य सुरक्षा जरूरतों के मद्देनजर निर्यात की अनुमति देती है। एक अलग अधिसूचना में, डीजीएफटी ने कहा कि अग्रिम प्राधिकरण धारकों, ईओयू (निर्यात उन्मुख इकाइयों) और एसईजेड (विशेष आर्थिक क्षेत्रों) द्वारा कृत्रिम बुने हुए कपड़ों के लिए कच्चे माल के आयात को एमआईपी (न्यूनतम आयात शर्त) से छूट दी जाएगी। सस्ते कपड़ों की आवक को हतोत्साहित करने के लिए सिंथेटिक बुने हुए कपड़ों पर 3.5 अमेरिकी डॉलर प्रति किलोग्राम एमआईपी लागू है।
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नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र के भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने जमा आकर्षित करने के लिए दो नई जमा योजनाएं ‘हर घर लखपति’ और ‘एसबीआई पैट्रन्स’ शुरू की हैं।एसबीआई ने शुक्रवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि ये योजनाएं ग्राहकों को अधिक वित्तीय लचीलापन और उन्नत मूल्य प्रदान करने के लिए तैयार की गई हैं।
वित्तीय सुरक्षा की व्यापक आकांक्षा को ध्यान में रखते हुए एसबीआई ने एक बयान में कहा कि ‘हर घर लखपति’ एक पूर्व-गणना वाली आवर्ती जमा योजना है, जो ग्राहकों को 1,00,000 रुपये या इसके गुणकों में जमा करने में मदद करने के लिए तैयार की गई है।बैंक ने कहा कि यह उत्पाद वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने की प्रक्रिया को सरल बनाता है, जिससे ग्राहक प्रभावी ढंग से योजना बना सकते हैं और बचत कर सकते हैं। इसके अलावा, बैंक ने 80 वर्ष और उससे अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष सावधि जमा योजना ‘एसबीआई पैट्रन्स’ भी पेश की। यह उत्पाद कई वरिष्ठ ग्राहकों के बैंक के साथ लंबे समय से चले आ रहे संबंधों को ध्यान में रखते हुए बढ़ी हुई ब्याज दरें प्रदान करता है।‘एसबीआई पैट्रन’ मौजूदा और नए सावधि जमा ग्राहकों, दोनों के लिए उपलब्ध है। ‘एसबीआई पैट्रन्स’ जमाकर्ताओं को वरिष्ठ नागरिकों को दी जाने वाली ब्याज दर की तुलना में 0.1 प्रतिशत अधिक ब्याज मिलेगा, जबकि आवर्ती जमा योजना सावधि जमा पर दी जाने वाली दरों के समान होगी। फिलहाल, एक वर्ष से अधिक अवधि के लिए सावधि जमा दर 6.80 प्रतिशत, दो वर्ष से अधिक अवधि के लिए सात प्रतिशत, 3 वर्ष से अधिक और 5 वर्ष से कम अवधि के लिए 6.75 प्रतिशत तथा 5-10 वर्ष के लिए 6.5 प्रतिशत है।आवर्ती जमा की न्यूनतम अवधि 12 महीने (एक वर्ष) तथा अधिकतम अवधि 120 महीने (10 वर्ष) है। एसबीआई की जमाराशि में लगभग 23 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी है। ये अभिनव पेशकश बैंक के नवाचार को प्राथमिकता देने और जमाराशि में अपने बाजार नेतृत्व को मजबूत करने के संकल्प को प्रदर्शित करती हैं। एसबीआई के चेयरमैन सी एस सेट्टी ने कहा, “हमारा उद्देश्य लक्ष्य-उन्मुख जमा उत्पाद बनाना है जो न केवल वित्तीय रिटर्न को बढ़ाए बल्कि हमारे ग्राहकों की आकांक्षाओं के अनुरूप भी हो। हम पारंपरिक बैंकिंग को और अधिक समावेशी और प्रभावशाली बनाने के लिए इसे फिर से परिभाषित कर रहे हैं।”इस बीच, बैंक ने प्रवासी भारतीयों (एनआरआई) के लिए एनआरई (गैर-निवासी बाहरी) और एनआरओ (गैर-निवासी साधारण) खाते खोलने की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए टीएबी-आधारित एंड-टू-एंड डिजिटल ऑन-बोर्डिंग प्रक्रिया शुरू करने की घोषणा की है। यह पहल एसबीआई की भारत में शाखाओं और चुनिंदा विदेशी कार्यालयों में उपलब्ध कराई गई है, जिसमें खाता खोलने की दक्षता और सुविधा बढ़ाने के लिए डिजिटल उपकरणों का उपयोग किया गया है। -
नयी दिल्ली. सरकार ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसके ई-कॉमर्स मंच ओएनडीसी से अबतक सात लाख से अधिक विक्रेता और सेवा प्रदाता जुड़े चुके हैं। सरकार समर्थित पहल ‘ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स' (ओएनडीसी) की शुरुआत वर्ष 2021 में की गई थी। इसे मुख्य रूप से छोटे विक्रेताओं की डिजिटल कॉमर्स तक पहुंच आसान बनाने के लिए इसे स्थापित किया गया था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि ओएनडीसी ने छोटे व्यवसायों को सशक्त बनाने और ई-कॉमर्स में क्रांति लाने में योगदान दिया है। प्रधानमंत्री ने वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल की एक पोस्ट पर अपनी टिप्पणी में कहा कि पिछले तीन वर्षों में इस मंच ने छोटे उद्यमों के लिए मुकाबले की समान परिस्थितियां बनाकर उन्हें सशक्त बनाया है। मोदी ने कहा, ‘‘ओएनडीसी ने छोटे व्यवसायों को सशक्त बनाने और ई-कॉमर्स में क्रांति लाने में योगदान दिया है। इस तरह यह वृद्धि और समृद्धि को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।'' गोयल ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा था कि पिछले तीन वर्षों में इस मंच ने नेटवर्क पर छोटे उद्यमों के लिए समान अवसर उपलब्ध कराकर उन्हें सशक्त बनाया है। ओएनडीसी का उद्देश्य खुदरा ई-कॉमर्स के सभी पक्षों के लिए एक खुले मंच को बढ़ावा देना है। यह छोटे खुदरा विक्रेताओं को ई-कॉमर्स से जोड़कर अपने व्यवसाय का विस्तार करने और इस क्षेत्र में दिग्गजों का वर्चस्व कम करने में मदद करता है। एक गैर-सरकारी कंपनी ओएनडीसी ने अबतक 200 से अधिक नेटवर्क प्रतिभागियों के साथ 15 करोड़ लेनदेन का आंकड़ा पार कर लिया है।
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मुंबई. स्थानीय शेयर बाजार में बृहस्पतिवार को तेजी जारी रही और बीएसई सेंसेक्स 1,436 अंक उछलकर दो सप्ताह के उच्चस्तर पर पहुंच गया। वित्तीय, वाहन और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) शेयरों में लिवाली से बाजार बढ़त में रहा। तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 1,436.30 अंक यानी 1.83 प्रतिशत की बढ़त के साथ 79,943.71 अंक पर बंद हुआ। यह एक महीने से अधिक समय में एक दिन की यह सबसे बड़ी तेजी है। कारोबार के दौरान, यह 1,525.46 अंक तक चढ़ गया था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 445.75 अंक यानी 1.88 प्रतिशत की बढ़त के साथ 24,188.65 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स के 30 शेयरों में से बजाज फिनसर्व में सर्वाधिक लगभग आठ प्रतिशत की तेजी रही जबकि बजाज फाइनेंस छह प्रतिशत से अधिक चढ़ा। इसके अलावा मारुति, टाइटन, महिंद्रा एंड महिंद्रा, इन्फोसिस, एचसीएल टेक, जोमैटो, अल्ट्राटेक सीमेंट और कोटक महिंद्रा बैंक प्रमुख रूप से लाभ में रहे। सन फार्मा एकमात्र कंपनी रही, जिसमें गिरावट रही।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘घरेलू बाजार में गतिविधियां तेज रहीं। इसका कारण अगले सप्ताह से कंपनियों का वित्तीय परिणाम आना है, जिसको लेकर निवेशक आशावादी हैं। तेजी चौतरफा रही। ज्यादातर क्षेत्रों के सूचकांक लाभ में रहे। वाहन क्षेत्र इसमें अगुवा रहा। इसका कारण दिसंबर महीने में बिक्री का मजबूत होना है। बैंक और आईटी शेयरों का प्रदर्शन भी अच्छा रहा...।'' मझोली कंपनियों के शेयरों से जुड़ा बीएसई मिडकैप 0.89 प्रतिशत चढ़ा जबकि स्मॉलकैप सूचकांक 0.68 प्रतिशत मजबूत हुआ। देश में माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह दिसंबर महीने में 7.3 प्रतिशत बढ़कर 1.77 लाख करोड़ रुपये रहा है। घरेलू और निर्यात मदों में कर वापसी में उल्लेखनीय वृद्धि के बावजूद जीएसटी संग्रह बढ़ा है। भारत के विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर दिसंबर में 12 महीने के निचले स्तर 56.4 पर आ गई। नए ऑर्डर तथा उत्पादन की धीमी गति इसकी मुख्य वजह रही। बृहस्पतिवार को जारी एक मासिक सर्वेक्षण में यह जानकारी दी गई। मौसमी रूप से समायोजित एचएसबीसी इंडिया विनिर्माण क्रय प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) दिसंबर में 56.4 रहा, जो नवंबर में 56.5 था। यह परिचालन स्थितियों में कमजोर सुधार का संकेत देता है। गिरावट के बावजूद इसका 54.1 के अपने दीर्घकालिक औसत से ऊपर रहना मजबूत वृद्धि दर का संकेत देता है। पीएमआई के तहत 50 से ऊपर सूचकांक होने का मतलब उत्पादन गतिविधियों में विस्तार है जबकि 50 से नीचे का आंकड़ा गिरावट को दर्शाता है। एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, चीन का शंघाई कम्पोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग नुकसान में रहे। यूरोप के प्रमुख बाजारों में दोपहर कारोबार में ज्यादातर में गिरावट का रुख रहा। अमेरिकी बाजार बुधवार को नये साल के मौके पर अवकाश के कारण बंद रहा। शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने बुधवार को 1,782.71 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे। वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 1.09 प्रतिशत चढ़कर 75.47 डॉलर प्रति बैरल रहा। एसई सेंसेक्स बुधवार को 368.40 अंक चढ़ा था, जबकि एनएसई निफ्टी में 98.10 अंक की तेजी रही थी। - नयी दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की बिजली कंपनी एनटीपीसी का बिजली उत्पादन चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में सालाना आधार पर 3.82 प्रतिशत बढ़कर 326 अरब यूनिट रहा। एनटीपीसी ने एक बयान में यह जानकारी दी। इस दौरान कोयला आधारित बिजलीघरों में क्षमता उपयोग तीसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में 76.20 प्रतिशत रहा। वर्ष 2024 के अंत में एनटीपीसी समूह की स्थापित क्षमता 76,598 मेगावाट रही। वर्ष के दौरान 2,724 मेगावाट की वृद्धि हुई। बयान के अनुसार, ये उपलब्धियां देश को सस्ती बिजली उपलब्ध कराने की एनटीपीसी की प्रतिबद्धता को सुदृढ़ करती हैं। कुल 76.6 गीगावाट (एक गीगावाट बराबर 1,000 मेगावाट) की परिचालन क्षमता के अलावा, 29.5 गीगावाट क्षमता निर्माणाधीन है। निर्माणाधीन क्षमता में 9.6 गीगावाट की नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाएं शामिल हैं। बयान में कहा गया है कि कंपनी 2032 तक 60 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता हासिल करने को लेकर प्रतिबद्ध है। एनटीपीसी ने नये कारोबार क्षेत्रों में भी कदम रखा है। इसमें ई-वाहन, बैटरी भंडारण, पंप्ड हाइड्रो स्टोरेज सहित हरित हाइड्रोजन समाधान आदि शामिल हैं। देश की सबसे बड़ी एकीकृत बिजली कंपनी एनटीपीसी देश में बिजली की कुल जरूरत में एक-चौथाई का योगदान देती है।
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मुंबई.। एयर इंडिया ने बुधवार को एयरबस ए350 और बोइंग 787-9 विमानों के बेड़ों के साथ चुनिंदा एयरबस ए321 नियो विमानों में भी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के दौरान वाई-फाई इंटरनेट सेवाएं देनी शुरू कर दीं। एयर इंडिया ने बयान में कहा कि अब वह भारत के भीतर उड़ानों में वाई-फाई कनेक्टिविटी की पेशकश करने वाली पहली एयरलाइन बन गई है। यह सुविधा आईओएस या एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम वाले लैपटॉप, टैबलेट और स्मार्टफोन उपकरणों पर उपलब्ध होगी। हालांकि, विमान के 10 हजार फुट से ऊंचाई पर जाने के बाद ही यात्री वाई-फाई सेवा का इस्तेमाल कर सकेंगे। एयर इंडिया ने कहा कि घरेलू उड़ानों में वाई-फाई सुविधा एक अवधि के लिए ही निःशुल्क है।
एयरलाइन ने कहा कि वह समय के साथ अपने बेड़े में शामिल अन्य विमानों में भी यह सेवा शुरू करेगी। - मुंबई। कृषि प्रौद्योगिकी क्षेत्र अगले पांच साल में 60,000-80,000 नए रोजगार के अवसर पैदा करेगा। टीमलीज सर्विसेज के मुख्य रणनीति अधिकारी सुब्बुराथिनम पी ने यह बात कही है। उन्होंने पीटीआई-भाषा को बताया कि एग्रीटेक यानी कृषि प्रौद्योगिकी खेती के हर पहलू को हल करती है। इसमें बीज, उर्वरक और कीटनाशकों के लिए जल सिंचाई उन्नति से लेकर उन्नत कृषि मशीनरी तक पहुंच और उपज बेचने के लिए बाजार संपर्क सुविधा शामिल है। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र किसानों को वास्तविक समय की सलाहकार सेवाओं जैसे कि जलवायु पूर्वानुमान, कीट और रोग पूर्वानुमान और सिंचाई अलर्ट के साथ सशक्त बनाता है, जिससे उन्हें ऋण, बीमा और डिजिटल भुगतान समाधान प्रदान करके वित्तीय अंतर को पाटने के अलावा सोच-समझकर निर्णय लेने में मदद मिलती है। सुब्बुराथिनम ने कहा, ‘‘भारत में कृषि प्रौद्योगिकी क्षेत्र तकनीकी, परिचालन और प्रबंधकीय पदों सहित विभिन्न भूमिकाओं में लगभग एक लाख लोगों को रोजगार देता है। पांच वर्षों में, इस क्षेत्र से 60-80 हजार नए रोजगार अवसर पैदा होने की उम्मीद है। ये एआई विकास, प्रौद्योगिकी, आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन जैसी भूमिकाओं में होंगे।'' उन्होंने कहा कि अधिकांश ऐसी नौकरियां मौसमी नहीं हैं, क्योंकि यह क्षेत्र प्रौद्योगिकी नवोन्मेषण, विश्लेषण और निरंतर परिचालन सहायता पर केंद्रित है। उन्होंने कहा कि ऐसी भूमिकाएं जिनमें व्यस्ततम मौसम हो सकते हैं, जैसे कि फसल की निगरानी या बुवाई और कटाई के दौरान संचालन, कर्मचारी अक्सर डेटा विश्लेषण, उपकरण रखरखाव या सीजन न होने पर दक्षता सुधार जैसी अन्य गतिविधियों में लगे रहते हैं।
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नई दिल्ली। वर्ष 2024 में वाहनों की वार्षिक बिक्री 9 फीसदी बढ़कर 2 करोड़ 60 लाख हो गई है। इसने वैश्विक महामारी से पहले वर्ष 2018 में दर्ज दो करोड़ 54 लाख वाहनों की वार्षिक बिक्री रिकॉर्ड को पार कर लिया है। उद्योग विशेषज्ञों के अनुसार इस वर्ष वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री काफी हद तक बुनियादी ढांचे पर सरकारी खर्च पर निर्भर करेगी।
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नई दिल्ली। भारतीय ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री नए साल का स्वागत जबरदस्त उत्साह के साथ करने जा रही है। 2024 में कई नई कारों की लॉन्चिंग ने बाजार को नई ऊर्जा दी, और अब 2025 इससे भी ज्यादा रोमांचक साबित होने वाला है। देश में 17 से 22 जनवरी के बीच Bharat Mobility Expo 2025 का दूसरा संस्करण आयोजित होगा, जो भारत का अब तक का सबसे बड़ा ऑटो इवेंट बनने जा रहा है। इस मेगा इवेंट में 34 से अधिक कार निर्माता, 800 ओरिजिनल कंपोनेंट मैन्युफैक्चरर्स (OEMs) और 1,000 ब्रांड्स हिस्सा लेंगे। इस साल, जनरल मार्केट से लेकर प्रीमियम सेगमेंट तक, Tata Motors, Maruti, Kia, Audi, MG और Honda जैसे ब्रांड्स ग्राहकों के लिए सॉलिड फीचर्स और एडवांस्ड सेफ्टी के साथ नए मॉडल पेश करेंगे। आइए एक नजर डालते हैं, इस साल लॉन्च होने वाली कुछ चर्चित मॉडल पर…
Tata Sierra EV And ICE: सिंगल चार्ज में देगी 500 Km से ज्यादा की रेंजटाटा मोटर्स, भारत मोबिलिटी एक्सपो में अपनी सिएरा एसयूवी (Tata Sierra SUV) को आंतरिक दहन इंजन (ICE) और इलेक्ट्रिक वर्जन (EV) दोनों में शोकेस कर सकती है। इसे पहली बार 2020 ऑटो एक्सपो में एक कॉन्सेप्ट के रूप में पेश किया गया था और संभावना है कि इसे 17 जनवरी, 2025 को लॉन्च किया जा सकता है। सिएरा ईवी की संभावित कीमत 20 लाख रुपये और सिएरा आईसीई की संभावित कीमत 11 लाख रुपये (एक्स-शोरूम) हो सकती है।सिएरा ईवी के 60-80 kWh की बैटरी पैक के साथ आने की उम्मीद है, जो 500 किमी से अधिक की रेंज प्रदान कर सकती है। वहीं, आईसीई-पावर्ड सिएरा को दो इंजन विकल्पों के साथ पेश किया जा सकता है, जिनमें एक नया 1.5-लीटर चार-सिलेंडर टर्बो-पेट्रोल इंजन और दूसरा मौजूदा 2-लीटर डीजल इंजन हो सकता हैं, जो वर्तमान में टाटा की हैरियर और सफारी में देखने को मिलता है।संभावित लॉन्च: 17 जनवरी, 2025संभावित कीमत सिएरा ईवी: 20 लाख रुपये (एक्स-शोरूम)संभावित कीमत सिएरा आईसीई: 11 लाख रुपये (एक्स-शोरूम)Kia Syros: 3 जनवरी 2025 से शुरू होगी बुकिंगKia syros, किआ सोरेससाउथ कोरियाई ऑटोमोबाइल कंपनी Kia Motors भारत में अपनी दूसरी सब-4 मीटर एसयूवी SYROS की कीमत की घोषणा के साथ 2025 की शुरुआत करेगी। यह एक B सेगमेंट की SUV है जिसकी बुकिंग 3 जनवरी 2025 से शुरू होगी। ग्राहकों को इसकी डिलीवरी फरवरी 2025 से शुरू हो जाएगी। इस SUV को ऑटो एक्सपो 2025 में लॉन्च किया जाएगा। SYROS को बाजार में HTK, HTK (O), HTK Plus, HTX, HTX Plus और HTXPlus (O) के छह वैरिएंट के साथ उतारा जाएगा। Kia अपनी इस नई SUV के साथ अपनी दो पुरानी SUV Seltos और Sonet के बीच के ग्राहकों को साधने की कोशिश करेगी। कंपनी इसे 8 कलर वेरिएंट के साथ मार्केट में उतारेगी।SYROS में पैनोरमिक सनरूफ, वेंटिलेटेड फ्रंट और दूसरी रो की सीटें, और ADAS जैसे एंडवास फीचर्स दिए गए हैं। यह एसयूवी दो इंजन विकल्पों के साथ उपलब्ध होगी, जिसमें 120 पीएस का 1-लीटर टर्बो-पेट्रोल और 116 पीएस का 1.5-लीटर डीजल इंजन शामिल है। डिजाइन के लिहाज से Kia ने नई SYROS को काफी हद तक स्पेशियस बनाने की कोशिश की है।Maruti Suzuki e Vitara: पहली इलेक्ट्रिक कार से जलवा बिखेरने की कोशिशदेश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति ने हाल ही में ई विटारा एसयूवी (e Vitara SUV) का पहला टीजर जारी किया है। कंपनी अपनी पहली ऑल-इलेक्ट्रिक कार को भारत मोबिलिटी ग्लोबल एक्सपो 2025 में पेश करने जा रही है। इस मेगा इवेंट में ई विटारा से पर्दा उठने के तुरंत बाद इसके लॉन्च होने की उम्मीद है, जिसकी अनुमानित कीमत करीब 22 लाख रुपये (एक्स-शोरूम) हो सकती है। ग्लोबल मार्केट में, सुजुकी ई विटारा को दो बैटरी पैक विकल्पों, 49 kWh और 61 kWh के साथ पेश किया गया है। भारत में ई विटारा का वेरिएंट लगभग 550 km की अनुमानित रेंज देने की उम्मीद है।संभावित लॉन्च: 17 जनवरी, 2025संभावित कीमत: 22 लाख रुपये (एक्स-शोरूम)2025 Honda City: ब्राजील के बाद अब भारत में होगी एंट्रीब्राजील में होंडा ने 2025 सिटी फेसलिफ्ट को लॉन्च किया है, जिसमें बाहरी (exterior) और अंदरूनी (interior) बदलाव किए गए हैं। ये अपडेट 2025 में भारतीय मॉडल में भी देखने को मिल सकते हैं। डिजाइन में बदलाव के तहत नई ग्रिल और अंदर की तरफ ड्यूल-ज़ोन ऑटोमैटिक एसी और इलेक्ट्रॉनिक पार्किंग ब्रेक शामिल हैं। पावरट्रेन में कोई बदलाव नहीं होने की उम्मीद है और यह 1.5-लीटर नैचुरली एस्पिरेटेड पेट्रोल इंजन के साथ ही आएगा।संभावित लॉन्च: जल्द घोषित किया जाएगा।संभावित कीमत: 11.90 लाख रुपये (एक्स-शोरूम)MG Cyberster: ईवी जो होगी रफ्तार पर सवारMG अपनी ईवी लाइनअप का विस्तार करने के लिए भारत में साइबरस्टर लॉन्च करने के लिए पूरी तरह तैयार है। यह एक परफॉर्मेंस-ओरिएंटेड मॉडल है, जिसे ग्लोबल मार्केट में 77 kWh बैटरी पैक और 510 पीएस ड्यूल इलेक्ट्रिक मोटर्स के साथ पेश किया गया है। साइबरस्टर 0 से 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार महज 3.2 सेकंड में पकड़ने में सक्षम है। इसे 340 पीएस सिंगल इलेक्ट्रिक मोटर पावरट्रेन के साथ भी पेश किया गया है। हालांकि, इसके भारतीय मॉडल में कौन सा विकल्प मिलेगा, इसकी जानकारी अभी तक सामने नहीं आई है।संभावित लॉन्च: 17 जनवरी, 2025संभावित कीमत: 80 लाख रुपये (एक्स-शोरूम)Audi Q6 e-tron: लग्जरी ऑन द व्हील, कीमत 1 करोड़ रुपये!Audi Q6 e-tronऑडी अपनी Q6 e-tron SUV को भारत में 2025 की पहली तिमाही में लॉन्च करने की योजना बना रही है। ग्लोबल स्तर पर इसे तीन वेरिएंट्स में पेश किया जाता है, जिनमें सभी में 94.9 kWh की सिंगर बैटरी पैक दी गई है। टॉप-स्पेक वेरिएंट में ड्यूल इलेक्ट्रिक मोटर्स से 517 PS की पावर मिलती है, जबकि बेस रियर-व्हील-ड्राइव वेरिएंट सिंगल इलेक्ट्रिक मोटर सेटअप के साथ 326 PS की पावर जनरेट करता है। Q6 e-tron 270 kW तक के डीसी फास्ट चार्जिंग को सपोर्ट करती है और यह 641 किमी तक की रेंज प्रदान करने का दावा करती है।संभावित लॉन्च: मार्च 2025संभावित कीमत: 1 करोड़ रुपये (एक्स-शोरूम)2025 से 2026 के बीच भारतीय बाजार में करीब 55 नई कारें लॉन्च होने की तैयारी में हैं। इनमें बहुप्रतीक्षित मॉडल जैसे BE 6, XEV 9e, e Vitara, Atto 2, और Creta EV शामिल हैं। इन 55 कारों में 45 एसयूवी होंगी, जो इस सेगमेंट की भारत में बढ़ती मांग को दर्शाती हैं। इसके अलावा, 2 कन्वर्टिबल, 4 सेडान, 5 हैचबैक, 1 एमयूवी, 2 कूपे और 1 पिकअप ट्रक जैसे वैरायटी विकल्प भी बाजार में आने वाले हैं। खास बात यह है कि इनमें से 17 कारों के अगले तीन महीनों में लॉन्च होने की उम्मीद है। यह साल ऑटोमोबाइल प्रेमियों के लिए बेहद खास होने वाला है। -
नई दिल्ली। नए साल की शुरुआत के साथ अब तीन तरह के बैंक अकाउंट बंद हो जाएंगे। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इसको लेकर पहले ही दिशा-निर्देश जारी कर दिये थे। RBI के इस फैसले का असर देश के लाखों खाताधारकों पर पड़ेगा। ऐसे में आप भी फटाफट चेक कर लें कि कहीं आपका बैंक अकाउंट भी तो इनमें नहीं शामिल नहीं है। भारतीय रिजर्व बैंक ने अपने फैसले में तीन प्रकार के बैंक अकाउंट को बंद करने का निर्देश दिया था। रिजर्व बैंक के मुताबिक, डॉर्मेंट अकाउंट, इनएक्टिव अकाउंट और जीरो बैलेंस अकाउंट को 1 जनवरी 2025 से बंद कर दिया जाएगा।
डॉर्मेंट अकाउंटडॉर्मेंट अकाउंट ऐसा अकाउंट माना जाता है, जिसमें दो साल या उससे अधिक समय से कोई ट्रांजेक्शन नहीं हुआ हो। ये अकाउंट्स हैकर्स के निशाने पर सबसे ज्यादा होते हैं। ग्राहकों और बैंकिंग प्रणाली की सुरक्षा के लिए, भारतीय रिजर्व बैंक ने ऐसे अकाउंट्स को बंद करने का निर्णय लिया है।इनएक्टिव अकाउंटऐसे अकाउंट जिसमें 12 महीने या उससे अधिक समय से कोई लेनदेन नहीं हुआ है, उसे इनएक्टिव अकाउंट माना जाता है। रिजर्व बैंक ने इन अकाउंट्स को भी बंद करने का फैसला लिया है। RBI अकाउंट की सेफ्टी बढ़ाने और धोखाधड़ी को रोकने के लिए इसे बंद करना चाहती है।जीरो बैलेंस अकाउंटरिजर्व बैंक एक जनवरी से ऐसे खाते को भी बंद कर देगा, जिनमें लंबे समय से कोई पैसा जमा नहीं किया गया है। जीरो बैलेंस अकाउंट्स को बंद करने का उद्देश्य इनके दुरुपयोग को रोकना, वित्तीय जोखिम को कम करना और ग्राहकों को बैंक के साथ सक्रिय संबंध बनाए रखने के लिए किया गया है।क्यों लिया फैसला, कैसे बचा सकते हैं अकाउंट?बीते कुछ सालों में बैंक खातों के साथ बढ़ते साइबर फ्रॉड को रोकने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने यह फैसला लिया था। आरबीआई ने बैंकिंग लेनदेन की सुरक्षा, पारदर्शिता और सरल करने की दिशा कई बदलाव किए हैं। लेकिन पिछले कुछ सालों से इस तरह के अकाउंट्स के साथ साइबर अपराध होने की संभावना सबसे ज्यादा देखी गई है।हालांकि, ग्राहक KYC करवाकर दोबारा इन अकाउंट्स को एक्टिव करवा सकते हैं। अगर आपके पास भी ऐसा कोई अकाउंट है तो तुरंत अपने बैंक से संपर्क करें और KYC की प्रक्रिया पूरी करें। KYC की प्रक्रिया कई बैंकों में ऑनलाइन भी उपलब्ध है। इसके अलावा आपने अपने अकाउंट में न्यूनतम बैलेंस जरूर रखें और साथ ही समय समय पर ट्रांजेक्शन करते रहें। इससे आपका अकाउंट सक्रिय रहेगा और बंद नहीं होगा। -
नई दिल्ली। चीनी मोबाइल फोन निर्माता कंपनी OnePlus अपने ‘फ्लैगशिप किलर’ स्मार्टफोन OnePlus 13 और OnePlus 13R को लॉन्च करने के लिए पूरी तरह तैयार है। OnePlus 13 सीरीज में OnePlus 13, OnePlus 13R और एक OnePlus Watch 3 मार्केट में आने वाला है। कंपनी को उम्मीद है कि यह फोन साल 2025 में भारत में प्रीमियम मिड-रेंज सेगमेंट में सबसे ज्यादा मांग वाला डिवाइस बन सकता है।
OnePlus 13 और OnePlus 13R में क्या मिल सकता है?OnePlus 13 सीरीज में 6.78-इंच 8T LTPO AMOLED डिस्प्ले होगा, जिसमें 4,500 निट्स पीक ब्राइटनेस और 2,160Hz PWM डिमिंग है। यह गेमिंग और मल्टीमीडिया के शौकीनों के लिए शानदार विजुअल और शानदार परफॉर्मेंस देगा। फोन में ऊपर की तरफ ओप्पो क्रिस्टल शील्ड ग्लास प्रोटेक्शन दिया गया है। इस फोन में Qualcomm Snapdragon 8 Gen 3 प्रोसेसर दिया गया है, जिसे एड्रेनो 750 GPU के साथ जोड़ा गया है। यह 16GB तक LPDDR5X RAM और 1TB तक UFS 4.0 स्टोरेज के सपोर्ट के साथ आ सकता है। इसके अलावा इसमें गोरिल्ला ग्लास विक्टस 2 प्रोटेक्शन दिया जा सकता है, जो इसे खरोंच और गिरने के बाद टूटने से बचाएगा।इस फोन में 50MP सोनी IMX906 प्राइमरी सेंसर, 8MP अल्ट्रा-वाइड एंगल लेंस और 2MP मैक्रो लेंस के साथ ट्रिपल कैमरा सेटअप है। OnePlus 13 में 16MP का सेल्फी कैमरा दिया गया है। इसका अलावा इसमें इन-डिस्प्ले फिंगरप्रिंट सेंसर दिया जा सकता है।जहां तक इसके प्रोसेसर की बात करें तो OnePlus 13 को Android 15 के सबसे लेटेस्ट OxygenOS 15 के साथ उतारा जा रहा है। इसके अलावा इसमें 6000 mAh की पावरफुल बैटरी दी गई है। उम्मीद जताई जा रही है कि यह फोन 100W की फास्ट चार्रिंग वायर और 50W की वायरलैस चार्जिंग के साथ बाजार में आएगा।क्या हो सकती है OnePlus 13 की कीमत?OnePlus 13 की कीमत नए Snapdragon 8 Gen 3 प्रोसेसर और अन्य अपग्रेड के कारण अपने पिछले मॉडल की तुलना में थोड़ी अधिक होने की संभावना है। यह देखना दिलचस्प होगा कि ओप्पो सब-ब्रांड OnePlus 13 की कीमत 40,000 रुपये के आसपास रहता है या नहीं। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि OnePlus 13 कीमत भारत में 60,000 रुपये से 70,000 रुपये के बीच हो सकती है, जिसमें दो वैरिएंट पेश किए जाएंगे: 12GB रैम के साथ 256GB स्टोरेज और 16GB रैम के साथ 512GB स्टोरेज। हालांकि, इस रहस्य से पर्दा 7 जनवरी को आधिकारिक लॉन्च के बाद ही पता चलेगा। - नयी दिल्ली,। सुविधाजनक कार्यस्थलों की बढ़ती मांग के बीच अपने कारोबार को बढ़ाने के लिए साझा कार्यस्थल परिचालकों ने 2024 के दौरान श्रेणी-ए के 1.25 करोड़ वर्ग फुट स्थान किराए पर लिया। कोलियर्स इंडिया ने बताया कि यह आंकड़ा सालाना आधार पर 44 प्रतिशत अधिक है।इन परिचालकों ने कॉरपोरेट ग्राहकों को आगे किराये पर देने के लिए 2023 में 87 लाख वर्ग फुट कार्यालय स्थान लिया था। कुल सकल कार्यालय स्थान पट्टे में साझा कार्यस्थल परिचालकों की हिस्सेदारी लगभग 20 प्रतिशत थी। इन आकंड़ों पर टिप्पणी करते हुए, बीएचआईवीई वर्कस्पेस के संस्थापक और सीईओ शेष राव पापलीकर ने कहा, ''2025 में साझा कार्यस्थल और प्रबंधित कार्यालय स्थान की मांग में उछाल आने वाला है। ऐसा इसलिए है क्योंकि व्यवसाय तेजी, लागत-दक्षता और कर्मचारियों के अनुकूल कार्यस्थल समाधानों को प्राथमिकता देना जारी रखेंगे।''
- महाकुम्भ नगर,। ऑनलाइन भुगतान कंपनियां भी भव्य महाकुम्भ के प्रचार में जुट गई हैं। इसकी झलक उनके बारकोड स्कैनर में दिखाई दे रही है। पेटीएम समेत कई कंपनियों ने दुकानदारों को नए बारकोड स्कैनर वितरित किए हैं, जिसमें भव्य महाकुम्भ की ब्रांडिंग की गई है। मेला क्षेत्र में चाय-नाश्ते की दुकान चला रहे शिवपूजन पटेल ने बताया कि उनके स्कैनर में बारकोड के ऊपर बड़े अक्षरों में भव्य महाकुम्भ लिखा हुआ है। स्कैनर में शंख बजाते साधु, मंदिर, स्नान करती महिला, टेंट, संगम, गंगा में तैरते दीप, पांटून ब्रिज, बोट, और सेल्फी लेते श्रद्धालुओं को दिखाया गया है। उन्होंने कहा कि इससे ग्राहकों को महाकुम्भ में आने का एहसास होता है।इसके साथ ही मेला क्षेत्र में नए वर्ष की पूर्व संध्या पर लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा है और लोग अलग अलग स्थानों पर सेल्फी लेकर और वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर साझा कर रहे हैं। दारागंज घाट पर मौजूद विवेक दूबे का कहना है कि महाकुम्भ लोगों का स्टेटस सिंबल बन गया है और बच्चे हों, पुरुष हों या फिर महिलाएं, सभी महाकुम्भ से जुड़ी रील और वीडियो तेजी से सोशल मीडिया ऐप पर साझा कर रहे हैं। महाकुम्भ को दिव्य और भव्य बनाने की दिशा में दारागंज पर बने पक्के घाट, पांटून पुल, मेला क्षेत्र में रोशनी की चकाचौंध आदि ने लोगों को फोटो और वीडियो बनाने का शानदार शूटिंग स्थल प्रदान किया है। सोशल मीडिया पर सक्रिय सामान्य लोग हों या फिर प्रभाव रखने वाले लोग, सभी मेला क्षेत्र के इस सौंदर्य को अपने कैमरों में कैद कर रहे हैं और सोशल मीडिया पर साझा कर रहे हैं। वॉट्सएप स्टेटस से लेकर एक्स, इंस्टाग्राम और फेसबुक रील्स पर महाकुम्भ सबसे ज्यादा लोकप्रिय हो रहा है। महाकुम्भ मेले में स्नान का पर्व करीब आते देख लोग तरह तरह के ऑडियो और वीडियो अपने सोशल मीडिया पर डाल रहे हैं। सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर्स के अनुसार इस समय लोग महाकुम्भ की इमेज, ऑडियो और वीडियो को काफी पसंद कर रहे हैं। उनके मुताबिक, यहां जो तैयारियां चल रही हैं वह वाकई बहुत अद्भुत हैं तथा इसकी वजह से हर कोई महाकुम्भ के विषय में अधिक से अधिक जानना और सुनना चाहता है।
- नयी दिल्ली। सुरक्षित निवेश के रूप में सोने का भाव नये साल में भी रिकॉर्ड तोड़ता रहेगा और यह 85,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है। भू-राजनीतिक तनाव तथा वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच घरेलू बाजार में यह 90,000 रुपये के स्तर तक भी जा सकता है। मौद्रिक नीति में नरम रुख तथा केंद्रीय बैंकों की खरीद से भी इसके भाव बढ़ेंगे। हालांकि भू-राजनीतिक संकट कम होने पर रुपये में गिरावट थमेगी जिससे सोने की कीमत में भी नरमी आ सकती है। वर्तमान में हाजिर बाजार में सोने का भाव 79,350 रुपये प्रति 10 ग्राम और मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर वायदा कारोबार में 76,600 रुपये प्रति 10 ग्राम पर चल रहा है।सोने की कीमत इस साल 30 अक्टूबर को 82,400 रुपये प्रति 10 ग्राम के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गई थी। चांदी भी पीछे नहीं रही और यह एक लाख रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर को पार कर गई। वैश्विक स्तर पर कॉमेक्स सोना वायदा ने वर्ष की शुरुआत करीब 2,062 डॉलर प्रति औंस पर की और 31 अक्टूबर को 2,790 डॉलर प्रति औंस के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। विशेषज्ञों का मानना है कि भू-राजनीतिक तनाव, केंद्रीय बैंक की खरीद और प्रमुख केंद्रीय बैंकों द्वारा ब्याज दरों में कमी की ओर रुख करने से 2025 में भी सोने की कीमत रिकॉर्ड बनाती रहेगी। एलकेपी सिक्योरिटीज के उपाध्यक्ष अनुसंधान विश्लेषक (जिसं एवं मुद्रा) जतिन त्रिवेदी ने बताया कि 2025 में सोने का परिदृश्य सकारात्मक बना हुआ है, हालांकि 2024 की तुलना में वृद्धि की गति धीमी हो सकती है। उन्होंने कहा, ‘‘घरेलू स्तर पर सोने की कीमतें 85,000 रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है, जबकि सर्वोत्तम स्थिति में यह 90,000 रुपये तक पहुंच सकती है। यदि भू-राजनीतिक तनाव जारी रहता है या बढ़ता है तो चांदी की कीमतें मामूली बढ़त के साथ 1.1 लाख रुपये तक या यह 1.25 लाख रुपये तक भी पहुंच सकती हैं।'' त्रिवेदी ने कहा कि ब्याज दर चक्र भी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि कम ब्याज दरों की ओर वैश्विक बदलाव से बाजारों में नगदी आएगी और अमेरिकी डॉलर कमजोर होगा, जिससे सोने की कीमतों को बढ़ावा मिलेगा। हालांकि, कॉमट्रेंड्ज रिसर्च के सह-संस्थापक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी ज्ञानशेखर त्यागराजन ने कहा कि सोने की कीमतें गति बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रही हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ बाजार प्रतिभागी अब अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शुल्कों को लेकर उठाए जाने वाले कदमों, आर्थिक नीतियों तथा मुद्रास्फीति को दो प्रतिशत तक लाने के फेडरल के आदेश पर उनके संभावित प्रभाव को ध्यान में रख रहे हैं...'' उन्होंने कहा कि 2025 की पहली छमाही में सोने के लिए मंदी का पूर्वानुमान है, तथा इसके 2,455 अमेरिकी डॉलर (एमसीएक्स: 73,000-73,500) तक पहुंचने के आसार हैं। मेहता इक्विटीज लिमिटेड के कमोडिटीज के उपाध्यक्ष राहुल कलंत्री ने कहा, ‘‘ 2024 में सोने के आभूषणों की खपत में 17 प्रतिशत की वृद्धि होगी, जो मुख्य रूप से सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव के साथ-साथ त्योहारी तथा शादी-विवाह से संबंधित मांग के कारण होगी। इसके अलावा जुलाई 2024 के केंद्रीय बजट में आयात शुल्क में 900 आधार अंकों की तीव्र कटौती की घोषणा से आभूषण, बार और सिक्कों की मांग में तेजी आई है।''
- नयी दिल्ली. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने रजत वर्मा को डीबीएस बैंक इंडिया का नया मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) नियुक्त करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। डीबीएस बैंक इंडिया ने सोमवार को बयान में कहा कि वर्मा, सुरोजित शोम का स्थान लेंगे, जो 28 फरवरी, 2025 को सेवानिवृत्त होंगे। वर्मा इस समय संस्थागत बैंकिंग समूह (आईबीजी) के प्रमुख हैं। वर्मा के पास उपभोक्ता और कॉरपोरेट बैंकिंग में 27 साल का अनुभव है। वह जून, 2023 में आईबीजी के प्रमुख बने और इसके बाद उन्होंने सभी ग्राहक खंड में कारोबार को काफी बढ़ाया। l
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नयी दिल्ली. कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, चालू रबी (सर्दियों) मौसम में गेहूं की बुवाई का रकबा 2.15 प्रतिशत बढ़कर 319.74 लाख हेक्टेयर हो गया है, जबकि तिलहन का रकबा 5.14 प्रतिशत घटकर 96.15 लाख हेक्टेयर रह गया है। गेहूं, सर्दियों की मुख्य फसल है, जिसे आमतौर पर नवंबर से बोया जाता है और मार्च और अप्रैल के बीच काटा जाता है। सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, इस रबी सत्र में 30 दिसंबर तक दलहन का रकबा 136.13 लाख हेक्टेयर पर लगभग अपरिवर्तित रहा, जिसमें चना 93.98 लाख हेक्टेयर में और मसूर 17.43 लाख हेक्टेयर में बोया गया है। मोटे अनाज की बुवाई 47.77 लाख हेक्टेयर से थोड़ी बढ़कर 48.55 लाख हेक्टेयर हो गई है।
हालांकि, तिलहन की बुवाई पिछले वर्ष के 101.37 लाख हेक्टेयर की तुलना में घटकर 96.15 लाख हेक्टेयर रह गयी है। रैपसीड-सरसों तिलहन खेती का रकबा 93.73 लाख हेक्टेयर से घटकर 88.50 लाख हेक्टेयर रह गया, जबकि मूंगफली तिलहन खेती का रकबा पिछले वर्ष के स्तर 3.32 लाख हेक्टेयर पर ही स्थिर बना रहा।
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मुंबई. बैंकों की संपत्ति की गुणवत्ता में सुधार जारी है और उनकी सकल गैर-निष्पादित आस्तियां (जीएनपीए) या खराब ऋण अनुपात सितंबर, 2024 में घटकर 12 साल के निचले स्तर 2.6 प्रतिशत पर आ गया। भारतीय रिजर्व बैंक ने सोमवार को यह जानकारी दी। केंद्रीय बैंक ने कहा कि कर्ज चुकाने में चूक की कमी और स्थिर ऋण मांग के चलते ऐसा हुआ। आरबीआई ने ऋण को बट्टे खाते में डालने में तेज वृद्धि पर भी चिंता जताई। खासकर निजी क्षेत्र के बैंकों (पीवीबी) के बीच ऐसा देखा जा रहा है। इससे बिना गारंटी वाले ऋण खंड में बिगड़ती संपत्ति गुणवत्ता को छुपाया जा सकता है। आरबीआई की वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (एफएसआर) के दिसंबर, 2024 अंक के अनुसार, शुद्ध एनपीए अनुपात लगभग 0.6 प्रतिशत था। रिपोर्ट भारतीय वित्तीय प्रणाली की जुझारू क्षमता और वित्तीय स्थिरता के जोखिमों पर वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद (एफएसडीसी) की उप-समिति के सामूहिक मूल्यांकन को दर्शाती है। रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘कर्ज चूक की कमी, बट्टे खाते में बढ़ोतरी और स्थिर ऋण मांग के चलते 37 अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी) का सकल गैर-निष्पादित आस्तियां (जीएनपीए) अनुपात 2.6 प्रतिशत के निचले स्तर पर आ गया।'' रिपोर्ट के मुताबिक, असुरक्षित ऋण के चूक में खुदरा ऋण पोर्टफोलियो की अहम हिस्सेदारी रही। एससीबी की परिसंपत्ति गुणवत्ता में सुधार का आधार व्यापक था और यह सभी क्षेत्रों तथा सभी बैंक समूहों में देखा गया।
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नयी दिल्ली. अदाणी समूह की बीएसई में सूचीबद्ध सात कंपनियों के शेयरों में सोमवार को तेजी रही। शेयर बाजार में कमजोर रुख के बावजूद बीएसई पर अदाणी टोटल गैस का शेयर 11.20 प्रतिशत चढ़ा। अदाणी एंटरप्राइजेज के शेयर में 7.65 प्रतिशत, अदाणी पावर में 6.46 प्रतिशत, अदाणी एनर्जी सॉल्यूशंस में 2.46 प्रतिशत, अदाणी ग्रीन एनर्जी में 2.31 प्रतिशत, एनडीटीवी में 0.28 प्रतिशत और सांघी इंडस्ट्रीज में 0.05 प्रतिशत की तेजी रही। हालांकि, अदाणी पोर्ट्स के शेयर में 0.93 प्रतिशत, अंबुजा सीमेंट्स में 0.55 प्रतिशत, अदाणी विल्मर में 0.17 प्रतिशत और एसीसी में 0.05 प्रतिशत की गिरावट आई। उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में 30 शेयर पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 450.94 अंक यानी 0.57 प्रतिशत की गिरावट के साथ 78,248.13 अंक पर बंद हुआ। एनएसई निफ्टी 168.50 अंक या 0.71 प्रतिशत फिसलकर 23,644.90 अंक पर रहा। अदाणी समूह ने सोमवार को अपनी संयुक्त उद्यम कंपनी अदाणी विल्मर से बाहर निकलने की घोषणा की। उद्योगपति गौतम अदाणी की अगुवाई वाला समूह अपनी पूरी हिस्सेदारी सिंगापुर की भागीदार कंपनी विल्मर इंटरनेशनल और खुले बाजार में दो अरब डॉलर से अधिक में बेच रहा है। अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड ने बयान में कहा, वह 31.06 प्रतिशत हिस्सेदारी विल्मर इंटरनेशनल को बेचेगी। साथ ही न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता जरूरतों को पूरा करने के लिए लगभग 13 प्रतिशत हिस्सेदारी खुले बाजार में बेचेगी। संयुक्त उद्यम में अदाणी विल्मर की हिस्सेदारी 43.94 प्रतिशत है। समूह 31.06 प्रतिशत हिस्सेदारी विल्मर को 12,314 करोड़ रुपये (305 रुपये प्रति शेयर के भाव पर) पर बेचेगा। इसके अलावा बिक्री पेशकश के तहत शेष हिस्सेदारी बेची जाएगी। कुल सौदा राशि दो अरब डॉलर (करीब 17,100 करोड़ रुपये) से अधिक होगी। सौदा 31 मार्च 2025 से पहले पूरा होने की संभावना है। हिस्सेदारी बिक्री से प्राप्त राशि का इस्तेमाल मुख्य बुनियादी ढांचा कारोबार में अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (एईएल) की वृद्धि को गति देने के लिए किया जाएगा।
- मुंबई। भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूती और स्थिरता का प्रदर्शन कर रही है तथा चालू वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 6.6 प्रतिशत रहने का अनुमान है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की एक रिपोर्ट में सोमवार को यह अनुमान जताया गया। केंद्रीय बैंक ने कहा कि अर्थव्यवस्था को ग्रामीण खपत में सुधार, सरकारी खपत और निवेश में तेजी तथा मजबूत सेवा निर्यात से समर्थन मिला है। रिजर्व बैंक ने वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (एफएसआर) का दिसंबर, 2024 का अंक जारी किया है। रिपोर्ट भारतीय वित्तीय प्रणाली की जुझारू क्षमता और वित्तीय स्थिरता के जोखिमों पर वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद (एफएसडीसी) की उप-समिति के सामूहिक मूल्यांकन को दर्शाती है। इसमें कहा गया, ‘‘अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (एससीबी) मुनाफा बढ़ने, गैर-निष्पादित आस्तियों में कमी, पर्याप्त पूंजी और नकदी भंडार के कारण अच्छी स्थिति में हैं। परिसंपत्तियों पर प्रतिफल (आरओए) और इक्विटी पर प्रतिफल (आरओई) दशक के उच्चतम स्तर पर हैं, जबकि सकल गैर-निष्पादित आस्ति (जीएनपीए) अनुपात कई साल के निचले स्तर पर आ गया है।'' रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि व्यापक दबाव परीक्षण से पता चलता है कि अधिकांश एससीबी के पास प्रतिकूल स्थिति में पर्याप्त मात्रा में अतिरिक्त पूंजी है। एफएसआर में अर्थव्यवस्था के बारे में कहा गया कि 2024-25 की पहली छमाही के दौरान सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि घटकर छह प्रतिशत पर आ गई, जो 2023-24 की पहली और दूसरी छमाही में क्रमशः 8.2 प्रतिशत और 8.1 प्रतिशत थी। आरबीआई ने कहा, ‘‘इस हालिया सुस्ती के बावजूद संरचनात्मक वृद्धि चालक बरकरार हैं। घरेलू चालक, मुख्य रूप से सार्वजनिक खपत और निवेश तथा मजबूत सेवा निर्यात के कारण 2024-25 की तीसरी और चौथी तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर में सुधार होने की उम्मीद है।'' रिपोर्ट में मुद्रास्फीति के बारे में कहा गया कि बंपर खरीफ फसल और रबी फसल के चलते आगे चलकर खाद्यान्न कीमतों में नरमी आने की उम्मीद है। हालांकि, चरम मौसम की घटनाओं के बढ़ते रुझानों के कारण जोखिम बने हुए हैं। भू-राजनीतिक संघर्ष वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला और जिंस कीमतों पर दबाव डाल सकते हैं।
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नयी दिल्ली. बढ़ते आयात से बुरी तरह प्रभावित भारतीय इस्पात उद्योग 2025 में अपने हितों की रक्षा के लिए नीतिगत पहलों पर उत्सुकता से नजर रखेगा। इस्पात उद्योग कच्चे माल की अस्थिर कीमतों के बीच 30 करोड़ टन क्षमता के लक्ष्य की ओर आगे बढ़ रहा है। उद्योग के सामने एक और चुनौती स्वच्छ विनिर्माण प्रक्रियाओं में बदलाव के प्रयासों में तेजी लाने की होगी, क्योंकि सरकार हरित इस्पात उत्पादन को बढ़ावा दे रही है, तथा वैश्विक स्तर पर कठिन क्षेत्रों में ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कटौती करने पर जोर दिया जा रहा है। सरकारी हस्तक्षेप आवश्यक होगा, क्योंकि भारतीय इस्पात उद्योग 2030 तक 30 करोड़ टन प्रति वर्ष की विनिर्माण क्षमता बनाने के लिए विस्तार कर रहा है और लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए शेष 12 करोड़ टन क्षमता को जोड़ने के लिए लगभग 10 लाख करोड़ रुपये के निवेश की आवश्यकता होगी। इस्पात मंत्रालय के अनुसार, भारत इस्पात का शुद्ध आयातक बना रहा, तथा वित्त वर्ष 2025 के अप्रैल-सितंबर में आयात, निर्यात से काफी अधिक रहा। अप्रैल-सितंबर 2024 की अवधि में आयात पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के 33.3 लाख टन से 41 प्रतिशत बढ़कर 47 लाख टन हो गया। आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि इस साल अप्रैल-सितंबर में निर्यात 36 लाख टन से 36 प्रतिशत घटकर 23.1 लाख टन रह गया। आयात के संबंध में मंत्रालय ने कहा कि उद्योग जगत द्वारा चीन से सीधे या वियतनाम जैसे देशों के माध्यम से होने वाले सस्ते आयात के खिलाफ संरक्षण की मांग बढ़ रही है। वैश्विक रुझान घरेलू उद्योगों की सुरक्षा के लिए किए जा रहे प्रयासों को भी दर्शाता है। यूरोपीय संघ ने पहले ही ‘कोल्ड' और ‘हॉट' रोल्ड स्टेनलेस स्टील पर डंपिंग-रोधी शुल्क लगा दिया है, जबकि ब्राजील, मैक्सिको और अमेरिका ने भी अपने घरेलू बाजारों की सुरक्षा के लिए शुल्क लागू किए हैं। दो दिसंबर को वाणिज्य विभाग के साथ बैठक में इस्पात मंत्रालय ने देश में आयातित कुछ इस्पात उत्पादों पर 25 प्रतिशत सुरक्षा शुल्क लगाने का प्रस्ताव रखा। बैठक में इस्पात मंत्री एचडी कुमारस्वामी और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल मौजूद थे। वाणिज्य मंत्रालय के अंतर्गत व्यापार उपचार महानिदेशालय (डीजीटीआर) ने भी शीर्ष उद्योग निकाय भारतीय इस्पात संघ (आईएसए) की शिकायत के बाद देश में कुछ इस्पात फ्लैट उत्पादों के आयात में कथित वृद्धि की जांच शुरू की है, जिसके सदस्यों में टाटा स्टील, जेएसडब्ल्यू स्टील, एएमएनएस इंडिया, जिंदल स्टील एंड पावर और राज्य के स्वामित्व वाली स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) शामिल हैं।
- नयी दिल्ली |देश की निजी दूरसंचार कंपनियों को नए साल में निवेश वसूली में दोहरी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। एक तो शुल्क वृद्धि के बाद ग्राहक उनके नेटवर्क को छोड़ रहे हैं और उपग्रह कंपनियां (सैटकॉम), मुख्य रूप से एलन मस्क की स्टारलिंक उनके मुख्य डेटा कारोबार पर नजर गड़ाए हुए हैं। निजी कंपनियों ने अगली पीढ़ी की 5जी सेवाओं के कवरेज का विस्तार करने के लिए इस साल दूरसंचार बुनियादी ढांचे और रेडियोवेव परिसंपत्तियों में लगभग 70,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है, जो इस क्षेत्र के लिए 2024 की मुख्य विशेषताओं में से एक है। निवेश की वसूली और मार्जिन की रक्षा के लिए, निजी दूरसंचार कंपनियों ने साल के बीच शुल्क बढ़ोतरी का सहारा लिया, लेकिन यह कदम उल्टा पड़ गया। करीब दो करोड़ ग्राहकों ने अपने कनेक्शन खो दिए।रिलायंस जियो, भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने संयुक्त रूप से 10-26 फीसदी की कीमत वृद्धि के कारण 2.6 करोड़ ग्राहक खो दिए। सरकारी कंपनी बीएसएनएल ने कीमतों में बढ़ोतरी नहीं की। घाटे में चल रही यह सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी अभी भी पुरानी 3जी सेवा दे रही है और देश भर में 4जी नेटवर्क शुरू करने की राह पर है। ग्राहकों की संख्या में कमी के बावजूद, निजी कंपनियों को निवेश की भरपाई करने तथा भविष्य में वृद्धि को गति देने के लिए नए युग की सेवाएं प्रदान करने हेतु 5जी में अधिक निवेश करने की आवश्यकता है। ईवाई इंडिया मार्केट्स और दूरसंचार क्षेत्र के दिग्गज प्रशांत सिंघल के अनुसार, रिलायंस जियो, भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया का संचयी निवेश 2024 में लगभग 70,200 करोड़ रुपये था।डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोवाइडर्स एसोसिएशन (डीआईपीए) के महानिदेशक मनोज कुमार सिंह का कहना है कि दूरसंचार बुनियादी ढांचा क्षेत्र 5जी पारिस्थितिकी तंत्र को समर्थन देने के लिए 2022-2027 में 92,100 करोड़ रुपये से 1.41 लाख करोड़ रुपये के संचयी निवेश की उम्मीद कर रहा है। केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी शुल्क वृद्धि के मुद्दे पर दूरसंचार कंपनियों का समर्थन किया और नेटवर्क में कंपनियों द्वारा किए गए निवेश का हवाला दिया। साल 2024 में 5जी सेवाओं की शुरुआत ने कृत्रिम मेधा (एआई) जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों को अपनाने का मार्ग प्रशस्त किया है, जिसमें वृद्धि की अपार संभावनाएं हैं। इंडस टावर्स और अमेरिकन टावर कॉरपोरेशन की सदस्यता वाले डीआईपीए का कहना है, “5जी की तैनाती एक बड़ा परिवर्तनकारी कदम है। हमने 5जी बेस ट्रांसीवर स्टेशनों में उल्लेखनीय वृद्धि देखी है, जो दिसंबर, 2023 में 412,214 से बढ़कर नवंबर, 2024 तक 462,854 हो गई है।"
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नई दिल्ली।। देश में 2023-24 में अब तक का सबसे अधिक कोयला उत्पादन हुआ है। वर्ष 2023-24 में कोयला उत्पादन वर्ष 2022-23 में 893.191 मिलियन टन की तुलना में 997.826 मिलियन टन हुआ, जो कि लगभग 11.71 प्रतिशत अधिक है। कोयला मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि देश ने इस महीने की 15 तारीख तक लगभग 963.11 मीट्रिक टन कोयले की आपूर्ति की है।मंत्रालय ने कहा है कि ‘आत्मनिर्भर भारत’ के तहत परिवर्तनकारी उपायों के साथ, घरेलू कच्चे कोकिंग कोल का उत्पादन अगले पांच वर्षों में 140 मीट्रिक टन तक पहुंचने की संभावना है।
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नई दिल्ली। जापानी ऑटोमेकर सुजुकी मोटर कॉर्पोरेशन को ऑटोमोबाइल सेक्टर का पावरहाउस बनाने और कंपनी को भारत में पहचाने दिलाने वाले दिग्गज ओसामु सुजुकी का 94 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उन्होंने सुजुकी मोटर का चार दशकों से अधिक समय तक नेतृत्व किया था। कंपनी ने एक बयान में उनके निधन की पुष्टि की और बताया कि क्रिसमस के दिन यानी 25 दिसंबर को लिंफोमा के कारण उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया।
ओसामु सुजुकी पेशे से एक बैंकर थे। उन्होंने 1958 में अपने दादा द्वारा स्थापित कंपनी ज्वाइन की और दो दशकों में सफलता की सीढ़ियां चढ़ते हुए अध्यक्ष बन गए। 1970 के दशक में, उन्होंने कंपनी को तबाह होने से बचाया, जब उन्होंने टोयोटा मोटर को नई उत्सर्जन नियमों का पालन करने वाले इंजन सप्लाई करने के लिए मना लिया। इसके बाद 1979 में ऑल्टो मिनी वाहन के लॉन्च के साथ बड़ी सफलता मिली। यह वाहन जबरदस्त हिट हुआ और 1981 में जनरल मोटर्स के साथ साझेदारी करते समय कंपनी की सौदेबाजी की ताकत को मजबूत किया।




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