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- हैदराबाद. हैदराबाद के बाहरी इलाके में बृहस्पतिवार सुबह एक महिला ने रेल की पटरियों पर कार चलाई, जिससे ट्रेन सेवाएं बाधित हुईं। पुलिस ने यह जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि महिला ने यहां शंकरपल्ली में करीब आठ किलोमीटर तक कार चलाई।पुलिस के अनुसार महिला मानसिक रूप से परेशान लग रही थी और उसने कार रोकने पर पुलिसकर्मियों से झगड़ा करने की कोशिश की। एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने उसे काबू करके मेडिकल जांच के लिए भेज दिया। उन्होंने कहा कि महिला एक सॉफ्टवेयर कंपनी में काम करती है। अधिकारी ने कहा कि रेलवे पुलिस घटना के संबंध में मामला दर्ज करेगी। रेलवे सूत्रों ने प्रारंभिक जानकारी का हवाला देते हुए कहा कि दो मालगाड़ियां और दो यात्री ट्रेन लगभग 20 मिनट तक बाधित रहीं।
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फाइल फोटो
भुवनेश्वर. बीजू जनता दल प्रमुख नवीन पटनायक की 22 जून को रीढ़ की हड्डी की सर्जरी के बाद हालत में सुधार है और उन्हें कुछ दिनों में मुंबई के अस्पताल से छुट्टी मिलने की उम्मीद है। डॉ. रमाकांत पांडा ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। प्रसिद्ध हृदय शल्य चिकित्सक और मुंबई में एशियाई हृदय संस्थान के अध्यक्ष डॉ. पांडा को सर्जरी से पहले पटनायक का चिकित्सक नियुक्त किया गया था। पांडा ने ‘ बताया, ‘‘पटनायक की हालत में सुधार है और उन्हें रविवार या सोमवार को छुट्टी मिलने की उम्मीद है।'' उन्होंने कहा कि 22 जून को मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में पूर्व मुख्यमंत्री की ग्रीवा रीढ़ की सर्जरी कोयंबटूर के गंगा अस्पताल के डॉ. एस राजशेखरन ने की थी। उन्होंने कहा कि पटनायक की शल्य चिकित्सा करीब चार घंटे तक चली और वह इससे उबर रहे हैं।पांडा ने कहा, ‘‘अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद उन्हें ठीक होने के लिए नियमित फिजियोथेरेपी करानी होगी।'' इस बीच, बुधवार को बीजद के वरिष्ठ नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने आईसीयू से निजी कमरे में स्थानांतरित किए जाने के बाद पटनायक से मुलाकात की। सोमवार को पूर्व मुख्यमंत्री के बड़े भाई प्रेम पटनायक ने एक वीडियो संदेश के माध्यम से बताया था कि बीजद प्रमुख की हालत में सुधार हो रहा है। पटनायक ने कहा, ‘‘रविवार को नवीन का ऑपरेशन हुआ था, और उनकी हालत में सुधार हो रहा है। वह खुद ही बाथरूम तक कुछ कदम चलने में सक्षम हैं। मैं उनके ठीक होने की प्रार्थना करने के लिए सभी का तहे दिल से शुक्रिया अदा करता हूं। भगवान जगन्नाथ के आशीर्वाद और आपकी शुभकामनाओं से वह जल्दी ठीक हो जाएंगे ।-- - देहरादून. देहरादून जिले में चकराता मार्ग पर डाकपत्थर के समीप बृहस्पतिवार को एक कार के गहरी खाई में गिरने से उसमें सवार तीन व्यक्तियों की मृत्यु हो गयी तथा एक अन्य घायल हो गया । पुलिस ने यहां बताया कि हादसा जजरेड़ में हुआ जहां वाहन अनियंत्रित होकर 400 मीटर गहरी खाई में गिरकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया । दुर्घटना की सूचना मिलने पर पुलिस तथा राज्य आपदा प्रतिवादन बल की टीमें मौके पर पहुंची और राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया । तीन व्यक्तियों की मौके पर ही मृत्यु हो गयी जबकि एक अन्य को घायल अवस्था में खाई से बाहर निकाला गया ।हादसे का शिकार हुए सभी व्यक्ति स्थानीय हैं । घायल व्यक्ति की पहचान चकराता तहसील के रहने वाले 22 वर्षीय मयंक चौहान के रूप में हुई है । मृतकों में चकराता के कोटी कनासर गांव के मुकेश राणा (21), सहसपुर निवासी प्रियांशु चौहान (22) और भाऊवाला के दीपक सती (25) शामिल हैं ।
- नयी दिल्ली. दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने असम सर्किल में ग्राहक सत्यापन नियमों के उल्लंघन के लिए भारती एयरटेल को 6.48 लाख रुपये के जुर्माने का नोटिस भेजा है। भारती एयरटेल ने बृहस्पतिवार को शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि वह इसके सुधार और नोटिस की वापसी के लिए उचित कार्रवाई करेगी। कंपनी को 25 जून को ‘दूरसंचार विभाग, असम एलएसए' से ‘ग्राहक सत्यापन मानदंडों के कथित उल्लंघन के लिए 6,48,000 रुपये का जुर्माना लगाने' का नोटिस मिला। एयरटेल ने कहा, “दूरसंचार विभाग ने मार्च, 2025 को समाप्त तिमाही के लिए एक नमूना सीएएफ (उपभोक्ता आवेदन पत्र) ऑडिट किया और लाइसेंस समझौते के तहत ग्राहक सत्यापन मानदंडों के संबंध में नियमों और शर्तों के उल्लंघन का आरोप लगाया है।” भारती एयरटेल ने कहा कि कंपनी पर अधिकतम वित्तीय प्रभाव लगाए गए जुर्माने की सीमा तक होगा। उसने कहा, “कंपनी नोटिस से सहमत नहीं है और इसमें सुधार/वापसी के लिए उचित कार्रवाई करेगी।
- नयी दिल्ली. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अगले सप्ताह वाशिंगटन डीसी में होने वाली ‘क्वाड' समूह की महत्वपूर्ण बैठक से पहले बृहस्पतिवार को अपनी ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष पेनी वोंग के साथ फोन पर बातचीत की। जयशंकर, वोंग, जापान के विदेश मंत्री ताकेशी इवाया और अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो नवंबर में भारत में होने वाले क्वाड शिखर सम्मेलन की तैयारियों के तहत व्यापक वार्ता करेंगे। जयशंकर ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री वोंग के साथ आज सुबह अच्छी चर्चा हुई।'' उन्होंने कहा, ‘‘हमारे द्विपक्षीय सहयोग और हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर विचारों का आदान-प्रदान हुआ।''क्वाड में भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान शामिल हैं। यह एक प्रमुख समूह के रूप में उभरा है, जो मुख्य रूप से हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और स्थिरता पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। वाशिंगटन डीसी में क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठक में समूह के वार्षिक शिखर सम्मेलन के एजेंडे पर व्यापक रूप से विचार-विमर्श होने की संभावना है। शिखर सम्मेलन में समुद्री क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए उठाये जाने वाले कदमों पर भी विचार-विमर्श होने की उम्मीद है। इसके अलावा, जयशंकर ने कतर के प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल थानी से भी फोन पर बातचीत की। अल थानी कतर के विदेश मंत्री भी हैं।जयशंकर ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘कतर के प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री अल थानी के साथ गर्मजोशी से बातचीत हुई। क्षेत्रीय स्थिति के उनके आकलन की सराहना की। हमारे द्विपक्षीय एजेंडे पर चर्चा हुई।''
- अमरावती. आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने बृहस्पतिवार को अधिकारियों को राज्य की ‘अंतरिक्ष नीति 4.0' को अंतिम रूप देने का निर्देश दिया। इसका उद्देश्य 25,000 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित करना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नीति में 5,000 प्रत्यक्ष और लगभग 30,000 अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा करने पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री के हवाले से आधिकारिक बयान में कहा गया कि आंध्र प्रदेश को भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में अग्रणी स्थान दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए नायडू ने अधिकारियों को ‘आंध्र प्रदेश अंतरिक्ष नीति 4.0' को अंतिम रूप देने का निर्देश दिया, जिसका उद्देश्य 25,000 करोड़ रुपये का निवेश जुटाना है।उन्होंने गुंटूर जिले के उंडावल्ली स्थित अपने कैंप कार्यालय में समीक्षा बैठक के दौरान लेपाक्षी और तिरुपति में ‘अंतरिक्ष शहरों' के विकास को मंजूरी दी और 2025 से 2035 तक इस क्षेत्र के लिए रणनीतिक लक्ष्य भी निर्धारित किए। तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) प्रमुख ने छात्रों को जोड़ने और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों में रुचि जगाने के लिए शैक्षणिक संस्थानों को शामिल करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने अधिकारियों को एक तकनीकी समिति बनाने और प्लग-एंड-प्ले (उपयोग के लिए तैयार) मॉडल के आधार पर सामान्य बुनियादी ढांचे की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
- जयपुर. राजस्थान के नागौर जिले में 20 साल की एक युवती ने कथित तौर पर अपने कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस के अनुसार युवती के पति की उसके रिश्तेदारों ने ही कुछ दिन पहले कथित तौर पर हत्या कर दी थी। पुलिस ने बताया कि जिले के धारणा गांव की करिश्मा (20) का शव बृहस्पतिवार सुबह उसके कमरे में लटका मिला। पुलिस उपनिरीक्षक राधा किशन ने कहा, "युवती के परिवार के सदस्यों ने दरवाजा तोड़कर पुलिस को इसकी सूचना दी। उन्होंने दावा किया कि अपने पति की हत्या से दुखी होकर करिश्मा ने यह कदम उठाया। मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है।" गौरतलब है कि करिश्मा ने पिछले साल नवंबर में सहदेवराम (28) से 'कोर्ट मैरिज' की थी।इस साल 14 जून को सहदेवराम का शव नागौर जिले के एक खेत में मिला था। सहदेवराम प्रतियोगी परीक्षा देने के लिए अपने पिता के साथ नागौर से अजमेर पहुंचा था। बस स्टैंड पर सहदेवराम को करिश्मा की बहन और उसका पति (साली और साडू) मिले और बस स्टैंड के बाहर ले गए। सहदेवराम ने अपने पिता से बस स्टैंड पर इंतजार करने को कहा। जब वह देर तक नहीं लौटा तो उसके पिता ने उसकी तलाश शुरू की और स्थानीय थाने में शिकायत दी। उन्होंने आशंका जताई कि उसके साथ कोई अनहोनी हो सकती है। पुलिस ने बताया, "शाम को सहदेवराम का शव नागौर जिले के एक खेत में मिला। प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि उसकी पीट-पीटकर हत्या की गई है।"
- नयी दिल्ली. केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने 700 से अधिक बैंक शाखाओं में लगभग 8.5 लाख ऐसे ‘फर्जी या निष्क्रिय खातों' का पता लगाया है जिनका इस्तेमाल डिजिटल चोरी, धोखाधड़ी वाले निवेश और यूपीआई- आधारित धांधली से अर्जित अवैध कमाई को ठिकाने लगाने के लिए किया जा रहा था। जांच अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को बताया कि इन फर्जी खातों पर कार्रवाई करते हुए सीबीआई ने हाल ही में राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में 42 ठिकानों पर एक साथ तलाशी अभियान चलाया। इस दौरान नौ संदिग्धों को हिरासत में लिया गया जिनमें कथित बिचौलिये, एजेंट, एग्रीगेटर, खाताधारक और बैंकिंग प्रतिनिधि शामिल हैं।इन पर फर्जी खाते खोलने में मदद करने का आरोप है। ‘फर्जी खाता' ऐसा बैंक खाता होता है जो किसी ऐसे व्यक्ति के नाम पर खोला जाता है, जिसे शायद पता भी न हो कि उसके खाते का इस्तेमाल अवैध धन को सफेद करने के लिए किया जा रहा है। सीबीआई ने अपनी जांच में पाया कि इन खातों को अक्सर फर्जी पहचान पत्रों का उपयोग करके खोला जाता था ताकि पीड़ितों से हड़पी राशि को निकालने के बाद इन्हें फौरन बंद किया जा सके। इसकी वजह से अपराधियों को पकड़ पाना मुश्किल हो जाता है। सीबीआई के प्रारंभिक निष्कर्षों से पता चला है कि कुछ बैंक अधिकारी, ई-मित्र एजेंट और अन्य बिचौलिये भी इन धोखेबाजों के साथ सक्रिय रूप से मिले हो सकते हैं, जिन्होंने खाते खोलने और अवैध निकासी को अंजाम देने में मदद की। सीबीआई के प्रवक्ता ने बताया कि जांच के दौरान कई बैंकों में प्रणालीगत खामियां उजागर हुई हैं। देशभर में फैली 700 से अधिक शाखाओं में लगभग 8.5 लाख फर्जी खाते उचित केवाईसी मानदंडों, ग्राहक की जांच, या प्रारंभिक जोखिम मूल्यांकन के बगैर खोल दिए गए थे।इसके साथ ही कई बैंक शाखा प्रबंधक संदिग्ध लेनदेन का अलर्ट मिलने पर भी गंभीरता से ध्यान देने में विफल रहे। सीबीआई ने ग्राहक के पते की प्रामाणिकता की पुष्टि न करने जैसी खामियां भी पाई हैं। इस जांच के बाद सीबीआई ने आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी, जालसाजी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत बैंक अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक कदाचार को लेकर एक प्राथमिकी दर्ज की है। तलाशी अभियान के दौरान आपत्तिजनक दस्तावेज, डिजिटल साक्ष्य, मोबाइल फोन, बैंक खाता खोलने के दस्तावेज और लेनदेन के विवरण जब्त किए गए हैं।
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नयी दिल्ली.भारत के शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष की यात्रा करने वाले 634वें अंतरिक्ष यात्री बन गए हैं। वह 28 घंटे की यात्रा के बाद बृहस्पतिवार को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) में दाखिल हुए। शुक्ला और तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों का अंतरिक्ष स्टेशन पर एक्सपीडिशन 73 के सदस्यों ने गर्मजोशी से गले मिलकर और हाथ मिलाकर औपचारिक स्वागत किया। एक्सिओम मिशन की कमांडर पैगी व्हिटसन ने शुक्ला, पोलिश अंतरिक्ष यात्री स्लावोज उज्नान्स्की-विस्नीव्स्की और हंगरी के टिबोर कापू को अंतरिक्ष यात्री ‘पिन' प्रदान किए, जिन्होंने अंतरिक्ष में अपनी पहली यात्रा की। अंतरिक्ष स्टेशन पर औपचारिक स्वागत समारोह में संक्षिप्त टिप्पणी में शुक्ला ने कहा, ‘‘मैं 634वां अंतरिक्ष यात्री हूं। यहां आना मेरे लिए सौभाग्य की बात है।'' उन्होंने कहा, ‘‘आपके प्यार और आशीर्वाद से मैं अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंच गया हूं। यहां खड़ा होना आसान लग रहा है, लेकिन मेरा सिर थोड़ा भारी है, कुछ कठिनाई हो रही है; लेकिन ये छोटी-मोटी बातें हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘हमें इसकी आदत हो जाएगी। यह इस यात्रा का पहला कदम है।'' शुक्ला ने कहा कि अगले 14 दिनों में वह और अन्य अंतरिक्ष यात्री वैज्ञानिक प्रयोग करेंगे और पृथ्वी पर लोगों से बातचीत करेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘यह भारत की अंतरिक्ष यात्रा का भी एक चरण है। मैं आपसे बात करता रहूंगा। आइए इस यात्रा को रोमांचक बनाएं। मैं तिरंगा साथ लाया हूं और आप सभी को भी अपने साथ लेकर चल रहा हूं। अगले 14 दिन रोमांचक होंगे।'' शुक्ला ने कहा कि अंतरिक्ष स्टेशन तक की यात्रा अद्भुत और शानदार थी तथा वे कक्षीय प्रयोगशाला के चालक दल द्वारा किए गए स्वागत से अभिभूत हैं। उन्होंने कहा, ‘‘जिस क्षण मैंने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में प्रवेश किया और इस चालक दल से मिला, आपने मुझे इतना सम्मानित महसूस कराया, मानो आपने सचमुच अपने घर के दरवाज़े हमारे लिए खोल दिए हों।'' शुक्ला ने कहा, ‘‘यह शानदार था। अब मैं और भी बेहतर महसूस कर रहा हूं। यहां आने से मेरी जो भी अपेक्षाएं थीं, वे दृश्य से कहीं बढ़कर हैं। इसलिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। मुझे पूरा विश्वास है कि अगले 14 दिन अद्भुत होने जा रहे हैं, विज्ञान और अनुसंधान को आगे बढ़ाएंगे, और साथ मिलकर काम करेंगे।'
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नयी दिल्ली. भारत ने ईरान-इजराइल संघर्ष के बाद ‘ऑपरेशन सिंधू' के तहत ईरान से अब तक 14 उड़ानों के जरिये 3400 से अधिक भारतीयों को निकाला है। विदेश मंत्रालय के आंकड़ों से बृहस्पतिवार को यह जानकारी मिली। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने अपनी साप्ताहिक प्रेसवार्ता में ‘ऑपरेशन सिंधू' के बारे में पूछे गए प्रश्नों के जबाब में यह भी कहा कि नयी दिल्ली जमीनी स्तर पर स्थिति का आकलन कर रही है और इसके आधार पर निर्णय लिया जाएगा कि अभियान को जारी रखा जाए या नहीं। जायसवाल से पूछा गया कि क्या ईरान-इजराइल युद्धविराम के बाद भारत ‘ऑपरेशन सिंधू' जारी रखेगा और अब तक दोनों देशों से निकाले गए कुल भारतीय नागरिकों की संख्या क्या है? प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हमने 18 जून को ऑपरेशन सिंधू शुरू किया था। ईरान में भारतीय समुदाय के करीब 10,000 लोग हैं और इजराइल में करीब 40,000 भारतीय नागरिक हैं।'' उन्होंने संवाददाताओं को बताया, ‘‘ईरान से हमने अब तक 3,426 भारतीय नागरिकों, 11 ओसीआई (भारत के प्रवासी नागरिक) कार्डधारकों, नौ नेपाली नागरिकों और कुछ श्रीलंका के नागरिकों को निकाला है।'' उन्होंने बताया कि एक ईरानी महिला को भी निकाला गया है, जो एक भारतीय नागरिक की पत्नी है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हमने ईरान से भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिए कुल 14 उड़ानें संचालित कीं।'' इससे पहले दिन में, विदेश मंत्रालय ने कहा कि ईरान से 272 भारतीय और तीन नेपाली नागरिकों को लेकर एक विशेष विमान ईरानी शहर मशहद से 25-26 जून की दरमियानी रात को दिल्ली पहुंचा। भारत ने बुधवार को ईरान से 296 भारतीय नागरिकों और चार नेपाली नागरिकों को निकाला था। भारत ने मंगलवार को ईरान और इजराइल से 1,100 से अधिक नागरिकों को निकाला था। उसने इजराइल से 594 भारतीयों की स्वदेश वापसी कराई जिनमें से 400 से अधिक के लिए भारतीय वायु सेना के सी-17 हेवी-लिफ्ट विमान का उपयोग किया गया। साथ ही, 161 भारतीयों को अम्मान से एक चार्टर्ड उड़ान में वापस लाया गया। वे सड़क मार्ग से इजराइल से जॉर्डन की राजधानी अम्मान पहुंचे थे। विदेश मंत्रालय द्वारा साझा किए गए विवरणों के अनुसार, मंगलवार को दो चार्टर्ड उड़ानों में कुल 573 भारतीयों, तीन श्रीलंकाई और दो नेपाली नागरिकों को ईरान से निकाला गया। इजराइल और ईरान के बीच संघर्ष शुरू होने के बाद दोनों देशों ने एक-दूसरे के शहरों और सैन्य तथा रणनीतिक ठिकानों पर सैकड़ों मिसाइल और ड्रोन दागे थे। भारत ने 18 जून से ईरानी शहर मशहद, आर्मेनिया की राजधानी येरेवन और तुर्कमेनिस्तान की राजधानी अश्गाबात से संचालित चार्टर्ड उड़ानों के जरिए अपने नागरिकों को निकाला है। -
नयी दिल्ली. भारत निर्वाचन आयोग ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसने 345 पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों (आरयूपीपी) को सूची से हटाने की कार्यवाही शुरू कर दी है, जो 2019 से पिछले छह वर्षों में एक भी चुनाव लड़ने की आवश्यक शर्त को पूरा करने में भी विफल रहे हैं। आयोग ने बताया कि इन राजनीतिक दलों के कार्यालय का भी कहीं भौतिक तौर पर पता नहीं लगाया जा सका। इसने कहा कि ये 345 राजनीतिक दल देश भर के विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से हैं।
अधिकारियों ने बताया कि 2001 से अब तक चुनाव आयोग ने निष्क्रिय आरयूपीपी को समाप्त करने की प्रक्रिया ‘‘तीन से चार'' बार पूरी की है। इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने चुनाव आयोग को राजनीतिक दलों की ‘‘मान्यता समाप्त'' करने से यह कहते हुए रोक दिया था कि ऐसा करना कानून के तहत विहित नहीं है। हालांकि, आयोग ने ‘‘पार्टियों को सूची से हटाने'' का एक तरीका खोज लिया है। आयोग के एक पूर्व पदाधिकारी ने बताया कि सूची से हटाए गए दलों को चुनाव प्राधिकरण द्वारा नई मान्यता दिए बिना ही फिर से सूचीबद्ध किया जा सकता है। देश में 2,800 से अधिक आरयूपीपी के अलावा छह राष्ट्रीय और 67 राज्य स्तर पर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल हैं। अधिकारियों ने बताया कि आयोग के संज्ञान में आया है कि वर्तमान में आयोग के पास पंजीकृत 2,800 से अधिक आरयूपीपी में से कई ऐसे राजनीतिक दल आवश्यक शर्तों को पूरा करने में विफल रहे हैं। यह कदम बिहार चुनाव से पहले उठाया गया है। सूची से हटाई गई पार्टियां चुनाव लड़ने के लिए अपने उम्मीदवार नहीं उतार सकतीं। -
नई दिल्ली। देशभर में एक साथ चुनाव कराने की योजना यानी ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पर विचार के लिए गठित संसद की संयुक्त समिति (जेपीसी) की अगली महत्वपूर्ण बैठक 11 जुलाई को होगी। बैठक के दौरान सुप्रीम कोर्ट के दो पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेएस खेहर समिति के सदस्यों के साथ बातचीत करेंगे। यह बैठक नई दिल्ली स्थित संसद भवन एनेक्सी में आयोजित की जाएगी। इस बैठक का उद्देश्य ‘संविधान (129वां संशोधन) विधेयक, 2024’ और ‘केंद्रशासित प्रदेश कानून (संशोधन) विधेयक, 2024’ पर गहन विचार-विमर्श करना है, जो देश में एकसमान और एकसाथ चुनाव की दिशा में अहम कदम माने जा रहे हैं। बैठक में भाग लेने वाले अन्य प्रमुख विशेषज्ञों में पूर्व राज्यसभा सांसद और संसद की विधि और न्याय से जुड़ी स्थायी समिति के पूर्व अध्यक्ष डॉ. ईएम सुधर्शन नचियप्पन शामिल होंगे। उनके अलावा डॉ. वीरप्पा मोइली, जो कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री, पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री, द्वितीय प्रशासनिक सुधार आयोग के अध्यक्ष और संसद की वित्त समिति के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं, वे भी समिति से संवाद करेंगे और अपने सुझाव देंगे।
इससे पहले, जेपीसी के चेयरपर्सन पीपी चौधरी ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के मुद्दे पर अलग-अलग राज्यों में लोगों और विशेषज्ञों से मुलाकात कर विचार-विमर्श किया। उन्होंने महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ (केंद्रशासित प्रदेश) का दौरा किया और स्थानीय हितधारकों से चर्चा की। दिल्ली में भी आयोजित बैठकों में पूर्व मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित, रंजन गोगोई और देश के विभिन्न उच्च न्यायालयों के पूर्व न्यायाधीशों और विशेषज्ञों से बातचीत की गई।पीपी चौधरी ने मीडिया से बातचीत में बताया था कि समिति की प्रक्रिया को पूरी तरह पारदर्शी बनाने के लिए एक वेबसाइट तैयार की जा रही है, जिसमें क्यूआर कोड की सुविधा भी होगी। इस वेबसाइट के जरिए देश के सभी नागरिक, विशेषज्ञ, संगठन और अन्य हितधारक अपने सुझाव सीधे समिति तक पहुंचा सकेंगे। उन्होंने बताया कि तकनीकी कारणों से वेबसाइट को स्थिर और क्रैश-फ्री बनाने में थोड़ा समय लग रहा है, लेकिन इसे जल्द ही लॉन्च किया जाएगा। इसके अलावा सभी भारतीय भाषाओं में विज्ञापन जारी किए जाएंगे ताकि हर नागरिक को अपनी राय रखने का मौका मिले।चौधरी ने यह भी कहा कि समिति में भले ही अलग-अलग विचार हों, लेकिन अंततः सभी सदस्य राष्ट्रहित में एकमत होंगे क्योंकि यह विषय देश के लोकतांत्रिक भविष्य से जुड़ा है। उन्होंने दोहराया कि सभी नेता देश के लिए सोचते हैं और जब सही समय आएगा, तो वे मिलकर इस ऐतिहासिक निर्णय पर सहमति बनाएंगे।- -
नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह गुरुवार को चीन में शंघाई कॉर्पोरेशन ऑर्गेनाइजेशन (एससीओ) रक्षा मंत्रियों की बैठक में शामिल हुए, जहां उन्होंने ‘संयुक्त बयान’ पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया। राजनाथ सिंह ने एसीओ बैठक में पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए सीमा पार आतंकवाद का मुद्दा उठाया। इसके साथ ही उन्होंने दोषियों को न्याय के दायरे में लाने की अपील करते हुए भारत के आतंकवाद विरोधी रुख पर जोर दिया।
भारत की तरफ से राजनाथ सिंह का साफ कहना है कि यह संयुक्त बयान आतंकवाद के खिलाफ भारत के मजबूत स्टैंड को नहीं दिखाता है। ऐसा लगता है कि पहलगाम को इस बयान से बाहर करना पाकिस्तान के इशारे पर किया गया है क्योंकि उसका सदाबहार सहयोगी चीन अभी संगठन का अध्यक्ष है। इसमें न सिर्फ पहलगाम हमले का कोई जिक्र नहीं है बल्कि उसकी जगह डॉक्यूमेंट में बलूचिस्तान का उल्लेख किया गया है, और भारत पर वहां बिना नाम लिए अशांति पैदा करने का आरोप लगाया गया है।इससे पहले, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किंगदाओ में इस बैठक के दौरान आतंकवाद के खिलाफ भारत की नीति में बदलाव की व्यापक रूपरेखा प्रस्तुत की। इसके साथ ही सदस्य देशों से सामूहिक सुरक्षा और संरक्षा के लिए इस खतरे को खत्म करने के लिए एकजुट होने की अपील की।रक्षा मंत्रियों, एससीओ महासचिव, एससीओ के क्षेत्रीय आतंकवाद-रोधी ढांचे (आरएटीएस) के निदेशक और अन्य प्रतिष्ठित प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि क्षेत्र के सामने सबसे बड़ी चुनौतियां शांति, सुरक्षा और विश्वास की कमी से संबंधित हैं। इसके साथ ही उन्होंने बढ़ती कट्टरता, उग्रवाद और आतंकवाद को इन समस्याओं का मूल कारण बताया है।रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए जघन्य आतंकी हमले के जवाब में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया, ताकि आतंकवाद से बचाव और सीमा पार से होने वाले हमलों को रोकने के अपने अधिकार का इस्तेमाल किया जा सके।राजनाथ सिंह ने बैठक में कहा, “पहलगाम आतंकी हमले के दौरान, पीड़ितों को उनकी धार्मिक पहचान के आधार पर गोली मार दी गई थी। आतंकी समूह लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के एक प्रतिनिधि ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ ने हमले की जिम्मेदारी ली है। पहलगाम हमले का पैटर्न भारत में एलईटी के पिछले आतंकी हमलों से मिलता है।उन्होंने आगे कहा, “आतंकवाद के प्रति भारत का जीरो टॉलरेंस उसके कार्यों के माध्यम से प्रदर्शित हुआ। इसमें आतंकवाद के खिलाफ खुद का बचाव करने का अधिकार भी शामिल है। हमने यह दिखाया है कि अब आतंकवाद के केंद्र सुरक्षित नहीं हैं। हम उन्हें निशाना बनाने में कोई संकोच नहीं करेंगे।” -
नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अंतरराष्ट्रीय नशा विरोधी दिवस पर कहा कि नशा हमारे युवाओं के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। सरकार नशा तस्करी करने वाले गिरोहों (नार्को-कार्टेल) के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है और नशे की लत में फंसे युवाओं को सामान्य जीवन में वापस लाने के लिए काम कर रही है। आज 26 जून को अंतरराष्ट्रीय नशा विरोधी और अवैध तस्करी दिवस के अवसर पर अमित शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स हैंडल पर पोस्ट कर यह बात कही।
हर साल 26 जून को विश्व स्तर पर नशा विरोधी दिवस मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य नशे से मुक्त समाज के लिए कार्रवाई और सहयोग को मजबूत करना है। अमित शाह ने पोस्ट में कहा, “ड्रग्स हमारे युवाओं के लिए सबसे बड़ा संकट है। मोदी सरकार इस खतरे से निपटने के लिए अन्य सरकारों के साथ काम कर रही है और नार्को-कार्टेल के लिए काम कर रही है और नशे की लत में फंसे युवाओं को सामान्य जीवन में वापस ला रही है।”इस साल का अभियान ‘ब्रेक द साइकल’, स्टॉप ऑर्गनाइज्ड क्राइम’ है, जो ड्रग ट्रैफिकिंग और संगठित अपराध को रोकने के लिए लंबे समय तक समन्वित कार्रवाई की जरूरत पर जोर देता है। इसके लिए मूल कारणों को दूर करना, रोकथाम में निवेश करना और स्वास्थ्य, शिक्षा और सामाजिक व्यवस्थाओं को मजबूत करना जरूरी है।भारत सरकार ने नशा मुक्त भारत अभियान के तहत जून, 2025 में देशव्यापी जागरूकता कार्यक्रम शुरू किए हैं। सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग के अनुसार, अब तक 15.78 करोड़ से अधिक लोगों को नशे के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक किया गया है, जिसमें 5.26 करोड़ युवा और 3.31 करोड़ महिलाएं शामिल हैं।सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग के सचिव ने एक्स पर कहा, “विभाग बड़ी संख्या में नागरिकों, खासकर छात्रों और युवाओं तक पहुंच रहा है ताकि नशीली दवाओं की समस्या से लड़ने के लिए जागरूकता और सहयोग बढ़ाया जा सके।”विश्व नशा रिपोर्ट 2025 के मुताबिक, संगठित नशा तस्करी समूह वैश्विक संकटों का फायदा उठाकर कमजोर वर्गों को निशाना बना रहे हैं। साल 2023 में 31.6 करोड़ लोगों ने नशे का सेवन किया, जो 15-64 आयु वर्ग की 6 प्रतिशत आबादी है। भांग (24.4 करोड़), ओपिओइड (6.1 करोड़), एम्फेटामाइन (3.07 करोड़), कोकीन (2.5 करोड़) और एक्स्टसी (2.1 करोड़) सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले नशीले पदार्थ हैं।भारत में नशे के खिलाफ सख्त कानून है। नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट, 1985 गैर-चिकित्सीय नशे के उपयोग को रोकता है और इलाज चाहने वालों को छूट देता है। साल 1988 का अवैध तस्करी कानून दोहराने वाले तस्करों को हिरासत में लेने की शक्ति देता है। ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट, 1940 दवाओं के उत्पादन और वितरण को नियंत्रित करता है। -
नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित राजभाषा विभाग के स्वर्ण जयंती समारोह में कहा कि भारतीय भाषाएं भारत को जोड़ने का सबसे सशक्त माध्यम बनेंगी।
आने वाले समय में केंद्र और राज्यों के प्रशासन में भारतीय भाषाओं का उपयोग और भी बढ़ेगाउन्होंने यह भी कहा कि आने वाले समय में केंद्र और राज्यों के प्रशासन में भारतीय भाषाओं का उपयोग और भी बढ़ेगा। वह इसके लिए राज्यों से संपर्क करेंगे और उन्हें समझाने का प्रयास करेंगे। इस अवसर पर शाह ने राजभाषा हिन्दी और सभी भारतीय भाषाओं के प्रेमियों को शुभकामनाएं दीं।उन्होंने कहा, “हमें किसी भी भाषा या विदेशी भाषा से विरोध नहीं है, लेकिन आग्रह अपनी भाषा के सम्मान और उपयोग का होना चाहिए। जब तक हम अपनी भाषा में सोचेंगे और गर्व से बोलेंगे नहीं, तब तक गुलामी की मानसिकता से मुक्ति संभव नहीं है।”सरकारी प्रशासन आम नागरिकों की भाषा में हो, यह लोकतंत्र और आत्मसम्मान दोनों के लिए जरूरीराजभाषा विभाग की 1975 से 2025 तक की यात्रा का उल्लेख कर केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि भारत की आजादी की शताब्दी (2047) तक देश के आत्मगौरव से जुड़े हर प्रयास में राजभाषा विभाग का योगदान स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज होगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकारी प्रशासन आम नागरिकों की भाषा में हो, यह लोकतंत्र और आत्मसम्मान दोनों के लिए जरूरी है।भारतीय भाषाओं का भविष्य उज्ज्वलकेंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि अब जेईई, नीट और सीयूईटी जैसी परीक्षाएं 13 भारतीय भाषाओं में कराई जा रही हैं। सीएपीएफ कांस्टेबल भर्ती परीक्षा भी अब 13 भाषाओं में हो रही है और 95 प्रतिशत उम्मीदवारों ने अपनी मातृभाषा में परीक्षा दी है। यह दिखाता है कि भारतीय भाषाओं का भविष्य उज्ज्वल है।गृह मंत्री ने कहा कि हिंदी किसी भी भारतीय भाषा की विरोधी नहीं हैगृह मंत्री ने कहा कि हिंदी किसी भी भारतीय भाषा की विरोधी नहीं है। हिंदी सभी भाषाओं की मित्र है और सब भाषाएं मिलकर ही भारत के स्वाभिमान को ऊंचा उठा सकती हैं। उन्होंने कहा कि पहले भाषाओं का इस्तेमाल देश को बांटने के लिए किया गया, लेकिन अब उन्हें भारत को जोड़ने का जरिया बनाया जाएगा।समारोह में दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, केंद्रीय मंत्री बंदी संजय कुमार, सांसद भर्तृहरि महताब, राज्यसभा सांसद सुधा मूर्ति, शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के राष्ट्रीय सचिव अतुल कोठारी और हिंदी भाषा की वरिष्ठ विद्वान डॉ. राजलक्ष्मी कृष्णन समेत कई प्रमुख हस्तियां उपस्थित रहीं। - नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने गुरुवार को कहा कि अहमदाबाद में एयर इंडिया के बोइंग ड्रीमलाइनर 787 एयरक्राफ्ट की क्रैश साइट से मिले कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (सीवीआर) और फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (एफडीआर) के डेटा का एनालिसिस किया जा रहा है। नागर विमानन मंत्रालय की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया कि ब्लैक बॉक्स से संबंधित अब तक की सभी कार्रवाइयां घरेलू कानूनों और अंतरराष्ट्रीय दायित्वों के पूर्ण अनुपालन में समयबद्ध तरीके से की गई हैं।एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 की दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना के बाद, एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (एएआईबी) ने तुरंत जांच शुरू की और निर्धारित मानदंडों के अनुसार 13 जून 2025 को एक बहु-विषयक टीम का गठन किया।अंतरराष्ट्रीय प्रोटोकॉल के अनुसार गठित इस टीम का नेतृत्व एएआईबी के महानिदेशक करते हैं और इसमें एक विमानन देखभाल विशेषज्ञ, एक एटीसी अधिकारी और नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड (एनटीएसबी) के प्रतिनिधि शामिल हैं, जो अमेरिका की मैन्युफैक्चरिंग और डिजाइन की सरकारी जांच एजेंसी है और इस जांच के लिए आवश्यक है।सीवीआर और एफडीआर दोनों बरामद कर लिए गए। इनमें से पहला 13 जून, 2025 को दुर्घटना स्थल पर इमारत की छत से और दूसरा 16 जून, 2025 को मलबे से मिला। मंत्रालय ने कहा, “सीवीआर और एफडीआर दोनों के सुरक्षित संचालन, भंडारण और परिवहन के लिए मानक संचालन प्रक्रिया जारी की गई थी। उपकरणों को अहमदाबाद में चौबीसों घंटे पुलिस सुरक्षा और सीसीटीवी निगरानी में रखा गया था।”इसके बाद, 24 जून, 2025 को पूरी सुरक्षा के साथ भारतीय वायुसेना के विमान द्वारा ब्लैक बॉक्स को अहमदाबाद से दिल्ली लाया गया। फ्रंट ब्लैक बॉक्स 24 जून, 2025 को 14:00 बजे एएआईबी के महानिदेशक के साथ दिल्ली की एएआईबी लैब लाया गया। रियर ब्लैक बॉक्स दूसरी एएआईबी टीम द्वारा और 24 जून, 2025 को 17:15 बजे दिल्ली की एएआईबी लैब लाया गया।मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, “एएआईबी के डीजी के नेतृत्व में एएआईबी और एनटीएसबी के तकनीकी सदस्यों के साथ टीम ने 24 जून, 2025 की शाम को डेटा निष्कर्षण प्रक्रिया शुरू की। फ्रंट ब्लैक बॉक्स से क्रैश प्रोटेक्शन मॉड्यूल (सीपीएम) को सुरक्षित रूप से निकाला गया और 25 जून, 2025 को मेमोरी मॉड्यूल तक सफलतापूर्वक पहुंचा गया और इसका डेटा एएआईबी लैब में डाउनलोड किया गया।”सीवीआर और एफडीआर डेटा का विश्लेषण चल रहा है। इन प्रयासों का उद्देश्य दुर्घटना की ओर ले जाने वाली घटनाओं के अनुक्रम को फिर से बनाना और विमानन सुरक्षा को बढ़ाने और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए योगदान देने वाले कारकों की पहचान करना है।
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नई दिल्ली। भारत के लिए 26 जून अंतरिक्ष क्षेत्र में एक ऐतिहासिक दिन बन गया जब भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर कदम रखा। इसके साथ ही वह पहले भारतीय बने जो इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर पहुंचे और 41 साल बाद किसी भारतीय ने अंतरिक्ष की यात्रा की। इससे पहले 1984 में विंग कमांडर राकेश शर्मा ने सोवियत संघ के ‘Soyuz T-11’ से उड़ान भरी थी। शुभम शुक्ला एक्सिओम स्पेस के प्राइवेट मिशन Axiom-4 (Ax-4) के तहत अमेरिकी कंपनी SpaceX के ड्रैगन अंतरिक्ष यान ‘Grace’ में सवार होकर अंतरिक्ष पहुंचे। यह उड़ान अमेरिका के फ्लोरिडा स्थित नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से बुधवार को भारतीय समयानुसार दोपहर 12:00 बजे (2:31 AM ET) लॉन्च हुई और करीब 14 घंटे की यात्रा के बाद गुरुवार शाम 4:00 बजे (6:30 AM ET) अंतरिक्ष स्टेशन के ‘Harmony’ मॉड्यूल से जुड़ गई। SpaceX ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, “डॉकिंग की पुष्टि हो गई!”
गौरतलब है कि शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष में पहुंचने वाले भारत के दूसरे नागरिक हैं। उनसे पहले 1984 में विंग कमांडर राकेश शर्मा ने सोवियत संघ के Soyuz T-11 मिशन से अंतरिक्ष की यात्रा की थी। हालांकि, शुभांशु शुक्ला पहले भारतीय हैं जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन तक पहुंच बनाई है। Ax-4 मिशन में उनके साथ तीन जिनमें मिशन कमांडर पेगी व्हिटसन, पोलैंड के अंतरिक्ष यात्री स्लावोश उजनस्की-विस्निएवस्की, और हंगरी के पेलोड स्पेशलिस्ट तिबोर कापू शामिल हैं। अंतरिक्ष में पहुंचने के बाद शुभांशु शुक्ला ने अपना पहला संदेश भेजा। उन्होंने कहा, “नमस्कार दोस्तों, मैं अंतरिक्ष से बोल रहा हूं। अपने साथी अंतरिक्ष यात्रियों के साथ यहां आकर बहुत अच्छा लग रहा है। लॉन्च के समय मुझे सीट में जोर से धक्का लगा और अब यहां सब कुछ भारहीन लग रहा है। मैं यहां बिल्कुल बच्चे की तरह चलना और खाना सीख रहा हूं।”शुभांशु शुक्ला का जन्म उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 10 अक्टूबर 1985 को हुआ था। वह भारतीय वायुसेना के फाइटर पायलट हैं और ISRO के गगनयान मिशन के लिए चयनित चार अंतरिक्ष यात्रियों में से एक हैं। ISS पर अपने दो सप्ताह के प्रवास के दौरान वह वैज्ञानिक प्रयोग करेंगे, जिनका संबंध भोजन और पोषण से है। उनका प्रयोग खास तौर पर पोषक तत्वों से भरपूर सूक्ष्म शैवाल (microalgae) पर केंद्रित होगा, जिसे भविष्य की लंबी अंतरिक्ष यात्राओं के लिए एक संभावित खाद्य स्रोत माना जा रहा है।यह शोध ISRO, जैव प्रौद्योगिकी विभाग (DBT) और NASA के सहयोग से तैयार किया गया है। इसमें यह अध्ययन किया जाएगा कि अंतरिक्ष की सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण (microgravity) और विकिरण का प्रभाव शैवाल की जीन अभिव्यक्ति (gene expression), प्रोटीन उत्पादन (protein synthesis) और चयापचय क्रियाओं (metabolic activity) पर कैसे पड़ता है। अंतरिक्ष में उगाई गई शैवाल की तुलना पृथ्वी पर उगाई गई शैवाल से की जाएगी।शुभांशु शुक्ला की यह यात्रा भारत के महत्वाकांक्षी गगनयान मिशन से पहले की एक अहम तैयारी मानी जा रही है। बता दें कि ISRO का गगनयान मिशन 2025 में लॉन्च होने की योजना है, जिसमें भारत स्वदेशी तकनीक से अपने अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजेगा। - नयी दिल्ली. मुकेश अंबानी और गौतम अदाणी ने एक-दूसरे के ईंधन खुदरा नेटवर्क का लाभ उठाकर वाहन ईंधन बेचने के लिए साझेदारी की है। यह दो अरबपति उद्योगपतियों के बीच दूसरा व्यावसायिक सहयोग है। ब्रिटेन की बीपी के साथ अंबानी का ईंधन उद्यम जियो-बीपी, अदाणी टोटल गैस लिमिटेड (एटीजीएल) की सीएनजी खुदरा दुकानों पर पेट्रोल और डीजल डिस्पेंसर स्थापित करेगा। बुधवार को जारी संयुक्त बयान के अनुसार, अंबानी का ब्रिटेन की बीपी के साथ ईंधन उद्यम- जियो-बीपी, अदाणी टोटल गैस लिमिटेड (एटीजीएल) की सीएनजी खुदरा दुकानों पर पेट्रोल और डीजल डिस्पेंसर लगाएगा। इसके साथ ही, अदाणी समूह और फ्रांस की टोटल एनर्जीज का शहरी गैस वितरण संयुक्त उद्यम - एटीजीएल, जियो बीपी के ईंधन स्टेशनों पर सीएनजी डिस्पेंसर लगाएगा।इस साझेदारी के तहत समूह की मौजूदा और भविष्य की, दोनों इकाइयां आएंगी।जियो-बीपी के पास देशभर में 1,972 पेट्रोल पंप हैं, जबकि एटीजीएल 34 भौगोलिक क्षेत्रों में 650 सीएनजी स्टेशनों का नेटवर्क संचालित करती है। बयान के अनुसार, “अदाणी टोटल गैस लिमिटेड (एटीजीएल) और जियो-बीपी (रिलायंस बीपी मोबिलिटी लिमिटेड के परिचालन ब्रांड) ने आज (बुधवार) भारतीय उपभोक्ताओं के लिए वाहन ईंधन खुदरा अनुभव को फिर से परिभाषित करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर करने की घोषणा की।” इसमें कहा गया, “इस साझेदारी के तहत, चुनिंदा एटीजीएल ईंधन आउटलेट जियो-बीपी के उच्च प्रदर्शन वाले तरल ईंधन (पेट्रोल और डीजल) की पेशकश करेंगे, जबकि चुनिंदा जियो-बीपी ईंधन आउटलेट एटीजीएल के अधिकृत भौगोलिक क्षेत्रों (जीए) के भीतर एटीजीएल के सीएनजी डिस्पेंसर को एकीकृत करेंगे।इस प्रकार परिवहन उपभोक्ताओं को उच्च गुणवत्ता वाले ईंधन की आपूर्ति बढ़ाई जाएगी।” हाल के महीनों में यह दूसरी बार है जब देश के दो प्रमुख अरबपति उद्योगपति एक साथ आए हैं। पिछले साल मार्च में, दोनों ने मध्यप्रदेश में एक बिजली परियोजना के लिए अपने पहले सहयोग के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। अंबानी की कंपनी रिलायंस ने मध्यप्रदेश में अदाणी पावर की परियोजना में 26 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी थी और संयंत्र की 500 मेगावाट बिजली का खुद इस्तेमाल करने के समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।
- कन्नौज . जिले के गुरसहायगंज क्षेत्र में बालू से लदे डंपर की चपेट में आने से मोटरसाइकिल सवार दो युवकों की मौत हो गई। पुलिस के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि घटना से नाराज ग्रामीणों ने बालू लेने जा रहे तीन अन्य डंपरों पर पथराव किया और मृत युवकों के शव सड़क पर रखकर रास्ता जाम कर दिया। अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) अजय कुमार ने बुधवार को बताया कि गुरसहायगंज थाना क्षेत्र में गुगरापुर क्षेत्र के संयोगिता मार्ग पर पडआपुर गांव के पास मंगलवार रात बालू से लदे एक डंपर की टक्कर लगने से मोटरसाइकिल सवार प्रभाकांत (22) और अजय वर्मा (20) की मौत हो गई।घटना के बाद डंपर चालक अपना वाहन लेकर भाग गया। उन्होंने बताया कि नाराज ग्रामीणों ने बालू लादने जा रहे डंपरों पर पथराव कर उन्हें क्षतिग्रस्त कर दिया तथा सड़क पर शव रखकर रास्ता जाम कर दिया। कुमार ने बताया कि उन्होंने गुरसहायगंज कोतवाली प्रभारी आलोक कुमार दुबे को डंपर चालक के खिलाफ गैर इरादतन हत्या की रिपोर्ट दर्ज करने और उसकी गिरफ्तारी के आदेश दिये। उसके बाद देर रात 11 बजे जाम खुला सका। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि खनन ठेकेदार तय किए गए खनन ठेके से अधिक बालू निकालते हैं। लगभग 20 दिन पहले भी एक युवक की डंपर की टक्कर से मौत हुई थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। इस पर अपर पुलिस अधीक्षक ने अवैध खनन करने वालों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया।
- नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि कोई भी भारतीय यह कभी नहीं भूलेगा कि आपातकाल के दौरान संविधान की भावना का कैसे उल्लंघन किया गया। उन्होंने संवैधानिक सिद्धांतों को मजबूत करने की अपनी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। आपातकाल के 50 साल पूरे होने पर सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर कई पोस्ट कर मोदी ने कहा कि यह भारतीय लोकतंत्र के इतिहास के सबसे अंधकारमय अध्याय में से एक है।उन्होंने कहा कि आपातकाल में संविधान में निहित मूल्यों को दरकिनार कर दिया गया, मौलिक अधिकारों को निलंबित कर दिया गया, प्रेस की स्वतंत्रता को दबा दिया गया और बड़ी संख्या में राजनीतिक दलों के नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं, छात्रों और आम नागरिकों को जेल में डाल दिया गया।प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ऐसा लग रहा था जैसे उस समय सत्ता में बैठी कांग्रेस सरकार ने लोकतंत्र को बंधक बना लिया था।'' मोदी सरकार ने पिछले साल घोषणा की थी कि आपातकाल की बरसी को ‘‘संविधान हत्या दिवस'' के रूप में मनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि 42वें संशोधन में संविधान में व्यापक परिवर्तन किए गए जो आपातकाल लगाने वाली कांग्रेस सरकार की चालों का एक प्रमुख उदाहरण है, जिसे जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार ने बाद में पलट दिया था। उन्होंने कहा कि गरीबों, हाशिए पर पड़े लोगों और दलितों को विशेष रूप से निशाना बनाया गया और उनकी गरिमा को ठेस पहुंचाई गई।मोदी ने कहा, ‘‘हम अपने संविधान में निहित सिद्धांतों को मजबूत करने और विकसित भारत के अपने दृष्टिकोण को साकार करने के लिए मिलकर काम करने की अपनी प्रतिबद्धता भी दोहराते हैं। हम प्रगति की नयी ऊंचाइयों को छूएं और गरीबों तथा दलितों के सपनों को पूरा करें।'' आपातकाल के खिलाफ लड़ाई में डटे रहने वाले हर व्यक्ति को सलाम करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ये लोग पूरे भारत से, हर क्षेत्र से, हर विचारधारा से थे, जिन्होंने एक ही उद्देश्य से एक-दूसरे के साथ मिलकर काम किया और वह था: भारत के लोकतांत्रिक ढांचे की रक्षा करना और उन आदर्शों को बनाए रखना जिनके लिए स्वतंत्रता सेनानियों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया। उन्होंने कहा, ‘‘यह उनका सामूहिक संघर्ष था जिसने यह सुनिश्चित किया कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार लोकतंत्र बहाल करे। नए सिरे से चुनाव कराने पड़े, जिसमें वे (कांग्रेस पार्टी) बुरी तरह हार गए।''--
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कोलकाता. केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि वैश्विक उथल-पुथल के बावजूद भारत 2027 तक पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की राह पर मजबूती से आगे बढ़ रहा है और यह सब सामूहिक राष्ट्रीय प्रयास एवं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मजबूत नेतृत्व के कारण संभव हो पाया है। ‘मर्चेंट्स चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री' (एमसीसीआई) द्वारा आयोजित एक ऑनलाइन सत्र में गोयल ने सरकार के दशक भर के आर्थिक सुधारों को वृद्धिशील के बजाय परिवर्तनकारी करार दिया।
गोयल ने मंगलवार को कहा, ‘‘ हम अगले तीन वर्ष में पांच हजार अरब अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य हासिल करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। यह 2047 तक ‘विकसित भारत' बनने के सफर में हमारी पहली उपलब्धि होगा।'' वैश्विक आर्थिक अस्थिरता और भू-राजनीतिक चुनौतियों पर मंत्री ने कहा कि भारत को एकता और दृढ़ संकल्प के साथ अशांत माहौल में आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘ बड़ी अर्थव्यवस्थाएं शांत स्थिति मे नहीं बनती। यह भारत का समय है। हमें इस अवसर का लाभ उठाना चाहिए और दुनिया के अग्रणी देशों के बीच अपना उचित स्थान पाने के लिए मिलकर काम करना चाहिए।'' गोयल ने सरकार के वृद्धि मॉडल को समावेशी, टिकाऊ और ईमानदार विकास पर केंद्रित बताया जिसमें सेवा, सुशासन और नवाचार पर जोर दिया गया है। उन्होंने नागरिक कल्याण के प्रति प्रधानमंत्री मोदी की व्यक्तिगत प्रतिबद्धता की प्रशंसा की। साथ ही ईरान तथा यूक्रेन जैसे वैश्विक संघर्ष क्षेत्रों में सरकार के निकासी प्रयासों का भी उल्लेख किया। - नयी दिल्ली. आपातकाल और उस दौरान के अपने अनुभवों पर एक पुस्तक के विमोचन से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि यह अवधि उनके लिए सीख देने वाली थी। लोकतंत्र के आदर्शों के लिए मोदी के संघर्ष को रेखांकित करने वाली किताब ‘द इमरजेंसी डायरीज-ईयर्स दैट फोर्ज्ड ए लीडर' का प्रकाशन ब्लूक्राफ्ट ने किया है। मोदी ने कहा कि यह किताब आपातकाल के दौरान की उनकी यात्रा को बयां करती है और उस समय की कई स्मृतियों को ताजा करती है। मोदी ने ‘एक्स' पर कहा, ‘‘मैं उन सभी लोगों से अपील करता हूं जिन्हें आपातकाल के वे काले दिन याद आते हैं या जिनके परिवारों ने उस दौरान कष्ट झेले थे, वे अपने अनुभवों को सोशल मीडिया पर साझा करें। इससे युवाओं में 1975 से 1977 तक के शर्मनाक समय के बारे में जागरूकता पैदा होगी।''प्रधानमंत्री ने कहा कि आपातकाल के समय वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के युवा प्रचारक थे।उन्होंने कहा, ‘‘आपातकाल विरोधी आंदोलन मेरे लिए सिखाने वाला अनुभव था। इसने हमारे लोकतांत्रिक ढांचे को संरक्षित करने की महत्ता को फिर से पुष्ट किया। साथ ही, मुझे राजनीतिक क्षेत्र के लोगों से बहुत कुछ सीखने को मिला।'' मोदी ने कहा, ‘‘मुझे खुशी है कि ब्लूक्राफ्ट डिजिटल फाउंडेशन ने उन अनुभवों में से कुछ को एक पुस्तक के रूप में संकलित किया है, जिसकी प्रस्तावना श्री एच.डी. देवेगौड़ा जी ने लिखी है, जो स्वयं आपातकाल विरोधी आंदोलन के एक दिग्गज थे।'' प्रकाशक ने एक पोस्ट में कहा कि पुस्तक आपातकाल के खिलाफ लड़ाई में मोदी द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डालती है।उन्होंने कहा कि मोदी के साथ उनकी युवावस्था में काम करने वाले सहयोगियों के अनुभवों और अन्य सामग्रियों के आधार पर यह पुस्तक अपनी तरह की पहली किताब है, जो एक ऐसे युवा के प्रारंभिक वर्षों पर नए सिरे से रोशनी डालती है, जिसने अत्याचार के खिलाफ लड़ाई में अपना सब कुछ झोंक दिया। इसमें आगे कहा गया है, ‘‘इमरजेंसी डायरीज पुस्तक लोकतंत्र के आदर्शों के लिए संघर्ष कर रहे नरेन्द्र मोदी की एक जीवंत तस्वीर पेश करती है और बताती है कि कैसे उन्होंने अपने पूरे जीवन में इसे बनाए रखने और बढ़ावा देने के लिए काम किया है।'' ब्लूक्राफ्ट ने कहा कि यह पुस्तक उन लोगों के साहस और संकल्प को श्रद्धांजलि है, जिन्होंने चुप रहने से इनकार कर दिया था, और यह उन शुरुआती चरणों की एक दुर्लभ झलक पेश करती है, जिसने हमारे समय के सबसे क्रांतिकारी नेताओं में से एक को गढ़ा।
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नई दिल्ली। देश में आलू के सबसे बड़े उत्पादक राज्य में अंतरराष्ट्रीय आलू केंद्र की स्थापना होने जा रही है। केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने आज उत्तर प्रदेश के आगरा में अंतरराष्ट्रीय आलू केन्द्र (सीआईपी) के दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केन्द्र (सीएसएआरसी) की स्थापना के लिए कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। यह केंद्र आगरा के सींगना में स्थापित किया जाएगा। आगरा को राज्य और देश का आलू हब माना जाता है। भारत में आलू के अनुसंधान के लिए केंद्रीय आलू अनुसंधान केंद्र हिमाचल के शिमला में स्थित है।
अंतरराष्ट्रीय आलू केंद्र का क्या है उद्देश्यअंतरराष्ट्रीय आलू केंद्र के दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र (सीएसएआरसी) की आगरा में स्थापना का मुख्य उद्देश्य आलू की उत्पादकता, कटाई के बाद प्रबंधन और मूल्य संवर्धन में सुधार करके खाद्य एवं पोषण सुरक्षा, किसानों की आय और रोजगार सृजन को बढ़ाना है। केंद्रीय कृषि व किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि भारत में आलू क्षेत्र में उत्पादन, प्रसंस्करण, पैकेजिंग, परिवहन, विपणन, मूल्य श्रृंखला आदि में महत्वपूर्ण रोजगार अवसर पैदा करने की क्षमता है। इसलिए इस क्षेत्र में अपार संभावनाओं का दोहन करने और उन्हें तलाशने के लिए उत्तर प्रदेश के आगरा के सींगना में सीआईपी के दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र की स्थापना की जा रही है।सीएसएआरसी द्वारा विकसित आलू की उच्च उपज देने वाली, पोषक तत्व वाली और जलवायु अनुकूल किस्में विश्व स्तरीय विज्ञान और नवाचार के माध्यम से न केवल भारत में बल्कि दक्षिण एशिया क्षेत्र में भी आलू क्षेत्र के सतत विकास को महत्वपूर्ण रूप से गति प्रदान करेंगी।आगरा में ही यह केंद्र खोलने को क्यों मिली मंजूरी?उत्तर प्रदेश में भारत का सबसे बड़ा आलू उत्पादक राज्य है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश में 2024-25 में 595 लाख टन आलू का उत्पादन हुआ था। इसमें 202 लाख टन उत्पादन के साथ सबसे बड़ी हिस्सेदारी उत्तर प्रदेश की रही। उत्तर प्रदेश का आगरा शहर आलू कारोबार का हब माना जाता है। आगरा मंडी को आलू की बेंचमार्क मंडी कहा जाता है। इसी मंडी के आलू दाम तय होते हैं। आगरा में ही सबसे अधिक कोल्ड स्टोर हैं और यहीं से खासकर नई फसल की आवक खत्म होने के बाद कोल्ड स्टोर से देश के दूसरे हिस्सों में आलू की आपूर्ति की जाती है। -
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पुणे मेट्रो रेल परियोजना के दूसरे चरण वनाज से चांदनी चौक (कॉरिडोर 2ए) और रामवाड़ी से वाघोली/विट्ठलवाड़ी (कॉरिडोर 2बी) को मंजूरी दे दी है। यह चरण-1 के तहत मौजूदा वनाज-रामवाड़ी कॉरिडोर का विस्तार है।
पुणे की आर्थिक क्षमता को करेगा उजागरपरियोजना की अनुमानित लागत 3626.24 करोड़ रुपये है, जिसे भारत सरकार, महाराष्ट्र सरकार और बाहरी द्विपक्षीय/बहुपक्षीय एजेंसियों द्वारा समान रूप से साझा किया जाएगा। यह रणनीतिक विस्तार पुणे की आर्थिक क्षमता को उजागर करेगा और अर्बन ट्रांसपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाएगा। साथ ही महानगरीय क्षेत्र में सस्टेनेबल और इंक्लूसिव डेवलपमेंट में महत्वपूर्ण योगदान देगा।इस परियोजना को चार साल में पूरा करने का लक्ष्यये दो एलिवेटेड कॉरिडोर 12.75 किलोमीटर तक फैले होंगे और इनमें 13 स्टेशन शामिल होंगे, जो चांदनी चौक, बावधन, कोथरुड, खराडी और वाघोली जैसे तेजी से विकसित हो रहे उपनगरों को जोड़ेंगे। इस परियोजना को चार साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।मुख्य मार्गों पर भीड़भाड़ कम करने में भी मिलेगी मददलॉन्ग-टर्म मोबिलिटी प्लानिंग के तहत, मुंबई और बेंगलुरु जैसे शहरों से इंटरसिटी बस सेवाओं को चांदनी चौक में इंटीग्रेट किया जाएगा, जबकि अहिल्या नगर और छत्रपति संभाजी नगर, वाघोली में कनेक्ट होंगे। ये विस्तार पौड रोड और नगर रोड जैसे मुख्य मार्गों पर भीड़भाड़ कम करने में भी मदद करेंगे, जिससे सुरक्षित, तेज और पर्यावरण के अनुकूल गतिशीलता विकल्प मिलेंगे।पूरे नेटवर्क में सार्वजनिक परिवहन और यात्रियों की संख्या में होगी वृद्धिये विस्तार प्रमुख आईटी हब, वाणिज्यिक क्षेत्रों, शैक्षणिक संस्थानों और आवासीय क्षेत्रों को सेवाएं प्रदान करेंगे, जिससे पूरे नेटवर्क में सार्वजनिक परिवहन और यात्रियों की संख्या में वृद्धि होगी। नए गलियारे डिस्ट्रिक्ट कोर्ट इंटरचेंज स्टेशन को लाइन-1 (निगडी-कात्रज) और लाइन-3 (हिंजेवाड़ी-डिस्ट्रिक्ट कोर्ट) के साथ इंटीग्रेट करेंगे।इस परियोजना को महाराष्ट्र मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा किया जाएगा क्रियान्वितइन गलियारों के पूरा होने के बाद, पूरी लाइन 2 के लिए अनुमानित दैनिक वृद्धिशील यात्रियों की संख्या 2027 में 0.96 लाख, 2037 में 2.01 लाख, 2047 में 2.87 लाख और 2057 में 3.49 लाख होने का अनुमान है। इस परियोजना को महाराष्ट्र मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (महा-मेट्रो) द्वारा क्रियान्वित किया जाएगा, जो सभी सिविल, इलेक्ट्रो-मैकेनिकल और संबंधित कार्यों को एग्जीक्यूट करेगा। -
नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को ऐतिहासिक मिशन पर जाने के लिए शुभकामनाएं व्यक्त की। शुभांशु शुक्ला एक्सिओम मिशन 4 के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर पहुंचने वाले पहले भारतीय बनेंगे। उन्होंने आईएसएस तक भारत की यात्रा करने और भारतीयों को गौरवान्वित करने के लिए शुभांशु शुक्ला को बधाई दी।राष्ट्रपति मुर्मु ने कैप्टन शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष में उड़ान पर दीं शुभकामनाएं
इसे लेकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कैप्टन शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष में उड़ान पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (X) पर जानकारी साझा करते हुए लिखा कि जैसे ही ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने भारत के लिए अंतरिक्ष में एक नया मील का पत्थर बनाया, पूरा देश एक भारतीय की सितारों तक की यात्रा से उत्साहित और गौरवान्वित है। वह और अमेरिका, पोलैंड और हंगरी के एक्सिओम मिशन 4 के उनके साथी अंतरिक्ष यात्री साबित करते हैं कि दुनिया वास्तव में एक परिवार है… वसुधैव कुटुम्बकम।” राष्ट्रपति ने अपनी शुभकामनाएं देते हुए कहा, ”इस मिशन की सफलता के लिए मेरी शुभकामनाएं, जो नासा और इसरो के बीच स्थायी साझेदारी को दर्शाती है। चालक दल द्वारा किए जाने वाले व्यापक प्रयोगों से वैज्ञानिक अध्ययन और अंतरिक्ष अन्वेषण की नई सीमाएं सामने आएंगी।”
पीएम मोदी ने भी शुभांशु शुक्ला को दी बधाई
वहीं पीएम मोदी ने भी शुक्ला को बधाई दी और उन्हें और अन्य अंतरिक्ष यात्रियों को सफलता की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा, ”हम भारत, हंगरी, पोलैंड और अमेरिका के अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर अंतरिक्ष मिशन के सफल प्रक्षेपण का स्वागत करते हैं। भारतीय अंतरिक्ष यात्री, ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला, अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर जाने वाले पहले भारतीय बनने की राह पर हैं। वे अपने साथ 1.4 बिलियन भारतीयों की इच्छाओं, आशाओं और आकांक्षाओं को लेकर चल रहे हैं। उन्हें और अन्य अंतरिक्ष यात्रियों को सफलता की शुभकामनाएं!”
भारतीय वायु सेना ने एक्स पर लिखा यह संदेशवहीं सफल लॉन्चिंग के बाद भारतीय वायु सेना ने एक्स पर लिखा आसमान को जीतने से लेकर सितारों को छूने तक-भारतीय वायुसेना के वायु योद्धा की अदम्य भावना से प्रेरित एक यात्रा।नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से एक्सिओम मिशन-4 लॉन्चभारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला बुधवार को एक्सिओम 4 मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन के लिए रवाना हुए। फ्लोरिडा स्थित नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर में कॉम्प्लेक्स 39ए से बुधवार सुबह 2:31 बजे ईडीटी (12:01 बजे आईएसटी) एक्सिओम मिशन-4 स्पेसएक्स के ड्रैगन अंतरिक्ष यान ने चार अंतरिक्ष यात्रियों के साथ उड़ान भरी।इस मिशन की अवधि 14 दिनइस मिशन की अवधि 14 दिन है। नासा के अनुसार, लॉन्चिंग के अगले दिन 26 जून की शाम लगभग 4 बजकर 30 मिनट पर ड्रैगन कैप्सूल अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से डॉक करेगा। नासा और स्पेसएक्स के सहयोग से एक्सिओम स्पेस ने इस मिशन को तैयार किया है।इसमें कई देशों के अंतरराष्ट्रीय क्रू मेंबरइसमें कई देशों के अंतरराष्ट्रीय क्रू मेंबर शामिल हैं। यह कमर्शियल और वैश्विक अंतरिक्ष एक्सप्लोरेशन में एक बड़ा कदम है। भारत के लिहाज से खास बात ये है कि इसमें भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला भी हैं। किसी भी भारतीय एस्ट्रोनॉट की आईएसएस के लिए ये पहली उड़ान है। भारत, हंगरी और पोलैंड के लिए यह मिशन लंबे अंतराल के बाद मानव अंतरिक्ष यान की वापसी का प्रतीक है।यह ऐतिहासिक अंतरिक्ष मिशनग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला एक ऐतिहासिक अंतरिक्ष मिशन पर रवाना हुए हैं, जो देश के गौरव को धरती से परे ले जाएगा। यह भारत के लिए एक ऐसा क्षण है जो स्क्वाड्रन लीडर राकेश शर्मा के मिशन के 41 साल बाद आया है। ऐसे में यह एक मिशन से कहीं बढ़कर है। यह भारत के निरंतर विस्तारित क्षितिज की पुष्टि करता है। उल्लेखनीय है कि भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय हैं। इससे पहले वर्ष 1984 में अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा ने अंतरिक्ष की यात्रा की थी। राकेश शर्मा ने अंतरिक्ष से कहा था, ”सारे जहां से अच्छा हिंदुस्ता हमारा।”