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नई दिल्ली। विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम- फेमा के अंतर्गत सक्षम प्राधिकारी ने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा चीन की मोबाइल फोन निर्माता कंपनी शाओमी के बैंक में जमा पांच हजार 551 करोड़ रुपये जब्त करने के आदेश को मंजूरी दे दी है। प्रवर्तन निदेशालय ने शाओमी द्वारा अपनी ग्रुप की एक कंपनी तथा अमरीका स्थित दो कंपनियों को रॉयल्टी के नाम पर पांच हजार 551 करोड़ रुपये के मूल्य के बराबर विदेशी मुद्रा का भुगतान का आरोप लगाया था। निदेशालय ने 29 अप्रैल को विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम के अंतर्गत बैंक में जमा राशि को जब्त करने के आदेश दिये थे और बाद में इसे सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी के लिए भेज दिया था।
फेमा की धारा-37ए के अंतर्गत नियुक्त सक्षम प्राधिकारी ने अब जब्ती आदेश को मंजूरी दे दी है। भारत में सक्षम प्राधिकारी की ओर से मंजूर किया गया यह अब तक का सबसे बड़ा जब्ती आदेश है। - नई दिल्ली। लंबे इंतजार के बाद आखिरकार दुनियाभर में पॉपुलर निसान की इलेक्ट्रिक कार निसान लीफ भारत में लॉन्च होने वाली है। जिस तरह बीते कुछ समय से निसान लीफ को टेस्टिंग के दौरान काफी बार देखा गया था, उसे लेकर लग रहा है इंडियन मार्केट में निसान लीफ की एंट्री अब हो जाएगी। फिलहाल निसान इंडियन मार्केट में मैग्नाइट और किक्स जैसी एसयूवी बेचती है। निसान इंडिया अक्टूबर में 18 तारीख को अपनी नई कार इंडियन मार्केट में पेश करने वाली है ।निसान लीफ के संभावित लुक और फीचर्स के साथ ही पावर की बात करें तो यह इलेक्ट्रिक कार प्रीमियम ईवी सेगमेंट में आ सकती है और यह लुक और फीचर्स के मामले में जबरदस्त होगी। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो निसान लीफ में अडवांस्ड ड्राइवर असिस्टेंट सिस्टम (ADAS) भी देखने को मिलेंगे। बाद बाकी इसमें ऑल एलईडी सेटअप के साथ ही बेहतरीन इंटीरियर और खूबियों की भरमार देखने को मिलेगी। निसान लीफ में 40 kWh का लीथियम आयन बैटरी पैक देखने को मिलेगा, जिसे एक बार फुल चार्ज करने पर 400 किलोमीटर तक की रेंज हासिल की जा सकती है। इसका इलेक्ट्रिक मोटर 146 bhp तक की पावर और 320 Nm टॉर्क जेनरेट करने में सक्षम होगा। स्पीड के मामले में भी निसान लीफ काफी जबरदस्त होगी। आने वाले समय में कंपनी मैग्नाइट बेस्ट एक 7 सीटर कार भी लॉन्च कर सकती है, जिसकी कीमत 10 लाख रुपये से कम हो सकती है ।
- नई दिल्ली। भारत 5G Services शुरू करने की तैयारी कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 1 अक्टूबर को आधिकारिक तौर पर 5G सर्विसेज की शुरुआत करेंगे, हालांकि आम यूजर्स के लिए 5जी नेटवर्क की सामान्य उपलब्धता में कुछ और सप्ताह लगने की संभावना है।मंत्रालय के आधिकारिक बयान में कहा गया है कि, "प्रधानमंत्री द्वारा चुनिंदा शहरों में लॉन्च किया जाने वाला 5G अगले कुछ वर्षों में पूरे देश को कवर करेगा। भारत पर 5G कम्यूनिकेशन का कुल आर्थिक प्रभाव 2035 तक 450 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है।"पीएम मोदी 5G के साथ-साथ भारतीय मोबाइल कांग्रेस (IMC) के छठे संस्करण का भी उद्घाटन करेंगे। IMC 2022 का आयोजन 1-4 अक्टूबर के बीच नई दिल्ली के प्रगति मैदान में किया जाएगा, जिसकी थीम "न्यू डिजिटल यूनिवर्स" होगी।दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा भारत का पहला 5G नेटवर्क वाला हवाई अड्डा बन गया है। हवाईअड्डा प्राधिकरण ने घोषणा की है कि Terminal 3 अब यात्रियों को 5G नेटवर्क कनेक्टिविटी देने के लिए तैयार है। अब जैसे ही एयरटेल और जियो अपने-अपने 5G सर्विस को शुरू करेंगे, वैसे ही दिल्ली के इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर यात्रियों को 5G नेटवर्क की सुविधा मिलनी शुरू हो जाएगी।दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (DIAL) ने एक आधिकारिक बयान जारी कर कहा है कि दिल्ली एयरपोर्ट टर्मिनल 3 से उड़ान भरने वाले यात्री जल्द ही 5G नेटवर्क का इस्तेमाल कर सकेंगे। ऑथोरिटी का कहना है कि 5G नेटवर्क हवाई अड्डे में उपलब्ध वाई-फाई सिस्टम की तुलना में 20 गुना ज्यादा तेज इंटरनेट डेटा स्पीड प्रोवाइड करेगा।5G कनेक्टिविटी वाले स्मार्टफोन की होगी जरूरतDIAL का कहना है कि यात्री अपने 5G कनेक्टिविटी वाले स्मार्टफोन में बेहतर सिग्नल स्ट्रेंथ, शानदार कनेक्टिविटी की सुविधा मिलेगी। यात्रियों को ये सभी सुविधाएं टर्मिनल 3, T3 आगमन और मल्टी-लेवल कार पार्किंग (MLCP) पर मिलेंगी। आपको बता दें कि 5G नेटवर्क कनेक्टिविटी को T3 में कई चरणों में रोल आउट किया जाएगा। 5G सर्विस पूरी तरह से रोलआउट होने के बाद हवाई अड्डे पर यात्रियों को स्ट्रीमिंग के दौरान फास्ट डाउनलोड स्पीड और जीरो बफरिंग की सुविधा मिलेगी। यदि 5G का वादा सच हो जाता है तो हवाई अड्डे पर यात्रियों को स्ट्रीमिंग के दौरान तेज डाउनलोड गति और शून्य बफरिंग का आनंद मिलेगा। 5जी कनेक्टिविटी से एयरपोर्ट का ऑफिशियल काम भी काफी तेजी से होगा और इससे भी यात्रियों का काफी टाइम बचेगा।
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नयी दिल्ली। सरकार ने गुरुवार को वर्तमान विदेश व्यापार नीति (एफटीपी) को मार्च, 2023 तक के लिए बढ़ा दिया। विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने एक अधिसूचना जारी कर एफटीपी को छह महीने के लिए आगे बढ़ाए जाने की जानकारी दी। डीजीएफटी ने कहा, ‘‘इस समय लागू एफटीपी 2015-20 को 31 मार्च, 2023 तक बढ़ा दिया गया है।'' विदेश व्यापार नीति की अवधि 30 सितंबर को खत्म होने वाली थी। लेकिन विभिन्न निर्यातक संगठनों की मांग और मौजूदा भू-राजनीतिक परिस्थितियों में इसे छह महीनों के लिए आगे बढ़ाने का फैसला किया गया है। एफटीपी की मियाद 31 मार्च, 2020 को ही खत्म होने वाली थी लेकिन उसी समय कोरोनावायरस का प्रसार होने और फिर लॉकडाउन लगने के बाद इसे एक साल के लिए आगे बढ़ा दिया गया था। उसके बाद भी इस नीति को विस्तार मिलता रहा है। सरकार नई विदेश व्यापार नीति सितंबर के अंत में लाने की तैयारियों में लगी हुई थी लेकिन विदेश व्यापार से जुड़े संगठनों एवं उद्यमियों के साथ विचार-विमर्श के बाद मौजूदा नीति को ही फिलहाल जारी रखने का निर्णय लिया है। विदेश व्याापार नीति के तहत निर्यात गतिविधियों को बढ़ावा देकर देश की आर्थिक प्रगति में योगदान देना और रोजगार के नए अवसर पैदा करने से संबंधित दिशानिर्देश शामिल होते हैं। -
मीशो की बिक्री त्योहारी सेल में 68 प्रतिशत बढ़ी, 3.34 करोड़ ऑर्डर मिले
नयी दिल्ली । सॉफ्टबैंक के समर्थन वाली ई-वाणिज्य कंपनी मीशो की बिक्री पांच दिवसीय त्योहारी सेल के दौरान 68 प्रतिशत बढ़ गई। सेल में उसे लगभग 3.34 करोड़ ऑर्डर मिले। कंपनी ने गुरुवार को यह जानकारी दी। ‘मीशो मेगा ब्लॉकबस्टर सेल' 23 सितंबर से 27 सितंबर तक थी।कंपनी ने कहा कि उसे मिले कुल ऑर्डर में से लगभग 60 प्रतिशत चौथी श्रेणी के शहरों से आए। इस दौरान लेन-देन करने वाले उपयोगकर्ताओं की संख्या में भी 60 प्रतिशत का उछाल देखा जिनमें पहली बार ऑनलाइन खरीदारी करने वाले लोग शामिल थे। मीशो ने बयान में कहा, ''ग्राहकों ने पांच दिवसीय सेल में लगभग 3.34 करोड़ ऑर्डर दिए, जो पिछले साल की बिक्री से 68 प्रतिशत अधिक है।'' कंपनी को हिमाचल प्रदेश के ऊना, आंध्र प्रदेश के चिमाकुर्थी, पश्चिम बंगाल के कलिम्पोंग, गुजरात के भरूच, लेह और अन्य छोटे शहरों से ऑर्डर मिले। मीशो के संस्थापक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) विदित आत्रे ने कहा कि त्योहारी सेल के दौरान 80 प्रतिशत से अधिक ऑर्डर दूसरे श्रेणी और इसके और बाद की श्रेणी के शहरों से मिले। -
भारतीय बीमा बाजार दुनिया में सबसे आगे हो सकता है : इरडा प्रमुख
बेंगलुरु। भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) के चेयरमैन देबाशीष पांडा का मानना है कि तेज आर्थिक वृद्धि, डिजिटल बुनियादी ढांचा और नवाचार भारतीय बीमा बाजार को दुनिया का सबसे बड़ा बाजार बनाने में भूमिका निभाएंगे। पांडा ने गुरुवार को वैकल्पिक परिसंपत्तियों के लिए शीर्ष उद्योग निकाय इंडियन वेंचर एंड अल्टरनेट कैपिटल एसोसिएशन (आईवीसीए) द्वारा आयोजित एक चर्चा को संबोधित करते हुए यह बात कही। पांडा ने कहा, ‘‘बीमा बाजार का आकार वित्त वर्ष 2026-27 तक 200 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। हालांकि, हमारे पास महत्वाकांक्षी योजनाएं हैं। हमें बाजार के तेजी से बढ़ने की उम्मीद है और राष्ट्र निर्माण में उद्यम पूंजी, निजी इक्विटी और पारिवारिक कार्यालयों का योगदान सही दिशा में एक कदम है।'' एक विज्ञप्ति के अनुसार, भारत में बीमा पहुंच वित्त वर्ष 2020-21 में बढ़कर 4.2 प्रतिशत हो गई। वित्त वर्ष 2019-20 में यह 3.76 प्रतिशत थी। -
300 करोड़ रुपये के निवेश से दूसरी इकाई स्थापित करेगी श्नाइडर इलेक्ट्रिक
हैदराबाद। ऊर्जा प्रबंधन और स्वचालन सेवा प्रदाता कंपनी श्नाइडर इलेक्ट्रिक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड 300 करोड़ रुपये के निवेश से तेलंगाना में अपनी दूसरी इकाई स्थापित करेगी। कंपनी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) और प्रबंध निदेशक (एमडी) अनिल चौधरी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। यह कारखाना हैदराबाद में जीएमआर औद्योगिक पार्क में 18 एकड़ भूमि पर स्थापित किया जाएगा। चौधरी ने कहा, ''यह नई अत्याधुनिक इकाई हैदराबाद को देश में एक प्रमुख विनिर्माण केंद्र बनाने की हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है। हम इस परियोजना में 300 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करेंगे। इससे राज्य में अतिरिक्त 1,000 नौकरियों का सृजन होगा।'' चौधरी ने कारखाने के शिलान्यास समारोह में यह बात कही। समारोह में तेलंगाना के सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी), नगरीय प्रशासन एवं शहरी विकास मंत्री के टी रामा राव मुख्य अतिथि थे। उन्होंने कहा कि तेलंगाना विनिर्माताओं का केंद्र बनता जा रहा है। राव ने आगे कहा, ''हमारा मानना है कि यह संयंत्र उद्योग की जरूरतों को पूरा करने के अलावा राजस्व सृजन के अवसरों को बढ़ाएगा और रोजगार सृजन को भी बढ़ावा देगा।'' उन्होंने कहा कि श्नाइडर इलेक्ट्रिक की नई इकाई भारत में कंपनी की सबसे बड़ी फैक्ट्री होगी। - नयी दिल्ली। सरकार ने कुछ लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में 0.3 प्रतिशत तक की वृद्धि की है। अर्थव्यवस्था में इस समय ब्याज दरें मजबूत हो रही हैं, जिसके मद्देनजर सरकार ने यह कदम उठाया है। हालांकि नौकरीपेशा लोगों के बीच लोकप्रिय बचत योजना लोक भविष्य निधि (पीपीएफ) पर ब्याज 7.1 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया है। इसके अलावा राष्ट्रीय बचत पत्र (एनएससी) पर भी ब्याज दर को 6.8 प्रतिशत पर कायम रखा है। वहीं पांच अन्य योजनाओं जिनपर मिलने वाली आय करयोग्य होती है, पर ब्याज दरों में 0.3 प्रतिशत तक की वृद्धि की गई है। इस संशोधन के बाद डाकघर में तीन साल की जमा पर अब 5.8 प्रतिशत ब्याज मिलेगा। अभी तक यह दर 5.5 प्रतिशत थी। इस तरह चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में ब्याज दर में 0.3 प्रतिशत की वृद्धि होगी। वित्त मंत्रालय की ओर से गुरुवार को जारी अधिसूचना में कहा गया है कि अक्टूबर-दिसंबर की तिमाही के लिए वरिष्ठ नागरिक बचत योजना पर अब 7.6 प्रतिशत का ब्याज मिलेगा। अभी तक इस योजना पर 7.4 प्रतिशत ब्याज मिल रहा है। किसान विकास पत्र के संदर्भ में सरकार ने इसकी अवधि तथा ब्याज दर दोनों में संशोधन किया है। इसके तहत किसान विकास पत्र पर ब्याज अब 7.0 प्रतिशत होगा जो पहले 6.9 प्रतिशत था। अब यह 124 महीने के बजाय 123 महीने में परिपक्व होगा। मासिक बचत योजना पर अब 6.6 के बजाय 6.7 प्रतिशत ब्याज दिया जाएगा।भारतीय रिजर्व बैंक मई से प्रमुख नीतिगत दर रेपो में 1.4 प्रतिशत की वृद्धि कर चुका है। इसके चलते बैंक जमा पर ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर रहे हैं। अधिसूचना के अनुसार लोक भविष्य निधि (पीपीएफ) पर ब्याज 7.1 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया है। सुकन्या समृद्धि योजना पर भी ब्याज दर 7.6 प्रतिशत पर कायम रखा गया है। पांच साल की ‘रेकरिंग' या अनुवर्ती जमा पर ब्याज पहले की तरह 5.8 प्रतिशत मिलेगा।
- मुंबई। भारत का बाह्य ऋण चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 2.5 अरब डॉलर घटकर 617.1 अरब डॉलर रहा। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने गुरुवार को यह जानकारी दी। आरबीआई ने जून अंत तक के आंकड़े जारी करते हुए कहा कि इस समय भारत का विदेशी कर्ज 617.1 अरब डॉलर रहा जो मार्च, 2022 के अंत में रही स्थिति से 2.5 अरब डॉलर कम है। सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में बाह्य ऋण का अनुपात जून के अंत में घटकर 19.4 हो गया जबकि मार्च के अंत में यह अनुपात 19.9 प्रतिशत था। रुपये और अन्य प्रमुख विदेशी मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की कीमत में बढ़ोतरी होने से मूल्यांकन बढ़त जून के अंत में 14.4 अरब डॉलर रही। आरबीआई ने कहा, ‘‘मूल्यांकन प्रभाव को हटाकर देखें तो बाह्य ऋण में 2.5 अरब डॉलर की कमी आने के बजाय जून अंत तक 11.9 अरब डॉलर की बढ़ोतरी कर्ज की गई होती।'' जून के अंत तक दीर्घावधि ऋण 487.3 अरब डॉलर रहा जो मार्च अंत के स्तर से 10.6 अरब डॉलर अधिक है। दूसरी तरफ कुल बाह्य ऋण में अल्पावधि ऋण की हिस्सेदारी जून अंत में 21 प्रतिशत हो गई जबकि मार्च अंत में यह 19.6 प्रतिशत थी।
- मुंबई। टाटा समूह की विमानन कंपनी एयर इंडिया ने इकॉनमी श्रेणी में वरिष्ठ नागरिकों और छात्रों को मूल किराये पर दी जाने वाली छूट को आधा कर दिया है। कंपनी की वेबसाइट के अनुसार मूल किराये में संशोधित छूट 29 सितंबर से प्रभावी हो गयी है। अब तक एयर इंडिया इन दोनों श्रेणियों में 50 प्रतिशत की छूट दे रही थी। एयर इंडिया की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, ‘‘29 सितंबर या उसके बाद जारी होने वाले टिकट के मूल किराये पर वरिष्ठ नागरिकों और छात्रों को 25 प्रतिशत छूट मिलेगी। यह छूट इकॉनमी केबिन में चुनिंदा बुकिंग श्रेणी पर मिलेगी।'' टाटा समूह ने घाटे में चल रही एयर इंडिया का सरकार से अधिग्रहण इस साल 27 जनवरी को किया था।
- नयी दिल्ली। भारत ने कहा है कि बहुपक्षीय वित्तपोषण एजेंसी एडीबी सामान्य पूंजी वृद्धि के एक और दौर के माध्यम से अपना इक्विटी आधार बढ़ाए। इससे एडीबी की कर्ज गतिविधियां मजबूत होंगी। आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ ने एशियाई विकास बैंक (एडीबी) की 55वीं सालाना बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि जिंसों की बढ़ती कीमतें खाद्य सुरक्षा को खतरे में डाल रही हैं। सेठ ने कहा, ‘‘हम ऐसे समय बैठक में शामिल हो रहे हैं जब विभिन्न देशों में मौद्रिक नीति कड़ी की जा रही हैं, वैश्विक अर्थव्यवस्था में नरमी है, आपूर्ति व्यवस्था में व्यवधान है, महंगाई बढ़ने और जिंसों के दाम में तेजी से खाद्य सुरक्षा तथा आजीविका के साथ अब तक हुए विकास संबंधी लाभ को खतरा है।'' उन्होंने कहा कि राजकोषीय गुंजाइश उल्लेखनीय रूप से कम हुई है और सार्वजनिक कर्ज ने अतिरिक्त उधारी को सीमित किया है। सेठ ने कहा कि एडीबी की सीमित पूंजी का लाभ उठाने के लिये निजी क्षेत्र के संचालन में वृद्धि समय की आवश्यकता है। अधिक किफायती और अभिनव वित्तपोषण समाधान विकसित करने से व्यापक सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने कहा कि यह विकासशील सदस्य देशों (डीएमसी) में भी रोजगार पैदा करेगा। एडीबी को गरीबी कम करने पर निरंतर ध्यान केंद्रित करने के लिये संसाधन जुटाने की आवश्यकता है। सेठ ने कहा, ‘‘... समय आ गया है कि एडीबी सामान्य पूंजी वृद्धि के एक और दौर के माध्यम से अपनी इक्विटी पूंजी को मजबूत करने पर काम करे ताकि वह अपनी कर्ज पहुंच का विस्तार करने में सक्षम हो सके।
- नयी दिल्ली। जीएसटी अधिकारियों ने 15 बीमा कंपनियों, मध्यस्थों और बैंकों की 824 करोड़ रुपये की कर चोरी पकड़ी है। इन कंपनियों ने जाली बिल (इन्वॉयस) के जरिये यह कर अपवंचना की है। अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि इस बारे में सूचना मिलने के बाद मुंबई में जीएसटी आसूचना अधिकारियों ने कई बीमा कंपनियों, मध्यस्थ इकाइयों, विपणन/ब्रांडिंग कंपनियों, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) और बैंकों के परिसरों पर तलाशी अभियान चलाया। तलाशी के दौरान यह पता चला कि इन कंपनियों ने वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति किए बिना इनपुट कर क्रेडिट (आईटीसी) का लाभ लिया। अधिकारियों ने बताया कि 15 बीमा कंपनियां, मध्यस्थ इकाइयां, एनबीएफसी और बैंक कथित रूप से इस तरीके से जीएसटी की चोरी कर रहे थे। अभी तक करीब 824 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी का पता चला है।
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नयी दिल्ली। साख निर्धारित करने वाली अमेरिकी एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने बृहस्पतिवार को कहा कि विभिन्न देशों में नीतिगत दर में वृद्धि तथा यूरोप में ऊर्जा को लेकर असुरक्षा से लगभग हर देश की आर्थिक वृद्धि पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। लेकिन इसके उलट भारत की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में 7.3 प्रतिशत रहने की उम्मीद है और वह इस लिहाज से उभरते बाजार वाली अर्थव्यवस्थाओं में चमकता सितारा (स्टार) होगा। एसएंडपी ने एक रिपोर्ट में कहा कि विभिन्न देशों के केंद्रीय बैंकों के प्रमुख ब्याज दर बढ़ाने के बीच तंग होती वित्तीय स्थिति के साथ वैश्विक वृहत आर्थिक तत्वों का प्रदर्शन अगली कुछ तिमाहियों में वृद्धि में नरमी का संकेत दे रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, सभी उभरते बाजारों में दूसरी तिमाही में वृद्धि नरम हुई है। इसका कारण महंगाई से लोगों की वास्तविक आय का घटना, व्यापार भरोसा में कमी और वैश्विक स्तर पर महौल का अधिक जटिल होना है। उभरते बाजारों के केंद्रीय बैंक नीतिगत दर बढ़ाने के मामले में विकसित देशों से आगे हैं। लातिनी अमेरिकी देशों में ब्याज दर बढ़ाने का दौर अब समाप्त होने के चरण में आ गया है। कई देशों में मुख्य मुद्रास्फीति (कोर) लगातार बढ़ रही है। यह बताता है कि इस पर काबू पाने के लिये और बहुत कुछ किये जाने की जरूरत है। अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के नीतिगत दर में तेज वृद्धि से उभरते बाजारों में भुगतान संतुलन पर दबाव बढ़ा है। एसएंडपी ने कहा, ‘‘हमने चीन को छोड़कर 16 उभरती अर्थव्यस्थाओं को शामिल किया है। इनकी वृद्धि दर इस साल 5.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है। भारत चालू वित्त वर्ष (2022-23) में 7.3 प्रतिशत वृद्धि दर के साथ इस मामले में ‘स्टार' होगा।'' रेटिंग एजेंसी ने कहा कि चूंकि केंद्रीय बैंक मुद्रास्फीति को काबू में लाने के लिये आक्रामक रूप से ब्याज दर बढ़ा रहे हैं, ऐसे में हमारा विश्वास कम हो रहा है कि वे बड़ी नरमी से बच सकते हैं। उसने कहा, ‘‘हमें अब अमेरिका में हल्की मंदी की आशंका है। ब्याज दर में वृद्धि, यूरोप में ऊर्जा असुरक्षा और कोविड-19 का असर अभी बने रहने से हर जगह वृद्धि पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है।
- मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक के शुक्रवार को आने वाले मौद्रिक समीक्षा बैठक के नतीजों से पहले बृहस्पतिवार को रुपया एक सीमित दायरे में सुदृढ़ हुआ तथा अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले 13 पैसे की तेजी के साथ 81.80 प्रति डॉलर (अस्थायी) पर बंद हुआ। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 81.60 प्रति डॉलर पर खुला और कारोबार के दौरान 81.58 के दिन के उच्चतम स्तर और 81.94 के दिन के निम्नतम स्तर के बीच घट-बढ़ के बाद अंत में यह अपने पिछले बंद भाव के मुकाबले 13 पैसे की तेजी के साथ 81.80 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। बुधवार को रुपये की विनियम दर 40 पैसे की गिरावट के साथ 81.93 प्रति डॉलर पर बंद हुई थी। रिजर्व बैंक के मौद्रिक नीति के बारे में कोई फैसला आने से पहले कारोबारियों ने सतर्कता का रुख अपनाया। इस बीच, दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं के समक्ष डॉलर की मजबूती को आंकने वाला डॉलर सूचकांक 0.55 प्रतिशत चढ़कर 113.22 पर पहुंच गया। वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 0.25 प्रतिशत बढ़कर 89.54 डॉलर प्रति बैरल हो गया।बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 188.32 अंक की तेजी के साथ 56,409.96 पर बंद हुआ। शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक शुद्ध बिकवाल बने हुए हैं। उन्होंने बुधवार को 2,772.49 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।
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नयी दिल्ली. ‘आईफोन 14' की वैश्विक स्तर पर पेशकश के कुछ ही हफ्तों के भीतर इसका भारत में विनिर्माण शुरू होना देश में एप्पल की विनिर्माण क्षमताओं की परिपक्वता दिखाता है। मूडीज की निवेशक सेवा ने यह कहा। मूडीज में वरिष्ठ उपाध्यक्ष (कॉरपोरेट फाइनेंस समूह) राज जोशी ने कहा कि स्थानीय स्तर पर विनिर्मित आईफोन की संख्या बढ़ने के साथ-साथ भारत में एप्पल की विस्तार रणनीति को भी गति मिलेगी। जोशी ने कहा, ‘‘एप्पल के ‘आईफोन 14' उत्पादों की भारत में उत्पादन की योजना बहुत ही सकारात्मक है क्योंकि इससे उसके विनिर्माण आधार में विविधता आएगी जो अभी मुख्य रूप से चीन में ही केंद्रित है।'' मूडीज ने कहा कि भारत के स्मार्टफोन बाजार का आकार बड़ा और यहां 5जी नेटवर्क शुरू होने के साथ मजबूत वृद्धि की संभावनाओं को देखते हुए यह ‘‘एप्पल के लिए एक आकर्षक दीर्घकालिक बाजार'' भी है। भारत में ‘आईफोन 14' बनाने की एप्पल की योजना पर टिप्पणी करते हुए मूडीज ने कहा कि वैसे तो एप्पल 2017 से ही भारत में आईफोन बनाता आ रहा है लेकिन ‘आईफोन 14' की वैश्विक स्तर पर पेशकश करने के कुछ ही हफ्तों के भीतर यहां इसके विनिर्माण का निर्णय लेना भारत में कंपनी की विनिर्माण क्षमताओं की परिपक्वता को दर्शाता है। एप्पल ने हाल में घोषणा की थी कि ‘आईफोन 14' का विनिर्माण भारत में किया जाएगा। भारत में विनिर्मित ‘आईफोन 14' अगले कुछ दिन में स्थानीय ग्राहकों को मिलने लगेगा, वहीं इसे निर्यात भी किया जाएगा। -
नयी दिल्ली. सरकार ने निर्यात प्रक्रिया में जा चुके चावल टुकड़े के लिए अंतिम समयसीमा फिर से 15 दिन के लिए बढ़ा दी है। अब यह समयसीमा 15 अक्टूबर हो गई है। चावल टुकड़े के निर्यात पर आठ सितंबर को प्रतिबंध लगाया गया था हालांकि, नौ से 15 सितंबर के बीच कुछेक खेप के निर्यात की मंजूरी दी गई थी। 20 सितंबर को निर्यात की तारीख बढ़ाकर 30 सितंबर कर दी गई थी। विदेश व्यापार महानिदेशालय ने एक अधिसूचना में कहा, ‘‘चावल टुकड़े के निर्यात के लिए समयसीमा बढ़ाकर 15 अक्टूबर 2022 कर दी गई है। - मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को कहा कि कुल कर्ज में औद्योगिक ऋण की हिस्सेदारी पिछले एक दशक में धीरे-धीरे घटी है जबकि व्यक्तिगत कर्ज का हिस्सा बढ़ा है। आरबीआई की तरफ से ‘भारत में अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों के कर्ज पर मूल सांख्यिकीय रिटर्न - मार्च 2022' शीर्षक से जारी रिपोर्ट के अनुसार, मार्च 2022 में औद्योगिक और व्यक्तिगत ऋणों की हिस्सेदारी करीब 27-27 प्रतिशत थी। औद्योगिक क्षेत्र के ऋण में 2021-22 में 4.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई जबकि एक साल पहले इसमें गिरावट दर्ज की गयी थी। आरबीआई ने कहा कि हाल के वर्षों में खुदरा क्षेत्र से ऋण की मांग बढ़ी है। छोटे आकार के कर्ज का हिस्सा भी लगातार बढ़ रहा है। एक करोड़ रुपये तक के कर्ज की हिस्सेदारी मार्च 2022 में बढ़कर करीब 48 फीसद हो गई, जो पांच साल पहले करीब 39 फीसद थी। वहीं, 10 करोड़ रुपये से ज्यादा के कर्ज का हिस्सा घटकर 40 प्रतिशत पर आ गया जो पांच साल पहले 49 प्रतिशत था। इसमें कहा गया है कि कुल बैंक ऋण में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की हिस्सेदारी घट रही है।अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों के कुल कर्ज में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की हिस्सेदारी मार्च 2022 में 54.8 प्रतिशत रही। यह पांच साल पहले 65.8 प्रतिशत और 10 साल पहले 74.2 प्रतिशत थी। दूसरी तरफ निजी क्षेत्र के बैंकों की हिस्सेदारी पिछले दस साल में करीब दोगुनी होकर 36.9 प्रतिशत हो गई।
- नयी दिल्ली। भारतीय खुदरा आभूषण बाजार में खुदरा स्टोर श्रृंखलाओं की बाजार हिस्सेदारी अगले पांच वर्षों में बढ़कर 40 प्रतिशत होने की उम्मीद है। विश्व स्वर्ण परिषद (डब्ल्यूजीसी) की एक रिपोर्ट से यह जानकारी मिली है। एक साल पहले तक आभूषण स्टोरों की श्रृंखला (चेन) की भारतीय खुदरा आभूषण बाजार में 35 प्रतिशत हिस्सेदारी थी। शीर्ष पांच खुदरा विक्रेताओं के अगले पांच वर्षों में 800-1,000 स्टोर खोलने की संभावना है। डब्ल्यूजीसी ने ‘आभूषण बाजार संरचना' शीर्षक की एक रिपोर्ट पेश की है। इस रिपोर्ट में पिछले कुछ वर्षों में देश के सोने के आभूषण बाजार के बदलाव पर प्रकाश डाला गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि उद्योग छितरा हुआ है ऐसे में भारत में ज्वेलर्स की संख्या सटीक अनुमान लगाना असंभव है। विभिन्न व्यापार निकायों अनुमान 5,00,000 से 6,00,000 के बीच का है जिसमें काफी अंतर है। डब्ल्यूजीसी ने कहा, ‘‘बेहतर डिजाइन और उपभोक्ता अनुभव की मांग, हॉलमार्किंग के बारे में बढ़ती जागरूकता, बेहतर मूल्य निर्धारण संरचनाओं और प्रतिस्पर्धी रिटर्न नीतियों के साथ-साथ जीएसटी और नोटबंदी की वजह से खुदरा स्टोर श्रृंखलाओं की ओर रुझान बढ़ा है। इसने आगे कहा कि छोटे स्वतंत्र खुदरा विक्रेता अभी भी परिदृश्य पर हावी हैं। पिछले एक दशक में चेन स्टोर (राष्ट्रीय और क्षेत्रीय) की बाजार हिस्सेदारी लगातार बढ़ी है। रिपोर्ट में डब्ल्यूजीसी के भारत के क्षेत्रीय मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) सोमसुंदरम पीआर ने कहा, ‘‘भारतीय खुदरा आभूषण बाजार में पिछले एक दशक में कई संरचनात्मक परिवर्तन हुए हैं। ये कुछ नियमों और कुछ उपभोक्ता व्यवहार में बदलाव से प्रेरित हैं।'' रिपोर्ट के अनुसार, श्रृंखला स्टोर पिछले 10-15 वर्षों में बढ़े हैं। इसने 2021 तक 35 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी हासिल कर ली है।
- नयी दिल्ली। ऊंची महंगाई और वास्तविक मजदूरी में लगातार गिरावट के कारण वैश्विक मंदी की आशंका बढ़ी है। विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) ने दुनियाभर के मुख्य अर्थशास्त्रियों के बीच किये गये एक सर्वे के आधार पर बुधवार को यह निष्कर्ष निकाला है। डब्ल्यूईएफ मुख्य अर्थशास्त्री परिदृश्य रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2022-23 में कामगारों की वास्तविक मजदूरी दुनियाभर में घटने की आशंका है। दूसरी तरफ रहन-सहन की लागत बढ़ रही है। इससे सामाजिक असंतोष बढ़ने का खतरा है। हालांकि, अगले साल मुद्रास्फीतिक दबाव कम होने की उम्मीद है। सर्वेक्षण में कहा गया है कि अगले तीन साल में दुनिया के बड़े हिस्से में खाद्य सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है। रिपोर्ट में निर्यात प्रतिबंधों के कारण खाद्य सुरक्षा को लेकर बढ़ती चिंताओं का जिक्र करते हुए कहा गया है कि दुनिया के सबसे बड़े चावल निर्यातक भारत ने टूटे चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया है। साथ ही अन्य किस्म के चावल पर 20 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगाया है। ये कदम वैश्विक आपूर्ति व्यवस्था को बाधित करते हैं। इसमें कहा गया है, ‘‘वर्ष 2022 में चावल की कीमतों की स्थिरता के कारण पूर्ण रूप से वैश्विक खाद्य संकट उत्पन्न नहीं हुआ। अब चावल की ऊंची कीमतों से स्थिति बिगड़ने का जोखिम है।'' सर्वेक्षण में वित्त, बीमा, पेशेवर सेवाओं और प्रौद्योगिकी उद्योगों के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय संगठनों और क्षेत्रीय विकास बैंकों के 50 से अधिक अर्थशास्त्री शामिल हुए। सर्वेक्षण में अर्थशास्त्रियों ने इस साल और अगले साल आर्थिक वृद्धि दर नरम पड़ने, ऊंची मुद्रास्फीति और वास्तविक मजदूरी में लगातार गिरावट की आशंका जतायी है। दस में से औसतन सात अर्थशास्त्रियों ने वैश्विक मंदी की आशंका जतायी है। इनका मानना है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था की संभावनाएं पिछले कुछ महीने में कमजोर पड़ी हैं। सर्वेक्षण के अनुसार, दस में से नौ अर्थशास्त्रियों ने 2023 में यूरोप में वृद्धि दर कमजोर रहने की आशंका जतायी है। वहीं पश्चिम एशिया और उत्तरी अफ्रीका (एमईएनए) क्षेत्र, अमेरिका, दक्षिण एशिया और लातिनी अमेरिका में वृद्धि दर हल्की रहने की उम्मीद है।
- नई दिल्ली। यदि आप भी नया 5G स्मार्टफोन खरीदने की सोच रहे हैं, तो एक बार इन मोबाइल पर नजर डाल लें। अमेजन-फ्लिपकार्ट पर इन फोन पर काफी अच्छा डिस्काउंट मिल रहा है। अगर आपका बजट 15 हजार रुपये के करीब है तो आप कम दामों में 5G स्मार्टफोन खरीद सकते हैं। इस लिस्ट में सैमसंग, पोको और शाओमी समेत कई कंपनियों के स्मार्टफोन मौजूद है। ई-कॉमर्स साइट अमेजन और फ्लिपकार्ट पर चल रही सेल में इसे आप ऑनलाइन खरीद सकते हैं। Amazon और Flipkart सेल में स्मार्टफोन पर भरपूर डिस्काउंट दिया जा रहा है, जिसके चलते स्मार्टफोन की कीमत काफी कम हो गई है।Samsung Galaxy M13 5GSamsung Galaxy M13 5G की वास्तविक कीमत 13,999 रुपये है, लेकिन यह वर्तमान में 11,999 रुपये में मिल रहा है। लिहाजा, Amazon पर सेल के दौरान 2,000 रुपये का डिस्काउंट मिल रहा है। इस डील को ज्यादा आकर्षक बनाने के लिए आप एक्सचेंज ऑफर का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।Redmi Note 11T 5GRedmi Note 11T 5G के 64GB स्टोरेज वाले वेरिएंट की कीमत 14,999 रुपये है, मगर अमेजन सेल में अगर आप कूपन इस्तेमाल करते हैं तो Redmi Note 11T 5G का 128GB मॉडल 14,499 रुपये में खरीदा जा सकता है। इसके अलावा भी इस फोन पर कई अन्य बैंक ऑफर्स और एक्सचेंज ऑफर का भी इस्तेमाल किया जा सकता है।Poco M4 5Gई-कॉमर्स साइट फ्लिपकार्ट पर सेल के दौरान Poco M4 5G के 4GB RAM + 64GB स्टोरेज वेरिएंट को सिर्फ 10,999 रुपये में खरीदा जा सकता है। वहीं, अन्य ऑफर्स लगाने के बाद कीमत और भी कम हो सकती है।iQOO Z6 Lite 5Gऑफर के तौर पर iQOO Z6 Lite 5G सिर्फ 13,999 रुपये में मिल रहा है, लेकिन इसमें अगर कूपन डिस्काउंट को शामिल किया जाता है तो ग्राहक इस फोन को महज 12,749 रुपये में ही खरीद पाएंगे। ध्यान दें, कि कूपन डिस्काउंट को पेमेंट प्रोसेस के दौरान इस्तेमाल किया जाता है।Realme 9iकीमत की बात की जाए तो Realme 9i को Flipkart सेल के दौरान सिर्फ 14,999 रुपये में खरीदा जा सकता है। इसके अलावा अन्य डिस्काउंट ऑफर्स का इस्तेमाल करके इसकी कीमत को ज्यादा कम किया जा सकता है।
- नई दिल्ली। टाटा मोटर्स ने भारतीय बाजार में अपनी नई इलेक्ट्रिक कार टियागो ईवी को लॉन्च कर दिया है। कंपनी ने इसकी शुरुआती एक्स-शोरूम कीमत 8.49 लाख रुपये रखी है। हालांकि, यह इंट्रोडक्ट्री कीमत है। यानी, यह कीमत बाद में बदल जाएगी। कंपनी की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक यह कीमत शुरुआत के 10,000 यूनिट्स तक के लिए ही है। ऐसे में अब टियागो ईवी भारत की सबसे सस्ती इलेक्ट्रिक कार बन गई है।कब शुरू होगी बुकिंग?टाटा मोटर्स की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक टाटा टियागो ईवी की भारतीय बाजार में 10 अक्तूबर से बुकिंग शुरू होगी। टियागो ईवी की अगले साल के जनवरी महीने से डिलीवरी शुरू होगी।दो बैटरी के साथ लॉन्च हुई नई टियागो ईवीटाटा टियागो ईवी भारतीय बाजार में दो बैटरी पैक के साथ बिक्री के लिए उपलब्ध है। ग्राहकों को इसमें 19.2 kWh बैटरी पैक या फिर इससे बड़े 24 kWh बैटरी पैक चुनने का विकल्प मिलेगा। दोनों ही बैटरी IP67 सर्टिफाइड हैं। यानी इन पर पानी और धूल का असर नहीं पड़ेगा।फुल चार्ज पर कितना किलोमीटर चलेगी?19.2 kWh बैटरी पैक पर यह कार फुल चार्ज पर 250 किलोमीटर का रेंज देगी। जबकि, 24 kWh बैटरी पैक पर इसमें 315 किलोमीटर का रेंज मिलेगा।कितना पावरफुल है कार का मोटर?इसका 19.2 kWh बैटरी पैक 45 kW मोटर से पेयर्ड है, जिसमें 105 Nm का पीक टॉर्क मिलेगा। वहीं, इसका 24 kWh बैटरी पैक 55 kW मोटर से पेयर्ड है, जिसमें 114 Nm का पीक टॉर्क मिलेगा।
- नई दिल्ली। मारुति सुजुकी ने नवरात्रि के पहले दिन अपनी सबसे खास एसयूवी ग्रैंड विटारा की कीमत का खुलासा कर दिया है और इसके साथ ही इस बेस्ट माइलेज एसयूवी के माइल्ड और हाइब्रिड वेरिएंट्स की बिक्री शुरू हो गई है। शानदार लुक और ढेर सारी खूबियों के साथ ही सबसे ज्यादा माइलेज वाली एसयूवी मारुति सुजुकी ग्रैंड विटारा की कीमत 10.45 लाख रुपये (एक्स शोरूम) से शुरू होती है और 19.65 लाख रुपये तक जाती है। माइल्ड और स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड पावरट्रेन ऑप्शन वाली ग्रैंड विटारा एसयूवी के Sigma, Delta, Zeta, Zeta+, Alpha और Alpha+ जैसे ट्रिम लेवल में कई वेरिएंट्स हैं।बेस्ट सेलिंग टीवी पर छप्पर फाड़ ऑफर्स, 60% तक की छूट|ग्रैंड विटारा के सभी वेरिएंट्स की कीमतेंमारुति सुजुकी ग्रैंड विटारा के मैनुअल ट्रांसमिशन, मोनोटोन कलर ऑप्शन और स्मार्ट हाइब्रिड पावरट्रेन ऑप्शन में सिग्मा वेरिएंट की कीमत 10.45 लाख रुपये, डेल्टा वेरिएंट की कीमत 11.90 लाख रुपये, जेटा वेरिएंट की कीमत 13.89 लाख रुपये, अल्फा वेरिएंट की कीमत 15.39 लाख रुपये और डुअल टोन कलर ऑप्शन में अल्फा और अल्फा प्लस की कीमत 15.55 लाख रुपये तक है। वहीं, ग्रैंड विटारा के ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन, मोनोटोन कलर ऑप्शन और स्मार्ट हाइब्रिड पावरट्रेन ऑप्शन में डेल्टा वेरिएंट की कीमत 13.40 लाख रुपये, जेटा वेरिएंट्स की कीमत 15.39 लाख रुपये, अल्फा वेरिएंट्स की कीमतें 16.89 लाख रुपये तक और डुअल टोन कलर ऑप्शन में अल्फा वेरिएंट्स की कीमतें 17.05 लाख रुपये तक है। ये सभी एक्स शोरूम प्राइस हैं।ग्रैंड विटारा इंजन और माइलेजमारुति सुजुकी ग्रैंड विटारा को दो इंजन ऑप्शन में उतारा गया है। इसमें एक 1.5-लीटर माइल्ड हाइब्रिड इंजन और दूसरा एक नया 1.5-लीटर स्ट्रोंग हाइब्रिड इंजन मिलेगा। माइल्ड हाइब्रिड इंजन 100 पीएस और 135 एनएम टॉर्क जनरेट करेगा। इसे 5-स्पीड मैनुअल गियरबॉक्स या 6-स्पीड ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन के साथ पेश किया जाएगा। इसमें 21.11 kmpl का माइलेज मिलेगा. स्ट्रोंग हाइब्रिड इंजन की बात करें तो यह 115 पीएस की मैक्सिमम पावर जनरेट करेगा। इसमें सबसे ज्यादा 27.97 किमी/लीटर का माइलेज मिलेगा।मारुति ग्रैंड विटारा इंटीरियरएसयूवी का इंटीरियर काले और भूरे रंग के डुअल-टोन थीम में तैयार किया गया है। मजबूत हाइब्रिड वेरिएंट में शैंपेन गोल्ड एक्सेंट के साथ फॉक्स ब्लैक लेदर में सीटें, जबकि स्मार्ट हाइब्रिड वेरिएंट में सिल्वर एक्सेंट मिलेगा. सेफ्टी के लिए इसमें 6 एयरबैग, टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम, हिल डिसेंट कंट्रोल, रियर डिस्क ब्रेक, हिल होल्ड असिस्ट और इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी प्रोग्राम जैसे सिस्टम मिलेंगे।फीचर लिस्टग्रैंड विटारा मारुति सुजुकी की पहली कार है, जिसमें पैनोरमिक सनरूफ दी गई है। यह एक हेड-अप डिस्प्ले, वायरलेस चार्जर, एक डिजिटल इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर, 360-डिग्री पार्किंग कैमरा और कनेक्टेड कार टेक्नोलॉजी के साथ भी आएगी। इसके अन्य फीचर्स की बात करें तो इसमें एम्बिएंट लाइटिंग, फ्रंट वेंटिलेटेड सीट्स, कीलेस एंट्री, रियर एसी वेंट, इंजन को स्टार्ट/स्टॉप करने के लिए एक पुश बटन और अन्य के बीच यूएसबी पोर्ट शामिल हैं। इसमें 9-इंच का टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम भी है जो Android Auto और Apple CarPlay को सपोर्ट करता है।
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नयी दिल्ली. ओला इलेक्ट्रिक ने अंतरराष्ट्रीय बाजारों में उतरने की घोषणा की है। कंपनी ने बृहस्पतिवार को कहा कि इसकी शुरुआत नेपाल से की जाएगी। कंपनी ने कहा कि उसने नेपाल में सीजी मोटर्स के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं और उसे अपने ओला एस1 स्कूटर्स (एस1 और एस1 प्रो) के स्थानीय वितरण का साझेदार बनाया है। ओला इलेक्ट्रिक ने बयान में कहा कि ये स्कूटर अगली तिमाही से नेपाल में मिलने लगेंगे। वहीं दूसरे चरण में कंपनी लातिनी अमेरिका, आसियान तथा यूरोपीय संघ में प्रवेश करेगी और इस तरह पांच अंतरराष्ट्रीय बाजारों में मौजूदगी दर्ज करेगी। ओला के संस्थापक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी भाविश अग्रवाल ने कहा, ‘‘हमारे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विस्तार का केवल यह मतलब नहीं है कि एक कंपनी के तौर पर हम इन क्षेत्रों में ग्राहकों को सेवाएं दे सकेंगे, बल्कि यह इस बात का घोतक भी है कि दुनिया में इलेक्ट्रिक वाहन की क्रांति की अगुवाई भारत करेगा। -
मुंबई. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के कार्यकारी निदेशक अजय चौधरी ने बृहस्पतिवार को कहा कि वित्तीय प्रौद्योगिकी (फिनटेक) कंपनियों के नियमन का कोई ‘निश्चित तरीका' नहीं है। साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि इस कारोबार को संतुलित तरीके से संचालित करने की जिम्मेदारी फिनटेक इकाइयों की है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र की व्यवस्थित वृद्धि के लिए नई पेशकश के दौरान इन इकाइयों की मंशा सही होनी चाहिए। चौधरी ने यहां ‘ग्लोबल फिनटेक फेस्ट' में कहा, ‘‘फिनटेक को विनियमित करने का कोई निश्चित तरीका नहीं है, जो वित्तीय प्रणाली और ग्राहकों को जोखिमों से बचाने के साथ ही उनके सकारात्मक प्रभाव को बढ़ाने का काम करे।'' उन्होंने कहा, ‘‘यदि लक्ष्य ग्राहकों के हितों की रक्षा करना और उन्हें आगे मजबूत करना तथा वित्तीय प्रणाली का व्यवस्थित विकास करना है, तो इस संतुलन को कायम करने का काम फिनटेक क्षेत्र को ही करना होगा।'' उन्होंने आगे कहा, ‘‘मेरा मानना है कि जीवन में या व्यवसाय में, संतुलन सही चीजों पर ध्यान केंद्रित करने से आता है। मेरी राय में यह केवल विनियमन से नहीं आ सकता है। विनियमन केवल सहायक हो सकता है, जबकि फिनटेक को खुद संतुलन कायम करना होगा।'' यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब रिजर्व बैंक फिनटेक क्षेत्र पर अपना ध्यान केंद्रित कर रहा है और डिजिटल ऋण देने वाले ऐप को लेकर हाल ही में जारी दिशानिर्देशों पर कुछ इकाइयों ने चिंता जताई है। -
नयी दिल्ली. टिकाऊ उपभोक्ता सामान कंपनी व्हर्लपूल ऑफ इंडिया लिमिटेड को मध्यम और प्रीमियम उत्पादों की मांग में वृद्धि के साथ घरेलू वॉशिंग मशीन का बाजार अगले दो-तीन साल में दो अंक में बढ़ने की उम्मीद है। कंपनी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। हालांकि, प्रवेश स्तर के खंड में अभी कंपनी को संघर्ष करना पड़ रहा है।
व्हर्लपूल ऑफ इंडिया के प्रबंध निदेशक विशाल भोला ने कहा कि कंपनी का लक्ष्य मात्रा के मामले में उद्योग से ऊंची वृद्धि दर्ज करने का है। कंपनी ने अपनी नई एक्सपर्टकेयर श्रृंखला के साथ वॉशिंग मशीन के फ्रंट लोड खंड में उतरी है। कुल वॉशिग मशीन बाजार में फ्रंट लोड श्रेणी की हिस्सेदारी 30 प्रतिशत है। भोला ने कहा कि पिछले दो साल में बाजार बहुत अस्थिर रहा है। हालांकि, अगले दो से तीन वर्षों में वॉशिंग मशीन खंड दो अंक में बढ़ने की उम्मीद है। इस साल भारत का वॉशिंग मशीन का बाजार करीब 60 लाख इकाई रहने का अनुमान है। उन्होंने कंपनी के लिए कहा कि हम उद्योग की तुलना में आगे बढ़ना चाहते हैं।