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- नई दिल्ली। सरकार ने मलेरिया के इलाज में काम आने वाली दवा हाइड्रॉक्सिक्लोरोक्विन के निर्यात पर लगी रोक को गुरुवार को तत्काल प्रभाव से हटा दिया। सरकार ने 25 मार्च को कोविड-19 महामारी के प्रकोप के मद्देनजर इस दवा के निर्यात पर पूरी तरह से रोक लगा दी थी।यह दवा कोरोना वायरस महामारी के संक्रमित मरीजों का इलाज करने में भी कारगर मानी जा रही हे। विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीएफएफटी) ने एक अधिसूचना में कहा, हाइड्रॉक्सि क्लोरोक्विन एपीआई (सक्रिय दवा सामग्री) और इसके फार्मूलेशंस की निर्यात नीति को तुरंत प्रभाव से निषेध से बदलकर मुक्त किया जाता है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने कोरोना वायरस के संक्रमण के मामलों की देखभाल करने वाले स्वास्थ्यकर्मियों के इलाज के लिये हाइड्रॉक्सि क्लोरोक्विन के इस्तेमाल की भी सिफारिश की थी। इसके अलावा संक्रमित लोगों के संपर्क में आये लोगों के लिये भी इस दवा के इस्तेमाल की सिफारिश की थी।अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में हाइड्रॉक्सि क्लोरोक्विन को पासा पलटने वाला बताया था। हालांकि, इस दवा के निर्यात पर रोक लगाई गई थी, लेकिन भारत ने कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिये अपनी वैश्विक प्रतिबद्धता के साथ कई देशों को इस दवा की आपूर्ति की थी। भारत ने घरेलू आपूर्ति सुनिश्चित करते हुए पिछले दो महीनों में 120 से अधिक देशों को पैरासिटामोल और हाइड्रॉक्सिक्लोरोक्विन की आपूर्ति की। पैरासिटामोल एक दर्द निवारक दवा है, जबकि हाइड्रॉक्सि क्लोरोक्विन एक पुरानी और सस्ती दवा है, जिसका उपयोग मलेरिया के इलाज में किया जाता है। भारत वैश्विक स्तर पर इस दवा का सबसे बड़ा उत्पादक और निर्यातक है। भारत अकेले हाइड्रॉक्सिक्लोरोक्विन की पूरी दुनिया की आपूर्ति का 70 फीसदी उत्पादन करता है। भारत ने अप्रैल 2019 से जनवरी 2020 के दौरान 1.22 अरब डॉलर मूल्य के हाइड्रॉक्सि क्लोरोक्विन एपीआई का निर्यात किया। इसी अवधि के दौरान हाइड्रॉक्सिक्लोरोक्विन से बनी अन्य फार्मुलेशंस का निर्यात 5.50 अरब डॉलर का रहा।-----
- नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वाणिज्यिक खनन के लिये 41 कोयला खदानों के नीलामी प्रक्रिया शुरू की। सरकार के इस कदम से देश का कोयला क्षेत्र निजी कंपनियों के लिए खुल जाएगा। श्री मोदी ने इसे आत्मनिर्भर भारत बनने की दिशा में एक बड़ा कदम बताया।इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि देश ने कोयला और खनन क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा, पूंजी, भागीदारी और प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के लिए इसे पूरी तरह खोलने का एक बड़ा फैसला लिया है। आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए 41 कोयला खदानों की वाणिज्यिक खनन के लिए नीलामी की शुरूआत के अवसर पर उन्होंने कहा कि भारत को ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया जा रहा है। श्री मोदी ने कहा कि सरकार न केवल वाणिज्यिक कोयला खनन के लिए नीलामी की शुरूआत कर रही है, बल्कि कोयला क्षेत्र के लिए दशकों का लॉकडाउन भी खत्म कर रही है।प्रधानमंत्री ने कहा कि निजी क्षेत्र को कोयले के लिए वाणिज्यिक खनन की अनुमति देकर दुनिया के चौथे सबसे बड़े कोयला भंडार वाले देश के संसाधनों को नियंत्रण मुक्त किया जा रहा है। उन्होंने इस क्षेत्र के लिए पिछली नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि भारत के विशाल कोयला भंडारों के कारण इसे दुनिया का सबसे बड़ा कोयला निर्यातक होना चाहिए। श्री मोदी ने कहा कि यह विडम्बना है कि भारत कोयला भंडार की दृष्टि से दुनिया का चौथा और उत्पादन की दृष्टि से दूसरा सबसे बड़ा देश होने के बावजूद कोयले का दूसरा सबसे बड़ा आयातक देश बना हुआ है। उन्होंने कहा कि यह स्थिति दशकों से बनी हुई है और यह क्षेत्र प्रतिस्पर्धा से बाहर है तथा पारदर्शिता भी एक बड़ी समस्या रही है।प्रधानमंत्री ने कहा कि पूर्वी तथा मध्य भारत और इस जनजातीय क्षेत्र को विकास का आधारभूत ढांचा बनाने के लिए कोयला क्षेत्र में सुधार, एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि देश में 16 ऐसे जिले हैं, जहां कोयले के विशाल भंडार हैं, लेकिन स्थानीय लोगों को इनसे इतना फायदा नहीं हुआ है, जितना की होना चाहिए। श्री मोदी ने कहा कि कोयला क्षेत्र में सुधार और निवेश से गरीबों और जनजातीय लोगों का जीवन सुगम बनाने में बड़ी भूमिका होगी।प्रधानमंत्री ने कहा कि वाणिज्यिक कोयला खंड नीलामी से उद्योगों को भी लाभ होगा। उन्होंने कहा कि इससे नये संसाधन खुलेंगे और राज्यों को अधिक राजस्व प्राप्त होगा तथा रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि सरकार ने 2030 तक लगभग दस करोड़ टन कोयले को गैस में परिवर्तित करने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि इसके लिए चार परियोजनाओं की पहचान की गई है। इसमें लगभग 20 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा।प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत कोविड-19 महामारी से निपटने और इस संकट को अवसर में बदलने में कामयाब रहेगा। उन्होंने कहा कि इस महामारी ने भारत को आत्मनिर्भर बनने का सबक सिखाया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत का मतलब है, आयात पर निर्भरता कम करना और देश की विदेशी मुद्रा को बचाना। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत अपने संसाधन बढ़ाएगा ताकि उसे आयात पर निर्भर न रहना पड़े। श्री मोदी ने कहा कि सभी संकेत दर्शाते हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था फिर से तेजी से आगे बढऩे के लिए तैयार हैं।वहीं इस अवसर पर मौजूद कोयला और खान मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि देश के कोयला उत्पादन को एक अरब टन तक पहुंचाने के लिए क्षेत्र में 50 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया गया है। कोयला क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कोयला मंत्रालय ने फिक्की के साथ मिलकर 41 कोयला खदानों की नीलामी प्रक्रिया शुरू की है। यह नीलामी कोयला खदान (विशेष प्रावधान) अधिनियम और खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम के तहत की गयी है।सरकार के मुताबिक इन कोयला खदानों से होने वाला उत्पादन देश के 2025-26 तक अनुमानित कोयला उत्पादन में करीब 15 प्रतिशत का योगदान करेगा। साथ ही इससे 2.8 लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। इसमें करीब 70,000 लोगों को प्रत्यक्ष और 2.10 लाख लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार मिलने की उम्मीद है।
- - 6 राज्यों के 116 जिलों में 125 दिनों का यह अभियान प्रवासी श्रमिकों की सहायता के लिए मिशन मोड में चलाया जाएगा- गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत 50 हजार करोड़ रुपये के सार्वजनिक कार्य कराए जाएंगेनई दिल्ली। वापस आए प्रवासी श्रमिकों और गांव के लोगों को सशक्त बनाने और आजीविका के अवसर प्रदान करने के लिए भारत सरकार ने एक व्यापक ग्रामीण सार्वजनिक कार्य योजना गरीब कल्याण रोजगार अभियान शुरू करने का निर्णय लिया है।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 20 को सुबह 11 बजे बिहार के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री की मौजूदगी में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम में इस अभियान की शुरुआत करेंगे। यह अभियान बिहार के खगडिय़ा जिले के ग्राम-तेलिहार, ब्लॉक- बेलदौर से लॉन्च किया जाएगा। आगे पांच अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री और संबंधित मंत्रालयों के केंद्रीय मंत्री भी इस वर्चुअल लॉन्च में भाग लेंगे। कोविड-19 महामारी के मद्देनजर सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करते हुए 6 राज्यों के 116 जिलों के गांव सार्वजनिक सेवा केंद्रों और कृषि विज्ञान केंद्रों के माध्यम से इस कार्यक्रम में जुड़ेंगे।125 दिनों का यह अभियान मिशन मोड में चलाया जाएगा। 50 हजार करोड़ रुपये के फंड से एक तरफ प्रवासी श्रमिकों को रोजगार देने के लिए विभिन्न प्रकार के 25 कार्यों का तीव्र और केंद्रित होकर क्रियान्वयन होगा, तो दूसरी तरफ देश के ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे का निर्माण किया जाएगा। 116 जिलों के 25 हजार से ज्यादा प्रवासी श्रमिकों के साथ इस अभियान में बिहार, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, राजस्थान, झारखंड और ओडिशा इन 6 राज्यों को चुना गया है, जिसमें इच्छा जताने वाले 27 जिले शामिल हैं। इन जिलों से दो तिहाई प्रवासी श्रमिकों के लाभान्वित होने का अनुमान है।यह अभियान 12 विभिन्न मंत्रालयों/विभागों- ग्रामीण विकास, पंचायती राज, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, खान, पेयजल और स्वच्छता, पर्यावरण, रेलवे, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, नई और नवीकरणीय ऊर्जा, सीमा सड़क, दूरसंचार और कृषि का एक समन्वित प्रयास होगा।--
- नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि वे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की सदस्यता के लिए वैश्विक समुदाय से मिले जबरदस्त समर्थन के लिए तहे दिल से आभारी हैं।उन्होंने कहा कि भारत वैश्विक शांति, सुरक्षा, लचीलेपन और निष्पक्षता को बढ़ावा देने के लिए सभी देशों के साथ मिलकर काम करेगा। प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की सदस्यता के लिए वैश्विक समुदाय से मिले जबरदस्त समर्थन के लिए तहे दिल से आभारी हूं। भारत वैश्विक शांति, सुरक्षा, लचीलेपन और निष्पक्षता को बढ़ावा देने के लिए सभी देशों के साथ मिलकर काम करेगा।संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के चुनाव में भारत को भारी समर्थन हासिल हुआ है। सुरक्षा परिषद में अस्थायी सीट के लिए हुए चुनाव में संयुक्त राष्ट्र महासभा में 192 मत पड़े, जिनमें से 184 मत भारत के पक्ष में रहे।भारत का दो वर्ष का कार्यकाल एक जनवरी 2021 से शुरू होगा। भारत को आठवीं बार संयुक्त राष्ट्र की इस महत्वपूर्ण संस्था में सदस्यता मिली है। सुरक्षा परिषद में पांच स्थायी सदस्य और 10 अस्थायी सदस्य हैं।----
- अमरावती। आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले के वेदाद्री गांव के पास बुधवार को हुई एक सड़क दुर्घटना में एक ही परिवार के 12 लोगों की मौत हो गई जिसमें नौ महिलाएं और छह साल की एक बच्ची शामिल है। पुलिस ने बताया कि दुर्घटना में 15 अन्य लोग घायल हो गए।उन्होंने कहा कि वेदाद्री स्थित प्रसिद्ध लक्ष्मी नरसिंह स्वामी मंदिर में दर्शन करने के बाद परिवार के सदस्य ट्रेक्टर ट्रेलर में सवार होकर लौट रहे थे। उन्होंने कहा कि रास्ते में ट्रेक्टर ट्रेलर और तेज गति से आती हुई लॉरी में भिड़ंत हो गई जिसके कारण यह हादसा हुआ। उन्होंने बताया कि ट्रेक्टर ट्रेलर में कुल 27 लोग यात्रा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सभी मृतक नजदीकी रिश्तेदार थे और मन्नत मांगने मंदिर गए थे। उन्होंने कहा कि सात लोग दुर्घटनास्थल पर ही मारे गए जबकि पांच अन्य लोगों की अस्पताल में मौत हो गई। आंध्र प्रदेश के राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन और मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी ने दुर्घटना में मारे गए लोगों के प्रति दुख व्यक्त किया है।---
- जम्मू। जम्मू-कश्मीर के रजौरी जिले में नियंत्रण रेखा से सटे विभिन्न अग्रिम इलाकों में पाकिस्तान की सेना ने बुधवार को गोलाबारी की, इसके बाद भारतीय सेना को भी जवाबी कार्रवाई करनी पड़ी।अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी । रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि करीब सवा बात बजे शाम पाकिस्तान की सेना ने संघर्ष विराम का उल्लंघन कर उकसावे वाली कार्रवाई करते हुये राजौरी जिले के सुंदरबनी सेक्टर में नियंत्रण रेखा से सटे अग्रिम चौकियों पर छोटे हथियारों से गोलीबारी की एवं मोर्टार दागे। उन्होंने बताया कि भारतीय सेना ने भी इसका मुंहतोड़ जवाब दिया।
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नई दिल्ली। कोयला मंत्रालय 18 जून से वाणिज्यिक खनन के लिये 41 कोयला ब्लॉक की नीलामी के लिये प्रक्रिया शुरू करेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के आह्वान के अनुरूप इस पहल का मकसद ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में आत्मनिर्भरता हासिल करना और औद्योगिक विकास को गति देना है।
प्रधानमंत्री नीलामी प्रक्रिया शुरू होने के मौके पर आयोजित कार्यक्रम को वीडियो कांफ्रेन्स के जरिये संबोधित करेंगे और खनन क्षेत्र में आत्म-निर्भरता हासिल करने के अपने दृष्टिकोण को रखेंगे। कोयला मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इन कोयला ब्लॉक के वाणज्यिक खनन में अगले पांच से सात साल में करीब 33 हजार करोड़ रुपये का निवेश अनुमानित है। ये ब्लाक राज्य सरकारों को सालाना 20 हजार करोड़ रुपये का राजस्व देंगे।मंत्रालय ने कहा कि कोयला खनन क्षेत्र में नीलामी प्रक्रिया की शुरूआत आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत की गयी घोषणाओं का हिस्सा है। बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री नीलामी प्रक्रिया शुरू किये जाने के मौके पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करेंगे और और खनन क्षेत्र में आत्म-निर्भरता हासिल करने के अपने दृष्टिकोण को रखेंगे। खनन क्षेत्र बिजली, इस्पात, एल्युमीनियम, स्पांजी आयर जैसे कई बुनियादी उद्योगों के लिये कच्चे माल का मुख्य स्रोत है। इस मौके पर कोयला और खान मंत्री प्रहलाद जोशी भी मौजूद रहेंगे।बयान के अनुसार, कोयेला क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिये कोयला मंत्रालय उद्योग मंडल फिक्की के साथ मिलकर 41 कोयला खदानें की नीलामी की प्रक्रिया शुरू कर रहा है...। ये खदान 22.5 करोड़ टन उत्पादन की क्षमता रखते हैं। इसके आधार पर सरकार का कहना है कि ये खदान देश में 2025-26 तक अनुमानित कुल कोयला उत्पादन में करीब 15 प्रतिशत का योगदान देंगे। इससे सीधे एवं परोक्ष रूप से 2.8 लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है। इसमें सीधे तौर पर करीब 70 हजार लोगों को रोजगाार मिलने की उम्मीद है।मंत्रालय ने कहा, यह नीलामी प्रक्रिया कोयला क्षेत्र को वाणिज्यिक खनन के लिये खोलने की एक शुरूआत है। इससे देश ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में आत्म निर्भर होगा और औद्योगिक विकास को गति मिलेगी। कार्यक्रम को फिक्की की अध्यक्ष संगीता रेड्डी, वेदांता समूह के चेयरमैन अनिल अग्रवाल, टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन भी संबोधित करेंगे। सरकार ने पिछले महीने राजस्व हिस्सेदारी आधार पर वाणिज्यिक खनन के तौर-तरीकों को मंजूरी दी थी। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) की बैठक में इस आशय का निर्णय किया गया था। सीसीईए द्वारा मंजूर तौर-तरीके के अनुसार बोली मानदंड राजस्व हिस्सेदारी पर आधारित होगा। बोलीदाताओं को सरकार को देय राजस्व में प्रतिशत हिस्सेदारी के भुगतान के आधार पर बोली लगानी होगी।-- - भुवनेश्वर। ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिये ओडिशा में जून अंत तक ट्रेन और हवाई यात्राओं पर पाबंदी जारी रखने का अनुरोध किया।उन्होंने बुधवार को प्रधानमंत्री की मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कांफ्रेस के दूसरे चरण के दौरान यह अनुरोध किया। श्री पटनायक ने कहा, ओडिशा के लिये जून मुश्किल महीना है क्योंकि इस महीने बड़ी संख्या में प्रवासी लौटे हैं और मानसून भी शुरू हो गया है। लिहाजा, भारत सरकार को ओडिशा में ट्रेन और हवाई यात्राओं पर रोक जारी रखनी चाहिये।---
- कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लॉकडाउन के मुद्दे पर बुधवार को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से बुलाई गई मुख्यमंत्रियों की बैठक में पश्चिम बंगाल को वक्ताओं में शामिल न किए जाने पर राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बैठक में हिस्सा नहीं लिया।बैठक में पश्चिम बंगाल सरकार के किसी प्रतिनिधि ने भी हिस्सा नहीं लिया। बनर्जी ने प्रधानमंत्री की बैठक में शामिल होने की बजाय राज्य में कोविड-19 की स्थिति पर समीक्षा बैठक की। समीक्षा बैठक के बाद बनर्जी ने संवाददाताओं से कहा, हो सकता है कि केंद्र सरकार की हमें बुलाने की इच्छा ही न रही हो इसीलिए उन्होंने हमें बैठक में बोलने का आमंत्रण नहीं दिया था। उन्होंने कहा कि राज्य में महामारी से निपटने के लिए उनकी समीक्षा बैठक ज्यादा जरूरी है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार बड़ी बैठकें कर रही है लेकिन वह (बनर्जी) लोगों की जरूरतों को समझने के लिए जमीनी स्तर पर बैठक कर रही हैं।
- जयपुर। जयपुर में बुधवार को शुक्र ग्रह को दिन के समय देखा गया। एक विशेषज्ञ के अनुसार यह एक अद्भुत दृश्य था और साफ मौसम होने के कारण शुक्र ग्रह स्पष्ट दिखाई दिया।बिड़ला तारा मंडल के सहायक निदेशक संदीप भट्टाचार्य ने बताया कि 21 जून को सूर्य ग्रहण देखने के लिये वैज्ञानिक यंत्रों की जांच के दौरान उन्होंने दिन में लगभग दो बजे सूर्य के पास शुक्र ग्रह को देखा। उन्होंने कहा, मैं ऐसे समय में शुक्र ग्रह को देखकर उत्साहित था। यह अद्भुत और प्यारा नजारा था। नक्षत्रों और आकाशीय पिंडों के बारे में अध्ययन की लंबी अवधि में यह पहला अवसर था जब मैंने दिन में शुक्र ग्रह को देखा।उन्होंने बताया कि आमतौर पर यह ग्रह हिमालय क्षेत्रों में दिन के समय में देखा जा सकता है और वो भी जब मौसम साफ हो। सूर्य से दूसरा ग्रह शुक्र है जो तेज चमकता है जिसे सुबह का तारा और शाम का तारा के नाम से जाना जाता है। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में भी अगर मौसम साफ रहा तो शुक्र ग्रह को दिन में देखा जा सकता है। (फाइल फोटो)---
- - मुख्यमंत्रियों के साथ हुई वर्चुअल बैठकनई दिल्ली। लॉकडाउन से संबंधित तमाम अफवाहों को दूर करते हुए लॉकडाउन समाप्ति के देश में दूसरे राष्ट्रव्यापी चरण की योजना बनाने की आवश्यकता है। कोरोना वायरस के खिलाफ भारत के संघर्ष को और सुदृढ़ करने की रूपरेखा तैयार करने के लिए आयोजित राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों के साथ वर्चुअल बैठक के दूसरे दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यह बात कही।उन्होंने कहा कि राष्ट्र को लॉकडाउन समाप्ति के दूसरे चरण और लोगों को नुकसान पहुंचने की आशंकाओं को कम से कम करने के बारे में सोचने की जरूरत है। उन्होंने फिर कहा कि सरकार द्वारा समय पर लिए गये निर्णयों से देश में कोविड-19 महामारी के प्रकोप को कम करने में काफी हद तक मदद मिली है। प्रधानमंत्री ने देश में निजी सुरक्षा उपकरणों, मास्क, बीमारी का पता लगाने वाली किट, वेंटिलेटर आदि के स्वदेश में निर्माण की क्षमता बढ़ाई है। महामारी की परीक्षण की सुविधाओं का विकास किया गया है। अस्पतालों में कोविड-19 के इलाज के लिए बिस्?तर बढ़ाए गये हैं और क्वारंटीन केन्द्र स्थापित किए गये हैं। परीक्षण के जरिए कोविड-19 से निपटने के लिए प्रशिक्षित चिकित्सा कर्मी भी तैयार किए गये हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि महामारी के दौर में बुनियादी ढांचे, सूचना प्रणाली, भावनात्मक सहायता और जनता की भागीदारी बढ़ाने की आवश्यकता है।प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि समय रहते तैयारियां सुनिश्चित कर लिए जाने से देश में रोगियों के स्वस्थ होने की दर काफी ऊंची है। प्रधानमंत्री ने देशवासियों के अनुशासन के उच्च स्तर का जिक्र करते हुए कहा कि इसी की वजह से महामारी की बेहतर ढंग से रोकथाम संभव हो पाई है। श्री मोदी ने इस बात पर भी जोर दिया कि कोरोना संक्रमण को कलंक की तरह नहीं देखा जाना चाहिए। महामारी की रोकथाम में परीक्षण और रोगी के संपर्क में आए लोगों का पता लगाने के महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने राज्यों से आग्रह किया कि वे और अधिक संख्या में परीक्षण केन्द्र बनाने के प्रयास करें। श्री मोदी ने देश में कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में आए लोगों का पता लगाने के लिए आरोग्य सेतु मोबाइल एप के कारगर इस्तेमाल की आवश्यकता पर जोर दिया।प्रधानमंत्री ने मॉनसून के साथ होने वाली स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति सावधान रहने का भी आह्वान किया। उन्होंने कोरोना वायरस से संघर्ष में भावनात्मक पहलुओं पर ध्यान देने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि संक्रमित होने के भय और महामारी से जुड़े कलंक को लेकर लोगों को सतर्क रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि बीमारी से पीडि़त ज्यादातर लोग ठीक हुए हैं।प्रधानमंत्री ने राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों का आह्वान किया कि वे बड़ी संख्या में लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए टेली मेडिसिन सुविधा के बुनियादी ढांचे का विकास करें। उन्होंने भारत को कोरोना वायरस के बाद सामान्य स्थिति में लाने के लिए एनजीओ और निजी क्षेत्र समेत सभी संगठनों से एकजुट होकर और अधिक प्रयास करने का भी आग्रह किया। आज की बातचीत राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों के साथ दो दिन के विचार-विमर्श के दूसरे चरण के अंतर्गत की गई इसमें महाराष्ट्र, तमिलनाडु, दिल्ली, गुजरात, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, बिहार, आंध्र प्रदेश, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, तेलंगाना और ओडिसा मुख्यमंत्रियों ने हिस्सा लिया।मुख्यमंत्रियों ने प्रधानमंत्री को कोविड-19 से निपटने में उनके नेतृत्व के धन्यवाद दिया और अपने-अपने राज्यों में जमीनी हालात और महामारी से निपटने की तैयारियों की जानकारी दी। उन्होंने चुनौती से निपटने के लिए बुनियादी ढांचे की उपलब्धता और इसे सुदृढ़ करने के लिए किए जा रहे उपायों के बारे में भी प्रधानमंत्री को बताया। महामारी से निपटने में लगे अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं, कंटेनमेंट क्षेत्रों की निगरानी, मास्क पहनने के लिए अभियान चलाने, परीक्षण सुविधाओं के विकास और घरों को वापस लौटे प्रवासी मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने के बारे में भी प्रधानमंत्री को अवगत कराया गया।श्री मोदी ने इन जानकारियों के लिए मुख्यमंत्रियों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि महामारी से निपटने के सामूहिक संकल्प से ही यह लड़ाई जीत ली जा सकती है। उन्होंने तमाम सावधानियां बरतते हुए आर्थिक गतिविधियां बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
- नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में हिंसक झड़पों में शहीद हुए भारतीय सैनिकों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। विश्व व्यापी कोरोना महामारी से राष्ट्र के संघर्ष को और सशक्त बनाने की रूपरेखा तय करने के लिए राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों के साथ दूसरी वर्चुअल बैठक से पहले यह टिप्पणी की।उन्होंने कहा- भारत माता के वीर सपूतों ने गलवान वैली में हमारी मातृभूमि की रक्षा करते हुये सर्वोच्च बलिदान दिया है। मैं देश की सेवा में उनके इस महान बलिदान के लिए उन्हें नमन करता हूं, उन्हें कृतज्ञतापूर्वक श्रद्धांजलि देता हूं। दु:ख की इस कठिन घड़ी में हमारे इन शहीदों के परिजनों के प्रति मैं अपनी संवेदनाएं व्यक्त करता हंू। आज पूरा देश आपके साथ है, देश की भावनाएं आपके साथ हैं। हमारे इन शहीदों का ये बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। चाहे स्थिति कुछ भी हो, परिस्थिति कुछ भी हो, भारत पूरी दृढ़ता से देश की एक एक इंच जमीन की, देश के स्वाभिमान की रक्षा करेगा।श्री मोदी ने आगे कहा- भारत सांस्कृतिक रूप से एक शांति प्रिय देश है। हमारा इतिहास शांति का रहा है। भारत का वैचारिक मंत्र ही रहा है- लोका: समस्ता: सुखिनों भवन्तु। हमने हर युग में पूरे संसार में शांति की, पूरी मानवता के कल्याण की कामना की है। हमने हमेशा से ही अपने पड़ोसियों के साथ एक cooperative और friendly तरीके से मिलकर काम किया है। हमेशा उनके विकास और कल्याण की कामना की है। जहां कहीं हमारे मतभेद भी रहे हैं, हमने हमेशा ही ये प्रयास किया है कि मतभेद विवाद न बनें, differences disputes में न बदलें। हम कभी किसी को भी उकसाते नहीं हैं, लेकिन हम अपने देश की अखंडता और संप्रभुता के साथ समझौता भी नहीं करते हैं। जब भी समय आया है, हमने देश की अखंडता और संप्रभुता की रक्षा करने में अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया है, अपनी क्षमताओं को साबित किया है।त्याग और तितिक्षा हमारे राष्ट्रीय चरित्र का हिस्सा हैं, लेकिन साथ ही विक्रम और वीरता भी उतना ही हमारे देश के चरित्र का हिस्सा हैं। मैं देश को भरोसा दिलाना चाहता हूँ, हमारे जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएंगा। हमारे लिए भारत की अखंडता और संप्रभुता सर्वोच्च है, और इसकी रक्षा करने से हमें कोई भी नहीं रोक सकता। इस बारे में किसी को भी जरा भी भ्रम या संदेह नहीं होना चाहिए। भारत शांति चाहता है। लेकिन भारत को उकसाने पर हर हाल में निर्णायक जवाब भी दिया जाएगा।श्री मोदी और वर्चुअल बैठक में शामिल मुख्यमंत्रियों ने गलवान घाटी के शहीदों के सम्मान में खडे होकर दो मिनट का मौन रखा और उन्हें श्रद्धांजलि दी।
- नई दिल्ली। सामाजिक अभियान के तहत देशभर में 6300 से अधिक प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केन्द्रों में सैनिटरी नैपकीन एक रूपए की न्यूनतम कीमत पर उपलब्ध कराया जा रहा है। ये सैनेटरी नैपकीन जन औषधि सुविधा सैनटरी नैपकीन के नाम से बेचे जा रहे हैं। बाजार में ऐसे नैपकीन की कीमत 3 से 8 रूपए प्रति पैड है।विश्व पर्यावरण दिवस की पूर्व संध्या पर 4 जून 2018 को भारत सरकार ने महिलाओं के लिए जन औषधि सुविधा ऑक्सो-बायोडिग्रेडेबल सेनेटरी नैपकिन लॉन्च करने की घोषणा की थी। तब से लेकर 10 जून 2020 तक जनऔषधि केन्द्रों के माध्यम से 4.61 करोड़ से अधिक सैनिटरी नैपकिन बेचे जा चुके हैं। इनकी कीमतों में 27 अगस्त 2019 को संशोधन किया गया और दाम घटाए गए। इसके बाद से 10 जून, 2020 तक इन केन्द्रों के जरिए 3.43 करोड़ से अधिक पैड बेचे जा चुके हैं।मासिक धर्म और इससे जुड़ी प्रथाओं को अभी भी कई तरह के सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक उपेक्षाओं का सामना करना पड़ता है जो मासिक धर्म के दौरान साफ सफाई और स्वास्थ्य देखभाल के रास्ते में बड़ी अड़चनें पैदा करते हैं। देश के कई हिस्सों में विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में लड़कियों और महिलाओं की सैनिटरी उत्पादों तक पहुंच नहीं है या वे इनका विकल्प नहीं चुन पातीं क्योंकि बाजार में उपलब्ध ज्यादातर ऐसे नैपकीन महंगे हैं।वर्तमान परिदृश्य में जन औषधि केन्द्रों के माध्यम से सस्ती और पर्यावरण अनुकूल सैनिटरी नैपकीन उपलब्ध करा कर भारत में वंचित वर्ग की महिलाओं के लिए एक स्वच्छ, स्वस्थ और बेहतर सुविधा सुनिश्चित करने का प्रयास किया गया है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सभी के लिए सस्ती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने की सोच को मूर्त रूप देने के लिए केंद्रीय औषधि विभाग द्वारा यह कदम उठाया गया है।सैनिटरी नैपकिन पर्यावरण के अनुकूल हैं, क्योंकि ये जैविक रूप से नष्ट हो जाने वाली ऑक्सो-बायोडिग्रेडेबल सामग्री से बनाए जाते हैं। इनका परीक्षण एएसटीएम डी-6954 मानकों पर किया जाता है। प्रधानमंत्री जनऔषधि केन्द्र कोविड-19 के प्रकोप के इस चुनौतीपूर्ण समय में भी अपनी पूरी क्षमता के साथ काम कर रहे हैं और लोगों को सस्ती दरों पर जरुरी दवाओं और चिकित्सा उपकरण उपलब्ध करा रहे हैं। जनऔषधि सुविधा सैनिटरी नैपकिन सभी केंद्रों में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। देश भर में मार्च, अप्रैल और मई, 2020 के महीने में 1.42 करोड़ से अधिक ऐसे पैड बेचे गए हैं।---
- नई दिल्ली। रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने आज साउथ ब्लॉक में बैठक कर लद्दाख सीमा पर स्थिति की समीक्षा की। इस बैठक में चीफ ऑफ़ डिफेंस स्टाफ और सैन्य मामलों के सचिव जनरल बिपिन रावत,थल सेनाध्यक्ष जनरल एम. एम. नरवणे,नौसेना अध्यक्ष एडमिरल करमबीर सिंह और वायु सेना अध्यक्ष एयर चीफ मार्शल आर.के.एस. भदौरिया ने भाग लिया।बैठक के बाद एक ट्वीट में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सीमा संघर्ष में जवानों की शहादत पर शोक व्यक्त किया और कहा कि गलवान घाटी में हमारे जवानों की शहादत काफी परेशान करने वाला और दर्दनाक है। उन्होंने कहा कि हमारे सैनिकों ने सीमा पर तैनाती के दौरान अपने कर्तव्य पालन में अनुकरणीय साहस और वीरता का प्रदर्शन किया और भारतीय सेना की सर्वोच्च परंपराओं को कायम रखते हुए देश की सीमा की सुरक्षा के लिए अपने जीवन का बलिदान दिया है।रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि यह राष्ट्र उनकी बहादुरी और बलिदान को कभी नहीं भूलेगा। मैं अपने शहीद जवानों के परिवारों के साथ हूं। राष्ट्र इस मुश्किल घड़ी में उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है। उन्होंने कहा कि हमें भारत के रणबांकुरों की वीरता और साहस पर गर्व है।
- नई दिल्ली। राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट-यूजी) जुलाई - 2020 को लेकर राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए)ने बेहद जरूरी नोटिस जारी किया है। एनटीए ने इसके जरिए उम्मीदवारों और उनके अभिभावकों को परीक्षा के बारे में एक नए फर्जीवाड़े के संबंध में आगाह किया है।एनटीए ने कहा है कि उसके संज्ञान में आया है कि राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट -यूजी ) जुलाई 2020 स्थगित शीर्षक से 15 जून को जारी किया गया एक फर्जी सार्वजनिक नोटिस विभिन्न स्रोतों के माध्यम से और सोशल मीडिया पर प्रसारित किया जा रहा है।एनटीए ने कहा है कि उसने इसे गंभीरता से लिया है और उम्मीदवारों, अभिभावकों तथा आम जनता को गुमराह करने के इरादे से जारी किये गए इस फर्जी नोटिस के स्रोत की जांच कर रहा है। ऐसे जनविरोधी तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।एनटीए ने कहा है कि सभी उम्मीदवारों, अभिभावकों और जनता को सूचित किया जाता है कि एनटीए या संबंधित अधिकारियों द्वारा आज तक ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया गया है। इसलिए सार्वजनिक रूप जारी ऐसी भ्रामक खबरों के प्रति सतर्क रहने की सलाह दी जाती है। एनटीए ने परीक्षा के बारे में केवल उसकी आधिकारिक वेबसाइट www.nta.ac.in और ntaneet.nic.in पर उपलब्ध सूचनाओं पर ही भरोसा करने की सलाह दी है।इस संबंध में एनटीए द्वारा 11 मई 2020 को जारी नवीनतम जानकारी उसकी आधिकारिक वेबसाइट https://data.nta.ac.in/Download/Notice/Notice 20200511063520.pdf पर उपलब्ध है।एनटीए नेएक बार फिर से उम्मीदवारों, उनके अभिभावकों और आम जनता को www.nta.ac.inand ntaneet.nic.in उपलब्ध ताजा जानकारी और सूचनाओं को देखने की सलाह दी है।
- नई दिल्ली। भारत-चीन सीमा क्षेत्रों की स्थिति पर चर्चा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 जून को शाम 5 बजे सर्वदलीय बैठक बुलाई है।विभिन्न राजनीतिक दलों के राष्ट्रीय अध्यक्ष इस वर्चुअल बैठक में हिस्सा लेंगे। प्रधानमंत्री सचिवालय ने ट्वीट के माध्यम से यह जानकारी दी है।पूर्वी लद्दाख की गलवान वैली में हाल में हुई हिंसक झड़पों के मद्देनजर यह बैठक महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
- नई दिल्ली। उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा है कि आधुनिक शैली के जीवन में अलगाव की भावना और उदासीनता के कारण अवसाद जन्म लेता है। उन्होंने कहा कि पुराने जमाने में एक दूसरे से अपनी बात कहने और परवाह करने का चलन था जो अब नहीं रहा।पुराने दिनों को याद कर अपने अनुभव साझा करते हुए मंगलवार को श्री नायडू ने कहा कि उस समय जीवन मजबूत सामाजिक रिश्तों से बंधा था और इसलिए अकेलेपन का कोई कारण नहीं था। उन्होंने कहा कि पुराने दिनों में सुख दुख साझा करने का चलन था। श्री नायडू ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति और परिवार एक दूसरे के लिए ताकत और सहारे का स्रोत हुआ करता था। पुराने समय के जीवन और आज की जीवनशैली की तुलना करते हुए उप राष्ट्रपति ने कहा, आधुनिक जीवन में पृथकता, अकेलापन और अलगाव भरा हुआ है जिसके परिणाम स्वरूप अवसाद जन्म लेता है। आज के समय में पुराने दौर की बात नहीं रह गई है।
- नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवानों की शहादत पर दुख जताते हुए मंगलवार को कहा कि देश की सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए हम सब साथ खड़े हैं।उन्होंने एक बयान में कहा, लद्दाख की गलवान घाटी में हमारी सेना के अधिकारी और जवानों की शहादत पर बहुत दुख और गहरी पीड़ा हुई है। उनके अदम्य साहस और सर्वोच्च बलिदान को नमन है। उनके परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है। सोनिया गांधी ने कहा, देश की सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा में हम सब साथ खड़े हैं। गौरतलब है कि लद्दाख की गलवान घाटी में सोमवार रात चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए। सेना ने यह जानकारी दी।
- नई दिल्ली। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस और इस्पात मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने देश में घरेलू इस्पात का उपयोग बढ़ाने और तेल एवं गैस क्षेत्र की इस्पात जरूरतों को पूरा करने के लिए आयात पर निर्भरता को कम करने पर जोर दिया है।उन्होंने मंगलवार को आत्मनिर्भर भारत: तेल एवं गैस क्षेत्र में घरेलू इस्पात के उपयोग को प्रोत्साहन विषय पर आयोजित वेबिनार को संबोधित करते हुए कहा कि इस्पात और तेल एवं गैस क्षेत्र में घनिष्ठ संबंध हैं और इसे अब एक नए मुकाम पर ले जाने का समय आ गया है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक आत्मनिर्भर भारत का निर्माण करने केआह्वान के बारे में चर्चा करते हुए धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत एक मजबूत विनिर्माण क्षेत्र के साथ एक मजबूत भारत है जो वैश्विक रूप से एकीकृत अर्थव्यवस्था में आत्मनिर्भर है। उन्होंने कहा कि निर्माण,तेल एवं गैस, ऑटोमोबाइल, मशीनरी जैसे अन्य क्षेत्रों के साथ मजबूत जुड़ाव होने की वजह से भारतीय इस्पात क्षेत्र को आत्मनिर्भर भारत बनने के देश के सपने को साकार करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका मिली है। उन्होंने कहा कि भारतीय इस्पात क्षेत्र वैश्विक स्तर पर एक प्रमुख खिलाड़ी बनने के लिए प्रयास तभी कर सकता है जब वह पहले सभी घरेलू आवश्यकताओं को पूरा करे। उन्होंने कहा कि घरेलू खिलाडिय़ों को इस अवसर पर आगे बढऩा चाहिए ताकि आपूर्ति श्रृंखला के स्थानीयकरण को बढ़ावा देने के हमारे प्रयासों में लागत न बढ़े।धर्मेंद्र प्रधान ने तेल एवं गैस क्षेत्र पर कहा कि पिछले छह वर्षों में निवेश के अनुकूल नीतियों के कारण इस क्षेत्र में जबरदस्त बदलाव आया है। इस क्षेत्र में जबरदस्त विकास हो रहा है चाहे वो तेल-शोधक हों, पाइपलाइन हों,गैस टर्मिनल हों,भंडारण क्षमता हों,गैस सिलेंडर हों या फिर खुदरा दुकानऔर इन सभी में बड़ी मात्रा में इस्पात की आवश्यकता होती है। तेल एवं गैस क्षेत्र इस्पात के पाइप और ट्यूब के सबसे बड़े उपयोगकर्ताओं में से एक हैजिसमें पाइपलाइन पेट्रोलियम,तेल और स्नेहक (लुब्रीकेंट) उत्पादों के परिवहन का प्रमुख साधन है। हमारी 70 प्रतिशत आबादी को गैस की जरूरतें पूरी करने के लिए सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क का विस्तार, तेल शोधन क्षमता में बढ़ोतरी,10 हजार सीएनजी केंद्र स्थापित करने की योजना, ई एंड पी गतिविधियां- जैसे कुछ ऐसे काम हैं जो तेल एवं गैस क्षेत्र में इस्पात की मांग को बढ़ाएंगे।तेल एवं गैस क्षेत्र के सभी संगठनों से इस्पात का आयात करने की बजाय घरेलू इस्पात की खरीद करने का आग्रह करते हुए श्री प्रधान ने कहा कि घरेलू इस्पात निर्माताओं के पास इस क्षेत्र के लिए इस्पात की भविष्य की आवश्यकताओं को पूरा करने की पूरी क्षमताएं हैं। उन्होंने कहा किइस्पात की मांग को घरेलू स्तर पर पूरा करने और आयात पर निर्भरता को कम करने से तेल एवं गैस क्षेत्र में रोजगार के अवसरों में काफी वृद्धि होगी और इससेइस्पात क्षेत्र में एमएसएमई के विकास को बढ़ावा मिलेगा और उन्हें अधिक मूल्य वर्धित उत्पादों का उत्पादन करने के लिए प्रोत्साहन भी मिलेगा।इस अवसर पर इस्पात राज्य मंत्री फग्गनसिंह कुलस्ते ने कहा कि इस्पात और तेल एवं गैस दोनों क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था के महत्वपूर्ण स्तंभ हैं और दोनों को अब महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है क्योंकि भारत 5 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने उद्योग से जबर्दस्त तरीके से स्वदेशी उत्पादों को अपनाने और राष्ट्र के विकास में योगदान देने का आह्वान किया। इस वेबिनार का आयोजन इस्पात मंत्रालय ने फिक्की की साझेदारी में किया।
- नई दिल्ली। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों से स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करने वाले निजी प्रदाताओं के साथ सक्रिय सहयोग से बिस्तरों और महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सुविधायों की अधिक उपलब्धता तथा प्रदान की जाने वाली सेवाओं और सुविधाओं की उचित तथा पारदर्शी दरें तय करने को कहा है।इस दिशा में तमिलनाडु, ओडिशा, महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना, कर्नाटक और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों ने पहल कर ली है। इन राज्यों ने निजी क्षेत्र के साथ बातचीत करके वाजिब दरों और कोविड-19 के दाखिल मरीजों को महत्वपूर्ण सेवाएं प्रदान करने के प्रबंध कर लिये हैं। राज्यों से यह भी कहा गया है कि वे निजी क्षेत्र के स्वास्थ्य सेवाप्रदाताओं के साथ सक्रिय रूप से मिल कर सरकारी और निजी स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं का पूल बना कर उपयोग करवायें जिससे कोविड-19 के रोगियों को त्वरित, अच्छी और समुचित, गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करने में मदद मिल सकेगीदेश में संक्रमित लोगों में नोवेल कोरोना वायरस का पता लगाने के लिये लगातार जांच क्षमता बढ़ाई जा रही है। अब देश में प्रति दिन जांच क्षमता तीन लाख हो गई है। अब तक कुल 59 लाख 21 हजार 69 नमूनों की जांच की गई है और पिछले 24 घंटों में 1 लाख 54 हजार 935 नमूनों की जांच की गई।देश में अब कुल 907 प्रयोगशालायें काम कर रही है। इनमे 659 सरकारी और 248 निजी प्रयोगशालायें हैं। इनका विवरण निम्नलिखित है—1. रीयल टाइम आरटी- पीसाआर आधारित प्रयोगशालाएं 534—सरकारी 347 और निजी 1872. ट्रू एनएटी आधारित प्रयोगशालाएं—302—सरकारी 287 और निजी 153. सीबीएनएएटी आधारित प्रयोगशालाएं—71—सरकारी 25 और निजी 46दिल्ली में जांच क्षमता बढ़ाने के लिये सभी 11 जिलों के लिये अलग से प्रयोगशालायें होंगी जहां संबंधित जिलों के नमूनों की जांच की जायेगी। प्रत्येक जिले के नमूने उसी जियले की प्रयोगसालाओं में भेजे जा रहे हैं ताकि समय पर जांड हो और बिना किसी देरी के परिणाम मिल सकें। वर्तमान में दिल्ली में42 प्रयोगशाला हैं जिनकी दैनिक जांच क्षमता लगभग 17 हजार है।आरटी-पीसीआर कोविड-19 के निदान के लिये गोल्ड स्टैंडर्ड फ्रंटलाइन जांच है और इसकी देश भर में 907 प्रयोगशालाएं हैं । इनका उपयोग जांच क्षमता बढ़ाने के लिये किया जा सकता है। हालांकि इस जांच के लिये विशेष प्रयोगशाला सुविधाओं की जरूरत होती है और इन विशेष प्रयोगशालाओं में नमूने लाने का तथा अन्य वक्त मिला कर 2-5 घंटे का समय लगता है। ट्रू एनएटी और सीबी एएएटी प्रयोगशाला पोर्टेबल हैं यानि इन्हें कहीं भी ले जाया जा सकता है और इनका दूर दराज के इलाकों में उपयोग हो रहा है।---
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नई दिल्ली। कोविड-19 महामारी को देखते हुए इस वर्ष 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस डिजिटल माध्यमों पर मनाया जायेगा और किसी प्रकार से लोगों को एकत्र कर कोई कार्यक्रम नहीं होगा। इस वर्ष के अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का विषय है- घर पर योग और परिवार के साथ योग। आयुष मंत्रालय ने लोगों से अपील की है कि 21 जून को छठे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर सवेरे सात बजे से अपने घरों से दुनिया के साथ योगाभ्यास में भाग ले। मंत्रालय ने बताया कि लोगों को योग के सामान्य नियमों के अनुरूप योगासनों की तैयारी करने चाहिए।
गौरतलब है कि आयुष मंत्रालय और प्रसार भारती मिलकर डीडी भारतीय पर प्रतिदिन योग की सामान्य क्रियाओं का प्रतिदिन प्रसारण आयोजित कर रहे हैं। यह सत्र सवेरे साठ बजे से साढ़े आठ बजे तक प्रसारित होता है। आधे घंटे के सत्र में योगासनों के प्रमुख बिन्दुओं की जानकारी दी जाती है। - जम्मू। जम्मू कश्मीर में आज तड़के 5 दशमवल 8 तीव्रता का भूकंप आया। हालांकि, किसी भी तरह के नुकसान की खबर नहीं है। सुबह सात बजे आये इस भूकंप का केंद्र तजाकिस्तान में था।श्रीनगर, किश्तवाड़ और डोडा जिलों सहित कश्मीर घाटी के अधिकतर इलाकों में तेज झटके महसूस किए गए। जम्मू में भी झटके महसूस किए गए। पिछले तीन दिनों में केंद्र शासित प्रदेश में यह तीसरा भूकंप है।
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छपरा। बिहार में सारण जिले के पहलेजा पुलिस आउट पोस्ट क्षेत्र में मंगलवार की सुबह ट्रक से कुचलकर दो सगे भाई की मौत हो गई। ग्रामीणों ने आरोपी ट्रक चालक को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार सोनपुर थाना क्षेत्र के चौसियां गांव निवासी भूषण कुशवाहा के 22 वर्षीय पुत्र सतीश और 20 वर्षीय अंकित मोटरसाइकिल से अपने घर लौट रहे थे। गोविंदचक रेलवे क्रासिंग के निकट त्रिभुवन चौक पर बालू लदे अनियंत्रित ट्रक से उन्हें कुचल दिया। इस दुर्घटना में मौके पर अंकित की मौत हो गई, वहीं अस्पताल ले जाते समय सतीश ने दम तोड़ दिया। घटना के बाद ग्रामीण जमा हो गए और आरोपी ड्राइवर को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया। - पणजी। गोवा के पूर्व मंत्री अच्युत काशीनाथ उसगांवकर का मंगलवार सुबह यहां एक अस्पताल में निधन हो गया । वह 92 वर्ष के थे।पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि वह वृद्धावस्था संबंधी बीमारियों से जूझ रहे थे। वह गोवा के सबसे पुराने राजनीतिक दल महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी के नेता थे।गोवा, दमन एंड दीव की तत्कालीन शशिकला काकोडकर सरकार में वह 13 अगस्त 1977 से 27 अप्रैल 1979 तक मंत्रिमंडल के सदस्य थे। उनके दामाद दिनार तारकर ने कहा, पणजी के पास गोवा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में उसगांवकर का सुबह करीब साढ़े सात बजे निधन हो गया। अभिनेत्री वर्षा उसगांवकर सहित उनकी तीन बेटियां हैं।
- कोलकाता। रामकृष्ण मठ और मिशन का मुख्यालय बेलूर मठ 82 दिनों के बाद सोमवार को आम लोगों के लिए खोल दिया गया और पहले दिन करीब 250 श्रद्धालु यहां आए।बेलूर मठ के एक प्रवक्ता ने बताया कि परिसर में स्थित चारों मंदिरों को दिन में दो चरणों में खोला गया। सुबह नौ बजे से 11 बजे तक और उसके बाद शाम में चार से छह बजे तक मंदिर खुले रहे। उन्होंने बताया कि सभी श्रद्धालुओं की थर्मल स्क्रीनिंग की गयी और बिना मास्क वाले श्रद्धालुओं को परिसर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गयी। सुरक्षा दिशा-निर्देशों का पालन करने पर खास ध्यान दिया गया।हुगली नदी के पश्चिमी तट पर स्थित बेलूर मठ की स्थापना स्वामी विवेकानंद ने की थी। सरकार के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए कई धार्मिक स्थल इस महीने श्रद्धालुओं के लिए खुल गए हैं। लेकिन तारापीठ मंदिर और कालीघाट मंदिर अब भी श्रद्धालुओं के लिए बंद हैं। प्रसिद्ध दक्षिणेश्वर मंदिर 13 जून को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया था। तारापीठ ने पहले घोषणा की थी कि यह मंदिर 15 जून से खुल जाएगा। हालांकि, मंदिर समिति के सचिव तारामॉय मुखर्जी ने कहा, हमने पहले के फैसले को स्थगित करने का निर्णय लिया है। मौजूदा स्थिति काफी चिंताजनक है क्योंकि कोविड-19 के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। श्री मुखर्जी ने कहा कि मंदिर प्रशासन मुख्यमंत्रियों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बैठक में होने वाले फैसले की राह देख रहा है। इस बीच, बीरभूम में स्थित प्रसिद्ध बक्रेश्वर मंदिर भी सोमवार को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया।---