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- नई दिल्ली। विद्युत मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत एक मिनी रत्न और अनुसूची- ए सीपीएसई, एसजेवीएन लिमिटेड ने कोविड-19 महामारी के प्रभाव से निपटने में राहत कार्य के लिए प्रधानमंत्री संरक्षण कोष में 5 करोड़ रुपये देने का फैसला किया है। एक अत्यधिक संक्रामक बीमारी कोविड-19 ने पूरी दुनिया को अपने चंगुल में जकड़ लिया है। रोग के प्रकोप के परिणामस्वरूप इस वायरस से संक्रमित व्यक्तियों की संख्या रोजाना बढ़ रही है। भारत में मामलों की संख्या में बढ़ोतरी के साथ ही इस महामारी ने स्वास्थ्य और आर्थिक चुनौतियों से जुड़े गंभीर संकट खड़े कर दिए हैं।एसजेवीएन के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक नंदलाल शर्मा ने बताया कि एक जिम्मेदार कॉर्पोरेट नागरिक और कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई की गंभीरता को समझते हुए, एसजेवीएन ने प्रधानमंत्री संरक्षण कोष में पांच करोड़ की राशि का योगदान करने का निर्णय लिया है।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और आपात स्थिति राहत कोष (प्रधानमंत्री संरक्षण कोष) के नाम से एक धर्मार्थ ट्रस्ट की स्थापना की है। यह धनराशि किसी भी प्रकार की आपातकालीन या संकट की स्थिति से निपटने के प्राथमिक उद्देश्य के साथ एक समर्पित राष्ट्रीय निधि के रूप में काम करेगी, जैसे कोविड-19 महामारी से उत्पन्न स्थिति, और प्रभावितों को राहत प्रदान करना।श्री शर्मा ने बताया कि एसजेवीएन देश या उसके लोगों को प्रभावित करने वाले किसी भी मुद्दे से निपटने के लिए समाज और सरकार का सहयोग करने में हमेशा अग्रणी रहा है। कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए, एसजेवीएन अस्पतालों को वेंटीलेटर खरीदने; व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण जैसे फेस मास्क, दस्ताने इत्यादि वितरित करने; अपने परियोजना अस्पतालों में क्वारंटीन इकाइयों की स्थापना करने; जरूरतमंदों को भोजन और अन्य आवश्यक वस्तुओं का वितरण करने के लिए लगभग तीन करोड़ रुपये की राशि का भुगतान कर चुका है। एजेवीएन कर्मचारियों ने भी कोरोना की चुनौती का मुकाबला करने के लिए अपने वेतन से 32 लाख रुपये की राशि का योगदान दिया है।
- नई दिल्ली। कोरोना वायरस (कोविड-19) के बढ़ते प्रकोप से उत्पन्न खतरे और समूचे देश में लागू किए गए पूर्ण लॉकडाउन को ध्यान में रखते हुए संचार मंत्रालय के डाक विभाग के डाक जीवन बीमा (पीएलआई) निदेशालय ने मार्च 2020 के अपने निर्दिष्ट प्रीमियम के भुगतान की अवधि बिना किसी जुर्माना/डिफॉल्ट शुल्क के 30 अप्रैल, 2020 तक बढ़ा दी है।पीएलआई निदेशालय ने कहा कि वैसे तो आवश्यक सेवाओं का हिस्सा होने के कारण कई डाकघरों में कामकाज बाकायदा हो रहा है, लेकिन डाक जीवन बीमा/ग्रामीण डाक जीवन बीमा (आरपीएलआई) के ग्राहकों को प्रीमियम के भुगतान के लिए डाकघर आने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। अत: सभी पीएलआई/आरपीएलआई ग्राहकों की सुविधा को ध्?यान में रखते हुए भुगतान की अवधि बढ़ा दी गई है।इस निर्णय से उन लगभग 13 लाख पॉलिसी धारकों (5.5 लाख पीएलआई और 7.5 लाख आरपीएलआई) के लाभान्वित होने की संभावना है, जो वर्तमान महीने के प्रीमियम का भुगतान करने में समर्थ नहीं हो पाए हैं। पिछले महीने प्रीमियम का भुगतान करने वाले तकरीबन 42 लाख पॉलिसी धारकों के मुकाबले इनमें से केवल 29 लाख ही इस महीने के प्रीमियम का भुगतान अब तक कर पाए हैं।पोर्टल पर पंजीकृत ग्राहकों को पीएलआई ग्राहक पोर्टल का उपयोग करके प्रीमियम का ऑनलाइन भुगतान करने की भी सलाह दी गई है।---
- नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ एकजुटता की भावना व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी पार्टी कोरोना वायरस के फैलाव को रोकने में सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों में सहयोग करेगी।राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री को लिखे एक पत्र में गरीबों की समस्याओं का उल्लेख करते हुए कहा कि पूरी तरह से लॉकडाउन करने वाले अन्य बड़े देशों की तुलना में भारत को कुछ अन्य कदम उठाने चाहिए, क्योंकि इसकी स्थिति बिल्कुल अलग है। उन्होंने कहा कि भारत में दिहाड़ी पर निर्भर गरीब लोगों की संख्या बहुत अधिक है और एकतरफा बंद के कारण सभी आर्थिक गतिविधियां ठप्प पड़ गई हैं। उन्होंने कहा कि पूरी तरह से आर्थिक बंदी के कारण कोविड-19 वायरस से होने वाली मौतें असाधारण रूप से बढ़ सकती हैं।राहुल गांधी ने सरकार से आग्रह किया कि सामाजिक सुरक्षा को तुरंत सुदृढ़ किया जाए और गरीब कामगारों की सहायता तथा आश्रय के लिए सभी सार्वजनिक संसाधनों का उपयोग किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि वायरस के फैलाव की सही स्थिति जानने और उसे रोकने के लिए अधिक जांच सुविधाएं उपलब्ध कराई जानी चाहिए।----
- नई दिल्ली। कोविड-19 के मद्देनजर वस्तुओं और आवश्यक सामान की बेरोक-टोक और लगातार आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए, भारतीय रेलवे ने देश के नागरिकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए आवश्यक वस्तुओं और अन्य सामान को देश भर में पहुंचाने के लिए बिना किसी बाधा के पार्सल ट्रेनों की सेवाएं देने की पेशकश की है।कोविड-19 के मद्देनजर लॉकडाउन के दौरान छोटे आकार के पार्सल में आवश्यक वस्तुएं जैसे चिकित्सा आपूर्ति, चिकित्सा उपकरण, भोजन आदि ले जाना बेहद महत्वपूर्ण होगा। इस महत्वपूर्ण आवश्यकता को पूरा करने के लिए, भारतीय रेलवे ने जरूरतमंद ई-वाणिज्य संस्थाओं और राज्य सरकारों सहित अन्य ग्राहकों के लिए देश भर में तेजी से सामान पहुंचाने के लिए रेलवे पार्सल वैन उपलब्ध कराई है। इस बात पर गौर किया जा सकता है कि गृह मंत्रालय लॉकडाउन की अवधि के दौरान देश में वस्तुओं और सामान को लाने-ले जाने पर लागू प्रतिबंध हटा चुका है। पार्सल ट्रेनों का प्रावधान और वस्तुओं को तेजी से लाने-ले जाने से आपूर्ति श्रृंखलाओं की दक्षता में और वृद्धि होगी। स्पेशल पार्सल ट्रेनें चलाने के फैसले से छोटी मात्रा के साथ-साथ आवश्यक वस्तुओं जैसे डेयरी उत्पाद, चिकित्सा उपकरण और दवाएं, किराने का सामान, खाद्य तेल और अन्य आवश्यक वस्तुओं आदि को लाने- ले जाने में मदद मिलेगी।भारतीय रेल पहले से ही मालगाडिय़ों के माध्यम से देश के विभिन्न भागों में आवश्यक वस्तुएं पहुंचा रही है। रेलवे की ये मालवाहक सेवाएं आवश्यक वस्तुओं जैसे खाद्यान्न, खाद्य तेल, नमक, चीनी, कोयला, सीमेंट, दूध, सब्जियों और फलों आदि की थोक जरूरतों को पूरा कर रही हैं, ऐसे कई मद हैं जिन्हें तुलनात्मक रूप से कम मात्रा में पहुंचाने की आवश्यकता है। विमान सेवा के बाद, रेलवे एक राज्य से दूसरे राज्य में ऐसे सामानों को पहुंचाने का सबसे तेज़ तरीका है।इन पार्सल ट्रेनों को चलाने के लिए भारतीय रेलवे के विभिन्न जोन अपनी-अपनी योजनाओं पर काम कर रहे हैं। वे विज्ञापन सहित संचार के विभिन्न माध्यमों से संभावित ग्राहकों तक पहुंच रहे हैं।औद्योगिक घराने, कंपनियां, कोई भी इच्छुक समूह, संगठन, व्यक्ति इन सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं। इच्छुक पक्ष पंजीकरण के लिए रेलवे पार्सल कार्यालयों और डिवीजनों से संपर्क कर सकते हैं। उपरोक्त के अलावा, किसी भी अन्य स्थान से - गंतव्य स्थान तक पूछताछ और पंजीकरण का स्वागत है। सेवाओं को मौजूदा नियमों के अनुसार और पार्सल / माल भाड़े का भुगतान करने पर चलाया जाएगा।----
- नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कोविड-19 को काबू करने के लिए लागू किए गए बंद (लॉकडाउन) के कारण फंसे प्रवासी मजदूरों एवं बेघर लोगों को आश्रय मुहैया कराने के लिए राज्य आपदा राहत कोष (एसडीआरएफ) के इस्तेमाल और देश में सभी जरूरी एवं गैर-जरूरी वस्तुओं की ढुलाई की रविवार को अनुमति दे दी।केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को लिखे पत्र में उन्हें यह सुनिश्चित करने को कहा कि प्रवासी श्रमिकों समेत बेघर लोगों को आश्रय एवं भोजन मुहैया कराने के लिए राहत शिविर स्थापित किए जाए।पत्र में कहा गया है, मैं यह सूचित करना चाहता हूं कि देश में कोविड-19 संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लागू बंद के कारण फंसे प्रवासी मजदूरों समेत बेघर लोगों और राहत शिविरों एवं अन्य स्थानों में शरण लेने वाले लोगों को भोजन मुहैया कराने के लिए केंद्र सरकार ने एसडीआरएफ के इस्तेमाल की अनुमति दे दी है। इसमें कहा गया है कि गृह मंत्रालय ने आपदा प्रबंधन कानून लागू करने के लिए पहले ही आदेश दे दिया है जिसके तहत जिला प्राधिकारियों को प्रवासी श्रमिकों का आवागमन रोकने के लिए अतिरिक्त कदम सख्ती से लागू करने और उन्हें पृथक रहने की सुविधाएं, आश्रय एवं भोजन मुहैया कराने तथा यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि उनके वेतन का भुगतान किया जाए और उनके मकान-मालिक उन्हें घरों से नहीं निकालें।गृह सचिव ने एक पत्र में कहा, इसका सख्ती से क्रियान्वयन सुनिश्चित किए जाने की आवश्यकता है। पत्र में यह स्पष्ट किया गया कि सभी जरूरी और गैर जरूरी वस्तुओं में भेद किए बिना सभी सामान की ढुलाई की अनुमति दी गई है। गृह सचिव ने स्पष्ट किया कि प्रिंट मीडिया के लिए छूट के तहत अखबार आपूर्ति की व्यवस्था को भी इजाजत दी गयी है। भल्ला ने कहा कि बंद की अवधि के दौरान पैकेटबंद सामग्री सहित दुग्ध संग्रहण और वितरण की आपूर्ति श्रृंखला को भी अनुमति दी गयी है। उन्होंने बताया कि हैंडवाश, साबुन, मुंह धोने वाली सामग्री जैसे साफ-सफाई के सामान, बैटरी और चार्जर की भी अनुमति दी गयी है। इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी की सेवाओं को राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की व्यवस्था में शामिल किया गया है । कर्मचारी भविष्य निधि संगठन को भी छूट दी गई और कम से कम कर्मियों के साथ काम करने को कहा गया है।
- लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार लॉकडाउन के बीच दूर—दूर से पैदल अपने घर जा रहे मजदूरों और कामगारों से राज्य सड़क परिवहन निगम की बसों में सफर का कोई किराया नहीं लेगी।निगम के प्रबन्ध निदेशक राज शेखर ने रविवार को बताया कि सरकार ने अपने घर जाने के लिये राज्य के विभिन्न हिस्सों में रोडवेज की बसों से सफर करने वाले मजदूरों या कामगारों से किराया नहीं वसूलेगी। सरकार उनके किराये का खर्च उठायेगी। उन्होंने कहा कि बसों के परिचालकों को जरूरी कार्रवाई के लिये वे—बिल तैयार करना होगा। यह व्यवस्था तत्काल लागू होगी। गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण के मद्देनजर लागू लॉक डाउन के बाद निजी और सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था पूरी तरह ठप होने के कारण बड़ी संख्या में मजदूर और अन्य कामगार लोग बहुत लम्बी—लम्बी दूरी पैदल चलकर अपने घर जा रहे हैं। उनकी इस परेशानी को देखते हुए राज्य सरकार ने रोडवेज की एक हजार बसों के जरिये उन्हें गंतव्य तक पहुंचाने के निर्देश दिये हैं।
- नई दिल्ली। भारतीय रेलवे द्वारा आईआरसीटीसी के बेस किचनों के आसपास के स्थानों में रहने वाले जरूरतमंद लोगों को कागज प्लेट के साथ थोक में पका हुआ भोजन उपलब्ध कराने का फैसला लिया गया है।भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) ने रविवार को गरीबों एवं जरुरतमंदों के लिए न केवल 11,030 पैकेट खाना उपलब्ध कराया बल्कि ऐसा करते हुए उनके स्थानीय स्वाद को भी ध्यान में रखा। आईआरसीटीसी ने दक्षिण में लेमन राइस तो पूर्व में खिचड़ी..चोखा तो उत्तर में कढ़ी..चावल मुहैया कराये।पुलिस अधिकारियों, दिल्ली प्रशासन के अधिकारियों, प्रवासी श्रमिकों, देशभर में वृद्धाश्रम में मुहैया कराया गया भोजन रेलवे के बेस किचन में पकाया गया। आईआरसीटीसी ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में दिल्ली प्रशासन को 2030 पैकेट कढ़ी..चावल, दिल्ली पुलिस को 1500 पैकेट और रेलवे सुरक्षा बल को 1500 पैकेट मुहैया कराये। वहीं पटना में आईआरसीटीसी ने 400 लोगों के लिए 140 किलोग्राम खिचड़ी और 40 किलोग्राम चोखा उपलब्ध कराया जिसे राजेंद्र नगर पटना बेस किचन में तैयार किया गया। वहीं 200 पैकेट भोजन कटिहार में मुहैया कराया गया। जमशेदपुर और रांची में 400 और 300 भोजन के पैकेट मुहैया कराये गए। बंगाल में, हावड़ा और सियालदह स्टेशनों पर चोखा के स्थान पर आचार मुहैया कराया गया। इन स्टेशनों पर 500 लोगों को खिचड़ी मुहैया करायी गई। दक्षिण भारत के बेंगलोर और हुबली में आचार के साथ लेमन राइस मुहैया कराया गया। बेंगलोर में भोजन के 2 हजार पैकेट मुहैया कराये गए और हुबली में भोजन के 700 पैकेट मुहैया कराये गए। पश्चिम में मुम्बई सेंट्रल में खिचड़ी और आचार के 1500 पैकेट मुहैया कराये गए।--
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गुरुग्राम। गुरुग्राम में रविवार तड़के दर्दनाक हादसा हो गया। एक ट्रक के चपेट में आने से पांच लोगों की मौत हो गई और सात घायल हो गए। एसएचओ इंस्पेक्टर जय प्रकाश ने जानकारी देते हुए बताया कि ये हादसा कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेस-वे (केएमपी) पर मानेसर के पास हुआ। हादसे में एक औरत और एक बच्चे की भी मौत हुई है। पुलिस हादसे में मारे गए सभी लोगों की पहचान में जुटी है। फिलहाल इस बात का पता नहीं चल पाया है कि मृतक यहां कहां से आए थे और क्या कर रहे थे? आगे की जांच जारी है। घायल को इलाज के लिए अस्पताल भेज दिया है।
- नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कोविड-19 से लडऩे के लिए पीएम-केयर फंड में रक्षा मंत्रालय के कर्मचारियों के एक दिन के वेतन के योगदान से संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी दी है।ऐसी उम्मीद है कि सेना, नौसेना, वायु सेना, रक्षा पीएसयू एवं अन्य सहित विभिन्न विंगों से फंड में रक्षा मंत्रालय द्वारा सामूहिक रूप से लगभग 500 करोड़ रुपये का योगदान दिया जाएगा। कर्मचारियों का यह योगदान स्वैच्छिक है और जो इसमें शामिल नहीं होना चाहेंगे, उन्हें इससे छूट दी जाएगी।---
- नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति ने पीएम केयर्स निधि में राज्यसभा सांसदों से कम से कम 1 करोड़ रुपए का योगदान सांसद निधि से देने की अपील की है।इस संदर्भ में सांसदों को लिखे अपने पत्र में उपराष्ट्रपति ने कहा है कि कोविड 19 संक्रमण से पैदा हुए इस संकट से निपटने के लिए, सरकार, निजी क्षेत्र तथा नागरिकों द्वारा इस संक्रमण के विरुद्ध अनेक कदम उठाए गए हैं जिसके लिए बड़े पैमाने पर वित्तीय, मानव संसाधनों और साजो समान की आवश्यकता होगी जिसके लिए भारत सरकार विभिन्न तरीकों से जरूरी वित्तीय संसाधन एकत्र कर रही है जिससे केंद्र, राज्य तथा जिला स्तर तक पर्याप्त संसाधनों को उपलब्ध कराया जा सके।उपराष्ट्रपति ने देशवासियों से भी अपील की कि वे आपदा प्रबंधन क्षमता को और सुदृढ़ करने के लिए, फंड में उदारतापूर्वक योगदान दें।इससे पहले उपराष्ट्रपति ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, दोनों सदनों के महासचिवों के साथ इस विषय पर बैठक की तथा राज्य सभा के उपसभापति तथा राज्य सभा में विभिन्न दलों के नेताओं से सांसद निधि के विषय में चर्चा की।
- नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान पर भारतीय रेलवे पीएम केयर्स निधि में 151 करोड़ रुपये का योगदान करेगा। रेलवे मंत्री पीयूष गोयल ने यह जानकारी देते हुए बताया कि वे स्वयं और उनके कनिष्ठ मंत्री सुरेश अगाडी एक-एक महीने का अपना वेतन दान करेंगे, जबकि रेलवे और उसके प्रतिष्ठानों के 13 लाख कर्मचारी एक-एक दिन का वेतन दान करेंगे।
- नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने मासिक कार्यक्रम मन की बात में आज यानी 29 मार्च को देशवासियों से रुबरू होंगे। कोरोना वायरस की महामारी के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस रेडियो कार्यक्रम पर सबकी नजरें हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि पीएम मोदी इस कार्यक्रम के जरिए इस महामारी के कारण देश में चल रहे लॉकडाउन और किसानों को हो रही समस्याओं के निराकरण को लेकर बात कर सकते हैं।ऑल इंडिया रेडियो ने ट्वीट कर यह जानकारी दी है कि प्रधानमंत्री मोदी के इस कार्यक्रम का प्रसारण रविवार को दिन में 11 बजे से किया जाएगा। मन की बात कार्यक्रम का प्रसारण प्रत्येक महीने के अंतिम रविवार को किया जाता है। इसे आकाशवाणी के हर चैनल पर सुना जा सकेगा।
- नई दिल्ली। केन्द्रीय रेलवे तथा वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने उद्योग एवं व्यापार संगठनों को इस कठिन परिस्थिति तथा संकट की घड़ी में अपने कर्मचारियों और श्रमिकों की देखभाल करने के लिए कहा है।वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से शनिवार को देश भर के विभिन्न विनिर्माण, उद्योग और व्यापारिक संगठनों के प्रतिनिधियों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि वे न केवल उनकी संपत्ति और संसाधन हैं, बल्कि उन्हें अगर समूह में देश में एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने दिया गया, तो वे कोविड-19 महामारी के संभावित वाहक भी बन सकते हैं। इस वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान उपस्थित केन्द्रीय रसायन और उर्वरक तथा शिपिंग (स्वतंत्र प्रभार) राज्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने भी पे-रोल (दिहाड़ी) पर श्रमिकों और मजदूरों को बनाए रखने को कहा है। उन्होंने कहा कि इससे देशव्यापी लॉकडाउन खतरे में पड़ जाएगा और कोविड अवधि के बाद सामान्यीकरण भी प्रभावित होगा।सम्मेलन में उठाए गए विभिन्न मुद्दों पर प्रतिक्रिया देते हुए, श्री पीयूष गोयल ने कहा कि गृह मंत्रालय द्वारा जारी किए गए निर्देशों से स्पष्ट होता है कि देश में सामानों की आवाजाही पर किसी भी प्रकार की रोक नहीं लगायी जाएगी।उन्होंने कहा कि इन सेवाओं को बनाए रखने के लिए आवश्यक कार्य और गतिविधियां एहतियात और सही सामाजिक एकांतवास के साथ जारी रहेंगी। उन्होंने इस मुश्किल समय में अपने कर्मचारियों और श्रमिकों के समर्थन में कई उद्योग जगत के लोगों की पहल की सराहना की, और आवश्यक वस्तुओं, विशेष रूप से वेंटिलेटर्स की क्षमता को बढ़ाते हुए, और उनमें से कुछ को सामुदायिक रसोई चलाने में भी अपने परिसर का उपयोग करने के लिए धन्यवाद दिया।श्री गोयल ने आगे कहा कि अन्य मंत्रालयों और एजेंसियों से संबंधित संगठनों द्वारा उठाए गए कई मुद्दों को तेजी से वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा उठाया जाएगा, और जिससे एक शुरुआती समाधान भी मिल जाएगा। कुछ प्रतिभागियों द्वारा उठाए गए कोविड के बाद के परिदृश्य का उल्लेख करते हुए, श्री गोयल ने विश्वास व्यक्त किया कि देश जल्द ही इस अभूतपूर्व संकट से उबरकर मजबूत स्थिति में आ जाएगा। उन्होंने कहा कि इस स्थिति के बाद विश्व के लिए मेक इन इंडिया और देश में भी इसे बढ़ावा मिलेगा।---
- नई दिल्ली। सभी यात्री ट्रेनों और सभी यात्री टिकटों को 14 अप्रैल 2020 तक रद्द करने के मद्देनजर, भारतीय रेलवे ने 21 मार्च से 14 अप्रैल 2020 तक की यात्रा अवधि के सभी टिकटों का पूर्ण रिफंड देने का निर्णय किया है। ये निर्देश रिफंड नियमों में छूट जारी रखने के लिए 21-03-2020 के निर्देशों के अलावा होंगे।रिफंड देने की प्रक्रिया इस प्रकार होगी:1. काउंटर पर बुक किए गए पीआरएस टिकट-ए. 27-03-2020 से पहले रद्द किए गए टिकट- टीडीआर (टिकट जमा रसीद) यात्री द्वारा भरा जाएगा जिसमें यात्रा विवरण होगा। रिफंड की बेलेंस राशि प्राप्त करने के लिए भरा हुआ फॉर्म किसी भी जोनल रेलवे मुख्यालय के मुख्य वाणिज्यिक प्रबंधक (सीसीएम) (दावा) या मुख्य दावा अधिकारी (सीसीओ) के पास 21 जून 2020 तक जमा कराना होगा। रेलवे व्यावहारिक उपयोग में लाए जाने वाला पर्चा प्रदान करेगा जिसके माध्यम से यात्री टिकटों को रद्द करने के दौरान कटौती की गई राशि को वापस लेने का लाभ उठा सकता है।ख. 27-03-2020 के बाद रद्द किए गए टिकट- इस तरह के रद्द किए गए सभी टिकटों के संबंध में पूर्ण वापसी देय होगी।2. ई-टिकट-ए. 27-03-2020 से पहले रद्द किए गए टिकट- बैलेंस रिफंड राशि उस यात्री के उस खाते में जमा कर दी जाएगी, जिस खाते से टिकट बुक किया गया था। आईआरसीटीसी बैलेंस रिफंड राशि प्रदान करने के लिए एक व्यावहारिक चार्ट तैयार करेगा।ख. 27-03-2020 के बाद रद्द किए गए टिकट-- ऐसे रद्द किए गए सभी टिकटों की पूर्ण वापसी देय होगी जिसके लिए पहले ही प्रावधान किए जा चुके हैं।---
- नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के सभी सांसद अपनी सांसद निधि से कोविड-19 से निपटने में सहयोग के लिए केंद्रीय राहत कोष में एक-एक करोड़ रुपये का योगदान करेंगे।भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने एक ट्वीट में इस फैसले की घोषणा की। श्री नड्डा ने कहा है कि इस महामारी से लडऩे के लिए पार्टी के सभी सांसद और विधायक अपने-अपने एक महीने का वेतन केंद्रीय राहत कोष में देंगे।----
- मुंबई । देश में कोरोना वायरस से उपजे संकट के हालात में जानी-मानी हस्तियां मदद के लिए सामने आ रही हैं। बॉलीवुड सुपरस्टार अक्षय ने भी आगे बढ़कर 25 करोड़ रुपए देने का ऐलान किया है। यह रकम वे पीएम केयर्स फंड में देंगे।अक्षय कुमार ने पीएम मोदी के ट्वीट को रिट्वीट कर लिखा, यह वह समय है जब हम सबके जीवन का सवाल है और हमें कुछ करने की जरूरत है हम जो भी कर सकें। मैं अपनी बचत से 25 करोड़ रुपये का योगदान पीएम राहत कोष में देने की प्रतिज्ञा करता हूं। आओ जीवन बचाएं। जान है तो जहान है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जैसे ही प्रधानमंत्री नरेंद्र नागरिक सहायता एवं आपात स्थिति राहत कोष के गठन की घोषणा की, उसके तुरंत बाद ही अक्षय कुमार ने दान का ऐलान कर दिया। पीएम मोदी ने कहा कि स्वस्थ भारत बनाने में मदद करेगा।
- नई दिल्ली। कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में आर्थिक मदद करने के लिए टाटा समूह सामने आया है। टाटा सन्स के चेयरमैन रतन टाटा ने 5 सौ करोड़ देने का ऐलान किया है। यह मदद टाटा ट्रस्ट ,टाटा सन्स और टाटा ग्रुप कंपनी की ओर से दी जाएगी।टाटा सन्स के चैयरमैन रतन टाटा ने यह जानकारी खुद ट्वीटर पर दी। उन्होंने लिखा , कोविड 19 संकट सबसे कठिन चुनौतियों में से एक है जिसका हम सब बहादुरी से सामना करेंगे। टाटा ट्रस्ट और टाटा समूह की कंपनियां देश की जरूरतों को पूरा कर के ही आगे बढ़ी है। यह वक्त पिछले समय से ज्यादा कठिन है। इसके साथ उन्होंने एक लेटर भी जारी किया है।इन चीजों के लिए टाटा ट्रस्ट 5 सौ करोड़ की मदद करेगा1. फ्रंटलाइन पर काम कर रहे स्वास्थ्य कर्मियों के लिए प्रोटेक्टिव उपकरण2. बढ़ते मामलों के लिए रेप्पिरेटरी सिस्टम3. टेस्टिंग किट4. स्वास्थ्य कर्मियों की ट्रेनिंग5. संक्रमित व्यक्तियों के इलाज के लिए बेहतर व्यवस्था---
- नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी ने जरूरतमंदों तक भोजन पहुंचाने में सहयोग करने की बीड़ा उठाया है। भाजपा के 1 करोड़ कार्यकर्ता इस अभियान में अपना सहयोग करेंगे। हर कार्यकर्ता प्रतिदिन 5 लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था करेगा। इस तरह भाजपा प्रतिदिन 5 करोड़ जरूरतमंद े लोगों को भोजन कराएगी।यह जानकारी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने ट्वीटर के माध्यम से दी है। उन्होंने एक छोटा सा वीडियो भी जारी किया है, जिसमें वे खाने के पैकेट देते हुए नजर आ रहे हैं। यह खाना उनके घर पर ही तैयार किया गया है।श्री नड्डा ने बताया कि प्रधानमंत्री के आह्वान पर सारे देश में लॉक डाउन किया गया है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री ने लोगों से आह्वान किया है कि दिहाड़ी मजदूर, श्रमिकों के साथ-साथ निर्माण कार्य में लगे मजदूर जो अभी बाहर निकलकर भोजन की व्यवस्था नहीं कर पा रहे हैं, उनके लिए भोजन की व्यवस्था करनी है। श्री नड्डा ने बताया कि प्रधानमंत्री के आह्वान पर भाजपा के एक करोड़ कार्यकर्ता हर दिन पांच-पांच पैकेट भोजन की व्यवस्था करेंगे और स्थानीय प्रशासन को देंगे । स्थानीय प्रशासन उसे जरूरतमंद तक पहुंचाएगा। श्री नड्डा ने बताया कि इस की शुरुआत करते हुए आज उन्होंने खाने के 10 पैकेट बनाए और प्रशासन को वितरित किए हैं। अगले 21 दिन तक वे इसी तरह से 10 लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था करेंगे। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से अपील की जो सामथ्र्यवान हंैं, वे इसी तरह से जरूरतमंदों की मदद करें। उनके लिए भोजन की व्यवस्था करें, ताकि वे सोशल दूरी बनाए रखते हुए अपने घरों में सुरक्षित रहें। श्री नड्डा ने आम लोगों से भी इस अभियान का हिस्सा बनने की अपील की है।
- नई दिल्ली। कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण अभिभावकों और छात्रों को हुई कठिनाइयों के मद्देनजर नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने आगामी नीट (यूजी) मई 2020 की परीक्षा को स्थगित कर दिया है। यह परीक्षा 3 मई 2020 को आयोजित होनी थी।एनटीए ने बताया कि अब परीक्षा मई 2020 के अंतिम सप्ताह में आयोजित करने का प्रस्ताव है। इसके लिए तिथि की घोषणा मौजूदा परिस्थिति के आकलन के बाद की जाएगी। उसके अनुसार इस परीक्षा के लिए पवेश पत्र जारी किए जाएंगे। हालांकि प्रवेश पत्र 27 मार्च 2020 को जारी किए जाने थे लेकिन अब 15 अप्रैल 2020 के बाद की स्थिति के आकलन के बाद ही ये किए जाएंगे।एनटीए ने छात्रों और अभिभावकों से परीक्षा के बारे में चिंता न करने का अनुरोध किया है। साथ ही माता-पिता से यह भी अनुरोध किया गया है कि वे छात्रों को परीक्षा की तैयारी के लिए इस समय का उपयोग करने में मदद करें और यदि तैयारी में कोई कमी रह गई हो तो उसे दूर करने पर ध्यान दें। एनटीए छात्रों को ताजा जानकारी उपलब्ध कराती रहेगी और किसी भी बदलाव के लिए पर्याप्त समय के साथ सूचित करेगी।
- नई दिल्ली। .केंद्रीय गृह सचिव ने कोविड-19 के मद्देनजर किए गए 21 दिनों के राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दौरान प्रवासी कृषि श्रमिकों, औद्योगिक कामगारों और असंगठित क्षेत्र के अन्य कामगारों को भोजन एवं आश्रय सहित पर्याप्त सहायता प्रदान करने हेतु तत्काल कदम उठाने के लिए सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखा है। इसी तरह राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को यह सलाह दी गई है कि वे अन्य राज्यों के विद्यार्थियों, कामकाजी महिलाओं इत्यादि का अपने मौजूदा आवास में ही बने रहना सुनिश्चित करने के लिए भी आवश्यक कदम उठाएं।एडवाइजरी में यह सुझाव दिया गया है कि असंगठित क्षेत्र के कामगारों, विशेषकर विभिन्न स्थानों पर फंसे प्रवासी श्रमिकों की मुश्किलें कम करने के लिए राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को गैर सरकारी संगठनों सहित विभिन्न एजेंसियों के सहयोग से उन्हें स्वच्छ पेयजल, स्वच्छता जैसी बुनियादी सुविधाओं के साथ-साथ भोजन और आश्रय भी प्रदान करने के उपाय करने चाहिए।इसके अलावा, राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को यह सलाह भी दी गई है कि वे इन असुरक्षित वर्गों या लोगों को सरकार द्वारा किए गए विभिन्न ठोस उपायों से अवगत कराएं जिनमें पीडीएस के माध्यम से खाद्यान्न और अन्य आवश्यक वस्तुएं मुफ्त में मुहैया कराना भी शामिल है। इसके साथ ही राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को वितरण प्रणाली को सुव्यवस्थित बनाने की भी सलाह दी गई है। एडवाइजरी के अनुसार, इससे इन लोगों की अनावश्यक आवाजाही को रोकने में मदद मिलेगी।गृह मंत्रालय ने यह भी सलाह दी है कि राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि होटल, किराये पर दिए गए कमरे, छात्रावास इत्यादि निरंतर चालू अवस्था में रहें और आवश्यक वस्तुओं की डिलीवरी भी सुव्यवस्थित रहे, ताकि छात्र-छात्राएं, कामकाजी महिलाएं, छात्रावासों में रहने वाले विद्यार्थी इत्यादि आवश्यक सावधानियां बरतते हुए अपने-अपने वर्तमान कमरों एवं आवासों में ही आगे भी रह सकें।---
- नई दिल्ली। जनजातीय कार्य मंत्रालय ने राज्यों से वित्त पोषित एकलव्य मॉडल आवासीय स्कूलों (ईएमआरएस) और एकलव्य मॉडल डे बोर्डिंग स्कूलों (ईएमडीबीएस) में छुट्टियां नये सिरे से तय करने का आग्रह किया है। मंत्रालय ने आगामी 25 मई तक इन स्कूलों को बंद रखने के निर्देश दिए हैं।मंत्रालय ने इस संबंध में राज्यों के जनजातीय विकास विभाग के प्रधान सचिव/प्रभारी सचिव को लिखे गए पत्र में कहा है कि कोविड-19 (कोरोना वायरस) के कारण सामुदायिक स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाली वर्तमान में उत्पन्न संवेदनशील स्वास्थ्य स्थितियों के मद्देनजर, यह देखा गया है कि संक्रमण फैलने से रोकने के लिए स्थानीय प्रशासन ने विभिन्न स्थानों पर छुट्टियों की घोषणा करने सहित रोग निरोधी उपाय करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं।1. ग्रीष्मकालीन अवकाश एक विशेष मामले के रूप में पहले ही कर दिया जाए और स्कूलों को 25 मई तक या अगले आदेश तक जो भी पहले हो, बंद कर दिया जाए।2. बोर्ड परीक्षा में बैठने वाले और विशेष कक्षाओं में शामिल होने वाले छात्रों को परिसर में उचित देखभाल के साथ रखा जा सकता है। बोर्ड परीक्षा देने वाले छात्रों को संबंधित कागजात पूरे होने के बाद जल्द ही घर भेजा जा सकता है।3. शैक्षणिक परिसर, छात्रावास और अन्य कॉमन एरिया सहित स्कूल परिसर की सफाई के लिए विशेष अभियान चलाया जा सकता है।4. शिक्षक परिणाम घोषित होने के बाद छुट्टियों का लाभ उठा सकते हैं। परिणामों की सूचना डाक और एसएमएस द्वारा छात्रों को भेजी जा सकती है।5. छुट्टियों के लिए नियोजित सामान्य गतिविधियां यह सुनिश्चित करने के लिए छुट्टी की अवधि के दौरान की जा सकती हैं कि परिसर नया सत्र शुरू करने के लिए तैयार है।----
- नई दिल्ली। भारत के मशहूर चित्रकार और लेखक सतीश गुजराल का 94 साल की उम्र में निधन हो गया है। बहुमुखी प्रतिभा के धनी सतीश अपनी पेंटिंग्स के लिए जाने जाते थे। वे भारत के पूर्व प्रधानमंत्री इंद्र कुमार गुजराल के छोटे भाई थे। वे पिछले कुछ समय से अस्वस्थ थे और कल रात उन्होंने अपनी आखिरी सांस ली।सतीश गुजराल का निधन 25 दिसंबर, 1925 में झेलम(अब पाकिस्तान) में हुआ। लाहौर स्थित मेयो स्कूल ऑफ आर्ट में पांच सालों तक उन्होंने विभिन्न विषयों में शिक्षा हासिल की। इस दौरान उन्होंने ग्राफिक डिजायनिंग का भी अध्ययन किया।सतीश गुजराल का कला के क्षेत्र में अमुल्य योगदान के देने के लिए कई पुरस्कारों से भी सम्मानित किया जा चुका है। भारत सरकार द्वारा उन्हें वर्ष 1999 में पद्म विभूषण भी प्रदान किया जा चुका है।उनके प्रमुख कामों में दिल्ली उच्च न्यायालय के बाहर की दीवार पर अल्फाबेट भित्तिचित्र शामिल हैं। उन्होंने दिल्ली में बेल्जियम दूतावास को भी डिजाइन किया था।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सतीश गुजराल के निधन पर शोक जताया है। प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर कहा, सतीश गुजराल जी बहुमुखी प्रतिभा संपन्न व्यक्ति थे। उन्होंने अपनी रचानात्मकता और संकल्प के सहारे विपत्तियों पर विजय प्राप्त की। इसके लिए उनका सम्मान किया जाता था। उनकी बौद्धिक लालसा उन्हें दूर-दूर तक ले गई लेकिन वे हमेशा अपनी जड़ों से जुड़े रहे। उनके निधन से दु:खी हूं। ओम शांति।---
- मुंबई। महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने बताया कि राज्य के कारागारों में कैद करीब 11 हजार कैदियों जिन्हें सात साल से कम सजा मिली है , उन्हें पैरोल पर रिहा किया जाएगा।श्री देशमुख ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल के जरिये इस फैसले की जानकारी दी। गृहमंत्री ने कहा, करीब 11 हजार कैदी या आरोपी जो सात साल की सजा के प्रावधान वाले मामलों में बंद हैं उन्हें पैरोल पर रिहा किया जा सकता है। मैंने पूरे राज्य के कारागारों को उचित आदेश जारी कर दिया है। श्री देशमुख, राज्य में करीब 60 जेलें हैं जिन पर यह फैसला लागू होगा।
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पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि प्रदेश के निवासी राज्य या उसके बाहर जहां भी फंसे हों, वहीं पर मदद उनकी जायेगी तथा उनके भोजन एवं रहने की व्यवस्था सरकार करेगी।
पटना में मुख्यमंत्री निवास पर कोरोना संक्रमण एवं लॉकडाउन से उत्पन्न स्थिति पर एक उच्चस्तरीय बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार कोरोना संक्रमण के कारण लोगों के फंसे होने की स्थिति को आपदा मान रही है और ऐसे लोगों की मदद उसी तरह की जायेगी जैसी अन्य आपदा पीडि़तों की की जाती है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर इस कार्य हेतु मुख्यमंत्री राहत कोष से आपदा प्रबंधन विभाग को 100 करोड़ रूपये की राशि जारी कर दी गयी है। नीतीश ने कहा कि अन्य राज्यों में बिहार के जो लोग काम करते हैं और वे लॉकडाउन के कारण वहां के शहरों में फंसे हुये हैं या रास्ते में हैं उनके लिये भी राज्य सरकार नयी दिल्ली स्थानीय के माध्यम से संबंधित राज्य सरकारों एवं जिला प्रशासन से समन्वय स्थापित कर भोजन एवं रहने के लिए आवश्यक व्यस्था करेगी।बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि तत्काल पटना तथा बिहार के अन्य शहरों में जो भी रिक्शा चालक, दैनिक मजदूर एवं अन्य राज्यों के व्यक्ति जो लॉकडाउन के चलते फंसे हुये हैं उनके रहने तथा भोजन की व्यवस्था राज्य सरकार अपने स्तर से करेगी। - जम्मू। जम्मू कश्मीर प्रशासन ने 2जी मोबाइल इंटरनेट सेवा तीन अप्रैल तक जारी रखने का आदेश दिया। यह आदेश ऐसे वक्त आया है जब कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर हाईस्पीड 4जी इंटरनेट सेवा बहाल करने की मांग जोर पकड़ रही है ।प्रधान सचिव (गृह विभाग) शालीन काबरा ने कहा कि मोबाइल फोन पर इंटरनेट सिर्फ 2जी स्पीड काम करेगा। गृह विभाग की ओर से जारी एक आदेश में कहा गया है कि पोस्टपेड सिमकार्ड धारकों को इंटरनेट की सुविधा मिलेगी। हालांकि प्रीपेड सिमकार्ड धारकों को यह सुविधा तब तक नहीं मिलेगी जब तक कि तय नियम के तहत सत्यापन नहीं हो जाता। आदेश में कहा गया है कि निर्देश तुरंत प्रभावी है और तीन अप्रैल तक लागू है । इस बीच नेशनल कॉन्फ्रेंस, माकपा, भाजपा और कांग्रेस सहित कई राजनीतिक दलों ने कोरोना वायरस संक्रमण के मद्देनजर पैदा हालात से निपटने के वास्ते लोगों की मदद के लिए जम्मू कश्मीर में 4जी इंटरनेट सेवा बहाल करने की मांग की है।