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भुवनेश्वर. ओडिशा में मंगलवार सुबह मकर संक्रांति के अवसर पर लाखों लोगों ने नदियों और अन्य सरोवरों में पवित्र डुबकी लगाई। नयी दिल्ली से लौटने के बाद मुख्यमंत्री माझी क्योंझर जिले में अपने घर गए और पटना क्षेत्र में बैतरणी नदी में डुबकी लगाई। इसके बाद उन्होंने पास के शिव मंदिर में पूजा-अर्चना की। सुबह से ही खुर्दा जिले के अत्रि स्थित हाटकेश्वर मंदिर, कटक के धबलेश्वर मंदिर, बालासोर के मकर मुनि मंदिर और सुंदरगढ़ के बाबा बाणेश्वर मंदिर में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। राज्य की राजधानी भुवनेश्वर में लोगों ने लिंगराज मंदिर में पूजा-अर्चना की। तीर्थ नगरी पुरी में भी लोगों की भीड़ देखी गई, जहां लोग 'मकर चौरासी बेशा' पर भगवान जगन्नाथ के 'दर्शन' के लिए बड़ी संख्या में एकत्र हुए। इस दिन भगवान जगन्नाथ को रंग-बिरंगे फूलों और तुलसी की मालाओं से सजाया जाता है। उगते सूर्य की एक झलक पाने के लिए सुबह-सुबह कोणार्क के चंद्रभागा समुद्र तट और सदियों पुराने सूर्य मंदिर पर भारी भीड़ जमा हो गई थी। कटक और राउरकेला में लोगों ने रंग-बिरंगी पतंगें उड़ाकर यह त्योहार मनाया जो एक परंपरा है।
दक्षिण ओडिशा में लोगों ने अपने घरों के सामने 'रंगोली' से सजावट की। दक्षिण ओडिशा में तेलुगु लोगों की अच्छी खासी आबादी है। राज्यपाल हरि बाबू कंभमपति और मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर लोगों को शुभकामनाएं दीं।
मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने कहा, "मकर संक्रांति के पावन अवसर पर सभी को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। मकर संक्रांति सूर्य के उत्तरायण होने का प्रतीक है। हमारी संस्कृति और परंपरा के अनुसार सूर्य की पूजा करने से परिवार और समाज में सुख-समृद्धि आती है।" उन्होंने कहा, "यह केवल धार्मिक त्योहार नहीं है बल्कि भाईचारे, सामाजिक सद्भाव और एकता का त्योहार है। -
नयी दिल्ली. इंग्लैंड के खो-खो खिलाड़ियों जायन सॉन्डर्स और आन्या शाह के लिए भारत का यह पारंपरिक खेल पदक जीतने और स्वदेश में इसे लोकप्रिय बनाने के साधन तक ही सीमित नहीं है, बल्कि अपनी जड़ों से जुड़े रहने का भी एक तरीका है। भारतीय मूल के खिलाड़ी जायन और आन्या खो खो विश्व कप के लिए भारत का दौरा करने वाली इंग्लैंड की 30 सदस्यीय टीम का हिस्सा हैं और उनका मानना है कि उनकी टीम इस खेल में भारत को चुनौती देने की क्षमता रखती है। सोलह साल के जायन ने एथलेटिक्स में रुचि के कारण इस खेल को चुना। वह जूनियर राष्ट्रीय एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 200 मीटर दौड़ में चौथे स्थान पर रहे और इंग्लैंड टीम में जगह बनाने से चूक गए। लेकिन खो-खो ने उन्हें खेल से जुड़े रहने का एक और अवसर प्रदान किया।
जायन ने कहा, ‘‘मुझे अपने ओसवाल समुदाय के माध्यम से खो-खो के प्रति रुचि विकसित हुई। इससे मुझे राष्ट्रीय स्तर पर खेलने का मौका मिला। मैंने राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता से इंग्लैंड ट्रायल में जगह बनाई और इसके बाद राष्ट्रीय टीम में अपना स्थान सुरक्षित किया। '' उन्होंने इंग्लैंड की जर्मनी पर जीत के बाद कहा,‘‘मैं शुरू से खेलों से जुड़ा रहा तथा एथलीट और धावक होने के कारण, मुझे खो-खो में मदद मिली।'' जायन के दादा-दादी गुजरात से ब्रिटेन चले गए थे। उन्होंने कहा कि इंग्लैंड में एक अच्छी तरह से स्थापित संरचना है, जो खो खो को समृद्ध बनाने में मदद कर रही है। भारतीय मूल के लोग इस खेल को लोकप्रिय बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पास बेहद प्रतिस्पर्धी संरचना है। हमारे पास इंग्लैंड के लगभग हर हिस्से में यह खेल खेलने वाले समुदाय हैं इनमें लंदन और लीसेस्टर भी शामिल हैं।'' जायन ओसवाल समुदाय से आते हैं, जिसके विश्व कप दल में 10 खिलाड़ी हैं।
जायन ने कहा, ‘‘इंग्लैंड का खो खो महासंघ साल में एक बार सितंबर में राष्ट्रीय प्रतियोगिता आयोजित करता है जहां से इंग्लैंड की टीम में जगह बनाने के लिए खिलाड़ियों को ट्रायल के लिए चुना जाता है। मुझे लगता है कि 70 प्रतिशत खिलाड़ी भारतीय मूल के हैं।'' आन्या ने कहा कि जब वह नौ साल की थी तब से खो-खो खेलती है।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं अभी 17 साल की हूं। मैंने नौ साल की उम्र में यह खेल खेलना शुरू किया था, इसलिए काफी समय से इसे खेल रही हूं। '' आन्या ने कहा, ‘‘मैं अपने भारतीय दोस्तों को समुदाय में खेल खेलते हुए देखकर प्रेरित हुई। मैंने सोचा कि चलो इसे आजमाएं और मैंने वास्तव में इसका आनंद लिया। मेरे माता-पिता और दादा-दादी गुजरात के जामनगर से इंग्लैंड चले गए थे।'' -
कटरा/जम्मू. जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में त्रिकूटा पहाड़ियों पर स्थित माता वैष्णो देवी मंदिर की प्राकृतिक गुफा को मंगलवार को मकर संक्रांति उत्सव को लेकर श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि विशेष पूजा-अर्चना के बाद पुरानी गुफा के द्वार श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। उन्होंने बताया कि इस पूजा-अर्चना में ‘श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड' के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अंशुल गर्ग भी शामिल हुए। मंदिर के गर्भगृह के भीतर स्थित प्राकृतिक गुफा को आमतौर पर सर्दी के महीनों में खोला जाता है, जब भक्तों की भीड़ कम होती है। कई भक्त प्राकृतिक गुफा के माध्यम से मंदिर में दर्शन करने के लिए उत्सुकता से उस दिन का इंतजार करते हैं। यह गुफा सुरक्षा कारणों से साल में अधिकांश समय बंद रहती है। गर्ग ने कहा, ‘‘श्रद्धालुओं की भीड़ के आधार पर आज से प्राकृतिक गुफा उनके लिए खोल दी गई है। हम तीर्थयात्रियों को पुरानी गुफा के दर्शन की अनुमति तभी देंगे, जब उनकी संख्या 10,000 से कम होगी ताकि उन्हें किसी तरह की असुविधा न हो।'' उन्होंने कहा कि नयी गुफा से तीर्थयात्री सुचारू रूप से आगे बढ़ रहे हैं, क्योंकि वहां बड़ी संख्या में तीर्थयात्रियों के लिए जगह है और उन्हें कोई कठिनाई नहीं होती है। अधिकारियों ने बताया कि नया साल शुरू होने से अबतक 1.50 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने वैष्णो देवी के दर्शन किये हैं। पिछले वर्ष 94.83 लाख तीर्थयात्री इस पवित्र तीर्थस्थल पर आये थे, जो एक दशक में श्रद्धालुओं की दूसरी सबसे बड़ी संख्या है।
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अहमदाबाद. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को गुजरात की अपनी तीन दिवसीय यात्रा शुरू की जिसमें उन्होंने पहले दिन मकर संक्रांति के मौके पर स्थानीय लोगों के साथ पतंग उड़ाने का आनंद लिया। राज्य सरकार की एक विज्ञप्ति के अनुसार, शाह ने उत्तरायण पर्व के अवसर पर आज सुबह शहर के मेमनगर इलाके में शांतिनिकेतन अपार्टमेंट की छत पर पतंग उड़ाई। गुजरात में मकर संक्रांति को उत्तरायण भी कहा जाता है। गांधीनगर से लोकसभा सदस्य शाह के साथ इस मौके पर मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, शहर की महापौर प्रतिभा जैन, उप महापौर जतिन पटेल और स्थानीय भाजपा नेता तथा निगम पार्षद थे। विज्ञप्ति के अनुसार शाह, उनकी पत्नी सोनलबेन और पुत्र जय शाह ने जमालपुर क्षेत्र में स्थित जगन्नाथ मंदिर में पूजा-अर्चना भी की। गृह मंत्री आज घाटलोदिया इलाके में 920 आवासों और एक नए पुलिस थाना भवन की आधारशिला रखेंगे।
विज्ञप्ति में जानकारी दी गई कि बुधवार को वह अंबोद गांव के पास साबरमती नदी के एक बैराज की आधारशिला रखेंगे और इसी स्थान से गांधीनगर के मनसा में एक सर्किट हाउस का उद्घाटन वर्चुअल तरीके से करेंगे। विज्ञप्ति के अनुसार शाह साणंद को कलोल से जोड़ने वाली दो लेन की एक सड़क को चार लेन वाली सड़क में बदलने की परियोजना का शुभारंभ भी करेंगे। दोपहर में, वह शैक्षणिक संस्थान कलोल तालुका केलवानी मंडल के परिसर में एक सभागार का उद्घाटन करने के बाद कलोल के लोगों को संबोधित करेंगे। विज्ञप्ति में बताया गया कि शाह बुधवार शाम को गांधीनगर के सैज गांव के पास एक रेलवे अंडरब्रिज और शहर के बोपल इलाके में कृष्णा शाल्बी मल्टी-स्पेशलिटी अस्पताल में गुजरात के पहले बोन बैंक का उद्घाटन करेंगे। वह 16 जनवरी को मेहसाणा जिले के वडनगर शहर का दौरा करेंगे और एक संग्रहालय तथा एक खेल परिसर सहित कई परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे। वह शहर स्थित साइंस कॉलेज में एक सभा को भी संबोधित करेंगे, हाटकेश्वर मंदिर में दर्शन करेंगे और मेहसाणा में गणपत विश्वविद्यालय के 18वें दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेंगे। विज्ञप्ति में कहा गया है कि शाह शाम को अहमदाबाद के सरदार पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से सभी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों के लिए ‘फास्ट-ट्रैक इमिग्रेशन' कार्यक्रम का आरंभ करेंगे। -
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल ‘परीक्षा पे चर्चा’ (पीपीसी)-2025 छात्रों के परीक्षा तनाव को कम कर इसे उत्सव के रूप में बदलने का प्रयास करता है। इस बार 3.5 करोड़ से ज्यादा छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों ने इस कार्यक्रम के लिए पंजीकरण कराया है। इनमें 328.66 लाख छात्र, 20.59 लाख शिक्षक और बड़ी संख्या में अभिभावक शामिल हैं। शिक्षा मंत्रालय ने इसे एक “राष्ट्रव्यापी आंदोलन” बताते हुए इसकी बढ़ती लोकप्रियता की सराहना की है।
पिछले साल के मुकाबले इस बार अधिक लोगों ने पंजीकरण कराया है। 2024 में हुए 7वें संस्करण में 2.26 करोड़ पंजीकरण हुए थे। यह कार्यक्रम छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और परीक्षाओं को सकारात्मक दृष्टिकोण से देखने के लिए प्रेरित करने में एक बड़ी भूमिका निभा रहा है। पीपीसी के साथ-साथ, 12 जनवरी से 23 जनवरी तक स्कूलों में कई गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं। इनमें मैराथन दौड़, योग, नुक्कड़ नाटक, पोस्टर मेकिंग, मीम प्रतियोगिताएं, प्रेरणादायक फिल्में देखना और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी कार्यशालाएं शामिल हैं। इन गतिविधियों का उद्देश्य छात्रों के आत्मविश्वास को बढ़ाना और शिक्षा को दबाव की जगह एक खुशी भरा अनुभव बनाना है।‘परीक्षा पे चर्चा’ एक ऐसा अनूठा मंच है, जहां प्रधानमंत्री छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों से संवाद करते हैं। वे परीक्षा के दौरान तनाव को दूर करने और इसे खुशी का अवसर बनाने के लिए प्रेरित करते हैं। यह कार्यक्रम केवल परीक्षा से संबंधित चर्चा नहीं है, बल्कि जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने का संदेश देता है। - प्रयागराज। महाकुंभ-2025 में मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर मंगलवार को 3.5 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाकर पुण्य अर्जित किया। संगम तट पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ ने आस्था, समर्पण और एकता का भव्य नजारा पेश किया।उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मौके पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर श्रद्धालुओं को बधाई देते हुए लिखा, “महाकुंभ-2025 में पावन मकर संक्रांति पर त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगाने वाले सभी पूज्य संतों, कल्पवासियों और श्रद्धालुओं का अभिनंदन!” उन्होंने कहा कि इस प्रथम अमृत स्नान पर्व पर संगम में स्नान करने वालों ने त्रिवेणी के अविरल और निर्मल जल में पुण्य लाभ प्राप्त किया।मुख्यमंत्री ने महाकुंभ के सफल आयोजन के लिए सभी अखाड़ों, मेला प्रशासन, स्थानीय प्रशासन, पुलिस प्रशासन, स्वच्छता कर्मियों, नाविकों, स्वयंसेवी संगठनों और अन्य सरकारी विभागों का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि इस ऐतिहासिक आयोजन में समर्पित भाव से सेवा देने वाले सभी लोग प्रशंसा के पात्र हैं।-
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 जनवरी को महाराष्ट्र के दौरे पर रहेंगे। इस दौरान वे मुंबई के नौसेना डॉकयार्ड में तीन आधुनिक नौसैनिक युद्धपोतों- आईएनएस सूरत, आईएनएस नीलगिरी और आईएनएस वाघशीर को राष्ट्र को समर्पित करेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय के मुताबिक यह कार्यक्रम बुधवार सुबह 10:30 बजे शुरू होगा। इसके बाद, प्रधानमंत्री दोपहर 3:30 बजे नवी मुंबई के खारघर में श्री श्री राधा मदनमोहनजी इस्कॉन मंदिर का उद्घाटन करेंगे।
तीन नौसैनिक जहाज भारतीय नौसेना की ताकत को और मजबूत करेंगे। आईएनएस सूरत, जो पी15बी गाइडेड मिसाइल विध्वंसक परियोजना का चौथा और अंतिम जहाज है जो दुनिया के सबसे बड़े और आधुनिक विध्वंसक जहाजों में से एक है। इस जहाज में 75 प्रतिशत स्वदेशी सामग्री है और यह आधुनिक हथियारों और नेटवर्क क्षमताओं से लैस है। आईएनएस नीलगिरी, पी17ए स्टील्थ फ्रिगेट परियोजना का पहला जहाज है जो भारतीय नौसेना के युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो द्वारा तैयार किया गया है। इसमें उन्नत उत्तरजीविता की विशेषताएं हैं। वहीं, आईएनएस वाघशीर, पी75 स्कॉर्पीन परियोजना की छठी और अंतिम पनडुब्बी है जो भारत की पनडुब्बी निर्माण में बढ़ती विशेषज्ञता का प्रतीक है। इसका निर्माण फ्रांस के नौसेना समूह के सहयोग से किया गया है।प्रधानमंत्री खारघर में इस्कॉन के श्री श्री राधा मदनमोहनजी मंदिर का उद्घाटन भी करेंगे। यह परियोजना नौ एकड़ में फैली हुई है और इसमें वैदिक शिक्षा केंद्र, प्रस्तावित संग्रहालय, सभागार, उपचार केंद्र और कई देवताओं वाले मंदिर शामिल हैं। इसका उद्देश्य वैदिक शिक्षाओं के जरिए शांति, भाईचारे और सद्भाव को बढ़ावा देना है। यह दौरा भारत की रक्षा ताकत को मजबूत करने और सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने की प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। - श्रीनगर. दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन ग्लेशियर पर तैनात सैन्यकर्मी अब हाई-स्पीड इंटरनेट सेवाओं का लाभ ले सकेंगे। सेना ने सोमवार को यह जानकारी दी। सेना की ‘फायर एंड फ्यूरी कोर' ने ‘एक्स' पर जारी एक पोस्ट में कहा, ‘‘दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र में इंटरनेट संपर्क बढ़ गया है। फायर एंड फ्यूरी कोर ने जियो टेलीकॉम के साथ मिलकर सियाचिन ग्लेशियर पर पहली बार 5जी मोबाइल टावर सफलतापूर्वक स्थापित किया है।'' पोस्ट में कहा गया, ‘‘यह शानदार उपलब्धि हमारे बहादुर सैनिकों को समर्पित है जो चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में तैनात हैं। फायर एंड फ्यूरी सिग्नलर्स और सियाचिन योद्धाओं ने उत्तरी ग्लेशियर में 5जी बीटीएस (बेस ट्रांसीवर स्टेशन) स्थापित करने के लिए दुर्गम इलाकों और -40 डिग्री सेल्सियस से नीचे के अत्यधिक तापमान की चुनौतियों का सामना किया।'' रिलायंस जियो ने कहा कि उसने अपनी स्वदेशी फुल-स्टैक 5जी तकनीक का इस्तेमाल करते हुए एक अग्रिम चौकी पर ‘प्लग-एंड-प्ले प्री-कॉन्फिगर' उपकरण को सफलतापूर्वक स्थापित किया। दूरसंचार कंपनी कहा, ‘‘यह उपलब्धि सेना के सिग्नल कर्मियों के साथ समन्वय से संभव हुई, जिसमें योजना से लेकर कई प्रशिक्षण सत्र, सिस्टम प्री-कॉन्फिगरेशन और व्यापक परीक्षण शामिल हैं। सियाचिन ग्लेशियर में जियो के उपकरणों को विमान से पहुंचाने सहित साजो-सामान के प्रबंधन में भारतीय सेना महत्वपूर्ण भूमिका में थी।'' कंपनी ने कहा कि इस सहयोग से कराकोरम पर्वतमाला में 16,000 फुट की ऊंचाई पर इंटरनेट संपर्क सुनिश्चित हुआ है।
- जबलपुर. मध्य प्रदेश के जबलपुर शहर में सुनसान पड़े एक घर में आग लगने से कम से कम दस कुत्तों की जलकर मौत हो गई। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी। इस संबंध में एक अधिकारी ने बताया कि घटना रविवार शाम संजीवनी नगर इलाके में हुई।संजीवनी नगर थाने के सहायक उपनिरीक्षक राजेंद्र पटेल ने कहा कि आग में दस कुत्तों की मौत हो गई, जबकि दो अन्य को बचा लिया गया। उन्होंने बताया कि आग जब लगी, तो घर में कोई व्यक्ति मौजूद नहीं था।संजीवनी नगर थाना प्रभारी बीडी द्विवेदी ने कहा कि घटना की जांच की जा रही है।
- लखीमपुर खीरी. उत्तर प्रदेश के लखीमपुर-खीरी जिले के धौरहरा थाना क्षेत्र के टेंगनहा गांव में सोमवार शाम सड़क किनारे खेल रहे बच्चों पर गन्ने से लदा एक ट्रक पलट गया। पुलिस ने बताया कि हादसे में तीन बच्चों की मौत हो गई, जबकि एक बच्ची गंभीर रूप से घायल हो गई। पुलिस अधीक्षक (एसपी) संकल्प शर्मा के मुताबिक, यह हादसा उस समय हुआ, जब आयशा (सात), रुहान (चार), महनूर (चार) और फरहीन (11) सड़क किनारे खेल रहे थे। उन्होंने बताया कि देवीपुरवा गन्ना क्रय केंद्र से गन्ना लादकर स्थानीय चीनी मिल की ओर जा रहा ट्रक चालक वाहन पर से नियंत्रण खो बैठा, जिससे वाहन सड़क किनारे पलट गया, जहां बच्चे खेल रहे थे। शर्मा के अनुसार, गन्ने के गट्ठर बच्चों पर गिर गए और वे उसके नीचे दब गए। उन्होंने बताया कि धौरहरा पुलिस और स्थानीय ग्रामीणों ने हादसे में घायल बच्चों को अस्पताल पहुंचाया, जहां आयशा, रुहान और महनूर ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया, जबकि फरहीन का उपचार जारी है।
- नयी दिल्ली. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को दुग्ध उत्पादों के क्षेत्र में भारत की उपलब्धियों को ‘असाधारण' बताते हुए कहा कि पशुधन देश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। राष्ट्रपति ने यहां राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड की पहल ‘काऊ इंडक्शन' (गाय के प्रसव प्रबंधन की प्रक्रिया), गिफ्टमिल्क और ओडिशा राज्य सहकारी दूध उत्पादक संघ (ओएमएफईडी) के लिए बाजार समर्थन उपायों का डिजिटल रूप से उद्घाटन/शुभारंभ करने के बाद यह बात कही। उन्होंने कहा कि भारत में पशुधन नस्लों की एक विविध श्रृंखला है, जिनमें से सभी ने देश की समृद्ध कृषि विरासत में योगदान दिया है। राष्ट्रपति ने कहा कि कि पशुधन ग्रामीण अर्थव्यवस्था और ग्रामीण घरेलू आय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। मुर्मू ने कहा, ‘‘हमारे पशुधन को समर्थन और बढ़ावा देने के लिए, उनके नस्ल विकास और आनुवंशिक विकास के लिए सरकार ने कई उपाय और नीतिगत प्रयास किए हैं।'' उन्होंने कहा कि दूध और दुग्ध उत्पादों के क्षेत्र में भारत की उपलब्धियां ‘असाधारण' हैं।राष्ट्रपति भवन के आधिकारिक बयान के अनुसार, उन्होंने कहा, ‘‘पिछले 10 साल में हमारे दुधारू मवेशियों की उत्पादकता में भी असाधारण वृद्धि हुई है।'' राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘ये सभी उपलब्धियां पशुपालन में उत्कृष्टता के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं। फिर भी, पशु स्वास्थ्य के संबंध में बहुत कुछ किया जा सकता है।'' उन्होंने कहा कि पशुधन की संख्या और स्वास्थ्य दोनों पर ध्यान देने से दूध सहित खाद्य उत्पादों और जानवरों से प्राप्त उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार होगा। मुर्मू ने कहा, ‘‘देश के सभी क्षेत्रों में ऐसे प्रयास करके स्वस्थ भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया जा सकता है।'' इस अवसर पर ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने कहा कि राज्य सरकार ने हाल ही में अगले पांच साल में दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री कामधेनु योजना शुरू की है। उन्होंने कहा कि सरकार इस योजना के तहत डेयरी कंपनियों को 70 प्रतिशत तक वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है। कार्यक्रम से डिजिटल रूप से जुड़े केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह ने कहा कि भारत एक वर्ष में 23.93 करोड़ टन दूध का उत्पादन कर दुनिया में दूध उत्पादन में शीर्ष पर है। कार्यक्रम में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, ओडिशा के मत्स्य पालन और पशु संसाधन विकास मंत्री गोकुलनंद मल्लिक और वन और पर्यावरण मंत्री गणेश राम सिंगखुंटिया भी शामिल हुए।
- नयी दिल्ली. महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने सामाजिक संगठनों, व्यक्तियों और कॉरपोरेट समूह के साथ साझेदारी को बढ़ावा देने के लिए एक नयी सीएसआर (कारपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व) नीति का अनावरण किया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।‘पंखुड़ी' नाम की नीति तीन प्रमुख मिशन के तहत कार्यों मिशन सक्षम आंगनवाड़ी एवं पोषण 2.0, मिशन शक्ति और मिशन वात्सल्य का सहयोग करने के लिए डिज़ाइन की गई है। मंत्रालय ने शिक्षा मंत्रालय के ‘विद्यांजलि' पोर्टल की तर्ज पर पंखुड़ी के लिए एक समर्पित पोर्टल शुरू करने की योजना बनाई है। यह पोर्टल संभावित योगदानकर्ताओं के पंजीकरण की सुविधा प्रदान करेगा और सीएसआर कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) परियोजनाओं के लिए पहचान और अनुमोदन प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करेगा। अधिकारी ने कहा कि इसका उद्देश्य सहयोग को बढ़ावा देने में पारदर्शिता और दक्षता सुनिश्चित करना है।
- इंदौर.। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने सोमवार को कहा कि अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तिथि ‘प्रतिष्ठा द्वादशी' के रूप में मनाई जानी चाहिए क्योंकि अनेक सदियों से दुश्मन का आक्रमण झेलने वाले देश की सच्ची स्वतंत्रता इस दिन प्रतिष्ठित हुई थी। हिंदू पंचांग के मुताबिक, अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा पिछले साल पौष माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को हुई थी। तब ग्रेगोरियन कैलेंडर में 22 जनवरी 2024 की तारीख थी। इस साल पौष शुक्ल पक्ष द्वादशी की तिथि 11 जनवरी को पड़ी। संघ प्रमुख भागवत ने श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महासचिव चम्पत राय को इंदौर में ‘राष्ट्रीय देवी अहिल्या पुरस्कार' प्रदान किया। उन्होंने इस मौके पर आयोजित समारोह में कहा कि अयोध्या में रामलला प्राण प्रतिष्ठा की तिथि पौष शुक्ल द्वादशी का नया नामकरण ‘प्रतिष्ठा द्वादशी' के रूप में हुआ है। उन्होंने अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ के दो दिन बाद कहा कि यह तिथि ‘प्रतिष्ठा द्वादशी' के रूप में मनाई जानी चाहिए क्योंकि अनेक सदियों से ‘‘परचक्र'' (दुश्मन का आक्रमण) झेलने वाले भारत की सच्ची स्वतंत्रता इस दिन प्रतिष्ठित हुई थी। भागवत ने कहा कि 15 अगस्त 1947 को भारत को अंग्रेजों से ‘‘राजनीतिक स्वतंत्रता'' मिलने के बाद उस विशिष्ट दृष्टि की दिखाई राह के मुताबिक लिखित संविधान बनाया गया जो देश के ‘स्व' से निकलती है लेकिन यह संविधान उस वक्त इस दृष्टि भाव के अनुसार नहीं चला। उन्होंने कहा कि भगवान राम, कृष्ण और शिव के प्रस्तुत आदर्श और जीवन मूल्य ‘भारत के स्व' में शामिल हैं और ऐसी बात कतई नहीं है कि ये केवल उन्हीं लोगों के देवता हैं, जो उनकी पूजा करते हैं। भागवत ने कहा कि आक्रांताओं ने देश के मंदिरों के विध्वंस इसलिए किए थे कि भारत का ‘‘स्व'' मर जाए।भागवत ने कहा कि राम मंदिर आंदोलन किसी व्यक्ति का विरोध करने या विवाद पैदा करने के लिए शुरू नहीं किया गया था। संघ प्रमुख ने कहा कि यह आंदोलन भारत का ‘स्व' जागृत करने के लिए शुरू किया गया था ताकि देश अपने पैरों पर खड़ा होकर दुनिया को रास्ता दिखा सके। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन इसलिए इतना लम्बा चला क्योंकि कुछ शक्तियां चाहती थीं कि अयोध्या में भगवान राम की जन्मभूमि पर उनका मंदिर न बने। भागवत ने कहा कि पिछले वर्ष अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दौरान देश में कोई कलह या झगड़ा नहीं हुआ और लोग ‘‘पवित्र मन'' से प्राण प्रतिष्ठा के पल के गवाह बने। संघ प्रमुख ने तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से उस वक्त हुई अपनी एक मुलाकात का जिक्र भी किया, जब घर वापसी (धर्मांतरित लोगों का अपने मूल धर्म में लौटना) का मुद्दा संसद में गरमाया हुआ था। उन्होंने कहा,‘‘इस मुलाकात के दौरान मुखर्जी ने मुझसे कहा कि भारत का संविधान दुनिया का सबसे धर्मनिरपेक्ष संविधान है और ऐसे में दुनिया को हमें धर्मनिरपेक्षता सिखाने का भला क्या अधिकार है। उन्होंने मुझसे यह भी कहा कि 5,000 साल की भारतीय परंपरा ने हमें धर्मनिरपेक्षता ही सिखाई है।'' भागवत के मुताबिक मुखर्जी उनसे मुलाकात के दौरान 5,000 साल की जिस भारतीय परंपरा का जिक्र कर रहे थे, वह राम, कृष्ण और शिव से शुरू हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि राम मंदिर आंदोलन के दौरान 1980 के दशक में कुछ लोग उनसे ‘‘रटा-रटाया सवाल'' करते थे कि जनता की रोजी-रोटी की चिंता छोड़कर मंदिर का मुद्दा क्यों उठाया जा रहा है? भागवत ने कहा,‘‘मैं उन लोगों से पूछता था कि 1947 में आजाद होने के बाद समाजवाद की बातें किए जाने, गरीबी हटाओ के नारे दिए जाने और पूरे समय लोगों की रोजी-रोटी की चिंता किए जाने के बावजूद भारत 1980 के दशक में कहां खड़ा है और इजराइल व जापान जैसे देश कहां से कहां पहुंच गए हैं?'' श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महासचिव चम्पत राय ने राष्ट्रीय देवी अहिल्या पुरस्कार ग्रहण करने के बाद कहा कि वह यह पुरस्कार राम मंदिर आंदोलन के उन सभी ज्ञात-अज्ञात लोगों को समर्पित करते हैं जिन्होंने अयोध्या में यह मंदिर बनाने में सहयोग किया। उन्होंने राम मंदिर आंदोलन के अलग-अलग संघर्षों का जिक्र करते हुए कहा कि अयोध्या में बना यह मंदिर ‘हिंदुस्तान की मूंछ' (राष्ट्रीय गौरव) का प्रतीक है और वह इस मंदिर के निर्माण के निमित्त मात्र हैं। राष्ट्रीय देवी अहिल्या पुरस्कार, इंदौर की सामाजिक संस्था ‘श्री अहिल्योत्सव समिति" की ओर से हर साल दिया जाता है। लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष सुमित्रा महाजन इस संस्था की अध्यक्ष हैं। महाजन ने पुरस्कार समारोह में कहा कि इंदौर के पूर्व होलकर राजवंश की शासक देवी अहिल्याबाई का शहर में भव्य स्मारक बनाया जाएगा ताकि लोग उनके जीवन चरित्र से परिचित हो सकें। गुजरे बरसों में राष्ट्रीय देवी अहिल्या पुरस्कार नानाजी देशमुख, विजयाराजे सिंधिया, रघुनाथ अनंत माशेलकर और सुधा मूर्ति जैसी हस्तियों को दिया जा चुका है।
- चंडीगढ़। पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में सोमवार को हर्षोल्लास के साथ लोहड़ी का त्योहार मनाया गया। इस उत्सव पर लकड़ी और गाय के गोबर के उपलों का उपयोग कर आग जलाई जाती है और लोग प्रसिद्ध त्योहारी गीतों की धुन पर नृत्य करते हैं। कई पुरुषों और महिलाओं ने पारंपरिक पोशाक में ‘भांगड़ा' और ‘गिद्दा' नृत्य किया और लोक गीत गाए। कई लोग त्योहार मनाने के लिए ‘ढोल' की थाप पर नृत्य करते दिखे। गुड़, मूंगफली और मक्के का लावा (लोहड़ी से जुड़े तीन खाद्य पदार्थ) लोगों के बीच वितरित किए गए।पंजाब में लोहड़ी का विशेष महत्व है जहां परिवार नवविवाहितों और नवजात शिशुओं के लिए पहली लोहड़ी मनाते हैं। दिन के दौरान आसमान विभिन्न आकृतियों की रंगीन पतंगों से अटा पड़ा था और लुधियाना, पटियाला तथा अमृतसर सहित कई स्थानों पर बच्चे और युवा प्रतियोगिताओं में शामिल हुए। पतंग के शौकीनों को ‘तुक्कल', ‘परी', ‘छज्ज' और ‘मछली' जैसी कई तरह की पतंगें उड़ाते देखा गया।लोहड़ी और मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर नागरिकों को अपनी शुभकामनाएं देते हुए हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि ये त्योहार एकजुट करने वाली शक्ति के रूप में काम करते हैं जो सभी को एक साथ लाते हैं। राज्यपाल ने एक बयान में कहा, ‘‘मकर संक्रांति न केवल हरियाणा के लिए, बल्कि तेलुगु समुदायों के लिए भी एक महत्वपूर्ण त्योहार है। इसे तिल और गुड़ के साथ मनाया जाता है, जो क्रमशः प्रेम और मिठास का प्रतीक है।'' पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने भी इस अवसर पर लोगों को शुभकामनाएं दीं। मान ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘आप सभी को लोहड़ी की शुभकामनाएं। यह त्योहार आपके जीवन में ढेर सारी खुशियां, अच्छा स्वास्थ्य और समृद्धि लाए।'' सैनी ने कहा, ‘‘हर्ष और उल्लास के प्रतीक सांस्कृतिक पर्व लोहड़ी की सभी प्रदेशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं।''
- महाकुंभ नगर.। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ 2025 को सोमवार को “एकता का महाकुंभ” करार दिया। इसके बाद सोशल मीडिया पर ‘एकता का महाकुंभ' हैशटैग तेजी से लोकप्रिय होने लगा और बड़ी संख्या में उपयोगकर्ताओं ने इसके तहत पोस्ट किए। सोमवार को महाकुंभ के पहले स्नान पर्व पौष पूर्णिमा के अवसर पर सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' और इंस्टाग्राम पर ‘एकता का महाकुंभ' हैशटैग छाया रहा। उपयोगकर्ता सुबह से ही इस हैशटैग के तहत इस भव्य आयोजन के आध्यात्मिक और सांस्कृति महत्व को बयां करने वाले पोस्ट साझा करने लगे। उन्होंने बड़े पैमाने पर तस्वीरें और वीडियो भी पोस्ट किए। ‘एक्स' और इंस्टाग्राम पर महाकुंभ को लेकर कई हैशटैग के तहत फोटो, वीडियो और लिखित सामग्री साझा की गई, लेकिन इस दौरान ‘एकता का महाकुंभ' हैशटैग सबसे ज्यादा लोकप्रिय रहा। दोपहर 3.30 बजे तक 70 हजार से अधिक उपयोगकर्ताओं ने इस हैशटैग के तहत महाकुंभ में भारी भीड़, संगम स्नान और सनातन आस्था को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी। प्रतिक्रिया देने वालों में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल थे। अमेठी की पूर्व लोकसभा सांसद और वरिष्ठ भाजपा नेता स्मृति ईरानी, गोरखपुर के सांसद रवि किशन, उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री सूर्य प्रताप शाही और संदीप सिंह समेत कई प्रमुख हस्तियों और संस्थाओं ने भी अपने पोस्ट में इस हैशटैग का इस्तेमाल किया।
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नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को प्रयागराज में महाकुम्भ शुरू होने के साथ ही इसे भारतीय मूल्यों और संस्कृति को संजोने वालों के लिए एक बेहद खास दिन करार दिया और कहा कि यह विशाल धार्मिक आयोजन भारत की कालातीत आध्यात्मिक विरासत का प्रतीक है। मोदी ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि पौष पूर्णिमा पर पवित्र स्नान के साथ ही आज से प्रयागराज की पुण्यभूमि पर महाकुम्भ का आरंभ हो गया है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारी आस्था और संस्कृति से जुड़े इस दिव्य अवसर पर मैं सभी श्रद्धालुओं का हृदय से वंदन और अभिनंदन करता हूं। भारतीय आध्यात्मिक परंपरा का यह विराट उत्सव आप सभी के जीवन में नयी ऊर्जा और उत्साह का संचार करे, यही कामना है।'' उन्होंने एक अन्य पोस्ट में कहा, ‘‘भारतीय मूल्यों और संस्कृति को संजोने वाले करोड़ों लोगों के लिए एक बहुत ही खास दिन! महाकुम्भ 2025 प्रयागराज में शुरू हो रहा है, जिसमें अनगिनत लोग आस्था, भक्ति और संस्कृति के पवित्र संगम में एक साथ आते हैं। महाकुम्भ भारत की कालातीत आध्यात्मिक विरासत का प्रतीक है और आस्था और सद्भाव का जश्न मनाता है।'' प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें प्रयागराज में आए श्रद्धालुओं को देखकर खुशी हो रही है, जहां अनगिनत लोग आ रहे हैं, पवित्र डुबकी लगा रहे हैं और ईश्वर से आशीर्वाद मांग रहे हैं। उन्होंने तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के शानदार प्रवास की कामना की।
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नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बुधवार को महाराष्ट्र का दौरा करेंगे और इस दौरान नौसेना डॉकयार्ड (पोतगाह) में तीन अग्रिम पंक्ति के नौसैनिक युद्धपोतों आईएनएस सूरत, आईएनएस नीलगिरी और आईएनएस वाघशीर को राष्ट्र को समर्पित करेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने सोमवार को एक बयान में यह जानकारी दी। उसके मुताबिक, प्रधानमंत्री इसके बाद नवी मुंबई के खारघर में इस्कॉन मंदिर का उद्घाटन भी करेंगे। पीएमओ ने कहा कि तीन प्रमुख नौसैनिक युद्धपोतों को राष्ट्र को समर्पित किया जाना रक्षा विनिर्माण और समुद्री सुरक्षा में वैश्विक नेता बनने के भारत के सपने को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण छलांग है। आईएनएस सूरत 15बी श्रेणी के गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर प्रोजेक्ट का चौथा और अंतिम जहाज है, जो दुनिया के सबसे बड़े और सबसे परिष्कृत विध्वंसक जहाजों में शुमार है। इसमें 75 प्रतिशत स्वदेशी सामग्री है और यह अत्याधुनिक हथियार-सेंसर पैकेज और उन्नत नेटवर्क-केंद्रित क्षमताओं से लैस है। आईएनएस नीलगिरी 17ए स्टील्थ फ्रिगेट प्रोजेक्ट का पहला जहाज है। इसे भारतीय नौसेना के युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो द्वारा डिजाइन किया गया है और इसे बढ़ी हुई क्षमता, समुद्र में लंबे समय तक रहने तथा स्टील्थयुक्त उन्नत सुविधाओं के साथ नौसेना में शामिल किया गया है। यह स्वदेशी फ्रिगेट की अगली पीढ़ी को दर्शाता है। पी75 स्कॉर्पीन परियोजना की छठी और अंतिम पनडुब्बी आईएनएस वाघशीर, पनडुब्बी निर्माण में भारत की बढ़ती विशेषज्ञता का प्रतिनिधित्व करती है और इसका निर्माण फ्रांस के नौसेना समूह के सहयोग से किया गया है। पीएमओ ने कहा कि भारत की सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने की अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप, प्रधानमंत्री नवी मुंबई के खारघर में इस्कॉन की परियोजना के अंतर्गत श्री श्री राधा मदनमोहनजी मंदिर का भी उद्घाटन करेंगे। बयान के मुताबिक, नौ एकड़ में विस्तारित इस परियोजना में कई देवताओं के विग्रह के साथ एक मंदिर, एक वैदिक शिक्षा केंद्र, प्रस्तावित संग्रहालय और सभागार तथा उपचार केंद्र आदि शामिल हैं। इसका उद्देश्य वैदिक शिक्षाओं के माध्यम से सार्वभौमिक बंधुत्व, शांति और सद्भाव को बढ़ावा देना है।
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नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पी. के. मिश्रा ने कहा है कि मानसून की अनुकूल स्थिति से भारत का कृषि क्षेत्र वित्त वर्ष 2024-25 में मजबूत वृद्धि के लिए तैयार है। मिश्रा ने कहा, ‘‘मानसून अच्छा रहा है... मैं इस साल बहुत आशावादी हूं। '' वित्त वर्ष 2023-24 में कृषि तथा संबद्ध क्षेत्र की वृद्धि दर घटकर 1.4 प्रतिशत रह गई थी। हालांकि, कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हाल ही में संकेत दिया था कि अच्छे मानसून से चालू वित्त वर्ष में यह क्षेत्र 3.5 से चार प्रतिशत की दर से बढ़ सकता है। मिश्रा ने कहा कि 2016-17 और 2022-23 के बीच कृषि तथा संबद्ध क्षेत्रों में औसतन पांच प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर देखी गई, जिसे पशुधन व मत्स्य पालन में मजबूत प्रदर्शन से समर्थन मिला। यह क्षेत्र कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान भी मजबूत बना रहा था और इसने समग्र आर्थिक वृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान दिया था। हालांकि, दाल और तिलहन उत्पादन में चुनौतियां बनी हुई हैं।
मिश्रा ने कहा कि दालों का उत्पादन एक दशक पहले के 1.4 करोड़ टन से बढ़कर 2.4-2.5 करोड़ टन हो गया, लेकिन भारत इस मामले अब भी आत्मनिर्भर नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘ कई शोध किए जा रहे हैं और हमें महत्वपूर्ण प्रगति करनी चाहिए।' कृषि संबंधी कच्चे माल और उपकरणों पर उच्च करों के बारे में पूछे जाने पर मिश्रा ने कहा कि कृषि मुद्दों को व्यापक कर नीति विचारों से अलग कर नहीं देखा जा सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘ कर से संबंधित कई मुद्दे हैं और उन पर समग्र रूप से विचार करने की आवश्यकता है। -
भुवनेश्वर. ओडिशा सरकार ने आपातकाल के दौरान जेल गए लोगों के लिए 20,000 रुपये की मासिक पेंशन और अन्य लाभ की सोमवार को घोषणा की। दो जनवरी को, मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने आंतरिक सुरक्षा अधिनियम, भारत रक्षा नियम या भारत की रक्षा और आंतरिक सुरक्षा नियमों के तहत आपातकाल के दौरान गिरफ्तार किए गए और जेल गए लोगों के लिए मासिक पेंशन का प्रावधान घोषित किया। राज्य के गृह विभाग की एक अधिसूचना में कहा गया है कि पेंशन के साथ-साथ राज्य सरकार आपातकाल के दौरान जेल गए सभी लोगों के चिकित्सा खर्च का वहन करेगी। इसमें कहा गया है कि एक जनवरी 2025 तक जीवित सभी लोगों को पेंशन और चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध होंगी। पच्चीस जून 1975 से 21 मार्च 1977 के बीच आपातकाल का विरोध करने के कारण सैकड़ों लोगों को देश भर की विभिन्न जेलों में डाल दिया गया। पेंशन जीवित व्यक्तियों के पक्ष में मंजूर की जाएगी, भले ही वे जेल में कितने भी समय तक रहे हों। वे स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के प्रावधानों के अनुसार मुफ्त चिकित्सा उपचार का लाभ भी उठा सकते हैं। अधिसूचना में कहा गया है कि लाभ एक जनवरी, 2025 से प्रभावी होंगे और उस तारीख से पहले किसी भी अवधि के लिए कोई लाभ प्रदान नहीं किया जाएगा।
- जम्मू । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज सोमवार को जम्मू-कश्मीर में सोनमर्ग सुरंग राष्ट्र को समर्पित की। लगभग 12 किलोमीटर लंबी सोनमर्ग सुरंग परियोजना की लागत 2,700 करोड़ रुपये से अधिक आई है। इसमें सोनमर्ग मुख्य सुरंग, एक निकास सुरंग और पहुंच मार्ग शामिल हैं। समुद्र तल से 8,650 फीट की ऊंचाई पर स्थित यह सुरंग भूस्खलन और हिमस्खलन मार्गों को दरकिनार करते हुए लेह जाने के रास्ते में श्रीनगर और सोनमर्ग के बीच हर मौसम में संपर्क बढ़ाएगी और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण लद्दाख क्षेत्र में सुरक्षित और निर्बाध पहुंच सुनिश्चित करेगी। बताना चाहेंगे इस अवसर पर पीएम मोदी ने कार्यक्रम में उपस्थित जनसमूह को संबोधित भी किया।आज देश के हर कोने में उत्सव का माहौलजम्मू-कश्मीर के सोनमर्ग में विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, आज का दिन बहुत ही खास है। आज देश के हर कोने में उत्सव का माहौल है। आज से ही प्रयागराज में महाकुंभ आरंभ हो रहा है। करोड़ों लोग वहां पवित्र स्नान के लिए उमड़ रहे हैं। आज पंजाब समेत पूरा उत्तर भारत लोहड़ी की उमंग से भरा है।ये मौसम सोनमर्ग जैसे पर्यटन स्थल के लिए नए मौके भी लाता हैउन्होंने कहा, ये मौसम सोनमर्ग जैसे पर्यटन स्थल के लिए नए मौके भी लाता है। देश भर से सैलानी यहां पहुंच रहे हैं। कश्मीर की वादियों में आकर वो लोग आपकी मेहमाननवाजी का भरपूर आनंद ले रहे हैं।जम्मू-कश्मीर की, लद्दाख की एक और बहुत पुरानी डिमांड हुई पूरीआगे जोड़ते हुए पीएम मोदी ने कहा, आज मैं एक बड़ी सौगात लेकर आपके एक सेवक के रूप में आपके बीच आया हूं। कुछ दिन पहले मुझे जम्मू में आपके अपने रेल डिवीजन का शिलान्यास करने का अवसर मिला था। ये आपकी बहुत पुरानी डिमांड थी। आज मुझे सोनमर्ग टनल देश को और आपको सौंपने का मौका मिला है। यानी जम्मू-कश्मीर की, लद्दाख की एक और बहुत पुरानी डिमांड आज पूरी हुई है।जनता से कहा- ‘ये मोदी है वादा करता है, तो निभाता है’उन्होंने जनता से कहा, आप पक्का मानिए, ये मोदी है वादा करता है, तो निभाता है। हर काम का एक समय होता है और सही समय पर सही काम भी होने वाले हैं। केंद्र में हमारी सरकार बनने के बाद ही 2015 में सोनमर्ग टनल के वास्तविक निर्माण का काम शुरू हुआ था। मुझे खुशी है कि इस टनल का काम हमारी ही सरकार में पूरा भी हुआ है।इस टनल से सर्दियों के मौसम में सोनमर्ग की कनेक्टिविटी बनी रहेगीपीएम मोदी ने आगे कहा, इस टनल से सर्दियों के मौसम में सोनमर्ग की कनेक्टिविटी भी बनी रहेगी। इससे सोनमर्ग समेत इस पूरे इलाके में टूरिज्म को भी नए पंख लगने वाले हैं। आने वाले दिनों में रेल और रोड कनेक्टिविटी के बहुत सारे प्रोजेक्ट्स जम्मू-कश्मीर में पूरे होने वाले हैं।अब तो कश्मीर वादी रेल से भी जुड़ने वाली हैअब तो कश्मीर वादी रेल से भी जुड़ने वाली है। मैं देख रहा हूं कि इसको लेकर भी यहां जबरदस्त खुशी का माहौल है। आज भारत, तरक्की की नई बुलंदी की तरफ बढ़ चला है। हर देशवासी 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में जुटा है। ये तभी हो सकता है, जब हमारे देश का कोई भी हिस्सा, कोई भी परिवार तरक्की से पीछे न छुटे।हमारी सरकार सबका साथ-सबका विकास की भावना से कर रही कामपीएम ने कहा, इसके लिए ही हमारी सरकार सबका साथ-सबका विकास की भावना के साथ पूरे समर्पण से दिन रात काम कर रही है। बीते 10 साल में जम्मू-कश्मीर सहित पूरे देश के 4 करोड़ से ज्यादा गरीबों को पक्के घर मिले। आने वाले समय में 3 करोड़ और नए घर गरीबों को मिलने वाले हैं।जम्मू-कश्मीर के उन इलाकों तक टूरिस्ट पहुंच पाएंगे, जो अभी तक रहे अनछुएजम्मू-कश्मीर में भी बीते 10 साल में एक से बढ़कर एक एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन बने हैं। इसका बहुत बड़ा लाभ यहां के हमारे नौजवानों को हुआ है। जम्मू-कश्मीर तो अब टनल का, ऊंचे-ऊंचे पुलों का, रोप-वे का हब बनता जा रहा है। दुनिया की सबसे ऊंची टनल यहां बन रही हैं, दुनिया के सबसे ऊंचे रेल-रोड ब्रिज, दुनिया की सबसे ऊंची रेल लाइन यहां बन रही है। विकसित भारत के सफर में, बहुत बड़ा कंट्रीब्यूशन, हमारे टूरिज्म सेक्टर का है। बेहतर कनेक्टिविटी के चलते, जम्मू-कश्मीर के उन इलाकों तक भी टूरिस्ट पहुंच पाएंगे, जो अभी तक अनछुए हैं।बीते 10 सालों में जम्मू-कश्मीर में अमन और तरक्की का माहौलपीएम ने कहा, बीते 10 सालों में जम्मू-कश्मीर में अमन और तरक्की का जो माहौल बना है, उसका फायदा हम पहले ही टूरिज्म सेक्टर में देख रहे हैं। साल 2024 में 2 करोड़ से अधिक टूरिस्ट जम्मू-कश्मीर आए हैं। यहां सोनमर्ग में भी 10 साल में 6 गुना ज्यादा टूरिस्ट बढ़े हैं। इसका लाभ आपके लोगों को हुआ है, आवाम को हुआ है।21वीं सदी का जम्मू-कश्मीर आज विकास की लिख रहा नई गाथापीएम ने कहा, 21वीं सदी का जम्मू-कश्मीर आज विकास की नई गाथा लिख रहा है। पहले के मुश्किल दिनों को पीछे छोड़कर हमारा कश्मीर अब फिर से धरती का स्वर्ग होने की पहचान वापस पा रहा है। अब लोग रात के समय भी लाल चौक पर आइसक्रीम खाने जा रहे हैं। रात के समय भी वहां बड़ी रौनक रहती है। कश्मीर में हालात बदलने का बहुत बड़ा श्रेय यहां की आवाम को जाता है, आप सभी को जाता है। आपने जम्हूरियत को मजबूत किया है, आपने भविष्य को मजबूत किया है।उन्होंने कहा, कश्मीर तो देश का मुकुट है…भारत का ताज है। इसलिए मैं चाहता हूं कि ये ताज और सुंदर हो, और समृद्ध हो। मुझे ये देखकर खुशी होती है कि इस काम में मुझे यहां के नौजवानों के, बुजुर्गों का, बेटे-बेटियों का लगातार साथ मिल रहा है।
- जम्मू । जम्मू-कश्मीर के सोनमर्ग टनल के उद्घाटन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर प्रशंसा की। उन्होंने जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव का जिक्र करते हुए कहा कि आपने अपनी बात रखी और 4 महीने के भीतर चुनाव हुए। आपने जम्मू के लोगों को अपनी सरकार चुनने का मौका दिया। इसका श्रेय आपको, आपकी टीम और चुनाव आयोग को जाता है।उमर अब्दुल्ला ने सोमवार को कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ”आपने (प्रधानमंत्री मोदी) अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर श्रीनगर में अपने कार्यक्रम के दौरान तीन बहुत महत्वपूर्ण बातें कही थीं। आपने कहा था कि आप दिल की दूरी और दिल्ली से दूरी को खत्म करने पर काम कर रहे हैं और यह वास्तव में आपके काम से साबित होता है, 15 दिन के अंदर जम्मू-कश्मीर में ये आपका दूसरा प्रोग्राम है। इससे पहले आपने जम्मू को रेलवे डिवीजन की सौगात दी। आज आप खुद सोनमर्ग आए हैं। इस टनल का उद्घाटन करने आए हैं। इन प्रोजेक्ट्स से न सिर्फ दिल की दूरी, बल्कि दिल्ली से दूरी भी कम हो जाती है।”उन्होंने जिक्र किया, ”उस दौरान आपने जम्मू कश्मीर के लोगों से कहा था कि बहुत जल्द चुनाव होंगे और लोगों को अपने वोट के जरिए अपनी सरकार चुनने का मौका मिलेगा। आपने अपनी बात रखी और 4 महीने के भीतर चुनाव हुए। आपने जम्मू के लोगों को अपनी सरकार चुनने का मौका दिया। आपने चुनाव ऐसे करवाए, जिसमें लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। सबसे बड़ी बात यह रही कि कहीं से भी चुनाव में धांधली की खबर सामने नहीं आई। एक भी पोलिंग बूथ में दोबारा मतदान की जरूरत नहीं पड़ी। इसका श्रेय आपको, चुनाव आयोग को जाता है।”मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि इस टनल का यहां के लोगों को बहुत समय से इंतजार था। इस टनल की वजह से अब लोगों को सर्दियों में सोनमर्ग छोड़कर निचले इलाकों में आने की जरूरत नहीं पड़ेगी। साल के 12 महीने यहां पर्यटन होगा। हम सोनमर्ग को एक विंटर टूरिज्म के रूप में विकसित कर पाएंगे।उमर अब्दुल्ला ने कहा, ”दुर्भाग्य से पिछले 35-37 वर्षों में हजारों लोगों ने इस देश की प्रगति के लिए, जम्मू-कश्मीर के विकास के लिए अपने जीवन का बलिदान दिया। हम मुल्क का सौदा करने के लिए तैयार नहीं थे। प्रधानमंत्री साहब, आज इस सुरंग के उद्घाटन कार्यक्रम में आपकी उपस्थिति इस बात का प्रमाण है कि जो लोग इन हमलों को अंजाम देते हैं, जो लोग इस देश की भलाई नहीं चाहते हैं, जो लोग जम्मू-कश्मीर में शांति और प्रगति नहीं देखना चाहते हैं, वैसे लोग कभी सफल नहीं हो सकते, उनको यहां हमेशा हार का सामना करना पड़ेगा, हम उन्हें हमेशा हराएंगे और यहां से वापस भेजेंगे। हम देश और जम्मू-कश्मीर को कभी नुकसान होता हुआ नहीं देख सकते हैं।”पीएम मोदी ने आज सोमवार को जम्मू-कश्मीर में सोनमर्ग सुरंग राष्ट्र को समर्पित की। लगभग 12 किलोमीटर लंबी सोनमर्ग सुरंग परियोजना की लागत 2,700 करोड़ रुपये से अधिक आई है।
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प्रयागराज । संगम नगरी प्रयागराज में त्रिवेणी मार्ग पर महाकुंभ के अवसर पर केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा “जन भागीदारी से जन कल्याण” थीम पर आधारित एक भव्य डिजिटल प्रदर्शनी का शुभारंभ हुआ। यह प्रदर्शनी भारत सरकार की पिछले 10 वर्षों की उपलब्धियों, योजनाओं और नीतियों को दर्शाती है। पहले दिन ही सैकड़ों लोगों ने इस प्रदर्शनी का दौरा किया और इसे सराहा।
यह डिजिटल प्रदर्शनी 13 जनवरी से 26 फरवरी तक महाकुंभ मेले की पूरी अवधि में आम जनता के लिए निःशुल्क खुली रहेगी। प्रदर्शनी में एनामॉर्फिक वॉल, एलईडी टीवी स्क्रीन, होलोग्राफिक सिलेंडर और अन्य आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया गया है ताकि लोगों को प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, डिजिटल इंडिया, प्रधानमंत्री आवास योजना, आत्मनिर्भर भारत, स्किल इंडिया, उज्ज्वला योजना, हर घर जल योजना और स्वच्छ भारत मिशन जैसी प्रमुख योजनाओं के बारे में जानकारी दी जा सके।इसके अलावा, प्रदर्शनी में “लखपति दीदी,” “डिजिटल ड्रोन दीदी,” प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, प्रधानमंत्री कौशल विकास मिशन और नारी सशक्तिकरण से जुड़ी योजनाओं पर भी विशेष ध्यान दिया गया है। इन योजनाओं को सरल और प्रभावी तरीके से प्रस्तुत किया गया है ताकि हर कोई इन्हें आसानी से समझ सके।महाकुंभ के दौरान, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा 200 से अधिक सांस्कृतिक कार्यक्रमों की भी श्रृंखला आयोजित की जा रही है। इन कार्यक्रमों में उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों के पारंपरिक लोक और शास्त्रीय नृत्य, संगीत और रीति-रिवाजों को प्रस्तुत किया जा रहा है। ये कार्यक्रम महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को भारत की सांस्कृतिक विविधता और समृद्धि का अनुभव कराने का एक विशेष अवसर प्रदान कर रहे हैं।हर सांस्कृतिक कार्यक्रम अपने क्षेत्र की एक अनूठी कहानी और परंपरा को दर्शाता है। इसमें सैकड़ों प्रतिभाशाली कलाकार भाग ले रहे हैं, जो विभिन्न नृत्य और संगीत शैलियों के माध्यम से अपनी कला का प्रदर्शन कर रहे हैं। इन कार्यक्रमों का आयोजन 13 जनवरी से 26 फरवरी तक चलेगा, जिससे महाकुंभ में एक अद्भुत सांस्कृतिक माहौल बना हुआ है। -
नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि भारत अब दुनिया के शीर्ष 25 हथियार निर्यातक देशों में शामिल हो गया है। उन्होंने कहा कि भारत की 100 से अधिक कंपनियां ब्रह्मोस मिसाइल, पिनाका रॉकेट सिस्टम और डोर्नियर एयरक्राफ्ट जैसे रक्षा उत्पादों का निर्यात कर रही हैं। सीतारमण ने यह बात गुजरात के गांधीनगर में राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय (RRU) के चौथे दीक्षांत समारोह के दौरान कही।
उन्होंने यह भी बताया कि भारत ने स्वदेशी रक्षा उत्पादन में बड़ी उपलब्धि हासिल की है। वित्त वर्ष 2023-24 में देश का रक्षा उत्पादन 1.27 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया जो 2014-15 के मुकाबले 2.7 गुना अधिक है।देश के रक्षा निर्यात में भी बड़ी बढ़ोतरी हुई है। सीतारमण ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में भारत ने 21,083 करोड़ रुपये का रक्षा निर्यात किया जो अब तक का सबसे ऊंचा स्तर है। यह 2013-14 में केवल 686 करोड़ रुपये के मुकाबले 30 गुना ज्यादा है।इस कार्यक्रम के दौरान, अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (IFSCA) और राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय (RRU) के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर हुआ। इस समझौते का उद्देश्य शिक्षा और उद्योग के बीच की खाई को कम करना, पेशेवरों को प्रशिक्षण देना और शोध को बढ़ावा देना है। समारोह में गुजरात सरकार के वित्त मंत्री कनु देसाई, RRU के कुलपति बिमल एन. पटेल और IFSCA के अध्यक्ष के. राजारमन भी मौजूद रहे। वित्त मंत्री ने इस अवसर पर भारत की रक्षा क्षमताओं और आत्मनिर्भरता की दिशा में हुई प्रगति को देश के लिए गर्व का विषय बताया। - प्रयागराज। विश्व के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन महाकुंभ में 144 वर्ष बाद दिव्य संयोग के मौके पर शाही स्नान को लेकर निरंजनी अखाड़े की छावनी में तेरहों अखाड़ों के प्रमुख संतों ने सोमवार की शाम शाही स्नान की पेशवाई में जाने वाले संसाधनों को लेकर गहन चर्चा करके रणनीति तैयार की । अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी महाराज की अध्यक्षता में आनंद अखाड़ा पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरी, निरंजनी अखाड़े के सचिव महंत राम रतन गिरि के साथ अन्य संत महापुरुष बैठक में शामिल हुए।महाकुंभ है भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजनअखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं मां मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी महाराज ने जानकारी देते हुए बताया कि कुम्भ मेला भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजन है, जो हर 12 वर्ष में चार प्रमुख नदियों के संगम स्थानों प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में आयोजित होता है। उन्होंने कहा कि इस बार के महाकुंभ का बड़ा ही दिव्य संयोग बन रहा है जो 144 साल बाद आया है। उन्होंने कहा पूरा मेला क्षेत्र भगवामय हो गया है। महाकुम्भ मेला बिना किसी वाद विवाद के सकुशल सम्पन्न हो, इसको लेकर हमारे सभी तैयारियां पूर्ण हो चुकी है।इस बार सबसे पहले निर्वाणी और अटल अखाड़े का स्नान होगाउन्होंने कहा कि इस बार शाही स्नान में ज्यादा भारी वाहन, हाथी, ऊंट शाही स्नान की यात्रा में शामिल नहीं किए जाएंगे। सिर्फ उतने ही संसाधन साथ होंगे जिसमें महामंडलेश्वर और महंत बैठ सकें। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि सबसे पहले निर्वाणी और अटल अखाड़े का स्नान होगा। इसके पश्चात दूसरे नंबर पर निरंजनी और आनंद अखाड़ा स्नान करेगा। इसके पश्चात जूना अखाड़ा और अग्नि अखाड़ा स्नान करेगा और उसके पश्चात बैरागी संप्रदाय के तीनों अनि अखाड़े स्नान करेंगे।महाकुंभ में संत महापुरुषों की भूमिका हमेशा से महत्वपूर्णइसके बाद उदासीन और निर्मल अखाड़े स्नान करेंगे। उन्होंने कहा है कि सभी अखाड़े अपने-अपने निर्धारित समय पर अपनी छावनियों से शाही स्नान के लिए प्रस्थान करेंगे। जिससे बिना किसी वाद विवाद के शाही स्नान सकुशल संपन्न हो, कुम्भ मेले का मुख्य आकर्षण भी शाही स्नान होता है, उसे लेकर संत महापुरुषों की भूमिका हमेशा महत्वपूर्ण रहती है।संतों के अनुसार, शाही स्नान का उद्देश्य न केवल धार्मिक दृष्टि से पुण्य अर्जित करना है, बल्कि यह सामाजिक और आध्यात्मिक जागरूकता का भी एक प्रतीक है। इसलिए आने वाले श्रद्धालुओं से अपील करते हुए कहा है कि कुंभ क्षेत्र व गंगा स्नान स्थलों के साथ संगम की पवित्रता और निर्मलता को बनाये रखने में अपना योगदान दें और स्वच्छता बनाये रखे।शाही स्नान करने से धुल जाते हैं सारे पापआनंद पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरि ने कहा कि कुम्भ मेले में शाही स्नान के दौरान नदियों के संगम में स्नान करने से व्यक्ति के सारे पाप धुल जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस मौके पर संतों की उपस्थिति और उनकी विशेष तैयारियां भी महत्वपूर्ण होती हैं। वे अपने साधनों के साथ इस आयोजन में शामिल होते हैं और अनेक धार्मिक अनुष्ठान, पूजा और साधना करते हैं। उन्होंने कहा कि कुम्भ मेला सिर्फ एक धार्मिक समारोह नहीं, बल्कि यह समाज के लिए एक शिक्षा का अवसर भी है। शाही स्नान के दौरान वे ध्यान और साधना के महत्व पर बल देते हैं, और कुम्भ मेले में एकता, अहिंसा और भक्ति के संदेश का प्रसार करते हैं।महाकुंभ में स्नान करना है अत्यधिक पुण्यकारीउन्होंने कहा कि महाकुंभ में स्नान का विशेष धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है। कुम्भ मेला भारतीय धर्म, संस्कृति और परंपरा का एक अद्भुत उदाहरण है, जहां लाखों श्रद्धालु और साधु- संत एकत्रित होकर पवित्र नदियों के संगम स्थल पर स्नान करते हैं। महाकुंभ में स्नान को अत्यधिक पुण्यकारी माना जाता है, और इससे जीवन के पापों को धोने और आत्मिक शुद्धि प्राप्त करने का एक महत्वपूर्ण उपाय माना जाता है। इस अवसर पर महामंडलेश्वर स्वामी ललित नंद गिरि ,महामंडलेश्वर स्वामी सहजानंद पुरी, महंत दिनेश गिरी, महंत राधे गिरि,महंत ओमकार गिरि, महंत नरेश गिरि, स्वामी अनंतानंद गिरि, स्वामी राजगीर आदि के संग अन्य संत महापुरुष मौजूद रहे।
- प्रयागराज । महाकुंभ 2025 के शुरुआत के साथ ही लाखों श्रद्धालु प्रयागराज के गंगा और यमुना के संगम तट पर पवित्र स्नान के लिए उमड़ रहे हैं। उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (DGP) प्रशांत कुमार ने आज सोमवार को बताया कि महाकुंभ के पहले दिन ‘अमृत स्नान’ के अवसर पर अब तक लगभग 1 करोड़ श्रद्धालु संगम में स्नान कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं की भीड़ लगातार संगम पर आ रही है। सुरक्षा के लिए पुलिसकर्मी तैनात हैं और ड्रोन के माध्यम से पूरे क्षेत्र की निगरानी की जा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि सुरक्षा के लिए अंडरवाटर ड्रोन का भी उपयोग किया गया है।डीजीपी ने कहा कि प्रयागराज और आसपास के क्षेत्रों में अब तक किसी अप्रिय घटना की कोई सूचना नहीं मिली है। मुख्यमंत्री कार्यालय और वरिष्ठ अधिकारी लगातार स्थिति पर नजर रख रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि सड़क मार्ग से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए परिवहन विभाग की व्यवस्था सुचारू रूप से चल रही है।महाकुंभ में श्रद्धालुओं की सुविधा का रखा जा रहा खास ध्यानगौरतलब है कि प्रयागराज में 10,000 एकड़ क्षेत्र में फैला महाकुंभ 2025 का आयोजन दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक है। यह भव्य आयोजन 45 दिनों तक चलेगा। सरकार ने इस महाकुंभ के लिए विशेष व्यवस्थाएं कीं हैं। इनमें 1.5 लाख शौचालय, 15,000 सफाई कर्मचारी और मेला क्षेत्र में 1.5 लाख टेंट शामिल हैं।पूरे क्षेत्र को रोशन करने के लिए 69,000 एलईडी लाइटें और सोलर हाइब्रिड स्ट्रीट लाइटिंग की व्यवस्था की गई है। भीड़ प्रबंधन के लिए 2,750 कैमरे और 24/7 इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (ICCC) बनाए गए हैं। मेला क्षेत्र में 10 डिजिटल खोया-पाया केंद्र और 1,800 हेक्टेयर में पार्किंग की सुविधा प्रदान की गई है। इसके अलावा, 25,000 कर्मचारी व्यवस्थाओं को संभालने में लगे हुए हैं।महाकुंभ में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए 10,000 से अधिक पुलिसकर्मी और अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) ने संगम क्षेत्र में श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए वाटर एम्बुलेंस तैनात की है। यह एम्बुलेंस 24 घंटे उपलब्ध रहेगी और इसमें डॉक्टर और एनडीआरएफ कर्मी मौजूद रहेंगे।महाकुंभ 13 जनवरी से शुरू होकर 26 फरवरी तक चलेगा। प्रमुख स्नान तिथियों में 14 जनवरी (मकर संक्रांति), 29 जनवरी (मौनी अमावस्या), 3 फरवरी (बसंत पंचमी), 12 फरवरी (माघी पूर्णिमा) और 26 फरवरी (महाशिवरात्रि) शामिल हैं। हर 12 साल में होने वाले इस आयोजन में इस बार करीब 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। पहले ही दिन संगम में 1 करोड़ लोगों ने स्नान किया। महाकुंभ भारतीय संस्कृति और आध्यात्म का प्रतीक है और श्रद्धालु पूरे देश से यहां आ रहे हैं।