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नयी दिल्ली. अमजद अली खान, शुभा मुद्गल और शंकर महादेवन समेत शास्त्रीय और पॉप संगीत की प्रसिद्ध हस्तियों ने महान गायक मोहम्मद रफी की जयंती के मौके पर उनके कालजयी गीत "अभी ना जाओ छोड़ कर" पर प्रस्तुति दी। भारतीय फिल्मों में अनेक गीतों को अपनी आवाज देने वाले महानतम पार्श्व गायकों में से एक रफी की 24 दिसंबर को 100वीं जयंती थी। पियानो वादक सौरेन्द्रो-सौम्यजीत ने कहा, “वर्ल्ड म्यूजिक डे 24 कान्सर्ट में हमारा पहला गीत प्रस्तुत है, 'अभी ना जाओ छोड़ कर', जो मूल रूप से सदाबहार गायक मोहम्मद रफी ने गाया है। उनका संगीत हमारे दिलों में बसता है और यह हमारी ओर से उन्हें श्रद्धांजलि है।” सौरेन्द्रो-सौम्यजीत के यूट्यूब चैनल पर मंगलवार को प्रस्तुति का 5.44 मिनट का एक वीडियो साझा किया गया है। प्रस्तुति देने वाले अन्य कलाकारों में रेखा भारद्वाज, विशाल भारद्वाज, और लेसले लुईस, पैपॉन, श्वेता मोहन, उषा उथुप, मामे खान, ओरनोब, लोपामुद्रा मित्रा, अनिंदा चटर्जी और अरुणा साईराम शामिल थे। बुधवार को शाम करीब चार बजे तक इस वीडियो को यूट्यूब पर 43,000 से ज्यादा बार देखा गया और 3,000 से ज्यादा लाइक मिले। अमजद अली खान, मुद्गल, मामे खान और मोहन ने अपने ‘इंस्टाग्राम' पेज पर स्टेज प्रस्तुति की एक क्लिप साझा की।
- चंडीगढ़। मोहम्मद रफी की जन्मशती मनाने के लिए उनके प्रशंसक मंगलवार को अमृतसर के पास स्थित उनके गांव कोटला सुल्तान सिंह पहुंचे। जम्मू से कोटला सुल्तान पहुंचे एक प्रशंसक ओमप्रकाश ने कहा, मोहम्मद रफी अपने करोड़ों प्रशंसकों के दिलों में आज भी जिंदा हैं।ओम प्रकाश भी उन प्रशंसकों में शामिल हैं, जो मोहम्मद रफी की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए हर साल उनके गांव की यात्रा करते हैं। वर्ष 1968 में प्रदर्शित ‘संघर्ष' में दिलीप कुमार पर फिल्माए गए ‘मेरे पैरों में घुंघरू बंधा दे' गाने की कुछ पंक्तियां गुनगुनाते हुए ओम प्रकाश ने कहा, “रफी साहब के गाने आज भी उतने लोकप्रिय हैं, जितने वे उनके जीवित रहते हुए थे। वह अपने करोड़ों प्रशंसकों के दिलों में आज भी जिंदा हैं।दिल्ली के 80 वर्षीय आदर्श कुमार प्रुथी भी रफी को श्रद्धांजलि देने अपनी पत्नी के साथ कोटला सुल्तान सिंह गांव पहुंचे। प्रुथी ने कहा, “मैं बचपन से ही उनका बहुत बड़ा प्रशंसक रहा हूं। मेरी बड़ी इच्छा थी कि मैं रफी साहब की 100वीं जयंती पर उनके गांव जाऊं। आज मैं अपनी पत्नी के साथ यहां हूं। यहां आकर बहुत अच्छा लग रहा है।” रफी की जन्मशती पर देश के विभिन्न कोनों से उनके 50 से अधिक प्रशंसक कोटला सुल्तान सिंह पहुंचे। उन्होंने अपने पसंदीदा गायक की याद में केक काटा। इस दौरान, हरदीप सिंह (82) नामक ग्रामीण रफी के प्रशंसकों को उस जगह पर ले गए, जहां उनका पुश्तैनी मकान हुआ करता था। हरदीप के दादा ने कई साल पहले रफी के परिवार से यह जमीन खरीद ली थी।कई प्रशंसक गांव में रफी की प्रतिमा के पास एकत्र हुए और उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की। उन्होंने उस स्कूल का भी दौरा किया, जहां रफी ने शुरुआती पढ़ाई की थी। रफी ने गांव के फकीर की नकल करके गाना शुरू किया। लेकिन उनका पहला सार्वजनिक प्रदर्शन तब हुआ जब वह 13 साल के हुए, जब उन्होंने लाहौर में के एल सहगल का गाना गाया।
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मुंबई। दिग्गज फिल्म निर्माता श्याम बेनेगल का सोमवार को मुंबई के वॉकहार्ट अस्पताल में निधन हो गया। वह 90 वर्ष के थे। उनका क्रोनिक किडनी रोग का इलाज चल रहा था। बेनेगल की पुत्री पिया ने यह जानकारी दी। पिया बेनेगल ने ‘ बताया कि उनके पिता का किडनी की गंभीर बीमारी के कारण मुंबई के वॉकहार्ट अस्पताल में निधन हो गया। उन्होंने कहा, ‘‘श्याम बेनेगल का शाम 6 बजकर 38 मिनट पर वॉकहार्ट अस्पताल में निधन हो गया। वह कई वर्षों से किडनी रोग से पीड़ित थे।'' वॉकहार्ट अस्पताल के सूत्रों ने बताया कि बेनेगल आईसीयू में भर्ती थे।
लाइफस्टाइल और मनोरंजन पत्रिका फिल्मफेयर ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर कहा, “निर्देशक और पटकथा लेखक श्याम बेनेगल का 90 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उन्होंने मुंबई के वॉकहार्ट अस्पताल में शाम 6.30 बजे अंतिम सांस ली। हम दोस्तों, परिवार और प्रशंसकों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं।”14 दिसंबर, 1934 को हैदराबाद में जन्मे बेनेगल कोंकणी भाषी चित्रपुर सारस्वत ब्राह्मण परिवार से थे। उनके पिता श्रीधर बी बेनेगल एक फोटोग्राफर थे, जिनके जुनून ने श्याम को फिल्म निर्माण में शुरुआती रुचि के लिए प्रेरित किया। 12 साल की उम्र में, श्याम ने अपने पिता द्वारा उपहार में दिए गए कैमरे का उपयोग करके अपनी पहली फिल्म बनाई। बाद में उन्होंने हैदराबाद के उस्मानिया विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में मास्टर डिग्री हासिल की, जहाँ उन्होंने हैदराबाद फिल्म सोसाइटी की स्थापना की, जिसने सिनेमा में उनके उल्लेखनीय सफर की नींव रखी।अपने शानदार करियर में बेनेगल ने विविध मुद्दों पर फिल्में, वृत्तचित्र और टेलीविजन धारावाहिक बनाए, जिनमें ‘‘भारत एक खोज'' और ‘‘संविधान'' शामिल हैं। उन्होंने 14 दिसंबर को ही अपना 90वां जन्मदिन मनाया था। अपने जन्मदिवस के अवसर पर बेनेगल ने ‘ बताया था कि उन्हें डायलिसिस के लिए अक्सर अस्पताल जाना पड़ता है। बेनेगल के परिवार में उनकी पत्नी नीरा बेनेगल और बेटी हैं।बेनेगल को अंकुर (1973), निशांत (1975), मंथन (1976), भूमिका (1977), मम्मो (1994), सरदारी बेगम (1996) और ज़ुबैदा (2001) जैसी प्रतिष्ठित फिल्मों के निर्देशन के लिए जाना जाता है। उन्हें भारत सरकार ने 1976 में पद्म श्री और 1991 में पद्म भूषण से सम्मानित किया था। - नयी दिल्ली: ।‘पाताल लोक’ का बहुप्रतीक्षित दूसरा सीजन 17 जनवरी को ओटीटी मंच ‘प्राइम वीडियो’ पर प्रसारित होगा। ‘प्राइम वीडियो’ ने सोमवार को यह घोषणा की।सुदीप शर्मा द्वारा लिखित और निर्मित इस ‘क्राइम ड्रामा’ के पहले सीजन में जयदीप अहलावत ने हाथी राम चौधरी नामक एक दिल्ली पुलिस अधिकारी की भूमिका निभाई थी। भारत की सबसे पसंदीदा वेब सीरीज 'पाताल लोक सीजन 2' को लेकर फैंस बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। हाल ही में जयदीप अहलावत का फर्स्ट लुक रिवील किया गया था। और अब इसकी रिलीज डेट का भी ऐलान कर दिया गया है। अविनाश अरुण धवरे के निर्देशन में बनी यह सीरीज़ क्लीन स्लेट फिल्म्स प्रोडक्शन और यूनोइया फिल्म्स एलएलपी के सहयोग से तैयार की गई है। इसे सुदीप शर्मा द्वारा क्रिएट और एग्जीक्यूटिव प्रोड्यूस किया गया है।'पाताल लोक सीजन 1' साल 2020 में कोविड-19 महामारी के दौरान आई थी और इसने हर किसी को अपना दिवाना बना दिया था। इसकी कहानी ने हर किसी को अंदर तक झंकझोर दिया था। सीरीज की कहानी तरुण तेजपाल की किताब 'द स्टोरी ऑफ माई असासन्स' पर आधारित थी। अब सीजन 2 में क्या नया देखने को मिलता है, ये जानना दिलचस्प होगा।'पाताल लोक 2' की कहानी?कुछ दिन पहले इसका एक सस्पेंस से भरा टीजर जारी किया गया था। जिसमें खून से लथपथ जयदीप गुंडो से लड़ते-झगड़ते दिखाई दे रहे थे। एक शॉट में उनकी कलाई पर तारीख XV.XII.XCVII यानी (दिसंबर 15, 1997) लिखा था, जो अलग ही क्रेज पैदा कर रहा था। इसकी कहानी हाथीराम और इमरान अंसारी के आसपास फिर से बुनी जाएगी। जिसमें वह एक बड़ी साजिश का पर्दाफाश करेंगे। इस सीरीज में तिलोत्तमा शोम और अनुराग अरोड़ा जैसे नए कलाकार भी शामिल होंगे।
- हैदराबाद. अभिनेता अल्लू अर्जुन ने शनिवार को कहा कि यहां एक थिएटर में चार दिसंबर को फिल्म ‘पुष्पा-2' के प्रदर्शित होने के दौरान एक महिला की मौत और उसके बेटे के घायल होने की घटना एक दुर्घटना थी। उन्होंने तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी द्वारा लगाए गए आरोपों को भी खारिज किया। रेड्डी ने रोड शो करने और थिएटर में भीड़ को हाथ हिलाकर संबोधित करने के लिए अभिनेता की आलोचना की थी जिसके के कुछ घंटों बाद, अभिनेता ने आरोपों का खंडन किया और कहा कि यह कोई जुलूस या रोड शो नहीं था। उन्होंने प्रेस वार्ता में कहा, “बहुत सारी गलत सूचनाएं फैलाई जा रही हैं कि मैंने एक खास तरीके से व्यवहार किया। ये गलत आरोप हैं। यह अपमानजनक है और चरित्र हनन है। बहुत सारी गलत सूचनाएं फैलाई जा रही हैं, बहुत सारे झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं।” महिला की मौत को एक दुर्घटना बताते हुए उन्होंने कहा कि वह किसी को दोष नहीं दे रहे हैं क्योंकि यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। चार दिसंबर को हैदराबाद के संध्या थिएटर में भगदड़ जैसी स्थिति के दौरान 35 वर्षीय महिला की मौत हो गई थी और उसके आठ वर्षीय बेटे को अस्पताल में भर्ती कराया गया। घटना के बाद, शहर की पुलिस ने मृतक महिला के परिवार द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर चिक्कड़पल्ली थाने में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की विभिन्न धाराओं के तहत अल्लू अर्जुन, उनकी सुरक्षा टीम और थिएटर प्रबंधन के खिलाफ मामला दर्ज किया था। अल्लू अर्जुन को शहर की पुलिस ने 13 दिसंबर को महिला की मौत के सिलसिले में गिरफ्तार किया था। तेलंगाना उच्च न्यायालय ने उन्हें उसी दिन चार सप्ताह की अंतरिम जमानत दे दी थी और उन्हें 14 दिसंबर की सुबह यहां जेल से रिहा कर दिया गया था।
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मुंबई. मोहम्मद रफी को संगीत की दुनिया में पिता तुल्य मानने वाले गायक सोनू निगम ने उनसे अपनी तुलना को लेकर कहा है कि बाप-बेटे के बीच कोई तुलना नहीं हो सकती। निगम ने 24 दिसंबर को आने वाली रफी की 100वीं जयंती से पहले कहा कि वह जो भी गाते हैं, अपने “उस्ताद” जैसा नहीं गाते। निगम ने कहा, “रफी साहब बेजोड़ थे। वह कव्वाली, भजन, उदासी भरे, सुरों के उतार-चढ़ाव वाले, सेमी-क्लासिकल गीत गा सकते थे। एक गायक को ऐसा ही होना चाहिए। वह मेरे लिए प्रेरणास्रोत थे।” निगम के गायक माता-पिता अगम और शोभा ने उन्हें रफी जैसा गीतकार बनने के लिए प्रोत्साहित किया था।
निगम ने कहा, “मैं आज जो कुछ भी हूं, वह बनने में उनसे (रफी) मुझे बहुत मदद मिली है और मैं अब भी उनसे सीखता रहता हूं। वह संगीत की दुनिया में मेरे लिए पिता समान हैं।” निगम (51) की तुलना अकसर रफी से की जाती है। उन्होंने अपने करियर का पहला गाना चार वर्ष की आयु में 1977 में आई फिल्म "हम किसी से कम नहीं" में “क्या हुआ तेरा वादा” गाया था । निगम रफी की 100वीं जयंती के मौके पर मंगलवार को मुंबई में एक विशेष संगीत कार्यक्रम के साथ अपने गुरु को श्रद्धांजलि देंगे। निगम रफी से अपनी तुलना को सही नहीं मानते।
उन्होंने कहा, “तुलना करने वालों को यह समझना होगा कि वह मेरे लिए पिता तुल्य हैं। आप पिता और पुत्र की तुलना नहीं कर सकते। पिता सदैव पिता ही रहेगा। चाहे मैं कुछ भी गाऊं, उनके जैसा कभी नहीं बन पाऊंगा।'” उन्होंने कहा कि वह अपने आदर्श से कभी नहीं मिल पाए लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।
निगम ने कहा, “वह हमेशा मेरे में बसे हैं, इसलिए मुझमें वास्तव में उनसे न मिल पाने की कसक नहीं है।”
उन्होंने कहा, “मैं इस बात से अभिभूत और विनम्र महसूस करता हूं कि मुझे उनके 100वें जन्मदिन पर उनके गीत गाने का मौका मिल रहा है।” देव आनंद, शम्मी कपूर, गुरुदत्त, धर्मेंद्र और कई अन्य प्रमुख सितारों को अपनी आवाज देने वाले रफी का 1980 में 55 वर्ष की आयु में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था। उस समय निगम केवल सात वर्ष के थे। - मुंबई । टीवी इंडस्ट्री की 'गोपी बहू' उर्फ देवोलीना भट्टाचार्जी मां बन गई हैं। उन्होंने 18 दिसंबर को अपनी पहली संतान को जन्म दिया है। देवोलीना भट्टाचार्जी और उनके पति शाहनवाज शेख ने अपने घर एक बेटे का स्वागत किया जिसकी जानकारी उन्होंने एक क्यूट वीडियो के जरिए फैंस को दी है।साथ निभाना साथिया फेम एक्ट्रेस ने अपनी डिलीवरी के एक दिन बाद अपने सोशल मीडिया हैंडल के जरिए अपने बेबी बॉय के जन्म की गुड न्यूज शेयर की है। जैसे ही देवोलीना ने ये वीडियो शेयर किया, उन्हें बधाई देने वालों का तांता लग गया।देवोलीना भट्टाचार्जी ने जो वीडियो शेयर किया है, वो ब्लू की थीम में है और उसमें एक बच्चा, पालना और कुछ झूले रखे दिख रहे हैं। इसके साथ लिखा है- हम अपने बेबी बॉय के आगमन की घोषणा करते हुए काफी खुशी महसूस कर रहे हैं। इसे शेयर करते हुए एक्ट्रेस ने कैप्शन में लिखा- "हेलो वर्ल्ड। हमारा एंजेल बॉय आ चुका है। 18•12•2024"इंडस्ट्री से कई कलाकारों ने देवोलीना और शाहनवाज को माता-पिता बनने के लिए कमेंट सेक्शन में शुभकामनाएं देना शुरू कर दिया है। फैंस भी एक्ट्रेस के मां बनने पर फूले नहीं समा रहे हैं और लगातार कमेंट करते हुए कपल को बधाई दे रहे हैं।देवोलीना की प्रेग्नेंसी को लेकर लंबे समय से अटकलें लगाई जा रही थीं लेकिन फिर इसी साल 15 अगस्त को उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए इन खबरों पर मुहर लगाई। एक्ट्रेस ने अपने घर में पूजा कराई थी जिसकी तस्वीरें शेयर करते हुए उन्होंने रिवील किया कि वो जल्द मां बनने वाली हैं। तबसे ही एक्ट्रेस लगातार अपनी प्रेग्नेंसी के फेज को दिखाते हुए तस्वीरें और रील्स शेयर करती रही हैं।
- नई दिल्ली। अजय देवगन- रकुल प्रीत सिंह की ‘दे दे प्यार दे 2’ की रिलीज की तारीख निर्माताओं ने अनाउंस कर दी। गुरुवार को सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा कर निर्माताओं ने बताया कि फिल्म 14 नवंबर, 2025 को सिनेमाघरों में रिलीज होगी। कॉमेडी, रोमांस और पारिवारिक ड्रामा ‘दे दे प्यार दे’ के सीक्वल में अजय देवगन और रकुल प्रीत सिंह के साथ इस बार दक्षिण भारतीय अभिनेता आर. माधवन भी नजर आएंगे।टी-सीरीज ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर रिलीज डेट की घोषणा करते हुए बताया, ‘दे दे प्यार दे’ 14 नवंबर 2025 को रिलीज होगी। फिल्म का निर्देशन अंशुल शर्मा ने किया है। निर्माण भूषण कुमार, कृष्ण कुमार, लव रंजन और अंकुर गर्ग ने और कहानी तरुण जैन-लव रंजन की जोड़ी ने लिखी है।फिल्म से जुड़े सूत्रों के मुताबिक आर माधवन की एंट्री कहानी में रोमांचक मोड़ लेकर आएगी। फिल्म की शूटिंग पंजाब, मुंबई के साथ ही लंदन में भी की गई है।‘दे दे प्यार दे 2’ फिल्म 2019 में आई ‘दे दे प्यार दे’ का सीक्वल है, जिसमें अजय देवगन, तब्बू और रकुल प्रीत सिंह ने काम किया था।‘दे दे प्यार दे 2 ’ की कहानी वहीं से शुरू होगी जहां पिछली खत्म हुई थी। कहानी 55 साल के एनआरआई और तलाकशुदा आशीष मेहरा (अजय देवगन) के इर्द गिर्द घूमती है। जिसे अपनी उम्र से लगभग आधी उम्र की लड़की आयशा (रकुल प्रीत सिंह) से प्यार हो जाता है और वह उसे अपने परिवार से मिलवाता है। इसके बाद स्थितियां परिस्थितियां ऐसा रूप लेती हैं कि सब हैरान हो जाते हैं। ‘दे दे प्यार दे 2’ की स्क्रिप्ट अगस्त 2023 में फाइनल की गई थी, जबकि इसके निर्माण की आधिकारिक घोषणा मार्च 2024 में की गई थी। फिल्म का निर्देशन अंशुल शर्मा ने किया है। टी-सीरीज के भूषण कुमार और कृष्ण कुमार तथा लव फिल्म्स के लव रंजन और अंकुर गर्ग ने फिल्म का निर्माण किया है।
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नयी दिल्ली. बॉलीवुड अभिनेत्री सोनाक्षी सिन्हा ने अपनी परवरिश और परिवार के खिलाफ ‘अप्रिय बयान' देने के लिए अभिनेता मुकेश खन्ना की आलोचना की है। खन्ना ने रामायण का कथित तौर पर ज्ञान नहीं होने पर सोनाक्षी सिन्हा की आलोचना की थी। सोनाक्षी ने अमिताभ बच्चन द्वारा प्रस्तुत किये जाने वाले लोकप्रिय ‘क्विज शो' ‘कौन बनेगा करोड़पति' (केबीसी) के 2019 सत्र में हिस्सा लिया था और उस दौरान हिंदू महाकाव्य के बारे में एक सवाल का गलत जवाब दिया था। खन्ना ने उस समय अभिनेत्री की आलोचना की थी और हाल में आरजे (रेडियो जॉकी) सिद्धार्थ कन्नन को दिये एक साक्षात्कार में उस घटना को याद किया था। सोनाक्षी (37) ने अपनी प्रतिक्रिया में सोमवार रात को अपने इंस्टाग्राम स्टोरीज पर 66 वर्षीय खन्ना को संबोधित करते हुए एक लंबा नोट पोस्ट किया। उन्होंने लिखा, ‘‘ मान्यवर, मुकेश खन्ना जी... मैंने हाल ही में आपका एक बयान पढ़ा, जिसमें आपने कहा था कि यह मेरे पिता की गलती है कि मैंने कई साल पहले एक शो में रामायण के बारे में पूछे गए सवाल का सही जवाब नहीं दिया था।'' अभिनेत्री ने खन्ना से कहा कि वह उनकी और उनके परिवार की कीमत पर इस मामले को सुर्खियां बनाने के लिए न उठाएं। उन्होंने कहा, ‘‘... अगली बार जब आप मेरे पिता द्वारा मुझे दिए गए संस्कारों के बारे में कुछ भी कहने का फैसला करें... तो कृपया याद रखें कि इन्हीं संस्कारों के चलते ही मैंने, आपके द्वारा मेरे पालन पोषण के बारे में अरूचिकर बयान दिए जाने के बावजूद, इतने सम्मानपूर्वक यह बात कही है।'' सोनाक्षी ने कहा कि हालांकि वह ‘केबीसी' में ‘घबरा' गई थी, लेकिन उन्हें आश्चर्य है कि खन्ना भगवान राम द्वारा सिखाए गए ‘क्षमा करने और भूलने' के पाठ को कैसे भूल सकते हैं। उन्होंने लिखा, ‘‘यदि भगवान राम मंथरा को माफ कर सकते हैं, यदि वह कैकेयी को माफ कर सकते हैं... यदि वह युद्ध के बाद रावण को भी माफ कर सकते हैं, तो निश्चित रूप से उसके मुकाबले में आप इस अत्यंत छोटी सी बात को भी माफ कर सकते हैं... मुझे आपकी माफी की आवश्यकता नहीं है।'' खन्ना (66) ने कन्नन को दिये साक्षात्कार में सोनाक्षी के पिता, अभिनेता और तृणमूल कांग्रेस के सांसद शत्रुघ्न सिन्हा को बेटी को रामायण नहीं पढ़ाने के लिए जिम्मेदार ठहराया था। उन्होंने कहा, ‘‘लोग नाराज हो गए, ‘वह नहीं जानती'। मैंने कहा कि यह सोनाक्षी की गलती नहीं है; यह उसके पिता की गलती है। आपने अपने बच्चों को क्यों नहीं बताया? आपने उन्हें इतना आधुनिक क्यों बनने दिया?
- नयी दिल्ली. तेलुगू फिल्मों के अभिनेता अल्लू अर्जुन ने रविवार को कहा कि वह हैदराबाद के एक थिएटर में मची भगदड़ की घटना में घायल हुए लड़के के बारे में ‘‘बहुत चिंतित'' हैं। चार दिसंबर की रात अभिनेता की एक झलक पाने के लिए बड़ी संख्या में प्रशंसक संध्या थिएटर में उमड़ पड़े थे। उसी दौरान भगदड़ मचने से 35 वर्षीय महिला रेवती की मौत हो गई थी जबकि उनका बेटा घायल हो गया था। उसका अस्पताल में इलाज जारी है। अभिनेता ने इस घटना में गिरफ्तारी के बाद जेल से रिहा होने के एक दिन बाद यह बयान दिया।अर्जुन ने सोशल मीडिया मंच ‘इंस्टाग्राम' पर कहा, ‘‘मैं इस घटना में घायल हुए श्री तेज के बारे में बहुत चिंतित हूं।'' अभिनेता इस मामले में फिलहाल अंतरिम जमानत पर बाहर हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले में ‘‘जारी कानूनी कार्रवाई के कारण'' उन्हें लड़के और उसके परिवार से न मिलने की सलाह दी गई है। अर्जुन ने कहा, ‘‘मेरी प्रार्थनाएं उनके साथ हैं और मैं उनकी चिकित्सा एवं पारिवारिक जरूरतों को पूरा करने की जिम्मेदारी लेने के लिए प्रतिबद्ध हूं। मैं उसके जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं और जल्द से जल्द उससे और उसके परिवार से मिलने की उम्मीद करता हूं।''
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राज कपूर के साथ अपने रिश्ते पर नितिन मुकेश
मुंबई. राज कपूर और पार्श्व गायक मुकेश की दोस्ती हिंदी सिनेमा के इतिहास में बखूबी दर्ज है, लेकिन इस बात से बहुत कम लोग ही अवगत होंगे कि फिल्म निर्माता ने उनके बेटे नितिन मुकेश की व्यक्तिगत और व्यावसायिक यात्रा के दौरान वर्षों तक कैसे मार्गदर्शन किया। मुकेश ने राज कपूर के लिए 100 से अधिक फिल्मों में गाने गाए। इन फिल्मों में "आवारा", "अनाड़ी", "श्री 420", "जिस देश में गंगा बहती है", "संगम" और "मेरा नाम जोकर" शामिल हैं। दोनों इतने करीब थे कि 1976 में मुकेश के निधन पर राज कपूर ने कहा था "मैंने अपनी आवाज खो दी है।"
नितिन मुकेश का भी अभिनेता-फिल्म निर्माता राजकपूर के साथ एक विशेष रिश्ता था, जिनकी 100वीं जयंती 14 दिसंबर को मनाई गई। नितिन मुकेश (74) ने कहा, "भगवान उनके (राजकूपर) और मेरे पिता जैसे इंसानों को बनाना भूल गए हैं। आजकल, आपको ऐसे रिश्ते और दोस्ती कहां देखने को मिलेगी? राज अंकल ने मुझे पार्श्व गायन और शो में शामिल किया। मैं उनका बहुत सम्मान करता हूं।'' उन्होंने कहा, "मेरे जीवन में उनकी बड़ी भूमिका है और मैं उनकी पूजा करता हूं। वह मेरे लिए पिता समान थे, क्योंकि मेरे पिता इस दुनिया में नहीं थे, उन्होंने मुझे और मेरे परिवार को सहारा दिया। वह हर कदम पर मेरे साथ रहे...।" नितिन मुकेश ने कहा कि एक उल्लेखनीय उदाहरण यह है कि फिल्म उद्योग के कई अंदरूनी लोगों ने उन्हें 1978 की ‘‘सत्यम शिवम सुंदरम'' में ‘‘वो औरत है तू महबूबा'' नहीं गाने की सलाह दी थी क्योंकि यह मूल रूप से उनके पिता मुकेश द्वारा गाया जाना था। लेकिन राज कपूर को नितिन मुकेश की क्षमताओं पर भरोसा था और उन्होंने उन्हें अभिनेता शशि कपूर एवं अभिनेत्री जीनत अमान पर फिल्माए गए गीत को गाने की अनुमति दी। नितिश मुकेश ने कहा, ‘‘फिल्म उद्योग ने इस गीत पर ध्यान दिया और जल्द ही (अभिनेता) मनोज कुमार जी ने मुझे ‘क्रांति' और ‘संतोष' जैसी फिल्मों के लिए गाने को कहा। लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल जी ने मुझे अन्य फिल्मों के लिए गाने को कहा। इसके बाद मैंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।'' -
नयी दिल्ली. अमिताभ बच्चन ने दिग्गज अभिनेता-फिल्मकार राज कपूर की 100वीं जयंती के अवसर पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और 1951 में आई फिल्म ‘आवारा' को उनकी ‘असाधारण प्रतिभा' का एक उत्कृष्ट उदाहरण बताया। बच्चन ने कहा कि इस फिल्म ने उनपर अमिट छाप छोड़ी। बच्चन ने कहा कि ब्लैक एंड व्हाइट (श्याम-श्वेत) फिल्म ‘आवारा' (जिसमें नरगिस भी मुख्य भूमिका में थीं) के प्रसिद्ध स्वप्न दृश्य में "शक्तिशाली व रहस्यमय प्रतीकात्मकता" उन्हें बहुत पसंद है। यह फिल्म एक चोर राज (राज कपूर), साधन संपन्न रीता (नरगिस) और न्यायाधीश रघुनाथ (पृथ्वीराज कपूर) के जीवन पर आधारित है। रघुनाथ को यह पता नहीं होता कि राज उसका बेटा है। राज कपूर ने “आवारा” का निर्देशन और निर्माण भी किया था जबकि पटकथा उनके सहयोगी ख्वाजा अहमद अब्बास ने लिखी थी। बच्चन ने ‘एक्स' पर लिखा, “आज भी 'आवारा' एक ऐसी फिल्म है जो मेरे जेहन में बसी हुई है। राज जी के अविश्वसनीय अभिनय की बात करें तो उन्होंने जिस तरह से फिल्म में सपने वाले दृश्य की कल्पना की थी, वह पहले कभी नहीं देखा गया था।” उन्होंने लिखा, “आप उनकी विलक्षण कल्पनाशीलता से चकित हो जाते हैं, जिसमें उन्होंने अवास्तविक चीज का खाका खीचा है। इसकी मिसाल सपने वाले दृश्य में दिखाई देती है, जिसमें नरगिस जी बादलों सरीखे धुएं से निकलकर आती हैं, जिन्हें देखकर लगता है कि वह किसी और लोक से आई हैं जबकि राज जी राक्षसी आकृतियों और जलती हुई आग से घिरे हुए दिखाई देते हैं। यह दृश्य एक शक्तिशाली, रहस्यमय प्रतीकात्मकता को दर्शाता है और यह मेरा पसंदीदा है।" राज कपूर यदि जीवित होते तो 14 दिसंबर को 100 वर्ष के हो गए होते।
उनकी जयंती मनाने के लिए फिल्म हेरिटेज फाउंडेशन (एफएचएफ) और आरके फिल्म्स ने 'राज कपूर 100 - सेलिब्रेटिंग द सेंटेनरी ऑफ द ग्रेटेस्ट शोमैन' का आयोजन किया, जिसमें देश भर के 40 शहरों और 135 सिनेमाघरों में राज कपूर की 10 बेहतरीन फिल्मों का प्रदर्शन किया जाएगा। इसका समापन रविवार को होगा। एफएचएफ के एंबेसडर बच्चन ने अपनी पोस्ट में लिखा, “मुझे खुशी है कि फिल्म हेरिटेज फाउंडेशन ने राज कपूर की विरासत को बरकरार रखने और पूरे भारत के दर्शकों को एक ऐसे कलाकार की फिल्मों को फिर से देखने का अवसर देने के लिए आरके फिल्म्स के साथ साझेदारी की, जो सिनेमा के लिए जीते थे और जिनकी फिल्मों ने आम आदमी को आवाज दी थी।" बच्चन की बेटी श्वेता की शादी राज कपूर की बेटी रितु नंदा के बेटे निखिल से हुई है।
राज कपूर ने अपने 40 साल के शानदार करियर के दौरान "बरसात", "श्री 420", "संगम", "मेरा नाम जोकर", "बॉबी" और "राम तेरी गंगा मैली" जैसी फ़िल्मों का निर्देशन भी किया। 1988 में उनका निधन हो गया था। -
नयी दिल्ली. जूनियर कलाकार आशा रानी सिंह ने 1965 में पृथ्वीराज कपूर के साथ काम किया था और वह राज कपूर की फिल्मों के सेट पर नियमित रूप से जाती थीं। उन्होंने आखिरी बार करीना कपूर के साथ उनकी पहली फिल्म 'रिफ्यूजी' में भी काम किया था। आशा रानी सिंह का कहना है कि हिंदी फिल्म जगत के प्रथम परिवार के साथ संबंधों के बारे में उनकी बहुत अच्छी यादें हैं। पुरानी यादों को ताजा करते हुए 78 वर्षीय आशा रानी सिंह ने कहा कि उन्हें राज कपूर की फिल्मों के सेट पर बिताया गया समय अब भी याद है। उन्होंने कहा कि राज कपूर की फिल्मों के सेट पर जूनियर कलाकारों के साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार किया जाता था और वह उनसे प्रतिक्रिया भी लेते थे। आशा रानी ने कहा, ‘‘राज साहब एक महान व्यक्ति थे और जूनियर कलाकारों का बहुत सम्मान करते थे। वह अक्सर हमें अपने गाने दिखाते थे और हमसे प्रतिक्रिया भी मांगते थे। वह कहते थे, 'आप सभी यह तय करेंगे कि मेरी फिल्में और गाने सफल होंगे या नहीं।'' उन्होंने कहा, ‘‘फिल्म रिलीज होने से पहले, वह हमें फिल्म दिखाते थे और पूछते थे, 'मुझे ईमानदारी से बताओ कि आप सभी इस गाने के बारे में क्या सोचते हैं, मुझे झूठी तारीफ मत दो। हम कहते थे, ‘सर, आप क्या कह रहे हैं?' उनकी सभी फिल्में और गाने बेहतरीन थे।'' फिल्म उद्योग में 55 वर्षों तक काम करने वाली जूनियर कलाकार ने ब्लैक एंड व्हाइट और रंगीन दोनों फिल्मों में काम किया है। उन्होंने कहा कि राज कपूर के साथ उनके बहुत अच्छे संबंध थे। आशा रानी ने राज कपूर को एक खुशमिजाज व्यक्ति बताते हुए कहा, ‘‘वह एक बेहतरीन निर्देशक थे; वह हर किसी से अच्छा काम करवाते थे, चाहे वह अभिनय हो या नृत्य। जब उनका निधन हुआ तो मुझे बहुत दुख हुआ। मैं चाहती थी कि वह कुछ और साल जी सकें। '' उन्होंने राज कपूर के साथ 'प्रेम रोग', 'राम तेरी गंगा मैली', 'बॉबी', 'सत्यम शिवम सुंदरम' जैसी फिल्मों में काम किया। जूनियर कलाकार ने कहा कि आरके स्टूडियो महिला कलाकारों के लिए काम करने की एक बेहतरीन जगह हुआ करती थी क्योंकि उन्हें अलग मेकअप रूम और स्नानघर दिए जाते थे। आरके स्टूडियो में एक बहुत बड़ा लेडीज रूम था जिसमें 15 से 20 शीशों वाला एक मेकअप रूम और एक शौचालय भी था। ऐसा नहीं था कि यह कमरा केवल प्रमुख कलाकारों के लिए था बल्कि सभी जूनियर कलाकारों के लिए भी था। राज कपूर 14 दिसंबर को 100 साल के हो जाते। उनकी पहली फिल्म 1948 में प्रदर्शित हुई थी, जो आजादी के एक साल बाद की बात है। जैसे-जैसे भारत दशकों में विकसित हुआ, वैसे-वैसे उनकी फिल्में भी विकसित होती गईं। उनकी शुरुआती श्वेत श्याम फिल्में समाज के सपनों और संघर्षों को दर्शाने वालीं थीं। बाद में चमकदार रंगों में उनकी फिल्में अवतरित हुईं। राज कपूर ने अपनी पहली फिल्म से ही आर के स्टूडियो की शुरुआत की। उन्हें आज भी भारतीय सिनेमा के वास्तविक ‘शोमैन' के रूप में जाना जाता है। उन्होंने ‘‘बरसात'' के उत्साही प्रेमी, ‘‘श्री 420'' के गरीब, ‘‘आवारा'' के चैपलिन जैसे बदकिस्मत युवा, ‘‘मेरा नाम जोकर'' के संवेदनशील जोकर और ‘‘संगम'' में अपनी पत्नी का बेहद ख्याल रखने वाले पति के तौर पर यादगार भूमिका निभाई। ‘‘बॉबी'', ‘‘सत्यम शिवम सुंदरम'' और ‘‘राम तेरी गंगा मैली'' जैसी फिल्में भी शामिल हैं, जिनका उन्होंने निर्माण और निर्देशन किया, लेकिन उनमें अभिनय नहीं किया। राज कपूर ने दो अन्य महान अभिनेताओं देव आनंद और पेशावर से ही बॉम्बे (अब मुंबई) आए दिलीप कुमार के साथ बड़े परदे पर राज किया। हालांकि, अपने सहयोगियों से अलग, राज कपूर न केवल अभिनेता थे, बल्कि निर्माता और निर्देशक भी थे, जिनकी फिल्मों का संगीत कई दशकों बाद भी लोगों के दिलों को छूता है। उन्होंने केवल 10 फिल्में निर्देशित कीं, जिनमें से कुछ अविस्मरणीय क्लासिक फिल्मों की सूची में ‘‘आवारा'' और ‘‘श्री 420'' हैं, अन्य ‘‘बॉबी'' और ‘‘संगम'' ब्लॉकबस्टर फिल्में और फिर विवादास्पद हिट फिल्में हैं, जिनमें ‘‘सत्यम शिवम सुंदरम'', ‘‘प्रेम रोग'' और ‘‘राम तेरी गंगा मैली'' शामिल हैं। राज कपूर की फिल्मों की सूची में ‘‘अंदाज'', ‘‘जागते रहो'' और ‘‘तीसरी कसम'' शामिल हैं, जहां अभिनेता के रूप में राज कपूर ने अपनी चमक बिखेरी। उन्होंने अपने आर के स्टूडियो के जरिए फिल्में भी बनाईं, जो कई दशकों तक इंडस्ट्री में सबसे प्रभावशाली फिल्म स्टूडियो में से एक रहा। इन सबमें एक फ्लॉप-बेहद महत्वाकांक्षी फिल्म ‘‘मेरा नाम जोकर'' भी थी, जिसे अब क्लासिक माना जाता है। इसकी असफलता ने उन्हें तोड़ दिया और उन्होंने किशोर रोमांस पर आधारित ‘‘बॉबी'' का निर्माण किया। उनकी सभी फिल्मों में बेहतरीन गाने थे। वैश्विक हिट ‘‘आवारा हूं'', ‘‘जीना यहां मरना यहां'', ‘‘प्यार हुआ इकरार हुआ'' या ‘‘हम तुम एक कमरे में बंद हो''। राज कपूर के भाई शशि कपूर ने एक वृत्तचित्र में उन्हें इस तरह याद किया था, ‘‘वह एक अद्भुत संगीतकार थे...मुझे लगता है कि यह जन्मजात था। मेरे पिता से नहीं, शायद उन्हें यह मेरी मां से मिला था जो एक गायिका थीं...वह कोई भी वाद्य यंत्र बजा सकते थे, चाहे वह अकॉर्डियन, तबला, पियानो या फिर बांसुरी हो।'' राज कपूर तीन भाइयों में सबसे बड़े थे- राज और शशि के अलावा उनके एक अन्य भाई शम्मी कपूर थे। अपने पिता पृथ्वीराज कपूर की छाया से दूर, तीनों भाइयों ने फिल्म जगत में अपनी अलग जगह बनाई। राज कपूर सिर्फ 17 साल के थे जब उन्होंने अपने पिता से पढ़ाई छोड़कर फिल्मों में करियर बनाने की इजाजत मांगी। पृथ्वीराज इस शर्त पर राजी हुए कि वह 10 रुपये मासिक वजीफे पर उनके द्वारा नियुक्त कई सहायकों में से एक के रूप में काम करेंगे। वर्ष 1947 में मधुबाला के साथ बनी ‘‘नील कमल'' सहित अभिनेता के रूप में कुछ फिल्मों में काम करने के बाद, राज कपूर ने ‘‘आग'' के साथ निर्देशक और निर्माता के रूप में कदम रखने का फैसला किया। उस समय उनकी उम्र 24 साल थी और वह उस समय दुनिया के सबसे युवा फिल्मकारों में से एक थे। ‘‘आग'' आंतरिक बनाम बाहरी सुंदरता, प्रेम और निष्ठा पर भी चिंतन थी, ये ऐसे विषय थे जो फिल्मकार के साथ गहराई से जुड़े थे और उन्होंने इसे ‘‘बरसात'' (1949) और ‘‘सत्यम शिवम सुंदरम'' (1978) में फिर से पेश किया। राज कपूर ने अपनी कई प्रारंभिक फिल्मों में चार्ली चैपलिन के व्यक्तित्व को अपनाया, जिसकी शुरुआत 1951 में आई ‘‘आवारा'' से हुई और फिर ‘‘श्री 420'' तथा ‘‘जिस देश में गंगा बहती है'' में भी उन्होंने काम किया, जिसका निर्देशन उनके विश्वस्त सहयोगी राधू करमाकर ने किया था। बतौर फिल्मकार अपने 37 साल के करियर में 1948 में ‘‘आग'' से शुरू होकर 1985 में ‘‘राम तेरी गंगा मैली'' तक वह ज़्यादातर एक ही प्रतिभाशाली टीम के साथ जुड़े रहे। इसमें लेखक के ए अब्बास, छायाकार करमाकर, संगीतकार शंकर-जयकिशन, गीतकार शैलेंद्र और गायक मुकेश शामिल थे, जिन्हें वे अपनी आत्मा कहते थे और जो उनकी आवाज के रूप में जाने जाते थे।
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मुंबई. दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र, अमोल पालेकर, शर्मिला टैगोर और माधुरी दीक्षित नेने से लेकर दिव्येंदु तक पीढ़ी दर पीढ़ी फिल्म जगत के सभी कलाकार अभिनेता एवं दूरदर्शी फिल्मकार राज कपूर का सम्मान करते हैं। शनिवार, 14 दिसंबर 2024 को महान अभिनेता, निर्देशक और निर्माता राज कपूर की जन्म शताब्दी मनाई जा रही है। उन्होंने 40 साल के अपने शानदार करियर के दौरान 'आवारा', 'बरसात', 'श्री 420', 'संगम' और 'मेरा नाम जोकर' जैसी कई यादगार फिल्में बनाईं। वर्ष 1988 में उनकी मृत्यु हो गई थी। राज कपूर की भव्य और व्यापक कथाओं के विपरीत समानांतर सिनेमा में मध्यवर्गीय नायक की भूमिका निभाने वाले अमोल पालेकर ने कहा कि वह करियर के शुरुआती चरण में अभिनेता-फिल्म निर्माता राज कपूर के काम की प्रशंसा करते हैं। अमोल पालेकर ने कहा, ‘‘हम केवल एक बार मिले, बहुत कम समय के लिए लेकिन उसके बाद कभी नहीं। लेकिन, मैं राज कपूर के शुरुआती दौर की खास तौर पर प्रशंसा करता हूं। उन्होंने एक अलग तरह से एक आम आदमी का किरदार निभाया, एक ऐसा आदमी जो लड़खड़ाता है और गलतियां करता है। '' पालेकर (80) ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘उनकी शुरुआती फ़िल्में वैसी ही थीं जैसी आज वामपंथी सोच के तौर पर देखी जाती हैं... वे सभी फ़िल्में एक आम आदमी की हैं, एक शोषित व्यक्ति जो आलोचना कर रहा है, व्यवस्था के बारे में टिप्पणी कर रहा है। ऐसे थे राज कपूर।'' शर्मिला टैगोर ने 'अभिनय को एक अद्भुत पेशा' बनाने का श्रेय राज कपूर और दिलीप कुमार को दिया।
टैगोर ने कहा, दिलीप कुमार और राज कपूर से लेकर इन सभी ने सिनेमा में अपना योगदान दिया है। हम सभी अपने महापुरुषों के बहुत आभारी हैं। राज कपूर की सभी फ़िल्में फिर से सिनेमाघरों में रिलीज हो रही हैं। मुझे उम्मीद है कि लोग इन्हें देखेंगे। '' माधुरी दीक्षित ने राज कपूर को एक जुनूनी और दूरदर्शी फिल्मकार के रूप में वर्णित किया, जो महान सिनेमा बनाने के लिए असाधारण दूरी तक जाने को तैयार थे। माधुरी ने कहा, ‘‘राज जी एक बहुत ही जुनूनी फिल्मकार थे। मैंने सुना है कि वह एक खूबसूरत फिल्म बनाने के लिए सेट बनाने या जो कुछ भी कर सकते थे, उसे करने के लिए अपना घर गिरवी रख देते थे या अपना घर तक बेच देते थे।'' दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र ने सोशल मीडिया पर राज कपूर के साथ एक पुरानी तस्वीर पोस्ट की।
धर्मेंद्र (89) ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट में लिखा, ‘‘प्रिय राज साहब, आपको जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं। हम आपको बहुत याद करते हैं! आपको हमेशा बड़े प्यार और सम्मान के साथ याद किया जाएगा।'' अनिल कपूर ने कहा कि राज कपूर का जन्मदिन न केवल उनके लिए बल्कि पूरे भारतीय फिल्म जगत के लिए विशेष है। वेब सीरीज ‘मिर्जापुर' से विशेष पहचान बनाने वाले अभिनेता दिव्येंदु ने कहा कि कपूर ‘भारतीय सिनेमा के लेखक' हैं। - हैदराबाद। फिल्म ‘पुष्पा 2’ के प्रीमियर के दौरान भगदड़ में एक महिला की मौत के मामले में गिरफ्तार किए गए तेलुगु अभिनेता अल्लू अर्जुन को तेलंगाना उच्च न्यायालय से अंतरिम जमानत मिलने के बाद शनिवार को जेल से रिहा कर दिया गया।उच्च न्यायालय से राहत मिलने के बावजूद अर्जुन को शुक्रवार रात जेल में ही बितानी पड़ी क्योंकि अधिकारियों को देर रात तक जमानत आदेश की प्रति नहीं मिली थी।अल्लू अर्जुन के वकील अशोक रेड्डी ने चंचलगुडा जेल के बाहर संवाददाताओं को बताया,‘‘ उन्हें रिहा कर दिया गया है।’’घर पहुंचने के बाद अल्लू अर्जुन ने अपने प्रशंसकों और देश भर के अन्य लोगों को उनके प्यार और समर्थन के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि वह कानून का पालन करने वाले नागरिक हैं तथा कानून का सम्मान करते हैं।उन्होंने पत्रकारों से कहा, "मैं उनके साथ सहयोग करूंगा और जो भी जरूरी होगा वो करूंगा तथा सबसे महत्वपूर्ण बात मैं एक बार फिर परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करना चाहूंगा। यह (एक महिला की मौत) बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।"अपनी गिरफ्तारी पर 42 वर्षीय अभिनेता ने कहा कि उन्हें कानून पर भरोसा है और उसका सम्मान करते हैं।उन्होंने कहा, “जब कानून अपना काम कर रहा है, तो मुझे इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं करनी चाहिए, इसलिए मुझे इस बारे में बात नहीं करनी चाहिए। कानूनी दृष्टिकोण से मैं इस बारे में बात नहीं करना चाहूंगा।”अर्जुन ने कहा कि यह उनके परिवार के लिए कठिन समय है।चार दिसंबर की रात ‘पुष्पा 2: द रूल’ के प्रीमियर के दौरान अभिनेता की एक झलक पाने के लिए बड़ी संख्या में प्रशंसक संध्या थिएटर में उमड़ पड़े थे। उसी दौरान भगदड़ मचने से 35 वर्षीय महिला रेवती की मौत हो गई थी और उनका आठ वर्षीय बेटा घायल हो गया था।हैदराबाद पुलिस ने महिला के परिवार द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर अल्लू अर्जुन, उनकी सुरक्षा टीम और थिएटर प्रबंधन के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 105 और 118 (1) के तहत चिक्कड़पल्ली थाने में मामला दर्ज किया है।मृतक के परिवार को सहयोग देने की बात दोहराते हुए अभिनेता ने कहा कि वह पिछले 20 वर्षों से फिल्में देखने के लिए सिनेमाघरों में जा रहे हैं।जेल से निकलकर अभिनेता अल्लू अर्जुन सीधे अपने पारिवारिक प्रोडक्शन हाउस गीता आर्ट्स पहुंचे और वहां कुछ समय बिताया। घर पहुंचने पर उन्होंने बेटे, पत्नी और परिवार के अन्य सदस्यों से गले मिले।सूत्रों ने बताया कि अर्जुन को सुबह करीब पौने सात बजे जेल के गेट से बाहर निकाला गया।रेड्डी ने आरोप लगाया कि जेल अधिकारियों ने उच्च न्यायालय के आदेश की प्रति मिलने के बावजूद अभिनेता को रिहा नहीं किया।रेड्डी ने कहा, ‘‘आपको सरकार और विभाग से पूछना चाहिए कि उन्होंने आरोपी को रिहा क्यों नहीं किया। उच्च न्यायालय का आदेश बहुत स्पष्ट है। जैसे ही आपको (जेल अधिकारियों को) आदेश प्राप्त होता है, उन्हें तुरंत रिहा करना होता है। स्पष्ट आदेश के बावजूद उन्होंने रिहा नहीं किया, उन्हें जवाब देना होगा। यह एक अवैध हिरासत है। हम कानूनी कदम उठाएंगे।’’उनके अनुसार अर्जुन को जेल में ‘‘विशेष श्रेणी के कैदी’’ के तौर पर रखा गया था।अल्लू अर्जुन को शुक्रवार सुबह उनके आवास से गिरफ्तार कर लिया गया था।गिरफ्तारी के बाद उन्हें स्थानीय अदालत में पेश किया गया जहां से उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। हालांकि, उसके वकीलों ने उच्च न्यायालय का रुख किया और अल्लू अर्जुन को अंतरिम जमानत मिल गई। इस बीच पुलिस ने अभिनेता की रिहाई के बाद उनके प्रशंसकों की भीड़ उमड़ने की आशंका को देखते हुए उनके शहर स्थित आवास के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी।
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नयी दिल्ली. अभिनेता मनोज बाजपेयी ने कहा है कि पत्रकारों के बारे में 1986 में आई शशि कपूर अभिनीत फिल्म ‘न्यू डेल्ही टाइम्स' से बेहतर कोई फिल्म नहीं है। इसके साथ ही बाजपेयी ने अपनी नयी फिल्म ‘डिस्पैच' के बारे में वादा किया कि यह मीडिया जगत के अंधेरे, दलदल और खतरों को दर्शाएगी। बाजपेयी ने कहा कि गुलज़ार द्वारा लिखित और रमेश शर्मा द्वारा निर्देशित ‘न्यू डेल्ही टाइम्स' पत्रकारिता पर भारत में बनी सर्वश्रेष्ठ फिल्म है। अभिनेता ने कहा, ‘‘अन्य फिल्म शायद ही किसी पत्रकार के जीवन को छू पाने में सफल रही हैं। वे गहराई तक जाने में सक्षम नहीं रहीं। लेकिन अगर कोई ऐसी फिल्म है जो उस अंधेरे, दलदल और खतरों को दर्शाती है, तो मैं गर्व से गारंटी दे सकता हूं कि वह ‘डिस्पैच' है।'' समीक्षकों द्वारा प्रशंसित फिल्म ‘तितली' और ‘आगरा' के लिए जाने जाने वाले कनु बहल द्वारा निर्देशित फिल्म में बाजपेयी को क्राइम रिपोर्टर जॉय बैग के रूप में दिखाया गया है, जो एक खतरनाक जांच में उलझ जाता है जिससे उसका जीवन खतरे में पड़ जाता है। बाजपेयी ने कहा कि शुक्रवार से जी5 पर दिखाई देने वाली ‘डिस्पैच' पत्रकारिता के ‘अंधेरे और खतरों से भरे' पहलू को पेश करेगी। ‘डिस्पैच' का प्रीमियर एमएएमआई फिल्म महोत्सव में हुआ था और इसे 55वें अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में भी प्रदर्शित किया गया था। -
नयी दिल्ली.अभिनेता मनोज बाजपेयी ने कहा है कि हिंदी सिनेमा ठहराव के दौर से गुजर रहा है लेकिन उम्मीद है कि इस दौरान जारी मंथन से कुछ बेहतर निकलेगा, क्योंकि रचनात्मक लोग हमेशा कोई न कोई रास्ता खोज लेते हैं। ऐसे वर्ष में जब बॉक्स ऑफिस पर एक बार फिर ‘कल्कि 2898 एडी' और ‘पुष्पा 2: द रूल' जैसी दक्षिण भारतीय ब्लॉकबस्टर फिल्मों का दबदबा दिखाई दे रहा है, तब ‘स्त्री 2', ‘भूल भुलैया 3' और ‘सिंघम अगेन' ने बॉलीवुड को कुछ उम्मीद दी है। यह पूछे जाने पर कि क्या हिंदी सिनेमा ‘‘संकट'' में है, बाजपेयी ने कहा कि ऐसा नहीं है।
बाजपेयी ने कहा, ‘‘लेकिन यह निश्चित रूप से फिल्म निर्माताओं को अलग तरह से सोचने पर मजबूर कर रहा है। और इसमें कुछ भी गलत नहीं है। मुझे लगता है कि यह एक मंथन का, यह एक ठहराव का दौर है। मुझे उम्मीद है कि यह जल्द ही अपने स्वाभाविक स्वरूप में वापस आ जाएगा।'' बाजपेयी ने कहा कि बॉक्स ऑफिस पर 800 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई करने वाली हॉरर कॉमेडी ‘स्त्री 2' ने ‘‘उल्लेखनीय'' कारोबार किया। उन्होंने कहा, ‘‘इसका मतलब है कि लोग सिनेमाघरों में जाने के लिए इच्छुक हैं, लेकिन वे कुछ और चाहते हैं। इस ‘कुछ और' के मद्देनजर फिल्म निर्माता को वास्तव में कुछ नया करना होगा और इसके बारे में गंभीरता से सोचना होगा... मेरी फिल्म इन दिनों ओटीटी पर आती हैं तथा उन्हें बड़ी संख्या में दर्शक भी मिलते हैं।'' बाजपेयी ने कहा, ‘‘पिछले साल, मेरी फिल्म ‘सिर्फ एक बंदा काफी है' ने ओटीटी पर ऐतिहासिक ‘व्यूज' बटोरे थे। अगर हम इसे रुपये (बॉक्स ऑफिस कलेक्शन) में बदलें, तो इसे ‘ऑल टाइम ब्लॉकबस्टर' कहा जाएगा। यही बात ‘गुलमोहर' के लिए भी लागू होती है।'' राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता ने कहा कि बड़े पैमाने पर दर्शक हमेशा एक नायक चाहते हैं और जब महामारी के दौरान सिनेमाघर बंद हो गए तो लोगों को हिंदी सिनेमा से वह मिलना बंद हो गया, लेकिन दक्षिण में ‘सिंगल स्क्रीन' फल-फूल रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम हमेशा अपनी फिल्मों के लिए नायक की तलाश करते हैं। बदलते समय में लोगों को नायक मिलना बंद हो गया, क्योंकि वहां बहुत सारे ‘मल्टीप्लेक्स' हैं। दक्षिण ने ‘मल्टीप्लेक्स' को कभी पनपने नहीं दिया और एकता बनाए रखी। वे जानते थे कि उनका सिनेमा बड़े पैमाने पर दर्शकों के जरिए ही टिकेगा।'' अभिनेता की आगामी फिल्म ‘डिस्पैच' का प्रीमियर शुक्रवार को जी5 पर होने वाला है। -
मुंबई. फिल्म निर्माता अनुराग कश्यप और फिल्म एडिटर आरती बजाज की बेटी आलिया कश्यप ने अपने प्रेमी शेन ग्रेगोर के साथ विवाह कर लिया। आलिया (23) एक यूट्यूबर हैं और ग्रेगोर के साथ उनकी लंबे वक्त से दोस्ती थी।
आलिया और ग्रेगोर ने बुधवार रात इंस्टाग्राम पर अपनी शादी की तस्वीरें साझा कीं।
उन्होंने लिखा, “अब और हमेशा के लिए।” आलिया ने मई 2023 में अमेरिकी उद्यमी ग्रेगोर के साथ सगाई की घोषणा की थी।
सोशल मीडिया पर आलिया और ग्रेगोर को दोस्तों व परिवार से ढेरों शुभकामनाएं मिलीं।
अभिनेत्री जाह्नवी कपूर ने लिखा, “खूबसूरत”।
जाह्ववी की बहन खुशी, आलिया की शादी में शामिल हुई थीं।
निर्माता गुनीत मोंगा ने कहा, “ढेर सारा प्यार और आशीर्वाद।”
अनन्या पांडे ने टिप्पणी की, ‘बधाई हो।'
आलिया के माता-पिता अनुराग कश्यप और आरती बजाज ने भी अपने-अपने इंस्टाग्राम खाते पर शादी की तस्वीरें साझा कीं। आलिया और ग्रेगोर के रिसेप्शन में नव-विवाहित नागा चैतन्य व शोभिता धुलिपाला के साथ-साथ अभिनेता अभिषेक बच्चन और उनके भतीजे अगस्त्य नंदा, शाहरुख खान की बेटी सुहाना, अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी और बॉबी देओल भी शामिल हुए। -
चेन्नई. तमिल अभिनेता और भारतीय सिनेमा के सबसे सफल एवं लोकप्रिय अभिनेताओं में से एक रजनीकांत बृहस्पतिवार को 74 वर्ष के हो गए। विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े लोगों ने दिग्गज अभिनेता रजनीकांत को उनके जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने कहा, "मेरे अजीज दोस्त और दिग्गज अभिनेता रजनीकांत को जन्मदिन की शुभकामनाएं, जिन्होंने सीमाओं को पार कर अपने अभिनय और शैली से छह से साठ साल तक के सभी लोगों को अपना प्रशंसक बनाया है!" सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर एक पोस्ट में मुख्यमंत्री ने लिखा, "आप हमेशा खुश रहें और फिल्म उद्योग में अपनी निरंतर सफलताओं से लोगों का मनोरंजन करते रहें।" पूर्व मुख्यमंत्री और अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) महासचिव ए के पलानीस्वामी ने भी सोशल मंच 'एक्स' के जरिए अभिनेता रजनीकांत को जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने लिखा, "मेरे प्यारे दोस्त और अभिनेता राजनीकांत को जन्मदिन की बधाई जिनके अद्वितीय अभिनय कौशल के कारण विश्वभर में उनके प्रशंसक हैं और जिनके आस-पास रहना हमेशा खुशी प्रदान करता है।" पलानीस्वामी ने कहा, "मेरे प्रिय मित्र श्री रजनीकांत जो फिल्म उद्योग में अपने स्वर्ण जयंती वर्ष में हैं, उन्हें मैं स्वस्थ जीवन की शुभकामनाएं देता हूं और उम्मीद करता हूं कि वे और सालों तक अपने प्रशंसकों का मनोरंजन करते रहेंगे l" पूर्व मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम ने एक पोस्ट में अपने प्रिय मित्र, पद्म विभूषण, दादा साहेब फाल्के पुरस्कार विजेता दिग्गज अभिनेता रजनीकांत को जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने रजनी को दीर्घायु और अच्छे स्वास्थ्य की शुभकामनाएं दीं और कहा कि वह और भी ऊंचाइयां छूएं।
अभिनेता-राजनेता कमल हासन और विजय तथा अभिनेता एस जे सूर्या ने भी सोशल मीडिया मंच एक्स पर रजनीकांत को सफलता, अच्छे स्वास्थ्य, लंबी आयु और एक बेहतरीन वर्ष की शुभकामनाएं दीं। रजनीकांत ने अपनी फिल्मों में दमदार भूमिकाओं और प्रभावशाली संवाद अदायगी से अपनी एक अलग पहचान बनाई और खुद की शैली स्थापित की। 12 दिसंबर, 1950 को जन्मे रजनीकांत का सफल करियर पांच दशकों से अधिक लंबा है और उन्होंने विभिन्न भारतीय भाषाओं में फिल्में की हैं। उनके जन्मदिन के अवसर पर उनके प्रशंसक कार्तिक ने मदुरै के तिरुमंगलम में अरुलमिगु श्री रजनी मंदिर की स्थापना की और 11 दिसंबर को उसमें रजनीकांत की प्रतिमा स्थापित की।
- लंदन। भारतीय फिल्म ‘द कुंबाया स्टोरी' ने लंदन में प्रतिष्ठित ब्रिटिश अकादमी फिल्म पुरस्कार (बाफ्टा) में आयोजित ‘13वें टीवीई ग्लोबल सस्टैनबिलिटी फिल्म पुरस्कार' (जीएसएफए) में ट्रॉफी अपने नाम की है। कुंबाया प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड द्वारा निर्मित फिल्म ने बीती रात आयोजित कार्यक्रम में ‘ट्रांसफॉर्मिंग सोसाइटी शॉर्ट फिल्म' श्रेणी में यह पुरस्कार जीता है। ‘द कुंबाया स्टोरी' उन दृढ़ निश्चयी महिलाओं की प्रेरणादायक यात्रा का वर्णन करती है, जिन्होंने बुनाई की कला के माध्यम से अपने जीवन को बदल दिया जो आखिरकार ‘कुंबाया प्रोड्यूसर कंपनी' की स्थापना का कारण बना। भारत की उपलब्धियों में इजाफा करते हुए, ग्रीनहब इंडिया की फिल्म ‘गोबुक- हार्मनी इन द हाइलैंड्स' ने युवा फिल्मकारों की श्रेणी में पुरस्कार जीता है। यह फिल्म टिकाऊ पर्यटन के क्षेत्र पर प्रकाश डालती है। ऑस्कर 2025 के लिए सर्वश्रेष्ठ अंतरराष्ट्रीय फीचर श्रेणी में भारत की आधिकारिक प्रविष्टि ‘लापता लेडीज' को भी ‘फाउंडर्स अवार्ड' के लिए सूची में स्थान मिला। फीचर श्रेणी में ‘फाउंडर्स अवार्ड' केन्या की फिल्म ‘नावी' को मिला जो बाल वधुओं के भयावह वैश्विक मुद्दे पर प्रकाश डालती है। टीवीई जीएसएफए की संस्थापक सुरीना नरूला ने विजेताओं को ‘फाउंडर्स अवार्ड' प्रदान किया।
- नयी दिल्ली. अल्लू अर्जुन की फिल्म ‘पुष्पा 2: द रूल' ने छह दिन में दुनियाभर में 1,000 करोड़ रुपये की कमाई की है और वह सबसे जल्दी यह आंकड़ा पार करने वाली भारतीय फिल्म बन गई है। सुकुमार द्वारा निर्देशित फिल्म 2021 में आई ‘पुष्पा: द राइज' की सीक्वेल है। फिल्म पांच दिसंबर को हिंदी, तमिल, कन्नड़, बांग्ला और मलयालम भाषा में रिलीज हुई। फिल्म निर्माता कंपनी ‘मिथरी मूवी मेकर्स' ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, “सबसे बड़ी भारतीय फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर इतिहास रच दिया है। ‘पुष्पा-2 द रूल' छह दिन में 1000 करोड़ रुपये कमाकर सबसे तेजी से यह आंकड़ा पार करने वाली भारतीय फिल्म बन गई है।” ‘पुष्पा 2' 1000 करोड़ रुपये की कमाई करके ‘दंगल', ‘बाहुबली 2', ‘काल्कि 2898 एडी', ‘आरआरआर', ‘पठान' और ‘जवान' जैसी फिल्मों की सूची में शामिल हो गई है।
- नई दिल्ली। राज कपूर के परिवार के सदस्यों की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात के एक दिन बाद बॉलीवुड अभिनेत्री करीना कपूर खान ने राज कपूर की जन्म शताब्दी से पहले उनके (राज कपूर) ‘असाधारण जीवन और विरासत’ को याद करने के वास्ते उन्हें आमंत्रित करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद किया। अभिनेता रणबीर कपूर, रिद्धिमा कपूर साहनी और नीतू कपूर सहित कपूर परिवार ने मंगलवार को प्रधानमंत्री से मुलाकात की।चौदह दिसंबर, 2024 को राज कपूर की 100वीं जयंती मनाई जाएगी जिन्हें ‘आग’,‘आवारा’,‘बरसात’,‘श्री420’ और‘बॉबी’ जैसी बेहतरीन फिल्मों के लिए बतौर एक महान अभिनेता, एडिटर, डायरेक्टर और प्रोड्यूसर के रूप में याद किया जाता है। बुधवार को करीना ने सोशल मीडिया मंच 'इंस्टाग्राम' पर पोस्ट में कहा, 'हम अपने दादा राज कपूर के असाधारण जीवन और विरासत को याद करने के लिए माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा आमंत्रित किए जाने पर बहुत ही सम्मानित महसूस कर रहे हैं।' उन्होंने प्रधानमंत्री के साथ परिवार की कई तस्वीरें साझा करते हुए लिखा, 'इस विशेष दोपहर के लिए आपका धन्यवाद श्री मोदी जी। इस महत्वपूर्ण अवसर का जश्न मनाने में आपकी गर्मजोशी, आपका विशेष ध्यान देना और सहयोग करना हमारे लिए बहुत मायने रखता है।'परिवार के सदस्यों ने उम्मीद जताई है कि मोदी फिल्म महोत्सव में शामिल होंगे।पीवीआर आईनॉक्स लिमिटेड और फिल्म हेरिटेज फाउंडेशन द्वारा इस मौके पर 13 से 15 दिसंबर तक 34 शहरों के 101 सिनेमाघरों में आयोजित होने वाला यह समारोह राज कपूर की फिल्मोग्राफी को समर्पित अब तक का सबसे व्यापक पुनरावलोकन होगा। अपनी पोस्ट में करीना ने यह भी कहा, 'जैसा कि हम दादाजी की कलात्मकता, दृष्टि और भारतीय सिनेमा में उनके योगदान के 100 शानदार वर्षों का जश्न मना रहे हैं, हम उनकी विरासत के कालातीत प्रभाव का सम्मान करते हैं जो हमें और आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा।'
- नई दिल्ली। बॉलीवुड स्टार रणबीर कपूर ने आखिरकार नितेश तिवारी की दो भागों वाली "रामायण" में भगवान राम की भूमिका निभाने के बारे में खुलकर बात की और कहा कि वह इस फिल्म का हिस्सा बनने के लिए उत्साहित हैं, जो "भारत की सबसे महान कहानी" को बड़े पर्दे पर पेश करेगी। "रामायण" 2026 और 2027 में दिवाली के त्योहार पर दो भागों में रिलीज होगी। प्राइम फोकस स्टूडियो के नमित मल्होत्रा इस फिल्म का निर्माण कर रहे हैं।ऐसी खबरें थीं कि रणबीर और साई पल्लवी फिल्म में राम और सीता का किरदार निभाएंगे। हाल ही में एक इंटरव्यू में, "केजीएफ" फ्रैंचाइज़ी के स्टार यश ने कहा कि वह "रामायण" में रावण की भूमिका निभाएंगे। निर्माताओं ने अभी तक कलाकारों की पुष्टि नहीं की है।सऊदी अरब के रेड सी इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल 2024 में एक बातचीत सत्र के दौरान, रणबीर ने रविवार को कहा कि उन्होंने "रामायण" के पहले भाग की शूटिंग पूरी कर ली है और जल्द ही दूसरे भाग पर काम शुरू करेंगे।अभिनेता ने कहा, "मैं उस कहानी का हिस्सा बनकर बहुत खुश हूं। राम की भूमिका निभाना मेरे लिए एक सपना है। यह एक ऐसी फिल्म है जिसमें सब कुछ है। यह सिखाती है कि भारतीय संस्कृति क्या है - परिवार और पति-पत्नी का रिश्ता। मैं इसे लेकर बहुत उत्साहित हूं।"निर्माताओं के अनुसार, "रामायण" इसी नाम के हिंदू महाकाव्य का एक लाइव-एक्शन फिल्म रूपांतरण है। पिछले महीने जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में उन्होंने कहा, "यह महाकाव्य रूपांतरण भारत की सबसे प्रिय कहानियों में से एक को बेजोड़ पैमाने और दूरदर्शी कहानी के साथ जीवंत करता है।"रणबीर ने अमेरिकी आउटलेट डेडलाइन को दिए इंटरव्यू में फिल्म के बारे में विस्तार से बात की। "इसमें दुनिया भर के कलाकार, क्रिएटर और अलग-अलग क्रू मेंबर शामिल हैं। इसे दो भागों में बनाया गया है। यह भगवान राम और रावण की कहानी है और यह भारत की सबसे बड़ी कहानी है।उन्होंने कहा, "हमारे पास जिस तरह की तकनीक है, उसके जरिए नई पीढ़ी को यह कहानी बताना, एक अभिनेता के तौर पर मेरे लिए बहुत ही रोमांचक और संतुष्टिदायक अवसर है, खासकर भगवान राम की भूमिका निभाना।"42 वर्षीय अभिनेता ने संदीप रेड्डी वांगा की फिल्म "एनिमल पार्क" पर भी अपडेट दिया, जो उनकी 2023 की ब्लॉकबस्टर "एनिमल" की अगली कड़ी है।उन्होंने कहा कि टीम 2027 में "एनिमल पार्क" की शूटिंग शुरू करेगी और वांगा और वह फ्रैंचाइज़ी के तीसरे भाग के लिए बातचीत कर रहे हैं। "मुझे दो किरदार निभाने हैं, एक प्रतिपक्षी और एक नायक। यह एक बेहद रोमांचक प्रोजेक्ट है, जिसका निर्देशक बेहद मौलिक है।"अभिनेता ने कहा कि 2022 में आने वाली "ब्रह्मास्त्र: भाग एक - शिवा" का अगला भाग "ब्रह्मास्त्र: भाग दो - देव" अभी लेखन के चरण में है। रणबीर अगली बार संजय लीला भंसाली की "लव एंड वॉर" में पत्नी और "ब्रह्मास्त्र" की सह-कलाकार आलिया भट्ट और विक्की कौशल के साथ अभिनय करने के लिए तैयार हैं, जिनके साथ उन्होंने "संजू" में काम किया था।
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नयी दिल्ली.संजीदा और सार्थक किरदारों के पर्याय अभिनेता मनोज वाजपेयी की एक समय बिहार के अपने छोटे से गांव से निकल कर जिंदगी में कुछ बड़ा करने की ख्वाहिश थी। और अब जब यह सपना पूरा हो गया है तो उन्हें अपने गांव की याद बहुत सताती है और वह उन्हीं पगडंडियों से अपने गांव लौटना चाहते हैं। ‘द्रोहकाल', ‘सत्या' ‘बैंडिट क्वीन', ‘शूल', ‘जुबैदा', ‘राजनीति', ‘गैंग्स आफ वासेपुर', ‘अलीगढ़' और ‘सोनचिरिया' जैसी फिल्मों में सफलता के नए मानक तय करने वाले मनोज वाजपेयी कहते हैं, ‘‘ ये एक विडंबना है कि जब मैं वहां था तो उस जगह से निकलना चाहता था। अब उस परमात्मा ने एक ऐसी जिंदगी दी है और सब हासिल कर लिया है, तो वहीं लौटने का मन करता है।'' मनोज बिहार से आकर दिल्ली के थियेटर में करीब एक दशक तक रमे रहे और उसके बाद मुंबई चले गए। अलग अलग समय पर मनोज अलग अलग जगहों पर रहे हैं। लेकिन वह कहते हैं,‘घर तो हमेशा बेलवा ही रहेगा'' जो बिहार में उनका पैतृक गांव है। वह बिहार की ग्रामीण पृष्ठभूमि से निकल कर मुंबई के सिल्वर स्क्रीन पर अपने विविधतापूर्ण अभिनय की छाप छोड़ने वाले पहले अभिनेता रहे। उनसे पहले बिहार से आने वाले शत्रुघ्न सिन्हा हालांकि फिल्मों में अपनी धाक जमा चुके थे। मनोज वाजपेयी ने कहा, ‘‘मुझे पता चला कि ‘सत्या' देखने के बाद न केवल मेरे गांव और जिले के बल्कि राज्य के दूसरे हिस्सों से भी लड़के लोग घरों से बाहर निकलने लगे। वो सभी अभिनेता नहीं बनना चाहते थे लेकिन बहुत से लड़कों ने तो ये सोचकर गांव-घर छोड़ा कि जब ये लड़का बॉलीवुड में पहुंच सकता है तो हम भी अपनी जिंदगी में कुछ बड़ा, कुछ मनचाहा कर सकते हैं।'' मनोज कहते हैं कि अपनी आराम की जिंदगी से निकलने और कुछ करने का साहस उन लोगों में उससे पहले नहीं था क्योंकि वहां इस प्रकार का कोई ढांचा ही नहीं था। उनका कहना था, ‘‘ शत्रु जी के मामले में तो हर कोई जानता है कि वह धनाढ्य परिवार से आते हैं और पटना से ताल्लुक रखते हैं। उन्हें तो दिल्ली पहुंचने के लिए केवल एक ट्रेन पकड़नी थी। हम लोगों को पहले ट्रैक्टर पकड़ना होता, उसके बाद बस और उसके बाद दिल्ली के लिए ट्रेन में सवार होना पड़ता था। केवल पटना पहुंचने के लिए ढाई दिन लगते थे।'' भीखू म्हात्रे का एक डॉयलाग ‘मुंबई का किंग कौन' अब सिनेमा के इतिहास का हिस्सा है लेकिन इस किरदार के चयन की कहानी भी काफी रोचक है। मनोज वाजपेयी 1997 में राम गोपाल वर्मा की ‘दौड़' के लिए ऑडिशन देने गए थे जिसमें संजय दत्त और उर्मिला मातोंडकर हीरो हीरोइन थे। ये ‘बैंडिंट क्वीन' के बाद की बात है जिससे उन्हें पहचान तो मिली थी लेकिन असली ब्रेक नहीं मिला था। मनोज कहते हैं, ‘‘ जब फिल्म रिलीज हुई तो हर दूसरे अभिनेता के पास इंडस्ट्री में काम था। केवल एक अकेला मैं था जिसके पास कोई काम नहीं था।'' उन्हें वह ऑडिशन एकदम ऐसे याद है जैसे कल की ही बात हो।
‘‘ जब रामू (रामगोपाल वर्मा) को पता चला कि चार साल पहले ‘बैंडिट क्वीन' में मैंने ही मान सिंह का किरदार निभाया था तो उन्होंने मुझे बताया कि वह चार पांच साल से मुझे ढूंढ़ रहे थे, लेकिन किसी को मेरे बारे में ज्यादा पता नहीं था।'' रामू ने कहा, “तुम यह भूमिका (दौड़ फिल्म) मत करो। मैं अपनी अगली फिल्म बना रहा हूं और उसमें तुम मुख्य भूमिका करोगे।'' लेकिन वाजपेयी ने जोर देकर कहा कि उन्हें यह फिल्म करनी ही पड़ेगी। मैंने कहा, ‘‘ सर, मुझे ये रोल दे दो और जब वो फिल्म करो तो बाद में आप मुझे उसमें ले सकते हो। इसके लिए मुझे 35,000 रूपये मिल रहे हैं । इस समय ये मौका मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण है।'' रामू ने मनोज से किया अपना वह वादा निभाया।‘सत्या' के बाद बहुत मुश्किल और लंबा सफर शुरू हुआ लेकिन वाजपेयी इसे संघर्ष नहीं कहते। मनोज का मानना था, ‘‘असली संघर्ष तो एक रिक्शावाले का होता है। अगर वो एक दिन भी रिक्शा नहीं खींचेगा तो वह कमा नहीं पाएगा। यह उसका सपना नहीं है....हम तो अपने सपनों के पीछे भाग रहे हैं। ये संघर्ष नहीं है।'' -
नयी दिल्ली.तेलुगु अभिनेता अल्लू अर्जुन की फिल्म ‘पुष्पा 2: द रूल' ने सिनेमाघरों में शानदार प्रदर्शन जारी रखते हुए दुनियाभर के बॉक्स ऑफिस पर 600 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई कर ली है। इस फिल्म का निर्माण करने वाले प्रोडक्शन बैनर ‘मैत्री मूवी मेकर्स' ने सोशल मीडिया पर फिल्म के नवीनतम बॉक्स ऑफिस आंकड़े साझा करते हुए बताया कि ‘पुष्पा 2' ने रिलीज के तीन दिन में ही 621 करोड़ रुपये कमा लिए हैं। स्टूडियो ने ‘एक्स' पर लिखा, ‘‘फिल्म ‘पुष्पा 2: द रूल' बॉक्स ऑफिस पर इतिहास रच रही है। इसने रिलीज के तीन दिन में ही 621 करोड़ रुपये कमा लिए हैं और कई रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं।'' कंपनी के अनुसार, सुकुमार निर्देशित फिल्म ‘पुष्पा-2' ने शनिवार को 500 करोड़ रुपये का आंकड़ा छू लिया था, जिससे यह इस आंकड़े तक सबसे तेजी से पहुंचने वाली फिल्म बन गई है। सुकुमार निर्देशित यह फिल्म 2021 की तेलुगु ब्लॉकबस्टर ‘पुष्पा: द राइज' का ‘सीक्वल' है।
फिल्म का दूसरा भाग हिंदी, तमिल, कन्नड़, बंगाली और मलयालम में डब संस्करणों के साथ बृहस्पतिवार को दुनिया भर में रिलीज हुआ और उसने पहले दिन ही बॉक्स ऑफिस पर 294 करोड़ रुपये की कमाई कर ली। इसने भारतीय सिनेमा के इतिहास में सबसे बड़ी शुरुआत का रिकॉर्ड तोड़ दिया। इससे पहले बॉक्स ऑफिस पर एसएस राजामौली की ‘आरआरआर' (223.5 करोड़ रुपये) के नाम यह रिकॉर्ड था। उसके बाद ‘बाहुबली 2' (217 करोड़ रुपये) और ‘कल्कि 2898 ई' (175 करोड़ रुपये) का स्थान था। फिल्म ‘पुष्पा 2: द रूल' के हिंदी संस्करण ने पहले दिन 72 करोड़ रुपये की कमाई कर शाहरुख खान की फिल्म ‘जवान' के रिकॉर्ड तोड़ दिए थे। फिल्म जवान के हिंदी संस्करण ने पहले दिन 65 करोड़ रुपये कमाए थे। मैत्री मूवी मेकर्स ने कहा कि हिंदी संस्करण ने तीसरे दिन 74 करोड़ रुपये कमाए, जिससे इसकी तीन दिन की कुल कमाई 205 करोड़ रुपये हो गई।