- Home
- देश
-
नयी दिल्ली,। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को ऊर्जा बदलाव को बढ़ावा देने के लिए लिथियम, तांबा और कोबाल्ट जैसे खनिजों पर सीमा शुल्क में कटौती की घोषणा की। ये खनिज परमाणु ऊर्जा, नवीकरणीय और अन्य क्षेत्रों के लिए महत्वपूर्ण हैं।
सीतारमण ने लोकसभा में अपने बजट भाषण के दौरान अंतरिम बजट का जिक्र किया, जब उन्होंने ऊर्जा सुरक्षा के साथ अधिक संसाधन कुशल आर्थिक वृद्धि को बनाए रखने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा, ‘‘हम उचित ऊर्जा बदलाव मार्गों पर एक नीति दस्तावेज लाएंगे, जो रोजगार, वृद्धि और पर्यावरणीय स्थिरता की जरूरतों को संतुलित करता है।'' उन्होंने 25 महत्वपूर्ण खनिजों पर सीमा शुल्क से पूरी तरह छूट देने और उनमें से दो पर बीसीडी (मूल सीमा शुल्क) को कम करने का प्रस्ताव रखा। लिथियम, तांबा, कोबाल्ट और रेयर अर्थ तत्व जैसे खनिज परमाणु ऊर्जा, नवीकरणीय ऊर्जा, अंतरिक्ष, रक्षा, दूरसंचार और उच्च तकनीक वाले इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे क्षेत्रों के लिए महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि इससे ऐसे खनिजों के प्रसंस्करण और शोधन को बढ़ावा मिलेगा तथा रणनीतिक और महत्वपूर्ण क्षेत्रों के लिए उनकी उपलब्धता सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में ऊर्जा बदलाव महत्वपूर्ण है।उन्होंने देश में सौर सेल और पैनल के निर्माण में उपयोग के लिए छूट वाली पूंजीगत वस्तुओं की सूची का विस्तार करने का प्रस्ताव भी रखा। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि सौर ग्लास और टिंड कॉपर इंटरकनेक्ट की पर्याप्त घरेलू विनिर्माण क्षमता को देखते हुए, इन्हें दी गई सीमा शुल्क की छूट को आगे नहीं बढ़ाने का प्रस्ताव है। उन्होंने फेरो निकल और ब्लिस्टर कॉपर पर बीसीडी को हटाने का प्रस्ताव रखा। -
नयी दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को विदेशी पूंजी निवेश आकर्षित करने के लिए विदेशी कंपनियों पर कॉरपोरेट कर की दर को घटाकर 35 प्रतिशत करने की घोषणा की। वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में विदेशी कंपनियों (विशेष दरों पर वसूले जाने वाले कर को छोड़कर) की आय पर लगने वाले आयकर की दर को 40 प्रतिशत से घटाकर 35 प्रतिशत करने का प्रस्ताव रखा गया है। सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा, ‘‘हमारी विकास जरूरतों के लिए विदेशी पूंजी को आकर्षित करने के लिए मैं विदेशी कंपनियों पर कॉरपोरेट कर की दर को 40 प्रतिशत से घटाकर 35 प्रतिशत करने का प्रस्ताव करती हूं।‘‘ बजट से पहले सोमवार को पेश आर्थिक समीक्षा 2023-24 में चीन के साथ तनावपूर्ण संबंधों के बावजूद स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा देने और निर्यात बाजार का फायदा उठाने के लिए चीन से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को बढ़ाने की बात कही गई थी। आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि अमेरिका और यूरोप के देश चीन से अपनी विनिर्माण इकाइयों को हटा रहे हैं, लिहाजा चीनी कंपनियों का भारत में निवेश करना और फिर उत्पादों का इन बाजारों में निर्यात करना अधिक कारगर हो सकता है। डेलॉयट इंडिया के भागीदार रोहिंटन सिधवा ने कहा कि विदेशी कंपनियों के लिए कर की दर 40 प्रतिशत से घटाकर 35 प्रतिशत करना और निर्यातकों पर लगने वाले दो प्रतिशत समानीकरण शुल्क को खत्म करना अचरज भरा कदम है।
-
नयी दिल्ली ।केंद्रीय बजट में मंगलवार को बिहार के लिए कई बड़े कदम उठाए गए। इनमें राज्य में विभिन्न परियोजनाओं के लिए 60,000 करोड़ रुपये से अधिक के परिव्यय का प्रस्ताव किया गया। इनमें तीन एक्सप्रेसवे, एक बिजली संयंत्र, विरासत गलियारों, नए हवाई अड्डे एवं खेल बुनियादी ढांचे के लिए योजनाओं की रूपरेखा पेश की गई। आम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने तीन सड़क संपर्क परियोजनाओं - पटना-पूर्णिया एक्सप्रेसवे, बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेसवे, तथा बोधगया, राजगीर, वैशाली और दरभंगा एक्सप्रेसवे और बक्सर में गंगा नदी पर एक अतिरिक्त दो-लेन पुल के विकास के लिए केंद्र के समर्थन की घोषणा की। सीतारमण ने कहा कि इन चार परियोजनाओं की कुल लागत 26,000 करोड़ रुपये होगी।
बिहार के लिए अन्य सौगातों में भागलपुर जिले के पीरपैंती में 2,400 मेगावाट का विद्युत संयंत्र स्थापित करना शामिल है, जिसपर 21,400 करोड़ रुपये की लागत आएगी। सरकार बिहार में हवाई अड्डे, मेडिकल कॉलेज और खेल संबंधी बुनियादी ढांचा भी स्थापित करेगी।इसके अलावा, केंद्र बिहार की बाढ़ में भी मदद करेगा। बिहार नेपाल से निकलने वाली कई नदियों की बाढ़ से अक्सर पीड़ित रहता है। कोसी से संबंधित बाढ़ नियंत्रण और सिंचाई परियोजनाओं का सर्वेक्षण और जांच भी की जाएगी।सरकार बाढ़ से निपटने के लिए राज्य को 11,500 करोड़ रुपये उपलब्ध कराएगी।वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2024-25 के लिए केंद्रीय बजट पेश करते हुए कहा कि सरकार बहुपक्षीय विकास एजेंसियों की सहायता से बिहार को वित्तीय सहायता की व्यवस्था करेगी। उन्होंने कहा कि राज्य में राजमार्गों के लिए 20,000 करोड़ रुपये आवंटित किए जाएंगे।सीतारमण ने कहा, “बिहार में नए हवाई अड्डों और खेल अवसंरचना का निर्माण किया जाएगा तथा पूंजीगत निवेश को समर्थन देने के लिए अतिरिक्त आवंटन प्रदान किया जाएगा…। बहुपक्षीय विकास बैंकों से बाह्य सहायता के लिए बिहार सरकार के अनुरोध पर शीघ्र कार्रवाई की जाएगी।” देश के पूर्वी भाग को संपदा से समृद्ध बताते हुए उन्होंने कहा, “हम गया में औद्योगिक ‘नोड' के निर्माण का समर्थन करेंगे...यह हमारे सांस्कृतिक महत्व के प्राचीन केंद्रों को आधुनिक अर्थव्यवस्था के भविष्य के केंद्रों के रूप में विकसित करने के लिए एक अच्छा मॉडल भी होगा।” यह मॉडल वृद्धि पथ में ‘विकास भी विरासत भी' प्रदर्शित करेगा।इसके अलावा, बजट में राजगीर के लिए एक व्यापक विकास पहल का भी प्रस्ताव किया गया। राजगीर हिंदुओं, बौद्धों और जैनियों के लिए धार्मिक महत्व रखता है। सीतारमण ने घोषणा की कि सरकार बिहार के नालंदा को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने में भी सहयोग करेगी। उन्होंने कहा, ‘हमारी सरकार नालंदा विश्वविद्यालय को उसका गौरवशाली स्वरूप प्रदान करने के अलावा नालंदा को पर्यटन स्थल केंद्र के रूप में भी विकसित करने में सहयोग करेगी।' वित्त मंत्री ने बिजली परियोजनाओं के बारे में भी बात की। इसमें पीरपैंती (बिहार) में 2,400 मेगावाट बिजली संयंत्र की स्थापना भी शामिल है, जिस पर 21,400 करोड़ रुपये की लागत आएगी। - नयी दिल्ली,। सरकार ने मंगलवार को कहा कि विदेशी निवेश को सुगम बनाने के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) से संबंधित नियमों एवं विनियमों को सरल बनाया जाएगा। यह घोषणा इस लिहाज से अहम है कि हाल के समय में भारत में आने वाले एफडीआई में गिरावट दर्ज की गई है। सेवाओं, कंप्यूटर हार्डवेयर एवं सॉफ्टवेयर, दूरसंचार, वाहन एवं दवा जैसे क्षेत्रों में कम निवेश के कारण वित्त वर्ष 2023-24 में एफडीआई इक्विटी प्रवाह 3.49 प्रतिशत घटकर 44.42 अरब डॉलर रह गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में वित्त वर्ष 2024-25 का बजट पेश करते हुए एफडीआई प्रोत्साहन का जिक्र किया। उन्होंने कहा, ‘‘एफडीआई को सुगम बनाने और विदेशी निवेश के लिए मुद्रा के तौर पर भारतीय रुपये का इस्तेमाल बढ़ाने के लिए एफडीआई और विदेशी निवेश से संबंधित नियम एवं विनियम आसान बनाए जाएंगे।'' वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान देश में एफडीआई इक्विटी प्रवाह 46.03 अरब डॉलर रहा था। इक्विटी प्रवाह, पुनर्निवेशित आय और अन्य पूंजी समेत कुल एफडीआई निवेश पिछले वित्त वर्ष में एक प्रतिशत की मामूली गिरावट के साथ 70.95 अरब डॉलर रह गया जबकि 2022-23 में यह 71.35 अरब डॉलर रहा था। वित्त वर्ष 2021-22 में देश में अबतक का सबसे अधिक 84.83 अरब डॉलर का एफडीआई आया था।पिछले वित्त वर्ष में मॉरीशस, सिंगापुर, अमेरिका, ब्रिटेन, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), केमैन आइलैंड्स, जर्मनी और साइप्रस सहित प्रमुख देशों से आने वाले एफडीआई इक्विटी निवेश में कमी आई। सेवाओं, कंप्यूटर सॉफ्टवेयर एवं हार्डवेयर, दूरसंचार, वाहन, दवा और रसायन क्षेत्रों में विदेशी निवेश में कमी आई। भारत की एफडीआई नीति के मुताबिक, इसके प्रावधानों के अनुपालन का दायित्व निवेश हासिल करने वाली कंपनी पर होता है। एफडीआई नियमों का कोई भी उल्लंघन विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के दंडात्मक प्रावधानों के दायरे में आता है, क्योंकि एफडीआई एक पूंजीगत खाता लेनदेन है। आरबीआई फेमा का प्रशासन करता है, और वित्त मंत्रालय के तहत प्रवर्तन निदेशालय फेमा के प्रवर्तन के लिए प्राधिकरण है और कानून के उल्लंघन के मामलों की जांच करता है। हालांकि, अधिकांश क्षेत्रों में स्वत: मंजूर मार्ग के जरिये एफडीआई की अनुमति है, लेकिन मीडिया, दवा एवं बीमा जैसे कुछ क्षेत्रों में, निर्दिष्ट सीमा से परे विदेशी निवेश के लिए सरकारी मंजूरी की जरूरत होती है। सरकारी मार्ग के तहत विदेशी निवेशकों को संबंधित मंत्रालय या विभाग की पूर्व-मंजूरी लेनी होती है। वहीं स्वत: मंजूर मार्ग के जरिये निवेशक को निवेश करने के बाद आरबीआई को केवल अवगत कराना होता है। हालांकि लॉटरी कारोबार, जुआ एवं सट्टेबाजी, चिट फंड, निधि कंपनी, रियल एस्टेट व्यवसाय और सिगार, चुरूट एवं सिगरेट का निर्माण जैसे आठ क्षेत्रों में एफडीआई को प्रतिबंधित किया हुआ है। डेलॉयट इंडिया की अर्थशास्त्री रुमकी मजूमदार ने कहा कि एफडीआई और विदेशी निवेश के लिए सरल नियम एवं विनियम आने से निश्चित रूप से देश में पूंजी प्रवाह को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि विदेशी निवेश के लिए रुपये को बढ़ावा देने से स्थानीय मुद्रा की मांग बढ़ेगी और इसके मूल्य को भी समर्थन मिलेगा।
-
नई दिल्ली। विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के 2024 के केंद्रीय बजट की आलोचना की। उन्होंने इस बजट को “कुर्सी बचाओ” बजट कहा। कांग्रेस नेता ने कहा कि वित्त मंत्री का बजट दस्तावेज कांग्रेस पार्टी के चुनावी घोषणापत्र से नकल किया गया है। एक्स (पहले ट्विटर) पर एक पोस्ट में, कांग्रेस नेता ने कहा कि यह एक “कुर्सी बचाओ” बजट है।उन्होंने आरोप लगाया कि सहयोगियों को खुश करने के लिए दूसरे राज्यों की कीमत पर उन्हें खोखले वादे किए गए हैं, चहेतों को फायदा पहुंचाने के लिए आम भारतीयों को कोई राहत नहीं दी गई है, और कांग्रेस के घोषणापत्र और पिछले बजटों से कॉपी-पेस्ट किया गया है।
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने 2024 के केंद्रीय बजट को “निराशाजनक” बताया। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री के भाषण में किसी भी महत्वपूर्ण मुद्दे पर ध्यान नहीं दिया गया। थरूर ने कहा कि आम आदमी की समस्याओं के बारे में कुछ नहीं सुना और मनरेगा का कोई जिक्र नहीं था।उन्होंने एंजेल टैक्स खत्म करने के फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि इसकी सिफारिश उन्होंने पांच साल पहले अरुण जेटली को की थी। कांग्रेस पार्टी ने बजट भाषण पर हमला करते हुए कहा कि यह कार्रवाई की बजाय दिखावे पर ज्यादा केंद्रित है। पार्टी ने आरोप लगाया कि “कॉपी-पेस्ट सरकार” ने कांग्रेस के चुनावी घोषणापत्र से कई चीजें जस की तस ली हैं।कांग्रेस पार्टी ने एक पोस्ट में कहा कि सरकार ने माना है, “बड़े पैमाने पर बेरोजगारी एक राष्ट्रीय संकट है” और 2024 का बजट राजनीतिक मजबूरियों से भरा हुआ है। शिवसेना की प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि यह बजट भाजपा को अगले पांच साल तक बचाने का एक तरीका है। उन्होंने इसे “पीएम सरकार बचाओ योजना” कहा। चतुर्वेदी ने कहा कि सरकार ने अपने गठबंधन सहयोगियों को खुश करने के लिए बिहार और आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा देने से इनकार करने के बाद अब उन्हें फंड दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र को केंद्र द्वारा नजरअंदाज किया जा रहा है और यह एक ऐसा राज्य बन गया है जहां से केवल पैसा लिया जाता है। -
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संसद में पेश किए 2024-25 के बजट को ‘विकास की नयी ऊंचाई’ पर ले जाने वाला महत्वपूर्ण बजट करार दिया और कहा कि यह समाज के हर वर्ग को शक्ति देने वाला है। उन्होंने एक वीडियो संदेश के माध्यम से बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह बजट भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने के लिए ‘उत्प्रेरक’ का काम करेगा और विकसित भारत की नींव भी रखेगा। वित्त मंत्री और उनकी पूरी टीम को इस बजट के लिए बधाई देते हुए उन्होंने कहा, ‘‘यह बजट देश के गांव, गरीब, किसान को समृद्धि की राह पर ले जाने वाला बजट है।’’मोदी ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं और इससे नया मध्यम वर्ग बना है, यह उनके सशक्तीकरण की निरंतरता का भी बजट है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह नौजवानों को अनगिनत नए अवसर देने वाला बजट है। इस बजट से शिक्षा और स्किल (कौशल) को नयी गति मिलेगी। यह मध्यम वर्ग को नयी ताकत देने वाला बजट है। यह जनजातीय समाज, दलित, पिछड़ों को सशक्त करने की मजबूत योजनाओं के साथ आया है।’’प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बजट से महिलाओं की आर्थिक भागीदारी सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी और इससे छोटे व्यापारियों व लघु उद्योगों को प्रगति का नया रास्ता मिलेगा। उन्होंने कहा कि इसमें विनिर्माण और अवसंरचना विकास पर भी बल दिया गया है जिससे आर्थिक विकास को नयी गति मिलेगी और निरंतरता मिलेगी।रोजगार और स्वरोजगार के ‘अभूतपूर्व’ अवसर को अपनी सरकार की पहचान करार देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज का बजट इसे और सुदृढ़ करता है। रोजगार संबंधी बजट घोषणाओं का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इससे देश में करोड़ों नए रोजगार बनेंगे और जीवन में पहली नौकरी पाने वाले युवा की पहली तनख्वाह सरकार देगी।उन्होंने कहा, ‘‘कौशल विकास और उच्च शिक्षा के लिए मदद हो या फिर एक करोड़ नौजवानों को इंटेंसिव (प्रोत्साहन) की योजनाएं, इससे गांव के गरीब युवाओं को देश की शीर्ष कंपनियों में काम करने का अवसर मिलेगा, उनके सामने संभावनाओं के नए द्वार खुलेंगे। हमें हर शहर, हर गांव में घर-घर उद्यमी बनाना है।’’बिना गारंटी मुद्रा लोन की सीमा को 10 लाख से बढ़कर 20 लाख रुपए बढ़ाए जाने का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि इससे छोटे कारोबारियों विशेष रूप से महिलाओं, दलित, पिछड़़े, आदिवासी परिवारों में स्वरोजगार को बल मिलेगा। उन्होंने कहा, ‘‘हम सब लोग मिलकर भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनाएंगे।’’ उन्होंने कहा कि बजट में भारत के रक्षा क्षेत्र को ‘आत्मनिर्भर’ बनाने के लिए अनेक प्रावधान हैं और इसमें पर्यटन क्षेत्र पर भी ध्यान दिया गया है। -
नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को बच्चों के लिए नई पेंशन योजना ‘वात्सल्य’ शुरू करने की घोषणा की।वित्त मंत्री ने संसद में 2024-25 का बजट पेश करते हुए कहा कि इस पेंशन योजना में माता-पिता और अभिभावक अंशदान करेंगे। बच्चे के वयस्क होने पर, इस योजना को सहज रूप से एक सामान्य एनपीएस खाते में बदला जा सकेगा। उन्होंने यह भी घोषणा की कि एनपीएस की समीक्षा के लिए गठित समिति ने अपने काम में पर्याप्त प्रगति की है। उल्लेखनीय है कि सरकार ने मार्च, 2023 में एनपीएस लाभ को बेहतर बनाने के लिए वित्त सचिव टी वी सोमनाथन की अगुवाई में एक समिति का गठन किया था।
-
नई दिल्ली। सैलरीड क्लास के लिए बजट 2024 (Budget 2024) से बड़ी खबर निकल कर आई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) ने मंगलवार को 2024 का बजट पेश करते हुए न्यू टैक्स रिजीम (New tax regime) में बड़ा बदलाव किया है।बता दें कि न्यू टैक्स रिजीम में अब आप स्टैण्डर्ड डिडक्शन (Standard Deduction) के तहत 50,000 रुपये की जगह 75,000 रुपये तक का फायदा उठा सकते हैं। इसके अलावा सरकार ने न्यू टैक्स रिजीम के तहत टैक्स स्लैब में भी कुछ बदलाव किया है।
न्यू टैक्स रिजीम (New Tax Regime) के तहत अब सालाना 3 लाख रुपये तक की कमाई पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। 3 लाख से 7 लाख रुपये की कमाई पर 5 प्रतिशत, 7 लाख से 10 लाख रुपये पर 10 प्रतिशत, 10 लाख से 12 लाख रुपये पर 15 प्रतिशत, 12 लाख से 15 लाख रुपये पर 20 प्रतिशत और 15 लाख रुपये से ज्यादा की कमाई पर 30 प्रतिशत टैक्स लगेगा।सरकार का कहना है कि इन बदलावों से नौकरीपेशा लोगों (Salaried Class) को सालाना 17,500 रुपये तक की बचत हो सकती है। हालांकि, पुरानी टैक्स व्यवस्था (Old Tax Regime) में कोई बदलाव नहीं किया गया है।बदलाव के बाद क्या होगा नया टैक्स स्लैबइनकम टैक्स रेट3 लाख तक शून्य3 से 7 लाख तक 5%7 से 10 लाख तक 10 %10 से 12 लाख तक 15%12 से 15 लाख तक 20%15 लाख रुपये से ज्यादा 30%न्यू टैक्स रिजीम के तहत अभी कितना है टैक्स स्लैब
इनकम टैक्स रेट3 लाख तक शून्य3 से 6 लाख तक 5%6 से 9 लाख तक 10%9 से 12 लाख तक 15%12 से 15 लाख तक 20%15 लाख से ऊपर 30%2020 में शुरू की गई थी न्यू टैक्स रिजीमफिलहाल देश में इनकम टैक्स की दो प्रणाली मौजूद हैं। पहली, जिसे ओल्ड टैक्स स्लैब (Old Tax Slab Or Regime) के नाम से जाना जाता है। वहीं साल 2020 में सरकार ने नई टैक्स प्रणाली (New Tax Slab) शुरू की। इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करने में आसानी करने के लिए ये नई व्यवस्था शुरू की गई थी। देश में हालांकि नई टैक्स प्रणाली शुरू करने के साथ ही अभी पुरानी टैक्स प्रणाली को भी बरकरार रखा गया है। -
नई दिल्ली। मंगलवार को केंद्रीय बजट 2024-25 पेश करते हुए, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक नई इंटर्नशिप योजना की घोषणा की। इस योजना के तहत, अगले पांच सालों में एक करोड़ युवाओं को फायदा मिलेगा। सीतारमण ने कहा कि देश की टॉप 500 कंपनियों में युवाओं को इंटर्नशिप के मौके दिए जाएंगे।इस कदम का मकसद है उत्पादन और सेवा क्षेत्र को बढ़ावा देना और युवाओं को काम का अनुभव दिलाना। उन्होंने अपने भाषण में बताया कि सरकार इस व्यापक योजना को लागू करेगी, जिससे युवाओं को बड़ी कंपनियों में काम सीखने का मौका मिलेगा।वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि इस इंटर्नशिप योजना के तहत युवाओं को 12 महीने तक असली बिजनेस माहौल में काम करने का मौका मिलेगा। वे विभिन्न पेशों और नौकरियों का अनुभव ले सकेंगे। हर इंटर्न को हर महीने 5,000 रुपये भत्ता दिया जाएगा।
साथ ही, एक बार में 6,000 रुपये की अतिरिक्त मदद भी दी जाएगी। सीतारमण ने यह भी कहा कि कंपनियां प्रशिक्षण का खर्च उठाएंगी और अपने सीएसआर फंड से इंटर्नशिप के खर्च का 10 प्रतिशत देंगी। केंद्रीय बजट 2024-25 में सरकार ने नौ प्राथमिकताएं तय की हैं। इनमें शामिल हैं: खेती को मजबूत और उत्पादक बनाना, रोजगार और स्किल डेवलपमेंट, सामाजिक न्याय, उत्पादन और सेवा क्षेत्र को बढ़ावा, शहरी विकास, ऊर्जा सुरक्षा, बुनियादी ढांचे का विकास, नए शोध और अनुसंधान को प्रोत्साहन, और अगली पीढ़ी के सुधार। इन प्राथमिकताओं का मकसद है देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाना, रोजगार के नए अवसर पैदा करना, और समाज के हर वर्ग का विकास सुनिश्चित करना। -
नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को ‘प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना’ की घोषणा की। यह घोषणा इसी साल फरवरी में पेश किए गए अंतरिम बजट का हिस्सा है। इस योजना के तहत, घरों की छतों पर सौर ऊर्जा प्लांट लगाए जाएंगे। इससे एक करोड़ परिवारों को हर महीने 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली मिलेगी।बजट 2024 में वित्त मंत्री ने ग्रीन ग्रोथ और नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए कई कदमों की घोषणा की। उन्होंने कहा कि छत पर सोलर पैनल लगाने की योजना का बहुत अच्छा रिस्पॉन्स मिला है और 1.28 करोड़ से ज्यादा रजिस्ट्रेशन और 14 लाख आवेदन आए हैं।
सरकार का कहना है कि सोलर पैनल लगाने से घरों को सालाना 15,000 से 18,000 रुपये तक की बचत होगी, क्योंकि उन्हें मुफ्त बिजली मिलेगी और बची हुई बिजली वे बिजली कंपनियों को बेच सकेंगे।इसके अलावा, इलेक्ट्रिक गाड़ियों को चार्ज करने के लिए, सामान की सप्लाई और इंस्टालेशन के लिए बड़ी संख्या में विक्रेताओं के लिए बिज़नेस के मौके बनेंगे और मैन्युफैक्चरिंग, इंस्टालेशन और मेंटेनेंस में तकनीकी स्किल वाले युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे।वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लगातार सातवीं बार बजट पेश करते हुए इतिहास रच दिया। यह बीजेपी की नेतृत्व वाली एनडीए सरकार का पिछले महीने फिर से चुने जाने के बाद पहला बजट है। सीतारमण ने सोमवार को लोकसभा में वित्त वर्ष 2024 का आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया। इस सर्वेक्षण में अनुमान लगाया गया है कि वित्त वर्ष 2025 में भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 6.5% से 7% के बीच रह सकती है। हालांकि, 2024-25 के लिए अनुमानित यह वृद्धि दर पिछले वित्त वर्ष के लिए अनुमानित 8.2% की आर्थिक वृद्धि दर से कम है। -
नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को विदेशी पूंजी निवेश आकर्षित करने के लिए विदेशी कंपनियों पर कॉरपोरेट कर की दर को घटाकर 35 प्रतिशत करने की घोषणा की।वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को विदेशी पूंजी निवेश आकर्षित करने के लिए विदेशी कंपनियों पर कॉरपोरेट कर की दर को घटाकर 35 प्रतिशत करने की घोषणा की। वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में विदेशी कंपनियों (विशेष दरों पर वसूले जाने वाले कर को छोड़कर) की आय पर लगने वाले आयकर की दर को 40 प्रतिशत से घटाकर 35 प्रतिशत करने का प्रस्ताव रखा गया है।
सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा, ‘‘हमारी विकास जरूरतों के लिए विदेशी पूंजी को आकर्षित करने के लिए मैं विदेशी कंपनियों पर कॉरपोरेट कर की दर को 40 प्रतिशत से घटाकर 35 प्रतिशत करने का प्रस्ताव करती हूं।‘‘ बजट से पहले सोमवार को पेश आर्थिक समीक्षा 2023-24 में चीन के साथ तनावपूर्ण संबंधों के बावजूद स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा देने और निर्यात बाजार का फायदा उठाने के लिए चीन से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को बढ़ाने की बात कही गई थी।आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि अमेरिका और यूरोप के देश चीन से अपनी विनिर्माण इकाइयों को हटा रहे हैं, लिहाजा चीनी कंपनियों का भारत में निवेश करना और फिर उत्पादों का इन बाजारों में निर्यात करना अधिक कारगर हो सकता है। डेलॉयट इंडिया के भागीदार रोहिंटन सिधवा ने कहा कि विदेशी कंपनियों के लिए कर की दर 40 प्रतिशत से घटाकर 35 प्रतिशत करना और निर्यातकों पर लगने वाले दो प्रतिशत समानीकरण शुल्क को खत्म करना अचरज भरा कदम है।सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा, ‘‘हमारी विकास जरूरतों के लिए विदेशी पूंजी को आकर्षित करने के लिए मैं विदेशी कंपनियों पर कॉरपोरेट कर की दर को 40 प्रतिशत से घटाकर 35 प्रतिशत करने का प्रस्ताव करती हूं।‘‘बजट से पहले सोमवार को पेश आर्थिक समीक्षा 2023-24 में चीन के साथ तनावपूर्ण संबंधों के बावजूद स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा देने और निर्यात बाजार का फायदा उठाने के लिए चीन से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को बढ़ाने की बात कही गई थी। आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि अमेरिका और यूरोप के देश चीन से अपनी विनिर्माण इकाइयों को हटा रहे हैं, लिहाजा चीनी कंपनियों का भारत में निवेश करना और फिर उत्पादों का इन बाजारों में निर्यात करना अधिक कारगर हो सकता है। डेलॉयट इंडिया के भागीदार रोहिंटन सिधवा ने कहा कि विदेशी कंपनियों के लिए कर की दर 40 प्रतिशत से घटाकर 35 प्रतिशत करना और निर्यातकों पर लगने वाले दो प्रतिशत समानीकरण शुल्क को खत्म करना अचरज भरा कदम है। -
नई दिल्ली। भारत सरकार ने आज यानी 23 जुलाई को वित्त वर्ष 24-25 के लिए बजट पेश कर दिया है। लगातार सातवीं बार बजट पेश करके रिकॉर्ड बनाते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि उनका इस बार बजट का फोकस महिलाओं, युवाओं, गरीबों और किसानों पर है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज कहा कि अगर महिलाएं किसी प्रॉपर्टी को खरीदती हैं तो उन्हें प्रॉपर्टीज पर लगने वाला शुल्क कम देना होगा। बता दें कि अभी यह लागू नहीं हो रहा है। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार इसके लिए सरकार विचार करेगी। साथ ही साथ केंद्र सरकार इसे शहरी विकास योजनाओं के लिए एक जरूरी कंपोनेंट (essential component of urban development schemes) बनाने पर विचार करेगी।केंद्रीय बजट 2024 के भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कराधान उद्देश्यों (taxation purposes) के संबंध में आधार नंबर (Aadhaar number) की जगह आधार इनरोलमेंट आईडी (Aadhaar Enrolment ID) लगाने की जरूरत को समाप्त करने का भी प्रस्ताव रखा।स्टांप पर लगने वाला शुल्क भी घटेगावित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जमीन की खरीदारी पर एक और राहत की खबर दी। उन्होंने कहा कि अगर कोई भी व्यक्ति जमीन खरीदता है तो हम राज्यों से अपील करेंगे कि वे जमीन खरीदते समय लगने वाले ज्यादा शुल्क यानी स्टांप ड्यूटी पर ज्यादा चार्ज को कम करें। साथ ही साथ केंद्र राज्यों से यह भी कहेगा कि अगर महिलाएं जमीन खरीदती हैं तो उसपर और छूट दी जाए।वित्त मंत्री कहा कि यह सुधार शहरी विकास योजनाओं के तहत जरूरी बनाया जाएगा ताकि रेट को कम करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। उन्होंने कहा कि महिलाओं द्वारा खरीदी गई संपत्तियों के लिए शुल्क को और कम किया जाएगा।महिलाओं के कल्याण के लिए आवंटित किए गए 3 लाख करोड़ रुपयेवित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण के दौरान महिलाओं से संबंधित कई योजनाओं और उनकी फंडिंग के बारे में चर्चा की। उन्होंने कहा कि सरकार ने महिलाओं के लिए कल्याणकारी योजनाओं के तहत 3 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा आवंटित किए हैं।बजट के दौरान उन्होंने कहा कि महिलाओं के आर्थिक विकास के लिए किए गए सुधार सरकार की वादों को लेकर प्रतिबद्धता की ओर इशारा करती है।महिलाओं के स्किल डेवलपमेंट के लिए भी बजट में योजनाकार्यबल में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए वित्त मंत्री ने 5 योजनाओं के लिए प्रधानमंत्री पैकेज का भी ऐलान किया। महिलाओं से जुड़ी योजना में कहा गया कि सरकार उद्योग के सहयोग से कामकाजी महिला छात्रावासों (hostels) की स्थापना करेगी और कार्यबल में महिलाओं की उच्च भागीदारी की सुविधा प्रदान करेगी। इसके अलावा, महिलाओं के लिए विशिष्ट कौशल कार्यक्रम (specific skilling programms) आयोजित करने के रूप में महिलाओं के लिए बाजार पहुंच को बढ़ावा देने का प्रयास करेगी। -
नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने संसद में एन.डी.ए. सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश किया।
बजट में दो लाख करोड रुपये के परिव्यय से पांच वर्ष की अवधि में चार करोड से अधिक युवाओं के लिए रोजगार और कौशल अवसर बढाने की पांच योजनाओं और पहल के प्रधानमंत्री पैकेजकी घोषणा।करदाताओं के लिए राहत के तहत नई कर व्यवस्था में वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन पचास हजार रुपये से बढाकर 75 हजार रुपये।विकास आवश्यकताओं के लिए विदेशी पूंजी आकर्षित करने के लिए विदेशी कम्पनियों पर कॉरपोरेट कर दर चालीस प्रतिशत से घटाकर 35 प्रतिशत की गई।बिहार, झारखण्ड, पश्चिम बंगाल, ओडिसा और आंध्र प्रदेश के समग्र विकास के लिए सरकार पूर्वोदय योजना लागू करेगी।मौजदा वित्तीय वर्ष में आंध्र प्रदेश के लिए पन्द्रह हजार करोड रुपये की विशेष वित्तीय सहायात।वित्त मंत्री ने ग्रामीण बुनियादी ढांचा सहित समग्र ग्रामीण विकास के लिए दो लाख 66 हजार करोड रुपये के प्रावधान की घोषणा की।अगले दो वर्ष में प्रमाणन और ब्रैंडिंग समर्थित प्राकृतिक खेती में एक करोड किसानों को शामिल किया जाएगा।सरकार, जनजातीय समुदायों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान चलाएगी।महिला नीत विकास को बढावा देने के उद्देश्य से महिलाओं और बालिकाओं के लिए लाभकारी योजनाओं पर तीन लाख करोड रुपये से अधिक का आवंटन।प्रधानमंत्री आवाज योजना शहरी के दूसरे चरण में सरकार एक करोड शहरी निर्धन और मध्यवर्गीय परिवारों की आवास जरूरतें पूरी करने के लिए दस लाख करोड रुपये का निवेश करेगी। -
युवाओं के लिए 5 नई स्कीम
नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में बिहार में 3 एक्सप्रेसवे, भागलपुर के पीरपैंती में पावर प्लांट के साथ ही पूर्वी राज्यों के डेवलपमेंट के लिए पूर्वोदय स्कीम का ऐलान किया है। वहीं जॉब-स्किल डेवलपमेंट के लिए 5 नई योजनाओं की घोषणा की।बजट में इन्फ्रास्ट्रक्चर को लेकर बड़ी बातें1. पटना-पूर्णिया एक्सप्रेस वे, बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेस वे, बोधगया-राजगीर-वैशाली-दरभंगा एक्सप्रेस वे और बक्सर में गंगा नदी पर दो लेन का पुल बनाया जाएगा। बिहार में इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए 26 हजार करोड़ रुपए खर्च करने का ऐलान है। अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक कॉरिडोर के तहत गया में औद्योगिक केंद्र बनाया जाएगा।2. पीरपैंती में 21,400 करोड़ की लागत से 2400 मेगावॉट की क्षमता का पावर प्लांट बनेगा।3. पूर्वी राज्यों यानी बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और आंध्र प्रदेश के विकास के लिए पूर्वोदय स्कीम की घोषणा की गई है। इसके तहत रोजगार और बुनियादी विकास पर ध्यान दिया जाएगा। आर्थिक केंद्र डेवलप किए जाएंगे। रोड कनेक्टिविटी बढ़ाई जाएगी।4. काशी की तर्ज पर बिहार के गया में विष्णुपद मंदिर और महाबोधि मंदिर कॉरिडोर बनाया जाएगा।5. आंध्रप्रदेश पुनर्गठन एक्ट के तहत विशाखापट्टनम-चेन्नई औद्योगिक कॉरिडोर में कोप्पार्थी और हैदराबाद-बेंगलुरु औद्योगिक कॉरिडोर में ओरवाकल के डेवलपमेंट के लिए फंड दिया जाएगा। - नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार (23 जुलाई) को शिक्षा के लिए 1.48 लाख करोड़ रुपए का बजट पेश किया। यह पिछले बजट से 32% ज्यादा है। बजट भाषण में वित्त मंत्री ने नौकरियों और स्किल ट्रेनिंग से जुड़ी 5 स्कीम्स का ऐलान किया है।स्कीम 1: फर्स्ट टाइम एम्प्लॉयमेंट- 1 लाख रुपए से कम सैलरी होने पर, EPFO में पहली बार रजिस्टर करने वाले लोगों को 15 हजार रुपए की मदद तीन किश्तों में मिलेगी। ये किश्तें DBT के जरिए सीधे बैंक अकाउंट में ट्रांसफर होंगी। इस स्कीम से 210 लाख युवओं को मदद दी जाएगी।स्कीम 2: जॉब क्रिएशन इन मैन्युफैक्चरिंग- इसमें मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर से जुड़े फर्स्ट टाइम एम्प्लॉइज को EPFO जमा के आधार पर पहले 4 साल इंसेंटिव मिलेगा। इससे 30 लाख युवाओं को फायदा मिलेगा।स्कीम 3: सपोर्ट टू एम्प्लॉयर- इस स्कीम से सरकार एम्प्लॉयर्स का बोझ घटाने का काम करेगी। इसके तहत नए कर्मचारियों के EPFO कॉन्ट्रिब्यूशंस पर एम्प्लॉयर्स को 2 साल तक हर महीने 3 हजार रुपए का रीएम्बर्सेमंट करेगी।स्कीम 4: पार्टिसिपेशन ऑफ वुमेन इन वर्कफोर्स- नौकरियों में महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए वर्किंग वुमन हॉस्टल, बच्चों के क्रेच और वुमन स्किलिंग प्रोगाम शुरू किए जाएंगे।
स्कीम 5: स्किलिंग- 1 करोड़ युवाओं को 5 साल में स्किल्ड किया जाएगा। 1 हजार इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट्स अपग्रेड किए जाएंगे। हर साल 25 हजार स्टूडेंट्स को स्किलिंग लोन का फायदा दिया जाएगा।सरकार 500 टॉप कंपनियों में 1 करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप देगी। इंटर्नशिप के दौरान 5 हजार रुपए हर महीने का स्टाइपेंड मिलेगा।हायर एजुकेशन के लिए 10 लाख तक का लोन जिन स्टूडेंट्स को सरकारी योजनाओं के तहत कोई फायदा नहीं मिल रहा है, उन्हें देशभर के संस्थानों में एडमिशन के लिए 10 लाख तक के लोन में सरकारी मदद मिलेगी। सालाना लोन पर ब्याज का 3% पैसा सरकार देगी। इसके लिए ई-वाउचर्स लाए जाएंगे, जो हर साल 1 लाख स्टूडेंट्स को मिलेंगे।सर्विस सेक्टर के लिए वित्त मंत्री के 5 ऐलान-प्राइवेट सेक्टर को हर क्षेत्र में सरकार की स्कीम्स से मदद दी जाएगी।नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल के जरिए 3.3 लाख करोड़ रुपए कंपनियों को दिए गए।विवादों के निपटारे के लिए अतिरिक्त ट्रिब्यूनल बनाए जाएंगे।रिकवरी के लिए भी अतिरिक्त ट्रिब्यूनल बनाए जाएंगे।शहरों के क्रिएटिव रीडेवलपमेंट के लिए पॉलिसी लाई जाएगी।इसके अलावा कुल 1 हजार ITI को डेवलप किया जाएगा। कामकाजी महिलाओं के लिए महिला हॉस्टल और बच्चों के लिए क्रेच खोले जाएंगे। ई-श्रम पोर्टल को अन्य सरकारी पोर्टल के साथ जोड़ा जाएगा ताकि नौकरी खोजने वालों को कंपनियों और स्किल ट्रेनिंग संस्थानों से मिलाया जा सके।10 साल में 7 नए IIT खोले गए1 फरवरी 2024 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अंतरिम बजट पेश किया। बजट भाषण में उन्होंने बताया -जारी वित्त वर्ष में स्किल इंडिया के तहत 1.4 करोड़ युवाओं को ट्रेनिंग दी गई है।2014 से 2024 तक 7 नए IIT और 7 नए IIM खोले गए हैं।देश में 3 हजार नए ITI बनाए गए हैं।16 IIITs और 390 यूनिवर्सिटीज खुले हैं।पिछले 10 साल में हायर एजुकेशन में 28% एनरोलमेंट बढ़े हैं। -
सैलरीड के लिए: नई टैक्स रिजीम में 7.75 लाख तक तक की इनकम टैक्स फ्री, 17.5 हजार का फायदा। फैमिली पेंशन पर टैक्स छूट 15 हजार से बढ़कर 25 हजार हुई।
पहली नौकरी वालों के लिए: 1 लाख रुपए से कम सैलेरी होने पर, EPFO में पहली बार रजिस्टर करने वाले लोगों को 15 हजार रुपए की मदद तीन किश्तों में मिलेगी।
एजुकेशन लोन के लिए: जिन्हें सरकारी योजनाओं के तहत कोई फायदा नहीं मिल रहा है, उन्हें देशभर के संस्थानों में एडमिशन के लिए लोन मिलेगा। लोन का 3 परसेंट तक पैसा सरकार देगी। इसके लिए ई वाउचर्स लाए जाएंगे, जो हर साल एक लाख स्टूडेंट्स को मिलेंगे।
बिहार और आंध्र प्रदेश के लिए: बिहार को 58.9 हजार करोड़ रुपए और आंध्र प्रदेश को 15 हजार करोड़ की मदद। बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल,ओडिशा और आंध्र प्रदेश के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए विशेष स्कीम। बिहार में विष्णुपद मंदिर कॉरिडोर और महाबोधि मंदिर कॉरिडोर बनेगा। नालंदा विश्वविद्यालय को पर्यटन केंद्र बनाएंगे।
किसान के लिए: 6 करोड़ किसानों की जानकारी लैंड रजिस्ट्री पर लाई जाएगी। 5 राज्यों में नए किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए जाएंगे।
युवाओं के लिए: मुद्रा लोन की रकम 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख रुपए। 500 टॉप कंपनियों में 1 करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप का वादा।
महिलाओं और लड़कियों के लिए: महिलाओं और लड़कियों के लिए लाभ पहुंचाने वाली योजनाओं के लिए 3 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान।
सोलर एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए: सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के तहत 1 करोड़ घरों को 300 यूनिट तक हर महीने बिजली फ्री।
- कैंसर दवा, सोना-चांदी, प्लेटिनम, मोबाइल फोन, मोबाइल चार्जर, बिजली के तार, एक्सरे मशीन, सोलर सेट्स, लेदर और सीफूडस। मोबाइल और चार्जर पर कस्टम ड्यूटी घटकर 15त्न हुई। सोना और चांदी के गहनों पर कस्टम्स ड्यूटी घटकर 6त्न हुई।
-
नयी दिल्ली. बांग्लादेश में हिंसक झड़पों के बीच 4,500 से अधिक भारतीय छात्र स्वदेश लौट आए हैं। इन झड़पों में 100 से अधिक लोग मारे गए हैं। विदेश मंत्रालय ने रविवार को कहा कि नेपाल के 500, भूटान के 38 और मालदीव का एक छात्र भी भारत पहुंचा है। मंत्रालय ने कहा कि बांग्लादेश में भारतीय उच्चायोग भारतीय नागरिकों की सुरक्षा के लिए स्थानीय अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में हैं। विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘अब तक 4,500 से अधिक भारतीय छात्र स्वदेश लौट आए हैं। उच्चायोग भारतीय नागरिकों के सीमा प्रवेश स्थल तक सुरक्षित यात्रा की व्यवस्था कर रहा है।'' मंत्रालय ने कहा कि ढाका में भारतीय उच्चायोग और चटगांव, राजशाही, सिलहट और खुलना में सहायक उच्चायोग भारतीय नागरिकों की स्वदेश वापसी में सहायता कर रहे हैं। मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘विदेश मंत्रालय भारतीय नागरिकों के लिए बंदरगाहों और हवाई अड्डों पर सुचारू मार्ग सुनिश्चित करने के लिए संबंधित भारतीय अधिकारियों के साथ समन्वय कर रहा है।'' विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शुक्रवार को कहा था कि बांग्लादेश में लगभग 15,000 भारतीय नागरिक हैं, जिसमें 8,500 छात्र शामिल हैं। बांग्लादेश में हिंसक झड़पें जारी हैं। प्रदर्शनकारी छात्र मांग कर रहे हैं कि शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार विवादास्पद नौकरी-कोटा प्रणाली को खत्म करे।
-
जम्मू. जम्मू स्थित भगवती नगर आधार शिविर से 3,281 तीर्थयात्रियों का एक नया जत्था दक्षिण कश्मीर हिमालय में स्थित अमरनाथ गुफा मंदिर में दर्शन के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच रविवार तड़के रवाना हुआ। अधिकारियों ने बताया कि 111 वाहनों में सवार 3,281 तीर्थयात्रियों के 25वें जत्थे ने तड़के 2 बज कर 55 मिनट पर भगवती नगर आधार शिविर से आगे की यात्रा शुरू की। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों ने जत्थे को सुरक्षा मुहैया कराई। अधिकारियों के मुताबिक, जत्थे में शामिल 1,979 तीर्थयात्री अनंतनाग जिले में पारंपरिक 48 किलोमीटर लंबे मार्ग से अमरनाथ गुफा मंदिर जाने के लिए पहलगाम पहुंचेंगे, जबकि बाकी 1,302 तीर्थयात्रियों ने गांदेरबल जिले में 14 किलोमीटर के अपेक्षाकृत छोटे, लेकिन कठिन बालटाल मार्ग को यात्रा के लिए चुना है। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने 29 जून को अमरनाथ यात्रियों के पहले जत्थे को हरी झंडी दिखाई थी। अब तक 3.80 लाख से अधिक श्रद्धालु 3,800 मीटर की ऊंचाई पर स्थित पवित्र गुफा में बाबा बर्फानी के दर्शन कर चुके हैं। अमरनाथ यात्रा 19 अगस्त को रक्षा बंधन के दिन श्रावण पूर्णिमा पर समाप्त होगी। पिछले साल, 4.5 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने बाबा बर्फानी के दर्शन किए थे।
- नयी दिल्ली। , देश के वित्तीय क्षेत्र के लिए परिदृश्य उज्ज्वल है, लेकिन उसे ‘झटकों' के लिए तैयार रहने की जरूरत है। संसद में सोमवार को पेश 2023-24 की आर्थिक समीक्षा में यह कहा गया है। इसमें कहा गया है कि देश का वित्तीय क्षेत्र तेजी के रास्ते पर है। कर्ज के लिए बैंक पर निर्भरता कम हो रही है और पूंजी बाजार की भूमिका बढ़ रही है। भारत 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने की ओर बढ़ रहा है। ऐसे में यह बदलाव लंबे समय से प्रतीक्षित और स्वागतयोग्य है। इसमें कहा गया है, ‘‘हालांकि, पूंजी बाजार पर निर्भरता और उसके उपयोग की अपनी चुनौतियों भी हैं। ऐसे समय जब, भारत का वित्तीय क्षेत्र इस महत्वपूर्ण परिवर्तन से गुजर रहा है, उसे झटकों के लिए भी तैयार रहना होगा। साथ ही जरूरी हस्तक्षेप और जोखिम से बचाव को लेकर नियामकीय और सरकारी नीतियों के साथ स्वयं को तैयार करने की भी जरूरत है।'' इसमें कहा गया है, ‘‘आने वाले समय में कंपनियों और बैंकों के मजबूत बही-खाते निजी निवेश को और मजबूत करेंगे। आवासीय रियल एस्टेट बाजार में सकारात्मक रुझान से संकेत मिलता है कि परिवारों के स्तर पर पूंजी निर्माण काफी बढ़ रहा है।'' मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन और उनकी टीम द्वारा तैयार समीक्षा में कहा गया है कि चूंकि भारत 2047 तक एक विकसित देश बनने के लक्ष्य पर आगे बढ़ रहा है, इसलिए यह जरूरी है कि वैश्विक स्तर पर वित्तीय मध्यस्थता की लागत में कमी आए। समीक्षा के अनुसार, वित्तीय क्षेत्र को पूंजी निर्माण का समर्थन करने और एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम) में व्यापार, व्यवसाय और निवेश को बढ़ावा देने की जरूरत है ताकि उन्हें बड़े पैमाने का बनाया जा सके। इसमें कहा गया है, ‘‘इसे सभी नागरिकों को बीमा सुरक्षा और सेवानिवृत्ति सुरक्षा प्रदान करने की भी जरूरत है। देश में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में बीमा और पेंशन कोष संपत्तियों की हिस्सेदारी क्रमशः 19 प्रतिशत और पांच प्रतिशत है, जबकि अमेरिका में यह 52 प्रतिशत और 122 प्रतिशत है। वहीं ब्रिटेन में यह 112 प्रतिशत और 80 प्रतिशत है। यानी इसमें आगे सुधार की काफी गुंजाइश है।'' समीक्षा में सिफारिश की गयी है कि वित्तीय क्षेत्र की सार्वजनिक और निजी कंपनियों को ग्राहक-केंद्रित बनना होगा। इसके बिना, कोई भी आंकड़े बेमानी हैं।
- नयी दिल्ली ।'भारत को पर्यटन क्षेत्र में उपलब्ध अवसरों का लाभ उठाने की जरूरत है। सोमवार को संसद में पेश आर्थिक समीक्षा 2023-24 में यह बात कही गई है। इस क्षेत्र ने कृत्रिम मेधा (एआई), संरक्षणवाद और आपूर्ति संबंधी चिंताओं के कारण सेवा और विनिर्माण उद्योगों में चुनौतीपूर्ण माहौल के बीच रोजगार सृजन के लिए अपेक्षाकृत आसान अवसर मुहैया कराए हैं। समीक्षा के अनुसार, भारत के पर्यटन उद्योग ने कोविड महामारी के बाद वापसी की है और 2023 में 92 लाख से अधिक विदेशी पर्यटकों का आगमन हुआ। यह 43.5 प्रतिशत की सालाना वृद्धि है। होटल उद्योग ने भी 14,000 कमरों को जोड़कर 2023 में सबसे अधिक नई आपूर्ति करके पर्यटकों की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिए कदम बढ़ाया है। विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की यात्रा और पर्यटन विकास सूचकांक (टीटीडीआई) 2024 रिपोर्ट का हवाला देते हुए आर्थिक समीक्षा ने पर्यटक सेवाओं और बुनियादी ढांचे में सुधार और कुशल कार्यबल के विकास की जरूरत पर जोर दिया है।आर्थिक समीक्षा कहती है, “एआई के उदय के कारण सेवाओं में और संरक्षणवाद, परिवहन लागत और आपूर्ति संबंधी चिंताओं के कारण विनिर्माण में रोजगार सृजन के लिए चुनौतीपूर्ण माहौल है। इसमें पर्यटन क्षेत्र रोजगार सृजन के लिए अपेक्षाकृत आसान क्षेत्र है। भारत को इस अवसर का लाभ उठाना होगा।” इस क्षेत्र में रोजगार को संगठित बनाने के लिए पर्यटन मंत्रालय ने अतुल्य भारत पर्यटन सुविधा प्रदाता प्रमाणपत्र कार्यक्रम शुरू किया है। इसमें कहा गया है कि इसका उद्देश्य एक डिजिटल मंच के माध्यम से देशभर में पर्यटक सुविधा प्रदाताओं का एक कुशल कैडर तैयार करना है, जो ऑनलाइन शिक्षण के अवसर और प्रमाणन पाठ्यक्रम प्रदान करता है। समीक्षा में स्वीकार किया गया है कि भारत का यात्रा और पर्यटन (टीएंडटी) क्षेत्र अन्य अर्थव्यवस्थाओं की तरह वैश्विक मुद्रास्फीतिक दबाव और क्षमता में देरी से प्रभावित हुआ है। इसमें कहा गया, “हालांकि, 2021 से मूल्य प्रतिस्पर्धा में गिरावट अपने समकक्षों की तुलना में न्यूनतम रही है और इसमें केवल 0.7 प्रतिशत की गिरावट आई है। भारत ने पिछले साल पर्यटन से 2.3 लाख करोड़ रुपये से अधिक की विदेशी मुद्रा अर्जित की हैं, जो 65.7 प्रतिशत की सालाना वृद्धि है। समीक्षा में कहा गया कि विश्व पर्यटन प्राप्तियों में देश की विदेशी मुद्रा आय का हिस्सा 2021 के 1.38 प्रतिशत से बढ़कर 2022 में 1.58 प्रतिशत हो गया है। समीक्षा के अनुसार, इसी प्रकार होटल उद्योग पर्यटकों की बढ़ती हुई आवश्यकताओं को पूरा करने तथा समग्र अतिथि अनुभव को बेहतर बनाने के लिए आगे आया है। समीक्षा में कहा गया कि होटल भी नवीन परिचालन रणनीतियों को अपना रहे हैं। इसमें बाहरी रेस्तरां, स्पा और लाउंज ब्रांड को पट्टे पर लेना या उनका प्रबंधन करना आदि शामिल है। वित्त वर्ष 2023-24 में होटल क्षेत्र में कमरों का दैनिक किराया 6,704 रुपये से बढ़कर 7,616 रुपये हो गया, जो कि वित्त वर्ष 2022-23 की तुलना में 13.6 प्रतिशत की वृद्धि है। समीक्षा में कहा गया है कि पर्यटन क्षेत्र ने डिजिटल क्रांति को अपनाया है। इसमें कहा गया, “ई-मार्केटप्लेस ऐसी ही एक पहल है, जिसे वेब और मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से पर्यटकों और प्रमाणित पर्यटक सुविधा प्रदाताओं तथा गाइड के बीच बातचीत को सुविधाजनक बनाने के लिए डिजाइन किया गया है।'
- नयी दिल्ली। देश में बढ़ते कार्यबल को देखते हुए गैर-कृषि क्षेत्र में 2030 तक सालाना औसतन 78.5 लाख नौकरियां सृजित करने की जरूरत है। संसद में सोमवार को पेश 2023-24 की आर्थिक समीक्षा में यह कहा गया है। समीक्षा में नौकरियों की संख्या का एक व्यापक अनुमान दिया गया गया है। बढ़ते कार्यबल के लिए इन नौकरियों को देश में सृजित करने की जरूरत है। इसमें कहा गया कि कामकाजी उम्र में हर कोई नौकरी की तलाश नहीं करेगा। उनमें से कुछ खुद का रोजगार करेंगे और कुछ नियोक्ता भी होंगे। समीक्षा में कहा गया है कि आर्थिक वृद्धि नौकरियों से ज्यादा आजीविका पैदा करने के बारे में है। इसके लिए सभी स्तर पर सरकारों और निजी क्षेत्र को मिलकर प्रयास करना होगा। इसमें कहा गया है कि कार्यबल में कृषि क्षेत्र की हिस्सेदारी धीरे-धीरे घटकर 2047 में 25 प्रतिशत रह जाएगी, जो 2023 में 45.8 प्रतिशत थी। समीक्षा में कहा गया है, ‘‘परिणामस्वरूप, भारतीय अर्थव्यवस्था को बढ़ते कार्यबल की जरूरतों को पूरा करने के लिए गैर-कृषि क्षेत्र में 2030 तक सालाना औसतन लगभग 78.5 लाख नौकरियां सृजित करने की जरूरत है।'' इसमें सुझाव दिया गया है कि गैर-कृषि क्षेत्र में प्रतिवर्ष 78.5 लाख नौकरियों की मांग में पीएलआई योजना (5 वर्षों में 60 लाख रोजगार सृजन), मित्र कपड़ा योजना (20 लाख रोजगार सृजन) और मुद्रा जैसी मौजूदा योजनाएं पूरक भूमिका निभा सकती हैं। इसमें कहा गया है कि बढ़ते कार्यबल को संगठित रूप देने, उन क्षेत्रों में रोजगार सृजन की सुविधा प्रदान करने, जो कृषि से स्थानांतरित होने वाले श्रमिकों को अपना सकते हैं और नियमित वेतन/वेतन रोजगार वाले लोगों के लिए सामाजिक सुरक्षा लाभ सुनिश्चित करने की चुनौतियां भी मौजूद हैं। समीक्षा में सुझाव दिया गया है कि राज्य सरकारें अनुपालन बोझ को कम करके और भूमि पर कानूनों में सुधार करके रोजगार सृजन में तेजी ला सकती हैं।
- नई दिल्ली। आर्थिक समीक्षा 2023-24 में वित्त वर्ष 2024-25 के लिए सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 6.5 से 7 प्रतिशत के बीच रहने का अनुमान व्यक्त किया गया है। केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज बजट सत्र के पहले दिन लोकसभा में आर्थिक समीक्षा प्रस्तुत की। समीक्षा के अनुसार वित्त वर्ष 2023-24 में अनिश्चित वैश्विक आर्थिक स्थिति के बावजूद घरेलू वित्तीय गतिविधियों में वृद्धि ने आर्थिक विकास में मदद की है। समीक्षा में कहा गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में सेवा क्षेत्र का उल्लेखनीय योगदान जारी है और वित्त वर्ष 2024 में देश की अर्थव्यवस्था में सेवा क्षेत्र का योगदान 55 प्रतिशत रहा। अंतरिम आंकड़ों के अनुसार सेवा क्षेत्र में सात दशमलव छह प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। आर्थिक समीक्षा बताती है कि 2024 के लिए वैश्विक व्यापार का सकारात्मक माहौल बना रहेगा। समीक्षा के अनुसार वैश्विक वित्तीय बाजारों ने नई ऊंचाई हासिल की है और निवेशक वैश्विक आर्थिक विस्तार का जोखिम उठा रहे हैं। समीक्षा में व्यापार और सेवा निर्यात में बढोतरी का अनुमान लगाया गया है।भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ० वी० अनंत नागेश्वरन ने एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि अर्थव्यवस्था में वृद्धि की रफ्तार बनी हुई है। उन्होंने बताया कि कृषि क्षेत्र का आने वाले वर्षों में अच्छा कामकाज रहेगा। आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि भारत मौसम विज्ञान विभाग द्वारा सामान्य वर्षा के पूर्वानुमान और दक्षिण पश्चिम मानसून के संतोषजनक प्रसार से कृषि क्षेत्र के प्रदर्शन में सुधार की उम्मीद है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में मांग बहाल करने में मदद मिलेगी।कृषि क्षेत्र में पिछले पांच वर्षों में औसतन चार दशमलव एक-आठ प्रतिशत की वृद्धि दर दर्ज की गयी है। आर्थिक समीक्षा में बताया गया है कि छोटे किसान बड़े मूल्य वाली कृषि गतिविधि की ओर बढ़ेंगे। समीक्षा के अनुसार छोटे किसानों की आय बढ़ने से विनिर्माण क्षेत्र के उत्पादों की मांग बढेगी और यह इस क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा। भारत का कृषि क्षेत्र देश की लगभग 42 दशमलव तीन प्रतिशत जनसंख्या को आजीविका प्रदान करता है और मौजूदा दरों पर देश के सकल घरेलू उत्पाद में कृषि क्षेत्र की हिस्सेदारी 6.2 % है।मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ० नागेश्वरन ने बताया कि भारतीय अर्थव्यवस्था को 2030 तक कृषि से इत्तर क्षेत्रों में हर वर्ष लगभग अठहत्तर लाख से अधिक रोजगार पैदा करने होंगे। उन्होंने कहा कि हाल के वर्षों में भारत में बुनियादी क्षेत्रों के विस्तार में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। डॉ० नागेश्वन ने बताया कि 2014 में जहां 11 दशमलव 7 किलोमीटर प्रति दिन सडक का निर्माण होता था वह 2024 में तीन गुणा बढकर 34 किलोमीटर प्रति दिन हो गया है।आर्थिक समीक्षा के अनुसार भारत की सेवाओं के निर्यात में चार दशमलव नौ प्रतिशत की वृद्धि हुई और 2024 में यह तीन सौ 41 अरब अमरीकी डॉलर रहा। सेवाओं के निर्यात में सूचना प्रौद्योगिकी सॉफ्टवेयर सेवाओं और अन्य व्यापार सेवाओं का प्रमुख योगदान रहा।आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था जन कल्याण, सशक्तिकरण, कार्यदक्षता के दृष्टिकोण के साथ आगे बढ रही है और इसमें निजी क्षेत्र तथा समाज के सभी वर्गों की भागीदारी बढी है।महंगाई के बारे में आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2025 में मुद्रास्फीति की मुख्य दर साढ़े चार प्रतिशत और वित्त वर्ष 2026 में चार दशमलव एक प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भारत के लिए 2024 में मुद्रास्फीति चार दशमलव छह प्रतिशत और 2025 में चार दशमलव दो प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है।आर्थिक समीक्षा 2023 – 2024 के अनुसार जहां वैश्विक स्तर पर राजकोषीय घाटा और ऋण का बोझ बढ़ता जा रहा है वहीं भारत में राजकोषीय स्थिरता की प्रक्रिया बनी हुई है। समीक्षा में बताया गया है कि केंद्र सरकार वित्त वर्ष 2023 के राजकोषीय घाटे को 6.4 प्रतिशत से घटाकर 2025 में सकल घरेलू उत्पाद के 5.6 प्रतिशत तक ले आई। समीक्षा में यह भी कहा गया है कि वित्त वर्ष 2026 तक भारत का राजकोषीय घाटा कम होकर सकल घरेलू उत्पाद का साढ़े चार प्रतिशत या इससे कम रहने का अनुमान है।
- अंबाला । हरियाणा के अंबाला में एक रिटायर्ड सूबेदार ने वहशियाना हरकते करते हुए धारदार हथियार से परिवार के पांच सदस्यों की हत्या कर दी। मरने वालों में 6 माह का बेटा और 5 साल की बेटी भी शामिल है। आरोपी ने अपने पिता और भाई की बड़ी बेटी पर भी हमला किया था, उनकी हालत गंभीर बनी हुई है।अपने ही भाई के परिवार की हत्या करने वाला शख्स रिटायर्ड फौजी बताया जा रहा है। जो हत्या के बाद मौका ए वारदात से फरार हो गया। हत्यारोपी की बहन के मुताबिक परिवार में जमीन को लेकर विवाद चल रहा था। घटना अंबाला के नारायणगढ़ के गांव रातोर की है। बताया जा रहा है कि रिटायर्ड फौजी ने रविवार देर रात हत्या को अंजाम दिया और देर रात तीन बजे शवों को जलाने की भी कोशिश की.। जानकारी के अनुसार, आरोपी ने धारदार हथियार से जिन लोगों की हत्या की है.। उसमें मां, भाई, भाई की पत्नी और उसके दो बच्चे शामिल है.।मृतकों की पहचान 35 वर्षीय हरीश कुमार, 32 वर्षीय सोनिया, 65 वर्षीय सरोपी देवी, पांच वर्षीय यशिका और छह महीने का मयंक के रूप में हुई है। इसके अलावा दो लोग गंभीर रुप से घायल हुए हैं, जिन्हें इलाज के लिए चंडीगढ़ रेफर किया गया है.। मृतक की बहन ने बताया कि परिवार में पिछले कुछ समय से जमीन को लेकर झगड़ा चल रहा था। . ये घटना क्यों की गई है, इस बारे में मुझे भी ज्यादा जानकारी नहीं है.। पुलिस के अनुसार, इस हत्याकांड के पीछे की वजह जमीनी विवाद बताई जा रही है. घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी फरार है।अंबाला के एसपी ने घटनास्थल का मुआयना किया और पुलिस ने अधजले शवों को कब्जे में लेकर अंबाला कैंट हॉस्पिटल में पोस्टमार्टम के लिए भेजाया. बता दें कि आग की चपेट में आने से एक बच्ची करीब 90 फीसदी जल गई और उसका इलाज चल रहा है.या वहीं, अस्पताल के एक डॉक्टर के अनुसार, अंबाला कैंट सिविल अस्पताल में पांच शव लाए गए थे, जिनमें पति-पत्नी, एक बुजुर्ग महिला और दो बच्चों के शव शामिल हैं.। फिलहाल पुलिस ने इस हत्याकांड के बाद आरोपी की गिरफ्तारी के लिए टीमें बना दी है.। साथ ही पुलिस की टीम आरोपी की तलाश में कई स्थानों पर दबिश दे रही है।
-
नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस, 2025 के अवसर पर घोषित किए जाने वाले पद्म पुरस्कार-2025 के लिए नामांकन/सिफारिश 01 मई, 2024 से शुरू हो गई हैं। पद्म पुरस्कारों के नामांकन की अंतिम तारीख 15 सितंबर, 2024 है। पद्म पुरस्कारों के लिए नामांकन/सिफारिश केवल राष्ट्रीय पुरस्कार पोर्टल https://awards.gov.in पर ऑनलाइन प्राप्त की जाएंगी।
पद्म पुरस्कार, अर्थात पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में शामिल हैं। वर्ष 1954 में स्थापित, इन पुरस्कारों की घोषणा प्रतिवर्ष गणतंत्र दिवस के अवसर पर की जाती है। इन पुरस्कारों के अंतर्गत ‘उत्कृष्ट कार्य’ के लिए सम्मानित किया जाता है। पद्म पुरस्कार कला, साहित्य एवं शिक्षा, खेल, चिकित्सा, समाज सेवा, विज्ञान एवं इंजीनियरी, लोक कार्य, सिविल सेवा, व्यापार एवं उद्योग आदि जैसे सभी क्षेत्रों/विषयों में विशिष्ट और असाधारण उपलब्धियों/सेवा के लिए प्रदान किए जाते हैं। जाति, व्यवसाय, पद या लिंग के भेदभाव के बिना सभी व्यक्ति इन पुरस्कारों के लिए पात्र हैं। चिकित्सकों और वैज्ञानिकों को छोड़कर अन्य सरकारी सेवक, जिनमें सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में काम करने वाले सरकारी सेवक भी शामिल है, पद्म पुरस्कारों के पात्र नहीं हैं।सरकार पद्म पुरस्कारों को “पीपल्स पद्म” बनाने के लिए कटिबद्ध है। अत:, सभी नागरिकों से अनुरोध है कि वे नामांकन/सिफारिशें करें। नागरिक स्वयं को भी नामित कर सकते हैं। महिलाओं, समाज के कमजोर वर्गों, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों, दिव्यांग व्यक्तियों और समाज के लिए निस्वार्थ सेवा कर रहे लोगों में से ऐसे प्रतिभाशाली व्यक्तियों की पहचान करने के ठोस प्रयास किए जा सकते हैं जिनकी उत्कृष्टता और उपलब्धियां वास्तव में पहचाने जाने योग्य हैं।नामांकन/सिफारिशों में पोर्टल पर उपलब्ध प्रारूप में निर्दिष्ट सभी प्रासंगिक विवरण शामिल होने चाहिए, जिसमें वर्णनात्मक रूप में एक उद्धरण (citation) (अधिकतम 800 शब्द) शामिल होना चाहिए, जिसमें अनुशंसित व्यक्ति की संबंधित क्षेत्र/अनुशासन में विशिष्ट और असाधारण उपलब्धियों/सेवा का स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया हो। इस संबंध में विस्तृत विवरण गृह मंत्रालय की वेबसाइट (https://mha.gov.in) पर ‘पुरस्कार और पदक’ शीर्षक के अंतर्गत और पद्म पुरस्कार पोर्टल (https://padmaawards.gov.in) पर उपलब्ध हैं। इन पुरस्कारों से संबंधित संविधि (statutes) और नियम वेबसाइट https://padmaawards.gov.in/AboutAwards.aspx पर उपलब्ध हैं।