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- हा लॉन्ग बे (वियतनाम). वियतनाम में शनिवार दोपहर पर्यटन स्थलों की सैर के दौरान अचानक आए तूफान के कारण पर्यटकों की एक नौका पलट गई, जिसमें 34 लोगों की मौत हो गई। सरकारी मीडिया ने यह जानकारी दी। खबरों के अनुसार, ‘वंडर सी' नाव 48 यात्रियों और चालक दल के पांच सदस्यों को लेकर प्रमुख पर्यटन स्थल हा लॉन्ग बे की यात्रा पर थी। वीएनएक्सप्रेस अखबार के अनुसार, बचावकर्मियों ने 11 लोगों को बचा लिया और नाव पलटने वाली जगह से शवों को बरामद किया। अखबार के अनुसार, तेज हवाओं के कारण नाव पलट गई। बचाये गए लोगों में 14-वर्षीय एक लड़का भी शामिल था, जिसे पलटी हुई नाव में फंसने के चार घंटे बाद बचा लिया गया। समाचार पत्र ने बताया कि अधिकतर यात्री देश की राजधानी हनोई से आये पर्यटक थे, जिनमें लगभग 20 बच्चे भी शामिल थे। एक उष्णकटिबंधीय तूफान भी इस क्षेत्र की ओर बढ़ रहा है। राष्ट्रीय मौसम पूर्वानुमान के अनुसार, तूफान विफा के अगले हफ्ते वियतनाम के उत्तरी क्षेत्र, जिसमें हा लॉन्ग बे का तट भी शामिल है, से टकराने की आशंका है।
- तेहरान. ईरान के दक्षिणी हिस्से में एक बस के पलटने से कम से कम 21 लोगों की मौत हो गई। सरकारी मीडिया ने शनिवार को यह खबर जारी दी। फार्स प्रांत के आपात संगठन के प्रमुख मसूद आबेद ने बताया कि प्रांत की राजधानी शिराज के दक्षिण में हुई इस दुर्घटना में 34 अन्य लोग घायल हुए हैं। आबेद ने बताया कि बचाव अभियान जारी है।उन्होंने बताया कि अभियान पूरा होने और विस्तृत जांच के बाद अतिरिक्त जानकारी एवं अंतिम आंकड़े घोषित किए जाएंगे। अधिकारी ने बताया कि यह घटना पूर्वाह्न 11 बजकर पांच मिनट पर हुई और बचाव दल तुरंत घटनास्थल पर पहुंच गया। उन्होंने बताया कि घटना के कारणों की जांच की जा रही है।
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नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने एक बार फिर दावा किया कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को शांत करने में अहम भूमिका निभाई। यह तनाव 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद शुरू हुआ था, जिसमें 26 पर्यटकों की मौत हो गई थी।
व्हाइट हाउस में रिपब्लिकन सांसदों के साथ डिनर के दौरान ट्रंप ने कहा कि इस संघर्ष के दौरान ‘चार या पांच’ सैन्य विमान भी गिराए गए। हालांकि, उन्होंने यह साफ नहीं किया कि ये विमान भारत के थे या पाकिस्तान के। ट्रंप ने अपने दावे के समर्थन में कोई सबूत या अतिरिक्त जानकारी नहीं दी।ट्रंप ने कहा, “विमान हवा में मार गिराए जा रहे थे। चार या पांच, मुझे लगता है पांच विमान मार गिराए गए।” ट्रंप ने 24वीं बार यह भी दावा किया कि अमेरिका ने व्यापारिक दबाव के जरिए दोनों देशों को युद्धविराम के लिए राजी किया। ट्रंप के मुताबिक, उन्होंने दोनों देशों को चेतावनी दी थी कि अगर सीमा पर गोलीबारी जारी रही तो कोई व्यापार समझौता नहीं होगा। यह दूसरी बार है जब ट्रंप ने एक हफ्ते के अंदर भारत-पाक तनाव को सुलझाने का श्रेय लिया है। पाकिस्तान ने ट्रंप के प्रयासों की तारीफ की है, लेकिन भारत ने किसी भी बाहरी मध्यस्थता की बात को सिरे से खारिज कर दिया है।भारत का दावा: सिर्फ सैन्य बातचीत से थमा तनावभारत ने बार-बार कहा है कि तनाव कम करने का फैसला दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों की सीधी बातचीत से हुआ। भारतीय सेना के डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस (DGMO) और उनके पाकिस्तानी समकक्ष के बीच हुई चर्चा के बाद तनाव खत्म करने पर सहमति बनी। पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्रंप के साथ करीब 35 मिनट की फोन बातचीत में साफ कहा था कि भारत “कभी भी बाहरी मध्यस्थता को स्वीकार नहीं करेगा।” मोदी ने बताया था कि पाकिस्तान की पहल पर ही दोनों देशों की सेनाओं के बीच बातचीत शुरू हुई थी।बता दें कि 22 अप्रैल को पहलगाम हमले के जवाब में भारत ने 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया था, जिसके तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया। अगले चार दिनों तक दोनों देशों के बीच ड्रोन और मिसाइल हमलों की खबरें सामने आईं। 10 मई को ट्रंप ने सोशल मीडिया पर ऐलान किया कि वाशिंगटन की मध्यस्थता से भारत और पाकिस्तान तत्काल तनाव रोकने पर राजी हो गए। तब से वे कई बार इस युद्धविराम का श्रेय ले चुके हैं। लेकिन भारत का कहना है कि यह फैसला पूरी तरह से द्विपक्षीय सैन्य बातचीत के जरिए हुआ, जिसमें किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं थी। - न्यूयॉर्क/वाशिंगटन. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को कहा कि वाशिंगटन भारत के साथ व्यापार समझौते करने के ‘‘बहुत करीब'' है। ट्रंप ने अमेरिका के राष्ट्रपति के कार्यालय ‘ओवल ऑफिस' में बहरीन के प्रधानमंत्री एवं युवराज सलमान बिन हमद अल खलीफा के साथ द्विपक्षीय बैठक के दौरान पत्रकारों से कहा, ‘‘हम भारत के साथ समझौते करने के बहुत करीब हैं...।'' ट्रंप ने कहा, ‘‘हमने कई बेहतरीन देशों के साथ समझौते किए हैं... शायद भारत के साथ भी हमारा समझौता होने वाला है। मुझे नहीं पता, हम बातचीत कर रहे हैं।जब मैं पत्र भेजूंगा तो वह समझौता हो जाएगा।'' अमेरिका के राष्ट्रपति ने एक दिन पहले कहा था कि भारत के साथ एक व्यापार समझौते पर काम जारी है और अमेरिका को भारतीय बाजार तक पहुंच मिलेगी। ट्रंप ने कहा कि भारत के साथ प्रस्तावित व्यापार समझौता इंडोनेशिया के साथ किए गए करार के अनुरूप होगा। उन्होंने कहा, ‘‘भारत मूलतः उसी दिशा में काम कर रहा है। हमें भारत में प्रवेश मिलेगा। आपको समझना होगा कि इनमें से किसी भी देश में हमारी पहुंच नहीं थी। हमारे लोग वहां नहीं जा सकते थे और अब हमें वहां प्रवेश मिल रहा है। यही हम शुल्क के जरिये कर रहे हैं...।''
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लंदन. महात्मा गांधी का एक दुर्लभ तैल चित्र लंदन में बोनहम्स नीलामी में अनुमानित कीमत से लगभग तीन गुना अधिक 1,52,800 पाउंड में बिका। इसके बारे में माना जाता है कि यह एकमात्र ऐसा चित्र है जिसे महात्मा गांधी ने कलाकार के सामने बैठकर बनवाया था। यह पेंटिंग, जिसे पहले कभी नीलामी में नहीं रखा गया था, ऑनलाइन नीलामी के लिए रखी गई थी। इसकी अनुमानित कीमत 50,000 से 70,000 पाउंड के बीच थी। यह ‘ट्रैवल एंड एक्सप्लोरेशन सेल' की सबसे बड़ी बोली थी, जो मंगलवार को समाप्त हुई। चित्रकार क्लेयर लीटन का गांधी से परिचय तब हुआ जब वह 1931 में द्वितीय गोलमेज सम्मेलन में भाग लेने के लिए लंदन गये थे। नीलामी घर ‘बोनहम्स' के बिक्री विभाग की प्रमुख रियानोन डेमेरी ने कहा, ‘‘माना जाता है कि यह महात्मा गांधी का एकमात्र तैल चित्र है, जिसे उन्होंने कलाकार के सामने बैठकर बनवाया था। यह एक बहुत ही विशेष कृति है, जिसे पहले कभी नीलामी में नहीं रखा गया था।'' यह चित्र 1989 में लीटन की मृत्यु तक कलाकार के संग्रह में रहा, जिसके बाद उनके परिवार ने इसे हस्तांतरित किया। डेमेरी ने कहा, ‘‘इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि इस कृति ने दुनिया भर में इतनी रुचि जगाई।''
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मॉस्को. रूस अपने औद्योगिक क्षेत्रों में श्रमिकों की कमी को दूर करने के लिए इस साल के अंततक भारत से करीब 10 लाख कुशल कार्यबल को अपने यहां काम करने का मौका देगा। रूस के एक दिग्गज कारोबारी ने यह जानकारी दी है। रूसी उद्योग मंडल ‘यूराल चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री' के प्रमुख आंद्रेई बेसेदिन ने समाचार एजेंसी रॉसबिजनेसकंसल्टिंग (आरबीसी) के साथ बातचीत में भारत से कुशल कामगारों को मंगाने की योजना की जानकारी दी। बेसेदिन ने कहा, ‘‘जहां तक मुझे पता है, साल के अंततक भारत से 10 लाख विशेषज्ञ कामगार रूस आएंगे। इनमें रूस का स्वेर्दलोव्स्क क्षेत्र भी शामिल है। इससे संबंधित मामलों को देखने के लिए येकातेरिनबर्ग में एक नया महावाणिज्य दूतावास खुल रहा है।'' बेसेदिन ने कहा कि भारतीय पेशेवरों के आने से स्वेर्दलोव्स्क क्षेत्र में बेहद काबिल कार्यबल की कमी पूरी हो जाएगी। यूराल पर्वत में स्थित स्वेर्दलोव्स्क क्षेत्र भारी उद्योग एवं सैन्य-औद्योगिक परिसरों का केंद्र है। इसमें विश्व प्रसिद्ध यूरालमाश और टी-90 शृंखला के टैंक बनाने वाली कंपनी यूराल वैगन जावोद भी शामिल हैं। बेसेदिन ने कहा कि इस क्षेत्र में स्थित औद्योगिक उद्यमों को उत्पादन की मात्रा बढ़ाने की ज़रूरत है, लेकिन यहां पर समुचित मात्रा में कुशल श्रमिकों की कमी है। उन्होंने इसके पीछे कुछ श्रमिकों के यूक्रेन में जारी रूसी सैन्य अभियान में तैनात होने और रूसी युवाओं के कारखानों में नहीं जाने की प्रवृत्ति को अहम कारण बताया। उन्होंने कहा कि रूस, श्रीलंका और उत्तर कोरिया से भी श्रमिकों को बुलाने पर विचार कर रहा है, लेकिन यह एक जटिल मुद्दा है। रूसी क्षेत्रों के उद्यमों में भारत से श्रमिकों के आने का सिलसिला 2024 में ही शुरू हो गया था। इन श्रमिकों को कैलिनिनग्राद मछली प्रसंस्करण परिसर ‘जा रोदिनू' ने आमंत्रित किया था। आरबीसी समाचार एजेंसी के मुताबिक, रूसी श्रम मंत्रालय ने वर्ष 2030 तक कार्यबल में 31 लाख लोगों की कमी का अनुमान लगाया है। इसने 2025 में योग्य विदेशी श्रमिकों के आमंत्रण का कोटा 1.5 गुना बढ़ाकर 2.3 लाख लोगों तक करने का प्रस्ताव रखा है। रूसी श्रम मंत्रालय का अनुमान है कि रूसी औद्योगिक उद्यमों ने 2024 में गैर-राष्ट्रकुल देशों से 47,000 योग्य प्रवासियों को आकर्षित किया। आर्थिक विकास मंत्रालय ने भी अन्य देशों से श्रमिकों को आकर्षित करने का दायरा बढ़ाने की बात कही है। हालांकि, पिछले साल 22 मार्च को मॉस्को के क्रोकस सिटी हॉल में हुए आतंकवादी हमले के बाद रूसी अधिकारियों ने पूर्व सोवियत गणराज्यों से प्रवासियों के आगमन को रोकने के लिए प्रवासन कानून को कड़ा कर दिया।
- लंदन. ब्रिटेन की हवाई दुर्घटना जांच शाखा (एएआईबी) ने शनिवार को कहा कि वह पिछले महीने अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद एअर इंडिया की उड़ान संख्या एआई171 के दुर्घटनाग्रस्त होने के मामले में भारतीय विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो की प्रारंभिक रिपोर्ट की समीक्षा कर रही है। भारतीय विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) की रिपोर्ट दुर्घटना की उनकी जांच के प्रारंभिक निष्कर्षों पर आधारित है। इस दुर्घटना में विमान में सवार 242 लोगों में से एक को छोड़कर सभी की मौत हो गई थी। यह एक दशक में सबसे भयावह विमान दुर्घटना थी। ब्रिटेन की एएआईबी भी जांच प्रक्रिया का हिस्सा है क्योंकि इस हादसे में विमान में सवार 52 ब्रिटिश नागरिकों की भी मौत हो गई थी। ब्रिटेन की एएआईबी ने एक बयान में कहा, ‘‘यूके एएआईबी इस प्रारंभिक रिपोर्ट का स्वागत करती है, जो एएआईबी भारत द्वारा अब तक उजागर की गई तथ्यात्मक जानकारी का सारांश है।'' इसमें कहा गया है, ‘‘ब्रिटिश एएआईबी इस प्रारंभिक रिपोर्ट की विस्तार से समीक्षा कर रहा है और भारत की एएआईबी के साथ संपर्क में है। अंतरराष्ट्रीय प्रोटोकॉल के अनुसार, जांच संबंधी जानकारी जारी करने का अधिकार पूरी तरह से भारतीय अधिकारियों के पास है।'' दुर्घटना की 15 पृष्ठों की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट से पता चला कि दोनों इंजनों के ईंधन नियंत्रण स्विच एक सेकंड के अंतराल में ‘रन' से ‘कटऑफ' स्थिति में चले गए थे, जिसके कारण विमान की ऊंचाई में तत्काल कमी आ गई। रिपोर्ट के अनुसार कॉकपिट की आवाज रिकॉर्डिंग में एक पायलट दूसरे से पूछता सुनाई देता है कि उसने ईंधन क्यों बंद किया, जिस पर दूसरा पायलट ईंधन बंद करने से इनकार करता है। बारह जून की दुर्घटना में अपने प्रियजनों को खोने वाले ब्रिटेन के परिवारों ने जांच प्रक्रिया में विशेषज्ञों के प्रतिनिधित्व की मांग की है। लंदन की कानूनी फर्म ‘कीस्टोन लॉ' ने इस रिपोर्ट का स्वागत किया। कीस्टोन के विमानन भागीदार जेम्स हीली-प्रैट ने कहा, ‘‘परिवार अब समझ गए हैं कि जांच का एक अधिक व्यापक दायरा है, लेकिन उनकी सबसे बड़ी चिंताओं में से एक यह है कि उन्हें इस सुरक्षा जांच से बाहर रखा गया है।'' उन्होंने कहा, ‘‘केवल भारतीय एएआईबी ही नहीं, ब्रिटिश एएआईबी भी मदद कर रहा है और अमेरिकी भी। इसलिए आदर्श रूप से, पीड़ित परिवारों को इसमें किसी न किसी रूप में शामिल किया जाना चाहिए।'' विमान में सवार 53 ब्रिटिश नागरिकों में से सीट नंबर 11ए पर बैठे विश्वास कुमार प्रकाश नामक केवल एक यात्री ही पिछले महीने हुई इस दुर्घटना में चमत्कारिक रूप से बच गये थे।
- न्यूयॉर्क. अमेरिका-भारत रणनीतिक साझेदारी मंच (यूएसआईएसपीएफ) ने कहा कि आदित्य बिड़ला समूह के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला उसके निदेशक मंडल में शामिल हो गए हैं। बयान में कहा गया कि बिड़ला यूएसआईएसपीएफ बोर्ड की कार्यकारी समिति के सदस्य के रूप में जुड़ेंगे।बिड़ला को पिछले महीने वाशिंगटन डीसी में आयोजित '2025 यूएसआईएसपीएफ लीडरशिप समिट' में उनके व्यावसायिक नेतृत्व और अमेरिका-भारत आर्थिक साझेदारी को मजबूत करने की प्रतिबद्धता के लिए 'ग्लोबल लीडरशिप अवार्ड' से सम्मानित किया गया था। बयान में बिड़ला के हवाले से कहा गया, ''हमें अमेरिका में सबसे बड़ा भारतीय निवेशक होने पर गर्व है और हम देश में अपने निवेश का विस्तार करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। अमेरिका-भारत साझेदारी दुनिया की सबसे महत्वपूर्ण साझेदारियों में से एक है।'' उन्होंने कहा कि वह यूएसआईएसपीएफ के साथ मिलकर दोनों देशों का अधिक मजबूत गठबंधन बनाने के लिए प्रयास करते रहेंगे।
- लंदन. ब्रिटेन के सबसे बुजुर्ग व्यक्ति और द्वितीय विश्व युद्ध में सैनिक के रूप में भाग ले चुके डोनाल्ड रोज का 110 वर्ष की आयु में निधन हो गया। एक बयान में इसकी जानकारी दी गयी है। रोज ने छह जून 1944 को डी-डे लैंडिंग में भाग लिया था और वह उस डिवीजन का हिस्सा थे जिसने उत्तरी जर्मनी में बर्गेन-बेल्सन यातना शिविर से लोगों मुक्त कराया था। शुक्रवार को एक बयान में उत्तरी इंग्लैंड में एरेवाश बरो काउंसिल के नेता जेम्स डासन ने रोज की मृत्यु की घोषणा की और उन्हें "युद्ध नायक" कहा। उन्होंने कहा, "एरेवाश को उन्हें अपना निवासी मानने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।"मई में, रोज़, यूरोप में विजय दिवस के 80 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में, राष्ट्रीय स्मारक अर्बोरेटम में रॉयल ब्रिटिश लीजन द्वारा आयोजित चाय पार्टी समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में 45 अन्य दिग्गजों के साथ शामिल हुईं। रोज का जन्म प्रथम विश्व युद्ध छिड़ने के बाद 1914 में क्रिसमस की पूर्व संध्या पर हुआ था। ऐसा माना जाता है कि रोज ब्रिटेन के सबसे बुजुर्ग व्यक्ति थे।
- फ्रैंकफर्ट. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को यूरोपीय संघ (ईयू) पर 30 प्रतिशत शुल्क लगाने की घोषणा की। इस कदम का अटलांटिक के दोनों ओर की कंपनियों और उपभोक्ताओं पर असर पड़ेगा। इन शुल्क के कारण अमेरिका में फ्रांसीसी पनीर और इतालवी चमड़े के सामान से लेकर जर्मन इलेक्ट्रॉनिक्स और स्पेनिश दवाइयों तक, सब कुछ महंगा हो सकता है। अप्रैल में, ट्रंप ने यूरोपीय संघ के उत्पादों पर 20 प्रतिशत शुल्क लगाने का प्रस्ताव रखा था, जो उन देशों पर लक्षित शुल्क की एक शृंखला का हिस्सा था जिनके साथ अमेरिका का व्यापार असंतुलन है। बाद में, जब बातचीत उनकी अपेक्षा के अनुरूप तेज़ी से आगे नहीं बढ़ी, तो उन्होंने इसे बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने की धमकी दी। इसी सप्ताह यूरोपीय संघ के कार्यकारी आयोग ने कहा कि उसके नेता अभी भी ट्रंप प्रशासन के साथ समझौता करने की उम्मीद कर रहे हैं। कार्यकारी आयोग यूरोपीय संघ के 27 सदस्य देशों के व्यापार संबंधी मुद्दों को देखता है।यूरोपीय संघ ने कहा कि वह बीफ और वाहन कलपुर्जों से लेकर बीयर और बोइंग विमानों तक, सैकड़ों अमेरिकी उत्पादों पर शुल्क लगाकर जवाबी कार्रवाई करने के लिए तैयार है। अमेरिका और यूरोपीय संघ के बीच व्यापार के बारे में जानने योग्य बातें यहां दी गई हैं: अमेरिका-यूरोपीय संघ के बीच व्यापार बहुत बड़ा है।यूरोपीय आयोग अमेरिका और यूरोपीय संघ के बीच व्यापार को ‘दुनिया का सबसे महत्वपूर्ण वाणिज्यिक संबंध' बताता है। यूरोपीय संघ की सांख्यिकी एजेंसी यूरोस्टेट के अनुसार, वस्तुओं और सेवाओं में यूरोपीय संघ-अमेरिका व्यापार का मूल्य 2024 में 1.7 लाख करोड़ यूरो (दो लाख करोड़ डॉलर) या औसतन 4.6 अरब यूरो प्रतिदिन होगा। यूरोप को अमेरिका का सबसे बड़ा निर्यात कच्चा तेल है, उसके बाद फार्मास्यूटिकल्स, विमान, वाहन और चिकित्सा एवं नैदानिक उपकरण हैं। यूरोप से अमेरिका को सबसे ज़्यादा निर्यात दवाइयां, कार, विमान, रसायन, चिकित्सा उपकरण, और शराब व स्पिरिट्स हैं।
- ब्रिजवॉटर। , अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार यूरोपीय संघ (ईयू) और मेक्सिको पर 30 प्रतिशत शुल्क लगाने की घोषणा की। ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया खाते पर पोस्ट किए गए पत्रों में अमेरिका के दो सबसे बड़े व्यापारिक साझेदारों पर शुल्क लगाने की घोषणा की। यह शुल्क एक अगस्त से प्रभावी होगा। मेक्सिको के नेता को लिखे अपने पत्र में, ट्रंप ने स्वीकार किया कि मेक्सिको ने अमेरिका में अवैध प्रवासियों और 'फेंटेनाइल' की आवक को रोकने में मदद की है। हालांकि, उन्होंने कहा कि मेक्सिको ने उत्तरी अमेरिका को ‘मादक पदार्थ की तस्करी के मैदान' में बदलने से रोकने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए हैं। ट्रंप ने यूरोपीय संघ को लिखे अपने पत्र में कहा कि अमेरिका का व्यापार घाटा राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है। ट्रंप ने ईयू को लिखा, “हमने यूरोपीय संघ के साथ अपने व्यापारिक संबंधों पर वर्षों तक चर्चा की है, और हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि हमें आपके शुल्क और गैर-शुल्क नीतियों तथा व्यापार बाधाओं के कारण उत्पन्न इन दीर्घकालिक, बड़े और लगातार व्यापार घाटे से दूर होना चाहिए।” उन्होंने लिखा, “दुर्भाग्यवश, हमारे संबंध पारस्परिकता से कोसों दूर रहे हैं।”ट्रंप अपने सहयोगियों और विरोधियों, दोनों के साथ नए शुल्क की घोषणाएं कर रहे हैं, जो उनके 2024 के चुनाव अभियान का आधार है। उन्होंने कहा था कि यह अमेरिकी अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने की नींव रखेगा। उनका दावा है कि दशकों से अन्य देशों ने अमेरिका की अर्थव्यवस्था का दोहन किया है। जवाबी शुल्कों के ज़रिए, ट्रंप विश्व व्यापार को नियंत्रित करने वाले नियमों में भारी उलटफेर कर रहे हैं। ट्रंप ने शनिवार के पत्रों के साथ अब तक 24 देशों और 27 सदस्यीय यूरोपीय संघ पर शुल्क की शर्तें लागू कर दी हैं।
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सरे (कनाडा). कनाडा के सरे में हास्य कलाकार कपिल शर्मा के हाल में खुले नए रेस्तरां पर गोली चलाए जाने की घटना सामने आई है। सरे पुलिस सेवा (एसपीएस) ने बताया कि उसने बुधवार को स्थानीय समयानुसार देर रात 1:50 बजे एक व्यापारिक प्रतिष्ठान से आई कॉल पर कार्रवाई की। इसमें व्यापारिक प्रतिष्ठान का नाम नहीं बताया गया। खबरों के मुताबिक, शर्मा के कप्स कैफे पर हमला हुआ। कपिल की टीम की ओर से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। एसपीएस ने कहा, "देर रात 1:50 बजे सरे पुलिस सेवा को 120 स्ट्रीट के 8400 ब्लॉक में स्थित एक व्यापारिक प्रतिष्ठान में गोलीबारी के बाद बुलाया गया।" इसमें कहा गया है, "पुलिस के पहुंचने पर यह तुरंत पता चल गया कि गोलियां व्यापारिक प्रतिष्ठान की ओर चलाई गई थीं, जिससे संपत्ति को नुकसान पहुंचा, जबकि कर्मचारी अंदर मौजूद थे।" एसपीएस ने कहा कि व्यापारिक प्रतिष्ठान में किसी को कोई चोट नहीं आई।
इसमें कहा गया है कि "जांच जारी है और अन्य घटनाओं से संबंध तथा संभावित उद्देश्यों की जांच की जा रही है।" अखबार ‘वैंकूवर सन' ने बताया कि पुलिस के पास अभी तक संदिग्ध का विवरण नहीं है और गोलीबारी का मकसद भी पता नहीं चल पाया . -
लंदन. भारत और इंग्लैंड के बीच तीसरे टेस्ट मैच की शुरुआत से पहले बृहस्पतिवार को लॉर्ड्स के एमसीसी (मेरिलबोन क्रिकेट क्लब) संग्रहालय में महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर के चित्र (पोर्ट्रेट) का अनावरण किया गया। यह पोर्ट्रेट स्टुअर्ट पियर्सन राइट ने 18 वर्ष पहले अपने घर पर ली गई एक तस्वीर से बनाया है। यह पोर्ट्रेट इस वर्ष के अंत तक एमसीसी संग्रहालय में रहेगा और उसके बाद इसे पवेलियन में लगाया जाएगा। यहां जारी की गई एक विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘‘जैसे-जैसे काम आगे बढ़ा, पियर्सन राइट का दृष्टिकोण भी बदलता गया और अंततः घिसे हुए एल्युमीनियम पर तेल की चित्रकारी के साथ यह समाप्त हुआ। इसमें अमूर्त पृष्ठभूमि तेंदुलकर की कालातीतता को दर्शाती है, जो किसी युग तक सीमित नहीं है।'' पियर्सन राइट ने इससे पहले कपिल देव, बिशन सिंह बेदी और दिलीप वेंगसरकर के चित्र बनाए हैं।
विज्ञप्ति के अनुसार तेंदुलकर ने कहा, ‘‘यह बहुत बड़ा सम्मान है। भारत ने जब 1983 में विश्व कप जीता था, तब लॉर्ड्स से मेरा पहला परिचय हुआ था।'' उन्होंने कहा, ‘‘मैंने हमारे कप्तान कपिल देव को ट्रॉफी उठाते देखा। उस पल ने क्रिकेट में मेरे सफर को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आज जब पवेलियन में मेरा पोर्ट्रेट लगाया गया है, तो ऐसा लग रहा है जैसे मेरा सफ़र पूरा हो गया हो। जब मैं अपने करियर के बारे में सोचता हूं तो मेरे चेहरे पर मुस्कान आ जाती है। यह वाकई खास है।'' विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘‘लॉन्ग रूम गैलरी खेल जगत की सबसे पुरानी और सबसे प्रतिष्ठित गैलरी है। क्लब में वर्तमान में लगभग 3,000 तस्वीरें हैं, जिनमें से लगभग 300 पोर्ट्रेट हैं।‘‘ पियर्सन राइट ने कहा, ‘‘यह स्पष्ट था कि एमसीसी नहीं चाहता था कि यह पोर्ट्रेट मेरे द्वारा बनाए गए भारतीय क्रिकेट से जुड़े पिछले चित्रों के समान प्रारूप में हो, इसलिए इस चित्र के साथ एक नया दृष्टिकोण अपनाया गया। मैंने इसमें सचिन के सिर पर अधिक ध्यान केंद्रित किया।'' -
न्यूयॉर्क/वाशिंगटन/ अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ब्रिक्स के सदस्य देशों पर 10 प्रतिशत शुल्क लगाए जाने की चेतावनी देते हुए मंगलवार को दावा किया कि इस समूह की स्थापना अमेरिका को नुकसान पहुंचाने और डॉलर को कमजोर करने के लिए की गई है। ट्रंप ने अमेरिका के राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास एवं कार्यालय ‘व्हाइट हाउस' में कैबिनेट की छठी बैठक में पत्रकारों से बात करते हुए यह टिप्पणी की। उन्होंने कहा, ‘‘अगर वे ब्रिक्स में हैं तो उन्हें 10 प्रतिशत शुल्क देना होगा।''
ट्रंप ने कहा कि ब्रिक्स की स्थापना ‘‘हमें नुकसान पहुंचाने'' और ‘‘हमारे डॉलर को कमजोर करने'' और डॉलर को मानक मुद्रा की स्थिति से हटाने के लिए की गई थी। उन्होंने कहा, ‘‘और अगर वे यह खेल खेलना चाहते हैं तो ठीक है लेकिन मैं भी यह खेल खेल सकता हूं। इसलिए ब्रिक्स में शामिल हर देश को 10 प्रतिशत शुल्क देना होगा।'' ट्रंप ने कहा कि यह ‘‘बहुत जल्द'' होगा।
उन्होंने ने कहा, ‘‘अगर वे ब्रिक्स के सदस्य हैं तो उन्हें 10 प्रतिशत शुल्क देना होगा... केवल इसी एक बात के लिए।'' ट्रंप ने दावा किया कि ब्रिक्स ‘‘काफी हद तक टूट गया'' है लेकिन ‘‘कुछ देश ऐसे भी हैं जो अब भी (इसके सदस्य) बने हुए हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘मेरी राय में ब्रिक्स कोई गंभीर खतरा नहीं है लेकिन वे डॉलर को नष्ट करने की कोशिश कर रहे हैं ताकि कोई दूसरा देश (हमारी) जगह ले सके और मानक बन सके। हम किसी भी हाल में (डॉलर की) मानक (मुद्रा) की यह स्थिति खोने वाले नहीं हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘यदि आपके पास एक समझदार राष्ट्रपति है, तो आप कभी भी मानक नहीं खोएंगे।''
ट्रंप ने कहा, ‘‘अगर डॉलर विश्व में मानक नहीं रहता है तो यह एक युद्ध, एक बड़ा विश्व युद्ध हारने जैसा होगा; हम पहले जैसे देश नहीं रह जाएंगे। हम ऐसा नहीं होने देंगे... डॉलर राजा है, हम इसकी स्थिति ऐसे भी बनाए रखेंगे।'' उन्होंने कहा, ‘‘अगर लोग इसे चुनौती देना चाहते हैं तो वे ऐसा कर सकते हैं लेकिन उन्हें इसकी बड़ी कीमत चुकानी होगी और मुझे नहीं लगता कि उनमें से कोई भी इस कीमत को चुकाने के लिए तैयार है।'' ब्रिक्स देशों- ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका, सऊदी अरब, मिस्र, संयुक्त अरब अमीरात, इथियोपिया, इंडोनेशिया और ईरान के नेता छह-सात जुलाई को ब्राजील में आयोजित 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में शामिल हुए। - दुबई। ईरान की सरकार ने इजराइल के साथ युद्ध में मरने वाले लोगों की नयी संख्या जारी करते हुए बताया कि इसमें कम से कम 1,060 लोग मारे गए हैं। साथ ही, उसने चेतावनी दी है कि यह संख्या बढ़ सकती है।ईरान के ‘फाउंडेशन ऑफ मार्टर एंड वेटरंस अफेयर्स' के प्रमुख सईद ओहादी ने ईरानी सरकारी टेलीविजन पर प्रसारित एक साक्षात्कार में मृतकों की संख्या के बारे में जानकारी दी। ओहादी ने चेतावनी दी कि कुछ लोग जिस तरह से गंभीर रूप से घायल हुए हैं, उसे देखते हुए मरने वालों की संख्या 1,100 तक पहुंच सकती है।ईरान ने युद्ध के दौरान इजराइल की 12 दिनों की बमबारी के प्रभावों को कम करके दिखाया, जबकि इन हमलों ने उसकी वायु रक्षा प्रणाली को तबाह कर दिया है। युद्ध विराम लागू होने के बाद से ईरान धीरे-धीरे विनाश की व्यापकता को स्वीकार कर रहा है। हालांकि, उसने अब तक यह नहीं बताया है कि उसकी सेना को कितना नुकसान पहुंचा है। वाशिंगटन स्थित मानवाधिकार कार्यकर्ता समूह ने कहा कि 436 नागरिक और सुरक्षाबलों के 435 सदस्यों समेत 1,190 लोग मारे गए हैं। हमलों में 4,475 लोग घायल भी हुए हैं।
- वाशिंगटन। चीन ने अपने वीजा नियमों में ऐतिहासिक रूप से ढील दी है, जिससे 74 देशों के नागरिक अब बिना वीजा के 30 दिनों तक इस एशियाई देश की यात्रा कर सकते हैं। इस नीति का उद्देश्य पर्यटन और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना है। पिछले वर्ष दो करोड़ से अधिक लोग बिना वीजा के चीन गए थे, जो 2023 के मुकाबले दोगुनी संख्या है। वीजा नियमों में ढील दिए जाने के बाद अब विदेशी पर्यटक चीन जा रहे हैं। ऑस्ट्रिया में रह रहे जॉर्जिया के एक नागरिक जॉर्जी शावाद्जे ने बीजिंग में ‘टेम्पल ऑफ हेवन' की अपनी हालिया यात्रा के बारे में कहा, ‘‘यह वास्तव में यात्रा को आसान बनाता है क्योंकि वीजा के लिए आवेदन करना और उसकी पूरी प्रक्रिया से गुजरना एक झंझट होता था।''हालांकि, अधिकांश पर्यटन स्थल अब भी घरेलू पर्यटकों से भरे हैं, लेकिन पर्यटन उद्योग विदेशी आगंतुकों की संभावित बढ़ोतरी के लिए तैयार हो रहा है। कोविड-19 के कारण लगे कड़े प्रतिबंधों को हटाने के बाद चीन ने 2023 की शुरुआत में पर्यटकों के लिए अपनी सीमाएं फिर से खोल दी थीं, लेकिन उस वर्ष केवल 1.38 करोड़ लोग ही चीन गए थे, जो महामारी से पहले 2019 के 3.19 करोड़ के आंकड़े के आधे से भी कम है। दिसंबर 2023 में चीन ने फ्रांस, जर्मनी, इटली, नीदरलैंड, स्पेन और मलेशिया के लिए बिना वीजा के यात्रा की घोषणा की थी। तब से अधिकतर यूरोपीय देशों को यह सुविधा मिल चुकी है तथा 16 जुलाई को अजरबैजान के जुड़ने से इन देशों की संख्या 75 हो जाएगी।
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केरविले (अमेरिका). अमेरिका के टेक्सास में पिछले सप्ताह आई विनाशकारी बाढ़ के कारण मरने वाले लोगों की संख्या सोमवार को बढ़कर 100 से अधिक हो गई। अधिकारियों ने बताया कि जान गंवाने वालों में गर्मी की छुट्टियों में आयोजित शिविरों (समर कैंप) में भाग लेने वाले कई बच्चे भी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि बाढ़ के कारण कम से कम 104 लोगों की मौत हो गई।
टेक्सास हिल कंट्री में ग्रीष्मकालीन शिविर ‘कैंप मिस्टिक' के संचालकों ने बताया कि उसके शिविर में भाग ले रहे 27 लोगों की बाढ़ के कारण मौत हो गई। केर काउंटी के अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि शिविर में भाग ले रहे 11 लोग लापता हैं।
अधिकारियों ने बताया कि बचावकर्ताओं को ‘कैंप मिस्टिक' और कई अन्य ग्रीष्मकालीन शिविरों का आयोजन करने वाली इस काउंटी में 28 बच्चों सहित 84 लोगों के शव मिले हैं। प्राधिकारियों ने बताया कि मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है। - वॉशिंगटन। इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया है. इस संबंध में उन्होंने नोबेल पुरस्कार समिति को एक पत्र भेजा है. नेतन्याहू ने व्हाइट हाउस में रात्रिभोज के दौरान व्यक्तिगत रूप से ट्रंप को नामांकन पत्र की एक प्रति सौंपी.ट्रंप ने सोमवार को व्हाइट हाउस में नेतन्याहू के लिए रात्रिभोज का आयोजन किया. नेतन्याहू ने ट्रंप को नामांकन पत्र प्रस्तुत करते हुए कहा,'राष्ट्रपति ने अब्राहम समझौते को मूर्त रूप दिया है. वह एक देश के बाद दूसरे क्षेत्र में शांति स्थापित कर रहे हैं. मैं आपको नोबेल पुरस्कार समिति को भेजा गया पत्र प्रस्तुत करना चाहता हूँ. इसमें आपको शांति पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया है, जिसके आप हकदार हैं और आपको यह मिलना चाहिए.'पत्र मिलने के बाद ट्रंप ने नेतन्याहू को धन्यवाद दिया और कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं थी. ट्रंप ने कहा कि खास तौर पर आपकी ओर से यह पत्र आना बहुत सार्थक है.व्हाइट हाउस में रात्रि भोज के लिए प्रधानमंत्री नेतन्याहू के सामने बैठे हुए पत्रकारों से बातचीत में नेतन्याहू ने ट्रम्प के नेतृत्व की सराहना की.नेतन्याहू ने कहा, 'मैं न केवल सभी इजरायलियों की ओर से बल्कि यहूदी लोगों और दुनिया भर के कई प्रशंसकों की ओर से आपके नेतृत्व, मुक्त विश्व के आपके नेतृत्व, न्यायपूर्ण उद्देश्य के आपके नेतृत्व और शांति और सुरक्षा की खोज के लिए प्रशंसा व्यक्त करना चाहता हूं. इसका नेतृत्व आप कई देशों में कर रहे हैं खासर मध्य पूर्व में. हमारे पास बेहतरीन अवसर हैं. राष्ट्रपति के पास एक असाधारण टीम है और मुझे लगता है कि हमारी टीमें चुनौतियों का सामना करने और अवसरों को भुनाने के लिए एक असाधारण संयोजन बनाती हैं.'रात्रिभोज बैठक की शुरुआत में ट्रम्प ने कहा कि उन्हें और इजरायली प्रधानमंत्री को एक साथ मिलकर जबरदस्त सफलता मिली है और कहा कि उन्हें बहुत अच्छे परिणाम मिलेंगे. इससे पहले नेतन्याहू ने अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो के साथ बैठक की.रुबियो के साथ अपनी बैठक को महत्वपूर्ण बताते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने इजराइल और अमेरिका के बीच संबंधों को मजबूत करने और दोनों देशों के सामने आने वाली साझा चुनौतियों पर चर्चा की.अल जजीरा की रिपोर्ट के अनुसार रविवार को अमेरिका के लिए रवाना होने से पहले नेतन्याहू ने कहा कि इजराइली वार्ताकारों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वे उन शर्तों के तहत युद्ध विराम करें जिन्हें इजराइल ने स्वीकार कर लिया है. उन्होंने संवाददाताओं से कहा, 'हमने बहुत से बंधकों को मुक्त करा लिया है, लेकिन शेष बंधकों के संबंध में उनमें से काफी लोग जल्द ही मुक्त हो जाएंगे. उन्होंने आगे कहा कि ट्रंप के साथ उनकी बैठक निश्चित रूप से इस समझौते को आगे बढ़ाने में मदद करेगी.बता दें कि अक्टूबर 2023 के हमले के दौरान हमास द्वारा पकड़े गए 251 लोगों में से 49 गाजा में ही हैं, जिनमें से 27 के बारे में इजरायली सेना का कहना है कि वे मर चुके हैं. रिपोर्ट के अनुसार नेतन्याहू ने पहले अमेरिका समर्थित युद्ध विराम प्रस्ताव के मसौदे पर हमास की प्रतिक्रिया को खारिज कर दिया था और इन मांगों को अस्वीकार्य बताया था. कतर और मिस्र के मध्यस्थों के माध्यम से बताए गए इस मसौदे में 60 दिन के युद्ध विराम, बंदियों की चरणबद्ध रिहाई व अन्य शर्तें शामिल है.
- वाशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति फिलहाल रोकने संबंधी आदेश जारी करने के कुछ ही दिन बाद कहा है कि अमेरिका कीव को और हथियार भेजेगा। उनका यह बयान ‘पेंटागन’ (अमेरिका के रक्षा मंत्रालय का मुख्यालय) द्वारा पिछले सप्ताह की गई घोषणा के बाद उनके अचानक बदले रुख को दर्शाता है। ‘पेंटागन’ ने कहा था कि वह यूक्रेन को हवाई हमलों से बचाव करने वालीं मिसाइल, सटीक निशाना लगाने वालीं तोपें जैसे कुछ हथियार भेजना फिलहाल रोक रहा है।यह आदेश इसलिए दिया गया था क्योंकि अमेरिका इस बात को लेकर चिंतित है कि उसके अपने हथियारों का भंडार बहुत कम हो गया है।बता दें कि पिछले हफ्ते ही पेंटागन ने कहा था कि अमेरिका के पास हथियारों का स्टॉक कम हो रहा है, इसलिए यूक्रेन को कुछ हथियारों की डिलीवरी रोकी जा रही है। इनमें एयर डिफेंस सिस्टम और सटीक निशाना लगाने वाले तोपखाने शामिल थे। लेकिन सोमवार को ट्रंप ने पत्रकारों से कहा, 'हमें यूक्रेन को और हथियार भेजने होंगे। उन्हें अपनी हिफाजत के लिए लड़ने का हक है।' यह बयान यूक्रेन के लिए एक नई उम्मीद लेकर आया है, जो रूस के लगातार हमलों का सामना कर रहा है।
- डलास (संयुक्त राज्य अमेरिका) : संयुक्त राज्य अमेरिका में एक कार दुर्घटना में चार भारतीय नागरिकों की मौत हो गई. हैदराबाद निवासी सभी लोग एक ही परिवार के सदस्य थे. उनकी कार को एक मिनी ट्रक ने सामने से टक्कर मारी, जिसमें चारों की मौत हो गई. मृतकों की पहचान वेंकट बेजुगम, उनकी पत्नी तेजस्विनी चोल्लेटी और उनके दो बच्चे सिद्धार्थ और म्रीदा बेजुगम के रूप में हुई है. मूल रूप से यह परिवार सिकंदराबाद के सुचित्रा क्षेत्र का रहने वाला था. यूएसए में यह परिवार डलास के पास ऑबरी स्थित सटन फील्ड्स इलाके में रह रहा था.वेंकट बेजुगम अपनी पत्नी और बच्चों के साथ अटलांटा में अपने रिश्तेदारों से मिलकर डलास लौट रहे थे. इस दौरान वो दुर्घटना का शिकार हुए. रिपोर्ट्स के अनुसार, यह हादसा उस समय हुआ जब एक मिनी ट्रक कथित तौर पर गलत लेन में तेज गति से चल रहा था और इस दौरान सामने से आ रही कार से टकरा गया.जोरदार टक्कर के बाद कार में आग लग गई. दुर्घटना में कार के परखच्चे उड़ चुके थे और आग लगने के बाद वो पूरी तरह खाक हो गई. इस बीच परिवार उस कार से नहीं निकल पाया और सभी लोग जिंदा जल गए. दर्दनाक हादसे में मौत के बाद उनके पार्थिव शरीरों को अंतिम संस्कार के लिए भारत लाया जाएगा. फिलहाल 'टीम एड' नाम का एक गैर-लाभकारी संगठन मृतक के परिवार और दोस्तों के साथ कॉर्डिनेशन कर रहा है. यह संगठन संकट में प्रवासियों की सहायता करता है और मृत लोगों के शवों को उनके देश भेजने में मदद करता है. 'टीम एड' के एक सदस्य ने कहा, "मृतकों के शवों को अंतिम संस्कार के लिए हैदराबाद वापस लाया जाएगा. पहचान की पुष्टि के लिए डीएनए टेस्ट किए जा रहे हैं और एक बार यह प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद शवों को उनके रिश्तेदारों को सौंप दिया जाएगा." अमेरिकी अधिकारी अभी पहचान और शवों को भेजने से जुड़ी औपचारिकताओं को पूरा कर रहे हैं.
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पेरिस। चीन ने मई में भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य संघर्ष के बाद फ्रांस निर्मित राफेल लड़ाकू विमानों के प्रदर्शन के बारे में भ्रम की स्थिति पैदा करने की जिम्मेदारी अपने दूतावासों को दी थी, ताकि इस विमान की प्रतिष्ठा और बिक्री को नुकसान पहुंचाया जा सके। फ्रांसीसी सैन्य और खुफिया अधिकारियों ने यह निष्कर्ष निकाला है। एसोसिएटेड प्रेस द्वारा देखी गई फ्रांसीसी खुफिया सेवा की रिपोर्ट के अनुसार, चीन के दूतावासों में रक्षा अधिकारियों (डिफेंस अताशे) ने राफेल की बिक्री को प्रभावित करने के लिए अभियान चलाया, जिसका उद्देश्य उन देशों को राजी करना था, जिन्होंने पहले से ही फ्रांस निर्मित लड़ाकू विमान का ऑर्डर दे दिया है - विशेष रूप से इंडोनेशिया- कि वे राफेल विमान न खरीदें तथा अन्य संभावित खरीदारों को चीन निर्मित विमान चुनने के लिए प्रोत्साहित किया।
सैन्य अधिकारी और शोधकर्ता तब से इस बात का ब्योरा जुटा रहे हैं कि पाकिस्तान के चीन निर्मित सैन्य उपकरण विशेष रूप से युद्धक विमान और मिसाइलें - भारत द्वारा पाकिस्तानी लक्ष्यों को भेदने के लिए इस्तेमाल किए गए हथियारों, विशेष रूप से फ्रांस निर्मित राफेल लड़ाकू विमानों के मुकाबले कैसा प्रदर्शन कर रहे थे। फ्रांस राफेल के खिलाफ कथित दुष्प्रचार अभियान से लड़ रहा है।
पाकिस्तान ने दावा किया कि उसकी वायुसेना ने सैन्य संघर्ष के दौरान पांच भारतीय विमानों को मार गिराया, जिनमें तीन राफेल भी शामिल थे। फ्रांसीसी अधिकारियों का कहना है कि इससे उन देशों की ओर से राफेल के प्रदर्शन को लेकर सवाल उठे, जिन्होंने फ्रांसीसी निर्माता दसॉ एविएशन से लड़ाकू विमान खरीदे हैं। भारत ने विमान के नुकसान की बात स्वीकार की, लेकिन यह नहीं बताया कि उसके कितने विमान गिरे हैं।
फ्रांसीसी वायुसेना प्रमुख जनरल जेरोम बेलांगर ने कहा कि उन्होंने केवल तीन भारतीय विमानों को क्षति होने की ओर इशारा करते हुए सबूत देखे हैं। जेरोम के मुताबिक इनमें एक राफेल, एक रूस निर्मित सुखोई और फ्रांस निर्मित एक मिराज 2000 लड़ाकू विमान शामिल है। फ्रांस ने आठ देशों को राफेल लड़ाकू विमान बेचे हैं, जिनमें से भारत-पाकिस्तान संघर्ष के दौरान इस विमान के गिरने का पहला ज्ञात मामला है। फ्रांसीसी अधिकारी विमान की प्रतिष्ठा को नुकसान से बचाने के लिए प्रयास कर रहे हैं। उनका कहना है कि पाकिस्तान और उसके सहयोगी चीन द्वारा राफेल के खिलाफ एक संगठित अभियान और ऑनलाइन गलत जानकारी फैलाई जा रही है। उनका कहना है कि इस अभियान में सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट, राफेल के कथित मलबे को दिखाने वाली छेड़छाड़ की गई तस्वीरें, कृत्रिम मेधा से तैयार सामग्री और कथित युद्ध का अनुकरण करने के लिए वीडियो-गेम चित्रण शामिल थे। ऑनलाइन गलत जानकारी पर विशेष ध्यान देने वाले फ्रांसीसी शोधकर्ताओं के अनुसार, भारत-पाकिस्तान संघर्ष के दौरान नए बनाए गए 1,000 से अधिक सोशल मीडिया अकाउंट ने भी चीनी तकनीकी श्रेष्ठता की कहानी फैलाई। फ्रांसीसी सैन्य अधिकारियों का कहना है कि वे राफेल के खिलाफ ऑनलाइन प्रचार को सीधे चीनी सरकार से जोड़ने में सक्षम नहीं हो पाए हैं। खुफिया आकलन के अनुसार, चीनी अधिकारियों ने संभावित ग्राहकों पर फ्रांसीसी विमानों का विचार छोड़ने के लिए दबाव डाला। फ्रांसीसी खुफिया सेवा ने कहा कि चीनी दूतावास के रक्षा अधिकारियों ने अन्य देशों के सुरक्षा और रक्षा अधिकारियों के साथ बैठकों में भी यही बात दोहराई और तर्क दिया कि भारतीय वायुसेना के राफेल विमानों का प्रदर्शन खराब है। चीनी अधिकारियों ने अपने हथियारों के प्रदर्शन को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया।
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ब्यूनस आयर्स. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अर्जेंटीना की दो दिवसीय यात्रा पर शुक्रवार शाम (स्थानीय समयानुसार) ब्यूनस आयर्स पहुंचे और इस दौरान वह देश के शीर्ष नेतृत्व के साथ, दोनों देशों के बीच जारी सहयोग की समीक्षा करेंगे तथा प्रमुख क्षेत्रों में द्विपक्षीय साझेदारी बढ़ाने पर चर्चा करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी का एजेइजा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर औपचारिक स्वागत किया गया।
उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘ द्विपक्षीय यात्रा के लिए ब्यूनस आयर्स पहुंचा हूं। इस यात्रा का मकसद अर्जेंटीना के साथ संबंधों को बढ़ाना है। मैं राष्ट्रपति जेवियर माइली से मुलाकात करने और उनके साथ विस्तृत बातचीत करने के लिए उत्सुक हूं।'' यह 57 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की अर्जेंटीना की पहली द्विपक्षीय यात्रा है। प्रधानमंत्री के रूप में यह मोदी की दूसरी यात्रा है, इससे पहले वह 2018 में जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए अर्जेंटीना आए थे। भारतीय समुदाय के लोगों ने होटल पहुंचने पर प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत ‘‘मोदी, मोदी'' के नारों और ‘‘भारत माता की जय'' के उद्घोष के साथ किया। प्रधानमंत्री ने समुदाय के लोगों के साथ कुछ देर बातचीत भी की। उनके स्वागत में एक सांस्कृतिक नृत्य भी पेश किया गया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने ‘एक्स' पर कहा, ‘‘ हमारे देशों के बीच स्थायी मित्रता का जश्न मनाया गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आधिकारिक यात्रा पर अर्जेंटीना के ब्यूनस आयर्स पहुंचे। हवाई अड्डे पर उनका औपचारिक स्वागत किया गया। यह 57 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की अर्जेंटीना की पहली द्विपक्षीय यात्रा है, जो भारत-अर्जेंटीना संबंधों में एक नया अध्याय जोड़ती है।'' विदेश मंत्रालय ने कहा कि अपनी इस यात्रा के दौरान मोदी राष्ट्रपति माइली के साथ रक्षा, कृषि, खनन, तेल एवं गैस, नवीकरणीय ऊर्जा, व्यापार और निवेश सहित प्रमुख क्षेत्रों में भारत-अर्जेंटीना साझेदारी को और बढ़ावा देने के लिए व्यापक वार्ता करेंगे। बयान में कहा गया, ‘‘ प्रधानमंत्री की द्विपक्षीय यात्रा से भारत और अर्जेंटीना के बीच बहुआयामी रणनीतिक साझेदारी और प्रगाढ़ होगी।'' अपने प्रस्थान वक्तव्य में प्रधानमंत्री ने कहा कि अर्जेंटीना लातिन अमेरिका में एक प्रमुख आर्थिक साझेदार है तथा जी-20 में एक करीबी सहयोगी है तथा वह राष्ट्रपति जेवियर माइली के साथ विचार-विमर्श के लिए उत्सुक हैं जिनसे उन्होंने पिछले वर्ष मुलाकात की थी। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘ हम कृषि, अहम खनिज, ऊर्जा, व्यापार, पर्यटन, प्रौद्योगिकी और निवेश के क्षेत्रों सहित पारस्परिक रूप से लाभकारी सहयोग को आगे बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करेंगे।'' वह त्रिनिदाद और टोबैगो की अपनी दो दिवसीय यात्रा के समापन के बाद यहां पहुंचे। भारत तथा त्रिनिदाद और टोबैगो के बीच द्विपक्षीय संबंधों को विस्तार देने के लिए छह समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। - नई दिल्ली।अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ‘व्हाइट हाउस’ में स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान ‘वन बिग ब्यूटीफुल बिल’ पर हस्ताक्षर किए। इसके साथ अब यह बिल एक कानून बन गया है।यह बिल प्रतिनिधि सभा के पारित किए जाने के एक दिन बाद आया, जिससे राष्ट्रपति ट्रंप के ऐतिहासिक कानून को अंतिम स्वीकृति मिल गई।स्वतंत्रता दिवस समारोह में ट्रंप ने कहा, ” मैंने कभी देश में लोगों को इतना खुश नहीं देखा क्योंकि कई अलग-अलग वर्गों के लोग अब सुरक्षित महसूस कर रहे हैं। इनमें सेना, आम नागरिक और विभिन्न प्रकार की नौकरियों से जुड़े लोग शामिल हैं।” राष्ट्रपति ट्रंप ने साउथ डकोटा से रिपब्लिकन सीनेट मेजॉरिटी लीडर जॉन थ्यून और लुइसियाना से रिपब्लिकन हाउस स्पीकर माइक जॉनसन को सराहा, जिन्होंने इस विधेयक को कांग्रेस के दोनों सदनों से पारित कराने में अहम भूमिका निभाई है। ट्रंप ने कहा, “वह दोनों एक ऐसी टीम हैं, जिसे हराया नहीं जा सकता।”व्हाइट हाउस’ की प्रेस सचिव कैरोलीन लेविट ने इस विधेयक को “उन सभी नीतियों का सार” बताया, जिन पर राष्ट्रपति ने चुनाव लड़ा और जिनके पक्ष में जनता ने मतदान किया था। उन्होंने इसे अमेरिकी जनता के लिए एक विजयी दिन बताया है। गुरुवार दोपहर को हाउस रिपब्लिकन ने टैक्स में भारी कटौती, संघीय खर्च में कटौती, पेंटागन और बॉर्डर सिक्योरिटी के लिए फंडिंग बढ़ाने वाले ट्रंप के विशाल पैकेज को मंजूरी देने के लिए मतदान किया, जिससे यह विधेयक पारित हो गया। इससे पहले इसी सप्ताह सीनेट ने भी इस बिल को पास कर दिया था।ट्रंप ने ‘वन बिग ब्यूटीफुल बिल’ की तारीफ की। उन्होंने इसे अमेरिका के ‘नए स्वर्ण युग की शुरुआत’ बताया। ट्रंप ने ‘ट्रुथ’ पर लिखा, “हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में रिपब्लिकन ने ‘वन बिग ब्यूटीफुल बिल एक्ट’ पारित किया है। हमारी पार्टी पहले से कहीं अधिक एकजुट है। हम व्हाइट हाउस में शनिवार शाम 4 बजे एक साइनिंग सेरेमनी का आयोजन करेंगे। सभी कांग्रेस सदस्यों और सीनेटर्स को आमंत्रित किया गया है। हम एक साथ अपने राष्ट्र की स्वतंत्रता और हमारे नए स्वर्ण युग की शुरुआत का जश्न मनाएंगे।”उन्होंने आगे कहा, “संयुक्त राज्य अमेरिका के लोग पहले से कहीं अधिक समृद्ध, सुरक्षित और गौरवान्वित होंगे। सदन के अध्यक्ष माइक जॉनसन, सीनेट मेजोरिटी लीडर जॉन थ्यून और कांग्रेस के सभी रिपब्लिकन सदस्यों को धन्यवाद, जिन्होंने हमारे वादों को पूरा करने में मदद की। साथ मिलकर हम ऐसी चीजें कर सकते हैं, जिनकी एक साल से भी कम समय पहले कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। हम काम करते रहेंगे और जीतते रहेंगे, बधाई हो अमेरिका!”
- मॉस्को. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बृहस्पतिवार को फोन पर बातचीत के दौरान ईरान, यूक्रेन और अन्य मुद्दों पर चर्चा की। क्रेमलिन ने यह जानकारी दी। ट्रंप के व्हाइट हाउस लौटने के बाद से यह फोन पर उनकी छठी बातचीत थी। पुतिन के विदेश मामलों के सलाहकार यूरी उशाकोव ने कहा कि ईरान के हालात पर चर्चा करते हुए पुतिन ने सभी मुद्दों को राजनीतिक और कूटनीतिक तरीकों से सुलझाने की आवश्यकता पर बल दिया।अमेरिका ने 22 जून को ईरान के तीन स्थलों पर हमला किया, जिससे वह तेहरान के परमाणु कार्यक्रम को नष्ट करने के उद्देश्य से इजराइल के युद्ध में शामिल हुआ। यूक्रेन में संघर्ष के बारे में उशाकोव ने कहा कि ट्रंप ने लड़ाई को शीघ्र रोकने के लिए अपने प्रयास पर बल दिया तथा पुतिन ने कीव के साथ वार्ता जारी रखने के लिए मॉस्को की इच्छा व्यक्त की। पुतिन ने तर्क दिया है कि उन्होंने यूक्रेन के नाटो में शामिल होने के प्रयास से रूस के लिए उत्पन्न खतरे को दूर करने और यूक्रेन में रूसी भाषियों की रक्षा के लिए फरवरी 2022 में यूक्रेन में सेना भेजी थी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि किसी भी संभावित शांति समझौते में यूक्रेन को नाटो में शामिल होने की अपनी कोशिश छोड़नी होगी तथा रूस के क्षेत्रीय आधिपत्य को मान्यता देनी होगी। दोनों नेताओं के बीच बृहस्पतिवार को बातचीत पेंटागन की इस पुष्टि के बाद हुई है कि अमेरिका यूक्रेन को कुछ हथियारों की आपूर्ति रोक रहा है। उशाकोव ने कहा कि ट्रंप-पुतिन वार्ता में यूक्रेन को कुछ अमेरिकी हथियारों की आपूर्ति को निलंबित करने पर चर्चा नहीं हुई।
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अक्करा (घाना). प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारत और घाना ने अपने संबंधों को व्यापक साझेदारी के स्तर तक विस्तार दिया है, साथ ही उन्होंने दोहराया कि नयी दिल्ली इस अफ्रीकी राष्ट्र की विकास यात्रा में सह-यात्री है। प्रधानमंत्री मोदी ने घाना के राष्ट्रपति जॉन ड्रामानी महामा के साथ व्यापक वार्ता के बाद बुधवार को ये टिप्पणियां कीं। मीडिया को दिए अपने बयान में मोदी ने कहा कि दोनों पक्षों ने अगले पांच वर्षों में द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करने का लक्ष्य रखा है और भारत, घाना की विकास यात्रा में सिर्फ साझेदार ही नहीं बल्कि सह-यात्री भी है। दोनों नेताओं के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की बैठक मोदी के पश्चिम अफ्रीकी देश की राजधानी पहुंचने के कुछ घंटे बाद हुई। मोदी पांच देशों की यात्रा के पहले चरण में घाना पहुंचे हैं। घाना के राष्ट्रपति महामा ने प्रधानमंत्री मोदी की हवाई अड्डे पर अगवानी की, जहां उनका पारंपरिक स्वागत किया गया। यह तीन दशकों में भारत के किसी प्रधानमंत्री की पहली घाना यात्रा है। मोदी और महामा के बीच वार्ता के बाद दोनों पक्षों ने संस्कृति और पारंपरिक चिकित्सा समेत कई क्षेत्रों में चार समझौतों पर हस्ताक्षर किए।