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नयी दिल्ली. राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने बुधवार को कहा कि आयकर विभाग ने आकलन वर्ष वर्ष 2024-25 के लिए 15 दिन में करीब चार करोड़ आयकर रिटर्न का प्रसंस्करण किया है। आकलन वर्ष 2024-25 के लिए 31 जुलाई, 2024 तक 7.28 करोड़ से अधिक आयकर रिटर्न दाखिल किये गये हैं। कर विभाग लगभग 4.98 करोड़ आयकर रिटर्न (आईटीआर) पहले ही प्रसंस्कृत कर चुका है और करदाताओं को इस बारे में सूचना भेज दी गई है। इनमें से 3.92 करोड़ आईटीआर 15 दिन से भी कम समय में प्रसंस्कृत किये गये। मल्होत्रा ने 165वें आयकर दिवस समारोह में कहा, ‘‘हमने डिजिटलीकरण के क्षेत्र में प्रगति की है...15 दिन के भीतर लगभग चार करोड़ रिटर्न प्रसंस्कृत किये गये।'' उन्होंने कहा कि पिछले दशक में प्रत्यक्ष कर राजस्व 5.59 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 20 लाख करोड़ रुपये हो गया है। साथ ही, इस अवधि में कर-जीडीपी अनुपात 5.6 प्रतिशत से बढ़कर छह प्रतिशत हो गया है।
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास को केंद्रीय बैंकरों की वैश्विक रैंकिंग में शीर्ष रेटिंग मिलने पर बधाई दी और इसे उनके नेतृत्व को मान्यता बताया।मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास को इस उपलब्धि के लिए बधाई, और वह भी दूसरी बार। यह आरबीआई में उनके नेतृत्व और आर्थिक विकास तथा स्थिरता सुनिश्चित करने की दिशा में उनके काम को मान्यता है।”
Congratulations to RBI Governor Shri @DasShaktikanta for this feat, and that too for the second time. This is a recognition of his leadership at the RBI and his work towards ensuring economic growth and stability. https://t.co/lzfogAQb15— Narendra Modi (@narendramodi) August 21, 2024अमेरिका स्थित ‘ग्लोबल फाइनेंस’ पत्रिका द्वारा दास को लगातार दूसरे वर्ष वैश्विक स्तर पर शीर्ष केंद्रीय बैंकर के रूप में चुना गया है। दास को दो अन्य केंद्रीय बैंक गवर्नर के साथ सूची में सबसे ऊपर रखा गया है, जिन्हें ‘ए प्लस’ रेटिंग दी गई है।‘ग्लोबल फाइनेंस’ पत्रिका के एक बयान के अनुसार, मुद्रास्फीति नियंत्रण, आर्थिक विकास लक्ष्यों, मुद्रा स्थिरता और ब्याज दर प्रबंधन में सफलता के आधार पर ‘ए’ से ‘एफ’ तक ग्रेड दी जाती है। -
नई दिल्ली। दुनिया के सबसे अमीर व्यक्तियों में से एक एलन मस्क की कंपनी ने एक दिन में मात्र 7 घंटे काम करने पर 28 हजार रुपये दे रही है। दिग्गज कार कंपनी टेस्ला ने प्रति घंटे 48 डॉलर (लगभग 4,000 रुपये) तक पेशकश की है। बता दें टेस्ला आवश्यक डेटा इकट्ठा करने में मदद करने के लिए ह्यूमनॉइड रोबोट विकसित करने की अपनी खोज में महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। इसके लिए कंपनी ने लोगों को नौकरी पर रखने की योजना बनाई है और वेकेंसी भी निकाली है।
इस नौकरी में आपको एआई (AI) से चलने वाले रोबोटों को ट्रेनिंग देनी होगी। ये रोबोट ‘मूवमेंट डेटा’ एकत्र करेंगे और इन्हें टेस्ला के कारखानों में कार्यों को संभालने के लिए डिज़ाइन किया गया है।इसके अलावा आपको मोशन-कैप्चर सूट और वर्चुअल रियलिटी हेडसेट पहनकर रोबोट को अलग-अलग ट्रेनिंग देनी होगी। यह डेटा बाद में ऑप्टिमस को और ज्यादा इंसानों जैसा बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।जॉब के लिए क्वालिफिकेशन ?जॉब लिस्टिंग के अनुसार, इच्छुक व्यक्ति प्रतिदिन कम से कम सात घंटे से अधिक चलने में सक्षम होना चाहिए। टेस्ला की तरफ प्रदान किए जाने वाले मोशन-कैप्चर सूट को चलाने के लिए आवेदक की लंबाई 5’7″ और 5’11″ फुट के बीच होनी चाहिए। इसके अलावा, शारीरिक रूप से कठिन इस काम के लिए वेतन 25.25 से 48 डॉलर प्रति घंटे के बीच होगा, जो भारतीय करेंसी में लगभग 2000-4000 रुपये बनता है। साथ ही 30 पाउंड तक वजन उठाने की क्षमता और विस्तारित अवधि के लिए वीआर उपकरण चलाने की क्षमता भी होनी जरुरी है। -
नयी दिल्ली. आगामी त्योहारी सत्र के लिए हवाई यात्रा के किराये में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है, और दिवाली के लिए प्रमुख घरेलू मार्गों पर औसत एकतरफा टिकट की कीमत 10-15 प्रतिशत बढ़ चुकी है। दूसरी ओर ओणम के दौरान केरल के शहरों के लिए कुछ उड़ानों का किराया 20-25 प्रतिशत अधिक है। ‘ ट्रैवल पोर्टल इक्सिगो के एक विश्लेषण से पता चलता है कि 30 अक्टूबर से पांच नवंबर के दौरान दिल्ली-चेन्नई मार्ग पर सीधी उड़ान के लिए ‘इकनॉमी' श्रेणी का औसत एकतरफा किराया 25 प्रतिशत बढ़कर 7,618 रुपये है। यह किराया पिछले साल 10-16 नवंबर के मुकाबले है। इसी अवधि में मुंबई-हैदराबाद मार्ग पर टिकट की कीमत 21 प्रतिशत बढ़कर 5,162 रुपये हो गई है। दिल्ली-गोवा तथा दिल्ली-अहमदाबाद मार्गों पर किराया 19 प्रतिशत बढ़कर 5,999 रुपये तथा 4,930 रुपये हो गया है। विश्लेषण के अनुसार, कुछ अन्य मार्गों पर किराया 1-16 प्रतिशत के दायरे में बढ़ा है।
इक्सिगो समूह के सह-सीईओ (मुख्य कार्यपालक अधिकारी) रजनीश कुमार ने कहा कि दिवाली के लिए यात्रा की मांग बढ़ रही है तथा हवाई किराया पिछले वर्ष की तुलना में अधिक है। विश्लेषण से पता चला कि बेंगलुरु-हैदराबाद और मुंबई-जम्मू जैसे कुछ मार्गों पर हवाई यात्रा का किराया पिछले साल के मुकाबले कम है। -
मुंबई. देश के सबसे बड़े ऋणदाता भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के अर्थशास्त्रियों ने सोमवार को कहा कि जमा में वृद्धि पर चिंता एक ‘सांख्यिकीय मिथक' है, क्योंकि वित्त वर्ष 2021-22 से जमा की कुल राशि आवंटित ऋण से कहीं अधिक रही है। भारतीय स्टेट बैंक के अर्थशास्त्रियों की एक रिपोर्ट के मुताबिक, वित्तीय प्रणाली में लगभग आधी सावधि जमाएं वरिष्ठ नागरिकों के पास हैं जबकि युवा आबादी उच्च प्रतिफल वाले अन्य विकल्पों की तलाश कर रही है। अर्थशास्त्रियों ने जमा पर लगने वाले कर की संरचना में बदलाव की वकालत की है ताकि बैंकों के पास आने वाली बड़ी जमा राशि का इस्तेमाल ऋण वृद्धि में किया जा सके। रिपोर्ट कहती है कि वित्त वर्ष 2021-22 से जमा में कुल 61 लाख करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई है, जो ऋण वृद्धि के 59 लाख करोड़ रुपये से अधिक है। रिपोर्ट के मुताबित, ‘‘जमा वृद्धि के सुस्त पड़ने का मिथक महज ‘सांख्यिकीय' है। दरअसल जमा वृद्धि के मुकाबले ऋण वृद्धि में सुस्ती को जमा वृद्धि में कमी के तौर पर प्रचारित किया जा रहा है।'' पिछले एक साल से जमा और ऋण वृद्धि के बीच की खाई को लेकर चिंता जताई जा रही है। पर्याप्त जमा वृद्धि के अभाव में ऋण वृद्धि की स्थिरता पर सवाल उठ रहे हैं। ऐसे में जमाओं के लिए बैंकों को ब्याज दरें बढ़ाने के लिए मजबूर होना पड़ा है। एसबीआई के अर्थशास्त्रियों ने स्वीकार किया कि वित्त वर्ष 2022-23 और वित्त वर्ष 2023-24 में जमा की वृद्धि क्रमशः 24.3 लाख करोड़ रुपये और 27.5 लाख करोड़ रुपये के साथ ऋण से कम रही है। रिपोर्ट कहती है कि भारतीय बैंकिंग प्रणाली लगातार 26वें महीने धीमी जमा वृद्धि की स्थिति में है। ऐतिहासिक रूप से देखें तो जमा वृद्धि के ऋण वृद्धि से कम रहने के मामले दो-चार साल तक चलते रहे हैं। अर्थशास्त्रियों ने कहा कि पिछले अनुभवों के आधार पर इस सुस्ती का मौजूदा दौर जून, 2025-अक्टूबर, 2025 के बीच खत्म हो सकता है। उन्होंने इस दौरान ऋण वृद्धि धीमी होने की आशंका जताई है। इसके अतिरिक्त, बैंकों से व्यापक बफर रखने के लिए कहने वाले तरलता संबंधी नए दिशानिर्देशों से ऋण वृद्धि में अल्पकालिक सुस्ती आ सकती है। रिपोर्ट के मुताबिक, सरकारी बैंक कम लागत वाली जमाराशियों का लाभ उठाने में अधिक सक्रिय रहे हैं। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की बचत/सावधि जमाराशियों का औसत आकार 72,577 रुपये है, जबकि निजी क्षेत्र के बैंकों के लिए यह 1.60 लाख रुपये और विदेशी बैंकों के लिए 10.5 लाख रुपये है।
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नयी दिल्ली. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) के प्रमुखों के साथ प्रदर्शन समीक्षा बैठक की और उनसे जमा वृद्धि में सुधार लाने को कहा। पिछले कुछ महीनों में ऋण वृद्धि जमा वृद्धि की तुलना में 3-4 प्रतिशत कम रही है, जिससे बैंकों के लिए परिसंपत्ति-देयता का असंतुलन पैदा हो गया है। सूत्रों के अनुसार, वित्त मंत्री ने बैंकों के वित्तीय प्रदर्शन के साथ ही पीएम आवास योजना, पीएम सूर्य घर और पीएम विश्वकर्मा योजना सहित सरकार की विभिन्न प्रमुख योजनाओं के कार्यान्वयन में हुई प्रगति की समीक्षा की। सूत्रों ने यह भी बताया कि सीतारमण ने जमा वृद्धि, ऋण-जमा अनुपात (सीडी अनुपात) और परिसंपत्ति गुणवत्ता का भी जायजा लिया। वित्त मंत्री ने बैंकों के प्रमुखों से मुख्य बैंकिंग कारोबार पर ध्यान केंद्रित करने और नवोन्मेषी उत्पादों को पेश करके जमा वृद्धि की गति बढ़ाने को कहा। उन्होंने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि जमा और कर्ज वृद्धि के बीच असंतुलन है। उन्होंने कहा, ‘‘कर्ज देने में वृद्धि अधिक है... मैं विभिन्न कारणों से (19 अगस्त को) बैंकों से मिलूंगी और उनसे जमा संग्रह के महत्व के बारे में बात करूंगी।'' सीतारमण ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बैंकों को ब्याज दर के मामले में स्वतंत्रता दी है, और इस आजादी का इस्तेमाल करके उन्हें जमा को अधिक आकर्षक बनाना चाहिए। सूत्रों ने कहा कि बैठक के दौरान साइबर सुरक्षा और वित्तीय क्षेत्र के जोखिमों से संबंधित चिंताओं पर भी चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि धोखाधड़ी और जानबूझकर चूक करने वालों से संबंधित मुद्दे और राष्ट्रीय संपत्ति पुनर्निर्माण कंपनी लिमिटेड (एनएआरसीएल) की प्रगति पर भी चर्चा हुई। बजट 2024-25 पेश होने के बाद यह पहली समीक्षा बैठक थी। सरकारी बैंकों का शुद्ध लाभ मार्च, 2024 को समाप्त वित्त वर्ष में 1.4 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया है, जो इससे पिछले साल की तुलना में 35 प्रतिशत अधिक है।
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नयी दिल्ली .तेज आर्थिक वृद्धि और कंपनी संचालन पर बढ़ते जोर के बीच भारत को 2030 तक लगभग एक लाख कंपनी सचिवों की आवश्यकता होगी। कंपनी सचिवों का शीर्ष निकाय आईसीएसआई ने यह कहा है। वर्तमान में, 73,000 से अधिक कंपनी सचिव हैं और इनमें से लगभग 12,000 कंपनी सचिव कार्यरत हैं।
कंपनी सचिव कंपनियों में विभिन्न सांविधिक जरूरतों का अनुपालन सुनिश्चित कर कॉरपोरेट संचालन ढांचे में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। भारतीय कंपनी सचिव संस्थान (आईसीएसआई) के अध्यक्ष बी नरसिम्हन ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था को देखने के नजरिये में महत्वपूर्ण बदलाव आया है और कंपनी सचिव भारत को दुनिया के सबसे पसंदीदा निवेश स्थलों में से एक बनाने में एक महत्वपूर्ण कड़ी बन गये हैं। उन्होंने कहा कि भारत को 2030 तक लगभग एक लाख कंपनी सचिवों की आवश्यकता होगी। आईसीएसआई हर साल औसतन 2,500 से अधिक लोगों को सदस्यता देता है।
विभिन्न अनुमानों के अनुसार भारत के 2030 तक 7,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की उम्मीद है।
वित्त मंत्रालय की इस साल जनवरी में जारी रिपोर्ट में कहा गया था, ‘‘वित्तीय क्षेत्र और हाल के तथा भविष्य के संरचनात्मक सुधारों के दम पर आने वाले वर्षों में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर सात प्रतिशत से ऊपर रहेगी। मुद्रास्फीति रुख और विनिमय दर के आधार पर, भारत अगले छह से सात साल में (2030 तक) 7,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बन सकता है।'' संस्थान ने पेशे में अधिक युवा प्रतिभाओं को आकर्षित करने के लिए कंपनी सचिव कार्यकारी कार्यक्रम में स्नातक और स्नातकोत्तर छात्रों का सीधा पंजीकरण भी शुरू किया है। आईसीएसआई ने अन्य उपायों के अलावा कॉरपोरेट निदेशक मंडल में अपनाई जाने वाली सचिव स्तर की गतिविधियों में एकरूपता लाने के लिए मानक पेश किये हैं। -
नयी दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि विकासात्मक वित्त तक कम पहुंच के कारण विकासशील अर्थव्यवस्थाओं को सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को हासिल करने में बाधा पहुंच रही है। उन्होंने इस संबंध में 4,000 अरब अमेरिकी डॉलर के वार्षिक वित्त पोषण अंतर को तत्काल दूर करने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने डिजिटल रूप से आयोजित तीसरे ‘वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ' सम्मेलन में कहा कि हालिया रिपोर्टों से पता चलता है कि विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में कई एसडीजी का कार्यान्वयन स्थिर हो रहा है, जबकि कुछ संकेतक पीछे भी जा रहे हैं। सीतारमण ने कहा कि विकासशील देशों के लिए एसडीजी वित्तपोषण अंतर सालाना 4,000 अरब डॉलर होने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि ग्लोबल साउथ वैश्विक अनिश्चितताओं से प्रभावित है, और हाल में विश्व बैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार चार में एक विकासशील देश इस साल के अंत तक महामारी से पहले की तुलना में गरीब होगा। उन्होंने कहा, ''इस प्रकार विकास और गरीबी उन्मूलन में प्रगति को आगे बढ़ाने के लिए वृद्धि अपर्याप्त है। सतत विकास लक्ष्यों पर प्रगति को गति देने के लिए 4,000 अरब अमेरिकी डॉलर के वित्त पोषण अंतर का समाधान करने की तत्काल आवश्यकता है।'' वित्त मंत्री ने कहा कि भारत की जी20 अध्यक्षता के दौरान सामाजिक प्रभाव साधनों और अन्य मिश्रित वित्त साधनों, निगरानी और मापन ढांचों तथा जोखिम शमन उपायों को व्यापक रूप से अपनाने की सिफारिश की गई थी। उन्होंने कहा, ''हमारे प्रयासों से जी20 सतत वित्त तकनीकी सहायता कार्य योजना भी बनी, जिसे अब ब्राजील की अध्यक्षता में लागू किया जा रहा है। इसका मकसद ग्लोबल साउथ की जरूरतों के अनुसार सतत वित्त को बढ़ाना है।'' बहुपक्षीय विकास बैंकों में सुधारों के बारे में बात करते हुए, सीतारमण ने कहा कि इन संस्थानों को व्यापक रूप से नया रूप देने की जरूरत है, ताकि वे विकासशील देशों को उनकी वृद्धि आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद कर सकें।
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सिएटल/न्यूयॉर्क. प्रौद्योगिकी कंपनी ‘माइक्रोसॉफ्ट' के सह-संस्थापक और अरबपति परोपकारी बिल गेट्स ने सिएटल क्षेत्र में पहले भारत दिवस समारोह को हरी झंडी दिखाते हुए कहा कि सुरक्षित टीकों के निर्माण से लेकर डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे तक हर क्षेत्र में भारत की कुशलता न केवल भारतीयों, बल्कि पूरे विश्व की मदद कर रही है। ‘गेट्स फाउंडेशन' के अध्यक्ष गेट्स ने भारत के 78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर सिएटल स्थित भारतीय महावाणिज्य दूतावास के मुख्य अतिथि के रूप में ग्रेटर सिएटल क्षेत्र में प्रथम भारत दिवस समारोह का उद्घाटन किया। सिएटल वाणिज्य दूतावास द्वारा शुक्रवार को जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि गेट्स ने समारोह में भारतीय-अमेरिकी समुदाय के 2,000 से अधिक सदस्यों को संबोधित करते हुए भारत को ‘‘प्रौद्योगिकी, कृषि और स्वास्थ्य सेवा जैसे क्षेत्रों में अभूतपूर्व नवोन्मेष करने वाला एक वैश्विक नेता'' बताया। गेट्स ने इस बात पर जोर दिया कि ‘‘कम लागत का सुरक्षित टीका बनाने और प्रवासी भारतीयों द्वारा दिखाए गए उल्लेखनीय नेतृत्व से लेकर भारत के डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी (डीपीआई) ढांचे तक-भारत की कुशलता न केवल भारतीयों, बल्कि पूरी दुनिया की मदद कर रही है। ‘ग्लोबल साउथ' के देश अपनी डीपीआई प्रणाली बनाने के लिए भारत के अनुभव का लाभ उठा रहे हैं।'' ‘ग्लोबल साउथ' शब्द का इस्तेमाल आम तौर पर आर्थिक रूप से अल्प विकसित देशों को संदर्भित करने के लिए किया जाता है। ‘ग्लोबल साउथ' शब्द आम तौर पर लातिन अमेरिका, एशिया, अफ्रीका और ओशेनिया के क्षेत्रों के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसका मतलब यूरोप और उत्तरी अमेरिका के बाहर दक्षिणी गोलार्द्ध और भूमध्यरेखीय क्षेत्र में स्थित खासकर ऐसे देशों से है, जो कम आय वाले हैं। सोशल मीडिया मंच इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट में गेट्स ने कहा कि वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों और भारतीय प्रवासियों के साथ मिलकर सिएटल वाणिज्य दूतावास में पहले भारत दिवस समारोह में भाग लेना ‘‘सम्मान'' की बात है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशकर को ‘टैग' करते हुए पोस्ट में लिखा, ‘‘भारत प्रौद्योगिकी, कृषि और स्वास्थ्य सेवा जैसे क्षेत्रों में ऐसे अभूतपूर्व नवोन्मेष करने वाला वैश्विक नेता है, जो जीवन की रक्षा कर रहे हैं और उसे सुधार रहे हैं। भारत सरकार, परोपकारी लोगों, निजी क्षेत्र, गैर-लाभकारी संस्थाओं और भारतीय-अमेरिकी समुदाय के साथ सहयोग करना सम्मान की बात है। सभी भारतीयों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं।'' गेट्स ने इंस्टाग्राम पर इस समारोह की तस्वीरें भी साझा कीं। भारतीय राष्ट्रध्वज के रंगों का स्कार्फ पहने गेट्स के साथ सिएटल में भारत के महावाणिज्य दूत प्रकाश गुप्ता और अन्य अधिकारी समारोह में शामिल हुए। वाणिज्य दूतावास ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट साझा कर ग्रेटर सिएटल क्षेत्र में प्रथम भारत दिवस समारोह को हरी झंडी दिखाने के लिए गेट्स को धन्यवाद दिया। वाणिज्य दूतावास ने एक विज्ञप्ति में बताया कि ग्रेटर सिएटल क्षेत्र में पहली बार स्वतंत्रता दिवस समारोह मनाया गया, जिसमें भारत के सभी राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों की झांकियों और सांस्कृतिक प्रस्तुति के माध्यम से ‘विविधता में एकता' दर्शाई गई। विज्ञप्ति के अनुसार, प्रत्येक झांकी को भारतीय-अमेरिकी समुदाय के प्रमुख नेताओं ने तैयार था और इसमें भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं को दर्शाया गया था। भारत दिवस समारोह में हिस्सा लेने वाली अन्य प्रतिष्ठित हस्तियों में सांसद सुजान डेलबेने, किम श्रियर एवं एडम स्मिथ, प्रशांत उत्तर पश्चिम में अमेरिका की प्रथम कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल जेवियर ब्रूनसन, उत्तर पश्चिम नौसेना क्षेत्र के कमांडर रियर एडमिरल मार्क सुकाटो, वाशिंगटन के लेफ्टिनेंट गवर्नर डेनी हेक और डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता स्टीव हॉब्स तथा वाशिंगटन उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश स्टीव गोंजालेज शामिल थे।
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नयी दिल्ली. भारत ने पोलैंड से अनूठे कृषि उत्पादों का निर्यात बढ़ाने की अपनी पहल के तहत अंजीर के रस की पहली खेप पोलैंड को निर्यात की है। वाणिज्य मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) ने जीआई-टैग वाले पुरंदर अंजीर से बने भारत के पहले पीने के लिए तैयार अंजीर के रस के पोलैंड को निर्यात की सुविधा प्रदान की। जीआई (भौगोलिक संकेत) टैग उस वस्तु को कानूनी सुरक्षा प्रदान करता है, दूसरों द्वारा अनधिकृत उपयोग को रोकता है और उत्पाद के निर्यात को बढ़ावा देने में मदद करता है। मंत्रालय ने कहा कि यह निर्यात वैश्विक बाजारों में भारतीय कृषि उत्पादों की क्षमता को दर्शाता है।
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नई दिल्ली। भारत की चौथी सबसे बड़ी कार कंपनी महिंद्रा एंड महिंद्रा ने आजादी के दिन अपनी बहुप्रतीक्षित थार रॉक्स को लॉन्च कर दिया है। कंपनी का लक्ष्य अगले तीन से पांच सालों में इस ब्रांड को 12.5 लाख रुपये से ऊपर की कैटेगरी में नंबर वन प्रोडक्ट बनाना है, जहां महिंद्रा की पहले से ही 27 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी है।
थार रॉक्स की शुरुआती कीमत इसके एंट्री लेवल मॉडल MX-1 (पेट्रोल) के लिए 12.99 लाख रुपये है, जबकि डीजल वर्जन की कीमत 13.99 लाख रुपये (एक्स-शोरूम) से शुरू होती है। अधिक महंगे वेरिएंट की कीमतें बाद में घोषित की जाएंगी।महिंद्रा की नज़र अब 12.5 लाख रुपये से ऊपर की गाड़ियों परमहिंद्रा एंड महिंद्रा के सीईओ राजेश जेजूरीकर ने बताया कि कार मार्केट का आधा हिस्सा 12.5 लाख रुपये से कम कीमत वाली गाड़ियों का है, जहां महिंद्रा की सिर्फ 13% हिस्सेदारी है। लेकिन 12.5 लाख रुपये से ऊपर की गाड़ियों के बाजार में, जो पूरे मार्केट का 45% है, महिंद्रा की 27% हिस्सेदारी है। कंपनी का लक्ष्य अगले तीन से पांच साल में इस कैटेगरी में नंबर वन बनना है।महिंद्रा के पास इस कैटेगरी में टॉप 5 मॉडलों में से स्कोर्पियो नंबर एक और एक्सयूवी 700 नंबर पांच पर है। कंपनी को उम्मीद है कि हाल ही में लॉन्च हुई XUV 3XO की सफलता से 12.5 लाख रुपये से कम वाली कैटेगरी में भी उनकी हिस्सेदारी बढ़ेगी।थार रॉक्स की बुकिंग 30 अक्टूबर से ऑनलाइन और महिंद्रा डीलरशिप पर शुरू होगी, और टेस्ट ड्राइव 14 सितंबर से शुरू होगी।थार रॉक्स दशहरे से होगी उपलब्धकंपनी ने बताया कि थार रॉक्स की डिलीवरी इस दशहरे से शुरू होगी, ताकि ग्राहक जल्द से जल्द अपनी नई महिंद्रा एसयूवी का आनंद ले सकें। मुंबई के महिंद्रा इंडिया डिजाइन स्टूडियो (एमआईडीएस) में डिजाइन की गई, चेन्नई के पास महिंद्रा रिसर्च वैली (एमआरवी) में इंजीनियरिंग की गई, और महिंद्रा एसयूवी प्रूविंग ट्रैक (एमएसपीटी) पर विकसित और टेस्ट की गई, थार रॉक्स नासिक में महिंद्रा की एडवांस फैसिलिटी में बनाई गई है। -
मुंबई. स्थानीय शेयर बाजारों में दो दिन से जारी गिरावट पर बुधवार को विराम लगा और बीएसई सेंसेक्स 150 अंक चढ़ गया। अमेरिकी बाजारों में तेजी के बीच सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियों के शेयरों में लिवाली से बाजार में मजबूती रही। तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 149.85 अंक यानी 0.19 प्रतिशत की बढ़त के साथ 79,105.88 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान, एक समय यह 272.91 अंक तक चढ़ गया था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी मामूली 4.75 अंक यानी 0.02 प्रतिशत की बढ़त के साथ 24,143.75 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स की कंपनियों में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, टेक महिंद्रा, इन्फोसिस, महिंद्रा एंड महिंद्रा और टाटा मोटर्स प्रमुख रूप से लाभ में रहीं। वहीं, नुकसान में रहने वाले शेयरों में अल्ट्राटेक सीमेंट, जेएसडब्ल्यू स्टील, टाटा स्टील, अदाणी पोर्ट्स, पावर ग्रिड और बजाज फिनसर्व शामिल हैं। उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद खनन शेयरों में गिरावट रही। शीर्ष अदालत ने खनिज संपन्न राज्यों को बड़ी राहत देते हुए उन्हें खनिजों और खनिज-युक्त भूमि पर केंद्र सरकार से 12 वर्ष में क्रमबद्ध तरीके से रॉयल्टी तथा कर पर एक अप्रैल, 2005 से बकाया लेने की बुधवार को अनुमति दे दी। एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी और जापान का निक्की लाभ में जबकि चीन का शंघाई कम्पोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग नुकसान में रहे। यूरोप के प्रमुख बाजार सकारात्मक दायरे में रहे। अमेरिकी बाजार मंगलवार को बढ़त में रहे थे।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकारण के विजयकुमार ने कहा, ‘‘अमेरिका में पीपीआई (उत्पादक कीमत महंगाई) आंकड़ा मुद्रास्फीति में नरमी का संकेत देता है। आज आ रहे उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के आंकड़ों से इसकी पुष्टि हो जाएगी। अमेरिकी बाजार में महंगाई में कमी और फेडरल रिजर्व के सितंबर में नीतिगत दर में कमी की उम्मीद से मंगलवार को तेजी आई।'' शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने मंगलवार को 2,107.17 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे। वहीं घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 1,239.96 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे। वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.59 प्रतिशत चढ़कर 81.17 डॉलर प्रति बैरल रहा।
बीएसई सेंसेक्स मंगलवार को 692.89 अंक के नुकसान में रहा था जबकि एनएसई निफ्टी 208 अंक टूटा था।
- नयी दिल्ली. सरकार ने मंगलवार को कहा कि खनन परिचालक-सह-डेवलपर (एमडीओ) के माध्यम से संचालित होने के लिए चिन्हित 28 कोयला खनन परियोजनाओं में से 18 कोयला खदानें प्रमुख निजी कंपनियों को सौंपी गयी हैं। कोयला मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘‘शुरू में, कोल इंडिया ने एमडीओ व्यवस्था के तहत क्रियान्वयन के लिए 16.8 करोड़ टन की संयुक्त क्षमता वाली 15 कोयला खदान परियोजनाओं की पहचान की थी। यह संख्या अब बढ़कर अब 28 हो गयी है। इसमें 18 ओपनकास्ट और 10 भूमिगत खदानें हैं। इनकी कुल क्षमता 25.7 करोड़ टन है। अबतक 18 खदानें प्रमुख निजी कंपनियों को आवंटित की गई हैं। यह इस महत्वाकांक्षी प्रयास में मील का पत्थर है। एमडीओ को शामिल करने का प्राथमिक लक्ष्य संचालन को सुव्यवस्थित कर कोयला उत्पादकता बढ़ाना और खनन लागत को कम करना है। बयान में कहा गया है कि खुली वैश्विक निविदाओं के माध्यम से चुने गए ये परिचालक समझौते के अनुरूप खनन और कोयला निकालने से लेकर उसकी आपूर्ति तक पूरी खनन प्रक्रिया को देखेंगे। कोल इंडिया का अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी क्षमताओं के लिए चर्चित एमडीओ के साथ साझेदारी का लक्ष्य खनन गतिविधियों को आधुनिक बनाना और परिचालन दक्षता में सुधार करना है।
- नयी दिल्ली. एक सप्ताह तक व्यापक अशांति से प्रभावित रहे बांग्लादेश में कारोबार करने वाली भारतीय एफएमसीजी कंपनियों का कहना है कि अब उनका कारोबार धीरे-धीरे सामान्य स्थिति की तरफ लौटने लगा है। दैनिक उपभोग का सामान (एफएमसीजी) बनाने वाली कई भारतीय कंपनियों का बांग्लादेश में भी कारोबार है। इनमें मैरिको, डाबर, इमामी, पिडिलाइट इंडस्ट्रीज, ब्रिटानिया और गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स शामिल हैं। इनके अलावा डोमिनोज पिज्जा शृंखला का संचालन करने वाली कंपनी जुबिलेंट फूडवर्क्स लिमिटेड (जेएफएल) भी बांग्लादेश में करीब 30 स्टोर संचालित करती है। अगस्त के शुरुआती हफ्ते में बांग्लादेश आंतरिक अशांति और हिंसा की चपेट में आ गया था। सरकार-विरोधी प्रदर्शनों के उग्र रूप अख्तियार करने के बाद तमाम कारोबारी गतिविधियां ठप पड़ गई थीं। हालांकि, पिछले हफ्ते अंतरिम सरकार का गठन होने के बाद से स्थिति धीरे-धीरे नियंत्रण में आ रही है।मैरिको ने कहा है कि बांग्लादेश में स्थित उसकी विनिर्माण इकाइयों ने 11 अगस्त को सामान्य रूप से कामकाज शुरू कर दिया। कंपनी ने कहा, ‘‘बाजार में परिचालन हालात धीरे-धीरे सुधर रहे हैं और हमारे खुदरा श्रमबल और वितरकों का एक बड़ा हिस्सा काम करने लगा है।'' मैरिको के अंतरराष्ट्रीय कारोबार में बांग्लादेश की हिस्सेदारी 44 प्रतिशत तक है। इसके वहां दो कारखाने और पांच डिपो हैं। इसने 1999 में एक अनुषंगी मैरिको बांग्लादेश बनाई थी जो वहां के शेयर बाजारों में सूचीबद्ध इकाई है। डाबर इंडिया ने भी कहा कि उसका कारखाना और स्टॉक रखने वाले कारोबारी एक हफ्ते तक कामकाज बंद रहने के बाद अब सामान्य रूप से परिचालन करने लगे हैं। डाबर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी मोहित मल्होत्रा ने कहा, ‘‘हम हालात पर करीबी निगाह रखे हुए हैं और हम परिचालन में सामान्य स्थिति बहाल करने के सभी प्रयास करेंगे।'' उन्होंने कहा कि बांग्लादेश का डाबर के एकीकृत राजस्व में एक प्रतिशत से कम और मुनाफे में 0.5 प्रतिशत से कम योगदान है। एक अन्य घरेलू कंपनी इमामी की भी बांग्लादेश में उपस्थिति है लेकिन यह आकार में छोटी है। बांग्लादेश इमामी के कुल एकीकृत राजस्व में लगभग चार प्रतिशत का योगदान देता है। पांच अगस्त को शेख हसीना सरकार के पतन के बाद देशभर में भड़की हिंसा की घटनाओं में बांग्लादेश में 230 से अधिक लोग मारे गए। इससे जुलाई के मध्य में शुरू हुए प्रदर्शनों के बाद से मरने वालों की संख्या बढ़कर 560 हो गई।
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नई दिल्ली। राष्ट्रीय खनन कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने अनुबंधित मात्रा से जुड़े सभी प्रतिबंध खत्म करते हुए बिजली उत्पादन इकाइयों के लिए कोयले की आपूर्ति के द्वार खोल दिए हैं। सीआईएल के साथ ईंधन आपूर्ति समझौता (एफएसए) करने वाला कोई भी बिजली संयंत्र अब अपनी जरूरत के मुताबिक जितना भी चाहे कोयला खरीद सकता है।
कंपनी ने मंगलवार को एक बयान में कहा, ‘स्वतंत्र बिजली संयंत्रों (आईपीपी) या निजी मालिकाना वाली इकाइयों सहित देश के सभी ताप बिजली संयंत्रों के लिए सीआईएल ने एसीक्यू से परे कोयले की आपूर्ति की राह खोल दी है। यह उन बिजली उत्पादन संयंत्रों पर लागू होगा, जिन्होंने प्रावधानों के तहत आपूर्ति समझौते किए हैं।’इसने कहा है कि जून के अंतिम सप्ताह में सीआईएल के बोर्ड ने सालाना अनुबंधित मात्रा (एसीक्यू) से परे आपूर्ति के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी। इसमें कहा गया है, ‘इस प्रावधान से कारोबार में सुगमता होगी, सरलता आएगी और काम के दोहराव को रोका जा सकेगा।’कोल इंडिया के एक अधिकारी ने कहा कि कोयले की आपूर्ति उसी मूल्य पर की जाएगी, जिस मूल्य पर बिजली संयंत्र ने आपूर्ति समझौता किया है। इसके साथ ही सीआईएल ने पहले के उन प्रावधानों को हटा दिया है, जिसके तहत बिजली संयंत्रों और आईआईपी को एसीक्यू से अधिकतम 120 फीसदी आपूर्ति की अनुमति थी।साल 2007 में पेश की गई नई कोयला विकास नीति में पहली बार एसीक्यू की अवधारणा लाई गई थी। इसके तहत कोल इंडिया बिजली संयंत्रों की कुल जरूरत की एक निश्चित सीमा तक ही कोयले की आपूर्ति करती थी। उस समय यह 80 से 90 फीसदी तक था। 2022-23 के अंत में इसे बढ़ाकर संयंत्र की जरूरत का 100 फीसदी कर दिया गया और साल 2023-24 में कोल इंडिया के पास कोयले की अतिरिक्त उपलब्धता के कारण इसे बढ़ाकर 120 फीसदी कर दिया गया।कंपनी ने कहा, ‘अब सरलीकरण किए जाने से उन बिजली संयंत्रों को लाभ होगा, जो एसीक्यू से इतर ज्यादा मात्रा में कोयला खरीदना चाहते हैं। कोल इंडिया के इस बदलाव से ऐसे समय में उसकी आपूर्ति को बढ़ावा मिलेगा, जब कोयले की मांग में नरमी के संकेत मिल रहे हैं।’बिज़नेस स्टैंडर्ड के साथ बातचीत में पिछले महीने कोल इंडिया के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक पीएम प्रसाद ने कहा था कि राजस्व बढ़ाने के लिए उत्पादन की मात्रा बढ़ाना कंपनी का एक साधन है।प्रसाद ने कहा था, ‘कोयले की बिक्री की मात्रा बढ़ने से हमारा राजस्व बढ़ेगा, क्योंकि ज्यादातर लागत तय है और बिक्री में अगर कोई बढ़ोतरी होती है तो इसका अतिरिक्त फायदा मिलेगा।’ कोल इंडिया के पास इस समय 7.2 करोड़ टन कोयले का भंडार है, जो 12 अगस्त, 2023 के 4.9 करोड़ टन की तुलना में 47 फीसदी ज्यादा है। बिजली संयंत्रों के पास कोयले के भंडार का राष्ट्रीय औसत 14 दिन का है, जो मॉनसून के महीनों में पिछले कुछ वर्षों की तुलना में रिकॉर्ड उच्च स्तर है। -
नई दिल्ली ।केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि वे चाहती हैं कि टैक्स की दरें लगभग शून्य हो जाएं, लेकिन उन्होंने यह भी माना कि भारत के सामने कई बड़ी चुनौतियां हैं जिनसे निपटना जरूरी है। उन्होंने कहा कि अनुसंधान और विकास के लिए धन जुटाना आवश्यक है। सीतारमण ने कहा कि एक वित्त मंत्री के रूप में उनका काम सरकार के लिए राजस्व जुटाना है, न कि लोगों को परेशान करना।सीतारमण भोपाल में भारतीय विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान संस्थान (IISER) के 11वें दीक्षांत समारोह में बोल रही थीं। उन्होंने ऊर्जा बदलाव के संदर्भ में कहा कि भारत को अपने वादे पूरे करने के लिए खुद का पैसा खर्च करना पड़ रहा है, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय समुदाय से वादा किया गया धन अभी तक नहीं मिला है। उन्होंने कहा, “भारत ने पेरिस समझौते में किए गए वादों को अपने पैसे से पूरा किया है।”
वित्त मंत्री ने छात्रों से आग्रह किया कि वे भारत को ‘विकसित राष्ट्र’ बनाने और जलवायु परिवर्तन के समाधान खोजने के नए तरीके ढूंढें। उन्होंने कहा कि टैक्स से इकट्ठा होने वाले धन का इस्तेमाल देश में अनुसंधान और विकास के लिए किया जा रहा है। सीतारमण ने उदाहरण के तौर पर अंतरिम बजट में घोषित ‘अनुसंधान कोष’ का जिक्र किया, जिसे नए और तेजी से बढ़ते क्षेत्रों में निवेश के लिए स्थापित किया गया है।वित्त मंत्री ने नवीकरणीय ऊर्जा के भंडारण के लिए समाधान खोजने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने छात्रों से कहा कि वे भारत की चुनौतियों को समझें और उन पर काम करें। सीतारमण ने भारत की अंतरिक्ष अनुसंधान में प्रगति और 5G की तेज शुरुआत की सराहना की, साथ ही यह भी माना कि भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) अभी भी 4G की शुरुआत करने में कठिनाइयों का सामना कर रहा है।उन्होंने कहा, “हमने BSNL को काफी मदद और समर्थन दिया है। वे जल्द ही 5G शुरू करेंगे।” सीतारमण ने बताया कि भारत में जो 5G सेवा आई है, वह पूरी तरह से देश में ही विकसित की गई है। उन्होंने कहा, “यह तकनीक आप जैसे लोगों ने बनाई है और यह भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।” - नयी दिल्ली. वनवेब सैटेलाइट सेवा पूरी तरह तैयार है और कंपनी को अपनी सेवाएं शुरू करने के लिए सरकार की मंजूरी का इंतजार है। भारती समूह के चेयरमैन सुनील मित्तल ने सोमवार को यह बात कही। वनवेब के दो सैटेलाइट नेटवर्क पोर्टल या एसएनपी तैयार हैं, एक दक्षिण में और दूसरा उत्तर में। कंपनी ने सेना, नौसेना और अन्य सरकारी एजेंसियों के सामने परीक्षण किए हैं। मित्तल ने कहा, ‘‘यह अब शुरू होने लिए तैयार है... उपग्रह हर समय भारत के चारों ओर चक्कर लगा रहे हैं... हम अब केवल दूरसंचार विभाग से मंजूरी मिलने का इंतजार कर रहे हैं, ताकि वाणिज्यिक सेवा के लिए उन एसएनपी को चालू किया जा सके। ये सेवाएं कभी भी शुरू हो सकती हैं।'' उन्होंने कहा कि कंपनी ने सरकार से इस प्रक्रिया में तेजी लाने का अनुरोध किया है।
- नयी दिल्ली। जीवन बीमा कंपनियों ने जुलाई में नये व्यवसाय से 31,823 करोड़ रुपये का प्रीमियम हासिल किया, जो 14 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के नये कारोबार से प्रीमियम में 19.78 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई और यह जुलाई, 2023 के 15,387 करोड़ रुपये से बढ़कर जुलाई, 2024 में 18,431 करोड़ रुपये हो गया। जीवन बीमा परिषद के आंकड़ों से पता चलता है कि वित्त वर्ष 2024-25 के पहले चार महीनों में नया व्यवसाय प्रीमियम संग्रह सालाना आधार पर 26 प्रतिशत बढ़कर 75,872 करोड़ रुपये हो गया। परिषद के आंकड़ों के अनुसार, इस साल अब तक का कुल संग्रह 1,00,872 करोड़ रुपये से बढ़कर इस साल 1,21,549 करोड़ रुपये हो गया।
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नयी दिल्ली. सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) को नए कुओं से उत्पादित किसी भी प्राकृतिक गैस के लिए विनियमित या एपीएम मूल्य पर 20 प्रतिशत प्रीमियम को मंजूरी दे दी है। कंपनी ने सोमवार को यह जानकारी दी। वर्तमान में घरेलू स्तर पर निकाली गई प्राकृतिक गैस की कीमतों के निर्धारण की दो व्यवस्थाएं हैं। इस गैस का इस्तेमाल बिजली बनाने, उर्वरक का उत्पादन करने, सीएनजी में बदलने और खाना पकाने के लिए घरों में पाइप के जरिये पहुंचाने में किया जाता है। ओएनजीसी और ऑयल इंडिया लिमिटेड को नामांकन के आधार पर दिए गए क्षेत्रों से उत्पादित गैस की कीमत भारत द्वारा आयात किए जाने वाले कच्चे तेल की मौजूदा कीमत का 10 प्रतिशत है। यह मूल्य अधिकतम 6.5 डॉलर प्रति मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट (एमबीटीयू) हो सकता है जो कि विनियमित या एपीएम मूल्य कहलाता है। वहीं, गहरे समुद्र जैसे मुश्किल क्षेत्रों से उत्पादित गैस का मूल्य निर्धारण एक अलग फॉर्मूले से होता है। एक अप्रैल से 30 सितंबर तक के लिए यह मूल्य 9.87 डॉलर प्रति इकाई है। पिछले साल इन फॉर्मूलों को अपनाए जाते समय यह निर्णय लिया गया था कि नए कुओं से उत्पादित गैस को एपीएम मूल्य के ऊपर 20 प्रतिशत का प्रीमियम दिया जाएगा। अब इस फैसले को अधिसूचित कर दिया गया है। ओएनजीसी ने एक बयान में कहा, ‘‘पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने ओएनजीसी और ऑयल इंडिया के नामांकित क्षेत्रों से नए कुओं या कुओं में सुधार से उत्पादित गैस के आवंटन को एपीएम मूल्य पर 20 प्रतिशत प्रीमियम पर अधिसूचित कर दिया है।'' सरकारी तेल एवं गैस कंपनी ने कहा कि नामांकित क्षेत्रों में नए कुओं या कुओं में सुधार से उत्पादित गैस के लिए एपीएम मूल्य पर 20 प्रतिशत का प्रीमियम होगा। ओएनजीसी ने कहा कि नई गैस के लिए बढ़ी हुई कीमत नई गैस विकास परियोजनाओं को व्यवहार्य बनाएगी और चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में नामांकित क्षेत्रों से प्राकृतिक गैस के उत्पादन को बढ़ाने में मदद करेगी।
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नयी दिल्ली. मजबूत वैश्विक रुख के बीच स्थानीय सर्राफा बाजार में सोमवार को सोने का भाव 200 रुपये की बढ़त के साथ 72,350 रुपये प्रति 10 ग्राम पर जा पहुंचा। अखिल भारतीय सर्राफा संघ के अनुसार इससे पिछले कारोबारी सत्र में शनिवार को 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना गिरावट दर्शाता 72,150 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। चांदी की कीमत भी 1,000 रुपये के उछाल के साथ 83,500 रुपये प्रति किलोग्राम पर जा पहुंची। पिछले सत्र में चांदी 82,500 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी। राष्ट्रीय राजधानी में पिछले कारोबारी सत्र में 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना 200 रुपये मजबूत होकर 72,000 रुपये प्रति 10 ग्राम पर जा पहुंचा जो शनिवार को 71,800 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। व्यापारियों ने सोने की कीमतों में तेजी का श्रेय स्थानीय आभूषण विक्रेताओं की बढ़ी हुई मांग तथा अंतरराष्ट्रीय बाजारों में मजबूती के रुख को दिया। वैश्विक मोर्चे पर कॉमेक्स में सोना 2,481.80 डॉलर प्रति औंस पर बोला गया, जो पिछले दिन से 8.40 डॉलर प्रति औंस अधिक है। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक-जिंस सौमिल गांधी ने कहा, ‘‘सोमवार को सोने की कीमतों में तेजी आई क्योंकि पश्चिम एशिया संकटों के बीच भू-राजनीतिक चिंताओं ने सोने की सुरक्षित-निवेश विकल्प के रूप में मांग को बढ़ावा दिया।'' गांधी ने कहा कि इसके अलावा, व्यापारियों ने हाल ही में कमजोर वृहद आर्थिक आंकड़े द्वारा सोने को और समर्थन प्रदान करने के बाद इस साल अमेरिकी फेडरल रिजर्व की आक्रामक ब्याज दर कटौती पर भी अपना दांव बढ़ा दिया। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज में जिंस शोध के वरिष्ठ विश्लेषक मानव मोदी के अनुसार, पिछले सत्र में तेज वृद्धि के बाद सोने की कीमतें स्थिर रहीं, अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल में गिरावट से बल मिला, क्योंकि निवेशकों को भरोसा था कि फेडरल रिजर्व इस साल सितंबर में ब्याज दरों को कम करेगा। अंतरराष्ट्रीय बाजारों में चांदी 28.01 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गई।
- नयी दिल्ली। वृहद-आर्थिक आंकड़े, कंपनियों के जून तिमाही के नतीजे और वैश्विक रुझान आने वाले सप्ताह में शेयर बाजार की कारोबारी धारणा को प्रभावित करेंगे। विश्लेषकों ने यह अनुमान जताया है। इसके अलावा, विदेशी निवेशकों की व्यापारिक गतिविधि भी बाजार में गतिविधियों को निर्धारित करने में एक महत्वपूर्ण कारक होगी। इस सप्ताह चार दिन ही कारोबार होगा। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर शेयर बाजार बंद रहेंगे। स्वास्तिका इन्वेस्टमार्ट लिमिटेड में वरिष्ठ तकनीकी विश्लेषक प्रवेश गौर ने कहा, "इस सप्ताह सबका ध्यान वैश्विक बाजारों पर रहेगा क्योंकि हम स्थिरता की लंबी अवधि के बाद कमजोरी का असर देख सकते हैं। भारतीय इक्विटी बाजार में भी इस सप्ताह कुछ हद तक स्तर बनाए रखने की स्थिति से जूझ सकते हैं। बाजार के ऊंचे मूल्यांकन के अलावा भू-राजनीतिक तनाव भी बढ़ रहे हैं।" उन्होंने कहा कि घरेलू मोर्चे पर अप्रैल-जून तिमाही के लिए कंपनियों के वित्तीय नतीजों का अंतिम दौर इस सप्ताह खास शेयरों की दिशा तय करेंगे। इस सप्ताह हीरो मोटोकॉर्प और हिंडाल्को जैसी कुछ बड़ी कंपनियों के नतीजे आने वाले हैं। गौर ने कहा, "संस्थागत प्रवाह भी बाजार की गतिशीलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।" वोडाफोन आइडिया, एनएमडीसी, आईआरसीटीसी, एसजेवीएन और पीसी ज्वैलर भी सप्ताह के दौरान अपनी तिमाही आय की घोषणा करेंगे। व्यापक आर्थिक मोर्चे पर सोमवार को जून के औद्योगिक उत्पादन आंकड़े और जुलाई की खुदरा मुद्रास्फीति दर की घोषणा की जाएगी। थोक मूल्य सूचकांक आधारित खुदरा मुद्रास्फीति का आंकड़ा बुधवार को जारी किया जाएगा। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि इस सप्ताह आने वाले भारतीय मुद्रास्फीति के आंकड़ों के अलावा वैश्विक बाजार घरेलू बाजार की दिशा तय करेंगे। पिछले सप्ताह, बीएसई सेंसेक्स 1,276.04 अंक यानी 1.57 प्रतिशत गिरा जबकि एनएसई निफ्टी 350.2 अंक यानी 1.41 प्रतिशत की गिरावट पर रहा। येन कैरी ट्रेड के बंद होने और अमेरिका में मंदी की आशंकाओं के कारण पिछले सप्ताह वैश्विक स्तर पर शेयर बाजारों में तेज गिरावट आई।
- नयी दिल्ली। आयात बढ़ने के कारण घरेलू इस्पात की कीमतें तीन साल के निचले स्तर पर आ गई हैं। एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। बाजार शोध कंपनी बिगमिंट ने एक रिपोर्ट में कहा कि हॉट रोल्ड कॉइल्स (एचआरसी) की कीमत गिरकर अब 51,000 रुपये प्रति टन पर आ गई हैं जो अप्रैल, 2022 में 76,000 रुपये प्रति टन थीं। रिपोर्ट के मुताबिक, कोल्ड रोल्ड कॉइल्स (सीआरसी) की कीमत अप्रैल, 2022 में 86,300 रुपये प्रति टन से गिरकर 58,200 रुपये प्रति टन हो गई है। इन कीमतों में वस्तु पर लगने वाला 18 प्रतिशत जीएसटी शामिल नहीं है। बिगमिंट ने कहा, “भारत में एचआरसी और सीआरसी की दरें तीन साल के निचले स्तर पर कारोबार कर रही हैं। आयात में उछाल से घरेलू कीमतों पर असर पड़ा है, जिससे मांग प्रभावित हुई है।” आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल-जून तिमाही में आयात 68 प्रतिशत बढ़कर 19.3 लाख टन हो गया, जो 2023-24 की समान अवधि में 11.5 लाख टन था। इस्पात आयात 2023-24 में 38 प्रतिशत बढ़कर 83.19 लाख टन हो गया है, जो भारत को इसका शुद्ध आयातक बनाता है।
- नयी दिल्ली । सीमित शेयरों में निवेश करने वाले फोकस्ड म्यूचुअल फंड निवेशकों के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं। इस श्रेणी का परिसंपत्ति आधार चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 31 प्रतिशत बढ़कर 1.43 लाख करोड़ रुपये हो गया है। फोकस्ड म्यूचुअल फंड एक तरह का इक्विटी म्यूचुअल फंड है जो सीमित या कम संख्या में शेयरों में निवेश करता है। बाजार नियामक सेबी की तरफ से फोकस्ड फंड को अधिकतम 30 शेयरों में निवेश करने की अनुमति देने के दिशानिर्देश हैं। उद्योग जगत के आंकड़ों से पता चलता है कि इन्वेस्को इंडिया फोकस्ड फंड, महिंद्रा मनुलाइफ फोकस्ड फंड, जेएम फोकस्ड फंड और एचडीएफसी फोकस्ड 30 फंड जैसे कुछ फोकस्ड फंड ने पिछले साल में 40-60 प्रतिशत तक का उल्लेखनीय रिटर्न दिया है। फोकस्ड म्यूचुअल फंड के फंड मैनेजर को शेयरों के चयन में बेहद सजगता दिखानी होती है क्योंकि उन्हें किसी विशिष्ट बाजार मूल्यांकन या क्षेत्र के प्रति पूर्वाग्रह के बिना बाजार में सर्वोत्तम निवेश अवसरों की पहचान करनी होती है। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के आंकड़ों के मुताबिक, फोकस्ड फंडों की प्रबंधन-अधीन संपत्ति (एयूएम) चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में 1.43 लाख करोड़ रुपये हो गई जबकि एक साल पहले की समान तिमाही में यह 1.09 लाख करोड़ रुपये थी। आनंद राठी वेल्थ लिमिटेड के उप मुख्य कार्यपालक अधिकारी फिरोज अजीज ने कहा कि एयूएम में यह बढ़ोतरी पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवाओं (पीएमएस) के विकल्प के रूप में फोकस्ड फंडों के आकर्षण को दर्शाती है। खासकर हालिया कर बदलावों ने उच्च लागत और कर प्रभावों के कारण पीएमएस को कम आकर्षक बना दिया है। उद्योग के जानकार मौजूदा बाजार परिवेश में समझदार रणनीति के रूप में व्यवस्थित निवेश योजनाओं (एसआईपी) के जरिये फोकस्ड फंड में निवेश करने की सलाह देते हैं। ये फंड कम शेयरों में निवेश करते हैं लिहाजा एसआईपी समय के साथ निवेश बढ़ाकर जोखिम कम करने में मदद कर सकते हैं। कुल मिलाकर इस श्रेणी में विभिन्न म्यूचुअल फंड हाउस 31 केंद्रित योजनाएं पेश करते हैं। इन योजनाओं ने पिछले एक साल में 19-60 प्रतिशत का रिटर्न दिया है।
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नयी दिल्ली. भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी सिद्धार्थ मोहंती ने कहा है कि बीमा कंपनी चालू वित्त वर्ष के दौरान शेयरों में करीब 1.30 लाख करोड़ रुपये का नया निवेश करने पर विचार कर रही है। एलआईसी ने वित्त वर्ष 2024-25 में अप्रैल-जून के दौरान शेयरों में करीब 38,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है। एक साल पहले इसी अवधि में यह राशि 23,300 करोड़ रुपये थी। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में एलआईसी ने इक्विटी बाजारों में अपने निवेश से 15,500 करोड़ रुपये का लाभ कमाया। उसका निवेश से लाभ तिमाही आधार पर 13.5 प्रतिशत अधिक रहा। मोहंती ने कहा, ''हम निश्चित रूप से बाजारों और कीमतों में उतार-चढ़ाव को देख रहे हैं... हम एक अच्छी राशि का निवेश करने पर विचार कर रहे हैं, कम से कम हमने पिछले वित्त वर्ष में जितना निवेश किया था। एलआईसी ने वित्त वर्ष 2023-24 में करीब 1.32 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया था।'' उन्होंने कहा कि जून के अंत तक विभिन्न कंपनियों के शेयरों में एलआईसी के निवेश का बाजार मूल्य करीब 15 लाख करोड़ रुपये था। इस समय तक एलआईसी ने 282 कंपनियों के शेयरों में निवेश किया था। एलआईसी की प्रबंधन के तहत परिसंपत्तियां (एयूएम) जून के अंत तक बढ़कर 53,58,781 करोड़ रुपये हो गईं, जबकि पिछले साल इसी तिमाही के अंत में यह 46,11,067 करोड़ रुपये थीं। इसमें 16.22 प्रतिशत की वृद्धि हुई। देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी का कुल निवेश मार्च 2024 तक 7,30,662 करोड़ रुपये बढ़कर 49,75,514 करोड़ रुपये हो गया। यह मार्च 2023 में 42,44,852 करोड़ रुपये था।
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नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि बैंकों को जमा राशि जुटाने के लिए अनूठी और आकर्षक योजनाएं लानी चाहिए। भारतीय रिजर्व बैंक के निदेशक मंडल को संबोधित करने के बाद सीतारमण ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘जमा और उधार एक गाड़ी के दो पहिए हैं और जमा धीरे-धीरे रही है।’’उन्होंने कहा कि बैंकों को कोर बैंकिग यानी मुख्य कारोबार पर ध्यान देने की जरूरत है। इसमें जमा राशि जुटाना और जिन्हें कोष की जरूरत है, उन्हें कर्ज देना शामिल है।
सीतारमण ने जमा और कर्ज के बीच अंतर को दूर करने के लिए बैंकों से लोगों से धन जुटाने के लिए ‘अनूठी और आकर्षक’ जमा योजनाएं लाने को कहा। आरबीआई गवर्नर शक्तिकान्त दास ने कहा कि ब्याज दरें नियंत्रणमुक्त हैं और अक्सर बैंक धन आकर्षित करने के लिए जमा दरें बढ़ाते हैं। दास ने कहा, ‘‘बैंक ब्याज दर पर निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र हैं।’’उन्होंने इसी सप्ताह द्विमासिक मौद्रिक नीति पेश करते हुए बैंकों में जमा और कर्ज के बीच बढ़ते अंतर पर चिंता जतायी थी। उन्होंने कहा था कि बैंक कर्ज की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए अल्पकालिक गैर-खुदरा जमा और देनदारी के अन्य साधनों का अधिक सहारा ले रहे हैं।दास ने आगाह करते हुए कहा कि यह बैंकों में संरचनात्मक रूप से नकदी के मुद्दों को सामने ला सकता है। इसीलिए, बैंक नवीन उत्पादों और सेवा पेशकशों के माध्यम से और अपने विशाल नेटवर्क का लाभ उठाकर घरेलू वित्तीय बचत जुटाने पर अधिक ध्यान दे सकते हैं।


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