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- रायपुर ।मुंगेली जिले के ग्राम लालाकापा निवासी श्री तिलक प्रसाद के जीवन में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) ने सकारात्मक परिवर्तन लाया है। मजदूरी करने जीवन-यापन करने वाले तिलक प्रसाद को योजना के अंतर्गत सुरक्षित और स्थायी आवास प्राप्त हुआ है। पक्का घर मिलने पर उन्होंने शासन के प्रति आभार व्यक्त किया है।पूर्व में श्री तिलक प्रसाद अपने परिवार के साथ एक छोटे कच्चे मकान में रहने को विवश थे। बरसात के दिनों में परिवार को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। जीवन व्यतीत करना उनके लिए बड़ी चुनौती थी। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास स्वीकृत होने पर पुराने कच्चे मकान को तोड़कर नए पक्के आवास का निर्माण किया गया। निर्माण पूर्ण होने के बाद अब वे अपने परिवार के साथ सुरक्षित एवं सुकूनभरा जीवन जी रहे हैं। उनका कहना है कि प्रधानमंत्री आवास योजना ने उन्हें न केवल पक्का घर दिया है, बल्कि सुरक्षित भविष्य और आत्मसम्मान के साथ जीने का अवसर भी प्रदान किया है।
- रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य पशु चिकित्सा परिषद द्वारा आज इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय कैम्पस समेती लभाण्डी रायपुर में एक दिवससीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह प्रशिक्षण बोवाईन मेस्टाईटिस (BOVINE MASTITIS) पर किया गया। बोवाईन मेस्टाईटिस गायों एवं भैंसों में होने वाला एक आम और महंगा बीमारी है, इस बीमारी से पशुपालकों को भारी आर्थिक हानि होता है। इस बीमारी में स्तन ग्रंथि में संक्रमण और सूजन होता है, जो विभिन्न प्रकार के जीवाणु, विषाणु एवं कवक से होता है। पोषक तत्वों की कमी के कारण रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने के कारण स्तन पर सूजन एवं संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में डॉ. विवेक शंकर अवस्थी एवं डॉ. एस. के. दीवान के द्वारा रोग प्रबंधन, खानपान, निदान एवं उपचार के बारे में विस्तारी से बताया गया। पोषक तत्वों के महत्व एवं शरीर के प्रतिरक्षा प्रणाली बढ़ाने के बारे में भी जानकारी दी गई। इस प्रशिक्षण में रायपुर संभाग के पांच जिलों से लगभग 50 पशु चिकित्सा अधिकारी, समेती के संचालक श्री बी.के. बिजनौरिया, पशु चिकित्सा परिषद के अध्यक्ष डॉ. दीपक चन्द्राकर, संयुक्त संचालक समेती डॉ. पी.के. शिन्दे उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन अतिरिक्त उप संचालक पशु चिकित्सा परिषद डॉ. अशोक कुमार पटेल, तथा डॉ. रश्मि लता राकेश के द्वारा किया गया।
- रायपुर ।छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा अपने संकल्प के अनुसार राज्य के किसानों को प्रति क्विंटल के मान से धान का सर्वाधिक मूल्य 3100 रूपए दिया जा रहा है, जिससे किसानों की आय में वृद्धि हो रही है। अम्बिकापुर जिले के ग्राम मुड़ेसा निवासी किसान श्री अखिलेश कुमार शासन की पारदर्शी एवं सुव्यवस्थित धान खरीदी व्यवस्था की सराहना की है।श्री अखिलेश कुमार ने बताया कि उन्होंने ऑनलाइन माध्यम से मोबाइल द्वारा घर बैठे ही धान विक्रय हेतु टोकन कटवाया, जिससे समय की बचत हुई और समिति कार्यालय के अनावश्यक चक्कर नहीं लगाने पड़े। डिजिटल टोकन व्यवस्था से धान विक्रय की प्रक्रिया सरल, पारदर्शी एवं सुविधाजनक हुई है, जिसका सीधा लाभ किसानों को मिल रहा है। उन्होंने बताया कि उपार्जन केंद्रों में नाप-तौल एवं खरीदी की व्यवस्था सुचारू है तथा किसानों को किसी प्रकार की असुविधा का सामना नहीं करना पड़ रहा है। श्री अखिलेश कुमार ने बताया कि गत वर्ष धान विक्रय कर उन्हें अच्छा लाभ प्राप्त हुआ, जिससे उन्होंने ट्रैक्टर की खरीदी की। इससे कृषि कार्यों में तेजी आई है और लागत में भी कमी हुई है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष भी 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान विक्रय कर अन्य कृषि उपकरण एवं आवश्यक संसाधन क्रय करने की योजना है।किसान श्री अखिलेश कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में किसानों को धान का उचित एवं सर्वाधिक मूल्य मिल रहा है, जिससे उनकी आय में वृद्धि हो रही है और किसान आत्मनिर्भर बन रहे हैं और उनका जीवन स्तर निरंतर सुधर रहा है।
- रायपुर। राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (NCDC), रायपुर द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य में उत्कृष्ट कार्य करने वाली 7 सहकारी समितियों एवं छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी अधिनियम के अंतर्गत पंजीकृत 2 एफपीओ (FPO) को वर्ष 2025 के क्षेत्रीय सहकारी उत्कृष्टता एवं योग्यता पुरस्कार से सम्मानित किया गया।यह पुरस्कार कार्यक्रम रायपुर में आयोजित किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. सी. आर. प्रसन्ना सचिव, सहकारिता उपस्थित रहे। उन्होंने विजेता समितियों को प्रशस्ति पत्र एवं पुरस्कार राशि प्रदान की।कार्यक्रम में श्री कुलदीप शर्मा , आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्थाएं, श्री किंचित जोशी, क्षेत्रीय निदेशक, NCDC रायपुर, श्री के.एन. कांडे, प्रबंध संचालक, एपेक्स बैंक रायपुर सहित NCDC के अधिकारी उपस्थित थे।इस अवसर पर श्री किंचित जोशी ने बताया कि राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (NCDC) की स्थापना वर्ष 1963 में किसानों और सहकारी संस्थाओं को सशक्त बनाने के उद्देश्य से की गई थी। NCDC कृषि विपणन, भंडारण, कोल्ड चेन, प्रसंस्करण, डेयरी, मत्स्य पालन, हथकरघा, महिला एवं कमजोर वर्गों की सहकारी समितियों के विकास के लिए कार्य कर रहा है। अब तक निगम द्वारा देशभर की सहकारी संस्थाओं को लगभग 4.33 लाख करोड़ रुपये का वित्तपोषण किया गया है।पुरस्कार प्राप्त करने वाली प्रमुख समितियांसर्वश्रेष्ठ प्राथमिक कृषि ऋण सहकारी समितियां (PACS) के अंतर्गत प्रथम पुरस्कार (उत्कृष्टता): सेवा सहकारी समिति मर्यादित, बोरीगारका, जिला दुर्ग को 35 हजार रुपए एवं प्रशस्ति पत्र और द्वितीय पुरस्कार (योग्यता) वृहत्ताकार सेवा सहकारी समिति मर्यादित, सुरगी, जिला राजनांदगांव को 25 हजार रुपये एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। इसी तरह राज्य के एक प्रमुख क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ प्राथमिक सहकारी समितियां (विपणन क्षेत्र) के अंतर्गत प्रथम पुरस्कार बिल्हा सहकारी विपणन संस्था मर्यादित, सरगांव, जिला मुंगेली को 35 हजार रुपये एवं प्रशस्ति पत्र और द्वितीय पुरस्कार गौरेला सहकारी विपणन संस्था मर्यादित, पेंड्रारोड, जिला गौरेला–पेंड्रा–मरवाही को 25 हजार रुपये एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया।इसी तरह सहकारिता मंत्रालय की पहल को अपनाने वाली समितियां में प्रथम पुरस्कार वृहत्ताकार सेवा सहकारी समिति मर्यादित, उतई, जिला दुर्ग को 35 हजार रुपये एवं प्रशस्ति पत्र और द्वितीय पुरस्कार आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मर्यादित, नवागांव, जिला बालोद को 25 हजार रुपये एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। सर्वश्रेष्ठ महिला सहकारी समिति के अंतर्गत तिब्बतन रिफ्यूजी मल्टीपरपज को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, मैनपाट, जिला सरगुजा को प्रथम पुरस्कार 35 हजार रुपये एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। इसी तरह सर्वश्रेष्ठ एफपीओ (FPO) के लिए प्रथम पुरस्कार किसान कल्याण उत्पादक सहकारी समिति मर्यादित, बलौदाबाजार को 35 हजार रुपये एवं प्रशस्ति पत्र और द्वितीय पुरस्कार बिहान प्रगतिशील महिला बहुद्देशीय सहकारी समिति मर्यादित, गुल्लू, जिला रायपुर को 25 हजार रुपये एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया।इस अवसर पर सचिव सहकारिता डॉ. सी. आर. प्रसन्ना ने विजेता समितियों के अध्यक्षों, प्रबंधकों एवं सदस्यों को बधाई देते हुए कहा कि NCDC द्वारा शुरू किए गए ये पुरस्कार सहकारी आंदोलन को नई दिशा देंगे और अन्य सहकारी संस्थाओं को भी बेहतर कार्य के लिए प्रेरित करेंगे।कार्यक्रम के अंत में श्री वैभव कुमार, सहायक निदेशक, NCDC रायपुर ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का सफल संचालन भी श्री वैभव कुमार द्वारा किया गया।
- -मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय रायपुर में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में करेंगे लोकार्पण, वर्चुअल लोकार्पण के लिए 114 निकाय जुड़ेंगे-छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माता अटलजी की स्मृतियों को चिरस्थायी रखने उनके जन्म शताब्दी वर्ष में सभी नगरीय निकायों में अटल परिसरों का निर्माणरायपुर,। पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी की 101वीं जयंती पर 25 दिसम्बर को राज्य के 115 शहरों में नवनिर्मित अटल परिसरों का लोकार्पण किया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय राजधानी रायपुर में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में इनका लोकार्पण करेंगे। लोकार्पण कार्यक्रम से अन्य 114 नगरीय निकाय वर्चुअली जुड़ेंगे। मुख्यमंत्री श्री साय 25 दिसम्बर को दोपहर साढ़े 12 बजे रायपुर के अटल एक्सप्रेस-वे में फुंडहर चौक पर स्थापित अटलजी की मूर्ति का अनावरण और अटल परिसर का लोकर्पण करेंगे।उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री श्री अरुण साव ने बुधवार को रायपुर के नवीन विश्राम भवन में आयोजित प्रेस-कॉन्फ्रेंस में 115 निकायों में अटल परिसरों के लोकार्पण के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माता और देश के विकास को नई दिशा देने वाले कई योजनाओं के प्रणेता पूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्न स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी की 25 दिसम्बर को 101वीं जयंती है। अटलजी के जन्म शताब्दी वर्ष को छत्तीसगढ़ सरकार अटल निर्माण वर्ष के रूप में मना रही है। छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माण व इसके विकास में उनके योगदान को रेखांकित करने तथा उनकी स्मृतियों को चिरस्थायी बनाने उनके जन्म शताब्दी वर्ष में राज्य के हर नगरीय निकाय में अटल परिसर का निर्माण किया जा रहा है।उप मुख्यमंत्री श्री साव ने बताया कि अटलजी के 101वीं जयंती पर एक साथ राज्य के 115 नगरीय निकायों में अटल परिसरों का लोकार्पण किया जा रहा है। 11 नगर निगमों, 28 नगर पालिकाओं और 76 नगर पंचायतों में नवनिर्मित अटल परिसरों का लोकार्पण होगा। उन्होंने बताया कि नई सरकार के गठन के बाद वर्ष 2024 में अपने प्रथम विधानसभा सत्र में ही सरकार ने सभी नगरीय निकायों में अटल परिसर के निर्माण की घोषणा की थी। इसके निर्माण के लिए राज्य के 14 नगर निगमों को 50-50 लाख रुपए, 56 नगर पालिकाओं को 30-30 लाख रुपए तथा 122 नगर पंचायतों को 20-20 लाख रुपए दिए गए हैं। 192 नगरीय निकायों में कुल 46 करोड़ 87 लाख रुपए की लागत से अटल परिसरों का निर्माण किया जा रहा है।श्री साव ने प्रेस-कॉन्फ्रेंस में बताया कि पिछले वर्ष 25 दिसम्बर को मुख्यमंत्री तथा अन्य जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में अटलजी की 100वीं जयंती पर एक साथ 163 नगरीय निकायों में अटल परिसर के निर्माण के लिए भूमिपूजन किया गया था। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय, सांसदों, विधायकों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा 60 निकायों में अटल परिसर का लोकार्पण पहले ही किया जा चुका है। शेष नगरीय निकायों में भी अटल परिसर के निर्माण का काम प्रगति पर है। उन्होंने बताया कि शहरों में अटल परिसर का निर्माण प्रमुख स्थलों तथा उद्यानों में किया गया है। इसमें अटलजी की प्रतिमा की स्थापना के साथ-साथ परिसर एवं आसपास के क्षेत्र का सौंदर्यीकरण एवं विकास भी किया जा रहा है। अटल परिसर से नागरिकों को एक आकर्षक, मनोरंजक एवं सक्रिय सामाजिक-सांस्कृतिक स्थल की सुविधा मिलेगी। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के सचिव डॉ. बसवराजु एस. और राज्य शहरी विकास अभिकरण (SUDA) के सीईओ श्री शशांक पाण्डेय भी प्रेस-कॉन्फ्रेंस में मौजूद थे।
- बिलासपुर /प्राचार्य शासकीय लेखा प्रशिक्षण शाला बिलासपुर द्वारा आगामी लेखा प्रशिक्षण सत्र मार्च 2026 से जून 2026 तक के लिए आवेदन 1 जनवरी से 31 जनवरी 2026 तक मंगाये गये हैं। बिलासपुर संभाग अधिनस्थ समस्त कार्यालय प्रमुखों से अपेक्षा है कि वे कार्यालय में पदस्थ लिपिक वर्गीय कर्मचारी जिन्होनें तीन वर्ष की नियमित सेवा पूरी कर चुके, लेखा प्रशिक्षण हेतु इच्छुक लिपिक वर्गीय कर्मचारियों का निर्धारित प्रपत्र में आवेदन पत्र शासकीय लेखा प्रशिक्षण शाला न्यू कम्पोजिट बिल्डिंग, तृतीय तल बिलासपुर को प्रेषित करें। आवेदन पत्र इस प्रकार भेजने की व्यवस्था करें कि 31 जनवरी 2026 तक निर्धारित कार्यालयीन समय में इस कार्यालय को प्राप्त हो जाये। पूर्व में आवेदन कर चुके सभी कर्मचारियों को भी इस सूचना के प्रकाशन उपरांत प्रवेश हेतु पुनः आवेदन करना अनिवार्य है।
- बिलासपुर /प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत रबी फसल वर्ष 2025-26 के लिए जिले में फसल बीमा के अंतर्गत प्रीमियम जमा करने की अंतिम तिथि 31 दिसम्बर 2025 निर्धारित की गई है। योजना अंतर्गत जिले के कुल 88 ग्राम अधिसूचित किए गए हैं, जिनमें गेहूं, चना, सरसों एवं अलसी फसलें अधिसूचित है। अधिसूचित फसलों हेतु प्रति हेक्टेयर ऋणमान एवं कृषक प्रीमियम गेहूं (सिंचित) के लिए ऋणमान 30 हजार एवं प्रीमियम 450 रू, गेहूं (असिंचित) हेतु ऋणमान 25 हजार एवं प्रीमियम 375 रू, चना हेतु ऋणमान 32 हजार एवं प्रीमियम 480 रू, सरसों हेतु ऋणमान 22 हजार एवं प्रीमियम 330 रू तथा अलसी हेतु ऋणमान 18 हजार एवं प्रीमियम 270 रू निर्धारित किया गया है।ऋणी कृषक अपने संबंधित सहकारी समिति अथवा बैंक के माध्यम से फसल बीमा करा सकते हैं। वहीं अऋणी कृषक बुवाई प्रमाणपत्र, खसरा (बी-1, पी-2), आधार कार्ड, नवीनतम बैंक पासबुक एवं बटाईदार, कास्तकार घोषणापत्र के माध्यम से लोक सेवा केंद्र, सहकारी समिति, बैंक अथवा स्वयं के मोबाइल नंबर से क्रॉप इंश्योरेंस ऐप के जरिए भी फसल बीमा करा सकते हैं। उप संचालक कृषि द्वारा जिले के समस्त ऋणी एवं अऋणी कृषकों से अपील की गई है कि अंतिम तिथि की प्रतीक्षा न करते हुए समय पूर्व फसल बीमा कराएं, क्योंकि रबी फसल बीमा की अंतिम तिथि में अब केवल 7 दिवस शेष हैं। रबी फसल वर्ष 2025-26 में बीमा कराते समय मोबाइल ओटीपी के माध्यम से सत्यापन किया जाएगा, अतः अऋणी कृषक बीमा कराते समय मोबाइल साथ लेकर आएं। आगामी रबी मौसम में संभावित प्रतिकूल मौसम परिस्थितियों को दृष्टीगत रखते हुए किसानों से अनुरोध है कि अतिवृष्टि, ओलावृष्टि, प्राकृतिक आपदाओं एवं फसल कटाई प्रयोग से प्राप्त औसत उपज में कमी से होने वाले नुकसान की भरपाई हेतु प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ अवश्य लें।
- बिलासपुर /बहतराई गांव की महिला किसान श्रीमती भूरी बाई ने सीमित संसाधनों और पारिवारिक जिम्मेदारियों के बीच खेती कर आर्थिक आत्मनिर्भरता हासिल की है। पारिवारिक दायित्वों के बीच खेती जैसा अथक श्रम का काम करना चुनौतीपूर्ण रहा। लेकिन कड़ी मेहनत और सरकार से मिल रहे सहयोग ने उनकी राह आसान बना दी और वे अब आर्थिक रूप से न केवल सशक्त बन चुकी हैं बल्कि अन्य महिलाओं को भी प्रेरणा दे रही हैं।इस वर्ष भूरी बाई ने पूरे परिश्रम और लगन से धान की खेती की। फसल तैयार होने के बाद उन्होंने 38 क्विंटल धान सहकारी समिति के माध्यम से बेचा। धान विक्रय प्रक्रिया को लेकर उनके मन में पहले आशंकाएं थीं, लेकिन टोकन कटने से लेकर तौल और भुगतान तक सभी कार्य पारदर्शी और व्यवस्थित ढंग से पूरे हुए। कहीं कोई भटकाव नहीं, न ही किसी तरह की परेशानी।सबसे बड़ी राहत तब मिली जब धान बिक्री की राशि कुछ ही दिनों के भीतर सीधे उनके बैंक खाते में जमा हो गई। मेहनत की कमाई समय पर मिलने से भूरी बाई काफी खुश है। अपनी मेहनत की कमाई निकालने के लिए वे सरकंडा स्थित सहकारी बैंक पहुंचीं,जहां उन्हें सम्मान और सहयोग के साथ सेवा मिली और राशि आहरण में कोई दिक्कत नहीं हुई। भूरी बाई बताती हैं कि इस प्राप्त राशि से वे अपने घर की मरम्मत कार्य करवाएंगी।भूरी बाई कहती है किसान हितैषी योजनाओं और पारदर्शी व्यवस्था ने छोटे किसानों की जिंदगी में बड़ा बदलाव लाया है। उन्हें किसान सम्मान निधि का भी लाभ मिल रहा है जिससे उन्हें खेती किसानों के खर्च में मदद मिल जाती है। सरकार द्वारा 3100 रुपए प्रति क्विंटल धान खरीदी से वे खुद को पहले से अधिक सशक्त और आत्मनिर्भर महसूस कर रही हैं।भूरी बाई प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय का आभार जताते हुए कहती है कि सरकार की नीतियों और योजनाओं ने किसानों को सम्मान, सुरक्षा और समय पर मेहनत का फल दिया है।
- -हरित समृद्धि की ओर मजबूत कदमरायपुर l किसानों एवं स्थानीय युवक- युवतियों को उद्यानिकी क्षेत्र में सशक्त बनाने के उद्देश्य से सुशासन सप्ताह पर विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है, जो भविष्य में जिले की उद्यानिकी को नई दिशा और मजबूती प्रदान करेगा। सूरजपुर जिले में उद्यानिकी विभाग द्वारा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक सराहनीय और दूरदर्शी पहल की गई है। जिला खनिज न्यास डीएमएफ निधि के प्रभावी उपयोग से उद्यानिकी के क्षेत्र में किया जा रहा है lग्राफ्टिंग के माध्यम से एक ही पौधे में बैंगन और टमाटर पैदा करने की एक नवीन तकनीक अंतर-विशिष्ट ग्राफ्टिंग, जैविक और अजैविक तनावों के प्रति सहनशीलता बढ़ाने के साथ-साथ सब्जियों की उत्पादकता बढ़ाने के लिए एक आशाजनक रूप में उभरी है।मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की मंशानुरूप एवं कलेक्टर सूरजपुर के निर्देशन में सूरजपुर जिले में ग्राफ्टेड टमाटर, बैंगन एवं अन्य उद्यानिकी फसलों के उत्पादन को बढ़ावा देने हेतु विशेष प्रशिक्षण अभियान का शुभारंभ किया गया है। इस पहल के तहत किसानों को आधुनिक तकनीकों से जोड़ते हुए ग्राफ्टेड सब्जी उत्पादन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिससे सब्जियों की बढ़ती मांग को पूरा करने में किसानों को नई ताकत मिलेगी।अब तक जिले के किसानों को ग्राफ्टेड पौधों के लिए बाहरी एजेंसियों पर निर्भर रहना पड़ता था, जिससे समय, लागत और उपलब्धता की समस्याएं सामने आती थीं। इस स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन ने जिले में ही ग्राफ्टेड पौधे तैयार करने के लिए कौशल विकास आधारित माली प्रशिक्षण योजना लागू की है, जिससे किसानों की बाहरी निर्भरता कम होगी।इस उद्देश्य से कलेक्टर श्री एस. जयवर्धन द्वारा डीएमएफ निधि से उद्यानिकी विभाग को माली प्रशिक्षण हेतु राशि उपलब्ध कराई गई है। इसके अंतर्गत जिले की दो प्रमुख शासकीय उद्यान रोपणियां शासकीय उद्यान दतिमा, विकासखंड सूरजपुर और शासकीय उद्यान खोरमा, विकासखंड प्रतापपुर में 30-30 कुल 60 हितग्राहियों (किसान एवं स्थानीय युवक-युवतियां) को निःशुल्क माली प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है।प्रशिक्षण के दौरान लाभार्थियों को कटिंग, बडिंग एवं ग्राफ्टिंग द्वारा पौधा तैयार करने की आधुनिक तकनीकों का व्यावहारिक ज्ञान दिया जा रहा है। इसके साथ ही प्रशिक्षण पूर्ण होने के पश्चात उद्यानिकी टूल-किट भी प्रदान की जाएगी, ताकि प्रशिक्षित हितग्राही तुरंत अपने कार्य की शुरुआत कर सकें।यह प्रशिक्षण कार्यक्रम जिले में रोजगार सृजन, उत्पादन वृद्धि और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल किसानों की उत्पादन क्षमता में वृद्धि होगी, बल्कि स्थानीय युवक-युवतियों के लिए स्वरोजगार और उद्यमिता के नए अवसर भी सृजित होंगे। साथ ही ग्राफ्टेड पौधों की सुलभ उपलब्धता, लागत में कमी, गुणवत्ता में सुधार और उद्यानिकी उत्पादन में वृद्धि जैसे सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे।
- -छत्तीसगढ़ की प्राचीन धरोहर बनेगी विश्व स्तरीय पर्यटन स्थलरायपुर। केंद्र सरकार की स्वदेश दर्शन योजना 2.0 के तहत छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले में 146 करोड़ रू. की लागत से भोरमदेव कॉरिडोर परियोजना का विकास किया जा रहा है। भूमिपूजन दिसंबर 2025 के अंतिम सप्ताह में प्रस्तावित है, जिसमें मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के साथ केंद्रीय पर्यटन मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत शामिल होंगे। यह ऐतिहासिक निर्णय राज्य के पुरातात्विक और धार्मिक स्थलों को जोड़कर राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर स्थापित करेगा।1000 वर्ष पुरानी धरोहर को नया जीवनभोरमदेव मंदिर के इतिहास में पहली बार वाटर ट्रीटमेंट जैसी आधुनिक पहल हो रही है। परियोजना के अंतर्गत मुख्य मंदिर परिसर समेत मड़वा महल, छेरकी महल, रामचुआ, सरोधा दादर तक कॉरिडोर का समग्र विकास होगा। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तर्ज पर 6 प्रवेश द्वार, पार्क, संग्रहालय, परिधि दीवारों का संवर्धन, बाउंड्री वॉल साज-सज्जा, बोरवेल से पेयजल, शेड, बिजली, ड्रेनेज और पौधरोपण की व्यवस्था की जाएगी। ऐतिहासिक तालाब का सौंदर्यीकरण किया जाएगा। सफाई, जल गुणवत्ता सुधार, किनारों पर हरित क्षेत्र, बैठने की जगह और पैदल पथ विकसित किए जाएंगे। भोरमदेव मंदिर आने वाले हजारों कांवड़ यात्रियों के लिए आधुनिक शेड का निर्माण किया जाएगा। शेडों में पेयजल, स्वच्छता, विश्राम की समुचित व्यवस्था होगी, जिससे श्रद्धालुओं को सुरक्षित और सुविधाजनक ठहराव मिल सकेगा।स्थानीय अर्थव्यवस्था को मिलेगी मजबूतीभोरमदेव कॉरिडोर परियोजना के पूर्ण होने पर धार्मिक-सांस्कृतिक पर्यटन को नई गति मिलेगी, स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार सृजित होंगे तथा क्षेत्रीय आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी। यह छत्तीसगढ़ की प्राचीन धरोहरों को आधुनिक सुविधाओं से जोड़कर सांस्कृतिक पहचान को राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत करेगी।
- -5 लाख तक पहुँची सालाना आयरायपुर ।जिला नारायणपुर के विकासखण्ड ओरछा अंतर्गत ग्राम कुरूषनार की निवासी शांति दुग्गा आज ग्रामीण आत्मनिर्भरता की सशक्त पहचान बन चुकी हैं। रोशनी स्व सहायता समूह की सक्रिय सदस्य और प्रतीज्ञा ग्राम संगठन से जुड़ी शांति दुग्गा ने मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की बिहान योजना के माध्यम से न केवल अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ किया, बल्कि अन्य महिलाओं के लिए भी प्रेरणादायी उदाहरण प्रस्तुत किया है।शांति दुग्गा 19 अगस्त 2019 को स्व सहायता समूह से जुड़ीं। इससे पहले उनके परिवार की आजीविका कृषि कार्य और वनोपज संग्रहण पर निर्भर थी, जिससे आय सीमित रहती थी। समूह से जुड़ने के बाद उन्होंने नियमित बचत की शुरुआत की। शासन द्वारा समूह को 15 हजार रुपये की चक्रीय निधि एवं 60 हजार रुपये की सामुदायिक निवेश कोष राशि प्राप्त हुई, जिससे वित्तीय अनुशासन और आपसी लेन-देन की समझ विकसित हुई।बैंक लिंकेज के माध्यम से शांति दुग्गा ने पहली बार 1 लाख रुपये का ऋण लेकर किराना दुकान शुरू की। व्यवसाय में सफलता मिलने पर उन्होंने 2 लाख 70 हजार रुपये का ऋण लेकर कपड़ा व्यवसाय प्रारंभ किया। बाजार-हाट के कार्य को विस्तार देने के उद्देश्य से उन्होंने एक पिकअप वाहन भी खरीदा। नियमित आय के चलते वे समय पर ऋण की किश्तें और ब्याज का भुगतान करती रहीं।लगातार बढ़ते व्यवसाय और आत्मविश्वास के साथ शांति दुग्गा ने तीसरे चरण में 6 लाख रुपये का ऋण लेकर ट्रैक्टर खरीदा। आज उनके परिवार की वार्षिक आय 4 से 5 लाख रुपये तक पहुँच चुकी है, जिससे परिवार का जीवन स्तर उल्लेखनीय रूप से सुधरा है।शांति दुग्गा का कहना है कि बिहान योजना ने उन्हें आत्मनिर्भर बनने का अवसर दिया। आज वे अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा और बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करा पा रही हैं। उनकी सफलता कहानी यह सिद्ध करती है कि सही मार्गदर्शन और सरकारी योजनाओं के सहयोग से ग्रामीण महिलाएं भी आर्थिक सशक्तिकरण की नई मिसाल कायम कर सकती हैं।
- -इच्छुक एवं पात्र आवेदकों से 30 जनवरी तक आवेदन आमंत्रितमहासमुंद / वित्तीय वर्ष 2025-26 में प्रधानमंत्री अनुसूचित जाति अभ्युदय (पीएम-अजय) योजनांतर्गत जिला महासमुंद को 518 हितग्राहियों का लक्ष्य प्राप्त हुआ है। इस योजना के अंतर्गत अनुसूचित जाति वर्ग के पात्र हितग्राहियों को बैंकों के माध्यम से स्वरोजगार एवं आर्थिक विकास हेतु ऋण सुविधा प्रदान की जाएगी। इच्छुक एवं पात्र आवेदकों से 30 जनवरी 2026 तक आवेदन पत्र आमंत्रित किए गए हैं।कार्यपालन अधिकारी जिला अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति ने बताया कि पीएम-अजय योजना के तहत इकाई लागत की कोई अधिकतम सीमा निर्धारित नहीं है। योजना अंतर्गत किराना, मनिहारी, कपड़ा व्यवसाय, नाई सैलून, ब्यूटी पार्लर, टेलरिंग, फैंसी स्टोर, मोटर मैकेनिक, साइकिल मरम्मत, टीवी-रेडियो एवं मोबाइल रिपेयरिंग, वेल्डिंग, मुर्गी पालन, बकरी पालन, सब्जी व्यवसाय, दोना-पत्तल निर्माण, लघु एवं कुटीर उद्योग सहित स्थानीय आवश्यकता अनुसार अन्य आयजनक व्यवसायों के लिए ऋण हेतु आवेदन किया जा सकता है।योजना के लिए आवेदक का जिले का मूल निवासी होना अनिवार्य है तथा वह अनुसूचित जाति वर्ग से संबंधित होना चाहिए। आवेदक की आयु न्यूनतम 18 वर्ष एवं अधिकतम 50 वर्ष निर्धारित की गई है। आयु प्रमाण हेतु स्कूल द्वारा जारी दस्तावेज दाखिल-खारिज/5वीं, 8वीं, 10वीं की अंकसूची या मूल दस्तावेज के साथ शपथ पत्र प्रस्तुत करना होगा। ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में आवेदक की वार्षिक आय 2,50,000 तक होनी चाहिए। आवेदन के साथ सक्षम अधिकारी द्वारा जारी जाति प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र एवं आय प्रमाण पत्र मान्य होंगे। इसके अतिरिक्त मतदाता पहचान पत्र, राशन कार्ड, बैंक पासबुक या बिजली बिल संलग्न करना आवश्यक है। आवेदक पर किसी शासकीय योजना के अंतर्गत पूर्व का ऋण बकाया नहीं होना चाहिए, जिसके लिए संबंधित विभाग/बैंक द्वारा जारी अनापत्ति प्रमाण पत्र या शपथ पत्र देना होगा।योजना अंतर्गत पात्र हितग्राहियों को भारत सरकार के मापदंडों के अनुसार स्वीकृत ऋण राशि का 50 प्रतिशत अथवा अधिकतम 50,000 तक (जो भी कम हो) अनुदान के रूप में प्रदान किया जाएगा। आवेदन पत्र जिला अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति महासमुंद तथा जनपद पंचायतों से कार्यालयीन समय में प्राप्त किए जा सकते हैं।
- महासमुंद / राष्ट्रीय बागवानी मिशन अंतर्गत सब्जी क्षेत्र विस्तार योजना से लाभान्वित होकर महासमुंद जिले के पिथौरा विकासखण्ड के ग्राम कसहीबाहरा निवासी कृषक श्री दशरथ पटेल ने अपनी खेती की दिशा बदलकर एक प्रेरणादायक सफलता प्राप्त की है। 47 वर्षीय श्री दशरथ पटेल, जो 12वीं तक शिक्षित हैं, पूर्व में परंपरागत रूप से धान की खेती किया करते थे। उनकी भूमि रेतीली होने के कारण धान की खेती में अधिक लागत लगती थी, जबकि उत्पादन अपेक्षाकृत कम प्राप्त होता था। सीमित भूमि होने के कारण आय भी कम थी, जिससे आर्थिक स्थिति में सुधार कर पाना कठिन हो रहा था।आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करने के उद्देश्य से श्री पटेल ने उद्यानिकी विभाग से संपर्क किया और राष्ट्रीय बागवानी मिशन के अंतर्गत अनुदान प्राप्त कर सब्जी फसल के रूप में करेले की खेती अपनाई। उन्होंने 0.60 हेक्टेयर भूमि पर ड्रिप सिंचाई एवं मल्चिंग जैसी आधुनिक तकनीकों का उपयोग करते हुए करेले की खेती प्रारंभ की। इस परिवर्तन के बाद उनकी खेती में सुधार देखने को मिला।धान की खेती के दौरान लगभग 21 क्विंटल उत्पादन प्राप्त होता था, जिसे लगभग 31 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से विक्रय किया जाता था। इसमें लागत अधिक होने के कारण कुल आय सीमित रह जाती थी। वहीं करेले की खेती से लगभग 100 क्विंटल उत्पादन प्राप्त हुआ, जिसे औसतन 30 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से विक्रय किया गया। इस प्रकार श्री पटेल को लगभग 2 लाख रुपये की कुल आय प्राप्त हुई, जबकि लागत अपेक्षाकृत कम रही। परिणामस्वरूप उन्हें धान की तुलना में लगभग चार गुना अधिक शुद्ध लाभ प्राप्त हुआ।करेले की खेती से श्री दशरथ पटेल की आर्थिक स्थिति में काफी सुधार हुआ है। वे वर्तमान में अपनी खेती से संतुष्ट हैं और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रहे हैं। उनकी इस सफलता को देखकर ग्राम कसहीबाहरा सहित आसपास के क्षेत्रों के अन्य कृषक भी उद्यानिकी फसलों को अपनाने के लिए प्रेरित हो रहे हैं।
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-प्राक्चयन परीक्षा 28 दिसम्बर को रायपुर में आयोजित
महासमुंद / वर्ष 2025-26 में संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी हेतु राजीव युवा उत्थान योजना वर्ष 2019 के भाग (।) के अंतर्गत अभ्यर्थियों के चयन के लिए ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए गए थे। आवेदन परीक्षण के उपरांत अभ्यर्थियों की प्राक्चयन परीक्षा रविवार 28 दिसंबर 2025 को दोपहर 12.00 बजे से 02.00 बजे तक जिला रायपुर छत्तीसगढ़ में निर्धारित परीक्षा केंद्रों पर आयोजित की जाएगी।सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास ने जानकारी दी है कि उक्त प्राक्चयन परीक्षा के लिए जिन अभ्यर्थियों को अभिलेखों के अभाव में अपात्र घोषित किया गया था, उन्हें प्रावधिक रूप से परीक्षा में शामिल होने की अनुमति प्रदान की गई है। ऐसे अभ्यर्थी निर्धारित तिथि एवं समय पर प्राक्चयन परीक्षा में सम्मिलित हो सकेंगे। उन्होंने बताया कि परीक्षा से संबंधित विस्तृत जानकारी विभाग की आधिकारिक वेबसाइट www.tribal.cg.gov.in तथा https://hmstribal.cg.nic.in पर उपलब्ध है। - -छत्तीसगढ़ में पुष्प खेती से बदल रही किसानों की तकदीर-राज्य में 12 हजार हेक्टयेर में फूल की खेती-दो साल में बढ़ा 3405 हेक्टेयर रकबारायपुर / छत्तीसगढ़ के खेतों में अब धान की फसल के साथ-साथ खुशबू और रंग भी लहलहाने लगे हैं। परंपरागत खेती से आगे बढ़ते हुए प्रदेश के किसान तेजी से पुष्प खेती की ओर रुख कर रहे हैं। बीते ढाई वर्षों में राज्य में फूलों की खेती का रकबा 3405 हेक्टेयर बढ़ा है और उत्पादन 35 हजार 866 मीट्रिक टन तक पहुंच गया है। यह बदलाव न सिर्फ खेती के स्वरूप को बदल रहा है, बल्कि किसानों की आमदनी में भी नई खुशहाली घोल रहा है।राज्य सरकार की फसल विविधिकरण नीति के तहत वर्तमान में पुष्प फसलों का कुल रकबा 12 हजार हेक्टेयर हो चुका है। किसान अब ग्लेडियोलस, रजनीगंधा और गेंदा जैसे फूलों की खेती कर रहे हैं, जिन्हें बाजार आसानी से मिल जाता है। मांग स्थिर होने के कारण फूल किसानों के लिए नगदी फसल बनते जा रहे हैं।केंद्र परिवर्तित राष्ट्रीय बागवानी मिशन योजना के तहत पुष्प क्षेत्र विस्तार के लिए प्रति हेक्टेयर 50 हजार से 2.50 लाख रुपए की इकाई लागत पर 40 प्रतिशत तक अनुदान का प्रावधान है, यानि किसानों को 20 हजार से एक लाख रुपए तक की सहायता सीधे मिल रही है।उद्यानिकी विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्लेडियोलस और रजनीगंधा फूल की अधिकतम दो हेक्टेयर में खेती पर अनुदान की पत्रता का प्रावधान है, जो कि 2.5 लाख की इकाई लागत पर एक लाख रुपए है। राज्य में इस वर्ष 125 हेक्टेयर में ग्लेडियोलस तथा 50 हेक्टेयर में रजनीगंधा पुष्प की खेती का लक्ष्य रखा गया है। गेंदा फूल की खेती के लिए इस वर्ष 1200 हेक्टेयर का लक्ष्य निर्धारित है। इसकी खेती करने पर 50 हजार की लागत पर 20 हजार रुपए अनुदान का प्रावधान है। इस तरह राज्य में कुल 1375 हेक्टेयर क्षेत्र में पुष्प खेती के लिए सहायता देने का लक्ष्य रखा गया है।राज्य में संरक्षित खेती के तहत पॉलीहाउस और शेडनेट में एंथुरियम, ऑर्किड, कार्नेशन, जरबेरा, गुलाब, क्राइसेंथिमम और लीलियम जैसे उच्च मूल्य वाले फूलों की खेती को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। एंथुरियम और ऑर्किड के लिए 4000 वर्गमीटर तक 1000 रुपए प्रति वर्गमीटर की लागत पर 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है। इसी तरह गुलाब, क्राइसेंथिमम और लीलियम पर 45 रुपए प्रति वर्गमीटर की लागत पर 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है।मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा है कि पुष्प खेती किसानों की आय बढ़ाने और युवाओं को कृषि से जोड़ने का प्रभावी माध्यम है। सरकार अनुदान, तकनीक और बाजार की व्यवस्था कर किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। आने वाले समय में छत्तीसगढ़ फूलों की खेती का बड़ा केंद्र बनेगा। पुष्प खेती अब किसानों के लिए स्थायी आय का मजबूत साधन बन रही है। सरकारी प्रोत्साहन, बाजार की मांग और नई तकनीक के सहारे छत्तीसगढ़ के खेतों में फूलों की यह खुशबू दूर-दूर तक फैलने लगी है।
- -अटल जी के सुशासन के आदर्श आज भी देश और प्रदेश के लिए पथप्रदर्शक - मुख्यमंत्री विष्णु देव सायरायपुर /भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के अवसर पर मनाए जा रहे सुशासन दिवस 25 दिसंबर पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने उन्हें श्रद्धापूर्वक नमन किया।मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि अटलजी का सम्पूर्ण जीवन राष्ट्रसेवा, लोकतांत्रिक मूल्यों और सुशासन के प्रति अटूट प्रतिबद्धता का प्रतीक रहा है।मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी केवल एक महान राजनेता ही नहीं, बल्कि संवेदनशील कवि, दूरदर्शी विचारक और जनकल्याण को सर्वाेपरि रखने वाले प्रधानमंत्री थे। उनके नेतृत्व में देश ने सुशासन, पारदर्शिता और विकास की नई दिशा प्राप्त की। “अंत्योदय” की भावना के साथ समाज के अंतिम व्यक्ति तक विकास पहुंचाने का उनका दृष्टिकोण आज भी हमारी शासन-नीति का आधार है।मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में सुशासन को जन-जन तक पहुंचाने के लिए सरकार निरंतर कार्य कर रही है। प्रशासनिक सुधार, पारदर्शी व्यवस्था, समयबद्ध सेवाएं और जनविश्वास की पुनर्स्थापना, ये सभी प्रयास अटलजी के विचारों से प्रेरित हैं। उन्होंने कहा कि सुशासन दिवस केवल स्मरण का अवसर नहीं, बल्कि जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरने का संकल्प दिवस भी है।मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रदेशवासियों से आह्वान किया कि वे अटल बिहारी वाजपेयी के आदर्शों को अपने जीवन और कार्यशैली में आत्मसात करें तथा राष्ट्र और प्रदेश के समावेशी विकास में सहभागी बनें।
- -उपमुख्यमंत्री - विजय शर्मा की विशेष पहल से औपनिवेशिक परंपरा में ऐतिहासिक बदलाव-प्रशासनिक सुधारों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम-कवर्धा / छत्तीसगढ़ राज्य के मंत्रीगणों और पुलिस के आला अधिकारियों को सामान्य दौरे, निरीक्षण, भ्रमण के दौरान गार्ड ऑफ ऑनर दिए जाने की औपनिवेशिक परंपरा को समाप्त कर दिया गया है। गृह विभाग द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर के नियमों में संशोधन किए जाने का आदेश जारी कर दिया गया है, जो तत्काल प्रभाव से लागू होगा। उपमुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री श्री विजय शर्मा की विशेष पहल पर गृह विभाग ने गार्ड ऑफ ऑनर की औपनिवेशिक काल से चली आ रही परंपरा की समीक्षा करने के उपरांत इसमें संशोधन का आदेश जारी किया है। इसका उद्देश्य पुलिस बल की कार्यक्षमता का उपयोग कानून व्यवस्था को बेहतर बनाने और औपनिवेशिक सोच से जुड़ी परंपराओं को समाप्त करना है।गौरतलब है कि गृहमंत्री श्री विजय शर्मा ने स्वयं विभाग के अधिकारियों को गार्ड ऑफ ऑनर की वर्तमान व्यवस्था की समीक्षा कर इसमें वर्तमान स्थिति में आवश्यकतानुसार बदलाव करने के निर्देश दिए थे। जिसके परिपालन में गृह विभाग ने पुलिस बल को अनावश्यक औपचारिकताओं से मुक्त कर उनकी कार्यक्षमता का उपयोग उनके मूल दायित्वों के पालन के लिए यह संशोधन किया है।सामान्य दौरों में सलामी गारद समाप्तजारी आदेश के तहत राज्य के भीतर सामान्य दौरों, आगमन-प्रस्थान एवं निरीक्षण के दौरान अब गृहमंत्री, समस्त मंत्रीगण, पुलिस महानिदेशक सहित अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को सलामी गारद (गार्ड ऑफ ऑनर) नहीं दिया जाएगा। जिला भ्रमण, दौरे या निरीक्षण के समय पूर्व में प्रचलित सलामी व्यवस्था को पूर्णतः समाप्त कर दिया गया है। इससे पुलिस बल का समय और ऊर्जा का प्रभावी उपयोग सुरक्षा, कानून-व्यवस्था तथा जनसेवा के कार्यों में हो सकेगा।राष्ट्रीय एवं राजकीय आयोजनों में यथावत व्यवस्थायह प्रतिबंध राष्ट्रीय और राजकीय समारोहों पर लागू नहीं होगा। गणतंत्र दिवस (26 जनवरी), स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त), शहीद पुलिस स्मृति दिवस (21 अक्टूबर), राष्ट्रीय एकता दिवस (31 अक्टूबर), राजकीय समारोहों तथा पुलिस दीक्षांत परेड जैसे अवसरों पर औपचारिक सलामी गारद की व्यवस्था पूर्ववत रहेगी।संवैधानिक पदों के लिए प्रोटोकॉल जारीआदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि प्रोटोकॉल के अनुसार संवैधानिक पदों पर आसीन महानुभावों एवं विशिष्ट अतिथियों के लिए सलामी गारद की व्यवस्था पहले की तरह यथावत रहेगी। यह निर्णय शासन की प्रशासनिक सुधारों के प्रति प्रतिबद्धता और आधुनिक, जनोन्मुखी व्यवस्था की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे पुलिस बल की कार्यक्षमता में सकारात्मक सुधार होगा।
- -तखतपुर, मुंगेली, पंडरिया और पोंडी में 15 किमी रिहायशी क्षेत्र में बनेगी सड़क और नाली*रायपुर। राज्य शासन ने बिलासपुर-पंडरिया राष्ट्रीय राजमार्ग-130ए में रिहायशी क्षेत्र वाले चार सड़क खंडों में सड़क और नाली के निर्माण के लिए निविदा को मंजूरी दे दी है। उप मुख्यमंत्री तथा लोक निर्माण मंत्री श्री अरुण साव के अनुमोदन के बाद आज विभाग ने निविदा स्वीकृति का पत्र राष्ट्रीय राजमार्ग परिक्षेत्र रायपुर के मुख्य अभियंता को जारी कर दिया है। इन सड़क खंडों के निर्माण की मांग क्षेत्रवासी लंबे समय से कर रहे थे।विभाग द्वारा आज स्वीकृत निविदा के अनुसार 64 करोड़ 80 लाख रुपए की अनुमानित लागत से तखतपुर, मुंगेली, पंडरिया और पोंडी में कुल 15 किमी से अधिक लंबाई के राष्ट्रीय राजमार्ग के सड़क खंडों का निर्माण किया जाएगा। इस राशि से बिलासपुर-पंडरिया राष्ट्रीय राजमार्ग-130ए के अंतर्गत तखतपुर में 5.52 किमी, मुंगेली में 3.57 किमी, पंडरिया में 4.55 किमी तथा पोंडी में 1.59 किमी लंबाई के आबादी वाले क्षेत्रों में सीसी रोड, नाली और डामरीकृत सड़कें बनाई जाएंगी।
- -लोक सांस्कृतिक धुनों और रंगारंग कार्यक्रमों से सजेगा मंच-लोक गायिका आरू साहू, बस्तर और काफिला बैंड की खास प्रस्तुतिबिलासपुर /युवाओं की प्रतिभा, ऊर्जा और रचनात्मकता को मंच प्रदान करने के उद्देश्य से आयोजित तीन दिवसीय राज्य स्तरीय युवा महोत्सव का समापन 25 दिसंबर को होगा। इस महोत्सव में प्रदेशभर से चयनित युवा कलाकार अपनी सांस्कृतिक, संगीत एवं रचनात्मक प्रस्तुतियों के माध्यम से समृद्ध छत्तीसगढ़ी संस्कृति और युवा शक्ति का प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रतियोगिता में विजेता टीमों को राज्यपाल श्री रामेन डेका द्वारा पुरस्कृत किया जाएगा। समापन समारोह में आरु साहू के लोक गायन के साथ काफिला ,स्वप्निल और दायरा बस्तर बैंड की प्रस्तुति होगी।महोत्सव की शुरुआत शाम 4:30 बजे स्वप्निल लाइव बैंड की संगीतमय प्रस्तुति से होगी। इसके बाद 5:30 से 6:30 बजे तक लोक गायिका आरू साहू अपनी विशेष प्रस्तुति देंगी,जो युवाओं के लिए आकर्षण का केंद्र रहेगी। शाम 7:00 से 8:00 बजे तक पुरस्कार वितरण समारोह होगा, जिसमें माननीय राज्यपाल श्री रामेन डेका द्वारा विभिन्न विधाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रतिभाशाली युवाओं को सम्मानित किया जाएगा। सांस्कृतिक प्रस्तुतियों की श्रृंखला में रात 8:30 से 9:30 बजे तक ‘दायरा’ (बस्तर बैंड) द्वारा पारंपरिक लोकसंगीत की मनमोहक प्रस्तुति दी जाएगी।वहीं रात 9:30 से 10:30 बजे तक ‘क़ाफ़िला बैंड’ अपनी ऊर्जावान प्रस्तुति से दर्शकों का मनोरंजन करेंगे। खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा अधिक से अधिक संख्या में आम नागरिकों से कार्यक्रम में शामिल होकर कार्यक्रम को सफल बनाने की अपील की गई है।
- -प्रशासन गांव की ओर अभियान में दिव्यांग को मिली ट्राइसिकल-अटल डिजिटल सुविधा केंद्र का शुभारंभबिलासपुर /सुशासन सप्ताह के अंतर्गत प्रशासन गांव की ओर अभियान के तहत आज तखतपुर ब्लॉक के छतौना ग्राम पंचायत में जिला स्तरीय शिविर का आयोजन किया गया। इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष श्री राजेश सूर्यवंशी ने कहा कि प्रशासन गांव की ओर अभियान से ग्रामीणों को सीधे लाभ मिल रहा है। कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल ने कहा कि जिला प्रशासन का उद्देश्य शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना है। ऐसे शिविरों के माध्यम से आसपास के 10-15 गांव के लोगों को एक ही स्थान पर योजनाओं की जानकारी, पात्रता और आवेदन प्रक्रिया की सुविधा दी जा रही है। शिविर में छतौना सहित आसपास के 10 गांव के करीब सैकड़ों ग्रामीणों ने शामिल होकर योजनाओं का लाभ उठाया।़ इस दौरान अटल डिजिटल सुविधा केन्द्र के नए भवन का भी लोकार्पण किया।जिला पंचायत अध्यक्ष श्री राजेश सूर्यवंशी ने कहा कि प्रशासन गांव की ओर अभियान से ग्रामीणों को सीधे लाभ मिल रहा है। पंचायत, प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के समन्वय से योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन संभव हो रहा है और शासन की योजनाएं धरातल पर दिखाई दे रही हैं। कलेक्टर ने जल संरक्षण पर जोर देते हुए कहा कि वर्षा जल को गांव और खेतों में रोकना समय की आवश्यकता है। उन्होंने ग्रामीणों से नशामुक्ति और साइबर ठगी से सतर्क रहने की भी अपील की। शिविर में विभिन्न विभागों द्वारा स्टॉल लगाकर शासन की योजनाओं की जानकारी दी गई तथा पात्र हितग्राहियों को मौके पर ही लाभान्वित किया गया। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा बच्चों का अन्नप्रासन एवं गर्भवती महिलाओं के लिए गोदभराई कार्यक्रम आयोजित किया गया। विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत हितग्राही मूलक योजना के तहत सामग्री का वितरण कर लोगों को लाभान्वित किया गया।योजना से बदली जिंदगी -समाज कल्याण विभाग द्वारा बेलमुंडी निवासी दिव्यांग श्री प्रसाद कंेवट को मोटराइज्ड ट्राइसिकल और बैसाखी प्रदान की गई। अब तक उन्हें आवागमन और दैनिक कार्यों में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। ट्राइसिकल मिलने से वे आत्मनिर्भर महसूस कर रहे हैं और रोजमर्रा के काम स्वयं कर पाएंगे। इसी तरह श्री संतोष कुमार लास्कर को भी मोटराइज्ड ट्राइसिकल एवं छड़ी प्रदान की गई।कार्यक्रम में सीईओ जिला पंचायत श्री संदीप अग्रवाल, तखतपुर जनपद पंचायत अध्यक्ष श्रीमती माधवी संतोष वस्त्रकार, जिला पंचायत सदस्य श्रीमती अंबिका विनोद साहू, ग्राम पंचायत सरपंच श्रीमती राधिका राकेश कौशिक सहित अन्य जनप्रतिनिधि, अधिकारी एवं बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित रहे।
- दुर्ग। शहर में बढ़ते ट्रैफिक दबाव को नियंत्रित मंत्री गजेन्द्र यादव की पहल रंग लाई है। भिलाई दुर्ग के बीच नेशनल हाईवे किनारे दोनों ओर सर्विस लेन का निर्माण किया जाएगा। दुर्ग से भिलाई जाने यह सर्विस रोड महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। बड़े वाहनों के ट्रैफिक दबाव से निजात और सुरक्षित आवागमन होगा। रोड का कार्य प्रारंभ होने पर केबिनेट मंत्री स्वयं मौके पर पहुंचकर निर्माण का जायजा लिए इस दौरान दुर्ग के 05 वार्डों के नागरिकों की बहुप्रतिक्षित मांग पूरी होने पर उनका आभार जताये।शिक्षा, ग्रामोद्योग एवं विधी विधायी मंत्री गजेन्द्र यादव ने कहा की दुर्ग कातुल बोर्ड से धमधा नाका बोगदा तक नेशनल हाईवे के दोनों ओर सर्विस लेन निर्माण कार्य का निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय जी के सुशासन में दुर्ग विधानसभा क्षेत्र में आवागमन को सुरक्षित एवं सुगम बनाने हेतु निरंतर प्रभावी कार्य किए जा रहे हैं। नागरिकों की बहुप्रतिक्षित मांग को पूर्ण कर दुर्गवासियों को बड़ी सौगात दिए है।लगभग ₹2.63 करोड़ की लागत से निर्मित हो रहे इस सर्विस लेन के पूर्ण होने से नेशनल हाईवे के किनारे दुर्ग–भिलाई के राहगीरों को यातायात में बड़ी राहत मिलेगी। इसके अलावा बाईपास टोल प्लाजा उरला से बघेरा एसटीएफ बटालियन तक भी सर्विस लेन बनाया जाना प्रस्तावित है।शहर में बढ़ते ट्रैफिक दबाव को नियंत्रित करने और सुरक्षित आवागमन के दुर्ग शहर विधानसभा क्षेत्र में एप्रोच रोड, सड़क चौड़ीकरण और सड़क संधारण का निरंतर जारी है। इसी कड़ी में नागरिकों की मांग पर हाईवे किनारे सर्विस लेन बनाने शासन को प्रस्ताव भेजे और ₹2.63 करोड़ स्वीकृति मिलने पर कार्य प्रारंभ किया गया जिसका केबिनेट मंत्री गजेन्द्र यादव निरिक्षण कर निर्माण संबंधित विभागीय अधिकारी और एजेंसी से गुणवत्तापूर्ण कार्य और निर्धारित समय में कार्य पूर्ण करने निर्देश दिए।सर्विस लेन जुड़ेगा दुर्ग भिलाईहाईवे किनारे दुर्ग धमधा नाका बोगदा से कातुल बोर्ड से तक दोनों ओर सर्विस लेन बनने से दुर्ग भिलाई इससे जुड़ जाएगा। दुर्ग, तितुरडीह, सिकोला, कादम्बरी नगर से भिलाई नेहरूनगर होते हुए आगे जाने तथा भिलाई से दुर्ग की ओर जाने हाईवे में तेज रफ़्तार वाहनों की भीड़ से सर्विस रोड निजात दिलाएगा।इन वार्ड के नागरिकों को बड़ी सौगात मिली -हाईवे किनारे सर्विस लेन बनाने इन वार्डों के नागरिक कई वर्षों से मांग कर रहे थे। निर्माण कार्य पूर्ण होने से नर्सिंग विहार, पुष्पक नगर, हरीनगर, कादंबरी नगर, विद्याविहार, स्टीलकलोनी, आरोग्यं हॉस्पिटल, डी मार्ट क्षेत्र के हजारों लोगों को आवागमन में सुविधा मिलेगी।
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-दावा, आपत्ति 22 जनवरी तक लिए जाएंगे
-21 फरवरी को मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशनबिलासपुर /निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार मतदाता सूची के एसआईआर कार्यक्रम के तहत मंगलवार को ड्राफ्ट वोटर लिस्ट का प्रारंभिक प्रकाशन किया गया। इसके तत्काल बाद सूची पर दावा एवं आपत्तियां लेने का काम शुरू हो गया है जो कि 22 जनवरी तक लिया जायेगा। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी संजय अग्रवाल ने अपने कक्ष में राजनीतिक दलों की बैठक लेकर इसकी प्रक्रिया से उन्हें अवगत कराया।कलेक्टर ने बैठक में बताया कि दावा एवं आपत्तियां स्वीकार करने के लिए प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में कुछ केन्द्र निर्धारित किये गये हैं। दावा, आपत्तियों की नोटिस, सुनवाई एवं सत्यापन का कार्य साथ-साथ चलेगा। सुनवाई की अंतिम तिथि 14 फरवरी 2026 तय की गई है। वोटर लिस्ट का अंतिम प्रकाशन 21 फरवरी 2026 को किया जायेगा। बैठक में राजनीतिक दलों को विगत मतदाता सूची एवं वर्तमान मतदाता सूची में हुए अंतर की तुलनात्मक जानकारी दी गई। उन्हें निर्वाचक नामावलियों की दो प्रतियां भी उपलब्ध कराई गई। दावा आपत्तियों की सुनवाई के लिए नियत स्थल की सूची भी उन्हें दी गई। ड्राफ्ट मतदाता सूची में अपने नाम की जांच करने और नाम नहीं मिलता है तो क्या करें इसकी भी जानकारी से उन्हें अवगत कराया गया। बैठक में उप जिला निर्वाचन अधिकारी एवं अपर कलेक्टर शिवकुमार बनर्जी सहित इण्डियन नेशनल कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, मार्कसवादी कम्यूनिस्ट पार्टी एवं छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के प्रतिनिधि उपस्थित थे। - मोहला । सुशासन सप्ताह के अवसर पर जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के अंतर्गत 1 नवंबर के बाद पूर्ण हुए 718 से अधिक आवासों में एक साथ गृह प्रवेश कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस सामूहिक गृह प्रवेश से ग्रामीण अंचलों में उत्सव जैसा माहौल देखने को मिला।लाभार्थियों ने अपने नव-निर्मित आवासों को दीपों से सजाया, आंगन में रंगोलियां बनाई तथा पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ विधिवत गृह प्रवेश किया। कार्यक्रम में स्थानीय जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति से लाभार्थियों का उत्साह और अधिक बढ़ा। इस अवसर पर जनप्रतिनिधियों ने हितग्राहियों को नए आवास में सुख-समृद्धि और खुशहाल जीवन की शुभकामनाएं दीं।राज्य शासन के निर्देशानुसार प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत स्वीकृत आवासों का निर्माण समय-सीमा में पूर्ण कराने एवं ग्रामीण क्षेत्रों में जनजागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती भारती चंद्राकर द्वारा आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।- प्रत्येक माह 7 तारीख को आवास दिवस का आयोजन अनिवार्यजिले की प्रत्येक ग्राम पंचायत में प्रत्येक माह की 7 तारीख को आवास दिवस का आयोजन अनिवार्य रूप से किया जाएगा। यह आयोजन चावल महोत्सव एवं महात्मा गांधी नरेगा के रोजगार दिवस के साथ संयुक्त रूप से आयोजित होगा, जिससे अधिकतम ग्रामीण सहभागिता सुनिश्चित की जा सके।आवास दिवस के दौरान ग्राम पंचायत स्तर पर हितग्राहियों की सूची का सार्वजनिक वाच दिवस अथवा निर्धारित समय से पूर्व आवास पूर्ण करने वाले हितग्राहियों का सम्मान, लंबित किश्तों का त्वरित हस्तांतरण, मनरेगा मजदूरी भुगतान की समीक्षा, आवास निर्माण में आ रही समस्याओं का तत्काल निराकरण निर्माण सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु आवश्यक कार्यवाही की जाएगी। साथ ही पंचायत पदाधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों को योजना के प्रावधानों की जानकारी लाभार्थियों तक पहुंचाने तथा विभिन्न विभागों के साथ अभिसरण कन्वर्जेंस की संभावनाओं पर चर्चा करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि आवास निर्माण की गति और तेज हो सके।- टोल-फ्री नंबर के प्रचार पर विशेष ध्यानप्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत टोल-फ्री नंबर 1800-233-1290 के व्यापक प्रचार-प्रसार पर विशेष जोर दिया गया है, जिससे लाभार्थियों की समस्याओं का त्वरित समाधान किया जा सके। यह पहल जिले में आवास निर्माण को जन-आंदोलन का स्वरूप दे रही है। मासिक बैठकों के माध्यम से लाभार्थियों को स्थानीय निर्माण सामग्री के उपयोग, प्रशिक्षित राजमिस्त्रियों की सेवाएं लेने 20 से 25 वर्ग मीटर के मानक डिजाइन तथा गुणवत्तापूर्ण निर्माण प्रक्रिया की जानकारी दी जा रही है। इसका उद्देश्य ग्रामीणों को अपने आवास निर्माण में सक्रिय भागीदारी के माध्यम से सशक्त और आत्मनिर्भर बनाना है।
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मोहला । छत्तीसगढ़ राज्य कौशल विकास प्राधिकरण अंतर्गत मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु कलेक्टर एवं अध्यक्ष जिला कौशल विकास प्राधिकरण श्रीमती तुलिका प्रजापति की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में वित्तीय वर्ष 2026-27 की वार्षिक कौशल विकास कार्ययोजना तैयार किए जाने को लेकर विभागीय अधिकारियों से चर्चा की गई।
कलेक्टर ने वर्ष 2025-26 में संचालित कोर्सवार कौशल प्रशिक्षण की समीक्षा करते हुए जिले के विकासखंडवार सभी आईटीआई को उनके कोर्स अनुसार वीटीपी पंजीयन कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कृषि एवं उद्यानिकी विभाग को किसानों की रुचि के अनुसार उन्नत एवं रोजगारपरक प्रशिक्षण उपलब्ध कराने कहा। साथ ही जिले के समस्त वीटीपी संस्थानों को युवाओं को रोजगार उन्मुख पाठ्यक्रमों में प्रशिक्षण देने के निर्देश दिए गए। बैठक में वर्ष 2025-26 की कार्ययोजना को पूर्ण करने हेतु कृषि, उद्यानिकी एवं आईटीआई विभाग को जनवरी माह से प्रशिक्षण प्रारंभ करने के निर्देश दिए गए। बैठक में अपर कलेक्टर एवं नोडल अधिकारी जिला कौशल विकास प्राधिकरण श्री जीआर मरकाम सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।


















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