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नई दिल्ली। ई-कॉमर्स दिग्गज अमेजन जल्द ही अपना पिटारा खोलने वाली है। कंपनी ने मंगलवार को अपनी सालाना सेल ‘प्राइम डे’ की तारीखों का ऐलान किया। अमेजन प्राइम-डे सेल इस बार 20 जुलाई से शुरू हो रही है। दो दिन तक चलने वाले इस सेल में कंपनी 450 से ज्यादा ब्रांडों के हजारों नए प्रोडक्ट लॉन्च करेगी।
इन ब्रांडों में इंटेल, वनप्लस, सैमसंग, बजाज, सोनी, मोटोरोला, बोट, एचपी, अमेरिकन टूरिस्टर, लापो, चेतक, बोरोसिल, रिवरसॉफ्ट, येल, एडिडास, क्रॉक्स, मामाअर्थ और एचयूएल जैसे ब्रांड शामिल हैं।अमेजन की तरफ से यह आठवां प्राइम-डे सेल होने वाला है। भारत में इस बार अमेजन प्राइम-डे सेल 20 जुलाई को रात 12:00 बजे से शुरू होकर 21 जुलाई को रात 11:59 बजे तक लाइव रहेगी। दो दिन चलने वाले इस सेल में ई-कॉमर्स दिग्गज अपने प्राइम मेंबर्स के लिए रियायती दरों पर इलेक्ट्रॉनिक्स, फैशन और सौंदर्य, किराने का सामान, अमेजन डिवाइस और फर्नीचर समेत अन्य कई श्रेणियों में प्रोडक्ट लॉन्च करेगी।प्राइम मेंबर्स को मिलेगी उसी दिन या अगले दिन डिलीवरीअमेजन प्राइम में डिलीवरी और रिटर्न एक्सपीरियंस, भारत और उभरते बाजारों के निदेशक और प्रमुख अक्षय साही ने कहा, “हम प्राइम मेंबर्स को दो दिनों के शानदार बचत वाली डील में, 450 से ज्यादा ब्रांडों के हजारों नए प्रोडक्ट लॉन्च, ब्लॉकबस्टर मनोरंजन और बहुत कुछ प्रदान करने के लिए उत्साहित हैं। इतना ही नहीं, पूरे देश से ऑर्डर करने वाले प्राइम मेंबर्स लाखों प्रोडक्ट्स की उसी दिन या अगले दिन डिलीवरी का आनंद ले सकेंगे।” ई-कॉमर्स दिग्गज ने 2017 में भारत में प्राइम डे की शुरुआत की थी जिसमें 100 प्रोडक्ट लॉन्च किए गए थे। पिछले वर्ष, कंपनी ने 45,000 से अधिक ऐसे लॉन्च की घोषणा की थी, जो 2022 में 30,000 से बढ़कर थे।ICICI बैंक के क्रेडिट कार्ड पर मिलेंगे स्पेशल ऑफरइस इवेंट से नई अमेजन प्राइम मेंबरशिप को भी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। अमेजन प्राइम एक सब्सक्रिप्शन मेंबरशिप प्लान है जो अपने ग्राहकों को प्रीमियम सेवाएं प्रदान करती है। भारत में, प्राइम मेंबर्स को 4,000,000 से ज्यादा उत्पादों पर एक दिन में मुफ्त डिलीवरी मिलती है। इतना ही नहीं इस सेल की सहयोगी ICICI बैंक के क्रेडिट कार्ड का उपयोग करके सभी खरीद पर अनलिमिटेड 5 प्रतिशत कैशबैक और अन्य लाभ मिलते हैं।अमेजन प्राइम-डे सेल से छोटे और मध्यम व्यवसायों को मिलेगा बढ़ावाइस प्राइम डे सेल पर, अमेजन ने कहा कि वह छोटे और मध्यम व्यवसायों (SMBs) का समर्थन करना जारी रखेगा और लाखों विक्रेताओं, निर्माताओं, स्टार्ट-अप और ब्रांडों, महिला उद्यमियों, कारीगरों, बुनकरों और स्थानीय दुकानों से प्राइम मेंबर्स के उत्पादों की पेशकश करेगा। SMB इन उत्पादों को अमेजन कार्यक्रमों जैसे लॉन्चपैड, कारीगर, सहेली और स्थानीय दुकानों के तहत भारी छूट पर लॉन्च करेंगे।प्राइम वीडियो पर लॉन्च होगी 14 ऑरिजिनल सीरीजइस अवसर पर, कंपनी की स्ट्रीमिंग सर्विस प्राइम वीडियो पांच भाषाओं में 14 ऑरिजिनल सीरीज और फिल्मों की भी घोषणा करेगी। अमेजन ने कहा, इनमें पुरस्कार विजेता मेगा सीरीज मिर्ज़ापुर सीजन 3 (हिंदी) और हाल ही में रिलीज हुई ग्लोबल सनसनी द बॉयज़ सीजन 4 (अंग्रेजी) शामिल हैं। -
नई दिल्ली। जून महीने में कुल वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) प्राप्तियां 7.7 फीसदी बढ़कर 1.74 लाख करोड़ रुपये रही। हालांकि अप्रैल और मई की तुलना में जीएसटी संग्रह की सालाना वृद्धि में थोड़ी कमी आई है। अप्रैल में जीएसटी संग्रह 12.4 फीसदी और मई में 10 फीसदी बढ़ा था। जून में मई की तुलना में भी जीएसटी संग्रह की वृद्धि सपाट रही। मई में 1.73 लाख करोड़ रुपये का जीएसटी मिला था और अप्रैल 2023 में सबसे ज्यादा 1.87 लाख करोड़ रुपये जीएसटी संग्रह हुआ था।
सूत्रों के अनुसार चालू वित्त वर्ष में सरकार को जीएसटी से अभी तक कुल 5.57 लाख करोड़ रुपये मिल चुके हैं।एक अधिकारी ने कहा, ‘जीएसटी संग्रह की वृद्धि पिछले महीनों की तरह नहीं रही और इसके पीछे कई कारण हैं। मगर जीएसटी प्राप्तियों में आने वाले महीनों में भी बढ़ोतरी जारी रहेगी और सकल जीएसटी संग्रह 1.6 लाख करोड़ रुपये से ऊपर बना रह सकता है।’केंद्रीय जीएसटी और राज्य जीएसटी संग्रह के आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं। लेकिन समझा जाता है कि कुल 1.74 लाख करोड़ रुपये के जीएसटी संग्रह में केंद्रीय जीएसटी 39,586 करोड़ रुपये और राज्य जीएसटी प्राप्तियां 33,548 करोड़ रुपये रही।यह संयोग ही है कि जून महीने के जीएसटी संग्रह के आंकड़े इस नई कर व्यवस्था के देश में लागू होने की 7वीं वर्षगांठ पर आए हैं। वित्त मंत्रालय ने अब से कर संग्रह के विस्तृत आंकड़े जारी नहीं करने का निर्णय किया है।उक्त अधिकारी ने कहा, ‘जीएसटी व्यवस्था में व्यापक तौर पर स्थायित्व आया है और विस्तृत आंकड़े जारी नहीं करने के पीछे यह एक वजह रही होगी।’ -
नयी दिल्ली. सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एनटीपीसी का बिजली उत्पादन अप्रैल-जून तिमाही में सालाना आधार पर 9.5 प्रतिशत बढ़कर 113.87 अरब यूनिट रहा। कंपनी ने सोमवार को एक बयान में बताया कि एनटीपीसी के कोयला आधारित बिजलीघरों में औसत क्षमता उपयोग (प्लांट लोड फैक्टर- पीएलएफ) 79.5 प्रतिशत रहा। बिजली मंत्रालय के अंतर्गत आने वाली एनटीपीसी देश की कुल बिजली जरूरतों का 25 प्रतिशत हिस्सा पूरा करती है।
- नयी दिल्ली। भारत के विनिर्माण क्षेत्र का उत्पादन जून में तेज गति से बढ़ा है। अनुकूल मांग परिस्थितियों के बीच नए ठेके मिलने जारी रहे और इसके परिणामस्वरूप रोजगार में रिकॉर्ड वृद्धि हुई। सोमवार को जारी एक मासिक सर्वेक्षण में यह जानकारी दी गई। मौसमी रूप से समायोजित 'एचएसबीसी इंडिया विनिर्माण क्रय प्रबंधक सूचकांक' (पीएमआई) जून में बढ़कर 58.3 हो गया जो मई में 57.5 था। पीएमआई के तहत 50 से ऊपर सूचकांक होने का मतलब उत्पादन गतिविधियों में विस्तार है जबकि 50 से नीचे का आंकड़ा गिरावट को दर्शाता है। जून के आंकड़ों के अनुसार भारत में विनिर्माताओं की बिक्री में मजबूत वृद्धि मुख्य रूप से मजबूत अंतर्निहित मांग, उच्च निर्यात और सफल विज्ञापन के कारण हुई। नए ठेके मिलने में लगातार बढ़ोतरी के परिणामस्वरूप कंपनियों द्वारा भर्ती में तेजी आई। रोजगार सृजन की दर तेज हुई और मार्च 2005 में डेटा संग्रह शुरू होने के बाद से सबसे मजबूत रही। एचएसबीसी की वैश्विक अर्थशास्त्री मैत्रेयी दास ने कहा, ‘‘... कंपनियों ने 19 वर्षों में सबसे तेज गति से अपनी नियुक्तियां बढ़ाईं। जून में कच्चे माल की खरीद भी बढ़ी।'' इस बीच, जून में नए निर्यात ठेकों में काफी वृद्धि हुई। कंपनियों ने विदेशों से नए काम के आने का श्रेय एशिया, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, यूरोप और अमेरिका से बेहतर मांग को दिया। एचएसबीसी इंडिया विनिर्माण पीएमआई को एसएंडपी ग्लोबल ने करीब 400 कंपनियों के एक समूह में क्रय प्रबंधकों को भेजे गए सवालों के जवाबों के आधार पर तैयार किया है।
- नयी दिल्ली । सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एनटीपीसी का अप्रैल-जून तिमाही में कैप्टिव खदानों से कोयले का उत्पादन सालाना आधार पर 15 प्रतिशत बढ़कर 98.62 मीट्रिक लाख टन हो गया। कंपनी बयान के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 की पहली (अप्रैल-जून) तिमाही में कैप्टिव खदानों से कोयला आपूर्ति 17.15 प्रतिशत बढ़कर 101.94 लाख मीट्रिक टन रही। इसमें कहा गया, ‘‘ कोयला उत्पादन में निरंतर वृद्धि हासिल करने के लिए एनटीपीसी ने कई तरह की रणनीतियों को लागू किया तथा तथा प्रौद्योगिकियों का इस्तेमाल किया है। कोयला उत्पादन तथा आपूर्ति में यह उल्लेखनीय वृद्धि परिचालन उत्कृष्टता के प्रति एनटीपीसी की प्रतिबद्धता तथा भारत की ऊर्जा मांगों को पूरा करने में इसके योगदान का प्रमाण है।'' विद्युत मंत्रालय के अधीन एनटीपीसी भारत की सबसे बड़ी विद्युत उत्पादन कंपनी है।
- नयी दिल्ली। जापानी उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी सोनी को उम्मीद है कि भारत अगले दो वर्षों में उसके घरेलू बाजार से आगे निकल जाएगा और कंपनी के लिए वैश्विक स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा बाजार बन जाएगा।कंपनी को इस समय तक भारत में राजस्व 10,000 करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है।सोनी इंडिया के प्रबंध निदेशक (एमडी) सुनील नय्यर ने कहा कि कंपनी ने देश में 2022-23 में 6,353 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया है और वृद्धि को गति देने के लिए वह अपने ऑडियो (सुनने वाले उपकरण) और इमेजिंग (दिखाने वाले) उत्पादों के अलावा प्रीमियम टेलीविजन खंड पर दांव लगा रही है। उनके अनुसार, सोनी इंडिया गेमिंग खंड और इमेजिंग कारोबार की तेज वृद्धि पर भी बड़ा दांव लगा रही है।नय्यर ने कहा, “हमने बहुत लंबा सफ़र तय किया है। अगर मैं 10 साल पीछे जाऊं, तो हम (भारतीय कारोबार) दुनिया भर में काफी पीछे थे, लेकिन अब, हम दुनिया भर में चौथे नंबर पर हैं। इसका मतलब है कि कुछ सालों में, शायद हम तीसरे नंबर पर आ सकते हैं और भविष्य में शीर्ष तीन में बने रहेंगे।”वर्तमान में अमेरिका, चीन और जापान वैश्विक स्तर पर सोनी के लिए शीर्ष तीन बाजार हैं और इनके बाद भारत का स्थान है।
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नई दिल्ली। हर महीने की पहली तारीख को वित्तीय नियमों में बदलाव होते हैं, और 1 जुलाई 2024 से कई महत्वपूर्ण बदलाव लागू होने जा रहे हैं। जुलाई के महीने से इनकम टैक्स रिटर्न, बैंकिंग नियमों में बदलाव और फ्यूल प्राइस में संभावित वृद्धि जैसे कई नए नियम लागू होंगे। इसके अलावा, जुलाई में कई और नियमों में परिवर्तन होंगे, जिनका सीधा असर आम आदमी की जेब पर पड़ेगा।
LPG, CNG और PNG के दाम बढ़ सकते हैं1 जुलाई से LPG रसोई गैस सिलेंडर, CNG और PNG की कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है। हर महीने की पहली तारीख को LPG सिलेंडर के दाम तय होते हैं। पिछली बार 1 जून को सरकार ने कमर्शियल सिलेंडर के दाम घटाए थे। अब देखना होगा कि इस बार दाम बढ़ते हैं या घटते हैं।जुलाई में आम बजट पेश होने की उम्मीदमोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का बजट जुलाई के आखिरी सप्ताह में पेश किए जाने की संभावना है। रिपोर्टों के अनुसार, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 22 जुलाई को वित्त वर्ष 2024-25 के लिए आगामी यूनियन बजट पेश कर सकती हैं। निर्मला सीतारमण ने अब तक वित्त मंत्री के रूप में अपने पांच साल के कार्यकाल के दौरान छह बजट पेश किए हैं। यह उनका लगातार सातवां बजट होगा।महंगे होंगे जियो, एयरटेल और वोडाफोन आइडिया के रिचार्ज प्लानजियो, एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने अपने रिचार्ज प्लान महंगे कर दिए हैं। ये नए रिचार्ज प्लान 3 जुलाई से लागू होंगे। जियो का बेसिक प्लान 155 रुपये से बढ़ाकर 189 रुपये कर दिया गया है।महंगा होगा गाड़ी खरीदनाटाटा मोटर्स ने 1 जुलाई से अपने कमर्शियल वाहनों की कीमतों में 2% तक की बढ़ोतरी करने की घोषणा की है। यह बढ़ोतरी बढ़ती हुई लागतों को कवर करने के लिए की जा रही है। भारत की सबसे बड़ी वाहन निर्माता कंपनी टाटा मोटर्स ने इससे पहले मार्च में भी अपने कमर्शियल वाहनों की कीमतों में 2% तक का इजाफा किया था। कंपनी का कहना है कि यह बढ़ोतरी सभी प्रकार के कमर्शियल वाहनों पर लागू होगी, हालांकि अलग-अलग मॉडल और वैरिएंट के हिसाब से इसमें थोड़ा बहुत अंतर हो सकता है।इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की डेडलाइनआयकर विभाग ने वित्त वर्ष 2023-24 (आकलन वर्ष 2024-25) के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Returns) फाइल करने की अंतिम तारीख 31 जुलाई 2024 तय की है। आपके पास ज्यादा समय नहीं बचा है, इसलिए आखिरी दिन की हड़बड़ी से बचने के लिए अभी ही टैक्स फाइलिंग कर लें।अगर आप इस तारीख तक रिटर्न दाखिल नहीं कर पाते हैं, तो भी चिंता की बात नहीं है। आप 31 दिसंबर 2024 तक बिलेटेड रिटर्न दाखिल कर सकते हैं। लेकिन, इसे समय पर फाइल करने से पेनल्टी और अन्य समस्याओं से बचा जा सकता है।क्रेडिट कार्ड बिल पेमेंट के नए नियम1 जुलाई से भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के नए नियम लागू होंगे, जिनसे क्रेडिट कार्ड बिल पेमेंट में बदलाव होंगे। RBI ने निर्देश दिया है कि 1 जुलाई से सभी क्रेडिट कार्ड पेमेंट भारत बिल पेमेंट प्रणाली (BBPS) के माध्यम से किए जाने चाहिए। इससे फोनपे, क्रेड, बिलडेस्क और इंफीबीम एवेन्यूज जैसे प्रमुख फिनटेक प्लेटफॉर्म प्रभावित होंगे।जुलाई में 13 दिन बंद रहेंगे बैंकजुलाई में बैंक कुल 13 दिन बंद रहेंगे। इसमें रविवार, दूसरे और चौथे शनिवार के अलावा त्योहारों के कारण भी बैंक बंद रहेंगे। इन छुट्टियों के दौरान ग्राहक एटीएम, कैश जमा, ऑनलाइन बैंकिंग और मोबाइल बैंकिंग के जरिए अपने काम कर सकते हैं। - नयी दिल्ली। भारतीय विवाह उद्योग का आकार लगभग 10 लाख करोड़ रुपये है, जो खाद्य और किराना के बाद दूसरे स्थान पर है। एक रिपोर्ट में यह जानकारी देते हुए कहा गया कि आम हिंदुस्तानी शिक्षा की तुलना में विवाह समारोह पर दोगुना खर्च करते हैं। भारत में सालाना 80 लाख से एक करोड़ शादियां होती हैं, जबकि चीन में 70-80 लाख और अमेरिका में 20-25 लाख शादियां होती हैं।ब्रोकरेज फर्म जेफरीज ने एक रिपोर्ट में कहा, ”भारतीय विवाह उद्योग अमेरिका (70 अरब अमेरिकी डॉलर) के उद्योग के आकार का लगभग दोगुना है। हालांकि, यह चीन (170 अरब अमेरिकी डॉलर) से छोटा है।”रिपोर्ट के मुताबिक भारत में खपत श्रेणी में शादियों का दूसरा स्थान है। अगर शादी एक श्रेणी होती, तो वे खाद्य और किराना (681 अरब अमेरिकी डॉलर) के बाद दूसरी सबसे बड़ी खुदरा श्रेणी होती।भारत में शादियां भव्य होती हैं और इनमें कई तरह के समारोह और खर्च होते हैं। इससे आभूषण और परिधान जैसी श्रेणियों में खपत बढ़ती है और अप्रत्यक्ष रूप से ऑटो तथा इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग को लाभ मिलता है।खर्चीली शादियों पर अंकुश लगाने के प्रयासों के बावजूद, विदेशी स्थानों पर होने वाली आलीशान शादियां भारतीय वैभव को प्रदर्शित करती रहती हैं।जेफरीज ने कहा, ”हर साल 80 लाख से एक करोड़ शादियां होने के साथ, भारत दुनिया भर में सबसे बड़ा विवाह स्थल है। कैट के अनुसार इसका आकार 130 अरब अमेरिकी डॉलर होने का अनुमान है। भारत का विवाह उद्योग अमेरिका के मुकाबले लगभग दोगुना है और प्रमुख उपभोग श्रेणियों में इसका महत्वपूर्ण योगदान है।”भारतीय शादी कई दिनों तक चलती हैं और साधारण से लेकर बेहद भव्य तक होती हैं। इसमें क्षेत्र, धर्म और आर्थिक पृष्ठभूमि की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि भारत में विवाह पर शिक्षा (स्नातक तक) की तुलना में दोगुना खर्च किया जाता है, जबकि अमेरिकी जैसे देशों में यह खर्च शिक्षा की तुलना में आधे से भी कम है।
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नई दिल्ली। विश्व बैंक (World Bank) ने भारत को कम कार्बन वाली एनर्जी के विकास में तेजी लाने के लिए मदद के तौर पर 1.5 बिलियन डॉलर (150 करोड़ डॉलर) के लोन को मंजूरी दी है। एक बयान में कहा गया कि इस फंड का इस्तेमाल ग्रीन हाइड्रोजन, इलेक्ट्रोलाइजर के मार्केट को बढ़ावा देने और रिन्यूबल एनर्जी की पैठ बढ़ाने के लिए किया जाएगा।
ग्रीन एनर्जी के लिए मिला दूसरे राउंड का फंडयह भारत की हरित ऊर्जा (green energy) को बढ़ावा देने के लिए वर्ल्ड बैंक से फंडिंग का दूसरा राउंड है। जून 2023 में, विश्व बैंक ने भारत के लो-कार्बन एनर्जी के विकास में तेजी लाने के लिए 1.5 बिलियन डॉलर की पहली लो-कार्बन एनर्जी प्रोग्रामेटिक डेवलपमेंट पॉलिसी ऑपरेशन (Low-Carbon Energy Programmatic Development Policy Operation) को मंजूरी दी।फंडिंग का कहां हो सकेगा उपयोगबहुपक्षीय फाइनेंशिंग एजेंसी के अनुसार, ताजा फंडिंग से भारत को ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन और खपत के विस्तार में मदद मिलेगी। साथ ही साथ कम कार्बन निवेश के लिए फंड जुटाने को बढ़ावा देने के लिए जलवायु वित्त (climate finance) के तेजी से विकास में मदद मिलेगी।विश्व बैंक ने अपने बयान में कहा, ‘दूसरा लो-कार्बन एनर्जी प्रोग्रामेटिक डेवलपमेंट पॉलिसी ऑपरेशन – आकार में बराबर दो ऑपरेशनों की सीरीज में दूसरा – ग्रीन हाइड्रोजन और इलेक्ट्रोलाइजर के प्रोडक्शन को बढ़ावा देने के लिए सुधारों का मदद करेगा। यह ग्रीन हाइड्रोजन प्रोडक्शन के लिए जरूरी और महत्वपूर्ण तकनीक है।’भारत का एनर्जी ट्रांजीशन टारगेट को पूरा करने का उद्देश्ययह फंडिंग ऐसे समय मंजूर हुई है जब भारत अपने महत्वाकांक्षी ऊर्जा परिवर्तन लक्ष्यों (energy transition targets) को पूरा करना चाहता है। केंद्र ने 2030 तक 500 गीगावॉट स्थापित नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता (renewable energy capacity) हासिल करने और 2070 तक नेट जीरो तक पहुंचने का लक्ष्य रखा है। इसके अलावा, केंद्र ने इलेक्ट्रोलाइजर और ग्रीन हाइड्रोजन की मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए 17,000 करोड़ रुपये का राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन (National Green Hydrogen Mission) भी शुरू किया है।वर्ल्ड बैंक ने क्या कहावर्ल्ड बैंक ने कहा कि यह ऑपरेशन रिन्यूबल एनर्जी पैठ को बढ़ावा देने के लिए सुधारों का भी सपोर्ट करता है। उदाहरण के लिए, बैटरी एनर्जी स्टोरेज सॉल्यूशंस को प्रोत्साहित करना और ग्रिड में रिन्यूबल एनर्जी एंटिग्रेशन में सुधार के लिए भारतीय बिजली ग्रिड कोड में संशोधन करना।जून 2023 में, विश्व बैंक ने $1.5 बिलियन के पहले लो-कार्बन एनर्जी प्रोग्रामेटिक डेवलपमेंट पॉलिसी ऑपरेशन को मंजूरी दी। इस फंड से ग्रीन हाइड्रोजन प्रोजेक्ट्स में रिन्यूबल एनर्जी के लिए ट्रांसमिशन फी की छूट का समर्थन मिला, सालाना 50 गीगावॉट रिन्यूबल एनर्जी टेंडर्स लॉन्च करने के लिए एक स्पष्ट रास्ता जारी हुआ और राष्ट्रीय कार्बन क्रेडिट बाजार के लिए एक कानूनी ढांचा तैयार किया गया।भारत में विश्व बैंक के कंट्री डायरेक्टर ऑगस्टे तानो कौमे (Auguste Tano Kouame) ने एक कार्यक्रम में कहा, ‘विश्व बैंक भारत की लो-कार्बन डेवलपमेंट स्ट्रेटेजी का सपोर्ट जारी रखते हुए खुश है, जो प्राइवेट सेक्टर में स्वच्छ ऊर्जा रोजगार (clean energy jobs) पैदा करते हुए देश के नेट जीरो टारगेट को प्राप्त करने में मदद करेगा।कौमे ने कहा, ‘वास्तव में, पहले और दूसरे दोनों ऑपरेशनों में ग्रीन हाइड्रोजन और रिन्यूबल एनर्जी में प्राइवेट इन्वेस्टमेंट को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया है।”बढ़ेगा ग्रीन हाइड्रोजन का उपयोगऑपरेशन द्वारा समर्थित सुधारों के परिणामस्वरूप वित्त वर्ष 26 (FY25/26) से प्रति वर्ष कम से कम 450,000 मीट्रिक टन ग्रीन हाइड्रोजन और 1,500 मेगावाट इलेक्ट्रोलाइजर का उत्पादन होने की उम्मीद है।इसके अलावा, यह रिन्यूबल एऩर्जी की क्षमता बढ़ाने और उत्सर्जन में प्रति वर्ष 50 मिलियन टन की कटौती में भी काफी मदद करेगा। यह ऑपरेशन राष्ट्रीय कार्बन क्रेडिट बाजार को और विकसित करने के कदमों का भी समर्थन करेगा।ऑपरेशन के टीम लीडर ऑरेलीन क्रूस, जियाओडोंग वांग और सुरभि गोयल ने कहा, ‘भारत ने रिन्यूबल एनर्जी कैपासिटी के तेजी से विस्तार के आधार पर ग्रीन हाइड्रोजन के लिए एक घरेलू बाजार विकसित करने के लिए साहसिक कार्रवाई की है। नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन की प्रोत्साहन योजना के तहत पहले टेंडर ने निजी क्षेत्र की महत्वपूर्ण रुचि प्रदर्शित की है।’गोयल ने कहा, ‘यह ऑपरेशन हरित हाइड्रोजन और रिन्यूबल एनर्जी इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश बढ़ाने में मदद कर रहा है। यह भारत के Nationally Determined Contributions टारगेट को प्राप्त करने की यात्रा में योगदान देगा।’यह ऑपरेशन भारत सरकार की एनर्जी सिक्योरिटी और बैंक की हाइड्रोजन फॉर डेवलपमेंट (H4D) साझेदारी के साथ जुड़ा हुआ है। ऑपरेशन के फाइनेंशिंग में इंटरनेशनल बैंक फॉर रिकंस्ट्रक्शन एंड डेवलपमेंट (IBRD) से 146 करोड़ डॉलर का लोन और इंटरनेशनल डेवलपमेंट एसोसिएशन (IDA) से 3.15 करोड़ डॉलर का लोन शामिल है। -
नई दिल्ली। भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) विश्लेषण एवं आर्थिक परख बढ़ाने के लिए वृहद गणना शक्ति और वैकल्पिक डेटा स्रोतों का इस्तेमाल कर रहा है। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को ये बातें कहीं।
दास ने मुंबई में सांख्यिकी एवं सूचना प्रबंधन विभाग द्वारा आयोजित 18वें सांख्यिकी दिवस सम्मेलन में कहा, ‘हमें इस बात का एहसास है कि हम एक ऐसे समय में प्रवेश कर रहे हैं जहां सूचनाओं की भरमार है। पहले से संरक्षित डिजिटल डेटा और अधिक से अधिक जानकारियां का सुरक्षित भंडार तैयार करने की हमारी क्षमता तेजी से बढ़ रही है। इससे नई चुनौतियां तो सामने आ रही हैं मगर नई संभावनाओं के द्वार भी खुल रहे हैं।’दास ने कहा कि वैश्विक स्तर पर हो रहे प्रयासों से आर्थिक आंकड़ों के संकलन नए वैश्विक मानक सामने आ सकते हैं। खासकर, राष्ट्रीयन खातों एवं भुगतान संकट के मामलों में इस मोर्चे पर अधिक प्रगति होगी।उन्होंने कहा, ‘आरबीआई में हमारी टीम इन घटनाक्रम पर नजर रख रही है। हम गणना शक्ति एवं डिजिटल ढांचे के तेज गति से विकास का इस्तेमाल विभिन्न मानकों के विश्लेषण के लिए कर रहे हैं। मैं यह जरूर कहूंगा कि वैकल्पिक एवं गैर-परंपरागत डेटा स्रोत कोविड-19 महामारी के कारण लगे पाबंदियों में हमारे लिए काफी उपयोगी साबित हुए।’आरबीआई गवर्नर ने कहा कि डेटा स्रोतों के साथ रफ्तार बनाए रखने के लिए डेटा प्रबंधन प्रणाली को लगातार प्रगति करनी होगी। उन्होंने कहा कि इनमें आंकड़ों की भरमार के बीच सटीक तरीके से नियमित अंतराल पर मिलने वाले संकेतकों को अलग करने होंगे। -
नई दिल्ली। भारती एयरटेल (Bharti Airtel) ने शुक्रवार को मोबाइल दरों 21 प्रतिशत तक वृद्धि की घोषणा की, जो 3 जुलाई से प्रभावी होगी। इससे ठीक एक दिन पहले ही बाजार दिग्गज रिलायंस जियो ने दरों में इजाफा किया है।
एयरटेल (Airtel) ने जियो (Jio) के 12-25 प्रतिशत के मुकाबले दरें कम बढ़ाई हैं, लेकिन उसने अपने 2जी ग्राहकों के लिए कीमतें बढ़ा दी हैं, जबकि जियो ने इस श्रेणी के ग्राहकों पर बोझ नहीं डाला है।एयरटेल ने अपने वॉइस प्लान की दर 11 प्रतिशत तक बढ़ा दी है। इससे एयरटेल के सबसे सस्ते मासिक प्लान की कीमत बढ़ गई है, जो 2जीबी डेटा के साथ साथ अनलिमिटेड वॉइस कॉलिंग की सुविधा प्रदान करता है। इस प्लान की कीमत 179 रुपये से बढ़ाकर 199 रुपये कर दी गई है। 455 रुपये से 1,799 रुपये तक के अन्य प्लान की कीमतों में भी इसी प्रकार की वृद्धि की गई है।डेटा पोस्टपेड सेगमेंट में, दूरसंचार कंपनी ने अपने 399 रुपये, 499 रुपये, 599 रुपये और 999 रुपये के प्लान की दरें औसत 15 प्रतिशत तक बढ़ा दी हैं, जबकि डेटा प्रीपेड प्लान की कीमतों में औसत 17 प्रतिशत का इजाफा किया गया है।सालाना और डेटा एड-ऑन श्रेणियों में भी कीमतें बढ़ाई गई हैं। यूबीएस ने एक विश्लेषक रिपोर्ट में कहा, ‘हमने पाया है कि मूल्य वृद्धि की मात्रा जियो द्वारा घोषित की गई वृद्धि से कम है।’दूरसंचार क्षेत्र में पिछली बड़ी दर वृद्धि दिसंबर 2021 में की गई थी, जब कीमतों में औसत 20 प्रतिशत तक का इजाफा किया गया था। विश्लेषकों का कहना है कि एयरटेल (Airtel) भी जल्द ही अपनी 5G सेवा से कमाई करने के मामले में जियो (Jio) की राह पर बढ़ सकती है। - मुंबई। बाजार नियामक सेबी के निदेशक मंडल ने गुरुवार को तकनीकी गड़बड़ियों के लिए शेयर बाजारों और अन्य बाजार अवसंरचना संस्थानों (एमआईआई) के प्रबंध निदेशक (एमडी) और मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी (सीटीओ) पर वित्तीय जुर्माना लगाने पर रोक लगाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। एमआईआई में शेयर बाजारों के अलावा समाशोधन निगम और डिपॉजिटरी इकाइयां शामिल होती हैं।सेबी ने बयान में कहा, ‘‘निदेशक मंडल को सूचित किया गया कि सेबी एमआईआई में तकनीकी गड़बड़ियों की वजह से आपदा की स्थिति में उस एमआईआई के एमडी एवं सीटीओ पर स्वचालित रूप से लगाए गए वित्तीय जुर्माने को हटाने का प्रस्ताव करता है।'' सेबी ने इस संबंध में विभिन्न सलाहकार समितियों से सिफारिशें मिलने के बाद यह निर्णय लिया है। एमआईआई ने अपने अनुरोध में कहा था कि व्यक्तियों पर इस तरह के जुर्माने से सही प्रतिभा को आकर्षित करने और बनाए रखने में बाधा होती है। इसके साथ ही निदेशक मंडल ने एमआईआई के प्रदर्शन का आकलन करने के लिए बुनियादी न्यूनतम मानदंड प्रदान करने के उद्देश्य से बाह्य मूल्यांकनकर्ताओं द्वारा विचार किए जाने वाले व्यापक न्यूनतम मापदंडों को मंजूरी दी। इस तरह का बाहरी मूल्यांकन हर तीन साल में एक बार होगा तथा इस तरह का पहला मूल्यांकन इस तंत्र के कार्यान्वयन की तिथि से 12 माह के भीतर किया जाएगा।
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मुंबई. स्थानीय शेयर बाजार में तेजी का सिलसिला बृहस्पतिवार को लगातार चौथे कारोबारी सत्र में जारी रहा और सेंसेक्स पहली बार 79,000 अंक के स्तर को पार कर गया। वहीं निफ्टी ने भी पहली बार ऐतिहासिक 24,000 अंक का शिखर छुआ। इन्फोसिस, रिलायंस और टीसीएस जैसी बड़ी कंपनियों के शेयरों में लिवाली से बाजार में बढ़त रही। बीएसई का 30 शेयरों वाला सूचकांक सेंसेक्स 568.93 अंक यानी 0.72 प्रतिशत चढ़कर 79,243.18 अंक के नए रिकॉर्ड स्तर पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 721.78 अंक बढ़कर 79,396.03 अंक के नए सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गया था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 175.70 अंक यानी 0.74 प्रतिशत बढ़कर 24,044.50 के रिकॉर्ड स्तर पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 218.65 अंक चढ़कर 24,087.45 के अपने नए सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंचा था। देश की अग्रणी सीमेंट निर्माता कंपनी अल्ट्राटेक सीमेंट के शेयरों में पांच प्रतिशत से अधिक की तेजी आई। इससे पहले कंपनी ने कहा था कि वह चेन्नई स्थित अपनी प्रतिद्वंद्वी कंपनी इंडिया सीमेंट्स लिमिटेड में 23 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण करेगी। यह सौदा करीब 1,885 करोड़ रुपये का है। सेंसेक्स की कंपनियों में इन्फोसिस, रिलायंस और टीसीएस के अलावा एनटीपीसी, जेएसडब्ल्यू स्टील, टाटा मोटर्स, भारती एयरटेल, पावर ग्रिड, कोटक महिंद्रा बैंक और टेक महिंद्रा भी लाभ में रहीं। दूसरी तरफ लार्सन एंड टुब्रो, सन फार्मा, नेस्ले, एचडीएफसी बैंक और मारुति के शेयर नुकसान में रहे।
एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की, चीन का शंघाई कम्पोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग गिरावट के साथ बंद हुए। यूरोपीय बाजारों में दोपहर के कारोबार में मिलाजुला रुख था। बुधवार को अमेरिकी बाजार बढ़त के साथ बंद हुए थे। वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.84 प्रतिशत बढ़कर 85.97 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।
शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने बुधवार को 3,535.43 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे। बीएसई सेंसेक्स बुधवार को 620.73 अंक उछलकर 78,674.25 अंक पर और एनएसई निफ्टी 147.5 अंक बढ़कर 23,868.80 अंक पर बंद हुआ था। -
मुंबई. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था और वित्तीय प्रणाली मजबूत एवं जुझारू बनी हुई है क्योंकि सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां (जीएनपीए) अनुपात मार्च 2024 के अंत में कई साल के निचले स्तर 2.8 प्रतिशत पर आ गया है। आरबीआई ने बृहस्पतिवार को जून की वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (एफएसआर) जारी करते हुए कहा कि अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों का जीएनपीए अनुपात कई वर्षों के निचले स्तर 2.8 प्रतिशत पर आ गया, जबकि शुद्ध गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनएनपीए) अनुपात मार्च, 2024 के अंत में 0.6 प्रतिशत रहा। रिपोर्ट के मुताबिक, ‘‘भारतीय अर्थव्यवस्था और वित्तीय प्रणाली मजबूत एवं जुझारू बनी हुई है, जो वृहद-आर्थिक और वित्तीय स्थिरता से समर्थित है। सुधरे हुए बहीखाते के साथ बैंक एवं वित्तीय संस्थान निरंतर ऋण विस्तार के जरिये आर्थिक गतिविधि का समर्थन कर रहे हैं।'' रिपोर्ट कहती है कि मार्च के अंत में अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी) का पूंजी और जोखिम-भारित संपत्ति का अनुपात (सीआरएआर) और समान इक्विटी टियर 1 (सीईटी 1) अनुपात क्रमशः 16.8 प्रतिशत और 13.9 प्रतिशत रहा। एफएसआर रिपोर्ट के मुताबिक, ऋण जोखिम के लिए व्यापक तनाव संबंधी परीक्षणों से पता चलता है कि वाणिज्यिक बैंक न्यूनतम पूंजी जरूरतों का अनुपालन करने में सक्षम होंगे। वित्त वर्ष के अंत में प्रणालीगत सीआरएआर बेसलाइन, मध्यम और गंभीर तनाव परिदृश्यों के तहत क्रमशः 16.1 प्रतिशत, 14.4 प्रतिशत और 13.0 प्रतिशत होने का अनुमान है। रिपोर्ट कहती है कि ये परिदृश्य काल्पनिक झटकों के तहत किए गए कठोर रुढ़िवादी आकलन हैं और परिणामों की व्याख्या पूर्वानुमान के तौर पर नहीं की जानी चाहिए। रिजर्व बैंक की रिपोर्ट कहती है कि मार्च, 2024 के अंत में गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) की सेहत स्वस्थ बनी हुई थी। उनका सीआरएआर 26.6 प्रतिशत, जीएनपीए अनुपात 4.0 प्रतिशत और परिसंपत्तियों पर रिटर्न (आरओए) 3.3 प्रतिशत पर था। वैश्विक अर्थव्यवस्था के संदर्भ में रिपोर्ट कहती है कि यह लंबे समय से चल रहे भू-राजनीतिक तनाव, बढ़े हुए सार्वजनिक ऋण और मुद्रास्फीति में गिरावट की धीमी रफ्तार से बढ़े हुए जोखिमों का सामना कर रही है। हालांकि, एफएसआर रिपोर्ट कहती है कि इन चुनौतियों के बावजूद वैश्विक वित्तीय प्रणाली जुझारू बनी हुई है और वित्तीय स्थितियां स्थिर हैं।
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मुंबई. भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने वित्तीय प्रणाली के सभी हितधारकों से बृहस्पतिवार को कहा कि वे संचालन व्यवस्था को ‘सर्वोच्च प्राथमिकता' दें। केंद्रीय बैंक की छमाही वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (एफएसआर) की प्रस्तावना में दास ने कहा कि वैश्विक चुनौतियों के बीच मजबूत वृहद आर्थिक बुनियादी ढांचे के साथ भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूती दिखा रही है। दास ने कहा कि आरबीआई के दबाव परीक्षणों से पता चलता है कि गंभीर दबाव की स्थिति में भी बैंकों और गैर-बैंकों के ‘बफर' न्यूनतम विनियामक पूंजी स्तर से ऊपर रहेंगे। उन्होंने कहा कि आरबीआई साइबर खतरों, जलवायु परिवर्तन और वैश्विक चुनौतियों से उत्पन्न होने वाले खतरों के प्रति सतर्क है। दास ने सभी पक्षों से संचालन व्यवस्था पर ध्यान केन्द्रित करने को कहा।
उन्होंने कहा, ‘‘ संचालन व्यवस्था को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए, क्योंकि कामकाज की मजबूत व्यवस्था वित्तीय प्रणाली में हितधारकों की मजबूती का मूल है।'' -
नई दिल्ली। सोने चांदी के वायदा भाव में गुरुवार को नरमी देखने को मिल रही है। दोनों के वायदा भाव आज गिरावट के साथ खुले। खबर लिखे जाने के समय सोने के वायदा भाव 71 हजार रुपये से नीचे, जबकि चांदी के वायदा भाव 86,600 रुपये के करीब कारोबार कर रहे थे। अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सोने व चांदी के वायदा भाव में नरमी देखी जा रही है।
सोना के वायदा भाव लुढ़केसोने के वायदा भाव की शुरुआत गुरुवार को गिरावट के साथ हुई। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर सोने का बेंचमार्क अगस्त कॉन्ट्रैक्ट आज 97 रुपये की गिरावट के साथ 70,992 रुपये के भाव पर खुला। खबर लिखे जाने के समय यह कॉन्ट्रैक्ट 108 रुपये की गिरावट के साथ 70,981 रुपये के भाव पर कारोबार कर रहा था। इस समय इसने 71,021 रुपये के भाव पर दिन का उच्च और 70,896 रुपये के भाव पर दिन का निचला स्तर छू लिया। सोने के वायदा भाव ने पिछले महीने 74,442 रुपये के भाव पर सर्वोच्च स्तर छू लिया था।चांदी की चमक भी फीकीचांदी के वायदा भाव की शुरूआत गुरुवार को सुस्त रही। MCX पर चांदी का बेंचमार्क जुलाई कॉन्ट्रैक्ट आज 401 रुपये की गिरावट के साथ 86,564 रुपये पर खुला। खबर लिखे जाने के समय यह कॉन्ट्रैक्ट 340 रुपये की गिरावट के साथ 86,625 रुपये के भाव पर कारोबार कर रहा था। इस समय इसने 86,706 रुपये के भाव पर दिन का उच्च और 86,464 रुपये के भाव पर दिन का निचला स्तर छू लिया। पिछले महीने चांदी के वायदा भाव ने 96,493 रुपये के भाव पर सर्वोच्च स्तर छू लिया था।अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सस्ते हुए सोना-चांदीअंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने चांदी के वायदा भाव की शुरुआत सुस्त रही। Comex पर सोना 2,309.39 डॉलर प्रति औंस के भाव पर खुला। पिछला क्लोजिंग प्राइस 2,313.20 डॉलर प्रति औंस था। खबर लिखे जाने के समय यह 1.70 डॉलर की गिरावट के साथ 2,311.50 डॉलर प्रति औंस के भाव पर कारोबार कर रहा था। Comex पर चांदी के वायदा भाव 28.77 डॉलर के भाव पर खुले, पिछला क्लोजिंग प्राइस 28.93 डॉलर था। खबर लिखे जाने के समय यह 0.14 डॉलर की गिरावट के साथ 28.79 डॉलर प्रति औंस के भाव पर कारोबार कर रहा था। - नयी दिल्ली। भारत की स्पेक्ट्रम नीलामी दूसरे दिन बोली शुरू होने के कुछ घंटों के भीतर ही समाप्त हो गई। इसमें दूरसंचार कंपनियों ने कुल मिलाकर 11,300 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य का स्पेक्ट्रम खरीदा, जो कि सरकार द्वारा बिक्री के लिए रखी गई रेडियो तरंगों के अनुमानित मूल्य 96,238 करोड़ रुपये का 12 प्रतिशत से भी कम है। मामले से जुड़े सूत्रों ने बताया कि नीलामी में 800 मेगाहर्ट्ज से 26 गीगाहर्ट्ज के बीच कुल 10 गीगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम की पेशकश की गई। कुल 11,340 करोड़ रुपये की बोलियां प्राप्त हुईं। अनुमान है कि सात दौर की बोलियों में केवल 140-150 मेगाहर्ट्ज ही बेचे गए हैं। नीलामी के पहले दिन 25 जून को पांच दौर की बोलियां लगाई गईं। बुधवार को ज्यादा बोलियां नहीं मिलीं जिसके कारण अधिकारियों ने पूर्वाह्न करीब साढ़े 11 बजे नीलामी समाप्त करने की घोषणा कर दी। इस 2024 की नीलामी में 800 मेगाहर्ट्ज, 900 मेगाहर्ट्ज, 1,800 मेगाहर्ट्ज, 2,100 मेगाहर्ट्ज, 2,300 मेगाहर्ट्ज, 2,500 मेगाहर्ट्ज, 3,300 मेगाहर्ट्ज और 26 गीगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम बैंड की पेशकश की गई थी। इस बार स्पेक्ट्रम के लिए बोलियां उम्मीद से बेहद कम मिलीं। बाजार पर्यवेक्षकों ने सीमित बोली की अपेक्षा ही की थी क्योंकि दूरसंचार कंपनियां मुख्य रूप से स्पेक्ट्रम नवीनीकरण पर और अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए रेडियो तरंगों पर चुनिंदा रूप से ध्यान केंद्रित कर रही हैं। इस नीलामी में रिलायंस जियो, भारती एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया (वीआईएल) उच्च गति मोबाइल सेवा को समर्थन देने वाली रेडियो तरंगों के लिए होड़ में रहीं। बोलियों का विस्तृत ब्योरा या दूरसंचार कंपनियों द्वारा व्यक्तिगत रूप से दी गई सटीक राशि अभी स्पष्ट नहीं है। आधिकारिक घोषणा होने के बाद ही इसका पता चल पाएगा। दूरसंचार विभाग की ओर से पहले दिन की नीलामी के बारे में जारी रिपोर्ट के मुताबिक, बोलियां मुख्य रूप से 900 और 1,800 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम के बैंड में लगाई गई हैं। इसके अलावा तीन सर्किल में 2,100 मेगाहर्ट्ज बैंड के लिए भी बोलियां लगाई गईं। भारती एयरटेल की छह सर्किल में स्पेक्ट्रम अवधि खत्म हो रही है जबकि वोडाफोन-आइडिया का दो सर्किल में स्पेक्ट्रम खत्म हो रहा है। पिछली नीलामी 2022 में हुई थी जो सात दिन तक चली थी। उसमें 5जी दूरसंचार स्पेक्ट्रम की रिकॉर्ड 1.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक की बिक्री हुई थी, जिसमें अरबपति मुकेश अंबानी की जियो शीर्ष बोलीदाता के रूप में उभरी थी। उसने सभी रेडिया तरंगों का करीब आधा हिस्सा (88,078 करोड़ रुपये मूल्य) हासिल किया था। उस समय दूरसंचार दिग्गज सुनील मित्तल की भारती एयरटेल ने 43,084 करोड़ रुपये की सफल बोली लगाई थी, जबकि वोडाफोन-आइडिया ने 18,799 करोड़ रुपये में स्पेक्ट्रम खरीदा था।
- नयी दिल्ली। एसबीआई जनरल इंश्योरेंस कंपनी ने नवीन चंद्र झा को अपना नया प्रबंध निदेशक (एमडी) और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) नियुक्त किया है। कंपनी ने बुधवार को यह घोषणा करते हुए बताया कि उन्हें इस पद के लिए मूल कंपनी भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) द्वारा नामित किया गया था। वह किशोर कुमार पोलुदासु का स्थान लेंगे। झा 1994 से एसबीआई से जुड़े थे और इस दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है। एसबीआई जनरल इंश्योरेंस में अपनी वर्तमान भूमिका से पहले झा एसबीआई के उप प्रबंध निदेशक के रूप में कार्यरत थे।
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नई दिल्ली। भारत के टॉप 10 प्राइवेट बैंकों में से एक- येस बैंक ने अपने सैकड़ों कर्मचारियों की छंटनी कर दी है। बैंक अपने बिजनेस को रीस्ट्रक्चर कर रहा है, जिसके चलते कई कर्मचारियों को अपनी नौकरी गंवानी पड़ी है। बैंक की तरफ से छंटनी की यह खबर ऐसे समय आई है जब हाल ही में इसने शेयर बाजार को बताया था कि वह डेट सिक्योरिटी के जरिये फंड जुटाने का ऐलान किया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, येस बैंक ने रीस्ट्रक्चरिंग एक्सरसाइज के साथ कम से कम 500 कर्मचारियों की छंटनी कर दी है। रिपोर्ट में बताया गया कि आने वाले समय में और भी छंटनी की आशंका है। येस बैंक की तरफ से यह छंटनी कई विभागों में की गई है। छंटनी का सबसे ज्यादा असर ब्रांच बैंकिंग सेगमेंट में देखने को मिला। अन्य विभागों की बात की जाए तो रिटेल, होलसेल जैसे कई वर्टिकल्स में बैंक की छंटनी का असर दिखा है।कंपनी ने कहा कि वह कस्टमर्स पर फोकस रहने, ऑपरेशन को कुशल बनाने के लिए समय-समय पर रिव्यू करती रहती है। रिपोर्ट में बताया गया कि नौकरी से निकाले गए कर्मचारियों को तीन महीने की सैलरी दी गई है। बता दें कि अलग-अलग कंपनियों का अलग-अलग नियम होता है। सामान्य तौर पर अगर कोई कंपनी किसी कर्मचारी को निकालती है तो उसे तीन महीने का वेतन एडवांस में देती है।माना जा रहा है कि येस बैंक डिजिटल बैंकिंग की ओर बढ़ रहा है और कर्मचारियों की संख्या में कटौती करके लागत में कटौती करना चाहता है। एक्सचेंजों को दी गई फाइनेंशियल ईयर के परफॉर्मेंस की जानकारी में बैंक ने बताया था कि वित्त वर्ष 2023-2024 (FY24) के दौरान उसके लिए कर्मचारियों का खर्च 12 फीसदी से ज्यादा बढ़ गया। वित्त वर्ष 2023 के अंत में खर्च 3,363 करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 24 के अंत में 3,774 करोड़ रुपये हो गया था। FY24 के दौरान येस बैंक का नेट मुनाफा (net profit) 74.4% बढ़कर 1,251 करोड़ रुपये हो गया था।येस बैंक की शेयर प्राइस में आज गिरावट देखने को मिली। बैंक के शेयर सुबह 9:25 बजे 0.21 % की गिरावट के साथ 23.97 पर ट्रेड करते देखे गए। पिछले कारोबारी दिन बैंक के शेयर 24.02 पर क्लोज हुए थे, जबकि आज 24.03 पर ओपन हुए। येस बैंक के शेयरों ने 1 साल में करीब 49 फीसदी का रिटर्न दिया है। - नयी दिल्ली। मोबाइल सेवाओं में इस्तेमाल होने वाले दूरसंचार स्पेक्ट्रम की नीलामी के पहले दिन मंगलवार को ठंडी प्रतिक्रिया मिली और पांच दौर की नीलामी में करीब 11,000 करोड़ रुपये मूल्य की बोलियां ही लगाई गईं। सरकार 96,238 करोड़ रुपये के आरक्षित मूल्य पर 10,500 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम की नीलामी कर रही है। इस नीलामी में दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनियां बोलियां लगा रही हैं। मामले की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने कहा, ‘‘दूरसंचार कंपनियों ने पहले दिन की स्पेक्ट्रम नीलामी में करीब 11,000 करोड़ रुपये की बोलियां लगाई हैं।'' इस नीलामी में रिलायंस जियो, भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया शिरकत कर रही हैं। इसके जरिये दूरसंचार कंपनियां उच्च रफ्तार वाली 5जी सेवाओं की पेशकश के लिए स्पेक्ट्रम हासिल करना चाह रही हैं। रिलायंस जियो ने स्पेक्ट्रम नीलामी के लिए सबसे अधिक 3,000 करोड़ रुपये की अग्रिम राशि जमा की है। इस आधार पर कंपनी अधिकतम रेडियो तरंगों के लिए बोली लगा सकती है। भारती एयरटेल ने 1,050 करोड़ रुपये और वोडाफोन आइडिया (वीआईएल) ने 300 करोड़ रुपये की बयाना राशि जमा की है। पहले दिन की नीलामी के बारे में दूरसंचार विभाग की तरफ से जारी रिपोर्ट के मुताबिक, बोलियां मुख्य रूप से 900 और 1,800 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम के बैंड में लगाई गई हैं। इसके अलावा तीन सर्किल में 2,100 मेगाहर्ट्ज बैंड के लिए भी बोलियां लगाई गईं। भारती एयरटेल की छह सर्किल में स्पेक्ट्रम अवधि खत्म हो रही है जबकि वोडाफोन आइडिया के दो सर्किल में स्पेक्ट्रम खत्म हो रहे हैं। दूरसंचार विशेषज्ञ पराग कार का अनुमान है कि पहले दिन की नीलामी में 1,800 मेगाहर्ट्ज बैंड को 6,304.4 करोड़ रुपये मूल्य की बोलियां मिलीं जबकि 900 मेगाहर्ट्ज के लिए 4,465 करो़ड़ रुपये और 2,100 मेगाहर्ट्ज के लिए 360 करोड़ रुपये मूल्य की बोलियां लगाई गईं। इस नीलामी में रखे गए पांच अन्य स्पेक्ट्रम बैंड के लिए पहले दिन कोई भी बोली नहीं लगाई गई।अभी यह जानकारी नहीं मिल पाई है कि किस कंपनी ने कितनी बोली लगाई। नीलामी प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही दूरसंचार कंपनियों की बोलियों के बारे में पता चल पाएगा।
- नयी दिल्ली। अग्रणी परिधान विनिर्माता रेमंड अपनी क्षमता में एक-तिहाई का विस्तार कर रही है, जिससे वह दुनिया में सूट की तीसरी बड़ी उत्पादक बन जाएगी और वैश्विक बाजार में स्थिति मजबूत करने में भी मदद मिलेगी। कंपनी नए बाजारों के लिए अपने उत्पादों की शृंखला का विस्तार करेगी और ग्राहकों की संख्या बढ़ाने पर भी काम कर रही है। उसके कारोबार में महिला परिधानों की सिलाई और महंगे दाम वाले ‘कैजुअल' कपड़े भी शामिल हैं।रेमंड की नवीनतम वार्षिक रिपोर्ट में इसका उल्लेख किया गया है। कंपनी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक गौतम हरि सिंघानिया ने कंपनी के शेयरधारकों को संबोधित करते हुए कहा कि यह सरकार की ‘मेक इन इंडिया' पहल के साथ भी पूरी तरह मेल खाता है। उन्होंने कहा, ‘‘विनिर्माण के केंद्र के रूप में वैश्विक कंपनियों की चीन प्लस वन रणनीति हमारे पक्ष में काम करती हुई नजर आ रही है। भारत एक पसंदीदा सोर्सिंग गंतव्य बना हुआ है।'' सिंघानिया ने कहा कि रेमंड अपनी मौजूदा परिधान क्षमता को एक-तिहाई तक बढ़ा रही है। उन्होंने कहा, ‘‘जब विस्तारित क्षमता पूरी तरह से चालू हो जाएगी, तो रेमंड दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी सूट निर्माता कंपनी बन जाएगी।'' इस मौके पर रेमंड के मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) अमित अग्रवाल ने कहा कि यह क्षमता विस्तार न केवल रेमंड की वैश्विक उपस्थिति को मजबूत करता है, बल्कि घरेलू विनिर्माण क्षमताओं को भी बढ़ाता है। इस बीच, रेमंड की चालू वित्त वर्ष में पारंपरिक एवं त्योहारी परिधानों के ब्रांड 'एथनिक्स बाय रेमंड' के 100 से अधिक स्टोर खोलने की योजना है। कंपनी की नवीनतम वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक, फिलहाल इस ब्रांड के 114 स्टोर हैं। सिंघानिया ने कहा, ‘‘भारतीय शादियों में चमक-दमक बढ़ने और जश्न मनाने के रुझान को देखते हुए हमने एथनिक्स बाय रेमंड को देश के कोने-कोने तक ले जाने का फैसला किया है। पिछले वित्त वर्ष में इस ब्रांड के तहत 53 स्टोर खोले गए।'
- नयी दिल्ली।' कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह ने मंगलवार को कहा कि सरकार ने कपड़ा उद्योग के लिए स्वीकृत 10,000 करोड़ रुपये से अधिक की ‘उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन' (पीएलआई) योजना का विस्तार परिधान क्षेत्र तक करने पर भी विचार कर रही है। सिंह ने यहां ‘भारत अंतरराष्ट्रीय परिधान मेला' (आईआईजीएफ) को संबोधित करते हुए कहा कि कपड़ा निर्यात बढ़ाने के लिए अपार अवसर हैं और उद्योग को आने वाले वर्षों में 50 अरब अमेरिकी डॉलर मूल्य के निर्यात का लक्ष्य रखना चाहिए। सरकार ने वर्ष 2021 में मानव-निर्मित रेशे (एमएमएफ) से बने परिधान, एमएमएफ कपड़े और तकनीकी वस्त्रों के उत्पादों का घरेलू उत्पादन बढ़ाने के लिए पांच साल की अवधि में 10,683 करोड़ रुपये के स्वीकृत परिव्यय के साथ कपड़ा क्षेत्र के लिए पीएलआई योजना को मंजूरी दी थी। सिंह ने कहा, ‘‘हम आपके (परिधान) क्षेत्र को भी इस योजना के दायरे में लाने पर विचार कर रहे हैं।''उन्होंने कहा कि भारतीय कपड़ा उद्योग का बाजार लगभग 165 अरब डॉलर का है और इसे 350 अरब डॉलर तक ले जाना है। उन्होंने कहा कि मंत्रालय इस क्षेत्र में चीन से आगे निकलने के लिए एक रूपरेखा तैयार कर रहा है। मंत्री ने उद्योग को घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए ‘हब और स्पोक' मॉडल को अपनाने का सुझाव भी दिया। उन्होंने कहा, ‘‘मैं उद्योग की बड़ी कंपनियों से भारत में छोटी कंपनियों के साथ जुड़ाव कायम करने की अपील करता हूं। मंत्रालय उनके मुद्दों को समझने के लिए बड़ी कंपनियों के साथ बैठकें करेगा।'' उन्होंने ई-कॉमर्स माध्यम से निर्यात बढ़ाने के अवसर तलाशने का भी आह्वान किया। पिछले साल ई-कॉमर्स के जरिये अंतरराष्ट्रीय व्यापार करीब 800 अरब डॉलर का था और 2030 तक इसके 2,000 अरब डॉलर पर पहुंचने का अनुमान है। इसके साथ ही कपड़ा मंत्री ने उद्योग को वैश्विक ब्रांड का आपूर्तिकर्ता बनने के बजाय अपने खुद के ब्रांड स्थापित करने का सुझाव दिया। उन्होंने हरित वस्त्र और पुनर्चक्रण पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह भी दी। कपड़ा मंत्रालय ‘एकीकृत वस्त्र पार्क' (एसआईटीपी) योजना को नए सिरे से पेश करने पर भी विचार कर रहा है। इस योजना का उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप नए वस्त्र पार्क स्थापित करना है। अबतक 54 वस्त्र पार्क स्वीकृत किए गए हैं। परिधान निर्यात संवर्धन परिषद (एईपीसी) के चेयरमैन सुधीर सेखरी ने इस अवसर पर कहा कि वैश्विक स्तर पर प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद भारतीय परिधान निर्यात उद्योग अपनी स्थिति को बनाए रखने और नुकसान को काफी हद तक कम करने में सक्षम रहा है। एईपीसी के महासचिव मिथिलेश्वर ठाकुर ने कहा कि विश्व अर्थव्यवस्था में स्वस्थ वृद्धि दर्ज होने की उम्मीद है लिहाजा आने वाले वर्षों में भारतीय परिधान निर्यातकों के लिए विकसित देशों में अपना विस्तार करने का अधिक अवसर होगा।
- मुंबई। यात्री वाहनों की बिक्री में चालू वित्त वर्ष में तीन से पांच प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है। सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले वित्त वर्ष के ऊंचे तुलनात्मक आधार प्रभाव, ऑर्डर बुक कमजोर होने तथा शुरूआती स्तर के संस्करणों की मांग घटने से 2024-25 में यात्री वाहनों की बिक्री हल्की रहने की संभावना है। क्रेडिट रेटिंग एजेंसी केयरएज की रिपोर्ट के अनुसार वित्त वर्ष 2023-24 में 90 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि के साथ यात्री वाहन खंड में इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री 90,432 इकाई रही थी, जिसके चालू वित्त वर्ष में बढ़कर 1.30 से 1.50 लाख इकाई पर पहुंचने का अनुमान है। रिपोर्ट कहती है कि 2021-22 और 2022-23 में यात्री वाहन उद्योग ने कोविड के बाद दबी मांग और नए उत्पादों की पेशकश के बल पर सालाना आधार पर मात्रा में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की थी। केयरएज ने कहा कि इसमें यूटिलिटी वाहनों की महत्वपूर्ण भूमिका रही थी। 2021-22 में यूटिलिटी वाहनों की बिक्री 41 प्रतिशत और 2022-23 में 33.2 प्रतिशत बढ़ी थी। रेटिंग एजेंसी के अनुसार, वित्त वर्ष 2011-12 तक कुल यात्री वाहन बिक्री में यूटिलिटी वाहनों का योगदान 10-15 प्रतिशत था। वित्त वर्ष 2012-13 से 2023-24 के दौरान यूटिलिटी वाहनों की बिक्री सालाना आधार पर 15.51 प्रतिशत की दर से बढ़ी है। केयरएज ने कहा कि वर्तमान में सभी नए यात्री वाहनों की बिक्री में यूटिलिटी वाहनों की हिस्सेदारी 55 प्रतिशत से अधिक है। केयरएज रेटिंग्स की एसोसिएट निदेशक आरती रॉय ने कहा, ‘‘वित्त वर्ष 2023-24 के ऊंचे आधार प्रभाव, ऑर्डर में कमी तथा प्रवेश स्तर के संस्करणों की घटती मांग की वजह से 2024-25 में यात्री वाहनों की बिक्री तीन से पांच प्रतिशत बढ़ने की संभावना है।''
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नयी दिल्ली. सरकार ने खुदरा विक्रेताओं, थोक विक्रेताओं, प्रोसेसर और बड़ी श्रृंखलाओं के खुदरा विक्रेताओं के लिए गेहूं भंडारण की सीमा लगा दी है। कीमतों में स्थिरता और जमाखोरी रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है। केंद्रीय खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने सोमवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि एकल खुदरा विक्रेता, बड़ी श्रृंखला के खुदरा विक्रेता, प्रोसेसर और थोक विक्रेता हर शुक्रवार को अपने पास भंडारित गेहूं के स्टॉक का खुलासा करेंगे। चोपड़ा ने कहा, ‘‘मैं देश में गेहूं की कमी को दूर करना चाहता हूं।'' उन्होंने यह भी कहा कि अभी गेहूं के निर्यात पर कोई प्रतिबंध नहीं है और चीनी के निर्यात पर प्रतिबंध की समीक्षा करने का कोई प्रस्ताव नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि गेहूं की कीमतें स्थिर रहें।''
चोपड़ा ने आगे बताया कि थोक विक्रेताओं के लिए स्टॉक सीमा 3,000 टन होगी, जबकि यह प्रोसेसर के लिए यह प्रसंस्करण क्षमता का 70 प्रतिशत होगी। उन्होंने बताया कि बड़ी श्रृंखला वाले खुदरा विक्रेताओं के लिए यह सीमा 10 टन प्रति बिक्री केन्द्र की होगी, जिसकी कुल सीमा 3,000 टन होगी तथा एकल खुदरा बिक्रेताओं के लिए यह सीमा 10 टन की होगी। चोपड़ा ने बताया कि हाल ही में मीडिया में आई उन खबरों के मद्देनजर स्टॉक सीमा लगाई गई है, जिनमें कहा गया है कि गेहूं सहित आवश्यक वस्तुओं की कीमतें बढ़ रही हैं। उन्होंने बताया कि जमाखोरी को कम करने के लिए स्टॉक सीमा लगाई गई है।
उन्होंने बताया कि एक अप्रैल, 2023 को गेहूं का शुरुआती स्टॉक 82 लाख टन था, जबकि एक अप्रैल, 2024 को यह 75 लाख टन था। उन्होंने कहा कि पिछले साल 266 लाख टन की खरीद की गई थी, जबकि इस साल सरकार ने 262 लाख टन की खरीद की है और खरीद अभी भी जारी है। इसलिए (शुरुआती स्टॉक में) गेहूं की कमी सिर्फ तीन लाख टन की है। - नयी दिल्ली। नेटवर्क विस्तार योजना के तहत भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) चालू वित्त वर्ष (2024-25) में देशभर में 400 नई शाखाएं खोलने की तैयारी कर रहा है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ने पिछले वित्त वर्ष में 137 शाखाएं खोली हैं। इनमें से 59 नई ग्रामीण शाखाएं हैं। एसबीआई के चेयरमैन दिनेश खारा ने कहा, ‘‘किसी ने मुझसे पूछा कि 89 प्रतिशत डिजिटल और 98 प्रतिशत लेनदेन शाखा के बाहर हो रहे हैं, क्या अब शाखा की जरूरत है। मेरा जवाब हां है। यह अब भी जरूरी है क्योंकि नए क्षेत्र उभर रहे हैं।'' उन्होंने कहा कि अधिकांश सलाहकार और संपदा सेवाएं केवल शाखाओं के जरिये दी जा सकती हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम उन स्थानों की पहचान कर रहे हैं जहां संभावनाएं मौजूद हैं। उन स्थानों पर हमारी चालू वित्त वर्ष में 400 नई शाखाएं खोलने की योजना है।'' मार्च, 2024 तक एसबीआई की देशभर में 22,542 शाखाएं थीं। अनुषंगी कंपनियों के मौद्रीकरण के बारे में पूछे जाने पर खारा ने कहा कि एसबीआई उन्हें सूचीबद्ध करने से पहले उनके परिचालन को और बढ़ाएगा।