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- पुणे. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को कहा कि वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र या ‘विकसित भारत' बनाने के एजेंडा को आगे बढ़ाने में बैंकिंग क्षेत्र को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी। सीतारमण ने बैंक ऑफ महाराष्ट्र के 90वें स्थापना दिवस पर यहां आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री की तरफ से निर्धारित एजेंडा को आगे बढ़ाने में बैंकों को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी और आपकी भूमिका से हम इस सपने को हासिल करने में और तेजी लाएंगे।'' उन्होंने कहा कि बैंकों को बुनियादी ढांचा क्षेत्र को सशक्त रफ्तार देने, एमएसएमई क्षेत्र को जरूरत के हिसाब से वित्त मुहैया कराने, बैंक सेवाओं से वंचित आबादी को बैंक दायरे में लाने और बीमा पहुंच बढ़ाने में मदद करनी होगी। सीतारमण ने कहा कि प्रौद्योगिकी बैंक परिदृश्य को तेजी से बदल रही है क्योंकि यह सभी ग्राहकों को सुरक्षित एवं आसानी से संचालित किया जा सकने वाला डिजिटल बैंकिंग अनुभव देती है। हालांकि, इसके साथ ही उन्होंने बैंकों के लिए प्रौद्योगिकी सुरक्षा पर भी जोर देने के लिए कहा।वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘आप (बैंक) ऐसी डिजिटल प्रणाली नहीं रख सकते हैं जो कहीं भी हैक हो जाए और पूरी प्रणाली एवं उस पर आधारित भरोसा खतरे में पड़ जाए। इसके लिए आपको एक मजबूत प्रणाली चाहिए। आपको हर बार यह सुनिश्चित करना होगा कि पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम मौजूद हैं और किसी भी आपातकालीन स्थिति में किस तरह के कदम उठाने होंगे।'' वित्त मंत्री ने डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने में एकीकृत भुगतान प्रणाली यूपीआई की बढ़ती लोकप्रियता पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर तत्काल होने वाले सभी डिजिटल भुगतानों में से 45 प्रतिशत भारत में होते हैं। उन्होंने कहा कि यूपीआई भुगतान व्यवस्था इस समय सात देशों में चालू हो चुकी है। इनमें भूटान, फ्रांस, मॉरीशस, नेपाल, सिंगापुर, श्रीलंका और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) शामिल हैं। उन्होंने रिजर्व बैंक की वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि इससे भारतीय अर्थव्यवस्था और वित्तीय प्रणाली की मजबूती की तस्वीर बनती है। बैंकिंग क्षेत्र (निजी और सार्वजनिक) का सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) अनुपात कई वर्षों के निचले स्तर 2.8 प्रतिशत और एनएनपीए अनुपात 0.6 प्रतिशत पर आ गया है। इस अवसर पर वित्तीय सेवा सचिव एम नागराजू ने कहा कि बैंकों को लाभ कमाने के साथ राजस्व में वृद्धि के दृष्टिकोण का भी पालन करना चाहिए। उन्होंने बैंकों से ग्राहक संतुष्टि स्तर में सुधार और ग्राहक-अनुकूल प्रणाली एवं प्रक्रियाएं शुरू करने पर ध्यान केंद्रित करने के लिए भी कहा। बैंक ऑफ महाराष्ट्र के प्रबंध निदेशक निधु सक्सेना ने कहा कि बैंक अगले पांच वर्षों में अपने नेटवर्क में 1,000 शाखाएं जोड़ने की योजना बना रहा है।
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नई दिल्ली। नासा के वैज्ञानिकों ने मंगल ग्रह की सतह पर पाए जाने वाले काले ‘मकड़ियों’ जैसे अजीब ढांचों को फिर से बनाने में सफलता पाई है। यह वैज्ञानिकों के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है, जिससे अब वे इन रहस्यमयी संरचनाओं के बारे में और अधिक जानकारी जुटा सकेंगे।इन भू-आकृतियों को ‘अरैनीफॉर्म टेरेन’ कहा जाता है और इन्हें ‘मंगल की मकड़ियां’ नाम दिया गया है। ये संरचनाएं दरारों जैसी होती हैं और इनमें सैकड़ों रेखाएं होती हैं। ये ढांचे 3,300 फीट (1,000 मीटर) तक फैल सकते हैं और अंतरिक्ष से देखने पर ऐसा लगता है मानो सैकड़ों मकड़ियां मंगल की सतह पर दौड़ रही हों।
2003 में मंगल ग्रह के ऑर्बिटर्स ने पहली बार इन ‘मकड़ियों’ को देखा था, जो उस समय एक रहस्य बना हुआ था। बाद में यह पता चला कि ये संरचनाएं तब बनती हैं जब मंगल की सतह पर मौजूद कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) की बर्फ अचानक गैस में बदल जाती है। हाल ही में प्रकाशित एक अध्ययन में वैज्ञानिकों ने इस प्रक्रिया को प्रयोगशाला में छोटे पैमाने पर दोहराया। इस प्रयोग का नेतृत्व नासा की जेट प्रोपल्शन लैब (JPL) की वैज्ञानिक लॉरेन मैक कीओन ने किया, जिन्होंने पांच साल तक इस पर काम किया। जब आखिरकार वे सफल हुईं, तो वह पल उनके लिए बेहद खास था।मैक कीओन ने कहा, “जब प्रयोग सफल हुआ, तो मैं इतनी उत्साहित हो गई कि लैब मैनेजर मेरे चिल्लाने की आवाज़ सुनकर दौड़कर अंदर आए। उन्हें लगा कि कोई दुर्घटना हो गई है।”इस अध्ययन के तहत मंगल की मिट्टी का सिमुलेशन कर उसे CO2 की बर्फ से ढक दिया गया और फिर उसे एक लैंप से गर्म किया गया, ताकि सूर्य की गर्मी का प्रभाव दोहराया जा सके। कई प्रयासों के बाद सही परिस्थितियां मिलीं और बर्फ में दरारें पड़ने लगीं। अंततः CO2 पूरी तरह से गायब हो गई और एक ‘मंगल की मकड़ी’ का निर्माण हुआ।एक और अध्ययन में कीफर मॉडल का एक नया पहलू सामने आया, जिसमें पता चला कि जमीन के अंदर भी बर्फ बनती है, जिससे वह भी फट जाती है। इससे मकड़ियों के पैरों के ज़िग-ज़ैग आकार का रहस्य सुलझ सकता है।JPL की वैज्ञानिक सेरीना डिनिएगा ने कहा, “यह दिखाता है कि प्रकृति वैसी नहीं होती जैसी किताबों में पढ़ाई जाती है, बल्कि उससे ज्यादा जटिल होती है।”इन ‘मंगल की मकड़ियों’ के रहस्य को और बेहतर तरीके से समझने के लिए और अधिक शोध की योजना बनाई जा रही है। वैज्ञानिक यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि ये संरचनाएं मंगल के कुछ हिस्सों में ही क्यों बनती हैं और हर साल इनकी संख्या में वृद्धि क्यों नहीं होती। - नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि सरकार ने खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के विकास के लिए पिछले 10 वर्षों में कई सुधार किए हैं। इन कदमों का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि भारत खाद्य क्षेत्र में नवाचार, स्थिरता तथा सुरक्षा के वैश्विक मानक स्थापित करे। प्रधानमंत्री का संदेश विश्व खाद्य भारत 2024 के तीसरे संस्करण में पढ़ा गया। यह कार्यक्रम 19 से 22 सितंबर तक राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में 90 से अधिक देश हिस्सा लेंगे।मोदी ने कहा, ‘‘ आधुनिक युग में प्रगतिशील कृषि पद्धतियों, मजबूत प्रशासनिक ढांचे और अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों के जरिये हमारा प्रयास यह सुनिश्चित करना है कि भारत खाद्य क्षेत्र में नवाचार, स्थिरता तथा सुरक्षा के लिए वैश्विक मानक स्थापित करे।’’उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में सरकार ने खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में बदलाव लाने के लिए व्यापक सुधार लागू किए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ खाद्य प्रसंस्करण में 100 प्रतिशत एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश), प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना, सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों का औपचारिकीकरण, खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना जैसी बहुआयामी पहलों के जरिये हम देश भर में आधुनिक बुनियादी ढांचे, मजबूत आपूर्ति श्रृंखलाओं और रोजगार सृजन का मजबूत परिवेश तैयार कर रहे हैं।’’मोदी ने कहा कि कई देशों की भागीदारी से विश्व खाद्य भारत 2024 वैश्विक खाद्य उद्योग, शिक्षा तथा अनुसंधान के क्षेत्र में प्रतिभाशाली लोगों के लिए विशेष मंच के रूप में सामने आया है। इसमें वे बढ़ते अवसरों का अधिकतम लाभ उठा सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ भारत में एक जीवंत तथा विविध खाद्य संस्कृति है। भारतीय खाद्य परिवेश की रीढ़ किसान हैं। यह किसान ही हैं जिन्होंने पाक उत्कृष्टता की पौष्टिक तथा स्वादिष्ट परंपराओं को सुनिश्चित किया है। हम नवीन नीतियों और उनके कार्यान्वयन के साथ उनकी कड़ी मेहनत का समर्थन कर रहे हैं।’’प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार का लक्ष्य छोटे उद्यमों को सशक्त बनाना है। मोदी ने साथ ही कहा कि भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) द्वारा वैश्विक खाद्य नियामक शिखर सम्मेलन का आयोजन विश्व स्वास्थ्य संगठन, खाद्य एवं कृषि संगठन और कई प्रतिष्ठित घरेलू संस्थानों सहित वैश्विक नियामकों को एक मंच पर लाएगा। इससे खाद्य सुरक्षा, गुणवत्ता मानकों और सर्वोत्तम प्रथाओं जैसे व्यापक मुद्दों पर चर्चा की जा सकेगी।
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नई दिल्ली। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को नई दिल्ली में ट्रेड मार्क सर्च और आईपी सारथी चैट बॉट के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग का उद्घाटन किया। कार्यक्रम में श्री गोयल ने कहा कि भारत के पास दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी ट्रेडमार्क प्रणाली है।उन्होंने कहा कि नई शुरू की गई पहलों को लागू करने के बाद, भारत को दुनिया में एक नई रैंक प्राप्त होगी।
श्री गोयल ने बताया कि उनके मंत्रालय ने स्टार्टअप, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम, महिला उद्यमियों, शैक्षणिक संस्थानों और व्यक्तियों के लिए पेटेंट पंजीकरण के 80 प्रतिशत शुल्क को कम करने का निर्णय लिया है। -
नई दिल्ली। मौसम विभाग ने अगले 3 दिनों में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश में तेज बारिश की आशंका व्यक्त की है। 24 सितंबर तक छत्तीसगढ़, असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा के अलग-अलग हिस्सों में भी तेज बारिश का अनुमान है।
मौसम विभाग ने आज तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल में गर्म और आर्द्र मौसम रहने का अनुमान व्यक्त किया है। विभाग ने कहा कि इस सप्ताह के दौरान कोंकण और गोवा में हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है। इस बीच, दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों में देर रात से हल्की से मध्यम बारिश हो रही है। राष्ट्रीय राजधानी में आज सुबह हुई बारिश से यातायात पर भी असर पड़ा। - नवादा। बिहार के नवादा जिले में भूमि विवाद को लेकर कई मकानों को आग लगाने से संबंधित मामले में पुलिस ने अब तक 15 लोगों को गिरफ्तार किया है। नवादा के जिलाधिकारी (डीएम) आशुतोष कुमार वर्मा ने मुफस्सिल थाना अंतर्गत मांझी टोला में बुधवार शाम को हुई इस घटना के बारे में कहा, “जिला पुलिस ने घटना के सिलसिले में अब तक 15 लोगों को गिरफ्तार किया है और अन्य लोगों की तलाश जारी है। मामले की जांच के लिए पुलिस ने एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है।”डीएम ने कहा कि प्रारंभिक जांच में पता चलता है कि मांझी टोला में कल रात लोगों के एक समूह ने कुल 21 मकानों में को कथित तौर पर आग लगा दी। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी घटनास्थल पर मौजूद हैं और वे जल्द ही एक रिपोर्ट प्रस्तुत करके यह बताएंगे कि कितने मकान क्षतिग्रस्त हुए या जल गए और सभी आरोपियों को जल्द ही पकड़ लिया जाएगा। वर्मा ने कहा कि वे मांझी टोला में पीड़ितों को भोजन सामग्री और पीने के पानी समेत सभी राहत सामग्री प्रदान कर रहे हैं।उन्होंने कहा कि पीड़ितों के लिए अस्थायी टेंट लगाए गए हैं और उन्हें वहां स्थानांतरित किया जा रहा है। डीएम ने इन खबरों का खंडन किया कि घटना के दौरान खंभों से बंधे कुछ मवेशियों की भी जलकर मौत हो गई।उन्होंने कहा कि अभी तक ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है। घटना के तुरंत बाद नवादा के पुलिस अधीक्षक (एसपी) अभिनव धीमान ने संवाददाताओं से कहा था कि शाम 7 बजे के आसपास फोन पर जानकारी मिली थी कि मांझी टोला में कुछ घरों में आग लगा दी गई है।उन्होंने कहा था कि पुलिस तुरंत दमकल की गाड़ियों के साथ मौके पर पहुंची और आग बुझाने में कुछ समय लगा। एसपी ने कहा था कि प्रारंभिक जांच में पता चलता है कि घटना का कारण भूमि विवाद है और इस संबंध में मामला दर्ज कर जांच की जा रही है।पुलिस के एक अन्य अधिकारी ने कहा था कि आगजनी में शामिल लोगों ने हवा में गोलियां भी चलाईं। बिहार में मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में लिखा, “महा जंगलराज! महा दानवराज! महा राक्षसराज! नवादा में दलितों के 100 से अधिक घरों में लगायी आग। नरेन्द्र मोदी और नीतीश कुमार के राज में बिहार में आग ही आग।मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बेफिक्र, राजग के सहयोगी दल बेख़बर! गरीब जले, मरे-इन्हें क्या? दलितों पर अत्याचार बर्दाश्त नहीं होगा।” वहीं केंद्रीय मंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के संस्थापक जीतन राम मांझी ने इस घटना के लिए यादव समुदाय को जिम्मेदार ठहराते हुए दावा किया कि इस मामले में गिरफ्तार किए गए लोगों में 12 यादव समुदाय से हैं। मांझी ने बृहस्पतिवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान यादव समुदाय के लोगों पर प्रदेश में दलितों की जमीन पर जबरन कब्जा करने का आरोप लगाते हुए दावा किया कि इस समुदाय ने उस स्थान पर रह रहे पासवान समुदाय के लोगों को उकसा कर इस घटना को अंजाम दिया है।उन्होंने विरोधियों पर जानबूझकर बिहार की नीतीश कुमार नीत राजग सरकार को कटघरे में खड़ा करने के लिए इस तरह की राजनीतिक साजिश रचने का आरोप लगाते हुए कहा कि पीड़ितों के लिए बचाव और राहत कार्य जारी है तथा सभी को उचित मुआवजा दिया जाएगा। मांझी ने कहा कि इस मामले में अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी । उन्होंने यह भी कहा कि वह खुद 22 सितंबर को घटनास्थल का दौरा करेंगे।
- जम्मू. निर्वाचन आयोग ने बताया कि बुधवार को जम्मू-कश्मीर में सात जिलों की 24 विधानसभा सीटों के लिए हुए पहले चरण के चुनाव में 61 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ। आयोग ने कहा कि ये अस्थायी आंकड़े हैं और डाक मतपत्रों तथा दूरदराज के इलाकों से अंतिम रिपोर्ट आने के बाद इनमें वृद्धि हो सकती है। पहले चरण में सात जिलों के 24 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान हुआ।निर्वाचन आयोग ने बताया कि किश्तवाड़ जिले में सबसे अधिक 80.14 प्रतिशत मतदान हुआ, जिसके बाद डोडा (71.34 प्रतिशत) और रामबन (70.55 प्रतिशत) का स्थान रहा। आयोग ने बताया कि दक्षिण कश्मीर में कुलगाम जिले में सबसे अधिक 62.46 प्रतिशत मतदान हुआ, जिसके बाद अनंतनाग जिले में 57.84 प्रतिशत, शोपियां जिले में 55.96 प्रतिशत और पुलवामा जिले में 46.65 प्रतिशत मतदान हुआ। अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद जम्मू-कश्मीर में यह पहला विधानसभा चुनाव है। पिछला विधानसभा चुनाव 2014 में हुआ था। निर्वाचन आयोग ने देर रात एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, ‘‘जम्मू-कश्मीर विधानसभा के लिए चुनाव के पहले चरण में रात 11:30 बजे तक की स्थिति के अनुसार लगभग 61.11 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। जैसे-जैसे शेष मतदान दल वापस लौटते रहेंगे, अधिकारी इसे अपडेट करते रहेंगे।'' इससे पहले, शाम छह बजे मतदान खत्म होने के बाद जम्मू कश्मीर के मुख्य निर्वाचन अधिकारी पी के पोले ने बताया कि केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव के पहले चरण में करीब 59 प्रतिशत मतदान हुआ जो ‘‘पिछले सात चुनावों में सर्वाधिक मतदान है।'' पोले ने संवाददाताओं से कहा कि बिना किसी अप्रिय घटना के चुनाव शांतिपूर्ण संपन्न हो गया।
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नई दिल्ली। दिल्ली की नामित मुख्यमंत्री आतिशी के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल में आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक मुकेश अहलावत नया चेहरा होंगे जबकि चार मंत्री बरकरार रहेंगे।‘आप’ ने गुरुवार को यह जानकारी दी। दिल्ली की मुख्यमंत्री नामित की गईं आतिशी और उनके मंत्रिमंडल के सहयोगी 21 सितंबर को पद की शपथ लेंगे। आप ने कहा कि गोपाल राय, सौरभ भारद्वाज, कैलाश गहलोत और इमरान हुसैन को पुन: मंत्रिमंडल में जगह दी जाएगी।दिल्ली के सुल्तानपुर माजरा से विधायक अहलावत को समाज कल्याण मंत्री राज कुमार आनंद द्वारा इस्तीफा देने के बाद खाली हुए स्थान पर शामिल किया जाएगा। आनंद ने अप्रैल में केजरीवाल सरकार से इस्तीफा दे दिया था और ‘आप’ से भी नाता तोड़ लिया था। दिल्ली सरकार के मंत्रिपरिषद में मुख्यमंत्री समेत सात सदस्य हैं। नयी मुख्यमंत्री और नये सदस्यों का कार्यकाल संक्षिप्त होगा क्योंकि अगले साल फरवरी में दिल्ली विधानसभा चुनाव कराए जाएंगे। दिल्ली सरकार के मंत्रिमंडल के सातवें सदस्य के नाम की घोषणा होना अभी बाकी है।
- अमरावती. आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने बुधवार को आरोप लगाया कि राज्य की पिछली युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) सरकार ने विश्व प्रसिद्ध तिरुपति मंदिर में लड्डू बनाने में घटिया सामग्री और पशु चर्बी का इस्तेमाल किया था। तिरुपति के श्री वेंकटेश्वर मंदिर में तिरुपति लड्डू चढ़ाया जाता है। मंदिर का संचालन तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) करता है। नायडू ने यहां राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) विधायक दल की एक बैठक को संबोधित करते हुए दावा किया, “यहां तक कि तिरुमला लड्डू भी घटिया सामग्री से बनाया गया था...उन्होंने घी की जगह पशु चर्बी का इस्तेमाल किया था।” मुख्यमंत्री नायडू ने हालांकि कहा कि अब शुद्ध घी का उपयोग किया जा रहा है, जिससे गुणवत्ता में सुधार हुआ है।
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जयपुर. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को कहा कि अनुसंधान व विकास के क्षेत्र में महिलाओं की अधिक भागीदारी न केवल देश के सामाजिक एवं आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है बल्कि हमारी बेटियों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए भी आवश्यक है। वह यहां मालवीय राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एमएनआईटी) के 18वें दीक्षांत समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा, ‘‘आज जो मैंने 20 स्वर्ण पदक दिए हैं, उनमें से 12 पदक हमारी बेटियों ने प्राप्त किए हैं। पदक विजेताओं में बेटियों का यह अनुपात इस बात का प्रमाण है कि अगर उन्हें समान अवसर दिए जाएं तो वे अपेक्षाकृत अधिक उत्कृष्टता हासिल कर सकती हैं।'' राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘मैं आज उपाधि और पदक प्राप्त करने वाली सभी बेटियों को विशेष बधाई देती हूं। अनुसंधान व विकास के क्षेत्र में महिलाओं की अधिक भागीदारी न केवल देश के सामाजिक व आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है बल्कि हमारी बेटियों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए भी आवश्यक है।'' मुर्मू ने कहा, ‘‘हमने भारत को 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य तय किया है। राष्ट्रीय विकास को नेतृत्व प्रदान करना आपका कर्तव्य है। आपको अपने देश को आगे बढ़ाना है। आप अपनी विद्या और दृढ़ संकल्प के बल पर व्यक्तिगत जीवन के साथ-साथ देश के भविष्य को स्वरूप प्रदान करने के लिए आगे बढ़ेंगे।'' कार्यक्रम में राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भी उपस्थित रहे।
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नयी दिल्ली. सरकार ने गेहूं की कीमतों को स्थिर करने के प्रयास के तहत बुधवार को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के लाभार्थियों को अक्टूबर से गेहूं का आवंटन बढ़ाने की घोषणा की। खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने नरेन्द्र मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल की 100 दिन की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मंत्रियों की एक समिति ने पीएमजीकेएवाई के तहत अतिरिक्त 35 लाख टन गेहूं के लिए मंजूरी दी है। उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यह बढ़ा हुआ आवंटन मार्च, 2025 तक जारी रहेगा। इससे संभवतः योजना के तहत गेहूं-चावल अनुपात को बहाल करने का प्रयास किया जा सकेगा। यह पूछे जाने पर कि क्या इस बढ़ी हुई मात्रा से गेहूं-चावल का अनुपात बहाल हो जाएगा, सचिव ने कहा, “यह अब भी सामान्य मात्रा से 10-20 लाख टन कम होगा।” उन्होंने कहा कि भविष्य के घटनाक्रमों के आधार पर आवंटन की समीक्षा की जा सकती है।
सरकार ने कम घरेलू उत्पादन से आपूर्ति घटने के कारण मई, 2022 में पीएमजीकेएवाई के तहत गेहूं का आवंटन 1.82 करोड़ टन से घटाकर 71 लाख टन करते हुए चावल का आवंटन बढ़ा दिया था। चोपड़ा ने पिछले साल के 11.29 करोड़ टन के बंपर उत्पादन का हवाला देते हुए कहा है कि फिलहाल गेहूं की उपलब्धता ‘पर्याप्त' है। उन्होंने कहा, “उद्योग के अनुमानों के अनुसार भी यह पिछले वर्ष की तुलना में कम से कम 40-50 लाख टन अधिक है।” पिछले वर्ष वास्तविक उत्पादन 11.29 करोड़ टन था, जबकि सरकारी खरीद 2.66 करोड़ टन थी।
बाजार की चिंताओं के बारे में चोपड़ा ने कहा कि गेहूं और गेहूं उत्पादों की कीमतों में स्थिरता को देखते हुए मुक्त बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत गेहूं बेचने की तत्काल कोई योजना नहीं है। हालांकि, उन्होंने भविष्य में ओएमएसएस की बिक्री से इनकार नहीं किया।
- नयी दिल्ली। सरकार ने किसानों को सस्ती दरों पर फसल पोषक तत्व मुहैया कराने के लिए बुधवार को आगामी रबी फसल सत्र के लिए फॉस्फेट एवं पोटाश (पीएंडके) से युक्त उर्वरकों पर 24,474.53 करोड़ रुपये की सब्सिडी देने को मंजूरी दी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस फैसले को मंजूरी दी गई। मंत्रिमंडल ने रबी सत्र 2024 (अक्टूबर, 2024 से मार्च, 2025 तक) के लिए पीएंडके उर्वरकों पर पोषक तत्व-आधारित सब्सिडी (एनबीएस) दरों को मंजूरी दी। एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, रबी सत्र 2024 के लिए अस्थायी बजटीय जरूरत लगभग 24,475.53 करोड़ रुपये होगी। इस निर्णय का उद्देश्य किसानों को सब्सिडी-युक्त, किफायती और उचित मूल्य पर उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित करना है। सरकार उर्वरक निर्माताओं/ आयातकों के जरिये किसानों को सब्सिडी कीमत पर 28 किस्मों के पीएंडके उर्वरक उपलब्ध करा रही है। पीएंडके उर्वरकों पर सब्सिडी एक अप्रैल, 2010 से लाई गई एनबीएस योजना से नियंत्रित होती है। बयान के मुताबिक, "उर्वरकों और उनमें इस्तेमाल होने वाले यूरिया, डीएपी, एमओपी और सल्फर की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में हाल के रुझानों को देखते हुए सरकार ने पीएंडके उर्वरकों पर रबी सत्र 2024 के लिए एनबीएस दरों को मंजूरी देने का फैसला किया है।" बयान में कहा गया है कि उर्वरक कंपनियों को एन (नाइट्रोजन), पी (फास्फोरस) और के (पोटाश) की स्वीकृत और अधिसूचित दरों के अनुरूप सब्सिडी प्रदान की जाएगी ताकि किसानों को सस्ती कीमतों पर उर्वरक उपलब्ध कराए जा सकें।
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने किसानों को लाभकारी मूल्य प्रदान करने और उपभोक्ताओं के लिए आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में उतार-चढ़ाव को नियंत्रित करने के लिए प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (पीएम-आशा) योजनाएं जारी रखने की मंजूरी दे दी है। इस पर 15वें वित्त आयोग के दौरान 2025-26 तक 35,000 करोड़ रुपये कुल वित्तीय व्यय होगा।
सरकार ने किसानों और उपभोक्ताओं को अधिक कुशलता से सेवा प्रदान करने के लिए मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) और मूल्य स्थिरीकरण कोष (पीएसएफ) योजनाओं को पीएम आशा में मिला दिया है। पीएम-आशा की एकीकृत योजना इसके कार्यान्वयन में और अधिक प्रभावशीलता लाएगी, जिससे न केवल किसानों को उनकी उपज के लिए लाभकारी मूल्य प्रदान करने में मदद मिलेगी, बल्कि उपभोक्ताओं को किफायती मूल्यों पर आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित करके मूल्यों में उतार-चढ़ाव को भी नियंत्रित किया जा सकेगा। पीएम-आशा में अब मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस), मूल्य स्थिरीकरण कोष (पीएसएफ), मूल्य घाटा भुगतान योजना (पीओपीएस) और बाजार हस्तक्षेप योजना (एमआईएस) के घटक शामिल होंगे।मूल्य समर्थन योजना के तहत एमएसपी पर अधिसूचित दलहन, तिलहन और खोपरा की खरीद 2024-25 मौसम से इन अधिसूचित फसलों के राष्ट्रीय उत्पादन का 25 प्रतिशत होगी, जिससे राज्यों को लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करने और संकटपूर्ण बिक्री को रोकने के लिए किसानों से एमएसपी पर इन फसलों की अधिक खरीद करने में मदद मिलेगी। हालाँकि, 2024-25 मौसम के लिए तुअर, उड़द और मसूर के मामले में यह सीमा लागू नहीं होगी क्योंकि 2024-25 मौसम के दौरान तुअर, उड़द और मसूर की 100 प्रतिशत खरीद होगी जैसा कि पहले फैसला किया गया था।सरकार ने एमएसपी पर अधिसूचित दलहन, तिलहन और खोपरा की खरीद के लिए किसानों से मौजूदा सरकारी गारंटी का नवीनीकरण करते हुए उसे बढ़ाकर 45,000 करोड़ रुपये कर दिया है। इससे कृषि एवं किसान कल्याण विभाग (डीएएंडएफडब्लू) को किसानों से एमएसपी पर दलहन, तिलहन और खोपरा की अधिक खरीद करने में मदद मिलेगी, जिसमें भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नेफेड) के ई-समृद्धि पोर्टल और भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ (एनसीसीएफ) के ई-संयुक्ति पोर्टल पर पहले से पंजीकृत किसान भी शामिल हैं, जब बाजार में कीमतें एमएसपी से नीचे गिरती हैं। इससे किसान देश में इन फसलों की अधिक खेती करने के लिए प्रेरित होंगे और इन फसलों में आत्मनिर्भरता हासिल करने में योगदान देंगे, जिससे घरेलू आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए आयात पर निर्भरता कम होगी।मूल्य स्थिरीकरण कोष (पीएसएफ) योजना के विस्तार से दालों और प्याज के रणनीतिक सुरक्षित भंडार को बनाए रखने, जमाखोरी करने वालों और विवेकहीन अटकलें लगाने वालों को हतोत्साहित करने और उपभोक्ताओं को सस्ती कीमतों पर आपूर्ति करने के लिए कृषि-बागवानी वस्तुओं की कीमतों में अत्यधिक अस्थिरता से बचाने में मदद मिलेगी। जब भी बाजार में कीमतें एमएसपी से ऊपर होंगी, तो बाजार मूल्य पर दालों की खरीद उपभोक्ता कार्य विभाग (डीओसीए) द्वारा की जाएगी, जिसमें नैफेड के ई-समृद्धि पोर्टल और एनसीसीएफ के ई-संयुक्ति पोर्टल पर पूर्व-पंजीकृत किसान भी शामिल होंगे। सुरक्षित भंडार के रखरखाव के अलावा, पीएसएफ योजना के तहत हस्तक्षेप टमाटर जैसी अन्य फसलों और भारत दाल, भारत आटा और भारत चावल की सब्सिडी वाली खुदरा बिक्री में किया गया है।राज्यों को अधिसूचित तिलहनों के लिए एक विकल्प के रूप में मूल्य घाटा भुगतान योजना (पीडीपीएस) के कार्यान्वयन के लिए आगे आने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए, कवरेज को राज्य तिलहन उत्पादन के मौजूदा 25 प्रतिशत से बढ़ाकर 40 प्रतिशत कर दिया गया है और किसानों के लाभ के लिए कार्यान्वयन अवधि को 3 महीने से बढ़ाकर 4 महीने कर दिया गया है। केन्द्र सरकार द्वारा वहन किए जाने वाले एमएसपी और बिक्री/मॉडल मूल्य के बीच अंतर का मुआवजा एमएसपी के 15 प्रतिशत तक सीमित है।परिवर्तनों के साथ बाजार हस्तक्षेप योजना (एमआईएस) के कार्यान्वयन का विस्तार खराब होने वाली बागवानी फसलों को उगाने वाले किसानों को लाभकारी मूल्य प्रदान करेगा। सरकार ने कवरेज को उपज के 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत कर दिया है और एमआईएस के तहत उपज की खरीद के बजाय किसानों के खाते में सीधे अंतर संबंधी भुगतान करने का एक नया विकल्प जोड़ा है। इसके अलावा, टीओपी (टमाटर, प्याज और आलू) फसलों के मामले में, सबसे अधिक कटाई के समय पर उत्पादक राज्यों और उपभोक्ता राज्यों के बीच टीओपी फसलों की कीमत के अंतर को पाटने के लिए, सरकार ने नेफेड और एनसीसीएफ जैसी केन्द्रीय नोडल एजेंसियों द्वारा किए जाने वाले कार्यों के लिए परिवहन और भंडारण व्यय को वहन करने का निर्णय लिया है, जिससे न केवल किसानों को लाभकारी मूल्य सुनिश्चित होगा, बल्कि बाजार में उपभोक्ताओं के लिए टीओपी फसलों की कीमतों में भी नरमी देखने को मिलेगी। -
नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को नए चंद्र अभियान ‘चंद्रयान-4’ को मंजूरी दे दी जिसका उद्देश्य भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा पर उतारने तथा उन्हें सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाने के लिए आवश्यक टेक्नोलॉजी का विकास करना है।एक बयान में कहा गया कि ‘चंद्रयान-4’ अभियान भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को (वर्ष 2040 तक) चंद्रमा पर उतारने और सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाने के लिए आधारभूत प्रौद्योगिकियों को विकसित करेगा।इसमें कहा गया, ‘‘अंतरिक्ष केंद्र से जुड़ने/हटने, यान के उतरने, पृथ्वी पर सुरक्षित वापसी तथा चंद्र नमूना संग्रह और विश्लेषण के लिए आवश्यक प्रमुख प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन किया जाएगा।’’बयान में कहा गया है कि ‘चंद्रयान-4’ अभियान के प्रौद्योगिकी प्रदर्शन के लिए कुल 2,104.06 करोड़ रुपये की धनराशि की आवश्यकता है।इसमें कहा गया कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अंतरिक्ष यान के विकास और प्रक्षेपण के लिए जिम्मेदार होगा।
उद्योग और शिक्षा जगत की भागीदारी से इस अभियान को मंजूरी मिलने के 36 महीने के भीतर पूरा कर लिया जाएगा। बयान में कहा गया कि इससे संबंधित सभी महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों को स्वदेशी रूप से विकसित किए जाने की परिकल्पना की गई है। -
नई दिल्ली। सरकार ने गेहूं की कीमतों को स्थिर करने के प्रयास के तहत बुधवार को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) के लाभार्थियों को अक्टूबर से गेहूं का आवंटन बढ़ाने की घोषणा की।
खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने नरेन्द्र मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल की 100 दिन की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मंत्रियों की एक समिति ने PMGKAY सरकार अक्टूबर से बढ़ाएगी प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत गेहूं का आवंटन के तहत अतिरिक्त 35 लाख टन गेहूं के लिए मंजूरी दी है।उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यह बढ़ा हुआ आवंटन मार्च, 2025 तक जारी रहेगा। इससे संभवतः योजना के तहत गेहूं-चावल अनुपात को बहाल करने का प्रयास किया जा सकेगा। यह पूछे जाने पर कि क्या इस बढ़ी हुई मात्रा से गेहूं-चावल का अनुपात बहाल हो जाएगा, सचिव ने कहा, “यह अब भी सामान्य मात्रा से 10-20 लाख टन कम होगा।”उन्होंने कहा कि भविष्य के घटनाक्रमों के आधार पर आवंटन की समीक्षा की जा सकती है। सरकार ने कम घरेलू उत्पादन से आपूर्ति घटने के कारण मई, 2022 में पीएमजीकेएवाई के तहत गेहूं का आवंटन 1.82 करोड़ टन से घटाकर 71 लाख टन करते हुए चावल का आवंटन बढ़ा दिया था।चोपड़ा ने पिछले साल के 11.29 करोड़ टन के बंपर उत्पादन का हवाला देते हुए कहा है कि फिलहाल गेहूं की उपलब्धता ‘पर्याप्त’ है। उन्होंने कहा, “उद्योग के अनुमानों के अनुसार भी यह पिछले वर्ष की तुलना में कम से कम 40-50 लाख टन अधिक है।”पिछले वर्ष वास्तविक उत्पादन 11.29 करोड़ टन था, जबकि सरकारी खरीद 2.66 करोड़ टन थी। बाजार की चिंताओं के बारे में चोपड़ा ने कहा कि गेहूं और गेहूं उत्पादों की कीमतों में स्थिरता को देखते हुए मुक्त बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत गेहूं बेचने की तत्काल कोई योजना नहीं है। हालांकि, उन्होंने भविष्य में ओएमएसएस की बिक्री से इनकार नहीं किया। - वाशिंगटन. पूर्व मंत्री स्मृति ईरानी ने सोमवार को कहा कि भारत द्वारा की गई प्रगति के बारे में वैश्विक स्तर पर जानकारी का अभाव है और उसकी वित्तीय संभावनाओं से दुनिया पूरी तरह अवगत नहीं है। ईरानी ने यहां ‘ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन अमेरिका' के दौरान एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि हमारे देश की वित्तीय संभावनाओं से दुनिया पूरी तरह अवगत है।'' ईरानी अमेरिका की अनौपचारिक यात्रा पर हैं। उन्होंने कहा कि भारत ने कितनी प्रगति की है, इस बारे में जानकारी की कमी है। उन्होंने कहा, ‘‘भारत में जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए की गई कार्रवाई के बारे में ज्यादा सूचनाएं नहीं हैं। इसी तरह से देश में विशुद्ध विनिर्माण, यहां के कृषि आधारित उद्योग के बारे में यह गलत धारणा है कि हमारी अर्थव्यवस्था केवल बड़े व्यवसायों के लिए खुली है।'' पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘वर्तमान में अगर आप हमारे देश में छोटे कारोबारियों को देखें तो 90 प्रतिशत खुदरा व्यापार तथाकथित असंगठित क्षेत्र में होता है। व्यवसाय के दृष्टिकोण से छोटी दुकानें जिन्हें अक्सर दिल्ली में ‘किराना दुकान' या अमेरिका में ‘मॉम-एंड-पॉप स्टोर' कहा जाता है, वे 844 अरब अमेरिकी डॉलर का कारोबार कर रही हैं।'' ईरानी ने तीन महीने से भी कम समय में कोविड-19 रोधी टीके की 2.2 अरब खुराक देने की उपलब्धि को भी रेखांकित किया। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नेता ने कहा, ‘‘भारत से बाहर के लोग, खासकर पश्चिमी देशों से लोग हैरान थे। उन्हें हैरानी थी कि हमने एक ऐप के जरिए न सिर्फ लोगों को कोविड-19 रोधी टीका दिया बल्कि 6,00,000 गांव के लोग वास्तव में यह जानते थे कि महामारी में उन्हें क्या करना है।'' उन्होंने कहा कि अन्य देश भी इस बात से चकित थे कि भारत केवल तीन महीनों में पीपीई सूट निर्माण में एक प्रमुख शक्ति बन सकता है, दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता बन सकता है, चीन के साथ प्रतिस्पर्धा कर सकता है तथा आपूर्ति श्रृंखला में वित्तीय बाधाओं को तोड़ सकता है। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया के कदम उठाने का इंतजार नहीं कर रहा है, बल्कि उसने दुनिया को फायदा पहुंचाने वाले समाधान तैयार प्रस्तुत किए हैं।
- नयी दिल्ली वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को रेल मंत्रालय की पूंजीगत व्यय योजना की समीक्षा की और अधिकारियों से यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा पर ध्यान केंद्रित करने को कहा। सीतारमण ने अधिकारियों से कवच (भारत की स्वदेशी स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (एटीपी) प्रणाली के कार्यान्वयन में चरणबद्ध तरीके से तेजी लाने और निर्धारित समय सीमा में आवंटित पूंजीगत व्यय लक्ष्य को पूरा करने को भी कहा। रेल मंत्रालय के अधिकारियों ने मंत्री को बताया कि कवच से संबंधित कार्य वर्तमान में दिल्ली-हावड़ा और दिल्ली-मुंबई खंडों पर 3000 मार्ग किमी (आरकेएम) से अधिक क्षेत्र में प्रगति पर हैं। वित्त मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है, ‘‘सीतारमण ने रेल मंत्रालय के अधिकारियों से क्षमता वृद्धि, सुरक्षा और यात्री सुविधा पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया। इसमें मौजूदा रेलवे पटरियों का दोहरीकरण और विद्युतीकरण तथा केंद्रीय बजट में प्रावधान किए गए पूंजीगत व्यय के अनुसार देश भर में नई रेलवे लाइनें बिछाना शामिल है।'' इन उपायों का मकसद नागरिकों के लिए 'जीवन को सुगम' बनाना है। सीतारमण ने कहा कि रेल मंत्रालय को यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा को बढ़ाने के लिए 2024-25 के अंतरिम बजट में घोषित 40,000 सामान्य रेल बोगियों को वंदे भारत मानकों के अनुरूप बदलने में तेजी लानी चाहिए। बयान में कहा गया है कि सीतारमण ने अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि कि वित्त वर्ष 2024-25 के लिए पूंजीगत व्यय लक्ष्य समयबद्ध तरीके से हासिल किया जाए और इस सरकार के पहले 100 दिनों में हासिल की गई गति को आगे बढ़ाया जाए। यह बैठक, महत्वपूर्ण पूंजीगत व्यय वाले मंत्रालयों और विभागों के साथ निर्धारित समीक्षा बैठकों की श्रृंखला का एक हिस्सा है।
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नयी दिल्ली. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि सरकार देश में जनगणना कराने के लिए ‘‘बहुत जल्द'' घोषणा करेगी। जनगणना के बारे में सवाल पूछे जाने पर शाह ने कहा, ‘‘हम बहुत जल्द इसकी घोषणा करेंगे। हर 10 साल में होने वाली जनगणना की कवायद में कोविड-19 महामारी के कारण देरी हुई है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के तीसरे कार्यकाल के 100 दिन पूरे होने के अवसर पर शाह ने सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव के साथ एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘जब हम जनगणना की घोषणा करेंगे तो हम सभी विवरण सार्वजनिक करेंगे।'' भारत में 1881 से हर 10 साल में जनगणना की जाती है। इस दशक की जनगणना का पहला चरण एक अप्रैल, 2020 को शुरू होना था लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण इसे स्थगित करना पड़ा। शाह की यह टिप्पणी जाति आधारित जनगणना कराने की राजनीतिक दलों की मांग के बीच आई है।
नये आंकड़ों के अभाव में सरकारी एजेंसियां अब भी 2011 की जनगणना के आंकड़ों के आधार पर नीतियां बना रही हैं और सब्सिडी आवंटित कर रही हैं। -
नयी दिल्ली. केंद्रीय मंत्रियों और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेताओं ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिन पर उन्हें बधाई दी और उनके नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि वह अपने अथक परिश्रम, लगन और दूरदर्शिता से लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लेकर आए हैं और उन्होंने दुनिया में भारत का मान बढ़ाया है। प्रधानमंत्री मंगलवार को 74 साल के हो गए।
भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के पहले 100 दिनों की उपलब्धियों को रेखांकित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी, लोगों खासकर दलितों, युवाओं और महिलाओं के जीवन को बेहतर बनाने के लिए काम कर रहे हैं। भाजपा, प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन को सेवा दिवस और आज से दो अक्टूबर तक सेवा पखवाड़ा के रूप में मनाती है। नड्डा ने इस अवसर पर पार्टी मुख्यालय में एक रक्तदान शिविर की शुरुआत की और सरकार के 100 दिनों पर आयोजित एक प्रदर्शनी का उद्घाटन भी किया। उन्होंने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने समर्पण के साथ गांव, गरीब, वंचित, पीड़ित, युवा, महिला और किसान की चिंता की है और उनके जवन में सुधार लाने का प्रयास किया है।'' प्रधानमंत्री को एक ‘महान शख्सियत' बताते हुए नड्डा ने कहा कि उन्होंने अपना जीवन देश और मानवता की सेवा में खपा दिया है। नड्डा ने मोदी सरकार की विभिन्न उपलब्धियों को रेखांकित करते हुए वरिष्ठ नागरिकों के लिए आयुष्मान भारत योजना, तीन करोड़ पीएम आवास योजना, एकीकृत पेंशन योजना और 12 नए स्मार्ट सिटी योजना को मंजूरी दिए जाने सहित कुछ अन्य योजनाओं का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के सभी विभाग और केंद्रीय मंत्री देश की जनता के सामने रिपोर्ट कार्ड पेश कर उन्हें मोदी सरकार के पहले 100 दिनों में किए गए कार्यों से अवगत कराएंगे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री को जन्मदिन की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भारत ही नहीं पूरे विश्व ने उनके दूरदर्शी एवं सशक्त नेतृत्व को देखा और अनुभव किया है। उन्होंने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी ने पूरी तत्परता, तन्मयता और तपस्वी भाव के साथ देश का नेतृत्व किया है और आज भी कर रहे हैं। गरीब कल्याण से लेकर समाज के हर व्यक्ति के कल्याण की उन्होंने चिंता की है और उसके लिए पूरे मनोयोग से काम किया है।'' उन्होंने कहा कि आज भारत उनके नेतृत्व में ‘विकसित' बनने के विराट लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये, एक सक्षम और सशक्त राष्ट्र के रूप में अपनी पहचान बना रहा है। रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘पिछले दस वर्षों में भारत ने जो कदम आगे बढ़ाये हैं, आज उनकी मज़बूती के बल पर भारत नई बुलंदियों को छूने का आकांक्षी है। यह हौसला और विश्वास प्रधानमंत्री के अथक परिश्रम और उनके प्रयासों का सुपरिणाम है।'' केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को जन्मदिन की बधाई दी और कहा कि वे अपने अथक परिश्रम, लगन और दूरदर्शिता से लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लेकर आए हैं और उन्होंने दुनिया में भारत का मान बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने अपने दशकों के सार्वजनिक जीवन में राष्ट्र के लिए त्याग और समर्पण के नए मानक तय किए हैं। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि देश को मोदी के रूप में एक ऐसा निर्णायक नेता मिला है, जिसने वंचित वर्ग के जीवन में बदलाव लाने का काम किया है। शाह ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर हैशटैग ‘हैप्पी बर्थडे मोदीजी' के साथ लिखा, ‘‘लोकप्रिय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदीजी को जन्मदिन की हार्दिक बधाई, जो अपने अथक परिश्रम, लगन और दूरदृष्टि से देशवासियों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाए हैं और उन्होंने देशवासियों का आत्मगौरव बढ़ाने के साथ-साथ भारत का मान भी बढ़ाया है। मैं ईश्वर से आपके स्वस्थ एवं दीर्घायु जीवन की प्रार्थना करता हूं।'' शाह लंबे समय से मोदी के राजनीतिक सहयोगी रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने देश में ‘राष्ट्र प्रथम' के विचार को पुनर्स्थापित करने की दिशा में काम किया है। शाह ने कहा कि मोदी जी ने ‘नए भारत' के दृष्टिकोण के साथ विरासत से लेकर विज्ञान तक को जोड़ा है और अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति व जनकल्याण के संकल्प से असंभव लगने वाले अनेक कार्यों को संभव बनाकर गरीबों के कल्याण के नए कीर्तिमान रचे हैं। केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी ने प्रधानमंत्री के बेहतर स्वास्थ्य और दीर्घायु होने के साथ ही उनके नेतृत्व में देश से भय, भूख, आतंक और भ्रष्टाचार के पूरी तरह समाप्त होने तथा उसके पुन: विश्व गुरू का स्थान प्राप्त करने की कामना की। उन्होंने कहा, ‘‘140 करोड़ भारतीयों को अपना परिवार मानते हुए गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी शक्ति के सशक्तिकरण को समर्पित विश्व के सर्वाधिक लोकप्रिय नेता, तीसरी बार भारत के प्रधानमंत्री बने नरेन्द्र मोदी के जन्मदिन पर उन्हें अनंत शुभकामनाएं।'' केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी ऐसे समय में हमारा नेतृत्व कर रहे हैं जब प्रमुख वैश्विक अर्थव्यवस्थाएं घटती वृद्धि और अन्य चुनौतियों का सामना कर रही हैं। भारत, अपने मजबूत आर्थिक बुनियादी ढांचे के साथ, दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना हुआ है।'' उन्होंने कहा, ‘‘मैं प्रार्थना करती हूं कि उन्हें अच्छा स्वास्थ्य और दीर्घायु प्राप्त हो और वे हमें इसी प्रकार नेतृत्व प्रदान करते रहें।'' विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिवस पर उनके दीर्घ, स्वस्थ और सुखी जीवन की कामना करता हूं। हमारे राष्ट्र को विकसित भारत की ओर ले जाने में आपका नेतृत्व हम सभी को प्रेरित करता है। हमारी विदेश नीति उस सोच को साकार करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।'' केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि उन्होंने सदैव जन-जन के कल्याण को अपने जीवन का ध्येय मानकर, हर व्यक्ति को सक्षम और समृद्ध बनाने की दिशा में दृढ़ता से कार्य किया है। उन्होंने कहा, ‘‘ये आपका ही दूरदर्शी नेतृत्व है जिसके चलते भारत की अर्थव्यस्था निरंतर मजबूत हो रही है। आज कोई भी राष्ट्र हो, उसमें भारत के साथ व्यापार करने का विश्वास जगा है। विकसित भारत के निर्माण के लिए आपसे मिला मार्गदर्शन अमूल्य है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि 2047 तक आपके संकल्पित इस लक्ष्य को हम सभी अवश्य पूरा करेंगे।'' वर्ष 1950 में 17 सितंबर के दिन नरेन्द्र दामोदर दास मोदी का जन्म हुआ। उन्हें 26 मई 2014 को भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने देश के 15वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ दिलायी। पांच बरस बाद 2019 में भाजपा ने नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में एक बार फिर चुनाव जीता और उन्होंने प्रधानमंत्री के रूप में अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत की। इस साल नौ जून को उन्होंने लगातार तीसरे कार्यकाल के लिये प्रधानमंत्री पद की शपथ ली, जिसके बाद मोदी पंडित जवाहर लाल नेहरू के बाद लगातार तीन बार प्रधानमंत्री बनने वाले पहले व्यक्ति हो गए हैं। मोदी देश के पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं, जिन्होंने आजाद भारत में जन्म लिया। -
नयी दिल्ली. केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने मंगलवार को कहा कि ‘प्रोजेक्ट चीता' के दो साल चुनौतीपूर्ण रहे हैं, जिसमें चीतों के आवास समायोजन से लेकर शावकों का जीवन बचाने तक कई बाधाओं को सफलतापूर्वक पार किया गया। यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा परिकल्पित यह परियोजना वैश्विक स्तर पर एक अग्रणी प्रयास है, जो लुप्तप्राय वन्यजीवों और पारिस्थितिकी तंत्र को सफलतापूर्वक बहाल किए जाने को लेकर उम्मीदों का संकेत है। उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर लिखा, ‘‘यह रास्ता आसान नहीं था। आवास समायोजन से लेकर जंगल में शावकों के अस्तित्व को सुनिश्चित करने तक कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा।'' उन्होंने कहा, ‘‘आज, जब दुनिया इन चीता शावकों को उनके प्राकृतिक आवास में फलते-फूलते देख रही है, तब हम न केवल उनके जीवित रहने की खुशी मना रहे हैं, बल्कि इन बड़े प्रयासों में शामिल सभी लोगों के समर्पण का भी जश्न मना रहे हैं।'' मंत्री ने कहा कि यह हमारे पारिस्थितिकी तंत्र में संतुलन बहाल करने की शुरुआत मात्र है तथा आगे और भी कई मील के पत्थर स्थापित करने हैं। चीतों के पहले अंतरमहाद्वीपीय स्थानांतरण के तहत अब तक 20 चीतों को मध्य प्रदेश के कुनो राष्ट्रीय उद्यान में लाया गया है। सितंबर 2022 में नामीबिया से आठ और फरवरी 2023 में दक्षिण अफ्रीका से 12 चीतों को लाया गया। भारत लाए जाने के बाद से आठ वयस्क चीते - तीन मादा और पांच नर - मर चुके हैं।
भारत में 17 शावकों का जन्म हुआ है, जिनमें से 12 जीवित हैं, जिससे कुनो में शावकों सहित चीतों की कुल संख्या 24 हो गई है। ‘प्रोजेक्ट चीता' के मंगलवार को दो वर्ष पूरे हो गए। -
नयी दिल्ली. छत्तीसगढ़ के बस्तर को नक्सली समस्या से मुक्त करने की मांग को लेकर ऐसी हिंसा के पीड़ितों का एक समूह इस हफ्ते राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू एवं केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात करेगा। बस्तर शांति समिति के बैनर तले करीब 50 पीड़ितों का यह समूह मंगलवार को दिल्ली पहुंचा। एक न्यूज़ एजेंसी को समिति ने बताया कि ये पीड़ित 19 सितंबर को राष्ट्रपति से और संभवत: 21 सितंबर को शाह से मुलाकात कर अपनी मांगें रखेंगे। समिति की ओर से जारी एक विज्ञप्ति के मुताबिक इसके अतिरिक्त वे दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करेंगे, दिल्ली में प्रेस वार्ता का आयोजन करेंगे और दिल्ली यूनिवर्सिटी और जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में भी कार्यक्रमों में शिरकत करेंगे। विज्ञप्ति के मुताबिक, पीड़ित इन कार्यक्रमों के जरिए देश को बताना चाहते हैं कि कैसे माओवादियों ने उनके जीवन को नर्क बना दिया है। इसमें कहा गया, ‘‘ 'केंजा नक्सली - मनवा माटा' (सुनो नक्सली - हमारी बात) कहते हुए ये पीड़ित अपनी आवाज़ दिल्ली में उठाएंगे और मांग करेंगे कि बस्तर को माओवाद-नक्सलवाद से मुक्त किया जाए।'' समिति ने कहा कि बीते चार दशकों से बस्तर माओवाद का जो दंश झेल रहा है, वह अब एक कैंसर बन चुका है और इसका जल्द से जल्द इलाज आवश्यक है। उसने कहा, ‘‘इस माओवाद-नक्सलवाद ने ना सिर्फ बस्तर की पीढ़ियों को बर्बाद किया बल्कि बस्तर के विकास की गति को भी लगभग रोक दिया। माओवादी आतंक के कारण बस्तर के युवाओं का भूत-भविष्य-वर्तमान आतंक के साये में रहा, वहीं बस्तर की पहचान भी लाल आतंक और रक्तरंजित भूमि के रूप में होने लगी।'' समिति के मुताबिक बीते ढाई दशकों में बस्तर क्षेत्र में माओवादियों ने 8,000 से अधिक ग्रामीणों की हत्या की है और हजारों लोग नक्सली हिंसा में दिव्यांग हो गए। समिति ने कहा, ‘‘इन्हीं सब कारणों को लेकर बस्तरवासी न्याय की गुहार लगाने दिल्ली पहुंचे हैं। बस्तरवासी चाहते हैं कि देश उनके दुःख, दर्द और पीड़ा को समझे, उसका भी समाधान निकाले और बस्तरवासियों को भी बारूद के ढेर की नहीं, बल्कि आजादी की सांस लेने दें।'' समिति ने कहा कि वह दिल्ली में अपनी प्रस्तावित मुलाकातों और कार्यक्रमों के दौरान मांग उठाएंगे कि जैसे देश के अन्य हिस्सों में सभी नागरिक आजादी से अपना जीवन व्यतीत करते हैं, वैसे इन्हें भी बस्तर में स्वच्छन्दता से जीवन जीने का अवसर मिले। दिल्ली पहुंचने से पहले इन नक्सल पीड़ितों ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय एवं उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा से मुलाक़ात की थी।
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श्रीनगर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की बुधवार को होने वाली चुनावी रैली से पहले यहां शेर-ए-कश्मीर पार्क के आसपास के इलाके में बहुस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। मोदी केंद्र शासित प्रदेश के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवारों के समर्थन में बुधवार को रैली करेंगे। यह चुनाव से पहले उनकी पहली रैली होगी। जम्मू कश्मीर की 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए तीन चरणों में 18 सितंबर, 25 सितंबर और एक अक्टूबर को मतदान होगा। नतीजों की घोषणा आठ अक्टूबर को की जाएगी। पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) वी के बिरदी ने मंगलवार को कहा, ‘‘हमने वीवीआईपी दौरे के मद्देनजर ऐसे आयोजनों के लिए निर्धारित मानक संचालन प्रक्रिया के अनुसार बहुस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की है।'' यह कार्यक्रम स्थल प्रतिष्ठित लाल चौक से एक किलोमीटर के दायरे में है। बिरदी ने कहा कि पुलिस ने पर्याप्त व्यवस्था की है। उन्होंने कहा, ‘‘हम यह सुनिश्चित करने के लिए नियमित यात्रा संबंधी परामर्श जारी करेंगे कि कार्यक्रम सुचारू रूप से आयोजित हो और लोगों को कम से कम असुविधा हो।'' अधिकारियों ने बताया कि प्रधानमंत्री की रैली के स्थल तक जाने वाली सड़कों पर बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है। उन्होंने बताया कि पुलिस और अर्धसैनिक बलों ने दर्जनों स्थानों पर वाहनों की जांच तेज कर दी है और विशेष चौकियां स्थापित की गई हैं। सुरक्षा बलों ने कार्यक्रम स्थल के आसपास गश्त बढ़ा दी है। इस साल प्रधानमंत्री का कश्मीर घाटी का यह तीसरा दौरा होगा। उन्होंने सात मार्च को बख्शी स्टेडियम में एक रैली को संबोधित किया था और 21 जून को एसकेआईसीसी (शेर-ए-कश्मीर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र) में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस में भाग लिया।
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नयी दिल्ली/ पंडित जवाहर लाल नेहरू के बाद लगातार तीन बार देश का प्रधानमंत्री बनने का रिकॉर्ड बनाने वाले नरेन्द्र दामोदरदास मोदी मंगलवार को 74 साल के हो गए। इस अवसर पर राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और लोकसभा अध्यक्ष के अलावा तमाम विपक्षी नेताओं भी ने उन्हें शुभकामनाएं दीं और उनके दीर्घायु जीवन की कामना की। मोदी देश के पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं, जिन्होंने आजाद भारत में जन्म लिया था। वर्ष 1950 में 17 सितंबर को उनका जन्म हुआ। इस साल नौ जून को उन्होंने लगातार तीसरे कार्यकाल के लिये प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 26 मई 2014 को मोदी को देश के 15वें प्रधानमंत्री के रूप में पहली बार शपथ दिलायी। पांच बरस बाद 2019 में भाजपा ने नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में एक बार फिर चुनाव जीता और उन्होंने प्रधानमंत्री के रूप में अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत की थी। केंद्र में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के घटक दलों के प्रमुखों, केंद्रीय मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेताओं ने भी उन्हें बधाई दी और उनके नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि वह अपने अथक परिश्रम, लगन और दूरदर्शिता से लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लेकर आए हैं और उन्होंने दुनिया में भारत का मान बढ़ाया है। अपने जन्मदिवस के दिन मोदी ने अपना अधिकतर समय ओडिशा में बिताया। उन्होंने रेलवे और राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं के अलावा राज्य सरकार की प्रमुख महिला-केंद्रित पहल सुभद्रा योजना की शुरुआत की। मोदी ने वहां एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए याद किया कि कैसे वह अपने जन्मदिन पर हर साल अपनी मां से मिलने जाते थे और उनका आशीर्वाद लेते थे। उन्होंने कहा, ‘‘यहां आने से पहले मैं हमारे एक आदिवासी परिवार के गृहप्रवेश के कार्यक्रम में उनके घर भी गया था। उस परिवार की मेरी बहन ने खुशी से खीरी भी खिलाई! और जब मैं खीरी खा रहा था तो स्वाभाविक था कि मुझे मेरी मां की याद आना।'' उन्होंने कहा, ‘‘क्योंकि जब मेरी मां जीवित थी तो मैं जन्मदिन पर हमेशा मां का आशीर्वाद लेने जाता था, और मां मेरे मुंह में गुड़ खिलाती थी। लेकिन मां तो नहीं है, आज एक आदिवासी मां ने खीरी खिलाकर मुझे जन्मदिन का आशीर्वाद दिया।'' इससे पहले, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मोदी को उनके 74वें जन्मदिन पर बधाई दी और कामना की कि उनके अभिनव प्रयास भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का मार्ग प्रशस्त करें। मुर्मू ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर लिखा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को जन्मदिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। आपने अपने व्यक्तित्व एवं कृतित्व के बल पर असाधारण नेतृत्व प्रदान किया है तथा देश की समृद्धि और प्रतिष्ठा में वृद्धि की है।'' उन्होंने कहा, ‘‘मेरी कामना है कि आपके द्वारा राष्ट्र प्रथम की भावना से किए जा रहे अभिनव प्रयासों से भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का मार्ग प्रशस्त हो। मैं ईश्वर से प्रार्थना करती हूं कि आप दीर्घायु हों तथा सदैव स्वस्थ एवं सानंद रहें।'' उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मोदी को बधाई देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने मजबूती के साथ देश को 2047 तक विकसित भारत की ओर अग्रसर किया है। उपराष्ट्रपति ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि मोदी ने दो दशक से ज्यादा समय तक शासन में और एक दशक से अधिक समय तक प्रधानमंत्री के तौर पर भारत की आत्मा को जगाया, इसके सांस्कृतिक मूल्यों में जान डाली और इसकी सभ्यता को पोषित किया। बाद में प्रधानमंत्री ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में जन्मदिन पर शुभकामनाओं के लिए सभी का आभार व्यक्त किया उन्होंने कहा, "मैं हर उस व्यक्ति को धन्यवाद देता हूं जिसने मुझे जन्मदिन की शुभकामनाएं दी हैं। यह स्नेह मुझे लोगों के लिए कड़ी मेहनत करते रहने की बहुत ताकत देता है।" उन्होंने कहा कि उनका जन्मदिवस के दिन ही उनके नेतृत्व वाली सरकार के तीसरे कार्यकाल के 100 दिन भी पूरे हो रहे हैं। उन्होंने कहा, "मुझे खुशी है कि पिछले 100 दिनों में जन-हितैषी और विकासोन्मुख निर्णयों की एक श्रृंखला रही है, जो विकसित भारत के निर्माण के हमारे लक्ष्य को और मजबूती प्रदान करेगी।" उन्होंने कहा, "आज कई लोगों ने समाज सेवा के प्रयासों में भाग लिया है। मैं उनके जज्बे को सलाम करता हूं और इन प्रयासों के लिए उनकी सराहना करता हूं।" लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री को जन्मदिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकमानायें । आपके सक्षम नेतृत्व में देश के जनसामान्य के जीवन में आमूलचूल परिवर्तन आया है। प्रधानमंत्री के रूप में आपने जो उच्च कोटि के आदर्श स्थापित किये हैं वे सार्वजनिक जीवन में कार्य करने वाले प्रत्येक जनप्रतिनिधि के लिये प्रेरणीय है।'' लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी मोदी को बधाई दी और उनके लंबे और स्वस्थ जीवन की कामना की। आंध्र प्रदेश और बिहार के मुख्यमंत्री क्रमश: एन चंद्रबाबू नायडू एवं नीतीश कुमार ने भी प्रधानमंत्री को शुभकामनाएं दीं। दोनों दल, राजग के प्रमुख घटक दल हैं। पूर्व प्रधानमंत्री और जदएस के वरिष्ठ नेता एच डी देवगौड़ा ने भी मोदी को बधाई दी और कामना की कि वह तीसरे कार्यकाल में भारत का सफलतापूर्वक नेतृत्व करने के लिए ताकत से आगे बढ़ें। खरगे ने ‘एक्स' पर लिखा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी को उनके जन्मदिन पर हार्दिक शुभकामनाएं। उनके अच्छे स्वास्थ्य और दीर्घायु होने की कामना है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को जन्मदिन की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।" आम आदमी पार्टी के संयोजक केजरीवाल ने कहा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को जन्मदिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। आपके दीर्घायु एवं स्वस्थ जीवन की कामना करता हूं।" तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी ने मोदी के अच्छे स्वास्थ्य की कामना की।
तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी प्रधानमंत्री को जन्मदिन की बधाई दी। भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के पहले 100 दिनों की उपलब्धियों को रेखांकित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी, लोगों खासकर दलितों, युवाओं और महिलाओं के जीवन को बेहतर बनाने के लिए काम कर रहे हैं। भाजपा, प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन को सेवा दिवस और आज से दो अक्टूबर तक सेवा पखवाड़ा के रूप में मनाती है। नड्डा ने इस अवसर पर पार्टी मुख्यालय में एक रक्तदान शिविर की शुरुआत की और सरकार के 100 दिनों पर आयोजित एक प्रदर्शनी का उद्घाटन भी किया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री को जन्मदिन की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भारत ही नहीं पूरे विश्व ने उनके दूरदर्शी एवं सशक्त नेतृत्व को देखा और अनुभव किया है। उन्होंने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी ने पूरी तत्परता, तन्मयता और तपस्वी भाव के साथ देश का नेतृत्व किया है और आज भी कर रहे हैं। गरीब कल्याण से लेकर समाज के हर व्यक्ति के कल्याण की उन्होंने चिंता की है और उसके लिए पूरे मनोयोग से काम किया है।'' केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने प्रधानमंत्री को जन्मदिन की बधाई दी और कहा कि वे अपने अथक परिश्रम, लगन और दूरदर्शिता से लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लेकर आए हैं और उन्होंने दुनिया में भारत का मान बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने अपने दशकों के सार्वजनिक जीवन में राष्ट्र के लिए त्याग और समर्पण के नए मानक तय किए हैं। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि देश को मोदी के रूप में एक ऐसा निर्णायक नेता मिला है, जिसने वंचित वर्ग के जीवन में बदलाव लाने का काम किया है। केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी ने प्रधानमंत्री के बेहतर स्वास्थ्य और दीर्घायु होने के साथ ही उनके नेतृत्व में देश से भय, भूख, आतंक और भ्रष्टाचार के पूरी तरह समाप्त होने तथा उसके पुन: विश्व गुरू का स्थान प्राप्त करने की कामना की। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी ऐसे समय में हमारा नेतृत्व कर रहे हैं जब प्रमुख वैश्विक अर्थव्यवस्थाएं घटती वृद्धि और अन्य चुनौतियों का सामना कर रही हैं। भारत, अपने मजबूत आर्थिक बुनियादी ढांचे के साथ, दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना हुआ है।'' विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिवस पर उनके दीर्घ, स्वस्थ और सुखी जीवन की कामना करता हूं। हमारे राष्ट्र को विकसित भारत की ओर ले जाने में आपका नेतृत्व हम सभी को प्रेरित करता है। हमारी विदेश नीति उस सोच को साकार करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
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- मुंबई।. मुंबई में गणपति उत्सव के दसवें और अंतिम दिन यानी अनंत चतुर्दशी पर विसर्जन यात्रा के लिए 24,000 से अधिक पुलिस कर्मियों को तैनात किया जाएगा। एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि गिरगांव चौपाटी, दादर, बांद्रा, जुहू, वर्सोवा, पवई झील और मध द्वीप जैसे महत्वपूर्ण विसर्जन स्थलों पर ड्रोन से निगरानी रखी जाएगी। उन्होंने बताया कि अप्रिय घटनाओं को रोकने के लिए नौ अतिरिक्त पुलिस आयुक्तों, 40 पुलिस उपायुक्तों और 56 सहायक पुलिस आयुक्तों सहित 24,000 से अधिक पुलिसकर्मियों को शहर में तैनात किया जाएगा। अधिकारी ने बताया कि विसर्जन यात्रा देखने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के सड़कों पर उमड़ने से संभावित यातायात जाम के मद्देनजर पुलिस, वाहनों की निर्बाध आवाजाही और पूर्वी तथा पश्चिमी उपनगरों के बीच आवागमन के लिए ‘ग्रीन कॉरिडोर' बनाएगी। उन्होंने बताया कि कॉरिडोर आवश्यक और आपातकालीन सेवाओं तथा आपातकालीन स्थिति में यात्रा करने वालों के लिए होगा। अधिकारी ने बताया कि तटीय सड़क भी 24 घंटे खुली रहेगी।संयुक्त पुलिस आयुक्त (कानून-व्यवस्था) सत्यनारायण चौधरी ने सोमवार को मीडिया से कहा कि कानून-व्यवस्था से जुड़ी किसी भी समस्या से निपटने के लिए शहर की पुलिस पूरी तरह से मुस्तैद है। उन्होंने बताया कि स्थानीय पुलिस की तैनाती के अलावा एसआरपीएफ प्लाटून, त्वरित प्रतिक्रिया दल (क्यूआरटी), दंगा नियंत्रण पुलिस (आरसीपी), डेल्टा, कॉम्बैट, होमगार्ड और महाराष्ट्र सुरक्षा बल को भी तैनात किया गया है। अधिकारी ने बताया कि पुलिस, 8,000 से अधिक सीसीटीवी कैमरों की मदद से कड़ी निगरानी रखेगी और भीड़भाड़ वाले स्थानों पर महिलाओं तथा बच्चों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होगी।
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नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना को अपना इस्तीफा सौंप दिया। आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल मंगलवार दोपहर को अपने कैबिनेट सहयोगियों के साथ उपराज्यपाल सचिवालय पहुंचे। आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी भी उनके साथ थीं, जिन्हें आज दिन में विधायक दल की बैठक में केजरीवाल का उत्तराधिकारी चुना गया। केजरीवाल ने रविवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के अपने फैसले की घोषणा की थी। उन्होंने तब कहा था कि वह मुख्यमंत्री की कुर्सी पर तभी बैठेंगे, जब जनता उन्हें ‘‘ईमानदारी का प्रमाणपत्र’’ देगी।