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नई दिल्ली। मनी लॉन्ड्रिंग के हाई-प्रोफाइल मामले में एक्ट्रेस तमन्ना भाटिया का नाम जुड़ गया है। एचपीजेड टोकन मोबाइल ऐप (HPZ Token App) से जुड़े इस मामले में ईडी (ED) ने उनसे गुवाहाटी स्थित दफ्तर में पूछताछ की। हालांकि, तमन्ना से आरोपी के तौर पर नहीं बल्कि ऐप को प्रमोट करने के सिलसिले में पूछताछ की गई है। इस मामले में कई फर्जी कंपनियों द्वारा ‘डमी’ निदेशकों के नाम पर बैंक खाते और मर्चेंट ID खोले गए थे, जिन पर देशभर में छापेमारी कर 455 करोड़ रुपये की संपत्ति और जमा राशि जब्त की गई।
खबरों के अनुसार अभिनेत्री तमन्ना भाटिया ने HPZ Token ऐप से जुड़े एक इवेंट में ‘सेलिब्रिटी अपीयरेंस’ के लिए भुगतान प्राप्त किया था। यह ऐप वर्तमान में मनी लॉन्ड्रिंग गतिविधियों की जांच के दायरे में है। रिपोर्ट में कहा गया है कि तमन्ना भाटिया पर कोई ‘आरोपित’ आरोप नहीं लगाए गए हैं। इससे पहले उन्हें समन किया गया था, लेकिन काम की व्यस्तताओं के कारण उन्होंने अपनी उपस्थिति को टाल दिया था। उन्होंने गुरुवार (17 अक्टूबर) को इस मामले में हाजिरी लगाने का निर्णय लिया। जांच एजेंसी ने एक्ट्रेस को गुवाहाटी के ऑफिस में बुलाया था, जहां वह अपनी मां के साथ पहुंची थीं। खबरों के मुताबिक, एक्ट्रेस से लगभग 8 घंटे तक मामले में पूछताछ की गई।प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मार्च में दाखिल चार्जशीट में 299 कंपनियों को आरोपी बनाया है, जिनमें से 76 कंपनियां चीनी नियंत्रण में हैं। इनमें 10 निदेशक चीनी नागरिक हैं और दो कंपनियां अन्य विदेशी नागरिकों द्वारा चलाई जा रही हैं। ईडी यह मनी लॉन्ड्रिंग की जांच उस एफआईआर के आधार पर कर रहा है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि बिटकॉइन और दूसरी क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग के नाम पर लोगों से मोटा मुनाफा कमाने का झांसा देकर धोखाधड़ी की गई।रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने खुलासा किया कि आरोपियों ने HPZ Token मोबाइल ऐप का इस्तेमाल करके निवेशकों को धोखा दिया। उन्होंने शेल कंपनियों के जरिए, जो डमी डायरेक्टर्स द्वारा चलाई जा रही थीं, बैंक अकाउंट्स और मर्चेंट IDs खोलीं, ताकि अपनी अवैध गतिविधियों को छिपा सकें।FIR में आरोप लगाया गया कि ये फंड फ्रॉड तरीके से ऑनलाइन गेमिंग, बेटिंग और Bitcoin माइनिंग में निवेश के लिए हासिल किए गए थे। ED की ओर से जारी बयान के मुताबिक, तमन्ना भाटिया ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत गुवाहाटी के जोनल ऑफिस में अपना बयान दर्ज कराया। - नयी दिल्ली. अभिनेता अजय देवगन ने मंगलवार को कहा कि अपने 33 साल के करियर में उन्होंने जितने भी ऐक्शन स्टंट किए हैं, उनमें से सबसे यादगार 1991 में आई उनकी पहली फिल्म “फूल और कांटे” का शुरुआती दृश्य है। कुकू कोहली निर्देशित इस फिल्म में देवगन को एक साहसी छात्र अजय के रूप में पेश किया गया है, जो दो चलती मोटरसाइकिल पर खड़ा होकर कॉलेज में प्रवेश करता है। यह स्टंट सोशल मीडिया पर मीम के रूप में अब भी प्रसारित होता रहता है। इस ऐक्शन दृश्य को अभिनेता के दिवंगत पिता और वरिष्ठ ऐक्शन निर्देशक वीरू देवगन ने निर्देशित किया था। ‘एक्स' पर ‘हैशटैग आस्क अजय' सत्र में एक शख्स ने अजय देवगन से उस ऐक्शन दृश्य के बारे में पूछा, जो उनके करियर का “सबसे चुनौतीपूर्ण या यादगार” रहा हो। उन्होंने फिल्म के लोकप्रिय दृश्य का जिक्र करते हुए कहा, “अब भी दो बाइक पर खड़ा होकर चलने का दृश्य।” इस फिल्म को प्रदर्शित हुए अगले महीने 33 साल हो जाएंगे। उनकी ‘सिंघम अगेन' दिवाली के मौके पर एक नंवबर को रिलीज होगी।
- मुंबई. ऐसे समय में जब सिनेमाघरों में कम फिल्में ही रिलीज हो रही हैं, अभिनेता कार्तिक आर्यन ने रविवार को कहा कि ‘भूल भुलैया 3' और ‘सिंघम अगेन' दोनों के सिनेमा घरों में अच्छा कारोबार करने की ‘‘काफी अच्छी संभावना'' है। हॉरर कॉमेडी ‘भूल भुलैया 3' और एक्शन फिल्म ‘सिंघम अगेन' दिवाली के मौके पर एक नवंबर को रिलीज होगी।दो दिवसीय ‘इंडियन फिल्म प्रोजेक्ट-14' के एक सत्र के दौरान कार्तिक ने कहा, ‘‘दिवाली पर काफी छुट्टियां होती हैं, ऐसे में मुझे लगता है कि दो फिल्में आसानी से सिनेमाघरों में अच्छा प्रदर्शन कर सकती है। ‘सिंघम अगेन' एक एक्शन फिल्म है, जबकि हमारी (फिल्म) एक हॉरर कॉमेडी है। एक फिल्म प्रेमी के तौर पर, मैं इसे सभी के लिए एक उत्सव के रूप में देखता हूं क्योंकि हमारे पास एक ही दिन दो विकल्प हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘यह हमारे फिल्म उद्योग में एक दुर्लभ चीज है क्योंकि इन दिनों फिल्में कम रिलीज हो रही हैं। मुझे लगता है कि दर्शक दोनों (फिल्म) का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।'' अनीस बज्मी द्वारा निर्देशित ‘भूल भुलैया 3' फिल्म में विद्या बालन, माधुरी दीक्षित और तृप्ति डिमरी भी हैं। वहीं, रोहित शेट्टी की ‘सिंघम अगेन' को रामायण का ‘‘आधुनिक समय का रूपांतरण'' बताया जा रहा है। इसमें अजय देवगन, करीना कपूर खान, रणवीर सिंह, अक्षय कुमार, दीपिका पादुकोण, टाइगर श्रॉफ और अर्जुन कपूर हैं। कार्तिक के अनुसार, दोनों फिल्मों के बीच कोई प्रतिस्पर्धा नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे उनकी फिल्म (सिंघम अगेन) पसंद है, मैं भी इसे देखूंगा। मुझे उम्मीद है कि आप हमारी फिल्म भी देखेंगे। दोनों फिल्मों के सफल होने की प्रबल संभावना है।''
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लंदन . भारतीय मूल के डॉक्टर-फिल्म निर्माता रोशन सेठी की फिल्म का प्रदर्शन अगले हफ्ते बीएफआई लंदन फिल्म महोत्सव (एलएफएफ) में होगा। इस फिल्म को कनाडा के वैंकूवर में 18 दिनों में शूट किया गया। रोशन सेठी की ‘ए नाइस इंडियन बॉय' नवीन गावस्कर और जय कुरुंदकर की कहानी है, जिन्हें प्रवासी भारतीय माता-पिता द्वारा गोद लिया जाता है और महाराष्ट्रीयन परिवेश में उनका लालन-पालन होता है। गावस्कर की भूमिका भारतीय अमेरिकी अभिनेता करण सोनी ने निभाई है जबकि कुरुंदकर का किरदार अमेरिकी अभिनेता जोनाथन ग्रॉफ ने निभाया है। सेठी ने मंगलवार और बृहस्पतिवार को होने वाली एलएफएफ स्क्रीनिंग से पहले कहा, “ मैं लंदन फिल्म महोत्सव के दर्शकों को इसे देखाने के लिए बहुत उत्साहित हूं।” उन्होंने कहा कि कम से कम अमेरिका में विविध परिवेश के कलाकारों के साथ स्वतंत्र फिल्म बनाना बहुत मुश्किल है। सेठी फिल्म निर्माता हैं, जो वर्ष के कुछ समय डॉक्टर के रूप में भी काम करते हैं। सेठी ने कहा, “ मुझे लगता है कि हॉलीवुड अमेरिका में सबसे अधिक नस्लवादी उद्योगों में से एक है। इसलिए मुझे उम्मीद है कि इस तरह की कहानियों को यथासंभव व्यापक रूप से देखा जाएगा।”
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मुंबई। अभिनेता-फिल्म निर्माता नसीरुद्दीन शाह ने कहा कि एक बार उन्होंने जावेद अख्तर के साथ मौलिकता की परिभाषा पर चर्चा की थी। उस समय उन्होंने पटकथा लेखक से कहा था कि उनकी 1975 की फिल्म ‘शोले' चार्ली चैपलिन और हॉलीवुड फिल्म निर्माता क्लिंट ईस्टवुड की फिल्मों की नकल है। अख्तर ने सलीम खान के साथ मिलकर “शोले” की पटकथा लिखी थी। इस फिल्म को सबसे बेहतरीन और सबसे प्रभावशाली भारतीय फिल्मों में से एक माना जाता है। नसीरूद्दीन शाह ने शनिवार को आईएफपी सीजन 14 के पहले दिन कहा, “ मुझे याद है कि जावेद अख्तर ने एक बार मुझसे कहा था, ‘किसी चीज को तब मौलिक कहा जा सकता है जब आप उसका स्रोत न खोज पाएं।' मैं उनसे ‘शोले' के बारे में बात कर रहा था, और मैंने कहा, ‘आपने हर सीन की नकल की है, आपने चार्ली चैपलिन की कोई भी फिल्म नहीं छोड़ी है, इसके अलावा हर फ्रेम में क्लिंट ईस्टवुड की मौजूदगी महसूस हो रही थी।” शाह ने कहा, “लेकिन उन्होंने कहा, ‘सवाल यह नहीं है कि आपने संदर्भ कहां से उठाया है, सवाल यह है कि आप इसे कितनी दूर तक ले गए हैं।'
मौलिकता को परिभाषित करना मुश्किल है। विलियम शेक्सपियर को महान नाटककार माना जाता है और उन्होंने भी जाहिर तौर पर पुराने नाटकों से नकल की, लेकिन जिस तरह से उन्होंने प्रस्तुत किया, उसमें मौलिकता थी।” रमेश सिप्पी द्वारा निर्देशित “शोले” में क्लिंट ईस्टवुड और समुराई सिनेमा की झलक थी। ‘शोले' में 1970 के दशक के सबसे बड़े नाम धर्मेंद्र, अमिताभ बच्चन, संजीव कुमार, हेमा मालिनी, जया भादुड़ी और अमजद खान जैसे कलाकारों ने काम किया था। समानांतर सिनेमा ‘निशांत', “जाने भी दो यारो”, और “मिर्च मसाला” जैसी फिल्मों से अपनी अलग पहचान बनाने वाले शाह (74) ने “हीरो हीरालाल”, “विश्वात्मा” और “मोहरा” जैसी फिल्मों में भी अदाकारी के जौहर बिखेरे हैं। उन्होंने कहा कि वह निर्देशक मृणाल सेन, बासु चटर्जी, सत्यजीत रे, अनुराग कश्यप और विक्रमादित्य मोटवानी के प्रशंसक हैं। अभिनेता ने कहा, “ मृणाल सेन, बासु चटर्जी, श्री रे की फिल्में नई थीं। ‘भुवन शोम', ‘सारा आकाश' या ‘अंकुर' जैसी फिल्मों को काफी कवरेज मिली, लेकिन ऐसी फिल्में बनाने वाले ज़्यादा लोग नहीं थे।” शाह ने कहा, “ आज, अनुभव सिन्हा, अनुराग कश्यप, विक्रमादित्य मोटवानी जैसे लोग हैं, और राजकुमार हिरानी जैसे बासु चटर्जी के उत्तराधिकारी हैं। तो, जुनूनी लोगों का समूह है जो अपनी पसंद की फिल्में बना रहा है, लेकिन उनकी अगली पीढ़ी आने की संभावना नहीं है। आज, फिल्म जगत में स्थिति गंभीर है।” शाह ने कहा कि उनके निर्देशन में बनी लघु फिल्म ‘मैन वूमन मैन वूमन” समुद्र में एक छोटी सी बूंद है। इस फिल्म में उनकी पत्नी रत्ना पाठक शाह, बेटा विवान शाह, सबा आज़ाद और तरुण धनराजगीर मुख्य भूमिका में हैं। दो पीढ़ियों के बीच प्रेम और साहचर्य को दर्शाती 26 मिनट की यह फिल्म आईएफपी में दिखाई गई। - नयी दिल्ली । विक्की विद्या का वो वाला वीडियो' के निर्देशक राज शांडिल्य ने हाल में रिलीज़ हुई फिल्म “स्त्री” के किरदार और संवाद का अनधिकृत रूप से इस्तेमाल करने के लिए बिना शर्त माफी मांगी है। खबरों के मुताबिक, मैडॉक फिल्म का भूतिया किरदार ‘स्त्री' “विक्की विद्या...” में दिखाया गया है। इस फिल्म में राजकुमार राव और तृप्ति डिमरी हैं और यह शुक्रवार को रिलीज़ हुई थी। पंद्रह अगस्त को रिलीज़ हुई ‘स्त्री 2' 2018 में आई ‘स्त्री' का सीक्वल है। यह इस साल सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्मों में शुमार है। शांडिल्य ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर साझा किए एक पोस्ट में कहा कि निर्माता ‘स्त्री' फिल्म से संबंधित सामग्री को 15 अक्टूबर तक हटा देंगे। उन्होंने शनिवार को लिखा, “इस उल्लंघन से मैडॉक फिल्म्स और उनकी फिल्म को हुए किसी भी तरह के नुकसान के लिए हमें खेद है। हम मुद्दे को हल करने के लिए तत्काल कदम उठा रहे हैं और अपनी फिल्म से उल्लंघन करने वाली सभी सामग्री को हटाने की प्रक्रिया में है। हमने मैडॉक फिल्म्स की ‘स्त्री' के किरदार और संवाद का इस्तेमाल किया है।” फिल्मकार ने ‘विक्की विद्या...” के निर्माताओं- सुपर कैसेट्स इंडिया लिमिटेड, बालाजी मोशन पिक्चर्स और वकाओ फिल्म्स की ओर से माफी भी मांगी। मैडॉक फिल्म्स ने कहा कि उन्हें ‘स्त्री' फिल्म की सामग्री का बिना इजाजत गलत तरीके से इस्तेमाल को लेकर शांडिल्य और अन्य निर्माताओं से सार्वजनिक माफी मिली है। शांडिल्य ने कहा कि भविष्य में इस तरह से सामग्री का अनधिकृत इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।
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-13 अक्टूबर- जन्मदिन पर विशेष
आलेख-प्रशांत शर्माफि़ल्म जगत् में दादामुनी के नाम से लोकप्रिय अभिनेता अशोक कुमार का आज जन्मदिन है। 13 अक्टूबर 1911 को जन्मे अभिनेता अशोक कुमार ने अपने दौर में अपने अभिनय और अंदाज से इतनी लोकप्रियता हासिल की कि लोग उनके दीवाने हो गए। इतने लंबे और विविधता भरे करियर के दौरान अशोक कुमार अपने चरित्रों को निभाते वक्त कभी भी लाउड या ओवर एक्टिंग के शिकार नहीं हुए। उस दौर में अशोक कुमार ही वे पहले अभिनेता थे जिन्होंने पारसी थिएटर से हिंदी सिनेमा में आई लाउड शैली से हिंदी फि़ल्मों को मुक्त किया। संवादों को सहज और सरल ढंग से बोलना सिखाया।अभिनेता अशोक कुमार अपने जमाने के सबसे हैंडसम स्टार थे। उन्हें देखने के लिए लड़कियों से लेकर महिलाएं तक बेताब रहती थीं। वे अपने जमाने के पहले एंटी हीरो रहे हैं।अशोक के अभिनय सफर की शुरुआत किसी फि़ल्मी कहानी से कम नहीं थी। 1936 में बांबे टॉकीज स्टूडियो की फि़ल्म 'जीवन नैया' के अभिनेता अचानक बीमार हो गए और कंपनी को नए कलाकार की तलाश थी। ऐसी स्थिति में स्टूडियो के मालिक हिमांशु राय की नजऱ आकर्षक व्यक्तित्व के धनी लैबोरेटरी असिस्टेंट अशोक कुमार पर पड़ी और उनसे अभिनय करने का प्रस्ताव दिया था। यहीं से उनके अभिनय का सफऱ शुरू हो गया। उनकी अगली फि़ल्म 'अछूत कन्या' थी। 1937 में प्रदर्शित फि़ल्म अछूत कन्या में देविका रानी उनकी नायिका थीं। यह फि़ल्म कामयाब रही और उसने दादामुनी को बड़े सितारों की श्रेणी में स्थापित कर दिया। उस ज़माने के लिहाज़ से यह महत्त्वपूर्ण फि़ल्म थी और इसी के साथ सामाजिक समस्याओं पर आधारित फि़ल्मों की शुरुआत हुई। देविका रानी के साथ उन्होंने आगे भी कई फि़ल्में की जिनमें 'इज्जत', 'सावित्री', 'निर्मला' आदि शामिल हैं। इसके बाद उनकी जोड़ी लीला चिटनिस के साथ बनी। यह जोड़ी भी हिट साबित हुई।एक स्टार के रूप में अशोक कुमार की छवि 1943 में आई 'किस्मत' फि़ल्म से बनी। पर्दे पर सिगरेट का धुँआ उड़ाते अशोक कुमार ने इस फि़ल्म के जरिए एंटी हीरो के पात्र को निभाने का जोखिम उठाया। यह जोखिम उनके लिए बेहद फ़ायदेमंद साबित हुआ और इस फि़ल्म ने सफलता के कई कीर्तिमान बनाए। उसी दशक में उनकी एक और फि़ल्म महल आई, जिसमें मधुबाला थीं। रोमांचक फि़ल्म महल को भी बेहद कामयाबी मिली। बाद के दिनों में जब हिन्दी सिनेमा में दिलीप, देव और राज की तिकड़ी की लोकप्रियता चरम पर थी, उस समय भी उनका अभिनय लोगों के सर चढक़र बोलता रहा और उनकी फि़ल्में कामयाब होती रहीं। अपने दौर की अन्य अभिनेत्रियों के साथ-साथ अशोक कुमार ने मीना कुमारी के साथ भी कई फि़ल्मों में अभिनय किया जिनमें पाकीज़ा, बहू बेगम, एक ही रास्ता, बंदिश, आरती आदि शामिल हैं। अशोक कुमार के अभिनय की चर्चा उनकी आशीर्वाद फि़ल्म के बिना अधूरी ही रहेगी। इस फि़ल्म में उन्होंने एकदम नए तरह के पात्र को निभाया। इस फि़ल्म में उनका गाया गीत रेलगाड़ी रेलगाड़ी.. काफ़ी लोकप्रिय हुआ था।13 अक्टूबर 1911 को उनका जन्म भागलपुर में एक मध्यमवर्गीय बंगाली परिवार में हुआ था। इनके पिता कुंजलाल गांगुली पेशे से वकील थे। अशोक कुमार ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा मध्यप्रदेश के खंडवा शहर में प्राप्त की। बाद मे उन्होंने अपनी स्नातक की शिक्षा इलाहाबाद विश्वविद्यालय से पूरी की। इस दौरान उनकी दोस्ती शशधर मुखर्जी से हुई, जो बाद में फिल्म निर्देशक बने। भाई बहनों में सबसे बड़े अशोक कुमार की बचपन से ही फिल्मों मे काम करके शोहरत की बुंलदियों पर पहुंचने की चाहत थी, लेकिन वह अभिनेता नहीं बल्कि निर्देशक बनना चाहते थे। अपनी दोस्ती को रिश्ते में बदलते हुए अशोक कुमार ने अपनी इकलौती बहन की शादी शशधर मुखर्जी से कर दी। सन 1934 मे न्यू थिएटर मे बतौर लेबोरेट्री असिस्टेंट काम कर रहे अशोक कुमार को उनके बहनोई शशधर मुखर्जी ने बाम्बे टॉकीज में अपने पास बुला लिया।अशोक कुमार का असली नाम कुमुदलाल गांगुली था, लेकिन हिमांशु राय के कहने पर उन्होंने अपना स्कीन नेम अशोक कुमार रख लिया और फिर वो आगे इसी नाम से जाने गए। हालांकि लोग उन्हें प्यार से दादामुनि कहकर भी बुलाते थे। उम्र बढऩे के साथ ही उन्होंने सहायक और चरित्र अभिनेता का किरदार निभाना शुरू कर दिया लेकिन उनके अभिनय की ताजगी क़ायम रही। अशोक कुमार एक बेहतरीन चित्रकार, शतरंज खिलाड़ी, एक होम्योपैथ व कई भाषाओं के जानकार भी थे। उन्होंने कई फि़ल्मों में स्वयं गाने भी गाए। फि़ल्म ही नहीं अशोक कुमार ने टीवी में भी काम किया। भारत के पहले सोप ओपेरा 'हम लोग' में उन्होंने सूत्रधार की भूमिका निभाई। कऱीब छह दशक तक अपने बेमिसाल अभिनय से दर्शकों को रोमांचित करने वाले अशोक कुमार 10 दिसंबर 2001 को इस दुनिया को अलविदा कह गए। वे कऱीब 275 फि़ल्मों की ऐसी विरासत छोड़ गए हैं जो आज भी लोगों को पसंद आती हैं। -
13 अक्टूबर पुण्यतिथि पर विशेष
आलेख- प्रशांत शर्माहिन्दी फिल्म इंडस्ट्री में दो भाइयों का नाम आज भी लोग बड़े अदब के साथ लेते हैं। एक ने अभिनय जगत में नाम कमाया, तो दूसरे ने अभिनय के साथ - साथ निर्देशन, फिल्म निर्माण के क्षेत्र में भी खूब नाम रोशन किया, लेकिन जब वे गायन के क्षेत्र से जुड़े तो कमाल ही हो गया। दोनों ने अपने- अपने क्षेत्र में ऊंचाइयों को छुआ। हम यहां बात कर रहे हैं दो सगे भाई अशोक कुमार और किशोर कुमार की। बड़े भाई अशोक कुमार का 13 अक्टूबर को जन्मदिन रहता था और इसी तारीख को छोटे भाई किशोर कुमार ने वर्ष 1987 में अंतिम सांस ली। किशोर कुमार बहुमुखी प्रतिभाओं के धनी, सुरों के सरताज, मजाकिया अंदाज और बिंदास मिजाज वाले शख्स थे।ये भी सच है कि अशोक कुमार के कारण ही किशोर कुमार ने गायन और अभिनय के क्षेत्र में कदम रखा था। किशोर कुमार न तो गायक बनना चाहते थे और न ही अभिनेता, लेकिन अशोक कुमार ने ठान लिया था कि वे किशोर कुमार को अपने जैसा अभिनेता बनाकर छोड़ेंगे। कहा जाता है कि किशोर कुमार जब भी अपनी फिल्म की शूटिंग करते थे, अपनी हरकतों से निर्देशक और सेट पर मौजूद लोगों को परेशान करते थे ताकि उन्हें फिल्म से बाहर निकाल दिया जाए, लेकिन अशोक कुमार भी कम नहीं थे। वे सेट पर पहुंच जाते थे और एक बार तो उन्होंने किशोर कुमार के घुटने को तब तक पकड़े रखा, जब तक किशोर कुमार ने शॉट पूरे नहीं किए । आखिरकार अशोक कुमार की मेहनत रंग लाई और फिर किशोर कुमार ने बहुत सी फिल्में की। अभिनेता के तौर पर भी वे खूब सराहे गए और फिर उन्होंने फिल्म निर्माण, निर्देशन में भी हाथ आजमाया। किशोर कुमार की पड़ोसन, चलती का नाम गाड़ी, हाफ टिकट जैसी फिल्में आज भी लोगों को हंसाती और गुदगुदाती हैं। उनका अभिनय करने का अपना अलग ही अंदाज था। उन्होंने अपने दौर में तमाम बड़ी नायिकाओं के साथ फिल्में कीं।अभिनेता, संगीतकार, गायक, लेखक, निर्देशक और निर्माता किशोर कुमार के सभी रंग कमाल के थे। वे ऐसे शख्स थे, जो हमेशा अपनी शर्तों पर जीते थे और काम करते थे। किशोर दा का असली नाम आभास कुमार गांगुली था। उन्होंने कभी संगीत की शिक्षा नहीं ली, लेकिन उन्होंने हर तरह के गाने इस खूबी से गाए कि बड़े से बड़ा संगीतकार भी उनका मुरीद हो जाता था। किशोर दा हरफनमौला इंसान थे।उनकी निजी जिंदगी भी काफी चर्चित रही। उन्होंने चार शादियां की। उनकी पहली शादी 1951 में अभिनेत्री रूमा गुहा से हुई थी। उन दिनोंं किशोर कुमार अपने कॅरिअर को सही दिशा देने में लगे हुए थे। उनका एक बेटा भी हुआ अमित कुमार जो बाद में सफल गायक हुए। रुमा के साथ किशोर कुमार का रिश्ता ज्यादा बरसों तक नहीं रहा और आठ साल बाद वे अलग हो गए। किशोर से अलग होने के बाद रुमा गुहा ने 1958 में अनूप गुहा ठाकुरता से शादी कर ली।कहा जाता है कि किशोर कुमार और रुमा के अलगाव की वजह मधुबाला थी। शादीशुदा किशोर कुमार मधुबाला के साथ फिल्म करते -करते उन्हें अपना दिल दे बैठे थे। कहा जाता है कि जिस वक्त किशोर कुमार ने मधुबाला के सामने शादी का प्रस्ताव रखा उस वक्त वो अपना इलाज कराने विदेश जा रही थीं। किशोर दा ने रूमा को तलाक दिया और कुछ समय बाद मधुबाला से शादी कर ली और साथ ही मधुबाला की खातिर अपना धर्म भी बदल लिया और अपना नाम करीम अब्दुल रख लिया, लेकिन वे किशोर कुमार के रूप में ही पहचाने जाते रहे। ये भी कहा जता है कि किशोर दा के परिवार वालों ने दोनों के रिश्ते को कभी नहीं स्वीकारा। किशोर कुमार की मां ने ये रिश्ता स्वीकार नहीं किया। मधुबाला का साथ किशोर कुमार को ज्यादा बरसों तक नहीं मिला और दिल की बीमारी के कारण कम उम्र में ही मधुबाला उन्हें छोडक़र चली गई।मधुबाला की मौत के बाद किशोर कुमार की जिंदगी में योगिता बाली आईं। 1976 में दोनों ने शादी रचाई, लेकिन ये रिश्ता भी नहीं चल पाया दो साल बाद ही उनकी राहें अलग हो गईं। बाद में योगिता ने मिथुन चक्रवर्ती से शादी कर ली। योगिता बाली से तलाक के बाद किशोर की जिंदगी में अभिनेत्री लीना चंद्रावरकर आई, जो उनके 21 साल छोटी थीं। 1980 में किशोर कुमार ने लीना से शादी की जिनसे उनको एक बेटा सुमित कुमार हैं। लीना का साथ भी किशोर कुमार को केवल 7 साल ही मिल पाया और 1987 में किशोर कुमार उन्हें हमेशा के लिए छोडक़र चले गए। किशोर दा की मौत हार्ट अटैक के कारण हुई थी। दरअसल, 13 अक्तूबर को लीना चंदावरकर जब सुबह किशोर कुमार को उठाने गईं, तो देखा कि उनके चेहरा फीका पड़ा था। ऐसे में लीना घबरा गईं और वह जैसे ही किशोर कुमार के पास पहुंची तो सिंगर ने हंसते हुए कहा कि क्या तुम डर गई, आज तो मेरी छुट्टी है। असल में किशोर जानबूझकर अपनी पत्नी लीना को डराने के लिए सांस रोककर लेटे थे। उसके कुछ समय बाद किशोर कुमार का सच में हार्ट अटैक से निधन हो गया। - 13 अक्टूबर: पुण्यतिथि पर विशेषआलेख - प्रशांत शर्माये हैं कोकिला किशोरचंद्र बुलसारा, जो हिन्दी और गुजराती फिल्मों की लोकप्रिय अभिनेत्री रही हैं। हिन्दी फिल्मों की मां कही जाने वाली इस अभिनेत्री को अपने मूल नाम कोकिला किशोरचंद्र बुलसारा से नहीं बल्कि फिल्मी नाम निरुपा रॉय से लोकप्रियता मिली। उन्हें आज भी फिल्मों की सर्वेश्रेष्ठ मां कहा जाता है। अपने 50 साल के फिल्मी कॅरिअर में उन्होंने 5 सौ से अधिक फिल्में कीं। उनका शुरुआती फिल्मी कॅरिअर संघर्ष भरा रहा। अपनी प्रारंभिक फिल्मों में उन्होंने देवी का किरदार इस तरह से निभाया कि लोग उनकी पूजा करने लगे। फिर आया मां के किरदार का दौर, इसमें तो निरुपा रॉय ऐसे रच बस गईं कि वे फिल्मों की मां ही बन गईं। खासकर अमिताभ बच्चन की मां का रोल उन्होंने सबसे ज्यादा निभाया। अपने बेमिसाल अदायगी से उन्होंने फिल्मों में मां के किरदार को एक अलग ही आयाम दिया।निरुपा रॉय का जन्म 4 जनवरी, 1931 को गुजरात राज्य के बलसाड में एक मध्यमवर्गीय गुजराती परिवार में हुआ था। गौर वर्ण की वजह से उन्हें धोरी चकली कहकर पुकारा जाता था। उनके पिता रेलवे में सरकारी कर्मचारी थे। निरुपा रॉय ने चौथी तक शिक्षा प्राप्त की। जब वे मात्र 15 साल की ही थीं, उनका उनका विवाह मुंबई में कार्यरत राशनिंग विभाग के कर्मचारी कमल रॉय से हो गया। विवाह के बाद निरुपा रॉय भी मुंबई आ गईं। उनके दो बेटे हुए- योगेश और किरण। उनके पति को फिल्मों का शौक था और वे हीरो बनना चाहते थे। किस्मत का खेल देखिए उसी दौरान निर्माता-निर्देशक बी. एम. व्यास अपनी नई फि़ल्म रनकदेवी के लिए नए चेहरों की तलाश कर रहे थे। उन्होंने इसके लिए अख़बार में विज्ञापन दिया। निरुपा रॉय के पति ने ये इश्तहार देखा और पत्नी संग पहुंच गए बी. एम. व्यास से मिलने। उनका हीरो बनने का सपना तो पूरा नहीं हुआ , लेकिन निरुपा रॉय को फिल्म में जगह मिल गई। निरुपा रॉय 150 रुपये प्रति माह पर काम करने लगीं। किंतु कुछ समय बाद ही उन्हें भी इस फि़ल्म से अलग कर दिया गया। यह निरुपा रॉय के संघर्ष की शुरुआत थी। इसी दौरान उन्हें गुजराती फिल्म गणसुंदरी में काम करने का मौका मिला। इसी के साथ वे हिन्दी फिल्मों में भी काम तलाशने लगीं। किस्मत ने पलटा खाया और उन्हें हमारी मंजिल में नायक प्रेम अदीब के साथ काम करने का मौका मिल गया। फिर जयराज के साथ फि़ल्म गऱीबी में वे नायिका के तौर पर नजर आईं। 1951 में आई फिल्म हर हर महादेव से उनके कॅरिअर में जबरदस्त उछाल आया। फिल्म में वे देवी पार्वती के रोल में ऐसे फिट हुई, कि दर्शकों के बीच माता पार्वती के रूप में प्रसिद्ध हो गईं। इसी दौरान फि़ल्म वीर भीमसेन निरुपा रॉय द्रौपदी के किरदार में नजर आई। इस तरह से पौराणिक किरदारों ने उनकी काफी शोहरत दिलाई। एक के बाद एक 16 फिल्मों में उन्होंने पौराणिक किरदार निभाया। अभिनेता त्रिलोक कपूर के साथ उन्होंने सबसे ज्यादा 18 फिल्मों में नायिका का किरदार निभाया। कुछ फिल्मों में बोल्ड रोल भी किए।वर्ष 1953 में प्रदर्शित विमल रॉय की फि़ल्म दो बीघा ज़मीन ने निरुपा रॉय को एक बेहतरीन अभिनेत्री के रूप में स्थापित किया। सामाजिक सरोकारों पर बनी इस फिल्म में बलराज साहनी हीरो थे। 1955 में फि़ल्मिस्तान स्टूडियो के बैनर तले बनी फि़ल्म मुनीम जी में उन्होंने पहली बार देवानंद की मां का रोल स्वीकार किया। फि़ल्म में सशक्त अभिनय के लिए वे सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री के फि़ल्म फ़ेयर पुरस्कार से सम्मानित की गईं। इसके बाद तो उनके सामने मां के रोल के ठेरो प्रस्ताव मिलने लगे, लेकिन टाइप्ड होने के डर से निरुपा रॉय ने सारी फिल्में ठुकरा दी। 60 के दशक में उन्होंने नियति के साथ समझौता कर लिया और फिल्म छाया में एक बार फिर मां के किरदार में नजर आईं। इस फि़ल्म में भी उनके अभिनय को सराहा गया और एक बार फिर उन्हें सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री का फि़ल्म फ़ेयर पुरस्कार मिल गया। फिर फिल्म शहनाई के लिए भी उन्होंने यह पुरस्कार जीता।सन 1975 में प्रदर्शित फि़ल्म दीवार ने उनकी किस्मत ही बदल दी। अच्छाई और बुराई के रास्तों के बीच फंसी मां का रोल उन्हें बखूबी निभाया। फिल्म का एक डॉयलॉग आज भी लोग भूले नहीं हैं जब गलत रास्तों में चल पड़े अमिताभ, अपने भाई शशि कपूर से कहते हैं- मेरे पास बंगला है, गाड़ी है, बैंक बैलेंस है। तुम्हारे पास क्या है? तो शशिकपूर जवाब देते हैं-मेरे पास मां है। वर्ष 1999 में प्रदर्शित होने वाली फि़ल्म लाल बादशाह में वे अंतिम बार अमिताभ बच्चन की मां की भूमिका में दिखाई दीं। 13 अक्तूबर साल 2004 में उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया।निरुपा रॉय ने भले ही हिन्दी फिल्मों में काम किया और शौहरत हासिल की, लेकिन बहुत कम लोगों को मालूम है कि वे हिन्दी नहीं लिख पाती थीं। वे अपने संवाद गुजराती में लिखा करती थीं। इसके बाद भी उनकी संवाद अदायगी में कहीं से भी उनके गुजराती होने का आभास नहीं होता था। वे अपने किरदारों के साथ ऐसी रच-बस जाती थीं कि जैसे वहीं उनकी असल जिंदगी है।साल 2001 निरुपा रॉय लिए दुखदायी रहा जब दहेज मांगने के जुर्म में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। उनके साथ में पति कमल रॉय और बेटा किरन रॉय भी जेल चले गए थे। बहू ऊना रॉय ने उन सभी पर दहेज उत्पीडऩ का केस कर दिया था। 13 अक्टूबर 2004 में हार्ट अटैक से उनका निधन हो गया। वे अपने पीछे करीब सौ करोड़ की संपत्ति छोड़ गई थीं। 2015 में उनके पति कमल रॉय की मौत के बाद दोनों बेटों के बीच इसी संपत्ति को ऐसी लड़ाई छिड़ी कि मामला पुलिस थाने तक पहुंच गया। अच्छा हुआ कि यह सब देखने के लिए वे जीवित नहीं थीं।मशहूर फिल्मी गीत जो निरूपा रॉय पर फिल्माए गए थे—-आ लौट के आजा मेरे गीत.....-जरा सामने तो आओ छलिए...-मेरा देखो तो छोटा सा संसार....-चाहे पास हो या दूर हो....-मैं यहां तू कहां, मेरा दिल तुझे पुकारे....-ढलती जाए रात....- तू कितनी अच्छी है, तू कितनी भोली है...ओ मां
- नयी दिल्ली। बॉलीवुड फिल्म ‘गदर 2' के निर्देशक अनिल शर्मा की अगली फिल्म ‘वनवास' होगी। फिल्म के निर्माताओं ने शनिवार को इसकी घोषणा की। शर्मा 2001 में आई ‘गदर: एक प्रेम कथा' और उसकी सीक्वल ‘गदर 2' की शानदार सफलता के बाद ‘वनवास' फिल्म बना रहे हैं। निर्माताओं ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें ‘वनवास' की पहली झलक दिखाई गई है।इसमें नाना पाटेकर और शर्मा के बेटे उत्कर्ष शर्मा नजर आ रहे हैं। यह फिल्म जल्द ही सिनेमाघरों में रिलीज होगी। जी स्टूडियोज ने सोशल मीडिया मंच ‘इंस्टाग्राम' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘कहानी जिंदगी की...कहानी जज्बात की। कहानी अपनों के विश्वास की! पूरे परिवार के संग देखिए परिवार की फिल्म, वनवास, जल्द ही आपके नजदीकी सिनेमाघरों में आ रही है।''
- मुंबई। हॉलीवुड अभिनेता जोसेफ गॉर्डन-लेविट ने शनिवार को कहा कि उन्हें संजय लीला भंसाली की “गंगूबाई कठियावाड़ी” बहुत पसंद आई और इस फिल्म ने उन्हें भारतीय सिनेमा को और अधिक गहराई से जानने के लिए प्रेरित किया। “10 थिंग्स आई हेट अबाउट यू”, “500 डेज ऑफ समर” और “इनसेप्शन” जैसी फिल्मों के लिए मशहूर गॉर्डन-लेविट ने आईएफपी (पूर्व में इंडिया फिल्म प्रोजेक्ट) सीजन 14 में बॉलीवुड अभिनेता राजकुमार राव के साथ एक सत्र के दौरान यह बात कही। जब राव ने गॉर्डन-लेविट से भारतीय सिनेमा के बारे में उनके विचार पूछे, तो वह पहले तो अपनी पसंदीदा फिल्म का नाम नहीं याद कर पाए। उन्होंने बॉलीवुड अभिनेता से कहा कि उन्हें आलिया भट्ट की एक फिल्म याद दिलाएं, जिसमें उन्होंने ऐतिहासिक भूमिका निभाई थी। राव ने उन्हें बताया कि वह भंसाली की "गंगूबाई काठियावाड़ी" थी, जो हुसैन जैदी की पुस्तक माफिया क्वींस ऑफ मुंबई के एक अध्याय पर आधारित थी । साल 2022 में रिलीज हुई फिल्म में भट्ट ने गंगूबाई की मुख्य भूमिका निभाई थी, जो 1960 के दशक के दौरान कमाठीपुरा की सबसे शक्तिशाली, प्रिय और सम्मानित महिलाओं में से एक थी। गॉर्डन-लेविट ने इसके बाद फिल्म की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह "अनोखी, खूबसूरत, पूरी तरह से अलग" फिल्म थी और इस तरह की फिल्म उन्होंने पहले कभी नहीं देखी थी। उन्होंने कहा, "यह एक बहुत ही गंभीर, विशिष्ट शैली वाली फिल्म थी। मैं इस फिल्म पर पूरी तरह फिदा हो गया था।" उन्होंने कहा, "इसकी वजह से मुझमें भारतीय सिनेमा के बारे में और अधिक जानने की इच्छा जागृत हुई। इसी कारण मैं यहां आना चाहता था। मैं भारत में आकर फिल्म बनाना चाहता हूं।"
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नई दिल्ली। प्रसिद्ध संगीतकार ए आर रहमान ने उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के समर्थन में अपने संगीत कार्यक्रम का 30 मिनट का एक वीडियो रिकॉर्ड किया है, जिससे पांच नवंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से पहले उनके (हैरिस के) प्रचार अभियान को बड़ा बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। रहमान (57) दक्षिण एशिया के पहले बड़े अंतरराष्ट्रीय कलाकार हैं जिन्होंने भारतीय-अफ्रीकी मूल की हैरिस का समर्थन किया है।
‘एशियन अमेरिकन पैसिफिक आइलैंडर्स (एएपीआई) विक्ट्री फंड’ के अध्यक्ष शेखर नरसिम्हन ने कहा, ‘‘इस प्रस्तुति के साथ ही ए आर रहमान उन नेताओं और कलाकारों के समूह में शामिल हो गए हैं जो अमेरिका में प्रगति और प्रतिनिधित्व का समर्थन कर रहे हैं।’’उन्होंने कहा, ‘‘यह सिर्फ एक संगीत कार्यक्रम से कहीं अधिक है, यह हमारे समुदायों के लिए कार्रवाई का आह्वान है कि वे उस भविष्य के निर्माण की कवायद में शामिल हों और वोट करें जिसे हम देखना चाहते हैं।’’इससे पहले, एएपीआई विक्ट्री फंड ने घोषणा की कि विश्व विख्यात भारतीय संगीतकार और गायक रहमान ने हैरिस के 2024 के राष्ट्रपति अभियान के समर्थन में 30 मिनट का विशेष वीडियो रिकॉर्ड किया है। इस वीडियो का एएपीआई विक्ट्री फंड के यूट्यूब पर 13 अक्टूबर को प्रसारण किया जाएगा।एक मीडिया विज्ञप्ति में कहा गया है कि 30 मिनट के इस कार्यक्रम में रहमान के कुछ सबसे पसंदीदा गाने शामिल होंगे, जिनमें कमला हैरिस की ऐतिहासिक उम्मीदवारी और एएपीआई समुदाय के प्रति प्रतिबद्धता पर प्रकाश डालने वाले संदेश भी शामिल होंगे। - नयी दिल्ली. अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती को मंगलवार को सिनेमा के क्षेत्र में सरकार का सर्वोच्च सम्मान दादा साहब फाल्के पुरस्कार प्रदान किया गया। दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित होने के बाद, अभिनेता ने नस्लवादी टिप्पणियों को सहने से लेकर भारतीय फिल्म उद्योग के ‘‘सेक्सी, सांवले बंगाली बाबू'' की उपाधि पाने तक के अपने सफर को याद किया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने यहां विज्ञान भवन में 70वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह के दौरान ‘मृगया', ‘डिस्को डांसर' और ‘प्रेम प्रतिज्ञा' जैसी फिल्मों में अभिनय कर चुके चक्रवर्ती को यह प्रतिष्ठित पुरस्कार प्रदान किया। तालियों की गड़गड़ाहट के बीच चक्रवर्ती (74) ने अपने संबोधन में कहा, मैं भगवान से बहुत शिकायत करता था। मुझे कोई भी चीज थाली में परोस कर नहीं मिली, मैंने बहुत संघर्ष किया। मुझे ये सब ऐसे ही नहीं मिल गया। मैं कहता था भगवान, आपने मुझे नाम और शोहरत तो दी है, लेकिन इतनी सारी परेशानियां क्यों हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन आज, यह पुरस्कार प्राप्त करने के बाद, मैंने शिकायत करना बंद कर दिया है। भगवान का शुक्र है, आपने ब्याज सहित मुझे सब कुछ वापस दे दिया।'' मिथुन चक्रवर्ती का असली नाम गौरांग चक्रवर्ती है। उन्हें वर्ष 2022 के लिए दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। मृणाल सेन की 1976 में आई फिल्म ‘मृगया' से चक्रवर्ती ने फिल्मों में अभिनय की शुरुआत की थी जिसके लिए उन्होंने सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी जीता था। उन्होंने 1992 की फिल्म ‘तहादेर कथा' (सर्वश्रेष्ठ अभिनेता) और 1998 की फिल्म ‘स्वामी विवेकानंद' (सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता) के लिए भी दो और राष्ट्रीय पुरस्कार जीते। चक्रवर्ती ने कहा कि लोगों ने उन्हें एक अभिनेता के रूप में स्वीकार किया, लेकिन उनके जीवन की सबसे बड़ी समस्या उनका ‘‘रंग'' था। अभिनेता ने कहा, ‘‘लोग कहते थे फिल्म इंडस्ट्री में काला रंग नहीं चलेगा। तुम क्या कर रहे हो इधर, तुम वापस जाओ। उन्होंने कहा, ‘‘लोग मुझे कालिया कहकर बुलाते थे। जितना अपमान हो सकता था, हुआ। मैं सोचता था कि मुझे क्या करना चाहिए?'' चक्रवर्ती ने कहा कि आखिरकार उन्हें एहसास हुआ कि नृत्य ही उनकी असली ताकत है। अभिनेता ने कहा कि उन्होंने 1982 की सुपरहिट फिल्म ‘‘डिस्को डांसर'' से अपने नृत्य कौशल को दर्शकों के सामने इस तरह से प्रदर्शित करने का फैसला किया कि वे ‘‘केवल मेरे पैरों को देखेंगे, मेरी त्वचा के रंग को नहीं।'' उन्होंने कहा, ‘‘और मैंने अपनी सभी फिल्मों में बिल्कुल यही किया। आखिरकार, लोग मेरी त्वचा के रंग को भूल गए और मैं सेक्सी, सांवला बंगाली बाबू बन गया।'' चक्रवर्ती 1982 की सुपरहिट फिल्म ‘डिस्को डांसर' में अपनी विशिष्ट नृत्य शैली से मशहूर हुए। उन्हें ‘आई एम ए डिस्को डांसर...' और ‘याद आ रहा है...' जैसे बेहद लोकप्रिय गीतों के माध्यम से भारत में डिस्को नृत्य के युग की शुरुआत करने का श्रेय दिया जाता है। यह फिल्म चक्रवर्ती की उन गिनी चुनी फिल्मों में से एक है जिससे रूस, जापान और उज्बेकिस्तान समेत अन्य देशों में उनके प्रशंसक बने। इसके बाद उन्होंने ‘मुझे इंसाफ चाहिए', ‘हमसे है जमाना', ‘पसंद अपनी अपनी', ‘घर एक मंदिर', ‘कसम पैदा करने वाले की' और ‘कमांडो' जैसी कई हिट फिल्में दीं। वर्ष 1990 में अमिताभ बच्चन के साथ फिल्म ‘अग्निपथ' में भी उनके अभिनय को काफी सराहा गया। अपने संबोधन में चक्रवर्ती ने सिनेमा में अपने शुरुआती दिनों के किस्से साझा किए, जब उन्हें पहला राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला था। उन्होंने कहा, ‘‘आप सभी के आशीर्वाद से मैं पहले तीन बार इस मंच पर पहुंच चुका हूं। जब मुझे पहली बार पुरस्कार मिला था, तब के कुछ किस्से हैं जो मैंने आज तक साझा नहीं किए। इसलिए यह पहली बार होगा जब मैं आपको बताऊंगा कि मुझे पहला राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिलने के बाद मेरे साथ क्या हुआ। अभिनेता ने कहा कि वह अपनी फिल्म की स्क्रीनिंग पर गए थे तो उन्हें उम्मीद थी कि उन्हें किसी बड़े निर्माता की फिल्म में कास्ट किया जाएगा। चक्रवर्ती ने कहा, ‘‘मुझे याद है कि लोग मेरी तारीफ करते हुए कहने लगे थे ‘वाह, तुम्हें राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है।' मुझे घमंड हो गया, लगा कि मैंने वाकई कुछ बड़ा हासिल कर लिया है।'' चक्रवर्ती ने कहा, ‘‘मैं उस व्यक्ति का नाम नहीं ले सकता, वह अब इस दुनिया में नहीं हैं...फिल्म देखने के बाद मैं उनके साथ चल रहा था। मैंने उनसे पूछा कि क्या आपको फिल्म पसंद आई, तो उन्होंने कहा फिल्म अच्छी है और तुम एक बेहतरीन अभिनेता हो। लेकिन मुझे आश्चर्य है कि तुम कपड़े पहनकर कैसे दिखोगे।'' अभिनेता ने कहा कि यह सुनकर वह हैरान रह गए। चक्रवर्ती ने याद करते हुए कहा, ‘‘तब मुझे समझ में आया कि मैंने फिल्म में एक आदिवासी की भूमिका निभाई है जो अपनी छाती नहीं ढकता। इसलिए वह सोच रहे थे कि मैं कपड़ों में कैसा दिखूंगा और उसके बाद ही वह मुझे फिल्म में लेंगे।'' चक्रवर्ती ने कहा, ‘‘पुरस्कार पाने के बाद, मुझे लगा कि मैं (मशहूर अभिनेता) अल पचीनो बन गया हूं और यह मेरे रवैये में भी झलकने लगा। मैं एक निर्माता के कार्यालय में अजीब व्यवहार कर रहा था और उसे आश्चर्य होता था कि मैं ऐसा क्यों कर रहा हूं...लेकिन कुछ समय बाद, निर्माता ने मुझे कार्यालय से बाहर निकाल दिया। उस दिन से, मैंने अल पचीनो की तरह व्यवहार करना बंद कर दिया।'' उन्होंने भारत भर में उभरती प्रतिभाओं के लिए भी कुछ सुझाव साझा किए। अभिनेता ने कहा, ‘‘हमारे देश में कई प्रतिभाशाली लोग हैं, लेकिन उनके पास पैसा नहीं है। मैं उनसे कहना चाहूंगा कि आपके पास पैसा नहीं हो, लेकिन उम्मीद मत खोइए। सपने देखते रहिए। सोइए लेकिन अपने सपनों को सोने मत दीजिए।'' तीन सदस्यीय निर्णायक मंडल ने चक्रवर्ती को इस प्रतिष्ठित सम्मान के लिए चुना। निर्णायक मंडल में अभिनेत्री आशा पारेख, अभिनेत्री-नेत्री खुशबू सुंदर और फिल्मकार विपुल अमृतलाल शाह शामिल थे। यह सम्मान सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य चक्रवर्ती को तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण से सम्मानित किए जाने के कुछ महीने बाद मिला है। अभिनेता पुणे के भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान (एफटीआईआई) के पूर्व छात्र हैं। मिथुन ने मुख्य रूप से हिंदी और बांग्ला सिनेमा में काम किया है। पूर्व राज्यसभा सदस्य चक्रवर्ती 2021 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए थे। वर्ष 2023 में वहीदा रहमान को दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
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मुंबई. अभिनेता गोविंदा को उनकी रिवॉल्वर से दुर्घटनावश गोली चलने से पैर में चोट लगने के एक दिन बाद उनकी पत्नी सुनीता आहूजा ने कहा कि वह अब ठीक हैं तथा उन्हें बुधवार को सामान्य वार्ड में लाया जाएगा। गोविंदा (60) की मंगलवार को एक सर्जरी हुई थी और उनका एक निजी अस्पताल की गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में उपचार हो रहा है। सुनीता ने यहां पत्रकारों से बातचीत में दुआओं के लिए गोविंदा के प्रशंसकों का आभार जताया और उनसे न घबराने के लिए कहा। उन्होंने कहा, ‘‘गोविंदा सर आज ठीक हैं। उन्हें आज सामान्य वार्ड में लाया जाएगा। उन्हें कल या आज शाम तक अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी। सभी की दुआओं से वह ठीक हैं।'' सुनीता ने कहा, ‘‘बहुत सारे लोग उनके लिए प्रार्थना कर रहे हैं, उनके इतने ज्यादा प्रशंसक हैं। मैं प्रशंसकों से कहना चाहती हूं कि कृपया घबराएं नहीं। वह कुछ ही महीनों में थिरकना शुरू कर देंगे।'' ‘‘लव 86'', ‘‘स्वर्ग'', ‘‘दूल्हे राजा'' और ‘‘पार्टनर'' जैसी फिल्मों के लिए पहचाने जाने वाले गोविंदा मुंबई स्थित आवास में अपनी रिवॉल्वर से दुर्घटनावश गोली चलने के कारण घायल हो गए थे। घटना के वक्त वह हवाई अड्डे के लिए घर से निकलने वाले थे। गोली उनके पैर में लगी थी। उनकी पत्नी सुनीता जयपुर में थीं और घटना की सूचना मिलने के बाद वह मुंबई लौट आयीं। इससे पहले, अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि मुंबई अपराध शाखा के अधिकारियों ने गोविंदा से मुलाकात की और उनसे घटना के बारे में पूछताछ की। स्थानीय पुलिस मामले की जांच कर रही है और मुंबई अपराध शाखा ने भी घटना की जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने बताया कि किसी ने इस मामले में अभी तक कोई शिकायत दर्ज नहीं करायी है।
घटना के बाद अभिनेता का उपचार करने वाले डॉ. रमेश अग्रवाल ने बताया कि गोविंदा को गोली उनके बाएं घुटने के नीचे लगी और उन्हें आठ-दस टांके आए हैं। अपनी बेहतरीन हास्य और नृत्य कला के लिए दर्शकों के दिलों में जगह बनाने वाले गोविंदा ने बाद में एक बयान जारी करते हुए प्रशंसकों को सूचित किया था कि अब वह बेहतर महसूस कर रहे हैं। गोविंदा ने एक ऑडियो संदेश में कहा था, ‘‘अपने प्रशंसकों, माता-पिता और ईश्वर के आशीर्वाद से अब मैं बेहतर महसूस कर रहा हूं। मुझे एक गोली लगी थी जो अब निकाल दी गयी है। मैं यहां मेरी देखभाल करने वाले डॉ. अग्रवाल का आभार व्यक्त करता हूं। मैं दुआओं के लिए सभी का शुक्रिया अदा करता हूं। - अयोध्या । मिस यूनिवर्स इंडिया 2024 रिया सिंघा इस साल विश्व प्रसिद्ध अयोध्या की राम लीला में देवी सीता का किरदार निभाने जा रही हैं, जबकि बीजेपी नेता और अभिनेता-गायक मनोज तिवारी भगवान राम की भूमिका निभाएंगे।. बीजेपी नेता और अभिनेता रवि किशन सुग्रीव की भूमिका निभाएंगे.। माता सीता का किरदार निभाने को लेकर रिया सिंघा काफी एक्साइटेड हैं.।उन्होंने कहा- मैं, मिस यूनिवर्स इंडिया 2024, देवी सीता की भूमिका में दुनिया की सबसे बड़ी राम लीला के लिए अयोध्या आ रही हूं.।भगवान राम और सीता के आशीर्वाद से मुझे यह अवसर मिला है.। पिछले साल, 36 करोड़ लोगों ने राम लीला देखी।. इस साल अयोध्या की राम लीला में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 50 करोड़ लोग शामिल होंगे.। उन्होंने कहा कि इसके लिए मैं यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और अयोध्या की राम लीला के संस्थापक सुभाष मलिक का आभार व्यक्त करती हूं।
- मुंबई. अभिनेता गोविंदा मंगलवार को अपनी लाइसेंसी रिवॉल्वर से गलती से गोली चलने के कारण घायल हो गए। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि अभिनेता तड़के करीब चार बजकर 45 मिनट पर अपने जुहू स्थित आवास से निकलने वाले थे तभी रिवॉल्वर से गलती से गोली चल गयी जो उनके पैर में लगी। अभिनेता ने कोई शिकायत दर्ज नहीं करायी है। उन्होंने बताया कि गोविंदा (60) को इलाज के लिए नजदीकी ‘क्रिटीकेयर अस्पताल' ले जाया गया और वह अपने आवास पर लौट आए हैं। अभिनेता के प्रबंधक ने कहा, ‘‘हमें कोलकाता में एक कार्यक्रम के लिए सुबह छह बजे उड़ान भरनी थी और मैं हवाई अड्डा पहुंच गया था। गोविंदा जी अपने घर से हवाई अड्डे के लिए निकलने वाले ही थे कि तभी यह दुर्घटना हो गयी।'' उन्होंने बताया, ‘‘रिवॉल्वर अलमारी में रखते समय गलती से गिर गयी और उससे गोली चल गयी। ईश्वर की कृपा रही कि गोविंदा जी को सिर्फ पैर में चोट लगी और कोई गंभीर स्थिति नहीं है।
- कोलकाता. अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती ने सोमवार को कहा कि यदि उन्हें दादा साहेब फाल्के पुरस्कार मिल सकता है तो कड़ी मेहनत करने वाले अन्य कलाकार भी इसे पा सकते हैं। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि भारतीय सिनेमा में शानदार योगदान देने को लेकर मिथुन चक्रवर्ती को दादा साहेब फाल्के पुरस्कार के लिए नामित किया गया है। वैष्णव के पोस्ट के बाद, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘प्रसन्नता है कि मिथुन चक्रवर्ती को भारतीय सिनेमा में उनके अद्वितीय योगदान के लिए प्रतिष्ठित दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किए जाने की घोषणा की गई है। वह एक सांस्कृतिक आदर्श हैं और उनकी बहुमुखी प्रतिभा के लिए उन्हें पीढ़ियों से सराहा जाता रहा है। उन्हें बधाई और शुभकामनाएं।'' चक्रवर्ती ने कहा कि वह इस सम्मान (दादासाहेब फाल्के पुरस्कार) को अपने परिवार और अनगिनत शुभचिंतकों एवं प्रशंसकों को समर्पित करते हैं। इस सवाल के जवाब में कि वह उत्तर कोलकाता स्थित अपने घर से यहां तक के सफर को कैसे देखते हैं, अभिनेता ने कहा, ‘‘मैं हर किसी से कहना चाहता हूं कि यदि मैं यहां तक पहुंच सकता हूं तो आप क्यों नहीं?'' उन्होंने कहा, ‘‘आपमें (अभिनेता बनने के आकांक्षी में) समर्पण की भावना होनी चाहिए। आपको मुश्किल हालात का सामना करने के लिए तैयार रहना होगा। मैं इसका एक उदाहरण हो सकता हूं।'' प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की शुभकामनाओं के बारे में पूछे जाने पर चक्रवर्ती ने कहा, ‘‘मैं शुभकामनाओं के लिए उनका शुक्रिया अदा करता हूं। उनका और हर किसी का आभार, जिन्होंने मुझे शुभकामनाएं दीं।'' तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य के तौर पर उनके कार्यकाल के बारे में पूछे जाने पर चक्रवर्ती ने कहा, ‘‘मेरा कार्यकाल बहुत पहले समाप्त हो चुका है। मैं अब सांसद नहीं रहा। मैं एक अभिनेता हूं जो लोगों के लिए सामाजिक कार्य भी करता है।'' चक्रवर्ती ने भाजपा के साथ उनके जुड़ाव और यह सम्मान पाने में इसकी कोई भूमिका होने के बारे में कहा, ‘‘मैं भाजपा से जुड़ा हुआ हूं। लेकिन मैंने फिल्म उद्योग में लंबे समय तक काम किया है और मुझे लोगों का प्यार मिला।'' पूर्व में, पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किये जा चुके चक्रवर्ती ने कहा कि यह बात खास तौर पर वह उन लोगों से कह रहे हैं जो आर्थिक रूप से कमज़ोर हैं। उन्होंने कहा, "हमें उम्मीद नहीं छोड़नी चाहिए। अगर मैं सफल हो सकता हूं, तो आप सब भी सफल हो सकते हैं।'' अभिनेता ने कहा कि उनका मानना है कि हर पुरस्कार और हर सम्मान उपयुक्त समय पर मिलता है।आरजी कर अस्पताल में महिला चिकित्सक से बलात्कार और उसकी हत्या की घटना के बारे में पूछे जाने पर चक्रवर्ती ने कहा, ‘‘हर किसी की तरह मैं भी इस घटना से हिल गया। हम सभी बस यही चाहते हैं कि इस बर्बर अपराध करने वाले का पता लगाया जाए और दंडित किया जाए। यदि इसमें देर हुई या ऐसा नहीं हुआ तो महिलाओं की सुरक्षा कभी सुनिश्चित नहीं होगी।'' चक्रवर्ती ने बांग्ला फिल्म ‘मृगया' से अपनी अभिनय पारी की शुरुआत की थी और ‘सुरक्षा' ‘डिस्को डांसर', ‘डांस डांस', ‘प्यार झुकता नहीं', ‘दलाल' जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्में दी हैं। चक्रवर्ती ने कहा कि वह कई कारकों को ध्यान में रखते हुए केवल चुनिंदा पटकथाओं पर ही काम करते हैं, जिनमें उनकी रुचि होती है। उन्होंने कहा कि वह फिलहाल चार बांग्ला और तीन हिंदी फिल्म परियोजनाओं पर काम कर रहे हैं। 'मृगया' में चक्रवर्ती की सह-कलाकार रहीं और कई फिल्मों में उनके साथ काम करने वालीं ममता शंकर ने कहा, "मुझे उन पर गर्व है। वह इस सम्मान के सच्चे हकदार हैं।" अभिनेत्री-निर्देशक अपर्णा सेन ने ‘तितली' (2014) में चक्रवर्ती के साथ अपने शूटिंग अनुभव को याद किया और अभिनेता को बधाई देते हुए कहा कि ‘‘वह निस्संदेह इस सम्मान के हकदार हैं।'' अभिनेत्री ऋतुपर्णा सेनगुप्ता ने कहा कि यह शानदार खबर है, ‘‘मैं अभिभूत हूं। मुझे मिथुन दा के साथ कई हिंदी/बांग्ला फिल्मों में काम करने का अवसर मिला। मुझे उनका स्नेह, आशीर्वाद और प्यार मिला।
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यास आइलैंड (अबु धाबी)। अभिनेत्री अनन्या पांडे ने कहा कि सरकार को प्रौद्योगिकी के दुरुपयोग को रोकने के लिए कुछ नियम बनाने की जरूरत है क्योंकि यही इससे निपटने का एकमात्र तरीका नजर आता है। अनन्या की आने वाली फिल्म ‘सीटीआरएल' कृत्रिम मेधा (एआई) पर आधारित है।
हाल ही में आमिर खान, रणवीर सिंह, आलिया भट्ट और रश्मिका मंदाना जैसे कलाकार ‘डीपफेक' वीडियो का शिकर हुए थे जिसने एआई के दुरुपयोग को लेकर चिंता को और बढ़ा दिया है। फिल्म ‘सीटीआरएल' में पांडे अपने प्रेमी (विहान समत) को उन्हें धोखा देते हुए पकड़ने के बाद एक एआई ऐप को उसकी यादों को उनके जीवन से ‘‘मिटाने'' को कहती है। पांडे ने कहा ‘‘मुझे लगता है कि इसके लिए सरकार को नियम बनाने होंगे, शायद इससे निपटने का यही एकमात्र समाधान है।'' ‘डीपफेक' एक डिजिटल पद्धति है, जिसमें एआई का इस्तेमाल कर किसी व्यक्ति की तस्वीर को दूसरे व्यक्ति की तस्वीर पर लगा दिया जाता है। एआई के इस्तेमाल से बनी ऐसी वीडियो व तस्वीर एकदम असली प्रतीत होती हैं। सैफरन और आंदोलन फिल्म्स के बैनर तले बनी ‘सीटीआरएल' चार अक्टूबर से ओटीटी मंच ‘नेटफ्लिक्स' पर प्रसारित की जाएगी। फिल्म का निर्देशन विक्रमादित्य मोटवानी ने किया है। - यास आइलैंड (अबू धाबी)। बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान ने कहा कि ‘जवान' फिल्म के निर्माण के दौरान वह ‘‘मुश्किल समय'' से गुजर रहे थे लेकिन ‘इंटरनेशनल इंडियन फिल्म एकेडमी अवॉर्ड्स 2024' (आइफा) में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार जीतने के बाद साल का अच्छा अंत होने से वह खुश हैं। एटली द्वारा निर्देशित ‘जवान' एक ऐसे व्यक्ति की भावनात्मक यात्रा को दर्शाती है जो समाज में व्याप्त बुराइयों को सुधारना चाहता है। इसमें शाहरुख ने विक्रम राठौर और उसके बेटे आजाद की दोहरी भूमिका निभाई है। शाहरुख ने विक्की कौशल और करण जौहर के साथ मिलकर कार्यक्रम की मेजबानी भी की।उन्होंने पुरस्कार स्वीकार करते हुए कहा, ‘‘ ‘जवान' के निर्माण के दौरान हम सभी थोड़े मुश्किल दौर से गुजर रहे थे... वापसी करके अच्छा लगा। मैं इस पुरस्कार के लिए बेहद आभारी हूं। मुझे पुरस्कार पसंद हैं, मुझे पुरस्कारों का लालच है... मैंने वास्तव में वापसी की है और इस तरह से साल का अंत करके मैं वाकई बहुत खुश हूं।'' शाहरुख ने पिछले कुछ समय से उनकी फिल्मों के बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाने के कारण 2018 में ‘जीरो' के रिलीज होने के बाद कुछ समय से लिए अभिनय से दूरी बना ली थी। इसके अलावा उनके बड़े बेटे आर्यन खान को 2021 में मुंबई क्रूज मादक पदार्थ मामले में गिरफ्तार किया गया था और उन्हें 22 दिन जेल में बिताने पड़े थे। आर्यन को 2022 में सभी आरोपों से बरी कर दिया गया था। करीब पांच साल में बड़े पर्दे पर वापसी करने वाले शाहरुख ने पुस्कार स्वीकार करते समय ‘जवान' फिल्म की अपनी टीम का शुक्रिया अदा किया। अभिनेता ने कहा कि वह 2023 में रिलीज हुई अपनी तीनों फिल्म ‘जवान', ‘पठान' और ‘डंकी' के लिए यह पुरस्कार स्वीकार कर रहे हैं। शाहरुख ने अपनी पत्नी और फिल्म ‘जवान' की निर्माता गौरी खान का भी आभार व्यक्त किया।उन्होंने उनके साथ इस पुरस्कार के दावेदार रहे रणवीर सिंह (रॉकी और रानी की प्रेम कहानी), रणबीर कपूर (एनिमल), विक्रांत मैसी (ट्वेल्थ फेल), कौशल (सैम बहादुर) और सनी देओल (गदर 2) की भी सराहना की। उन्होंने कहा, ‘‘वे सभी किसी न किसी तरह से इसके हकदार हैं।'' शाहरुख खान की फिल्म ‘दिल से...' के निर्देशक मणिरत्नम और संगीतकार ए.आर. रहमान ने अभिनेता को पुरस्कार दिया।
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यास आइलैंड (अबु धाबी) । अबू धाबी के यास आइलैंड में आयोजित ‘इंटरनेशनल इंडियन फिल्म एकेडमी अवॉर्ड्स 2024' (आइफा) में अभिनेता शाहरुख खान को फिल्म ‘जवान' के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के पुरस्कार से नवाजा गया जबकि रणबीर कपूर अभिनीत ‘एनिमल' को सर्वश्रेष्ठ फिल्म का पुरस्कार मिला है। शाहरुख ने अभिनेता विक्की कौशल और फिल्म निर्माता करण जौहर के साथ मिलकर शनिवार को आइफा पुरस्कार समारोह की मेजबानी की। शाहरुख खान की फिल्म ‘दिल से...' के निर्देशक मणिरत्नम और संगीतकार ए.आर. रहमान ने अभिनेता को पुरस्कार दिया। शाहरुख ने पुरस्कार लेने से पहले मणिरत्नम के पैर छुए। अभिनेत्री रानी मुखर्जी को फिल्म ‘मिसेज चटर्जी वर्सेस नॉर्वे' में उनकी भूमिका के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार मिला। गायिका शिल्पा राव को फिल्म ‘जवान' के गीत ‘चलेया' के लिए सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायिका (महिला) का पुरस्कार मिला। आइफा पुरस्कार में फिल्म निर्माता विधु विनोद चोपड़ा को उनकी फिल्म ‘ट्वेल्थ फेल' के लिए सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का पुरस्कार मिला। संदीप रेड्डी वांगा के निर्देशन में बनी फिल्म ‘एनिमल' के लिए अभिनेता अनिल कपूर को सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता और बॉबी देओल को सर्वश्रेष्ठ नकारात्मक भूमिका श्रेणी में पुरस्कार मिला। देओल ने पुरस्कार लेने के बाद फिल्म ‘एनिमल' के गीत ‘जमाल कुडू' पर नृत्य भी किया।
यास आइलैंड में आयोजित हुए आइफा पुरस्कार में रणीबर कपूर शामिल नहीं हुए।फिल्म ‘एनिमल' में संगीत निर्देशन के लिए प्रीतम, विशाल मिश्रा, मनन भारद्वाज, श्रेयस पुराणिक, जानी, भूपिंदर बब्बल, आशिम केमसन, हर्षवर्द्धन रामेश्वर को भी पुरस्कार प्रदान किया गया। भूपिंदर बब्बल को फिल्म ‘एनिमल' के गाने ‘अर्जन वैली' के लिए सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक (पुरुष) का पुरस्कार मिला, साथ ही उन्हें ‘सतरंगा' गीत के लिए सर्वश्रेष्ठ गीतकार के पुरस्कार से नवाजा गया। करण जौहर के निर्देशन में बनी फिल्म ‘रॉकी और रानी की प्रेम कहानी' को भी पुरस्कार मिला है।फिल्म ‘रॉकी और रानी की प्रेम कहानी' की मुख्य अभिनेत्री आलिया भट्ट की दादी की भूमिका निभाने वाली अभिनेत्री शबाना आजमी को भी आइफा पुरस्कार में सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री का पुरस्कार मिला जबकि लेखक इशिता मोइत्रा, शशांक खेतान, सुमित रॉय ने सर्वश्रेष्ठ कहानी का पुरस्कार जीता। दिग्गज अभिनेत्री-नेता हेमा मालिनी को भारतीय सिनेमा में उत्कृष्ट योगदान के लिए ‘आउटस्टैंडिंग अचीवमेंट' पुरस्कार से सम्मानित किया गया। अभिनेत्री अलीजेह अग्निहोत्री को सर्वश्रेष्ठ नवोदित अभिनेत्री का पुरस्कार मिला, जबकि करण बुलानी को उनकी फिल्म ‘थैंक यू फॉर कमिंग' के लिए सर्वश्रेष्ठ नवोदित निर्देशक का पुरस्कार प्रदान किया गया। -
यास आइलैंड (अबू धाबी). फिल्म निर्माता प्रियदर्शन ने कहा है कि वह 14 साल के अंतराल के बाद हॉरर कॉमेडी 'भूत बंगला' में अक्षय कुमार के साथ फिर से काम करने को लेकर बहुत खुश हैं। इससे पहले 2010 की 'खट्टा मीठा' उनकी अक्षय के साथ आयी आखिरी फिल्म थी। उन्होंने कहा, "मैंने उनके साथ जो भी फिल्में बनाई हैं वे सुपरहिट रही हैं। लोग कहते हैं कि आपके कारण अक्षय (कॉमेडी) करते हैं, लेकिन मैं इन सब बातों पर विश्वास नहीं करता। मैंने उनके हास्य बोध का (स्क्रीन पर) फायदा उठाया।" फिल्म निर्माता ने कहा, "हम 14 साल बाद साथ काम कर रहे हैं और मुझे उम्मीद है कि चीजें ठीक हो जाएंगी। यह एक चुनौती है। हम (दर्शकों की) उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पा रहे, लेकिन मैं अपनी तरफ से सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रहा हूं।" प्रियदर्शन ने कहा कि कुमार (जिनके साथ उन्होंने 'दे दना दन' और 'गरम मसाला' में भी काम किया है) के साथ काम करना खुशी की बात हैं। उन्होंने कहा, "वह एक अनुशासित अभिनेता हैं। अमित जी (अमिताभ बच्चन) के बाद वह एक ऐसे व्यक्ति हैं जो एक समर्पित अभिनेता हैं और समय पर आते हैं। वह निर्देशक की बात सुनते हैं।
- मुंबई। बॉलीवुड के हैंडसम हंक रणबीर कपूर ने अपना जन्मदिन इस साल बेहद खास अंदाज में मनाया. उन्होंने अपना यह खास दिन पत्नी आलिया भट्ट और बेटी राहा के साथ बिताया. आलिया ने इस मौके पर कुछ खूबसूरत तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर कीं, जो तेजी से वायरल हो रही हैं. पहली तस्वीर में रणबीर, आलिया और राहा को एक पेड़ को गले लगाते हुए देखा जा सकता है, जो इस परिवार के बीच के प्यार और सुकून को दर्शाता है. दूसरी तस्वीर में रणबीर अपनी बेटी राहा को गोद में लिए हुए नजर आ रहे हैं, जिसमें पिता-बेटी के बीच का गहरा बंधन झलकता है. तीसरी तस्वीर में रणबीर ने आलिया को गोद में उठाया हुआ है, और दोनों की यह क्यूट केमिस्ट्री फैंस को बेहद पसंद आ रही है.आलिया भट्ट ने इन तस्वीरों के साथ एक प्यारा सा कैप्शन भी लिखा, "कभी-कभी आपको सिर्फ एक बड़ा गले लगाने की जरूरत होती है .. और तुम जीवन को ऐसा महसूस कराते हो. हैप्पी बर्थडे बेबी." आलिया की इस पोस्ट को फैंस और सेलेब्स से ढेर सारे लाइक्स और कमेंट्स मिल रहे हैं.
- मुंबई ।अभिनेता सैफ अली खान ने कहा है कि 2023 में उनकी फिल्म “आदिपुरुष” और ओटीटी सीरीज “तांडव” को लेकर उपजे विवादों के बाद वह अपने काम के चुनाव को लेकर ज्यादा सावधान हो गए हैं और विवाद से दूर रहना चाहते हैं। उन्होंने इंडिया टुडे मुंबई कॉन्क्लेव में कहा कि “आदिपुरुष” से जुड़ा विवाद थोड़ा परेशान करने वाला था। सैफ ने कहा, “यह थोड़ा परेशान करने वाला था। अदालत ने कहा था कि एक अभिनेता स्क्रीन पर जो कुछ भी कहता है उसके लिए वह खुद जिम्मेदार है। इसलिए तकनीकी रूप से, यदि आप कुछ कहते हैं, तो आपके खिलाफ मामला दर्ज किया जा सकता है। कहा जा सकता है कि आपको ऐसा नहीं कहना चाहिए था। यह बहुत दबावपूर्ण होता है।”निर्माता ओम राउत की फिल्म ‘आदिपुरुष’ को लेकर पिछले साल विवाद खड़ा हो गया था। खराब वीएफएक्स व संवादों को लेकर सोशल मीडिया पर इसकी आलोचना की गई थी, जिसकी वजह से निर्माताओं के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुए थे और पुलिस को शिकायतें दी गई थीं।फिल्म में सैफ अली खान ने लंकेश (रावण), प्रभास ने राघव (राम) और कृति सैनन ने जानकी (सीता) की भूमिका निभाई थी, जो कई लोगों को पसंद नहीं आई थी। सैफ ने कहा, “हम सभी को खुद पर थोड़ा नियंत्रण रखना होगा और थोड़ा सावधान रहना होगा, वरना परेशानी हो सकती है। आप यह भी जानते हैं कि कुछ चीजें हैं, उदाहरण के लिए, धर्म। आप बस उससे दूर रहें। और ऐसी कई कहानियां हैं, जिनपर हम कुछ बना सकते हैं। हम परेशानी नहीं खड़ी करना चाहते।”आदिपुरुष’ से पहले 2021 में आई खान की ओटीटी सीरीज ‘तांडव’ पर हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप लगे थे, जिसके बाद बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया था।अली अब्बास जफर द्वारा निर्देशित इस सीरीज को एक विवादास्पद दृश्य के लिए विशेष रूप से आलोचना का सामना करना पड़ा, जिसके कारण कई प्राथमिकियां दर्ज हुईं। सैफ ने कहा, “इससे यह सबक मिला कि अगली बार अगर कोई मुझसे पूछेगा कि क्या तुम इस तरह का काम दोबारा करना चाहोगे तो अपने पिछले अनुभव आधार पर मैं कहूंगा कि नहीं। यह मुसीबत को दावत देने जैसा है। लेकिन मैं भाग्यशाली हूं कि मुझे बहुत सारे ऑफर मिले। मैं कुछ और कर सकता हूं। लिहाजा इन मामलों में आपको थोड़ा सावधान रहने की जरूरत है।”
- मुंबई.अभिनेता बरुण सोबती का कहना है कि वह ‘‘रात जवान है'' जैसी हल्की-फुल्की सीरीज पर काम करने के लिए उत्सुक थे। यह हास्य व्यंग्य नाटक तीन दोस्तों... अविनाश (सोबती), राधिका (अंजलि आनंद) और सुमन (प्रिया बापट) पर आधारित है, जो अपने व्यक्तित्व और रिश्तों के बीच संतुलन बनाते हुए बच्चों के पालन-पोषण की अस्त-व्यस्त और हास्यास्पद दुनिया में आगे बढ़ते हैं। अपराध थ्रिलर शो ‘‘असुर'' और ‘‘कोहरा'' में अपने अभिनय का लोहा मनवाने वाले अभिनेता ने कहा कि वह नए माता-पिता के बारे में बताने वाली कहानी की ओर तुरंत आकर्षित हुए और उन्हें लगा कि यह बहुत ‘‘गहराई'' से लिखी गई है। ‘‘रात जवान है'' का जिक्र करते हुए सोबती ने यहां कहा, ‘‘यह एक नया विचार था। मेरी पत्नी और मैं रात में बच्चों के सोने के समय फिल्म व शो देखते हैं। सब कुछ एक जैसा ही लग रहा था, हर कोई बहुत बुद्धिमान लगने की कोशिश कर रहा था... ऐसा लगता है कि हमने ऐसा बहुत बार देखा है।'' अभिनेता ने कहा, ‘‘लोग दिल से नहीं, बल्कि दिमाग से शो बना रहे हैं। जब यह शो आया, तो मैंने सोचा, ‘यह पूरी तरह से दिल से है, चलो इसे करते हैं।' अगर मैं ऐसे शो के लिए तरस रहा हूं, तो दर्शक इसे जरूर पसंद करेंगे।''
- नई दिल्ली। दिवंगत सिंगर सिद्धू मूसेवाला के फैंस के लिए खुशखबरी है। उनके पिता बलकौर सिंह ने सोशल मीडिया पर एक तस्वीर साझा की है कि जिसमें उन्होंने बच्चे को गोद में लिया हुआ है.। कुछ दिनों से मीडिया में ये खबर चल रही थी, मुसेवाला की मां आईवीएफ के जरिये बच्चे को जन्म देगी, हालांकि मुसेवाला के परिवार ने इसे अफवाह करार दिया था। सिद्धू की माँ चरण कौर ने बेटे को जन्म दिया है। मूसेवाला के पिता बलकौर सिंह ने खुद सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी दी है।29 मई 2022 को मूसेवाला का निधन हो गया। लोकप्रिय गायक और रैपर शुभदीप सिंह सिद्धू उर्फ सिद्धू मूसवाला की मानसा के जवाहर गांव में कुछ अज्ञात लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी। सिद्धू मूसेवाला अपने माता-पिता की इकलौती संतान थे.। अब लंबे समय बाद एक बार फिर से सिद्धू मूसे वाला के घर खुशियों ने दस्तक दी है। 29 मई 2022 को सिद्धू मूसेवाला का निधन हो गया. लोकप्रिय गायक और रैपर शुभदीप सिंह सिद्धू उर्फ सिद्धू मूसेवाला की मानसा के जवाहर गांव में कुछ अज्ञात लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी। सिद्धू मूसेवाला अपने माता-पिता की इकलौती संतान थे। अब लंबे समय बाद एक बार फिर से सिद्धू मूसेवाला के घर खुशियों ने दस्तक दी है ।