- Home
- देश
-
नई दिल्ली। सुगम टोल संचालन सुनिश्चित करने और ‘ढीले फास्टैग’ की रिपोर्टिंग को मज़बूत करने के लिए, एनएचएआई (NHAI) ने टोल संग्रह एजेंसियों और रियायतधारकों के लिए अपनी नीति को और सुव्यवस्थित किया है। ताकि वे ‘ढीले फास्टैग’ की तुरंत रिपोर्ट कर उन्हें ब्लैकलिस्ट कर सकें। ‘ढीले फास्टैग’को आमतौर पर “टैग-इन-हैंड” भी कहा जाता है।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि वार्षिक पास प्रणाली और मल्टी-लेन फ्री फ्लो (एमएलएफएफ) टोलिंग जैसी आगामी पहलों को देखते हुए, फास्टैग की प्रामाणिकता और प्रणाली की विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए इस मुद्दे का समाधान करना आवश्यक है।दरअसल, कभी-कभी वाहन मालिक जानबूझकर वाहन के विंडस्क्रीन पर फास्टैग नहीं लगाते। इस से परिचालन सम्बंधी चुनौतियां पैदा होती हैं, जिससे लेन में भीड़भाड़, झूठे चार्जबैक, बंद टोल प्रणाली में दुरुपयोग, इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह व्यवस्था में बाधा आती है, जिसके परिणामस्वरूप टोल प्लाजा पर अनावश्यक देरी होती है और राष्ट्रीय राजमार्ग के अन्य उपयोगकर्ताओं को असुविधा होती है।समय पर सुधारात्मक उपाय सुनिश्चित करने के लिए, एनएचएआई ने एक समर्पित ईमेल आईडी उपलब्ध कराई है और टोल संग्रह एजेंसियों और रियायतधारकों को ऐसे फास्टैग की तुरंत सूचना देने का निर्देश दिया है। प्राप्त रिपोर्टों के आधार पर, एनएचएआई रिपोर्ट किए गए फास्टैग को ब्लैकलिस्ट/हॉटलिस्ट करने के लिए तुरंत कार्रवाई करेगा।वहीं दूसरी ओर 98% से अधिक की व्यापक पहुंच के साथ, फास्टैग ने देश में इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह प्रणाली में क्रांति ला दी है। ढीले फास्टैग या “हाथ में टैग” इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह कार्यों की दक्षता के लिए एक चुनौती हैं। यह पहल टोल संचालन को और अधिक कुशल बनाने में मदद करेगी, जिससे राष्ट्रीय राजमार्ग उपयोगकर्ताओं के लिए निर्बाध और सहज यात्रा सुनिश्चित होगी। -
नई दिल्ली। AI टेक्नोलॉजी की तेज़ी से बढ़ती दुनिया में Google अपने टॉप टैलेंट को बनाए रखने के लिए भारी भरकम वेतन दे रहा है। सॉफ्टवेयर इंजीनियरों को यहां सालाना $340,000 (करीब 2.8 करोड़ रुपए) तक की बेस सैलरी दी जा रही है। यह आंकड़े गूगल द्वारा अमेरिकी लेबर डिपार्टमेंट को दिए गए वीज़ा संबंधित डाटा से सामने आए हैं । ये सैलरी सिर्फ बेस पे को दिखाती है, इसमें बोनस और स्टॉक ऑप्शन शामिल नहीं हैं, जिससे कुल इनकम और भी ज़्यादा हो सकती है।
गूगल में सॉफ्टवेयर इंजीनियर सबसे ज़्यादा सैलरी पाने वाले कर्मचारी हैं। इसके अलावा अन्य तकनीकी पदों पर भी अच्छी कमाई हो रही है:रिसर्च इंजीनियर: $265,000 तकहार्डवेयर इंजीनियर: $284,000 तकप्रोडक्ट और प्रोजेक्ट मैनेजमेंट के रोल भी तगड़ेगूगल के ऐप और सर्विस को चलाने वाले प्रोडक्ट मैनेजर को सालाना $280,000 तक सैलरी मिल रही है।अन्य मैनेजमेंट रोल:टेक्निकल प्रोग्राम मैनेजर: $270,000 तकजनरल प्रोग्राम मैनेजर: $236,000 तकडेटा, रिसर्च और डिज़ाइन वाले रोल भी हाई पे मेंगूगल में डेटा साइंटिस्ट और रिसर्चर भी हाई पे ग्रुप में आते हैं। कुछ की सैलरी $303,000 तक जाती है। वहीं, UX डिजाइनर और UX रिसर्चर को $124,000 से लेकर $230,000 तक सैलरी मिल रही है, जो उनकी सीनियरिटी और स्किल पर निर्भर करती है।फाइनेंस और कंसल्टिंग रोल्स भी पीछे नहींगूगल में तकनीकी ही नहीं, बिज़नेस से जुड़े कई रोल्स में भी शानदार सैलरी मिलती है:फाइनेंशियल एनालिस्ट: $225,000 तकबिज़नेस सिस्टम एनालिस्ट: $201,000 तकसर्च क्वालिटी एनालिस्ट: $235,000 तकसोल्यूशंस कंसल्टेंट: $282,000 तककर्मचारियों का परफॉर्मेंस अब GRAD से होगा तयGoogle ने अपने कर्मचारियों के परफॉर्मेंस रिव्यू सिस्टम में बदलाव किया है। अब कंपनी GRAD (Googler Reviews and Development) नाम का नया टूल इस्तेमाल कर रही है, जिसमें हर कर्मचारी की सालाना रेटिंग दी जाती है। रेटिंग स्केल “Not Enough Impact” से शुरू होकर “Transformative Impact” तक जाती है, और इसी आधार पर बोनस और इक्विटी (शेयर ऑप्शन) तय होते हैं। -
नई दिल्ली। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय 12 जुलाई को गुजरात के केवडिया में क्षेत्रीय बैठक आयोजित कर रहा है। बैठक की अध्यक्षता केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी करेंगी। उनके साथ महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री सावित्री ठाकुर और गुजरात सरकार की महिला एवं बाल विकास मंत्री भानुबेन बाबरिया भी रहेंगी।
बैठक में भाग लेने वाले राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गोवा, दादरा एवं नगर हवेली और दमन एवं दीव शामिल हैं। इन राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों के महिला एवं बाल विकास विभागों के मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी भी इसमें भाग लेंगे। बैठक में सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों, नवीन मॉडलों और सफल हस्तक्षेपों की प्रस्तुति भी होगी, जिससे पूरे क्षेत्र में पारस्परिक शिक्षा और अनुकरण को प्रोत्साहन मिलेगा।क्षेत्रीय बैठक की केन्द्र और राज्य के बीच रचनात्मक संवाद और तालमेल के लिए एक मंच के रूप में कल्पना की गइ्र है, जिसमें मुख्य रूप से मंत्रालय की प्रमुख योजनाओं – मिशन शक्ति, मिशन वात्सल्य और सक्षम आंगनवाड़ी एवं पोषण 2.0 – के कार्यान्वयन को मजबूती प्रदान करना है। मुख्य विचार-विमर्श में सेवा वितरण, पोषण ट्रैकर जैसे डिजिटल उपकरणों का एकीकरण, फेस रिकग्निशन सिस्टम (एफआरएय) जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों का उपयोग, और जमीनी स्तर पर प्रौद्योगिकी-सक्षम और एकीकृत सेवा वितरण को बढ़ाने की रणनीतियों जैसे पहलुओं पर चर्चा होगी।कार्यक्रम के अंतर्गत, मंत्रालय “एक पेड़ माँ के नाम” पहल के तहत वृक्षारोपण अभियान चलाएगा। प्रतिनिधि बाल पोषण पार्क, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का भी दौरा करेंगे और नर्मदा आरती तथा प्रकाश एवं ध्वनि शो में भाग लेंगे। - वडोदरा। गुजरात के वडोदरा जिले में बुधवार सुबह पादरा कस्बे के निकट गंभीरा गांव के पास महिसागर नदी पर बने चार दशक पुराने पुल का एक हिस्सा ढह जाने से कई वाहन नदी में गिर गए। यह पुल आणंद और वडोदरा जिलों को जोड़ता है। एक अधिकारी ने बताया, ‘‘एसएसजी अस्पताल में उपचाराधीन पांच घायलों में से एक, दहेवन निवासी 45 वर्षीय नरेंद्र सिंह परमार की शुक्रवार को मौत हो गई।’’वडोदरा के जिलाधिकारी अनिल धमेलिया ने बताया कि बृहस्पतिवार रात तक 18 शव बरामद किए जा चुके थे और तीसरे दिन भी तलाश अभियान जारी है। घटनास्थल पर मौजूद टीम दो और लापता लोगों का पता लगाने की कोशिश कर रही हैं। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने पुल ढहने के सिलसिले में बृहस्पतिवार को कार्रवाई करते हुए राज्य के सड़क और भवन विभाग के चार अभियंताओं को निलंबित कर दिया।राज्य के मंत्री ऋषिकेश पटेल ने घटनास्थल का दौरा किया और मीडिया को बताया कि मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल द्वारा गठित एक समिति द्वारा प्रस्तुत प्रारंभिक रिपोर्ट के आधार पर निलंबन की कार्रवाई की गई है। उन्होंने बताया कि राज्य के सड़क एवं भवन विभाग की एक उच्च स्तरीय जांच समिति 30 दिनों में एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।दौरे के बाद मंत्री ने बताया कि राज्य में जिन 7,000 पुलों का सर्वेक्षण किया गया है, उनमें से सरकार ने उन पुलों की पहचान की है, जिनकी मरम्मत या नए पुल के निर्माण की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, ‘‘जांच समिति की प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, यह पाया गया है कि पुल का जोड़ टूटने के कारण पुल ढह गया। सड़क एवं भवन विभाग की यह समिति 30 दिनों के भीतर एक विस्तृत रिपोर्ट देगी।’’
-
नई दिल्ली। इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (सीईआरटी-इन) द्वारा शुक्रवार को जारी एक नई रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया डिजिटल से क्वांटम इकोनॉमी बनने की ओर एक बड़े बदलाव के मोड़ पर खड़ी है। भारत की राष्ट्रीय साइबर एजेंसी द्वारा ग्लोबल साइबर सिक्योरिटी फर्म एसआईएसए के सहयोग से संकलित आंकड़े इस बात पर प्रकाश डालते हैं कि क्वांटम कंप्यूटिंग अब एक भविष्यवादी विचार नहीं, बल्कि साइबर सिक्योरिटी और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर पर गहरे प्रभाव डालने वाली एक तेजी से उभरती वास्तविकता है।
क्वांटम कंप्यूटर, जो क्वांटम मेकैनिज्म के सिद्धांतों का इस्तेमाल कर काम करते हैं, अब रिसर्च लैब से बाहर निकलकर वास्तविक दुनिया में उपयोग में आ रहे हैं‘ट्रांजिशनिंग टू क्वांटम साइबर रेडीनेस’ शीर्षक वाली इस रिपोर्ट में बताया गया है कि क्वांटम कंप्यूटर, जो क्वांटम मेकैनिज्म के सिद्धांतों का इस्तेमाल कर काम करते हैं, अब रिसर्च लैब से बाहर निकलकर वास्तविक दुनिया में उपयोग में आ रहे हैं। कई ग्लोबल टेक कंपनियों ने पहले ही शानदार प्रगति कर ली है। दिसंबर 2024 में लॉन्च हुई गूगल की विलो चिप ने 105 क्यूबिट के साथ एरर करेक्शन में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है।माइक्रोसॉफ्ट ने फरवरी 2025 में अपना मेजराना-1 प्रोसेसर पेश किया, जिसका लक्ष्य दस लाख क्यूबिट तक विस्तार करना हैमाइक्रोसॉफ्ट ने फरवरी 2025 में अपना मेजराना-1 प्रोसेसर पेश किया, जिसका लक्ष्य दस लाख क्यूबिट तक विस्तार करना है। आईबीएम का लक्ष्य 2029 तक फॉल्ट-टोलरेंट सिस्टम बनाना है और क्वांटिनम ने रिकॉर्ड तोड़ परिशुद्धता के साथ 56-क्यूबिट ट्रैप्ड-आयन क्वांटम कंप्यूटर बनाया है। रिपोर्ट के अनुसार, नोकिया भी क्वांटम नेटवर्किंग के क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है।यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब संयुक्त राष्ट्र ने 2025 को इंटरनेशनल ईयर ऑफ क्वांटम साइंस एंड टेक्नोलॉजी वर्ष घोषित किया हैयह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब संयुक्त राष्ट्र ने 2025 को इंटरनेशनल ईयर ऑफ क्वांटम साइंस एंड टेक्नोलॉजी वर्ष घोषित किया है, जो दर्शाता है कि ग्लोबल कम्युनिटी इस बदलाव को कितनी गंभीरता से ले रहा है। सेमीकंडक्टर से लेकर सिस्टम सॉफ्टवेयर तक क्वांटम कंप्यूटिंग से जुड़ा इकोसिस्टम तेजी से विकसित हो रहा है।क्वांटम कंप्यूटिंग की क्षमताएं अपार हैं, लेकिन इसके साथ गंभीर साइबर सुरक्षा जोखिम भी जुड़े हैंरिपोर्ट में कहा गया है कि क्वांटम कंप्यूटिंग की क्षमताएं अपार हैं, लेकिन इसके साथ गंभीर साइबर सुरक्षा जोखिम भी जुड़े हैं। क्वांटम कंप्यूटर आज की मशीनों की तुलना में जटिल समस्याओं को कहीं ज्यादा तेजी से हल कर सकते हैं, जिसका मतलब यह भी है कि वे मौजूदा एन्क्रिप्शन मेथड को ब्रेक कर सकते हैं। आरएसए जैसे एन्क्रिप्शन एल्गोरिदम, जिनका वित्तीय लेनदेन, मैसेजिंग ऐप, डिजिटल साइन और यहां तक कि ब्लॉकचेन सिस्टम की सुरक्षा के लिए इस्तेमाल किया जाता है, को आसानी से क्रैक किया जा सकता है।कई संगठनों को अभी भी अपने मौजूदा क्रिप्टोग्राफिक सिस्टम की स्पष्ट जानकारी नहीं हैइससे बड़े पैमाने पर डेटा ब्रीच हो सकता है और डिजिटल इकोनॉमी की रीढ़ को ही खतरा हो सकता है। रिपोर्ट के अनुसार, एक बड़ी चुनौती यह भी है कि कई संगठनों को अभी भी अपने मौजूदा क्रिप्टोग्राफिक सिस्टम की स्पष्ट जानकारी नहीं है। भविष्य में जब पोस्ट-क्वांटम क्रिप्टोग्राफी की आवश्यकता होगी, ये ब्लाइंड स्पॉट्स विनाशकारी हो सकते हैं। -
नयी दिल्ली. उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने बृहस्पतिवार को कहा कि अगर ईश्वर की कृपा रही तो वह "सही समय पर" सेवानिवृत्त हो जाएंगे। उन्होंने यह टिप्पणी जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए की।
उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा, "ईश्वर की कृपा रही तो मैं सही समय पर, अगस्त 2027 में सेवानिवृत्त हो जाऊंगा।" धनखड़ का 14वें उपराष्ट्रपति के रूप में पांच साल का कार्यकाल 10 अगस्त, 2027 को समाप्त हो जाएगा। पेशे से वकील धनखड़ को जब भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार चुना था तब वह पश्चिम बंगाल के राज्यपाल थे। -
श्रीनगर. दक्षिण कश्मीर के हिमालयी क्षेत्र में स्थित पवित्र अमरनाथ गुफा में बृहस्पतिवार को 17,000 से अधिक तीर्थयात्रियों ने भगवान शिव के दर्शन किए, जिसके साथ ही पहले सप्ताह में कुल 1,45,000 तीर्थयात्री दर्शन कर चुके हैं। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इन तीर्थयात्रियों में 12,471 पुरुष, 4,000 महिलाएं, 182 बच्चे, सुरक्षा बल के 253 जवान और 113 साधु-साध्वी शामिल हैं।
-
बदायूं . बदायूं जिले के वजीरगंज क्षेत्र में बदायूं-मुरादाबाद मार्ग पर बृहस्पतिवार शाम दो मोटरसाइकिलों की आमने-सामने की जबरदस्त टक्कर में चार लोगों की मौत हो गई तथा एक अन्य व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया। पुलिस ने यह जानकारी दी। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बृजेश कुमार सिंह ने बताया कि वजीरगंज थाना क्षेत्र में बगरेन करखेड़ी मार्ग पर एक मोटरसाइकिल से तीन लोग तथा एक अन्य मोटरसाइकिल से दो लोग कहीं जा रहे थे तथा घनी झाड़ियां और मोड़ होने की वजह से दोनों गाड़ियों की आपस में जोरदार भिड़ंत हो गई। उन्होंने बताया कि पुलिस और एंबुलेंस मौके पर पहुंची और घायलों को सैदपुर एवं बिसौली प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाया गया जहां डाक्टरों ने सोमपाल मीणा (52), अतर सिंह मीणा (43), बच्चू सिंह (57) और संजय मीणा (26) को मृत घोषित कर दिया। उन्होंने बताया कि गंभीर रूप से घायल अशोक मीणा (37) को बदायूं जिला अस्पताल रेफर किया गया है।
सिंह ने बताया कि सभी के शव पोस्टमार्टम के लिए ले जाये गये हैं। - नई दिल्ली। सावन के पावन महीने में बड़ी संख्या में श्रद्धालु हरिद्वार से कांवड़ लाने के लिए यात्रा करते हैं। दिल्ली-मेरठ और आसपास से बड़े स्तर पर श्रद्धालु कांवड़ लाते हैं। इस बार 11 जुलाई से सावन महीने की शुरुआत हो रही है। ऐसे में यात्रियों और श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए एनसीआरटीसी (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम) ने नमो भारत की फ्रीक्वेंसी बढ़ाने का फैसला किया है।वहीं, 11 जुलाई से न्यू अशोक नगर और मेरठ साउथ के बीच परिचालित कॉरिडोर पर नमो भारत ट्रेन की फ्रीक्वेंसी बढ़ा दी गई है। कांवड़ यात्रा के दौरान नमो भारत ट्रेन 15 मिनट के बजाय 10 मिनट के अंतराल पर चलेगी। ये सुविधा सुबह 8 से 11 बजे तक और शाम को 5 बजे से 8 बजे तक यात्रियों को मिलेगी।ये सेमी हाई स्पीड ट्रेन फिलहाल 11 स्टेशनों के बीच 55 किलोमीटर के सेक्शन पर चल रही है, जिसकी राइड्स का आंकड़ा 1.25 करोड़ के भी पार पहुंच गया है। कांवड़ यात्रा के दौरान दिल्ली से लेकर हरिद्वार तक सड़कों पर वाहनों का दबाव भी काफी बढ़ जाता है। भारी वाहनों और बसों का मेरठ में प्रवेश भी कुछ समय के लिए बंद कर दिया जाता है। ऐसे में नमो भारत की फ्रीक्वेंसी बढ़ाने से मेरठ और आसपास के लोगों को काफी सुविधा मिलेगी।मेरठ में इस समय नमो भारत और मेरठ मेट्रो से जुड़े कार्य भी प्रगति पर हैं। श्रद्धालुओं की सुरक्षा और उनके हरसंभव सहयोग के लिए एनसीआरटीसी सभी जरूरी कदम उठा रही है। मेरठ में साइट्स व स्टेशनों को सुरक्षित बनाए रखने के साथ-साथ श्रद्धालुओं की सुविधा व सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी।यातायात प्रबंधन के तहत प्रमुख स्थलों पर एनसीआरटीसी की ओर से ट्रैफिक मार्शल तैनात किए जा रहे हैं। सभी स्टेशनों और उनके आसपास पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था है। नमो भारत अलाइनमेंट से गुजरने वाली सड़कों पर गड्ढों और क्षतिग्रस्त हिस्सों की मरम्मत कर दी गई है और शेष कार्य को भी पूरा किया जा रहा है। इस दौरान सड़कों पर निर्माण गतिविधि नहीं की जाएगी, विशेषकर भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में। स्टेशन के पास या साइट के आसपास वाहन पार्क नहीं किए जाएंगे।
-
रांची. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बृहस्पतिवार को कहा कि क्षेत्रीय परिषदें महज चर्चा के मंच से आगे बढ़कर ‘सहयोग के इंजन' में तब्दील हो गई हैं। उन्होंने कहा कि उनकी बैठकों में उठाए गए 83 प्रतिशत मुद्दों का समाधान हो चुका है। शाह ने यह टिप्पणी 27वीं पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में की, जिसमें झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी सहित चार पूर्वी राज्यों - झारखंड, बिहार, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। शाह ने कहा, ‘‘मोदी सरकार के तहत, क्षेत्रीय परिषदें महज ‘चर्चा के मंच' से बढ़कर ‘सहयोग के इंजन' में बदल गई हैं। क्षेत्रीय परिषद की बैठकों के दौरान 83 प्रतिशत मुद्दों का समाधान इन मंचों की प्रभावशीलता और बढ़ते महत्व को रेखांकित करता है।'' आज की बैठक में मसानजोर बांध, तैयबपुर बैराज और इंद्रपुरी जलाशय से संबंधित लंबे समय से लंबित जटिल मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई, साथ ही बिहार और झारखंड राज्यों के बीच कई सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) की परिसंपत्तियों और देनदारियों के बंटवारे से संबंधित मुद्दों पर भी चर्चा की गई, जो बिहार के विभाजन के समय से लंबित हैं। शाह ने कहा कि 2004 से 2014 के बीच क्षेत्रीय परिषदों की 25 बैठकें हुई थीं जिनकी संख्या 2014 से 2025 के बीच बढ़कर 63 हो गई। शाह ने कहा, ‘‘हम प्रति वर्ष औसतन 2 से 3 बैठकों से आगे बढ़कर प्रति वर्ष औसतन 6 बैठकें करने लगे हैं। इन बैठकों में कुल 1,580 मुद्दों पर चर्चा की गई, जिनमें से 1287 यानी 83 प्रतिशत मुद्दों का समाधान कर दिया गया है।'' गृह मंत्री ने कहा कि केंद्र नए सिरे से ध्यान देते हुए और नयी दिशा के साथ राज्यों के विकास को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है और इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सामूहिक प्रयासों की जरूरत है। शाह ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सहकारी संघवाद के आधार पर देश के सामने टीम भारत का विजन प्रस्तुत किया है। ...राज्यों के विकास के माध्यम से भारत के विकास और 2047 तक भारत को पूर्ण विकसित राष्ट्र बनाने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हम सभी को मिलकर आगे बढ़ना चाहिए।'' उन्होंने कहा कि पूर्वी राज्यों को तीन नए आपराधिक कानूनों के शीघ्र कार्यान्वयन की दिशा में और अधिक प्रयास करने चाहिए। उन्होंने कहा कि इन राज्यों में मादक पदार्थों पर नियंत्रण के मामले में भी और अधिक काम किए जाने की आवश्यकता है, जिसके लिए जिला स्तरीय एनसीओआरडी बैठकें नियमित रूप से आयोजित की जानी चाहिए। शाह ने चारों राज्यों को नक्सल समस्या को खत्म करने में पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया और कहा कि 31 मार्च, 2026 तक इसे पूरी तरह से खत्म कर दिया जाएगा। गृह मंत्री ने कहा कि बिहार, झारखंड और ओडिशा काफी हद तक नक्सलवाद से मुक्त हो चुके हैं, जबकि पश्चिम बंगाल पहले ही इस समस्या से मुक्त हो चुका है। बैठक में भारत के सशस्त्र बलों की बहादुरी के लिए सर्वसम्मति से धन्यवाद प्रस्ताव पारित किया गया।
शाह ने कहा, ‘‘ऑपरेशन सिंदूर के दौरान, हमारी सेनाओं ने पूरी दुनिया के सामने अद्वितीय वीरता, सटीकता और बहादुरी का प्रदर्शन किया है।'' उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दृढ़ संकल्प दिखाया है और वैश्विक समुदाय को आतंकवाद के विरुद्ध भारत के दृढ़ रुख का स्पष्ट संदेश दिया है।'' बैठक में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ यौन अपराधों के मामलों की त्वरित जांच, उनके शीघ्र निपटारे के लिए फास्ट ट्रैक विशेष न्यायालयों (एफटीएससी) का कार्यान्वयन, प्रत्येक गांव के निर्दिष्ट क्षेत्र में भौतिक बैंकिंग सुविधाएं प्रदान करना, आपातकालीन प्रतिक्रिया सहायता प्रणाली का कार्यान्वयन आदि मुद्दों पर चर्चा की गई। अधिकारियों ने बताया कि सोरेन ने बैठक में राज्य से संबंधित 31 मुद्दे उठाए, जिनमें कोयला क्षेत्र के केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों पर 1.36 लाख करोड़ रुपये के बकाया का मुद्दा भी शामिल है। उन्होंने ‘एमएसएमई' के माध्यम से बेहतर बुनियादी ढांचे और रोजगार सृजन का आह्वान किया। झारखंड ने आदिवासियों के लिए अलग सरना धार्मिक संहिता का मुद्दा भी उठाया।
बुधवार रात राज्य की राजधानी पहुंचे शाह बैठक के बाद एक विशेष विमान से दिल्ली के लिए रवाना हो गए।
सोरेन ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि मांगों में सार्वजनिक उपक्रमों में स्थानीय निवासियों को प्राथमिकता, खदानों को सुरक्षित तरीके से बंद करना और पर्यटन को बढ़ावा देना तथा आदिवासी विरासत की रक्षा के लिए केंद्र का समर्थन शामिल हैं। राज्य में बुनियादी ढांचे को बढ़ाने पर भी ध्यान केंद्रित किया गया, जिसमें महत्वपूर्ण रेलवे और राजमार्ग योजनाओं के अलावा एक मेट्रो परियोजना का प्रस्ताव भी शामिल है। बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा, ‘‘बिहार के विभाजन के बाद बिहार और झारखंड के बीच संपत्ति के बंटवारे सहित लंबित मुद्दों को सुलझाने के लिए एक समिति का गठन किया गया।'' अधिकारियों के अनुसार, झारखंड ने कोयला क्षेत्र (अधिग्रहण और विकास) अधिनियम में संशोधन की मांग की ताकि खनन कंपनियां खनन पूरा होने के बाद राज्य सरकार को जमीन वापस कर दें। -
नयी दिल्ली. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) ने बृहस्पतिवार को कहा कि 11 जुलाई को सावन के महीने की शुरुआत से दिल्ली-मेरठ कॉरिडोर पर नमो भारत ट्रेन के फेरे बढ़ाए जाएंगे। एनसीआरटीसी ने एक बयान में कहा कि यात्रियों के आवागमन में वृद्धि को ध्यान में रखते हुए न्यू अशोक नगर और मेरठ साउथ स्टेशनों के बीच सुबह 8 बजे से 11 बजे तक और शाम पांच बजे से आठ बजे तक 15 मिनट की जगह हर 10 मिनट में ट्रेन उपलब्ध रहेगी। बयान में कहा गया है कि कांवड़ यात्रा के दौरान लाखों तीर्थयात्री हरिद्वार में गंगा नदी से जल लाने के लिए लंबी दूरी तय करते हैं। कांवड़ यात्रा के दौरान दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के कुछ हिस्सों में सड़कों पर भारी यातायात होता है। मेरठ में, तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इस अवधि के दौरान आमतौर पर भारी वाहनों और बसों का प्रवेश प्रतिबंधित रहता है। निगम ने कहा, "हमें उम्मीद है कि ट्रेनों की संख्या बढ़ने से सड़कों पर दबाव कम होगा और दिल्ली तथा आसपास के क्षेत्रों से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए एक तेज व अधिक आरामदायक विकल्प उपलब्ध होगा।" बयान में कहा गया है, "प्रमुख स्थानों पर ट्रैफिक मार्शल तैनात किए जा रहे हैं और सभी स्टेशनों व आसपास के इलाकों में पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था की गई है।
-
जम्मू,. दक्षिण कश्मीर के हिमालयी क्षेत्र में 3,880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित अमरनाथ गुफा मंदिर के लिए 7,307 तीर्थयात्रियों का नया जत्था बृहस्पतिवार तड़के जम्मू के भगवती नगर आधार शिविर से रवाना हुआ। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अभी तक लगभग 1.28 लाख तीर्थयात्री पवित्र गुफा मंदिर में दर्शन कर चुके हैं।
घाटी के दो मार्ग से तीन जुलाई को 38 दिवसीय तीर्थयात्रा शुरू हुई थी। पहला मार्ग अनंतनाग जिले में 48 किलोमीटर लंबा पारंपरिक नुनवान-पहलगाम मार्ग है और दूसरा, गांदरबल जिले में 14 किलोमीटर का छोटा लेकिन अधिक खड़ी चढ़ाई वाला बालटाल मार्ग है। यात्रा नौ अगस्त को समाप्त होगी। अधिकारियों ने बताया कि 5,534 पुरुषों, 1,586 महिलाओं, 25 बच्चों और 162 साधु-साध्वियों समेत 7,307 तीर्थयात्रियों का नौवां जत्था कड़ी सुरक्षा के बीच बृहस्पतिवार तड़के सवा तीन से तीन बजकर 58 मिनट के बीच 284 वाहनों में रवाना हुआ। कुल 3,081 तीर्थयात्री 137 वाहनों में सवार होकर बालटाल मार्ग से रवाना हुए, जबकि 4,226 तीर्थयात्री 147 वाहनों में सवार होकर पारंपरिक पहलगाम मार्ग से रवाना हुए। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने दो जुलाई को अमरनाथ गुफा के लिए तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे को हरी झंडी दिखाई थी। पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के बाद भगवती नगर आधार शिविर को बहुस्तरीय सुरक्षा घेरे में रखा गया है। इस हमले में 26 लोग मारे गए थे। अब तक चार लाख से अधिक लोगों ने तीर्थयात्रा के लिए ऑनलाइन पंजीकरण कराया है। पिछले साल 5.10 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने इस गुफा मंदिर में दर्शन किए गए थे। -
नई दिल्ली। एक नए अध्ययन के अनुसार, वायु प्रदूषण न केवल दिल और फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि यह ब्रेन में एक सामान्य ट्यूमर, मेनिन्जियोमा के खतरे को भी बढ़ा सकता है। मेनिन्जियोमा नामक ट्यूमर, जो आमतौर पर कैंसररहित (नॉन-कैंसरस) होता है, मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी को ढकने वाली पतली परत (मेनिन्जेस) में बनता है। यह ट्यूमर ज्यादातर हानिरहित होता है, लेकिन कभी-कभी इसके कारण सिरदर्द, दौरे पड़ते हैं या ये अन्य न्यूरोलॉजिकल समस्याओं की वजह बन सकते हैं।
न्यूरोलॉजी जर्नल में प्रकाशित इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया कि प्रदूषण और मेनिन्जियोमा के बीच एक संभावित संबंध हो सकता हैन्यूरोलॉजी जर्नल में प्रकाशित इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया कि प्रदूषण और मेनिन्जियोमा के बीच एक संभावित संबंध हो सकता है, हालांकि यह साबित नहीं हुआ कि प्रदूषण ही इसका कारण है। अध्ययन में ट्रैफिक से जुड़े प्रदूषकों जैसे नाइट्रोजन डाइऑक्साइड और अल्ट्राफाइन कणों (बारीक कण) का विश्लेषण किया गया, जो शहरी क्षेत्रों में अधिक पाए जाते हैं। शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन लोगों का इन प्रदूषकों के संपर्क में ज्यादा समय बीता, उनमें मेनिन्जियोमा का खतरा अधिक था।यह अध्ययन डेनमार्क में करीब 40 लाख वयस्कों पर किया गयाडेनमार्क कैंसर इंस्टीट्यूट की शोधकर्ता उल्ला ह्विडटफेल्ड ने बताया, “अल्ट्राफाइन कण इतने छोटे होते हैं कि वे रक्त-मस्तिष्क अवरोध को पार कर सकते हैं और मस्तिष्क के ऊतकों को प्रभावित कर सकते हैं।”यह अध्ययन डेनमार्क में करीब 40 लाख वयस्कों पर किया गया, जिनकी औसत आयु 35 वर्ष थी और जिन्हें 21 साल तक ट्रैक किया गया। इस दौरान 16,596 लोगों में मस्तिष्क या सेंट्रल नर्वस सिस्टम का ट्यूमर पाया गया, जिनमें से 4,645 को मेनिन्जियोमा था। शोध में ट्रैफिक से होने वाले अल्ट्राफाइन कणों और मेनिन्जियोमा के बीच संभावित संबंध सामने आया। हालांकि, ग्लियोमा जैसे गंभीर मस्तिष्क ट्यूमर और प्रदूषकों के बीच कोई मजबूत संबंध नहीं मिला।ट्रैफिक और अन्य सोर्स से लंबे समय तक वायु प्रदूषण के संपर्क में रहने से मेनिन्जियोमा का खतरा बढ़ सकता हैह्विडटफेल्ड ने कहा, “अध्ययन बताता है कि ट्रैफिक और अन्य सोर्स से लंबे समय तक वायु प्रदूषण के संपर्क में रहने से मेनिन्जियोमा का खतरा बढ़ सकता है। यह प्रदूषण के मस्तिष्क पर प्रभाव को दर्शाता है, न कि केवल दिल और फेफड़ों पर।”उन्होंने आगे बताया कि यदि स्वच्छ हवा से ब्रेन ट्यूमर का जोखिम कम हो सकता है, तो यह सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए बड़ा बदलाव ला सकता है। शोधकर्ताओं का कहना है कि इस निष्कर्ष की पुष्टि के लिए और अध्ययन की जरूरत है। - प्रयागराज. इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा है कि उच्च न्यायालय अपने असाधारण न्याय क्षेत्र के तहत यह निर्धारित नहीं कर सकता कि फिजियोथैरेपी में डिग्री एमबीबीएस की डिग्री के समक्ष है या नहीं, यह तय करना राज्य सरकार का काम है। संध्या यादव नामक एक महिला की याचिका खारिज करते हुए न्यायमूर्ति अजित कुमार ने कहा, “फिजियोथैरेपी में ऐसी डिग्री एमबीबीएस की डिग्री के समक्ष है या नहीं, यह तय करना राज्य सरकार का काम है।” उच्च न्यायालय ने चार जुलाई के अपने आदेश में कहा, “जब तक राज्य सरकार या नियुक्ति अधिकारी ऐसी डिग्री को सेवा नियमों के तहत अकादमिक योग्यता के तौर पर आवश्यक नहीं मानता, तबतक यह अदालत उस अधिकारी को इस डिग्री को योग्यता के तौर पर एमबीबीएस की डिग्री के समान विचार करने के लिए निर्देश नहीं देगा।” इस मामले में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने 14 जुलाई, 2024 को एक विज्ञापन निकाला जिसमें खाद्य सुरक्षा अधिकारी के पद पर नियुक्ति के लिए आवेदन आमंत्रित किया जिसके लिए कुछ योग्यता निर्धारित की गई। याचिकाकर्चा आयोग की लिखित परीक्षा में शामिल हुई और परीक्षा उत्तीर्ण की और उसे साक्षात्कार के लिए ‘कॉल लेटर' जारी किया गया। हालांकि, जब याचिकाकर्ता साक्षात्कार के लिए आयोग पहुंची तो उसे साक्षात्कार में शामिल नहीं होने दिया गया । अंतिम परिणाम 29 जनवरी, 2025 को घोषित कर दिया गया और याचिकाकर्ता की उम्मीदवारी खारिज कर दी गई जिसके बाद उसने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि केंद्र सरकार ने नियमों के तहत उल्लिखित योग्यता के समकक्ष किसी अन्य योग्यता को अधिसूचित नहीं किया है और नियुक्ति अधिकारी से प्राप्त सूचना के आधार पर आयोग ने निष्कर्ष निकाला कि फिजियोथैरेपी में स्नातक की डिग्री को ‘मेडिसिन' में डिग्री नहीं माना जाएगा जो खाद्य सुरक्षा अधिकारी के पद के लिए आवश्यक योग्यता है।
- जैसलमेर. राजस्थान के जैसलमेर जिले में एक दुखद घटना में दो भाइयों और दो बहनों की पानी से भरे एक गड्ढे में डूबने से मौत हो गई। पुलिस ने यह जानकारी दी। उसने बताया कि यह घटना पोकरण उपखंड के नई मंगोलाई गांव में हुई। पुलिस का कहना है कि बच्चे खेलते समय बारिश के पानी से भरे एक गड्ढे में गिर गए। यह गड्ढा पहले मिट्टी निकालने के लिए खोदा गया था। मृतकों की पहचान अहमद (12), रिजवान (10), मोहम्मद (3) और शहनाज (8) के रूप में हुई है। पुलिस के अनुसार खेलने के बाद जब बच्चे देर तक घर नहीं लौटे, तो परिवार के सदस्यों और ग्रामीणों ने उनकी तलाश शुरू की और पाया कि वे गड्ढे में गिर गए थे। पुलिस ने बताया कि ग्रामीणों ने तुरंत उन्हें बाहर निकाला और पोकरण के सरकारी अस्पताल ले गए, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
- नागपुर. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने बुधवार को संघ के विचारक दिवंगत मोरोपंत पिंगले को “पूर्ण निस्वार्थता की प्रतिमूर्ति” बताया। नागपुर में एक पुस्तक विमोचन समारोह को संबोधित करते हुए भागवत ने राष्ट्र निर्माण के प्रति पिंगले के “मौन समर्पण” और विभिन्न विचारधारा वाले लोगों से जुड़ने की उनकी क्षमता की सराहना की। ‘मोरोपंत पिंगले: द आर्किटेक्ट ऑफ हिंदू रिसर्जेंस' पुस्तक का विमोचन करने के बाद, भागवत ने संघ के वरिष्ठ नेता की विनम्रता, दूरदर्शिता और जटिल विचारों को सरल भाषा में समझाने की अद्वितीय क्षमता को याद किया। भागवत ने कहा, “मोरोपंत पूर्ण निस्वार्थता की प्रतिमूर्ति थे। उन्होंने अनेक काम यह सोचकर किए कि यह कार्य राष्ट्र निर्माण में सहायक होगा।” आपातकाल के बाद राजनीतिक मंथन के दौरान पिंगले की भविष्यवाणियों का हवाला देते हुए भागवत ने कहा, “जब चुनाव का मुद्दा चर्चा में आया, तो मोरोपंत ने कहा था कि अगर सभी विपक्षी दल एकजुट हो जाएं तो लगभग 276 सीटें जीती जा सकती हैं। जब नतीजे आए, तो जीती गई सीटों की संख्या 276 ही थी।'
- अहमदाबाद. केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा है कि प्राकृतिक खेती एक वैज्ञानिक प्रयोग है और अधिक उपज समेत इसके कई लाभ हैं। उन्होंने आगाह किया कि रासायनिक उर्वरकों के साथ गेहूं की खेती से अक्सर कई स्वास्थ्य समस्याएं पैदा होती हैं। शाह ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति रसायनों और उर्वरकों से मुक्त भोजन करता है, तो उसे किसी दवा की आवश्यकता नहीं होगी। वरिष्ठ भाजपा नेता ने यह भी कहा कि सेवानिवृत्ति के बाद, वह अपना शेष जीवन प्राचीन भारतीय ग्रंथों वेदों, उपनिषदों और प्राकृतिक खेती को देंगे। शाह ने कहा, ‘‘मैंने पहले ही निर्णय ले लिया है कि जब भी मैं सेवानिवृत्त होऊंगा, मैं अपना शेष जीवन वेदों, उपनिषदों और प्राकृतिक खेती को समर्पित करूंगा। प्राकृतिक खेती एक वैज्ञानिक प्रयोग है जिसके कई लाभ हैं।'' केंद्रीय मंत्री ने यह बात ‘सहकार संवाद' के दौरान कही। यह अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के अवसर पर अहमदाबाद में गुजरात, मध्य प्रदेश और राजस्थान की महिला सहकारी कार्यकर्ताओं के साथ एक संवाद था। शाह के गुजरात दौरे के दौरान अहमदाबाद की साइंस सिटी में पिछले शनिवार और रविवार को हुई इस बातचीत का वीडियो और प्रेस विज्ञप्ति बुधवार को जारी की गई। उन्होंने कहा कि उर्वरकों का उपयोग करके उगाया गया गेहूं थायराइड, मधुमेह, उच्च रक्तचाप और कैंसर का कारण बन सकता है। शाह ने कहा, ‘‘अगर आप रसायनों और उर्वरकों से मुक्त भोजन का सेवन करते हैं, तो आपको किसी दवा की आवश्यकता नहीं होगी। फसल की पैदावार भी बढ़ेगी, जो प्राकृतिक खेती का एक और लाभ है। अपने खेत में इस कृषि तकनीक को लागू करने के बाद मेरी उपज में डेढ़ गुना वृद्धि हुई है।'' प्राकृतिक खेती एक ऐसी कृषि पद्धति है जो रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के उपयोग के बिना, प्रकृति के सिद्धांतों का पालन करती है। यह एक पारंपरिक, रसायन-मुक्त खेती का तरीका है जो मिट्टी की उर्वरता और पर्यावरणीय स्वास्थ्य को बढ़ाने पर केंद्रित है। पीआईबी की एक विज्ञप्ति के अनुसार, ‘सहकार संवाद' को संबोधित करते हुए, शाह ने कहा कि गुजरात के आणंद जिले में एक सहकारी विश्वविद्यालय की आधारशिला रखी गई है और इसका नाम भारत के सहकारी आंदोलन के जनक माने जाने वाले त्रिभुवनदास पटेल के नाम पर रखा जाएगा।
- नयी दिल्ली. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बुधवार को कहा कि भारतीय डाक विभाग ने जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी की 125वीं जयंती पर एक स्मारक डाक टिकट जारी किया है। सिंधिया ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘प्रखर राष्ट्रवादी नायक, महान स्वतंत्रता सेनानी एवं दूरदर्शी राजनेता, श्रद्धेय श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी की 125वीं जयंती के उपलक्ष्य में भारतीय डाक द्वारा स्मारक डाक टिकट जारी किया गया।'' मंत्री ने कहा कि यह डाक टिकट भारत के राजनीतिक और शैक्षणिक क्षेत्र में उनके अतुलनीय योगदान, राष्ट्रीय एकता के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता और भारतीय जीवन-मूल्यों पर आधारित समावेशी विकास के प्रति उनके अडिग विश्वास को प्रतिबिंबित करता है।
-
मुंबई. आयुर्वेद अस्पताल नेटवर्क अपोलो आयुर्वेद ने बुधवार को 15 करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय के साथ आयुर्वेद उत्पाद खंड में उतरने की घोषणा की। इससे कंपनी को अगले पांच साल में 500 करोड़ रुपये का राजस्व पार करने में मदद मिलेगी। अपोलो आयुर्वेद के संस्थापक, प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) राजीव वासुदेवन ने बयान में कहा कि नए क्षेत्र में यह प्रवेश न केवल आंतरिक-बाह्य रोगी देखभाल मॉडल का पूरक है, बल्कि व्यापक राजस्व अवसर भी खोलता है और साक्ष्य-आधारित आयुर्वेद सेवाओं और उत्पादों को वैश्विक स्तर पर सुलभ बनाकर उन्हें मुख्यधारा में लाने के दृष्टिकोण को मजबूत करता है। वासुदेवन ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि यह पोर्टफोलियो अगले पांच साल में 500 करोड़ रुपये के राजस्व लक्ष्य के साथ विकास का एक प्रमुख चालक होगा।'' आयुर्वेद उत्पाद प्रभाग को अपोलो आयुर्वेद की एक व्यावसायिक इकाई के रूप में विकसित किया जा रहा है।
-
विंडहोक. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बुधवार को नामीबिया के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘ऑर्डर ऑफ द मोस्ट एनशिएंट वेल्वित्चिया मिराबिलिस' से नवाजा गया। यह सम्मान नामीबिया की राष्ट्रपति नेटुम्बो नेंडी-नदैतवा द्वारा प्रदान किया गया।
प्रधानमंत्री मोदी ने सम्मान से नवाजे जाने के बाद अपने संबोधन में कहा, ‘‘नामीबिया का वेल्वित्चिया, जिसके नाम पर यह पुरस्कार रखा गया है, कोई साधारण पौधा नहीं है। यह परिवार के किसी बुजुर्ग सदस्य की तरह है, जिसने समय को गुजरते देखा है। यह नामीबिया के संघर्ष, साहस और संस्कृति का प्रतीक है।'' उन्होंने कहा, ‘‘यह भारत और नामीबिया के बीच अटूट मित्रता का साक्षी है। मुझे इससे जुड़कर गर्व महसूस हो रहा है। मैं यह सम्मान साथ-साथ प्रगति कर रहे भारत और नामीबिया के लोगों तथा दोनों देशों की मित्रता को समर्पित करता हूं।'' उन्होंने कहा कि भारत और नामीबिया अपनी आजादी के समय से ही एक-दूसरे के साथ खड़े हैं।
मोदी ने कहा, ‘‘हमारी दोस्ती समय की कसौटी पर खरी उतरी है और साझा मूल्यों और बेहतर भविष्य के सपनों से जुड़ी हुई है। आने वाले समय में भी हम मिलकर काम करते रहेंगे और विकास के पथ पर साथ-साथ चलते रहेंगे।'' विदेश मंत्रालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी यह पुरस्कार पाने वाले पहले भारतीय नेता हैं। इसमें कहा गया है, ‘‘प्रधानमंत्री को यह पुरस्कार प्रदान किया जाना भारत और नामीबिया के बीच द्विपक्षीय संबंधों में एक मील का पत्थर है और यह दोनों देशों की युवा पीढ़ियों के लिए विशेष द्विपक्षीय साझेदारी को और अधिक ऊंचाइयों पर ले जाने के वास्ते प्रेरणा का स्रोत है।'' मई 2014 में प्रधानमंत्री मोदी के पदभार ग्रहण करने के बाद से किसी विदेशी सरकार द्वारा उन्हें प्रदान किया गया यह 27वां अंतरराष्ट्रीय सम्मान है। सम्मान के प्रशस्ति पत्र के अनुसार, तकनीकी नवाचार, आर्थिक विकास, सामाजिक और जलवायु न्याय तथा अंतरराष्ट्रीय कूटनीति द्वारा परिभाषित प्रधानमंत्री मोदी का नेतृत्व भारत की सीमाओं से परे है। इसमें कहा गया है, ‘‘अफ्रीकी संघ के साथ प्रधानमंत्री मोदी का निरंतर जुड़ाव दक्षिण-दक्षिण सहयोग के प्रति ईमानदार प्रतिबद्धता को दर्शाता है... उनके कार्यकाल के दौरान, भारत और नामीबिया के बीच द्विपक्षीय संबंधों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है और दोनों देशों के सामाजिक-आर्थिक विकास में सार्थक योगदान हुआ है।'' मोदी अपनी पांच देशों की यात्रा के आखिरी चरण में नामीबिया में हैं।
यह प्रधानमंत्री मोदी की नामीबिया की पहली और भारत से किसी प्रधानमंत्री की तीसरी यात्रा है।
इससे पहले दिन में, प्रधानमंत्री मोदी और नेटुम्बो नेंडी नदैतवा ने द्विपक्षीय वार्ता की, जिसके बाद दोनों देशों ने ऊर्जा और स्वास्थ्य सेवा सहित कई क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने के लिए चार समझौतों पर हस्ताक्षर किए। - नई दिल्ली। विदेश यात्रा अब सिर्फ बड़े शहरों के लोगों की पहुंच तक सीमित नहीं रही। पहली बार विदेश जा रहे भारतीयों की संख्या में जबरदस्त इजाफा देखा जा रहा है, और खास बात यह है कि इनमें बड़ी हिस्सेदारी देश के टियर-2 और टियर-3 शहरों की है। वीजा एप्लिकेशन प्लेटफॉर्म एटलिस (Atlys) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, पिछले एक साल में पहली बार वीजा के लिए आवेदन करने वालों की संख्या में 32% की वृद्धि हुई है। इनमें से 56% आवेदन छोटे शहरों जैसे चंडीगढ़, सूरत, पुणे, लखनऊ और जयपुर से आए हैं। ये यात्री न तो बिज़नेस के लिए जा रहे हैं और न ही परिवार से मिलने। ये लोग हैं – नवविवाहित जोड़ों, दोस्तों के साथ छुट्टियों पर जाने वाले युवाओं, पहली विदेश यात्रा पर निकले परिवारों की एक नई पीढ़ी, जो जीवन के खास लम्हों को विदेश में मनाना चाहती है।Atlys के अनुसार, सबसे सक्रिय वर्ग में शामिल हैं:-35 साल से कम उम्र के युवा-हनीमून मनाने वाले नवविवाहित जोड़े-पहली बार विदेश जा रहे परिवारदुबई, थाईलैंड, वियतनाम, और इंडोनेशिया जैसे देशों को ये यात्री अधिक पसंद कर रहे हैं। खासकर वे लोग जो कम बजट में विदेशी अनुभव चाहते हैं। दुबई बार-बार यात्रा करने वालों की पसंदीदा जगह बना हुआ है, जबकि थाईलैंड और वियतनाम जैसे देश युवा और एडवेंचर पसंद करने वाले यात्रियों को आकर्षित कर रहे हैं। Atlys के संस्थापक और सीईओ मोहक नाहटा कहते हैं, “अब यात्रा को विलासिता नहीं, बल्कि जीवन का एक जरूरी हिस्सा माना जा रहा है। डिजिटल वीजा प्रक्रियाएं, सस्ती अंतरराष्ट्रीय उड़ानें और बढ़ती आमदनी इस ट्रेंड को आगे बढ़ा रही हैं।”क्या कहती है इंटरनेशनल रिपोर्ट्सथॉमस कुक इंडिया और SOTC ट्रैवल की रिपोर्ट ‘इंडिया हॉलिडे रिपोर्ट 2025’ के अनुसार:-2024 में पहली बार विदेश यात्रा करने वाले भारतीयों की संख्या 3 करोड़ के पार पहुंची-85% लोग अब साल में 4 से 6 बार यात्रा करने की योजना बना रहे हैं-84% लोगों ने कहा कि वे इस साल अपने यात्रा बजट में 20% से 50% तक की वृद्धि करेंगे-2014 से 2023 के बीच 100.9 मिलियन पासपोर्ट जारीविदेश मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 2014 से 2023 के बीच 100.9 मिलियन पासपोर्ट जारी किए गए, जिनमें से 85% भारत में ही जारी हुए। पासपोर्ट सेवा केंद्रों (Passport Seva Kendras) की संख्या 2014 में 153 से बढ़कर 2023 में 523 हो गई है। फिर भी, देश की कुल आबादी में से केवल 8.71% लोगों के पास ही सक्रिय पासपोर्ट है। यह दर्शाता है कि छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों में अब भी बड़ी संख्या में लोग पहली बार विदेश यात्रा करने के अवसर का इंतजार कर रहे हैं।
- नयी दिल्ली।, भारत ने विस्तारित रेंज वाली पनडुब्बी रोधी रॉकेट प्रणाली का परीक्षण किया है, जिससे भारतीय नौसेना की मारक क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है। अधिकारियों ने बताया कि विस्तारित रेंज पनडुब्बी रोधी रॉकेट (ईआरएएसआर) के उपयोगकर्ता परीक्षण आईएनएस कवरत्ती से सफलतापूर्वक किये गये।रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रक्षा अनुसंधान विकास संगठन, भारतीय नौसेना और इस प्रणाली के विकास एवं परीक्षण में शामिल उद्योग को बधाई दी। सिंह के कार्यालय ने ‘एक्स' पर कहा, “उन्होंने (रक्षा मंत्री ने) कहा कि इस प्रणाली को सफलतापूर्वक शामिल करने से भारतीय नौसेना की मारक क्षमता में वृद्धि होगी।”
- कारवार। कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ जिले के भटकल शहर में पिछले 70 घंटों में आवारा कुत्तों के हमलों में 15 से ज़्यादा लोग जख्मी हो गए हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि अधिकांश पीड़ित बच्चे और बुजुर्ग थे, जिन्हें आवासीय क्षेत्रों या बाजारों से गुजरते समय कुत्तों ने काट लिया। हमले छह जुलाई को शुरू हुए और तब से लगातार बढ़ रहे हैं।आवारा कुत्तों के हमलों से जख्मी हुए लोगों का स्थानीय अस्पतालों में इलाज किया जा रहा है और कई लोगों को 'एंटी-रेबीज' टीके लगाए जा रहे हैं। घटनाओं की बढ़ती संख्या से निवासियों में चिंता पैदा हो गई है और वे नगर निगम अधिकारियों से तत्काल कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। कई लोगों का आरोप है कि आवारा कुत्तों की बढ़ती आबादी के बारे में पहले भी शिकायतें की गई थीं लेकिन उन्हें नगर निकायों द्वारा नजरअंदाज कर दिया गया। भटकल नगर पालिका के अधिकारियों ने कहा कि वे स्थिति पर नजर रख रहे हैं और शीघ्र ही बंध्याकरण और बचाव अभियान शुरू करने की योजना बना रहे हैं।
- गंगटोक। सिक्किम में राज्य सरकार की एक पहल से बड़ी संख्या में महिलाओं को राहत मिली हैं क्योंकि वे अब भीड़भाड़ वाले सार्वजनिक स्थानों पर एक साफ-सुथरी, सुरक्षित और निजी जगह में अपने बच्चों को स्तनपान करा पा रही हैं। राज्य के महिला, बाल, वरिष्ठ नागरिक और दिव्यांग कल्याण एवं विकास विभाग ने इस हिमालयी राज्य के कुल छह जिलों में से पांच जिलों के बड़े बाजारों में छह ‘स्तनपान पॉड' स्थापित किए हैं और छठे जिले में भी इसी तरह की सुविधाएं स्थापित करने की योजना है। इसके अलावा, एक अन्य ‘पॉड' राजधानी गंगटोक में जिला प्रशासन द्वारा संचालित किया जा रहा है।विभाग द्वारा स्थापित नवीनतम ‘स्तनपान पॉड' का उद्घाटन तीन जुलाई को पाक्योंग जिले के पाक्योंग बाजार में किया गया। इस अवसर पर कई महिलाएं भी मौजूद थीं जो इस सुविधा को देखने आई थीं। विभाग की संयुक्त निदेशक पेमा ल्हामू ने बताया, ‘‘अब ये ‘पॉड' गंगटोक, मंगन, नामची, सोरेंग, रंगपो और पाक्योंग शहरों में कार्यरत हैं। हम ग्यालशिंग जिले के मुख्यालय में भी एक और ‘स्तनपान पॉड' स्थापित करेंगे।'' ‘स्तनपान पॉड' एक नवीनतम पहल है।ये ऐसे निजी स्थान होते हैं, जिन्हें सार्वजनिक स्थलों और कार्यस्थलों पर स्तनपान कराने वाली माताओं की सहायता के लिए बनाया गया है। ये सुविधाएं उन्हें एक आरामदायक और सुरक्षित वातावरण प्रदान करती हैं जहां वे अपने बच्चों को स्तनपान करा सकें या थोड़ी देर विश्राम कर सकें। यह एक बहुत बड़ा बदलाव है क्योंकि पहले माताओं को अपने बच्चों को दूध पिलाने के लिए संकरी गलियों या सार्वजनिक शौचालयों जैसी जगहों का सहारा लेना पड़ता था। ल्हामू ने बताया कि प्रशासन की आगामी दिनों में राज्य के सभी जिला मुख्यालयों और उप-मंडलीय शहरों में और अधिक ‘स्तनपान पॉड' स्थापित करने की योजना है। विभाग की संयुक्त निदेशक ने उस वाकये को साझा किया जिसने सिक्किम में इस पहल की शुरुआत की प्रेरणा दी।
- नयी दिल्ली। अमेरिका के जवाबी शुल्क के निलंबन को एक अगस्त तक बढ़ाने से भारतीय निर्यातकों को राहत मिलेगी। साथ ही भारत और अमेरिका को अंतरिम व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने के लिए लंबित मुद्दों को सुलझाने के वास्ते अतिरिक्त समय मिलेगा। ट्रंप प्रशासन ने सोमवार को विभिन्न देशों को ‘पत्र' भेजे जिसमें उन देशों के उत्पादों पर अमेरिका द्वारा लगाए जाने वाले शुल्कों का ब्योरा है। इन देशों में हालांकि भारत को शामिल नहीं किया गया। बांग्लादेश, बोस्निया एंड हर्जेगोविना, कंबोडिया, इंडोनेशिया, जापान, कजाकिस्तान, लाओ पीपुल्स डेमोक्रेटिक रिपब्लिक, मलेशिया, सर्बिया, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, थाईलैंड और ट्यूनीशिया को ट्रंप द्वारा हस्ताक्षरित पत्र भेजे गए हैं।अमेरिका के राष्ट्रपति ने एक अलग कार्यकारी आदेश में कई अन्य देशों पर बढ़ाए गए शुल्क को टालने की अवधि एक अगस्त तक बढ़ा दी है। शुल्क पर यह 90 दिवसीय निलंबन नौ जुलाई को समाप्त होना था। इस निर्णय पर टिप्पणी करते हुए निर्यातकों ने कहा कि जवाबी शुल्क लगाने को नौ जुलाई से एक अगस्त तक स्थगित करना अमेरिका की अपने व्यापारिक साझेदारों के साथ रचनात्मक रूप से जुड़ने की इच्छा को दर्शाता है। भारतीय निर्यात संगठन महासंघ (फियो) के महानिदेशक अजय सहाय ने कहा, ‘‘ यह वार्ता के लिए एक विस्तारित अवसर प्रदान करता है, जिससे हमारे वार्ताकारों को शेष विवादास्पद मुद्दों को सुलझाने में मदद मिल सकती है।'' उन्होंने कहा कि प्रस्तावित शुल्क में दायरे में करीब 12 देश आते हैं। हालांकि यदि भारत इस महीने के अंत तक अमेरिका के साथ कम से कम वस्तुओं पर बीटीए (द्विपक्षीय व्यापार समझौता) को अंतिम रूप दे देता है तो तुलनात्मक रूप से अधिक फायदे में होगा। अंतरराष्ट्रीय व्यापार विशेषज्ञ विश्वजीत धर ने कहा कि यह भारत के लिए राहत की बात है।