- Home
- देश
-
नई दिल्ली। भारत-पाक तनाव के बीच आज रविवार को दिल्ली एयरपोर्ट की ओर से यात्रियों के लिए एक एडवाइजरी जारी की गई। इस एडवाइजरी में दिल्ली एयरपोर्ट ने यात्रियों से फ्लाइट्स की ऑफिशियल अपडेट्स को फॉलो करने की सलाह दी है। एडवाइजरी में कहा गया है कि फ्लाइट के शेड्यूल में बदलाव भी हो सकता है। ऐसे में यात्रियों को सलाह दी जाती है कि यात्रा करने से पहले अपनी एयरलाइन के साथ संपर्क में बने रहें।
एडवाइजरी में कहा गया है कि दिल्ली एयरपोर्ट पर परिचालन सुचारू रूप से जारी है। हालांकि, हवाई क्षेत्र की बदलती गतिशीलता और नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो द्वारा अनिवार्य किए गए सुरक्षा प्रोटोकॉल के मद्देनजर, उड़ान के शेड्यूल में बदलाव हो सकता है और ऐसे में ‘चेक इन’ पर प्रतीक्षा अवधि बढ़ सकती है। इसलिए, समय से एयरपोर्ट पर पहुंचे।यात्रियों को सलाह दी जाती है कि वे संबंधित एयरलाइन के माध्यम से अपडेट प्राप्त करते रहें। किसी अन्य सोशल मीडिया या अन्य माध्यम के बहकावे में न आए। केबिन और चेक-इन बैगेज के लिए निर्धारित दिशानिर्देशों का पालन करें। एयरलाइन या दिल्ली हवाई अड्डे की आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से उड़ान की स्थिति की पुष्टि करें। सुरक्षा कारणों से होने वाली संभावित देरी के कारण एयरपोर्ट पर समय से पहले पहुंचे। एयरलाइन और सुरक्षा कर्मियों का पूरा सहयोग करें।एडवाइजरी में आगे लिखा गया है कि हम सभी यात्रियों से आग्रह करते हैं कि वे सटीक जानकारी के लिए केवल आधिकारिक अपडेट पर ही निर्भर रहें तथा असत्यापित सामग्री प्रसारित करने से बचें। आपके निरंतर सहयोग और समर्थन के लिए धन्यवाद, हम एक सुरक्षित और कुशल यात्रा अनुभव बनाए रखने के लिए सभी हितधारकों के साथ मिलकर काम करते हैं।ज्ञात हो, 10 मई को भारत-पाक के तनाव के बीच भारत के 32 हवाई अड्डों को सभी नागरिक उड़ान संचालन के लिए अस्थायी रूप से बंद करने की घोषणा की थी। ये आदेश 15 मई तक प्रभावी रहेगा। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने कहा था कि परिचालन कारणों से यह बंद 15 मई 2025 को भारतीय समयानुसार 05:29 बजे तक रहेगा। इन प्रभावित हवाई अड्डों में आदमपुर, अंबाला, अमृतसर, अवंतीपोरा, बठिंडा, भुज, बीकानेर, चंडीगढ़, हलवारा, हिंडन, जैसलमेर, जम्मू, जामनगर, जोधपुर, कांडला, कांगड़ा (गग्गल), केशोद, किशनगढ़, कुल्लू मनाली (भुंतर), लेह, लुधियाना, मुंद्रा, नालिया, पठानकोट, पटियाला, पोरबंदर, राजकोट (हीरासर), सरसावा, शिमला, श्रीनगर, थोइस और उत्तरलई शामिल हैं। -
नई दिल्ली। भारत में सतत विकास लक्ष्य 2030 की प्राप्ति की दिशा में मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में लगातार गिरावट का रुख देखा जा रहा है। मातृ मृत्यु दर अनुपात (एमएमआर) में उल्लेखनीय कमी आई है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार, यह 2014-16 में प्रति लाख जन्मों पर 130 से 37 अंक घटकर 2019-21 में 93 हो गई है। वहीं, शिशु मृत्यु दर 2014 में 39 प्रति 1000 जन्मों से घटकर 2021 में 27 प्रति 1000 जन्मों पर आ गई। नवजात मृत्यु दर 2014 में 26 प्रति 1000 जन्मों से घटकर 2021 में 19 प्रति 1000 जन्मों पर आ गई। पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु दर 2014 में 45 प्रति 1000 जन्मों से घटकर 2021 में 31 प्रति 1000 जन्मों पर आ गई है, प्रजनन दर 2021 में 2.0 पर स्थिर है। इसके अतिरिक्त जन्म के समय लिंग अनुपात 899 से सुधरकर 913 हो गया है।
भारत के महापंजीयक (आरजीआई) द्वारा 7 मई, 2025 को जारी नमूना पंजीकरण प्रणाली (एसआरएस) रिपोर्ट 2021 के अनुसार, भारत में प्रमुख मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य संकेतकों में उल्लेखनीय सुधार हो रहा है।एसआरएस पर आधारित भारत में मातृ मृत्यु दर पर विशेष बुलेटिन, 2019-21 के अनुसार, देश के मातृ मृत्यु अनुपात (एमएमआर) में उल्लेखनीय कमी आई है। यह 2014-16 में प्रति लाख जन्मों पर 130 से 37 अंक घटकर 2019-21 में 93 हो गई है। इसी प्रकार, नमूना पंजीकरण प्रणाली सांख्यिकीय रिपोर्ट 2021 के अनुसार, शिशु मृत्यु दर संकेतकों में गिरावट का रुझान जारी रहा। देश की शिशु मृत्यु दर (आईएमआर) 2014 में प्रति 1000 जन्मों पर 39 से घटकर 2021 में प्रति 1000 जन्मों पर 27 हो गई है।वहीं, नवजात मृत्यु दर (एनएमआर) 2014 में प्रति 1000 जन्मों पर 26 से घटकर 2021 में प्रति 1000 जन्मों पर 19 हो गई है। पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु दर (यू5एमआर) 2014 में प्रति 1000 जन्मों पर 45 से घटकर 2021 में प्रति 1000 जन्मों पर 31 हो गई है। जन्म के समय लिंग अनुपात 2014 में 899 से सुधरकर 2021 में 913 हो गया है। कुल प्रजनन दर 2021 में 2.0 पर स्थिर है, जो 2014 में 2.3 से उल्लेखनीय सुधार है।एसआरएस 2021 रिपोर्ट के अनुसार, देश में केरल (20), महाराष्ट्र (38), तेलंगाना (45), आंध्र प्रदेश (46), तमिलनाडु (49), झारखंड (51), गुजरात (53), कर्नाटक (63)।राज्य पहले ही एमएमआर (2030 तक <=70) का एसडीजी लक्ष्य प्राप्त कर चुके हैं।वहीं, बारह (12) राज्य/केंद्र शासित प्रदेश पहले ही यू5एमआर (2030 तक <=25) का एसडीजी लक्ष्य प्राप्त कर चुके हैं- केरल (8), दिल्ली (14), तमिलनाडु (14), जम्मू और कश्मीर (16), महाराष्ट्र (16), पश्चिम बंगाल (20), कर्नाटक (21), पंजाब (22), तेलंगाना (22), हिमाचल प्रदेश (23), आंध्र प्रदेश (24) और गुजरात (24)।इसके अलावा, 6 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश पहले ही एनएमआर का एसडीजी लक्ष्य (वर्ष 2030 तक <=12) प्राप्त कर चुके हैं, जिसमें शामिल हैं -केरल (4), दिल्ली (8), तमिलनाडु (9), महाराष्ट्र (11), जम्मू और कश्मीर (12) और हिमाचल प्रदेश (12)।दरअसल, सरकार की प्रमुख स्वास्थ्य योजनाओं को गरिमापूर्ण, सम्मानजनक और उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाओं की गारंटी देने के लिए एकीकृत किया गया है। यह पूरी तरह से निःशुल्क है। इसमें देखभाल से इनकार करने के प्रति शून्य सहिष्णुता की नीति अपनाई गई है। वहीं, आयुष्मान भारत विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य आश्वासन पहल है जो प्रति परिवार 5 लाख रुपये तक का वार्षिक स्वास्थ्य कवरेज प्रदान करती है, जिससे वित्तीय सुरक्षा और आवश्यक सेवाओं तक पहुँच सुनिश्चित होती है।केंद्रित सहयोग यह सुनिश्चित करते हैं कि प्रत्येक गर्भवती महिला को सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं में निःशुल्क परिवहन, दवा, निदान और पोषण सहायता के साथ-साथ सीजेरियन सेक्शन सहित नि:शुल्क संस्थागत प्रसव का अधिकार हो। समावेशी और न्यायसंगत पहुँच सुनिश्चित करने के लिए, मंत्रालय ने मातृत्व प्रतीक्षा गृह, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य (एमसीएच) विंग, प्रसूति उच्च निर्भरता इकाइयाँ (एचडीयू)/गहन देखभाल इकाइयाँ (आईसीयू) नवजात शिशु स्थिरीकरण इकाइयाँ (एनबीएसयू), बीमार नवजात शिशु देखभाल इकाइयाँ (एसएनसीयू), माँ-नवजात शिशु देखभाल इकाइयाँ, और जन्म दोषों की जाँच के लिए समर्पित कार्यक्रम स्थापित करके स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर को काफी मजबूत किया है।वहीं, समय से पहले प्रसव के लिए प्रसवपूर्व कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स की व्यवस्था, निरंतर सकारात्मक वायुमार्ग दबाव (सीपीएपी) का उपयोग, और सुनने और दृष्टि की जांच के लिए संरचित अनुवर्ती जैसी प्रमुख नैदानिक व्यवस्थाएं नवजात शिशु के जीवित रहने के परिणामों में सुधार करने में योगदान करती हैं। इन उपायों से सालाना लगभग 300 लाख सुरक्षित गर्भधारण और 260 लाख स्वस्थ जीवित जन्म होते हैं। -
छिंदवाड़ा .मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में दो मोटरसाइकिल की टक्कर में पांच लोगों की मौत हो गई। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) आयुष गुप्ता ने बताया कि यह दुर्घटना अमरवाड़ा-चौरई रोड पर रात करीब सवा 12 बजे हुई। उन्होंने बताया कि हादसे के समय दोनों मोटरसाइकिल पर तीन-तीन लोग सवार थे।
अधिकारी ने बताया कि पांच लोगों की मौत हो गई और एक घायल हो गया। घायल का उपचार किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि मृतकों की पहचान सुरखराम यादव (21), आयुष यादव (19), शहजाद खान (19), विक्रम उइके (18) और अविनाश उइके (18) के रूप में हुई है।
-
गोंडा. उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में एक महिला और उसकी बहू ने एक साथ आत्महत्या कर ली। दोनों शवों का पंचनामा करके पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी। प्रभारी निरीक्षक शेषमणि पाण्डेय ने बताया कि प्रारंभिक जांच के अनुसार, पारिवारिक कलह से तंग आकर लक्ष्मणपुर लाल नगर गांव में बहू संगीता देवी (35) ने पहले घर में फांसी लगाकर जान दी। इसके कुछ देर बाद संगीता की सास छोटका देवी (62) ने नजदीक के एक खेत में जाकर पेड़ से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। इस घटना के वक्त घर में केवल संगीता का दिव्यांग ससुर ब्रजराज और डेढ़ साल का मासूम बच्चा मौजूद था।
पाण्डेय ने बताया कि पुलिस जांच में यह सामने आया है कि संगीता ने घर के अंदर साड़ी से फांसी लगाई थी। जब बच्चे के रोने की आवाज सुनकर पड़ोसी पहुंचे और सब्बल से टीन शेड तोड़ा गया, तब तक संगीता की मौत हो चुकी थी। प्रभारी निरीक्षक के अनुसार, संगीता दो दिन पहले ही अपने मायके नारे महरीपुर से ससुराल आई थी। इसके कुछ देर बाद सास छोटका देवी घर से 200 मीटर दूर गन्ने के खेत में पहुंची और पेड़ से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। घटनास्थल की जांच के बाद शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। दोनों मृतकों के साथ घर में कोई सक्षम व्यक्ति मौजूद नहीं था। ससुर ब्रजराज दिव्यांग हैं, जबकि संगीता का पति और उसके तीन देवर बाहर नौकरी करते हैं। फिलहाल उन्हें इसकी सूचना दे दी गई है और वे घर लौट रहे हैं। प्रभारी निरीक्षक ने कहा कि आत्महत्या से जुड़े सभी पहलुओं की गहन जांच की जा रही है। -
नयी दिल्ली. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने रविवार को कहा कि दक्षिण-पश्चिम मानसून के 27 मई को केरल पहुंचने की संभावना है, जो आमतौर पर एक जून को दस्तक देता है। आईएमडी के आंकड़े के अनुसार, यदि मानसून केरल में उम्मीद के अनुरूप पहुंचता है, तो यह 2009 के बाद से भारतीय मुख्य भूमि पर मानसून का समय से पहले आगमन होगा। तब मानसून ने 23 मई को दस्तक दी थी। भारतीय मुख्य भूमि पर मानसून के आगमन की आधिकारिक घोषणा तब की जाती है जब यह केरल पहुंचता है, आमतौर पर एक जून के आसपास। दक्षिण-पश्चिम मानसून 8 जुलाई तक पूरे देश में छा जाता है। यह 17 सितंबर के आसपास उत्तर-पश्चिम भारत से पीछे हटना शुरू करता है और 15 अक्टूबर तक पूरी तरह से वापस हो जाता है। मानसून पिछले साल 30 मई को दक्षिणी राज्य में आया था, 2023 में 8 जून को, 2022 में 29 मई को, 2021 में 3 जून को, 2020 में 1 जून को, 2019 में 8 जून को और 2018 में 29 मई को केरल आया था। आईएमडी के एक अधिकारी ने कहा कि मानसून के आगमन की तिथि और पूरे देश में इस मौसम में होने वाली कुल वर्षा के बीच कोई सीधा संबंध नहीं है। अधिकारी ने कहा, ‘‘केरल में मानसून के जल्दी या देर से पहुंचने का मतलब यह नहीं है कि यह देश के अन्य हिस्सों में भी इसी तरह पहुंचेगा। यह बड़े पैमाने पर परिवर्तनशीलता और वैश्विक, क्षेत्रीय और स्थानीय स्थितियों पर निर्भर होता है।" आईएमडी ने अप्रैल में 2025 के मानसून में सामान्य से अधिक कुल वर्षा का पूर्वानुमान जताया था और अल नीनो परिस्थितियों की संभावना को खारिज कर दिया था, जो भारतीय उपमहाद्वीप में सामान्य से कम वर्षा से जुड़ी है। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय में सचिव एम रविचंद्रन ने कहा था, ‘‘भारत में चार महीने के मानसून (जून से सितंबर) में सामान्य से अधिक वर्षा होने की संभावना है।
-
पुणे. रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के वैज्ञानिक एक मानव रोबोट बनाने पर काम कर रहे हैं जिसे अग्रिम मोर्चे पर सैन्य मिशन का हिस्सा बनाया जा सकता है। अधिकारी ने बताया कि डीआरडीओ के अंतर्गत आने वाली प्रमुख प्रयोगशाला अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (इंजीनियर्स) एक ऐसी मशीन बना रही है, जो सीधे तौर पर मानव निर्देश के तहत जटिल कार्य को अंजाम दे सकती है। इसका उद्देश्य उच्च जोखिम वाले वातावरण में सैनिकों के लिए खतरों को कम करना है। अनुसंधान एवं विकास (इंजीनियर्स) के अंतर्गत आने वाले ‘सिस्टम एंड टेक्नोलॉजीज फॉर एडवांस्ड रोबोटिक्स सेंटर' के समूह निदेशक एस. ई. तलोले ने कहा कि टीम चार साल से इस परियोजना पर काम कर रही है। उन्होंने कहा, "हमने ऊपरी और निचले हिस्से के लिए अलग-अलग प्रोटोटाइप विकसित किए हैं और आंतरिक परीक्षणों के दौरान कुछ कार्यों को सफलतापूर्वक पूरा किया है।” उन्होंने आगे कहा कि यह रोबोट जंगल जैसे कठिन इलाकों में भी काम करने में सक्षम होगा। इस रोबोट को हाल ही में पुणे में आयोजित ‘एडवांस्ड लेग्ड रोबोटिक्स' से संबंधित राष्ट्रीय कार्यशाला में प्रदर्शित किया गया। इसे बनाने वाली टीम फिलहाल ऑपरेटर के आदेशों को समझने और उन्हें निष्पादित करने की रोबोट की क्षमता को निखारने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
-
नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के चलते देश के उत्तरी और पश्चिमी हिस्सों में 32 हवाई अड्डों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है। एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) और नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने 9 मई से 15 मई 2025 की सुबह 5:29 बजे (IST) तक सभी सिविल उड़ानों के लिए यह बंदी लागू की है।
बंद किए गए हवाई अड्डों में अमृतसर, जम्मू, श्रीनगर, चंडीगढ़, पठानकोट, अवंतिपोरा, अंबाला, बठिंडा, भुज, बीकानेर, जैसलमेर, जोधपुर, कान्डला, पोरबंदर, राजकोट (हिरासर), नलिया, मुण्ड्रा, कांगड़ा (गग्गल), कुल्लू-मनाली (भुंतर), शिमला, लेह, लुधियाना, पटियाला, सरसावा, थोइस, उत्तरलई, जमनगर, किशनगढ़, केशोद, हलवारा, आदमपुर और हिंडन शामिल हैं।नागरिक उड्डयन मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इन हवाई अड्डों पर इस अवधि के दौरान कोई भी सिविल फ्लाइट ऑपरेशन नहीं होगा। साथ ही, दिल्ली और मुंबई फ्लाइट इंफॉर्मेशन रीजन (FIR) के तहत आने वाले 25 एयर ट्रैफिक सर्विस (ATS) मार्गों को भी सुरक्षा कारणों से अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है। NOTAM G0555/25 के मुताबिक ये 25 एयर रूट ग्राउंड लेवल से अनलिमिटेड ऊंचाई तक 14 मई की रात 11:59 UTC (15 मई को सुबह 5:29 IST) तक बंद रहेंगे। सभी एयरलाइनों और फ्लाइट ऑपरेटर्स को वैकल्पिक मार्ग अपनाने की सलाह दी गई है। -
नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच लगातार तनाव बढ़ता ही जा रहा है। पाकिस्तान के हमलों का भारतीय सेना मुंहतोड़ जवाब दे रही है। हालांकि, दोनों देशों के बीच बिगड़ते हालात ने सोशल मीडिया पर भ्रामक खबरों और झूठे दावों की झड़ी लगा दी है। सोशल मीडिया के माध्यम से भारत को नुकसान पहुंचाने और साजिश रचने के लिए तरह-तरह के दावे किए जा रहे हैं।
पीआईबी के फैक्ट चेक ने इस दावे की पोल खोलकर रख दी हैऐसा ही एक दावा ननकाना साहिब गुरुद्वारे पर ड्रोन हमले को लेकर किया जा रहा है। इसमें कहा गया है कि भारत ने ननकाना साहिब गुरुद्वारे पर ड्रोन हमला किया है। पीआईबी के फैक्ट चेक ने इस दावे की पोल खोलकर रख दी है।सांप्रदायिक विद्वेष फैलाने के लिए ऐसे कंटेंट बनाए जाते हैंपीआईबी ने फैक्ट चेक में बताया कि सोशल मीडिया पर साझा किए गए एक वीडियो में दावा किया जा रहा है कि भारत ने ननकाना साहिब गुरुद्वारे पर ड्रोन हमला किया है, जबकि यह दावा पूरी तरह फर्जी है। एक्स हैंडल पर फर्जी वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “सांप्रदायिक विद्वेष फैलाने के लिए ऐसे कंटेंट बनाए जाते हैं। कृपया सतर्क रहें। ऐसे वीडियो फॉरवर्ड न करें।”भारतीय महिला वायुसेना पायलट, स्क्वाड्रन लीडर शिवानी सिंह को पाकिस्तान में पकड़े जाने का दावा झूठा निकलाइसके अलावा, एक पाकिस्तान समर्थक सोशल मीडिया हैंडल ने भारतीय पायलट को पकड़ने का दावा किया, जो फर्जी निकला। पीआईबी ने फैक्ट चेक में पुष्टि करते हुए कहा कि भारतीय महिला वायु सेना पायलट को पकड़ा नहीं गया है। पाकिस्तान समर्थक सोशल मीडिया हैंडल दावा कर रहे हैं कि भारतीय महिला वायुसेना पायलट, स्क्वाड्रन लीडर शिवानी सिंह को पाकिस्तान में पकड़ लिया गया है, जबकि यह दावा फर्जी है।पीआईबी ने अपने एक्स हैंडल पर फर्जी पोस्ट शेयर करते हुए लिखा,ध्यान दें ऑनलाइन झूठा दावा प्रसारित किया जा रहा हैइतना ही नहीं, एक अन्य यूजर ने दावा किया है कि पाकिस्तान साइबर हमले के कारण भारत का 70 फीसदी बिजली ग्रिड खराब हो गया है। यह दावा भी फर्जी निकला है। पीआईबी ने अपने एक्स हैंडल पर फर्जी पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, “ध्यान दें: ऑनलाइन झूठा दावा प्रसारित हो रहा है। सोशल मीडिया पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि पाकिस्तान द्वारा किए गए साइबर हमले के कारण भारत का 70 फीसदी बिजली ग्रिड खराब हो गया है। यह दावा फर्जी है। -
नई दिल्ली। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर पूरे उत्तर प्रदेश में सतर्कता बढ़ा दी गई है। यूपी से सटे राज्यों की सीमा पर फोर्स अलर्ट पर है। वहीं यूपी की राजधानी लखनऊ समेत पूरे प्रदेश के सभी एयरपोर्ट पर सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है और रेलवे स्टेशनों पर भी चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है। इसी के मद्देनजर सरकार ने सभी पुलिसकर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई है।
सुरक्षा के किए कड़े इंतजामभारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए सबसे ज्यादा आबादी वाला राज्य उत्तर प्रदेश हाई अलर्ट मोड पर है। यूपी की राजधानी लखनऊ के अलावा कानपुर, गोरखपुर, अयोध्या, वाराणसी, मथुरा, आगरा समेत सभी जिलों के पुलिस कप्तानों और कमिश्नरों को अलर्ट पर रखा गया है। साथ ही सभी एयरपोर्टों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।घनी आबादी वाले जिलों में पुलिस रख रही कड़ी नजरपुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार पहले ही नेपाल सीमा से सटे सभी जिलों में सतर्कता बढ़ाने के निर्देश जारी कर चुके हैं। इसके बाद से ही प्रदेश की सभी सीमाओं पर सघन चेकिंग की जा रही है। पुलिस अधिकारी फोर्स के साथ होटलों, रेलवे स्टेशनों, बस अड्डों और सार्वजनिक स्थानों पर चेकिंग कर रहे हैं। आबादी वाले जिलों में भी पुलिस कड़ी नजर रख रही है।आगरा, वाराणसी और प्रयागराज में एयरपोर्टों पर बढ़ाई सुरक्षापुलिस अधिकारियों के अनुसार, जम्मू और श्रीनगर के एयरपोर्ट को निशाना बनाने की कोशिश के बाद नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) ने देशभर के एयरपोर्ट पर हाई अलर्ट जारी कर दिया है। इसके बाद सभी एयरपोर्ट पर मार्शल के साथ फोर्स की तैनात की गई है। सभी यात्रियों के लिए सेकेंडरी लैडर पॉइंट चेकिंग बनाया गया है। एटीसी यात्री विमान, चार्टर्ड विमान, मालवाहक विमान, हेलीकॉप्टर, एयर एंबुलेंस, हॉट एयर बैलून, ड्रोन समेत किसी भी उड़ान पर नजर रख रही है। इसके अलावा विमानन कंपनियों ने यात्रियों के लिए एडवाइजरी जारी की है। आगरा, वाराणसी और प्रयागराज में एयरपोर्टों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। कई नगरों में रेलवे स्टेशनों पर चेकिंग की जा रही है।आगरा में भी एयरफोर्स स्टेशन के बाहर बड़ी संख्या में पुलिस तैनातआगरा में भी एयरफोर्स स्टेशन के बाहर बड़ी संख्या में पुलिस तैनात की गई है। आगरा में ताजमहल की सुरक्षा बढ़ा दी गयी है। स्मारक के रेड जोन में सीआईएसएफ और यलो जोन में पुलिस हर आने-जाने वाले की गतिविधि पर नजर रख रही है। आगरा के डीसीके निर्देश पर थाना शाहगंज के अंतर्गत एयरपोर्ट के आस–पास पेट्रोलिंग की जा रही है। डीसीपी ने लोगों से अपील की है कि अफवाहों से बचें और कुछ भी संदिग्ध दिखने पर पुलिस को सूचना दें।उल्लेखनीय है कि पहलगाम में पर्यटकों पर आतंकी हमले बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर कार्रवाई की। इसके बाद पाकिस्तान बौखला गया है। गुरुवार रात जम्मू, पठानकोट, उधमपुर, गुरदासपुर, बठिंडा और जैसलमेर में ड्रोन और मिसाइलों से हमला किया गया। भारत ने मुंहतोड़ जवाब देकर पाकिस्तान के सभी मंसूबों को नाकाम कर दिया है। -
नई दिल्ली। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) और पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) सहित भारत के शीर्ष बैंकों ने कहा कि उनके एटीएम और डिजिटल सेवाएं पूरी तरह से काम कर रही हैं और सभी ऑपरेशन सामान्य हैं। दरअसल, बैंकों की ओर से यह प्रतिक्रिया सोशल मीडिया पर चल रही उन फर्जी खबरों के जवाब में की गई है, जिनमें दावा किया गया था कि भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच आने वाले दिनों में एटीएम बंद होने की संभावना है।
भारतीय स्टेट बैंक ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “हमारे सभी एटीएम, सीडीएम/एडीडब्ल्यूएम और डिजिटल सेवाएं पूरी तरह से चालू हैं और जनता के उपयोग के लिए उपलब्ध हैं।” इसके साथ ही भारत के सबसे बड़े सरकारी बैंक ने अपने ग्राहकों से कहा कि वे असत्यापित जानकारी पर भरोसा न करें।वहीं, पंजाब नेशनल बैंक ने भी कहा, “हमारी सभी डिजिटल सेवाएं भी सुचारू रूप से चल रही हैं, जिससे आप घर बैठे ही आसानी से बैंकिंग सुविधाओं का फायदा उठा सकते हैं।”केनरा बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा और पंजाब एंड सिंध बैंक ने भी इसी तरह के पोस्ट किए हैं। मंत्रालय ने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शाम को बैंकों और वित्तीय संस्थानों की साइबर सुरक्षा तैयारियों पर समीक्षा बैठक करेंगी।इससे पहले देश की सरकारी तेल विपणन कंपनी इंडियन ऑयल ने कहा था कि देश में पर्याप्त मात्रा में पेट्रोल,डीजल और एलपीजी मौजूद है और घबराहट में अतिरिक्त खरीदारी न करें।सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में सरकारी तेल विपणन कंपनी ने लिखा, “इंडियन ऑयल आपको यह आश्वस्त करना चाहता है कि देशभर में पेट्रोल, डीजल और एलपीजी की पर्याप्त उपलब्धता है। हमारी आपूर्ति श्रृंखलाएं सुचारू रूप से संचालित हो रही हैं, और सभी रिटेल आउटलेट्स पर ईंधन और एलपीजी आसानी से उपलब्ध हैं।” -
नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ता दिख रहा है। देर शाम जम्मू, सांबा और पठानकोट के ऊपर पाकिस्तानी ड्रोन देखे गए जिन्हें भारतीय सेना ने हवा में ही नष्ट कर दिया। इससे पहले भारत ने घोषणा की कि उसने पाकिस्तान के चार वायु रक्षा क्षेत्रों को अपने सशस्त्र ड्रोनों से निशाना बनाया और रडार प्रणाली को तबाह कर दिया है। इस बीच भारतीय सेना ने बताया कि पाकिस्तान नागरिक विमानों को ढाल के रूप में इस्तेमाल कर रहा है और वह मंदिर, गुरुद्वारा और चर्च जैसे पूजा स्थलों को भी निशाना बना रहा है।
संवाददाता सम्मेलन में विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि पाकिस्तान ने पूजा स्थलों को निशाना बनाया जो पाकिस्तान की एक और घटिया हरकत है। विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने कहा कि पाकिस्तान ने 8 और 9 मई की दरमियानी रात को भारतीय सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने के लिए देश के हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया। सिंह ने बताया कि पाकिस्तान ने भारत के सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने के लिए गुरुवार रात लेह से लेकर सर क्रीक तक 36 जगहों पर 300 से 400 ड्रोन भेजे जिन्हें भारतीय सेना ने मार गिराया। पाकिस्तान ने भारतीय सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने, वायु रक्षा प्रणालियों और खुफिया जानकारी इकट्ठा करने के लिए तुर्किये के ड्रोन का इस्तेमाल किया। कल रात पाकिस्तान द्वारा की गई ये उकसावे वाली और आक्रामक कार्रवाई भारतीय शहरों और नागरिक बुनियादी ढांचे के अलावा कुछ सैन्य ठिकानों को निशाना बनाकर की गई। जिसका भारतीय सशस्त्र बलों ने करारा जवाब दिया। भारत ने कहा कि पाकिस्तान ने पूजा स्थलों को निशाना बनाया और उन पर गोलाबारी की। इसमें गुरुद्वारे, चर्च और मंदिर शामिल हैं। यह पाकिस्तान की बेहद घटिया हरकत है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुरक्षा स्थिति का जायजा लेने के लिए शीर्ष रक्षा प्रतिष्ठानों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। भारत और पाकिस्तान में बढ़ते तनाव के बीच मोदी ने आगे की रणनीति बनाने के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल, तीनों सेनाओं के प्रमुखों और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के साथ बैठक की।इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शीर्ष सैन्य नेतृत्व के साथ बैठक कर सुरक्षा की व्यापक समीक्षा की। बताया जा रहा है कि सुरक्षा संबंधी बदलते हालात से जुड़े हर पहलू पर बैठक में चर्चा की गई। बैठक में प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल अनिल चौहान, थलसेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी, एयर चीफ मार्शल एपी सिंह, नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी और रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह शामिल हुए।गृह मंत्री अमित शाह ने पाकिस्तान के साथ लगती भारत की सीमा और देश के हवाई अड्डों पर मौजूदा स्थिति की शुक्रवार को समीक्षा की। सूत्रों ने बताया कि शाह ने भारत एवं पाकिस्तान की सीमा पर सुरक्षा संबंधी स्थिति की समीक्षा करने के अलावा देशभर के हवाई अड्डों पर सुरक्षा बढ़ाने के लिए उठाए गए कदमों का भी जायजा लिया।केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने भारत-पाकिस्तान में जारी सैन्य संघर्ष के बीच देश के अस्पतालों के स्वास्थ्य प्रबंध की समीक्षा की। सूत्रों ने कहा कि नड्डा और उनकी टीम ने देश भर के अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों की तैयारी का आकलन किया।मौजूदा हालात को देखते हुए भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने सोमवार से शुरू होने वाला अपना दो दिवसीय सालाना आम बैठक टाल दिया। सरकार ने व्यापारियों और थोक विक्रेताओं को आवश्यक खाद्य वस्तुओं की जमाखोरी न करने की चेतावनी देते हुए शुक्रवार को कहा कि देश में घरेलू मांग की पूर्ति के लिए पर्याप्त खाद्य भंडार मौजूद है। केंद्रीय खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रहलाद जोशी ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, ‘देश में खाद्य भंडार के बारे में दुष्प्रचार फैलाने वाले संदेशों पर विश्वास न करें। हमारे पास पर्याप्त खाद्य भंडार है।’ -
नई दिल्ली। भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच केंद्र सरकार ने देशवासियों को आश्वस्त किया है कि देश में आवश्यक वस्तुओं की कोई कमी नहीं है। केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री प्रह्लाद जोशी ने आज शुक्रवार को बताया कि भारत के पास चावल, गेहूं, दालों (चना, तुअर, मसूर, मूंग) और खाद्य तेल जैसी वस्तुओं का कई गुना अधिक भंडार मौजूद है। उन्होंने कहा कि नागरिकों को घबराने या बाजारों में भीड़ लगाने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि सरकार के पास पर्याप्त भंडारण है। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि कोई भी व्यक्ति या व्यापारी जो जमाखोरी या कालाबाजारी करेगा, उसके खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक वर्तमान में भारत के पास 356.42 लाख मीट्रिक टन (LMT) चावल का भंडार है, जबकि बफर आवश्यकता मात्र 135 LMT है। इसी तरह, गेहूं का भंडार 383.32 LMT है, जो कि बफर नॉर्म 276 LMT से कहीं अधिक है। इसके अलावा देश में इस समय लगभग 17 LMT खाद्य तेल का स्टॉक मौजूद है और सरसों के तेल की उपलब्धता भी पर्याप्त है। वहीं चीनी के मामले में चालू सीजन की शुरुआत 79 LMT के कैरी ओवर स्टॉक से हुई थी, और अब तक 257 LMT उत्पादन हो चुका है। 34 LMT चीनी एथनॉल उत्पादन हेतु डायवर्ट की गई है और कुल अनुमानित उत्पादन 262 LMT है। देश में चीनी की सालाना खपत लगभग 280 LMT है और 10 LMT निर्यात को देखते हुए सीजन के अंत तक करीब 50 LMT चीनी शेष रहेगी, जो दो महीने की खपत से अधिक है। इसके अलावा आगामी सीजन में भी चीनी उत्पादन की संभावनाएं अनुकूल मौसम के कारण अच्छी बताई जा रही हैं।केंद्रीय मंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट कर जनता से अपील की कि वे किसी भी प्रकार की अफवाह या भ्रामक संदेशों में न आएं और किसी तरह की खरीदारी में जल्दबाजी न करें। उन्होंने कहा कि देश की खाद्य सुरक्षा पूरी तरह मजबूत है और सरकार सभी आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह सतर्क है।गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्री का यह बयान उस समय आया है जब 7 मई को भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के जवाब में पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकवादी ठिकानों पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत बड़ी सैन्य कार्रवाई की थी।- -
नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) ने भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों और प्रशासकों को पत्र लिखा है। एमएचए ने पत्र में मुख्य सचिव और प्रशासकों को युद्ध या युद्ध जैसे हालात की स्थिति में आवश्यक एहतियाती उपायों के कुशल कार्यान्वयन के लिए नागरिक सुरक्षा नियमों के तहत आपातकालीन शक्तियों का इस्तेमाल करने का निर्देश दिया है।
राज्यों के पास अधिकारबता दें, वर्तमान सुरक्षा माहौल और शत्रुतापूर्ण हमलों के खतरे के मद्देनजर, गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से नागरिक सुरक्षा अधिनियम और नियम 1968 के तहत नागरिक सुरक्षा उपायों को बढ़ाने का आग्रह किया है। नागरिक सुरक्षा नियम, 1968 की धारा 11 पर प्रकाश डालते हुए, गृह मंत्रालय ने “राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में नागरिक सुरक्षा उपायों का संवर्धन” शीर्षक वाले एक पत्र में याद दिलाया कि राज्य सरकारों को लोगों और संपत्ति की सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक कार्रवाई करने और शत्रुतापूर्ण हमले के दौरान महत्वपूर्ण सेवाओं के निर्बाध कामकाज को सुनिश्चित करने का अधिकार है।ज्ञात हो, जम्मू और जैसलमेर क्षेत्रों में पाकिस्तानी बलों द्वारा कल गुरुवार रात किए गए हमलों को ध्यान में रखते हुए, जारी किए गए इस पत्र में प्रावधान ऐसे आपातकालीन उपायों के लिए स्थानीय प्राधिकरण निधियों के उपयोग को भी अधिकृत करता है, साथ ही उन्हें अन्य वित्तीय दायित्वों पर भी वरीयता देता है। पत्र में मंत्रालय ने अनुरोध किया है कि “राज्य और केंद्र शासित प्रदेश धारा 11 लागू करें और अपने संबंधित नागरिक सुरक्षा निदेशकों को आपातकालीन खरीद शक्तियां प्रदान करें।”इस कदम का उद्देश्यदरअसल, इस कदम का उद्देश्य एहतियाती और सुरक्षात्मक उपायों के त्वरित और कुशल कार्यान्वयन को सक्षम बनाना है। गृह मंत्रालय की ओर से पत्र में यह भी लिखा है कि “वर्तमान शत्रुतापूर्ण हमले के परिदृश्य में, मैं आपका ध्यान नागरिक सुरक्षा नियम, 1968 की धारा 11 की ओर आकर्षित करना चाहूंगा, जो अन्य बातों के साथ-साथ राज्य सरकारों को ऐसे उपाय करने का अधिकार देता है, जो राज्य सरकार की राय में शत्रुतापूर्ण हमले की स्थिति में व्यक्तियों और संपत्तियों को चोट या क्षति से बचाने के लिए या महत्वपूर्ण सेवाओं के उचित रखरखाव को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक हैं। स्थानीय प्राधिकरण के फंड ऐसे अनुपालन से संबंधित शुल्क और व्यय के भुगतान के लिए लागू होंगे, और स्थानीय प्राधिकरण के अन्य सभी कर्तव्यों और दायित्वों पर ऐसे अनुपालन को प्राथमिकता दी जाएगी।”राज्य और स्थानीय स्तर पर समय पर कार्रवाई और तैयारी आवश्यकआगे लिखा गया है कि “मैं आभारी रहूंगा, यदि सीडी नियम, 1968 की धारा 11 को लागू किया जा सके और आपके राज्य और केंद्र शासित प्रदेश के नागरिक सुरक्षा निदेशक को आवश्यक आपातकालीन खरीद शक्तियां प्रदान की जा सकें, ताकि आवश्यक एहतियाती उपायों का कुशल कार्यान्वयन किया जा सके।” अधिकारियों ने जोर दिया कि प्रभाव को कम करने के लिए राज्य और स्थानीय स्तर पर समय पर कार्रवाई और तैयारी आवश्यक है। नागरिक सुरक्षा उपायों को मजबूत करने का आह्वान भारत-पाकिस्तान सीमा पर एक गंभीर सुरक्षा घटना के बाद हुआ है, क्योंकि पाकिस्तान ने गुरुवार रात को भारत की पश्चिमी सीमा पर जम्मू और कश्मीर और राजस्थान के क्षेत्रों को निशाना बनाकर समन्वित ड्रोन और मिसाइल हमलों की एक श्रृंखला शुरू की।दोनों देशों के बीच स्थिति बनी हुई है अस्थिररक्षा अधिकारियों के अनुसार, बावजूद इसके इन हमलों को भारत की वायु रक्षा प्रणालियों द्वारा बड़े पैमाने पर रोक दिया गया, जिसमें एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली भी शामिल है, जिससे महत्वपूर्ण क्षति को रोका जा सका। उल्लेखनीय है कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकवादियों ने 26 निर्दोष लोगों की हत्या कर दी थी। इस पर भारतीय सशस्त्र बलों ने पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए ऑपरेशन सिंदूर चलाकर पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर में नौ आतंकवादी शिविरों को निशाना बनाकर नष्ट कर दिया।भारत की इस कार्रवाई से पाकिस्तान बौखला गया है और नियंत्रण रेखा पर बार-बार संघर्ष विराम का उल्लंघन कर रहा है, जिससे युद्ध जैसे हालात पैदा हो गए हैं। दोनों पक्ष एक-दूसरे पर आक्रामकता और हवाई क्षेत्र का उल्लंघन करने का आरोप लगा रहे हैं। स्थिति अस्थिर बनी हुई है, और आगे की वृद्धि को रोकने के लिए संयम और कूटनीतिक जुड़ाव के लिए अंतर्राष्ट्रीय आह्वान किया जा रहा है। -
नई दिल्ली। भारत-पाकिस्तान के बीच पश्चिमी सीमा पर तनाव एक बार फिर बढ़ गया है। 7 और 8 मई की रात को पाकिस्तान ने भारतीय हवाई क्षेत्र में कई बार घुसपैठ की और भारतीय सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश की। कर्नल सोफिया कुरैशी ने आज शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी दी कि पाकिस्तान ने करीब 300 से 400 ड्रोन भारत की सीमा में 36 अलग-अलग स्थानों पर भेजे, जिनमें से कई को भारतीय सशस्त्र बलों ने मार गिराया। शुरुआती जांच में यह पता चला है कि ये ड्रोन तुर्की निर्मित Asisguard Songar मॉडल के थे।
कर्नल सोफिया ने बताया, “पाकिस्तानी सेना ने 7 और 8 मई की रात को भारतीय हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया और भारी कैलिबर हथियारों से नियंत्रण रेखा (LoC) पर फायरिंग की। यह घुसपैठ भारतीय सैन्य ढांचे पर हमला करने और हमारे एयर डिफेंस सिस्टम की क्षमता को परखने के लिए की गई थी।” उन्होंने यह भी बताया कि ड्रोन हमलों का एक उद्देश्य खुफिया जानकारी एकत्र करना भी हो सकता है। इन ड्रोन के मलबे की फॉरेंसिक जांच की जा रही है।वहीं, विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने बताया कि पाकिस्तान ने हमला करने के बावजूद अपने नागरिक हवाई क्षेत्र को बंद नहीं किया और सिविल एयरलाइन का उपयोग एक ढाल के रूप में किया। उन्होंने कहा, “भारत ने हमले के दौरान अपनी एयरस्पेस को बंद कर दिया था ताकि नागरिक विमानों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। लेकिन पाकिस्तान की ओर से कराची और लाहौर के बीच सिविल विमानों की उड़ानें जारी रहीं, जिससे अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट्स को भी खतरा हुआ।”उन्होंने आगे बताया कि भारत ने संयम बरतते हुए जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान के चार एयर डिफेंस ठिकानों पर सशस्त्र ड्रोन भेजे। इनमें से एक ड्रोन ने पाकिस्तानी एयर डिफेंस रडार को तबाह कर दिया। इसके अलावा पाकिस्तान ने भारी हथियारों और ड्रोन के जरिए नियंत्रण रेखा पर फिर से गोलाबारी की, जिससे भारतीय सेना को कुछ हानि और चोटें पहुंचीं, लेकिन भारतीय जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान को भी गंभीर नुकसान हुआ।पाकिस्तान ने गुरुवार को जम्मू क्षेत्र को निशाना बनाते हुए ‘हमास स्टाइल’ हमले किए और सस्ते रॉकेटों का इस्तेमाल कर कई इलाकों को निशाना बनाया। यह हमला भारत की ओर से 8 मई को चलाए गए “ऑपरेशन सिंदूर” के जवाब में किया गया, जिसमें भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में नौ आतंकवादी ठिकानों को नष्ट किया था। यह ऑपरेशन 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद किया गया था। गुरुवार को भारतीय सेना ने नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तान के 50 से अधिक ड्रोन को मार गिराया और पाकिस्तान के कई बड़े हमलों को नाकाम कर दिया। इसके अलावा लाहौर स्थित एक एयर डिफेंस सिस्टम को भी निष्क्रिय कर दिया गया। -
नई दिल्ली। भारत-पाकिस्तान सीमा पर बढ़ते तनाव को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने आज शुक्रवार को एक बड़ा फैसला लेते हुए सभी अधिकारियों की छुट्टियां अगले आदेश तक रद्द कर दी हैं। मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि अब किसी भी अधिकारी को तब तक छुट्टी नहीं दी जाएगी, जब तक कि वह चिकित्सकीय कारणों से न हो। जिन अधिकारियों की छुट्टियां पहले से स्वीकृत थीं, उन्हें भी तुरंत ड्यूटी पर लौटने का निर्देश दिया गया है।
इससे पहले, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की, जिसमें आपातकालीन स्वास्थ्य प्रणाली की तैयारियों की समीक्षा की गई। बैठक में एंबुलेंस की तैनाती, जरूरी दवाओं, उपकरणों, ब्लड, अस्पतालों में बिस्तरों की उपलब्धता, ICU और HDU तैयारियों, BHISHM क्यूब्स और मोबाइल ट्रॉमा यूनिट्स की व्यवस्था की जानकारी दी गई।AIIMS दिल्ली और अन्य केंद्रीय अस्पतालों को डॉक्टरों व नर्सों के साथ आपूर्ति तैयार रखने का निर्देश दिया गया है। इन्हें राज्य, जिला प्रशासन, सशस्त्र बलों और निजी अस्पतालों के साथ तालमेल बनाने को कहा गया है ताकि आपातकालीन नेटवर्क को मजबूत किया जा सके। इसके अलावा, देशभर के प्रमुख अस्पतालों जैसे AIIMS, PGIMER, JIPMER आदि में आपदा की तैयारियों को लेकर मॉक ड्रिल भी कराई गई हैं।मंत्रालय ने सभी अस्पतालों से आवश्यक दवाओं, ब्लड, ऑक्सीजन, और ट्रॉमा किट्स की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने को कहा है। मंत्रालय स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है और देशभर में स्वास्थ्य सेवाएं और आपातकालीन प्रतिक्रिया सुचारू रखने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी बीच, भारतीय सेना ने 8 और 9 मई की रात पाकिस्तान की तरफ से किए गए कई ड्रोन हमलों और संघर्षविराम उल्लंघनों (CFVs) का सफलतापूर्वक जवाब दिया। सेना ने कहा, “पाकिस्तानी सेना ने पश्चिमी सीमा और जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (LoC) पर ड्रोन और अन्य हथियारों से हमले किए, लेकिन भारतीय सेना ने इन सभी हमलों को विफल कर दिया और उचित जवाब दिया। सेना देश की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और पाकिस्तान की हर नापाक कोशिश का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। -
नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को बड़े पैमाने पर किए गए पाकिस्तानी ड्रोन हमले को विफल करने के बाद हालात पर आज शुक्रवार को चीफ डिफेंस ऑफ स्टाफ और तीनों सेना प्रमुखों के साथ बैठक की। राष्ट्रीय राजधानी में शुक्रवार को साउथ ब्लॉक में दो घंटे चली इस समीक्षा बैठक में शीर्ष सैन्य नेतृत्व ने लड़ाकू वर्दी पहनकर हर तरह का मुकाबला करने का संदेश दिया। देश की वर्तमान सुरक्षा स्थिति पर तीनों सेनाओं ने सरकार को भरोसा दिलाया कि राष्ट्र की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए सभी नापाक मंसूबों का बलपूर्वक जवाब दिया जाएगा।
रक्षा मंत्री के साथ बैठक में सेना के शीर्ष अधिकारी और वरिष्ठ अधिकारी रहे मौजूदरक्षा मंत्री के साथ सीडीएस जनरल अनिल चौहान, थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी, नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह और रक्षा सचिव आरके सिंह सहित सेना के शीर्ष अधिकारी और वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।ऑपरेशन ‘सिंदूर’ के बाद पाकिस्तान की सैन्य गतिविधियों पर भारत की जवाबी कार्रवाई के मद्देनजर हुई यह बैठकयह बैठक ऑपरेशन ‘सिंदूर’ के बाद पाकिस्तान की सैन्य गतिविधियों पर भारत की जवाबी कार्रवाई के मद्देनजर हुई, जिसमें भारतीय सशस्त्र बलों ने बुधवार को पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। इसके बाद भारतीय सेना ने 8 और 9 मई की मध्यरात्रि के दौरान पश्चिमी सीमा और जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर पाकिस्तान की ओर से किए गए कई ड्रोन हमलों को नाकाम किया।बढ़ते तनाव के बीच रक्षा मंत्री ने शीर्ष सैन्य नेतृत्व से मौजूदा हालात के बारे में जानकारी लीभारतीय सेना ने कहा कि पाकिस्तान के सशस्त्र बलों ने 08 और 09 मई की मध्यरात्रि को पूरे पश्चिमी सीमा पर ड्रोन और अन्य हथियारों का उपयोग करके कई हमले किए। पाकिस्तान ने जम्मू और कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर कई संघर्ष विराम उल्लंघन (सीएफवी) भी किए।ड्रोन हमलों को प्रभावी ढंग से विफल किया गया और सीएफवी को मुंहतोड़ जवाब दिया गया। भारतीय सेना राष्ट्र की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। सभी नापाक मंसूबों का बलपूर्वक जवाब दिया जाएगा। रक्षा अधिकारी ने कहा कि भारत में निर्मित आकाश सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल वायु रक्षा प्रणाली का भारतीय सशस्त्र बलों ने भारतीय लक्ष्यों पर पाकिस्तानी हमलों को विफल करने में प्रभावी ढंग से उपयोग किया है। भारतीय सेना और वायु सेना दोनों के पास पाकिस्तान सीमा पर मिसाइल प्रणाली है।भारतीय सेना और वायु सेना दोनों ने पाकिस्तान सीमा पर मिसाइल प्रणाली तैनात कीरक्षा अधिकारियों के अनुसार स्वदेशी रूप से विकसित आकाश सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल वायु रक्षा प्रणाली ने गुरुवार को भारतीय संपत्तियों को निशाना बनाने वाले पाकिस्तानी ड्रोन हमलों को विफल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अधिकारियों ने कहा कि भारतीय सेना और वायु सेना दोनों ने पाकिस्तान सीमा पर मिसाइल प्रणाली तैनात की है। आकाश वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली है, जो मोबाइल, अर्ध-मोबाइल और स्थिर कमजोर बलों और क्षेत्रों को कई हवाई खतरों के खिलाफ क्षेत्र की वायु रक्षा प्रदान करती है।इस प्रणाली में अत्याधुनिक विशेषताएं और क्रॉस-कंट्री मोबिलिटी है। वास्तविक समय में मल्टी-सेंसर डेटा प्रोसेसिंग और खतरे का मूल्यांकन किसी भी दिशा से कई लक्ष्यों को एक साथ निशाना बनाने में सक्षम बनाता है। कल रात जब पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) और अंतरराष्ट्रीय सीमाओं (आईबी) के साथ विभिन्न स्थानों पर झुंड ड्रोन भेजने के प्रयास किए, तो भारतीय सेना की वायु रक्षा इकाइयों ने उधमपुर, सांबा, जम्मू, अखनूर, नगरोटा और पठानकोट क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर किए गए काउंटर-ड्रोन ऑपरेशन के दौरान 50 से अधिक ड्रोन को सफलतापूर्वक निष्प्रभावी कर दिया। इस कार्रवाई में एल-70 गन, ज़ू-23 मिमी, शिल्का सिस्टम और अन्य उन्नत काउंटर-यूएएस उपकरणों का व्यापक उपयोग किया गया, जिससे हवाई खतरों का मुकाबला करने की सेना की मजबूत क्षमता का प्रदर्शन हुआ। -
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में किए गए भारतीय सेना के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत और संघ सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले की तरफ से बयान जारी किया गया है। उन्होंने आतंकियों के खिलाफ जारी ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का समर्थन करते हुए भारत सरकार और सैन्य बलों का हार्दिक अभिनंदन किया है। आरएसएस ने कहा कि राष्ट्रीय संकट की इस घड़ी में संपूर्ण देश तन-मन-धन से देश की सरकार एवं सैन्य बलों के साथ खड़ा है।
आरएसएस ने एक्स पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की फोटो साझा कीराष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की फोटो शेयर करते हुए लिखा, ”पहलगाम की कायरतापूर्ण आतंकवादी घटना के पश्चात पाक प्रायोजित आतंकवादियों एवं उनके समर्थक पारितंत्र पर की जा रही निर्णायक कार्रवाई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के लिए भारत सरकार के नेतृत्व और सैन्य बलों का हार्दिक अभिनंदन। हिंदू यात्रियों के नृशंस हत्याकांड में आहत परिवारों को एवं समस्त देश को न्याय दिलाने हेतु हो रही इस कार्रवाई ने समूचे देश के स्वाभिमान एवं हिम्मत को बढ़ाया है।”राष्ट्रीय संकट की इस घड़ी में संपूर्ण देश तन-मन-धन से देश की सरकार एवं सैन्य बलों के साथ खड़ा हैएक्स पोस्ट में आगे लिखा गया है, ”हमारा यह भी मानना है कि पाकिस्तान में आतंकियों, उनका ढांचा एवं सहयोगी तंत्र पर की जा रही सैनिक कार्रवाई देश की सुरक्षा के लिए आवश्यक एवं अपरिहार्य कदम है। राष्ट्रीय संकट की इस घड़ी में संपूर्ण देश तन-मन-धन से देश की सरकार एवं सैन्य बलों के साथ खड़ा है। पाकिस्तानी सेना द्वारा भारत की सीमा पर धार्मिक स्थलों एवं नागरिक बस्ती क्षेत्र पर किए जा रहे हमलों की हम निंदा करते हैं और जो इन हमलों का शिकार हुए, उनके परिवारों के प्रति हार्दिक संवेदनाएं व्यक्त करते हैं।”आरएसएस ने देशवासियों से किया आह्वानआरएसएस ने आगे लिखा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ इस चुनौतीपूर्ण अवसर पर समस्त देशवासियों से आह्वान करता है कि शासन एवं प्रशासन द्वारा दी जा रही सभी सूचनाओं का पूर्णतः अनुपालन सुनिश्चित करें। इसके साथ-साथ इस अवसर पर हम सबको अपने नागरिक कर्तव्य का निर्वहन करते हुए यह भी सावधानी रखनी है कि राष्ट्र विरोधी शक्तियों के सामाजिक एकता एवं समरसता को भंग करने के किसी भी षड्यंत्र को सफल न होने दें। संगठन ने देशवासियों से अनुरोध किया है कि वे अपनी देशभक्ति का परिचय देते हुए सेना एवं नागरी प्रशासन के लिए जहां भी, जैसी भी आवश्यकता हो, हरसंभव सहयोग के लिए तत्पर रहें और राष्ट्रीय एकता तथा सुरक्षा को बनाए रखने के सभी प्रयासों को बल प्रदान करें। -
नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव एक बार फिर चरम पर है। इस बार मामला है 1960 के सिंधु जल समझौते का, जिसे भारत ने हाल ही में निलंबित कर दिया। इस फैसले से पाकिस्तान भड़क गया और उसने विश्व बैंक से हस्तक्षेप की मांग की। लेकिन विश्व बैंक के अध्यक्ष अजय बंगा ने साफ कर दिया कि उनकी कोई दखल देने की भूमिका नहीं है। उन्होंने कहा, “हम सिर्फ सहायक हैं। मीडिया में खबरें चल रही हैं कि विश्व बैंक बीच में आएगा और समस्या सुलझाएगा, लेकिन ये सब बकवास है।” इस बयान ने पाकिस्तान की उम्मीदों पर पानी फेर दिया।
दरअसल, 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद दोनों देशों के रिश्ते और बिगड़ गए। इस हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे। भारत ने इसके जवाब में कई कड़े कदम उठाए। सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों के लिए सार्क वीजा छूट योजना रद्द कर दी, अटारी सीमा बंद कर दी और कई पाकिस्तानी यूट्यूब चैनल्स और कई मशहूर हस्तियों, जैसे हनिया आमिर और माहिरा खान के इंस्टाग्राम अकाउंट्स ब्लॉक कर दिए।सिंधु जल समझौता और नया विवाद1960 में विश्व बैंक की मध्यस्थता से भारत और पाकिस्तान ने सिंधु जल समझौता किया था। इसके तहत सिंधु नदी और उसकी सहायक नदियों का पानी दोनों देशों के बीच बांटा गया। लेकिन 24 अप्रैल को भारत ने इस समझौते को निलंबित कर दिया। अगले ही दिन पाकिस्तान ने इसे “एकतरफा और गैरकानूनी” बताते हुए विश्व बैंक से शिकायत की। पाकिस्तान ने चेतावनी दी कि अगर उसका पानी का हिस्सा कम किया गया तो इसे “युद्ध की कार्रवाई” माना जाएगा। भारत ने भी कदम पीछे नहीं हटाए। 4 मई को भारत ने चिनाब नदी पर बगलिहार बांध से पानी का प्रवाह कम कर दिया और अब झेलम नदी पर किशनगंगा बांध पर भी ऐसा करने की योजना है। इसके जवाब में पाकिस्तान ने भारी गोलाबारी शुरू की, जिसमें 16 नागरिकों की मौत हो गई। भारत ने भी 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया और पाकिस्तान व पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में नौ जगहों पर आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। यह तनाव दोनों देशों के लिए नया नहीं है, लेकिन इस बार पानी और आतंकवाद का मुद्दा इसे और गंभीर बना रहा है। विश्व बैंक का हस्तक्षेप न करने का फैसला दोनों देशों को अपनी समस्या खुद सुलझाने के लिए मजबूर कर सकता है। -
नई दिल्ली। पाकिस्तान और भारत के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर उरी जिले के सभी सीमावर्ती गांवों को खाली करवा दिया गया है। सभी नागरिकों को बस में भरकर श्रीनगर भेजा जा रहा है। भारत की तरफ से यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है, जब पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों पर भारत की एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान की ओर से भारतीय सीमा पर लगातार हमले की कोशिश जारी है।
पाकिस्तान की ओर से 8 और 9 मई की मध्य रात्रि को भारत की ओर टारगेट करते हुए कई ड्रोन और मिसाइल दागे गए, जिन्हें भारतीय सेना ने हवा में ही नाकाम कर दिया।इस बीच, पाकिस्तान की ओर से एलओसी पर लगातार बिना उकसावे की गोलीबारी जारी है। पाकिस्तान ने उरी सेक्टर के लगमा गांव को भी निशाना बनाया है। सीमा पार से लगमा गांव में गिरे एक बम ने दुकान को तबाह कर दिया। यह बम एक दुकान के पास आकर गिरा, जिसके कारण दुकान पूरी तरह से जलकर खाक हो गई। पिछले कुछ दिनों से पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा के पास बड़े पैमाने पर गोलीबारी की है, जिसमें जानमाल का काफी नुकसान भी हुआ है। -
नई दिल्ली। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने शुक्रवार को सभी मीडिया चैनलों को रक्षा अभियानों की लाइव कवरेज को लेकर एडवाइजरी जारी की है। उन्होंने रक्षा अभियानों और सुरक्षा बलों की गतिविधियों की लाइव कवरेज से बचने की हिदायत दी है।
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने आदेश में कहा है, “सभी मीडिया चैनलों को रक्षा अभियानों और सुरक्षा बलों की आवाजाही के लाइव कवरेज को दिखाने से परहेज करने की सलाह दी जाती है। राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में सभी मीडिया प्लेटफॉर्म, समाचार एजेंसियों और सोशल मीडिया यूजर्स से अनुरोध है कि वे रक्षा और अन्य सुरक्षा संबंधी अभियानों की रिपोर्टिंग करते समय अत्यंत जिम्मेदारी बरतें और मौजूदा कानूनों व नियमों का सख्ती से पालन करें।”उन्होंने आगे बताया, “विशेष रूप से रक्षा अभियानों या सुरक्षा बलों की गतिविधियों से संबंधित रीयल-टाइम कवरेज, विजुअल का प्रसार या सूत्र आधारित जानकारी की रिपोर्टिंग नहीं की जानी चाहिए। संवेदनशील जानकारी का समयपूर्व खुलासा अनजाने में शत्रु तत्वों की मदद कर सकता है और अभियान की प्रभावशीलता तथा कर्मियों की सुरक्षा को खतरे में डाल सकता है। पिछली घटनाओं ने जिम्मेदार रिपोर्टिंग के महत्व को रेखांकित किया है। कारगिल युद्ध, मुंबई आतंकी हमले (26/11) और कंधार अपहरण जैसे मामलों में अनियंत्रित कवरेज से राष्ट्रीय हितों पर प्रभाव पड़ा था। मीडिया, डिजिटल प्लेटफॉर्म और व्यक्ति राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। कानूनी दायित्वों के अलावा, यह हमारा साझा नैतिक उत्तरदायित्व है कि हमारे सामूहिक कार्य चल रहे अभियानों या हमारी सेनाओं की सुरक्षा को खतरे में न डालें।”इस आदेश में बताया गया कि सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने पहले ही सभी टीवी चैनलों को केबल टेलीविजन नेटवर्क (संशोधन) नियम, 2021 के नियम 6(1)(पी) का पालन करने के लिए परामर्श जारी किया है। नियम 6(1)(पी) में कहा गया है कि केबल सेवा में कोई भी कार्यक्रम प्रसारित नहीं किया जाना चाहिए, जिसमें सुरक्षा बलों द्वारा आतंकवाद विरोधी अभियान की लाइव कवरेज हो, ऐसी मीडिया कवरेज केवल उपयुक्त सरकार द्वारा नामित अधिकारी की ओर से समय-समय पर दी गई जानकारी तक सीमित होगी, जब तक कि वह अभियान समाप्त न हो जाए।उन्होंने बताया, “ऐसा प्रसारण केबल टेलीविजन नेटवर्क (संशोधन) नियम, 2021 का उल्लंघन है और इसके तहत कार्रवाई की जा सकती है। इसलिए, सभी टीवी चैनलों को सलाह दी जाती है कि वे राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में आतंकवाद विरोधी अभियानों और सुरक्षा बलों की गतिविधियों की लाइव कवरेज प्रसारित न करें। सभी हितधारकों से अनुरोध है कि वे कवरेज में सतर्कता, संवेदनशीलता और जिम्मेदारी बरतते रहें और राष्ट्र की सेवा में उच्चतम मानकों का पालन करें। यह आदेश मंत्रालय के सक्षम प्राधिकारी के अनुमोदन के साथ जारी किया गया है।”रक्षा मंत्रालय ने भी अपने सोशल मीडिया एक्स अकाउंट पर इस आदेश को शेयर करते हुए अपील की है। उन्होंने एक्स पर लिखा, “सभी मीडिया चैनलों, डिजिटल प्लेटफॉर्मों और व्यक्तियों से अनुरोध है कि वे रक्षा अभियानों और सुरक्षा बलों की गतिविधियों की लाइव कवरेज या रीयल-टाइम रिपोर्टिंग से बचें। ऐसी संवेदनशील या स्रोत-आधारित जानकारी का खुलासा करने से अभियान खतरे में पड़ सकता है और लोगों की जान को जोखिम हो सकता है। -
नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पहले ट्विटर) ने भारत में 8,000 से ज्यादा अकाउंट्स की पहुंच को सीमित कर दिया है। यह कदम भारत सरकार के उस सख्त आदेश के बाद उठाया गया है, जिसमें कंपनी को चेतावनी दी गई थी कि अगर वह निर्देशों का पालन नहीं करती तो उसे भारी जुर्माना और भारत में काम कर रहे कर्मचारियों को जेल की सजा हो सकती है।
इन अकाउंट्स में कई नामी हस्तियों और अंतरराष्ट्रीय मीडिया संस्थानों के प्रोफाइल भी शामिल हैं। एलन मस्क के स्वामित्व वाली कंपनी X ने कहा, “हमारे पास कोई विकल्प नहीं था। अगर आदेश नहीं मानते, तो भारत में पूरी सेवा को ही बैन किया जा सकता था।”यह मामला ऐसे समय सामने आया है जब भारत ने हाल ही में कई पाकिस्तानी यूट्यूब चैनलों और वेबसाइट्स पर बैन लगाया है, जिन पर भारत विरोधी और भड़काऊ कंटेंट फैलाने का आरोप है।फेक न्यूज पर सरकार सख्त, PIB और गृह मंत्रालय से पुष्टि की अपीलपाकिस्तान के साथ चल रहे सीमा तनाव के बीच भारत सरकार ने फेक न्यूज फैलाने वालों को लेकर चेतावनी जारी की है। सरकार ने कहा है कि सोशल मीडिया पर गलत जानकारी फैलाने से बचें और किसी भी दावे को शेयर करने से पहले उसकी पुष्टि आधिकारिक स्रोतों से जरूर करें।इसके लिए लोगों को PIB फैक्ट चेक, गृह मंत्रालय या संबंधित राज्य आपदा प्रबंधन इकाई से जानकारी सत्यापित करने की सलाह दी गई है। साथ ही जनता से अपील की गई है कि बिना किसी आधिकारिक निर्देश के वे सामान्य दिनचर्या जारी रखें और किसी भी अफवाह को न फैलाएं।इसी क्रम में, बीजिंग स्थित भारतीय दूतावास ने चीन के सरकारी मीडिया हाउस ग्लोबल टाइम्स को भी नसीहत दी है। दूतावास ने कहा है कि वह भारतीय सैन्य अभियानों को लेकर सोशल मीडिया पर कोई भी जानकारी पोस्ट करने से पहले तथ्यों की अच्छी तरह जांच कर ले।यह कदम भारत सरकार की उस रणनीति का हिस्सा है, जिसके तहत संवेदनशील स्थितियों में गलत जानकारी और अफवाहों पर रोक लगाना जरूरी माना जा रहा है।22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पाहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने कड़ा डिजिटल रुख अपनाया है। सरकार ने पाकिस्तान के मशहूर कलाकारों जैसे फवाद खान, आतिफ असलम और हानिया आमिर के सोशल मीडिया अकाउंट्स पर बैन लगा दिया है।इसके अलावा सभी ओटीटी प्लेटफॉर्म्स और डिजिटल स्ट्रीमिंग सेवाओं को आदेश दिया गया है कि वे पाकिस्तान से जुड़ा कोई भी कंटेंट तुरंत हटा दें। यह कदम भारत की ओर से उठाए गए कई जवाबी उपायों का हिस्सा है, जिसका मकसद आतंक से जुड़े किसी भी तरह के प्रचार-प्रसार को रोकना है। -
नई दिल्ली। देश के विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री वर्तमान हालात पर नजर बनाए हुए हैं। भारत-पाकिस्तान की तनावपूर्ण स्थिति के बीच राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा ने हाई लेवल मीटिंग की अध्यक्षता की। इस बैठक में सभी राज्य सरकार के कर्मियों की छुट्टियां रद्द करने संबंधी निर्देश दिए गए। वहीं, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी शुक्रवार को अहम बैठक बुलाई है।
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के आधिकारिक एक्स हैंडल से बैठक की जानकारी दी गई है। इसके अनुसार- मुख्यमंत्री निवास पर सुरक्षा व्यवस्था के संबंध में आयोजित उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने सीमा पर उत्पन्न हुई तनावपूर्ण परिस्थितियों के मद्देनजर, प्रदेशभर विशेषकर सीमावर्ती जिलों की सुरक्षा व्यवस्था के संबंध में निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने सभी राजकीय कार्मिकों की छुट्टियां निरस्त करने और उन्हें मुख्यालय पर उपस्थित रहने के संबंध में भी निर्देश दिए।पाकिस्तान की ओर से जैसलमेर, बाड़मेर, श्रीगंगानगर और बीकानेर जैसे सीमावर्ती क्षेत्रों में ड्रोन की गतिविधियों और ब्लैकआउट के मद्देनज़र राजस्थान सरकार ने इन क्षेत्रों को ‘स्पेशल वॉच जोन’ घोषित किया है। पुलिस, बीएसएफ और प्रशासन को आपसी समन्वय से चौबीस घंटे निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं।मुख्यमंत्री शर्मा ने आमजन से शांति बनाए रखने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है। उन्होंने कहा, “राज्य सरकार केंद्र सरकार और सेना के साथ समन्वय में है। सभी संवेदनशील क्षेत्रों की निगरानी की जा रही है और आमजन की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।”संभावित आपात स्थिति को देखते हुए डिजास्टर मैनेजमेंट टीमों को भी सतर्क कर दिया गया है। साथ ही सभी सीमावर्ती जिलों के अस्पतालों और एंबुलेंस नेटवर्क को भी हाई अलर्ट पर रखा गया है।इस बीच, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आज शुक्रवार को एक आपातकालीन सुरक्षा बैठक बुलाई है। दोपहर होने वाली इस बैठक का उद्देश्य मौजूदा घटनाक्रम के मद्देनजर स्थिति का आकलन करना और राज्य भर में सुरक्षा उपायों की समीक्षा करना है। -
नयी दिल्ली. भारतीय सशस्त्र बलों ने बुधवार रात ड्रोन और मिसाइलों का उपयोग करके उत्तरी और पश्चिमी भारत में कई सैन्य ठिकानों पर हमला करने की पाकिस्तानी सेना की कोशिशों को विफल कर दिया और जवाबी कार्रवाई में लाहौर में एक पाकिस्तानी वायु रक्षा प्रणाली को नष्ट कर दिया। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पाकिस्तानी सेना ने अवंतीपुरा, श्रीनगर, जम्मू, पठानकोट, अमृतसर, कपूरथला, जालंधर, लुधियाना, आदमपुर, बठिंडा, चंडीगढ़, नल, फलोदी, उत्तरलाई और भुज को निशाना बनाने का प्रयास किया। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि इन्हें एकीकृत काउंटर मानवरहित विमान प्रणाली (ग्रिड और वायु रक्षा प्रणाली) द्वारा निष्प्रभावी कर दिया गया। उसने कहा, “इन हमलों के बाद अब मलबे कई स्थानों से बरामद किए जा रहे हैं, जो पाकिस्तानी हमलों की पुष्टि करते हैं।” मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “आज सुबह भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान के कई स्थानों पर वायु रक्षा रडार और प्रणालियों को निशाना बनाया। पाकिस्तान के दुस्साहस का जवाब उसी प्रबलता के साथ दिया गया।” इसमें कहा गया है, “विश्वसनीय रूप से यह पता चला है कि लाहौर में एक वायु रक्षा प्रणाली को निष्क्रिय कर दिया गया है।” मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा, बारामूला, उरी, पुंछ, मेंढर और राजौरी सेक्टरों में मोर्टार और भारी क्षमता वाली तोपों का उपयोग करते हुए नियंत्रण रेखा पर अपनी अकारण गोलीबारी की तीव्रता बढ़ा दी है। मंत्रालय ने कहा, “पाकिस्तानी गोलीबारी के कारण तीन महिलाओं और पांच बच्चों सहित 16 निर्दोष लोगों की जान चली गई है।” बयान में कहा गया है कि यहां भी भारत को पाकिस्तान की ओर से मोर्टार और तोपखाने की गोलीबारी रोकने के लिए जवाब देने के लिए बाध्य होना पड़ा। मंत्रालय ने कहा, “भारतीय सशस्त्र बल तनाव न बढ़ाने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हैं, बशर्ते पाकिस्तानी सेना इसका सम्मान करे।
-
नयी दिल्ली. आगामी संस्मरण, “कमांडेड बाई डेस्टिनी: ए जनरल्स राइज फ्रॉम सोल्जर टू स्टेट्समैन” पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल एस.एम. श्रीनागेश के जीवन और सेनाप्रमुख के तौर पर उनके कार्यकाल का एक रोचक विवरण पेश करता है। यह संस्मरण स्वतंत्रता के बाद की राष्ट्रवाद की भावना और देश की स्वतंत्रता को सुरक्षित करने में भारतीय सेना की भूमिका को भी दर्शाता है। इस महीने प्रकाशित होने वाली आत्मकथा इस बात पर प्रकाश डालती है कि किस प्रकार दिवंगत जनरल श्रीनागेश ने भारतीय सेना के आधुनिकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई तथा इस मिथक को तोड़ा कि भारतीय मजबूत सैन्य नेतृत्व में असमर्थ हैं। इसे पेंगुइन रैंडम हाउस इंडिया (पीआरएचआई) के ‘वीर' प्रिंट के तहत जारी किया जाएगा।
इसके कुछ भाग जहां 2009 में प्रकाशित हुए थे, नवीनतम संस्करण में श्रीनागेश द्वारा लिखित घटनाओं का पूर्ण ब्यौरा प्रस्तुत किया गया है। श्रीनागेश की मृत्यु दिसंबर 1977 में हुई थी। ईबरी प्रेस और पेंगुइन वीर की कार्यकारी संपादक गुरवीन चड्ढा ने एक बयान में कहा, “उनके परिवार द्वारा वर्षों से संरक्षित यह पुस्तक उनके उल्लेखनीय सैन्य करियर और भारत के रक्षा इतिहास के एक महत्वपूर्ण युग का अंतरंग और व्यावहारिक विवरण प्रस्तुत करती है।” पाकिस्तान के साथ 1947-48 के युद्ध के दौरान जम्मू-कश्मीर के कोर कमांडर जनरल श्रीनागेश के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने ही सबसे पहले इतनी ऊंचाइयों पर पाकिस्तानी सुरक्षा बलों को मात देने के लिए ज़ोजी ला में टैंकों की तैनाती की थी। उन्होंने 1955 से 1957 तक भारतीय सेना के सेनाध्यक्ष के रूप में कार्य किया। श्रीनागेश सात मई 1957 को 34 साल की शानदार सैन्य सेवा पूरी करके सेवानिवृत्त हुए। सेवानिवृत्ति के बाद, उन्होंने 1959 से 1962 तक असम के राज्यपाल के रूप में कार्य किया, फिर 1962 से 1964 तक आंध्र प्रदेश के राज्यपाल के रूप में और अंत में 1964 से 1965 तक मैसूर के राज्यपाल पद पर रहे। -
बालासोर. पहलगाम आतंकी हमले में अपने पिता को गंवा चुके नौ वर्षीय तनुज कुमार सतपथी ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह पाकिस्तानी आतंकवादियों से लड़ने के लिए भारतीय सेना में भर्ती होना चाहता है। तनुज के पिता प्रशांत सतपथी 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में मारे गए 26 लोगों में शामिल थे। ओडिशा के बालासोर जिले में अपने घर पर संवाददाताओं से बात करते हुए तनुज ने कहा कि अगर उसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलने का मौका मिला तो वह उनसे यह सुनिश्चित करने के लिए कहेगा कि उसके जैसे किसी भी बच्चे के सिर से पिता का साया ना उठे। उसने कहा, ‘‘मैंने सेना में शामिल होने का फैसला किया है, क्योंकि इसने मेरे पिता की मौत का बदला लिया है।'' तनुज की मां प्रिया दर्शिनी आचार्य उसके साथ खड़ी थीं। तनुज ने ‘ऑपरेशन सिंदूर' का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘हम बुधवार सुबह से ही समाचार देख रहे हैं और इससे मेरी मां और मुझे बहुत सुकून मिला है। हमें अपनी सेना पर गर्व है।'' तनुज ने कहा कि सेना शुरू से ही उसके और उसकी मां के साथ है। उसने कहा, ‘‘आखिरकार उन्होंने बदला ले लिया। इसलिए मैं निश्चित रूप से सेना में शामिल होऊंगा। मैं पूरी लगन से पढ़ाई करूंगा ताकि मैं सेना में जगह पा सकूं और पाकिस्तान और उसके आतंकवादियों से लड़ सकूं।'' तनुज ने कहा, ‘‘अगर मुझे प्रधानमंत्री मोदी से मिलने का मौका मिलता है तो मैं उनसे कहूंगा कि वह सुनिश्चित करें कि मेरे जैसा कोई भी लड़का पिता के साए से वंचित ना होने पाए। अब मैं एक बेटे के लिए पिता की अहमियत को महसूस करता हूं।'' तनुज ने कहा कि वह प्रधानमंत्री मोदी से भी कहेगा कि वह पहलगाम जैसे स्थानों पर पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराएं और भारतीय सरजमीं पर आतंकवादियों को ना आने दें। पहलगाम में हुई भयावह घटना को याद करते हुए तनुज ने कहा कि आतंकवादियों ने उसके पिता को उस समय गोली मार दी, जब वे एक पहाड़ी से नीचे उतर रहे थे। उसने कहा, ‘‘वे तुरंत गिर पड़े। मेरी मां और मैं उनकी ओर दौड़े और पाया कि उनके सिर से खून बह रहा था। जब मेरी मां ने पूछा कि क्या उन्हें पानी चाहिए, तो उन्होंने कहा, हां। मैंने उन्हें पानी दिया।'' यह पूछे जाने पर कि क्या आतंकवादियों ने उसके पिता को मारने से पहले उनसे कुछ जानना चाहा था, तनुज ने कहा, ‘‘नहीं, लेकिन मैंने उन्हें दूसरों से उनके धर्म के बारे में पूछते देखा है।'' उसे यह भी याद आया कि घटना के बाद उसने अपनी मां की किस तरह से देखभाल की। तनुज की मां प्रिया दर्शिनी ने कहा कि वह अपने बेटे की इच्छा पूरी करने के लिए कुछ भी करेंगी। उन्होंने कहा कि अगर वह सेना में शामिल होना चाहता है, तो वह उसे इस तरह से तैयार करेंगी। हालांकि, प्रिया दर्शिनी ने तनुज में आई ‘अचानक परिपक्वता' पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, ‘‘मैं चिंतित हूं क्योंकि ऐसा लगता है कि उसने अचानक अपना बचपन खो दिया है। उसे धीरे-धीरे परिपक्व होना चाहिए, अचानक नहीं। मुझे उम्मीद है कि भगवान उसका भला करेंगे।