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- महाकुंभ नगर.। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ 2025 को सोमवार को “एकता का महाकुंभ” करार दिया। इसके बाद सोशल मीडिया पर ‘एकता का महाकुंभ' हैशटैग तेजी से लोकप्रिय होने लगा और बड़ी संख्या में उपयोगकर्ताओं ने इसके तहत पोस्ट किए। सोमवार को महाकुंभ के पहले स्नान पर्व पौष पूर्णिमा के अवसर पर सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' और इंस्टाग्राम पर ‘एकता का महाकुंभ' हैशटैग छाया रहा। उपयोगकर्ता सुबह से ही इस हैशटैग के तहत इस भव्य आयोजन के आध्यात्मिक और सांस्कृति महत्व को बयां करने वाले पोस्ट साझा करने लगे। उन्होंने बड़े पैमाने पर तस्वीरें और वीडियो भी पोस्ट किए। ‘एक्स' और इंस्टाग्राम पर महाकुंभ को लेकर कई हैशटैग के तहत फोटो, वीडियो और लिखित सामग्री साझा की गई, लेकिन इस दौरान ‘एकता का महाकुंभ' हैशटैग सबसे ज्यादा लोकप्रिय रहा। दोपहर 3.30 बजे तक 70 हजार से अधिक उपयोगकर्ताओं ने इस हैशटैग के तहत महाकुंभ में भारी भीड़, संगम स्नान और सनातन आस्था को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी। प्रतिक्रिया देने वालों में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल थे। अमेठी की पूर्व लोकसभा सांसद और वरिष्ठ भाजपा नेता स्मृति ईरानी, गोरखपुर के सांसद रवि किशन, उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री सूर्य प्रताप शाही और संदीप सिंह समेत कई प्रमुख हस्तियों और संस्थाओं ने भी अपने पोस्ट में इस हैशटैग का इस्तेमाल किया।
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नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को प्रयागराज में महाकुम्भ शुरू होने के साथ ही इसे भारतीय मूल्यों और संस्कृति को संजोने वालों के लिए एक बेहद खास दिन करार दिया और कहा कि यह विशाल धार्मिक आयोजन भारत की कालातीत आध्यात्मिक विरासत का प्रतीक है। मोदी ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि पौष पूर्णिमा पर पवित्र स्नान के साथ ही आज से प्रयागराज की पुण्यभूमि पर महाकुम्भ का आरंभ हो गया है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारी आस्था और संस्कृति से जुड़े इस दिव्य अवसर पर मैं सभी श्रद्धालुओं का हृदय से वंदन और अभिनंदन करता हूं। भारतीय आध्यात्मिक परंपरा का यह विराट उत्सव आप सभी के जीवन में नयी ऊर्जा और उत्साह का संचार करे, यही कामना है।'' उन्होंने एक अन्य पोस्ट में कहा, ‘‘भारतीय मूल्यों और संस्कृति को संजोने वाले करोड़ों लोगों के लिए एक बहुत ही खास दिन! महाकुम्भ 2025 प्रयागराज में शुरू हो रहा है, जिसमें अनगिनत लोग आस्था, भक्ति और संस्कृति के पवित्र संगम में एक साथ आते हैं। महाकुम्भ भारत की कालातीत आध्यात्मिक विरासत का प्रतीक है और आस्था और सद्भाव का जश्न मनाता है।'' प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें प्रयागराज में आए श्रद्धालुओं को देखकर खुशी हो रही है, जहां अनगिनत लोग आ रहे हैं, पवित्र डुबकी लगा रहे हैं और ईश्वर से आशीर्वाद मांग रहे हैं। उन्होंने तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के शानदार प्रवास की कामना की।
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नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बुधवार को महाराष्ट्र का दौरा करेंगे और इस दौरान नौसेना डॉकयार्ड (पोतगाह) में तीन अग्रिम पंक्ति के नौसैनिक युद्धपोतों आईएनएस सूरत, आईएनएस नीलगिरी और आईएनएस वाघशीर को राष्ट्र को समर्पित करेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने सोमवार को एक बयान में यह जानकारी दी। उसके मुताबिक, प्रधानमंत्री इसके बाद नवी मुंबई के खारघर में इस्कॉन मंदिर का उद्घाटन भी करेंगे। पीएमओ ने कहा कि तीन प्रमुख नौसैनिक युद्धपोतों को राष्ट्र को समर्पित किया जाना रक्षा विनिर्माण और समुद्री सुरक्षा में वैश्विक नेता बनने के भारत के सपने को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण छलांग है। आईएनएस सूरत 15बी श्रेणी के गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर प्रोजेक्ट का चौथा और अंतिम जहाज है, जो दुनिया के सबसे बड़े और सबसे परिष्कृत विध्वंसक जहाजों में शुमार है। इसमें 75 प्रतिशत स्वदेशी सामग्री है और यह अत्याधुनिक हथियार-सेंसर पैकेज और उन्नत नेटवर्क-केंद्रित क्षमताओं से लैस है। आईएनएस नीलगिरी 17ए स्टील्थ फ्रिगेट प्रोजेक्ट का पहला जहाज है। इसे भारतीय नौसेना के युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो द्वारा डिजाइन किया गया है और इसे बढ़ी हुई क्षमता, समुद्र में लंबे समय तक रहने तथा स्टील्थयुक्त उन्नत सुविधाओं के साथ नौसेना में शामिल किया गया है। यह स्वदेशी फ्रिगेट की अगली पीढ़ी को दर्शाता है। पी75 स्कॉर्पीन परियोजना की छठी और अंतिम पनडुब्बी आईएनएस वाघशीर, पनडुब्बी निर्माण में भारत की बढ़ती विशेषज्ञता का प्रतिनिधित्व करती है और इसका निर्माण फ्रांस के नौसेना समूह के सहयोग से किया गया है। पीएमओ ने कहा कि भारत की सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने की अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप, प्रधानमंत्री नवी मुंबई के खारघर में इस्कॉन की परियोजना के अंतर्गत श्री श्री राधा मदनमोहनजी मंदिर का भी उद्घाटन करेंगे। बयान के मुताबिक, नौ एकड़ में विस्तारित इस परियोजना में कई देवताओं के विग्रह के साथ एक मंदिर, एक वैदिक शिक्षा केंद्र, प्रस्तावित संग्रहालय और सभागार तथा उपचार केंद्र आदि शामिल हैं। इसका उद्देश्य वैदिक शिक्षाओं के माध्यम से सार्वभौमिक बंधुत्व, शांति और सद्भाव को बढ़ावा देना है।
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नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पी. के. मिश्रा ने कहा है कि मानसून की अनुकूल स्थिति से भारत का कृषि क्षेत्र वित्त वर्ष 2024-25 में मजबूत वृद्धि के लिए तैयार है। मिश्रा ने कहा, ‘‘मानसून अच्छा रहा है... मैं इस साल बहुत आशावादी हूं। '' वित्त वर्ष 2023-24 में कृषि तथा संबद्ध क्षेत्र की वृद्धि दर घटकर 1.4 प्रतिशत रह गई थी। हालांकि, कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हाल ही में संकेत दिया था कि अच्छे मानसून से चालू वित्त वर्ष में यह क्षेत्र 3.5 से चार प्रतिशत की दर से बढ़ सकता है। मिश्रा ने कहा कि 2016-17 और 2022-23 के बीच कृषि तथा संबद्ध क्षेत्रों में औसतन पांच प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर देखी गई, जिसे पशुधन व मत्स्य पालन में मजबूत प्रदर्शन से समर्थन मिला। यह क्षेत्र कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान भी मजबूत बना रहा था और इसने समग्र आर्थिक वृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान दिया था। हालांकि, दाल और तिलहन उत्पादन में चुनौतियां बनी हुई हैं।
मिश्रा ने कहा कि दालों का उत्पादन एक दशक पहले के 1.4 करोड़ टन से बढ़कर 2.4-2.5 करोड़ टन हो गया, लेकिन भारत इस मामले अब भी आत्मनिर्भर नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘ कई शोध किए जा रहे हैं और हमें महत्वपूर्ण प्रगति करनी चाहिए।' कृषि संबंधी कच्चे माल और उपकरणों पर उच्च करों के बारे में पूछे जाने पर मिश्रा ने कहा कि कृषि मुद्दों को व्यापक कर नीति विचारों से अलग कर नहीं देखा जा सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘ कर से संबंधित कई मुद्दे हैं और उन पर समग्र रूप से विचार करने की आवश्यकता है। -
भुवनेश्वर. ओडिशा सरकार ने आपातकाल के दौरान जेल गए लोगों के लिए 20,000 रुपये की मासिक पेंशन और अन्य लाभ की सोमवार को घोषणा की। दो जनवरी को, मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने आंतरिक सुरक्षा अधिनियम, भारत रक्षा नियम या भारत की रक्षा और आंतरिक सुरक्षा नियमों के तहत आपातकाल के दौरान गिरफ्तार किए गए और जेल गए लोगों के लिए मासिक पेंशन का प्रावधान घोषित किया। राज्य के गृह विभाग की एक अधिसूचना में कहा गया है कि पेंशन के साथ-साथ राज्य सरकार आपातकाल के दौरान जेल गए सभी लोगों के चिकित्सा खर्च का वहन करेगी। इसमें कहा गया है कि एक जनवरी 2025 तक जीवित सभी लोगों को पेंशन और चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध होंगी। पच्चीस जून 1975 से 21 मार्च 1977 के बीच आपातकाल का विरोध करने के कारण सैकड़ों लोगों को देश भर की विभिन्न जेलों में डाल दिया गया। पेंशन जीवित व्यक्तियों के पक्ष में मंजूर की जाएगी, भले ही वे जेल में कितने भी समय तक रहे हों। वे स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के प्रावधानों के अनुसार मुफ्त चिकित्सा उपचार का लाभ भी उठा सकते हैं। अधिसूचना में कहा गया है कि लाभ एक जनवरी, 2025 से प्रभावी होंगे और उस तारीख से पहले किसी भी अवधि के लिए कोई लाभ प्रदान नहीं किया जाएगा।
- जम्मू । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज सोमवार को जम्मू-कश्मीर में सोनमर्ग सुरंग राष्ट्र को समर्पित की। लगभग 12 किलोमीटर लंबी सोनमर्ग सुरंग परियोजना की लागत 2,700 करोड़ रुपये से अधिक आई है। इसमें सोनमर्ग मुख्य सुरंग, एक निकास सुरंग और पहुंच मार्ग शामिल हैं। समुद्र तल से 8,650 फीट की ऊंचाई पर स्थित यह सुरंग भूस्खलन और हिमस्खलन मार्गों को दरकिनार करते हुए लेह जाने के रास्ते में श्रीनगर और सोनमर्ग के बीच हर मौसम में संपर्क बढ़ाएगी और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण लद्दाख क्षेत्र में सुरक्षित और निर्बाध पहुंच सुनिश्चित करेगी। बताना चाहेंगे इस अवसर पर पीएम मोदी ने कार्यक्रम में उपस्थित जनसमूह को संबोधित भी किया।आज देश के हर कोने में उत्सव का माहौलजम्मू-कश्मीर के सोनमर्ग में विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, आज का दिन बहुत ही खास है। आज देश के हर कोने में उत्सव का माहौल है। आज से ही प्रयागराज में महाकुंभ आरंभ हो रहा है। करोड़ों लोग वहां पवित्र स्नान के लिए उमड़ रहे हैं। आज पंजाब समेत पूरा उत्तर भारत लोहड़ी की उमंग से भरा है।ये मौसम सोनमर्ग जैसे पर्यटन स्थल के लिए नए मौके भी लाता हैउन्होंने कहा, ये मौसम सोनमर्ग जैसे पर्यटन स्थल के लिए नए मौके भी लाता है। देश भर से सैलानी यहां पहुंच रहे हैं। कश्मीर की वादियों में आकर वो लोग आपकी मेहमाननवाजी का भरपूर आनंद ले रहे हैं।जम्मू-कश्मीर की, लद्दाख की एक और बहुत पुरानी डिमांड हुई पूरीआगे जोड़ते हुए पीएम मोदी ने कहा, आज मैं एक बड़ी सौगात लेकर आपके एक सेवक के रूप में आपके बीच आया हूं। कुछ दिन पहले मुझे जम्मू में आपके अपने रेल डिवीजन का शिलान्यास करने का अवसर मिला था। ये आपकी बहुत पुरानी डिमांड थी। आज मुझे सोनमर्ग टनल देश को और आपको सौंपने का मौका मिला है। यानी जम्मू-कश्मीर की, लद्दाख की एक और बहुत पुरानी डिमांड आज पूरी हुई है।जनता से कहा- ‘ये मोदी है वादा करता है, तो निभाता है’उन्होंने जनता से कहा, आप पक्का मानिए, ये मोदी है वादा करता है, तो निभाता है। हर काम का एक समय होता है और सही समय पर सही काम भी होने वाले हैं। केंद्र में हमारी सरकार बनने के बाद ही 2015 में सोनमर्ग टनल के वास्तविक निर्माण का काम शुरू हुआ था। मुझे खुशी है कि इस टनल का काम हमारी ही सरकार में पूरा भी हुआ है।इस टनल से सर्दियों के मौसम में सोनमर्ग की कनेक्टिविटी बनी रहेगीपीएम मोदी ने आगे कहा, इस टनल से सर्दियों के मौसम में सोनमर्ग की कनेक्टिविटी भी बनी रहेगी। इससे सोनमर्ग समेत इस पूरे इलाके में टूरिज्म को भी नए पंख लगने वाले हैं। आने वाले दिनों में रेल और रोड कनेक्टिविटी के बहुत सारे प्रोजेक्ट्स जम्मू-कश्मीर में पूरे होने वाले हैं।अब तो कश्मीर वादी रेल से भी जुड़ने वाली हैअब तो कश्मीर वादी रेल से भी जुड़ने वाली है। मैं देख रहा हूं कि इसको लेकर भी यहां जबरदस्त खुशी का माहौल है। आज भारत, तरक्की की नई बुलंदी की तरफ बढ़ चला है। हर देशवासी 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में जुटा है। ये तभी हो सकता है, जब हमारे देश का कोई भी हिस्सा, कोई भी परिवार तरक्की से पीछे न छुटे।हमारी सरकार सबका साथ-सबका विकास की भावना से कर रही कामपीएम ने कहा, इसके लिए ही हमारी सरकार सबका साथ-सबका विकास की भावना के साथ पूरे समर्पण से दिन रात काम कर रही है। बीते 10 साल में जम्मू-कश्मीर सहित पूरे देश के 4 करोड़ से ज्यादा गरीबों को पक्के घर मिले। आने वाले समय में 3 करोड़ और नए घर गरीबों को मिलने वाले हैं।जम्मू-कश्मीर के उन इलाकों तक टूरिस्ट पहुंच पाएंगे, जो अभी तक रहे अनछुएजम्मू-कश्मीर में भी बीते 10 साल में एक से बढ़कर एक एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन बने हैं। इसका बहुत बड़ा लाभ यहां के हमारे नौजवानों को हुआ है। जम्मू-कश्मीर तो अब टनल का, ऊंचे-ऊंचे पुलों का, रोप-वे का हब बनता जा रहा है। दुनिया की सबसे ऊंची टनल यहां बन रही हैं, दुनिया के सबसे ऊंचे रेल-रोड ब्रिज, दुनिया की सबसे ऊंची रेल लाइन यहां बन रही है। विकसित भारत के सफर में, बहुत बड़ा कंट्रीब्यूशन, हमारे टूरिज्म सेक्टर का है। बेहतर कनेक्टिविटी के चलते, जम्मू-कश्मीर के उन इलाकों तक भी टूरिस्ट पहुंच पाएंगे, जो अभी तक अनछुए हैं।बीते 10 सालों में जम्मू-कश्मीर में अमन और तरक्की का माहौलपीएम ने कहा, बीते 10 सालों में जम्मू-कश्मीर में अमन और तरक्की का जो माहौल बना है, उसका फायदा हम पहले ही टूरिज्म सेक्टर में देख रहे हैं। साल 2024 में 2 करोड़ से अधिक टूरिस्ट जम्मू-कश्मीर आए हैं। यहां सोनमर्ग में भी 10 साल में 6 गुना ज्यादा टूरिस्ट बढ़े हैं। इसका लाभ आपके लोगों को हुआ है, आवाम को हुआ है।21वीं सदी का जम्मू-कश्मीर आज विकास की लिख रहा नई गाथापीएम ने कहा, 21वीं सदी का जम्मू-कश्मीर आज विकास की नई गाथा लिख रहा है। पहले के मुश्किल दिनों को पीछे छोड़कर हमारा कश्मीर अब फिर से धरती का स्वर्ग होने की पहचान वापस पा रहा है। अब लोग रात के समय भी लाल चौक पर आइसक्रीम खाने जा रहे हैं। रात के समय भी वहां बड़ी रौनक रहती है। कश्मीर में हालात बदलने का बहुत बड़ा श्रेय यहां की आवाम को जाता है, आप सभी को जाता है। आपने जम्हूरियत को मजबूत किया है, आपने भविष्य को मजबूत किया है।उन्होंने कहा, कश्मीर तो देश का मुकुट है…भारत का ताज है। इसलिए मैं चाहता हूं कि ये ताज और सुंदर हो, और समृद्ध हो। मुझे ये देखकर खुशी होती है कि इस काम में मुझे यहां के नौजवानों के, बुजुर्गों का, बेटे-बेटियों का लगातार साथ मिल रहा है।
- जम्मू । जम्मू-कश्मीर के सोनमर्ग टनल के उद्घाटन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर प्रशंसा की। उन्होंने जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव का जिक्र करते हुए कहा कि आपने अपनी बात रखी और 4 महीने के भीतर चुनाव हुए। आपने जम्मू के लोगों को अपनी सरकार चुनने का मौका दिया। इसका श्रेय आपको, आपकी टीम और चुनाव आयोग को जाता है।उमर अब्दुल्ला ने सोमवार को कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ”आपने (प्रधानमंत्री मोदी) अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर श्रीनगर में अपने कार्यक्रम के दौरान तीन बहुत महत्वपूर्ण बातें कही थीं। आपने कहा था कि आप दिल की दूरी और दिल्ली से दूरी को खत्म करने पर काम कर रहे हैं और यह वास्तव में आपके काम से साबित होता है, 15 दिन के अंदर जम्मू-कश्मीर में ये आपका दूसरा प्रोग्राम है। इससे पहले आपने जम्मू को रेलवे डिवीजन की सौगात दी। आज आप खुद सोनमर्ग आए हैं। इस टनल का उद्घाटन करने आए हैं। इन प्रोजेक्ट्स से न सिर्फ दिल की दूरी, बल्कि दिल्ली से दूरी भी कम हो जाती है।”उन्होंने जिक्र किया, ”उस दौरान आपने जम्मू कश्मीर के लोगों से कहा था कि बहुत जल्द चुनाव होंगे और लोगों को अपने वोट के जरिए अपनी सरकार चुनने का मौका मिलेगा। आपने अपनी बात रखी और 4 महीने के भीतर चुनाव हुए। आपने जम्मू के लोगों को अपनी सरकार चुनने का मौका दिया। आपने चुनाव ऐसे करवाए, जिसमें लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। सबसे बड़ी बात यह रही कि कहीं से भी चुनाव में धांधली की खबर सामने नहीं आई। एक भी पोलिंग बूथ में दोबारा मतदान की जरूरत नहीं पड़ी। इसका श्रेय आपको, चुनाव आयोग को जाता है।”मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि इस टनल का यहां के लोगों को बहुत समय से इंतजार था। इस टनल की वजह से अब लोगों को सर्दियों में सोनमर्ग छोड़कर निचले इलाकों में आने की जरूरत नहीं पड़ेगी। साल के 12 महीने यहां पर्यटन होगा। हम सोनमर्ग को एक विंटर टूरिज्म के रूप में विकसित कर पाएंगे।उमर अब्दुल्ला ने कहा, ”दुर्भाग्य से पिछले 35-37 वर्षों में हजारों लोगों ने इस देश की प्रगति के लिए, जम्मू-कश्मीर के विकास के लिए अपने जीवन का बलिदान दिया। हम मुल्क का सौदा करने के लिए तैयार नहीं थे। प्रधानमंत्री साहब, आज इस सुरंग के उद्घाटन कार्यक्रम में आपकी उपस्थिति इस बात का प्रमाण है कि जो लोग इन हमलों को अंजाम देते हैं, जो लोग इस देश की भलाई नहीं चाहते हैं, जो लोग जम्मू-कश्मीर में शांति और प्रगति नहीं देखना चाहते हैं, वैसे लोग कभी सफल नहीं हो सकते, उनको यहां हमेशा हार का सामना करना पड़ेगा, हम उन्हें हमेशा हराएंगे और यहां से वापस भेजेंगे। हम देश और जम्मू-कश्मीर को कभी नुकसान होता हुआ नहीं देख सकते हैं।”पीएम मोदी ने आज सोमवार को जम्मू-कश्मीर में सोनमर्ग सुरंग राष्ट्र को समर्पित की। लगभग 12 किलोमीटर लंबी सोनमर्ग सुरंग परियोजना की लागत 2,700 करोड़ रुपये से अधिक आई है।
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प्रयागराज । संगम नगरी प्रयागराज में त्रिवेणी मार्ग पर महाकुंभ के अवसर पर केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा “जन भागीदारी से जन कल्याण” थीम पर आधारित एक भव्य डिजिटल प्रदर्शनी का शुभारंभ हुआ। यह प्रदर्शनी भारत सरकार की पिछले 10 वर्षों की उपलब्धियों, योजनाओं और नीतियों को दर्शाती है। पहले दिन ही सैकड़ों लोगों ने इस प्रदर्शनी का दौरा किया और इसे सराहा।
यह डिजिटल प्रदर्शनी 13 जनवरी से 26 फरवरी तक महाकुंभ मेले की पूरी अवधि में आम जनता के लिए निःशुल्क खुली रहेगी। प्रदर्शनी में एनामॉर्फिक वॉल, एलईडी टीवी स्क्रीन, होलोग्राफिक सिलेंडर और अन्य आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया गया है ताकि लोगों को प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, डिजिटल इंडिया, प्रधानमंत्री आवास योजना, आत्मनिर्भर भारत, स्किल इंडिया, उज्ज्वला योजना, हर घर जल योजना और स्वच्छ भारत मिशन जैसी प्रमुख योजनाओं के बारे में जानकारी दी जा सके।इसके अलावा, प्रदर्शनी में “लखपति दीदी,” “डिजिटल ड्रोन दीदी,” प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, प्रधानमंत्री कौशल विकास मिशन और नारी सशक्तिकरण से जुड़ी योजनाओं पर भी विशेष ध्यान दिया गया है। इन योजनाओं को सरल और प्रभावी तरीके से प्रस्तुत किया गया है ताकि हर कोई इन्हें आसानी से समझ सके।महाकुंभ के दौरान, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा 200 से अधिक सांस्कृतिक कार्यक्रमों की भी श्रृंखला आयोजित की जा रही है। इन कार्यक्रमों में उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों के पारंपरिक लोक और शास्त्रीय नृत्य, संगीत और रीति-रिवाजों को प्रस्तुत किया जा रहा है। ये कार्यक्रम महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को भारत की सांस्कृतिक विविधता और समृद्धि का अनुभव कराने का एक विशेष अवसर प्रदान कर रहे हैं।हर सांस्कृतिक कार्यक्रम अपने क्षेत्र की एक अनूठी कहानी और परंपरा को दर्शाता है। इसमें सैकड़ों प्रतिभाशाली कलाकार भाग ले रहे हैं, जो विभिन्न नृत्य और संगीत शैलियों के माध्यम से अपनी कला का प्रदर्शन कर रहे हैं। इन कार्यक्रमों का आयोजन 13 जनवरी से 26 फरवरी तक चलेगा, जिससे महाकुंभ में एक अद्भुत सांस्कृतिक माहौल बना हुआ है। -
नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि भारत अब दुनिया के शीर्ष 25 हथियार निर्यातक देशों में शामिल हो गया है। उन्होंने कहा कि भारत की 100 से अधिक कंपनियां ब्रह्मोस मिसाइल, पिनाका रॉकेट सिस्टम और डोर्नियर एयरक्राफ्ट जैसे रक्षा उत्पादों का निर्यात कर रही हैं। सीतारमण ने यह बात गुजरात के गांधीनगर में राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय (RRU) के चौथे दीक्षांत समारोह के दौरान कही।
उन्होंने यह भी बताया कि भारत ने स्वदेशी रक्षा उत्पादन में बड़ी उपलब्धि हासिल की है। वित्त वर्ष 2023-24 में देश का रक्षा उत्पादन 1.27 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया जो 2014-15 के मुकाबले 2.7 गुना अधिक है।देश के रक्षा निर्यात में भी बड़ी बढ़ोतरी हुई है। सीतारमण ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में भारत ने 21,083 करोड़ रुपये का रक्षा निर्यात किया जो अब तक का सबसे ऊंचा स्तर है। यह 2013-14 में केवल 686 करोड़ रुपये के मुकाबले 30 गुना ज्यादा है।इस कार्यक्रम के दौरान, अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (IFSCA) और राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय (RRU) के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर हुआ। इस समझौते का उद्देश्य शिक्षा और उद्योग के बीच की खाई को कम करना, पेशेवरों को प्रशिक्षण देना और शोध को बढ़ावा देना है। समारोह में गुजरात सरकार के वित्त मंत्री कनु देसाई, RRU के कुलपति बिमल एन. पटेल और IFSCA के अध्यक्ष के. राजारमन भी मौजूद रहे। वित्त मंत्री ने इस अवसर पर भारत की रक्षा क्षमताओं और आत्मनिर्भरता की दिशा में हुई प्रगति को देश के लिए गर्व का विषय बताया। - प्रयागराज। विश्व के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन महाकुंभ में 144 वर्ष बाद दिव्य संयोग के मौके पर शाही स्नान को लेकर निरंजनी अखाड़े की छावनी में तेरहों अखाड़ों के प्रमुख संतों ने सोमवार की शाम शाही स्नान की पेशवाई में जाने वाले संसाधनों को लेकर गहन चर्चा करके रणनीति तैयार की । अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी महाराज की अध्यक्षता में आनंद अखाड़ा पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरी, निरंजनी अखाड़े के सचिव महंत राम रतन गिरि के साथ अन्य संत महापुरुष बैठक में शामिल हुए।महाकुंभ है भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजनअखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं मां मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी महाराज ने जानकारी देते हुए बताया कि कुम्भ मेला भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजन है, जो हर 12 वर्ष में चार प्रमुख नदियों के संगम स्थानों प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में आयोजित होता है। उन्होंने कहा कि इस बार के महाकुंभ का बड़ा ही दिव्य संयोग बन रहा है जो 144 साल बाद आया है। उन्होंने कहा पूरा मेला क्षेत्र भगवामय हो गया है। महाकुम्भ मेला बिना किसी वाद विवाद के सकुशल सम्पन्न हो, इसको लेकर हमारे सभी तैयारियां पूर्ण हो चुकी है।इस बार सबसे पहले निर्वाणी और अटल अखाड़े का स्नान होगाउन्होंने कहा कि इस बार शाही स्नान में ज्यादा भारी वाहन, हाथी, ऊंट शाही स्नान की यात्रा में शामिल नहीं किए जाएंगे। सिर्फ उतने ही संसाधन साथ होंगे जिसमें महामंडलेश्वर और महंत बैठ सकें। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि सबसे पहले निर्वाणी और अटल अखाड़े का स्नान होगा। इसके पश्चात दूसरे नंबर पर निरंजनी और आनंद अखाड़ा स्नान करेगा। इसके पश्चात जूना अखाड़ा और अग्नि अखाड़ा स्नान करेगा और उसके पश्चात बैरागी संप्रदाय के तीनों अनि अखाड़े स्नान करेंगे।महाकुंभ में संत महापुरुषों की भूमिका हमेशा से महत्वपूर्णइसके बाद उदासीन और निर्मल अखाड़े स्नान करेंगे। उन्होंने कहा है कि सभी अखाड़े अपने-अपने निर्धारित समय पर अपनी छावनियों से शाही स्नान के लिए प्रस्थान करेंगे। जिससे बिना किसी वाद विवाद के शाही स्नान सकुशल संपन्न हो, कुम्भ मेले का मुख्य आकर्षण भी शाही स्नान होता है, उसे लेकर संत महापुरुषों की भूमिका हमेशा महत्वपूर्ण रहती है।संतों के अनुसार, शाही स्नान का उद्देश्य न केवल धार्मिक दृष्टि से पुण्य अर्जित करना है, बल्कि यह सामाजिक और आध्यात्मिक जागरूकता का भी एक प्रतीक है। इसलिए आने वाले श्रद्धालुओं से अपील करते हुए कहा है कि कुंभ क्षेत्र व गंगा स्नान स्थलों के साथ संगम की पवित्रता और निर्मलता को बनाये रखने में अपना योगदान दें और स्वच्छता बनाये रखे।शाही स्नान करने से धुल जाते हैं सारे पापआनंद पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरि ने कहा कि कुम्भ मेले में शाही स्नान के दौरान नदियों के संगम में स्नान करने से व्यक्ति के सारे पाप धुल जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस मौके पर संतों की उपस्थिति और उनकी विशेष तैयारियां भी महत्वपूर्ण होती हैं। वे अपने साधनों के साथ इस आयोजन में शामिल होते हैं और अनेक धार्मिक अनुष्ठान, पूजा और साधना करते हैं। उन्होंने कहा कि कुम्भ मेला सिर्फ एक धार्मिक समारोह नहीं, बल्कि यह समाज के लिए एक शिक्षा का अवसर भी है। शाही स्नान के दौरान वे ध्यान और साधना के महत्व पर बल देते हैं, और कुम्भ मेले में एकता, अहिंसा और भक्ति के संदेश का प्रसार करते हैं।महाकुंभ में स्नान करना है अत्यधिक पुण्यकारीउन्होंने कहा कि महाकुंभ में स्नान का विशेष धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है। कुम्भ मेला भारतीय धर्म, संस्कृति और परंपरा का एक अद्भुत उदाहरण है, जहां लाखों श्रद्धालु और साधु- संत एकत्रित होकर पवित्र नदियों के संगम स्थल पर स्नान करते हैं। महाकुंभ में स्नान को अत्यधिक पुण्यकारी माना जाता है, और इससे जीवन के पापों को धोने और आत्मिक शुद्धि प्राप्त करने का एक महत्वपूर्ण उपाय माना जाता है। इस अवसर पर महामंडलेश्वर स्वामी ललित नंद गिरि ,महामंडलेश्वर स्वामी सहजानंद पुरी, महंत दिनेश गिरी, महंत राधे गिरि,महंत ओमकार गिरि, महंत नरेश गिरि, स्वामी अनंतानंद गिरि, स्वामी राजगीर आदि के संग अन्य संत महापुरुष मौजूद रहे।
- प्रयागराज । महाकुंभ 2025 के शुरुआत के साथ ही लाखों श्रद्धालु प्रयागराज के गंगा और यमुना के संगम तट पर पवित्र स्नान के लिए उमड़ रहे हैं। उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (DGP) प्रशांत कुमार ने आज सोमवार को बताया कि महाकुंभ के पहले दिन ‘अमृत स्नान’ के अवसर पर अब तक लगभग 1 करोड़ श्रद्धालु संगम में स्नान कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं की भीड़ लगातार संगम पर आ रही है। सुरक्षा के लिए पुलिसकर्मी तैनात हैं और ड्रोन के माध्यम से पूरे क्षेत्र की निगरानी की जा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि सुरक्षा के लिए अंडरवाटर ड्रोन का भी उपयोग किया गया है।डीजीपी ने कहा कि प्रयागराज और आसपास के क्षेत्रों में अब तक किसी अप्रिय घटना की कोई सूचना नहीं मिली है। मुख्यमंत्री कार्यालय और वरिष्ठ अधिकारी लगातार स्थिति पर नजर रख रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि सड़क मार्ग से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए परिवहन विभाग की व्यवस्था सुचारू रूप से चल रही है।महाकुंभ में श्रद्धालुओं की सुविधा का रखा जा रहा खास ध्यानगौरतलब है कि प्रयागराज में 10,000 एकड़ क्षेत्र में फैला महाकुंभ 2025 का आयोजन दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक है। यह भव्य आयोजन 45 दिनों तक चलेगा। सरकार ने इस महाकुंभ के लिए विशेष व्यवस्थाएं कीं हैं। इनमें 1.5 लाख शौचालय, 15,000 सफाई कर्मचारी और मेला क्षेत्र में 1.5 लाख टेंट शामिल हैं।पूरे क्षेत्र को रोशन करने के लिए 69,000 एलईडी लाइटें और सोलर हाइब्रिड स्ट्रीट लाइटिंग की व्यवस्था की गई है। भीड़ प्रबंधन के लिए 2,750 कैमरे और 24/7 इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (ICCC) बनाए गए हैं। मेला क्षेत्र में 10 डिजिटल खोया-पाया केंद्र और 1,800 हेक्टेयर में पार्किंग की सुविधा प्रदान की गई है। इसके अलावा, 25,000 कर्मचारी व्यवस्थाओं को संभालने में लगे हुए हैं।महाकुंभ में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए 10,000 से अधिक पुलिसकर्मी और अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) ने संगम क्षेत्र में श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए वाटर एम्बुलेंस तैनात की है। यह एम्बुलेंस 24 घंटे उपलब्ध रहेगी और इसमें डॉक्टर और एनडीआरएफ कर्मी मौजूद रहेंगे।महाकुंभ 13 जनवरी से शुरू होकर 26 फरवरी तक चलेगा। प्रमुख स्नान तिथियों में 14 जनवरी (मकर संक्रांति), 29 जनवरी (मौनी अमावस्या), 3 फरवरी (बसंत पंचमी), 12 फरवरी (माघी पूर्णिमा) और 26 फरवरी (महाशिवरात्रि) शामिल हैं। हर 12 साल में होने वाले इस आयोजन में इस बार करीब 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। पहले ही दिन संगम में 1 करोड़ लोगों ने स्नान किया। महाकुंभ भारतीय संस्कृति और आध्यात्म का प्रतीक है और श्रद्धालु पूरे देश से यहां आ रहे हैं।
- लखनऊ. उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में पौष पूर्णिमा से एक दिन पहले रविवार को करीब 50 लाख श्रद्धालुओं ने महाकुम्भ में गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों के संगम में डुबकी लगाई। रविवार को यहां जारी एक आधिकारिक बयान कि मुताबिक, पुरुष, महिलाएं, बुजुर्ग, बच्चे और बड़ी संख्या में साधु-संत अनुष्ठान करने और डुबकी लगाने के लिए संगम पर एकत्र हुए हैं। सूचना निदेशक शिशिर ने बताया कि शनिवार को भी संगम में स्नान करने के लिए 33 लाख श्रद्धालु आए थे।उन्होंने बताया कि पिछले दो दिनों (शनिवार और रविवार) में 85 लाख से अधिक लोगों ने संगम में स्नान किया। अधिकारी ने बताया कि इस वर्ष महाकुम्भ में 45 करोड़ से अधिक लोगों के पहुंचने की उम्मीद है, जो इसे इतिहास का सबसे बड़ा समागम बना देगा। महाकुंभ में पहला अमृत स्नान (शुभ स्नान) मकर संक्रांति के अवसर पर 14 जनवरी को निर्धारित है और इस दौरान सभी अखाड़े निर्धारित क्रम में अपने अनुष्ठानिक स्नान करेंगे।
- भोपाल. मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने रविवार को शाजापुर जिले के 11 गांवों के नाम बदलने की घोषणा की। यादव ने कालापीपल तहसील में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह घोषणा की।यादव ने कहा, “निपनिया हिसामुद्दीन को निपनिया देव, ढाबला हुसैनपुर को ढाबला राम, मोहम्मदपुर पवड़िया को रामपुर पवड़िया, खजूरी अल्लाहादाद को खजूरी राम, हाजीपुर को हीरापुर, मोहम्मदपुर मछनाई को मोहनपुर, रिछरी मुरादाबाद को रिछरी, खलीलपुर (ग्राम पंचायत सिलौंदा) को रामपुर, अनछोड़ को उंचावद, घट्टी मुख्तियारपुर को घट्टी और शेखपुर बोंगी को अवधपुरी कहा जाएगा।” यादव ने कार्यक्रम के दौरान राज्य सरकार की ‘लाडली बहना योजना' के तहत 1.27 करोड़ महिला लाभार्थियों के खातों में 1,553 करोड़ रुपये हस्तांतरित किये। उन्होंने सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के 55 लाख लाभार्थियों के खातों में 335 करोड़ रुपये भी हस्तांतरित किये। इसके अलावा ‘एलपीजी सिलेंडर रिफिल' योजना के तहत 26 लाख महिला लाभार्थियों को पैसे हस्तांतरित किए गए।
- महाकुम्भ नगर. भारतीय संस्कृति व परंपरा से प्रभावित पहली बार महाकुम्भ पहुंची इटली की रहने वाली एमा ने कहा कि लगता है कि ‘मैं पिछले जन्म में भारतीय थी।' महाकुम्भ मेला सोमवार को पौष पूर्णिमा के स्नान के साथ शुरू हो गया है , जिसमें देश और दुनिया से करीब 40 करोड़ लोगों के आने की संभावना है। एमा उन तीन दोस्तों में से एक हैं, जो दुनिया के सबसे बड़े मेले को देखने के लिए पहली बार इटली से प्रयागराज आए हैं। गंगा के तट पर एक शिविर में ठहरी एमा ने कहा, “मैं योग प्रशिक्षक हूं। मुझे भारतीय संस्कृति के बारे में थोड़ी बहुत जानकारी है। कुम्भ मेला सनातन धर्म का सबसे बड़ा आयोजन है। यह पहला अवसर है जब मैं कुम्भ मेला घूमने आयी हूं।” उन्होंने कहा, “मेरे दोस्त यहां आने की योजना बना रहे थे, तो मैं भी उनके साथ शामिल हो गयाी।”एमा के दोस्त स्टीफेनो ने कहा, “मैं पहली बार कुम्भ आया हूं। रूस के रहने वाले मेरे कुछ साधु मित्रों ने मुझे कुम्भ के बारे में बताया। वे भारत में आकर नागा साधु बन चुके हैं।” इटली की रहने वाली एमा महाकुम्भ के आयोजन से काफी प्रभावित दिखाई दीं। एमा ने कहा, “मैं यहां पहली बार आयी हूं। कई भारतीय मेरे मित्र हैं। मुझे भारतीय संस्कृति पसंद है। मुझे लगता है कि इससे पहले के जन्म में मैं भारतीय थी। भारत का संगीत, भजन, कीर्तन, सब कुछ मुझे काफी पसंद है। यहां महाकुम्भ मेले की व्यवस्थाएं काफी अच्छी हैं।”
- नयी दिल्ली. मशहूर गायक कैलाश खेर, शंकर महादेवन, कविता कृष्णमूर्ति और कई अन्य दिग्गज कलाकार प्रयागराज में सोमवार से शुरू हुए महाकुंभ के दौरान प्रस्तुति देंगे। संस्कृति मंत्रालय ने रविवार को यह जानकारी दी। मंत्रालय ने भारत की कला, संस्कृति और विरासत के संगम का जश्न मनाने के लिए कुंभ मेला क्षेत्र में एक जीवंत सांस्कृतिक स्थल ‘कलाग्राम' स्थापित किया है। मंत्रालय ने कहा कि 4,000 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला यह क्षेत्र भारत की समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं और उन्नत संगठनात्मक क्षमताओं का सामंजस्यपूर्ण मिश्रण दर्शाता है। इस जीवंत स्थान पर भारत की विविध शिल्प परंपराओं का प्रतिनिधित्व करने वाले सात ‘संस्कृति आंगन' भी हैं, जिसका उद्घाटन केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने रविवार को प्रयागराज में किया। संस्कृति मंत्रालय ने एक बयान में कुछ सबसे मशहूर गायकों के नाम साझा किए, जो महाकुंभ में प्रस्तुति देने वाले हैं। इनमें शंकर महादेवन, मोहित चौहान, कैलाश खेर, हंस राज हंस, हरिहरन, कविता कृष्णमूर्ति और मैथिली ठाकुर के नाम शामिल हैं।
- देहरादून. उत्तराखंड के पौड़ी जिले के श्रीनगर क्षेत्र में रविवार को एक बस के खाई में गिरने से छह यात्रियों की मृत्यु हो गयी तथा 22 अन्य लोग घायल हो गए। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआएफ) से मिली जानकारी के अनुसार, दुर्घटना दहलचौरी के पास उस समय हुई, जब बस अनियंत्रित होकर सड़क से 100 मीटर नीचे खाई में जा गिरी। एसडीआरएफ ने बताया कि हादसे के समय बस पौड़ी से दहलचौरी जा रही थी और वाहन में कुल 28 लोग सवार थे।जानकारी के मुताबिक, दुर्घटना में पांच यात्रियों की मौके पर ही मौत हो गयी जबकि एक अन्य यात्री ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। एसडीआरएफ के मुताबिक, दुर्घटना के बाद बचाव अभियान संचालित करने में स्थानीय लोगों ने भी मदद की और घायलों को निकाल कर पौड़ी के जिला अस्पताल पहुंचाया गया। एसडीआरएफ ने बताया कि घायलों में से आठ लोगों की गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्हें बेहतर उपचार के लिए श्रीनगर स्थित स्वास्थ्य केंद्र स्थानांतरित किया गया। पौड़ी के जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने घटनास्थल पर पहुंचकर बचाव अभियान पर निगरानी रखी। उन्होंने दुर्घटना के कारणों की जांच के लिए परिवहन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए।वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दुर्घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया। धामी ने शोक संवेदना व्यक्त करते हुए ईश्वर से हादसे में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को इस दुख को सहने की शक्ति देने की प्रार्थना की। उन्होंने घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की भी कामना की।
- गोरखपुर. प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को कहा कि प्रयागराज में सोमवार से शुरू हो रहा महाकुम्भ देश और दुनिया के लोगों के लिए प्रदेश और भारत के बारे में जानने का एक शानदार अवसर है। उन्होंने कहा कि इस भव्य और दिव्य आयोजन में भारत की आध्यात्मिक विरासत को संतों के माध्यम से जानने और देखने का अद्भुत अनुभव मिलेगा। योगी ने कहा कि इस बार प्रयागराज में महाकुम्भ का आयोजन इसलिए भी विशिष्ट है क्योंकि इसका शुभ मुहूर्त 144 वर्षों के बाद आया है। मुख्यमंत्री ने ‘गोरखपुर महोत्सव 2025' के समापन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि 13 जनवरी से 26 फरवरी तक 45 दिन का भव्य आयोजन सोमवार से शुरू हो रहा है और इसमें 40 करोड़ लोग शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि 40 करोड़ की आबादी दुनिया के अंदर भारत और चीन के अलावा किसी भी देश में नहीं है।योगी ने कहा कि श्रद्धालुओं को मां गंगा, यमुना और सरस्वती की त्रिवेणी के संगम में स्नान करने का सौभाग्य प्राप्त होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पहली बार महाकुम्भ को लेकर अक्षय वट कॉरिडोर, मां सरस्वती, बड़े हनुमान मंदिर, महर्षि व्यास और भगवान राम और निषादराज कॉरिडोर बना गया है। उन्होंने कहा कि श्रद्धालु यहां नाग वासुकी, द्वादश ज्योतिर्लिंग और चार धाम की यात्रा का आनंद विप्रिका के माध्यम से कर सकेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकुम्भ का आयोजन 10 हजार एकड़ क्षेत्रफल में हो रहा है और शुक्रवार रात तक ही 35 लाख श्रद्धालु पहुंच गए थे। उन्होंने लोगों से मकर संक्रांति पर बाबा गोरखनाथ में खिचड़ी चढ़ाने और फिर महाकुम्भ जाने की अपील की।
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नयी दिल्ली. सीबीआई के निदेशक प्रवीण सूद ने हाल ही में शुरू किए गए इंटरपोल ‘सिल्वर' नोटिस को विदेशों में अवैध संपत्तियों के बारे में सूचना जुटाने के लिए पारस्परिक कानूनी सहायता संधि (एमएलएटी) की तुलना में ‘‘अधिक प्रभावी'' तरीका करार देते हुए कहा है कि यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का विचार था, जो अब साकार हो गया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने 2015 में विदेश में धनशोधन का पता लगाने के लिए इंटरपोल के तहत एक प्रणाली का प्रस्ताव दिया था और अब यह सिल्वर नोटिस के रूप में आकार ले चुका है। सिल्वर नोटिस इंटरपोल के आठ रंग-कोड आधारित नोटिस में नवीनतम है, जिसका उद्देश्य सीमाओं के पार अवैध रूप से जमा की गई संपत्तियों का पता लगाना है। ये नोटिस देशों को विश्वभर में अवैध संपत्ति के संबंध में सूचना के लिए अलर्ट और अनुरोध साझा करने में सक्षम बनाता है। परंपरागत रूप से, विदेशों में अवैध संपत्तियों के बारे में जानकारी एमएलएटी के माध्यम से एकत्र की जाती है। एमएलएटी दो देशों के बीच संधि होती है, जिसके तहत वे अपराध की रोकथाम, जांच और अभियोजन में औपचारिक सहायता प्रदान करने और प्राप्त करने के लिए सहयोग करते हैं। सीबीआई निदेशक ने कहा, ‘‘एमएलएटी से इसका महत्व बढ़ाकर इंटरपोल नोटिस कर दिया गया है, जिससे यह प्रक्रिया और बेहतर हो गई है। अब इंटरपोल नोटिस के माध्यम से सदस्य देशों को अधिक स्वीकार्यता मिलेगी। संभवतः और अधिक सूचनाएं सामने आएंगी।'' हालांकि, सूद ने कहा कि एमएलएटी एक प्रभावी उपकरण बना रहेगा, क्योंकि यह इंटरपोल नोटिस की तुलना में अधिक आसान है क्योंकि यह दो या अधिक देशों के स्तर पर अधिक व्यवहार्य है। उन्होंने कहा कि इंटरपोल नोटिस की पहुंच तो अधिक है, लेकिन इसका उपयोग कम ही होता है।
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नयी दिल्ली. अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 20 जनवरी को होने वाले शपथ ग्रहण समारोह में विदेश मंत्री एस. जयशंकर भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। ट्रंप अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ग्रहण करेंगे। विदेश मंत्रालय ने रविवार को बताया कि वाशिंगटन यात्रा के दौरान जयशंकर अमेरिका के आगामी ट्रंप प्रशासन के प्रतिनिधियों के साथ बैठकें भी करेंगे। पिछले वर्ष नवंबर में अमेरिका के राष्ट्रपति पद के लिए हुए चुनाव में ट्रंप ने अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को हराया था। जयशंकर ने पिछले महीने कहा था कि ट्रंप का भारत के प्रति सकारात्मक राजनीतिक दृष्टिकोण रहा है और भारत उनके प्रशासन के साथ ‘‘गहरे'' संबंध बनाने और द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए कई अन्य देशों की तुलना में अधिक लाभप्रद स्थिति में है। विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘ट्रंप-वेंस शपथग्रहण समिति के निमंत्रण पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर, अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड जे. ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में भारत सरकार का प्रतिनिधित्व करेंगे।'' जे डी वेंस अमेरिका के नए उपराष्ट्रपति होंगे।
विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘‘विदेश मंत्री (जयशंकर) इस यात्रा के दौरान अमेरिका के भावी प्रशासन के प्रतिनिधियों के साथ ही समारोह में शामिल होने के लिए अमेरिका आने वाले कुछ अन्य गणमान्य व्यक्तियों के साथ भी बैठकें करेंगे।'' ट्रंप प्रशासन की शुल्क, जलवायु परिवर्तन और रूस-यूक्रेन संघर्ष एवं पश्चिम एशिया की स्थिति की पृष्ठभूमि में समग्र विदेश नीति प्राथमिकताओं सहित कई संवेदनशील मुद्दों पर नीति को लेकर कई देशों में चिंताएं हैं। ट्रंप अमेरिका के दूसरी बार राष्ट्रपति बनेंगे। वह जनवरी, 2017 से जनवरी 2021 तक अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति के रूप में कार्य कर चुके हैं। -
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय बुधवार को वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश द्वारा दायर रिट याचिका पर सुनवाई करेगा। याचिका में चुनाव नियम, 1961 में संशोधन को चुनौती दी गई है। ये नियम कुछ इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेजों को सार्वजनिक निरीक्षण के लिए रोके जाने को लेकर है, जिस पर कांग्रेस को आपत्ति है।
संविधान नहीं देता है एकतरफा और बिना सार्वजनिक परामर्श के संशोधन करने की अनुमतिसर्वोच्च न्यायालय की वेबसाइट पर प्रकाशित वाद सूची के अनुसार, सीजेआई संजीव खन्ना और संजय कुमार की पीठ 15 जनवरी को मामले की सुनवाई करेगी। 24 दिसंबर को सर्वोच्च न्यायालय में दायर अपनी याचिका में, कांग्रेस के महासचिव ने तर्क दिया कि ईसीआई को 1961 के चुनाव संचालन नियमों में इस तरह एकतरफा और बिना सार्वजनिक परामर्श के संशोधन करने की अनुमति नहीं दी जा सकती।निवार्चन आयोग है एक संवैधानिक निकायसोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में रमेश ने कहा, “निवार्चन आयोग एक संवैधानिक निकाय है। इस पर स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने की जिम्मेदारी है, इसलिए इसे एकतरफा और सार्वजनिक विचार-विमर्श के बिना इतने अहम नियम में इतनी आसनी से संशोधन करने की इजाजत नहीं दी जा सकती है। चुनावी प्रक्रिया में सत्यनिष्ठा तेज़ी से कम हो रही है और उम्मीद है कि उच्चतम न्यायालय इसे बहाल करने में मदद करेगा।”चुनावी प्रक्रिया की अखंडता हो रही है तेजी से खत्मराज्यसभा सांसद रमेश ने कहा कि ईसीआई की सिफारिशों के बाद 21 दिसंबर को पेश किया गया संशोधन “चुनावी प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और जवाबदेह बनाने वाली आवश्यक जानकारी तक जनता की पहुंच को खत्म कर देता है”। उन्होंने कहा, “चुनावी प्रक्रिया की अखंडता तेजी से खत्म हो रही है। उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट इसे बहाल करने में मदद करेगा।”तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके. स्टालिन ने संशोधन की कड़ी आलोचना कीसंशोधन को स्पष्ट रूप से पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा चुनाव बूथ की सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध कराने के निर्देश की प्रतिक्रिया के रूप में देखा गया। इससे पहले, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने संशोधन की कड़ी आलोचना की और इसे स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों पर अलोकतांत्रिक हमला बताया।लोकतंत्र अपने सबसे गंभीर खतरे का सामना कर रहाएक्स पोस्ट में, सीएम स्टालिन ने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के तहत लोकतंत्र अपने सबसे गंभीर खतरे का सामना कर रहा है।अपनी आपत्तियों को व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा, “चुनावों में पारदर्शिता को कमजोर करने के लिए चुनाव संचालन नियमों की धारा 93(2)(ए) में लापरवाही से संशोधन के साथ भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के तहत लोकतंत्र अपने सबसे गंभीर खतरे का सामना कर रहा है।”स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों पर अलोकतांत्रिक हमले के खिलाफ एकजुट होने का आह्वानसीएम स्टालिन ने कहा कि यह कदम संविधान की मूलभूत विशेषताओं में से एक – पारदर्शिता को कमजोर करता है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने सभी राजनीतिक दलों, जिनमें केंद्र सरकार के साथ गठबंधन करने वाले दल भी शामिल हैं, से स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों पर अलोकतांत्रिक हमले के खिलाफ एकजुट होने का आह्वान किया। - नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत मंडपम में देश के युवाओं से संवाद किया। मंच से उन्होंने नौजवानों पर अपने भरोसे की वजह भी बताई। पीएम मोदी विकसित भारत यंग लीडर्स डायलॉग में कई मुद्दों पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि युवाओं से उनका नाता पीएम का नहीं बल्कि परम मित्र का है।भारत की युवा शक्ति की ऊर्जा से आज भारत मंडपम भी हो गया है ऊर्जावानप्रधानमंत्री मोदी ने मंच से कहा, भारत की युवा शक्ति की ऊर्जा से आज ये भारत मंडपम भी ऊर्जा से भर गया है, ऊर्जावान हो गया है। आज पूरा देश स्वामी विवेकानंद जी को याद कर रहा है, उन्हें प्रमाण कर रहा है। पीएम मोदी ने कहा, “स्वामी विवेकानंद जी को देश के नौजवानों पर बहुत भरोसा था। स्वामी जी कहते थे कि मेरा विश्वास युवा पीढ़ी में है, नई पीढ़ी में है। स्वामी जी कहते थे कि मेरे कार्यकर्ता नौजवान पीढ़ी से आएंगे और वो हर समस्या का समाधान निकालेंगे। जैसे विवेकानंद जी का आप पर भरोसा था, मेरा विवेकानंद जी पर भरोसा है, मुझे उनकी कही हर बात पर भरोसा है।”भारत की युवा शक्ति ला रही देश में उल्लेखनीय परिवर्तनउन्होंने आगे कहा, “भारत की युवा शक्ति उल्लेखनीय परिवर्तन ला रही है। विकसित भारत युवा नेता संवाद एक प्रेरक मंच के रूप में कार्य करता है, जो हमारे युवाओं की ऊर्जा और अभिनव भावना को एक विकसित भारत को आकार देने के लिए एकजुट करता है। भारत की युवा शक्ति का सामर्थ्य भारत को जल्द से जल्द विकसित राष्ट्र बनाएगा।”आपका विश्वास ने ही मुझे माई भारत डॉट कॉम के गठन की प्रेरणा दीप्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “मेरा, मेरे देश के नौजवानों के साथ ‘परम मित्र’ वाला नाता है, वही रिश्ता है और मित्रता की सबसे मजबूत कड़ी होती है ‘विश्वास’। मुझे आप पर बहुत विश्वास है और इसी विश्वास ने मुझे माई भारत डॉट कॉम के गठन की प्रेरणा दी, इसी विश्वास ने विकसित भारत यंग लीडर्स डायलॉग का आधार बनाया।”अमेरिका की जनता की तरह हम भारतीयों को भी विकास की रफ्तार को तेज करना हैपीएम मोदी ने अमेरिका का उदाहरण देते हुए अहम बात कही। बोले, “1930 के दशक में अमेरिका भीषण आर्थिक संकट में फंस गया था, तब अमेरिका की जनता ने ठाना कि हमें इससे बाहर निकलना है और तेज गति से आगे बढ़ना है। उन्होंने उसका रास्ता चुना और अमेरिका न सिर्फ उस संकट से निकला, बल्कि उसने विकास की रफ्तार को कई गुना तेज करके दिखाया।”
- भुवनेश्वर । मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने रविवार को महाकुंभ मेले के लिए ओडिशा से उत्तर प्रदेश के प्रयागराज तक तीर्थयात्री बस सेवाओं को डिजिटल माध्यम से हरी झंडी दिखाई। ‘लग्जरी' बस पुरी, संबलपुर, भवानीपाटणा और ब्रह्मपुर से चलेंगी और वाराणसी तथा प्रयागराज होते हुए अयोध्या जाएंगी। माझी ने कहा कि महिलाओं को बस किराये में 50 प्रतिशत की छूट मिलेगी।उन्होंने कहा, ‘‘पहले दिन ओडिशा से 200 से अधिक लोग महाकुंभ मेले की यात्रा पर निकले हैं। यात्रियों को बसों में कई सुविधाएं मिलेंगी।'' माझी ने कहा कि यात्रियों की किसी भी शंका या प्रश्न में सहायता के लिए ओडिशा राज्य सड़क परिवहन निगम (ओएसआरटीसी) मुख्यालय और अयोध्या में टोल फ्री नंबर (1800-345-1122) के साथ एक समर्पित सहायता केंद्र स्थापित किया गया है, जो 24 घंटे सक्रिय रहेगा। उन्होंने कहा कि यात्री ओएसआरटीसी की वेबसाइट या मोबाइल ऐप के माध्यम से या फिर निकटतम ओएसआरटीसी टिकट काउंटर पर जाकर अग्रिम टिकट बुक कर सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि तीर्थयात्री दोनों तरफ लगभग 2,500 किलोमीटर की यात्रा करेंगे, जिसके लिए बसों में आरामदायक व्यवस्था की गई है। ये बस 12 जनवरी से 26 फरवरी तक उपलब्ध रहेंगी। वाणिज्य एवं परिवहन विभाग की सचिव उषा पाढी ने बताया कि यात्रियों को 2.50 रुपये प्रति किलोमीटर की दर से किराया देना होगा, साथ ही भोजन भी मिलेगा। उन्होंने बताया कि ओएसआरटीसी ने महाकुंभ मेला स्थल पर तीर्थयात्रियों के लिए तंबू की व्यवस्था भी की है। ओडिशा के वाणिज्य एवं परिवहन मंत्री विभूति जेना ने कहा कि राज्य सरकार की योजना महाकुंभ मेले के बाद भी ऐसी बस सेवाएं जारी रखने तथा तीर्थयात्रियों को अयोध्या, वाराणसी, मथुरा, वृंदावन, श्री महाकालेश्वर मंदिर और तिरुपति जैसे स्थानों तक ले जाने की है।
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नई दिल्ली। प्रयागराज में आस्था की डुबकी लगाने के लिए सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि पड़ोसी देश नेपाल के श्रद्धालुओं में भी काफी उत्साह देखने को मिल रहा है। नेपाल से प्रतिदिन कई साधु संत समेत श्रद्धालु सोनौली बॉर्डर से प्रयागराज के महाकुंभ के लिए रवाना हो रहे हैं। नेपाल के काठमांडू से साधु-संतों और धर्मात्माओं का जत्था सोनौली बॉर्डर पहुंचा, जहां पर राम जानकी मंदिर में उनका भव्य स्वागत किया गया। यहां साधु-संतों को मंदिर में कीर्तन करते हुए देखा गया। सभी भगवान की भक्ति में लीन नजर आए।
महाकुंभ को लेकर साधु-संतों में बेहद उत्साहसाधु-संतों के जत्थे में शामिल स्वामी नारायण आचार्य ने बताया, ”मैं काठमांडू का रहने वाला हूं। मैं सभी भक्तों के साथ प्रयागराज जा रहा हूं। आज सोनौली बॉर्डर पर हमारा भव्य स्वागत किया गया। हम कुंभ में पूरे जोश के साथ जा रहे हैं। हमारे साथ जो भी लोग जा रहे हैं, उन सभी में महाकुंभ को लेकर बेहद ही उत्साह है। कई सालों में एक बार आने वाले इस महाकुंभ में हम देश के कोने-कोने से आए साधु संतों के दर्शन का पुण्य ले पाएंगे। मैं सभी से कहना चाहता हूं कि वे भी कुंभ का पुण्य प्राप्त करें। हम मकर संक्रांति के शाही स्नान में वहां शामिल होंगे। करीब एक महीने तक रुकेंगे। बड़ी संख्या में भक्त वहां जा रहे हैं।”साधु-संतों के जत्थे को बाबा शिव नारायण दास करते हैं भव्य स्वागतवहीं कुंभ जा रहे जत्थे का स्वागत करने वाले महंत बाबा शिव नारायण दास ने बताया, ”यहां प्रतिदिन नेपाल से करीब 60 से 70 साधु संत यहां आते हैं। हम उनकी सेवा में कोई कमी नहीं छोड़ते। हम उनके लिए सोने, खाने की पूरी व्यवस्था करते हैं। हम भव्य रूप से उनका स्वागत करते हैं, उसके बाद उन्हें विदा किया जाता है। इतनी बड़ी संख्या में यहां से लोग प्रयागराज में आस्था की डुबकी लगाने के लिए रवाना हो रहे हैं।”144 साल बाद इस बार महाकुंभ के लिए कुछ खास संयोग बन रहा हैबता दें कि 144 साल बाद महाकुंभ के लिए कुछ खास संयोग बन रहा है। हर कोई कुंभ जाने से अपने आप को नहीं रोक पा रहा। अलग-अलग तरह के महात्माओं के स्वरूप अलग-अलग तरह के अखाड़ा प्रमुख कुंभ के रंग में रंगे हुए नजर आ रहे हैं। कोई महंत बड़ी वीआईपी गाड़ी से पहुंच रहा है तो कोई अलग तरीके से पैदल पहुंच रहा है। अलग-अलग वेशभूषा में महात्माओं, साधु-संतों का पहुंचना जारी है। विदेश से भी लाखों श्रद्धालु यहां पर आ रहे हैं। - प्रयागराज । उत्तर प्रदेश विविधताओं का प्रदेश है। भगवान श्रीराम की अयोध्या, वनवास के दौरान उन्होंने पत्नी सीता और अनुज लक्ष्मण के साथ जिस चित्रकूट में सर्वाधिक समय गुजारा, वह भी उत्तर प्रदेश में है। मथुरा और वृंदावन सहित पूरा ब्रज क्षेत्र राधा, कृष्ण, गोपियों, ग्वालों की याद दिलाता है। ताजमहल के नाते आगरा और शौर्य संस्कार की गवाह रानी लक्ष्मीबाई की धरती बुंदेलखंड का अपना अलग आकर्षण है।महाकुंभ में तीर्थराज प्रयाग बन जाता है मानवता का वैश्विक समागमतीर्थराज प्रयाग तो खुद में अद्भुत है। कुंभ और महाकुंभ के दौरान तो यह मानवता का वैश्विक समागम बन जाता है। दुनिया को शांति और अहिंसा का संदेश देने वाले भगवान बुद्ध, योग को बिना भेदभाव के लोक कल्याण का जरिया बनाने वाले गुरु गोरक्षनाथ, महावीर जैन की भी यही धरती है। सबसे पुराने जीवाश्म के नाते सोनभद्र भी पर्यटकों की पसंद बन सकता है। कुल मिलाकर यूपी में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। प्रदेश के लोगों को इन संभावनाओं का अधिकतम लाभ मिले, इसके लिए सीएम योगी पर्यटन को जन उद्योग बनाना चाहते हैं।पर्यटन को जन उद्योग बनाना चाहते हैं सीएम योगीचूंकि आने वाले पर्यटकों से सर्वाधिक लाभ स्थानीय लोगों को ही होता है, इसलिए सीएम योगी चाहते हैं हर स्थानीय आदमी अपने यहां आने वाले पर्यटकों के साथ बेहतर व्यवहार व उनको उचित सहयोग देकर ब्रांड एंबेसडर की भूमिका निभाएं। यह हमारे ‘अतिथि देवो भव’ परंपरा के भी अनुकूल है। ऐसा होने पर संबंधित जगह पर आने वाला पर्यटक वहां बार-बार आना चाहेगा। हर ऐसे मंच से मुख्यमंत्री लोगों से यह अपील करते हैं।उत्तर प्रदेश घरेलू पर्यटकों के आगमन के लिहाज से देश में लगातार तीसरे साल भी नंबर एक पर बरकरारसरकार अपने स्तर से हर संभावित पर्यटन स्थल को पर्यटकों की सुविधा और सुरक्षा के मद्देनजर बुनियादी सुविधाओं से संतृप्त भी कर रही है। पर्यटकों की बढ़ती संख्या और स्थानीय लोगों की बढ़ती आय के रूप में इसके नतीजे भी मिल रहे हैं। मसलन उत्तर प्रदेश घरेलू पर्यटकों के आगमन के लिहाज से देश में लगातार तीसरे साल भी नंबर एक पर है।राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद वर्ष 2024 में पर्यटकों की संख्या 16 करोड़ के आसपास पहुंचने की उम्मीदहाल ही में एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद कहा था कि 2016 में अयोध्या में औसतन 2.83 लाख पर्यटक आते थे। राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद वर्ष 2024 के अंतिम आंकड़े आने तक यह संख्या 16 करोड़ के आसपास होगी। सितंबर 2024 तक अयोध्या में 13.44 करोड़ पर्यटक आ चुके थे। इसी तरह वाराणसी में साल में औसतन 50 लाख पर्यटक आते थे। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बनने के बाद यह संख्या 6 करोड़ के करीब हो गई। रही स्थानीय लोगों की बात तो किसी जगह आने वाला पर्यटक ट्रांसपोर्टेशन, आवास, भोजन, प्रसाद और स्थानीय उत्पादों की खरीदारी पर औसतन करीब 5,000 रुपये खर्च करता है।यह लाभ पहले स्थानीय लोगों को मिलता है। उसके बाद यह प्रदेश और देश की अर्थव्यवस्था को भी संपन्न करता है। अयोध्या और वाराणसी को ही ले लीजिए, जिन लोगों की महीने की कमाई कुछ हजार तक थी, अब वह लाख या उससे ऊपर तक पहुंच गई है। होटल और होम स्टे अक्सर फुल रहते हैं।पर्यटन के क्षेत्र में किया जाने वाला हर निवेश स्थायी और दीर्घकालिक रिटर्न की गारंटीपर्यटन के लिहाज से किसी जगह का आकर्षण पास के शहरों को भी प्रभावित करता है। प्रयागराज महाकुंभ में आने वाले तमाम पर्यटक और श्रद्धालु लगे हाथ अयोध्या और काशी भी जाना चाहेंगे। इससे इन स्थलों को भी लाभ होगा। वाराणसी में रेशमी साड़ियों की कमी पड़ने पर मुबारकपुर (आजमगढ़) के बुनकरों को लाभ हो रहा है। इसलिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यह कहते हैं कि पर्यटन के क्षेत्र में किया जाने वाला हर निवेश स्थायी और दीर्घकालिक रिटर्न की गारंटी है
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को स्वामी विवेकानंद को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि वे युवाओं को हमेशा प्रेरित करते रहे हैं।पीएम नरेंद्र मोदी ने रविवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “स्वामी विवेकानंद को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। वे युवाओं को हमेशा प्रेरित करते रहे हैं। वह युवा दिमाग में जुनून और उद्देश्य को प्रज्वलित करते रहते हैं। हम एक मजबूत और विकसित भारत के उनके सपने को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
स्वामी विवेकानंद का मार्गदर्शन भारत के युवाओं के लिए एक बड़ी प्रेरणापीएम मोदी ने स्वामी विवेकानंद के विचारों को उजागर करने के लिए एक वीडियो क्लिप भी शेयर की। उन्होंने कहा कि यह भारत की युवा शक्ति का दिन है, जो उस महान व्यक्ति को समर्पित है, जिसने ब्रिटिश राज के दौरान भारत को नई ऊर्जा से भर दिया था। पीएम मोदी ने कहा, “स्वामी विवेकानंद भी कहते थे कि भारत की आकांक्षाएं युवाओं के चरित्र और उनकी प्रतिबद्धता तथा बौद्धिकता पर निर्भर हैं। स्वामी विवेकानंद का मार्गदर्शन भारत के युवाओं के लिए एक बड़ी प्रेरणा है।”प्रत्येक युवा को अपनी व्यक्तिगत सफलता को टीम की सफलता में बदलना चाहिएवीडियो में पीएम मोदी ने कहा, “स्वामी विवेकानंद के दो संदेश हर भारतीय युवा का हिस्सा होने चाहिए- संस्था और नवाचार। संस्था तब बनती है जब हम अपने विचारों का विस्तार करते हैं और टीम भावना के साथ काम करते हैं। प्रत्येक युवा को अपनी व्यक्तिगत सफलता को टीम की सफलता में बदलना चाहिए। यह टीम भावना भारत को विकसित भारत के लक्ष्य की ओर आगे ले जाएगी।”पीएम मोदी आज दिल्ली में भारत मंडपम में विकसित भारत युवा नेता संवाद 2025 में हिस्सा लेंगेस्वामी विवेकानंद की आज (12 जनवरी) जयंती है। राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाने वाला यह दिन युवा पीढ़ी को उनके व्यक्तिगत विकास के साथ-साथ सामाजिक प्रगति के लिए प्रयास करने के लिए प्रेरित और प्रोत्साहित करने के लिए समर्पित है। स्वामी विवेकानंद की जयंती के उपलक्ष्य में पीएम मोदी रविवार को दिल्ली में भारत मंडपम में विकसित भारत युवा नेता संवाद 2025 में हिस्सा लेंगे। पीएम मोदी पूरे भारत से आए 3,000 गतिशील युवा नेताओं के साथ बातचीत करेंगे और सभा को संबोधित भी करेंगे।विकसित भारत युवा नेता संवाद का उद्देश्य पारंपरिक तरीके से राष्ट्रीय युवा महोत्सव आयोजित करने की 25 साल पुरानी परंपरा को तोड़ना है। यह पीएम मोदी के स्वतंत्रता दिवस के आह्वान के अनुरूप है, जिसमें एक लाख युवाओं को बिना किसी राजनीतिक संबद्धता के राजनीति में शामिल करने और उन्हें विकसित भारत के लिए अपने विचारों को वास्तविकता बनाने के लिए एक राष्ट्रीय मंच प्रदान करने का आह्वान किया गया है।