- Home
- देश
-
हलोल।. गुजरात के पंचमहल जिले के प्रसिद्ध पावागढ़ पहाड़ी मंदिर में शनिवार को एक सामान ढुलाई रोपवे का तार टूट जाने से छह लोगों की मौत हो गई। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने यह जानकारी दी। पुलिस अधीक्षक (एसपी) हरेश दुधात ने हादसे में छह मौतों की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि पुलिस और अग्निशमन दल राहत एवं बचाव कार्यों के लिए मौके पर मौजूद हैं। पावागढ़ मंदिर लगभग 800 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। श्रद्धालु मंदिर पहुंचने के लिए या तो लगभग 2000 सीढ़ियां चढ़ते हैं या फिर केबल कार का इस्तेमाल करते हैं। हालांकि, अधिकारियों ने बताया कि खराब मौसम के कारण रोपवे को सुबह से ही आम जनता के लिए बंद कर दिया गया था। पावागढ़ पहाड़ी की चोटी पर देवी काली को समर्पित एक भव्य मंदिर है। यहां हर साल लगभग 25 लाख आगंतुक आते हैं।
-
नयी दिल्ली.। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि वह भारत-अमेरिका संबंधों के “सकारात्मक” आकलन के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सराहना करते हैं। इससे पहले ट्रंप ने दोनों देशों के “विशेष” संबंध की सराहना की थी, जिसे दोनों देशों रिश्तों में आए तनाव को खत्म करने के प्रयास के तौर पर देखा गया। ट्रंप ने व्हाइट हाउस में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वह हमेशा "मोदी के मित्र" रहेंगे, लेकिन मोदी इस समय जो कर रहे हैं, वह उन्हें पसंद नहीं आया। ट्रंप ने हालांकि विस्तार से नहीं बताया कि वह किस बारे में बात कर रहे हैं। मोदी ने कहा, "हम राष्ट्रपति ट्रंप की भावनाओं और हमारे संबंधों को लेकर उनकी सकारात्मक राय की सराहना करते हैं और उसका पूरी तरह से समर्थन करते हैं।" उन्होंने कहा, "भारत और अमेरिका के बीच बहुत सकारात्मक, दूरदर्शी, व्यापक और वैश्विक रणनीतिक साझेदारी है।" दोनों नेताओं ने 17 जून को फोन पर हुई बातचीत के बाद पहली बार एक दूसरे के बारे में बयान दिए हैं।
भारतीय सामानों पर 50 प्रतिशत शुल्क लगाने के ट्रंप के फैसले के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया था। इसमें से 25 प्रतिशत शुल्क रूस से कच्चा तेल खरीदने को लेकर लगाया गया था। भारत ने अमेरिकी कार्रवाई को “अनुचित और विवेकहीन” बताया था। इससे पहले, भारत के साथ संबंधों को पुनः स्थापित करने की संभावना के बारे में पूछे गए प्रश्न का उत्तर देते हुए ट्रंप ने कहा कि दोनों देशों के बीच विशेष संबंध हैं और "चिंता की कोई बात नहीं है।" ट्रंप ने कहा, "मैं हमेशा (नरेन्द्र) मोदी का मित्र रहूंगा, वह एक महान प्रधानमंत्री हैं। लेकिन वह इस समय जो कर रहे हैं, मुझे पसंद नहीं है।” उन्होंने ओवल ऑफिस में कहा, "भारत और अमेरिका के बीच विशेष संबंध हैं। चिंता की कोई बात नहीं है।"ट्रंप ने बृहस्पतिवार कहा था कि अमेरिका भारत को चीन के हाथों खो रहा है।इस पोस्ट के बारे में पूछे जाने पर अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, "मुझे नहीं लगता कि ऐसा हुआ है। मैं इस बात से बहुत निराश हूं कि भारत रूस से इतना तेल खरीद रहा है।" उन्होंने कहा, “मैंने उन्हें बताया कि हमने भारत पर बहुत बड़ा शुल्क लगाया है - 50 प्रतिशत शुल्क, बहुत ज्यादा सुल्क। जैसा कि आप जानते हैं, मोदी के साथ मेरे बहुत अच्छे संबंध हैं, वह कुछ महीने पहले यहां आए थे।" - नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के महत्व पर एक लेख साझा किया और कहा कि यह भारत की आत्मनिर्भरता और विकास की यात्रा का मुख्य स्तंभ है। यह लेख केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने लिखा है, जिसमें उन्होंने बदलती दुनिया में शिक्षकों की भूमिका और उनकी जिम्मेदारी पर विस्तृत विचार रखे हैं।प्रधानमंत्री ने धर्मेंद्र प्रधान का लेख ‘द टीचर इन अ चेंजिंग वर्ल्ड’ साझा करते हुए लिखा कि इसमें एनईपी 2020 की अहमियत बताई गई है और यह भी समझाया गया है कि कैसे आज के शिक्षक डिजिटल क्लासरूम, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), बदलते पाठ्यक्रम और विविध शिक्षण आवश्यकताओं को तेजी से अपना रहे हैं। इसके लिए पीएम ई-विद्या, दीक्षा और स्वयं जैसे प्लेटफॉर्म उनकी मदद कर रहे हैं।केंद्रीय मंत्री ने अपने लेख में लिखा कि एनईपी 2020 भारत की आत्मनिर्भरता (आत्मनिर्भरता मिशन 2047) की मुख्य कड़ी है और इसे एक महत्वाकांक्षी राष्ट्रीय प्रयास माना जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि नीति में शिक्षकों को सुधारक बताया गया है, जो आने वाली पीढ़ियों को जिम्मेदार, कुशल और संतुलित नागरिक बनाएंगे।धर्मेंद्र प्रधान ने लिखा, “माता-पिता जन्म देते हैं, गुरु जीवन देते हैं। ये जीवनदाता उस भव्य इमारत की आत्मा हैं। स्कूल की इमारत सरकार बना सकती है, लेकिन उसमें प्राण फूंकने का काम शिक्षक करते हैं।” गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में स्वतंत्रता दिवस के भाषण और अन्य मंचों से भारत को 2047 तक आत्मनिर्भर और समृद्ध बनाने का आह्वान किया था। उन्होंने ‘आत्मनिर्भरता’ और ‘स्वदेशी अपनाने’ की अपील भी बार-बार दोहराई। बता दें कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू हुए पांच साल पूरे हो गए हैं। इस नीति ने भारत की शिक्षा प्रणाली को बदलने के लिए एक महत्वाकांक्षी खाका तैयार किया है। इसमें 5+3+3+4 संरचना और राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा 2023 शामिल है, जो बच्चों में अनुभवात्मक और दक्षता-आधारित शिक्षा को बढ़ावा देती है और उन्हें केवल किताबों, अंकों या रटने तक सीमित नहीं रखती।
- नई दिल्ली। दक्षिण-पश्चिम मॉनसून अपने अंतिम चरण में प्रवेश कर चुका है। अमूमन चार महीने के चक्र के अंतिम माह सितंबर के पहले सप्ताह में पीछे हटना शुरू हो जाता है लेकिन इस बार मौसम विभाग ने इसकी संभावित वापसी 17 तारीख तक बताई है और यह पूरे सीजन की तरह झमाझम वर्षा के साथ विदाई की तैयारी में दिख रहा है। अत्यधिक बारिश से जहां देश के बड़े हिस्से में फसलों को सीधा फायदा हुआ, वहीं कई राज्यों में बाढ़ और भूस्खलन के कारण खेतों, घरों और आम जनजीवन को व्यापक नुकसान भी हुआ है।झमाझम वाला सीजनमौसम विभाग के आंकड़े बताते हैं कि केवल सात वर्षों 1986, 1991, 2001, 2004, 2010, 2015 और 2019 को छोड़ दें तो 1980 के बाद से सितंबर में कभी 167.9 मिलीमीटर (मिमी) के दीर्घकालिक औसत से अधिक बारिश नहीं हुई। लेकिन इस वर्ष पूरे सीजन औसत से अधिक वर्षा हुई है। जून में सामान्य से 8.9 प्रतिशत, जुलाई में 4.8 प्रतिशत और अगस्त में 5.2 प्रतिशत अधिक पानी बरसा है। बिहार, असम, त्रिपुरा, मेघालय और मणिपुर जैसे राज्यों के कुछ हिस्सों को छोड़कर बाकी देश में सामान्य या इससे अधिक बरसात हुई है। खास बात है कि यह न केवल बारिश की मात्रा बल्कि इसके फैलाव और समयबद्धता के मामले में भी यह लगभग सभी क्षेत्रों को कवर करने वाले मॉनसून सीजन में से एक बन गया है।प्रचुर मात्रा में वर्षा से न केवल खरीफ का बुआई रकबा बढ़ा है, बल्कि जलाशय भी लबालब हो गए और मिट्टी में अच्छी नमी बन गई है जो आगामी रबी की बुआई के लिए शुभ संकेत है। सरकार के 22 अगस्त तक के आंकड़ों के मुताबिक मध्य प्रदेश, पूर्वी राजस्थान, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, हरियाणा, पंजाब, केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और दक्षिणी बिहार के अधिकांश हिस्सों में पिछले नौ वर्षों के औसत के समान या उससे बेहतर रूट-ज़ोन मिट्टी की नमी बन गई है। लेकिन, यह उत्तरी बिहार, असम के कुछ हिस्सों, गुजरात के सौराष्ट्र, राजस्थान के कुछ इलाकों और दक्षिणी ओडिशा में यह औसत से कम है। बीते 29 अगस्त तक खरीफ की फसलें 10.92 करोड़ हेक्टेयर से अधिक में बोई गईं, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान 32.5 लाख हेक्टेयर अधिक है, जिसमें धान और मक्का सबसे अधिक बोई गई। इस साल धान की बोआई 4.31 करोड़ हेक्टेयर में हुई जो पिछले वर्ष की इस अवधि से 26.6 लाख हेक्टेयर अधिक है। इसी तरह मक्का क्षेत्रफल 10 लाख हेक्टेयर बढ़कर 94 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया।अच्छी बारिश और मिट्टी में शानदार नमी का लाभ उठाने की हड़बड़ी ने उर्वरक की मांग बढ़ा दी है। यूरिया की बिक्री अप्रैल और जुलाई के बीच 14.2 प्रतिशत बढ़कर पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 1.24 करोड़ टन हो गई, जबकि डायमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) की बिक्री 12.9 प्रतिशत गिरकर 25.6 लाख टन हो गई। इसके बदले एनपीकेएस (नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटेशियम, सल्फर) उर्वरकों की बिक्री भी अधिक हुई जो 27.2 प्रतिशत बढ़कर 50 लाख टन दर्ज की गई। आमतौर पर खरीफ यूरिया और एनपीकेएस का मौसम होता है, जबकि रबी में डीएपी अधिक बिकता है। इस बार किसानों को यूरिया और डीएपी दोनों की ही कमी का सामना करना पड़ा जिससे खुदरा बिक्री केंद्रों पर लंबी-लंबी कतारें देखने को मिलीं। रिपोर्ट के अनुसार इस आपाधापी ने वैश्विक स्तर पर यूरिया की कीमतें बढ़ा दी हैं।सीजन के शुरू में अधिक बारिश खेती के लिए जहां वरदान साबित हुई, तो अगस्त के मध्य से हुई मूसलाधार ने बड़ा नुकसान कर दिया। एक तरफ कीट लग गए, दूसरी ओर, विशेष रूप से पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर में बाढ़ की स्थिति बन गई, जिससे फसलें तबाह हो गईं। अकेले पंजाब में अनुमानित 150,000 हेक्टेयर खड़ी फसलें जलमग्न हो गई हैं, जिससे बासमती और गैर-बासमती चावल की पैदावार प्रभावित होने की आशंका है।अखिल भारतीय किसान सभा (एआईकेएस) की ओर से जारी बयान में कहा गया कि हरियाणा में 12 जिलों के 1,402 गांवों में लगभग 250,000 एकड़ फसलें बरबाद हो गईं, जबकि हिमाचल प्रदेश में 25,000 एकड़ सेब के बागानों को नुकसान हुआ है। इसी तरह जम्मू-कश्मीर में हजारों एकड़ धान डूब गया। कृषि ही नहीं, बाढ़ और भूस्खलन ने पहाड़ी राज्यों में कहर बरपाया है, जहां राजमार्ग, पुल और बड़ी संख्या में घर-मकान बह गए। सैकड़ों मौतें भी हुईं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बाढ़ प्रभावित जम्मू-कश्मीर का दौरा किया है। वह प्रभावित राज्यों के साथ नियमित समीक्षा कर रहे हैं। केंद्र ने पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर में नुकसान का आकलन करने के लिए एक अंतर-मंत्रालयी टीम बनाई है। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने फसल हानि की शिकायतों के लिए एक विशेष निगरानी प्रकोष्ठ की स्थापना की है।कई विशेषज्ञ जहां अत्यधिक वर्षा का कारण जलवायु परिवर्तन को बता रहे हैं, वहीं देश के प्रमुख मॉनसून विशेषज्ञों में से एक और पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के पूर्व सचिव माधवन नायर राजीवन इससे इनकार करते हैं। बिज़नेस स्टैंडर्ड से बातचीत में उन्होंने कहा कि अगस्त और सितंबर में उत्तर भारत और हिमालयी बेल्ट में अतिरिक्त बारिश जलवायु परिवर्तन से जुड़ी नहीं है, बल्कि यह बंगाल की खाड़ी से प्रचुर नमी वाली पूर्वी हवाओं के साथ पश्चिमी विक्षोभ के संपर्क में आने से जुड़ी है।सामान्य तौर पर अगस्त में एक या दो पश्चिमी विक्षोभ ही आते हैं, लेकिन इस बार इनकी संख्या चार रही। राजीवन ने कहा कि कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि मॉनसून के दौरान पश्चिमी विक्षोभ में वृद्धि वैश्विक तापन के कारण आर्कटिक समुद्री बर्फ के पिघलने से जुड़ी हो सकती है, लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा कि इसका अभी तक कोई निर्णायक प्रमाण नहीं है।
- गुरुग्राम। केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर और हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने शुक्रवार को गुरुग्राम में 27 स्टेशनों को जोड़ने वाली एक नयी मेट्रो लाइन के शिलान्यास कार्यक्रम में भाग लिया।खट्टर ने भूमि पूजन के बाद एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि मिलेनियम सिटी सेंटर से साइबर सिटी होते हुए द्वारका एक्सप्रेसवे तक 28.5 किलोमीटर लंबे मेट्रो कॉरिडोर पर करीब 5,500 करोड़ रुपये खर्च होंगे।यह परियोजना चार साल में पूरी होगी और सुभाष चौक, हीरो होंडा चौक, उद्योग विहार, पालम विहार आदि स्थानों पर स्टेशन बनाए जाएंगे।हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री खट्टर ने कहा कि नयी मेट्रो लाइन गुरुग्राम को एक विशिष्ट पहचान प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि नयी मेट्रो लाइन से गुरुग्राम और दिल्ली तथा पूरे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के बीच संपर्क में सुधार होगा।आवास और शहरी मामलों के मंत्री खट्टर ने घोषणा की कि केंद्र सरकार देश भर में रियायती दरों पर 10,000 बसें उपलब्ध कराएगी, जिनमें से 450 बसें हरियाणा को आवंटित की जाएंगी। इनमें 100 बसें गुरुग्राम के लिए होंगी।गुरुग्राम मेट्रो रेल लिमिटेड ने शुक्रवार को गुरुग्राम विश्वविद्यालय परिसर सभागार में शिलान्यास समारोह का आयोजन किया।एक आधिकारिक बयान के अनुसार इस कार्यक्रम की अध्यक्षता हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने की और खट्टर मुख्य अतिथि थे।इस कार्यक्रम में हरियाणा के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री राव नरबीर सिंह, गुरुग्राम के विधायक मुकेश शर्मा, सोहना के विधायक तेजपाल तंवर और पटौदी की विधायक बिमला चौधरी ने भी शिरकत की।मुख्यमंत्री सैनी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि इस मेट्रो सेवा से सड़कों पर भीड़भाड़ कम होगी वहीं यात्रा में लगने वाले समय की बचत होगी, प्रदूषण में कमी आएगी तथा रोज़गार के नए अवसर पैदा होंगे।मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरुग्राम भारत के सबसे महत्वपूर्ण आर्थिक केंद्रों में से एक बन गया है, जहां प्रमुख ‘आईटी’, ‘बीपीओ’, ‘स्टार्टअप’ और वाहन कंपनियां स्थित हैं। उन्होंने कहा कि गुरुग्राम में 250 से ज़्यादा ‘फॉर्च्यून 500’ कंपनियां हैं।
- हरदोई (उत्तर प्रदेश)। हरदोई जिले में बच्चों के बीच हुए मामूली विवाद के बाद एक महिला की कथित तौर पर लाठी-डंडों से पिटाई कर दी गई, जिसकी इलाज के दौरान अस्पताल में मौत हो गई। पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। पुलिस के अनुसार मामला सुरसा थाना क्षेत्र के गांव सथरा का है जहां बच्चों के मामूली विवाद ने हिंसक रूप ले लिया।उसने बताया कि गांव के कुछ दबंगों ने रहिमनी उर्फ आलिया (40) को कथित तौर पर लाठी-डंडों से पीट दिया। गंभीर रूप से घायल आलिया को लखनऊ के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।मृतका के पति रज्जाक ने पुलिस को बताया कि सुबह उनके बच्चे गली में खेल रहे थे, तभी मुसब्बर के बच्चों से उनका झगड़ा हो गया जिसके बाद गांव के ही मुसफ्फर उर्फ गबदू, शेरअली, नसीम और नन्ही लाठी-डंडों से लैस होकर उनके घर में घुस आए और आलिया को बुरी तरह पीटा।रज्जाक ने बताया कि महिला की चीख-पुकार सुनकर आसपास के लोग इकट्ठा हुए, लेकिन तब तक हमलावर फरार हो गए। पुलिस क्षेत्राधिकारी (नगर) अंकित मिश्रा ने बताया कि शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर तीन आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद उन्हें जेल भेज दिया गया।
- नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जमैका के अपने समकक्ष एंड्रयू होलनेस को लगातार तीसरी बार चुनाव में जीत के लिए शुक्रवार को बधाई दी।मोदी ने कहा कि वह भारत और जमैका के बीच मित्रता के रिश्तों को और गहरा करने की आशा रखते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘डॉ. एंड्रयू होलनेस को लगातार तीसरी बार जमैका पार्टी को जीत दिलाने के लिए हार्दिक बधाई। भारत और जमैका के बीच मित्रता के रिश्तों को और गहरा करने तथा हमारे दोनों देशों के बीच सहयोग को और मजबूत बनाने की दिशा में काम करने को उत्सुक हूं।’ जमैका के प्रधानमंत्री एंड्रयू होलनेस ने कड़े मुकाबले के बाद तीसरी बार चुनाव में जीत हासिल की।
- नई दिल्ली। देश के कई राज्यों में बाढ़ ने भीषण तबाही मचाई है। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही बाढ़ प्रभावित राज्यों का दौरा कर हालात का जायजा लेंगे। आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को इस बारे में जानकारी दी है। भारी बारिश से उत्तर भारत के कई राज्य बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। भारी बारिश और बाढ़ से सड़कों और संपत्तियों को भारी नुकसान पहुंचा है, साथ ही जनहानि भी हुई है।ये राज्य हुए हैं सबसे अधिक प्रभावितहिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब जैसे राज्य सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में शामिल हैं। सूत्रों ने बताया कि मोदी इनमें से कुछ क्षेत्रों का दौरा करेंगे और हालात का जायजा लेंगे। उनका दौरा ऐसे वक्त हो रहा है जब कुछ राज्य सरकारों ने संकट से निपटने के लिए केंद्र से वित्तीय सहायता की मांग की है।शिवराज सिंह चौहान ने किया पंजाब का दौराइससे पहले बृहस्पितवार को कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पंजाब के अमृतसर जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। अमृतसर में उन्होंने कहा कि बाढ़ से उत्पन्न स्थिति का आकलन करने के लिए दो केंद्रीय दल भी पंजाब का दौरा कर रहे हैं और वे केंद्र को एक रिपोर्ट सौंपेंगे। अमृतसर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए चौहान ने कहा कि देश और मानवता की सेवा में पंजाबी हमेशा सबसे आगे रहे हैं।उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन आज पंजाब बाढ़ के कारण मुश्किल दौर से गुज़र रहा है और कई गांव प्रभावित हैं, जिससे सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। खेत जलमग्न हो गए हैं।’’ उन्होंने कहा कि केंद्र इस मुश्किल घड़ी में पंजाब के लोगों के साथ पूरी तरह खड़ा है। चौहान ने कहा, ‘‘मुझे प्रधानमंत्री ने पंजाब भेजा है। हम हालात का जायज़ा लेंगे और लोगों से बात करेंगे।’’ पंजाब में बाढ़ से अब तक 37 लोगों की मौत हो चुकी है और 3.55 लाख से ज़्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। अधिकारियों ने बताया कि बाढ़ में 1.75 लाख हेक्टेयर से ज़्यादा क्षेत्र में फसलें बर्बाद हो गई हैं।
- नयी दिल्ली। सेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर शुक्रवार को एक पुस्तक का विमोचन किया और कहा कि यह पुस्तक राजनीतिक स्पष्टता, सशस्त्र बलों को दी गई ‘‘पूर्ण स्वतंत्रता’’ की व्याख्या और निर्णायक कार्रवाई के लिए राजनीतिक-सैन्य उद्देश्यों को निर्धारित करने का विस्तार से विश्लेषण करती है।‘ऑपरेशन सिंदूर: द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ इंडियाज डीप स्ट्राइक्स इनसाइड पाकिस्तान’ नामक पुस्तक सेना के पूर्व अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) केजेएस ढिल्लों ने लिखी है तथा इसे यहां मानेकशॉ सेंटर में आयोजित कार्यक्रम में विमोचित किया गया।कार्यक्रम में, अपने संबोधन में जनरल द्विवेदी ने यह भी कहा, ‘‘आप सोच रहे होंगे कि 10 मई को युद्ध समाप्त हो गया, ऐसा नहीं है। बल्कि यह लंबे समय तक चला, क्योंकि बहुत सारे निर्णय लिए जाने थे और इससे आगे, निश्चित रूप से, मेरे लिए यहां कुछ भी साझा करना मुश्किल होगा।’’जम्मू कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकी हमला होना के बाद, भारत ने सात मई की सुबह ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया, जिसके तहत सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में कई आतंकी ढांचों को नष्ट कर दिया।बाद में भारत ने घोषणा की कि उसकी सैन्य कार्रवाई लक्षित और संतुलित थी।पाकिस्तानी सेना ने जवाबी कार्रवाई की और भारतीय सेना ने भी ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत जवाबी हमले शुरू किए, जिसके परिणामस्वरूप संघर्ष लगभग चार दिनों तक चला। दोनों पक्षों के बीच समझौता होने के बाद, 10 मई की शाम को सैन्य कार्रवाई रोक दी गई।सेना प्रमुख ने अपने संबोधन में कहा कि यह पुस्तक केवल एक सैन्य कार्रवाई का वृत्तांत नहीं है, बल्कि भारतीय सेना और राष्ट्र के ‘‘साहस, पेशेवराना दक्षता और अडिग जज़्बे’’ को नमन है।जनरल द्विवेदी ने कहा कि लेखक ने पुस्तक में उन पहलुओं को शामिल करने का प्रयास किया है ‘‘जो आमतौर पर अनसुने या अनकहे रह जाते हैं, क्योंकि सैनिक इसके बारे में बोल नहीं सकते।’’सेना प्रमुख ने कहा कि वह इस ‘‘कठिन कार्य’’ को पूरा करने के लिए लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) ढिल्लों के बहुत आभारी हैं।जनरल द्विवेदी ने कहा, ‘‘और, जहां तक नियंत्रण रेखा पर लड़ाई का सवाल है, यह बात सही ही कही गई है कि हम इस तरह की लड़ाई के इतने आदी हो गए हैं कि हमें इसकी प्रासंगिकता, भावनाओं, नुकसान, लाभ और चुनौतियों का एहसास ही नहीं होता।’’
- नई दिल्ली। आज के समय में पर्यावरण संरक्षण को लेकर लोगों की जागरूकता तेजी से बढ़ रही है. यही कारण है, कि रियल एस्टेट सेक्टर (Real Estate Sector) भी अब इको-फ्रेंडली (Eco-Friendly) रास्ते पर चल पड़ा है. घर खरीदने वाले ग्राहक अब ग्रीन बिल्डिंग्स (Green Buildings) यानी पर्यावरण के अनुकूल घरों की ओर आकर्षित हो रहे हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए बैंकों और वित्तीय संस्थानों ने ग्रीन होम लोन (Green Home Loan) की सुविधा शुरू की है.क्या है ग्रीन होम लोन?ग्रीन होम लोन एक खास तरह का होम लोन है, जिसे खासतौर पर उन ग्राहकों के लिए बनाया गया है जो पर्यावरण के अनुकूल घर लेना चाहते हैं. अगर कोई व्यक्ति नया इको-फ्रेंडली घर खरीदना चाहता है, अपने पुराने घर को ग्रीन टेक्नोलॉजी (Green Technology) से अपग्रेड करना चाहता है या फिर एनर्जी-एफिशिएंट (Energy-Efficient) घर बनवाना चाहता है, तो वह इस लोन के लिए अप्लाई कर सकता है.रिपोर्ट्स के मुताबिक, ग्रीन होम लोन पर सामान्य होम लोन की तुलना में ब्याज दरें कम होती हैं, और शर्तें भी ग्राहकों के लिए ज्यादा बेहतर होती हैं.ग्रीन होम लोन के फायदेकम ब्याज दरग्रीन होम लोन पर ग्राहकों को साधारण होम लोन की तुलना में काफी कम ब्याज दर देनी पड़ती है. इससे घर खरीदना अधिक किफायती हो जाता है.कार्बन फुटप्रिंट में कमीग्रीन होम्स में ऐसी सामग्री और तकनीक का इस्तेमाल होता है, जिससे ऊर्जा और प्राकृतिक संसाधनों की खपत कम होती है. इससे कार्बन फुटप्रिंट (Carbon Footprint) घटता है, और पर्यावरण को फायदा होता है.बिजली-पानी के बिल में बचतइन घरों में सोलर पैनल (Solar Panels), रेन वाटर हार्वेस्टिंग (Rainwater Harvesting) और एनर्जी-एफिशिएंट सिस्टम्स (Energy-Efficient Systems) लगाए जाते हैं. इससे बिजली और पानी का बिल काफी कम हो जाता है, और लंबे समय में अच्छी-खासी बचत होती है.प्रॉपर्टी की कीमत में बढ़ोतरीबढ़ती डिमांड की वजह से ग्रीन होम्स की प्रॉपर्टी वैल्यू भी लगातार बढ़ रही है. यानी इसमें निवेश करने पर भविष्य में बेहतर रिटर्न मिलता है.सरकार से प्रोत्साहनभारत सरकार भी ग्रीन बिल्डिंग्स को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं और सब्सिडी देती है. ऐसे में ग्राहकों को ग्रीन होम लोन लेने पर डबल फायदा मिलता है.ग्रीन होम लोन की चुनौतियांशुरुआती लागत ज्यादाग्रीन टेक्नोलॉजी और सस्टेनेबल मटेरियल (Sustainable Materials) की वजह से ऐसे घर की लागत सामान्य घर की तुलना में 2% से 10% तक ज्यादा हो सकती है. हालांकि लंबे समय में यह बचत करवाता है.सीमित उपलब्धताहर बैंक अभी यह सुविधा नहीं दे रहा है. फिलहाल बड़े बैंक जैसे एसबीआई (SBI) और एचडीएफसी (HDFC) इस लोन कैटेगरी में लीडर हैं, जबकि अन्य बैंक धीरे-धीरे इसमें शामिल हो रहे हैं.जागरूकता की कमीसरकार और बैंकों की कोशिशों के बावजूद लोगों में ग्रीन होम लोन और ग्रीन बिल्डिंग्स के बारे में कम जागरूकता है. यही वजह है, कि अभी इसकी डिमांड पूरी क्षमता तक नहीं पहुंची है.अगर आप नया घर खरीदने की सोच रहे हैं, और चाहते हैं कि वह सस्टेनेबल, एनर्जी-एफिशिएंट और भविष्य में ज्यादा वैल्यू वाला हो, तो ग्रीन होम लोन आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प साबित हो सकता है. यह न सिर्फ पर्यावरण की रक्षा करता है, बल्कि आपकी जेब और प्रॉपर्टी दोनों के लिए फायदेमंद है.
- नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को नई दिल्ली में राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार पाने वाले शिक्षकों को संबोधित किया। उन्होंने सभी विजेताओं को बधाई देते हुए कहा कि शिक्षक केवल ज्ञान देने वाले नहीं हैं, बल्कि राष्ट्र निर्माण की सबसे मजबूत आधारशिला हैं। पीएम ने गुरु-शिष्य परंपरा को भारत की ताकत बताया और कहा कि शिक्षक न सिर्फ बच्चों को साक्षर बनाते हैं बल्कि उनमें देशभक्ति और स्वावलंबन की भावना भी जगाते हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षकों का यह योगदान देश के भविष्य को दिशा देता है।प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बार नवरात्रि से देश को आर्थिक सुधारों का बड़ा लाभ मिलेगा। 22 सितंबर, सोमवार से यानी नवरात्रि के पहले दिन से नई जीएसटी दरें लागू होंगी। अब केवल दो जीएसटी स्लैब होंगे 5% और 18% उन्होंने इसे ‘जीएसटी 2.0’ करार देते हुए कहा कि इससे हर परिवार की बचत बढ़ेगी और अर्थव्यवस्था को नई ताकत मिलेगी। मोदी ने कहा कि इस सुधार से गरीब, किसान, महिलाएं, छात्र, युवा और मध्यम वर्ग को सीधा लाभ होगा। खासकर नए काम शुरू करने वाले युवा प्रोफेशनल्स को वाहन कर में राहत मिलेगी। उन्होंने बताया कि अब साबुन, टूथपेस्ट, साइकिल, बच्चों की टॉफी और होटल जैसी सेवाओं पर जीएसटी घटाकर 5% कर दिया गया है।प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाएं भी अब सस्ती हुई हैं। पहले डायग्नोस्टिक किट्स पर 16% टैक्स था, जो अब 5% है। सीमेंट पर 29% और टीवी-एसी जैसी वस्तुओं पर 31% टैक्स लगता था, जिसे अब 18% किया गया है। किसानों को भी राहत मिली है, क्योंकि ट्रैक्टर और सिंचाई उपकरणों पर टैक्स घटाकर 0% से 5% तक कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि टेक्सटाइल, लेदर और हैंडीक्राफ्ट जैसे क्षेत्रों को भी राहत दी गई है, जिससे लाखों रोजगार पैदा होंगे। युवाओं में फिटनेस को बढ़ावा देने के लिए जिम, योग और सैलून जैसी सेवाओं पर भी टैक्स कम किया गया है। मोदी ने इसे भारत के आर्थिक परिवर्तन की ऐतिहासिक शुरुआत बताते हुए कहा कि इससे कर व्यवस्था सरल होगी, जीवन स्तर सुधरेगा, खपत और आर्थिक विकास को बल मिलेगा और केंद्र-राज्य साझेदारी मजबूत होगी।प्रधानमंत्री ने ‘वोकल फॉर लोकल’, लोकल प्रोडक्ट डे का आह्वान कियाप्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि अब आयकर में बड़ी राहत दी गई है और 12 लाख रुपये तक की आय कर-मुक्त हो गई है। उन्होंने कहा कि आज महंगाई बहुत कम है और भारत लगभग 8% की विकास दर के साथ दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना हुआ है। अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत सिर्फ एक नारा नहीं बल्कि एक आंदोलन है। उन्होंने शिक्षकों से आग्रह किया कि वे बच्चों को स्वदेशी उत्पादों के महत्व को समझाएं और उन्हें ‘वोकल फॉर लोकल’ के लिए प्रेरित करें। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि भारत हर साल 1 लाख करोड़ रुपये का खाद्य तेल आयात करता है, इसलिए स्वदेशी विकल्प ढूंढना बेहद जरूरी है। उन्होंने स्कूलों में ‘स्वदेशी वीक’ और ‘लोकल प्रोडक्ट डे’ जैसे कार्यक्रम आयोजित करने का सुझाव दिया, जहां बच्चे अपने घर से बने इनोवेटिव और स्थानीय उत्पाद लाकर उनकी कहानियां साझा करें।पीएम मोदी ने कहा कि चंद्रयान मिशन ने छात्रों में विज्ञान और नवाचार की नई प्रेरणा जगाई है। उन्होंने शिक्षकों से कहा कि वे बच्चों को वैज्ञानिक और इनोवेटर बनने के लिए प्रोत्साहित करें। उन्होंने बताया कि देश में 10,000 से ज्यादा अटल टिंकरिंग लैब बन चुकी हैं और 50,000 नई लैब्स की मंजूरी दी गई है। इन पहलों की सफलता शिक्षकों की समर्पित कोशिशों पर निर्भर है। प्रधानमंत्री ने हाल ही में ऑनलाइन गेमिंग पर बनाए गए कानून का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य बच्चों को खतरनाक और पैसों से जुड़ी लत से बचाना है। साथ ही सरकार भारतीय पारंपरिक खेलों और स्टार्टअप्स को बढ़ावा देकर युवाओं के लिए गेमिंग उद्योग में करियर विकल्प तैयार कर रही है।प्रधानमंत्री मोदी ने अंत में कहा कि हर छात्र को यह सोचना चाहिए कि वह अपने देश की जरूरतों के लिए क्या योगदान कर सकता है। उन्होंने गांधीजी की स्वदेशी की भावना का उल्लेख करते हुए कहा कि आज के युवाओं का कर्तव्य है कि वे इसे पूरा करें। उन्होंने सभी शिक्षकों से आग्रह किया कि वे राष्ट्र निर्माण की इस जिम्मेदारी को और समर्पण के साथ निभाएं और विद्यार्थियों में आत्मनिर्भर भारत की नींव रखें।
-
नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने शुक्रवार को शिक्षक दिवस के अवसर पर नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह में देशभर के शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए। इस मौके पर उन्होंने शिक्षकों की भूमिका को भारत के भविष्य निर्माण में सबसे अहम बताया और राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के जरिए भारत को वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बनाने का आह्वान किया।
अपने संबोधन में राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि भोजन, वस्त्र और आवास की तरह शिक्षा भी सम्मान और सुरक्षा के लिए जरूरी है। संवेदनशील शिक्षक बच्चों में आत्मसम्मान और सुरक्षा की भावना जगाते हैं। उन्होंने अपने शिक्षक जीवन को याद करते हुए कहा कि वह उनके जीवन का सबसे सार्थक दौर था। राष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षा गरीब से गरीब बच्चे को भी ऊंचाइयों तक ले जा सकती है और समर्पित शिक्षक बच्चों की उड़ान को ताकत देते हैं। उनके अनुसार, शिक्षकों के लिए सबसे बड़ा पुरस्कार यह है कि छात्र जीवनभर उन्हें याद रखें और समाज व देश के लिए योगदान दें।राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि यह नीति कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों के विस्तार और वंचित वर्ग की लड़कियों के लिए विशेष शैक्षिक सुविधाओं पर जोर देती है। उन्होंने शिक्षकों से आग्रह किया कि वे खासकर उन छात्रों और लड़कियों पर ध्यान दें जो शर्मीली हैं या कम विशेषाधिकार प्राप्त परिवारों से आती हैं। राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि एनईपी 2020 का उद्देश्य भारत को वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बनाना है। इसके लिए हमारे शिक्षकों को विश्व के सर्वश्रेष्ठ शिक्षकों के रूप में मान्यता मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा और कौशल शिक्षा तीनों क्षेत्रों में संस्थानों और शिक्षकों का सक्रिय योगदान जरूरी है।उन्होंने छात्रों के चरित्र निर्माण पर जोर देते हुए कहा कि संवेदनशील, जिम्मेदार और नैतिक आचरण वाले छात्र सिर्फ किताबों और प्रतिस्पर्धा में उलझे छात्रों से बेहतर होते हैं। एक अच्छे शिक्षक में भावनाओं और बुद्धि का संतुलन होना चाहिए, ताकि वे छात्रों पर गहरा प्रभाव डाल सकें। डिजिटल शिक्षा पर बोलते हुए राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि स्मार्ट ब्लैकबोर्ड और स्मार्ट क्लासरूम महत्वपूर्ण हैं, लेकिन सबसे अहम स्मार्ट शिक्षक हैं। स्मार्ट शिक्षक वही हैं जो छात्रों की जरूरतों को समझते हैं और उन्हें संवेदनशीलता व स्नेह के साथ पढ़ाते हैं। ऐसे शिक्षक ही बच्चों को समाज और राष्ट्र की जरूरतों को पूरा करने में सक्षम बनाते हैं।उन्होंने अंत में लड़कियों की शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की अपील की। उन्होंने कहा कि बेटियों की शिक्षा में निवेश परिवार, समाज और राष्ट्र के निर्माण में सबसे बड़ा योगदान है और यही महिला-प्रधान विकास को बढ़ावा देने का सबसे प्रभावी तरीका है।- -
जबलपुर. मध्यप्रदेश के जबलपुर जिले के रानी दुर्गावती अस्पताल में एक महिला ने 5.2 किलोग्राम के एक बच्चे को जन्म दिया। अस्पताल की एक वरिष्ठ डॉक्टर ने यह जानकारी देते हुए बताया कि यह एक दुर्लभ घटना है क्योंकि नवजात का वजन सामान्य से कहीं अधिक है। अस्पताल की प्रमुख स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. भावना मिश्रा ने बताया कि रांझी इलाके में रहने वाले आनंद चौकसे की पत्नी शुभांगी ने बुधवार को इस बच्चे का जन्म किया। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने पिछले कई सालों में इतना भारी बच्चा नहीं देखा है।''
उन्होंने कहा कि ऐसे बच्चों को आमतौर पर 24 घंटे तक निगरानी में रखा जाता है क्योंकि उनके शर्करा के स्तर में उतार-चढ़ाव होता है। उन्होंने कहा, ‘‘बच्चा एसएनसीयू (विशेष नवजात शिशु देखभाल इकाई) में है क्योंकि ऐसे बच्चों में जन्मजात बीमारियों का खतरा होता है।'' मिश्रा ने बताया कि चिकित्सक रक्त शर्करा के स्तर को देख रहे हैं और कुल मिलाकर स्थिति नियंत्रण में है। उन्होंने कहा कि नवजात बच्चे का औसत वजन 2.8 से 3.2 किलोग्राम के बीच होता है, जबकि नवजात बच्ची का औसत वजन 2.7 से 3.1 किलोग्राम के बीच होता है। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन अच्छी जीवनशैली, पोषण और बेहतर चिकित्सा देखभाल के कारण शिशुओं के वजन में धीरे-धीरे सुधार होता है।'' मिश्रा ने कहा कि संभवतः यही वजह हो सकती है कि महिला ने 5.2 किलो के बच्चे को जन्म दिया। -
नयी दिल्ली. एनडीएमसी स्कूलों में विद्यार्थी मंत्रोच्चार, योगाभ्यास और ध्यान के साथ अपना दिन शुरू करेंगे, जबकि शिक्षक पारंपरिक गुरु-शिष्य मॉडल के अनुसार शिक्षा प्रदान करेंगे। यह 'विकास भी, विरासत भी' पाठ्यक्रम का हिस्सा है, जिसकी शुरूआत दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शिक्षक दिवस के एक दिन पहले बृहस्पतिवार को तालकटोरा स्टेडियम में किया। इस कार्यक्रम में शिक्षा के क्षेत्र में योगदान के लिए पंद्रह शिक्षकों को सम्मानित किया गया। 'विकास भी, विरासत भी' पहल का उद्देश्य भारत की सांस्कृतिक विरासत को आधुनिक शिक्षा में एकीकृत करना है, जिससे नई दिल्ली नगरपालिका (एनडीएमसी) द्वारा संचालित स्कूलों के 28,000 से अधिक छात्रों को लाभ होगा। पाठ्यक्रम दस्तावेज के अनुसार, छात्र अब दैनिक प्रार्थना सभा के दौरान गायत्री मंत्र, सरस्वती वंदना, गुरु मंत्र और शांति पाठ जैसे संस्कृत मंत्रों का पाठ करेंगे। इसके अलावा स्कूल की समय-सारिणी में योग और ध्यान को शामिल करना है। पाठ्यक्रम गुरु-शिष्य परम्परा को पुनर्जीवित करता है, तथा शिक्षकों के प्रति सम्मान और सहपाठियों के बीच मार्गदर्शन को बढ़ावा देता है।
- देहरादून. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश के हर जिले में एक-एक वृद्धाश्रम बनाने, दिव्यांगजन से विवाह करने पर प्रोत्साहन राशि बढ़ाकर 50,000 रुपये करने और कक्षा एक से आठ तक के दिव्यांग छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति हेतु आय सीमा समाप्त करने की बृहस्पतिवार को घोषणा की। मुख्यमंत्री ने ये घोषणाएं वरिष्ठ नागरिकों एवं दिव्यांगजनों के साथ संवाद कार्यक्रम के दौरान कीं।इस अवसर पर उन्होंने दिव्यांग शादी अनुदान एवं राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना के पोर्टल की शुरुआत की और समाज कल्याण विभाग की विभिन्न योजनाओं के तहत दी जा रही पेंशन की वित्त वर्ष 2025–26 की पांचवीं किस्त का ऑनलाइन भुगतान भी किया। इस मौके पर अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के सभी जिलों में एक-एक वृद्धाश्रम की व्यवस्था की जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य के सभी जिलों में वृद्धाश्रमों की व्यवस्था को सुदृढ़ कर रही है। उन्होंने कहा फिलहाल बागेश्वर, चमोली और उत्तरकाशी में राजकीय वृद्धाश्रम संचालित हो रहे हैं, जबकि देहरादून, अल्मोड़ा और चंपावत में नए भवन निर्माणाधीन हैं। इसके अतिरिक्त, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर और नैनीताल सहित विभिन्न क्षेत्रों में गैर-सरकारी संगठनों द्वारा संचालित वृद्धाश्रम भी कार्यरत हैं। उन्होंने बताया कि वरिष्ठ नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए राज्य में 'माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिक भरण-पोषण अधिनियम' लागू किया गया है, जिससे बुजुर्गों को अपने बच्चों या कानूनी उत्तराधिकारियों से भरण-पोषण प्राप्त करने का कानूनी अधिकार मिला है। मुख्यमंत्री ने कहा कि दिव्यांग युवक-युवती से विवाह करने पर प्रोत्साहन अनुदान राशि को 25,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये किया जाएगा तथा दिव्यांग छात्रवृत्ति योजना के तहत कक्षा एक से आठ तक के दिव्यांग छात्र-छात्राओं के लिए आय सीमा समाप्त कर दी जाएगी। धामी ने कहा कि बुजुर्गों और दिव्यांगजनों से संवाद का उद्देश्य उनकी समस्याओं और आवश्यकताओं को सीधे तौर पर जानना था ताकि उनके समाधान के लिए और अधिक ठोस कदम उठाए जा सकें। उन्होंने कहा कि हाल में देहरादून में 'प्रधानमंत्री दिव्याशा केंद्र' की शुरुआत की गई है और भविष्य में ऐसे केंद्र हर जिले में खोले जाएंगे।
-
नई दिल्ली। देशभर में आज शुक्रवार को ईद मिलाद-उन-नबी और ओणम का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई नेताओं ने देशवासियों को शुभकामनाएं दीं और इन पर्वों के महत्व पर प्रकाश डाला।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा कि पैगंबर मुहम्मद ने हमेशा एकता और मानवता की सेवा का संदेश दिया है। उन्होंने ईद मिलाद-उन-नबी की बधाई देते हुए देशवासियों से भाईचारे की भावना से आगे बढ़ने का संकल्प लेने का आह्वान किया। साथ ही उन्होंने ओणम के अवसर पर भारत और विदेश में रह रहे केरलवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं दीं।वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ईद मिलाद-उन-नबी की बधाई देते हुए लिखा कि यह पवित्र दिन समाज में शांति और कल्याण लेकर आए। उन्होंने करुणा, सेवा और न्याय जैसे मूल्यों को याद करने का आह्वान किया। ओणम की शुभकामनाएं देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि यह त्योहार केरल की समृद्ध परंपराओं का प्रतीक है और यह समाज में एकता और सद्भाव की भावना को और मजबूत करता है। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने भी ईद मिलाद-उन-नबी की बधाई दी और इसे मानवता के लिए शांति, खुशी और सेवा की भावना का वाहक बताया।उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेशवासियों को दोनों पर्वों की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि पैगंबर मुहम्मद का जन्मदिन समाज में शांति और सद्भाव बढ़ाने की प्रेरणा देता है। वहीं, ओणम को उन्होंने समृद्धि, सौहार्द और सांस्कृतिक उल्लास का प्रतीक बताया और किसानों समेत सभी नागरिकों के सुख-समृद्धि की कामना की। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी ईद मिलाद-उन-नबी की बधाई दी। उन्होंने लिखा कि यह पावन अवसर शांति, करुणा और सद्भाव का संदेश लेकर आए और समाज को एकजुट करे। -
नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर लगातार खतरे के निशान से ऊपर बना हुआ है। आज शुक्रवार की सुबह पुराने रेलवे ब्रिज पर यमुना का जलस्तर 207.31 मीटर दर्ज किया गया, जो चेतावनी स्तर 204.50 मीटर और खतरे के निशान 205.33 मीटर से काफी ऊपर है। बाढ़ नियंत्रण विभाग के मुताबिक, शुक्रवार रात 8 बजे तक जलस्तर 207.15 मीटर तक पहुंच सकता है और उसके बाद घटने की संभावना है। गौरतलब है कि हथिनीकुंड बैराज से 1,08,232 क्यूसेक, वजीराबाद बैराज से 1,74,150 क्यूसेक और ओखला बैराज से 2,44,478 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। बता दें कि जुलाई 2023 में यमुना का सबसे ऊंचा स्तर 208.66 मीटर दर्ज किया गया था।
जलस्तर बढ़ने से निगम बोध घाट पूरी तरह जलमग्न हो गया है। वहां दाह-संस्कार की प्रक्रिया अस्थायी रूप से रोक दी गई है और दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) जलनिकासी के काम में जुटा है। घाट पर काम करने वाले कर्मियों का कहना है कि पानी कम होने पर ही अंतिम संस्कार दोबारा शुरू किया जा सकेगा। यमुना बाजार और उसके आसपास भारी जलजमाव से यातायात ठप हो गया है। दिल्ली सचिवालय के पास डबल लाइन सड़क और इंदिरा गांधी स्टेडियम के गेट नंबर 5 की ओर जाने वाली सड़क भी जलमग्न हो गई है।प्रशासन ने यमुना बाजार, मजनू का टीला, गीता कॉलोनी, मयूर विहार और सिविल लाइंस से अब तक 12,000 से 14,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। बाढ़ प्रभावित इलाकों यमुना खादर, गीता कॉलोनी और मयूर विहार में राहत शिविर स्थापित किए गए हैं। दिल्ली सरकार और एमसीडी हालात पर लगातार नजर रखे हुए हैं और जलभराव वाले इलाकों में राहत व बचाव कार्य जारी है।- - नयी दिल्ली. जीएसटी दरों में व्यापक बदलाव से आवश्यक घरेलू वस्तुओं और सेवाओं पर कर की दरें कम होंगी और इससे अगले वित्त वर्ष में खुदरा मुद्रास्फीति को 0.65 से 0.75 प्रतिशत तक कम करने में मदद मिल सकती है। एसबीआई रिसर्च की एक रिपोर्ट में बृहस्पतिवार को यह कहा गया। जीएसटी परिषद की बुधवार को हुई 56वीं बैठक में मौजूदा चार स्तरीय कर दर ढांचे की जगह पांच प्रतिशत और 18 प्रतिशत की दो-स्तरीय कर संरचना को मंजूरी दी गयी है। इसके अलावा, कुछ विलासिता और अहितकर वस्तुओं और सेवाओं के लिए 40 प्रतिशत की विशेष दर निर्धारित की गई है। तंबाकू और संबंधित उत्पादों को छोड़कर नई कर दरें 22 सितंबर से प्रभावी होंगी।रिपोर्ट में कहा गया है कि जिन 453 वस्तुओं की जीएसटी दर में बदलाव हुआ है, उनमें से 413 वस्तुओं की दरों में कमी देखी गई, जबकि केवल 40 वस्तुओं की दरों में वृद्धि देखी गई। लगभग 295 वस्तुओं पर अब 12 प्रतिशत की बजाय पांच प्रतिशत या शून्य जीएसटी दर लागू है। चूंकि आवश्यक वस्तुओं (लगभग 295 वस्तुओं) की जीएसटी दर 12 प्रतिशत से घटकर पांच प्रतिशत/शून्य हो गई है, इसलिए खाद्य वस्तुओं पर 60 प्रतिशत लाभ ग्राहकों को मिलने के प्रभाव को ध्यान में रखते हुए इस श्रेणी में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति भी वित्त वर्ष 2025-26 में 0.25 से 0.30 प्रतिशत तक कम हो सकती है। एसबीआई रिसर्च रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘इसके अलावा, सेवाओं पर जीएसटी दरों को युक्तिसंगत बनाने से अन्य वस्तुओं और सेवाओं पर खुदरा मुद्रास्फीति में 0.40 से 0.45 प्रतिशत की और कमी आएगी।इसमें ग्राहकों को लाभ 50 प्रतिशत मिलने का अनुमान लगाया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, कुल मिलाकर, वित्त वर्ष 2026-27 के दौरान खुदरा मुद्रास्फीति में 0.65 से 0.75 प्रतिशत तक कमी आ सकती है। जीएसटी परिषद द्वारा दरों को युक्तिसंगत बनाने से प्रभावी भारांश औसत जीएसटी दर सितंबर 2019 में घटकर 11.6 प्रतिशत हो गई है, जो शुरुआत में 14.4 प्रतिशत थी। रिपोर्ट के अनुसार, दरों में वर्तमान बदलाव को देखते हुए प्रभावी भारांश औसत जीएसटी दर घटकर 9.5 प्रतिशत हो सकती है।
- नयी दिल्ली. मारुति सुजुकी इंडिया ने बृहस्पतिवार को कहा कि जीएसटी को तर्कसंगत बनाने से वाहन उद्योग को सालाना आधार पर करीब सात प्रतिशत की वृद्धि दर पर लौटने में मदद मिलेगी। मारुति सुजुकी इंडिया के चेयरमैन आर.सी. भार्गव ने एक बयान में कहा कि मोटर वाहन उद्योग तेज आर्थिक वृद्धि का प्रत्यक्ष लाभार्थी होगा। उन्होंने आगे कहा, ‘‘कार उद्योग की वृद्धि को भी जीएसटी प्रणाली से लाभ होगा। हमें उम्मीद है कि उद्योग की वृद्धि दर लगभग सात प्रतिशत प्रति वर्ष पर वापस आ जाएगी। विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि और रोजगार, दोनों को लाभ होगा।''पहले के अनुमानों के अनुसार, वित्त वर्ष 2025-26 में यात्री वाहन खंड में मामूली एक से दो प्रतिशत की वृद्धि होने का अनुमान था। भार्गव ने कहा कि विशेष रूप से मारुति सुजुकी छोटी कारों को 18 प्रतिशत जीएसटी के दायरे में रखे जाने से खुश है। भार्गव ने कहा, "10 प्रतिशत कम कर से सुस्त पड़े बाजार को प्रोत्साहन मिलेगा और अधिक लोग आवागमन के सुरक्षित और अधिक आरामदायक साधन खरीद सकेंगे।" जीएसटी दर में बदलाव को एक बड़ा सुधार बताते हुए उन्होंने कहा कि इससे पूरी अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा और देश विकसित भारत के लक्ष्य के करीब पहुंचेगा। उन्होंने कहा, "यह सुधार एक और कदम है जो लोगों को अपना भविष्य स्वयं बनाने के लिए सशक्त करेगा।"उन्होंने यह भी कहा कि पिछला बजट लोगों की जेब में अधिक पैसा लाया है और महंगाई नियंत्रण और वित्तीय अनुशासन की वजह से उधारी दरें भी कम हुई हैं। भार्गव ने कहा, "नई जीएसटी व्यवस्था से रोज़मर्रा की कई चीजे सस्ती होंगी, जिससे लोगों की खरीदने की ताकत बढ़ेगी। इससे मांग और उत्पादन में बढ़ोतरी होगी। साथ ही, फैसले लेने और उन्हें लागू करने की रफ्तार भी सराहनीय होगी।" इस मुद्दे पर ऑडी इंडिया के प्रमुख बलबीर सिंह ढिल्लों ने भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, "जीएसटी सरलीकरण सही दिशा में एक कदम है, जो उद्योग की वृद्धि में मदद करेगा और बाजार का विस्तार करेगा।"
- अयोध्या. आयोध्या में बृहस्पतिवार को स्थायी सुरक्षा समिति की एक उच्च स्तरीय बैठक में श्रीराम जन्मभूमि परिसर की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की गई। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। बैठक में अधिकारियों ने राम मंदिर के निर्माण के पूरा होने के साथ उभरती सुरक्षा चुनौतियों का ज़िक्र करते हुए, उनसे निपटने के लिए उन्नत तकनीक के इस्तेमाल पर बल दिया। अयोध्या के जिलाधिकारी निखिल टीकाराम फुंडे ने बैठक के बाद बताया कि उच्च तकनीक वाले सुरक्षा उपकरणों की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए एक प्रस्ताव को अंतिम रूप दे दिया गया है, जिसे उत्तर प्रदेश सरकार को मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘राम मंदिर का निर्माण पूरा होने के साथ ही नयी सुरक्षा चुनौतियां उभर रही हैं।''पुलिस अधीक्षक (सुरक्षा) बी.सी. दुबे ने बताया कि राम जन्मभूमि लंबे समय से आतंकवादी संगठनों के निशाने पर रही है। उन्होंने कहा कि आधुनिक उपकरणों का उपयोग करके किसी भी संभावित साजिश को नाकाम करने की योजनाएं बनाई गई हैं। बैठक में अपर महानिदेशक (एडीजी), महानिरीक्षक (आईजी), जिलाधिकारी और खुफिया ब्यूरो के निदेशक सहित वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। उन्होंने मंदिर परिसर का स्थलीय निरीक्षण किया और परिसर तथा उसके आसपास किए जा रहे विकास कार्यों की समीक्षा की। समिति ने स्पष्ट किया कि मंदिर में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं की सुरक्षा और
- नयी दिल्ली. मदर डेयरी ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह विभिन्न उत्पादों पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) में कटौती का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचाएगी। मदर डेयरी देश की अग्रणी दुग्ध कंपनियों में से एक है। गत वित्त वर्ष 2024-25 में इसका कारोबार 17,500 करोड़ रुपये रहा था। जीएसटी परिषद के निर्णय पर मदर डेयरी के प्रबंध निदेशक मनीष बंदलिश ने कहा, ‘‘ हम पनीर, ‘चीज़', घी, मक्खन, अल्ट्रा-हाई टेम्परेचर (यूएचटी) दूध, दूध आधारित पेय पदार्थ और आइसक्रीम सहित दुग्ध उत्पादों की व्यापक श्रृंखला पर जीएसटी दरों को कम करने के केंद्र सरकार के निर्णय की सराहना करते हैं।'' इस कदम से उपभोक्ताओं के लिए मूल्यवर्धित दुग्ध उत्पादों की पहुंच में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।बंदलिश ने कहा, ‘‘ यह पैकेड श्रेणियों के लिए विशेष रूप से काफी महत्वपूर्ण है, जो भारतीयों के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रही है और भविष्य में इनकी मांग में और तेजी आएगी।'' उन्होंने आश्वासन दिया कि मदर डेयरी यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि इस सुधार का लाभ उपभोक्ताओं तक प्रभावी ढंग से पहुंचाया जाए। दुग्ध उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला के लिए जीएसटी दरों में कटौती से किसानों के लिए बाजार में बड़े अवसर उत्पन्न होंगे।
- पटना. जिले के परसा बाजार इलाके में एक कार के ट्रक से टकरा जाने से उसमें सवार पांच लोगों की मौत हो गई। पारस थाना के एसएचओ ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। मृतकों की पहचान पटना निवासी राजेश कुमार (50), संजय कुमार सिन्हा (55), कमल किशोर (37), समस्तीपुर निवासी प्रकाश चौरसिया (35) और मुजफ्फरपुर निवासी सुनील कुमार (38) के रूप में हुई है। कार के मालिक संजय कुमार सिन्हा थे।उनके अलावा, बाकी लोग बेंगलुरु स्थित एक कीटनाशक कंपनी से संबद्ध थे। यह घटना बुधवार रात करीब 11 बजे परसा बाजार थाना क्षेत्र के श्वेता मोड़ के पास हुई। पटना सदर-2 के एसडीपीओ रंजन कुमार ने बताया, "कार चालक समेत सभी पांच लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। ऐसा लगता है कि कार चालक ट्रक को देख नहीं पाया और उनकी गाड़ी उसमें घुस गई।" उन्होंने बताया कि शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है और ट्रक को जब्त कर लिया गया है।
- नयी दिल्ली. दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में दिल की गंभीर बीमारी से जूझ रहे मेरठ निवासी 39 वर्षीय एक व्यक्ति को उस समय नई जिंदगी मिली जब चंडीगढ़ से दाता (डोनर) का हृदय विभिन्न ग्रीन कॉरिडोर के माध्यम से मात्र एक घंटे 55 मिनट में राष्ट्रीय राजधानी पहुंचाया गया। यह जीवन रक्षक प्रतिरोपण 26 अगस्त को किया गया। अस्पताल के अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि दो राज्यों से होकर हृदय को सुरक्षित और अनुकूल अवस्था में लाने से सर्जरी की सफलता की संभावनाएं काफी बढ़ गईं। मरीज बीते चार वर्षों से डाइलेटेड कार्डियोमायोपैथी, गंभीर माइट्रल वाल्व लीक से पीड़ित था और उसे सांस लेने में परेशानी भी होती थी। इलाज के लिए उसे कई बार आईसीयू में भर्ती कराना पड़ा था।पिछले माह जब उसे राष्ट्रीय अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (नोटो) में पंजीकृत किया गया, तो वह चंडीगढ़ में उपलब्ध दाता हृदय के लिए चयनित किया गया। कार्डियोथोरेसिक एंड वैस्कुलर सर्जरी विभाग के वरिष्ठ सलाहकार और निदेशक डॉ. सुजय शाद की अगुवाई में विशेषज्ञों की टीम ने सफलतापूर्वक प्रतिरोपण किया। डॉक्टरों के अनुसार, मरीज को सर्जरी के 18 घंटे के भीतर वेंटिलेटर से हटा दिया गया और उसने अब हल्की गतिविधियां भी शुरू कर दी हैं। यह प्रतिरोपण राष्ट्रीय अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संगठन, अंग निकालने और प्रतिरोपण करने वाली टीमों और दो राज्यों में बनाए गए निर्बाध ग्रीन कॉरिडोर के संयुक्त प्रयासों से संभव हो सका। डॉ. शाद ने कहा, “हृदय का दो घंटे से भी कम समय में हम तक पहुंचना इस सर्जरी की सफलता में निर्णायक भूमिका निभाने वाला कारक रहा।”अच्छी खबर
- नयी दिल्ली. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे पी नड्डा ने बृहस्पतिवार को जीएसटी सुधारों की सराहना करते हुए इसे दुर्गा पूजा और दिवाली जैसे त्योहारों से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा नागरिकों को दिया गया ‘‘बंपर उपहार'' बताया। उन्होंने जीएसटी परिषद द्वारा उठाए गए कदमों में खामियां निकालने के लिए कांग्रेस की आलोचना भी की और कहा कि यह विपक्षी पार्टी के दोहरे मानदंडों को उजागर करता है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी उन फैसलों का विरोध करते हैं जिनका समर्थन उनकी पार्टी शासित राज्य सरकारों के वित्त मंत्रियों द्वारा किया जाता है। उन्होंने कहा कि जीएसटी परिषद के सभी निर्णय आम सहमति से लिए गए हैं।नड्डा ने कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती संप्रग सरकार वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) भी लागू नहीं कर पाई क्योंकि राज्यों को उस पर भरोसा नहीं था।उन्होंने दावा किया कि इसके विपरीत, उस समय कांग्रेस ने मूल्य वर्धित कर (वैट) के जरिए गरीबों और व्यापारियों को लूटा और कर चोरी की भरपूर गुंजाइश छोड़ी। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने 2017 में जीएसटी लागू करके ‘एक राष्ट्र एक कर' की अवधारणा को साकार किया। जीएसटी परिषद ने बुधवार को जीएसटी में व्यापक सुधारों की घोषणा की, जिसमें 28 प्रतिशत और 12 प्रतिशत के कर स्लैब को हटा दिया गया और केवल पांच प्रतिशत और 18 प्रतिशत के दो स्लैब रखे गए। नड्डा ने कहा कि कई आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी शून्य कर दिया गया है और कई अन्य उत्पादों पर इसे काफी घटा दिया गया है।उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने स्वतंत्रता दिवस भाषण में जीएसटी सुधारों की मंशा व्यक्त की थी और अब जीएसटी परिषद ने यह ऐतिहासिक कदम उठाया है। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि ये सुधार नागरिकों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने और व्यापारियों एवं छोटे व्यवसायों के लिए व्यापार को आसान बनाने में मदद करेंगे। नड्डा ने कहा,‘‘हमारी सरकार का लक्ष्य केवल राजस्व संग्रह ही नहीं, बल्कि हर नागरिक के जीवन स्तर को बेहतर बनाना भी है।'' उन्होंने कहा कि यह निर्णय अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा और नयी उम्मीदें जगाएगा।केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री नड्डा ने कहा कि स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम पर कर हटाने का निर्णय एक बहुत ही महत्वपूर्ण कदम है तथा इससे लोगों के स्वास्थ्य और वित्तीय सुरक्षा को मजबूती मिलेगी। नड्डा ने इस निर्णय के लिए जीएसटी परिषद की अध्यक्ष केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और इसके सदस्य विभिन्न राज्यों के वित्त मंत्रियों की भी प्रशंसा की।
-
नई दिल्ली। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने अगस्त 2025 में 221 करोड़ से अधिक आधार ऑथेंटिकेशन लेन-देन दर्ज किए। यह संख्या न केवल जुलाई 2025 से अधिक रही, बल्कि अगस्त 2024 की तुलना में भी 10.3 प्रतिशत अधिक रही। यह आंकड़ा देश में आधार के बढ़ते उपयोग, डिजिटल अर्थव्यवस्था के विस्तार और कल्याणकारी योजनाओं की प्रभावी डिलीवरी का संकेत देता है।
फेस ऑथेंटिकेशन में तेजीइसके अलावा अगस्त 2025 में 18.6 करोड़ फेस ऑथेंटिकेशन लेन-देन भी हुए, जबकि अगस्त 2024 में यह संख्या 6.04 करोड़ थी। अब तक कुल 213 करोड़ फेस ऑथेंटिकेशन लेन-देन पूरे हो चुके हैं। 1 सितंबर 2025 को UIDAI ने एक ही दिन में अब तक के सबसे अधिक 1.5 करोड़ फेस ऑथेंटिकेशन लेन-देन दर्ज किए। इससे पहले 1 अगस्त 2025 को 1.28 करोड़ का रिकॉर्ड बना था।वहीं अब एआई आधारित फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक एंड्रॉयड और iOS दोनों प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है। इससे लोग सिर्फ चेहरे की स्कैनिंग से अपनी पहचान सत्यापित कर सकते हैं। यह सुविधा उपयोगकर्ताओं को आसानी के साथ-साथ मजबूत सुरक्षा भी प्रदान करती है। 150 से अधिक सरकारी मंत्रालय और विभाग, वित्तीय संस्थान, तेल विपणन कंपनियां और टेलीकॉम सेवा प्रदाता आधार फेस ऑथेंटिकेशन का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसके माध्यम से लाभ और सेवाओं की डिलीवरी को सरल और तेज बनाया जा रहा है। अगस्त 2025 में 38.53 करोड़ ई-केवाईसी लेन-देन पूरे हुए। आधार आधारित ई-केवाईसी सेवा बैंकिंग और गैर-बैंकिंग वित्तीय सेवाओं सहित कई क्षेत्रों में ग्राहक अनुभव सुधारने और कारोबार सुगम बनाने में अहम भूमिका निभा रही है। इस बढ़ते उपयोग से साफ है कि आधार केवल पहचान का साधन ही नहीं, बल्कि डिजिटल अर्थव्यवस्था और सुशासन का मजबूत आधार बन चुका है।