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- नयी दिल्ली ।केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि विकसित भारत के निर्माण में पूर्वोत्तर क्षेत्र का योगदान सबसे महत्वपूर्ण होगा। शाह ने यहां ‘स्टूडेंट एक्सपीरियंस इन इंटर-स्टेट लिविंग' (एसईआईएल) द्वारा आयोजित पूर्वोत्तर छात्र एवं युवा संसद को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार पूर्वोत्तर के विकास, एकता और शांति के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भारत सरकार के दिल के बहुत करीब है।उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूर्वोत्तर को केंद्र सरकार के हर कार्यक्रम का केंद्र बिंदु बनाया है। विकसित भारत के निर्माण में पूर्वोत्तर का योगदान सबसे अहम होगा।'' गृह मंत्री ने इस क्षेत्र में विशेष रूप से पर्यटन के नजरिए से वैश्विक ध्यान आकर्षित करने की विपुल क्षमता का भी उल्लेख किया। उन्होंने पूर्वोत्तर के युवाओं की भारत में सबसे अधिक आईक्यू (मेधा विलक्षणता) होने के लिए प्रशंसा की और कहा कि यह क्षेत्र कुछ सबसे अधिक मेहनती जनजातियों की रिहायश है। शाह ने इस बात पर जोर दिया कि पूर्वोत्तर विविधताओं की भूमि है, जिसमें 220 से अधिक आदिवासी समूह, 160 जनजातियां, 200 बोलियां और भाषाएं, 50 अनूठे त्यौहार और 30 से अधिक विश्व प्रसिद्ध नृत्य शैलियां हैं। उन्होंने माना कि अपनी कई अनूठी विशेषताओं के बावजूद पूर्वोत्तर विकास में पिछड़ गया, क्योंकि उस समय विभिन्न भ्रमों और विवादों के माध्यम से उग्रवाद और अलगाववाद को बढ़ावा दिया गया था। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि हिंसा, बंद, नशीले पदार्थ, नाकेबंदी और क्षेत्रवाद ने इस पूरे क्षेत्र को खंडित कर दिया , जिससे न केवल पूर्वोत्तर और देश के बाकी हिस्सों के बीच विभाजन पैदा हुआ है, बल्कि क्षेत्र के भीतर राज्यों के बीच भी विभाजन पैदा हुआ है। उन्होंने कहा कि इसके परिणामस्वरूप, क्षेत्र को विकास में 40 वर्षों की देरी का सामना करना पड़ा तथा इस दौरान आतंकवाद और अलगाववादी संगठन मुख्य बाधाएं रहे। गृह मंत्री ने कहा कि जब भी भाजपा सत्ता में आई है, उसने हमेशा पूर्वोत्तर को प्राथमिकता दी है।उन्होंने कहा कि पहले इतने बड़े और अविकसित क्षेत्र के लिए कोई अलग मंत्रालय नहीं था, लेकिन अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार के दौरान अलग (पूर्वोत्तर मामले) मंत्रालय बनाया गया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार के हर कार्यक्रम में पूर्वोत्तर पर बल दिया गया । उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि इस क्षेत्र और शेष भारत के बीच की दूरी को कम करना है। शाह ने घोषणा की कि 2027 तक पूर्वोत्तर के सभी राज्यों की राजधानियों को रेल, हवाई और सड़क नेटवर्क से जोड़ा जाएगा। गृह मंत्री ने कहा कि 2004 से 2014 के बीच इस क्षेत्र में हिंसा की 11,000 घटनाएं हुईं, जबकि 2014 से 2024 तक यह संख्या लगभग 70 प्रतिशत घटकर 3,428 रह गई। शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने सभी उग्रवादी संगठनों के साथ समझौते किए हैं, जिसके परिणामस्वरूप 10,500 से अधिक उग्रवादियों ने अपने हथियार सौंप दिए और मुख्यधारा में लौट आये। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पिछले 10 वर्षों में उग्रवादी संगठनों के साथ 12 महत्वपूर्ण समझौते किए गए हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी क्षेत्र का विकास शांति के बिना संभव नहीं है, जो प्रगति के लिए एक मूलभूत शर्त है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार पूर्वोत्तर में शांति स्थापित करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
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नई दिल्ली। भारत में पर्यटन क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है और क्रूज पर्यटन में सालाना आधार पर 35 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। क्रूज पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार ने बुनियादी ढांचे के उन्नयन, बंदरगाह शुल्क को युक्तिसंगत बनाने, निष्कासन शुल्क को हटाने, क्रूज जहाजों को प्राथमिकता देने, ई-वीजा सुविधा प्रदान करने आदि कई पहल की हैं। केंद्र सरकार ने विरासत पर्यटन, आयुर्वेद पर्यटन, तटीय पर्यटन, रिवर क्रूज पर्यटन आदि पर फोकस के साथ मैरीटाइम विजन डॉक्यूमेंट 2030 तैयार किया है। दरअसल, सरकार लक्ष्य क्रूज यात्री यातायात को मौजूदा 4 लाख से बढ़ाकर 40 लाख करना है। भारतीय क्रूज बाजार में अगले दशक में 10 गुना वृद्धि की क्षमता है जिसे बढ़ती मांग और खर्च करने योग्य आय से बल मिल रहा है।
भारत एक शानदार क्रूज गंतव्यभारत अपनी विशाल और सुंदर तटरेखा, वर्जिन फॉरेस्ट और अछूते रमणीय द्वीपों, समृद्ध ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत के साथ, क्रूज पर्यटकों के लिए एक शानदार पर्यटन स्थल हो सकता है। भारतीय अर्थव्यवस्था स्थिर गति से विकसित हो रही है, मध्यम वर्ग की संख्या में वृद्धि हो रही है और लोगों के पास इतनी आय है कि वे अपने अवकाश के कामों पर खर्च कर सकते हैं, ऐसे में लोग भी बड़े पैमाने पर क्रूज शिपिंग का लाभ उठा सकते हैं।अतुल्य भारत अंतर्राष्ट्रीय क्रूज सम्मेलन 2022आपको बता दें, 14 मई 2022 को मुंबई में पहले अतुल्य भारत अंतर्राष्ट्रीय क्रूज सम्मेलन 2022 का उद्घाटन किया गया। सरकार ने क्रूज पर्यटन के विकास के लिए एक टास्क फोर्स का गठन किया। इस दौरान देश में क्रूज पर्यटन के विकास के लिए एक उपयुक्त परिवेश तैयार करने में टास्क फोर्स की मदद के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों की एक उच्च स्तरीय सलाहकार समिति स्थापित करने की भी घोषणा की गई।भारत दुनिया के शीर्ष पर्यटन स्थलों में से शुमार होगाकेंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि भारत एक शानदार क्रूज गंतव्य है। उन्होंने कहा कि 7,500 किलोमीटर लंबा समुद्र तट और विशाल नदी प्रणालियों के साथ भारत के कई आकर्षण अभी भी दुनिया के सामने नहीं आए हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वैश्विक खिलाड़ियों ने भारत में क्रूज पर्यटन को बढ़ावा देने में गहरी रुचि दिखाई है। उन्होंने कहा कि सही बुनियादी ढांचे के विकास और आधुनिक तकनीक की तैनाती के साथ भारत निश्चित तौर पर दुनिया के शीर्ष पर्यटन स्थलों में से शुमार होगा।उन्होंने यह भी कहा कि ‘भारत सरकार इस क्षमता को महसूस कर रही है और भारत को समुद्री एवं नदी क्रूज दोनों के लिए अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे के साथ एक वैश्विक क्रूज हब के रूप में स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है।’क्रूज भारत मिशनवहीं दूसरी ओर केंद्रीय मंत्री सोनोवाल ने पिछले वर्ष सितंबर 2024 में मुंबई बंदरगाह से ‘क्रूज भारत मिशन’ की शुरुआत की। इस मौके पर सर्बानंद सोनोवाल ने कहा था कि देश में क्रूज पर्यटन की अपार संभावनाओं को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय द्वारा शुरू किए गए इस कार्यक्रम का उद्देश्य पांच वर्षों के भीतर यानी 2029 तक क्रूज यात्रियों की संख्या को दोगुना करके देश के क्रूज पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देना है।क्रूज इंडिया मिशन 1 अक्टूबर, 2024 से शुरू होकर 31 मार्च, 2029 तक चलेगाआपको बता दें, क्रूज इंडिया मिशन 1 अक्टूबर, 2024 से शुरू होकर 31 मार्च, 2029 तक चलेगा। पहले चरण (01.10.2024 – 30.09.2025) के तहत पड़ोसी देशों के साथ अध्ययन, मास्टर प्लानिंग और क्रूज गठबंधन बनाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इसके तहत क्रूज सर्किट की क्षमता को बढ़ाने के लिए मौजूदा क्रूज टर्मिनलों, मरीना और गंतव्यों का आधुनिकीकरण भी होगा। दूसरे चरण में (01.10.2025 – 31.03.2027) के तहत उच्च क्षमता वाले क्रूज स्थानों और सर्किटों को सक्रिय करने के लिए नए क्रूज टर्मिनलों, मरीना और गंतव्यों को विकसित करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। वहीं, तीसरे चरण (01.04.2027 – 31.03.2029) के तहत भारतीय उपमहाद्वीप में सभी क्रूज सर्किटों को एकीकृत करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा, जो क्रूज संबंधी इकोसिस्टम की परिपक्वता को चिह्नित करेगा, जबकि क्रूज टर्मिनलों, मरीना और गंतव्यों का विकास जारी रहेगा।इन चरणों में प्रमुख प्रदर्शन लक्ष्यों में चरण 1 में समुद्री क्रूज यात्रियों की संख्या को 0.5 मिलियन से बढ़ाकर चरण 3 तक 1 मिलियन करना शामिल है, साथ ही समुद्री क्रूज की संख्या में 125 से 500 तक की वृद्धि होगी। नदी क्रूज यात्रियों की संख्या चरण 1 में 0.5 मिलियन से बढ़कर चरण 3 तक 1.5 मिलियन हो जाएगी। अंतरराष्ट्रीय क्रूज टर्मिनलों की संख्या चरण 1 में 2 से बढ़कर चरण 3 तक 10 हो जाएगी, जबकि नदी क्रूज टर्मिनल 50 से बढ़कर 100 हो जाएंगे। इसी तरह, मरीना 1 से बढ़कर 5 हो जाएंगे, और अंतिम चरण तक रोजगार सृजन 0.1 मिलियन से बढ़कर 0.4 मिलियन हो जाएगा।मिशन का उद्देश्य भारत में नए सिरे से बनाए गए क्रूज सेक्टर में 4 लाख रोजगार के अवसरों का सृजन करना हैइस मिशन का उद्देश्य भारत में नए सिरे से बनाए गए क्रूज सेक्टर में 4 लाख रोजगार के अवसरों का सृजन करना है। मिशन को तीन चरणों में लागू किया जाएगा और इसमें तीन प्रमुख खंड – महासागर और हार्बर क्रूज, नदी और द्वीप क्रूज, द्वीप क्रूज शामिल होंगे। क्रूज भारत मिशन के परिणामस्वरूप भारत में 5,000 किलोमीटर से अधिक परिचालन जलमार्गों पर 1.5 मिलियन से अधिक नदी क्रूज यात्री होंगे।भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण, जम्मू-कश्मीर से केरल तक पूरे भारत में अपनी पहुंच का विस्तार कर रहा हैवहीं दूसरी ओर अरुणाचल से गुजरात और जम्मू-कश्मीर से केरल तक पूरे भारत में अपनी पहुंच का विस्तार करते हुए, भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण, नए आईडब्ल्यूटी टर्मिनलों, फेयरवे, रात्रि परिचालन सहायक सामग्री और लॉक्स के साथ एनडब्ल्यू 1, एनडब्ल्यू 2, एनडब्ल्यू 3 और एनडब्ल्यू 16 को बेहतर बना रहा है।उत्तर प्रदेश की 10 नदियों को राष्ट्रीय जलमार्ग घोषित किया गयाआपको बता दें, उत्तर प्रदेश में करीब 30 नदियां हैं, जिनमें से 10 को राष्ट्रीय जलमार्ग घोषित किया गया है। भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण ने 23 जनवरी, 2025 को वाराणसी में अपने मौजूदा उप-कार्यालय को पूर्ण क्षेत्रीय कार्यालय में उन्नत किया है। आईडब्ल्यूएआई का वाराणसी क्षेत्रीय कार्यालय न केवल गंगा नदी बल्कि उत्तर प्रदेश में इसकी विभिन्न सहायक नदियों और अन्य राष्ट्रीय जलमार्गों पर विकास कार्यों की देखरेख करेगा। इनमें बेतवा, चंबल, गोमती, टोंस, वरुणा और गंडक, घाघरा, कर्मनाशा और यमुना नदियों के कुछ हिस्से शामिल हैं।प्रयागराज में अपने उप-कार्यालय के साथ वाराणसी क्षेत्रीय कार्यालय, उत्तर प्रदेश के अन्य राष्ट्रीय राजमार्गों के अलावा, मझुआ से वाराणसी एमएमटी (मल्टी-मॉडल टर्मिनल) और आगे प्रयागराज तक 487 किलोमीटर के खंड में कार्यों की देखरेख करेगा।इसके अतिरिक्त विश्व बैंक द्वारा समर्थित जल मार्ग विकास परियोजना (जेएमवीपी) का क्रियान्वयन इसकी प्रमुख प्राथमिकताओं में से एक होगा। जेएमवीपी का उद्देश्य वाराणसी में पहले से निर्मित एमएमटी के अलावा विभिन्न नदी संरक्षण कार्यों जैसे कि बांध निर्माण और रखरखाव ड्रेजिंग के माध्यम से गंगा नदी, यानी एनडब्ल्यू-1 की क्षमता में वृद्धि करना है ताकि क्रूज पर्यटन को बढ़ावा दिया जा सके और जलमार्ग के साथ सुचारू माल ढुलाई हो सके।वहीं, गंगा नदी के साथ आसान नौवहन की सुविधा के लिए जेएमवीपी के तहत तीन मल्टी-मॉडल टर्मिनल – वाराणसी, साहिबगंज और हल्दिया में एक-एक, साथ ही कालूघाट में एक इंटर-मॉडल टर्मिनल और पश्चिम बंगाल के फरक्का में एक नया नौवहन लॉक बनाया गया है।इसके अलावा, स्थानीय यात्रियों, छोटे और सीमांत किसानों, कारीगरों और मछुआरा समुदायों की सुविधा के लिए उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के चार राज्यों में एनडब्ल्यू-1 के साथ 60 सामुदायिक जेटी बनाए जा रहेवहीं दूसरी ओर “हरित नौका दिशा-निर्देशों” के तहत सतत विकास पर जोर देते हुए, प्राधिकरण ने वाराणसी और अयोध्या में इलेक्ट्रिक कटमरैन पेश किए हैं, जबकि मथुरा और गुवाहाटी के लिए छह अन्य निर्धारित किए गए हैं।आईडब्ल्यूएआई भारत के जलमार्गों की क्षमता को सामने ला रहा हैगंगा और ब्रह्मपुत्र पर क्रूज टर्मिनल विकसित करके और नदी पर्यटन को बढ़ावा देकर, आईडब्ल्यूएआई भारत के जलमार्गों की क्षमता को सामने ला रहा है।केंद्र सरकार पश्चिमी, दक्षिणी और पूर्वी तटीय भारत में क्रूज सेवाओं के लिये मांग बढ़ाने के उद्देश्य से गुजरात तीर्थाटन, प्राकृतिक दर्शनीय यात्रा, आयुर्वेद वेलनेस टूर और विरासत पर्यटन पर काम कर रहे हैं।अंडमान, पुडुचेरी और लक्षद्वीप मार्गों पर नये क्रूज पर्यटन टर्मिनल विकसित करने की योजना पर काम जारी है। इसके अतिरिक्त भारत, थाइलैंड और म्यांमार के बीच आवागमन के लिये नौका मार्ग विकसित करने की संभावनाओं का भी अध्ययन जारी है। क्रूज सेवा श्रीलंका के तीन बंदरगाहों, हंबनटोटा, त्रिनकोमाली और कनकेकंतूरी तक जायेगी।एमवी एम्प्रेस से यात्रा करने का पैकेज दो रात, तीन रात, चार रात और पांच रात के लिये होगा। समुद्र में यात्रा के दौरान एमवी एम्प्रेस चेन्नई लौटने से पहले श्रीलंका के तीन बंदरगाहों तक जायेगा।इसके अलावा दिल्ली में यमुना नदी पर क्रूज पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए आईडब्ल्यूएआई और दिल्ली सरकार ने समझौता किया। सोनिया विहार और जगतपुर के बीच के जलमार्ग को क्रूज पर्यटन के लिए विकसित किया जाएगा। क्रूज पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बिजली सौर हाइब्रिड नावों का परिचालन किया जाएगा।एमवी गंगा विलास क्रूजप्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 13 जनवरी 2023, को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से वाराणसी में दुनिया के सबसे लंबे रिवर क्रूज–एमवी गंगा विलास को झंडी दिखाकर रवाना किया और टेंट सिटी का उद्घाटन किया। उन्होंने 1000 करोड़ रुपये से अधिक की कई अन्य अंतर्देशीय जलमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी किया था। आपको बता दें, एमवी गंगा विलास क्रूज को दुनिया के सामने देश का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए सुसज्जित किया गया है।विश्व विरासत स्थलों, राष्ट्रीय उद्यानों, नदी घाटों, और बिहार में पटना, झारखंड में साहिबगंज, पश्चिम बंगाल में कोलकाता, बांग्लादेश में ढाका और असम में गुवाहाटी जैसे प्रमुख शहरों सहित 50 पर्यटन स्थलों की 51 दिनों की क्रूज यात्रा की योजना बनाई गई है। एमवी गंगा विलास क्रूज 62 मीटर लंबा, 12 मीटर चौड़ा है और आराम से 1.4 मीटर के ड्राफ्ट के साथ चलता है। इसमें तीन डेक हैं, 36 पर्यटकों की क्षमता वाले बोर्ड पर 18 सुइट हैं, जिसमें पर्यटकों के लिए एक यादगार और शानदार अनुभव प्रदान करने के लिए सभी सुविधाएं हैं।आधिकारिक बयान के अनुसार, 2023 में क्रूज जहाजों की संख्या 208 से 2030 तक बढ़कर 500 और 2047 तक 1100 पहुंच जायेगी। इसके साथ ही क्रूज सेवाओं का लाभ उठाने वाले लोगों की संख्या 2030 में 9.5 लाख से बढ़कर 2047 में 45 लाख तक पहुंच जायेगी। -
नई दिल्ली।केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने कहा कि सरकार कैंसर मरीजों के इलाज को लेकर प्रतिबद्ध है। साथ ही सरकार कैंसर के इलाज तथा रोकथाम के लिए विभिन्न उपायों को लागू कर रही है।
सरकार टर्शरी कैंसर फैसिलिटी स्कीम को मजबूत करने पर काम कर रही हैराज्यसभा में एक लिखित उत्तर में मंत्री ने कहा कि सरकार टर्शरी कैंसर फैसिलिटी स्कीम को मजबूत करने पर काम कर रही है। जाधव ने कहा, “इस पहल के तहत 19 राज्य कैंसर संस्थान (एससीआई) और 20 टर्शरी केयर कैंसर केंद्र (टीसीसीसी) को एडवांस डायग्नोस्टिक और इलाज की सुविधाएं देने के लिए मंजूरी दी गई है।”सभी 22 नए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थानों में कैंसर उपचार सुविधाओं को मंजूरी दी गई हैविभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों में कैंसर देखभाल सेवाओं को बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने हाल ही में हरियाणा के झज्जर में राष्ट्रीय कैंसर संस्थान और कोलकाता में चितरंजन राष्ट्रीय कैंसर संस्थान का दूसरा परिसर स्थापित किया है। इसके अलावा सभी 22 नए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थानों (एम्स) में कैंसर उपचार सुविधाओं को मंजूरी दी गई है, जो कंप्रिहेंसिव डायग्नोस्टिक (संपूर्ण निदान), चिकित्सा और सर्जिकल सेवाएं प्रदान करेंगे।कैंसर का इलाज आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत भी कवर किया जाता हैराज्य मंत्री ने कहा, “सरकार यह सुनिश्चित करती है कि इन अस्पतालों में गरीबों और जरूरतमंदों के लिए उपचार या तो मुफ्त हो या अत्यधिक सब्सिडी वाला हो, जिससे सभी को आवश्यक स्वास्थ्य सेवा सुलभ हो सके।” इसके अलावा, कैंसर का इलाज आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी पीएमजेएवाई) के तहत भी कवर किया जाता है, जो प्रत्येक परिवार को सालाना 5 लाख रुपये तक की राशि प्रदान करती है।पीएम-जेएवाई योजना में 70 वर्ष और उससे अधिक आयु के सभी वरिष्ठ नागरिकों को स्वास्थ्य कवरेज की सुविधा दी गई हैजाधव ने कहा कि इस योजना से आबादी के निचले 40 प्रतिशत हिस्से के लगभग 55 करोड़ लोगों (12.37 करोड़ परिवार) को लाभ मिलता है। हाल ही में, पीएम-जेएवाई को आय की परवाह किए बिना 70 वर्ष और उससे अधिक आयु के सभी वरिष्ठ नागरिकों को स्वास्थ्य कवरेज शामिल करने के लिए बढ़ाया गया था।पीएम-जेएवाई योजना में 200 से अधिक पैकेज शामिलजाधव ने कहा, “इस योजना में 200 से अधिक पैकेज शामिल हैं, जो राष्ट्रीय स्वास्थ्य लाभ पैकेज (एचबीपी) के भीतर मेडिकल ऑन्कोलॉजी, सर्जिकल ऑन्कोलॉजी, रेडिएशन ऑन्कोलॉजी और पैलिएटिव मेडिसिन से संबंधित 500 से अधिक प्रक्रियाओं को शामिल करते हैं।” कैंसर के उपचार को और अधिक सहायता प्रदान करने के लिए, प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना (पीएमबीजेपी) की शुरुआत की गई है, जिसके अंतर्गत प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र (पीएमबीजेके) के नाम से समर्पित आउटलेट स्थापित किए जाएंगे।किफायती कीमतों पर गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवाइयां उपलब्धमंत्री ने कहा, “फरवरी तक देश भर में कुल 15,057 पीएमबीजेके खोले गए हैं, जो किफायती कीमतों पर गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवाइयां उपलब्ध कराते हैं।” इस योजना में 2,047 प्रकार की दवाइयां और 300 सर्जिकल उपकरण शामिल हैं, जिनमें 87 उत्पाद विशेष रूप से कैंसर के उपचार के लिए उपलब्ध हैं। एक और पहल अफोर्डेबल मेडिसिन एंड रिलायबल इंप्लांट फॉर ट्रीटमेंट ‘अमृत’ भी है, जिसका उद्देश्य कैंसर, हृदय रोग और अन्य स्वास्थ्य स्थितियों के लिए सस्ती दवाएं प्रदान करना है।आयुष्मान आरोग्य मंदिर के माध्यम से व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल की भी स्थापना की जा रहीजाधव ने कहा, “जनवरी तक 29 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 222 फार्मेसियां हैं, जो कैंसर सहित 6,500 से अधिक दवाइयां बाजार दरों से 50 प्रतिशत तक की छूट पर उपलब्ध करा रही हैं।” आयुष्मान आरोग्य मंदिर के माध्यम से व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल की भी स्थापना की जा रही है, ताकि कैंसर रोकथाम को बढ़ावा दिया जा सके। -
नई दिल्ली। राजस्थान के अलवर जिले में दुग्ध उत्पादन और व्यापार को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने बड़े डेयरी प्लांट की घोषणा की है। उन्होंने बताया कि इस हाई-टेक डेयरी प्लांट के लिए 225 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है, जिससे क्षेत्र के किसानों और दुग्ध उत्पादकों को सीधा लाभ मिलेगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अलवर के विकास के लिए राज्य और केंद्र सरकार साथ में काम कर रही हैं।
भूपेंद्र यादव ने कहा कि सांसद के रूप में कार्यकाल का एक वर्ष पूरा होने वाला है। इस दौरान उन्होंने अलवर लोकसभा क्षेत्र के सभी गांवों का दौरा कर विकास कार्यों को गति देने का प्रयास किया है। उन्होंने बताया कि लोकसभा क्षेत्र की 391 ग्राम पंचायतों में योजनाबद्ध तरीके से बैठकें की जाएंगी, ताकि हर पंचायत को समान अवसर मिले।उन्होंने कहा, “मेरा मानना है कि कोई एक व्यक्ति बहुत कुछ नहीं कर सकता है, लेकिन एक अच्छी टीम बहुत कुछ कर सकती है। जैसा कि मेरा सौभाग्य है और मुझे अच्छी टीम मिली है, मेरी टीम बढ़िया काम कर रही है। हमने तय किया है कि मार्च में चार-चार पंचायतों को मिलाकर एक कार्यक्रम करेंगे। मेरी लोकसभा क्षेत्र में 391 ग्राम पंचायतें आती हैं।”केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उनका प्रयास रहेगा कि किसी भी पंचायत में कोई शिकायत न रहे। इसी बहाने हर साल चार ग्रुप बनाकर सभी लोगों से मिलना भी हो जाएगा। उन्होंने कहा, “मैं यह चाहता हूं कि मुझे पांच साल में अलवर के हर पंचायत के लोगों की सेवा करने का मौका मिले और हर पंचायत के लोगों से मिलूं, उनसे विकास कार्यों पर बात करूं।” उन्होंने कहा कि पिछले दिनों उन्होंने इलाके में ‘फिट इंडिया कार्यक्रम’ का आयोजन कराया था, जिसमें 16 हजार बच्चों ने भाग लिया था। हम उसे भी जारी रखेंगे। हम चाहते हैं कि गांवों में अच्छी लाइब्रेरी बने। इसके लिए हम काम करेंगे।भूपेंद्र यादव ने कहा कि अलवर में हाई-टेक दूध डेयरी के लिए 225 करोड़ रुपये पास कराए गए हैं। अलवर डेयरी के लिए रिव्यू किया गया है। इसके लिए मुख्यमंत्री से सवा दो सौ करोड़ रुपये लेकर आए हैं। डेयरी से यहां के लोगों को फायदा पहुंचेगा। उन्होंने कहा कि डेयरी बनने से यहां के लोगों को बहुत कुछ सीखने के लिए मिलेगा। उनकी आर्थिक स्थिति ठीक होगी। -
मथुरा/वाराणसी/संभल, उत्तर प्रदेश के मथुरा में ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में फाल्गुन शुक्ल पक्ष की रंगभरनी एकादशी के मौके पर सोमवार को भक्तजनों के साथ टेसू और केसर मिश्रित गीले रंगों की होली की शुरुआत के साथ ही वृंदावन सहित ब्रज के सभी मंदिरों में गीले रंगों की होली खेलने का सिलसिला शुरू हो गया। श्री काशी विश्वनाथ महादेव के दिव्य धाम में भी रंगभरी एकादशी का भव्य आयोजन किया गया। काशीवासी एवं श्रद्धालु श्री काशी विश्वनाथ महादेव एवं मां गौरा को फूलों की पंखुड़ियां, अबीर-गुलाल अर्पित कर आनंदित होते रहे। फूलों से सुसज्जित रजत पालकी पर विराजमान श्री काशी विश्वनाथ महादेव एवं माता गौरा की मनभावन रजत प्रतिमा की शोभायात्रा में शामिल होकर भक्तगण धन्य हो गए। वहीं, संभल में सोमवार को कड़ी पुलिस सुरक्षा के बीच रंग भरी एकादशी का जुलूस निकाला गया। अधिकारियों ने बताया कि जिले में हर जगह शांति व्यवस्था कायम है। रंगभरनी एकादशी के मौके पर बिहारी जी महाराज ने मंदिर के जगमोहन में श्वेत पोशाक धारण कर, रजत सिंहासन पर विराजमान हो सोने-चांदी से बनी पिचकारी से भक्तों संग होली की शुरुआत कर दी। इस परंपरा के निर्वहन के साथ ही बिहारी जी सहित सभी मंदिरों में रंग वाली होली का आगाज हो गया। मंदिर के सेवायत आचार्य प्रह्लाद वल्लभ गोस्वामी ने बताया कि रंगभरनी एकादशी पर बिहारी जी के लिए शुद्ध केसर का रंग बनाया जाता है और सेवायत सबसे पहले सोने-चांदी से निर्मित पिचकारी से ठाकुरजी के ऊपर रंग डालते हैं, जिसके बाद होली की परंपरागत शुरुआत होती है। गोस्वामी के अनुसार, अब मंदिर में टेसू के रंग के साथ-साथ चोवा, चंदन और अबीर-गुलाल से होली खेली जाएगी तथा यह सिलसिला पूर्णिमा की शाम तक चलेगा। उन्होंने बताया कि मंदिर की परंपरा के अनुसार यहां ठाकुरजी धुलेंडी वाले दिन भक्तों पर रंग नहीं डालते, बल्कि स्वर्ण सिंहासन पर गुलाबी पोशाक पहनकर राजा के रूप में बैठते हैं और अपने भक्तों को होली खेलते देखते हैं। गोस्वामी के मुताबिक, इसी दिन सुबह मंदिर के सेवायत क्षेत्र में चौपई (भ्रमण) निकालते हैं, जिसके साथ गोस्वामी समाज के लोग समाज गायन (होली के पद) व बधाई गीत गाते चलते हैं। ठाकुर बांके बिहारी मंदिर के साथ ही ठाकुर राधावल्लभ, ठाकुर राधादामोदर, ठाकुर राधा श्याम सुंदर, ठाकुर राधारमण मंदिर, ठाकुर राधा गोपीनाथ, ठाकुर मदन मोहन मंदिर आदि सप्त देवालयों एवं यशोदानंदन धाम, गोदाहरिदेव दिव्य देश आदि मंदिरों में भी टेसू के रंगों का इस्तेमाल शुरू हो गया। मंदिर के सेवायतों ने परंपरानुसार सोने-चांदी की पिचकारी से भक्तों पर टेसू और केसर मिश्रित रंग बरसाया, जिससे श्रद्धालु भाव-विभोर हो उठे। चारों ओर लाल, गुलाबी, नीले, पीले रंगों की बौछार से अद्भुत नजारा देखने को मिला। रंगभरनी एकादशी पर हर साल राधावल्लभ मंदिर से निकाली जाने वाली परंपरागत प्रिया-प्रियतम की रंगीली होली शोभायात्रा मंदिर से अपराह्न एक बजे से प्रारंभ हुई और पूरे नगर में भ्रमण करती हुई शाम को मंदिर प्रांगण में संपन्न हुई। शोभायात्रा में प्रिया-प्रियतम के स्वरूप सुसज्जित रथ पर सवार होकर भक्तों संग होली खेलते जा रहे थे। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए जिला प्रशासन भी मुस्तैद रहा। पुलिस ने शहर में प्रवेश के हर मार्ग पर तिपहिया और चौपहिया वाहनों का प्रवेश पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया था, ताकि यातायात सुचारू रहे। इस मौके पर हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने नगर परिक्रमा की। उधर, वाराणसी में श्री काशी विश्वनाथ महादेव के दिव्य धाम में रंगभरी एकादशी का भव्य आयोजन हुआ और मंदिर न्यास की ओर से परंपरा का निर्वहन करते हुए श्री काशी विश्वनाथ महादेव एवं माता गौरा का शास्त्रोक्त विधि से पूजन अनुष्ठान किया गया। काशी विश्वनाथ मंदिर के जनसंपर्क अधिकारी गजेंद्र ने बताया कि रंगभरी एकादशी उत्सव में महादेव के अनन्य भक्त काशीवासियों और श्रद्धालुओं ने प्रत्येक परंपरा के निर्वहन में अपनी भूमिका निभाई और समारोहपूर्वक विधि-विधान से प्रत्येक परंपरागत अनुष्ठान को संपन्न करने में मंदिर न्यास का पूर्ण सहयोग किया। त्सव में शामिल हुए काशीवासी एवं श्रद्धालु श्री काशी विश्वनाथ महादेव एवं मां गौरा को फूलों की पंखुड़ियां, अबीर-गुलाल अर्पित कर आनंदित होते रहे। गोधूलि बेला में मंदिर चौक से डमरू के गगनभेदी नाद और शंख की मंगल ध्वनि के बीच शास्त्री अर्चन करते हुए श्री विश्वेश्वर महादेव एवं मां गौरा की पालकी यात्रा प्रारंभ की गई। पालकी पर शोभायमान श्री विश्वेश्वर महादेव एवं मां गौरा की प्रतिमा की अद्वितीय आभा ने श्रद्धालुओं को भाव विभोर कर दिया। हर हर महादेव के गगनचुंबी उद्घोष और बम बम भोले के अटूट जयघोष के बीच शोभायात्रा आगे बढ़ती रही। अबीर-गुलाल और फूलों की पंखुड़ियां की वर्षा के बीच देवाधिदेव महादेव एवं माता गौरा की पालकी शोभायात्रा मंदिर प्रांगण से होते हुए श्री काशी विश्वनाथ महादेव के गर्भगृह पहुंची। गर्भगृह में पहुंचने पर श्री काशी विश्वनाथ महादेव एवं मां गौरा की चल रजत प्रतिमा की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की गई। वहीं, संभल में रंग भरी एकादशी पर श्री श्याम सेवा समिति ने आर्य समाज रोड से जुलूस निकाला, जिसमें दर्जनभर से अधिक मनमोहक झांकियां प्रदर्शित की गईं। पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों सहित भारी मात्रा में पुलिस बल इस जुलूस के दौरान सुरक्षा के लिए मौजूद दिखे। जुलूस में सभी श्रद्धालु गुलाल उड़ाते हुए और रंगों से सराबोर नजर आए। संभल के अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) श्रीशचंद्र ने बताया कि रंग भरी एकादशी का जुलूस परंपरागत रूप से निकाला जा रहा है और सब जगह शांति व्यवस्था कायम है। उन्होंने कहा कि जुलूस के साथ पर्याप्त पुलिस बल लगाया गया है । पंडित शोभित शास्त्री ने बताया कि रंग भरी एकादशी पर श्याम बाबा के जुलूस ने ''सब मंगलमय हो'' कामना के साथ गुलाल और रंगों के साथ लोगों को आनंदित किया। उन्होंने कहा कि बाबा श्याम की शोभायात्रा में शामिल होने को लेकर लोगों में भारी उत्साह दिखा। स्थानीय निवासी अजय अग्रवाल ने बताया कि यह जुलूस लगभग 50 वर्षों से निकाला जा रहा है और ऐसी मान्यता है कि रंग भरी एकादशी पर जो भी इस यात्रा में शामिल होता है, उस पर श्याम बाबा की विशेष कृपा होती है।
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बस्ती (उप्र). बस्ती नगर में सोमवार को राष्ट्रीय राजमार्ग-27 पर ट्रक की टक्कर लगने से कार सवार पांच लोगों की मौत हो गई और तीन अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। पुलिस सूत्रों ने बताया कि दुर्घटना सुबह करीब सात बजे शहर थाना क्षेत्र के गोटवा टाटा एजेंसी के पास हुई। बस्ती से अयोध्या की ओर जा रहा एक ट्रक अचानक लेन बदलने से विपरीत दिशा से आ रही एक कार से टकरा गया। उन्होंने बताया कि इस घटना में कार सवार शिवराज सिंह (30), शकील (25), बिस्वजीत (35), बहारन (32) और कार चालक प्रेम (34) की मौत हो गई और तीन अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हादसे की वजह से राजमार्ग की एक लेन पर यातायात बाधित हुआ, लेकिन बाद में उसे बहाल कर दिया गया।
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आगरा .उत्तर प्रदेश के आगरा में भारत और न्यूजीलैंड का मैच देख रहे दयालबाग शिक्षण संस्थान के बीटेक के छात्र सिद्धांत गोविंद की जिले के सिकंदरा में चाकू से गोदकर हत्या कर दी गयी, वह अपने तीन दोस्तों के संग मैच देखने आया था। पुलिस ने इसकी जानकारी दी। पुलिस ने सोमवार को बताया कि 24 वर्षीय बीटेक छात्र की अज्ञात हमलावरों ने चाकू गोद कर हत्या कर दी। वह अपने दोस्तों के साथ क्रिकेट मैच देख रहा था। सहायक पुलिस आयुक्त (हरीपर्वत) आदित्य ने बताया कि पीड़ित सिद्धांत गोविंद अपने तीन दोस्तों के साथ जेसीबी ग्राउंड में अपने मोबाइल फोन पर भारत-न्यूजीलैंड मैच देख रहा था। समूह एक छोटी सी पार्टी भी कर रहा था, तभी अज्ञात लोगों ने उन पर हमला कर दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘सिद्धांत को चाकू घोंप दिया गया, जिससे उसकी मौत हो गई। सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है और मामले की सभी संभावित कोणों से जांच करने के लिए कई टीमें लगाई गई हैं।" पीड़ित के पिता अनिल गोविंद के अनुसार, रविवार शाम को उनके बेटे ने उन्हें फोन किया था ।
उन्होंने बताया, "रात करीब 10 बजे मुझे पुलिस का फोन आया और तब मुझे उसकी हत्या के बारे में पता चला। -
प्रयागराज. उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ 2025 के सफल आयोजन के बाद प्रयागराज मेला प्राधिकरण मेला क्षेत्र की स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए नियमित स्वच्छता अभियान चला रहा है। इसी दिशा में सोमवार को सेक्टर-7 में आयोजित व्यापक स्वच्छता अभियान में एनसीसी की यूपी 6 गर्ल्स बटालियन और यूपी नेवल एनसीसी के लगभग 90 कैडेट ने सक्रिय सहभागिता की। आधिकारिक बयान के मुताबिक, इस अभियान का नेतृत्व सूबेदार मेजर हरविंदर सिंह, लेफ्टिनेंट कर्नल फराह दीबा और पीआई अरविंद कुमार ने किया। कैडेट ने पूरे क्षेत्र में सफाई कार्य करते हुए कचरा संग्रहण एवं निष्पादन सुनिश्चित किया। स्वच्छता अभियान का आयोजन प्रयागराज मेला प्राधिकरण के मार्गदर्शन में किया गया। इस अवसर पर उप जिलाधिकारी आशुतोष, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता अधिकारी डॉ. विवेक कुमार पांडेय सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे। दो घंटे चले इस अभियान में कैडेट ने पूरी निष्ठा और ऊर्जा के साथ भाग लिया। समापन के अवसर पर कैडेट को खाद्य पैकेट और जूट एवं कॉटन बैग प्रदान किए गए।
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को अपनी दो दिन की यात्रा पर मॉरीशस पहुंचे, जहां उनका सर शिवसागर रामगुलाम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर भव्य स्वागत किया गया। इसके बाद यहां राजधानी पोर्ट लुईस में एक अनूठी सांस्कृतिक परंपरा का उदाहरण देखने को मिला, जब बिहारी परंपरा के अनुसार महिलाओं के एक दल ने पारंपरिक लोकगीत गाकर प्रधानमंत्री का अभिनंदन किया।
धन्य है, धन्य है देश हमारा हो, मोदी जी पधारे हैंमहिलाओं ने खुशी के साथ गाया, “धन्य है, धन्य है देश हमारा हो, मोदी जी पधारे हैं। जय मॉरीशस बोलो जय भारत।” यह गीत भारत के भोजपुरी क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है, जो मॉरीशस में बसे भारतीय समुदाय द्वारा यहां लाई गई थी।मॉरीशस में पारंपरिक भोजपुरी संगीत शैली ‘गीत गवई’ काफी लोकप्रिय हैमॉरीशस में पारंपरिक भोजपुरी संगीत शैली ‘गीत गवई’ काफी लोकप्रिय है। इसे विशेष मान्यता देते हुए, यूनेस्को ने दिसंबर 2016 में इसे मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की प्रतिनिधि सूची में शामिल किया। ‘गीत गवई’ मॉरीशस में भारतीय समुदाय की सांस्कृतिक पहचान का अहम हिस्सा बन चुकी है।भारतीय विरासत, संस्कृति और मूल्यों के लिए उनका मजबूत सम्बंध वास्तव में प्रेरणादायक हैइसके बाद पीएम मोदी ने मॉरीशस में अपने स्वागत की जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर दी। उन्होंने कहा, “मॉरीशस में भारतीय समुदाय ने गर्मजोशी से स्वागत किया। भारतीय विरासत, संस्कृति और मूल्यों के लिए उनका मजबूत सम्बंध वास्तव में प्रेरणादायक है। इतिहास और हृदय का यह बंधन पीढ़ियों में पनपता रहता है।”यह यात्रा भारत-मॉरीशस सम्बंधों में एक महत्वपूर्ण कदम हैबता दें कि प्रधानमंत्री मोदी मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम के निमंत्रण पर 12 मार्च को राष्ट्रीय दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। यह यात्रा भारत-मॉरीशस सम्बंधों में एक महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि 2015 के बाद से यह प्रधानमंत्री मोदी की मॉरीशस की पहली यात्रा है। प्रधानमंत्री मोदी अपनी यात्रा के दौरान मॉरीशस के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के साथ कई विषयों पर चर्चा करेंगे। वह वहां के अन्य गणमान्य व्यक्तियों से भी मिलेंगे। इसके अलावा, वे भारतीय मूल के लोगों से भी बातचीत करेंगे, जिनका मॉरीशस के समाज और संस्कृति में अहम योगदान है।प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा से भारत की ‘पड़ोसी पहले’ नीति को भी समर्थन मिलेगाप्रधानमंत्री मोदी के एजेंडे में प्रमुख परियोजनाओं का उद्घाटन भी शामिल है। इस यात्रा के दौरान कई समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर भी किए जाएंगे, जो समुद्री सुरक्षा, स्वास्थ्य, व्यापार, लघु और मध्यम उद्यमों, और क्षमता निर्माण जैसे क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देंगे। प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा से भारत की ‘पड़ोसी पहले’ नीति को भी समर्थन मिलेगा, जिसका उद्देश्य भारत के पड़ोसी देशों के साथ रिश्तों को मजबूत करना है। -
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज मंगलवार को दो दिवसीय राजकीय यात्रा के लिए मॉरीशस पहुंच चुके हैं, जहां उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया। पीएम की यह दूसरी यात्रा है, इससे पहले वे 2015 में भी मॉरीशस गए थे। पीएम मोदी 12 मार्च को मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। गौरतलब है कि दोनों देशों के बीच गहरे द्विपक्षीय आर्थिक, सांस्कृतिक और राजनयिक संबंध हैं।
मॉरीशस, जो हिंद महासागर में एक रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण द्वीप राष्ट्र है, भारत का एक करीबी और महत्वपूर्ण पड़ोसी भी है। दोनों देशों के बीच विशेष संबंधों का एक प्रमुख कारण यह है कि मॉरीशस की 70% आबादी भारतीय मूल की है। माॅरीशस कभी फ्रांस का उपनिवेश था, लेकिन बाद में ब्रिटेन के अधीन आ गया। फ्रांसीसी शासन के दौरान (1700 के दशक में), पहली बार भारतीयों को पुदुच्चेरी क्षेत्र से कारीगर और राजमिस्त्री के रूप में मॉरीशस लाया गया था। ब्रिटिश शासन के दौरान, 1834 से 1900 की शुरुआत तक लगभग 5 लाख भारतीय अनुबंधित श्रमिक मॉरीशस पहुंचे, जिनमें से दो-तिहाई ने यहीं बसने का फैसला किया।मॉरीशस का राष्ट्रीय दिवस भी भारत से एक खास जुड़ाव रखता है। 1901 में, महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटते समय कुछ दिनों के लिए मॉरीशस में रुके थे। इस दौरान उन्होंने भारतीय श्रमिकों को तीन महत्वपूर्ण संदेश -शिक्षा का महत्व, राजनीतिक सशक्तिकरण, और भारत से जुड़े रहने की आवश्यकता पर जोर दिया। गांधीजी के इन विचारों से प्रेरित होकर मॉरीशस अपना राष्ट्रीय दिवस 12 मार्च को मनाता है, जो संयोग से भारत में ऐतिहासिक डांडी मार्च की वर्षगांठ भी है।भारत ने मॉरीशस के साथ 1948 में ही राजनयिक संबंध स्थापित कर लिए थे, जो उसकी स्वतंत्रता (1968) से भी पहले की बात है। दोनों देशों के बीच संबंध आपसी विश्वास और सहयोग पर आधारित हैं। समुद्री सुरक्षा, विकास परियोजनाएं, तकनीकी सहायता, और सांस्कृतिक आदान-प्रदान जैसे क्षेत्रों में भारत ने मॉरीशस को निरंतर सहयोग दिया है। भारत ने मॉरीशस में महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट, वर्ल्ड हिंदी सेक्रेटेरिएट और इंडियन कल्चरल सेंटर जैसे संस्थानों की स्थापना में मदद की है, जो भारतीय संस्कृति और भाषा को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।भारत हमेशा संकट के समय मॉरीशस का सबसे पहले सहयोग करने वाला देश रहा है। कोविड-19 महामारी के दौरान भारत ने 13 टन दवाइयां, 10 टन आयुर्वेदिक दवाएं और एक मेडिकल टीम भेजी। जनवरी 2021 में 1 लाख मुफ्त कोविशील्ड वैक्सीन भेजने के अलावा, मॉरीशस को बाद में कोवैक्सिन और कोविशील्ड की अतिरिक्त खेप भी दी गई। वहीं मॉरीशस ने भारत को 200 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर भेजे थे। इसी तरह, 2020 में जापानी जहाज वाकाशियो से हुए तेल रिसाव संकट के दौरान भी भारत ने सबसे पहले सहायता भेजी। भारतीय वायुसेना ने 30 टन तकनीकी उपकरण और 10 विशेषज्ञों की एक टीम मॉरीशस भेजी।भारत-माॅरीशस के बीच बढ़ता व्यापारिक संबंधव्यापार और आर्थिक मोर्चे पर, भारत 2005 से मॉरीशस के सबसे बड़े व्यापारिक साझेदारों में से एक बना हुआ है। 2023-24 में भारत से मॉरीशस को 778.03 मिलियन अमेरिकी डॉलर का निर्यात हुआ, जबकि मॉरीशस से भारत को 73.10 मिलियन अमेरिकी डॉलर का आयात हुआ। भारत से मॉरीशस को मुख्य रूप से पेट्रोलियम उत्पाद, दवाइयां, अनाज, कपास और झींगा निर्यात किया जाता है, जबकि मॉरीशस से भारत को वेनिला, चिकित्सा उपकरण और रिफाइंड कॉपर जैसे उत्पाद मिलते हैं। 2000 से अब तक मॉरीशस से भारत में 175 बिलियन अमेरिकी डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) आया है, जिससे यह भारत का तीसरा सबसे बड़ा निवेशक देश बन गया है। 2021 में भारत और मॉरीशस के बीच CECPA (Comprehensive Economic Cooperation and Partnership Agreement) समझौता हुआ, जो दोनों देशों के बीच व्यापार और आर्थिक सहयोग को और मजबूत कर रहा है।मॉरीशस की कई विकास परियोजनाओं में भारत का सहयोगभारत ने मॉरीशस में कई विकास परियोजनाओं में सहायता की है। 2016 में भारत ने 353 मिलियन अमेरिकी डॉलर के विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा की, जिसके तहत मेट्रो एक्सप्रेस, सुप्रीम कोर्ट बिल्डिंग, नया ENT अस्पताल, सामाजिक आवास परियोजना और डिजिटल टैबलेट योजना जैसी परियोजनाएं शामिल थीं। इसके अलावा, 2017 में भारत ने 500 मिलियन अमेरिकी डॉलर का ऋण दिया, जिससे 10 प्रमुख परियोजनाओं को वित्तपोषित किया गया, जिनमें से 7 पहले ही पूरी हो चुकी हैं। भारत की सहायता से सिविल सर्विस कॉलेज, नेशनल आर्काइव्स, पुलिस अकादमी, किडनी ट्रांसप्लांट यूनिट और अन्य स्वास्थ्य केंद्रों जैसी परियोजनाएं भी प्रगति पर हैं।शिक्षा और सांस्कृतिक सहयोग में भी भारत ने मॉरीशस को महत्वपूर्ण समर्थन दिया है। मॉरीशस में भारत का सबसे बड़ा सांस्कृतिक केंद्र, इंदिरा गांधी सेंटर फॉर इंडियन कल्चर (IGCIC), स्थापित किया गया है, जहां हर साल 2,500 से अधिक छात्रों को संगीत, कथक, तबला और योग की शिक्षा दी जाती है। ITEC कार्यक्रम के तहत हर साल लगभग 400 मॉरीशियन भारत में प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं, जबकि ICCR स्कॉलरशिप के माध्यम से 60 छात्रों को भारत में उच्च शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति दी जाती है। 2007-08 से अब तक आईटीईसी कार्यक्रम के तहत लगभग 4868 मॉरीशसवासियों को प्रशिक्षित किया गया है।भारतीय समुदाय और पर्यटनमॉरीशस में 22,188 भारतीय नागरिक और 13,198 OCI कार्ड धारक रहते हैं। 2024 में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु की यात्रा के दौरान घोषणा की गई कि भारतीय मूल के मॉरीशियनों को 7वीं पीढ़ी तक OCI कार्ड की सुविधा मिलेगी। पर्यटन भी दोनों देशों के बीच एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है। हर साल लगभग 80,000 भारतीय मॉरीशस घूमने जाते हैं, जबकि माॅरीशस के 30,000 लोग भारत आते हैं।भारत और मॉरीशस के बीच संबंध ऐतिहासिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और रणनीतिक रूप से बेहद मजबूत हैं। भारत मॉरीशस के विकास में एक प्रमुख भागीदार बना हुआ है और दोनों देश आने वाले समय में अपनी साझेदारी को और गहरा करने के लिए निरंतर प्रयास कर रहे हैं। -
जयपुर. राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की ओर से सीकर जिले में स्थित खाटूश्यामजी मंदिर और श्रद्धालुओं पर सोमवार को हेलिकॉप्टर से पुष्पवर्षा की गई। खाटूश्याम मंदिर में इन दिनों मेला चल रहा है। इस मेले में देशभर से बडी संख्या में श्रृद्धालु शामिल हो रहे हैं। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अपनी पत्नी के साथ सोमवार को खाटू श्याम मंदिर में दर्शन कर पूजा अर्चना की। मंदिर कमेटी के सदस्य प्रताप सिंह चौहान ने शर्मा को विधिवत पूजा करवाई और उन्हें श्याम दुपट्टा पहनाकर सम्मानित किया। मंदिर के प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री ने पूजा अर्चना के बाद प्रदेश की खुशहाली और लोगों के कल्याण की कामना की। इस अवसर पर बाबा श्याम की भव्य शोभायात्रा निकाली गई, जिसमें श्रद्धालुओं ने गुलाल की होली खेली। भक्तों ने जगह-जगह पुष्पवर्षा कर शोभायात्रा का स्वागत किया।
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नयी दिल्ली. संसद की एक समिति ने यह पाया है कि देशभर की जेलों में बंद 70 प्रतिशत कैदी विचाराधीन हैं और मुचलका नहीं भरने या जुर्माना राशि अदा न कर पाने के कारण उन्हें रिहा नहीं किया जा रहा है। गृह मामलों पर संसद की स्थायी समिति की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि मादक पदार्थों का पता लगाने के लिए जेलों के प्रत्येक प्रवेश द्वार पर निगरानी प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जाना चाहिए। समिति ने पाया है कि जेलों में बंद 70 प्रतिशत से अधिक कैदी विचाराधीन हैं। मुचलका नहीं भरने या जुर्माना राशि अदा न कर पाने के कारण उन्हें जेलों से रिहा नहीं किया जा रहा है। राज्यसभा में प्रस्तुत की गई रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘जेल प्रशासन ऐसे कैदियों को जेलों में रखने पर, उनकी रिहाई के लिए आवश्यक जमानत राशि से कहीं अधिक धन खर्च कर रहा है। गरीब कैदियों के लिए जुर्माना राशि के भुगतान के लिए आंध्र प्रदेश जेल विभाग द्वारा की गई पहल की तर्ज पर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में एक कोष बनाया जाना चाहिए।'' समिति ने कहा कि जेलों में मादक पदार्थों की तस्करी की चुनौतियों से निपटने के लिए भी प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जाना चाहिए। इसने कहा कि जेल कर्मियों को इस समस्या से निपटने के लिए प्रौद्योगिकी की मदद लेने की आवश्यकता है। समिति ने पाया कि जेल के अंदर मोबाइल फोन आदि का इस्तेमाल कैदियों द्वारा जेल के बाहर आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए किया जाता है। कैदियों के पास मोबाइल फोन होने से जेल के अंदर गिरोहों के बीच झड़पें भी हो सकती हैं। समिति ने पाया कि जेल कर्मी कैदियों को प्रतिबंधित वस्तुएं जेल के अंदर पहुंचाने में मदद कर रहे हैं। इसने सिफारिश की कि जेलों में तलाशी के मानकों को बढ़ाया जाना चाहिए।
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मोटरसाइकिल रैली को अरुणाचल में हरी झंडी दिखाई गई
ईटानगर. सशस्त्र बलों की अब तक की सबसे अधिक 3,900 किलोमीटर की दूरी तय करने वाली मोटरसाइकिल रैली को सोमवार को अरुणाचल प्रदेश के चांगलांग जिले में स्थित विजयनगर से हरी झंडी दिखाई गई। शौर्य यात्रा गुजरात के कच्छ के रण में एकता, साहस और राष्ट्रीय गौरव के संदेश के साथ संपन्न होगी।रक्षा विभाग की ओर से जारी एक बयान में बताया गया है कि विजयनगर में रहने वाले असम राइफल्स के सेवानिवृत्त कर्मी पदम सिंह रावत (90) ने अन्य गणमान्य व्यक्तियों की मौजूदगी में यात्रा को हरी झंडी दिखाई। बयान में कहा गया है कि यह कार्यक्रम ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत' के तहत आयोजित किया जा रहा है जो एकजुट और एकीकृत भारत की ताकत को दर्शाता है। इसमें कहा गया है कि रैली में असम राइफल्स और भारतीय सेना के जवानों के अलावा अरुणाचल प्रदेश के चार आम नागरिक शामिल हैं। बयान में कहा गया, ‘‘समारोह का एक अत्यंत मार्मिक पहलू यह था कि प्रतिभागियों को पूर्व सैनिकों और शहीद सैनिकों की पत्नियों से बातचीत करने का अवसर मिला। इस बातचीत ने राष्ट्र की सेवा में सशस्त्र बलों और उनके परिवारों द्वारा किए गए सर्वोच्च बलिदानों की याद दिलाई।'' इसमें बताया गया कि रैली में उन जवानों के परिवारों को भी सम्मानित किया जाएगा जिन्होंने अपना कर्तव्य निभाते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी। बयान में कहा गया कि इस रैली का उद्देश्य देशभक्ति की भावना को जगाना और युवा पीढ़ी को प्रेरित करना है। -
नयी दिल्ली. मुख्य रूप से रकबा बढ़ने की वजह से रबी फसल सत्र 2024-25 के दौरान गेहूं का उत्पादन दो प्रतिशत बढ़कर रिकॉर्ड 1,154.30 लाख टन रहने का अनुमान है। सरकार ने सोमवार को यह अनुमान जताया है। पिछले रबी फसल सत्र में गेहूं का उत्पादन 1,132.92 लाख टन रहा था।
कृषि मंत्रालय ने सोमवार को 2024-25 के लिए प्रमुख फसलों (खरीफ और रबी) के उत्पादन का दूसरा अग्रिम अनुमान जारी किया। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि केंद्र सरकार कृषि क्षेत्र के विकास की दिशा में लगातार काम कर रही है। उन्होंने कहा कि विभिन्न योजनाओं के जरिये किसानों को सहायता और प्रोत्साहन देने से कृषि फसलों के उत्पादन में रिकॉर्ड वृद्धि हुई है। दूसरे अग्रिम अनुमान में खरीफ और रबी सत्र शामिल हैं। तीसरे अग्रिम अनुमान में गर्मी के मौसम को शामिल किया जाएगा। फसल सत्र 2024-25 में खरीफ धान का उत्पादन 2023-24 के खरीफ मौसम के 1,132.59 लाख टन से बढ़कर रिकॉर्ड 1,206.79 लाख टन होने का अनुमान है। वहीं रबी चावल का उत्पादन 146.01 लाख टन से बढ़कर 157.58 लाख टन होने का अनुमान है। आधिकारिक बयान के मुताबिक, गेहूं का उत्पादन 1,154.30 लाख टन होने का अनुमान है, जो पिछले वर्ष के 1,132.92 लाख टन उत्पादन की तुलना में 21.38 लाख टन अधिक है। मोटे अनाज यानी श्री अन्न (खरीफ) का उत्पादन 137.52 लाख टन और श्री अन्न (रबी) का उत्पादन 30.81 लाख टन अनुमानित है। इसके अलावा, पोषक/ मोटे अनाज (खरीफ) का उत्पादन 385.63 लाख टन और पोषक/मोटे अनाज (रबी) का उत्पादन 174.65 लाख टन अनुमानित है। तुअर और चने का उत्पादन क्रमशः 35.11 लाख टन और 115.35 लाख टन रहने का अनुमान है जबकि मसूर का उत्पादन 18.17 लाख टन होने की संभावना है। खरीफ मौसम में तिलहन और रबी मूंगफली का उत्पादन क्रमशः 104.26 लाख टन और 8.87 लाख टन अनुमानित है।खरीफ मूंगफली का उत्पादन पिछले वर्ष के खरीफ मूंगफली उत्पादन 86.60 लाख टन की तुलना में 17.66 लाख टन अधिक है। सोयाबीन का उत्पादन 151.32 लाख टन अनुमानित है, जबकि पिछले वर्ष इसका 130.62 लाख टन उत्पादन हुआ था। रैपीसीड और सरसों का उत्पादन 128.73 लाख टन होने का अनुमान है।कपास का उत्पादन 294.25 लाख गांठ (प्रत्येक 170 किलोग्राम) और गन्ने का उत्पादन 4,350.79 लाख टन अनुमानित है। - संभल . संभल के तुलसी मानस मंदिर में उस आलू को देखने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु एकत्रित हुए, जिस पर ‘‘भगवान की छवि चमत्कारी रूप से दिखाई देने'' का दावा किया जा रहा है। मंदिर के राम दरबार में रखे गए आलू को "भगवान का अवतार" माना जा रहा है, जो दूर-दूर से भक्तों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। मंदिर के महंत शंकर दास ने सोमवार को कहा, ‘‘दिव्य छवि वाला आलू एक अवतार का रूप है। यह वंश गोपाल तीर्थ के पास खेमा गांव में पाया गया था। यहां दर्शन के लिए आए एक भक्त ने बताया कि आलू में छवि दिखाई दी थी, इसलिए हमने इसे मंदिर में स्थापित करने का फैसला किया।'' उन्होंने कहा, ‘‘चूंकि यह माना जाता है कि भगवान कल्कि संभल में अपना अवतार लेंगे, इसलिए इस दिव्य आलू को उनके आगमन से पहले एक संकेत के रूप में देखा जा रहा है। होली के आगमन से पूर्व इस पवित्र छवि के प्रकट होने से उत्सव में चार चांद लग गए हैं।" शंकर दास ने दावा किया कि आलू पर बनी छवि ‘‘स्पष्ट रूप से नंदी, भगवान शिव और कछुए'' से मिलती- जुलती है। दर्शन करने आए श्रद्धालुओं में से एक मोहित रस्तोगी ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा, "मैंने सुना है कि तुलसी मानस मंदिर में भगवान आलू के रूप में प्रकट हुए हैं, इसलिए मैं खुद इसे देखने आया हूं। यह देखकर मेरा दिल खुशी से भर गया है और ऐसा लग रहा है कि संभल में भगवान कल्कि का आगमन निकट है।"
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सीधी. मध्य प्रदेश के सीधी जिले में रविवार देर रात एक ट्रक और स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल (एसयूवी) के बीच टक्कर में सात लोगों की मौत हो गई और 14 अन्य घायल हो गए। पुलिस उपाधीक्षक गायत्री तिवारी ने बताया कि यह घटना सीधी-बहरी रोड पर उपनी पेट्रोल पंप के पास देर रात करीब 2.30 बजे हुई। उन्होंने बताया कि एसयूवी मैहर की ओर जा रही थी जबकि ट्रक सीधी से बहरी की ओर जा रहा था, तभी दोनों वाहनों की आमने सामने की टक्कर हुई। अधिकारी ने बताया कि दुर्घटना में एसयूवी में सवार सात लोगों की मौत हो गई और 14 अन्य लोग घायल हो गए। उन्होंने बताया कि नौ घायलों को इलाज के लिए रीवा रेफर किया गया है और अन्य का सीधी जिला अस्पताल में इलाज किया जा रहा है। अधिकारी ने बताया कि ट्रक चालक को हिरासत में ले लिया गया है तथा जांच जारी है।
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गढ़वा. झारखंड के गढ़वा में पटाखे की एक दुकान में आग लगने से उसकी चपेट में आकर तीन बच्चों समेत कम से कम पांच लोगों की मौत हो गई। पुलिस के एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी। पुलिस के बताया कि यह घटना रंका थाना क्षेत्र के गोदरमाना बाजार में हुई।
गढ़वा के पुलिस अधीक्षक (एसपी) दीपक पांडे ने बताया, ‘‘यहां पटाखे की एक दुकान में आग लगने से तीन बच्चों सहित पांच लोगों की मौत हो गई।'' अधिकारी ने बताया कि पुलिस की एक टीम घटनास्थल पर पहुंच गई है।
इस बीच, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस घटना में लोगों की मौत पर गहरा दुख व्यक्त किया।
सोरेन ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर पोस्ट किया, ‘‘गढ़वा के रंका प्रखंड में पटाखे की एक दुकान में आग लगने से पांच लोगों की मौत की दुखद खबर मिली। ‘मरांग बुरु' (आदिवासियों के सर्वोच्च देवता) दिवंगत आत्माओं को शांति प्रदान करें और शोक संतप्त परिवारों को यह दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करें।'' उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन मामले की जांच कर रहा है। -
वाराणसी .वाराणासी स्थित बाबा श्री काशी विश्वनाथ इस साल पहली बार मथुरा से लड्डू गोपाल की ओर से उपहार स्वरूप आये अबीर और गुलाल से होली खेलेंगे। मंदिर के अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी। काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्र ने बताया कि श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में यह एक नयी परंपरा की शुरुआत होगी। मिश्र ने कहा, ‘‘इस परंपरा के तहत मथुरा में लड्डू गोपाल के लिए काशी विश्वनाथ धाम की तरफ से विशेष उपहार भेजा गया है। बदले में रंग, अबीर और गुलाल सहित प्रसाद काशी विश्वनाथ धाम पहुंच चुका है। इन रंगों से रंगभरी एकादशी और होली मनाई जाएगी।'' उन्होंने बताया कि कृष्ण जन्मस्थान मथुरा के सचिव कपिल शर्मा और गोपेश्वर चतुर्वेदी से वार्ता के बाद इस परंपरा को शुरू किया है जो आगे भी जारी रहेगी। उन्होंने बताया कि श्री काशी विश्वनाथ धाम में पारंपरिक लोकोत्सव रंगभरी एकादशी का तीन दिवसीय समारोह हर्षोल्लासपूर्वक भव्य रूप से मनाया जा रहा है। महोत्सव के दूसरे दिन रविवार को श्रद्धालुओं, गणमान्य लोगों और स्थानीय लोगों ने श्री काशी विश्वनाथ और माता गौरा के हल्दी उत्सव में भाग लिया। मंदिर के अधिकारियों ने बताया कि मथुरा से आए श्रद्धालु काशी विश्वनाथ के लिए उपहार और गुलाल लेकर आए, जबकि सोनभद्र से आए आदिवासी श्रद्धालुओं ने पलाश के फूलों से बना हर्बल गुलाल चढ़ाया। मंदिर न्यास का प्रतिनिधित्व करते हुए मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण एवं जिलाधिकारी शम्भू शरण ने श्री विश्वेश्वर महादेव का पूजन कर हर्बल गुलाल चढ़ाया। उन्होंने बताया कि श्री काशी विश्वनाथ और माता गौरा की रजत पालकी यात्रा मंदिर प्रांगण से गुजरी, भक्तों ने भक्ति गीत गाते हुए फूल, हल्दी, अबीर और गुलाल की वर्षा की। अधिकारियों के मुताबिक शाम को फूलों से सजी पालकी पर श्री काशी विश्वनाथ महादेव और मां गौरा की रजत प्रतिमा मंदिर प्रांगण में भ्रमण करते हुए मंदिर चौक पहुंची। इस दौरान श्रद्धालुओं ने हर-हर महादेव के जयकारे के साथ पालकी यात्रा का स्वागत किया। वाराणसी के मंडल आयुक्त कौशल राज शर्मा ने धाम में पहुंचकर श्री काशी विश्वनाथ महादेव एवं माता गौरा को हल्दी, गुलाल एवं पुष्प अर्पित कर मंगल कामना की। श्री काशी विश्वनाथ महादेव और माता गौरा का हल्दी उत्सव धाम में आए श्रद्धालुओं एवं काशीवासियों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र रहा। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने विश्वनाथ महादेव एवं मां गौरा की प्रतिमा पर हल्दी अर्पण कर परंपरा का निर्वहन किया।
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नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु ने सोमवार को हरियाणा के हिसार स्थित गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के छठे दीक्षांत समारोह में उपस्थित विद्यार्थियों, डिग्री व गोल्ड मेडल पाने वाले विद्यार्थियों को संबोधित किया। इस दौरान राष्ट्रपति मुर्मु ने विद्यार्थी वर्ग से अग्राह किया है कि वे शिक्षा हासिल करके रोजगार पाने की मानसिकता को बदलें और रोजगार पाने की बजाय रोजगार उत्पन्न करने वाले बनें। यदि हम ऐसा करते हैं तो यह समाज कल्याण व देश की उन्नति में बहुत बड़ा कदम होगा।
अपने ज्ञान व कौशल के बल पर विद्यार्थी समाज का कल्याण करेंउन्होंने कहा कि अपने ज्ञान व कौशल के बल पर विद्यार्थी समाज का कल्याण करें और देश की तरक्की में अपना योगदान दें। उन्होंने इस बात पर खुशी जताई कि दीक्षांत समारोह में पीएडी की डिग्री लेने वालों में बेटियों की संख्या 60 प्रतिशत से ज्यादा व पदक लेने वालों में बेटियों की संख्या 75 प्रतिशत से ज्यादा है। इसके लिए उन्होंने उपलब्धि प्राप्त बेटियों, उनके परिजनों व शिक्षकों को बधाई दी और कहा कि यह केवल हरियाणा ही नहीं बल्कि देश के विकास व समाज में महिलाओं की बढ़ती भूमिका का प्रमाण है।भारत को ग्लोबल नॉलेज सुपर पावर के रूप में स्थापित करने में उच्च शिक्षण संस्थाओं में किए गए शोध अहम भूमिका निभाएंगेउन्होंने कहा कि गुरु जम्भेश्वर जी, जिनके सम्मान में इस विश्वविद्यालय का नाम रखा गया है, महान संत, दार्शनिक व वैज्ञानिक सोच के धनी थे। उनकी नैतिक जीवन शैली व पर्यावरण संरक्षण के प्रति उनकी सोच को नमन करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि प्रकृति की रक्षा, जीवों के प्रति करूणा, दया का भाव रखना व उन्हें संरक्षण प्रदान करना मानव का नैतिक दायित्य है। वर्तमाान में हम जिन पर्यावरण संबंधी समस्याओं का हल खोज रहे हैं, उनमें गुरु जम्भेश्वर जी की शिक्षाएं प्रासंगिक हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि विश्वविद्यालय के विद्यार्थी गुरु जम्भेश्वर की शिक्षाओं पर चलकर समाज व देश की तरक्की में अपना योगदान देते रहेंगे। राष्ट्रपति ने कहा कि भारत को ग्लोबल नॉलेज सुपर पावर के रूप में स्थापित करने में उच्च शिक्षण संस्थाओं में किए गए शोध अहम भूमिका निभाएंगे।बदलती ग्लोबल डिमांड के अनुसार युवा पीढ़ी को तैयार करना उच्च शिक्षण संस्थाओं के समक्ष बड़ी चुनौतीहाल ही में राष्ट्रपति भवन में हुए एक कार्यक्रम में उन्होंने उच्च शिक्षण संस्थाओं में शिक्षण के साथ-साथ शोध कार्यों को बढ़ावा देने का आग्रह किया था। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता जताई कि गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय की 30 वर्ष की यात्रा में यहां के विद्यार्थियों व संकाय सदस्यों के विभिन्न शोध व अनुसंधान परियोजनाओं ने कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की है। इस बात की भी खुशी है कि शोध व रोजगार को बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालय में कई विशेष विभाग बनाए गए हैं। उन्होंने कहा कि बदलती ग्लोबल डिमांड के अनुसार युवा पीढ़ी को तैयार करना उच्च शिक्षण संस्थाओं के समक्ष बड़ी चुनौती है। देश के संतुलित व सतत विकास के लिए ये भी जरूरी है कि एजुकेशन व टेक्नोलॉजी का लाभ गांव—गांव पहुंचें। इस बात की खुशी है कि गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय में 60 प्रतिशत बच्चे गांव या छोटे शहरों से हैं। ऐसे में गांवों तक शिक्षा व तकनीक पहुंचाने में यह विश्वविद्यालय सहायक सिद्ध हो सकता है। उन्होंने गांवों व छोटे शहरों से आने वाले विद्यार्थियों से भी अपील की कि वे शिक्षा के महत्व का प्रचार-प्रसार करें।निरंतर सीखते हुए और अपने कौशल को बेहतर करते हुए चुनौतियों को अवसर में बदल सकते हैं विद्यार्थीराष्ट्रपति ने कहा कि समय की मांग के अनुसार शिक्षा प्रणाली में महत्वपूर्ण बदलाव लाने के लिए नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 लागू की गई। इस बात की खुशी है कि गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय के सभी विभागों में नई शिक्षा नीति लागू कर दी गई है। नई शिक्षा नीति विकास, मौलिक शोध व रचनात्मकता को बढ़ावा देगी और रोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध करवाएगी। उन्होंने कहा कि दीक्षांत समारोह में डिग्री व पदक लेने वाले विद्यार्थियों की नई यात्रा की शुरुआत हो रही है। इस नई यात्रा में चुनौतियां भी हैं और अवसर भी हैं। ऐसे में निरंतर सीखते हुए और अपने कौशल को बेहतर करते हुए चुनौतियों को अवसर में बदल सकते हैं।शिक्षा केवल ज्ञान व कौशल प्राप्त करने का ही साधन नहींराष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि शिक्षा केवल ज्ञान व कौशल प्राप्त करने का ही साधन नहीं है। शिक्षा मनुष्य में नैतिक सहिष्णुता व करूणा जैसे जीवन मूल्यों को विकसित करने का माध्यम भी है। शिक्षा आपको रोजगार के योग्य बनाने के साथ-साथ सामाजिक जिम्मेदारियों के प्रति जागरूक भी करती है। उन्होंने उपाधियां व मेडल प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों व शिक्षकों को बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने की, जबकि लोक निर्माण मंत्री रणबीर गंगवा इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि रहे। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने राष्ट्रपति, राज्यपाल, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य डॉ. इंद्रेश कुमार एवं अन्य आए मेहमानों व डिग्री प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों का स्वागत किया। डॉ. इन्द्रेश कुमार को कार्यक्रम में मानद उपाधि प्रदान की गई। -
नई दिल्ली। श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने बताया कि ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत श्रमिकों की संख्या बढ़कर 30.68 करोड़ से अधिक हो गई है। इसमें से 53.68 प्रतिशत (3 मार्च तक) महिलाएं हैं। केंद्रीय श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री, शोभा करंदलाजे ने सोमवार को लोकसभा में यह जानकारी दी।
असंगठित श्रमिकों को विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं तक पहुंच प्रदान करने के लिए वन-स्टॉप-सॉल्यूशन के रूप में ई-श्रम को विकसित करने की बजट घोषणा के विजन को ध्यान में रखते हुए, श्रम और रोजगार मंत्रालय ने 21 अक्टूबर, 2024 को ई-श्रम-“वन-स्टॉप-सॉल्यूशन” लॉन्च किया।“ई-श्रम-“वन-स्टॉप-सॉल्यूशन” में एक ही पोर्टल पर विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को एकीकृत करना शामिल है। यह ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत असंगठित श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा योजनाओं तक पहुंचने और ई-श्रम पोर्टल के माध्यम से अब तक उनके द्वारा प्राप्त लाभों को देखने में सक्षम बनाता है।अब तक, विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों की 13 योजनाओं को पहले ही ई-श्रम के साथ एकीकृत किया जा चुका है, जिनमें प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (पीएम-स्वनिधि), प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई), प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई), राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना (एनएफबीएस), महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा), प्रधानमंत्री आवास योजना – ग्रामीण (पीएमएवाई-जी), आयुष्मान भारत योजना शामिल हैं।रोजगार और कौशल विकास के अवसर प्रदान करने के लिए ई-श्रम पोर्टल को राष्ट्रीय करियर सेवा (एनसीएस) और स्किल इंडिया डिजिटल पोर्टल के साथ भी एकीकृत किया गया है। वहीं, पेंशन योजना के तहत नामांकन की सुविधा के लिए, ई-श्रम को प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन (पीएमएसवाईएम) के साथ एकीकृत किया गया है।मंत्रालय ने आधार से जुड़े असंगठित श्रमिकों का एक बड़ा राष्ट्रीय डेटाबेस बनाने के लिए 26 अगस्त, 2021 को ई-श्रम पोर्टल लॉन्च किया था। ई-श्रम पोर्टल का उद्देश्य असंगठित श्रमिकों को सेल्फ-डिक्लेरेशन के आधार पर एक यूएएन प्रदान करके उनका पंजीकरण करके सहायता करना है। -
नई दिल्ली। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, पिछले 10 वर्षों में भारतीय रेलवे में महिला कर्मचारियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। महिला कर्मचारियों की यह कुल संख्या 1.13 लाख को पार कर गई है, जो कुल वर्कफोर्स का 8.2 प्रतिशत है। यह संख्या 2014 में 6.6 प्रतिशत थी।
रेलवे नेटवर्क में महिलाएं बड़ी भूमिका निभा रहीरेलवे नेटवर्क में प्रमुख परिचालन नौकरियों में महिलाएं बड़ी भूमिका निभा रही हैं। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, वर्तमान में 2,162 महिलाएं लोको पायलट के रूप में काम कर रही हैं, जबकि 794 महिलाओं ने ट्रेन मैनेजर (गार्ड) की भूमिका निभाई है। इसके अलावा, पूरे भारत में 1,699 महिला स्टेशन मास्टर तैनात हैं।10 वर्षों में भारतीय रेलवे में महिला लोको पायलट और स्टेशन मास्टर की संख्या में पांच गुना वृद्धिएक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में भारतीय रेलवे में महिला लोको पायलट और स्टेशन मास्टर की संख्या में पांच गुना वृद्धि हुई है। परिचालन भूमिकाओं के अलावा, महिलाएं प्रशासनिक और रखरखाव क्षेत्रों में भी महत्वपूर्ण प्रभाव डाल रही हैं। भारतीय रेलवे में 12,362 महिला कार्यालय कर्मचारी और 2,360 महिला पर्यवेक्षक हैं।महिलाएं यात्री सेवाओं में भी सक्रिय रूप से शामिलट्रैक रखरखाव में, जो परंपरागत रूप से पुरुष प्रधान क्षेत्र रहा है, अब 7,756 महिलाएं ट्रेनों के सुरक्षित संचालन को सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही हैं। महिलाएं यात्री सेवाओं में भी सक्रिय रूप से शामिल हैं, जिनमें से 4,446 टिकट चेकर के रूप में और 4,430 देश भर के रेलवे स्टेशनों पर ‘पॉइंट्समैन’ के रूप में काम कर रही हैं।भारतीय रेलवे दुनिया के सबसे बड़े नियोक्ताओं में से एकइसके अलावा, भारतीय रेलवे ने जेंडर इंक्लूजिविटी में विश्वास बढ़ाने के लिए सभी महिला टीमों के साथ कई रेलवे स्टेशनों का संचालन किया है। इनमें माटुंगा, न्यू अमरावती, अजनी और गांधीनगर रेलवे स्टेशन शामिल हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि भारतीय रेलवे, जो दुनिया के सबसे बड़े नियोक्ताओं में से एक है, जिसके विशाल नेटवर्क पर 12.3 लाख से अधिक कर्मचारी काम करते हैं, महिलाओं को सशक्त बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।भारत सरकार रेलवे को वर्ल्ड-क्लास एंटिटी में बदलने को प्रतिबद्धरेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाल ही में संसद में एक प्रश्न के उत्तर में कहा, “निर्धारित पात्रता मानदंडों को पूरा करने वाले सभी उम्मीदवार भर्ती के लिए पात्र हैं।” एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “सरकार ने भारतीय रेलवे को वर्ल्ड-क्लास एंटिटी में बदलने को प्राथमिकता दी है, जो हर दिन औसतन 2.3 करोड़ भारतीयों को सस्ती कीमत पर देश के एक हिस्से से दूसरे हिस्से में पहुंचाती है और महिलाएं इस प्रयास में बढ़ती भूमिका निभा रही हैं।” -
नई दिल्ली। आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी जीतने पर संसद के दोनों सदनों में सोमवार को भारतीय क्रिकेट टीम को बधाई दी गई। इसके साथ ही भविष्य में होने वाले मैचों के लिए शुभकामनाएं दी गईं।
सदन की कार्यवाही शुरू होने पर लोकसभा अध्यक्ष ने शानदार विजय का किया उल्लेखलोकसभा में सदन की कार्यवाही शुरू होने पर अध्यक्ष ओम बिरला ने रविवार को खेले गए चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल मुकाबले में भारतीय क्रिकेट की शानदार विजय का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि इस उपलब्धि से समूचे देश में उत्साह और उल्लास का वातावरण है। यह उन युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो अपने अपने क्षेत्रों में उत्कृष्टम करने का प्रयास कर रहे हैं। इस पर सदन में सदस्यों ने मेजें थपथपाकर भारतीय क्रिकेट टीम को बधाई दी।राज्यसभा में भी इस महत्वपूर्ण जीत के लिए दी गई बधाईउधर, राज्यसभा में भी भारतीय क्रिकेट टीम को इस महत्वपूर्ण जीत के लिए बधाई दी गई। उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने कहा कि आज मैं सदन में शामिल होकर भारतीय पुरुष क्रिकेट टीम को आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में जीत के लिए बधाई देता हूं। यह मेरे लिए अत्यंत गर्व और खुशी की बात है। दुबई में आयोजित फाइनल मुकाबले में न्यूजीलैंड को हराकर हमारी टीम ने भारत के लिए तीसरी चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब सुरक्षित किया। यह एक असाधारण उपलब्धि है। इस पर प्रत्येक भारतीय को गर्व है। यह जीत हमारे क्रिकेटरों के समर्पण, कड़ी मेहन और टीम खेल भावना का प्रमाण है। राज्यसभा में भी सदस्यों ने मेजें थपथपाकर भारतीय टीम को इस खास उपलब्धि के लिए बधाई दी। -
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निमंत्रण पर न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन 16 से 20 मार्च तक भारत की आधिकारिक यात्रा पर रहेंगे। पदभार ग्रहण करने के बाद यह लक्सन की पहली भारत यात्रा होगी। उनके साथ एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी आएगा, जिसमें मंत्री, वरिष्ठ अधिकारी, व्यवसायी, मीडिया और न्यूजीलैंड में भारतीय प्रवासी समुदाय के सदस्य शामिल होंगे। विदेश मंत्रालय के मुताबिक, “प्रधानमंत्री लक्सन की यात्रा भारत और न्यूजीलैंड के बीच दीर्घकालिक और स्थायी संबंधों को रेखांकित करती है।”
17 मार्च को पीएम मोदी के साथ बातचीतअपनी यात्रा के दौरान, लक्सन 17 मार्च को पीएम मोदी के साथ बातचीत करेंगे, जिसमें भारत-न्यूजीलैंड संबंधों के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा होगी। पीएम मोदी, अतिथि गणमान्य व्यक्ति के सम्मान में दोपहर के भोजन का भी आयोजन करेंगे। उसी दिन न्यूजीलैंड के पीएम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी मुलाकात करेंगे।10वें रायसीना डायलॉग 2025 में होंगे शामिललक्सन, 17 मार्च को नई दिल्ली में ’10वें रायसीना डायलॉग 2025′ के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे और मुख्य भाषण देंगे। 19-20 मार्च को मुंबई का दौरा भी करेंगे, जहां वे भारतीय व्यापार जगत के नेताओं और विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत करेंगे। लक्सन 20 मार्च को मुंबई से वेलिंगटन के लिए रवाना होंगे।न्यूजीलैंड में भारतीय उच्चायुक्त ने लक्सन से की थी मुलाकातपिछले महीने, न्यूजीलैंड में भारतीय उच्चायुक्त नीता भूषण ने लक्सन से मुलाकात की थी। उन्होंने कई क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की थी। भूषण ने दोनों देशों की साझेदारी को और मजबूत करने तथा उच्च स्तर पर ले जाने की नई दिल्ली की प्रतिबद्धता की पुष्टि की थी।भारत और न्यूजीलैंड के बीच घनिष्ठ और सौहार्दपूर्ण संबंधभारत और न्यूजीलैंड के बीच ऐतिहासिक रूप से घनिष्ठ और सौहार्दपूर्ण संबंध रहे हैं। दोनों राष्ट्र आपसी सम्मान और साझा लक्ष्यों के आधार पर एक मजबूत गठबंधन बनाते हैं। न्यूजीलैंड में बड़ी संख्या में भारतीय प्रवासियों की मौजूदगी दोनों देशों के बीच घनिष्ठ सांस्कृतिक सहयोग की नींव का काम करती है। -
जम्मू,। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने रविवार को कठुआ जिले में तीन नागरिकों की हत्या की विस्तृत जांच के आदेश दिए। वहीं, केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने इसे ‘आतंकवादी कृत्य' करार दिया। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि मामले की जांच के लिए एक टीम गठित की गई है।
वरुण सिंह (15), उसके चाचा योगेश सिंह (32) और मामा दर्शन सिंह (40) के शव शनिवार को कठुआ जिले के सुदूर मल्हार इलाके में ईशू नाले से बरामद किए गए थे। तीनों पांच मार्च को एक विवाह समारोह से लापता हो गए थे। उपराज्यपाल ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर जारी एक पोस्ट में कहा, ‘‘मैंने विस्तृत और पारदर्शी जांच के आदेश दिए हैं और परिवारों को सभी आवश्यक सहायता प्रदान की जाएगी।'' उन्होंने कहा कि वह तीनों की नृशंस हत्या से स्तब्ध और दुखी हैं।सिन्हा ने कहा, ‘‘मैं लोगों को आश्वासन देता हूं कि अपराधियों को जल्द से जल्द न्याय के कठघरे में लाया जाएगा। न्याय होगा और जवाबदेही तय की जाएगी।'' इससे पहले, केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि तीन नागरिकों की हत्या आतंकवादियों ने की। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में माहौल खराब करने की ‘‘गहरी साजिश'' है। मंत्री ने ‘एक्स' पर जारी पोस्ट में कहा, ‘‘कठुआ जिले के बानी इलाके में आतंकवादियों द्वारा तीन लोगों की नृशंस हत्या बेहद दुखद और चिंताजनक है। इस शांतिपूर्ण क्षेत्र में माहौल खराब करने के पीछे एक गहरी साजिश प्रतीत होती है।'' उन्होंने कहा, “हमने इस मामले पर संबंधित अधिकारियों से चर्चा की है।मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने हत्याओं को ‘बर्बर' करार दिया। अब्दुल्ला ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘कठुआ में एक नाबालिग लड़के सहित तीन निर्दोष नागरिकों की बर्बर हत्या से गहरा सदमा और दुख हुआ है। इस तरह के जघन्य कृत्यों का हमारे समाज में कोई स्थान नहीं है और इसकी कड़ी निंदा की जानी चाहिए। शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना है।'' - अहमदाबाद। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को गांधीनगर में 316.82 करोड़ रुपये के ‘पैरा हाई परफॉर्मेंस सेंटर' की आधारशिला रखी और 2036 ओलंपिक की मेजबानी के लिए भारत के संकल्प को दोहराया। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी क्रिकेट स्टेडियम के करीब स्थित सरदार पटेल खेल परिसर में 10 बड़े स्टेडियम बनाए जाएंगे। शाह ने कहा, ‘‘भारत ने इन 10 परिसरों में 2036 ओलंपिक खेल आयोजित करने का संकल्प लिया है। गुजरात ने ओलंपिक की तैयारी पहले ही शुरू कर दी है। '' शाह ने कहा कि ‘पैरा हाई परफॉर्मेंस सेंटर' गुजरात के पैरा एथलीटों को विश्व स्तरीय ट्रेनिंग प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘यह केंद्र दिव्यांगों की ताकत के लिए एक मंच प्रदान करेगा। पहले लोग दिव्यांगों के लिए अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करते थे जिससे उनमें हीनता की भावना पैदा होती थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिव्यांगों को सम्मानजनक शब्द ‘दिव्यांग' देकर उनमें आत्मविश्वास जगाया है। '' शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के ‘खेल सभी के लिए' के मंत्र को साकार करने के लिए गुजरात सरकार ने मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में खेल क्षेत्र के लिए कई नई पहल की हैं जिसकी वजह से राज्य में देश का सबसे ज्यादा खेल बुनियादी ढांचा है। केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘2002 में गुजरात का खेल बजट सिर्फ दो करोड़ रुपये था जो आज बढ़कर 352 करोड़ रुपये हो गया है। यह बजट ही खेलों के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। ''